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महाशिवरात्रि के दिन अगर भोलेनाथ को राशिअनुसार चीजें अर्पित की जाएं तो इससे वे बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शिवरात्रि पर राशि अनुसार कौन सी चीजें अर्पित करनी चाहिए।
मेष राशि के जातक शिवलिंग पर लाल कनेर के फूल चढ़ाएं।
वृष राशि के जातक शिवलिंग के समक्ष नारियल तेल का दीपक जलाएं।
मिथुन राशि के जातक महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ का मिश्री के जल से अभिषेक करें।
कर्क राशि के जातक भगवान शिव को आंकड़े के फूल अर्पित करें।
सिंह राशि के जातक महाशिवरात्रि पर नारियल पर मौली बांधकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
कन्या राशि के जातक शिवलिंग पर पीपल के पत्ते चढ़ाएं।
तुला राशि के जातक शिवरात्रि पर गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।
वृश्चिक राशि के जातक महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को बिल्व पत्र अर्पित करें।
धनु राशि के जातक भगवान शिव को पीले कनेर के फूल चढ़ाएं।
मकर राशि के जातक शमीपत्र मिले जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
कुंभ राशि के जातक शिवरात्रि पर तिल के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
मीन राशि के जातक केसर मिले जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। |
कुमकुम प्यारा सा बंधन, स्टार प्लस का बहुत प्रसिद्ध दोपहर का शो ने हजारों दर्शकों के दिल जीत लिए थे अपने दिलचस्प रियलिस्टिक ड्रामे से।
यह सदाबहार प्रेम कहानी जो भाभी और देवर के बीच शुरू हुई, एक घरेलू नाम बन गई। शो के मुख्य कलाकार, हुसैन कुवाजेरवाला और जूही परमार ने सुमित और कुमकुम की भूमिकाओं में एक महान जोड़ी के लिए शो को लोकप्रियता की एक नए ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
यह शो इतना दिलचस्प था कि इसके प्रशंसक इस शो को कभी नहीं भूले। रोमांटिक कहानी सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक थी कि प्रशंसकों ने कुमकुम को इतना प्यार क्यों किया उसकी।
अधिक अपडेट के लिए आई डब्लू एम बज्ज़. कॉम से जुड़े रहे। |
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रायपुर मौसम विभाग की माने तो मौसम विज्ञानी एच पी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर अमृतसर, चंडीगढ़, बरेली, आजमगढ़, जमुई, दुमका, कनिंग और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर होते हुए उत्तर बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी बिहार और उसके आसपास ३.१ किलोमीटर ऊंचाई पर है साथ ही इसका अक्ष ७.६ किलोमीटर ऊंचाई पर है। कल दिनांक १4 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने और भारी वर्षा होने की संभावना है।प्रदेश के मध्य भाग में मध्यम से भारी वर्षा होने की ज्यादा संभावना है। |
आप एक व्यवसाय बैठक में क्या पहनते हैं, यह आपके साक्षात्कार संगठन के समान ही महत्वपूर्ण है; आप अपनी पसंदीदा जोड़ी को रिप्ड जींस में नहीं डाल सकते हैं और एक अच्छा प्रभाव बनाने के लिए अपनी दिमागी ताकत पर भरोसा कर सकते हैं। आज की प्रतिस्पर्धी कामकाजी दुनिया में, अपने परिधानों को उचित रूप से रखना सबसे अच्छा है।
लेकिन एक आकस्मिक काम के माहौल के लिए जो उपयुक्त हो सकता है वह निश्चित रूप से एक कॉर्पोरेट के लिए नहीं होगा। जैसे कि बैठक के लिए योजना बनाना पर्याप्त नहीं था, अब आप इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि भावी ग्राहक, कनेक्शन या नियोक्ता को प्रभावित करने के लिए क्या फेंकना चाहिए। अपनी दहशत को एक तरफ धकेलने के लिए, हमने पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए यह मार्गदर्शिका बनाई है कि आप अपने अगले सम्मेलन में हिस्सा देखें।
व्यापार आकस्मिक अक्सर लोगों को फेंक देता है: क्या आप जीन्स और ट्रेनर पहनते हैं या रूढ़िवादी सूट से चिपके रहते हैं? कुछ कंपनियां सतर्कता और औपचारिक रूप से पोशाक के पक्ष में हो सकती हैं, जबकि अन्य अधिक लापरवाही से। किसी भी भ्रम को अलग करने के लिए, नीचे दिए गए सुझावों का पालन करें ताकि आप सफलता के लिए तैयार हो सकें।
टॉप: शिफॉन शर्ट, सिंपल जर्सी टॉप, टर्टलनेक या पैटर्न वाले ब्लाउज के साथ इसे सिंपल रखें। होशियार लुक के लिए आप ब्लेज़र के साथ भी लेयर कर सकती हैं।
बॉटम्स: सूट ट्राउजर, चिनोस और स्ट्रक्चर्ड वूल ट्राउजर कंपनी की मीटिंग्स के लिए सर्व स्वीकार्य हैं।
स्कर्ट / ड्रेस: गहरे रंग की बोल्ड बॉडीकॉन ड्रेस, प्लीटेड ए-लाइन या मिडी स्कर्ट महिलाओं के गो-टू-प्रोफेशनल कपड़ों के लिए काम कर रहे हैं। वे स्त्री विकल्प हैं जो कार्यस्थल के लिए उपयुक्त हैं।
जूते: लोफर्स, ब्रोग्स, पंप और चार इंच तक ऊँची एड़ी के जूते उपयुक्त हैं।
सामान: लाइट ज्वेलरी आपका सबसे अच्छा दांव है; किसी भी बोल्ड स्टेटमेंट विकल्प या बड़े झुमके के लिए मत जाओ - ये केवल आप क्या करने के लिए वहाँ से विचलित होंगे।
आउटरवियर: ठंडे दिनों के लिए, अपने लुक को पूरा करने के लिए मटर कोट, ट्रेंच कोट या स्मार्ट जैकेट का चुनाव करें।
ब्लेज़र: एक ब्लेज़र की हमेशा आवश्यकता नहीं होती है लेकिन यह किसी भी लुक को स्मार्ट बना सकता है, जिससे आप अपनी पिच पर अधिक आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं। आप एक चेकर पैटर्न के साथ या बिना एक डार्क ब्लॉक रंग में ब्लेज़र चुन सकते हैं।
शर्ट: एक शर्ट एक कामकाजी आदमी की अलमारी का एक अनिवार्य हिस्सा है; चाहे आप कार्डिगन या ब्लेज़र के साथ शीर्ष पर लेटे हों, आपका बटन-अप, कॉलर वाली शर्ट को दबाया जाना चाहिए और अपने बॉटम्स में टक किया जाना चाहिए।
बॉटम्स: स्मार्ट ट्राउजर या चिनोस एक सुरक्षित विकल्प है (रंग में अधिमानतः गहरा या बेज रंग; व्यापार मीटिंग के लिए अपने गर्मियों के गोरे को बाहर न निकालें - मौसम कोई फर्क नहीं पड़ता)। यदि आप किसी स्टार्टअप में या रचनात्मक उद्योग में हैं, तो जींस उपयुक्त हो सकती है, बशर्ते वे सीधे कट (बिना स्किन-टाइट या रिप्ड जींस) के साथ डार्क डेनिम हों।
जूते: चेल्सी जूते, ब्रोग्स या औपचारिक जूते सभी भूरे, काले, चमड़े या साबर में एक शानदार विकल्प हैं।
एक्सेसरीज़: एक बेल्ट एक अलमारी स्टेपल है और इसे हर आउटफिट के साथ पहना जाना चाहिए। एक घड़ी भी एक अच्छा स्पर्श है, लेकिन सुनिश्चित करें कि यह बहुत आकर्षक नहीं है - आप अपने दर्शकों को एक सहायक के साथ विचलित नहीं करना चाहते हैं।
आउटरवियर: अगर आपकी मुलाकात ठंड के महीनों में होती है और आपको गर्म कपड़े पहनने की जरूरत है, तो मटर कोट, ट्रेंच कोट या फॉर्मल वूल जैकेट चुनें।
शीर्ष: एक कपास या शिफॉन बटन-अप शर्ट हमेशा एक सुरक्षित विकल्प होता है।
बॉटम्स: टेलर्ड ट्राउजर सूट या वाइड-लेग्ड ट्राउजर गहरे या बेज रंग में।
स्कर्ट / ड्रेस: काली या ट्वीड पेंसिल स्कर्ट जो आपके घुटने के ऊपर चार से अधिक उंगलियां नहीं रखती है। यदि आप कपड़े पसंद करते हैं, तो एक उच्च गर्दन वाली ए-लाइन पोशाक का चयन करें जो चार अंगुल के नियम का पालन करते हुए बहुत छोटा या लंबा नहीं है।
जूते: कोर्ट शूज़, ब्रोग्स, लोफ़र्स या पंप।
एक्सेसरीज: अगर कोई ड्रेस या स्कर्ट पहनती हैं, तो लुक को पूरा करने के लिए स्किन कलर या ब्लैक चड्डी पहनें। एक संरचित बैग के साथ सरल, गैर-विचलित आभूषण और जोड़ी पहनें।
शर्ट: कुरकुरा, सफेद, बटन-अप कपास शर्ट आमतौर पर एक सुरक्षित विकल्प है; हालांकि, एक पैटर्न या साधारण रंग के साथ कुछ भी उपयुक्त है।
सूट: डार्क चारकोल या नेवी में टू-पीस या थ्री-पीस सूट बोर्ड मीटिंग के लिए कपड़ों का एक आदर्श विकल्प है। सुनिश्चित करें कि यह अच्छी गुणवत्ता का है और एक अनुरूप है।
सहायक उपकरण: एक रेशम टाई एक जरूरी है, साथ ही सूक्ष्म कफ़लिंक, एक चमड़े की बेल्ट और एक घड़ी है।
जूते: काले या भूरे ऑक्सफ़ोर्ड या ब्रोग्स (मिलान वाले मोज़े को न भूलें)।
बहुत अधिक त्वचा न दिखाएं: यह कैटवॉक नहीं है और आपके उपस्थित लोगों को आपके नंगे पैर या हथियारों से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। इसे कवर करके उत्तम दर्जे का रखें।
सही फिट चुनें: आपके कपड़े अच्छी तरह से फिट होने चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपके पतलून फर्श पर नहीं खींच रहे हैं, आपका पेट आपकी शर्ट से बाहर नहीं निकल रहा है और आपका ब्लेज़र अच्छी तरह से फिट बैठता है (आप विभाजन मध्य बैठक के साथ फैशन अशुद्ध-पेस नहीं चाहेंगे)। महिलाओं, सुनिश्चित करें कि आपका ब्लाउज भी खुलासा नहीं कर रहा है और आपकी स्कर्ट बहुत छोटी नहीं है।
अपने लुक को सही हेयरस्टाइल के साथ पूरा करें: आप अपने बालों को कैसे पहनना पसंद करती हैं, यह आपके आउटफिट की तरह ही महत्वपूर्ण है। पुरुषों के केशविन्यास को अच्छी तरह से छंटनी और सुव्यवस्थित होना चाहिए, जबकि महिलाओं का साफ और उनके चेहरे से बाहर रखा गया।
सुगंध सूक्ष्म होना चाहिए: आप अपनी व्यावसायिक बैठक को गैस चैंबर में बदलना नहीं चाहते हैं और इससे पहले कि आप भी पिच में कामयाब रहें, अपने व्यवसायिक साझेदारों को आपकी अत्यधिक गंध से पीड़ित करें। गंध में कुछ हल्का करने का विकल्प चुनें।
मेकअप प्राकृतिक होना चाहिए: एक प्राकृतिक बेस पहनें (बहुत केकदार कुछ भी नहीं) और एक ब्रोंज़र और हाइलाइटर के संकेत के साथ एक प्राकृतिक चमक के लिए जाएं। मस्कारा की एक परत और एक प्राकृतिक होंठ रंग पहनें - आप ऐसा नहीं दिखना चाहते हैं जैसे आपने बहुत मेहनत की है!
सहज और आत्मविश्वासी बनें: लब्बोलुआब यह है कि आप जो पहन रहे हैं उसमें सहज होने की आवश्यकता है - यदि आपकी व्यक्तिगत शैली आकस्मिक तरफ झुक जाती है, तो किसी भी अवसरों से समझौता किए बिना अपने व्यवसाय पोशाक को सजाना के तरीके खोजें। जब आप संतुष्ट रहेंगे, तो आत्मविश्वास स्वाभाविक रूप से विकसित होगा और आप जो पहन रहे हैं उसमें आप खुद को शक्तिशाली महसूस करेंगे।
इन युक्तियों के साथ, आपको हर प्रकार के व्यवसायिक मुठभेड़ के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि आप न केवल इस भाग का कार्य करें बल्कि इसे देखें। सही शैली का चयन करें जो आपके लिए काम करती है और जो आपकी अगली बैठक में प्रभावी ढंग से भरोसेमंद, विश्वसनीय और सफल पेशेवर की छाप छोड़ने में आपकी मदद करती है।
क्या आपके पास साथी कामकाजी पुरुषों और महिलाओं की मदद करने के लिए कोई और फैशन टिप्स है "> यह लेख मूल रूप से नवंबर २०१५ में प्रकाशित हुआ था। |
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जैसे कि श्री महाराज जी अब अपने को धन्य समझने लगे और उनका पूरा-पूरा ध्यान अपनी मां के श्री चरणों मे लगा रहता था। तो उन्होंने कुल्लू से कटड़ा तक की यात्रा के लिए एक निजी बस का प्रबन्ध किया, जिसमें अधिकतर महिलायें थीं और पुरूष दो चार ही थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था- श्री स्वामी जी का वात्सल्य भाव। इन दिनों श्री स्वामी जी मुख्यतर 'मां-मां-मां' के रंग में ही रंगे रहते। उन्हैं अपने भीतर बाहर सब ओर मां के ही पावन दर्शन होते। जिस-जिस महिला को पता चलता कि 'बाबा जी' बस लेकर "वैष्णु देवी" जा रहे हैं,वह झट से न आव देखती न ताव और जिस हाल में बैठी हो उठकर वेष्णो देवी पहुंच जाती और बाबा जी से कहती "बाबा जी मैं भी चलूंगी आप के साथ वैष्णो देवी।" उस समय बाबा जी कितने प्यार से उत्तर देते, उनके मुख-मण्डल पर कितना वात्सल्य आ जाता जब वे कहते "मां आप जरूर चलोगी, आप तो मेरी मां हैं।" और दोनों हाथों से चरण-स्पर्श करते मानो कोई पांच वर्ष का बालक यह सब कह रहा हो और कर रहा हो। |
३. अंडों के टूट जाने के बाद माँ के यह पूछने पर कि - 'तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा।' के जवाब में श्यामा ने क्या कहा और उसने ऐसा क्यों किया?
४. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम 'नादान दोस्त' रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
अच्छा - दीपक एक अच्छा लड़का है।
कीमती - यह गाडी बहुत कीमती है।
बड़ा - यह बक्सा बड़ा है।
लम्बा - यह रास्ता लम्बा है।
(क) झुँझलाकर - श्याम ने झुँझलाकर बैट फेंक दी।
(ख) बनाकर - उसने कागज़ का हवाई जहाज़ बनाकर उड़ाया।
(ग) घबराकर - मोहित घबराकर भाग गया।
(घ) टीकाकर - सुमित बैट को घुटनों से टिकाकर बातें करने लगा।
(ड़) गिड़गिड़ाकर - भिखारी गिड़गिड़ाकर भीख माँगने लगा। |
पत्राली चट्टोपाध्याय कुंती देवी की रोमांटिक और प्यारी बहू प्रेमा का रोल प्ले करेंगी. वह प्रेम का प्रतीक हैं और उनका किरदार अक्सर फ्रेंच में बोलता है. अपनी नई भूमिका के बारे में बताते हुए पत्राली कहती हैं, "मैं 'क्या हाल मिस्टर पांचाल' में प्रेमा की भूमिका में दिखूंगी. मैं पहली बार कोई हल्की-फुल्की कॉमेडी कर रही हूँ. इस भूमिका को लेकर मैं खुश हूँ. इस किरदार के लिए मुझे फ्रेंच में बात करनी होगी और मैं ये भाषा सीख रही हूँ. ये मेरे लिए सीखने और मेरे प्यारे दर्शकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक शानदार अवसर है. मैं इतने गर्मजोशी वाले और एंटरटेनिंग स्टारकास्ट के साथ काम करने को लेकर बहुत खुश हूँ." |
बदायूं। पुणे में हुए बम धमाके के बाद बुधवार की शाम प्रदेश में हाइअलर्ट घोषित कर दिया गया। इसके तहत दूसरे दिन बृहस्पतिवार को भी जिले में पुलिस सक्रिय रही। शहर के रोडवेज बस स्टैंड समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चौकसी बरती गई। हालांकि रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने चेकिंग अभियान नहीं चलाया। वहां के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मुख्यालय से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है।
बुधवार की रात से जिले की पुलिस ने रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, होटलों और ढाबों की चेकिंग शुरू कर दी। बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन होने की वजह से सतर्कता बढ़ा दी गई। इसके चलते पूरे दिन रोडवेज बस स्टैंड समेत शहर के विभिन्न चौराहों पर पुलिस तैनात रही। पुलिसकर्मियों ने संदिग्ध लोगों और उनके सामान की चेकिंग भी की। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था नदारद दिखी। एसओ जीआरपी मानसिंह ने बताया कि उन्हें मुख्यालय से चेकिंग करने का कोई निर्देश नहीं मिला है। |
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव के लिए जारी किए गए भाजपा के संकल्प पत्र को छल पत्र बताया है। सपा द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज में उन्होंने कहा है कि अभी आठ महीने पहले ही विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें किया हुआ कोई भी वादा सरकार ने पूरा नहीं किया है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा के लोगों को यह पता होना चाहिए कि काठ की हांड़ी बार-बार नहीं चढ़ती है। उन्होंने कहा, उनके तथाकथित संकल्पपत्र की न कोई विश्वसनीयता है और न इनकी साख बची है। भाजपा नेता अपनी जेबमें ओपियम की पुड़िया रखते हैं ताकि जनता को अपने झूठ से मदहोश कर सकें।
प्रदेश के मतदाता भूले नहीं है कि ८ महीने पहले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं किया। भाजपा सरकार में हर तरफ अव्यवस्था और अराजकता फैली है। शहरों में गंदगी-कूड़े के ढ़ेर लगे हैं। बीमारियां फैल रही है। डेंगू से कितनी ही मौतें हो चुकी हैं गोरखपुर में सैकड़ो बच्चों की मौतें हो चुकी है।दवा और आक्सीजन के बगैर अस्पतालों में मौतें हो रही हैं।
भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है जबकि समाजवादी सरकार के समय अपराध की घटनाओं पर रोक लगी थी। आज दिन दहाड़े लूट अपहरण और बच्चियों तक से बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। लोग डरे-सहमें हैं।
अखिलेश बोले, केन्द्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं। इसके बावजूद गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, धुंध और धुएं से ग्रस्त है। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से लोगों की जान पर बन आई है। सांस लेना मुश्किल हो गया है।
भाजपा का चाल चरित्र कपटपूर्ण है। वह ऐसी दुस्साहसिक पार्टी है जो सोचती है कि अपने छलबल से फिर लोगों को गुमराह कर देगी। लेकिन भाजपा नेताओं को जानना चाहिए कि। उनके झूठ और प्रपंच को जनता खूब पहचान गई है। इसे बर्दाश्त करने का उसका सब्र भी टूट गया है। भाजपा अब मतदाताओं की परीक्षा लेने का काम नहीं करे।
जनता के सामने विकल्प है समाजवादी पार्टी जिसने जो वादा किया वह समय से पहले निभा दिया। समाजवादी सरकार का कार्यकाल बेदाग है और समाजवादी सरकार के नाम विकास के कई कीर्तिमान हैं।
भाजपा जो कहती है, करती नहीं है। जबकि समाजवादी पार्टी की कथनी करनी में एकरूपता है। मतदाता समाजवादी पार्टी केप्रत्याशियों के पक्ष में निर्णय अवश्य करेंगे।
अखिलेश ने ट्वीट कर चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार पर चुटकी ली। अखिलेश ने लिखा कि चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार, हवा के रूख को बता रही है। नोटबंदी और जीएसटी का सारा सच अब जनता को समझ आने लगा है। ये परिणाम जनता के मन में बीजेपी के प्रति बढ़ते अविश्वास और विरोध का प्रतीक है। बीजेपी की हार की हवा, अब गुजरात तक भी जाएगी। |
चण्डीगढ़ - हरियाणा सरकार द्वारा वाहनों की ओवरलोडिंग रोकने के लिए ई-चालानिंग के माध्यम से परिवहन विभाग के साथ प्रशासन के अन्य विभागों को जोडऩे का निर्णय लिया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अब उपायुक्त द्वारा जिला स्तर पर अन्य विभागों के अधिकारियों को भी ओवरलोड भारी वाहनों के चालान के लिए अधिकृत किया जायेगा। इसके लिए प्रमुख स्थानों पर ई-चालान पोस्ट स्थापित होंगी जिनपर भारी वाहनों में लगे सामान की जांच के लिए भार तोलने हेतू कांटे भी लगाए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि ई-चालानिंग के लिए मनोनीत अधिकारियों के मोबाईल पर ई-चालान एप डाउनलोड किया जायेगा और सम्बन्धित अधिकारी को उसका यूजर नेम और पासवर्ड दिया जायेगा। अधिकारी चालानिंग पोस्ट पर वाहनों के भार का निरीक्षण करेंगे और अधिकृत मात्रा से ज्यादा भार लोड होने पर न केवल ई-चालानिंग से मौके पर ही चालान की राशि और जुर्माना राशि वसूल की जायेगी बल्कि वाहन में लोड किए गये क्षमता से अधिक भार को भी उतरवाया जायेगा। ई-चालान एप के संचालन के बारे में सभी अधिकारियों को जानकारी दी गई और आरम्भ में इन पोस्टों पर ऐसे अधिकारियों के सहयोग के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी तैनात किए जायेंगे। चालान की गई राशि का भुगतान वाहन चालक मौके पर ही कर सकता है। इसके अलावा क्षमता से अधिक भार मिलने पर चालान और जुर्मान के साथ-साथ वाहन को जब्त भी किया जायेगा।
ई-चालानिंग के लिए आज अंबाला में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिला के सभी कार्यालयों के अधिकारियों, अधीक्षक और उप अधीक्षक स्तर के कर्मियों को ई-चालानिंग का प्रशिक्षण दिया गया। |
नव दिल्ली. हाई स्कूल पास करने के बाद ही सरकारी नौकरी मिल जाए तो करियर संवरते देर नहीं लगी। आज के समय में हर अभ्यर्थी यही चाहता है कि कहीं सरकारी नौकरी पढ़ाई करते करते ही लग जाए तो आगे बढ़ने का सुनहरा मौका उनके पास रहेगा। ऐसे में उन अभ्यर्थियों के लिए खुशी भरी खबर है, जो १०वीं की परीक्षा पास कर चुके हैं। हाईस्कूल पास अभ्यर्थियों के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (द्रेडो) ने तकनीशियन ए के कुल ३५१ पदों पर आवेदन आमंत्रित किए हैं।
उक्त पदों पर जो भी अभ्यर्थी आवेदन करना चाहते हों, वह द्रेडो की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अधिसूचना को ध्यान पूर्व पढ़ें। अभ्यर्थी अंतिम तिथि २६ जून आवेदन भर दें।
बता दें कि तकनीशियन ए ३५१ पदों पर भर्तियां होनी है। ऐसे में हाईस्कूल पास कर चुके अभ्यर्थियों के पास यहां नौकरी करने का अच्छा मौका है।
बताते चलें कि अभ्यर्थियों की शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल की परीक्षा डिग्री/डिप्लोमा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड, संस्थान से होनी चाहिए। पदों के अनुसार डिग्री अलग अलग निर्धारित की गई है।
आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु १८ और अधिकतम २८ वर्ष निर्धारित है। बता दें कि पदों का वेतन मान २८ हजार रुपए है। अभ्यर्थियों का चयन कट और ट्रेड टेस्ट पर आधारित होगा। |
फिल्म निर्देशक ज़ोया अख्तर का मानना है कि बॉलीवुड में सितारों की परम्परा ने उसे विश्व सिनेमा में पहचान दिलाई है।
ज़ोया ने कहा कि सितारों की परम्परा काफी महत्वपूर्ण है। अगर आप विश्व भर के सिनेमा को देखें, बॉलीवुड, हॉलीवुड और चीन इन तीनों में सितारों की परम्परा है। अन्य सिनेमा उद्योग जैसे यूरोप और अन्य देशों में सितारे नहीं है और उनका उद्योग जगत मरणासन्न स्थिति में है।
रितिक रोशन, अभय देओल और फरहान अख्तर की फिल्म का निर्देशन कर चुकीं ज़ोया ने कहा कि भारत हॉलीवुड के सामने टिका हुआ है क्योंकि हमारे पास अपनी भाषा है, अपनी शैली है, और हमारे दर्शक शाहरुख खान को देखना पसंद करेंगे न कि टॉम क्रूज को।
४० वर्षीय ज़ोया ने कहा कि हमारी सितारों की परम्परा ने सिनेमा उद्योग को बढ़ाया है। इसलिए मेरे दिल में इसके लिए काफी इज्जत है और मैं इसे समझती हूं।
यह पूछने पर कि उनके मुताबिक फिल्म स्टार कौन है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे सितारे कहलाते हैं क्योंकि फिल्म कौन सी है यह फर्क नहीं पड़ता, इसे अच्छी शुरुआत मिलती है। ...इसलिए आप उनके साथ बहुत सारी फिल्में नहीं बना सकते क्योंकि वे प्रयोग नहीं करना चाहते। वे सुरक्षा चाहते हैं और यही समस्या है।
ज़ोया का कहना है कि इस मामले में अभिनेता आमिर खान बिल्कुल अलग हैं जिसके साथ उन्होंने फिल्म तलाश के लिए काम किया है। जोया ने रीमा कागती निदेर्शित इस फिल्म का सह-लेखन किया है।
कवि और गीतकार जावेद अख्तर और पटकथा लेखक हनी ईरानी की बेटी जोया ने लक बाय चांस, और जिंदगी न मिलेगी दोबारा का निर्देशन करने के साथ-साथ इसकी कहानी भी लिखी है। लाइव हिन्दुस्तान पर खबरें देखने के लिए कृपया ब्राउज़र की विज्ञापन अवरोधक स्क्रिप्ट(अध ब्लॉकर) को बंद करें और अपना वेब पेज रिफ्रेश करें, या साइट को किसी दूसरे ब्राउज़र में देखें । |
सूत्रों के अनुसार जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को आव्रजन अधिकारियों ने शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश यात्रा करने से रोक दिया।
मुंबई। सूत्रों के अनुसार जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को आव्रजन अधिकारियों ने शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश यात्रा करने से रोक दिया। सूत्रों की मानें तो गोयल और उनकी पत्नी दुबई जाने वाली एमिरेट्स की उड़ान संख्या ईके ५०७ में यात्रा करने वाले थे। आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें उड़ान की इजाजत देने से इनकार कर दिया।
यही नहीं , अनीता गोयल का सामान भी विमान से उतार दिया गया। उड़ान दोपहर तीन बजकर ३५ मिनट पर रवाना होनी थी। नरेश गोयल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं , एमिरेट्स की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। पिछले महीने जेट एयरवेज के अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष किरण पावसकर ने मुंबई पुलिस आयुक्त को चिट्ठी लिखी थी।
कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन नहीं देने के लिए गोयल , अन्य निदेशकों और जेट एयरवेज प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त करने को कहा था। नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने मार्च में जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। नरेश गोयल ने २६ साल पहले जेट एयरवेज की स्थापना की थी। |
खंडवा लोकसभा क्षेत्रांतर्गत इस विधानसभा में रविवार को होने वाले मतदान को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। भीकनगांव तहसील में १ से ११7 व झिरन्या तहसील में ११8 से २७६ तक मतदान केंद्र बनाए गए है। २७६ केंद्रों पर २२३२६७ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। निर्वाचन से जुड़े फिरोज मोहम्मद शेख ने बताया क्षेत्र के 5१ संवेदनशील व २ अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर व्यापक तैयारी की गई है। विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम १50 मतदाता सोनूद व सबसे अधिक १२6१ मतदाता ढसलगांव केंद्र पर है। मतदान दलों को बूथ तक पहुंचाने व लाने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी पहुंच चुका है। एसडीएम व एसपी मंडराह व तहसीलदार सीएस हुड्डा लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। एसडीएम ने बताया मतदान की तैयारी के साथ बूथों पर आवश्यक सुविधाएं जुटाई है। मतदाता भयमुक्त होकर शांतिपूर्ण तरीके से मताधिकार का उपयोग करें।
रविवार को होने वाले मतदान को लेकर विभिन्न संगठन जागरूकता अभियान चला रहे है। कहीं पोस्टर-बैनर तो कहीं पीले रखकर मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। शुक्रवार को भी संगठन पदाधिकारी गांवों व फाल्यों तक पहुंचे। बिना प्रलोभन के मतदान करने व प्रलोभन देने वालों की शिकायत पुलिस से करने की बात कही। |
जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा जस्टिस एचआर खन्ना को दरकिनार कर श्रीमती इंदिरा गांधी ने जस्टिस एमएच बेग को १९७७ में सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया था. आपातकाल की ज्यादतियों के साथ न्यायपालिका की घटनाओं को गैर-कांग्रेसी नेताओं द्वारा लोकतंत्र के लिए कलंक बताया जाता है. अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढा, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज कैलाश गंभीर और एडवोकेट प्रशांत भूषण ने जजों की प्रस्तावित नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर होने के साथ क्या मास्टर ऑफ कॉलेजियम भी हैं?
