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जो प्यार, करुणा और देखभाल का स्वभाव ईश्वर ने बेटियों को दिया है, वह बेटों को हासिल नहीं है। मां को ब्रेन हैमरेज हो जाने के बाद छह साल की मासूम ने जिस तरह से मां की देखभाल की, उसे देखकर लगता है कि मां असल में बेटी है और बेटी मां है। काई चेंगचेंग जब महज छह साल की थी, तो उसकी मां चेन ली को ब्रेन हैमरेज हो गया था। इसकी वजह से उनकी याददाश्त खराब हो गई। बीते चार साल से अपनी मां को पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाना ही काई की दिनचर्या का हिस्सा हो गया है। वह कहती है कि कभी मां ने मुझे पढ़ना, लिखना सिखाया था, अब मेरी बारी है कि मैं अपनी मां को पढ़ना लिखना सिखाऊं। मैं मां के लिए पढ़ाई किसी खेल की तरह सिखाती हूं, ताकि उनके लिए इसे समझना आसान हो जाए। उदाहरण के लिए जब मैं उन्हें एपल के बारे में बताती हूं, तो उन्हें सेब देती हूं, ताकि वह इसे खाकर उसका स्वाद और उसके बारे में जान सकें। जब मैं रैबिट के बारे में बताती हूं, तो उन्हें खरगोश पकड़ने के लिए देती हूं। काई के पिता एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण और पत्नी के इलाज का खर्च निकाल रहे हैं। इसलिए वह पत्नी की देखभाल के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते हैं। वहीं, बड़ा भाई काई लिंग ने हाई स्कूल में दाखिला लिया है, जिसकी वजह से वह भी मां की देखभाल नहीं कर पाता है। ऐसे में काई ही अपनी मां की देखभाल करती हैं। वह मां को चीनी भाषा सिखाने के साथ ही उन्हें रोज समय पर दवाएं देना भी नहीं भूलती हैं। इसके साथ ही मां को जल्दी से ठीक करने के लिए वह फीजियोथैरेपी एक्सरसाइज कराती हैं। काई कहती हैं कि मां को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है और ठीक होने के लिए उन्हें लगातार समय पर दवाएं लेना जरूरी है। यदि कोई उन्हें याद नहीं दिलाए, तो वह दवा लेना ही भूल जाती हैं। बीचे चार साल से काई लगातार कड़ी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद स्कूल में न सिर्फ अच्छे ग्रेड हासिल करती हैं, बल्कि लीडरशिप रोल भी निभाती हैं। मां के प्रति काई के समर्पण को देखते हुए स्थानीय सरकार ने उन्हें पुरस्कृत किया है और स्थानीय सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने भी उन्हें पहचान दी है। चीन की मीडिया उन लोगों के बारे में अक्सर समाचार दिखाती है, जो इस तरह के काम करते हैं।
गांधी के आदर्श विचार उनके निजी जीवन तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने अपने आदर्श विचारों को आजादी की लड़ाई से लेकर समाज निर्माण जैसे जीवन के विविध पक्षों में भी आजमाया। उस समय लोग कहा करते थे कि आजादी के लक्ष्य में सत्य और अहिंसा नहीं चलेगी और न ही इससे सभ्य समाज का निर्माण होगा। लेकिन गांधी ने दिखा दिया कि सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर भी आजादी और समाज निर्माण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आजादी के आंदोलन के दौरान गंाधी ने लोगों को संघर्ष के तीन मंत्र दिए-सत्याग्रह, असहयोग और बलिदान। उन्होंने खुद इसे समय की कसौटी पर कसा भी। सत्याग्रह को सत्य के प्रति आग्रह बताया। यानी आदमी को जो सत्य दिखे उस पर पूरी शक्ति और निष्ठा से डटा रहे। बुराई, अन्याय और अत्याचार का किन्हीं भी परिस्थितियों में समर्थन न करे। सत्य और न्याय के लिए प्राणोत्सर्ग करने को बलिदान कहा। अहिंसा के बारे में उनके विचार सनातन भारतीय संस्कृति की प्रतिध्वनि है। गांधी पर गीता के उपदेशों का व्यापक असर रहा। वे कहते थे कि हिंसा और कायरता पूर्ण लड़ाई में मैं कायरता की बजाए हिंसा को पसंद करुंगा। मैं किसी कायर को अहिंसा का पाठ नहीं पढ़ा सकता वैसे ही जैसे किसी अंधे को लुभावने दृश्यों की ओर प्रलोभित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अहिंसा को शौर्य का शिखर माना। उन्होंने अहिंसा की स्पष्ट व्याख्या करते हुए कहा कि अहिंसा का अर्थ है ज्ञानपूर्वक कष्ट सहना। उसका अर्थ अन्यायी की इच्छा के आगे दबकर घुटने टेक देना नहीं। उसका अर्थ यह है कि अत्याचारी की इच्छा के विरुद्ध अपनी आत्मा की सारी शक्ति लगा देना। अहिंसा के माध्यम से गांधी ने विश्व को यह भी संदेश दिया कि जीवन के इस नियम के अनुसार चलकर एक अकेला आदमी भी अपने सम्मान, धर्म और आत्मा की रक्षा के लिए साम्राज्य के सम्पूर्ण बल को चुनौती दे सकता है। गांधी के इन विचारों से विश्व की महान विभुतियों ने स्वयं को प्रभावित बताया। आज भी उनके विचार विश्व को उत्प्रेरित कर रहे हैं। लोगों द्वारा उनके अहिंसा और सविनय अवज्ञा जैसे अहिंसात्मक हथियारों को आजमाया जा रहा है। ऐसे समय में जब पूरे विश्व में हिंसा का बोलबाला है, राष्ट्र आपस में उलझ रहे हैं, मानवता खतरे में है, गरीबी, भूखमरी और कुपोषण लोगों को लील रही है तो गांधी के विचार बरबस प्रासंगिक हो जाते हैं। अब विश्व महसूस भी करने लगा है कि गांधी के बताए रास्ते पर चलकर ही विश्व को नैराश्य, द्वेष और प्रतिहिंसा से बचाया जा सकता है। गांधी के विचार विश्व के लिए इसलिए भी प्रासंगिक हैं कि उन विचारों को उन्होंने स्वयं अपने आचरण में ढालकर सिद्ध किया। उन विचारों को सत्य और अहिंसा की कसौटी पर जांचा-परखा। १९२० का असहयोग आंदोलन जब जोरों पर था उस दौरान चैरी-चैरा में भीड़ ने आक्रोश में एक थाने को अग्नि की भेंट चढ़ा दी। इस हिंसक घटना में २२ सिपाही जीवित जल गए। गांधी जी द्रवित हो उठे। उन्होंने तत्काल आंदोलन को स्थगित कर दिया। उनकी खूब आलोचना हुई लेकिन वे अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए। वे हिंसा को एक क्षण के लिए भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं थे। उनकी दृढ़ता कमाल की थी। जब उन्होंने महसूस किया कि ब्रिटिश सरकार अपने वादे के मुताबिक भारत को आजादी देने में हीलाहवाली कर रही है तो उन्होंने भारतीयों को टैक्स देने के बजाए जेल जाने का आह्नान किया। विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आंदोलन चलाया। ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में दांडी यात्रा की और समुद्र तट पर नमक बनाया। उनकी दृढ़ता को देखते हुए उनके निधन पर अर्नोल्ड टोनी बी ने अपने लेख में उन्हें पैगंबर कहा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन का यह कथन लोगों के जुबान पर है कि आने वाले समय में लोगों को सहज विश्वास नहीं होगा कि हांड़-मांस का एक ऐसा जीव था जिसने अहिंसा को अपना हथियार बनाया। हिंसा भरे वैश्विक माहौल में गांधी के विचारों की ग्राहयता बढ़ती जा रही है। जिन अंग्रेजों ने विश्व के चतुर्दिक हिस्सों में युनियन जैक को लहराया और भारत में गांधी की अहिंसा को चुनौती दी, आज वे भी गांधी के अहिंसात्मक आचरण को अपनाने की बात कर रहे हैं। विश्व का पुलिसमैन कहा जाने वाला अमेरिका जो अपनी धौंस-पट्टी से विश्व समुदाय को उपदेश देता है अब उसे भी लगने लगा है कि गांधी की विचारधारा की राह पकड़कर ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। सच तो यह है कि गांधी के शाश्वत मूल्यों की प्रासंगिकता बढ़ी है। गांधी अहिंसा के न केवल प्रतीक भर हैं बल्कि मापदण्ड भी हैं जिन्हें जीवन में उतारने की कोशिश हो रही है। अभी गत वर्ष पहले ही अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ह्वाइट हाउस में अफ्रीकी महाद्वीप के ५० देशों के युवा नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आज के बदलते परिवेश में युवाओं को गांधी जी से प्रेरणा लेने की जरुरत है। गत वर्ष पहले अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने महात्मा गांधी की अगुवाई वाले नमक सत्याग्रह को दुनिया के सर्वाधिक दस प्रभावशाली आंदोलनों में शुमार किया। याद होगा अभी कुछ साल पहले जाम्बिया के लोकसभा सचिवालय द्वारा विज्ञान भवन में संसदीय लोकतंत्र पर एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के लोकसभा अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों ने शिरकत की। जाम्बिया की नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष असुमा के. म्वानामवाम्बवा ने इस सम्मेलन के दौरान गांधी के सिद्धान्तों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि भारत के साथ हम भी महात्मा गांधी की विरासत में साझेदार हैं। उन्होनें बताया कि अहिंसा के बारे में गांधी जी की शिक्षाओं ने जाम्बिया के स्वतंत्रता आन्दोलन को बेहद प्रभवित किया। सच तो यह है कि अब गांधी के वैचारिक विरोधियों को भी लगने लगा है कि गांधी के बारे में उनकी अवधारणा संकुचित थी। उन्हें विश्वास होने लगा है कि गांधी के नैतिक नियम पहले से कहीं और अधिक प्रासंगिक और प्रभावी हैं और उनका अनुपालन होना चाहिए। गांधी जी राजनीतिक आजादी के साथ सामाजिक-आर्थिक आजादी के लिए भी चिंतित थे। समावेशी समाज की संरचना को कैसे मजबूत आधार दिया जाए उसके लिए उनका अपना स्वतंत्र चिंतन था। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में विषमता रहेगी, हिंसा भी रहेगी। हिंसा को खत्म करने के लिए विषमता मिटाना जरुरी है। विषमता के कारण समृद्ध अपनी समृद्धि और गरीब अपनी गरीबी में मारा जाएगा। इसलिए ऐसा स्वराज हासिल करना होगा, जिसमें अमीर-गरीब के बीच खाई न हो। शिक्षा के संबंध में भी उनके विचार स्पष्ट थे। उन्होंने कहा है कि मैं पाश्चात्य संस्कृति का विरोधी नहीं हूं। मैं अपने घर के खिड़की दरवाजों को खुला रखना चाहता हूं जिससे बाहर की स्वच्छ हवा आ सके। लेकिन विदेशी भाषाओं की ऐसी आंधी न आ जाए कि मैं औंधें मुंह गिर पड़ूं। गांधी जी नारी सशक्तीकरण के प्रबल पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि जिस देश अथवा समाज में स्त्री का आदर नहीं होता उसे सुसंस्कृत नहीं कहा जा सकता। आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि विश्व समुदाय को भी समझना होगा कि उनके सुझाए रास्ते पर चलकर ही एक समृद्ध, सामथ्र्यवान, समतामूलक और सुसंस्कृत विश्व का निर्माण किया जा सकता है। आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। सच तो यह है कि गांधी भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत के साथ-साथ सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य हैं। सत्यशोधक संत भी हैं तो शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला के अद्भूत मनीषी भी तो मानववादी विश्व निर्माण के आदर्श मापदण्ड भी। सम्यक प्रगति मार्ग के चिंह्न भी तो भारतीय संस्कृति के परम उद्घोषक भी। गांधी के लिए वेद, पुराण एवं उपनिषद का सारतत्व ही उनका ईश्वर है और बुद्ध, महावीर की करुणा ही उनकी अहिंसा है। सत्य, अहिंसा, ब्रहमचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह, शरीर श्रम, आस्वाद, अभय, सर्वधर्म समानता, स्वदेशी और समावेशी समाज निर्माण की परिकल्पना ही उनके जीवन का परम लक्ष्य है।
रांची। राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी द्वारा जारी पत्र को फर्जी बताया कि इस तरह के आरोप लगाने वालों को शर्म आनी चाहिए। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जानना चाहा कि क्या बाबूलाल मरांडी को महाभारत के संजय की तरह दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई थी। साथ ही बाबूलाल जिस चिट्ठी की बात कर रहे हैं क्या उसकी सत्यता सिद्ध कर पाएंगे। मंत्री ने कहा कि ऐसे में तो कल कोई भी व्यक्ति किसी पर भी कोई भी आरोप लगा दे सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने से पहले थोड़ी शर्म जरुर आनी चाहिए। सीपी सिंह ने बाबूलाल मरांडी को चुनौती देते हुए जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि जांच का सामना करने के लिए उनकी पार्टी तैयार है। मंत्री ने कहा कि इस तरह किसी का चरित्र हनन करना उचित नहीं है। हम भी किसी का चरित्र हनन कर सकते हैं मगर ये हमारी पार्टी का संस्कार नहीं है। इस तरह का काम संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में इस तरह के संस्कारहीन लोग हैं जो इस तरह के काम कर रहे हैं।
दाद (रिंगवर्म) एक प्रकार चर्म रोग है। जिसे डर्माटोफायोटासिस या टिनिया भी कहा जाता है। इसका अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह एग्जिमा का रूप ले लेती है। जो कि दाद से ज्यादा खतरनाक त्वचा से जुड़ी बीमारी है। जब मौसम बदलते हैं तो आपको स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। जैसे कि खुजली, दाग और दाद। दाद जिसे रिंगवॉर्म भी कहा जाता है, ये एक प्रकार का फंगल संक्रमण है जो आपकी त्वचा की ऊपरी परत पर विकसित होता है। आमतौर पर यह तीन तरह की फंगस के कारण होता है ट्राइकोफिटन, माइक्रोस्पोरम और एपिडर्मोफिटन। दाद आपके शरीर पर कहीं भी हो सकता है, जैसे चेहरे, हाथ, पैर, जांघ, पीठ, छाती, उंगली आदि। आइए जानते हैं इसके प्रकार, होने के कारण, लक्षण और रोकथाम के कुछ सरल उपाय।
सुजानपुर: भाजपा के चुनावी दृष्टि पत्र पर अमल न करने व कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल के वरिष्ठता लाभ से वंचित रखने को लेकर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जयराम सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाली जयराम सरकार ने कदम कदम पर कर्मचारियों के साथ छल किया है और वायदे न निभाकर कर्मचारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने वायदे के विपरीत कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल की वरिष्ठता लाभ से भी वंचित रखा है, जबकि कमीशन के माध्यम से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार ही भर्तियां की जाती हैं। राजेंद्र राणा ने याद दिलाया कि वर्ष २००७ में भाजपा की तत्कालीन धूमल सरकार ने प्रदेश में ८ साल के अनुबंध कार्यकाल के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया था तथा वर्ष २००९ में अधिसूचना जारी होते ही अनुबंध आधार पर पहली भर्ती की गई। वर्ष २०१२ में सत्ता से जाते-जाते उन्होंने अनुबंध का कार्यकाल ६ साल करने की घोषणा की थी। उसके बाद कांग्रेस की वीरभद्र सिंह ने सत्ता में आने के बाद वर्ष २०१४ में कर्मचारियों का अनुबंध कार्यकाल ५ साल तथा वर्ष 201६ में इसे घटाकर ३ साल कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने शासनकाल में कर्मचारियों को छलने व बरगलाने का ही काम किया है। राणा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकारों के साथ केंद्र में रहते हुए भी भाजपा नीत एन.डी.ए. सरकारों ने कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है जिसकी शुरूआत वर्ष २००३ में केंद्र की तत्कालीन एन.डी.ए. सरकार ने कर्मचारियों को धोखा देते हुए पैंशन बंद कर काले अध्याय लिखा था। उसके बाद अनुबंध पर नौकरियां देने का फैसला भाजपा सरकार ने ही लिया और अब जयराम सरकार ने ट्रिब्यूनल को बंद कर कर्मचारी विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से अनेकों वायदे किए थे जिनमें पैंशन को लेकर भी एक कमेटी गठित करने की बात कही थी। लेकिन सत्ता के नशे में मदहोश जयराम सरकार अब तक कमेटी गठित करने सहित किसी भी वायदे पर दृष्टि डालने में भी फेल साबित हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि चुनावी दृष्टि पत्र तो सरकार की नजर-ए-इनायत कब होगी और कर्मचारियों से किए वायदों को लेकर कब नींद से जागेगी, यह तो सरकार व मुख्यमंत्री ही जानें। लेकिन अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ कर्मचारियों का जायज हक है जिसका लाभ देकर भाजपा की पूर्व केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा लिए कर्मचारी विरोधी फैसलों के दाग भाजपा के ऊपर से थोड़े बहुत जरूर धुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि ४-९-1४ के बारे में भी भाजपा सरकार का कर्मचारियों से किया गया वायदा महज एक छलावा साबित हुआ है। कर्मचारी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से वायदा किया था कि सत्ता में आने पर कर्मचारियों को ४-९-1४ का लाभ दिया जाएगा। लेकिन अब सरकार के २ साल पूरे होने को है लेकिन कर्मचारी अभी तक सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वेतन आयोग के लाभों से भी वंचित रख रही है।
आईआईटी रुड़की ने दुनिया भर में रहने वाले अपने एलुमनी के साथ एक व्यापक संबंध स्थापित करने के लिए आईआईटी रुड़की एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क लांच किया है। यह संस्थान और उसके एलुमनी के एक व्यापक और सटीक एलुमनी डेटाबेस की जरूरत को पूरा करेगा। इसके अलावा, कई एलुमनी एक ऐसे नेटवर्क की मांग कर रहे थे जो उन्हें एलुमनी को खोजने और उनके साथ जुड़ने में मदद कर सकता हो। साथ ही एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से संस्थान के साथ संवाद करने की सुविधा भी प्रदान करता हो। ग्लोबल नेटवर्क इस जरूरत को भी पूरा करने की कोशिश करेगा। यह ग्लोबल नेटवर्क, थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग से यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की और अब आईआईटी रुड़की की यात्रा को संजोकर रखने में योगदान देगा। वर्ष १८४७ में स्थापित इस संस्थान के शानदार इतिहास का हिस्सा रहे एलुमनी की पुरानी और नई पीढ़ियों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगा। आईआईटी रुड़की एलुमनी का यह ग्लोबल नेटवर्क एलुमनी वालंटियर्स द्वारा संचालित किया जाएगा। नेटवर्क के कार्यान्वयन में प्रावधान बनाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदस्यों की गोपनीयता संबंधी चिंताओं का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, सदस्यों के पास अपनी इच्छा के अनुसार संदेशों और सेवाओं की सदस्यता शुरू और समाप्त करने का विकल्प होगा। डेटाबेस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। नेटवर्क की सदस्यता से कई लाभ मिलेंगे। उदाहरण के लिए, नेटवर्क की लाइफ मेंबरशिप फ्री होगी। सभी सदस्यों को एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों के पास दुनिया भर के लोकल, रीजनल और नेशनल नेटवर्क पर एलुमनी के साथ सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के अवसर होंगे। यह संकट में फंसे किसी एलुमनी या उसके परिवार के लिए, उनके सहयोगी एलुमनी से मदद जुटाने के लिए एक प्रणाली का निर्माण करेगा। सदस्यों के पास स्टूडेंट्स मेंटोरशिप प्रोग्राम्स, इंटर्नशिप और संस्थान की अन्य गतिविधियों जैसी योजनाओं में भाग लेने और योगदान करने के अवसर होंगे। सदस्यों को ई-न्यूजलेटर्स के माध्यम से एलुमनी और अल्मा मेटर के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त होगा। नेटवर्क में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सदस्यों को उपयुक्त रूप से मान्यता दी जाएगी। पहचान पत्र धारकों के लिए विभिन्न संगठनों के उत्पादों और सेवाओं के लिए विशेष छूट की सुविधा दी जाएगी।पहचान पत्र सदस्यों को परिसर में सुचारू रूप से प्रवेश करने में मदद करेगा। उपलब्धता के अनुसार, सदस्य रियायती दर पर आईआईटी रुड़की के गेस्टहाउस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सदस्यों को एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंटध्सेंटर, विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले फैकल्टी या संस्थान के कार्यालय से जुड़ने का अवसर मिलेगा। जहां भी संभव हो, सदस्यों के लिए पुस्तकालय सेवाओं का विस्तार करने की संभावना का पता लगाया जाएगा। अनुरोध पर, सदस्यों को स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के अवसर पर आमंत्रित किया जाएगा। सदस्य रविवार को परिसर के दौरे के लिए अनुरोध कर सकते हैं। परिसर के दौरे में जेम्स थॉमसन बिल्डिंग, हैंगर, इंस्टीट्यूट आर्काइव, मेडलिकॉट म्यूजियम और महात्मा गांधी सेंट्रल लाइब्रेरी के दौरे शामिल होंगे।
इन्दौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध समझी जाने वाली लोकसभा सीट इन्दौर से भाजपा के शंकर लालवानी ने रिकार्ड जीत दर्ज की है। उन्होंने इन्दौर से ८ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को २०१४ में मिली ४६६९०१ मतों की जीत के रिकार्ड को तोड़ते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पंकज संघवी को ५४७७५४ मतों से हराया है। भाजपा प्रत्याशी लालवानी को कुल 106८569 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 520८15 मत मिले। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने विजयी प्रत्याशी शंकर लालवानी को सांसद निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दिया। इस मौके पर सुमित्रा महाजन व विधायक रमेश मैंदोला भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि इन्दौर से ८ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को इस भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह ललवानी को पार्टी ने मैदान में उतारा था। हालांकि सुमित्रा महाजन इस सीट पर फिर से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं, लेकिन पार्टी की ओर से उम्मीदवार के नाम के ऐलान में देरी होते देख उन्होंने खुद ही यह ऐलान कर दिया था कि वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस सीट पर पिछले मुकाबलों की बात करें तो लगातार ८ बार बीजेपी की तरफ से सुमित्रा महाजन कुर्सी पर काबिज रहीं। वहीं, कांग्रेस आखिरी बार 19८4 में यहां से लोकसभा का चुनाव जीती थी। २०१४ के चुनाव में भाजपा की सुमित्रा महाजन को ८54972, कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 3८८071 व आम आदमी पार्टी के अनिल त्रिवेदी को ३५१२४ मत मिले थे। इस बार २०१९ के लोकसभा चुनाव में इन्दौर सीट पर २० प्रत्याशी चुनावी मैदान होकर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के पंकज संघवी और भाजपा के शंकर लालवानी के मध्य था और लालवानी ने यह मुकाबला ५४७७५४ मतों के रिकार्ड अंतर से जीत लिया है। यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत दर्ज की है। लालवानी ने १९९३ में पहली बार विधानसभा क्षेत्र-४ से भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। इसके बाद १९९६ में नगर निगम चुनाव में वे अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराकर पार्षद बने। वे नगर निगम सभापति भी रहे। इसके बाद वे नगर अध्यक्ष रहे। वे इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। १९९८ में भाजपा की सुमित्रा महाजन से लोकसभा चुनाव हार चुके पकंज संघवी पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया, लेकिन उन्हें दूसरी बार भी हार का मुंह देखना पड़ा। संघवी १९८३ में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते। इसके बाद १९९८ में पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, लेकिन सुमित्रा महाजन ने उन्हें ४९ हजार ८५२ वोट से चुनाव हार दिया। इसके बाद २००९ में महापौर का चुनाव लड़े और भाजपा के कृष्णमुरारी मोघे से करीब ४ हजार वोट से हार गए। २०१३ में वे इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब १२ हजार ५०० वोट से विधानसभा चुनाव हारे। इन्दौर लोकसभा सीट से १९५२ में कांग्रेस के नन्दलाल जोशी, १९५७ में कांग्रेस के कन्हैयालाल खेड़ीवाला, १९६२ में सीपीआई के होमी दाजी, १९६७ में कांग्रेस के प्रकाशचंद्र सेठी, १९७१ में कांग्रेस के रामसिंह भाई, १९७७ में भारतीय लोकदल के कल्याण जैन, १९८० और १९८४ में कांग्रेस के प्रकाशचन्द्र सेठी ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने १९८९ के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया। फिर भाजपा के टिकट पर सुमित्रा ताई ने १९९१, १९९६, १९९८, १९९९, २००४, २००९ और २०१४ में जीत दर्ज की। वो प्रथम महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनावों में पराजित नहीं हुई और आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला बनी। लालवानी के जीत से अब इन्दौर को ३० साल बाद पुरुष सांसद मिला है। अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शंकर ललवानी ने कहा जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी। जनता ने इतनी बड़ी जीत दी है, तो मेरे ऊपर शहर की जनता का भार भी काफी रहेगा। बीआरटीएस के विकल्प के रूप में एलिवेटेड ब्रिज होगा, जो शहर की समस्या दूर होगी। ट्रैफिक सुधार और शहर के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। लालवानी ने जीत का श्रेय सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अपनी पार्टी को दिया। अपने प्रतिद्वंदी पंकज संघवी को लेकर कहा कि वे टूरिस्ट वीजा लेकर चुनाव के मैदान में आते रहे हैं, जबकि उन्हें लगातार सक्रिय रहकर समाज की सेवा करना चाहिए। जनता के बीच रहना चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया और इसके परिणाम सामने हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज संघवी ने हार के बाद ट्वीट पर भाजपा के शंकर लालवानी को जीत की बधाई दी है। संघवी ने लिखा- हार जीत का फैसला तो भगवान करता है। इंसान कोशिश और मेहनत करता है। भाई शंकर लालवानी को जीत की बधाई। उन्होंने आगे लिखा वल्लभ नगर मेरे निवास पर कई सालों से समाजसेवा जारी थी। आगे भी जारी रहेगी। गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद आखिरी सांस तक करता रहूंगा।
बिलासपुर | भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा बुधवार की शाम बस स्टैंड में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा ३७० और ३५-ए हटाने के फैसले का स्वागत करते हुए खुशियां मनाई। भारत गणराज्य में जम्मू-कश्मीर के पूर्ण विलय के संबंध में जनमानस को अवगत करते हुए इस मौके पर सांसद अरुण साव का सम्मान किया गया। सांसद साव ने कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य के नव निर्माण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ५ वर्षों में अनेक ऐतिहासिक साहसिक निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि जैसे 1५ अगस्त १९४७ को देश आजाद हुआ था उसी तरह ५ अगस्त २०१९ को देश को दूसरी आजादी के रूप में जम्मू कश्मीर का पूर्ण विलय भारतीय गणराज्य में हुआ। इस मौके पर बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि देश को आजादी के ७२ वर्षों में आज देश की जनता को महसूस हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार लगातार देश के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है। महापौर किशोर राय ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय ने जो सपना देखा था उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह ने ५ जुलाई २०१९ को पूरा कर दिया। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने सांसद अरुण साव का शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम में बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, महापौर किशोर राय, भाजपा जिला महामंत्री रामदेव कुमावत का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, सुशांत शुक्ला, दुर्गा कश्यप, लोकेशधर दीवान, जयश्री चौकसे, संदीप दास, आदि मौजूद थे। भाजयुमाे के बस स्टैंड में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते भाजपा नेता। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ६वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके संस्मरणों को विशेष रूप से याद किया गया। इस मौके पर बिलासपुर के सांसद अरुण साव, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, छतीसगढ़ महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, महापौर किशोर रॉय , जिला महामंत्री रामदेव कुमावत , राष्ट्रीय सदस्य सुशांत शुक्ला, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष दीपक सिंह, राजेश सिंह ठाकुर , राकेश तिवारी , सुनीता मानिकपुरी, जयश्री चौकसे, नंदू सोनी, संजय मुरारका आदि उपस्थित हुए।
शुक्र ग्रह तुला पर शासन करता है। कुलस्वामिनी को तुला राशि का आराध्य माना जाता है। इस राशि के व्यक्ति ठण्डी और सुहावनी रातें वाले मौसम में पैदा होते हैं। इस राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ भोले भाले होते हैं। तुला राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ चर्म रोग और किडनी की समस्याओं से ग्रस्त होते हैं। रामअविता नाम की लड़कियाँ दृष्टिदोष तथा निचले हिस्से में पीठ दर्द की समस्याओं से परेशान रहते हैं। तुला राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ ज़रूरत पड़ने पर किसी भी प्रियजन के लिए त्याग करने से कतराते नहीं हैं। रामअविता नाम का स्वामी शुक्र ग्रह और शुभ अंक ६ है। रामअविता नाम वाली ६ अंक की लड़कियां बहुत आकर्षक व खूबसूरत होती हैं। रामअविता नाम की महिलाओं को स्वच्छता का बहुत ख्याल रहता है और कला के क्षेत्र में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती हैं। रामअविता नाम वाली लड़कियां व्यव्हार से सहनशील और घूमने-फिरने के शौक़ीन होती हैं। ६ अंक वाली लड़कियां दूसरों को बड़ी जल्दी आकर्षित कर लेती हैं। अपने जीवन में परिवार का प्यार और सहयोग भरपूर मिलता है रामअविता नाम की लड़कियों को। रामअविता नाम वाली महिलाओं की राशि तुला है। रामअविता नाम की लड़कियां अक्सर अपने लाभ के बारे में सोचती हैं और इसलिए इनमें संतुलन की कमी होती है। तुला राशि वाली महिलाएं जिनका नाम रामअविता है, वे लोग ज़रूरतों और अपनी चाहतों के मुताबिक सोच बदल लेती हैं। रामअविता नाम की लड़कियों के पास हर बात का तर्क होता है। ये भविष्य के बारे में ज्यादा सोचती हैं। रामअविता नाम की लड़कियों का स्वभाव बहुत अच्छा होता है, लेकिन ये कभी खुद निर्णय नहीं लेती हैं क्योंकि इन्हें जिम्मेदारी लेना पसंद नहीं होता। रामअविता नाम की महिलाएं हमेशा चीजों व लोगों की आपस में तुलना करने लग जाती हैं।
खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन हटाते परिषद कर्मचारी। बांसवाड़ा। नगर परिषद ने अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद अब इन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के तहत सोमवार को खांदू कॉलोनी में स्थित शुभ गार्डन के समीप बिना स्वीकृति लगाए गए एक केबिन हटाया गया। हल्का निरक्षक हेमंत भट्ट ने बताया कि केबिन अतिक्रमण की श्रेणी में था। जिस पर जाहिद खान और कुलदीप निनामा टीम के साथ पहुंचे और हटाने की कार्रवाई की। गौरतल है कि इससे पहले परिषद ने सभी वार्डों में अतिक्रमण चिन्हित कर उन पर लाल रंग से क्रॉस लगाने का अभियान चलाया था। यह प्रक्रिया पूरी होने पर अब चिन्हित अतिक्रमण हटाए जा रहे है।
आंध्र प्रदेश की इलाक़ाई जमातों ने अलाहिदा रियासत तेलंगाना के मसले पर आज मुख़्तलिफ़ सियासी जमातों से सिलसिला वार मुलाक़ातें की। सदर तेलुगु देशम पार्टी एन चंद्राबाबू नायडू ने जहां बी जे पी और जनतादल ( यू) क़ाइदीन से मुलाक़ात की वहीं टी आर एस सरबराह के चन्द्र शेखर राव ने सी पी आई क़ाइदीन से मुलाक़ात की। दोनों पार्टीयों ने आर एलडी सरबराह अजीत सिंह से तीन घंटे के वक़फ़ा से अलहदा मुलाक़ातें कीं। सी पी आई और आर एलडी ने जहां इस बिल की ताईद का यक़ीन दिलाया वहीं जनतादल (यू) ने कहा कि वो किसी फ़ैसले से पहले पार्टी मीटिंग में ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करेगी। तेलुगु देशम पार्टी सदर एन चंद्राबाबू नायडू की ज़ेरे सदारत पार्टी वफ़द ने आज सदर बी जे पी राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की। चंद्राबाबू नायडू ने रियासत को तक़सीम करने कांग्रेस के फ़ैसले की वजह से पैदा शूदा सूरत-ए-हाल से सदर बी जे पी को वाक़िफ़ किराया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वो दुसरे इलाक़ों के अवाम के साथ मुकम्मिल इंसाफ़ को यक़ीनी बनाए बगै़र बिल को मंज़ूर होने ना दें। इस ज़िमन में वो मर्कज़ पर दबाव डालें। चंद्राबाबू नायडू ने राज नाथ सिंह से मुलाक़ात के बाद मीडीया से बात करते हुए मर्कज़ पर रियासत की तक़सीम के सिलसिले में दस्तूरी क़वाइद की मुबय्यना तौर पर ख़िलाफ़वरज़ी का इल्ज़ाम आइद किया। उन्होंने ये जानना चाहा कि क्या किरण कुमार रेड्डी को इस मसले पर सड़कों पर आना चाहीए या वो सोनिया गांधी के साथ इस मसले को हल करने की कोशिश करें ?। उन्होंने कहा कि किरण कुमार रेड्डी और जगन मोहन रेड्डी के पास ये हौसला नहीं है कि वो सोनिया गांधी के घर के रूबरू धरना दें। बादअज़ां चंद्राबाबू नायडू ने सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी से मुलाक़ात की और आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद बिल २०१३ में ख़िलाफ़ वरज़ीयों को उजागर क्या। दूसरी तरफ़ टी आर एस ने इस यक़ीन का इज़हार किया कि ये बिल पार्लियामेंट में मंज़ूर होजाएगा। ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए के चन्द्र शेखर राव ने कहा कि उन्हें बिल की मंज़ूरी का सद फ़ीसद यक़ीन है। वो नहीं समझते कि बी जे पी अपने मौक़िफ़ से पलट जाएगी। उन्होंने सीनीयर बी जे पी लीडर सुषमा स्वाराज के तेलंगाना बिल की ताईद में दिए गए बयान का हवाला दिया।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने घोषणा की है कि बोर्ड पूरे भारत में शरिया कोर्ट स्थापित करना शुरू करने वाला है । यह एक ऐसा असंवैधानिक कदम है जिसे बोर्ड बिना बिचारे अविवेकपूर्ण ढंग से उठाने जा रहा है । उसने यह भी नहीं सोचा कि इससे मुस्लिम समाज का भी को हित है अथवा नहीं । कुछ वर्ष पहले, इस्लामी संगठनों ने केरल में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल जिलों में शरिया कोर्ट शुरू किए थे, लेकिन उन्हें कभी कोई मान्यता नहीं मिली । निश्चित रूप से, काजियों और कठमुल्लाओं द्वारा दिए गए निर्णयों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया । आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जो भारत में मुस्लिम आबादी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है और सत्तारूढ़ केंद्र सरकार के समक्ष शक्ति प्रदर्शन पर आमादा है, जब ऐसा कदम उठाये, तब उसके छुपे मकसद को समझकर गंभीरता से लेने की जरूरत है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि मुसलमानों के सिविल मामलों को निबटाने के लिए, पहले से ही भारतीय संविधान में मुस्लिम पर्सनल लॉ निर्मित है, जो लगभग शरिया के आदेशों के अनुरूप ही है। जहाँ तक आपराधिक मामलों का प्रश्न है, वे तो चाहे जितने शरीया कोर्ट बना लो, चलेंगे संविधान के अनुरूप ही | अपराध चाहे हिन्दू करे या मुसलमान, पुलिस कार्यवाही तो एक समान होगी | तो अब सवाल उठता है कि फिर देश में समानान्तर शरिया अदालतों को चलाने की आवश्यकता ही कहां है? किसके लिए होंगे ये शरिया न्यायालय? एआईएमपीएलबी पर मुख्यतः कट्टरपंथी सुन्नीयों का प्रभुत्व है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में, इस्लाम के शिया संप्रदाय के लोगों ने रामजन्मभूमि, ट्रिपल तलाक जैसे विषयों पर, सुन्नी संप्रदाय की राय से अलग राय व्यक्त की हैं | जाहिर है कि वे सुन्नियों द्वारा अपने साथ किये जा रहे भेदभाव को महसूस करते हैं। मुस्लिम संप्रदायों के बीच कई अन्य धार्मिक मतभेद हैं और उन्हें कभी सुलझाया नहीं गया है। खोजा, बोहरा और अन्य जैसे छोटे छोटे संप्रदाय, सुन्नी बहुमत के साथ मतभेद रखते हैं और भेदभाव महसूस करते हैं। इसके बाद भी सुन्नी प्रभुत्व वाला एआईएमपीएलबी, मुस्लिम समुदाय के बीच खिची सांप्रदायिक विभाजन की ओर बिना ध्यान दिए, सभी पर समान रूप से शरिया कोड लागू करने की कोशिश कर रहा है? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या काजियों द्वारा धुर सांप्रदायिक आधार पर दिए गए फैसले, पूरी मुस्लिम आबादी को स्वीकार्य होंगे? क्या मुसलमानों के पासमांडा, असलाट और अर्जल, ताकत के बूते अशरफ द्वारा लगाए गए शरिया को स्वीकार करेंगे? माना जाता है कि शरिया कानून, पवित्र कुरान के आदेशों पर आधारित हैं तथा हदीस कथाओं द्वारा समर्थित हैं | सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे इस्लामी देशों में और अफगानिस्तान में अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा इनका कड़ाई से पालन किया जाता हैं। न्याय, खुले में होता है, जहां अपराधियों को जमीन पर पटक कर उनका सिर या कोई अन्य अंग आदि काटा जाता है । क्या भारत में भी शरिया अदालतें इसी प्रकार आपराधिक मामलों पर विचार करेंगी और उपरोक्त इस्लामी देशों की तर्ज पर फैसले भी लागू करेंगी? इन दंडों को वे कैसे लागू करेंगे ? जो भी न्यायाधीश या उनका अधीनस्थ इस प्रकार के दंड देगा, क्या वह भारतीय संविधान के विरुद्ध नहीं होगा ? ऐसी परिस्थिति में भारतीय न्याय तंत्र क्या चुपचाप तमाशा देखेगा? एआईएमपीएलबी और बोर्ड के सभी सदस्य भी क़ानून के जानकार हैं, तथा वे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि उनके इस कदम का हर स्तर पर विरोध होगा । और वे चाहते भी यही हैं | उनका एकमात्र उद्देश्य तो मुस्लिम जन के मन में लोकतंत्र के प्रति विरोधी वातावरण बनाना और मुल्लाओं के प्रभुत्व को स्वीकार करने की मानसिकता तैयार करना है। कुल मिलाकर यह आने वाले लोकसभा चुनावों में मुसलमानों के ध्रुवीकरण का प्रयास है | मुस्लिम जनता चुनाव में केवल उसी को वोट करे, जो पिछले दरवाजे से उनके ईश्वरीय शासन को लागू करने का वादा करे | निश्चय ही यह एक भयानक षडयंत्र का खाका खींचा जा रहा है । इसका एक मकसद उन मदरसा स्नातकों को रोजगार मुहैय्या कराना भी है, जो इस्लामी ग्रंथों और अरबी भाषा से परे कुछ भी नहीं जानते । काश मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की उम्मीदें ओंधे मुंह गिरें, क्योंकि इसके पीछे केवल भारत को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है। यह मुस्लिम समाज के प्रगतिशील लोगों के लिए सही समय है कि वे मुल्लावाद के विरोध में खुलकर आवाज उठायें, जैसा कि अन्य इस्लामी देशों में भी हो रहा है।
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) लंबे वक्त बाद यश राज फिल्म्स (यश राज फिल्म्स) के साथ फिल्म जय भाई जोरदार (जयेश भाई जोरदार) में नजर आएंगे। इसमें वो एक गुजराती शख्स के किरदार में दिखेंगे। जानिए कब शुरू होगी इसकी शूटिंग। रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) ने गल्ली बॉय जैसी बेहतरीन फिल्म से अपनी शुरूआत की थी। इसके बाद वो जल्द ही कबीर खान (कबीर खान) की फिल्म ८३ में नजर आएंगे। ये फिल्म कपिल देव की लाइफ पर बनी है। इसके साथ ही उनकी झोली में करण जौहर की फिल्म तख्त (तख्त) भी है। इन फिल्मों के अलावा अब उनके पास यश राज बैनर की एक और फिल्म आ गई है। लंबे वक्त बाद रणवीर सिंह और ये प्रोडक्शन हाउस एक साथ आ रहे हैं। रणवीर सिंह (रणवीर सिंह मूवीस) इस बैनर के तहत बनने वाली फिल्म जय भाई जोरदार (जयेश भाई जोरदार) में नजर आएंगे। इसमें रणवीर सिंह रामलीला के बाद एक बार फिर गुजराती शख्स के किरदार में दिखेंगे। इसे मनीष शर्मा प्रोड्यूस करेंगे। इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू होगी। इसके राइटर और डायरेक्टर हैं दिव्यांक ठक्कर हैं। आपको बता दें कि मनीष शर्मा ने बतौर डायरेक्टर अपना करियर रणवीर सिंह की फिल्म बैंड बाजा बारात से शुरू की थी। जयेशभाई एक बड़े दिल वाली फिल्म है। इसका विचार ही इसका विस्तार है। इसकी कहानी शानदार है। मैं शुक्रगुजार हूं यशराज फिल्म्स का जिन्होंने मेरे लिए इतनी जोरदार कहानी चुनी। अच्छी पटकथा हो तो वो फिल्म लिखते समय ही दिखने लगती है। दिव्यांग ने इस कहानी पर काफी मेहनत की है और उनके टैलेंट को देखते हुए ही मैंने फिल्म के लिए तुरंत हां कर दी। इस फिल्म में मनोरंजन भी है और यह दिल को भी छू लेती है। इतना ही नहीं, रणवीर सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फनी वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वो इसके डायरेक्टर दिव्यांक ठक्कर के साथ नजर आ रहे हैं। इसमें वो दोनों गुजराती में बात कर रहे हैं। इसमें रणवीर सिंह कुछ मजेदार सवाल दिव्यांक से पूछते हैं और वो इसका जवाब देते हैं। इसमें उन्होंने ये भी जाहिर कर दिया है कि इस फिल्म में वो नजर आने वाले हैं।
मैक पर ऑफिस सक्रिय करने के लिए चाहते हैं? यदि आप ऑफिस स्थापित करते समय आप इंटरनेट से कनेक्ट कर रहे हैं, तो इसे स्वचालित रूप से आपके लिए सक्रिय करना चाहिए। इसे किसी ऑफिस अनुप्रयोग नहीं खुलता है तो, फ़ाइल पर क्लिक करें > खाता > उत्पाद सक्रिय करें । आप इसके बजाय फ़ाइल देख सकते हैं > खाता > में साइन इन करें। युक्ति: जब आप अगलाका चयन करें, तो कुछ नहीं होता है, तो अपने कुंजीपटल पर एन्टर कुंजी का उपयोग करें। ऑफिस सक्रिय करने के लिए विफल हो जाता है, आप कुछ समय के लिए ऑफिस का उपयोग करना जारी रख सकते हैं, लेकिन ऑफिस अंततः दर्ज करता है, तो सीमित कार्यक्षमता मोड। अधिकांश बटन और सुविधाएँ (धूसर) अक्षम किए जाते हैं, और शीर्षक पट्टी में (गैर लाइसेंसीकृत उत्पाद) प्रकट होता है। उपयोगकर्ता व्यवसाय के लिए ऑफिस ३६५ के रूप में, आप सक्रियण की समस्याओं को ठीक करने में मदद करने के लिए समर्थन और पुनर्प्राप्ति सहायक ऑफिस ३६५ के लिए डाउनलोड करें कर सकते हैं। उस उपकरण से आपकी समस्या हल नहीं करता है, तो ऑफिस में गैर लाइसेंसीकृत उत्पाद त्रुटियाँदेखें। सक्रियण विफलताओं के सामान्य समस्या निवारण में मदद के लिए ऑफिस में गैर लाइसेंसीकृत उत्पाद त्रुटियाँ देखें। हम आपकी प्रतिक्रिया मान। कृपया हमें ये चरण वाली विस्तृत टिप्पणी पर सक्रिय ऑफिस ३६५ होम, पर्सनल, यूनिवर्सिटी, ऑफिस २०१३ या ऑफिस २०१६छोड़े हुए मददगार थे, तो बताएँ।
सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान जल्दी ही सैफ अली खान की बेटी होने की इमेज से बाहर आ जाएंगी। जिस तरीके से बड़े फिल्म मेकर उनको साइन कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है। सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान की भले ही अभी पहली फिल्म भी रिलीज नहीं हुई है लेकिन सैफ अली खान की बेटी अभी से ही तमाम बड़े फिल्म मेकर्स की पसंद बन गई है। बता दें कि सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ है जो ७ दिसंबर को रिलीज होगी। इसमें वह सुशांत सिंह राजपूत के साथ आ रही हैं। हाल ही में फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है और इसमें सारा के काम की काफी तारीफ हो रही है। इसके अलावा, इसी साल के अंत में वह रणवीर सिंह के अपोजिट रोहित शेट्टी की फिल्म सिंबा में दिखेंगी। इस यूनिट की भी यही राय है कि सारा अली खान आने वाले समय की सुपरस्टार हैं। वैसे लगता है कि सारा अली खान की इन ताारीफों से इम्तियाज अली खासे प्रभावित हो गए हैं। सुनने में आया है कि उन्होंने सारा को प्यार का पंचनामा फेम कार्तिक आर्यन के अपोजिट अपनी अगली फिल्म के लिए साइन किया है। डीएनए की एक खबर के मुताबिक, इम्तियाज की तमाम फिल्मों में ट्रैवलिंग कहानी का एक अहम हिस्सा होती है और इस नई कहानी में भी ऐसा ही फ्लेवर है। कार्तिक का चयन फिल्म के लिए पहले ही कर लिया गया था और उनके अपोजिट किसी नए चेहरे की तलाश थी जिसको पर्दे पर ज्यादा दर्शकों ने देखा न हो। जब इम्तियाज ने केदारनाथ और सिंबा के टीजर्स में सारा अली खान का काम देखा तो उन्होंने उनको कास्ट करने का मन बना लिया। खबर के अनुसार, सारा अली खान को भी फिल्म की कहानी पसंद आई है और वह भी इसके लिए हां कर चुकी हैं। फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू करने की प्लानिंग है। बेशक ये सब देखकर तो लगता है कि सारा अली खान को जल्द ही और भी बड़े ऑफर मिलने वाले हैं। देखना ये होगा कि इस दौड़ में क्या वह जान्हवी कपूर से आगे निकल पाती हैं या नहीं !
गूगल ईमेल (गूगल ईमेल ग्मेल) में अब आप सैकड़ों प्रकार के नये वर्चुअल की-बोर्ड, लिप्यंतरण उपकरण, और इनपुट मेथड एडीटर (वर्चुअल कीबोर्ड, ट्रांसलिट्रेशन तूल एंड इनपुट मेथोड़ एडीटर) का प्रयोग कर पायेंगे। अब आपको अपनी भाषा और अपने की-बोर्ड (कीबोर्ड) से और दूर रहने की बात एक पुरानी बात होती नज़र आ रही है। अपनी पसंद की भाषाओं के मध्य किसी एक चुनाव (स्विचिंग बिट्वीन लैंग्वेएज) मात्र एक क्लिक (ओन क्लिक) में किया जा सकता है। अब गूगल कुल ७५ इनपुट भाषाएँ (७५ इनपुट लैंग्वेएज) समर्थित करता है। इस सुविधा को जी-मेल (ग्मेल) पर प्रयोग करने के लिए आपको सेटिंग (सेटिंग्स) विकल्प में भाषा (लैंग्वेएज) विकल्प के नीचे दिये इनेबल इनपुट टूल्स के चेक बॉक्स (चेक बॉक्स) पर क्लिक करके अपनी मनपसंद भाषा का चुनाव करना होगा। एक बार इसे सक्षम कर लेने के बाद आप इनपुट उपकरण (इनपुट तूल) का आइकन (इकन) सेटिंग बटन के बायीं ओर देख पायेंगे। आप यहीं इस उपकरण को ऑन और ऑफ (ऑन & ऑफ) भी कर पायेंगे, और यदि आपने एक से अधिक भाषाओं को इनपुट उपकरण (इनपुट तूल) में चुना है तो उनके मध्य किसी एक का चुनाव भी यहीं से सम्भव होता है। गूगल मेल (गूगल मेल ग्मेल) पर यूँ वर्चुअल की-बोर्ड (वर्चुअल कीबोर्ड) और आइ.एम.इ. (इमें) के ऐसे ज़बरदस्त गठजोड़ के बाद से प्लेटफार्म मुक्त (प्लेटफार्म इंडिपेंडेंट) बेहतर भाषा सहायता सम्भव हो सकेगी। यह तब भी बहुत कारगर साबित होगा जब हम यात्रा के दौरान अपनी भाषा में टाइप करना चाहें। साथ ही साथ यह महँगे बहु-भाषीय की-बोर्ड (एक्सपेसिव मल्टीलींगुअल कीबोर्ड) के लिए एक मुफ्त और कारगर विकल्प है। ३. अब आगे खुलने वाली विंडो में इनपुट टूल्स के आगे दिये ऑफ पर क्लिक करके उसे ऑन कीजिए (स्टेप ५) और चित्रानुसार स्टेप ६, स्टेप ७ व स्टेप ८ को मैनेज कीजिए। स्टेप ९ के अनुसार सब बदलाव सहेज दीजिए। ४. अब आप अपने ग्मेल इनबॉक्स पर नीचे दिखाये गये चित्र के अनुसार गूगल लिप्यंतरण बटन (स्टेप १०) देख पायेंगे। इस पर क्लिक करके आप अपनी चुनी गयी भाषाओं के मध्य टायपिंग के लिए चुनाव कर पायेंगे। आशा है यह पोस्ट आपको पसंद आयेगी और इससे लाभ अर्जित कर पायेंगे।
नई दिल्ली (भाषा)। यूनानी डॉक्टरों की संस्था ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी ६५ वर्ष करने की मांग की है। संस्था के महासचिव डॉक्टर सैयद अहमद खान ने कहा कि डॉक्टरों की कमी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के सभी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर ६५ वर्ष करने के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने संबंधी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बयान में यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि देश के पारंपरिक डॉक्टरों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। डॉक्टर खान ने पत्र में प्रधानमंत्री से मामले में दखल देने का अनुरोध करते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र का यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टर महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये डॉक्टर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी काम करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस भेदभाव को खत्म करने को कहते हुए यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी ६५ वर्ष करने का ऐलान २१ जून को मनाए जाने वाले योग दिवस से पहले करने की मांग की है।
भारत में न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय बेंच बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। सभी जानते हैं कि भारत की अदालतों में भ्रष्टाचार व्याप्त है आम धारणा यह है कि निचली अदालतों में भ्रष्टाचार बहुत अधिक है और जैसे-जैसे ऊपर की अदालतों में जाते हैं, वह कम होता जाता है। भारतीय इतिहास में पहली बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ मामला दर्ज होने जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जस्टिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया रंजन गोगोई ने सीबीआई को तत्काल मामला दर्ज करने के लिए कहा है।हाईकोर्ट के जस्टिस एस एन शुक्ला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। न्यायमूर्ति शुक्ला पर यूपी के मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के लिए प्रवेश में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गड़बड़ी करने का आरोप है। कहा गया कि निजी मेडिकल कालेज को लाभ पहुंचाने के लिए न्यायमूर्ति शुक्ला ने सत्र २०१७-१८ में प्रवेश तिथि बढ़ाई थी। यही वजह है कि जस्टिस एस एन शुक्ला के न्यायिक फैसले लेने पर जनवरी 20१८ से रोक लगी हुई है। वहीं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्य स्थल परिवर्तन प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। खास बात है कि सीजेआई ने पीएम मोदी को जून माह में पत्र लिखकर संसद में अभियोग लाकर शुक्ला को पद से हटाने की मांग भी की थी। तीस बरसों में ऐसा पहली बार हुआ है कि सीबीआई को किसी सिटिंग जज के मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि तीस साल पहले १९९१ में वीरास्वामी केस में किसी भी जांच एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में कार्यरत किसी भी जज के खिलाफ दस्तावेज सीजेआई को दिखाए बिना जांच शुरु करने के लिए एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी थी। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट में कार्यरत किसी भी जज के खिलाफ १९९१ से पहले किसी भी एजेंसी ने किसी भी मामले में हाईकोर्ट में कार्यरत जज के खिलाफ मामले में जांच नहीं की थी। उसके बाद से यह पहली बार है जब कोई जांच एजेंसी को सिटिंग जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी गई है।
भिन्न को दशमलव में बदलकर । किसी संख्या से अंश में गुणा करें और जो ल. स. और म.स. मिला है उसमें में उसी संख्या से भाग कर दें जिससे पहले गुणा किया गया था । बहुत ही आसानी से काम हो जायेगा। चलिए उदाहरण की सहायता से समझते हैं। उदाहरण : भिन्नों ४ / ५, और ३ / ७ का ल.स. और म.स. बिना भिन्न वाले सूत्र लगायें ज्ञात करने के लिए हम सबसे पहले दोनों भिन्नों के हर का ल.स. निकालना होगा या फिर ऐसी संख्या का गुणा करें दोनों भिन्नों कि हर वाला मान हट जाये । ५ और ७ का ल.स. = ३५ होगा। इसलिए ४ / ५, और ३ / ७ में ३५ का गुणा करने पर, अब २८ और १५ का म.स.और ल.स. आसानी से पता कर सकते हैं। चुँकि हमने २८ और १५ प्राप्त किया है भिन्नों ४ / ५, और ३ / ७ में ३५ का गुणा करने पर । इसलिए अब हमें ३५ से ४20 में भाग करनी पड़ेगी। भाग करने पर, आगे जारी है... दशमलव का ल.स.और म.स. । नोट : भिन्नों को दशमलव में भी बदलकर ल.स.और म.स. निकाला जा सकता है। पर जो भिन्नें पूर्णतः विभाजित होती हैं । उनका ही आसानी से ल.स.और म.स. निकाला जा सकता है । अगर आपके पास कोई सवाल है इससे संबंधित तो बेझिझक कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। अगर आप इस साइट से जुड़ना चाहते हैं तो निचे दिए सब्सक्राइब बाक्स में अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड डालकर जुड़ सकतें हैं ।
कुछ उपयोगकर्ता यह भी लिखते हैं कि वहां हैऐसे ऑटोक्लिकर्स जो आपके व्यक्तिगत डेटा (पासवर्ड, लॉगिन) को उन स्कैमर को प्रेषित करते हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक अपनी कड़ी मेहनत की है। क्या कोई अतिरिक्त द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन कार्यक्रम वास्तव में सार्थक है? फिलहाल, "एसईओप्रिंट" किसी भी ऑटोक्लिकर्स का समर्थन नहीं करता है और दृढ़ता से उन्हें काम करते समय उपयोग करने की सलाह नहीं देता है, अन्यथा वे उपयोगकर्ता को बैंक सूची में भेजते हैं। और आप सेओस्प्रिंट पर कमाई खो देंगे। समीक्षा, हालांकि, इस तरह के कार्यक्रमों के बारे में एक सकारात्मक नस में लिखी गई है, आमतौर पर डेवलपर्स स्वयं या अन्य बेईमान उपयोगकर्ताओं द्वारा लिखी जाती है। एक निर्धारित राशि के लिए उपयोगकर्ता एक महीने के लिए सेवा के लिए उपयोग मिल जाएगा। यह एक बहुत अच्छा सौदा, में निवेश के रूप में है द्विआधारी विकल्प - पूर्वानुमान रोबोट और मेरी सिफारिशों से बस कुछ ही दिनों में खुद के लिए कई बार भुगतान करना होगा। मुद्रास्फीति प्रबंधन में उपायों के एक सेट का उपयोग शामिल है जो कुछ हद तक मदद करता है जो आय स्थिरीकरण के साथ मूल्य वृद्धि (मामूली) को जोड़ता है। पश्चिमी देशों में प्रयुक्त प्रक्रिया प्रबंधन उपकरण मुद्रास्फीति की प्रकृति और स्तर, व्यापार पर्यावरण के विनिर्देशों और आर्थिक तंत्र के विनिर्देशों के आधार पर भिन्न होते हैं। मोरस्ती शहर में भूमध्यसागरीय सागर के तट पर रिबैट एक भव्य ट्यूनीशियाई किले है। यह सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण रक्षात्मक काम है जो अरब विजेताओं द्वारा द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन माघरेब तट पर खड़ा हुआ है। इस्लाम। यह ७९६ में स्थापित किया गया था, यह इमारत मध्ययुगीन काल के दौरान, कई पुनर्गठन प्रारंभिक रूप से एक चतुर्भुज की तरह आकार में, इसमें चार आंतरिक आंगनों वाले दो भवन हैं। इसके अलावा, यह माघरेब के सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण रिबेट माना जाता है, इसे मोनास्टिर का प्रमुख स्मारक माना जाता है। ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान, अन्नालुसियाई भूगोल और इतिहासकार अल बकरी ने मोंस्थिर के रिबेट पर निम्नलिखित विवरण छोड़े: "यह एक बहुत ही उच्च और ठोस रूप से निर्मित किले है। जमीन के ऊपर, पहली मंजिल पर, एक मस्जिद है जहां एक शेख है, जो पुण्य और योग्यता से भरा है, जो खड़ा है, जिस पर समुदाय की दिशा तय है। " दुष्टो का बल हिन्सा है, शासको का बल शक्ती है,स्त्रीयों का बल सेवा है और गुणवानो का बल क्षमा है । फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐमजॉन के शेयरों द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन में २ फीसदी की बढ़ोतरी से बेजॉस की कुल संपत्ति में ९० करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ और वह दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। टूर्नामेंट चयन में (गद९१) व्यक्तियों के एक नंबर टूर आबादी से यादृच्छिक पर चयन किया जाता है, और इस समूह से सबसे अच्छा व्यक्ति माता-पिता के रूप में चुने गए हैं. यह प्रक्रिया अक्सर दोहराया है ने कहा कि व्यक्तियों का चयन. इन चयनित माता-पिता वर्दी यादृच्छिक संतान उत्पन्न. टूर्नामेंट के चयन के लिए पैरामीटर टूर टर्नेरिंगटॉरेल्सन है. टूर मूल्यों से लेकर ले जाता है २ - ओसीआर के लिए सिफारिश की (जनसंख्या में लोगों की संख्या). तालिका ५ और चित्रा ९ टूर्नामेंट आकार और चयन के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के शो (बट९५)। बुनियादी तत्व पूरा होने के बादछवि, आप जारी रख सकते हैं। कार्य का अगला तत्व, चरणों में एक ओलंपिक तेंदुए को कैसे आकर्षित किया जाए, छवि के अंगों और विवरणों को चित्रित करने में शामिल हैं। बैंकों ने एल्गोरिदम का लाभ भी लिया है जो कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर मुद्रा जोड़े की कीमतों को अपडेट करने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं। ये एल्गोरिदम गति को बढ़ाता है जिस पर बैंक बाजार की कीमतों का उद्धरण कर सकते हैं, साथ ही मैन्युअल कामकाजी घंटों की संख्या को कम कर देते हैं, जो कीमतों का उद्धरण लेते हैं। इस बारे में सोचें कि आप आइटम कैसे बेच सकते हैं। आप अपने व्यक्तिगत सामान को उन लोगों को बेच सकते हैं जिन्हें आप जानते हैं, या अजनबियों, या इंटरनेट पर। आप कहां रहते हैं इसके आधार पर, इनमें से प्रत्येक विधि आपको त्वरित आय ला सकती है। फीफा रैंकिंग में भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम एक स्थान नीचे खिसक कर ९७वें स्थान पर पहुंच गई है. इससे पहले टीम ९६वें स्थान पर थी। संबंध जोड़कर तोड़ना बहुत मुश्किल है, विवाहित होकर के फिर संबंध तोड़ना कठिन कार्य है। मन की वैयावृति मानसिक वैयावृति कैसे होती है, यह जानना बहुत आवश्यक है। मोक्षमार्ग में असंख्यात गुनी निर्जरा होती है, ऐसा चिंतन करना चाहिए। तुमसे मेरे कर्म कटे, मुझसे तुम्हें द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन क्या मिला? तुमने अनेकों गतियों में भ्रमण करके संख्यात या असंख्यात काल पर्यंत बिना विश्राम किए दुख सहे है, तब अति अल्प काल के लिए इस भव में यह थोडा सा दुःख क्यों नही सहते हो? २०१८/०७/२५ मुद्रा बाजार में शांत है: सबसे मुद्राओं संकीर्ण सीमाओं महत्वपूर्ण घटनाओं इस सप्ताह से पहले समेकित - डोनाल्ड ट्रम्प, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ज्यां क्लाड जंकर और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की बैठक । यह वास्तव में एक बहुत ही आसान काम है, लेकिन यह आप उपकरण या एक संकेतक के प्रत्येक बिक्री के लिए, क्योंकि प्रत्येक ग्राहक के लिए पैसे की एक सुंदर राशि कमाने का मौका देता है, इस सहबद्ध साइट वे कमीशन मिलता है, मंच करने के लिए देता है। यह इन दिनों में काफी अच्छा कमीशन है। इस प्रक्रिया में लोगों को अभी केवल सौंपा गतिविधियों के प्रचार के लिए बाहर ले जाने के लिए की जरूरत है और कुछ में खुद को शामिल करने की जरूरत नहीं है क्योंकि द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन यह बहुत आसान काम कहा जाता है। यदि आप अधिक इस तरह की पेशकश के मामले में, एक विदेशी मुद्रा व्यापार में रुचि रखते हैं, जो उन लोगों के लिए पैसे की एक सुंदर राशि अर्जित करने के लिए बहुत अच्छा मौका है। सहबद्ध साइटों की मदद से विपणन के लिए सही प्रचार गतिविधियों और सही दृष्टिकोण के साथ, पैसे की एक सुंदर राशि प्रवाह कर सकते हैं। आप से ज्यादा अनुभव नहीं है, द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन तो व्यापार द्विआधारी विकल्प व्यापार और आवश्यकता को स्वीकार किया जा सकता है, एक डेमो व्यापारी खाते का उपयोग करने की कोशिश या जब आप व्यापार करने के लिए कैसे प्रॉपर्ली.तीस मदद कर सकते हैं आप आसानी से उत्कृष्ट ट्रेडों और बुरा ट्रेडों देखने को मिलता है समय की लंबाई के लिए एक मिनी खाते में अपने निवेश को कम सुरक्षित रखते हैं। फिर भी, एक पल के लिए जब आप एक गलती करते हैं, और यहाँ वहाँ एक अनिवार्य नाली हो जाएगा आता है! इस तथ्य को स्पष्ट रूप से समझ जाना चाहिए, ओवरक्लॉकिंग के संभव है, लेकिन यह लगातार और एक स्थिर आधार पर जमा ड्राइव करने के लिए असंभव है! डिज़ाइन परियोजना बाहर ताजा और मूल दिखता है, लेकिन पहले से ही देखा है के रूप में, कई मंचों, उत्पादों की इस तरह उच्च उपज परियोजनाओं के लिए है, न कि केंद्र के लिए की तुलना में सूट करेगा। शामिल जानकारी का एक न्यूनतम राशि संसाधन के पेजों को भरने, पाठ केवल अंग्रेजी भाषा के सामग्री तैयार की। होम प्रदर्शित करता है लाभ का एक कैलकुलेटर गणना के साथ निवेश की योजना, नीचे जमा और भुगतान पर कंपनी के फायदे और हाल ही के लेनदेन को दर्शाता है। अमेरिकी एथलीट मार्क फिलिप शल्ट्ज - ओलंपिक चैंपियन और दो बार विश्व चैंपियन। एक फ्रीस्टाइल पहलवान, वह अमेरिकी लड़ाई के राष्ट्रीय हॉल ऑफ फेम का मानद सदस्य है। गुणा करना। बोनस शेयर जो अगले महीने के भीतर एक निश्चित ट्रेडिंग कारोबार बनाने की योजना बना रहे हैं यह निम्नानुसार कार्य करता है: माह की शुरुआत में ग्राहक बोनस "गुणा" के लिए लागू होता है, जिसमें वे कितने लोगों की योजना बनाते हैं। पहले से, व्यापार संचालन के लिए उन्हें बोनस प्रदान किया जाता है। और अधिक - अधिक बोनस बीआईआर छुट्टी द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन की अवधि बच्चे की देखभाल (३ साल) के मुकाबले कुछ हद तक कम है। इस प्रकार की छुट्टियों की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि उनका उपयोग प्रासंगिक कार्य अनुभव के संचय को निलंबित नहीं करता है।
