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- 42 min ago सोनाक्षी सिन्हा के साथ रोमांस करने से रणबीर कपूर ने कर दिया था इंकार? वजह है चौकाने वाली! Don't Miss! - Travel क्या है पानीपुरी का इतिहास और क्यों सर्च इंजन गूगल कर रहा है इसे Celebrate? पुलिस ने चौधरी को मंगलवार को शहर छोड़ने का नोटिस दिया। पुलिस ने बताया कि राजा चौधरी को दो दिन के अंदर शहर छोड़ने का नोटिस दिया है। चौधरी मुंबई के मलाड इलाके में रहते थे। चौधरी पर पर मुंबई के ओशिवारा, सांता क्रूज और जूहू थानों में मामला दर्ज है। राजा चौधरी को 11 अप्रैल को अपनी प्रेमिका श्रद्धा शर्मा के पड़ोसी के पते पर फर्जी सिम कार्ड रखने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। राजा चौधरी पर इससे पहले उनकी पूर्व पत्नी श्वेता तिवारी कई बार मारपीट का आरोप लगा चुकी हैं और एफआईआर दर्ज करा चुकी है। कुछ महीने पहले एक अन्य अभरते अभिनेता ने राजा चौधरी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। TV actress Shweta Tiwari's ex husband and Bhojpuri actor Raja Chaudhary, who has allegedly committed several offences and was later released on bail, was served an externment notice on Tuesday ordering him to leave Mumbai city for a year. Shahrukh Khan की 'जवान' प्रीव्यू ने तोड़े पुराने सारे रिकॉर्ड, रिलीज के 24 घंटों में ही बनाई टॉप पर जगह! Ankita Lokhande की बला से खूबसूरत तस्वीरें वायरल, फैंस बोले- 'संजय लीला भंसाली के फिल्म की हीरोईन लग रही हैं'
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Jennifer Winget Beyhadh 2 promo: 'बेहद 2' का पहला आधिकारिक प्रोमो जारी हो चुका है और लीड एक्ट्रेस जेनिफर विंगेट अपने किरदार माया के रूप में ज्यादा खूंखार लग रही है। प्रोमो में वह एक जमीन पर काले कपड़ों में बैठी दिख रही है। उसे जमीन को गुस्से में खरोंचते हुए दिखाया गया है। फिर अलार्म घड़ी हाथ में पकड़ी हुई दिखती है। घड़ी से खेलते हुए उसके हाथ में स्कैच लग जाते हैं और इसलिए वह घड़ी को जोर से पटक देती है। प्रोमो में वह कहती है कि 'अक्सर ये सोचकर नींद नहीं आती कि कोई चेन से सो रहा है। ' एक डॉयलॉग यह बोला जाता है कि 'प्यार की हद होती है, नफरत की नहीं। ' 'बेहद' के दूसरे सीजन का प्रोमो वीडियो जेनिफर विंगेट ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। बता दें कि शो के पहले सीजन में मेल लीड में कुशाल टंडन थे। इस बार शिविन नारंग और आशीष चौधरी, एक्ट्रेस जेनिफर के अपोजिट कास्ट किए गए है। माया के रोल को लेकर जेनिफर ने कहा कि एक्साइटेड और नर्वस है। उन्होंने कहा, 'शो जब से खत्म हुआ था तब से कास्ट और प्रोडक्शन के पास 'बेहद' की वापसी की मांग होने लगी थी। इसलिए मैं जानती हूं कि इस बार भी कुछ ऐसा है कि दर्शक रोमांचित होंगे और मैं बहुत एक्साइटेड हूं। ' उन्होंने कहा, 'शो दोगुनी तीव्रता के साथ लौटेगा और मैं अपने दर्शकों को आश्वस्त कर सकती हूं जिन्होंने हमेशा मुझे प्यार दिया है कि यह सीजन और भी रोमांचकारी होने वाला है। माया का किरदार एक बार फिर बाधाओं को तोड़ने वाला है और आप भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। ' 'बेहद' की माया मल्होत्रा के अलावा उन्हें 'सरस्वतीचंद्र' में कुमुद देसाई और 'बेपनाह' में जोय सिद्दीकी के किरदार के लिए पहचाना जाता है। बता दें कि जेनिफर ने 12 साल की उम्र में ही चाइल्ड एक्टर के रूप में फिल्म 'राजा को रानी से प्यार हो गया' से शुरूआत की थी और वह 14 साल की उम्र में फिल्म 'कुछ ना कहो' में भी दिखीं थी। जेनिफर को बड़ा ब्रेक शो 'कार्तिक' से मिला जिसमें उन्होंने स्ट्रगलिंग सिंगर की भूमिका निभाई थी। उसके बाद वह 'कसौटी जिंदगी की' में स्नेहा के किरदार में दिखी। साल 2009 में उन्होंने शो दिल मिल गए में रिद्दीमा गुप्ता के रूप में शिल्पा आनंद को रिप्लेस किया था। साल 2013 वह संजय लीला भंसाल के टीवी शो 'सरस्वतीचंद्रा' में गौतम रोडे के अपोजिट कुमुद देसाई के किरदार में दिखी। साल 2016 में जेनिफर ने सोनी टीवी के 'बेहद' में माया मल्होत्रा की भूमिका निभाई थी। साल 2018 में 'बेपनाह' में हर्षद चोपड़ा के अपोजिट जोया सिद्दीकी के किरदार में दिखीं। जेनिफर हाईएस्ट पेड टीवी एक्ट्रेसेस में से एक है।
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( रहे ) "सोई नारि बड़ी ठकुरानी, जाकी कुठिया ज्वार १११ कुठिया से आकार में बड़ा और प्रकृति में गोल बना हुआ घेरा कुठला (सं० [कोष्ठ > प्रा० कोट्ठ + ला - हि० श० सा० ), पेबला (सिकं० में) या रमदा ( अत० में) कहाता है । ९८६ - कुठला के विभिन्न भाग- कुठले के मध्य भाग में बने हुए मुँह पर जो मिट्टी का ढक्कन लगा रहता है, उसे पिहान (संधान ) कहते हैं । पिहान से नीचे एक गोल छेद होता है, जो नौ कहता है । य के मुँह पर जो कपड़ा उँसा रहता है उसे मँदना कहते हैं। कुठले के अन्दर एक तिखाल-सी बनी रहती है, जिसे मोखा कहते हैं । मिट्टी के बने हुए एक-एक हाथ के चार थूमों पर कुठले की पेंदी जमाई जाती है । उन थूमों को मटीलना कहते हैं । ६६० - छोटे, गोल और पोले नल की भाँति अरहर की लकड़ियों से बुने हुए पेंदीदार घेरे, जिनमें से भर दिया जाता है, नजारे (सं० अन्नाद्यागार>अनाजार > नाजार > नजारा ) कहते हैं । ९६१ - बीज बिगाड़नेवाले कीड़े - एक छोटा-सा उड़नेवाला कीड़ा चने में लग जाता है जिसे ढोरा कहते हैं। गेहूँ, जौ आदि को एक छोटी-सी गिड़ार थोथा बना देती है । उस गिढ़ार को पई कहते हैं । घुन (सं० घुण ) नाम का कीड़ा अनाज के दाने की मींग को खा जाता है। लम्बी नाक का रेंगनेवाला छोटा-सा कीड़ा सुरहरी, सुरहुरी या सुरैरी कहाता है। मक्का की मुठिया पर एक कोड़ा लग जाता है जो उस पर बूँदें-सी बना देता है । उस कीड़े को झुंझुनी कहते हैं । खाकी रंग का उड़नेवाला एक कीड़ा तीतुरी कहाता है । तीतुरी गेहूँ, जौ, चना आदि के बीज को बिगाड़ देती है। चावल के दाने को अन्दर से पोला कर देनेवाला एक कीड़ा सूँड़ा कहाता है । भूरे रंग का चींटी के अंडे के आकार का कए कीड़ा खपरा कहाता है । ९६२ - हलका, पुराना और पतला बीज खेती को पतली (हलकी) बनाता है। पतली खेती के सम्बन्ध में लोकोक्ति प्रचलित हैनसकट 3 पनहीं बतकट जोय । जौ पहलौटी चिटिया होय ।। पतरी खेती बोरौ भाइ । घाघ कहैं दुख कहाँ समाइ ॥ ४ है । १ जिस स्त्री की कुठिया ज्वार से भरी हुई है, वही मालदार २ "गव्यं चिदू र्वमपिधानवन्तं ।" ऋक् । ५।२९।१२ 3 नसकट के स्थान पर हाथ में 'कुचकट' भी बोलते हैं ? कुचकट = पाँव के नाम से छोटी । यदि पाँवों जै जूतियाँ नसकट (= नस को काटनेवाली) हों, स्त्री बीच में ही बात काटनेवाती हो, पहली सन्तान पुत्री रूप में हो, खेती पतली हो और भाई बावला हो, तो घाघ कहते हैं कि ऐसा दुःख कहाँ समा सकता है ?
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साल 2008 एक ऐसा समय जिसने भारतीय क्रिकेट के रुख को बदल के रख दिया। आईपीएल का पहला सीजन इसी साल खेला गया था। इस टूर्नामेंट ने अब तक न जाने टीम इंडिया को कितने स्टार खिलाड़ी दे दिए। कई टीमें अब तक आईपीएल का हिस्सा बनी और चली भी गई। उनमें से कुछ अभी भी आईपीएल खेल रही हैं, लेकिन इन टीमों में सिर्फ एक टीम ऐसी है जिसका नाम हमेशा से टॉप पर रहा है। वो है चेन्नई सुपर किंग्स, साल 2008 में एमएस धोनी की कप्तानी के साथ आईपीएल का हिस्सा बनी इस टीम का सफर बेहद खास रहा है। यही कारण है कि करोड़ों की तादाद में फैंस इस टीम को अपना प्यार देते हैं। आज माही की टीम 10वीं बार फाइनल में पहुंच गई है, लेकिन क्या ये सफर आसान रहा है। तो इसका जवाब है नहीं। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम आईपीएल के पहले सीजन से ही शानदार प्रदर्शन कर रही है। पहले सीजन में फाइनल में पहुंचने के बाद सीएसके को राजस्थान रॉयल्स के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। टीम ने अगले सीजन यानी की साल 2009 में भी प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई तो किया लेकिन फाइनल में जगह न बना सकी। फिर साल 2010 और 2011 में धोनी की ही कप्तानी में सीएसके ने आईपीएल ट्रॉफी लगातार जीत इतिहास रच दिया। साल 2012 में भी उनकी टीम फाइनल तक तो पहुंची लेकिन उन्हें वहां केकेआर के हाथों हार का सामना करना पड़ा। टीम ने उसके बाद साल 2015 तक अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा और हर साल प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया। यहां तक कि उन्होंने साल 2013 और 2015 का फाइनल भी खेला। यानी कि आठ सीजन में कुल 6 बार सीएसके ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। इसके बाद साल 2016 और 2017 सीएसके के लिए बेहद खराब दौर रहा। टीम को आईपीएल के इन दो सालों के लिए बैन कर दिया गया। टीम के सारे खिलाड़ी बिखर गए और अन्य टीमों के लिए खेले। आईपीएल इतिहास में सबसे बेहतरीन कमबैक की बात होगी तो साल 2018 को जरूर याद किया जाएगा। ये साल था चेन्नई सुपर किंग्स की वापसी का, ये साल था थाला और उनके शेरों के दहाड़ने का। साल 2018 में एक नए रूप, कुछ पुराने खिलाड़ियों और कप्तान के साथ टीम ने एक बार फिर से आईपीएल में कदम रखा। टीम ने आईपीएल में आते ही अपना रंग फिर से दिखा दिया। धोनी की कप्तानी में सीएसके ने फिर से आईपीएल के फाइनल में जगह बनाई और चैंपियन बनी। सीएसके ने साल 2016 और 2017 की पुरानी यादों को भुलाया और अपने कमबैक की गाथा लिखी। इसके बाद सीएसके ने साल 2019 के फाइनल में भी जगह बनाई लेकिन उन्हें मुंबई के हाथों हार का सामना करना पड़ा। साल 2020 आईपीएल में पहली बार ऐसा रहा जब सीएसके ने प्लेऑफ में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो सकी। लेकिन टीम ने एक बार फिर से कमबैक किया और साल 2021 में चौथी बार आईपीएल ट्रॉफी जीती। इसके बाद साल 2022 में फिर से उनकी टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई और आज एक बार फिर से यानी कि साल 2023 में सीएसके फाइनल में है और अपने पांचवें आईपीएल ट्रॉफी से सिर्फ एक मैच दूर है। सीएसके ने ये सारे मुकाम एक ही कप्तान के अंदर हासिल किया और वो हैं एमएस धोनी। यही कारण है कि धोनी को आईपीएल ही नहीं पूरी दुनिया का सबसे सफल कप्तान माना जाता है।
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में श्रमिक बच्चों की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल बीते दिनों आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (aatmnirbhar madhya pradesh) की बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बच्चे-बच्चे का शिक्षित होना अति आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने श्रमिक बच्चों के लिए सुपर 30 (super 30) जैसे स्कूल की घोषणा की है। दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मध्य प्रदेश को लेकर बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आहार अनुदान आदिवासियों के खाते में रुपए डाले। श्रमिक बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भी सुपर 30 जैसे एक श्रमोदय स्कूल का निर्माण किया जाएगा। जिसमें जाति और समुदाय के आधार पर श्रमिक बच्चों की पढ़ाई होगी। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहा कि सुपर 30 की तर्ज पर ही श्रमोदय स्कूल का निर्माण किया जाएगा। जिसमें सुपर 30 की तरह व्यवस्थाएं विकसित होगी ताकि बच्चे प्रतिभाशाली बनकर भविष्य तय करें। वही बेरोजगार श्रमिकों पर बोलते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना काल में करीबन 44,000 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार सेतु पोर्टल के जरिए पंजीयन कराया गया है, जिसके बाद उन्हें लाभ दिया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि रोजगार प्राप्ति के लिए रोजगार से जो पोर्टल को और विस्तार करने की आवश्यकता है। बता दे कि प्रदेश के एक लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों बड़ा निर्णय लिया था। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस मामले में अधिकारियों को प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने की पहल करने के निर्देश भी दिए थे।
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हर परिवार के घर में वर्तमान समय में एक लकड़ी के इंटीरियर है। वे न केवल सामान्य से हम सभी के लिए बनाया जा सकता है ओक, एल्डर, हेज़ेल, राख, लेकिन यह भी अन्य मूल्यवान, विदेशी लकड़ी की (महोगनी, बांस, नींबू , शीशम , और इतने पर। )। न तो कमरे लकड़ी से बना एक मेज के बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती। सब के बाद, वे केवल घर सुशोभित नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह भी फर्नीचर का एक अनिवार्य हिस्सा के रूप में सेवा करते हैं। वे फूल गुलदस्ते, घरेलू सामान और छोटी वस्तुओं की एक किस्म की व्यवस्था कर सकते हैं। मेज पर भी दोस्तों और रिश्तेदारों को जा रहा है। लकड़ी उत्पादों प्राचीन काल से लोकप्रिय हो गया है। लकड़ी के फर्श, अलमारियों, बेड, अलमारियाँ, साथ ही भोजन और कॉफी टेबल लकड़ी के बने, उनके अद्वितीय चमक से की जाती है चिकनी सतह, अच्छा रंग और अद्वितीय खुशबू। यही कारण है कि ज्यादातर लोगों को लकड़ी के लोगों के पक्ष में प्लास्टिक इंटीरियर, खिड़कियां और अन्य उत्पादों छोड़ देना है। पेड़ से तालिका के लाभ इस प्रकार हैः - प्रमुख कारक - लंबी उम्र। प्राकृतिक लकड़ी के बने फर्नीचर पूरे जीवन भर उनके आकाओं को खुश करने के लिए सक्षम है। यह यांत्रिक क्षति और तापमान के चरम के लिए प्रतिरोधी है। - हाउस कक्ष सुंदरता और सुंदरता को भरने के लिए सक्षम लकड़ी से बना एक टेबल है। दरअसल, अपनी आकर्षक उपस्थिति के लिए धन्यवाद, यह लगभग किसी भी सजावट में फिट कर सकते हैं। - एक पेड़ से उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। - उपस्थिति में लकड़ी से मेज घर मालिकों के कल्याण पर देखा जा सकता है। - लकड़ी के उत्पादों के लिए देखभाल करने के लिए बहुत आसान है। - लकड़ी, एक कम वजन है लचीला और कार्रवाई करने के लिए आसान है। लेकिन, कई फायदे के बावजूद इस सामग्री को अपनी कमियांः - लकड़ी अत्यंत ज्वलनशील होते हैं; - अनुचित तरीके से इलाज किया लकड़ी कीड़े और सड़ांध की कार्रवाई के अधीन किया जा सकता है; - पेड़ जो दरार में परिणाम कर सकते नमी को अवशोषित करने की क्षमता, है। कई दुकानों में बिक्री पर अब फर्नीचर के विकल्प की एक विशाल विविधता नहीं है। लकड़ी टेबल खरीदना, एक तस्वीर है जो आप इंटरनेट पर देख सकते हैं, यह महत्वपूर्ण याद करने के लिए है कि वे जोड़ा जा सकता है है। साथ पारंपरिक सामग्री का यह मिश्रण गिलास। ग्लास countertop न केवल सम्मानजनक और प्रतिष्ठित, लेकिन यह भी मजबूत और विश्वसनीय लगता है। इस तालिका में अपनी रंगों को आसानी से लगभग किसी भी आधुनिक और क्लासिक शैली के साथ संयुक्त की विविधता के रूप में, किसी भी इंटीरियर के लिए उपयुक्त है। इस उत्पाद को भी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं है - तुम सिर्फ एक मुलायम कपड़े से कांच की सतह पोंछे। आप फर्नीचर, रंगों और डिजाइनों के किसी भी रूप का चयन करने का अधिकार है। यह विशेष रूप से निर्मित या पहले से तैयार हो सकता है। लेकिन यह पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्य सामग्री के लिए सुरक्षित करने के लिए प्राथमिकता देने के लिए बेहतर है। देखभाल के बुनियादी नियमों का पालन। तो फिर तुम अपने पसंदीदा फर्नीचर के साथ ही हिस्सा करने के आप एक नया खरीदने के लिए चाहते हैं, तो होगा, लेकिन नहीं टूटना के मामले में।
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प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण और उसके क्रियान्वयन में हर स्तर पर शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, शिक्षकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने सभी से इस भागीदारी को एक नए स्तर पर ले जाने और इसमें समाज को भी शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में ये बदलाव न केवल नीति आधारित हैं बल्कि भागीदारी आधारित भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के साथ 'सबका प्रयास' के देश के संकल्प के लिए 'विद्यांजलि 2.0' एक मंच की तरह है। इसके लिए समाज में, हमारे निजी क्षेत्र को आगे आना होगा और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान देना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जनभागीदारी फिर से भारत का राष्ट्रीय चरित्र बनती जा रही है। पिछले 6-7 वर्षों में जनभागीदारी के सामर्थ्य के कारण ही भारत में बहुत से ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी पहले कल्पना करना कठिन था। उन्होंने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो वांछित परिणाम सुनिश्चित होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में युवाओं के भविष्य को आकार देने में सभी की भूमिका है। उन्होंने हाल ही में संपन्न ओलंपिक और पैरालंपिक में देश के एथलीटों के शानदार प्रदर्शन को याद किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान कम से कम 75 स्कूलों का दौरा करने के उनके अनुरोध को एथलीटों ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को प्रेरणा मिलेगी और कई प्रतिभाशाली छात्रों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा न केवल समावेशी होनी चाहिए बल्कि समान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल डिजिटल आर्किटेक्चर अर्थात एन-डियर शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे यूपीआई इंटरफेस ने बैंकिंग सेक्टर को क्रांतिकारी बनाने का कार्य किया है, वैसे ही एन-डियर भी सभी विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के बीच 'सुपर-कनेक्ट' के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि देश टॉकिंग बुक्स और ऑडियोबुक जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है। स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एश्योरेंस फ्रेमवर्क (एस.क्यू.ए.ए.एफ), जिसे आज प्रारंभ किया गया, यह पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र, मूल्यांकन, बुनियादी ढांचे, समावेशी प्रथाओं और शासन प्रक्रिया जैसे आयामों में एक सामान्य वैज्ञानिक ढांचे की अनुपस्थिति की कमी को दूर करेगा। एसक्यूएएएफइस असमानता को दूर करने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते इस युग में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में शीघ्रता से सीखना होगा। उन्होंने कहा कि देश 'निष्ठा' प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अपने शिक्षकों को इन्हीं परिवर्तनों के लिए तैयार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के शिक्षक न केवल किसी वैश्विक मानक पर खरे उतरते हैं, बल्कि उनके पास अपनी विशेष पूंजी भी होती है। उनकी यह विशेष पूँजी, विशेष शक्ति उनके भीतर के भारतीय संस्कार हैं। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक अपने काम को केवल पेशा नहीं मानते हैं, उनके लिए शिक्षण एक मानवीय संवेदना और एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने कहा इसीलिए हमारे देश में शिक्षक और बच्चों के बीच केवल पेशेवर संबंध नहीं होते, बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है और यह रिश्ता जीवन भर के लिए होता है।
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गैजेट डेस्क. प्रयागराज (इलाहाबाद) में 15 जनवरी से शुरू हो रहे अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस धार्मिक मेले के दौरान रेलवे पहली बार स्टेशन और उसके आसपास के इलाके में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसे दुनिया की बड़ी टेक कंपनी आईबीएम ने विकसित किया है। इसकी मदद से मेले में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। टीवी स्क्रीन और कैमरों के जरिए श्रद्धालुओं पर नजर रखने की तैयारी हो रही है। ऐसे काम करती है आईबीएम वीडियो एनालिटिक्स सर्विस : इस सर्विस में कई कैमरों से लिए गए वीडियो में से फोटो और जरूरी जानकारी खोजने के लिए एडवांस्ड सर्च, रिडक्शन और फेशियल रिकग्निशन का उपयोग किया जा सकता है। ट्रेन की जानकारी के लिए ऐप होगा शुरू : रेलवे जल्द ही \'कुंभ रेल सेवा\' नाम से एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च करने जा रहा है, जिसकी मदद से यात्रियों को ट्रेन से जुड़ी सारी जानकारी दी जाएगी। अनुमान के मुताबिक, इस मेले में दुनियाभर से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसके अलावा सोशल मीडिया की भी मदद ली जाएगी। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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कोरोना (Corona) वायरस महामारी के साथ शुरू हुई नयी मुसीबत ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाईकोसिस) (Black Fungus) की बीमारी ने पश्चिम बंगाल में भी पैर फैलाना शुरू कर दिया है. कोरोना (Corona) वायरस महामारी के साथ शुरू हुई नयी मुसीबत ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाईकोसिस) (Black Fungus) की बीमारी ने पश्चिम बंगाल में भी पैर फैलाना शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल में अभी तक कुल 26 मरीजों की पहचान हुई है, जबकि आज सुबह सिलीगुड़ी में ब्लैक फंगस से संक्रमित महिला की मौत हो गई है. इस तरह से बंगाल में ब्लैक फंगस से मृतकों की संख्या बढ़कर कुल चार हो गई है. कल कोलकाता मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एनबीएमसीएच) के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ब्लैक फंगस के दो और मरीज मिले हैं. दोनों मरीज ब्लैक फंगस के साथ कोरोना वायरस संक्रमित भी थे. इसलिए इनका इलाज मेडिकल अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में चल रहा है, लेकिन आज सुबह उनमें से एक महिला की मौत हो गई है. पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के साथ ये दोनों मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. इन दोनों मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण देखे जाने के बाद जांच के लिए सैंपल वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री में भेजा गया था, जहां म्यूकोरमाइकोसिस पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. कोविड-19 वार्ड में भर्ती इन दोनों मरीजों में एक मरीज को श्वांस की भी समस्या थी. इनमें से महिला की सर्जरी भी हुई थी. बता दें कि कि देश के अन्य राज्यों की तरह पिछले दिनों बंगाल में भी ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए थे. चिकित्सकों ने सुझाव दिया था कि यदि ब्लैक फंगस जैसे लक्षण दिखे, तो बिना किसी देरी को तुरंत अस्पताल में जाना चाहिए. राज्य सरकार ने इस बाबत एक कमेटी का गठन किया है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन वह कमेटी पूरे मामले पर नजर रख रही है और सभी अस्पातलों को इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं. खास कर कोविड की चिकित्सा करने वाले अस्पतालों को विशेष निर्देश दिए गए हैं.
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(viii) जांच शुरुआत नोटिस और याचिका में विचाराधीन उत्पाद के दायरे को स्पष्टतः परिभाषित किया है और जांच शुरुआत के नोटिस में प्रदान कराये गये विभिन्न अध्याय शीर्षक विभिन्न शीर्षकों के संकेतक है जिसके अंतर्गत वस्तुओं का आयात किया जा सकता है। विचाराधीन उत्पाद को " ऑयल कंट्री टयूबलर गुडस" के रुप परिभाषित किया गया हैं जिन्हें एकल विशिष्ट एचएस वर्गीकरण के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं किया जाता । विचाराधीन उत्पाद का दायरा विशिष्ट रूप से उन उत्पादों और समान वस्तुओं को शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है जो याचिकाकर्ताओं द्वारा विनिर्मित है और यह अप्रचलित नहीं है तथा यह जांच में शामिल किये जाने वाले उत्पादकों की श्रृंखल को कवर करता है। अन्य हितबद्ध पक्षकारों ने कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है जो यह सिद्ध करता हो कि संबद्ध वस्तु आयात किये जाने योग्य नहीं है। व्यापक दायरा परिभाषा का आरोप जिससे उत्पाद की गलत परिभाषा मिलती है घरेलू उद्योग इस विचाराधीन उत्पाद की व्यापक श्रृंखला का विनिर्माण करने और बिक्री करने में सक्षम नहीं है कि बल्कि इसने वास्तव में सभी वस्तुओं का विनिर्माण एवं बिक्री की है जिनके लिए हितबद्ध पक्षकारों ने अनुचित रुप से विचाराधीन उत्पाद के दायरे से अपवर्जन करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने समान या प्रत्यक्षतः प्रतिस्पर्धी वस्तु के मुद्दे पर निम्नलिखित पर भरोसा किया है। संयुक्त राज्य- पाकिस्तान से काम्ब्ड सूती धागे संबंधि परिवर्ती रक्षोपाय साधन (डब्लयूटी/डीएस192/एबी/आर) यूएस-लैम्ड रक्षोपाय (डब्लयूटी/डीएस 177/ एबी/आर और डब्लयूटी/डीएस/178/एबी/आर) चीन जनवादी गणराज्य से भारत को इलैक्टिकल इंसुलेटर के आयातों से संबंधित रक्षोपाय जांच- अंतिम जांच परिणाम दिनांक 27 सितम्बर, 2012। क्षमता, उत्पादन, बिक्री के विवरण का सत्यापन रक्षोपाय महानिदेशक द्वारा किया गया है और विभिन्न प्रकारों तथा ग्रेडों का विनिर्माण करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का सत्यापन किया गया है और संबंद्ध वस्तु का विनिर्माण एक ही संयंत्र में किया जाता है। घरेलू उत्पादकों द्वारा उत्पादित उत्पाद तथा आयातित उत्पाद सभी अनिवार्य तथ्यों के रुप में समान उत्पाद है। आयातों के लिए निर्धारित मानक तथा घरेलू उद्योग द्वारा विनिर्मित संबद्ध वस्तु दोनों समान है। याचिकाकर्ताओं ने घरेलू उद्योग की विनिर्माण प्रक्रिया का प्रावधान किया है और यह दावा किया है कि यह समान है। घरेलू उद्योग के एपीआई लाइसेंस भी यह सिद्ध करने के लिए प्रदान किये गये कि निर्यातकों द्वारा विनिर्मित सभी ग्रेडों का विनिर्माण घरेलू उद्योगों द्वारा भी किया जाता है। (xiv) घरेलू उद्योग तथा अन्य देशों के विदेशी निर्यातक भारत आधारित सामान्य ग्राहक जैसे ओएजीसी, भेल, एनईआई के लिए प्रतिस्पर्धा करते है। घरेलू उद्योग द्वारा प्रयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी और उपकरण अत्याधुनिक किस्म के होते है तथा उन्हें उच्च वैश्विक मानकों के समान माना जाता है। घरेलू उद्योग भारतीय उपयोगकर्ता उद्योग के लिए उच्च गुणवत्ता और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करके अग्रणी रहा है और उसने भारतीय उपयोग कर्ता उद्योग को उच्च क्वालिटी का आउटपुट दिया है। इसलिए हितबद्ध पक्षकारों द्वारा किये गये निकृष्ठ क्वालिटी का दावा निराधार है और उसके पक्ष में कोई प्रमाण नहीं दिया गया है इसलिए उसकी अवहेलना की जा सकती है। आयातों को तकनीकी रूप से और वाणिज्यिक रुप से घरेलू उद्योग द्वारा विनिर्मित वस्तु से प्रतिस्थापित किया जा सकता है तथा वे घरेलू उद्योग द्वारा विनिर्मित संवद्ध वस्तु के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे है। कुछ ग्रेडों का जांच के दायरे से अपवर्जन करने का दावा (xvi) घरेलू उद्योग ने कुछ ग्रेडों का अपवर्जन करने के लिए किये गये दावे का निषेध कर दिया है और प्रस्तुत किया है कि घरेलू उद्योग सभी ग्रेडों का उत्पादन करने में लगा हुआ है और हितबद्ध पक्षकारों द्वारा बनाये गये सभी ग्रेडों का विनिर्माण कर सकता है।
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अवसाद यानी डिप्रेशन से दुनियाभर के लाखों लोग ग्रसित हैं. हालांकि अभी तक इसके इलाज की कोई मानक प्रक्रिया नहीं है. डिप्रेशन के शिकार लोगों का उपचार पारंपरिक तरीके से होता है, लेकिन वैज्ञानिकों को अब एक बड़ी कामयाबी मिली है. अवसाद यानी डिप्रेशन से दुनियाभर के लाखों लोग ग्रसित हैं. हालांकि अभी तक इसके इलाज की कोई मानक प्रक्रिया नहीं है. डिप्रेशन के शिकार लोगों का उपचार पारंपरिक तरीके से होता है. ऐसे लोग डॉक्टर, साइकोलॉजिस्ट और साइकेट्रिस्ट के पास जाकर अपनी समस्या बताते हैं और उसी हिसाब से इलाज की प्रक्रिया शुरू होती है. लेकिन अब वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, जिससे डिप्रेशन का इलाज मात्र एक ब्लड टेस्ट के आधार पर हो जाएगा. अभी भी डॉक्टर डिप्रेशन के मरीजों का ब्लड टेस्ट करते हैं, लेकिन इसका उदेश्य यह जानना होता है कि इसके पीछे कोई बीमारी कारण तो नहीं है. अभी ब्लड टेस्ट के नतीजों के आधार पर डिप्रेशन का इलाज नहीं होता. नए अध्ययन से सिर्फ ब्लड टेस्ट के जरिए ही इलाज शुरू किया जा सकेगा. ऐसा माना जा रहा है कि डिप्रेशन के खिलाफ यह भविष्य में काफी कारगर हो सकता है. साइंस अलर्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने खून के ऐसे 26 बायोमार्कर्स की पहचान की है, जो मरीज के मूड डिसऑर्डर, डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर से संबंधित हैं. इंडियाना यूनिवर्सिटी के साइकेट्रिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट अलेक्जेंडर बी निकुलेस्कु कहते हैं, 'ब्लड बायोमार्कर इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि कई बार ऐसी बीमारियों के बारे में मरीज द्वारा बताई गई बातें या हेल्थकेयर वर्कर्स द्वारा समझी गई रिपोर्ट हमेशा विस्वसनीय नहीं होती है.' ये बायोमार्कर बीमारी से जुड़ी विश्वसनीय रिपोर्ट देने में सक्षम हैं, जिससे इलाज प्रभावी होगा. निकुलेस्कु कई वर्षों से ब्लड बायोमार्कर के क्षेत्र में शोध कर रहे हैं. उन्होंने रोगियों के आत्महत्या करने के इरादे का अंदाजा लगा लेना और गंभीर दर्द को ठीक करने में बायोमार्क आधारित टेस्ट और इलाज को भी विकसित किया है. इंडियाना पोलिस के रिचर्ड एल रौडेबुश वीए मेडिकल सेंटर में चार वर्षों तक सैकड़ों मरीजों पर यह अध्ययन किया गया. मूड डिसऑर्डर से जुड़े ब्लड बायोमार्कर की पहचान और पुष्टि के लिए कई दौर का टेस्ट चला. निकुलेस्कु बताते हैं कि हमने डिप्रेशन के शिकार रोगियों के मूड को अलग-अलग सत्र में ट्रैक किया और हर बार उनके ब्लड टेस्ट किए. वे कहते हैं, 'रिसर्च के दौरान बड़े पैमाने पर रोगियों से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की गई और उनका अध्ययन किया गया. हमने मूड डिसऑर्डर से जुड़े काफी बायोमार्कर्स की पहचान की. फिर दूसरे रोगियों के साथ पुष्टि के बाद मात्र 26 बायोमार्कर्स को इलाज के लिए उपयुक्त माना गया.' सभी जांच के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि 26 में से 12 बायोमार्कर्स का डिप्रेशन से मजबूत जुड़ाव है. वहीं 6 बाइ पोलर डिसऑर्डर को से जुड़े हुए हैं. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि साइकेस्ट्रिक उनके रिसर्च को एक मजबूत आधार मानकर डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीजों का इलाज करेंगे. ब्लड टेस्ट से ज्यादा विस्तृत और विश्वसनीय जानकारी हासिल होगा और बड़ी संख्या में लोगों के जीवन को बचाया और सुधारा जा सकेगा.
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 'राजस्थान की राजनीति का रावण' कहने के बाद, गहलोत ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि सिंह 'संजीवनी घोटाले में जल्द ही जेल जा सकते हैं'. गहलोत ने कहा, गजेंद्र सिंह के दोस्त जेल में बैठे हैं. . . वो भी कभी भी जेल जा सकते हैं. सिंह और अन्य भाजपा नेता अब मुझे गाली दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि अशोक गहलोत 'रावण' की तरह हैं। लेकिन भाई (सिंह), तुमने पैसा लूटा, तुम्हारे दोस्त जेल में हैं। आप कभी भी जेल भी जा सकते हैं, ऐसी स्थिति है। गहलोत ने यह भी कहा कि सिंह कहते हैं कि वह आरोपी नहीं हैं। जब आप आरोपी नहीं हैं तो आपने जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख क्यों किया? या तो सिंह को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, या प्रधानमंत्री को ऐसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। यदि आप अपनी संपत्ति बेचकर संजीवनी घोटाले के पीड़ितों को पैसा लौटाते हैं, तो मैं आपको राम कहूंगा। भाजपा मुझ पर चाहे जितने पत्थर फेंके, मैं उनका इस्तेमाल स्कूल और अस्पताल बनाने में करूंगा, यह मेरी सोच है। इससे पहले गुरुवार को शेखावत ने चित्तौड़गढ़ में एक रैली के दौरान गहलोत और राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था. सिंह ने अपने भाषण के अंत में कहा था, अगर आप राजस्थान की राजनीति के रावण अशोक गहलोत के शासन को खत्म करना चाहते हैं तो हाथ उठाएं। राजस्थान में 'राम राज्य' की स्थापना का संकल्प लें।
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Jamia Violence Case: इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम और सफूरा जरगर समेत 11 आरोपियों पर दंगा और गैर कानूनी प्रदर्शन की धाराएं लगाईं थीं। Jamia Violence Case: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ 2019 में देशभर में हिंसक विरोध - प्रदर्शन देखने को मिला था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इसे लेकर सबसे अधिक बवाल हुआ था। दिल्ली के जामिया इलाके में हिंसा भड़क गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम और सफूरा जरगर समेत 11 आरोपियों पर दंगा और गैर कानूनी प्रदर्शन की धाराएं लगाईं थीं। लेकिन पिछले दिनों निचली अदालत ने इन सभी को बरी कर दिया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट चली गई थी। मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायलय ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत का फैसला आंशिक रूप से पलट दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी बनाए गए 11 में से 9 लोगों के खिलाफ केस चलाने का निर्देश दिया है, जिनमें शरजील इमाम और सफूरा जरगर भी शामिल हैं। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच ने पिछले हफ्ते इस मामले पर दो घंटे से अधिक सुनवाई करने के बाद आज की तारीख के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा ? दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पहली नजर में जैसा कि वीडियो में दिख रहा है कि आरोपी स्टूडेंट एक्टिविस्ट्स भीड़ की अगुवाई कर रहे थे। वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और हिंसात्मक तरीके से बैरिकेड्स को धक्का दे रहे थे। इस तरह की हिंसक गतिविधि और भाषणों को संरक्षण नहीं मिल सकता। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने इन्हीं वीडियो क्लिप के आधार पर निचली अदालत को आरोपियों के हिंसा में लिप्त होने की बात कही थी। लेकिन तब कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए आरोपियों को बेगुनाह करार दिया था। इतना ही नहीं लोअर कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली पुलिस पर कठोर टिप्पणी भी की थी। हाईकोर्ट में दायर याचिका में दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जाहिर करते हुए फैसले से इसे हटाने की मांग की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने जिन 9 लोगों के खिलाफ दंगे और अन्य आरोप तय करने के निर्देश दिए हैं, वो हैं - शरजील इमाम,सफूरा जरगर, मोहम्मद अनवर, मोहम्मद कासिम, शाहजार रजा खान, उमैर अहमद, बिलाल नदीम, आसिफ इकबाल तन्हा और चंदा यादव। दिल्ली पुलिस ने जिन अन्य दो लोगों को आरोपी बनाया था, उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने मोहम्मद शोएब और मोहम्मद अबुजर को आरोप मुक्त कर दिया है।
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के डिजिटल 'जन जागरण अभियान' का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में पार्टी नेता सलमान खुर्शीद की किताब पर चल रहे विवाद को लेकर अपनी बात रखी. राहुल ने कहा, आखिर हिदू धर्म और हिंदुत्व में क्या अंतर है, क्या वे एक ही बातें हैं. अगर वे एक ही बात हैं, तो हम उनके लिए एक जैसा नाम क्यों नहीं इस्तेमाल करते? ये जाहिर तौर पर दो अलग-अलग चीजें हैं. क्या हिंदू धर्म किसी सिख या मुस्लिम को मारना है? लेकिन हिंदुत्व का यही काम है. राहुल ने आगे कहा, हमारी विचारधारा अभी भी जिंदा है, जीवंत है, लेकिन इसका प्रभाव कुछ कम हुआ है. उन्होंने पार्टी की विचारधारा आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इसका प्रभाव कम इसीलिए हुआ है, क्योंकि हम इसका अपने ही लोगों के बीच ठीक से प्रसार नहीं कर पाए. राहुल ने आगे अपनी योजना को लेकर कहा, हमारी कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति कितना भी सीनियर हो, कितना भी जूनियर हो, उसके लिए ट्रेनिंग अहम है. सिस्टमैटिकली ट्रेनिंग अहम है और यह हमें पूरे देश में करनी है. अगर हमने अपनी विचारधारा को अपने संगठन में गहराई से उतार लिया, तो हम आगे बढ़ सकते हैं. सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में हिंदुत्व की विचारधारा की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसी जिहादी इस्लामिक विचारधारा से की थी. इसे लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है. एक दिन पहले ही भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से जवाब मांगा था. सलमान खुर्शीद ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर एक किताब लिखी है. खुर्शीद का कहना है कि वो देश को फैसले के कारण और मकसद समझाना चाहते हैं. सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर BJP हमलावर हो गई. गुरुवार को बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सलमान खुर्शीद पर निशाना साधते हुए कहा, 'हिंदुत्व के खिलाफ कांग्रेस की यह बड़ी साजिश है और उनकी विचारधाना हिंदुओं के खिलाफ है. ये केवल हिंदुओं की भावनाओं की नहीं है, भारत की आत्मा को भी गहरी ठेस पहुंचाती हैं. कांग्रेस पार्टी एक मकड़ी की तरह हिंदुओं के खिलाफ नफरत का जाल बुन रही है. ' इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सलमान खुर्शीद पर कार्रवाई करने की मांग की.