चुनावी साल में क्बी पर नियंत्रण के लिए घमासान मचा है, जिसके निराकरण में सुप्रीम कोर्ट पूर्णतः विफल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक फैसले से पूर्व जज जस्टिस पटनायक को आलोक वर्मा के खिलाफ क्व्क जांच सुपरवाइज़ करने के लिए अधिकृत किया था. आलोक वर्मा के खिलाफ राकेश अस्थाना द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों को जस्टिस पटनायक ने बहुत प्रामाणिक नहीं माना. दूसरी ओर, जस्टिस एके सीकरी ने उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति में प्म नरेंद्र मोदी के साथ बहुमत से आलोक वर्मा को हटाने का आदेश पारित कर दिया. विपक्ष में रहते हुए अरुण जेटली ने जजों द्वारा रिटायरमेंट के बाद पद हासिल करने पर आपत्ति की थी. जस्टिस सीकरी के मामले पर विवाद होने पर अब सरकार या सुप्रीम कोर्ट इस बारे में कठोर नियम क्यो नहीं बनाती? |
नई दिल्ली: भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए पांचवें वनडे में भारत ने कैरेबियाई टीम को ९ विकेट से हराकर सीरीज ३-१ से अपने नाम कर ली। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने स्वदेश में एक और सीरीज अपने नाम कर ली। विराट का इस सीरीज में प्रदर्शन शानदार रहा है। कोहली के बल्ले से शानदार शतक निकले हैं। कोहली ने जीत के साथ ही एक रिकॉर्ड और अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारतीय कप्तान ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। कोहली इस वनडे सीरीज के मैन ऑफ सीरीज रहे और वनडे क्रिकेट में अपने सातवें मैन ऑफ द सीरीज खिताब जीतकर वह सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने बराबर आ गए हैं। इस लिस्ट में सचिन तेंदुलकर शीर्ष पर हैं।
इस सीरीज में कप्तान कोहली का बल्ला जमकर बोला उन्होंने सर्वाधिक ४५३ रन बनाए। कोहली ने अपने करियर में वनडे में अभी तक सात मैन ऑफ द सीरीज खिताब अपने नाम कर लिया है और वह इसके साथ युवराज और गांगुली के साथ साथ विवियन रिचर्ड्स , रिकी पोटिंग, हाशिम अमला के भी बराबर आ गए हैं। कोहली से आगे सिर्फ सचिन तेंदुलकर, सनथ जयसूर्या और शॉन पोलॉक हैं। इन्होंने क्रमश १५, ११ और ९ मैन ऑफ द सीरीज अपने नाम की है। बता दें कि भारतीय टीम ने पांचवें वनडे में वेस्टइंडीज को ३१.५ ओवर में कुल १०४ रन पर ही समेट दिया। इस दौरान वेस्टइंडीज के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए।
जडेजा के अलावा बुमराह और खलील अहमद ने २-२ विकेट लिए जबकि भुवनेश्वर कुमार और कुलदीप यादव ने १-१ विकेट लिया। जवाब में उतरे भारतीय बल्लेबाजों ने धवन (६) के रूप में पहला विकट गंवाकर रोहित शर्मा (नाबाद ६३) और कप्तान विराट कोहली (नाबाद ३३) ने १4.५ ओवर में आसान लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत ने इस सीरीज पर ३-१से कब्जा जमा लिया। फिलहाल टीम की नजरें होने वाले तीन टी२0 मैच वाली सीरीज पर है। |
कभी हिमालय के घने वनों में एक हाथी रहता था। उसका शरीर चांदी की तरह चमकीला और सफेद था। उसकी आँखें हीरे की तरह चमकदार थीं। उसकी सूंड सुहागा लगे सोने के समान कांतिमय थी। उसके चारों पैर तो मानो लाख के बने हुए थे। वह अस्सी हज़ार गजों का राजा भी था।
वन में विचरण करते हुए एक दिन सीलवा ने एक व्यक्ति को विलाप करते हुए देखा। उसकी भंगिमाओं से यह स्पष्ट था कि वह उस निर्जन वन में अपना मार्ग भूल बैठा था । सीलवा को उस व्यक्ति की दशा पर दया आयी। वह उसकी सहायता के लिए आगे बढ़ा । मगर व्यक्ति ने समझा कि हाथी उसे मारने आ रहा था। अत: वह दौड़कर भागने लगा। उसके भय को दूर करने के उद्देश्य से सीलवा बड़ी शालीनता से अपने स्थान पर खड़ा हो गया, जिससे भागता आदमी भी थम गया।
सीलवा ने ज्योंही पैर फिर आगे बढ़ाया वह आदमी फिर भाग खड़ा हुआ और जैसे ही सीलवा ने अपने पैर रोके वह आदमी भी रुक गया तीन बार जब सीलवा ने अपने उपक्रम को वैसे ही दो हराया तो भागते आदमी का भय भी भाग गया। वह समझ गया कि सीलवा कोई खतरनाक हाथी नहीं था। तब वह आदमी निर्भीक हो कर अपने स्थान पर स्थिर हो गया। सीलवा ने तब उसके पास पहुँचा कर उसकी सहायता का प्रस्ताव रखा। आदमी ने तत्काल उसके प्रस्ताव को स्वीकार किया। सीलवा ने उसे तब अपनी सूँड के उठाकर पीठ पर बिठा लिया और अपने निवास-स्थान पर ले जाकर नानाप्रकार के फलों से उसकी आवभगत की। अंतत: जब उस आदमी की भूख-प्यास का निवारण हो गया तो सीलवा ने उसे पुन: अपनी पीठ पर बिठा कर उस निर्जन वन के बाहर उसकी बस्ती के करीब लाकर छोड़ दिया।
वह आदमी लोभी और कृतघ्न था। तत्काल ही वह एक शहर के बाज़ार में एक बड़े व्यापारी से हाथी दाँत का सौदा कर आया। कुछ ही दिनों में वह आरी आदि औजार और रास्ते के लिए समुचित भोजन का प्रबन्ध कर सीलवा के निवास स्थान को प्रस्थान कर गया।
जब वह व्यक्ति से सीलवा के सामने पहँचा तो सीलवा ने उससे उसके पुनरागमन का उद्देश्य पूछा। उस व्यक्ति ने तब अपनी निर्धनता दूर करने के लिए उसके दाँतों की याचना की। उन दिनों सीलवा दान-पारमी होने की साधना कर रहा था। अत: उसने उस आदमी की याचना को सहर्ष स्वीकार कर लिया तथा उसकी सहायता के लिए घुटनों पर बैठ गया ताकि वह उसके दाँत काट सके।
उस व्यक्ति ने शहर लौटकर सीलवा के दांतों को बेचा और उनकी भरपूर कीमत भी पायी। मगर प्राप्त धन से उसकी तृष्णा और भी बलवती हो गयी। वह महीने भर में फिर सीलवा के पास पहुँच कर उसके शेष दांतों की याँचना कर बैठा। सीलवा ने उस पुन: अनुगृहीत किया।
कुछ ही दिनों के बाद वह लोभी फिर से सीलवा के पास पहुँचा और उसके शेष दांतों को भी निकाल कर ले जाने की इच्छा जताई। दान-परायण सीलवा ने उस व्यक्ति की इस याचना को भी सहर्ष स्वीकार कर लिया। फिर क्या था? क्षण भर में वह आदमी सीलवा के मसूढ़ों को काट-छेद कर उसके सारे दांत-समूल निकाल कर और अपने गन्तव्य को तत्काल प्रस्थान कर गया।
खून से लथपथ दर्द से व्याकुल कराहता सीलवा फिर जीवित न रह सका और कुछ समयोपरान्त दम तोड़ गया।
लौटता लोभी जब वन की सीमा भी नहीं पार कर पाया था तभी धरती अचानक फट गयी और वह आदमी काल के गाल में समा गया।
तभी वहाँ वास करती हुई एक वृक्ष यक्षिणी ने यह गान गाया।
मांगती है तृष्णा और. और ! |
ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा का कारक माना जाता है। बेल की जड़ को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सूर्य के नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते हैं और उनको इससे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह हृदय रोग, रीढ़ की हड्डी से संबंधित बीमारी, अपच, थकावट से भी मुक्ति दिलाने में सहायक है।
बेल मूल को पहले गंगा जल से पवित्र कर लें।
इसके बाद ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
अब इसे पीले रंग के कपड़े में लपेटकर अपनी बाजु में कसकर बाँध लें।
इस जड़ी को रविवार के दिन धारण करें।
खिरनी की जड़ चंद्र ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करने में सहायक है। चंद्रमा को मन एवं माता का कारक माना जाता है। यदि आपकी जन्म कुडली चंद्र ग्रह राहु, केतु या शनि से प्रभावित है तो आपको खिरनी की जड़ को धारण करना चाहिए। यह जड़ हमारे मन को एकाग्र करती है।
जड़ को पहले गंगाजल से धो लें।
फिर ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः॥ का जाप करें।
जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर अपनी दाहिनी बाजू में बांध लें।
इस उपाय को सोमवार के दिन करें।
अनंतमूल की जड़ी मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव से बचाती है। ज्योतिष में मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, ज़मीन और भाई का कारक होता है। मंगल दोष को दूर करने में अनंतमूल की जड़ी बेहद कारगर है। इसके अलावा यह जड़ी शारीरिक रोगों को दूर करती है, जैसे- चर्म रोग, यकृत संबंधी बीमारी, कब्ज़ रोग आदि।
मंगलवार के दिन गंगा जल से इस जड़ी को पवित्र करें।
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सह भोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
फिर जड़ी को लाल कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा में बाँध लें।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह भाषा, संवाद शक्ति, बुद्धि-विवेक, भाव-भंगिमा का कारक होता है, जबकि घबराहट एवं क्रोध इसके नकारात्मक पक्ष को दर्शाते हैं। अतः विधारा मूल को धारण करने से बुध के सभी नकारात्मक पक्ष शून्य हो जाते हैं। आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार विधारामूल की जड़ अल्सर, एसिडिटी एवं ब्लड प्रेशर जैसे रोगों को दूर करने में भी सहायक होता है।
बुधवार के दिन इस यंत्र को धारण करें।
जड़ी को पहले गंगाजल से पवित्र कर लें।
उसके बाद ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
फिर इसे हरे कपड़े में अच्छी तरह लपेटकर अपनी दाहिने हाथ की बाजू में बाँध लें।
इस दौरान माँ दुर्गा की पूजा करें।
धारण करने से पहले जड़ को गंगा जल से पवित्र करें।
फिर ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः॥ मंत्र का जाप करें।
उसके बाद जड़ को पीले वस्त्र में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा कसकर बाँध लें।
अरंड मूल शुक्र ग्रह ग्रह से संबंधित है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र को विवाह, धन वैभव, काम आदि का कारक माना जाता है। अरंड मूल धारण करने से जातक के जीवन में प्रेम एवं विवाह संबंध अच्छा बना रहता है। इससे शुक्र के बुरे प्रभाव नष्ट हो जाते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह जड़ी अस्थमा, ज्वर, खाँसी आदि रोगों को दूर करने भी सहायक है।
अरंड मूल को शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए।
पहले जड़ी को गंगा जल से पवित्र करें।
फिर ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
उसके बाद जड़ी को सफेद कपड़े में लपेटकर अपनी गर्दन में धारण करें।
सामान्य रूप से शनि ग्रह अच्छा नहीं माना जाता है, परंतु यदि जीवन में इसकी कृपा दृष्टि बरसती है तो व्यक्ति के भाग्य खुल जाते हैं। यह हमारे कर्म का कारक होता है। शनि दोष के कारण व्यक्ति का जीवन कष्टमय गुजरता है। इसलिए इसके बुरे प्रभाव से बचने एवं कृपा दृष्टि पाने के लिए धतूर की जड़ को धारण करना शुभ माना जाता है। आयुर्वेद की दृष्टि से तंत्रिका और गठिया रोग से मुक्ति पाने के लिए भी यह बेहद कारगर है।
धतूरे की जड़ को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए।
जड़ को गंगा जल से पहले स्वच्छ कर लें।
फिर ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
अब नीले कपड़े में इसे लपेटकर अपनी दाहिने हाथ की बाजु में बाँध लें।
नागरमोथा की जड़ को धारण करने से राहु से संबंधित दोष दूर होते हैं। इससे मानसिक तनाव एवं पुरानो रोगों से मुक्ति मिलती है। यदि जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है तो इस जड़ को धारण करने से यह दोष समाप्त हो जाता है। नागरमोथा की जड़ व्यक्ति में साहस बढती है और राह में आने वाली कठिनाई को दूर करती है।
सर्वप्रथम जड़ को गंगाजल से पवित्र कर लें।
अब ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः॥ मंत्र का जाप करें।
जड़ को सफेद कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिने हाथ की बाजू में बाँध लें।
शनिवार के दिन नागरमोथा की जड़ को धारण करें।
केतु ग्रह समृद्धि, स्वास्थ्य, धन का प्रतीक माना जाता है। अश्वगंधा की जड़ धारण करने से व्यक्ति को सर्पदंश आदि का ख़तरा नहीं होता है। इसके साथ ही अश्वगंधा जड़ी केतु ग्रह के अन्य बुरे प्रभावों भी बचाती है। यह जातकों के रोग-दोष मुक्त करने में भी सहायक है। जैसे- चर्म रोग, मूत्र मार्ग में संक्रमण आदि।
सर्वप्रथम जड़ को गंगा जल से पवित्र करें।
धूप, दीप जलाकर केतु मंत्र ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः॥ का जाप करें।
पूजा करने के बाद जड़ी को काले रंग के कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा में बाँध लें।
यह उपाय बुधवार के दिन करें।
आशा करते हैं कि जड़ोंं से संबंधित लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप इस संबंध में कुछ अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमारी ज्योतिषीय परामर्श सेवा के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं। |
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जिसे एएमयू के नाम से जाना जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र यूजी, पीजी, पीएचडी, एमफिल आदि कोर्सेस में एडमिशन ले सकते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुछ कोर्सेस का चयन मेरिट के आधार पर होता है तो वहीं कुछ कोर्सेस के लिए प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर होता है। अमू एडमिशन २०२० प्रकिया फरवरी में शुरु कर दी जायेगी जिसके बाद छात्र आवेदन पत्र कर सकेंगे। एएमयू नोटिफिकेशन २०२० जारी होने के बाद छात्र एडमिशन प्रकिया में भाग ले सकेंगे। जो भी छात्र एएमयू एडमिशन २०२० से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं वह हमारे पेज पर दी गई जानकारी को पूरा पढ़ सकते हैं।
एएमयू एंट्रेंस एग्जाम २०२० में उपस्थित होने वाले छात्रों को सबसे पहले आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से प्राप्त कर सकेंगे। जिन छात्रों का आवेदन पत्र स्वीकार किया जायेगा। केवल उन्हीं छात्रों को अमू एंट्रांस एक्सम के लिए एडमिट कार्ड प्राप्त होगा। एडमिट कार्ड प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी छात्रों के पास होना बेहद जरुरी है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एंट्रांस एक्सम २०२० समाप्त होने के कुछ समय बाद ही छात्रों का रिजल्ट घोषित कर दिया जायेगा। जो भी छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम २०२० से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं वह हमारे पेज पर दी गई टेबल को देख सकते हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्स (एएमयू) देश के सभी कोनों तथा विदेशों, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करती है। कुछ पाठ्यक्रमों में, सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीट आरक्षित होती है।
छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा करने के लिए, नीचे दी गई सारणी में दिए गए अध्ययनों के विभिन्न कोर्स में प्रवेश के उद्देश्य के लिए विश्वविद्यालय आवेदकों की अधिकतम आयु सीमा को परिभाषित करने के लिए बाध्य है।
उम्मीदवार केवल उन पूर्णकालिक नियमित अध्ययन कोर्स में दाखिला के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे जहां वे उस अवधि के लिए अधिकतम आयु सीमा को पार कर चुके हैं।
नियामक निकायों द्वारा निर्धारित जहां तक लागू हो, निर्धारित अधिकतम / न्यूनतम आयु सीमा अध्ययन के उस कोर्स के लिए खड़ी होगी।
मदरसा उत्तीर्ण उम्मीदवारों को सभी स्तरों पर अध्ययन के सभी कोर्स के लिए अधिकतम आयु सीमा में तीन (०३) वर्ष तक छूट दी जाएगी।
अमू आप्लिकेशन फॉर्म २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी किये जायेंगे। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिशन फॉर्म २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी फॉर्म २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अमू एडमिशन फॉर्म २०२० भरने से पहले छात्रों को आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारी को सही से जांचना होगा उसके बाद ही आवेदन करना होगा। अगर छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आप्लिकेशन फॉर्म २०२० भरने के योग्य नहीं होंगे तो एएमयू आवेदन पत्र किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा। आवेदन पत्र भरते समय छात्रों को जरुरी दस्तावेज की फोटो स्कैन करके अपलोड करनी होगी। आवेदन पत्र में मांगी गई मानदंड पात्रता को भरते समय छात्रों को आवेदन शुल्क का भुगतान भी करना होगा। आवेदन शुल्क का भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम के जरिये ही किया जायेगा। जो छात्र किसी कारण वश आवेदन प्रकिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे तो ऐसी स्थिति में छात्रों को लेट फाइन के साथ आवेदन करना होगा। लेट आवेदन करने वाले छात्रों को २०० रुपये लेट फाइन भी जमा करना पड़ेगा इसलिए प्रत्येक छात्रों को इस बात के लिए सूचित किया जाता है कि वह आवेदन पत्र समाप्त होने से पहले आवेदन करें।
विभिन्न कोर्सों को आवेदन पत्र भरने के बाद आवेदन भुगतान करना होगा जो निम्न प्रकार है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिशन फॉर्म २०२० जिन छात्रों का स्वीकार किया जायेगा। केवल उन्हीं छात्रों को एएमयू एडमिट कार्ड २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अमू एडमित कार्ड २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी किया जायेगा। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिट कार्ड २०२० प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से एएमयू हॉल टिकट २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमित कार्ड २०२० जारी होने के बाद छात्रों को स्वंय डाउनलोड करना होगा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ओर से हार्ड कॉपी नहीं भेजी जायेगी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हाल टिकट २०२० डाउनलोड करने के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर, डीओबी और नाम दर्ज करना होगा उसके बाद ही वह डाउनलोड कर सकेंगे। एएमयू एडमिट कार्ड २०२० प्रवेश परीक्षा में सभी छात्रों के पास होना बेहद जरुरी है बिना एडमिट कार्ड के छात्रों को परीक्षा हॉल में बैठने नहीं दिया जायेगा। एएमयू प्रवेश परीक्षा २०२० के लिए एडमिट कार्ड जरुरी दस्तावेज है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अंस्वर की २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जायेगी। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एएमयू आंसर की २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अमू कंट्रोलर अंस्वर की २०२० ऑनलाइन मोड के माध्यम से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा जारी की जायेगी। प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवा आंसर की देख सकते हैं और अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रवेश परीक्षा में कितने उत्तर सही या गलत हैं । उम्मीदवार नीचे दिये गये लिंक से अपनी आंसर की प्राप्त कर सकते हैं ।
प्रवेश परीक्षा देने के लिए उम्मीदवारों को अपने सेलेबस का पता होना बेहद जरुरी है जिसके चलते वह प्रवेश परीक्षा की तैयारी अच्छे ठंगे से कर सकेंगे जो भी उम्मीदवार अमू सिलेबस २०२० प्राप्त करना चाहते हैं वह नीचे दिये गये लिंक से सेलेबस प्राप्त कर सकते हैं ।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिशन २०२० प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिये जायेंगे। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी रेसल्ट २०२० प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से अमू रेसल्ट २०२० प्राप्त कर सकेंगे। एएमयू रिजल्ट २०२० प्राप्त करने के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर, डीओबी और नाम दर्ज करना होगा उसके बाद ही छात्र रिजल्ट डाउनलोड कर सकेंगे। एएमयू रिजल्ट जारी होने के बाद मेरिट लिस्ट में शामिल होगा जिन छात्रों का नाम मेरिट लिस्ट में शामिल होगा उन छात्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जायेगा।
अमू मेरिट लिस्ट २०२० जारी होने के बाद छात्रों को काउंसलिंग प्रकिया के लिए बुलाया जायेगा। जिन छात्रों का नाम एएमयू मेरिट लिस्ट २०२० में शामिल होगा। केवल उन्हीं छात्रों को काउंसलिंग प्रकिया के लिए बुलाया जायेगा। अमू काउंसलिंग २०२० में उपस्थित होने वाले छात्रों को स्वंय रजिस्ट्रेशन करना होगा। जो छात्र काउंसलिंग प्रकिया में उपस्थित होने होंगे उन छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। एएमयू काउंसलिंग २०२० प्रकिया दो या तीन चरणों में पूरी होगी। जो छात्र काउंसलिंग प्रकिया में शामिल होंगे उन छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा कॉलेज में प्रवेश दिया जायेगा।
साकिब जी आप यहाँ से एडमिशन की पूरी प्रक्रिया प्राप्त कर सकते हैं।
हां, आप एएमयू एडमिशन २०१९ के लिए अप्लाई कर सकती हैं।
इस साल आवेदन करने की तिथि समाप्त हो गई है, आप अगले साल एएमयू एडमिशन के लिए ट्राईं करें।
आवेदन पत्र जारी होने के बाद आप अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। |
नोएडा । थाना जेवर क्षेत्र के सबौता गांव के पास बीते २४ मई को हुई लूटपाट, सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में पश्चिमी उप्र एसटीएफ ने १२००० रुपये के इनामी कुख्यात बदमाश अनिल बावरिया को गिरफ्तार किया है । उसके पास से पुलिस ने १ इनोवा कार ,तमंचा आदि बरामद किया है । बावरिया पर उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश ,राजस्थान में लूटपाट के कई मामले चल रहे हैं।
पश्चिमी उप्र एसटीएफ के एसपी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि २४ मई की रात को थाना जेवर क्षेत्र के सबौता गांव के पास सड़क पर साइकिल का एक्सल फेंककर बावरिया गैंग ने एक परिवार की कार रोक ली थी। बदमाशों ने परिवार की चार महिलाओं के साथ हथियार के बल पर सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर परिवार के एक सदस्य को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी । बदमाश मौके से नगदी जेवरात आदि लूट गए थे ।
एसपी ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने वाले अनिल बावरिया की गिरफ्तारी पर आईजी जोन मेरठ की तरफ से १२००० का इनाम घोषित था ।बीती रात को एसटीएफ के डिप्टी एसपी राजकुमार मिश्रा की टीम ने जनपद हापुड़ क्षेत्र से कुख्यात बावरिया को गिरफ्तार किया है। इसके ऊपर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में लूटपाट, हत्या, डकैती, बलात्कार के दर्जनों मामले दर्ज़ हैं । इस गैंग के कुछ सदस्य फरार हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है एस पी ने बताया कि वर्ष २००० में इस बदमाश ने अपने १५ साथियों के साथ जनपद मुरादाबाद में एक डॉक्टर और सर्राफा व्यापारी के घर डाका डालकर करोड़ों की लूट की थी। इस घटना में इन्होंने डॉक्टर को गोली मारकर घायल कर दिया था। वर्ष २००३ में मझोला थाना क्षेत्र मुरादाबाद में इन लोगों ने हाईवे पर दो व्यापारियों से लूटपाट की थी।
उन्होंने घर की महिलाओं के साथ अभद्रता की तथा विरोध करने पर दोनों व्यापारियों को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी उनके पास रखे करोड़ों के हीरे के जेवरात व गहने लूट लिए थे। वर्ष २००४ में जनपद मथुरा के थाना मुगरा क्षेत्र में हाईवे पर बबूल का पेड़ काटकर बदमाशों ने डाल दिया था। इन बदमाशों ने पांच गाड़ियों को लूटा और विरोध करने पर दो व्यक्तियों को गोली मार दी जिसमें एक की मृत्यु हो गई थी। |
लखन. उत्तर प्रदेश में ०७ चरणों में संपन्न होने वाले लोक सभा सामान्य निर्वाचन २०१९ के लिए प्रदेश के १३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चतुर्थ चरण की अधिसूचना ०२ अप्रैल को जारी होगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही २७-शाहजहांपुर (अ०जा०), २८-खीरी, ३१-हरदोई (अ०जा०), ३२-मिश्रिख (अ०जा०), ३३-उन्नाव, 4०-फर्रूखाबाद, ४१-इटावा (अ०जा०), ४२-कन्नौज, ४३-कानपुर, ४४-अकबरपुर, ४५-जालौन (अ०जा०), ४६-झांसी तथा ४७-हमीरपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकन प्रक्रिया ०२ अप्रैल से शुरू हो जायेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल० वेंकटेश्वर लू ने यह जानकारी देते हुए बताया कि १३८-निघासन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के उप निर्वाचन, 2०19 के लिए भी अधिसूचना ०2 अप्रैल को जारी होगी। उप निर्वाचन हेतु लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2०19 के चतुर्थ चरण का कार्यक्रम प्रभावी होगा।
एल० वेंकटेश्वर लू ने बताया कि १३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में ०9 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किये जा सकते हैं। इन क्षेत्रों में नामांकन पत्रों की जॉच 1० अप्रैल को की जायेगी और १२ अप्रैल तक नाम वापस लिये जा सकते हैं। १२ अप्रैल को सायं ०3ः०० बजे के पश्चात चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची अंतिम हो जायेगी। सभी निर्वाचन क्षेत्रां में २९ अप्रैल (सोमवार) को पूर्वाह्न ०7 बजे से अपराह्न ०6 बजे तक मतदान होगा।
एल० वेंकटेश्वर लू ने बताया कि यह १३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शाहजहांपुर, खीरी, हरदोई, सीतापुर, कानपुर नगर, उन्नाव, फर्रूखाबाद, एटा, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कन्नौज, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, तथा बांदा जिले में पड़ते हैं। इन क्षेत्रों में २.३८ करोड़ मतदाता हैं, जिनमें १.२9 करोड़ पुरूष, १.०9 करोड़ महिला तथा १२३० तृतीय लिंग के मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि चतुर्थ चरण के जनपदों में १8 से १9 वर्ष के ३,५६,००5 युवा मतदाता तथा 8० वर्ष से अधिक के ४,5४,5०8 मतदाता हैं। इन १३ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल १7,०११ मतदान केन्द्र तथा २7,5१३ मतदेय स्थल हैं। |
भारत में पांच वर्ष से कम आयु के २१ प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। देश में बाल कुपोषण १९९८-२००२ के बीच १७.१ प्रतिशत था, जो 20१2-१6 के बीच बढ़कर २१ प्रतिशत हो गया। दुनिया के पैमाने पर यह काफी ऊपर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले २५ सालों से भारत ने इस आंकड़े पर ध्यान नहीं दिया और न ही इस स्थिति को ठीक करने की दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "कुपोषण का एक मतलब यह भी है कि ऐसे बच्चे अपनी लंबाई के अनुपात में हल्के होते हैं। एक स्वस्थ बच्चे का वजन हर साल आम तौर पर दो-तीन किलोग्राम बढ़ना चाहिए। समस्या तब गंभीर मानी जा सकती है, जब एक बच्चे का वजन व ऊंचाई का माप विश्वस्तर पर स्वीकृत आदर्श माप से कम होता है।
वजन कम होना और स्टंटिंग दो अलग समस्याएं हैं, जो ऐसे बच्चों में पाई जाती हैं।" कुपोषण के कुछ लक्षणों में शरीर में वसा की कमी, सांस लेने में कठिनाई, शरीर का कम तापमान, कमजोर प्रतिरक्षा, ठंड लगना, सेंसिटिव त्वचा, घाव भरने में अधिक समय लगना, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन शामिल हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा, "गंभीर कुपोषण वाले बच्चों को कुछ भी नया सीखने में बहुत अधिक समय लगता है। इनका बौद्धिक विकास कम होता है। इन्हें मानसिक कार्य करने में कठिनाई होती है और पाचन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति जीवन में लंबे समय तक बनी रहती है। कुपोषण की रोकथाम में जिस एक बात पर सर्वाधिक जोर होना चाहिए, वह है - स्वस्थ व संतुलित आहार। चार प्रमुख खाद्य समूह हैं, जो बच्चों के आहार में शामिल होने चाहिए।
दूध और डेयरी खाद्य पदार्थ - वसा और वास्तविक शर्करा के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
फलों और सब्जियां का अधिक सेवन किया जाना चाहिए. बेहतर पाचन स्वास्थ्य के लिए विटामिन और खनिजों के महत्वपूर्ण स्रोत के साथ-साथ फाइबर का सेवन भी होना चाहिए।
भारत की तकरीबन १४ फीसदी आबादी जोड़ों के इस रोग के इलाज के लिए हर साल डॉक्टर की मदद लेती है। |
आज सुबह जब वेदिका के पिता मार्निंग वॉक से घर लौटे, तो कुछ उदास-से दिखाई दिए। हॉल में आकर सोफे पर बे-मन से बैठ गए।
क्यों? तुम्हारे पिता तो फीकी चाय पीते हैं न! मां ने थोड़ा हैरान होकर पूछा।
पापा का मूड आज कुछ ख़राब लग रहा है। चीनी की मिठास से शायद ठीक हो जाए। वेदिका ने जवाब दिया।
मूड ख़राब है! क्यों, क्या हुआ उन्हें अचानक? मां ने पूछा।
होना क्या है, आज फिर किसी की बेटी या पोती की शादी की ख़बर मिल गई होगी या फिर हो सकता है मेरी ही शादी का ज़िक्र किसी ने छेड़ दिया होगा इसलिए परेशान होंगे। वेदिका ने कहा।
परेशान होने वाली बात ही है, पिता हैं वो तुम्हारे। उन्हें तुम्हारी फ़िक्र नहीं होगी तो किसे होगी? वे भी चाहते हैं कि हमारे जीते जी तुम्हारी शादी हो जाए। मां ने कुछ चिंतित स्वर में कहा।
मां प्लीज़, अब आप शुरू मत हो जाइएगा। जल्दी से चाय लेकर हॉल में आ जाइए। इतना कह वेदिका किचन से बाहर चली गई। पीछे-पीछे मां भी चाय की ट्रे लेकर पहुंची।
पिता अब भी कहीं अपने ख़्यालों में गुम थे।
पापा, चाय लीजिए। वेदिका ने कहा।
उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वेदिका ने बात फिर से दोहराई तो पिता ने चाय का प्याला हाथों में ले लिया और एक चुस्की भरी।
चाय कैसी बनी है, पापा? वेदिका ने पूछा।
हम्म, ठीक है। संक्षिप्त-सा जवाब मिला।
लगता है चाय अब भी फीकी है। लाइए मैं और चीनी मिला लाती हूं। वेदिका ने कहा।
तुम्हें हो क्या गया है? पहले ही चाय में एक्स्ट्रा चीनी डलवा चुकी हो, अब और मिलाने की बात कर रही हो? मां ने वेदिका से कहा।
रोज़ सुबह की चाय पीकर पापा के चेहरे पर एक अलग-सी ख़ुशी नज़र आती है। जब मैं हैरान होकर पापा से पूछती कि ये फीकी चाय पीकर भी आपका मन इतना ख़ुश कैसे हो जाता है, तब पापा कहते हैं कि अगर मन में मिठास भरी हो, तो ये फीकी चाय भी दिल ख़ुश कर देती है। मगर लगता है आज पापा के मन की मिठास कुछ कम हो गई है। इसलिए मैंने सोचा कि पापा की चाय में एक्स्ट्रा चीनी मिलाकर मैं उनके मन को वापस मिठास से भर दूं। वेदिका ने कहा।
आप क्यों उदास हैं, किसी ने आपसे कुछ कहा है क्या? मां ने सवाल किया।
हां, वो वेदिका की शादी का ज़िक्र.... पिता अपनी बात पूरी किए बिना ही चुप हो गए।
दिस इज़ नॉट फेयर पापा, अपनी सिखाई हुई बात आज आप ख़ुद ही भूल गए! वेदिका ने कुछ रूठे हुए अंदाज़ में कहा।
कौन-सी बात? मां ने पूछा।
जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तब मैं अपनी हालत देखकर और लोगों की बातें सुनकर बिल्कुल टूट चुकी थी। उस समय पापा ने मुझसे ये बात कही थी कि कभी-कभी हमारे हालात, मौजूदा वक़्त और आसपास मौजूद लोग हमारे सामने ऐसी परिस्थितियां खड़ी कर देते हैं, जिससे हम मायूस और ख़ुद को कमज़ोर समझने लगते हैं। तब ये तय करना हमारे हाथ में होता है कि हमें उन बुरी परिस्थितियों से हार मानकर, उदास होकर बैठ जाना है या ख़ुद अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश करनी है और उसमें ख़ुशियों की मिठास घोलनी है। वेदिका ने पिता की ही सीख दुहराई।
माय प्लेज़र पापा। वेदिका ने मुस्करा कर कहा।
वेदिका की बात सुन वे दोनों हंस पड़े और वह उन्हें देखकर मुस्करा दी।
लगभग रोज़ ही सुबह ८-९ बजे के आसपास वह स्थानीय डाकघर पहुंच जाता। सुबह जल्दी जाने से भीड़ नही होती है तो डाक, पार्सल भेजने के काम आसानी से हो जाते हैं। वहां के सारे कर्मचारी उसे पहचानते हैं, ख़ूब अच्छी बातचीत के बीच काम हो जाता है। कई बार वे सब वहां चाय भी साथ-साथ पीते हैं। वह भी ख़ुश था वहां के काम से, वहां के लोग भी ख़ुश थे, सिवाय एक के।
सुबह वहां जब वह पहुंचता है, तो दरवाज़े के पास स्टूल पर बैठा लम्बा-चौड़ा, पहलवान-सा, नाइट ड्यूटी चौकीदार हीरू उसे मिलता है। उसे देखकर न जाने क्यों हीरू नाक-भौं सिकोड़ता, बदतमीज़ी से बात करता, अरे ओ बाऊजी, हटाओ यहां से तुम्हारा ये, लिफ़ाफ़ों, काग़ज़ों का ताम-झाम, अभी बाहर बैठो, झाड़ू-,पोंछा लगाने वाले आएंगे, उनको काम करने दो। पीछे हटो, यहां मत खड़े रहो, वहां बैठो जाकर कुर्सी पर, इधर नहीं, उधर। सुबह-सुबह चले आते हैं। ठीक से ऑफिस खुलता भी नहीं, पहले ही आ जाते हैं, कोई काम भी नहीं करने देते...! इस तरह उसे देख नफ़रत से न जाने क्या-क्या बड़बड़ाता था, टोका-टोकी करता, आंखें दिखाता था हीरू।
उसका ग़ुस्सा देखकर उसे भी ताव तो बहुत आता था, लेकिन लड़ने से लाभ भी क्या था। मैं तो अपनी डाक भेजने जाता हूं वहां। पता नहीं, उसे मुझसे क्या एलर्जी है, क्या लेना-देना है मुझसे? क्यों चिड़चिड़ाता है वो पगला मुझे देखकर? उसका तनाव बढ़ता जा रहा था। इस वजह से एक-दो बार वह डाकख़ाने विलम्ब से गया, हीरू की ड्यूटी ख़त्म होने के बाद, तो वहां भीड़ लगी पाई। कार्यरत बाबुओं ने विलम्ब से आने का कारण पूछा, तो उसने टाल दिया। थककर उसने वही पुराना सिलसिला चालू कर दिया, वह फिर सुबह जल्दी डाकख़ाने जाने लगा और हीरू की तीखी, नफ़रत-भरी निगाहों का शिकार होने लगा।
एक सुबह जब डाकख़ाने का इक्का-दुक्का स्टाफ़ आया था, तो उसने चाय मंगवाई और न जाने क्या सोचकर, उस पहलवान हीरू को भी ऑफ़र कर दी। बस फिर क्या था, एकाएक पासा पलट गया। कमाल हो गया, सारा मंज़र ही बदल गया। अरे अरे, साब, ये क्या साब? क्यों तकलीफ़ की आपने? अविश्वसनीय भाव से उसे देखते और बहुत ज़्यादा ख़ुश होते हुए हीरू ने हाथ जोड़े और चाय पीने लगा। चाय पीते हुए उसके चेहरे पर एहसानमंदी और पछतावे के मिले-जुले भाव थे। |
स्कूल बस की टक्कर से ग्रेटर फरीदाबाद में गुरुवार को बाइक सवार जूडो खिलाड़ी की मौत पर परिवारीजन ने शुक्रवार को अपना गुस्सा दिखाया। पोस्टमॉर्टम के बाद परिवारीजन ने नारायणा स्कूल-८७ पहुंच कर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत करवाया। इसके साथ ही यह जानकारी भी दी कि आरोपित चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि गुरुवार को सेक्टर-८० में स्कूल बस ने बाइक सवार नीमका गांव निवासी चिंटू को टक्कर मार दी थी। इससे उसकी मौत हो गई थी। परिवारीजन ने पुलिस को बताया था कि चिंटू जूडो खिलाड़ी था। हमेशा की तरह गुरुवार को भी वह राज्य खेल परिसर में अभ्यास के लिए गया हुआ था। एसएचओ बीपीटीपी थाना इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि आरोपित बस चालक चरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच की जा रही है। |
हम सभी श्रीदेवी जैसी अदाकारा के निधन होने से काफी आहत हुए वहीं बॉलीवुड में आए दिन कोई न कोई दुखद खबर सुनने को मिल जा रही है। ऐसा लग रहा है मानों कब खत्म होगा ये दुखों का पहाड़ साल २०१७ भी बॉलीवुड के लिए काफी बुरा रहा वहीं साल २०१८ में भी कई बुरी खबरें सुनने को मिली। वहीं आपने अभी हाल ही में अभिनेता जितेंद्र को लेकर भी खबर सुनी होगी उनपर उनकी बहन ने ही यौन शोषण का आरोप लगाया था। तभी आज एक और बेहद ही दुखद खबर सामने आ गई। जी हां ये खबर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से जुड़ी हैं दरअसल उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई है।
वह राजस्थान के जोधपुर में फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान की शूटिंग कर रहे थे। तभी सेट पर उनकी तबीयत खराब हो गई। डॉक्टरों ने अमिताभ के तबियत खराब होने की वजह जोधपुर का बढ़ता तापमान बताया है। डॉक्टरों ने यह भी कहा है कि वह जल्द ही अमिताभ की तबीयत को लेकर अपडेट करेंगे। इस बीच, अपने पसंदीदा अभिनेता के बीमार पड़ने से करोड़ों फैंस चिंतित हो गए हैं। कहा जा रहा है कि फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में युद्ध के सीन में भारी भरकम कॉस्ट्यूम के कारण उन्हें थकावट महसूस हो रही है। बता दें कि जोधपुर में रात में भी ठग्स ऑफ हिंदुस्तान की शूटिंग चल रही थी।
ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान जिस उपन्यास कन्फेशन ऑफ ए ठग पर बनाई जा रही है, उसके लेखक फिलिप मेडोज टेलर कासगंज आए थे। उनका उपन्यास बताता है कि इन ठगों ने ब्रिटिश हुकूमत की नाक में दम कर रखा था। इस फिल्म में पहली बार सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और आमिर खान एक साथ काम कर रहे हैं। फिलिप मेडोज टेलर की कासगंज यात्रा के बारे में जो जानकारी मिलती है , वो भी कम रोचक नहीं है। आमिर खान, अमिताभ बच्चन, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख स्टारर फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान की शूटिंग राजस्थान के मेहरानगढ़ किले में हो रही है। यहां फिल्म का अंतिम शेड्यूल शूट किया जा रहा था जिसमें अमिताभ बच्चन भी मौजूद थें।
इस बात की जानकारी आज उन्होंने अपने एक ब्लॉग में दी। वह शूटिंग के लिए जोधपुर में हैं लेकिन खबरें हैं कि वह चार्टर्ड विमान से मुंबई के लिए रवाना हो गये हैं। उन्होंने लिखा है कि मैं अपने डॉक्टरों के दल से परामर्श के लिए जा रहा हूँ और आराम करूँगा। अमिताभ ने अपने स्वास्थ्य के बारे में आगे जानकारी देने की बात भी कही है।
उन्होंने ब्लॉग में लिखा है कि कुछ लोग जीने के लिए काम करते हैं, बहुत कड़ी मेहनत करते हैं और दर्द में भी रहते हैं। उन्होंने लगातार शुभकामनाओं के लिए सभी का शुक्रिया भी अदा किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में अमिताभ मुंबई के लीलावती अस्पताल में भी भर्ती हुए थे।
इसकी वजह रूटीन चेकअप बताया थी और अस्पताल से डिस्जार्च होने के बाद उन्होंने एक कविता भी पोस्ट किया था, जिसके लाइन की शुरुआत कुछ इस तरह थी, जी हां जनाब मैं अस्पताल जाता हूं, बचपन से ही इस प्रतिक्रिया को जीवित रखता हूं। |
आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों के नतीजों के आने से पहले ही राहुल गांधी इटली चले गए थे। राहुल ने खुद ट्वीट कर कहा था कि वह होली मनाने के लिए अपनी नानी से मिलने के लिए इटली जा रहे हैं। राहुल का इटली जाने का मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया था।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी राहुल गांधी के इटली दौरे पर तंज कसा था। नतीजों के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आए शाह ने तंज कसते हुए कहा था कि मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज आया है कि राहुल गांधी इसलिए इटली गए हैं क्योंकि वहां पर चुनाव हैं। हालांकि, अमित शाह का ये तंज सही ही निकला था, क्योंकि इटली में इन दिनों आम चुनाव हो रहे हैं।
गौरतलब है कि ३ मार्च को आए नतीजों में कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने जहां त्रिपुरा में लेफ्ट के २५ साल के शासन को पटखनी देते हुए प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। वहीं दूसरी तरफ नगालैंड में भी बीजेपी गठबंधन ने जीत हासिल की। मेघालय में कांग्रेस को सबसे ज्यादा २१ सीटें मिलीं थीं, इसके बावजूद भी बीजेपी और अन्य पार्टियों ने साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। मंगलवार को मेघालय में नई सरकार शपथ भी लेगी।
तीन मार्च को आए पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावी नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई। त्रिपुरा में लेफ्ट के किले को ढहाने के बाद नगालैंड और मेघालय में भी बीजेपी सरकार का हिस्सा बनने जा रही है। नतीजों के दो दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। सोमवार की दोपहर राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि कांग्रेस पार्टी त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के नतीजों का सम्मान करती है। |
क्रूस पर यीशु के द्वारा बहाए गए लहू और उन सभी के साथ उसकी वाचा के अनुसार, जो उस पर विश्वास करते हैं, नए नियम का नाम रखा गया है। यीशु की वाचा यह थीः लोगों को उसके लहू बहाने के द्वारा अपने पापों की क्षमा के लिए सिर्फ उस पर विश्वास करना था, और इस प्रकार वे उद्धार पाएँगे, और उसके जरिए नया जन्म प्राप्त करेंगे, और आगे से पापी न होंगे; उसके अनुग्रह को प्राप्त करने के लिए लोगों को सिर्फ उस पर विश्वास करना था, और मरने के बाद उन्हें नरक में कष्ट नहीं भोगना होगा। अनुग्रह के युग के दौरान लिखी गई सभी पुस्तकें इस वाचा के बाद आईं, और वे सभी उस कार्य और उन कथनों को दर्ज करती हैं जो उसमें थीं। वे प्रभु यीशु के क्रूसारोहण या उस वाचा से प्राप्त उद्धार से आगे नहीं गए; वे सभी ऐसी पुस्तकें हैं जिन्हें प्रभु में हमारे भाईयों द्वारा लिखा गया था,जिनके पास अनुभव थे। इस प्रकार, इन पुस्तकों का नाम भी एक वाचा के अनुसार रखा गया हैः उन्हें नया नियम कहा जाता है। इन दोनों नियमों में सिर्फ अनुग्रह का युग एवं व्यवस्था का युग शामिल है, और इनका अंतिम युग के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है। इस प्रकार, वर्तमान में लोगों के लिए जो अंतिम दिनों में रहते हैं बाइबल की बहुत ज़्यादा उपयोगिता नहीं है। सब से बढ़कर, यह सामयिक संकेत के रूप में कार्य करता है, किन्तु मुख्य रूप से इसकी उपयोगिता बहुत कम मूल्य रखती है। फिर भी धार्मिक लोग इसे अभी भी बहुत अधिक संजोकर रखते हैं। वे बाइबल को नहीं जानते हैं, वे सिर्फ बाइबल की व्याख्या करना जानते हैं, और वे बुनियादी तौर पर उसके मूलस्रोत से अनजान हैं। बाइबल के प्रति उनकी मनोवृत्तियाँ यह हैः बाइबल की हर चीज़ सही है, उस में कोई भ्रम या त्रुटि नहीं है। उसके बाद वे उसका अध्ययन करना प्रारम्भ करते हैं। क्योंकि उन्होंने पहले ही निर्धारित कर लिया है कि बाइबल सही है, और उस में कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए वे बड़ी रूचि के साथ उसका अध्ययन और परीक्षण करते हैं। आज के कार्य की अवस्था को बाइबल में पहले से बताया नहीं गया था। सब से घने अंधकार में विजय के कार्य का कभी भी जिक्र नहीं किया गया था, क्योंकि यह नवीनतम कार्य है। क्योंकि कार्य का युग अलग अलग है, यहाँ तक कि स्वयं यीशु भी अनजान था कि कार्य की इस अवस्था को इन अंतिम दिनों के दौरान किया जाएगा - और इस प्रकार अंतिम दिनों के लोग कार्य की इस अवस्था का पता लगाने के लिए जाँच कैसे कर सकते थे?