जीटीबी अस्पताल में मंगलवार को बच्चा बदले जाने के एक मामले को लेकर सुबह से शाम तक गाइनी वार्ड में हंगामे की स्थिति बनी रही। शाम के वक्त पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। जानकारी के मुताबिक, बड़ौत के रहने वाले इमरान ने डिलिवरी के लिए अपनी पत्नी फरजाना को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां ऑपरेशन के बाद फरजाना को बच्चा पैदा हुआ। पति इमरान ने बताया कि मेडिकल कारणों से मां और बच्चे के अलग-अलग रखा गया था। सुबह के वक्त अस्पताल की एक महिला स्टाफ फरजाना के पास एक बच्चे को लेकर आई और बोली कि तुम्हें बेटा पैदा हुआ है, इसे अपना दूध पिलाओ। दूध पिलाने के बाद वह फिर बच्चे को लेकर चली गई। वही स्टाफ थोड़ी देर बाद दोबारा आई और बोली कि तुम्हें बेटा नहीं, बेटी हुई है। इसके बाद फरजाना के परिजनों ने बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे को बढ़ता देख मौके पर पुलिस और अस्पताल के अधिकारी पहुंच गए। सुबह से लेकर शाम तक चले हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन ने फरजाना के परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। जब नए सिरे से सारे पेपर चेक किए गए तो पता चला कि फरजाना को बेटा नहीं, बेटी ही पैदा हुई थी। अस्पताल की उस महिला स्टाफ की एक गलतफहमी की वजह से ऐसी अजीब स्थिति बन गई। हंगामे के दौरान दोनों ही मांओं का रो-रोकर बुरा हाल था। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुनील कुमार गौतम ने बताया कि इस मामले की जानकारी अभी उन तक नहीं पहुंच पाई है।
मुंबई। महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने से इंकार करने के बाद अब बीजेपी का विपक्ष में बैठना तय माना जा रहा है। वहीँ अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं। वहीँ इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस प्रभारी और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और यही फैसला हमारा है। उन्होंने कहा कि कुछ बयानों में कांग्रेस के शिवसेना को समर्थन देने की बात सामने आ रही है और कुछ इससे इंकार कर रहे हैं लेकिन इन बयानों में कोई सच्चाई नहीं है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। ऐसे में अकेले सरकार बना पाना किसी भी पार्टी के लिए सम्भव नहीं है। बीजेपी शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों दलों के बीच में मुख्यमंत्री पद को लेकर रार पैदा हो गयी। हालाँकि शिवसेना की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिलेगा। हालाँकि कांग्रेस और एनसीपी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर शिवसेना को समर्थन देने की बात नहीं कही है। ऐसे में देखना होगा कि क्या राज्यपाल कोश्यारी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता देंगे? यदि ऐसा होता है तो शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस समर्थन देते हैं अथवा नहीं।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जो सेवाओं अभी नि:शुल्क हैं २० जनवरी के बाद भी वे फ्री रहेंगी और कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी.बी महापात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा में यह स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि सभी सरकारी बैंक राष्ट्र सेवा और देशवासियों की सेवा में लगे हुए हैं। इसके मद्देनजर देशवासियों पर बैंकिंग सेवाओं को लेकर कोई भी अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाया गया है। सभी सरकारी बैंकों में २० जनवरी से किसी भी नि:शुल्क सेवा को शुल्क में दायरे में नहीं लाया जा रहा है। इस संबंध में वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने भी बैंकों से जानकारी ली है और उन्होंने भी ट्वीट के जरिये यह साफ किया है कि २० जनवरी से कोई भी सरकारी बैंक नि:शुल्क सेवाओं को समाप्त नहीं कर रहा है और इन सेवाओं पर शुल्क नहीं लगा रहा है।
डेविड कोलमैन हेडली की गवाही के साथ इशरतजहां का मामला फिर से हमारी स्मृति में लौट आया है। इशरतजहां की कहानी में तीन पहलू बेहद अहम हैं। सबसे पहले उन्हीं पर बात। पहला तो यह कि इशरत और जिन अन्य को मारा गया उनके आतंकियों के साथ मजबूत रिश्ते थे, संभवत: लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संग। दूसरा, उनकी हत्या सुनियोजित मुठभेड़ में की गई, जिसका तानाबाना खुफिया ब्यूरो (आईबी) और गुजरात पुलिस ने बुना। तीसरा यह कि भले ही यह मुठभेड़ (१५ जून, २००४) संप्रग राज में हुई और आईबी के अगले छह निदेशक उसी सरकार ने नियुक्त किए लेकिन उसने कई वर्षों बाद मुठभेड़ को तब फर्जी और इशरत को निर्दोष बताना शुरू किया,जब उसके लिए गुजरात से सियासी चुनौती बड़ी होती गई। जब अमेरिका में हेडली से पहली पूछताछ में एनआईए ने उसके ब्योरे को पेश किया तो यह राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया कि इशरत लश्कर से जुड़ी थी और अपना मिशन पूरा नहीं कर पाई। संदर्भ हटा दिए गए, उन्हें निरस्त और खारिज कर दिया गया। अब हेडली अपने २०१० के बयान को ही दोहरा रहा है। हेडली के दावों से तीन विवादित तस्वीरें उभर रही हैं। पहली उसका दावा एकदम खोखला है। वह दोषी है। साथ ही ऐसा दोहरा एजेंट रहा है, जिसने अमेरिकी और भारतीय कानून में टाडा अदालत से माफी के जरिए राहत पाई है। इशरत के बारे में उसका बयान राजग सरकार द्वारा दी गई माफी के बदले एहसान भी हो सकता है। लिहाजा, उनकी मूल धारणा में कोई बदलाव नहीं आया है कि इशरत निर्दोष थी, जो फर्जी मुठभेड़ की भेंट चढ़ गई। दूसरा, अब तमाम सबूत बोलते हैं कि इशरत लश्कर की सक्रिय सदस्य थी और अगर पुलिस ने उन लोगों का उड़ा दिया तो इसमें क्या समस्या है, आपको आतंकियों से सक्रियता के साथ निपटने की दरकार है। तीसरी तस्वीर नागरिक अधिकारवादियों का यह सुविधाजनक पहलू कि अगर वह आतंकी थी भी, तो क्या? क्या इससे फ़र्जी मुठभेड़ को वैधता मिल जाती है? इन सभी तस्वीरों के तर्क भारी पड़ते हैं लेकिन ये तथ्य और नैतिकता के आधार पर दोषपूर्ण भी हैं। चलिए उन शुरुआती तीन पहलुओं के संदर्भ में इन्हें कसौटी पर कसते हैं। पहला यह कि संप्रग शासन के दौरान खुफिया हलकों में यह मान लिया गया था कि इशरत एलईटी की सदस्य थी। उस गिरोह को सुनियोजित मुठभेड़ में मार गिराया गया, जो आतंक से निपटने की कवायद के 'अनुरूप' ही था। असल में संप्रग के दूसरे कार्यकाल में ही यह शुरू हुआ, जब सरकार को गुजरात से चुनौती कड़ी होती दिखी और उसके मोदी, शाह और उनके सक्रिय पसंदीदा पुलिसकर्मियों पर उनके विशेष परिचालन समूहों ने सक्रियता बढ़ा दी और 'फर्जी मुठभेड़' पर मातमपुर्सी का सिलसिला शुरू हुआ। इसके दोहरे मकसद थे। एक तो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की जड़ें काटना और दूसरा मुसलमानों को पीडि़त के तौर पर पेश कर चुनावी फायदा उठाना। मई, २००४ में सत्ता संभालने के कुछ हफ्तों के भीतर ही संप्रग ने अपना पहला आईबी निदेशक नियुक्त किया और अगले प्रमुख के तौर पर अजित डोभाल जैसे तेजतर्रार शख्स को चुना। तब खुफिया ब्यूरो एमके नारायणन की अगुआई में चल रहा था और करीब एक दशक तक ऐसे ही चला। आईबी में नारायणन की तुलना में कोई भी उतना परिचित, सम्मानित और प्रशंसनीय अधिकारी नहीं हो सकता था और साफ कहूं तो हमने कभी उन्हें इशरत को निर्दोष, मुठभेड़ को फर्जी बताने या आईबी की गुजरात इकाई के प्रमुख संयुक्त निदेशक (पुलिस महानिरीक्षक के समकक्ष) राजेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने का समर्थन करते नहीं सुना। हालांकि डोभाल सहित कोई आईबी प्रमुख कितना ही (खुराफाती) यह कुछ अनुपयुक्त अनुवाद है इसे साधन संपन्न और बेहद सक्रिय समझिए, क्यों न हो, कोई नारायणन से आगे नहीं हो सकता। मगर सियासत इस पर हावी हो गई। एक स्तर पर यह सीबीआई बनाम आईबी की लड़ाई बन गई। दूसरी ओर कांग्रेस के विशेष परिचालन समूह के सदस्यों ने नए सिद्धांत गढ़ लिए, जैसे कि कुमार और नरेंद्र मोदी का (नजदीकी याराना) रहा है और जब मोदी हिमाचल में भाजपा के प्रभारी थे तो चंडीगढ़ में आईबी की कमान संभाल रहे कुमार के साथ उनकी करीबी बढ़ी। यह खोज करने में संप्रग को एक दशक, तीन गृह मंत्री और पांच आईबी प्रमुख लग गए। अब यह खुलासा हो चुका है और कांग्रेस को नहीं पता कि उसे कहां मुंह छिपाना है। यह किसी से छिपा नहीं रहा कि सुरक्षा संबंधी सभी खतरों से निपटने में कांग्रेस खासी क्रूर रही है। वर्ष १९८४ से १९९३ के दरमियान उसने बेमिसाल एकनिष्ठता के साथ गुप्त तरीके से पंजाब में अलगाववाद को नेस्तनाबूद किया। अगर विशाल भारद्वाज की 'हैदर' में नब्बे के दशक की शुरुआत के दौरान कश्मीर में आतंक विरोधी गतिविधियों से निपटने की हृदय विदारक तस्वीर ने आपको विचलित किया हो तो याद रखिए कि यह सब नरसिंह राव की 'कमजोर' और अल्पमत वाली कांग्रेस सरकार के दौरान हो रहा था। इसलिए कांग्रेस के लिए सीधा जवाब यही होगा कि देखो इस मसले पर कौन आवाज उठा रहा है। सबसे बेवकूफाना तर्क यह है कि भाजपा ने हेडली को माफी दी और इशरत को लेकर उसका दावा सौदेबाजी का हिस्सा है। हेडली को लेकर सौदेबाजी संप्रग के समय में ही शुरू हुई थी। अगर आपको संदेह है तो तत्कालीन अमेरिकी राजदूत टिम रोमर की नारायणन से बातचीत के लीक अमेरिकी केबल पर गौर कीजिए, जिसमें वह कहते हैं कि भारत खुद को ऐसे पेश नहीं कर सकता कि वह प्रत्यर्पण से पीछे हट रहा है, लेकिन फिलहाल इसे नहीं उठाएगा। स्वाभाविक रूप से रोमर इशारा करते हैं कि अमेरिकी कानून में अगर किसी को दोषी ठहराया जाता है तो जब तक सजा पूरी न हो जाए, उसका प्रत्यर्पण नहीं हो सकता और यह मामला ३५ साल की सजा से जुड़ा है। लिहाजा, भारतीय माफी महज औपचारिकता है। नागरिक अधिकारवादियों का मामला ज्यादा पुख्ता है, खासतौर से जब वे यह कहते हैं कि अगर वह आतंकी थी भी तो क्या। कोई भी कानून फर्जी मुठभेड़ों को वैधता नहीं देता। यह सर्वमान्य है। भाजपा का तर्क है कि आतंकियों को किसी भी सूरत में ठिकाने लगाया जा सकता है, भले ही वह नैतिक और कानूनी रूप से गलत हो। सवाल है कि क्या इशरत मामला फर्जी मुठभेड़ है। फर्जी और वास्तविक मुठभेड़ों (बटला हाउस मुठभेड़ भी संप्रग के दौर में हुई) के अलावा एक तीसरी और प्रचलित श्रेणी है। खुफिया लोगों ने सबसे अशिष्ट चीज के लिए बेहद शिष्ट शब्द गढ़ा है। इसे वे निर्देशित हत्या का नाम देते हैं। इशरत मुठभेड़ न तो वास्तविक थी और न ही फर्जी। मेरे नजरिए ये यह नियंत्रित हत्या थी। अगर आतंकी खतरों के बढऩे से ऐसी और हत्याएं जरूरी हैं तो आपको भी अमेरिका की तरह कानूनी ढांचा बनाना होगा। या फिर स्कैंडेनेवियाई देशों की राह चलना होगा। अगर इस अवैध और अनैतिक कृत्य को लेकर आप असंतोष जताते हैं तो आपको इसकी शुरुआत कुछ पहले से करनी होगी और अगर १९६८-७१ के दौर वाले नक्सली अध्याय से नहीं तो १९८४-९३ के पंजाब से ही सही। आप इशरत पर भी नहीं रुक सकते। क्या संप्रग के राज में किसी आजाद नाम के माओवादी पर कोई हंगामा हुआ, आजाद भारत में किसी अन्य की तुलना में कांग्रेस के राज में ही सबसे ज्यादा नियंत्रित हत्याएं हुईं। असंतोष जताने के लिए सुविधावादी नहीं हुआ जा सकता।
इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, मेरे घर में हाल ही में निर्माण कार्य चल रहा था। इस दौरान मेरे यहां काम कर रहे मजदूर जब खाना खाने बैठे तो मुझे उनके खाना खाने का तरीका कुछ अजीब लगा। बता दें कि असम में न्र्च के खिलाफ हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान पीएम मोदी झारखंड में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मंच से उन्होंने कहा था कि देश में आग कौन लोग लगा रहे हैं, यह उनके कपड़ों से पता चल जाता है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन जारी है। पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा था कि जो लोग देश में आग लगाते हैं, उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है कि वे कौन लोग हैं।
दर्शनशास्त्र एक विज्ञान है जिसका जन्म हुआउम्र की गहराई। यह हर समय महत्वपूर्ण और प्रासंगिक था। स्वाभाविक रूप से, दर्शन अभी भी इसकी लोकप्रियता खो नहीं है। और आजकल इसमें मनुष्य के स्थान और उससे संबंधित मामलों में शामिल महान विचारक शामिल हैं। आधुनिक दर्शन में काफी बदलाव आया है, लेकिन इसका अर्थ नहीं खो गया है। आइए सभी सुविधाओं को और अधिक विस्तार से देखें। हमारे समय का दर्शन हैसभी प्रकार के अभ्यास का एक सेट। यह एक अभिन्न दुनियादृश्य नहीं है, लेकिन बारहमासी मुद्दों के लिए विभिन्न दृष्टिकोण हैं। आधुनिक दर्शन पहले की तुलना में अधिक सहनशील है। अब व्यक्ति को चुनने का पूरा अधिकार है। एक आधुनिक व्यक्ति खुद को तय कर सकता है कि दुनिया का क्या विचार है और इसमें किसी व्यक्ति की जगह उसके करीब है। साथ ही, एक व्यक्ति अपनी वैचारिक स्थिति की पसंद के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेता है। आधुनिक दर्शन ने निर्माण करने से इंकार कर दियाकोई सटीक सिस्टम। विचारक दृढ़ निष्कर्ष पर पहुंचे कि न तो मूल पैमाने और न ही पूर्ण संदर्भ प्रणाली मौजूद हो सकती है। हमारे समय के दर्शन ने मनुष्य को पूर्ण स्वायत्तता दी है। अब राज्य, विचारकों और समाज के व्यक्ति में अब तक तथाकथित "शिक्षक" नहीं हैं। नतीजतन, उनके जीवन की ज़िम्मेदारी एक व्यक्ति केवल अपने कंधों पर भालू होती है। आधुनिक दर्शन लगभग पूरी तरह से हैदुनिया और किसी भी सामाजिक संस्थानों को बदलने का विचार छोड़ दिया। विचारकों ने एक और अधिक तर्कसंगत और कुशल तरीके से होने की अपरिपूर्णता को खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि एक व्यक्ति को पहले खुद को बदलना चाहिए, और उसके बाद, पूरी दुनिया अनिवार्य रूप से बदल जाएगी। हालांकि, इस अनुशासन का अपना हैसमस्याओं। कुछ विशेषज्ञ दार्शनिक विचारों के संकट को भी ध्यान में रखते हैं। कारण क्या है? आधुनिक तकनीक हर दिन विकसित हो रही है। जीवन बहुत तेज़ी से बदल रहा है, क्योंकि यह कई क्षेत्रों में वास्तविक सफलता की उम्र है। दर्शनशास्त्र में ऐसी महत्वपूर्ण प्रगति के लिए समय नहीं है। हालांकि, एक व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास इसके सफल गठन पर निर्भर करता है। सभी तकनीकी नवाचारों के साथ, जीवन के अमूर्त पहलुओं के बिना सभ्यता विकसित की जानी चाहिए। यही कारण है कि आधुनिक दुनिया में दर्शन की भूमिका बस विशाल है। आइए संक्षेप में मुख्य समीक्षा करने का प्रयास करेंइस अनुशासन के निर्देश। सबसे पहले, यह एक विश्लेषणात्मक दर्शन है। इसमें भाषाविज्ञान द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। विश्लेषणात्मक दर्शन ने भाषा को व्यावहारिक रूप से अपनी नींव बना दी है। यह दिशा जीवन के ज्ञान के लिए एक तर्कसंगत, तार्किक, अनुसंधान दृष्टिकोण का पालन करती है। दूसरा, यह फेनोमिनोलॉजी है। यह दिशा मानव मनोविज्ञान की गहराई में जाती है। इसके अनुसार, प्रत्येक वस्तु और घटना को किसी भी विशेषताओं के साथ भौतिक वस्तुओं के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। यह याद रखना उचित है कि एक वास्तविक जीवन की चीज़ और किसी व्यक्ति के दिमाग में इसकी समझ काफी भिन्न हो सकती है। यह ऐसी घटनाओं और वस्तुओं की छवियां हैं जिन्हें इस प्रवृत्ति को उनके आधार के रूप में माना जाता है और उन्हें तय किया जाता है, जिससे उन्हें घटना कहा जाता है। तीसरा, यह आधुनिकतावाद है। यह एक बहुत ही विविध और विविध दिशा है। हालांकि, यह सामान्य विचार से एकजुट है कि सभी पुराने रूढ़िवादों, दृष्टिकोणों को त्यागना जरूरी है जो अब दार्शनिक विचारों के सफल विकास में बाधा डालना शुरू कर चुके हैं। आधुनिकतावाद पुराने परंपराओं को खारिज कर देता है और दुनिया के ज्ञान के नए रूपों की तलाश में है। अब आप आधुनिक की सभी सुविधाओं को जानते हैंदर्शन। इस अवधि के दौरान, यह अनुशासन एक अस्थिर स्थिति में है, इसलिए इसकी मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट रूप से पहचानना मुश्किल है।
रीवा। रीवा शहर के हृदय स्थल में स्थित अस्पताल चौराहे की पहचान अब संयम कीर्ति स्तंभ से की जाएगी। सफेद संगमरमर का यह स्तंभ न केवल शहरियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा बल्कि जैन धर्म के बारे में तमाम जानकारियों से भी अवगत कराएगा। संयम कीर्ति स्तंभ को सकल दिगंबर जैन समाज और श्री दिगंबर जैन समाज कल्याण समिति के संयुक्त प्रयाय से स्थापित किया जा रहा है। जैन समाज के महामंत्री राजेश जैन ने बताया कि जैन समाज के संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज की दीक्षा को ५० वर्ष हो गए। इस अवसर पर उनके सम्मान में संयम स्वर्ण महोत्सव मनाया जा रहा है। देशभर के २५६ शहरों में संयम कीर्ति स्तंभ स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रीवा में अस्पताल चौराहे पर संयम कीर्ति स्तंभ स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें करीब छह लाख रुपए का खर्च आया है जो जैन समाज के लोगों के सहयोग से संभव हुआ है। उन्होंने अस्पताल चौराहे पर स्थापित करने के उद्देश्य के बारे में बताया कि जैन समाज संयमित जीवन जीता है। जैन धर्म यही सिखाता है। संतों की वाणी भी यही कहती है। संयम कीर्ति स्तंभ सभी समाज के लोगों को संयम धारण करने और संयमित जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देगा। खास बात ये है कि संयम कीर्ति स्तंभ राजस्थान के मकराना से मंगाया गया है। संयम कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण जनवरी में पूजा-पाठ और शुद्धिकरण कर किया जाएगा। इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। स्तंभ के अलावा चौराहे के ग्राउंड का रंग-रोगन और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। लोकार्पण से पहले कटरा स्थित जैन मंदिर में संतों की मौजूदगी में पूजा-पाठ होगा और स्तंभ शुद्धिकरण किया जाएगा। संयम कीर्ति स्तंभ २१ फीट ऊंचा है। इसमें आचार्य श्री विद्यासागर महाराज द्वारा लिखे ग्रंथो के कुछ अंश लिखे हुए हैं। जैन धर्म के उपदेश उल्लेखित हैं। शिखर पर कलश स्थापित है तो जैन संतों के द्वारा धारण किए जाने वाले पीछी और कमंडल भी अंकित हैं। रीवा में सात जनवरी को गर्ल्स मैराथन, प्रथम आने पर मिलेंगे २०,००० रुपए, जानिए कैसे?
कोलकाता। सिंधु घाटी सभ्यता की समाप्ति के रहस्यों को जानने की कोशिश आज भी हो रही है। कुछ ने सूखे को तो कुछ भयंकर बाढ़ को तो कुछ बाहरी आक्रमण को सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह मानते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन को भी एक वजह माना है। हाल ही में आइआइटी, खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने लगभग ४३५० साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह बने सूखे की अवधि का पता लगाया है। आइआइटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों को एक शोध में पता चला है कि यह सूखा कुछ साल या कुछ दशक नहीं बल्कि पूरे ९०० साल तक चला था। वैज्ञानिकों ने उस थ्योरी को भी गलत साबित कर दिया, जिसमें सूखे के २०० साल में खत्म हो जाने की बात कही गई थी। आइआइटी, खड़गपुर के भूगर्भशास्त्र और भूभौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले लगभग ५००० साल के दौरान मॉनसून के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि लगभग ९०० साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई। इस कारण सिंधु और इसकी सहायक नदियां जो बारिश से साल भर भरी रहती थीं, सूख गईं। इन नदियों के किनारे ही सिंधु घाटी सभ्यता अस्तित्व में थी। नदियों में पानी खत्म होने से लोग पूर्व और दक्षिण की ओर गंगा-यमुना घाटी की ओर चले गए जहां बारिश बेहतर होती थी।
बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गहरा दुख जताया है। साथ ही दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिए है। दरअसल, बुलंदशहर के चिंगरावठी इलाके में गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिलने के बाद भीड़ उग्र हो गई। गुस्साई भीड़ के जरिए हिंसा को अंजाम दिया गया। हिंसा में स्याना के कोतवाल इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय निवासी सुमित की मौत हो गई। जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
हल्द्वानी बिग बाजार पर जिला प्रशासन द्वारा खोलने की पाबंदी लगाने के बाद स्टोर मैनेजर विकास गुप्ता ने बिग बाजार खोलने की मांग की है। बिग बाजार दुर्गा सिटी सेंटर में काफी समय से संचालित हो रहा है जहाँ जनता को कम दामों में घरेलू सामान मिलता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिग बाजार में लगातार ४ से ५ बार पूरे मॉल को सेनिटाइजर से साफ करा रहे हैं जिसके कारण कोई भी अप्रिय घटना नहीं होगी। साथ कि बुखार पीड़ित और किसी भी इन्फेक्शन से पीड़ित को पूर्ण रूप मॉल में आने की पाबंदी लगा दी है। जबकि यहाँ पर फल, सब्ज़ी, दूध दही आटा सहित कई ग्रोसरी आइटम्स सस्ते दाम पर जनता को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में जनता को बिग बाजार बंद होने से काफी असुविधा हो रही है। गौरतलब है कि देश कोरोना की चपेट में आने के बाद जिला प्रशासन ने मॉल , सिनेमा घर सहित सभी भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जनता के एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी कर दी है। जबकि बताया जा रहा है कि कई स्टोर अभी भी पाबंदी के बाद खुले हुए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह से इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने जिलाधिकारी से मॉल द्वारा फल सब्जी बेचने के मामले में निर्देश लेने की बात की है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को १० रुपये का नया नोट जारी किया है। इससे पहले की आपको नए नोट के बारे में कुछ बताएं, ये जान लेना बेहद जरूरी है कि नए नोट के साथ-साथ पुराने नोट भी बाजर में पहले की तरह ही चलते रहेंगे, ऐसे में नए नोट और पुराने नोट को लेकर किसी भी तरह की उलझन नही होनी चाहिए। आपको बता दें कि नए नोट का रंग चॉकलेटी ब्राउन रंग की तरह है। इसके आगे की ओर पहले वाले नोट की तरह ही गांधी जी की तस्वीर है, जबिक नोट के पिछले हिस्से में कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर की तस्वीर दी गई है। तो वहीं नोट के पिछले हिस्से में स्वच्छ भारत अभियान का लोगो लगाया गया है। इस नोट के सीरियल नंबर बढ़ते क्रम में दिए गए है। जिसका मतलब यह है कि सीरियल नंबर का सबसे पहले नंबर का आकार सबसे छोटा है और सबसे अंतिम वाले नंबर का आकार सबसे बड़ा है। खबरों के अनुसार बैंक ने १० रुपये के नोट में करीब एक अरब रुपये के छपाई की है, ताकि बाजार में नए नोट की उपलब्धता आसानी से हो सके। गौर हो कि १० रुपये के नोट में आखिरी बार २००५ में बदलाव साल हुआ था, इस दौरान १० रुपयें के नोट में काफी सारे बदलाव किए गए थे। आपको बता दें कि ८ नंवबर २०१६ में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए नोटबंदी के बाद से रिजर्व बैंक ने अब तक १०, ५०, ५०0, २००, २००0 के साथ नए नोट बाजार में नए बदलाव के साथ पेश किए गए हैं। जबकि २०० और २००0 रुपये के नोट पहली बार जारी किए गए हैं।
स्पेनिश क्लब एफसी बार्सिलोना से खेलने वाले अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले फुटबॉल खिलाड़ी बन गए हैं। मेसी ने इस सूची में पुर्तगाल के करिश्माई खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो, फ्रांस के एंटोनी ग्रीजमैन और ब्राजील के नेमार को पछाड़ा। मेसी लंबे समय से बार्सिलोना के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते आए हैं। स्पेनिश लीग ला-लीगा में उन्होंने अपने क्लब के लिए ४०० से अधिक गोल किए हैं। टॉप १० में प्रीमियर लीग, ला लिगा, सीरी ए और लीग १ के खिलाड़ी हैं, जबकि जर्मन लीग (बुंदेसलिगा) का एक भी खिलाड़ी इसमें जगह नहीं बना पाया। रियल मैड्रिड के गैरेथ बेल छठे, बार्सिलोना को कोटिन्हो सातवें, मैनचेस्टर यूनाइटेड के एलेक्सिस आठवें, पेरिस सेंट जर्मेन के किलियन एमबाप्पे नौवें और आर्सेनल के मेसुत ओजिल दसवें स्थान पर हैं।
टाइम्स हायर एजुकेशन ने हाल ही में विश्व की टॉप ५०० विश्वविद्यालयों को लेकर एक सर्वे किया है। जिसमे भारत के विश्वविद्यालय भी अपनी जगह बनाने में सफल हुए हैं। आईआईटी कानपुर दुनिया के टॉप ५०० विश्वविद्यालयों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहा है। वर्ल्ड रैकिंग में उसे २०१-२५० की श्रेणी के बीच में रखा गया है। दुनिया के टॉप संस्थानों में एशिया का वर्चस्व रहा है। टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट में एशिया का शैक्षिक क्षेत्र में दबदबा बरकरार है। इनमें से १३२ संस्थान एशिया के हैं। टॉप १० में भी एशिया के संस्थानों ने स्थान पाया है। १२७ संस्थान अमेरिका, कनाडा आदि देशों से हैं। आईआईटी कानपुर विश्व के विश्वविद्यालों में लगातार अपनी रफ्तार बनाए हुए है। इस रैंकिंग को जारी करते हुए एकेडमिक रेप्युटेशन, एम्प्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी, स्टॉफ, पेपर आदि चीजों को ध्यान में रखा गया है। टाइम्स हायर एजुकेशन की इस रैंकिंग में इंजीनियरिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस), बैंगलोर टॉप १०० में जगह बनाने में कामयाब रहा है। जिसमे इसने ८९वीं रैंक हासिल की है।
नलहाटी शक्ति पीठ हिन्दूओं के एक लिए पवित्र स्थान है जो कि भारत के राज्य, पश्चिम बंगाल (कोलकत्ता) के, बीरभूल जिले के रामपुरहट में स्थित है। यह मंदिर मां नलतेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। नलहाटी शक्ति पीठ आस पास का इलाका पहाड व सुन्दर वन से घिरा हुआ हैै। यह मंदिर माता के ५१ शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में शक्ति को कालिका के रूप पूजा जाता है और भैरव को योगीश के रूप में पूजा जाता है। पुराणों के अनुसार जहाँ-जहाँ सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाते हैं। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हुए हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को ५१ भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें से सती का उदर नली इस स्थान पर गिरा था। ऐसा माना जाता है कि २५२ वें बंगाली वर्ष या बोंगापतो, कामदेव (प्रेम और इच्छा के हिंदू देवता) जिन्होंने इस शक्ति पीठ के अस्तित्व के बारे में सपना में देखा था, इस नालाहती जंगल में मां सती के उदर नली की खोज की। ऐसा कहा जाता है कि, मंदिर की मूल मूर्ति के नीचे, माता का नाला व गला है। जिसमें कितना भी पानी डालों न पानी बहता है ना कभी सूखता है। नलहाटी शक्ति पीठ में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर दुर्गा पूजा और नवरात्र के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इन त्यौहारों के दौरान, कुछ लोग भगवान की पूजा के प्रति सम्मान और समर्पण के रूप में व्रत (भोजन नहीं खाते) रखते हैं। त्यौहार के दिनों में मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।
आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार एक गैर राजनेता के द्वारा शुरू की गई थी , और इसका किसी भी उम्र के राजनीतिक दल के साथ कोई संबंध नहीं था। पार्टी के संस्थापक इंडिया अगेंस्ट करप्शन (इयाक) आंदोलन का एक हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व अनुभवी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किया था। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने कार्यकर्ताओं को जन लोकपाल विधेयक के अधिनियमित के लिए प्रेरित किया, जिसमें लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और परीक्षण के प्रावधान थे। आंदोलन ने पूरे देश की सोच को एक नई दिशा दिया । लेकिन पूर्व आईआरएस अधिकारी अरविंद केजरीवाल और उनके तत्कालीन संरक्षक अन्ना हजारे के बीच राजनीतिक रूप से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने पर मतभेद पैदा हो गए। जबकि अनुभवी गांधीवादी का मानना था कि उनके आंदोलन का राजनीतिकरण करने की आवश्यकता नहीं है, केजरीवाल के चाहने वालों को वांछित बदलाव लाने के लिए राजनीतिक प्रणाली का हिस्सा बनने की आवश्यकता महसूस हुई। इसलिए, उन्होंने सामाजिक आंदोलन से बाहर निकलकर २६ नवंबर, २०१२ को औपचारिक रूप से आप का शुभारंभ किया। इसे मार्च २०१३ में चुनाव आयोग से मान्यता मिली। आप ने भारतीय राजनीति का चेहरा बदल दिया जिससे आम आदमी को गेम चेंजर बनने की उम्मीद थी । पार्टी का नेतृत्व करते हुए, अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के लिए आम आदमी की लड़ाई को एक महत्वपूर्ण बिंदु में बदल दिया। २०१३ के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ७० में से २८ सीटें जीतने के बाद आप ने राजनीतिक सर्किटों में धक्कामुक्की करते हुए सत्ता हासिल करने की ताकत के रूप में उभरी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इनक) से बाहरी समर्थन के साथ अपनी सरकार बनाई। २८ दिसंबर २०१३ को, पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नई दिल्ली के रामलीला मैदान, अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के उपरिकेंद्र, ने २०११ में एक क्रांति की शुरुआत देखी। एक असामान्य शैली वाले एक आम आदमी ने सरकार को सिर पर लिया और एक अपरंपरागत राजनीतिक लड़ाई शुरू की। अरविंद केजरीवाल, पूर्व नौकरशाह, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ईत), खड़गपुर से स्नातक हैं। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम (रती) लागू करने के अपने प्रयासों से कुछ स्तंभों को हिला देने से पहले उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा (इर्स) की सेवा की। इमर्जेंट लीडरशिप के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी सनसनीखेज शुरुआत में आप को एक फ्रिंज खिलाड़ी से विशालकाय हत्यारे में बदल दिया। हालाँकि, उनकी जीत को और अधिक मीठा बनाने वाला तथ्य यह है कि आप के निर्माण में केजरीवाल को सिर्फ एक साल लगा, और पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आईआईटीयन ने दिग्गज कांग्रेसी राजनेता और तीन बार नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया। विधानसभा चुनाव के फैसले के बाद, केजरीवाल ने २८ दिसंबर, २०१३ को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। हालांकि, उन्होंने ४९ दिन बाद इस्तीफा दे दिया जब कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके सामने प्रस्तावित जन लोकपाल बिल को रोक दिया। आप ने २०१४ के आम चुनावों को बड़े पैमाने पर लड़ने का फैसला किया। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा यूपी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार। लेकिन वह मोदी से बुरी तरह हार गए। अरविंद केजरीवाल द्वारा नेतृत्व की गई, आप की घटना ने कुछ ही समय में भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम पर कब्जा कर लिया। सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग और उच्च शिक्षित स्वयंसेवकों को शामिल करने के साथ, आप ने घर-घर जाकर प्रचार किया। आप की राजनीतिक मामलों की समिति में गोपाल राय, कुमार विश्वास, मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण, संजय सिंह और योगेंद्र यादव शामिल थे। भारतीय राजनीति में इसकी शुरुआत ने विभिन्न क्षेत्रों से कई प्रमुख नामों को आकर्षित किया। कैप्टन गोपीनाथ, एयर डेक्कन के संस्थापक; मल्लिका साराभाई, प्रख्यात डैन्यूज़; मीरा सान्याल, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड-इंडिया की सीईओ; समीर नायर, स्टार टीवी के पूर्व सीईओ; वी बालकृष्णन, इंफोसिस बोर्ड के सदस्य; और कई और आप के साथ हाथ मिलाया। हालांकि उनमें से अधिकांश अब केजरीवाल के दिमाग की उपज के साथ नहीं हैं। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने भ्रष्टाचार के देश की सफाई का कठिन काम किया है। इस उद्देश्य के साथ, आप ने अपने आधिकारिक चुनाव चिन्ह के रूप में विनम्र झाड़ू को चुना। उनका नारा झाड़ू चललाओ, भीमना भगाओ (झाड़ू पोंछा, धोखा से छुटकारा) का उद्देश्य भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को उसके भ्रष्ट राजनेताओं से बचाना है। पार्टी एक अधिक पारदर्शी प्रणाली के लिए लड़ रही है, जो देश को अपनी लोकतांत्रिक पहचान को पुनः प्राप्त करने में मदद करेगी। नई दिल्ली में सत्ता में आने के बाद, पार्टी ने सब्सिडी के माध्यम से ४०० यूनिट तक बिजली के बिल को कम कर दिया। इसने घरों में पानी के मीटर (२० किलोलीटर तक) के लिए मुफ्त पानी उपलब्ध कराया। केजरीवाल सरकार ने बहु-खुदरा क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को भी खत्म कर दिया। अपनी मूल दृष्टि से चिपके हुए, आप ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर रिपोर्ट करने के लिए नागरिकों के लिए एक भ्रष्टाचार-विरोधी हेल्पलाइन की स्थापना की। आप की क्रांति (या आप की क्रांति) आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है जिसका उद्देश्य हर दरवाजे पर कदम रखना है। यह उस हिस्से का एक समाचार पत्र है, जो आप की विचारधाराओं के बारे में आम नागरिकों को सूचित करने और पार्टी की विभिन्न गतिविधियों के बारे में आम आदमी की विभिन्न गतिविधियों को सूचित करने के लिए प्रचार करने पर केंद्रित है। आप आप सदस्य गोपाल राय के सदस्यों में से एक की देखरेख में परियोजना का संचालन किया जा रहा है, जबकि एक अन्य पार्टी सदस्य दीपक पायलट परियोजना के पहलुओं के लिए प्रबंधन और टीम के विस्तार का काम देख रहे हैं। एक पाठक को सिर्फ रु। हर १५ दिनों में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र का एक मुद्दा रखने के लिए १०० सालाना। नागरिकों की किसी भी शिकायत को सिर्फ हेल्पलाइन नंबर ८५८८८३३५५० पर डायल करके पता किया जा सकता है। स्वराज की गांधीवादी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, इसने अपने मिशन के बयानों को व्यक्त करने का सार्वजनिक रास्ता अपनाया और शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से सुनने के लिए सार्वजनिक बैठकों में व्यस्त रहा। सीएम के रूप में, केजरीवाल ने सरकारी अधिकारियों या मंत्रियों की कारों पर लाल बीकन पर प्रतिबंध लगाने के अलावा भारत में प्रचलित वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने की मांग की, साथ ही उनके लिए विशेष विशेषाधिकार भी प्रदान किए। पार्टी ने एनसीआर में ऑटो रिक्शा के लिए ५,५00 नए परमिट जारी किए। जबकि पार्टी ने काफी सफलता हासिल की है, फिर भी आगे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी इसका आर्थिक मॉडल तैयार नहीं किया गया है। इसके अलावा, यह देखते हुए कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा के मजबूत प्रतिरोध से निपट रही है, जो केजरीवाल को भगोरा (सरकार चलाने की अपनी जिम्मेदारी से बच गए) के रूप में चित्रित करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल कितने दूर हैं? सभी अंतर बना सकते हैं। पार्टी ने दिल्ली के सभी ७० विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। पार्टी प्रमुख फिर से नई दिल्ली की सीट से कांग्रेस के किरण वालिया और भाजपा के नूपुर शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। आप दिल्ली के लिए पूर्ण राज्यत्व पर जोर देगी। बिजली दरों को घटाकर आधा कर दिया जाएगा और सभी को स्वच्छ और मुफ्त पेयजल मुहैया कराया जाएगा। अगर सत्ता में वोट दिया जाता है, तो पार्टी लोगों को आठ लाख नई नौकरियां प्रदान करेगी। ३०,००० बेड शहर के विभिन्न अस्पतालों में जोड़े जाएंगे। दिल्ली में २० नए कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। शहर में २०० नए स्कूल बनाए जाएंगे। जरूरतमंद छात्रों को एजुकेशन लोन मिलेगा। अपराध की घटनाओं पर नजर रखने के लिए बसों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों और सार्वजनिक स्थानों पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। आप सौर ऊर्जा जैसे ऊर्जा के अक्षय और वैकल्पिक स्रोतों के लिए एक चरणबद्ध बदलाव की सुविधा प्रदान करेगी। सीवर उपचार और नियंत्रण समृद्ध निर्वहन सहित यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली में लगभग दो लाख सार्वजनिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे।
मिलो तो आँख चुराएं, हमें क्या हो गया है। यह गाना बज रहा था आज जब हम पहुंचे 'पंकज टी स्टाल' पर। सुबह निकलते हुए आज साढ़े छह बज गए । साईकिल निकाली तो लगा पैसे नहीं रखे। देखा तो जेब छूँछी। सोचा ऐसे ही निकल लें। आज की चाय उधार रहेगी। फिर सोचा किसी की बोहनी का बखत होगा। सुबह की शुरुआत उधार से करना ठीक नहीं। साइकिल स्टैंड पर खड़ी की। कमरे पर गए। पैसे लिए। जेब में डाले फिर साईकल स्टार्ट की। निकलते ही सूरज भाई दिखे। सुबह की धूप हल्की थी। कोहरीली धूप। ऐसा लगा जैसे जाड़े में धूप की बढ़ी हुई मांग को सूरज भाई धूप में कोहरा मिलाकर पूरा कर रहे हों- जैसे गर्मी में दूध में पानी और त्यौहारो में खोये में मिलावट बढ़ जाती है। सुनहरी , खिली हुई धूप और खिलखिलाती किरणों ने मुझे चुप कर दिया। हम और कुछ कह नहीं पाये। आगे चल दिए। मोड़ पर ही छट्ठू सिंह के साथी मिल गए। आज छट्ठू सिंह नहीं आये थे। दो दिन से तबियत ढीली है। हमने उनके साथियों से कहा-"आप लोग बाहर जाओ कहीँ घूमने के लिए। अच्छा लगेगा। क्या यहीं टहलते रहते हैं।" उन्होंने हामी भरी और फिर नमस्ते करके चले गए। सरिया लेकर टहलती बुजुर्ग महिला आज भी सरिया लिए टहल रहीं थी। अलबत्ता आज सरिया का मुड़ा हुआ हिस्सा सड़क की तरफ था। पहले दिन वह हाथ की तरफ था। बस स्टैंड पर लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। एक बच्ची एकदम सावधान मुद्रा में खड़ी किसी पतली सी किताब से कुछ पढ़ रही थी। तल्लीन थी पढ़ने में वह। शायद उसका कोई टेस्ट या इम्तहान हो। यह लगा 'पीके' फ़िल्म की तरह ऐसी सुविधाएं आने लगें कि बच्चे किताब का मसाला किताब छूकर ही दिमाग में डाउनलोड कर सकें। आगे एक बस रुकी। हार्न दिया। एक महिला लपकती हुई आई। साथ की बच्चे को बस में लपककर जमा सा करके नीचे से बस्ता उसको थमाया।बस स्टार्ट ही रही। बच्चे के जमा होते ही चल दी। महिला ने बच्चे को बस में बैठाने के पहले की हड़बड़ाहट चेहरे से पोंछ कर मुस्कराते हुए बच्चे को टाटा किया। बस जब दूर हो गयी तो उसने चेहरे की मुस्कान को भी समेट कर चेहरा सामान्य कर लिया। क्या गम है जो मुझसे छिपा रहे हो। चाय की दूकान पर दो चिलमची चिलम सुलगा रहे थे। एक ने माचिस की तीली सुलगाई। दूसरे ने नीचे झुककर आँख मूँदकर जल्दी-जल्दी सांस खींचकर चिलम सुलगाई। चिलम जब सुलग गयी तो जल्दी-जल्दी वाली साँस बन्द करके उसने चैन की सांस ली। थोड़ा सन्तोष भी मिला हुआ था चैन की सांस में कि जल्दी सुलग गयी चिलम। दोनों चिलमची काले कपड़े पहने हुए थे।नीचे बैठकर चिलम सुलगाते हुये व्यक्ति की मुद्रा कुछ वैसी ही थी जैसे प्रेमी अपनी प्रेमिका को शादी के लिए प्रस्ताव पेश करते समय झुकता है। चिलम सुलगते ही वे दोनों एक कोने में चले गए। इस बीच जीसीएफ फैक्ट्री में काम करने वाला एक स्टाफ वहां आ गया। फैक्ट्री के पुराने जीएम की बुराई कर रहा कि वो बहुत टाइट करके चले गए फैक्ट्री। अब भी वैसा ही हाल बना हुआ है। इत्ता टाइट थोड़ी करना चाहिए था। हर बात में सख्ती। "इनकी बस मुंडी मटकती है, इसकी बुराई, उसकी बुराई। बोलना बहुत अच्छा आता है। जब आये थे तब बोले कि- ये विकास होगा होगा, वो नौकरी लगेगी। लेकिन हुआ कुछ नहीं। सब ऐसे ही खाईबाजी चल रही है। कहीं डिजिटल इण्डिया, कहीं स्वच्छ भारत। कीमत पर कोई कंट्रोल नहीं। मास्टर ५००० में काम कर रहा है। न बच्चे हैं न कुछ। न सरकारी स्कूल हैं न डॉक्टर। ऐसे ही पांच साल निकाल देंगे। फिर कहेंगे पांच साल और चाहिये। हमें यह लगता है कि कहीं अपनी फैक्ट्रियों को भी न सड़क पर ला दें। बीएसएनएल को बर्बाद कर ही दिया। प्रमोद महाजन ने किया था। बिहार में जीते तो ३३ साल कर देंगे।" ३३ से मुझे याद आया कि उनकी नाराजगी का कारण वह सम्भावित योजना है जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति सरकार की नौकरी से ३३ साल की नौकरी या फिर ६० साल की उम्र में से जो पहले होगा सेवा से रिटायर हो जायेगा। इन भाई साहब के ३५ साल नौकरी के हो चुके हैं। ५ साल अभी भी बाकी हैं। मतलब २० साल की उम्र में आये थे नौकरी में। यही इनके लिए चिंता का विषय है कि सेवा अवधि ३३ साल की हो जायेगी तो फौरन पेंशन पेपर थमा दिए जाएंगे। अपनी चिंता को विस्तार देते हुए उन्होंने बताया कि पहले १९-२० साल की नौकरी में आ जाते थे लोग। आज अगर ३३/६० लागू होगा तो ५०० से १००० लोग हर फैक्ट्री से बाहर हो जाएंगे। मेरा मन हुआ कहें कि नए लड़कों की नौकरी मिलेगी भी तो। लेकिन फिर कहा नहीं। वह भी ड्यूटी जाने की जल्दी में था। चला गया। इस बीच तीन बच्चे मेरी बगल में आकर बैठ गए। बात की तो पता चला कि उनके दादा जीसीएफ में काम करते हैं। पिता प्राइवेट काम करते हैं। क्या करते हैं बच्चों को पता नहीं। बच्ची ५ में पढ़ती है, बच्चे २ में। आज स्कूल नहीं गए। गाँव जाना है।कुछ काम है। मम्मी के साथ जाएंगे। बिहार के हसनपुर में गाँव है। बच्चे बड़े प्यारे लग रहे थे। छोटे बच्चे के गाल का एक हिस्सा कुछ गुलाबी रंगत लिए बहुत प्यारा लग रहा था। मैंने फोटो के लिए पूछा तो पहले तो मना कर दिया बच्ची ने। पर बातचीत के बाद दुबारा पूछा तो कहा- ले लीजिये। फोटो दिखाई तो खुश हुए बच्चे। हमें लगा कि यह हाल हैं अपने समाज में स्वास्थ्य सुविधाओं के कि एक साधारण खरोंच तक के लिए लोग दवा नहीं लेते या ले पाते। स्कूल में भी प्राथमिक चिकित्सा की कोई सुविधा होती तो चोट अब तक ठीक हो जाती। उसके स्कूल का समय हो रहा था। इसलिए यह सोचकर कि शाम को उसको अस्पताल से पट्टी करवा देंगे हम चले आये वापस। चलने से पहले दीपा का एक फोटो लिया तो दीपा ने कहा -'हम शेरू का फोटो लेंगें।' लिया उसने और खुश हुई कि अच्छा आया। क्रासिंग बन्द थी। हमने खुलने का इंतजार करते हुए वहीं साइकिल पर बैठे-खड़े पोस्ट का शुरूआती हिस्सा टाइप किया। डबल क्रास था। दोनों ट्रेने निकल गयीं तब फाटक खुला। हम वापस कमरे पर आये। चाय पीते हुए पोस्ट लिखी। अब जा रहे हैं फैक्ट्री के लिए। आज गुणवत्ता माह की शुरुआत है। सबको मुबारक हो। आपका दिन मंगलमय हो शुभ हो।
लेटेक्स एलर्जी क्या है? प्राकृतिक रूप से मिलने वाली लेटेक्स रबड़ (रबड़ के पेड़ से मिलने वाला एक उत्पाद) में मौजूद कुछ प्रोटीन के प्रति होने वाली प्रतिक्रिया को लेटेक्स एलर्जी कहते हैं। इसके संपर्क में आने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। रबड़ के दस्ताने व अन्य उत्पादों जैसे कंडोम या मेडिकल उपकरणों से भी ये एलर्जी हो सकती है। इससे प्रभावित व्यक्ति में त्वचा पर खुजली जैसे लक्षण दिख सकते हैं, इस स्थिति में गले में सूजन और सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर यह निर्धारित करते हैं कि व्यक्ति को लेटेक्स एलर्जी है या नहीं या फिर इसके होने की कितनी संभावना है। एलर्जी के लक्षणों को समझ कर और लेटेक्स के स्रोतों के बारे में जानकर इस स्थिति से बचा जा सकता है। लेटेक्स एलर्जी के लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में लेटेक्स सांस के जरिए पहुंचा है या फिर किसी चीज को छूने से हुआ है। यदि लेटेक्स एलर्जी का समय पर उपचार नहीं किया जाए, तो यह स्थिति समय के साथ बदतर हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति लेटेक्स एलर्जी से ग्रस्त है, तो संभव है कि उसे ये बीमारी लेटेक्स रबड़ से बने उत्पादों जैसे दस्ताने, गुब्बारे को छूने के बाद हुई हो। जब कोई व्यक्ति लेटेक्स से बने दस्तानों को अपने हाथ से निकालता है या लेटेक्स को हवा में रगड़ता है, तो वातावरण में लेटेक्स के अति सूक्ष्म कण मिल जाते हैं, जोकि सांस के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि लेटेक्स एलर्जी के लक्षणों को एंटी-हिस्टामिनन (एलर्जी रोकने वाले) या कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं (सूजन, लालिमा, एलर्जी और खुजली कम करने वाली) के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हैं तो ऐसी स्थिति में एपिनेफ्रीन आईवी फ्लूइड्स (नस के जरिए ड्रिप से फ्लूइड चढ़ाना) जैसी दवाएं व अन्य इमरजेंसी मेडिकल केयर की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर की सलाह पर प्रभावित व्यक्ति को एपिनेफ्रीन (एलर्जी रोकने वाली) के दो शॉट्स (इंजेक्शन) लेने पड़ सकते हैं।
पूर्व में डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें काे जल्द ही प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ मिलेगा। डीपीअाे स्थापना अब्दुस्सलाम अंसारी ने सभी बीइअाे काे अादेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर पूर्व से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें की सूची एवं प्रमाण पत्र वेतन प्रभारी काे उपलब्ध करा दें। इसी अाधार पर उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। वैसे नियाेजित शिक्षक, जिन्हाेंने प्रशिक्षित नियम लागू हाेने से पहले ही डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया था, उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। वेतनमान निर्धारण के लिए वैसे शिक्षकाें से दाे प्रति प्रशिक्षित प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र स्वअभिप्रमाणित छाया प्रति विभाग ने मांगी है। विभाग द्वारा अंक पत्र एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र काे बाेर्ड द्वारा सत्यापित कराया जाएगा। सत्यापन के बाद शिक्षकाें काे प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। डीपीअाे द्वारा प्रशिक्षित वेतनमान निर्धारण के लिए अादेश निर्गत करने पर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने धन्यवाद दिया है। संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा, इस अादेश के लिए संघ लगातार प्रयास कर रहा था। साथ ही वेतन भुगतान से संबंधित अादेश भी अधिकारी की अच्छी पहल है। संघ इसके लिए धन्यवाद देता है।
नई दिल्ली, इंडियन एयरलाइंस के एक विमान का अपहरण करके कंधार ले जाने के करीब १६ वर्ष बाद केन्द्रीय मत्रिमंडल की स्वीकृति के लिये जल्द ही एक ऐसे विधेयक को पेश किया जायेगा जिसमें अपहरणकर्त्ता विमानस्थल पर किसी कर्मचारी को भी जानमाल का नुकसान पहुचाता है तो उसे मृत्युदंड देने का प्रावधान किया गया है ।इससे पहले के विधेयक में विमान अपहरणकर्त्ता को बंधकों: विमान यात्री और विमान क्रू:विमान चालक दल के सदस्य और सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने की स्थिति में अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड देने का प्रावधान था । संशोधित विधेयक विमान अपरहण की आतंकी जैसे घटनाओं से निबटने के लिये विश्व में कठोर कानूनों में से एक होगा । इस विधेयक के जरिये सरकार विमान अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान विमानस्थल के कर्मचारियों, हवाई अड्डे के कर्मचारी और अन्य के मारे पर अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड की सजा दिला सकेगी ।नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार एंटी हाइजेकिंग संशोधन विधेयक में उक्त बदलाव करके उसे और विचार विमर्श करने के लिये कानून एवं न्याय मंत्रालय को भेजा गया है । कानून एवं न्याय मंत्रालय से विधेयक वापस आने के बाद इसे स्वीकृति के लिये केन्द्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जायेगा।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, विधेयक को पिछले साल दिसंबर में पेश करने के बाद इसे मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। अब समिति की सिफारिशों को इस विधेयक में शामिल कर लिया गया है। हमारे यहां पर विमान अपहरणकर्त्ताओं से निबटने के लिये विश्व का सबसे कठोर कानून होगा जिसमें ऐसी घटना के दौरान ग्राउंड पर भी किसी की भी दुर्घटना होने की स्थिति पर उसे मृत्युदंड दिये जाने का प्रावधान किया गया है ।नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने पिछले साल संसद में एंटी हाइजेकिंगःसंशोधनः विधेयक २०१४ को पेश किया था । विघेयक में विमान अपहरणकर्त्ता के लिये मृत्युदंड और ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ सांठगांठ करने वाले व्यक्तियों के लिये कठोर सजा का प्रावधान था। अपहरणकर्त्ताओं के साथ साजिश करने वाले व्यैक्तिक के दायरे को शामिल करके अपहरण की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है।मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक बार नया कानून अमल में आ गया तो अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड दिया जा सकेगा और कठोर दंड़ को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों में अपहरणकर्त्ता को अधिकतम सजा आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। यह बदलाव अंतररष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के बीजिंग प्रोटोकॉल के अनुरूप है जिसे अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुसार भारतीय कानून में सुधार किया गया है।अधिकारी ने कहा, मौजूदा कानून के तहत अगर मानव बम का उपयोग किया जाता है और घटना में इसमें शामिल अपराधी मारा जाता है तो इसकी योजना को अंजाम देने वाले शामिल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। नये कानून में इनके खिलाफ कार्रवाई करने और अपहरणकर्त्ता की संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है। प्रस्तावित कानून में सुरक्षा बलों को विमान को गतिहीन करने और उसे उडने से रोक देने का भी अधिकार प्राप्त होगा। अपहृत विमान को रोककर उसके नीचे उतरने के मजबूर करने के लिये भारतीय वायु सेना अपने लडाकू विमान को भेज सकेगी। इसके अलावा सुरक्षा बलों के पास यह भी अधिकार होगा कि वे अपने महत्वपूर्ण ठिकाने से मिसाइल का उपयोग करके विमान को मार गिरा सकते है।
वेस्टइंडीज और भारत के बीच तीन वन-डे मैचों की सीरीज का तीसरा व आखिरी मुकाबला त्रिनिदाद में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी कैरेबियाई टीम ने खबर लिखे जाने तक २४ ओवर में २ विकेट के नुकसान पर १६८ रन बना लिए हैं। शिमरोन हेटमायर (२४) और शाई होप (२४) रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। बता दें कि बारिश की वजह से यह मुकाबला ३५-३५ ओवर का कर दिया गया है। एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है और मैदान पर कवर्स लौट आए हैं। २२ ओवर में वेस्टइंडीज का स्कोर १५२/२, शाई होप ४० गेंद पर १९ और शिमरोन हेटमेयर २३ गेंद पर १८ रन बनाकर नॉटआउट हैं।इससे पहले भी बारिश ने १.३ ओवर में मैच में खलल डाला था। सभी खिलाड़ियों को मैदान से वापस लौटना पड़ा था।उस समय क्रिस गेल ९ गेंद पर छह रन और एविन लुइस बिना खाता खोले नॉटआउट पवेलियन लौटे थे और उस वक्त वेस्टइंडीज का स्कोर ८/० था।
आज मुझे एक क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के बीच का अंतर पता चला। एक धूमकेतु बस एक अपेक्षाकृत छोटी खगोलीय वस्तु है जिसमें एक "पूंछ" होती है, जिसे कोमा कहा जाता है, जो धूमकेतु के लिए एक अस्थायी वातावरण बनाता है। दूसरी तरफ, क्षुद्रग्रह इस पूंछ को प्रदर्शित नहीं करते हैं और उन्हें केवल एक खगोलीय वस्तु के रूप में परिभाषित किया जाता है जो सूर्य के चारों ओर कक्षाओं में होता है, लेकिन यह ग्रह या धूमकेतु नहीं है। एक धूमकेतु की पूंछ सूर्य से बना है जिसमें धूमकेतु के विभिन्न पदार्थों को गर्म किया जाता है, जैसे बर्फ के रूप में पानी, अंतरिक्ष के निर्वात में उबलते बिंदु स्तर से परे। इन वाष्पीकृत पदार्थों को तब धूमकेतु से निकाल दिया जाता है और पूंछ बनाते हुए सौर हवाओं से निकलते हैं। यही कारण है कि धूमकेतु की पूंछ हमेशा धूमकेतु की स्थिति के सापेक्ष सूर्य से दूर होती है, और अक्सर अंतरिक्ष के माध्यम से अपने वेक्टर के सापेक्ष धूमकेतु के पीछे चित्रित नहीं होती है। इन पूंछों ने इस धारणा को जन्म दिया कि धूमकेतु बर्फ में एम्बेडेड विभिन्न कणों के साथ कुछ अपेक्षाकृत छोटे कोर के आस-पास बर्फ के बने होते थे। दूसरी तरफ, क्षुद्रग्रहों को आम तौर पर धातुओं और विभिन्न प्रकार के चट्टानों के रूप में माना जाता है जो सूर्य के करीब पर्याप्त रूप से बने होते हैं कि अधिकांश बर्फ या अन्य अपेक्षाकृत आसानी से वाष्पीकृत सामग्री को लंबे समय से निष्कासित कर दिया गया है। हालांकि, पिछले एक दशक में, यह पाया गया है कि, वास्तव में, यह हमेशा मामला नहीं है और क्षुद्रग्रह और धूमकेतु का मेकअप वास्तव में इतना अलग नहीं है, हालांकि धूमकेतु में आमतौर पर अधिक बर्फ होता है, धन्यवाद प्रारंभ में "बर्फ क्षेत्र" से परे गठित किया जा रहा है। इस और अन्य चीजों का अध्ययन करने के लिए, २००१ में, नासा की दीप स्पेस १ टीम ने पाया कि धूमकेतु की सतह बोरेलली बर्फ से बना नहीं थी, बल्कि, बहुत गर्म और पूरी तरह सूखी थी, बिना पानी या बर्फ के, बहुत से लोग क्षुद्रग्रहों। बेशक, वस्तु एक पूंछ का प्रदर्शन कर रही थी, इसलिए यह ज्ञात था कि कहीं कहीं अपेक्षाकृत आसानी से वाष्पीकृत पदार्थ होना चाहिए था। तो, इस बिंदु पर सिद्धांत यह था कि बर्फ सतह से नीचे होना चाहिए या बर्फ की परत को कवर करने वाला कुछ प्रकार का मामला था, अनिवार्य रूप से बर्फ को देखने योग्य होने से रोक रहा था। धूमकेतु टेम्पल १ पर २००५ में आगे का शोध किया गया था। इस मामले में, उन्होंने इन धूमकेतुओं को देखने के लिए इस धूमकेतु में एक क्रेटर को विस्फोट करने की जांच की थी। उन्होंने जो पाया वह यह था कि उपर्युक्त सिद्धांत सही था और बर्फ सतह के नीचे केंद्रित है। वहां से, एक विशिष्ट क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के बीच भेद अधिक हो जाता है क्योंकि कुछ क्षुद्रग्रहों को भी उनकी सतह के नीचे बर्फ के रूप में पानी की महत्वपूर्ण मात्रा में माना जाता है। इसके अलावा, हाल की खोजों से पता चला है कि धूमकेतु की धूल मेकअप में क्षुद्रग्रह धूल के बहुत करीब दिखती है, पूर्व सिद्धांतों के विपरीत, यह सुझाव देती है कि वे एक ही चीजों से बने होते हैं, सिमेट पर अभी भी बर्फ की संभावित बड़ी मात्रा को छोड़कर। तो हम एक बार फिर मुख्य अंतर पर वापस आते हैं, बस यह है कि धूमकेतु में अभी भी पर्याप्त आसानी से वाष्पीकरण योग्य सामग्री है, मुख्य रूप से पानी, जब वे हमारे सौर मंडल के भीतरी हिस्से में आते हैं, तो बर्फ के रूप में कुछ पानी पिघल जाता है और निष्कासित कर दिया जाता है , उन्हें अच्छा "पूंछ" दे रहा है। आखिरकार, सभी पानी और अन्य आसानी से वाष्पीकृत सामग्री को धूमकेतु से बाहर निकाला जाएगा, जो तब क्षुद्रग्रह बन जाता है। २००६ में कुछ क्षुद्रग्रहों, धूमकेतु, छोटे ग्रह आदि को कॉल करने के संदर्भ में, इन विभिन्न वस्तुओं के मेकअप के बारे में अधिक जानने के लिए नामांकन समस्याओं में से कुछ पाने के लिए, "छोटे सौर मंडल निकाय" छोटे ग्रहों, धूमकेतु, क्षुद्रग्रहों, और इसी तरह की अपेक्षाकृत छोटी खगोलीय वस्तु को संदर्भित करने के लिए अपनाया गया। क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं के बीच एक और भेद यह था कि धूमकेतु क्षुद्रग्रहों की तुलना में काफी अधिक कक्षाएं हैं, जिनमें से कुछ चौंकाने वाली ५०,००० खगोलीय इकाइयों (एक एयू पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी) से अधिक दूरी पर कक्षा में जाने जाते हैं। हालांकि, अल्पकालिक वस्तुओं की कक्षाएं हैं जो हमारे सौर मंडल में किसी भी ग्रह के मुकाबले कक्षाओं से अधिक दूरी पर नहीं हैं, जिन्हें धूमकेतु माना जाता है, और ऐसे कुछ क्षुद्रग्रह हैं जिनमें इनमें से कुछ शॉर्ट टर्म धूमकेतु की तुलना में बड़ी कक्षाएं हैं (इन्हें शायद कम धूमकेतु)। धूमकेतु भी हाल ही में पाए गए हैं कि हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह बेल्ट के भीतर अधिकतर परिपत्र कक्षाओं में कक्षा; इसलिए, इन विशेष मामलों में अस्पष्टता के कारण इस विशेष भेद को क्यों छोड़ना शुरू कर दिया गया है। एक धूमकेतु बनाम एक क्षुद्रग्रह की "पूंछ" परिभाषा का उपयोग करते हुए, केवल ४००० ज्ञात धूमकेतु बनाम लाखों क्षुद्रग्रहों की सूची बनाई गई है जिन्हें सूचीबद्ध किया गया है। हमारे सौर मंडल के विकास में बहुत पहले, धूमकेतु की संख्या शायद काफी अधिक हो गई है, आजकल कई क्षुद्रग्रहों ने पूंछ परिभाषा के आधार पर धूमकेतु बनाये हैं। सबसे बड़ा ज्ञात क्षुद्रग्रह सेरेस है, जो लगभग ६०० मील व्यास है, जबकि सबसे छोटे अस्थिर क्षुद्रग्रह व्यास में केवल गज की दूरी पर हैं। "धूमकेतु" लैटिन "धूमकेतु" से आता है, जो बदले में ग्रीक "कोमेट्स" से आता है, जिसका अर्थ है "लंबे बालों वाले"। यह बदले में ग्रीक "कौन", "काउंटिंग" ("बालों के साथ सितारों") के व्युत्पन्न का उपयोग करके अरिस्टोटल से आता है, जो अंत में लैटिन में "कोमेट्स" (लंबे बालों वाले) और फिर "धूमकेतु" के रूप में आया था, और अंत में अंग्रेजी में "धूमकेतु"। पूरे रिकॉर्ड इतिहास में धूमकेतु मनाए गए हैं। हाल ही में आखिरी दो शताब्दियों तक उन्हें लगभग सार्वभौमिक रूप से बेहद बुरे ओमन्स माना जाता था। हैली का धूमकेतु २४० ईसा पूर्व तक देखा गया है, हालांकि १८ वीं शताब्दी तक यह नहीं था कि एडमंड हैली के नाम से एक व्यक्ति को एहसास हुआ कि यह एक धूमकेतु वही था जो सदियों से नियमित समय अंतराल में दिखाई दे रहा था । हैली का धूमकेतु अगले रुचि के लिए २०६१ के मध्य में दिखाई देगा। एक धूमकेतु का कोमा सूर्य के व्यास से बड़ा हो सकता है और पूंछ का आयनिक भाग १ एयू से अधिक हो सकता है। जब एक धूमकेतु कक्षीय क्षेत्र सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के साथ छेड़छाड़ करता है, तो एक उल्का शॉवर परिणामस्वरूप होती है, धूमकेतु से निकाले गए कणों के लिए धन्यवाद। इनमें शामिल हैं: जब पृथ्वी स्विफ्ट-टटल धूमकेतु कक्षीय क्षेत्र से गुज़रती है, जो हर साल ९ अगस्त से १३ अगस्त तक और अक्टूबर में होती है, जब पृथ्वी हैली के धूमकेतु की कक्षा से गुज़रती है। वर्तमान में लगभग ७००० ज्ञात क्षुद्रग्रह हैं जो पृथ्वी की कक्षा के बहुत करीब हैं, जिनमें से लगभग एक हजार एक किलोमीटर से बड़ा है। संदर्भ के लिए, एक उल्का जो व्यास में केवल ५-१० मीटर है जो पृथ्वी पर हिट करता है, जो प्रति वर्ष एक बार होता है, एक विस्फोट बनाता है जो हिरोशिमा (लगभग 1५ किलो टन टीएनटी) पर बम के बराबर है, लेकिन इसके बराबर है, लेकिन बेशक, विकिरण की समस्या के बिना। हमारे लिए भाग्यशाली, ये पृथ्वी के वायुमंडल में उच्च विस्फोट करते हैं, और, उनके द्वारा जारी की जाने वाली भारी मात्रा में ऊर्जा के कारण, अधिकांश मामलों का वाष्पीकरण होता है। प्रत्येक दो मिलियन वर्ष, उपरोक्त १ किलोमीटर या अधिक आकार के उल्काओं की तरह वस्तुएं पृथ्वी पर आती हैं और ५ किलोमीटर या उससे अधिक के बड़े लोगों को हर दस या दस लाख वर्षों में पृथ्वी पर मारा जाता है। वे विस्फोट स्पष्ट रूप से बहुत अधिक हैं, और अधिक विनाशकारी वैश्विक प्रभाव है। हमारी जल्द से जल्द कुछ संभावित, अपेक्षाकृत बोलने, एक क्षुद्रग्रह से प्रभाव १६ मार्च, २८८० के आसपास आएगा जिसमें ३०० में से १ की संभावना है कि यह पृथ्वी पर हमला करेगा। क्षुद्रग्रह को केवल २ ९ ०७५ लेबल किया गया है और आकार में लगभग एक किलोमीटर है। अपेक्षाकृत कम द्रव्यमान के कारण, कई धूमकेतु और क्षुद्रग्रह अनियमित रूप से आकार के होते हैं, गोलाकार आकार की वस्तुओं जैसे गोलाकार, जो गुरुत्वाकर्षण शक्तियों के लिए धन्यवाद हैं। धूमकेतु की पूंछ का नीला-आश रंग इलेक्ट्रॉनों द्वारा बनाया जाता है जो धूमकेतु से निकाले गए गैसों से अलग हो जाते हैं। यह आम तौर पर मानव आंखों द्वारा देखने योग्य नहीं है। आम तौर पर मानव आंख क्या देख रही है धूल का निशान है। एमिनो एसिड, जीवन के निर्माण खंड, धूमकेतु, विशेष रूप से, एमिनो एसिड ग्लाइसीन पर पाए गए हैं। नासा के स्टारडस्ट मिशन के लिए धन्यवाद।
'सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहा' जानिए सच क्या है? होम वायरल चेक सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहा जानिए सच क्या है? मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस स्टेटमेंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया गया। इस वीडियो में उनके बयान का पूरा हिस्सा ना दिखाते हुए सिर्फ छोटा हिस्सा दिखाकर फेसबुक, ट्वीटर पर शेयर किया जा रहा है। ये जाने बगैर कि सच क्या है आधे, अधूरे वीडियो को शेयर किया जा रहा है। ये वीडियो ४ अक्टूबर का है। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपनी पत्नी के साथ पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक बतौर अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान जब मंच पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे तो उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रपति के आगमन पर राष्ट्रपति के साथ-साथ सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद को सम्मान देते हुए कहा देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद। इस कथन को गलत तरीके से प्रचारित करने की कोशिश की गई। वास्तविकता यही है कि देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति की पत्नी होती है। इसलिए सीएम ने उन्हें देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर पुकारा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बयान को इस तरह से दिखाने की कोशिश की गई कि देश के राष्ट्रपति को सीएम ने प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर पुकारा जो सच नहीं है। आईआईटी रुड़की का यह कार्यक्रम यूट्यूब पर लाइव प्रसारित हुआ था। नीचे दिए गए लिंक पर ५६:१६- ५७:३५ के बीच वास्तविक वीडियो को देखेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि किस तरह से सीएम की छवि खराब करने के लिए वीडियो को गलत ढंग से प्रचारित किया गया। सोशल मीडिया पर अब लोगों ने सीएम के पूरे बयान को भी शेयर करना शुरू कर दिया है ताकि लोगों को समझ आ सके कि सच क्या है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। जो दावा किया गया वह सच नहीं है।
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में भाग लेने यहां आए बिड़ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह संकेत दिया कि यदि सरकार से कोई राहत नहीं मिलती है तो उनका समूह कंपनी में कोई भी नया निवेश नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अपने पैसे को बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं है।आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि एजीआर पर यदि सरकार कोई राहत नहीं देती है तो उनकी कंपनी दिवालापन प्रक्रिया के विकल्प को चुनेगी। टेलीकॉम लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के अलावा जुर्माना और ब्याज के साथ दूरसंचार उद्योग पर १.४ लाख करोड़ रुपए की देनदारी बन गई है। वोडाफोन-आइडिया को इसका लगभग एक तिहाई भुगतान करना है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने भारत सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में ब्याज और जुर्माने से राहत देने की मांग की है। दूरसंचार उद्योग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका भी दायर की है।
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनित शरण को पदोन्नति देते हुए सुप्रीमकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। जागरण संवाददाता, कटक। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। इस संबंध में कानून मंत्रालय की तरफ से शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर दी गई। ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनित शरण को पदोन्नति देते हुए सुप्रीमकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। जस्टिस जावेरी पहली बार गुजरात हाईकोर्ट में अस्थाई न्यायाधीश के तौर पर २००४ में नियुक्त हुए थे। इसके बाद वर्ष २००५ में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वर्ष २०१६ में जस्टिस उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश बनाया गया। जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपना दायित्व संभालेंगे। शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी को ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर अपनी मुहर लगा दी। इससे पूर्व ओडिशा हाईकोर्ट के २९वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस विनित शरण ने २६ फरवरी २०१६ अपना दायित्व संभाला था।
सीमांध्र बंद का आंशिक असर यू अरे हेरेनेशनलवेडनेस्ड्य, फेब्रुवारी १९, २०१४-१:३३ प्महैदराबाद: आंध्रप्रदेश में वाई एस आर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से लोकसभा में तेलंगाना विधेयक पारित किए जाने के विरोध में सीमांध्र के तेरह जिलों में आज बंद के आह्वान का आंशिक असर रहा। आंध्रप्रदेश सड़क परिवहन निगम की लंबी दूरी की बस सेवाएं और नगरीय बसें तथा आटो रिक्शा पहले की तरह सड़कों पर दिखे। हालांकि निगम ने लंबी दूरी की कुछ सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गई। सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार जरूरत पड़ी तो किसी भी स्थिति में नगर सेवाएं भी बंद की जा सकती है। उधर विभिन्न शहरों में तेदेपा, कांग्रेस और वाईएसआर समर्थकों ने बस डिपों के सामने धरना, प्रदर्शन किया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। जनप्रतिनिधियों के आवासों पर अतिरिक्त बलों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और माहौल शांतिपूर्ण है।
श्रीनगर: सकीना अख्तर एक ऐसी लड़की जो रिवायत पसंद है, वह सपने देखती है, सपना है भारत के लिए क्रिकेट खेलना। जब उन्होंने यह सपना देखा था तो उनके घर में ही उनका समर्थन करने वाला कोई नहीं था। वह अपनी पसंद के अनुसार आगे बढ़ने में असमर्थ थीं। एक दिन फैसला लिया कि उन्हें किसी हर हल में आगे बढना है। उनके सामने कई सारे मुद्दे थे। इन सबका सामना करते हुए उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय तक की मंजिल तय की। यहां पिछले ८ वर्षों से वह क्रिकेट ट्रेनर हैं। सकीना ने अपनी मेहनत और जिम्मेदारी से कई स्टार खिलाड़ियों को तैयार करने का कारनामा किया है। योर स्टोरी डॉट कॉम के अनुसार श्रीनगर में मनव्वरबाद से संबंध रखने वाली सकीना के दिल में बस एक ही सपना था, हर समय वह क्रिकेट के बारे में ही सोचती रहती। इसके अलावा उनके मन में कोई दूसरा विचार जगह ही नहीं पाता। आज वह कश्मीर में अकेली महिला क्रिकेट ट्रेनर हैं और १९ साल से कम उम्र की टीम को प्रशिक्षण देती हैं। सकीना जब बच्ची थी और प्राथमिक स्कूल में पढ़ती थी, तब तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था। इस समय उनके क्रिकेट खेलने पर किसी को आपत्ति नहीं था, लेकिन जब वह मिडिल स्कूल में गईं तो उनका क्रिकेट खेलना बंद हो गया। क्योंकि उस समय उनका क्रिकेट खेलना किसी को भाता नहीं था। कुछ दिन तो ऐसे ही चलता रहा, लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। स्कूल की क्रिकेट टीम में उन्हें जगह मिल ही गई। १९९८ में उन्होंने जिला और फिर स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में उनके खेल का जिक्र होने लगा। कॉलेज से निकलने के बाद जब वह युनिवेर्सिटी में आईं तो उनके सामने अपना लक्ष्य था। कश्मीर युनिवेर्सिटी में पहले सेमेस्टर के बाद ही उन्होंने शिक्षा अधूरी छोड़ कर वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। यहां उन्होंने बीसीसीआई का ए स्टैण्डर्ड का परीक्षा में सफलता प्राप्त किया। इस परीक्षा के बाद उन्हें कश्मीर स्पोर्ट्स परिषद में काम करने का मौका मिला। युवाओं के कई क्रिकेट शिविर आयोजित किए। वह बताते हैं।
भोपालः दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक बार फिर मध्यप्रदेश में जोर पकड़ने के चलते मंगलवार को अनेक स्थानों पर झमाझम बरसात हुई। राजधानी में सोमवार की रात वर्षा होने के बाद मंगलवार की सुबह वर्षा ने जो गति पकड़ी वह दोपहर तक जारी रही। लगभग ४.३० घंटे की वर्षा में पूरा शहर तरबतर हो गया। भोपाल, होशंगाबाद और बैतूल के अलावा अनेक स्थानों पर हुई बारिश से निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गयी। वर्षा के चलते सुबह से भोपाल-बैतूल मार्ग बंद हो गया। देवास में नदी नाले बहने लगे। झमाझम वर्षा के कारण स्कूली बच्चों तथा कर्मचारियों को भी काफी परिशानियां उठानी पड़ीं। भोपाल में इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक बरसात रही। भोपाल के अनेक निचले हिस्सों में पानी भर जाने से पंचशील नगर क्षेत्र के नाले में बाढ़ के कारण २ बच्चे बहने लगे। एक बालक को वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और दूसरा बालक डुकू (४) बह गया, जिसे खोजने के लिए पुलिस, नगर निगम और आपदा प्रबंधन की टीम गोताखोरों के साथ जुट गयीं। नाले में पानी का बहाव काफी तेज था और वह आगे जाकर एक बांध में मिल जाता है। पुल बोगदा इलाके में एक किशोर भी बह गया था लेकिन कुछ ही दूरी पर एक पेड़ का सहारा मिलने से वह बच गया। बाद में कुछ लोगों की मदद से वह सुरक्षित निकल आया। भोपाल समेत सीहोर, राजगढ़, आगर-मालवा, खंडवा, हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, बुरहानपुर, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सागर जिले में तेज बारिश हुई। रायसेन जिले में भी कई निचली बस्तियां जलमग्न हो गयीं वहीं बेतवा नदी के पगनेश्वर पुल पर पानी आ जाने से विदिशा-रायसेन राजमार्ग बंद हो गया। जिला भाजपा कार्यालय के सामने पूरा रामलीला मैदान तालाब में तब्दील हो गया है। बैतूल जिले के नदी-नालों में पानी भर गया। पहाड़ी इलाकों के छोटे नाले और नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गयी। शाहपुर, भौरा इलाके में हो रही तेज बारिश के कारण बैतूल-भोपाल राजमार्ग पर सूखी नदी में बाढ़ से यातायात बंद हो गया। इसके चलते होशंगाबाद और भोपाल से जिले का सड़क संपर्क बंद हो गया। मौसम विभाग ने आगामी २४ घंटे में राज्य के भोपाल, होशंगाबाद और जबलपुर ३ संभागों के जिलों, पूर्वी क्षेत्र के जिलों के साथ शेष हिस्सों में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारों की संभावना जाहिर की।
भारतीय बीमा विनियामक (इंडिया इंश्योरेंस पॉलिसी कम्पनी)और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को आरोग्य संजीवनी बीमा पॉलिसी (आरोग्य संजीवनी पॉलिसी) के तहत अधिकतम पांच लाख रुपये की सीमा से अधिक बीमा सुरक्षा देने की मंगलवार को अनुमति दे दी। इसके लिए उसने संशोधित नियम भी अधिसूचित कर दिए हैं। इरडा के नए दिशानिर्देशों के अनुसार साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के लिए अब एक लाख रुपये की न्यूनतम से कम और पांच लाख रुपये की अधिकतम सीमा से ज्यादा की भी बीमा सुरक्षा दे सकेंगी। यह बीमा सुरक्षा ५०,००० रुपये के मल्टीपल में होगी। इसके लिए इरडा ने मानक व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा उत्पाद से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। पहले इस बीमा पॉलिसी (इंडिया इंश्योरेंस पॉलिसी कम्पनी) के तहत कंपनियों को न्यूनतम एक लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये की बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने की अनुमति थी। यह बीमा सुरक्षा ५०,००० रुपये के गुणांकों में ही उपलब्ध कराई जा सकती है। इरडा ने बीमा कंपनियों को इस पॉलिसी को बदलाव के साथ फिर से पेश करने को कहा है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, कम सीमा के साथ मोतियाबिंद जैसे खर्च, दांतों का इलाज, बीमारी या दुर्घटना के कारण जरूरी प्लास्टिक सर्जरी, सभी प्रकार के डेकेयर इलाज, एंबुलेंस खर्च शामिल हैं. आयुष के तहत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती के खर्च, अस्पताल में भर्ती होने से ३० दिन पहले तक का खर्च और अस्पताल से छुट्टी के बाद ६० दिन तक के खर्च को भी कवर किया जाएगा। इरडा ने कहा कि कोई क्लेम नहीं किए जाने पर हर साल के लिए बीमा राशि (बोनस को छोड़कर) को ५ फीसदी बढ़ाया जाएगा। बिना ब्रेक के पॉलिसी का नवीनीकरण होगा। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (आरोग्य संजीवनी पॉलिसी)की शुरुआत १ अप्रैल २०२० को हुई थी। यह पॉलिसीधारकों की बुनियादी चिकित्सा जरूरतों को कवर करती है। इरडा के निर्देशों के अनुसार, आरोग्य पॉलिसी में बीमाधारकों को पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलती है। यह हेल्थ इंश्योरेंस प्लान एक साल की अवधि के साथ आता है। हालांकि, इस पॉलिसी को जिंदगीभर रिन्यू कराया जा सकेगा। इस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत देशभर में प्रीमियम समान रखा गया है। वार्षिक प्रीमियम पेमेंट मोड के लिए ग्रेस पीरियड के तौर पर ३० दिन की अवधि होगी। पेमेंट के अन्य मोड के लिए ग्रेस पीरियड के तौर पर १5 दिन ही मिलेंगे।
जिला महोबा ब्लाक कबरई गांव ग्योड़ी। यहां से जिला पंचायत सदस्य के पद का चुनाव आरती साहू ने पांच हजार छह सौ आठ वोटों से जीता है। आरती साहू पहली बार चुनाव लड़ीं और जीतीं भी। उन्होंने बताया कि इससे पहले तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह राजनीति में आएंगी। जीत से खुश आरती साहू ने कहा कि उनकी मेहनत रंग लाई। सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक वह प्रचार करने क्षेत्रों में निकलती थीं। आरती साहू पढ़ाई एम.ए. एम.कॅाम. और पी.एच.डी. कर चुकी हैं। उन्होंने पढ़कर टीचर बनने की सोची थी। अभी तक वह घर गृहस्थी का काम करती थीं। घरवालों के सहयोग से वह राजनीती के मैदान में आ गईं हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले वो गांव दोबारा से जाकर लोगो की समस्या सुनेंगी । बिजली पानी और सड़क सुधारने के लिए प्रस्ताव विभाग में भेजेंगी। महिलाओं के लिये कुछ खास तो नहीं पर नौजवानों के लिये कुछ खास करने को कहा है। साथ ही कहा कि अगर अध्यक्ष बने तो हो रही लेखपालों द्वारा कमीशन खोरी या घूसखोरी को जरूर दूर कर देंगे। साथ ही जो जनता को पुलिस की बातें और न्याय के लिये चक्कर काटने पड़ते हैं। ये सारी चीजें दूर करने की कोशिश करेंगे।
उपमंडल के रसेहड़ गांव में एक महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकशी कर ली। हमीरपुर अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, महिला के पिता ने दामाद के खिलाफ बेटी को प्रताड़ित कर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की शिकायत दर्ज करवाई है। बहरहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार रसेहड़ गांव में बीती शाम ३६ वर्षीय सलिता देवी ने जहरीला पदार्थ खा लिया तबीयत बिगड़ने पर उसे सरकाघाट अस्पताल लाया गया। गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हमीरपुर अस्पताल रेफर किया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। महिला के पिता रोशन लाल निवासी खरोट ने शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी बेटी की शादी रसेहड़ गांव में हुई थी। उनका दामाद फौज में है। आरोप लगाया कि शादी के कुछ माह बाद से ही दामाद उनकी बेटी के साथ मारपीट और प्रताड़ित करता रहता था। जिसकी शिकायत आठ साल पहले स्थानीय चौरी पंचायत में दर्ज करवाई थी। तत्कालीन ग्राम पंचायत चौरी के प्रधान ने दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया और पंचायत के सामने उसके दामाद ने भविष्य में ऐसी घटना न दोहराने का वायदा भी किया था। कुछ समय तक तो सब ठीक चला। लेकिन फिर उसके दामाद ने मारपीट शुरू कर दी। प्रताड़ना और मारपीट से तंग आकर उसकी बेटी ने जहरीला पदार्थ खाककर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने सरकाघाट थाना में महिला के पिता के बयान पर मारपीट कर प्रताड़ित करने व ३०६ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया। डीएसपी सरकाघाट संजीव भाटिया ने पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी पति को हिरासत में लेने के लिए पुलिस दल रवाना कर दिया है।
हैदराबाद २० मई: गैंगस्टर नईम से संबंध रखते हुए ज़मीनात के मामले में और गैर कानूनी सरगर्मीयों में शामिल रहने वाले नेताओं से मुख्यमंत्री सख्त नाराज हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संजीदगी से जायज़ा लिया जा रहा है। पता चला है कि टीआरएस के ७ नेताओं की नईम से दोस्ती थी ज़मीनात के मामले के अलावा दुसरे मुजरिमाना सरगर्मीयों में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों और राजनीतिक नेताओं के सारे सबूत के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर के मुख्यमंत्री को पेश कर दी है। जिसके बाद ही ५ पुलिसकर्मियों को ससपेंड कर दिया गया। उनके अलावा अधिक २० से २५ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछताछ जारी है। बताया कि लिस्ट में ७ और २ सदस्यों विधान परिषद के अलावा २ अन्य नेताए भी मौजूद है। पुलिस के आला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नईम का एनकाउंटर करने से सरकार को अच्छा नाम आया है। हर तरफ से पुलिस विभाग की प्रशंसा हो रही है। इस मामले में टीआरएस नेताओं के तार गैंगस्टर नईम के साथ मिलने से सरकार की नेकनामी पर सवालिया निशान भी लग रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री इस मसले पर विचार करें। नईम से संबंध रखने वाले टीआरएस नेताओं पर चीफ़ मिनिस्टर केसीआर सख्त नाराज हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने का जायज़ा लिया जा रहा है। जिन नेताओं पर आरोप हैं वे अतीत में कांग्रेस का हिस्सा थे।
वाराणसी में दशाश्मेध घाट मार्ग और बाबा विश्वनाथ के निकट ही स्थित है गुरु मंदिर। बताते हैं कि ये मंदिर अति प्राचीन है। इसके महात्मय के चलते इस वृहस्पति मंदिर भक्तों का ताता लगा रहता है। काशी शिवशंकर का निवास स्थान बताया जाता है और वहीं पर बृहस्पति गुरू के मंदिर को भी स्थापित किया गया था। ये मंदिर काशी के सभी मंदिरों से सर्वोच्च स्थान पर स्थापित है। स्थानीय जानकारों की मानें तो पौराणिक कथा है कि जब महादेव ने काशी को अपनी राजधानी बनाया तब अनेक देवता भी यहां वास करने की इच्छा जताने लगे। सभी ने महादेव से अपने लिए स्थान का अनुरोध किया। तब भोलेनाथ ने निश्चय किया कि वे भगवान वृहस्पति को जो सभी देवों के गुरु है, को अपने निकट स्थान देंगे। महादेव ने काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूर पर उनको स्थान देने का निर्णय करते हुए उन्हें देवों में सर्वोच्च मानकर और नौ ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ होने के चलते उनका मंदिर सभी से ऊंचा बनवाया।
इस तरह नाक रगड़ते अधिकारी के ऑफिस पहुंचे घरवाले। शिमला. इस साल अप्रैल में नूरपुर में हुए बस हादसे में मारे गए २४ मासूम बच्चों के परिवार को न्याय पाने के लिए सड़कों पर नाक तक रगड़नी पड़ रही है। हादसे के कारणों और दोषियों का अभी तक पता न चलने से आहत परिजन सोमवार को धर्मशाला में नाक रगड़ते हुए डीसी ऑफिस तक पहुंचे। इनमें बुजुर्ग दादा-दादी, लाडलों को खो चुकी माएं और पिता शामिल थे। यहां भी जब आश्वासन मिलने लगे तो दुखी मांओं ने डीसी से इंसाफ की बात रखी। परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का मांग की। मृतक बच्चों के नाम से लिखा मार्मिक पत्र भी सौंपा : नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि सरकार जो कर सकती थी उससे अधिक किया और उससे अधिक करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा जो ट्रक गिरा था उस पर भी एफआईआर दर्ज हो गई है व सरकार ने कोर्ट में भी स्टेटमेंट दे दी है। प्रदेश सरकार व् प्रसाशन ने जो किया है उससे भी अधिक करने का प्रयास कर रही है। जांच पर जो सवाल हैं, उस पर ध्यान देंगे: डीसी कांगड़ा संदीप कुमार ने कहा कि हादसे की न्यायिक जांच पर जो प्रश्न चिन्ह लगे हैं उस पर ध्यान दिया जाएगा। मृतक बच्चों के परिजनों ने जो पत्र दिया है उसे सरकार तक पहुंचाया जाएगा। परिजनों का कहना है कि हादसे के कारणों में जो भी दोषी हो, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह उनके दुख में सम्मिलित हैं तो वहां उपस्थित एक मां के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने रोते हुए कहा कि अपने जिगर के टुकड़ों को खोकर सब कुछ झेलते हम हैं और तड़पते हम हैं। अधिकारी गाड़ी में बैठते ही हर गम को भूल जाते हैं। डीसी ने स्मारक बनाने की बात कही तब भी लोगों ने दो टूक जवाब दे दिया-आप बस न्याय दिला दीजिए। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखा गए पत्र में मृतक बच्चों ने न्याय की गुहार लगाई है। पत्र में लिखा गया है कि हम सिर्फ देख रहे हैं और हमारे परिजन झेल रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही। पत्र में लिखा है कि जिस उम्र में हमने जिंदगी के सबक सीखने थे, उसी उम्र में मौत हमें अपना पाठ पढ़ाकर साथ ले गई। सर, हम में से कुछ बच्चे तो ऐसे थे जो ९ अप्रैल को पहली बार स्कूल गए थे। पत्र में कहा गया है कि सर आपको आज तक जीवित लोगों के ही पत्र मिले होंगे शायद यह दुर्भाग्य से पहला मौका होगा जब आपको मृत बच्चों की ओर से पत्र मिलेगा। डीसी कांगड़ा संदीप कुमार ने कहा कि हादसे की न्यायिक जांच पर जो प्रश्न चिन्ह लगे हैं उस पर ध्यान दिया जाएगा। मृतक बच्चों के परिजनों ने जो पत्र दिया है उसे सरकार तक पहुंचाया जाएगा। परिजनों का कहना है कि हादसे के कारणों में जो भी दोषी हो, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। संदीप ने कहा कि वह उनके दुख में सम्मिलित हैं तो वहां उपस्थित एक मां के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने रोते हुए कहा कि अपने जिगर के टुकड़ों को खोकर सब कुछ झेलते हम हैं और तड़पते हम हैं। अधिकारी गाड़ी में बैठते ही हर गम को भूल जाते हैं। डीसी ने स्मारक बनाने की बात कही तब भी लोगों ने दो टूक जवाब दे दिया-आप बस न्याय दिला दीजिए।
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायनाड सांसद राहुल गांधी बैंकॉक नहीं बल्कि कंबोडिया गए हुए है। जहां राहुल ५ दिन तक लगने वाले ध्यान शिविर में समय बिताएंगे। वहां से लौटने के बाद राहुल गांधी हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में जुट जाएंगे। इससे पहले सोशल मीडिया में राहुल गांधी के बैंकॉक चले जाने की खबर जोरशोर से वायरल हो रही थी। दरअसल हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच शनिवार को ब्जप ने राहुल के बैंकॉक जाने का दावा किया था। हरियाणा के ब्जप नेता जवाहर यादव ने ट्वीट करते हुए बताया था कि विधानसभा चुनाव के ठीक १० दिन पहले राहुल गांधी बैंकॉक चले गए। इसके बाद से ही ट्वीटर में बैंकॉक तेजी से ट्रेंड करने लगा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानी जाए तो कांग्रेस ने राहुल के बैंकॉक जाने की खबर को महज एक अफवाह बताते हुए उनके कंबोडिया में आयोजित ५ दिनों के शिविर में ध्यान लगाने की जानकारी दी है। गौरतलब है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में २१ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए कंबोडिया से लौटने के बाद राहुल महाराष्ट्र और हरियाणा में १० अक्टूबर से १९ अक्टूबर के तक चुनावी रैलियों और रोड शोज़ में हिस्सा लेंगे। वहीं कांग्रेस के कई स्टार प्रचारक भी प्रचार अभियान में अपनी भागीदारी देंगे।
टाइगर वुड्स को कॅरिअर में बेहतर अवसर मिलेगे। इसके अलावा जमीन व वाहन की प्राप्ति होगी। आराम की वस्तुओं का उपभोग करेंगे। उच्च पदों से सहयोग मिलेगा और टाइगर वुड्स के पद व मान में बढोत्तरी होगी। टाइगर वुड्स की इच्छाओं की पूर्ति होगी। जन्म कुंडली टाइगर वुड्स के जन्म के समय आसमान का लिया गया चित्र है जन्म-कुंडली जन्म के समय का आकाशीय मानचित्र है। टाइगर वुड्स की कुंडली आपको बताएगी टाइगर वुड्स के जन्म के समय की ग्रहीय स्थिति, दशा, राशि कुंडली और राशि आदि। यह शोध-कार्य के लिए आपको टाइगर वुड्स की विस्तृत कुंडली एस्ट्रोसेज क्लाउड में खोलने की सुविधा भी देगा।
मधुमक्खियों को लेकर हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया कि वह अपने घरों का निर्माण खास तकनीक से करती हैं। घरों को इस तरह बनाती हैं कि गर्मी में भी उससे ठंडक का अहसास होता है। मधुमक्खियां घने छत्तों में एक साथ रहती हैं, फिर भी इनको गर्मियों में खुद ठंडक का अहसास मिलता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बताते हैं कि दरअसल, मधुमक्खियां अपने छत्ते का निर्माण ही कुछ इस प्रकार करती हैं कि जिससे गर्मियों में वह हवादार बना रहता है। शोधकर्ता बताते हैं कि जब मधुमक्खियों को ऐसा लगता है कि छत्ते के भीतर गर्माहट आ गई है या छत्ता अंदर से काफी गर्म हो गया है तो कुछ मधुमक्खियां छत्ते के प्रवेश द्वार या छिद्रों के पास चली जाती हैं और अपने पंखों को फड़फड़ाने लगती हैं जैसे कि पंखा चल रहा हो। इस प्रकार वे अंदर की गर्मी को बाहर निकाल देती हैं। यह शोध-पत्र जर्नल ऑफ रॉयल सोसायटी इंटरफेस में प्रकाशित हुआ है।
रोहित कुमार और भगवान सिंह ने पुरुष लाइटवेट डबल्स स्कल्स इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। पुरुष लाइटवेट सिंगल स्कल्स इवेंट में दुष्यंत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। शूटर्स हरजिंदर सिंह और अमित कुमार चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। हरजिंदर ने ५६० का स्कोर बनाया और अमित कुमार ५५९ अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहे। रोइंग में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरा मेडल जीत लिया है। रोइंग के क्वाड्रपल इवेंट में भारत ने गोल्ड जीता है। स्वर्ण सिंह, दत्तू भोकनाल, सुखमीत सिंह और ओम प्रकाश की टीम ने भारत को गोल्ड जिताया। इंडोनेशिया दूसरे और थाइलैंड तीसरे स्थान पर रहे। भारतीय टीम ने फाइनल में ६ मिनट और १७:१३ सेकेंड का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया। एशियन गेम्स २०१८ में भारत का ये पहला गोल्ड और ओवरऑल पांचवां पदक है।
एक खेल के रूप में युद्ध युक्तियाँ और किताबें तूफान से बच्चों को ठीक करने में मदद करने के लिए ध्रुवीकरण का प्रथा कार्रवाई में कल्पना: शॉन मैकनिफ के साथ साक्षात्कार क्या क्रिसमस बोनस एक अच्छा विचार है? विज्ञान के साथ अंधा! क्यों काली कॉफी आप को शांत नहीं कर सकता प्रैक्टिस में सीखना सिद्धांत: हाउसब्रेकिंग एक पिल्ला अधिक नींद लेने से आपका रक्तचाप कम करें ३ उच्च शिक्षा में समस्याओं के समाधान क्या एक बच्चे के मस्तिष्क में क्या सीसा होता है? तथ्यों को छुपाना आपके रिश्ते पर कार्य करना अंदर की नौकरी है फोकस न्यूज के लिए फेसबुक का दोष न दें: यह हमारे, बहुत कुछ है क्या आप एक नैतिक नेता हैं? सिर्फ एक हफ्ते पहले ढाका से कुछ मील की दूरी पर एक १०-मंजिला परिधान कारखाने में एक आग, एक बहु मिलियन निवास शहर और बांग्लादेश में सबसे बड़ा, कम से कम २९ ( डाइन के / सामग्री / लेख / 20१०/१२/१५ / आर20१०१२ )। आग ९ वीं मंजिल पर शुरू हुई फंसे हुए पीड़ितों में से कुछ अपनी मौत के लिए कूद गए। सिर्फ १०0 साल पहले शर्म, न्यूयॉर्क में १०-मंजिला परिधान कारखाने में एक आग, यहां तक कि एक लाख मिलियन निवासियों और संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़े, १४६ की मौत हो गई। आग ८ वीं मंजिल पर शुरू हुई फंसे हुए पीड़ितों में से कई अपनी मृत्यु के लिए कूद गए। त्रिकोणीय शर्टवाइस्ट कंपनी की आग जो २५ मार्च, १ ९ ११ को न्यूयॉर्क शहर में आस्प बिल्डिंग के माध्यम से बह रही है, यह अमेरिका के इतिहास में सबसे कुख्यात व्यावसायिक आपदा है ( /ब्राउन.पफ)। हमें समकालीन रिकॉर्डों से न केवल उस त्रासदी का विवरण पता है, बल्कि भाग्यशाली बचे लोगों द्वारा लिखी गई कहानियों से भी, जिनमें से अंतिम 200१ में १07 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी। त्रिभुज शर्टवाइस्ट में, महिलाओं को अपनी सिलाई मशीनों पर बेहतर रखने के लिए दुकान से बाहर निकलने के दरवाजे बंद किए गए थे। हाम-मीम ग्रुप के उप प्रबंध निदेशक, जो बांग्लादेशी ऑपरेशन को चलाता है, ने इनकार कर दिया कि दरवाजे को अपनी सुविधा में लॉक किया गया था ( )। १ ९ ११ में आस्प बिल्डिंग में, फायरमैन की सीढ़ियां केवल सातवीं मंजिल तक पहुंच गईं और नीचे दिए गए नेट्स को एक बार में इतने सारे कूदते हुए वजन से फाड़ दिया गया। बांग्लादेशी ब्लेज़ की छवियों का सुझाव है कि आधुनिक उपकरण में अग्निशामकों को इमारत की ऊंचाई तक पहुंचने की अनुमति दी गई, जो चीखने वाले पिकर ("स्नॉर्कल्स" को अग्निशमन परामर्श में) दिखाई देता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह सहायता किसी भी जंपर्स को रोकने के लिए समय पर पहुंच गई है या नहीं। त्रिभुज त्रासदी के कई सालों बाद, कुछ पीड़ितों के परिवारों को एक सफल नागरिक मुकदमा में $ ७५ डॉलर प्राप्त हुए। फेडरेशन ऑफ बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने घोषणा की कि वह हा-मीम पीड़ितों के परिवारों के लिए १,३७० डॉलर के बराबर १00,००० रुपये देगी। नोट, १ ९ १4 में $ ७५ का धन 20१0 में १,6१7 डॉलर की खरीद क्षमता के अनुरूप है। और वैसे, आप फेसबुक पर हा-मीम ग्रुप में शामिल हो सकते हैं हम एक लंबा रास्ता तय कर चुके हैं, बच्चे। हा-मीम ग्रुप के ग्राहकों ने वाल-मार्ट से टॉमी हिलफिगर तक सीमा की सूचना दी, विदेशों में कामकाजी परिस्थितियों के संबंध में कुछ अंतर्राष्ट्रीय उत्तोलन किया है। कुछ कपड़ों के निर्माताओं द्वारा ली गई विदेशी रोजगार की स्थिति पर उच्च-प्रोफाइल रुख के द्वारा इस तरह के कार्यों का महत्व और संभावित प्रभाव दिखाया गया है। उपभोक्ताओं के रूप में, हमें इन कारकों पर विचार करना चाहिए, वर्ष के इस समय हमारे दिमाग में और साथ ही हमारे वार्डरोब को भी देखना चाहिए। एक साथी खोजते समय क्या आपको पसंद करता है?
अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जो तेलंगाना में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और ७ दिसंबर के चुनावों में टीआरएस का समर्थन कर रहे हैं, इन चुनावों के आसपास के मुद्दों के बारे में लिज़ मैथ्यू से बात के मुख्य अंश । आप एआईएमआईएम और टीआरएस के प्रदर्शन के बारे में कितने आश्वस्त हैं, जिन्हें आपने सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है? मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों पार्टियां अच्छी तरह से काम करेंगी। न केवल हम अपने सात विधानसभा क्षेत्रों को बनाए रखेंगे, हमारे तालमेल में वृद्धि होगी। मुझे यह भी यकीन है कि तेलंगाना के लोग एक बार फिर चंद्रशेखर राव को आशीर्वाद देंगे और उन्हें मुख्यमंत्री बना देंगे। आप संसद में जो कहते हैं और बाहर की राजनीतिक चाल के बीच अंतर है। आप वहां भाजपा पर हमला करते हैं, लेकिन बाहर ऐसे कदम उठाते हैं कि पार्टी को चुनावी परीक्षणों में मदद करेंगे। ऐसा क्यों हैं? बीजेपी का विरोध करने का मतलब यह नहीं है कि मुझे संघर्ष नहीं करना चाहिए, इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे अपनी पार्टी का विस्तार नहीं करना चाहिए और इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे पार्टी के अधीन होना चाहिए जो अब तक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमें धोखा दे रहा है, यानी कांग्रेस। तो पूरे तर्क में कि आप केवल धर्मनिरपेक्ष हैं यदि आप कांग्रेस के साथ हैं तो कोई मेटर नहीं है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बिहार में, मैंने २००-विषम सीटों में से केवल छह में चुनाव लड़ा था। तर्क स्वयं गलत है। दूसरा, जहां भी हमने चुनाव में भाग नहीं लिया, कांग्रेस हार गई है दिल्ली, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, सूची लंबी है। हमें विचारधारा के कारण बीजेपी का विरोध करना पड़ सकता है। लेकिन देश में पूरी बहस यह है कि ऐसा क्यों है कि कोई भी राष्ट्रवादी हो सकता है अगर वह भाजपा का समर्थन कर रहा है और धर्मनिरपेक्ष वह है जो कांग्रेस के साथ है। लोगों की एक बड़ी संख्या इससे सहमत नहीं है, खासकर क्षेत्रीय दलों और मेरे जैसे पार्टियां। हमें लगता है कि हमें एक स्वतंत्र कार्यवाही का सामना करना चाहिए और यही वह है जो हम कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले टीआरएस भाजपा के करीब आने के बारे में बात हो रही है। यदि ऐसा होता है, तो क्या यह आपकी पार्टी के लिए शर्मिंदगी या समस्या होगी? जहां तक विधानसभा चुनावों का सवाल है, यह सवाल ही नहीं उठता। वास्तव में यहां कोई बीजेपी नहीं है, वास्तव में, वे अपनी पांच सीटों में से कुछ खो देंगे। कांग्रेस से यह सवाल कोई क्यों नहीं पूछ रहा है क्या आप १०० या १२० सीटें पार करने जा रहे हैं? आपको १२० सीटें मिलती हैं और गेम खत्म हो गया है। पूरे तर्क कि हम, चाहे वह मुझे या टीआरएस है, कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। पर क्यों? कांग्रेस क्यों नहीं दे सकती? यह कांग्रेस की कमजोरी और विफलता के कारण है कि बीजेपी सत्ता में है। कांग्रेस के नेताओं से यह सवाल पूछा जाना चाहिए। मध्यप्रदेश में, कांग्रेस ने केवल तीन मुस्लिम टिकट दिए हैं। फिर उसके एक नेता का कहना है कि आपको ९० प्रतिशत वोट देना होगा। आप एक ऐसे राज्य में तीन सीटें देते हैं जहां मुस्लिम ८-९ प्रतिशत हैं। मेरा तर्क यह है कि हम आपके लिए वोट देने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। मेरा पूरा संघर्ष राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए है, क्योंकि जब तक कि यह समाज, वर्ग, समूह का एक वर्ग नहीं है, आप राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, आपके मुद्दों और विकास को बिल्कुल संबोधित नहीं किया जाता है। यह कांग्रेस और बीजेपी का पाखंड है। बीजेपी एक सीट (एमपी में) और कांग्रेस तीन देती है। पूरे मध्यप्रदेश में, आपके पास सिर्फ चार मुस्लिम चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने राहुल गांधी को उद्धृत करते हुए एक समाचार पत्र में एक लेख में पढ़ा कि उनकी पार्टी हिंदुओं के साथ है। अगर मैं इसी बात को अलग तरीके से कहता हुं, तो राष्ट्रवादी मुझे कत्ल कर देने की बात करते हैं। चूंकि राहुल गांधी ने कहा, जनउ-धारी हिंदू सही है। सौभाग्य से या दुर्भाग्य से, मैं वर्ण प्रणाली का हिस्सा नहीं हूं। तब मुझे कहाँ जाना चाहिए? मंदिरों में जाने के साथ कांग्रेस के नए अवतार पर आपका क्या विचार है? भारत एक ऐसा देश है जहां हम सभी धर्मों का जश्न मनाते हैं, और यहां तक कि वे लोग जो धर्म स्वीकार नहीं करते हैं। लेकिन कहने के लिए कि इस देश में केवल एक ही धर्म है, और जब तक आप इसका पालन नहीं करते हैं, तब तक आप सामाजिक रूप से प्रगति नहीं कर सकते हैं, मैं उस तर्क को नहीं मानता हूं। कांग्रेस ने स्वयं अपने नेता को जनउ-धारी हिंदू कहा है। यदि वह एक जनेउ-धारी हिंदू है, तो वर्ण प्रणाली के बाहर एक बड़ा हिस्सा है। उनके साथ क्या होगा? आप मुझे बीजेपी और खुद के बीच का अंतर दिखाते हैं। यदि आप भाजपा को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उनका पालन करें, आप मोदी (पीएम नरेंद्र) की दर्पण छवि बनने की कोशिश कर रहे हैं, तो लोगों के पास क्या विकल्प है? २०१९ के चुनावों पर आपका अलगा कदम क्या है? तेलंगाना में, टीआरएस के लिए आपकी पार्टी कितनी निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित करती है और स्विंग कर सकती है? मेरी पार्टी के नेता के रूप में, मैं हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए कहूंगा। यह प्रजकुट्टामी ईस्ट इंडिया कंपनी २०१८ के अलावा कुछ भी नहीं है। एन चंद्रबाबू नायडू, अमरावती में बैठे हैं, और दिल्ली में बैठे कांग्रेस, तेलंगाना में भाग्य के स्वामी नहीं बन सकते हैं। यह एक नवनिर्मित राज्य है और हमें अभी भी पड़ोसी तेलुगू राज्य के साथ समस्याएं हैं। जहां तक सिंचाई परियोजनाओं का सवाल है, वहां एक बड़ी समस्या है, और आंध्र प्रदेश ने कई सिंचाई परियोजनाओं का विरोध किया है। यदि पड़ोसी राज्य से नायडू द्वारा बैकरूम रिमोट कंट्रोलिंग किया जाता है, तो मुझे नहीं लगता कि लोग इसके लिए तैयार हैं। आपने कहा कि एक कांग्रेस नेता ने रैली रद्द करने के लिए आपके लिए २५ लाख रुपये की पेशकश की थी? उपलब्ध ऑडियो में कांग्रेस उम्मीदवार भैंसा नगर पालिका के उपाध्यक्ष की अवाज में बात कर रहे थे जो मेरी पार्टी के सदस्य हैं. वह कह रहे हैं कि निर्मल निर्वाचन क्षेत्र का उम्मीदवार मेरे साथ बैठा है और मुझे ओवैसी साब को बताने के लिए कह रहा है कि हम आपको २५ लाख रुपये देंगे अगर निर्मल सार्वजनिक बैठक को रोक दें। इससे पता चलता है कि आप नहीं चाहते कि मैं एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करूं, इसलिए आप मुझे पहले एक सांप्रदायिक व्यक्ति कहते हैं, फिर आप कहते हैं कि वह भाजपा के साथ सहवासियों में है और जब यह काम नहीं करता है, तो आप कहते हैं कि हमारे पास पर्याप्त पैसा है, आप इसे लेते हैं । यह पार्टी का अहंकार है। १९९८ से २०१२ तक, मैं कांग्रेस के साथ था। क्या मैंने आपसे कुछ पूछा था? वैसे भी, आप का खुलासा किया गया है। कश्मीर में विकास पर आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं?
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत सोमवार से हो रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने बताया कि प्रथम चरण की आठ सीटों का नामांकन आज से शुरू हो जाएगा। प्रत्याशियों को नामांकन के लिए सिर्फ चार दिन ही मिलेंगे। लू ने बताया कि २० व २१ मार्च को होली का अवकाश रहेगा। जबकि २३ मार्च को शनिवार व २४ मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। इसी कारण पहले चरण के चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच २६ मार्च तक होगी। २८ मार्च को दोपहर ३:०० बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर सीटों पर लोकसभा चुनाव होने हैं।
जालोर. साइकिलिस्ट नरपत सिंह राजपुरोहित के जालोर पहुंचने पर शहर के राजपुरोहित हॉस्टल में समाजबंधुओं ने स्वागत किया। नरपतसिंह राजपुरोहित बाड़मेर के लंगेरा कोजाणियो कि ढाणी के रहने वाला है। जो २७ जनवरी को जम्मू एयरपोर्ट से साईकिल यात्रा पर रवाना हुए थे। यात्रा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी,उतराखंड व राजस्थान के १२ जिले में हो गई है। पर्यावरण प्रेमी साईकिलिस्ट नरपतसिंह ने अभी तक ६ वर्षो में ८३ हजार से ज्यादा पौधे लगा चुका है। विरमसिंह लंगेरा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए इन्होंने अपनी ***** की शादी में दहेज के रूप में २५१ पौधे दिए थे। इस मौके इन्द्रसिंह भागली, महिपालसिंह चाड़वास, खेतसिंह बावतरा, ओमसिंह बावतरा, विक्रमसिंह सिणेर, डायालाल इटवाया व ईश्वरसिंह बावतरा समेत अन्य मौजूद रहे। आहोर. पंचायत समिति परिसर में जल शक्ति अभियान के तहत सघन पौधरोपण करने को लेकर बुधवार को अधिकारी व कार्मिकों की ओर से विभिन्न कार्य किए गए। पौधरोपण के लिए पंचायत समिति परिसर में गड्ढे खुदवाए गए, वहीं श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। पंचायत समिति परिसर में सहायक लेखाधिकारी देवाराम लखारा व लालसिंह राजपुरोहित, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कुंदनमल दवे के नेतृत्व में गड्ढे खुदवाए गए। वहीं अधिकारी व कार्मिकों की ओर से श्रमदान कर साफ सफाई की गई। इस मौके पर पंचायत प्रसार अधिकारी कुंदनसिंह राठौड़, नैनमल भट्ट, कनिष्ठ सहायक भरत शर्मा, कनिष्ठ तकनीकी सहायक रविन्द्रसिंह राठौड़, रितेश सक्सेना, लेखा सहायक जोराराम समेत कई जने मौजूद थे।
सिहोरा जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. प्रवीण चौबे को कलेक्टर छवि भारद्वाज ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसे तामील करने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने अनुशंसा की है, जिसे हेल्थ कमिश्नर को भेजा है। कलेक्टर छवि भारद्वाज ने सिहोरा जिला अस्पताल का गुरुवार को निरीक्षण किया था। इस दौरान वहां उन्होंने देखा कि अस्पताल में काफी धांधली चल रही है। संबंधित डॉक्टर मनमाने तरीके से ड्यूटी पर आ रहे हैं। उनकी शिकायत भी की गई। इससे कलेक्टर ने नाराजगी जताई। कलेक्टर छवि भारद्वाज का कहना है कि जबलपुर से सिहोरा जाकर ड्यूटी नहीं की जाएगी डॉक्टरों को सिहोरा में ही नियमित रहना होगा। इसके लिए डॉक्टरों की पदस्थापना की जाएगी। डॉक्टर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसे हेल्थ कमिश्नर के पास भेजा है। इसके अलावा कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसे तामील की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है। डॉ. प्रवीण चौबे को नोटिस दिया जा रहा है। उनसे जवाब मांगा जाएगा।
डकार आने की तरह ही गैस पास होना भी एक सामान्य प्रक्रिया है, जो पाचन का हिस्सा है। पर अगर जरूरत से ज्यादा गैस बनने लगे तो आपको अपने आहार में जरूरी बदलाव करने चाहिए। भोजन ग्रहण करने से लेकर पचाने तक एक लंबी और पेचीदा प्रक्रिया है। इसमें गैस बनना एक सामान्य बात है। जो डकार या गैस के रूप में बाहर निकल जाती है। हर व्यक्ति को गैस बनती है जिसे वह गुदा द्वार से बाहर करता है। पर अगर यह इतनी ज्यादा बनने लगे कि आपको शर्मिंदा होना पड़े तो इसका अर्थ है कि आपके खाने और खाना खाने के तरीके में कुछ गलतियां (एसिडिटी कास) हैं। इन्हें सुधारने की जरूरत है। जब हम भोजन करते हैं तो वह एनर्जी में तब्दील होने से पहले बर्न होता है। जिसे भोजन का टूटना या जलना कहा जाता है। भोजन में फाइबर, विटामिन के साथ कुछ मसाले भी होते हैं। जो भोजन को बर्न करने में मदद करते हैं। इसी प्रक्रिया में कुछ रसायन (ब्लोटिंग कास) भी पैदा होते हैं। यदि यह पेट से उपर के हिस्से में बने हैं तो यह डकार के रूप में बाहर निकलते हैं। पर अगर इनकी मौजूदगी आंत के भीतर है तो यह गैस के रूप में बाहर निकलते हैं। यह एक सामान्य और जरूरी प्रक्रिया है। एक सामान्य व्यक्ति सामान्यत: दिन भर में १४ बार गैस पास करता है। यह उसके चयापचय और बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कुछ लोगों को खाना खाने के बाद पेट फूलने की समस्या होती है। यह तभी होती है जब पेट के भीतर बनी हुई गैस यानी दाखिल हुई हवा किसी भी तरह से बाहर नहीं निकल पाती। इससे पेट दर्द, सिर दर्द जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर आपको सामान्य से ज्यादा गैस बनने लगी है तो इसका अर्थ है कि आपका खाना खाने का तरीका यानी ईटिंग हेबिट सही नहीं है। बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाने, खाना खाते वक्त बहुत ज्यादा बाद करने, बिना ठीक से चबाए हुए खाना खाने से पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या हो सकती है। कुछ लोग टीवी देखते हुए खाना खाते हैं। यह खाना खाने का सबसे गलत तरीका है। इससे आपको यह पता ही नहीं चल पाता कि आपको भूख कितनी थी और आपने कितना खाना खाया। अगर आप छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं तो आपको पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तनाव के कारण हमारे मस्तिष्क से जो हॉर्मोन रिलीज होते हैं, वे हमारे मेटाबॉलिज्म को बहुत गहरे से प्रभावित करते हैं। जिससे खाना ठीक से पच नहीं पाता और कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। अगर आप देर से सोते हैं और देर से उठते हैं तो आपको पाचन संबंधी परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा। हमारे पाचन तंत्र पर सूर्य की रोशनी का बहुत प्रभाव पड़ता है। दिन ढलने के साथ ही पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है और तनाव बढ़ाने वाले हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को आराम दें। इसके उलट अगर हम रात बारह बजे के बाद भी जागते रहते हैं तो पेट में गैस बनने लगती है। यह सिर्फ एक दिन की समस्या नहीं है। इसका असर अगले कई दिनों तक रह सकता है। इसलिए अपनी नींद का समय निश्चित करें। एक जैसा शरीर होने के बावजूद सभी का मेटाबॉलिज्म रेट अलग-अलग होता है। इसलिए जो फूड एक को सूट करता है, जरूरी नहीं कि दूसरे को भी सूट करे। सजग होकर भोजन ग्रहण करें और उस आहार की पहचान करें जिसके कारण आपके पेट में ज्यादा गैस बनती हैं। छोले, राजमा, गोभी, उड़द दाल ये कुछ ऐसे आहार हैं जो कुदरती रूप से ज्यादा गैस बनाते हैं। इसके अलावा फास्ट फूड, डीप फ्राइड चीजें, ज्यादा मसालें भी पेट में गैस बनाते हैं। इन्हें अपनी क्षमता के अनुरूप ही खाएं।
पुरानी कहावत है कि पैसा ही पैसे को खींचता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके घर में पैसों की तंगी न हो और आप अधिक पैसों को कमाएं, तो कुछ छोटे-छोटे उपाय करके देखिए। इससे न सिर्फ आपके घर में पैसों की तंगी दूर होगी, बल्कि व्यापार आदि में बरक्कत भी होगी। अपने कीमती सामान, आभूषण और पैसों को हमेशा पूर्व दिशा में रखी हुई तिजोरी में रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में कुबेर का निवास स्थान माना जाता है, इसलिए पूर्व दिशा में तिजोरी को रखना शुभ माना जाता है। अपना कीमती सामान, पैसे आदि को कभी पश्चिम दिशा में न रखें क्योंकि इससे नकारात्मकता आती है और ऐसा करना वास्तुशास्त्र में अच्छा नहीं माना जाता है। हर किसी के घर में अलमारी होती है, जिसमें वे कपड़े और कीमती सामान रखते हैं। इसे आप दक्षिण दिशा में ऐसे रखें कि उसका मुंह उत्तर दिशा में खुले। ऐसा करने से हमेशा घर में पैसा आता रहेगा। सीढ़ियों के नीचे तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है। वैसे तो कोशिश करें कि पूरे घर में कहीं भी जाला नहीं लगे। मगर, खाततौर पर जिस कमरे में तिजोरी रखी है या कीमती सामान रखते हैं, उसमें इस बात का खास ख्याल रखें कि वहां जाला नहीं लगने पाए। इसके साथ ही उस कमरे में जाला भी नहीं लगने दें। इससे निगेटिव एनर्जी आती है, जो आपके घर की बरक्कत को खत्म कर देती है। कहते हैं- 'जहां सुमति, तहां संपति नाना, जहां कुमती तहां विपति निधाना'। यानी यहां घर-परिवार में प्रेम होता है, बड़ों का आदर और छोटों को प्रेम मिलता है, उस घर में हर तरह की संपति का सुख मिलता है। वहीं, जिस घर में क्लेश होते हैं, वहां कई तरह की विपत्तियां घेर लेती हैं। इसलिए घर में शांति बनाए रखें, सुख-संपत्ति अपने आप घर में आने लगेगी। इस काम में क्रिस्टल बॉल्स आपकी मदद कर सकती है। माना जाता है कि क्रिस्टल बॉल्स आसपास की नेगेटिव ऊर्जा को अपने भीतर समा लेती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। अगर आपके घर में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं तो आपको अपने घर के लिविंग रूम में क्रिस्टल बॉल्स को रखना चाहिए। अगर आपके साथी से आपकी अनबन चल रही है तो बेडरूम में क्रिस्टल बॉल को रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इस क्रिस्टल बॉल को दिन में तीन बार क्लॉक वाइज घुमाएं। तभी इसका पूरा लाभ मिलेगा। इसे आर्थिक दृष्टि से भी अच्छा माना जाता है। व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है या मनोवांक्षित सफलता नहीं मिल रही है, तो रंग बिरंगी क्रिस्टल बॉल ऑफिस या फेक्ट्री की उत्तर पश्चिम दिशा में रख दें। इससे व्यापार तेजी से बढ़ेगा।
नई दिल्ली: कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा को आज राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला ने मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के २५वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उल्लेखनीय है कि तीसरी बार येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की कुर्सी प्राप्त हुई है। बीएस येदियुरप्पा के स्वागत को राजभवन के बाहर समर्थकों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने ज़बरदस्त तैयारियां की थीं। शपथ लेते ही राजभवन के बाहर ढोल-नगाड़े बजने शुरू हो गए। आज गुरुवार को अकेले येदियुरप्पा ने ही शपथग्रहण किया। मंत्रिमंडल का शपथग्रहण अगामी दिनों में जब विधानसभा में बहुमत साबित हो जाएगा तब होगा। वहीं इससे पूर्व कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद का नाटक सुप्रीम कोर्ट में रात में भी चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की मांग कि शपथ को टाला जाए मानने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि वह राज्यपाल को इस मामले में आदेश नहीं दे सकते है, न ही शपथ पर रोक लगा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद व अशोक गहलोत तथा सिद्धारमैया समेत कई कांग्रेस विधायक सहित अन्य नेता बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर चुके हैं। इसके लिए विधानसभा में महात्मा गांधी की मूर्ति के पास सभी नेता एकत्र हुए । वहीं सिद्धारमैया ने कहा हम लोगों के पास जाएंगे और उन्हें यह बताएंगे कि कैसे बीजेपी संविधान के खिलाफ काम कर रही है। कर्नाटक विधानसभा में २२२ विधायक हैं, शपथ के पहले भाजपा ने ११२ विधायकों की सूची राज्यपाल को पेश की गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है संख्या जरूरी है ना की सबसे बड़ी पार्टी। येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर उस समय गृहण लगना शुरू हो गया था जिस वक्त राज्यपाल के फैसले के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली, रात करीब २ बजे से लेकर गुरुवार अलसुबह ५.1५ बजे तक सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस-जेडी(एस) ने राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में तत्काल सुनवाई की अपील करी गई थी। जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे तीन जजों की बेंच सुनवाई के लिए गठित कर दी थी।
उप्तत ७२८२५ लाटेस्ट न्यूज तोडे: हम सब को पता है कि रुपी ईश्वर दीपक मिश्र जो जज हे उनके कोर्ट में हमारा भविष्य पूर्ण रूप से सुरक्षित नजर आ रहा है।लेकिन जो पिछला आर्डर जज सहब ने हमसे लिखवाया हे हम खुद नही जानते की उनके मन में क्या चल रहा हे अगर देखा जाये तो एक तरफ उनका मानना हे कि ७२८२५ रिक्रूटमेन्ट हम से बस एकदम दूर है लेकिन अगर दूसरी तरफ देखा जाये तो वो बसे ऑफ सेलेक्शन लेकर बैठे हुये है। साथियो में हम में कहता हु की एक बार फिर आप लोगो को तेयार होना होगा ।रविवार को फिर से आप को ब्लॉक स्तर पर मीटिंग रखनी होगी ।अब समय देखा जाये तो हमारे पास ज्यादा नही बचा हे । ७ डिसेंबर आते ही हमे अपने पुरे जीवन की लड़ाई जितनी होगी और इसके बाद हम फिर चेन से जी सकेंगे ।ये लड़ाई हम सब की है जो हमे जितनी हे, और इसे जितने के लिए हम सब को ही लड़ना पड़ेगा । इसी कारण दोस्तों सतर्क हो जाइये,आप की ज़िन्दगी आप का इन्तेजार कर रही हे जो बहुत अच्छी हे। दोस्तों अगर देखा जाये तो ७ डिसेंबर के दिन नागेश्वर राव ही हे जो एक बहुत अच्छे अधिवक्ता है।राव अधिवक्ता भारत में टॉप १० के अधिवक्ताओ में आते है।
भारतीय टीम नंबर ४ के बल्लेबाज के लिए काफी समय से जूझ रही है। विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम के हार की वजहों में यह भी शामिल था। टॉप तीन बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने के बाद भारत के पास पारी संभालने वाला बल्लेबाज नहीं था। विश्व कप के बाद से ऋषभ पन्त यहाँ खेल रहे थे, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में टीम मैनेजमेंट ने श्रेयस अय्यर को मौका दिया। श्रेयस अय्यर ने इससे पहले वनडे क्रिकेट में कई बेहतरीन पारियां खेली थी लेकिन टी-२० में ऐसा नहीं कर पाए थे। नागपुर में जब उनका खाता नहीं खुला था तभी बांग्लादेश ने उन्हें जीवनदान दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी पारी में पीछे मुड़कर नहीं देखा। केएल राहुल के पिच पर रहने तक उन्होंने सिर्फ स्ट्राइक रोटेट किया। १५वें ओवर की पहली तीन गेंदों पर उन्होंने अफीफ हुसैन को लगातार तीन छक्के जड़ दिया। इसके बाद मैच में भारतीय पारी को गति मिल गयी और टीम १७५ तक पहुंचे में सफल रही। अय्यर ने ३३ गेंदों में ६२ रनों की पारी खेली। इसमें तीन चौके और ५ छक्के भी शामिल थे। उनके अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज छक्का नहीं लगा पाया।
बच्चों के लिए ऊर्जा युक्त आहार, किड्स एनर्जी रीछ रेसिपे इन हिन्दी: बच्चे बहुत चंचल होते हैं, हमेशा यहां और वहां घूमते रहते हैं। इसलिए उन्हें खाद्य पदार्थों की अधिक आवश्यकता होती है जिससे उनकी ऊर्जा शक्ती की मात्रा अधिक बढानी चाहिए। जिन बच्चों में ऊर्जा की मात्रा कम होती है, वह बच्चे कमजोर और सुस्त हो जाते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि बच्चों को पर्याप्त पोषक तत्वों से अधिक ऊर्जा मिलती रहे। बच्चे बहुत कम खाते हैं जिससे उन्हें कम शक्ती प्राप्त होती है। उनके भोजन के साथ ऊर्जा की मात्रा बढ़ाने के लिए और उनकी भूख को तृप्त करने के लिए अधिक ऊर्जा और समृद्ध खाद्य पदार्थों का प्रयोजन कीजिए जो कैलोरी में उच्च हो। नीचे दिए गए नुस्खा संग्रह से बच्चों की ऊर्जा बढाने की रेसिपी के साथ उनके खेल में भी अधिक उत्साह बढाइए। स्वस्थ ओट्स और एप्पल पॉरीज यह बच्चों को सुबह के नाश्ते के रूप में उतत्म आहार है। एक बार जब आपके बच्चे राजमा पालक चीज़ पराठा का स्वाद लेते हैं तो आप आश्चर्यचकित होंगे कि उनकी पसंदीदा सामग्री की सूची में सबसे उपर होते है। हरी मटर और स्प्रिंग प्याज सैंडविच बच्चों को ब्रेकफास्ट जरूर पसंद आएगी जिसमें कार्बोहाइड्रेट समृद्ध मात्रा में उपलब्ध होता है। नारियल चिया पुडिंग में मिले-जुले फल और अखरोट आपके बच्चों को सक्रिय करने के प्रर्याप्त माध्यम है। ज्यादातर बच्चे सब्जियां खाने से इनकार करते हैं, विशेष रूप से गाजर आप इस कॅरट केक को ऊर्जा और बीटा कैरोटीन से भरे अपने बच्चों के लिए एक स्वस्थ नुस्खा बना सकते हैं जो आंखों के लिए अच्छा है। प्रत्येक बच्चे को चॉकलेट बेहद पसंद आते हैं और आप चॉकलेट को ओट्स और अखरोट के साथ मिलाकर चॉकलेट अखरोट बॉल्स बना सकते है। गोभी और पनीर ग्रील्ड सैंडविच अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और थायमिन जैसे ऊर्जा बढ़ाता है। बनाना फ़ोल्डर्स बच्चों को उनके स्कूल के बाद या छुट्टी के दिनों में अन्य स्नैक्स के साथ परोसें, और उन्हें स्वेच्छा से जंक फूड के खाने से प्रतिबंध लगाए। सभी भोजन में प्रोटीन देने का प्रयास करें। स्प्राउट्स-एंड-कॉर्न-चटपाटा-चाट प्रोटीन से समृद्ध स्नैक एक बेहतरीन विकल्प का बड़ा उदाहरण है। अनानास केला योगहार्ट पेय खट्टा-मिठा स्वाद का एकदम सही मिश्रण है जो आपके बच्चों को स्वाद मे स्वादिष्ट और यह सुनिश्चित करता है जो बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस का एक अच्छा स्रोत है। आप अपने बच्चों को बीटा कैरोटीन और कैल्शियम बढ़ाने के लिए पपीता ग्रीन एप्पल और ऑरेंज स्मूदी दीजिए। यह एक ग्लास में भोजन की तरह है और न केवल तृप्त करता है बल्कि बहुत पौष्टिक और शक्ती प्रदान करता है। एक और अनूठा पेय कैरीबियाई कैलिस्पो है जो वास्तव में प्रोटीन, फाइबर, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम की उत्कृष्ट मात्रा में परिपूर्ण है।
९वीं से १२वीं तक के सभी सब्जेक्ट टीचर्स को बोर्ड के एग्जामिनेशन पोर्टल पर करें रजिस्टर। पटियाला. सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में १०वीं अौर १२वीं के पेपर चेक करने का मौका सिर्फ अनुभवी अध्यापकों को दिया जाएगा। आम तौर पर पेपर चेकिंग के लिए एग्जामिनेशन सेंटर्स में ड्यूटी देने के लिए स्कूल अपने रेगुलर और अनुभवी टीचर्स भेजने में आनाकानी करते हैं। वह नॉन रेगुलर और नए टीचर्स को पेपर चेक करने को भेजते हैं। स्कूलों की मनमर्जी के कारण सेंटर्स में एक तो पेपर चेकिंग में देरी होती है, दूसरा सेंटर्स को स्कूलों द्वारा भेजे नॉन रेगुलर और नए टीचर्स से पेपर चेक कराने के लिए समझौता करना पड़ता है। अब ऐसा नहीं चलेगा। सीबीएसई ने आदेश दिए हैं कि पेपर चेक करने के लिए रेगुलर या अनुभवी अध्यापक भेजने होंगे। ऐसा करने वाले स्कूलों की एफिलिएशन रद्द कर दी जाएगी। बोर्ड ने कहा कि सभी स्कूल पक्का करें कि ९वीं से १२वीं तक के सभी सब्जेक्ट टीचर्स को सीबीएसई के एग्जामिनेशन पोर्टल पर रजिस्टर करें ताकि टीचर्स का डाटाबेस बन सके। जिन टीचर्स की ड्यूटी एग्जामिनेशन में बोर्ड लगाएगा, उन्हें तत्काल रूप से रिलीव करें। उन टीचर्स को पहले से आइडेंटिफाई कर लें, जो कि एग्जामिनेशन ड्यूटी वाले टीचर्स की जगह पढ़ाएंगे ताकि एग्जामिनेशन ड्यूटी वाले टीचर्स का फोकस फेयर चेकिंग हो। साथ ही सभी टीचर्स को सीबीएसई की प्री इवेल्युएशन मैंडेटरी ट्रेनिंग में हिस्सा लेना होगा। बोर्ड ने कहा कि सेंटर द्वारा एग्जाम कंडक्ट कराने से लेकर पेपर चेकिंग तक में एग्जामिनेशन सेंटरों को सहयोग करना होगा। बोर्ड ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि एग्जामिनेशन में फेयर चेकिंग हो सके, इसके लिए हर स्कूल को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। एग्जामिनेशन सेंटरों के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एफिलिएशन बायलॉज के सेक्शन १७.२(ए) के मुताबिक अगर कोई स्कूल एडमिशन या एग्जामिनेशन या किसी भी एरिया में गलत व्यवहार करता है तो बोर्ड तत्काल रूप से स्कूल की एफिलिएशन वापस ले सकते हैं।
दसवीं व आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं गुरुवार को निर्धारित केंद्रों पर शुरू हुई। गांव महमदपुरा में परीक्षा केन्द्र पर कक्षाओं में परीक्षार्थियों की बैठक व्यवस्था को लेकर लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। उनका आरोप था कि परीक्षा केन्द्र पर नियम विरुद्ध तरीके से परीक्षार्थियों को अलग अलग कमरों में बिठाया गया है। वही कस्बे के राउमावि में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों ने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है। महमदपुरा के परीक्षा केन्द्र पर लोगों का आरोप था कि सरकारी स्कूलों की ओर से अपने विद्यालय के परीक्षार्थियों को अलग कक्षों में व निजी विद्यालय के परीक्षार्थियों को अलग कक्ष में बिठाया गया। वही परीक्षा केन्द्राधीक्षक सीताराम गुप्ता ने बताया कि परीक्षा केन्द्र पर बैठक व्यवस्था नियमों के अनुसार ही की गई है। निजी विद्यालय संचालकों की ओर से अनावश्यक विवाद पैदा किया गया है। राउमावि के केंद्राधीक्षक मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर बोर्ड की ओर से लगाए गए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। अभी तक कैमरे चालू नहीं हो पाए हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
इंटरनेट डेस्क : गर्मियों में अक्सर कई लोग बिना मोजों के ही जूतें पहनना प्रिफेयर करते है ताकि वह खुद के पैरों को आरामदायक फील करवा सकें तो कुछ लोग स्टाइलिश दिखने के चक्कर में ऐसा करते है। अगर आप भी ऐसा ही कुछ खुद को इस तरह से दिखाने के लिए करते है तो हो जाएं सावधान क्योंकि आपकी इस तरह की गलती आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है। जैसा की आपको पता है की गर्मी के मौसम में पैरों में बेहद पसीना आता है अगर हम पैरों में मौजे नही पहनते है तो बिना मौजों के ये सारा पसीना जूतों में आसानी से नहीं सूख पाता है। और पैरों में नमी बनी रहती है नमी रहने से धूल तो पैरों में चिपकती है साथ ही बैक्टीरिया भी पैरों में पनपते है, जिससे एथलीट फुट जैसी परेशानिया पैदा हो जाती है। पैरों में छाले जैसी दिक्कत हो जाती है बिना मौजो के लेदर और सिंथेटिक लेदर के जूते पहनने से हवा जूते के अंदर नहीं जा पाती है जिसकी वजह से धूल, पसीना और गंदगी पैरों में इकट्ठी होती है जिससे पैरों में इंफेक्शन जैसी परेशानियां पैदा हो जाती है । और पैरों में छाले पड़ जाते है। त्वचा संबधी रोगों से खुद को बचाने के लिए सबसे पहले हमेशा मोजों के साथ ही जूते पहनें, इसके अलावा आप जूते पहनने से पहले पैरों के तलवों को सूखाकर एंटीपर्सिपरेंट स्प्रे पैरों में होने वाली खुजली और दर्द की परेशानी इंग्नोर हो सकता है ये आपके जूतों की वजह से हो। मोजो को अगर पहन रहे है तो इस बात का ध्यान रखें की ज्यादा टाइट मोजे ना पहने इससे पैरों की नसें दबती है और आपके ब्लड सर्कुलेशन पर इसका असर होता है जो आपके रक्त संचार को ठीक तरह से नही होने देता है। सही फिटिंग के जूते पहनना आपके लिए बेहद कारगार है। कई लोग स्टाइल और पैसे बचाने के चक्कर में ऐसे जूतें पहनते है जिन्हे पहनकर चलने से आपको दिक्कत होती है इस तरह के जूतें आपके लिए नुकसानदयाक हो सकते है। गर्मी में खुद के पैरों को फंगल इंफेक्शन की परेशानी से बचाने के लिए आप जूतों को ढील करके पहने है और मोजे भी सही साइज के पहने है जो आपके पैरों के लिए आरामदायक होने के साथ पैरों में किसी भी तरह की परेशानी नही होने देंगे।
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वर्णिम मध्यप्रदेश का दावा करते हैं, मगर यहां के किसान सूदखोरों के चंगुल में हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि बीते तीन दिनों में कर्ज के बोझ से दबे प्रदेश के छह किसानों ने आत्महत्या कर ली. होशंगाबाद के बाबई में किसान द्वारा आत्महत्या करना शिवराज सरकार के उन दावों की कलई खोलती है, जो ० प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने का दावा करती है. अगर ० प्रतिशत बयाज पर कर्ज मिल रहा है, तो किसान सूदखोरों के चंगुल में आज भी क्यों हैं?
