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पोस्टमार्टम के 24 घंटे बाद उनके शव को रिश्तेदारों को सौंप दिया गया हैं. जिसके बाद दोनों के शव को प्रयागराज ले जाया जा रहा है. बता दें कि प्रयागराज के कसारी-मासरी के कब्रिस्तान में असद को दफनाया जाएगा. प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम के पोस्टमार्टम के 24 घंटे बाद उनके शव को रिश्तेदारों को सौंप दिया गया हैं. जिसके बाद दोनों के शव को प्रयागराज ले जाया जा रहा है. बता दें कि प्रयागराज के कसारी-मासरी के कब्रिस्तान में असद को दफनाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक यहीं अतीक अहमद के माता-पिता की कब्र भी मौजूद है. शुक्रवार करीब डेढ़ बजे झांसी से सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों के शव को लेकर रिश्तेदार प्रयागराज के लिए निकले थे. दरअसल माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम के शवों का गुरुवार देर रात झांसी के मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम किया गया था. वहीं वीडियो कैमरे के सामने डॉक्टरों ने दोनों का पोस्टमार्टम किया. बता दें कि उस समय तक असद के परिजन झांसी नहीं पहुंच सके थे. ये भी पढ़ेंः Asad Ahmed Encounter: जहां से शुरू हुआ था असद-गुलाम का चैप्टर, वहीं होंगे दफन; खाक होगा माफिया राज! बता दें कि गुरुवार को असद और गुलाम का झांसी जिला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हुई थी. जिसके बाद एनकाउंटर में दोनों को मार गिराया गया था. पुलिस अधिकारियों के अनुसार एनकाउंटर के बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया था. वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार देर रात कौशांबी से लौटते समय माफिया अतीक अहमद की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद कॉल्विन हॉस्पिटल में उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया. इससे पहले अतीक और उसके भाई अशरफ से यूपी एटीएस ने कई घंटे पूछताछ की थी. शुक्रवार रात धूमनगंज पुलिस अतीक और अशरफ अहमद को कौशांबी के पूरामुफ्ती कोतवाली इलाके के सैयद सरावा लेकर पहुंची थी.
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नवम सरल सब सन छलहोना । मम भरोस हिये हरप न दीना ।। तथा श्रीमद्भागवतमे भी प्रहादजीने कहा हैश्रवण कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम् । अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम् ।। ( ७ १ ५१ २३ ) 'भगवान् विष्णुके नाम, रूप, गुण और प्रभावादिका श्रवण, कीर्तन और स्मरण तथा भगवान्की चरणसेवा, पूजन और वन्दन एवं भगवान्मे दासभाव, सखाभाव और अपनेको समर्पण कर देना -- यह नव प्रकारकी भक्ति है ।' इस प्रकार शास्त्रोंमें भक्तिके भिन्न-भिन्न प्रकारसे अनेक लक्षण बतलाये गये हैं किन्तु विचार करनेपर सिद्धान्त में कोई भेद नहीं है । तात्पर्य सत्रका प्रायः एक ही है कि स्वामी जिस भाव और आचरणसे सन्तुष्ट हो उसी प्रकारके भावोंसे भावित होकर उनकी आज्ञाके अनुकूल आचरण करना ही भक्ति है । अब श्रीमद्भागवतमे प्रह्लादके द्वारा बतलायी हुई नवधा भक्तिके विषय में उसके स्वरूप, विधि, प्रयोजन, हेतु, फल और उदाहरणका दिग्दर्शन कराया जाता है। इस उपर्युक्त नवधा भक्तिमेसे एकका भी अच्छी प्रकार अनुष्ठान करनेपर मनुष्य परमपदको प्राप्त हो जाता है; फिर जो नवोंका अच्छी प्रकारसे अनुष्ठान करनेवाला है उसके कल्याणमें तो कहना ही क्या है । भगवान्के प्रेमी भक्तोंद्वारा कथित भगवान् के नाम, रूप, गुण, प्रभाव, लीला, तत्त्व और रहस्यकी अमृतमयी कथाओंका श्रद्धा और प्रेमपूर्वक श्रवण करना एव उन अमृतमयी कथाओंका श्रवण करके वीणाके सुननेसे जैसे हरिण मुग्ध हो जाता है, वैसे ही प्रेममे मुग्ध हो जाना श्रवणभक्तिका स्वरूप है । उपर्युक्त श्रवणभक्तिकी प्राप्ति के लिये श्रद्धा और प्रेमपूर्वक महापुरुषोंको साष्टाङ्ग प्रणाम, उनकी सेवा और उनसे नित्य निष्कपटभावसे प्रश्न करना और उनके बतलाये हुए मार्गके अनुसार आचरण करनेके लिये तत्परतासे चेष्टा करना यह श्रवणभक्तिको प्राप्त करनेकी विधि है। श्रीमद्भगवद्गीतामें भगवान्ने कहा हैतद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया । उपदेश्यन्ति ते ज्ञानं शानिनस्तत्त्वदर्शिनः ॥ ( ४ । ३४ ) 'हे अर्जुन । उस ज्ञानको तू समझ, श्रोत्रिय व्रतनिष्ठ आचार्यके पास जाकर उनको भलीभाँति दण्डवत् प्रणाम करनेसे, उनकी सेवा करनेसे और कपट छोड़कर सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे परमात्मतच्चको भलीभाँति जाननेवाले वे ज्ञानी महात्मा तुझे उस तत्त्वज्ञानका उपदेश करेंगे ।" महापुरुपोंके द्वारा वर्णित उपर्युक्त श्रवणभक्तिको प्राप्त करके प्रभुमे अनन्य प्रेम होनेके लिये प्रभुके भक्तोमे उसका प्रचार करना - यह उसका प्रयोजन है। यह श्रवणभक्ति महापुरुषोंके सग बिना प्राप्त होनी कठिन है। गोस्वामी तुलसीदासजी ने भी कहा हैविनु सतसंग न हरि कथा तेहि विनु मोह न भाग । मोह गएँ बिनु राम पद होइ न दृढ़ अनुराग ।। किन्तु महापुरुषोंके सगके अभाव में उच्च श्रेणीके साधकोंका सग एवं महापुरुषविरचित ग्रन्थका अवलोकन करना भी सत्सगके ही समान है । सत्सग न होनेसे विषयोका सग तो स्वाभाविक होता ही है। उससे मनुष्यका पतन हो जाता है और सत्संग से प्रत्यक्ष परमलाभ होता है क्योंकि मनुष्यके जैसा-जैसा संग होता है उस सगके उसपर वैसा वैसा प्रभाव
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा फल और सब्जियों के प्रसंस्करण की क्षमता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास अब किसानों और छोटे कारोबारियों को भी भाने लगे हैं। राज्य के हर बड़े गांव में अब फल और सब्जियों के प्रसंस्करण को लेकर जागरूकता बढ़ी है। छोटे-छोटे कारोबारी ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) यूनिट लगाने में रूचि दिखा रहे हैं। इन छोटे कारोबारियों को सरकार 10 लाख रुपये तक लागत वाली फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 35 प्रतिशत की दर से ऋण में सब्सिडी देकर उनका उत्साह बढ़ा रही है। सरकार के इस प्रयास का नतीजा है कि अब गावों में छोटे उद्योगों को आधुनिक बनाने और फूड प्रॉसेसिंग की क्षमता बढ़ाने को लेकर तमाम प्रस्ताव उद्यान विभाग को प्राप्त हुए हुए। इन प्रस्तावों को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 9301 सूक्ष्म खाद्य फूड प्रॉसेसिंग उद्यमों को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया है। इन उद्यमों में करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और हजारों किसानों को उनके उत्पाद की वाजिब कीमत मिल गांव में ही मिलेंगी, उन्हें लाभ होगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश में फल और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक है। फिर भी राज्य में उत्पादित फल और सब्जियों की 10 फीसदी से कम की ही प्रॉसेसिंग हो पाती थी। बड़ी मात्रा में जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ हर साल बर्बाद हो जाते थे। जिसके चलते किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता था। किसानों के कर्ज को माफ करने के बाद मुख्यमंत्री ने किसानों को गन्ना, धान तथा गेहूं की खरीद का मूल्य दिलाने की व्यवस्था लागू की और इसके साथ ही फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाबा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण नीति 2017 तैयार कराई। इस नीति में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाले उद्यमी को कई तरह की रियायतें देने का ऐलान किया गया। प्रदेश सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर वर्ष 2018 से अब तक 4109. 74 करोड़ रुपए की लागत वाले 803 आवेदन उद्यमियों से प्राप्त हुए। इन आवेदनों में फल -सब्जी प्रसंस्करण के 81, उपभोक्ता उत्पाद के 232, खाद्यान्न मिलिंग के 397, हर्बल प्रोसेसिंग के 03, दुग्ध प्रसंस्करण के 35, तिलहन प्रसंस्करण के 27, दलहन प्रसंस्करण के 15, मांस प्रसंस्करण के 08, रेफर वैन के 10, मेगा फूड पार्क और एग्रो प्रॉसेसिंग का एक प्रस्ताव है। इन उद्योगों के लिए सरकार के स्तर से उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराई गई है और कई यूनिटों में उत्पादन भी शुरू हो गया है। इसके अलावा बड़े उद्योगपतियों ने भी प्रदेश सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर अपनी इकाई राज्य में लगाने की पहल ही है। इन उद्योगपतियों ने बीते चार सालों में 9105. 58 करोड़ रुपए की लागत वाली 139 फूड प्रासेसिंग यूनिट (फैक्ट्री) राज्य में स्थापित करने के प्रस्ताव सरकार को सौंपे, जिनमें से 101 से फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो गया है। इन 101 से फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों की स्थापना पर 4074. 02 करोड़ रुपए की लागत आयी है और इन फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों में 20,176 लोगों को रोजगार मिला है। जबकि 38 फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य चल रहा है। इन फैक्ट्रियों में 21,111 लोगों को रोजगार मिलेगा। अधिकारियों के अनुसार, एसएलएमजी बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड ने लखनऊ में 300 करोड़ रुपए, बरेली में बीएल एग्रो 160 करोड़ रुपए और खट्टर इडीबल्स प्राइवेट लिमिटेड रामपुर में डेढ़ सौ करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है। 55 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित बाराबंकी में ऑर्गेनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संयंत्र में भी उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा 38 फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य चल रहा है, इस वर्ष के अंत तक इन फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। 5031. 31 करोड़ रुपए का निवेश से इन 38 फूड प्रासेसिंग फैक्ट्रियों के निर्माण पर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार का मत है कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र में फूड प्रॉसेसिंग क्षमता बढ़ाने, टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने और फूड प्रोडक्ट्स की नई रेंज लाने में भी मदद मिलेगी। इसी सोच के तहत प्रदेश सरकार ने अगले पांच वर्षों में 37,826 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के जरिए लोगों को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया है। इस वित्तीय वर्ष में इस वित्तीय वर्ष में 9301 सूक्ष्म खाद्य फूड प्रॉसेसिंग उद्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा। फिलहाल सरकार को हर जिले में छोटे कारोबारियों के फूड प्रॉसेसिंग यूनिट लगाने के सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए हैं जिन पर अब जल्दी ही फैसला लिया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में फूड प्रासेसिंग यूनिट लगाने के इच्छुक छोटे कारोबारी अपना उद्यम स्थापित कर उसमें लोगों को रोजगार दे सकें और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य गांव में ही मिलना शुरू हो जाए। ( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )
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पलांडोकेन स्की सेंटर में, जो 1-11 मार्च 2013 के बीच स्नोबोर्ड वर्ल्ड यूथ चैम्पियनशिप की मेजबानी करेगा, 2011 के विश्व विश्वविद्यालयों के शीतकालीन खेलों से पहले कृत्रिम उपाय किए गए हैं, क्योंकि पर्याप्त बर्फ नहीं थी। जबकि रनवे के निर्माण में जमीन पर घास रखी गई है, कृत्रिम बर्फ के लिए टैंकरों द्वारा पानी को तालाब तक पहुंचाया जाता है और बर्फीले क्षेत्रों से ट्रकों के साथ हिमपात किया जाता है। पलांडोकन में, 19 के विश्व विश्वविद्यालयों के शीतकालीन खेलों से पहले कृत्रिम उपाय किए जाते हैं, ताकि स्नोबोर्ड वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप में रैंप का उपयोग किया जा सके, जिसमें 200 देशों के लगभग 2011 एथलीट भाग लेंगे। इसके लिए, गाँवों से एकत्र 25 टन घास पटरियों पर बिछाई गई। इसके अलावा, कृत्रिम बर्फ के उत्पादन के लिए, पानी को टैंकरों द्वारा प्रांतीय विशेष प्रशासन गेस्ट हाउस के बगल में तालाब में ले जाया जाता है और बर्फीले क्षेत्रों से ट्रकों के साथ हिमपात किया जाता है। प्रांतीय प्रतिनिधि नेवादाट बेराकटार ने कहा कि उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप से बाहर निकलने के लिए असाधारण प्रयास किए, जो शीतकालीन खेलों की तरह 1-11 मार्च के बीच आयोजित किया जाएगा। नेवज़ात बेराकटर ने कहा, "हम कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीनों के निरंतर संचालन के लिए गवर्नर द्वारा किराए पर लिए गए टैंकरों के साथ निजी प्रशासन गेस्ट हाउस के बगल में 20 हजार घन मीटर की पानी की क्षमता वाले तालाब को सुदृढ़ करते हैं। 18 टैंकर, प्रत्येक में 25 टन पानी प्राप्त होता है, जो पूरे दिन तालाब को पानी प्रदान करता है। हम Erzurum के विभिन्न हिस्सों से 50 ट्रकों के साथ पालंदोकन तक बर्फ ले जाना जारी रखते हैं।
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UPSC CSE Main 2020: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बीते दिन सिविल सेवा एग्जाम 2020 के नतीजे घोषित किए, जिसमें बिहार के शुभम कुमार टॉपर रहे हैं. वहीं जागृति अवस्थी को दूसरा और अंकिता जैन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. वहीं 9वीं रैंक हासिल करने वाली अपाला मिश्र से एबीपी न्यूज़ ने बात की. वो कहती हैं कि डेंटल मेडिसिन की पढ़ाई पूरी करने के दौरान वर्ष 2018 से वो पूर्ण समर्पण के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं. जिसमें सबसे मुश्किल पहले व्यापक सिलेबस को समझना रहा. उन्होंने कहा कि डेंटिस्ट्री के फाइनल ईयर में आने तक मेरा झुकाव सिविल सर्विस की तरफ हो गया क्योंकि सिविल सर्विस काम करने का बहुत बड़ा मौका देता है. ऑप्शनल सब्जेक्ट एंथ्रोपॉल्जी था. स्वास्थ के क्षेत्र में काम करूंगी, महिलाओं की सेहत को लेकर आगे काम करना चाहूंगी. मैंने निर्णय लिया कि पूरी तरह ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करूंगी. टाइम टेबल बनाया. 7 से 8 घंटे पढ़ाई करनी होती है. टाइम टेबल बनाना भी इस दौरान ही सीखा. 8 बजे उठती थी. 2 घंटे की पढ़ाई होती थी. फिर ब्रेक लेती थी. ये मेरा तीसरा अटेंप्ट (3rd Attempt) था. पहले प्रयास में सिलेबस को स्टडी करना जरूरी था. एग्जाम के लिए प्री-प्रिपरेशन करना भी जरूरी है. डेंटिस्ट ना बनकर क्यों चुनी सिविल सर्विस की राह ? डेंटिस्ट्री के फाइनल ईयर में आने तक मेरा झुकाव सिविल सर्विस की तरफ हो गया था क्योंकि सिविल सर्विस काम करने का बहुत बड़ा मंच प्रदान करता है. किस क्षेत्र में बदलाव लाना चाहती हैं ? स्वास्थ के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक हूं. महिलाओं की सेहत को लेकर आगे काम करना चाहूंगी. कितने घंटे करती थीं पढ़ाई? मैंने निर्णय लिया कि पूरी तरह ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करूंगी. टाइम टेबल बनाया. 7 से 8 घंटे पढ़ाई करनी ही होती है. कौन सा अटेम्प्ट है ? ये मेरा तीसरा अटेम्प्ट था. पिछले दोनो अटेम्प्ट में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थी. पहले प्रयास में सिलेबस को स्टडी करना जरूरी था. कोरोना वायरस ने किस तरह तैयारी में मुश्किलें पैदा की? अपाला बताती हैं कि एग्जाम दो बार कोरोना वायरस के कारण आगे बढ़ाया गया था. मेरे मां बाप को भी covid हो गया था. ऐसे समय में अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखना और खुद पर विश्वास रखना, अनुशासन का पालन करना बहुत जरूरी है. अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें. जल्द बनने जा रहीं IAS अधिकारी अपाला मिश्रा की मां अल्पना मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. वो कहती हैं, "ये परीक्षा धैर्य और हौसले की मांग करती है. ये एक तपस्या है. " आर्मी में मेजर पिता कहते हैं कि पिछली बार प्लानिंग में कमी थी, इसलिए हम लोगों ने बैठकर तैयारी के लिए जरूरी सही प्लानिंग पर बात की और आज उसका सकारात्मक नतीजा सबके सामने है. Education Loan Information:
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जानी मानी मशहूर कॉमेडियन सुगंधा मिश्रा तथा संकेत भोसले शादी के बंधन में बंध चुके हैं। वह आए दिन प्रशंसकों के लिए सोशल मीडिया पर अपनी शादी की रस्मों की कई फोटोज तथा वीडियो साझा कर रहे हैं। हाल ही में सुगंधा ने अपने दुल्हन के लुक की कुछ विशेष फोटोज साझा की थीं। अब ससुराल आने के पश्चात् सुगंधा महाराष्ट्रियन बनने की तैयारी में लग गई हैं। वह नए रीति-रिवाजों को सीखने में लगी हुई हैं। शादी के पश्चात् सुगंधा के ससुराल में पूजा रखी गई थी जिसकी फोटोज उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की हैं। इन फोटोज में यह नया शादीशुदा जोड़ा महाराष्ट्रियन अवतार में दिखाई दे रहा है। वही सुगंधा ने अपने इस नए अवतार में कई फोटोज साझा की हैं। उन्होंने पारंपरिक नौवारी साड़ी के साथ नथ पहनी है तथा गजरा लगाया है। वहीं संकेत ने कुर्ता एवं पजामा पहना है। सुगंधा ने तस्वीरें साझा करते हुए लिखा-इतने प्यार के लिए शुक्रिया। इन तस्वीरों में सुगंधा की पहली रसोई की भी फोटोज है। उन्होंने पहनी रसोई में कुछ खास बनाया है। सुगंधा ने कहा कि वह महाराष्ट्रियन चीजों को समझने का प्रयास कर रही हैं तथा बाइको बनने के लिए बहुत उत्साहित हैं। सुगंधा ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली रसोई में ससुराल वालों के लिए पंजाबी मिठाई पंजीरी बनाई। सुगंधा ने कहा- यह एक पारंपरिक पंजाबी मिठाई है जिसे पूजा के चलते बनाया जाता है। इसे प्रसाद के तौर पर दिया जाता है। यह सभी को बहुत पसंद आई।
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आईएस 227 गैंग का सक्रिय सदस्य। बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का भाई। पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी। एक लाख इनामी पूर्व विधायक अशरफ। शुक्रवार सुबह गिरफ्तार हुआ और शाम को जेल भेज दिया गया। कई सवाल अधूरे रह गए। पूछताछ पर अधिकारियों ने कहा कि उसे रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ की जाएगी, लेकिन सवाल उठता है कि क्या पुलिस अशरफ को रिमांड पर लेने के बाद भी कुछ बरामदगी कर पाएगी। कुछ दिन पहले ही क्राइम ब्रांच ने 100000 इनामी सुपारी किलर नीरज सिंह को औद्योगिक क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की और कई खुलासे किए। वहीं दूसरी ओर एक लाख इनामी पूर्व विधायक अशरफ पकड़ा गया तो सनसनीखेज राजू पाल मर्डर केस में वांटेड अब्दुल कवी से लेकर अन्य कई मामलों में पुलिस उससे कोई राज नहीं उगलवा सकी। राजू पाल हत्याकांड में वांटेड अब्दुल कवी एकमात्र ऐसा शातिर अपराधी है जिसे बसपा शासन में भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। बीजेपी शासन में भी वह पकड़ा नहीं गया। यहां तक कि सीबीआई ने भी उसकी गिरफ्तारी न होने पर वांटेड कर छोड़ दिया। हद तो यह है कि पूर्व विधायक अशरफ के खिलाफ धूमनगंज पुलिस ने लाइसेंसी बंदूक जमा न करने पर मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस पूछताछ कर लाइसेंसी बंदूक को बरामद न कर सकी। चर्चा रही कि अशरफ ने कहा कि बंदूक घर पर रखा है लेकिन पुलिस बरामदगी के लिए न तो उसे घर ले गई और न ही कोई प्रयास किया। यह भी सवाल उठता था कि घर पर असलहा कैसे मिलेगा, जहां पुलिस ने पहले ही पांच बार कुर्की की कार्रवाई कर चुकी है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगर पुलिस पुराने मुकदमों में पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर कुछ घंटों के लिए लेगी तो कैसे असलहे की बरामदगी करेगी। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी प्रेम प्रकाश ने दावा किया था कि विवेचना में अशरफ पुलिस की मदद करेगा।
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पेशे और धन्धे संबंधी शिल्पकलाएँ है, जिन्हे उनमे दक्ष शिल्पी साधते थे । धातुकार्य मे निष्णात सुनार अद्भुत बारीकी से गहने गढ़ते थे । सोने की सच्चाई उसे आग मे तपाकर' परखी जाती थी। जिस मात्रा में देश और समाज मे गहनों का चलन था, उनकी बहुलता का उल्लेख अन्यत्न किया जा चुका है, उसे देखते स्वर्ण और मणि-शिल्पियों की संख्या का भी अनुमान किया जा सकता है। शरीर के आच्छादन से भिन्न उसके मंडन के रूप मे आभूषणो का जितना उपयोग गुप्तकाल में हुआ है उसे उस काल की मथुरा आदि की मूर्तियो और अजन्ता आदि के चित्रो मे देखा जा सकता है। सोने और रतन जडे सोने के जेवरो के (अन्य ) २ उल्लेख से प्रकट है कि आभूषण गढ़ने का शिल्प चोटी पर था । अन्य आभूषणो के विभिन्न प्रकार तो शिल्प की मर्यादा प्रतिष्ठित ही करते थे। मेखला ( करधनी ) और केयूर ( भुजबन्द ) की गढन की विविधता का न तो तत्कालीन मूर्तियो, अधिकतर चित्रो मे कोई अन्त है और न साहित्य के सदर्भों मे । समसामयिक कला और साहित्य दोनों जैसे तत्कालीन अलकार-शिल्प के असाधारण वैभव की घोषणा करते है। मथुरा, प्रयाग, सारनाथ, काशी, पटना, कलकत्ता के संग्रहालयों की मूर्तियाँ अपनी मेखलाओ और केयूरों की परम्परा मे अटूट है। क्या चित्र, क्या मूर्तिया, क्या मृन्मूर्तिया सभी पर उस काल की मुरुचि का जादू मडन की इस विधा में प्रस्तुत है । स्वर्ण के पत्तरो को पीटकर भारतीय ऋद्ध ऋतुओं के अनगिन फूलों के रूप में गढ़ लिया जाता था । अगूठियो के भी कितने ही नमूने बनते थे, कुछ पर नाग की मुद्रा बनती थी, किसी पर स्वामी का नाम खुद जाता था । उस काल अन्धविश्वास के कारण अनेक प्रकार के 'रक्षाकरण्ड' ( ताबीज ) 3 भी पहने जाते थे जिनकी गढनो की विविधता का कोई अग्ग न था। रत्नों के भी पहनने वालों पर भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रभावों का उल्लेख मिलता है जिससे जाहिर है कि लोग बुरे ग्रहों से रक्षा और व्याधियों के निवारण के लिए रत्नो को विविध रूप से गृथकर पहनते थे । जडाई का काम रत्नों का काम करनेवाले हो शिल्पी अनन्त थे, क्योंकि मोने तथा अन्य धातुओं मे जडने के अतिरिक्त भी उन पर काम होता था । वस्तुतः आकर ( खान) से निलकने से लेकर धात में जड़ाई तक उनको निविध स्थितियों से गुजरना पड़ता था। पहले तो खान से निकलने ही उनका 'संस्कार" होता था, उनके विशेष जानकार रासायनिक विधि से १ रघु, १, १० । २ देखिए आगे, आभूषणों का प्रसंग । शाकु., पृ. २४८; जयश्रियः वलयः, रघु, १६, ७४; जैत्राभरणं, वही, ८३ 'शाकु., ६, ६; रघु, ३, १८॥ उनको साफ करते थे, उन्हें छेदते थे, फिर उन्हें काट और उत्खचित कर नयी दीप्ति से चमका देते थे ।४ तब कही वे जड़े जाते थे । मणियों को और भी प्रदीप्त करने के लिए गहरी रेखाओं से उन्हें तराश दिया जाता था ( उल्लिखित ) । सोने मे जड़ी हुई मणियो का सौंदर्य घना माना जाता था। सोने और रत्न का सगम धातु-शिल्पी का मनहर कार्य था जिसे करने को वह उत्सुक रहता था। जब स्वयंवर में इन्दुमती अज का वरण करती है तब कवि जैसे अनायास कह उठता है'--'रत्नं समागच्छत काञ्चनेन' --यह तो कचन द्वारा रत्न की सप्राप्ति हुई। कचन और मणि का संयोग उस काल इतना स्वाभाविक था कि मणि का अकेला अस्तित्व सोचा ही नहीं जा सकता था, वह सोने मे जड़ी जाकर ही घरितार्थ होती थी। उज्जयिनी के महाकाल में नाचती नर्तकियो के चमरों के दण्ड रत्नों से जड़े हुए हैं, जिनसे गगा-जमुनी, धूप-छाव का अद्भुत चमत्कार उत्पन्न हो रहा है। इसी प्रकार राजाओ के किरीट-मुकुट, उनके सिंहासन, पलंग, दर्पण, असिमूठ आदि सभी पर स्वर्णपीठ की पीठिका पर खचित मणियों की आभा फूटती फैलती रहती थी। स्वर्णकारी, मणिकार-मणिहारों के अतिरिक्त अनेक प्रकार के अन्य शिल्पी समाज की विविध आवश्यकताओं की पूर्ति अपनी कलाकारी से कर रहे थे । अनेक थलों के गगनचुबी राजभवनो- विमानो, सगमरमर के प्रासादो ( मणिहयों), मदिरो, दरीगृहो, स्तूपो, हटो, दीर्घिकाओं, क्रीडाशैलो तथा नगरी के निर्माता शिल्पियों की देश के नागरिक जीवन में आवश्यकता रहती थी। फिर अनन्त मूर्तियो की सपदा वाले नगर-जनपदो में पत्थर और धातु मे प्राण फूकनेवाले मूर्तिकारो की संख्या भी परिमित न थी । तूलिका से भवन की दीवारों और फलको पर रेखाओ और वर्णों द्वारा जीवन लहरा देनेवाले चितेरे समाज की कलाचेतना के साधक थे, जैसे चाक से अनगिन और रजित कलश, काया गढनेवाले कुम्हार भी, जिनके साचे सदियों से चूने-मिट्टी की, खरी मिट्टी की अभिराम मूर्तिया, मनहर ठीकरे ढालते आ रहे थे। समाज मे उन लुहारों की भी कमी न थी जो सेनाओं के लिए विविध प्रकार के शस्त्र, कृषि के लिए हल आदि प्रस्तुत करते थे, धातुओं को तपाकर पिघलाते और ठंडा कर उसे घन ( अयोधन ) पर कूट-पीटकर इस्पात बनाते थे। फिर ध्वनिप्रिय देश में उन कारीगरो की भी एक उदार संख्या थी जो तन्त्रीवीणा, वशी, बीन, तुरही, नगाडे, मृदग, पखावज आदि भाति-भाति के वाद्ययतों का निर्माण
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Results for "क्लर्क" जितेंद्र कंवर ने बताया कि आयोग ने दक्षता परीक्षा का आयोजन 1 से 5 नवंबर के बीच आयोजित किया था। 793 उम्मीदवारों ने दक्षता परीक्षा में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा परिणाम में 18 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। सफल उम्मीदवारों को विभाग भी आबंटित कर दिए गए हैं। परीक्षा में 57,710 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। 33,241 अनुपस्थित रहे। आयोग ने आज इस लिखित परीक्षा का परिणाम (Result) घोषित कर दिया है। लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर 80 अभ्यर्थियों को टंकण परीक्षा के लिए बुलाया था। टंकण परीक्षा 20 जुलाई 2022 को आयोजित की गई थी। परिचालकों का कहना है कि नए ग्रेड पे के चलते जहां हर वर्ग के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हुई है, वहीं हिमाचल पथ परिवहन निगम के परिचालकों का वेतन कम हो गया है। आरोग्य केन्द्रों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध के आधार पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के 880 पदों को भरने का भी निर्णय लिया। हिमाचल पथ परिवहन निगम के परिचालक वेतनमान विसंगति को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। शुक्रवार सुबह एचआरटीसी कंडक्टर ने आईएसबीटी में गेट मीटिंग कर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने पूरे मामले की डीसी मंडी से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद पेपर रद्द करना है या नहीं, इसका फैसला लिया जाएगा। राज कुमार शर्मा निगम द्वारा संचालित पेट्रोल पंप पर तैनात था। उस दौरान उसने अलग-अलग तरीके से हेरा-फेरी करते हुए करीब 03 लाख 62 हजार 18 रुपये का गबन कर डाला। पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने सरकारी स्कूल के क्लर्क को साढ़े पांच किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार एसआईयू की टीम करसोग क्षेत्र में गश्त पर थी।
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दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत के दौरे पर है जहां आज से दोनों ही टीमों के बीच 3 मैचों की टी20 सीरीज का आगाज होने जा रहा है। भारत के दौरे पर टी20 सीरीज के लिए इस बार टीम के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक को दक्षिण अफ्रीका टीम की कमान सौंपी गई है। क्विंटन डी कॉक को पहली बार किसी बड़ी सीरीज में टीम की कप्तानी दी गई है। दक्षिण अफ्रीका के लिए क्विंटन डी कॉक ने पिछले कुछ साल से जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी रहे हैं। क्विंटन डी कॉक ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और आज वो दक्षिण अफ्रीका के लिए तीनों ही फॉर्मेट की टीम का हिस्सा हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक की बल्लेबाजी में अच्छी क्षमता है और वो एक मंझे हुए बाएं हाथ के बल्लेबाज बन चुके हैं। तभी तो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्विंटन डी कॉक की तुलना ब्रायन लारा और कुमार संगकारा जैसे महान बाएं हाथ के बल्लेबाजों के साथ की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अपने एक कॉलम में गौतम गंभीर ने लिखा कि दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के संदर्भ में, विजिटर टीम इससे संबंधित हो सकती है क्योंकि वो एक खराब विश्व कप अभियान के बाद पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट में उतर रहे हैं। आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो तो प्लीज इसे लाइक करें अपने दोस्तों तक इस खबर को सबसे पहले पहुंचाने के लिए शेयर करें। साथ ही कोई सुझाव देना चाहे तो प्लीज कमेंट करें। अगर आपने हमारा पेज अब तक लाइक नहीं किया हो तो कृपया इसे जल्दी लाइक करें, जिससे लेटेस्ट अपडेट आप तक पहुंचा सके।
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Ranchi: मारवाड़ी कॉलेज ने अपने वोकेशनल कोर्स की एडमिशन लिस्ट जारी कर दी है. कॉलेज की ओर से कराये जा रहे बीसीए, आइटी, बीबीए, बीसीएम, बीएससी बायोटेक, सीएनडी, अमानत और फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स का एडमिशन लिस्ट जारी किया गया है. जिन स्टूडेंट्स का सेलेक्शन हुआ है, वे एडमिशन ले सकते हैं. कॉलेज प्रशासन की ओर से कहा गया है कि फर्स्ट लिस्ट में जिन स्टूडेंट्स का नाम आ चुका है, वे प्रोविजनल एडमिशन ले सकते हैं. एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को मारवाड़ी कॉलेज की वेबसाइट पर जा कर, वहां दिये गये स्टूडेंट्स पोर्टल के माध्यम से नामांकन लेना होगा. कॉलेज की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार स्टूडेंट्स को प्रोविजनल एडमिशन के लिए उसी ई-मेल आइडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करना होगा, जिसका उपयोग एडमिशन फॉर्म भरने के लिए किया गया है. स्टूडेंट्स उसी मेल आइडी की मदद से मारवाड़ी कॉलेज के वेबसाइट में दिये गये स्टूडेंट्स पोर्टल में लॉग इन करेंगे. यहां अपने कोर्स के मुताबिक एडमिशन फीस दे कर प्रोविजनल एडमिशन लेंगे. कॉलेज प्रबंधन ने कहा है कि प्रोविजनल एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को स्थिति सामान्य होेने पर या फिर कॉलेज की ओर से बुलाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जायेगा.