उनमें से बहुत से लोग जो बाइबल की व्याख्या करते हैं वे तार्किक अनुमान लगाते हैं, और उनके पास कोई वास्तविक पृष्ठभूमि नहीं होती है। वे अनेक चीज़ों का अनुमान लगाने के लिए मात्र तर्क का उपयोग करते हैं। क्योंकि साल दर साल, किसी ने भी बाइबल को खण्ड विखण्ड करने, या बाइबल को न कहने की हिम्मत नहीं की है, क्योंकि यह पुस्तक एक पवित्र पुस्तक है, और लोग ईश्वर के रूप में इसकी आराधना करते हैं। कई हज़ारों सालों तक ऐसा ही होता रहा है। परमेश्वर ने कोई ध्यान नहीं दिया, और किसी ने भी बाइबल के भीतर की कहानियों की खोज नहीं की। हम कहते हैं कि बाइबल को संजोकर रखना मूर्ति पूजा है, फिर भी उन में से कोई भक्त विश्वासी इस रीति से देखने की हिम्मत नहीं करता है, और वे तुम से कहते हैं: "भाई! ऐसा मत कहिए, यह बहुत भयानक है! तुम परमेश्वर की निन्दा कैसे कर सकते हो?" उसके आगे वे बड़े दर्द भरे अन्दाज में कहते हैं: "हे दयावान यीशु, उद्धार के प्रभु, मैं तुझ से विनती करता हूँ कि तू इसके पापों को क्षमा कर, क्योंकि तू वह प्रभु है जो मनुष्य से प्रेम करता है, और हम सभी ने पाप किया है, कृपया हम पर बड़ी करूणा दिखा, आमीन।" तुमने देखा कि वे कितने धर्मपरायण हैं; उनके लिए सच्चाई को स्वीकार करना आसान कैसे हो सकता है? तुमतुम्हारे कथन उन को अत्यधिक डरा देंगे। कोई भी यह सोचने की हिम्मत नहीं करेगा कि बाइबल को मानवीय विचारों और मानवीय धारणाओं से दागदार किया जा सकता है, और कोई भी इस त्रुटि को नहीं देख सकता है। बाइबल में कुछ मानवीय अनुभव और ज्ञान हैं, और इस में से कुछ पवित्र आत्मा का प्रकाशन है, और उसमें मानवीय बुद्धिमत्ता और विचार का सम्मिश्रण भी है। परमेश्वर ने इन चीज़ों में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया है, किन्तु इस में एक सीमा हैः वे सामान्य लोगों की सोच से आगे नहीं बढ़ सकते हैं, और यदि वे आगे बढ़ते भी हैं, तो वे परमेश्वर के काम में हस्तक्षेप करते हैं और बाधा डालते हैं। वह जो सामान्य लोगों की सोच से आगे बढ़ जाता है वह शैतान का काम है, क्योंकि वह लोगों को उनक कर्तव्यों से विहीन कर देता है, यह शैतान का कार्य है, और इसे शैतान के द्वारा निर्देशित किया जाता है, और इस घड़ी पवित्र आत्मा तुम्हें इस रीति से काम करने की अनुमति नहीं देगा। कई बार कुछ भाई और बहन पूछते हैं: "क्या इस प्रकार से काम करना ठीक है?" मैं उनकी स्थिति को देखता हूँ और कहता हूँ: "ठीक है!" कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कहते हैं: "यदि मैं इस प्रकार से काम करता हूँ, तो क्या मेरी स्थिति सामान्य है?" और मैं कहता हूँ: "हाँ! यह सामान्य है, यह विशेष रूप से सामान्य है!" अन्य कहते हैं: "क्या इस रीति से काम करना ठीक है?" और मैं कहता हूँ: "नहीं!" वे कहते हैं: "यह उसके लिए तो ठीक है परन्तु मेरे लिए ठीक क्यों नहीं है?" और मैं कहता हूँ: "क्योंकि जो तुम कर रहे हो वह शैतान से आता है, तथा यह परेशान करता है, और तुम्हारे प्रोत्साहन का स्रोत दिगभ्रमित करने वाला है।" ऐसे भी समय होते हैं जब कार्य काफी आगे बढ़ नहीं पाता है, और भाईयो और बहनो को पता ही नहीं चल पाता है। कुछ लोग मुझ से कहते हैं कि उस प्रकार से काम करना ठीक है कि नहीं, और जब मैं देखता हूँ कि उनके काम भविष्य के कार्य में बाधा नहीं डालेंगे, तो मैं कहता हूँ: "यह अच्छा है।" पवित्र आत्मा का कार्य लोगों को एक दायरा देता है; लोगों को अक्षरत: पवित्र आत्मा की इच्छाओं का अनुसरण नहीं करना है, क्योंकि लोगों के पास सामान्य विचार और कमज़ोरियाँ होती हैं, और उनकी कुछ शारीरिक जरूरतें हैं, उनके पास वास्तविक समस्याएँ होती हैं, और उनके मस्तिष्क में ऐसे विचार होते हैं जिन्हें नियन्त्रित करने के लिए उनके पास मूल रूप से वे माध्यम नहीं होते हैं। जो कुछ मैं लोगों से मांगता हूँ उसकी एक सीमा है। कुछ लोग विश्वास करते हैं कि मेरे शब्दों में अस्पष्टता (अनेक अर्थ) है, यह कि मैं लोगों को किसी भी तरीके से कार्य करने को कह रहा हूँ - यह इसलिए है क्योंकि तुम नहीं समझते हो कि मेरी अपेक्षाओं में एक उपयुक्त दायरा है। यदि यह वैसा होता जैसा तुम कल्पना करते हो - यदि मैं बिना किसी अपवाद के सभी लोगों से वही मांग करता, और सभी से यही अपेक्षा करता कि उसी स्थिति को प्राप्त करें - तो यह काम नहीं करेगा। यह असंभव की मांग करना है, और यह मानवीय कार्य का सिद्धांत है, तथा परमेश्वर के कार्य का सिद्धांत नहीं है। लोगों की वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार परमेश्वर अपने कार्य को अंजाम देता है, और यह उनकी स्वाभाविक योग्यता पर आधारित होता है। साथ ही यह सुसमाचार को फैलाने का भी सिद्धांत हैः तुम्हें धीरे धीरे आगे बढ़ना होगा, और जब तक तुम किसी से स्पष्ट रूप से सच नहीं कहते हो, तुम्हें प्रकृति को अपना पथक्रम लेने की अनुमति देना होगा। केवल तभी वे समझेंगे, और केवल उसी समय वे बाइबल को अलग रखने में सक्षम होंगे। यदि परमेश्वर ने कार्य की इस अवस्था को नहीं किया होता, तो कौन परम्पराओं से अलग होने के योग्य हो पाता? कौन नया कार्य करने के योग्य हो पाता? कौन बाइबल के बाहर एक नया पथ ढूँढ़ने के योग्य हो पाता? क्योंकि लोगों की पारम्परिक धारणाएँ और जागीरदारी सम्बन्धी नैतिक मूल्य इतने विचित्र हैं, कि उनके पास स्वयं इन चीज़ों को दूर हटाने के लिए कोई योग्यता नहीं है, और न ही उनके पास ऐसा करने का साहस है। यह इसके बारे में कुछ नहीं कहता है कि किस प्रकार आज बाइबल के कुछ वचनों के द्वारा लोगों को जकड़ लिया गया है, ऐसे वचन जिन्होंने उनके हृदयों में कब्जा कर लिया है। वे बाइबल को छोड़ने के लिए कैसे तैयार हो सकते हैं? वे इतनी आसानी से किसी ऐसे मार्ग को स्वीकार कैसे कर सकते हैं जो बाइबल से बाहर है? यह तब तक नहीं होता है जब तक तुम बाइबल के भीतर की कहानियों को और पवित्र आत्मा के कार्य के सिद्धांतों को स्पष्ट रूप से नहीं बोल सकते हो, ताकि सभी लोग पूरी तरह आश्वस्त हो जाएँ - जिसकी सब से ज़्यादा जरूरत है। यह इसलिए है क्योंकि वे सभी जो धर्म के अन्तर्गत हैं वे बाइबल का बहुत आदर करते हैं, और परमेश्वर के रूप में उसकी आराधना करते हैं, साथ ही वे बाइबल के अन्तर्गत परमेश्वर को कैद करने की कोशिश भी करते हैं, और मामला यह भी है कि वे अपने लक्ष्य को तभी हासिल करते हैं जब वे एक बार फिर से परमेश्वर को क्रूस पर कीलों से ठोंक देते हैं। |
प्रधानमंत्री मोदी ने सहायक सचिवों के पहले सत्र में २०१५ के आईएएस अधकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे नकारात्मकता को छोड़ परिवर्तन को आगे बढ़ाने की राह पर चलें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उस मानसिकताओं से दूर रहना चाहिए जो विकास की राह में बाधा बनती है। उन्होंने कहा कि बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए साहस और सकारात्मकता की आवश्यकता पड़ती है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को बताया कि हमारा देश उन देशों से पिछड़ रहा है जिन्होंने भारत के समय या बाद में आजादी प्राप्त की और उनके पास संसाधनों और नेतृत्व की भी कमी थी। पीएम का कहना था कि ऐसे देश विकास के मामले में नई कीर्तिमान बना रहे हैं।
यह आईएएस अधिकारियों का तीसरा बैच है जिनसे पीएम मोदी मुलाकात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने सहायक सचिव पद पर तैनात होने वाले नए २०१५ के आईएएस अधिकारियों को अनुभव ग्रहण करने का एक तरीका बताया। उन्होंने कहा कि वे अनुभवी सहायक सचिवों और अधिकारियों के साथ वार्तालाप करें,उनसे उनका अनुभव जानें ताकि व्यवस्था को इसका लाभ मिल सके।
इस वर्ष तीन जुलाई से २९ सितंबर तक ४२ मंत्रालयों के ३८ विभागों में कुल १७५ आईएएस अधिकारियों को सहायक सचिव पद के लिए तैनात किए गए हैं। ये अधिकारी मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में दूसरे चरण का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यहां तैनात किए गए हैं। |
कोटा. महावीर नगर थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह चार अज्ञात चोर एक सूने मकान में महज १७ मिनट में चोरी कर फुर्र हो गए। १७ मिनट की इस अवधि में चोरों ने घर के मेन गेट को तोडऩे की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं टूटा, तो उन्होंने गेट के चारों कब्जे ही तोड़ दिए। इसके बाद वे सीधे बेडरूम में पहुंचे और वहां लोहे की रोड से अलमारी व अंदर के लॉकर को तोड़ा और उसमें रखी नकदी व जेवर ले गए। चोरी की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
महावीर नगर तृतीय की परिजात कॉलोनी के मकान संख्या १०-जी-१२ निवासी दंत रोग विशेषज्ञ डॉ.अजय कुमार गुप्ता सोमवार सुबह वे क्लिनिक गए हुए थे। उनकी पत्नी व बेटी भी करीब ११ बजे क्लिनिक आए गए। इसी दौरान उनकी गली में चार अज्ञात युवक आए। इसमें से दो युवक रूककर वहां इंतजार करने लगे। इसी दौरान दो युवक मकान की बाहरी चारदीवारी लांघकर भीतर घुस गए और मुख्य दरवाजे पर लगे ताले को तोडऩे का प्रयास किया। जब ताला नहीं टूटा, तो उन्होंने गेट के चारों कब्जे ही तोड़ दिए। इसके बाद दोनों मकान के भीतर घुसे तथा तेजी से बेडरूम में गए और वहां अलमारी के गेट को और उसके बाद अलमारी के भीतर लॉकर को भी सरिए से तोड़ दिया। इसके बाद चोर लॉकर में रखे करीब ७० हजार रुपए व करीब पौने तीन लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात चुरा ले गए। जब चिकित्सक घर पहुंचे तो मेन गेट टूटा हुआ था। इस पर वे भीतर गए तो अलमारी व उसका लॉकर टूटा हुआ था तथा गहने व नकदी चोरी हो चुकी थी। इस पर उन्होंने मामले की सूचना महावीर नगर पुलिस को दी। पुलिस ने अज्ञात जनों के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज की।
डॉ.गुप्ता ने बताया कि पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। चोर सोमवार सुबह ११.४६ बजे घर में घुसे और इसके महज १७ मिनट बाद १२ बजकर ३ मिनट पर घर से चोरी कर निकल गए। चोरों के घर में घुसने से निकलने तक की पूरी फुटेज सीसीटीवी में कैद हो गई। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश कर रही है। पुलिस हुलिए से मिलते जुलते आरोपियों व पहले चोरियों की वारदात के चालानशुदा व आदतन अपराधियों की भी तलाश कर रही है।
डॉ.गुप्ता ने बताया कि चोर शायद काफी समय से उनके मकान की रैकी कर रहे थे। सुबह वे घर से उनके केशवपुरा स्थित डेंटल क्लिनिक निकल जाते है। वहीं उनकी पत्नी भी सुबह करीब ११ बजे बाहर निकल जाती है। इस दौरान केवल उनकी बेटी ही घर पर रहती है। उनकी पत्नी कमरदर्द होने से कई दिनों से घर से बाहर नहीं जा रही थी। सोमवार को ही वह बेटी को लेकर क्लिनिक आई थी और इसी दौरान चोरों ने वारदात को अंजाम दे डाला। उन्होंने कहा ये तो अच्छा हुआ पत्नी बेटी को भी साथ ले आई, नहीं तो पता नहीं क्या होता। |
एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया झकाश खेलने के लिए काफी एक्साइटेड हैं। वह कल यानि होली के दिन शाम ६ फेसबुक पर आपको हराने के लिए तैयार बैठी हैं।
आपका इंतजार खत्म हो गया है। फेसबुक पर झकाश का दूसरे एपिसोड में खेलने का समय आ गया है। इसके पहले एपिसोड में काफी ऑडियंस और बॉलीवुड हस्तियों ने हिस्सा लिया। आपको लगता है कि आपने खेलने का पहला अवसर गवा दिया है तो आपके पास दोबारा मौका है ५०,०००* रुपए तक नकद जीतने का। झकाश का दूसरा एपिसोड कल (होली) शाम ६ बजे लाइव होने वाला है।
लेकिन आप अकेले नहीं जो इस गेम को खेलेंगे। बॉलीवुड के हमारे पसंदीदा स्टार्स भी आप की तरह झकाश खेलने के लिए एक्साइटेड हैं। बाहुबली और केजीएफ स्टार तमन्ना भाटिया ने हमारे साथ कुछ ट्रिविया (बॉलीवुड से जुड़ी जानकारी) शेयर किया है। क्या आप जानते हैं की फिल्म ३ इडियट्स में प्रेग्नेंसी सीन फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस के लिए फिल्माया गया था? यह जानकारी हमारे लिए सच में अचंभित करने वाली है और इससे भी ज्यादा ये कि तमन्ना भाटिया को इसकी जानकारी थी। अगर आपके पास तमन्ना भाटिया की तरह बॉलीवुड की जानकारी का भंडार है? तो कल दूसरे एपिसोड में हिस्सा लेने के लिए झकाश फेसबुक पाग को लाइक और फॉलो करें। हां, हम जानते हैं कि कल होली है, जिसकी वजह से आपके लिए कुछ स्पेशल और छोटा सरप्राइज भी है।
आने वाले हफ्तों में बॉलीवुड के और स्टार आपसे अपनी बॉलीवुड की रूचिकर जानकारी शेयर करेंगे, जिससे गेम के प्रति आपका उत्साह बना रहेगा। आप लोगों को जानने की जरूरत है, आपको सभी १० सवालों को सही जवाब देने होंगे। यह समय है अपनी बॉलीवुड की जानकारी बढ़ाने का और हमारे पूछे गए १० सवालों को जवाब देने का। झकाश को कुबरा सैत होस्ट करेंगी और आपसे १० सवाल पूछेंगी। तो उत्तर देने की तैयारी शुरू करिए। |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल की हाफ सेंचुरी २१ जुलाई को पूरी हो गई। मोदी सरकार २.० ने अपने पहले 5० दिनों में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के तहत देश के हर वर्ग, हर क्षेत्र के विकास के लिए तीव्र गति से काम किया है। 3० मई को शपथ लेने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिमंडल के सहयोगी दिन-रात एक कर के पूरी क्षमता के साथ काम में जुटे हैं।
* स्वास्थ्य और कार्यदशा से संबंधित बिल से ४० करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे। छोटे कारखानों में काम करने वाले कामगारों को भी नियुक्ति पत्र मिलेगा। हर साल श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच भी जरूरी की गई है।
* मोदी सरकार संसद सत्र में ही जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन बिल दोनों सदनों में पास कराने में सफल रही। इस विधेयक के तहत जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के १० किलोमीटर के दायरे में रहने वालों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ३ फीसदी आरक्षण को विस्तार दिया गया।
* जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम सीधी भर्ती, प्रमोशन और विभिन्न श्रेणियों में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देता है, लेकिन इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे व्यक्तियों के लिए नहीं था। लेकिन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह लोग भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे।
* जम्मू-कश्मीर पर भी सरकार का खास फोकस रहा। टेरर फंडिंग की शिकायतों को केंद्र ने गंभीरता से लिया। जम्मू-कश्मीर बैंक के चेयरमैन को हटाने के साथ स्थानीय नेताओं की सिफारिशों पर हुई सौ से ज्यादा भर्तियों की जांच शुरू की।
* छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत १.५ करोड़ से कम वार्षिक टर्नओवर वाले करीब तीन करोड़ दुकानदारों को पेंशन मिलेगी।
* बड़े कारोबारियों को भी सहूलियत देने का फैसला किया गया। ४०० करोड़ सालाना टर्नओवर पर २५ प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स लगेगा। पहले २५0 करोड़ पर यह दर लगती थी।
* १७वीं लोकसभा के मौजूदा सत्र के दौरान पिछले २० साल में सबसे अधिक कामकाज हुआ। कामकाज का स्तर १२८ प्रतिशत रहा है।
* मानसून सत्र के दौरान १७ बिल पास हुए। वहीं १०४ नए बिल पेश किए गए हैं। |
एक फ्रांस के टीवी कैनाल प्लस द्वारा विशेष खुफिया जांच से सामने आया हैं की संरक्षण के नाम पर मध्य प्रदेश में कान्हा टाइगर रिजर्व से हजारो की संख्या में आदिवासी लोगों को वाहर निकाला जा रहा हैं। जबकि टाइगर रिज़र्व में एक लाख से भी अधिक पर्यटक हर साल आते हैं।
मूलनिवासी लोगों को विस्थापित कर बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ को आकर्शित करने वाली संरक्षण नीति की जितनी आलोचना की जाये उतनी काम हैं। आदिवासियों को घरो से निकला जा रहा हैं लेकिन पर्यटकों क लिए रिसॉर्ट्स, होटल्स अवं सुख सुविधा की साड़ी चीज़ें रिज़र्व के अनदर ही मुहैय्या करायी जा रही हैं।
टीवी चैनल के एक रिपोर्टर ने २०१४ में घर से बेदखल किये गए बैगा जनजाति के परिवारों का दौरा किया और वह ये देख कर हैरान रह गया था की उन आदिवासीयो का जीवन पूरी तरह से तबाह हो गया था। सर्वाइवल इंटरनेशनल नाम की संस्था जो की विश्व में जनजातियों के हितो के लिए काम करती हैं के अनुसार अपने घरो से बेदखल किये हुए आदिवासी आसपास के गांवों में बिखरे हुए हैं तथा जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे है।
प्रसासन आदिवासियों को अपने घरो से हटते समय विस्ताफिथ हुए जनजातियों के पुनर्निवास अवं आजीविका का पूरा खयाल रखने का वादा करती हैं लेकिन ये वादे सिर्फ कागजो पर ही सीमित होते हैं। |
चरम कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए दाएं पेडल - गैस। शुरुआत में, गैस और क्लच "सहयोग"। जब चलती है, जब गति परिवर्तन पारित हो जाता है, तो क्लच पेडल भी जारी किया जाता है, और फिर गैस बुझ जाती है।
ऑनलाइन गेम से पैसा बनाने के लिए इस तरह के लोग कुछ ही तरह दिखते हैं कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए अवास्तविक। वे डिस्क पर एनालॉग के रूप में खेलों का प्रतिनिधित्व करते हैं और मनोरंजन के लिए सिर्फ एक साधन हैं, कुछ और नहीं यह आप एक बैंक जमा पर की तुलना में काफी बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए अनुमति देता है। हालांकि, हम खाते में अपेक्षाकृत काफी जोखिम लेने चाहिए।
आईफोन सॉफ्टवेयर मूल रूप से १६ ऐप्स के साथ पूर्वस्थापित किया गया था: टेक्स्ट, कैलेंडर, फोटो, कैमरा, यूट्यूब, स्टॉक, मैप्स, मौसम, घड़ी, कैलक्यूलेटर, नोट्स, सेटिंग्स, फोन, मेल, सफारी, आईपॉड। आईफोन को संस्करण २ तक ऐप स्टोर नहीं दिखाई देगा, जिसके साथ इसकी पहली सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट भी थी। इन्हें डेस्कटॉप क्लास एप्लिकेशन और नेटवर्किंग के रूप में भी वर्णित किया गया था, न कि कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए मोबाइल ऐप जिन्हें आज विशेष रूप से वर्णित किया गया है। उसने एक लाभदायक तकनीक बनाई, जिसे "निगल" कहा जाता है, या एक नए आने वाले के रूप में एक दिन में ७,००० रुब्ल्स से कमाई शुरू करने के लिए? "
आप देख सकते हैं कि कुछ उदाहरण हैं जब एमएसीडी और स्टेचैस्टिक्स एक साथ पार करने के करीब हैं - जनवरी २००८, मध्य मार्च और मध्य अप्रैल, उदाहरण के लिए। ऐसा लगता है जैसे वे इस आकार के चार्ट पर एक ही समय में क्रॉस करते थे, लेकिन जब आप करीब से नज़र रखते हैं, तो आप पाएंगे कि वे वास्तव में एक-दूसरे के दो दिनों के भीतर पार नहीं कर पाए थे, जो स्थापित करने का मानदंड था यह स्कैन आप कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए मानदंड को बदलना चाह सकते हैं ताकि आप उस सीमा को शामिल कर सकें जो एक व्यापक समय सीमा के भीतर हो, ताकि आप नीचे दिखाए गए लोगों की तरह चालें प्राप्त कर सकें। इसके पहले की भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (सिड) ने २०२५ तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। सिड के अनुमान के अनुसार भारत २०२५ तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। सिड के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।
फिकिंग वैल्यू का व्यवसाय निश्चित रूप से बहुत ही आकर्षक हो सकता है, और चूंकि बैंकरों के पास नकली कितनी वास्तविक बाधा नहीं है, इसलिए वे हमेशा खुद को अधिक महत्व देते हैं। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य हबीबगंज रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय पारगमन हब के रूप में विकसित करना है, जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हो।
"तश्तरी" यह केवल खरीदने के लिए संकेत है जब बार चार्ट शून्य रेखा से अधिक है। एक को ध्यान में रखना चाहिए: डेमो खाते में व्यावहारिक कौशल हासिल करने के बाद, एक व्यापारी असली धन के साथ टॉरस में स्थानांतरित कर सकता है। वास्तविक खाते की मुद्रा यूर या उसड है। दलाल का असली कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए खाता कुछ ही मिनटों में नि: शुल्क खुलता है।
एंटीना डी-लिंक एएनटी २४-०७०० इनडोर उपयोग के लिए एक चाबुक एंटीना का एक रूप है। किसी भी कोड़ा एंटीना की तरह, अंत२४-०७०० एक ओमनी-दिशात्मक क्षैतिज विमान में (समदैशिक) है, लेकिन नियमित रूप से कोड़ा एंटेना है, जो सबसे एक्सेस पॉइंट के साथ पूरा हो गया है, यह ७ दबी के उच्च लाभ अलग करता है। यह सरल ऑर्डर संकेतक अपने खुद के ट्रेडों पर नज़र रखने एवं दूसरों की गतिविधियों का विश्लेषण करने की अनुमति देता है। यह चार्ट पर आपके ट्रेडों को प्रदर्शित करता है, यह दर्शाता है कि आपके ट्रेड कब खोले व बंद किए गए, तथा लाभ एवं नुकसान को भी दिखाता है (मुद्रा व पिप्स में दर्शाया हुआ)। |
पिछले भाग में हमने देखा कि पादपों और जंतुओं के कोशिकाओँ और ऊतकों में क्या फर्क है । इस भाग में हम पोषण के फर्क और समानता को समझने का प्रयास करते हैं । इसमें भी मैंने कई जगह से सामग्री ली है - किन्तु नीचे सिर्फ न्सर्ट पुस्तकों के लिंक ही दे रही हूँ, जो कि (आठवी और सातवी कक्षा की ) स्कूली किताबें हैं, क्बसे के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के लिए ।
भोजन हर जीव लिए आवश्यक है - जंतुओं के लिए भी, और पादपों के लिए भी। किन्तु इन दोनों में बहुत से फर्क हैं । पहली बात तो यह कि जंतुओं को विचरण करना होता है - तो उनमे पेशियाँ होती हैं - और उन्हें ऊर्जा अधिक चाहिए । पादप एक स्थान पर स्थिर रहते हैं - सो उन्हें जंतुओं की तुलना में कम भोजन चाहिए, किन्तु भोजन चाहिए अवश्य। दूसरी बात यह कि, जंतुओं को विचरण करते हुए चोटिल होने की भी संभावना है, और हिल सकने की काबिलियत से उस चोट के स्रोत से दूर हटने / बचने भागने की भी । ये दोनों ही बातें पादपों में नहीं हैं । सो दर्द महसूस करने / खतरे के स्रोत को देखने / सूंघने / सुन पाने से अपने शरीर की रक्षा की संभावनाएं जंतुओं में अधिक हैं । इसिलिये तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) अधिक विकसित होता है । हम इलेक्ट्रोनिक इंजीनियर्स जो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स बनाते हैं, उसमे पढ़ते हैं की जीवों का तंत्रिका तंत्र कैसे सीखने की प्रक्रिया करता है । इसे विकसित होने के लिए फिडऐक लूप पूरा होना चाहिए - एक तरफा दर्द महसूस भर करने और उससे बच न पाने की स्थिति में यह पूरा नहीं हो पाता । हम मनुष्यों के डॉक्टर्स भी बताते हैं की कैसे, जिन बच्चों का दिमाग ठीक से विकसित नहीं हुआ हो - वे मानसिक कमजोरी के चलते धीरे धीरे अपनी उम्र के दूसरे बच्चों से शारीरिक रूप से भी पिछड़ जाते हैं - क्योंकि फिडऐक लूप अधूरा होता है।
अब आते हैं भोजन की आवश्यकता की आपूर्ति पर । यदि कोई जीव अपना भोजन स्वयं संश्लेषित (फोटोसिंथेसिस) कर सकते हैं - तो इस प्रक्रिया को स्वपोषण कहते हैं। यह सिर्फ वे पादप ही कर सकते हैं जिनमे क्लोरोफिल हो। जंतु यह नहीं कर सकते - वे पूरी तरह बाहरी स्रोतों पर निर्भर हैं पोषण के लिए। जंतुओँ को (और ऐसे पौधों को जो पोषण के लिए दूसरे पर निर्भर हैं) विषमपोषी कहते हैं।
यह प्रवाह (हमारे रक्त की तरह) दो तरफा नहीं, बल्कि एक तरफा है - सिर्फ नीचे से ऊपर की और। इसी तरह फ्लोएम पत्तियों में बने भोजन को पौधे में दूसरे भागों तक पहुंचाती हैं। दूसरे भागों में इस भोजन का उपयोग भी होता है - परन्तु कम मात्रा में। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पौधे स्थिर हैं तो उन्हें विचरण के लिए ऊर्जा नहीं चाहिए। अधिकतर बना हुआ भोजन एकत्रित और परिमार्जित किया जाता है, दूसरे जीवों के उपयोग लिए। पहले पत्तियां सिर्फ सिंपल कार्बोहाइड्रेट का उत्पादन करती हैं। बाद में इसका परिमार्जन कर के प्रोटीन आदि बनते हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि पौधे सिर्फ दूसरे जीवों को भोजन देने भर के लिए हैं। सिर्फ कुछ -हिस्से - जिनमे अतिरिक्त भोजन जमा है - सिर्फ वही दुसरे जीवों के ग्रहण योग्य हैं, बाकी का पूरा पौधा नहीं। न ही ऐसा है की उस भाग को दुसरे जीव लें तो इससे उस पौधे की जीवन अवधि में कोई फर्क आये - क्योंकि ये भाग ऐसे हैं जिनके निकाले या काटे जाने से भी पौधे के जीवन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पादप अपनी निजी ज़रुरत से बहुत अधिक भोजन का उत्पाद करते हैं - जो जीव साइकल का एक हिस्सा है।
यह अतिरिक्त भोजन इस तरह से संगृहित किया जाता है जिससे यह बिना पौधे को नुक्सान पहुंचाए दूसरे जीवों द्वारा ग्रहण किया जा सके । उदाहरण के लिए - पत्तियों में और घास में सेल्युलोज (सेल्युलोस ) नामक स्टार्च है - जो गायें आदि (रुमीनंत - रुमिनंट प्राणी ) खाती हैं और पचा सकती हैं (हम मनुष्य नहीं - हमारे पास इन्हें पचाने वाले अंग नहीं हैं - नीचे इसे समझाया गया है ) - किन्तु उनके खाने से वह पौधा मरता नहीं ।
इसी तरह से अतिरिक्त भोजन फल के गूदे में भी संगृहित किया जाता है - जिससे फल खाने वाले जंतु फल खाने के लिए पादप के स्थान से दूर ले जा सकें, और फल खाने के बाद उसके बीज को जनक पौधे से दूर स्थापित कर सकें । यह एक तरह का मेहनताना जैसा समझा जा सकता है :)। ऐसा इसलिए है कि, जंतु अपने बच्चे का पालन, पोषण, संरक्षण कर सकते हैं, क्योंकि वे विचरण कर सकते हैं। जंतु दूर से भोजन ला कर संतान को खिला सकते हैं, शत्रु जीवों को भगा कर / मार कर अपनी संतान की रक्षा कर सकते हैं। किन्तु पादपों के बारे में ऐसा नहीं है - क्योंकि वे विचरण कर ही नहीं सकते। यदि संतति भी वहीँ जन्मे जहां पैतृक पादप पहले से है, तो उसी जगह की मिटटी, धुप और हवा के लिए प्रतियोगिता हो, जिसकी वजह से नए पौधे का पनपना भी मुश्किल होगा और जनक पौधे को भी नुकसान होगा। अन्न आदि बीज के बारे में भी ऐसा ही है। एक पौधा एक से बहुत अधिक अन्नबीजों को बनाता है । वे सभी बीज वहीँ गिर जाएँ , तो कोई भी नहीं पनप सकेगा क्योंकि मिटटी में खनिज इसके लिए काफी नहीं होंगे। इस पूरी विधि पर अगले भाग (जंतुओं और पादपों में प्रजनन) में विस्तृत रूप से बात करूंगी।
सभी पौधे भोजन उत्पन्न नहीं करते। जिनमे क्लोरोफिल ( पर्ण हरिमा ) न हो, या जिन्हें धूप न मिल पाती हो , या फिर जिन्हें कार्बन डाई ओक्साइड न मिले - ऐसे पौधे भी अपने पोषण के लिए बाहरी स्त्रोत पर निर्भर होते हैं। ऐसे पौधे जो स्वयं भोजन न बना पाएं वे भी अलग अलग प्रकार से भोजन प्राप्त करने के लिए विकसित हुए हैं। इनमे से कुछ परजीवी (पारसिटीक ) हो जाते हैं (अमरबेल की तरह दूसरे पेड़ों आदि पर चढ़ कर उनसे भोजन प्राप्त करते हैं ), कुछ मृतजीवी (सप्रोफिटिक ) होकर पहले से मृत जीवों/ जैव वस्तुओं (जैसे जूते का चमड़ा,ऊनी कपडे, रेशम) पर अपना पालन करते हैं (कुकुर मुत्ते और फंगस की तरह जो जो, सडती हुई ब्रेड आदि पर बनती है) और कुछ कीटभक्षी (इन्सेक्टिवर्स ) बन कर कीड़े मकोड़ों आदि को पकड़ कर खाते हैं।
स्वपोषी और विशमपोषी के अलावा कुछ पौधे परस्परजीवी भी हैं। जैसे दालों के पौधे (लिग्यूमनस = लेगुमिन्स प्लांट्स) । इन्हें नाइट्रोजन अधिक चाहिए - जड़ों के द्वारा सोखे जाने योग्य रूप में मिटटी में नाइट्रोजन । हवा में गैस के रूप में जो नाइट्रोजन है - उसे ये प्रयुक्त नहीं कर सकते । सो इनकी जड़ों में कुछ विशिष्ट (रिज़ोबियम - रिझोबियम बैक्टेरिया) बैक्टेरिया रहते हैं जो हवा के नाइट्रोजन को सोखे जाने लायक रूप में परिवर्तित करते हैं। बदले में उन्हें पौधे की जड़ों से विशिष्ट पोषण मिलता है।
जैसे पौधे अलग-अलग पोषण शैलियों से अपना पोषण पाते हैं, उसी तरह जंतुओं में भी अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं । घोंघा, चील, मच्छर, मधुमक्खी, अजगर, मनुष्य सब में पोषण विधियाँ अलग हैं। छीलना, चूसना, निगलना, चबाना, पचाना आदि ग्रहण के अलग-अलग तरीके हैं ।
१. छोटी अंत की लम्बाई : माँसाहारी प्राणियों में शरीर से तीन गुना के आस पास और शाकाहारियों में १2 गुना । मानवों में यह लम्बाई शाकाहारी जीवों जैसी है ।
२. मुंह: मांसाहारी जीवों (जैसे शेर) का मुंह उनके सर का अधिकतर भाग होता है - यानि की सर का आधे से अधिक भाग मुंह है - क्योंकि उन्हें शिकार को पकड़ना, जकड़ना, चीरना और फाड़ना है। शाकाहारी प्राणियों के सर का बहुत छोटा भाग होता है उनका मुख। मनुष्य में भी ऐसा ही है ।
३. शिकार करने योग्य विशिष्ट क्षमताओं वाला शरीर : मांसाहारी जीवों की शारीरिक संरचना हुई ही इस प्रकार से है कि वे शिकार को पकड़ सकें - उनका शरीर एंड्यूरेंस में कम परंतु ताकत में भी आगे है और उनके नाखून, पंजे आदि भी शिकार करने के लिए बने हैं । मनुष्य को जंगल में शिकार करना हो - तो बिना जाल / हथियारों के संभव नहीं ।
४. हम , कच्चा मांस तो पचा ही नहीं पाते आमतौर पर, क्योंकि हमारा पाचनतंत्र उस तरह के रस (एन्जाइम) नहीं बनाता ।
५. हमारे दाँतों की संरचना मांस को चीरने फाड़ने के लिए नहीं बनी है । सिर्फ चार ही कैनिन तीत हैं, वे भी मांसाहारी जीवों की तरह बड़े, तीखे और गहरी जड़ों वाले नहीं हैं ।
६. हम शाकाहारी जीवों की तरह कच्चा सेल्ल्युलोज़ भी (हरी घास और पत्तियों में एक विशेष कर्बोहाइड्रेट ) नहीं पचा सकते, क्योंकि हमारे पास सीकम नहीं है (ऊपर चित्र देखिये ), न ही रुमन है ।
सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ मानी जाने वाली रचना माना गया है मानव। सो इस अग्रतम जीव की आपात स्थितियों में रक्षा/संरक्षण / सुर्विवल के लिए, हमारे शरीर में शाक और मांस दोनों स्रोतों से पाया गया भोजन पचा सकने की क्षमता है तो अवश्य, किन्तु हमारे पाचन तंत्र की तुलना यदि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों जीव जंतुओं से की जाए तो ऐसा लगता है कि मूल रूप से शाकाहार के लिए बना तंत्र, सिर्फ आपातस्थिति में जीवन यापन के लिए मांसाहार को पचाने की काबिलियत के अनुकूलित (अधपटेड ) तो है, परन्तु दीर्घकाल में उसी पर जीने के लिए नहीं बनाया गया है ।
अगले भाग में पादपों और जंतुओं के प्रजनन प्रक्रियाओं पर बात करेंगे और जानेंगे कि प्रजनन में सफलता के लिए क्यों पादप अपनी आवश्यकता से अधिक भोजन बना कर संगृहीत करते हैं और क्यों जंतुओं के शरीर ऐसा नहीं करते ।
पढने के लिए आप सभी का आभार ।
यदि यह कुछ ज्यादा जटिल हो रहा हो - तो टिप्पणियों में बताइये - अगले भाग में कम गहराई में जाऊंगी। आभार ।
बहुत ही सूक्ष्म तुलनात्मक अध्ययन!!
