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तक़लीद जो सहाबा के ज़माने में वाजिब नहीं थी बाद में कैसे वाजिब हो गई? सहाबा इकराम के ज़माने में क़ुरआन ए मजीद को किसी भी हरूफ में पढ़ना जाएज़ था (जो उस दौर में राइज थे ) हज़रत उस्मान गनी रदिअल्लाहो अन्हो ने तमाम हर्फो मे लिखे हुवे नुस्खों में रिवाज को रोक दिया और सिर्फ हर्फ़ ए (रस्म) क़ुरैश को बाक़ी रखा, अब इसी का पढ़ना वाजिब है। अल्लाह के रसूल सलल्लाहो अलैहि व सल्लम के ज़माने में क़ुरआन किताब की शक्ल में नहीं था, बाद में इस का किताब की शक्ल में छापना वाजिब हो गया। हुज़ूर सलल्लाहो अलैहि व सल्लम के इब्तिदाई ज़माना में हदीस लिखना मना थी, बाद में इसे वाजिब कर दिया गया। क्या बुखारी मुस्लिम रसूलुल्लाह सलल्लाहो अलैहि व सल्लम या सहाबा के ज़माने में थी? जैसे वो वाजिब हुवा वेसे ही ये भी वाजिब है गैर मुक़ल्लिदीन के नज़दीक फुरुई मसाईल में चार इमामो की तक़लीद शिर्क है मगर क़ुरआन पढ़ने में 10 कारियों की तक़लीद जाएज़ है और ये खुद पूरी ज़िन्दगी क़ुरआन ब रिवायत ए हफ़्स पढ़ते हैं, और रिवायत में मोहसीन की अंधी तक़लीद करते हैं अजीब बात है जो तमाम मुसलमानो के लिए शिर्क है वो इनके लिए इस्लाम है। हम गैर मुक़ल्लिदीन से कहते हैं तक़लीद जाएज़ है या नजाएज़ उम्मत को इस मसले पर मत लढाओ... बल्कि जो मसले उम्मत तक़लीद करके उम्मत लेती है तुम बिना तक़लीद क़ुरआन व हदीस से साबित करदो हम तक़लीद छोड़ देंगें... और ज़्यादा नहीं बस दो मसाईलः1) फ़र्ज़, वाजिब, सुन्नत, मुस्तहब, मुबाह, हराम, मकरूह वगैरह किसे कहते हैं? 2) नमाज़ के अरकान और शरायित किसे कहते हैं? ये बस दो मसले हैं और सिर्फ यही माहिरीन फन की मदद के बगैर साबित करदो तो हम तक़लीद छोड़ देंगे और अगर न कर सके (और वल्लाह हरगिज़ नहीं कर सकते) तो वल्लाह अपनी ज़िद छोड़ दो और इफ्तराके उम्मत की वजे न बनो... हम पूरे यकीन से कहते हैं तुम मुफ़स्सिरीन व मोहद्देसीन की तक़लीद के बिना इन मसाईल को क़यामत तक क़ुरआन व हदीस से नहीं बता सकते... दोस्तों अहदीस ए मुबारक पर उस वक़्त तक अमल मुमकिन नहीं जब तक आईम्मए मुजतहेदीन की तक़लीद न की जाए, यानी जिन हदीसों को मोहह्वेसीन ने सही कहा इस पर अमल करना जिसे ज़ईफ़ कहा उसे तर्क करना तब तक मुमकिन नहीं जब तक आईम्मए हदीस की तसहीह व तहसीन व तज़ईफ में तक़लीद न की जाये... अब तफ़सील इसकी समझिये अहदीस की सेहत व ज़ओफ का रावियाने हदीस के हालात पर, तसहीह व तज़ईफ और तहसीन में एतमाद आईम्मए हदीस के अक़वाल पर है। मसलन इमाम बुखारी ने बुखारी शरीफ में तक़रीबन 4000 हदीसे पेश की हैं, अब इन चार हज़ार हदीसों को न अल्लाह पाक ने सहीह कहा, न उसके रसूल सलल्लाहो अलैहि व सल्लम ने बल्कि इमाम बुखारी ने उसूल ए हदीस की रौशनी मे या अपने इज्तिहाद से सही कहा, और जिस तराह चार इमाम नबी या रसूल नहीं, वेसे इमाम बुखारी भी नबी और रसूल नहीं हैं। इसलिए वो भी मासूम नहीं, उन से भी गलती का इमकान है। ताज्जुब की बात ये है के इमाम बुखारी के गैर मासूम होने के बावजूद गैर मुक़ल्लिदीन तक़लीद ए शकसी करते हुवे बुखारी शरीफ की सभी हदीसों को सही मानते हैं। हालांके बुखारी की अहदीस की सेहत का दारोमदार इमाम बुखारी के कयास व इज्तिहाद और उसूल ए हदीस पर है, न इन पर कोई वही आई न ये नबी व रसूल की तराह मासूम हैं। जब गैर मुक़ल्लिदीन किसी इमाम के इज्तिहाद को हुज्जत नहीं समझते हैं और हुज़ूर सलल्लाहो अलैहि व सल्लम के अलावा हर इमाम की तक़लीद को चाहे वो इमाम ए फिक हो या इमाम ए हदीस कुफ्र व शिर्क करार देते हैं... जैसे इनका खुद नारा हैः अहले हदीस के दो उसूल फरमान ए खुदा और फरमान इ रसूल सलल्लाहो अलैहि व तो हम बजा तौर पर गैर मुक़ल्लिदीन से इस सवाल का हक़ रखते हैं की अहदीस की सही में इमाम बुखारी की तक़लीद शख्सि करते हुवे कुफ्र व शिर्क कैसे तस्लीम वर्ज का रंग कैसे इख़्तियार कर लेता है? ये पूछते हैं आप इमाम बुखारी के मुक़ल्लिद हैं या नहीं? आगर हैं तो खुद अपने फतवे की रु से काफिर व मुशरिक हुवे और अगर नहीं हैं तो हदीसों को कैसे सही मान लिया गया जिसे इमाम बुखारी ने सही कहा क्या इमाम बुखारी नबी हैं? रसूल हैं? मासूम हैं? इनका क़ोल दीन में हुज्जत है? जवाब जो भी देना सोच समझ कर देना और साथ में एक ऐसी हदीस भी ज़रूर दिखाएँ जिस में लिखा हो के इल्म ए हदीस में मुहद्दिसीन की तक़लीद तो जाएज़ है, मगर इल्म एफिक में मुजतहेदीन की तक़लीद हराम है। न खंजर उठेगा न तलवार तुमसे ये बाज़ू मेरे आज़माये हुवे हैं। हक़ीक़त यही है के गैर मुक़ल्लिदीन हदीस की सेहत या ज़ओफ के लिए इमाम बुखारी रहमतुल्लाह ताला अलैहि की तक़लीद करते हैं, और साथ ही साथ दूसरों के लिए इसे शिर्क कहते हैं, अगर गैर मुक़ल्लिदीन इस मसले में इमाम बुखारी की तक़लीद ए शकसी नहीं करते तो अल्लाह को समी व बसीर जान कर और आख़िरत के सवाल को पेशे नज़र रख कर बताएं के क्या इनकी जमाअत के हर फर्द ने बुखारी शरीफ की तमाम हदीस व रिवायात को नकदी व नज़र की कसोटी पर परख कर उनकी रिवात और उनकी सिफत की छान बीन की है? अगर कोई गैर मुक़ल्लिद ऐसा दावा करता है की मेने बुखारी शरीफ की तमाम हदीसों की छान बीन करली है और मेने अपनी तहक़ीक़ की बिना पर इनकी सेहत का यकीन किया है तो ये शख़्स 16 आने झुटा है। क्योंकि गैर मुक़ल्लिदीन में कोई माई का लाल ऐसा नहीं जो इल्म ए हदीस में इतना बढ़ा अल्लामा हो की अपने इज्तिहाद से इन पर सेहत का हुक्म लगा सके... अगर हम मान भी ले के वाक़ई इस शख्स ने ये अज़ीम कारनामा अंजाम दिया है के उलूम ए हदीस में इमाम बुखारी सा मक़ाम हासिल किया, और अपने इज्तिहाद से बुखारी शरीफ की हदीस की सेहत पर हुक्म लगाया है तो अब बताए के इस एक की तहक़ीक़ पूरी अहले हदीस जमाअत के लिए काफी है, बकिया लोगों को तो फिर भी इसकी तहक़ीक़ करनी ही होगी। हमे मालूम है की गैर मुक़ल्लिदीन में जहाला की कसरत ज़्यादा है और जो बेचारे थोड़े बहुत पढ़े लिखे हैं वो भी इस काबिल नहीं जो इस अज़ीम काम को अंजाम दे सके। अब दो सूरतें है एक ये की उस शख्स की तक़लीद करें जो इस बात का मुद्दई है के मेने आज के दौर में तमाम अहदीस की तहक़ीक़ की दूसरी ये के इमाम बुखारी की तहक़ीक़ पर भरोसा करे, और तहक़ीक़ का चक्कर छोड़ दें मगर ये सूरतें हर हाल में गैर मुक़ल्लिदीन के लिए गले की हड्डी है, के दोनों सूरतों में तक़लीद के सिवा चारा नहीं है, तक़लीद से बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है की तमाम गैर मुक़ल्लिदीन बुखारी शरीफ की तमाम अहदीसों की फिर से तहक़ीक़ शुरू कर दें। हासिल ए क़लाम ये के आईम्मए अहदीस को सही, हसन, ज़ईफ़, मर्सल, मुदलिलस, मुहकिम, मुअल्लिम, मुअल्लिक, मारूफ़, मुज़तरीफ, मोज़ूअ, मुसहिफ, शाज़ वगैरह क़रार देना इनके अपने जन और इज्तिहाद की बिना पर है... जब गैर मुक़ल्लिदीन बाज़ अहदीस को छोड़ते और बाज़ पर अमल करते हैं तो ये इनकी आईम्मए अहदीस की तक़लीद है, क़ुरआन व हदीस के इन ठेकेदारों का अजीब हाल है एक तरफ तो तक़लीद को कुफ़्र व शिर्क क़रार देते हैं और दूसरी तरफ मोहद्देसीन के अक़वाल की तक़लीद भी करते हैं... उम्मीद हे तक़लीद की बरकत और तर्क ए तक़लीद के नुक्सानात आप अच्छि तराह समझ गए होंगें। अल्लाह पाक हम सब सुन्नी जन्नती बरेलवी मुसलमानो को तमाम बातिल फित्नों, फ़िरक़ों, जमातों, तहरीकों और तंजीमों से महफूज व मामून फरमा कर सिराते मुस्तकीम पर चलाये। वमा अलैना इल्लल बलाग. الصلاة واسلام عليك يا رسول الله صلى الله عليه وسلم हर बातिल के खिलाफ सुन्नी जमियाते अल अहनाफ तंज़ीम S.J.A. के राब्ते में आएं आलमी सुन्नी बरेलवी तंज़ीम सुन्नी जमीयत अल अहनाफ का क़याम 2014 ईस्वी ब मुताबिक़ 1435 हिजरी को गाज़ी अहले सुन्नत मुनाज़िर ए इस्लाम हज़रत अल्लामा सूफी मुहम्मद क्लीम हनफ़ी राजवी साहब किबला के ज़रिये अमल में आया। इस तंज़ीम ने मुख़्तसर से वक़्त में फ़रोग.ए हनफियत रद्दे गैर मुक़ल्लिदियत व देओबन्दीयत में निहायत ही अज़ीम ईशान कारनामे अंजाम दिए हैं। मुस्तक़बिल में मजीद इशाअती प्रोग्रामात दीनी दावती लिट्रेचर की फ्राहमि, बयानात व मुनाज़रे, मदारिस व मकातिब का क़याम, तंज़ीम के मनसूबों में शामिल है। आप भी इनकी शाखें अपने इलाके में क़ायम करें, और अहले सुन्नत व जमाअत हनफ़ी मज़हब व मालक ए आला हज़रत रदियल्लाहो अन्ह के फ़रोग. में हिस्सा लें। तंज़ीम के अगराज़ व मक़ासिद जानने और उस से जुड़ने व दीगर मक़ासिद के तहत राब्ते के लिए दर्ज जैल लिंक पर राब्ता करें।
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नई दिल्लीः फराह खान (Farah Khan) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ मस्ती करती दिखाई पड़ती हैं. जहां से उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. जिन्हें उनके फैंस खूब पसंद भी करते हैं. इस बीच हाल ही में उनकी एक तस्वीर (Farah Khan latest photo) सामने आयी है. जिसमें फराह खान (Farah Khan Abhishek Bachchan) सोफे पर बैठी दिख रहीं हैं. जबकि अभिषेक बच्चन उनकी गोद में बैठे हैं. इस दौरान दोनों का रिएक्शन देखने लायक लग रहा है. जिस पर इस समय सोशल मीडिया यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. आपको बता दें कि ये एक तस्वीर विरल भयानी द्वारा अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज से शेयर की गई है. जिसमें दोनों मस्ती भरे मूड में दिख रहे हैं. ये तस्वीरें करण जौहर की बर्थडे पार्टी से सामने आयी हैं. वहीं, फराह खान (Farah Khan instagram page) ने पूरी तस्वीर शेयर की है. जिसमें उनके सामने करण जौहर भी बैठे दिखाई पड़ रहे हैं. इसके साथ शेयर की गई दूसरी तस्वीर में फराह अपने सूजे हुए पैर दिखाती नज़र आ रहीं हैं. जिससे पता चलता है कि अभिषेक (Abhishek Bachchan) को गोद में बिठाना फराह पर कितना भारी पड़ा. इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा है, 'प्यार को सबसे अनोखे अंदाज में @bachchan ने दिखाया है. लेकिन इसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं. #karansparty lov uu बहुत जूनियर...इंतजार करो, जब तक कि मैं तुम्हारी गोद में नहीं बैठ जाती.' उनकी इस पोस्ट पर हजारों लाइक्स आ गए हैं. साथ ही आम लोगों के अलावा सेलेब्स ने भी अपने रिएक्शन दिए हैं. अभिषेक बच्चन ने कमेंट सेक्शन में लिखा, 'हाहाहाहा. अपनी उम्र के लिए मुझे दोष मत दो.' उनके इस रिप्लाई को भी ढेर सारे लोगों ने पसंद किया है. खैर, बात कर ली जाए दोनों कलाकारों के वर्कफ्रंट की तो फराह (Farah Khan workfront) आने वाले दिनों में राजेश खन्ना की जिंदगी पर आधारित फिल्म पर काम करने वाली हैं. जानकारी के मुताबिक, वो इसे डायरेक्ट करेंगी. वहीं, अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan upcoming movies) जल्द ही फिल्म 'गुलाब जामुन' में दिखने वाले हैं. जिसमें वो अपनी पत्नी और एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर करेंगे. दर्शक कपल को इस फिल्म में देखने के लिए एक्साइटेड हैं.
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रायपुर । निलंबित AGD जीपी सिंह के विरुध्द EOW ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। कोर्ट में पेश चालान कम से कम ग्यारह हज़ार पन्ने का है, जबकि यह कॉपी बचाव पक्ष के अधिवक्ता पैनल अध्ययन करेंगे तो चालान को लेकर कोई अधिकृत विधिक टिप्पणी सामने आ सकती है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने जानकारी दी है "EOW ने चालान पेश किया है । जी पी सिंह के विरुध्द दर्ज EOW प्रकरण 22/21 में जीपी सिंह के पिता परमजीत सिंह प्लाहा, माँ सुरेंद्र कौर, पत्नी मनप्रीत कौर और शगुन फार्म के प्रीतपाल सिंह चंडोक को सह अभियुक्त बनाया गया है. चालान में जीपी सिंह के माता पिता और 2 सगे भाई समेत कुल 5 लोगो मुलजिम बनाया गया हैं। लेकिन चारो कोर्ट में पेश नही हुए है। कोर्ट ने जीपी सिंह के माता-पिता समेत 2 भाईयों के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दे दिया हैं। वहीं साफतौर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को पेश होने की बात कही हैं। चालान प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट लीना अग्रवाल के कोर्ट में पेश हुआ । बता दें कि जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति सहित कई मामले दर्ज हैं। जी पी सिंह जनवरी से रायपुर जेल में बंद है।
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India News (इंडिया न्यूज) Indian Navy Vacancy 2023, दिल्लीः यदि आपका नेवी में नौकरी करने का सपना है, तो आपका ये सपना साकार हो सकता है। बता दें कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने 372 चार्जमैन-II पद पर भर्ती करने का फैसला लिया है। इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया आज यानि 15 मई से शुरू होगी। योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट joinindiannavy. gov. in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 मई तय की गई है। इंडियन नेवी आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से भौतिकी या रसायन विज्ञान या गणित के साथ विज्ञान में डिग्री होनी चाहिए। इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस भर्ती के लिए उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। इस भर्ती के लिए उम्मीदवारों को 278 रुपये आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। जबकि महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पीडब्ल्यूबीडी और ईएसएम उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है। - आवेदन करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट joinindiannavy. gov. in पर जाएं। - इसके बाद होमपेज पर Join Navy फिर Ways to Join पर क्लिक करें। - फिर सिविलियन और फिर चार्जमैन-II पर क्लिक करें। - अब आवेदन फॉर्म भरें और सभी जरूरी डाक्यूमेंट अपलोड करें। - फिर आवेदन शुल्क का भुगतान करें। - पूरा प्रोसेस होने के बाद एक प्रिंटआउट निकालकर रख लें।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में कड़ी मेहनत और चुनौतीपूर्ण परीक्षा पास करने के बाद ही कोई अधिकारी बन पाता है। प्रांतीय सेवा में लंबा अरसे तक काम करने वाले अधिकारियों को आइएएस अधिकारियों के रूप में प्रोन्नति मिलती है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन दोनों सेवाओं के अलावा अन्य सरकारी सेवाओं के अधिकारी भी आइएएस बन सकते हैं। जी हां, ऐसा हो सकता है। आइएएस भर्ती नियम के बिंदु 8 (2) में यह प्रविधान है। बशर्ते आवेदक का सर्विस रिकॉर्ड बेहद उत्कृष्ट हो और सरकार की मंशा ऐसे अधिकारी को आइएएस बनाने की हो। अन्य राज्यों में कई अधिकारी इस तरह आइएएस बन चुके हैं, हालांकि उत्तराखंड में अभी तक अन्य सेवाओं में से कोई भी अधिकारी आइएएस नहीं बन पाया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा, अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा और फिर साक्षात्कार का सफलतापूर्वक सामना करने के बाद एक आवेदक आइएएस अधिकारी बनता है। परीक्षा में चयनित अधिकारियों का आवंटन राज्यों को कर दिया जाता है। लंबे समय तक पीसीएस के रूप में सेवा देने वाले अधिकारी सेवानिवृत्ति से पहले एक बार आइएएस कैडर पाने का सपना देखते हैं। अभी तक प्रदेश में यही दो सेवाएं हैं, जिनके जरिये एक अधिकारी आइएएस के रूप में काम कर सकता है। हालांकि, आइएएस नियमावली में एक प्रविधान ऐसा भी है जिसके तहत अन्य सेवाओं के राजपत्रित अधिकारी भी आइएएस बन सकते हैं। ऐसा राज्य सरकार की मर्जी पर ही हो सकता है। यदि सरकार को लगता है कि कोई राजपत्रित अधिकारी ऐसा है तो बेहद उत्कृष्ट कार्य करता है और आइएएस के रूप में वह प्रदेश में और बेहतर सेवा दे सकता है तो वह उसका नाम आइएएस अधिकारी बनाने के लिए केंद्र को भेज सकती है। इसके लिए संबंधित अधिकारी को पहले शासन को अनुरोध करना होगा। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति उसके दस्तावेज और कार्य का परीक्षण करेगी। फिर यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा, जहां से अनुमोदन मिलने के बाद यह मामला केंद्र को भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय केंद्र द्वारा लिया जाएगा। उत्तराखंड में केवल एक बार एक मामला केंद्र तक पहुंचा था लेकिन वहां से इसे वापस भेज दिया गया था। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी का कहना है कि इस तरह का प्रविधान है। पात्रता रखने वाले को इसके लिए शासन को आवेदन करना होगा। इसके बाद ही तमाम औपचारिकताओं के बाद इस पर आगे कार्रवाई की जाती है।
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Amazon Sale: अगर आप दमदार बैटरी वाला स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं, जिसकी बैटरी 3 दिन तक चले तो हम आपको ऐसा फोन बताने वाले हैं, जो सिर्फ 3 हजार रुपये से कम में पाया जा सकता है. Amazon Sale: अमेजन (Amazon) पर रोज किसी न किसी स्मार्टफोन पर ऑफर्स चलते हैं. आज कुछ स्मार्टफोन्स पर धमाकेदार डिस्काउंट्स दिए जा रहे हैं. महंगे से महंगे स्मार्टफोन्स काफी सस्ते में मिल रहे हैं. अगर आप नए स्मार्टफोन की तलाश में हैं लेकिन बजट कम है तो यह सही मौका हो सकता है. अगर आप दमदार बैटरी वाला स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं, जिसकी बैटरी 3 दिन तक चले तो हम आपको ऐसा फोन बताने वाले हैं, जो सिर्फ 3 हजार रुपये से कम में पाया जा सकता है. Tecno POVA 3 (128GB Storage) की लॉन्चिंग प्राइज 14,999 रुपये है, लेकिन अमेजन पर 11,999 रुपये में उपलब्ध है. फोन पर 17 परसेंट का डिस्काउंट दिया जा रहा है. इसके अलावा फोन पर एक्सचेंज ऑफर भी है, जिससे फोन की कीमक काफी कम हो जाएगी. Tecno POVA 3 पर 9,500 रुपये का एक्सचेंज ऑफर है. अगर आप पुराना स्मार्टफोन एक्सचेंज करते हैं तो इतना ऑफ मिल सकता है. लेकिन 9,500 रुपये का पूरा ऑफ तभी मिलेगा जब आपका पुराना फोन अच्छी कंडीशन में हो और मॉडल लेटेस्ट हो. अगर आप पूरा ऑफ पाने में कामयाब रहे तो फोन की कीमत 2,499 रुपये हो जाएगी. Tecno Pova 3 में 6.9-इंच का IPS LCD पैनल है जो 1080 x 2460 पिक्सल का फुल HD+ रेजॉल्यूशन, 20.5:9 आस्पेक्ट रेश्यो और 90Hz रिफ्रेश रेट ऑफर करता है. डिवाइस एक पॉली कार्बोनेट बॉडी के साथ आता है जिसका माप 173.1 x 78.46 x 9.44mm है. इलेक्ट्रिक ब्लू एडीशन में एक LED स्ट्रिप मिलती है, जो चार्जिंग और नोटिफिकेशन के समय चमकती है. Tecno Pova 3 में 7,000mAh की बैटरी है और इसके रिटेल पैकेज में 33W फास्ट चार्जर शामिल है, हालांकि, डिवाइस केवल 25W चार्जिंग को सपोर्ट करता है. कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज होने पर फोन 55 दिनों का स्टैंडबाय टाइम, 30 घंटे का वीडियो प्लेबैक और 14 घंटे का गेमिंग ऑफर कर सकता है. डिवाइस सुरक्षा के लिए साइड-फेसिंग फिंगरप्रिंट स्कैनर से लैस है. Tecno Pova 3 में डुअल-एलईडी फ्लैश असिस्टेड 8-मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है. इसके बैक पैनल में क्वाड-एलईडी फ्लैश के साथ ट्राइप कैमरा यूनिट है. इसमें 50-मेगापिक्सल का मुख्य स्नैपर और दो सहायक कैमरे हैं. ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर.
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Posted On: 15 वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद् की तीसरी बैठक का आज नई दिल्ली में आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन के सिंह ने की और इस बैठक में सलाहकार परिषद् के सदस्य, आयोग के सदस्य डॉ. अनूप सिंह, श्री अजय नारायण झा, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत (विशिष्ट अतिथि), वित्त सचिव श्री सुभाष चंद्र गर्ग (विशिष्ट अतिथि), व्यय सचिव श्री गिरीश चंद्र मुर्मू (विशिष्ट अतिथि) और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में परिषद के सदस्यों को विभिन्न राज्यों के साथ बैठकों तथा रिजर्व बैंक, बैंक प्रमुखों और वित्तीय संस्थानों, हितधारकों और डोमेन विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बारे में जानकारी दी गई। आयोग की रिपोर्ट की संरचना और रिपोर्ट की संदर्भ शर्तों (टर्म ऑफ रेफरेंस) पर आधारित मैपिंग पर भी विचार-विमर्श किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र की ऋण आवश्यकताओं (पीएसबीआर), जीएसटी और उसके क्रियान्वयन से जुड़े मामलों, ऋण एवं घाटे से संबंधित आंकड़ों के प्रकाशन में पारदर्शिता, सरकारी ऋण समकेन के संभावित उपाय, राज्यों की देनदारी पर उदय योजना के प्रभाव तथा वित्तीय घाटे, मुद्रास्फीति, ब्याज दर और निजी निवेश के पारस्परिक संबंधों पर चर्चा की गई। सदस्यों ने सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक दृष्टिकोण के लिए संभावित परिदृश्य पर आयोग की अवधि के दौरान यानी 2020-21 से 2024-25 के लिए राय मांगी। इस बैठक में डॉ. साजिद जेड चिनॉय द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की ऋण आवश्यकताओं पर की गई प्रस्तुति का विश्लेषण भी किया गया। 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन के सिंह ने घोषणा की कि परिषद की तीन और बैठकें होंगी। पहली नई सरकार के गठन के बाद, दूसरी वित्त आयोग को सरकार के औपचारिक ज्ञापन पत्र की प्रस्तुति के बाद और तीसरी, सरकार को अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले होगी। बैठक में परिषद् के सदस्य डॉ. सुरजीत भल्ला, डॉ. अरविंद विरमानी, डॉ. एम. गोविंदा राव, डॉ. इंदिरा राजारमन, डॉ. पिनाकी चक्रवर्ती, डॉ. साजिद जेड चिनॉय और मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम भी शामिल थे।
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Train Ticket Booking: रेल के जरिए यात्रा करना काफी आसान रहता है. वहीं अगर रेलवे स्टेशन पर कुछ फ्री सुविधाओं का लाभ मिल जाए तो लोगों को काफी सहूलियत भी मिल जाती है. Free Wifi: देश में हर रोज लाखों लोग ट्रेन के जरिए यात्रा करते हैं. ट्रेन के जरिए छोटी दूरी से लेकर लंबी दूरी की यात्रा करना काफी सुगम माना जाता है. साथ ही रेलवे के जरिए यात्रा करना अन्य यात्रा के साधनों से भी सस्ता पड़ता है. इसलिए रेलवे के जरिए अमीर से लेकर गरीब लोग तक यात्रा करते हुए देखे जाते हैं. हालांकि कई बार लोगों को रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर काफी इंतजार भी करना पड़ता है. ऐसे में लोगों का समय कटना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं रेलवे की ओर से रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कई प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. जिससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का अनुभव बेहतर किया जा सके. इसमें रेलवे यात्रियों के लिए फ्री वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है. आजकल ज्यादातर लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. जिसमें फ्री वाईफाई की सुविधा का फायदा भी उठाया जा सकता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई (Free Wifi) सर्विस के बारे में बताया है. जिससे यात्रियों को काफी लाभ पहुंच सकता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेल मंत्रालय के 6105 रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई की सुविधा लोगों के लिए उपलब्ध है. यह डेटा 4 अक्टूबर 2022 तक का है. साथ ही वाईफाई की सुविधा काफी सुरक्षित और हाई स्पीड वाली है. बता दें कि देश में कुल 7 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, जिनमें से 6 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध है और रेलवे की ओर से लगातार फ्री वाईफाई के स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की ओर प्रयास किए जा रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही(GPM) जिले में दो बच्चों की मां 4 बच्चों के पिता के साथ भाग गई। इसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। इधर कुछ समय बाद फरार प्रेमी-प्रेमिका भी वापस अपने गांव लौट आए। विवाहित प्रेमिका का कहना है कि वो अपने प्रेमी के बगैर नहीं रह सकती, तो वहीं उसके पति का कहना है कि वो अपनी पत्नी के बिना नहीं रह सकता। हैरानी की बात यै कि महिला के प्रेमी की पत्नी को भी उससे कोई दिक्कत नहीं है। उसका कहना है कि मुझे मेरी सौतन से कोई दिक्कत नहीं है। मामला मरवाही के चरचेड़ी गांव का है। यहां जीवन लाल पनिका (30 वर्ष) अपनी पत्नी फूलकुंवर और 4 बच्चों के साथ रहता है। मझगवां गांव में ही इनके रिश्तेदार रहते हैं। एक-दूसरे के घर आने-जाने के दौरान जीवन लाल को अपने रिश्तेदार राजेंद्र प्रसाद पनिका की पत्नी राखी पुरी से प्रेम हो गया। इसके बाद दोनों एक साथ फरार हो गए। इधर दोनों का कुछ पता नहीं चल पा रहा था कि वे दोनों कहां छिपे हुए हैं। बाद विवाहिता के परिवार वाले जीवन लाल के घर पहुंचे। राजेंद्र उन सभी को लेकर अपने घर मझगवां आ गया। इस बीच दोनों प्रेमी-प्रेमिका भी वापस लौट आए। तब विवाहिता के पति राजेंद्र और प्रेमी जीवन लाल के बीच जमकर मारपीट हुई। दोनों ने थाने में एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इधर विवाहित प्रेमिका का कहना है कि वो अपने प्रेमी जीवनलाल के बगैर नहीं रह सकती। उसने पुलिस से अपने पति राजेंद्र पनिका की शिकायत करते हुए घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। उसने कहा कि वो अपने पति के पास वापस नहीं लौटना चाहती है। राजेंद्र पनिका का कहना है कि वो अपनी पत्नी राखी के बिना नहीं रह सकता। उसकी पत्नी को उसे सौंपा जाए। वहीं जीवन लाल की पत्नी का कहना है कि उसे अपनी सौतन से कोई दिक्कत नहीं है। उसका पति सौतन को लेकर घर आ जाए। वो उसके साथ हंसी-खुशी रह लेगी। कुल मिलाकर इस उलझाऊ मामले से पुलिस भी परेशान है। पेंड्रा थाना प्रभारी ऊषा सोंधिया का कहना है कि फिलहाल राखी पुरी को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। सभी परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है। राखी के अपने पति पर लगाए आरोपों की जांच भी की जा रही है। महिला बालिग है, इसलिए उस पर पति के साथ रहने का दबाव नहीं बनाया जा सकता है। बताया गया है कि राजेंद्र पनिका मजदूरी करता है। दोनों बच्चे फिलहाल उसके पास हैं। वहीं जीवन लाल किसान है। इस मामले को लेकर जीवन लाल की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसका बेटा ग्राम मझगवां की महिला राखी से प्रेम करता है। पहले दोनों भाग गए थे, लेकिन 19 नवंबर को बेटा महिला को अपनी पत्नी बनाकर चरचेड़ी स्थित घर ले आया। 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे महिला का पति राजेंद्र प्रसाद पनिका (30 वर्ष) अपनी मां गोमती बाई, पिता मंगल और भाई मनोहर के साथ पहुंचा। चारों ने मेरे बेटे जीवन, बहू फूलकुंवर, नई बहू फूलकुंवर जो राजेंद्र की पत्नी है और उसके साथ अश्लील गालीगलौज व मारपीट किए। चारों हमें मझगवां गांव के चौक पर ले आए और सरेआम हमारी बेइज्जती की। जीवन लाल की मां ने कहा कि राजेंद्र ने ये कहते हुए कि तुम्हारा बेटा मेरी पत्नी राखी को अपनी बीवी बनाकर रख लिया है, जान से मारने की धमकी भी दी। उसने कहा कि उन सबके साथ की गई मारपीट में उसका बेटा जीवन, बहू फूलकुंवर, राखी और मैं खुद घायल हूं। इसलिए आरोपी राजेंद्र प्रसाद पनिका, उसके पिता मंगल, मां गोमती और भाई मनोहर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रदेश में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का ये कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी भागने, खुदकुशी करने, हत्या करने जैसे मामले सामने आते रहे हैं। एक महीने पहले दुर्ग जिले के स्मृति नगर थाना क्षेत्र में प्रेमी जोड़े ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। प्रेमी शादीशुदा था। युवती अपने शादीशुदा बॉयफ्रेंड के साथ होटल में पहुंची थी। इसके बाद दोनों की फांसी के फंदे पर लटकी हुई लाश मिली थी। कोहका निवासी तापशी बाइन (32 ) का अफरोज खान (35) का साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। अफरोज पहले से शादीशुदा था। बताया गया था कि तापशी ने पहले अफरोज पर रेप का भी आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भी भेज दिया था। उस दौरान अफरोज 50 दिन तक जेल में रहा था। बाद में दोनों ने आत्महत्या कर ली। अंबिकापुर के गांधीनगर इलाके में 25 नवंबर को महिला की हत्या के मामले का खुलासा करते हुए उसके प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी प्रेमी पूर्व में पत्नी की हत्या के आरोप में 15 साल की सजा काटकर लौटा था। महिला यहां दो बच्चों के साथ रहती थी। लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बावजूद महिला द्वारा किसी गैर मर्द से मोबाइल पर बात करने को लेकर उसका महिला से विवाद हुआ था और उसने साड़ी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। एएसपी विवेक शुक्ला ने बताया था कि शहर के गांधीनगर इलाके में किराए के घर के अंदर 35 वर्षीय महिला सविता सिंह का शव संदिग्ध हालत में मिला था। सविता सिंह 12 साल की बेटी और 5 साल के बेटे के साथ रहती थी। सविता के पहले पति की मौत हो गई थी, तब उसने दूसरी शादी की थी। कुछ दिनों बाद ही उसने दूसरे पति को भी छोड़ दिया था और अंबिकापुर में दो बच्चों के साथ आकर रहने लगी थी। यहां वो कुंजलाल नाम के शख्स के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी। सविता के हत्या के आरोप में कुंजलाल को पिपरौल के जंगल से गिरफ्तार कर लिया था। 3 महीने पहले कोरबा जिले के पसान थाना क्षेत्र में एक युवक ने अपनी शादीशुदा प्रेमिका की फावड़ा मारकर हत्या कर दी थी। दोनों ने पहले शारीरिक संबंध बनाया था। इसके बाद युवक जाना चाहता था, मगर महिला उसे रोक रही थी। महिला ने उसे रोकने उसके कपड़े भी फाड़ दिए। इसी बात से युवक नाराज हो गया और उसने महिला की जान ले ली थी। कांकेर में शादीशुदा युवती अपने प्यार को पाने के लिए सबसे भिड़ गई। थाने में दूल्हे के घरवालों से घिरे अपने प्रेमी को बचाने लिए दुल्हन ने ऐसे तेवर दिखाए कि उसके ससुराल वालों को हार माननी पड़ी। गहने और मंगलसूत्र लेकर वे लोग लौट गए। दूल्हे ने भी प्यार को सच्चा जान दुल्हन को प्रेमी के साथ जाने देने का फैसला किया। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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UP News: उत्तर प्रदेश (UP News) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पुलिस ने शुक्रवार को एक खुन खुन जी ज्वेलर्स से 30 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि ये रंगदारी जेल में बंद पंजाब के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर मांगी गई थी। लॉरेंस का नाम वर्ष 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद सामने आया था। लखनऊ पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एस चिनप्पा ने बताया कि दोनों आरोपियों की पहचान सुल्तानपुर निवासी विवेक यादव (21) और अमित यादव (19) के रूप में हुई है। दोनों दोस्त हैं। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि दोनों पिछले कुछ महीनों से टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर लॉरेंस बिश्नोई की खबरों से जुड़ी वीडियो देख रहे थे। इसके बाद दोनों ने योजना बनाई कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ जैसे गैंगस्टरों के नाम पर रंगदारी मांगी जाए। उन्होंने सोचा कि कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का ये अच्छा तरीका है। डीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपियों ने इंटरनेट कॉल के माध्यम से खून खून जी ज्वैलर्स के मोबाइल नंबर पर कॉल किया। खुद को पंजाब के गैंगस्टरों का साथी बता कर 30 लाख रुपये की रंगदारी मांग गई। डीसीपी ने कहा कि आरोपियों ने यह सोचकर व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल किया था कि भी कोई इनकी लोकेशन या उनका पता नहीं लगा पाएगा। बता दें कि शिकायतकर्ता उत्कर्ष अग्रवाल (खुन खून जी ज्वेलर्स) ने मंगलवार को चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि मांग पूरी नहीं होने पर कॉल करने वालों ने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। एडीसीपी ने बताया पीड़ित जब अपनी दुकान पर मौजूद था, उस वक्त आरोपियों का कॉल आया था।
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Assam: असम में हिंदू धर्म अपनाने वाली एक मुस्लिम महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उसकी जान को खतरा है और उसके परिवार वाले जबरदस्ती उसकी शादी एक मौलाना से कराने की कोशिश कर रहे हैं. Assam: असम में हिंदू धर्म अपनाने वाली एक मुस्लिम महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उसकी जान को खतरा है और उसके परिवार वाले जबरदस्ती उसकी शादी एक मौलाना से कराने की कोशिश कर रहे हैं. डॉक्टर अलीमा अख्तर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी आपबीती बताते हुए एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में वह कहती हैं, "मैंने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपना लिया है लेकिन तब से मेरे परिवार वाले मुझे धमकी दे रहे हैं. उन्होंने पुलिस के सामने झूठा मामला दर्ज कराया है कि मेरा अपहरण किया जा रहा है. लेकिन मैं इस पोस्ट के माध्यम से एक बयान जारी कर रही हूं कि मैं स्वस्थ हूं और अब एक हवाई अड्डे पर घूम रही हूं. मैं अपने परिवार से दूर हो गई हूं क्योंकि वे जबरदस्ती मेरी शादी एक मौलाना से कराना चाहते हैं. वे सोचते हैं कि अगर मैं एक मौलाना से शादी कर लूं, जो मुझसे उम्र में बहुत बड़ा है, तो मुझे अपनी जिंदगी में 'जन्नत' मिलेगी.' डिब्रूगढ़ में असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कार्यरत डॉ. अख्तर ने कहा कि वह अपने वर्तमान जीवन में खुश हैं और अपने परिवार से दूरी बनाए रखना चाहती हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह को मामले की जांच करने को कहा है. राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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दिल्ली, भारत। हर साल आज की तारीख 25 अप्रैल को 'विश्व मलेरिया दिवस' मनाया जाता है। मलेरिया दुनिया भर में एक घातक बीमारी है, इसकी रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाते हैं। इस बीच आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सोमवार को विश्व मलेरिया दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। राज्यों को प्रशंसा प्रमाण पत्र के साथ किया सम्मानित : दिल्ली में विश्व मलेरिया दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया शामिल हुए। इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार के अलावा भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ रोडेरिको ऑफरीन भी मौजूद रहे। इस मौके पर राज्यों को देश से मलेरिया को खत्म करने की दिशा में उनके प्रयासों के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित भी किया गया है। मलेरिया खत्म करने पर डॉ मनसुख मंडाविया के विचार : विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने अध्यक्षता की एवं कार्यक्रम को संबोधित किया। विश्व मलेरिया दिवस के विशेष मौके पर अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने देश से मलेरिया को खत्म करने पर अपने विचार साझा किए। विश्व मलेरिया दिवस पर WHO प्रतिनिधि ने कहा : डब्ल्यूएचओ ग्लोबल मलेरिया तकनीकी रणनीति के अनुरूप, भारत ने 2027 तक मलेरिया उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा विकसित किया है और यह 2030 तक मलेरिया को खत्म कर देगा। ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
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Jamshedpur (Sunil Pandey) : शहर में झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला आईएमए के संज्ञान में आय़ा है. जिसमें भुइयाडीह में एक कथित कंपाउंडर डॉक्टर का बोर्ड लगाकर मरीजों का धड़ल्ले से इलाज कर रहा है. वहीं एक झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर रहा है. भुइयांडीह के कथित डॉक्टर की क्लीनिक का फोटो एवं मेडिकल सर्टिफिकेट ट्वीट करते हुए आईएमए ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़ा किया है. आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने बताया कि शहर में धड़ल्ले से चिकित्सक की योग्यता नहीं रखने वाले लोग स्वयं को विशेषज्ञ चिकित्सक बताकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. गलत इलाज से लोगों की जान भी जा रही है. इस तरह के कई मामलों की जानकारी जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को दी गई है. लेकिन एक-दो पर कार्रवाई के बाद विभाग मौन है. डॉ. सौरभ चौधरी ने बताया कि भुइयांडीह में डॉ. एसके माहंती के नाम का बोर्ड लगाकर खुलेआम प्रैक्टिस कर रहा युवक वास्तव में कंपाउंडर है. पैथोलॉजी टेक्नीशियन की आंशिक ट्रेनिंग लिया है. ऐसे लोग स्वयं को डॉक्टर बताकर मरीजों को बेवकूफ बना रहे हैं. सवाल उठाया कि क्या सारे नियम क्वालिफाइड डॉक्टर्स के लिए है. कहा कि पीसीएंडपीएनडीटी एक्ट के सारे सख्त नियम का पालन करने के बाद भी आज प्रशानिक चूक की वजह से शहर के 27 अल्ट्रासाउंड बंद है. वहीं ये झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ कर रहे है. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन जल्द ऐसी गतिविधियों मे संलिप्त लोगों की सूची जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपकर कार्रवाई की मांग करेगा.
