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भोपाल. मोदीजी को जब भी देशवासियों को झटका देना होता है वो शाम को आठ बजे ही टीवी पर आते हैं, ना एक घंटे पहले ना एक घंटे बाद! ना जाने इस आठ में ऐसा कौन सा जादू है जो वो रह-रहकर शॉक देने चले आते हैं। नोटबंदी के समय भी वो आठ बजे ही टीवी पर आये थे, इसके अलावा पिछले छः दिनों में वो इसी समय पर दो बार टीवी पर आ चुके हैं। अब तो ये आठ लोगों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। यही वजह है कि इस कहर से बचने के लिए योगेश नाम के युवक अपनी दीवार घड़ी में से आठ नंबर ही उखाड़कर फ़ेंक दिया है, कहता है, ऐसा करने से उसके दिल को ठंडक पहुँची है। अब उसकी घड़ी में सात के बाद सीधे नौ ही बजते हैं। फ़ेकिंग न्यूज से बात करते हुए योगेश ने बताया कि, इस नंबर का मेरे जीवन में बड़ा महत्त्व है भाईसाब क्योंकि सबसे ज्यादा दुःख मैंने इसी आठ बजे के आसपास ही पाए हैं, मोदीजी आसानी से बोल देते हैं और हमारा पूरा कुनबा हिल जाता है आठ बजे! पर अब तो मैंने ठान लिया है, नो मोर आइट ऑक्लॉक. मुझे चाहिए ही नहीं भाईसाब, बहुत लफड़ा कर लिया इसने, अब मेरी बारी है! ये देखिए! मैंने स्क्रू-ड्राइवर की मदद से आठ वाला साइन ही जड़ से उखाड़ दिया है! ना रहेगा बॉंस, ना बजेगी बाँसुरी! -कहते हुए योगेश ने उखड़ा हुआ आठ हमारे रिपोर्टर को पकड़ा दिया। उधर, योगेश को उस समय एक और झटका लगा जब उसे किसी ने बता दिया कि ऐसा करने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि मोदीजी की घड़ी तो आज भी जस की तस है।
कोलकाता के १८ गरीब बच्चों ने कभी नहीं सोचा होगा कि वे कभी हवार्इ जहाज की सैर करेंगे। इन बच्चों ने अभी तक ट्रेन का सफर तक नहीं किया था। हवार्इ जहाज का सफर तो इनके लिए सपने जैसा था, लेकिन सोमवार को राउंड टेबल इंडिया आैर लेडीज सर्किल की महिलाआें ने इन बच्चों के सपने काे साकार कर दिया। कोलकाता, शिलांग आैर गुवाहाटी की राउंड टेबल इंडिया आैर लेडीज सर्किल की महिलाआें ने कोलकाता के १८ बच्चाें को विमान में बैठाकर उनका सपना पूरा किया। इन गरीब आैर सुख सुविधाआें से वंचित बच्चों को महिलाएं विमान द्वारा कोलकाता से शिलांग लार्इं। शिलांग में बच्चों ने कर्इ स्थान घूमा आैर मौज-मस्ती की। शिलांग घूमने के बाद इन बच्चों को दोबारा से विमान के जरिए काेलकाता पहुंचाया गया। राउंड टेबल पहले भी एेसा काम करता आया है। पिछले साल सितंबर में भी राउंड टेबल ने सिलिगुड़ी के १५ गरीब स्कूली बच्चों को बागडोगरा एयरपोर्ट से दिल्ली तथा दिल्ली से आगरा ले गया था।
उज्जैन/महिदपुर। जिले के महिदपुर सेमदिया में गुरुवार सुबह नाले में बही कार शुक्रवार सुबह जलस्तर कम होने के बाद नजर आई। कार में दो महिला शिक्षकों समेत तीन लोग सवार थे। शुक्रवार सुबह नाले में कार दिखने के बाद ग्रामीणों ने करीब जाकर देखा तो तीनों के शव अंदर पड़े मिले। ग्रामीणों ने शवों को कार से बाहर निकाल कर पुलिस को जानकारी दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है। सेमदिया गांव के बरखेड़ा खुर्द स्कूल में १५ अगस्त के दिन झंडावंदन कर लौट रहीं दो शिक्षिका इंदौर निवासी शैलजा पारखी और उज्जैन निवासी नीता शेल्को की कार उफनते नाले में बह गई थी। कार में दोनों शिक्षकों के साथ ड्रायवर भी था। इनके साथ एक अन्य महिला टीचर भी स्कूल से निकली थी, लेकिन बाईक पर सवार होने के चलते वो महिदपुर पहुंच गई। जब यह दोनों शिक्षिका घर नहीं पहुंची तो इनकी तलाश शुरू हुई। पिछले २४ घंटे से इनकी तलाश की जा रही थी। शुक्रवार सुबह नाले का जलस्तर घटने पर गांववालों को नाले में एक कार नजर आई। पुसिल ने बताया कि गुरुवार को स्कूल में ध्वजारोहण और मिठाई वितरण के बाद करीब दस बजे दोनों शिक्षिका घर के लिए वापस निकली थीं। इनके साथ और भी शिक्षक थे जो सुरिक्षत अपने घर पहुंच गए, लेकिन यह दोनों कार में सवार होने के चलते हादसे का शिकार हो गए।
क्टेट आवेदन फॉर्म २०२० - ऑनलाइन फॉर्म भरने की टिप्स यहाँ पढ़े। सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने सीटीईटी एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी की है। सीटीईटी २०२० के अनुसार इच्छुक उम्मीदवार २४ जनवरी २०२० से २४ फरवरी २०२० तक सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट क्टेट।निक।इन से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। सीटीईटी जुलाई २०२० के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों के पास स्नातक की डिग्री के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में डिग्री या डिप्लोमा होना आवश्यक है। उम्मीदवारों को बता दें कि सीटीईटी २०२० की लिखित परीक्षा ०५ जुलाई २०२० को आयोजित की जाएगी। इसलिए इस लेख में हम आपको विस्तार से क्टेट आवेदन फॉर्म भरने के लिए स्टेप वाइज स्टेप जानकारी प्रदान कर रहे हैं। क्टेट आवेदन फॉर्म कैसे आवेदन करें? परीक्षा के लिए इवेंट्स नीचे तालिका में दिया गया है। आपका नाम परीक्षा केंद्र के बारे में चयन करें, आप कम से कम तीन सेंटर चुन सकते हैं। आधार कार्ड की जानकारी भरें राज्य, जिला, कॉलेज का नाम, पिनकोड और डिग्री में अंकों का% दर्ज करें। अपना पता, स्थानीयता, शहर, जिला, राज्य और पिनकोड दर्ज करें। माताजी का नाम परीक्षा पेपर के लिए अपनी भाषा का चयन करें अंग्रेजी या हिंदी योग्यता परीक्षा की स्थिति, रोजगार की स्थिति चुनें। डिप्लोमा%, कॉलेज का नाम, पिनकोड और जिला दर्ज करें। अपना ईमेल औऱ मोबाईल नंबर दर्ज करें। अपनी स्कैन की गयी तस्वीर, आवेदन पत्र में अपलोड करें। इसके बाद हस्ताक्षर अपलोड करें। अपनी छवि को कैसे बदलें / उसका आकार बदलें? क्रेडिट / डेबिट कार्ड या ई-चालान द्वारा भुगतान करें। भुगतान करने के बाद, आपको पुष्टिकरण पृष्ठ पर ले जाया जाएगा। भविष्य के संदर्भ के लिए पुष्टिकरण पृष्ठ का एक प्रिंटआउट लें। क्टेट आवेदन फॉर्म अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? क.१ मैं क्टेट २०२० के लिए आवेदन कैसे कर सकता हूं? अंस.१ ऊपर दिए गए क्टेट २०२० के लिए आवेदन करने के लिए सीधे लिंक पर जाएं और फिर अपने आप को सफलतापूर्वक पंजीकृत करने के लिए ऊपर दी गई विस्तृत प्रक्रिया का पालन करें। क.२ क्टेट फॉर्म २0२0 की अंतिम तिथि क्या है? अंस.२ सीटीईटी आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि २4 फरवरी २0२0 है, हालांकि फीस का भुगतान २7 फरवरी २0२0 तक किया जा सकता है! क.३ क्टेट परीक्षा २०२० के लिए आयु सीमा क्या है? अंस.३ क्टेट २०२० के लिए अधिकतम आयु सीमा आधिकारिक भर्ती अधिसूचना में निर्दिष्ट नहीं की गई है, लेकिन न्यूनतम आयु सीमा १७ वर्ष है। क.४ मैं अपना क्टेट फ़ॉर्म कैसे ठीक कर सकता हूँ? अंस.४ क्टेट फॉर्म सुधार प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट की जाएगी। जैसा कि हम सभी जानते हैं, अभ्यास सफलता की कुंजी है। इसलिए, अब अपना अभ्यास शुरू करके और अपनी तैयारी को बढ़ावा दें।
नई दिल्ली साल २०१८ के एइक्य्मा मोटरसाइकल शो में पेश की गई नेक्स्ट-जेनरेशन ब्म स१००० र भारत में आने को तैयार है। कंपनी ने ट्वीट से इस बात की पुष्टि की है। माना जा रहा है कि २०१९ ब्म स१०००र जल्द ही भारत में लॉन्च की जाएगी। पुराने मॉडल की तुलना में नई ब्म स१०००र में कई बदलाव किए गए हैं। नई बाइक की डिजाइन में सबसे बड़ा बदलाव इसके फ्रंट में हुआ है। इसमें नई फेयरिंग और ट्विन हेडलैम्प क्लस्टर दिए गए हैं। इसमें एलईडी हेडलैम्प और डेटाइम रनिंग लाइट्स हैं। इसके अलावा भी डिजाइन में कुछ अन्य बदलाव हुए हैं। बाइक काफी शार्प दिखती है। २०१९ ब्मो स१०००र्र की डिजाइन में सबसे बड़ा बदलाव इसके फ्रंट में हुआ है। नई बाइक का इंजन भी पुराने मॉडल से ज्यादा पावरफुल है। नई बीएमडब्ल्यू एस१०००आरआर में ९९८क्क का इंजन दिया गया है। यह इंजन २०४ भ्प का पावर और ८३ न्म पीक टॉर्क जनरेट करता है। पुराने मॉडल की तुलना में इसमें ८ भ्प ज्यादा पावर है। यह नई बाइक पुराने मॉडल से करीब १० किलोग्राम हल्की है। बाइक का वजन १९७ किलोग्राम है। फीचर्स और कीमत नई बाइक लेटेस्ट फीचर्स से लैस है। इसमें एबीएस, एबीएस प्रो, डाइनैमिक ट्रैक्शन कंट्रोल और वीली कंट्रोल समेत अन्य सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं। बाइक में लॉन्च कंट्रोल और पिट-लेन स्पीड लिमिटर भी है। इसमें चार राइडिंग मोड (रोड, रेन, डाइनैमिक और रेस) दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें ६.५-इंच का टीएफटी इंस्ट्रूमेंट कंसोल, बाय-डायरेक्शनल क्विक-शिफ्टर और क्रूज कंट्रोल फीचर्स भी हैं। इसकी कीमत २०-२२ लाख रुपये के आसपास हो सकती है।
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नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज की प्रार्थना सभा दिल्ली में १३ अगस्त को होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे। बता दें कि छह अगस्त की रात सुषमा स्वराज का दिल्ली में निधन हो गया था। सात अगस्त बुधवार को दिल्ली में लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद पुत्री बांसुरी ने बृहस्पतिवार को हापुड़ के ब्रजघाट में अस्थियां का विसर्जन किया। सुषमा स्वराज भाजपा की कद्दावर नेता होने के साथ ही सरकार में भी अहम भूमिका निभां चुकी हैं। उनका कार्यकाल सबसे ज्यादा चर्चित तब रहा जब उन्हें विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। सुषमा स्वराज के बारे में यह कहा जाता है कि विदेश में फंसे एक भारतीयों की मदद के लिए वह मात्र एक ट्वीट पर तैयार रहती थीं। उन्हें बस जानकारी मिलने की देर रहती थी वह उस परेशानी खत्म करने की तैयारी में पूरी जी जान से जुट जाती थीं। दिल्ली में जब प्याज और बिजली की कमी के कारण भाजपा मुश्किल में तब इस मुश्किल घड़ी में भाजपा नेतृत्व ने सुषमा स्वराज की अगुवाई में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और वह पार्टी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर दिल्ली की मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल लीं। प्याज को लेकर जनता में बढ़ रही नाराजगी को दूर करने में वह जुटी ही थी कि नमक की कमी की अफवाह भी शुरू हो गई। दुकानों में नमक खरीदने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगने लगी। इसके बाद सुषमा स्वराज ने छापेमारी अभियान चला कर इसे रोका।
नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ती महंगाई के बाद सिक्कों के मूल्य में लगातार गिरावट आ गई है। सिक्के की लागत के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि सिक्के की लागत उसके मूल्य से ज्यादा है। इंडिया टुडे ने सूचना के अधिकार के तहत सिक्के के मूल्यों को लेकर जानकारी मांगी। सिक्के निर्माण की लागत को लेकर रती के जबाव में रबी से जो जानकारी दी वो जानकर आप हैरान हो जाएंगे। इस सवाल का जवाब भारतीय सरकारी टकसाल, मुंबई ने देने से इंकार कर दिया। मुंबई टकसाल में १० रु, ५ रु, २ रु और १ रु के सिक्कों को ढाला जाता है। टकसाल ने गोपनीयता का हवाला देते हुए इस आरटीआई का जवाब देने से इंकार कर दिया। टकसाल ने जवाब में कहा कि ये जानकारी आरटीआई एक्ट, २00५ के सेक्शन ८ (१) (ड) के तहत उपलब्ध नहीं कराई जा सकती क्योंकि ये ट्रेड सीक्रेट है। वहीं एक आरटीआई हैदराबाद स्थित टकसाल को भी भेजा गया। वहां भी १० रु, ५ रु, २ रु और १ रु ढाला जाता है। हैदराबाद टकसाल ने के मुताबिक १ रुपए के सिक्के को बनाने में औसत लागत १ रुपए ११ पैसे की लागत आती है। रुपए की लागत उसके मूल्य से ज्यादा है। वहीं २ रुपए के सिक्के को ढालने में १.२8 रुपए, ५ रुपए को तैयार करने में ३.६९ रुपए और १० रुपए के सिक्के को बनाने में ५.५4 रुपए की लागत आती है।
अपने ही हिट लाडा सेडान, टिमोफी कोपाइलव और अलेक्सई बर्य्शेव ने लिखा है, और गीत रूसी बर्फ, रशीद बेहबुडोव द्वारा गाया: क्वालीफाइंग दौर में रिकार्ड आर्केस्ट्रा दो गीतों का प्रदर्शन किया। प्रदर्शन से पहले संगीतकारों ने चिंता नहीं की और मंच को व्यवस्थित और आत्मविश्वास से देखा। मुख्य गायक और सहयोगी टिमोफी कोपाइलव के रूप में, मुख्य मंच केवल दर्शकों का एक बहुत साथ अभी तक एक और जमीन है, । न्यायाधीश वालेरी लेओनटिव अपने देशवासियों के प्रदर्शन को पसंद किया: पिछले नहीं सप्ताह या सप्ताह से पहले कुछ भी नहीं है जैसे हम नहीं था गायक ने कहा। डायना आर्बेनाना अपने सहयोगी से सहमत हैं: मुझे ऐसे खतरनाक लड़कों को पसंद है। आप, निश्चित रूप से, काईफोव स्विंग! और व्लादिमीर प्रेसन्याकोव संगीत कार्यक्रम ऑर्केस्ट्रा रिकॉर्ड में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की। वैसे, आप इस शनिवार, ७ नवंबर को व्लादिमीर में आग्रहक और जोरदार कंपनी रिकॉर्ड ऑर्केस्ट्रा के साथ शाम बिता सकते हैं। इस बीच, आप हमारे रॉक बैंड की भागीदारी के साथ कार्यक्रम मुख्य चरण से एक विशेष अंश प्रदान करते हैं। कार्यक्रम का पूरा संस्करण टीवी चैनल रूस १ की हवा पर है। समूह की भविष्य की योजनाओं मुख्य मंच में भाग लेने के लिए एक नया वीडियो शूटिंग और रिलीज लेझ्जिनोबलकानो रिकॉर्ड्स, २५ नवंबर को इस वर्ष के लिए निर्धारित। महिला दिवस लोगों को नई हिट चाहता है और केवल मुख्य चरण पर जीतता है!
बिलासपुर: हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एटीएम में ५ ट्रांजेक्शन के बाद रकम निकालने पर कटौती व न्यूनतम बैलेंस में सेवा शुल्क लिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर आरबीआई, केन्द्र सरकार, भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक ने एटीएम ट्रांजेक्शन, खाते में न्यूनतम बैलेंस को लेकर नोटिफिकेशन जारी की है। इसके अनुसार माह में ५ बार से अधिक रकम निकाले जाने पर अतिरिक्त चार्ज लेने व खाते में न्यूनतम राशि से कम होने पर सेवा शुल्क लिए जाने की बात कही है। बैंकों की इस नोटिफिकेशन के खिलाफ याचिकाकर्ता सलीम कॉजी ने अधिवक्ता अशीष श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर इसे चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि बैंकों में सेविंग व सैलरी अकाउंट हैं। राशि निकालने व कम जमा होने पर अतिरिक्त चार्ज लिया जाना रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट १९३४, बैंकिंग रेग्यूलेशन एक्ट १९४९ का उल्लंघन है। इसके अलावा अनुच्छेद १४, १९ (१) जी, 2१ एवं ३०० ए का भी गंभीर उल्लंघन माना गया है। संविधान के एक्ट ३०० ए में व्यक्ति का बैंकों में जमा राशि उनकी संपत्ति है। इसमें सरकार किसी प्रकार की कटौती नहीं कर सकती है। याचिका में चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन व जस्टिस पी सेम कोशी की डीबी में सुनवाई हुई। कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, केन्द्र सरकार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
होम / हिन्दी / ब्यूटी / हनीमून पर इस तरह स्किन का ख्याल और दिखे सुंदर! स्किन केयर टिप्स जो बता रही हैं ब्यूटी एक्सपर्ट और हर्बल क्वीन शहनाज़ हुसैन। हनीमून शादी के बाद का एक खास समय होता है जो आपकी ज़िंदगी को यादों से भर देता है और साथ ही आपके रिश्ते को ढेर सारा समय भी मिलेगा। लेकिन जीवन के इन यादगार पलों में खुद को खूबसूरत, तरोताज़ा, सुन्दर और आकर्षक दिखाने के लिए आप इन स्किन केयर टिप्स को फॉलो कर सकते हैं जो बता रही हैं ब्यूटी एक्सपर्ट और हर्बल क्वीन शहनाज़ हुसैन। यात्रा शुरू करने से पहले ही मैनीक्योर, पैडीक्योर तथा हेयर कट करवा लें ताकि सफर के दौरान आप अपनी ब्यूटी को लेकर निश्चित रह सकतें। अपने साथ बालों को सजाने, संवारने के लिए एक हल्की कंघी जरूर रखे क्योंकि सफर में बाल बार-बार ख़राब हो जाते है। अगर आपके बाल लम्बे है तो आप बालों पर हैड बैंड तथा हेयर क्लिप का उपयोग करें। हनीमून के दौरान मोटर गाड़ी, बोटिंग या समुद्र किनारे चहल कदमी करते समय अपने सिर को स्कार्फ से ढंक कर रखे क्योंकि इससे आपके बालों को नैचुरली सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। चाहे आप ऊंचे बर्फीले स्थानों पर जाएं या समुद्री तट पर, लेकिन जाते हुए हेयर क्रीम तथा सनस्क्रीन ले जाना कतई न भूले क्योंकि समुद्र के पानी तथा बर्फ वाली जगहों पर सूर्य की किरणों का प्रभाव सामान्य स्तर से ज़्यादा कठोर और नुकसानदायक हो जाता है तथा इन परिस्थितियों में सनस्क्रीन त्वचा के प्राकृतिक टेक्स्चर को बनाए रखने में मददगार साबित होता है। बालों के लिए हेयर ड्रायर काफी लाभदायक साबित होगा। अगर आप समुद्री तट पर जा रही है तो समुद्र के खारे पानी से बालों को बचाने के लिए स्विमिंग कैप का जरूर उपयोग कीजिए। बालों में शैम्पू के बाद कण्डीशनर या हेयर सीरम का जरूर उपयोग कीजिए। समुद्री पानी से बालों को सुरक्षित रखने के लिए हल्के शैम्पू का प्रयोग करके बालों को ताजे साफ पानी से ज़रूर धोएं क्योंकि इससे बालों के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी। अगर आप गर्म स्थल पर जा रही है तो तत्काल उपयोग में लाने वाला स्क्रब जरूर अपने साथ रखें। गर्मियों के मौसम में त्वचा की कोशिकाओं को मैल, गन्दगी तथा तेल से मुक्त रखने के लिए कोशिकाओं की क्लीजिंग अत्यन्त आवश्यक हो जाती है। त्वचा को साफ करने के बाद स्क्रब को सर्कुलर मोशन में अहिस्ता-अहिस्ता त्वचा पर रगड़िए। त्वचा को साफ तथा तरोताजा रखने के लिए एक अच्छा स्किन टोनर काफी आवश्यक माना जाता है तथा इनमें से गुलाब आधरित स्किन टोनर सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। त्वचा को साफ करने के बाद कॉटन वूल की मदद से स्किन टोनर से साफ करें। गर्मियों के मौसम में गाढ़ें मॉश्चराजर के उपयोग से बचें। गर्म जगहों पर धूप से बचने की कोशिश करें। त्वचा को साफ तथा ताजा रखने के लिए गीले टीशू या वेट वाइप्स हमेशा अपने साथ रखें। रोजाना मेकअप के लिए आई पेंसिल, काजल तथा लिपस्टिक अपने साथ रखें जो कि दिन और रात में बराबर रूप में फायदेमंद साबित होते हैं। गर्मियों के मौसम में लिप ग्लॉस, टैल्कम पाउडर तथा पाउडर ब्लश काफी सहायक साबित होते है। सफर के दौरान डियोडरेंट तथा टैल्कम पाउडर भी सहायक साबित होते हैं।
"जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,प्रदत्त चित्र पर कुण्डलिया छन्द का अच्छा प्रयास हुआ है,इस प्रस्तुति पर" "जनाब अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी आदाब,प्रदत्त चित्र को सार्थक करते दोनों छन्द अच्छे हुए हैं,इस" "जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,प्रदत्त चित्र को सार्थक करते दोनों ही छन्द उम्दा हुए हैं,इस प्रस्तुति" "आपकी विस्तृत टिप्पणी के लिए आभार अखिलेश जी। निश्चित तौर पर इनको अधिक समय दिए जाने की ज़रूरत है और" "मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय जी आदाब,प्रदत्त चित्र पर आपकी दोनों ही प्रस्तुतियां अच्छी हुई हैं,इसके लिये"
चारा घोटाला से संबंधित दुमका कोषागार मामले में दो धाराओं के तहत कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को ७-७ साल यानी १४ साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने लालू पर ६० लाख का जुर्माना भी लगाया है। दुमका कोषागार में करोड़ों रुपए के गबन के मामले में शुक्रवार को दोषियों की सजा के बिंदु पर कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी। क्बी के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई हुई थी। आखिरी दिन ५ दोषियों का मामला कोर्ट में था। आखिर में कोर्ट ने बचाव पक्ष और सीबीआई की दलील सुनकर तय किया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत १९ दोषियों को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। ये चारा घोटाला में चौथा मामला है, जब लालू को सजा सुनाई गई है। लालू यादव को चारा घोटाले के तीन मामलों में पहले ही सजा हो चुकी है। लालू को देवघर कोषागार एवं चाईबासा कोषागार के गबन के दो मामलों में क्रमशः २३ दिसंबर एवं २४ जनवरी को दोषी ठहराया जा चुका है। देवघर मामले में लालू की जमानत याचिका उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत फूलचंद सिंह, सचिव, ओपी दिवाकर, क्षेत्रीय निदेशक, विमल कांत दास, वेटनरी ऑफिसर, केके प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, मनोरंजन प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, नंद किशोर प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, पंकज मोहन भुई, एकाउंटेंट, पितांबर झा, वेटनरी ऑफिसर, रघुनाथ प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, राधा मोहन मंडल, वेटनरी ऑफिसर, एसके दास, असिस्टेंट, गोपी नाथ दास, प्रोपराइटर, राधा फार्मेसी, एमएस बेदी, प्रोपराइटर सेमेक्स क्रायोजेनिक्स, अरुण कुमार सिंह, पार्टनर विश्र्वकर्मा एजेंसी, अजित कुमार शर्मा, प्रोपराइटर लिटिल ओक, राजकुमार शर्मा, ट्रांसपोर्टर, आरके बगेरिया, ट्रांसपोर्टर, नरेश प्रसाद और प्रोपराइटर वायपर कुटीर को सजा सुनाई जाएगी।
मुंबई :बाॅलीवुड एक्टर शाहिद कपूर इन दिनों फैमिली संग थाइलैंड में हाॅलीडे एंजाॅय कर रहे हैं। शाहिद फुकेट रिजॉट में ठहरे हुए हैं। इस दौरान की तस्वीरें शाहिद की पत्नी मीरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की हैं। तस्वीर में मीशा और जैन नजर आ रहे हैं। शेयर की इस तस्वीर में जैन जहां बीच किनारे बैठे दिख रहे हैं। वहीं मीशा ब्लू ड्रेस में भाई के पीछे खड़ी दिख रही हैं। भाई-बहन की इस तस्वीर को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा शाहिद ने भी एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में शाहिद मीरा संग पोज देते दिख रहे हैं। तस्वीर में मीरा ब्लू कलर की ड्रेस में नजर आ रही हैं। इसके साथ शाहिद ने कैप्शन में लिखा-उस। कपल की ये तस्वीर सोशल साइट पर काफी वायरल हो रही है। फैंस उनकी इन तस्वीरों को काफी पसंद कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले शाहिद और मीरा बच्चों संग थाइलैंड की सड़कों पर साइकिल चलाते दिखे थे। काम की बात करें तो शाहिद फिल्म कबीर सिंह में नजर आने वाले हैं। कबीर सिंह तेलुगू ब्लॉकबस्टर अर्जुन रेड्डी का हिन्दी रीमेक है। फिल्म में शाहिद के अपोजिट कियारा आडवाणी हैं।इसमें शाहिद एक सनकी और गुस्सैल सर्जन की भूमिका में दिखेंगे। फिल्म का ट्रेलर कुछ समय पहले ही रिलीज हुआ है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। यह फिल्म २१ जून को रिलीज हो रही है।
लाख मिटाओ न मिटे पत्थर खिंची लकीर। हम सबने पाई यहाँ ऐसी ही तकदीर।। को संदर्भित किया, संग्रह में पर्यावरण जातिवाद, भाषावाद, दहेज, भ्रूण हत्या एवं सामाजिक विसंगतियों पर ५२० दोहे संग्रहित हैं। इस अवसर पर प्रदेश से अनेक साहित्यकार श्रीमती प्रभा पाण्डे पुरनम (जबलपुर), आचार्य अमरनाथ दीपक (जालौन), पं. विष्णुदयाल गोस्वामी मुरैना, श्रीमती स्वराज ग्रोवर, श्री बाबूलाल खण्डेलवाल, श्री जगदीश वाजपेयी, श्री ब्रजमोहन पाण्डे, श्री प्रहलाद गायकवाड़ एवं नगर के अनेक गणमान्य नागरिक एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे, इस अवसर पर गीत संगीत गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का संचालन पं. गिरि मोहन गुरु ने किया। मयंक जी को उनकी कृति के लिये बधाईयां!