पादप और पशु जीवन में विशाल अन्तर है किन्तु उसे सूक्ष्म और आधारभूत दृष्टि से ही ग्रहित किया जा सकता है। पशु और पादप दोनों की तुलना जब जीवन के आधार पर ही की जाती है तो इसके आहार विषय में हेय या उपादेय का आधार भी जीवन ही होना चाहिए। मांस किसी पशु को जीवन रहित किए बिना अप्राप्य है वहाँ शाकाहार पादप से जीवन को नष्ट किए बिना प्राप्त किया जा सकता है। शाकाहार प्राप्त करने में भी जीवहानि का विवेक रखना सात्विकता है। शाकाहार का उद्देश्य ही अनावश्यक हिंसा से बचना है। जिस किसी आहार में जीवहिंसा की सम्भावनाएं बनती है, सात्विक आहारी बौद्धिक परिशुद्धता से स्वयं को संयमित करता चलता है। अहिंसा शाकाहार का परम लक्ष्य है।
बहुत अच्छी जानकारी। शाकाहार की कोई बराबरी नहीं।
बहुत रोचक जानकारी...अपना पेट भरने के लिये हिंसा क्यों?
खूबसूरत जानकारी! आभार।
यह आलेख इस बात का प्रमाण है कि जब सातवीं/आठवीं कक्षा में यह बातें पढायी जाती हैं तो उन्हें निरामिष होने का पाठ क्यों नहीं पढ़ाया जा सकता.. आवश्यकता केवल बच्चों को तथ्यों से सार्थक रूप से परिचित कराने की है.. शेष निर्णय उनपर छोड़ देना चाहिए!!
बहुमूल्य और जटिल जानकारी को इतने सरल शब्दों में अभिव्यक्त करने का आभार!
बहुत बढ़िया! आप हर विषय का बहुत विस्तृत विवरण देती हैं। |
मध्यप्रदेश में तंबाकू जनित बीमारियों से हर साल ९० हजार लोग काल के गाल में समा जाते हैं।
भोपाल: बदलते दौर के साथ नशे के बढ़ते कारोबार ने बीमारियों का भी जाल बिछा दिया है। तंबाकू का सेवन करने से कैंसर जैसी घातक बीमारी अपना विस्तार कर रही है। मध्यप्रदेश में तंबाकू जनित बीमारियों से हर साल ९० हजार लोग काल के गाल में समा जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य प्रदेश में २८.१ प्रतिशत लेाग किसी न किसी रूप में चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते हैं, जिसमें ३८़ ७ प्रतिशत पुरुष एवं १6़ ८ प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। तंबाकू के उपयोग के चलते मुंह, फेफड़े का कैंसर हो जाता है और राज्य में हर साल कैंसर व तंबाकू जनित अन्य बीमारियों के कारण ९० हजार लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। |
जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहेन के फूल खिला है। मोगली और उसके जंगली दोस्तों के कारनामों से भरा यह गाना आज भी मन को उसी तरह भाता है जैसा यह आज से तकरीबन २० साल भाता था। वाकई मे जंगल का दृश्य अध्बुध है। प्रकृति का यह अनमोल तोफा ना जाने मनुष्य को कितने सदियों से जीवित रख रहा है। लेकिन दुःख की बात है की लालच और क्रूरता मे लुप्त मानव ने वन-वातावरण को काफी ठेस पहुँचाया है। यदि हम अपने देश भारत की ही बात करें, तो वन आवरण की मात्रा गिरती जा रही है। पश्चिम बंगाल के मशहूर सुंदरबन जंगलों ने१९८६ से २०12 के बीच १२५ वर्ग किलोमीटर मैन्ग्रोव वन खो दिए। आंध्र प्रदेश के कृष्णा-गुंटूर क्षेत्रों मे कम से कम २५००० तक वन क्षेत्र को परिवर्तित कर दिया गया है जिसका सीधा प्रभाव लोगों और मौसम पर पढ़ रहा है। घटते वन की वजह से तेंदुए और हाथी भी इंसान के क्षेत्रों मे घुसकर तांडव मचा रहे हैं। महाराष्ट्र और तमिल नाडू के कई जिलों मे लोग इन जानवरों के प्रकोप का शिकार हुए हैं। ऐसे मे क्या उपाय किया जाए?
दुनियाभर मे कई नीतियाँ और समझौते आपनाए गए। लेकिन यदि हम सबसे बड़ा और प्रभावशाली नीति की बात करें जिससे वन आवरण की मात्रा वाकई मे बढ़ जाए तो वह बौंन चैलेंज होगा। इसके अन्तरगत विश्वभर मे विभिन्न देशों के नेताओं ने इस बात पर अपनी सहमति दी की दुनिया भर मे बंजर क्षेत्र और कम पेड़ वाले क्षेत्रों को फिर से २०२० तक १५० मिलियन हेक्टर और २०३० तक ३५० मिलियन हेक्टर तक वनिकारित किया जाए। भारत ने इस समझौते के अंतर्गत २१ मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को वनिकरित करने का वादा किया है। इससे देश मे तकरीबन १०० करोड़ गाड़ियों से निकलने वाले कार्बोन डाई-ऑक्साइड की मात्रा मे गिरावट होगी।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों का कहना है की २१वी सदी के पहले १६ वर्ष पृथ्वी के जीवन काल मे सबसे गरम रहे हैं। ऐसे मे ज़्यादा पेड़ लगाना, जंगलों मे घटते वनिकरन को रोकना और पशु-पक्षियों के घर को स्वस्थ अवस्था मे रखना बहुत ज़रुरी है। आप और मैं इस कार्यक्रम मे भी अपना एहम योगदान दे सकते हैं। अपने घर पर यदि हम नियमित रूप से १०-१५ पेड़ लगाये तो गर्मी मे भी शीतलता बरकरार रहेगी और ए.सी को चलाने की ज़रुरत भी नहीं होगी। नेहरु प्लेस मे स्थित पहारपुर उद्योग केंद्र इस हरित क्रान्ति की जीतीजागती मिसाल है। यहाँ ए.सी से ज़्यादा पेड़ हैं। तकरीबन २५०० पेड़ पूरे ऑफिस मे हवा को साफ और स्वच्छ रखते हैं। एक बार यदि समय मिले तो यहाँ पर ज़रूर जाईएगा। सूत्रों के अनुसार ऑफिस के अन्दर की हवा हिमालय की हवा का मुकाबला कर सकती है।
साथ ही सिग्नल पर इंजन बंद करना, सार्वजनिक परिवाहन का प्रयोग करना और कम्पोस्टिंग करने से भी हम पर्यावरण को काफी हद तक विनाश से बचा सकते हैं।
अंततः, जब तक मनुष्य प्रकृति से दूर भागता जाएगा, उसका विनाश निश्चित है। हमारी कोशिश इसके विपरीत रहनी चाहिए। |
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शहरी सरकार के कामकाज के आकलन में जैसे-जैसे हम वार्ड की समस्याओं को जान रहे हैं वैसे-वैसे लोगों की परेशानियां और नेताओं के प्रति उनका सख्त रुख भी सामने आ रहा है। वार्ड संख्या १७ व १८ में लोगों ने अपनी समस्याएं बताई और साथ में गुस्सा भी दिखा। सालों पुरानी वही समस्याएं अब भी परेशान करती हैं।
सडक़ों पर पसरी गंदगी के साथ टूटी सडक़ों का दर्द भी यहां के लोगों को सालता है। क्षेत्र पार्षद के पास गिनाने को काम हैं तो लोगों को पास समस्याएं। कुछ बड़ी सडक़ें तो ठीक हैं। लेकिन कॉलोनी के मध्य हालात वाकई बदहाल हैं। खुले नाले से कई लोग परेशान हैं।
- वार्ड १७ व १८ की सीमा पर बना खुला नाला खतरे को बुलावा दे रहा है।
- नाले आधे स्थानों पर खुले हैं और क्षतिग्रस्त भी है।
- गंदगी के अंबार की वजह से मच्छर पनप रहे हैं और बीमारी का खतरा है।
- पाइप लाइन डालने के बाद सडक़ों की मरम्मत नहीं हुई।
नाला कई वर्षों से खुला है। इससे गंदगी और मच्छर की समस्या होती है। कई लोग घरों का कचरा डालते हैं जिससे भी समस्या होती है।
क्षेत्र में सडक़ों की हालत सबसे खराब है। खुले नाले से गंदगी तो है ही साथ में इसमें गिरने का खतरा भी बना रहता है।
सडक़ों का काम अच्छा हुआ है। एक भी बजट लैप्स नहीं होने दिया है। इस साल का बजट काम आ गया है। पानी की पाइप लाइन डाली इसलिए रोड कुछ जगह टूटी है। हमने एमएलए फंड से भी काम करवाए हैं।
इस वार्ड में सडक़ों और सीवरेज की समस्या के साथ बंद हुई हाथी नहर की गंदगी से भी परेशानी होती है। वार्ड पार्षद अपनी उपलब्धि में भी सीवरेज व सडक़ के कार्य ही गिनवाते हैं। वार्ड में कुछ काम स्वीकृत हुए। लेकिन पूरे नहीं हो पाए हैं।
- आंगनबाड़ी केन्द्र आदिवासी गौड समाज की बदहाली।
- सेटेलाइट प्रतापनगर अस्पताल के जर्जर हालात।
- सरगरा कॉलोनी से प्रतापनगर व प्रतापनगर लिंक रोड क्षतिग्रस्त।
- हाथी नहर बंद होने से गंदा पानी सडक़ों पर बहता रहता है।
- गलियों में गंदगी का अंबार लगा होने से परेशानी।
हकीम कॉलोनी में हाथी नहर जो बंद हो चुकी है उसके कारण गंदा पानी सडक़ों पर बहता रहता है। कई बार समस्या बताई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
समस्याओं की पूरी सूची हमने बना रखी है। कई काम तो मैंने खुद लोगों के साथ मिलकर करवाए हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि सुनवाई नहीं करते।
सरगरा कॉलोनी पहाड़ी क्षेत्र, महेश हॉस्टल से गीता भवन, संजय सी कॉलोनी, ईदगाह के पास सडक़ निर्माण करवाया। २२५ शौचालय बनवाए और आवास योजना में २५० जनों का सर्वे करवाया। काली टंकी से जगदम्बा कॉलोनी सीवरेज व सडक़ का काम रह गया। उप कार्यालय निर्माण, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत है, लेकिन काम नहीं हो पाया।
क्षेत्र-राजीव गांधी कॉलोनी गली १ से ८, ज्वाला विहार, गजानन्द कॉलोनी सूथला, झींझाबेरी, राजीव गांधी कॉलोनी हत्था, अशोक नगर।
क्षेत्र - कमला नेहरू नगर विस्तार तृतीय, आदर्श स्कूल, पीएनटी कॉलोनी, महेन्द्रनाथ अरोड़ा पार्क, माहेश्वरी न्याति भवन, दरगाह गली, ज्योति नगर, चांदणा भाकर, गौतमऋषि कॉलोनी, देवी नगर, देवी रोड पुलिया, वैष्णव कॉलोनी। |
नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता कैलाश गहलोत भाजपा से अजीत खड़खड़ी और कांग्रेस के टिकट पर साहब सिंह चुनावी मैदान में हैं।
नई दिल्ली [भगवान झा]। दिल्ली असेंबली इलेक्शन्स २०२०: सियासत की बिसात पर शह-मात का खेल शुरू हो चुका है। पश्चिमी दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट पर जहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पांच साल के काम और विकास को हथियार बनाकर उतरे हैं। वहीं भाजपा अनुच्छेद ३७०, सीएए और अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण को मोहरा बनाकर मैदान मारने की कोशिश में जुट गई है।
ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाकर रोमांचक बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अब जो प्रत्याशी हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच चर्चा में खुद को शामिल करने में सफल होगा, वही शह-मात के इस खेल का सिकंदर बनने में सफल होगा।
सियासी समर में नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र के योद्धाओं की बात करें तो पहली बार विधायक बनकर मंत्री पद तक का सफर तय करने वाले कैलाश गहलोत राजनीति की बारीकी से अवगत हैं। इससे ध्यान में रखकर उन्होंने अपनी रणनीति बना ली है। बिजली पानी के मुद्दों पर मतदाताओं को साधने की कोशिश में जुटे कैलाश गहलोत को भाजपा प्रत्याशी अजीत खड़खड़ी से कड़ी चुनौती मिल रही है। दोनों ही प्रत्याशी ग्रामीण इलाकों से हैं, ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले करीब बीस गांव के मतदाताओं का रुख किस तरफ होता है।
वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी साहब सिंह मैदान में उतरकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वर्ष २०१५ के चुनाव की बात करें तो एक तरफ दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने काफी अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को मात दी थी, वहीं नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जीत का अंतर महज १५५५ वोट का ही रहा था। ऐसे में इस बार भी यहां पर कांटे का मुकाबला होने की पूरी उम्मीद है।
एक तरफ भाजपा प्रत्याशी अजीत खड़खड़ी आप को नए स्कूल व कॉलेज के वादे की याद दिला रहे हैं, तो वहीं किसानों के सबसे बड़े हितैषी के रूप में खुद को पेश करने की कोशिश में लगे हुए हैं। वहीं, आप प्रत्याशी कैलाश गहलोत पानी व सीवर की पाइपलाइन के साथ-साथ खेल का मैदान व नगर वन पार्क के विकास के साथ अपनी दावेदारी को सबसे मजबूत आंक रहे हैं।
इसी तरह साहब सिंह शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच पहुंच आप व भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि सियासी समर में आप, भाजपा व कांग्रेस के योद्धाओं में से कौन मतदाताओं के दिल में अपनी जगह बना पाता है या फिर कोई और प्रत्याशी इन सब पर भारी पड़ते हैं। कहा यह जा रहा है कि हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच जिस प्रत्याशी की सबसे ज्यादा चर्चा होगी उसी के सिर ताज सजेगा। |
युवराज सिंह ने अपने प्यारे दोस्त 'आशू' के लिए फेसबुक पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी। युवी की पोस्ट पर फैंस ने भी इमोशनल होते हुए प्रतिक्रियाएं दी।
भारत की विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे आशीष नेहरा ने बुधवार (१ नवंबर) को अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर को अलविदा कह दिया। १999 में अजहरूद्दीन की कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण करने वाले नेहरा का करियर १8 साल लंबा रहा है। अपने आखिरी मैच में नेहरा ने पारी का पहला और आखिरी ओवर फेंका। नेहरा जब मैच की आखिरी गेंद फेंकने जा रहे थे तभी एक प्रशंसक मैदान में घुस आया और उसने नेहरा के पांव भी छुए। इस दौरान पूरा स्टेडियम नेहरा-नेहरा की आवाज से गूंज रहा था। दर्शकों ने इस दौरान अपने मोबाइल की लाइट्स भी जलाए रखीं। मैच के बाद उन्होंने मैदान का चक्कर लगाया। कुछ देर पैदल चलने के बाद दिल्ली के ही उनके दो जूनियर खिलाड़ी कप्तान कोहली और शिखर धवन ने उन्हें अपने कंधे पर बैठ लिया। फैंस के लिए यह बेहद भावुक क्षण था और नेहरा के साथी खिलाड़ियों के लिए भी। मैच के दौरान जब नेहरा ने बाउंड्री पर पैर के सहारे गेंद उछालकर रोकी तो कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने कहा कि अगर युवराज इसे देख रहे होंगे तो वह जरूर सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया देंगे। ऐसा हुआ भी। युवराज सिंह ने अपने प्यारे दोस्त आशू के लिए फेसबुक पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी। युवी की पोस्ट पर फैंस ने भी इमोशनल होते हुए प्रतिक्रियाएं दी। |
सिडनी। कॉफी विद करण टीवी शो में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वाले हार्दिक पांड्या और केएल राहुल की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली ने साफ कहा है कि इन दोनों खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का फैसला सीओए के निर्णय के बाद ही लिया जाएगा। गौरतलब है कि बीसीसीआई में नियुक्त प्रशासनिक समिति (कोआ) के प्रमुख विनोद राय ने दोनों खिलाड़ियों पर दो-दो वनडे मैचों के बैन की सिफारिश की है।
प्रशासनिक समिति की दूसरी सदस्य डायना इडुल्जी ने इस मामले को बीसीसीआई की लीगल सेल के पास भेज दिया है। कोहली ने ये भी कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों टीम में शामिल करने का फैसला सीओए के निर्णय के बाद ही लिया जाएगा। इन दोनों खिलाड़ियों का करियर खतरे में हैं मीडिया रिपोर्ट की माने तो इन पर बैन भी लगाया जा सकता है।
कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा, टीम इंडिया का हिस्सा होने और जिम्मेदार क्रिकेटर होने के नाते हम उनके बयान और विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते। वह उनके निजी विचार हैं। टीम की बात करें तो चेंजिंग रूम में हमारे व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आएगा। बीसीसीआई ने दोनों खिलाड़ियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दोनों खिलाड़ियों को जवाब देने के लिए २४ घंटे का समय दिया गया था। कॉफी विद करण टीवी शो पर पंड्या की टिप्पणियों की काफी आलोचनाएं हुई जिन्हें सेक्सिस्ट करार दिया गया।
हालांकि पांड्या ने बुधवार को टि्वटर पर माफी भी मांगी थी। हार्दिक पांड्या और केएल राहुल इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल है। लेकिन उनका खेलना मुश्किल लग रहा है। बता दें कि हार्दिक पांड्या एशिया कप में चोट लगने के बाद पहली बार टीम में वापसी कर रहे हैं। वहीं केएल राहुल खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। |
रायसेन. रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन का त्यौहार होता है और भाई-बहन का रिश्ता प्रेम, स्नेह और समर्पण का होता है। जब भी बहन को जरुरत पड़े तो भाई उसकी मदद के लिए आए और जब भाई पर कोई विपदा आए तो बहन उसकी मदद करे बस यही उम्मीद इस रिश्ते की नींव होती है। लेकिन अगर कोई भाई अपनी बहन की मदद और सेवा के लिए अपनी पूरी जिंदगी की लगा दे तो इसे इस पवित्र रिश्ते की अनूठी मिसाल ही कहेंगे। रक्षाबंधन पर ऐसी ही एक कहानी हम आपको बता रहे हैं जो मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में रहने वाली एक नेत्रहीन बहन और उसके मजदूर भाई की है।
भाई-बहन के अटूट रिश्ते की ये कहानी है रायसेन जिले के बाड़ी ब्लॉक के किनगी गांव में रहने वाले धीरू प्रजापति और मुन्नीबाई की। ७० बरस की हो चुकीं बहन मुन्नी बाई बचपन से ही नेत्रहीन हैं। छोटी उम्र में ही माता-पिता का साया मुन्नी बाई और धीरू प्रजापति के सिर से उठ गया था। माता-पिता के गुजरने के बाद नेत्रहीन बहन मुन्नी की पूरी जिम्मेदारी भाई धीरू पर आ गई थी जिसे उन्होंने ताउम्र बखूबी निभाया और उम्र के इस पड़ाव पर भी नेत्रहीन बहन की सेवा कर रहे हैं। भाई धीरू ने बहन की देखभाल में कोई कमी न आए इसलिए उन्होंने शादी तक नहीं की। धीरू उम्र के इस पड़ाव पर भी मजदूरी कर अपना और अपनी बहन का भरणपोषण कर रहे हैं। दोनों एख टूटी फूटी झोपड़ी में रहते हैं और एक दूसरे के सुख दुख के साथी बनते हैं।
नेत्रहीन बहन मुन्नी बाई भी भाई से बहुत प्यार करती हैं और कहती हैं कि भगवान ऐसा भाई सभी बहनों को दें। वो ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहती हैं कि उनकी ईश्वर से एक ही प्रार्थना है कि हर जन्म में उसे धीरू को ही भाई के रूप में मिले। वहीं भाई धीरू का कहना है कि भगवान ने उनकी बहन की आंखों में रोशनी नहीं दी, बचपन में ही माता-पिता का साया भी छीन लिया। ऐसे में नेत्रहीन बहन की देखभाल की जिम्मेदारी उनकी थी जिसे वो आज भी निभा रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे। नेत्रहीन बहन के लिए धीरू का त्याग वाकई प्रेरणादायक है और उनका रिश्ता भाई-बहन के अटूट रिश्ते की मिसाल है। |
उज्जैन। रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत समाजशास्त्र अध्ययनशाला में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें १३० प्रतिभागी मौजूद थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बालकृष्ण शर्मा थे।
सहायक संचालक श्री साबिर अहमद सिद्धिकी द्वारा जानकारी दी गई कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत उज्जैन जिले में विगत पांच वर्षों में जन्म के समय का लिंगानुपात लगातार परिवर्तित हुआ है। योजना का मुख्य लक्ष्य शिशु लिंगानुपात में वृद्धि करना और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती अरूणा सारस्वत द्वारा पॉक्सो अधिनियम की जानकारी दी गई। थाना प्रभारी श्री नरेन्द्र गोमे ने साइबर क्राइम के बारे में बताया कि मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के उपयोग के दौरान विशेष सावधानी बरती जाये।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीपसिंह मुझाल्दा द्वारा पीड़ित प्रतिकर योजना और घरेलु हिंसा प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत की जाने वाली आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में बालिकाओं को कराटे का प्रशिक्षण भी दिया गया तथा पेपर स्प्रे का वितरण आत्मक्षा हेतु किया गया। सुश्री श्वेता शर्मा, वर्षा राठौर और गुंजा जाटवा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त करने हेतु सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीमती प्रियंका त्रिपाठी, संरक्षण अधिकारी श्रीमती अमृता सोनी, परामर्शदाता श्रीमती मृणाल भिलाला, सामाजिक कार्यकर्ता श्री गौरव मित्तल, श्री संतोष पंवार एवं अन्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्रीमती मनीषा चौरे द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन समाजशास्त्र अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ.ज्योति उपाध्याय द्वारा किया गया। |
कभी सोचा कि सबसे अच्छा बायोडर्मा उत्पाद क्या हैं?
मैं जनता हूँ, तुम करते हो। आप में से कुछ ने इस पोस्ट का अनुरोध किया है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोरियाई सुंदरता अभी कितनी अच्छी है, फ्रेंच स्किनकेयर का आकर्षण सिर्फ मर नहीं जाएगा।
फ्रांसीसी जानता है कि बुनियादी, सौम्य त्वचा देखभाल करने के लिए कोई भी कैसे उपयोग कर सकता है। लेकिन सभी उत्पादों को बराबर नहीं बनाया जाता है। दूसरों की तुलना में कुछ बेहतर हैं। और जब आप अपनी कड़ी कमाई की नकदी के साथ भाग ले रहे हैं, तो आप सबसे अच्छे निवेश करना चाहते हैं।
बायोडर्मा सेंसिबियो एच २० एक कारण के लिए प्रतिष्ठित है: यह काम करता है। ठीक है, यह निविड़ अंधकार मस्करा के साथ थोड़ा संघर्ष करता है लेकिन यह सब कुछ से छुटकारा पाता है - गंदगी, घी और मेकअप सोचें - जल्दी से। इसके अलावा, यह बहुत नरम है। शुष्क त्वचा और जलन के डर के बिना भी संवेदनशील त्वचा इसका उपयोग कर सकती है। सबसे अच्छी बात? कुल्ला करने की कोई ज़रूरत नहीं है। जब आप चल रहे हों तो यह एक लाइफसेवर है।
चेतावनी: सेंसिबियो एआर में खनिज तेल होता है। मुझे नहीं लगता कि यह एक बुरी चीज है। शुरुआत के लिए, खनिज तेल बहुत मॉइस्चराइजिंग है। यह त्वचा पर बाधा उत्पन्न करता है जो पानी के नुकसान को धीमा कर देता है, इसे लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखता है। इसके अलावा, यह बहुत ही सभ्य और जहरीला नहीं है (मुझे परवाह नहीं है कि आपने प्राकृतिक सौंदर्य ब्लॉग पर क्या पढ़ा है, वैज्ञानिक साक्ष्य का कोई भी टुकड़ा नहीं है जो दिखाता है कि खनिज तेल आपको कैंसर या बदतर देता है)। लेकिन शीर्ष ५ में क्रीम क्या है, खनिज नहीं है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-भड़काऊ फैटी एसिड का जोड़ है जो समय से पहले झुर्रियों से लड़ने में मदद करता है, जलन को शांत करता है और रोसेशिया को नियंत्रण में रखता है। अब, यह प्रभावशाली है, है ना?
नाम से सब कुछ पता चलता है। बायोडर्मा हाइड्रैबियो सीरम एक बहुत ही हाइड्रेटिंग सीरम है जिसमें सूर्य के नीचे हर हमेक्टेंट शामिल है। एफवाईआई, हमेक्टेंट यह कहने का एक शानदार तरीका है कि एक घटक हवा से त्वचा में नमी आकर्षित कर सकते हैं। हाइलूरोनिक एसिड सबसे अच्छा है: यह पानी में १००० गुना वजन रख सकता है! यहां, इसमें ग्लिसरीन, सेलिटोल और सह है जो इसे आपकी त्वचा को नमी के साथ छिड़कने में मदद करने के लिए है। इसके अलावा, नियासिनमाइड भी पार्टी में शामिल हो गए। विटामिन बी ३ का यह रूप त्वचा को मॉइस्चराइज करता है, परेशानियों को शांत करता है, मुँहासे का इलाज करता है, झुर्रियों को कम करता है ... यह एक स्किनकेयर है-सब कुछ!