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता ओमपुरी के बयान की चारो तरफ निंदा की जा रही हैं। वही बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट कर दुख जाहिर किया तो दूसरी ओर यूपी के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल ने ओमपुरी के बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि ऐसे लोगों को गद्दार कहने में कोई हर्ज नही हैं। बता दे एक टीवी चैनल में ओमपुरी से पूछे सवाल पर शहीद का अपमान करते हुए कहा कि नितिन को किसने फौज में जाने के लिए कहा था। अनुपम खेर ने ओमपुरी के इस बयान पर दुख जताते हुए कहा कि मैं आपकी इज्जत करता हूँ मगर टीवी पर देश के लिए शहीद सैनिक के बारे में यह सुनकर दुख हुआ। उरी में हुए हमले के बाद पाक कलाकार की वापसी को लेकर देश के कलाकार बट गए हैं। अभिनेता ओमपुरी से पूछे गए सवाल पर उन्होंने देश के लिए शहीद सैनिकों की शहादत का अपमान किया हैं। ओमपुरी ने कहा कि कौन उन्हें जबरदस्ती फौज में भेजता हैं, किसने कहा था कि वे फौज में जाए। ओमपुरी के द्वारा दिए गए इस बयान के बाद सोशल मीडिया में जमकर बवाल मचा हुआ हैं। पूरा देश ओमपुरी के बयान से दुखी हैं और ओमपुरी की निंदा की जा रही हैं।
राज्य मध्य प्रदेश अन्य शहरफेसबुक पर धार्मिक टिप्पणी करने से दो समुदाय में तनाव, पुलिस ने छोड़े आंसू गैसफर्स्ट पबलिश्ड: १२/१४/२०१६ १२:२४:३७ प्म लास्ट उपड़टेड: १२/१४/२०१६ १२:२४:३७ प्म सागर।एक समुदाय विशेष को लेकर फेसबुक पर धार्मिक टिप्पणी किए जाने के बाद शहर के सदर क्षेत्र में मंगलवार की रात दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बन गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उपद्रवी भीड़ को काबू में करने के प्रयास किया। एक समुदाय विशेष के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी होने के बाद इस समुदाय की भीड़ ने मंगलवार रात संदिग्ध युवक का घर घेर लिया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस संदिग्ध आरोपी को घर से निकालकर थाने ले आई। इससे आक्रोशित भीड़ रात ९ बजे पूरे सदर इलाके में गाली-गलौच, नारेबाजी एवं पथराव करने लगी। क्षेत्र की दुकानें आनन-फानन में बंद हो गईं। घटना के तुरंत बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल एडिशनल एसपी पंकज पांडेय के नेतृत्व में मौके पर पहुंचा। पुलिस जब समझाकर दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन देने लगी तो समुदाय विशेष के लोगों ने पुलिस से भी झूमाझटकी की और पथराव किया। इस पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अश्रु गैस के गोले छोड़ना शुरू कर दिए। देर रात तक यहां तनावपूर्ण स्थिति बनी थी। पुलिस और एक समुदाय विशेष के लोगों के बीच झड़प के कई बार हालात बने। रात १०.३० बजे इलाके की चारों गलियों मेें बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हो गया है। पुलिस लोगों को वापस घरों में अंदर कर रही थी।
पूर्व पति का कहना है कि उन्हें संदेह हुआ कि पत्नी का मिस्टर लिऊ के साथ लंबा अफेयर था जिसे उन्होंने छिपाकर रखा। मिस्टर यांग ने स्थानीय अधिकारियों से भी अफेयर की शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया। कहीं से जवाब नहीं मिलने पर पति ने मीडिया के साथ फुटेज शेयर करने का फैसला किया। वहीं, उनकी पत्नी ने आरोपों को खारिज किया है और कहा कि है कि मिस्टर लिऊ और वह, एक सामान्य सहकर्मी रहे हैं। पूर्व पत्नी ने कहा कि मिस्टर लिऊ उस दिन नशे में थे और इसी वजह से ऐसा हो गया। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ एक बार हुआ। महिला ने कहा कि पूर्व पति की प्रतिक्रिया अपमानित करने वाली है। पूर्व पत्नी ने ये भी दावा किया कि वीडियो डैशकैम से नहीं बल्कि सीक्रेट कैमरा से पति ने रिकॉर्ड किया था। वहीं, स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, मिस्टर लिऊ मेयर के पद से रिटायर हो चुके हैं।
एक बहुत पुरानी कहावत है नीम हकीम खतरा-ए-जान। इसका अर्थ यह है कि ऐसा व्यक्ति जिसके पास डॉक्टरी का अधूरा ज्ञान है, वह आपकी जान खतरे में डाल सकता है। मधेपुरा जिले के पुरैनी मुख्यालय बाजार में कि पछले छः माह से आकर्षक और बड़ी-बड़ी डिग्री लिखी क्लिनिक उपचार के नाम पर सरेआम लोगों की जिन्दगी से खेलते रहे नीतु सेवा सदन के नाम से एक फर्जी क्लिनिक संचालित कर जहां अबतक सैकड़ों विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन को अंजाम दिया चुका है, वहीं उक्त क्लिनिक में जहां प्रसव के साथ-साथ, सिजेरियन ऑपरेशन तथा एपेंडिसाइटिस सहित विभिन्न प्रकार का ऑपरेशन भी किया जाता रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि नीतु सेवा सदन में अबतक जितना भी मरीजों का ऑपरेशन हुआ, उन्हें न तो पुर्जा दिया जाता है और न ही दवाई का वाउचर. सब मौखिक, यहां तक कि दवाई भी स्वयं नीतु सेवा सदन के द्वारा ही दिया जाता है। मामला प्रकाश में तब आया जब पुरैनी के डुमरैल निवासी मनोज राम की पत्नी किरण देवी का ऑपरेशन भी उक्त क्लिनिक में हुआ और जब ऑपरेशन के उपरान्त मरीज की हालत गंभीर हो गयी तो डाक्टर ने यहाँ उसे डरा धमका कर भगा दिया. फिर पीडिता के पति द्वारा अपनी पत्नी को पूर्णियां और फिर मायांगज, भागलपुर इलाज को ले जाया गया तो पता चला की मरीज अब बचने के लायक नहीं है. उधर गरीबी व बेबसी के मारे मनोज राम अपनी पत्नी को घर ले आए और मामले को लेकर थाना व पीएचसी में लिखित आवेदन देकर उक्त फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कारवाई की गुहार लगायी. लेकिन सप्ताह बीत गये कुछ नहीं हुआ. इसी बीच दूसरी तरफ बुधवार की देर रात्रि में मनोज राम की पत्नी किरण देवी सदा के लिए नींद में सो गई। मौत के बाद प्रशासन व डॉक्टर के खिलाफ आक्रोषित होकर परिजन शव को लेकर पुरैनी थाना पहुंचे जहां मृतका के पति के द्वारा पुरैनी थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी की मांग की गयी. वहीं शव को पोस्टर्माटम हेतु सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया गया। इस बाबत थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन ने बताया कि मृतका के पति द्वारा डॉक्टर के खिलाफ दिये गए आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. फिलहाल शव को पोस्टमार्टम हेतु मधेपुरा भेज दिया गया है।
बीजिंग, एएफपी। चीन ने कहा है कि अमेरिका के साथ ट्रेड वार खत्म करने के लिए बनी सहमति के उपायों को वह तत्काल लागू करेगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय का यह बयान कारोबारी विवाद सुलझाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच सहमति बनने के बाद आया है। दोनों नेताओं ने विवाद सुलझाने के लिए वार्ताकारों को ९० दिनों का समय देने पर सहमति जताई है। वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ फेंग ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि दोनों पक्षों के बीच जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, उन पर तत्काल अमल किया जाएगा। इनमें कृषि उत्पाद, एनर्जी, ऑटो और अन्य कुछ आयटम शामिल हैं। दोनों पक्ष बौद्धिक संपदा संरक्षण, तकनीकी सहयोग, बाजार पहुंच और न्यायोचित व्यापार पर बातचीत करेंगे और सहमति बनाने के लिए कठोर परिश्रम करेंगे। हालांकि प्रवक्ता ने चीन द्वारा किए जाने वाले उपायों के बारे में और विवरण नहीं दिया। इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा है कि व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीन कृषि, एनर्जी, औद्योगिक व अन्य उत्पाद बड़ी मात्रा में खरीदने को सहमत हो गया है। वह अमेरिकी किसानों से उत्पाद तुरंत खरीदना शुरू करेगा। दोनों पक्ष टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, बौद्धिक संपदा संरक्षण, साइबर अपराध, सेवा और कृषि क्षेत्र में ढांचागत बदलाव के लिए बातचीत करेंगे। चीन ने कहा कि वह अमेरिका के साथ अपने पक्ष में कारोबारी सरप्लस घटाने के लिए अमेरिका से ज्यादा उत्पादों का आयात करेगा। हालांकि उसने इसकी कीमत का उल्लेख नहीं किया है। ट्रंप ने कहा था कि चीन कारों पर ४० फीसद शुल्क हटाएगा लेकिन जाओ ने अपने बयान में इसका उल्लेख नहीं किया। जाओ का यह बयान कनाडा में हुआवे की शीर्ष अधिकारी की गिरफ्तारी से कुछ घंटों पहले आया। इस गिरफ्तारी से अमेरिका व चीन के बीच रिश्ते फिर प्रभावित हो सकते हैं। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रमुख रॉबेर्टो एजेवेडो ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल ट्रेड वार से सभी देशों को नुकसान होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना के शिकार हुए डब्ल्यूटीओ प्रमुख ने सुधारों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने उस बयान को खारिज कर दिया कि व्यापार के कारण नौकरियां जा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी त्रिपुरा में दो महत्वपूर्ण चुनावी रैलियों को संबोधित करने के लिए आज राज्य के दौरे पर आयेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने आठ फरवरी को पहला चुनावी दौरा किया था। राज्य में १८ फरवरी को विधान सभा चुनाव होना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी की रैलियों के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। प्रधानमंत्री दक्षिणी त्रिपुरा जिले के शांतिर बाजार में पहले चुनावी रैली को संबोधित करेंंगे और इसके बाद वह राजधानी अगरतला में एक महत्वपूर्ण जनसभा को संबोधित करेंगे। सबकी निगाहें श्री मोदी की चुनावी रैलियों पर होगी। गत विधान सभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत मात्र १.५७ था जो 20१4 के आम चुनाव में बढकर ५.७ प्रतिशत हो गया। इस बार पार्टी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है और यह 2५ साल से राज्य में शासन कर रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) को कड़ी टक्कर दे रही है। मोदी ने अपनी पिछली चुनावी रैली में राज्य की माणिक सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि इस राज्य को गलत 'माणिक' मिल गया है, उसे 'हीरा' की जरूरत है। माणिक गलत तरीके से धारण किया जाये तो वह नुकसान पहुंचाता है। हीरा से उनका अभिप्राय हाईवे, आईवेज, रोड्स और एयरवेज था। इस बीच कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कैलाशहर में पार्टी की चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए आने वाले हैं। त्रिपुरा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बिराजित सिन्हा कैलाशहर से दूसरी बार चुनाव मैदान में खड़े हैं। सिन्हा त्रिकोणीय चुनौती का समाना कर रहे हैं। माकपा के उम्मीदवार एम अली और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के उम्मीदवार नीतीश देव से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। देव माकपा छोड़कर भाजपा में आये हैं। राज्य की ६० सदस्यीय विधानसभा के लिए १८ फरवरी को मतदान होगा और तीन मार्च को चुनाव परिणाम घोषित किये जाएंगे।
एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वस्थ हड्डियों और जोड़ों की आवश्यकता होती है। इसलिए बेहतर हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आपको हड्डियों को मजबूत रखने वाले खानपान को अपनी डाइट में शामिल करने की आवश्यकता है। हड्डियों के बेहतर विकास के लिए आपको बचपन से ही अपने आहार में कुछ आवश्यक पोषक और खनिज पदार्थों को शामिल करना जरूरी है। हड्डियों से संबंधित बीमारियों के खतरे को रोकने के लिए, माता-पिता को अपने बच्चों और खुद स्वस्थ खानपान जैसे- दूध के सेवन पर जोर देना चाहिए। क्योंकि एक स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने में एक स्वस्थ आहार और जीवनशैली प्रमुख भूमिका निभाती है। आइए यहां हम आपको इस लेख में हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए इन जरूरी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हड्डियों को मजबूत रखने के लिए डेयरी उत्पाद काफी मददगार होते हैं। आप मजबूत हड्डियों के लिए नियमित रूप से दूध और दूध से बने अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि यह कैल्शियम से भरपूर होते हैं। विटामिन डी और कैल्शियम दोनों ही आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। स्वस्थ हड्डियों के निर्माण और रखरखाव के लिए विटामिन डी और कैल्शियम का सेवन आवश्यक है। इसलिए आप कैल्शियम से भरपूर दूध और अन्य डेयरी उत्पाद को अपने आहार में शामिल करें।इसके अलावा, सूरज की रौशनी के साथ ही विटामिन डी के लिए आप मशरूम, फैटी फिश, पनीर, अंडे और अन्य विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर में खून की कमी से लेकर इम्युनिटी को बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार है। सिर्फ डेयरी उत्पाद ही नहीं, बल्कि हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम का दूसरा अच्छा स्रोत है। हरी पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम के साथ ही अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। इसलिए आप अपनी हड्डियों को मजबूत करने और हड्डियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पालक, केल, सरसों का साग और चुकंदर का साग का सेवन करें, यह सभी कैल्शियम के कुछ स्रोत हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन क भी होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम कर सकता है। स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए आप प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करें। नॉनवेजिटेरियन लोग खाने में चिकन आदि का सेवन कर सकते है। लेकिन वेजिटेरियन लोग वेजिटेरियन प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल करें। जिसमें कि वेजिटेरियन प्रोटीन में आप पनीर और टोफू जैसे शाकाहारी प्रोटीन के अच्छे स्रोतों को शामिल कर सकते हैं। ये कैल्शियम से भी भरपूर हैं और आप इन्हें अपनी डाइट में कई तरीको से भी शामिल कर सकते हैं। जैसे कि सब्जी या फिर सलाद या सैंडविच के रूप में सेवन। हड्डियों को मजबूत रखने के लिए नट्स और बीज भी काफी फायदेमंद माने जाते हैं। कुछ नट्स और बीज स्वस्थ वसा, प्रोटीन, मैग्नीशियम, ओमेगा -३ फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। आप अपने बेहतर हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अखरोट, ब्राजील नट्स, बादाम, पिस्ता और अलसी के बीज, चिया सीड्स को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
मवाना/मेरठ। मवाना में शनिवार देर रात बदमाशों और पुलिस में मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने जैसे ही टाटा पिकअप गाड़ी को रोकने का प्रयास किया तो बदमाशों ने साइड मारकर पुलिस की गाड़ी को पलटने की कोशिश की। इस दौरान दोनों बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी और गाड़ी दौड़ा दी। पुलिस ने करीब तीन सौ मीटर तक पीछा किया। इस दौरान एक बदमाश जंगल में फरार हो गया। जबकि १५ हजार का इनामी पैर में गोली लगने से घायल हो गया। घटना की सूचना पाकर एसपी देहात फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। एसपी देहात राजेश कुमार के अनुसार, बहसूमा-फलावदा रोड पर पुलिस को पिकअप गाड़ी में दो बदमाशों को आने की जानकारी मिली। चेकिंग कर रहे मवाना इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट ने बदमाशों का पीछा किया। बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी में साइड मार दी। जिससे पुलिस की गाड़ी पलटने से बमुश्किल बची। वहीं, बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों बदमाश पिकअप गाड़ी लेकर भाग निकले। इसके बाद दोनों बदमाश गाड़ी छोड़कर पैदल ही जंगल की ओर भागने लगे। पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक बदमाश को टांग में गोली लग गई। हालांकि दूसरा बदमाश मौके से फरार हो गया। इंस्पेक्टर मवाना मनीष बिष्ट ने बताया कि घायल बदमाश मवाना के काबली गेट निवासी शराफत पुत्र अशरफ है। शराफत १५ हजार का इनामी है। उसके खिलाफ २३ मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। बदमाश से तमंचा व कारतूस मिले हैं। पुलिस ने पिकअप गाड़ी बरामद की है। उसमें चोरी की दो बाइक भी मिली हैं। इनामी बदमाश की काफी दिन से तलाश चल रही थी। जबकि उसका फरार साथी योगेश निवासी अगवानपुर है। मुठभेड़ में घायल बदमाश शराफत को अस्पताल में भर्ती कराया है। पूछताछ में शराफत ने बताया कि वह वाहन चोरी के बाद कबाड़ियों को बेचता है। शराफ त लिसाड़ीगेट के रसीदनगर में किराए पर रह रहा है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है। जिसमें कई ऐसे वादे किये गए हैं जिनमें दिल्ली वाले घोषणापत्र की झलक दिखाई देती है। इसमें मुफ्त बिजली, सस्ता खाना, शिक्षकों की भर्ती जैसे वादे शामिल हैं। इस घोषणापत्र में आम आदमी पार्टी ने दलित कार्ड भी चला है। जिसके तहत कहा गया है कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो किसी दलित को पंजाब का डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। हाल ही में एक चुनावी सभा में दिल्ली के डिप्ट सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि केजरीवाल पंजाब के सीएम होंगे। उसके बाद से ही लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या दिल्ली छोड़कर केजरीवाल पंजाब का रुख करेंगे। सूत्रों के मुताबिक भी इस तरह की चर्चा सामने आ रही है कि केजरीवाल की दिलचस्पी दिल्ली से ज्यादा पंजाब में है। राहुल ने भी अपनी मजीठा की जनसभा में कहा कि केजरीवाल दिल्ली के भी सीएम रहना चाहते हैं और पंजाब का भी सीएम बनना चाहते हैं। आप के घोषणापत्र में ४०० यूनिट तक बिजली बिल आधा करने का वादा किया गया है। साथ ही ५ रुपये की थाली भी दी जाएगी। इस घोषणापत्र में यूपी के सीएम अखिलेश यादव की तर्ज पर विद्यार्थियों को लैपटॉप देने का भी वादा किया गया है। ये लैपटॉप ८वीं क्लास के बच्चों को दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने एक महीने में पंजाब को नशामुक्त बनाने का वादा भी किया है।
आईपीएल में आज कोलकाता नाइटराइडर्स ( क्क्र) और मुंबई इंडियंस (मी) के बीच टूर्नामेंट का ५६ वां मुकाबला खेला जाएगा। मुकाबला मुंबई के होम ग्राउंड वानखेड़े स्टेडियम (वंखेड़े स्टेडियम) में रात ८ बजे से खेला जाएगा। कोलकाता (कोलकाता) के कप्तान दिनेश कार्तिक इस मैच के जरिए आखिरी बार प्लेऑफ में जगह बनाने की पूरी कोशिश करेगी। बता दें कि कोलकाता नाइट राइडर्स (कोलकाता कनिट राइडर्स) को प्लेऑफ में जगह पक्की करने के लिए ये मैच जीतना बेहद जरूरी है। कोलकाता १३ मैचों में से ६ मैच जीतकर इस सीजन में अंकतालिका (पॉइंट टेबल) में पाचवें पायदान पर है। वहीं दूसरी ओर मुंबई (मुंबई इंडियंस) की टीम इस सीजन में खेले गए कुल १३ मैचो में ८ जीत और ४ हार के साथ अंकतालिका (पॉइंट टेबल) में तीसरे स्थान पर है। दोनों टीमों के पास एक से बढ़कर एक बल्लेबाज और गेंदबाज है। कोलकाता नाइट राइडर्स (कोलकाता कनिट राइडर्स) को जहां आंद्रे रसेल (एंद्रे रसेल) के अलावा पिछले मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाले शुभमन गिल (सुभनाम गिल) से एक बार फिर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। साथ ही गेंदबाजी में एक बार फिर कोलकाता को सुनील नरेन, कुलदीप यादव और संदीप वारियर से उम्दा प्रदर्शन की उम्मीद होगी। वहीं मुंबई इंडियंस (मुंबई इंडियंस) की टीम को कप्तान रोहित शर्मा (रोहित शर्मा) के अलावा हार्दिक पांड्या (हार्दिक पंड्या) से एक बार फिर शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी। वहीम गेंदबाजी में एक बार फिर जसप्रित बुमराह (जस्प्रीत बुमराह) और लसिथ मलिंगा पर खास नजर रहेगी। कोलकाता नाइट राइडर्स ( क्क्र): क्रिस लिन, शुभमन गिल, रॉबिन उथप्पा, नितीश राणा, दिनेश कार्तिक (च), आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, रिंकू सिंह, कुलदीप यादव , पीयूष चावला, संदीप वारियर, हैरी गर्न।
अमिताभ बच्चन की यह एक्ट्रेस है २१ सालो से फिल्मो से दूर , अब है ३ बच्चो की माँ ! बॉलीवुड में बहुत सी ऐसी एक्ट्रेस है जो अपने समय की हिट थी लेकिन शादी के बाद वह गायब हो जाती है ! आज हम बात कर रहे है ऐसी एक एक्ट्रेस की जिन्होंने अपना करियर साउथ फिल्म इंडस्ट्री से शुरू किया था और बॉलीवुड के महानायक के अमिताभ बच्चन के साथ कई हिट फिल्मो में काम किया और फिर सालो बीत गए उन्हें किसी ने नहीं देखा ! हम बात कर रहे एक्ट्रेस माधवी की , १४ सितंबर, १९६२ को हैदराबाद में जन्मी माधवी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साउथ की फिल्मो से की थी ! साउथ की फिल्मों धूम मचाने के बाद माधवी ने बॉलीवुड फिल्मों में कई स्टार्स के साथ काम किया ! माधवी ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म गिरफ्तार में काम किया था ! जिसका गाना धूप में निकला न करो रूप का रानी.. बेहद हिट रहा था ! उसके साथ माधवी ने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म अंधा कानून और अग्निपथ में काम किया था ! माधवी ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत साल १९८१ में आयी फिल्म एक दूजे के लिए से की थी ! इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड की अंधा कानून , अग्निपथ , स्वर्ग , सत्यमेव जयतेकई फिल्मो में काम किया ! माधवी की आखिरी फिल्म साल १९९४ में आयी खुदाईथी ! माधवी के धार्मिक गुरु थे स्वामी रामा थे ! स्वामी ने उनकी मुलाकात न्यू जेर्सी के फार्मास्यूटिकल बिजनेसमैन राल्फ शर्मा से करवाई थी ! माधवी और राल्फ की मुलाकात २३ साल की उम्र में हिमायल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड फिलोसॉफी में हुई थी ! राल्फ से कुछ हफ्तों की मुलाकात के बाद दोनों दोनों में प्यार हो गया और माधवी और राल्फ ने ने १४ फरवरी, १९९६ को शादी कर ली ! स्वामी रामा ने ही माधवी की शादी करवाई थी ! फिल्मो से दूर माधवी अब माधवी अपनी फैमिली के साथ न्यू जर्सी में रहती है ! माधवी और राल्फ की ३ बेटिया है प्रिस्सिल्ला, टिफनी और इवेलीन ! माधवी अपने समय की कामयाब अभिनेत्रियों में से शामिल थी ! उन्होंने अपने फिल्मी करियर में करीब ३०० से भी जायदा फिल्मो में अभिनय करा है ! इटावा की लड़की साउथ मूवी इंडस्ट्री में मचा रही है तहलका !
ज्युपिटर एट ऑपऑजिशन २०२० : जुलाई में आसमान में दिखेंगे कई खगोलीय नजारे, सितारों की बारित तो कई ग्रह आएंगे एक सीध में। ज्युपिटर एट ऑपऑजिशन २०२० : भोपाल (नवदुनिया रिपोर्टर)। जुलाई महीने में पानी बरसने के साथ ही आकाश में कई खगोलीय घटनाएं भी नजर आएंगी। ५ जुलाई को चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह देश में दिखाई नहीं देगा। १४ जुलाई को ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि १४ जुलाई की शाम को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। इस शाम जब सूर्य पश्चिम में अस्त हो रहा होगा तब पूर्व में गुरु ग्रह (जुपिटर) उदित हो रहा होगा। गुरु ,पृथ्वी और सूर्य के एक सीध में आ जाना 'जुपिटर एट अपोजिशन' कहलाता है। इस पूरी रात आकाश में जुपिटर रहेगा। इस समय इसे देखा जाना सबसे अच्छा होगा क्योंकि यह हमसे करीब होगा। २० जुलाई को सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। २८ जुलाई को मौसम साफ रहने पर रात में तारों की बारिश दिख सकती है। उन्होंने बताया कि २० जुलाई अमावस्या की शाम को आकाश में चांद तो नहीं दिखेगा लेकिन सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। इसे 'सेटर्न एट अपोजिशन' कहते हैं। पृथ्वी के पास होने से इसे टेलिस्कोप से देखने पर इसके रिंग और इसके कुछ चंद्रमा देखे जा सकते हैं। २२ जुलाई को सूर्यादय के ठीक पहले पूर्वी आकाश में बुध ग्रह (मरकरी)को आकाश में देखा जा सकेगा। इस दिन यह सूर्य से २० डिग्री ऊपर उठा दिखेगा। इसे मरकरी एट ग्रेटेस्ट वेस्टर्न इलोंगेशन की घटना कहते हैं। २८ जुलाई की रात को आकाश में टूटते तारों की औसत बरसात देखी जा सकेगी। इसे डेल्टा एक्यूरिड मेटियोर शॉवर कहते हैं। पांच जुलाई के दिन गुरु पूर्णिमा पर सुबह जब भारत में चंद्रमा आकाश से विदा हो चुका था तब दक्षिण-उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी अफ्रीका में होने जा रही शाम के दौरान चंद्रमा के अस्त होते हुए उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई दिया। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया।
अध्ययन का विषय समाज और उसके विकास का भौगोलिक संगठन है। प्रस्ताव पर पाठ्यक्रम विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों से संबंधित हैं: निपटान की प्रणाली का विश्लेषणात्मक और सिंथेटिक मूल्यांकन और शहरीकरण की प्रक्रिया; क्षेत्रों के श्रेणीबद्ध संगठन; सामाजिक और आर्थिक घटनाओं के क्षेत्रीय भेदभाव और उनके कंडीशनिंग कारकों की भूमिका की पहचान। अपने लागू आयाम के संदर्भ में, यह अध्ययन क्षेत्रीय विकास, प्रशासनिक विभाजन और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक घटनाओं के स्थानीय पहलुओं से संबंधित है। सामाजिक पारिस्थितिकी की संबंधित समस्याओं सहित समाज और उसके पर्यावरण के बीच बातचीत के अध्ययन के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। आगे और अधिक विशिष्ट अध्ययन के अवसर सामाजिक-आर्थिक भूगोल के कई उप-क्षेत्रों के विषयों के संबंध में पेश किए जाते हैं, जैसे कि प्रवासन संबंधों की संरचना और विकास और उनकी प्रेरणा (जनसंख्या भूगोल); भूमि उपयोग (कृषि का भूगोल); स्थानीय कारक (उद्योग का भूगोल) और केंद्रों की सेवा सुविधाओं (सेवाओं का भूगोल) के श्रेणीबद्ध भेदभाव। प्रवेश परीक्षा के दौरान, उम्मीदवार को दिए गए कार्यक्रम का अध्ययन करने के लिए तकनीकी और भाषाई कौशल का प्रदर्शन करना चाहिए, साथ ही वैज्ञानिक कार्यों के लिए आवश्यक विशेषताओं के साथ। परीक्षा को अधिकतम १०० अंकों के साथ वर्गीकृत किया गया है, जिनमें से १० बिंदुओं को अध्ययन सामग्री के अधिक विशिष्ट विचार और स्वैच्छिक आवेदन परिशिष्ट में योजनाबद्ध शोध कार्य के लिए एक बोनस के रूप में सम्मानित किया गया है, जिसमें शोध प्रबंध विषय, एक संक्षिप्त उद्धरण, इस तरह के डॉक्टरेट प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए प्रत्याशित पर्यवेक्षण विभाग और एक विशिष्ट पर्यवेक्षक की सहमति। यह स्नातक एक टीम में या एक व्यक्ति के रूप में रचनात्मक और वैज्ञानिक कार्यों के लिए अच्छी तरह से तैयार है। वह / वह सामाजिक-भौगोलिक वातावरण के घटकों का विश्लेषण करने में सक्षम है, और व्यापक रूप से अपने बदलते स्थानिक संगठन का विश्लेषण और मूल्यांकन करने के साथ-साथ सामाजिक और प्राकृतिक परिस्थितियों, सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रणालियों के बीच बातचीत, इन सभी के उपयोग के माध्यम से। जीआईएस। वह विभिन्न स्थानिक स्तरों पर क्षेत्रीय विकास पर वैज्ञानिक अनुसंधान की रूपरेखा तैयार करने में सक्षम है। वह नीति-निर्माण और वाणिज्यिक गतिविधियों के बारे में सलाह देने के लिए तैयार है, और सार्वजनिक प्रशासन, योजना और परामर्श में शामिल है, उदाहरण के लिए क्षेत्रीय और शहरी विकास, उपनगरीयकरण, परिधीय क्षेत्र, जनसंख्या गतिशीलता, आर्थिक गतिविधियों का स्थान, बाजार अनुसंधान राष्ट्रीय, यूरोपीय और वैश्विक स्तरों पर।
हिसार। हिसार की सेंट्रल जेल में एक हवालाती पर बुधवार की रात चार हवालातियों ने हमला कर दिया। आरोपियों ने शेविंग ब्लेड से वार किए। घायल अवस्था में हवालाती को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मामला पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक हिसार की केंद्रीय कारागार प्रथम में हवालाती कर्ण उर्फ सोना पुत्र सतीश कुमार पर हांसी के साथ हवालाती मोनू पुत्र रणबीर, संजीव पुत्र देवीलाल, सुरजीत उर्फ गोगी पुत्र फुल कुमार व सुनिल उर्फ बच्ची ने झगड़ा करके हमला कर दिया। आरोपियों ने शेविंग ब्लेड से हमला कर उसे घायल कर दिया। शोर मचाने पर जेल वार्डन ने हमलावरों को मौके से खदेड़ा और घायल कैदी को उपचार के लिए सिविल अस्पताल भिजवाया। मामला पुरानी रंजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। जांच जारी है।
१०३४ डेयरियां हैं शहर के रिहायशी इलाकों में। डीएम ने की नगर आयुक्त और एसएसपी संग बैठक। २० तक का समय खुद नहीं हटे तो जबरन हटाए जाएंगे। लखनऊ, जेएनएन। रिहायशी इलाकों में चल रही अवैध डेयरियों की वजह से दरुगध और सड़कों पर घूमते मवेशियों से जल्द राहत मिलेगी। अफसरों का दावा है कि २१ जून से शहरी इलाके में अवैध डेयरियां नजर नहीं आएंगी। शहरवासियों की परेशानी का कारण बनीं १०३४ अवैध डेयरियों को हटाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। दरअसल, हाईकोर्ट ने २१ मई को अपने आदेश में बेसहारा पशुओं को पकड़ने के साथ ही डेयरियों को शहरी सीमा से हटाने को कहा था। इसी के मद्देनजर मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. कौशल राज शर्मा ने एसएसपी कलानिधि नैथानी और नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि डेयरियां हटाने की कार्ययोजना बन गई है। डेयरी संचालकों को बीस जून तक पशुओं को शहर से बाहर ले जाने को कहा गया है, अगर तय समय पर यह नहीं हुआ तो २१ जून से नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस डेयरियों को बलपूर्वक हटाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम की गिनती में डेयरियों की १०३४ संख्या और वहां पशुओं के मात्र आठ हजार पता चली थी। हालांकि इस संख्या पर पर सवाल खड़े हुए। हकीकत यह है कि एक डेयरी में बीस से लेकर पचास तक पशु हैं। खदरा में कुछ साल पहले संक्रामक रोगों से हुई मौतों के लिए डेयरियों की गंदगी को कारण माना गया था। नालियों में ही गोबर को बहाया जाता है। पुलिस व नगर निगम की सेहत का कारण बनी डेयरियों के संचालक दंबगई भी करते हैं और शिकायतकर्ता को धमकाते भी हैं। कल्याणपुर में तो विरोध करने वालों को डेयरी संचालकों ने मारा पीटा भी था। २७ मई १९९९ को भी हाईकोर्ट ने शहरी सीमा से डेयरियों को हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर नगर निगम व पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाते हुए करीब ३५ सौ डेयरियों को शहरी सीमा से बाहर किया था। शहरी सीमा में दोबारा डेयरी न चलें, यह जिम्मा पुलिस का था। इसके बावजूद ये डेयरियां फिर खुल गई हैं। इसके बाद कोर्ट ने २१ मई को फिर डेयरियां हटाने का आदेश दिया। डेयरियां शिफ्ट करने के लिए वर्ष १९९९ में हाईकोर्ट के आदेश पर कैटल कॉलोनी बनी थी। बालागंज, पारा के मुन्नू खेड़ा में अैर इंदिरानगर तकरोही में यह कॉलोनी बनी थीं, यहां डेयरियां खुलीं, कुछ दिन बाद फिर डेयरियां शहर में पहुंच गईं। हाईकोर्ट सख्ती दिखाता है तो डेयरियां हटाने की कवायद शुरू हो जाती है। इस बार फिर तेजी दिखाई जा रही है। अब देखना है कि इस बार कवायद कितनी सफल हो पाती है। फैजाबाद रोड पर चिनहट, सीतापुर रोड पर सेमरा गांव, कानपुर रोड पर दारोगा खेड़ा, सुलतानपुर रोड पर कटाई का पुल, रायबरेली रोड पर पीजीआइ के आगे ही डेयरियां खोली जा सकती हैं। गोमतीनगर के ग्वारी, उजरियांव, जियामऊ, इंदिरानगर, अलीगंज, जानकीपुरम, आलमबाग, सवरेदयनगर, रहीमनगर, कल्याणपुर, महानगर, कानपुर रोड एलडीए कालोनी, मानसनगर, आलमनगर, कृष्णानगर, खदरा, डालीगंज, त्रिवेणीनगर समेत शहर के अन्य क्षेत्रों में।
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि भारत विज्ञान क्षेत्र में प्रगति के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित ८० से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया वैज्ञानिक नवोन्मेष को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वह आज यहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) द्वारा वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के प्रसार में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। हर्षवर्धन ने कहा कि भारत विज्ञान क्षेत्र में प्रगति के मामले में आज दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित ८० से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है। इनमें ४४ विकसित देश हैं। उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय थर्टी मीटर टेलिस्कोप टीएमटी परियोजना में शामिल है और इसके लिए लगभग १३०० करोड़ रुपए की मदद कर रहा है। यह मदद नकद के रूप में नहीं, बल्कि कलपुर्जों के रूप में है। कलपुर्जों में लेंस भी शामिल हैं। परियोजना की कुल लागत १.४७ अरब डॉलर है। मंत्री ने कहा कि हम इस तरह के अपने अनुभव से कह सकते हैं कि भारत १९ नहीं, २० है। उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) देश को विज्ञान के क्षेत्र में ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर काम कर रही है। दुनिया के १,२०३ सरकारी अनुसंधान संगठनों में भारत की सीएसआईआर आज शीर्ष १2वें स्थान पर है। वहीं, दुनिया के कुल ५,१47 अनुसंधान संगठनों में से सीएसआईआर शीर्ष १00 संगठनों में शामिल है और इसका ९९वां नंबर है। मंत्री ने कहा कि भारत की विज्ञान वृद्धि दर कुल अंतरराष्ट्रीय विज्ञान वृद्धि दर के मुकाबले काफी ज्यादा है। नैनो प्रौद्योगिकी में देश आज तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि यह भारत ही है जो एक साथ १०४ उपग्रह कक्षा में स्थापित कर सकता है। हर्षवर्धन ने कहा कि देश की सुनामी चेतावनी प्रणाली एक बेहतरीन प्रणाली है तथा भारत आज अन्य तटवर्ती देशों को भी सुनामी पूर्व चेतावनी जारी करता है। यह देश के वैज्ञानिकों की काबिलियत की वजह से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए छोटे विमान बनाने पर भी काम कर रहे हैं। वैज्ञानिक नवोन्मेष के प्रचार-प्रसार में मीडिया काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है और वह निभा भी रहा है।
दिल्ली से पेरिस जा रही एयर फ्रांस की एक फ्लाइट में उस वक्त यात्रियों के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब उनसे तकनीकी खामी के कारण विमान से उतर जाने को कहा गया। नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उस वक्त यात्रियों के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब उनसे तकनीकी खामियों के कारण विमान से उतर जाने को कहा गया। ये लोग एयर फ्रांस की उड़ान संख्या एएफ२२५ में सवार हुए थे, जो दिल्ली से पेरिस जा रही थी। इसी बीच एयर फ्रांस के कर्मचारियों ने किन्हीं 'तकनीकी खराबी' का हवाला देते हुए २६ यात्रियों से अपने सामान के साथ उतर जाने को कहा, ताकि विमान उड़ान भर सके। इसका एक एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एयर फ्रांस के स्टाफ यात्रियों से अपने सामान के साथ स्वेच्छा से विमान से उतर जाने के लिए कहते हैं। उन्होंने यात्रियों से कहा कि कुछ तकनीकी खराबी के कारण विमान के उड़ान भरने में दिक्कत आ रही है और इसलिए कुछ यात्रियों का सामान उतारा जाएगा, जिसके बाद ही विमान उड़ान भर सकेगा। ऐसे में कुछ यात्रियों का विमान से उतर जाना आवश्यक है, ताकि यह उड़ान भर सके। उन्होंने यह फैसला यात्रियों को स्वेच्छा से करने के लिए कहा। पहले तो यात्रियों को कुछ समझ नहीं आया, पर बाद में कई यात्री विमान से उतर गए। घटना मंगलवार आधी रात के आसपास हुई। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि जिन यात्रियों को विमान से उतरने के लिए कहा गया था, उन्हें वापस अगली फ्लाइट से पेरिस भेजा गया या नहीं, जैसा कि आम तौर पर ऐसे मामलों में होता है। फ्रांस के नाइस एयरपोर्ट पर इसी से मिलती-जुलती एक अन्य घटना में जब यात्री को यह बताया गया कि उसका बैग बहुत भारी है और उन्हें चेक-इन करने के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा तो उन्होंने बिना देरी किए एयरपोर्ट पर ही एक-एक कर १५ शर्ट पहन लिए, ताकि वह अपना सामान हल्का कर सकें। बाद में उनके बेटे ने एक ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी और वीडियो भी शेयर किया, जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्होंने अतिरिक्त शर्ट और जंपर्स पहन रखे हैं। यह शख्स ग्लासगो का रहने वाला बताया जा रहा है, जो फ्रांस के नाइस एयरपोर्ट से एडिनबर्ग जा रहा था।
योग और ध्यान के सकारात्मक प्रभावों के बारे में तो हम सब जानते हैं। पुरातन भारतीय पद्धति को अब पूरी दुनिया में मान्यता मिल चुकी है। पश्चिमी देशों में ध्यान और योग के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर व्यापक स्तर पर शोध व अध्ययन कार्य हो चुका है और यह काम निरंतर चल रही है। ताजा अध्ययन में ध्यान के एक और गुण का पता चला है। इस अध्ययन में कहा गया है कि सर्दी के मौसम में होने वाले सर्दी और बुखार को रोकने के लिए ध्यान लगाना बहुत प्रभावी सिद्ध हो सकता है। अमेरिका स्थित विस्कंसिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार, ध्यान लगाने या चलने फिरने जैसा हल्का व्यायाम सर्दी और बुखार से बचाने में मददगार साबित होता है। अध्ययन में पाया गया कि ध्यान लगाने या फिर चलने-फिरने जैसा हल्का व्यायाम करने वाले व्यस्क आठ सप्ताह तक उन लोगों के मुकाबले सर्दी से कम पीड़ित रहे, जो ऐसा कुछ भी नहीं करते थे।पिछले अध्ययन में पाया गया था कि ध्यान लगाने से मूड में सुधार और तनाव में कमी होने के साथ ही प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। हिंदू वेदों में ध्यान के संदर्भ में विस्तार से मिलता है। पांचवीं से छठी शताब्दियों के दौरान ध्यान लगाने के अन्य तरीके ताओ चीन और बौद्ध भारत में विकसित हुए। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की खबर के अनुसार, अध्ययनकर्ताओं ने १४९ लोगों को तीन समूहों में बांटा। एक समूह ने सचेत ध्यान लगाया। यह ऐसा ध्यान है जिसमें दिमाग को वर्तमान पर केंद्रित किया जाता है। दूसरे समूह ने आठ सप्ताह तक लगातार दौड़ लगाई जबकि तीसरे समूह ने कुछ भी नहीं किया। शोधकर्ता सितंबर से मई तक इन लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते रहे। हालांकि उन्होंने यह जांच नहीं की कि क्या ये लोग आठ सप्ताह के समय के बाद भी व्यायाम व ध्यान कर रहे हैं या नहीं। इन लोगों में जुकाम, घुटन, गले में खराश, छींक जैसे सर्दी और बुखार के लक्षणों की जांच की गई।इकट्ठे किए गए नमूनों का विश्लेषण लक्षण शुरू होने के तीन दिन बाद किया गया। अध्ययन में पाया गया कि ध्यान लगाने वालों ने कुछ न करने वालों की तुलना में ७६ प्रतिशत कम छुट्टियां लीं। जबकि व्यायाम करने वालों ने इस दौरान ४८ प्रतिशत कम छुट्टियां लीं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि सचेत ध्यान के जरिए सांस संबंधी संक्रमणों की अवधि को ५० प्रतिशत तक घटाया जा सकता है और व्यायाम से इसे ४० प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यह अध्ययन एन्नाल्स ऑफ फैमिली मेडिसिन में प्रकाशित किया गया था। ध्यान सकारात्मक प्रभाव। मलेरिया के बुखार से कैसे करें बचाव पेट दर्द से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों से दूर रखते हैं ये ५ फूड हाइपरटेंशन से दिल पर क्या असर पड़ता है। कंगना का फैशन सेन्स है सबसे जुदा कैंसर से बचाव के लिए मां का दूध है फायदेमंद सर्दियों में अपने बच्चे को फ्लू से ऐसे बचाएं!