स्विस देश के खूबसूरत स्थानों में रहने के लिए भुगतान की कल्पना करो। यह वास्तविकता में हो रहा है। घाटी में स्थित एक वास्तविक स्विस गांव अब लोगों को वहां स्थानांतरित करने की पेशकश कर रहा है।वैलिस के कैंटोन में एल्बिन के पहाड़-वाले गांव में २४० लोगों का शांतिपूर्ण समाधान है, जिसमें एक चर्च हैं। अल्बिनेन के निवासि ३० नवंबर को एक नई नीति पेश करने जा रहे हैं जो कम से कम एक दशक के लिए वहां रहने के लिए बाहर के लोगों की पेशकश करेगा। किसी भी एकल वयस्क को २५,००० स्विस फ़्रैंक या १६ लाख रुपये और प्रत्येक बच्चे को १०,००० स्विस फ़्रैंक या ६ लाख रुपये से अधिक भुगतान किया जाएगा। चार लोगों के परिवार को ७०,००० स्विस फ़्रैंक या लगभग 4६ लाख रुपये मिल सकता है।गांव हाल के दिनों में इतने पैसे खर्च करने को तैयार है, क्योंकि स्थायी परिवारों के बहुत सारे लोग गांव से बाहर निकल गए हैं। गांव के स्कूल को भी बंद कर दिया गया ताकि शेष बच्चों को अन्य पड़ोसी शहरों में स्कूलों में जाने के लिए मजबूर किया जा सके। गांव के भविष्य को बचाने के लिए निवासियों ने इस असामान्य विचार के साथ हैं। हालांकि, परिषद ने कुछ शर्तों को तैयार किया है स्थानांतरित लोगों को ४५ वर्ष या उससे कम होना चाहिए और कम से कम दस वर्षों तक रहने के लिए तैयार होना चाहिए। जिन संपत्ति को वे खरीदने या पुनर्निर्मित करने जा रहे हैं वे २००,००० स्विस फ़्रैंक या १.३ करोड़ के आसपास होंगे।संपत्ति दूसरा घर नहीं हो सकती है लेकिन स्थायी निवास होना चाहिए। यदि व्यक्ति या परिवार इसे दस साल की समय सीमा तय करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें धन वापस करना होगा।विस्पा और सायन के कस्बे सिर्फ एक घंटा दूर है वहां नौकरी के अवसर तलाशे जा सकते है। शहर की हलचल से बचने की तलाश करने वालों के लिए यह एक अच्छा मौका है। एक शहर जहाँ ३५० की रफ्तार से चलती है कारें !!
मुकाबला: किसका गठबंधन, ज्यादा मजबूत? कुमारस्वामी की भविष्यवाणी पर प्म मोदी का पलटवार, कहा- देवगौड़ा जी ने भी यही कहा था लेकिन किया क्या? ब्जप की २०१४ की जीत के हीरो प्रशांत किशोर २०१९ में फिर नरेंद्र मोदी का दे सकते हैं साथ! उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे हताश नहीं हों। वे चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव भारी बहुमत से जीतेंगे और इसके लिए वे 'कांग्रेस-मुक्त भारत' के एजेंडा पर आगे बढ़ें। निवर्तमान यूपीए सरकार की ओर से कर्नाटक के एचआर भारद्वाज और पंजाब के शिवराज पाटिल के साथ ही १० से ज्यादा राज्यपालों की किस्मत दांव पर लगी हुई है, क्योंकि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि नई व्यवस्था में उनसे शालीनता से राजभवन खाली करने करने को कहा जा सकता है। एक निर्वाचन अधिकारी ने कथित रूप से केंद्रीय मंत्री केएच मुनियप्पा की अपील पर ईवीएम मशीन की दिशा बदलकर उसे 'वास्तु' के अनुरूप रखा। लेकिन निर्वाचन अधिकारी को यह कार्रवाई महंगी पड़ी और उन्हें कोलार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया। नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के चिकबल्लापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नीत यूपीए की धुंधली तस्वीर पेश करते हुए दावा किया कि कई राज्यों में इसका खाता तक नहीं खुलेगा और कई राज्यों में इसे इकाई अंक में ही सीट हासिल होगी। कर्नाटक में राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए प्रयासरत आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को चुनाव प्रचार के दौरान मीडिया पर फिर से हमला बोला और दावा किया कि लोग भाजपा और कांग्रेस दोनों की 'भ्रष्ट' सरकारों से ऊब गए हैं। कर्नाटक में पैर पसारने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी अपने अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के सप्ताहांत में दो दिवसीय दौरे में 'फंड रेजिंग डिनर' आयोजित करने वाली है। यानी इस दक्षिण भारतीय शहर में केजरीवाल रात्रिभोज के जरिये चंदा जुटाएंगे। बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के लिए शनिवार को जारी दूसरी सूची में ५२ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिनमें कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, राज्यसभा सदस्य और पत्रकार चंदन मित्रा, फिल्म कलाकार निमू भौमिक और जॉय बनर्जी तथा गायक बाबुल सुप्रियो के नाम शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के दवाणगेरे में एक रैली को संबोधित करते कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। मोदी ने कहा कि देश बचाने का मंत्र है कांग्रेस मुक्त भारत। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सोमवार को जगदीश शेट्टर को कर्नाटक में ५ मई को होने जा रहे राज्य विधानसभा के चुनावों के लिए पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। वहीं, भाजपा ने पार्टी दो सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया है।
भुवनेश्वर : प्रचंड चक्रवातीय तूफान फेनी ने शुक्रवार को ओडिशा के तटीय इलाकों को प्रभावित किया। इस दौरान यहां २४५ किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली। इस तूफान में ८ लोगों की मौत हो गई, जबकि १६० लोग घायल हुए। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इतना खतरनाक तूफान होने के बावजूद कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। ऐसे में इसे भारतीय मौसम विभाग और सरकारी एजेंसियों की कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग की मुस्तैदी और बचाव कार्यों के लिए लगी टीमों के तटीय इलाकों से लाखों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की वजह से ये कामयाबी मिली है। इसके अलावा इस तूफान की भयावहता को कम करने के लिए जिस चीज की तारीफ की जा रही है, वह है राज्य और केंद्र का आपसी सहयोग और इन सबसे ऊपर एनडीआरएफ की टीमों की मुस्तैदी। तूफान के प्रभाव को कम करने में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के नए क्षेत्रीय हरीकेन मॉडल ने बहुत मदद की। इससे यह भी साफ हुआ की १९९९ के मुकाबले ऐसे सुपर साइक्लोन को ट्रैक करने और उसके बारे में सटीक जानकारी जुटाने में आईएमडी की क्षमता में बहुत सुधार आया है, क्योंकि ओडिशा में १९९९ में आए इसी तरह के सुपर साइक्लोन में करीब १०,००० लोगों की मौत हो गई थी। वहीं अक्टूबर, २०१३ में आए पाइलिन और अक्टूबर, २०१४ में आए हुदहुद चक्रवातीय तूफानों से सफलतापूर्वक निपटने में भी केंद्रीय एजेंसियां और राज्य सरकार सफल रही थीं। इसके बाद इन्होंने बड़े स्तर पर लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकालने की रणनीति अपनाई है। इस दौरान समुद्र तटीय क्षेत्रों में बार-बार दी गई चेतावनी और इसके लिए बनाई गई मूलभूत जरूरतों (जैसे तूफान से बचने के लिए बनाए गए बंकर आदि) के चलते तूफान से होने वाली मौतों को कम करने में सफलता मिली थी। ओडिशा की क्षेत्रीय आपदा नियंत्रण संस्थाएं और एनडीआरएफ की टीम तूफान के जमीन से टकराने के वक्त बिल्कुल तैयार थीं, बल्कि एनडीआरएफ ने अब तक की अपनी सबसे ज्यादा टीमें इस काम के लिए तैनात कर रखी थीं। एनडीआरएफ ने अपनी कुल ६५ टीमें लगाई थीं। इसकी एक टीम में ४५ सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें से ३८ टीमें सिर्फ ओडिशा में थीं। इसके अलावा पिछले तीन दिनों में ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पहले से ही ११ लाख लोगों को तटीय क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था।
गुडग़ांव(मनोज): साइबर सिटी में नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण, अवैध रुप से कालोनी काटने और अतिक्रमण के खिलाफ वृहद स्तर पर अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है। हकीकत भी है कि अवैध निर्माणों और कब्जे के खिलाफ कार्रवाई हो भी रही है लेकिन निगम के अधिकारी उन छोटे-बड़े बिल्डरों के गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जो अवैध कालोनी काटने के साथ धड़ल्ले से अवैध निर्माण करा रहे हैं। देखते ही देखते बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो रही हैं। इसके पीछे अधिकारियों के साथ नेताओं के भी हाथ हैं। अवैध निर्मांणों को रोकने जाने वाले अधिकारियों के हवाले भी यह गोपनीयता उजागर हो रही है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई ना करने के लिए सिफारिश भी की जा रही है। वहीं अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई में जनप्रतिनिधियों द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा है। इसके कारण शहर मेें अवैध निर्माण धडल्ले से जारी है। खासकर छोटे बड़े बिल्डर बिना नक्शा पास कराए अवैध रुप से निर्माण करा रहे हंै। अवैध निर्माण का यह खेल एक दो स्थान पर नहीं बल्कि शहर के कई इलाकों में अधिकतर जगहों पर धड़ल्ले से चल रहा है। इन इलाकों में काटी जा रहीं हैं अवैध कालोनियांअवैध निर्माण अधिकारियों की अवैध कमाई का जरिया बना हुआ है। शहर के राजेन्द्रा पार्क, सूरत नगर, लक्ष्माण विहार पालम विहार, भीमगढख़ेड़ी, बसई, खांडसा आदि इलाकों में अवैध रुप से जहां निर्माण कराए जा रहे हैं वहीं कालोनियां भी काटी जा रही हैं। पूरे गुडग़ांव में बिना नक्शा पास कराए हजारों निर्माण कराए जा रहे हैं। और इसके प्रति नगर निगम की निगाहें बंद है। यहां तक कि आम लोगों द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। दूसरी तरफ जो लोग बिना मिलीभगत किए निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं उन लोगों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जागरुक लोगों का कहना है कि शहर में जो भी अवैध निर्माण हुए हैं वे नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण हुए हैं। शहर में एक तरफ जहां नगर निगम के अधिकारी अवैध निर्माणों के खिलाफ अपनी कार्रवाई बंद रखते हैं। मिलीभगत के कारण अवैध निर्माणों को होने दिया जाता है। नगर निगम की टीमों द्वारा निगमायुक्त के आदेश पर जो अभियान चलाया जा रहा है, वह अतिक्रमण हटाने के साथ अवैध निर्माण कराने वालों के खिलाफ है लेकिन अब तक अभियान में नगर निगम द्वारा केवल सड़कों और गलियों में रैम्प और चबूतरे आदि को तोड़कर एकमात्र अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर पूरे अभियान की खानापूर्ति की जा रही है।
अभ्यर्थी के शारीरिक योग्यता, आयु और कद के अनुरूप न्यूनता कद १५७ से मी तथा इसके साथ समानुपाती वजन होना चाहिए। अभ्यर्थी का समानुपाती सीना कम से कम ०५ से मी की छाती फुलाने के क्षमता होनी चाहिए। आवेदक को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। किसी भी तरह के रोग/ अपंगता से मुक्त होना चाहिए। आवेदक को हृदय संबंधी रोग एवं नाक-नीज (घुटने का जुड़ना) नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी को फिट्स पड़ने या मानसिक बीमारी, स्फीत शिरा आदि नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी को कान में किसी भी तरह का संक्रमण नहीं होनी चाहिए। आवेदक को यह सलाह दी जाती है कि वह लिखित परीक्षा में बैठने से पूर्व अपने कान के अंदर जमा होने वेल वैक्स को साफ करा लेना चाहिए तथा दातों में जमा होने वाले कीट (वेल टारटार) को भी साफ करा लेना चाहिए जिसके तुरंत बाद शारीरिक फिटनेस परीक्षा और चिकित्सा परीक्षा होगी। टैटू: शरीर पर स्थाई टैटू बाजू के अन्दरूनी भाग में ही अनुमेय है अर्थात बाजू अन्दरूनी भाग से कलाई तक और हथेली का पिछ्ला भाग/ हाथ का पिछ्ला भाग (पृष्ठीय) शरीर पर स्थित टैटू शरीर के किसी और भाग में नहीं होना चाहिए और यदि है तो अभ्यर्थी मेडिकल में अनफिट हो सकता है। दौङ कब हैं ? ही, टैटू: शरीर पर स्थाई टैटू बाजू के अन्दरूनी भाग में ही अनुमेय है अर्थात बाजू अन्दरूनी भाग से कलाई तक और हथेली का पिछ्ला भाग/ हाथ का पिछ्ला भाग (पृष्ठीय) शरीर पर स्थित टैटू शरीर के किसी और भाग में नहीं होना चाहिए और यदि है तो अभ्यर्थी मेडिकल में अनफिट हो सकता है।
इक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट टेबल: आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप अंक तालिका में जाने किस टीम ने कितने मैच जीते व्ट अंक तालिका आईसीसी ने दुनयाभर में वनडे क्रिकेट और टी२० फॉर्मेट की तरह ही टेस्ट के फॉर्मेट क पॉपुलर करने के लिए वर्ल्ड कप २०19 के समापन के साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की घोषणा कर दी। इसके तहत दुइयभर की दिग्गज टीमें एक दूसरे से टेस्ट मैच खेलती हुई नजर आएगी। टेस्ट मैच ही हर सीरीज अब आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अंदर खेली जाएगी और टेस्ट क्रिकेट मैच जीतने वाली टीम को अंक भी दिए जाएँगे। इसकी शुरुआत इंग्लैंड और ऑस्टेलिया के बीच हो रही एशेज सीरीज से हो गई है और साल २०21 में इसका फाइनल मैच खेला जाएगा। किसी भी टेस्ट मैच के रिजल्ट आने के बाद के वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप पायंट्स टेबल यहाँ चेक कर सकते है। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अंदर भारत अपनी पहली सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू कर दी है। भारत ने पहले टेस्ट मैच में जीत हासिल कर ६० पॉइंट्स हासिल कर लिए है। बता दें की टेस्ट क्रिकेट मैच जीतने वाली हर टीम को ६० अंक मिलेंगे और सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाली टीम अंक तालिका में टॉप पर रहेगी। ऐसे में दुनियाभर में क्रिकेट की दिग्गज टीमें एक दूसरे से इस दरम्यान टेस्ट मैच खेल रही है। कुछ टीमों के टेस्ट मैचों की शुरुआत अभी नहीं हुई है और कुछ की हो चुकी है। ऐसे में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप पॉइंट्स टेबल में बड़े उत्तार-चढाव देखने को मिलेंगे। साल २०२१ तक चलने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में पहले दो सस्थान पर रहने वाली टीमों के बीच टेस्ट चैम्पयनशिप का फाइनल मैच खेला जाएगा। आईसीसी ने एक सीरीज के सबसे ज्यादा १२० अंक तय किए है। जिसमें अगर दो टेस्ट मैचों की सीरीज होती है तो एक टेस्ट मैच जीतने के ६० अंक, तीन टेस्ट मैच की सीरीज है तो ४० अंक और ५ टेस्ट मैचों की सीरीज है तो २४ अंक मिलेंगे। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में ९ टीमें हिस्सा ले रही है। इस सभी टीमों को ९ सीरीज खेलनी है। जिनमें से ६ घरेलू मैदान ६ विदेशों में होंगी। टीमों के रैंकिग मैच के आधार पर तय किए जाएंगे न की सीरीज के आधार पर। जिसके चलते ये सिलसिला दो साल तक चलेगा और अंत में खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। जिस प्रकार से क्रिकेट के फैंस पर वनडे और टी२० के टूर्नामेंट का खुमार रहता है उम्मीद है की वैसा की उत्साह वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए भी देखने को मिलेगा। अभी तो इसकी शुरुआत हुई है और कई टीमों के मैच तो शुरू भी नहीं हुआ है। ऐसे में जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में बड़े बदलाव देखने को मिलते जाएँगे। पहली बार आयोजित हो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप कौन जीतेगा? इस बारे में साफ तौर से कुछ नहीं कहा जा सकता। देखते रहे टेस्ट क्रिकेट मैच और साथ ही साथ चेक करते रहे वर्ल्ड टेस्ट चैम्पयनशिप पॉइंट्स टेबल।
पिता, बेटे, भाई, हर जगह पुरुष: यदि आप अपने साथी का उपनाम लेते हैं, या वह उसे रखती है तो आपकी विरासत नष्ट नहीं होगी। मुझे पता चला है कि मैंने अपनी शादी के बारे में एक टिप्पणी को कुछ ध्यान आकर्षित किया है। मुझे गर्व महसूस हुआ कि मेरे पति ने अपना आखिरी नाम खुद के रूप में लेने का फैसला किया और मैं उसका। मैंने अपने साथ अपने हिचकिचाहट को साझा किया जब उसने मुझे अपने फैसले के बारे में बताया, न केवल उसने कहा, मैं एक शहीद नहीं देता !! (एक बहुत ही मजबूत इतालवी उच्चारण के साथ !!) उसने मुझसे पूछा, क्यों नहीं? तुम इतने डरते हो? और इससे मुझे आश्चर्य हुआ मैं इतना डरता हूं? यह इतनी आश्चर्यजनक, चौंकाने वाली बात क्यों है कि एक आदमी अपनी पत्नी का उपनाम लेगा? महिलाओं से कभी नहीं पूछा गया है कि उनके नाम छोड़ने के लिए यह ठीक है यह समाचार क्यों नहीं बनाता है?
राजधानी दिल्ली दिन-ब-दिन और महंगी होती जा रही है| मंगलवार से दिल्ली मेट्रो में सफर और महंगा हो रहा है। नए किराए के अनुसार यात्रियों को २ किमी तक के लिए १० रुपए, २-५ किमी तक के लिए 1५ रुपए की बजाय २0 रुपए, ५-1२ के लिए २0 से बढ़ाकर ३० रुपए, 1२-२1 किमी तक का किराया ३० की बजाय ४० रुपए और २1-3२ किमी तक के लिए ४० की बजाय ५0 रुपए देने होंगे वहीं 3२ किमी के बाद किराया ५0 रूपए की बजाय ६० रुपए देना होगा। किराए में की गई बढ़ोत्तरी से मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ेगा जिसके चलते वो नाराज दिखाई दे रहे हैं। मेट्रो में न्यूनतम किराया तो १० रुपए ही रखा गया है लेकिन अधिकतम किराया बढ़ाकर ६० रुपए कर दिया गया है। पहले यह ५० रुपए था। बता दें कि किराए में बढ़ोत्तरी को लेकर सोमवार को दिल्ली विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। हंगामे के बीच दिल्ली विधानसभा ने किराया बढ़ोतरी के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया। वहीँ दूसरी ओर विधार्थी परिषद न्सुई के छात्रों ने किराया बढ़ाने के विरोध में डीयू मेट्रो स्टेशन पर हंगामा जमकर हंगामा किया| मेट्रो में रोजाना यात्रा करने वाले यात्री के अनुसार मेट्रो ने किराए बढ़ाने का कारण घाटा बताया है। लेकिन सच यह है कि मेट्रो में पांव रखने की जगह नहीं होती, सुविधाएं तो बढ़ा नहीं रहे लेकिन किराया बढ़ा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले से पंचायत सचिव द्वारा सरकारी वाट्सअप ग्रुप में अश्लील तस्वीर पोस्ट करने का मामला सामने आया है। घटनाक्रम के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जनपद पंचायत की सीईओ ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पंचायत सचिव को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, शुक्रवार को ग्राम पंचायत सिमरिया में पदस्थ सचिव दिगंबर चौहान ने सरकारी वाट्सअप ग्रुप पर अश्लील तस्वीरें पोस्ट की थी। जिसके बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। जैसे ही यह बात जनपद पंचायत की सीईओ वर्षा झारिया को पता चली उन्होंने सचिव की पुलिस में शिकायत दर्ज़ करा दी है। वहीं सीईओ की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज़ कर आरोपी सचिव को देर शाम ही गिरफ्तार कर लिया है।बताया जा रहा है पंचायत सचिव ने ऑफिसियल वाट्सअप ग्रुप में अश्लील तस्वीर पोस्ट पोस्ट की थी। जनपद पंचायत के सरकारी इस वाट्सअप ग्रुप से जिले के तमाम अधिकारी व महिला कर्मचारी जुड़े हुए हैं। घटनाक्रम के बाद से ही पूरे विभाग में खलबली मची हुई है।
युवा लीग को खेल खेलने के लिए फुल फेस मास्क की आवश्यकता होती है। हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें चोट लगने से जोखिम का एक उच्च स्तर शामिल है। खेल के अधिकांश स्तरों पर, यह एक उच्च संपर्क खेल है जिसमें उच्च वेग पर एक छड़ी के साथ एक वल्केनाइज्ड रबर पक के आसपास थप्पड़ मारना शामिल है। खेल के पहले के दिनों में, हेलमेट वैकल्पिक थे, लेकिन आधुनिक खेल में वे अनिवार्य हैं, साथ ही साथ या पूर्ण-चेहरे वाले पिंजरे भी हैं। आपके द्वारा खेले जाने वाले लीग के आधार पर, उपकरण के एक टुकड़े की दूसरे पर आवश्यकता हो सकती है। प्रत्येक खेल खेलने के लिए अपने फायदे और कमियां प्रदान करता है। हॉकी का छज्जा स्पष्ट प्लास्टिक का एक ढाला हुआ टुकड़ा होता है जो आंखों को, नाक और चेहरे के ऊपरी आधे हिस्से को एक विक्षेपित पक से बचाने के लिए एक हॉकी हेलमेट के साथ संलग्न होता है, साथ ही साथ गलत छड़ें, कोहनी और अन्य बर्फ के खतरों पर। छज्जा टेम्पर्ड है, जो स्थायित्व प्रदान करता है, और यह सभी तरह से पारभासी है। यह दृश्यता की एक उच्च श्रेणी प्रदान करता है और परिधीय दृष्टि में बाधा नहीं डालता है। पिंजरे के विपरीत, हालांकि, स्पष्ट प्लास्टिक एक ठोस टुकड़ा है जो हवा के प्रवाह की अनुमति नहीं देता है, जिससे गेम खेलने के दौरान फॉगिंग हो सकती है। इसके अलावा, दृष्टि स्थायी खरोंच और खरोंच के लिए अतिसंवेदनशील होती है जो खिलाड़ी के दृष्टि क्षेत्र को अवरुद्ध कर सकती है। इसके लिए विज़र के प्रतिस्थापन की आवश्यकता होगी, और खिलाड़ी अक्सर पिंजरों की तुलना में अधिक बार विज़र्स के माध्यम से साइकिल चलाते हैं। हॉकी के छज्जा के विपरीत, हॉकी पिंजरा धातु है और पूरे चेहरे की सुरक्षा करता है। पिंजरे हेलमेट के शीर्ष से जुड़ता है, और इसमें एक काज शामिल होता है कि यह ऊपर की तरफ कुंडा कर सकता है। पिंजरे में खेल खेलने के दौरान पूरी इकाई को सुरक्षित रखने के लिए ठोड़ी का पट्टा भी शामिल है। पूर्ण-चेहरा पिंजरे बर्फ पर नियमित खिलाड़ियों के लिए सबसे अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, और हवा के माध्यम से प्रवाह करने की अनुमति देता है। हालांकि पिंजरा कोहरा नहीं देगा, यह सीधे और आगे दोनों तरह से दृष्टि के खिलाड़ी के क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बाधित कर सकता है। आम तौर पर, पूर्ण-चेहरा पिंजरे टिकाऊ होता है, और अक्सर तब तक चलेगा जब तक यह किसी खिलाड़ी के सिर के आकार के अनुरूप नहीं हो जाता। सभी आधिकारिक युवा लीगों को खेल खेलने और संगठित अभ्यास दोनों के लिए पूरे चेहरे वाले हॉकी पिंजरे की आवश्यकता होती है। कॉलेज के माध्यम से पेशाब-वे और बैंटम लीग से, खिलाड़ियों को बिना किसी अपवाद के, हर समय पूर्ण-चेहरा पिंजरे पहनना चाहिए। पिंजरे के साथ खेल खेलने के लिए तैयार करना छोटे स्तरों पर खिलाड़ियों के लिए आसान है, और समय के साथ, एक खिलाड़ी स्पष्ट रूप से इसे देखने के अभाव में पक यात्रा की आशा करने की क्षमता विकसित करता है क्योंकि यह सामने आता है। वयस्क लीग, चाहे वह प्रतिस्पर्धी हो या मनोरंजक, अक्सर खेल और संगठित अभ्यासों के लिए कम से कम हॉकी के छज्जे की आवश्यकता होती है। अमेरिकन हॉकी लीग, एक पेशेवर मामूली लीग संगठन है, जिसे खिलाड़ियों को टोपी पहनने की आवश्यकता होती है। २०१३ में, नेशनल हॉकी लीग ने एक नियम बनाया कि न्ल में नए खिलाड़ियों को टोपी पहननी होगी, और जो भी खिलाड़ी २६ से कम गेम खेलेंगे उन्हें भी पहनना होगा। अक्सर, पिक-अप गेम्स और अनौपचारिक स्क्रिमेज के लिए हेलमेट से अधिक कुछ भी आवश्यक नहीं होता है, लेकिन खिलाड़ी अक्सर सुरक्षा के लिए टोपी पहनते हैं। सभी कार्बोहाइड्रेट आम में क्या हैं? एसिड भाटा की जांच के लिए क्या टेस्ट किया जाता है? मानव शरीर में कौन से अंग कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करते हैं?