मुझे पता है कि आप में से बहुत से सिलिकॉन पसंद नहीं करते हैं, लेकिन उनके पास उनका उपयोग है। बायोडर्मा सेंसिबियो पोयर रिफाइनर में, वे त्वचा को धुंधला करते हैं, जिससे आपके बड़े छिद्र छोटे दिखते हैं। इसके अलावा, वे आपकी त्वचा को एक मैट फिनिश देते हैं जो कुछ मूल्यवान घंटों के लिए बे में तेल रखता है। हां, ये लाभ केवल अस्थायी हैं। यह सिलिकॉन का नकारात्मक पक्ष है। यदि आप अधिक दीर्घकालिक समाधान की तलाश में हैं, तो सैलिसिलिक एसिड की ओर मुड़ें। यह एक्सफोलिंट छिद्रों के अंदर हो जाता है, उन सभी गंदे को हटा देता है जो उन्हें इतनी सूजन बना देता है। एफवाईआई, पोयर रिफाइनर में सैलिसिलिक एसिड है लेकिन उच्च पीएच का मतलब है कि यह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकता है।
बायोडर्मा फोटोोडर्म एकेएन मैट मैटिफाइंग फ्लूइड एसपीएफ़ ३० मैटिफाइंग नहीं है। लेकिन यह अभी भी सूची बनाता है क्योंकि यह उत्कृष्ट व्यापक स्पेक्ट्रम संरक्षण प्रदान करता है। यह एवोबनजोन और टीनोसॉर्ब के मिश्रण का उपयोग करता है, दो हल्के यूवी फिल्टर जो एक चिकना अवशेष या एक सफेद कास्ट पीछे नहीं छोड़ते हैं। इसके अलावा, इसमें यूवी फिल्टर को बढ़ावा देने और आपकी सुरक्षा को अधिकतम करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट का एक छिड़काव है। एकमात्र शंकु सुगंध है। यदि आपके पास संवेदनशील त्वचा है, तो यह आपके लिए सबसे अच्छी सनस्क्रीन नहीं है।
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बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की एक बार फिर मांग किए जाने पर उनका उपहास करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र और जी-८ से संपर्क करना चाहिए।
इस बीच जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि नीतीश के मुख्यमंत्री रहते हुए राजद घोटाले का मौका नहीं मिला इसलिए वे इस तरह की बातें कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने २०१५ का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लडा था और भारी सफलता हासिल की थी। किंतु बाद में रेलवे में होटल के बदले भूखंड मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी पर आरोप लगने के बाद गत वर्ष नीतीश ने महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस से नाता तोडकर भाजपा नीत राजग के साथ बिहार में नई सरकार बना ली थी। |
सीधी। पंकज सिंह. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कुंवर अर्जुन सिंह की स्मृति में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन १५, १६ एवं १७ मार्च को मझौली के बी.टी.आई. ग्राउण्ड में किया जा रहा है। उक्त स्वास्थ्य शिविर में आने वाले समस्त मरीजों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और दवा कराई जायेगी। गम्भीर रूप से बीमार ऐसे मरीज जिन्हें आपरेशन के लिए चिन्हित किया जाएगा। उनका आपरेशन एवं उपचार चिरायू हास्पिटल भोपाल में निःशुल्क कराया जाऐगा। साथ ही एक अटेण्डेन्ट के साथ उनके आने-जाने का खर्च भी दिया जाएगा। उक्त स्वास्थ्य शिविर का सम्पूर्ण खर्च एवं आपरेशन इत्यादि मे लगने वाला खर्च विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के द्वारा वहन किया जाएगा।
स्वास्थ्य शिविर को १३ सेक्टरों में विभाजित किया गया है। १५ तारीख को मड़वास, पोड़ी, मझौली, चमराडोल, चिनगवाह, १६ तारीख को गांधीग्राम, निवास, कुसमी, टमसार सेक्टर में जबकि १७ मार्च को खड्डी, हनुमानगढ़, नगरपालिका सीधी एवं आस-पास, चैफाल सेक्टर के मरीजों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आमंत्रित किया गया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में मरीजों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर लाभ लेने की अपील की गई है।
डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों के विरोध में यूथ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन। |
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कोरोनावायरस का संक्रमण देश में गंभीर होता जा रहा है। देश में शनिवार को ही ४४ मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा १३ नए संक्रमित महाराष्ट्र में मिले हैं। अब राज्य में ६५ और देशभर में २९६ संक्रमित हैं। हालांकि, इनमें २६७ अस्पताल में भर्ती हैं, २३ ठीक हो चुके हैं और चार की मौत हुई है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी चार मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद जबलपुर और सिवनी को दो दिन और नरसिंहपुर को १४ दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। इस बीच, बेंगलुरु से दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस में मेंडेटरी क्वारैंटाइन स्टैंप वाले दो यात्री सफर करते मिले। उन्हें तुरंत ट्रेन से उतारकर पूरे कोच को सैनिटाइज किया गया।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके नाम से जारी सूचना फेक है। इसमें कहा गया है कि जनता कर्फ्यू के समय बाहर निकलने पर ११ हजार रु. जुर्माना लगेगा।
एयर इंडिया का ७८७ ड्रीमलाइनर विमान इटली के रोम में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए रोम जाएगा। यह विमान कल सुबह दिल्ली लौटेगा।
२२ मार्च को जनता कर्फ्यू के समर्थन में गो एयर ने अपनी सभी फ्लाइट कैंसिल की। इंडिगो ने अपनी उड़ानें घटाने की घोषणा की।
एम्स ने अपने ज्यादातर कर्मचारियों को कोरोनावायरस नियंत्रण में लगाया। शनिवार से यहां सिर्फ इमरजेंसी सर्जरी की जाएंगी।
१८ मार्च को संसद की स्थायी समिति की बैठक में सांसद दुष्यंत सिंह के साथ रहे एविएशन मिनिस्ट्री के अधिकारी सेल्फ क्वारैंटाइन हुए।
लद्दाख में तीन और संक्रमित मिले। इनमें से दो लेह और एक करगिल में पॉजिटिव पाया गया है। सभी की हालत स्थिर है। इस केंद्र शासित प्रदेश में अब कुल संक्रमित १३ हो गए हैं।
आईसीएमआर के नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जो लोग संक्रमित और ज्यादा जोखिम वालों के सीधे संपर्क में रहे हैं, उन्हें संपर्क में आने के दिन से ५वें और १४वें दिन परीक्षण करवाना चाहिए।
गायक सोनू निगम परिवार के साथ दुबई में हैं। उन्होंने अभी वहीं रुकने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए सोनू और उनकी फैमिली ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने से पहले वे भारत नहीं लौटेंगे, क्योंकि में बचाव के काम में लगे लोगों को और मुश्किल में नहीं डालना चाहते। सोनू का बेटा निवान दुबई में पढ़ता है, जहां सारे स्कूल बंद हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की है। उन्होंने सार्क देशों में कोरोनावायरस रोकने की भारत की पहल को सराहा है। वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने वहां रहने वाले भारतीयों के लिए एडवायजरी जारी की है और उन्हें घरों में ही रहकर जरूरी नियमों का पालन करने को कहा है।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-श्रीनगर वक्फ बोर्ड ने मस्जिदों समेत धार्मिक स्थलों में समूह में प्रार्थना करने पर रोक लगाई।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के चार शहरों- मुंबई, नागपुर, पुणे और पिंपरी चिंचवड़ को लॉकडाउन कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि जरूरी सेवाओं के लिए काम करने वालों को लोकल ट्रेन और बसो में जाने की अनुमति है। इसके लिए उन्हें अपना आईडी कार्ड दिखाना होगा। गोवा और महाराष्ट्र के बीच यात्री वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। कोरोनावायरस का फैलाव कम करने के उद्देश्य से सरकारी दफ्तरों को एयर कंडीशनर कम चलाने या पूरी तरह बंद करने को कहा गया है।
मध्यप्रदेश: भोपाल में भी लॉकडाउन जैसी स्थिति। यहां पर मॉल्स में जरूरी चीजों की खरीदारी करने के लिए ५० लोगों से ज्यादा की एंट्री पर बैन लगा दिया गया है। सभी की स्क्रीनिंग के साथ ही टोकन देकर ही अंदर घुसने दिया जा रहा है। राज्य में शुक्रवार को पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया। यहां जबलपुर में चार मरीज मिले हैं। इनमें से एक जर्मनी और तीन दुबई से लौटे थे।
राजस्थान: राज्य में शनिवार को जयपुर में १ और भीलवाड़ा में ५ मामले सामने आए। इससे पहले शुक्रवार को आठ केस मिले थे। इनमें भीलवाड़ा के छह और जयपुर के दो मरीज थे। भीलवाड़ा में संक्रमित होने वाले छह लोगों में से तीन डॉक्टर और तीन कंपाउंडर हैं।
कर्नाटक: राज्य में कोरोनावायरस के तीन नए मामले सामने आए। यहां अब कुल पॉजिटिव केस १८ हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि प्रदेश में आईटी कंपनियां अपने ऑफिस बंद करने और वर्क फ्रॉम होम की इजाजत देने को तैयार हैं।
पंजाब: मोहाली में ब्रिटेन से लौटे एक व्यक्ति को संक्रमित पाया गया। राज्य में संक्रमितों की संख्या चार हुई।उत्तराखंड: देहरादून के मजिस्ट्रेट आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राजपुर की फोर पॉइंट होटल तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। यहां ठहरी एक महिला संक्रमित पाई गई है।
उत्तरप्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के १५ लाख दिहाड़ी मजदूरों और निर्माण कार्य में लगे २० लाख ३७ हजार मजदूरों को १-१ हजार रुपए की मदद का ऐलान किया है, ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों का सामान जुटा सकें। गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर 3१ मार्च तक और वाराणसी का संकटमोचन हनुमान मंदिर २५ मार्च तक बंद कर दिया गया।
हिमाचल: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा जिले में दो लोगों में कोरोनावायरस से संक्रमण की पुष्टि की है। नेपाल और इजराइल के ३५ पर्यटक मंडी जिले से लौटाए गए। वे मनाली जा रहे थे। सुरेंद्रनगर के एसडीएम ने बताया कि शुक्रवार को आठ सैलानी शिमला लौटाए गए थे।
केरल: राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के सबसे ज्यादा १७ मामले सामने आए। इनमें कोच्चि में पांच ब्रिटिश नागरिक और एर्नाकुलम में पांच, कासरगोड में छह और पलक्कड़ में एक भारतीय नागरिक संक्रमित मिले। कासरगोड में २१ मार्च से सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को एक हफ्ते के लिए बंद कराया गया। शहर में ग्रॉसरी और मेडिकल शॉप को छोड़कर बाकी दुकानें सुबह ११ बजे से शाम ५ बजे तक बंद रहेंगी। कोच्चि मेट्रो २२ मार्च से बंद की जा रही है। केरल हाईकोर्ट ने शराब की ऑनलाइन बिक्री की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिकाकर्ता का कहना था कि भीड़ कम करने के लिए ऐसा करना बेहतर होगा।
प.बंगाल: पश्चिम बंगाल में स्कॉटलैंड से महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई। राज्य में कोरोनावायरस का यह तीसरा मामला है। लोक सेवा आयोग ने २१ मार्च से ५ अप्रैल के बीच सभी लिखित परीक्षाएं रद्द कीं। फायर ऑपरेटर के लिए २३ मार्च को होने वाली शारीरिक परीक्षा भी स्थगित की गई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि सरकार को कोरोनावायरस संकट को देखते हुए नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तीन महीने के लिए टाल देना चाहिए।
श्रीनगर में आज भी बाजार बंद रखे गए हैं।
नेपाल ने कोरोनावायरस के लिए बनाए गए सार्क देशों के फंड में १० करोड़ नेपाली रुपए और भूटान ने एक लाख डॉलर की मदद दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोते शेरिंग की सराहना की है। |
आईसीएमआर ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए देशभर में ३५ निजी लैब को कोविड १९ परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है। इससे पहले आईसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग के प्रमुख आर गंगाखेड़कर ने कहा था कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम इतने प्रभावी और सख्त हैं कि कोरोना वायरस के मामले देश में मुश्किल से ही बढ़ेंगे।
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने १७ मार्च को निजी पैथोलॉजी लैब्स को कोरोना की जांच करने की अनुमति देने का फैसला किया था। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि अभी सिर्फ सरकारी लैब को ही कोरोना वायरस की जांच करने की अनुमति है। परंतु निजी लैब को इसकी अनुमति देकर जांच के कार्य में दोगुनी तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा था कि करीब ६० मान्यता प्राप्त निजी लैबों को जल्द ही टेस्ट कराने की इजाजत दी जाएगी। अधिकारी ने कहा कि हम ऐसे लैबों के नाम तय करने जा रहे हैं। इसे लेकर काम तेजी से चल रहा है। कोविड-१९ के लिए सरकारी लैबों में मुफ्त जांच की जा रही है।
आर. गंगाखेड़कर ने भी कहा था कि कोरोना टेस्ट की क्षमता का कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि हमारे पास ५२ लैब हैं। भारत मौजूदा वक्त में रोजाना करीब १० हजार टेस्ट कर सकता है। अभी रोजाना करीब ६०० सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अभी ६० हजार टेस्टिंग किट मौजूद हैं।
कोरोना वायरस की जांच के दायरे को बढ़ाने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-१९ की जांच के लिए किट की आपूर्ति के लिए उत्पादकों से निविदाएं मांगी हैं। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब देश में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या ६५० से पार हो गई और १६ लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य अनुसंधान की शीर्ष संस्था के अनुसार, वह यूएस एफडीए-ईयूए/सीई-आईवीडी/आईसीएमआर-एनआईवी पुणे द्वारा मान्यता प्राप्त सात लाख आरएनए किट खरीदेगी।
आईसीएमआर ने कहा कि देश का कोई भी उत्पादक बृहस्पतिवार दोपहर ढाई बजे तक निविदा भेज सकता है। इन किटों की आईसीएमआर के मुंबई, दिल्ली, डिब्रूगढ़, चेन्नई, हैदराबाद और भोपाल में क्षेत्रीय केंद्रों में आपूर्ति की जानी है। उसने कहा कि आईसीएमआर का ७,००,००0 जांच किट खरीदने का अनुमान है जिसके लिए निविदा आमंत्रित है। आपूर्ति जल्द से जल्द सुनिश्चित हो। कृपया पहले हफ्ते में अपनी अधिकतम आपूर्ति क्षमता का उल्लेख करें, साथ ही आने वाले हफ्तों के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त करें। |
बेहतरीन प्रस्तुति । आपने अपनी खोजी प्रवृत्ति की प्रतिभा का शानदार परिचय दिया है । सही समय पर । कारण कि पितृपक्ष भी है । आभार ।
बहुत अच्छा लिखा है आपने । विचारों की प्रखर अभिव्यक्ति और भाषिक संवेदना ने लेख को प्रभावशाली बना दिया है ।
पुस्तक परिचय के लिए धन्यवाद ! प्लाट जोरदार है मगर घिसा पिटा है !
नारी असाधारन है ...आवश्य पठनीय है !
प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.नीरजा माधव का उपन्यास "तेभ्य:स्वधा" का परिचय अच्छा लगा .. इस प्रकार की कहानियों से हम सीख लें .. यह उनलोगों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी !!
पुस्तक परिचय के लिए धन्यवाद!
कथावस्तु रोचक है!
अच्छे उपन्यास की अच्छी जानकारी।कोशिश करूंगा यह उपन्यास जल्द ही खरीदकर पढ़ूं।
भारत की सबसे दुखद घटना "विभाजन" |
बता दें कि भले ही बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को बहुचर्चित केस हिट एंड रन केस में सलमान को मुंबई हाईकोर्ट से सभी आरोपों से बरी कर दिया गया हो लेकिन आपको बता दें कि सलमान की मुश्किलें अभी पूरी तरह से नहीं टली है।
बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी होने के बाद एक बार फिर से सलमान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने सलमान को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
गौरतलब हैं कि हाईकोर्ट ने ११ दिसंबर को हिट एंड रन केस में सलमान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था, जबकि लोअर कोर्ट ने इस केस में सलमान को पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी।
अब महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि अब हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इससे साफ़ पता चलता है कि एक बार फिर से सलमान खान ने मुसीबतें बढ़ने वाली है और एक बार फिर से उन्हें सुप्रीम कोर्ट के कटघरे में आना पड़ेगा। |
उद्यन्मार्तण्ड कोटि प्रकटरूचियुतं चारूवीरासनस्थं।
भक्तानामिष्टदं तं प्रणतमुनिजनं वेदनाद प्रमोदं।
ध्यायेद्नित्यं विधेयं प्लवगकुलपति गोष्पदी भूतवारिम॥
उदय होते हुए करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी, मनोरम, वीर आसन में स्थित मुंज की मेखला और यज्ञोपवीत धारण किए हुए कुंडली से शोभित मुनियों द्वारा वंदित, वेद नाद से प्रहर्षित वानरकुल स्वामी, समुद्र को एक पैर में लांघने वाले देवता स्वरूप, भक्तों को अभीष्ट फल देने वाले श्री हनुमान मेरी रक्षा करें।
हनुमान साधना में अलग कार्यों की पूर्ति हेतु अलग-अलग मंत्र सामग्रियों एवं जप अनुष्ठानों का विधान है। हनुमान साधना में षोडशोपचार पूजा का विधान भी है। इस पूजा में कुएं का शुद्ध जल, दूध, दही, घी मधु और चीनी का पंचामृत, तिल के तेल में मिला सिंदूर, रक्त चंदन, लाल पुष्प, जनेउ, सुपारी, गुड़, नारियल का गोला, पांच बत्तियों का दीपक और अष्टगंध आवश्यक हैं।
हनुमान साधना में हनुमान का चित्र और अनुष्ठान से संबंधित यंत्र के अतिरिक्त केवल राम सीता का चित्र अथवा मूर्ति रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य कोई चित्र या मूर्ति रखना वर्जित है।
हनुमान साधना के दिन प्रातः साधक स्नान कर शुद्ध लाल वस्त्र धारण कर उत्तर दिशा की ओर मुंह कर बैठें तथा अपने सामने हनुमान जी की मूर्ति या चित्र दक्षिणाभिमुख रखें। साधक को संकल्प लेकर अनुष्ठान प्रारंभ करना चाहिए।
हनुमान साधना से संबंधित अनेक मंत्र प्रचलित हैं। आदि शंकराचार्य ने हनुमन्मंत्र चमत्कारानुष्ठान पद्धति' की रचना की। इस ग्रंथ में हनुमान साधना से संबंधित महत्वपूर्ण मंत्र दिए गए हैं। साधक अपनी बाधाओं के अनुसार इन मंत्रों का जप कर अनुष्ठान कर सकता है।
ओमक्कनमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित-विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य- कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा॥
ओमक्कनमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा॥
ओमक्कनमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पना-कल्पद्रुमाय दुष्टमनोरथस्तम्भनाय प्रभंजन- प्राप्रियाय महाबलपराक्रमाय महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधन-धान्यादि विविध सम्पत्प्रदाय राम दूताय स्वाहा॥
ओमक्कनमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदन्ताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा॥
ओमक्कनमो हनुमते रुद्रावताराय परयंत्रमंत्र - तंत्रत्राटकनाशकाय सर्वजवरच्छेकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय सर्वदुष्टमुखस्तम्भनाय सर्व कार्यसिद्धि प्रदाय रामदूताय स्वाहा॥
ओमक्कनमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवयक्षराक्षस - भूत - प्रेत - पिशाच - डाकिनी - दुष्टग्र बंधनाय रामदूताय स्वाहा॥
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय पंचवदनाय पश्चिममुखे गरूडाय सकलविन निवारणाय रामदूताय स्वाहा॥ |
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों के लिए एक ज़रूरी खबर सामने आई है। अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ग्राहक हैं और नेटबैंकिंग सुविधा का लाभ ले रहे हैं तो हमारी इस खबर पर ध्यान दे। दरअसल ३० नवंबर से यह सुविधा बंद हो जाएगी। हालांकि इस बात का असर केवल उन लोगों पर पड़ेगा जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर बैंक के साथ रजिस्टर्ड नहीं कराया है।
खबरों के अनुसार बैंक ने अपने समस्त ग्राहकों को अपनी बैंकिंग वेबसाइट ऑनलाइन एसबीआई पर नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा ये है कि १ दिसंबर से पूरे देश में नेटबैंकिंग की सुविधा कई लोगों के लिए ब्लॉक हो जाएगी। ग्राहकों को सुविधा चालू रखने के लिए अपना मोबाइल नंबर बैंक की शाखा में जाकर के रजिस्टर कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर नेटबैंकिंग की सुविधा को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
वही दूसरी ओर बैंक ने ये चीज़ साफ करी है कि उन लोगों की नेटबैंकिंग सुविधा चलती रहेगी, जिनका मोबाइल नंबर बैंक के पास पहले से रजिस्टर्ड है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ६ जुलाई, २०१७ को जारी सर्कुलर के अनुसार सभी बैंकिंग ग्राहकों को अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी रजिस्टर कराना जरूरी है। वही ऐसा नहीं होने की दिशा में बैंक आपके खाते को भी ब्लॉक कर सकता है।
जानकारी के लिए बता दे कि अपने बैंक खाते के साथ मोबाइल नंबर अपडेट करना इसलिए भी जरूरी है ताकि आपको हर लेन-देन की जानकारी मिलती रह सके। इससे किसी भी संभावित धोखेधड़ी से बचने में भी मदद मिलती है। बताना चाहेंगे कि मोबाइल नंबर अपडेट करना न सिर्फ जरूरी है, बल्कि यह आपके लिए फायदेमंद भी है। तो फिर जल्द से जल्द अपना मोबाइल नंबर अपने बैंक अकांउट से लिंक करवा दीजिए।
इसके लिए आपको बैंक की वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा।
इसके बाद फिर अपने माई अकाउंट और प्रोफाइल टैब पर क्लिक करना होगा।
प्रोफाइल टैब पर पर्सनल डिटेल/मोबाइल पर क्लिक करेंगे।
इसके बाद आपसे प्रोफाइल पासवर्ड मांगा जाएगा।
प्रोफाइल पासवर्ड हमेशा लॉगिन पासवर्ड से अलग होता है।
जैसे ही आप प्रोफाइल पासवर्ड सबमिट करेंगे वैसे ही आपको अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी दिखाई देगी।
अगर मोबइल नंबर नहीं दिखे तो फिर इसको बैंक की शाखा में जाकर के रजिस्टर्ड कराना होगा। |
तीसरे मिलटरी लिटरेटर फेस्टिवल के अग्रिम प्रोग्रामों की लड़ी के अंतर्गत रविवार की सुबह चण्डीगढ़ के कैपीटोल कंपलैक्स और लेक क्लब में करवाई ग्रीन किड्ज़ रन और पक्षी दर्शन वर्कशॉप में सैंकड़ो बच्चों की उत्साहजनक हाजऱी ने फेस्टिवल का रोमांच शिखरों पर पहुँचा दिया। बच्चों में वातावरण संभाल, पर्यावरण की सुरक्षा और कुदरती स्रोतों की संभाल और संरक्षण के लिए जागरूक करने के लक्ष्य के अंतर्गत करवाई दोनों गतिविधियों के लिए बहुत से बच्चे, माता पिता और अन्य प्रबंधक आज सूरज चढऩे से पहले ही तडक़े सुबह कैपीटोल कंपलैक्स और लेक क्लब पहुँचे और सूरज की पहली किरण के साथ बच्चों की गर्मजोशी शिखरों पर थी। ग्रीन किड्ज़ रन में ५५० स्कूली बच्चों ने ३ किलोमीटर, ५ किलोमीटर और १० किलोमीटर की अलग-अलग श्रेणियों में हिस्सा लिया जबकि पक्षी दर्शन वर्कशाप में 2५0 लोगों ने हिस्सा लेकर कुदरत को नज़दीक से देखा। इनमें बड़ी संख्या बच्चों की थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और चण्डीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के नेतृत्व में यू टी प्रशासन की तरफ से सांझे तौर पर भारतीय सेना के सहयोग से 1३ से 1५ दिसंबर, २०१९ तक करवाए जाने वाले तीसरे मिलटरी फेस्टिवल के लिए आधार बाँधने और माहौल बनाने के लिए अग्रिम शुरूआती गतिविधियों के अंतर्गत आज के समागम करवाए गए। ग्रीन किड्ज़ रन की शुरुआत मिलटरी लिटरेचर फेस्टिवल की प्रशासनिक समिति की मैंबर कोमल चड्ढा ने हरी झंडी देकर की। समाप्ति पर मुख्य मेहमान यू टी चण्डीगढ़ के डी जी पी संजय बेनीपाल ने बच्चों को न्योता दिया कि फिटनैस्स और वातावरण संभाल की आदत वह अपनी नित्य की आदत बनाएं जिससे स्वसथ और साफ़ सुथरा समाज सृजन किया जाये। वाई.पी.एस. के डायरैक्टर प्रिंसीपल मेजर जनरल (सेवा -मुक्त) टी पी एस वड़ैच ने विजेता बच्चों को इनाम बाँटते हुए उनको बधाई दी और हिस्सा लेने वालों की हौसला अफज़ायी की। पैसको के चेयरमैन मेजर जनरल ए.पी. सिंह ने पक्षी दर्शन वर्कशाप में हिस्सा लेने वालों को सर्टिफिकेट बाँटे। इससे पहले लेक क्लब में पक्षी दर्शन वर्कशाप में 2५0 के करीब कुदरत को प्यार और निहारने वालों को १२ टोलियों के रूप में नेचर ट्रेल, सुखना झील के घेरे में बने जंगली जीव क्षेत्र, नगर वन और पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ की तरफ रवाना किया गया जहाँ चण्डीगढ़ बर्ड क्लब के माहिरों के नेतृत्व में इन ग्रुपों ने कुदरत के रंग में रंगें पंख वाली ४०० के करीब पक्षियों की प्रजातियों को देखा। इस वर्कशाप में बहुत संख्या में बच्चे शामिल थे जिन्हें पक्षियों की दुनिया को नज़दीक से देखने का मौका मिला और पक्षियों के रैन बसेरे देखे। दौड़ की सभी श्रेणीयों में से कुल मिलाकर पाँच सबसे तेज़ धावक चुने गए जिनको एक -एक साइकिल और किट थैले के साथ सम्मानित किया गया। इन पाँच तेज़ धावक बच्चों में राम निवास, नवनीत, दीक्षित यादव, सौरव और गगन शामिल थे। विजेता बच्चों में से १० किलोमीटर दौड़ में लडक़ों के १०-1५ वर्ष आयु वर्ग में दैविक सर्मा ने पहला, सुशील ने दूसरा और गुरसागर ने तीसरा, १६ से १८ वर्ष आयु वर्ग में गगन ने पहला, सौरव ने दूसरा और अभिषेक ने तीसरा और लड़कियों की १६ से १८ वर्ष वर्ग में आयुषी ने पहला स्थान हासिल किया। इसी तरह ५ किलोमीटर में लडक़ों के १२ वर्ष तक के आयु वर्ग में शिवम पहले, विनोद पांडे दूसरे और प्रिंस सरन तीसरे, 1३ से 1५ वर्ष आयु वर्ग में अक्षत सिद्धू पहले, सागर दूसरे और आशीश तीसरे और १६ से १८ वर्ष आयु वर्ग में दीक्षित यादव पहले, नवनीत दूसरे और राम निवास तीसरे स्थान पर रहा। ५ किलोमीटर में लड़कियों के १२ वर्ष तक आयु वर्ग में सौम्य भारद्वाज ने पहला, तनिश्का ने दूसरा और अनाया मित्तल ने तीसरा, 1३ से 1५ वर्ष आयु वर्ग में वन्दना ने पहला, उजासविथा ने दूसरा और डिम्पल ने तीसरा और १६ से १८ वर्ष आयु वर्ग में आस्था शर्मा ने पहला और मनस्वी ने दूसरा स्थान हासिल किया। सभी हिस्सा लेने वाले बच्चों को रिफै्रशमैंट के साथ मैडल, और सर्टीफिकेट भी दिए गए। मिलटरी लिटरेचर फेस्टिवल का आज का इवेंट दा रन क्लब के सहयोग से करवाया गया जिसकी संस्थापक पैवीला सिंह भी मौके पर उपस्थित था। आज के इवेंटों के बाद मिलटरी लिटरेचर फेस्टिवल के अंतर्गत शहर में ३0 नवंबर से दो दिवसीय मिलटरी कार्नीवल, ७ दिसंबर को ब्रेव हर्ट्स द्वारा मोटर साइकिल राईड और रोमांच, जोश और जांबाजी से भरपूर अन्य कई गतिविधियां करवाई जाएंगी। |
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की परेशानी को देखते हुए फैसला लिया है कि ५०० और १००० के नोट २४ नंवबर तक स्वीकार किए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास पर हुई उस मीटिंग में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू, ऊर्जा और खनन मंत्री पीयूष गोयल के अलावा वित्त मंत्रालय के बाकी सीनियर लोग मौजूद थे। मीटिंग में कुछ अहम फैसले भी हुए। एएनआई से बातचीत करते हुए वित्त मामलों के सचिव (ईस) शक्तिकांत दास ने कहा कि मीटिंग में पीएम मोदी ने इस बारे में जानकारी ली कि स्टॉक में कितने नए नोट बचे हैं।
सोमवार यानी आज से लागू होने वाले कदमों के बारे में बात करते हुए शक्तिकांत दास ने बताया कि ५०० और १००० के जो पुराने नोट पहले १४ नवंबर की रात तक मान्य थे वह अब २४ नवंबर की रात तक मान्य कर दिए गए हैं। पुराने नोट सरकारी हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप पर मान्य होंगे। शक्तिकांत दास ने इस बात की भी जानकारी दी कि बैंकों में एक अलग से लाइन बनाई जाएगी उसमें सिर्फ नोट बदलने वाले लोग लग सकेंगे। इसके अलावा सीनियर सिटिजन और दिव्यांग लोगों के लिए भी अलग से लाइन होगी। |
वैष्णव पत्रिका :- नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुखों को हटानेवाली होता है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है।
नवरात्रि भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही शुरू होकर रामनवमी तक चलती है । ये नौ दिन आदि शक्ति की आराधना का समय होता है । इन दिनों में माँ भगवती दुर्गा की पूजा एवं कन्या पूजन का बड़ा महत्व है । माँ की श्रद्धापूर्वक पूजन-अराधना करने से बाधामुक्त होकर मन, पुत्रादि, सुलक्षणा पत्नी, सौभाग्य एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है । भक्तों का सब प्रकार से कल्याण होता हे । शक्ति की उपासना करने से हमारे तेज में वृद्धि होती है । इस दिन से माँ दुर्गा की स्थापना के उपरान्त हम नौ दिनों तक माता की पूजा करते है । अपने-अपने घर की परम्परा के अनुसार दिवार पर माँडना मांड कर माता की पूजन करते है और गेहूं के जँवारे भी बोतें है । प्रतिदिन माँ दुर्गा की उपासना विधि -विधान के साथ करते है । दुर्गा सप्तशती का पाठ पंडित अथवा स्वयं के द्वारा करना चाहिए । अपनी परम्परा के अनुसार अष्ठमी व नवमीं को माँ दुर्गा को पूजन व भोग लगाना चाहिए । नवमी में कुँवारी कन्या के पूजन का बहुत बड़ा महत्व है । नौ वर्ष की आयु तक की कन्या को ही दुर्गा माता की स्वरूप मान भोजन कराना चाहिए। |
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण २०२० का विंबलडन टूर्नामैंट रद्द करना पड़ा। अब डचेस ऑफ कैम्ब्रिज केट मिडिलटन ने एक वीडियो के माध्यम से टेनिस प्रेमियों को सुंदर मैसेज दिया है। उक्त वीडियो विबंलडन के ऑफिशियली पेज पर पोस्ट की है। इसमें ३८ वर्षीय केट संबोधित करते हुई कहती हैं- विबंलडन के कोर्ट पर गेंद हिट हुए को ३५० दिन, १४ घंटे और १२ मिनट हो चुके थे। वर्षों से आप इसका समर्थन करते आए हैं इसी कारण यह ऐतिहासिक बना।
केन ने टेनिस प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई बात नहीं अगर दिन का समय आप यहां नहीं हो। स्कोरबोर्ड पर किसी को नाम नहीं हो। बारिश हो। आप हमेशा से यही हो। इस साल बड़ी दुख की बात है। चीजें बहुत भिन्न हो गई हैं, लेकिन हम अपना समय तब तक बांधेंगे जब तक हम दोबारा इन सीटों पर वापस आकर नहीं बैठते और जश्र नहीं मनाते। इसलिए, जब सही समय आएगा तो गेट खुलेगा। हम वापस आएंगे। यह इंतजार देखने लायक होगा। |
आगरा। आगरा में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ते कोरोना के आंकड़े के बीच जिला प्रशासन ने वर्तमान में चिन्हित हॉटस्पॉट के साथ कहां कितने मरीज मिले हैं उसकी संख्याओं की सूची भी जारी कर दी है। आगरा में ३० एक्टिव हॉट स्पॉट क्षेत्र हैं। इसमें से सबसे ज्यादा ३६ कोरोना के केस छत्ता क्षेत्र के हॉट स्पॉट एरिया से सामने आ रहे हैं। इसमें धूलियागंज, जीवनीमंडी, फ्री गंज में कोरोना के केस ज्यादा मिले हैं।
इस सूची पर आप सभी जरूर ध्यान दें और यह देखें कि कहीं आपके आसपास का क्षेत्र तो इन सूची में नहीं है। यदि ऐसा है तो फिर आपको पहले से ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है और सपरिवार घर पर ही रहने की पूरी कोशिश करें। अगर आप घर का जरूरी सामान लेने बाहर जाने से बचना चाहते हैं तो इसके लिए जिला प्रशासन ने जो हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखा है आप उसकी मदद भी ले सकते हैं।
खाद्य पदार्थ के लिए हेल्प लाइन नंबर -०५६२-२४५४२०९ और नोडल अधिकारी डीएसओ उमेश का मोबाइल नंबर ८८४००४७९६४ जारी किया गया है। |
जब तक युद्ध हो गए थे, तब तक आघात को कमजोर करने वाले लक्षणों के कारण के रूप में पहचाना गया है, जो कि युद्ध खत्म होने के लंबे समय बाद तक चल रहे हैं। लेकिन सक्रिय मुकाबला शायद ही एकमात्र या सबसे आम आघात का रूप है। केवल हाल ही में ही चिकित्सकों ने बहुत अधिक दुखों को महसूस करने के लिए शुरू कर दिया है जो प्रभावशाली प्रभाव डालते हैं।
एक दर्दनाक घटना एक ऐसी विपत्तिपूर्ण घटना हो सकती है, जैसे कि कार के मलबे, या चल रही स्थिति, जैसे कि घरेलू या यौन दुर्व्यवहार। लोग विभिन्न तरीकों से आघात का जवाब देते हैं। एक व्यक्ति को एक बड़ा भूकंप कहा जाता है, जबकि सामान्य स्थिति की सीमा के भीतर काम करना जारी रख सकता है। महत्वपूर्ण कारक यह नहीं है कि क्या हुआ, लेकिन उस व्यक्ति ने उसे कैसे जवाब दिया तनावपूर्ण घटनाओं से निपटने की एक व्यक्ति की क्षमता तीन कारकों पर निर्भर करती है: व्यक्ति के इतिहास, मुकाबला कौशल एक बच्चे के रूप में और घटना के समय उसकी भावना स्थिरता के रूप में सीखा।
ट्रामा मस्तिष्क के शारीरिक कार्यों को बदलता है जब आदिम मस्तिष्क स्टेम नोरेपेनेफ्रिन भेजता है, स्वचालित लड़ाई या तनाव या खतरे के क्षणों के दौरान होता है कि उड़ान प्रतिक्षेपक का हिस्सा, यह एक तेज़ दिल के साथ, शारीरिक रूप से हमें प्रभावित करता है, उदाहरण के लिए यह मस्तिष्क के उच्चतर कामकाज वाले हिस्सों को उत्तेजित करता है, विशेष रूप से एमिगडाला, जो कि भावनात्मक तीव्रता को नियंत्रित करने वाले अंग प्रणाली का एक हिस्सा है। नोरेपेनेफ्रिन के साथ अमिगडाला को लगातार बाढ़ कर शरीर के रसायन शास्त्र में असंतुलन हो सकता है। जब हार्मोन को बार-बार तनाव से मुक्त किया जाता है, तो तंत्रिका तंतुओं को अधिक संवेदनशील बना देता है, न्यूरॉन्स को नाकाम होने के कारण। यहां तक कि जब कोई तत्काल खतरा नहीं होता है, तो थोड़ी मात्रा में नोरपेनेफ्रिन की वजह से अत्यधिक प्रतिक्रियाएं पैदा हो सकती हैं, वर्तमान स्थिति के मुकाबले मूल आघात के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है।
आत्म-चिकित्सा किसी भी गतिविधि या व्यवहार के कारण आघात से पीड़ित व्यक्ति दर्द को कम करने के प्रयास में उपयोग कर सकता है। एक आघात से बचने वाला व्यक्ति कभी न खत्म होने वाली स्थिति में रहता है, एक भयावह घटना या स्थिति का पुन: अनुभव करता है, भयभीत होता है कि यह फिर से घटित होगा, और दुनिया की भावना को एक भयानक जगह के रूप में ले जाएगा जिस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। राहत एक दवा से, शराब से, या अत्यधिक खाने, खरीदारी, जुआ या सेक्स जैसे "आराम से" व्यवहार से आ सकती है। आत्म-दवाइयां अब तक की लत तक पहुंच जाती हैं।
इसलिए, एक आघात जीवित व्यक्ति के व्यसनों को "इलाज" करना, नशे की लत पदार्थों का उपयोग करने या नशे की लत आदतों को रोकना से न केवल दूर करने का मामला है वसूली के प्रयास विफल होने तक बर्बाद किए जाते हैं जब तक कि अंतर्निहित कारणों को संबोधित नहीं किया जाता है। ट्रिगर करने वाला घटना सावधानीपूर्वक पुनरीक्षित होना चाहिए और इसके साथ निपटा जाना चाहिए। इस आत्मीयता को अत्यधिक भावनाओं से निपटने के लिए उचित उपकरण दिए जाने चाहिए, जो उस घटना को फैलाया गया और जारी रहा। दर्द को दूर करने का एकमात्र स्थायी तरीका निजी शक्ति की भावना को हासिल करना है। |
विज्ञान अब तक इतनी प्रगति नहीं कर पाया की हम अपने माता पिता चुन सके. मेरा जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जिसे सवर्ण माना जाता है. छात्र जीवन में जब मेडिकल या मनचाहे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलने में दिक्कते आई तब आरक्षण से कोफ़्त हुई, खुद को बहोत कोसा भी की मैं क्यों ऐसे परिवार में पैदा हुआ. लेकिन बढ़ती उम्र के साथ परिपक्वता आई, ये समझ आने लगा की हमारे समाज बहोत बड़ी विषमता है, आज भी समाज का एक बड़ा वर्ग उन संसाधनों से वंचित है जो हमें उपलब्ध हो पाए, आज भी उस वर्ग के साथ दुय्यम दर्जे का व्यवहार होता है. समाज में फैली इस विषमता को मिटाना जरुरी है लेकिन क्या आरक्षण इसमे कारगर है? क्या आरक्षण का लाभ वास्तव में उन्हें मिल पा रहा है जिन्हें मिलना चाहिए? और क्या समाज में विषमता को कम करने के लिए शुरू किया आरक्षण ही आज विषमता का मुख्य कारण बन गया है? क्या आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए?