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गैस वितरण कंपिनयों ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के रेट 50 रुपए बढ़ा दिए हैं। मध्यप्रदेश के सभी शहरों में सिलेंडर की कीमत 1100 रुपए के पार हो गई है। भोपाल में अब 1108 रुपए 50 पैसे में एक सिलेंडर मिलेगा। इंदौर में रेट 1131 रुपए हो गए हैं। प्रदेश में सबसे महंगा सिलेंडर मुरैना, भिंड और ग्वालियर में मिलेगा। कई शहरों में वृद्धि ज्यादा हुई है। डिपो से ज्यादा दूरी और ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। रेट बढ़ने के बाद सिलेंडर पर सियासत भी शुरू हो गई है। इसे लेकर विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा भी हो चुका है। कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया। कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने पर सिलेंडर 500 रुपए में देने का वादा किया है। रसोई गैस के रेट 10 महीने में तीसरी बार बढ़े हैं। इस दौरान करीब डेढ़ सौ रुपए महंगा हुआ है। भोपाल की बात करें तो पिछले साल मई और जून में 53-53 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद जुलाई में सिलेंडर के रेट 1058 रुपए 50 पैसे हो गए थे। हालांकि, एक बार साढ़े 3 रुपए की गिरावट भी हुई थी। 1 मार्च को तीसरी बार बढ़ोतरी हुई। इंदौर में मई 2022 को 53 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद जून में 31. 50 रुपए और जुलाई में 19 रुपए बढ़े थे। इससे लोगों को 1081 रुपए में सिलेंडर मिल रहा था। अब 50 रुपए बढ़ने से रेट 1131 रुपए हो गए हैं। जबलपुर में 10 महीने के भीतर 103 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। यहां सिलेंडर 1131 रुपए में मिलेगा। ग्वालियर में अब सिलेंडर के रेट 1186 रुपए 50 पैसे हो गए हैं। जुलाई 2022 में सबसे ज्यादा 74 रुपए 50 पैसे बढ़े थे। इससे पहले मई में 53 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। जून में जरूर 24. 50 रुपए रेट घटे थे। सिलेंडर के रेट बढ़ने के बाद कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बना रही है। कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को सिलेंडर को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा भी किया था। चुनाव जीतने पर 500 रुपए में सिलेंडर देने की बात भी कही है। 1 मार्च को मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का आखिरी बजट विधानसभा के पटल पर रखा गया। कांग्रेस के कई विधायक सिलेंडर के पोस्टर लेकर विधानसभा में पहुंचे थे। भिंड, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, झाबुआ, मंदसौर, निवाड़ी, राजगढ़, श्योपुर, शिवपुरी, टीकमगढ़ में सिलेंडर के रेट 1175 से 1187 रुपए तक हो गए हैं। बाकी जिलों में भी रेट 11 सौ रुपए से ज्यादा ही हैं। भोपाल गैस डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गुप्ता ने बताया कि घरेलू और कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें अलग-अलग तरीके से तय होती हैं। जैसे कुछ गैस इम्पोर्ट की जाती है, तो कुछ भारत में ही निकलती है। जिनकी कीमतें अलग-अलग हो जाती हैं। इसके बाद ट्रांसपोर्ट खर्च और डीलर का कमीशन तय होता है। वर्तमान में भोपाल में कमर्शियल सिलेंडर पर 124 और घरेलू पर 63 रु. कमीशन फिक्स है। केंद्र और राज्य सरकारें भी टैक्स लेती हैं। वर्तमान में घरेलू गैस सिलेंडर पर 5% और कमर्शियल पर 18% GST लग रहा है। यह दोनों सरकारें आधा-आधा लेती हैं। इसके बाद ही उपभोक्ता तक सिलेंडर पहुंचता है। घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ने पर भोपाल में महिला कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने जिला महिला कांग्रेस ने विरोध जताया। जिलाध्यक्ष संतोष कंसाना ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ा रही है। इससे आम लोगों की कमर टूट गई है। प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल भी शामिल थीं। गैस सिलेंडर की बढ़ी कीमत पर किसने-क्या कहा? पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, वे कहते हैं कि महिलाओं को 1000 रुपए देंगे, लेकिन गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए। 50 रुपए सिलेंडर के दाम बढ़ाने की महंगाई मिली है। गृहमंत्री ने कहा- दिल्ली में बोल नहीं पाते क्या? गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- राज्य सरकार ने सिलेंडर पर दाम नहीं बढ़ाए। आपके नेता दिल्ली में बोल नहीं पाते क्या? पूर्व वित्त मंत्री और जबलपुर पश्चिम से विधायक तरुण भनोट ने कहा बजट में जनता को सिलेंडर महंगाई का तोहफा दिया गया। हमारी सरकार आएगी तो हम 500 रुपए में सिलेंडर देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने कहा, कथित 1000 रुपए का महिलाओं को लाभ। केंद्र सरकार ने 50 रुपए सिलेंडर पर बढ़ा दिए हैं। आगे-आगे देखिए होता है क्या। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा, 400 रुपए की गैस की टंकी इन्हें (BJP) डायन दिखा करती थी। आज 1100-1200 रुपए की गैस टंकी इन्हें विकास दिख रही है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा, राजस्थान में अशोक गहलोत ने रसोई गैस में सब्सिडी दी है। शिवराज सरकार भी सब्सिडी देने की घोषणा करे। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी (Disha Patani) कभी अपनी फिटनेस वीडियोज को लेकर तो कभी अपने ग्लैमरस फोटोज की वजह से चर्चा में बनीं रहती हैं। फिलहाल दिशा का विंटर लुक काफी वायरल हो रहा है। वहीं यूजर्स भी दिशा की फोटोज पर मजेदार कमेंट कर रहे हैं। वायरल फोटो में दिशा का बेहद सेक्सी और ब्यूटीफुल लुक नजर आ रहा है। इसमें उन्होंने सफेद स्नीकर और खुले बालों के साथ सफेद की टॉप पहना है, जो नाम के लिए ही विंटर कलेक्शन है। दरअसल, यह टॉप उपर से पूरा ऑपन और काफी बोल्ड है। इसी लिए यूजर इस पर मजेदार कमेंट कर रहे हैं। A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani) A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani) दिशा के स्वेटर पर एक फैन ने मजाकिया अंदाज में कमेंट किया के ये स्वेटर 20% डिस्काउंट पर खरीदा लेकिन इसका पूरा स्वेटर ही 80% छुटा हुआ है। एक ने लिखा 'वाह! कितना गर्म स्वेटर है। ' इस स्वेटर की कीमत बहुत कम है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। ये स्वेटर फैशन ब्रांड SHEIN का है और करीब 1500 रुपये इसकी कीमत है। A post shared by disha patani (paatni) (@dishapatani) A post shared by disha patani (paatni) (@dishapatani) अभिनेत्री के पास वास्तव में आकर्षक प्रोफाइल है, जहां वह लगातार आपना जीवन कैमेरे से साझा करती है, अपने डॉग्स के साथ तस्वीरें खिंचवाते, अपने श्रृंगार की सेक्सी तस्वीरें और ऐसे आउटफिट, जिन्हे देख हम कभी भी अपनी आंखें मुंद नहीं सकते हैं, विभिन्न वेट लिफ्टिंग कसरत वीडियो और बहुत कुछ। और, हम उन्हें प्यार करने से नहीं रोक सकते। अभिनेत्री ने अपनी नवीनतम फिल्म मलंग में अपने बेबाक अवतार और किरदार के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया था। इसके अलावा, दिशा जल्द 'एक विलेन 2' में भी नज़र आएंगी जो मलंग के निर्देशक मोहित सूरी के साथ उनके रीयूनियन को भी चिह्नित करेगा। इस लॉकडाउन अवधि में भी दिशा लगातार अपने आगामी कार्य शेड्यूल की दिशा में काम कर रही थी, ब्रांड प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रही थी और 2019 के टाइम्स मोस्ट डिजायरेबल वीमेन का ताज भी जीता। दिशा के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की बात करें तो वे जल्द ही प्रभुदेवा निर्देशित 'राधेः योर मोस्ट वांटेड भाई' में सलमान खान के साथ नजर आने वाली हैं। साथ ही दिशा मोहित सूरी की 'एक विलेन 2' में नजर आएंगी। इसके अलावा दिशा ने अहमद खान की 'ओम' फिल्म भी साइन की है। जिसमें वे आदित्य रॉय कपूर के साथ लीड रोल में दिखाई देंगी। दिशा के पास एकता कपूर की 'केटीना' भी है।
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इस प्रोजेक्ट का नाम है 'डवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ऑफ मॉडल टेलीसाइकेट्री ऐप्लीकेशन एंड डिलीवरिंग मेंटल हेल्थकेयर इन रिमोट एरिया'। यह मेडिकल पर आधारित डिसीजन सपोर्ट सिस्टम है। पीजीआई के साइकेट्रिक विभाग की प्रमुख और प्रोजेक्ट की प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर प्रोफेसर सविता मल्होत्रा ने पीजीआई में हुई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रिमोट एरिया में साइकेट्रिक पेशेंट के लिए डॉक्टर नियुक्त करना किसी भी तरह से संभव नहीं है। रिमोट एरिया के हेल्थ वर्करों को ट्रेंड करना या वहां डॉक्टर को ट्रेंड करना बहुत लंबा प्रोसीजर था। इसलिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विस की मदद से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसे रिमोट एरिया के डॉक्टरों को दे दिया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर में पीडीएफ फॉर्मेट है, जिसमें एक समान्य साइकेट्रिक के लिए प्रश्न दिए गए हैं। यह सारा कुछ हां और ना के फॉर्मेट में है। डॉक्टर मरीज से सवाल पूछेंगे और उसका उत्तर वह हां या न के रूप में नोट करते जाएंगे। इसके साथ ही मरीज का वीडियो भी तैयार होगा, जिसको पीजीआई के एक्सपर्ट के पास ऑनलाइन सिस्टम से भेज दिया जाएगा। यहां वीडियो और उत्तरों के आधार पर मरीज की एनालिसिस की जाएगी और उसके बाद उनको दवाएं भी बताई जाएंगी। मल्होत्रा ने बताया कि टीसीएस इसके लिए एक मोबाइल ऐप्लीकेशन भी तैयार करेगा। यह प्रक्रिया अगले फेज में होगी। इसके बाद मरीज घर बैठे कंसल्टेंसी ले सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक एक हजार मरीजों का इलाज किया जा रहा है। प्रोफेसर सविता मल्होत्रा ने बताया कि ई-साइकेट्री के जरिए मरीज की पहचान करना आसान है। इससे रिमोट एरिया में आसानी से पहुंचा जा सकता है। पीजीआई में मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। यह ऐप्लीकेशन प्राइमरी और सेकेंडरी वर्जन के बीच का रास्ता है।
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नई दिल्ली. कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैलता जाता है। जितने लोग संक्रमित के संपर्क में आएंगे ये उतने ही प्रसारित होता जाएगा। ऐसे में जो कोरोना के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं उनका इलाज भी डॉक्टर और नर्से अलग से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखकर कर रहे हैं। कोरोना से दुनियाभर में कई हजार मौतें हो चुकी हैं। ऐसे में रोगियों की लाशों से भी लोग दूरी बनाए हुए हैं। इन रोगियों का इलाज और देखरेख करने वाले डॉक्टर, नर्से, हेल्थ वर्कर्स भी संक्रमित हुए हैं। कुछ डॉक्टरों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में कोरोना मरीजों के शव से संक्रमण फैलने के सावल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के मरीज के शव से संक्रमण नहीं फैलता है लेकिन शव के संपर्क में आने वाले डॉक्टर नर्स या कर्मचारी तीन गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। नई दिल्ली. कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैलता जाता है। जितने लोग संक्रमित के संपर्क में आएंगे ये उतने ही प्रसारित होता जाएगा। ऐसे में जो कोरोना के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं उनका इलाज भी डॉक्टर और नर्से अलग से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखकर कर रहे हैं। कोरोना के मरीजों की मौत के बाद उन्हें प्लास्टिक के पैकेट में लपेटकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस वजह से लोगों में एक बात घर कर गई है कि लाश से भी वायरस फैल सकता है। आम जनता के मन में ये सवाल है कि कोरोना से मरने वाले व्यक्ति की डेड बॉडी भी संक्रमण फैला सकती है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि सच्चाई क्या है? भोपाल. कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 21 दिन के लिए लगाया गया लॉकडाउन जारी है। लोग लॉकडाउन ज्यादा फॉलो नहीं कर रहे हैं। बहाने बानकर घर से बाहल घूम रहे हैं और नियम तोड़ रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है। शहर में लोगों को घूमता देख संक्रमण फैलने की आंशका के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक हफ्ते का सख्त लॉकडाउन लागू किया है इसमें रेहणी वाले, किराना वाले और सब्जी वालों तक को निकलने की परमिशन नहीं है। सोशल मीडिया पर इस लॉकडाउन के चलते एक बार फिर शूट एट साइट का आदेश वायरल हुआ है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि सच्चाई क्या है? नई दिल्ली. पूरी दुनिया इस समय कोरोना की चपेट में हैं। कोरोना के कारण देशों में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए विश्व स्वाश्त्य संगठन ने लोगों को मास्क लगाने, सैनिटाइटर इस्तेमाल करने और बार बार हाथ धोने की सलाह दी है। भारत में कोरोनोवायरस के प्रकोप के बाद से, पिछले कुछ हफ्तों में चेहरे के मास्क के लिए मारामारी हो गई। देश में फेस मास्क की कमी हो गई है। फैक चेकिंग में आइए जानते हैं कि सच्चाई क्या है? देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोगों की मांग पर रामानंद सागर के पौराणिक धारावाहिक रामायण को फिर से प्रसारण करने की घोषणा की है। जिसका प्रसारण दूरदर्शन पर दोबारा किया भी जा रहा है। लेकिन अब इस धारवाहिक में श्रीराम की भूमिका निभाने वाले एक्टर अरूण गोविल के नाम से एक ट्विटर अकाउंट ट्रेंड कर रहा है। तो आइए फैक्ट चेकिंग में जानते हैं कि आखिर इस ट्विटर अकाउंट की सच्चाई क्या है ? नई दिल्ली. कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन चल रहा है। किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। संक्रमण के नियंत्रण के लिए लोग घरों में कैद हैं। लोग जरूरी सामान खरीदने ही घर से निकल रहे हैं। दूध, ब्रेड, दवाइयां आदि की खप्त चल रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर कोरोनवायरस के फैलने का एक कारण बेकरी सामान को बताया जा रहा है। अखबार, जूते, मीट के बाद अब बेकरी को कोरोना से जोड़कर लोग दावे कर रहे हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश बिना किसी वेरिफिकेशन किए ही वायरल दावे थे। अब डब्ल्यूएचओ के नाम से एक एडवाइजरी शेयर की जा रही है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि इसकी सच्चाई क्या है? लोग एक वीडियो शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि ब्राजील में भी लोगों ने मोदी की अपील पर दीये जलाए और बत्ती बुझाई। यूजर ने फेसबुक पर एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें सड़क पर खड़े लोग मोबाइल की फ्लैश चमकाते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स पुलिस से अपील कर रहे हैं कि वो लॉकडाउन में बाहर निकल रहे लोगों को मुर्गा न बनाए और उन पर लाठी न भांजे। नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3,600 के पार जा पहुंची है। इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है। दुनिया भर में 11 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 58 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी लॉकडाउन लगा हुआ है और लोग इसका पालन कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर खबर आई कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों लॉकडाउन तोड़कर बाहर घूम रहे हैं। फैक्ट चेकिंग में जानिए आखिर इस वीडियो की सच्चाई क्या है? नई दिल्ली. कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। भारत में भी कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगातर बढ़ रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर कोरोना के इलाज को लेकर रोजाना नए-नए दावे हो रहे हैं। दुनिया में कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा नहीं बन सकी है। इस बीच इंटरनेट वायरस का इलाज करने के तमाम नुस्खों सामने आए हैं। अब कुछ लोग धूप को कोरोना का असरकारक इलाज बता रहे हैं। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि क्या वाकई अल्ट्रावायलेट किरणें (UV rays) कोरोना को खत्म कर सकती हैं?
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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज (23 फरवरी, 2022) बीजेपी के पाँचवें चरण के चुनाव प्रचार अभियान को धार देने में जुटे हैं। इसी क्रम में आज उन्होंने अमेठी के तिलोई विधानसभा (Tiloi Assembly Constituency) में एक रैली को सम्बोधित करते हुए सपा और बसपा के साथ ही कॉन्ग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए CM योगी आदित्यनाथ ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया। साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद करने की बात का जिक्र करते हुए कहा, "हम गौ माता को कटने नहीं देंगे। अवैध बूचड़खानों को फलने नहीं देंगे। साथ ही किसानों को गौवंश पालने के लिए 900-1000 रुपए प्रति माह देने का ऐलान भी किया। साथ ही उन्होंने प्रदेश में बड़े पैमाने पर गौ शालाएँ खोलने की बात भी कही। CM योगी ने तिलोई की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज तिलोई को एक मेडिकल कॉलेज भी मिल गया है। उस मेडिकल कॉलेज का हमने शिलान्यास किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी यह मेडिकल कॉलेज नहीं दे सकती थी क्योंकि उसके पास विकास करने का दृष्टिकोण ही नहीं है। सीएम योगी ने कहा कि हमने अवैध बूचड़खानों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। उन्होंने कहा वादा करता हूँ कि हम 'गौमाता' का वध नहीं होने देंगे और हम किसानों के खेतों को आवारा पशुओं से भी बचाएँगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक विचारधारा वाली पार्टी है, जिससे लाखों लोग जुड़े हैं। बीजेपी जो भी काम करने का वादा करती है, उसे पूरा भी करती है। उन्होंने लोगों से भारी मत देकर बीजेपी को विजयी बनाने का आह्वान भी किया। सीएम योगी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले जब भी रिक्तियाँ होती थीं, तो 'सैफई परिवार' उनके लिए 'वसूली' करता था, लेकिन हमने युवाओं को 5 लाख सरकारी नौकरियाँ दीं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा से अपने एजेंडे को लेकर चलती रही है। सपा ही नहीं, बल्कि कॉन्ग्रेस और बसपा राजनीति तो करते थे, लेकिन इन लोगों की राजनीति का आधार जाति, मत और धर्म हुआ करता था। समाज और राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते थे। उन्होंने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा, "सपा को वोट देने का मतलब आतंकवाद को वोट देना है। " अहमदाबाद के 2008 के सीरियल ब्लास्ट का जिक्र करते हुए उसमें सजा पाए आतंकियों के परिजनों के सपा प्रचारक होने का भी जिक्र करते हुए घेरा। बता दें कि इस रैली के बाद सीएम योगी सुल्तानपुर के इसौली विधानसभा और कादीपुर में भी रैली को सम्बोधित करेंगे। आज ही सीएम योगी का प्रतापगढ़ के पट्टी एवं रानीगंज विधानसभा में भी जनसभा है। गौरतलब है कि इस बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 7 चरणों में मतदान हो रहे हैं, अभी तक तीन चरण के मतदान हुए है और आज 23 फरवरी, 2022 को चौथे चरण का मतदान भी हो रहा है। विधानसभा चुनाव के सातों चरणों के मतदान होने के बाद चुनाव के नतीजे 10 मार्च को जारी होंगे।
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वास्तु विज्ञान में बताया गया है कि हमारे आस-पास और घर में मौजूद चीजों का किसी न किसी रुप में हम पर जरुर असर होता है। आपने महसूस भी किया होगा कि कोई चीज आपके घर में आई होगी और उसके बाद से घर में एक के बाद एक खुशखबरी और उन्नति होती गई होगी। और कभी-कभी कुछ ऐसी चीजें घर में आ जाती हैं जिससे अचानक ही घर में परेशानियों का दौर शुरु हो जाता है। और हम यह भी नहीं समझ पाते हैं कि यह सब कैसे हो रहा है। 1 -रोजाना प्रातः काल दूध और पानी मिलाकर घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ डाले / शांति व समृद्धि बनी रहेगी। 2-मुख्य दरवाजों के परदे के नीचे कुछ घुंघुरू बांध दें। जिसकी आवाज़ से घर में धीरे-धीरे प्रसन्नता का वातावरण बना रहेगा। 3- प्रतिदिन गर्म तवे पर रोटी सेंकने से पूर्व दूध के छीटें मारें इससे घर में बीमारी का प्रकोप घटने लगता है। 4- घर के आँगन में आंवला,श्वेत आंक,दो केले के वृक्ष,विल्व पत्र ,अशोक,कनेर आदि पौधें शुभ होते है। इनकी पूजा सेवा आदि से घर में सुख,शांति व समृद्धि आती है। 5- व्यापार में निरंतर वृद्धि तथा पारिवारिक शांति के लिए ग्यारह अभिमंत्रित गोमती चक्र को सिन्दूर के साथ रखने से शीघ्र लाभ होता है। 6- यदि प्रमोशन में रुकावट हो तो ग्यारह गोमती चक्र भगवान शिव जी चरणों में चढ़ाने से प्रमोशन के रास्ते खुल जाते है। 7- प्रत्येक नौमी को आंवले के वृक्ष की पूजा तथा नौ परिक्रमा करने से घर में अन्न,धन की वृद्धि होती है। 8- जिन व्यक्तियों को मानसिक कष्ट रहता है उन्हें अपनी माता के हाथ से एक मुट्टी चावल लेकर सदैव अपने पास रखना चाहिए मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। 9-गीता जी के पन्द्रवें अध्याय को नित्य पढ़नें से घर में सुख,शांति व समृद्धि आती है।
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Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में कल आपको बड़ा ट्विस्ट दिखेगा, जब जनरेशन लीप के बाद आपको अक्षरा और आरोही के रोल में नजर आएंगी प्रणाली राठौड़ और करिश्मा सावंत। वहीं लीड रोल में जो एक्टर नजर आएगा वो कोई और नहीं बल्कि टीवी के मशहूर एक्टर हर्षद चोपड़ा हैं। जहां प्रणाली राठौड़ और करिश्मा सावंत ने सोशल मीडिया पर 'ये रिश्ता. . . ' से जुड़ने की जानकारी शेयर की थी, वहीं हर्षद ने अभी तक कोई भी ऐसी पोस्ट नहीं की थी। अब हर्षद चोपड़ा ने भी ये रिश्ता. . . क्या कहलाता है की शूटिंग से तस्वीर शेयर की है और दर्शकों से शो देखने की अपील की है। हर्षद चोपड़ा ने प्रणाली राठौड़ और करिश्मा सावंत के साथ एक तस्वीर शेयर की है जिसमें तीनों झील की तरफ मुंह करके बाहें फैलाए खड़े हैं। कैप्शन में हर्षद ने लिखा है- "हम खुली बाहों के साथ आ रहे हैं। " ये रिश्ता क्या कहलाता है- सोमवार से शुक्रवार रात 9. 30 बजे, सिर्फ स्टार प्लस पर। शो में हर्षद अभिमन्यु बिड़ला का रोल निभाएंगे। खबर है कि इस बार शो में अक्षरा और नैतिक की तरह अरेंज मैरिज ही दिखाई जाएगी। इस बार शो में लव ट्रायंगल होगा, जिसमें आरोही और अक्षरा को एक ही लड़के से प्यार होगा। हाल ही में हर्षद, प्रणाली और करिश्मा उदयपुर से शूटिंग करके लौटे हैं। उदयपुर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। आज अनुपमा शो में अक्षरा और अनुपमा का मिलन हुआ था, जिसकी तस्वीर प्रणाली ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
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WWE Raw में असुका (Asuka) और बियांका ब्लेयर (Bianca Belair) ने सिंगल्स मैच में एक-दूसरे का सामना किया। अब विंस रुसो (Vince Russo) ने WWE द्वारा लगातार एक ही जैसी बुकिंग करने पर सवाल खड़े किए हैं। असुका, बियांका ब्लेयर और बैकी लिंच (Becky Lynch) थ्री-वे मैच में हैल इन ए सेल (Hell in a Cell) में रॉ (RAW) विमेंस चैंपियनशिप के लिए भिड़ेंगी। रुसो ने कहा, हमें फिर से असुका-ब्लेयर मैच देखने को मिला। मैं काफी ज्यादा कन्फ्यूज हूं। मुझे पता है कि हमारे पास बैकी और असुका तथा असुका और बियांका हैं। क्या हमने यह मैच नहीं देखा था? हम वैसे भी थ्री-वे में जाने वाले हैं तो फिर इस मैच का क्या मतलब है? कम से कम कुछ करिए। विंस रुसो ने बताया किस तरह WWE असुका बनाम बियांका ब्लेयर को सुधार सकती थी? विंस रुसो को पता है कि कैसे किसी कॉन्टेस्ट की हाइप बढ़ाई जाती है क्योंकि हेड राइटर रहते हुए उनका काम ही यही थी। रुसो का कहना है कि WWE असुका और बियांका के बीच के मैच में कोई शर्त जोड़ सकती थी और इसे रोमांचक बना सकती थी। पूर्व WWE राइटर ने कहा कि इसे जीतने वाले को Hell in a Cell में किसी तरह का लाभ दिया जाता। इस मैच को रोमांचक बनाने के लिए कंपनी के पास कई तरीके थे, लेकिन रुसो इस बात से निराश हैं कि कंपनी ने ऐसा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, यदि यह थ्री-वे होने वाला था और आप इन्हीं मैचों को लगातार रिपीट किया जाना था तो कम से कम कुछ करना चाहिए। आप इन दो लड़कियों की शुरुआत कहां से कराने वाले हैं और तीसरी लड़की को पांच मिनट का लाभ मिलना चाहिए। वह पांच मिनट तक मैच में एंट्री नहीं लेगी। कम से कम आपको कुछ ऐसा करना चाहिए क्योंकि इस तरह के मैचों का फिर कोई महत्व नहीं रह जाएगा। यदि इसमें किसी तरह का लाभ नहीं दिया जाता है या फिर कुछ ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर इन मैचों का मतलब नहीं है। WWE और रेसलिंग से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के साथ-साथ अपडेट्स, लाइव रिजल्ट्स को हमारे Facebook page पर पाएं।
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हर्ष युगीन साधन बाण कृत हर्षचरित : गुप्त वंश के बाद जब हम बौद्ध धर्म के इतिहास में प्रवेश करते हैं तो हमारा ध्यान हर्षवर्धन तथा बाण कवि रचित हर्षचरित पर भी जाता है । कान्यकुब्ज सम्राट हर्ष ने बौद्ध धर्म में दीक्षित होकर स्वयं अपने ग्रन्थ नागानन्द में बोधिसत्व- - जीवन का चित्रण किया है । हर्ष के पूर्वज ब्राह्मण धर्मावलम्बी थे । परन्तु उनके ज्येष्ठ भ्राता राज्यवर्धन को 'परमसौगत' कहा गया है । उल्लेखनीय है कि सुगत बुद्ध का एक नाम है । इससे सिद्ध होता है कि हर्ष के हृदय में बुद्धांकुर पहले से ही अधिष्ठित था और बाद में वह पूर्णरूपेण बुद्धानुयायी हो गया था । बौद्ध भिक्षु दिवाकर मित्र का आश्रम : बहन राज्यश्री की खोज करते-करते हर्ष विन्ध्य वन की ओर बढ़ते चले गये उन्होंने देखा कि निर्जन वन में विविध धर्मों - ब्राह्मण धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म तथा विविध दार्शनिक विचारधाराओं के साधक शान्ति के साथ साधना में लगे रहते हैं । चिता में जलने के लिए तैयार राज्यश्री से हर्ष ने बौद्ध धर्म को अपनाने की प्रतिज्ञा की थी । यमुना और नर्मदा के दक्षिण विस्तृत वन्य खण्ड में ही विदिशा के निकट सांची में काकनादवोट महाविहार था जहाँ चारों दिशाओं से श्रमण आते रहते थे। पास की पहाड़ियों ग्यारसपुर के निकट का क्षेत्र स्तूपों से आज भी समलंकृत हैं । इन निर्जन गिरि कन्दराओं में बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्ध धर्म को उस समय भी जीवित रखा । श्री हर्षदेव रचित नागानन्द नाटक : महाराज हर्ष ने भिक्षु दिवाकर मित्र मुनि के प्रभाव से अपना मन बुद्ध भगवान् की ओर लगाया । चीनी यात्री ह्वेनसांग के प्रभाव से वह बुद्ध का परम भक्त बन गया नागानन्द, प्रिय दर्शिका और रतनावली, इन तीनों नाटकों के लेखक महाराज हर्ष ही माने गये हैं । नागानन्द नामक नाटक में बोधिसत्व के आत्मोत्सर्ग का वर्णन किया गया है । नाटक के प्रारम्भ में ही प्रार्थना की गयी है ।
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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी (Big Boss OTT) फेम उर्फी जावेद (Urfi Javed) लगातार ट्रोल्स के निशाने पर ही रहती हैं। अब उन्होंने अल्लु अर्जुन की फिल्म पुष्पा (Pushpa) के गाने श्रीवल्ली (Srivalli) का ऐसा मजाक उड़ाया है कि लोगों का गुस्सा सावतें आसमान पर जा पहुंचा है। दरअसल हाल ही में उर्फी जावेद (Urfi Javed) एक इवेंट का हिस्सा बनने पहुंची थी। इस इवेंट में उनके साथ राखी सावंत भी नजर आई थी। इवेंट के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों ने खूब मस्ती की। जैसे ही फिल्म पुष्पा का जिक्र हुआ तो राखी सावंत (Rakhi Sawant) एक्टर अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) के मशहूर एक्शन को कॉपी करने लगी। पास में खड़े कॉमेडियन सुनील पाल (Sunil Pal) श्रीवल्ली गाना गाने लगे। इस गाने पर राखी सावंत और उर्फी जावेद ने मजाकिया अंदाज में अपनी बात सामने रखने की कोशिश की। अब इसी वजह से लोग उनसे नाराज हो रहे हैं। उर्फी जावेद ने फोटोशूट में पैंट को रखा अनबटन, ट्रोल्स बोले- अरे.... . बता दें कि पुष्पा (Pushpa) को रिलीज हुए अब काफी समय बीत चुका है। बीते साल दिसम्बर के महीने में अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की यह फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म के गानों और डायलॉग ने लोगों का दिल जीत लिया था। देखते ही देखते पुष्पा के गाने और डायलॉग सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे और लोग इनसे जुड़े रील बनाकर शेयर कर लगे। बीते दिनों ही इस फिल्म के श्रीवल्ली गाने पर एक छोटे बच्चे का डांस वायरल हुआ था।
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रायपुर। Rajyotsava 2022 : राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन के बाद विदेशी मेहमानों का अपने देश लौटने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया है। मंगोलियन देश के नर्तक दल के 10 प्रतिभागी 'रायपुर बाय रायपुर बाय' और अपने टूटी फूटी जुबान में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' कहते हुए एयरपोर्ट से विदा हुए। उन्होंने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में मंगोलियन डांस ,जोरून जोरून, प्रस्तुत किया था। समूह के मुखिया श्री इनखबोल्ड ने कहा छत्तीसगढ़ आना उनका अच्छा अनुभव रहा। मौका मिला तो दोबारा आएंगे। उन्हें पहली बार रायपुर आने का मौका मिला था वे हमेशा याद रखेंगे। मिजोरम राज्य के 22 प्रतिभागी "बाय छत्तीसगढ़" कहते हुए विदा हुए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का अद्भुत आयोजन रहा। राज्य सरकार ने आवास, भोजन एवं सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की थी। यहां छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा उन्हें बहुत पसंद आया। वे छत्तीसगढ़ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते थे। अब वे दोबारा यहां आने का प्रयास करेंगे। वही त्रिपुरा राज्य के 15 प्रतिभागी रायपुर विवेकानंद एयरपोर्ट से लौटते हुए दल के सदस्य देवाशीष कहा कि "यहां चीला और फरा खाने का मौका मिला अब बढ़ सुघ्घर लगा"। उन्होंने इस आयोजन के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए रायपुर बाय-बाय और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहते हुए विदा हुए।
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बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने जबरदस्त डांस से सबके दिलों को धड़कानें वाली अभिनेत्री नोरा फतेही के लाखों फैन्स हैं। नोरा का नाम उन लोगों की लिस्ट में शामिल है जिन्होंने बॉलीवुड से ताल्लुक ना रखते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। नोरा अपनी खूबसूरती और डांस से लाखों दिलों पर राज करती हैं। उन्हें कई डांस फॉर्म्स आते हैं, जो उनकी सफलता की एक बड़ी वजह है। टीवी हो या कोई फिल्म, नोरा जब भी पर्दे पर आती हैं तो फैंस के बीच एक अलग ही उत्सुकता होती है। नोरा का डांसिंग अंदाज बताता है कि नोरा असल में कितनी बॉडी कॉन्शियस और फिट हैं। नोरा की फिटनेस का राज जानने के लिए फैन्स बेताब रहते हैं। हर कोई उनकी फिट बॉडी और परफेक्ट फिगर का सीक्रेट जानना चाहता है। नोरा कोई स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो नहीं करती हैं बल्कि वह संतुलित आहार लेने में विश्वास करती हैं। उनकी डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट की अच्छी मात्रा शामिल होती है। नोरा अपनी डाइट में खूब फल और सब्जियां भी जरूर शामिल करती हैं। नोरा की फेवरेट हॉबी डांसिंग हैं। उनका लक्ष्य किसी भी तरह के डांस में महारत हासिल करना है। हिप-हॉप, एफ्रो, बेली डांस उनके पसंदीदा डांस फॉर्म्स हैं। चूंकि वह नियमित रूप से डांस प्रैक्टिस करती हैं इसलिए उन्हें अलग से एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है। नोरा को पिज्जा, बर्गर और हर तरह की मिठाई खाना पसंद है। नोरा इन्हें चीट मिल की तरह खाती हैं। नोरा फ़तेही साल 2014 में फिल्म 'रोअर्सः टाइगर्स ऑफ द सुंदरबन' से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। बॉलीवुड की कई फिल्मों में आइटम सॉन्ग में डांस करते हुए नोरा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। नोरा फतेही ने 'बाहुबलीः द बिगिनिंग', 'किक 2', 'लोफर', 'सत्यमेव जयते', 'स्त्री', 'बाटला हाउस' और 'स्ट्रीट डांसर थ्री' जैसी बड़ी फिल्मों में अभिनय किया है। इसके अलावा नोरा कलर्स टीवी के शो 'डांस दीवाने जूनियर्स' में बतौर जज नजर आ चुकी हैं।
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पिंकविला के मुताबिक, सिद्धार्थ बॉलीवुड की पसंद बन चुके हैं। उनके पास फिल्मों की कमी नहीं है। आने वाले 3 सालों में उनकी 6 फिल्में रिलीज होने वाली हैं। सूत्र ने बताया कि फिलहाल सिद्धार्थ, दीपिका पादुकोण और ऋतिक रोशन के साथ फिल्म 'फाइटर' की शूटिंग में व्यस्त हैं। जब से इस फिल्म की घोषणा की, इसे लेकर दर्शकों का उत्साह सातवें आसमान पर है। इसके निर्देशक सिद्धार्थ निर्माता आदित्य चोपड़ा से लगातार फिल्म की कहानी और इससे जुड़े दूसरे पहलुओं पर बातचीत कर रहे हैं। फिल्म में सलमान खान और शाहरुख खान के बीच एक अलग ही स्तर का एक्शन दिखेगा। सिद्धार्थ की फिल्म 'रैम्बो' की कहानी लिख रहे हैं। इस एक्शन से लबरेज फिल्म में टाइगर श्रॉफ मुख्य भूमिका निभाने वाले हैं। इस साल के अंत में इस फिल्म की शूटिंग 2023 यानी इसी साल के अंत में शुरू होने वाली है। सिद्धार्थ, ऋतिक रोशन की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'कृष 4' के सह-निर्माता हैं। यह एक सुपरहीरो फिल्म है, जिसके लिए एक ऐसे निर्माता की जरूरत थी, जो इस बड़े स्तर की फिल्म को सहजता से संभाल सके। इसी वजह से वह इसके लिए बिल्कुल फिट माने गए। सिद्धार्थ के हाथ में शाहरुख खान और उनकी बेटी सुहाना खान की भी एक फिल्म है। इसे वह शाहरुख के साथ मिलकर बनाने वाले हैं और सुहाना के साथ शाहरुख इस फिल्म में अभिनय भी करते दिखेंगे। सिद्धार्थ अभिनेता सैफ अली खान के साथ भी एक जबरदस्त एक्शन थ्रिलर फिल्म लेकर आ रहे हैं। वह इस फिल्म के निर्माता हैं। उनकी नई फिल्म नेटफ्लिक्स पर आएगी और यह एक बड़ी एक्शन एंटरटेनर होने वाली है। फिल्म को बाद में एक फ्रेंचाइजी का रूप भी दिया जा सकता है। सिद्धार्थ एक जाने-माने निर्देशक, स्क्रीन राइटर और निर्माता हैं। वह 'बैंग बैंग' और 'वॉर' जैसी सुपरहिट एक्शन थ्रिलर फिल्मों के निर्देशक रहे हैं। सिद्धार्थ 'हम तुम', 'सलाम नमस्ते', 'बचना ए हसीनों' और 'अंजाना अंजानी' जैसी बेहतरीन रोमांटिक फिल्मों से भी बतौर निर्देशक जुड़ चुके हैं।
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मंडी - हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दिल्ली से लौटे एक परिवार में सिर्फ दो साल की बच्ची कोरोना पॉजिटिव निकली है। बच्ची के माता-पिता और दादा-दादी सबकी कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यह मामला मंडी जिला के करसोग उपमंडल के तहत आया है, जिसके बाद दो साल की बच्ची को उसकी मां के साथ अब कोविड केयर सेंटर मंडी में शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि बच्ची में कोरोना वायरस के कोई प्रत्यक्ष लक्षण नहीं मिले हैं। बच्ची अपने माता-पिता व दादा-दादी के साथ छह जुलाई को दिल्ली से अपने घर पहुंची थी, जिसके बाद यह सब लोग अपने घर पर होम क्वारंटाइन में थे। बच्ची के पॉजिटिव आने के बाद उसके घर को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है, जबकि शाहोट पंचायत के वार्ड छह को बफर जोन बना दिया गया है। इस बच्ची के साथ शुक्रवार को मंडी के बल्ह विस का भी विदेश से लौटा एक 32 वर्षीय व्यक्ति पॉजिटिव निकला है। विदेश से लौटा हुआ यह व्यक्ति मंडी शहर के ही एक होटल में क्वारटाइन था। इस व्यक्ति को भी अब होटल से कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, इन दो मामलों के सामने आने के बाद मंडी जिला में कोरोना पॉजिटिव के कुल मामलों की संख्या 46 हो गई है, जिसमें 32 लोग स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि इस समय एक्टिव मामलों की संख्या 12 हो गई है और दो लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि गुरुवार को मंडी जिला के चोलथरा में सास-बहु पॉजिटिव निकली थीं। ये दोनों कुछ दिन पहले इलाज के लिए चंडीगढ़ गई थीं। लौटने के बाद इनके सेंपल स्वास्थ्य विभाग ने लिए थे, जिसमें इनके पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। वहीं डीसी मंडी ने शुक्रवार को दो पाजिटिव मामले सामने आने की पुष्टि की है।
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हार्दिक पांड्या ने डी वाई पाटिल टूर्नामेंट में मात्र 55 गेंदों पर 158 रन की तूफानी पारी खेली हैं. उन्होंने अपनी इस पारी के दौरान 20 गगनचुम्बी छक्के और 6 चौके लगाए हैं. हालांकि उनकी इस 158 रन की पारी को टी-20 इतिहास की रिकॉर्ड बुक में जगह नहीं मिलेगी, क्योंकि डी वाई पाटिल टूर्नामेंट को वह दर्जा प्राप्त नहीं है, जो देश के घरेलू टूर्नामेंट या टी-20 लीग को प्राप्त होता है. इस वजह से हार्दिक पांड्या अब भी टी-20 में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी नहीं बन पाए हैं. आज हम आपकों अपने इस ख़ास लेख में उन 5 भारतीय खिलाड़ियों का नाम बताने जा रहे हैं, जिन्होंने टी-20 इतिहास में सबसे बड़ी पारियां खेली है. जिस भारतीय खिलाड़ी ने टी-20 इतिहास में सबसे बड़ी पारी खेली हैं. वह श्रेयस हैं. इन्होने 21 फरवरी 2019 को मुंबई के लिए खेलते हुए सिक्किम के खिलाफ 55 गेंदों पर 147 रन की पारी खेली थी. इस दौरान उन्होंने 7 चौके और 15 छक्के लगाए थे. श्रेयस अय्यर वक्त के साथ बेहतर से और बेहतर बल्लेबाज बनते जा रहे हैं. पिछले 2 साल से भारत जिस नंबर-4 के बल्लेबाज को खोज रहा था, उसकी तलाश अब श्रेयस अय्यर के रूप में ही पूरी हुई है. मनीष पांडे दूसरे ऐसे भारतीय खिलाड़ी है, जिन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा रनों की पारी खेली है. इन्होने कर्नाटक के लिए खेलते हुए सर्विसेज के खिलाफ 54 गेंदों पर 129 रन की पारी खेली थी. अपनी इस शानदार पारी में इन्होने 12 चौके और 10 छक्के लगाए थे. यह पारी इन्होने 12 नवंबर 2019 को खेली थी. मनीष पांडे मध्यक्रम के एक शानदार बल्लेबाज है और वर्तमान समय में भारतीय टीम के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वह काफी हद तक अपनी जगह भारतीय टीम में पक्की कर चुके हैं. रिद्धिमान साहा वैसे, तो भारत के लिए सिर्फ टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं, लेकिन टी-20 क्रिकेट में भी उन्होंने अपना जलवा दिखाया हुआ हैं. वह तीसरे ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टी-20 में भारत के लिए सबसे बड़ी पारी खेली है. इन्होने 27 फरवरी 2019 को बंगाल के लिए खेलते हुए अरुणांचल प्रदेश के खिलाफ 62 गेंदों पर 129 रन की पारी खेली थी. इस पारी के दौरान उन्होंने 16 चौके और 4 गगनचुम्बी छक्के लगाए थे. ऋषभ पंत को भारत का एक टी-20 स्पेशलिस्ट खिलाड़ी माना जाता है. वह इस फॉर्मेट में खुद को साबित भी कर चुके हैं. इन्होने आईपीएल में 10 मई 2018 को सनराइजर्स के खिलाफ 63 गेंदों पर 128 रन की पारी खेली थी. अपनी इस तूफानी पारी के दौरान उन्होंने 15 चौके और 7 छक्के लगाए थे. ऋषभ पंत फिलहाल खराब फॉर्म से जुझ रहे हैं. हालांकि उनके टेलेंट में किसी को कोई शक नहीं है, इसलिए भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें खुद को साबित करने के कई मौके देगी. मुरली विजय की छवि भले ही एक टेस्ट क्रिकेटर की हो, लेकिन वह टी-20 इतिहास में भी सबसे बड़ी पारी खेलने वाले पांचवे भारतीय खिलाड़ी है. इन्होने 3 अप्रैल 2010 को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 56 गेंदों पर 127 रन की पारी खेली थी. अपनी इस पारी के दौरान इन्होने 8 चौके और 11 शानदार छक्के लगाए थे. फिलहाल मुरली विजय भारत की टेस्ट टीम से बाहर हो गए हैं.