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Posted On: भारत की चावल निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र से, आज ओडिशा के पारादीप इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (पीआईसीटी) से वियतनाम के लिए एक खेप को आधिकारिक रूप से रवाना किया गया। पारादीप बंदरगाह के इतिहास में यह पहली बार है जब गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जा रहा है। सरला फूड्स ग्रुप द्वारा मंगलवार को पीआईसीटी से वियतनाम के लिए चावल के 20 कंटेनरों को भेजा जाएगा और उसके बाद अगले तीन महीनों में लगभग 500 कंटेनरों को भेजा जाएगा। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के सदस्य निर्यातक, मेसर्स सरला फूड की एक खेप मंगलवार को हाई फोंग बंदरगाह, वियतनाम भेजी जाएगी। इस समारोह का उद्घाटन करने के बाद एपीईडीए के अध्यक्ष, डॉ. एम.अंगमुथु ने कहा, "दक्षिण-पूर्व देशों में पीआईसीटी के माध्यम से चावल का निर्यात करने से भारत के गैर-बासमती चावल निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा, जबकि इससे ओडिशा और आसपास के राज्यों में कम से दो लाख किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। श्री एस. एस नय्यर, महाप्रबंधक, श्रीमती विनीता सुधांशु, उप-महाप्रबंधक,एपीईडीए, श्री विनोद अग्रवाल, प्रमोटर-संस्थापक,सरला फूड्स ग्रुप, श्री विनोद अग्रवाल,श्री बी.वी. कृष्णा राव, अध्यक्ष टीआरईए, श्री राजीव कुमार, ईडी, टीआरईए, चावल निर्यातकर्ता, वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें कैप्टन सुदीप बनर्जी, उपाध्यक्ष और टर्मिनल हेड, पीआईसीटी शामिल हैं, और उद्योग एवं निर्यात संवर्धन निदेशालय के अधिकारी, बंदरगाह अधिकारी, पीक्यू अधिकारी, व्यापार एवं श्रम के प्रतिनिधि इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। अप्रैल-फरवरी,वर्ष 2020-21 की अवधि में गैर-बासमती चावल की शिपमेंट में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। गैर-बासमती चावल का निर्यात अप्रैल-फरवरी, 2020 की अवधि के दौरान 13,030 करोड़ रुपये (1,835 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के मुकाबले अप्रैल-फरवरी, 2021 की अवधि में 30,277 करोड़ रुपये (4,086 मिलियन अमेरिकी डॉलर) हुआ। गैर-बासमती के निर्यात में रुपये के हिसाब से 132 प्रतिशत और डॉलर के हिसाब से 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत से गैर-बासमती चावल का निर्यात अफ्रीकी और एशियाई देशों को भारत के विभिन्न बंदरगाहों जैसे काकीनाडा, विशाखापत्तनम, चेन्नई, मुंद्रा और कृष्णपट्टनम से किया जाता है। एपीईडीए के अध्यक्ष, डॉ. एम.अंगमुथु ने कहा कि पारादीप बंदरगाह जल्द ही देश के प्रमुख चावल निर्यातक बंदरगाहों में से एक के रूप में उभरकर सामने आएगा। एपीईडीए द्वारा मूल्य श्रृंखलाओं में विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर चावल के निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार द्वारा एपीईडीए के संरक्षण में राइस एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम (आरईपीएफ) का गठन किया गया है। आरईपीएफ में चावल उद्योग, निर्यातकों, एपीईडीए के अधिकारियों, वाणिज्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के कृषि निदेशकों को प्रतिनिधित्व प्राप्त है।
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से बीजगणित का पठन-पाठन यूरोप में आरंभ हुआ। गुरामान के मुहम्मद विन मूसा के अन्थ का भी लैटिन में अनुगद हुआ यूरोप में छपी हुई सबसे पहली बीजगणित की पुस्तक टूकस पेमिओलम ( Lucas of Paciolus or Lucas de Burgo ) की है-"Summa de Arithmetica, Geometria, Proportionm et Proportionabta" - जो सन् १४९४ में छपी। यह पुस्तक लेओनार्डो के आधार पर लिखी गई थी। इस प्रकार सन् १५०० के लगभग के यूरोपीय ज्ञान का परिचय टूकस के इस ग्रन्थ से मिलता है। इटली में यूरोप के बीजगणित का प्रथम आविर्भाव और विकास हुआ। बोनोनिया के अध्यापक सीपियो फेरिअस ( Scipio Ferreus) ने सन् १५०५ मे नई खोजें आरम्भ की, जिसमे ब्रेसिआ के टारटालिआ ( Tartalea ) और कारटान ( Cardan ) ने भी भाग लिया । सन् १८१३ में एडवर्ड स्ट्रेचे ( Strachey ) ने भारतीयों के 'बीजगणित' के फारसी अनुवाद का अग्रेजी में अनुवाद किया । सन् १८१६ मे डा० जॉन टेलर ( Taylor ) ने 'लीलावती' का अग्रेजी अनुवाद बम्बई से प्रकाशित किया । ये दोनों ग्रन्थ बीजगणित के प्रमुख बेत्ता भास्कराचार्य के लिखे हुए थे। सन् १८९७ मे हेनरी थॉमस कोलवूक ( Colebrooke ) ने 'Algebra, Atithmetic and Mensuration from the Sanscrit of Brahmgupta and Bhascara' नामक अनुवादित ग्रन्थ प्रकाशित किया । इस ग्रन्थ में भास्कराचार्य की लीलावती और बीजगणित और ब्रह्मगुप्त के गणिताध्याय और कुट्टकाध्याय थे । भास्कराचार्य का समय सन् १९५० ई० के आसपास माना जाता है। ब्रह्मगुप्त डेविस के कथनानुसार, सातनी शताब्दी ( डा० विलियम हंटर के हिसाब से सन् ६२८ ई० के आसपास ) का व्यक्ति था । कोलग्रूक ने अनेक तर्क देकर यह सिद्ध किया है कि ब्रह्मगुप्त अववालो के वैज्ञानिक प्रादुर्भाव से पूर्व का व्यक्ति है, अतः उसने यह सिद्ध किया कि अरबवालों से पहले भारतीयों के पास बीजगणित का ज्ञान रहा होगा । भास्कर से पूर्व बीजगणित के अन्य ग्रन्थ भो भास्कर के ग्रन्थों के प्रसिद्ध टीकाकार गणेश ने आर्य्यभट के पुराने ग्रन्थ से एक सदर्भ लिया है, जो सिद्ध करता है कि बोजगणित का प्रयोग आयभट के समय भी होता था । वर्गात्मक समीकरणों को वर्ग पूरा करके निकालने की विधि भी इन्हें ज्ञात थी " । कोब्रूक के (१७) "From various arguments Mr. Colebrooke concludes that the age of Brahmagupta was antecedent to the earliest dawn of the culture of the science among the Arabians, so that the Hindoos must have possessed algebra before it was known to that nation."-इन्साइक्लो० ब्रिटे, पृष्ट ५१७ । (34) "They appear to have been able to resolve quadratic equations by the process of completing the square and hence, Mr. Colebrooke presumes that the treatise of Arya Bhatta then extant extended to quadratic equations in the determinate analysis and to indeterminate equations of the first degree, and probably to those of the second." - इन्साक्लो० मिटे० ।
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Ukraine russia war : पुतिन ने रूस के दुश्मनों को आखिरी अल्टीमेटम दे दिया कि अगर रूस की सीमा पर कोई हमला हुआ तो फिर परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। हम पर प्रहार होगा तो हम परमाणु पलटवार से नहीं चूकेंगे। अगर ऐसा हुआ तो ये घटना जापान पर अमेरिका के किए एटमी हमले के बाद सबसे विध्वंसक घटना होगी। Ukraine russia war : अभी यूक्रेन रूसी मिसाइलों की आग से धधक रहा है। यूक्रेनी आर्मी रूसी सेना की अग्निवर्षा में खाक हो रही है लेकिन यूक्रेन कभी भी पुतिन के परमाणु क्रोध की आग में भस्म हो सकता है। न्यूक्लियर बारूद की गर्मी से यूक्रेन का तापमान बढ़ना तय है। परमाणु युद्ध के खतरे की बात करें तो हकीकत यही है कि ये खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे छिपाने वाली कोई बात नहीं है। फैक्ट ये भी है कि रूस पहले परमाणु हमला नहीं करेगा लेकिन अगर किसी वजह से एक हथियार इस्तेमाल नहीं होता है तो दो का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हमारी जमीन पर परमाणु हमले की आशंका बहुत सीमित है। हम तबाही वाले परमाणु हथियारों को अपनी रक्षा की रणनीति के तहत देखते हैं। इनका इस्तेमाल जवाबी कार्रवाई के तहत किया जाता है। इसका मतलब है कि जब हम पर संकट आएगा हम इनका इस्तेमाल करेंगे। रशिया ह्यूमन राइट कौंसिल के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के दौरान दिए गए रूसी राष्ट्रपति पुतिन के इस बयान से पूरी दुनिया हिल गई लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल रूस अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल पहले नहीं करेगा लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि मुश्किल हालात में इन हथियारों का इस्तेमाल होगा ही नहीं। पुतिन ने रूस के दुश्मनों को आखिरी अल्टीमेटम दे दिया कि अगर रूस की सीमा पर कोई हमला हुआ तो फिर परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। हम पर प्रहार होगा तो हम परमाणु पलटवार से नहीं चूकेंगे। अगर ऐसा हुआ तो ये घटना जापान पर अमेरिका के किए एटमी हमले के बाद सबसे विध्वंसक घटना होगी। हमारे-आपके लिए ये महज कल्पना होगी पर पुतिन की वॉर टीम ने इसका खाका तैयार कर लिया है। खबर ये भी है कि यूक्रेन में जारी जंग में अबतक छोटे हमले कर रहे रूस ने एटमी हमला करने का भी प्लान तैयार कर लिया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका और उसके सहयोगी NATO देशों को दुनिया को परमाणु युद्ध की ओर ले जाने का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस ने नहीं बल्कि अमेरिका ने यूरोपीय देशों में टैक्टिकल परमाणु हथियारों की सप्लाई बढ़ाई है जिससे न्यूक्लियर वॉर का जोखिम बढ़ गया है। जब दो दिन पहले ही यूक्रेन ने ड्रोन अटैक से दो-दो रूस एयरबेस को निशाना बनाया रूस के दो परमाणु बॉम्बर्स को तबाह कर दिया तब से यूक्रेन पर परमाणु हमले के कयास लगाए जाने लगे थे। आशंका इस बात की भी जताई जा रही थी कि रूसी सेना युद्ध में डर्टी बम और रासायनिक हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकती है। गुरुवार को भी यूक्रेन ने क्रीमिया में रूसी नौसेना की ब्लैक सी फ्लीट के जंगी जहाजों को ड्रोन से टारगेट करने की कोशिश की। यूक्रेनी सेना ने क्रीमिया के सेवस्तोपोल नेवल बेस पर ड्रोन अटैक किया जिसे ब्लैक सी में तैनात रूसी नौसेना ने नाकाम कर दिया। सेवस्तोपोल का ये इलाका रूस के लिए सामरिक रूप से बेहद अहम है यहां रूसी नौसेना की ब्लैक सी फ्लीट का नौसैनिक अड्डा है। इस बार भी यूक्रेन ने UAV से हमले की कोशिश की लेकिन रूसी नौसेना ने इस ड्रोन को समंदर के ऊपर ही मार गिराया। हालांकि इस हमले में एक VESSEL को नुकसान पहुंचने की खबर है। क्रेमलिन ने आशंका जताई है कि क्रीमिया में ऐसे हमले बढ़ सकते हैं क्योंकि जेलेंस्की बार-बार क्रीमिया को फिर से हासिल करने की हुंकार भर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या इन हमलों से आजिज आकर पुतिन न्यूक्लियर ब्रीफकेस का रेड बटन दबा सकते हैं। The Kerala Story को बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने बताया प्रोपेगेंडा, कहा- 'हिटलर जैसा भारत बन रहा है. . ' ट्रेंडिंगः
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RRB NTPC CBT 1 Result: एनटीपीसी रिजल्ट को लेकर चल रहे विरोध के बीच रेलवे मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर आरआरबी भर्ती से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए हैं. RRB NTPC CBT 1 Result: रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) द्वारा एनटीपीसी (NTPC) सीबीटी 1 रिजल्ट जारी करने के बाद विवाद रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. एनटीपीसी उम्मीदवारों ने पहले ट्विटर पर अभियान चलाकर रेलवे बोर्ड पर रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. जिसके बाद रेलवे ने स्पष्टीकरण (clarification) देकर ये साफ कर दिया था कि रिजल्ट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. लेकिन उम्मीदवारों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. उसके बाद बिहार के कई रेलवे स्टेशनों पर जमकर प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन कई घंटों तक चला. इस प्रदर्शन के बाद आरआरबी ने एनटीपीसी सीबीटी 2 परीक्षा को निलंबित कर दिया है. लेकिन उम्मीदवारों का गुस्सा अबतक शांत नहीं हुआ है, बिहार के कई जगहों पर प्रदर्शन जारी है. इस बीच आरआरबी ने रेलेव भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सवालों के जवाब दिए हैं. रेलवे मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर आरआरबी भर्ती से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए हैं. साथ ही ये भी बताया है कि अगर उम्मीदवारों को किसी तरह की परेशानी हो तो उसे कैसे नियमों के तहत किया जाए. यहां देखें रेलवे द्वारा जारी उन जरूरी सवालों के जवाब. 1. आरआरबी क्या है? इसकी भूमिका और कामकाज क्या है? जवाब-रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. यह मुख्य रूप से समूह 'सी' के कर्मचारियों की भर्ती के लिए उत्तरदायी है. देश भर में 21 आरआरबी हैं. प्रत्येक आरआरबी में एक अध्यक्ष, एवं एक सदस्य सचिव और एक सहायक सचिव एवं सहायक अराजपत्रित कर्मचारी होते हैं. जवाब- आरआरबी ने साल 2018 से लेकर अबतक 2,83,747 खाली पदों के लिए अधिसूचित किया है और 1.32 लाख से भी अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति की है. बचे हुए रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. आरआरबी ने कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले साढ़े तीन वर्षों में लगभग 4 करोड़ अभ्यर्थियों के लिए सीबीटी आयोजित किए हैं. 3 भर्ती प्रक्रिया, कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के साथ दो चरणों में क्यों आयोजित की जाती है? जवाब- यदि अधिसूचना के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या बड़ी है और एक करोड़ से अधिक है, तो सीबीटी को दो चरणों में आयोजित करने की सलाह दी जाती है, जिसमें पहले चरण का उपयोग दूसरे चरण के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है और दूसरे चरण में सीमित उम्मीदवारों के साथ के सीबीटी आयोजित की जाती है, ताकि व्यापक तौर पर सामान्यीकरण न हो तथा अंतिम योग्यता अधिक न्यायसंगत और निष्पक्ष हो. 4 छात्र अपनी शिकायत समिति में कैसे दर्ज करा सकते हैं? जवाब-उम्मीदवार अपनी शिकायतों और सुझावों को निम्नलिखित ई-मेल के जरिए भेजकर समिति को दर्ज करा सकते हैंः [email protected]. शिकायतों को दर्ज करने की सुविधा के लिए पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रीय और मंडल मुख्यालयों पर आउटरीच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. 5 (NTPC) परीक्षा के दूसरे चरण के सीबीटी के लिए कितने उम्मीदवारों को चयनित किया जाता है? जवाब- प्रथम चरण के सीबीटी को स्नातक और बारहवीं पास उम्मीदवारों के लिए एक ही रखा गया है. अधिसूचित रिक्तियों के 20 गुना उम्मीदवारों को दूसरे चरण के सीबीटी के लिए बुलाया जाएगा ताकि प्रथम चरण के सीबीटी के माध्यम से जांच (स्क्रीनिंग) के बाद पर्याप्त संख्या में उम्मीदवारों को दूसरे चरण के सीबीटी में शामिल होने का अवसर दिया जा सके. 6. 7 लाख रोल नंबरों के बजाय 7 लाख उम्मीदवारों का चयन किया जाना चाहिए? जवाब- था कि दूसरे चरण के सीबीटी के लिए 7 लाख अलग-अलग उम्मीदवारों को चयनित किया जाएगा इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया था. दूसरे चरण में पांच अलग-अलग स्तरों के सीबीटी होते हैं और एक उम्मीदवार को पात्रता, योग्यता और विकल्प के अनुसार एक से अधिक स्तरों के लिए चयनित किया जा सकता है, इसलिए 7 लाख रोल नंबरों की लिस्ट में कुछ नाम एक से अधिक लिस्ट में दिखाई देंगे. 7. आरआरबी ने दी गई रिक्तियों के सिर्फ 4-5 गुना उम्मीदवारों को ही शॉर्टलिस्ट किया है. जवाब- जारी अधिसूचना के पैरा 13 के मुताबिक, शॉर्टलिस्टिंग, अधिसूचित रिक्तियों के 20 गुना की दर से स्तर/पद के हिसाब से की गई है. इन सूचियों में 7,05,446 रोल नंबर हैं जो 35,281 अधिसूचित रिक्तियों का 20 गुना है. 8. पहले एक पद के लिए 10 उम्मीदवार प्रतियोगिता करते थे अब एक उम्मीदवार 10 पदों के लिए प्रतियोगिता होगी. जवाब- 35,281 उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा और योग्यता व वरीयता के मुताबिक एक पद पर एक ही उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी. कोई पद रिक्त नहीं रहेगा. 9. शिकायतों के समाधान के लिए समिति की समय-सीमा क्या है? 10 समिति के पास शिकायत दर्ज करने की आखिरी तारीख क्या है? जवाब- उम्मीदवारों को अपनी शिकायतों को दर्ज करने के लिए 16 फरवरी 2022 तक तीन सप्ताह का समय दिया गया है.
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GORAKHPUR: बिजली विभाग में टारगेट पूरा करने की होड़ मची है। गुनाहगार ऐश काट रहे हैं, जबकि बेगुनाहों पर मुकदमें दर्ज कराए जा रहे हैं। ताजा मामला सूरजकुंड की रहने वाली शहनाज बानो पत्नी खुर्शीद आलम खान का है। बिजली विभाग की टीम ने चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया। कंज्यूमर लाख सफाई देता रहा, उसकी एक न सुनी गई। कंज्यूमर ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद महकमा हरकत में आया है और चीफ इंजीनियर ने जांच कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने जांच और कंज्यूमर्स के उपलब्ध कराए सुबूत के बाद अपनी रिपोर्ट में बिजली चोरी के आरोपों को खारिज कर दिया। -शहनाज बानो पत्नी खुर्शीद आलम का सूरजकुंड एरिया के इलाहीबाग मोहल्ले में मकान है। -उनके घर पर चार किलोवाट का घरेलू कनेक्शन लगा है, जिसका नंबर 4389054444 है। -कंज्यूमर के पति खुर्शीद आलम का कहना है कि 10 अक्टूबर 2020 को एरिया के जेई व एसडीओ की टीम घर पर पहुंची। -जांच के बाद जेई ने कहा कि मीटर में छेड़छाड़ है। जब उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट ने जैसे मीटर लगाया था, वैसे ही लगा हुआ है। इसके बाद टीम चली गई। -तीसरे दिन जेई, एसडीओ और विजिलेंस टीम के साथ घर पर फिर आए। टीम ने मीटर उखाड़ कर उसे मौके पर तोड़ दिया। कहा कि मीटर डिस्प्ले बदला गया है। -हमारे विरोध करने पर टीम ने घर की बिजली कटवा दी। यह सारी कार्रवाई सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। -कंज्यूमर ने वितरण खंड द्वितीय के एक्सईएन से कंप्लेन की, तो उन्होंने बजाए सॉल्यूशन देने के कहा कि आपके खिलाफ विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी का केस दर्ज कराया है। -आप पर स्वीकृत लोड से तीन किलोवाट अधिक लोड का इस्तेमाल व मीटर में छेड़छाड़ का आरोप है। -अब आप शमन शुल्क व राजस्व निर्धारण की रकम जमा करें। उसके बाद ही आपके घर कनेक्शन जुड़ पाएगा। -इसके बाद थकहार कर 28 हजार रुपए शमन शुल्क और 50 हजार रुपए राजस्व निर्धारण का पेमेंट किया। -इसके बाद कंज्यूमर ने खुद को बेगुनाह साबित करने की ठान ली। -कंज्यूमर ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए ऊर्जामंत्री और चीफ इंजीनियर से अपने उत्पीड़न की कंप्लेन दर्ज कराई। -सभी को सीसीटीवी फुटेज भी मुहैया कराया। -फुटेज में जेई, एसडीओ व विजिलेंस टीम की दबंगई साफ तौर पर नजर आई। -सीएम पोर्टल पर दर्ज कंप्लेन का संज्ञान लेकर चीफ इंजीनियर ने दो अभियंताओं की कमेटी का गठन कर जांच कराई। -जांच कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक कंज्यूमर के घर उपकरणों की जांच में 3919 वॉट का लोड मिला। जो कंज्यूमर के संयोजित भार के अनुरूप है। -विजिलेंस टीम ने एफआईआर में सात किलोवाट लोड के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। विजिलेंस टीम का यह आरोप खारिज कर दिया गया। -अगर आपके खिलाफ भी विभाग जबरदस्ती कार्रवाई कर रहा है, तो उनके खिलाफ कंप्लेन दर्ज कराएं। -अगर कोई जांच के लिए आता है, तो उसकी वीडियो रिकॉर्डिग कर लें। -अगर सीसीटीवी नहीं है, तो मोबाइल से ही रिकॉर्डिग करें। -अगर आपके साथ गलत होने तो सीएम पोर्टल पर कंप्लेन करें। -सीएम, ऊर्जा मंत्री के साथ बिजली विभाग के ट्वीटर हैंडल पर भी टैग कर शिकायत दर्ज कराएं। -संबंधित चीफ इंजीनियर के पास लिखित शिकायत भी दर्ज कराएं और इसकी रिसीविंग अपने पास रख लें। -कार्रवाई न होने पर रिमाइंडर करें और अप्लीकेशन की कॉपी संबंधित मंत्री और अधिकारियों को ट्वीट करें। -एविडेंस को कई जगह पर सेव रखें, जिससे कुछ एरर आने पर परेशानी का सामना न करना पड़े। मामले में दो सदस्यीय टीम गठित की गई थी। जांच रिपोर्ट के जरिए संबंधित विभाग को अवगत कराया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। अगर आपके यहां भी बिजली मीटर से जुड़ी समस्या हो और अधिकारी मनमानी कर रहे हों तो हमें बताएं।
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समाज में बच्चों को कई तरह के व्यावहारिक पाठशालाओं से होकर गुजरना पड़ता है । प्राथमिक रूप से परिवार में बच्चों को नैतिक और चारित्रिक शिक्षा दी जाती है वहीं स्कूल के स्तर से बच्चों के व्यावहारिक ज्ञान का विकास पुस्तकों के माध्यमों से होता है । यही वह आधारभूत समय होता है जब एक बच्चे की चेतना विभिन्न माध्यमों से गहराई से विकसित की जाती है । यही वह प्राथमिक समय भी होता है जब एक बच्चे को पाठ्यक्रमों के द्वारा सैद्धांतिक बातें भी सिखाई जाती है जिसका प्रभाव ताउम्र उनके मानो-मस्तिष्क पर पड़ता है । हमारे समाज में एक मुहावरा बहुत प्रचलित है, 'जैसा बोओगे वैसा काटोगे' अर्थात हम बच्चों के प्रारम्भिक जीवन में उन्हें जैसी शिक्षा देंगे उसका प्रभाव अंतिम समय तक वैसा ही बना रहेगा । सकूल के स्तर से ही सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूप से बाल मन में जेण्डर की समझ विकसित की जा सकती है। समाज में होने वाले अधिकतर हिंसात्मक वारदातें इसी आधारभूत शिक्षा के अभाव में होती हैं । कभी-कभी पढ़े-लिखे लोग भी घटनाओं को अंजाम देते हैं लेकिन वह अपवाद के रूप में शामिल है । किन्तु अधिकतर घटनाएँ अल्पशिक्षा, गरीबी और सामाजिक बंदिशों के कारण देखी जाती है । 16 दिसंबर की वह रात लंबे समय तक लोग नहीं भूल सकते जब महिला स्वतंत्रता की सैद्धांतिक बातों की धज्जियाँ चौराहे पर उड़ाई गई थी । आज तीन साल बाद का परिदृश्य भी महिला स्वतंत्रता के नाम पर अधिक नहीं बदला है क्योंकि समाज के पितृसत्तात्मक मानसिकता से लैस कुछ लोग अपनी कुंठित मनोवृत्ति से उबर नहीं पा रहे हैं । जहाँ स्त्री स्वतंत्रता उनके तथाकथित पुरुषत्व को चुनौती देती है । कोर्ट ने डाक्यूमेंट्री सिनेमा 'इंडियास डौटर' के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया गया । बीबीसी की इस सिनेमा को लेसली उडविन ने निर्देशित किया है जो 16 दिसंबर 2012 को हुए 'निर्भया बलात्कार कांड' पर आधारित है । इसीलिए उस कुंठित मानसिकता का विश्लेषण होना चाहिए जो इस सिनेमा में न केवल दिखाया गया है बल्कि समाज में वह मानसिकता आज भी बड़ी संख्या में फल-फूल रही है जो महिला विरोधी है । इस सिनेमा को देखने के बाद जेण्डर और संवेदना की बहस और भी तेज हो गई है कि किस प्रकार एक अपराधी और उनका डिफेंस वकील एक जैसे महिला विरोधी तालिबानी स्टेटमेंट दे रहे हैं । प्रश्न यह उठता है एक अशिक्षित अपराधी और एक पढ़े-लिखे वकील की मनोवृत्ति एक जैसी कैसे हो सकती है ? उत्तर लगभग यह है कि उनकी शिक्षा-दीक्षा में जेण्डर को लेकर असंवेदनशीलता का होना तथा उनकी संकीर्ण रूप से की गई परवरिश । इसमें आधारभूत पाठ्यक्रमों की प्रमुख भूमिका के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक कारण भी जुड़े हुए हैं । किन्तु सबसे प्रमुख मुद्दा उनके ज्ञान तथा उनके विकास से जुड़ा हुआ है। अतः हम उन बातों पर विचार-विमर्श करेंगे कि सामाजिक रूप से जागरूकता बढ़ाने के कार्यक्रमों के अतिरिक्त बुनियादी रूप से पाठ्यक्रमों को आधारभूत स्तर से जेण्डर संवेदनशील कैसे होना चाहिए ? एक समस्या फिर जन्म लेती है कि अपराधी किस्म के लोगों की शिक्षा-दीक्षा न के बराबर होती है तो ऐसे लोगों के लिए जेण्डर संवेदनशीलता हेतु क्या उपाय किए जाएँ ? चूंकि यह एक आधारभूत प्रश्न है जिसका उत्तर लाचारी, गरीबी, बेरीजगारी और भूख के सवालों से अंतरसंबंधित है। साक्षरता तथा सशक्तिकरण के क्षेत्र में नारीवादी साक्षरताकर्मी कई राज्यों के गाँवों में जाकर महिलाओं को विभन्न माध्यमों से शिक्षित करने का प्रयास कर रही हैं । लेकिन साथ ही उनका मानना यह है कि, "नारीवादियों के लिए ये मुद्दे लंबे समय से महत्वपूर्ण रहे हैं, परंतु भारत के स्त्री आंदोलन में साक्षरता और शिक्षा की राजनीति का मुद्दा प्रायः हाशियाई सरोकार ही रहा है"।[1] तात्पर्य यह है कि इस प्रकार के हाशिएकरण की स्थिति ने पाठ्यक्रमों में स्त्री विषयक मुद्दों के समावेश हेतु किसी भी तरह की कोई आवाज नहीं उठाई। परिणामस्वरूप इतिहास से तो महिलाएँ एक समय के बाद गायब कर ही दी गईं साथ ही आधारभूत पाठ्यक्रमों से भी उनके योगदान को नज़रअंदाज़ कर दिया गया । पितृसत्तात्मक समाज में जेण्डर की उपेक्षा के फलस्वरूप महिलाओं को इसका परिणाम हिंसा तथा अपराध के रूप में समय-समय पर भुगतना पड़ता है । अपने पी-एच.डी. शोध कार्य के दौरान मैंने 16 वर्ष से 20 वर्ष तक की लड़कियों से एक प्रश्न पूछा कि, "क्या आपको नहीं लगता कि आप भी रात को देर तक बाहर घूमे तथा अपने मित्रों के साथ खुश रहें? इस प्रश्न के उत्तर में कुछ लड़कियों ने यह जवाब दिया कि उन्हें भी लड़कों की तरह अपनी सहेलियों के साथ देर रात तक बाहर घूमना अच्छा लगता है। किन्तु अधिकतर लड़कियों ने यह माना कि रात को बाहर घूमना ठीक नहीं है और लड़कियों को देर तक बाहर नहीं रहना चाहिए। उत्तर से दो बातें निकालकर सामने आई है। पहली बात कि जिस पुरुषयोचित व्यवहार के द्वारा पुरुष महिलाओं के विरुद्ध हिंसा करते हैं, हम पुरुषों को जेण्डर संवेदनशील बनाने की जगह स्त्रियों को ही घरों में समेट देते हैं । दूसरी बात कि स्त्रियों के ऊपर बचपन से ही यह मनोवैज्ञानिक दवाब बनाया जाता है कि उनके लिए बाहर रहना ठीक नहीं घर ही उनके लिए सेफ जोन है। क्या यह बात शत प्रतिशत सच है ? क्या हमने घरों में किशोरियों के ऊपर अपने ही सगे संबंधियों द्वारा यौन हिंसा के विषय में नहीं सुन रखा है ? फिर से हमारे समक्ष एक प्रश्न खड़ा होता है कि जेण्डर की समझ बनाने के लिए आधारभूत उपाय क्या हों गे? "वेक्स(1979) तथा हॉग(1987) ने दिखाया है कि लड़कियों को काफी अस्वाभाविक और दब्बू मुद्राओं में बैठने की नसीहत दी जाती है जिससे उनके घुटने आपस में सटे रहते हैं। इसके विपरीत लड़के ज्यादा स्वाभाविक रूप से बैठने के लिए आजाद रहते हैं। उनके घटने एक दूसरे से अलग होते है और ऐसा करते हुए वे प्रभुत्वशाली और आक्रामक दिखाई देते हैं । जो लड़कियाँ 'पुरुषों वाली' मुद्राओं में बैठती हैं, उन्हें आक्रामक और प्रभुत्वशाली नहीं, बल्कि यौनिक रूप से उत्तेजना पैदा करनेवाली और 'उपलब्ध' के रूप में देखा जाता है"[5] । इसका अर्थ यह है कि समाजीकरण की जो प्रारंभित मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है उसके अंतर्गत पुरुषत्व का अधिक विकास किया जाता है । यदि एक स्त्री अपने स्त्रीत्व का प्रदर्शन सशक्त ढंग से करती है तो उसे 'पुरुषों की नकल' या 'कमोडिटी' मानकर उन्हें 'अपीलिंग' या 'सेक्सिस्ट' का खिताब दिया जाता है । ये सभी उदाहरण और भी समृद्ध तब होते हैं जब पाठ्यक्रमों के मद्देनज़र उन्हें और भी पुष्ट किया जाता है । ख़ासतौर से चित्रों, जेण्डरगत भाषायी माध्यम, वाक्य विन्यासों तथा आँकड़ों के माध्यम से स्त्री को द्वितीयक प्रदर्शित किया जाता है। प्री-स्कूल में प्राप्त व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्री-स्कूल से पोस्ट-स्कूल तक के बीच की सैद्धांतिकी जेण्डर संवेदनशीलता को और भी अधिक स्टीरियोटाईप (पाठ्यक्रमों द्वारा) साबित कर देती है । उदाहरण के लिए पाठ्यक्रम की पुस्तकों में दिखाया जाना कि छोटा बच्चा स्कूल जाता है किन्तु बहन छोटे भाई को संभालती है या रसोई में माँ की मदद करती है । ऐसे अनेकों उदाहरण पाठ्यपुस्तकों में भरे हुए हैं। "1. घर और घर की साज-संभाल से जुड़ी सभी तरह की जिम्मेवारियों में सहभागी बनाने के लिए बच्चों का विकास। 2. घर के भीतर और बाहर निभाई जाने वाली भूमिकाओं में श्रम की मर्यादा की भावना का विकास। 3. परिवार के पुरुषों और महिलाओं में घर के भीतर और बाहर कार्य करने की समान प्रतिबद्धता का विकास लड़कियों/ महिलाओं पर निर्भरता जैसे पारंपरिक मूल्य का परित्याग। 4. जीवन के सभी क्षेत्रों में समान रूप से अवसर की प्राप्ति के जरिए राष्ट्र के विकास में समान भागीदारी। 5. अधिकारों और सक्षमताओं के प्रति जागरूकता। 6. परिवार से लेकर समाज के हर स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी। 7. विवाह के समय दहेज और दुल्हन की कीमन लगाने जैसी समाजविरोधी गतिविधियों के विरुद्ध जनमत का निर्माण। 8. आवश्यकता अनुरूप उपभोग पर ज़ोर ताकि महिलाओं को समृद्धि की निशानी मानी जाने वाली सोच का परित्याग संभव हो सके। 9. व्यक्ति की गरिमा को प्रोत्साहन ताकि महिलाएँ खुद को यौन प्रतीकों के रूप में स्वीकार करने की जगह आत्म-निर्भर, स्व-चालित और स्व-निर्देशित बन सकें। 10. महिलाओं को अलग-थलग नहीं बल्कि समग्रता के एक अंग के रूप में देखने की समझ। 11. विषयगत सामग्री के अंतर्गत कुछ ऐसे संदर्भ बिन्दु दिए गए हैं जिनका प्रयोग बहुत ही सावधानी से करना होगा। विषयवस्तु के चयन करते समय राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति और मूल्यों के समाहितीकरण से संबंधित मनोवृत्तियों के विकास को ध्यान में रखना होगा। कभी-कभी इच्छित उद्देश्य की महत्ता को स्पष्ट करने के लिए नकारात्मक पृष्टभूमि का उल्लेख भी कर दिया जाता है। विषयवस्तु को प्रस्तुत करने का तरीका बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें महिलाओं की स्थिति को प्रमुखता दी जानी चाहिए और किसी भी परिस्थिति में महिलाओं का अवमूल्यन नहीं किया जाना चाहिए"[6]। हमारा समाज विभिन्न कालखंडों से गुजरता हुआ इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशका में प्रवेश कर चुका है। किन्तु विडंबना यह है कि जेण्डर को लेकर अपनी स्टीरियोटाईप अवधारणा से यह आज भी निकल नहीं पाया है। हमारे पाठ्यक्रमों को काफी मेहनत से तथा बार-बार संशोधन करके विद्वानों की मण्डली द्वारा तैयार किया जाता है। किन्तु जेण्डर संवेदनशीलता का पक्ष हर बार हाशिए पर चला जाता है। स्त्री संबंधित अपराधों के बढ़ते हुए ग्राफ को देखते हुए जेण्डर संवेदनशीलता की अवधारणा बहुत ही प्रासंगिक तथा महत्वपूर्ण हो गई है। पिछ्ले कई वर्षों से जेण्डर को लेकर निस्संदेह समाज के कुछ प्रतिशत लोगों के मन में संवेदना जागृत हुई है। 16 दिसंबर 2012 को हुए 'निर्भया बलात्कार कांड' के बाद वैचारिक जागृति सड़कों पर उतरी और उसने पूरे विश्व की चेतना को झकझोरा किन्तु उसी घटना के ऊपर बनी डाक्यूमेंट्री में अपराधी तथा उसके वकील द्वारा की गई महिला विरोधी टिप्पणी ने यह साबित कर दिया है कि समाज के एक बहुत बड़े हिस्से को अभी जेण्डर संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है । और यह सब पाठ्यक्रमों में तथा समाज में जेण्डर को लेकर आधारभूत समझ बनाए बगैर संभव नहीं हो सकता । इसके अतिरिक्त जेण्डर विकास कार्यक्रमों में महिलाओं के विशेषाधिकार, मानवाधिकारों की बात तथा पुरुषों के भीतर लिंग संवेदनशीलता कार्यक्रमों को विस्तृत रूपों में आकार दिया जाना चाहिए । तभी हम यह मानकर चल सकते हैं कि स्त्री के विरुद्ध अपराधों में धीरे-धीरे कमी हो सकती है ।
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भारतीय रेलवे की ओर से जयपुर-मुंबई रेलवे मार्ग पर भी हाई स्पीड ट्रेन चलाने को लेकर रेलवे ट्रैक पर TWS (थिक वेब स्विच) लगाए जा रहे हैं। इसके लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी। ट्रैक पर पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं। अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है। अब थिक वेब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है। काम पूरा होने पर ट्रेनों की स्पीड को 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाना संभव होगा। थिक वेब स्विच बदलने के काम में लगे एक अधिकारी ने बताया कि इस जोन में करीब 400 से अधिक फेसिंग प्वाइंट के स्विचों को थिक वेब स्विच से बदला जाना है। ब्यावर जोन के करीब 150 फेसिंग प्वाइंटस पर काम शुरू हो चुका है। अजमेर से ब्यावर तक करीब 50 प्वाइंट पर ये स्विच लग चुके हैं। फिलहाल मुख्य लाइन से लूप लाइन में जाने के लिए ट्रेनों की गति 25 किमी प्रतिघंटा करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में समय लगता है और ट्रेन के संचालन पर प्रभाव पड़ता हैं। जहां पर पटरियों की दिशा बदली जाती है उसे फेसिंग प्वाइंट कहा जाता है। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए इसका मजबूत और टिकाऊ होना जरूरी है। थिक वेब स्विच परंपरागत स्विच की तुलना में मोटा, डबल लॉकिंग और स्प्रिंग सेटिंग का होता है। जो हाईस्पीड के लिए आदर्श माना जाता है। थिक वेब स्विच के ऊपर से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों को पता तक नहीं चलता कि उनकी ट्रेन फेसिंग प्वाइंट से गुजरी है। CPRO गौरव कृष्ण बंसल का कहना है कि इसके लग जाने पर ट्रेनों की स्पीड को 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाना संभव होगा। फेसिंग प्वाइंट पर डिरेलमेंट होने की संभावना अधिक होती है, लेकिन इसके लगने से संरक्षा भी बढ़ेगी। जानकारों का कहना है कि थिक वेव स्विच सामान्य स्विच के मुकाबले लगभग 3 गुना महंगा होने के बावजूद नई रेल लाइनों में इसे लगाया जा रहा है। जो सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सामान्य स्विच की तुलना में थिक वेव स्विच की क्षमता भी 3 गुना अधिक होती है। (रिपोर्ट : मनीष शर्मा) This website follows the DNPA Code of Ethics.