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रात्रौ निद्रां कथमपि चिरात् प्राप्य यावद्भवन्तं, लब्ध्वा स्वप्ने प्रणयवचनैः किंचिदिच्छामि वक्तुम् । तावत्तस्या भवतिं दुरितैः प्राक्कृतै विरामः, करस्तस्मिन्नपि न सहते संगमं नौ कृतान्तः ।। ११३॥ भी क्यों न हो ? काम - देव का उसपर कोप भी तो बहुत है, परन्तु इसका कारण वह स्वयं नहीं। जब वह श्री नेमि के तप को प्रलोभनों से भंग न कर सका, तब उसने अपना बदला बेचारी 'अवला' से लिया; ठीक है बेचारी पार्वती को भी तो यही सहना पड़ा था :-- असह्य हुंकार - निवर्तितः पुरा पुरारिमप्राप्तमुखः शिलीमुखः । मां हृदि व्यायत पातमक्षिणो द्विशीर्ण मूर्तेरपि पुष्पधन्वनः । तत्सख्योक्ते वचसि सदयइस प्रकार की व्यथा और वेदना सुनकर 'प्राणि - त्राण - प्रवरण हृदय श्री नेमिनाथ भला कैसे न पसीजते । उनका हृदय दया से द्रवीभूत होगया, परन्तु अर्थकाम परायण होने के लिये नहीं, अपितु धर्ममोन के विस्तार के लिए, स्वयं नीचे गिरने के लिये नहीं, राजमती को अपने स्तर पर लाने के लिये :+ स्तां सतीमेकचित्तां, संवोध्येशः सभवविरतो रम्य धर्मोपदेशैः । श्रत. नेमिदूत मे जो रस - विस्तार पाया जाता है, वह रीतिकालीन शृङ्गारियों तथा अर्थकाम परायण प्रगतिवादियों की खोलने वाला होना चाहिये । भारतीय साहित्य में जिस शृद्वार की महिमा हैं, वह ऐसे की ही, न कि इंद्रियलोलुपता बढ़ाने वाले बिलासप्रधान शृङ्गार को । धर्म-मोक्ष की ओर जाने वाला ही शृद्वार व्यक्ति के चरित्र को उदात्त बना सकता है,, और मानव-व्यवहार में "रसौ वै सः" को उतार कर मनुष्य जीवन को सुन्दर, सत्य और शिव बनाता है। क्या हमारे साहित्य में शृद्वार के इस आदर्श की पुन. स्थापना हो सकेगी ? । एम. ए, डी लिट. भारतीय कवियों में महाकवि कालिदाम कवियों में सिरमौर हैं। उनकी सुलक्षित रचनाओं ने परवर्ती अनेक कवियों को प्रेरणा देकर काव्यनिर्माण में अपर किया। उनके काव्य में भी मेघदूत सबसे छोटा होने पर भी काव्य चमत्कृति में विलक्षण है। इसमें मेघ को दूत बनाकर महाकवि ने नायक का सवाद नायिका को प्रेषण कर अपनी अनोखी सूझ का परिचय दिया है । इस काव्य से प्रभावित होकर विभिन्न कवियों ने ६०-७० दूत काव्यों का सृजन किया है * एवं कई सुकवियों ने तो इसी काव्य के अन्तिम एवं समग्र चरा लेकर पादपूर्ति काव्यों की सृष्टि की है, जिनका परिचय आगे दिया जायगा । प्रस्तुत नेमिदूत भी उन्हीं में से एक जैसा कि मैने इसी ग्रन्थमाला से प्रकाशित ' भावारिवारण पादपूयदि स्तोत्रसग्रहः " की प्रस्तावना में चतलाया है कि पादपूर्ति काव्यों के निर्माण का प्रारभ ही कविकालिदास के मेघदूत के सममचरण पाडपूर्तिरूप 'पार्वाभ्युदय' x काव्य से हुई है । इसके रचियता दि० श्राचार्य जिनसेन हैं, जिनका समय ६ वीं शती है, प्रत जैन कवियों ने उससे अधिक प्रेरणा ली, यह स्वाभाविक ही है । उपलब्ध पादपूर्ति-काव्य साहित्य में जैन कवियों की रचनाओं की प्रधानता xx इसका ज्वलन्त प्रमाण है। मेघदूत १ - देखें - संस्कृत में दूत काव्य साहित्य का निकास और विकास ( प्र . जैन सिद्धान्त भारतवर्ष २ अ २ ) । दूत काव्य सम्बन्धी कुछ ज्ञातव्य बाते शीर्षक मेरा लेख वही भा ३ कि १ २ ढे. जैन साहित्य और इतिहास पु. 10४ से ६. ३ - दे. • मेरा "जैन पादपूर्ति काव्य साहित्य " शीर्पक लेख ( प्र० वही भा. ३- कि० २-३, की पादपूर्ति रचनाओं को ही लीजिये। अभी तक ऐसी ६ रचनाओं का पता चला है जिनमें से मात जैन कवियों की है। पाठकों की जानकारी के लिये यहा उनका सक्षिप्त परिचय दे दिया जाता है -- १ - पार्श्वभ्युदय --मेघदूत की समग्र पादपूर्तिरूप यह एक ही एवं सर्व प्रथम काव्य है । मा जिनसेन ने ३६४ मन्दाकान्ता वृत्तों में भ० पार्श्वनाथ का चरित्र सुन्दर ढंग से गुफित किया है । इसके प्रत्येक श्लोक में मेघदूत के एक या दो चरण वेष्टित कर शृंगार रस के काव्य को वैराग्य -शान्तरस में परिणत कर कवि ने अपूर्व असाधारण विद्वता का परिचय दिया है। पादपूर्ति-काव्य रचना में कवि के पराधीन होने से दुरुहता एव नीरसता का आजाना स्वाभाविक सा है पर प्रस्तुत काव्य उसका अपवाद है। इसको पढकर पाठक मौलिक काव्य जैसा ही रसास्वादन कर आनन्द विभोर हो जाता है । सस्कृत काव्यों में अपने ढंग का यह एक द्वितीय काव्य है । प्रस्तुत काव्य व्याख्या सह प्रकाशित हो चुका है । अब जिन काव्यों का परिचय दिया जा रहा है वे सभी अन्य पादपूर्ति रूप हैं । २ - नेमिदूत -- प्रस्तुत ही है, इसका परिचय आगे दिया जा रहा है ३ - शीलदूत -बृहत्तपागच्ट्रीय चारित्रसुन्दर गणि ने सं० १४८४ (७२) खभात में इसकी रचना की। इसमें था. स्थूनिभद्र का चरित्र वर्णित है । यशोविजय ग्रन्थमाला से यह प्रकाशित हो चुका है। इसके १२५ श्लोकों में मेघदूत के अन्त्यचरण सन्निवेशित हैं । ४- चन्द्रदूत - खरतरगच्छीय कवि विमलकीर्ति ने सं० १६६१ में इसकी रचना की। इसमें १४१ श्लोक है। कवि ने चन्द्र को शत्रु जय जाकर नामेय ( ऋषभदेव ) जिन को वन्दना निवेदन करने मेजा है। इसकी एक मात्र प्रति मेरे अभय जैन सम्रहालय में है। पं० माधव कृष्ण शर्मा - ( क्यूरेटर - अनूप सस्कृत लायब्रेरी बीकानेर ) द्वारा अभ्यार (2) लायब्रेरी पत्रिका में इसके ३०-३५ श्लोक प्रकाशित किये हैं । ५ मेघदूत समस्या लेख - टारवीं शताब्दी के सुप्रसिद्ध विद्वान् उपाध्याय मेघविजयजी की १३० श्लोकात्मक यह रचना है। कवि ने मेघ द्वारा औरंगाबाद से गच्छाधिपति विजयप्रभसूरि को दीवबन्दर को विज्ञप्ति प्रेषणरूप में इसकी रचना स० १७२७ में की है। आत्मानन्द सभा भावनगर से यह काव्य प्रकाशित हो चुका ह । ६ - चेतोदूत - चित्त को दूत बनाकर गुरुश्री के पास विज्ञप्ति प्रेषणरूप में इसकी रचना हुई है। रचना वडी मधुर एवं प्रासादिक है, पर कर्ता का नाम नहीं । इसकी पद्य सख्या १२६ है, एव उपर्युक्त आत्मानन्द सभा से प्रकाशित है। ७- हंसपादाकदूत - विद्वद्वर नाथूरामजी प्रेमी के विद्वरत्नमाला के पृष्ठ ४६ में इसका उल्लेख हूँ । विशेष परिचय ज्ञात न हो सका । मेघदूत के जैनेतर पादपूर्ति काव्यद्वय इस प्रकार हैं८ - सिद्धदूत - श्रवधूतरामयोगी ने सं० १४२३ के माघ वदि १४ रेवातस्थ भट्टपुर में यशस्वी मल्लदेव के राज्य में व्यास श्रीचाङ्गदेव के कौतुहलार्थ इसकी रचना की। इसमें कैलाशस्थ ब्रह्मविद्या के पास छाया पुरुष को दूत नियुक्त कर मेजा गया है । यह भी मेघदूत के चतुर्थ पाद के पूर्तिरुप १३८ श्लोकों में है । श्रीहेमचन्द्राचार्य - प्रन्थावली पाटन के तृतीय ग्रन्धाक रूप से सन १६२७ में प्रकाशित है। ६- हनूमतदूत - जोधपुर के आशुकवि प० नित्यानन्दजी शास्त्री ने कुछ वर्ष पूर्व ही इसकी रचनाकर वैंकटेश्वर प्रेस बम्बई से हिन्दी पद्यानुवाद सह प्रकाशित करवाया है अब नेमिदूत काव्य का सक्षिप्त परिचय करवाया जा रहा नेमिदूत काव्य और उसके रचयिता बाईसवें तीर्थंकर बालब्रह्मचारी भ० नेमिनाथ विवाह के भोजनोमें एकत्र पशुओं की करुणावश राजीमती से विवाह नहीं करते हुए तोरण से रथ फेर गिरनार पर जाकर प्रनजित हुये । स्नेहवश मती राजीमती ने उनके समीप जाकर वापिस लौटने की विशेषरूप से प्रार्थना की । पर भ० नेमिनाथ ने उसे अस्वीकार करते हुए वैराग्यमय सद्बोध देकर दीक्षित कर उनको अपनी चिरसगिनी बना लिया। उसी प्रसग को लेकर कवि ने प्रस्तुत काव्य की रचना मेघदूत के अन्त्यचरण के पादपूर्तिरूप में १२५ श्लोकों में की है । इस काव्य का नामकरण कवि ने नेमिदूत न कर नेमिचरित ही किया ' प्रतीत होता है, पर केवल मेघदूत की पादपूर्तिरूप होने से उसकी स्मृति सूचव - दूतकाव्य न होने पर भी शीलदूतादि की भाति इसकी प्रसिद्धि नेमिदूत के नाम से हो गई प्रतीत होती है । निर्णयसागर प्रेस बम्बई से काव्यमाला द्वितीय गुच्छक में मूलमात्र से यह प्रकाशित भी हो चुका है. एव उदयलाल काशलीवाल का हिन्दी अनुवाद भी पूर्व प्रकाशित है, पर यहां यह गुणविनय की वृति के साथ प्रकाशित हो रहा है । प्रस्तुत तिकी प्रति महो रामलालजी के संग्रह में करीब १५ वर्ष पूर्व हमारे अवलोकन में आई थी, जिसका उल्लेख हमने अपने चु० जिनचन्द्रसूर ग्रन्थ में किया था। इसको प्रति अन्यत्र कहीं जात न होने से गतवर्ष हमने १० रामसागरसी मिश्र से उसका प्रेसकॉपी तैयार करवाली थी, एष जैन सत्य प्रकाश के कमाक १२३ में इसका परिचय प्रकाशित करते हुए इसे 'जो प्रकाशित करना
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अAhmedabad, 1 जुलाई . Gujarat हाईकोर्ट ने तिस्ता सेतलवाड की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. Saturday को कोर्ट ने केस में अवलोकन दिया कि केस की गंभीरता को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है. केस की जांच और चार्जफ्रेम में तिस्ता को सहयोग करना चाहिए. कोर्ट ने जमानत याचिका रद्द करने के साथ तत्काल सरेंडर करने का आदेश जारी किया है. तिस्ता पर 2002 के गोधराकांड के बाद हुए दंगों से जुड़े केस के सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और साक्षियों को प्रशिक्षण देने का आरोप है. Gujarat हाईकोर्ट में तिस्ता सेतलवाड ने नियमित जमानत की याचिका दायर की थी, इस पर Saturday को सुनवाई की गई. सेतलवाड की जमानत याचिका पर जज निर्जल देसाई के आदेश देने के बाद वरिष्ठ वकील मिहिर ठाकोर ने कोर्ट के आदेश पर 30 दिन की रोक लगाने की विनती की. लेकिन, जज देसाई ने इस विनती को भी ठुकरा दिया. हाईकोर्ट ने Supreme court में अपील होने तक निर्णय पर रोक लगाने की तिस्ता के वकील की मांग को भी नकार दिया. इसके अलावा सेशन्स कोर्ट में चल रहे केस में तिस्ता को सहयोग करने की कोर्ट ने आदेश दिया. Supreme court ने सेतलवाड को सितम्बर, 2022 में समय अंतराल की जमानत की वजह से अभी तक वे गिरफ्तारी से बच रही थी. इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत से मुक्त किया गया था. Supreme court ने Gujarat के तत्कालीन Chief Minister Narendra Modi को क्लीन चिट देते एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तिस्ता सेतलवाड अपने स्वार्थ साबित करने में व्यस्त है. कोर्ट ने संजीव भट्ट और आर बी श्रीकुमार के जरिए गलत शपथपत्र फाइल करने का भी उल्लेख किया था.
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हिन्दी मन्त्रों में शिक्षा का माध्यम था, पूछा कि तुम यहीं रहोगे या पाकिस्तान जाओगे ? उसने कहा, हम तो यहीं रहेंगे, पाकिस्तान में रोजगार जमाने के लिये सरता कहाँ से लायें ? लेखक ने कहा कि इसमें कठिनता नहीं होगी क्योंकि पाकिस्तान में व्यापारियो और कारीगरों की कमी है। उसने जवाब दिया कि हाँ साहव, यह ठीक है कि बड़े बड़े शहर सब निकल गये । यह एक गरीब अ मुसलमान की मनोवृत्ति है जो स्वयं करता है कि मुझे यहीं रहना है ! यह दिल में अपने को यहाँ का नहीं बन पाकिस्तान का नागरिक मानता और उसकी सहानुनत, प्रेम तथा देशभक्ति पाकिस्तान के साथ हैं। लेखक ने उनसे फिर पूछा, तो फिर शिक्षा साहब ने पाकिस्तान किया को ? उनका उत्तर सुनकर लेखक तो सिरहा। उसने कहा, मनिक यो कहिये उसके मुँह से बेसाला निकल गया, इसे ही पूरे हिन्दुस्तान पर कब्जा करना है कि इस लुरुक हुति में अन्य क्या आप उन्हे माध्यम का प्रबंध करके जात सकते है ? क्याबिकेवल उनकी महत्वाकांक्षाओं को और प्रवत्त करने में उसे अपने को अन्य प्रान्त व नियो से पृथक अनुभव कराने में, देश के विरुद्ध पड्यन्त्र स्त्राने में और पाकि स्नान से चलने वाले संकेतों और कुचकी को सपतीभूत कराने में सहायक होगा। उर्दू माध्यम वाले स्कूल और कालेज (अथवा उर्दू माध्यम बाले क्लास ) फिस्थ कालम बालों के स्रोत. उनके रिक्षा ग्रह, उनके अड्डे और दिमाग़ बन जायेंगे। उर्दू माध्यम का प्रवन्ध करना अपने हाथ से अपने पैर में कुल्हाड़ी मारता होगा। अगर इस इन दुसलमानों को अपने में मितान और समाना चाहते हैं और अगर हम चाहते हैं कि हिन्दी मानों का जीवन साम्प्रदायिकता और ट्रेन से मुक्त हो जाय, तो उसका एक ही राय है प्राप्त भर के लिये, सबके लिये केवल हिन्दी माध्यम स्वीकृत किया जाय । इसी प्रकार प्रान्त में राष्ट्रीय और एकरस जीवन का निर्माण हो सकता है. एकता की नींव इसी आधार पर की जा सकती है, इसी प्रकार प्रान्त दो-दो भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने के दुष्परिणाम अनन्त बखेड़े, परेशानियों और फिज़ूल ख़र्च से बच सकता है, इसी प्रकार हिन्दी और हिन्दी संस्कृति की शुद्धता की रक्षा हो सकती है, इसी प्रकार हिंन्दी अपने अपने प्रदेश में प्रखण्ड राज्य करने वाली प्रान्तीय भाषाओं की भाँति उन्नति कर सकती है, और इसी प्रकार हिन्दी प्रान्त अन्य एकभाषा-भाषी प्रान्तों की भाँति उन्नति कर सकते हैं। विस्तार में जाने की आवश्यकता नहीं । शहरों में रहने वाले थोड़े से मुसलमानों (और थोड़े से हिन्दुओं ) के कारण हिन्दी प्रांतों का भविष्य नहीं बिगाड़ा जा सकता और हिंदू करदाताओं का रुपया नहीं लुटाया जा सकता । अल्पसंख्यकों के साथ न्याय अथवा उनके धर्म और संस्कृति की रक्षा का अर्थ यह नहीं है कि प्रान्त का जीवन दो कर दिया जाय और प्रान्त के लिये असीम कठिनाइयाँ पैदा कर दी जायें । टुक हिन्दी प्रान्तों में मुसलमानों को संस्कृति और भाषा ( उनकी मातृ-भाषा क्या है ! ) की रक्षा का अर्थ यही हो सकता है कि पाठ्यक्रम में उर्दू वैकल्पिक विषय रहे ताकि जो विद्यार्थी चाहे वह उर्दू भाषा और साहित्य का विषय ले सके । अधिक से अधिक यह हो सकता है कि विशेष परिस्थितियों में, जैसे एक स्कूल में एक निश्चित अनुपात से अधिक संख्या में विद्यार्थियों के माँगने पर, प्राथमिक शिक्षा उर्दू के माध्यम से भी देने की सुविधा दे दी जाय ( यह सुविधा भी तभी दी जा सकती है जब पाकिस्तान में हिन्दी वालों को हिन्दी के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा दी जाय ) । पाकिस्तान की सरकार भी यदि बह अल्पसंख्यकों के प्रति बहुत उदार हुई और उसने उनकी संस्कृति की रक्षा करने के विषय में दिये हुये अपने आश्वासनों को पूरा किया तो, हद से हृद यह करेगी कि पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा और साहित्य का विषय वैकल्पिक विषय के रूप में रख देगी, परन्तु बहाँ शिक्षा का माध्यम उर्दू ही होगा । अलीगढ़ विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर डा० ज़ियाउद्दीन ( जिन्हें पाकिस्तान सरकार ने ऐसे मुसलमान हिन्दी प्रान्तों में शिक्षा का माध्यम इौंजीनियरों, मुसलमान वैज्ञानिकों और अन्य मुसलमान टेकनिकल व्यक्तियों को सूची बनाने का काम सौना है जो पाकिस्तान की सेवा करने को तैयार है ) ने सटतः घोषित कर दिया है कि पाकिस्तान के सब विश्व विद्यालयों ( अर्थात ढाका विश्वविद्यालय का भी की शिक्षा का माध्यम उर्दू होगा, और यह भी कहा है कि अलीगढ़ विश्वविद्यालय का सो माध्यम उर्दू होगा । सिन्ध के शिक्षा मंत्री ने बताया है कि कराची विश्वविद्यालय को शिक्षा का माध्यम तो उडू होगा हो, सिन्ध में, और पाकिस्तान भर में, माध्यमिक शिक्षा का भी साध्यम उई होगा और उर्दू का विषय प्राथमिक स्वेज से ही सबके तिये अनिवार्य होगा अलवत्ता प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जायसी ( यह देखना बाकी है कि प्राथमिक शिक्षा लिये ही हिन्दी भी माध्यम के रूप में स्वीकृत की नित्य सरकार ने जिन्दुकों की शिक्षा संस्थाओं को जो संभव था शिक्षा का माध्यम बनासीत्वसकी वो है कि यदि उन्होंने विषय में सरकारी नीति का अनुकरण न किया तो सरकारी सवव विलकुम बन्द कर दी जायगी, और यह भी घोषित कर दिया गया है कि सित्य को जो भी शिक्षा संस्था, चाहे उसे सरकार एक पैसे की सीवन देती हो. कराची विश्वविद्यालय से अस्ता सस्वस्थ नहीं जोड़ेगी (अर्थात जो ब्रह को शिक्षा का माध्यन नहीं बनी उसे सरकारी स्वीकृति । Facognition ) प्राप्त नहीं होगी। यहाँ यह बताना जरूरी है कि पाकिस्तान के उच्च शिक्षा का माध्यम केवल एक स्वकर अनुचित नहीं किया है। सभी उन्नति शील और प्रजातांत्रिक देशों में जहाँ एक अल्पसंख्यक दल को खुश करने के लिये उसके साथ विशेष व्यवहार करना और उसे सिर पर बैठाना राष्ट्रीयता नहीं समझा जाता, ऐसा हो होता है । अमरीका की हो मिसाल दी जा सकती है, जहाँ जर्मन, डच, फांसीसी, अँगरेज आदि सभी नागरिकों की शिक्षा का माध्यम केवल एक, अँगरेजी, है । राष्ट्रीय
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Saraswati Puja: बसंत पंचमी के इस मौके पर माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जा रही है। जानिए इस मौके पर माता सरस्वती की आराधना के लिए पढ़े जाने वाले चालीसा, वंदना और मंत्र कौन-कौन से हैं। Basant Panchami 2021:बसंत पंचमी का त्योहार आज यानी 16 फरवरी (मंगलवार) को देश भर में मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माता सरस्वती प्रकट हुई थीं। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाए जाने वाले इस खास पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस बार की बात करें तो माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 16 फरवरी, 2021 को तड़के 3. 36 बजे हुई है और इसका समापन 17 फरवरी (बुधवार) को सुबह 5. 46 बजे होगा। पूरे दिन पंचमी तिथि रहेगी। वहीं, बसंत पंचमी पर इस बार सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त करीब साढ़े पांच घंटे का है। अलग-अलग स्थानों पर समय में कुछ अंतर रह सकता है। दिल्ली बात करें तो यहां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त शुभ मुहूर्त 16 फरवरी को सुबह 6. 59 बजे से दोपहर 12. 35 तक है। सरस्वती वंदना (Saraswati Vandana) या श्वेतपद्मासना। वर दे, वीणावादिनि वर दे ! भारत में भर दे! बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर; जगमग जग कर दे! नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव; नव पर, नव स्वर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। मां सरस्वती की आरती (Maa Saraswati Aarti) ऊं जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ऊं जय. . चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी। सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥ ऊं जय. . बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला। शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला॥ ऊं जय. . देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥ ऊं जय. . विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो। मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो॥ ऊं जय. . धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो। ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥ ऊं जय. . मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें। हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें॥ ऊं जय. . जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ऊं जय. . ऊं जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय जय जय वीणाकर धारी। रूप चतुर्भुज धारी माता। जग में पाप बुद्धि जब होती। तब ही मातु का निज अवतारी। वाल्मीकिजी थे हत्यारा। रामचरित जो रचे बनाई। कालिदास जो भये विख्याता। तुलसी सूर आदि विद्वाना। तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा। करहु कृपा सोइ मातु भवानी। पुत्र करहिं अपराध बहूता। राखु लाज जननि अब मेरी। मैं अनाथ तेरी अवलंबा। मधु-कैटभ जो अति बलवाना। समर हजार पांच में घोरा। मातु सहाय कीन्ह तेहि काला। तेहि ते मृत्यु भई खल केरी। चंड मुण्ड जो थे विख्याता। रक्त बीज से समरथ पापी। काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा। जगप्रसिद्ध जो शुंभ-निशुंभा। भरत-मातु बुद्धि फेरेऊ जाई। एहिविधि रावण वध तू कीन्हा। को समरथ तव यश गुन गाना। विष्णु रुद्र जस कहिन मारी। रक्त दन्तिका और शताक्षी। दुर्गम काज धरा पर कीन्हा। दुर्ग आदि हरनी तू माता। नृप कोपित को मारन चाहे। सागर मध्य पोत के भंजे। भूत प्रेत बाधा या दुःख में। नाम जपे मंगल सब होई। पुत्रहीन जो आतुर भाई। करै पाठ नित यह चालीसा। धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै। भक्ति मातु की करैं हमेशा। बंदी पाठ करें सत बारा। रामसागर बांधि हेतु भवानी। मातु सूर्य कान्ति तव, अन्धकार मम रूप। बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।
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सुनने को मिलता है, पर प्रधानता वह सदैव विवेक को देते हैं । कर्तव्य विवेक का औरस है, दुख-सुख प्रेम के भाई-वहिन । सरलासुवोध से सहानुभूति रखते हुए भी प्रबोध बाबू उनसे संतुष्ट नहीं रहते थे। वे जानते थे कि सुबोध का सांसारिक मूल्य नहीं के वरावर है; और कोई मूल्य है या नहीं, वह विचारणीय है, कहा नहीं जा सकता था । ऐसी हालत में सरला को जान-बूझकर अन्धे कुँए में गिरने देना कैसे बुद्धिमानी कही जा सकती थी ! उसमें पानी न निकला तो ? कन्या के भविष्य के लिए पितृ-हृदय शंका और स्नेह से भर उठता था । पर घर में दीप जलाकर प्रकाश का उपयोग करना एक बात है, स्वयं दीप की तरह जल उठकर प्रकाश बन जाना दूसरी बात ! प्रेम ज्वाला है, वह जिस पर पड़ता है उसी को भस्म कर ज्याला में बदल देता है । वह प्रकाश पुत्र है । या प्रेम की सेवा कीजिए, या संसार से सेवा करवाइए ! या स्वर्ग की सृष्टि कीजिए या स्वर्ग का उपयोग कीजिए ! या पतङ्ग की तरह के अपना सर्वस्व स्वाहाकर असीम प्रकाश बन जाइए, या सुख, संपत्ति, संस्कृति, और स्वर्ग में सीमित हो जानेवाले संसार की कामना कीजिए । एक सरण शील है, दूसरा अमर । एक सुख से दुख की ओर ले जाता है, दूसरा दुःख से सुख की ओर । सूक्ष्मतः, दोनों भिन्न भी हैं, अभिन्न भी ।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ. फ्रैंक वाल्टर स्टेनमेयर की अगवानी की। मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री स्टेनमेयर ने भारत में नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की जर्मनी की मजबूत इच्छा व्यक्त की, जिससे कि द्विपक्षीय संबंध और विस्तारित तथा गहरे हों। उन्होंने हेनोवर मेस-2015 में भारत के एक साझेदार देश के रुप में भाग लेने के लिए चांसलर मर्केल के आमंत्रण को स्वीकार करने के भारत के फैसले का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने 17 जुलाई को जर्मनी से होकर गुजरते हुए चांसलर मर्केल के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी सार्थक बातचीत याद की। उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों के प्रति चांसलर मर्केल की व्यक्तिगत दिलचस्पी और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत 2015 में अंतःसरकारी सलाह-मशविरा बैठक के अगले दौर के लिए चांसलर मर्केल की यात्रा की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले दशक के दौरान जर्मनी के उल्लेखनीय आर्थिक पुनरुत्थान की सराहना की। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों से बंधे भारत और जर्मनी को "एक-दूसरे के लिए निर्मित" बताया, जो पूरक कौशलों और संसाधनों के कारण विनिर्माण और ढांचागत विकास में साझेदारी करने के जरिए औद्योगिक विकास की अगली पीढ़ी को ताकत दे सकते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी सलाह दी कि कौशल विकास के क्षेत्र में जर्मनी की ताकत और अनुभव का लाभ उठाकर दोनों पक्ष भारतीय जरूरतों और कुशल मानव संसाधनों की वैश्विक जरुरतों की पूर्ति के लिए भारतीय युवकों की एक ठोस समय प्रशिक्षण योजना विकसित करें। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में जारी सहयोग को और आगे बढ़ाने तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जल प्रशोधन तथा नदियों को स्वच्छ करने के क्षेत्रों में नई साझेदारी विकसित करने की भी अपील की। इस पर सहमति जताई गई कि दोनों पक्ष अगली अंतःसरकारी सलाह-मशविरा बैठक में इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में सहयोग के लिए ठोस रोडमैप को अंतिम रुप देने के लक्ष्य के साथ तैयारी की शुरुआत करेंगे। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हेनोवर मेस-2015 से पहले मुद्दा विशिष्ट कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।
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टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहती हैं. इन दिनों वह अलग-अलग तरह की तस्वीरें और वीडियोज वह अपने फैंस के साथ शेयर कर रही हैं. फैंस भी उनके हर पोस्ट को जमकर वायरल करते हैं. इस बार निया शर्मा ने बेहतरीन डांस मूव्स के साथ एक वीडियो शेयर किया है जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. उनका गाना 'दो घूंट' रिलीज हुआ है और यह लोगों को पसंद आ रहा है. निया ने एक ऐसा वीडियो शेयर किया है जिसमें वह अपने हॉट अंदाज से लोगों को दीवाना बना रही हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं कि ब्लैक एंड व्हाइट ड्रेस में निया शर्मा काफी बोल्ड नजर आ रही हैं. इसके साथ ही उनके डांस मूव्स से तो किसी की नजर हट ही नहीं सकती है. नया शर्मा के इस वीडियो को महत 3 घंटे पहले शेयर किया गया है और इसे अब तक 4 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. फैंस इस वीडियो को जमकर पसंद कर रहे हैं और शेयर भी कर रहे हैं. बता दें, निया ने अपने करियर की शुरुआत एक हजारों में मेरी बहना है सीरियल से की थी. इसके बाद निया ने जमाई राजा, इश्क में मरजांवा, नागिन, फियर फैक्टरः खतरों के खिलाड़ी, कॉमेडी नाइट्स बचाओ, काली, किंग ऑफ हार्ट्स, बहनें, मेरी दुर्गा जैसे सीरियल और शोज में नजर आ चुकी हैं. निया कुछ वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं और वह अपने सोशल मीडिया पोस्ट के कारण चर्चा में रहती हैं.