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'तदापि वृष्टातिक्रम' एवं 'मनसो युगपदनेकत्र विषये प्रवृत्त्यदर्शनात । तत्र 'दुष्टोसिं'कमेडी' या स्वयमात्मैव समाधिविशेषोत्यधमविशेषवशादन्त करणनिरपेक्ष साक्षात् सूक्ष्माचन् पश्यतु किमि द्रयेणेबान्त करोन ? तथा च नेद्रियज्ञानेन कस्यचित्यक्षा सूक्ष्माद्यर्थी संभाव्यन्ते । 'अतीन्द्रिय प्रत्यक्षेण कस्यचित्प्रत्यक्षा 'साध्यन्ते इति वेद प्रसिद्धविशेषरण पक्ष, क्वचिदनीद्रियज्ञानप्रत्यक्षत्वस्याप्रसिद्ध साख्य प्रति 'बिनाशी ' शब्द इत्यादिवत् । साध्य यश्च दृटात स्यादग्यादेरती द्वयप्रत्यक्षविषयत्वाभावात् । [मानस प्रत्यक्ष से भी सूक्ष्मादि पदार्थों का ज्ञान नही होता है।] पुन यदि आप नयायिक एक अन्त करण (मन) को ही योगज धम से अनुगृहीत स्वीकार करके उसके द्वारा युगपत् सपूर्ण पदार्थों का विषय करना मानोगे तो भी प्रापके यहा प्रत्यक्ष का उल्लघन हो ही जावेगा क्योकि मन की एक साथ अनेक विषया मे प्रवत्ति नही देखा जाती है युगपत ज्ञानानुत्पत्तिमनसो लिंग ऐसा आपका ही वचन है । नैयायिक- इस विषय मे प्रत्यक्ष से विरोध होता है तो हो जावे हमे कोई बाधा नहीं है क्योंकि समाधि विशेष से उत्पन्न धम का चमत्कार ही ऐसा है कि जिससे अनुगहीत मन एक साथ ही सपूर्ण परमाणु आदि पदार्थों को विषय कर लेता है। जैन - यदि प्राप ऐसा मान लेते हैं तो भाई । स्वय श्रात्मा ही समाधि विशेष ( शुक्लध्यान) से उत्पन्न हुये धम विशेष ( केवलज्ञान ) के बल से ऋतकरण से निरक्षप होता हुआ ही साक्षात संपूर्ण सूक्ष्मादि पदार्थों को जान लेता है ऐसा भी मान लीजिये क्या बाधा है ? पुन इद्रियों के द्वारा जानता है अथवा मन के द्वारा जानता है इत्यादि कल्पनाओ का क्या प्रयोजन है ? अत किसी को भी इन्द्रिय ज्ञान के द्वारा सूक्ष्मादि पदाथ प्रत्यक्ष नहीं हो सकते है। यह बात सिद्ध हो जाती है । श्रीमांसक - श्राप नयायिक से हमने पहले यह प्रश्न किया था कि सूक्ष्मादि पदार्थ इंद्रिय ज्ञान से किसी के प्रत्यक्ष हैं या प्रतोद्रियज्ञान - मानसप्रत्यक्षशान से ? उसमे से यदि आप दूसरा विकल्प स्वो कार कर कि सूक्ष्मादि पदार्थ अतीद्रिय प्रत्यक्ष के द्वारा किसी के प्रत्यक्ष हैं तब तो आापका पक्ष अप्रसिद्ध १ प्रत्यक्षोल्लङघनमेव । २ युगप ज्ञानानुत्पत्तिमनसो लिङ्गमिति वचनात । ३ प्रत्यक्षविरोधाङ्गीकारे । ४ सूक्ष्माचर्या ५ मीमासक ६ सधमाद्यर्था प्रतीद्रियप्रत्यक्ष गति प्रप्रसिद्ध विशेषणं यस्य स । अतीन्द्रियप्रत्यक्ष तीर्थ विशेषणमप्रसिद्धमित्यर्थ । ७ दृष्टांते ।८ साख्यमते आविर्भावतिरोभावी स्तोम तुनाशि । (1) युपपदज्ञानामुत्पत्तिर्मनसो लक्षण (2) ता । प्रत्यक्षातिकमाभिमनने दृष्टातिकमेष्टातिक्रमेष्टी इति पा ((3) इंडियांत करलाद (4) द्वितीयविकल्प । (5) यौगो वति है स्याद्वादिन् । ते सूक्ष्माचर्या पतीद्रिमकाने चित पुस प्रत्यक्षा मया साध्यंत इति कि तवाभिप्राय । दिप्र । ( 6 ) पाविभवतिरीमावमात्रं न तु नातिन् ।
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महिलाएं और अर्थव्यवस्था आस्ट्रेलिया में महिलाओं के लिए अंशकालिक समय में काम करने के पीछे घरेलू, बाल देखभाल जिम्मेवारियाँ और अन्य आर्थिक एवं निजी कारण हैं। यह समझना जरूरी है कि 1 प्रतिशत पुरु-नों की तुलना में 18 प्रतिशत महिलाएं अंशकालिक काम करने के पीछे बाल देखभाल को एक बड़ा कारण बताती हैं। जबकि 12 प्रतिशत महिलाएं और 29 प्रतिशत पुरु-1 युग्म परिवार कहते हैं कि पर्याप्त काम करने की मुख्य वजह है कि पर्याप्त कार्य उपलब्ध नहीं था या कोई अन्य रोजगार भी उपलब्ध नहीं था या कोई अन्य रोजगार भी नजर नहीं आ रहा था (वहीः 54 ) । पारिवारिक और प्रजनन संबंधी विचारों ओ एस डब्ल्यू (2004) के मद्देनजर आस्ट्रेलिया में महिला रोजगार के लिए निम्नलिखित प्रवृत्तियों की पहचान की गई हैः • अकेली महिला साथी की बजाय रोजगारशुदा साथी के साथ महिलाएं काम करना ज्यादा पसंद करती हैं। बच्चे के बड़े होने पर महिलाएं नौकरी करना ज्यादा पसंद करती है। औपचारिक एवं अनौपचारिक बाल देखभाल सुविधा महिलाओं की कार्य सहभागिता को प्रभावित करती है और इसी तरह महिला - कार्य सहभागिता इन बातों पर अपना असर छोड़ती है। नियोक्ता और कार्यस्थल धीरे-धीरे कार्य और पारिवारिक जिम्मेवारियों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को समझते हैं। यहाँ महिलाओं की कार्य सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए काम के लचीले घंटे, स्थायी एवं अंशकालिक कार्य, गृह आधारित कार्य, रोजगार आदान-प्रदान आदि जैसे प्रावधानों ने अपना योगदान दिया है। अंशकालिक और पूर्णकालिक कर्मचारियों के अलावा आकस्मिक कर्मचारी भी हैं जिन्हें बीमारी छुट्टी या दत्त अवकाश छुट्टी जैसी सुविधाएं नहीं मिलती और इन्हें आकस्मिक के रूप में ही पहचाना जाता है (एबीएस 2001 )। यह समझना भी जरूरी है कि प्रजनन संबंधी जिम्मेवारियों और उचित विकल्पों के अभाव में आस्ट्रेलिया में महिला कार्य बल की अच्छी खासी संख्या आकस्मिक रोजगार तलाशती है। हालांकि ऐसे रोजगार की वजह से उन्हें बहुत से फायदों से वंचित कर दिया जाता है। कभी-कभी आकस्मिक कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं के बीच लंबे संबंध बने रहते हैं। सांख्यिकी दर्शाती है कि आकस्मिकों का 14 प्रतिशत पिछले पाँच वर्गों से समान रोजगार में ही है और ऐसा 75 प्रतिशत भाग एक वर्ग से अधिक समय के लिए एक ही रोजगार में लगा हुआ है। आस्ट्रेलिया में आकस्मिक रोजगार तेजी से बढ़ रहा है और हर किस्म के रोजगार में इसका 20 प्रतिशत भाग है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण है कि आस्ट्रेलिया में आकस्मिक कर्मचारियों का अधिकांश भाग महिलाओं से गठित है और जिन्हें बीमारी (दत्त) छुट्टी या अवकाश छुट्टी नहीं मिलती। आस्ट्रेलिया की महिला कामगारों का बड़ा भाग अदत्त ओवरटाइम रोजगार में जुटा हुआ है। सचिव, निजी सहायक, लेखाकार और यात्रा परिचारिका के रूप में कार्यरत पूर्णकालिक महिलाओं के लगभग 44 प्रतिशत को ओवरटाइम करना पड़ता है और इसके लिए उन्हें पैसे भी नहीं मिलते। जहाँ महिला कामगारों की तुलना में अधिक पुरु-1 ओवरटाइम करते हैं वहीं उनकी महिला सहयोगियों की तुलना में उन्हें ओवरटाइम भी दिया जाता है। ii) औद्योगिक श्रेणियाँ आस्ट्रेलिया में महिला कामगार विशि-ट किस्म के रोजगारों में लगे हुए हैं। 2002 में ओएसडब्ल्यू रिपोर्ट के अनुसार विविध श्रेणियों में उनकी कार्य सहभागिता इस प्रकार थीः
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RANCHI : रांची पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो एक दिन ट्रक चालकों को लूटता था। लूटपाट के बाद दूसरे दिन आराम करता था और फिर तीसरे दिन लूटपाट करता था। चौथे दिन फिर आराम फरमाता था। गिरोह के मास्टरमाइंड धर्मवीर कुमार उर्फ धर्म समेत उसके सहयोगी राजू कुमार प्रसाद, चंदन तिवारी उर्फ पलमुआ और मधुकम के पंकज साव को अरेस्ट ि1कया गया। यह गिरोह बहुत प्रोफेशनल है। रात में जब रातू रोड से गुजरनेवाले ट्रकों को पेट्रोल पंप या आसपास के इलाकों में खड़ा कर दिया जाता था और ड्राइवर गाड़ी में सो जाते थे, तो उसी क्रम में यह गिरोह ट्रक के गेट को खटखटाता था। जब ड्राइवर की नींद खुलती थी, तो ये लोग पैसे की डिमांड करते थे। इसका जब ड्राइवर विरोध करता था, तो उसे चाकू या रिवॉल्वर का भय दिखाकर लूट लिया जाता था। मार्च के अंतिम महीने में सुखदेवनगर एरिया से भी इन लोगों ने एक ट्रक चालक को लूट लिया था। इसे लेकर ट्रक चालक ने सुखदेवनगर थाना में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने इनके पास से एक देसी पिस्टल, पांच जीवित कारतूस, तीन मोबाइल, दो छुरा और दो बाइक बरामद की है। सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने बताया कि पूर्व में पुलिस ने लूटपाट के आरोपी विश्वनाथ उरांव को अरेस्ट कर जेल भेजा था, उसी की निशानदेही पर इन आरोपियों की अरेस्टिंग की गई। छापेमारी में कोतवाली इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिन्हा, सुखदेवनगर थाना प्रभारी रणधीर कुमार सिंह, सदर थाना प्रभारी रंजीत प्रसाद सिन्हा, लालपुर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद व कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ठ शामिल थे।
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राधावल्लभीय सम्प्रदाय के वि नि श्रेयसे समभवनति मामराणाम, सा या स्फुर मे हृदि सुदरास्या ।। गुरु भक्तिअपने गुरु बसी अलि जी के प्रति अपनी भक्ति का परिचय उन्होने बहुत से पदो में दिया है। एक्पद में ये कहते हैं श्री बसो अलि को वलि जाऊ । जाको घरम-सरन किरा लें, यदावन धन पाऊ ।। नवनागरि-अलिबुल चूणामणि, रहसि रहसि ठुलराऊ । अलयेलो, अलि हिम को गहिनो, प्रेम-जराइ जराऊ ॥ भगवान की विभिन्न लोलामा था अत्यन्त सरस और हृदयग्राही वणन इन्हाने किया है । लला, तू अनोसे स्याल परयो है । अति हीं नींवर नन उनींदे, आरस रग भरयो हु । अति आसक्ति भर्यो, नहीं जानत, पुहुप प्रभाव करयो ह । 'अलबेलो अलि' तूपति न मानत, किहि रस रग एक दूसरे पद में भी इमी सरसता का परिचय मिलता है देख सखो, इनको नय नेह उमडि ढेर धन रूप के मानों, घरसत रस की मेह ॥ खान पान घसतन कल भूवन, भूले सब सुधि देह । 'अलबेली' नहि जानति निसिदिन, परे प्रेम के गेह ॥४ वादावन में वे अपने जीवन की साथवता समयते है । लोनों वदावन वास लह्यो । सेवा टहल महल को निसि दिन, यह जिय नेह निवाह्यो । अन्भुत प्रेम बिहार चार रस, रसिकनि बिनु किनु चाह्यो । 'अलवेलि अलि' सफल कियो सब, जिन यह रस अवगाह्यो । ने वही परज ९ पृ० २१४ । १ व्रजमाधुरी सार प० २०८। 3 वही, ललित ४, प० २११ । वही, सारठ ७, प० २१३ । (ङ) चैतन्य सम्प्रदाय के कविगदाधर भट्ट का जीवन वृत्त - गदाधर भट्ट, राधा-कृष्ण के अनन्य भक्त थे। उनकी रचनाए अत्यन्त सरम हुआ करती थी । ये चैतन्य महाप्रभु के आश्रित थे और उन्हें भागवत सुनाया करते थे । ये दक्षिण भारत के किसी ग्राम के रहने वाले थे। वृन्दावन में आने की इनकी कहानी यो वनाई जाती है। अपने घर में हो रह ये सरस पदो की रचना किया करते। उनके निम्नलिखित पद को वृन्दावन में जीव गोरवामी के सामने दो गाधुओं ने गाकर सुनाया : व्रजभाषा और व्रजवृद्धि साहित्य इस पद को सुन श्री जीव गोसाई जी ऐसे मोहित हुए कि एक पत्र लिखा कि 'रैनी (रगने वाले के स्थान ) विना ही आप को व्याम रंग कैसे चढ गया ? मेरे मन मे वडा ही सोच है । " इस पत्र को जीव गोस्वामी ने दो साधुओं के हाथ उनके पास भेजा उसे सुन वे मूर्छित हो गए और वृन्दावन चले आए और फिर अन्त तक वृन्दावन वाम में रहे। वियोगी हरि जी के अनुसार जीव गोस्वामी ने निम्नलिखित श्लोक मदावर भट्ट के पास भेजा था - अनाराज्य राधापदाम्भोजयुग्ममनाश्रित्य वृन्दाटवतत्पदाकाम् । असंभाव्य तद्भावगंभोरचितान् कुतः श्यामसंधीः रसस्यावगाहः ससी, हाँ स्याम-रंग रंगी । देखि विकाय गयो वह मूरति, सूरति माहि पगो संग हुतो अपनो मपनो सो, सोइ रही रस सोई । जागेहुं आगे दृष्टि परे मसि, नैकुन न्यारो होई ।। एक जु मेरी अंसियन में निसिद्यौस रह्यो करि भौत । गाइ चरावत जात सुन्यो सखि, सो र्धी कन्हैया कौन ? कासो कहाँ, कौन पतियावं, कोन करे वकवाद । कैसे कै कहि जात 'गदाघर' गूंगे को गुर-स्वाद ।। भक्तमाल मे इनका परिचय - ये बहुत वडे भक्त हुए । ये अत्यन्त निरीह और दयालु थे । के भक्तमाल मे इनके सम्बन्ध में कहा गया है कि वे सुन्दर गुणो वाले थे और व्रजमाधुरी सार, पृ० ७५ । नाभा जी कृत भक्तिमाल, पृ० ७९४-७९५ । व्रजमावुरी सार, पृ० ७६ ।
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पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले चुके जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण के नये-नये लक्षण सामने आ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके एक और लक्षण को लेकर सचेत किया है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यदि किसी को बोलने में दिक्कत आ रही है तो वो भी संक्रमण का एक लक्षण है. इसके पहले खांसी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ को कोरोना वायरस के संक्रमण के सामान्य लक्षण समझे जाते थे. इसके अलावा आंखों का लाल होना, पैरों में घाव का होना और आंखों से लगातार पानी आना भी कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल है. डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने कहा कि बोलने में दिक्कत कोरोना वायरस का गंभीर लक्षण है. संक्रमण से उबर चुके लोगों का कहना है कि संक्रमित होने के दौरान उन्हें बोलने में दिक्कतें आ रही थीं. विशेषज्ञों का कहना है कि बोलने के साथ-साथ चलने में भी दिक्कत आ सकती है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना अनिवायज़् है. कोरोना के बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संक्रमण से निपटने के लिए डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव को लेकर कहा है कि इस छिड़काव से कोई असर नहीं होने वाला है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस को खत्म करने को लेकर घर के बाहर, गलियों और बाजारों में डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव का कभी कोई सुझाव नहीं दिया गया. इससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
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Malaika Arora ने सबके सामने खोले अपने बेडरूम सीक्रेट्स, बोलीं- हर रात मुझे अर्जुन बहुत.... बॉलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) दशकों से फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रही है। उन्होंने फिल्मों में कम काम किया है लेकिन उनके आइटम सांग्स ने ही करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाया है। जिसकी वजह से आज भी उनकी फिटनेस और फैशन को लोग काफी पसंद करते है। वहीं हाल ही में एक्ट्रेस ने नेहा धूपिया के चैट शो वोग बीएफएफ में अपनी पर्सनल जिंदगी के बारे में बताया, जिसे सुनते ही फैंस चौंक गए। उन्होंने एक शो में अपने और अर्जुन के रिश्ते पर खुलकर बात की थी। मलाइका ने एक ऐसे सीक्रेट्स लोगों से शेयर किया है, जिसे सुनकर अर्जुन के साथ-साथ लोगों को का चेहरा भी शर्म से लाल हो गया है। एक्ट्रेस ने कहा कि वह गेम नाइट्स बेहद पसंद करती है, साथ ही दाढ़ी वाले लड़के भी उन्हें अच्छे लगते हैं। मलाइका ने कहा कि अर्जुन और वह एक दूसरे को बेहद प्यार करते है। अर्जुन हमेशा ही उनका ख्याल रखते हैं। वह दोनों अपने रिश्ते को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। वहीं एक इंटरव्यू में मलाइका ने बताया कि अर्जुन रोज उन्हें खुश करते हैं। बता दें की मलाइका ने अपने और अर्जुन के बेडरूम के सीक्रेस्ट के बारे में भी बताया है। एक्ट्रेस ने बताया कि "अर्जुन हर रात को मुझे बहुत ही जवान महसूस कराते हैं। हर रोज हमारे बीच झगड़ा होता रहता है, मजाक-मजाक में मारपीट भी हो जाती है। " ये दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं और अपनी लाइफ को एन्जॉय कर रहे हैं। मलाइका और अर्जुन को काफी ट्रोल किया जाता है, लेकिन दोनों को कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। ये दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं और अपनी लाइफ को एन्जॉय कर रहे हैं। मलाइका आए दिनअपने जिम लुक्स और फिट बॉडी की वजह से सोशल मीडिया पर छाई रहता हैं। बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर के साथ उनका रिश्ता खूब सुर्खियां बटोरता है।
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नई दिल्ली. भारत सरकार ने जैमर, नेटवर्क बूस्टर और रिपीटर्स के निजी इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. दूरसंचार विभाग और संचार मंत्रालय ने 1 जुलाई,2022 को वायरलेस जैमर और बूस्टर/रिपीटर्स के निजी इस्तेमाल को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि भारत सरकार की इजाजत के बिना जैमर, जीपीएस ब्लॉकर या अन्य सिग्नल जैमिंग डिवाइस का इस्तेमाल अवैध है. निजी तौर पर इनकी खरीद-बिक्री पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि भारत में सिग्नल जैमिंग उपकरणों का विज्ञापन, बिक्री, वितरण, आयात या किसी साइट पर बिक्री के लिए लिस्ट करना गैरकानूनी है. सिग्नल बूस्टर/रिपीटर के संबध में यह कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के अलावा किसी भी व्यक्ति/संस्था द्वारा मोबाइल सिग्नल रिपीटर/बूस्टर को रखना, बिक्री करना या उपयोग करना गैरकानूनी है. सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. सीओएआई ने कहा है, हम सिग्नल रिपीटर्स/बूस्टर की स्थापना से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए दूरसंचार विभाग की सलाह का स्वागत करते हैं. लोग इस बात से अनजान हैं कि वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट, 1933 और इंडिया टेलीग्राफ एक्ट, 1885 के तहत मोबाइल सिग्नल बूस्टर (एमएसबी) खरीदना, बेचना, इंस्टॉल करना और रखना एक अवैध और दंडनीय अपराध है. यह दूरसंचार सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और हमें खुशी है कि भारत सरकार ने देश भर के नागरिकों को एक निर्दोष नेटवर्क और दूरसंचार अनुभव प्रदान करने में इसके महत्व को पहचाना है.
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स्वास्थ्यरक्षा उर्फ तन्दुरुस्तीका वामा । दूसरा भाग । वीर्य रक्षा करना हमारा प्रधान कर्त्तव्य है अम के बयान में हम साफ तौर पर लिप चुके है कि जो कुछ हम खामोते हैं उससे रस, रस मौस, मेद स्थि, मजा भोर शक थे छात धातुप तैयार होती है। यही सात धातु मारे शरीर को धारण करती है। अर्थात् इन सातों से हमारी काया सिर है । इम मार्ती धासुपों में एक-दोये - प्रधान है। वो हमारी दिमाग्रो साकत है योग्य हो मारो मरम्भ गति है। वीर्य बो हमें शुमार बातें याद रहती हैं। वो बम से होइम बुडिसाम विधान और बनवान कहलाने लायक होते हैं। वीर्य हो स में प्रधान, पारोम्यया का मूल कारण है। शरीर रूपो पोय पो हमारे नवर का राजा है। यही हम भी दरवागिरीर-में Module Modlgen रूपो भनुर्घोसे हमारी रक्षा करता है। खुलासा मसलम यह है कि जब तक हमारे शरीर रूपी नगर का राजा - पोख-पुष्ट और वस्त वाम रहता है तब तक किसी रोग रूपो दुश्मन को हमारो तरफ आँख उठा कर देखने को भी हिम्मत नहीं पड़ती। परन्तु वोके निर्वस्त या चय हो जाने से हमें चारों भोर अन्धेरा हो अन्धेरा मस्रर भाता है। राजा-वोध - को कमक़ोर देख कर दुश्मनों-रोगोंको चढ़ाई करने का मौका मिल जाता है। इस वास्ते वीर्य रूपी राजा बिना हमारे शरीर रूपी नगर की रक्षा होना असम्भव है। धोख-रचा हो के प्रताप से अर्जुन भोम धनुरियों और गदा धारियोंमें श्रेष्ठ समझे जाते थे। विराट नगर में अकेले मर्मुमने भोस कर्ण और द्रोणाचार्य मादि समस्त कौरव धोरों को परास्त कर के गोर्चों को रचा को थो - यह सब वोस्थ रचा हो का प्रसाप म था तो और क्या था ? महाभारत के युद्ध में बूढ़े मोम पितामह ने जो विशोक विजयी भर्जुन भीम के कके छुटा दिये थे वह सब वोथ्र्य रचा प्रताप के सिवा और क्या था? वोये रचाके हो यस से लक्ष्मण, रावण पुत्र मेघनाथ के मारने में समर्थ हुए थे। प्राचीन काल के लोग वोस्थे रचा को अपना प्रधान कर्त्तव्य ममभते थे। लेकिन इस क्रमानेके लोग वोर्य रचा को कुछ घोक्ष हो नहीं समझते थरिक वोय नाश करने को अपना परम पुरुषाथ सम झते हैं। पहले समय के लोग सन्तान पैदा करने के सिवा, चूस्ट्रि योंकी मसता के लिये वो प्रसङ्ग करना महा हानिकारक समझते थे। भाजकत के जवान सोको ही अपनी उपास्य देवो समझते हैं सोते जागते, खाते पोते हर समय उसो के ध्यान में सम्म रहते हैं। उनको इम से होने वातो हानियों का पता नहीं है। घरक संहिता के चिकित्सा स्थान के दूसरे अध्याय में लिखा है रस इक्षो मया दप्नि सर्पिस्तलन्तिले यथा । सर्वत्रानुगत देहे शुक्र सस्पशने तथा ॥ तत्स्त्री पुरुष सयोगे पेष्टा सकरन पीसनात् । शुक्र प्रष्यतेस्थानाज्जलमार्दात् पटादिम ।। "जिस तरह ईखर्म रम, दही में घो और तिल में तरह समस्त शरीर और चमडे में वोट है। जिस भांति मोने कपडे से पानी गिरता है उसो भाँति स्त्री पुरुप के संयोग, चेटा, सङ्कल्प और पौड़न से पोछे अपने स्थानों से गिरता है।" जो दोखे प में रस की तरह हमारे शरीर का सार है जी बोये हमारो विद्या बुद्धि और आरोग्यता- तन्दुरुस्ती का मृल भाधार है-उसे पति सो सेवन द्वारा नष्ट करमा बुद्धिमानी नहीं है। दिन-रात लि का ध्यान रखना बिस्कुल वाहियात है क्योंकि वोग्य का स्वभाव है, कि वह स्त्रियों को इच्छा या ध्याम करने मात्र से ही अपने स्थान से अलग होने लगता है। इस कलिकास में, पति स्तोम तक हो और नहीं है। पात्र कत के ना समझ लोगों ने हस्त मैथुन, गुदा मैथुन आदि पर भी कितनो हो वोय-मागक तदबीरें निकाली है। इन मयो भयो फोटो तमोगे के कारण भारतवर्ष का जो पटड़ा होरहाउसेसमें हमारी क्षुद्र लेखनी असमर्थ है। इन कुकर्मों के प्रताप मे मूर्ख जवानी में हो नपुत्मक घोर निकम्मे हो गये और घर सन्तानहीन हो गये, मेड़ों कुतो स्ति कुटा चारिणी बन गई । पति मैथुम, प्रयोनि मैथुन आदि को हानियों पूर्व रूप से हम भागे दिखेंगे। यहाँ हम 'चरक" से इन कामों से होनेवाली हानियाँ मंचेव में दिखमाते है। घरकमेरिता के विमान स्थान के पौष अध्याय में मिला मैयुनात् । शुरुवादी विदुष्पन्ति शतक्षार मिगिम्तया ।। "कुममय मेधुम मे गुदा मैथुन या पशु मेवन कार्म, इन्द्रियों के खोलने, अत्यन्त मैथुन करने, भोर शस्त्र, धार तथा अग्नि कर्म के दोष से शुक्रवादी स्रोत बिगड़ जाँते हैं। सुश्रुतके चिकित्सा स्थान के चौबीसवें अध्याय में लिखा है प्रत्युपस्यरात्रे च षातपिचे प्रकुप्यतः । तिर्यग्योनाषयोनौ च दुष्टयोनौ सथैवच ॥ उपदशस्तथा षायोः फोप शुक्रस्य च क्षय "सवेरी और पाधीरात के समय मेथुन करमे से वायु भौर वित्त फुपित हो जाते हैं । घोड़ो, गधी, और कुतिया आादि के साथ मेथुन करने पर दुष्ट योनि में मैथुम करने से गर्मी का रोम हो जाता है सथ वायु का कोप औौर शुक्र - बीर्य -शा चय होता है । चरक के निदान स्थान के छठे अध्याय में लिखा है आहारस्पपरमघाम शुक्रतूद्रक्ष्यमात्मनः । क्षये सस्प घडून रोगाम्मरणया नियच्छति ॥ "वोर्यो खाये पिये पदार्थों का अन्तिम परिमाण है । वोर्यके चय होने से अनेक रोग अथवा मृत्यु तक हो जाती है, सवते प्राथो को वीर्य रक्षा करना परमावश्यक है। अति मैथुम, गुदा मैथुन आादि को हानियाँ जैसो धरक और पशुम ने सिखो है, वह राई रत्तो सच हैं। इन कामों को बुराइयों को हम देख रहे हैं, प्रत इस विषय में सन्देह करने को प्रारूरत नहीं है। जब कि घोर्य चय होने से हमारो मत्य तक हो जाना सम्भव है, तब दोर्घनोवो होने के लिये हमें वोय रचा अवश्य हो करनी चाहिये। मिस्सन्देह, घोर्य रक्षा करना हम लोगों का प्रधान कर्त्तव्य है।
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कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बीच हज़ारो प्रवासियों के लिए एक मदगार बनकर सामने आये, जो की आज के समय में भी अलग-लगा तरह से लोगों की दिल खोलकर मदद कर रहे हैं. सभी के बीच मसीहा के रूप में प्रसिद्ध, सोनू अपने निस्वार्थ सामाजिक कार्यों से एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गए हैं. ऐसे में कई लोगों का मानना है कि एक्टर जल्द ही राजनीति में कदम रख सकते हैं. खैर, सोनू ने अभी तक अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने अपनी बहन मालविका सूद सच्चर के राजनीतिक प्रवेश की घोषणा की है. एक जाने माने अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, सोनू ने मोगा में अपने घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई जहां उन्होंने घोषणा की कि उनकी बहन मालविका पंजाब के लोगों की सेवा के लिए तैयार हैं. एक्टर ने कहा कि उन्हें अभी यह तय करना बाकी है कि वह राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले किस राजनीतिक दल में शामिल होंगी. इस साल अगस्त में, सोनू को दिल्ली सरकार के 'देश का मेंटर' कार्यक्रम के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में नामित किया गया था. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और वे एक साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे. (Source: The Indian Express)
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के क्रम में वैज्ञानिक पृष्ठभूमि अधिक विकसित हुई, दोषों की अंशांशकल्पना के अनुसार ६३ भेद किये गये । चिकित्सा में भी रोग की विकृति के अनुसार ओषधों का निर्धारण किया गया। सुश्रुत के काल में खनिज द्रव्यों का प्रयोग चिकित्सा में कुछ बढ़ा । रोगों की संप्राप्ति का भी विशदीकरण ६ क्रियाकाल ( संचय, प्रकोप, प्रसार, स्थानसंश्रय, व्यक्ति और भेद ) के निर्धारण द्वारा किया गया । तथापि मधुमेह, कुष्ठ, वातव्याधि, सन्निपात, ज्वर, राजयक्ष्मा आदि रोग समस्याभूत ही थे यद्यपि तुवरक आदि नवीन औषधों का प्रयोग इस काल में होने लगा। जनपदोद्ध्वंस, मरक, जनमार इत्यादि का निर्देश होने से पता चलता है कि विविध औपसर्गिक रोगों का प्रसार समय-समय पर होता था जिससे गाँव के गाँव साफ हो जाते थे । यह वैज्ञानिक इतिहास की दृष्टि से रोचक एवं विस्मयजनक है कि अग्निवेश या चरक ने इतने रोगों पर असंख्य औषधों का परीक्षण किस प्रकार और कहीं किया और इतने विशाल कार्य के परिणाम को किस प्रकार एकत्र कर क्रमबद्ध किया। इसके लिए विशाल आतुरालयों के अस्तित्व का अनुमान होता है जिसका संकेत चरकसंहिता के उपकल्पनीय अध्याय ( सू० १५ ) में किया गया है । वाग्भट ने पूर्ववर्ती संहिताओं को संकलित एवं परिष्कृत कर युगानुरूप रूप दिया । ज्वरों में हारिद्रक, पूर्वरात्रिक तथा रात्रिक ज्वर का वर्णन किया गया ( अं० सं० नि० २१८७-९१ )। अतिस्थौल्य का वर्णन विस्तार से किया गया ( अ० सं० २४/२५-२६) जो आगे चलकर मेदोरोग हुआ। संप्राप्ति के क्षेत्र में भी कुछ नवीन विचार उपस्थित किये गये । रक्तपित्त प्रकरण में वाग्भट का यह कथन कि पित्त रक्त की विकृति है और यह रक्त के स्थान प्लीहा और यकृत् से उत्पन्न होता है ( अ० सं० नि० ३१५-६ ) अतीव महत्त्वपूर्ण तथ्य है जो आधुनिक विज्ञान से भी संमत है । पहले पाण्डु से ही आगे कामला की उत्पत्ति कही जाती थी किन्तु वाग्भट ने सर्वप्रथम यह कहा कि 'पाण्डुरोगाद् ऋतेऽपि च' अर्थात् पाण्डुरोग के बिना भी यह होती है ( अं० सं० नि० १३/१८-१९ ) । सरल एवं सफल चिकित्सा का प्रचार भी वाग्भट ने किया यथा पित्तज्वर में पर्पट या गुडूची; पित्तश्लेष्मज्वर में वासापुष्प एवं पत्र; रक्तपित्त में वासास्वरस; क्षतज कास में नागबला, मधुयष्टी और मण्डूकपर्णी, प्रमेह में हरिद्रास्वरस; गुल्म में एरण्डतैल दुग्ध के साथ या कम्पिल्लक मधु के साथ; कुष्ठ में लौह, तुवरक, भल्लातक, बाकुची, चित्रक और गुग्गुलु; आवृतवात में लशुन आदि' । मौर्यकाल में अशोक ने आतुरालयों की जो श्रृंखला सारे देश में स्थापित की वह गुप्तकाल में और सुदृढ़ एवं विकसित हुई । अतः चिकित्सकों के लिए अब विषयानुसार ग्रन्थों की आवश्यकता होने लगी। आकरग्रन्थ के स्थान पर करग्रन्थ १. देखें वाग्भट विवेचन, पृ० ४४-४९ ( Handbook ) की माँग होने लगी। ऐसे ही समय में माधवकर ने अल्पमेधस् ( ? ) चिकित्सकों के लिए 'रोगविनिश्चय' नामक ग्रन्थ की रचना की । यह इस विषय का सर्वप्रथम स्वतंत्र ग्रन्थ है। इसमें पूर्ववर्ती मुनियों के वचनों का संकलनमात्र नहीं है अपितु आमवात, शूल, अम्लपित्त आदि अनेक रोगों के स्वरूप का निर्धारण भी किया गया है । भावी लेखकों के लिए यह ग्रंथ आदर्शभूत रहा; चिकित्साग्रन्थों के रचयिताओं ने इसी क्रम को आधार बनाया । माधव ने न केवल निदान अपितु चिकित्सा का भी एक ग्रन्थ लिखा । नावनीतक को यदि छोड़ दें तो माधवचिकित्सित सर्वप्रथम चिकित्साग्रन्थ है । इस काल की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना हुई भारत पर अरबवासियों का आक्रमण । ७१२ ई० में मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर अधिकार कर लिया । परिणामतः अरब से सम्पर्क बढ़ा और मध्यकालीन ग्रन्थों में अनेक नवीन द्रव्यों एवं विधियों का समावेश हुआ। आगे चलकर सम्भवतः इसी माध्यम से अहिफेन, विजया, धत्तूर आदि मादक द्रव्यों का औषधीय प्रयोग प्रारम्भ हुआ । निदान के क्षेत्र में नाडीपरीक्षा का भी समावेश इसी काल में हुआ। रसशास्त्र के विकास से चिकित्सा के क्षेत्र में अद्भुत क्रान्ति आई । नये-नये रोग आते गये तथा उनकी चिकित्सा की भी व्यवस्था होती गई । वृन्दमाधव ( ९वीं शती ) में स्नायुक रोग तथा पारसीक यवानी का क्रिमिरोग में सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है। इसमें रसौषधों का प्रयोग नहीं है। माधवनिदान के रोगक्रम का अनुसरण करने के कारण संभवतः वृन्दकृत सियोग वृन्दमाधव के नाम से प्रचलित हुआ' । चक्रदत्त ( ११वीं शती ) में रसौषधों का पर्याप्त प्रयोग मिलता हैं। परंपरागत क्रम के साथ नवीन प्रयोगों का सामञ्जस्य करने के कारण चक्रदत्त ने वृन्दमाधव को पीछे छोड़ दिया और शताब्दियों तक चिकित्सकों का लोकप्रिय ग्रंथ बना रहा । वंगसेन ( १२वीं शती ) में सोमरोग का वर्णन किया गया जो पिछले ग्रन्थों में नहीं मिलता । शार्ङ्गधरसंहिता ( १३वीं शती ) में अम्लपित्त के अनेक भेद तथा २० रक्तज रोगों का पृथक् उल्लेख मिलता है। नाडीपरीक्षा का वर्णन भी सर्वप्रथम इसी ग्रन्थ में मिलता है। इसने स्नायुक को क्रिमि के अन्तर्गत रक्खा जब कि पूर्ववर्ती ग्रन्थों में वह विस्फोट या बुद्ररोग के अन्तर्गत १. वृन्दमाधव में सन्निपातज्वर की गम्भीरता का उल्लेख है ( ज्वराधिकार, श्लो० १९३, १९४ ) जिससे प्रतीत होता है कि इससे बहुधा लोगों की मृत्यु होती थी । इसी प्रकार शोष ( राजयचमा ) के प्रसंग में लिखा है कि यदि रोगी युवा हो और चिकित्सा की सुव्यवस्था हो तब भी १००० दिन ( तीन वर्ष ) से अधिक नहीं बचता : ~~-परं दिनसहस्रं तु यदि जीवति मानवः । सुभिष ग्भिरूपक्रान्तस्तरुणः शोषपीडितः ॥ इससे इसकी असाध्यता का बोध होता है ।
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महिलाओं के लिए मां बनना आसान नहीं होता। प्रेग्नेंसी से लेकर बच्चे के पैदा होने के बाद भी उन्हें कई सारी फिजिकल चेंजस से गुजरना पड़ता है। फिर वो चाहें नॉर्मल डिलीवरी हो या फिर आपरेशन यानी सी-सेक्शन डिलीवरी। दोनों में ही महिलाओं को रिकवरी के लिए समय की जरुरत होती है। सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाओं को गैस बनने की परेशानी से गुजरना पड़ता है। कई बार तो ये तकलीफ काफी ज्यादा बन जाती है। तो वहीं कई बार गैस्ट्रिक पास उन्हें शर्मिंदा भी कर देता है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर सी-सेक्शन के बाद गैस बनने का कारण क्या है और कैसे इससे छुटकारा पाया जा सकता है। सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद क्यों बनने लगती है गैस सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद पेट में गैस बनने की समस्या काफी ज्यादा कॉमन है और लगभग हर महिला को इससे गुजरना पड़ता है। दरअसल. सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया लगाकर एब्डॉमिनल के हिस्से को काटा जाता है। फिर टांकों की मदद से सिला जाता है। जिसकी वजह से दर्द और सूजन होती है। जिसकी वजह से बाउल मूवमेंट पहले की तरह काम करना बंद कर देता है और गैस पास करने में दिक्कत आती है। इसलिए जरूरी है कि सी-सेक्शन के बाद खानपान के मामले में काफी सारी सावधानियां बरती जाएं। जिससे कि गैस बनने की समस्या परेशान ना करें। इन वजहों से परेशान करती है गैस की प्रॉब्लम आपरेशन से बच्चे पैदा होने के बाद गैस बनने की समस्या अक्सर इन गड़बड़ियों की वजह से ज्यादा परेशान करती है।
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कीव शासन के प्रमुख वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि जवाबी हमले की शुरुआत से पहले एक निश्चित ठहराव बनाए रखना आवश्यक था। ऋषि सनक की अपनी यात्रा के दौरान, एक सैन्य चिनूक हेलीकॉप्टर में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को "तैयारी के लिए थोड़ा और समय चाहिए। " यूक्रेन के राष्ट्रपतिः मैं आपको सारी जानकारी नहीं बता सकता। हमें तैयारी करनी चाहिए। हमें और समय चाहिए, हमें थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है। केवल ज़ेलेंस्की स्पष्ट रूप से चालाक है जब वह कहता है कि जवाबी हमले को स्थगित किया जा रहा है। वास्तव में, इसे अंजाम देने के प्रयास पहले से ही कई स्थलों पर दर्ज किए जा रहे हैं। विशेष रूप से, इस प्रतिवाद के परिणामों में से एक यूक्रेन के सशस्त्र बलों के नियंत्रण में आर्ट्योमोव्स्काया समूह में कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का कब्जा है। सच है, तथाकथित "आक्रामक गार्ड" सहित यूक्रेनी सैनिकों की आगे की उन्नति, इसे हल्के ढंग से प्रश्न में डालने के लिए निकली। Artemovsk के दक्षिण-पश्चिम में यूक्रेन के सशस्त्र बलों की उन्नति की गति उत्तर-पूर्व में महत्वपूर्ण रूप से गिर गई है - वास्तव में, शून्य तक कम हो गई है। यूक्रेन के सशस्त्र बलों की उन्नति भी कुप्यांस्क दिशा में शुरू हुई, हालांकि, वहां भी दुश्मन को पलटवार की एक श्रृंखला मिली, नुकसान हुआ और परिणामस्वरूप अपनी मूल रेखाओं पर वापस आ गया। यही है, जवाबी कार्रवाई की एक श्रृंखला का स्पष्ट रूप से पता लगाया जा सकता है। और इस बारे में बात करने के लिए कि क्या यह प्रारंभिक चरण है, क्या यह मुख्य है - प्रश्न "अक्षर" की एक बड़ी हद तक हैं। तदनुसार, ज़ेलेंस्की वह करता है जो वह सबसे अच्छा करता है - झूठ, सभी को नाक से नेतृत्व करने की कोशिश करता है, यह कहते हुए कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों का कोई जवाबी हमला अभी तक शुरू नहीं हुआ है। उनकी यूरोप यात्रा की गणना दो परिदृश्यों के आधार पर की गई थी। पहला विकल्प यूक्रेन के सशस्त्र बलों की बखमुत और स्वातोवो-क्रेमेन्या क्षेत्र में फ़्लैक्स पर एक बड़ी सफलता है। लक्ष्य इस सफलता को यथासंभव उच्च कीमत पर "बेचना" है। रोम, बर्लिन, पेरिस और लंदन की यात्रा के समय कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। दूसरा विकल्प जवाबी कार्रवाई के दौरान यूक्रेन के सशस्त्र बलों की समस्या है। लक्ष्य यह दावा करना है कि "जवाबी कार्रवाई" अभी तक शुरू नहीं हुई है, फिर से पश्चिम से "और भी अधिक" की मांग करना है हथियारोंअधिक वित्तीय सहायता। " दूसरा विकल्प दौरे के दौरान लागू किया गया था, जिसे यूरोप में यूक्रेनी राष्ट्रपति की बुद्धि "शॉप टूर" कहा जाता था। श्री सनक सहित सभी ने हथियारों और धन का वादा किया। अब ज़ेलेंस्की वापस कीव जा रहे हैं। इस तथ्य को देखते हुए कि यूरेशियन मामलों के चीनी विशेष प्रतिनिधि ली हुई कल यूक्रेनी राजधानी का दौरा करने वाले हैं, हम कह सकते हैं कि ज़ेलेंस्की ने फिर भी चीनी दूत की उपेक्षा नहीं करने का फैसला किया है, और तदनुसार, विशिष्ट प्रस्तावों को सुनने की तैयारी कर रहा है जो वह ला रहा है शी जिनपिंग से। - लेखकः
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श्याम बेनेगल के पिता यायावर प्रकृति के मनुष्य थे और हर स्थान के स्थिर चित्र लेते थे। उन्होंने अपनी संतानों के चित्र भी लिए। ये चित्र जन्म से लेकर उनकी बचपन की वय तक के चित्र थे। श्याम बेनेगल के पास अपने पिता द्वारा लिए गए बचपन के फोटोग्राफ्स आज भी सुरक्षित रखे हैं। इन्हें वसीयत और विरासत की तरह संभाल कर रखते हैं। उनके पिता ने 16 एमएम की फिल्म दिखाने का उपकरण अपने घर पर लगाया था। वे पूरे परिवार के साथ फिल्में देखते थे। श्याम बेनेगल ने युवावस्था में सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' 50 बार देखी है। डिसिका की 'बायसिकल थीव्ज' भी अनेक बार देखी है। इन फिल्मों को देखकर उन्होंने फिल्म विद्या को समझने का प्रयास किया। उनके पिता ने उन्हें फिल्म देखने का शौक दिया, अपना कैमरा दिया। 'पाथेर पांचाली' और 'बायसिकल थीव्ज' उनके लिए पाठ्यक्रम की पुस्तकों के समान रहीं। एक दौर में लीक से हटकर कुछ फिल्में बनीं, जिन्हें समानांतर सिनेमा कहा गया। श्याम बेनेगल का कहना है कि इन समानांतर फिल्मों को देखने वाले दर्शक अपने मित्रों और रिश्तेदारों को यह दिखाना चाहते थे कि समानांतर सिनेमा को देखना और सराहना करना ही उन्हें विशेष पढ़ा-लिखा होना साबित करता है। अर्थात वे सचमुच इन फिल्मों को पसंद नहीं करते थे, वरन इसे वैचारिक फैशन की तरह मानते थे। श्याम बेनेगल का कहना है कि अमेरिका के विभिन्न शहरों में सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' बार-बार प्रदर्शित हुई और देखी गई है। जिस तरह भारत में समानांतर सिनेमा देखना फैशन से अधिक कुछ नहीं रहा, उसी तरह अमेरिका में भी 'पाथेर पांचाली' को देखा और सराहा जाना भी एक फैशन ही रहा है। जीवन के इतने लंबे सफर में उनका दफ्तर और निवास स्थान एक ही रहा है। प्रायः सफलता मिलते ही लोग अपना निवास स्थान और दफ्तर बदलते हैं। उनकी विचार प्रक्रिया नहीं बदलती। श्याम का अपना निवास स्थान और दफ्तर कायम रखना उनकी विकसित मानसिक अवस्था का प्रतीक है। श्याम ने शशि कपूर के लिए 'रस्किन बॉन्ड' के उपन्यास से प्रेरित बड़े बजट की 'जुनून' बनाई और महाभारत की कथा को महानगर में रोपित करने वाली फिल्म 'कलयुग' बनाई। श्याम हमेशा समसामयिक, सामाजिक समस्याओं पर रोचक फिल्में बनाते रहे हैं। क्या वे किसान आंदोलन पर फिल्म बनाएंगे? क्या ऐसी फिल्म कभी प्रदर्शित हो सकती है? आज श्याम बेनेगल उस उम्रदराज थके-हारे व्यक्ति की तरह हैं जो अपनी जीवन यात्रा पर अजनबी फिल्म को अपने मन के स्क्रीन पर अपने अवचेतन के कैमरे से शूट कर चुका है। संभव है कि वे इस फिल्म को अपने पिता द्वारा उपयोग में लाए हुए कैमरे से शूट करें।
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हर क्रिकेट प्रशंसक चाहता है कि उसकी टीम ही मैच जीते. फिर वो चाहे कोई एक मैच की बात हो या पूरे टूर्नामेंट की. और ऐसे में जब यह खेल एक देश का धर्म ही बन जाए तो बात ही कुछ और है. हम बात कर रहे हैं भारत के प्रशंसकों की, जो क्रिकेट के खिलाड़ियों को भगवान की तरह पूजते हैं. अब अगर एक नजर डालें क्रिकेट के दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों की तो दो दशक पहले तक जो मजा सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) की बल्लेबाजी को देखकर आता था, आज के दौर में वही मजा रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) की बैटिंग को देखकर आता है. सीमित ओवरों में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और उपकप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने अपनी बल्लेबाजी से न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी प्रशंसकों के दिल में जगह बनाई है. इतना ही नहीं विराट और रोहित नए-नए रिकॉर्ड अपने नाम करते जा रहे हैं. वनडे क्रिकेट की बात करें तो जहां एक ओर विराट, सचिन तेंदुलकर के शतकों की संख्या को पीछे छोड़ने से बस कुछ कदम दूर हैं. वहीं दूसरी ओर रोहित शर्मा के नाम एक पारी में तीन बार 200+ स्कोर बनाने का रिकॉर्ड है. इसी के साथ अगर हम बात करें टी20 क्रिकेट की तो सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में पहले दोनों पायदान पर कोहली और शर्मा जमे बैठे हुए हैं. इस लेख में हम जानेंगे 10 ऐसे मौकों के बारे में जब इन दोनों ने क्रिकेट प्रशंसकों को झूमने को मजबूर कर दिया. विराट और रोहित की 10 बेहतरीन पारियाँः 2 अक्टूबर 2015 को भारत और दक्षिण अफ्रीका धर्मशाला के मैदान पर आमने सामने थीं. भारत टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी कर रही थी और धवन सिर्फ 22 रन पर आउट हो गये थे. तब विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने मोर्चा संभाला. दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 138 रन की साझेदारी की. इस मैच में रोहित ने अपना पहला टी20 शतक लगाया था. इस मैच में रोहित शर्मा ने 106 रन (66 गेंद) और विराट कोहली ने 43 रन (27 गेंद) बनाये थे. 23 मार्च 2014 दिन वेस्टइंडीज और भारत के मैच में वेस्टइंडीज ने 129 रन बनाये. जिसका पीछा करते हुए भारत ने 2 गेंद शेष रहते हुए 130 रन बनाकर मैच जीत लिया. इस मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने दूसरे विकेट के लिए 106 रन की साझेदारी की थी. उस मैच में 62 रन और विराट ने 54 रन की जुझारू पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी. 2014 में 24 मार्च को टी20 वर्ल्डकप के 24 वें मैच में भारत और बांग्लादेश की टीमें आमने-सामने थीं. बांग्लादेश ने पहले खेलते हुए 138 का स्कोर खड़ा किया. इसके बाद भारत के लिए रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने 56 रन और विराट कोहली (Virat Kohli) ने 57 रन बनाकर टीम को 19 वें ओवर में ही जीत दिला दी. भारत ने यह मैच 8 विकेट से जीता था. इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 4 मैच में फेल होने वाले केएल राहुल की जगह कप्तान कोहली ने पांचवें मैच में रोहित शर्मा के साथ खुद सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई. नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में खेले गये इस मैच में भारत के दो सबसे बड़े खिलाड़ियों को एक साथ ओपनिंग करते देख पूरा भारत झूम उठा. इस मैच में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने 34 गेंद में 64 रन और विराट कोहली (Virat Kohli) ने 55 गेंद में 80 रन जड़कर टीम को 224 के कुल योग तक पहुंचाया. यह इस सीरीज का सबसे बड़ा स्कोर रहा. 8 जुलाई 2018, दिन रविवार को ब्रिस्टल में भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 सीरीज का तीसरा मैच खेला गया. जिसे भारत ने 7 विकेट से जीतकर सिर्फ मैच ही नहीं सीरीज भी अपने नाम कर ली थी. इस मैच में इंग्लैंड ने जेसन रॉय के अर्धशतक की मदद से भारत को 199 रन का लक्ष्य दिया. जिसका पीछा करते हुए रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के नाबाद शतक और विराट कोहली (Virat Kohli) के 43 रनों की बदौलत भारत ने यह मैच सिर्फ 3 विकेट खोकर जीत लिया. विराट और रोहित ने तीसरे विकेट के लिए 89 रन की साझेदारी की थी. 2018 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे मैच में वेस्टइंडीज ने पहले खेलते हुए भारत को 323 रन का लक्ष्य दिया था. जिसके जवाब में रोहित शर्मा और विराट कोहली (Virat Kohli) ने धमाकेदार पारियां खेलीं. रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने नाबाद 152 मारे तो कोहली ने 140 रन जड़े. धमाके का आलम यह रहा कि इन दोनों ने मिलकर 36 चौके और 10 छक्के जड़ दिए थे. विराट और रोहित ने दूसरे विकेट के लिए 246 रन की साझेदारी की थी. विराट और रोहित की शानदार बैटिंग का गवाह कानपुर का ग्रीनपार्क स्टेडियम भी बना. जहां न्यूजीलैंड और भारत के बीच सीरीज का तीसरा वनडे मैच खेला जा रहा था और भारत ने 6 रन से यह मैच जीत लिया. पहले खेलते हुए रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के 147 और विराट कोहली (Virat Kohli) के 113 रनों की मदद से भारत ने 337 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया. जिसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 7 विकेट पर सिर्फ 331 ही बना सकी. इस मैच में विराट और रोहित ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 230 रन जोड़े थे. भारतीय टीम ने सीरीज के चौथे मैच में भारत के दिए हुए 375 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम 207 रन पर ही सिमट गई थी. इस मैच में शिखर धवन के जल्दी आउट होने के बाद कप्तान कोहली ने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का बेहतरीन साथ निभाते हुए दूसरे विकेट के लिए 219 रन की साझेदारी की. इस मैच में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने 88 गेंद में 104 और विराट कोहली (Virat Kohli) ने 96 गेंद में 131 रन की ताबड़तोड़ पारियां खेली थी. 2015-2016 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. कड़ाके की ठण्ड और वनडे सीरीज का पहले मैच. टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 309 रन बना दिए और ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 310 का लक्ष्य दिया. इस मैच में भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने नाबाद 171 रन की पारी खेली और विराट कोहली (Virat Kohli) ने 91 रन बनाकर उनका बखूबी साथ निभाया. विराट और रोहित ने दूसरे विकेट के लिए 207 रन की साझेदारी की. 13 नवंबर 2014 का दिन भारतीय टीम के श्रीलंका पर जीत के लिए कम रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की रिकॉर्ड पारी का लिए जाना जाता है. इस मैच में रोहित ने वनडे क्रिकेट का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर (264) बनाया था उन्होंने इस मैच में 33 चौके और 9 छक्के जड़े थे जो आज भी रिकॉर्ड है. इस मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी 66 रन बनाकर उनका बखूबी साथ निभाया था. इन दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 202 रन जोड़ दिए. इनकी पारियों की मदद से भारत ने 404 रन बनाये थे और विराट और रोहित के इस पारी के बदौलत भारत ने श्रीलंका को 153 रन से हरा दिया.