क्यों विफल रही आरक्षण व्यवस्था?
जिस व्यवस्था की १० वर्षो बाद समीक्षा होनी थी वो आजादी के ६८ सालो बाद भी लागू है. सामाजिक विषमता इन ६८ वर्षो में यदि बढ़ी न भी हो तो कम नहीं हुई, गरीब आज भी गरीब है. इस व्यवस्था से शुरुवाती लाभ अवश्य हुआ लेकिन इसके बाद यह लाभ केवल कुछ परिवारों तक ही सिमित रह गया. उपेक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति वही होते हो जो केवल जाती से पिछड़े होते है. उनके परिवार जनो को आरक्षण का लाभ जारी रहे इसलिए वो आरक्षण पर समीक्षा का भी कड़ाई से विरोध करते है. उपेक्षित वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधि अपनी जाती के वास्तव में उपेक्षित परिवारों को मुख्यधारा में लाने के बजाय अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव लडवा कर सत्ता में लाने में व्यस्त है?
कौन है उस पेक्षित परिवार का प्रतिनिधि जो आज भी अमानवीय जीवन जीने को मजबूर है, जिसे पढाई लिखाई के संसाधन तो दूर दो वक्त की रोटी भी नहीं मिलती. निश्चित इस लेख के पाठको में से कोई नहीं. इस लेख के पाठको में अपने आप को उनका प्रतिनिधि बताने वाले लोग जरुर हो सकते है जो इस लेख पर तीखी प्रतिक्रियाये भी देंगे. लेकिन मेरा उनसे आग्रह है की वो एक बार जरुर सोचे की वास्तव में उस उपेक्षित परिवार के हको को कौन छीन रहा है? उसके लिए बनाई आरक्षण की व्यवस्था का लाभ कौन उठा रहा है? |
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नई दिल्ली। कार निर्माता कंपनी सुजुकी ने अपनी लोकप्रिय कार स्विफ्ट को हाइब्रिड अवतार में लॉन्च कर दिया है मारुति सुजुकी स्विफ्ट साल २०१८ के शुरुआती महीनों में भारत में लॉन्च होने वाली है लेकिन, इससे पहले सुजुकी ने जापान में नई स्विफ्ट हाइब्रिड को पेश कर दिया है।
सुजुकी स्विफ्ट हाइब्रिड में १०क मोटर जेनेरेटर से लैस है. इस कार में १.२-लीटर, ९० बीएचपी पेट्रोल इंजन लगाया गया है. इस इंजन-इलेक्ट्रिक मोटर को ५-स्पीड ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन से लैस किया गया है. कंपनी का दावा है कि ये कार 3२ किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है इस हाइब्रिड स्विफ्ट में ऐसा सिस्टम लगाया गया है कि हेवी ट्रैफिक की स्थिति में ये कार अपने आप एव मोड में चली जाती है।
और इससे फ्यूल की काफी बचत होती है. बैटरी पैक लगे होने के बावजूद सुजुकी स्विफ्ट हाइब्रिड का वज़न १००० किलोग्राम से कम है. भारत में इस कार को कब लॉन्च किया जाएगा, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है हालांकि, नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट को २०१८ दिल्ली ऑटो एक्सपो में पेश किया जा सकता है. नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट को हार्टक्ट प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है।
प्लेटफॉर्म पर विटारा ब्रेज़ा, डिज़ायर, इग्निस और बलेनो को भी तैयार किया गया है. इस कार के साथ १.२-लीटर पेट्रोल और १.३-लीटर दीस इंजन का ऑप्शन दिया जाएगा. इन दोनों इंजन को ५-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और एएमटी गियरबॉक्स से लैस किया जाएगा. कार की अनुमानित कीमत ४.५ लाख रुपये से लेकर ७.५ लाख रुपये के आसपास बताई जा रही है। |
क्रिस जैरिको वर्तमान में मौजूद उन दिग्गज रेसलर्स में से एक जिन्होंने कई साल तक प्रो रेसलिंग इंडस्ट्री में काम किया है और अपने बेहतरीन काम से अपना नाम पूरी रेसलिंग की दुनिया में प्रसिद्ध किया है। इस समय वह पिछले साल शुरू हुई आयू रेसलिंग कंपनी के साथ काम कर रहे हैं और वह इस समय वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन है।
क्रिस जैरिको ने हाल ही में थे एक्वेरियान को अपना इंटरव्यू दिया और जहाँ उन्होंने रेसलिंग के कई मुद्दों पर बात की। इस इंटरव्यू के दौरान उनसे यह सवाल पूछा गया कि वह इस नई रेसलिंग कंपनी से केवल इसलिए जुड़े है ताकि वह वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन बन सके।
इस बात से कोई भी रेसलिंग फैंस इंकार नहीं कर सकता है कि जैरिको इस समय प्रो रेसलिंग इंडस्ट्री के सबसे बड़े हील रेसलर्स में से एक हैं। आयू में उनका काम उनके पूरे रेसलिंग करियर का सबसे अच्छा काम है और यही वजह है कि वह इस कंपनी के सबसे बड़े टाइटल को जीतने वाले पहले रेसलर बने। |
फेसबुक पर सबसे ज्यादा स्वैप कौन है?
मैं जवान हूँ। क्या यह मेरा सीएलएल खराब बना देता है?
आप जानते हैं कि युवाओं के फव्वारे जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन वास्तव में कुछ त्वचा देखभाल उत्पाद हैं जो आप उम्र के रूप में दिखने में अंतर डाल सकते हैं। एंटी-बुजुर्ग उत्पादों पर सबसे आम प्रश्नों के शीर्ष त्वचा विशेषज्ञों के उत्तरों को जानने के लिए पढ़ें।
विरोधी उम्र बढ़ने वाले उत्पाद वास्तव में पैसे के लायक हैं?
हां। माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर में त्वचाविज्ञान विभाग में कॉस्मेटिक और नैदानिक शोध के निदेशक जोशुआ ज़िचनेर, एमडी कहते हैं, "सामयिक रेटिनोइड्स, ब्लीचिंग क्रीम, पेप्टाइड्स और विकास कारक जैसे उत्पाद सभी युवाओं को त्वचा को बहाल करने में मदद कर सकते हैं।" न्यूयॉर्क शहर।
मैं कैसे बता सकता हूं कि कोई उत्पाद घोटाला है या नहीं?
क्योंकि बाजार नए तरीके से टकराता है और कोशिश की गई और सच्चाई पर घंटी और सीटी का समर्थन करता है, तो यह जरूरी है कि यह नकल के बारे में जागरूक हो। उन उत्पादों से बचें जो बोतल में लेक्सॉक्स या लेजर के परिणाम देने का दावा करते हैं। दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय में त्वचाविज्ञान के सहायक क्लिनिकल प्रोफेसर जेसिका वू कहते हैं, "यदि यह इतना आसान था, तो लोग साल पहले बोटॉक्स और लेजर का उपयोग करना बंद कर देते थे।"
मुझे एंटी- वृद्धावस्था रेजीमेन?
त्वचा विशेषज्ञों ने अपने तीसवां दशक में एक विरोधी उम्र बढ़ने के नियम शुरू करने की सलाह दी। डॉ। ज़िचनेर कहते हैं, "यही वह समय है जब त्वचा सेल कारोबार धीमा हो जाता है और जब रेखाएं और अंधेरे धब्बे सेट होने लगते हैं।" लेकिन आप अपने किशोर या बीसवीं के आरंभ में शुरू कर सकते हैं - यदि आपको सूर्य की क्षति का सामना करना पड़ा है तो विशेष रूप से अच्छा विचार।
विरोधी उम्र बढ़ने वाले नियमों में कौन सी सामग्री या उत्पाद सबसे महत्वपूर्ण हैं?
एक व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन: "न्यू यॉर्क शहर में एक त्वचा विशेषज्ञ, एमडी हॉवर्ड सोबेल कहते हैं," कुछ भी झुर्री से लड़ने और अच्छी धूप वाली लाइनों की तरह ठीक नहीं होगा। "
एंटीऑक्सिडेंट्स: एंटीऑक्सिडेंट सूर्य या प्रदूषण के संपर्क में आने के बाद त्वचा में होने वाली फ्री-रेडिकल प्रतिक्रियाओं को बेअसर करके काम करते हैं (सनस्क्रीन के साथ त्वचा की रक्षा के लिए हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद)। आप विटामिन सी और ई, हरी चाय, सोया, इडेबेनोन, और फेरिलिक एसिड सहित कई प्रभावी विकल्पों में से चुन सकते हैं।
मॉइस्चराइजर: "त्वचा को मॉइस्चराइज करना अधिक युवा दिखने की कुंजी है।"
क्या मेरे चेहरे के किसी भी हिस्से में मुझे दूसरों पर लक्षित करना चाहिए?
आंखें हमारे वर्षों को स्पष्ट रूप से टेलीग्राफ करती हैं क्योंकि उनके चारों ओर की त्वचा पतली होती है, तेल ग्रंथियों की कमी होती है, और सूरज की क्षति से ग्रस्त होती है। इसके अलावा, चेहरे के कुछ भाग जो भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उपयोग करते हैं, उनमें अधिकतर स्पष्ट रेखाएं और झुर्री होती हैं - उदाहरण के लिए, और आपके मुंह के चारों ओर की रेखाएं। उदाहरण के लिए, और आपके मुंह के चारों ओर की रेखाएं।
हालांकि, सिर्फ इसलिए कि आप और अधिक ठीक देखते हैं एक क्षेत्र में रेखाएं और झुर्री का मतलब यह नहीं है कि आपको केवल उस हिस्से का इलाज करना चाहिए और अपने बाकी चेहरे की उपेक्षा करना चाहिए। "निश्चित रूप से, पूरे चेहरे और गर्दन का इलाज करें!" एरियल एन बी। कौवर, एमडी, न्यूयॉर्क शहर में एक त्वचा विशेषज्ञ। "बड़े क्षेत्रों में उत्पादों को लागू करने के लिए ट्यूबों और बोतलों को खोलने और बंद करने में अधिक समय लगता है।"
मुझे परिणाम देखने के लिए उत्पाद का कितना समय उपयोग करना पड़ता है?
मेरी त्वचा ब्लॉची क्यों जाती है?
अवसाद के लिए वैकल्पिक उपचार: क्या वे काम करते हैं? |
संगरूर जिले के सुनाम के नजदीकी गांव भगवानपुरा में १४० फीट गहरे दस वर्ष पुराने बोरवेल में गिरे दो वर्षीय बच्चे फतेहवीर सिंह को नहीं बचाया जा सका। उसे मंगलवार सुबह करीब सवा पांच बजे १०९ घंटे के बाद बोरवेल से निकाल तो लिया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बच्चे को बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत एंबुलेंस से डीएमसी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया। पीजीआइ में बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
फतेहवीर बोरवेल में १२५ फीट की गहराई पर फंसा हुआ था। पिछले पांच दिनों से उसे निकालने की कोशिशें की जा रही थीं। इस दौरान रैसिक्यू ऑपरेशन में बार-बार दिक्कत आने के कारणा बच्चे को बाहर निकालने में काफी देर हुई और इसी कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बच्चे को बाहर निकालने की कोशिशें में एनडीआरएफ, सेना की असॉल्ट इंजीनियरिंग रेजीमेंट की टीम जुटी रही। मौके पर मेडिकल टीमें भी तैनात थीं। |
काली मिर्च एक थर्मोफिलिक नाइटशेड है। हमारे देश में यह हर जगह, दक्षिणी क्षेत्रों में - खुले क्षेत्र में, उत्तर में - बंद पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में उगाया जाता है। काली मिर्च न केवल उत्कृष्ट स्वाद के कारण, बल्कि विटामिन, ट्रेस तत्वों और अन्य पोषक तत्वों की उच्च सामग्री के कारण भी उच्च मांग में है। यह कहने के लिए पर्याप्त है कि विटामिन सी में नींबू की तुलना में अधिक होता है, और विटामिन ए में गाजर से कम नहीं है। इसके अलावा, काली मिर्च को आहार उत्पाद कहा जा सकता है - १०० ग्राम सब्जी में केवल २५ किलो कैलोरी होता है।
हालांकि यह फसल बढ़ती परिस्थितियों के लिए काफी मांग है, अगर आप चाहें तो शांत जलवायु वाले क्षेत्रों में भी अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं। सच है, इसके लिए आपको कीटों से निपटने के लिए कृषि इंजीनियरिंग, ग्राफिक्स फीडिंग का पालन करना होगा। ग्रीनहाउस में काली मिर्च खिलाना खुले खेतों में इसकी उर्वरकों से बहुत अलग नहीं है, लेकिन इसकी अपनी विशेषताएं हैं।
काली मिर्च उपयुक्त परिस्थितियां बनाने के लिए - उच्च उपज प्राप्त करने के लिए आधी सफलता। सफल बढ़ते मौसम के लिए उसे क्या चाहिए?
तटस्थ प्रतिक्रिया के करीब, थोड़ा अम्लीय के साथ मिट्टी हल्की, उपजाऊ होनी चाहिए।
काली मिर्च के लिए प्रकाश दिन ८ घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। इसे 1८-२४ डिग्री और अच्छी तरह से गर्म हवा के तापमान के साथ गर्म मिट्टी की आवश्यकता होती है - २२-2८ डिग्री। यदि यह १५ तक गिरता है, तो काली मिर्च विकसित करना बंद कर देगी, और अधिक अनुकूल मौसम की प्रतीक्षा करेगी।
अक्सर काली मिर्च को पानी देने की सलाह दी जाती है, लेकिन धीरे-धीरे। यदि संभव हो, तो ड्रिप सिंचाई स्थापित करें। सिंचाई के लिए पानी को गर्म की जरूरत है, लगभग २४ डिग्री, लेकिन २० से कम नहीं।
पोटेशियम की एक उच्च सामग्री के साथ दूध पिलाना नियमित होना चाहिए।
इस संस्कृति में घने मिट्टी को कॉन्ट्रैंडीकेटेड है - इसकी जड़ें क्षति पसंद नहीं करती हैं, लंबे समय तक बहाल होती हैं, यह पृथ्वी को पिघलाने और इसे ढीला न करने की सलाह दी जाती है। जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए काली मिर्च की जड़ प्रणाली के लिए, मिट्टी में पानी होना चाहिए- और सांस लेना चाहिए।
जब रोपे लगाए जाते हैं तो उन्हें दफन नहीं किया जा सकता है या जगह-जगह से लगाया जा सकता है।
तापमान ३५ डिग्री से ऊपर, १५ डिग्री से अधिक के दिन और रात के तापमान के बीच अंतर भी काली मिर्च के सामान्य विकास में योगदान नहीं करता है।
अम्लीय मिट्टी, ताजा खाद, खनिज की उच्च खुराक, विशेष रूप से नाइट्रोजन उर्वरकों को आपको अच्छी फसल नहीं देने की गारंटी दी जाती है।
दिन के उजाले के घंटे काली मिर्च को रोकते हैं, और सीधी धूप फलों के जलने का कारण बन सकती है।
मोटा उतरना - एक कठिन प्रश्न। खुले मैदान में, वे समझ में आते हैं, क्योंकि झाड़ियां परस्पर एक-दूसरे को छाया देती हैं और काली मिर्च को धूप से बचाती हैं, लेकिन बीमारियों के विकास में योगदान देती हैं - सही दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
बेशक, सबसे स्वादिष्ट काली मिर्च खुली हवा में बढ़ती है, असली सूरज के नीचे, और कृत्रिम प्रकाश के तहत नहीं। लेकिन हमारी शांत जलवायु उन किस्मों की पसंद को सीमित करती है जो खुले मैदान में फल ले सकती हैं।
हम बल्गेरियाई चयन और डच संकर की मीठी मिर्च उगाते हैं। बल्गेरियाई काली मिर्च पूरी तरह से तकनीकी परिपक्वता के चरण में खाद्य है, भंडारण के दौरान अपने निहित रंग में पकने और दागने में सक्षम है। डच संकर बुरी तरह से वितरित किए जाते हैं, तकनीकी परिपक्वता के चरण में उनका स्वाद खराब होता है और वैरियटल रंग के पहले स्मीयर दिखाई देने से पहले उन्हें निकालना असंभव है।
काली मिर्च तकनीकी परिपक्वता तक पहुंच गई, इसे रोपाई के उद्भव से ७५-१६५ दिनों की आवश्यकता होती है, और ९५-१९ दिनों में जैविक परिपक्वता होती है। स्वाभाविक रूप से, बल्गेरियाई चयन की केवल शुरुआती-पकने वाली पतली दीवारों वाली किस्में और केवल कुछ डच संकर विशेष रूप से इन स्थितियों के लिए नस्ल उत्तर-पश्चिम में ग्रीनहाउस के बाहर पक सकते हैं।
कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था, सिंचाई, हीटिंग के साथ पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस, खेती की किस्मों की सूची का काफी विस्तार कर सकते हैं और विशेष रूप से बड़े आकार और मोटी दीवारों की विशेषता वाली देर से संकर भी फसल प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य बात यह है कि ये किस्में और संकर संरक्षित भूमि में खेती के लिए उपयुक्त हैं।
उत्तर-पश्चिम में, ग्रीनहाउस में रोपण रोपण अब तापमान में उतार-चढ़ाव या दिन की रोशनी के बारे में चिंता नहीं कर सकता है - काली मिर्च के लिए सभी आवश्यक शर्तें, यदि आवश्यक हो, तो कृत्रिम रूप से बनाई जा सकती हैं। कीटों से निपटना या आवश्यक नमी बनाना आसान है।
एक पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में मिर्च खिलाना इस फसल को खुले मैदान में निषेचित करने से बहुत अलग नहीं है यदि आप कृषि प्रौद्योगिकी की आवश्यकताओं का पालन करने के आदी हैं। विकास के स्थान पर पौधे को विकास के कुछ चरणों में समान पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। एक शेड्यूलिंग फीडिंग करना और इसका सख्ती से पालन करना आवश्यक है।
पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में, काली मिर्च पहले उपजना शुरू कर देती है और बाद में समाप्त हो जाती है; इससे लंबे समय तक फलने फूलने के साथ लंबी किस्में विकसित होती हैं। खुले मैदान में एक वर्ग मीटर से जो फसल ली जा सकती है, वह ग्रीनहाउस खेती से प्राप्त होने वाली तुलना में बहुत कम होती है, जहां अक्सर एक झाड़ी से १०-१८ किलोग्राम फल की किस्म पर निर्भर होता है।
सभी पौधों के जीवों की तरह, काली मिर्च को नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और ट्रेस तत्वों की आवश्यकता होती है। उसे हरे द्रव्यमान के सक्रिय विकास के दौरान नाइट्रोजन की उच्चतम खुराक की आवश्यकता होती है, फिर, फूल और फलने के दौरान, इसकी शुरूआत कुछ हद तक कम हो जाती है।
फास्फोरस और पोटेशियम फूल और फलने के लिए काली मिर्च के लिए आवश्यक हैं, वे पूरे बढ़ते मौसम के दौरान पौधे द्वारा सेवन किए जाते हैं। बस फ़ॉस्फ़ोरस इस सब्जी को थोड़ी ज़रूरत है, और यह बड़ी मात्रा में पोटेशियम का उपभोग करता है, और क्लोरीन-मुक्त यौगिकों को प्राथमिकता देता है।
ट्रेस तत्वों की काली मिर्च में विशेष रूप से मैग्नीशियम और कैल्शियम की आवश्यकता होती है, उन्हें पूरे बढ़ते मौसम में दिया जाता है। ट्रेस तत्वों को खराब रूप से अवशोषित किया जाता है जब रूट के तहत पेश किया जाता है। सभी के सर्वश्रेष्ठ काली मिर्च उन्हें अतिरिक्त रूट टॉप ड्रेसिंग पर मानते हैं।
कार्बनिक पूरे मौसम में पौधे के लिए उपयोगी है, लेकिन इसे छोटी खुराक में देना बेहतर है। केवल यह याद रखना आवश्यक है कि काली मिर्च ताजा खाद को बुरी तरह से महसूस नहीं करती है और इसे जलसेक के रूप में दिया जाना चाहिए।
शीर्ष ड्रेसिंग को मिट्टी को तैयार करके, जड़ के नीचे बढ़ते मौसम के दौरान और पत्ती पर छिड़काव करके लाया जाता है।
अच्छी तरह से सड़ा हुआ ह्यूमस - ०.५ बाल्टी।
विशेष रूप से बढ़ते मिर्च के लिए डिज़ाइन किए गए खनिज परिसर के साथ उपरोक्त सूची से उर्वरकों को प्रतिस्थापित करना और भी बेहतर है, इसे निर्देशों के अनुसार बनायें। इसके बाद, बिस्तर को उथले रूप से खोदा जाना चाहिए, गर्म पानी से बहाया जाना चाहिए और एक फिल्म के साथ कवर किया जाना चाहिए, जिसे रोपाई लगाने से पहले ही हटा दिया जाना चाहिए।
जैविक उर्वरक के साथ काली मिर्च खिलाना सबसे अच्छा है - इससे पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
यदि आपके पास अवसर है, तो ३-४ बाल्टी गर्म पानी के साथ मुलीन बाल्टी को पतला करें और इसे एक सप्ताह तक खड़े रहने दें। उसी तरह आप पक्षी की बूंदों या हरे उर्वरक के जलसेक को तैयार कर सकते हैं।
ध्यान दें! हरे उर्वरक को किण्वित करते समय, १: ३-४ का अनुपात निरीक्षण करने के लिए आवश्यक नहीं है। आप केवल मौजूदा कंटेनर को खरपतवार से भर सकते हैं और इसे पानी से भर सकते हैं।
समाधान की एक बाल्टी में एक गिलास राख डालें, अच्छी तरह से हिलाएं और जड़ के नीचे डालें।
ग्रीनहाउस रोपाई में रोपण के लगभग दो सप्ताह बाद पहली ड्रेसिंग दी जाती है, जब नई पत्तियां दिखाई देती हैं, तो ०.५ लीटर प्रति बुश खर्च होती है। फिर काली मिर्च ने हर २ सप्ताह में निषेचन किया, जिससे उर्वरक की मात्रा १-२ लीटर तक बढ़ गई।
अमोनियम नाइट्रेट के २० ग्राम।
वनस्पति मौसम के दौरान, काली मिर्च को खनिज उर्वरकों के साथ ३-४ बार खिलाया जाता है।
पहला चारा। रोपण के दो सप्ताह बाद, प्रत्येक झाड़ी के नीचे ०.५ लीटर उर्वरक लगाया जाता है।
दूसरा चारा। बड़े पैमाने पर फल सेट के समय - झाड़ी के आकार के आधार पर, जड़ पर १-२ लीटर।
तीसरी ड्रेसिंग। इसके साथ ही फलों के संग्रह की शुरुआत के साथ - जड़ में २ लीटर उर्वरक।
यदि कोई आवश्यकता है या फलने की अवधि में देरी हो रही है, तो चौथा ड्रेसिंग देना उचित है।
ध्यान दें! उर्वरकों को वैकल्पिक करने के लिए सबसे अच्छा है, खनिज निषेचन के समय को अपरिवर्तित छोड़ दें, और उनके बीच कार्बनिक का उपयोग करें।
ट्रेस तत्व एक वार्षिक पौधे के रूप में उगाए गए मिर्च के लिए पोषण के महत्वपूर्ण घटक नहीं हैं, उनकी कमी के लिए बस एक सीजन में महत्वपूर्ण होने का समय नहीं है। लेकिन वे पौधे के स्वास्थ्य, फलने की अवधि और फल के स्वाद पर निर्भर करते हैं।
मिट्टी में निषेचन करते समय ट्रेस तत्व खराब अवशोषित होते हैं, उन्हें पर्ण खिलाने के दौरान दिया जाता है। निर्देशों के अनुसार एक केलेट परिसर खरीदना और इसे लागू करना सबसे अच्छा है।
पत्तेदार शीर्ष ड्रेसिंग को तेजी से उर्वरक भी कहा जाता है, यदि आपको किसी प्रकार की बैटरी की कमी दिखाई देती है और आपको तत्काल स्थिति को ठीक करने की आवश्यकता है, तो छिड़काव मदद करेगा। ग्रीनहाउस में, कीटों और रोगों के लिए निवारक उपचार के साथ, यदि आवश्यक हो, तो हर २ सप्ताह में पर्ण ड्रेसिंग की जा सकती है। कामकाजी समाधान के लिए एपिन, जिरकोन या एक अन्य प्राकृतिक उत्तेजक की शीशी जोड़ना उपयोगी है।
चेतावनी! धातु के आक्साइड को किसी भी चीज के साथ नहीं जोड़ा जाता है, वे अलग-अलग उपयोग किए जाते हैं।
यदि आप कार्बनिक उत्पादों को उगाते हैं, तो एक अतिरिक्त रूट टॉप ड्रेसिंग के रूप में, आप राख निकालने का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें फास्फोरस और पोटेशियम के अलावा, सभी ट्रेस तत्व मौजूद हैं। एक गिलास पाउडर, २ लीटर उबलते पानी डालें, रात भर खड़े रहने दें, फिर १० लीटर डालें, तनाव और छिड़काव किया जा सकता है।
पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में उर्वरक काली मिर्च खुले मैदान में निषेचन से बहुत अलग नहीं है, बस वर्कफ़्लो के उचित संगठन के साथ, यहां सब कुछ तेजी से किया जा सकता है और प्रभाव बेहतर हो जाता है। अच्छी फसल लें! |
लखनऊ: यूपी केे सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को लोक भवन मेंं एपोस योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उद्योगपति रतन टाटा, सांसद डिम्पल यादव, मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी मौजूद रहे। सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि रतन टाटा का बहुत-बहुत आभार है। रतन टाटा तरक्की के रास्ते पर चल रहे हैं। रतन टाटा का नाम सदियों पुराना है। फिलहाल टाटा ट्रस्ट के सहयोग से ६७५ दुकानों का संचालन किया जा रहा है। सीएम अखिलेश ने कहा कि राशन दुकानों में गड़बड़ी खत्म करने को लेकर यह बड़ा कदम है।
सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्राॅनिक प्वाइंट आॅफ सप्लाई मशीन योजना शुरू किया है। समाजवादी सरकार का प्रयास गरीबों तक लाभ पहुंचाने का है। राशन वितरण प्रणाली अच्छी कर रहे है। टेक्नोलॉजी से जुड़कर गरीबों को लाभ दे रहे। समाजवादी पेंशन में भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग होगा।
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य बेहतर होगा, तभी देश आगे बढ़ेगा। सीएम ने कहा कि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ हो, यह हमारी कोशिश है। सीएम अखिलेश ने कहा कि माताओं, बहनों के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरुरी, २४ घंटे बिजली शहरों, १८ घंटे गांवों में दे रहे हैं। गाँव-गाँव एंबुलेंस सुविधा पहुंच रही है, डायल १०० से पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त किया, जनता को लाभ देना बड़ी चुनौती है। |
वैशम्पायन जी कहते हैं- जनमेजय! युधिष्ठिर ने कहा- पितामह! भाग्य हीन मनुष्य बलवान हो तो भी उसे धन नहीं मिलता और जो भाग्य वान है, वह बालक एवं दुर्बल होने पर भी बहुत-सा धन प्राप्त कर लेता है। जब तक धन की प्राप्ति समय नहीं आता तब तक विशेष यत्न करने पर भी कुछ हाथ नहीं लगता, किंतु लाभ का समय आने पर मनुष्य बिना यत्न के बहुत बड़ी सम्पत्ति पा लेता है। ऐसे सैकड़ों मनुष्य देखे जाते हैं, जो धन की प्राप्ति के लिये यत्न के ही दिनों-दिन बढ़ रहा है। भरतभूषण! यदि प्रयत्न करने पर सफलता मिलनी अनिवार्य होती तो मनुष्य सारा फल प्राप्त कर लेता, किंतु जो वस्तु प्रारब्धवश मनुष्य के लिये अलभ्य है, वह उद्योग करने पर भी नहीं मिल सकती है। प्रयत्न करने वाले मनुष्य भी असफल देखे जाते है। कोई सैकड़ों उपाय करके धन की खोज करता रहता है कोई कुमार्ग पर ही चलकर धन की दृष्टि से सुखी दिखायी देता है। कितने ही मनुष्य अनेक बार कुकर्म करके भी निर्धन ही देखे जाते है। कितने ही अपने धर्मानुकुल कर्तव्य का पालन करके धनवान हो जाते है और कोई निर्धन ही रह जाते है। कोई मनुष्य नीति शास्त्र का अध्ययन करके भी नीति युक्त नहीं देखा जाता और कोई नीति से अनभिज्ञ होने पर मंत्री के पद पर पहुँच जाता है। इसका क्या कारण है?