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सेक्शन 80 के तहत मिलते हैं 19 सब-सेक्शन जिसके जरिए प्राप्त की जा सकती है टैक्स छूट. नई दिल्ली. आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि अब बेहद करीब आ चुकी है. समीक्षाधीन वर्ष 2022-23 का आईटीआर 31 जुलाई तक बगैर किसी अतिरिक्त चार्ज के भरा जा सकता है. ऐसे में वेतनभोगी नागरिक टैक्स में छूट के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं. आयकर अधिनियम के तहत आयकरदाताओं को टैक्स में छूट देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. आज हम ऐसे एक अनुच्छेद के बारे में बात करेंगे. आयकर अधिनियम के चैप्टर 6A के अंतर्गत आने वाले सेक्शन 80 के तहत ऐसे कई सब-सेक्शन हैं जिनके आधार पर आम टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं. आइए इन भागों के बारे में विस्तार से जानते हैं और देखते हैं कि इनके जरिए आप किस तरह टैक्स बचा सकते हैं. ये भी पढ़ें- ITR Filing : गलत आईटीआर फॉर्म भरने पर क्या होगा, क्या गलती सुधारने का मिलेगा मौका? . 1 सीन को करने में जब डर रहे थे शत्रुघ्न सिन्हा, 49 साल पहले धर्मेंद्र से मांगी थी सलाह, बोले- 'तुम वही करो जो मैंने किया' 220 करोड़ी Jawan को दिया म्यूजिक, पहली हिंदी मूवी से छा गया ये 32 साल का संगीतकार, AR Rahman से भी महंगी फीस!
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Posted On: देश के सभी राज्यों और जिलों की जलवायु संबंधी खतरों के विषय में राष्ट्रीय स्तर पर एक विस्तृत रिपोर्ट 17 अप्रैल, 2021 को जारी की जाएगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग से किए गए आकलन और प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण अभ्यास के ज़रिए ऐसे संवेदनशील जिलों की पहचान की गई है, जो नीति-निर्माताओं को उचित जलवायु क्रियाओं को शुरू करने में मदद करेंगे। इससे बेहतर तरीके से जलवायु परिवर्तन अनुकूलन परियोजनाएं तैयार की जा सकेंगी और उनके ज़रिए जलवायु परिवर्तन का दंश झेल रहे देश के विभिन्न समुदायों को लाभ होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) तथा स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन के समर्थन से किए गए इस देशव्यापी अभ्यास में 24 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 94 प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। रिपोर्ट का शीर्षक है-क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी एसेसमेंट फॉर एडाप्टेशन प्लानिंग इन इंडिया यूसिंग ए कॉमन फ्रेमवर्क। इस रिपोर्ट में भारत के ऐसे सबसे संवेदनशील राज्यों और जिलों की पहचान की गई है जो मौजूदा जलवायु संबंधी खतरों और संवेदनशीलता के मुख्य कारकों से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा जारी करेंगे । भारत जैसे विकासशील देश में संवेदनशीलता के आकलन को उपयुक्त अनुकूलन परियोजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि विभिन्न राज्यों और जिलों का संवेदनशीलता आकलन हमारे पास मौजूद है लेकिन, उनकी आपस में तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि इन आकलनों के लिए जिन पैमानों का इस्तेमाल किया गया है, वे अलग अलग हैं, इसलिए ये नीतिगत और प्रशासनिक स्तर पर निर्णय लेने की क्षमता को सीमित करते हैं। इस ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए डीएसटी और एसडीसी ने हिमालयी क्षेत्र के संवेदनशीलता आकलन के लिए एक समान प्रारूप बनाने का समर्थन किया। यह जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर 5) पर आधारित था। इस समान प्रारूप और इसे लागू करने के लिए ज़रूरी मैनुअल को आईआईटी मंडी, आईआईटी गुवाहाटी और भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु ने तैयार किया। इस प्रारूप को भारतीय हिमालयी क्षेत्र के सभी 12 राज्यों (अविभाजित जम्मू-कश्मीर समेत) में क्षमता निर्माण प्रक्रिया के जरिए लागू किया गया । इस दिशा में किए गए प्रयासों के नतीजे हिमालयी राज्यों के साथ बांटे गए जिसके कई सकारात्मक परिणाम सामने आए जैसे कि इनमें से कई राज्यों ने पहले से ही संवेदनशीलता मूल्यांकन आधारित जलवायु परिवर्तन अनुकूलन कार्यों को प्राथमिकता दी है और उन्हें लागू भी कर चुके हैं। राज्यों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया और हिमालयी राज्यों में इनके लागू होने की उपयोगिता को देखते हुए यह निर्णय किया गया कि राज्यों की क्षमता निर्माण के जरिए पूरे देश के लिए एक जलवायु संवेदनशीलता आकलन अभ्यास शुरू किया जाए। यह कार्य उसी दल को सौंपा गया जिसने देश की राज्य सरकारों के लिए संवेदनशीलता आकलन क्षमता निर्माण के वास्ते प्रशिक्षण कार्यशालाओं की एक पूरी श्रृंखला चलाई थी। जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना के हिस्से के तौर पर डीएसटी अब तक जलवायु परिवर्तन पर दो राष्ट्रीय मिशन लागू कर चुका है, ये हैं हिमालय क्षेत्र की पारिस्थितिकी को टिकाऊ बनाने का राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसएचई) और जलवायु परिवर्तन संबंधी रणनीतिक जानकारी जुटाने का राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसकेसीसी)। इन दोनों मिशन के तहत डीएसटी 25 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में राज्य जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठों को समर्थन दे रहा है। राज्यों के इन जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठों पर अन्य कामों के अलावा प्रारंभिक रूप से जलवायु परिवर्तन के कारण जिला और उप जिला स्तर पर आ रही संवेदनशीलता का आकलन करने की जिम्मेदारी है और राष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशीलता के आकलन का काम इसी का विस्तार है।
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बॉलिवुड ऐक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) पहले भी ठग सुकेश चंद्रशेखर और उससे जुड़े 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस की वजह से सुर्खियों में थीं, लेकिन आज उनकी एक और प्राइवेट फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वो फिर चर्चा में आ गई हैं। इस फोटो में सुकेश उन्हें Kiss कर रहे हैं और उनके गले पर लव बाइट भी साफ दिखाई दे रहा है। फोटो वायरल होते ही ऐक्ट्रेस ट्विटर पर ट्रेंड होने लगीं और उनको लेकर तमाम तरह की बातें की जा रही हैं। इसके बाद अब ऐक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पर हाथ जोड़ते हुए एक पोस्ट शेयर किया है और अपील की है कि उनकी प्राइवेट फोटोज को सर्कुलेट न करें। वो इस समय बुरे दौर से गुजर रही हैं। गौरतलब है कि जैकलीन ने हमेशा से कहा है कि उनका सुकेश के साथ कोई रिश्ता नहीं रहा है, बल्कि वो खुद उसका शिकार हुई हैं, लेकिन उन दोनों की पहले भी कई प्राइवेट फोटोज सामने आ चुकी हैं और अब एक और फोटो वायरल हुई, जिसमें कुछ और ही कहानी बयां हो रही है। बता दें कि जैकलीन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपना बयान दिया था, जिसमें कहा था कि वो 2017 से सुकेश से संपर्क में हैं। उसने अपना परिचय दिवंगत जयललिता के परिवार से बताया था और ये भी कहा था कि वो सन टीवी का मालिक है। बता दें कि सुकेश ने जैकलीन को करोड़ों के गिफ्ट्स दिए हैं। जैकलीन के अलावा सुकेश ने नोरा फतेही को भी महंगे-महंगे तोहफे दिए हैं।
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इस फर्म का व्यापारिक परिचय इस प्रकार हैआगरा- मेसर्स बसीघर सुमेरचंद एण्ड को बेलन गंज T. A. Tubes. T. Ph. 69 आगरा - दी मारोलिया इलेक्ट्रिकल कंपनी बेलन गंज T. A. Light. यहाँ लोहे के सब प्रकार के सामान मिल, जीन रंटोअर आदि का व्यापार तथा गव्हर्न मेंट कंट्राक्ट का काम होता है। इसके अंतिरिक्त वारनिश और पेंट का काम भी होता है। यहाँ कंट्राक्टर्स और इलेक्ट्रिक इम्पोट्स का काम होता है । मेसर्स भीकामल छोटेलाल इस फर्म के मालिक अयाल वैश्य समाज के लोहिया जैन सज्जन है। इस फर्म का स्थापन सन् १८७५ में लाला छोटेलालजी ने किया। इसके पहले आप दूसरे के साके में व्यापार करते थे । आपके समय में फर्म की साधारण उन्नति हुई। आपके समय से ही आपके पुत्र लाला लेखराजजी फर्म के कार्य का संचालन करने लग गये थे। लाला लेखराजजी बड़े चतुर, व्यापारकुशल, सज्जन एवं मिलनसार व्यक्ति थे । आपने केवल १४ वर्ष की आयु से व्यापार प्रारंभ किया और अपनी व्यापार-कुशल नीति से लाखों रुपयों की सम्पत्ति एवं यश उपार्जन किया । आपने रेलवे से बड़े २ कंट्राफ्ट किये । समय २ पर गवर्नमेंट से भी बहुत से कंट्राक्ट लेकर समय पर काम किया। कई भारतीय राज्यों में भी अपने अपने माल को सताय किया। इसी व्यापार में आपने बहुत रुपया कमाया। आपका ध्यान व्यापार की ही ओर रहा हो सो बात नहीं थी। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में भी आप बहुत योग देते थे । सार्वजनिक संस्थाओं को समय २ पर अच्छी आर्थिक सहायता प्रदान करते थे। आपके द्वारा कई गुप्त दान भी हुए। कहने का मतलब यह कि आप बड़े प्रतिभाशाली एवं धर्मात्मा व्यक्ति हो गये हैं। स्वर्गवास संवत् १९८१ में हुआ। आपकी मृत्यु के समय आपको किसी प्रकार का अनुभव नहीं हुआ । वर्तमान में इस फर्म के मालिक लाला लेखराजजी के पुत्र लाला रतनलालजी है। आपने २१ वर्ष की वय से व्यापारक्षेत्र में प्रवेश किया। अपने अपने हाथों से अपनी फर्म की और भी प्राधे खोली। साथ ही लोई के फेन्सी इमारती सामान बनाने का एक कारखाना भी खोटा आपने बारनिश और पेंट की भी एक दुकान स्थापित की। आपका खयाल हमेशा
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अंतरराज्यीय शराब तस्कर मोहम्मद मुर्शीद आलम को बायसी थाने की पुलिस ने 48 घंटे के लिए रिमांड पर ले लिया है। बताया जाता है कि पुलिस की टीम उससे गहराई से पूछताछ कर रही है। इस मामले की मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक खुद कर रहे हैं। पुलिस की टीम को उनके द्वारा कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद बताई जा रही है। पूर्णिया के भी कुछ लोगों के शराब तस्करी में नाम सामने आए हैं। जिसकी जानकारी पुलिस को अंतर राज्य शराब तस्कर मुर्शीद ने दी है। बताया जाता है कि मुर्शीद की महिला मित्र जो प्रभात कॉलोनी में पिछले कई सालों से रह रही है और उनकी पत्नी को भी आमने-सामने बैठाकर पुलिस पूछताछ कर सकती है। शराब तस्कर मुर्शीद के जेल जाने के बाद शराब तस्करी की कमान उनके गैंग के अन्य सदस्यों के अलावा उनकी महिला मित्र और पत्नी ने संभाल ली है। पूर्णिया पुलिस की गतिविधि की पल-पल की सूचना प्रभात कॉलोनी निवासी उनकी महिला मित्र लगातार देती रही है। बताया जाता है कि बायसी एसडीपीओ आदित्य कुमार के नेतृत्व में उनसे कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। रिमांड पर लिए गए शराब तस्कर मुर्शीद आलम से पुलिस की टीम ने उनके लेनदेन, टीम के सदस्यों और नकली शराब निर्माण समेत कई अन्य बातों को लेकर सवाल जवाब किए जा रहे हैं। कई सवालों का वह जवाब देने से कतरा रहा है। बताया जाता है कि पुलिस की टीम को दरोगा अश्विनी कुमार के शहीद होने के मामले में भी शराब तस्कर मुर्शीद के कनेक्शन का सुराग मिला है। बताया जाता है कि जिस समय अश्वनी कुमार की पीट-पीट कर हत्या की गई थी। उस समय में वह उसी इलाके में मौजूद था। इस मामले को लेकर पुलिस की टीम द्वारा हालांकि पुष्टि नहीं की जा रही है। लेकिन इस मामले को लेकर भी पुलिस की टीम ने पूछताछ की है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों के परिवारों को आगरा पुलिस एक दिन का वेतन देगी। जिला पुलिस ने शुक्रवार को शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही एसएसपी सहित पूरे जिले के पुलिसकर्मियों ने एक-एक दिन का वेतन शहीदों के परिवार वालों को देने का फैसला किया है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि ड्यूटी को निभाते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों को जनता के साथ ही आगरा पुलिस परिवार को भी गर्व है। पुलिस जनता की सेवा और अपराध पर लगाम लगाने के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर नौकरी करती है। शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को आगरा के पुलिसकर्मी और अधिकारी एक-एक दिन का वेतन देंगे। कानपुर जिले के बिकरू गांव में गुरुवार की रात कुख्यात बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई थी। इसमें सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इनमें आगरा-मथुरा के दो सिपाही भी शामिल हैं। शनिवार को शहीद पुलिसकर्मियों को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई। बदमाशों की गोली से शहीद हुए आगरा के गांव पोखर पांडेय निवासी सिपाही बबलू कुमार की मौत से परिवार के साथ ग्रामीण और रिश्तेदार भी सदमे में हैं। बबलू के सिपाही बनने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने की उम्मीद जगी थी, लेकिन डेढ़ साल की नौकरी के बाद ही वो दुनिया से ही चले गए। उनके पिता छोटेलाल राजमिस्त्री हैं। मथुरा के शहीद सिपाही जितेंद्र पाल पर भी परिवार की जिम्मेदारी थी। जितेंद्र चार भाई-बहन में सबसे बड़े थे। उनकी उम्र करीब 26 वर्ष थी और अविवाहित थे। जितेंद्र 2018 बैच के सिपाही थे। उनकी पहली तैनाती कानपुर के बिठूर थाने में थी। सिपाही जितेंद्र की शहादत पर परिवारवालों को गर्व है तो गमगीन भी हैं।
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वेट लॉस के लिए आप कितनी ही चीजें ट्राई करते हैं लेकिन ज्यादातर चीजें वजन घटाने में कारगर नहीं होती है। वहीं, वेट लॉस करने में फूलगोभी का सूप भी कारगर माना जाता है। फूलगोभी पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें कैलोरी बहुत कम होती है और विटामिन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। फूलगोभी में विटामिन C, विटामिन K, पोटेशियम और मैंगनीज जैसे कई तत्व पाए जाते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ वेट लॉस में शरीर को हर तरह से स्वस्थ रखने के लिए गोभी फायदेमंद है। गोभी का सूप बनाने का तरीका- सब्जियों को काट लें। एक पैन में, थोड़ा-सा तेल में प्याज भूनें। दूसरी सब्जियां डालें। पानी या सब्जी का कॉकटेल और इच्छानुसार कोई भी मसाला डालें। उबाल लाने और आंच को धीमा करें और 30-45 मिनट तक पकाएं। वेट लॉस के लिए गोभी का सूप पीने का सबसे बेस्ट तरीका है कि गोभी का सूप सुबह खाली पेट पीना चाहिए। गोभी का सूप हेल्दी ब्रेकफास्ट है। वहीं, रात में भी गोभी का सूप पी सकते हैं। गोभी के सूप में मसालों का कम इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ लोगों को गोभी खाने से एसिडिटी हो जाती है। ऐसे में अजवाइन डालकर गोभी का सूप तैयार किया जा सकता है। गोभी के सूप में दही डालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
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मोनोलीथिक पॉली कार्बोनेट आपको बिल्डिंग ऑब्जेक्ट्स का सामना करने और ग्लेज़िंग के लिए किसी भी डिज़ाइन समस्या को हल करने देता है। उद्योग द्वारा निर्मित सभी पत्रक पॉलिमरों में से, यह आज के लिए सबसे विश्वसनीय सामग्री है, लपट और ताकत के संयोजन। पॉलीकार्बोनेट वाले पॉजिटिव गुणों की एक बड़ी संख्या, इसकी बहुमुखी आवेदन बताती है। - हल्कापन। मोनोलीथिक पॉली कार्बोनेट का छोटा वजन पारंपरिक ग्लास की तुलना में संरचनाओं की स्थापना की सुविधा प्रदान करता है। - इस सामग्री का प्रभाव प्रतिरोध केवल अनोखा है - यह काँच के मुकाबले 250 गुना अधिक है पॉलीकार्बोनेट को सबसे गंभीर चोटों के तहत भी क्षतिग्रस्त नहीं किया जाता है, जो उस स्थान पर विज्ञापनों या निर्माण संरचनाओं के रूप में इसका उपयोग करना संभव बनाता है, जहां बर्बरता के कृत्यों की संभावना है। - आग प्रतिरोध। मोनोलीथिक पॉली कार्बोनेट को लौ लौटाने वाली सामग्री के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जब आग खोलने के लिए उजागर होता है, यह जला नहीं होता है, यह पिघल शुरू होता है। - गर्मी प्रतिरोध तापमान रेंज, जो पॉली कार्बोनेट अखंड के एक शीट का सामना करने में सक्षम है, 40 से लेकर 120 डिग्री सेल्सियस तक है। इसलिए, यह तापमान परिवर्तन से डरता नहीं है और किसी भी जलवायु परिस्थितियों में उपयुक्त है। - पॉलीकार्बोनेट रासायनिक और यौगिकों के विनाशकारी प्रभावों के अधीन नहीं है। - इसकी उत्कृष्ट ध्वनिरोधी गुणों के कारण, ध्वनिरोधी संरचनाओं को बनाने के दौरान यह सामग्री अपरिहार्य है। - सादगी और स्थापना की सुरक्षा। पॉली कार्बोनेट प्रक्रिया करना आसान हैः इसे ड्रिल किया जा सकता है, कट कर सकते हैं लाइटवेट प्लास्टिक, लवचिकता स्थापना कार्य को बहुत सुविधाजनक बनाती है । पॉलीकार्बोनेट किसी भी मोल्डिंग के लिए बहुत ही लचीला सामग्री है, दोनों ठंड और थर्मल वैक्यूम धातुरूप करने के लिए किया जा सकता है, आप विभिन्न तरीकों से छवियों को लागू करने की अनुमति देता हैः रेशम स्क्रीन प्रिंटिंग, उत्कीर्णन, स्क्रीन प्रिंटिंग या धुंधला हो जाना अखंड पाली कार्बोनेट के साथ बनाई जाने वाली सभी संरचनाएं बहुत लंबी सेवा जीवन है। मानव गतिविधि के लगभग सभी क्षेत्रों में अखंड पलिकारबोनेट का उपयोग किया जाता है, जो कि कुल मिलाकर यह एक सार्वभौमिक सामग्री बनाते हैं। इसका उपयोग ग्लेज़िंग भवनों के लिए किया जाता है, जो परिसर के प्राकृतिक प्रकाश प्रदान करता है, जिससे आपको बिजली बचाने की अनुमति मिलती है। उच्च प्रकाश संचरण के कारण यह सामग्री सिर्फ उन लोगों के लिए मिलती है जो एक ग्रीनहाउस या सर्दी उद्यान बनाने के लिए जा रहे हैं। पर्यावरणीय प्रभावों और ताकत के प्रतिरोध, दुकानों, संग्रहालयों के विरोधी जंगली संरक्षण के लिए छत और आर्क संरचनाओं के निर्माण के लिए एक मॉलोलिथिक पॉली कार्बोनेट लोकप्रिय सामग्री बनाते हैं। ध्वनिरोधी गुणों को मोटरमार्गों के साथ शोर-रद्द करने वाले स्क्रीन के निर्माण की अनुमति है। पॉलीकार्बोनेट का उपयोग टेलीफोन बूथ, बिलबोर्ड, सड़क के संकेत और स्टॉप, खेल के आधार पर सुरक्षात्मक बाड़ और उत्पादन हॉल बनाने के लिए किया जाता है। ऑटोमोटिव उद्योग में यह ऑटोमोबाइल हेडलाइट्स के लिए शॉकप्रूफ विंडशील्ड और डिफ्यूज़र के निर्माण में उपयोग किया जाता है। अखंड पॉली कार्बोनेट के आयाम मानक हैं - 3,05 बी 2,05 मीटर। शीट की मोटाई 2 से 6 मिमी से है। तदनुसार, सामग्री को किसी मोटाई के लिए चुना जाता है। ग्रीनहाउस के उत्पादन के लिए, यह चादरें 4 मिमी से अधिक नहीं, और प्रवेश संरचना और कैनोपियों के लिए उपयोग करने के लिए अनुशंसित है, पॉली कार्बोनेट को मोटा इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जब कैनोपीज और एवनिंग्स को डिजाइन करते हैं, तो किसी भी डिजाइन विचार को अखंड पिका कार्बोनेट के रूप में ऐसी सामग्री के लिए धन्यवाद महसूस किया जा सकता है। प्रवेश द्वार के पंजीकरण के ऐसे तत्वों के सभी संभावित रूपों की बड़ी संख्या में प्रस्तुत की गई हैं। पॉलीकार्बोनेट के पारदर्शी शीट के साथ, आधुनिक बाजार रंग-कोडित का एक विशाल चयन प्रदान करता हैः नीला, नारंगी, हरा, लाल, आदि। प्रत्येक रंग की अपनी ख़ासियत है, जिसे इच्छित उद्देश्य के अनुसार सामग्री चुनने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, स्टोर के प्रवेश द्वार के ऊपर का मुखिया का रंग चमकता हुआ रंग खरीदारों के ध्यान को आकर्षित करेगा। पॉलीकार्बोनेट कांस्य को गैस स्टेशन पर एक सुरक्षात्मक स्क्रीन के रूप में पसंद किया जाता है, क्योंकि यह इतना ध्यान देने योग्य गंदगी और धूल नहीं है इसे याद किया जाना चाहिए कि सामग्री के रंग को अधिक संतृप्त किया गया है, कम प्रकाश संचरण क्षमता। मोनोलीथिक पॉली कार्बोनेट प्रक्रिया करने में काफी आसान हैः इसे काट, ड्रिल, चिपकित किया जा सकता है। स्लैब को लकड़ी या किसी मशीन उपकरण पर नियमित रूप से देखा जाता है, जिसमें हाइड्रोमेनिकल कटिंग की सहायता से काटा जाता है। कंपन और तनाव को रोकने के लिए, चादर को काटने के उपकरण के करीब रखा जाना चाहिए, मेज पर जितना संभव हो उतना दबाना। आकार में प्लेटों काटना, आपको थर्मल विस्तार को ध्यान में रखना चाहिए , थर्मल गति के लिए कमरा छोड़ना चाहिए। जब प्रतिबिंबित परत की टुकड़ी से बचने के लिए दर्पण प्लेटें काटने के लिए, टुकड़े टुकड़े की तरफ के साथ सामग्री ऊपर की तरफ रखने के लिए आवश्यक है। पॉली कार्बोनेट में छेद एक स्क्रू ड्रिल के साथ किया जाता है ड्रिलिंग प्रक्रिया के दौरान, यह महत्वपूर्ण है कि प्लेट सब्सट्रेट के निकट संपर्क में है। विभिन्न रसायनों के लिए पॉली कार्बोनेट की स्थिरता इसकी देखभाल करती है। इस सामग्री को साफ करने के लिए, यह 100% सूती कपड़े और पानी के साथ एक हल्के डिटर्जेंट के लिए पर्याप्त है। आप एक विस्तृत श्रृंखला में उपलब्ध विशेष क्लीनर का उपयोग कर सकते हैं। इन उपकरणों का लाभ पॉली कार्बोनेट सतह फिल्म बनाने की उनकी क्षमता में है जो धूल और स्थैतिक बिजली से बचाता है। यह प्रक्रिया 2 सप्ताह में 1 बार करने के लिए पर्याप्त है। सफाई के लिए वाइपर का उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती है, क्योंकि अमोनिया में उनकी संरचना में शामिल है अखंड पिका कार्बोनेट को नष्ट करने में सक्षम है। फोटो और इस सामग्री को साफ करने के उद्देश्य से इसका अर्थ है कि सही विकल्प बनाने में मदद मिलेगी। गीली विधि में पॉलिमर पोटीनी का उपयोग होता है, जो शीट को स्थापित करने से पहले इसके किनारे पर और फ़्रेम के परिधि के आसपास लागू होता है। अधिक पूर्ण सीलिंग के लिए, विशेष गस्केट्स का उपयोग किया जाता है और संयुक्त को सीलेंट के साथ इलाज किया जाता है। क्लीनर सूखी विधि है - यांत्रिक तरीकों का उपयोग कर। शीट्स को बन्द करना थैले जोड़ों के माध्यम से किया जाता है , गॉकेट्स और जवानों के साथ संयोजन में स्वयं-टैपिंग शिकंजा। चादर में छेद, फ्रेम के लिए लगाव के लिए इरादा, स्थापना से पहले, पहले से drilled किया जाना चाहिए। फिक्सिंग चरण लगभग 500 मिमी है छेद शीट के किनारे से कम से कम 20 मिमी की दूरी पर स्थित होना चाहिए और फास्टनर से 2-3 मिमी अधिक व्यास का व्यास होना चाहिए। पॉलीकार्बोनेट में, भवन निर्माण सामग्री के बाजार में प्रतिनिधित्व किया जाता है, गुणवत्ता और मूल्य दोनों में अग्रणी स्थिति अखंड है। सेलुलर पॉली कार्बोनेट एक कीमत पर और अधिक किफायती है, लेकिन इसकी थोड़ी अलग संपत्ति है।
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कार्डियोवास्कुलर सिस्टम की बीमारियां अंदर हैंआधुनिक दवा लगभग पहली जगह में है इन बीमारियों में मृत्यु दर उच्चतम है इस क्षेत्र में समस्याएं हैं, जो किसी व्यक्ति को जन्म के पल से छेड़ सकती हैं। हालांकि, ऐसे भी लोग हैं जिनके विकास में एक व्यक्ति अपने हाथ से काफी योगदान देता है "योगदान"। इन रोगों में से एक है एथोरोसलेरोसिस। इस समस्या के साथ, लोचदार और पेशी-लोचदार प्रकार की धमनियां मुख्य रूप से पीड़ित होती हैं। बीमारी का सार यह है कि प्रोटीन और लिपिड चयापचय के उल्लंघन के कारण, कोलेस्ट्रॉल की जमावट और कुछ घटक लिपोप्रोटीन धमनियों में जमा होते हैं। इस प्रकार, एथरोस्क्लोरोटिक सजीले टुकड़े का गठन किया जाता है। समय के साथ, इन सजीले टुकड़ों में जहाजों की दीवारों के संयोजी ऊतक बढ़ते हैं, जिससे रुकावट तक पहुंचने वाली धमनी लुमेन का संकुचन हो जाता है। ऐसे मरीजों की मदद करने के लिए, वैज्ञानिकने दवाइयों की पूरी सूची विकसित की है जो प्लेटलेट्स की एकत्रीकरण (जुड़ाव, ग्लूइंग) की प्रक्रिया को धीमा या पूरी तरह से दबा सकती हैं। ऐसी संभावनाओं वाले पदार्थों को एंटीप्लेटलेट एजेंट (एंटीथ्रॉम्बोटिक एजेंट) कहा जाता है। ऐसी एक ऐसी तैयारी है, जो "प्लैगरिल" है। दवा एक विशिष्ट हैअवरोध करनेवाला (बाधित - किसी भी प्रक्रिया को रोकना) प्लेटलेट एकत्रीकरण (कनेक्शन) कोरोनरी फैलाने वाले अधिकार प्लेटलेट एकत्रीकरण को धीमा करने की प्रक्रिया (लगभग 40%) 400 मिलीग्राम की खुराक पर दवा के घूस के 2 घंटे बाद देखी जा सकती है "प्लैगरिल" गोलियों के प्रभाव से अधिकतम दक्षता (एकत्रीकरण के 60% निषेध) को प्राप्त करने के लिए, उपयोग के निर्देश 4-7 दिनों के लिए चिकित्सा की आवश्यकता का संकेत देते हैं। एक दिन की कुल खुराक 50 से 100 मिलीग्राम तक होनी चाहिए। इस मामले में, एंटीप्लेटलेट प्रभाव प्लेटलेट्स के पूरे जीवन चक्र (7 से 10 दिन) में जारी रहेगा। दवा के विघटन के 5 दिनों के भीतर, प्लेटलेट एकत्रीकरण और खून बह रहा समय की दर प्रारंभिक मूल्यों पर वापस आ जाएगी। यह गुर्दे और आंतों (क्रमशः 50% और 46%) द्वारा शरीर "Plagril" से निकल जाता है। निकासी अवधि प्रशासन के 120 घंटे बाद है। विशेष समूह हैंमरीज़-कोर, जिन्हें "प्लेग्रिल" दवा का उपयोग करने के लिए दिखाया जाता है। निर्देश रक्त वाहिकाओं के धमनीविरोधी से पीड़ित लोगों को दवा लेने के लिए निर्धारित करता है। दवाएं उन लोगों में थ्रोम्बिसिस से जुड़ी जटिलताओं की संभावना को कम करने के लिए निवारक उद्देश्यों के लिए प्रभावी है जिनके म्योकॉर्डियल इंफार्क्शन या इस्कैमिक स्ट्रोक हैं। परिधीय धमनियों के प्रकोप (अक्षम पारगम्यता) से ग्रस्त मरीजों के लिए यह भी सच है। एसिटिसालिसिलिक एसिड (एस्पिरिन) के साथ मिलकरआप जो लोग तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम से ग्रस्त में थ्रोम्बोटिक जटिलताओं को रोकने में "Plagrila" का उपयोग कर सकते हैं। इस लहर गठन के बिना एनजाइना (अस्थिर फार्म), रोधगलन के साथ साथ लोगों के शामिल हो सकते हैं प्र आप रोगियों को जो स्टेंटिंग लिया में दवा का उपयोग कर सकते हैं। आपरेशन का सार - स्थापना प्रभावित पोत स्टेंट में (पतली ठीक meshed धातु ट्यूब), जो बाद में है विशेष गुब्बारा फुलाया, जिससे जहाज के पारगम्यता को बढ़ाते और हृदय में रक्त के प्रवाह में सुधार। दवा "Plagril" रोगी ले सकते हैंपावर मोड की परवाह किए बिना अंदर। मरीकार्डियल इंफार्क्शन, इस्कैमिक स्ट्रोक, या जिनके पास धमनियों की खराब स्थिति को खराब करने का निदान किया गया है, उनमें 75 मिलीग्राम की खुराक दिन में एक बार ली जाती है। क्यू-फॉर्मिंग म्योकॉर्डियल इंफार्क्शन के बाद उपचार की अवधि 35 दिनों तक चल सकती है। इस्कैमिक स्ट्रोक वाले मरीजों में, स्थिति की गंभीरता के आधार पर, उपचार पाठ्यक्रम 7 दिनों से छह महीने तक हो सकता है। अस्थिर रूप और अस्थिरता में एंजिना के साथक्यू लहर गोलियों की आम तौर पर मानक उपचार के गठन के बिना रोधगलन इस प्रकार हैः पहला, 300 मिलीग्राम की एक बार लोड हो रहा है खुराक एस्पिरिन के साथ प्रति दिन 75 मिलीग्राम के बाद (प्रतिदिन 75 325 मिलीग्राम)। क्योंकि एस्पिरिन का सेवन खून बहने का खतरा बढ़ जाता है, अधिक से अधिक एकल खुराक 100 मिलीग्राम अधिक नहीं होनी चाहिए। औषध उपचार - 1 वर्ष के लिए। जब मायोकार्डियल इंफार्क्शन भी रिसेप्शन दिखाया जाता हैएंटीग्रैगेंट प्लाग्रिल। गोलियाँ 75 मिलीग्राम के एक खुराक में एक प्रति दिन लेते हैं। एसिटिसालिसिलिक एसिड के संयोजन में शुरुआती लोडिंग खुराक के साथ चिकित्सा शुरू करने की सिफारिश की जाती है। समानांतर में थ्रोम्बोलाइटिक्स लेना संभव है (या आप इसे नहीं ले सकते हैं)। यदि रोगियों ने 75 वर्षीय आयु पार कर ली हैसीमा, "Plagril" (क्लॉपिडोग्रेल के साथ अनुरूप भी स्वीकार्य है) प्रारंभिक लोडिंग खुराक के बिना प्रशासित है। बीमारी के लक्षणों की शुरुआत के बाद, संयुक्त उपचार जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम कम से कम 4 सप्ताह तक चलना चाहिए। जब उपचार पाठ्यक्रम "प्लेगिल" तैयारी के साथ किया जाता है, तो आवेदन निर्देश नोटिस को लाता है कि विभिन्न प्रणालियों और अंगों से विभिन्न दुष्प्रभाव संभव हैं। एक रक्त संग्रह प्रणाली अक्सर कर सकते हैंगैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव की उपस्थिति। कम आम तौर पर रक्तस्राव के समय में वृद्धि, हीमोराजिक स्ट्रोक, नाकबंद और सामान्य रूप से विकास का विकास होता है। दुर्लभ मामलों में, हेमेटोमास और हेमेटुरिया दिखाई दे सकते हैं। सिस्टम के हिस्से पर विभिन्न अभिव्यक्तियां संभव हैंhematopoiesis। इसमें ईसीनोफिलिया, न्यूट्रोपेनिया, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया शामिल हैं। Granulocytopenia, सरल या एप्लास्टिक एनीमिया बहुत कम विकसित है। केंद्रीय और परिधीय तंत्रिका से, मतिभ्रम, भ्रम की स्थिति - प्रणाली संभव सिर दर्द, चक्कर आना, अपसंवेदन, सिर का चक्कर (रोटेशन के शरीर संतुलन की हानि, शरीर, या इसके विपरीत आसपास की वस्तुओं के रोटेशन की भावना के साथ) कर रहे हैं। काफी दुर्लभ है, लेकिन प्रतिकूल घटनाओं के मामलों, हृदय प्रणाली के साथ हो कमी आई रक्तचाप, वाहिकाशोथ विकास के संदर्भ में। श्वसनी-आकर्ष और मध्य निमोनिया - यह श्वसन प्रणाली के लिए एक प्रतिक्रिया दवा प्राप्त करने के लिए हो सकता है। अक्सर, दवा "Plagril" (डॉक्टर की समीक्षा)और रोगी इस तथ्य की पुष्टि करते हैं) पाचन तंत्र प्रतिक्रिया करता है। शरीर की प्रतिक्रिया दस्त, डिस्प्सीसिया, पेट दर्द के विकास में प्रकट होती है। मतली, उल्टी, कब्ज, गैस्ट्र्रिटिस और पेट और डुओडनल अल्सर, पेट फूलना के रूप में कम आम प्रतिक्रियाएं होती हैं। दुर्लभ, लेकिन यह संभव है कि कोलाइटिस, अग्नाशयशोथ, स्टेमाइटिस, हेपेटाइटिस, स्वाद संवेदना में बदलाव, तीव्र यकृत विफलता के विकास जैसी बीमारियों की उपस्थिति हो। Musculoskeletal उपकरण खुद को प्रकट कर सकते हैंगठिया, मायालगिया। हालांकि यह अक्सर नहीं होता है। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस मूत्र प्रणाली की प्रतिक्रिया से हो सकता है। डॉक्टर-त्वचाविज्ञानी कहते हैं कि "प्लेग्रिल" का उपयोग करने का संभावित परिणाम खुजली, बुलस रश, एरिथेमेटस रश, फ्लैट लाइफन, एक्जिमा है। एंजियोएडेमा, एनाफिलैक्सिस, सीरम बीमारी के रूप में एलर्जी प्रतिक्रियाओं का विकास संभव है। आम दुष्प्रभावों में, शरीर के तापमान में वृद्धि हुई है, एक उन्नत सीरम क्रिएटिनिन सामग्री। यदि किसी विशेष स्थिति के लिए यह अवांछनीय हैविरोधी प्रभाव, या सर्जिकल हस्तक्षेप माना जाता है, तो Plagril के साथ उपचार बंद कर दिया जाना चाहिए। उपयोग के लिए निर्देश ऑपरेशन से कम से कम 7 दिन पहले ऐसा करने की सिफारिश करता है। खून बहने की अचानक शुरुआत रोकने के लिए दवा वापस लेने के बाद, इसमें अधिक समय लगेगा। मरीजों को इसके बारे में चेतावनी दी जानी चाहिए और उपचार डॉक्टर को प्रत्येक असामान्य रक्तस्राव के बारे में सूचित करने की सलाह दी जानी चाहिए। रोगी के हित में यह है कि डॉक्टरों को "प्लेग्रिल" के इलाज के बारे में सूचित करने के लिए जहां किसी शल्य चिकित्सा हस्तक्षेप किया जाना है, या रोगी के लिए एक नई दवा निर्धारित की गई है। चिकित्सीय चिकित्सा की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हैहोमियोस्टेसिस सिस्टम के पैरामीटर को नियंत्रित करने के लिए (प्लेटलेट की संख्या, उनकी कार्यात्मक गतिविधि के परीक्षण, एपीटीटीवी)। कार्यात्मक यकृत गतिविधि को भी नियमित रूप से निगरानी और विश्लेषण किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके काम में गंभीर असामान्यताएं हीमोराजिक डायथेसिस का खतरा बढ़ सकती हैं। दवाएं, जिसमें मुख्य अभिनयघटक क्लोपिदोग्रेल ( "Plagril" एनालॉग) है, यह जो लोग एक तीव्र रोधगलन नुकसान उठाना पड़ा है, कम से कम शुरू होने के बाद पहले कुछ हफ्तों के दौरान के लिए अनुशंसित नहीं है। चिकित्सा पेशेवरों "Plagrilom" चिकित्सा की सिफारिश नहीं करता है, तो रोगी गलशोथ, इस्कीमिक स्ट्रोक, कोरोनरी धमनी बाईपास के साथ कलम बांधने का काम किया है है। सावधानी बरतने के साथ, गुर्दे की क्रिया में असामान्यताओं वाले लोगों को दवा लेने के लिए निर्धारित करें। "Plagril" (गोलियाँ) निर्देश निषिद्ध हैअतिसंवेदनशीलता या औषधि के अलग-अलग मुख्य और सहायक घटकों के लिए असहिष्णुता के साथ रोगियों स्वीकार करते हैं। खून बह रहा है (गैस्ट्रिक अल्सर और ग्रहणी, hyperfibrinolysis, फेफड़ों का कैंसर, टीबी, आदि) के लिए predisposing किसी भी रोगों में दवा मत लो। गैर-उपयोग "Plagrila" के लिए एक मजबूत आधार तीव्र यकृत विफलता, रक्तस्रावी सिंड्रोम है। उपरोक्त के अतिरिक्त, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए दवा लेने contraindicated है। उम्र 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवा लिख करने के लिए नहीं। आधुनिक फार्मास्युटिकल बाजार में, समूहएंटीप्लेटलेट ड्रग्स ("प्लेग्रिल", मुख्य सक्रिय घटक की सामग्री के लिए इसके समानार्थी शब्द) काफी व्यापक रूप से प्रस्तुत किए जाते हैं। 3 से अधिक दर्जन दवाएं - एंटीप्लेटलेट एजेंटों में एक ही सक्रिय पदार्थ (क्लॉपिडोग्रेल) होता है और उसी खुराक (75 मिलीग्राम) में होता है। रूसी निर्माताओं के अलावा एंटीग्रैंटेंट भारतीय दवा कंपनियों, हंगरी, इज़राइल, माल्टा, फ्रांस के उद्यमों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। "Plagril" खुद भारतीय कंपनी द्वारा उत्पादित किया जाता है "डॉReddies प्रयोगशालाओं। " सादृश्य से, हम फ्रेंच "Plavix" जर्मन "क्लोपिडोग्रेल ratiopharm," हंगेरी "क्लोपिडोग्रेल-रिक्टर," इजरायल "क्लोपिडोग्रेल टेवा," मालटिस् "Liporel" मासेदोनियन "Listab 75" शामिल कर सकते हैं। "Zilt" सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से मांग रूस एजेंटों में से अलग किया जा सकता। दवा "ज़िल्ट" का मुख्य सक्रिय पदार्थ(इसमें "Plagril" यह पूरी तरह से मेल खाता है) क्लॉपिडोग्रेल है। दवा एंटीप्लेटलेट एजेंटों के समूह से संबंधित है। प्रारंभिक खुराक ("झिल्ट" के लिए - 400 मिलीग्राम) के बाद 2 घंटे के बाद प्लेटलेट्स के एकत्रीकरण को धीमा कर देता है। साथ ही "Plagril", "Zilt", प्रति दिन 50-100 मिलीग्राम लेने के अधीन, अधिकतम चिकित्सकीय प्रभाव 4-7 दिनों के बाद देगा। जिगर में मेटाबोलाइज्ड दवा। रक्त में कोई सक्रिय मेटाबोलाइट नहीं मिलता है। "ज़िल्ट" का लगभग 50% गुर्दे से निकल जाता है, प्रवेश के बाद 5 दिनों के भीतर शेष 46% आंत के माध्यम से वापस ले लिया जाएगा। "ज़िल्ट" में उपयोग के लिए संकेत समान हैं"प्लेग्रिल" मेंः मरीकार्डियल इंफार्क्शन, इस्कैमिक स्ट्रोक या धमनियों की खराब पेटी से पीड़ित मरीजों में थ्रोम्बस गठन का प्रोफेलेक्सिस। किसी भी दवा की तरह, "Plagril" दोनों में हैसकारात्मक उपभोक्ता मूल्यांकन, और नकारात्मक प्रतिक्रिया। ऐसे रोगी हैं जिनके लिए एंजेना के इलाज के लिए दवा निर्धारित की गई थी और यह एक बहुत ही प्रभावी दवा साबित हुई थी। उनके हमलों के उपयोग के साथ या तो पारित हो गया, या वे बहुत कम हो गए। दवाओं का मूल्यांकन करने में उपभोक्ताओं के साथ एकता "Plagril" डॉक्टरों की समीक्षा। हालांकि, कोई भी टिप्पणी प्राप्त कर सकता हैदवा के उपयोग के कारण घटना। कुछ रोगियों ने हेमेटोमास की उपस्थिति के बारे में लिखा, अन्य ने ज्वलंत एनीमिया दिखाया। रोगी और गंभीर सिरदर्द के हमले, और पाचन तंत्र में विकार के बहुत अलग दिशा थे। शायद ही कभी, लेकिन आप "Plagril" प्रशासन के दौरान विकसित पेट अल्सर या duodenal अल्सर के बारे में सुन सकते हैं। आम तौर पर, यह दवा कहने लायक हैइसका मतलब है कि उपयोग के लिए "प्लेग्रिल" निर्देश पर्याप्त दवा के रूप में स्थित हैं, सभी दवाओं के साथ संगत नहीं। Contraindications की एक काफी व्यापक सूची है, विभिन्न प्रणालियों और अंगों से कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। अनियंत्रित अनुप्रयोग रोगी के स्वास्थ्य के लिए काफी नकारात्मक (और कभी-कभी अपरिवर्तनीय) परिणामों को उत्तेजित कर सकता है।