तेज हवाएं चलने के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) २२६ रिकॉर्ड किया गया जो खराब श्रेणी में आता है। एक्यूआई १०० से २०० के बीच रहने पर यह मध्यम श्रेणी में माना जाता है, जबकि २०१ से ३०० के बीच खराब, ३०१ से ४०० के बीच बहुत खराब और ४०१ से ५०० के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि शहर की हवा की गुणवत्ता रविवार तक गंभीर श्रेणी में थी मगर २० किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलने के कारण वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया और यह खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की गई। सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली के २६ इलाकों में वायु गुणवत्ता खराब रिकॉर्ड की गई जबकि चार क्षेत्रों में यह मध्यम श्रेणी में थी। इसने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है। सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली में पीएम २.५ का स्तर १०९ था जबकि पीएम १० का स्तर 19२ रिकॉर्ड किया गया। केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने कहा कि दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया है और इसमें तेजी से सुधार होने की संभावना है।
कोलकाता। पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह का कहना है कि वह कभी किसी भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी में जम नहीं पाए। युवराज २०११ में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे। वह उस विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुने गए थे। वो एक बार आईपीएल खिताब जीतने वाली सनराइजर्स हैदराबाद टीम का हिस्सा रह चुके हैं। वह लीग के इस साल खेले गए १२वें संस्करण में विजेता बनी मुंबई इंडियंस का भी हिस्सा थे। २०१४ की आईपीएल नीलामी में युवराज सबसे महंगे खिलाड़ी रहे थे। उन्होंने बेंगलोर ने १४ करोड़ की राशि में अपने नाम किया था। सनराइजर्स ने जब पहली बार २०१६ में आईपीएल खिताब जीता था तब युवराज उस टीम का हिस्सा थे। २०१९ में हुई नीलामी के पहले राउंड में युवराज को किसी ने भी नहीं खरीदा था, लेकिन बाद में मुंबई ने उन्हें एक करोड़ रुपये में खरीदा।
देश भर में जहां कठुवा रेप केस ने लोगों के मन में आक्रोश पैदा कर दिया है, वहीं बॉलीवुड सेलेब्स भी ८ साल की बच्ची से रेप हुए घिनौने अपराध के विरोध में अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इसके चलते रेप के मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर आम लोगों के साथ सेलेब्स भी इस तरह के जघन्य अपराधों का पुर्जोर विरोध कर रहे हैं। इंस्टाग्राम और ट्विटर पर सोनम कपूर, करीना कपूर, स्वरा भास्करा और फरहान अख्तर, जावेद अख्तर जैसी बड़ी शख्सियतों ने रेप के विरोध में मोर्चा खोला। इसके चलते कई सेलेब्स सोशल मीडिया पर एक सफेद बोर्ड पर अपने दिल की बात लिख कर ८ साल की बच्ची के लिए इंसाफ मांगते नजर आए। वहीं अब सेलेब्स के बीच एक और सेलेब्स के कुछ ट्वीट सामने आए हैं जिसने इस तरह की मुहीम को बकवास बताया है। साथ ही यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या मुसलमान हो तो रेप हो जाएगा?
अस्पताल में मोबाइल की लाइफ़-लाइन के सहारे उन्होंने डेढ़ सप्ताह काट लिया। कभी यह लाइफ़-लाईन कैंटीन से जुड़ती, कभी मेडिकल स्टोर से, कभी रिश्तेदारों-परिचितों से, कभी अड़ौसी-पड़ौसियों से। दोपहर को लोग सारे काम निपटाकर एक औपचारिकता का बोझ उतारने आ जाते और फिर घर जाकर अस्पताल जाने की थकावट उतारने में जुट जाते। नहाते-धोते, लेटते-सोते, फ्रेश होते, अंग-अंग से अंगड़ाइयाँ लेते। चारपाई से जुड़ा मरीज़ हर दोपहर आने वालों की प्रतीक्षा में दीवार पर टकटकी लगाए रहता। दुनिया-जहान घूमने वालों का संसार भी यहाँ आकर ऐसे ही सीमित हो जाता है। पत्नी उनके साथ छाया की तरह बनी रहती। प्री-मैच्योर रिटायरमेंट लेकर अपुन क्या करेगा! मैं प्री-मैच्योर रिटायरमैंट लेकर कोई ऐसा काम करना चाहता हूँ जिससे अख़बारों से लेकर पत्रिकाओं के मुखपृष्ठों पर मेरी ही तस्वीरें छपें। मुझे छींक भी आ जाए तो अलग-अलग न्यूज़ चैनल मेरे स्वास्थ्य के बारे में स्पैशल बुलेटन जारी करना शुरू कर दें और मेरे स्वास्थ्य लाभ की कामना के लिए चैनलों को एस.एम.एस भेजने वालों की होड़ लग जाए। मुझे अगर मच्छर काट जाए तो मेरे चाहने वाले उस मच्छर के खून के प्यासे हो जाएँ। मैं अगर शर्ट उतारकर हवा में लहराऊँ तो पूरे मुल्क की रूपसियाँ सर्द आहें भरती नज़र आएँ। इसके अलावा भी मुल्क में बहुत कुछ हो सकता है, जिसके बारे में आपको विस्तार से बाद में बताया जाएगा। व्यक्ति व्यवस्था का साधन भी है और प्रयोजन भी। व्यक्ति के अभाव में न तो समाज की कल्पना की जा सकती है और न ही राज्य की। इसलिए आवश्यक है कि सर्वप्रथम व्यक्ति के अस्तित्व से जुड़े हुए प्रश्नों को हल किया जाए। उन्हें नकार कर आगे बढ़ जाना संभव नहीं। बालक ने उचित ही कहा है. . . व्यवस्था की सार्थकता तभी है जब वह व्यक्ति के अस्तित्व की रक्षा करने में समर्थ हो। स्वयं के कर्तव्य की अवहेलना कर दूसरों से कर्तव्यपालन की अपेक्षा करना बुद्धिमानी नहीं। बालक को मुक्त ही नहीं किया जाना चाहिए, अपितु, इसके परिवार को पर्याप्त भरण-पोषण भी राज्य द्वारा प्रदत्त किया जाना चाहिए। जब नमी से भरी हुई ढेर-सी गर्म हवा तेज़ी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफ़ान आते हैं। तुमने तूफ़ान की शुरुआत से पहले हवा को तेज़ होते हुए देखा होगा। जब बादल को बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान में अँधेरा छाने लगता है। ये तूफ़ान के लक्षण हैं। बादलों के अंदर पानी के कण तेज़ी से घूमते हैं और आपस में टकराते हैं, जिससे बिजली पैदा होती है। बिजली पैदा होने का काम तब-तक चलता रहता है जब तक वह बड़ी-सी चिंगारी बन कर एक बादल से दूसरे बादल तक होती हुई धरती तक ज़ोरदार चमक बन कर कौंध नहीं जाती। मटर, गाजर, हरा प्याज़ और सलाद के पत्ते! स्वाद का स्वाद और स्वास्थ्य भरपूर! जल्दी पक जाए साथ ही ज़्यादा चिकनाई न हो तो खाने में इससे बेहतर कुछ नहीं। इसे सब्ज़ी की तरह भी खा सकते हैं और नाश्ते की तरह भी- ब्रेड, रोटी और चावल सभी के साथ मज़ेदार। चटपटा चाहिए तो बारीक कटी हरी मिर्च, ताज़े नीबू का रस और चाट मसाला मिलाकर परोसें।
मेरी पिछली अनेक सभाएँ परमेश्वर के कार्य, परमेश्वर के स्वभाव, और स्वयं परमेश्वर के विषय में थीं। इन सभाओं को सुनने के बाद, क्या तुम लोगों को एहसास होता है कि तुम सबने परमेश्वर के स्वभाव की समझ और ज्ञान को प्राप्त किया है? कितनी बड़ी समझ और ज्ञान को प्राप्त किया है? क्या तुम लोग उसे एक संख्या दे सकते हो? क्या इन सभाओं ने तुम सभी को परमेश्वर की और गहरी समझ दी है? क्या ऐसा कहा जा सकता है कि यह समझ परमेश्वर का सच्चा ज्ञान है? क्या ऐसा कहा जा सकता है कि परमेश्वर का यह ज्ञान और समझ परमेश्वर के सम्पूर्ण सार-तत्व, और जो उसके पास है और जो वह है उसका ज्ञान है? नहीं, बिलकुल नहीं! यह इसलिए है क्योंकि ये सभाएँ केवल परमेश्वर के स्वभाव और स्वरूप के एक भाग की समझ प्रदान करती हैं - न कि इसके सब कुछ की, या उसकी सम्पूर्णता की। ये सभाएँ परमेश्वर के द्वारा किसी समय किए गए कार्य के एक भाग को समझने के लिए तुम लोगों को सक्षम करती हैं, जिसके द्वारा तुम सभी परमेश्वर के स्वभाव और उसके स्वरूप के, साथ ही साथ जो कुछ उसने किया है उस हर एक चीज़ के पीछे क्या पहुँच एवं सोच है, उसे देखते हो। परन्तु यह केवल परमेश्वर की शाब्दिक एवं मौखिक समझ है, और तुम सब अपने हृदय में अनिश्चित बने रहते हो कि इसका कितना भाग सच्चा है। वह कौन सी चीज़ है जो मुख्य रूप से यह निर्धारित करती है कि ऐसी चीज़ों के प्रति लोगों की समझ में कोई वास्तविकता है या नहीं? यह इससे निर्धारित होता है कि उन सबने अपने वास्तविक अनुभवों के दौरान परमेश्वर के वचनों और स्वभाव का वास्तव में कितना अनुभव किया है, और वे सभी इन वास्तविक अनुभवों के दौरा कितना उसे देख या समझ पाये हैं। "पिछली कई सभाओं ने हमें परमेश्वर के द्वारा की गई चीज़ों, परमेश्वर के विचारों, और इसके अतिरिक्त, मनुष्य के प्रति परमेश्वर की मनोवृत्ति, और उसके कार्यों के आधार, साथ ही उसके कार्यों के सिद्धांतों को समझने की अनुमति दी है। और इस प्रकार हमने परमेश्वर के स्वभाव को समझा है, और हम परमेश्वर की सम्पूर्णता को जान पाए हैं।" क्या कभी किसी ने ऐसे वचन कहे हैं? क्या ऐसा कहना सही है? ऐसा बिल्कुल नहीं है। और मैं क्यों कहता हूँ कि ऐसा नहीं है? परमेश्वर का स्वभाव, और जो उसके पास है और जो वह है, उन कार्यों के द्वारा जो उसने किए हैं और उन वचनों के द्वारा जो उसने कहे हैं, प्रगट होते हैं। मनुष्य परमेश्वर के द्वारा किये गये कार्यों व उसके द्वारा बोले गये वचनों के द्वारा, परमेश्वर के दर्शन कर सकता है, परन्तु इससे बस यही कहा जा सकता है कि उसके द्वारा किये गये कार्यों और उसके वचनों से मनुष्य परमेश्वर के स्वभाव व जो उसके पास है और जो वह है, उसके एक अंश को ही समझने में सक्षम हो सकता है। परमेश्वर के स्वभाव व जो उसके पास है और जो वह है, यदि मनुष्य परमेश्वर की और अधिक तथा और गहरी समझ प्राप्त करने की अभिलाषा करता है, तो मनुष्य को परमेश्वर के कार्य और वचनों का और गहनता से अनुभव करना होगा। यद्यपि जब मनुष्य परमेश्वर के वचनों और कार्य का आंशिक रूप से अनुभव करता है तो उसे परमेश्वर की समझ का एक आंशिक भाग ही प्राप्त होता है, क्या यह आंशिक समझ परमेश्वर के सच्चे स्वभाव को दर्शाती है? क्या यह परमेश्वर के सार-तत्व को दर्शाती है? हाँ, वास्तव में यह परमेश्वर के स्वभाव, और परमेश्वर के सार-तत्व को दर्शाता है, और इसमें कोई सन्देह नहीं है। समय या स्थान की परवाह किए बगैर, परमेश्वर किस रीति से अपना काम करता है, या किस रूप में मनुष्य के सामने प्रगट होता है, या किस रीति से अपनी इच्छा को प्रकट करता है, वह सब कुछ जो वह प्रकाशित एवं प्रगट करता है, वह स्वयं परमेश्वर, परमेश्वर के सार-तत्व और जो उस के पास है और जो वह है उसे दर्शाता है। यह बिलकुल सत्य है कि परमेश्वर अपनी विशेषताओं और अस्तित्व एवं अपनी सच्ची पहचान के साथ अपना कार्य करता है; फिर भी, आज, उसके वचनों के द्वारा, और उस प्रचार को सुनने के द्वारा जो वो सुनते हैं लोगों के पास परमेश्वर की केवल आंशिक समझ है, और इस प्रकार कुछ हद तक, इस समझ को केवल काल्पनिक ज्ञान कहा जा सकता है। अपनी वास्तविक स्थिति का ध्यान रखते हुए, तुम केवल परमेश्वर की समझ या ज्ञान को जिसे तुमने सुना, देखा, या जाना है, और अपने हृदय में समझा है, जाँच सकते हो, यदि तुम में से हर एक इस वास्तविक अनुभव से होकर गुज़रता है और इसे थोड़ा थोड़ा कर के जान पाता है। यदि मैं ने इन शब्दों के साथ तुम लोगों से सहभागिता में विचार विमर्श नहीं किया होता, तो क्या मात्र अपने अनुभवों से तुम सभी परमेश्वर के सच्चे ज्ञान को हासिल कर पाते? मैं डरता हूँ, क्योंकि ऐसा करना बहुत ही अधिक कठिन होता। क्योंकि यदि लोग परमेश्वर के अनुभव को पाना चाहते हैं तो उनके पास पहले परमेश्वर के वचन होने चाहिए। फिर भी लोग परमेश्वर के बहुत से वचनों को खाते हैं, ऐसे लोगों की संख्या है जो वास्तव में उन का अनुभव कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन आगे की ओर पथ प्रदर्शन करते और मनुष्य को उसके अनुभव में मार्गदर्शन देते हैं। संक्षेप में, उनके लिए जिनके पास थोड़ा बहुत सच्चा अनुभव है, ये अनेक पिछली सभाएँ सत्य की गहरी समझ और परमेश्वर के और अधिक वास्तविक ज्ञान को हासिल करने में उनकी सहायता करेंगी। परन्तु उनके लिए जिनके पास कुछ भी वास्तविक अनुभव नहीं है, या वे जिन्होंने बस अभी अभी अपना अनुभव शुरू किया है, या बस अभी अभी वास्तविकता को स्पर्श करना प्रारम्भ किया है, यह एक बड़ी परीक्षा है। पिछली अनेक सभाओं की मुख्य विषयवस्तु परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर से संबंधित थी। जो कुछ भी मैं ने कहा था तुम सबने उसके मुख्य और केन्द्रीय भाग में क्या देखा था? इन सभाओं के द्वारा, क्या तुम लोग यह पहचान सकते हो कि वह जिसने यह काम किया था, और इन स्वभावों को प्रगट किया था, वह स्वयं एक अद्वितीय परमेश्वर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? यदि तुम सबका उत्तर हाँ है, तो किस बात ने तुम लोगों को ऐसे निष्कर्ष तक पहुँचाया? किस पहलू के द्वारा तुम सभी इस निष्कर्ष तक पहुँचे? क्या कोई मुझे बता सकता है? मैं जानता हूँ कि पिछली सहभागिता ने तुम सबको गहराई से प्रभावित किया था, और परमेश्वर को जानने के लिए तुम लोगों के हृदय में एक नई शुरूआत प्रदान की थी, जो महान है। यद्यपि तुम सबने पहले की तुलना में परमेश्वर को समझने के लिए एक बड़ी छलाँग लगाई है, परन्तु परमेश्वर की पहचान की तुम लोगों की परिभाषा को अभी भी यहोवा, व्यवस्था के युग के परमेश्वर, अनुग्रह के युग के प्रभु यीशु मसीह, और राज्य के युग के सर्वशक्तिमान परमेश्वर जैसे नामों से भी कहीं बढ़कर और अधिक उन्नत होना है। दूसरे शब्दों में, यद्यपि परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर के बारे में इन सभाओं ने तुम सबको परमेश्वर द्वारा किसी समय बोले गए कुछ वचनों, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय किए गए कार्य, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय प्रकाशित किए गए उसके अस्तित्व और व्यावहारिक गुणों की समझ दी है, तो भी तुम सभी "परमेश्वर" शब्द की सही परिभाषा और सटीक शुरूआती जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हो। न ही तुम लोगों के पास स्वयं परमेश्वर की स्थिति एवं पहचान की, दूसरे शब्दों में तुम सबके पास सभी चीज़ों एवं सम्पूर्ण सृष्टि के मध्य परमेश्वर की हैसियत की सच्ची और सटीक शुरूआती जानकारी तथा ज्ञान नहीं है। यह इसलिए है, क्योंकि स्वयं परमेश्वर व परमेश्वर के स्वभाव के विषय में पिछली सभाओं में, सभी सन्दर्भ परमेश्वर के पूर्व प्रगटीकरण और प्रकाशन पर आधारित थे जो बाईबिल में लिखित हैं। फिर भी मनुष्य के लिए उसके अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों की खोज करना कठिन है, जिन्हें परमेश्वर द्वारा मानवजाति के प्रबन्ध और उद्धार के दौरान, या उसके बाहर, प्रकाशित और प्रगट किया गया है। अतः, भले ही तुम लोग परमेश्वर के अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों को समझते हो जो उस कार्य में प्रकाशित हुए थे जिसे उसने किसी समय किया था, फिर भी परमेश्वर की पहचान और स्थिति की तुम सबकी परिभाषा उस अद्वितीय परमेश्वर से अभी भी बहुत दूर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है, और उस रचयिता से कहीं अलग है। पिछली अनेक सभाओं ने सब को ठीक ऐसा ही महसूस करवाया था मनुष्य परमेश्वर के विचारों को कैसे जान सकता है? यदि कोई वास्तव में जाननेवाला था, तो वह शख्स निश्चित रूप से परमेश्वर ही होगा, क्योंकि केवल परमेश्वर ही अपने विचारों को जानता है, और केवल परमेश्वर ही अपने कार्यों को करने का तरीका व उसका आधार जानता है। इस रीति से परमेश्वर की पहचान को जानना तुम लोगों को उचित और तर्कसंगत लग सकता है, परन्तु परमेश्वर के स्वभाव और परमेश्वर के कार्य से कौन यह बता सकता है कि यह वास्तव में स्वयं परमेश्वर का कार्य है, और मनुष्य का कार्य नहीं है, ऐसा कार्य जो परमेश्वर के बदले मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है? कौन यह देख सकता है कि यह कार्य उसकी संप्रभुता में आता है जिसके पास परमेश्वर की हस्ती और सामर्थ है? दूसरे शब्दों में, किन विशेषताओं या हस्ती के जरिए तुम सब यह पहचानोंगे कि वह स्वयं परमेश्वर है, किसके पास परमेश्वर की पहचान है, और वो कौन है जो सब चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? क्या तुम सबने इसके बारे में कभी सोचा है? यदि तुम लोगों ने नहीं सोचा है तो इससे एक बात साबित होती हैः कि पिछली अनेक सभाओं ने तुम लोगों को बस इतिहास के एक टुकड़े, और उस कार्य के दौरान परमेश्वर की पहुँच, उसके प्रकटीकरण, और उसके प्रकाशन की कुछ समझ दी है जिसमें परमेश्वर ने अपना काम किया था। हालाँकि ऐसी समझ सन्देह से परे तुम सभी में से हर एक को यह पहचान करवाती है कि वह जिसने कार्य के दोनों स्तरों को पूरा किया वह स्वयं परमेश्वर है जिसमें तुम लोग विश्वास करते हो और उसका अनुसरण करते हो, और जिसका तुम सबको हमेशा अनुसरण करना चाहिए, फिर भी तुम लोग अब भी यह पहचानने में असमर्थ हो कि यह वही परमेश्वर है जो सृष्टि के समय से अस्तित्व में है, और जो अनन्तकाल तक अस्तित्व में बना रहेगा, और तुम लोग यह भी पहचानने में समर्थ नहीं हो कि यह वही है जो तुम सबकी अगुवाई करता है और समूची मानवजाति में सर्वोच्च है। तुम लोगों ने निश्चित रूप से इस समस्या के बारे में कभी नहीं सोचा था। वह यहोवा हो या प्रभु यीशु, हस्ती और प्रकटीकरण के किन पहलुओं के द्वारा तुम यह पहचान सकते हो कि वह न केवल वो परमेश्वर है जिसका तुम्हें अनुसरण करना होगा, बल्कि वह है जो मानवजाति को आज्ञा देता है और मनुष्यों की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है, इसके अतिरिक्त कौन स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है जो स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम यह विश्वास करोगे कि वह जिस में तुम विश्वास करते हो और जिसका अनुसरण करते हो वह स्वयं परमेश्वर है जो सब वस्तुओं के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम लोग उस परमेश्वर को जिस पर तुम विश्वास करते हो उस परमेश्वर से जोड़ सकते हो जो मानवजाति की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है? ऐसी कौन सी बात है जो यह पहचानने में तुम लोगों को अनुमति देती है कि वह परमेश्वर जिस पर तुम विश्वास करते हो स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है, जो स्वर्ग और पृथ्वी, और सब में है? यह वह समस्या है जिसका समाधान मैं अगले खंड में करूँगा। ऐसी समस्याएँ जिनके बारे में तुम सबने कभी भी नहीं सोचा है और न ही उनके विषय में सोच सकते हो कि ख़ास तौर पर ऐसी समस्याएँ हो सकती हैं जो परमेश्वर को जानने में बहुत महत्वपूर्ण हैं, और इनमें उन सच्चाईयों को खोजा जा सकता है जिनकी गहराई मनुष्य नहीं नाप सकता। जब ये समस्याएँ तुम्हारे ऊपर आती हैं, और तुम लोगों को इनका सामना करना अवश्य है, और तुम्हें एक चुनाव करना होता है, यदि तुम सब अपनी मूर्खता और अज्ञानता के कारण पूरी तरह से उनका समाधान करने में असमर्थ हो, या इसलिए क्योंकि तुम्हारे अनुभव बिलकुल दिखावटी हैं और तुम लोगों में परमेश्वर के सच्चे ज्ञान की कमी है, तो परमेश्वर पर विश्वास करने की राह पर वे सबसे बड़े अवरोधक और सबसे बड़ी बाधा बन जाएँगे। और इस प्रकार मैं यह महसूस करता हूँ कि इस विषय के संबंध में तुम लोगों के साथ सभा में विचार विमर्श करना सबसे अधिक ज़रूरी है। क्या तुम सभी जानते हो कि अब तुम्हारी समस्या क्या है? क्या तुम लोग उन समस्याओं के विषय में स्पष्ट हो जिनके बारे में मैं बात करता हूँ? क्या ये वो समस्याएँ हैं जिनका तुम लोग सामना करोगे? क्या ये ऐसी समस्याएँ हैं जिन्हें तुम लोग नहीं समझते हो? क्या ऐसी समस्याएँ हैं जो तुम्हारे साथ कभी घटित नहीं हुई हैं? क्या ये समस्याएँ तुम लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं? क्या ये वास्तव में समस्याएँ हैं? यह मामला तुम लोगों के लिए भ्रमित होने का एक बड़ा स्रोत है, जो यह दिखाता है कि तुम्हारे पास उस परमेश्वर की सही समझ नहीं है जिस पर तुम सब विश्वास करते हो, और यह कि तुम लोग उसे गम्भीरतापूर्वक नहीं लेते हो। कुछ लोग कहते हैं, "मैं जानता हूँ कि वह परमेश्वर है, इसलिए मैं उसका अनुसरण करता हूँ, क्योंकि उसका वचन परमेश्वर का प्रकटीकरण है। बस इतना काफी है। और कितने सबूत की ज़रूरत है? निश्चित रूप से हमें परमेश्वर के बारे में सन्देह उत्पन्न करने की आवश्यकता नहीं है? निश्चित रूप से हमें परमेश्वर की परीक्षा नहीं करनी चाहिए? निश्चित रूप से हमें परमेश्वर की हस्ती और स्वयं परमेश्वर की पहचान पर प्रश्न नहीं करना चाहिए?" इसके बावजूद कि तुम लोग इस तरह से सोचते हो या नहीं, किन्तु परमेश्वर के बारे में तुम लोगों को और भ्रमित करने के लिए, या उसे परखने हेतु तुम सबको उकसाने के लिए, और परमेश्वर की पहचान और उसकी हस्ती के विषय में तुम्हारे भीतर सन्देह उत्पन्न करने के लिए मैं ऐसे प्रश्नों को तो बिलकुल भी आगे नहीं रखता हूँ। उसके बजाए, मैं ऐसा इसलिए करता हूँ ताकि मैं तुम लोगों को परमेश्वर की हस्ती के विषय में बड़ी समझ, और परमेश्वर की हैसियत के विषय में एक बड़ी निश्चितता व विश्वास के लिए उत्साहित कर सकूँ, जिससे वे सभी जो परमेश्वर का अनुसरण करते हैं परमेश्वर उन सभी के हृदय में निवास करने वाला एकमात्र परमेश्वर हो, और ताकि परमेश्वर की मूल पदस्थिति - सृष्टिकर्ता, सभी चीज़ों का शासक, स्वयं अद्वितीय परमेश्वर के रूप में - हर जीव के हृदय में पुनः वास करे। यह भी एक मुख्य विषय है जिसके बारे में मैं तुम लोगों से विचार विमर्श करनेवाला हूँ। पिछली अनेक सभाओं की मुख्य विषयवस्तु परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर से संबंधित थी। जो कुछ भी मैं ने कहा था तुम सबने उसके मुख्य और केन्द्रीय भाग में क्या देखा था? इन सभाओं के द्वारा, क्या तुम लोग यह पहचान सकते हो कि वह जिसने यह काम किया था, और इन स्वभावों को प्रगट किया था, वह स्वयं एक अद्वितीय परमेश्वर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? यदि तुम सबका उत्तर हाँ है, तो किस बात ने तुम लोगों को ऐसे निष्कर्ष तक पहुँचाया? किस पहलू के द्वारा तुम सभी इस निष्कर्ष तक पहुँचे? क्या कोई मुझे बता सकता है? मैं जानता हूँ कि पिछली सहभागिता ने तुम सबको गहराई से प्रभावित किया था, और परमेश्वर को जानने के लिए तुम लोगों के हृदय में एक नई शुरूआत प्रदान की थी, जो महान है। यद्यपि तुम सबने पहले की तुलना में परमेश्वर को समझने के लिए एक बड़ी छलाँग लगाई है, परन्तु परमेश्वर की पहचान की तुम लोगों की परिभाषा को अभी भी यहोवा, व्यवस्था के युग के परमेश्वर, अनुग्रह के युग के प्रभु यीशु मसीह, और राज्य के युग के सर्वशक्तिमान परमेश्वर जैसे नामों से भी कहीं बढ़कर और अधिक उन्नत होना है। दूसरे शब्दों में, यद्यपि परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर के बारे में इन सभाओं ने तुम सबको परमेश्वर द्वारा किसी समय बोले गए कुछ वचनों, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय किए गए कार्य, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय प्रकाशित किए गए उसके अस्तित्व और व्यावहारिक गुणों की समझ दी है, तो भी तुम सभी "परमेश्वर" शब्द की सही परिभाषा और सटीक शुरूआती जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हो। न ही तुम लोगों के पास स्वयं परमेश्वर की स्थिति एवं पहचान की, दूसरे शब्दों में तुम सबके पास सभी चीज़ों एवं सम्पूर्ण सृष्टि के मध्य परमेश्वर की हैसियत की सच्ची और सटीक शुरूआती जानकारी तथा ज्ञान नहीं है। यह इसलिए है, क्योंकि स्वयं परमेश्वर व परमेश्वर के स्वभाव के विषय में पिछली सभाओं में, सभी सन्दर्भ परमेश्वर के पूर्व प्रगटीकरण और प्रकाशन पर आधारित थे जो बाईबिल में लिखित हैं। फिर भी मनुष्य के लिए उसके अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों की खोज करना कठिन है, जिन्हें परमेश्वर द्वारा मानवजाति के प्रबन्ध और उद्धार के दौरान, या उसके बाहर, प्रकाशित और प्रगट किया गया है। अतः, भले ही तुम लोग परमेश्वर के अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों को समझते हो जो उस कार्य में प्रकाशित हुए थे जिसे उसने किसी समय किया था, फिर भी परमेश्वर की पहचान और स्थिति की तुम सबकी परिभाषा उस अद्वितीय परमेश्वर से अभी भी बहुत दूर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है, और उस रचयिता से कहीं अलग है। पिछली अनेक सभाओं ने सब को ठीक ऐसा ही महसूस करवाया था मनुष्य परमेश्वर के विचारों को कैसे जान सकता है? यदि कोई वास्तव में जाननेवाला था, तो वह शख्स निश्चित रूप से परमेश्वर ही होगा, क्योंकि केवल परमेश्वर ही अपने विचारों को जानता है, और केवल परमेश्वर ही अपने कार्यों को करने का तरीका व उसका आधार जानता है। इस रीति से परमेश्वर की पहचान को जानना तुम लोगों को उचित और तर्कसंगत लग सकता है, परन्तु परमेश्वर के स्वभाव और परमेश्वर के कार्य से कौन यह बता सकता है कि यह वास्तव में स्वयं परमेश्वर का कार्य है, और मनुष्य का कार्य नहीं है, ऐसा कार्य जो परमेश्वर के बदले मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है? कौन यह देख सकता है कि यह कार्य उसकी संप्रभुता में आता है जिसके पास परमेश्वर की हस्ती और सामर्थ है? दूसरे शब्दों में, किन विशेषताओं या हस्ती के जरिए तुम सब यह पहचानोंगे कि वह स्वयं परमेश्वर है, किसके पास परमेश्वर की पहचान है, और वो कौन है जो सब चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? क्या तुम सबने इसके बारे में कभी सोचा है? यदि तुम लोगों ने नहीं सोचा है तो इससे एक बात साबित होती हैः कि पिछली अनेक सभाओं ने तुम लोगों को बस इतिहास के एक टुकड़े, और उस कार्य के दौरान परमेश्वर की पहुँच, उसके प्रकटीकरण, और उसके प्रकाशन की कुछ समझ दी है जिसमें परमेश्वर ने अपना काम किया था। हालाँकि ऐसी समझ सन्देह से परे तुम सभी में से हर एक को यह पहचान करवाती है कि वह जिसने कार्य के दोनों स्तरों को पूरा किया वह स्वयं परमेश्वर है जिसमें तुम लोग विश्वास करते हो और उसका अनुसरण करते हो, और जिसका तुम सबको हमेशा अनुसरण करना चाहिए, फिर भी तुम लोग अब भी यह पहचानने में असमर्थ हो कि यह वही परमेश्वर है जो सृष्टि के समय से अस्तित्व में है, और जो अनन्तकाल तक अस्तित्व में बना रहेगा, और तुम लोग यह भी पहचानने में समर्थ नहीं हो कि यह वही है जो तुम सबकी अगुवाई करता है और समूची मानवजाति में सर्वोच्च है। तुम लोगों ने निश्चित रूप से इस समस्या के बारे में कभी नहीं सोचा था। वह यहोवा हो या प्रभु यीशु, हस्ती और प्रकटीकरण के किन पहलुओं के द्वारा तुम यह पहचान सकते हो कि वह न केवल वो परमेश्वर है जिसका तुम्हें अनुसरण करना होगा, बल्कि वह है जो मानवजाति को आज्ञा देता है और मनुष्यों की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है, इसके अतिरिक्त कौन स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है जो स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम यह विश्वास करोगे कि वह जिस में तुम विश्वास करते हो और जिसका अनुसरण करते हो वह स्वयं परमेश्वर है जो सब वस्तुओं के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम लोग उस परमेश्वर को जिस पर तुम विश्वास करते हो उस परमेश्वर से जोड़ सकते हो जो मानवजाति की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है? ऐसी कौन सी बात है जो यह पहचानने में तुम लोगों को अनुमति देती है कि वह परमेश्वर जिस पर तुम विश्वास करते हो स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है, जो स्वर्ग और पृथ्वी, और सब में है? यह वह समस्या है जिसका समाधान मैं अगले खंड में करूँगा।
छठी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा को पाठशाला से बहुत सारा गृह-कार्य करने को मिला। उसने मुझसे कहा आज तो मैं अपना गृह कार्य अपनी बड़ी दीदी से करवा लूंगी। मैंने कहा तुम्हे अपना कार्य स्वयं करना चाहिए। तब उसने कहा मैं भी तो उसका बहुत सा काम करती हूँ। उसके ले टी.वी. चालू करती हूँ, उसका लेप-टॉप उठाकर के उसको देती हूँ, उसको पानी पिलाती हूँ, उसके कपडे तह करके रखती हूँ । परस्थितिवश पुत्र को अपने माता-पिता के साथ रहना पड़ा । आंशिक रूप से उन पर निर्भर रहना पड़ा। पिताजी अपना ज्यादातर समय पूजा-पाठ और धार्मिक पुस्तकों को पढ़कर बिताते थे। भगवान की पूजा करते समय दुग्धाभिषेक भी करते थे,जिसमें कि दूध का उपयोग थोडा ज्यादा ही करते थे । एक दिन पिताजी से पुत्र ने कहा कि आप पूजा के विधि-विधान में बहुत सा दूध उपयोग में लाते हैं। पूजा में उपयोग होने वाले दूध की मात्रा थोड़ी कम कर दीजिये। दुनिया में कितने ही बच्चों को दूध की एक बूँद भी नसीब नहीं होती है। उत्तर में पिताजी ने कहा तुम्हारे सर पर जो ये छत है वो ही बहुत हैं। बालिका जो कि अपना पसंदीदा कार्टून चैनल देख रही थी, तभी अचानक बिजली गुल हो गयी। इनवर्टर होने कि वजह से बिजली आती रही लेकिन इनवर्टर पर ज्यादा लोड न हो इसलिए घर के बुजुर्ग उसे टी.वी. बंद करने के लिए कह रहे थे। बड़े दुखी मन से उसने टी. वी. बंद कर दिया। कुछ देर पश्चात् ही बुजुर्गों के पसंद के टी. वी. कार्यक्रम बालिका-वधू का समय हो गया और वे बिजली न होने पर भी अपने पसंद का टी.वी पर कार्यक्रम देखते रहे और बालिका अपने बुजुर्गों के दोगलेपन से व्यथित होती रही। एक छात्र मुझसे गणित विषय पढ़ने आता है। वह बहुत ही बेमन से गणित के प्रश्न हल करता है। कुछ दिन पहले ही एक और छात्र गणित पढ़ने आने लगा। पहले ही दिन मैंने देखा कि प्रथम छात्र बहुत मन लगाकर गणित कर रहा है। दूसरे दिन देखा तो आते ही बहुत उत्साह के साथ उसने कहा कि जल्दी बताईये कौनसा सवाल हल करना है। केवल एक और साथी छात्र आने से ही उसके व्यवहार में इतना परिवर्तन आ गया था जो कि उसे उत्साह के साथ गणित करने के लिए प्रेरित कर रहा था। बेटी प्रश्न करती है कि मेरे पिताजी हैं। मेरे पिताजी के पिताजी दादाजी हैं, दादाजी के भी पिताजी थे इस तरह दुनिया में जन्म लेने वाला प्रथम व्यक्ति कौन था। कुछ दिन पहले हम भोपाल से लगभग ९० किलो मीटर दूर बाड़ी-बरेली की ओर बस से जा रहे थे। सुबह का ८ बजे का समय था। बस ७-८ किलो मीटर आगे चलकर एक स्टॉप पर रुक गयी। देखा तो बहुत सारे लोगों की भीड़ थी उनमे से एक स्त्री ४ माह की अपनी बेटी के साथ बस में चढ़ रही थी। बस में बैठने के लिए एक भी सीट खाली नहीं थी। हमारे बाजू में एक मौलानाजी जो की बुजुर्ग थे उस स्त्री को देखते ही उठ खड़े हुए और उसको बैठने के लिए जगह दे दी। हम लोगों ने भी थोड़ा-थोड़ा सरक कर मौलानाजी के लिए थोड़ी सी जगह बना दी ताकि वो भी बैठ सकें। बहुत देर तक एक ही स्थिति में अपनी बेटी को लेकर बैठेने से उस स्त्री को बैठने में परेशानी हो रही थी। फिर से एक बार मौलानाजी को उसने अपनी परेशानी बताई तो वो झट से खड़े हो गए और उस स्त्री को आराम से बैठने के लिए जगह दे दी। माँ अपने बच्चे पर हाथ उठाकर स्वयं को ही ज्यादा दुःख पहुंचाती है। कुछ ऐसा ही कल मैंने महसूस किया जब मैंने किसी बात पर क्रोधित होकर अपनी बेटी की पिटाई की। पिटाई होने पर भी वह बिलकुल नहीं रोई जो कि सामान्य से अलग उसका व्यवहार था। वह बहुत अच्छे से जानती थी कि गलती वास्तव में उसने की थी। उसने बहुत देर तक मेरी कही गयी बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसकी जिस बात पर मैंने पिटाई कि थी उस सम्बन्ध में मैंने पहले भी उससे बहुत गहनता के साथ विचार-विमर्श किया था और उसने मुझे विश्वास दिलाया था कि वह पुनः ऐसा नहीं करेगी। मैंने कल भी उसे एक अच्छी सी कहानी सुनाकर उसे मेरी बात समझाने का प्रयास किया और बिटिया भी मेरी बात से सहमत हो गयी कि उसे मेरी बात बहुत अच्छे से समझ में आ गयी है। कुछ देर बाद मैंने उसको पुछा कि जब माँ ने तुम्हारी पिटाई लगायी तो तुम्हे माँ पर क्रोध नहीं आया क्या? उसने अपने उत्तर में बस इतना ही कहा कि जब आप मुझ पर क्रोधित हो रहे थे तो मैं चुप रहकर अपना क्रोध ही तो व्यक्त कर रही थी।
लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) देश की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों में से एक है। इसके संस्थापक फिलहाल चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू यादव खुद हैं। ५ जुलाई १९९७ को स्थापित इस पार्टी की बिहार में तीन बार सरकार बन चुकी है। राजद २००८ में राष्ट्रीय पार्टी बन गई थी, लेकिन २०१० में इसने यह हैसियत गंवा दी। इस समय लोकसभा में इसके ४ और राज्य सभा में ५ सांसद हैं। इस समय बिहार विधानसभा में पार्टी के ८१ विधायक हैं। लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री के साथ केंद्र में रेलवे मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इस समय उनके बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव, छोटे पुत्र तेजस्वी यादव और पुत्री मीसा भारती भी राजनीति में सक्रिय हैं।
स्पेस साइंस एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। इसकी पढ़ाई रोजगार के बेहतरीन मौके उपलब्ध कराती है। क्या है स्पेस साइंस और क्या हैं इसमें करियर की संभावनाएं, जानते हैं सेटेलाइट व नई तकनीक के जरिए मौसम अथवा ग्रह-उपग्रह के बारे में सटीक सूचना दे पाना अब पहले से ज्यादा आसान हो गया है। वायुमंडल अथवा पृथ्वी की हलचलों का पता लगाना भी ज्यादा आसान हो गया है। यह सब संभव हो पाया है स्पेस साइंस से। साल दर साल इसमें नई चीजें शामिल होती जा रही हैं। इसमें एडवांस कम्प्यूटर एवं सुपर कम्प्यूटर से डाटा एकत्र करने का कार्य किया जाता है। डाटा न मिलने की स्थिति में आकलन के जरिए किसी निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश की जाती है। इस काम से जुड़े प्रोफेशनल स्पेस साइंटिस्ट कहलाते हैं। समय के साथ यह एक सशक्त करियर का रूप धारण कर चुका है। इस क्षेत्र में युवाओं की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। इंडस्ट्री के जानकारों का भी मानना है कि आने वाले पांच सालों में इसमें नौकरियों की संख्या बढ़ेगी।
मंडे नाइट रॉ में इस समय रोमन रेंस की कमी को पूरी करने के लिए कंपनी ड्रू मैकइंटायर को बड़े सुपरस्टार के तौर पर दिखा रही है। इस बात में कोई शक नहीं है कि स्कॉटलैंड के ड्रू मैकइंटायर कंपनी में अपने आप को एक बड़ा हील बना चुके हैं और पहले के मुकाबले काफी बदल भी चुके हैं। कर्ट एंगल के ऊपर मिली एक बड़ी चीज से उन्होंने सभी को चौंकाया और इससे साफ पता लगता कि उन्हें आने वाले समय में उन्हें कितना बड़ा पुश मिलने वाला है। लेकिन, क्या आने वाले समय में कोई उनका सामना करने की हिम्मत दिखाएगा? काफी सारे व्वे दिग्गज हैं जिनका करियर अब लगभग खत्म होने को आया है और हो सकता है कि ड्रू का सामना उनमें से ही किसी के साथ हो जाए। आइए जानें ऐसे पांच व्वे दिग्गजों के बारे में जो ड्रू के साथ अपनी दुश्मनी शुरू कर सकते हैं। जॉन सीना ने अपने करियर के दौरान उन सभी चीजों को हासिल किया है जिसकी लोग सिर्फ कल्पना कर सकते हैं। इस समय वह कंपनी के अंदर भी ज्यादा नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन मैकइंटायर के लिए अच्छी विरोधी भी साबित हो सकते हैं। दोनों का सामना कभी नहीं हुआ है और पूर्व न्क्स्ट चैंपियन को रॉ में इतना बड़ा पुश मिल रहा है तो ऐसा होने की संभावना है।
बिलासपुर- हाईकोर्ट में फरवरी महीने से गायब जयमती साहू मामले को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को दो सप्ताह का समय दिया है। इन १४ दिनों के अन्दर राज्यशासन को याचिकाकर्ता के आवेदन का जवाब देना होगा। जूही साहू के वकील रोहित तिवारी ने बताया कि फरवरी महीने से जूही की मां जयमती साहू लापता हो गयी है। जूही ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिक पेश की थी। मामले में आज सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई मुख्यन्यायाधीश और ज्टिस पीपी साहू की खण्डपीठ में हुई। रोहित तिवारी ने बताया कि मुख्य न्यायमूर्ति और जस्टिस पीपी साहु की खण्डपीठ ने आईजी को गायब जयमति साहू मामले में जाँच के निर्देश दिये थे। लेकिन किसी प्रकार की को प्रगति रिपोर्ट पुलिस ने पेश नहीं किया। यचिकाकर्ता ने पुलिस जांच पर प्रश्नचिंह लगाते हुए न्यायालय से सीबीआई से जांच कराने की मांग की। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुआ सोमवार को दो सप्ताह का समय देते हुए राज्य शासन को आवेदन का जवाब पेश करने को कहा है। इल दौरान कोर्ट को बताया गया कि आज तक पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है। यचिककर्ता की तरफ से अधिवक्ता रोहित शर्मा और वतन साहू ने जबकि राज्य शासन की तरफ से गगन तिवारी ने पैरवी की है।
रोहतक | भाजपा सरकार की मजदूर किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ व मजदूर-कर्मचारियों के हकों को लेकर शुक्रवार को जिला कन्वेशन कर्मचारी भवन में रीना की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें आगामी ३० जनवरी काे होने वाले जेल भरो आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। इस दौरान वक्ताआें ने मिल्क प्लांट अमूल, सांपला में रबड़ फैक्ट्री में हुई घटना में मारे गए दो मजदूरों व घायल चार मजदूरों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। सभी ने सर्वसम्मति से मृतक के परिवारों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। ३० जनवरी को हुड्डा सिटी पार्क में सुबह ११ बजे प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद गिरफ्तारियां भी जाएंगी। संचालन सीटू जिला सचिव प्रकाशचंद्र ने किया। जोगेंद्र बल्हारा, विजेंद्र गूलिया, महासंघ के नेता, सर्व कर्मचारी संघ की नेता सविता राज्य उपप्रधान, जिला प्रधान कर्मबीर सिवाच, सचिव प्रदीप, सीटू जिला प्रधान सतबीर पाक्समा, सचिव प्रकाशचंद्र, विनोद, कमलेश, संजीव, रीना, रोशनी, बबीता, कांता, शीला आदि उपस्थित रहे।
० कमेंट हवाई चप्पल वाला भी हवाई यात्रा कर सकेगाः प्रधानमंत्री शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच विमान सेवा का शुभारंभ किया। इस योजना को उड़ान- उड़े देश का आम नागरिक नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री ने उड़ान योजना के तहत कड़पा-हैदराबाद और नांदेड़-हैदराबाद सेक्टरों के बीच भी विमान सेवा की शुरुआत की। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से विकास करता हुआ क्षेत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले तक देश में कोई विमानन नीति नहीं थी लेकिन हमने सरकार में आते ही एक नीति बनायी और बड़े शहरों के अलावा छोटे शहरों को भी विमान सेवा से जोड़ना शुरू किया। उन्होंने कहा कि पहले यह माना जाता था कि विमान सेवा सिर्फ बड़े लोगों के लिए है लेकिन हमारी सरकार ने इसे सभी के लिए मुहैया करवाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में टैक्सी का किराया कम से कम दस रुपए प्रति किलोमीटर होता है लेकिन विमान से आने का किराया ज्यादा से ज्यादा ६ या ७ रुपए प्रति किलोमीटर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का मंत्र है सब उड़ें सब जुड़ें। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा हवाई चप्पल वाला भी कर सके हमारा यही प्रयास है। इस संदर्भ में उन्होंने एक किस्सा बताते हुए कहा कि जब केंद्र में अटलजी की सरकार थी तब मैं हिमाचल का प्रभारी था और मैंने उस समय सरकार को सुझाव दिया था कि एअर इंडिया का लोगो महाराजा यह संदेश देता है कि यह सेवा सिर्फ बड़े लोगों के लिए है इसलिए इसे बदल कर कार्टूनिस्ट आर. लक्ष्मण के आम आदमी को बनाया जाये और मुझे खुशी है कि मेरा सुझाव मान लिया गया था।
अतिसार रोग में मल के समय मल से रक्त आना शुरू हो जाता है। यदि किसी इंसान के शरीर के अंदर डायरिया काफी लंबे समय से चलती आ रही है। तो ऐसे में इंसान के दस्त करने के समय दस्त के साथ साथ रक्त का आना भी शुरू हो जाता है। ज्यादा मात्रा में मल त्याग करने से शरीर के अंदर कई तरह के पौष्टिक तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इस कारण से शरीर में हमेशा थकावट बना रहता है। और इंसान हमेशा थकावट महसूस करने के कारण हमेशा आराम करना चाहता है। डायरिया के लक्षणों में सिर का दर्द होना भी प्रमुख लक्षण माना जाता है। लंबे समय से मल त्याग करने के कारण हमेशा सर में दर्द बना रहता है। ज्यादा मात्रा और पतले मल त्याग करने से बुखार का आना और वजन की कमी होनी ही शुरू हो जाती है। कभी कभी देखा जाता है कि डायरिया के लक्षणों में जैसा हम भोजन करते हैं। बिना पचे हमारे भोजन हमारे मल के माध्यम से वैसे ही निकल जाते हैं। खाना खाने के तुरंत उपरांत जी मिचलाना उल्टी का आना भी अतिसार और डायरिया के लक्षण माने जाते हैं। मल त्याग करने के समय में ढीले मल का त्याग होना अर्थात ज्यादा मात्रा में पतले और पानी जैसे मल का त्याग करना अतिसार के प्रमुख लक्षणों में से एक माने जाते हैं। खजूर का नाम आप लोगों ने आवश्य सुना होगा। खजूर शरीर के अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में रोगी की मदद करता है। अतिसार और डायरिया के रोग में खजूर का एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। खजूर के पांच से छह की संख्या को लेकर इसके सेवन करने से शरीर के अंदर हो रहे डायरिया और अतिसार के रोग को खत्म किया जा सकता है। इसके उपयोग करने के लिए हमें ५ से ६ खजूर के फल को लेकर इसका सेवन करना है। और १ घंटे के बाद थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहना है। लगातार थोड़े थोड़े पानी के सेवन करने से शरीर के अंदर अतिसार और पतले दस्त की समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही साथ खजूर के सेवन करने से शरीर के अंदर रोग से लड़ने की क्षमता में भी काफी वृद्धि होती है। दालचीनी के सेवन करने से भी शरीर के अंदर उत्पन्न हो रहे अतिसार और दस्त की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। दालचीनी के उपयोग करने के लिए हमें दालचीनी १० ग्राम लेकर इसे अच्छे से कूटकर चूर्ण बना लेना है। चूर्ण बनाने के उपरांत हमें १ लीटर ठंडे पानी में इसे मिलाना है। और इसे हल्की आंच पर गर्म करना है। जब यह पानी उबलने लगे तो हमें किसी छलनी के माध्यम से इस पानी को छान लेना है। और २४ घंटे तक हमें इस पानी की थोड़ी-थोड़ी मात्रा सेवन करने से शरीर के अंदर उत्पन्न हो रहे डायरिया अतिसार और पतले दस्त की समस्या को हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है। यदि नवजात शिशु के अंदर डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं तो ऐसे शिशु को जायफल को पीसकर और बार-बार चटाने से अतिसार में यह अत्यंत लाभप्रद साबित होता है। हालांकि नवजात शिशु को आप हमारे द्वारा बताए गए ऊपर के किसी और औषधि का सेवन ना करवाएं। क्योंकि नवजात शिशु में इम्यून सिस्टम व्यस्क पुरुष के मुकाबले कमजोर होता है। ऐसे में यदि किसी कम आयु के बच्चे में अतिसार अर्थात डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं। तो उसे जायफल को पीसकर उसको चटाने से कम आयु के बच्चे में अतिसार की बीमारी को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। डायरिया अर्थात अतिसार के रोग को जड़ से खत्म करने के लिए नीम की पत्ती का उपयोग किया जा सकता है। नीम के पत्ती के अंदर बहुत सारे ऐसे गुण मौजूद है। जो शरीर के अंदर उत्पन्न हो रहे रोग को हमेशा के लिए खत्म कर सकता है। नीम के उपयोग करने के लिए हमें नीम के कोमल पत्तियां लेनी है। चार से पांच कोमल पति को लेकर अच्छे से साफ कर लेना है। इसे पीसकर इसका पेस्ट तैयार कर लेना है। पेस्ट तैयार होने के बाद इसमें शहद की मात्रा मिलाकर १ दिन में तीन से चार बार सेवन करने से डायरिया अर्थात पतले हो रहे दस्त में काफी सुधार प्राप्त किया जा सकता है। अतिसार की समस्या को खत्म करने के लिए बेल का पानी भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गर्मी के समय में बेल का उपयोग करना अतिसार के साथ साथ कई अन्य रोगों को जड़ से खत्म करने के लिए किया जाता है। यदि किसी रोगी को अतिसार की समस्या बहुत विकृत होती जा रही है। तो ऐसे में पके हुए बेल के गुदा को पानी में अच्छी तरह से मिलाकर और थोड़ी सी शक्कर डालकर इसका शरबत बनाकर इसके सेवन करने से अतिसार के रूप में काफी फायदेमंद साबित होता है। अतिसार और डायरिया के रोग से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पत्ते का भी सेवन करना अति आवश्यक है। पीपल के पत्ते में बहुत सारे ऐसे आयुर्वेदिक गुण मौजूद है। जो शरीर के अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता को प्रबल बनाता है। साथ ही साथ इसके सेवन करने से अतिसार और डायरिया के रोग को जड़ से खत्म करने में हमारी मदद करता है। पीपल के पत्ते के उपयोग करने के लिए हमें तीन से चार पीपल के पत्ते को अच्छी तरह से धोकर पानी में उबालना है। इसे तब तक उबलते रहना है। जब तक कि पीपल के पत्ते का रंग बदल ना जाए। पीपल के पत्ते के रंग बदल जाने के बाद हमें इस पानी को किसी छलनी या कपड़े की मदद से अच्छे से छान लेना है। इस पानी का सेवन करने से शरीर के अंदर उत्पन्न हो रहे डायरिया के रोग को हमेशा के लिए जड़ से खत्म किया जा सकता है। डायरीया और अतिसार की समस्या में लौकी का सेवन भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। लोकी हमारे पेट से जुड़ी सभी समस्याओं को समाप्त करने में हमारी मदद करता है। ऐसे में अतिसार की समस्या को भी जड़ से समाप्त करने में लौकी का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। प्रतिदिन लौकी के जूस के सेवन करने से शरीर के अंदर उत्पन्न हो रहे डायरिया अर्थात अतिसार की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। हालांकि आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन करने से रोग को खत्म करने में कुछ समय लग जाता है लेकिन आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन करने से शरीर के अंदर उत्पन्न हो रहे रोगों को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है और सबसे अच्छी बात यह मानी जाती है कि आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन करने से शरीर के अंदर किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट होने की संभावना नहीं होती है।