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नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी के निधन पर तमाम हस्तियों ने शोक जताया है. पीएम मोदी ने कहा है कि भारत, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोकाकुल है. उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. भारत सरकार ने पूर्व मुखर्जी के निधन पर पूरे भारत में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है. आरएसएस ने एक पत्र के जरिए अपना शोक जाहिर करते हुए कहा है कि भारत के राजनैतिक-सामाजिक जीवन में उपजी इस शून्यता को भरना आसान नहीं होगा. संघ के प्रति उनके प्रेम और सद्भाव के चलते हमारे लिए तो वे एक मार्गदर्शक थे. उनका जाना संघ के लिए एक अपूरणीय क्षति है. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. भारत ने भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. एक उत्कृष्ट विद्वान, एक राजनीतिज्ञ, वह पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम और समाज के सभी वर्गों द्वारा सराहे गए. भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए 'महामहिम' शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है। पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. With great sadness, the nation receives the news of the unfortunate demise of our former President Shri Pranab Mukherjee. I join the country in paying homage to him. बहुत दुख के साथ, राष्ट्र को हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन की खबर मिली. मैं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देश के साथ शामिल हूं. शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. भूतपूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी को भावभीनी श्रद्धांजली! वहीं यूपी के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शोक जताते हुए उन्हें भारतीय राजनीति का सच्चा रत्न बताया है. Deeply saddened to hear Pranab da Mukherjee passed away. Our former President, a Bharat Ratna and a thorough gentleman. We shared a very warm and cordial relationship. Heartfelt condolences to the family. प्रणब दा मुखर्जी का निधन की बात सुनकर गहरा दुख पहुंचा. हमारे पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न और एक पूरे सज्जन. हमने बहुत गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण संबंध साझा किए हैं. परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी जी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. उनकी मृत्यु देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है. प्रणब दा, उम्दा व्यक्तित्व के धनी और अच्छे मित्र थे. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में उनका योगदान इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. वो अपने आप में एक इनसाइक्लोपीडिया थे. ऐसे शख्स राजनीति में बहुत कम दिखते हैं. कांग्रेस पार्टी के वो भीष्म पितामह थे. उनकी सहमति के बिना कांग्रेस पार्टी कोई फैसला नहीं ले सकती थी. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी जी के निधन पर बहुत दुख हुआ है. उनके काम को लोग हमेशा याद रखेंगे. देश ने एक बहुत अच्छा देशभक्त सपूत खो दिया है. हम प्रार्थना करेंगे कि उनकी आत्मा को शांति मिले. उनके बेटे और बेटी को साहस मिले. म. प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के विकास में उनका (पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी) अतुलनीय योगदान रहा है. आजादी के बाद से ही लगातार केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर रहकर उन्होंने मां भारती और जनता की सेवा की है. मैं उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर मैं शोक व्यक्त करता हूं. संसदीय व प्रशासनिक क्षेत्र में उनका अनुभव बेजोड़ था. व्यक्तिगत संबंधों में उन्होंने राजनीतिक जुड़ाव को कभी बाधा नहीं बनने दिया. उनका निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है. फिल्म अभिनेत्री कंगना रनावत ने ट्वीट किया है, 'यह एक तरह की भयानक खबर है, वह हमारी यादों में एक बेहतरीन नेता और महा सज्जन रहेंगे'. नोबेल प्राइज विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि भारत ने अपना एक बेहतरीन राजनेता खो दिया है. उनके साथ मेरी सभी यादों में सबसे प्यारी यह है कि मैंने अपना नोबेल पुरस्कार जब राष्ट्र को समर्पित किया और उन्हें सौंपा तो उन्होंने कहा 'कैलाश जी, मेरे पास कोई शब्द नहीं है! ' रेस्ट इन पीस, प्रणब दा! सांसद और नेता शरद यादव ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति #PranabMukherjee जी के निधन पर गहरा दुःख हुआ, उन्होंने दशकों तक देश की सेवा करते हुए समग्र विकास में बड़ा अविस्मरणीय योगदान दिया. उन्हें कंप्यूटर माइंड वाला आदमी कहा जाता था. शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. मुखर्जी की तबीयत सोमवार सुबह से ही खराब होनी शुरू हुई. उनके फेफड़े में संक्रमण था. आर्मी की रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने जानकारी दी है.
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राज्यसभा में देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि इराक में तीन साल पहले अगवा किए गए सभी 39 भारतीय मारे जा चुके हैं और उनके शव मिल गए हैं। यह पता नहीं चल पाया गया है कि ये लोग कब मारे गए। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार तथा बंगाल के रहने वाले इन भारतीयों के शव इराक में मोसुल शहर के उत्तर पश्चिम में स्थित बदूश गांव से मिले हैं। एक सामूहिक कब्र से खोद कर निकाले गए इन शवों की डीएनए जांच की गई जिसके बाद इनकी पहचान हो सकी। सुषमा ने बताया "मैंने पिछली बार इन भारतीयों के बारे में सदन में चर्चा होने पर कहा था कि जब तक ठोस सबूत नहीं मिलेगा, मैं किसी को भी मृत घोषित नहीं करूंगी। आज मैं उसी प्रतिबद्धता को पूरी कर रही हूं। " करीब तीन साल पहले 40 भारतीय कामगारों के एक समूह को मोसुल में आतंकी संगठन आईएस ने बंधक बना लिया था। बंधक बनाए गए लोगों में कुछ बांग्लादेशी भी थे। भारतीयों में से हरजीत मसीह नामक एक व्यक्ति अपने आप को अली बता कर किसी तरह बच कर निकला था। उसने दावा किया था कि उसने अन्य भारतीयों को आईएसआईएस के लड़ाकों के हाथों मरते देखा है लेकिन सरकार ने विरोधाभासी होने के कारण उसका यह दावा खारिज कर दिया था। इन भारतीयों को तब अपहृत किया गया था जब मोसुल पर आईएस ने कब्जा किया था। इनको पहले मोसुल में एक कपड़ा फैक्ट्री में रखा गया। हरजीत के भागने के बाद इनको बदूश गांव में बंधक रखा गया। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह को उसी कपड़ा फैक्ट्री से पता चला जहां पहले भारतीयों को रखा गया था। बदूश में कुछ स्थानीय लोगों ने एक सामूहिक कब्र के बारे में बताया। "डीप पेनिट्रेशन रडार" की मदद से पता लगाया गया कि कब्र में शव हैं। इराकी अधिकारियों की मदद से शवों को खोद कर निकाला गया। जो सबूत मिले, उनमें लंबे बाल, कड़ा, पहचान पत्र और वह जूते शामिल हैं जो इराक में नहीं बने थे। सुषमा ने राज्यसभा में इन भारतीयों को लेकर अपनी बात रखी, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के हंगामे के कारण वह इस मुद्दे पर बात नहीं कह सकीं। श्रीमती स्वराज के शब्दों में कांग्रेस ने ओछी राजनीति की सारी हदें पार कर दीं। पिछले कुछ दिनों से हो रहे हंगामे को आज भी जारी रखा गया और कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में जमकर हंगामा किया। केवल इतना ही नहीं राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति मंगलवार सदन के सदस्यों के आचरण से बेहद नाराज हो गए। उन्होंने हंगामा करने वाले सदस्य को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे ऐसा ही करते रहेंगे तो वह खुद ही सदन से चले जाएंगे। कांग्रेस कह रही है कि विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर देशवासियों को गुमराह किया और आखिरी समय तक परिवार वालों को इनके जिंदा होने का दिलासा दिया जाता रहा है। कांग्रेस पार्टी के वर्तमान व्यवहार को देख कर लगता है कि उन्होंने तथ्यों पर ध्यान देना छोड़ दिया है या झूठ बोलने की नया संकल्प लिया है। जून 2014 में जब से यह घटना हुई है उसके बाद विदेश मंत्री यही कहती रही हैं कि बिना साक्ष्य के वे किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकतीं और आखिर तक इन्हें बचाने का प्रयास किया जाएगा। भारतीय नियमों के अनुसार भी किसी लापता व्यक्ति की सात साल तक प्रतीक्षा की जाती है और बाद में उन्हें लाश न मिलने तक मृत मान लिया जाता है। लेकिन सुषमा स्वराज ने लीक से हटते हुए पहली बार यह कहा कि साक्ष्य मिलने तक उन्हें जीवित माना जाएगा। इसके बाद भी विदेश मंत्रालय चुप नहीं बैठा, वीके सिंह कई बार इनकी तलाश में इराक गए और वहां निजी तौर पर प्रयास कर मृतकों की पहचान करवाने में सहायता की। अनुमान लगाएं कि अगर केदं्र सरकार बिना साक्ष्य किसी को मृत घोषित कर देती और बाद में वह देश के सामने उपस्थित हो जाता तो इससे ज्यादा गैर-जिम्मेदाराना बात और क्या होती? वैसे तो कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष संसद को काफी समय से अनावश्यक रूप से बंधक बनाए हुए हैं परंतु आज कांग्रेस के पास लोकसभा में जो व्यवहार किया वह संसदीय लोकतंत्र इतिहास को दागदार करने वाला है। देश के मारे गए 39 बेकसूर लोगों को श्रद्धांजलि देने और इस घटना की सूचना देश को देने से बड़ा कांग्रेस के पास कौन सा मुद्दा था जिसको लेकर ज्योतिर्यादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उसके सांसद लोकसभा के वैल तक में कूद गए? 2019 के लोकसभा चुनाव को सम्मुख देख कर कांग्रेस पार्टी इतनी बदहवास हो रही है कि वह सरकार के हर कदम का विरोध करने का मन बना चुकी है और संसद का दुरुपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए करने के प्रयास में दिख रही है। विरोध करना कांग्रेस का संवैधानिक अधिकार है परंतु क्या किसी को श्रद्धांजलि के समय भी वह अपने क्षुद्र हितों को ही प्राथमिकता देगी?
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अब एक बात स्पष्ट रूप से दिखने लगी है कि कन्वर्जन के विरुद्ध लोगों में नई जागरूकता आ गई है। जिस गांव में ईसाई मिशनरी के लोग ग्रामीणों को लोभ - लालच से ईसाई बना देते हैं, उसी गांव के कुछ प्रमुख लोग ही उन लोगों की घरवापसी के लिए पहल करने लगते हैं। ऐसा कुछ समय पहले तक नहीं होता था। लोग कन्वर्जन के मामले में एक तरह से तटस्थ रहते थे। सगे - संबंधी ईसाई बन जाते थे, लेकिन परिवार के लोग अपने में ही व्यस्त रहते थे। अब ऐसा नहीं हो रहा है। लोग अपने गांवों से ईसाइयों को खदेड़ने के साथ - साथ जो लोग कन्वर्ट हुए हैं, उन्हें मूल मत में लाने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दे रहे हैं। एक ऐसा ही मामला 3 अप्रैल को गुमला जिले के भरनो प्रखंड के अंबवा गांव में देखने को मिला। इस दिन गांव के पाहन (पुजारी) अच्छा उरांव की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में गांव के उन लोगों की घरवापसी कराने पर चर्चा हुई, जो कुछ समय पहले लोभ - लालच से ईसाई बन गए थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि गांव में जो भी लोग ईसाई बन गए हैं, उन्हें तुरंत सरना मत में लाना है। इसके बाद आनन - फानन में पूरी तैयारी की गई और 11 परिवार के 19 लोगों को फिर से सरना बनाया गया। ये हैं - सुरेश महली (पिता जगेश्वर महली), परदेशिया महली (पिता करमो महली), भोला लोहरा (पिता शूकरा लोहरा), राजेश लोहरा (पिता भोला लोहरा), ममता कुमारी (पिता सुरेश महली), रायमुनि देवी (पति स्व. करमपाल महली), लाली देवी (पिता सुरेश महली), जीतू महली (पिता राम महली), मंजू देवी (पिता भोला लोहरा), मलादीन देवी (पिता विशुन महली), मुन्नी देवी (पिता श्रवण महली)। उल्लेखनीय है कि एक साल पहले गांव के लोहरा समाज एवं महली समाज के 14 परिवारों ने बीमारी और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण ईसाई मत अपना लिया था। उस समय पादरी ने इन लोगों से कहा था कि ईसाई बनते ही तुम लोगों की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इस घटना से गांव के अधिकतर लोग अनभिज्ञ ही थे। कुछ समय ही पहले पता चला कि गांव के कुछ लोग ईसाई बन गए हैं, तब ग्रामीणों ने उन्हें वापस करने के लिए कदम उठाने शुरू किए। इसके साथ ही हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने ईसाई बन चुके लोगों को काफी समझाया। इसका बहुत ही सुखद परिणाम निकला। वे लोग घरवापसी के लिए तैयार हो गए। फिर हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्री ऋषिनाथ शाहदेव और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने सभी के चरण धोकर, नए वस्त्र देकर,गंगाजल पिलाकर और तिलक लगा कर उन्हें फिर से हिंदू बनाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कन्वर्जन एक महापाप है जिससे लोगों को बचना है। इस अवसर पर हिंदू जागरण मंच के प्रदेश महामंत्री वाणी राय, प्रदेश परावर्तन प्रमुख संजय वर्मा, प्रखंड उपाध्यक्ष सत्येन्द्र साहू,सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव साहू,पवन सिंह, सोनू कुमार, राहुल सिंह एवं सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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चतुर्बंध अध्याय ( पंचम अध्याय) ऋजुभूतमनोवृत्तिर्गुरुशुश्रूषणोद्यतः । जिनप्रवचनाभिज्ञः श्रवकः सप्तधोत्तमः ॥' [ अमि. १३।१-२ ] इति भद्रम् । इत्याशापरदृब्वायां धर्मामृतपत्रिकायां शानदीपिकापरसंज्ञायां चतुर्दशोऽध्यायः । नहीं है। दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रियको अपेक्षा पंचेन्द्रिय सर्वप्रथम रक्षणीय है क्योंकि उसमें संचेतना अधिक है। यह सब कहनेका अभिप्राय यह है कि सम्यग्दर्शनकी शुद्धता, व्रतोंसे भूषित होना, निर्मल शीलरूपी निधिसे सम्पन्नवा, संयममें निष्ठा, जिनागमका ज्ञान, गुरुओंकी सेवा, दया आदि सदाचारमें तत्परता, इन सात गुणोंके होनेसे कोई पुण्यशाली व्यक्ति कालादि लब्धि विशेषसे महाश्रावक होता है। आचार्य अमितगतिने कहा है - साव प्रकारका श्रावक उत्तम होता है - १. जिसका सम्यक्त्व चन्द्रमाके समान निर्मल है, २. जो व्रतोंसे भूपित ६, ३. शीलरूपी रत्नोंकी महाखान है, ४. पवित्र गुणोंका सागर है, ५. जिसकी मनोवृत्ति सरल है, ६. जो गुरुकी सेवामें तत्पर रहता है, तथा ७. जिनागमका ज्ञाता है ॥५५।। इस प्रकार पं. आशाधर रचित धर्मामृत के अन्तर्गत सागारधर्मको संस्कृत टीका तथा ज्ञानदीपिकानुसारिणी हिन्दी टीकामें प्रारम्भसे १४वाँ तथा सागारधर्मको अपेक्षा पाँचवाँ अध्याय
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में कुछ इस तरह का रंग है जो हाशम की कविता में अधिर उभरा। उनके बोल वैराग्य के अनुभवों से जैसे निचुड़ रहे हों। पहले उन्होंने यह माझ पेश की : जित दिन आए इश्क की चउंकी, पहलां अकल रंवाण । गूंगे दे गुड़ खादे वांगू किआ कोई आखि वखाणै । लख चतराइयाँ औवें जासन, उडन वांग टिनाणै । लाल ख्यालि प्रेम दीयाँ झोकां कोयल होई सू जाणै । लालदास की इस माझ से जैसे तस्सली न हुई हो। अभी वाह-वाह हो ही रही थी श्रोता 'कोयल होई सू जाणै', गा-गाकर सिर हिला रहे थे कि कवि ने एक और माझ सुनानी शुरू की : महबूंबा दे दरशन कारण, कख गली दां थीवां । वगे वाउ पूरे दी जिउं- जिउं दर ते जाइ सुटीवां । आंदे- जांदे दा दरशन पावां, चरणी कदी छुहीवां । चरण धूड़ बन सतगुरु वाली, मर मर के मैं जीवां । लालदास जी ने यह माझ खत्म ही की थी कि श्रोताओं में से किसी जानकार ने ने रहू वे काजी' वाली माझ की फरमाइश की। लालदास जी ने एक नज़र दशमेश की ओर देखा और उनकी इज़ाजत पाकर वह माझ पेश की : रहू वे काज़ी। मैंडी जान न राज़ी मैं जरीआं तुध धीयां । मितू रांझण पोसत मैंडी हडीं रविया, पीते बाझ न जीवां । अके त रांझण आणि मिलावहू अके मैं बैरागणि थीवां । कितनी देर इस माझ की श्रोताओं की ओर से दाद दी जाती रही। अब फतमल्ल की बारी थी। फतमल ने लालदास ख्याली की आखरी माझ के अंदाज का यह छन्द सुनाया : सीने दे बीच सबज़ किआरी, जैदां किशक अराई । बीजदियाँ प्रदेश सिधावे, मैं किचरक पाणी पाईं । तुहि जिहा किरसाण न कोई, मैं ढूंढ रही सब जाईं । फतमल्ल हीर पई रिच हुजरे, कूके काही माही ॥ फतमल्ल के बाद केसो गुणी मंच पर आए। उन्होंने भी दर्द, वियोग की एक माझ पेश कीः तैंडी सूरत मैंडे मित्र पिआरियाँ दिल तो लहंदी नाहीं । ।
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सुसाइड नोट में उसने अपने पिता के लिये भी मैसेज लिखा है, पापा जी मैंने आपसे कभी सीधी बात नहीं की और आज आपसे बात कर सकूं इतनी हिम्मत नहीं है। पापा जी टाइम कम पड़ गया मेरे पास, नहीं तो मैं भी यूपीएससी क्लियर करके आपका और मम्मी का सर गर्व से ऊंचा करता पर अब हिम्मत नहीं रही। आपको और मम्मी को रोते नहीं देखना चाहता हूं, जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहता था पर नहीं कर पाया सॉरी मम्मी. . सॉरी पापा. . । प्रशांत ने अपनी पत्नी के नाम भी लिखा है की, मेरे हालात हमारे रिश्ते पर भारी पड़ गए आई एम सॉरी प्लीज माफ कर देना। मैंने एक भी प्रॉमिस पूरी नहीं की। मुझसे बुरा कोई हो ही नहीं सकता। मेरा हरदम साथ देने के लिए दिल से शुक्रिया। शायद इसलिए हमारा कोई बच्चा नहीं हुआ क्योंकि अगर हो जाता तो हमारी लाइफ हेल बन जाती है। मेरे लिए तुम यूपीएससी करो और जो जो लोग मेरी इस हालत के लिए पीछे हैं, उन सब को सजा देना। मेरे मम्मी पापा का ख्याल हो सके तो रखना। आई एम सॉरी. . । एडिशनल डीसीपी ने बताया, मृतक प्रशांत उपाध्याय के शव को कब्जे पुलिस में लेकर पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिये जिला मोर्चरी में भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के पश्चात शव को परिजनों सौंप दिया जायेगा। माता पिता और पत्नी से पूछताछ की जा रही है। आत्महत्या के सही कारणों का भी पता लगाया जा रहा है। (आईएएनएस)
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"वे पूरा कर रहे हैं . . . कलिनिनग्राद राडार स्टेशन के राज्य परीक्षण, जो मैंने हस्ताक्षर किए निर्देश के अनुसार, जुलाई 1 से आयोजित किए जाते हैं और दिसंबर में समाप्त होते हैं। पहले से ही नियोजित गतिविधियों का 60% पूरा हो गया है ""- बोरिसोव ने कहा," रडार के लड़ाकू चालक दल ने स्टेशन के प्रबंधन में लगभग महारत हासिल कर ली। " "दिसंबर में, राज्य परीक्षण के एक अधिनियम पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसके बाद रक्षा मंत्री द्वारा कलिनिनग्राद रडार को अलर्ट पर रखने के लिए एक आदेश तैयार किया जाएगा। , - उप मंत्री को सूचित किया। - कलिनिनग्राद रडार, जो एक मिसाइल हमले की चेतावनी प्रणाली का एक तत्व है, के चालू होने के साथ, इस क्षमता में काफी वृद्धि हो रही है। " बोरिसोव ने स्टेशन की उच्च तकनीकी क्षमताओं की ओर इशारा किया। "अपनी विशेषताओं के संदर्भ में, यह स्टेशन, कम से कम, हीन नहीं है, और सटीकता सहित कई विशेषताओं में, यह सभी एनालॉग तरीकों को पार करता है, - उसने कहा। - "रडार 6 हजार किलोमीटर तक की विभिन्न प्रकार की बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण का पता लगाने में सक्षम है। ". उनके अनुसार, कलिनिनग्राद स्टेशन, रूसी संघ के पश्चिमी भाग में स्थित है, "लगभग पूरे यूरोप और अटलांटिक महासागर को कवर करता है, जबकि एक साथ 500 वस्तुओं को धारण करने और साथ रखने की क्षमता रखता है। " अख़बार याद करता है कि इस साल मई में यह ज्ञात हो गया था कि रक्षा मंत्रालय पायलट कॉम्बैट ड्यूटी पर दो राडार लगाएगाः एक कलिनिनग्राद क्षेत्र में, दूसरा इरकुत्स्क में। इसके अलावा, वर्ष के अंत से पहले, क्रास्नोयार्स्क और अल्ताई क्षेत्रों में नए वोरोनिश वीजेडजी राडार पर परीक्षण शुरू हो जाएंगे।
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भारत के महान कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) आज अपना 40वां बर्थडे सेलीब्रेट (Happy Birthday MS Dhoni) कर रहे हैं. इस मौके पर धोनी को उनके साथ खेले खिलाड़ियों से खूब बधाइयां भी मिल रही हैं. आईसीसी ने भी इस पूर्व स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज को अपने ही अंदाज में बधाई दी है. आईसीसी ने माही के बर्थडे पर एक खास वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में धोनी की कप्तानी वाले कई खास पल शेयर किए हैं. अपने इस वीडियो में आईसीसी ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ जोगिंदर शर्मा से अंतिम ओवर फिंकवाने का निर्णय लेने से लेकर 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ युवराज सिंह से पहले खुद के बल्लेबाजी पर उतरने के ऐतिहासिक फैसले की भी झलक दिखाई है. इसके अलावा इस वीडियो में टी20 वर्ल्ड कप 2016 के उस पल को भी दर्शाया गया है, जब सुपर-10 राउंड में बांग्लादेश के खिलाफ मैच की अंतिम गेंद पर धोनी एक ग्लब्स उतारकर विकेटकीपिंग कर रहे थे और वह हार्दिक पांड्या की उस गेंद को पकड़कर दौड़ते हुए विकेट पर मार देते हैं, जिससे भारतीय टीम को आखिरी बॉल पर विकेट मिलने के साथ जीत मिलती है. इसके अलावा धोनी के करियर के कई और भी यादगार किस्सों को इस वीडियो में समाहित किया गया है. बता दें एमएस धोनी आखिरी बार 2019 वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेले थे. यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला गया सेमीफाइनल मैच उनके इंटरनेशनल करियर का अंतिम मैच साबित हुआ. इसके बाद उन्होंने बीते साल (2020) 15 अगस्त को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. फिलहाल कैप्टन कूल आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की ओर से अपने खेल और अपनी कूल कप्तानी का जलवा दिखा रहे हैं.
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चरणो के तलो पर चकचिन्ह विद्यमान हैं। श्रासन पर एक स्तभ के ऊपर धर्मचक्र है । उसकी १० स्त्री-पुरुष पूजा कर रहे हैं, जिनमे से दो धर्मचक्रस्तम्भ के समीप घुटना टेके हुए हैं, और शेप खडे हैं। कुछ के हाथो मे पुप्प है, श्रीर कुछ हाथ जोड़े हुए हैं। सभी को मुखमुद्रा वदना के भाव को लिए हुए है । इस मूर्ति को लेख मे स्पष्टत भगवान् अर्हन्त ऋषभ की प्रतिमा कहा है । (२) पार्श्वनाथ की एक सुन्दर मूर्ति (वो ६२ ) का सिर और उसपर नागफरणा मात्र सुरक्षित मिला है। फरणों के ऊपर स्वस्तिक, रत्नपात्र, त्रिरत्न, पूरघट और मीनयुगल, इन मगल-द्रव्यो के चिन्ह बने हुये हैं। सिर पर घुघराले चाल है । कान कुछ लम्बे, प्राखो की भौंहे ऊरर्गा से जुडी हुई व कपोल भरे हुए हैं । (३) पापारण-स्तभ (वी ६८) ३ फुट ३ इच ऊचा है, और उसके चारो प्रोर चार नग्न जिन मूर्तिया है। श्रीवत्स सभी के वक्षस्थल पर है, और तीन मूर्तियों के साथ भामण्डल भी है, व उनमे से एक के सिर की जटाए कधो पर विखरी हुई हैं । चतुर्थ मूर्ति के सिर पर सप्तफरणी नाग की छाया है। इनमे से प्रतिम दो स्पष्टत श्रादिनाथ श्रीर पाश्र्वनाथ की मूर्तिया हैं । (४) इतिहास की दृष्टि से एक स्तम्भ का पीठ उल्लेखनीय है । इसके ऊपर का भाग जिसमे चारो ओर जिनप्रतिमायें रही है, टूट गया है, किन्तु उनके चरणो के चिन्ह वचे हुए हैं। इस पीठ के एक भाग पर धमचक्र खुदा हुआ है, जिसकी दो पुरुप व दो स्त्रिया पूजा कर रहे हैं, तथा दो बालक हाथो मे पुष्पमालाए लिए खडे हैं । इस पापारण पर लेख भी खुदा है, जिसके अनुसार यह अभिसार निवासी भटिदाम का श्रयं ऋषिदास के उपदेश से किया हुआ दान है । डा० अग्रवाल का मत है कि यह उक्त धार्मिक पुरुष उसी अभिमार प्रदेश का निवासी रहा होगा जिसका यूनानी लेखको ने भी उल्लेख किया है, और जो वर्तमान पेशावर विभाग के पश्चिमोत्तर का हजारा 'जिला सिद्ध होता है । उसने मथुरा मे प्राकर जैनधर्म स्वीकार किया होगा। किन्तु इससे अधिक उचित यह प्रतीत होता है कि हजारा निवासी वह व्यक्ति पहले से जैनधर्मावलम्बी रहा होगा और मथुरा के स्तूपो और मंदिरो की तीर्थयात्रा के लिए प्राया होगा, तभी उसने वह सर्वतोभद्र प्रतिमा प्रतिष्ठित कराई । प्रथम शती मे पश्चिमोत्तर प्रदेश में जैनधर्म का अस्तित्व असम्भव नही है । ( ५ ) एक और ध्यान देने योग्य प्रतिमा ( २५०२) है, तीर्थंकर नेमिनाथ की । इसके दाहिनी प्रोर चार भुजाओ व सप्त फरणो युक्त नागराज की प्रतिमा है, जिसके ऊपर के बाए हाथ में हल का चिन्ह होने से वह बलराम की मानी गई है । बायी ओर
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नयी दिल्लीः दिल्ली में सोमवार को एक बार फिर सुबह-सुबह बारिश होने से मौसम खुशनुमा हो गया, लेकिन भारी बारिश से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है और राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को मानसून के पहुंचने की उम्मीद है। आईएमडी सफदरजंग वेधशाला में सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 43. 8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। लोधी रोड के मौसम स्टेशन में 44. 4 मिमि बारिश दर्ज हुई है। शहर के कई इलाकों और अहम मार्गों पर काफी जलभराव हो गया। आईएमडी में क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में मानसून पूर्व की बारिश सोमवार और मंगलवार को जारी रह सकती है। मानसून पश्चिम उत्तर प्रदेश को कवर करके बुधवार तक दिल्ली में दस्तक दे सकता है। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक, दिल्ली में मानसून के जल्दी आने का कारण पश्चिम बंगाल और आसपास के इलाकों में चक्रवातीय दबाव बनना है जो 19 और 20 जून को दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ा था। श्रीवास्तव ने कहा, "इसने मानसून को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में मदद की। उम्मीद है कि यह 22-23 जून तक मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों तक पहुंच जाएगा। " उन्होंने बताया कि इसके बाद बुधवार से मानसून दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में दस्तक देना शुरू कर देगा। आईएमडी ने इस बार दिल्ली में 103 प्रतिशत (सामान्य) बारिश का अनुमान जताया है।
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वेस्टइंडीज में खेले जा रहे The 6ixty टूर्नामेंट में रोवमैन पॉवेल ने अपनी फील्डिंग एफर्ट से सभी का ध्यान खींचा है। रोवमैन पॉवेल ने सुपरमैन एफर्ट से टीम के लिए 3 रन बचाए। The 6ixty: पावर हिटिंग के लिए जाने जाने वाले वेस्टइंडीज के विस्फोटक खिलाड़ी रोवमैन पॉवेल (Rovman Powell) ने शुक्रवार को Jamaica Tallawahs और Barbados Royals के बीच खेले गए 6ixty टूर्नामेंट के छठे मैच के दौरान मैदान पर शानदार फील्डिंग कौशल का प्रदर्शन किया। सातवें ओवर की तीसरी गेंद पर आयरलैंड के बल्लेबाज हैरी टेक्टर ने गजब का शॉट खेला था जो पहली झलक में निश्चित छक्का प्रतीत हो रहा था। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रेमन रीफर की गेंद पर सामने की तरफ बल्लेबाज ने गगनचुंबी शॉट खेला। छल्का तय था लेकिन, लॉन्ग-ऑन पर तैनात पॉवेल ने एकदम से हालात और जज्बात दोनों पलट दिए गेंद को सीमा रेखा पार जाने से रोकने के लिए फील्डर ने ऊंची छलांग लगाई और गेंद को सिक्स जाने से रोक लिया। रॉयल्स का बल्लेबाज इस शॉट से केवल तीन रन ही बना सका। ऑन-एयर कमेंटेटर इयान बिशप और डैनी मॉरिसन को रोवमैन पॉवेल की तारीफ करते हुए भी सुना गया। वहीं अगर मैच की बात करें तो रॉयल्स की पारी 9.5 ओवरों में 121 रनों पर ऑल-आउट हो गई। जिसमें टेक्टर 18 गेंदों में 35 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे।जमैका की टीम ने पहले खेलते हुए एमिर जोंगो के 68 रनों की पारी के बदौलत 10 ओवर में 162 रन बनाए। जवाब में बाराबाडोस की टीम इस मुकाबले को 41 रनों से हार गई। रेमन रीफर को मैन ऑफ द मैच चुना गया। रीफर ने 57 रन बनाए वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 3 विकेट झटके।
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[बंधनो ६ एसो जहण्णयं । ६८०. एत्तो उवरि जहण्णयमणुभागसंकमसामित्तं वत्तहस्सामो ति पइण्णावकमेदं । * मिच्छत्तस्स जहण्णाभागसंकामओ को होइ ? ६ ८१. किमेइ दिओ वेइ दिओ तेइ दिओ चउरिदिओ पंचिंदिओ सण्गी असण्णी बादरो सुहुमो पञ्जतो अपजतो वा इञ्चादिविसेसावेक्खमेदं पुच्छासुतं । * सुहुमस्स हदसमुप्पत्तियकम्मेण अण्णदरो । ६८२. एत्य सुदुमगहणेण सुडुमणिगोद अपजत्तयस्स गहणं कायव्वं, अण्गत्य मिच्छत्तजहण्णाणुभागसंकमुप्पत्तीए अदसणादो । सुहुमणिगोदपज्जतो किष्ण घेप्पदे १ ण, इस परसे दो प्रश्न खड़े हुए -प्रथम तो यह कि जो दर्शनमोहनीयकी क्षपणा नहीं कर रहे हैं, उनकी सत्तावाले ऐसे सब जीव यदि उनके उत्कृष्ट अनुभागसंक्रमके स्वामी माने जाते हैं तो उद्वेलनाके समय जिनका सत्कर्म अवलिके भीतर प्रविष्ट होता है उनके श्रावलिप्रविष्ट कर्मका भी उत्कृष्ट अनुभागसंक्रम मानना पड़ेगा। टीकामें इस प्रश्नको लक्ष्य रख कर जो कुछ कहा गया है उसका भाव यह है कि यद्यपि सूत्रमें 'दर्शनमोहनीयकी क्षपणा करनेत्रालेको छोड़ कर जिसके सत्कर्म है' ऐसा सामान्य बचन कहा गया है पर उससे उद्वेलनाके समय श्रावलिप्रविष्ट सत्कर्मत्राले जीत्रोंको छोड़ कर अन्य सत्कर्मवाले जीवोंको ही ग्रहण करना चाहिए। यद्यपि यहाँ पर यह कहा जा सकता है कि यह अर्थ कैसे फलित किया गया है सो उसका समाधान यह है कि आवलिप्रविष्ट कर्मका संक्रम आदि नहीं होता ऐसा ध्रुव नियम है, इसलिए इस नियम के अनुसार यह अर्थ सुतरां फलित हो जाता है। दूसरा प्रश्न यह है कि अपूर्वकरणमें प्रथम स्थितिकाण्डकघातके पूर्व उक्त कर्मोंका उत्कृष्ट अनुभागसंक्रम सम्भव है। ऐसी अवस्था में 'दर्शनमोहनीयकी क्षपणा करनेवालेको छोड़ कर' यह वचन देना उचित नहीं है। उसका जो समाधान किया है उसका भाव यह है कि यदि इतने अपवादको छोड़ दिया जाय तो दर्शनमोहनीयका क्षपक जीव उत्कृष्ट अनुभागका संक्रामक नहीं होता, इसलिए सूत्रमें अन्य सब अवस्थाको ध्यान में रखकर 'दर्शनमोहनीयके क्षपकको छोड़ कर यह बचन दिया है। शेष कथन सुगम है। इस प्रकार उत्कृष्ट स्वामित्व समाप्त हुआ। * आगे जघन्य स्वामित्वका कथन करते हैं। ६८० इससे आगे अर्थात् उत्कृष्ट स्वामित्व के कथनके बाद जघन्य अनुभागसंक्रमके स्वामित्वको बतलाते हैं। इस प्रकार यह प्रतिज्ञावाक्य है । * मिथ्यात्वके जघन्य अनुभागसंक्रमका स्वामी कौन है। ६८९. एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पञ्चेन्द्रिय, संझी, असंझी, बादर, सूक्ष्म, पर्याप्त और अपर्याप्त इनमेंसे इसका स्वामी कौन है ? इत्यदि विशेषकी अपेक्षा रखनेवाला यह पृच्छासूत्र है। * सूक्ष्म एकेन्द्रियके हतसमुत्पतिक कर्मके साथ अवस्थित अन्यतर जीव मिथ्यात्त्रके जघन्य अनुभागसंक्रमका स्वामी है। ८२. यहाँ सूत्रमें 'सूक्ष्म' पदके ग्रहण करनेसे सूक्ष्म निगोद अपर्याप्त जीवका ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि अन्यत्र मिथ्यात्वके जघन्य अनुभागसंक्रम की उत्पत्ति नहीं देखी जाती।
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पूरे देश में कल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक बिल पास हो गया. यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास जाएगा जहां पर अंतिम मुहर लगेगी. फिर यह विधेयक कानून का रुप ले लेगा. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़ें जबकि विपक्ष में 99 वोट पड़ें. गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस बिल को पेश किया. साथ ही उन्होंने इस बिल पर जवाब भी दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस विधेयक पर चर्चा की और साफ तौर पर कहा कि मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि अगर देश का विभाजन धर्म के अधार पर ना हुआ होता औऱ देश का विभाजन ही ना हुआ होता तो इस बिल की कोई जरुरत ही ना होती. देश को विभाजन ने बांटा था ना कि यह विधेयक बांटेगा. - नागरिकता संशोधन बिल क्या है? जो बिल संसद से पास हुआ है, वह नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव करेगा. इसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत आस-पास के देशों से भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म वाले लोगों को नागरिकता दी जाएगी. 2. कैसे भारत की नागरिकता मिलना होगा आसान? इस बिल के कानून में तब्दील होने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देशों से जो गैर-मुस्लिम शरणार्थी भारत आएंगे, उन्हें यहां की नागरिकता मिलना आसान हो जाएगा. इसके लिए उन्हें भारत में कम से कम 6 साल बिताने होंगे. पहले नागरिकता देने का पैमाना 11 साल से अधिक था. - बिल पर किस बात का विरोध हो रहा है? इस बिल को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा. विपक्ष का मुख्य विरोध धर्म को लेकर है. नए संशोधन बिल में मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों को आसानी से नागरिकता देने का फैसला किया गया है. विपक्ष इसी बात को उठा रहा है और मोदी सरकार के इस फैसले को धर्म के आधार पर बांटने वाला बता रहा है. - एनडीए में ही हुआ बिल का विरोध? मोदी सरकार के लिए इससे बड़ी सफलता किया होगी जब उसी की एनडीए पार्टी ने इस बिल का विरोध किया. साथ ही असम में भी उसी के गठबंधन का पार्टी असम गण परिषद ने भी इस बिल का जोरदार विरोध किया था. उनको भी लगता है कि यह बिल जनता के अधिकार का हनन करना है.