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ध्रुव प्रदेश की लोमड़ी का चमड़ा साधारण अवस्था में भी अच्छा होता है; किन्तु जब, वह जाड़े में स्वच्छ हो जाता है और बिल्कुल श्वेत रङ्ग का निकलता है तो इसका मूल्य बहुत अधिक • होता है। ऐसे चमड़े का बना चोगा केवल लाखों में ही मोल लिया जा सकता है। इतना ही नहीं इस जन्तु के रोयें भी बहुमूल्य होते हैं । वृद्धा लोमड़ी के महीन और सुन्दर रोयें अच्छी दशा में अपने कई गुने तोल के सोने के मूल्य के होते हैं । दूसरे देशों की लोमड़ी जहाँ तक होता है बिल खोदने से जी चुराती है और बनी बनाई भीटे को ढूँढ़ती है। किसी खरगोश बिल को यह प्रायः अपना लेती है। यद्यपि लोमड़ी खरगोश से बहुत बड़ी होती है तथापि उस छोटे बिल को ही अधिक चौड़ा कर अपना बिल बना लेती है, जिसमें अधिक परिश्रम से जमीन खोदनी न पड़े। जैसे बर्मे द्वारा लकड़ी में एक छोटे छेद के स्थान पर चौड़ा छेद बना लेना सुगम होता है उसी प्रकार लोमड़ी को भी छोटे बिल को चौड़ा कर लेना सरल होता है। जब कभी किसी अवसर पर अभाग्य से ऐसा बिल न मिल सका तो उसे स्वयं पूरा बिल खोदना पड़ता है। वहाँ पर वह अन्य बहुत से जन्तुओं की भाँति दिन में सोया करती है और रात को बाहर निकल पड़ती है। यहीं पर मादा बच्चे देती है। कभी-कभी सन्ध्या को सम्पूर्ण कुटुम्ब बिल के आस-पास घूमता दिखायी पड़ता है; बच्चे बिल से कभी दूर नहीं जाते। बूंदर मूषक भारतीय मैदानी चूहा या छछून्दर चूहा बिल खोदकर छछून्दर की भाँति दूहे बना लेता है इसलिये उसे छछून्दर-मूषक नाम दिया जा सकता है। इसके शरीर पर लम्बे बाल होते हैं तथा पीठ पर कड़कड़ाते बाल होते हैं। इसके शरीर का रङ्ग गहरे धूसरपन युक्त भूरा तथा हल्के पीले रङ्ग के छींटे युक्त होता है । अधोतल कुछ धूमिल होता है । यह भारत के सारे भागों में पाया जाता है। स्थलों में अधिक रहता है । भारतीय छछून्दर - मूषक प्रायः खेतों, फुलवाड़ियों और चरागाहों में रहता है किन्तु पतझड़ वाले या सदाबहार वृक्ष के जङ्गलों या बञ्जर भूमि में भी रहता है । खोदी हुई मिट्टी के नए दूहे से इसकी उपस्थिति ज्ञात होती है। बिल खोदकर बाहर फेंकने से ढूहा बना होता है । बिल के द्वार से एक गोल कक्ष तक मार्ग गया होता है। कक्ष दो फुट या इससे भी अधिक गहराई में होता है। उसकी सुर २० गज या २० फुट या इससे कम ही लम्बी हो सकती है। बिल के स्थान पर ही उसकी लम्बाई निर्भर करती है। खेतों के मेड़ के नीचे बना बिल छोटा ही होता है। खुले मैदान में वह अधिक विस्तृत होती है। जब वह अधिक विस्तृत होता है तो सुरङ्ग के मार्ग में स्थान-स्थान पर कई जगह धरातल पर मिट्टी के ढूहे मिल सकते हैं किन्तु ऐसे मध्यवर्ती दूहों तक कोई बाह्य मार्ग नहीं दिखाई पड़ सकता । उनके अस्थायी द्वार बन्द कर दिए गए होते हैं और सुर अबाध रूप से आगे बढ़ी होती है। छोटे गोल कक्ष सुरङ्ग के मध्य या पार्श्व में बने होते हैं, जो शयन कक्ष से विशेष दूर नहीं होते। ये खाद्य भण्डार होते हैं। फसल पैदा होने के समय वे अन्न के दानों से भर लिए जाते हैं। इन संचित अन्न भण्डारों को प्राप्त करने के लिए धनहीन लोग बिलों को खोद डालते हैं। शयन कक्ष से कई मार्ग बाहर निकल भागने के होते हैं। उनके बाहरी द्वार प्रायः शिथिल मिट्टी से बन्द किए रहते हैं किन्तु भागने की आव श्यकता होने पर छछून्दर-मूषक उस शिथिल मिट्टी को ढकेलकर द्वार खुला बना लेता है ।
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ICC Mens T20 World Cup 2021: ऑस्ट्रेलिया ने 11 नवंबर को दुबई में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से मात दी. इसी के साथ पाकिस्तान का दूसरी बार टी20 विश्व कप खिताब जीतने का सपना टूट गया. पाकिस्तान ने 4 विकेट खोकर 176 रन बनाए. विशाल टारगेट का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 1 ओवर शेष रहते मुकाबला अपने नाम कर दूसरी बार खिताबी मुकाबले में जगह बनाई. पाकिस्तान ने सुपर-12 के अपने सभी पांच मैच जीते थे. ऐसे में इस टीम को फाइनल मुकाबले का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन शानदार बल्लेबाजी के बावजूद पाकिस्तान कसी हुई गेंदबाजी नहीं कर सका. बल्लेबाजी सलाहकार मैथ्यू हेडन (Matthew Hayden) और गेंदबाजी सलाहकार वर्नोन फिलेंडर (Vernon Philander) ने इस मुकाबले के बाद पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर बड़ा खुलासा किया है. मैथ्यू हेडन और वर्नोन फिलेंडर ने बताया कि आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हारने के बाद पाकिस्तान ड्रेसिंग रूम में कुछ भी ठीक नहीं था. कप्तान बाबर आजम की अगुवाई वाली टीम के खिलाड़ी पूरी तरह से टूट गए थे. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा शुक्रवार को पोस्ट किए गए एक वीडियो में हेडन और फिलेंडर 11 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया से पांच विकेट मिली हार के बाद ड्रेसिंग रूम के माहौल पर चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
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हालांकि यह कठोर प्रारूप वर्गीकरण है और प्रमुखता से देने वाले कारक सामग्री की गंभीरता वाले हो सकते हैं। तो सरलता का हिस्सा होने के तौर पर, रिपोर्ट 3 तरह की कंपनियों के बारे में बात करती है। हम इन तीन तरह की कंपनियों को इन तीन तरह से वर्गीकृत कर सकते हैं पहला ग्राहक केंद्रित कंपनियां, दूसरा गुणवत्ता केंद्रित कंपनियां और तीसरा वित्त केंद्रीय कंपनियां। (Refer Slide Time: 06:23 ) The identification of both customer-oriented and quality-oriented companies comes as welcome news to some young engineers, who fear that concern with the bottom line always dominates other concerns These types of companies differ in several ways: In the quality-oriented companies, quality (and of course safety) takes priority over cost and the customer's desires. Cost is still considered, but as one engineer put it, "Cost comes in only after our quality standards are met. तो दोनों रिवाजों का पता करना, ग्राहक केंद्रित और गुणवत्ता केंद्रित कंपनियां एक स्वागत समाचार की तरह कुछ युवा अभियंताओं के लिए आती हैं, जिन्हें हमेशा आधारभूत रेखा की चिंता होती है और हमेशा वह अपनी चिंता को आ भी रखते हैं। इस तरह की कंपनियां कई मायनों में अलग होती हैं। तो गुणवत्ता केंद्रित कंपनियों में गुणवत्ता और हां निश्चित तौर पर सुरक्षा के मुद्दे प्रमुखता से कीमत से ऊपर लिए जाते हैं और ग्राहक की मंशा को भी। तो कीमत अभी चिंता का विषय है, और यह कहते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण चिंता है परंतु यह हमेशा हमारे गुणवत्ता मानकों को हासिल करने के बाद आती है। तो इस तरह की कंपनियों में उनका केंद्र सिर्फ गुणवत्ता पर होता है। (Refer Slide Time: 07:30) Quality-oriented companies focus on listening to their customers, but take pride in being willing to say "no" to them. In one manager's words, "If a customer wants us to take a chance, we won't go along." Such companies try to convince customers to keep their applications of a product within the specifications for the product's appropriate use, but if they fail to convince the customer, will forfeit the business rather than supply a part or a device that will not perform the customer's job well. Although this strategy does not maximize short-term profits, the quality-oriented companies in this study had secured a large and growing share of the markets in which they competed, so their reputation for quality seems to have contributed to their long-range success. तो गुणवत्ता केंद्रित कंपनियां हमेशा अपने ग्राहक को सुनने पर केंद्रित होती हैं परंतु ना कहने पर भी उन्हें गर्व होता है। तो एक मैनेजर के शब्दों में, " अगर कोई ग्राहक कोई मौका लेना चाहता है तो हम अकेले नहीं जाएंगे।" इस तरह की कंपनियां अपने ग्राहक को समझाने की कोशिश करती हैंकि उत्पाद को उसके बताएं विशेष विवरण के अनुसार सही तौर पर प्रयोग करें परंतु अगर वह अपने ग्राहक को समझाने में असफल होते हैं तो उपकरण के हिस्से को उपलब्ध कराने के बजाए अपने व्यापार खो देंगे, और वह कंपनी ग्राहक की सेवा अच्छे से नहीं कर पाएगी। तो अगर हम देखें तो वह अपने ग्राहक को खो देंगे और क्योंकि अगर आप अपने ग्राहक को मना करते हैं और उनके द्वारा उत्पाद को उपयोग करने से सीमित करते हैं, और आप अपने ग्राहकों को यह बताएंगे कि इसे कैसे सबसे सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए जैसा कि उसे कंपनी के द्वारा बताया गया है। तो कई परिस्थितियों में ग्राहक असंतुष्ट हो जाते हैं और वह अपने आप को अलग कर सकते हैं। तो यह लाभदायक नहीं होगा और थोड़े समय के लिए ही लाभदायक लगेगा। परंतु अगर यह विश्वास को विकसित कर देता है, अगर यह एक बाजार के साथ गठजोड़ बना देता है और ग्राहक के साथ भी तब ऐसा हो सकता है कि यह लंबे समय तक चले, यह लंबी दूरी की सफलता हो सकती है। तो क्योंकि यह अपने आप लोगों के मन मे एक अच्छी कंपनी के तौर पर स्थापित हुआ है की यह कंपनी व्यापार छोड़ सकती है परंतु अपनी गुणवत्ता से समझौता नहीं कर सकती है। तो थोड़े समय मैं मुनाफा शुरू हो जाए यह एक अच्छी रणनीति नहीं हो सकती है क्योंकि यह लघु अवधि के मुनाफे को अधिकतम तक नहीं पहुंचा सकता। परंतु इस गुणवत्ता केंद्रित कंपनी के लिए यह दीर्घ अवधि के मुनाफे की तरह है क्योंकि उन्होंने गुणवत्ता को लेकर एक प्रतिष्ठा विकसित कर ली है। (Refer Slide Time: 10:18) Even in the quality-oriented companies, managers and engineers had different concerns and priorities. The engineers were likely to see managers as more concerned about cost or more superficial in their judgment, and the managers to view the engineers as likely "to go into too much detail." In the customer-oriented companies, customer satisfaction was the main objective. They replaced the internal standard of the quality-oriented companies with an external standard of satisfying the customer. Predictably, in such companies, engineers' quality concerns often conflicted with managers' desire to please the customer. तो गुणवत्ता केंद्रित कंपनियों में भी मैनेजर और अभियंता में उनके चिंता और प्राथमिकता को लेकर असहमति हो सकती है। अभियंता मैनेजर को कीमत की चिंता करने वाले के तौर पर देखते हैं या अपने निर्णय में बहुत ही सतही या उतले दिखते हैं और मैनेजर यह देखते हैं कि अभियंता और गहराई से उसमें जाएं। तो यह 1 तरीके से अनुभूति का अंतर है, अभियंता यह सोचते हैं कि वह कीमत के हिस्से के बारे में ज्यादा विचार करते हैं और वे सोचते हैं कि वे अभियंता अधिक अभियांत्रिकी के बारे में सोचते हैं, एक मैनेजर यह सोचते हैं कि अभियंता चीजों को बहुत गहराई से देख रहे हैं जबकि कीमत की तरफ उनका ध्यान होना चाहिए। तो इस तरह के विचारों में भिन्नता वहां पर होती है। जो ग्राहक केंद्रित कंपनियां होती हैं उनमें ग्राहक का संतोष होना प्राथमिकता होती है। तो वह अभ्यांतर मानक जोकि गुणवत्ता केंद्रित कंपनियों के होते हैं उसको बदलकर बाहें मानना जो कि ग्राहक की संतुष्टि है मे बदल देते हैं। तो इस वजह से इन कंपनियों में अभियंता गुणवत्ता के लिए चिंतित होते हैं और मैनेजर की इच्छा कि वह ग्राहक को खुश करें इसको लेकर उनमें मतभेद होते हैं। ग्राहक को खुश करने की प्रक्रिया में आप मेरे हिसाब से किसी उत्पाद को जल्दी पहुंचा सकते हैं परंतु उस जल्दी पहुंचाने के चक्कर में गुणवत्ता से कुछ हद तक समझौता हो सकता है जोकि मैनेजर के लिए ग्राहक को रोके रखने के उद्देश्य से चलता है। परंतु यह एक अभियंता के लिए ठीक नहीं है और इन्हीं वजहों से इन कंपनियों में अभियंता के गुणवत्ता को लेकर चिंता से मतभेद मैनेजर की इच्छा कि वह ग्राहक को खुश करें के साथ, उत्पन्न हो जाते हैं। (Refer Slide Time: 12:43) In finance-oriented companies the desire to maximize the number of units shipped conflicted not only with the engineer's concern for quality, but in some cases even with other ethical standards, such as when engineers or managers were pressured to adjust test results to make it seem that the product met the customer's specifications. What can be done to bring this balance? पुनः वित्त उन्मुख कंपनियों में, इच्छा बहुत अधिक होती है और शायद इकाइयों की संख्या जिन्हें भेजा गया वह नासिर अभियंताओं की गुणवत्ता को लेकर चिंता बल्कि दूसरे नैतिक मानकों के भी विरोध में होती है। जैसे कोई घटना, उनसे कहा जाता है कि वह परीक्षण के परिणामों को इस तरह से रखें कि वह उत्पाद की जरूरत से मेल खा जाएं, ग्राहक की जरूरतों के अनुसार भी यहां तक कि अगर वह परीक्षण को पास ना करें तब भी। तो हम क्या पाते हैं कि वित्त उन्मुख कंपनियों में रुचि प्रभावित होती है गुणवत्ता उन्मुख कंपनी और ग्राहक उन्मुक्त कंपनियों के साथ तो वह कोशिश करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सामान भेजें, बिना सेल्फ अभियंता की गुणवत्ता परीक्षण के चिंताओं के साथ विरोधाभासी होते हैं, उनके विस्तृत परीक्षण को लेकर इत्यादि परंतु यह किसी तरह से परीक्षणों के परिणामों को व्यवस्थित करते हैं; इसलिए यह मुझे सराहनीय लगते हैं कि हम कंपनी के साथ ग्राहक के संबंधों से विश्वसनीयता के मुद्दे पर खेल रहे हैं। तो हमने कंपनियों को 3 तरह से उन्मुख होते देखा कि चाहे वह गुणवत्ता के तौर पर उन्मुख हो, या वित्त उन्मुख, या ग्राहक उन्मुख यह आपस में एक दूसरे के विरोधी हैं, सबसे बड़ा प्रश्न यहां पर यह है कि तब कब और कौन कैसे संतुलन लाएगा, संतुलन लाने के लिए क्या किया जा सकता है। (Refer Slide Time: 14:45) Q2. Suppose you have an ethical concern, but the person or office to whom you are supposed to take your concern is unresponsive. Is there anything you can do other than keep quiet, quit, or "blow the whistle"? Key Question 2 तो जब आप यह बात करते हैं कि यहां पर कैसे संतुलन लाया जाए; तो हम क्या कर सकते हैं? हम समझदारी के उस धागे को देख सकते हैं जैसे जब भी हम गुणवत्ता की बात करते हैं। यह शेर उत्पादों की गुणवत्ता ही नहीं है, यह सेवाओं की गुणवत्ता भी है, और ग्राहक को अपने निर्णय में लाना अगर हम अच्छे गुणवत्तावान चीजों के लिए जा रहे हैं तब उन्हें उसे आवश्यकता अनुसार प्रयोग करना चाहिए । और अगर यह गुणवत्ता वाली चीजें सही तरह से की जाए तब इसमें समय लगाने की जरूरत होती है की प्रत्येक का गुणवत्ता परीक्षण गहनता से किया जाए और हम खाली एक बैच के बाद दूसरा बैच का उत्पादन नहीं कर सकते बिना किसी इसके उचित परीक्षण के तो आप अगर आज वित्तीय उन्मुखता के अंतर्गत बात करेंगे कि हमें अधिक उत्पादन करना है; हां हम इसमें कुछ भी गलत नहीं कर रहे हैं परंतु उसके लिए हम गुणवत्ता से समझौता नहीं कर सकते या उपभोक्ता के संतोष के हिस्से से समझौता नहीं कर सकते क्योंकि अगर हम गुणवत्ता पर केंद्रित होते हैं तब ही हम उपभोक्ता के संतोष के बारे में सोच सकते हैं। तो अगर और फिर से आप दोनों चीजों को देखें तब हमें उपभोक्ता की तरफ अनुकूलित ध्यान देना होगा और उनकी जरूरत की तरफ भी और यह कोशिश करनी होगी कि उन चीजों को डिजाइन के भाग में आमंत्रित करें और ज्यादा से ज्यादा उत्पादन मे अधिक मुनाफा कमाने के लिए ना पड़े जैसा कि वित्तीय उन्मुखता मे होता है। तो इन सब चीजों को संतुलित करने की आवश्यकता है। अब हम महत्वपूर्ण प्रश्न संख्या दो पर, कुछ किसी किसी समय ऐसा होता है कि आप को नैतिकता की चिंता होती है परंतु जब आप व्यक्ति से बात कर रहे होते हैं या दफ्तर में जिससे आपको बात करना चाहिए और उसे आपकी चिंता को सुनना चाहिए और वह आपकी चिंता को निष्क्रिय तरह से सुनता है। आमतौर पर हम तीन तरह से सोचते हैं, मैं चुप रह जाऊंगी या हट जाऊंगी या मैं उसका शोर मचाऊंगी। परंतु इन तीन यू के अलावा क्या कोई
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भोपाल की काउंसलर सरिता राजानी 8 महीने से इस दंपति की काउंसिलिंग कर रही हैं। युवक के माता-पिता ने उनसे संपर्क किया और बेटे के परिवार को टूटने से बचाने के लिए कहा। काउंसलर सरिता ने बताया कि मजाक में उठाए गए एक कदम की वजह से दो परिवारों की जिंदगी बर्बाद होने की कगार पर है। दोनों में कॉलेज टाइम में प्यार हुआ, भागकर शादी की, दिल्ली में दोनों अच्छी जॉब करने लगे, जिंदगी खुशहाल थी. . . लेकिन पत्नी के कहने पर पति ने जेंडर चेंज कराने का फैसला ले लिया। पत्नी उसे अपने कपड़े पहनाकर लड़की की तरह तैयार कर साथ घुमाने लगी। दो साल चले ट्रीटमेंट के बाद जब पति पूरी तरह लड़की बन गया तो यही दोनों में अनबन की वजह बन गया। बात तलाक तक आ गई है। पति के जेंडर चेंज कराने को आधार बनाकर पत्नी तलाक मांग रही है। पति से कहती है- तुम मुझे बच्चा और दांपत्य सुख नहीं दे सकते हो, मेरे किसी काम के नहीं हो. . . । जबकि, पत्नी के कहने पर ही पति ने लिंग परिवर्तन कराया था। दोनों ही साथ में डॉक्टर के पास गए थे। सीनियर एडवोकेट और काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि मानसी अब तलाक चाहती है, जबकि साहिल उसे बहुत प्यार करता है। वह उसके साथ ही रहना चाहता है। वह पुलिस-कोर्ट नहीं जाना चाहता है। समझाने के बाद भी मानसी मन नहीं बदल रही है। वो परिवार से अलग होकर दूसरे शहर में भी साहिल के साथ रहने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार को सरोगेसी की तरह इसे लेकर भी कानून बनाना चाहिए कि कोई भी डॉक्टर के पास जाकर बिना किसी काउंसिलिंग या अपने करीबी या माता-पिता को बताए बिना यह सर्जरी न करा पाए। डॉक्टर भी अपनी कमाई के कारण बिना किसी समझाइश या काउंसिलिंग कराए ऐसा करने से बचें। नहीं तो आने वाले समय में यह बड़ी समस्या बन जाएगी और कई परिवारों को इसका दर्द झेलना होगा।
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर प्रोपेगैंडा पक्षकारों का बचाव करने वाली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में एक विज्ञापन कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ की। एड कंपनी ने स्टोरिया फूड्स का एक विज्ञापन बनाया है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी जैसे व्यक्ति को दिखाया गया है। विज्ञापन में सोनिया गांधी जैसी दिखने वाली एक महिला स्टोरिआ फूड्स का एक उत्पाद पीती हुई दिख रही हैं। ड्रिंक्स खत्म होने के साथ ही उनका बेटा सामने आता है और बोलता है- खत्म। इसके बाद आगे कहता है कि मैं ऐसी मशीन बनाऊंगा, यहां से घास डालोगे और यहां से दूध निकलेगा। फिर वह महिला अपना माथा पकड़ लेती हैं। इसे हाल ही में राहुल के उस बयान से जोड़ के देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था ऐसी मशीन लगाउंगा, जिसमें इस साइड से आलू घुसेगा उस साइड से सोना निकलेगा। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी वायरल हुआ था। अब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ के बाद इस एड का विज्ञापन भी वायरल हो सकता है। Dear Friends, Congress goons are very upset because an ad allegedly captures the innocence of Rahul Gandhi. They even ransacked the ad agency's office. So you are requested not to Retweet/share this ad. One joke on Sonia Rahul, and these congressi chamcha reached AD agency to vandalise it. Congress goons ransack an ad agency office in Mumbai over an ad which they felt mocked Sonia & Gandhi. Last year it was a comedy studio, now it's an ad agency. Seems like political parties in Maharashtra don't know how to take a joke. ldiots don't understand that it is counterproductive. Now more and more people will turn curious about the ad. It'll go even more viral. The brand will get even more traction while INC's "tolerant" face will be exposed even more.
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नर्मदापुरम, नवदुनिया प्रतिनिधि। मुख्यालय से आठ किमी दूर स्थित नर्मदा व तवा के संगम स्थल बांद्राभान में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से इस मेले का आयोजन नहीं किया जा सका था। अब प्रशासन ने बांद्राभान मेले का आयोजन कराने का निर्णय लिया है। कलेक्टर नीरज सिंह के आदेश पर मेला स्थल पर हर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। बांद्राभान मेला 6 से 9 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। मेले की तैयारियों की संबंध में कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजन किया जा चुका है। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि मेला अवधि के दौरान कानून व्यवस्था के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट की नामजद ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाहन शुल्क, परमिट आदि की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण की जाए। ले आउट डालकर बिछाइ्र जाएगी पाइप लाइनः बांद्राभान मेला स्थल पर ले आउट डालकर पाइप लाइन बिछाई जाएगी। ताकि मेला स्थल पर आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हों चलित शौचालय की व्यवस्था की जाएगी। पेयजल व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए। एमपीईबी को भी स्थल पर बिजली की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रात्रि में बिजली जाने की समस्या न हो इसके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। नदियों का बढ़ा है जलस्तरः पिछले दिनों हुई वर्षा के कारण नर्मदा और तवा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। नदी में उतरकर नहाने वाले दुकानों एवं वाहनों की सतत निगरानी एवं उन्हें सचेत करने के लिए अलग अलग अनाउंसमेंट सिस्टम लगाए जाए। खोया पाया केंद्र पर मिले बच्चों के लिए आंगनवाड़ी की टीम लगाई जाएं। यहां बच्चों को बहलाए रखने के लिए चाकलेट एवं बिस्किट्स की भी व्यवस्था की जाएगी। नदी क्षेत्र में होमगार्ड के अमले द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जाएगी। साथ ही तैराकी में दक्ष दल को भी वहां तैनात करें। श्रद्धालुओं के लिए बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए मेला अवधि के दौरान राउंड द क्लॉक मेडिकल की टीम तैनात करने के निर्देश दिए। बांद्राभान मेले को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रशासनिक टीम के साथ मेला स्थल का निरीक्षण किया जाएगा।
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एकता कपूर का सुपरनैचुर शो नागिन 6 जल्द ही टीवी पर धमाकेदार एंट्री करने वाला है। नागिन 6 की कास्ट और कहानी में कई बदलाव किए गए हैं। इस शो का प्रोमो भी रिलीज कर दिया गया है। इस बार नागिन 6 में महामारी नजर आएगी। इस बार एकता कपूर की नागिन कौन सी एक्ट्रेस बनेंगी इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। शो में नागिन का किरदार निभाने के लिए कई एक्ट्रेसेस के नाम सामने आ रहे हैं। इनमे तेजस्वी प्रकाश, रुबीना दिलैक, रिद्धिमा पंडित और महक चहल जैसी कई नामों की चर्चा है। वहीं ताजा खबरों की माने तो नागिन 6 में बिग बॉस 13 की कंटेस्टेंट एक्ट्रेस माहिरा शर्मा नजर आ सकती हैं। बताया जा रहा है कि नागिन के रोल को लेकर एकता कपूर ही माहिरा से बातचीत चल रही है। जब एकता कपूर अपने ब्रांड का प्रमोशन करने के लिए बिग बॉस 15 के घर में गई थीं, तब उन्होंने अपनी नई नागिन के बारे में फैंस को हिंट दिया था। एकता ने बताया था कि नागिन 6 की लीड एक्ट्रेस का नाम 'एम' लेटर से शुरू होता है। उन्होंने यह भी इशारा दिया कि एक्ट्रेस पहले उनके साथ काम चुकी हैं। बता दें कि माहिरा शर्मा एकता कपूर के 'नागिन 3' में भी काम कर चुकी हैं। हालांकि उनका रोल काफी छोटा था। शो में उन्होंने चुड़ैल का रोल निभाया था। माहिरा ने अपनी दमदार अदाकारी से दर्शकों के दिलों में छाप छोड़ी थी। माहिरा शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर मॉडल की थी। माहिरा ने बिग बॉस से जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। माहिरा टीवी शोज के अलावा कई म्यूजिक वीडियो में भी नजर आ चुकी हैं। नागिन 6 की बात करें तो हाल ही में इस शो का प्रोमो रिलीज हुआ है। प्रोमो में दिखाया गया है कि पड़ोसी देश से एक अटैक हुआ, जिसने पूरी दुनिया को बदल दिया। उस महामारी से देश को बचाने के लिए अब कोई और रास्ता नहीं बचा है। सभी को नागिन का इंतजार है। इस बार शो में कल्पना के साथ रियलिटी भी डाल दी गई है। सभी जानते हैं कि पूरी दुनिया पिछले दो साल से कोरोना नामक महामारी से जूझ रही है। तो इस बार नागिन 6 में भी महामारी नजर आएगी।
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कहीं क्षणभर वृत्ति एकाग्रता को प्राप्त हो पाती है । सुषुप्ति अवस्था में वह आनन्द निरामय प्राप्त हो जाता है इसलिए जाग्रत से सुषुप्ति उत्तम है । क्योंकि जिस आनंद को जाग्रत काल में बहुत काल अभ्यास और समाधि के उपरान्त प्राप्त किया जाता है, सुषुप्ति में वह बिना यत्न के स्वतः सिद्ध प्राप्त हो जाता है । इसलिए सुषुप्ति अवस्था में प्रत्येक प्राणी अपने आप में स्थिर रहता है, किन्तु अज्ञानी यह नहीं जानता कि सुषुप्ति में वह कहाँ रहता है ? किस अवस्था को प्राप्त होता है ? किसके साथ एकता को पाता है ? इसलिए वह सुषुप्ति काल को व्यर्थ समय का नष्ट करना मानता है, किन्तु इसी सुषुप्ति अवस्था के लिए ज्ञानवान जाग्रत काल में अभ्यास के बल से प्राप्त करने की चेष्टा करता रहता है । क्योंकि इस अवस्था के बिना निरुपाधिक आनन्द एवं स्वरूप का अनुभव नहीं होता । और ज्ञान के बल से वह जानता है कि सुषुप्ति अवस्था में भी मैं केवल सच्चिदानन्द स्वरूप वाला हूँ । आनन्द घन स्वरूप को यद्यपि अज्ञानी भी नित्य, प्रति सुषुप्ति में प्राप्त होता है तथापि जानता नहीं कि मैं सुषुप्ति में किस अवस्था को प्राप्त हुआ था । और उठने के बाद पुनःउसी कल्पित नाम, रूप, जाति, वर्ण, आश्रम और व्यवहार में लग जाता है । और अपने अज्ञान का दुःख आप ही पाता है । सुषुप्ति में जो आनन्द प्राप्त होता है वह वृत्ति तथा विषय की अपेक्षा रखे बिना निरपेक्ष तथा स्थिर आनन्द है और जाग्रत में वही आनन्द वृत्ति सापेक्ष है, इसीलिए सुषुप्ति अवस्था का आनन्द जाग्रत अवस्था के आनन्द से श्रेष्ठ माना गया है । क्योंकि जाग्रत काल में संतों के संग, शास्त्रों के विचार, स्वरूप के मनन और निदिध्यासन, मन के उपशम, ध्यान, समाधि, एकांत सेवन और मौन की सहायता जीव को आनन्दार्थ अपेक्षित रहती है और सुषुप्ति अवस्था में जीव को बिना सब प्रयन्त किए आनन्द स्वतःसिद्ध प्राप्त हो जाता है । भाव यह है कि जीव परमात्मा रूप होता है । जिस अवस्था को योगीश्वर योग अभ्यास से प्राप्त करना चाहते हैं और प्राप्त नहीं होती है, वही सुषुप्ति अवस्था में योग आदि साधनों के बिना ऐसी परम गम्भीर, परम तृप्त, परम शान्त,परम मौन, परम निर्वाण और परम पवित्र अवस्था सहज प्राप्त हो जाती है । ज्ञानी सुषुप्ति के आने के पूर्व, सुषुप्ति के समय तथा सुषुप्ति के उपरान्त भी आनन्द रूप होता है । इसलिए वह कल्पित बन्धनों से मुक्त निजानंद में मस्त रहता है । सुषुप्ति जाग्रत से उत्तम कहने का तात्पर्य यह नहीं है कि बिस्तर पर पड़े सोते रहें, बल्कि सुषुप्ति में हम जिस प्रकार समस्त अहंकार से रहित केवल सत्ता मात्र, साक्षी मात्र, ज्ञान मात्र, बोध मात्र रहते हैं उसी प्रकार के होने का निश्चय जाग्रत के समय भी रखें । देह, इन्द्रिय, प्राण, अन्तःकरण की क्रियाओं को रोकने का प्रकृति विरोधी कर्म न करें । प्रश्न - २६ : हमें अपने स्वरूप का भान क्यों नहीं होता जैसे अन्यअन्य विषयों का भान होता है ? उत्तर : आत्मा प्रकाश को छोड़कर किसी अवस्था में नहीं रहता । प्रकाश का अर्थ ज्ञान है अर्थात् तीनों अवस्था में आत्मा ज्ञान स्वरूप है । किसी भी अवस्था में सत्य वस्तु अपने स्वरूप में परिवर्तन नहीं करती है । इसलिए तीनों अवस्था में आत्मा कभी भी अज्ञान रूप नहीं होती । आत्मा में अज्ञान का अत्यन्त अभाव है। अज्ञान का अर्थ है न जानना । जब आत्मा सदैव ही ज्ञान स्वरूप है तब न जानना धर्म उसमें कैसे आरोपित किया जा सकता है । स्वरूप तो हमारा आत्मा है और आत्मा ज्ञान स्वरूप है । इसलिए हम सदा ज्ञान स्वरूप हैं, कभी अज्ञान स्वरूप नहीं होते । यह शंका आत्मा के अज्ञान से हुई है अर्थात् अपने वास्तविक स्वरूप को न जानने के कारण ही यह भ्रम हुआ है । तुम अपने आपको पहचानो । तुम स्वयं ही स्वरूप हो जिसके जानने या देखने की अज्ञानवश इच्छा कर रहे हो और फिर पूछते हो कि हमें अपने स्वरूप में क्यों अज्ञान रहता है ? इसलिए ऐसा निश्चय होता है कि तुम अपने आपको देह, इन्द्रिय, प्राण या अन्तःकरण रूप मानकर ही ऐसा प्रश्न कर रहे हो । तुम अपने आपको भिन्न तथा स्वरूप को अपने से भिन्न कुछ और रूप वाला मानने हो, यही अज्ञान है । तुम स्वयं ही आत्म स्वरूप हो और सदा अपने आप में ही स्थित हो । देखो मुझे खबर नहीं, यह कहना बुद्धि का धर्म है । इस बेखबरी में भी आत्मा की अज्ञानता सिद्ध नहीं होती, किन्तु यह सिद्ध होता है कि कोई सत्ता ऐसी फिर भी शेष रहती है जो इस बेखबरी को भी प्रकाश करने वाली थी फिर वह अज्ञात कैसे है ? प्रश्न- २७ : आत्मा यदि स्वयं प्रकाश है तो फिर अंधकार में प्रकाश का उपयोग क्यों करना पड़ता है ? उत्तर : ज्योति अथवा प्रकाश का अर्थ सूर्य की तरह नहीं, क्योंकि सूर्य तो हमारी दृष्टि से उदय-अस्त धर्म वाला है और ब्रह्मात्मा उदय-अस्त से रहित सदा एकरस है । इसलिए आत्मा चेतन प्रकाश है सूर्य, चन्द्रवत् जड़ प्रकाश नहीं है । अर्थात् ज्ञान प्रकाश है । यहि ज्ञान, अंधकार तथा प्रकाश दोनों को जानने वाला, प्रकाश करने वाला प्रकाशक है । सूर्य का प्रकाश केवल नेत्रों को प्रकाशित करता है और वह भी बंद नेत्र को या अंधेरी कोठरी में प्रकाश नहीं पहुँचा सकता, इसलिए सूर्य, चन्द्र असमर्थ, सीमित व एकदेशीय हैं । सूर्य नेत्र को छोड़ किसी दूसरे अंग को प्रकाशित नहीं करता । परन्तु ज्ञान का प्रकाश सर्वांग, अन्तःकरण व विषय को भी प्रकाश करने वाला है । इसलिए सर्वत्र समान व पूर्ण है तथा स्वयं प्रकाश ज्ञान स्वरूप है । उसमें अन्तर व बाहर की कल्पना नहीं है अपने आप में ही स्थित है । जगत् भी ज्ञान स्वरूप है, अंधेरा भी ज्ञान स्वरूप है और प्रकाश भी ज्ञान स्वरूप है । मानो समस्त लोक ही ज्ञान स्वरूप है और समस्त देव भी ज्ञान स्वरूप है । क्योंकि बिना ज्ञान के किसी भी वस्तु का कोई भी परिचय प्राप्त नहीं होता है । ज्ञान के द्वारा ही समस्त लोक परलोक की सिद्धि हो रही है । ऐसे महान् प्रकाश स्वरूप ज्ञान के आगे अनन्त सूर्य भी दीपक तथा तारों के तुल्य भी शोभित नहीं हो सकते हैं । यदि अन्धेरे को आत्मा प्रकाशित न करे तो यह अंधेरा है ऐसा कौन देखकर बता सकेगा ? ब्रह्म देश, काल, वस्तु के भेद से रहित पूर्ण है । सूर्य का प्रकाश शरीर के बाहर ही प्रकाश करता है किन्तु अन्दर अन्तःकरण, गुरदा, तिल्ली, मेद, हृदय, रक्त, माँस, गर्भाशयादि को नहीं । वह कौन है जो सूर्य के प्रकाश के बिना अन्दर व बाहर तीनों अवस्था में प्रकाश करता है ? वह ब्रह्मात्मा ही है और उनका स्वरूप ज्ञान मात्र ही है, ज्ञान ही यथार्थ प्रकाश है । सब रूपों में वही विद्यमान है, जैसे एक ही ज्ञान पंच इन्द्रिय विषय के रूप में होता है । प्रश्न - २८ : बुद्धि को निश्चल किस प्रकार करें ? : हे आत्मन ! बुद्धि निश्चय करने की वृत्ति को ही कहते हैं । अर्थात् अन्तःकरण की निश्चय वृत्ति ही बुद्धि है । जब बुद्धि सत्य वस्तु का निश्चय करती है तो बुद्धि को अचल अवस्था मानी जाती है और जब बुद्धि असत्य वस्तु का निश्चय करती है तो उसे विक्षिप्त कहते हैं । सत्य वस्तु आत्मा है मिथ्या वस्तु शरीर व जगत् है । जब तक पुरुष अपने को सिर से पाँव तक शरीर मात्र जान विशेष नाम, गौत्र, वर्ण एवं कर्मों का कती-भोक्ता मानता है, तब तक उसकी बुद्धि निश्चल नहीं होती । जब देहसंघात् से अपने को शुद्ध, चेतन आत्मा एवं शरीर से रहित नाम, रूप, जाति, आश्रम, वर्ण से भिन्न पिता, पुत्र, पत्नी, मां के सम्बन्ध से रहित अकती अभोक्ता मानता है, उस समय बुद्धि अचल पद को प्राप्त होती है । दीर्घकाल अभ्यास के उपरान्त बुद्धि की चंचलता निवृत्त होती है । बुद्धि को चंचल करने वाली एक मात्र शरीर की ममता है । जब ममता दूर हो जावे तब शांति और विश्राम है । सदा अपने वास्तविक स्वरूप को केवल निर्गुण, निराकार, ज्ञान मात्र, चिद्घन, निर्विकार, कूटस्थ रूप ही स्मरण रखना बुद्धि की निश्चलता है । देह, इन्द्रिय, प्राण व अन्तःकरण की क्रिया एवं सामाजिक लौकिल व्यवहार भी अपनी जगह ज्यों का त्यों चलता रहेगा, किन्तु अन्दर से अपने वास्तव स्वरूप का निश्चय उसी प्रकार बना रहता है जिस प्रकार अज्ञानी को अपने नाम, जाति का साक्षात् अपरोक्ष ज्ञान होता है कि मैं ही देवकुमार ब्राह्मण हूँ
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शिक्षकों के लिए इस ईकाई में सार्वजनिक सुविधाएँ मुहैया कराने और बाज़ार, फ़ैक्टरी तथा लोगों की कार्यस्थितियों पर लागू होने वाले कानूनों को क्रियान्वित करने में सरकार की भूमिका पर चर्चा की गई है। इसका मकसद विद्यार्थियों को इस बात की समझ प्रदान करना है कि सरकार की यह भूमिका मौलिक अधिकारों के मुद्दे से किस तरह जुड़ी हुई है। मौलिक अधिकारों के साथ यह जुड़ाव ही पिछले अध्यायों में उठाए गए मुद्दों के साथ इस मुद्दे को भी जोड़ देता है। कक्षा 6 और 7 की पाठ्यपुस्तकों में आजीविका और बाज़ारों पर हुई चर्चा को अध्याय 8 के संदर्भ में इस्तेमाल किया जा सकता है। अध्याय 7 में जनसुविधाओं पर चर्चा की गई है। यहाँ पानी को एक अहम उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया गया है। यह महत्त्वपूर्ण बात है कि विद्यार्थी इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि जनसुविधाओं का क्या मतलब होता है और ये सुविधाएँ मुहैया कराने और उनकी ज़िम्मेदारी उठाने में सरकार को अहम भूमिका निभाने की ज़रूरत क्यों होती है। पानी की समान उपलब्धता, उसकी सस्ती लागत और गुणवत्ता का सवाल जनसुविधाओं से जुड़े मुद्दों में काफ़ी महत्त्वपूर्ण है। कक्षा के भीतर होने वाली चर्चा में जनसुविधाओं के विषय में सरकार की भूमिका तथा मौज़ूदा असमान वितरण, दोनों को एक-दूसरे से अलग कर लें तो बेहतर होगा। इसका मतलब यह है कि लोगों को अगर अलग-अलग मात्रा में पानी मिल रहा है तो इसके आधार पर यह मान लेना ठीक नहीं होगा कि सरकार जनसुविधाएँ मुहैया कराने में सक्षम नहीं है। अध्याय 8 में आर्थिक गतिविधियों के नियमन में सरकार की केंद्रीय भूमिका पर चर्चा की गई है। ऐसा मोटे तौर पर कानूनों के ज़रिए किया गया है। इस अध्याय में मौजूदा कानूनों को लागू करने और बाज़ार में मज़दूरों, उपभोक्ताओं व उत्पादकों के अधिकारों की रक्षा के लिए नए कानून बनाने के महत्त्व पर खास ज़ोर दिया गया है। भोपाल गैस त्रासदी को कानूनों में लापरवाही की मिसाल के तौर पर पेश किया गया है। संभव है बहुत सारे विद्यार्थियों ने इस दुर्घटना के बारे में न पढ़ा हो । बेहतर होगा कि उन्हें इस घटना के बारे में अनुसंधान करने और स्कूल के लिए एक दीवार पत्रिका (वॉल-पेपर) या लघु-नाटिका तैयार करने में मदद दी जाए । पुस्तक के आखिर में जिन वेबसाइट्स का उल्लेख किया गया है, वहाँ से आप अतिरिक्त संदर्भ सामग्री जुटा सकते हैं। भोपाल गैस त्रासदी एक ऐतिहासिक मोड़ थी जिसने 'पर्यावरण' के मुद्दों को आर्थिक कानूनों से गहरे तौर पर जोड़ दिया। मज़दूरों व आम नागरिकों के प्रति उद्योग जगत तथा सरकार की जवाबदेही का विचार इस अध्याय का केंद्रीय तत्त्व है। आर्थिक क्षेत्र में सरकार की भूमिका अध्याय 7 अमू और कुमार चेन्नई में एक बस से सफ़र कर रहे हैं। शहर के अलग-अलग इलाकों से गुजरते हुए वे जल सुविधाओं को देखते जा रहे हैं... not to be TO AMBATUR. Anniversity Gandh Mandapa Snake. Park nal Park
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Ranchi: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए आज से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई. रांची के सदर अस्पताल में सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान सदर अस्पताल में कार्यरत सफाई कर्मी मरियम गुड़िया को कोरोना का पहला वैक्सीन दिया गया. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आज इस वैश्विक महामारी में यह टीका देश के लिए एक वरदान साबित होगा. आज से यह टीकाकरण कार्यक्रम जिन्हें फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया गया उन्हें टीका देकर शुरुआत की गयी है. जिन्होंने हमारे समक्ष वह इंजेक्शन वह वैक्सीन लगवाई है, वे बधाई के पत्र हैं. कहा अभी जो एसओपी के तहत आधे घंटे तक उन पर नजर रखनी है और किसी को कोई साइड इफेक्ट ना हो या किसी को कोई दूसरी समस्या उत्पन्न ना हो इस बात की निगरानी रखी जा रही है. इस टीकाकरण के दौरान जो भी एहतियातन बरतने हैं वह सभी बरते जा रहे है. सदर अस्पताल के स्टाफ नर्स टेरेसा हेंब्रम ने कहा कि टीकाकरण का दिन मेरी जिंदगी का सबसे अनमोल दिन रहा. अस्पताल में सैकड़ों स्टाफ नर्स हैं, लेकिन तीसरे नंबर में मुझे वैक्सीन लगाया गया. टेरेसा हेंब्रम ने वैक्सीनेशन के बाद अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि शुरुआत में टीका को लेकर काफी डर था, कहीं इससे कोई साइड इफेक्ट ना हो जाए. न्यूज़ देखने के बाद डर बढ़ता गया. हालांकि वैक्सीन लेने के बाद हिम्मत जागी और सारा डर खत्म जो गया. टेरेसा हेंब्रम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन से बिल्कुल ना डरें. यह दूसरे बीमारियों के टीके की तरह ही है. सरकार के स्तर से जांच परख करने के बाद ही सभी को लगाया जा रहा है. वैक्सीनेशन के बाद आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया. लेकिन तबीयत में जरा भी असर नहीं पड़ा. कुछ भी साइड इफेक्ट जैसा महसूस नहीं हुआ. सदर अस्पताल में 2013 से कार्यरत, सफाई कर्मी मरियम गुड़िया ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद काफी खुशी हो रही है. सदर अस्पताल की डेंटल सर्जन के पोस्ट पर कार्यरत डॉ उषा सिंह ने भी आज कोरोना वैक्सीन लिया. वैक्सीन लेने के बाद उन्होंने कहा कि आज काफी खुशी है. बतौर चिकित्सक अब निर्भीक होकर काम करूंगी. सदर अस्पताल में ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट के रूप में कार्यरत डॉ मुजम्मिल ने भी कोरोना वैक्सीन लिया. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है. डॉ मुजम्मिल ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि कोरोना का टीका का इजाद किया है.