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Bitcoin, सबसे बड़ी क्रिप्टोक्यूरेंसी पिछले कुछ समय से रिकवरी मोड में है। CoinMarketCap पर, BTC ने 14 अगस्त को प्रेस समय में $ 24.9k के निशान पर बसने से पहले $ 25k से ऊपर की छलांग लगाई। जाहिर तौर पर हाजिर बाजार ने राहत के संकेत दिखाए। हालांकि, बीटीसी विकल्पों पर गतिविधि अन्यथा सुझाई गई। आप अन्दर है या बाहर? 4 दिसंबर की दुर्घटना के बाद से बिटकॉइन ओपन इंटरेस्ट रिकवरी ट्रेंड पर था। अधिकतर, यह विभिन्न वसूली का परिणाम रहा है जिसे बिटकॉइन ने बनाने का प्रयास किया था। काश, ऐसा लगता है कि रिकवरी ने बदतर के लिए एक बड़ा मोड़ ले लिया है। द ब्लॉक के डेटा डैशबोर्ड के अनुसार, बिटकॉइन विकल्पों का ओपन इंटरेस्ट (OI) महीनों से कम हो रहा है, जो वर्तमान में लगभग 5.5 बिलियन डॉलर है। 10 नवंबर 2021 को, कुल बिटकॉइन फ्यूचर्स ओपन इंटरेस्ट 26.73 बिलियन डॉलर था, क्योंकि बीटीसी 68,766 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। तब से, प्रेस समय में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, बिटकॉइन फ्यूचर्स ओपन इंटरेस्ट में 60% से अधिक की गिरावट आई है। हाल के दिनों में परिसमापन बढ़ने और ओपन इंटरेस्ट में गिरावट के साथ, डेटा सेट ने व्यापारियों की ओर से नकारात्मक भावना को प्रदर्शित किया क्योंकि ओपन इंटरेस्ट के लिए भी एक सरल पाठ्यक्रम को ऊपर या नीचे बनाए रखने में कठिन समय था। यहाँ एक और उत्प्रेरक है जिसने उसी रुख को दोहराया। बिटकॉइन विकल्पों के लिए कॉल/पुट अनुपात वार्षिक उच्च स्तर पर पहुंच गया और 14 अगस्त को 2.32 पर पहुंच गया। यहां, पुट/कॉल अनुपात कॉल के सापेक्ष पुट खरीदारी की मात्रा को मापता है। विशेष रूप से, एक उच्च पुट / कॉल अनुपात ने संकेत दिया कि निवेशकों ने अनुमान लगाया कि क्या बिटकॉइन की बिक्री जारी रहेगी। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो को नीचे की ओर ले जाने के खिलाफ हेजिंग कर रहे हैं। कोई विकल्प नहीं बचा? खैर, बिटकॉइन के दक्षिण की ओर बढ़ने से मैक्रो-फ्रेम पर इंकार नहीं किया जा सकता है। कहा जा रहा है, बीटीसी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी, Ethereum व्यापारिक प्रसिद्धि का भी आनंद लिया। ईथर ऑप्शंस में ओपन इंटरेस्ट एक नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। ब्लॉक के डेटा डैशबोर्ड के अनुसार, 12 अगस्त खुली दिलचस्पी देखी 8.11 अरब डॉलर मारा। यह आंकड़ा एक महीने पहले के मुकाबले करीब तीन गुना ज्यादा था। वास्तव में, सिर्फ दो हफ्ते पहले, ईथर ने पहली बार विकल्प बाजार में उद्योग के नेता बीटीसी को पछाड़ दिया। स्पष्ट हित एथेरियम में विकल्प 1 अगस्त को बिटकॉइन से अधिक हो गए क्योंकि चर्चा की पिछले लेख में।
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Lok Sabha Election 2019. वर्ष 2014 में झारखंड में मोदी लहर ही थी कि विपक्षियों के गठबंधन के बावजूद भाजपा सूबे की 14 में से 12 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही थी। गिरिडीह, [दिलीप सिन्हा]। Lok Sabha Election 2019 - वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में झारखंड समेत पूरे देश में नरेंद्र मोदी का जादू सर चढ़कर बोला था। यह मोदी लहर ही थी कि विपक्षियों के गठबंधन के बावजूद भाजपा सूबे की 14 में से 12 सीटों पर कब्जा करने में कामयाब रही थी। इन 12 सीटों में कोडरमा भी शामिल थी। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में मोदी की लाज बरकट्ठा एवं कोडरमा विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने बचाई थी। बरकट्ठा एवं कोडरमा दोनों विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने यदि दिल खोलकर भाजपा को समर्थन नहीं दिया होता तो 2014 का मोदी लहर कोडरमा में लाल लहर में बदल जाती। माले ने कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के गिरिडीह जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में मोदी लहर को रोककर लाल लहर में बदल दी थी, लेकिन बरकट्ठा एवं कोडरमा में ऐसी मोदी लहर चली कि लाल लहर गिरिडीह जिले में ही कैद हो गई। भाजपा भारी वोटों के अंतर से चुनाव जीत गई। भाजपा को बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में 85680 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रही माले को मात्र 23134 वोट मिले थे। इसी तरह कोडरमा में भाजपा को 79769 एवं माले को मात्र 33174 वोट मिले थे। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्र बगोदर, राजधनवार, जमुआ एवं गांडेय गिरिडीह जिले में पड़ते हैं। वहीं कोडरमा विधानसभा क्षेत्र कोडरमा जिले में एवं बरकट्ठा, कोडरमा एवं हजारीबाग जिले में फैला है। 2014 के चुनाव में चारों प्रमुख पार्टियों भाजपा, भाकपा माले, झाविमो एवं कांग्रेस के प्रत्याशी गिरिडीह जिले से ही थे।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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नयी दिल्लीः कर्नाटक में मतदाताओं के लिए बेरोजगारी एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण कारक है, इसके बाद गरीबी है, और बहुमत का मानना है कि पिछले पांच वर्षों में भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है। ये पब्लिक ओपिनियन के प्रमुख निष्कर्ष हैं, लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के सहयोग से एक अनूठा एनडीटीवी सर्वेक्षण, जो 10 मई के चुनाव में कर्नाटक में जनता के मूड को डिकोड करने की कोशिश करता है। 13 मई को आने वाले कर्नाटक के फैसले से कुछ हफ्ते पहले 20 से 28 अप्रैल के बीच चुनाव पूर्व अध्ययन किया था। अध्ययन से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 28 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस चुनाव में बेरोजगारी कर्नाटक का सबसे बड़ा मुद्दा है। गरीबी दूसरे नंबर पर है, 25 प्रतिशत इसे मुख्य चिंता बताते हैं। जहां युवा मतदाताओं के लिए बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, वहीं ग्रामीण कर्नाटक में मतदाताओं के लिए गरीबी एक बड़ा मुद्दा है। कम से कम 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में उनके क्षेत्रों में कीमतें बढ़ी हैं। सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक (51 फीसद) मानते हैं कि भ्रष्टाचार बढ़ा है जबकि 35 फीसद का कहना है कि यह वैसा ही बना हुआ है। विशेष रूप से, कई पारंपरिक भाजपा समर्थकों (41 फीसद) का कहना है कि 2019 के पिछले चुनावों के बाद से भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है। पोल में उत्तरदाताओं से मार्च में लिंगायतों और वोक्कालिगाओं के लिए कोटा बढ़ाने, मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा खत्म करने और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कोटा बढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले को रेट करने के लिए कहा गया है। नई कोटा नीति के समर्थक ज्यादातर वे हैं जो भाजपा के पक्ष में हैं, जबकि जो लोग इसका विरोध करते हैं, वे सर्वेक्षण के अनुसार कांग्रेस समर्थक हैं। टीपू सुल्तान की मृत्यु से संबंधित विवाद पर, सर्वेक्षण में पाया गया कि तीन में से एक उत्तरदाता इस विषय से अवगत है और 74 फीसद का मानना है कि इस विवाद को उठाने से सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। पंक्ति में राजनीतिक रूप से लोड किए गए दावे शामिल हैं कि टीपू सुल्तान को दो वोक्कालिगा सरदारों द्वारा मार दिया गया था, जिसे कुछ भाजपा नेताओं द्वारा समर्थित किया गया है। विवाद से वाकिफ लोगों में से 29 फीसद का मानना है कि इस मुद्दे को उठाना उचित है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह मुख्य रूप से भाजपा समर्थक हैं जो टीपू विवाद को उठाने को सही ठहराते हैं, जबकि इसका विरोध करने वालों में से अधिक कांग्रेस की ओर झुके हुए हैं। जनमत सर्वेक्षण में मूल्यांकन किया गया एक अन्य प्रमुख कारक क्षेत्रीय भेदभाव है। अधिकांश लोगों (41 फीसद) का मानना है कि उत्तर कर्नाटक में भेदभाव किया जाता है। साथ ही, 66 फीसद उत्तरदाताओं का मानना है कि बेंगलुरु को अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक महत्व दिया गया है। मतदाताओं से कर्नाटक और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के काम का आकलन करने के लिए भी कहा गया था। अधिक से अधिक लोग सड़कों, बिजली आपूर्ति और पेयजल में सुधार नहीं देखते हैं। अधिकांश मतदाताओं का कहना है कि सरकारी अस्पतालों और स्कूलों में कोई सुधार नहीं हुआ है। राज्य और केंद्र सरकारों के समग्र प्रदर्शन पर, 27 फीसद का कहना है कि वे कर्नाटक में भाजपा सरकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं, और 24 फीसद केंद्र में भाजपा की अगुआई वाली सरकार को समान रूप से पसंद करते हैं।
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कसीनो, लक्ज़री होटल, जुआ, नाइट पार्टी का नाम लेते ही ज़ेहन में अमरीका के लास वेगास शहर का नाम पहले आता है. ख़ासकर जब बात कसीनो में जीतने की हो, तब कोई हैरानी की बात नहीं कि इस शहर की कई सीक्रेट्स हैं. सवाल और जवाब की इंटरनेट साइट क्वोरा डॉटकॉम पर कुछ लोगों ने इस बारे में चुप्पी तोड़ते हुए कसीनो के बारे में वो पांच बातें बताईं जो आम तौर पर कोई नहीं बताता. कई यात्री वेगास में जुआ खेलने के साथ मुफ़्त में परोसी गई बेहतरीन शराब को वाजिब सहूलियत मानते हैं. जुआ खेलते हुए लोगों को शराब पिलाना इन जुआघरों की सोची समझी रणनीति है. क्वोरा डॉटकॉम पर जवाब देने वालों ने बार-बार कहा कि हर गेम में जुआघर कुछ न कुछ फ़ायदे की स्थिति में रहते हैं- लेकिन ये अलग-अलग तरह से होता है. कैलिफ़ोर्निया के सॉफ्टवेयर इंजीनियर इलिया वेगमैन और लास वेगास के होटल प्रबंधक जेन सेंग मानते हैं कि लोकप्रिय टेबल गेम्स में 'रुलेट' को जीतना सबसे मुश्किल है. डबल ज़ीरो 'रुलेट' व्हील्स गेम में जुआघर लगभग 5 प्रतिशत फ़ायदे की स्थिति में होते हैं. मिक्सन कहते हैं कि लास वेगास के छोटे जुआघरों के गेम अपेक्षाकृत कुछ आसान होते हैं, क्योंकि वे सबसे अच्छे डीलर को बनाए रखने का जोखिम नहीं उठा सकते. कसीनो में घुसने के बाद आपको अपना रास्ता खुद तलाशना होता है और ये काफ़ी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. जुआघर चाहते हैं कि आप खोए रहें, और इसीलिए कसीनो में आपको कोई कोई घड़ी नहीं नज़र आएगी. क्वोरा डॉटकॉम पर जवाब देने वाले लगभग हर व्यक्ति का मानना था कि पैसे जीतकर घर ले जाने का एकमात्र तरीका यही है कि यदि कोई बाज़ी जीत जाएं तो खेल बंद करें और निकल चलें. अंग्रेज़ी में मूल लेख यहां पढ़ें, जो बीबीसी ट्रैवल पर उपलब्ध है. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
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PATNA : जातीय जनगणना का मुद्दा लगातार गर्म है. जातिगत जनगणना को लेकर बिहार की सियासत चरम पर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से इस मुद्दे को मीडिया के सामने उठाया है. तेजस्वी ने कहा कि अगर उनके पिता लालू प्रसाद यादव सड़क पर नहीं आते तो जातिगत जनगणना की मांग सफल नहीं होती. आरजेडी की कोशिश है कि समाज में पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और गरीबों को उनका हक मिले. पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने पीएम मोदी से दिल्ली में जातिगत जनगणना को लेकर बातचीत की. केंद्र सरकार की ओर से कोई भी जवाब नहीं मिला है. इसलिए हम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रिमाइंडर भेजेंगे. केंद्र सरकार बताए क्या करना है. अगर नहीं करनी है तो बिहार सरकार अपने खर्च पर राज्य में जातिगत जनगणना कराये. तेजस्वी ने ये भी कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पार्लियामेंट में कहा था कि जातिगत जनगणना नहीं होगी. इसलिए हम एकजुट हुए और प्रधानमंत्री से जाकर मुलाकात की. अब पूरे देश में आंदोलन होगा. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जातिगत जनगणना कराने को लेकर एक कमिटी बनाई है. हम देश के सभी नेताओं से दल बात करेंगे और सभी से संपर्क करेंगे. इसको लेकर एक सर्वसमति से माहौल बनाएंगे. तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग इसे जातपात की राजनीति बताते हैं. लेकिन ये समझना होगा कि जब धर्म की गिनती हो रही तो जाति की गिनती क्यों नहीं. जनगणना से फायदा होगा. विकास की योजना बनाने में सरकार को मदद मिलेगी. हमलोगों की ये लड़ाई जारी रहेगी. शिक्षक दिवस पर आरजेडी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राजद समाचार पत्रिका का विमोचन करते हुए तेजस्वी ने कहा कि आज हम शहादत दिवस के रूप में जगदेव बाबू की पुण्यतिथि मनाते हैं. जगदेव बाबू ने कहा था पहली पीढ़ी गोली खाएगी, दूसरी पीढ़ी जेल जाएगी और तीसरी पीढ़ी राज करेगी. जगदेव बाबू के बारे में नई पीढ़ी को जानने की जरूरत है. राजद समाचार पत्रिका में इसका जिक्र किया गया है. तेजस्वी ने कहा कि विश्वविद्यालय से महापुरुषों का जिक्र पाठ्यक्रम से हटाया गया. जयप्रकाश नारायण के विषय को हटाया गया. ये सरकार संघी हो गई है. सरकार गोवलकर के रास्ते पर सरकार चल रही है. आरएसएस के लोग किस विचारधारा के लोग हैं, ये बात किसी से छुपी नहीं है. उसी विचारधारा के खिलाफ हम लड़ाई लड़ रहे हैं. बिहार में शिक्षा की क्या स्थिति है. शिक्षकों की क्या स्थिति है. नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था बर्बाद कर दिया. एक परीक्षा ढंग से नहीं हो रही. शिक्षक परेशान हैं लेकिन सरकार मनमानी कर रही. सरकार का इंटरेस्ट एजुकेशन क्वालिटी सुधारने में क्यों नहीं. पद क्यों खाली हैं. शिक्षा का स्तर बिहार में सबसे ज्यादा खराब है. यहां अफसरशाही हावी है. यहां परीक्षा में साउथ की हिरोइन पास कर जाती है. तेजस्वी ने कहा कि आज किसान तबाह और परेशान हैं. सड़को पर अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. तानाशाही सरकार किसानों की बात दुख तकलीफ नहीं सुन रही है. आज किसान महापंचायत कर रहे हैं. लेकिन सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है. इसका मतलब ये है कि जरूर दाल में कुछ काला है.
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जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड मामले में हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी तथा पुलिस जांच की रिपोर्ट सील कवर लिफाफे में सौंपी गई है। बता दें कि हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी। जबलपुर में चंडाल भाटा क्षेत्र में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में आग लगने से आठ की मौत हो गई थी। जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड में हुई आठ व्यक्तियों की मौत के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी तथा पुलिस जांच की रिपोर्ट सील कवर लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश की गई। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने दोनों रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए अगली सुनवाई 9 सितंबर को निर्धारित की है। बता दें कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर में नियम विरुद्ध तरीके से प्राइवेट अस्पताल को संचालन की अनुमति प्रदान की गई है। कोरोना काल में गत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी गई है। जिन अस्पतालों को अनुमति दी गई है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है। जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद भी अस्पताल संचालन की अनुमति दी गई है। बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बाद भी अनुमित दे दी गई। याचिका में कहा गया था कि भौतिक सत्यापन किए बिना अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गई है। अस्पतालों के मेडिकल व पैरामेडिकल सहित अन्य स्टाफ की जांच तक नहीं की गई है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के मामले में सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल संचालन के लायसेंस के लिए निरीक्षण करने वाली तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी के सदस्यों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति व्यक्त करते हुए बताया गया था कि उक्त अस्पताल का निरीक्षण डॉ. एलएन पटेल, डॉ. निषेध पटेल तथा डॉ. कमलेश वर्मा द्वारा किया गया था। उनकी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल संचालन का लायसेंस जारी किया गया था। शहर के सभी निजी अस्पतालों की जांच के लिए बनी 41 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम में ये तीनों डॉक्टर अब भी शामिल हैं, जिन्हें निलंबित किए जाने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है। युगलपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान निलंबन आदेश पेश करने के निर्देश जारी किए थे। सरकार की तरफ से पेश किए गए शपथ पत्र में बताया गया था कि न्यू लाइफ मल्टी सिटी हॉस्पिटल को पंजीयन के पूर्व किए गए निरीक्षण में क्लीन चिट देने के मामले में दो चिकित्सक एलएन पटेल, निषेध को निलंबित कर दिया गया है। नर्सिंग होम शाखा की जम्मेदारी संभाल रहे डॉ. कमलेश वर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूरे घटनाक्रम की सिलेवार जांच करते हुए रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन करते हुए घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने संभागायुक्त जबलपुर के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की है। इसके अलावा पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट भी सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने पैरवी की। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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सपा की पूर्व प्रवक्ता रोली मिश्रा तिवारी और सपा नेत्री ऋचा सिंह को अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व जजों को सरकारी पोस्ट देना 'दुर्भाग्यपूर्ण' है। सुप्रीम कोर्ट ने जानी-मानी पत्रकार राणा अय्यूब को एक बड़ा झटका दिया है। 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन के खिलाफ याचिकाओं पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने वॉटसऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से अंतरिम राहत नहीं मिलने के बाद गूगल अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। इस ब्रॉडकास्टर ने न्यू टैरिफ ऑर्डर (NTO) 2. 0 के अनुपालन की दिशा में नए टैरिफ की घोषणा करते हुए नए चैनल्स लॉन्च करने की घोषणा की है। ओटीटी प्लेटफॉर्म 'एमेजॉन प्राइम वीडियो' (Amazon Prime Video) इंडिया की हेड अपर्णा पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। महिला साथी के कथित यौन शोषण के मामले में 'तहलका' मैगजीन के पूर्व एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। न्यूज पोर्टल 'द वायर' ने अपने पूर्व सलाहकार देवेश कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, वह काफी चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी किए जाने के मामले में एंकर नाविका कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
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लखनऊ। वर्ल्ड आइकॉन अवार्ड्स समारोह में हमेशा की भांति देश विदेश से विभूतियों का आगमन हो रहा है। रविवार को कार्यक्रम के निर्देशक दुष्यन्त सिंह ने बताया कि इस वर्ष उपरोक्त कार्यक्रम का आयोजन श्रीलंका के विश्व प्रसिद्ध आयोजन स्थल "भण्डारनायके मेमोरियल इण्टरनेशनल कांफ्रेंस हॉल बी. एम. आई. सी. एच में किया जा रहा है, जो कि अपने आप में एक गौरव का विषय है। उपरोक्त कार्यक्रम में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम महिन्दा राजपक्षे मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे एवं श्रीलंका के वरिष्ठ काबीना मंत्री मानु गनेशन अति विशिष्ठ अतिथि हैं। कार्यक्रम में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी देश विदेश से कई सामाजिक व कला क्षेत्र की शीर्ष हस्तियाँ अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगीं। उपरोक्त कार्यक्रम हेतु श्रीलंका में वहां की शीर्ष संस्था "होला लंका" से समन्वय किया गया है। श्रीमती बर्नी उपरोक्त संस्था की अध्यक्ष हैं। प्रेसवार्ता में मौजूद कार्यक्रम की चयन समिति के प्रमुख सदस्य विभव तोमर ने बताया कि सम्मान समारोह हेतु विभूतियों का चयन आरम्भ हो चुका है व उपरोक्त कार्यक्रम में देश विदेश की 30 से अधिक विभूतियों का सम्मान किया जायेगा। दुष्यंत सिंह ने बताया कि वर्ल्ड आइकॉन अवार्ड्स में इस बार लखनऊ से पाँवर सेक्टर में समीर त्रिपाठी, सीएमडी मेघज टेक्नो कांसेप्ट प्राइवेट लिमिटेड का चयन हुआ है। समाज में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें प्राप्त हैं और पाँवर सेक्टर में उनकी कंसल्टेंट पूरे देश में विशिष्ट पहचान रखती है। प्रेस वार्ता में समीर त्रिपाठी मौजूद रहे। आयोजन दिवस की सन्ध्या पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। जिसमें देश विदेशों के कई कलाकार, साहित्यकार, कवि भी अपनी प्रस्तुति देंगे जिनमें मुख्य रूप से पार्श्वगायक सन्तोख सिंह, मेनका मिश्रा, इन्द्रानी भट्टाचार्जी, चन्द्रभाल सुकुमार, कमलेश भट्ट कमल, दिनेश बावरा सहित श्रीलंका से प्रियानाथ रत्नायके जैसी शख्सियते हैं। कार्यक्रम में कई देशी विदेशी तकनीशियन भी अपनी सेवायें दे रहे हैं। सम्मान समारोह के निर्णायक मण्डल में विभव तोमर, समाजसेवी डॉ0 रितु सिंह अंतर्राष्ट्रीरय ज्योतिषी प्रदीप चांदीरमानी, कोसमिक हीलर पूजा माथुर, टेरओ मास्टर विनोद हाण्डा, समाजसेवी विवेक जैन पत्रकार हैं। समारोह की ब्रैन्ड अम्बेसडर मशहूर समाज सेविका डॉ0 प्रतिमा तोतला हैं। समारोह के मुख्य प्रवक्ता अतुल पाण्डेय सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता व आयोजन मण्डल में निखिलेन्द्र, राघवेन्द्र राय, विशाल इत्यादि के साथ विशेष आमन्त्रित शख्सियतों मेंं राजेन्द्र जैन, अर्चना कोचर, रमनाचार्य, ज़ैद शेख, राधे राधे बाबूजी, डॉ0 अमी आधार निडर जैसी शख्सियतें शामिल हैं।
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से विवाद तक के शब्दों में सपता है । परिशिष्ट २ः३० शारीरिक स्तर पर उतरने पाली साहित्य में भाषात, पटिशात, पटिष, पटिविरोध, कोप, पकोप, सम्पकोप, दोस, पदोस, चित्तस्स व्यापति, मनोपदोस, कोध, कुण्यांना, कृफिस, दुस्सना, दुस्सितत्त, बिरोध, पटिविरोध, चण्डिक्क, मसुरोप, आदि शब्द क्रोध के बाचक माने हैं।' संत (क्षान्त) जो विषय और कवायों से शान्त रहता है, वह क्षान्त कहलाता है। यहां ये पांचों शब्द इसी भावना के द्योतक है१. क्षान्त -कोष-निग्रह करने वाला । २. अभिनिर्वृत - सभी तरह से प्रशान्त । ३. दान्त - इन्द्रिय-संयम करने वाला । ४. जितेन्द्रिय-विषयों में बनासक्त । ५. वीतराद्धि - जो आसक्तियों से दूर है । सठ (दे) ये पांचों शब्द भोजन के प्रसंग में प्रयुक्त हैं। शीघ्रता के अर्थ में ये सभी एकार्थक हैं। इनका अर्थबोध इस प्रकार हैखद्ध - जल्दी जल्दी भोजन करना । बेगित - ग्रास को शीघ्रता से निगलना । स्वरित कवल को शीघ्रता से मुंह में बालना । चपल - शरीर को हिलाते हुए भोजन करना । साहस - बिना विमर्श किये भोजन करना । दुष्ट, बक्र आदि के अर्थ में 'सक' शब्द का प्रयोग होता है। जब यह पशु या मनुष्य के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है तब इसका कर्म होता है-पुष्ट मनुष्य या पशु, अविनीत मनुष्य या पशु और जब यह १. धर्स पू २०१ । २. टीपू १२९ । सतर, गुल्म, कुबरक्यादि के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है, तब इसका अर्थ वक्र लता या बुझ, ठूंठ, गांठों वाली लकड़ी या वृक्ष होता है। -'मंदि' । 'विषा' यादि तीनों शब्द प्रताड़ना की ही विभिन अवस्थाओं के द्योतक हैं। जैसेलेवनिका - तिरस्कृत करना । इंडनिया--क्लाला। यह देशी शब्द है । उपलम्भना-उपालम्ब देना, बुरा भला कहना । बीज ( क्षीण) जैन आगामो में पत्योपम को उपमा से समझाया गया है। पल्य/ कोठे के खाली होने के प्रसंग मे क्षीण आदि शब्दों का उल्लेख हुवा है। हरिभद्र ने क्षीण, नीरज, निर्मल, निष्ठित आदि सभी शब्दो को एकार्थक माना है। लोडभंग (दे) खोडभंग आदि तीनो शब्द देशी हैं। राजकुल के लिए जो स्वर्णमुद्राए या द्रव्य कर के रूप में देय होता है, उसे खोड कहा जाता है । वह देय द्रव्य व देना खोडभग है। राजाओ के युग मे 'वेढ' ( बेगार) देने की परम्परा थी । वह प्रत्येक परिवार के लिए अनिवार्य देनी होती थी । इसी प्रकार राजा के बीर पुरुषों को भोजन आदि देना भी अनिवार्य माना जाता था। ये तीनों शब्द इसी के द्योतक हैं। खोरक (दे) यहा संगृहीत सारे शब्द विभिन्न आकृति वाले कटोरे खप्पर के द्योतक हैं। दशवैकालिक की जिनदासकृत चूर्णि के एक कथानक के प्रसंग २. अनुवाहाटी ८५ : एकाधिकानि वैतानि पदानि । ३. निचूषा ४ पृ २८० : लोडं नाम जं रायफुलस्त हिरण्णादि दव्यं वायव्यं देट्टिकरणं परं परिणयणं चोरभवादियाण व चोल्लगाविष्यवाणं तस्त मंगो लोडसंगो ।