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उदयसिंहको उपपत्नी राणी वीराके रक्त में चंचलता उत्पन्न हुई । क्रोध और अभिमान से उसका चेहरा लाल होगया, उसने लाजके बंधनको तोड लोहेका वरूतर पहिना । हाथ में धनुषबाण ले वीररमणी वीरा बिजलीके समान चमकी और मेघके समान गर्जनकर सभामण्डपमें आई । तदनंतर मुक्तकंठसे सभाके मध्य में बोली, 'अहो! मै सडीहूं, क्या तुम सब देखते हो? क्या मेवाडकी भूमि आंज बीरहीन होकर वैधव्यको भोगती हैं? क्षत्रियाणियोंके गरम दूधमैं क्या आज कीडे पडगये? जो असंख्य राजपूत चित्तौरमें देख पंडतेथे क्या वह थोडीही देरमें निर्भय अवस्थाको प्राप्त होगये ? वीर क्षत्री क्या एक ढलिटाले मांसका लोयडाही हैं ? अरे क्षत्रियाणियोंने क्या अचेतन मांसके पुतलेही उत्पन्न कियेहैं ? देशाभिमान, कुलाभिमान और साहसने क्या आजही आर्यभूमिको त्यागदिया ? वीरता और तेजस्विताने क्या एक साथ ही परलो. कको गमन किया ? हाय ! हाय ! आज मैं यह क्या देखतीहूँ ! मिट्टीके जड पुतलोंको अपेक्षाभी क्षत्रियों की हीनदशा देखते हुए आज मेरी छाती फटती है । अरे ! आर्यवीर कहांगये ? अब क्या ऐसा कोईभी स्वाभिभक्त तथा देशहितैषी वीर न रहा, कि अपने स्वामीको शत्रुके हाथ में बंधादेख उसका रक्त न उछल रहाहो ! वीराके ऐसे वीर वचनोंको सुनतेही, पूर्णिमाके चन्द्रमाको देखकर समुद्र जैसे उछलता है वैसेही सब वीर एकसाथ गर्जनकर क्षणभरमें वीराके सन्मुख आय इकट्ठे हुए राजपूत सेनाको नये उत्साह में उत्साहित - कर कायर पुरुष उदयसिंहकी उपपत्नी वीरा सेनाके सन्मुख खडीहो भीमके समान प्रचण्डवलको प्रकाशकर गर्जन करतीहुई खडी रही, यवनों और राजपूतोंके बीच महा दारूण संग्राम हुआ । अस्त्रशस्त्रोंके तीव्र आघात से अंत में यवनसेना व्याकुल होगई और राजपूतोंके पराक्र मके सामने उनकी कुछभी न चली । बहुतसे यवन मारेगये अंत में 'तोबा तोवा' करतेहुए भगनेलगे, रुद्रचण्डा राजपूतवाला अधिक उत्साह - में भरगई । यवनोंको निर्बलदेख राजपूतोंको आवेश होआया और वीररमणी वीरा अपने अविचल मुकुटंका प्रकाश करतीहुई अकबरके सेनापतिकी ओर वढनेलगी । वीरनारीकी अद्भुत वीरताको देख मुगल सम्राट् स्तंभित और अवंभित होगया अंतमें जब उसकी कुछभी न सुझा तब हानिका संदेहकर सेना समेत रणभूमिको छोडभागा । एक स्त्री के साथ युद्ध में ऐसा भारतवर्षके चक्रवर्ती सुगलसम्राट् अरुच रनेभी पराजय पाई, उस स्त्री बाहुवलसे वासित होकर मुगल सेना भागी और चित्तौरकी प्रजा निश्चिन्त हुई। थोडाही समय चौता कि बम्बईका कराडमांत, भवानराव नामक प्राचीन पंतप्रतिनिधिक अधिकार में था । उसके मरनेपर परशुरामपेक नामक उसके पुत्रको राज्यगद्दी मिली । यद्यपि परशुरामके काशी, लक्ष्मी और ताईनामक तीन स्त्रियंयी तौभी वह अत्यन्त विषयी, लॅपट अपव्ययी था। ऐसे अनाचारी और पातकी पतिपर पूर्ण भक्तिभाव रखकर ताईवाई अपने पतिव्रत धर्मको सँभालेरही और उसके दुबके समय पतिको सहायता दी । इस साबीके चरित्रसे नहीं बात ग्रहण करने योग्य है । पुत्रको अनाचारी और अपव्ययी देख राज्यमाता को अत्यन्त खेदहुजा क्योंकि वास्तव में वह राज्यकार्य के अयोग्य था। उसने वलवन्तराय नामक एक चतुर कर्मचारीकी सहायता से राज्य चलाने का विचार किया, परन्तु कु मार परशुरामने उसमें अपनी अनिच्छा प्रगटकी। अन्त में राज्यनाताने इस झगडेके निचटाने को वाजीरावपेशवाकी शरण ली। दोनों ओरकी व्यवस्था सुनकर पेशवाने राज्यमाताकोही सर्व राज्यकार्यका अधिकार दिया । राजपुत्र इस अन्यायसे अत्यन्त कोधित हो पेशवा सरिकेविरुद्ध आक्रमण करनेको तत्पर हुआ । परन्तु पेशवाईका बल इतना या कि परशुरामकी कुछभी न चली । अपनी ऐसी निर्देल स्थिति देख सितारके राजकर्तासे सहायता मांगी; तो भी वह संग्राम में पेशवाई प्रतिनिधि बापूगोखलेके हाथ पकडागया । बापूगोखले यदि परशुरामके समान पापी होता तो उसकी निर्दोष स्त्रियोंकी अवस्थाको न जानसकता परन्तु उसका अन्तःकरण कुछ दयावान था इससे परशुरामकी दो स्त्रियोंके पोषणके निमित्त भलीप्रकार से प्रवन्ध करदिया, और तीसरी ताईवाई जो जातिकी तेलिनथी, न जाने किसकारण से उसका प्रबन्धन किया । ताई पतिव्रता और सहुण सम्पन्न थी उसकी प्रकृति स्वतन्त्रथी वह भला अपने पतिके शत्रु और दूसरे पुरुषसे सुखको क्या आशा रख सकती है ? उसने अपने प्राणनाथको बन्दी अवस्था में देख अनेक प्रकारसे उसे छुडानेको प्रतिज्ञा की । पीछे वह चुपचाप पेशवासे विरुद्ध युद्ध करनेके निमित्त सेना एकत्र करने लगी और सुअवसर देख मैसोरके दुर्गपर आक्रमणकर परशुरामको छुडालाई । बलवान पेशवा सर्कारिको इस बातसे अत्यन्त आश्चर्य हुआ; बरन अपनी दृढ चौकी में से एक स्त्री द्वारा अपराधीके भागजाने से अपना बडा तिरस्कार माना । उसने बापूगोखलेको सेना समेत भेज परशुरामको फिर पकडलाने की आज्ञा दी । बापूका विजय हुआ और फिर परशुरामको पकडलाया । परशुरामपर पेशवा सर्कारका इतना अधिक को हुआ कि उसके अधिकारमें सरसोंभरभी पृथ्वी न रहनेदी परन्तु उसकी स्त्री ताईवाई पहलसेही वासोटाके किलेपर अधिकार कर बैठीथी उसने उस किलेके समस्त गावोंपर जो पेशवाके थे अधिकार करलिया और वहांपर अपना पूर्ण अधिकारकर शत्रुसे युद्ध करनेकी तइयारी की । यह सव समाचार पेशवाके कान में पहुंचे तब गोखलेको कड़ी आज्ञा दी कि किसीमकारसेभी ताईको पकडकर अधिकार में करो। ऐसा हमको मानना पडेगा कि ताईकी वीरता में कुछ न्यूनता न थो; क्योंकि टोपू और हैदरअलीके समान बलवान योद्धाओंको भी उसने नाच नचाया था और वापूगोखलेसेभी एकसाथ नहीं पकड़ी गई । उसने आठ महीनेतक वरावर उसके पकडनेको यत्न किये, परन्तु न पकडसका । वनवाई । वापूगोखले अपनी वडी २ वडाई करके पेशवासे अपना बचाव करता था, परन्तु अन्तःकरण में ताईसे भय करताथा । किंतु देवको गति विचित्र है, ताई जिस किलेमें थी वहां अनाजको कोटीमें सहसा आग लग उठी तब उसकी सेना भूखसे व्याकुल होनेलगी । बापगोखले यह सुअवसर पाय उसपर चढवाया और ताईको पकड बंदी किया फिर छोडदिया उसकी सेना किंचित् भी रक्षा न करसकी । पेशवा सर्कारने ताईकी वीरता और पतिभक्ति देख अत्यन्त प्रशंसा की और उसके निर्वाह के निमित्त पूर्ण प्रबन्ध करदिया ! चनवाई । बेलगांव जिलेके फिर स्थानमें सन् १७७५ ई०के लगभग देशाई नामक राजकर्ताका अधिकार था । वह देशाई पेशवा सकारको प्रति-: वर्ष ७५००० रुपया कर देताथा । अन्त में खडकीको लडाई होनेक उपरांत महाराष्ट्रियोंका राज्य प्रतापी अगरेजोंके अधिकार में गया और देशाई राजा उन्हींको कर देनेलगे । सन् १८२४ ई० में देशाई निःसन्तानही मरगया तब कारवारियानं देशाई वंशके एक बालकको गोद लेनेका विचार किया। उससमय देशाईकी वृद्ध माता चनवाई अत्यन्त बुद्धिमान कहातीथी, परन्तु हम ऐसा मानेंगे कि वह अधिक बुद्धिमान नंथी। क्योंकि इस घटनाके होनेपर जब सरकारी अमलदार उसके स्थान पर प्रबन्ध करनेको आया तब वह आवेश में आय उससे विरुद्ध होगई । अमलदारको अपने क्लेिमें आनेसे रोक कठोर बातें कहला भेजीं, इससे विवशहो सर्कारको सेना मंगाय उस किलेको घेरलेने की आवश्यकता पड़ी। इससे बूढी चनवाई विटकर अपनी सेनाको सजाने लगी । वलवानके साथ निकाभिटनाभी मूर्खताही है किन्तु वह विना विचारे वलवान त्रिटिश राज्यंक कितने एक मनुष्योंको मार वीरता दिखाने लगी, परन्तु क्षणभरके भीतरी पकड़ी गई । इस चनवाइक चरित्रसे अविचारी साहंस करनेवाली और भीरु हृदयकी स्त्रियोंको शिक्षा प्राप्त होती है कि यदि अकस्मात कोई वात अपनी अप्रसन्नताकी सामने आजावे तो उतावलीसे आगेको पैर न वढाना चाहिये अपनी जो इच्छा हो वह अधीनी और विनयसे प्रगट करनी योग्य है और पतिका माहात्म्य व राज्यकर्त्ताका सदैवही मान करना चाहिये यह बात भी इस चरित्र से प्रकट होती है । रानी भवानी । यह महारानी छातिम गांवके चौधरी आत्मारामकी पुत्री थी । इसका व्याह नाटारैके जमीदार राजा रामजीवनरायके पुत्र रामकांत वरैसे हुआ था, रानी भवानी रूपवान, लावण्यवती, धर्मशील और परोपकारिणी थी । राजा रामजीवनरायका दयाराम नामक एक प्राचीन नौकर था । वह एकवार राजकुमार रामकांतको कुछ भूल करता हुआ देख शिक्षा देने आया परन्तु रामकांतनें अविचारसे उसको अलगकर दिया । दयाराम वहां से चला गया और बङ्गालके सूबेदार नव्वाब अलीव खां - के यहां पहुँचा कि जिसको उस राज्यपर बहुत कुछ कर चढ़ा हुआथा। दयारामने वहां जाकर प्रकट किया कि, - 'राजा रामकांतने बत्तीस लाख रुपया इकट्ठा किया है, और दो लाख रुपयेका तो वह शिरपेच पहिने हुए हैं। फिर क्या कारण है जो आपको कर नहीं देता ।' इस वातसे नव्वावने सेना भेज रामकांतकी मिल्कियत लूटली, वरत् राजकाजके निमित्त उसे अयोग्य ठहराया, इसकारण देवीप्रसाद नामक उसके भतीजेको समस्त अधिकार सौंप दिया राजा रामकांत इस घटनासे इतना दुःखी हुआ कि रानी भवानीको साथ वहांसे चला गया । यद्यपि रानी गर्भवती थी तथापि बिना कुछ कहें सुने पतिकी आज्ञानुसार वहांसे चल पड़ी । चलते २ वह गङ्गाके किनारे आय नावपर बैठ मुर्शिदाबाद आई और एक छोटा घर लेकर रहने लगी । मरीची । देवयोगसे एकचार रामकांत और दयारामका मिलाप हुआ। दयारामने रामकांतसे कहा कि, - 'जो ५०००० रुपया दोनो तुमको तुम्हारा राज्य दिलवादू और सवदुःख दूर होजावे। रामकांतका मन धनके कारण अत्यन्तही दुःखी हुआ वह दीन बचतीका अधीनी करता था कि रानी भवानी बोल उठी,-"माणनाथ : आप किसकारण खिन्न होते हो ? जो अर्द्ध लाख रुपया देकरही आपको राज्यपाट मिलताहो, आपका मन प्रसन्न रहता हो तो मेरे यह सब आभूपण ले जाकर उसे देदो ।" ऐसा कह रानीने सर्व आभूषण निकाल दिये । दयारामने वह सव नव्यायको हे रामकांतकी बडाई की और अन्तमें समस्त राज्याधिकार उसीको दिलवादिये । राजा रामकांत और रानी भवानीके पवित्र प्रेममें निरन्तर वृद्धि होतीरही । पीछे उसके दो पुत्र हुए । देवेच्छासे यह दोनों पुत्र मरगये और राजारामकांतभी सोलहवर्ष राजगढ़ी भोग परलोकवासी हुआ । रानी भवानीने वैधव्यधर्मका पालन कर धर्मशील स्त्रियोंमें अपनी कीर्ति फैलाई, नहीं वरन् भलीमकारसे राजकाज कर लोकप्रियता प्राप्त की । काशीपुरीके कितनेही स्थानों में इस साध्वीने धर्मशाला बनवाई, कंगालोंको भोजनदिया, जहां पानीका दुःख था वहां तालाव वनवाये । लगभग ८० वर्षकी आयुमें सुयश और सुकीर्तिको अपने स्थान में छोड स्वर्गधामको पधारी । मरीची । यह स्त्री लेपचावंशके यशलालसिंह नामक प्रधानकी पुत्रीथी, उसकी निवासभूमि शिमगंथी । लेपचाके वंशजका स्वभाव और स्वरूप अत्यन्त वर्णनीय है। इन्हीं कारणोंस यह दयालु कहलाते हैं कि चाहे जैसी हानि होजावे परन्तु किसी के साथ झगड़ा नहीं करते अन्यायी का अनादर करने नीतिदानको मानदेने और दुराचारी मनुष्यों को दण्डदेनेपर वह सदैवही तत्पर रहते हैं। कहा जाता है कि मानकार से चली आती हुई स्वयंवरको मथा उनमें अवतक प्रचलित है ।
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द्विजों में ही धर्म प्रचार किया करते थे। इसके दो विशेष कारण थे और तीसरा गौण था प्रथम यह कि वे जानते थे कि धर्म का विशेष सम्बन्ध द्विजों से होता है, शूद्र लोगों को इस अधिक सम्बन्ध नहीं, वे यह भी जानते थे कि भारतवर्ष में जिस मत की ब्राह्मणों ( द्विजों) ने नहीं अपनाया वह अन्त में उखड़ ही गया । दूसरा कारण यह भी था कि लोग वैष्णच मत को केवल इसलिये नहीं ग्रहण करते थे कि वह नीच मनुष्यों ने चलाया है स्वामीजी ने लोगों को न चिढ़ाने के विचार से हो द्विजों में प्रचार किया, वे शूद्रों से कुछ भी द्वेष नहीं रखते थे। वे यह भी जानते थे कि शुद्ध लोगों में और दी लोग प्रचार करते रहे हैं। जब द्विज ही इस मत में आजावेंगे तो और लोग कहाँ रह जावेंगे। तीसरा कारण यह था कि वे मुसलमानों से धर्म रक्षा करने के लिये छूत को कल्याणकारी मानते थे। शूद्रों का सम्बन्ध मुसलमानों से भी रहता था । इसलिये इस विषय में वे चुप रहे। स्वामीजी की शिक्षा पर चलने वाले श्री वैष्णव कहलाते हैं। स्वामीजी फी मुक्ति १२०० ई० के लगभग हुई थी। स्वामीजी ने यद्यपि पकेश्वरवाद में शठकोप आदि महात्माओं के ही मूल सिद्धान्त का प्रचार किया पर उनके और स्वामीजी के दृष्टि कोण में बड़ा भारी अन्तर था । स्वामीजी अपने समय के अनुपम दार्शनिक विद्वान् थे । स्वामीजी के सिद्धान्त (१) वेद स्वतः प्रमाण हैं। उपनिषदादि भी वेद द्दी है । (२) ईश्वर, जीव, प्रकृति तीनो पदार्थ नित्य हैं। इनमें भेद भी है और अभेद भी ।
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डेस्कटॉप पर शॉर्टकट की मौजूदगी आपकी मदद करेगीएक भूलभुलैया के माध्यम से नेविगेट करते समय एक महत्वपूर्ण राशि बचाएं, जो की भूमिका में आपके कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव है ऐसे कई सरल तरीके हैं, जिनसे आप अपने कंप्यूटर पर लगभग किसी भी फ़ाइल या फ़ोल्डर के लिए बना सकते हैं। कैसे डेस्कटॉप पर एक शॉर्टकट बनाने के लिए? इन प्रयोजनों के लिए, विंडो चुनने के दो संभावित तरीके प्रदान करता है। विधि संख्या 1: डेस्कटॉप के मुफ्त क्षेत्र पर एक बार राइट-क्लिक करें, फिर "नया" चुनें, और फिर "शॉर्टकट बनाएँ" पर क्लिक करें। - एक नई विंडो में, "ब्राउज़ करें" पर क्लिक करें। - फिर लेबल के लिए एक नाम दर्ज करें। यदि संवाद बॉक्स में "बंद करें" बटन दिखाई देता है, तो उस पर क्लिक करें यदि नहीं - "अगला" पर क्लिक करें, त्वरित पहुंच के लिए उपयोग करने वाले आइकन का चयन करें, और फिर "संपन्न" बटन पर क्लिक करें। विधि संख्या 2: - "प्रारंभ" पर क्लिक करें, "प्रोग्राम" पर क्लिक करें, और उसके बाद प्रोग्राम पर राइट-क्लिक करें, जिसके लिए आप शॉर्टकट बनाना चाहते हैं। - यह अब सूची के बहुत अंत में स्थित हैकार्यक्रम। उदाहरण के लिए, यदि आपने Microsoft Word को खोजने के लिए एक शॉर्टकट बनाया है, तो "प्रारंभ करें" पर क्लिक करें, "प्रोग्राम" चुनें। आपको सूची के निचले तल पर शॉर्टकट "माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (2)" मिलेगा, (ज़ाहिर है, उद्धरण चिह्नों के बिना)। प्रिंटर या इंटरनेट कनेक्शन के लिए शॉर्टकट कैसे बनाएं? ऐसा करने के लिए, आपको निम्न करने की आवश्यकता हैः - "प्रारंभ" पर क्लिक करें, फिर "पैनल चुनें"- "प्रिंटर।" इंटरनेट कनेक्शन के लिए, आपको लगभग समान कार्य करने होंगेः "प्रारंभ" पर क्लिक करें, "नियंत्रण कक्ष" का चयन करें, फिर "नेटवर्क और इंटरनेट"। - प्रिंटर या कनेक्शन आइकन पर राइट-क्लिक करें, उसे डेस्कटॉप के खुले स्थान पर खींचें, शॉर्टकट स्वचालित रूप से दिखाई देगा। मैं अन्य वस्तुओं के लिए एक शॉर्टकट कैसे बनाऊं? अन्य वस्तुओं के लिए (उदाहरण के लिए, एक फ़ोल्डर, दस्तावेज़, एक कंप्यूटर या रीसायकल बिन), यह लगभग उसी तरह बनाया गया हैः - वस्तु का पता लगाने के लिए "मेरा कंप्यूटर" का उपयोग करें जिसके लिए आप एक शॉर्टकट बनाना चाहते हैं। - डेस्कटॉप के खुले स्थान पर तैयार किए गए लेबल को स्थानांतरित करें। शॉर्टकट सेटिंग्स बदलने के लिए, प्रेस करेंशॉर्टकट पर राइट-क्लिक करें, और फिर "गुण" पर क्लिक करें। इस प्रकार, आप खुले टैब में शॉर्टकट को संशोधित कर सकते हैं, जिसका इस्तेमाल शॉर्टकट को लॉन्च करने के लिए किया जाता है, और आइकन को भी अधिकतम-अधिकतम-अधिकतम करता है। शॉर्टकट को हटाने के लिए, राइट-क्लिक करेंउस पर, और फिर "हटाएं" पर क्लिक करें। या आप इसे केवल कचरे में खींच सकते हैं जब आप इसे हटाते हैं, तो मूल ऑब्जेक्ट को नष्ट नहीं किया जाएगा और इसमें बदलाव नहीं किया जाएगा (जब तक कि यह फ़ाइल या प्रोग्राम में केवल शॉर्टकट नहीं है)। कभी-कभी मैं अन्य आइकन का उपयोग करना चाहता हूं Iशॉर्टकट या फ़ाइलें कई वैकल्पिक विकल्प हैं जो आप Windows में उपयोग कर सकते हैं, लेकिन यदि उन्हें वांछित फाइल का उपयोग नहीं किया गया है तो उन्हें ढूंढना मुश्किल है। प्रतीक SHELL32 नामक फ़ाइल में हैं IDLL, जो Windows फ़ोल्डर में एक विशेष फ़ोल्डर System32 में स्थित है। उस आइकन को राइट-क्लिक करें जिसे आप बदलना चाहते हैं, और "गुण" पर क्लिक करें। "संपादित करें" चुनें "ब्राउज़ करें" बटन पर क्लिक करें, और फिर बाईं ओर स्थित "मेरा कंप्यूटर" बटन पर उसके बाद, स्थानीय ड्राइव (सी :), विंडोज़, सिस्टम 32, और उसके बाद shell32.dll पर डबल क्लिक करें। विंडोज़ में डिफ़ॉल्ट रूप से, आइकनों परिवर्तन विंडो में दिखाई देंगे। किसी आइकन को चुनें और "ओके" बटन पर क्लिक करें। बेहद सावधानी बरतें! System32 में फ़ाइलें बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए सावधान रहें और चिह्नों को अलग तरह से एक्सेस करने का प्रयास न करें।
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जबलपुर-इटारसी के बीच में पिपरिया के पास मालगाड़ी के एक डब्बा का पहिया पटरी से उतरा। हादसा रविवार दोपहर करीब 12. 25बजे हुआ। जबलपुर रेल मंडल के बनखेड़ी और पिपरिया के बीच में कोयला गाड़ी के एक डब्बे के पहिए बेपटरी होने से जबलपुर से आने वाली ट्रेन प्रभावित हुआ। जबलपुर से इटारसी रेलवे ट्रैक बंद हो गया। मालगाड़ियों को अलग अलग स्टेशन पर खड़े कराया गया है। इटारसी से ब्रेकयान वाहन बुलाया गया है। मालगाड़ी मेंउक्त मालगाड़ी में 59 डिब्बे लगे हुए थे। कोयला लेकर मालगाड़ी जबलपुर की ओर से आ रही थी। एक डब्बे के दो पहिए पटरी से उतर गए। ड्रिलमेंट होने से जबलपुर से इटारसी जाने वाला रूट बंद कर दिया। इस ट्रैक चालू होने में 2 से 3 घंटे लगेंगे। फिलहाल वनवे कर एक ही ट्रेक से यात्री ट्रेनों को निकाला जा रहा है। इटारसी से जबलपुर जाने वाली सभी गाड़ियां नियमित चल रही है। इस ट्रैक पर मालगाड़ी के डिब्बे का ड्रिलमेंट होने से कोई फर्क नहीं पड़ा है। ड्रीलमेंट के बाद इटारसी में हूटर बजा। दुर्घटना राहत वाहन होगा रवाना। गाडरवाड़ा और पिपरिया से रेलवे का राहत स्टाफ और आरपीरफ मौके पर पहुंच गया है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि राहुल गांधी सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद आज कांग्रेस दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि चाहे मुझे सदस्यता मिले न मिले, मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता, मैं अपना काम करता रहूंगा। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं सदन के बाहर हूं और या अंदर हूं। मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा। राहुल गांधी ने कहा मैंने प्रधानमंत्री की आखों में डर देखा है - वो डरते हैं अडानी पर संसद में मेरे अगले भाषण से। सीधा सवाल है - शेल कंपनियों द्वारा अडानी समूह में लगाया गया ₹20,000 करोड़ का विदेशी पैसा किसका है? ये सारा नाटक इसी सवाल से ध्यान भटकाने के लिए है। इस दौरान पत्रकारों की ओर से राहुल गांधी से कई सवाल पूछे गए, सभी सवालों का जवाब राहुल गांधी ने दिया। सवाल- आपकी दादी भी डिस्क्वालीफाई हुईं। आप भी हुए, जनता के बीच जाएंगे। फिर वापसी करेंगे? जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि राहुल 4 से 5 महीने जनता के बीच रहेंगे, मेरा काम है, मैं करता रहूंगा। आज के भारत में राजनीतिक दलों को जो मीडिया से मदद मिलती थी वह नहीं मिलती है, ऐसे में विपक्ष के सामने जनता के बीच जाने का ही रास्ता है। जवाब- राहुल गांधी ने कहा कि मैं तो लगातार कह रहा हूं कि मैं तो सभी को एक मानता हूं, समानता की बात करता हूं, भारत जोड़ो यात्रा में भी कहता रहा हूं। बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए कभी ओबीसी की बात करती है, कभी किसी की, सवाल है कि अडानी को 20 हजार करोड़ कहां से मिला? सवाल- आपने कहा आप डरते नहीं हैं, सरकार आपके सामने है, रास्ता क्या है रणनीति क्या है? जवाब- कोई भी सामने हो, सरकार हो, मैं सिर्फ सच को देखता हूं। राजनीति में ऐसा नहीं माना जाता लेकिन मैं ऐसा ही मानता हूं, मेरा खून ऐसा है, मेरी तपस्या है, मुझे चाहे जेल में डालें। कुछ भी कर दें। मैं डरता नहीं हूं। देश ने मुझे सबकुछ दिया है, प्यार दिया है इज्जत दी है। मैं देश के लिए काम करता रहूंगा। सवाल- वायनाड के लोगों को क्या कहेंगे? जवाब- वायनाड के लोगों के साथ पारिवारिक रिश्ता है, प्यार का रिश्ता है। मैं उनके लिए एक चिट्ठी लिखूंगा कि उनके लिए मेरे दिल में क्या है। मैं सब बताऊंगा। बीजेपी नेताओं का काम ही यह है। वे सारे मोदी से डरते हैं। मोदी ने कहा कि ध्यान हटाना है। सब जानते हैं कि मोदी-अडानी का रिश्ता क्या है, लेकिन डरते हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि समझिए कि मैं क्यों डिस्क्वालिफाई हुआ। क्योंकि मोदी डरते हैं कि मैं अगले भाषण में क्या कहने वाला हूं। इसीलिए मुझे निलंबित किया गया है। वे डर गए कि मैं क्या बोलूंगा। इसीलिए निलंबित हुआ। सवाल है 20 हजार करोड़ कहां से आया। इसमें से कुछ पैसा रक्षा मंत्रालय का है। ड्रोन विकास, मिसाइल विकास और रक्षा उत्पादन पर आया है। रक्षा मंत्रालय को सवाल पूछना चाहिए। सवाल- जिस बयान को लेकर सजा हुई, आपको लगता उस बयान को लेकर, आपको क्या लगता है? जवाब- यह कानूनी मामला है। मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं सवाल सोच-समझकर उठाता हूं। जवाब- मेरी दिलचस्पी नहीं है। मुझे फर्क नहीं पड़ता, मैं संसद में हूं या बाहर हूं। सवाल- आपकी जगह कौन संसद जाएगा? जवाब- आप डिस्ट्रैक्ट करने की कोशिश मत कीजिए। आप जांच कीजिए कि अडानी के पास 20 हजार करोड़ कहां से आए, हमारे सीएम का पैसा निकले तो उन्हें जेल में डाल दीजिए। मोदी जी ने जो पैनिक रिएक्शन किया है। उससे विपक्ष को फायदा होगा। । मोदी जी घबरा गए कि 20 हजार करोड़ की बात निकलेगी, जनता जानती है कि अडानी भ्रष्ट आदमी है, देश का पीएम भ्रष्ट आदमी को क्यों बचा रहा है, दूसरी बात बीजेपी के लोगों ने कहा अडानी पर हमला देश पर हमला है। इनके दिमाग में देश अडानी है और अडानी देश है। सवाल- क्या आप चिंतित हैं? जवाब- मैं उत्साहित हूं कि इन्होंने मुझे बेस्ट गिफ्ट दिया है। सवाल- आपने ही वह अध्यादेश फाड़ा था। जवाब- राहुल गांधी का नाम सावरकर नहीं है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता, मैंने तो संसद में बोलने के लिए कहा। बोलने क्यों नहीं दिया। स्पीकर ने कहा मैं नहीं कर सकता। मेरा प्वाइंट है कि इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। इस देश की संस्थाओं पर हमला हो रहा है। हमले का तंत्र मोदी और अडानी का रिश्ता है। मैं सवाल मोदी पर नहीं पूछ रहा हूं। मैं तो अडानी पर सवाल पूछ रहा हूं।
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बेंगलुरु । पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा है कि बीजेपी ने मुसलमानों के साथ कोई अन्याय नहीं किया है। गुरुवार को उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने समुदायों के लिए आरक्षण कोटा तय करते पूरी तरह से न्याय किया है। एक पत्रकारवार्ता में येदियुरप्पा ने कहा कि 4 प्रतिशत आरक्षण को स्थानांतरित करने से मुस्लिम समुदाय को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बल्कि मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत लाया गया है, इसके प्रति कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने आगे कहा कि चूंकि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संभव नहीं था, इसलिए उन्हें ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत लाया गया है। केंद्र सरकार गरीब और किसान हितैषी योजनाओं को लागू कर रही है। अगर कोई मतभेद हैं तो दूर किया जाएगा। गौरतलब है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने हाल ही में पिछली कैबिनेट बैठक के बाद नए आरक्षण कोटा की घोषणा की है। उन्होंने ओबीसी श्रेणी के तहत मुसलमानों के 4 प्रतिशत कोटा को वापस लेकर राज्य के प्रभावशाली समुदायों लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के कोटा में 2 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इधर पलटवार करते हुए राज्य कांग्रेस इकाई ने कहा कि वह सत्ता में आते ही नए आरक्षण कोटे को खत्म कर देगी। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, धार्मिक अल्पसंख्यकों को सात राज्यों में आरक्षण नहीं है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे के तहत मुस्लिमों को आरक्षण आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। जबकि यहां पर आरक्षण में बढ़ोतरी की मांग पिछले 30 वर्षों से लंबित थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कुछ नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि हमने एक रिपोर्ट प्राप्त करके अपनी प्रतिबद्धता दिखाई, अध्ययन किया, एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया और कानून के अनुसार एक साहसिक निर्णय लिया जिसका फायदा उनको मिल रहा है।
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विनायक प्लाजा मलदहिया में शी क्रिएशन शोरूम का इनॉगरेशन शुक्रवार फेमस एक्ट्रेस मनीषा कोईराला ने किया। शी क्रिएशन की डिजाइन की हुई ड्रेस मनीषा कोईराला को काफी पंसद आई। उन्होंने ओपनिंग पर शी क्रिएशन की डिजाइन सूट ही पहनी। जेएचवी मॉल के बाद यह दूसरा शोरूम शी क्रिएशन का ओपेन हुआ है। ओनर हुरिया बानो ने बताया कि यहां लेडीज ऐथनिक वीयर के तहत पूरी सीरीज अवेलेबल है। कस्टम मेड स्टिचिंग, फैंसी फैब्रिक्स, ब्राइडल लहंगा, ब्राइडल साड़ी, ब्राइडल सूट्स, लेडीज बैग, एसेसरीज आदि अवेलेबल है। बेहतरीन डिस्प्ले के जरिये शोरूम को आकर्षक रूप दिया गया है। ओपनिंग पर जाफर रजा, कायम रजा, मुहम्मद अहसन अब्बास, बासित रजा आदि प्रेजेंट रहे। मेरा तो यहां बचपन गुजरा है, बनारस की गलियों में पली-बढ़ी हूं। अपनों के बीच आना कौन नहीं चाहेगा? मैं तो बनारस आने का हमेशा मौका ढूंढ़ती हूं। फिर से गंगा घाटों पर मस्ती करना और मां गंगा की लहरों को निहारना चाहती हूं। फेमस एक्ट्रेस मनीषा कोईराला ने कहा कि जिंदादिली के लिए मशहूर शहर बनारस की अपनी अलग ही माटी है। यहां जैसी संस्कृति किसी शहर किसी देश में नहीं देखने को मिलती। मैं बनारस को काफी मिस करती हूं।
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अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तंज कसते हुए कहा था कि सरकार अभी भी सो रही है, ताकतवर लोगों की सरकार अभी भी दोषियों को बचाना चाहती है. लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर संविधान को कुचलने का आरोप लगाया. अखिलेश को जवाब देते हुए यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह (Siddarthnath Singh On Akhilesh Yadav) ने कहा कि 2012-2016 के बीच उनकी सरकार में यूपी में 200 से ज्यादा दंगे हुए थे. सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद शाहजहांपुर के पत्रकार को जिंदा जला दिया गया था. योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में निष्पक्ष जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं कुछ लोगों को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आशीष मिश्रा के पुलिस के सामने पेश होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि लखीमपुर की घटना का वीडियो जिसने भी देखा उसने घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि ये संविधान कुचलने वाली सरकार है. सबने सब कुछ देखा फिर भी दोषी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं. जिन भी परिवार से वह मिले सबने कहा कि दोषी को सज़ा मिले. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार अभी भी सो रही है, सरकार अभी भी दोषियों को बचाना चाहती है. ये सरकार केवल ताकतवर लोगों के लिए है, ये सरकार किसानों के लिए नहीं है. जनता ये सब देख रही है, आने वाले समय में बीजेपी का सफाया होगा. अखिलेश ने शुक्रवार को हिंसा में मारे गए दो किसानों के परिवारों से मुलाकात के दौरान कहा कि सरकार पुलिस की ताकत के बल पर राज्य को चलाना चाहती है. इसके साथ ही अखिलेश ने कहा कि यूपी में बीजेपी सरकार के दिन गिने जा रहे हैं. सपा अध्यक्ष ने सवाल उठाया थे कि लखीमपुर खीरी हिंसा के वीडियो सामने आने और गवाहों के बयान दर्ज करने के बावजूद सरकार न्याय में देरी क्यों कर रही है.
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धमतरी - सांसद प्रतिनिधि उमेश साहू के विशेष सहयोग मुंबई में आरु की आवाज गूंजेंगी । बता दें कि आरू साहू ग्राम डोंगर नगरी ब्लाक धमतरी जिला की निवासी हैं। वह जीनियस इंग्लिश स्कूल नगरी में कक्षा आठवीं की छात्रा हैं। उसे बचपन से ही गाने का शौक था। राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी वह सम्मानित हुई हैं। गायन के क्षेत्र में उनके बढ़ते कदम यहीं नहीं रुके। मुंबई मुक्ति आडिटोरियम अंधेरी में नितिन फ़िल्म प्रोडक्शन के बैनर तले इंडियन रॉकस्टार सेशन-1 का फाइनल राउण्ड 28 नवम्बर को होगा। इस कार्यक्रम में संगीत की बड़ी हस्ती वहां मौजूद रहेगी। यहां आरू साहू भी गायन के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखायेगी। अगर इसमें वह चुनी जाती हैं तो आगे दुबई के लिए चयनित हो जाएंगी। यहां तक के सफर में महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू के जिला सांसद प्रतिनिधि उमेश साहू का विशेष सहयोग रहा। मुम्बई में अश्विन जाचक इस प्रोग्राम के पार्टनर हैं। उनके माध्यम से आरु साहू को मंच मिलने का अवसर प्राप्त हुआ। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य व प्रदेश मंत्री खुबलाल ध्रुव ने कहा कि यह उनके लिये भी खुशी का पल रहेगा कि एक वनांचल क्षेत्र की बेटी को मुंबई में गायन का मौका मिला ।
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रोजमर्रा की जिंदगी में, लोग सुनवाई, स्पर्श, गंध, दृष्टि जैसी इंद्रियों का उपयोग करते हैं। जब उनकी धारणा आम तौर पर उपलब्ध होने से परे जाती है, तो इस घटना को अतिसंवेदनशील धारणा कहा जाता है। असामान्य क्षमताओं का अभिव्यक्ति टेलीपैथी, क्लेयरवोयंस, टेलीकिनेसिस को जिम्मेदार ठहराया जाता है। अतिसंवेदनशील क्षमताओं मानव जैव चिकित्सा से निकटता से संबंधित हैं, मनोविज्ञान में यह सामान्य लोगों की बायोफिल्ड से अधिक शक्तिशाली है। एक नियम के रूप में, मानसिक ज्ञान को ज्ञान अंगों को छोड़कर, आवाज या चित्रों के रूप में आवश्यक जानकारी प्राप्त होती है। मनोविज्ञान उपचार का अभ्यास कर सकते हैं और लोगों को ठीक कर सकते हैं, नकारात्मक कार्यक्रमों को हटा सकते हैं - बुराई आंख, खराबता, ब्रह्मचर्य का ताज और लापता लोगों की तलाश। असाधारण क्षमताओं का उदय किसी भी उम्र में हो सकता है। ऐसी कई तकनीकें हैं जो ऐसे अवसर विकसित करती हैं। व्यावहारिक अभ्यास का सार यह है कि एक व्यक्ति बाहरी दुनिया से प्राप्त संकेतों को अधिक स्पष्ट रूप से समझना सीखता है। अतिसंवेदनशील क्षमताओं के उचित उपयोग के साथ, एक व्यक्ति आंतरिक सद्भाव प्राप्त कर सकता है , साथ ही लोगों की मदद करने के लिए नई क्षमताओं को खोज और विकसित कर सकता है। यही कारण है कि अतिसंवेदनशील क्षमताओं का विकास काफी वास्तविक और घर पर है। अतिसंवेदनशील क्षमताओं के विकास के लिए भी विशेष अभ्यास हैं। - सबसे पहले आपको अपनी उंगलियों की युक्तियों पर पल्सेशन महसूस करना होगा। यह कैसे प्राप्त किया जा सकता है? अपने हाथों को अपने सामने खींचें और ध्यान दें। आपको अपने हाथों में गर्मी महसूस करनी चाहिए। सबसे पहले आप एक अविभाज्य झुकाव महसूस करेंगे, और फिर आपकी उंगलियों की युक्तियां गर्म हो जाएंगी। इस सनसनी को समझने की कोशिश करना सुनिश्चित करें। - फिर धीरे-धीरे अपने हाथों को अपने चेहरे पर लाओ। अपने हाथ से आंदोलन करना शुरू करें, जैसे कि आप अपना चेहरा घुमा रहे हैं। आपको गर्मी महसूस करनी चाहिए कि तरंगें आपके हाथ से आती हैं। - अपने प्रत्येक आंतरिक अंग "स्कैन" करने का प्रयास करें। महत्वपूर्णः अंग और उसके स्वरूप का स्थान निर्धारित करने के लिए आपको मानव शरीर रचना को अवश्य जानना चाहिए। - समाचार पत्र के माध्यम से रंग पैलेट का अध्ययन करना सुनिश्चित करें। दो कार्ड्स से शुरू करें - लाल (ऊर्जा रंग) और नीला (शांत)। अख़बार के माध्यम से यह निर्धारित करने के लिए प्रयास करें कि कौन सा रंग कार्ड इसके अंतर्गत है, अपने निर्णय की शुद्धता की जांच करें। किसी विशेष रंग के साथ काम करते समय आपको महसूस होने वाली सनसनी याद रखें। धीरे-धीरे उस पैमाने को समृद्ध करें जिसके साथ आप काम करते हैं। अपनी मानसिक क्षमताओं का विकास न केवल घर पर है। बस मार्ग के बस स्टॉप नंबर पर अनुमान लगाने का प्रयास करें, जो कि उपयुक्त है, अगर आपने मोबाइल कॉल सुना है - यह महसूस करने का प्रयास करें कि आपको कौन परेशान कर रहा है। ये अभ्यास उन कौशलों का एक छोटा सा हिस्सा हैं जिनसे आपको अपनी मानसिक क्षमताओं को विकसित करना शुरू करना है। यह संभव है कि भविष्य में, आप स्वयं के लिए व्यायाम के साथ व्यक्तिगत रूप से आ जाएंगे।
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'एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स' (enba) का यह 15वां एडिशन होगा। इस एडिशन के तहत अवॉर्ड्स पाने वालों के नाम तय किए जाने के लिए जल्द ही जूरी मीट का आयोजन किया जाएगा। देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा इस साल 'इनबा' की जूरी में चेयरपर्सन की भूमिका निभाएंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से सोमवार से हो गई है। सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। सुनील कुमार सीरीज इससे पहले 'जी डिजिटल' की हिंदी न्यूज वेबसाइट 'इंडिया. कॉम' (india. com) में बतौर एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां से पिछले दिनों उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। गहलोत को एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में काम करने का 27 साल से ज्यादा का अनुभव है। गुजरात दंगों पर बनाई गई 'बीबीसी' की प्रॉपगेंडा डॉक्यूमेंट्री की आलोचना ब्रिटेन में भी हो रही है। वह 'जी डिजिटल' (Zee Digital) की हिंदी न्यूज वेबसाइट 'इंडिया. कॉम' (india. com) में करीब पांच साल से कार्यरत थे और बतौर एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की एक बार फिर बेइज्जती हुई है। दरअसल हुआ यूं कि आयकर विभाग के सर्वे को पाकिस्तान का एक पत्रकार मुद्दा बनाना चाहता था, अपने तीन दशक से ज्यादा के कार्यकाल में एस रवि को बैंकिंग और फाइनेंस, फाइनेंसिंग एंड मैनेजमेंट कंसल्टिंग आदि क्षेत्रों में काम करने का काफी अनुभव है। प्रख्यात सिने इतिहासकार व दूरदर्शन उद्घोषक शरद दत्त का रविवार सुबह दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। 'भारत एक्सप्रेस' (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क को अपनी डिजिटल टीम में विभिन्न पदों पर पत्रकारों की जरूरत है। ये सभी पद अंग्रेजी टीम के लिए हैं। 'प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया' ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए घटना की निंदा की है और महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी गोकुलचंद शर्मा का मुंबई में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी देश की राष्ट्रीय नीति, समाज व विशेष रूप से बीजेपी के वैचारिक पहलुओं को जोरदार तरीके से जनता के सामने रखते हैं।
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को पहुँच जाती है। जिस प्रकार मणि-मंडित मुकुट के धारण करने से मणि, मुकुट तथा मुकुट धारी तीनों का मूल्य बढ़ जाता है। धर्म, गुण, धन, परोपकार, स्वदेशभक्ति, समाज सेवा आदि से सम्बन्धित कई प्रकार की उपाधियाँ होती हैं । हैं भाव के दो पक्ष होते हैं (१) रागात्मक तथा (१) विरागात्मक । राग से किसी वस्तु के प्रति स्नेह प्रकट होता है, विराग से विद्वेष । प्रथम पक्ष में दुलार के नाम आते हैं और द्वितीय में व्यंग्य के । बच्चों की प्यारी वस्तुओं, शिशुओं के सदृश प्रिय तथा आह्लादक पदार्थों तथा प्यार के सरस, सुन्दर, सरल निरीह एवं प्रिय शब्दों से लाड़ प्यार के नामों का सम्बन्ध रहता है। जिन शब्दों में वात्सल्यरसाप्तावित ममता की स्निग्धता रहती है वे ऐसे नामों के लिए अत्यंत उपयुक्त होते हैं। इन नामों में बच्चे के पर्याय, खेल-खिलौने, मिठाई, फल-फूल, मनोहर पशु-पक्षी, चंद्रादि कुछ दिव्य तथा भव्य नैसर्गिक रूप, ग्राभूषण, दुर्लभ, सुन्दर, प्रिय तथा बहुमूल्य द्रव्य; राजा आदि कुछ महत्त्वपूर्ण तथा भैया, मुन्ना आदि कुछ प्यार के शब्दों से इन नामों की रचना होती है। व्यंग्य दुलार के विपरीत होता है। इसमें चिढ़ाने की मनोवृत्ति सन्निहित रहती है। विद्वेषात्मक भावना होने से अच्छे से अच्छा शब्द भी विरोधी अर्थ का व्यंजक बन जाता है 'देवानां प्रिय' तथा 'वैसाखनन्दन' के निर्वाचन परक अर्थ बुरे न थे । किन्तु कालांतर की परिस्थित विशेष में उनका भाव परिवर्तन हो जाने से वे मूर्ख तथा गर्दभ के अर्थ में रूढ होकर व्यंग्य बन गये। अन्धविश्वास का कुत्सित तथा गर्हित नाम श्रोछेलाल शिव-संकल्प मूलक समझा जाता है परन्तु व्यंग्य का अच्छा नहीं । वैकल्य, रूपाकृति - स्वभाव - गुण - कृति की विलक्षणता तथा घटनापरिस्थितीधारणता के कारण व्यंग्य के अनेक रूप हो गये हैं। उल्लिखित समस्त प्रवृत्तियों में कभी-कभी साहित्यिक तथा अन्य अंएँ भी सन्निहित रहती हैं। वस्तुतः ये प्रवृत्तियाँ प्रस्तुत प्रबन्ध के मेरुदंडस्वरूप हैं । इनके सभ्यक् ज्ञान से वार्य विषय तथा उसकी पृष्ठभूमि के समझने में विशेष सहायता मिलती है । गौरा प्रवृत्तियों की शाखा-प्रशाखाएँ इस अध्ययन के फलस्वरूप प्राप्त गौण प्रवृत्तियों को निम्न प्रकार से विभाजित कर सकते हैं । (१) वर्गात्मक गौण प्रवृत्तियाँ - इनका सम्बन्ध जाति या सम्प्रदाय से रहता है और ये परम्परागत विशिष्ट शब्दों द्वारा व्यक्त की जाती हैं। समस्त जाति अथवा सम्प्रदाय का कोई भी व्यक्ति इनको अपने नाम के अंत प्रयुक्त कर सकता है । मूल शब्द के साथ ये शब्द समस्त पद न बनाकर शब्द समुच्चय बनाते हैं। इनसे मनुष्य की भौगोलिक व ऐतिहासिक परिस्थिति का परिचय प्राप्त होता. है। परन्तु जय ऐसे शब्द वाच्यार्थ द्वारा समय पद बनाते हैं अथवा मूलपद की विशेषता बतलाते हैं तो वे इसके अंतर्यंत नहीं आते। रामपुरी रामस्त पद है, इसका अर्थ है राम की पूरी अर्थात् अयोध्या यहाँ पुरी वर्गात्मक गौ प्रवृत्ति नहीं है। जय पुरी शब्द दशनामी संन्यासियों के एक भेद विशेष की ओर संकेत करेगा तो वह इस गौण प्रवृत्ति के अन्तर्गत समझा जायेगा । इनके दो भेद हो सकते हैं (अ) जातीय---- सिंह, राय, सिनहा, वर्मा, शर्मादि । (आ) साम्प्रदायिक -पुरी, नाथ, शाह आदि । (२) सम्मानार्थक गौण प्रवृत्तियाँ -- ये प्रवृत्तियाँ मान-मर्यादा, पूजनीय भावना अथवा किसी पद या पदवी विशेष के परिचायक शब्दों से प्रकट की जाती है। ये सम्मानार्थक शब्द भी समस्त पद न होकर शब्द समुन्वय की श्रेणी में ही आते हैं। इनकी दो प्रशाखाएँ हैं :---- (अ) आदरसूचक उपसर्ग या प्रत्यय की भाँति शब्द -- ये आदर या शिष्टाचार के लिए नाम के दिया प्रयुक्त किये जाते हैं यथा - -श्री, जी, ज, देव ।