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वीर अर्जुन संवाददाता देहरादून। टूटी सड़कों, जलभराव एंव पेयजल की समस्याओं को लेकर भाजपा कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ सात सिंतबर को सचिवालय कूच करेंगे। बुधवार को चकराता रोड़ स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एंव कैंट विधायक हरबन्स कपूर ने कहा कि एशियन डेवलमेंट बैंक तथा जेएनएनयूआरएम द्व़ारा देहरादून शहर में सीवर लाइन एंव पेयजल लाइन डालने का कार्य पांरम्भ किया गया था। कार्य पारंम्भ करते समय कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल निगम एंव शहरी विकास विभाग को स्पष्ट ]़ऱूप से निर्देशित किया गया था कि पाइप लाइन बिछाने का कार्य इस पकार से हो कि क्षेत्रवासियों को कम से कम असुविधाओं का सामना करना पड़े तथा जितने क्षेत्र में पाईपलाईन हेतु खुदाई की जाए उतने हिस्से में सडक की मरम्मत तत्काल की जाए परन्तु खेद का विषय है कि विभागिय अधिकारियों की कार्यवाही एंव वर्किंग एजेन्सी तथा "sकेदारों सां"-गां" के चलते ऐसा नही हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेएनएनयूआएम एवं शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते जनता परेशान है। जिसको लेकर उनके द्वारा कई बार अधिकारियों से सड़कों की दुर्दशा सुधारने का अनुरोध किया गया किन्तु हर बार आश्वासन के अलावा कोई "ाsस समाधान नही किया गया। उन्होंने कहा कि गत कुछ वर्षो में देहरादून का दर्जा बढ़ा है। जिसके चलते जनसंख्या का विस्तार हुआ। आवासीय भवन बने, लेकिन एमडीडीए व संबधित विभागों की लापरवाही के कारण कालोनियों का ले आउट नही बनाया गया। उन्होंने कहा कि इसी के परिणाम स्वरूप स्थिति यह है कि थोड़ी सी बारिश में ही जलभराव एंव पानी निकासी की समस्या खड़ी हो रही है। इन समस्याओं को देखते हुए शहर के लिए ड्रेनेज मास्टर प्लान भी पस्तावित हुआ, लेकिन संबधित कंपनी को भुगतान न किए जाने से प्लान धरा रह गया। उन्हेंने कहा कि शहर की टूटी सड़कों, जलभराव व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पदेश की गूंगी बहरी सरकार को जगाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता सात सिंतबर को सचिवालय कूच करेंगे।
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नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी परेशान हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भ्रष्टाचार से लड़ रही है और देश को प्रगति के पथ पर ले जा रही है। भाजपा नेता की यह टिप्पणी बनर्जी के उन आरोपों के सिलसिले में आई है जिसमें उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर भाजपा के इशारे पर पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया था और पुलिस प्रशासन से उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा था। भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यादव ने बनर्जी के दावे को 'सच्चाई से परे' करार दिया। बनर्जी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "जो लोग भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं और जो भ्रष्टाचार से देश के शासन को पंगु बना रहे हैं। । । जबकि भाजपा ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ देश को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए संघर्ष कर रही है। " उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में उनका परेशान होना स्वाभाविक है। " कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था, "मेरे पास सूचना है कि पंचायत चुनाव से पहले बीएसएफ के कुछ अधिकारी सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर रहे हैं, मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन्हें मतदान नहीं करने के लिए कह रहे हैं। मैं लोगों से कहूंगी कि वे निडर होकर चुनाव में भाग लें। " ग्रामीणों को कथित तौर पर गोली मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा, "पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून अपना काम करेगा। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, ऐसा लगता है कि कूचबिहार जिले में लोगों की हत्या करना आम बात हो गई है। " बनर्जी ने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है। कूचबिहार क्षेत्र पर अधिकार रखने वाले बीएसएफ गुवाहाटी फ्रंटियर ने सोमवार को एक बयान में बनर्जी के आरोपों का जोरदार खंडन किया। बयान में कहा गया है, "यह आकलन किया गया है कि कूचबिहार में एक रैली के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा बीएसएफ के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और सच्चाई से परे हैं। " पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा।
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मांडलगढ़ जिले के गुहली गांव में, जहाजपुर जिले के मनोहरपुर में, गंगराड़ में रेलवे लाइन पर और बड़ी सादड़ी से कुछ मील दक्षिण की ओर पारसोला में भी लोहे की खानों का काम अभी तक जारी है । परन्तु वर्तमान समय में बहुत कम लोहा निकाला जाता है । खान में काम करने वाले लोग कच्ची धातु को गलाने के लिये हवा से गर्म होने वाली भट्टियां रखते हैं । यह एक विचित्र बात है कि मैल साफ करने के लिये नमक को काम में लाना, जो आधुनिक तरीका समझा जाता है, वह पारसोला में पीढ़ियों से चला आ रहा है । सादड़ी, हमीरगढ़ और अमरगढ़ के जिलों में पुरानी खानें हैं, जिनका काम बहुत समय से बन्द कर दिया गया है। राज्य की दक्षिरणी पहाड़ियों में वेदावल की पाल और जेनी के बीच में भी बहुतसा लोहा, और फिर कुछ पश्चिम में तांवा पाया जाता है । परन्तु आजकल काम नहीं होता । देलवाड़ा में भी तांवा पाया गया है । उदयपुर के निकट केवड़ा की नाल भी बहुतसी प्राचीन खानें हैं । पोटला और दरीबा में शीशे की खानें बहुत दिनों से बन्द हैं । तामड़ा ( रक्तमरिग), जो बहुमूल्य पापारण है, मेवाड़ में बहुत पाया जाता है । मांडलपुर और भीलवाड़ा के जिलों में तथा दरीबा में, जिन खानों से यह निकाला जाता है वह अभी तक काम करने के योग्य है । जंगल - अरावली पहाड़ प्रायः बांस और छोटे-छोटे वृक्षों से ढका हुआ है, परन्तु नदियों के किनारों पर उगने वाले वृक्षों के अतिरिक्त और बहुत छोटे और अनुपयोगी वृक्ष भी हैं। राज्य के अग्नि में वानसी और धरियावद के जंगल सबसे बड़ी और बहुमूल्य लकड़ी के हैं। वहां से बहुतसी सागवान की लकड़ी काट-काट कर मेलों में वेची जाती है । घाटियों में महुश्रा महुआ बहुत होते हैं। राज्य के बहुत से भागों में बहुत से झाड़ और छोटे-छोटे पेड़ों से ढके हुए बड़े-बड़े भूमि खण्ड हैं और अधिकांश छोटीछोटो पहाड़ियां भी अच्छी तरह से ढकी हुई हैं । होता है । पाउण्ड का 12 वां भाग का 20 वां भाग पेनीवेट और पेनीवेट का 24 वां भाग ग्रन कहलाता है ।
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यह कालका-शिमला हेरिटेज रेल लाइन पर शुरू होगी, जिसे यूनेस्को की ओर से हेरिटेज लाइन घोषित किया जा चुका है. जब भी ट्रेन की बात होती है तो हम पैसेंजर ट्रेन या मालगाड़ी की ही बात करते हैं. ये तो आप जानते हैं कि जो आम ट्रेन होती है, जिसमें हम सफर करते हैं उन्हें पैसेंजर ट्रेन कहते हैं और जिसमें सामान जाता है उसे मालगाड़ी कहते हैं. लेकिन, भारतीय रेलवे ने एक रेल मोटर कार की भी शुरुआत की है, जो इन दोनों से काफी अलग है. वैसे इस मोटर कार के जरिए भी लोगों को यात्रा ही करवाई जाएगी, लेकिन यह पर्यटन के लिहाज से शुरू की गई है. रेल मोटर कार अभी कालका-शिमला हेरिटेज रेल लाइन पर शुरू की गई है. दिखने में यह कार काफी अलग है और अब इसके जरिए पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा. वैसे रेलवे दुर्गम स्थानों तक रेल सेवा पहुंचाने के साथ ही लग्जरी सेवा और ट्यूरिज्म को लेकर भी काफी काम कर रहा है. इसी बीच, इस खास ट्रेन की शुरुआत की गई है. ऐसे में जानते हैं कि ये ट्रेन क्यों खास हैं और इसमें अन्य ट्रेनों के मुकाबले क्या अलग है, जिस वजह से इसकी इतनी बात की जा रही है. कहां से कहां तक हुई है शुरू? होती क्या है रेल मोटर कार? यह एक तरह से एक कोच की ही ट्रेन होती है. इसमें एक इंजन लगा होता है और एक ही कोच होता है, जो एक कार की तरह होता है. इसमें बैठने वाली सीटें होती हैं, जो बस की तरह लगी होती है. कह सकते हैं कि एक 'टैम्पो ट्रेवलर कार' जैसी ट्रेन है, जो पटरी पर चल रही है. इसकी खास बात ये है कि ये पुराने इंजन यानी डीजल इंजन ही चलती है और इसकी स्पीड भी काफी ज्यादा नहीं होती है. यह वादियों के बीच चलाई जा रही है, जो आपको प्रकृति के बीच यात्रा का खास अनुभव दिलाती है. क्या है स्पीड? आप तस्वीर से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह किस तरह का होती है और आपको किस तरह से इसमें यात्रा करने का मौका मिलेगा. बता दें कि 14 सीट वाली यह मोटर ट्रेन 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है. इसी रूट के हिसाब से बात करें तो रेल मोटर कार सुबह 5.25 पर कालका से चलकर 9.05 पर शिमला पहुंचा करेगी. फिर 11.40 पर शिमला से चलेगी और दोपहर में 2.10 पर बरोग और फिर शाम 4.30 बजे कालका पहुंचेगी. वैसे 96.6 किलोमीटर का यह सिंगल ट्रैक 19वीं शताब्दी में बनाया गया था. फिर 2008 में इसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार किया गया. अपने सफर में यह रेल कार 900 घुमावों से होकर गुजरती है. बताया गया है कि इसका 70 फीसदी रूट घुमावदार ही है. इस रूट में 100 के करीब सुरंग हैं और पर्वतों के बेहद खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं.
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शिमला - भारत की जनवादी नौजवान सभा के शिमला शहरी इकाई ने शहीदी दिवस के उपलक्ष्य पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव की याद में पदम देव कॉम्पलेक्स रिज मैदान पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में शिमला शहर के महापौर संजय चौहान ने शिरकत की। भारत की जनवादी नौजवान सभा हर वर्ष 23 मार्च को शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए संघर्षरत रहे हैं। सभा के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह और उनके साथियों ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा देकर फांसी का फंदा चुना था जिनके अनुसार इंकलाब जिंदाबाद का मतलब था, इंसान के हाथों इंसान का शोषण बंद हो। उनके अनुसार आजादी का मतलब सिर्फ राजनीतिक आजादी नहीं था। बल्कि आर्थिक और सामाजिक आजादी भी था। आज भी समाज में अमीर और गरीब के बीच बहुत बड़ी खाई है। रामपुर बुशहर - रामपुर पीजी कालेज में गुरुवार को एबीवीपी इकाई ने शहीदी दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इकाई के कार्यकर्ताआें ने शहीदों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित कर देशभक्तों को श्रद्धांजलि दी। कालेज के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने शहीदों को नमन कर उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के बाद इकाई की बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता इकाई अध्यक्ष आकाश नेगी और उपाध्यक्ष चंद्रशेखर ने की। बैठक में एबीवीपी की आगामी 30 मार्च होेने वाली रोष रैली को लेकर विचार-विमर्श किया गया । रामपुर बुशहर - पीजी कालेज रामपुर में एसएफआई इकाई ने 23 मार्च शहीदी दिवस के मौके पर कॉलेज परिसर में रक्तदान शिविर आयोजित किया। शिविर का शुभारंभ पूर्व एसएफआई जिलाध्यक्ष विवेक कश्यप ने किया। कश्यप ने छात्रों को संबोधित करते हुए भगत सिंह के विचारों से अवगत कराया और उनके पदचिन्होंं पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान होता है और रक्तदान से किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। इस शिविर में ३९ यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। एसएफआई सचिव अनु ठाकुर ने कहा कि इकाई आने वाले समय में भी इस तरह की गतिविधियां कॉलेज में आयोजित करती रहेगी। राष्ट्रीय छात्रा उपसमिति की सदस्य रुचिका वजीर ने केंद्र सरकार से 23 मार्च को शहीदी दिवस घोषित करने की मांग की है। उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीदों का दर्जा देने की भी मांग की है। रामपुर कालेज में आयोजित शिविर में रक्तदान करने वालों में अमित राज, तुला राम शर्मा, यशवंती, स्मृति, रूचि चौहान, निखिल, दिव्यांश, सुनील कुमार, किरण, अजय जिंटा, अंशुल, राहुल, महेंद्र के अलावा अन्य छात्रों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान किया।
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Covid-19 China News: चीन में कोरोना महामारी की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पड़ोसी देश ने शुरू में आंकड़े छिपाने की कोशिश की, लेकिन दुनिया का दबाव बड़ा तो अब मौतों का आंकड़ा जारी किया है जो चौंकाने वाला है। ताजा खबर यह है कि चीन ने पिछले 30 दिन में अपने यहां 60 हजार लोगों की मौत का आंकड़ा जारी किया है। चीन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) के एक अधिकारी ने शनिवार को बीजिंग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 8 दिसंबर से 12 जनवरी के बीच 59,938 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। चीन में अस्पताल भरे पड़े हैं। अब नए मरीजों की भर्ती करने की स्थिति नहीं है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, 60 हजार मौत तो अकेले अस्पतालों में हुई है। मतलब इस आंकड़े में घर पर मरने वाले को संख्या में शामिल नहीं है। इनमें से 5,503 मौतें श्वसन तंत्र की नाकामी के कारण हुआ है, वहीं अन्य मृतकों को कोरोना के साथ दूसरी बीमारियां भी थीं। दावा है कि मरने वाले मरीजों में से 90. 1% 65 और उससे अधिक उम्र के थे। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि बुखार और कोरोना लक्षण के साथ अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या शहरों और ग्रामीण में कम हो रहा है और जल्दी ही महामारी पर काबू पा लिया जाएगा। ' बता दें, चीन ने पिछले महीने ही कोरोना के खिलाफ जीरो पॉलिसी में छूट दी थी। बता दें, चीन पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का आरोप लगा है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चीन से सही जानकारी दुनिया के सामने रखने की अपील की थी। बहरहाल, चीन से जो जानकारी सामने आई है, उसके बाद से दुनिया में चिंता बढ़ गई है। अमेरिका, जापान समेत अन्य यूरोपीय देशों में केस बढ़ रहे हैं और इसे एक नई लहर के रूप में देखा जा रहा है।
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क । इडुक्कीः शोध प्रबंध में गलतियों और साहित्यिक चोरी के आरोपों के कारण अपने डॉक्टरेट पर भारी हंगामे के साथ, राज्य युवा आयोग की अध्यक्ष चिंता जेरोम ने मंगलवार को कहा कि उन्हें अनजाने में हुई त्रुटि के लिए निशाना बनाया जा रहा था। उन्होंने साहित्यिक चोरी के आरोपों का भी खंडन किया और कहा कि एक छोटी सी त्रुटि को बड़ा करके एक महिला को बदनाम किया जाता था। युवा सीपीएम नेता इन आरोपों के लिए चर्चा में रही हैं कि उनके डॉक्टरेट निबंध 'नवउदार काल में मलयालम वाणिज्यिक सिनेमा की वैचारिक नींव' पर गलत तरीके से मलयालम कविता वझक्कुला को कवि विलोपिल्ली के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जबकि यह मूल रूप से चंगमपुझा द्वारा लिखा गया था। उन पर 2010 में प्रकाशित बोधि कॉमन्स वेबसाइट के लेख से साहित्यिक चोरी का भी आरोप लगाया जा रहा है। मीडिया से बात करते हुए चिंता ने कहा कि वज़हक्कुला उनके लिए अपरिचित कविता नहीं है। "मैंने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में कविता के बारे में पढ़ा और बोला है। हालांकि, विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न छानबीन, तथ्य-जांच और प्रूफरीडिंग प्रक्रियाओं से गुजरने के बावजूद, दुर्भाग्य से, त्रुटि को ठीक नहीं किया गया था। थीसिस को कई बार पढ़ने के बाद भी मैंने गलती पर ध्यान नहीं दिया। ' उसने कहा कि त्रुटि एक आकस्मिक थी जो किसी भी इंसान के साथ हो सकती है। "हालांकि छोटी सी गलती को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और चरित्र हनन और एक महिला को बदनाम करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया," उसने कहा। चिंता ने उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, जिन्हें गलती का पता चला, थीसिस को पुस्तक में बदलने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और शोध पत्र में इंगित की गई त्रुटि को पुस्तक में सुधारा जाएगा। साहित्यिक चोरी के आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि यह झूठा आरोप है। "न केवल बोधि कॉमन्स बल्कि कई वेबसाइटों के कई लेख भी थीसिस में संदर्भ उद्देश्यों के लिए उपयोग किए गए हैं। हालांकि उनमें से किसी की नकल नहीं की गई है, लेकिन इस तरह के लेखों में विचार का उल्लेख थीसिस में किया गया है और उन वेबसाइटों और लेखों का उल्लेख संदर्भ खंड में भी किया गया है। टी पुरमः राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, केरल विश्वविद्यालय के कुलपति से युवा आयोग की अध्यक्ष चिंता जेरोम के डॉक्टरेट थीसिस में तथ्यात्मक त्रुटियों और साहित्यिक चोरी के आरोपों पर एक रिपोर्ट मांगी है. यूनिवर्सिटी सेव कैंपेन कमेटी ने सोमवार को एक याचिका के साथ राज्यपाल से संपर्क किया था, जिसमें चिंथा की पीएचडी थीसिस की जांच करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। व्हिसलब्लोअर्स फोरम ने केयू के पूर्व प्रो-वाइस-चांसलर पीपी अजयकुमार के गाइडशिप को रद्द करने की भी मांग की थी, जो चिंता के शोध पर्यवेक्षक थे। जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।
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क्रियावत्त्वप्रसंगो वा तेषां वायुधरांबुवत् । इत्यचोद्यं बलाधानमा त्रत्वाद्गमनादिषु ॥ १३ ॥ धर्मादीनां स्वशक्त्यैव गत्यादिपरिणामिना । यथेन्द्रियं बलाधानमात्रं विषयसंनिधौ ॥ १४ ॥ किसी विद्वान् का प्राचार्यों के ऊपर प्राक्षप है कि धर्म आदिक तीन द्रव्य (पक्ष ) दूसरे द्रव्यो में गति स्थिति और प्रवगाह के कारण नही होसकते है, ( साध्य ) क्रियारहितपना स्वभाव होने से ( हेतु ) प्रकाश के फूल समान ( दृष्टान्त ) । यदि धर्म, धर्म और आकाश को यथाक्रम से गति, स्थिति, और अवगाह देना इनका कारण माना जायगा तो वायु, पर्वत, और जल के समान उन धर्म आदिको के क्रिया--सहितपन का प्रसग होजावेगा अर्थात् - वायु क्रियासहित हो रही ही वृरण आदिको की गति का निबन्ध है, पर्वत क्रिया करने की सामर्थ्य को धार रहा ही पक्षी, पशु, आदि की स्थिति का अवलम्ब होरहा है। जल भी स्वय क्रियावान् होरहा मछली, डेल, प्रादि के प्रवगाह का हेतु होरहा है। इसी प्रकार धर्म आदिक भी क्रियावान् होजायंगे । ग्रन्थकार कहते है कि यह चोध उठाना ठीक नहीं है। क्योकि अपनी शक्ति करके गति आदि स्वरूप परिणत होरहे पदार्थों के गमन, स्थिति, प्रादि मे धर्म आदि द्रव्यो को केवल बलाधायकपना है, जिस प्रकार कि रूप रस, मादि विषयों के सन्निधान होने पर चक्षु प्रादि इन्द्रिया चाक्षुषप्रत्यक्ष आादि की उत्पत्ति मे आत्माके केवल बल का प्राधान कर देती है । भावार्थ - जैसे कि आत्मा को ज्ञान करने मे इन्द्रिया थोडा सहारा लगा देती हैं, उसी प्रकार गति, स्थिति, अवगाह क्रियाम्रो मे धर्म आदिक तीन द्रव्य स्वल्प सहारा लगाने वाले उदासीन कारण है, समर्थ कारण तो गति-परिणत या स्थिति -परिगत प्रथवा अवगाह - परिणत पदार्थ ही हैं। अतः धर्म आदिको के परिस्पन्द क्रिया से सहितपन का प्रसग नहीं पाता है। पुसः स्वयं समर्थस्य तत्र सिद्धेर्न चान्यथा । तथैव द्रव्यसामर्थ्यान्निष्क्रियाणामपि स्वयं ॥ १५ ॥ धर्मादीनां परत्रास्तु क्रियाकारणमात्रता । नवेवमात्मनः कालक्रियाहेतुत्वमापतेत् ॥ १६॥ सर्वथा निष्क्रियस्या पि स्वयं मानविरोधतः । आत्माहिरकोहेतुरिष्टः कायादिकर्मणि ॥ तृणादि कर्मणीवास्तु पवनादिश्च सक्रियः ।।१७।। (षट्पदी) विशेष शक्तिशाली कारणों की अपेक्षा विचार किया जाय तो उन चाक्षुष-प्रत्यक्ष आदि ज्ञानो मे स्वयं समर्थ हो रहे आत्मा की ही सिद्धि है, अन्य प्रकारों से ज्ञान नही उपजता है। यानी श्रात्मा के बिना मृत शरीर मे वत रही इन्द्रिया ज्ञानो को नही उपजा सकती है। तिस ही प्रकार द्रव्य की सामर्थ्य से स्वयं क्रिया - रहित हो रहे भी धर्म आदिको को दूसरे जीव आदिको की गति आदि मे क्रिया का केवल सामान्य कारणपना रहो । यदि यहा कोई वैशेविक अवसर पाकर यो बोल उठे कि इस प्रकार तो क्रिया - रहित हो आत्मा को भी शरीर मे किया का हेतुपना या पड़ेगा ( प्राप्त हो जावेगा ) अर्थात् क्रिया - रहित धर्म मादिक जैसे दूसरे पदार्थो मे क्रियाओ को कर देते हैं, उसी प्रकार क्रिया-रहित जीव भी शरीरमे क्रिया को उपजा देगा, फिर 'शरीरे क्रिया-हेतुत्व' हेतु आप जैनो ने आत्मा मेक्रिया सहितपन को क्यो साधा कहते हैं कि यह नहीं समझ बैठना क्योकि सर्वथा भी स्वयं क्रिया से रहित हो रहे आत्मा को मानने पर प्रमाणो से विरोध प्राता है जब कि शरीर आदि की क्रिया करने मे भात्मा प्रेरक कारण इष्ट किया गया है जैसे कि तृरण पत्ता आदि की क्रियाओ मे वायु, जल, विजली मादिक प्रेरक कारण माने गये है, दूसरा मे क्रियाश्री के प्रेरक कारण पवन आदिक क्रिया सहित ही है तो उसी प्रकार आत्मा भी क्रिया - सहित होना चाहिये तभी शरीर आदि मे क्रिया करने का वह प्रेरक हेतु हो सकता है । वीर्यातरायविज्ञानावरणच्छेदभेदतः । सक्रियस्यैव जीवस्य ततोंगे कर्महेतुता ॥१८॥ तिस कारण से सिद्ध हुआ कि वीर्यान्तराय कर्म और ज्ञानावरण कर्म के (का) विशेष क्षयो पशम हो जाने से क्रियासहित हो रहे ही जीव को शरीर में क्रिया का हेतुपना प्राप्त होता है । हस्ते कर्मात्मसंयोगप्रयत्नाभ्यामुपेयते । यैस्तेपि च प्रतिक्षिप्तास्तयोस्तच्छक्त्ययोगतः ॥१६॥ निष्क्रियो हि यथात्मैषां क्रियावद् सदृश्यतः । कालादिवत्तथैवात्मसंयोगः सप्रयत्नकः ॥२०॥
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किसी भी अनुसूचित जाति या जनजाति या पिछड़े वर्ग का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए. वह यदि समृद्ध घर का नहीं है तो उसे उत्तम शिक्षा पाने से कौन रोक सकता है? कम से कम 10 वीं कक्षा तक के छात्नों के दिन के भोजन, स्कूल की पोशाक और जिन्हें जरूरत हो, उन्हें छात्नावास की सुविधाएं मुफ्त दी जाएं तो दस वर्षो में भारत का नक्शा ही बदल जाएगा. आर्थिक आधार पर शिक्षा-संस्थाओं में आरक्षण स्वागत योग्य है. वह दस प्रतिशत क्यों, कम से कम 60 प्रतिशत होना चाहिए और उसका आधार जाति या कबीला नहीं होना चाहिए. जो भी गरीब हो, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या भाषा का हो, यदि वह गरीब का बेटा है तो उसे स्कूल और कॉलेजों में प्रवेश अवश्य मिलना चाहिए. किसी भी अनुसूचित जाति या जनजाति या पिछड़े वर्ग का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए. वह यदि समृद्ध घर का नहीं है तो उसे उत्तम शिक्षा पाने से कौन रोक सकता है? कम से कम 10 वीं कक्षा तक के छात्नों के दिन के भोजन, स्कूल की पोशाक और जिन्हें जरूरत हो, उन्हें छात्नावास की सुविधाएं मुफ्त दी जाएं तो दस वर्षो में भारत का नक्शा ही बदल जाएगा. ये सब सुविधाएं देने के पहले सरकार को गरीब की अपनी परिभाषा को ठीक करना पड़ेगा. सवर्णो के वोट पाने के लिए 8 लाख रु. सालाना की जो सीमा रखी गई है, उसे आधा या एक-तिहाई करना होगा. सबसे पहले तो यह होगा कि जो करोड़ों बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं, वे नहीं छोड़ेंगे. मैट्रिक तक पहुंचते-पहुंचते वे बहुत से हुनर सीख जाएंगे. यदि उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो भी वे इतने हुनरमंद बन जाएंगे कि उन्हें अपने रोजगार के लिए किसी का मोहताज नहीं रहना पड़ेगा. यह तभी होगा जबकि मैकाले की शिक्षा पद्धति को तिलांजलि दी जाए. देश में चल रही समस्त निजी शिक्षा-संस्थाओं के पाठ्यक्र मों और फीस पर नियंत्नण रखने के लिए एक असरदार शिक्षा-आयोग बनाया जाए. आज देश के निजी अस्पताल और स्कूल-कॉलेज लूट-पाट के सबसे बड़े अड्डे बन गए हैं. उनका लक्ष्य एक सबल, संपन्न और समतामूलक भारत का निर्माण करना नहीं है बल्कि सिर्फ पैसा बनाना है. यदि भारत की शिक्षा-संस्थाओं में शरीर और चरित्न, दोनों की सबलता पर भी जोर दिया जाए तो भारत को अगले एक दशक में हम दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं. भारत की शिक्षा में विज्ञान और तकनीक के शोध-कार्यो पर जोर दिया जाए और वह शोध स्वभाषाओं में किया जाए तो भारत के प्रतिभाशाली युवक अपने देश को बहुत आगे ले जा सकते हैं.
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूजः पीरियड्स किसी को पेनफुल, गंदे और असुविधाजनक लग सकते हैं। उस एक हफ्ते के दौरान हम शारीरिक और भावनात्मक कई तरह की समस्याओं का एक साथ सामना करते हैं। पर कभी-कभी जब हमें वहां सूखा महसूस होने लगता है और पीरियड्स के अंत पर पहुंच जाते हैं, तब पीरियड रैश एक नई समस्या बनकर हमें परेशान कर देते हैं। तो आइए जानते हैं इनका कारण और बचाव के उपाय। क्या है पैड रैश की वजहः सैनिटरी पैड पहनने से मूवमेंट के दौरान फ्रिक्शन के कारण दाने हो सकते हैं। सेंटर फॉर यंग वुमन्स हेल्थ के अनुसार, चलना, दौड़ना और शारीरिक गतिविधि रैश का कारण बन सकती है। साथ ही, इन दिनों नमी के कारण भी दाने या रैशेज हो सकते हैं। इसकी मुख्य वजह सैनिटरी पैड का इस्तेमाल ही है। इन पैड्स में मौजूद केमिकल आपकी त्वचा को योनि और जांघ के अंदरूनी हिस्सों में परेशान कर सकते हैं। बचाव के लिए घरेलू उपायः नीम के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पैड रैश से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आपको बस एक बर्तन में पानी में लगभग 20 नीम की पत्तियां डालनी है और इसे कुछ देर के लिए रिसने देना है। इसका इस्तेमाल प्रभावित क्षेत्र को धोने के लिए करें। बर्फ दर्द और सूजन को कम करती है। आपको बस इतना करना है कि एक दो बर्फ के टुकड़े लें, उन्हें एक साफ कपड़े में लपेटकर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। कोकोनट ऑयल अपने जीवाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है। यह पैड रैश के लिए एक बेहतरीन उपाय है। साथ ही, यह आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज भी करता है। रात को सोने से पहले प्रभावित हिस्से को ठंडे पानी से साफ करें और कॉटन बॉल से प्रभावित जगह पर नारियल का तेल लगाएं।
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दिनांक 25 जनवरी, 2021 को ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज से आकाश-एनजी (नई पीढ़ी) मिसाइल का सफल पहला प्रक्षेपण किया। आकाश-एनजी एक नई पीढ़ी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसका उद्देश्य भारतीय वायु सेना द्वारा उपयोग के लिए ऊंचाई से हमला करने वाले कम आरसीएस हवाई खतरों को रोकना है । मिसाइल ने टेक्स्ट बुक सटीकता के साथ लक्ष्य पर निशाना साधा। मिसाइल ने प्रक्षेपवक्र के दौरान उच्च स्तरीय क्षमता का प्रदर्शन करके सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया। परीक्षण के दौरान कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, ऑनबोर्ड एवियोनिक्स और मिसाइल के एयरोडायनामिक विन्यास का प्रदर्शन सफलतापूर्वक सत्यापित हुआ। परीक्षण प्रक्षेपण के दौरान मिसाइल के पूरे उड़ान पथ पर नजर रखी गई और उड़ान के आंकड़ों को आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात रडार, ईओटीओ और टेलीमेट्री सिस्टम जैसे विभिन्न रेंज उपकरणों द्वारा हासिल किया गया। प्रणाली के साथ एकीकृत करके मल्टी फंक्शन रडार का उसकी क्षमता के लिए परीक्षण किया गया। आकाश-एनजी प्रणाली को कनस्तरीकृत लांचर और बहुत छोटे ग्राउंड सिस्टम फुटप्रिंट के साथ अन्य समान प्रणालियों की तुलना में बेहतर तैनाती के साथ विकसित किया गया है। यह परीक्षण भारतीय वायु सेना के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), बीडीएल और बीईएल की संयुक्त टीम द्वारा किया गया था। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ, बीईएल और भारतीय वायु सेना की टीम के वैज्ञानिकों को बधाई दी । सचिव डीडी आरएंडडी और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने आकाश एनजी मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण के लिए टीम को बधाई दी।
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बॉर्डर के ऊपर उड़ा पाकिस्तानी ड्रोन, दिखते ही भारतीय जवानों ने बरसाईं गोलियां, फिर क्या हुआ? अमृतसर। 3 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी भारत-पाक अंतराष्ट्रीय सीमा पर पड़ोसी मुल्क की ओर से आए-रोज घुसपैठ, तस्करी या ड्रोन चले आने की घटनाएं सामने आ रही हैं। भारतीय बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स (BSF), पुलिस एवं अन्य निगरानी दल ऐसी घटनाओं का पर्दाफाश करते रहे हैं। बीएसएफ ने अभी बताया कि, पाकिस्तान की तरफ से बीती रात फिर एक ड्रोन भेजा गया। भारतीय जवानों की उस पर नजर पड़ गई। ड्रोन को बॉर्डर पर देखकर भारतीय जवानों ने वॉर्निंग-शॉट्स दागे। गोलियां चलाने पर पाकिस्तानी ड्रोन तेजी से अपने इलाके में वापस चला गया। यह घटना अमृतसर जिले के अजनाला बाॅर्डर की है, जिसके बारे में अधिकारियों ने बताया कि, बीएसएफ की 183 बटालियन की बीओपी न्यू सुंदरगढ़ के पास जवानों को ड्रोन के बारे में पता चला था। उसे देखकर जवानों ने उस तरफ गोलियां चलाईं। जिसके बाद वह वापस पाकिस्तान की तरफ लौट गया। थाना प्रभारी मुख्तियार सिंह ने बताया कि, उक्त बटालियन के जवानों ने उन्हें सारी घटना की सूचना दी थी। जवानों ने यह भी बताया है कि भारत की ओर एक खेतों में उन्हें दो युवक मिले, जो कि अपने ही क्षेत्र के थे। उनसे पूछताछ की गई है। उनके बारे में कहा जा रहा है कि, जवानों ने जब आस-पास के इलाकों में छानबीन शुरू की तो वे युवक खेतों में मिले, वे वहां क्यों थे, ये पता किया जा रहा है। बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स (बीएसएफ) ने पिछले महीने पंजाब के फाजिल्का व फिरोजपुर सेक्टर के मध्य पड़ती बीओपी के पास 7. 89 किलो हेरोइन पकड़ी थी। बीएसएफ की ओर से बताया गया कि, हेरोइन को कुछ लोग बॉर्डर के उस पार से लेकर आए। वह बीती रात अंधेरे का फायदा उठाते हुए भारतीय क्षेत्र में हेरोइन पहुंचाना चाहते थे। उनकी हलचल का पता चलते ही बीएसएफ के जवानों ने उन्हें ललकारा। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तो गोलियां चलाईं। उसके बाद बीएसएफ के जवानों को तलाशी अभियान में उसी जगह से हेरोइन के 8 पैकेट मिले।
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नई दिल्ली : दुनिया भर में महामारी की तरह फैल चुका कोरोना वायरस से अब तक 9000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 200000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा चीन प्रभावित हुआ। यहां 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई करीब 90 हजार लोग संक्रमित हुए। लेकिन इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में चीन कामयाब होता नजर आ रहा है। इसके करीब होने के कारण सिंगापुर में वायरस फैलने का खतरा बहुत ज्यादा था। लेकिन सिंगापुर सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए। जब कोरोना वायरस चीन के बाहर फैलना शुरू हुआ तो सबसे अधिक खतरा सिंगापुर पर था। दिसंबर में चीन में फैला यह वायरस फरवरी में मध्य तक दूसरे पहुंचा शुरू हो गया था। तब चीन के बाद सबसे अधिक मामले सिंगापुर में था। तब यहां 80 मामले सामने आ चुके थे। सरकार ने इस खतरे को देखते हुए तुरंत एहतियातन सख्त कदम उठाए। जिसके बाद इसपर काफी हद तक रोकने में कामयाबी पाई गई। सिंगापुर में अब तक कुल 313 मामले सामने आए लेकिन इस वायरस से यहां एक भी मौत नहीं हुई है। बल्कि 117 मरीज ठीक हो गए हैं। जबकि 196 का अभी इलाज चल रहा है। इनमें 14 की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस छोटे से देश ने दुनिया के सामने इस इसका उदाहरण पेश किया। चीनी पारंपरिक मेडिकल व्यवस्था का इतिहास 351 साल का इतिहास रहा है और चीनी पारंपरिक मेडिकल कंपनी थूंगरेनथांग ने नए कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम में अपनी विशेष भूमिका साबित की है। चीन के पेइचिंग, जंगचाऊ और हांगकांग, तथा इटली के रोम, कनाडा के टोरंटो और सिंगापुर आदि के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने वीडियो के माध्यम से 'थूंगरेनथांग ओवरसीज महामारी की रोकथाम विशेषज्ञ टीम' की सभा का आयोजन किया। सभा में चीन के पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञों ने इटली, कनाडा और सिंगापुर के विशेषज्ञों को नए कोरोना वायरस निमोनिया के इलाज के लिए पारंपरिक दवाइयों का सिफारिश किया। थूंगरेनथांग कंपनी के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि हम 28 देशों और क्षेत्रों में स्थापित हमारे 149 मंचों के जरिए विश्व को चीनी पारंपरिक इलाज स्कीम प्रस्तुत करेंगे। पता चला है कि चीनी पारंपरिक मेडिकल सुविधा के 3200 डॉक्टरों ने हूपेइ प्रांत में महामारी को रोकने वाले अभियान में भाग लिया। हूपेइ प्रांत में महामारी की रोकथाम में चीनी पारंपरिक दवाइयों का प्रयोग दर 91 प्रतिशत रही। थूंगरेनथांग कंपनी ने इटली, कनाडा और सिंगापुर को पारंपरिक दवा प्रदान किए हैं। अभी तक चीनी पारंपरिक मेडिकल और दवाइयों का 183 देशों और क्षेत्रों में प्रचार किया गया है। नये कोरोना वायरस निमोनिया के इलाज में चीनी पारंपरिक मेडिकल और दवाइयों की श्रेष्ठता की मान्यता दी गई है।
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नई दिल्ली (new Delhi)। देश का कोयला उत्पादन (coal production) वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान 16. 39 फीसदी (16. 39 percent increase) बढ़कर 60 करोड़ 79. 7 लाख टन (60 crore 79. 7 lakh tonnes) पर पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष समान अवधि में देश का कोयला उत्पादन 52 करोड़ 23. 4 लाख टन रहा था। कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अप्रैल-दिसंबर के दौरान 47 करोड़ 90. 5 लाख टन कोयले उत्पादन किया था, जो उसके उत्पादन में 15. 82 फीसदी की वृद्धि है। बयान के मुताबिक मंत्रालय ने कोयला खदानों से तेज निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत सभी प्रमुख खानों के लिए रेल संपर्क बुनियादी ढांचा बनाने के लिए कदम उठा रहा है। मंत्रालय के मुताबिक पीएम गति शक्ति योजना के चलते चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर की अवधि के दौरान कुल कोयला आपूर्ति 63 करोड़ 75. 1 लाख टन की रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 59 करोड़ 42. 2 लाख टन रही थी। कोयले उत्पादन में यह 7. 28 फीसदी की वृद्धि है। केंद्र ने कोयला खदानों की व्यावसायिक बिक्री के लिए 141 नए कोयला ब्लॉक खंडों को नीलामी के लिए रखा है। इसके साथ ही विभिन्न कोयला कंपनियों के साथ नियमित तौर पर संपर्क में है। इसके अलावा उत्पादन पर भी नज़र रख रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कोयले के घरेलू उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए किए गए चौतरफा प्रयासों के बहुत बेतर परिणाम सामने आए हैं। (एजेंसी, हि. स. )