संजीव शर्मा, मेरठ। तीन दिवसीय कुराश प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने जमकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के दौरान एक से बढ़कर एक कड़े मुकाबले देखने को मिले। मंगलवार को प्रतियोगिता का समापन हो गया। प्रदेश स्तरीय इस प्रतियोगिता में गाजियाबाद की टीम ने ओवर आल चैंपियन का खिताब जीता। विजेता खिलाड़ियों को आयोजकों की ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। तीन दिवसीय कुराश प्रतियोगिता का आयोजन मेरठ जिले के भराला गांव में स्थित राजपाल सिंह स्पोर्टस एकादमी में किया गया था। प्रदेश स्तरीय कुराश प्रतियोगिता के दौरान प्रदेश के सभी जिलों से करीब ३५० खिलाड़ियों ने भाग लिया। मंगलवार को प्रतियोगिता का समापन हुआ। समापन असवर पर विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। भाजयुमो के पूर्व जिला मंत्री मनिंदर विहान भराला ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। जीत हासिल करने के लिए खिलाड़ी अपने दांव पेंच अजमाते नजर आए। उत्तर प्रदेश कुराश एसोसिएशन के सचिव विक्रांत कश्यप ने बताया कि इस प्रतियोगिता में विजेता बच्चे नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। २७ से २९ दिसंबर पुणे में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता और २७ से २९ जनवरी के बीच उज्जैन में जूनियर नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन होगा। प्रदेश स्तरीय इस प्रतियोगिता में गाजियाबाद ने पहला, सहारनपुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। राजपाल सिंह स्पोटर्स अकादमी के डायरेक्टर सतेन्द्र फौजी ने बताया कि इस प्रतियोगिता के आयोजन से ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिलेगा।
१. जो बालक किसी घर या निश्चित निवास स्थान और जीवन निर्वाह के बिना पाया जाता है। १(आ) जो भिक्षावृति करता पाया गया है या स्ट्रीट चिल्ड्रन हो या कार्यशील बालक (बाल श्रमिक) हो। (ई) किसी दूसरे बालक या बालकों को जान से मार डाला है या गाली दी है या उसका या उनकी उपेक्षा की है और उस व्यक्ति द्वारा प्रश्नगत बालक को जान से मार डाले जाने, गाली दिए जाने की युक्तियुक्त सम्भाव्यता है। ३. जिसको मानसिक और शारीरिक रूप से धमकी दी जाती है या बीमार सहायता करने या देख-रेख करने वाले किसी को भी न रखने वाले टर्मिनल रोग या असाध्य रोग से ग्रस्त होने वाला बालक। ४. जिसके एक माता-पिता या संरक्षक है और ऐसे माता-पिता या संरक्षक बालक पर नियन्त्रण रख पाने के लिए अनुपयुक्त है या असमर्थ बना दिया गया है। ५. जिसके माता-पिता नहीं है और कोई एक देख-रेख करना चाह रहा है या जिसके माता-पिता ने उसका त्याग कर दिया है या समर्पित कर दिया है या जो खो गया है या भाग गया है और जिसके माता-पिता को युक्तियुक्त जाँच के पश्चात् नहीं पाया जाता है। ६. जिसका लैंगिक दुरूपयोग या अवैधानिक कृत्यों प्रयोजनार्थ गम्भीर तौर पर दुरूपयोग किए जाने, सताए जाने या शोषण किये जाने की सम्भावना है या की जा रही है। ७. जिसको भेद्य (वुलनेरेबल) पाया जाता है और औषधि दुरूपयोग या दुर्व्यापार करने में उत्प्रेरित किए जाने की सम्भावना है। ८. जिसे अन्त:करण के विरूद्ध लाभ के लिए गाली दिया जा रहा है या गाली दिए जाने की सम्भावना है। ९. जो किसी सशस्त्र संघर्ष, सिविल उपद्रव या प्राकृतिक आपदा का शिकार है। २. विधि से संघर्षरत किशोर - वे बच्चे, जिन्होंने संविधान सम्मत तरीके से स्थापित विधि का जाने-अनजाने उल्लंघन किया हो। इनके प्रकरणों में सुनवाई व निपटान सम्बन्धित किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किया जाता है। अधिनियम की धारा ८ के अन्तर्गत विधि के साथ संघर्षरत बालक - बालिकाओं हेतु सम्प्रेक्षण गृह का प्रावधान है। इन गृहों में विधि से संघर्षरत बालक - बालिकाओं को किशोर न्याय बोर्ड के आदेशों से उनकी जांच लम्बित रहने या जमानत होने या अंतिम निपटान तक रखा जाता है। इन गृहों में विधि से संघर्षरत बालक-बालिकाओं हेतु सभी सुविधाएं यथा भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, शिक्षा आदि की नि:शुल्क व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाती है। अधिनियम की धारा ३४ के अन्तर्गत राज्य में देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक - बालिकाओं हेतु बालगृह की स्थापना व पंजीयन का प्रावधान है। इन गृहों में देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक - बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के आदेश से १८ वर्ष तक की आयु होने तक रखने का प्रावधान है। इन संस्थाओं में बालक - बालिकाओं के विकास एवं पुनर्वास की पूर्ण व्यवस्था के साथ-साथ भोजन, वस्त्र, शिक्षा, प्रशिक्षण की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है। ३. विशेष गृह - किशोर न्याय अधिनियम की धारा ९ में किशोर न्याय बोर्ड से सजा प्राप्त विधि के साथ संघर्षरत बच्चों को १८ वर्ष की आयु पूर्ण होने तक रखने के लिए विशेष गृहों का प्रावधान किया गया है। अधिनियम की धारा ४८ के अन्तर्गत विमन्दित बालक - बालिका के समुचित संरक्षण, देखभाल व उपचार हेतु राजकीय विमन्दित महिला व बाल गृह, सेठी कॉलोनी, जयपुर को मान्यता प्राप्त संस्थान प्रमाणित किया हुआ है। अधिनियम की धारा ४८ के अन्तर्गत एड्स/ एच.आई.वी. से ग्रसित बच्चों के लिए अजमेर जिले में ''स्नेह संसार संस्था'', ग्राम हाथीखेड़ा, अजमेर एवं जालौर जिले में ''वात्सल्य चाइल्ड केयर होम'', ग्राम लेटा, जिला जालौर को मान्यता प्राप्त संस्थान प्रमाणित किया हुआ है। > अनैतिक एवं सामाजिक रूप से उत्पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना एवं उनमें नए जीवन का संचार करना। राज्य सरकार द्वारा जयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, जोधपुर एवं उदयपुर में नारी निकेतनों के भवनों का निर्माण कराया गया है। > इस सदन में महिलाओं को प्रवेश देकर उन्हें निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा एवं शिक्षण-प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। > पुनर्वास व्यवस्था के अन्तर्गत जिन आवासनियों के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण दर्ज हैं, उनको सम्बन्धित राज्यों एवं जिलों के न्यायालयों में अपना पक्ष रखने हेतु भेजा जाता है तथा न्यायालय के निर्णय अनुसार आवासनियों को उनके अभिभावक व संरक्षकों को सौंप दिया जाता है। > महिला सदन में रहने वाली महिलाओं को विवाह द्वारा भी पुनर्वासित किया जाता है।
पटौदी। पटौदी इलाके के हेलीमंडी क्षेत्र के सकल जैन समाज ने जैन मुनि फकीरचंद की ८२वीं पुण्य तिथि के मौके पर करीब एक सौ गरीब और जरूरतमंद लोगों को सूखा राशन प्रदान किया है। शुक्रवार को हेलीमंडी सकल जैन समाज ने जैन मुनि फकीरचंद को उनकी ८२वीं पुण्य तिथि पर याद किया और हेलीमंडी-पटौदी के बीच मुख्य सड़क किनारे बने स्मृति स्थल पर उनकी समाधी पर पुष्प अर्पित किये। कोरोना कोविड १९ और लाॅक डाउन के कारण जैन मुनि के समृति स्थल पर मुख्य रूप से राकेश जैन, हैप्पी जैन, दिनेश जैैन, पंकज जैन, बुलबुल जैन, मधु जैन, प्रीति जैन, सुशील जैैन ही पहुंचे औैर समस्त जैन समाज सहित परिवारों की तरफ से समाधी पर सोशल डिस्टेंस का पालन करते, मास्क लगाकर अल्प समय के लिए भजन प्रस्तुत कर उन्हें याद किया गया। इसी मौके पर पास में ही झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले करीब एक सौ लोगों को एक सप्ताह का सूखा राशन वितरित किया। राकेश जैन और हैप्पी जैन ने बताया कि लाॅक डाउन के नियमों की पालना करते हुए समस्त जैन परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने घरों में ही रहते हुए जैन मुनि को याद करते हुए शांति और नमोकार मंत्र का श्रद्धानुसार जाप किया। इन्होंने बताया कि, प्रति वर्ष यहां भव्य रूप से आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के साथ-साथ सभी के स्वास्थ्य को ध्यान में रख, बेशक आयोजन छोटा किया, लेकिन यह पूूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इसी मौके पर सूखा राशन लेने के लिए पहुंचे लोगों को भी साफ-सफाई रखने, मास्क लगाने, बेवजह बाहर घूमने से बचने के लिए प्रेरित किया गया।
मलयालम सिनेमा के मसहूर एक्टर मोहनलाल को उस वक्त लोगों की भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने एटीएम और बैंकों के बाहर लगी कताराें की तुलना शराब के लिए लगने वाली लाइन से की। मोहनलाल ने सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन करते हुए आैर उसे सही ठहराते हुए एक ब्लॉग लिखा था। उन्होंने लिखा है कि, हम बिना किसी शिकायत के शराब, थिएटर और धार्मिक स्थलों के बाहर लाइन में लगते हैं। मेरा मानना है कि बैंक और एटीएम के बाहर लाइन में लगने में कोई बुराई नहीं है। एक्टर ने यह बातें अपने ब्लॉग थे कॉम्प्लेट एक्टर में लिखी, जिसके बाद लाेगाें ने माेहनलाल की इस बयान से सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया है। वहीं पर राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दाैरान मोहनलाल ने कहा कि नोटबंदी से फिल्म प्रोजेक्ट भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने लिखा, मुझे खुद भी परेशानियां हो रही हैं। एक जिम्मेदार नागरिक और समझदारी व्यक्ति होने के नाते मुझे भी इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। उनके इस ब्लॉग के विरोध में लोगों ने सोशल मीडिया पर थे कॉम्प्लेट दिसस्टर हैशटैग ट्रेंड चलाया जा रहा है। इस पर एक शख्स ने लिखा, मेहनत की कमाई को एक्सचेंज कराने के लिए लाइन में लगे लोगों की तुलना नशे के लिए लाइन में लगने वालों से करने के लिए हम तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वाइस प्रेसिडेंट वी. डी. साथीसेन ने भी एक्टर की इसी तर्क के आधार पर आलोचना की। साथीसेन ने लिखा, उन्हें समझना चाहिए कि बैंक और एटीएम के बाहर लोग शराब के लिए नहीं बल्कि पैसों के लिए लाइन में लगे हैं। मोहनलाल ने उन गरीब लोगों का अपमान किया है जिनकी लाइन में लगे-लगे मौत तक हो गई। इनमें से कुछ लोग इलाज के लिए पैसा निकालने आए थे, तो कुछ शादी के लिए। कांग्रेस विधायक के सबरीनाथ ने मोहनलाल के इस विचार को एक फिल्म की तरह बताया, जो रियल लाइफ से बिलकुल मेल नहीं खाती। वहीं, फिल्म डायरेक्टर एमएम निशाद और डबिंग आर्टिस्ट भाग्यलक्ष्मी ने भी एक्टर की आलोचना की।
युवा कल्याण विभाग एवं प्रांतीय रक्षक दल (पी.आर.डी) के तत्वाधान में ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन सरस्वती देवी परमानंद सिन्हा इंटर कॉलेज कौड़िहार के मैदान में आयोजित किया गया। संचालन खेल शिक्षक देवेन्द्र श्रीवास्तव ने किया। वॉलीबाल, कबड्डी, १०० मीटर, २०० मीटर, ४०० मीटर, ८०० मीटर, १५०० मीटर की दौड़, लंबीकूद, गोला फेंक, डिस्कस की प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में क्षेत्र के कई विद्यालय और कॉलेज के छात्र और छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसमें दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय जगदीशपुर चांधन कौड़िहार प्रथम व आरडी कान्वेंट कॉलेज नवाबगंज द्वितीय स्थान पर रहा। प्रतियोगिता के बाद बालक और बालिका वर्ग की टीम का चयन किया गया। बालिका वर्ग में वंदना पटेल, करिश्मा मौर्या, ज्योति मौर्या, आकांक्षा यादव, आकांक्षा पाण्डेय, रानी, वंदिक सरोज, काजल पटेल और बालक वर्ग में अमृत कुमार सरोज, बालगोविंद, आजाद यादव, रंजीत कुमार, अमर बहादुर पटेल, अमित पांडेय का चयन किया गया। चयनित टीम आगामी ५ जनवरी को मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेगी। मुख्य अतिथि एडीओ पंचायत श्रीकांत यादव ने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। विशिष्ट अतिथि सरस्वती देवी परमानंद सिंहा इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य गरिमा त्रिपाठी ने विजेताओं को बधाई दी।
लाइफस्टाइल डेस्क. लाइफस्टाइल डेस्क. ज्यादातर पेरेंट्स पालतू कुत्तों को बच्चों की पढ़ाई के वक्त दूर रखते हैं ताकि बच्चे पढ़ाई छोड़ने उनके साथ खेलने ना लगें। लेकिन हाल ही में कनाडा के यूबीसी ओकानागन स्कूल ऑफ एजुकेशन की रिसर्च में सामने आया है कि जब बच्चों के आस-पास पालतू कुत्ते होते हैं तो उनका मन देर तक पढ़ाई में लगा रहता है और वो जल्दी सीख और याद कर पाते हैं। बच्चे पढ़ाई में ज्यादा इंट्रेस्ट दिखाते हैं। अध्ययन १७ बच्चों पर किया गया। इसमें १ से ३ ग्रेड तक के बच्चे शामिल थे। इन बच्चों को पहले अकेले पढ़ाई को कहा गया और फिर बाद में पढ़ाई के दौरान साथ पालतू कुत्ते साथ रखे गए। शोधकर्ताओं ने विश्लेषण किया कि कुत्ते की मौजूदगी और गैरमौजूदगी में बच्चों ने पढ़ाई किस तरह से की। शोधकर्ता केमिली रूसो ने बताया, 'हमारे अध्ययन ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि क्या एक बच्चे को लंबे समय तक पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है और कुत्ते के साथ होने पर कुछ चुनौतियों को आसानी से पार किया जा सकता है।' शोध में के लिए बच्चों को पहले रीडिंग करने के लिए कहा गया। फिर कुछ ऐसा मेटेरियल दिया गया जो उनकी समझ से परे था। हर बच्चे से कहा गया कि वो किसी डॉग हैंडलर, पालतू जानवरों या किसी को जोर से किताब पढ़ कर सुनाएं। कुत्तों की मौजूगी में उन्होंने पढ़ाई जारी रखने को कहा। इसके अलावा, बच्चों ने अधिक रुचि दिखाई और अच्छा महसूस करने की सूचना दी। कई स्कूलों, पुस्तकालयों और सामुदायिक संगठनों में थेरेपी डॉग रीडिंग कार्यक्रमों की लोकप्रियता में बढ़ी है। रूसो का कहना है कि 'ऐसे अध्ययन किए गए हैं , जिनमें देखा गया है छात्रों की पढ़ने की क्षमताओं को बढ़ाने में कुत्ते सहायक रहे हैं। रूसो ने उम्मीद जताई है कि कई संस्थानों को ये समझ आएगा कि कुत्तों के साथ पढ़ाई करने से बच्चों को खुद को प्रेरित करने में मदद मिलती है।
- चक्का जाम से निपटने को नहीं पुख्ता प्रबंध, चंबा न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें। चंबा। एचआरटीसी के चालकों- परिचालकों के एक दिन के चक्का जाम के निर्णय का जिला में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। जिला प्रशासन की ओर से इस समस्या से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किया जा सके हैं। प्रदेश सरकार ने निजी बस आपरेटरों की मदद से प्रभावित होने वाले रूटों को बहाल करने के निर्देश दिए थे, मगर जिला में ऐसा कोई विशेष प्रबंध नहीं हुआ है। यहां तक कि निजी बस आपरेटरों की रूट मुहैया करवाने की पेशकश भी एक तरह से नजरअंदाज का दी गई है। इस बंद का असर खास कर लांग रूटों पर पड़ेगा। इस कारण पर्यटकों व बाहरी राज्यों में आने-जाने वाले जिलावासियों को निजी बसों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। उधर, इस चक्का जाम से जिला में एचआरटीसी के १०८ रूटों पर बसें नहीं चलेंगी। ऐसे में मंगलवार के दिन सवारियों को खुद ही अपने आने-जाने की व्यवस्था करनी होगी। आरटीओ ओेंकार सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से निजी बस आपरेटरों को कोई विशेष रूट परमिट नहीं जारी किया गया है। लिहाजा यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अपनी सुविधा अनुसार ही प्लान बनाएं। प्राइवेट बसें अपने रूटों पर ही चलेंगी। प्राइवेट बसें अपनी सेवाएं अपने-अपने रूटों तक सारा दिन देंगी। वहीं उपायुक्त डा. सुनील चौधरी ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से सिर्फ यही निर्देश दिए गए हैं कि जो निजी बसें अपने रूटों पर चलती हैं, वे ज्यादा सवारी होने पर अधिक फेरे लगा सकती हैं। विशेष रूटों की व्यवस्था नहीं की है। आरएम एचआरटीसी विजय कुमार सिपहिया ने बताया कि जिला में १०८ रूटों पर एचआरटीसी की बसें चलती हैं। निजी बस आपरेटर यूनियन चंबा के प्रधान रवि महाजन ने कहा कि जिला में अधिकतर रूटों पर निजी बसें ही सेवाएं देती हैं। जरूरत पड़ी तो बसों को आगे ले जाने की परमिशन ले ली जाएगी।
बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की २००८ में रिलीज फिल्म 'गजनी' बॉक्स ऑफिस पर खूब चली थी। इस फिल्म ने ही बॉलीवुड में १०० करोड़ वाले क्लब का ट्रेंड शुरू किया था। अब मेकर्स ने इस हिट फिल्म के सीक्वल की हिंट दे दी है। रिलायंस एंटरटेनमेंट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक ट्वीट किया है, जिसे देखने के बाद 'गजनी' के सीक्वल की चर्चा शुरू हो गई है। मेकर्स ने इस पोस्ट में आमिर को टैग करते हुए लिखा, ''ये पोस्ट वैसे तो 'गजनी' को लेकर था लेकिन अब भूल गए कि हम क्या बनाना चाहते हैं।'' माना जा रहा है कि साउथ की 'विक्रम वेधा' की रीमेक का नाम 'गजनी २' हो सकता है। फिल्म के मेकर्स ने हाल ही में इस टाइटल को रजिस्टर कराया है। रिपोर्ट के अनुसार, टाइटल को हिंदी और तेलुगू भाषा में रजिस्टर कराया गया है. इसके बाद अब यह बात पक्की हो गई है कि 'गजनी २' की प्लानिंग हो रही है. अभी मेकर्स ने इस फिल्म की आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की है। 'गजनी' को एआर मुरुगादोस ने डायरेक्ट किया था और इसके सीक्वल के लिए भी उन्हें ही एप्रोच किया जा सकता है। खबरों की मानें तो इस फिल्म के लिए आमिर अपनी बॉडी पर खासा ध्यान दे रहे हैं. आमिर अपनी डाइट पर कंट्रोल कर रहे हैं। वह अपने शरीर को एक खास शेप में लाने के लिए भी मेहनत कर रहे हैं। 'गजनी २' में भी आमिर का लुक 'गजनी' की तरह टफ नजर आ सकता है।
थारी लुगाई लगे तो म्हारे जैसी, पर मैं थारी लुगाई ना सू । तनु वेड्स मनु रिटर्न्स फ़िल्म देखी, तो गुज़रा वक़्त और उसकी खट्टी मीठी यादों का सिलसिला दिलोदिमाग पे छाने लगा । जब हम इंदौर पहुँचे तो पहले ही दिन क्लास में एक लड़के पे नज़र पड़ी और उसका साइड प्रोफाइल देखके हम चकरा गए । मन ही मन ख़ुशी की फुलझड़ियाँ फूटने लगी । आहा! यह तो थोड़ा-थोड़ा मेरे प्यारे दोस्त से मिलता जुलता है । अच्छा लगा कि उसके जैसा कोई यहाँ है तो यहाँ भी मन लग जायेगा । कुछ दिन बाद इत्तेफाक से वो मेरे बगल वाली सीट पे आ बैठा । मैंने उसकी तरफ़ मुस्कुराके देखा और बातचीत शुरू हो गयी । बस यहीं पे खुशनुमा एहसास का खात्मा हो गया । क्यूंकि उसने कहा हैमा (हेमा), तुम्हारे पास एक पैन (पेन) एक्स्ट्रा है क्या? उफ्फ !! तौबा !! यक्क !! यह क्या है ? उसके मुखारविन्द से ऐसे सरस जलेबी सरीखे बैन सुनके लखनवी लड़की मन ही मन रो दी । प्यारे दोस्त का रूतबा और भी ऊँचा हो गया और यह हमशकल गर्त में जा पहुँचा । ऐसा लगा जैसे मेरा नटखट दोस्त मुस्कुराके कह रहा हो वाह शर्मा जी ! रीबोक नहीं तो रीबूक ही सही उस दिन उस लड़के से सम्मोहन टूट गया और हम उसे नज़रंदाज़ करने लगे । क़िस्सा खत्म हुआ । फ़िर एक और रोचक क़िस्सा हुआ वो भी बेहद बोरिंग क्लास में । हमारे डाटा स्ट्रकचर की क्लास चल रही थी । हम सर झुकाए नोट्स कॉपी कर रहे थे कि अचानक एक आवाज़ ने चौंका दिया । हमने हडबडाके तुरंत सर उठाया तो देखकर यक़ीन ही नहीं हुआ कि हमारे लेक्चरर ने वो उम्हुम्म की आवाज़ की थी । बिल्कुल मेरे प्यारे दोस्त के अंदाज़ में । हम उन्हें कुछ देर एकटक देखते रहे । सचमुच ऐसा हुआ या हमने इतनी बोरियत भरी क्लास में छोटी सी झपकी ले ली और छोटा सा सपना देख लिया था ! लेकिन कुछ देर बाद फिर उन्होंने ऐसा ही किया हमारी ख़ुशी का आर-पार ना रहा । और उस दिन के बाद कभी हमने उनकी कोई क्लास गुल नहीं की और बस वो उम्हुम्म करे इसका इंतज़ार करते रहते थे । जैसे ही वो ऐसा करते हम सर झुका के एक हाथ अपने होंठो पे रखके चुपके से खुश हो लेते थे । वो सेमेस्टर बीता और उनका साथ छूट गया । उनको अलविदा कहके हम लौटे अपनी यादों से वापस । सामने दत्तो कह रही थी अच्छा तो इब जो तीसरी ढूँढोगे वो भी ऐसी सी सकल की ढूँढोगे ? और राजा अवस्थी ने वही कहा जो हमने तब सोचा था बस हो गया हमारा, सारे शौक पूरे हो गए हमारे । यादों के मेले में हम फिर जा पहुँचे । तुम जैसे दिखने वाले या तुम्हारे जैसे अंदाज़ वाले तो मिल जाते है लेकिन वो तुम नहीं होते । मुझे बस तुम तुम और तुम चाहिए । इस बीच एक मेल भी आई । मेल करने वाले का नाम और मेरे दोस्त का नाम एक ही था, हाँ लेकिन उसका पूरा नाम अलग था । उन दिनों ना व्हाट्सएप्प (व्हेत्सप्प) होता था, ना ऑरकुट ना फेसबुक । लेकिन उनदिनों मेल होती थी, याहू चैट होती थी और बहुतसारी वेबसाइट्स होती थी ग्रीटिंग कार्ड्स वाली । लड़को को अनजान लड़कियों से दोस्ती करने के यह साधन थे । तो कई मेल्स आती थी अजनान लोगों की । लेकिन हमने कभी किसी को रिप्लाई नहीं दिया । इस बार हम अपना यह व्रत तोड़ रहे थे । हमने उसे रिप्लाई किया हम तुम्हें रिप्लाई इसलिए कर रहे हैं क्यूँकि तुम्हारा नाम हमारे एक बहुत प्यारे दोस्त से मिलता जुलता है, इसके बाद हमे मेल मत करना क्यूँकि हमे तुम्हारी मेल नज़रंदाज़ करने में काफ़ी तकलीफ़ होगी । बताने की ज़रूरत नहीं कि उस लड़के ने दोबारा कभो मेल नहीं की । जो भी इसको पहन ले वो अपना सा लगता है । कहीं कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है । हमने घूमके पतिदेव की तरफ़ देखा वो फ़िल्म से बहुत ही खुश थे । उनके ख़ुशी और सन्तुष्टि भरे चेहरे को देखके उनपे बड़ा प्यार आया और मन गा उठा । छोटी छोटी गलतियाँ और ना-उम्मिंदी रिश्तों को उधाड़ने पे आमादा रहती हैं तो अच्छी यादें बखिया कर देती हैं । प्यार की चांदनी जो बिखरने सी लगती है हर रोज की व्यस्तताओं में, उसे करीने से बिछाने की अदाकारी होती है यादों में । सपनों के तारों पे हकीक़त की जो गर्द जम जाती है, उसे मांझकर फिर से टिमटिमाने की कला सिखा देती हैं अच्छी यादें । जो हमारे पास है उसे सराहने की इच्छा जाग उठती है । जीवन और दुनिया अच्छी लगने लगती है । तो आप बताइए कब ले चलेंगी मुझे अपने यादों के सफ़र पे?