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जोधपुर शहर के जालौरी गेट इलाके में हुई घटना. एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर झंडा फहराने और हटाने को लेकर दो समुदायों के बीच सोमवार देर रात हुई झड़प के कुछ घंटे बाद ही पथराव हो गया था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. मंगलवार को सुबह की नमाज़ के बाद इस इलाके में फ़िर से संघर्ष शुरू हो गए थे, जिसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. जोधपुर/जयपुरः राजस्थान के जोधपुर शहर में सांप्रदायिक तनाव के बाद मंगलवार को 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं के जिम्मेदार असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मिली जानकारी के अनुसार, जोधपुर के जालौरी गेट इलाके में स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर झंडा फहराने और हटाने को लेकर दो समुदायों के सदस्यों के बीच सोमवार देर रात हुई झड़प के कुछ घंटे बाद ही पथराव हो गया था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. मंगलवार को सुबह की नमाज के बाद इस इलाके में फिर से ताजा संघर्ष शुरू हो गया. गहलोत ने राजधानी जयपुर में उच्चस्तरीय बैठक के बाद हालात पर निगरानी के लिए गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव सहित आला अधिकारियों को तत्काल जोधपुर जाने के निर्देश दिए. जोधपुर के कार्यपालक मजिस्ट्रेट राजकुमार चौधरी ने हालात पर काबू पाने के लिए मंगलवार दोपहर शहर के 10 थाना क्षेत्रों- उदयमंदिर, सदर कोतवाली, सदर बाजार, नागोरी गेट, खांडा फलसा, प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर, सूरसागर व सरदारपुरा में मंगलवार दोपहर एक बजे से बुधवार (चार मई) की मध्यरात्रि तक कर्फ्यू के आदेश जारी किए. आदेश के अनुसार, शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने व जनजीवन व्यवस्थित रखने के लिए कर्फ्यू लगाया जाना आवश्यक है. इसके अलावा शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं, ताकि अफवाहें न फैलाई जा सके. जयपुर में मुख्यमंत्री गहलोत ने पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा की. उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने जोधपुर में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित करने वाली घटना से समाज में शांति एवं कानून व्यवस्था को क्षति पहुंचती है. उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे किसी धर्म, जाति या वर्ग का हो अपराध में उसकी संलिप्तता पाए जाने पर उसे बख्शा नहीं जाए. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव, जोधपुर के प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अभय कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हवासिंह घुमरिया को हेलीकॉप्टर से तत्काल जोधपुर जाने के निर्देश दिए. इस बीच, गहलोत ने जोधपुर और हाल में हुई इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए पुलिस और प्रशासन को शांति व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, सोमवार रात विवाद शुरू होने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची और पथराव में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. नियंत्रण कक्ष की ओर से कहा गया है कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी. पुलिस ने बताया कि हालात काबू में कर लिए गए, लेकिन मंगलवार सुबह जालौरी गेट के पास ईदगाह पर ईद की नमाज अदा करने के बाद कुछ लोगों ने वहां खड़े वाहनों पर पथराव किया, जिसमें कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और इसके बाद 10 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया. उल्लेखनीय है कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर भी है. ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर उनके जन्मदिन पर मुख्यमंत्री निवास पर प्रस्तावित कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए. वहीं इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा लगाने की निंदा की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौती बनी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं के लिए राज्य सरकार का संरक्षण जिम्मेदार है. ईदगाह से सटा इलाका होने और ईद पर इलाके में बड़ी संख्या में लोगों के नमाज अदा करने की संभावना को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने हस्तक्षेप किया और भीड़ को उस जगह के पास नहीं आने दिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उल्लेखनीय है कि दो अप्रैल को करौली में नवसवंत्सर पर हिंदू संगठनों द्वारा निकाली जा रही बाइक रैली पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया था, उसके बाद आगजनी की घटना हुई थी. (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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दुनियाभर के लोगों को फर्जी कॉल सेंटर के जरिये ठगने वाला मास्टरमाइंड गुजरात निवासी 26 साल का सागर ठक्कर उर्फ शैगी है। नोएडा पुलिस की जांच में यह पता चला है कि शैगी दुबई में रहने वाले आका के साथ मिलकर इस नेटवर्क को चला रहा है। सेक्टर-63 में जिस कॉल सेंटर को पुलिस ने पकड़ा है। उसके संचालक नरेंद्र पाहुजा और जिम्मी असीजा भी शैगी के ही गुर्गे हैं। शैगी के निर्देशन में ही यह गोरखधंधा चल रहा था। दुबई में बैठे आका के बारे में अभी नोएडा पुलिस पता लगा रही है। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि शैगी ने 16 साल की उम्र में ही कॉल सेंटर एक्सपर्ट जगदीश कनानी से कॉल सेंटर के गुर सीख लिए थे। जगदीश भी इस तरह के फ्रॉड का आरोपी रहा है। शैगी बहुत ही कम समय में इस काले कारोबार का बड़ा नाम हो गया। देखते ही देखते उसने मुंबई, अहमदाबाद, गुरुग्राम, ठाणे, दिल्ली, नोएडा में अपने पैर जमा लिए और अपने लोगों के माध्यम से उसके निर्देशन में कॉल सेंटर चलने लगे। इस दौरान शैगी का महाराष्ट्र में करोड़ों रुपये के कॉल सेंटर स्कैम में भी नाम आया और वर्ष 2016 में ठाणे पुलिस ने उसे उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह दुबई से मुंबई पहुंचा था। वह लग्जरी लाइफ व पार्टी करने का शौकीन है। उसने अपनी गर्ल फ्रैंड को ढाई करोड़ की ऑडी भी गिफ्ट की है और एक क्रिकेटर की ऑडी भी खरीद चुका है। शैगी ने देशभर के सैकड़ों लोगों को अपने नेटवर्क में रखा। पिछले कुछ वर्षों से नोएडा व गुरुग्राम में कॉल सेंटर के धंधे में उतर गया। शैगी ही अमेरिकी नागरिकों का डाटा और हवाला के जरिये पैसे भिजवाने का काम कराता है। कॉल सेंटर मालिक नरेंद्र पाहुजा और जिम्मी असीजा की गिरफ्तारी के बाद और भी कई खुलासे होंगे। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी जिस शख्स से बात करते थे। उसकी पूरी डिटेल प्राप्त कर लेते थे। जब अमेरिकी नागरिक से बात करते थे तो खुद को एफबीआई का अधिकारी बताते थे और कहते थे कि आपके एसएसएन नंबर से क्रिमिनल एक्टिविटी हो रही है। इसमें ड्रग्स सप्लाई भी शामिल है। अमेरिका में ड्रग्स सप्लाई के आरोपियों के खिलाफ बहुत कड़े प्रावधान हैं। इसके बाद अमेरिकी नागरिक डरकर पैसे भेज देते थे। इस कॉल सेंटर में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी पूर्वोत्तर के रहने वाले हैं। नगालैंड, मिजोरम के रहने वाले ये युवक-युवती अमेरिकी शैली में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। इसके अलावा मुंबई, गुरुग्राम व दिल्ली के लोग भी यहां काम कर रहे थे। पकड़े गए कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से हायर किया जाता था। इसके अलावा कई ऐसे युवक युवतियों को भी रखा जाता था जो किसी परिचित के माध्यम से आते थे। इनकी सैलरी 15 से 22 हजार रुपये थी। अधिक काम करने पर 1 फीसदी अतिरिक्त दिया जाता था। इनका काम टेलीकॉलर का होता था। टेलीकॉलर को कई टीमों में रखा जाता था। इसके लिए टीम लीडर भी रखे जाते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चार टीम लीडर भी शामिल हैं। पुलिस की जांच में यह पता चला है कि इस गिरोह का नेटवर्क कई देशों में हैं। मसलन, आका दुबई में रहता है और वह अपने मास्टर माइंड शैगी के सहयोग से पूरे नेटवर्क पर नजर रखता है। वहीं, ये लोग ठगी के पैसे खाते या पेपाल गेट-वे से नहीं मंगाकर प्ले स्टोर कार्ड से मंगवाते थे। इस कार्ड को कैश कराने का काम दुबई या चीन में होता था। वहां से ये पैसे हवाला के माध्यम से भारत आता था। कॉल सेंटर के कर्मचारी अमेरिकी नागरिकों को वॉयस मेल व पॉप अप मेसेज से संपर्क करते थे। इसमें खुद को एफबीआई का अधिकारी बताकर मेसेज भेज देते थे। मेसेज में वह अमेरिकी पुलिस से इतना डरा देते थे कि वह पैसे देने को राजी हो जाते थे। वॉयस मेल व पॉप अप मेसेज भेजने के पीछे मकसद यह होता था कि अमेरिकी नागरिक को यह पता नहीं सके कि कॉलर कहां का है। आरोपी पूरी योजनाबद्ध तरीके से अमेरिकी नागरिकों को फंसाते थे। पहले उनका नाम व नंबर और अन्य डिटेल्स लेते थे। उन्हें ट्र पीपुल और ट्रू कॉलर पर सर्च करते थे। जब उनसे कॉल सेंटर कर्मचारी बात करते थे तो सीधे उनके नाम से संबोधित करते थे। इससे उन्हें लगता था कि अमेरिकी पुलिस के अधिकारी ही फोन कर रहे हैं।
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18 सिंतबर को उरी हमले के एक साल पूरे हो गए। लेकिन इन एक साल के भीतर ही लोग शहीदों की शहादत को भी भूल गए। उरी हमले में जब गया के सुनील कुमार विद्य़ार्थी शहीद हुए थे उस वक्त सरकार ने वादा किया था कि शहीद सुनील के नाम पर स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल का नाम और तोरण द्वार बनाए जाएंगे लेकिन ये सारे वादे धरे के धरे रह गए। यहां तक कि सरकार की तरफ से शहीद सुनील के लिए एक स्मारक भी नहीं बनवाया गया। जिसके बाद उनके बेबस पिता ने इस स्मारक को खेत बेचकर बनवाया। शहीद के पिता मथुरा प्रसाद यादव कहते हैं, जब बेटा शहीद हुआ तो नेताओं और बड़े-बड़े लोगों का उनके गांव में तांता लगा था, इतना ही नहीं जितने भी लोग आए सबने खूब वादे भी किए लेकिन वे वादे मात्र कागज पर ही रह गए। गया जिले के परैया प्रखंड का बोकनारी गांव में शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी का पैतृक घर है। इस गांव की अगर बात करें तो यहां आने के लिए एक कच्चा रास्ता है जो बरसात के दिनों में बन्द हो जाता है। उरी हमले में शहीद होने के बाद शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी के गांव कई बड़े नेता गए और कई वादे भी किये लेकिन आज तक इस गांव मेकी कायापलट नहीं हुई। यहां तक कि शहीद सुनील का स्मारक भी उनके पिता ने खेत बेच कर बनवाया है। पिता बताते हैं कि बेटा ही पूरे परिवार का सहारा था क्योंकि एक भाई हेपेटाइटिस बी से ग्रसित है जिसके इलाज का जिम्मा भी सुनील पर ही था। सुनील के जाने के बाद अब परिवार अपने खेत बेच कर बेटे का इलाज कराने को मजबूर हैं। शहीद जवान की बूढ़ी मां कुन्ती देवी कहती हैं कि हमने अपने बेटे का पालन-पोषण करने के बाद देश की रक्षा के लिए सरकार को सौंप दिया। लेकिन सरकार ने हमें असहाय बना दिया। हमसे सबकुछ छीन गया अब हमारे पास कुछ भी नहीं है। हमने अपना बेटा खो दिया ऐसे में सरकार को कम से कम शहीद के मां-बाप, परिवार, बच्चों के लिए कुछ तो करना चाहिए लेकिन सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही। कुंती आगे कहती हैं कि अगर सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर सकती है तो हमें भी उरी पहुंचा दें जहां आंतिकयों की गोली से हम भी मर जाएं। सरकार ने अगर सर्जिकल स्ट्राइक कर बदला लिया तो क्या हुआ लेकिन इससे मेरा बेटा वापस तो नहीं आएगा। शहीद जवान के पिता मथुरा प्रसाद यादव ने कहा कि अगर सरकार ऐसे ही अपने वादों से मुकरती रहेगी तो आगे से कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को सेना में नहीं भेजेगा।
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शिमला, (एजेंसी)। केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ एक विशेष अदालत ने 23 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में आरोप तय किये। विशेष न्यायाधीश बीएल सोनी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त सबूत हैं। सिंह दंपति के खिलाफ उस सीडी प्रकरण में आरोप तय किये गये हैं जिसमें वे आईएएस अधिकारी मोहिंदर लाल और कुछ उद्योगपतियों से अर्थिक लेन देन के मामले में बात कर रहे थे। विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम की धारा सात, 11 और 13 के तहत आरोप तय किया है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री विजय सिंह मनकोटिया द्वारा मई 2007 में जारी की गयी सीडी के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ तीन अगस्त 2009 को मामला दर्ज किया गया था। हालांकि वीरभद्र और उनकी पत्नी के खिलाफ अभी के अभी मुकदमे की सुनवाई शुरू नहीं होगी क्योंकि मंत्री द्वारा एफआईआर निरस्त करने या मामले को सीबीआई की सौंपने संबंधी मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने सात जनवरी को वीरभद्र और उनकी पत्नी को कोई राहत नहीं दी थी। खण्डपीठ का कहना था कि 23 अत्तूबर को 2010 को निचली अदालत का आदेश मान्य रहेगा और दोनों को मामले के अगले चरण का सामना करना पड़ेगा। लोक अभियोजक जीवन लाल शर्मा ने कहा कि आज दोनों के खिलाफ आरोप तय किये गये हैं पर सुनवाई उच्च न्यायालय में मामले में निपटारे के बाद ही शुरू होगी। भ्रष्टाचार की वार्तालाप से संबंधित कैसेट को अदालत में सुना भी गया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस्तीफा देंगे, इस पर वीरभद्र ने कहा, मैं पद की परवाह नहीं करता। मैं अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री को शर्मिंदा नहीं करना चाहता। जब भी मौका आयेगा तो मैं उचित कदम उठाउंगा। मनकोटिया ने मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुये कहा कि यह सत्य और न्याय की जीत है। उन्होंने कहा, मैं अकेले ही यह लड़ाई लड़ता आया हूं और आखिरकार आज न्याय हुआ है। उन्होंने कहा, वीरभद्र को तभी इस्तीफा दे देना चाहिये था जब यह सीडी सार्वजनिक हुई थी पर उन्होंने ऐसा नहीं किया और न ही प्रधानमंत्री ने उन्हें कैबिनेट से निकाला। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा 'हम वीरभद्र सिंह से इस्त़ीफे की मांग करते हैं। क्योंकि अगर हिमाचल में कांग्रेस जीत कर आती है तो हो सकता है वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बन जाएं। ऐसे में केस अपने आप कमजोर हो जाएगा। भाजपा ने कहा कि सिंह को इस्तीफा देना चाहिए और यदि वह ऐसा करने से इंकार करते हैं तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता जगत प्रकाश नडडा ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि सिंह को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। यदि वह ऐसा करने से इंकार करें तो मनमोहन उन्हें बर्खास्त करें। नडडा का दावा है कि संप्रग सरकार के आधे मंत्रियों के खिलाफ आरोप हैं और कई अन्य के खिलाफ आरोप तय हो रहे हैं। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की एक विशेष अदालत द्वारा केंदीय मंत्री वीरभद सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोप तय किए जाने संबंधी खबरों पर सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया जताई। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह इस पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दे सकते क्योंकि इस तरह के मामलों में पार्टी आरोप पत्र देखने के बाद ही कोई राय बनायेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रधानमंत्री को भी इस मामले को देखना होगा क्योंकि वीरभद सिंह उनके मंत्रिमंडल के सदस्य है। वीरभद्र ने आरोपों को मनगढ़ंत बताया ः लाफ राज्य पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार मेरे खिलाफ पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। यह पूरी तरह से एक मनगढ़ंत मामला है और मनगढ़ंत सबूतों पर आधरित है। उन्होंने कहा, सीडी की पामाणिकता पर सवाल है। मैं अपनी पार्टी को और अपने पधानमंत्री को संकट में नहीं डालना चाहता। जब भी समय आएगा, मैं अपना फैसला लूंगा। कांग्रेस पवक्पा जनार्दन द्विवेदी से जब यह पूछा गया कि क्या वीरभद सिंह से इस्तीफा मांगा जाएगा, उन्होंने कहा कि पार्टी आरोपों को देखने के बाद फैसला लेगी। उन्होंने कहा, हर चीज की एक पकिया होती है। हम देखेंगे कि उनपर आरोप आखिर है क्या। उसके बाद जो भी विचार बनेगा, हम उसकी जानकारी आप तक पहुंचा देंगे। वह चूंकि पेंदीय मंत्रिमंडल में हैं, इसलिए कोई भी फैसला पधनमंत्री मनमोहन सिंह लेंगे।
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नई दिल्लीः महिला अधिकार कार्यकर्ता और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) पीपल अगेंस्ट रेप्स इन इंडिया (PARI) की संस्थापक योगिता भयाना ने निर्भया को इंसाफ दिलाने वाले अपने पूरे आंदोलन के लंबे सफर को याद किया है। भयाना ने अपने आंदोलन के बारे में शुरुआत से बताते हुए कहा कि 17 दिसंबर 2012 को जब उन्हें इस घटना के बारे में पता चला था, तो वह रो पड़ी थीं और उसने फैसला किया था कि वह निर्भया को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेंगी। योगिता ने कहा कि जब 2015 में मामले का दोषी नाबालिग रिहा हो रहा था तो उसने निर्भया की मां को मजनू का टीला में विरोध करने के लिए मना लिया, लेकिन 2 दिनों तक विरोध करने के बाद भी नाबालिग को छोड़ दिया गया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में ऐसी वारदात दोबारा न हो, वह अपनी टीम के साथ मिलकर सांसदों से मिली और उन्हें नाबालिगों से जुड़े बड़े अपराधों में सख्ती बरतने की अपील की। उन्होंने जघन्य अपराधों में नाबालिग की उम्र को भी कम करने का अनुरोध किया। बाद में इस संबंध में सरकार एक कानून भी लेकर आई। योगिता ने कहा, 'मैं हमेशा निर्भया की मां के साथ अदालत की सुनवाई में भाग लेती रही और मैंने निर्भया के माता-पिता का मार्गदर्शन करना कभी बंद नहीं किया। इस तरह 7 साल की लंबी यात्रा समाप्त हुई। ' निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के 4 दोषियों मुकेश, पवन, अक्षय और विनय को शुक्रवार की सुबह 05:30 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।
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हरिहरगंज (पीपरा)। पीपरा थाना क्षेत्र के बरदाग माइंस में शनिवार की देर शाम पत्थर गिरने से एक युवक की मौत के बाद सैकड़ो ग्रामीणों ने रविवार को शव को लेकर प्लांट परिसर में ही धरने पर बैठ गएं। ग्रामीणों ने पच्चास लाख रुपये व मृतक की पत्नी को नौकरी की मांग माइंस संचालक से की है। जबकि उक्त क्रशर प्लांट के सभी कर्मी घटना के दिन से ही फरार हैं। वहीं घटना के दिन से ही आक्रोशित ग्रामीणों ने हाइवा परिचालन पर पूर्णतः रोक लगा दी है। बाद में संचालक से ग्रामीणों ने पच्चीस लाख रुपये और मृतक के पत्नी की नौकरी की मांग की और नहीं दिए जाने पर सदा के लिए माइंस बंद करने की मांग की है। देर शाम तक हो हंगामे के बाद पीपरा प्रमुख विक्रम यादव ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर शव को अंतिम संस्कार करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गरीबों की यह लडाई जारी रहेगा, हमें अभी पड़े शव को दाह संस्कार करने की जरुरत है। वहीं न्यूज लिखे जाने तक शव को नहीं उठाया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि बरदाग स्टोन माइंस से भुइंया टोली गोसाइंडीह काफी नजदीक है। जिसके कारण आये दिन घटना दुर्घटना होती रहती है। ब्लास्ट के दौरान छतों पर पत्थर गिरना ग्रामीणों के लिए आम बात हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि हंगामा करने पर चार दस लोगो का नाम लिख कर पुलिस को दे दिया जाता है और पुलिस द्वारा डरा धमकाकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। यहाँ के ग्रामीण दसहत के माहौल में जी रहें हैं। वहीं पुलिस प्रसाशन के संरक्षण से माइंस संचालक का मनोबल बढ़ गया है और नियमो को ताक पर रख कर बिना सुरक्षा के काम कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार को भी सुरक्षा को नजर अंदाज कर मृतक प्रहलाद उर्फ गुड्डू भुइंया पर साइड इंचार्ज तकदीर सिंह ने दबाव बनाया और पत्थर ब्लास्ट के लिए होल करने के लिए कहा,उस वक्त पोप्लेन के द्वारा मिट्टी और पत्थर हटाने का काम चल रहा था और उपर से उसके उपर अचानक बड़ा सा पत्थर गिर गया और उसकी मौत हो गया और साथ में काम कर रहे पिंटु कुमार घायल हो गया। बरदाग माइंस में किसी भी मजदूरों की सुरक्षा नहीं दी जाती है। मौके पर हरिहरगंज-हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने पहुंचकर पलामू डीसी से दुरभाष पर बात कर मृतक के परिजनों को सरकारी मुआबजे दिलाने की बात कहा। साथ ही माइंस संचालक को पुलिस की सुरक्षा में बुलाकर परिजनों से मिलाया और उचित मुआबजा देने की बात कहा,पर परिजनों से बात नहीं बन पायी। इस दौरान पीपरा प्रमुख विक्रम यादव, जीप सदस्य ददन पासवान, मुखिया राजेश राजवंशी, जनेश्वर राम, जनेश्वर भुइंया, नरेश यादव, अनिल पासवान, सुनील कुमार सिंह, अजय भुइंया, कमलेश भुइंया, अमृत भुइंया, गणेश भुइंया, दिलीप भुइंया, रामशीष राम, सिकेंद्र राम, बिरबल भुइंया, टोनियां देवी, गुड़िया देवी, कलौती देवी दुलारी देवी, प्रतिमा देवी, पानपति देवी, मीणा देवी, प्रियंका देवी, उर्मिला देवी, अनिता देवी सहिंत सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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Ranchi: झारखंड में पेट्रोल सब्सिडी योजना के लॉन्च होते ही रांची जिला के 1284 लोगों को इसका लाभ पहले ही दिन मिलेगा. जिले में मंगलवार तक योजना के लिए लगभग 16,000 आवेदन आ चुके हैं. इसमें लगभग 5800 लोगों को सब्सिडी के लिए पेमेंट प्रोसेस किया जा चुका है. इन लाभुकों को लाभ पहुंचाने के लिए लगभग 14. 5 लाख रुपये ट्रांसफर की जा रही है. लोगों को पेट्रोल सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिए जिला स्तर पर कार्य किया जा रहा है. इसका लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करते ही लाभुक की जानकारी जिला परिवहन विभाग के पास जाती है. यहां से वेरिफाई होने के बाद आवेदन जिला आपूर्ति विभाग में अंतिम वेरिफिकेशन के लिए जाती है. आपको बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन ने सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर बढ़ती महंगाई को देखते हुए लोगों को इससे थोड़ी राहत देने की घोषणा की. उन्होंने राज्य के राशनकार्डधारियों को जिनके पास दो पहिया वाहन हैं उन्हें पेट्रोल सब्सिडी देने की बात कही. योजना के तहत हर महीने लाभुक को पेट्रोल सब्सिडी के तौर पर प्रति माह 10 लीटर पेट्रोल के हिसाब से 250 रुपये दिये जाएंगे. रांची में इस योजना का लाभ लेने के लिए मंगलवार शाम तक करीब 6 बजे तक 17,415 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है. इनमें कुल 11,382 आवेदकों को डीटीओ कार्यालय से स्वीकृति मिल चुकी है. इसमें 3 हजार 193 आवेदन पेंडिंग हैं. जिसपर विभाग काम कर रहा है. वहीं 2840 आवेदन रिजेक्ट कर दिये गए हैं. क्योंकि इन आवेदनों में आवेदकों ने या तो गलत गाड़ी नंबर या गलत नाम से रजिस्टर किया है. इसके अलावा कई आवेदन दो पहिया की जगह अन्य वाहनों के लिए थे. वहीं मंगलवार शाम 3 बजे तक जिला आपूर्ति विभाग के पास 9521 आवेदन आये. इसमें से 1485 आवेदनों को पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेनशियल मैंनेजमेंट सिस्टम) से लिंक करने के लिए विभाग ने भेज दिया. कुछ कारणों से 201 आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए. बुधवार को गणतंत्र दिवस पर सीएम के योजना को लॉन्च करते ही 1284 लोगों को सब्सिडी की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी. डीसी ने इस मामले में कहा कि नेशनल फूड सेक्योरिटी एक्ट के तहत जितने भी कार्डधारी हैं. जिनके पास झारखंड से रजिस्टर्ड दो पहिया वाहन हैं. उन सभी को इसका लाभ मिलेगा. बीते सोमवार को मुख्यमंत्री ने ऐप लॉन्च किया था. इसके बाद लाभुक अपने स्तर से प्रखंडों में शिविर लगाकर लाभुकों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. प्रशासन अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने के लिए प्रयास कर रहा है. उन्होंने लाभुकों से भी अपील की है कि वे इस योजना का फायदा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएं. कई लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि पेट्रोल सब्सिडी लेने के चक्कर में उसने कार्ड छिन जाएंगे. डीसी ने इस बात पर लोगों की शंका को दूर करते हुए कहा कि जो एनएफएसए के तहत कार्ड बनाए जाते हैं उसमें योग्यता है कि आपके पास चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए. अगर आपके पास दो पहिया वाहन है और राशन कार्ड है तो आप पेट्रोल सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. ऐसे में आपसे आपका कार्ड वापस नहीं लिया जाएगा. बल्कि ये योजना उन्हीं लोगों के लिए जिनके पास राशन कार्ड और दो पहिया वाहन हैं. - पेट्रोल सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसी व्यक्ति के पास राशन कार्ड और दो पहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. - इसके आधार पर ऐप में लॉग इन किया जाएगा. आपको कार्ड के सभी डिटेल्स देने होंगे. - उसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा. - ओटीपी आते ही वह व्यक्ति पेट्रोल सब्सिडी के लिए रजिस्टर्ड हो जाएगा. (अगर राशन कार्ड और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कार्ड सही होता है तो आपकी डिटेल्स जिला परिवहन पदाधिकारी के पास चला जाता है). - इसके बाद डीटीओ स्तर से डिटेल्स वेरिफाई किये जाते हैं. (जिसमें वेरिफाई किया जाता है कि कहीं वाहन प्रतिबंधित सूची में तो नहीं. मतलब कहीं वह गाड़ी पर किसी थाने में एफआईआर या इलेक्ट्रिक वाहन तो नहीं). - उसके बाद यहां उपलब्ध जानकारी की आधार सिडिंग और मोबाइल सिडिंग होती है. - पीएफएमएस में डाटा अपलोड किया जाता है. - पीएमएफएस से स्वीकृत होने के बाद डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभुक के खाते में सब्सिडी के पासे डाले जाएंगे.
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Solo Sikoa: WWE Backlash 2023 प्रीमियम लाइव इवेंट में तगड़ा सिक्स मैन टैग टीम मैच देखने को मिला। द उसोज़ (The Usos) और सोलो सिकोआ (Solo Sikoa) का मुकाबला सैमी ज़ेन (Sami Zayn), केविन ओवेंस (Kevin Owens) और मैट रिडल (Matt Riddle) से हुआ। उसोज़ और सिकोआ ने मुकाबले में जबरदस्त जीत हासिल की। सिक्स मैन टैग टीम मैच में फैंस को शुरूआत से ही तगड़ा एक्शन देखने को मिला। जिमी और जे उसो की हालत जरूर खराब हुई। सोलो सिकोआ ने खुद ही जिमी से टैग लिया और रिंग में आ गए। उन्होंने सैमी पर हमला किया। सैमी के ऊपर तीनों भाइयों ने फिर अटैक किया। हालांकि बाद में मैट रिडल ने अकेले ही रिंग में बवाल मचा दिया। रिडल ने बहुत तेजी से मूव्स लगाकर रोमन रेंस के तीनों भाइयों की हालत खराब कर दी। केविन ओवेंस ने भी रिंग में तबाही मचाई। जिमी उसो ने गलती से सुपरकिक जे उसो को लगा दिया। इसके बाद केविन ने जबरदस्त स्टनर जिमी को लगाया। सैमी और जिमी के बीच इसके बाद तगड़ा ब्रॉल देखने को मिला। ज़ेन के ऊपर जबरदस्त किक द उसोज़ ने लगाई। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी। जे उसो जाकर सैमी के ऊपर अटैक करने वाले थे लेकिन सिकोआ ने टैग ले लिया। सिकोआ ने फिर से जे को टैग देकर चौंका दिया। द ब्लडलाइन में बिल्कुल भी केमिस्ट्री देखने को नहीं मिली। सैमी ने सिकोआ को हैलुवा किक मारी। इसके बाद जे को हैलुवा किक मारकर पिन किया। सिकोआ ने आकर उन्हें बचा लिया। सिकोआ ने केविन ओवेंस को समोअन स्पाइक दिया। इसके बाद जे उसो और सिकोआ ने एक-दूसरे को घूरा। अंत में सिकोआ ने तेजी दिखाई और रिडल को समोअन स्पाइक देकर पिन किया। द ब्लडलाइन ने इस मुकाबले में जीत हासिल की। सोलो सिकोआ जीत के बाद भी गुस्से में ही लग रहे थे। रोमन रेंस इस जीत से खुश हुए होंगे लेकिन अपने भाइयों की केमिस्ट्री देखकर जरूर उनकी चिंता बढ़ गई होगी। अगले हफ्ते ब्लू ब्रांड के एपिसोड में आकर वो कुछ ना कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। खासतौर पर जे उसो और सिकोआ के बीच चीजें अब सही नहीं लग रही है। देखना होगा कि आगे जाकर इनके बीच क्या कुछ नया देखने को मिलेगा। WWE और रेसलिंग से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के साथ-साथ अपडेट्स, लाइव रिजल्ट्स को हमारे Facebook page पर पाएं।
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पाश्चात्य पण्डित तथा पाश्चात्य विचारों से प्रभावित आजकल के कोई-कोई नवशिक्षित भारत-सन्तान भारतवर्षीय उपासना की बात चलने पर कहते हैं कि गद्यपि दर्शन और धर्मतत्व के सम्बन्ध मे भारतवर्ष मे ऐसे गम्भीर तत्त्वों का आविष्कार हुआ था, जो समस्त जगत् के लिये विस्मयजनक है, परन्तु उपासना के सम्बन्ध में सब समय बैसी प्रशंसा नहीं की जा सकती। वे कहते हैं कि लिङ्ग-उपासना भारतवर्ष का एक कलङ्क है। उनके विचार से वर्तमान सभ्य-युगमे इस प्रकार की अश्लील और असभ्यकाव्येचित आदिम-उपासना का प्रचलित रहना उचित नहीं है। उनकी इस आलेचना पर भीरता पूर्वक विचार करने से लिखोपासना के सम्बन्ध में स्वभावतः हृदय में कुछ-कुछ सशय उत्पन्न होता है। हम बाल्यकाल से ही लिङ्गरूप शिव की उपासना देखते या रहे हैं, इसी संस्कार की दृढ़ता से इसकी अश्लीलता हमारे मन को वैसी अश्लील नहीं लगती। परन्तु पूर्वसंस्कारों को त्यागकर विचार करने से शाय होता है कि विदेशीय समालोचक स्वाभाविक प्रेरणावश ही इस प्रकार की उपासना की निन्दा करते हैं । प्राचीन इतिहास की आलोचना से ज्ञात होता है कि पृथिवी की अधिकांश अति प्राचीन सम्य जातियों में लिङ्ग-उपासना किसी-न-किसी रूप में प्रचलित थी । भारतवर्ष में भी प्राम्- ऐतिहासिक युग से लिङ्ग-उपासना प्रचलित है। 'मोहन जोदड़ो' में प्राप्त प्राचीन निदर्शनों का अवलोकन करने से स्पष्टरूप से ज्ञात होता है कि उस समय भी लोग ठीक आजकल के समान ही, विशेष आकार के शिव-लिङ्ग की पूजा करते थे। जो उपासना या साधना एक समय जगद्व्यापक थी तथा परवर्ती युग में भी भारतवर्ष में जो भगवत्कल्प श्रीशङ्कराचार्य प्रभृति असंख्य ज्ञानी और योगैश्वर्य सम्पन्न मनीषियों के द्वारा अनुष्ठित होती आ रही है, वह अश-जनोचित उपहासवचनों का विषय होने योग्य कदापि नहीं है, किना तीव्र-साधना के किसी भी तत्व का सम्यक रूप से शान होना सम्भव नहीं है। और अनटीक का विचार नव्य-रुचि से सम्पन्न युवकों की दृष्टि के निर्णय के अनुसार नहीं हो सकता। व्यक्तिगत संस्कार तथा सामाजिक मनोभावों से संबंधित प्रकृति के अनुसार अपेक्षिक रूप से लीक और अश्लील का निर्धारण हो सकता है। - पवित्र- चित्त छोटे से शिशु की दृष्टि में संसार में कहीं कुछ भी अनटीक नहीं देखा जाता है। यही बात शन-सम्पन्न परमहंस की दृष्टि में भी समकानी चाहिये, अन्यत्र जिसका जिस प्रकार का संस्कार होता है, बस्तु सत्ता उसके निकट उसी प्रकार प्रतिभात हुआ करती है। भगवान् की सृष्टि में अपवित्र कहलाने
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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने बयान को लेकर फिर एक बार चर्चा में आए गए हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि, वह राज्य में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू नहीं देंगे। इस कानून का वह कतई समर्थन नहीं करते है और नहीं नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के लिए डाटा एकत्रित करने में कोई मदद करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डिटेंशन सेंटर नहीं बनाए जाएंगे। आपको बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ देशभर में जमकर बवाल हुआ। कई राज्यों में उग्र आंदोलन हुआ है। जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई है। वहीं, राजधानी दिल्ली में पिछले दो महीने से शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी सरकार से इस कानून को हटाने की मांग कर रहे हैं। उग्र आंदोलन के दौरान देश में आशंति का माहौल बन गया था। सड़कों पर विरोध प्रदर्शन होने के कारण वाहन चालाकों को घटों लंबा जाम से गुजरना पड़ रहा है। जिस वजह से काफी चालाकों को काफी दिक्ततों का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि, केद्र सरकार और प्रशासन इस समस्या से निकलने के लिए कोई रास्ता निकाले।
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नयी दिल्ली, दस दिसम्बर मानवाधिकार संरक्षण के लिहाज से 10 दिसम्बर के दिन का खास महत्व है। इस दिन को 'अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में दस दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है। 1878 : जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापकों में से एक मोहम्मद अली जौहर का रामपुर में जन्म। 1878 : चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जन्म। 1896 : नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का निधन। 1898 : पेरिस संधि के बाद स्पेन-अमेरिका युद्ध समाप्त हुआ। 1902 : तस्मानिया में महिलाओं को मत देने का अधिकार मिला। 1950 : अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस घोषित किया गया। 1992 : गुजरात में देश की पहली होवरक्राफ्ट सेवा की शुरूआत। 2001 : दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार का निधन। 2007 : क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनेर अर्जेंटीना की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। 2016 : तुर्की के इस्तांबुल में एक फुटबॉल स्टेडियम के पास दो धमाकों में 38 लोगों की मौत। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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नई दिल्ली, 1 अप्रैल। विश्व हिंदू परिषद(विहिप) ने एक बार फिर से सरकारी नियंत्रण में चल रहे देश भर के मंदिरों को मुक्त कराने की मांग उठाई है। विहिप ने तमिलनाडु में भाजपा के उस चुनावी वादे की सराहना की है, जिसमें मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की बात कही गई है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि मंदिरों का संचालन और धन का प्रबंधन करना सरकार का कार्य नहीं है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि, मंदिरों का संचालन और उनके धन या प्रबंध में हस्तक्षेप करना किसी सरकार का कार्य नहीं है। साथ ही छल-कपट लोभ-लालच, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण भी एक अमानवीय दुष्कृत्य है। यह एक प्रकार की हिंसा है जिसमें समाज को अपनी जड़ों से तोड़ा जाता है। अब समय आ गया है कि सभी राज्य सरकारें तथा भारत के सभी राजनैतिक दल मिल कर शीघ्रातिशीघ्र मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिन्दू समाज के विरुद्ध दशकों से चले आ रहे इस अन्याय पर पूर्ण विराम लगाएं। विश्व हिंदू परिषद ने अवैध धर्मांतरण के विरुद्ध देशव्यापी कठोर कानून बनाने की भी मांग उठाई है। विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि तमिलनाडू के अतिरिक्त केरल, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना जैसे अनेक राज्यों में भी मंदिरों के सरकारी नियंत्रण में होने के कारण हिन्दू समाज में गहरी नाराजगी है। राज्य सरकारों की ओर से मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग, भृष्ट नौकरशाहों और राजनेताओं द्वारा मंदिरों के प्रबंधन में घुसपैठ की जा रही है। इसके कारण मंदिरों की पवित्रता तथा वहां के आध्यात्मिक वातावरण को दूषित करने के साजिश जगजाहिर है। केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने यह भी कहा कि मंदिरों के अधिग्रहण व कुप्रबंधन के चलते हिंदू समाज को संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता व पूजा के अधिकार से दशकों से वंचित रखा गया। अब मंदिरों को मुक्ति तथा धर्मांतरण के विरुद्ध सभी राज्यों में कठोर कानून लाना ही होगा। Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.