कभी-कभी विद्वान और मूर्ख दोनों एक जैसे धनी दिखायी देते हैं। कभी खोटी बुद्धि वाले मनुष्य तो धनवान हो जाते हैं (और अच्छी बुद्धि रखने वाले मनुष्य को थाड़ा-सा धन भी नहीं मिलता)। यदि विद्या पढ़कर मनुष्य अवश्य ही सुख पा लेता तो विद्वान को जीविका के लिये किसी मूर्ख धनी का आश्रय नहीं लेना पड़ता। जिस प्रकार पानी पीने से मनुष्य की प्यास अवश्य बुझ जाती है, उसी प्रकार यदि विद्या से अभीष्ट वस्तु की सिद्धि अनिवार्य होती तो कोई भी मनुष्य विद्या की उपेक्षा नहीं करता। जिसकी मृत्यु का समय नहीं आया है, वह सैकड़ों बाणों से बिंधकर भी नही मरता, परंतु जिसका काल आ पहुँचा है, वह तिनके के अग्रभाग से छू जाने पर भी प्राणों का परित्याग कर देता है। |
दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावसकर ने रविवार को कहा कि देश के शीर्ष प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नमेंट रणजी ट्रोफी में जब तक खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी भरकम इजाफा नहीं किया जाता, तब तक यह लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की बराबरी नहीं कर सकती। रणजी ट्रोफी खेलने के लिए एक खिलाड़ी को प्रति मैच लगभग ढाई लाख रुपये मिलते हैं लेकिन कुछ समय पहले तक खिलाड़ियों को काफी कम मैच फीस मिलती थी।
ऑस्ट्रेलिया में १९८५ में बेनसन एंड हेजेस विश्व सीरीज में खिताबी जीत के दौरान भारतीय टीम की अगुआई करने वाले महान बल्लेबाज गावसकर यहां २६वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के दौरान बोल रहे थे। |
खबर के मुताबिक, असम में इस सीजन में तीसरी बार बाढ़ का झटका लगा है। रविवार को हुई जबरदस्त बारिश के बाद असम के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है, इससे ७५ लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि तीन महीनों में ये तीसरा मौका है जब असम के लोग बाढ़ का कहर झेल रहे है। इस बार पांच जिलों धेमजी, लखीमपुर, सोनितपुर, मोरीगांव और नौगांव में ७५ हजार लोग बारिश से प्रभावित हैं।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन त्वरित बल की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंचकर राहत का काम कर रही हैं। इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि एनडीआरएफ का कहना है कि जबरदस्त बारिश और जाराशर नदी का जल स्तर बढ़ने से सोनितपुर में भारी बाढ़ के हालात है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि एनडीआरएफ की पहली बटालियन ने सोनितपुर के कई गांवों में लोगों से मकान खाली कराकर उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है, दूसरे जिलों की स्थिति भी कोई ज्यादा अलग नहीं है।
आपको बता दें कि बाढ़ की वजह से हजारों लोग एक बार फिर से अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गये है। जी हाँ, प्रशासन ने लोगों को घर खाली करके सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है। लेकिन इस तरह से बार-बार बाढ़ का आना एक बड़े नुकसान की तरफ संकेत करता है। हालांकि बाढ़ की वजह से लोगों को अपना घरबार छोड़ कर जाना ही पड़ेगा।
प्रेवियस आर्टियल९८ विधायक और ७ सांसद, कैसे बने धन कुबेर जांच जारी है? |
- नगर निगम में सोमवार को हुई परिषद की बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष की खासी जुगलबंदी दिखी। नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने परिषद की कार्रवाई का कवरेज करने मीडिया कर्मियों को बाहर कर दिया और यह कहा कि परिषद के बाहर ऊपर बैठाया जाए। गुपचुप तरीके से बजट पास हो गया।
- इस मामले में विपक्ष भी मौन रहा। मीडिया को जहां पर स्थान नियत किया गया था वह पीछे का हिस्सा था और वहां पर लगे साउंड बॉक्स में कुछ सुनाई भी नहीं दे रहा था। ऐसे में मीडिया कर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
- सोमवार की दोपहर दो बजे से नगर निगम संतोष शुक्ला की अध्यक्षता में राष्ट्रगीत से परिषद बैठक की कार्रवाई शुरू हुई। |
१. कच्चे आम का रस- आम पना गर्मियों के दिनों में खूब बिकता है। इसे आप अपने घर पर ही बना कर पी सकते हैं और हीट स्ट्रोक से छुटकारा पा सकते हैं। दिन में १ गिलास काफी है।
२. इमली- पानी में इमली डाल कर उबाल लीजिये, १५ मिनट के बाद इसे मैश कीजिये और छान कर उसमें नमक और पानी मिलाइये। इससे गर्मी का बुखार सही हो जाता है।
३. प्याज- शरीर की गर्मी को उतारने के लिये प्याज उपयोगी होता है। कटे हुए प्याज को जीरे के साथ भून लीजिये। इसका सेवन करने से पाचन क्रिया सही होगी जो कि गर्मी की वजह से बढ जाती है।
४. गरी का दूध- गरी का दूध निकाल कर उसमें काली र्मिच के दाने पीस कर डालें और शरीर पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर से गर्मी तुरंत निकल जाएगी।
५. फलों का रस पियें- चाय-कॉफ़ी की बजाये आप फलों के रस पिया करें अथवा गन्ने का जूस पिया करें। नारियल का पानी पीना भी गर्मी के दिनों में बहुत लाभ पहुंचता है और हीट स्ट्रोक से बचाता है।
६. इलेक्ट्रोलाईट नमक - पानी एवं कई खनिजो का मिश्रण होता है जो निर्जलीकरण की अवस्था में आपके शरीर में बहुत हीं कम हो जाता है। खनिजो एवं नमक पानी के कम होने से आप बहुत हीं कमजोर महसूस करने लगते हैं एवं आपके बदन, मांशपेशियों में दर्द एवं कमजोरी रहने लगती है। |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश और राज्य की सभी महिलाओं को बधाई दी है।मुख्यमंत्री ने महिला दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि देश व समाज की प्रगति के लिए महिलाओं की समान भागीदारी आवश्यक है। इतिहास में अनेक महिलाओं के सन्दर्भ मिलते हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से उपलब्धियों के उच्चतम आयाम स्थापित किये।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान समय में भी महिलाएं अपने विशिष्ट कार्यों से समाज को राह दिखा रही हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं तथा बालिकाओं के सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के प्रति कृतसंकल्प है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना सहित अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। हम उनके हर बढ़ते कदम पर साथ है। वह अपनी श्रेष्ठता लगातार साबित कर रही हैं और प्रदेश के साथ केंद, सरकार भी उनके हर काम में अपना सहयोग प्रदान कर रही है।
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और हमारा मंत्र है 'महिला स्वस्थ, तो परिवार स्वस्थ'।
आज होने वाला आरोग्य मेला हमारी मातृशक्ति के सम्मान, अधिकार, समानता एवं सशक्तिकरण को समर्पित है।
आपकी सरकार ८ मार्च को जन्म लेने वाली बालिकाओं को उपहार व माँ को पोषण युक्त आहार भी उपलब्ध कराएगी।
आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि "आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और हमारा मंत्र है 'महिला स्वस्थ, तो परिवार स्वस्थ'। आज होने वाला आरोग्य मेला हमारी मातृशक्ति के सम्मान, अधिकार, समानता एवं सशक्तिकरण को समर्पित है। आपकी सरकार ८ मार्च को जन्म लेने वाली बालिकाओं को उपहार व मां को पोषण युक्त आहार भी उपलब्ध कराएगी।" |
हरियाणा सरकार द्वारा एतिहासिक और धार्मिक महत्व के अम्बाला शहर स्थित नौरंगराय सरोवर का पूर्न निर्माण और सौन्दर्यकरण किया जा रहा है। विधायक असीम गोयल की मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा इस स्थल के जीर्णोद्धार के लिए १२ करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है और पूर्न निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। विधायक असीम गोयल के मुताबिक नगर निगम अम्बाला के अधिकारियों और निर्माण एंजैसी को यह कार्य ३१ मार्च २०१९ तक पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं और कार्य समय पर पूरा होने की उम्मीद है।
विधायक ने बताया कि यह सरोवर भगवान वामन के इतिहास से जुड़ा होने के साथ-साथ इस स्थल का एतिहासिक पहलू महाभारत से युद्ध से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि गत कर्ईं वर्षों से उपेक्षित इस सरोवर के पूर्न निर्माण और सौन्दर्यकरण की परियोजना पर गत वर्ष कार्य आरम्भ करवाया गया था। उन्होंने बताया कि पूरे सरोवर के चारों ओर परिक्रमा के लिए कैरिडोर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा ठाकुरद्वारे के सामने की दिशा में एक स्क्रीन दीवार का भी निर्माण करवाया जा रहा है जिस पर विशेष कार्यक्रमों में प्रोजैक्टर के माध्यम से नौरंगराय सरोवर के इतिहास के साथ-साथ धार्मिक व एतिहासिक ज्ञान पर आधारित अन्य फिल्में भी प्रदर्शित की जा सकेंगी।
उन्होने बताया कि सरोवर के बीचोंबीच एक पुल तैयार किया जा रहा है। लगभग ३०० फुट लंबे और २० फुट चौड़े इस पुल के दोनों ओर ८ रंगीन फव्वारे लगाये जायेंगे और आकर्षक लाईटों का भी प्रबंध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह पुल बनाने के लिए सिमेंटड नीव डालने का कार्य पूरा किया जा चुका है और सरोवर का पानी निकालकर पुल का निर्माण भी जल्द आरम्भ किया जायेगा।
श्री गोयल ने बताया कि सरोवर में स्नान के लिए ६ घाट तैयार किये जा रहे हैं तथा सरोवर के पूर्व और पश्चिम की तरफ दो प्रवेश द्वार भी बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य पूरे होने पर यह स्थल एक आकर्षक स्थल का रूप लेगा और कार्य पूर्ण होने पर धार्मिक पर्यटकों के साथ-साथ शहरवासियों और बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी रमणीक स्थान उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि नौरंगराय सरोवर के साथ-साथ म्यूनिसिपल पार्क के सौन्दर्यकरण और जीर्णोद्वार का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है। लगभग ८ करोड़ रूपये की लागत से इस पार्क में कैरिडोर, चिल्ड्रन पार्क, गजीबो, कैफिटेरिया इत्यादि सुविधाओं के साथ-साथ इस पार्क को बाल भवन परिसर से जोडने के लिए एक सम्पर्क पुल भी तैयार किया जा रहा है। |
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शिमला। ग्रामीण हिमाचल प्रदेश की महिलाओं की आमदनी में स्वान वूमन फेडरेशन ;(एसडब्ल्यूएफ ) की पहलों के सहयोग से सुधार आ रहा है जिसका श्रेय उना जिले में स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट को जाता है। स्वान वूमन फेडरेशन लगभग ६५० स्वयं.सहायता समूहों, एसएचजी का शीर्ष संगठन है। इन एसएचजी में लगभग १०००० महिला सदस्य हैं और इस प्रकार फेडरेशन हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन है। फेडरेशन के एसएचजी कई गतिविधियों का संचालन करते हैं यह गतिविधियां विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर लक्षित हैं जैसे कृषि आगत और उत्पाद की खरीदी और वितरण बेहतर प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन सामाजिक मुद्दे जैसे पारिवारिक स्वास्थ्य स्वच्छता और बच्चों की शिक्षा।
इस यात्रा की शुरूआत वर्ष २०१३ में हुई थी जब हिमाचल प्रदेश के वन विभाग ने जेआईसीए से प्राप्त ३४९३ मिलियन जापानी येन ;लगभग २०० करोड़ के ओडीए लोन की सहायता से स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन शुरू किया। इस परियोजना का लक्ष्य इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट के माध्यम से जंगलों और कृषि भूमि को बचाना और कृषि तथा वन्य उत्पादों का निर्गत बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत पहलों में वनरोपणए बाढ़ नियंत्रण सुविधाओं का निर्माणए मृदा संरक्षण और भूमि सुधार कृषि विकास और उना में आय अर्जन की गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है।
यह परियोजना वर्ष २०१५ में पूरी हुई और तब के ४२३ एसएचजी को मिलाकर एक सोसायटी बनाने का निर्णय लिया गयाए ताकि परियोजना के उद्देश्य पूरे हो सकें। लगभग चार वर्षों में ही इस सोसायटी के पास ७७९ करोड़ रू की संपत्ति है और ६५२ एसएचजी की बचत और क्रेडिट उसमें है। अब तक २ करोड़ रू के ग्रुप लोन दिये जा चुके हैंए जिनका पुनर्भुगतान महिलाओं ने किया है।
स्वान वूमन, मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी की सचिव सुनीता शर्मा ने कहा सदस्यों को एक या दो दिन में सरलता से लोन मिल जाता है। इस सोसायटी की सहायता से महिलाएं अब उच्च दर से ब्याज कमाने के लिये धन जमा कर सकती हैं और बैंक की तुलना में कम ब्याज दर पर लोन ले सकती हैं। फाइनेंस तक महिलाओं की पहुँच बढ़ी है और वे अपने या अपने परिवार के सम्बंध में निर्णय ले सकती हैं। फेडरेशन के सहयोग से महिलाओं ने हल्दी उगाई यह ऐसी फसल है जिसे जंगली जानवर बर्बाद नहीं कर पाते हैं। अच्छी फसल से उत्साहित होकर फेडरेशन ने स्वान स्पाइसेस नामक एक यूनिट बनाई जो आवश्यक प्रमाणन के बाद अस्तित्व में आई। फिर स्वान स्पाइसेस ने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में धनिया पाउडर लाल मिर्च पाउडर और भारतीय मिश्रित मसाले जोड़े। स्वान स्पाइसेस की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि उसने दो वर्ष में ६ मिलियन रू की बिक्री की।
इन गतिविधियों से अर्जित आय से एसएचजी सदस्यों की बेटियों को छात्रवृत्ति दी गई और उनके लिये निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए गये। वर्ष में दो बार फोडर सीड किट्स भी दी जाती हैं ताकि परिवार का पोषण अच्छा रहे। जेआईसीए से वित्तपोषित यह परियोजना सफल हुई। स्वान वूमन फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर के डोगरा ने कहा स्वान वूमन फेडरेशन की सफलता अब जेआईसीए और राज्य सरकार के लिये एक केस स्टडी है। |
व्यापार में जो भी लाभ या हानि होगी उसकी जानकारी आपको पहले से ही होती है , व्यापार में जो आपने निवेश किया है आपका उस विनियमित ब्रोकर से ज़्यादा नुकसान नहीं हो सकता ।।
आगमन के कार्यक्रम पर वियतनाम वीजा आकस्मिक पर्यटकों और व्यापार यात्रियों दोनों के लिए लागू है। प्रबंधक वीजा आवेदन की अधिकतम २ व्यावसायिक दिनों के लिए १ के भीतर अनुमोदन पत्र प्राप्त करने के लिए आश्वासन दिया। सेवा की ऑनलाइन प्रकृति को देखते विनियमित ब्रोकर हुए, ग्राहकों को लागू करने के लिए और केवल अपने घर से वियतनाम वीजा के लिए मंजूरी दे दी पाने में सक्षम हो जाएगा। वीसा-वियतनाम.ऑर्ग ग्राहकों के लिए मंजूरी दे दी वीजा आवेदन प्राप्त करने के लिए दूतावास दुकानों के लिए अपने स्वयं के कर्मचारी भेजता है। कई लोगों के लिए मुद्रा व्यापार, लंबे समय से इंटरनेट पर अतिरिक्त आय का एक स्थिर और विश्वसनीय रूप दिया गया है। इंटरनेट शेयर ट्रेडिंग के विकास की शुरुआत में, तो प्रक्रिया जटिल और समझ से बाहर है, लेकिन आज था, व्यापार द्विआधारी विकल्प एक्सचेंज और कीमती धातुओं के तंत्र के आगमन के साथ, काटना मुनाफा बहुत आसान है और साफ हो गया है।
और यदि आपको लगता है कि आप घोटाले से पीड़ित होने की संभावना विनियमित ब्रोकर कम हैं क्योंकि आप युवा और तकनीक-समझदार हैं, तो फिर से सोचें - बेहतर बिजनेस ब्यूरो की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि सहस्राब्दी वरिष्ठ नागरिकों की तुलना में इंटरनेट घोटाले के लिए अधिक संवेदनशील हैं। इस तरह के अंतर-निप्पल दूरी वाले उपकरण इस समूह के सबसे लगातार प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। "एक्कोर्ड्न" जैसे उपकरणों के दो और लोकप्रिय मॉडल कहा जा सकता है एमएस-११० और एमएस-९ ०। हालांकि, उनमें सभी की ०.३-मीटर की अंतर-निप्पल दूरी है ऊंचाई ०.३82 से ०.३88 मीटर तक भिन्न होती है। ०.३5 मीटर अक्षों के अंतराल वाले उत्पाद भी आम हैं।
मैं जोड़ना होगा कि लक्ष्यों को स्थापित करने के लिए एक वास्तव में उपयोगी न केवल बाइनरी विकल्पों में, लेकिन यह भी दैनिक जीवन या व्यवसाय में है। एक विशिष्ट प्रयोजन और निष्पादन की तारीख के साथ वास्तव में क्या हम अपने जीवन में क्या अराजकता, और विशिष्ट दिशा नियंत्रण नहीं रहता पता है। "सोशल ट्रेडिंग" सिस्टम ट्रेडिंग टर्मिनल में एकीकृत है, जो उपयोगकर्ताओं को सफल व्यापारियों के सौदों की प्रतिलिपि बनाने की अनुमति देता है। मुफ्त और वाणिज्य व्यापार संकेतों की एक श्रृंखला से सर्वोत्तम व्यापार संकेत प्रदाता चुनने की संभावना है।
इसलिए, यदि घर की चौड़ाई ६ मीटर है, और इसमें दो ढलान हैं, और दोनों तरफ झुकाव का कोण ४० डिग्री है, तो इस मामले में टेंगेंट विनियमित ब्रोकर २.८४ के बराबर होगा। नहीं, यह आसान नहीं है! यही कारण है कि, इसे सफल बनाने के लिए और इसलिए लाभदायक है, यह सब कुछ विस्तार से, उसकी मजबूत और विश्लेषण करने के लिए आवश्यक है कमजोरियों, समझें कि आप और से किस प्रकार समझते हैं।
मोमबत्ती पैटर्न एक पूर्ण व्यापार विनियमित ब्रोकर विधि नहीं हैं और न ही उनका उपयोग बाजार में बढ़त देता है। परंपरागत मोमबत्ती में खरीदने और बेचने की कोशिश में आप कितने टाइम्स विफल रहे हैं? क्या आपने कभी कैंडलस्टिक पैटर्न का परीक्षण किया है? संभावना अनुपात क्या है? यदि आपको मूल्य कार्रवाई को रिकॉर्ड करने के उदाहरणों की आवश्यकता है, तो आप हमेशा पिपक्रॉलर के पिक ऑफ़ द डे, साथ ही साइक्लोपिप के वीकली विजेता और हैप्पी पिप के कॉमडॉल वीकली रीप्ले को भी देख सकते हैं। उनके ब्लॉग आमतौर पर उम्मीदों में एक विशेष जोड़ी पर सबसे अच्छे सेटअप दिखाते हैं कि वे चार्ट में फिर से दिखाई देने पर उन विशाल इनाम-से-जोखिम अनुपात को पकड़ लेंगे।
सिद्धांत या रणनीति को समायोजित करने के लिए डेटा या इनपुट को हेरफेर करने की कोशिश करने के जाल में गिरना बहुत आसान हो सकता है सौभाग्य से, व्यापारियों ने इस समस्या को दूर कर सकते हैं कि कैसे और कब हम बाज़ारों में व्यापार करेंगे, बाहर की राय को छानकर, कारणों और ट्रेडों के परिणामों के व्यापारिक रिकॉर्ड रखने और तथ्यों को बताने के लिए सिद्धांत या रणनीति का प्रयोग करना चाहिए। आप उस दिन की उपलब्ध पाठ्य-सामग्री को तुरंत ही पूरा कर सकते हैं। |
नवगीत की भाषा स्पष्ट है हिंदी ही होती है। लेकिन नवगीत के लिए कैसी हिंदी का प्रयोग किया जाय यह बहुत कुछ कवि की व्यक्तिगत रुचि पर निर्भर करता है। हर कवि का अपना शब्दकोश होता है जिसमें से वह भाव के अनुरूप शब्द निकालता है और प्रयोग करता है। उसकी अपनी पसंद नापसंद होती है, उसका अपना व्यक्तित्व भी होता जिसे वह कविता में व्यक्त करता है। ये सब मिलकर नवगीत के गीतकार की भाषा बनाते हैं।
व्यापक शब्दकोश वाला कवि स्वाभाविक सी बात है भावों को बेहतर व्यक्त कर सकेगा। लेकिन एक अच्छा कवि भाषा को विषयवस्तु के अनुसार सुंदरता से ढालते हुए कविता में सौंदर्य भरता है। नवगीत के लिए हमें ऐसी ही भाषा की आवश्यकता होती है जो विषय के अनुरूप सुंदर, सहज और अर्थपूर्ण हो। उदाहरण के लिए डॉ. अश्वघोष का यह गीत भारतीय संस्कृति को लाजवंती धारणाओं और पश्चिमी प्रभाव को पछुआ हवाओं के रूपक में बाँधते हुए लिखा गया है। विषय गंभीर है तो उसके अनुरूप ही संस्कृत की ओर झुकाव रखने वाली सहज शब्दावली का प्रयोग करते हुए नवगीत को बड़ी सुंदरता से रचा गया है।
आदर्श की धज्जी उड़ी है,
कोशिशों के घर पड़ी है,
टूटकर बिखरे पड़े हैं,
अब ज़िद पर अड़े हैं,
डोल रहा ओसारे में!
शाम-सुबह अंधियारे में!
अमलतास कचनारों में!
यहाँ ओसारे, सुगना, टीस, टोना आदि आँचलिक शब्द अन्य सामान्य शब्दों के साथ मिलकर पाठक के मन पर अनमने ग्रामीण परिवेश का टोना रचने में सफल सिद्ध होते हैं। कुशल नवगीतकार अपने गीत की भाषा को नवगीत के परिवेश, विषय वस्तु और संवेदनाओं को सही ढंग से व्यक्त करने के लिए बदलता रहता है।
यहाँ क्रेन, लोकल ट्रेन, होटल, पार्टी, बार, डिस्को, सिगरेट आदि अनेक शब्द अँग्रेज़ी के होने के बावजूद गीत के बहाव में कमी नहीं आई है। न ही यह दुरूह बना है, बल्कि कवि जो कहना चाहता और उसको कहने में ये शब्द सहायक बन गए हैं।
कुल मिलाकर यह कि नवगीत की भाषा विषय, स्थान और अभिव्यक्ति के अनुरूप होनी चाहिए। हमारी भाषा गीत की लय में बह जाए और जो हम कहना चाहते हैं उसे सहजता से कह जाए, ऐसी होनी चाहिए। खूब नवगीत पढ़ना अच्छे नवगीत लिखने में सहायक होता है। जिस परिवेश में हम रहते हैं उसे अच्छी तरह समझने और उसके शब्दों को अपनी संवेदना में शामिल करते रहने से इन शब्दों का नवगीत में ढल जाना आसान होता है। किसी शब्द से जबरदस्ती अच्छी नहीं उसे सहज आने दें। ठीक लगे तो रखें अन्यथा बदल दें। नवगीत की दुनिया में बस इतना ही काफ़ी है।
आपने बहुत ही उम्दा नवगीत हमारे लिए यहाँ पर प्रस्तुत किए, इसके लिए हम आभारी हैं। बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। अब हमें हमारी गल्तियां पहाड़ सी नजर आने लगी हैं। लेकिन आपके समाधान से ये पहाड बालू के बन गए हैं और हमें इन्हें बुहारना आने लगा है। आभार।
नवगीत और गीत, नवगीत का मुक्तछंद, नवगीत की भाषा और फिर विस्तृत समालोचना बहुत ही सार्थक और श्रमसाध्य काम हो रहा है। यह तो एक एक लेख संजोने योग्य है। नवगीत की साधक इस मंडली को मेरा साधुवाद। आशा है यह क्रम जारी रहे। सब महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत लेख हो गए हैं क्यो न अब एक कार्यशाला हो जाए फिर कुछ लेख हो जाएँगे। बाकी सदस्यों का क्या विचार है?
सुन्दर, अतिसुन्दर,कैसे तारीफ़ करूँ, समझ नहीं पा रहा हूँ। इतनी ज्ञानवर्धक जानकारी आपने इन लेखों के ज़रिये हम तक पहुँचाई,पुर्णिमाजी, आपका बहुत-बहु्त धन्यवाद। इतने उम्दा नवगीतों के सामने हमारे गीत कितने बौने हैं, अब पता चला। फिर भी कार्यशाला के आरम्भ होने का इंतज़ार रहेगा।
नवगीत की भाषा, कथ्य तथा मात्रायों के विषय में इतनी बहुमूल्य जानकारी देने के लिये हार्दिक धन्यवाद । मैं तो प्रत्येक लेख को बार बार पढ़ रही हूँ और नवगीत के सही स्वरूप को समझने का प्रयत्न कर रही हूँ । अभिव्यक्ति के लिये शब्द भंडार बढ़ाने के लिये हमें नई नई रचनायों को पढ़्ने की आवश्यकता रहेगी , विशेषकर आँचलिक भाषा के शब्द जानने के लिये। मुझे लगा के अगर हम अपने प्रदेश के लोकगीतों को सुनें और पढ़ें तो भी अपना शब्द कोष बढ़ेगा। उदाहरण के लिये सुन्दर नवगीत देने के लिये आभार । कितने प्रश्नों के सहज ही उत्तर मिल गये । अगली कार्यशाला की प्रतीक्षा रहेगी ।
किसी शब्द से जबरदस्ती अच्छी नही,शब्दों को सहज़ आने दें---यही सुन्दर बात है। आजकल बहुत से नव-गीतकार जबर्दस्ती नये-नये दूरस्थ भाव ,कूट भाव वाले शब्दों को ठूंस-ठांस कर नव-गीत रच रहे हैं जो विधा के लिये घातक है।
बहुत सरल ढंग से समझाया गया है! |
कन्नौज। २०१९ के लोकसभा चुनाव (लोक सभा इलेक्शन्स २०१९) के परिणाम घोषित होने से पहले जारी हुए अलग-अलग न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल (लोक सभा एक्सित पोल्स २०१९) को लेकर देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वहीं, एग्जिट पोल के नतीजों को विपक्ष ने पूरी तरह नकार दिया है। इस बीच यूपी के कन्नौज, चंदौली और गाजीपुर से ईवीएम (एल्लेगएशन्स ऑफ एवम स्वप्) बदले जाने व छेड़छाड़ करने का आरोप की खबरें आईं है। हालांकि चुनाव आयोग (इलेक्शन कमिश्न) ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह महज अफवाहें हैं। वहीं, चुनाव आयोग १२.३० बजे ईवीएम के मुद्दे को लेकर प्रेसवार्ता करेगा। |
शास्त्रों के अनुसार इसी दिन प्रलय आई थी । इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए सम्पूर्ण सृष्टि को अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि भी कहा गया।इसी पवित्र दिन में भगवान शिव का तीनों भुवनों की परम सुंदरी,, परम शीलवती, परम सौभाग्यवती माँ गौरां ( पार्वती माँ ) से विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है ।
शिवरात्रि के दिन प्रात: सभी भक्तो को सूर्योदय से पूर्व जल में तिल डालकर ॐ नम: शिवाये अथवा महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करते हुए स्नान करना चाहिए ।
शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल ( जब दिन और रात मिल रहे हो ) में भगवान शंकर की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए । मान्यता है कि प्रदोष काल में भोलेनाथ साक्षात शिवलिंग में विराजमान रहते है उस समय जो भी भक्त उनकी आराधना करके अपनी जो भी इच्छा प्रकट करता है प्रभु उसकी मनोकामना शीघ्र ही अवश्य पूर्ण करते है ।
शिवरात्रि के दिन ईशान कोण की तरफ मुँह करके पूजा करनी चाहिए । शास्त्रों के अनुसार ईशान कोण के स्वामी स्वयं भगवान शिव है । रात में पूर्व दिशा की तरफ दीपक जलाकर ईशान की तरफ मुँह करके पूजा करने से अभीष्ट लाभ की सिद्धि होती है समेत भय और संकट दूर होते है । |
कोई ग्रह वक्री है तो लोग समझते हैं कि उनके साथ कुछ न कुछ बुरा होता रहेगा, पंचांग में जैसे ही किसी ग्रह के वक्री होने की स्थिति बनती है लोग तत्काल ही सजग हो जाते हैं। यदि कुंडली में कोई ग्रह अन्य पाप ग्रहों से युक्त हो या पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो बुरा प्रभाव देता है।
इस राशि के लिए नवम गुरु स्वास्थ्य में सुधार करेगा। रुके धन की प्राप्ति होगी। धार्मिक कार्यों के आयोजन और व्यय होने की संभावनाएं हैं। गुरु की पंचम पूर्ण दृष्टि भी मिलेगी।
अष्टम गुरु खर्च में वृद्धि करेगा। व्यापार में स्थितियां थोड़ी कठिन बनेंगी। निर्माण कार्य करने वालों को आर्थिक हानि की संभावना है। निवेश से बचने का प्रयास करें।
षष्ठम गुरु की वजह से आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इसमें सुधार करने से कई संकटों से बचने का मौका मिलेगा। अपना स्वभाव थोड़ा लचीला रखें।
तृतीय गुरु आपके लिए लाभदायक रहेगा। शुरुआती असफलताओं के बाद सफलता मिलेगी। समय अच्छा रहेगा। नया व्यापार शुरू होगा।
गुरु आपके लिए धीरे-धीरे लाभ की स्थितियां बनेंगी। शत्रु पर नियंत्रण कर पाएंगे। शासकीय कार्यों में सहायता मिलेगी। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोंदे की सभा स्थगित की और तत्काल रायपुर की ओर रवाना हुए। |
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एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी बॉलीवुड की फिट एक्ट्रेसेज में से एक हैं। वो रील और रियल लाइफ, दोनों में ही परफेक्ट हैं। अपनी लाइफ के हर किरदार को वे बखूबी निभाती हैं। वे एक बेहतर बेटी, बहन, पत्नी और मां बनकर हमेशा से दूसरों को मोटिवेट करती रही हैं। उनके फिटनेस मंत्रा को फैन्स भी रुटीन लाइफ में फॉलो करते हैं। दरअसल, शिल्पा हमेशा से अपने फैन्स के साथ उन्हीं चीजों और बातों को शेयर करती हैं, जिनसे उनके फैन्स या फॉलोवर्स को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचे।
हाल ही में शिल्पा शेट्टी ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसकी वजह से उनकी जमकर तारीफ हो रही है और हर तरफ उनके चर्चे भी। उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से शरीर को पतला करने की गोलियों यानि कि स्लिमिंग पिल का इंडोर्समेंट करने के १० करोड़ रुपये के ऑफर को ठुकरा दिया है।
शिल्पा शेट्टी ने करोड़ों के इस इंडोर्समेंट को ठुकरा दिया क्योंकि वो लोगों को कोई ऐसा सामान खरीदने के लिए उकसा नहीं सकती हैं, जिसका परिणाम वो खुद ही न जानती हों। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिल्पा ने इस ऑफर को इसी एक वजह से ठुकरा दिया है। शिल्पा ने कहा, 'मैं कुछ ऐसा नहीं बेच सकती जिस पर मुझे विश्वास न हो। स्लिम पिल और फैट डाइट आपको आकर्षित करते हैं क्योंकि ये जल्द असर करने का दावा करते हैं। लेकिन एक रुटीन पर टिके रहना और हेल्दी खाने से खुद पर जो गर्व महसूस होता है, उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता'।
शिल्पा शेट्टी के इस फैसले के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ मिल रही है। यही नहीं, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने शिल्पा शेट्टी की तारीफ करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट भी शेयर किया है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'समाज के प्रति सेलिब्रिटी की भी जिम्मेदारी होती है, जिसे अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने बखूबी निभाया है। उन्होंने स्लिम पिल्स के विज्ञापन के १० करोड़ के ऑफर को केवल इसलिए मना कर दिया क्योंकि उन्हें इस प्रोडक्ट के परिणाम पर भरोसा नहीं था। उनका यह कदम वाकई प्रशंसनीय है। मैं अभिनंदन करता हूं।' इसके अलावा उन्होंने अन्य सेलिब्रिटीज़ से भी यही अपील की है कि वो भ्रामक विज्ञापनों को बढ़ावा न दें।
वर्क फ्रंट की बात करें तो शिल्पा शेट्टी इन दिनों बच्चों का खास रियलिटी शो जज कर रही हैं। वे इस शो की काफी चर्चित जज हैं। बॉलीवुड में उनकी आखिरी फिल्म साल २०१४ में 'ढिश्कियाऊं' आई थी। उसके बाद से वो किसी दूसरी फिल्म में नजर नहीं आई हैं। |
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले में हुए एक अजीबोगरीब वाकये में एक गांव के ४० लोगों को सियारों ने काट खाया। प्राप्त सूचना के मुताबिक मंगलवार की रात गांव में ४-५ सियार अचानक घुस आए। इन सियारों ने गांव के कई लोगों को काट खाया। घटना के बाद से गांव में दहशत है।
पुलिस के अनुसार गंगा तट पर बसे साहीपुर गांव में रात को चार-पांच सियार घुस आए और उन्होंने गांववालों पर हमला बोल दिया। इससे पहले गैंववाले कुछ समझ पाते कई ग्रामीण सियारों के काटे जाने से जख्मी हो गए। बाद में गांववालों ने मिलकर सियारों को भगाया।
सभी घायलों को बक्सर के सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। इनमें से कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। लेकिन कुछ की हालत अभी नाजुक है। |
जयपुर, १२ जुलाई। वर्ष १९९४ में हुए यमुना जल समझौते के तहत राजस्थान के हिस्से का पानी लाने में हो रही देरी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्रीय जल आयोग को आदेश दिये हैं कि वो राजस्थान सरकार द्वारा भेजी गई डीपीआर पर ६ सप्ताह में निर्णय ले। दरअसल राजस्थान सरकार ने हरियाणा से पाइपलाईन के जरिए राजस्थान में पानी लाने को लेकर एक नई डीपीआर बनाकर फरवरी २०१९ को केंद्रीय जल आयोग को भेजी थी। ५ माह बाद भी इस डीपीआर पर आयोग द्वारा निर्णय नहीं लेने पर यशवर्धनसिंह ने जनहित याचिका दायर कर इसे चुनौती दी। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से पेश हुए एएसजी आर डी रस्तोगी ने आयोग का पक्ष रखा। एएसजी ने कहा कि वे शीघ्र हाईकोर्ट के आदेश की पालना करेंगे।
गौरतलब है १९९४ में हुए जल समझौते के तहत राजस्थान को १११९ बिलीयन क्यूबीक मीटर पानी मिलना था लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा लगातार पानी देने को लेकर टालमटोल कि जाती रही। पहले हरियाणा ने अपनी नहर से पानी भेजने से इंकार कर दिया. जिस पर राजस्थान सरकार द्वारा हरियाणा नहर के समानान्तर खुद की नहर बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया. लंबे समय तक उस पर भी हरी झण्डी नहीं मिलने पर हाल ही पाइपालाइन के जरिए पानी लाने के प्रोजेक्टर पर कार्य शुरू किया गया। इस प्रोजेक्टर की डीपीआर बनाकर केन्द्रीय जल आयोग को फरवरी २०१९ में ही भेज दी गयी लेकिन ५ माह बाद भी निर्णय नहीं लिया गया। |
कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी से एमफिल करने वाली एक २५ वर्षीय युवती उस समय हैरान रह गई जब एक महिला ने ही उसे धमकी देते हुए कहा, तुम्हारा तो रेप होना चाहिए। इतनी ही नहीं विरोध करने पर उस महिला ने छात्रा को दो थप्पड़ भी जड़ दिए। उस युवती की गलती बस इतनी थी कि वह टी शर्ट और शॉर्ट पहनकर खरीदारी करने निकली थी।
इस घटना के बाद जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र के डेप्युटी कमिश्नर से मुलाकात की। इसके बाद छात्रा ने साल्ट लेक पुलिस के पास अपनी एफआईआर भी दर्ज कराई। पुलिस को एक बैंक और एक रेस्तरां से सीसीटीवी फुटेज भी मिल गई है।
पीड़िता के मुताबिक, महिला ने उससे कहा, 'तुम्हारी जैसी लड़कियों का रेप होना चाहिए।' पहले तो छात्रा चौंक गई। इसके बाद उसने विरोध करते हुए कहा कि महिला को ऐसा कहने का अधिकार नहीं है। ऐसा करना अपराध भी है।
पुलिस का कहना है कि आरोपी महिला के खिलाफ चोट पहुंचाने, जबरन रोकने और एक महिला के शील भंग के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। यह पहला मामला है जब एक महिला के खिलाफ दूसरी महिला के शील भंग का आरोप लगा है। पुलिस का अनुमान है कि आरोपी महिला धाकुरिया इलाके में रहती है। |
इस बार मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को भाजपा की आशा से विपरीत भारी मतों और सीटों से संसद पहुंचा दिया । इस आस के साथ कि भले ही बीते पांच सालों में अच्छे दिन न आ पाए हो लेकिन इस बार जरूर आएंगे । और यहां मोदी सरकार ने अपने पहले ही बजट से सबको बड़ा झटका दे डाला...। मतदाताओं की जुबान है तो अब सिर्फ...उफ़्फ़ ।
बजट का नाम बदला ।
वित्त मंत्री ने पेश किया बही खाता ।
१.४५ लाख तक का घर खरीदने पर १.५ लाख की अतिरिक्त छूट ।
३.आधार कार्ड से भी भर सकेंगे इनकम टैक्स रिटर्न ।
४.खाते से साल में १ करोड़ से ज्यादा निकासी पर २ फीसदी ट्ड्स ।
५.अमीरों पर टेक्स का बढ़ा बोझ । माध्यम वर्ग को भी राहत नही । ५ लाख तक की आय पर कोई टेक्स नही ।
६.छोटे दुकानदारों को मिलेगा ५९ मिनिट में लोन ।
७.जनधन खाते पर ५००० ओवर ड्रॉफ्ट सुविधा ।
बेटमार भाजपा विधायक से नाराज़ पीएम ।
आलाकमान की टेढ़ी नज़र ।
विधायक आकाश से नाराज़ मोदी ।
अपने ही घर में घिरे आकाश विजयवर्गीय।
पीएम मोदी ने साफ़ किया अपना मत ।
बेटा किसी का भी हो यदि ऐसी हरक़त करे तो पार्टी से निकाल करना चाहिए बाहर ।
जिन लोगों ने किया सपोर्ट उनको भी मिले सज़ा ।
मोदी के तेवर से मप्र भाजपा में मचा घमासान ।
सचिन तेंडुलकर की नयी सवारी ।
११९ साल पुरानी विंटेज कार पर सवार सचिन ।
लंदन में की सवारी ।
बेहद खुश दिखे सचिन ।
बदले बदले से "कैलाश"
बल्लेबाज विधायक बेटे की रिहाई से खुश कैलाश ।
जेल से छूटा बेटा तो पिता डूबे भक्ति में ।
गाये भजन और की भगवान की आराधना ।
घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण,दोनो पक्षों को बताया गलत ।
बदले बदले से नज़र आये पिता ।
भोजपुरी गानों का जलवा ।
विदेश में भी बड़ा क्रेज़ ।
पॉप म्यूजिक पर भारी भोजपुरी ।
लंदन की सड़क पर बजा भोजपुरी गाना ।
लॉलीपाप लागेलू पर नाचे अंग्रेज ।
कलकत्ता : १९ मई को अंतिम चरण की ५९ सीटों के लिए मतदान किया जाना है। इसमें मध्यप्रदेश की ८ सीट सहित कलकत्ता की सीटें शामिल है। अंतिम चरण के चुनाव के लिए राजनीति चरम पर है। दो दिन पहले अमित कलकत्ता में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो पर पत्थराव किया गया था। इसके बाद तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए थे। आगजनी के बाद अमित शाह के वाहन पर भी हमला किया गया था। दिन भर चले इस हाईप्रोफाइल राजनीतिक ड्रामा के बाद भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने की स्थिति में आ गई है। घटना के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर वोट बटोरने के लिए इसे प्रायोजित करार दिया था। इसके बाद भाजपा के नेता भी फ्रंट पर आ गए है। उज्जैन पहुंचे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भूपेश बघेल के ट्वीट पर तंज कसते हुए इस प्रकार के ट्वीट को खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे करार दिया है। मीडिया से चर्चा में नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की जमीन उखड़ चुकी है। यहां भाजपा सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी। इसके साथ ही देशभर में कांग्रेस और अन्य दलों का यही हाल होगा। जिस वजह से कांग्रेस सहित सभी विरोधी दलों के नेता इस प्रकार के उट पटांग बयान दे रहे है। भाजपा में स्पष्ट है कि एनडीए की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे। लेकिन महागठबंधन में अब तक प्रधानमंत्री के नाम तय नहीं हो सका है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दलों के प्रत्याशियों को वोट देकर जनता बेवकूफ नहीं बनेगी। जनता इन दलों को इनकी औकात याद दिलाएगी और देशभर में भाजपा को जिताएगी।
उत्तर प्रदेश : लोकसभा चुनाव के चलते सभी चरणों पर धीरे धीरे मतदान शुरू हो गया है। जिसके लिए सभी जी तोड़ मेहनत कर रहे है। साथ ही सभी नेता एक दुसरे पर राजनितीक हमला कर रहे है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश के दौरे पर थे जहां उन्होने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जम कर निशाना साधा। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का हमला यहीं खत्म नही हुआ। जिसके बाद आज पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर जम कर चुटकी ली, जिसमें दावा किया गया कि वह किसी मशीन से आलू से सोना बनाने की बात कर रहे थे। हालांकि कांग्रेस और कुछ फैक्ट चेकिंग वेबसाइट्स इस बारे में तर्क दे चुकी हैं कि राहुल ने कहा कुछ था और जिसका कुछ गलत मतलब निकालकर पेश किया गया। दरअसल राहुल गांधी ने दो साल पहले गुजरात में आयोजित रैली में कहा था, "आलू के किसानों को कहा कि ऐसी मशीन लगाउंगा कि इस साइड से आलू घुसेगा उस साइड से सोना निकलेगा। इस साइड से आलू डालो, उस साइड से सोना निकालो। इतना पैसा बनेगा कि आपको पता नहीं होगा कि क्या करना है पैसे का। ये मेरे शब्द नहीं है, नरेंद्र मोदी जी के शब्द हैं।"
कन्नौज की रैली में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में ऐसे बुद्धिमान और तेजस्वी लोग हैं जो आलू से सोना बनाते हैं। वो काम हम नहीं कर सकते, न मेरी पार्टी कर सकती. जिसको आलू से सोना बनाना है वो उनके पास जाये, हम ऐसा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हमारे देश के वीर शहीदों ने तिरंगे झंडे को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। वो स्वराज के लिए लड़े थे, अब हमें सुराज के लिए लड़ना है। हम तब संकटों से निकलना चाहते थे और अब हम समृद्धियों की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं। तिरंगा ही हमारी प्रेरणा है. नया हिंदुस्तान अब डरेगा नहीं। नया हिंदुस्तान आतंकियों के घर में घुसकर मारेगा.जब देश सुरक्षित होगा तभी सामान्य मानवी का जीवन सही से चलेगा। |
नई दिल्ली। कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए कर संरचना में बदलाव की उम्मीदों से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को एक बार फिर ४०००० अंक के पार चला गया। भारतीय स्टेट बैंक, टीसीएस, आईटीसी, भारती एयरटेल, सन फार्मा, इंफोसिस और बजाज ऑटो में ३.३7 प्रतिशत तक की तेजी रही।
बंबई शेयर बाजार का ३० शेयरों वाला सेंसेक्स २२०.०३ अंक यानी ०.५५ प्रतिशत उछलकर 4००51.८७ अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 4०178.१२ अंक के ऊंचे स्तर को भी छुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी ५७.२५ अंक यानी ०.४९ प्रतिशत बढ़कर ११,८४४.1० अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, टीसीएस, आईटीसी, भारती एयरटेल, सन फार्मा, इंफोसिस और बजाज ऑटो में ३.३7 प्रतिशत तक की तेजी रही। इसके विपरीत येस बैंक, मारुति, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर २.४१ प्रतिशत तक गिर गए।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बजट से पहले शेयर निवेशकों के लिहाज से प्रभाव डालने वाले प्रमुख कर जैसे कि दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर, प्रतिभूति लेनदेन कर और लाभांश वितरण कर की प्रस्तावित समीक्षा की खबरों से घरेलू निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों और कॉर्पोरेट कर में कटौती का मुनाफे में अहम योगदान से भी बाजार को बल मिला। इसके अलावा बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज पर फैसले का इंतजार कर रहा है। अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में देरी की खबरों से शंघाई, हांगकांग, सोल और टोक्यो के शेयर बाजारों में गिरावट रही। यूरोप के शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिलाजुला रुख देखने को मिला। |
(रेणु शर्मा,जयपुर) हम विश्व महिला दिवस मना रहे है जो नारी सम्मान और नारी शक्ति का प्रतिक हैं लेकिन लेकिन आज भी ग्रामीण परिवेश में लडकियों को सिर्फ अक्षर ज्ञान तक ही सिमित रखा जाता है। धर्म ,जाती और परम्पराओं की आड़ में कई लडकियों को उडऩे से पहले ही शादी की तलवार से पंख काट दिए जाते हैं ऐसी परिस्थितियो में देश भक्ति और समाज के लिए कुछ करने के जज्बे को उसे दफन करना पड़ता है। एक साल की बच्ची से लेकर ६० साल की बुजुर्ग महिला दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हो जाती हैं, और बेटियो को गर्भ में मार दिया जाता हैं, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा और नारी की शक्ति एंव सम्मान की ध्ज्जीया उड़ायी जा जाती हैं।
सीमा जैसे ही घर आयी मॉ ने कहां बेटा नौकरी छोड देना लडके वालों ने हंा कह दी।
यह सुनते ही सीमा ने कहां मॉ मुझे नौकरी छोडने का क्यों बोल रही हा बडी मुश्किल से कॉलेज में मेरा सलेक्शन हुआ हैं अब जाकर मेरे काम की तारिफ होने लगी हैं मेरी पहचान बनने लगी हैं।
मॉ बोली कुछ नही करना नौकरी करके शादी करके अपने घर जाओं वहां जाकर करना तुम्हे जो करना हो।
ये किसी एक लडकी की कहानी नही हैं सीमा जैसी हजारों लडकियों की कहानी हैं शादी के लिये अपना करियर छोड देती हैं, घर-वालों के लिये यह कहना आसान हैं कि शादी के बाद अपने ससुराल जाकर करना नौकरी लेकिन लडकी के लिये मुश्किल होता हैं किसी दूसरी जगह जाकर अपनी नौकरी शुरू करना, दूसरी जगह जाकर जॉब करने का मतलब हैं नये शिरे से नौकरी शुरू करना।
गौरतलब हैं कि हमारे परिवार कि परम्परा रही हैं कि शादी के बाद लडकी को अपना घर छोड कर अपने पति के घर यानि ससुराल जाती हैं, और वही रहती हैं पति पैसा कमाता हैं एंव महिला घर संभालती हैं यही परम्परा सदियों से आज तक चली आ रही हैं लेकिन समय के साथ समाज में बहुत बदलाव आ गये हैं पहले जहंा माता-पिता लडकियों को घर के काम-काज, सिलाई-बुनाई पर ध्यान दिते थे आज वहीं लडकियों की शिक्षा उनके भविष्य पर ध्यान देते हैं, बेटे के साथ-साथ बेटियों को भी व्यवसायिक क्षेत्र में बढने का मौका दिया जाता हैं आज लडकियां अपने भविष्य को लेकर चितिंत रहती हैं, पहले जहां१८-२० साल की थी वहीं आज पढाई के कारण २५-३० साल हो गयी हैं शायद यही समय की मांग हैं। बढती मंहगाई और ऐशों-आराम की चाह में पति-पत्नि दोनों का नौकरी करना जरूरी हो गया हैं। लडका हो या लडकी हो दोनों अपने-अपने क्षेत्र में मेहनत करके नाम कमाना चाहता हैं लेकिन जब बात शादी की आती हैं तो लडकी को ही अपनी जोब, अपना केरियर बदलना पडता हैं? शायद यहीं कारण हैं कि २०04-०५ और २०११-१२ के बीच भारत में नौकरी छोडऩे वाली महिलाओं की संख्या संख्या १.९६ करोड़ थी।
विधवा या विद्युर होने का पर महिला के लिये ही शुभ काम वर्जित क्यो ?