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आगरा कैंट-मथुरा जंक्शन के बीच सभी ई श्रेणी स्टेशनों के प्लेटफार्मों को ऊंचा करने का काम तेज हो गया है। बिल्लोचपुरा, रुनकता, कीथम, दीनदयाल धाम हॉल्ट स्टेशन, फरह व बाद स्टेशनों के दोनों प्लेटफार्म ऊंचे होने हैं। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने यह कदम उठाया है। रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। बीते सालों तक ई श्रेणी के स्टेशनों पर स्थित प्लेटफार्म बिल्कुल रेलवे लाइन के बराबर ही होते थे। अक्सर ट्रेन में चढ़ते समय अथवा उतरते समय प्लेटफार्म नीचा होने की वजह से दुर्घटनाएं भी होती थीं। रेलवे ने दुर्घटनाओं को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्टेशनों के प्लेटफार्म ऊंचा करने के निर्देश दिए थे 2019 में आगरा कैंट-मथुरा के बीच सभी ई श्रेणी स्टेशनों के प्लेटफार्म ऊंचे करने का काम शुरू हुआ था। 2020 शुरू होने से पहले बिल्लोचपुरा स्टेशन को छोड़कर सभी स्टेशनों के प्लेटफार्म ऊंचे हो चुके हैं। बिल्लोचपुरा स्टेशन का काम भी तेजी से चल रहा है। इस संबंध में आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि ई श्रेणी स्टेशनों के प्लेटफार्म को ऊंचा करने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही काम पूरा हो जाएगा।
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कैंसर आज के समय में हर किसी को किसी न किसी अवस्था में हो रहा है। इसका मुख्य कारण है गलत लाइफस्टाइल, खराब खान-पान व धूम्रपान और शराब का सेवन करना। कैंसर का अगर सही समय पर इलाज न हो तो जानलेवा साबित हो सकता है। पर क्या आपको पता है कि सेक्स करने से भी कैंसर होता है। आइए जानते हैं आखिर किन कारणों से संबंध बनाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ओरल सेक्स कुछ लोग संबंध बनाने के दौरान करते हैं। लेकिन ओरल सेक्स से ओरल कैंसर होता है। शोध के अनुसार ओरल सेक्स के दौरान एचपीवी वायरस से संक्रमित होने का चांस महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होता है। अगर ओरल सेक्स एक से अधिक पार्टनर के साथ किया जाए तो एचपीवी संक्रमण के कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। निजी अंगों की सही तरीके से सफाई न करने और असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाने पर सर्विक्सा कैंसर होता है। सर्विक्स कैंसर जागरुकता के अभाव में तेजी से बढ़ रहा है। भारत में इस कैंसर के प्रकार के कारण सात मिनट में एक महिला की मौत हो रही है। एनल कैंसर असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाने पर फैलता है। यह कैंसर एचपीवी से संबंधित है। एनल कैंसर होने पर गुप्तांगों में दर्द होता है व पेशाब और मल त्यागने में दर्द होता है। बहुत ही कम उम्र में शारीरिक संबंध बनाने के सर्वाइल कैंसर का खतरा रहता है। इसका खुलासा एक शोध में किया गया है। डेली मेल में छपी रिपोर्ट के अनुसार अगर 20 साल की उम्र से पहले शारीरिक संबंध बनाते हैं तो सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान एचपीवी वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है।
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आद्य निवेदन ! आज यह ग्रन्थ आपके सन्मुख उपस्थित करते बहुत संकोच अनुभव हो रहा है क्योंकि कई एक कारणों से इस ग्रन्थ के प्रकाशन में बहुत विलम्ब हो चुका है यहां तक कि इस ग्रन्थ के रचयिता तथा प्रकाशन कराने के मूल कारण परम पूज्य श्री १०८ आचार्य श्री कुंथुसागरजी महाराज भी आज इस धरातल पर विद्यमान नहीं रहे । उन आचार्यवर के विषय में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाना है क्योंकि प्रस्तुत ग्रंथ ही उनकी विद्वत्ता वैराग्यता, आत्मज्ञता आदि गुणों को प्रकाशित कर रहा है तथा जो व्यक्ति कभी भी उनके निकट संपर्क में आया होगा वह तो अपने जीवन में उस आत्मा को कभी नहीं भुला सकेगा यह तो निश्चित है । पूज्य आचार्यवर के दर्शनों का चिर उत्सुक मैं अपने पूज्य पिताजी व पूज्य माताजी के साथ फाल्गुण शुक्ला सं० २००० में अष्टान्हिकापर्व का परमलाभ उठाने की गर्ज से खांदू (वांसवाड़ा ) पूज्य महाराज श्री की सेवा में पहुंचा रास्ते में हम जैसे २ नजदीक पहुँचते जाते थे अनेक महाराज श्री के दर्शनार्थियों से परिचय मिलता जाता था । रास्ता बहुत विकट व कठिन (रेल स्टेशन से मील लारी से बांसवाड़ा तथा वहां से भी कई मील बैलगाड़ियों में पहाड़ों आदि में जाना पड़ता था ) होते हुए भी खांदू में आचार्य श्री के भक्तों के आने का तांता लगा रहता था। जबतक हम वहां रहे कोई दिन भी दर्शनार्थियों के आगमन से खाली नहीं गया होगा, उत्तर प्रान्त पंजाब, गुजरात, राजपूताना, दक्षिण प्रांत आदि भारत के हर एक कोने से दर्शनार्थी चले आते थे 'दिगंबर जैनियों के अलावा श्वेताम्बर, वैष्णव, राजपूत, ब्राह्मण, व मुसलमान तक महाराजजी के उपदेशों का लाभ लेने के लिये दूर दूर से चले आते थे एक दिन का दृश्य मुझे पूर्ण याद है कि एक मुसलमान भाई मंदिर में बाहर महाराज श्री विराजे हुए थे वहां आया और भक्ति के कारण अत्यन्त गद्गद् होकर आंखों से आंसू टपकाते हुए बोला, महाराज मैं कैसा भाग्यहीन हूं जो ऐसे जात में पैदा हुआ हूं जो आपके चरण भी नहीं छू सकता । ऐसा भाग्य मेरा कब होगा जब मैं आपके चरण छू सकूंगा । महाराजश्रीने आदेश किया कि तुम मांस मदिरा ( जो वह पहले ही त्याग कर चुका था ) जीव घात करना छोड़ दो तुम स्वयं ही हमारे समान वन सकते हो इस जन्म में नहीं बन सके तो अगले में तो जरूर हो जावोगे इत्यादि । वहाँ का राज्य परिवार तो महाराज श्री का परम भक्त था रोजाना आहार के समय राज्य प्रासाद से महाराजजी को आहार में देने के लिये उत्तम २ फल जहां महाराज का आहार होता था वहां पर भेजे जाते थे, महाराजश्री के उपदेश के समय राज्य परिवार से कोई 1॥ के न कोई उपदेश लाभ लेने आते ही रहते थे । एक दिन खाँदू क महाराज ने आचार्य श्री का पदार्पण अपने राज्यप्रासाद में कराया उसी दिन राज्य प्रसाद ऐसा सजाया गया था मानो कोई विवाहोत्सव ही हो तथा राजकीय लवाजमें से नंगे पैर से महाराज आचार्य श्री को अपने राज्य महल में ले गये और वहां आचार्य श्री का उपदेश हुवा उस समय खांदू नरेश के जो उल्लास निकलते शब्द थे वो उनकी भक्ति का परिचय दे रहे थे तथा उस हर्ष में उन्होंने अपनी तरफ से आचार्य महाराज की कृति नरेश धर्म दर्पण छुपाने का ऐलान तथा अपने राज्य में महाराज श्री के राजमहल में पधारने के दिन तथा जन्म दिन तथा और भी कई दिन के लिये पूर्ण अहिंसा पालने का ऐलान किया इसके अलावा अनेक राज्यों में आचार्य महाराज के द्वारा इसी प्रकार धर्म का उद्योत ढुवा जिसका परिचय आचार्य महाराज की जीवनी में दिया गया है । प्रकाशन का कारण इन्हीं दिनों सौभाग्य से हमारे को परमपूज्य आचार्य महाराज का आहार दान का परम लाभ प्राप्त हुवा उस समय पूज्य पिताजी व माताजी ने इस ग्रन्थ की ५०० प्रती छुपाकर प्रकाशित करने के भाव व्यक्त किये तथा यहांकी संस्थानों तथा परम पूज्य आचार्य श्री कुन्थसागर ग्रन्थमाला को ? दान किया बाद में पूज्य मुनिराज श्री १०८ आदिसागरजी महाराज को ३ दिन के उपवास का पारना हुवा उस दिन उक्त ग्रन्थ की ५०० के वजाय १००० प्रती छुपाने का निश्चय किया उसही के फलस्वरूप यह पुस्तक आज प्रकाशित होकर आपके समक्ष उपस्थित है । देरी का कारण उक्त ग्रन्थ में पूज्य आचार्य महाराज की ऐसी इच्छा थी कि अगर इसकी संस्कृत और अंग्रेजी टीका भी होकर साथ छुप जावे तो यह ग्रन्थ उक्त भाषा भाषियों के लिये भी उपयुक्त सिद्ध हो अतः उसकी तैयारी की कोशिश में काफी समय चला गया फिर देरी होने के कारण हमने माननीय पं० वर्द्धमानजी पार्श्वनाथजी शास्त्री से पत्रव्यवहार कर यह निर्णय किया कि यह तो प्रति है जैसी ही छपादी जावे और तैयार होने पर अंग्रेजी संस्कृत टीका को अलग छुपाया जा सकता है अतः इस पुस्तक का कार्य हाथ में लिया गया । जब यह ग्रन्थ प्रेस में गया तो जैसा टाइप चाहिये था वैसा हमारे प्रेस में न होने से वह टाइप मंगाने युद्ध के कारण काफी समय लगा तथा कागज भी पूरा नहीं मिल सका, इन ही सब कारणों में काफी विलंब हो गया इस ही वीच में पूज्य आचार्यवर का स्वर्गारोहण हो गया । बाद में पुस्तक छप कर भी तैयार हो गई तो पूज्य आचार्य महाराज की जीवनी आदि सामग्री माननीय पंडित वर्द्धमानजी पार्श्वनाथजी शास्त्री के दौरे आदि में चले जाने से न मिलने के कारण तैयार पुस्तक भी प्रगट नहीं हो सकी अस्तु क्षमा याचना है । • इस ग्रन्थके प्रकाशन में माननीय पं० वर्द्धमानजी पार्श्वनाथजी शास्त्री शोलापुर सुयोग्य (०) मंत्री श्री आचार्य कुंथसागर ग्रन्थ( २३ ) माला की पूर्ण प्रेरणा व सहयोग मिला अपने ग्रन्थ की प्रेस कापी संशोधन करके भेजी तथा पूर्ण ग्रन्थ जैसे छुपता जाता था आपको प्रफ रीडिंग के लिये भेजा जाता था वह भी आप बरावर देखकर भेजते रहते थे और ग्रंथ की पूर्ण सामग्री आपकी ओर से पूर्ण परिश्रम के साथ साथ समय की समय पर मिलती रही इसके लिये मैं आपका पूर्ण आभारी हूं । हमारे दी महाराजा किशनगढ़ मिल्स प्रेस के सुयोग्य मैनेजर श्री नेमीचंदजी बाकलीवाल का मैं पूर्ण आभारी हूं जिन्होंने पूर्ण उपयोग लगाकर बहुत अच्छी तरह ग्रूफ का संशोधन कार्य तथा छपाई की सुन्दर व्यवस्था आदि को बहुत अच्छे ढंग से तैयार कराया । मुझे अत्यन्त दुःख अनुभव हो रहा है कि प्रस्तुत ग्रन्थ आचार्यश्री की समक्षता में प्रकाशित नहीं हो सका । पाठकों से निवेदन है कि कहीं किसी प्रकार की अशुद्धि ग्रन्थ में मिले तो लिखने की कृपा करें ताकि आगामी सुधार हो सके । नेमीचन्द पाटनी ।
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Haryana Police Heart Attack: हरियाणा पुलिस के एएसआई की झारखंड में हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक एएसआई हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले थे और रेड के सिलसिले में झारखंड गए हुए है। करनालः देश के लिए सेवा करना हर व्यक्ति का सपना होता है। उसके लिए कुछ लोग सेना में भर्ती होते हैं तो कोई पुलिस में। लेकिन जब उनकी मौत की खबर आती है तो हर कोई गमगीन हो जाता है। करनाल के सग्गा गांव के एक जवान की मौत हो गई है, जो कि हरियाणा पुलिस में तैनात था। राजेंद्र राणा हरियाणा पुलिस में एएसआई थे। दरअसल अभी राजेंद्र हरियाणा की अंबाला एसटीएफ की टीम में थे, वो किसी रेड के सिलसिले में झारखंड गए हुए थे। वहां रांची में जैसे ही उनकी टीम पहुंचती थी। वहां खाना खाने के कुछ वक्त के बाद राजेंद्र को हार्ट अटैक आया और उनकी मृत्यु हो गई। राजेंद्र राणा 1998 में हरियाणा पुलिस में भर्ती हुए थे, वो काफी वक्त तक करनाल में सिक्योरिटी ब्रांच में रहे। उसके बाद वो सीआईए शाखा में रहे, जहां उन्होंने अपनी टीम के साथ कई बड़े बड़े केस सॉल्व किए। वहीं अब वो अंबाला एसटीएफ में थे। जहां वो अपना काम बड़ी ईमानदारी के साथ कर रहे थे और एक केस को सॉल्व करने के लिए ही अंबाला से अपनी टीम के साथ रांची गए थे। जहां उनका हार्ट अटैक के कारण देहांत हो गया। राजेंद्र पीछे अपने 3 बच्चों को छोड़ गए हैं। इस खबर के बाद पुलिस महकमे और उनके गांव में मातम पसर गया है। राजेंद्र का शव करनाल आ गया है और पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रख दिया गया है।
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तो उनके पास नहीं होतो वयोवृद्ध जो बूती श्रावक हो उनके पास वह भी नहीं होतो स्वयं पूर्व उत्तराभि मुख पंच प्रमेष्टी को बंदना नमस्कार कर निम्नोक्त प्रकार पध व्रत को स्वीकार, यथा । 'इग्यारवां वौषध बूत' - असणं पाणं खाइमं साइमं उचावहिर पश्चक्खामी, अवैभवचक्खामी, माला मणग विलेवणं पच्चक्खामी, मणी सुत्रष्ण पचक्खामी, सत्य मुमलादि सावज जोगं चक्खॉमी, जात्र अहीरतं पज्जुवासामी, दुविधं तिविणं, न करेमी न कारवेमी मगला वायसा कायमा तरस भंते पडिक्कमामी निन्दामी, गरिहामी अप्पागं बोसीगमी । इग्यारहवें पौषध वृत में अन्न पानी पक्वान मुखबास ऽपि शत्र से घने आदि की बस्तू के, मैथुन सेवन करने के, पुष्प सुवर्णादि की माला आदि भूषण के, हीरे पन्ने मोती रत्नादि सुवर्णादि के नगो के, तैल चन्दनादि विलेपन तिलक के मुशल खड्ग चक्र आदि शस्त्र के और अन्य को दुःख हो ऐसे मन वचन और काया के योग प्रवर्ताने के प्रथम व्रत के अनुसार है। दो करन और तीन योग से प्रत्याख्यान कर के गुरू के तथा पूर्व उत्तराभिमुख वायां घटना नीचे दवा दाहिना घुटना खड़ा रखे दोनों हाथ जोड़ बैठ कर दो बार नमुत्थुग कहे फिर छूटे ग्रहस्थ के पास पै।पधाला में रहे रजोहरण गुच्छक लघुनीति परठाणे का भाजन आदि वापरने की आज़ा ग्रहण करे, फिर अहोरात्री व्याख्शन श्रवन पुस्तक पठन ज्ञान परियन नाम स्मरण धर्म कथा धर्म ध्यान में व्यतीत करे जो कदाचित लघुनीति की बाधा हो तो उपाश्रय में रहे मृतिकारिक के भाजन में कारण से निवृनी पाकर स्थान के बाहिर परिठाचे जाते वक्त "आवश्यई" ३ शब्द कहे, हरी अंकूर चींटी आदि के दर दीमक के नगरे रहित प्रानुक (निर्जीव ) जगह को देख कर तथा रजोद्दरण से प्रमार्जन करे "अणुजाणटा जतीगं" इस शब्द केन्द्र जी की आज्ञा को प्रद्दण कर बहकर जाय नहीं. एक स्थान एकत्र हो पड़ा रहे नहीं इस १० प्रत्याख्यान भी इस में ही हैं इस लिये इन के भी अतिचार ५ इस प्रकार की हैं यथा- १ जितने ज्यादि रखे हैं उन से अधिक प्राप्त हुए उस में मिला कर भोगवे जैसे दुग्ध में शक्कर मिला के एक द्रव्य जाने & २ मर्यादा किये उपरन्त के द्रव्य के लिये अन्य से कहे यह रहने दो प्रत्याख्यान पूरे हुए बाद मैं खाऊंगा ४ प्रत्याख्यान की हुईवस्तु को स्वीकार करते संता करे और ५ मर्यादित वस्तु में अति आशक्त होवे. इन अतिचारों से आत्मा को बचाना चाहिये । ९.१ " एकादशवां पौषध व्रत " ज्ञानादि त्रिरत्न का धर्म और स्वात्मा का तथा हैः ही काय जीवों के रक्षण कर परात्मा का पौषन करे वह पौषध व्रत, जिस दिन पौषध करने का हो उसके पहिले दिन "एवं भत्तं च भोयणं" - एक वक्त उपरान्त योजन नहीं करें, होराची अखण्डित ब्रह्मचर्य का पालन करे दूसरे दिन प्रातःकाल में पौपधशाला उपाश्रय आदि धर्म स्थान के तथा घर के एकान्त स्थान में जहां गृहकार्य में दृष्टिगत नही जहां धान कच्चा पानी हरित काय चिंटी कि दर या नगर न हों ऐसे प्रकाशिक स्थान में रायसी प्रतिक्रमण कर दिवसोदय होते ओडने बिछौने के वस्त्र की प्रति लेखना करे ७२ हाथ से अधिक वस्त्र नहीं रखे, रजो हरणादि से भूमिका का प्रमार्जन करे जिससे चिंटी आदि जन्तु प्रवेश करने नहीं पाये, इस प्रकार आसन जमाकर मुँह पर मुइपची बांधकर इरियावही, तसुत्तरी का सम्पूर्ण कई कर इद्दीका कायुत्सर्ग कर नमोकार मन्त्र कहता काटसग पर लोगस्त कहे फिर कई कि प्रति लेखन विधी पूर्वक नहीं किया हो पृथव्यादि हैः काय जीव की विषना की ही तो तरसभिच्छामि दुककई फिर उक्त प्रकार ही काउत्सर्ग लोगन कहकर जो साधु हो से साद के म मिनावे वे ग २ गिने जाते है ये स्वादको चतुमिज़ां पर पायें जैसे दाल और घोर तो एक द्रम्प गिनने में कुछ दरकन यही होंका करन तो उनके पास नहीं होतो वयो वृद्ध जो बूती श्रावक हों उनके पास वह भी नहीं होतो स्वयं पूर्व उत्तराभि सुख पंच प्रमेष्टी को बंदना नमस्कार कर निम्नोक्त प्रकार वैष व्रत को स्वीकार, यथा । 'इग्यारवां पौषध बूत' - असणं पाणे खाइमं साइमं उचविरारं पश्चक्खामी, अवैभवचक्खामी, माला मणग विलेवणं पच्चक्खामी, मणी सुत्रष्ण पच्चक्खामी, सत्य मुसलादि सावज जोगं पश्चक्खामी, जाव अहारतं पज्जुवासांमी, दुविहं तिविहणं, न करेमी न कारबेमी मजला वायसा कायमा तरस भंते पडिक्कमामी निन्दामी, गरिहामी अध्यनं वोसीगमी । इग्यारहवें पौषध दूत में अझ पानी पत्रवान मुखबास ऽपि शब्त्र से संघने आदि की वस्तू के, मैथुन सेवन करने के, पुष्प सुवर्णादि की माला आदि भूषण के, हीरे पन्ने मोती रत्नादि सुवर्णादि के नगो के, तैल चन्दनावि विलेपन तिलक के मुशल खड्ग चक्र आदि शस्त्र के और अन्य को दुःख हो ऐसे मन वचन और काया के योग प्रवर्ताने के प्रथम चूत के अनुसार ही दो करन और तीन योग से प्रत्याख्शन कर के, गुरू के तथा पूर्व उत्तराभिमुख वाया घुटना नीचे दवा दाहिना घुटना खड़ा रखे दोनों हाथ जोड़ बैठ कर दो बार नमुत्थुगं कहे फिर छूटे ग्रहस्थ के पास पैघाला में रहे रजोहरण गुच्छक लघुनीति परठाणे का भाजन आदि वापरने की आज्ञा ग्रहण करे, फिर अहोरात्री व्याख्यान श्रवन पुस्तक पठन ज्ञान परियन नाम स्मरण धर्म कथा धर्म ध्यान में व्यतीत करे जो कदाचित लघुनीति की बाधा हो तो उपाश्रय में रहे मृतिकारिक के भाजन में कारण से निवृती पाकर स्थान के वाहिर परिठावे जाते चक्त "आवश्यई" ३ शब्द कद्दे, हरी अंकूर चींटी आदि के दर दीमक के नगरे रहित प्रातुक (निर्जी ) जगह को देख कर तथा रजोहरण से प्रमार्जन करे "अणुजाणढा जसोगं" इस शब्द से शकेन्द्र जी की आज्ञा को प्रहण कर वहकर जाय नहीं, एक स्थान एकत्र हो पड़ा रहे नहीं इस
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कंपनियों द्वारा अपने प्रीपेड प्लान में बढ़ोतरी अब उनके गले से उतर नहीं रही है। TRAI की एक नई रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल दिसंबर महीने में Jio ने करीब 1 करोड़ 3 लाख से ज्यादा ग्राहकों को खो दिया है। ये ग्राहक Jio छोड़ BSNL पर स्विच हुए हैं या एयरटेल में शामिल हुए हैं। टेक और बिजनेस डेस्क. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा साझा की गई टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के महीने में रिलायंस जियो ने 12. 9 मिलियन से अधिक वायरलेस ग्राहकों को खो दिया है। हालांकि इस काफी नुकसान के बावजूद कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 36 फीसदी के उच्चतम स्तर पर रही। एयरटेल ने 30. 81 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान का दावा किया, जिसने वास्तव में 450,000 से अधिक ग्राहक प्राप्त किए और वोडाफोन आइडिया 23 प्रतिशत पर जिसने लगभग 1. 6 मिलियन ग्राहक को खो दिया। दिसंबर के महीने में, भारती एयरटेल के पास वीएलआर (विजिटर लोकेशन रजिस्टर) ग्राहकों का सबसे बड़ा प्रतिशत था, जबकि सरकार द्वारा प्रबंधित एमटीएनएल और बीएसएनएल ने सबसे कम वीएलआर ग्राहक प्रतिशत दर्ज किया। भारत में वायरलेस ग्राहकों की संख्या नवंबर 2021 के अंत में 1,167. 50 मिलियन से घटकर दिसंबर 2021 के अंत में 1,154. 62 मिलियन हो गई, जिसमें मासिक गिरावट दर 1. 10 प्रतिशत दर्ज की गई। कुल मिलाकर, निजी एक्सेस सेवा प्रदाताओं के पास बाजार हिस्सेदारी का 89. 81 प्रतिशत हिस्सा था, जबकि एमटीएनएल और बीएसएनएल ने दिसंबर 2021 तक केवल 10. 19 प्रतिशत (बीएसएनएल के लिए 9. 90 प्रतिशत और एमटीएनएल के लिए 0. 28 प्रतिशत) की बाजार हिस्सेदारी साझा की। Jio के पास कुल वायरलेस सब्सक्राइबर मार्केट का 36 प्रतिशत और 87. 64 प्रतिशत के साथ अपने सक्रिय वायरलेस ग्राहकों का दूसरा सबसे अच्छा अनुपात है। वोडाफोन आइडिया ने कुल बाजार हिस्सेदारी का 23 प्रतिशत का दावा करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया और अपने एक्टिव वायरलेस ग्राहकों का 86. 42 प्रतिशत पंजीकृत किया। प्रतिशत वृद्धि के संदर्भ में, Jio और Vi ने क्रमशः 3. 01 प्रतिशत और 0. 60 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि की। एयरटेल ने सकारात्मक 0. 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी। ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार Jio ने पिछले दिसंबर महीने में लगभग 1. 3 करोड़ ग्राहक खोया है। यानी हर दिन करीब 4 लाख 20 हज़ार कस्टमर Jio को छोड़े हैं। अगर इसे घन्टे में करें तो क़रीब 17 हजार 473 कस्टमर ने Jio को अलविदा कहा है। वहीं अगर मिनट की बात की जाये तो हर मिनट करीब 291 ग्राहकों ने Jio छोड़ किसी और कंपनी को चुना है।
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गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। उन्होंने अमेजन के मालिक जेफ बेजोस को पछाड़ कर यह तमगा अपने नाम किया है। Gautam Adani Networth: गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। उन्होंने अमेजन के मालिक जेफ बेजोस को पछाड़ कर यह तमगा अपने नाम किया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, यह फेरबदल पिछले 24 घंटों में हुआ है। इस वक्त बेजोस और अडानी की संपत्ति लगभग बराबर है। दरअसल, अडानी की संपत्ति पिछले एक दिन में 2. 12 अरब डाॅलर घटा है तो जेफ बेजोस की संपत्ति 2. 74 अरब डाॅलर घटी है। अब इन दोनों अरबपतियों की संपत्ति 147 अरब डाॅलर है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स लिस्ट में अडानी दूसरे नंबर पर और बेजोस तीसरे नंबर पर आ गए हैं। आपको बता दें कि फोर्ब्स बिलियनेयर्स इंडेक्स में गौतम अडानी तीसरे पायदान पर आ गए हैं। कल दूसरे नंबर पर थे। इस लिस्ट में एलन मस्क 264 अरब डाॅलर की संपत्ति के साथ नंबर वन पर हैं। गौतम अडानी अभी नंबर वन से काफी पिछे हैं। इस लिस्ट में चौथे नंबर पर 138 अरब डाॅलर संपत्ति के साथ Bernard Arnault हैं। पांचवे नंबर पर बिल गेट्स हैं जिनकी संपत्ति 112 अरब डाॅल की है। 6 नंबर पर Warren Buffet हैं। 7 नंबर पर Larry Page, 8 वें नंबर पर Sergey Brin, 9 वें नंबर पर Larry Ellison और 10 वें नंबर पर मुकेश अंबानी हैं। अंबानी की संपत्ति 88. 7 अरब डाॅलर है। कॉलेज छोड़ने से लेकर अपना हीरा कारोबार शुरू करने तक अडानी एंटरप्राइज के मालिक गौतम अडानी का सफर सभी के लिए एक प्रेरणा है। 137 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ एक आम आदमी से एक बिजनेस टाइकून तक की उनकी यात्रा बेहद रोमांचक और प्रेरणादायक है। उनकी संपत्ति सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। अडानी के पास पोर्ट से लेकर एनर्जी, हरित ऊर्जा और अन्य उद्योगों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। अडानी की दौलत का बड़ा हिस्सा अडानी समूह के पास सार्वजनिक हिस्सेदारी से प्राप्त होता है, जिससे उन्होंने इसकी स्थापना की थी। मार्च 2022 स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पावर और अडानी ट्रांसमिशन में उनके पास 75% हिस्सेदारी है। वह अडानी टोटल गैस का लगभग 37%, अडानी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र का 65% और अडानी ग्रीन एनर्जी का 61% मालिक हैं। ये सभी कंपनियां सार्वजनिक रूप से कारोबार करती हैं और अहमदाबाद में स्थित हैं। 2020 में गौतम अडानी ने लुटियंस दिल्ली में एक ₹400 करोड़ की हवेली खरीदी। 3. 4 एकड़ भूमि में फैली इस संपत्ति को समूह द्वारा सबसे महंगी बोली में से एक माना जाता है। गौतम अडानी को ₹265 करोड़ का एडवांस भुगतान करना पड़ा था और बाकी के ₹135 करोड़ वैधानिक खर्च के रूप में शामिल हैं। इससे संपत्ति का मूल्य ₹400 करोड़ हो गया। इस हवेली के अलावा, अडानी का गुड़गांव में एक बंगला भी है। इतना ही नहीं अहमदाबाद में उनका एक घर 'हवेली' भी है। यह वह जगह है जहां अडानी ज्यादातर समय रहते हैं। यह अहमदाबाद की एक पॉश कॉलोनी में स्थित है। हवेली के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि गौतम अडानी अपनी संपत्ति और निजी संपत्ति पर गोपनीयता बनाए रखना पसंद करते हैं। हवेली को चारों ओर बड़े पेड़ों से सजाया गया है। यह खुले सुंदर प्रांगणों से भी घिरा हुआ है। इस घर में गौतम अडानी अपनी पत्नी प्रीति अडानी, बेटे करण और जीत अडानी और बहू के साथ रहते हैं। अडानी के पास लग्जरी प्राइवेट जेट्स से लेकर कारों और हेलीकॉप्टर तक है जिनकी लंबी लिस्ट हैं। अडानी ज्यादातर अपने प्राइवेट जेट में ही ट्रैवल करते हैं। इसमें बॉम्बार्डियर, एक बीचक्राफ्ट और एक हॉकर शामिल हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, उनके सबसे सस्ते प्राइवेट जेट की कीमत भारत में लगभग ₹15. 2 करोड़ है। तीन आलीशान जेट विमानों के अलावा, अडानी एंटरप्राइज के मालिक के पास अपनी छोटी यात्राओं के लिए तीन हेलीकॉप्टर भी रखें हैं। उन्हें अपने अगस्ता वेस्टलैंड AW139 हेलीकॉप्टर में सबसे ज्यादा देखा जाता है। उनके अन्य दो हेलीकॉप्टरों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हेलीकॉप्टर और जेट के बाद नंबर आता है अडानी के लग्जरी कारों की, जिसकी सूची काफी लंबी है। ₹3. 5 करोड़ की रेड फेरारी और एक शानदार बीएमडब्ल्यू 7 (लगभग ₹1-3 करोड़ की लागत) उनकी दो सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से देखी जाने वाली कारें हैं। लगभग हर क्षेत्र में अपनी विशाल उपस्थिति के कारण, अडानी एंटरप्राइज के पास ईंधन और अन्य सामग्रियों के परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए लगभग 17 जहाज हैं। लेकिन लोगों की दिलचस्पी यह हो सकती है कि 2018 में गौतम अडानी ने अपने दो नए खरीदे गए जहाजों का नाम अपनी भतीजी के नाम पर रखा। दो जहाजों, एम/डब्ल्यू वंशी और एम/डब्ल्यू राही का निर्माण दक्षिण कोरिया के हांजिन हेवी इंडस्ट्रीज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन द्वारा किया गया था। बता दें कि ऐसे जहाजों को खरीदने से कंपनी को अपने लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद मिलती है। गौतम अडानी भारत के कुछ महत्वपूर्ण हवाई अड्डों के मालिक भी हैं। गौतम अडानी भारत में कुल सात हवाई अड्डों के मालिक हैं, जिसे सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दिया हुआ है। अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड की मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु हवाई अड्डों में हिस्सेदारी है। अडानी पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स के मुताबिक, कंपनी के पास पूरे भारत में कुल 13 पोर्ट हैं। इससे इसकी पोर्ट ऑपरेटिंग कंपनी, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ Ltd. ), भारत की सबसे बड़ी निजी पोर्ट ऑपरेटिंग कंपनी है। इतना ही नहीं, कंपनी के पास एबोट प्वाइंट टर्मिनल पोर्ट भी है, जिसे 2011 में क्वींसलैंड सरकार से 99 साल की लीज पर हासिल किया गया था। अडानी अपने विभिन्न उपक्रमों के साथ रिन्यूएबल एनर्जी का एक प्रमुख उत्पादक बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है। अब तक, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय कंपनियों में से एक होने का दर्जा प्राप्त है। फिलहाल इसके पास 20,434 मेगावाट का प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो है। अब तक अडानी की प्रमुख संपत्तियों और कंपनियों ने भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के कंपनी के उद्देश्य के बारे में एक विचार दिया होगा। वेलस्पन एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ इसका संयुक्त उद्यम भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार की खोज और विकास के लिए काम कर रहा है। 2021 में, कंपनी ने मुंबई तट के पास प्राकृतिक गैस के भंडार की खोज करने का दावा किया। 714. 6 वर्ग किलोमीटर चौड़ा ब्लॉक मुंबई अपतटीय बेसिन के ताप्ती-दमन सेक्टर में स्थित है। यह कंपनी की एक महत्वपूर्ण संपत्ति नहीं हो सकती है, लेकिन फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट में अडानी की उपस्थिति को बढ़ाने की क्षमता रखती है। अडानी ग्रुप की अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट बी में अपना पहला निवेश मई 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के प्रमुख टी20 लीग में एक फ्रैंचाइज़ी के स्वामित्व और संचालन के अधिकार प्राप्त करने के लिए किया था। दो महीने के बाद, कंपनी ने गुजरात जायंट्स, एक लीजेंड्स लीग क्रिकेट टीम का अधिग्रहण करके अपना दूसरा निवेश किया।
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आईपीएल में बैट और बॉल से कमाल दिखाकर चेन्नई को 2 क्लोज विक्ट्री दिलाने वाले रवींद्र जडेजा के बारे में धोनी ने इस बार ट्वीट कर लिखा है कि वे हिंदी वाले सर यानि 'सिर' नाम से जडेजा को बुलाते हैं. धोनी ने जडेजा पर जो ट्वीट किए हैं उस पर इस समय चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में खूब मस्ती होती है. जडेजा ने भी कहा है कि उनकी टीम मिलकर इस नाम को खूब एंज्वाय कर रहे हैं. बंगलूरु के अगेंस्ट जब जडेजा ने आरपी सिंह की नो बॉल पर चेन्नई को जीत दिलाई तो धोनी ने इस विनिंग मूमेंट के मौके पर धोनी की चुटकी ली. 1. अपने टि्वटर अकाउंट @msdhoni पर धोनी ने लिखा कि जब आप सर रवींद्र जडेजा को 2 रन बनाने के लिए 1 बॉल देते हैं तो वो टीम को 1 बॉल रहते ही जीत दिला देते हैं. 2. इस समय रजनीकांत के जोक्स काफी पॉपुलर हैं. महेंद्र सिंह धोनी ने रजनीकांत को भी इस फनी मूमेट में अपने ट्वीट में शामिल किया है. धोनी ने अपने ट्वीट में खिला है कि अगर अगर रजनी सर को सर जडेजा की बॉल का सामना करना पड़े तो यह मुकाबला 'क्लैश ऑफ द टाइटंस' कहलाएगा. 3. धोनी ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में एक ट्वीट में लिखा है कि 17 अप्रैल को शाम 7:30 से 8:30 तक दिल्ली एयरपोर्ट पर कोई प्लेन लैंड नहीं कर सका. क्योंकि एयरपोर्ट के पास सर रवींद्र जडेजा बैडमिंटन खेल रहे थे. 4. जडेजा की बराबरी रजनीकांत से करते हुए धोनी ने ट्वीट किया कि भगवान को लगा कि सर रजनी बूढ़े हो रहे हैं इस वजह से उनहोंने सर रवींद्र जडेजा को बनाया. 5. इस तरह धोनी ने लिखा है कि जब सर जडेजा अपनी जीप चलाते हैं तो उनकी जीप खड़ी रहती है ओर रास्ता चलने लगता है, उसी तरह जब वे बैटिंग करने जाते हैं तो पवेलियन विकेट पर आज जाता है.
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विश्व कप 2019 इंग्लैंड और वेल्स में खेला जा रहा है. इस विश्व कप का फाइनल मैच 14 जुलाई को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जायेगा. ये विश्व कप अब रोमांचक हो गया है. भारतीय टीम पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार कर विश्व कप से बाहर हो गयी. इस मैच में युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत जिस तरह से आउट हुए उससे सभी लोग निराश हैं. इस विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में भारत और न्यूजीलैंड की टीम आमने सामने थी. इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड की टीम ने मंगलवार को बारिश के कारण खेल रुके जाने तक 46. 1 ओवर में 211 रन बनाए थे. अगले दिन रिजर्व डे में न्यूजीलैंड ने अपने बची हुई पारी 28 रन जोड़े और 50 ओवर में 8 विकेट गँवा कर 239 रन बनाए. लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजो के सामने नतमस्तक दिखी. रवीन्द्र जडेजा ने 77 रन और महेंद्र सिंह धोनी ने 50 रन बना कर भारत को जीत दिलाने की कोशिश जरुर की, लेकिन वो ऐसा करने में नाकाम रहे और भारतीय टीम ये मैच 18 रनों से हार गयी. इसके साथ उनका विश्व कप में सफर भी ख़त्म हो गया. आपको बता दूँ पहले चार विकेट गिरने के बाद ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या के बीच एक अच्छी साझेदारी हो रही थी. लेकिन मिचेल सेंटनर की चार लगातार डॉट गेंद खेलने के बाद ऋषभ पंत ने एक बड़ा शॉट खेला और अपना विकेट गँवा दिया. यहाँ से भारतीय टीम मुश्किल में फंस गयी. How many times have we seen @RishabPant777 do that? ? ? ? ? ! ! ! ! ! The very reason he wasn't picked initially! Pathetic! बर्मिंघम के मैदान पर आज दूसरा सेमीफाइनल खेला जायेगा. जिसमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीम आमने सामने होंगी. लीग मैच में जब ये दोनों टीमें भिड़ी थी तो ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जीत दर्ज की थी. ये मैच जीतने वाली टीम 14 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेगी.
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विद्युत संभरण, प्राविधिक दृष्टिकोण से स्थल के निकट बनाया जाता है, जिससे लंबी प्रेषण लाइनों की यावश्यकता नहीं रहती । इनकी पूँजीगत लागत ( capital cost ) भी पनबिजली की अपेक्षा बहुत षम होती है। परंतु ईंधन के मूल्य तथा उसके परिवहन मूल्य के कारण ऐसे बिजली घरो की परिचालन लागत ( operating cost ) पनबिजलीघरों की अपेक्षा बाफी अधिक होती है । पनबिजलीघरों की परि चालन लागत लगभग नगण्य ही होती है, परंतु प्रतिष्ठापन मूल्य बहुत अधिक होता है। अतएव किसी भी बिजलीघर के प्ररूप की योजना बनाने से पहले दोनों प्रकार के बिजलीघरों की औसत लागत, प्रति वर्ष की इकाई के रूप में, ज्ञात कर लेना आवश्यक है और उसी भाधार पर किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है । स्थानीय संभरण के लिये छोटे छोटे बिजलीघर डीजल इंजनों द्वारा चलनेवाले जनित्रो के भी होते हैं। इनका प्रति एकक मूल्य अधिक होता है। बड़े भौद्योगिक स्तर पर विद्युत् के जनन के लिये छोटे बिजली घर आर्थिक रूप से उचित नहीं रहते, तथापि बहुत से स्थानों पर व्यक्तिगत मंभरण के लिये ये बहुत उपयोगी होते हैं । बड़े बड़े तत्रो मे ये प्रापाती (standby ) के रूप में भी प्रयुक्त किए जाते हैं । भाजकल परमाणु ऊर्जा का उपयोग भी विद्युत् शक्ति के उत्पादन के लिये किया जा रहा है। पिछले १० वर्षों में ब्रिटेन, रूस और अमरीका में बहुत बड़े बड़े परमागवीय बिजलीघरों की स्थापना हुई है और बहुतों की स्थापना होने जा रही है। परंतु पारमारतीय प्रणालियों पर प्रभी लगातार शोध हो रहे हैं और जो प्ररणालियाँ ५ वर्ष पहले अपनाई गई थी, वे प्राज समय से वहुत पीछे समझी जाती हैं । यद्यपि ऐसे बिजलीघरो के बहुत विशिष्ट लाभ हैं और सभी देश सामर्थ्य के अनुसार उनकी स्थापना के लिये तत्पर हैं। तथापि भाधुनिकतम शोधों को ध्यान में रखते हुए तथा उनकी प्रवर्तन प्रणालियों की जानकारी को समझते हुए उनकी स्थापना के निश्चय में अत्यत सावधानी की भावश्यकता है। भारत में भी राणा प्रताप सागर एव तारापुर मे परमाणु बिजलीघर बनाए गए हैं । शक्ति के इन सामान्य साधनों के अतिरिक्त बहुत से असामान्य साधन भी प्रयुक्त किए जा रहे हैं, जैसे ज्वार भाटे की अपरिमित शक्ति का विद्युत् जनन के लिये उपयोग एव सूर्य तथा भौषी की शक्ति का उपयोग, परंतु ये साधन अभी सामान्य उपयोग में नहीं पाए हैं । जनन के पश्चात् दूसरी महत्वपूर्ण समस्या विद्युत् शक्ति को उसके उपयोगस्थल तक ले जाने की है। यह समस्या भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना विद्युत् शक्ति का जनन । उपयोगस्थल मे भार के अनुसार विभिन्न स्थानों में उपकेंद्र ( substations ) बनाए जाते हैं, जहाँ बिजलीघर से शक्ति को विद्युत् लाइनों द्वारा प्रेषित किया जाता है और वहाँ से विभिन्न उपभोक्ताओं को वितरित किया जाता है। हो सकता है, उपयोगस्थलों की बिजलीघर से दूरी कई सौ मील हो । जैसा पहले कहा जा चुका है, पनबिजलीघरों के निर्माण में प्राकृतिक गाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो सामान्यतः घनी आवादीवाले क्षेत्रों से दूर होते हैं। इसी प्रकार विद्युत् संभरण, प्राविधिक दृष्टिकोण से तापीय बिजलीघरों के लिये भी कोयले की उपलब्धि तथा उसके परिवहन की समस्या वस्तुत उसकी स्थिति का निश्चय करती है । अतएव विद्युत् शक्ति के जननस्थल तथा उपयोगस्थल मे पर्याप्त दूरी होने की काफी सभावनाएँ हो सकती हैं। ऐसी दशा में शक्ति को प्रति उच्च वोल्टताओं पर बडी बडी लाइनों द्वारा प्रेषित करना होता है। तार का आकार धागक्षमता को कोटि पर निर्भर करता है । अतः यथासंभव, उच्च वोल्टताओो का प्रयोग करना आवश्यक हो जाता है। सामान्य प्रेषण वोल्टनाएँ, ६६ किवो०, (K. V ) १३२ किवो०, २२० किवो० तथा ३८० रिवो० हैं । इससे उच्च वोल्टताएँ भी प्रयोग की गई हैं। रूस मे अभी हाल मे ७०० वि० की लाइन बनाई गई है और अमरीका में भी कुछ लाइनें ७०० किवो० की बनाई जा रही हैं। भारत में अभी तक उच्चतम वोल्टता ३०० किवो० की है, परंतु अखिल भारतीय ग्रिड (All India Grid) के लिये इससे भी ऊँची वोल्टता का प्रयोग करने पर विचार किया जा रहा है। विद्युत्सभरण दो मुख्य रूपों में हो सकता हैः दिष्ट धारा ( Direct Current ) एवं प्रत्यावर्ती धारा ( Alternating Current ) द्वारा । अधिकाश कार्यों के लिये दोनों ही सभरणों का प्रयोग किया जा सकता है। प्रकाश एवं ऊष्मा की अधिकांश प्रयुक्तियाँ दोनो ही संभरणो में प्रयुक्त की जा सकती हैं, परतु उद्योग के लिये सभरण के अनुसार विभिन्न मोटरे एवं दूसरी सज्जाएँ प्रयुक्त करनी होती है। दि० घा० एवं प्र० धा० मोटगे की अपनी विशेषताएँ हैं तथा ये बहुत से प्ररूपों में उपलब्ध होते हैं, जिससे कार्य के अनुसार ही उनका चयन किया जा सकता है । प्रार्थिक रूप से प्र० घा० का जनन एवं प्रेषरण सस्ता पडता है । प्र० घा० जनित्र सापेक्षतया काफी उंची वोल्टताओं पर प्रवर्तन कर सकते हैं। प्रेषरण के लिये इसे सुगमता से उच्चतर वोल्टताओं मे रूपातरित किया जा सकता है, जिससे उतनी ही शक्ति के लिये धाराक्षमता कम हो जाती है तथा प्रेषण लाइन के मूल्य में काफी बचत हो जाती है। साथ ही प्रेोषाहानियाँ कम होने से प्रो बरगदक्षता बढ जाती हे । बहुधा उपयोगस्थल की जनित्रस्थल से दूरी कई सौ मील की भी हो सकती है। प्रत प्रेषण वोल्टता यथासंभव ऊँची रखनी पडती है, जिससे चालक का आकार छोटा हो सके और प्रेषणहानियाँ कम की जा सके। दि० घा० का उच्च वोल्टता पर जनन प्राविधिक दृष्टिकोण से कठिन होता है तथा उसमे वोल्टता का अल्प से उच्च तथा उच्च से अल्प में परिवर्तन उतनी सुविधा से नही किया जा सकता जितना प्र० धा० में । प्र० बा० सापेक्षनया, अधिक ऊँची वोल्टताओं पर जनित की जा सकती है और उसे परिणामित्र ( transformers ) द्वारा सुगमतापूर्वक, अल्प से उच्च तथा उच्च से अल्प वोल्टताओं में परिवर्तित किया जा सकता है । जनित वोल्टता साधारणतया ११ किवो० तक ही सीमित होती है, और इसे परिणामित्र द्वारा प्रति उच्च वोल्टता (११० कियो०, २२० किवो० या इससे भी अधि) मे पारित कर प्रेषित किया जा सकता है। उपयोगस्थल पर इस उच्च वोल्टता को अपनायी ( step-down ) परिणामित्र की सहायता से फिर प्र वोल्टता में रूपांतरित किया जा सकता है । मुख्यतः, इसी सुगमता के कारण प्र० घा० संभरण ही अधिक सामान्य है और जहां पहले से दि० घा० संभरण था वहाँ भी भाजकल उसको विस्थापित कर प्र० घा० सभरण में परिवर्तित किया जा रहा है। तार तथा न्यूट्रल के बीच इस तंत्र में भी यथासभव तीनों फेजों में भार संतुलित रखने का प्रयत्न किया जाता है। फेज तथा न्यूट्रल के बीच २३० वोल्ट की वोल्टता होती है और दो फेज चालकों के बीच, पर्थात् लाइन चालको के बीच लगभग ४०० वोल्ट की । वस्तुतः दो लाइनों के बीच की वोल्टता फेज पोल्टता का ३ गुना होती है। इस प्रकार इस तत्र में भी दो विभिन्न वोल्टतामो की व्यवस्था होती है । मोटर इत्यादि ४०० वोल्ट पर चालन करते हैं और बल्ब तथा पैसे और दूसरी घरेलू विद्युत् युक्तियां केवल २३० बोल्ट पर कार्य करती हैं । परिणामित्र, वस्तुतः, एक प्रत्यंत सरल विद्युत् मशीन है। यह प्रेरण के सिद्धांत पर चालन करता है। इसमें प्राथमिक एवं द्वितीयक दो कुडलियाँ होती हैं, जिनका भापस में विद्युतया कोई संयोजन नही होता । पारस्परिक प्रेरण ( mutual induction ) के सिद्धांत के अनुसार यदि एक कुडली में प्रत्यावर्ती वोल्टता प्रारोपित की जाए, तो दूसरी कुंडली में भी, जो पहली के चुंबकीय क्षेत्र मे होती है, एक वोल्टता प्रेरित हो जाती है। यह दोनों कुंडलियो के फेरो की संख्या के अनुपात पर निर्भर करती है। यदि द्वितीयक कुडली के फेरो की संख्या प्राथमिक से दुगनी हो, तो उसमे प्राथमिक से लगभग दुगनी वोल्टता जनित होगी तथा धारा का परिमारण उसी अनुपात मे कम हो जाएगा। उच्च वोल्टता से अल्प वोल्टता में परिवर्तन के लिये, द्वितीयक मे लगभग उसी अनुपात में कम फेरे होने चाहिएँ । इस प्रकार परिणामित्रों द्वारा वोल्टता रूतरण बहुत मुगमतापूर्वक किया जा सकता है। परिणामित्र की चाला दक्षता भी बहुत अधिक होती है। बड़े बड़े प्राकारी ( १०,००० तिवो० ऐं० के लगभग ) के परिणामित्रों की चालनदक्षता ६९ ५ प्रतिशत तक हो सकती है। अतएव यह वोल्टता रूपांतरण न केवल मुगमतापूर्वक ही हो सकता है, वरन साथ ही साथ बिना विशिष्ट हानियों के भी होता है । सामान्य उपयोग वोल्टता अधिकाश देशो में २२० वोल्ट के लगभग होती है। परंतु मोटर तथा दूसरे श्रौद्योगिक भार इससे अधिक वोल्टता पर चालन करते है । भ्रत वितरणतंत्र, साधारणतया, ऐसा होता है कि उससे दो विभिन्न वोल्टताओ वा सभरण संभव हो सके, जैसे सभरण प्रकाशदीप अथवा पले इत्यादि के लिये भी हो सके और साथ ही साथ कुछ ऊँची वोन्टता, मोटर तथा अन्य श्रौद्योगिक भारो के लिये भी हो सके । दि० घा० परिपथ मे यह वितार प्रणाली द्वारा मभव हो सकता है, जिसमे बाहरी तारों की वोल्टता बीच वाले चालक के सापक्ष + २२० वोल्ट और वोल्ट हो । इस प्रकार दोनो बाहरी चालको के बीच ४४० वोल्ट मिलता है और एक बाहरी तथा मध्य चालक के बीच केवल २२० वोन्ट त विद्युत् दीप भोर पसे इत्यादि, जो २२० वोल्ट पर चालन करते हैं, उन्हें एक बाहरी तथा मध्य चालक के बीच संबद्ध किया जा सकता है तथा मोटर इत्यादि दोनों बाहरी चालको के बीच संबद्ध किए जा सकते हैं। इस प्रकार एक ही संभरणतंत्र से दोनों का अलग अलग वोल्टताम्रो पर चालन संभव हो सकता है, परंतु इस तंत्र के सफल चालन के लिये मध्य चालक के दोनों प्रोर भार का संतुलित होना आवश्यक है। इसका ध्यान भार को संबद्ध करते समय ही रखा जाता है। भार का संतुलन करने के लिये संभरणतंत्र में संतुलकों ( balancers ) की भी व्यवस्था की जाती है, जिससे दोनों भोर भार लगभग बराबर रहे । प्र० घा० संभरण में दो विभिन्न वोल्टताथों की व्यवस्था त्रिफेज चार तार तंत्र द्वारा की जाती है। मोटर इत्यादि तो तीनों फे चालकों से संबद्ध किए जाते हैं और बल्ब यादि एक फेज प्रति उच्च प्रेषण वोल्टताम्रो से उपयोग वाल्टता मे रूपांतरण, सामान्यत, दो क्रमों में किया जाता है। पहले प्रति उच्च वोल्टताओं को साधारणतया ११ किवो० में रूपांतरित कर लिया जाता है और इसके बाद ११ किवी० की पोषक लाइने (Feeder Lines ) ठीक उपभोगस्थल तक ले जाई जाती हैं, जहाँ उन्हें सामान्य उपयोग वोल्टता २३०/४०० वोल्ट में रूपातरित किया जाता है। यहाँ से ४०० वोल्ट की प्रल्प वोल्टता लाइनें भार तक ते जाई जाती हैं । इन लाइनों को वितरक लाइने (Distributor Lants ) कहते हैं भौर ये सामान्यत सड़को के किनारे ले जाई जाती है, जहाँ से विभिन्न मकानो को वितरण संयोजन ( service connection ) दिए जाते हैं। प्रति उच्च वोल्टता की प्रेषण लाइनें बडी बडी मीना गे (towers) पर ले जाई जाती हैं, परंतु मध्यम तथा अन्य बोल्डना लाइने खंभे ( pole ) पर आरोपित होती हैं। बहुत से स्थानों में विद्युत् शक्ति का प्रेषण, प्रथवा वितरण, ऊपरी लाइनों के स्थान पर भूमिगत केबिलो ( cables) द्वारा किया जाता है। ऊपरी लाग्ने साधारणतया ताँबे के तार की होती हैं, परंतु ऐलुमिनियम और इस्पात संयुक्त ऐलुमिनियम ( ACSR ) के तार भी बहुतायत से प्रयुक्त किए जाते हैं। साधारणतया तार एक होम मे न होकर बहुत से तारों को एक दूसरे पर ऐठकर बने होते हैं। ये तार, खभे अथवा मीनार पर लगे हुए पित्रोधी ( 1msu'ators) के ऊपर बँधे होते है। विद्युतरोधी, साधारगन पॉसिलेन के होते हैं और विभिन्न प्ररूपो के बनाए जाते है। इस वर्गीकरण वोल्टता के आधार पर होता है। ये चालक गमाने रहते हैं मौर उसे स्वंभे प्रथवा मीनार से नहीं छूने देते। इनकी बनावट भी ऐसी होती है कि किसी भी दशा में ये चालक तथा खमे के बीच किसी प्रकार का भी विद्युत् सस्पर्श नहीं होने देते। उन्हें खर्भ पर सीधे ही प्रथवा कैची ( cross arm ) पर लगाने का विन्यास होता है। तारों को उनमे दिए हुए एक खाँत्र में रखकर ताँबे के बंधन तार (binding wire ) द्वारा बाँध दिया जाता है । खंभे भधिकतर लोहे की रेल, अथवा गोल नलिकाकार ( tubular) प्ररूप के होते हैं। साधारणतया ये २६-३२ फुट ऊँचे होते हैं, जिसमें ५-६ फुट भूमि में गड़ा होता है। लकड़ी के वभं भी बहुतायस से युक्त होते हैं, परंतु उन्हें दीमक इत्यादि ग बचाने के लिये पहले उपचारित करना भावश्यक होता है। सीपद कक्रीट के स्वभे भी बनाए जाते हैं, जो देखने में काफी मुदर लगते हैं और बड़े नगरों की सड़कों पर विस्तृत रूप से प्रयुक्त होते हैं, परंतु इनका