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Entertainment News Hindi: सलमान खान को बॉलीवुड का भाईजान कहा जाता है। आज इंडस्ट्री में उनके नाम से लोगों को काम मिलता है, वही सलमान खान लोगों का कैरियर बर्बाद करने का भी दम रखते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे ऐश्वर्या राय के लिए सलमान खान ने विवेक ओबरॉय को बुरी तरह धमकाया था और इसके बाद विवेक ओबरॉय का फिल्मी करियर पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। ऐश्वर्या राय और सलमान खान के बीच प्यार के किस्से तो दुनिया जानती है, एक समय पर दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में थे और इस जोड़ी को दर्शकों का भी खूब प्यार मिलता था पर इस रिश्ते में कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद दोनों एक दसरे से अलग हो गए और कबाब में हड्डी का काम कर रहे विवेक ओबरॉय की तो शामत ही आ गई थी। सलमान खान और ऐश्वर्या राय के बीच लव स्टोरी फिल्म दिल दे चुके सनम से हुई थी। कहते हैं इसी मूवी की शूटिंग के दौरान दोनों एक दूसरे के प्यार में खो गए थे और दोनों का रिश्ता चलने लगा था। सलमान खान इस रिलेशनशिप को लेकर बेहद पजेसिव थे, ऐसे में जैसे-जैसे यह रिश्ता आगे बढ़ता गया सलमान खान ऐश्वर्या राय की निजी जीवन में भी दखल अंदाजी करने लगे जो कि ऐश्वर्या को पसंद नहीं आ रहा था। इसके बाद दोनों के बीच अक्सर झगड़े और लड़ाई होने लगी, फिल्म चलते चलते के सेट पर तो सलमान खान ने इतना झगड़ा किया कि वह फिल्म ऐश्वर्या राय के हाथों से निकल गई। इसके बाद ऐश्वर्या राय ने सलमान खान के से ब्रेकअप करने की कोशिश की। और मीडिया में ऐश्वर्या और विवेक ओबेरॉय के रिलेशनशिप की खबरें चलने लगी जैसे ही सलमान खान को यह पता चला तो उन्होंने विवेक ओबरॉय को फोन करके जमके धमकाया और गाली भी दी। जिसके बाद विवेक ओबेरॉय डर के मारे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने लगे और पत्रकारों के सामने सलमान की इन हरकतों का खुलासा कर दिया। यहीं पर विवेक ओबरॉय ने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती कर दी जो आज भी उन पर भारी पड़ रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ना तो उन्हें ऐश्वर्या मिली है और ना ही कोई फिल्म। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ऐश्वर्या राय ने भी विवेक ओबरॉय से ब्रेकअप कर लिया तो वहीं सलमान खान के कहने पर उन्हें बॉलीवुड में नकारा साबित कर दिया गया और आज तक वह फिल्म के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन विवेक ओबरॉय को कोई फिल्म देने के लिए तैयार नहीं है।
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देश की सबसे बड़ी डेयरी को-ऑपरेटिव अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने 9 जनवरी को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया और इस तरह से 40 साल तक के अपने कार्यकाल को विराम दे दिया। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने जयेन मेहता तो तत्काल प्रभाव से अंतरिम प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। मेहता 30 साल से कंपनी के साथ काम कर रहे हैं। अमूल में जयेन मेहता दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और मुख्य परिचालन अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे। अमूल में 40 साल के कार्यकाल में उन्हें साल 2010 में प्रबंध निदेशक बनाया गया और उन्हें वित्त वर्ष 2010-11 के 9,774. 2 करोड़ रुपये के कारोबार को वित्त वर्ष 2021-22 में 46,481 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया। सोढ़ी साल 1982 में जीसीएमएमएफ से वरिष्ठ बिक्री अधिकारी के तौर पर जुड़े थे और फिर साल 2010 में विपणन प्रबंधक की भूमिका ग्रहण की, जिसके बाद साल 2010 में उन्हें प्रबंध निदेशक बनाया गया। बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत मे सोढ़ी ने कहा, मुझे दो साल का सेवा विस्तार मिला था और अब मैंने अमूल के एमडी पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं अमूल के साथ जुड़ा रहूंगा और भारतीय डेयरी एसोसिएशन संग काम करूंगा। जीसीएमएमएफ हर दिन 18,600 से ज्यादा ग्रामीण डेयरी सहकारी समितियों से 3 करोड़ लीटर दूध खरीदता है। 3 दशक से ज्यादा समय तक सोढ़ी ने दुग्ध क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के सीधे मार्गदर्शन में काम किया। उन्होंने सीएटीई, उदयपुर से एग्री इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आणंद (आईआरएमए) के पहले बैच के छात्र रहे हैं। महामारी के दौरान सोढ़ी के नेतृत्व में अमूल ने अपने उत्पादों की 100 से ज्यादा स्टॉक कीपिंग यूनिट पेश किए। मीडिया में खबरें थीं कि सोढ़ी को पद छोड़कर जयेन मेहता को कार्यभार सौंपने को कहा गया था।
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अक्षय कुमार ने फ़ाइनली अपनी आगामी फ़िल्म ओह माय गॉड 2 की शूटिंग शुरू कर दी है । अक्षय ने उज्जैन में उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ ओह माय गॉड 2 की शूटिंग शुरू की । साल 2012 में आई अक्षय और परेश रावल की ओह माय गॉड के सीक्वल, ओह माय गॉड 2 में अक्षय भगवान शिव के किरदार में नजर आएंगे । अक्षय ने फिल्म के दो पोस्टर रिलीज किए हैं । जिसमें से पहले पोस्टर में भगवान भक्त के हाथ को थामे हुए नजर आ रहा है । वहीं दूसरे पोस्टर में अक्षय खुद महादेव के रूप में नजर आ रहे हैं । 'कर्ता करे न कर सके शिव करे सो होय ..' ?? इसके अलावा अक्षय ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में वह फ़िल्म के गेटअप में पंकज त्रिपाठी के साथ नजर आ रहे हैं । अक्षय ने इसके साथ कैप्शन लिखा, 'ब्रह्मांड का प्रारम्भ जहां, ब्रह्मांड का प्रस्थान जहां, आदि और अनंत काल के स्वामी, भगवान महाकाल के आशीर्वाद लेने तपस्वियों की नगरी उज्जैन पहुंचे मैं और मेरे मित्र पंकज त्रिपाठी। ' ओह माय गॉड 2 में अक्षय के अलावा पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम भी अहम भूमिका में नजर आएंगी । अक्षय ने फिल्म के को-स्टार पंकज त्रिपाठी के साथ महाकाल की नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए । इसके बाद ही उन्होंने अपनी फिल्म का पोस्टर रिलीज किया है । अमित राय के निर्देशन में बन रही ओह माय गॉड 2 भारतीय शिक्षा प्रणाली पर आधारित है ।
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मल्लिकार्जुन खड़गे के पद संभालने के बाद कांग्रेस जल्द ही राजस्थान कांग्रेस संकट को हल करने की उम्मीद कर रही है। इसके अलावा खड़गे जल्द ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे चुनावी राज्यों का दौरा करेंगे। (फाइल फोटो) नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस नेता शशि थरूर हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव हार गए। शशि थरूर यह चुनाव मल्लिकार्जुन खड़गे से हारे हैं। इस बीच, शशि थरूर ने कहा कि मैं चुनाव परिणामों से परेशान नहीं हूं। यह शुरू से ही स्पष्ट था कि पार्टी के बड़े नेता मेरे प्रतिद्वंद्वी (मल्लिकार्जु खड़गे) के साथ रहेंगे। साथ ही कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पार्टी के अधिकांश सदस्य अपने में से एक का ही समर्थन करेंगे। पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद खड़गे ने गुरुवार को अपने ट्विटर बायो को बदल दिया है। खड़गे ने अपने ट्विटर बायो पर 'अध्यक्षः इंडियन नेशनल कांग्रेस' (President: INC) लिखा है। । अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे ने थरूर को बड़े अंतर से हराया है। कांग्रेस को 24 सालों बाद गैर गांधी परिवार से अध्यक्ष मिला है। खड़गे को अध्यक्ष पद के चुनाव में 7,897 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी थरूर को 1,072 वोट मिले। कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 26 अक्टूबर को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में पदभार ग्रहण करेंगे। सभी कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सांसद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, सीएलपी नेता, पूर्व सीएम, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अन्य एआईसीसी पदाधिकारियों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। इन सभी नेताओं और पदाधिकारियों को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा निमंत्रण भेजा गया है। सूत्रों ने कहा कि खड़गे के पद संभालने के बाद कांग्रेस जल्द ही राजस्थान कांग्रेस संकट को हल करने की उम्मीद कर रही है। इसके अलावा, खड़गे जल्द ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे चुनावी राज्यों का दौरा करेंगे। अपनी चुनावी जीत के तुरंत बाद खड़गे ने कहा कि पार्टी ने ऐसे समय में संगठनात्मक चुनाव कराकर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का उदाहरण पेश किया है, जब देश में लोकतंत्र खतरे में है। अपनी जीत के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने देश के 75 साल के इतिहास में 'लोकतंत्र को लगातार मजबूत किया है' और संविधान की रक्षा की है।
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बॉलीवुड के अंदर आपने सभी ने सेलेब्स को गुस्सा करते हुए एक नहीं बल्कि कई बार देखा होगा। गुस्से में आकर वो कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिसकी वजह से लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाते हैं, ऐसा ही कुछ हुआ हाल ही में पिता बनने वाले रण्वीर कपूर के हाथ, जिसकी वजह से अब उनके नाम को सोशल मीडिया पर उछाला जा रहा है. बॉलीवुड एक्टर Ranbir Kapoor का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है, जैसा कि आप सभी को पता है एक्टर जहां भी जाते हैं फैंस की भीड़ उमड़ पड़ती है। हर कोई रणबीर के साथ फोटो खिंचवाने की जद्दोजहद में रहता है। रणबीर भी अपने फैंस से बड़े प्यार से मिलते हैं। मगर, हाल ही में उन्हें पता नहीं क्या हुआ कि उन्होंने अपने एक फैन का मोबाइल की उठाकर फेंक दिया. वायरल वीडियो में रणबीर कपूर के साथ एक फैन बार-बार फोटो लेने की कोशिश करता है, एक्टर भी पहले तो हंसते-मुस्कुराते कैमरे के लिए पोज करते हैं, फिर वह फैन से फोटो देखने के लिए मोबाइल मांगते हैं, फिर चेहरा बनाते हुए मोबाइल पीछे की तरफ फेंक देते हैं, उनके इस वीडियो के वायरल होते ही अब लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं, जिसमें एक यूजर का कहना है कि 'और बनो फैन इनके। ', तो दूसरे ने लिखा है कि क्या बकवास है ये वहीं आपको बता दें वीडियो सेलिब्रेटी फोटोग्राफर विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है.
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बिहार का अतीत बेहद गौरवशाली रहा है। मगर, आधुनिक भारत की जब हम बात करते हैं, तो बिहार की चर्चा एक पिछड़े प्रदेश के तौर पर होती है। जो बिहार कभी राजनीति, ज्ञान, धर्म, अध्यात्म और शिक्षा के क्षेत्र में न सिर्फ भारतवर्ष में बल्कि विश्व में अग्रणी रहा, वह बिहार आज हर क्षेत्र में पिछड़ा है। ऐसे में बरबस यह सवाल उठता है, आखिर क्यों? बिहार की बर्बादी में मुस्लिम आक्रमणकारियों से लेकर अंग्रेजों तक ने तो बड़ी भूमिका निभाई ही, आजादी के बाद भारत और बिहार के नेताओं का योगदान भी कम नहीं रहा। शहरीकरण और औद्योगीकरण के माध्यम से देश के विकास का स्वप्न देखने वाले नेताओं ने शासन के लिए बिहार के मगध साम्राज्य के महान सम्राट अशोक को रोल मॉडल माना और अशोक स्तंभ और अशोक चक्र को भारत के प्रतीक चिह्न के तौर पर तो अपनाया, मगर विकास की यात्रा में बिहार को हमेशा बैक सीट के लायक ही समझा। यह बिहार की उर्वरा की ही बात है कि आर्थिक मोर्चेपर बेहद पिछड़ जाने के बावजूद बिहार के युवा अपनी मेहनत और शिक्षा के बल पर विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पद हासिल करने में लगातार कामयाब होते रहे हैं। बहरहाल, अतीत से निकलकर आज की भी बात करें, तो बिहार संभावनाओं से भरी भूमि है। मिट्टी और पानी बिहार की सबसे बड़ी ताकत है। बिहार की मिट्टी असीम उर्वर संभावनाओं से भरी है, जो कि धान, गेहूं, दलहन-तिलहन, सब्जियों और विभिन्न प्रकार के फलों के लिए बेहद उत्तम है। पानी की भी यहां कोई कमी नहीं है- चाहे पीने के पानी की बात हो या सिंचाई के लिए पानी की। गंगा समेत छोटी-बड़ी सैंकड़ों नदियों का प्रदेश में जाल बिछा हुआ है। मगर, उचित जल प्रबंधन के अभाव से वरदान स्वरूप यही नदियां बार-बार विनाश का रूप धर लेती हैं। बारिश के मौसम में बाढ़ बिहार की स्थायी और बेहद गंभीर समस्या बनी हुई है। कोशी नदी को तो 'बिहार का अभिशाप' संबोधित कर बच्चों तक को पाठ्यक्रम की किताबों में पाठ के तौर पर पढ़ाया जाता है। सिर्फ कोशी ही नहीं, छोटी-छोटी नदियां भी बाढ़ का कारण बन जाती हैं और प्रायः किसानों का काफी नुकसान कर जाती हैं। उचित जल प्रबंधन के अभाव और पुराने तालाबों-खत्तों-पाइनों को स्थानीय किसानों द्वार कब्जा कर खेत बना लेने की नीयत ने जल संग्रह के पुराने साधनों को भी खत्म कर दिया है। फलस्वरूप, नदियों में पानी की अधिकता होने पर बाढ़ और पानी की कमी की स्थिति में सूखे की समस्या से किसानों को जूझना पड़ता है। नतीजा है, कृषि पूर्णतया भगवान भरोसे और नुकसान का सौदा बन गई है। किसान लगातार कृषि से विमुख होते जा रहे हैं। वे अपनी अगली पीढ़ी को हर कीमत पर खेती से दूर रखना चाहते हैं। बच्चों को ऊंची शिक्षा या कहें अच्छी नौकरी लायक शिक्षा दिलाने के लिए पुश्तैनी खेत बेच देने में भी कोई बुराई नहीं देखते। बड़े और मंझोले किस्म के लगभग किसान खेती से पलायन कर चुके हैं। इनके अलावा बिहार में स्वास्थ्य पर्यटने को भी बड़ी सहजता से विकसित किया जा सकता है। बिहार के युवाओं में शिक्षा के प्रति सब से अधिक दिलचस्पी होने से डॉक्टरों की यहां भारी संख्या है। दूसरे राज्यों और बड़े शहरों की तुलना में यहां इलाज सस्ता भी है। सरकार पंचसितारा किस्म के अस्पतालों को शुरू करने में मदद कर स्वास्थ्य लाभ के बहाने आराम करने की मानसिकता से उपजे बाजार को बढ़ावा दे सकती है। बिहार में 'एजुकेशन हब' की भी बड़ी संभावना है। कृषि प्रधान राज्य होने और कृषि के गर्त में चले जाने की वजह से पिछले दो-तीन दशकों से बिहार के युवाओं और उनके अभिभावकों की नज़र सिर्फ और सिर्फ शिक्षा की तरफ है, इस वजह से बिहार में नौकरी पानेवाली शिक्षा और कोचिंग सेंटरों का बाजार खूब बढ़ा है। राजधानी पटना की मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक में कोचिंग सेंटर खुल गए हैं और इनके प्रचार से राजधानी पटी हुई है। शाम में फुटपाथ पर भी प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें बेचनेवालों के पास छात्रों की भारी भीड़ होती है। ऐसा लगता है, मानो पूरे शहर में कोई मेला चल रहा हो। बिहार छोटे-छोटे शहरों में भी यही हाल है। इस वजह से बिहार में अच्छे शिक्षकों की संख्या भी बढ़ी है। सुपर थर्टी के मेंटौर आनन्द कुमार की प्रसिद्धि आज न सिर्फ बिहार के बाहर पूरे भारतवर्ष, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी गूंज रही है। सरकार शिक्षा के लिए ज़रूरी वातावरण तैयार कर और शहर में आनेवाले शिक्षार्थियों को जरूरी नागरिक सुविधाएं देकर शिक्षा के बढ़ते बाजार को रोजगार की बड़ी संभावना के तौर पर विकसित कर सकती है। वैसे नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया जाना बेशक बड़ी रचनात्मक पहल है। लेकिन, राजधानी की बुनियादी सुविधाओं- बिजली, सड़क और कानून व्यवस्था को सुधारने की चुनौती का सामना करने की हिम्मत दिखाना अभी शेष है। दुनिया चाहे बढ़ती जनसंख्या को अभिशाप मानती रही है, मगर चीन ने दुनिया के बाजार पर एकाधिकार सा प्राप्त कर दुनिया को सोचने पर बाध्य कर दिया है कि जनसंख्या को वरदान में बदला जा सकता है। बिहार की आबादी भी भूमि के क्षेत्रफल की तुलना में पूरे देश में सबसे अधिक है। अगर सरकार अपनी नीति और नीयत को विकासवादी बना लें तो बिहार के कुशल-अकुशल युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर देश-विदेश के बाजार में बिहार की महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा सकती है। इस प्रकार हम पाते हैं कि बिहार में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है, मगर सरकार की अदूरदर्शी नीतियों और स्वार्थपरक राजनीतिक दृष्टि के कारण विकास की तमाम संभावनाओं के बावजूद बिहार पिछड़ा है। पड़ोसियों और मेहमानों का पेट भरना तो दूर अपनों का पेट भरने में भी असमर्थ है, और बिहार के सपूत देश-विदेश पलायन करने और बाहरी होने का अपमानदंश सहने को मजबूर हैं।
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कार्तिक आर्यन अभी भी अपनी आखिरी फिल्म 'भूल भुलैया 2' की Success का Enjoy उठा रहे हैं. . . जो 2022 की ब्लॉकबस्टर्स में से एक थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की थी. कार्तिक आर्यन अभी भी अपनी आखिरी फिल्म 'भूल भुलैया 2' की Success का Enjoy उठा रहे हैं. . . जो 2022 की ब्लॉकबस्टर्स में से एक थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की थी. तो वहीं कार्तिक अपनी अपकमिंग फिल्मों की शूटिंग में बिजी हो गए हैं. जी. . . जानते अब कार्तिक आर्यन की अगली फिल्मों और उनकी रिलीज के बारे में. . . शहजादा कार्तिक आर्यन की एक तेलुगु फिल्म का हिंदी रीमेक फिल्म है. . . इसमें वो रोल निभा रहे हैं, जो तेलुगु फिल्म में अल्लू अर्जुन ने किया था. वहीं रोहित धवन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में कार्तिक की 'लुका छुपी' की को-एक्ट्रेस कृति सेनन भी हैं. और ये फिल्म अगले साल 10 फरवरी को रिलीज होगी. हंसल मेहता की अपकमिंग फिल्म 'कैप्टन इंडिया' के लिए कार्तिक आर्यन को साइन किया गया है. ये फिल्म युद्धग्रस्त देश से भारत के सबसे बड़े और सफल बचाव मिशन से प्रेरित होगी. 'कैप्टन इंडिया' से कार्तिक आर्यन का फर्स्ट लुक निर्माताओं द्वारा जारी किया गया था, जिसमें एक्टर को पायलट के रूप में दिखाया गया है. लेखक और निर्माता हरमन बावेजा ने एक बयान में कहा कि 'कैप्टन इंडिया' हर भारतीय को पसंद आएगा. इतना ही नहीं. . . कार्तिक आर्यन बॉलीवुड की सबसे रोमांटिक फिल्मों में से एक आशिकी की फ्रेंचाइजी का हिस्सा बन गए हैं. उन्होंने अनुराग बासू की 'आशिकी 3' साइन की है, जिसकी जानकारी उन्होंने खुद दी है. अभिनेता ने सोशल मीडिया पर ये खबर शेयर की है और फिल्म को लेकर अपनी खुशी जाहिर की है. क्योंकि, कार्तिक का कहना है कि वो इस फिल्म को देखकर बड़े हुए हैं. कार्तिक ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया और लिखा- 'अब तेरे बिन जी लेंगे हम, जहर जिंदगी का पी लेंगे हम. #Aashiqui3. ये दिल दहलाने वाली होने वाली है. बासु दा के साथ मेरी पहली फिल्म. ' इस खबर के आते ही 'आशिकी' सीरीज के फैंस और कार्तिक आर्यन के फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं रह गया है. कार्तिक के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कई यूजर्स ने इसे लेकर अपनी खुशी जाहिर किया है.
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नीलसन के अनुसार @SportsTVRatings के माध्यम से डब्ल्यूडब्ल्यूई के मंगलवार के लाइव एपिसोड में जिसमें ब्रॉसन रीड ने जॉनी गार्गानो को हराकर स्टील केज मेन इवेंट में एनएक्सटी नॉर्थ अमेरिकन टाइटल जीता था। यूएसए नेटवर्क पर 700,000 दर्शकों को आकर्षित किया। यह दर्शकों की संख्या पिछले सप्ताह के शो से 0. 43% अधिक है। अगर पिछले हफ्ते की बात करें तो पिछले सप्ताह एनएक्सटी की व्यूअरशिप 697,000 रही थी। पिछले हफ्ते का एनएक्सटी केबल टॉप 150 पर #25वें स्थान पर था और 18-49 मेन डेमो में 0. 17 रेटिंग के साथ था। दर्शकों की संख्या में केबल पर रात के लिए पिछले हफ्ते के एनएक्सटी शो को #64 स्थान मिला था। इस हफ्ते की एनएक्सटी दर्शकों की संख्या पिछले मंगलवार के शो से 0. 43% अधिक थी। इस हफ्ते की एऩएक्सटी व्यूअरशिप 2020 में इसी हफ्ते की तुलना में 18. 2% ज्यादा है। अगर आने वाले हफ्ते की बात करें तो अगले सप्ताह एनएक्सटी की व्यूअरशिप में कुछ और इजाफा देखने को मिल सकता है। क्योंकि अगले हफ्ते एनएक्सटी टाइटल के लिए कैरियन क्रॉस का मुकाबला फिन बैलर से होने वाला है। वहीं अगले हफ्ते फ्रेंकी मोनेट को भी इन रिंग डेब्यू होने वाला है। लेकिन उनका प्रतिद्वंदी कौन होगा। इसके बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन अगर इस हफ्ते की तरह ही अगले हफ्ते एनएक्सटी में काफी शानदार मैच देखने को मिल सकते हैं।
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नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस से जुड़ी कई अव्यवस्थाओं के आरोप लगाए हैं। विजयवर्गीय ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से जुड़ी मौतों की संख्या से छेड़छाड़ की जा रही है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की सरकार सूबे के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्र सरकार के खिलाफ टकराव का रवैया अपना रही है। विजयवर्गीय ने अपने पत्र में लिखा है, 'मैं यह पत्र गहरी पीड़ा के साथ लिख रहा हूं। एक तरफ तो पश्चिम बंगाल के लोग कोरोना वायरस महामारी से पीड़ित हैं और दूसरी तरफ आप ओछी राजनीति कर रही हैं। ममता दीदी, यह समय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल महामहिम श्री जगदीप धनखड़ और भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टकराव का रवैया अपनाने का नहीं है। यह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और सांसदों के खिलाफ प्रतिशोध का भी समय नहीं है। ' पश्चिम बंगाल में महामारी से लड़ने की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए विजयवर्गीय ने लिखा है कि इस समय उन्हें राजनीति करने की बजाय सूबे के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अच्छी क्वॉलिटी के पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करवानी चाहिए। विजयवर्गीय ने अन्य राज्यों से पश्चिम बंगाल की तुलना करते हुए लिखा है कि एक तरफ जहां दूसरे राज्यों में काफी ज्यादा टेस्ट हुए हैं वहीं बंगाल में सिर्फ 12 हजार से कुछ ज्यादा। विजयवर्गीय ने लिखा कि यदि ज्यादा टेस्ट हों तो पश्चिम बंगाल में और भी मामले सामने आ सकते हैं। विजयवर्गीय ने अपने पत्र में सूबे में लॉकडाउन के हालात पर भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है, 'राज्य में लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने में आपकी नाकामी के चलते हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। ' उन्होंने पश्चिम बंगाल में केंद्र की टीम को जांच करने से रोके जाने को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि सीएम के व्यवहार के चलते कोरोना वायरस से संक्रमण के सही आंकड़े मिलने में दिक्कत आ रही है। साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति के भी आरोप लगाए।
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बॉलीवुड अभिनेत्री अदा शर्मा एक बार फिर से विद्युत् जामवाल की फिल्म 'कमांडो2' में हमे नजर आने वाली है. अभी हाल ही के अपने एक बयान में अभिनेत्री ने अपनी इस फिल्म के बारे में दिल खोलकर बाते की व साथ ही साथ यह भी कहा है की उन्होंने अपनी इस आगामी फिल्म में काफी मारधाड़ वाले द्र्श्य को भी अंजाम दिए है जिसको करने में उन्हें काफी मजा भी आया है. जी हाँ अभिनेत्री ने अपने बयान में अपनी इस फिल्म के बारे में आगे कहा कि, ऊंची हील के जूते में फिल्म के मारधाड़ वाले दृश्यों को करके मुझे काफी आनंद आया. अदा शर्मा जल्द ही एक्शन थ्रिलर 'कमांडो 2 : दि ब्लैक मनी ट्रेल' में नजर आने वाली है. फिल्म में हमे अभिनेता विद्युत् जामवाल का भी दमदार एक्शन देखने को मिलने वाला है. अभिनेत्री अदा शर्मा ने अपनी इस फिल्म के बारे में बताया कि, फिल्म में उनकी भूमिका एक एनकांउटर विशेषज्ञ की है. अभिनेत्री अदा लैगिक समानता की पक्षधर हैं. उनका मानना है कि एक पुरुष की तरह नायिका भी मारधाड़ वाले दृश्यों को प्रमाणिकता के साथ कर सकती हैं. अदा ने कहा, "फिल्म में मेरा किरदार काफी झक्की तरह का है. एक छोटे शहर से आने के कारण वह पूरी दुनिया घूमना चाहती है. वह जो भी अपने दिमाग में आता है बिना सोचे ही बोल देती है. मैंने सही तरह से हैदराबादी लहजे के उच्चारण पर ज्यादा मेहनत की है. " यह फिल्म जल्द ही हमे 3 मार्च को देशभर के सिनेमाघरो दिखाई देगी. जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है.
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कोरोना महामारी को रोकने के लिए भारत के पहले स्वदेशी टीके कोवाक्सिन को आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी मिल सकती है। आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की बैठक में यह फैसला लिया जा सकता है। कृषि कानूनों को निरस्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित दूसरी मांगों के समर्थन में किसानों के आंदोलन के 11 महीने पूरे मंगलवार को पूरे हो जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मौके पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के दौरान पर विरोध जताने का निर्णय लिया है। सरयू आरती करते अरविंद केजरीवाल। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को अयोध्या पहुंच गए। उन्होंने हाईवे स्थित एक होटल में विश्राम किया। सीएम केजरीवाल आज शाम 6:00 बजे सरयू आरती में शामिल हुए। उन्होंने ट्वीट किया कि भगवान श्रीराम जी की नगरी अयोध्या में मां सरयू आरती में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दिल्ली की बारिश ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। 120 सालों में दूसरी बार सबसे ज्यादा सालाना बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के दर्ज इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश अपने नाम करने के आंकड़े से साल 2021 सिर्फ 32 मिमी पीछे है। अगले दो महीने में अगर इतनी मात्रा में दिल्ली में बारिश होती है तो इस साल की बारिश ऑल टाइम का रिकॉर्ड बनाएगी। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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बिलासपुर। 40 Plus Football Competition: श्रीसाईं समिति एवं जिला फुटबाल संघ बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में 15 मार्च से 40 प्लस फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन होना है। इसको लेकर रविवार की सुबह आयोजन समिति की बैठक हुई। इसमे प्रतियोगिता की तैयारी के साथ फीचर तैयार किया गया। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है इस बार सभी मैच दूधिया रोशनी में खेला जाएगा। आयोजन समिति के व वरिष्ठ रेलवे फुटबाल खिलाड़ी सानंद कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार 15000 हजार नगद एवं ट्राफी रहेगा। उपविजेता के रूप मे द्वितीय पुरस्कार 8000 हजार नगद एवं ट्राफी रहेगा। इसके अलावा प्रतिदिन खेले जाने वाले मैच में मैन आफ द मैच, सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर, सर्वश्रेष्ठ डिफेंस का पुरस्कार भी दिया जाएगा। इसके अलावा प्लेयर आफ द टूर्नामेंट का अवार्ड दिया जाएगा। सानंद कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 40 साल से ऊपर वाले खिलाड़ी ही शिरकत करेंगे। इसमें आसपास की टीमों के साथ रेलवे टीम से खेलने वाले वरिष्ठ खिलाड़ियों की टीमें शिरकत करेंगे। इन टीमों मे ऐसे भी खिलाड़ी रहेंगे जो रेलवे की टीम से खेलते हुए बिलासपुर का नाम राष्ट्रीय स्पर्धा में रोशन कर चुके हैं। प्रतियोगिता लीग पद्घति पर होगा। जिसमें चार टीम को प्रवेश दिया जाएगा। जिसमे सभी टीम एक दूसरे से मुकाबला करेगी। जीत व अंक के आधार पर अंक तालिका में ऊपर रहने वाले दोनों टीम के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।
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पंजाब में ईटीटी के लिए शैक्षिक योग्यता में बदलाव कर दिया गया है। पहले इसकी शैक्षिक योग्यता 12वीं पास थी लेकिन अब ईटीटी वही कर सकेंगे जो ग्रेजुएट हों। गत सप्ताह हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहर लगी है। इन्द्रप्रीत सिंह,चंडीगढ़। पंजाब में एलीमेंट्री टीचर ट्रेनिंग (ईटीटी) करने के लिए शैक्षिक योग्यता में बदलाव कर दिया गया है। सरकार ने अब ईटीटी करने की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता बारहवीं के बजाय ग्रेजुएशन कर दी है। गत सप्ताह कैबिनेट की मीटिंग में इसे मंजूरी दी गई। दरअसल, यह कदम सरकार ने पूर्व सरकार की ओर से उठाए गए गलत को ठीक करने के इरादे से किया है। इसके साथ ही 5994 ईटीटी के पदों पर भर्ती के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें एक बड़ी राहत देते हुए कहा है गया है कि सभी बारहवीं पास करके ईटीटी करने वाले भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दें, 2018 में सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए ईटीटी की नौकरी के लिए योग्यता बीए कर दी, जबकि ईटीटी करने के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया। ईटीटी करने के लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं ही रखी गई। ऐसे में ईटीटी करने वाले ये अध्यापक नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे उनके लिए पहले बीए करना लाजमी थी जिस कारण बहुत सी नौकरियाें पर वे आवेदन ही नहीं कर सके। नौकरियों पाने वाले ये ईटीटी अध्यापक यूनियनें लगातार मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर शिक्षा मंत्री के आवास पर धरना दे रहे हैं। 26 अगस्त को हुई कैबिनेट की मीटिंग में इन सभी को एक बार यह राहत दी गई है कि बारहवीं पास करके ईटीटी करने वाले भी नई निकलने वाली 5994 नौकरियां के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 2018 में जब ईटीटी के पदों पर नौकरी पाने वालों के लिए शैक्षिक योग्यता बीए कर दी गई तो यह एक तकनीकी खामी आ गई कि ईटीटी करने के लिए योग्यता आज भी बारहवीं पास ही रखी गई है, इसलिए इसमें एक अहम बदलाव किया गया है। अब पंजाब में ईटीटी करने के लिए बारहवीं नहीं बीए न्यूनतम योग्यता होगी। मुख्य सचिव ने बताया कि चूंकि 5994 ईटीटी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया को कैबिनेट मंजूरी दे दी है, इसलिए ऐसे में यह जरूरी था कि बारहवीं पास करके ईटीटी करने वालों को एकबारगी राहत दी जाए। कैबिनेट ने इसे मंजूर कर लिया है। हम जल्द ही 5994 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं।
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इशिका ठाकुर,करनालः करनाल गन्ना रेट वृद्धि की मांग को लेकर किसानों ने हरियाणा की 14 शुगर मिलो को बंद कर दिया है। जहां पर बैठकर किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों का धन्यवाद करते हुए कहा है कि किसानों का ही प्रयास है, जिस कारण पहली बार हरियाणा के अंदर 14 की 14 शुगर मिलो को किसानों ने बंद कर दिया है। आने वाली 23 जनवरी को किसानों की बैठक होगी। जिसमें एक बड़ा फैसला किसान लेंगे। करनाल पहुंचें गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा की प्रत्येक मिल के सामने भारी संख्या में किसान बैठे हुए है और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। किसानों का इरादा बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता अपना रही है। कई बार किसानों ने मंत्रियों को ज्ञापन दिए, लेकिन गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया गया। यहां तक कि प्रदर्शन कर चुके है और मंत्रियों व सरकार के पुतले जला चुके है। जिस कारण आज किसानों को शुगर मिले बंद करनी पड़ी है। चढूनी ने कहा कि 23 जनवरी को कुरूक्षेत्र की सैनी धर्मशाला में सभी शुगर मिलो के प्रतिनिधि बुलाए गए है। इस मीटिंग में कोई कड़ा फैसला लिया जाएगा। चढूनी ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत से कभी इंकार नहीं किया गया है। किसानों को सिर्फ अपनी गन्ने की फसल का भाव लेने से मतलब है। जब भी सरकार उनसे बात करना चाहे वह कर सकती है। किसान हर वक्त सरकार से बात करने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार उन्हें बात के लिए बुलाए तो। गन्ने की फसल पर पडऩे वाले प्रभाव को लेकर चढूनी ने कहा कि जब भी लड़ाई होती है तो उसमें नुकसान होना लाजमी है और किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे है। ऐसे में किसानों के गन्ने की फसल पर प्रभाव पड़ सकता है। इस लड़ाई के बारे में पहले ही किसानों को बता दिया गया था कि मिल बंद होने से किसानों को नुकसान होगा, लेकिन किसानों ने फैसला लिया था और उसी के बाद कदम उठाया गया है। किसानों ने यहां तक भी कह दिया था कि अगर कोई रेट नहीं मिल पाता है तो वे अपने गन्ने में आग लगा देंगे लेकिन शुगर मिलों को अपना गन्ना नहीं देंगे। उन्होंने सरकार को चेताया कि अभी तो किसान अपना नुकसान कर रहा है ऐसा ना हो कि किसान सरकार का नुकसान करने पर उतर आए और किसानों को सड़कें रोकनी पड़े या फिर किसी अन्य तरह का उग्र प्रदर्शन करना पड़े। करनाल शुगर मिल पर भी किसानों ने ताला लगाया किसानों का कहना है कि कल बारिश थी और व्यवस्था भी सही नहीं थी कल ताला नहीं लगाया था लेकिन आज हमने ताला लगा दिया है । किसानों का कहना है कि हरियाणा भर की शुगर मिलों में कल से ही तालाबंदी कर देगी थी और मिले बंद हो चुके हैं लेकिन कल बूंदाबांदी की वजह से हमने यहां ताला नहीं लगाया था व्यवस्था में कुछ कमी थी आज हमने यहां पर ताला लगा दिया है और जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक यह तालाबंदी जारी रहेगी उनसे जब पूछा गया कि सरकार से आपकी किसी की बातचीत हुई थी उनका कहना था फिर हाल ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया और ना ही किसी से कोई बातचीत हुई है सरकार को किसानों की मांगें माननी पड़ेगी ।
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आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने रविवार को बिहार की एनडीए सरकार के खिलाफ पिछले 15 सालों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया. पटना में संपूर्ण क्रांति दिवस सम्मेलन के मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लुटेरी सरकार, परेशान बिहार नाम से रिपोर्ट कार्ड को जारी करते हुए नीति आयोग की रिपोर्ट का भी हवाला दिया. सम्मेलन में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागपुर (आरएसएस मुख्यालय ) के इशारे पर काम करते हैं. सेहत ठीक न होने के कारण लालू यादव कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे. 32 पन्नों के इस रिपोर्ट कार्ड में महागठबंधन ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बेरोजगारी, शराबबंदी, सात निश्चय योजना, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को विफल बताया. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागपुर (आरएसएस मुख्यालय ) के इशारे पर काम करते हैं. उसने कहा कि बिहार विकास के सभी पैमानों पर सबसे पीछे हैं. तेजस्वी ने कहा कि बिहार बेरोजगारी का केंद्र बन गया है. तेजस्वी यादव ने ऐलान किया कि अगस्त क्रांति के अवसर पर 7 अगस्त को आरजेडी बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी. तेजस्वी ने बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी केवल देश में हिंदू-मुसलमान, मंदिर और मस्जिद की बात करती है क्योंकि यही उनका वोट बैंक है. बीजेपी के द्वारा लगातार हिंदुओं को खतरे में बताए जाने वाले बयान को लेकर तेजस्वी ने कहा कि जब देश की तीनों सेनाओं के अध्यक्ष हिंदू हैं, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति हिंदू हैं, सभी मुख्यमंत्री हिंदू हैं तो फिर आखिर कैसे इस देश में हिंदू खतरे में है? बिहार में जल्द शुरू होने वाले जाति आधारित सर्वे को लेकर भी तेजस्वी यादव ने क्रेडिट लेते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि जाति आधारित गणना कराने के मुद्दे पर सरकार को झुकना पड़ेगा, केवल उसको झुकाने वाला चाहिए. 'अपने समय का रिपोर्ट कार्ड जारी करे आरजेडी' उन्होंने कहा कि आरजेडी की सरकार में अपहरण उद्योग बन गया था. बिहार की सड़कें गड्ढों में बदल गई थीं. हजारों लोगों को बिहार छोड़ना पड़ गया था. हजारों स्कूल बंद हो गए और चरवाहा स्कूल शुरू हो गए थे. बिहार अंधेरे में डूब गया था. लोगों के हाथ में लालटेन थमा दी गई थी.