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बेकिंग हैं, जो बहुत तैयार हैंबस, लेकिन वे बहुत स्वादिष्ट हैं। यह पूरी तरह से नीचे पकवान पर लागू होता है। शुरुआती और किशोर दोनों के लिए इस प्रकार का बेकिंग किया जा सकता है। यह अपमानजनक पकवान क्या है? यह सेब "पाई" पाई। पकाने की विधि यह केवल कुछ सामग्री है कि लगभग हमेशा रसोई में मौजूद हैं के होते हैं। गर्मी और देश में शरद ऋतु में अपने आप को और परिवार कुछ स्वादिष्ट का इलाज करना चाहता था, तो आप अपनी साइट पर कुछ सेब लेने या उन्हें पड़ोसी पेड़ से मुक्त करने के लिए प्राप्त कर सकते हैं, और संस्कार तैयार करने के लिए शुरू करते हैं। ऐप्पल पाई "शार्लोट" (जिसका नुस्खा दिया जाता हैनीचे) इसकी संरचना में फल की ठोस किस्में होनी चाहिए। बेक्ड होने पर इस तरह के सेब कम आकार खो देंगे और "दलिया" में नहीं बदलेंगे। उत्कृष्ट बेकिंग का एक और रहस्य फल टुकड़ा कर रहा है। इसे बारीक से काटना आवश्यक नहीं है, तब से उच्च तापमान की क्रिया के कारण अखंडता बाधित हो जाएगी। और तीसरी नोक। सेब के लिए अंधेरा नहीं होता है और एक अतिरिक्त स्वाद मिलता है, उन्हें नींबू वोडिचु में कुछ मिनट के लिए रखा जाता है। ऐसा करने के लिए, 300 ग्राम पानी आधे नींबू के रस को निचोड़ा जाता है, उत्तेजना भी क्रिया में जाता है। उसके लिए धन्यवाद एक सुगंधित साइट्रस गंध केक "शार्लोट" भी मिलेगा। एक तस्वीर के साथ एक नुस्खा और अभी तैयारी के चरण-दर-चरण विवरण। - 1 कप आटा; - चीनी का 1 गिलास; - 4 चिकन अंडे; - कठिन किस्मों के 4 सेब; - ¼ चम्मच वैनिलीन; दालचीनी का ½ चम्मच; - आधा नींबू छील; - फार्म, क्रैकर्स को लुब्रिकेट करने के लिए गंध के बिना वनस्पति तेल। अंडे एक मिक्सर के साथ एक फोम में व्हीप्ड कर रहे हैं। यदि परिचारिका का अनुभव होता है, तो आप पहले प्रोटीन से योल को अलग कर सकते हैं और दो अवयवों को अलग से हरा सकते हैं, और फिर धीरे-धीरे मिश्रण कर सकते हैं। यह अधिक हवादार सेब पाई शार्लोट बाहर निकलता है। नुस्खा को इसकी आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए आप फोम तक मिक्सर के साथ अंडे को मारकर इसे और आसानी से कर सकते हैं। यह चीनी और वैनिलीन की बारी थी, जो अंडा मिश्रण में डाला जाता है, जो लगातार चल रहा है। आधा नींबू का उत्साह जोड़ें। अब आपको आटे में प्रवेश करने की आवश्यकता है और एक व्हिस्क की मदद से आटा बनाना जारी रखना है। जब द्रव्यमान एक समान होता है, तो आप इसे अभी भी एक तरफ सेट कर सकते हैं। 1-2 सेब क्यूब्स में काटा जाता है और आटा में जोड़ा जाता है। अगर अचानक उन्हें पहले काटा जाना था, तो इसे नींबू पानी में कम किया जाना चाहिए। सेंकना चर्मपत्र मोल्ड के नीचे पंक्तिबद्ध। वह और किनारों को तेल के साथ स्नेहन किया जाता है और जमीन के ब्रेडक्रंब के साथ छिड़क दिया जाता है। शेष सेब स्लाइस में काटा जाता है। अब आप दो तरीकों से कार्य कर सकते हैं। मोल्ड मोल्ड के नीचे या आटा के शीर्ष पर रखा जाता है। पहली विधि के साथ, इन फलों को पहले कृत्रिम रूप से एक मोल्ड में रखा जाता है, दालचीनी के साथ छिड़क दिया जाता है, और शीर्ष पर आटा डालना होता है। यदि आप अलग-अलग करना चाहते हैं, तो पहले आटा को मोल्ड में डाला जाता है, और सेब स्लाइसें रखी जाती हैं और चीनी के साथ छिड़कती हैं। फिर यह इस तरह की तस्वीर में, सेब पाई "शार्लोट" के रूप में यहां निकलता है। नुस्खा बिल्कुल वही है।
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उपर्युक्त चार व्याख्यानों मे जैन जैनधर्म के इतिहान, माहित्य तत्वज्ञान और कला का जी महक्षेप परिचय दिया गया है उसमें उसकी मौलिक प्रेरणाओ और साधनाली द्वारा भारतीय प्रकृति की परिपुष्टि का स्वरूप समझा जा सकता है [इम धर्म को बाघार-भूमि उतनी ही प्राचीन है जितनी प्राचीनतम वैदिक परम्परा, क्योंकि ऋग्वेद में हो केशी जैसे वातराना गुनियों को उन साघनाओं का उल्नेस है जो उन वैदिक पियो मे पृथक तथा श्रमण गुनियो मे मे अभिन्न प्रमाणित करती है। केशी और आदि तीर्थंकर ऋषभदेव का एक भी हिन्दू और जैन पुराणो ने मिद्ध होता है । कोशल से प्रारम्भ होकर यह श्रमण धर्मं पूर्व की ओर विदेह और मगध, तथा पश्चिम को और तक्षशिला व सौराष्ट्र तक फैला, एव प्रन्तिम तीर्थंकर महावीर द्वारा ईस्वी पूर्व छठी माती में अपना सुव्यवस्थित स्वरुप पाफएः अनफे अनुयायियों द्वारा असिल देश व्यापी बना। उमने समय-समय पर उत्तर और दक्षिण भारत के विभिन्न राजवशी एव बहुजन समाज को प्रभावित किया, तथा अपने प्रान्तरिक गुणो के फल स्वरूप वह अविच्छिन्न धारावाही रूप मे आज तक देश मे अपना अस्तित्व सुरक्षित रम हुए है। जिन आन्तरिक गुणो के बल पर जैनधर्म गत तीन-चार हजार वर्षो से इस देश के जन-जीवन में व्याप्त है वे हैं उसकी आध्यात्मिक भूमिका, नैतिक विन्यास एव व्यवहारिक उपयोगिता और सतुलन । यहाँ प्रकृति के जड ओर चेतन तत्वो की सत्ता को स्वीकार कर चेतन को जड से ऊपर उठाने मोर परमात्मत्व प्राप्त कराने की कला का प्रतिपादन किया गया है। विश्व के अनादि-अनन्त प्रवाह से जड चेतन रूप द्रव्यों के नाना रूपो और गुणो के विकास के लिये यहा किमी एक ईश्वर की इच्छा व अधीनता को स्वीकार नही किया गया, जीव और अजीव तत्त्वो के परिणामी नित्यत्व गुण के द्वारा ही समस्त विकार और विकास के मर्म को समझने-समझाने का प्रयत्न किया गया है । सत्ता स्वय उत्पाद-व्यय-धोव्यात्मक है, और ऐसी सत्ता रखने वाले समस्त द्रव्य गुण- पर्याय - युक्त है। इन्ही मौलिक सिद्धान्तो मे जैन-दर्शन-सम्मत पदार्थों के नित्यानित्यत्व स्वरूप का मर्म अन्तनिहित है। इस जानकारी के अभाव मे प्राणी भ्रान्त हुए भटकते और बन्धन में पड़े रहते हैं । इस तथ्य की ओर सच्ची दृष्टि और उसका सच्चा ज्ञान एव तदनुसार प्राचरण हो जाने
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ई-प्रशासन पर 13वां राष्ट्रीय सम्मेलन कल जयपुर के बिरला सभागार में शुरू हो रहा है । दो दिन के इस वार्षिक सम्मेलन का राजस्थान की राज्यपाल श्रीमती प्रभा राव उद्धाटन करेंगी । आशा है कि उद्धाटन सत्र में राजस्थान के मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत, प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री पृथ्वी राज चव्हान, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री सचिन पायलट, राजस्थान सरकार के ऊर्जा और अपारम्परिक ऊर्जा स्रोत, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री डॉ. जीतेन्द्र सिंह, राजस्थान के मुख्य सचिव श्री टी.. श्रीनिवासन, भारत सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री आर चन्द्रशेखर, भारत सरकार में प्रशासनिक सुधार लोक शिकायत तथा पेंशन विभाग के सचिव श्री आरसी मिश्रा भाग लेंगे । यह सम्मेलन भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत, और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों और राजस्थान सरकार के सूचना तथा प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है । उद्धाटन सत्र में 2009-10 के लिए ई-प्रशासन राष्ट्रीय पुरस्कार के सात वर्गों में विजेताओं को पुरस्कार दिये जाएंगे । ये पुरस्कार 17 संगठनों को दिये जाएंगे और एक संगठन को विशेष उल्लेख का पुरस्कार मिलेगा । ये पुरस्कार ई-प्रशासन में पहल को मान्यता देने और उसमें श्रेष्ठता को प्रोत्साहित करने के लिए दिये जाते हैं । ये पहल सरकार से सरकार को, सरकार से नागरिकों को या सरकार से व्यापार को हो सकती है। इस अवसर पर ई-प्रशासन पर सरकारी और निजी क्षेत्र द्वारा की गई पहलों और क्षमताओं तथा उत्पादों के बारे में एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है नागरिकों के परिप्रेक्ष्य से ई-प्रशासन । ये सम्मेलन सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवा प्रदाताओं में जागरूकता पैदा करने में बहुत ही उपयोगी सिध्द हुए है । साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई नई पहलों को सामने लाने में उपयोगी मंच के रूप में सहायक हुए हैं ।
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नयी दिल्ली, 28 सितम्बर (एजेंसी) दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उस अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस आधार पर पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है कि इससे कोविड-19 संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती हैं। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की पीठ ने उस अर्जी पर केंद्र को नोटिस जारी किया जिसमें दलील दी गई थी कि पराली जलाये जाने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाएगा जिससे शहर में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ सकती हैं। अर्जी एक अधिवक्ता की ओर से दायर की गई थी जिन्होंने अदालत से आग्रह किया कि केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह मुद्दे के समाधान के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के बीच एक बैठक का समन्वय करे। सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि पराली जलाया जाना पंजाब और हरियाणा में पहले ही शुरू हो चुका है। केंद्र ने पीठ को बताया कि संबंधित राज्य सरकारों ने पराली नहीं जलाने या ऐसा करने पर जुर्माने का सामना करने को लेकर निर्देश जारी किये हैं लेकिन इसके बावजूद किसान ऐसा कर रहे हैं। अदालत ने मामले को 22 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और केंद्र सरकार से यह पता लगाने के लिए कहा कि क्या इसी तरह का कोई मामला सुप्रीमकोर्ट के समक्ष लंबित है।
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- 2 min ago Year Ender 2023- इस साल दुनिया को अलविदा कह गए ये दिग्गज सितारे.. एक एक नाम कर देगा दुखी! - 1 hr ago अरबाज खान के दुल्हा बनते ही मलाइका अरोड़ा ने किया शादी का ऐलान? बोलीं- मैं जरूर शादी करूंगी.. Don't Miss! - Automobiles इस फेमस कार ब्रांड की एंबेसडर बनीं एक्ट्रेस Deepika Padukone, SRK की भी फेवरेट है कंपनी! जानी-मानी मलयालम एक्ट्रेस नूरिन शरीफ़ ने अपनी लाइफ की नई शुरुआत करते हुए 24 जुलाई 2023 को अपने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड फहीम सफ़र से निकाह करते हुए उन्हें 'कुबूल है' कहा। रिपोर्ट्स की मानें, तो नूरिन को एक प्रोजेक्ट पर साथ काम करने के दौरान फहीम से प्यार हो गया था और ये फहीम ही थे, जिन्होंने आगे बढ़कर अपने प्यार को एक्सेप्ट करते हुए नूरिन को प्रपोज किया था। 24 जुलाई 2023 को नूरिन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अपने निकाह समारोह की कुछ खूबसूरत तस्वीरें शेयर कीं। एक मुस्लिम दुल्हन के रूप में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं। निकाह के लिए उन्होंने पेस्टल पीच-टोन वाला एक यूनिक लहंगा पहना था, जिसमें चमकीले धागे से बने फूल और लटकन लगी हुई थी। दुल्हन ने इसे डबल दुपट्टे के साथ स्टाइल किया था, जिनमें से एक को साड़ी के पल्लू की तरह ड्रेप किया गया था और दूसरे को सलीके से उनके सिर पर पिन किया हुआ था। दुल्हन नूरिन ने अपने लुक को बड़े-बड़े झुमकों, शीश पट्टी और एक बड़े से हीरे के नेकपीस के साथ स्टाइल किया था। सॉफ्ट पिंक लिप्स और खुले बालों के साथ डेवी शीन मेकअप ने उनके लुक को पूरा किया था और इसमें कोई शक नहीं कि अपने इस बड़े दिन पर नूरिन बेहद खूबसूरत लग रही थीं। वहीं, उनके दूल्हे फहीम मैरून टोन के फ्लोरल सूट में हैंडसम लग रहे थे। नूरिन शरीफ़ कोल्लम की रहने वाली हैं और न केवल एक अभिनेत्री हैं, बल्कि एक प्रसिद्ध डांसर भी हैं। उन्होंने 'धमाका', 'सांताक्रूज़', 'वेलेप्पम' और 'बरमूडा' जैसी फिल्मों से अपना नाम बनाया। नूरिन की पहली फिल्म 'चंक्ज' थी, जो 2017 में रिलीज हुई थी। अपनी इसी फिल्म से नूरिन को खूब नेम-फेम मिला था। उन्हें 'मिस केरल फिटनेस 2017' के ताज से भी नवाजा गया था। वह, 'ओरु अडार लव' फिल्म के लिए भी जानी जाती है। वहीं, फहीम सफ़र भी एक मशहूर अभिनेता हैं, जो 'जून', 'मलिक', 'पाथिनेट्टम पड़ी' और 'मधुरम' जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
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UP Election 2022: यूपी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए प्रियंका गांधी को जिम्मेदारी दी है। यू पी प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आधी आबादी के सहारे पुनः उत्तर प्रदेश में सत्ता पाने के लिए मैं लड़की लड़ सकती हूं का नारा दिया है। UP Election 2022: अमेठी जिले में यूपी विधान सभा चुकाव में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) आधी आबादी के सहारे कांग्रेस (Congress) की खोई हुई जमीन वापस लाने की जद्दोजहद में लगी हुई है। वहीं गांधी परिवार की कर्म स्थली अमेठी में प्रियंका गांधी का लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा धराशाई होता दिखाई पड़ रहा है। अमेठी कांग्रेस को महिला प्रत्याशी ढूढे नहीं मिल रही है। यूपी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए प्रियंका गांधी को जिम्मेदारी दी है। यू पी प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आधी आबादी के सहारे पुनः उत्तर प्रदेश में सत्ता पाने के लिए मैं लड़की लड़ सकती हूं का नारा दिया है। फिलहाल अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार पहली सूची में महिलाओं को टिकट देकर दांव चला है। वहीं अमेठी में प्रियंका गांधी का यह नारा साकार होता नही दिखाई दे रहा है। पहली सूची में कांग्रेस ने दो सीटों पर टिकटों का ऐलान कर दिया है। जिसमे जगदीश पुर विधान सभा सीट से विजय पासी को मैदान में उतारा है। वही तिलोई सीट पर प्रदीप सिंघल को टिकट दिया है। पहली सूची में एक भी महिला प्रत्याशी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को नहीं मिला। जिले में अभी 2 सीटों पर टिकट घोषणा होना बाकी है जिसमें गौरीगंज और अमेठी की विधानसभा सीटें शामिल हैं। फिलहाल कांग्रेसमें गौर करें तो इन 2 सीटों के लिए महिला प्रत्याशी नजर नहीं आ रही हैं गौरीगंज से अभी तक अपनी उम्मीदवारी को लेकर पुरुष प्रत्याशी के मैदान में डटे हुए हैं। महिला प्रत्याशी सामने नहीं दिखाई पड़ रही है। वही हाल अमेठी विधान सभा में भी है। महिला कैंडिडेट की घोषणा होना बहुत मुश्किल लग रहा है गौरतलब है कि अमेठी जिले के तिलोई विधानसभा से सुनीता सिंह कांग्रेश की पुरानी और कद्दावर नेता हैं उन्होंने भी टिकट के लिए आवेदन किया था फिलहाल पहली सूची जारी होने के बाद उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी है अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रियंका गांधी का यह नारा लड़की हो लड़ सकती हूं अमेठी में कैसे साकार होगा। इस तरह कांग्रेस को अमेठी में महिला कैंडिडेट ढूढने में पसीना छूट रहा है।
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इस दवा "Levomekol" इस के लिए सबसे अच्छा में से एक हैघाव के सभी प्रकार से समय फंड, जलता है, festering, और इतने पर। डी। यह सफलतापूर्वक Vishnevsky मरहम, जेंटामाइसिन, और कई अन्य समान साधन बदल देता है। हम समझते हैं, अपनी लाभ यह है क्या। यदि आपके पास कोई विकल्प है, तो क्या उपचार औरएंटीसेप्टिक खरीदने का मतलब है, यह एक मरहम "Levomekol।" इसका उद्देश्य क्या हैः सूजन को दूर करता है, रोगाणुओं को नष्ट करता है, जिसमें स्टेफिलकोसी, ई कोलाई, अन्य परजीवी शामिल होते हैं। दवा के दायरे में त्वचा के ऊतकों, वसूली प्रक्रियाओं के सक्रियण, नवीकरण में गहरी पैठ है। यदि शरीर में गंभीर सफ़ाई के साथ क्षेत्र हैं, तो वे उन्हें लेविमोकोल के साथ भी इलाज करते हैं, जिसके लिए मलम के साथ पट्टियां सीधे प्रभावित क्षेत्रों में लागू होती हैं। इस मामले में, तैयारी इसकी एंटीसेप्टिक गुणों को नहीं खोती है। वे मरने वाले ऊतकों की उपस्थिति में संरक्षित हैं। एक चिकित्सा उपकरण का एक और प्लसः यह डिस्बिओसिस का कारण नहीं है, भले ही उसे पुष्पक सूजन के साथ गुहों में इंजेक्शन लगाया जाए। पता लगाना कि एक मरहम क्या है"लेवोमकोल" जिसका उद्देश्य है, हम इसकी संरचना के बारे में नहीं कह सकते। सहायक तत्वों में यह शामिल नहीं है, केवल एक उपचारात्मक प्रभाव वाले अवयवों में से होते हैं। यह मेथिल्यूरैसिल के साथ क्लोरैम्फेनेनिक का संयोजन है दोनों घटकों ने दवा के प्रभावों की इस तरह की एक विविध श्रेणी का निर्धारण किया है। वे यह भी इस तथ्य में योगदान करते हैं कि जो भी प्रयोग किया जाता है, "Levomekol" मरहम, व्यावहारिक रूप से रोगी या एलसीडी प्रतिक्रियाओं का कारण संक्रामक रोगजनकों से नहीं होता है। और अब और अधिक विस्तार से, जब हमें सहायता करने का सहारा लेना चाहिए। - पीठ के साथ पुरानी चीजों सहित बेडसोर्सऔर नेक्रोटिक टुकड़े गंध पट्टियां लागू करें, जो बहुत ही सुगंध से सुगन्धित है। यदि आप प्रभावित क्षेत्र को खुले रखना चाहते हैं, तो उस पर ट्यूबा से आवश्यक धन की मात्रा निचोड़ें। - ट्राफिक अल्सर एक ओवरलैप हैं, जो ऊपर वर्णित एक जैसा है। - फ्र्रेन्चस, फेयिंग, फोड़े और फोड़े ऐसी बीमारियों के साथ, त्वचा को बच्चों के लिए "लेविमोक्ल" मरहम निर्धारित किया जाता है, न केवल वयस्कों के लिए। - बाहरी बवासीर, क्रोनिक सहित, सूजन के चरण में, खूनी, और पुष्पयुक्त निर्वहन। यह उन सभी लोगों द्वारा प्रयोग किया जाना चाहिए जो बीमारी से पीड़ित हैं, खासकर गंभीर रूपों में। एंटीसेप्टिक के अलावा, "लेविमोकोल" मरहम, कीमतजो 77 rubles से 103 या इससे थोड़ा भिन्न होता है इस क्षेत्र के आधार पर, दोनों एक पुनर्जन्मनात्मक, घाव-चिकित्सा प्रभाव को दर्शाता है इसके अलावा, मरहम सक्रिय रूप से प्रतिरक्षा में वृद्धि को प्रभावित करता है, विभिन्न वायरल और सूजन संक्रमणों के लिए शरीर का प्रतिरोध। मेथाइल्यूरैसिल के प्रभाव में, खून में ल्यूकोसाइट्स की संख्या बढ़ जाती है, और एक विशेष प्रोटीन, इंटरफेरॉन, जो एक इम्यूनोस्टिम्युलेटिंग एक्शन का उत्पादन करता है, सक्रिय रूप से उत्पादन किया जा रहा है।
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टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने दावा किया है कि उसकी ओर से महाराष्ट्र के पुणे में किए गए 5G ट्रायल में 3. 7Gbps की पीक स्पीड मिली है। कंपनी की मानें तो यह ट्रायल नए mmWave स्पेक्ट्रम बैंड पर किया गया और इस टेस्ट के दौरान कई गुना बेहतर परफॉर्मेंस मिली। Vi का कहना है कि गांधीनगर और पुणे में 3. 5Ghz बैंड 5G ट्रायल नेटवर्क के साथ भी 1. 5Gbps तक की पीक डाउनलोड स्पीड्स रिकॉर्ड की गईं। टेलिकॉम कंपनी ने आधिकारिक बयान में बताया, "पुणे सिटी में Vi ने 5G ट्रायल्स की शुरुआत क्लाउड कोर वाले एंड-टू-एंड कैप्टिव नेटवर्क, नए जेनरेशन ट्रांसपोर्ट और रेडियो ऐक्सेस नेटवर्क वाले लैब सेटअप में की है। " कंपनी ने कहा, "Vi को डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस (DoT) की ओर से 26GHz जैसे mmWave हाई बैंड्स मिले हैं और इसके अलावा ट्रेडिशनल 3. 5GHz स्पेक्ट्रम बैंड भी 5G नेटवर्क ट्रायल्स के लिए दिए गए हैं। " वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड के CTO जगबीर सिंह ने कहा, "हम यह बताते हुए खुश हैं कि सरकार की ओर से दिए गए 5G स्पेक्ट्रम बैंड्स पर शुरुआती स्टेज के 5G ट्रायल्स से हमें बेहतरीन स्पीड और लेटेंसी रिजल्ट्स मिले हैं। " उन्होंने कहा, "पूरे भारत में मौजूद 4G नेटवर्क के साथ हम सबसे तेज 4G स्पीड्स दे रहे हैं और 5G-रेडी नेटवर्क बन चुके हैं। हम अब नेक्स्टजेन 5G टेक्नोलॉजी टेस्ट कर रहे हैं, जिसके साथ बेहतरीन डिजिटल एक्सपीरियंस दिया जाएगा। " अलग-अलग टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने 5G टेक्नोलॉजी से जुड़े उपकरणों के लिए अलग-अलग कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है। हालांकि, सरकार की ओर से साफ निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी टेलिकॉम कंपनी चाइनीज ब्रैंड से जुड़े उपकरणों का इस्तेमाल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में नहीं करेगी। ऐसे में कंपनियों के पास एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और C-DOT जैसे विकल्प बचते हैं। रिलायंस जियो नई 5G टेक्नोलॉजी के लिए खुद के उपकरणों का इस्तेमाल करने वाली है। वोडाफोन-आइडिया ने बेहतर 4G सेवाएं देने के लिए हाल ही में महाराष्ट्र और गोवा के कई शहरों में 3G स्पेक्ट्रम से 4G पर माइग्रेशन का काम पूरा किया है। Vi ने स्पेक्ट्रम रिफॉर्मिंग एक्सरसाइज जिन शहरों में की है, उनमें पुणे, नासिक, नागपुर, औरंगाबाद, सोलापुर, कोल्हापुर, गोवा, जलगांव, नांदेड़, सांग्ली-मिराज-कुपवाड़, अमरावती, अहमदनगर, अकोला, भिवंडी, उल्हासपुर और वसाई शामिल हैं। इन शहरों में अब यूजर्स को बेहतर गीगानेट 4G क्षमता का फायदा मिलेगा। वोडाफोन-आइडिया ने कुल 4G बैंडविद बढ़ाने के लिए 900MH का 5MHz और 2100MHz बैंड स्पेक्ट्रम लागू किए हैं। कंपनी अपने यूजर्स को 3G स्पेक्ट्रम से 4G स्पेक्ट्रम पर माइग्रेट करना चाहती है, जिस दिशा में यह महाराष्ट्र और गोवा सर्कल में किया गया एक बड़ा बदलाव है। इस बदलाव के बाद महाराष्ट्र और गोवा के कई शहरों में रहने वाले Vi सब्सक्राइबर्स को पहले से बेहतर अपलोड और डाउनलोड स्पीड्स और बेहतर इनडोर नेटवर्क कवरेज मिलेगी।
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तमिलनाडु के एक 21 वर्षीय युवक ने जॉर्जियाई राष्ट्रीय सेना अर्धसैनिक इकाई के हिस्से के रूप में यूक्रेन के समर्थन में हथियार उठाए हैं। जिसे भारतीय सेना ने दो बार खारिज कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेजी से बढ़ते इस संघर्ष में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का छात्र रूसी सेना के खिलाफ लड़ेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया ने केंद्र और राज्य सरकार को सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कोयंबटूर में सुब्रमण्यमपलयम के सैनिकेश रविचंद्रन अर्धसैनिक इकाई में शामिल हो गए हैं, जिसमें युद्ध के बीच यूक्रेन के लिए लड़ने वाले वालंटियर शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दिन पहले कोयंबटूर में उसके माता-पिता से मिलने के बाद खुफिया अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। खुफिया रिपोर्ट ने सैनीकेश की पारिवारिक पृष्ठभूमि, उनके बल में शामिल होने का कारण, आदि के बारे में विवरण साझा किया। टीम का हिस्सा रहे एक पुलिस अधिकारी ने टीओआई को बताया कि सैनीकेश का कमरा सैनिकों की तस्वीरों से भरा हुआ था। सैनिकेश के परिवार के अनुसार, उन्होंने विद्या विकासिनी मैट्रिकुलेशन संस्थान में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। उनके माता-पिता ने कथित तौर पर कहा कि उसने 12 वीं कक्षा के बाद सेना में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उसकी ऊंचाई के कारण उसे रिजेक्ट कर दिया गया था। उसने तब यह भी कोशिश की थी कि अगर वह अमेरिकी सेना में शामिल हो सके कथित तौर पर यह संभव न हो सका। सितंबर 2018 में, सैनीकेश ने खार्किव में नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी में एक कोर्स किया और 2023 में उनका पांच साल का कोर्स जुलाई पूर्ण होगा। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, उसके परिवार के सदस्य चिंतित हैं और उन्हें घर लौटने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया। सैनीकेश के पिता रविचंद्रन ने कहा, उनके लिए यह सहज नहीं हैं इसलिए उनके बेटे के बारे में ना पूछा जाए। परिवार में सैनीकेश के पिता, मां झांसी लक्ष्मी और छोटा भाई सायरोहित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने राज्य और केंद्र सरकारों के अधिकारियों से मिलने का फैसला किया है और उनसे अपने बेटे को घर वापस लाने का आग्रह किया है।
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झारखंड की जनता ने भाजपा को मौका दिया तो संथाल परगना और विशेषकर साहिबगंज एवं पाकुड़ में मिनी एनआरसी कराया जाएगा। बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान एवं कम से कम वोटर लिस्ट से उनका नाम हटाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। जागरण संवाददाता, धनबादः झारखंड की जनता ने भाजपा को मौका दिया तो संथाल परगना और विशेषकर साहिबगंज एवं पाकुड़ में मिनी एनआरसी कराया जाएगा। बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान एवं कम से कम वोटर लिस्ट से उनका नाम हटाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के कारण संथाल परगना का जनसांख्यिकी अनुपात बिगड़ गया है। यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहीं। वह गुरुवार को यहां दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण संवाद में बोल रहे थे। बाबूलाल ने कहा कि 1980 से ही बांग्लादेश से पाकुड़ एवं साहिबगंज में घुसपैठिये आ रहे हैं। बाबूलाल ने साथ ही यह स्वीकार किया कि झारखंड में बनी पूर्व की सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसका दुष्परिणाम हुआ कि संथाल आदिवासी जो वहां बहुसंख्यक थे, वह अल्पसंख्यक हो गए। उन्होंने कहा कि सिर्फ संथाल पगरना ही नहीं, उन्हें जो सूचना मिली है, उसके अनुसार धनबाद के गोविंदपुर का भी जनसांख्यिकी अनुपात बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण बदल गया है। जीटी रोड के आसपास एक खास समुदाय की आबादी बेतहाशा बढ़ी है। अब यदि हम चुप रहें तो आने वाले समय में मुसीबतें और बढ़ेगी। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर भाजपा की सरकार बनी तो मिनी एनआरसी के जरिए यह चिन्हित किया जाएगा कि कौन कहां से और कब आया है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर सबसे पहले उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूर के रूप में वह रह सकते हैं लेकिन उन्हें वोट देकर सरकार चुनने का हक नहीं दिया जा सकता है। आगे चलकर ऐसे घुसपैठियों को वापस बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मतांतरण के सवाल पर कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए झारखंड की सत्ता में बैठे लोग मतांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं, इसे रोका जाएगा। गौ-तस्करी पर कहा कि सिर्फ जीटी रोड ही नहीं, कस्बे के रास्तों से भी गौ-तस्करी कर बांग्लादेश भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौ तस्करी रोकने की सरकार के पास इच्छा शक्ति नहीं है। मुख्यमंत्री तो यहां तक अपने अधिकारियों से कहते हैं कि मवेशियों को ले जाने वालों को परेशान नहीं करें। ऐसे में गो तस्करी थमने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
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Ind vs Eng 1st ODI भारतीय टीम के खिलाफ मंगलवार को इंग्लैंड की टीम रन के स्कोर पर ढेर हो गई। आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में इंग्लैंड की पूरी टीम 32. 4 ओवर में 86 रन के स्कोर पर सिमट गई थी। नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। इंग्लैंड की टीम ने पहले वनडे मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए। तीन मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास के सबसे बुरे दिनों में दर्ज हो गया। भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लिश टीम महज 110 रन के स्कोर पर सिमट गई। जसप्रीत बुमराह ने घातक गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट चटकाए जबकि शमी ने 3 शिकार किए। भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ मंगलवार को तीन मैचों की सीरीज के पहले वनडे में टास जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। कप्तान के फैसले को सही साबित करते हुए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की जोड़ी ने शुरुआत के 5 ओवर में ही इंग्लिश टीम के बल्लेबाजों की हवा निकाल दी। पारी के दूसरे और अपने पहले ओवर में बुमराह ने पहले जेसन राय और फिर जो रूट को बिना खाता खोले वापस भेज दिया। शुरुआती झटकों से टीम उबर ही नहीं पाई और पूरी टीम रन पर सिमट गई। वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम के खिलाफ मंगलवार 12 जुलाई को टीम 110 रन के स्कोर पर ढेर हो गई। यह ओवल के मैदान पर टीम का दूसरा सबसे छोटा स्कोर है। इससे पहले आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में इंग्लैंड की पूरी टीम 32. 4 ओवर में 86 रन के स्कोर पर सिमट गई थी। तब टीम 208 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी। 2003 में श्रीलंका के खिलाफ दांबुला वनडे में इंग्लैंड की टीम महज 86 रन के स्कोर पर आलराउट हो गई थी। यह इस टीम का वनडे में बनाया गया तीसरा सबसे कम स्कोर हो गया है। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में 244 रन का पीछा करने उतरी इंग्लिश टीम महज 89 रन पर बिखर गई थी।
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भोपाल के शाहपुरा इलाके में एक युवक बुधवार रात शराब के नशे में एक कुएं में गिर गया। पानी से भरे एक कुएं में युवक जान बचाने के लिए डेढ़ घंटे तक झाड़ी पकड़कर मदद के लिए चिल्लाता रहा। इसी दौरान राउंड पर निकले पुलिसकर्मियों को कुएं से आवाज सुनाई दी। करीब एक घंटे की मशक्कत करके पुलिस और लोग युवक की जान बचाने में कामयाब हो पाए। बुधवार की रात के करीब 12 बजे रहे थे। इसी दौरान शाहपुरा पुलिस थाने के पुलिसकर्मी नाइट गश्त पर निकले। रास्ते में उन्हें शाहपुरा क्षेत्र की देशी शराब की कलारी के पास आवाज सुनाई दी। कोई बचाव-बचाव चिल्ला रहा था। पुलिसकर्मियों ने बाइक रोक कर आसपास आवाज के आने की तलाश शुरू की। इस बीच उन्हें कलारी के पास बने कुएं के पास पहुंचने पर आवाज स्पष्ट आने लगी। लाइट नीचे करने पर एक युवक झाड़ियों को पकड़े मदद के लिए चिल्लाते नजर आया। एसआई रिंकू जाटव ने बताया कि तत्काल थाना पुलिस को मौके पर भेजा गया। उसके बाद रहवासियों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया। कुएं के पुराने होने और पानी से भरे होने के कारण साथ ही अंधेरा होने के कारण उसमें उतरना मुश्किल था। कुछ लोगों ने नीचे उतरने का प्रयास भी किया, लेकिन कोशिश असफल रही। इस दौरान युवक को झाड़ी पकड़े रहने का कहा जाता रहा। एक रस्सी को कुएं के अंदर फेंका गया। उसके बाद शुरू हुआ जिंदगी बचाने का प्रयास। वह इतना थक चुका था कि रस्सी से ऊपर खींचते समय कई बार उसके हाथ फिसले। वह ठंड से कांप रहा था, लेकिन उसने भी हिम्मत नहीं छोड़ी। करीब एक घंटे की मेहनत के बाद उसे बाहर निकाला जा सका। वह ठंड से कांप रहा था। उसे कपड़े दिए। उससे जब उसके घर का पता पूछा तो वह सही से बता नहीं पा रहा था। उसके बताए तीन से चार बार पतों पर रात को ही जब पुलिस पहुंची तो वह गलत निकले। काफी मुश्किल से उसका पता मिल पाया। पुलिस ने युवक को घर छुड़वाया। उसकी पहचान भरत नगर, दादापानी रोड शाहपुरा में रहने वाले 32 साल के बबलू निहारी पिता अनार सिंह के रूप में हुई। जैसा बबलू ने पुलिस को बताया कि वह शराब के नशे में पानी में गिर गया। पानी में गिरने के बाद डूबने लगा तो उसने तैरकर झाड़ी पकड़ ली। पानी भरे होने के कारण वह पूरी तरह भीग चुका था। उसे काफी ठंड लग रही थी, लेकिन बाहर निकलने के लिए उसे कोई रास्ता नहीं समझ नहीं आ रहा था। ठीक से तो याद नहीं, लेकिन 10 बजे के आसपास वह कुएं में गिरा होगा। जब उसे कुएं में रोशनी आते दिखी, तब उसे लगा कि अब वह बच जाएगा। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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अखिल भारतीय किसान सभा का 8वां तहसील सम्मेलन बल्देवराम मिर्धा किसान विश्राम गृह मे आयोजित किया गया। सम्मेलन में पर्यवेक्षक के रूप में जिला अध्यक्ष भागीरथ नेतड़ व उपाध्यक्ष भागीरथ यादव मौजूद रहे। इस मौके पर ध्वजारोहण के साथ ही किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धाजंलि दी गई। इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन था यादव ने अपने संबोधन में कहा कि किसान आंदोलन इतिहास का सबसे बड़ा आन्दोलन था। स्वतंत्र भारत में किसानों के साथ जो नाइंसाफी हुई, उसको लेकर आंदोलन किया गया था। किसानों का त्याग और बलिदान व्यर्थ नही जायेगा। कार्यकारिणी का गठन कर सौंपे पदभार सम्मेलन में तहसील कार्यकारिणी का भी गठन किया गया। इस दौरान देवाराम माण्डिया को अध्यक्ष बनाया गया। वहीं रणवीर सिंह रणवां को महासचिव, गजानंद स्वामी, प्रदीप गोदारा, मांगीलाल निवाद को उपाध्यक्ष, जगदीश गोदारा, राजेन्द्र थालौड़ व उस्मान अली को संयुक्त सचिव रामकरण जाखड़ को कोषाध्यक्ष व महावीर यादव, गणेश खोखर, गिरधारी जाखड़, कानाराम, देवाराम भाकर, सतवीर नेतड़, मोतीलाल बलारा, भागीरथ नेतड़ व भागीरथ यादव को सदस्य बनाया गया। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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हरियाणा के अंबाला में ड्यूटी के लिए घर से निकली स्टाफ नर्स वापस नहीं लौटी। परिजनों ने अपने स्तर पर हर जगह तलाश भी कर ली है, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा। उसका फोन भी बंद आ रहा है। पिता ने सेक्टर-9 थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। प्रीत कॉलोनी निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसकी 27 वर्षीय बेटी अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे स्थित महर्षि मारकंडेश्वर अस्पताल (सदोपुर) में स्टाफ नर्स है। 9 मई को सुबह 7 बजे उसकी बेटी अस्पताल में ड्यूटी के लिए गई थी। पुलिस के मुताबिक, स्टाफ नर्स की अस्पताल में इवनिंग शिफ्ट में ड्यूटी शुरू होनी थी। युवती घर से सुबह निकली है। जांच में सामने आया है कि स्टाफ नर्स मंगलवार को अस्पताल भी नहीं गई। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हैड कॉन्स्टेबल अजीत पाल ने बताया कि पुलिस स्टाफ नर्स के नंबर की कॉल डिटेल निकलवाएगी। उसी के आधार पर आगामी जांच करेगी। पिता ने बताया कि उसने अपने स्तर पर अपनी रिश्तेदारी में भी पता किया, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा। उसकी बेटा का मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। बेटी के लापता हो जाने से पूरा परिवार चिंतित है। वे खुद भी काफी परेशान हैं। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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प्रत्येक मालिक अपने अपार्टमेंट या घर के सामान को आरामदायक, सामंजस्यपूर्ण और आधुनिक दिखने के लिए चाहता है। यह न केवल दीवारों, मंजिल और छत के डिजाइन, बल्कि फर्नीचर का सही चयन भी महत्वपूर्ण है। किसी भी घर का मुख्य कमरा बैठक कक्ष है। इसमें हम मेहमानों को प्राप्त करते हैं, परिवार के रात्रिभोज की व्यवस्था करते हैं, या शाम को टीवी देखते हैं। लिविंग रूम में मुख्य विषयों में से एक सोफा है । यह उस पर बैठा है और मेहमान और मेजबान आराम से वातावरण में आराम कर सकते हैं। इसलिए, सोफा विशेष रूप से सावधानी से चुना जाना चाहिए। अक्सर, सोफा क्लासिक ब्लैक या विभिन्न उज्ज्वल रंगों में चुना जाता है। ग्रे सोफे पर कुछ लोग ध्यान देते हैं, लेकिन व्यर्थ में। कई ग्रे रंग सुस्त और उबाऊ मानते हैं। वास्तव में, लिविंग रूम में एक सार्वभौमिक ग्रे सोफा के आधार पर, आप एक असामान्य आधुनिक इंटीरियर बना सकते हैं। यदि आप सोफे के रंग को चुनने के इस विकल्प में रूचि रखते हैं, तो आपको इस बारे में सोचना होगा कि छाया किस चीज को इंटीरियर की अन्य वस्तुएं होनी चाहिए, ताकि वे ग्रे सोफे के अनुरूप हों। यदि लिविंग रूम कम से कम पेस्टल रंगों में सजाया गया है, तो इस स्थिति के लिए सोफा ग्रे-सफेद या हल्का भूरा होना चाहिएः इसलिए यह सामान्य इंटीरियर से बाहर नहीं खड़ा होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह का एक उज्ज्वल रहने वाला कमरा बहुत सख्त और ठंडा नहीं दिखता है, कुछ चमकदार रंग उच्चारणों का उपयोग करें जो स्थिति को विविधता देते हैं। आप फोटो, कुशन, मोमबत्तियां इत्यादि के लिए इस उज्ज्वल फ्रेम के लिए उपयोग कर सकते हैं। भूरे रंग की दीवार के खिलाफ रेड-ग्रे सोफा बहुत अच्छा लगेगा। एक उज्ज्वल रहने वाले कमरे के इंटीरियर के लिए, उदाहरण के लिए, पीले रंग की दीवारों के साथ, सोफा गहरा भूरा होना चाहिए। और ऐसी उज्ज्वल दीवारों के साथ पूरी तरह से एक सोफे के असबाब से एक नुबक या साबर से मिल जाएगा। कुछ शौकिया दीवारों को लाल बनाने का फैसला करते हैं और फिर उनकी पृष्ठभूमि पर ग्रे सोफा बहुत उपयुक्त दिखाई देगा। कोने ग्रे सोफा छोटे रहने वाले कमरे में पूरी तरह से फिट बैठता है। चमड़े से बने सीधे भूरे रंग के नीले या काले भूरे रंग के सोफे को विशाल कमरे में रखा जा सकता है। सोफे की भूरे रंग की पृष्ठभूमि पर ठंडा ठंडा रंग दिखाई देगा। उदाहरण के लिए, उज्ज्वल कुशन, उदाहरण के लिए, बैंगनी-ग्रे या ग्रे-हरे सोफे कनेक्टिंग तत्व होते हैं, पर्दे या अन्य वस्त्रों की छाया को प्रतिबिंबित करते हैं। लिविंग रूम के अलावा, एक ग्रे सोफा बिस्तर भी बेडरूम में अपनी जगह पा सकता है।