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मानहैं अधिकरण जिसका सो सामानाधिकरण्य जो जिसमें रहे उसकूँ अधिकरणकहते हैं। किसी ने कहा सो यो देवदत्त है सो अर्थात् काशीमें तुमने हमने १६ वर्ष की अवस्था. गृहस्थाश्रम में जोदेखाथा सोई यो अर्थात् अन्न हरिद्वारमें ३० वर्षकी अवस्था में जो दीखता है सो यो देवदत्त है पूर्व काशी १६ वर्षकी अवस्थादि का और हरिद्वार ३० वर्षकी अवस्थांदि का त्याग करके केवल देवदत्तके पिण्ड माथ में दृष्टि करके यो अर्थ बैठता है कि सो यो देवदत्त है। कटे हुए अर्थकूं कुछ त्यागदेना कुछ रखलेना इसकूं जहदजहद लक्षण कहते हैं सो यो देवदत्त है इसवाक्यका अर्थ जहदजहद लक्षणा करके होता है जैसे इस वाक्य में 'जहदजहद लक्षणा' है ऐसे और वाक्यों में भी किसीमें 'जहद' लक्षणा किसीमें 'अजहद' लक्षणांहै तात्पर्य जिस वाक्य का अर्थ बु डिसें न बैठता हो कुछ विरुद्ध प्रतीत होता हो तो उस वा क्य का अर्थ लक्षणा शक्ति व्यंजनादि करके निश्चय करते हैं उन वाक्योंके बहुत उदाहरण लिखने में विस्तार होता है इसलिये थोडेसे उदाहरण लिखत हैं और उनके लिखने-" का यहां कुछ प्रयोजन भी नहीं है जहद लक्षणा वह है किं. कहे हुये वाक्यार्थ का त्याग करके और बनाकर लक्षणा करनी जैसे किसी ने कहा गंगा में गांव वहां से दूध लें आओ उसने विचारा गंगाजी में गांवका होना नहीं बनता इस हेतुसे गंगाजी के तीरके गांवसे दूधले आया तात्पर्य क हने वाले का तीरमें था जहत् लक्षणा से यो अर्थ बनसक्ता है, अजहत् लक्षणा वह है कि कहे हुए वाक्यार्थ कूं ग्रहण करके और भी कुछ अर्थ बनाकर लक्षणा करनी जैसे कि सीने कहा कि दूधकी कौवन से रक्षा करते रहना उसने अजहत् लक्षण करके कौवन से भी रक्षाकरी औरोंसे भी रक्षाफरी क्योंकि तात्पर्य दूधकी रक्षामें था, जैसे पंकजफा अर्थ यों है कि जो कीचसे उत्पन्नहो सो पंकज विचारो कीचसे बहुत वस्तु कसेरू आदि उत्पन्न होते हैं परन्तु पंकन की शक्ति कमल में ही है, वाक्यार्थके तात्पर्य समझना यो व्यंजना है जैसे किसी स्त्रीका पुरुष विदेशकूं जाता था स्त्रीने चलते समय प्रार्थना करी कि जहाँ आपका जानाहो उसी जगह मेराभी जन्महोवे अर्थात् आफ के जाते ही मेरे प्राण छूट जावेंगे, प्रसंगलामानाधिकरण्य कथासों लुनो सो और योपर इन दोनों का जसे देवदत्तका पिण्ड अधिकरणं है ऐसे तत् त्वम् इन पदोंका शुद्ध चैतन्य अधिकरण है। तत् त्वम् पौंका सामानाधिकरण्य संवन्ध है जैसे सो यो ऐसा कहो ना यो सो ऐसा को ऐसे तत् त्वन् ऐसा कहो का त्वम् तत् ऐसा कहो यो तत् त्वम् पदार्थों का विशेषण विशेष्य भाव सम्बन्धहै, जैसे सो यो इन शब्दोंका और इनके अर्थों का लक्ष्यलक्षणभाव सम्बन्ध है सो यो ये दोनों पद तो लक्षण हैं और इन लक्षणोंसे जो लखाजाने सो लक्ष्य देवदत्त का पिण्डहै ऐसे तत् त्वम् पदोंका और उनके अथका लक्ष्यलक्षणभाव सम्बन्धहै। तत् त्वम् ये पद तो लक्षण हैं और इन लक्षणों से जो लखा जावे सो लक्ष्य एक शुद्ध चैतन्य है इस प्रकार तीन सम्बन्ध करके अखण्डार्थ का बोध होता है जीवकी जो उपाधि अविद्या अल्पज्ञतादि और ईश्वरकी उपाधि माया सर्वज्ञतादि इन दोनों उपाधियों का जहदजहद लक्षणासे त्याग करके तात्पर्य तत् त्वम् पदोंके वाच्यार्थ का त्याग करके लक्ष्यार्थ का ग्रहण करके केवल एक शुद्ध चैतन्य में लक्षणा करनी तब 'तत्त्वमसि' इस महावाक्य का अथ अखण्डार्थ निश्चय होता है अखंडार्थ जिसकूं कहते हैं सुनो स्वगत १ जैसे वृक्ष में पत्र पुष्पादि का भेद और सजातीय २ जैसे अनार आम्नादि का भेद और विजातीय ३ जैसे वृक्ष और पाषायादि का भेद इन तीन भेद करके जो रहित सो अखण्ड अथवा देश काल वस्तु करके परिछिन्न न हो सो अखण्ड सारे व्यापक होनेसे तो ब्रह्म देशपरिछिन्न नहीं और नित्य होनेसे कालपरिच्छिन्न नहीं और सबका आत्माहोनेसे वस्तुपरिच्छिन्न नहीं इस शरीरमें सच्चिदानन्द भान होता है तोही ब्रह्म है और जिसकूं ब्रह्म कहते हैं वोहीसचिदानन्द है जब ऐसा ज्ञान हुआ तब स्वम् पद का अर्थ जो जीव समझ रखा था वो उसी समय जाता रहता है और तत् पदका अर्थ जो परोक्ष था तोभी उसी समय अपरोक्ष होजाता है फिर इस ज्ञानसे जो होताई सो सुनो-जो प्रथम त्वम् पदका अर्थ जीव समझ रक्खा था सोई अपरोक्ष परमानन्द रूप करके शेष रहजाता है इस प्रकार 'तत्त्वमसि' जो महावाक्यादि उनका अर्थ श्रवण करने से और मनन निदिध्यासन करनेसे जो हुआ अपरोक्ष ज्ञान उस ज्ञान करके अज्ञान की जो निवृत्ति और परमानन्दकी प्राति इसीका नाम मोक्ष है । इति श्रीद्वितीयोऽध्यायः समाप्तः ॥ २ ॥ अथ तृतीयोऽध्यायः । 'कर्मकाण्डी और उपासना वाले स्वर्ग वैकुण्ठादि की प्रातिकूं सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य सायुज्य नाम करके मुक्ति कहते हैं सो नाममात्र मुक्ति अनित्य होने से साक्षात् मुक्ति नहीं जैसे किसी पुरुपकं कहना कि यो पुरुप सिंह है वो पुरुष साक्षात् सिंह नहीं उसमें सिंहसे गुण हैं ऐसे साक्षात् मुक्ति में जो गुण दुःखोंकी निवृत्ति और परमानन्द की प्राप्ति ये दोनों उनमें भी थोडे थोडे हैं दूसरे अध्या यके अन्त में जो मुक्ति कही है सो मुक्ति दोप्रकार की है जीवन्मुक्ति १ विदेह मुक्ति २ जीवनमुक्ति तीन प्रकारकी श्रेष्ठ १ मध्यम २ कनिष्ट ३ जीवते हुए उस आनन्दकूं सदा प्राप्त रहना अर्थात स्वभाव करके निर्विकल्प समाधि रहती श्रेष्ठ जीवन्मुक्ति १ प्रयत्न करके बहिर्मुख अन्तः५८ आनन्दामृतबर्पिणी । करण की वृत्तियों कूं निरोध करना मध्यम जीवन्मुक्ति २ यद्यपि दुःख सुखादि अन्तःकरण के धर्म होनेसे आत्मांके साथ उनका सम्बन्ध नहीं है । यो विचारभी है तो भी दुःखादि के संबंधकर के अन्तःकरणका व्याकुल होजाना यो कनिष्ठ जीवन्मुक्ति ३ देह पातके पीछे उस आनन्द प्राप्त होना विदेह मुक्ति, श्रेष्ठ जीवनमुक्तिका यो नियम नहीं कि सब ज्ञानियोंकूं श्रे जीवनमुक्तिहो जैसे ओषधि करने से रोगकी शान्ति होती है ऐसे प्रयत्न करनेसे श्रेष्ठ जीवन्मुक्ति भी संपादन होसकी है परंतु कुछ नियम नहीं कि औषधिकरनेसे नियम करके रोगजाता रहता है पुरुषार्थवादी तो यों ही कहते हैं कि प्रयत्न मुख्य जो श्रेष्ठ जीवन्मुक्ति किसी प्रतिबन्ध करके सम्पादन न होसके तो कुछ विदेह मुक्ति सन्देह नहीं इस बातकूं सिद्ध करते हैं । ज्ञानकी ७ भूमिका तीन है प्रथमकी ज्ञानकी साधनभूमिका हैं इसलिये वेभी ज्ञानकी भूमिका कही जाती हैं चौथीमें अपरोक्षज्ञान होता है पि छिली तीन जीवन्मुक्ति भूमिका है प्रथम का लक्षण योहै शौचल्लानादि आचार गंगाजीसे आदि लेकर तीथका सेवन विष्णु शिवादिकी पाषाणादि मूर्तियों की पूजा अश्वमेध यज्ञसे आदि लेकर यथाशक्ति ब्राह्मण अतिथि अभ्यागतोंकूं अन्न वस्त्रादि देने ऐसे ऐसे और भी बहुत कर्म हैं यो प्रथम भूमिका सगुण परमेश्वर के ग्रु णानुवाद सुनकर परमेश्वरमें अनुराग होना और परमे-C वरके भक्त जो साधु ब्राह्मण उनमें प्रीति होनी और मन, वाणी, शरीर, घनसे उनका सत्कार करना जो कदाचित साधु अपने घर चले आ तो मनकूं आनन्द होना यो जा नना हमारा बड़ा भाग्य है यो मनसे सत्कार है और वाणीसे ऐसा बोलना महाराज आपका आना बहुत सुन्दर हुआ आप जंगस तीर्थहो हमारे पवित्र करनेके लिये आप आयेहो । और शरीर से हाथ जोड़कर खड़ा होजाना। चरण सेवासे आदि लेकर टहल करनी अथवा और जगह म हात्मा टहर रहे हों वहां जाकर सेवा करनी और धनसे यथाशक्ति अल वस्त्रादि देने और नित्यानित्य वस्तुका विचारना ऐसे ऐसे कर्मोंसे आदि लेकर और भी बहुत कर्म हैं यो दूसरी भूमिका ने संसार के पदार्थोंकूं दुःख रूप अनित्य जानकर उनसे वैराग्य होना जैसा श्रीरामचन्द्रजीकू वैराग्य हुआई वासिष्टग्रन्थ में वो कथा प्रथमही वैराग्यप्रकरणमें प्रसिद्ध है और साधनचतुष्टयसं पत्र होकर वेदान्तशास्त्रका श्रवण करना यो तीसरी भूमिका ३ शुक्तिमें रजतवत् संसारकै मिथ्या जानकर अ पने निज स्वरूप का बाघ होजाना कि मैं योहूं चौथ भूमिका योही विदेह मुक्तिों हेतुदै चौथी भूमिकाम लेका लक्षण योहै कि जैसे कोई पुरुष समुद्र के तीर खड़ाहै जो जलकी तरफकूं देखता है तो जलहीजल दोख ताहै और जब पृथिवीकूं देखताहै तब मन्दिर वृक्षाविही दीखते हैं ऐसे जब वो पुरुष अपने स्वरूपका अनुसंधान करता है तब संसारका अभाव और अपना स्वरूप साक्षात् प्रतीत होता है और व्यवहार के समय संसारके दुःख सुख शोक मोहादि जैसे पहले थे वैसेही अने अन्नवत् प्रतीत होते हैं जैसे भुना अन्न भूख दूर करनेकूं समयह जमनेकूं समर्थ नहीं ऐसे उस ज्ञानीकूं व्यवहार सुखदुःखादि का हेतु है परन्तु जन्मका हेतु नहा आर अज्ञानी - की बराबर उसकूं दुःख सुखभी नहीं होते इस बातकूं भी अभी आगे दृष्टांत देकर सिद्ध करेंगे चौथी भूमिका में शरीर या तो चाण्डालके घरमें या काशी में छूटो आनन्द पूर्वक छूटो या सूर्च्छारोग होकर लोटते पोटते छूटो मुक्ति में सन्देह नहीं वो मुक्त उसी समय होगया जिससमय उसको ज्ञान हुआ। मूर्च्छादि होनेसे ज्ञानका नाश नहीं होता। जैसे विद्याकूं स्वप्न सुषुप्ति मूर्च्छादिमें भूलभी जाता है परन्तु कुछ अ गले दिन नहीं बढ़ता ४ पांचवीं भूमिका का लक्षण यों है कि जैसे कोई पावकोश समुद्र में आधे शरीर जलम खडाहो उसकूं बहुत विचारनेसे समुद्रके तीरके मन्दिर बृक्षादि देखा करते हैं वैसे उसकूं संसारका व्यवहार बहुत किसीके सुनने देखनेसे प्रतीत होता है ५ छठीभूमिकाम "गलेतक जलकी कल्पना करलेनी ६ सातवीं भूमिका में ज लमें प्रवेश होजाना सातवीं भूमिकावालेका शरीर हृदय बीसदिन रहता है क्योंकि भोजनादिका अभाव होजाता हे ७ चौथी भूमिका वालेसे लेकर सातवीं तक एकसे एक सिवाय ब्रह्मविद् कहे जाते हैं. ब्रह्मवित्४ः बह्मविद्रर ५ ब्रह्मविद्वरीयान् ६ ब्रह्मविहरिष्ट ७ मूंख योही कहते हैं कि जैसा हमने पांचवीं छठीं सातवीं भूमिका का लक्षण लिखाई ऐसे ज्ञानी होते हैं और चाथा भूमिकावाले में बहुत तर्क करते हैं उनकी पूर्व पक्षकी तर्कों को खण्डन वेदान्तशख़ामें बहुत लिखा है कुछ एक लेशमात्र यहां भी लिखते हैं । शंकाः कि जा खावे पीये नहीं और शरीर इन्द्रियादि करके चेष्टा न करताहो सो ज्ञानी है। उत्तरः-ज्ञान क्या हुवा रोग हुआ ऐसे तो रोगी होते हैं रोगियोंकू भी ज्ञानी कहा चाहिये । शंकाः- जिसकूं दुःख सुख न प्रतीत होताहो तो ज्ञानी हैं। उत्तर-दुःख सुखका अ भाव जड पदार्थों में होता है वे ज्ञानी हैं । शंकाः-संसार का अनुभव न होना यो ज्ञान का लक्षण है। उत्तरः- संसारका तो सुपुति सूर्च्छा प्रलयादिमें भी अनुभव नहीं होता व हांभी तो संसारका वाधहै। प्रश्न - फिर संसारका क्या वाघ है और क्या ज्ञानका लक्षणहै । उत्तरः- संसार का यो ही वाघहै कि जो दूसरे अध्याय में तीन प्रकार का वाथ लिख आये हैं और ज्ञान का भी योही लक्षणदे कि जबतक जो शरीर प्रारब्ध कर्मका रचा हुआ नष्ट नहीं होता तबतक सं सारकूं मिथ्या समझना तात्पर्य जबतक संसार में स्वरूपसे मर्दन नही होसका क्योंकि मिथ्या पदार्थकूं मिथ्या जानने से उसका अभाव नहींहोता जैसे बाजीगर के पदार्थ मिथ्या जाननेसे स्वरूप करके मर्दन नहीं होते इस प्रकार यह संसार रहता है परन्तु देहपात के पीछे स्वरूपसे भी मर्दन होता है इसमें वेद प्रमाण है अन्यथा वसिष्ठादि ब्रह्मज्ञानी थे. इसमें क्या प्रमाण है। शंकाः-ज्ञात तो होगया फिर प्रारब्ध कर्म का फल दुःखादि क्यों न नाश हुआ। उत्तरः- तीर नें पुरुष कूं भेदन तो करदिया आगे क्यों चला और दूसरे कुम्हार ने बर्तन उतारने के लिये चाक घुमाया बरतन तो उतार लिया फिर चाक क्यों घूमता है । शंकाः-ज्ञानने ससार कूं स्वरूप से और प्रारब्धकम्प कूं क्यों न नाश किया । उत्तरः- प्रारब्धकर्म और यो संसार मिथ्या सास सुरदेकी नाई कुछ ज्ञान के विरोध नहीं प्रत्युत ज्ञान कूं. उ त्साह बढानेवाले हैं जैसे किसी पुरुषकी मारी हुई हज़ारों लाशें पड़ीहों वो शूर उनको देख देख आनन्द होता है । शंकाःजो ज्ञानी पूर्ववत् संसार को भोग भोगता रहा तो ज्ञानी अज्ञानी में क्या भेद हुआ। उत्तरः- ज्ञानी रागपूर्वक संसारके भोग नहीं भोक्ता जैसे किसीके शिरपर कोई बेगार रख दे तो क्या बेगारके उठाने में उसको उत्साह है। शंकाः-बेगारी कूं तो दुःख होता है जो ज्ञानी कूं भी दुःख हुआ तो ज्ञानका क्या फल हुआ । उत्तरःज्ञानीका दुःख मु क्तिके आनन्द में दबा रहता है जैसे दो बेगारी हैं एक जा नताहै कि मैं दोघड़ी में छूटूंगा दूसरा नहीं जानता कि मैं कब छूटुंगा हे वादी । विचार देख दुःख दोनों का समप्रतीत होता है परन्तु जानने वाले कूं थोडा दुःखहै। नहीं जाननेवाले कूं बहुत दुःखहै । ऐसे ज्ञानी अज्ञानीके दुःखसे बहुतभेद है। शंकाः- तुमतो जैसे प्रथमथे वैसेही अबभी दीखते हो ज्ञान होकर कुछ और प्रकारके न हुये । उत्तरः- जिस समय तुमकूं रज्जु में सर्पकी श्रांति हुईथी उसकूं देखकर कम्पने लगे थे और गिरकर चोट लग गईथी फिर किसी के उपदेश और अपनी डलिसे रज्जुका अनुभव किया तुम कहो कि आपकी सूरत भी बदलीथी कहता है कि मेरी सूरत तो नही बदली थी परन्तु अन्तःकरण की वृत्ति बदल गई थीउत्तर फिर हमारे अन्तःकरण के साक्षी क्या तुम हो जसे भ्रांतिसमय तुसकूँ कँपाथी पीछे निवृत्ति होगई सूरत न बदली ऐसे हमकं भ्रांतिथी सो निवृत्ति होगई अपने अन्तःकरण के हम साक्षी हैं। शकाः- तुम कहतेहो यो जगत अज्ञानका कायँ है वो अज्ञान तो नाश होगया कार्य्य उसका कैसे बना रहा । उत्तरः - भ्रांति समय जो तुमकूं कँपातीथी और गिरकर चोट लगीथी फिर जिस समय वोआंति दूर हुई कार्य उस आंति का वो कँपा और वो चो उसी समय जाती रही थी। शंकाः- कहता है कँपा तो दो घडीके पीछे और चोट दशदिनके पीछे होगई थी । उतरःआश्चर्य की बात है जो घडीभर भ्रान्ति नहीं रही उसका कार्यतो दशदिन के पीछे गया और हमारा अज्ञान परार्द्ध संख्या से भी परेकाथा वो नाश हुआ है उसके कार्यकूं कहते हो कि उसी समय क्यों न जाता रहा शरीरपातके पीछे कार्य भी नाश होजावेगा औरभी बहुत दृष्टांत हैं वृक्ष कटनेके पीछे वैसाही हरा प्रतीत होता है और किसी वस्त्र वा पात्र में गन्ध रक्खीदो पीछे निकालने के भी कईघडी गन्ध बनी रहती है और किसीकूं स्वप्न में सिंहने झडपाया वो जाग उठा देखता है कि सिंह नहीं परंतु कंपा दोघडी पीछे जाती है । शंकाः - यो जो तुम भोग भोगतेहो ये ज्ञानकूं नष्ट करदेंगे । उत्तरः- जीते हुये चूढ़ने बिलाईको न मारा तो मरा क्या मारेगा और जैसे कोई वज्रलगने से न भरा. क्यों वो तुलीकी तीरसे मरेगा जिस कालमें अज्ञान बढा हुआ था उस समय तो ज्ञान नाश हुआ नहीं अबतो उस अज्ञान कूं ज्ञानने नाश करदिया उसका कार्य ये अन्न भक्षणादि तुच्छ पदार्थ ज्ञान कूं क्या नष्ट करेंगे । और दूसरे जो पुरुष चोर जारकूं जानता है वे चोर जार उसके बुरे होने का प्रयत्न नहीं करते और डरते रहते हैं और जो प्रयत्न करेंभी तो वो चैतन्य है ऐसे ज्ञानी इन भोगरूप चारों को जानता है और तीसरे कोई स्त्री नेत्र शरीरादि करके तो सुन्दरहो परन्तु उसकी उपस्थ इंद्रियमें गरमीका विकारहो जो उसबिकारकूं जानता है उसकूं उस स्त्रीके हाव भाव कटाक्ष नहीं मोहते न वो स्त्री उसके सामने हावभाव कटाक्षकरती है ऐसे ज्ञाना इस मायारूपी स्त्रीके अवगुणोंकू जानता है । शंका । जा तुम सदा "ब्रह्लाऽहमस्मि ब्रह्माऽहमऽस्मि " ऐसा अनुसंधानन करते रहोगे तब जो ब्रह्मज्ञान नष्ट हो जावेगा। उत्तरः-तुम् "ब्राह्मणोऽहम् ब्राह्मणोऽहम्" इसका सदा अनसंधान न करें गे तो भूल जावोगे जैसे तुम अपनी जाति कूं नहीं भूलते वैसे हमने एक बेर वस्तुका निश्चय करलिया है वो हमारा ज्ञान कैसे जाता रहेगा और आपका निश्चय तो झंठा है एक युक्ति से जाता रहता है यो भी कहता है कि मेरा शरीरहै और योभी कहता है कि मैं ब्राह्मण हूं कितना विरोध है ऐसा निश्चय तो आपका बिना अनुसंधान के बना रहेगा और हमारा जो निश्चय है कि सहस्रों श्रुति, स्मृति, युक्ति और अनुभव करके और तुम सदृश बादियों के मतोंकूं खंडन करके जो निश्चय किया है वो बिना अनुसंधान के जाता रहेगा । शंकाःजिनक्रं शाप अनुग्रह की सामर्थ्य होती है वे ज्ञानी हैं । उत्तरः- शाप अनुग्रह ज्ञान का फल नहीं तपका फलहै । शंकाः-ज्ञान बिना तपके कैसे हुआ। उत्तरः-तप दो प्रकार का है एक तप शाप अनुग्रह की सामर्थ्य करा देता है और एक तप ज्ञानकू उत्पन्न करता है । शंकाः- व्यास वशिष्ट, सनकादि भी तो ज्ञानी हैं । उत्तरःउनके दोनों प्रकारका तप है हमारे एकही है दूसरा तप न होने में कुछ ज्ञानी की क्षति नहीं है जैसे जौहरी वस्त्रादिकी परीक्षा न्द्र कर सके तो उस जौहरी की क्या क्षति है ऐसेही ज्ञानी गंडा लावीज़ प्रेतादिकों के मंत्रादि न जानता हो तो क्या ज्ञानी की क्षतिहै तात्पर्य ऐसी ऐसी तकका खंडन बहुत वेदान्तशास्त्र में लिख रहाहै मुक्ति की इच्छावाला ऐसे २ बादों में बुद्धिको न समाप्तकरे केवल वेदवाक्य में विश्वास करे और जो पुराणादि में जड़भरतादि लिखेहैं कोई कहे कि ऐसे ज्ञानी होते हैं तो क्या उसके सुखमें मारने के लिये श्रुति रूप वज्र नहीं है तात्पर्य वेद ऐसाभी कहते हैं जैसे जड़भरतादि हुऐ हैं और ऐसा भी कहते हैं ज्ञानी अपनी अवस्था • बालोंके साथ विहार करता हुआ और सवारियों में बैठाहुआ स्त्रियों के साथ रमता हुआ वो ज्ञानी अपनी दृष्टिमें कुछ नहीं करता है, बशिष्ट, याज्ञवाल्क्य से आदि लेकर बहुत प्रसिद्ध हैं और जनक चूड़ालादि बहुत स्त्रीतक ज्ञानी हुए हैं. क्या सब जड़भरतवत् आचरण करते थे तात्पर्य योँ है मूर्ख लोग वेशास्त्र के एक २ देशकूं सुनकर वेदशास्त्र के तात्पर्य न जानकर कुछ २ बक्ते हैं उनका निश्चय उनके रहो हमको क्या काम है। हम सिद्धान्त कहते हैं प्रथम तो जडभरतादि भी खाना सोना आदि त्यागकरके काष्ठपाषाणवत नहीं रहे संगकी भांतिसे उदासीन रहतेथे क्योंकि संगीलोगों करके बांध होजाता है और निःसंगसुखकं प्राप्त होता है इसलिये सदा सुखकी इच्छावालों ने संग त्यागदेना । ज्ञानकी परीक्षा के लिखे वैराग्य उपरति बोध कं हेतु १ स्वरूप २ कार्य ३ अवधि ४ इन चार चार भेद करके लिखते हैं वैराग्य के हेतु आदि ये हैं ॥ शब्दादि विषयों में दोपदृष्टिहोनी त्यागदेना २ फिर भोगोंमें दीनता न होनी ३ ब्रह्मलोक कूं तृणवत् समझना ४ उपरति के है तु आदि ये हैं ।। यम नियमादि १ अन्तःकरणका निरोधर व्यवहार का बहुत कम होजाना अर्थात् खाने सोने में भी संकोच ३ सुपुतिवत् जायत् अवस्था रहनी । बोधके हेतु आदिये हैं ।। श्रवणादि १ तत्त्वमिथ्या का जानलेना २ फिर ग्रंथिका उदय न होना अर्थात् देहादिमें अहंबुद्धि न होनी ३ जैसे प्रथम देहादि में अहम्बुद्धि थी वैसीही स्वरू पमें दृढ़बुद्धि होजानी ४ मुक्तिकी इच्छावालोंके वैराग्यादिके हेतु आदि तारतम्यता करके रहते हैं क्योंकि सबके कर्म एक प्रकारके नहीं इन सब में कि जो वैराग्यादि के हेतु आदि लिखे हैं उनमें तत्त्वमिथ्याका जान लेना जो बोधका स्वरूप लिखा है योही मुक्तिका कारणहै और सब ज्ञानियों के योदी एक रस है जो वैराग्यादि के हेतु आदि ऊपर लिखेदें वैसे जो किसीके हों तो बहुत पुण्य का फल है उससे सिवाय कोई पुण्य नहीं और जो किसीप्रति बन्ध करके तीनों एक जगे न देखने में आवें तो उनके फल ऐसे होंगे कि वैराग्य उपरति तो पूर्णहो बोध किसी प्रतिबन्धसे न हो तो मुक्ति नहीं होगी। तपके बलसे ब्रह्म साकार की प्राप्ति होगी और जो बोध है वैराग्य उपरति इस जन्म में न देखनेमें आवै तो मुक्ति निश्चय होगी, परन्तु जबतक यो शरीर रहेगा हर्षशोकादि आभास मात्र बने रहेंगे बोधका स्वरूप सब ज्ञानियों के एक रसहै वैराग्य उपरति मैं तारतम्यता है जैसे १०० गौ दूध सबका एकरंग एक रस और व्यक्ति दुर्बलापन मोटापन स्वभावादि पृथक् २ ऐसे १०० ज्ञानी ज्ञान सबका एकरस और व्यवहार चलनश्वभावादि सत्त्वादि गुणोंकी उपाधिसे पृथक् पृथक् अर्थात् किसीके सत्त्वगुण बहुत किसीके रजतम बहुत हैं सत्त्वगुणी शुकदेव, बामदेव, जड़भरथ, सनकादि, और रजोगुणी जनक, चुडालादि और तमोगुणी दुर्वासादि सत्त्व रज तमोगुणी बहुत वर्तने से सत्त्वगुणीः रजोगुणी, तमोगुणी कहे जाते हैं, परंतु तीनों गुण स्तबके तारतम्यता करके वर्त्तते हैं । ज्ञानके होने और वैराग्य उपरति सिद्धि लक्ष्मी आदिके न होने में योव्यवस्थाहै ज्ञान उपरति वैराग्य सिद्धिलक्ष्मी आदि पुण्यका फलहै जिसके पूर्ण पुण्य हुआ जैसे जलसे घट भरा रहता है उसके तो वैराग्य उपरति ज्ञान सिद्धि लक्ष्मी आदि होते हैं और जो केवल ज्ञानहो वैराग्यादि न हो तो उससे भी थोडे पुण्यका फलहै और जो ज्ञान न हो वैराग्य उपरतिहो उससेभी थोडे पुण्य का फल है और जो वैराग्य ज्ञान तीनों न हों सिद्धि लक्ष्मी आदि हों उस से भी थोडे पुण्यका फलहै और जो सिद्धि वैराग्यादि न हो केवल लक्ष्मी राज्यादि हो उससे भी थोडे पुण्य का फल है राजासे लगाकर कंगालपर्यन्त पुण्यकी तारतम्यता कल्पना
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आज एक बड़ा ऐलान करते हुए एक नई चयन समिति का गठन किया। हैरानी की बात यह रही कि बीसीसीआई ने इस चयन समिति की कमान फिर से चेतन शर्मा को सौप दी जिसे भारतीय टीम के लगातार खराब प्रदर्शन के चलते हटाया गया था। बीसीसीआई ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट के जरिए इस बात की घोषणा की। बीसीसीआई ने चेतन शर्मा पर विश्वास जताया साथ ही उनको एक नई टीम दी। बीसीसीआई ने चेतन शर्मा के साथ कमेटी में शिवसुंदर दास, श्रीधरन शरत, सलिल अंकोला और सुब्रतो बनर्जी को शामिल किया। बीसीसीआई के पास इस समिति के लिए लगभग 600 आवेदन आए थे जिनमे से यह टीम तैयार की गई। ऐसे में इस साल भारतीय टीम बहुत से बड़े टूर्नामेंट और सीरिज खेलने जा रहीं है उसको लेकर इस समिति पर बहुत सी जिम्मेदारियां रहेगी। यह समिति अब सबसे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के लिए स्क्वाड की घोषणा करेगी। लेकिन फैंस को एक बार फिर चेतन शर्मा को चीफ सेलेक्टर के रूप में चुना जाना पसंद नही आया है। सोशल मीडिया पर फैंस ने बीसीसीआई पर राजनीति करने के आरोप लगाए और यह सवाल खड़े किए की अगर चेतन शर्मा को ही रखना था तो हटाया क्यों। ऐसे में देखने लायक होगा की नए वर्ष में नई समिति के साथ भारतीय टीम कैसा प्रदर्शन कर पाती है। या तो बीसीसीआई पहले गलत थी या अब गलत है।
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हमारे हड्डी स्रोत ष्ट्रीय दर पर भारत के लिए इनका अधिकाधिक निर्यात करना लाभदायक है और देश की मांग की पूर्ति के लिए फास्फेटिक राक का आयात किया जाना चाहिए, जोकि विदेशों में तैयार मिलते हैं; उपर्युक्त तथ्यों के सन्दर्भ में भारत सरकार द्वारा गठित समिति ने अधिकृत रूप में यह सिफारिश की है कि जब तक विदेशों से हमें फास्फेट राक सहज ही मिल जाता है और अपने देश के अन्दर हड्डी उत्पादनों का मुख्यतः खाद के रूप में इस्तेमाल होता है, तब तक जितना ज्यादा सम्भव हो हम हड्डी उत्पादनों का, जिसमें हड्डी चूरा भी शामिल हैं, निर्यात करने की भरपूर कोशिश करें। इससे उपार्जित विदेशी मुद्रा का एक भाग फास्फेट राक अथवा हाइपर फास्फेट जैसे खनिजीय फास्फेट का आयात करने में खर्च किया जा सकता है, जोकि हड्डियों तथा हड्डी उत्पादनों के निर्यात से फासफोरस पेण्टोक्साइड के होनेवाले नुकसान की पूर्ति करेगा । चूना निकालना हमारे देश में हड्डी उद्योग तो काफी हद तक अभी निर्यात-मुखी है ही, क्योंकि अभी सालाना औसत ७४ हजार टन हड्डी और हड्डी उत्पदानों का इग्लैंड, बेल्जियम अमेरिका आदि को निर्यात कर करीब २ करोड़ ५० लाख रुपये की आय होती है । इसके अतिरिक्त, भारत प्रति वर्ष करीब ३२ से ३५ हजार टन हड्डी खाद तैयार करता है। परन्तु अभी इसके निर्यात पर प्रतिबन्ध हटा दिया जाय तो इस उद्योग की विदेशी मुद्रा अर्जन क्षमता बहुत बढ़ जायगी। इससे प्राथमिक उत्पादकों को अधिक लाभ होगा और जिससे कि उपलब्ध स्रोतों से अधिकाधिक हड्डी एकत्रण कार्य को प्रोत्साहन मिलेगा। हड्डी का अन्य उपयोग है इसे ओसीन में परिवर्तित कर देना और फिर यदि आवश्यक हो तो जिलेटीन में । हड्डी को श्लेष-जनीय अन्तद्रव्य कह सकते हैं, जिसमें कैलशियम फास्फेट की लगभग रचना का अणुस्फटात्मक अप्रांगारिक क्रम रहता है, लेकिन उसमें अन्य अयन भी रहते हैं। इसलिए जब हड्डी को कमरे के तापमान पर मन्द हाइड्रोक्लोरिक एसिड का संयोग कराया जाता है तो मुख्यतः ओसीन और मन्द हाइड्रोक्लोरिक एसिड में कैलशियम फास्फेट का घोल प्राप्त होते हैं । प्रयोगिक तौर पर यह पाया गया है कि हड्डी का चुना निकालने के लिए करीब १४ प्रति शत अम्ल आवश्यक है, और अम्ल को चुना जल अथवा सोडियम हाइड्रोक्साइड में मिलाकर क्लीबित करने से कैलशियम फास्फेट प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया के दौरान कैलशियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड का भी उत्पादन होता है और उन्हें पानी से धोकर आसानी से बाहर निकाल लेते हैं । परिवर्त समु का सावधानी से फेर-बदल तथा क्लोराइडों को निकाल कर उचित रूप में शुद्ध डाइकैलशियम फास्फेट प्राप्त करना सम्भव है । नये मार्ग अभी देश के अन्दर जिलेटीन की खपत कम है तथा इसके निर्माण की संस्थापित क्षमता का काफी भाग निष्क्रिय पड़ा रहता है । अतः ओसीन और तकनीकल जिलेटीन के निर्यात व्यापार की क्षमता को जानना होगा और यदि इन उत्पादनों की ठीक मांग हो तो देश में ही प्राप्य हड्डियों से ओसीन और जिलेटीन तैयार करने के लिए कदम उठाने होंगे। अभी जापान भारी मात्रा में ओसीन आयात करने को तैयार है और हमारे यहाँ उपलब्ध उनकी अपेक्षा सस्ते श्रम को देखते हुए हमें इस मामले में अच्छी तरह प्रतियोगिता करने योग्य होना चाहिए । फिर, हड्डी को ओसीन में परिवर्तित करने से क्लोरिन उपयोग का नया मार्ग निकलेगा, जिससे माल-भाड़ा खर्च तो काफी बचेगा ही, साथ ही सह-उत्पादन के रूप में डाइकैलशियम फास्फेट और अवशिष्ट आसव प्राप्त होगा जिनका उपयोग उपयोगी उर्वरकों के रूप में करने के अलावा अन्य औद्योगिक कार्यो में भी किया जा सकता है । मद्रास : १९ अप्रैल १९६३
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PAYTM के CEO विजय शेखर शर्मा आज जयपुर पहुंचे. जयपुर में उन्होंने एक ब्लॉग्स की लॉन्चिंग की. PayTM CEO in Jaipur : PAYTM के CEO विजय शेखर शर्मा आज जयपुर पहुंचे. जयपुर में उन्होंने एक ब्लॉग्स की लॉन्चिंग की. आज से कुछ साल पहले नोटबंदी के बाद लोगों को लगने लगा कि लंबी कतारों में लगने से बेहतर है कि डिजिटल पेमेंट किया जाए ताकि लोगों को हर छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए एटीएम या बैंक से पैसे निकालने की आवश्यकता न पड़े. ऐसे में सबके सामने एक विकल्प था Paytm. देश में डिजिटल क्रांति लाने वाले विजय शेखर शर्मा कोई और नहीं Paytm के CEO है. गौरतलब है कि आज Paytm के CEO विजय शेखर शर्मा जयपुर पहुंचे थे, जयपुर पहुंचने के साथ ही उन्होंने आज जेईसीआरसी फाउंडेशन में एक कर्तव्य पथ ब्लॉग्स की लॉन्चिंग की. Paytm के CEO विजय शेखर शर्मा ने जी मीडिया से खास बातचीत में बताया कि हमे अपने वैल्यूज को नहीं भूलना चाहिए और उनका आदर करना चाहिए टेक्नोलॉजी के एज में फर्स्ट वर्ल्ड है, हमे भारत में रहकर ही बेहतर अपना और देश के विकास करना चाहिए नाकी विदेश जाकर. PAYTM के CEO विजय शेखर शर्मा आज जयपुर में जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ने भव्य भारत फाउंडेशन के साथ मिलकर "कर्तव्य पथ ब्लॉग्स" का शुभारंभ किया. इसका भव्य लॉन्च फाउंडर और सीईओ, पेटीएम, विजय शेखर शर्मा ने किया. कर्तव्य पथ ब्लॉग्स बच्चों को लिटरेचर के माध्यम से स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योरशिप के गुण सिखाएगा. ये एक मंथली ब्लॉग्स सीरीज है जिसे देशभर के यूथ द्वारा लिखा और पढ़ा जाता है, ये मुख्य तौर पर गवर्नेंस और पॉलिसी की 10 थीम्स पर केंद्रित है, जिसमे एंटरप्रेन्योरशिप ग्रोथ, स्टार्टअप्स एंपावरमेंट को लेकर यूथ को शिक्षा प्रधान करता है. PAYTM के CEO विजय शेखर शर्मा ने छात्रों से अपने संबोधन में कहा कि हम इस टेक्नोलॉजी के एज में फर्स्ट वर्ल्ड है, हमें भारत में रहकर ही बेहतर अपना और देश के विकास करना चाहिए, ना कि विदेश जाकर. उन्होंने बच्चों में जोश भरते हुए कहा कि समय आ गया है कि अगर अमेरिका भारत के टैलेंट और बाज़ार को इस्तेमाल करना चाहता हैं तो वो हिन्दी सीखना शुरु कर दें. उन्होंने बताया कि डेवलप्ड कंट्री क्या होता है, जहां अवसर, बेसिक रिक्वायरमेंट्स अच्छे से मिले, उन्होंने बच्चों को बताया कि हमें अपने वैल्यूज को नहीं भूलना चाहिए और उनका आदर करना चाहिए. हमे अपने पास्ट में नहीं बल्कि अपने भविष्य पर काम करना चाहिए.
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अलग-अलग टेलीविजन चैनल्स के लिए महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 के नतीजों की भविष्यवाणी करने वाले एग्जिट पोल कई एजेंसियों ने किए थे. ओपिनियन पोल के ठीक उलट एग्जिट पोल में मतदाता की राय मतदान करने के बाद पोलिंग बूथ से बाहर आने के बाद ली जाती है. अगर राजनीतिक दलों की बात की जाए तो जिनकी जीत की भविष्यवाणी की जाती है वह इनका समर्थन और हार की कगार पर दिखाई जाने वाली पार्टियां इन्हें खारिज करती आई हैं. आइए एक नजर डालते हैं कि आखिर अलग-अलग एजेंसियों में से कौन चुनावी नतीजों की सबसे सटीक भविष्यवाणी करने में कामयाब रहा. सबसे पहले बात करते हैं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014 और उसमें बीजेपी के प्रदर्शन और उससे जुड़े पूर्वानुमानों की. इस चुनाव में एक तरह से न सिर्फ बीजेपी बल्कि प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई थी. पार्टी ने ऐन चुनाव से पहले अपनी पुरानी सहयोगी शिवसेना से गठबंधन तोड़कर अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया था. लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना गठबंधन को मिली आशतीत सफलता से यह मानकर चला जा रहा था कि राज्य में कांग्रेस एनसीपी के दिन गिने चुने ही हैं. सी वोटर और एसी नीलसन ने एग्जिट पोल में बीजेपी के क्रमशः 138 व 144 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की थी. टुडेज चाणक्या ने 288 सीटों में से पार्टी के बहुमत के आंकड़े से भी अधिक 151 सीटें जीतने की बात कही थी. वहीं सिसरो ने अपने पूर्वानुमान में बीजेपी को सिर्फ 124 सीटें दी थीं. पार्टी ने 122 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. चारों ने ही बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने का अनुमान लगाया था. यह अनुमान जहां ठीक साबित हुआ वहीं सीटों के मामले में टुडेज चाणक्या का अनुमान असल नतीजों से कहीं आगे निकल गया वहीं सिसरो बेहद करीब रही. राजनीतिक विश्लेषकों की नजर कभी बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना के प्रदर्शन पर भी थी. पार्टी न सिर्फ सहयोगी दल बल्कि अपने संस्थापक बाला साहब ठाकरे के बिना चुनाव लड़ रही थी. कमान बाला साहब के बेटे उद्धव ठाकरे के हाथों में थी जिन्होंने मौका मिलने पर महाराष्ट्र के सीएम की जिम्मेदारी से पीछे न हटने की बात कही थी. सी वोटर ने अपने सर्वे में शिवसेना को 59 सीटें मिलने का पूर्वानुमान लगाया था. एसी नीलसन ने पार्टी को 77 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. वहीं टुडेज चाणक्या व सिसरो दोनों ने ही पार्टी के 71 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की थी. जब नतीजे सामने आए तो पार्टी ने 63 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. अब बात करते हैं कांग्रेस और एनसीपी के प्रदर्शन की. 15 वर्ष तक राज्य में सत्तारूढ़ रहे दोनों दलों ने चुनाव के ठीक पहले एक दूसरे से नाता तोड़ लिया था. दोनों ने ही 2004 और 2009 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था. 1999 में दोनों चुनावी नतीजे सामने आने के बाद साथ आए थे. लोकसभा चुनाव के बाद यह तय माना जा रहा था कि सत्ता विरोधी लहर के चलते दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव में शायद ही अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा सकें. एग्जिट पोल में सी वोटर, एसी नीलसन, टुडेज चाणक्या व सिसरो ने कांग्रेस के क्रमशः 41,30,27 व 35 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी. कांग्रेस 42 सीटें जीतने में कामयाब रही जो सी वोटर के पूर्वानुमान के काफी करीब है. वहीं मराठा क्षत्रप शरद पवार की पार्टी को 41 विधानसभा सीटों पर जीत मिली. सी वोटर ने एनसीपी के 30 सीटें मिलने की बात कही थी. वहीं एसी नीलसन का अनुमान था कि पार्टी 29 सीटें जीत सकती है. टुडेज चाणक्या ने उसे 28 तो सिसरो ने 29 सीटें दी थीं. बहरहाल पार्टी ने सारी एजेंसियों के पूर्वानुमान का धता बताते हुए कहीं अधिक सीटों पर जीत दर्ज की. कुछ ऐसा ही शिवसेना से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले बाला साहब के भतीजे राज ठाकरे के साथ भी हुआ. उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को चुनावों में सिर्फ एक सीट पर कामयाबी मिली. जबकि सी वोटर, एसी नीलसन व सिसरो ने पार्टी के क्रमशः 12, 3 व 7 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की थी. निर्दलीय व अन्य 19 सीटों पर विजयी रहे जबकि सी वोटर, एसी नीलसन, टुडेज चाणक्या व सिसरो ने इन्हें क्रमशः 8,5,11 व 22 सीटें दी थीं. हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2005 व 2009 के चुनावों में जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ कांग्रेस का मुकाबला बीते बीजेपी से था जो बीते लोकसभा चुनाव में राज्य में मिली कामयाबी के बाद से उत्साह से भरी हुई थी. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 और बीजेपी को 4 सीटों पर कामयाबी मिली थी. यहां भी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सहयोगी रही कुलदीप विश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस से गठबंधन तोड़ लिया. क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल भी यहां मुख्य मुकाबले में थी. सी वोटर, एसी नीलसन, टुडेज चाणक्या और सिसरो चारों ने ही एग्जिट पोल के बाद हरियाणा में बीजेपी के पूर्ण बहुमत पाने या सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की भविष्यवाणी की थी. जिस पर यह सभी खरी उतरीं. हालांकि सीटों की संख्या के मामले में सबसे करीब सी वोटर रहा जिसने पार्टी को 45 सीटें मिलने की बात कही थी. बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की. एसी नीलसन और टुडेज चाणक्या ने पार्टी के क्रमशः 54 व 52 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था. सत्ता विरोधी रुझान के चलते कांग्रेस की पराजय लगभग तय मानी जा रही थी. उसने 15 सीटों पर जीत दर्ज की. एसी नीलसन व टुडेज चाणक्या ने उसे अपने सर्वे में 10-10 सीटें दी थीं. सी वोटर का अनुमान सबसे सटीक रहा जिसने कांग्रेस को 15 सीटें मिलने की बात कही थी. इन चुनावों में मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी इंडियन नेशनल लोकदल ने 19 सीटों पर जीत हासिल की. अगर एग्जिट पोल के अनुमानों पर नजर डालें तो सी वोटर, एसी नीलसन और टुडेज चाणक्या ने उसे क्रमशः 23,22 व 23 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी. कांग्रेस को जहां अनुमान से ज्यादा सीटें मिलीं वहीं आईएनएलडी को अनुमान से कम.