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वरुण धवन द्वारा अभिनीत फिल्म 'जुड़वा 2' का ट्रेलर रिलीज हो गया है जो कि कॉमेडी और ठहाकों का धमाका है। फिल्म में वरुण जुड़वा राजा और प्रेम का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म सलमान खान और करिश्मा कपूर की 1997 में आई जुड़वा का सीक्वल है। प्रेम और राजा के अलग-अलग किरादारों को वरुण ने बखूबी निभाया है और कॉमेडी भी मज़ेदार है। हीरोइन जैकलिन फर्नांडीज और तापसी पन्नू अपने हॉट और ग्लैमरस अवतारों में पूरी तरह से दिलों को जीत रही हैं। ट्रेलर में सीधा राजा अपनी प्रॉबल्म हास्य अभिनेता अली असगर को सुनाते हुए दिख रहे है, जिनका फिल्म में साईकेट्रिस्ट का रोल है। सबसे खास इस ट्रेलर में इसके गाने है। पुराने गानें 'ऊंची है बिल्डिंग' और 'टन टना टन' के नए वर्ज़न ने मज़ा ला दिया है। यह गानें बहुत जल्द ही पार्टी थीम बनने वाले है जिन्हें सुनकर कोई भी नाचे बगैर नहीं रह पाएगा। यह फिल्म जुड़वां भाइयों के बारे में है, जो जेनेटिकली अजीब तरीके से जुड़े हुए हैं और एक दूसरे के द्वारा की गई हरकतें फिल्म को कॉमेडी का रूप दे देती है। ट्रेलर में पावर पैक डायलॉगस भी हैं। 'जुड़वा 2' को भी डेविड धवन ने डायरेक्ट किया है, जिन्होंने 'जुड़वा' को निर्देशित किया था। यह एक परिवारिक मनोरंजक फिल्म है जो साजिद नडियादवाला द्वारा निर्मित है। फिल्म 29 सितम्बर 2017 को रिलीज़ होगी।
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Chanakya Niti: अर्थशास्त्र के आदर्श माने जाने वाले चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में कई बातों का उल्लेख किया है। जिसे आज़माकर इंसान अच्छे काम कर सकता है। एक अच्छा जीवन जीने के लिए पैसा सबसे ज़रूरी होता है। इसलिए इंसान कोशिश करता है की वो ज़्यादा से ज़्यादा पैसे कमाएं। चाणक्य नीति के अनुसार धन के मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इसलिए इन गुणों को अपनाकर इंसान अमीर बन सकता है। आइए जानते हैं अमीर बनने के लिए इंसान में कौन से गुण होने चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान समय की परवाह करता है और उसके मुताबिक चलता है। वो जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता है। आगे बढ़ने के लिए हमेशा समय की कद्र करें। माँ लक्ष्मी भी उसी इंसान पर खुश होती हैं, जो समय के साथ चलता है। चाणक्य कहते हैं कि इंसान के जीवन में सफल होने के लिए और धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्य का निर्धारित होना आवश्यक है। ऐसा नहीं होने पर इंसान धन की प्राप्ति नहीं कर पाता और सफलता कोसो दूर चली जाती है। साथ ही कभी भी अपनी योजनाओं के बारे में किसी और को नहीं बताना चाहिए। चाणक्य के मुताबिक, पैसा कमाने के लिए सबसे जरूरी होता है कि आपका लक्ष्य क्या है। लक्ष्य के बिना कोई भी व्यक्ति पैसा नहीं कमा सकता। लक्ष्य पैसा कमाने में व्यक्ति की काफी मदद करता है। चाणक्य कहते हैं वो इंसान कभी हार नहीं सकता जो मेहनत करना जानता है। मेहनती इंसान धीरे-धीरे अपनी मज़िल पा ही लेता है। मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसे इंसान को कामयाबी भले देरी से मिले लेकिन मिलती ज़रूर है। जो व्यक्ति पैसे को पानी की तरह बहाता है और बुरे समय के लिए बचाकर नहीं रखता वो मूर्ख कहलाता है, उसे एक समय के बाद परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, जो व्यक्ति कठिन समय के लिए पैसे बचाकर रखता है वो बुद्धिमान कहलाता है और ऐसे व्यक्ति का साथ माँ लक्ष्मी कभी नहीं छोड़ती। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है। )
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उम्र बढ़ने के अलावा, अत्यधिक वजन, निष्क्रियता और अचेतन खेल के कारण विकसित होने वाले संयुक्त कैल्सीफिकेशन सभी उम्र के लोगों के जीवन के आराम को छीन सकते हैं। सभी स्वास्थ्य समस्याओं की तरह संयुक्त कैल्सीफिकेशन में शीघ्र निदान के महत्व पर ध्यान आकर्षित करते हुए, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक विशेषज्ञ से परामर्श किया जाना चाहिए जब गंभीर दर्द, जोड़ों से शोर, जोड़ों में सनसनी पर क्लिक करना, अटक जाना या दैनिक गतिविधियों के दौरान बंद होना जैसी समस्याएं हों। . अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया में एक चौथाई वयस्क मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं से जूझते हैं जो दैनिक गतिविधि को सीमित करते हैं। संयुक्त कैल्सीफिकेशन इन समस्याओं में सबसे पहले हैं। Kızılay Kağıthane अस्पताल के डॉक्टरों में से एक, हड्डी रोग और ट्रॉमेटोलॉजी विशेषज्ञ ऑप। डॉ। हक्की यिलिरिम ने कहा, "संयुक्त कैल्सीफिकेशन, जिसे 7 के दशक की समस्या के रूप में जाना जाता है, आज 70 के दशक में आ गया है। संयुक्त कैल्सीफिकेशन, जो वैश्विक महामारी के कारण निष्क्रियता के कारण तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं, उनके प्रगति से पहले प्रारंभिक चरण में इलाज किया जाना चाहिए। अन्यथा, जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, वे असहनीय दर्द से अपना जीवन आराम खो सकते हैं, "उन्होंने चेतावनी दी। अगर दर्द 3 दिन से ज्यादा रहता है तो हो जाएं सावधान! यह इंगित करते हुए कि एक विशेषज्ञ से परामर्श किया जाना चाहिए जब शरीर के किसी भी संयुक्त क्षेत्र में दर्द होता है जो दैनिक गतिविधियों को सीमित करता है और 3 दिनों से अधिक समय तक रहता है, ओप। डॉ। हक्की यिल्दिरिम ने कहा, "ये दर्द असहनीय दर्द के अग्रदूत भी हो सकते हैं जो महीनों तक चलते हैं और धीरे-धीरे गंभीरता में वृद्धि करते हैं। उम्र बढ़ने के कारण संयुक्त कैल्सीफिकेशन अचानक प्रकट हो सकते हैं, धीरे-धीरे प्रगति कर सकते हैं, या आघात के कारण विकसित हो सकते हैं। कई बीमारियों की तरह, संयुक्त कैल्सीफिकेशन में शीघ्र निदान का बहुत महत्व है। जीवन आराम की स्थिरता के लिए शरीर के संयुक्त क्षेत्रों में दर्द की आवाज सुनकर संयुक्त-संरक्षण सर्जरी के लिए आवेदन करना बहुत महत्वपूर्ण है! गंभीर दर्द, जो आंदोलन को प्रतिबंधित करता है, जोड़ों में शोर, जोड़ों में सनसनी पर क्लिक करना, दैनिक गतिविधियों के दौरान अटक जाना या बंद होना जैसी समस्याओं के मामले में हड्डी रोग चिकित्सक से परामर्श करना उपयोगी होता है! कहा। यह देखते हुए कि संयुक्त क्षेत्रों में कैल्सीफिकेशन उपास्थि ऊतक को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं, ओप। डॉ। हक्की यिल्दिरिम ने कहा, "क्षतिग्रस्त उपास्थि ऊतक ठीक नहीं होता है यदि कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाता है। संयुक्त-बख्शने वाली सर्जरी उपास्थि क्षति की और प्रगति को रोकती है। उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए धन्यवाद, हम इस तरह के नुकसान के लिए खुली सर्जरी की आवश्यकता के बिना, आर्थ्रोस्कोपी प्रक्रिया को लागू करते हैं, जिसे हम बंद विधि कहते हैं। हम फाइबरऑप्टिक उपकरणों का उपयोग करके क्षतिग्रस्त ऊतकों की कल्पना और उपचार कर सकते हैं। यह विधि, जिसकी सफलता दर बहुत अधिक है, रोगियों को दर्द रहित उपचार के रूप में कम समय में अपने सामाजिक जीवन को जारी रखने की अनुमति देती है। हड्डी रोग और ट्रॉमेटोलॉजी विशेषज्ञ ऑप। डॉ। हक्की यिल्डिरिम ने कहा, "इन मामलों में, आर्थ्रोसिस उपचार लागू किया जाता है, जिसमें कृत्रिम प्रत्यारोपण खेल में आते हैं क्योंकि जोड़ पूरी तरह से खो जाते हैं। मेनिस्कस, पूर्वकाल क्रूसिएट लिगामेंट, लेटरल लिगामेंट्स और घुटने में कार्टिलेज आंसू, कंधे में टेंडन टियर, हिप इम्पिंगमेंट सिंड्रोम, हिप जॉइंट में लैब्रम टियर, और एंकल कार्टिलेज की समस्याएं भी जॉइंट-प्रिजर्विंग सर्जरी के क्षेत्र में शामिल हैं। हालांकि, ऐसी समस्याओं का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा उन्नत तकनीकों का उपयोग करके किया जाना चाहिए। संयुक्त रोगविज्ञान द्वारा निर्देशित उपचार के दौरान, एक अनुभवी आर्थोपेडिस्ट एक ही समय में कई प्रक्रियाएं कर सकता है, जिससे रोगियों को दूसरे ऑपरेशन की संभावना से बचाया जा सकता है।
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चेन्नै किसान आंदोलन के दौरान यदा-कदा तोड़-फोड़, हिंसा, राष्ट्र विरोधी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं तो संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति अपमानजनक भाषा का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। अब एक किसान संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसी टिप्पणी की है जो संवैधानिक लोकतंत्र की मर्यादा के लिहाज से कतई उचित नहीं मानी जा सकती है। ऑल फार्मर्स असोसिएशन को-ऑर्डिनेशन कमिटी (AFACC) ने शनिवार को कहा कि अगर किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोका जाएगा तो प्रधानमंत्री को भी तमिलनाडु में एंट्री नहीं दी जाएगी। पीएम मोदी का इसी महीने तमिलनाडु दौरा तय है। AFACC अध्यक्ष की पीएम मोदी को धमकी वहीं, एएफएसीसी का कहना है कि अगर किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और उनके धरना स्थलों पर बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो पीएम को भी तमिलनाडु में घुसने नहीं दिया जाएगा। संगठन के अध्यक्ष पीआर पांडियन ने कहा, "अगर प्रधानमंत्री किसानों को दिल्ली में आने की अनुमति नहीं देंगे तो तमिलनाडु के किसान उन्हें राज्य का दौरा नहीं करने देंगे। " उन्होंने दिल्ली की सीमा पर कंटीले तारों और पुलिस बैरिकेड्स को तुरंत हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी को किसानों को प्रताड़ित करना बंद कर देना चाहिए जिन्होंने उन्हें पहले वोट दिया है। " Kisan Andolan News : कृषि कानूनों पर भड़के आरएसएस नेता, केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर को कहा- सत्ता का नशा सिर पर चढ़ गया है आरोप- किसानों के बजाय कॉर्पोरेट्स के साथ हैं पीएम मोदी पांडियन ने तीनों केंद्रीय कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पीएम मोदी किसानों की मदद करने के बजाय कॉर्पोरेट घरानों का हित साध रहे हैं। उन्होंने कहा, "उनके शासनकाल में कॉर्पोरेट दिल्ली में कहीं भी आजादी से घूम रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से किसानों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इससे साफ पता चलता है कि बीजेपी किसानों का आदर नहीं करती है। " उन्होंने आगे कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि यह आंदोलन राजनीतिक लाभ या आम आदमी को परेशान करने के लिए नहीं हो रहा है। "
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टीवी स्टार्स करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश की जोड़ी को फैंस दिलो जान से पसंद करते हैं ऐसे में वह इनके मैरिज प्लान्स को जानने के लिए हमेशा उतावले हुए बैठे रहते हैं जिसपर हाल ही में खुद एक्ट्रेस ने करण से शादी के प्लान को लेकर बात की हैं। दलजीत कौर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं भले ही वह शादी के बाद एक्टिंग की दुनिया से अलग हो चुकी हो लेकिन आज भी उनके फैंस उनकी हर पोस्ट का बेसब्री से इंतज़ार किये रहते हैं हाल ही में एक्ट्रेस ने भी जेडन का एक अलग ही लुक दिखाया हैं। हाल ही में माता-पिता बने शोएब इब्राहिम और दीपिका कक्कर के घर नन्हे कदमो ने अपनी दस्तक दी। एक्ट्रेस ने बेबी बॉय को जन्म दिया जिसके बाद एक्टर शोएब ने खुद दीपिका की एक तस्वीर शेयर कर उनकी हेल्थ अपडेट्स दी। कॉमेडी का नंबर वन शो द कपिल शर्मा शो ने हाल ही में इस सीजन के लास्ट एपिसोड को शूट किया जिसके बाद शो के एक्टर्स ने लास्ट डे से कई तस्वीरो को साँझा किया इसमें इनके कई मस्तीभरे पल भी सामने आये। हाल ही में इंटरनेट पर कुछ तस्वीरें तेज़ी से वायरल हो रही हैं जिसमे दीपिका कक्कर को एक बच्चे को पकडे हुए देखा जा सकता हैं लेकिन ये बच्चा उनका नहीं बल्कि फोटोशॉप के ज़रिये एडिट किया गया हैं जबकि असलियत तो कुछ और ही हैं।
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1. माना जाता है कि सबसे छोटी उंगली अच्छी स्थिति में हो, सुंदर हो, भरी हुई हो, लंबी हो तो व्यक्ति दूसरों को बहुत जल्दी आकर्षित करने वाला होता है। 2. जिन लोगों की तर्जनी उंगली आगे से नुकीली होती है, वे बुद्धिमान होते हैं। ऐसे लोगों का दिमाग बहुत तेज चलता है। 3. छोटी उंगली सामान्य लंबाई से अधिक लंबी होने पर व्यक्ति बहुत चालक होता है। ऐसे लोग अपनी चतुराई से सफलता प्राप्त कर लेते हैं। 4. जिन लोगों की छोटी उंगली की लंबाई सामान्य है, वे घर-परिवार और समाज में उचित मान-सम्माान प्राप्त करते हैं। अपनी योग्यता के बल पर सफलता प्राप्त करते हैं। 5. अगर उंगली सामान्य लंबाई से अधिक छोटी हो तो व्यक्ति नासमझी में काम बिगाड़ सकता है। 6. . यदि छोटी उंगली का अंतिम भाग चौकोर दिखाई देखाई देता है तो वह व्यक्ति दूरदर्शी माना जाता है। 7. जिन लोगों की छोटी उंगली टेढ़ी होती है। वे कई बार अयोग्य साबित हो जाते हैं। यो लोग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। 8. जिन लोगों की छोटी उंगली सुंदर दिखाई देती है, वे लोग सर्वगुण संपन्न होते हैं। 9. यदि छोटी उंगली और अनामिका उंगली दोनों बराबर हैं तो व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाला होता है। ऐसे लोग अच्छे राजनीतिज्ञ हो सकते हैं। 10. यदि छोटी उंगली अनामिका उंगली की ओर झुकी हुई दिखाई देती है तो व्यक्ति अच्छा व्यापारी होता है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। . कालपी उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में स्थित एक नगर है। यह यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है। माना जाता है कि कालपी, प्राचीन काल में 'कालप्रिया' नगरी के नाम से विख्यात थी, समय के साथ इसका नाम संक्षिप्त होकर कालपी हो गया। कहा जाता है कि इसे चौथी शती में राजा वसुदेव ने बसाया था। यह नगर यमुना नदी के किनारे कानपुर-सागर राजमार्ग पर स्थित है। . उत्तर प्रदेश और कालपी आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मिर्ज़ापुर, यमुना नदी, रानी लक्ष्मीबाई, हिन्दी, जालौन, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर। मिर्ज़ापुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का शहर है। यह मिर्ज़ापुर जिला का मुख्यालय है। पर्यटन की दृष्टि से मिर्जापुर काफी महत्वपूर्ण जिला माना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक वातावरण बरबस लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। मिर्जापुर स्थित विन्ध्याचल धाम भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थलों में से एक है। इसके अतिरिक्त, यह जिला में सीता कुण्ड, लाल भैरव मंदिर, मोती तालाब, टंडा जलप्रपात, विन्धाम झरना, तारकेश्वर महादेव, महा त्रिकोण, शिव पुर, चुनार किला, गुरूद्वारा गुरू दा बाघ और रामेश्वर आदि के लिए प्रसिद्ध है। मिर्जापुर वाराणसी जिले के उत्तर, सोनभद्र जिले के दक्षिण और इलाहाबाद जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। भारत का अंतराष्ट्रीय मानक समय इलाहाबाद जिले के नैनी के स्थान से लिया गया है मिर्जापुर "लालस्टोन" के लिये बहुत विख्यात है प्राचीन समय में इस स्टोन का मौर्य वन्श के राजा सम्राट् अशोक के द्वारा बौद्ध स्तुप को एवं अशोक स्तम्भ(वर्तमान में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह) को बनाने में किया था मिर्जापुर के लोगों की भाषा हिन्दी एवं भोजपुरी है . आगरा में यमुना नदी यमुना त्रिवेणी संगम प्रयाग में वृंदावन के पवित्र केशीघाट पर यमुना सुबह के धुँधलके में यमुनातट पर ताज यमुना भारत की एक नदी है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री (उत्तरकाशी से ३० किमी उत्तर, गढ़वाल में) नामक जगह से निकलती है और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा से मिल जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बतवा और केन उल्लेखनीय हैं। यमुना के तटवर्ती नगरों में दिल्ली और आगरा के अतिरिक्त इटावा, काल्पी, हमीरपुर और प्रयाग मुख्य है। प्रयाग में यमुना एक विशाल नदी के रूप में प्रस्तुत होती है और वहाँ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के नीचे गंगा में मिल जाती है। ब्रज की संस्कृति में यमुना का महत्वपूर्ण स्थान है। . रानी लक्ष्मीबाई (जन्मः 19 नवम्बर 1828 के अनुसार रानी लक्ष्मीबाई की जन्मतिथि 19 नवम्बर 1835 है - मृत्युः 18 जून 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ़ 23 साल की उम्र में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से जद्दोजहद की और रणभूमि में उनकी मौत हुई थी। . हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। . जालौन पूर्वी-मध्य भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। गंगा के जलोढ़ मैदानों पर 4,549 किलोमीटर क्षेत्र में फैला जालौन उत्तर में यमुना नदी द्वारा सीमाबद्ध है। बेतवा प्रणाली सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराती है। जालौन की फ़सलों में गेहूँ, चना व सरसों शामिल हैं। कालपी नगर के समीप बबूल के वृक्षों के बाग़ान हैं। जालौन का प्रशासनिक मुख्यालय, उरई कानपुर के 105 किलोमीटर दक्षिण में है, जिससे वह सड़क व रेल से जुड़ा है। rampura कृषि उपज का व्यापारिक केंद्र है। इसके प्रमुख ग्राम बंगरा रूरा कमशेरा मिझोना निचाबदी हैश्रेणीःउत्तर प्रदेश श्रेणीःउत्तर प्रदेश के नगर देश 🇮🇳 भारत प्रदेश उत्तर प्रदेश तहसील जालौन जिला जालौन जनसंख्या (2011) मत 44,000 Languages Official हिंदी समय मंडल IST(यूटीसी +5:30) PIN. जौनपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर है। मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर वाराणसी से 58 किलोमीटर और इलाहाबाद से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था I वर्तमान राज्य उत्तर प्रदेश जौनपुर सल्तनत के अंतर्गत आता था, जिसपर शर्की शासक जौनपुर से शासन करते थे I . कन्नौज, भारत में उत्तर प्रदेश प्रांत के कन्नौज जिले का मुख्यालय एवं प्रमुख नगरपालिका है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं। विन्ध्योत्तर निवासी एक ब्राह्मणौंकी समुह है जिनको पंचगौड कहते हैं। उनमें गौड, सारस्वत, औत्कल, मैथिल,और कान्यकुब्ज है। उनकी ऐसी प्रसिद्ध लोकोक्ति प्रचलित है- ""सर्वे द्विजाः कान्यकुब्जाःमागधीं माथुरीं विना"" कान्यकुब्जी ब्राह्मण अपनी इतिहासको बचाये रखें । वर्तमान कन्नौज शहर अपने इत्र व्यवसाय के अलावा तंबाकू के व्यापार के लिए मशहूर है। कन्नौज की जनसंख्या २००१ की जनगणना के अनुसार ७१,५३० आंकी गयी थी। यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा/ कनउजी भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। यहाँ के किसानों की मुख्य फसल आलू है। . कानपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ८० किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है। यहाँ की आबादी लगभग २७ लाख है। . उत्तर प्रदेश 217 संबंध है और कालपी 20 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 3.38% है = 8 / (217 + 20)। यह लेख उत्तर प्रदेश और कालपी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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वपुष्यात्ममतिः सूते बन्धुवित्तादिकल्पनम् । स्वस्य संप मेतेन मन्वानं मुषितं जगत् ॥ २१ ॥ अर्थ - शरीरमें जो आत्मबुद्धि है सो बन्धु धन इत्यादिककी कल्पना उत्पन्न कराती है तथा इस कल्पनासे ही जगत् अपने सम्पदा मानता हुआ ठगा गया है ॥ २१ ॥ तनावात्मेति यो भावः स स्याद्वीजं भवस्थितेः । बहिवताक्षविक्षेपस्तत्यक्त्वान्तर्विशेत्तनः ॥ २२ ॥ अर्थ - शरीरमें ऐसे भाव हैं कि - 'यह मैं आत्माही हूं' ऐसा भाव संसार की स्थितिका बीज है. इसकारण, बाह्यमें नष्ट हो गया है इन्द्रियोंका विक्षेप जिसके ऐसा पुरुष उस भावरूप संसारके बीजको छोड़कर अन्तरंग में प्रवेश करो, ऐसा उपदेश है ॥ २२ ॥ अक्षद्वारैस्ततश्युत्वा निमग्नो गोचरेष्वहम् । तानासायाहमित्येतन्न हि सम्यगवेदिषम् ॥ २३ ॥ अर्थ - ज्ञानी इसप्रकार विचार करता है कि इन्द्रियोंके द्वारोंसे में आत्मस्वरूपसे छूटकर विषयोंमें मग्न होगया तथा उन विषयोंको प्राप्त होकर यह अहंपद्मे जाना जाय ऐसे आत्मस्वरूपको भलेप्रकार नहीं जाना ॥ २३ ॥ बाह्यात्मानमपास्यैवमन्तरात्मा ततस्त्यजेत् । प्रकाशयत्ययं योगः स्वरूपं परमंष्टिनः ॥ २४ ॥ अर्थ - इस पूर्वोक्तप्रकारसे बाह्यशरीरादिक में आत्मबुद्धिको छोड़कर अन्तरात्मा होता हुआ इन्द्रियोंके विषयादिकमें भी आत्मवृद्धिको छोड़ै इसप्रकार यह योग परमेष्ठीके स्वरूपको प्रकाश करता है ॥ २४ ॥ अब इन्द्रियोंके विषयों में आत्मबुद्धि किसप्रकार छोड़े सो कहते हैं, यद्यद्दृश्यमिदं रूपं तत्तद्न्यन्न चान्यथा । ज्ञानवच व्यतीताक्षमतः केनाऽत्र वच्म्यहम् ॥ २५ ॥ अर्थ - जो जो देखनेयोग्य यह रूप है मो सो अन्य है और ज्ञानवान् रूप है सो अन्यप्रकार नहीं है (अन्यरूप सदृश नहीं है). यह व्यतीता है (इन्द्रियज्ञानसे अतीत है). इसकारण मैं किसके साथ वचनालाप करूं ? । भावार्थ - मूर्तीक पदार्थ इन्द्रियोंसे ग्रहण करनेयोग्य होता है सो वह तो जड़ है कुछ भी जानता नहीं है और मैं ज्ञानमूर्ति हूं. पुद्गलमूर्तिसे रहित हूं. इन्द्रियें मुझे ग्रहण नहीं करती अर्थात् इन्द्रियं मुझे नहीं जान सकतीं. इसकारण परस्पर वार्तालाप किससे करूं ? इसप्रकार विचार कर विषयों में आत्मबुद्धि छोड़े ॥ २५ ॥
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Uttar Pradesh:मनरेगा के तहत राज्य में कराए गए निर्माण कार्यों के तहत गांवों की तस्वीर बदली है। इस तस्वीर को और बेहतर करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करेगी। Yogi government: राज्यपाल ने बताया राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की गौरवमयी धरोहर व परम्पराओं के साथ साथ लोक,शास्त्रीय कलाओं के समुचित संरक्षण, संवर्द्धन और विकास के लिए प्रयासरत है। Education Department of Delhi : इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय के निदेशक उदित राय एक क्लासरूम में बच्चों से कह रहे हैं कि अगर आपको सवाल का जवाब नहीं पता तो आप बस सवाल ही लिख देना, मैंने मैम से बात कर ली है वो पास कर देंगी। Arjun Tendulkar: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर(Sachin Tendulkar) के बेटे अर्जुन तेंदुलकर की तो उनपर मुंबई इंडियंस ने दांव लगाया है। अर्जुन मुंबई की तरफ से अपना प्रदर्शन करेंगे। BJP Slams Rahul Gandhi: गौरतलब है कि राजस्थान(Rajasthan) में अडानी ग्रुप(Adani Group) 9700 मेगावॉट के सोलर हाईब्रिड और विंड एनर्जी पार्क का निर्माण करने जा रहा है। इसमें कारोबारी समूह 5 सोलर प्रॉजेक्ट्स में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। Koo: भारत(India) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुरक्षा की दृष्टि से करीब 1400 विवादास्पद अकाउंट्स को हटाने के निर्देश दिए थे, जिस पर ट्विटर(Twitter) ने कार्रवाई नहीं की। Unnao Case: यूपी मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा कि गया है, सीएम योगी(CM Yogi) ने अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी खर्च पर बेहतर से बेहतर निःशुल्क इलाज कराने के आदेश भी दिए हैं। " Governor Anandiben Patel: राज्यपाल ने कहा कि बिजली आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार लाया गया है। वर्तमान में जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 21 घंटे 30 मिनट और गांवों में 18 घंटे आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित है। उसी के अनुसार आपूर्ति भी की जा रही है। VIVO Returns as Title Sponsor for IPL 2021: अब आईपीएल का अगला सीजन वीवो आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले सी जन 13 में ड्रीम 11 टाइटिल स्पांसर था। इस बीच आईपीएल में दर्शकों की वापसी की भी संभावना है।
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अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस आज लुधियाना जिले के विभिन्न शहरों, कस्बों और गाँवों में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, जिस में हजारों लोगों ने भाग ले कर योग क्रियाएं की। शहर लुधियाना में सरकारी कालेज ( लड़के), रॅख बाग और अन्य कई इलाकों में योग दिवस मनाया गया। सरकारी कालेज में 'भारतीय योग संस्थान' और 'इन माँ सिटी' की तरफ से संयुक्त रूप से योग दिवस मनाया गया, जिसमें लुधियाना ( केंद्रीय) क्षेत्र से विधायक श्री सुरिन्दर कुमार डावर और डिप्टी कमिश्नर श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल ने विशेष तौर पर उपस्थिति दर्ज करवाई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों, अधिकारियों, खिलाड़ी और अन्य लोगों ने शामिल होकर योगाभ्यास किया। यह समारोह प्रातःकाल 6. 00 बजे से प्रातःकाल 8 बजे तक चला, जिसे संबोधित करते हुए श्री डावर ने कहा कि रोज योगाभ्यास करने से व्यक्ति का मन और शरीर पूरी तरह फिट रहता है। योग भारतीय संस्कृति की शारीरिक कसरत की पुरातन विधि है, जो कि आज के भाग दौड़ वाले समय में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। इसलिए हमें सभी को योग को अपनाना चाहिए। डिप्टी कमिश्नर श्री अग्रवाल ने लोगों से आह्वान किया कि वे पंजाब सरकार की तरफ से शुरू किये गए 'मिशन तंदरुस्त पंजाब' को सफल बनाने में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें पता लगता है कि किसी व्यापारी या दुकानदार या उत्पादक की तरफ से खाने वाली चीजों में मिलावट की जाती है तो वह इस की रिपोर्ट जिला प्रशासन को दें जिससे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सके।
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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। लखीमपुर घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार के सामने दो मांगे रखी हैं। साथ ही कल पूरे देश के किसान अपने अपने जिला मुख्यालय पर 12 से 1 बजे तक उपायुक्त/डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कार्यालय पर दोनो मांगों के लिए प्रदर्शन करेंगे। लखीमपुर घटना के बारे संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला : लखीमपुर घटना के बारे संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला : लखीमपुर घटना के बारे संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर दो मांगे रखी है। पहली- केंद्र सरकार केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी को तुरंत बर्खास्त करें। दूसरी मंत्री के बेटे आशीष और उसके साथी गुंडों पर तुरंत 302 (हत्या) का मुकदमा दर्ज हो और इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उत्तर प्रदेश से बाहर हो। किसान मोर्चा की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का काफ़िला, कथित तौर पर उनके बेटे, चाचा और अन्य गुंडों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया -एक की हत्या कर दी - इस घटना में कम से कम तीन किसान शहीद हो गए, और लगभग दस अन्य घायल हो गए - एसकेएम मांग करता है कि गृह राज्य मंत्री और उसके लोगों पर तुरंत हत्या के मामले दर्ज किए जाएं - केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बेशर्मी से कार्यकर्ताओं को लाठियों को उठाने और किसानों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित किया - एसकेएम भाजपा सीएम के हिंसक इरादे की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि वह तुरंत माफी मांगे, और अपने संवैधानिक पद से इस्तीफा दें। एसकेएम का कहना है कि जब धान खरीद की बात आती है तो किसानों की कल की जीत से सरकार को यह समझना चाहिए कि ठोस तर्क और सबूतों के सामने पीछे हटना बहुत मुश्किल नहीं है - ऐसा ही 3 किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने और एक लाभकारी एमएसपी गारंटी क़ानून बनाने के साथ किया जाना चाहिए। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने घटना को लेकर कई ट्वीट किए हैं। अपने ट्वीट में वह लिखते हैं, 'किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा। ' इसके साथ ही उन्होंने सरकार को चेताया है, वह लिखते हैं, 'सरकार होश में आए और किसानों के हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करे। किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। अपने हक के लिए किसान फिरंगियों के आगे नहीं झुके। सरकार किसान के र्धर्य की परीक्षा न ले। किसान मर सकता है पर डरने वाला नहीं है। ' अपने अगले ट्वीट में वह लिखते हैं, 'लखीमपुर खीरी में हुई घटना बहुत ही दुखद है। इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार किस हद तक गिर सकती है, सरकार और सरकार में बैठे लोगों ने आज फिर बता दिया। लेकिन लखीमपुरखीरी नरसंहार में दोषी अजय टेनी व उसका बेटा मोनू टेनी 8 हत्याओं का दोषी है, साज़िश में शामिल केन्द्रीय राज्यमंत्री को तुरंत बर्खास्त कर बेटे सहित गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। ' Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें। हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
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मयूर, अद्भुत शब्द करते शुक-सारिका । कुहकता पिक । कहाँ है यहाँ वियोग ? कहाँ है वन की वह साकार व्यथा ? यह आनन्द, ये भाव-विभोर, श्रीसम्पन्न ब्रजजन ! उद्धवजी चकित से इधरउधर देखते जा रहे हैं । कौन कहे इन परमज्ञानी को कि वह आनन्द - सिन्धु इस व्रज से कहीं जाता ही नहीं । आप के नेत्र उसे देखें या न देखें - ये व्रजवासी उसे देखते हैं ! अपने साथ ही देखते हैं। ये प्रमुदित गोप कुमार - अधरों पर मुरली धरे, धूसर अलकें, गोरज-सनी वनमाला- उनके मध्य मे उसका कनूँ वन से न लौटे - ये शृद्ध बजा सकेंगे । तो बजते ही वेणु की प्रेरणा लेकर हैं । ये वृषभ - - ये इस प्रकार युद्ध करें, इस प्रकार गर्जन-ध्वनि फुटे इनके कण्ठ से, यदि वह गोविन्द इन्हें देखकर प्रसन्न न होता हों। गोपाल न हो-गायें दूध देंगी ? बछडे फुटक सकेंगे ? उस वनमाली को सूघे बिना क्या कूद सकते हैं ? गोपियॉ राम-श्याम के मङ्गल-चरित गाने मे लगी है । वृद्ध गोप आराधना के अनन्तर ब्राह्मणों के सत्कार मे लगे हैं। तरुण ग्वाल गो-दोहन मे व्यस्त है-नीलसुन्दर की वन से लौटती एक फॉकी नेत्र न पायें, कुछ होगा ? कोई हिल भी सकेगा ? किसे देखकर मयूर नृत्य करते हैं ? किसे शुक पुकारते हैं ? हंस किसकी गति का अनुकरण करते हैं ? ये पुष्प, ये पादप, ये लताएँ, ये दिशाऍ -- किसका परमानन्द व्याप्त है इनमे ? उद्धवजी उस व्रजेन्द्रनन्दन को न देखें, व्रज से वह न दीखे - किसके प्राण टिके रहेंगे ? लेकिन उद्धवजी के लिये तो समस्या ही है यह सव । चकित चमत्कृत वे एक-एक पदार्थ, एक-एक व्यक्ति को देख रहे हैं। किसे अवकाश है कि उनके रथ की ओर इस गो-पूजन की पावन वेला में ध्यान दे । किसके नेत्र दिन भर से पिपासु नहीं बने थे उस वन से नित्य लौटनेवाले वनमाली की रूप- सुधा के । अब गो-दोहन-काल-कौन दूसरी ओर ध्यान दे इस समय । 'उद्धव ' उद्धवजी I' मयूर-मुकुट, पीतपट और इन वस्त्रों में जो सुरभि है -- श्याम के श्रीश्रम की यह सुरभि - यह भी क्या भूल सकती है। अपने पड़ों मे प्रगत उद्धव को बाबा ने उठाकर हृदय से लगा लिया । ये उद्धवजी - बाबा के मथुरा रहते ही श्री कृष्णचन्द्र ने इन्हें सखाओं में ले लिया। बाबा को जैसे अपना कन्हाई ही मिल गया है आज । नेत्रों से करती वारि-धाराअतिथि के लिये इससे पावन अध्ये कभी कोई दे सका } मथुरा से आये हैं उद्धवजी- बहुत देर मे किसी प्रकार बाबा ने अपने को सम्हाला । 'भैया, भवन मे पधारो " बाबा को तो लगता है -- चे उद्धव उनके श्याम से ही तो हैं । ये श्रान्त हो गये होगें। अब उद्धवजी का मना करना, संकुचित होना क्या काम आये। बाबा तो अपने हाथों उनके चरण धोने लगे हैं, मन कराके स्नान कराने लगे हैं, अपन ही हार्थो चन्दन, माल्य, पुष्प से शृङ्गार करने में लगे हैं उनका । जैसे पिता अपने श्रान्त सुकुमार पुत्र की परिचर्या में लगा हो - यह स्नेह, यह उमंग, यह वात्सल्य ! कैसे मना किया जाय इसे । 'तुम दूर से आये हो न " भोजन के पश्चात् शय्या पर विश्राम करते ही बाबा ने उद्धव के चरण अङ्क में ले लिये । धीरे-धीरे दबाते जा रहे हैं उन्हें । 'कृष्णचन्द्र भी बहुत सकोची है !" बाबा को उद्धव की फिफक, उनके सकोच से अपने श्याम के स्वभाव के दर्शन होते हैं। अन्ततः श्याम के प्रिय सखा हैं न ये । उद्धवजी अब चाहे जितना कहें कि वे थके नहीं हैं, बाबा को तो बहाना ही जान पड़ेगा यह । यह मैया आ गयी है - - यह आकर एक ओर बैठ गयी है । ठीक ही है इसका यह संकोच । उद्धव को कहाँ देखा है इसने और परम ज्ञानी उद्धवजी-अभी मैया का वात्सल्य पाने के लिये श्याम के सखाओं का साक्षात्कार कहाँ पाया इन्होंने । वही नीलवर्ण, वही मुकुट, चही पीतपट-सैया स्नेह शिथिल है या संकोच से शान्त -- कौन कह सकता है । कन्हैया का वह चापल्य और ये गम्भीर उद्धवजी - मर्यादा कुछ कहती है - हृदय कहता है, यह भी वैसा ही शिशु है, तनिक गम्भीर - कदाचित् नूतन गृह में सकुचित हो " मैया बैठ गयी है बस, आकर । देख रही है - चार-चार उद्धव को, फिर भूमि को देख रही है। पता नहीं किस विचार में थकित-सी बनी है।
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नई दिल्ली। भारतीय लोगों के हिसाब से कपड़ों का मानक साइज तैयार किए जाने के केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने दिए हैं। इस पर राष्ट्रीय फैशन तकनीक संस्थान जल्द ही राष्ट्रीय सर्वेक्षण शुरू करेगा। इसके लिए थ्रीडी बॉडी स्कैनर के जरिये देश के छह मेट्रो शहरों में 25000 लोगों का नमूना लिया जाएगा जिसमें 30 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एनआईएफटी के महानिदेशक शारदा मुरलीधन ने गुरुवार को भारतीय साइज के मानक तैयार किए जाने पर जानकारी देते हुए कहा कि 15 से 65 वर्ष की उम्र के लोगों पर अध्ययन किया जाएगा। इसमें पुरुषों और महिलाओं की संख्या समान होगी और इस परियोजना को 2021 तक पूरा किया जाना है। दरअसल भारत में कपड़ो का साइज आईएसओ निर्धारित करता है,लेकिन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के निर्देश के बाद अब भारतीय खुद मानक साइज निर्धारिक कर सकेंगे। बता दे कि आईएसओ पड़ों के निर्माण में मदद करता हैं और कपड़े और पुतला बनाने के लिए विभिन्न आबादी के आकार और आकृति प्रोफाइल का विकास करते हैं, कपड़ों के क्षेत्र में बदलावों को प्रतिबिंबित करने के लिए संशोधित किए गए हैं और दुनिया भर के संदर्भों के संदर्भ में आकार अंकन और व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए संशोधित किए गए हैं। अलग-अलग आकार के प्रोफाइल के कारण ब्रांड और देश के आकार भिन्न होते हैं। 1 9वीं शताब्दी के मध्य में मानकीकृत आकार के साथ "रेडी-टू-वेशर" कपड़ों के वस्त्रों के अनुपात और आयाम में लगातार बदल रहे हैं।
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[ भाग पांचवां - १९३१ ] गांधी- श्रर्विन-समझौता -- १६३१ गांधी जी का सन्देश कांग्रेस-कार्य-समिति के सदस्यों की रिहाई २६ जनवरी की श्राघीरात से पहले होने वाली ची और इस बात की हिदायत निकाल दी गई थी कि उनकी पत्नियां यदि जेल में हो तो उन्हें भी दि कर दिया जाय । चूंकि जो लोग बीच-बीच में किसी के बजाय (कार्य-समिति के सदस्य बने उनकी रिहाई की मी हिदायत थी, इसलिए इस प्रकार रिहा होनेवालो की कुल संख्या २६ पर पहुंच गईं । गांधी जी जैसे ही जेल से छूटे, उन्होंने भारतीय जनता के नाम एक सन्देश निकाला, उनके स्वभाव के ही अनुरूप था । क्योंकि जैसे पराजय से वह दुखी नहीं होते उसी प्रकार सफलता में यह फूल भी नहीं उठते। उन्होंने कहाः"जेल से में अपनी कोई राय बनाकर नहीं निकला हूँ । न तो किसी के प्रति मुझे कोई शत्रुता है और न किसी बात का तास्त्र में तो हरेक दृष्टिकोण से सारी परिस्थिति का अध्ययन करने और सर तेजबहादुर सप्रू तथा दूसरे मित्रों से, जब वे लौटकर श्रायेंगे प्रधानमंत्री के वकन्य पर विचार करने के लिए तैयार हूँ । लन्दन से कुछ प्रतिनिधियों ने वार भेजकर मुझसे ऐसा करने का किया है, इसीलिए में यह बात कह रहा हूं । " समझौते के लिए उनकी क्या शत्रू होगी, यह पत्र प्रतिनिधियों की मुलाकात में उन्होंने वि किया, लेकिन इस बात की घोषणा अविलम्ब की, कि "पिकेटिंग का अधिकार नहीं छोड़ा जा सक न लाखों भूखों मरते लोगों द्वारा नमक बनाने के अधिकार को ही इम छोड़ सकते हैं।" उन्होंने कंडा, "यह ठीक है कि ज्यादातर आर्डिनेन्स नमक बनाने और विदेशी कपड़े व शराब के वरि को रोकने के लिए ही बने हैं, लेकिन ये बातें तो ऐसी हैं जो वर्तमान कुशासन के प्रतिरोधस्वरूप की बल्कि परिणाम प्राप्त करने के लिए जारी की गई है।" उन्होंने कहा कि मैं शान्ति के लिए ठर बिलकुल अकेला रह जाऊं तो भी ऐसी किसी मुलह में में साझीदार न होऊंगा जिसमें पून रहा हूं, बशतं कि इज्जत के साथ ऐसा हो सके, लेकिन चाहे श्रोर सच मेरा साथ छोड़ दें और बावों का सन्तोषजनक दल न हो । "इसलिए गोलमेज परिषद्-रूपी पेड़ का निर्णय मुझे उस से ही करना चाहिए।" गांवीजी, छूटते ही, प० मोतीलाल नेहरू से मिलने के लिए इलाहाबाद चल दिये वह बीमार पड़े हुए थे। कार्य-समिति के सत्र सदस्यों को भी बुलाया गया। वहीं लम्ब३१ जनवरी और फरवरी १६३१ को कार्य समिति की बैठक हुई, जिसमें
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झारखंड का आदिवासी समाज विकास की राह पर चलने के बावजूद तमाम अजीबोग़रीब परंपराओं को छोड़ने को तैयार नहीं है. ऐसी परंपराओं में से एक है चड़क पूजा. इसे स्थानीय भाषा में 'गाजन' या 'शिवेर' के नाम से जाना जाता है. शिव की उपासना के इस पर्व में भक्तगण अपने शरीर में हुक डालकर उससे बैलगाड़ी, रिक्शा आदि खींचते हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों से रस्सी आरपार करते हैं. कई इलाक़ों में तो इस दौरान आग पर चलने की भी परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि 'चकरी' या 'चक्र' शब्द से चड़क नाम की उत्पत्ति हुई. आमतौर पर चैत माह की संक्रांति को दिन भर के उपवास के बाद भक्तगण इसे धूमधाम से मनाते हैं. एक मेले का आयोजन किया जाता है जहाँ भक्तगण अपनी सहनशक्ति का प्रदर्शन करते हैं. चड़क पूजा की उत्पत्ति के बारे में कई मान्यताएँ हैं. सबसे ज़्यादा प्रचलित मान्यता के अनुसार चैत मास की संक्रांति को ही शिव के परम भक्त राजा वाण ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए रक्त बहा कर कठिन तपस्या की थी. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि प्राचीन काल में राजाओं द्वारा सैनिकों की सहनशक्ति की परीक्षा इसी तरह ली जाती थी. चाहे जो भी हो, भक्तों द्वारा पीठ में लोहे के हुक से शरीर को छेदकर इस तरह कारनामा दिखाना दर्शकों में रोमांच भर देता है. लोहे के मोटे-मोटे हुक से चमड़े को छेदने के स्थान पर बहते ख़ून को रोकने के लिए भक्तगण शरीर के उस स्थान पर मात्र सिंदूर का प्रयोग करते हैं. उन्हें डॉक्टरों के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती. झारखंड राज्य में सरायकेला के आदित्यपुर दिंदली बस्ती में पिछले दिनों चड़क पूजा पारंपरिक हर्षोल्लास से मनाया गया. दो दिनों के इस आयोजन के अंत में रोजनी फोड़ा का कार्यक्रम रखा गया. उस दौरान शिव भक्तों ने पीठ में लोहे का हुक चुभाकर आधा किलोमीटर तक बैलगाड़ी और रिक्शे खींचे. अनेक भक्तों ने अपनी बाँहों को छेदकर रस्सी आरपार किया. दरअसल इसे ही रोजनी फोड़ा कहा जाता है. इस दौरान छऊ नृत्य का विशेष रूप से आयोजन किया जाता है. दिंदली शिव पूजा कमेटी के अध्यक्ष बबू दत्ता ने बताया कि उनकी बस्ती में यह आयोजन 1818 से ही लगातार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर भक्तगण मन्नते माँगते हुए रोजनी फोड़ा करते हैं. छोटानागपुर की आदिवासी संस्कृति के जानकार और जमशेदपुर के लालबहादुर शास्त्री कॉलेज में मनोविज्ञान के प्राध्यापक दिगम्बर हंसदा ने बताया कि चड़क पूजा आदिवासी संस्कृति का अभिन्न अंग है. उन्होंने बताया कि देश के अन्य कई हिस्सों में भी इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है.