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मुंबईः बाॅलीवुड एक्टर रणवीर सिंह बीते महीने तब विवाद में आ गए थे जब उन्होंने एक फेमस मैगजीन के लिए न्यूड फोटोशूट कराया था। फोटोशूट की तस्वीरें सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। जहां कुछ लोगों को रणवीर का ये फोटोशूट बहुत पसंद आया। वहीं कुछ ने रणवीर को जमकर ट्रोल किया। इतना ही नहीं इस फोटोशूट के चलते उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ। मुंबई के चेंबूर थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने रणवीर सिंह को समन भेजा लेकिन एक्टर ने थोड़ा समय मांगा। वहीं अब 29 अगस्त की सुबह रणवीर अपने बयान दर्ज करवाने चेंबूर थाने पहुंचे। कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह से एक फोटोशूट उनके लिए मुसीबत खड़ी कर देगा। उनका मकसद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। लगभग 2 घंटे की पूछताछ के बाद रणवीर सिंह अपनी टीम के साथ सुबह साढ़े 9 बजे चेंबूर थाने से निकल गए। अधिकारियों ने यह तक कहा कि जरूरत पड़ने पर रणवीर सिंह को फिरसे बुलाया जाएगा। बता दें कि इससे पहले चेंबूर पुलिस स्टेशन ने अभिनेता रणवीर सिंह को 22 अगस्त को पेश होने के लिए तलब किया था हालांकि इस सिलसिले में अभिनेता ने पेश होने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था। रणवीर के इस निवेदन के बाद पुलिस ने उन्हें दोबारा समन्स भेजते हुए 30 अगस्त को हाजिर होने को कहा था। खैर अब रणवीर सिंह ने अपना बयान दर्द करवा दिया है। अब देखना ही कि इस मामले में आगे क्या होगा।
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कोल्हापुर, 16 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को शनिवार को तब और बल मिला जब कांग्रेस ने कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को 18,000 से अधिक मतों के अंतर से परास्त किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने यह सीट बरकरार रखी है। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवार जयश्री जाधव को 96,176 वोट मिले, जबकि भाजपा के सत्यजीत कदम को 77,426 वोट मिले। अधिकारियों ने बताया कि जाधव 18,750 मतों के अंतर से विजयी हुईं। पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में इस विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव के दिसंबर 2021 में कोविड-19 के कारण निधन के बाद कराना जरूरी हो गया था। कांग्रेस ने इस सीट से दिवंगत विधायक की पत्नी को मैदान में उतारा था। उपचुनाव 12 अप्रैल को हुआ था जिसमें 61. 19 फीसदी मतदान हुआ था। परिणाम आने के बाद, शिवसेना और राकांपा के साथ राज्य में सत्ता साझा करने वाली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने संगीत की धुन पर नाचकर और एक-दूसरे को 'गुलाल' लगा जीत का जश्न मनाया। जाधव ने अपनी जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मतदाताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि एमवीए के सभी तीन घटकों ने जीत हासिल करने के लिए मिलकर काम किया। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने पार्टी की जीत को 'प्रगतिशील विचारों की जीत' करार दिया। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी मतदाताओं द्वारा दिए गए निर्णय को स्वीकार करती है। मुंबई में दादर इलाके में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय तिलक भवन में पटाखे फोड़े। उन्होंने कहा कि भाजपा को सभी उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वह बिहार में हो, छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में हो। कोल्हापुर उत्तर सीट के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में थे, हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था। चुनाव प्रचार के दौरान, एमवीए के साथ-साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने कोल्हापुर आए थे। यह खबर 'भाषा' न्यूज़ एजेंसी से 'ऑटो-फीड' द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
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IND vs NZ: हाल ही में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (Melbourne Cricket Ground) में खेले गए अंतिम वनडे के दौरान मैदान में हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला। इस मुकाबले में पूरा स्टेडियम खाली नजर आया और स्टैंड में दर्शक नहीं दिखे। अब भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ ODI Series0 के बीच भी 25 नवम्बर को 3 मुकाबलों की वनडे सीरीज (IND vs NZ LIVE) का पहला मुकाबला खेला जाना है। लेकिन इस मुकाबले से पहले न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) दर्शकों को लेकर बयान दिया है। आइए जाने क्या बोले किवी कप्तान। खेल जगत से जुड़ी हर खबर के लिए Hindi. InsideSport. In के साथ जुड़े रहिए। दरअसल पिछले कुछ समय से टी20 मुकाबले लगातार खेले जा रहे हैं। इस वजह से फैन्स इस समय लगातार टी20 क्रिकेट देखना पसंद कर रहे हैं। वनडे और टेस्ट मैच के दौरान इस समय मैदान में ज्यादा फैन्स नजर नहीं आ रहे। अब ये देख पाना दिलचस्प होगा की भारत बनाम न्यूजीलैंड वनडे सीरीज के दौरान स्टेडियम में कितने दर्शन आएंगे। भारतीय टीमः शिखर धवन , शुभमन गिल, दीपक हुड्डा, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, संजू सैमसन , वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, शाहबाज अहमद, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह, दीपक चाहर, कुलदीप सेन, उमरान मलिक। क्रिकेट और अन्य खेल से सम्बंधित खबरों को पढ़ने के लिए हमें गूगल न्यूज (Google News) पर फॉलो करें।
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नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर व्यक्ति और देश की बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी का आज जन्मदिन है, मुकेश आज 61 साल के हो गए हैं, 19 अप्रैल 1957 को जन्मे मुकेश अंबानी ने कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्री को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है। हालांकि उनके पिता धीरूभाई अंबानी की मृत्यू के बाद रिलायंस इंडस्ट्री का कारोबार मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल के बीच बंट गया, अनिल अंबानी अब रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) को चलाते हैं। साल 2005 में दोनो कंपनियां अलग हो चुकी हैं। अगर दोनो कंपनियां अलग नहीं होती हो सकता है कि मौजूदा समय में मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति होते। मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्री ने कई नए वेंचर लॉन्च किए हैं और नई बुलंदियों को छुआ है। उनके नेतृत्व में ही रिलायंस जियो लॉन्च हुआ है। यह मुकेश अंबानी की कारोबारी समझ ही है कि लंबे समय तक ग्राहकों को प्री में 4जी सेवा देने और फ्री वॉयस कॉलिंग की सुविधा देने के बाद भी रिलायंस जियो अब कमाई करने वाली कंपनी बन गई है। मुकेश अंबानी में फ्री सेवाएं देकर जो रणनीति अपनाई थी उसपर शुरुआत में कई लोगों ने सवाल उठाए थे लेकिन अब जब रिलायंस जियो मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई है तो आलोचकों के मुंह पर ताले लग चुके हैं।
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कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। इसे देखते हुए इसराइल सरकार देश में वैक्सीन की चौथी खुराक देने की तैयारी कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञ पैनल ने मंगलवार को सिफारिश की कि पात्र लोगों को अपनी तीसरा खुराक लेने के कम से कम 4 महीने बाद चौथी डोज लेनी होगी। खबरों के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञ पैनल की सिफारिश का देश के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा, यह बड़ी खबर है। हमें दुनियाभर में फैल रही ओमिक्रॉन लहर को दूर करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इससे हमें ओमिक्रॉन की लहर से मुकाबला करने में सहायता मिलेगी, जिससे दुनिया घिरी हुई है। इसराइली अधिकारियों के मुताबिक, वैक्सीन की चौथी डोज स्वास्थ्यकर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही दी जाएगी। तीसरी खुराक लेने के चार महीने पूरे होने के बाद ही व्यक्ति चौथी खुराक के लिए पात्र होगा। गौरतलब है कि इसराइल में अब तक कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 341 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं एक दिन पहले ही इसराइल में ओमिक्रॉन से पहली मौत भी हुई थी।
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दान की हुई वस्तु से जितना चित्त को हटाता हुआ सम्बन्ध को छोड़ता है उतनीही उसके दानकी गणना उत्तम श्रेणियों में होती हैं । अपेक्षा बहुत ही सहज एवं असाध्य है, क्योंकि यज्ञधर्म और तपोधर्म के साधनके लिये शरीरिक परिश्रम की भी आवश्यकता होती हैं । परन्तु दानधर्म का निष्पादन केवल अपन चीज़ उठाकर दूसरे को देदेने से होजाता है इस लिये यह धर्म सुखसाध्य है । दानधर्म तीन प्रकार का माना गया हैं यथा अभयदान, ब्रह्मदान अर्थदन । इस समय इस सम्बन्ध में अभयदान के विस्तृत विवरण की नहीं है क्योंकि अभयदान का कर्त्तव्य सन्न्यासी तथा गुरुदेव से सम्बन्ध रखता है, साधारण अधिकारियों से उसका सम्बन्ध नहीं है । इस संसाररूपी महाभय से जीवको बचाने के लिये जो उपदेश दिया जाता है उसको दान कहते हैं, सुतरां अभयदान का सम्बन्ध उन्नत अधिकार के साथ है । इस समय ब्रह्मदान और अर्थदन इन दोनों दानों के विषय में आलोचना की जाती हैं । विद्योन्नति के अभिप्राय से साक्षात् और परोक्षरूपसे जो कुछ दान किया से जाता है उसको ब्रह्मदान कहते हैं । शरीर के द्वारा, वचन के द्वारा और अर्थादि के द्वारा विद्योन्नतिके अर्थ जो कुछ दानधर्म किया जाय उसको ब्रह्मदान कहते हैं । विद्यालय स्थापन करना, विद्योन्नतिकारी यन्त्रालय स्थापन करना, पुस्तक प्रकाश करना, पुस्तक न करना, पुस्तक दान करना, शास्त्र अध्यापन इत्यादि सबही प्रकार के कार्य ब्रह्मदान के अन्तर्गत समझे के जायँगे । धन ऐश्वर्य आदि के सम्बन्ध का जो दान किया जाता है उसको हैं, वस्त्र, भवन, भूमि, रत्न आदि सब प्रकार के दान कहते हैं । उक्त सब प्रकार के दान त्रिगुणविचारसे तीन प्रकार के होते हैं । यथागीतोपनिषद् में कथित है कि :दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे । देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम् ॥ यत्तु प्रत्युपकारार्थं फलमुद्दिश्य वा पुनः । दीयते च परिक्लिष्टं तहानं राजमं स्मृतम् ।। अदेशकाले यद्दानमपात्रेभ्यश्च दीयते । असत्कृतमवज्ञातं तत्तामसमुदाहृतम् ।। ( श्रीगीतोपनिषद् ) देना अपना कर्तव्य और धर्म है इस विचार से जो दान किया जाय; ऐसे व्यक्ति को दान किया जाय कि जिससे किसी प्रकार के प्रत्युपकार पाने की कोई भी सम्भावना न हो; और कैसे देश में दान करने से दान काफल होगा, कैसे समय में दान करने से दान का अधिक फल होगा व्यक्ति को दान करने से दानका फल अधिक होगा; इन सब बातों को विचार करके सावधानतापूर्वक जो दान किया जाता है उसे सात्त्विक दान कहते हैं । और बदले में प्रत्युपकार की आशा से, फल के उद्देश्य से और देते समय चित्त में क्लेश पाकर जो दान किया जाता है उसको राजसिक दान कहते हैं। और सात्त्विक दान में जिस प्रकार के देश, काल पात्र का विचार रखा गया है उस प्रकार के देश, काल, पात्र का विचार न रखकर जो दान किया जाय और दान लेने वालेको जिस प्रकार सम्मान करना उचित है ऐसा सम्मान न करके जो दान किया जाय के साथ जो दान किया जाय उसको तामसिक दान कहते हैं । सात्त्विक दानसे मुक्ति, राजसिक दानसे ऐहिक तथा पारलौकिक सुख तामसिक दान कभी कभी नरक की प्राप्ति होना भी सम्भव होता है । इस लिये दान करनेसे ही पुण्य की प्राप्ति नहीं होती, इसमें विचार की होती है, विचारपूर्वक किये हुए दान का फल ही उत्तमरूप से मिल सक्का है । यदि कोई यह प्रश्न करे कि क्या एक क्षुद्रवस्तु के प्रदानरूप एक सामान्य कर्मसे दुर्लभ मुक्कि पदकी प्राप्ति होसक्की हैं ? ऐसे पूर्वपक्ष के उत्तर में सिद्धान्त यह है कि जब कर्ममीमांसा द्वारा यह सिद्ध हैं कि कर्म मुक्किप्रद है तो यह निश्चय ही हैं कि दानरूपी पुण्यकर्म यदि यथावत् वेदानुकूल किया जाय और वह कर्म तीव्रतम हो तो अवश्य उस धर्म कार्य द्वारा मुक्ति की प्राप्ति होगी । जब धर्म मुक्किप्रद है तो धर्म का प्रत्येक अभी मुक्ति है । जैसे
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जागरण संवाददाता, महोबाः एसपी सुधा सिंह ने गन थामी और दंगाइयों पर निशाना साधा, तो उनके साथ फोर्स के अन्य अधिकारियों ने भी आगे आकर गन थाम ली। पुलिस लाइन में बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया। आकस्मिक परिस्थितियों व आगामी त्योहारों को देखते हुए दंगा और बलवा से निपटने व नियंत्रण के लिए बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया। जिलाधिकारी मनोज कुमार, एसपी सुधा सिंह व एएसपी आरके गौतम के पर्यवेक्षण में सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था व समाज को सुरक्षित, भय मुक्त वातावरण बनाने के लिए परेड ग्राउंड में इसका आयोजन हुआ। इसमें क्षेत्राधिकारी प्रशिक्षणाधीन संगम कुमार, क्षेत्राधिकारी सदर रामप्रवेश राय, क्षेत्राधिकारी कुलपहाड़ उमेशचंद्र, क्षेत्राधिकारी चरखारी तेजबहादुर सिंह तथा प्रशासनिक, राजस्व अधिकारी सहित समस्त थाना प्रभारी व अन्य पुलिस बल मौजूद रहा। सभी की ओर से दंगा नियंत्रण का पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान कई पार्टियां बना कर काल्पनिक रूप से दंगे का माहौल बनाकर पार्टियों की ओर से क्रमवार दंगे पर नियंत्रण का अभ्यास किया गया। दंगा नियंत्रण उपकरण रबर बुलेट गन, लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले, एंटी राइट गन, टीयर गैस गन, हैंड ग्रेनेड आदि शस्त्रों के संबंध में जानकारी साझा करते हुए बल्वा ड्रिल का अभ्यास किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कर्मियों को दंगाइयों, बलवाइयों पर एंटी राइट गन, टीयर गैस गन, हैंड ग्रेनेड, टीयर स्मोक सेल आदि के प्रयोग के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया।
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नई दिल्लीः भारत में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप 2023 के लिए नीदरलैंड ने अपनी 15 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है. इसमें वान डेर मर्व, कॉलिन एकरमैन और पॉल वान मीकेरेन की अनुभवी तिकड़ी भी शामिल है. इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के कारण जब नीदरलैंड ने इस साल की शुरुआत में विश्व कप क्वालीफायर टूर्नामेंट में उपविजेता बनकर इस साल के विश्व कप के लिए अपनी जगह पक्की की तो ये तीनों खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं थे. टीम के मुख्य कोच रयान कुक ने एक बयान में कहा, "इसे ध्यान में रखते हुए पैनल को पूरा भरोसा है कि हमने नीदरलैंड के क्रिकेटरों की एक मजबूत और संतुलित टीम का चयन किया है. हमारे पास युवाओं और अनुभव का एक रोमांचक मिश्रण है. नीदरलैंड ने स्कॉटलैंड और दो बार के विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप के लिए अपना स्थान हासिल किया. नीदरलैंड ने आखिरी बार 50 ओवरों का विश्व कप 2011 में खेला था. जिसकी मेजबानी भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका ने की थी. टी20 प्रारूप में नीदरलैंड ने पांच विश्व कप में भाग लिया है. आखिरी बार 2022 में ऑस्ट्रेलिया में खेला था और वेस्टइंडीज और यूएसए में 2024 सीरीज के लिए अपनी योग्यता हासिल की. नीदरलैंड की टीमः स्कॉट एडवर्ड्स (कप्तान), मैक्स ओ'डोड, बास डी लीडे, विक्रम सिंह, तेजा निदामानुरु, पॉल वान मीकेरेन, कॉलिन एकरमैन, वान डेर मर्व, लोगान वान बीक, आर्यन दत्त, रयान क्लेन, वेस्ले बर्रेसी, साकिब जुल्फिकार, शारिज़ अहमद, साइब्रांड एंगेलब्रेक्ट. Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.
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दिन उसे घर से आज्ञा मिली कि वह यदि पड़ोसवाले घर में खाये-नये नहीं, कुछ भी ग्रहण न करे, क्योंकि वे छोटी जात के हैं. उसने पूछा ( अभी उद्धतता से नहीं, केवल जिज्ञासावश ) कि क्या और लोग भी उनके साथ नहीं खाते ? तो उत्तर मिला, 'नहीं, अच्छी जात का कोई नहीं खाता !' 'तो फिर उनके साथ खेलते क्यों हैं, बोलते क्यों हैं ?' तो उत्तर नहीं मिला। उसने फिर पूछा, तो उत्तर मिला, 'सिर मत खाओ। तुम्हें जो कहा जाय, मान लिया करो, बहुत बातें मत बनाया करो। उस दिन से वह खेल में कुछ अलग-सा रहने लगा, विशेषतः जब फूलाँ उपस्थित होती थी । इसलिए नहीं कि वह विशेष आज्ञाकारी हो गया था, केवल इसलिए कि वह चाहता था, पहले कोई हल कर लिया जाय, किसी निश्चय पर पहुँच जाया जाय। और इसी के लिए वह खेल में भी ( और विशेषतः खेल में क्योंकि उसी समय यह समस्या साकार होकर उसके आगे आती थी ) सोचता रहता था... इस समस्या का हल चार-पाँच हज़ार वर्ष में भी नहीं हो पाया है, किन्तु बालक के आत्म-विश्वास के आगे चार-पाँच हजार वर्ष क्या चीज़ हैं ? वह काल की गति पहचानता के ही नहीं, उसके लिए केवल दो अवस्थाएँ हैं, प्रकाश और अन्धकार, जाग्रति और निद्रा; इसलिए उसके वास्ते काल की गति का अस्तित्व ही नहीं है, उसके लिए है केवल प्रकाश और अन्धकार का संघर्ष उन दिनों तक वे घर के भीतर सोते थे । किन्तु तब से उन्होंने ऊपर कोठे पर सोना आरम्भ कर दिया, क्योंकि गर्मी आ गई थी। उनके कोठे के साथ ही सटा हुआ उस विधवा के घर का कोठा था, और बीच की दीवार भी अधिक ऊँची नहीं थी, अतः उसके किसी ओर की बातें दूसरी ओर सुन पड़ती थीं। बालक जब सोने आता, तब कभी कभी फूलों का खिलखिलाकर हँसना उस तक पहुँचता, और वह समस्या उसके आगे फिर आ जाती...कभी जब वह सुनता, फूलों की माँ उसे पुकारकर कहती है, 'फूलों, आ रोटी खा लै' तब उसे ऐसा जान पड़ता, वे अत्यन्त दुःखी होकर खाने बैठे हैं, क्योंकि कोई उनके साथ खाने को तैयार नहीं होगा; उसे लगता, वे मानो छिपकर, चोरी से खा रहे हैं क्योंकि वे किसी के साथ या सामने बैठकर खाने के हकदार नहीं हैं; वह सोचता ये खाना खा कैसे सकती होंगी... वह अक्सर सुनता, खाना खाने के बाद माँ-बेटी हँसती-खेलती थीं। और खेल में एक अंश यह भी था, कि कभी-कभी माँ बेटी से पूछती, 'फूलाँ, हम लोग कौन हैं ?' और उसके हँसने पर या 'पता नहीं !' कहने पर उसे समझाती 'तू कह, हम हैं।' बालक ने एक दिन माँ से कि एक छोटी जात का नाम है, पूछा था, क्या होता है ?' तो माँ ने उसे बताया था और फिर अंगूठे से साथवाले घर की ओर इशारा करके कहा था, 'ये लोग हैं न !' और उस दिन से बालक सोचा करता, यदि यह छोटी जात है, तो वे इसे छिपाते क्यों नहीं ? क्या कारण है कि माँ अपनी बेटी को बार बार याद दिलाती है ? और, और माँ के स्वर में अभिमान भी होता ! बालक के मन में यह प्रश्न प्रश्न ही रहा। वह दूर बैठे उस विधवा की पूजा तक करने लग गया जो इस बात का अभिमान कर सकती है, फूलों भी उसके लिए एक पददलित देवी-सी हो गई, किन्तु उसका उनके घर जाना नहीं हुआ। वह नित्य रात को उनकी हँसी सुनकर सोचता; मैं भी इनके खेल में शामिल हो सकूँ, किन्तु दिन में वह उस घर के बाहर ही रुक जाता और लौट आता, न जाने क्यों ! आज वह समझता है उस भाव को, आज वह उस भयंकर यन्त्रणा का भी कुछ अनुमान कर सकता है, जिसे भोग चुकने के बाद ही उस विधवा माँ ने एक स्वरक्षात्मक अस्त्र की तरह यह अभिमान अपने प्राणों में भरा होगा, वह यह भी समझ सकता है कि किस दृप्त अवमानना के भाव से वह फूलों को भी यह अभिमान करना सिखाती होगी. आज जब वह जानता है कि इस प्रकार यह समस्या दूर नहीं हो सकती, यह अभिमान अनुचित है, किन्तु यह जानकर भी उसकी विवशता से सहानुभूति और समवेदना का अनुभव करता है ! आज वह समझता है कि कैसे यहूदी लोग संसार की सबसे अपमानित और पीड़ित जाति होकर, उसी अपमान और प्रपीड़न से अपनी जीवन-शक्ति पाते हैं, अवज्ञा से भरकर झुकते हैं, और नष्ट नहीं होते, नहीं होते...किन्तु आज जो फल वह ज्ञान के वृक्ष से तोड़ रहा है, उसका विष-बीज वहीं बोया गया था, उसी दिन उसके बहुत दिन बाद की - - बीस वर्ष बाद की - - एक बात मुझे याद आती है । उन दिनों जब मैं भागा फिरता था आत्मरक्षा के लिए । एक दिन, ज्येष्ठ की कड़ाके की धूप में, मैं और एक और व्यक्ति वीस मील चलकर आये थे । प्यास बहुत लगी थी; पानी कहीं दीख नहीं पड़ता था । हम सड़क पर चुपचाप चले जा रहे थे । एकाएक हमें सामने से आता हुआ एक व्यक्ति दिखाई दिया। मैंने उससे पूछा; "क्यों भाई, यहाँ कहीं पानी मिलेगा ?" "यहाँ पास तो नहीं; वह उधर नदी है वहाँ होगा।" "कितनी दूर ?" "यही कोई तीन - एक मील है>> मुझे एक विचार आया। मैंने पूछा; "तुम कहाँ रहते हो ?" उसने एक ओर इशारा करके कहा, "यहाँ पास ही मेरा घर है -- उस झुरमुट के पीछे । " "तो, वहाँ तो पानी होगा ?"
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भोपाल : मध्य प्रदेश में परिजन जिसे मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे वो रेलवे क्वार्टर में सोता हुआ मिला। इससे परिजनों के अलावा पुलिस भी हक्की-बक्की रह गई। यह मामला जबलपुर-ब्यौहारी रेल खंड के बीच छैतहनी स्टेशन का है। अब पुलिस के सामने एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर उन्हें रेलवे ट्रैक पर किसका शव मिला था जिसे परिजनों को सौंपा गया था। दरअसल, 34 साल के ज्ञानेंद्र पांडे ब्यौहारी रेल खंड में एक रेलवे गैंगमैन है। रविवार को ब्यौहारी से थोड़ी दूरी पर छैतहनी गांव के पास एक शव मिला। ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी और चूंकि पास का जीआरपी स्टेशन बहुत दूर था, इसलिए स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया। रेलवे कर्मचारियों ने शव की पहचान अपने साथी पांडे के रूप में की और कुछ ने परिवार को फोन पर उसके मौत की सूचना दी। ब्यौहारी थाना प्रभारी सुदीप सोनी ने बुधवार को कहा, 'पांडे के बड़े भाई देवेंद्र पहुंचे और उन्होंने भी मृतक की पहचान ज्ञानेंद्र के रूप में की। मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। ' सोनी ने कहा कि चूंकि उसके साथियों और भाई ने उसकी 'पहचान' की थी, इसलिए शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया। पुलिस के पास अब रेलवे ट्रैक पर मिले शव की कोई जानकारी नहीं है। सोमवार को शव लेकर शहडोल के लिए रवाना होने से पहले परिवार के सदस्य भारी मन से उसका सामान वापस लेने ब्यौहारी स्थित रेलवे क्वार्टर पर गए। उन्होंने देखा कि सामने के दरवाजे पर ताला लगा है और पिछला दरवाजा अंदर से बंद है। हैरान होकर उन्होंने ताला खोलकर अंदर प्रवेश किया तो देखा की पांडे आराम से सो रहा है। परिवार को यह देखकर इतनी खुशी हुई की वो दो दिन तक इसके बारे में बात नहीं कर पाए।
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(८) जो कानून र किया गया है उसके समान ही यह विधेयक भी यूरोपीयों तथा अन्य बाँकि बीच द्वेपजनक मेर-भाष उत्पन्न करनेवाका है। प्रायिका नम्र निवेदन है कि नेटाकी मतदाता सूचीकी वर्तमान भारतीयोंके मताधिकारपर रोक मानेके लिए कोई कानून बनाना मनावश्यक है। यह कानूनी प्रमाके एक बहुत बड़े हिस्सेपर बसर है और इसे स्वीकार करने में गैरजरूरी जी की जाती दिखाई दे रही है। यह मंजूर किया जा चुका है कि ३९ यूरोपीय मतदातामोंगे विषय भारतीय मतदाताओं की संख्या २५१ है। उनमें से २ १ या तो व्यापारी का मुहरि सहायक शिक्षक बादि । ५ बाममान तमा बन्न है वाले है। इन मतदाताममें से ज्यादातर सम्मे समयसे उपनिषेसमें बस हुए है। हमारा निवेदन है कि इन से किसी कामके कानूनकी बकरत सिद्ध नहीं होती विचाराधीन विधेयकका मंधा एक पूरके धक्य और सम्मान्य सतरेकी व्यवस्था करनेका है। म तो यह है कि एक ऐसा रा मान किया गया है, जिसका है ही नहीं। श्रीमान बान राजिन्सनने विधेयकका दूसरा बाचन पेश करते हुए भारतीय मतोके यूरोपीय मतोको मियक जानेका भवरा बताया था। अपने इस मयके उन्हों तीन कारण बताये ने (१) वर्तमान विधेयक द्वारा रद्द किये जानेवाले मताधिकार कानून के सम्बन्धमै सभाजी-सरकारको यो प्रार्थनापत्र भेजा गया था उसपर कामय मारतीय हस्ताक्षर । (२) उपनिषेध माम चुनाव नजदीक मा हे है। (३) ने भारतीय कांग्रेसका अस्ति। भतिक पहले कारणका सम्बन्ध है इस विपसके पत्रव्यवहार में नेटाल सरकारने का है कि ये ४ वारकर्ता मतदाता सूची में शामिल होना चाहते हैं। प्रार्थनापत्रका पहला अनुच्छेद इस वर्षका पर्याप्त उत्तर है। नभ निवेदन है कि प्रति ऐसी किसी की भी मांग नहीं की। उन्होंने सारे-वारे भारतीयोंका महाधिकार की विरोष बेशक किया है। प्रार्थी मानते हैं कि प्रत्येक भारतीयपर - चाहे वह सम्पत्तिजन्म मोमता रखता हो जाम रखवा हो- विधेयकका बहुत मारी बक्षर पड़नेवाला है । मे स्वीकार करते है कि माननीय प्रस्ताबताये इस तप्पसे यह विचकाई पड़ता है कि भारतीयोंमें एक बंधक संप करनेकी है। परन्तु वे
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कंप्यूटर प्रौद्योगिकी की आधुनिक दुनिया मेंप्रोसेसर मुख्य स्थानों में से एक है। केंद्रीय प्रोसेसर एक उच्च तकनीक और जटिल उपकरण है जिसमें सभी उपलब्धियां शामिल हैं जो कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, साथ ही इसके आस-पास के क्षेत्रों में भी दिखाई देती हैं। सरल डिवाइस प्रोसेसर इस तरह दिखता हैः मुख्य कोर (एक या अधिक) है वे सभी विश्वसनीय निर्देशों का पालन करने के लिए जिम्मेदार हैं; कैश मेमोरी के कई स्तर (आमतौर पर दो या तीन) होते हैं, जिसके कारण प्रोसेसर-रैम संवाद त्वरित होता है; नियंत्रक रैम; सिस्टम बस नियंत्रक (QPI, एचटी, डीएमआई, आदि); प्रोसेसर नियंत्रण डिवाइस निम्न मानकों की विशेषता हैः माइक्रोआर्किटेक्चर का प्रकार; क्लॉक आवृत्ति; कैश मेमोरी का स्तर; कैश मेमोरी की मात्रा; सिस्टम बस का प्रकार और गति; संसाधित किए जाने वाले शब्दों का आकार; अंतर्निहित स्मृति नियंत्रक (यह नहीं हो सकता है); राम का प्रकार समर्थित; पता मेमोरी की मात्रा; ग्राफिक चिप में निर्मित की उपस्थिति(एकीकृत वीडियो कार्ड आज असामान्य नहीं है और अधिक शक्तिशाली, असतत कार्ड के लिए एक अतिरिक्त की तरह कार्य करता है, हालांकि प्रोसेसर की डिवाइस को शक्तिशाली अंतर्निहित समाधान का उपयोग करने की अनुमति मिलती है); खपत बिजली की मात्रा। प्रोसेसर का मूल सचमुच उसका दिल है, जिसमें कार्यात्मक ब्लॉक होते हैं जो तार्किक और अंकगणित कार्य करते हैं। कर्नेल निम्नानुसार काम करता हैः नमूना फ्रेम उपस्थिति के लिए जाँच की जाती हैरुकावट। ऐसे इंटरप्ट्स मिलने के बाद, उन्हें ढेर पर रखा जाता है। कमांड काउंटर को इंटरप्ट हैंडलर के कमांड के साथ एक पता प्राप्त होता है। जब इंटरप्ट फ़ंक्शन पूरा हो जाते हैं, तो स्टैक पर डेटा बहाल किया जाता है। अगला, निर्देश निर्देश पता नमूना ब्लॉक से पढ़ा जाता है। इसलिए, रैम या कैश मेमोरी से पढ़ना होता है, जिसके बाद डेटा डिकोडिंग इकाई को भेजा जाता है। अब, प्राप्त आदेशों को समझ लिया जाता है, जिसके बाद डेटा नमूना फ्रेम में स्थानांतरित किया जाता है। वहाँ, डेटा रैम या कैश स्मृति से बाहर पढ़ सकते हैं और अनुसूचक, जो निर्धारित करता है जो इकाई आपरेशन प्रदर्शन करना चाहिए करने के लिए स्थानांतरित कर रहे हैं, तो डेटा इसे करने के लिए प्रदान की जाती है। दस्तावेज़ प्रबंधन इकाई प्राप्त आदेशों को निष्पादित करता है, और परिणाम को बचाने के लिए ब्लॉक का परिणाम स्थानांतरित करता है। इस तरह के एक चक्र को एक प्रक्रिया कहा जाता है, औरलगातार निष्पादित आदेश एक कार्यक्रम हैं। जिस चक्र के साथ चक्र का एक चरण दूसरे पर जाता है, घड़ी की आवृत्ति के अनुरूप होता है, और चक्र चरण के संचालन के लिए आवंटित समय के लिए, प्रोसेसर का डिवाइस स्वयं या इसके मूल, जिम्मेदार होता है। ऐसे कई तरीके हैं जिनमें आप कर सकते हैंप्रोसेसर प्रदर्शन में सुधार। ऐसा करने के लिए, आपको घड़ी की आवृत्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है, जिसमें कुछ सीमाएं हैं। घड़ी की आवृत्ति को बढ़ाकर, आप निश्चित रूप से बिजली की खपत में वृद्धि करेंगे और परिणामस्वरूप, तापमान, और इससे प्रोसेसर इकाई की समग्र स्थिरता में कमी आती है।
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मध्य प्रदेश की मदद से श्रीलंका में बनेगा सीता माता का भव्य मंदिर, BJP ने पूछा- क्या जमीन देख आए? मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि श्रीलंका में मंदिर निर्माण और सांची में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बौद्ध संग्रहालय, अध्ययन और प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिए शीघ्र ही योजना बनाएं और उसका क्रियान्वयन करें. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को मंत्रालय में महाबौद्धी सोसायटी के प्रतिनिधि-मंडल के साथ मुलाकात की. बैठक में महाबौद्धी सोसायटी अध्यक्ष बनागला उपतिसा भी मौजूद थे. बैठक में कमल नाथ ने कहा कि श्रीलंका में सीता माता के भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा. इसके निर्माण के लिए मध्य प्रदेश और श्रीलंका के अधिकारियों की एक समिति बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि मंदिर निर्माण और सांची में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बौद्ध संग्रहालय, अध्ययन और प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिए शीघ्र ही योजना बनाएं और उसका क्रियान्वयन करें. उन्होंने कहा कि श्रीलंका में सीता मंदिर के भव्य निर्माण के लिए जल्द ही एक समिति बनाएं, जिसमें मध्य प्रदेश और श्रीलंका सरकार के अधिकारियों के साथ महाबौद्धी सोसायटी के सदस्य भी शामिल हों. यह समिति मंदिर निर्माण के काम की लगातार निगरानी करेगी, जिससे तय समय सीमा में मंदिर का निर्माण हो सके. उन्होंने कहा कि मंदिर के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाए और इसके लिए इसी वित्तीय वर्ष में जरूरी रकम भी उपलब्ध करवाई जाए. मुख्यमंत्री ने सांची में बौद्ध संग्रहालय, अध्ययन एवं प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिए आवश्यक भूमि आवंटित करने के साथ ही यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनाने को कहा. उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही कार्य-योजना बनाई जाए. मुख्यमंत्री ने बताया कि महाबौद्धी सोसायटी के अध्यक्ष और जापान और दूसरे देशों की कई कंपनियों और अन्य संस्थाओं ने सांची में विभिन्न संरचनाओं के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता देने की पेशकश की है. बीजेपी ने पूछा- क्या जमीन देख आए? जनसंपर्क एवं धर्मस्व विभाग के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश के बाद अब श्रीलंका में सीता माता मंदिर को लेकर जल्दी ही कार्य योजना तैयार की जाएगी. मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ पर तेजी से काम चल रहा है. यह पथ चित्रकूट से शुरू होकर लंका तक जाता है. इसी के तहत सीता माता का मंदिर लंका में तैयार कराया जाएगा. इसके लिए श्रीलंका सरकार से भी चर्चा हो रही है. इस मामले में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कटाक्ष किया है. साथ ही कमलनाथ सरकार पर कुछ आरोप भी लगाए हैं. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि रामजन्मभूमि मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तब कांग्रेस को भगवान राम के अस्तित्व पर विश्वास हो गया है. यह अच्छी बात है. वहीं इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या हमारे जो मंत्री श्रीलंका गए थे उन्होंने मंदिर के आसपास खरीदने के लिए कोई जमीन चिन्हित किया है या नहीं.