बिल गेट्स का जन्म सिएटल (सीटल, वॉशिंगटन) के अपर मिडल क्लास फ़ैमिली में हुआ था। पिता विलियम हेनरी गेट्स सीनियर (विलियम हेनरी गेट्स सीनियर) एक वकील थे। माँ मैरी मैक्सवेल गेट्स पहली इंटरस्टेट बैंक सिस्टम के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स की सद्स्या थी। उनके परिवार में दो बहनें, कृस्टी (क्रिस्टेन) और लिब्बी हैं, जो एक उनसे बड़ी और दूसरी छोटी हैं। उनके नाना राष्ट्रीय बैंक के प्रेसिडेंट थे। उनके पैरेंट्स उन्हें बचपन से ही कॉम्पटिशन के लिए प्रेरित करते थे। १३ साल की उम्र में बिल गेट्स का प्रारंभिक शिक्षा लेक्साइड स्कूल में स्टार्ट हुआ। उनको बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में काफी रुचि थी। इस रुचि के लिए वे मैथ की क्लास भी छोड़ देते थे। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने बेसिक कंप्यूटर लैंग्वेज में टिक टैक तोए प्रोग्राम को लिखा, जिसे यूजर गेम खेलने में यूज करते है। स्कूल में कंप्यूटर पर जरूरत से अधिक समय बिताने के कारण एक बार उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिनमें पॉल एलन, रिक वेलैंड, और केंट एवंस भी शामिल थे। उन दिनों अमेरिका में बच्चों का ज्यादा समय तक कंप्यूटर उपयोग करने पर बैन था। बैन खत्म होने के बाद इन चारों स्टूडेंट्स को क्क स सोफ्त्वरे से कमियाँ निकालने का काम दिया गया और बदले में उन्हें कंप्यूटर पर एक्सट्रा टाइम बिताने का ऑफर दिया गया। वे सीसीसी की ऑफिस गए और वहाँ उन्होंने विभिन्न प्रोग्राम्स में उपयोगी सोर्स कोड का अध्ययन किया। यह काम १९७० के अंत तक जब कंपनी बंद हो गई तब तक करते रहे। अब तक १५ वर्षीय गेट्स को अपनी हुनर का पहचान मिल चुका था। इसी वर्ष इंफोरमेशन साइंस, इनक ने सीसीसी में काम करने चारों स्टूडेंट्स को कोबोल भाषा में पैरोल प्रोग्राम लिखने के लिए हायर कर लिया। इस काम के एवज में उन्हें रॉयल्टी और कंप्यूटर पर मनचाहा समय बिताने की छूट दी गई। १९७२ में १७ साल की उम्र में बिल गेट्स ने अपने स्कूल फ्रेंड पोल एलन के साथ मिलकर ट्रफ-ओ-डाटा नाम से एक वैंचर बनाया। जिसमें वे इंटेल ८००८ प्रोसेसर पर आधारित ट्रफिक काउंटर्स बनाया करते थे। १९७३ के शुरू में उन्हें उ स हाउस ऑफ रिप्रसेंटटिव में अपनी सेवा देने का मौका मिला। १९७३ में बिल गेट्स ने लेक्साइड स्कूल से उम्दा अंकों से ग्रेजुएशन पूरा किया, जिसके कारण वे नेशनल मेरिट स्कोलर भी रहे। उन्होंने सत की परीक्षा में १६०० में १५९० अंक अर्जित किए। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए हावर्ड कॉलेज चले गए। जहां वे स्टीव बालमर से मिले, जो बाद में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने। इसी समय उन्होंने एमआईटीएस इंटेल ८०८० क्पू पर आधारित अल्टायर ८८०० बनाया। यहीं से उन्होंने और इवान्स ने सोचा कि क्यों ना खुद की कंपनी बनाई जाए। वे उस समय ही कॉलेज छोड़ने का मन बना चुके थे। उन्हें अपनी नई कंपनी बनाने में पैरेंट्स की भी मदद मिली। रेड अलसो : कैसा बना वो फर्श पर सोकर गूगल का सीईओ ? १९७५ में अपनी कंपनी का नाम माइक्रो-सॉफ्ट रखा, जिसे नवंबर २६, १९७६ में (-) हायफ़न को हटाकर माइक्रोसॉफ्ट के नाम से रजिस्टर करा लिया। उस समय माइक्रोसॉफ़्ट का बेसिक प्रोग्राम पोपुलर हो चुका था। पर वे चाहते थे कि वे अन्य सॉफ्टवेर पर भी काम करें। सो वे बहुत से विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग लैड्ग्वेज पर सॉफ्टवेयर बनाने लगे। जनवरी १, १979 में उन्होंने अपनी कंपनी को अल्बूकर्क्यू से बेलेव, वॉशिंग्टन शिफ्ट कर लिया। जुलाई १९८० में आईबीएम अपनी आने वाली प्क की ओपरेटिंग सिस्टम की कमी को पूरा करने के लिए माइक्रोसॉफ़्ट से पार्टनर्शिप कर लिया। उन्होंने ८६-डोस ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया, जिसे क्डोस भी कहा जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम क्प/म के समान था। इस डील के लिए उनकी कंपनी को $५०.००० मिले। इस डील से खुश उन्होंने ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करने पर ही पूरा फोकस करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में म्सडोस को लांच किया, जो काफी पोपुलर हुआ। जिसे आप और हम अच्छी तरह से जानते हैं। २० नवंबर १९८५ को माइक्रोसॉफ्ट विंडो का पहला वर्जन आया। जो कंप्यूटर के दुनियाँ का ऑपरेटिंग किंग बना गया, जो आज तक बरकरार है। वे १९७५ से २००६ तक कंपनी की प्रॉडक्ट डेव्लपमेंट रणनीति को खुद सँभालते रहे। फिर इसके बाद वे माइक्रोसॉफ़्ट के चेयरमेन बन गए। उन्होंने अपनी वाइफ के साथ मिलकर २००२ में बिल & मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के नाम से चरिटेबल ऑर्गनीसशन बनाया, जिसके द्वारा वे दुनियाँ भर में सोशल वर्क और धन-दान करते है। २००८ में उन्होंने माइक्रोसॉफ़्ट को प्रोमोट करने के लिए जेरी सेनफील्ड के साथ ९० सेकंड का अध में भी भाग लिया। जिसमें वे एक अजनबी से बात कर रहे थे। आज माइक्रोसॉफ्ट का नेट इनकम १२.१९ बिलियन है और फोर्ब्स की धनवान कंपनी की सूची में दूसरे स्थान पर है। आज उनका नेटवर्थ ७५.५० बिलियन है। वर्तमान में वे माइक्रोसॉफ़्ट का चीफ अद्विसर के पद पर कार्यरत है और भारतीय सत्या नड़ेला माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ है। २। कभी मेहनत-मजदूरी करता था, आज कॉमेडी किंग है।
कम लोगों से शुरुआत करो, जिन्हें तुम जानते हो।सामाजिक व्यवहार जैसे आंखें मिलाना, आत्मविश्वास से भरा बॉडी इमेज, छोटी-छोटी बातचीत, प्रश्न पूछना और ऐसे लोगों को आमंत्रित करना जिनके साथ तुम सबसे ज्यादा सहज महसूस करते हो। साथ ही, मुस्कुराना भी सीखो। इस तरह से अपना आत्मविश्वास बढ़ाओ और अपने नये दोस्तों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार करने का प्रयास करो। कोई बात कहने से पहले अभ्यास करना भी बेहतर है। जब तुम किसी बात कहने की कोशिश करने के लिए तैयार होगे तो हो सकता है, तुम उसे अपने शर्मीलेपन की वजह से छोड़ दो, जैसे कोई फोन कॉल या कोई बातचीत, तुम क्या कहना चाहते हो इसे पहले से ही लिख लो। तेज-तेज बोलकर अभ्यास भी कर सकते हो, चाहो तो शीशे के सामने खड़े होकर भी अभ्यास कर सकते हो। इस बात की फिक्र बिल्कुल मत करो कि वह वैसा नहीं हो पा रहा है जैसा कि तुम अभ्यास कर रहे हो या फिर ज्यादा अच्छा नहीं हो पा रहा है।सबसे खास बात यह है कि तुम आत्मविश्वास बनाए रखो। जब अगली बार तुम अभ्यास करोगे तो तुम खुद को पहले से ज्यादा बेहतर पाओगे। ऐसी एक्टिविटीज वाले समूह में शामिल हो, जिसमें तुम्हारी दिलचस्पी वाले लोग हों। इस जगह नये लोगों के बीच तुम खुद को मेलजोल बढ़ाने का एक मौका दो और उन लोगों को धीरे-धीरे जानने की कोशिश करो। जो लोग शर्मीले होते हैं अकसर असफलता या फिर लोग उन्हें जज करेंगे जिनकी तुम्हें फिक्र रहती है। इस तरह की फिक्र और अनुभव के बावजूद तुम्हें प्रयास करते रहना चाहिए। खुद को अपना बेस्ट फ्रेंड मानकर व्यवहार करो। असफलता सोचने की बजाय खुद को प्रोत्साहित करने का प्रयास करो। सबसे अहम बात यह कि खुद के बारे में सोचो। बातचीत की शुरुआत को पहले ही सोच लो। अकसर किसी नये व्यक्ति के साथ बातचीत शुरू करने से पहले यही सोचना पड़ता है कि शुरुआत वैसे की जाए। शुरू करने वाली बातें पहले सोच लो जैसे खुद का परिचय देना, तारीफ करना या फिर कोई प्रश्न पूछना। बातचीत शुरू करने के बाद किसी बात का जवाब देने के लिए खुद को तैयार रखो, ऐसा करने से किसी से बातचीत करना ज्यादा आसान हो जाएगा।
सुरसा (हरदोई)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सुरक्षा थाना क्षेत्र के गांव मलिहाबाद में बीती रात बारात के दौरान जनातियों व बारातियों में कहासुनी हो गई। सूचना पर पहुंची यूपी १०० पुलिस ने विवाद शांत कराने का प्रयास किया तो बारातियों ने पुलिस पार्टी पर हमला बोल दिया। दरोगा व दो सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर थप्पड़ व लातघूसों से पीटा। महिलाबाद निवासी एक युवती की बुधवार को शादी थी। उन्नाव जिले के कस्बा बांगरमऊ से बारात आने के बाद धूमधाम से उसका स्वागत व अगवानी की गई। बारात में शामिल कुछ बाराती नशे में बेहद धुत थे। खुलेआम शराब पीने के बाद उन्होंने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। कुछ जनातियों को नशेड़ियों ने पीटा तो उन्होंने यूपी १०० पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी। इस पर आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। झगड़ रहे लोगों को शांत कराना शुरू किया। इस बीच कुछ नशेड़ी बारातियों ने पुलिस कर्मियों को घेर लिया और पीटना शुरू कर दी। पुलिस कर्मी जाने बचाने के लिए भागे तो उन्होंने पीछा कर उन्हें पीटा। बाद में सूचना पर भारी पुलिस फोर्स थाने से पहुंचा लेकिन तब तक नशेड़ी भाग चुके थे। बताया गया कि दरोगा व दो सिपाही पिटाई का शिकार हुए हैं। पीड़ित दरोगा सतेंद्र ने ओर से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
नई दिल्ली, १० अक्तूबर - त्योहारी सीजन से पहले रेल कर्मियों को ७८ दिनों का वेतन बोनस के रूप में मिलेगा। केन्द्रीय कैबिनेट बुधवार काे इस बात की घोषणा कर दी है। पिछले वर्ष भी कर्मचारियों को इतना ही बोनस दिया गया था। रेल कर्मचारियों के संगठनों से बातचीत के बाद रेलवे बोर्ड ने २०१७-१८ के लिए अपने कर्मचारियों को उत्पादकता-लिंक बोनस के रूप में ७८ दिनों के वेतन के बराबर का बोनस का प्रस्ताव किया था। यह बोनस नॉन गजेटेड कर्मचारियों को ही मिलता है। इस बार बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा ७,००० रुपए की गई है, जिससे रेलकर्मियों को करीब 1७,९५१ रुपए बोनस राशि के मिलेंगे।
शहर बरेली का सबसे बड़ा और सबसे भव्य थियेटर प्रभा टाकीज़ जो रामपुर गार्डन नामक पॉश कॉलोनी के नज़दीक स्थित है । आज इस टाकीज़ में पैर रखने तक को जगह नहीं है और हर तरफ़ सर ही सर नज़र आ रहे हैं । हर तरफ़ भीड़ ही भीड़ । बुकिंग विंडो,जहाँ टिकटें बांटी जाती है कब की बंद हो चुकी है लेकिन अब भी विंडो को घेरे कई लोग इस उम्मीद में खड़े हैं कि शायद विंडो दोबारा फिर खुलेगी । विंडो के नज़दीक एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ है जिसपर मोटे-मोटे अंग्रेज़ी के अक्षरों में लिखा है 'हॉउसफुल' जिसे देख कर टिकट खरीदने आने वाले दर्शक निराशा में सर हिलाते हुए वापस लौट रहे हैं । जिनको टिकट मिल चुके हैं वे चहरे पर प्रसन्नता और विजेता के से भाव लिए दूसरो को हिकारत भरी नज़रों से देखते हुए घूम रहे हैं और जिनको टिकट नहीं मिले हैं वे बेचैनी के आलम में टिकटों की जुगाड़ में हड़बड़ाये इधर-उधर घूम रहे हैं । एक कोने में एक ब्लैकिया टिकट बेच रहा है जिसे घेर कर भीड़ खड़ी है । ब्लैकिया बड़ी दक्षता से एक हाथ में टिकटों को दबाये और दुसरे हाथ में नोटों को उँगलियों के बीच दबाये 'पाँच का बीस,पाँच का बीस' कहता हुआ टिकट बेच रहा है । भीड़ उससे मोलभाव कर रही है लेकिन वह बड़े तजुर्बेकार और घिसे हुए अंदाज़ में अपनी मांग से टस से मस नहीं हो रहा है । ब्लैकिया और उसे घेरे खड़ी भीड़ से थोड़ी दूर टाकीज़ के एक गेट के नज़दीक एक छह-सात साल का बच्चा दीवार के सहारे खड़ी साईकल पर बैठा हुआ उत्सुकता और आशा भरी से नज़रों से बार-बार मुंह उठा कर भीड़ की तरफ देख रहा है । थोड़ी देर में भीड़ से निकल कर एक युवक साइकिल की तरफ़ आता है जिसे देख कर बच्चा उत्सुकता भरे अंदाज़ में कहता है,"क्या हुआ मुख़्तार भाई टिकट मिला क्या?" । युवक ना में सर हिलाता है । बच्चे का सर लटक जाता है । "चलो वापस चलते हैं",युवक कहता है । साइकिल पर बैठकर दोनों वापस लौट जाते हैं लेकिन उसी दिन के दुसरे शो के लिए करीब १ बजे दोनों फिर वापस लौटते हैं । युवक टिकट विंडो पर किसी राशन की दुकान पर लगी सर्प सरीखी लम्बी लाइन में लग जाता है और बच्चा साईकल की रखवाली करता हुआ उसपर बैठा हुआ इस बार टिकट मिल जाने की आशा मन में लिए हुए इंतज़ार करता है । युवक एक बार फ़िर टिकट विंडो से टिकट प्राप्त करने की जीतोड़ कोशिश करता है लेकिन इस बार भी उसके हाथ निराशा ही लगती है और दोनों को फिर मुंह लटकाए घर वापस लौटना पड़ता है । दोस्तों,उस प्रभा थियेटर में-जिसका नाम प्रभा टाकीज़ था-फ़िल्म 'शक्ति' लगी थी और वह बच्चा और कोई नहीं बल्कि खुद खाकसार था और आज की इस बज़्मे महफ़िल में हम तब्सिरा करेंगे फ़िल्म 'शक्ति' पर ।
श्री संजीव सोनी (५८) ने १० जुलाई, २०१९ को निदेशक (वित्त), सीआईएल का पदभार ग्रहण किया । इससे पहले वे १९.०६.१८ से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यरत थे । उनका जन्म १८ जून, १९61 को हुआ और उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से कॉमर्स में स्नातक किया है । वे भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं । श्री सोनी के पास ३२ वर्षों से अधिक का वृहद अनुभव है और उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में कोयला उद्योग की सेवा की है । श्री सोनी ने २७.०५.१९८६ को सीएमपीडीआई (कम्पड़ी) से अपने सेवा की शुरूआत की । ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने डब्ल्यूसीएल मुख्यालय, नागपुर में आईएडी के महाप्रबंधक (वित्त) के रूप में अपनी सेवा दिए है । अपने पेशेवर कैरियर के दौरान श्री सोनी ने सीएमपीडीआई में विभिन्न क्षमताओं में अपनी सेवा दी है । वह कम्पड़ी / ब्सल / गोई / अंडप द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किए गए अंडप / गेफ / गोई- कोल बेड मीथेन रिकवरी एंड यूटिलाइज़ेशन परियोजना के वित्तीय कार्यों के प्रभारी थे । डब्ल्यूसीएल में आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग के प्रमुख के तौर पर श्री सोनी ने मजबूत आंतरिक नियंत्रण के निर्माण की दिशा में विभिन्न पहल किए है । उन्होंने सीबीएम परियोजना कार्यान्वयन के लिए वर्ष २००४ में वियना, ऑस्ट्रिया और सीआईएल प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में पऐक २०१९ के लिए टोरंटो, कनाडा का दौरा किया है ।
सैम पित्रोदा की सलाह पर सरकार ने पेयजल, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन, दूर संचार एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मिशन स्थापित करके विकास कार्य प्रारंभ किया । राजीव गांधी - सैम पित्रोदा का मिशन मोड एप्रोच इतना अधिक लोकप्रिय हुआ है कि कांग्रेस और गांधी परिवार के कटु आलोचक वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक दर्जन से अधिक स्कीमों एवं संचालन अभिकरणों के साथ मिशन जुड़ा हुआ है। भारत में जापान के सहयोग से ईंधन बचत करने वाले वाहनों के उत्पादन की शुरूआत, जापान के समान ही बड़े उद्योगों से सहायक उद्योगों को जोड़ने की उत्पादन प्रक्रिया के अंर्तगत हजारों एंसलरी उद्योगों की स्थापना की पहल, सेवा प्रतिष्ठानों एवं सरकारी विभागों में कम्प्यूटरीकरण आदि अन्य योगदान हैं । राजीव गाांधी- सैम पित्रोदा की ये विकास पहले वर्तमान डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया की बुनियाद बन गई है। कांंग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अनुरोध पर भारतीय सूचना क्रांति के जनक माने जाने वाले सैम पित्रोदा ९ से १५ नवंबर तक एक सप्ताह के लिए गुजरात प्रवास पर थे। राहुल गांधी ने उनको गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र बनाने में मधुसूदन मिस्त्री और दीपक बाबरिया को सहयोग के लिए आमंत्रित किया था। सैम पित्रोदा ने चुनावी घोषणापत्र को जनोन्मुखी बनाने के लिए अहमदाबाद, बडोदरा, राजकोट, भावनगर तथा सूरत इन पांच प्रमुख नगरों में जाकर वहां के विभिन्न वर्गों के साथ बैठक करके उनकी समस्याओं एवं अपेक्षाओं के बारे में बातचीत की। गुजरात प्रवास के अंतिम दिन १५ नवंबर को उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि जनचर्चा में लोगों ने बताया कि निजीकरण के कारण निजी शिक्षण संस्थानों में भारी फीस, शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी रोजगार न मिल पाना, आम जनता के लिए आवास, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं में कमी आदि गुजरात की आम जनता की प्रमुख समस्याएं हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र जनोन्मुखी होगा जो प्रमुख रूप से छात्रों, छोटे व्यवसायियों, किसानों तथा महिलाओं पर केन्द्रित होगा। गांधी परिवार से सैम पित्रोदा की नजदीकी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गंाधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद १९८४ से प्रारंभ हुई। भारत आकर अपनी सेवाएं देने के प्रधानमंत्री राजीव गंाधी के आमंत्रण को स्वीकार कर सैम पित्रोदा भारत आए। उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में स्वायत्त रूप से अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट अर्थात सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना की। प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा सलाहकार नियुक्त किए जाने के बाद उनके भारत में सूचना क्रांति के क्षेत्र में उनके योगदान से सभी प्रबुद्धजन परिचित हैं किन्तु उनके अन्य योगदान अनदेखे रह गए इसलिए कि राजीव गांधी १९८९ तक ही प्रधानमंत्री रहे तथा उनके योगदान की बजाय बोफोर्स का पुछल्ला जोड़कर उनकी छवि धूमिल की गई। मेरी नजर में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान के समान ही आर्थिक विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रशासन में मिशन एप्रोच अपनाने की शुरूआत करना भी महत्वपूर्ण योगदान था। सैम पित्रोदा की सलाह पर सरकार ने पेयजल, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन, दूर संचार एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मिशन स्थापित करके विकास कार्य प्रारंभ किया। राजीव गांधी-सैम पित्रोदा का मिशन मोड एप्रोच इतना अधिक लोकप्रिय हुआ है कि कांग्रेस और गांधी परिवार के कटु आलोचक वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक दर्जन से अधिक स्कीमों एवं संचालन अभिकरणों के साथ मिशन जुड़ा हुआ है। भारत में जापान के सहयोग से ईंधन बचत करने वाले वाहनों के उत्पादन की शुरूआत, जापान के समान ही बड़े उद्योगों से सहायक उद्योगों को जोड़ने की उत्पादन प्रक्रिया के अंतर्गत हजारों एंसलरी उद्योगों की स्थापना की पहल, सेवा प्रतिष्ठानों एवं सरकारी विभागों में कम्प्यूटरीकरण आदि अन्य योगदान हैं। राजीव गांधी- सैम पित्रोदा की ये विकास पहलें वर्तमान डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया की बुनियाद बन गई है। गांधी परिवार से इसी नजदीकी के कारण ही सैम पित्रोदा कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जून २०१७ में समुद्रपारीय कांग्रेस का अध्यक्ष मनोनीत किया। कांग्रेस पार्टी में अपने इस नए दायित्व का निर्वहन करते हुए सैम पित्रोदा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सितंबर २०१७ माह में अमेरिका स्थित कुछ विश्वविद्यालयों एवं प्रवासी भारतीयों के साथ संबोधन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अमेरिका में प्रवासी गुजरातियों के बीच सैम पित्रोदा की लोकप्रियता को देखकर राहुल गांधी ने उन्हें गुजरात विधान सभा चुनाव अभियान में जोड़ने हेतु नवंबर माह में एक सप्ताह के लिए आमंत्रित किया। सैम पित्रोदा ने उनको सौंपे गए दायित्वों का निर्वाह करते हुए पांच नगरों में प्रवास कर वहां के विभिन्न वर्गों से चर्चा करके चुनावी घोषणापत्र तैयार किया है। सैम पित्रोदा का कहना है कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र सही मायनों में गुजरात का जनघोषणापत्र होगा जिसमें प्रमुखत: शिक्षा, स्वास्थ्य, लघु एवं मध्यम उद्यम, रोजगार सृजन एवं पर्यावरण संरक्षण पर फोकस होगा। सैम पित्रोदा का कहना है कि प्रधानमंत्री का बहु प्रचारित गुजरात विकास मॉडल पश्चिमी विकास मॉडलों के समान ही ऊपर से नीचे मॉडल है जिसमें जीडीपी, संयंत्र, बन्दरगाह, सड़क आदि विकास पर केन्द्रित होता है उसका लाभ उच्च आमदनी वाले वर्ग के कुछ लोगों को ही मिल पाता है। उनके द्वारा बनाए गए कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र नीचे से ऊपर विकास पर केन्द्रित है जो आम जनता खासकर ग्रामीण जनता के शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार सृजन की जरूरतों को पूरी करेगा। यह विकास मॉडल, महात्मा गांधी की विकास की अवधारणा पर आधारित होगा। सैम पित्रोदा का कहना है कि गुजरात में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर सबके आर्थिक विकास के लिए महात्मा गांधी के समग्र ग्रामीण विकास पर केन्द्रित विकास मॉडल में सूचना प्रौद्योगिकी को हर स्तर पर जोड़कर नवप्रवर्तित गांधी विकास मॉडल को अपनाएगी। इसका पहला प्रयोग गुजरात में सफल होने के बाद केन्द्र में सत्ता में आने पर गुजरात का प्रयोग पूरे भारत में अपनाएगी। सैम पित्रोदा के इस विकास मॉडल को महात्मा गंाधी से जोड़ने की बजाय राहुल गांधी-सैम पित्रोदा विकास मॉडल कहना अधिक उपयुक्त होगा इसको इसी नाम से नरेन्द्र मोदी के तथाकथित गुजरात मॉडल के मुकाबले प्रचारित करना अधिक उपयुक्त होगा। सैम पित्रोदा के गुजरात दौरे के बाद उनकी कांग्रेसी नेताओं से बातचीत के बाद एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने अपना नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक लोकप्रिय पत्रिका को बताया कि गुजरात के अनेक कांग्रेसी नेताओं की राय में २०१९ के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के मुकाबले सैम पित्रोदा कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं। यदि गुजरात विधानसभा चुनाव में आम मतदाताओं के बीच जो अंडर करेट चल रहा है कि गुजराती प्रधानमंत्री को २०१९ के लोकसभा चुनाव में जिताने के लिए विधानसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार कोई भी हो भाजपा के कमल को ही मतदान करके जिताना है। ऐसी स्थिति में पाटीदार और दलित वर्ग के कांग्रेस के समर्थन के बावजूद भाजपा के लिए १८० सीटों में से १०० सीटें जीतना कठिन काम नहीं होगा। मेरी समझ में कांग्रेस को सचमुच ही जीतने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना है तो कांग्रेस आला कमान को अतिशीघ्र सैम पित्रोदा को प्रधानमंत्री पद घोषित करते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लेना होगा। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी के गुजरात मॉडल के मुकाबले सैम पित्रोदा द्वारा विकसित आर्थिक विकास मॉडल को राहुल गांधी-सैम पित्रोदा विकास मॉडल प्रचारित करना भी जीत की संभावनाओं को बढ़ाने में मददगार होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात सैम पित्रोदा ने गुजरात दौरे के समय अपनी जाति विश्वकर्मा बताई है तथा अपने आप को गंगाराम बढ़ई का बेटा बताया है। चायवाले प्रधानमंत्री के मुकाबले पिछड़ा वर्ग से संबंधित गुजराती बढ़ई का दूरसंचार कारीगर बेटे के रूप सैम पित्रोदा का प्रचार चुनाव अभियान चलाने पर कांग्रेस के गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने की संभावना बनती है। यही प्रचार २०१९ के लोकसभा चुनाव जीतने में भी मददगार हो सकता है।