शादी के बाद यदी किसी महिला का पति मर जाता हैं तो वह विधवा हो जाती हैं और यदी किसी की पत्नी मर जाती हैं तो वह विद्युर हो जाता हैं लेकिन हमारे समाज इसका प्रभाव सिर्फ महिला को ही उठाना पडता हैं उसका विधवा का जीवन बडा कष्ट वाला होता हैं। समाज ही नहीं बल्कि घर-परिवार में होने वाले शुभ कार्यो में विधवा को नहीं बुलाया, सुबह ऊठने पर यदी कोई विधवा का चेहरा देख ले, या कही जाते समय विधवा सामने आ जाये तो उसे अशुभ माना जाता हैं, उसका खान-पान भी साधारण होता हैं, वह रंगीन कपडे नही पहन सकती, मेकअप नहीं कर सकती कुल मिलाकर विधवा का जीवन ही नीरस हो जाता हैं, कही उसे डायन बता कर समाज से बहिष्कार किया जाता हैं वहीं दूसरी और पुरूष की बात करे तो उनका पहनावा, खान-पान सामाजिक व्यवहार वैसा ही रहता हैं जैसा पहले था।
कानून के अनुसार दहेज लेना और दहेज देना दोनो ही अपराध हैं लेकिन फिर भी हमारे यहंा दहेज लेने-देने का रिवाज हैं। शादी के समय जब लडके वाले दहेज की मंाग करते हुए कहते हैं कि हमने अपने बेटे की पढाई पर इतना पैसा खर्च किया हैं आपको शादी में इतना कैश देना होगा, अफसोस होता हैं जब एक पढी-लिखी लडकी इस बात का विरोध नही करती। उल्लेखनीय हैं वर्तमान समय में लडका और लडकी दोनों की शिक्षा पर समान पैसा खर्च किया जाता हैं उसके बाद भी लडकी कि शादी में लडके वालों को दहेज के साथ-साथ केश भी देते हैं।
हमारे यहां पितृसत्तात्मक परिवार का होना हैं जिसमें घर में मुखिया की भूमिका पुरूष की होती हैं वही घर-परिवार से संबधित निर्णय लेता हैं हांलाकी कुछ परिवार इसके अपवाद भी हैँ जिनमें घर-परिवार से संबधित निर्णय में महिला की राय जानी जाती हैं लेकिन निर्णय तो पुरूष ही लेता हैं। जब अधिकारों की बात करे तो बचपन में उसे अपने पिता और भाई, शादी के बाद पति और बृद्वावस्था में उसे पति के सहारे रहना होता हैं। यदी कोई महिला आपने अधिकारों की मांग करे तो उसे समाज में अच्छा नहीं माना जाता।कानून के अनुसार पिता की सम्पत्ति में पुत्र और पुत्री दोनों का समान हिस्सा होता हैं। इसका एक उदाहरण यदी कोई लडकी अपनी पिता की जायदाद में हिस्सा लेती हैं तो उसके भाई के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी उससे रिश्ता ये कहते हुए रिश्ता तोड लेते हैं कि इसकी नियत खराब हैं और रिश्तों में कडवाहट आ जाती हैं।
हमारे भारतीय परिवारों में घर संभालने की जिम्मेदारी महिला की और नौकरी करके पैसा कमाने की जिम्मेदारी पुरूषों की होती हैं लेकिन जब पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं वहां भी घर संभालने की जिम्मेदारी महिला की होना क्या सही हैं? जब संयुक्त परिवार जहां सास ससुर, पति बच्चे सभी होते हैं तो काम और अधिक बढ जाता हैं ऐसे में महिला का तौकरी और घर संभालना मुश्किल हो जाता हैं क्योकि पड़ता हैं। उन पर दोहरा काम का बोझ सुबह नाश्ता, लंच बनाकर, घर के सारे काम आफिस जाना शाम को लौटकर फिर बच्चों की पढ़ाई, घर के काम करना बहुत कठिन काम होता हैं। जिसके कारण अकसर महिलाये नौकरी छोड देती हैं या जो नौकरी और घर दोनो संभालती हैं वे अकसर अवसाद में आ जाती हैं तनाव में रहने लगती हैं। वहीं दूसरी ओर पुरूष काम से घर लोटता हैं तो ये कहते हुए कि बाहर दिन भर मेहनत करके आया है उसकी खतिरदारी करो। क्या पुरूष को ही थकान होती हैं महिला को नही जबकि वह तो घर का सारा काम निपटाकर ऑफिस जाती हैं और घर में आने के बाद भी घर का काम करती हैं। घर और बाहर काम करते-करते वो शारिरीक और मानसिक रूप से थकान महसूस करने लगती है जिसके कारण वो आफिस और घर दोनों में तालमेल नही बैठा पाती। एक अध्ययन के अनुसार, कामकाजी महिलाएं घरेलू महिलाओं की तुलना में दो गुना ज्यादा तनाव का शिकार होती हैं।
मेरी बात आपको अजीब लगेगी लेकिन यह सच हैं एक महिला ही महिला की दुश्मन होती हैं हांलाकि इसके अपवाद भी हैं। सबसे पहले हम बात करते हैं लडकी के जन्म होने से पहले की, भूण की जांच कराना कानूनन अपराध हैं फिर भी चोरी-छिपे गर्भस्त शिशु के लिग की जंाच करवायी जाती हैं कन्या भूण होने पर उसकी हत्या कर दी जाती हैं ८० प्रतिशत मामलों में भूण जांच करवाने वाली महिला होती हैं और उसे मारने वाली भी महिला ही होती हैं वो मां, दादी, चाची, ताई, भुआ, मौसी हो सकती हैं। अब बात करते हैं जन्म के बाद यद्यपि आज समय के अनुसार समाज में बदलाव आया हैं फिर भी बच्ची के जन्म लेने के बाद उसकी मां को बच्ची होने का ताना देने वाली भी महिलाये होती हैं नाकि पुरूष होते हैं। लडकी की शादी के बाद यदी उसे प्रताडित किया जाता हैं तो वह भी एक महिला द्वारा ही किया जाता हैं वह सांस, ननद, सौतन हो सकती हैं।
किस्मत की किस्मत का फैसला करने वाले ये कौन ? |
नयी दिल्ली : दुनियाभर में महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दुश्मनों के दांत खट्टे करने भारत की जमीन पर लड़ाकू विमान राफेल उतर गये है। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमान भारतीय जमीन पर पहुंच गए हैं। हरियाणा के अंबाला एयरबेस में राफेल विमान की सुरक्षित लैंडिंग हुई, जहां उनका स्वागत वाटर सैल्यूट के साथ हुआ। इस मौके पर वायुसेनाध्यक्ष आर के एस भदौरिया भी मौजूद रहे। फ्रांस से मिलने वाली राफेल विमानों की ये पहले खेप है। इन विमानों ने मंगलवार को फ्रांस से उड़ान भरी थी, जिसके बाद ये यूएई में रुके थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सेना के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। मुझे बेहद खुशी है कि भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को सही वक्त पर मजबूती मिली है। अगर किसी को हमारी नयी क्षमता से चिंतित होना चाहिए तो उन्हें होना चाहिए जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं ।
फ्रांस से खरीदे जा रहे ३६ राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के पांच विमान अंबाला के वायुसेना एयरबेस पहुंच गये है जहां वायुसेनाध्यक्ष आर के एस भदौरिया उनकी अगुआनी किये। राफेल विमानों की यह पहली खेप है।
भारत ने फ्रांस से ५९ हजार करोड़ रुपये में ३६ राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है और इस सौदे की पहली खेप में ये विमान प्राप्त हुए हैं। पांचों विमानों ने सोमवार को फ्रांस से उड़ान भरी थी और उसी दिन दस घंटे का सफर तय कर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे और वहां से उड़ान भर अंबाला पहुंचें है।
अंबाला में राफेल की पहली स्क्वाड्रन तैनात होगी। १७वीं नंबर की इस स्क्वाड्रन को गोल्डन-ऐरोज़नाम दिया गया है जिसमें १८ राफेल लड़ाकू विमान, तीन प्रशिक्षक और बाकी १५ लड़ाकू विमान होंगे।
पांच राफेल लड़ाकू विमानों के आने के पहले मंगलवार को अंबाला वायु सेना केंद्र के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और निषेधाज्ञा लागू की गई है। अंबाला जिला प्रशासन ने वायुसेना केंद्र के तीन किलोमीटर के दायरे में लोगों के ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत ने वायुसेना के लिए ३६ राफेल विमान खरीदने के लिए २३ सितंबर, २०१६ को फ्रांस की विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दसॉ एविएशन के साथ ५९ हजार करोड़ रुपये का करार किया था। वायुसेना को पहला राफेल विमान पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान सौंपा गया था। |
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उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के औराई थाने के उगापुर नहर पुलिया के पास गुरुवार को अनियंत्रित बाइक से गिरकर जौनपुर की एक महिला ट्रक के पिछले पहिए के नीचे आ गई, जिस कारण उसकी मौत हो गई। उसका बेटा हालांकि बच गया। इस दौरान कुछ समय के लिए जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जौनपुर जिले के गंधौना गांव निवासी गिरीश दूबे का पुत्र सुमित दूबे अपनी मां पान कुमारी (४५) को बाइक से लेकर मीरजापुर की तरफ से आ रहा था। जब वह उगापुर पुलिया के पास पहुंचा तो उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई और उस पर बैठी मां सड़क पर गिर गयी। उसी दौरान पीछे से आ रही एक ट्रक ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। भदोही की यह सड़क शासन और प्रशासन की लापरवाही के कारण मौत की सड़क बन चुकी है।
मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक ट्रक को हटवाकर जाम समाप्त कराया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ट्रक का ड्राइवर फरार हो गया। मां के शव से लिपट कर बेटे को देख सभी की आंखें नम हो गईं। |
जिले में माओवादियों को ट्रेनिंग दिए जाने संबंधित एक वीडियो सामने आया है। वीडियो दो साल पुराना है। यानी कि २०१६ का। वीडियो में महिलाओं को ट्रेनिंग देते हुए दिखाया गया है।
इसमें दिख रहा है कि किस तरह से माओवादी के सिपहसालार मुश्किल ट्रेनिंग लेते हैं। २०१६ के बताए जा रहे इस वीडियो में माओवादी लीडर भीमा भी नजर आ रहा है, जिसे हाल ही में हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
साल २०१६ के माओवादी ट्रेनिंग वीडियो में नजर आ रहा है कि नक्सलवादी लड़ाई की कड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस ट्रेनिंग में बड़ी संख्या में महिलाएं भी कठिन ट्रेनिंग लेती नजर आ रही हैं। महिला दल पहले भी इन इलाकों में चुनौती बनता रहा है।
एक अन्य नक्सली की पहचान तिरुपति के रूप में हुई है और उसे भी एनकाउंटर में मारा जा चुका है। नक्सलियों ने इस क्षेत्र में मंगलवार सुबह भी आईईडी धमाका किया है।
इससे पहले सोमवार को भी नक्सलियों की हरकतों के चलते सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने ऑपरेशन तेज कर दिए थे। वीडियो से साफ होता है कि नक्सली लड़ाके किस तरह किसी सेना की तर्ज पर ही तैयार किए जा रहे हैं। |
लखनऊ। भले ही यूपी के सीएम अखिलेश यादव प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का दावा करते हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सपा सरकार आने के बाद यूपी पूरी तरह अराजक होता जा रहा है। यहां सीएम के खास लोग भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने में पीछे नहीं हैं। अखिलेश की पार्टी समाजवादी पार्टी ने जिस शख्स को २०१४ में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है, उसी ने नशे की हालत में एक महिला से चलती ट्रेन में छेड़छाड़ की है।
गौरतलब है कि महिला सुरक्षा बिल का सबसे ज्यादा विरोध मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी ही कर रही है। बताया जा रहा है कि सपा नेता चंद्रनाथ सिंह को चलती ट्रेन में छेड़खानी के आरोप में अरेस्ट किया गया है। उन पर पद्मावत एक्सप्रेस में शराब पीकर एक महिला के साथ छेड़छाड़ का आरोप है। एक चैनल के अनुसार चंद्रनाथ सिंह बिना टिकट ट्रेन में चढ़े थे। छेड़खानी का मामला जब ट्रेन में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों को पता चला तो जमकर हंगामा हुआ। यात्री बेहत गुस्से में तथा आक्रामक थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस ने चंद्रनाथ सिंह को अरेस्ट कर लिया। आरोपी एसपी नेता को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अरेस्ट किया गया। चंद्रनाथ सिंह पर छेड़खानी का केस दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद चंद्रनाथ सिंह ने तबीयत खराब होने की बात कही, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उत्तर प्रदेश में कई बार अपने ही नेताओं की वजह से अखिलेश सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। चंद्रनाथ सिंह २०१४ के आम चुनाव में सपा के प्रतापगढ़ से घोषित उम्मीदवार हैं। वह १९९९ में यूपी के मछली शहर से एसपी के सांसद थे। चंद्रनाथ सिंह एसपी से पहले बीएसपी में भी रह चुके हैं। |
३०-६० टन बड़े आटा चक्की उपकरण , एक ही समय में बहु-समूह उपकरण का उपयोग करते हुए प्रौद्योगिकी पीसना, क्रशिंग, स्क्रीनिंग, परिष्करण, सामग्री की ग्रेडिंग, यह उपकरण सामग्री को अधिक अच्छी तरह से पीसते हैं, आटा की उपज अधिक होती है, और सामान्य चिह्न के लिए सभी विशेष आटा, हेंगी कैफेंग ब्रांड बड़े पैमाने पर पूर्ण आटा चक्की, उत्तम कारीगरी, अच्छी सामग्री, प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी अधिक सही है। कुशल, गेहूं के मशीन में घुसने के बाद उसे तोड़ दिया जाता है और छलनी कर दिया जाता है। फिर छाने हुए और मोटे आटे को मिलाया जाता है जिसे अंतिम आटे को बारीक बनाने के लिए पीस लिया जाता है।
बड़े पैमाने पर आटा चक्की की तुलना छोटे पैमाने के आटा चक्की के साथ, बड़े पैमाने पर आटा चक्की में अद्वितीय स्थितियां होती हैं। सामग्री पीसते समय, क्योंकि व्यापक उपकरण से लैस है, इसलिए अधिक अच्छी तरह से पीसने से, अनाज की बर्बादी नहीं होगी, जबकि अपनी स्वयं की आपूर्ति और विपणन की मात्रा को पूरा करना होगा। |
नमस्कार दोस्तों आपका अनेक्रूप में स्वागत है। आज हम बात करेंगे स्कूल से छुट्टी लेने के विषय पर आप्लिकेशन लिखने के बारे में। जिसमे हम जानेंगे कि यदि आप स्कूल पीरियड के दौरान स्कूल से छुट्टी लेना चाहते है , तो आप उसके लिए आप्लिकेशन कैसे लिखेंगे।
जरूरी बातें - स्कूल से छुट्टी लेने के लिए।
यदि आप स्कूल पीरियड के समय घर जाना चाहते है तो कुछ बातें आपको जरूर जाननी चाहिए।
यदि आपको स्कूल पीरियड के दौरान घर जाना है , तो आपको एक अच्छा रीसों (कारण ) चाहिए। नहीं तो आपको पता है की स्कूल के नियम कितने कड़े होते जा रहे हैं।
और कुछ खडुश मास्टर भी होते है , जो आपको बिना किसी मजबूत कारण के छुट्टी देने वाले नहीं है।
यह निर्भर करता है की , आप कितना अच्छा बहाना बना सकते हैं। जो समय और परिस्थिति के अनुकूल हो।
और यदि आपको बंक नहीं मारना है और सच में कोई काम है तो फिर कोई बात नहीं , आप सब सच लिख दें।
फिर भी मैं आपको कुछ कारण बता देता हूँ , जो आपको मदद करेगी।
अचानक पेट दर्द, सिर दर्द ,या लूस मोशन (दस्त ,पेचिस ) होने पर।
घर में किसी फमिली मेंबर का तबियत अचानक ख़राब होने पर।
माँ को मंदिर ले जाने के लिए , नवाज़ पढ़ने के लिए।
ड्रेस ख़राब होने पर. इत्यादि।
स्कूल पीरियड के दौरान घर जाने के लिए एप्लीकेशन - हिंदी।
विषय :- अचानक दस्त होने पर घर जाने के लिए ।
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का १० वी कक्षा का विद्यार्थी हूँ।मैंने सुबह में ख़राब भोजन का सेवन कर लिया था , इसीलिए मुझे दस्त हो गया है। अभी तक २ बार शौचालय जा चुका हूँ, और मेरी तबियत ओर बिगड़ती जा रही है ।
अतः आपसे अनुरोध है कि मुझे घर जाने की अनुमति दी जाये , ताकि मैं जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जा सकूँ फिर घर में आराम कर सकूँ । इसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूँगा।
जब भी आप स्कूल से छुट्टी ले रहे हैं ,तो आप किसी फमिली मेंबर को या कोई रिलेटिव को आपको रेसेइव करने के लिए स्कूल बुला ले , इससे क्या होगा , कि स्कूल वालों को आपको छुट्टी देने में परेशानी नहीं होगी।
वो भी समझेंगे की मेरा स्टूडेंट सही -सलामत पहुँच जायेगा।
तो दोस्तों ये थी जानकारी कि कैसे आप स्कूल के दौरान घर जाने के लिए छुट्टी ले सकते है। मुझे उम्मीद है ,आपको ये जानकारी जरूर पसंद आयी होगी।
यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये। और इस पोस्ट को जरुरत मंद लोगों तक जरूर पहुंचाए , ताकि वो भी इससे लाभ उठा सके।और हमारे वेबसाइट को फ़्री में सबस्क्रिबे करे। |
रांची: करप्शन हर क्षेत्र में अपना पांव फैलाए हुए है। किसी भी तरह का काम कराने के लिए दो रास्ते बने हुए हैं। एक जो लीगल तरीके से होकर गुजरता है और दूसरा जो करप्शन से होकर गुजरता है। राजधानी रांची में दूसरा रास्ता काफी पॉपुलर है। यहां लाइसेंस बनाने से लेकर बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट, राशन कार्ड समेत अन्य किसी भी तरह का काम करने के लिए आपके पास करप्शन वाला रास्ता सहज ही उपलब्ध हो जाएगा। नगर निगम का ऑफिस तो करप्शन का अड्डा बना हुआ है। यहां नक्शा से लेकर हर काम में करप्शन का बोलबाला है। नगर निगम का ही एक काम है सेप्टिक टैंक की सफाई कराना। नगर निगम इसके एवज में कुछ शुल्क लेता है और टैंक की सफाई करा देता है। लेकिन यहां भी करप्शन हावी है। कस्टमर बनकर हम बकरी बाजार स्थित नगर निगम के स्टोर पर गए, जहां सेप्टिक टैंक की सफाई का जिक्र करते ही इससे जुडे़ बिचौलियों ने आकर घेर लिया।
स्टोर में मौजूद बिचौलियों ने एक दिन में टैंक सफाई कराने की बात कही। उनलोगों ने कहा कि नगर निगम में जाने से समय ज्यादा लगेगा। प्राइवेट में कराने से एक दिन में टैंक साफ कर दिया जाएगा। कुछ पैसा ज्यादा लगेगा लेकिन काम बेहतर होगा। उन्हीं में से एक बिचौलिया ने जगह दिखाने की बात कही। बिचौलिया ने कहा कि जगह देख लेंगे बड़ी गाडी ले जाना होगा या छोटी गाड़ी से काम चल जाएगा। इसके अलावा टैंक भी देखना होगा, कैसे सफाई करनी है। टैंक देखने के बाद ही पता चलेगा। इतना कहकर तीन-चार बिचौलिया मेरे(रिपोर्टर) के साथ टंकी देखने चल पडे़। बिचौलियों ने नगर निगम का लोगो लगा विजिटिंग कार्ड भी बनवा रखा है।
इन बिचौलियों ने बताया कि नगर निगम से सफाई कराने पर बहुत परेशानी है। वो बार-बार दौड़ाएगा। एक काउंटर से दूसरे काउंटर में दौड़ते रहिए। हमलोग से कराने में परेशान नहीं उठानी पड़ेगी। कोई रसीद कटाने की जरूरत नहीं है, न ही ज्यादा समय लगेगा। सिर्फ जगह दिखा दीजिए। एक से दो दिन में टैंक साफ कर दिया जाएगा। हमलोगों के पास सभी साधन है। कुछ पैसा अधिक लगता है लेकिन हमलोग काम एक नंबर करके देंगे। नगर निगम के चक्कर में रहिएगा तो कब साफ होगा, इसका कोई गारंटी नहीं है। नगर निगम से जो जाता है वो लोग जैसे-तैसे साफ करेगा और खर्चा-पानी भी मांगेगा।
रिपोटर्र : यहां पर टैंक सफाई करने वाले कहां मिलेंगे?
बिचौलिया : बोलिए न, क्या काम है, हम ही लोग हैं।
रिपोटर्र : मुझे सेप्टिक टैंक साफ करवाना है, किससे मिलना होगा?
बिचौलिया : हम ही लोग साफ करते हैं। बताईए, कहां पर साफ करवाना है। साइड दिखा दीजिए।
रिपोटर्र : कुछ रसीद भी कटवाना होगा क्या?
बिचौलिया : वो सब छोडि़ए, हम लोग देख लेंगे। आपको टेंशन नहीं लेना है। आप सिर्फ एड्रेस बताइए।
रिपोटर्र : पैसा कितना लगेगा?
बिचौलिया : बड़ी गाड़ी जाएगी तो एक बार का ४५०० रुपए लगेगा। बाकी बात साइड देखने के बाद समझा देंगे। ये रखिए फोन नंबर फोन कीजिएगा। अभी चलिए, साइड देख लेते हैं।
रिपोटर्र : कोई दिक्कत तो नहीं होगी न?
बिचौलिया : कुछ नहीं होगा, यह हमलोग का एक दिन का काम नहीं है, डेली हमलोग यही काम करते हैं।
सैप्टिक टैंक की सफाई कराने के लिए नगर निगम ऑफिस के स्वास्थ्य शाखा में संपर्क करना होता है। यहां एक फॉरमेट उपलब्ध कराया जाता है, जिसे भरकर नगर निगम के कैश कांउटर में जाकर पैसे डिपॉजिट करने पड़ते हैं। नगर निगम द्वारा निर्धारित शुल्क घर के लिए १२५० रुपए और अपार्टमेंट के लिए २५०० रुपए है। कैश कांउटर में डिपॉजिट करने के बाद एक स्लीप मिलता है, जिसमें टैंक सफाई की अनुमानित तिथि, गाड़ी नंबर और ड्राइवर का फोन नंबर लिखा होता है। दो से चार दिन के दिन अंदर टैंक की सफाई करा दी जाती है।
ऐसी कम्पलेन पहले भी आई है। हमने थाना को इसकी शिकायत की है। बल्कि एसपी को भी एक पत्र भेजा गया है। नगर निगम ने किसी बाहरी लोग को कोई परमिशन नहीं दिया है। यदि ऐसी कुछ आपको जानकारी मिलती है, तो एक वीडियो बनाकर उपलब्ध कराएं। |
वो एक ही हस्ती, एक ही वजूद है, जिसने ये सारा जहान बनाया है...फर्क इतना कि कुछ उसे खुदा तो कुछ उसे भगवान कहते हैं। देश में राजनीति के नाम पर चाहे कितना भी हिंदू और मुसलमानों के बीच जहर घोला जाए, लेकिन देश में हमेशा से कई ऐसे उदाहरण सामने आते हो जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन जाते हैं।
वो एक ही हस्ती, एक ही वजूद है, जिसने ये सारा जहान बनाया हैफर्क इतना कि कुछ उसे खुदा तो कुछ उसे भगवान कहते हैं। देश में राजनीति के नाम पर चाहे कितना भी हिंदू और मुसलमानों के बीच जहर घोला जाए, लेकिन देश में हमेशा से कई ऐसे उदाहरण सामने आते हो जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन जाते हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में देखने को मिला। जहां आज कल लोग कुंभ मेले की तैयारियों में लगे हुए हैं। वही अब इस पवित्र काम में मुस्लिम भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहें हैं।
इलाहाबाद में इस समय कुंभ मेले की तैयारियां जोरो पर हैं। इसी कड़ी में क्षेत्र मे इस समय सड़कों के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इस काम में एक मस्जिद का कुछ हिस्सा रास्ते में आ रहा था। जिस वजह से कुछ मुस्लिम लोगों ने मस्जिद का वो हिस्सा गिरा दिया। आप को बता दें कि इलाहबाद में अगले साल कुंभ मेले का आयोजन होना है। जिस वजह से शहर में निर्माणकार्य तेज़ी से चल रहा है। उम्मीद की जा रही है इस आयोजन में लाखों लोग पहुंचेंगे।
हमने ये काम अपनी मर्जी से किया है। जिस हिस्से में मस्जिद बनी हुई है उसका कुछ हिस्सा सरकारी जमीन का है। इस वजह से हमने उस हिस्से को गिरा दिया है । कुंभ मेले के आयोजन की वजह से सरकार इलाके में लगातार निर्माण कार्य करा रही है। हम बस इस काम में सहयोग करने की कोशिश कर रहें हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ निर्माणकार्य में सहयोग देना है।
गौरतलब है कि इस बार कुंभ में शाही स्नान की शुरुआत १५ जनवरी से रही है। आप को बता दें कि प्रयाग के संगम तट पर लगने वाले कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। |
उन्नाव। सूबे में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी प्रकार का एक मामला मौंरावा थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहां हिलौली विकासखंड में तैनात एक ग्राम पंचायत अधिकारी ने एक महिला की गरीबी व लाचारी का फायदा उठाया। प्रधानमंत्री आवास देने का लालच देकर उसे विकास खंड कार्यालय से अपने घर पर ले गया। अंधेरा होने पर उसके साथ जबरदस्ती की और बंधक बनाए रखा। सुबह महिला जब उसके चंगुल से छूटी तो घर पहुंचकर घरवालों को आपबीती सुनाई। इसके बाद महिला अपने परिजनों के साथ उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची और शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।
बताया जाता है ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने प्रमाण पत्र देने के नाम पर महिला को काफी देर तक ब्लॉक में रोके रखा। इस बीच शाम होने पर कहा चलो घर पर बना कर देते हैं। पीड़िता ने बताया कि ग्राम पंचायत विकास ने कहा कि तुम्हारे पास घर नहीं हैं। तुमको प्रधानमंत्री आवास दिला देंगे। अंधेरा होने पर उसने कहा कि यहीं रूक जाओ, कल चली जाना। प्रमाण पत्र भी बना देंगे। पीड़िता ने बताया कि अंधेरा होने पर मेरे साथ पहले छेडछाड़ की और दुष्कर्म भी किया। इस संबंध में पीड़िता ने उप जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। उप जिलाधिकारी के आदेश पर मौरावा थाना में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि विवेचना के बाद कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।
वहीं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के निलंबन के बाद ब्लाक कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उनका कहना था कि पीड़ित महिला गलत परिवार रजिस्टर नकल ना बनाने पर फर्जी ३७६ का मुकदमा पंजीकृत कराया है और बिना स्पष्टीकरण के निलंबन की कार्रवाई की जा रही है हिलौली विकासखंड के कर्मचारी ने जिला प्रशासन से निलंबन की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही से ब्लॉक में हड़कंप मचा है। ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों में बैठक करके उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर निलंबन की कार्रवाई को वापस लेने की मांग की है।
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