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सोनीपत, 16 अप्रैल (हप्र) नगर निगम प्रशासन प्रॉपर्टी टैक्स के सही बिल नहीं भेज पा रहा है। एजेंसी के सर्वे के आधार पर भेजे गए बिलों में भारी झोल हैं। कहीं रिहायशी प्रॉपर्टी को कॉमर्शियल दिखाया गया है तो कहीं कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को रिहायशी दिखा दिया गया। निगम में चक्कर काट रहे अनेक लोग ऐसे भी हैं जिनकी प्रॉपर्टी में मालिक ही बदल दिए गए। बावजूद इसके अधिकारी एजेंसी पर मेहरबान हैं। कार्रवाई के बजाय एजेंसी को मौके दिए जा रहे हैं। इसका सीधा असर नगर निगम के तय किए आय के लक्ष्य पर पड़ रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे के लिए याशी कंसल्टेंसी एजेंसी को 2018 में पूरे प्रदेश के नगर निगमों का काम दिया था। एजेंसी ने सोनीपत के एरिया में 2019 में सर्वे शुरू किया था। तीन साल तक सर्वे करने के बाद एजेंसी ने फरवरी, 2022 में निगम को पूरा डॉटा सौंप दिया था। पहले नगर निगम के पास एक लाख 40 हजार प्रापर्टी आईडी थीं, लेकिन अब निगम में 1.70 लाख नई प्रॉपर्टी आईडी हो गई हैं। अब निगम में रोजाना 50 से 100 शिकायतें पहुंच रही हैं। यह हाल तब है जब शहर में 4 अन्य जगह भी लोगों से शिकायतें ली जा रही हैं। कुल मिलाकर शिकायतें एक दिन में 200 तक पहुंच रही हैं। सर्वे एजेंसी पर निगम अफसर मेहरबान नजर आते हैं। शहर के प्रॉपर्टी सर्वे के लिए जयपुर की जिस याशी कंसल्टेंसी कंपनी को ठेका दिया था, वह तय समय सर्वे पूरा नहीं कर पाई, उसके बावजूद मौके पर मौके दिए गए। अब जब सर्वे किया है तो उसमें गड़बड़ियां हैं। लापरवाही का खामियाजा शहरवासियों के साथ नगर निगम भी भुगत रहा है, लेकिन कुछ अफसरों की मेहरबानी एजेंसी को बचा रही है। नगर निगम का प्रापर्टी टैक्स को लेकर लक्ष्य हासिल करने का सपना इस बार भी अधूरा रह गया। मूल लक्ष्य 25 करोड़ की तुलना में सिर्फ साढ़े 14 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। 2021 में निगम ने साढ़े 12 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला था। नए वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
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प्रारंभिक चरण में इस टिकटिंग परियोजना को 6 रोडवेज डिपो चंडीगढ़, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी और सिरसा में लागू किया जाएगा। इसी तरह हरियाणा रोडवेज के शेष 18 डिपो में जनवरी 2023 के अंत तक परियोजना को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार, 29 नवंबर को प्रदेशवासियों को हरियाणा रोडवेज में नई टिकटिंग व्यवस्था (ई-टिकटिंग) की सौगात देने जा रही हैं। हरियाणा रोडवेज में ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम को लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा। इस नई ई-टिकटिंग व्यवस्था से न केवल यात्रियों को लाभ मिलेगा बल्कि हरियाणा रोडवेज को भी फायदा होगा। राष्ट्रपति मुर्मू कुरुक्षेत्र से इस परियोजना का शुभारंभ करेंगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मौजूदा मैनुअल प्रिंटेड टिकट प्रणाली के स्थान पर ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम को राज्य परिवहन में लागू करने का फैसला लिया था। इसके अंतर्गत पेपर पास, प्रिंटेड टिकट प्रणाली के स्थान पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को लागू किया जाएगा। इसमें मुफ्त या रियायती बस यात्रियों व अन्य यात्रियों को 10 लाख नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी किए जाएंगे। प्रारंभिक चरण में इस टिकटिंग परियोजना को 6 रोडवेज डिपो चंडीगढ़, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी और सिरसा में लागू किया जाएगा। इसी तरह हरियाणा रोडवेज के शेष 18 डिपो में जनवरी 2023 के अंत तक परियोजना को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड पूरे भारत में यात्रा के लिए अलग-अलग इस्तेमाल किया जाएगा। अन्य प्रदेश भी नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन हरियाणा ने तेजी से काम करते हुए सबसे पहले लागू किया है। इस कार्ड को भविष्य में मेट्रो, बस, ट्रेन आदि के सफर में इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट की करीब-करीब विकल्पों के लिए इस कार्ड का इस्तेमाल होगा। नई टिकटिंग व्यवस्था से हरियाणा रोडवेज को भी फायदा होगा। इससे राजस्व लीकेज पूरी तरह रूकेगी। हरियाणा रोडवेज में छूट प्राप्त करने वाले लोगों की पहचान हो सकेगी। इसके अतिरिक्त फर्जी पास पर चलने वालों पर रोक लगाई जा सकेगी। इससे टिकट व पास आदि बनाने में लगने वाले कागज की बचत होगी। डिजिटली डाटा मिलने से जिस रूट पर ज्यादा यात्री हैं, वहां पर बसों का आसानी से संचालन किया जा सकेगा। कार्ड आधारित भुगतान मॉडल होगा, जिससे ऑफलाइन व क्रेडिट, डेबिट व प्रीपेड कार्ड से भुगतान हो सकेगा।
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मुंबई हमले के हीरो कमांडो प्रवीण तेवतिया तीसरी बार आयरनमैन बने हैं। न्यूयॉर्क में सोमवार को आयोजित हुई यूनएसए आयरनमैन चैंपियनशिप उन्होंने 14 घंटा 59 मिनट 58 सेकेंड में जीत ली। किसी सैन्य युद्ध में घायल होकर आयरनमैन बनने वाले प्रवीण तेवतिया भारत के पहले शख्स हैं। बुलंदशहर के भटौना गांव निवासी प्रवीण तेवतिया को मुंबई के ताज होटल में आतंकी हमले के दौरान तीन गोलियां लगी थीं। उनके फेफड़े और कान फट गए थे। डॉक्टरों ने सलाह दी थी कि वह कोई भी ऐसा काम न करें जिससे उनका सांस फूले। नौसेना से उन्हें रिटायरमेंट दे दिया गया था, लेकिन प्रवीण ने अपंगता को सफलता में साबित करके दिखाया। सोमवार को न्यूयॉर्क में आयोजित हुई यूएसए आयरनमैन चैंपियनशिप में कमांडो प्रवीण तेवतिया भी शामिल हुए। उन्होंने 180 किलोमीटर साइकिलिंग, 3. 8 किलोमीटर स्वीमिंग और 42. 2 किलोमीटर पैदल दौड़ को 14. 59 घंटे में पूरा किया। स्वीमिंग मिरर मेक में हुई, जहां का तापमान करीब 10-12 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूयॉर्क से करीब 300 किलोमीटर दूर सिटी में यह चैंपियनशिप हुई। प्रवीण तेवतिया का यह तीसरा महाद्वीप है, जहां वे आयरनमैन बने हैं। इससे पहले वह साउथ अफ्रीका और मलेशिया आयरनमैन बन चुके हैं। प्रवीण तेवतिया ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि करीब 70 देशों के खिलाड़ियों ने इसमें प्रतिभाग किया।
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स्टाइल में शॉर्ट्स की ऐसी किस्में हैंसैन्यः मोनोक्रोम सैन्य, छलावरण शॉर्ट्स और अन्य। छलावरण शॉर्ट्स और अन्य के बीच एकमात्र बड़ा अंतर उन पर बड़ी संख्या में जेब है। और इसके अलावा, वे टिकाऊ कपड़े से बने हैं और एक दिलचस्प डिजाइन है इस प्रकार का शॉर्ट्स अच्छी तरह से किसी भी एक रंग टी-शर्ट या टी-शर्ट के साथ जुड़ा हुआ है ऐसे रंग और कपड़े की संरचना करने के लिए, ये शॉर्ट्स पहनने के लिए प्रतिरोधी होते हैं और लंबे समय तक उनके सौन्दर्य स्वरूप को बनाए रखते हैं। छलावरण के कई किस्में हैंपुरुषों के लिए शॉर्ट्स घुटने के ऊपर और घुटने के नीचे उनके पास घुटने से ऊपर की लंबाई हो सकती है सबसे लोकप्रिय घुटने की लंबाई है, क्योंकि यह सबसे व्यावहारिक है। जैसा कि ऊपर कहा गया था, उनके निर्माण के लिए कपड़े सबसे अलग ले लिया है। और मूल रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका में कर्मचारियों और सैन्य के लिए छलावरण शॉर्ट्स बनाए गए थे। और उनके निर्माण के कपड़े केवल सबसे मजबूत थे। घरेलू सैनिकों और सैनिकों ने हाल ही में इस व्यावहारिक और अपरिहार्य कपड़े पहनने का आकर्षण महसूस किया। और यहां तक कि सैन्य संस्थानों को छोड़ने के बाद भी, लोग उन्हें रोज़मर्रा की जिंदगी में पहनना जारी रखते हैं। घुटने टेकने के लिए, अगर वे मुफ़्त हैंकटौती, आरामदायक जूते पहनना सबसे अच्छा हैः स्नीकर्स, स्नीकर्स, मोकासिन, स्लैप्स। और यदि शॉर्ट्स तंग फिटिंग कपड़े से बने होते हैं, और जेब बहुत प्रमुख नहीं होते हैं, तो आप जूते को एड़ी या मंच से रख सकते हैं। घुटनों के नीचे शॉर्ट्स शायद ही कभी कम प्लेटफॉर्म पर आरामदायक जूते के साथ पाए जाते हैं और पहने जाते हैं। उन पर बड़ी संख्या में जेब आपको अपने मूल्यों को स्टोर करने की अनुमति देता हैः चाबियां, फोन, पैसा आदि।
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दिलेर समाचार, नई दिल्लीः पहाड़ों की रानी शिमला में पानी की किल्लत के बाद अब राजस्थान के अजमेर में लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. एक तरफ लगातार 40 डिग्री से ज़्यादा तापमान की गर्मी की वजह से लोग परेशान हैं. तो दूसरी तरफ पानी के संकट से उनका बुरा हाल हो गया है. अजमेर नगर निगम के वैशाली नगर स्थित आतिड़ में बसे लोगों का बुरा हाल है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि लोगों के मकान चढ़ाई पर हैं. ऐसे में पानी उपर तक नहीं आ पाता है. पानी की पाइप लाइन डली है, लेकिन प्रेशर बहुत ही कम है. जिसके चलते कोई भी ढंग से पानी नहीं भर पाता है. पानी के लिए आने वाला सरकारी टैंकर भी दो दिन में एक बार आता है. ऐसे में पानी भरने के लिए मारामारी की स्थिति पैदा हो जाती है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला इन दिनों पानी के विकराल संकट से घिर गई है. पानी न मिलने से आक्रोशित शहर के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रशासन ने शहर के सभी सरकारी स्कूल 4 से 8 जून तक बंद रखने का निर्णय लिया है. हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग के मुताबिक शिमला में जल संकट की वजह से सभी सरकारी स्कूल 4 से 8 जून तक बंद रहेंगे. स्कूल दोबारा गर्मी के अवकाश के बाद जुलाई में खुलेंगे. शिमला में पिछले 15 दिनों से पानी की कमी की स्थिति में शनिवार को आंशिक सुधार हुआ है. यहां पानी की आपूर्ति 2. 25 करोड़ लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 2. 80 करोड़ लीटर प्रति दिन कर दी गई है. लेकिन इसके बावजूद कई क्षेत्रों में अपर्याप्त जल आपूर्ति की वजह से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पानी की आपूर्ति में कथित लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए सिंचाई एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री महिंदर सिंह ने शिमला नगर निगम के एसडीओ के निलंबन के आदेश दिए हैं. सिंह ने कहा कि सरकार अधिकारियों की किसी भी ढील को बर्दाश्त नहीं करेगी और जो लापरवाह पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. सिंह ने कहा कि शहर के निवासी शिमला के मेयर, उप मेयर और नगरपालिका आयुक्त के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
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चर्चा में क्यों? 5 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (SMDA), 2023 विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई। - यह मसौदा-विधेयक सोनीपत मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के निरंतर, स्थायी और संतुलित विकास के लिये जीवन की गुणवत्ता और रोज़गार के अवसरों के सृजन के माध्यम से निवासियों को प्रदान किये जाने वाले उचित जीवन स्तर और एकीकृत और समन्वित योजना, बुनियादी ढाँचे के लिये एक दृष्टि विकसित करने का उद्देश्य रखता है। - इसके अलावा, इस विधेयक के बनने से शहरी सुविधाओं का विकास और प्रावधान, गतिशीलता प्रबंधन, शहरी पर्यावरण का सतत् प्रबंधन और सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास भी होगा। - सरकार ने गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA)] गुरुग्राम, फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA), फरीदाबाद और पंचकुला मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (PMDA)] पंचकुला की तर्ज पर सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (SMDA)] सोनीपत की स्थापना करने का फैसला किया है। - इसका प्रमुख उद्देश्य सोनीपत मेट्रोपॉलिटन एरिया के निरंतर और संतुलित विकास के लिये एक दृष्टि विकसित करना है। प्राधिकरण द्वारा शहरी सुविधा और ढाँचागत विकास को सुदृढ़ किया जा सकेगा। - सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ( SMDA ) के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि नगर एवं ग्राम आयोजना मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, परिवहन मंत्री, सांसद, राज्य विधानसभा के सदस्य, नगर निगम सोनीपत के महापौर एवं वरिष्ठ उप महापौर तथा राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी इस अथॉरिटी के पदेन सदस्य होंगे। चर्चा में क्यों? 5 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के उप-नियम (2क) में संशोधन का निर्णय लिया गया। - इसके अंतर्गत गौशाला, बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने वाली इच्छुक सामाजिक सोसायटी या धार्मिक संस्थाएँ तथा चारे को उगाने के लिये अब शामिलात भूमि को 20 वर्ष तक की अवधि के लिये पट्टे पर ले सकेंगी। - इसके लिये गौशालाओं में पट्टा-धारक को कुल पशु जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशुओं को पटेा अवधि के दौरान गौशाला में रखना होगा। - इन नियमों को 'पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) हरियाणा संशोधन नियम, 2023' कहा जाएगा। - उक्त संशोधन के बाद, अब ग्राम पंचायत को अपनी भूमि आवंटन के माध्यम से 20 वर्ष तक की अवधि के लिये कम से कम प्रति वर्ष 5100 रुपये प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की अनुमति होगी। - धार्मिक संगठन को समाज के लिये परोपकारी योगदान के इतिहास के साथ उनके पूर्वजों को सत्यापित किया गया है जिसे ज़िला स्तरीय समिति और हरियाणा गौ-सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित किया जाएगा। - शामलात देह में किसी भी भूमि को गौशाला निर्माण के उपरांत प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिये 0.75 एकड़ के अनुपात में गौशाला की स्थापना हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी। - शामलात देह में किसी भी भूमि को बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र आदि जैसे सहायक उद्देश्यों के लिये 1500 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) वाली गौशाला को 2 एकड़ भूमि पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी। - गौशाला निर्माण के बाद गौचरण के लिये चिन्हित भूमि में से 1.5 एकड़ भूमि प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिये चारे की खेती हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी। चर्चा में क्यों? 5 अप्रैल, 2023 को हरियाणा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के द्वारा जारी किये गए ड्रग लाईसेंस हितधारकों की संस्थाओं के निरीक्षण को करने हेतू रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन सॉफ्टवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत की है। - इस सॉफ्टवेयर को लांच करने वाला हरियाणा देशभर में पहला राज्य है। इस सॉफ्टवेयर को पायलट आधार पर पंचकूला ज़िला में लागू किया जाएगा तथा इसके उपरांत राज्य के अन्य ज़िलों में लागू किया जाएगा। - इस सॉफ्टवेयर की शुरूआत प्रथम चरण में ड्रग विंग के लिये की गई है तथा द्वितीय चरण में फुड विंग को शामिल किया जाएगा। निरीक्षण के लिये अधिकारी के मोबाइल ऐप पर रेंडम लाईसेंसधारी यूनिट के नाम जाएंगे। - इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ड्रग कंट्रोल अधिकारी को रेंडम तरीके से ड्रग यूनिट के निरीक्षण हेतु डयूटी दी जाएगी तथा महीने के अनुसार इन अधिकारियों को निरीक्षण का लक्ष्य भी दिया जाएगा, जो कि ऑनलाइन होगा। ऐसी सभी ड्रग यूनिट का निरीक्षण ऑनलाइन और रियल टाइम होगा। - इसमें अधिकारियों को जीयो टेगिंग और लोकेशन भी साझा करनी होगी तथा तुंरत उसी समय अपनी निरीक्षण रिपोर्ट लाईसेसिंग प्राधिकरण और उच्च अधिकारियों को ऑनलाइन सोंपनी होगी। निरीक्षण के लिये संबंधित अधिकारियों को कंट्रोलिंग अधिकारियों से मंजूरी भी लेनी होगी। - विदित है कि वर्तमान में राज्य में 32581 खुदरा एवं थोक ड्रग लाईसेंसधारक हैं।
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सक्ताः कर्म्मण्यविद्वांसो यथा कुर्वन्ति भारत ? । कुर्याद्विद्वांस्तथासक्तश्चिकीर्षुर्लोकसंग्रहम् ।।२५।। भगवद्गीता ३ । हे अर्जुन ! मूखंजन कर्म के फल में आसक होकर जैसा कर्म करते हैं, वैसेही विवेको जन को कर्म में आसक न होकर मनुष्य की भलाई के लिये कर्म करना चाहिये । परन्तु साधक को परोपकार निमित्त कर्म करने में भी किञ्चित स्वाथ आजसका है। यथा यदि वह एक बहुत बड़ा परोपकारी काम करने को तैयार हुआ हो और चाहे कि वह काम सफल होय तो ऐसी चाहना भो स्वार्थ है, क्योंकि वह ऐसी इच्छा रखने से अपने परिश्रम के फल को फलीभूत देख प्रसन्न होना चाहता है और यह भी हो सकता है कि वह अपने परोपकारी कर्म के लिये दूसरे का अपनेप्रति प्रेम और कृतज्ञता चाहता हो अथवा दूसरे लोग उस के काम को प्रशंसनीय मानें ऐसा चाहता हो, ऐसी सूक्ष्म कामनाओं के आने से उसमें स्वार्थ अवश्य आगया । और ऐसा भी होता है कि कोई २ उस के परोपकारी उद्देश्य को नहीं समझते और उस के काम और उस के उद्देश्य में दूषण लगाते हैं जिससे उसके चित्त में, अपने काम की प्रशंसा पाने की इच्छा रहने से, उस को दुःख होता है और ऐसी अवस्था में समझना चाहिए कि उस में स्वार्थ बना है। ऐसेही यदि कोई कार्य जिस के सम्पादन में वह स्वयं लगा हो वह उस से सिद्ध न होकर किसी दूसरे के द्वारा सिद्ध हो और वह उसे देख कुछ भी विषाद माने, तो समझना चाहिये कि उस में अद्यापि स्वार्थ बना है, क्योंकि निःस्वार्थ और निष्काम होने से उस की इच्छा केवल आवश्यक कार्य के सिद्ध होने की रहनी चाहिये और किस के द्वारा सिद्ध हुआ इस का कुछ भी विचार नहीं रहना चाहिये, स्वतः उस से हुआ अथवा अन्य द्वारा हुआ दोनों को उसे समान समझना चाहिये । यदि वह किसी व्यक्ति का उपकार करे और उस का • इस लोक के भाग्य में "लोकसंग्रह" का अर्थ श्री रामानुजाचाने "डोक रसपार्थ", हनुमान ने " धर्मोत्पादन " बलदेव ने "लोकहितार्थ", मोजकंठ " मे "पदरानुग्रह " किये हैं अवश्य इसका अर्थ परोपकार स्पष्ट है।
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चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा का नौ दिवसीय पवित्र पर्व है। और इन दिनों बहुत से भक्त नौ दिनों तक पूरे दिन व्रत रखकर माता की आराधना करते हैं। मां दुर्गा यह पर्व संयम और अनुशासन के अनुसार मनाने से देवी मां भगवती प्रसन्न होकर भक्तों को वरदान देती है। आइए जानते हैं इन दिनों कौनसे काम नहीं करना चाहिए। 1. यदि आप नवरात्रि में घर में अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाएं। 2. नवरात्रि व्रत के समय यदि आप दुर्गा सप्तशती का पाठ, चालीसा या मंत्र आदि पढ़ रहे हैं तो उस समय दूसरी बात बोलने या घर के किसी दूसरे सदस्यों से बातचीत कतई कतई ना करें, इससे आपको पाठ का संपूर्ण फल नहीं मिलता, क्योंकि वह फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं। 3. नौ दिन व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए। 5. जो भक्त नौ दिन का व्रत रख रहे हैं उन्हें गंदे और बिना धुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। 6. विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत करने वालों को दिन में सोना निषेध कहा गया है। 7. नवरात्रि के व्रतधारियों को इन दिनों ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करना चाहिए, क्योंकि इन दिनों शारीरिक संबंध बनाने से व्रत का फल नहीं मिलता। 8. व्रतधारी इन दिनों खाने में प्याज, लहसुन और नॉन वेज न खाएं और मदिरापान तो बिलकुल भी ना करें। साथ ही अनाज तथा नमक का सेवन ना करें। 9. व्रत रखने वालों को दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए। 10. नवरात्रि में नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए।
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माद्रशुक्रा वष्ठो भाद्रशुका सप्तमो चपेटा षष्ठी कुक्कुटी सप्तमी था ललितासप्तमी दुवाष्टमी महालक्ष्मी किस देवताके उपलक्ष्य में किया जाता है । वष्ठी दुर्गा शिव लक्ष्मीनारायण और दुव इस व्रतको बंगाल में चपेटा षष्ठी, मिथिलाम पर्पट पष्ठी और महाराष्ट्र में सूर्यषष्ठी कहते हैं। अन्यत्र प्रचलित नहीं है । बंगाल और उत्कल में ललितासप्तमी कहते हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में इस दिन केवल गोरीव्रत किया जाता है। द्राविड़ और तैलंग में प्रमुक्ताभरण व्रत ( देवीने मतवत्सा दोषकी शान्ति के लिये यह भविष्यपुराणोक्त व्रत किधा था ) होता है। दाक्षिणात्य में इस तिथिको अचला सप्तमी, फलसप्तमी, पुत्रसप्तमी बनन्तफल सप्तमी नामक कई एक व्रत किये जाते हैं। इन सबमें सूर्यदेवको पूजा होती है। अचला सप्तमो इस समय भी दाक्षिणात्य में प्रचलित है, और सब व्रत अप्रचलित हैं। बंगाल में दूवीष्टमी होती है। काश्मीर में इस दिनसे चतुर्दशी तक किसी एक दिन महालक्ष्मी देवीकी पूजा होती है। महाराष्ट्र और गुजरातमें पष्ठोके दिन गोरी देवीका आवाहन कर सममीको पूजन और अष्टमीको विसर्जन किया जाता है एवं इसके सिवाय अपूर्णाकी पूजा और महालक्ष्मीकी यात्रा महासमारोह से की जाती है। कर्णाट और तेलंग में इस दिन ज्येष्ठाबत होता है। उत्कलमें ओर बंगाल में इस दिन दुर्गाष्टमी होने के कारण दुर्गापूजन एवं राधाजन्माष्टमी होनेके कारण राधाजीका पूजन होता है । मिथिनामें इस दिन गोष्ठाष्टमी होती है, महालक्ष्मीका व्रत किया जाता है और कथा सुनी जाती है। पुत्र पवाटिके लाभ
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रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस को मतगणना में गड़बड़ी की आशंका इतनी सता रही है कि वे बार-बार निर्वाचन आयोग के दफ्तर शिकायत लेकर पहुँच रहे हैं. रायपुर से दिल्ली और दिल्ली से रायपुर तक लगातार कांग्रेसी दौड़ाभागी कर रहे हैं. आज एक बार फिर आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष और सीतापुर विधानसभा प्रत्याशी अमरजीत भगत लाव लश्कर के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय पहुँचे. अमरजीत भगत ने आरोप लगाया है कि उन्हें मतदान के बाद बूथवार आंकड़ें नहीं दिए जा रहे हैं. उन्हें डर है कि मतदान के आंकड़ें में हेर-फेर न कर दे. लिहाजा उन्होंने मांग की है आयोग उन्हें बूथवार आंकड़ों की जानकारी दें. कांग्रेस प्रत्याशी अमरजीत भगत ने lalluram. com से खास-बातचीत में कहा कि बीते चुनाव तक मतदान के बाद ही प्रत्याशियों को बूथवार आंकड़ों की जानकारी मिल जाती थी लेकिन इस बार आयोग बार-बार मांगने पर जानकारी नहीं दे रही है. सत्ता के बल पर कहीं मतगणना में बूथवार गड़बड़ी ने हो जाए. इसलिए हम पूरी डिटेल रखना चाहते हैं. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ बन रही है लिहाजा उसे प्रभावित करने का हर स्तर पर प्रयास सत्ताधारी दल की ओर से किया जा रहा है. लेकिन जनता ने कांग्रेस का साथ दिया है. वहीं आदिवासी नेतृत्व के सवाल पर अमरजीत भगत ने कहा कि यह फैसला हाईकमान के हाथ में है. हम सबने बहुत मेहनत की है. इस बार कांग्रेस की सरकार जरूर बनेगी. कांग्रेस की सरकार बनाना पहली प्राथमिकता है. जनता का विश्वास इस बार कांग्रेस के साथ हैं.
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वूल फेडरेशन के निदेशक मंडल की 92वीं बैठक वूल फेडरेशन कार्यालय पालमपुर में चेयरमैन त्रिलोक कपूर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिनमें आगामी ऊन खरीद, भेड़ ऊन शेयरिंग के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। वूल फेडरेशन में भंडारित ऊन को शीघ्र विक्रय करने बारे भी निर्णय लिए गए। तत्पश्चात वूल फेडरेशन का साधारण अधिवेशन भी आयोजित किया गया। बैठक में वूल फेडरेशन से संबंधित 77 प्राथमिक सहकारी सभाओं में से 52 सहकारी सभाओं ने हिस्सा लिया। साधारण अधिवेशन में वूल फेडरेशन के चेयरमैन त्रिलोक कपूर ने वर्ष 2021-22 का वूल फेडरेशन के कार्यों, गतिविधियां का भी ब्योरा पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि भेड़ पालकों को हरसंभव सहायता प्रदान करने हेतु संबंधित विभागों, प्रशासन से समय-समय पर समस्याओं के निवारण हेतु बात करते रहे हैं। इस कड़ी में प्रशासन से बढ़ती भेड़ बकरियों की चोरियों पर अंकुश लगाने हेतु जो कदम उठाए गए हैं, उनकी जानकारी भी सदस्यों को दी। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद करते हुए कहा कि वूल फेडरेशन के इतिहास में पहली बार सरकार ने भेड़ पालकों को पशुओं के लिए आ रही पशु औषधियों की कमी को दूर करने हेतु पिछले वर्ष एक करोड़ की ग्रांट को मंजूरी दी थी।
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भारतीय जनता पार्टी ने विश्वास मत पर पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले आठ बाग़ी सांसदों को निकाल दिया है. संसद में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने दिल्ली में आज इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि विश्वास मत के दौरान अगर सांसदों ने क्रॉस वोटिंग नहीं की होती, या मतदान में हिस्सा लिया होता तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की जीत नहीं होती. विश्वास मत के दौरान बीजू जनता दल, तेलगू देशम पार्टी, एमडीएमके के कुछ सासंदों ने भी पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए यूपीए सरकार के पक्ष में अपना वोट दिया था. इन सभी पार्टियों ने भी उन सांसदों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरु कर दी है जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी या मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को संसद में अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला जब भाजपा के तीन सांसद नोटों की थैलियाँ लेकर पहुँच गए और आरोप लगाया कि उन्हें विश्वास मत में वोट न डालने के लिए रिश्वत दी गई थी. आडवाणी का कहना था कि उन्हें विश्वास मत के मामले पर जितना दुख हुआ है उतना पूरे संसदीय जीवन में कभी नहीं हुआ. आडवाणी ने कहा कि उनकी पार्टी ने गुरुवार से पूरे देश में यूपीए के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, "सरकार ने संसद में दाग़दार जीत हासिल की है. भ्रष्टाचार के इस मामले को जनता को सामने ले जाया जाएगा. " उन्होंने कहा कि दो दिन के अधिवेशन ने लोकतंत्र को कलंकित किया है. आडवाणी ने कहा, "22 जुलाई संसद के इतिहास में काला दिवस के रुप मे याद किया जाएगा. "
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गुरुग्राम। आसमान में छाए बादलों के बाद गुरूवार को निकली धूप से लोगों को ठंड व गलन से काफी राहत मिली। मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच का लंबा फासला बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। गत कुछ दिनों से मौसम ने तेजी से करवट ली है। अधिकतम और न्यूनतम पारा घट-बढ़ रहा है। दिन में धूप और रात में ठंडी हवाएं चल रही हैं। दो दिन तक तो रात में बहुत घना कोहरा रहा, जिससे राह चलना भी मुश्किल था। लेकिन दिन में धूप निकले से अधिकतम पारा बढ़ रहा है। बुधवार को देर शाम पछुआ हवाएं चलना शुरू हुई, तो अनुमान लगाया जा रहा था कि गुरूवार को कोहरा पड़ेगा। मगर रात में हवाएं शांत हो गई। सुबह हल्का कोहरा रहा जो धूप निकलने के पश्चात छंट गया। मौसम विभाग के अनुसार हवाओं के रुख में बार-बार आ रही तब्दीली के कारण ऐसा हो रहा है। अगले दो-तीन दिन में पारा तेजी से लुढक़ेगा। गुरूवार को अलसुबह कोहरे ने चादर तान रखी थी, लेकिन धीरे-धीरे धूप निखर कर सामने आई। पूरे दिन धूप होने के बादजूद भी बर्फीली हवाएं चलती रहीं। देर शाम एक बार फिर कोहरे ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जिसके कारण आमजन पूरे दिन अलाव के सहारे बैठे दिखे। सुबह से ही बर्फीली हवाएं चलती रहीं। उम्मीद थी कि धूप से राहत मिलेगी, लेकिन धूप के दर्शन भी हुए। कोहरा सुबह कुछ कम रहा, लेकिन शाम होते-होते कोहरा फिर का असर थोड़ा कम दिखा। ठंडी हवाओं ने शरीर कंपा दिया और ठंडक के साथ गलन भी बढ़ गई। बढ़ी मरीजों की संख्याः ठंड ने बीमारियां बढ़ा दी हैं। गुरूवार को दिन भी जिला अस्पताल में उल्टी, दस्त, बुखार, जुकाम, निमोनिया से पीडि़त मरीज इलाज को अस्पताल में पहुंचे। ठंड के मौसम में चिकित्सक विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। जहां तक हो सके लोग गर्म कपड़े पहन कर निकलें, ताकि ठंड से बचाव हो सके। खाने-पीने पर भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सर्दी में विशेषकर कान और पैर ढंककर रखें। 40 वर्ष से अधिक उम्र में ब्लड प्रेशर की समय-समय पर जांच कराएं। बीमार लोग चिकित्सक की सलाह पर दवाओं का समय से सेवन करें। आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
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जिन लोगों में विटामिन सी की कमी हो जाए, उनमें स्कर्वी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। थकान, कमजोरी, दांत-मसूढ़ों में दर्द और खून निकलने की समस्या, जोड़ों में दर्द आदि सभी स्कर्वी के लक्षण हैं। इसके अलावा विटामिन सी की कमी से बाल झड़ने की समस्या भी हो सकती है। विटामिन सी की कमी से एनीमिया की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, विटामिन सी आयरन को अवशोषित करने में मददगार होता है, इसके साथ ही ये लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में भी मदद करता है। ऐसे में विटामिन सी की कमी से एनीमिया की बीमारी हो सकती है। यदि शरीर में विटामिन सी की कमी हो जाए, तो इससे त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। साथ ही स्किन पर झुर्रियां पड़ जाती है। विटामिन सी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को हाइड्रेट कर उसे निखरा और जवां बनाने में मददगार होता है। आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए विटामिन सी बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण आंखों को हेल्दी रहने में मददगार होते हैं। यदि शरीर में विटामिन सी की कमी हो जाए, तो मोतियाबिंद जैसी समस्या हो सकती है। - आंवला, नींबू, संतरा, अंगूर, अमरूद, सेब, केला, - टमाटर, कटहल, शलगम, पुदीना, मूली के पत्ते, - दूध विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन सी की कमी से शरीर में कई तरह की परेशानी हो सकती है। ऐसे में इसकी पूर्ति बहुत ही जरूरी है। अगर शरीर में विटामिन सी की कमी से अधिक परेशानी हो, तो डॉक्टर की सलाह तुरंत लें। (डिस्क्लेमरः प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। )
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३० जून, सप्तरी । पानी का बहाव रोक कर प्रदेश २ सरकार के सहयोग में शहीदस्तम्भ निर्माण किया जा रहा है, जिससे सप्तरी का सिर्फ एक ही औद्योगिक क्षेत्र गजेन्द्रनारायण सिंह औद्योगिक क्षेत्र डूबान के जोखिम में है । औद्योगिक क्षेत्र स्थापनाकाल से पानी बहाव के लिये बनाया गया नाली और पोखरी को बंद कर स्थायी संरचना निर्माण करने के बाद सप्तरी के रुपनी गांवपालिका स्थित गजेन्द्रनारायण सिंह औद्योगिक क्षेत्र बारिस के कारण डूब सकता है और सन्चालित उद्योग-धंधा नष्ट हो सकता है । औद्योगिक क्षेत्र के पूर्व-दक्षिण किनार में पानी बहाव को रोककर प्रदेश नं २ सरकार के सहयोग से शहरी विकास तथा भवन निर्माण कार्यालय द्वारा शहीदस्तम्भ निर्माण किया जा रहा है जिसमें मिट्टी से नाली को भर कर ईंट का दिवाल बनाया जा रहा है । तत्कालीन नेकपा (एमाले)का मेची-महाकाली अभियान के क्रम में प्रहरी के साथ दंगा होने से पांच की मृत्यु हुयी थी । उसी स्थान में अभी शहीद गेट, शहीद उद्यान और शहीद स्तम्भ का निर्माण किया जा रहा है । औद्योगिक क्षेत्र व्यवस्थापन कार्यालय का प्रमुख दीपकराज आचार्य ने जानकारी दिया कि शहीदस्तम्भ निर्माण कार्य के लिये पानी का बहाव बंद करने से औद्योगिक क्षेत्र को बहुत नुकसान हो सकता है ।
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पुजारी सोमई राम ने सोनू भट्ट को पैसे देने से मना किया तो सोनू ने गदा उठाकर उन पर हमला कर दिया। घायलवस्था में उन्हें अस्तपाल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। सोनिया विहार इलाके में पैसा नहीं देने पर एक युवक ने हनुमान मंदिर के पुजारी पर गदा से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमले के दौरान गदा टूट गया। पुजारी अपनी जान बचाने के लिए मंदिर से बाहर भागे, लेकिन आरोपी एक लकड़ी का टुकड़ा लेकर उनका पीछा किया और लकड़ी का टुकड़ा उनके पेट में घोंप दिया। दर्शनार्थी महिलाओं ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने उन पर भी हमला कर दिया। मौके पर आए लोगों ने आरोपी की जमकर पिटाई की। घायल पुजारी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की पहचान सोमई राम (62) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, मूलतः उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के उदयपुर गांव के रहने वाले सोमई राम अपने परिवार के साथ सोनिया विहार तीसरे पुश्ते पर रहते थे। परिवार में पत्नी फूलवती, तीन बेटे हैं। वह सोनिया विहार ढाई पुश्ता यमुना खादर स्थित हनुमान मंदिर में पुजारी थे। मंदिर के पीछे एक अखाड़ा है, जहां के वह खलीफा भी थे। परिवार वालों ने बताया कि वह साढ़े चार बजे सुबह में मंदिर आ जाते थे। वहां खलीफाओं और अन्य लोगों के साथ 5. 30 बजे आरती करते थे। एक सप्ताह से सोनू भट्ट नाम का युवक रोज मंदिर आता था और मंदिर की सफाई करता था। बुधवार को रोज की तरह पुजारी ने मंदिर खोला। करीब 5 बजे सोनू मंदिर पहुंचा। उसने पुजारी से कुछ रुपये मांगे। पुजारी के पैसे देने से इनकार करने पर उसने गदा उठाकर उन पर हमला कर दिया। घायल पुजारी को पुलिस ने जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया, जबकि आरोपी को सुश्रुत टॉमा सेंटर में भर्ती कराया। शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी गोंडा यूपी का रहने वाला है और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल आंबेडकर चिकित्सालय में आग लगने से की स्थिति में बचाव के जो उपाय होने चाहिए वह नहीं हैं। इसकी जानकारी महालेखाकार की रिपोर्ट से सामने आई है। सिर्फ आंबेडकर अस्पताल में ही नहीं, रायपुर के जिला चिकित्सालय, बिलासपुर के मेडिकल कालेज और प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी यही स्थिति है। यह कल्पना करना अत्यंत भयावह है कि यदि किसी अस्पताल में आग लग गई तो क्या होगा। वर्ष 2021के अप्रैल के महीने में राजधानी के पचपेड़ी नाका स्थित सरकारी कोविड अस्पताल में घटित आगजनी की घटना ज्यादा पुरानी नहीं है। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट के लिए भर्ती किया गया था। विडंबना है कि आग लगी तो छह मरीजों की दम घुटने से मौत हो गई। चलने फिरने से असमर्थ कई मरीज जान बचाने के लिए अस्पताल की दूसरी मंजिल से कूदने को विवश हुए थे। जांच में पता चला कि इस अस्पताल में आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। आपात निकास द्वार व वेंटिलेशन का भी इंतजाम नहीं किया गया था। बिलासपुर मेडिकल कालेज अस्पताल के शिशु वार्ड में 2019 में आगजनी की घटना में चार बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। मरीजों व उनके सहायकों सहित हजारों की भीड़ वाले अस्पतालों में आग लगने से जो अफरातफरी मचती है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यह प्रश्न विचारणीय है कि चलने फिरने में असमर्थ, दवा के प्रभाव में अचेतन अवस्था में बिस्तर पर पड़े, वेंटिलेटर पर आक्सीजन के सहारे जीवित मरीज आग लगने पर स्वयं को कैसे बचा पाएंगे। धुएं में मची भगदड़ से मरीज कैसे बचेंगे। रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में भी आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। यह मात्र संयोग है कि यहां अब तक अधिक नुकसान नहीं हो पाया है। इसी साल मई में आंबेडकर अस्पताल के रेडियोलाजी विभाग में आगजनी से लाखों के उपकरण खाक हो गए थे। जून में मेडिकल कालेज सभागार में शार्ट सर्किट से आग लगी। अग्नि सुरक्षा के उपकरण नहीं थे। जब आग लगी तो मेडिकल छात्र भी वहां थे। उन्होंने बड़ी मुश्किल से आग को काबू में किया। इन घटनाओं में जनहानि तो नहीं हुई है परंतु प्रश्न यह है कि क्या सरकार या व्यवस्था में बैठे लोग अब भी जनहानि होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्य में दस मेडिकल कालेज अस्पताल, 27 जिला अस्पताल व 174 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। अग्निशमन की समुचित व्यवस्था कहीं भी नहीं है। महालेखाकार की रिपोर्ट से पता चलता है कि आंबेडकर अस्पताल व बिलासपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए दो करोड़ 33 लाख का बजट आवंटित किया गया था किंतु छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन ने काम नहीं किया। यह प्रकरण इतना गंभीर है कि इसके लिए उत्तरदायित्व तो तय किया ही जाना चाहिए। घटनाओं के बाद फायर आडिट की औपचारिकता से काम नहीं बनेगा। आगजनी से बचाव के लिए ठोस उपाय सुनिश्चित करने होंगे। विद्युत लाइनों की नियमित जांच करानी चाहिए। धुंआ निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए। अस्पतालों में आपात निकास द्वार, अग्निशमन यंत्र आदि की उपलब्धता की जानी चाहिए। अस्पतालों को आग से सुरक्षित करने का काम प्राथमिकता से किया जाए।
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अलवर जिले के नीमराणा थाना इलाके में शुक्रवार रात को शराब पार्टी में हुए झगड़े ने दो दोस्तों ने अपने ही साथी की हत्या कर दी. बाद में शव को खेत में फेंककर फरार हो गए. हत्यारों का अभी तक पता नहीं लग पाया है. पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए शाहजहांपुर सीएचसी में रखा गया है. पुलिस के अनुसार वारदात बहरोड़ कुंड सड़क मार्ग पर रोड़वाल गांव के पास स्थित एक ईंट भट्ठे पर हुई. वहां कार्यरत चौकीदार सोमदत्त (35) की रात में उसके दो साथियों ने हत्या कर शव को खेत में फेंक दिया. शनिवार सुबह शौच करने गए भट्ठे के मजदूरों ने चौकीदार का शव खेत में पड़ा देखा तो उन्होंने इसकी सूचना भट्ठे के मुनीम को दी. मुनीम ने भट्ठा मालिक और माजरी कलां चौकी पुलिस को घटना की जानकारी दी. थानाधिकारी पवन चौबे ने बताया कि चौकीदार की हत्या उसके दो साथियों ने की है. शुक्रवार रात को सोमदत्त और उसके दो साथियों ने शराब पार्टी की थी. इस दौरान तीनों में झगड़ा हो गया. मारपीट में सोमदत्त की मौत हो गई तो उसके दोनों साथी शव को खेत में फेंककर फरार हो गए. आरोपियों की पहचान कर ली गई है. उनकी तलाश में पुलिस की टीम बिहार और यूपी भेजी गई है. भट्ठे के मुनीम ने बताया कि सोमदत्त शुक्रवार शाम को सब्जी लेने के लिए पैसे लेकर गया था. घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर आलू प्याज बिखरे पड़े थे. .