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मशहूर सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दिलजीत दोसांझ इन दिनों टेलीविजन के लोकप्रिय लाइव सिंगिग रिएलिटी शो राइजिंग स्टार में बतौर जज नजर आ रहे हैं। सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन टेलीविजन के लोकप्रिय सिंगिग रिएलिटी शो राइजिंग स्टार' में जज के रूप में नजर आ रहे हैं। राइजिंग स्टार अपने आप में एक अनूठा सिंगिग शो है जिसमें कंटेस्टेंट की किस्मत का फैसला जज नहीं बल्कि जनता करती है। यह एक लाइव सिंगिंग रिएलिटी शो है। मशहूर सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ भले ही सिंगिग रिएलिटी शो में जज के रूप में नजर आ रहे हों लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि वह एक दिन कुकिंग रिएलिटी शो में नजर आएं क्योंकि उन्हें खाना बनाना पसंद है। आपको बता दें कि दिलजीत दोसांझ, शंकर महादेवन और मोनाली ठाकुर के साथ लाइव सिंगिंग रिएलिटी शो राइजिंग स्टार में बतौर जज नजर आ रहे हैं। दिलजीत दोसांझ पंजाबी संगीत का जाना पहचाना नाम है। सिगंर-एक्टर दिलजीत दोसांझ हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के जीवन पर आने वाली फिल्म सूरमा' में अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा के साथ एक्टिंग करते हुए दिखाई देंगे। इसके साथ ही दिलजीत दोसांझ बूम बूम इन न्यूयार्क' और निर्माता रमेश तौरानी की एक फिल्म में भी नजर आएंगे।
चेहरे पर किसी प्रकार के दाग धब्बे कोई नहीं चाहता है। पर कुदरत किसी के चाहने से नहीं चलती। मानव जीवन आज के युग में काफी व्यस्त जीवन हो गया है। आज के दौर की इस दौड़ धूप में व्यक्ति अपने स्वास्थ्य व शरीर के लिए सोच नहीं पाता है और व्यस्तता के चलते वह सही संतुलित व पोषण युक्त आहार नहीं ले पाता है। जिसके कारण उपयुक्त या पर्याप्त पोषण शरीर को नहीं मिल पाता वह दौड़ धूप के कारण व्यक्ति को कुछ प्राकृतिक परिवर्तन का सामना करना पड़ता है। जिसमें व्यक्ति की त्वचा पर झुर्रियां व झाइयां जैसी समस्या देखने को मिलती है। यह समस्या समय से पहले ही देखने को मिल जाती हैं। झुर्रियां जैसी समस्या पर हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं। आज यहां हम बात कर रहे हैं चेहरे पर दाग धब्बे व झाइयों के घरेलू उपचार जिसके कारण व्यक्ति को काफी सारी समस्या का सामना करना पड़ता है। जैसे जिस व्यक्ति के चेहरे पर झाइयां होती हैं या किसी प्रकार के धब्बे होते हैं ऐसे व्यक्तियों में कहीं ना कहीं आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है व चेहरे पर किसी प्रकार के दाग धब्बे होने से व्यक्ति की सुंदरता में कमी आ जाती है। और ऐसा होना काफी समस्या की बात होती है क्योंकि सुंदरता में किसी प्रकार की कमी होना व्यक्ति को अपने आप में काफी पिछड़ा महसूस कराने लगता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए आज हम यहां कुछ घरेलू उपचार बताने वाले हैं जिससे व्यक्ति अपने चेहरे के कई प्रकार के दागों से मुक्ति पा सकते हैं और अपने चेहरे को दाग रहित रख सकते हैं। खुश्क त्वचा की दशा में चंदन की लकड़ी दूध में घिस कर और तैलीय त्वचा की दशा में चंदन को गुलाब जल में घिसकर लगाएं घंटे भर बाद स्नान कर लें या चेहरा ठंडे पानी से धो लें। यह प्रयोग गर्मियों में करें। चेहरा दाग रहित हो जाता है। चोट के निशान अथवा जल जाने के बाद चेहरे पर पड़ गए काले दागों को मिटाने के लिए चंदन पानी में घिसकर रोज दागों के ऊपर लगाने से आशातीत लाभ मिलता है। विकल्प १. प्रतिदिन एक पके टमाटर के गूदे में नींबू के रस की कुछ बूँदें डालकर प्रातः एवं सायं चेहरे पर धीरे-धीरे मलें कुछ देर बाद पानी से धो डालें ऐसा करते रहने से कुछ ही दिनों में त्वचा दाग रहित व चमकीली हो जाती है। विकल्प २. चेहरे के धब्बे और झुर्रियों पर रात को नींबू का रस लगाएं या नींबू लेकर मलें सारी रात लगा रहने दें और प्रातः धो डालें निरंतर १ से २ सप्ताह तक इस प्रयोग को करने से चेहरे के दाग, धब्बे, कील व झुर्रियां दूर हो जाती हैं और सख्त, मोटी, त्वचा मुलायम होती है। यदि जिगर विकार के कारण चेहरे पर धब्बे हो गए हों तो इस प्रयोग के साथ एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर दिन में दो से तीन बार आवश्यकता अनुसार १0 से १5 दिन तक सेवन करें। विकल्प ३. नींबू का रस और तुलसी की पत्तियों को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी साफ व स्वच्छ कांच की शीशी में रख लें इस मिश्रण को दिन में दो बार रूई से मुख पर मलें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से मुंह की झाइयां नष्ट हो जाएंगीं । विकल्प ४. पर काले दाग झाइयां हो तो सुखी हल्दी की गांठ को नींबू के रस में जिस पर दांव पर लगाते रहने से वह धीरे धीरे मिट जाते हैं।
देवयानी मामला: 'रिश्तों पर लंबे समय तक नहीं पड़ेगा असर' यू अरे हेरेंटरनेशनथरदय, जान्वरी ०२, २०१४-१०:५१ आमवाशिंगटन: ओबामा प्रशासन के एक पूर्व आला अधिकारी ने कहा है कि वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे़ की गिरफ्तारी को अमेरिका द्वारा बार-बार इकलौती घटना बताना और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर नहीं पडऩे की बात कहना सोच-समझकर दिया गया बयान है। विदेश विभाग के पूर्व प्रवक्ता पी. जे क्राउले ने कहा, विदेश विभाग के लिहाज से नजरिया यह रहा है कि इस मामले को भारत-अमेरिका के व्यापक रिश्तों से अलग रखना चाहिए। मुझे लगता है कि यह सोच-समझकर तय किया गया नजरिया है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से गलत निर्णय लिए गए। मई, २००९ से मार्च, २०११ तक सार्वजनिक मामलों के सहायक विदेश मंत्री रहे क्राउले ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा करने वाले इस मुद्दे से दोनों पक्ष अलग तरह से निपट सकते थे। इस घटनाक्रम पर भारत की प्रतिक्रिया काफी कुछ अपेक्षित थी। गौरतलब है कि न्यूयार्क में भारत की उप महावाणिज्यदूत और १९९९ बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी खोबरागडे़ को अपनी आया संगीता रिचर्ड के लिए वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें २,५०,००० डॉलर के बांड पर छोड़ा गया था।
नरम वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा खरीदारी के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना २१० रुपए की तेजी के साथ ३१,३९० रुपए प्रति १० ग्राम हो गया। नई दिल्ली। नरम वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा खरीदारी के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना २१० रुपए की तेजी के साथ ३१,३९० रुपए प्रति १० ग्राम हो गया। वहीं, औद्योगिक इकाइयों तथा सिक्का निर्माताओं का उठाव बढ़ने के कारण चांदी भी २०० रुपए की तेजी के साथ ३९ हजार रुपए के स्तर को लांघकर ३९,१५० रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। कारोबारियों ने सोने की कीमतों में तेजी आने का श्रेय पवित्र नवरात्र के त्योहार की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा खरीदारी को दिया लेकिन विदेशों में कमजोरी के रुख से लाभ कुछ सीमित हो गया। वैश्विक स्तर पर डॉलर के मजबूत होने से सिंगापुर में सोना ०.२२ प्रतिशत गिरकर १,3१3.7० डॉलर प्रति औंस रह गया। चांदी भी ०.१5 प्रतिशत कमजोर होकर १6.२७ डॉलर प्रति औंस रह गई। राष्ट्रीय राजधानी में ९९.९ प्रतिशत तथा ९९.५ प्रतिशत शुद्धता वाला सोना २१०-२१० रुपए मजबूत होकर क्रमश: ३१,3९0 रुपए और ३१,२४० रुपए प्रति १० ग्राम हो गया। कल इसमें 1१० रुपए की गिरावट आई थी। हालांकि आठ ग्राम वाली गिन्नी २४,८०० रुपए प्रति इकाई पर स्थिर बनी रही। चांदी तैयार की कीमत भी २०० रुपए की तेजी के साथ ३९,१५० रुपए प्रति किलो हो गई। जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी वाली चांदी की कीमत २२५ रुपए की गिरावट के साथ ३८,४५० रुपए प्रति किलो रह गई। हालांकि चांदी सिक्कों की कीमत लिवाल ७३ हजार रुपए तथा बिकवाल ७४ हजार रुपए प्रति सैकड़ा पर पूर्ववत बने रहे।
बिलासपुर के त्रिवेणी सामुदायिक भवन में छत्तीसगढ़ वैष्णव महासभा का २१ मई रविवार सुबह १० बजे से युवक युवती सम्मेलन होगा है। सम्मेलन में वैष्णव समाज के लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम में जिले के वैष्णव समाज के पदाधिकारी और विकासखंड स्तर के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। सम्मेलन में महासभा कार्यकारिणी के महामंडलेश्वर भरत दास वैष्णव, अध्यक्ष शिव कुमार, महासचिव लखन दास वैष्णव, अशोक दास, नोहर दास उपस्थित रहेंगे। इसी सभा में प्रांतीय कार्यकारिणी की भी बैठक होगी। कार्यक्रम में वैष्णव समाज के हर वर्ग को कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की गई है। वहीं युवक युवती सम्मेलन को सफल बनाने युवक युवतियों को कार्यक्रम में सम्मिलित होने को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम की जानकारी प्रांतीय उपाध्यक्ष लखन दास वैष्णव द्वारा दिया गया।
वैज्ञानिकों ने नई तरह की गाजर बनाई है, जिसमें आम गाजर के मुकाबले कैल्शियम ४१ फीसदी ज्यादा होगा। यह मुमकिन हुआ है गाजर के जीन में बदलाव करने से। अमेरिका के टेक्सस, ह्यूस्टन में बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद इसका दावा किया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर सामान्य खानपान में इस गाजर को भी लिया जाए, तो इससे हड्डियों को भुरभुरा होने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। ज्यादा शाकाहारी खाने में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा नहीं होती, जबकि मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। दूध से बनी चीजों में मिनरल यानी खनिज की मात्रा अच्छी खासी होती है, लेकिन यह हर किसी को सूट नहीं करतीं। दूध से बनी चीजें बहुत ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ने के खतरे के अलावा दिल को खतरा होने की संभावना भी बढ़ जाती है। कॉलेज की रिसर्च टीम के प्रमुख डॉक्टर जे. मॉरिस ने बताया कि इस स्टडी का लक्ष्य था कि फलों और सब्जियों में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाई जाए ताकि सेहत पर इसका अच्छा प्रभाव पड़े। उन्होंने बताया कि फल और सब्जियों में कई गुण होते हैं, लेकिन इनमें कैल्शियम की मात्रा उतनी नहीं होती। रिसर्च के दौरान ३० पुरुष और महिलाओं को दो अलग दलों में बांटकर एक दल को सामान्य गाजर जबकि दूसरे को नई वाली गाजर खाने को दी गई। दूसरे सप्ताह में दोनों दलों की गाजरों को एक-दूसरे की गाजर दी गईं, जिससे हर दल को नई गाजर खाने का मौका मिले। शरीर में कैल्शियम के स्तर को जांचने के लिए पेशाब का नमूना लिया गया। रिसर्च में नतीजों में पाया गया कि दोनों दलों के शरीर में नई गाजर खाने के बाद कैल्शियम का स्तर बढ़ा था। हालांकि यह भी कहा गया कि नई गाजर को विशेष रूप से तैयार किए गए माहौल में उगाया गया है। आम लोगों तक पहुंचाने के लिए अभी इस पर काफी रिसर्च होनी बाकी है। मैंने डॉ। साबो डिबा से वादा किया कि मैं इंटरनेट पर इस गवाही को साझा करेगा। एचआईवी / एड्स, कैंसर, हेर्पस, डायबिटीज जैसे किसी भी गंभीर और घातक बीमारी, मुंह का दर्द, वैक्सीन रोग / आईटीसीएच, क्रोनिक हिपेटिटिस, ग्रीनलेट वार्ट्स, एचएसवी -१ या एचएसवी -२, एचआईवी, एचपीवी, हेपेटाइटिस बी, मधुमेह, कैंसर, क्लैमाइडिया, अस्थमा,
ये तो शायद आपको भी नहीं पता कि आपने खुद से कितनी बार ये वादा किया कि कल से' आप स्मोकिेंग छोड़ देंगे। पर वो कल जाने कब आएगा। शायद कभी-कभी आ भी जाता होगा, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही कल की बात' हो जाता होगा। हर बार जब आप बुखार, दस्त या किसी और बीमारी के बाद ठीक होते हैं, तो यकीनन डॉक्टर की बातों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि खुद से ऐसा वादा कर देते हैं, जो आप निभा ही नहीं सकते। जानते हुए कि आप इस वादे को पूरा नहीं कर सकते, फिर भी आप एक बार और हिम्मत कर लेते हैं- एक और वादा करने और तोड़ने की। अगर आप एक अर्ली राइजर नहीं हैं और सुबह उठने के लिए आप कम से कम ५ स्नूज तो लगा ही लेते हैं, तो इस बात में कोई संदेह नहीं कि आप खुद से जाने कितनी ही बार ये वादा कर चुके होंगे कि आप कल सुबह ६ बजे उठेंगे और वॉक पर, जिम जाना या योगा करना शुरू करेंगे'। पर इस बात का भी हमें यकीन है कि ५ या छह दिन से ज्यादा ये वादा भी टिक नहीं पाता होगा। ये वह वादा है, जो आप खुद से हर महीने के लास्ट वीक में करते हैं। पूरे महीने खुद को जाने कितने ही बहाने देकर आप जमकर खर्च कर लेते हैं या फिर चाहे-अनचाहे हर महीने आपसे वेतन का वह हिस्सा खर्च हो ही जाता हो, जो आपने बचत के नाम से अलग किया था।
रायपुर, ३१ मार्च २०१७। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ले आज इहां मंत्रालय म उत्तर प्रदेश के खाद्य मंत्री श्री अतुल गर्ग अउ कृषि मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण हर सौजन्य मुलाकात करिन। ए अवसर म छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति अउ उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले अउ मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड घलोक उपस्थित रहिन। छत्तीसगढ़ सरकार के सार्वजनिक वितरण प्रणाली ल देश के एक आदर्श प्रणाली मानके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ हर उहां के खाद्य अउ कृषि मंत्री ल अध्ययन दौरा बर इहां भेजे हावय। डॉ. रमन सिंह ले आज गोठ-बात करत मंत्री सर्वश्री अतुल गर्ग अउ चौधरी लक्ष्मीनारायण हर कहिन कि आप मन के राज्य के सार्वजनिक वितरण व्यवस्था ल पाछू कई बछर ले देश म लगातार सराहना मिलत हावय। छत्तीसगढ़ ह गरीब मन बर देश म सबले पहिली अपन खाद्य अउ पोषण सुरक्षा कानून बनाए हावय। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ घलोक चाहत हे कि आप मन के इहां के ए पीडीएस मॉडल ल उत्तर प्रदेश म घलोक अपनाए जाय। डॉ. रमन सिंह हर एखर खातिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अउ दुनों मत्री मन के प्रति आभार प्रकट करिन। डॉ. सिंह हर कहिन कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी मन ल पीडीएस के छत्तीसगढ़ मॉडल के व्यावहारिक प्रशिक्षण दे बर राज्य सरकार इहां ले अपन अधिकारी मन के टीम ल उहां भेजही। हमार खाद्य मंत्री श्री मोहले अधिकारी मन के दल ल लेके उहां जाहीं। डॉ. सिंह हर कहिन कि गरीब मन ल मात्र एक रूपिया किलो म चाउंर, निःशुल्क आयोडिन नमक अउ आदिवासी क्षेत्र मन म सिरिफ पांच रूपिया किलो म दू किलो चना वितरण ले राज्य के कुपोषण मुक्ति म घलोक मदद मिलत हावय। पारदर्शिता के दृष्टि ले पूरा पीडीएस के कम्प्यूटरीकरण करे गीए हावय।
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर में स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्य नाथ ने कहा कि युवाओं के सामने कई चुनौतियां है सच्चा युवक वही है जो पलायन करने के बजाए चुनौतियों को स्वीकार करे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में डिग्री बांटने का केंद्र न बने बल्कि वह नौजवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए विकास में योगदान दे। उन्होंने कहा कि सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना का मकसद क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा देना है हमें क्षेत्र विशेष के परम्परागत उत्पादों को मंच देना होगा तब जाकर क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजनाओं का लाभ प्रदेश के चार लाख लोग पा चुके हैं। विश्वविद्यालय इसमें अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए और विश्वविद्यालय नकल विहीन परीक्षा के लिए अपने को तैयार रखें ।यही स्वामी विवेकानंद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रज्जू भैया अशोक सिंघल और महंत अवैद्यनाथ नाथ के नाम पर बने संस्थान को सरकार हर मदद करने देने के लिए तैयार है उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव को जो कार्य योजना का प्रारूप सौंपा है वह उसे प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में प्रेषित करें।सरकार उसे अगले सत्र से शुरू करने में मदद करेगी। स्वागत भाषण में कुलपति प्रो० डाॅ० राजाराम यादव ने कहा कि मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हॅंू कि मुझे गृह जनपद में स्वामी मंशानाथ जी ने आशीर्वाद दिया था आज उनके विश्वविद्यालय में महंत योगी आदित्यनाथ जी आए हैं। मैं विश्वविद्यालय परिवार के ओर से उनका वंदन और अभिनंदन करता हॅंू। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश में पोस्ट डाक्ट्रेट फेलोशिप देने वाला यह पहला विश्वविद्यालय है। साथ ही समय से परीक्षा कराने और उसके परिणाम घोषित करने वाले अग्रणी विश्वविद्यालय में यह एक है। साथ ही यह बताया कि शोध प्रबंध गंगा के पोर्टल पर डालने वाला यह देश के तीसरे नंबर का विश्वविद्यालय बन गया है। प्लेसमेंट सेल ने 3० विद्यार्थियों का कैम्पस सेलेक्शन कराया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से आई०ए०एस० और पी०सी०एस० की कोचिंग भी शुरू करने जा रहा है। उन्होंने मा० मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय परिसर में प्रारम्भ हो रहे नवीन पाठ्यक्रमों एवं संस्थानों के लिए वार्षिक वेतन के रूप में ११ करोड़ एंव भवन निर्माण के मद में १८ करोड़ रूपये की मांग की। उन्होंने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय के विविध पक्षों की उत्तरोत्तर प्रगति की आख्या प्रस्तुत की। इसके पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डाॅ० राकेश यादव, ने राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। धन्यवाद ज्ञापन प्रो० बी० बी० तिवारी एवं संचालन मीडिया प्रभारी डाॅ० मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर सांसद के०पी० सिंह, राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव, , काशी क्षेत्र के भाजपा के संगठन मंत्री रत्नाकर जी, विधायकगण रमेश मिश्र, दिनेश चैधरी, श्रीमती लीना तिवारी यूथ इन एक्शन के राष्ट्रीय संयोजक शतरूद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक श्रीमती सीमा द्विवेदी, प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी, जनसंत योगी देवनाथ, जिला अध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय, अवध प्रांत के उपाध्यक्ष अमर सिंह, मंचासीन रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर कार्यपरिषद सदस्य प्रो० विलास ए० तभाने, प्रो० मानस पाण्डेय, प्रो. अजय द्विवेदी, अशोक सिंह, रजनीश सिंह आदि उपस्थित थे। जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के संगोष्ठी भवन परिसर में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने प्रो० राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान भवन एवं अशोक सिंहल भारतीय परंपरागत विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान भवन का शिलान्यास किया। इसके साथ ही संगोष्ठी भवन का नामकरण पूज्य महंत अवैद्यनाथ के नाम पर हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजीव कुमार सिंह एवं वित्त अधिकारी एम०के० सिंह बुके देकर स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो० ए०के० श्रीवास्तव, प्रो० अविनाश पाथर्डिकर, डाॅ. अवध विहारी सिंह डाॅ. दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ० के०एस० तोमर उपस्थित रहे। जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के प्रो. बी.बी. तिवारी, समन्वयक टेकिप एवं प्लेसमेण्ट सेल की निदेशक प्रो. डाॅ. रंजना प्रकाश को विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्लेसमेण्ट प्रदान करने में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। इसके साथ हीं प्रख्यात युवा शास्त्रीय गायक सत्य प्रकाश मिश्र को शास्त्रीय गायन में एवं प्रख्यात युवा कथक नर्तक रवि सिंह को कथक नर्तन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया। विश्वविद्यालय के बी०टेक० विद्यार्थी रहे शीलनिधि सिंह एवं विश्वविद्यालय की एम०ए० बी०एड० की छात्रा कु० पूजा मिश्र को समाज सेवा के लिए पूर्णकालिक समय देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रमाण-पत्र प्रदान कर आशीर्वाद दिया। जौनपुर। मुख्यमंत्री जी के मंच पर आगमन के पूर्व एन.एस.एस. के आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर एवं जौनपुर के विभिन्न महाविद्यालयों से आये हुए स्वयं सेवक सेविकाओं ने प्रस्तुत किया सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसके साथ ही आकर्षक रंगोली भी मैदान में बनाया गया। विगत माह लुटेरों की गोली से शहीद हुए मादरडीह मुंगराबादशाहपुर निवासी स्व० विनय त्रिपाठी जी की धर्मपत्नी श्रीमती पूनम त्रिपाठी को उ०प्र० सरकार की तरफ से रू० ५ लाख का चेक मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया। पूर्व विधायक सीमा द्विवेदी ने बताया कि इसके द्वारा उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया था। उन्होंने पीड़ित परिवार एवं जनपदवासियों की भावना का सम्मान एवं शहीद की शहादत को नमन करते हुए यह अनुग्रह राशि दी है।
विधानसभा अध्यक्ष के लिये कांग्रेस की ओर से नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किशन शंकर कथोरे को प्रत्याशी बनाया है। नव दिल्ली, डेक ०१ : महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद अब उद्धव ठाकरे सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है, सदन में अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है, महा विकास अघाड़ी गठबंधन के समझौते के तहत विधानसभा स्पीकर की कुर्सी कांग्रेस को देने पर सहमति बनी लहै, ऐसे में जरुरी है कि शिनसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायक उन्हें वोट करें, नियमों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान से होता है, लेकिन सरकार इसके लिये ओपन वोटिंग की मांग कर रही है, सरकार चाहती है कि विश्वास मत की तरह ही अध्यक्ष चुनाव भी ओपन वोटिंग से हो, ताकि विधायकों के ना टूटने का डर बना रहे, अध्यक्ष चुनाव को लेकर पूर्व सीएम पृथ्वी राज चव्हाण ने पहले ही कहा है कि चुनाव खुले मतदान से ही होगा। विधानसभा अध्यक्ष के लिये कांग्रेस की ओर से नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किशन शंकर कथोरे को प्रत्याशी बनाया है, कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा कि नाना पटोले स्पीकर के चुनाव में हमारे उम्मीदवार हैं, पटोले विदर्भ के सकोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। हाल के दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह के उलटफेर हुए हैं, उसे देखने के बाद ये तय है कि रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हंगामेदार होने वाला है, मतदान के लिये उद्धव सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दे सकती है, जिसमें कोर्ट ने राज्य में विधायकों के खरीद-फरोख्त ना होने देने के लिये खुले मतदान को मंजूरी दी थी, इस के साथ ही पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण करने को कहा था, जिससे सदन में पारदर्शिता बनी रहे, इस के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक और मत से खुले मतदान की वकालत करेंगे, जिससे बहुमत के आधार पर खुला मतदान हो सकता है। सत्ता पक्ष के लिये अध्यक्ष का चुनाव खुले मतदान से कराना मुश्किल नहीं होगा, इसका एक बड़ा कारण ये है कि उनके पास १६९ विधायकों का समर्थन है, प्रोटेम स्पीकर की कुर्सी अभी एनसीपी के दिलीप वलसे पाटिल के पास है, ऐसे में जब सत्ता पक्ष खुली वोटिंग का प्रस्ताव करता है, तो प्रोटेम स्पीकर इसके लिये ध्वनि मत का सहारा ले सकते हैं, ऐसे में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। कांग्रेस उम्मीदवार ने मीडिया ने कहा कि बीजेपी के पास लोकतंत्र में उम्मीदवार उतारने का अधिकार है, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा में ये परंपरा रही है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता है, हमें उम्मीद है कि ये परंपरा जारी रहेगी, पटोले और कथोरे दोनों ही चौथी बार विधायक बने हैं।