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नई दिल्ली, बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के छठे दिन भी यश की केजीएफ 2 पीछे नहीं हट रही है. जहाँ फिल्म ने दो दिनों के भीतर ही अपना नाम 100 करोड़ क्लब में शामिल कर लिया था अब फिल्म की कमाई 250 करोड़ क्लब की लिस्ट में अपना नाम जोड़ने जा रही है. बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कलेक्शन के साथ सभी रिकॉर्ड तोड़ती केजीएफ अब छठवे दिन भी अपनी कमाई को लेकर आगे बनी हुई है. जहां जल्द ही फिल्म 250 करोड़ के क्लब में भी शामिल हो जाएगी. बात करें फिल्म के 6 डे कलेक्शन की तो फिल्म ने 19. 14 करोड़ की कमाई की. जहाँ फिल्म ने पिछले दिनों अपनी पांचवे दिन की कमाई से आमिर खान की दंगल का रिकॉर्ड तोड़ा था. अब ये फिल्म आगे भी कई रिकॉर्ड तोड़ने की ओर अग्रसर नज़र आ रही है. आपको बता दे केजीएफ के दूसरे भाग ने केवल 2 दिन की कमाई में ही 100 करोड़ क्लब में अपनी जगह बना ली थी. फिल्म ने अब पांचवे दिन आमिर खान की फिल्म को भी पीछे धकेल दिया है. बता दें, आमिर खान की रियल लाइफ कहानी पर बनी फिल्म दंगल ने अपने रिलीज़ केपांचवें दिन 23. 09 करोड़ रुपये की कमाई की थी. वहीँ अब केजीएफ ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और आमिर की फिल्म से कुल 2 करोड़ अधिक की कमाई की है. केजीएफ का अबतक का बॉक्स ऑफिस का कलेक्शन काफी अच्छा रहा था. जहां अभी से इस फिल्म ने अपनी जगह भारत की इस साल कि सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में बना ली है. फिल्म ने पहले दिन 53. 95 रूपए की कमाई की थी और दूसरे दिन शुक्रवार को 46. 79 करोड़ रुपये, तीसरे दिन शनिवार को 42. 90 करोड़ रुपये का कलेक्शन फिल्म ने अपने नाम किया था और चौथे दिन रविवार को 50. 35 करोड़ रुपये का ज़ोरदार कलेक्शन किया. इसके साथ ही फिल्म की कुल कमाई 219. 56 करोड़ रुपये तक जा पहुंची है. जल्द ही फिल्म अपना नाम 250 करोड़ क्लब में शामिल कर लेगी. 6ठे दिन की कमाई को देखकर तो यही लग रहा है. जो कुल 19. 14 करोड़ रही. अब फिल्म के निर्माता फिल्म के 250 करोड़ पूरे करने के कयास 7वे दिन से लगा रहे हैं. यह भी पढ़ेंः
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SWIFT Network : रूस ने यूक्रेन पर बीते गुरूवार की सुबह से हमला करना शुरू किया जो अभीतक जारी है। रूस अबतक यूक्रेन के करीब 74 सैन्य ठिकानों को तबाह कर चुका है। वही यूक्रेन का दावा है कि उन्होंने रूस के करीब 800 से अधिक सैनिक और कई लडाकू विमानों को मार गिराया है। रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए ताबातोड़ हमले की पूरी दुनिया में आलोचना की जा रही है। अमेरिका ने हमले में मारे गए आम लोगों की मौत का जिम्मेदार रूस को ठहराया है। लेकिन रूस पहले से ही दावा करता आया है कि हमने केवल यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया है। हम आम नागरिकों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा रहे है। यूक्रेन में चारो तरफ तबाही का मंजर है। देश के चारो ओर आग की लपटे दिखाई दे रही है। यूक्रेन अपने देश में और तबाही को रोकने के लिए स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) की मदद लेना चाहता है। इसके लिए यूक्रेन ने यूरोपीय यूनियन से रूस को स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) से हटाए जाने की गुहार लगाई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमिर जेलेंस्की (Voldimir Zelensky) ने कहा है कि यूरोपीय यूनियन रूस के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाने वाला है। वही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रोन,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी रूस को स्विफ्ट सिस्टम से डिसकनेक्ट करने की बात कही है। तो वही वहीं जर्मनी, इटली, हंगरी ने इसकी खिलाफत की है। हालांकि यूरोपीय यूनियन इतनी जल्द कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकता है। लेकिन पश्चिमी देशों ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने यूक्रेन पर फिर से हमला किया तो उसे स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) से बाहर करने के साथ-साथ कई प्रतिबंध लगाए दिए जाएंगे। A package of additional tough sanctions against Russia from the EU is approaching. Discussed all the details with @EmmanuelMacron. We demand the disconnection of Russia from SWIFT, the introduction of a no-fly zone over Ukraine and other effective steps to stop the aggressor. क्या होता है स्विफ्ट नेटवर्क? स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन है। स्विफ्ट नेटवर्क एक तरह से हाई सिक्योरिटी नेटवर्क होता है, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन से संबंधित है। स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) की स्थापना 1973 में की गई थी। स्विफ्ट नेटवर्क का उपयोग वर्तमान में 200 देशों के करीब 11,000 वित्तीय संस्थानों द्वारा संदेश और पेमेंट ऑर्डर भेजने के लिए किया जाता है। यह एक तरह से ग्लोबल फाइनेंस के लिए पाइपलाइन का काम करता है। स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) बेल्जियम में एक बोर्ड द्वारा शासित है। स्विफ्ट नेटवर्क बेल्जियम के कानून के तहत आता है। रूस का स्विफ्ट नेटवर्क किया गया डिसकनेक्ट तो क्या होगा? यूक्रेन द्वारा की गई रूस के स्विफ्ट नेटवर्क को डिस्कनेक्ट करने की मांग को अगर मान लिया गया तो रूस विदेशी मुद्रा प्राप्त नहीं कर पाएगा। ऐसी स्थिति में रूस को दशे से पैसा बाहर और अंदर लेना असंभव हो जाएगा। अगर ऐसा होता है तो रूस की कंपनियों और उनके ग्राहकों का काफी नुकसान हो सकता है। वही रूस से सामान जैसे तेल, गैस, धातु खरीदार देशों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलकार स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) को रूस से डिस्कनेक्ट करने पर सभी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन बंद हो जाएंगे। स्विफ्ट नेटवर्क (Swift Network) डिस्कनेक्ट होने से सबसे ज्यादा नुकसान संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी को होगा। क्योंकि इन देशों के बैंक, रूसी बैंकों के साथ संवाद करने के लिए स्विफ्ट नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।
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Bermo: राज्य के विभिन्न जिलों सहित बोकारो जिले के उच्च और +2 विद्यालयों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों (वोकेशनल ट्रेनर) को एजेंसी ने सेवा समाप्त करने का नोटिस दे दिया है. इससे वे परेशान हैं. वे सरकार से सेवा फिर से बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. दरअसल इन प्रशिक्षकों की बहाली थर्ड पार्टी आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा होती है. यह राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की एक परियोजना के अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा को बेहतर करने और व्यवस्थित संचालन करने के लिए किया गया है. केंद्र सरकार की यह परियोजना इतनी प्रभावी है कि इससे राज्य के बहुत सारे विद्यार्थी तकनीकी और क्रियात्मक रूप से ज्ञान हासिल कर आगे बढ़ रहे हैं. बोकारो के ट्रेनर राजकिशोर महतो का कहना है कि व्यावसायिक शिक्षा को सीधे बच्चों तक पहुंचाने वाले ट्रेनरों का भविष्य राज्य में सुरक्षित नहीं है. प्रत्येक वर्ष प्राइवेट कंपनी द्वारा टेंडर किया जाता है. फिर नए प्रशिक्षकों की नियुक्ति होती है और कार्यरत प्रशिक्षकों को हटा दिया जाता है. इसका असर सीधा बच्चों पर पड़ता है. वर्तमान में राज्य में तीन मुख्य व्यावसायिक विषय ऑटोमोटिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर पढ़ाने के लिए प्रशिक्षक नियुक्त किए गये थे. इसमें बच्चों को फायदा हो रहा था. एक झटके में बंद कर दिया. ट्रेनरों की मांग है कि व्यावसायिक प्रशिक्षक जिस स्कूल में कार्यरत हैं, उन्हें उसी स्कूल में रहने दिया जाए. ऐसे नियम बनाये जायें कि वोकेशनल ट्रेनरों का भविष्य सुरक्षित रहे.
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Please note that all translations are automatically generated. वाई-आकार की काटने से नरम सामग्री में फ्रैक्चर-प्रासंगिक लंबाई तराजू और ऊर्जा को मापा जाता है। पिछले उपकरणों को बेंचटॉप माप के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह प्रोटोकॉल एक उपकरण के निर्माण और उपयोग का वर्णन करता है जो सेटअप को क्षैतिज रूप से उन्मुख करता है और ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप के माध्यम से सीटू देखने, साथ ही विफलता परिमाणीकरण के लिए आवश्यक ठीक स्थिति क्षमताओं को प्रदान करता है। वाई-आकार की काटने से नरम ठोस पदार्थों में विफलता ऊर्जा और एक महत्वपूर्ण सतह निर्माण लिंक स्केल मापा जाता है। माइक्रोस्कोप में इस तकनीक को शामिल करने से इन मात्राओं को नियंत्रित करने वाले सूक्ष्म-संरचनात्मक तंत्र को उजागर करने की सुविधा मिलती है। फ्रंट-व्हील लोडिंग के बड़े लगाए गए क्रैक के विपरीत, यह प्रोटोकॉल आंतरिक विफलता प्रक्रिया की छवि के लिए आवश्यक फील्ड-ऑफ-व्यू को कम करने के लिए प्लेट-प्रेरित खिंचाव स्थानीयकरण का उपयोग करता है। दृष्टिकोण नरम सिंथेटिक सामग्री और जैविक नरम ऊतकों की विफलता में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। शुरू करने के लिए, मूल स्टेज-माउंटेड स्लाइड धारक को कस्टम नमूना धारक के साथ बदलें और माइक्रोस्कोप से असेंबली संलग्न करें। कोण समायोजित अंगूठे की कतरा को ढीला करके कप के कोण को सेट करें और फिर रैखिक स्लाइड को स्थानांतरित करें। प्रोट्रैक्टर के साथ मापने के बाद कोण सेट करें और कोण समायोजित अंगूठे के स्क्रू को कसें। पैर और नमूना मिडप्लेन थेटा के बीच के कोण को 8 से 45 डिग्री तक समायोजित किया जा सकता है। उपकरण के पीछे दो ऊर्ध्वाधर पुलियों को सेट करें। पॉलीडिमिथाइलसिलोक्सेन, या पीडीएमएस का एक पतला आयताकार नमूना तैयार करें, या तो इसे एक बड़ी शीट से काटकर या सही आयामों के मोल्ड का उपयोग करके। आयाम भिन्न हो सकते हैं, लेकिन तीन मिलीमीटर या उससे कम मोटाई वाले नमूने के लिए 1 1/2 सेंटीमीटर या उससे कम की चौड़ाई शुरू करने की सिफारिश की जाती है। वाई-आकार का नमूना बनाने के लिए केंद्र रेखा के साथ नमूने को तीन सेंटीमीटर लंबाई में काटने के लिए रेजर ब्लेड का उपयोग करें। यह लिंक भिन्न हो सकता है लेकिन पैर टैब को समायोजित करने के लिए पर्याप्त लंबा होना चाहिए, फिर भी माप के लिए एक अनकट नमूना छोड़ने के लिए पर्याप्त छोटा होना चाहिए। एक मार्कर या स्याही का उपयोग करके, दो निशानों को केंद्रित करें और भार के तहत तीन नमूना पैरों में से प्रत्येक में लागू खिंचाव को मापने के लिए नमूने के शरीर और नमूने के शरीर में से प्रत्येक पर लगभग एक सेंटीमीटर द्वारा अलग करें। प्रत्येक पैर के अंत में 3 डी-मुद्रित या लेजर-कट टैब संलग्न करने के लिए चिपकने वाला जैसे साइनोएक्रिलेट गोंद का उपयोग करें। पतली मछली पकड़ने की रेखा की दो लंबाई को मापें और काटें। चरखी के बाहरी सेट के लिए तंत्र के माध्यम से आंतरिक रूटिंग के लिए लगभग 30 सेंटीमीटर लाइन की आवश्यकता होती है। बाहरी पुलियों से गुजरने वाली रेखाओं के अंत में पांच ग्राम वजन वाली प्लेटें संलग्न करें और दूसरे छोर को प्रत्येक पैर पर टैब से बांधें। नमूना धारक थंबस्क्रू का उपयोग करके नमूने के आधार को दबाएं और चरखी प्रणाली के प्रत्येक पक्ष के माध्यम से प्रत्येक पैर के लिए लाइन को रूट करें। ऊपर से नमूने की एक तस्वीर लें, जबकि नमूना कोण समायोजन तंत्र के नीचे एक कैमरा पकड़कर नगण्य वजन के तहत है। सुनिश्चित करें कि कैमरा ऑफ-एंगल प्रभाव को कम करने के लिए नमूना विमान के समानांतर है। बाहरी पुलियों के पास मछली पकड़ने की रेखा के दोनों सिरों पर 75 ग्राम का वांछित प्रीलोड वजन जोड़ें। सामग्री और नमूना ज्यामिति के इस संयोजन के लिए वांछित होने पर फाड़ योगदान को बदलने के लिए इस मात्रा को 150 ग्राम तक बढ़ाएं या इसे 50 ग्राम तक कम करें। तीन-तरफा सूक्ष्म समायोजन चरण के जेड घटक का उपयोग करके नमूना पैरों के जेड विमान के साथ सबसे निचली पुली से मछली पकड़ने की रेखा को संरेखित करें। वजन जोड़ने के बाद नमूने की दूसरी तस्वीर लें। अनुमानित ब्लेड टिप को लगभग उद्देश्य के फील्ड-ऑफ-व्यू के करीब रखें। रेजर ब्लेड को इसके संबंधित ब्लेड क्लिप में रखें और ब्लेड को एक सेट स्क्रू के साथ सुरक्षित करें। इस फिसले हुए रेजर ब्लेड को लोड सेल से जुड़े ब्लेड क्लिप माउंट में स्लाइड करें। यदि निकट छवियां वांछित हैं, तो 2.5x माइक्रोस्कोप उद्देश्य या 20x जितना उच्च का चयन करें, और यदि आवश्यक हो तो नमूने के पीछे प्रकाश को बढ़ाते हुए संचारित प्रकाश सेटिंग का उपयोग करें। ब्लेड के साथ, उद्देश्य के लिए टिप को उचित कार्य दूरी पर लाने के लिए आवश्यक होने पर ऊर्ध्वाधर समायोजन प्रणाली का उपयोग करके ब्लेड की निकटतम सतह पर माइक्रोस्कोप पर ध्यान केंद्रित करें। तीन-तरफ़ा माइक्रोएडजस्टमेंट चरण के केवल एक्स और वाई दिशाओं का उपयोग करके माइक्रोस्कोप के फील्ड-ऑफ-व्यू के भीतर रेजर ब्लेड को सावधानीपूर्वक संरेखित करें। नमूने पर माइक्रोस्कोप पर ध्यान केंद्रित करें और माइक्रोस्कोप एक्स / वाई चरण का अनुवाद करके क्रैक टिप को रेजर ब्लेड के साथ संरेखित करें। यह सुनिश्चित करता है कि नमूने का मिडप्लेन कोण समायोजन तंत्र के मिडप्लेन के साथ संरेखित होता है। लोड सेल डेटा अधिग्रहण के लिए उपयोग किए गए कोड को खोलें और स्टार्ट रिकॉर्डिंग बटन पर क्लिक करके लोड सेल डेटा रिकॉर्ड करना शुरू करें। माइक्रोस्कोप चरण नियंत्रण का उपयोग करके निरंतर वेग पर एक सेंटीमीटर या उससे अधिक के लिए रेजर ब्लेड की ओर नमूने का अनुवाद करें। इसके साथ ही माइक्रोस्कोप के इमेजिंग इंटरफ़ेस का उपयोग करके छवियों को इकट्ठा करें। जब माइक्रोस्कोप X / Y चरण बंद हो जाता है, तो डेटा रिकॉर्ड करना बंद करने के लिए स्टॉप रिकॉर्डिंग बटन पर क्लिक करें और स्वचालित रूप से लोड और समय प्रतिक्रिया की एक पाठ फ़ाइल सहेजें। अल्ट्रा शार्प ब्लेड का उपयोग करके पॉलीडिमेथिलसिलोक्सेन के लिए बल-समय वक्र यहां दिखाया गया है। वक्र के लोचदार लोडिंग, कट दीक्षा, स्थिर-राज्य काटने और अनलोडिंग क्षेत्रों को ग्राफ में लेबल किया गया है। यह डेटा एक उच्च प्रारंभिक बल दिखाता है, जैसा कि आमतौर पर कटौती दीक्षा के लिए आवश्यक होता है, इसके बाद एक निरंतर बल होता है, जो स्थिर-राज्य कटौती का संकेत देता है। काटने का बल इस स्थिर-राज्य शासन के भीतर बल का अधिकतम मूल्य है। यहां दिखाए गए लाल घेरे माइक्रोस्कोप द्वारा प्राप्त विशिष्ट छवियों के अनुरूप हैं। झुकाव पैटर्न गति के अवलोकन की सुविधा के लिए एक पीला सर्कल जोड़ा गया है, और ये संख्याएं छवि टाइमस्टैम्प और सेकंड को इंगित करती हैं। मापा गया स्थिर-राज्य काटने बल पैर कोण थीटा, नमूना मोटाई टी, प्रीलोड एफ और ब्लेड त्रिज्या के प्रयोगात्मक परीक्षण मापदंडों के साथ संयुक्त रूप से दिखाए गए समीकरण के अनुसार स्थिर-राज्य काटने की ऊर्जा उत्पन्न करता है। यहां, हम इन स्थितियों के लिए साहित्य में पहले बताई गई कटिंग ऊर्जा को सफलतापूर्वक दोहराते हैं। माइक्रोस्कोप में वाई-आकार की काटने को शामिल करके, हम फ्लोरोसेंट जांच, ऑटोफ्लोरेसेंस और पूर्ण-क्षेत्र शक्ति तकनीकों के माध्यम से नरम-ठोस और नरम ऊतक विफलता के लिए सूक्ष्म-संरचनात्मक योगदान की मात्रा का ठहराव सक्षम करते हैं।
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Nirsa : निरसा प्रखंड सभागार में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को लेकर गुरुवार 22 जून को बीडीओ विकास राय की मौजूदगी में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में उपस्थित मुखिया व पंचायत समिति सदस्यों को इस योजना की जानकारी दी गई, ताकि वे बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित कर सकें. शिविर का आयोजन जिला उद्योग केंद्र एवं खादी बोर्ड, धनबाद के तत्वावधान में किया गया था. शिविर के मुख्य अतिथि जिला ग्रामीण उद्योग के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद ने हितग्राहियों को सफलता के मूलमंत्र, सतत प्रयास, विपणन, परिवर्तन, शासन की योजनाओं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी. श्री प्रसाद ने केंद्र सरकार की योजनाओं में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना को सबसे बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि इस योजना से जुड़ने वाले लोग अपनी गतिविधि को कभी बंद नहीं करते हैं और उससे वे स्वयं और दूसरों को भी रोजगार देने का कार्य करते हैं. प्रखंड समन्वयक रमन महतो ने योजना का लाभ लेने की विधि बताई. उन्होंने पीएमईजीपी योजना को ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावी ढंग से लागू कर पलायन रोकने की बात कही. श्री महतो ने सभी मुख्य अतिथि एवं अधिकारियों का आभार जताते हुए इस योजना को सफल बनाने का आह्वान किया. मौके पर मुखिया संघ के अध्यक्ष दिनेश सिंह, मुखिया अपर्णा देवी, कन्हाई दास, रोबिन धीवर समेत प्रखंड के सभी मुखिया व पंचायत समिति सदस्य मौजूद थे.
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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- टीवी शो महाभारत की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। - फैन्स शो में दिखाए गए कर्ण के डेथ सीन की चर्चा कर रहे हैं। - कर्ण की मौत देखकर सोशल मीडिया यूजर्स काफी इमोशनल हो गए हैं। रामायण और महाभारत आइकॉनिक टीवी शो को छोटे परदे पर दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है। लॉकडाउन में दोबारा से टेलिकास्ट किए जा रहे इन टीवी शोज को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। फिलहाल टीवी शो महाभारत के कर्ण यानी अभिनेता पंकज धीर खूब चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर कर्ण के डेथ सीन की चर्चा जोरों पर है। यहां तक कि महाभारत में कर्ण की मौत देखकर सोशल मीडिया यूजर्स काफी इमोशनल हो गए हैं। दरअसल महाभारत में कर्ण सबसे शक्तिशाली योद्धाओं में थे। ऐसे में जब टीवी पर कर्ण की मौत का नजारा दिखाया गया तो फैन्स काफी इमोशनल हो गए। यहां तक कि फैन्स का कहना है कि कर्ण हमेशा अर्जुन से ऊपर रहेंगे। महाभारत में कर्ण की पूरी जिंदगी दुरभाग्यपूर्ण रही। उनके साथ हमेशा पाप और अनन्याय हुआ। अर्जुन ने जब कर्ण का वध किया तो श्रीकृष्ण तक इस दौरान दुखी हो गए थे। महाभारत में कौरवों और पांडवों के युध्द से पहले ही कर्ण को उनकी सच्चाई पता चली थी। कुंती ने खुद कर्ण को बताया था कि वो उनके पुत्र हैं और साथ ही भाई पांडवों का साथ देने की बात कही थी। हालांकि कर्ण ने इस बात को अपनी मौत तक एक सीक्रेट ही रखा। क्योंकि वो कैरवों का अपने ऊपर किया गया भरोसा नहीं तोड़ना चाहते थे। साथ ही उन्होंने वादा किया था कि अर्जुन को छोड़कर वो किसी भी पांडव को नहीं मारेंगे। जब कर्ण अपने रथ का पहिया ठीक कर रहा था, तो युद्ध के नियमों के खिलाफ अर्जुन ने तीर चलाकर उनका सिर धड़ से अलग कर दिया था। बाद में अर्जुन और सभी पांडवों को पता चला था कि कर्ण उनका भाई था।
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पंजाब विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत पाने के बाद आम आदमी पार्टी की नजर गुजरात चुनाव जीतने पर है। बता दें कि इस साल के अंत तक गुजरात विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अहमदाबाद में रोड शो किया। दोनों ने अहमदाबाद में खोदियार मंदिर से सरदार पटेल चौक तक तिरंगा यात्रा निकाली। इसके अलावा पंजाब सीएम भगवंत मान ने अपने अंदाज में लोगों से कहा, "दिल्ली और पंजाब तो हो गया..." मान के इतना कहने पर सामने खड़ी भीड़ ने जोरदार शोर मचाया और उनके इशारे को समझ गई। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी मुट्ठी भींचकर आप के मजबूत होने का रिएक्शन दिया। बता दें कि भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली और पंजाब के बाद अब हम गुजरात की तैयारी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के ये दोनों नेता शहर की दो-दिवसीय यात्रा के लिए शुक्रवार की रात यहां गुजरात पहुंचे। वहीं भाजपा शासित इस राज्य में उनकी यात्रा को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के विस्तार पर नजरः गौरतलब है कि दिल्ली के बाद पंजाब में पैर पसारने वाली आम आदमी पार्टी अब अन्य चुनावी राज्यों पर भी नजर रख रही है। दरअसल पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में आप ने 92 पर जीत हासिल की है। जिससे आम आदमी पार्टी में काफी उत्साह देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पंजाब की जनता ने आप को पूर्ण बहुमत देकर सत्ताधारी कांग्रेस के विकल्प के तौर पर चुना है। वहीं केजरीवाल और उनकी पार्टी इस जीत से काफी उत्साहित है और अब अपने दायरे को बढ़ाने के लिए विचार कर रही है। बता दें कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी साल के आखिरी तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आप ने इसको लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
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योग और आयुर्वेद योग का संबंध आयुर्वेद से क्यों हैं? दरअसल हमारे ऋषि-मुनियों ने योग के साथ ही आयुर्वेद को जन्म दिया। इसके पीछे कारण यह कि वे सैकड़ों वर्ष तक जिंदा रहकर ध्यान और समाधि में गति करना चाहते थे। इसके चलते उन्होंने दोनों ही चिकित्सा पद्धति को अपने जीवन का अंग बनाया। निश्चित ही योग करते हुए आप स्वस्थ रह सकते हैं लेकिन प्रकृति की शक्ति आपकी शक्ति से भी ज्यादा है और मौसम की मार सभी पर रह सकती है। हिमालय में प्राणायाम के अभ्यास से शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखा जा सकता है, लेकिन मान लो कोई गंभीर रोग हो ही गया तो फिर क्या कर सकते हैं। ऐसे में उन्होंने कई चमत्कारिक जड़ी-बुटियों की खोज की जो व्यक्ति को तुरंत तंदुरुस्त बनाकर दीर्घजीवन प्रदान करे। आयुर्वेद एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है। बहुत से ऐसे रोग और मानसिक विकार हो सकते हैं जिस पर योग कंट्रोल न भी कर पाए तो आयुर्वेद उसका विकल्प बन जाता है और बहुत से ऐसे रोग भी होते हैं जिसे आयुर्वेद न भी कंट्रोल कर पाए तो योग उसका विकल्प बन जाता है। योग करते हुए सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक चिकित्सा का ही लाभ लेना चाहिए, क्योंकि योग आपके शरीर की प्रकृति को सुधारता है। योग और आयुर्वेद का संबंध अटूट है। -शिल्पा रितेश बुपकया,100,स्टेशन रोड,खाचरौद[एंपी]धन्यवाद!
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जगदलपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। रिक्प पदों की घोषित संख्या में की गई कमी का खामियाजा नवपदस्थ सहायक आयुक्प को कारण बताओ नोटिस के रुप में झेलना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि रिक्प चतुर्थ श्रेणी के रिक्प पदों की संख्या की पूर्ति को लेकर एक लंबे समय से पशासन स्तर पर कवायद की जा रही है, लेकिन सही अर्थों में इसे अब तक मूर्त रुप नहीं दिया जा सका है। जिसके चलते स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों में भारी रोष का वातावरण व्याप्त है और उन्होंने विभिन्न तरीकों से अपने छोभ की स्थिति से जिला पशासन को अवगत कराया है। जिसे जिला कलेक्टर ने गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए वस्तुस्थिति को सहीं रुप में स्पष्ट न कर पाने के लिए सहायक आयुक्प आदिवासी विकास को कारण बताओं नोटिस थमाया है और विभाग के रिक्प पदों में की गई संख्या में कमी के संबंध में कारण स्पष्ट करने का निर्देश जारी किया है। विभाग को थमाये गये इस नोटिस को लेकर नवपदस्थ सहायक आयुक्प पशोपेश की स्थित में है कि पदों की संख्या में की गई कारण का संतोषजनक समाधान कैसे पस्तुत करें। इस समय में उल्लेखनीय है कि पिछले दिन से चार वर्षों से आदिवासी विकास के अंतर्गत विभिन्न आश्रमों में पद रिक्प हैं, जिन पर राजनैतिक दबाव के चलते और जनपतिनिधियों की सिफारिशों पर कई-कई लोगों को पिछले दरवाजे से रिक्प पद के विरुद्ध नियुक्पि की लाभ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अथवा कलेक्टेट दर पर श्रमिक के रुप में सुलभ कराया जा चुका है। नई भर्ती पकिया में रिक्प पदों की संख्या इन नियुक्पि के परिपेक्ष्य में 1300 से घटकर रिक्प पदों का आंकड़ा 675 पर सिमट गया है। पदों की इस कमी के चलते भर्ती पकिया के अंतर्गत दैवेभो के रुप में राजनैतिक दबाव अथवा जनपतिनिधियों की सिफारिश या कि चढ़ावे की नीति के अंतर्गत कार्य का अवसर पाने वाले कर्मचारियों के बीच भी आंशका की भावना बलवती हुई है और वे अपने लिये इसे नियुक्पि के अवसर से वंचित रखे जाने के रुप में देख रहे हैं। इस संबंध में ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों चतुर्थ श्रेणी के रिक्प पदों को लेकर चयन पकिया पूरी की जा चुकी थी और सूची का पकाशन भी किया जाना था, लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते और इसे जनपतिनिधियों द्वारा विवाद का विषय बनाये जाने के फलस्वरुप चयन सूची को स्थानीय कोषालय में डबल लाक में सुरक्षित रख दिया गया था।
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ओणम केरल का प्रमुख त्योहार है जोकि 10 दिन तक मनाया जाया है। बता दे कि ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar) के अनुसार, ये त्योहार अगस्त-सितंबर के महीने में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस साल, ओणम 22 अगस्त को शुरू हुआ और 31 अगस्त को समाप्त होगा। कहा जाता है कि केरल राज्य में जब कई नई फसलें खेतों में पक कर तैयार हो जाती हैं। उसी की खुशी में ये त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाता है। बता दे कि ओणम (Onam Festival) के आखिरी के चार दिन बहुत ही उत्साह के साथ मनाए जाते हैं जहां लोग नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और पारंपरिक भोजन तैयार करते हैं, भले ही इस साल कोविड 19 के कारण चीजें थोड़ी अलग हैं, लेकिन लोग घरों में ही रह कर ओणम को बड़े ही उत्साह के साथ मना रहे हैं। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों शुभकामनाएं दें। - अपने घर को फूलों की रंगोली से सजाएं, स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ उठाएं, राजा महाबली का धूमधाम से स्वागत करें, इस त्योहार का पूरे परिवार के साथ आनंद उठाएं. - ओणम के साथ ही आपके जीवन में नई रोशनी आए, उन्नति के नये रास्ते खुले, खुशियां सदा के लिए आपके जीवन में बस जाए. आपको और आपके परिवार को ओणम की ढेरों शुभकामनाएं. - ओणम के शुभ अवसर पर, आपके जीवन में खुशहाली आए, अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि मिले, आपको और आपके पूरे परिवार को, ओणम की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. - Let this season bring you a lot of good luck, peace of mind, happiness and all that you wish! - Have the most beautiful Onam! - Hope this Onam brings happiness and prosperity. - Happy Onam! - Happy Onam to you and your loved ones. - May Onam bring you a bundle of luck and lots of happiness.
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मामला जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र का है, जहां राम प्रसाद मीणा नाम के शख्स ने फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना की सूचना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारी के मुताबिक, सुसाइड से पहले राम प्रसाद ने एक वीडियो भी बनाया। उसे अपने बेटे और बेटी को भेजा। वीडियो में आरोप लगाया गया कि कैबिनेट मंत्री महेश जोशी सहित कुछ लोग उसे लगातार परेशान कर रहे। खुद की जमीन पर उन्हें मकान नहीं बनाने दे रहे। राम प्रसाद ने कथित वीडियो में ये भी कहा कि अब वह परेशान होकर खुदकुशी करने जा रहा है। ये पूरा मामला मामला जयपुर के सुभाष चौक थाना इलाके का है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी है। सुभाष चौक थाने के थानाधिकारी राम फूल मीणा ने बताया कि युवक रामप्रसाद के भाई ने जलदाय मंत्री महेश जोशी समेत 6 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी सोमवार रात दर्ज की गई। इसकी जांच अपराध जांच शाखा (सीआईडी-सीबी) की ओर से की जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये मामला विधायक के खिलाफ दर्ज कराया गया है। दरअसल, महेश जोशी स्थानीय विधायक और अशोक गहलोत सरकार में मंत्री हैं। रामप्रसाद ने आत्महत्या से पहले एक कथित वीडियो बनाया था जिसमें उसने मंत्री महेश जोशी और अन्य लोगों को खुदकुशी के लिए जिम्मेदार ठहराता सुनाई दे रहा। वहीं परिजनों ने मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उधर, बीजेपी के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने युवक के आत्महत्या की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने पीड़ित परिवार को तुरंत राहत उपलब्ध करवाने और दोषियों खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है।
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उपभोक्ता कार्य विभाग ने अपर सचिव श्रीमती निधि खरे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति राज्य सरकारों के साथ मिलकर निकट समन्वय में आयातकों, मिल मालिकों, जमाकर्ताओं, व्यापारियों आदि जैसी संस्थाओं द्वारा जमा किए गए अरहर दाल के भंडार की निगरानी करेगी। समुचित मात्रा में दलहन आयात की लगातार आवक होने के बावजूद बाजार के भंडार संघों द्वारा स्टॉक जारी नहीं किये जाने की खबरों की वजह से यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। भंडार की ताजा स्थिति की निगरानी के लिए इस समिति गठित करने की नवीनतम घोषणा बाजार में जमाखोरों और बेईमान सट्टेबाजों से निपटने के लिए सरकार की मंशा को दर्शाती है। यह निर्णय आने वाले महीनों में अरहर दाल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के सरकार के दृढ़ संकल्प को भी प्रकट करता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार घरेलू बाजार में अन्य दालों के भंडार की स्थिति पर भी बहुत बारीकी से नजर रख रही है ताकि वर्ष के आगामी महीनों के दौरान दालों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि होने की स्थिति में तत्काल आवश्यक कदम उठाए जा सकें। यहां पर स्मरण रखने योग्य तथ्य यह है कि सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत तुअर दाल की उपलब्धता के संबंध में भंडार को प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लागू करने के उद्देश्य से 12 अगस्त, 2022 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया था। सरकार ने एक और पहल करते हुए गैर-एलडीसी देशों से अरहर दाल आयात के लिए लागू 10 प्रतिशत शुल्क को हटा दिया है क्योंकि कोई भी शुल्क इन एलडीसी देशों से शून्य शुल्क आयात के लिए भी कार्यविधि संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।
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उसी दिल्ली को खींचा कानपुर में जज्बे उलफत ने । मिली गङ्गा से जमुना एक का है एक में पानी ॥ इधर देखो उधर देखो यहाँ देखो वहाँ देखो। है शोहरा" हर तरफ देखो बरात आई है लासानी ॥ पुलिस कोतवाल आगे चार थानेदार हैं पीछे। है फिर चलता पुलिस के बैन्डका नरामा खुश इलहानी २ ॥ रंगा रँग के हैं झंडे हाथ में खुश पोश 3 लोगों के । यह देखो क़ाफ़िला फीलाँ बरफ्तारे खरामानी ४ ॥ वह भूलें जर्क बरक़ी और हौज और अम्मारी । जुलूसे शादो है या है यह एक जश्न खुसरवानी ५ ॥ यह फ़ौजी गोरे चलते हैं बजाते बैन्ड का बाजा । और फिर सेवासमिति की देखलो यह शान लासानी ॥ मुसल्लह वर्दियाँ पहने व बसद ताजीम हैं हमरौ ५ । अदाये शुकरिए और फ़र्ज की है मनमें अब ठानी ॥ श्रीयुत रायसाहब रूपचन्द जी हैं अजीज ऐसे । कि हर फ़रदो बशर १७ अब कर रहा है जान अफशानी । श्रीमन्दिर दूल्हा हाथी पे जलवहगर ९ हैं वह देखो। किया रोशन हर एक दिलको वह है चेहरे पे नूरानी ॥ कहाँ दिल्ली कहाँ कम्पू कहाँ राजा कहाँ परजा । मगर दिलकी कशिश यह है कि है दोनों में एक जानी ॥ श्रीयुत लाला गनपत राय जी की बग्लगीरी से । हैं पाईं नेमचन्द जी ने मुरादें अपनी मन मानी ॥ दुआ है यह अजित परसाद की फूजे फले जोड़ी। श्रीमन्दिर के घर की मानकुमारी हो महारानी ॥ (११) पुकार । (१२) सुरीला । (१३) अच्छे धीमी चाल । (१५) राजकीय । (१६) साथ चलने वाले । (१७) प्रत्येक पुरुष । ( १८ ) जीजान से परिश्रम । (१६) क्रान्ति प्रसारक । (२०) कानपुर । - इक्कीस
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रांचीः लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे राज्य के 65 हजारा पारा शिक्षकों की सब्र का बांध उस समय टूट गया जब झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो से मिला और पारा शिक्षक सेवा शर्त नियमावली को लेकर उन्हें निराशा हाथ लगी। पारा शिक्षकों के मामले को लेकर झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ राज्य इकाई के अध्यक्ष अध्यक्ष मो सिद्दीक शेख़ की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें पारा शिक्षकों के मामले को लेकर सभी साथियों को अवगत कराया गया। इसके बाद बैठक में पारा शिक्षकों के अंदर सरकार के प्रति आक्रोश का माहौल दिखा। साथ ही पारा शिक्षकों ने परीक्षा के बहाने खुद को हटाने वाली सरकार की नियमावली एकसिरे से खारिज कर दी। साथ ही राज्य के हेमंत सरकार को यह चेतावनी भी दे डाली कि पारा शिक्षकों को हटाने का जिक्र नियमावली से हटाना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो पारा शिक्षक सड़क से लेकर सदन तक जोरदार विरोध दर्ज कराएंगे और इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी। बैठक का संचालन संघ के महासचिव विकास कुमार चौधरी ने किया, जहां प्रधान सचिव सुमन कुमार ने बैठक के एजेंडों को विस्तार से बताया। कहा गया कि हेमन्त सरकार राज्य के 65000 पारा शिक्षकों की सेवा स्थायीकरण सह वेतनमान के वादे के साथ सत्ता में आई है, ये पारा शिक्षकों के संघर्ष से ही सत्ता मिली है। अब सरकार को अपना वादा निभाना होगा, कैसे पूरा होगा ये सरकार जाने। चेन्नई से इलाज कराकर लौटने के बाद ही पारा शिक्षकों की सेवा स्थायीकरण एवं वेतनमान के निमित्त नियमावली पर हस्ताक्षर करने का वादा पूरा नहीं हुआ। एक सप्ताह में नियमावली का प्रारूप नहीं मिलने से पारा शिक्षकों में आक्रोश है। पारा शिक्षकों ने कहा कि अपने जीवन का सारी जवानी सरकार की सेवा में गंवा दी, अब बुढ़ापे में नियमावली के नाम पर छलने का प्रयास किया गया तो सरकार के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ेगा। राज्य के प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को वेतनमान कैसे मिले, ये राज्य सरकार की जिम्मेवारी है और सरकार को इसे पूरा करना ही होगा। प्रस्तावित नियमावली में राज्य के अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को नियमावली से बाहर रखने या तीन दक्षता परीक्षा में अनुत्तीर्ण पारा शिक्षकों को हटाने की बात समाहित रही तो विरोध किया जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षा नेली लूकस, महासचिव सीमा मुंडारी, संजय पाठक, एजाज उल हक, नीरज कुमार, अरुण झा, दिलशाद अहमद, जयराज भारद्वाज, नीलांबर रजवार, दुर्गा चरण पाल, अजीत सिंह, श्रीनिवास पांडे, नागेन्द्र कुमार, दिलचद महतो, अनिल राजवंशी, सुनील पांडेय, शमशुल हक, मोहसिन अजमल, नसीम अहमद, युधिष्ठिर मंडल, सुरेंद्र भंडारी, कृष्णा लोहार, बिंदेश्वर यादव के साथ जिला सचिव पाकुड़, जिला सचिव गुमला आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। 1. झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ द्वारा 7 अगस्त एवं 18 अगस्त को मंत्री जगन्नाथ महतो के साथ वार्ता में पारा शिक्षकों की सेवा स्थायीकरण एवं वेतनमान के लिए प्रस्तावित बिहार मॉडल पर सहमति बनी थी। शिक्षा मंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से तमाम मीडिया के समक्ष यह घोषणा की गई थी। झारखंड में कार्यरत किसी भी पारा शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा। अब अगर हटाने का उल्लेख नियमावली में समाहित रहा तो नियमावली का विरोध सड़क से लेकर सदन तक होगा। 2. प्रस्तावित नियमावली का प्रारूप शिक्षा मंत्री की घोषणा अनुरूप कैबिनेट में जाने से पहले संगठन को दिया जाए। 3. 2 नवंबर 2015 से सरकार से तय वार्ता के अनुसार, 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि की जाए, 2018 के बाद मानदेय वृद्धि नहीं हुआ है । 4. अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को ई विधावाहिनी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन हेतु जिला परियोजना कार्यालय जोड़ने का काम करे। 5. अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के प्रशिक्षण पूर्ण करने के दिशा में एनआइओएस दिल्ली एवं इग्नू दिल्ली से संपर्क झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ द्वारा किया जाएगा।
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अमरावती प्रतिनिधि /दि. 13 - शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ रहा है. जिसके चलते मनपा प्रशासन की ओर से प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाए चलाई जा रही है. इसी दृष्टि से शनिवार को महापौर चेतन गावंडे की अध्यक्षता में कोविड के संदर्भ में डॉक्टरों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उप महापौर कुसुम साहू , स्थायी समिति सभापति राधा कुरील, मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे, सभागृह नेता सुनील काले , विरोधी पक्ष नेता बबलू शेखावत, पार्षद विलास इंगोले, प्रकाश बनसोड, वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले, डॉ. सीमा नेताम, डॉ. जयश्री नांदुरकर, डॉ. महेन्द्र गुडे, डॉ. ए. टी. देशमुख, डॉ. अनिल रोहणकर, डॉ. पी. आर. सोमवंशी, डॉ. रविन्द्र कलोडे, डॉ. विजय बख्तार मौजूद थे. महापौर चेतन गांवडे ने सभी नागरिको से आवाहन किया कि बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ की समस्या होने पर तत्काल जांच कराई जाए. घबराने की बजाय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. इसके अलावा मान्यता नहीं रहनेवाले निजी अस्पताल में मरीजों को न रखा जाए. कोरोना के अधिकृत अस्पताल में ही नागरिको ने उपचार करवाना चाहिए. यही नहीं तो अपने संपर्क में आने वाले लोगों को भी कोरोना टेस्ट कराने की सलाह देनी चाहिए. यही नही तो घर के सभी सदस्यों ने तत्काल स्वयं के स्वॅब टेस्टिंग भी करनी चाहिए. इस बैठक में महापौर चेतन गावंडे ने सख्त निर्देश दिए कि त्रिसुत्री का पालन नहीं करनेवाले लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए. इस बैठक में शहर के बाजार में नियमों का पालन नहीं होने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गये. यहीं नहीं तो मंगल कार्यालयों मेें भी नियमों का पालन नहीं होने पर आयोजको के खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई की जाए. जिस क्षेत्र, कार्यालय, व्यापारी प्रतिष्ठान, मॉल आदि इलाको में कोविड मरीज पाए जाने पर वहां पर ही उनके स्वॅब लिए जाए. इसके अलावा कपडा मॉल में कपडो का ट्रायल व बदलाव पर प्रतिबंध लगाए. इसके अलावा थर्मलगण व सैनिटाइजर का उपयोग किया जाए. इस बैठक में मनपा निगमायुक्त चेतन गावंडे ने कहा कि इन दिनों कोविड का प्रकोप तेजी से बढ रहा है. इससे बचाव के लिए त्रिसुत्री का पालन करना बेहद जरूरी है. शादी समारोह में उमड रही भीड को देखते हुए यहां पर 50 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी नहीं रहनी चाहिए. इस बैठक में कोरोना त्रिसुत्री का पालन करने का आवाहन नागरिको से किया गया.
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Farmers protest: जब आप ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर स्टॉक खरीदते या बेचते हैं, तो आप कोई ब्रोकरेज शुल्क नहीं देते हैं. 0. 1 प्रतिशत का सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स है और 0. 015 प्रतिशत की स्टैंप फ्री है. ये ना के बराबर शुल्क है. अब इसकी तुलना करें पंजाब में किसी विनियमित मंडी में सरकार के गेहूं और साधारण चावल बेचने से. खरीदार को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान करना पड़ता है, जो बाजार मूल्य से अधिक हो जाता है. इस पर उन्हें 3 प्रतिशत ग्रामीण विकास शुल्क, 3 प्रतिशत मंडी उपकर और 2. 5 प्रतिशत कमीशन एजेंट शुल्क देना पड़ता है. यह सब मिला कर 8. 5 प्रतिशत तक हो जाता है. तो किसानों को एक ऐसे कानून का स्वागत करना चाहिए जो कृषि उत्पादों को ऐसे उच्च शुल्क के भुगतान के बिना व्यापार करने की अनुमति देता है? पंजाब और हरियाणा के किसान (Punjab & Haryana Farmers) लगभग 50 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर कड़कड़ाती ठंड और कोविड -19 से लड़ते हुए केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें उस चीज पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए जो उन्हें फायदा पहुंचाती है? कारण यह है कि सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) या राज्य एजेंसियों के माध्यम से पंजाब और हरियाणा में लगभग पूरी तरह से गेहूं और चावल खरीदती है. (निजी व्यापारी इसलिए नहीं करते क्योंकि वे अन्य राज्यों में कम दरों पर गेहूं और चावल खरीद सकते हैं). वे इसका भुगतान करते हैं; Farmers नहीं करते. ये शुल्क देश के खाद्य सब्सिडी बिल में जुड़ता है और देश के करदाताओं पर बोझ होता है. कंपनियों के ऐसा करने की संभावना नहीं है. एक और डर यह है कि, केंद्र सरकार राशन के रूप में वितरण के लिए आवश्यक स्तरों पर गेहूं और चावल की खरीद को कम कर देगी. वर्तमान में, अतिरिक्त खरीद है जो बर्बाद हो जाती है या नुकसान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेची जाती है. (मंडियां अपने शुल्कों और फीस को लगभग 1. 5 प्रतिशत तक कम कर सकती हैं. इससे व्यापार में बदलाव होगा क्योंकि उनके पास उपज के थोक संचालन के लिए जगह और सुविधाएं होंगी. लेकिन ऐसा करने से उन लोगों को नुकसान होगा जो इन शुल्कों को प्राप्त करने से लाभान्वित होंगे. गाँवों को मंडियों से जोड़ने वाली सड़कों के रखरखाव के लिए कम धनराशि उपलब्ध होगी. राज्य सरकार बजट में ही इनको शामिल कर सकती है, लेकिन पंजाब सरकार राजस्व के एक चौथाई हिस्से से खेतों में मुफ्त बिजली की सब्सिडी दे रही है, और ये इसके वित्त पर बोझ है). पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों को चावल और गेहूं से बाहर सोचने की आवश्यकता होगी. लेकिन ऐसा कोई विकल्प नहीं है जो पारिश्रमिक के रूप में हो. गहन शोध से गेहूं और चावल के पौधों का विकास हुआ है जो उर्वरक और पानी के लिए उत्तरदायी हैं और बहुत सारे अनाज का उत्पादन करते हैं. उन्हें कीटों और रोगजनकों के लिए भी लचीला बनाया गया है. मक्का एक अन्य फसल है जो चावल और गेहूं की तरह अधिक उपज देने वाली है और लचीली भी है, लेकिन इसका उपयोग डेयरी पशुओं, मछली, सूअर और मुर्गी पालन के लिए अधिक किया जाता है. भारतीय उन मात्राओं में मांस का सेवन नहीं करते हैं जो पश्चिम और पूर्वी एशिया में सांस्कृतिक कारणों से करते हैं और इसलिए भी क्योंकि कई उपभोक्ता इसका भार नहीं उठा सकते हैं. लेकिन मक्का की खपत समृद्धि के साथ बढ़ती है क्योंकि लोग अनाज की तुलना में अधिक प्रोटीन का उपभोग करते हैं. भारत खाद्य तेल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है. हर साल (2020 के बाहर, महामारी से प्रेरित व्यवधान के कारण), यह लगभग 15 मिलियन टन खाना पकाने के तेल का आयात करता है. पाम का तेल खाद्य तेल का सबसे कुशल स्रोत है, जो प्रति हेक्टेयर लगभग चार टन है. वर्तमान में सरसों की पैदावार लगभग 400 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन, जो खाना पकाने के तेल उत्पादकों का एक समूह है, का कहना है कि उच्च सरसों की खेती आयात बिल में कटौती करने में मदद कर सकती है. 2017 में, इसने देश में सरसों के प्रचार के लिए मिशन मस्टर्ड लॉन्च किया था. यह चाहता था कि पंजाब और हरियाणा में 25 प्रतिशत जमीन खरीफ (बरसात) के मौसम में मक्का में और रबी या सर्दियों के मौसम में सरसों को समर्थन मूल्य पर खरीद के साथ प्रोत्साहन के रूप में दी जाए. लेकिन भारत में समर्थन मूल्य बाजार की कीमतों से ऊपर हैं. 2018 में, सरकार ने तय किया कि समर्थन मूल्य उत्पादन के भुगतान लागत से 50 प्रतिशत ऊपर होगा. यह तब तक ठीक है जब तक वे आयात मूल्य से कम या बराबर होते हैं. यदि वे उच्चतर हैं, तो उत्पादन अप्रभावी हो जाता है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असंतुलित हो जाता है, जैसा कि भारतीय गेहूं और चीनी के साथ हुआ है. लागत कम होने के लिए, उत्पादकता बढ़नी चाहिए. यह उच्च उपज देने वाली किस्मों का प्रजनन करके या कीटों और रोगजनकों के लिए लचीला बनाने से हो सकता है ताकि पैदावार को नुकसान से बचाया जा सके. दुनिया के कृषि निर्यातक राष्ट्र इसे प्राप्त करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी या आनुवंशिक इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी (जीएम) पर भरोसा कर रहे हैं. लेकिन राजनीतिक कारणों से भारत ने जीएम और जीन-एडिटिंग प्रौद्योगिकियों की तरफ रुख नहीं किया है. इसलिए चाहे वह रेपसीड-सरसों, सोयाबीन हो या मक्का, भारत की औसत पैदावार पश्चिम की तुलना में बहुत कम है. भारत को इकोसिस्टम दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. तीनो सेंट्रल लेजिसलेशन्स सुधार एक छोटा सा प्रयास है. ये चीजों को बहुत दूर तक ले जाने में फिर भी अक्षम हैं. (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं. ) Disclaimer: कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9. com के विचारों को नहीं दर्शाते.
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