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गया, (वीअ)। हिन्दुस्तान में कई पांतों को आपूर्ति करने वाला आक्सी टासिन व्यवसाय शुरू से ही विवादित रहा है। इस उद्योग को अनुज्ञप्ति से लेकर बिकी सहित विभागीय मानक के अनुरूप उत्पादन एवं पैकिंग को लेकर हमेशा चर्चाओं का बाजार गरम रहा है। परन्तु आश्चर्य है कि जिस व्यापार ने हिन्दुस्तान के हर कोने में पकड़ बनाया उसे नियंत्राण विभाग यानि औषधि् नियंत्राण ने इसे मात्रा कामधेनू समझ लिया। जिसका परिणाम है कि हमेशा पुलिस छापे की बरामद माल, निर्माण प(ति व राजस्व वसूली में की गयी कर वंचना, गैर अनुज्ञप्ति धरक को दिखायी गयी बिकी इस बात को पमाणित करता है कि बड़े पैमाने पर घालमेल लंबे समय से निरंतर जारी है। सूत्रों से मिल रही जानकारीके अनुसार मुख्यालय स्थित विभागीय जानकारी के अनुसार मुख्यालय स्थित विभागीय बै"क में एक-दो वरीय अध्कारियों ने पूर्व में की गयी छापामारी के लंबित पफाइलों को खंगालने की राय जाहिर की। परन्तु हालत बेनतीजा रहा। इध्र ध्राध्ड़ अनुज्ञप्ति देने की परिणति है कि मंगलवार को श्री राम पफार्मा केनाम पर आवेदित अनुज्ञप्ति स्थल पर सदर अनुमंडल पुलिस अध्कारी राकेश कुमार के द्वारा छापामारी कर भारी मात्राा में उत्पादित माल व मशीनरी बरामद किया है। सवाल उ"ता है कि क्या गया औषधि निरीक्षक को पुलिस छापामारी के पूर्व लगातार हो रहे आवेदित स्थलपर निर्माण की सूचना नहीं थी? क्या स्वास्थ्य विभाग के वरीय अध्कारी के संज्ञान में ऐसे मामले नहीं आये थे ? बताया जाता है कि विभागीय पावधन जीएमपी को ताक पर रखकर निरीक्षण टिप्पणी के साथ अनुज्ञप्ति दी जा रही है जो जांचका विषय है। जानकारों की मानें तो ऐसे कई स्थल एवं अनुज्ञप्ति के लिए आवेदित कारखाने हैं जहां न सिर्फ उत्पादन जारी है बल्कि औषधि व अंगराज अधिनियम के उल्लंघन का आरोप भी लग चुका है। आखिरकार औषधि् निरीक्षक की ड्यूटी क्या है? उल्लेखनीय है कि औषधि् नियंत्राण विभाग के नवनियुक्त औषधि् निरीक्षकों के सीमा निर्धरण में हो रहे विलंब से भी विभागय कार्य ढुलमुल चल रहा है।
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दुबई में खेली जा रही एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय शटलर्स ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। विमेंस सिंगल में पीवी सिंधु, मेंस सिंगल में एचएस प्रणय और मेंस डबल्स में सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी ने अपने-अपने मुकाबले जीत कर अगले राउंड में प्रवेश किया। पीवी सिंधु ने राउंड ऑफ 16 में चीन की हान यू को दो सेट में हराया। पहले सेट में सिंधु ने 21-12 से जीत दर्ज की। फिर दूसरे सेट में भी 21-15 से आसान जीत प्राप्त कर मैच खत्म किया। अब सिंधु का मुकाबला चीन की वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे नंबर की खिलाड़ी एनसे यंग से होगा। जिनके खिलाफ सिंधु ने अपने पिछले पांच मुकाबले हारे हैं। एच एस प्रणय ने पोलैंड के वारडोयो को तीन सेट में हराया। पहला सेट प्रणौय ने 21-16 से जीता। इसके बाद वारडोयो ने एकतरफा सेट में प्रणय को 5-21 से हरा दिया। तीसरे सेट में प्रणय ने शानदार कमबैक किया और आखिरी सेट के करीबी मुकाबले में 21-18 से जीत हासिल कर मैच जीत लिया। काॅमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट सात्विक साईराज और चिराग रेड्डी ने एकतरफा लीड बनाते हुए दो सेट में कोरिया के यंग और सि युंग को हराया। उन्होंने पहला सेट 21-13 से जीता और 21-11 से दूसरा सेट अपने नाम किया। भारत के टॉप शटलर्स में से एक किदांबी श्रीकांत पहला राउंड जीत नहीं सके। उन्हें मेंस सिंगल में कोदई नाराओंका ने 3 सेट में हराया। पहला सेट नाराओंका ने 14-21 से जीता। दूसरे सेट में श्रीकांत ने कमबैक किया और 20-22 से जीत दर्ज की। लेकिन, तीसरे सेट में श्रीकांत एकतरफा मुकाबले में 21-9 से हार गए। विमेंस डबल्स में में त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद ने विपक्षी जोड़ी को वॉकओवर दे दिया। गायत्री ने चोट के कारण दूसरे दौर के मैच से पहले नाम वापस ले लिया। मिक्स्ड डबल्स में रोहन कपूर और सिक्की रेड्डी ने कोरिया के सियो सेउंग जेई और चाई यू जंग के वॉकओवर के बाद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। भारतीय जोड़ी का अगला मुकाबला इंडोनेशिया के डेजन फर्डिननस्याह और ग्लोरिया इमानुएल विदजाजा से होगा। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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New Zealand का Australia दौरा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। न्यूजीलैंड को 24 जनवरी से 9 फरवरी तक ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना था। उस दौरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज और एक टी20 मुकाबले खेले जाना था। लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए और न्यूजीलैंड क्वारंटाइन रिक्वायरमेंट और बार्डर कंट्रोल के कारण इस दौरे को स्थगित किया गया। T20 World Cup 2021 का नया चैंपियन मिल गया है। Australia ने New Zealand को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया है। चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को खिताब जीतने के बाद ट्रॉफी और 12 करोड़ रुपए दिए गए। वहीं न्यूजीलैंड को लगभग 6 करोड़ रुपए प्राइज मनी में मिली। T20 World Cup 2021 का नया चैंपियन मिल गया है। ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया है। फाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट के नुकसान पर 172 रन बनाए। जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य को हासिल कर लिया और टी20 विश्व कप अपने नाम कर लिया। फाइनल में न्यूज़ीलैंड की हार के बाद केन विलियमसन ने हार को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। T20 World Cup 2021 का नया चैंपियन मिल गया है। ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया है। फाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट के नुकसान पर 172 रन बनाए। जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने राम से लक्ष्य को हासिल कर लिया और टी20 विश्व कप की विजेता टीम बन गयी। T20 World Cup 2021 का नया चैंपियन मिल गया है। Australia ने New Zealand को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया है। T20 World Cup 2021 का फाइनल मुकाबला New Zealand और Australia के बीच आज खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। न्यूजीलैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करेगी। 44 मुकाबलों के बाद आज रात को टी20 विश्व कप का नया चैंपियन मिल जाएगा। New Zealand के कप्तान Kane Williamson ने फाइनल मैच से पहले बड़ा बयान दिया है। विलियमसन ने कहा कि वो दूसरे टीम की तरफ ध्यान देने के बजाय अपने खेल पर ही फोकस रखेंगे। न्यूजीलैंड की टीम ने पहली बार टी20 विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई हैं। न्यूजीलैंड ने पिछले 6 साल में लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत खुद को ICC टूर्नामेंट का बेस्ट टीम साबित किया है। New Zealand और Australia के बीच आज 14 नबंवर को फाइनल मुकाबला दुबई में खेला जाएगा। T20 World Cup 2021 का फाइनल मुकाबला New Zealand और Australia के बीच आज खेला जाएगा। 44 मुकाबलों के बाद आज रात को टी20 विश्व कप का नया चैंपियन मिल जाएगा। सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को हराया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में पहुंची थी। दोनों टीमों ने सेमीफाइनल में शानदार खेल दिखाया था। अब दोनों टीमों पर फाइनल का प्रेशर होगा। इस मैच में दोनों टीम के कप्तान को मैच जीतने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। इस फाइनल में कोई टीम किसी से कम नहीं है। ऐसे में आज का मुकाबला मजेदार होना वाला है। Zimbabwe के बुलावायो में Zimbabwe Women और Bangladesh Women (ZM-W vs BD-W) के बीच दूसरा एकदिवसीय मुकाबला 13 नवंबर को खेला जाएगा। यह मुकाबला 1 बजे से खेला जाएगा।
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(दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी) ( Image Source : PTI ) Delhi News: दिल्ली की नई शिक्षा मंत्री आतिशी ने शुक्रवार (10 मार्च) को कहा कि नगरपालिका और दिल्ली सरकार के स्कूलों के बीच तालमेल बिठाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से लोगों के हित में अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ सहयोग करने का आग्रह किया. आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने गुरुवार को मंत्री के रूप में शपथ ली और शुक्रवार को शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाला, उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस पर भी होगा, जहां छात्र कक्षा 9 के बाद से अपनी रुचियों और क्षमताओं के आधार पर मनचाहे वर्ग में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में आतिशी ने कहा कि नगर निगम के स्कूलों और दिल्ली सरकार के स्कूलों के बीच तालमेल लाना शिक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. हमारा फोकस क्षेत्र अब तक कक्षा 6 से 12 तक रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली मौजूदा दिल्ली कैबिनेट की पहली महिला मंत्री ने कहा कि अब हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्राथमिक शिक्षा को भी उस प्रणाली में लाया जाए. दूसरा, हम अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जहां छात्र अपनी विशेष स्ट्रीम पर ध्यान केंद्रित कर सकते है. ठीक यही शिक्षा मॉडल सिंगापुर जैसे देशों में मौजूद है. दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा एमसीडी के दायरे में है, स्कूली शिक्षा दिल्ली सरकार की ओर से अपने संस्थानों में दी की जाती है. मंत्री बनने से पहले, कालकाजी की विधायक राष्ट्रीय राजधानी में शैक्षिक सुधारों को लागू करने के लिए गठित आप की टीम की प्रमुख सदस्य थीं. फिनलैंड में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को भेजने पर दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना और आप सरकार के बीच झगड़े पर, उन्होंने कहा कि एलजी को लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्वाचित सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं सक्सेना को याद दिलाना चाहूंगी कि उपराज्यपाल के रूप में वह और जनप्रतिनिधि के रूप में हम, हमारा काम दिल्ली के लोगों की सेवा करना है. मैं उनसे लोगों के हित में काम करने और हमारे साथ सहयोग करने का आग्रह करूंगी. G20 की भारत की अध्यक्षता और सितंबर में शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में दिल्ली में कई बैठकें आयोजित की जा रही हैं, आतिशी,के पास लोक कार्य, बिजली और पर्यटन के पोर्टफोलियो भी हैं, उन्होंने कहा कि दिल्ली के बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. G20 से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू बन जाता है. हमने आश्रम फ्लाईओवर (रखरखाव के बाद) का उद्घाटन किया है, अब चिराग हमने आश्रम फ्लाईओवर (रखरखाव के बाद) का उद्घाटन किया है, अब चिराग दिल्ली फ्लाईओवर पर काम शुरू हो गया है. इस (लोक निर्माण) विभाग में न केवल नई परियोजनाओं बल्कि परियोजनाओं का रखरखाव भी महत्वपूर्ण है. गुणवत्ता लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) परियोजनाओं के रखरखाव पर निर्भर करती है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद आतिशी को सौरभ भारद्वाज के साथ मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है, जो शिक्षा विभाग संभालते थे. भ्रष्टाचार के आरोपों में सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन दोनों जेल में हैं. दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सिसोदिया की गिरफ्तारी पर आतिशी ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन बीजेपी में शामिल होते तो उनके खिलाफ सभी मामले मिट जाते जैसे कि असम मेंं हेमंत बिस्वा सरमा के साथ व पश्चिम बंगाल में शुभेंदु अधिकारी के साथ हुआ. सिसोदिया की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली कांग्रेस में यह एक मान्य संचालन प्रक्रिया थी कि अजय माकन आप के खिलाफ मामले दर्ज करेंगे और बीजेपी उनकी जांच कराएगी. आतिशी ने कहा कि जब सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया तो अनिल चौधरी सबसे पहले आगे आए और कहा कि उन्होंने मामले की शुरुआत की. कांग्रेस को खुद पर शर्म आनी चाहिए. हर कोई देख सकता है कि कैसे बीजेपी अपनी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, और वे कुछ भी नहीं कहना पसंद कर रहे हैं. सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. वर्ष 2021-22 के लिए बनी वह नीति अब रद्द की जा चुकी है. सिसोदिया 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं. गुरुवार को ईडी ने उन्हें नीति में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन भी न्यायिक हिरासत में हैं, उन्हें ईडी ने पिछले साल 30 मई को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. ये भी पढ़ें :- Manish Sisodia Remand: मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने 7 दिनों के लिए ED की रिमांड में भेजा, AAP की आई पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
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सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा में वैकेंसी निकली हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में IT प्रोफेशनल के पदों पर भर्तियां की जानी हैं। इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन हो रहे हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 9 नवंबर 2022 है। वैकेंसी के संबंध में अधिक जानकारी नीचे दी गई है। नोटिफिकेशन के मुताबिक सीनियर डेवेलपर - फुल स्टैक जावा के 16 पदों, डेवेलपर - फुल स्टैक जावा के 13 पदों, डेवेलपर - फुल स्टैक डॉट नेट और जावा के 6 पदों, डेवेलपर - मोबाइल अप्लीकेशन डेवेलपमें के 6 पदों, क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर्स के 6 पदों, जूनियर क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर्स के 5 पदों समेत कुल 60 पदों पर भर्तियां की जानी हैं। उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थान से कंप्यूटर साइंस या आइटी में बीई/बीटेक डिग्री पास होना चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों से अनुभव भी मांगा गया है। अलग-अलग पदों के लिए अनुभव अलग-अलग निर्धारित है। उम्मीदवारों का चयन शॉर्ट लिस्टिंग और पर्सनल इंटरव्यू और किसी अन्य सेलेक्शन मेथेड के आधार पर किया जाएगा। जनरल, EWS और OBC के लिए आवेदन फीस 600 रुपये है। SC, ST, PWD और महिला उम्मीदवारों के लिए आवेदन फीस 100 रुपये है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट bankofbaroda. in/Career. htm पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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होली के दिन नहाते समय पति-पत्नी की मौत, गैस गीजर से बाथरुम बन गया 'मौत का चैंबर'! गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि दंपति ने गीजर शुरू किया लेकिन उन्होंने गैस के रिसाव पर ध्यान नहीं दिया और बेहोश हो गए. जानकारी होने पर उनको तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. गाजियाबाद के मुरादनगर में मेन रोड स्थित अग्रसेन मार्केट में होली के दिन बड़ा हादसा हो गया. यहां बुधवार को बाथरूम में नहाते वक्त पति-पत्नी की गैस गीजर से मौत हो गई. दोनों को दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया. फिलहाल शवों को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है. वहीं होली के दिन हुई इस घटना से परिवार और आस-पास में गम का माहौल है. बता दें अग्रसेन मार्केट में दीपक गोयल अपनी पत्नी शिल्पी और दो बच्चों के साथ रहते थे. पुलिस के मुताबिक, दोनों पति-पत्नी होली खेलने के बाद शाम करीब चार बजे बाथरूम में नहाने के लिए चले गए. घंटों तक जब वो बाहर नहीं निकले तो बच्चों ने शोर मचाया. परिवार के लोग भी वहां पहुंच गए. अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़कर दोनों को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला. देखने पर पता चला कि गैस गीजर चल रहा था. बाथरूम में वेंटिलेशन की व्यवस्था नहीं की गई थी. परिवार के लोगों ने आनन-फानन में दोनों पति पत्नी को गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. इसकी सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने बताया कि होली खेलने के बाद दीपक (40) और उनकी पत्नी शिल्पी (36) अपने घर की दूसरी मंजिल पर नहाने के लिए बाथरूम में गए थे. उन्होंने बताया कि दंपति ने गीजर शुरू किया लेकिन इस दौरान उन्होंने गैस के रिसाव पर ध्यान नहीं दिया और बेहोश हो गए. जानकारी होने पर दंपति को तुरंत गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं मुरादाबाद के थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. उधर, होली के दिन हुई इस घटना से परिवार में कोहराम मचा है. दोनों के छोटे बच्चे हैं उनका रो-रो कर बुरा हाल है. जैसे ही इस घटना की जानकारी बाजार में लगी तो मातम पसर गया.
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शिमला - बीएसएनएल की गांधीगिरि पार्ट-। । मुहिम असर दिखने लगी है। गांधीगिरी पार्ट-दो मुहिम के पहले चरण में बीएसएनएल कर्मियों ने संजौली, ढली व भट्टाकुफर क्षेत्र के डिफाल्टरों के घरों पर डेरा डाल बकाया वापस करने लिए मोर्चा खोला। जैसे ही बैनर हाथ में लिए यह कर्मी घरों व दुकानों पर पहुंचे तो किसी ने कहा फोटो मत खींचों हम पैसा जमा करवाते हैं। इतना ही कुछ डिफाल्टरों ने फोन कर कहा-यहां मत आओं वहीं आ जाते हैं। डिफाल्टर किराएदार को मकान-मालिक समझाते हुए दिखे कि-पैसे दो, बिल्डिंग की बेईज्जती हो रही है। इस बीच बीएसएनएल कर्मी घरों के बाहिर बैनर हाथ में लिए खडे़ रहे जबकि अधिकारी अंदर डिफाल्टर को समझाने में लगे रहे कि हम आपको उलझानें या परेशान करने नहीं आए हैं। आप वर्षों से बीएसएनएल के उपभोक्ता रहे है, हम आपका सम्मान करते हैं। इसी नाते हम आपसे आपके नाम पड़ी बकाया राशि की वापसी की अपेक्षा करते हैं। ज्यादातर डिफाल्टर फोटो न खींचनें की शर्त पर बातचीत के लिए राजी हुए। उन्होंने कहा कि पहले चरण में संजौली, ढली क्षेत्र में लगातार तीन दिन तक बीएसएनएल टीम ने दबिश जारी रखी। इस दौरान साढे़ सात लाख रुपए की राशि डिफाल्टरों ने चैक के द्वारा वापस की। जिन डिफाल्टरों ने बकाया वापस करने का आश्वासन दिया है उनसे दोबारा संपर्क किया जा रहा है। द्वितीय चरण में शिमला मेन सीटी में गांधीगिरि पार्ट-। । अभियान चलाया जाएगा। बीएसएनएल द्वारा बकाया की अवधि के अनुसार डिफाल्टरों को दस से 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
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Rajasthan News: कोटा घर के बाहर खड़ी गाड़ी को गिराने के विवाद में हुई मारपीट में एक युवक की मौत होने के मामले में एससी एसटी कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में रामप्रसाद उर्फ कालू को 7 साल का कारावास सुनाया है. साथ ही 10500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जबकि आरोपी उसके पिता पूरनचंद उर्फ पूरणमल की मृत्यु हो जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई. विशिष्ट लोक अभियोजक के मुताबिक घायल कोलीपाड़ा निवासी मोहनलाल ने 11 जनवरी 2012 को एमबीएस में उपचार के दौरान रामपुरा कोतवाली पुलिस को पच बयान दर्ज कराया था कि 11 जनवरी को शाम 7. 30 बजे घर के बाहर रोड पर उसके बेटे की गाड़ी खड़ी थी जिसे कल्लू ने गिरा दी. पूछताछ करने पर कल्लू, पिता पूरणमल सरिया लेकर आए. पूरणमल ने उसे पकड़ लिया तथा कल्लू ने सरिए से मारपीट की. दोनों ने लातों घूंसो से मारा. मोहनलाल की एमबीएस में उपचार के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने रिपोर्ट पर आईपीसी की धारा 341, 304, 34 एवं एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2) (5) में मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने मामले में अनुसंधान के बाद आरोपी कोलीपाड़ा लाडपुरा निवासी पूरनचंद व पुत्र रामप्रसाद उर्फ कालू के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाहों के बयान कराए गए.
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बिहार की राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के बेटे अफशार अहमद (Afshar Ahmad) पर पुलिस थाने में घुसकर डीएसपी से बदसलूकी करने का आरोप लगा है। जिसके बाद अशरफ अहमद को हिरासत में ले लिया गया। अफशार को थाने में छुड़ाने पहुंचे RJD नेताओं ने वहां जमकर हंगामा किया। पटना के पीरबहोर थाना में अफशार अहमद ने डीएसपी अशोक सिंह से बदसलूकी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद बेटे को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे पिता अनवर अहमद के पीछे सैकड़ों लोगों ने पीरबहोर थाने को घेर लिया। लोग हंगामा करने लगे। लोग पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए पूर्व पार्षद को छोड़ने की मांग कर रहे थे। शुक्रवार रात को थाने के सामने अशोक राजपथ को लोगों ने जाम कर दिया। जिसके बाद पुलिस को गाड़ियों को डायवर्ट करना पड़ा। हालात तनावपूर्ण देख वज्र वाहन के साथ भारी संख्या में फोर्स को मौके पर बुलाकर इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। डीएसपी से किया गाली गलौजः दरअसल, गुरुवार की रात पटना मार्केट के पास कुछ संदिग्ध युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद स्थानीय युवकों ने ना सिर्फ हिरासत में लिए गए लड़कों को छुड़ा लिया था बल्कि तीन पुलिसकर्मियों की पिटाई भी कर दी थी। इसी मामले में शुक्रवार को पुलिस ने एक दुकानदार को पूछताछ के लिए लाया था जिसे छुड़ाने के लिए अफशार थाने पहुंचा था। इस दौरान अफशार गिरफ्तार युवकों को तुरंत छोड़ने के लिए दबाव बनाने लगा और डीएसपी से गाली गलौज और बदसलूकी भी की। क्या है पूरा मामलाः दरअसल, गुरुवार को पटना के पीरबहोर थाना इलाके में अपराधियों को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था और दौड़ा-दौड़ा कर उन्हें पीटा था। असमाजिक तत्वों के हमले में एक पुलिस कॉन्स्टेबल गंभीर रूप से चोटिल हो गए जिन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। पीरबहोर थाना के एसएचओ सबिउल हक़ ने बताया की गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों ने पटना मार्केट के पास चार लोगों को एक जगह बैठे हुए देखा जो पुलिस को देखते ही भागने लगे। जिसके बाद हमने उनमें से दो लोगों को दौड़कर पकड़ लिया। एसएचओ के मुताबिक उसके बाद पकड़े गए लोगों के सहयोगियों ने अचानक पुलिस पर हमला कर दिया जिसमें एक कॉन्स्टेबल को चोट लगी है। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। सभी बदमाशों को अपराधियों ने हमला कर छुड़ा लिया और मौके से भाग गए।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जूनापीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि के साथ शुक्रवार को हरिहर आश्रम कनखल हरिद्वार में रूद्राक्ष का पौधा लगाया। पौधे रुद्राक्ष का नाम रूद्र राज दिया। चौहान ने कहा कि यह पौधरोपण प्रकृति पर्यावरण, मानवीय अस्तित्व एवं संपूर्ण जैव जगत के रक्षणार्थ और संवर्धन के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने धर्मपत्नि साधना सिंह के साथ 450 वर्ष पुराने पवित्र रुद्राक्ष वृक्ष की परिक्रमा कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की प्रार्थना की। भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जूनापीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि के साथ शुक्रवार को हरिहर आश्रम कनखल हरिद्वार में रूद्राक्ष का पौधा लगाया। पौधे रुद्राक्ष का नाम रूद्र राज दिया। चौहान ने कहा कि यह पौधरोपण प्रकृति पर्यावरण, मानवीय अस्तित्व एवं संपूर्ण जैव जगत के रक्षणार्थ और संवर्धन के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने धर्मपत्नि साधना सिंह के साथ 450 वर्ष पुराने पवित्र रुद्राक्ष वृक्ष की परिक्रमा कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की प्रार्थना की। रुद्राक्ष आस्था का प्रतीक है तथा पवित्र वृक्ष माना जाता है। इसके फल की मालाएं धारण की जाती हैं। ऐसा जन विश्वास है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के नेत्रों के जलबिंदु से हुई। रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष मंत्र-जाप के लिए भी पहने जाते हैं। इसके बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में आभूषणों और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं। रुद्राक्ष मुख्य रूप से हिमालय के प्रदेशों में पाए जाते हैं। असम, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल, अरूणांचल प्रदेश, बंगाल, हरिद्वार, गढ़वाल और देहरादून के जंगलों में भी पर्याप्त मात्रा में रुद्राक्ष पाए जाते हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री क्षेत्र में भी रुद्राक्ष मिलते हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत में नीलगिरि और मैसूर में तथा कर्नाटक और रामेश्वरम में भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखे जा सकते हैं।
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दिल्ली में एक बार फिर गैंगवार की वारदात सामने आई है. यहां सुल्तानपुर इलाके में नवीन बाली के चचेरे भाई पारुल को गोलियों से भून दिया गया. इस दौरान कुल 12 राउंड फायरिंग हुई है. इस वारदात में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के सहयोगी दीपक बाक्सर का हाथ होने की बात आई सामने आई है. पुलिस के आला अधिकारी पूरे मामले की तफ्तीश में जुटे हुए हैं. बवाना के सुल्तानपुर गांव में पारुल नाम के एक युवक पर बाइक सवार बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. हमलावरों ने 12 राउंड गोलियां चलाईं और मौके से फरार हो गए. बवाना का रहने वाला पारुल अपने घर के बाहर ही बैठा हुआ था. तभी एक बाइक पर दो बदमाश आए और पारुल को बेहद नजदीक से करीब एक दर्जन गोलियां मारीं. आनन-फानन में घायल हालत में पारुल को नजदीक के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पारुल कुख्यात गैंगस्टर नवीन बाली के चाचा का लड़का है. पारुल का 3 से 4 दिन पहले कुछ लड़कों से झगड़ा हुआ था, इसलिए पुलिस इस पहलू से भी पूरे मामले की जांच कर रही है. दिल्ली में आए दिन गैंगवार और फायरिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं. करीब एक सप्ताह पहले ही सुभाषनगर इलाके में सरेआम फायरिंग की घटना सामने आई थी. यहां बदमाशों ने मंडी यूनियन के चेरमैन और उनके भाई पर खुलेआम ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. पुलिस के मुताबिक, इस वारदात की साजिश दिल्ली के तिहाड़ जेल से रची गई थी.
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कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'काला जादू फैलाने' वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर शायराना अंदाज में 'महंगाई' को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. वहीं कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी काले कपड़ों को लेकर हो रही राजनीति को मुद्दे से भटकाने की कोशिश बताया, साथ ही इसे लेकर अलग-अलग तरीके से बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, 'आप इधर-उधर की बात न करें, ये बताएं महंगाई बढ़ाकर क्यों लूटा, जनता को काले कपड़ों से गिला नहीं, आपकी रहबरी पर सवाल है. ' कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी पर तंज कसा, ' ये काला धन लाने के लिए तो कुछ कर नहीं पाए, अब काले कपड़ों को लेकर बेमतलब का मुद्दा बना रहे हैं. देश चाहता है कि प्रधानमंत्री उनकी समस्याओं पर बात करें लेकिन जुमला जीवी कुछ भी बोलते रहते हैं. जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काले कपड़ों में एक फोटो भी शेयर की. दरअसल पीएम मोदी ने पानीपत में इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में कांग्रेस के काले कपड़ों में प्रदर्शन करने पर चुटकी ली थी. उन्होंने कहा था-हमारे देश में भी कुछ लोग हैं जो नकारात्मकता के भंवर में फंसे हुए हैं, निराशा में डूबे हुए हैं. सरकार के खिलाफ झूठ पर झूठ बोलने के बाद भी जनता जनार्दन ऐसे लोगों पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. ऐसी हताशा में ये लोग भी अब काले जादू की तरफ मुड़ते नजर आ रहे हैं. अभी हमने 5 अगस्त को देखा है कि कैसे काले जादू को फैलाने का प्रयास किया गया. ये लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनकर, उनकी निराशा-हताशा का काल समाप्त हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस के नेता डॉ. अजय कुमार ने पलटवार किया. उन्होंने कहा- काले टोपी वाले RSS तो इतने सालों से जादू टोना करके देश वासी को बेवकूफ बनाने के निरंतर प्रयास कर कर रहे हैं. वहीं शक्ति सिंह गोहिल ने कहा- जब सरकार सुनती नहीं थी, तब महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हमने काले कपड़े पहने थे. उसकी निंदा करने वाले प्रधानमंत्री जी देश को बताए की ये क्या है? काला जादू? अंध श्रधा? या निराशा? काले कपड़ो को लेकर ये सियासत होम मिनिस्टर अमित शाह के बयान से शुरू हुई थी. उन्होंने इसे राम जन्मभूमि के शिलान्यास की तिथि से जोड़ते हुए कांग्रेस का तुष्टकरण करार दिया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे रामभक्तों का अपमान करार दिया था.
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