पटना। कोरोना वायरस के बीच देश को फिर से पहले की तरह खोलने की तैयारियां चल रही है। वहीं बिहार के पटना में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण दोबारा लाॅकडाउन लगा दिया गया। हालांकि इस बार ये लाॅकडाउन ७ दिनों के लिए लागू किया गया है। दरअसल आज बुधवार को पटना में एक साथ २३५ लोग कोरोना पाॅजिटिव मिले जिसके बाद जिलाअधिकारी ने यह फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार १० से १६ जुलाई तक पटना में लाॅकडाउन रहेगा। पटना में लाॅकडाउन का आदेश डीएम कुमार रवि ने जारी किया। इस लाॅकडाउन के दौरान यहां सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। आदेश में बताया गया है कि आर्म्ड पुलिस फोर्स, ट्रेजरी, पब्लिक यूटिलिटीज की चीजें, जैसे- पैट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी पीएनजी इत्यादि जैसी सेवाएं जारी रहेंगी। इसी तरह आपदा प्रबंधन व ऊर्जा से संबंधित सेवाएं चालू रहेंगी। इसके साथ ही पोस्ट ऑफिस एवं नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर भी खुले रहेंगे। इसके अलावा व्यवसायिक एवं निजी इस्टेब्लिसमेंट बंद रहेंगे। लाॅकडाउन के दौरान सभी धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक स्थान बंद रहेंगे। वहीं राशन दुकान, सब्जी, डेयरी एंड मिल्क, मीट एंड फिश शॉप, एनिमल फ्रूट एंड वेजिटेबल की दुकानें सुबह ६ः०० बजे से १०ः०० बजे तक और शाम ४ः०० बजे से ७ः०० बजे तक ही खुली रहेंगी।
फरियादी की थाने में पिटाई से एसपी खफा सीओ को सौंपी जांच।। रेबरेली न्यूज ।। रायबरेली: पिछले कई दिनों से थाने में फरियादी की जूतों से पिटाई के मामले में चर्चा में रहे कोतवाल महराजगंज के खिलाफ पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी महराजगंज को मामले की जांच सौंपी है। व्यापार संगठन के प्रतिनिधि मंडल से मिलकर पुलिस अधीक्षक ने नाबालिग फरियादी को पीटने के मामले को गंभीरता से लिया। आपको बता दें कि, महराजगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव पाल की अगुवाई में आज पुलिस अधीक्षक से मिलकर कोतवाल महराजगंज की अंग्रेजों की जमाने के पुलिसिंग की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस अधीक्षक स्वप्निल मंगाई ने कोतवाल महराजगंज के कारनामों की लिस्ट क्षेत्राधिकारी महराजगंज विनीत सिंह को सौंपी है और तत्काल रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि, गत बृहस्पतिवार की रात लगभग १२:०० बजे थाने में फरियाद लेकर पहुंचा नाबालिक फरियादी एश पुत्र शिवप्रसाद निवासी वार्ड नंबर ८ प्रकाश नगर महराजगंज को पिटाई कर थाने में बैठा लिया था। उस नाबालिक का कसूर बस इतना था कि, पीड़ित की जमीन पर दीपू साहू आदि ने पुलिस की मिलीभगत से रात में स्लेप डलवा दी थी। क्योंकि विपक्षी को कोतवाल का वर्धहस्त प्राप्त है। इसलिए न्याय के साथ अन्याय होता रहा और पुलिस देखती रही। विपक्षी असरदार और पैसे वाले हैं इसलिए अब स्लेप डालने के बाद दरवाजा बंद करने पर अड़े हुए हैं। पुलिस उनका सहयोग कर रही है। व्यापार मंडल के प्रतिनिधि मंडल ने यह भी बताया कि, कोतवाल ने मुझ प्रार्थी गणों को बीती रात कोतवाली बुलाया और जबरन मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर दबाव में लेकर बयान लिया। जिसमें कोतवाल द्वारा कहा गया कि, फरियादी को मारा नहीं डांटा गया है। मामला पूरी तरह से क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह जांच के दायरे में आ गया है। अब देखना है कि, क्षेत्राधिकारी की जांच में न्याय का पलड़ा भारी होता है या अन्याय का। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। कारे ऑफ मीडिया: फरियादी की थाने में पिटाई से एसपी खफा सीओ को सौंपी जांच।। रेबरेली न्यूज ।।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए रविवार सुबह नयी दिल्ली से यहां पहुंचे। विधायक दल का नेता चुनने के लिए जल्द ही बैठक शुरू होगी। हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचने के बाद वह सीधे अपने आधिकारिक आवास पर पहुंचे, जो बैठक स्थल के करीब है। हालांकि यह बैठक महज एक औपचारिकता है क्योंकि पार्टी पहले से ही तय कर चुकी है कि खट्टर ही अगली सरकार की अगुवाई करेंगे। बैठक के बाद, खट्टर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात करेंगे और राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला के भी दोपहर में चंडीगढ़ पहुंचने की संभावना है और वह अपनी पार्टी का समर्थन भाजपा को देने संबंधी पत्र सौंपने के लिए राज्यपाल से मिलेंगे। जजपा के साथ गठबंधन होने के बाद भाजपा हरियाणा में नयी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। जजपा ने ९० सदस्यीय विधानसभा में १० सीट हासिल की है।
मस्तिष्क के शुरुआती अनुभव से, विशेष रूप से, माताओं (उत्तरदायी देखभाल को पोषण) हम माताओं और पिता से प्राप्त होते हैं। पिता और माताओं और अन्य वयस्क पूरे जीवन में बच्चों के लिए सामाजिक अनुभव प्रदान करते हैं। प्रारंभिक जीवन में टी हेस के अनुभवों को स्थापित करना है कि मस्तिष्क को न केवल स्वास्थ्य और खुफिया बल्कि सामाजिकता के लिए विकसित किया जा सकता है। * ऑटिस्टिक बच्चे (आत्मकेंद्रित सामाजिक अस्वस्थता को दर्शाता है, जो कि कई कारण हैं) दूसरों में जीवन शक्ति गतिशीलता की नकल करने में कठिनाई होती है ( पारस्परिक संकेतन के "कैसे"), हालांकि वे सही तरीके से अर्थ और लक्ष्य की नकल कर सकते हैं ("क्या")। प्रारंभिक जीवन में मस्तिष्क को आकार देने वाली गतिशील प्रक्रियाएं क्या हैं? कॉलविन ट्रेवर्थन (१ ९९९) ने गतिशील प्रवाह को साझा करके दूसरे व्यक्ति के साथ "होने" के युगल के युग्म बनाने के उद्देश्य, एक दूसरे के साथ जानबूझकर राज्यों और व्यवहारों को सिंक्रनाइज़ करने की पारस्परिक गतिशीलता का वर्णन करने के लिए शब्द, संगीतात्मक संगीत का उच्चारण किया। शिशु के प्रारंभिक सामाजिक जीवन में जीवन शक्ति गतिशील गति के लिए क्षमताएं होती हैं। इसके बाद, चूंकि बच्चे आंदोलनों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं, वे अपने सामाजिक साथी को अधिक आसानी से दर्पण करते हैं। डैड्स अपने बच्चों के साथ खेलने में विशेष रूप से अच्छे हैं और इस तरह के खेल के माध्यम से बच्चे सामाजिक संबंधों के लिए लिपियों को सीख रहे हैं। दाड्स बच्चे को त्वचा से त्वचा के साथ शांत (एक उल्लेखनीय शांत उपकरण), कमाल और पैटींग, और अन्य स्पर्श-प्लस-आंदोलन व्यवहार शांत रहने में मदद कर सकते हैं। पहले १८ महीनों में सामाजिक रूप से सीखने के लिए तैयार बच्चा क्या है? क्या होता है जब बच्चों को अच्छा मातृत्व नहीं मिलता? दो चीजें होती हैं: शिशुओं को उस संकट से जहरीले तनाव का अनुभव होता है, जो तब उठता है जब वे उन्हें जरूरत नहीं देते। उदाहरण के लिए, आरामदायक सहकारी देखभाल की कमी: वे अकेले रह गए हैं या रोने के लिए छोड़ दिए गए हैं ( "रोइंग ऑफ़ आउट" के खतरे और शिशुओं के लिए पांच चीज़ें नहीं )। दूसरा, बच्चों को उस समय बढ़ने के लिए उचित उत्तेजना प्राप्त नहीं होती है। हां, मानव दिमाग प्लास्टिक होते हैं, लेकिन प्लास्टिक नहीं होते हैं: बच्चों को खुफिया, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक और नैतिक क्षमताओं के साथ कई प्रणालियों में अंतराल के साथ छोड़ा जा सकता है, जो तुरंत प्रदर्शित नहीं हो सकता है, लेकिन आगे परिपक्वता के बाद उन पर निर्भर होता है पहले की नींव जो गायब हैं इन अंतराल को बाद में सुधार करना असंभव नहीं है। प्रारंभिक जीवन के अनुभवों के प्रकार के एक उदाहरण का विकास होता है, जब मस्तिष्क का दाहिना गोलार्द्ध अधिक तेज़ी से विकसित होता है, ** जिल बोल्के टेलर, तंत्रिका विज्ञानी द्वारा प्रदान किया जाता है। उसने अपने बाएं सेरेब्रल गोलार्ध में एक स्ट्रोक होने के बाद अचानक और अप्रत्याशित अधिकार-गोलार्ध प्रभुत्व का अनुभव किया: "हमारा सही गोलार्ध चीजों को याद रखने के लिए बनाया गया है क्योंकि वे एक दूसरे से संबंधित हैं। विशिष्ट संस्थाओं के बीच की सीमाएं नरम होती हैं, और जटिल मानसिक कोलाज उनकी संपूर्णता में चित्र, संयोजन, और शरीर विज्ञान के संयोजन के रूप में याद किए जा सकते हैं। सही मन में, वर्तमान समय के अलावा कोई भी समय मौजूद नहीं है, और प्रत्येक क्षण सनसनी के साथ जीवंत है। अब का क्षण कालातीत और प्रचुर मात्रा में है वर्तमान क्षण एक समय था जब सब कुछ और सब एक साथ एक के रूप में जुड़े हुए हैं। नतीजतन, हमारा सही मन मानव परिवार के समान सदस्य के रूप में हम सभी को मानता है यह हमारी समानताओं को पहचानता है और इस अद्भुत ग्रह के साथ हमारे संबंध को पहचानता है, जो हमारे जीवन को कायम करता है। यह बड़ी तस्वीर को देखती है, सब कुछ कैसे संबंधित है, और हम सब कैसे पूरे बनाने के लिए एक साथ जुड़ जाते हैं। एहैथैथिक होने की हमारी क्षमता, दूसरे के जूते में चलना और उनकी भावनाओं को महसूस करना, हमारे सही ललाट प्रांतस्था का एक उत्पाद है। "(२००८, पीपी। ३०-३१)। * ध्यान दें कि गर्भ का अनुभव भी मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है और हम अपने दादा-दादी के अनुभवों के कारण कुछ लक्षणों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, जैसे चिंता। ** सही गोलार्द्ध को दुनिया पर बिना किसी आधार पर प्रक्रिया, फिल्टर और कार्य करने की आदत होती है, जबकि बाएं गोलार्द्ध मौखिक प्रसंस्करण और अभिव्यक्ति से संबंधित मस्तिष्क के क्षेत्रों को पेश करता है। आत्म नियंत्रण: (ए) इंटर्न, या (बी) माँ और पिताजी पर निर्भर?
जबलपुर। जबलपुर में लौटे मजदूरों के कारण बीते ९ दिन में होम क्वारंटाइन में रखे गए कोरोना संदिग्धों की संख्या में बेतहाशा वृद्घि हुई है। होम क्वारंटाइन कोरोना संदिग्धों का आंकड़ा ९ हजार के करीब पहुंच गया है वहीं २५ मई तक संस्थागत क्वारंटाइन में रखे गए कोरोना संदिग्धों की संख्या २२८७ पहुंच गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बाहर से आने वाले कोरोना संदिग्ध लोगों व कोरोना संकमित मिले मरीजों के स्वजन को होम व संस्थागत क्वारंटाइन में रखे जाने के कारण इनके आंक़ड़े बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल समेत तमाम शासकीय व निजी अस्पतालों में फीवर क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। फीवर क्लीनिक में बाहर से आने वाले प्रत्येक नागरिक की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। इसके अलावा जिले के अन्य नागरिक जो कोरोना के संभावित लक्षण की शिकायत करते हैं उन्हें भी फीवर क्लीनिक जाने की सलाह दी जा रही है। शुक्रवार को जिलेभर में संचालित फीवर क्लीनिक में पहुंचने वालों की संख्या १ हजार के आंकड़ों को पार कर गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में रहने वाले स्वजन तथा बाहर से आने वाले कोरोना संदिग्धों को घर पर ही क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी जाती है। क्वारेंटाइन अवधि में उन्हें पृथक कमरे में रहना पड़ता है। जिन लोगों के घर पृथक से कमरे की सुविधा नहीं रहती उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कोविड-१९ की नई गाइड लाइन के तहत कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी लक्षण सामने न आने पर होम अथवा संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जा रहा है।
राज्य समीक्षा मनोरंजन विडियो: नए गढ़वाली गीत के साथ शाश्वत पंडित का कमबैक, इस बार कुछ खास है ! विडियो: नए गढ़वाली गीत के साथ शाश्वत पंडित का कमबैक, इस बार कुछ खास है ! कुछ नया करने का जुनून इस पहाड़ी लड़के को इस मुकांम पर ले आया है, जहां हर नया सिंगर पहुंचना चाहता है। लीजिए...उत्तराखंड के देवप्रयाग का लड़का एक बार फिर से नए गीत के साथ आप सभी के बीच आ गया है। शाश्वत पंडित के इस गीत का शायद आपको भी इंतजार रहा होगा। कुछ दिन पहले ही इस गीत का प्रोमो रिलीज किया गया था। अब इस पूरे वीडियो को रिलीज कर दिया गया है। उम्मीदों पर ये गीत एकदम खरा उतरा है। नए संगीत और नए शब्दों का जादू इस गीत में बरकरार रखा गया है। गीत को शाश्वत पंडित ने लिखा और इसके बोल बेहद प्यारे हैं। जा ना..इस गीत को शाश्वत ने लव सोंग की तर्ज पर पेश किया गया है। लोकेशन बेहद प्यारे हैं और साथ शाश्वत पंडित की आवाज इस गीत में जादू घोलने का काम रही है। अगर आप कुछ अलग सुनना चाहते हैं और डीजे वाले म्यूजिक से जरा खुद को राहत देना चाहते हैं, तो ये गीत आपके लिए है। यकीन मानिए ये गीत आपके दिल का सुकून देगा। आपको खुशी होगी कि अब उत्तराखंड में कुछ ऐसे गीत तैयार हो रहे हैं, जो लीक से हटकर हैं और बेहतर हैं। शाश्वत पंडित के साथ साथ इस गीत में संगीत देने का काम अर्पित शिखर ने किया है। अर्पित शिखर ने इस गीत की मिक्सिंग और मास्टरिंग का काम किया है। राहुल बौरियां ने इस गीत का वीडियो तैयार किया है। कुल मिलाकर कहें तो अगर आपके पास अपनी बिज़ी जिंदगी से बाहर निकलकर चंद मिनट हैं, तो इस गीत को जरूर सुनिए। अगर कोई उत्तराखंड की बोली भाषा को संगीत के नए स्तर पर ले जाना चाहता है, तो उसका हौसला बढ़ाना भी जरूरी है। इसलिए आप भी ये गीत सुनें और शाश्वत का हौसला बढ़ाएं।
- रानीकोड़रन में उल्टी- दस्त का प्रकोप, ललितपुर न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें। ललितपुर। विकासखंड जखौरा के ग्राम गोराकलां में फैले संक्रामक रोगों के बाद अब ग्राम पंचायत हर्षपुर के मजरा रानीकोड़रन के निवासी उल्टी- दस्त की चपेट में आ गए हैं। सूचना पाकर गांव में पहुंची संक्रामक रोग नियंत्रण टीम ने मरीजों का उपचार किया। जनपद के ग्रामीण इलाकों में संक्रामक रोग थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक गांव में चिकित्सा अधिकारी रोगियों का उपचार कर नहीं पाते कि दूसरे गांव में उल्टी- दस्त का प्रकोप शुरू हो जाता है। मंगलवार को ग्राम पंचायत हर्षपुर के मजरा रानीकोड़रन में तमाम ग्रामीण बीमारी की चपेट में आ गए। जानकारी पाकर पहुंचे बांसी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने डा. ए के गुप्ता के नेतृत्व में बीस रोगियों का उपचार किया और अन्य प्रभावित लोगों को दवाइयां बांटी। पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन की गोलियां भी वितरित की गईं। चिकित्सकों के दल ने रानीकोड़रन निवासी फूलकुंवर पत्नी पूरन, रामअवतार पुत्र करन सिंह, मोहन सिंह पुत्र किशोरी, निधि पुत्री फूलसिंह, रवि पुत्र लाल सिंह, जलेबी पत्नी लाल सिंह, लालसिंह पुत्र हरनाम सिंह, सत्यम पुत्र ऊदल सिंह, लक्ष्मी पुत्री लाल सिंह, अनेक सिंह पुत्र समरथ सिंह, पूरन सिंह पुत्र समरथ सिंह, बृजेश पुत्र भगवान सिंह एवं रहीस पुत्र वीरन सिंह का उपचार किया। हैंडपंप के आसपास की गंदगी बनी वजहललितपुर। गांवों में हैंडपंप के आसपास मौजूद गंदगी संक्रामक रोगों के पैर पसारने की प्रमुख वजह बताई जा रही है। चिकित्सकों का मानना है कि बारिश के पानी के साथ गंदगी भी भूगर्भ जल में पहुंच रही है। इस पानी का सेवन करने से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय में उमड़ी भीड़ ललितपुर। संक्रामक रोगों के फैलने का असर अस्पतालों पर दिखाई देने लगा है। जिला संयुक्त चिकित्सालय हो या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हर जगह मरीजों की कतार देखी जा रही है। जिला चिकित्सालय में मंगलवार को मरीजों व तीमारदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह पर्चा काउंटर खुलते ही लोगों की कतार लग गई। दिन में दो बजे तक मरीज पर्चा बनवाने के लिए आते रहे। वहीं, ओपीडी में मरीजों की भरमार रही।
व्वे के पीपीवी समरस्लैम को शुरू होने में अब बस कुछ हफ्तों का समय बाकी रह गया है। व्वे ने इस पीपीवी को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस पीपीवी पर हमें एक बार फिर यूनिवर्सल चैंपियनशिप के लिए ब्रॉक लैसनर बनाम रोमन रेंस का मुकाबला देखने को मिलेगा। इससे पहले भी हमें कई पीपीवी के मेन इवेंट पर यूनिवर्सल चैंपियनशिप के लिए ब्रॉक लैसनर बनाम रोमन रेंस का मुकाबला देखने को मिल चुका है। रोमन रेंस हाल ही में बॉबी लैश्ले को हराकर यूनिवर्सल चैंपियन के लिए नंबर वन कंटेंडर बने हैं लेकिन ज्यादा फैंस इस मुकाबले में लैश्ले की जीत चाहते थे क्योंकि वह समरस्लैम पर ब्रॉक लैसनर बनाम बॉबी लैश्ले के मुकाबले को देखना चाहते थे। हालांकि अब तो व्वे ने समरस्लैम के लिए लैसनर और रोमन रेंस को बुक कर दिया है। लेकिन हमारे पास ३ ऐसे कारण हैं जो यह बताते हैं कि समरस्लैम के मेन इवेंट में ब्रॉक लैसनर बनाम रोमन रेंस का मुकाबला नहीं होना चाहिए। बेशक हम इस पीपीवी पर सैथ रॉलिंस को यूनिवर्सल चैंपियन बनते नहीं देख सकते हैं लेकिन कम से कम हम ब्रॉन स्ट्रोमैन को शो के आखिरी में यूनिवर्सल चैंपियन बनते तो देख ही सकते हैं। रोमन रेंस और ब्रॉक लैसनर के बीच हम पहले भी पीपीवी पर मुकाबला देख चुके हैं। ऐसे में फैंस के यह मुकाबला नया नहीं है। हमारे ख्याल से व्वे को समरस्लैम के मेन इवेंट पर इस मुकाबले को बिल्कुल बुक नहीं करना चाहिए क्योंकि किसी भी यह उम्मीद नहीं है कि लैसनर बनाम रोमन के बीच होने वाला यह मुकाबला बहुत शानदार होगा हालांकि इस मुकाबले में सरप्राइज एंट्री कराकर मुकाबले को थोड़ा दिलचस्प बनाया जा सकता है।
अमेरिका में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को मेल फ्रॉड और गबन के मामले में दोषी पाए जाने पर ३३ महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ उसे १७ करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया गया है। न्यूयॉर्क (पीटीआई)। अमेरिका में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को मेल फ्रॉड और गबन के मामले में दोषी पाए जाने पर ३३ महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ उसे १७ करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया गया है। यूएस अटॉर्नी डेविड एंडरसन ने बताया कि सैन जोस के ४१ वर्षीय दिनेश शंकर को एक मेडिकल डिवाइस कंपनी से गबन के लिए मेल फ्रॉड के मामले में दोषी पाया गया, इस जुर्म के लिए उसे ३३ महीने जेल की सजा सुनाई गई है। शंकर की सजा इसी साल से शुरू होगी। मार्च २०१३ से जनवरी २०१८ तक याचिका में दी जानकरी के अनुसार, शंकर एक मेडिकल डिवाइस कंपनी में कर्मचारी था। जुलाई २०१३ से दिसंबर २०१७ तक, उसने कंपनी के फाइनेंसियल विभाग को गलत एक्सपेंस रिपोर्ट और झूठे चालान पेश किए, जिसके चलते कंपनी को उसे जरुरत से ज्यादा खर्च देना पड़ता था और इससे कंपनी का काफी नुकसान भी हुआ। बाद में कंपनी को उसके धोखाधड़ी के बारे में पता चला और शंकर ने स्वीकार भी किया कि उसने छह अलग-अलग फर्जी कंपनियों के नाम पर गलत चालान बनाए। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि जिन छह कंपनियों के नाम पर चलान बनाये जा रहे थे, वास्तव में ऐसी कोई संस्था थी ही नहीं, शंकर उन्हें अपने हिसाब से कंट्रोल करता था। शंकर ने माना कि उसने कंपनी को अपनी धोखधड़ी से लगभग २.५ मिलियन अमेरिकी डालर (करीब १७ करोड़) का नुकसान पहुंचाया।
जसपुर। नादेही चीनी मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ मिल के प्रधान प्रबंधक एवं क्षेत्रीय विधायक ने किसानों के साथ पूजा-अर्चना कर किया। बृहस्पतिवार को नादेही चीनी मिल के प्रांगण में प्रधान प्रबंधक वीएल फिरमाल, क्षेत्रीय विधायक एवं उत्तराखंड मंडी परिषद् के अध्यक्ष डा. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने क्षेत्र के सैकड़ों किसानों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में हवन, पूजा-अर्चना कर किया। विधायक डा. सिंघल ने मिल चेन में गन्ना डालकर मिल को चालू कराया। विगत वर्षों की तरह इस बार भी पहली गन्ने की बैलगाड़ी ग्राम पुरनपुर निवासी मौखी सिंह पुत्र मिश्री सिंह एवं पहली ट्रैक्टर-ट्राली ग्राम राजपुर निवासी राम चंदर पुत्र इंदर सिंह की तौल कर मिल चेन में गन्ना डाला गया। दोनों पहली गाड़ी वालों को विधायक डा. सिंघल ने १५१ रुपया नकद देकर सम्मानित किया। विधायक ने पेराई सत्र के शुभारंभ पर प्रधान प्रबंधक एवं किसानों को बधाई दी। इस दौरान उत्तराखंड राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष निकेश अग्रवाल, हीरा सिंह, सिद्धार्थ सिंघल, चौधरी खिलेंद्र सिंह, सरजीत सिंह, कमला चौहान, प्रेम सहोता, सुभाष चंद्र, अतीकुर्रहमान, संजय कांबोज, मदन लाल, सुधीर विश्नोई, राजीव कुमार, सुरेंद्र सिंह समेत मिल अधिकारी आरके सेठी, पीसी तिवारी, सुधीर अग्रवाल आदि थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल के ४७वें मैच में किंग्स उलेवन पंजाब के खिलाड़ी संदीप शर्मा को अंपायर से मैदान पर भिड़ना भारी पड़ गया। संदीप को उनकी मैच फीस का ५०% हिस्सा अब जुर्माने के रुप में देना होगा। संदीप शर्मा कल रात मोहाली में खेले गए मुकाबले में अंपायर के नो बॉल देने के फैसले पर उनसे बहस करने लग गए थे। जिसके चलते अब उनपर फाइन लगा है। पंजाब के तेज़ गेंदबाज़ संदीप शर्मा को आइपीएल की आचार संहिता के नियम-२.१.५ के अनुसार मैच फीस का ५0 प्रतिशत जुर्माना लगा है। इस सजा को संदीप ने स्वीकार कर लिया है और इसीलिए, इस मामले में आधिकारिक सुनवाई नहीं की जाएगी। गुजरात के साथ खेले जा रहे इस मुकाबले में पंजाब की गेंदबाज़ी के पांचवें ओवर में गेंद संदीप शर्मा के हाथों में थी। इस ओवर की पांचवीं गेंद करने के बाद जब संदीप पीछे मुड़े तो उन्होंने देखा कि अंपायर ने नो बॉल का इशारा किया था। न तो ये गेंद एक घातक बाउंसर थी, न तो ये सीधे बल्लेबाज की कमर से ऊपर फेंकी गई थी और न ही गेंद फेंकते समय संदीप शर्मा का पैर क्रीज से बाहर गया था। फिर आखिर हुआ क्या था? क्यों अंपायर ने इस गेंद को नो-बॉल करार दिया। अंपायर ने निर्णय के बाद संदीप शर्मा ने पूछा कि इस गेंद को नो-बॉल क्यों दिया गया है। जबाव में अंपायर ने संदीप को बताया कि उन्होंने उस तरफ से गेंदबाज़़ी की (अराउंड द विकेट) जहां पर नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज़ खड़ा हुआ था। जबकि इससे पहले तक संदीप विकेट की दूसरी तरफ यानि कि (ओवर द विकेट) गेंदबाजी कर रहे थे। क्रिकेट के नियमों के मुताबिक गेंदबाज को अपनी साइड चेंज करने से पहले इसकी जानकारी अंपायर को देनी होती है। लेकिन अंपायर के मुताबिक संदीप शर्मा ने इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी थी, वहीं संदीप शर्मा इस बात पर अड़े थे कि उन्होंने अंपायर को इसकी जानकारी दी है। इस बात को लेकर अंपायर और संदीप के बीच बहस शुरु हो गई। संदीप के साथ-साथ पंजाब के कप्तान गलेन मैक्सवेल भी अंपायर से बहस करने पहुंच गए। हालांकि तब तक नो-बॉल का फैसला दिया जा चुका था और साथ ही फ्री-हिट भी दी जा चुकी थी।