नयी दिल्ली/एजेंसी. कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका में स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। इसको लेकर हाल ही में खबर आई है कि अमेरिका में बीते २४ घंटे के दौरान ५१८ लोगों की मौत हो गई हैं। वह इस संक्रमण लोगों की संख्या भी लगातार तेजी से बढ़ रही है। इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मौत का आंकड़ा २ लाख तक हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने बताया कि अमेरिका में लॉक डाउन को ३० अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है और आने वाले २ दिन बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस वो वाइट हाउस से करेंगे। जिसमें वह रणनीति के बारे में और कई सरकारी घोषणाओं के बारे में भी ऐलान कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि १२ अप्रैल को ईस्टर है और ईस्टर एक बड़ा फेस्टिवल है। तब तक अमेरिका में मौत का आंकड़ा पीक पर होगा। ऐसे में हम सभी को गाइड लाइंस का पालन करना होगा। जो इस महामारी को रोकने में सक्षम है और वहीं दूसरी तरफ हम जल्द ही जून तक इसे रिकवर करेंगे और मौत का आंकड़ा भी तब तक कम हो सकता है। बता दे कि अमेरिका में ग्रामीण इलाकों में शहरों के मुकाबले ज्यादा मामले सामने आए हैं। वही न्यूयॉर्क शहर में अब तक सबसे ज्यादा संख्या में तो किस संख्या में मिली है। बीते रविवार तक अमेरिका में मौत का आंकड़ा २,4२5 पहुंच गया। तो वहीं १,३९,००० से ज्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं।
राजधानी स्थित एम्स में सर्जरी के लिए लंबा इंतजार कर रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अस्पताल के नए सर्जिकल ब्लॉक की शुरुआत अप्रैल तक हो जाएगी। एम्स के उपनिदेशक शुभाशीष पांडा ने बताया कि एम्स में १२ ऑपरेशन थियेटर और २०० बेड वाला सर्जिकल ब्लॉक बनकर तैयार है। एम्स के नए सर्जिकल ब्लॉक की खास बात यह होगी कि यहां डे-केयर सर्जरी की सुविधा मिलेगी। यानी, मरीज को सर्जरी के लिए सुबह बुलाया गया और शाम तक ऑपरेशन कर उसे छुट्टी दे दी जाएगी। एम्स के जनरल सर्जरी विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, फिलहाल उनके यहां सिर्फ चार ऑपरेशन थियेटर हैं। ऐसे में अधिकतर मरीजों को भर्ती करना पड़ता है। १२ ऑपरेशन थियेटर और शुरू होने पर डे केयर सर्जरी हो सकेंगी। एम्स के नए सर्जिकल ब्लॉक में २० बेड (गहन चिकित्सा कक्ष) आईसीयू के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अलावा यहां रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी जैसी सभी सुविधाएं एक स्थान पर मौजूद होंगी। लोगों को एमआरआई, सीटी स्कैन आदि के लिए दूसरी जगहों पर नई भागना पड़ेगा। जांच की सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं सर्जिकल ब्लॉक में ही उपलब्ध होंगी। यहां वैस्कुलर सर्जरी, थोरेसिक सर्जरी की भी सुविधा होगी। एम्स में जनरल सर्जरी के लिए फिलहाल १०० बेड उपलब्ध हैं। अप्रैल में नया ब्लॉक शुरू होने पर २०० बेड बढ़ जाएंगे। पिछले साल संस्थान ने एक साल में एक लाख ९४ हजार सर्जरी कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया था। साल २०१५ में २.१९ लाख मरीजों की भर्तियां की गईं, जबकि १.७० लाख मरीजों के ऑपरेशन किए गए। इस पूरे साल में एम्स की ओपीडी करीब ३५ लाख मरीजों की रही। साल २0१6 में सर्जरी की संख्या १ लाख ७६ हजार ८४३ हुई। जबकि, इसी साल एम्स में २.३४ लाख मरीजों को दाखिला मिला और ओपीडी में 4१ लाख मरीजों ने इलाज पाया। साल २0१7 में एम्स ने १ लाख ९४ हजार मरीजों के ऑपरेशन किए हैं, जबकि भर्ती मरीजों की संख्या २.४५ लाख और ओपीडी ४३ लाख दर्ज की गई।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा और अंतिम मैच जारी है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने दो विकेट के नुकसान पर ३०० रन बना लिए हैं। वहीं, इस मैच के दौरान कप्तान विराट कोहली ने भी एक उपलब्धि हासिल की है। बताते चलें, २९ वर्षीय कोहली इस उपलब्धि को हासिल करने वाले ११वें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। वह सबसे तेजी से ५,००० रन पूरे करने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। भारतीय बल्लेबाजों में दिग्गज सुनील गावस्कर ने सबसे तेजी से टेस्ट प्रारूप में ५,००० रन पूरे किए। उन्होंने 9५ पारियों में यह कारनामा किया।
मुह जॉब्स २०१९ वरिष्ठ सहायक, स्टेनो और अन्य नौकरी रिक्तियों को भरने के संबंध में मुह भर्ती २०१९ अधिसूचना। सरकारी संगठन आईटीआई, १२ वीं, स्नातकोत्तर योग्यता वाले पात्र उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करता है। ये ९५ वरिष्ठ सहायक, स्टेनो और अन्य पोस्ट मुह, नासिक, महाराष्ट्र में हैं। मुह जॉब्स २०१९ के लिए नौकरी के आवेदन ०९ अगस्त २०१९ को ११:५९ बजे तक या उससे पहले ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। आवश्यक विवरणों को समझने के लिए, हमने भर्ती अधिसूचना में सभी भर्ती विवरण जैसे ऑनलाइन फॉर्म शुल्क, योग्यता, रिक्ति विवरण, आयु सीमा, वेतनमान आदि का उल्लेख किया है। हालाँकि, अधिक जानकारी के लिए, आधिकारिक अधिसूचना पीडीएफ भी संलग्न है। ०८ ई) किसी भी वैधानिक विश्वविद्यालय की डिग्री। ई) एक प्रतिष्ठित संगठन में वरिष्ठ क्लर्क या समकक्ष पद के रूप में ६ साल का प्रशासनिक अनुभव। ३) किसी भी प्रतिष्ठित संगठन में स्टेनोग्राफर (लोअर ग्रेड) के रूप में न्यूनतम 0३ वर्ष का अनुभव। ०२ ई) किसी भी वैधानिक विश्वविद्यालय के वाणिज्य में डिग्री। ई) प्रतिष्ठित संगठन में खातों या लेखा परीक्षा के क्षेत्र में न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव। प्रतिष्ठित संगठन में स्टेनो-टाइपिस्ट के रूप में न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव। ०६ ई) किसी भी वैधानिक विश्वविद्यालय की डिग्री। ई) वरिष्ठ क्लर्क के रूप में न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव या किसी प्रतिष्ठित संगठन में समकक्ष। सरकार द्वारा जारी व्यावसायिक प्रशिक्षण (न्क्टवट) सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रिकल सुपरवाइज़र सर्टिफिकेट में नेशनल काउंसिल फॉर ट्रेनिंग के साथ किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से २ साल का इलेक्ट्रीशियन / वायरमैन ट्रेड पास होना चाहिए, २ साल का पास होना चाहिए आई.टी.आई. (इलेक्ट्रीशियन या वायरमैन) किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कोर्स, साथ में सरकार से इलेक्ट्रिकल ट्रेनिंग का १ साल का लाइसेंस। ई) सरकारी औद्योगिक / शैक्षिक संस्थान में इलेक्ट्रीशियन या समकक्ष पद के लिए न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव, सबस्टेशन, उच्च वोल्टेज, जनरेटर, टेलीफोन, एयर कंडीशनर, आवासीय विद्युतीकरण का ज्ञान होना। २) फोटोग्राफी या कमर्शियल आर्ट्स या फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा हो या मान्यता प्राप्त बोर्ड की फोटोग्राफी या सिनेमैटोग्राफी में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स पास किया हो। ०८१) एक उम्मीदवार ने ह.स.च परीक्षा उत्तीर्ण की होगी। २) ४० व.प.म.इन अंग्रेजी और ३० व.प.म्म मराठी से कम की गति के लिए टाइप करने की सरकारी वाणिज्यिक प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है। ३) सरकार की सेवा में पहले से ही आयु १८ वर्ष से कम नहीं होगी। १२१) माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है। २) ८० व.प.म से कम नहीं की गति के अधिकारी। आशुलिपि में। ३) ४० व.प.म.इन अंग्रेजी और ३0 व.प.म.इन मराठी से कम की गति के लिए टाइपिंग की सरकारी वाणिज्यिक प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है। ०१ई) किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या वैधानिक विश्वविद्यालय से फोटोग्राफी के साथ लागू कला या ललित कला या व्यावसायिक कला में डिप्लोमा। ई) ४० व.प.म से कम की गति के लिए टाइपिंग की सरकारी वाणिज्यिक प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है। अंग्रेजी में और ३० डब्ल्यू.पी.एम. मराठी में। २) उम्मीदवार को आईटीआई का प्रमाणित इलेक्ट्रिशियन कोर्स उत्तीर्ण होना चाहिए। ३) सरकार के इलेक्ट्रीशियन का लाइसेंस होना चाहिए। ०११) मोटर वाहन वाहन अधिनियम, १९८७ के तहत एक भारी वाहन या जीप की मोटर कार चलाने के लिए एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करें। २) मैनुअल काम करने की क्षमता होनी चाहिए। कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर। पात्र उम्मीदवार १८ जुलाई २०१९ को सुबह ०६:०० बजे से ०९ अगस्त २०१९ तक रात ११:५९ बजे तक महापरीक्षा की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं (सीधा लिंक नीचे दिया गया है)।
१. अपने ओवन को ४२५ डिग्री फारेनहाइट तक गरम करें। उबलते नमकीन पानी के बड़े बर्तन में, पैकेज निर्देशों के अनुसार पास्ता को पकाएं। निकालें और एक तरफ सेट करें। २. एक छोटे कटोरे में, पंको, दौनी, और परमेसन को गठबंधन करें। रद्द करना। ३. मध्यम-उच्च पर एक बड़े स्किलेट में, जैतून का तेल जोड़ें। नमक और काली मिर्च के साथ चिकन, मौसम जोड़ें, और लगभग ८ मिनट के माध्यम से पके हुए तक सौत जोड़ें। चिकन को प्लेट में स्थानांतरित करें। ४. उसी पैन में जिसे आप चिकन पकाते थे, लहसुन, मटर, मशरूम, प्याज, और घंटी काली मिर्च जोड़ें। मशरूम नरम होने तक सॉट करें, ३ से ५ मिनट। ५. गर्मी को मध्यम-कम तक कम करें। आटा, चिकन शोरबा, और दही जोड़ें। कुक, जब तक सॉस मोटा हो, ६ से ८ मिनट तक, अक्सर स्टिरिंग। अच्छी तरह से संयुक्त जब तक चिकन और हलचल जोड़ें। गर्मी से निकालें। यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त नमक और काली मिर्च के साथ मौसम। ५. १२ क्स ६ बेकिंग टिन में, आरक्षित गेहूं पास्ता और सॉस जोड़ें। गठबंधन करने के लिए मिलाएं। पुलाव पर पंको मिश्रण छिड़के। तब तक सेंकना जब तक कि भूरा सुनहरा भूरा न हो, २० से 2५ मिनट। ओवन से निकालें, थोड़ा ठंडा करने की अनुमति दें, अजमोद, टुकड़ा, और सेवा के साथ शीर्ष। ४ सर्विंग्स बनाता है।
१०२ नॉट आउट में अमिताभ बच्चन १०२ वर्षीय व्यक्ति का किरदार निभाएंगे। फिल्म में वह पृथ्वी पर सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं। मंगलवार को इस फिल्म का पहना गाना बच्चे की जान लोगे क्या सामने आया। अमिताभ बच्चन का ये अवतार आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। मुंबई. 'ओह माइ गॉड', 'आल इज वेल', 'फुल एंड फाइनल' जैसी फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक उमेश शुक्ला की अगली फिल्म १०२ नॉट आउट में आपको १०२ साल के अमिताभ बच्चन दिखाई देंगे। ये फिल्म ४ मई को रिलीज होगी। मंगलवार को इस फिल्म का पहना गाना बच्चे की जान लोगे क्या सामने आया। अमिताभ बच्चन पर फिल्माए इस गाने को आवाज दी है मशहूर गायक अरिजीत सिंह ने और इसका संगीत दिया है सलीम-सुलेमान ने। खासबात ये है कि अरिजीत सिंह ने पहली बार अमिताभ बच्चन के लिए गाना गाया है। महानायक अमिताभ बच्चन के अलावा अभिनेता ऋषि कपूर और और परेश रावल इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं। बच्चे की जान लोगे क्यागीत में अमिताभ बच्चन एक अनोखे अवतार में नजर आए हैं। अमिताभ बच्चन का ये अवतार आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। इस गाने में अमिताभ बच्चों के साथ फुटबॉल खेलते हैं और अपने बेटे को प्यार करने के तरीके सिखाते हैं। ये गाना जितनी बेहद मस्ती भरे तरीके से फिल्माया गया है उतनी ही मस्ती के साथ अरिजीत ने इसे गाया है। इससे पहले २८ मार्च को इसका ट्रेलेर रिलीज हुआ था जिसमें अमिताभ और ऋषि अपने बुढापे को एन्जॉय करते दिख रहे हैं। अमिताभ मस्ती में बाजा बजा रहे हैं और नाच रहे हैं, तो ऋषि योगा करते नजर आ रहे हैं। दोनों एक दूसरे के साथ बीच रास्ते पर बारिश में नाचते नजर आ रहे हैं। इस मस्ती मजाक के बीच भावनाएं भी हैं, तो बीमार होने पर एक दूसरे का ख्याल भी रखवाती हैं। टीजर से साफ है कि ये एक बाप बेटे की बेहद खूबसूरत लव स्टोरी है। टीजर में बस एक डायलॉग है वो भी अमिताभ का। अमिताभ कहते हैं कि एक बेटे को वृद्धाश्रम भेजने वाला मैं पहला बाप बनूंगा। इसस पहले फिल्म का पोस्टर जारी किया गया था। पोस्टर जारी करते हुए अमिताभ ने लिखा था- ये पहला पोस्टर, एक अनोखी गाथा, पिता पुत्र की... ४त मई। महानायक अमिताभ बच्चन, ऋषि और परेश रावल इस फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म में परेश रावल उनके बेटे के रूप में नजर आएंगे। ये फ़िल्म लेखक- निर्देशक सौम्या जोशी के कामयाब गुजराती नाटक '१०२ नॉट आउट' का फ़िल्म रूपांतरण है।
रायपुर(रेल्टाइम्स) बहुचर्चित अंतागढ़ टेप कांड़ (एंटागढ़ तपे केश)के केंद्र बिंदु पूर्व विधायक मंतुराम पवार (मंतुरम पॉवर)को भाजपा (ब्जप)ने पार्टी से बाहर कर दिया है। शनिवार ७ तारीख को जब उन्होंने धारा १६४ के तहत कलमबंद बयान दर्ज करवाया था,तभी से माना जा रहा था कि मंतुराम का पार्टी निकाला तय है,लेकिन पार्टी ने पूरे तीन दिन बाद यह कदम उठाया। दूसरी ओर पार्टी से बाहर होने के फौरन बाद मंतुराम ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह पर निशाना साधा है,सवाल उठाया है कि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है। मंतुराम ने पूरे पांच साल बाद अपना बयान बदला है। इस शनिवार को रायपुर में मजिस्टेट के समक्ष जो बयान दिया है उसमें जुबान पूरी तरह उलटी हुई है। अभी का बोला सच माना जाएगा या पहले वाला झूठ सही होगा इसका फैसला जांच एजेंसिया और न्यायालय करेगा,लेकिन खास बात ये है कि इस पूरे मामले में दो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह व अजीत जोगी सपरिवार निशाने पर आ गए हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस अंतागढ़ टेप कांड़ का पीड़ित पक्ष है। २०१४ में जब भूपेश बघेल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद हुए पहले चुनाव में कांग्रेस की जमकर किरकिरी इस चुनाव ने करवाई थी,तब कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतुराम ने नामांकन वापसी के बाद मैदान छोड़कर कांग्रेस को चुनाव मैदान से बाहर कर दिया था। इसके बाद जब अंतागढ़ से जुड़े टेप सामने आए तो पता लगा कि साढ़े सात करोड़ रूपए की डील करके मैदान छुड़वाया गया। मंतुराम ने पांच साल बाद यही बात कानूनी रूप से उगली है। तब से प्रदेश की सियासत में डॉ.रमन सिंह निशाने पर आ गए हैं, उनके साथ अजीत जोगी अमित जोगी, भाजपा सरकार के पूर्व पीडब्लुडी मंत्री राजेश मूनत के खिलाफ मामले का शिकंजा कस सकता है। इसी केस के चक्कर में जोगी परिवार कांग्रेस से बाहर हुआ है, साथ ही यह मामला भाजपा के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। मंतूराम पवार के भाजपा से निष्कासन के समाचारों पर कांग्रेसंचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है की मंतूराम जब तक भाजपा और भाजपा की बी टीम के कहने से काम करते रहे तब तक रमन सिंह और धर्म लाल कौशिक तक ने उनका स्वागत किया अभिनंदन किया। अंतागढ़ मामले में सच बोलते ही मंतूराम को भाजपा ने निकाल बाहर किया। इससे स्पष्ट है कि भाजपा में सच बोलने वालों की कोई जगह नहीं है। मंतूराम के कांग्रेस प्रवेश के सवालों पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मंतूराम पवार हमारे संपर्क में नहीं है । अभी मंतूराम पवार का कांग्रेस प्रवेश के लिए कोई आवेदन कांग्रेस को नहीं मिला है। कांग्रेस प्रवेश के आवेदनों पर गुण दोष के आधार पर नेतृत्व द्वारा विचार किया जाता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि अंतागढ़ में जिस प्रकार से पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, पूर्व पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी ने सात करोड़ देकर लोकतंत्र की हत्या की और अब भाजपा के कार्यकारिणी सदस्य मंगतूराम ने कोर्ट में धारा १६४ के तहत बयान दर्ज करवाया तो भाजपा और उनके बी-टीम में खलबली मच गयी और अग्रिम जमानत के लिये न्यायालय में दौड़ लगा रहे है। तात्कालीन कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल पर जब जमीन आंबटन मामले में रमन सरकार ने आरोप लगाया तो उन्होंने बिना देरी किये दस्तावेजो सहित ईओडब्लू ऑफिस परिवार सहित पहुंचकर अपने और परिवारजनों पर लगे झूठे एवं बेबुनियाद आरोपो का बिन्दुवार जवाब भी प्रस्तुत किया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके परिजनों को झूठे जमीन आंबटन मामले में फसाने वाले षडयंत्रकारी उस समय भूपेश बघेल को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये थे क्योंकि वो पाक साफ और बेदाग थे। तिवारी ने कहा है कि पुलिस जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनित गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी से वाइस सैंपल मांग रही है तो वे पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे है और न्यायालय की शरण में अग्रिम जमानत के लिये गुहार लगा रहे है। स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस प्रकार बिना डरे कानून का सामना किया और ईओडब्लू ऑफिस में प्रस्तुत भी हुवे, उनके द्वारा कभी भी न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिये गुहार भी नहीं लगाया गया था तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनित गुप्ता, अजित जोगी, अमित जोगी और राजेश मूणत क्यों भयभीत है कुछ ने अग्रिम जमानत ली हुई है और कुछ अग्रिम जमानत के लिये आवेदन प्रस्तुत किये हुये है। क्यों नहीं वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरह निडर होकर कानून का सामना नहीं कर पा रहे और न ही अपना वाईस सैंपल दे रहे है। इससे छत्तीसगढ़ की जनता समझ चुकी है कि भाजपा और उनकी बी-टीम ने ही अंतागढ़ चुनाव में लोकतंत्र की खरीद-फरोख्त करके छत्तीसगढ़ को पूरे विश्वपटल में शर्मशार किया था।
मुंबई। रोहित शेट्टी की गोलमाल-४ के लिए कलाकारों की भर्ती में अब तेजी आ रही है। इस फिल्म की टीम में एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है, वो नाम है नील नितिन मुकेश, जो पहली बार इस टीम के साथ काम करने जा रहे हैं। इसी महीने होने वाली अपनी शादी की तैयारियों में बिजी नील को लेकर खबर है कि वे अप्रैल में इस टीम से जुड़ेंगे। इस फिल्म के अलावा नील नितिन मुकेश मधुर भंडारकर की नई फिल्म इंदू सरकार में भी काम कर रहे हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा १९७५ में आपातकाल लागू किए जाने की घटना को लेकर बन रही इस फिल्म में नील के किरदार को लेकर कहा जा रहा है कि वे संजय गांधी के रोल में हैं। नील के अलावी पिंक फेम कीर्ति खुल्लर और अनुपम खेर भी इस फिल्म का हिस्सा हैं। गोलमाल-४ की कास्टिंग की बात करें, तो अजय देवगन के अलावा अब तक इस फिल्म में परिणीती चोपड़ा, जो पहली बार उनके साथ जोड़ी बनाने जा रही हैं, के अलावा हाल ही में तब्बू के नाम की घोषणा की गई है। खबरों की मानें तो, मुरली शर्मा, मुकेश तिवारी, संजय मिश्रा और जॉनी लीवर के नाम भी तय किए जा चुके हैं। फरवरी के अंत में गोवा में गोलमाल-४ की शूटिंग शुरु होगी।
नई दिल्ली। देश में स्टेनलेस स्टील के प्रति व्यक्ति खपत आठ साल में शत प्रतिशत से अधिक बढ़कर २०१९ में २.५ किलो प्रति व्यक्ति पर पहुंच गयी जो वर्ष २0१0 में १.२ किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी। इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) की स्थापना की ३०वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह के उद्घाटन के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह अब भारत प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील खपत के लिहाज़ से विश्व के शीर्ष १५ देशों में शामिल हो गया है। आईएसएसडीए के नेतृत्व में घरेलू स्टेनलेस स्टील उद्योग के सहयोगात्मक प्रयास और इस्पात मंत्रालय की उद्योग समर्थक नीतियों की मदद से यह मील का पत्थर हासिल करना संभव हुआ। वास्तुशिल्प, भवन एवं निर्माण (एबीसी), वाहन, रेलवे एवं परिवहन (एआरटी), प्रसंकरण उद्योग एवं घरेलू उपयोग के उपकरण और रसोई के बर्तन आदि जैसे विभिन्न खंडों में स्टेनलेस स्टील की मांग बढ़ने के कारण प्रति व्यक्ति खपत में बढ़ोतरी संभव हुई। कुलस्ते ने कहा कि भारत के लिए २.५किलो प्रति व्यक्ति खपत के उपभोग स्तर तक पहुंचना गर्व की बात है। भारत में स्टेनलेस स्टील की मांग की वृद्धि दर ६ से७ प्रतिशत वार्षिक है, जो दुनिया में सबसे अधिक भी है क्योंकि स्टेनलेस स्टील की मांग सीधे आर्थिक विकास से जुड़ी है। स्टेनलेस स्टील से न केवल जीवन चक्र लागत कम होती है, बल्कि जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है। आईएसएसडीए के अध्यक्ष के के पाहुजा ने कहा कि भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए दिशा निर्देशक के तौर पर आईएसएसडीए अपनी स्थापना के समय से ही विभिन्न उद्योगों में स्टेनलेस स्टील के नए उपयोग किस्म के उपयोग को प्रोत्साहन दे रहा है। बहुत कम समय में ही २.५ किलो प्रति व्यक्ति खपत का स्तर प्राप्त करने के साथ भारत एक ऐतहासिक मोड़ पर पहुँच गया है और उन देशों की कतार में शामिल हो गया है जहाँ स्टेनलेस स्टील की खपत अधिक है। भारत स्टेनलेस स्टील के लिए सबसे अधिक तेज़ी से वृद्धि दर्ज़ करता बाज़ार है। आईएसएसडीए घरेलू उद्योग और सरकार को अपने निरंतर सहयोग के प्रति आभार जताता है ।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में कुछ खास इलाकों में कारखाने लगाने पर एक्साइज ड्यूटी में मिलने वाली छूट के चलते बड़े निवेश करने वाली कंपनियों को दिक्कत नहीं होगी क्योंकि सरकार गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स सिस्टम के तहत रीइंबर्समेंट स्कीम लागू करने की दिशा में काम कर रही है। जीएसटी सिस्टम में किसी भी तरह की टैक्स छूट की व्यवस्था नहीं है और टैक्स रिफंड के रूप में ही इंसेंटिव्स दिए जा सकते हैं। स्पेशल कैटेगरी वाले राज्यों और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर के राज्यों में कारखाने लगाने वालों को एक्साइज ड्यूटी जैसे सेंट्रल टैक्स और उन राज्यों में एरिया बेस्ड एग्जेम्प्शन स्कीम के तहत राज्य स्तर के कुछ करों को चुकाने से छूट मिलती है। ऐसा इन राज्यों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि जीएसटी लागू करने से पहले स्कीम लागू कर दी जाएगी। ऑटोमोबाइल, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टरों की कई कंपनियों ने इन राज्यों में यूनिट्स लगाई हैं। उनके लिए रिम्बर्समेंट स्कीम अहम है क्योंकि इससे उनके प्रॉडक्ट्स की प्राइसिंग पर असर पड़ेगा। दूसरे अधिकारी ने कहा, 'मामला जल्द सुलझा लिया जाएगा।' ३० जून को आधी रात से लागू हुए जीएसटी ने १७ केंद्रीय और राज्य स्तरीय करों के अलावा २३ सेस की जगह ली है। प्रॉडक्ट्स के आधार पर मिलने वाले कई एग्जेम्प्शंस इस नए इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम के तहत खत्म कर दिए गए हैं, लेकिन एरिया बेस्ड एग्जेम्प्शंस को बचाया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार आंशिक राहत ही देगी यानी सेंट्रल जीएसटी के केंद्र सरकार वाले हिस्से पर। राज्यों को स्टेट जीएसटी वाले हिस्से पर अलग से निर्णय करना होगा। अभी पूर्ववर्ती एक्साइज फ्री जोन की यूनिट्स को जीएसटी (सेंट्रल जीएसटी सहित) चुकाना होगा। उनके पास यह टैक्स चुकाने के लिए २० अगस्त तक का वक्त है। उसके पास उन्हें सीजीएसटी कंपोनेंट के रिफंड के लिए क्लेम करना होगा। इसकी गाइडलाइंस जल्द आने की उम्मीद है।