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दिल्ली के चीफ सेक्रटरी को दिए निर्देश में एलजी सक्सेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 'कंटेंट रेग्युलेशन इन गवर्नमेंट एडवर्टाइजिंग' (CCRGA) पर नियुक्त कमिटी के 16 सितंबर 2016 के आदेश का पालन किया जाए। CCRGA ने आम आदमी पार्टी को 97 करोड़ 14 लाख रुपये ब्याज के साथ सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया था। कमिटी ने अपने आदेश में कहा कि राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित किया गया जिससे एक राजनीतिक दल को फायदा पहुंच रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की भी अवमानना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 13 मई 2015 को अपने आदेश में केंद्र और सभी राज्य सरकारों को ऐसे सरकारी विज्ञापनों से बचने को कहा था जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार के किसी चेहरे या राजनीतिक पार्टी का प्रचार करना हो। कोर्ट ने इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी किए थे। इसी आदेश के पालन के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से अप्रैल 2016 में CCRGA का गठन किया था। CCRGA ने जांच में पाया कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दिए गए कुछ विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ हैं। 97,14,69,137 रुपये के विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते पाए गए। इसमें से 42,26,81,265 रुपये का भुगतान दिल्ली सरकार की तरफ से कर दिया गया लेकिन 54,87,87,872 रुपये का भुगतान अब भी बचा है। अब एलजी ने दिल्ली सरकार की तरफ से पहले ही भुगतान की जा चुकी 42 करोड़ की रकम और बकाए करीब 55 करोड़ की रकम को भी आम आदमी पार्टी के खाते से जमा कराने का आदेश दिया है।
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अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को महज तीन मिनट ही सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को जनवारी तक के लिए टाल दिया है। अब इस केस की सुनवाई 2019 में होगी। इसी साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। सोमवार को पूरे देश की निगाहें जिस अयोध्या विवाद की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर टिकी थी। अदालत ने महज तीन मिनट की सुनवाई के बाद अगली सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने अब इस मामले के लिए जनवरी 2019 की तारीख तय की है। मतलब चुनावी साल में अब मामले की सुनवाई होगी। अयोध्या में विवादित जमीन के मालिकाना हक के मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इसे जल्द सुनवाई किए जाने वाले मामलों के तहत नहीं सुना जा सकता। हमारी प्राथमिकताएं अलग हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के साल 2010 में आए फैसले के खिलाफ है। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए करीब 13 याचिकाएं दायर की गई हैं। इन्हीं सारी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। साल 2010 में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में विवादित जमीन पर सुनवाई करते हुए तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था। कोर्ट के फैसले के मुताबिक एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, एक हिस्सा निर्मोही अखाड़े को और एक हिस्सा राम लला विराजमान को देने का फैसला हुआ था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जिस जगह रामलला की मूर्ति है, उसे रामलला विराजमान को दिया जाए, सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए और बाकी की एक तिहाई जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाए। उच्च न्यायालय का ये फैसला रामलला विराजमान, हिंदू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मंजूर नहीं था। फैसले के विरोध में तीनों पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इसके साथ ही कई और पक्षकारों ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की।
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गोल्ड कोस्ट (आस्ट्रेलिया), 9 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय महिला निशानेबाजों मेहुली घोष और अपूर्वी चंदेला ने यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में सोमवार को पांचवें दिन महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत और कांस्य पदक हासिल किया। मेहुली इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार थीं, लेकिन सिंगापुर की मार्टिना लिंडसे ने उन्हें शूट-ऑफ में हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस मौके पर वेबसाइट 'ईएसपीएनडॉट कॉम' को दिए एक बयान में मेहुली के कोच और 2012 लंदन ओलम्पिक खेलों में पुरुषों की 50 मीटर राइफल प्रोन में चौथा स्थान हासिल करने वाले जॉयदीप करमाकर ने कहा, मैं निश्चित होकर यह कह सकता हूं कि मैंने अपने अब तक के जीवन में मेहुली जैसी प्रतिभाशाली निशानेबाज नहीं देखी। वह सबसे अलग इसलिए हैं, क्योंकि वह सीखने में बहुत तेज हैं और उसे बखूबी अपने में ढालती हैं। वह जानती हैं कि बुरी स्थिति में पहुंचकर उससे बाहर कैसे निकलना है। इस स्पर्धा के फाइनल में मेहुली और मार्टिना का स्कोर 247.2 बराबर था, लेकिन शूट-ऑफ में मेहुली ने 9.9 का निशाना लगाया, वहीं मार्टिना ने 10.3 का निशाना लगाकर सोना जीता। भारतीय निशानेबाज मेहुली को रजत पदक मिला। मार्टिना और मेहुली दोनों ने कुल स्कोर में बराबरी करने के साथ ही इस स्पर्धा का राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इस स्पर्धा की मौजूदा विजेता रहीं अपूर्वी ने 225.3 स्कोर कर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। इससे पहले, क्वालिफाइंग दौर में चंदेला ने पहला जबकि मेहुली ने पांचवां स्थान हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई। चंदेला ने कुल 423.2 का स्कोर किया जो राष्ट्रमंडल खेलों का रिकार्ड भी है। उन्होंने पहले राउंड में 105.7, दूसरे में 105.2, तीसरे में 106.1 और आखिरी राउंड में 106.2 का स्कोर किया। मेहुली ने कुल 413.7 का स्कोर किया। उन्होंने पहले राउंड में 104.3, दूसरे में 103.7, तीसरे में 102.2 और चौथे में 103.5 का स्कोर किया। भारत की 17 वर्षीया निशानेबाज मेहुली ने इस साल मेक्सिको में हुए आईएसएसएफ विश्व कप टूर्नामेंट में इसी स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया था। दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)। ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया। यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया। फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी। कर्नाटक-तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद पर चिदंबरम ने दिया यह सुझाव, क्या हल होगी समस्या?
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- 10 hrs ago राम चरण की सुपरहिट फिल्म 'आरआरआर' का जल्द आएगा सीक्वल, परंतु राजामौली नहीं होगे डायरेक्टर! Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? Shock. . कपिल की मुश्किलें बढ़ी. . SUPER HIT कॅामेडियन की तगड़ी एंट्री. . एक तरफ जहां कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर बीच विवाद का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। तो दूसरी तरफ कृष्णा बेहद दिलचस्प कंटेंट के साथ एक अनोखा रियलिटी शो जल्द लेकर आने वाले हैं। इस टीवी एक्ट्रेस का आरोप- " लोग सेट पर गंदी गालियां देकर बात करते थे. . " इस शो का नाम होगा इंडिया बनेगा मंच। यह एक स्ट्रीट रियलिटी शो है। इस शो की शूटिंग कृष्णा ने शुरू कर दिया है। बता दें कि कॅामेडी शो से थोड़ा हटकर यह शो पूरी तरह से स्ट्रीट पर बसने वाले टैलेंट से बेस्ड होगा। आपके घर के बाहर या फिर किसी भी रास्ते के मोड़ पर जहां पर सही टैलेंट हो। वहीं पर इस शो की शूटिंग की जाएगी। यह शो पूरी तरह से जनता के बीच होगा। जहां पर कृष्णा वहां मौजूद पब्लिक ही इस पूरे शो की जज होगी। इस शो का सबसे दिलचस्प पार्ट यह होगा कि जो भी टैलेंट अपनी कलाकारी के जरिए जितनी पब्लिक की भीड़ जुटाएगा। उसे उतने वोट मिलेंगे। इस तरह ज्यादा लोगों से घिरे हुए टैलेंट को विनर बनाया जाएगा। खुफिया कैमरे से इस पूरे एक्ट की शूटिंग की जाएगी। कुलमिलाकर आने वाले दिनों में कई रियलिटी शो दस्तक देने वाले हैं। आईपीएल होने के बावजूद कई रियलिटी शो दर्शकों पर अपनी पकड़ जमाने में कामयाब हैं। आइए जानते हैं कि आपके मजेदार वीकेंड को धमाकेदार बनाने के लिए कौन से रियलिटी शो जल्द दस्तक देने वाले हैं।
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CWC 2019 इंग्लैंड के खिलाफ लीग मैच में धौनी का अंगूठा चोटिल था और उससे खून निकल रहा था बावजूद इसके वो खेलते रहे। नई दिल्ली, जेएनएन। World Cup 2019 के 38वें मैच में टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ 31 रन से हार मिली थी। इस मैच में मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी की काफी आलोचना हुई। कहा जा रहा था कि धौनी ने इस मैच में टीम को जीत दिलाने की कोशिश ही नहीं की। धौनी ने इस मैच में 31 गेंदों पर 42 रन की पारी खेली थी। भारत को जीत के लिए आखिरी पांच ओवरों में कुल 78 रन बनाने थे, लेकिन आखिरी के पांच ओवर में धौनी और केदार जाधव 39 रन ही बना पाए। इस मैच में इंग्लैंड ने 337 रन बनाए थे और इसका पीछा करते हुए भारतीय टीम पांच विकेट पर 306 रन बनाए। अब ये खबर आ रही है कि इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में बल्लेबाजी करने के दौरान धौनी का अंगूठा चोटिल था और उससे खून निकल रहा था। अब सोशल मीडिया पर धौनी द्वारा अपने अंगूठे का खून चूसकर फेंकने की तस्वीरें वायरल हो रही है। इसे देखकर यही लगता है कि धौनी चोटिल होने के बावजूद खेलते रहे और टीम को जीत दिलाने की कोशिश करते रहे। इंग्लैंड के खिलाफ इस पारी के बाद धौनी की चाहे कितनी भी आलोचना हुई हो, लेकिन टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि उन्होंने बड़े शॉट्स लगाने की कोशिश की थी, लेकिन विकेट स्लो हो चुकी थी और वहां बड़े शॉट लगाना आसान नहीं था। भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने भी धौनी का पक्ष लेते हुए कहा था कि सात में से पांच मैचों में धौनी ने अपनी टीम के लिए काफी अहम भूमिका निभाई है। पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धौनी ने रोहित के साथ 70 रन की शानदार साझेदारी की। कंगारू टीम के खिलाफ भी उन्होंने अपना रोल काफी अच्छे से निभाया। मैनचेस्टर की मुश्किल पिच पर धौनी ने 58 रन की पारी खेली। इंग्लैंड के विरुद्ध भी धौनी का एप्रोच काफी अच्छा था।
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ऐसा बहुत कम होता है जब कोई ऐसी टीम आईसीसी खिताब जीत जाएँ जिसके बारें में सोचा ही नहीं गया हो. हालाँकि क्रिकेट के बारें में कहा जाता है की यहाँ पर कौन सी टीम कब जीतेगी ये मैच के अंत तक पता नहीं चलता है. कभी भी, कोई भी टीम जीत सकती हैं. क्रिकेट के 21 सदी में भी ऐसा होता रहा, जो नजर भी आया है. हालाँकि पिछले कुछ सालो में ऐसा कम हुआ लेकिन इस सदी में कई ऐसे मौके आयें हैं. जब बड़ा उलटफेर हुआ है. कई बार दिग्गजें टीमें भी हार जाती है और आकड़े के हिसाब से कमजोर टीम भी जीत दर्ज करती हैं. आज आपको उन 5 टीमों के जीत के बारें में बताएँगे. जिन्होंने अंडरडॉग टीम बनकर खिताब अपने नाम किया. इन टीमों ने हालाँकि टूर्नामेंट की शुरुआत में ही बता दिया था की इस बार ये कोई बड़ा कारनामा करने के लिए ही आये हैं. 1. न्यूजीलैंड (चैंपियंस ट्रॉफी 2000) 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत हुई. उस समय न्यूजीलैंड की टीम बहुत ज्यादा कमजोर नजर आ रही थी. लेकिन अंत में खिताब इसी टीम ने जीत कर क्रिकेट की दुनिया को चौंका दिया था. फाइनल में उनके सामने भारत मौजूद था. इसी टूर्नामेंट के दौरान ही भारत के लिए ज़हीर खान और युवराज सिंह ने पर्दापण किया था. फाइनल मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने कप्तान सौरव गांगुली के 117 रनों के मदद से 6 विकेट पर 265 रन बनाये थे. जोकि उस समय बड़ा लक्ष्य कहा जाता था. लेकिन न्यूजीलैंड की टीम ने इस मैच को 2 गेंद पहले ही 4 विकेट से जीत लिया था. न्यूजीलैंड टीम का ये पहला आईसीसी ट्रॉफी था.
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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त्वात् प्रथमग्रहीततत्कारणता निर्वाहार्थमेवापूर्वस्यतनिर्वाहक यागव्यापारत्वेनापेक्षयात् । यत्र तु निरन्तरयोः सम्पन्धग्रहे रहता है तो प्रकृत मे प्रतियोगिता सबन्ध से सयोग इन्द्रिय मे और अनुयोगिता सबध से घट मे है, तो प्रतियोगित्व विशिष्टत्व रूप से कारण है, सयोग व्यापार है और अनुयोगिता विशिष्टत्व रूप से इन्द्रिय जन्य ज्ञान विषय कोटि मे जाता है, इसलिये घटादिक पदार्थ कर्म कोटि से ही रहता है करण कोटि मे नही जाता है । इस स्थिति में करण कोटि मे प्रवेश की शका निरालम्बन है । शका - प्रधान किया के साथ कररण को नैरन्तर्य रहता है, अर्थात् प्रधान किया और करणके बीच में कोई व्यव धायक नहीं रहता है ऐसा आपने कहा है, परन्तु याग मे तो ऐसा देखने में नहीं आता है। यहा तो माग और स्वर्ग के बीच मे अपूर्व धर्माधर्म व्यवधायत्र है । समाधान - स्व का ग्रग व्यवधायक नही होता है । प्रथम गृहीत जो यागादि में कारगता उस कारणता का निर्वाह अर्थात् संपादन का याग कारणता निर्वाहक अपूर्व को याग के व्यापार रूप से अपेक्षा किया जाता है । "स्वर्गकामो यजेत" स्वर्ग की कामनावान् यज्ञकरे । अर्थात् याग द्वारा स्वर्ग का संपादन करें। इस विधायक वाक्य को सस्कृत अग्नि मे पुरोडासादि प्रक्षेपात्मक याग किया क्षरण प्रध्वसी है, तब इसके क्षरण प्रध्वसी होने से परलोक में प्राप्त होने वाले स्वर्ग मे यह याग कारण कैसे होगा। क्योकि कार्य के अव्यवहित पूर्वकाल मे रहने वाला ही कारण होता है । याग तो चिरातीत हो जाता है । कदाचित् कहो कि याग निरर्थक है, सो ठीक नहीं है । प्रमाण का मूर्धन्य मूर्धन्य वेद कहता है कि याग से स्वर्ग का सम्पादन करो, सो निरर्थक कैसे होगा ? अत याग करने से एक अपूर्व उत्पन्न होता है, अधिकारी समवेत हो करके बैठा रहता है, वह कालान्तर मे भावी स्वर्ग फल का अव्यवहित पूर्ववती हो करके कारण होता है और इसी अपूर्व के द्वारा याग भी कारण होता है। यही याग का व्यापार हैं, तो जो अपूर्व वाक्य से अवगत याग मे स्वर्ग कारणता का निर्वाहक है सो याग का अग रुप अपूर्व, याग तथा स्वर्ग में व्यवधायक नही होता है । शाकर वेदान्तो लोगो ने भी तो महान प्रयास से योग वो करण वतलाया है तथा अपूर्व को व्यापार मान करके भी फल तथा करण में व्यवधायक नही माना है। प्राचार्य उदयन ने भी कहा है "चिरध्वस्त फलायाल न कर्मातिशय विना" चिरध्वस्त यागादिक कर्म विया अतिशय के विना स्वर्गात्मक फन के उत्पादन मे समर्थ नही हो सकता है प्रतः याग त्रिया से जायमान स्वर्गाव्यवहित वर्ती स्वर्ग के सति पश्चात्तद्वारा पूर्वतमस्थापि सम्बन्धो गृह्यते तत्र मध्यमजं जनक याग के अंग भूत याग मे वेद सिद्ध कारणता को ग्राहक माना गया है । नहीं कहो कि अपूर्व से हो स्वर्ग को उत्पत्ति सिद्ध हो जाती है तो अपूर्व जनक याग को स्वर्ग मे कारणता क्यों मानें ? प्रत्युत घट के जनक कुलाल का उत्पादक कुलाल पिता अन्यथा सिद्ध है, उसी प्रकार से माग भी स्वर्ग के प्रति अन्यथा सिद्ध है । ऐसा मत कहो । ऐसा कहने से तो आप वरधाताय कन्योद्वाहन न्याय को लगाते है, अर्थात् जैसे वर राजा को मारने के लिये कन्या का विवाह नही किया जाता है, किन्तु वर के सुखोत्पादन के लिये ही किया जाता है, उसी प्रकार से स्वर्ग के प्रति याग की कारणता सिद्ध हो इस लिये तो मध्यवर्ती अपूर्व माना गया है, यदि यह अपूर्व याग की कारणता को नष्ट कर दे तो इसकी क्या आवश्यकता थी ? "हन्यता हत्यता वालो मानेनार्थोस्ति जीवता । स्वपक्षहानिकर्तृत्वाद् यः कुलागारता गतः" इस न्यायता का अतिक्रमण यह अपूर्व नहीं करूंगा । इष्टापादान तो कह नहीं सकते हैं, क्योकि इप्टापत्ति कहने से 'स्वर्गकामो यजेत" वाक्य अप्रामाणिक हो जायगा सो तो किसी को भी इष्ट नही है । जहा निरन्तर दो मे सवध रहने पर पश्चादुत्तर कालिक द्वारा कार्य के साथ पूर्वतम का संवन्ध गृहीत होता है वहा मध्यम प्रत्येव पूर्वतमस्योपयोगः । तेनैव च तस्य व्यवधिर्यथा पुत्रजन्ये वटे तत्पितुः । एतेन फलाव्यभिचारिव्यापारकत्वं करणत्वं करणत्वमित्यपि समर्थितम् । यानेन करोति तत्करणमिठि । के प्रति (द्वितीय के प्रति ) पूर्व तम का उपयोग होता है और उसी से उसका व्यवधान भी होता है । जैसे पुत्र जन्य घट मे तत्पिता का अर्थात् घटात्मक कार्य के प्रति कुलाल को कारणता प्राप्त है और कुलाल पिता को पुत्र द्वारा कारणता आती है तो यहा कुलाल व्यवधायक माना जाता है, अन्यत्र नही । उपर्युक्त कारणत्व का प्रतिपादन करने से फल के प्रति अव्यभिचारी जो व्यापार, वह व्यापार जिस कारण मे हो उस कारण विशेष को कारण कहते हैं । एतादृश कारण लक्ष्य भी समर्थित होता है । जिस व्यापार के अनन्तर मे नियमत कार्य होता ही है तादृश व्यापारवान काररण को करण कहते है । यद्वा नेवेत्यादिजिससे विशिष्ट होकर वे क्र्ता कार्य का उत्पादन करता है उसका नाम है करण । जैसे दण्ड विशिष्ट होयर के घुलाल घटादिक कार्य को करता है तो पुग्य विशेषणी भूत जो दण्ड है सो घट कार्य के प्रति करण है, इसी का स्पष्टीकरण करते है । मर्त्ता स्व इत्यादि - स्ववतुजन्य सभी त्रिन्याथों में वर्ता जस कारण विशेष की अपेक्षा करता है सरक विशेष कर्ता स्वजन्यास सर्वास्थेव क्रियासु येत्कारकमपेक्षत एव तत् करणम् । कर्मादिचतुष्कन्तु नैवं तेषां सर्वत्रानपेक्षणात् । करणमेव तथा तेन बिना कतुः क्रियाप्रचयानुदयात् । एवं यद्वानेव प्रमिमीते तत्प्रमाण केन प्रमितिकार केरण सहित एव फर्ता श्रमिमीते करणेनेति नमः । तथा हि प्रमितौ सम्प्रदानापादाने ताबदसम्माविते एव । अधिकन्तु प्रमितेः प्रमातैव । का नाम ही करण होता है । कर्म संप्रदान अपादान अधिकरण ये चारों कारक ऐसे नहीं है कि यदपेक्ष होकर के कर्ता क्रिया का संपादन करे, क्योकि कर्मादिक चारों कारक सर्वत्र अपेक्षित नहीं होते हैं, करण हो ऐसा है । करण सापेक्ष हो करके ही मात्र क्रिया को करता है । इसी प्रकार से करण के बिना कर्ता की कोई भी किया पैदा नही होती है । यद्वा नही प्रमाता प्रमा को कर्ता है उसका नाम है प्रमाण । जैसे चक्षुरादि को विशेषण रूप से लेकर के हो चाक्षुप प्रमा को देवदत्त उत्पादन करता हैं इसलिये चक्षुरादि प्रमाण है। किस प्रमिति का कारक युक्त होकर के ही देवदत्तादिक कर्ता प्रमा ज्ञान को करता है ? इसके उत्तर मे कहते हैं "करणनेतिय मः" करण को लेकर के हो प्रमाता प्रभा वो करता है ऐसा में हता हूं। इतरकारकः को लेकर के प्रमा को क्यों नही करता है ? कारण से युक्त होकर के ही क्यों करता है ? इसके स्पष्टीकरण के लिये कहते हैं । तथा होत्यादि२७८ न च स एव तद्वान् भवति मेयस्य घाधिकरणं नावश्यकम् यात्मानिरधिकरणस्यापि प्रमेयत्वात् । यत्राप्यस्ति तत्रापि न नियतभावं घटः पट इत्यादिप्रमितेरपि दर्शनात् । कर्म तु प्रमितौ पाक्षिकं अनागतादेरपि प्रमितेः । विषयमात्रन्तु न कर्म प्रमा की उत्पत्ति मे सम्प्रदान तथा अपादान चतुर्थी पचमी कारक तो असम्भव है। अधिकरण तो प्रमा का प्रमाता ही है । प्रमाता ही प्रमातावान नही हो सकता है । प्रमेय का अधिकरण कोई आवश्यक नहीं है, क्योकि माधिकरण रहित है फिर भी वह प्रमेय है, इस लिये प्रमेय को अधिकरण सापेक्षत्व अत्यावश्यक नहीं है । जहा अधिकरण है उस स्थल में अधिकरण का नियमतः भान होता ही है, ऐसा नही है । क्योकि "प्रय घटोऽयपट " यह घट है यह पट है इत्यादि ज्ञान होता है परन्तु उसमे अधिकरणका भान कहा होता है ? अर्थात् अधिकरण का भान नहीं होता है । कर्म कारक तो प्रमा मे पाक्षिक है अर्थात् होता भी है नही भी होता है, नियत नही है । क्योकि तोगविषयक ज्ञान भी होता है उसमे कर्म कारक विद्यमान कहा रहता है, अतीत होने से । ज्ञान का जो विषय हो सो कर्म है, ऐसा नही, विषय हो प्रकारक भी होता है अर्थात् कर्म वारक भी प्रमा मे नियत नहीं है। बरण कारक तो प्रमा मे नियमत किया मात्र में रहता अकारक माधारण्यात् । करगन्तु प्रमिती नियतमेव तेन विना प्रमित्यर्जनासम्मवादिति । अत एव करणस्य यश्चरमो व्यापारः सन करणं न वा प्रमाणं तस्य निर्व्यापारत्वेनाकारकत्वात् व्यापारबत्कारणस्यैव मया कारकत्वोपगमात्र तद्विशेषस्य च करणत्वात् ॥ नन्वन्यथासिद्धनियतप्राक्सत् कारणं तदेव सव्यापारं ही है। क्योंकि कारण के विना प्रमिति रूप कार्य का अर्जन ( उत्पादन ) असंभावित होने से । अत एव कररण का जो चरम व्यापार है ( यदनन्तर कार्योत्पत्ति नियत है उसी को घरम न्यापार कहते हैं) वह तो न कार्य का करण है न वा प्रमाण है (प्रमिति रूप कार्य का करण है क्योकि चरम व्यापार निर्व्यापार है उसका कोई व्यापारान्तर नहीं होने, से चरम व्यापार कारक नही है। व्यापारवान् कारण को हो हम लोग चारक मानते हैं तथा वारक विशेष काही नाम वरण होता है। इसलिये चरम व्यापार व्यापार रहित होने से न कारक है नवा करण है। कार की निवृत्ति सेवा की निवृत्ति होनी है । और वास की निवृत्ति में चरम व्यापार में राव की निवृत्ति होतो है। व्यापराभाव व्याप्यामान का प्रयोजक होना है। घा-जो प्रत्यवासिद्ध रहिह्न मे रहिह्न हो करके कारकं तदेव साधकतमं करणमिति तावन्न्यायमतम् । तथा च व्यापार विशिष्टस्य करणतां गतस्य व्यापारान्तरान्वयाभावात् करणमपि करणं न स्यात् । मैवम् । यत्र रूपं तत्र स इतियत् नियमतः कार्य के अव्यवहित पूर्ववर्ती हो उसका नाम है कारण । अनियत पूर्ववृत्ति रासभादिक का निराकारण करने के लिये नियत पद दिया गया है । घटोत्तर वर्ती पदार्थ में कारगत्व लक्षण की प्रतिव्याप्ति वारण करने के लिये पूर्ववत्ती पद है, व्यवहित । पूर्ववर्ती पदार्थ के वारण करने के लिये अव्यवहित पददिया गया है । X और जब यही कारण व्यापार विशिष्ट होता है तब उसो का नाम कारक होता हैं । जब साधक तम जो होता है तब यही कारक करण कहता है, ऐसा नैयायिक का मत है । तब जब व्यापार विशिष्ट हुम्रा तब वह कारणता को प्राप्त होता है । अब मै पूछता हूँ कि व्यापार विशिष्ट मे व्यापारान्तर का तो अन्वय नहीं होगा, तो जो करण है वह भी करण नहीं होगा । जैसे दण्ड विशिष्ट मे पुन दण्ड का सम्बन्ध नही होता है वैसे ही व्यापार विशिष्ट मे व्यापारान्सर का अन्तर तो होगा नही, तब करण भी करण कैसे होगा ? Xभन्यथा सिद्धि मूल्य हो, नियमतः वायँ के पूर्वदती हो, उसको बारण कहते है । अन्यथा सिद्ध पाच होते है। एक तो वह जो कारण सहभूत होता
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नई दिल्लीः 28 मई की रात दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में हुए वीभत्स साक्षी हत्याकांड में रोज़ कुछ न कुछ नया खुलासा हो रहा है. अब तक इस हत्याकांड में कई किरदार सामने आ चुके हैं. दूसरी ओर हत्यारोपी साहिल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साहिल ने भी दिल्ली पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. इस पूरे हत्याकांड को लेकर धार्मिक एंगल से भी जांच की जा रही है. इसी कड़ी में AIMIM से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने साक्षी मर्डर केस में प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि देश की हकीकत ये है कि बहुसंख्यक नफरत का एजेंडा चलाया जा रहा है जिसे बीजेपी बढ़ावा दे रही है. उन्होंने आगे कहा कि मूसलमानों को पहले से अधिक अलग-थलग और हाशिए पर पहुंचा दिया गया है. साक्षी की हत्या और लव जिहाद से जुड़े सवाल पर ओवैसी कहते हैं कि आप लव जिहाद की बात कर रहे हैं और केरल का एक केस सुप्रीम कोर्ट में गया था जहां सभी थ्योरीज धरी की धरी रह गई और केस गलत साबित हो गया. उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या मुझे पूरे हिंदू समुदाय को बदनाम करना चाहिए क्योंकि गोडसे ने गांधी को मारा था? ओवैसी आगे कहते हैं कि क्या मुझे उस समुदाय को बदनाम करना चाहिए जिनके लोगों ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को मारा था? AIMIM चीफ ने आगे कहा कि देश में किसी भी तरह की हिंसा की आलोचना होनी चाहिए. दिल्ली में जो उस लड़की के साथ हुआ वो निंदनीय है. वो वीडियो मैंने भी देखा और मैं बहुत दुखी हुआ. लेकिन इस घटना को धार्मिक रंग देना गलत है. ओवैसी ने समाचार चैनल से बात करते हुए आगे कहा कि जो जुल्म महिलाओं के खिलाफ होता है उसकी निंदा करनी चाहिए. लेकिन अगर इसे एंगल देंगे तो आजमगढ़ में प्रिंस ने जो सिर काटा था उसे क्या कहा जाएगा.
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1 तब क़रयत या'रीम के लोग आए और ख़ुदावन्द के संदूक़ को लेकर अबीनदाब के घर में जो टीले पर है, लाए, और उसके बेटे एलियाज़र को पाक किया कि वह ख़ुदावन्द के संदूक़ की निगरानी करे। 2 और जिस दिन से संदूक़ क़रयत या'रीम में रहा, तब से एक मुद्दत हो गई, या'नी बीस बरस गुज़रे और इस्राईल का सारा घराना ख़ुदावन्द के पीछे नौहा करता रहा। 3 और समुएल ने इस्राईल के सारे घराने से कहा कि "अगर तुम अपने सारे दिल से ख़ुदावन्द की तरफ़ फिरते हो तो ग़ैर मा'बूदों और '* 7:3 देवियों की मूर्तियाँ कोइस्तारात को अपने बीच से दूर करो और ख़ुदावन्द के लिए अपने दिलों को मुसत'इद करके सिर्फ़ उसकी इबादत करो, और वह फ़िलिस्तियों के हाथ से तुमको रिहाई देगा।" 4 तब बनी इस्राईल ने बा'लीम और 'इस्तारात को दूर किया, और सिर्फ़ ख़ुदावन्द की इबादत करने लगे। 5 फिर समुएल ने कहा कि "सब इस्राईल को मिस्फ़ाह में जमा' करो, और मैं तुम्हारे लिए ख़ुदावन्द से दुआ करूंगा।" 6 तब वह सब मिस्फ़ाह में इकठ्ठा हुए और पानी भर कर ख़ुदावन्द के आगे उँडेला, और उस दिन रोज़ा रख्खा और वहाँ कहने लगे, कि "हमने ख़ुदावन्द का गुनाह किया है।" और समुएल मिस्फ़ाह में बनी इस्राईल की 'अदालत करता था। 7 और जब फ़िलिस्तियों ने सुना कि बनी इस्राईल मिस्फ़ाह में इकट्ठे हुए हैं, तो उनके सरदारों ने बनी इस्राईल पर हमला किया, और जब बनी - इस्राईल ने यह सुना तो वह फ़िलिस्तियों से डरे। 8 और बनी - इस्राईल ने समुएल से कहा, "ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा के सामने हमारे लिए फ़रियाद करना न छोड़, ताकि वह हमको फ़िलिस्तियों के हाथ से बचाए।" 9 और समुएल ने एक दूध पीता बर्रा लिया और उसे पूरी सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश किया, और समुएल बनी - इस्राईल के लिए ख़ुदावन्द के सामने फ़रियाद करता रहा और ख़ुदावन्द ने उस की सुनी। 10 और जिस वक़्त समुएल उस सोख़्तनी क़ुर्बानी को अदा कर रहा था उस वक़्त फ़िलिस्ती इस्राईलियों से जंग करने को नज़दीक आए, लेकिन ख़ुदावन्द फ़िलिस्तियों के उपर उसी दिन बड़ी कड़क के साथ गरजा और उनको घबरा दिया; और उन्होंने इस्रालियों के आगे शिकस्त खाई। 11 और इस्राईल के लोगों ने मिस्फ़ाह से निकल कर फ़िलिस्तियों को दौड़ाया, और बैतकर्र के नीचे तक उन्हें मारते चले गए। 12 तब समुएल ने एक पत्थर ले कर उसे मिस्फ़ाह और † 7:12 जेशनाहशेन के बीच में खड़ा किया, और उसका नाम इबन-'अज़र यह कहकर रख्खा, "कि यहाँ तक ख़ुदावन्द ने हमारी मदद की।" 13 इस लिए फ़िलिस्ती मग़लूब हुए और इस्राईल की सरहद में फिर न आए, और समुएल की ज़िन्दगी भर ख़ुदावन्द का हाथ फ़िलिस्तियों के ख़िलाफ़ रहा। 14 और अक़रून से जात तक के शहर जिनको फ़िलिस्तियों ने इस्राईलियों से ले लिया था, वह फिर इस्रालियों के क़ब्ज़े में आए; और इस्राईलियों ने उनकी 'इलाक़ा भी फ़िलिस्तियों के हाथ से छुड़ा लिया और इस्राईलियों और अमोरियों में सुलह थी। 15 और समुएल अपनी ज़िन्दगी भर इस्राईलियों की 'अदालत करता रहा। 16 और वह हर साल बैतएल और जिल्जाल और मिस्फ़ाह में दौरा करता, और उन सब मक़ामों में बनी - इस्राईल की 'अदालत करता था। 17 फिर वह रामा को लौट आता क्यूँकि वहाँ उसका घर था, और वहाँ इस्राईल की 'अदालत करता था, और वहीं उसने ख़ुदावन्द के लिए एक मज़बह बनाया।
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एल्गोरिदम क्या हैं और उन्हें क्यों आवश्यक है? शुरुआती और अनुभवहीन प्रोग्रामर अक्सरऐसा प्रश्न हैः "एल्गोरिदम क्या हैं और उन्हें क्यों जरूरत है?" हालांकि यह धारणा धीरे-धीरे गुमनामी में जाती है, लेकिन यह अभी भी प्रासंगिक है। बड़े वाणिज्यिक परियोजनाओं का निर्माण करते समय, आप एल्गोरिदम के बिना नहीं कर सकते और इससे पहले कि आप प्रोग्रामिंग शुरू करें, उन्हें समझना बेहतर है और उसके बाद ही व्यावहारिक अभ्यास शुरू करें। यद्यपि यह अवधारणा किसी पीसी पर सॉफ्टवेयर के निर्माण से जुड़ा है, लेकिन यह रोजमर्रा की जिंदगी में काफी आम है। यह आलेख क्या वास्तविक जीवन एल्गोरिदम का उदाहरण देगा। अब आइए जानें कि कंप्यूटर विज्ञान में एल्गोरिदम कितने हैंऔर प्रोग्रामिंग इस अवधारणा के तहत, क्रियाओं का क्रम छिपा हुआ है, जिसके उपयोग से कोई भी आसानी से कार्य को हल कर सकता है। एक उदाहरण के रूप में, आप किसी एक सूत्र से गणना कर सकते हैं ऐसा करने के लिए, निम्न कार्य करने के लिए पर्याप्त हैः - गणना के लिए आवश्यक प्रारंभिक डेटा दर्ज करें। (उदाहरण के लिए, कागज पर)। उपस्थिति में कंप्यूटर विज्ञान में एल्गोरिथ्म निम्नलिखित संशोधनों में हो सकता हैः - ग्राफ़िक रूप से (मानकीकृत ब्लॉक के एक सेट के रूप में) - चरण-दर-चरण पाठ विवरण। पाठ विवरण इतना स्पष्ट नहीं है और इसलिएअक्सर बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है। यह संख्याओं या अक्षरों के साथ एक नियमित बुलेट सूची की तरह दिखता है। संरचना को ब्रांचिंग के साथ एक रैखिक विवरण से अलग किया जाता है। पहला विकल्प बहुत कम आम है। उनके बीच का अंतर यह है कि दूसरे मामले में ब्रांचिंग ब्लॉक हैं और अंतिम परिणाम प्राप्त करने के लिए गणना की संख्या अज्ञात है। अब देखते हैं कि एल्गोरिदम क्या हैंवास्तविक जीवन विभिन्न व्यंजन तैयार करते समय, मालकिन एक पर्चे का पालन करती है। उदाहरण के लिए, पास्ता तैयार करते समय, आपको क्रियाओं के निम्नलिखित एल्गोरिदम को निष्पादित करने की आवश्यकता होती हैः - एक उबाल के लिए पानी लाओ। - सो जाओ पास्ता। - कम गर्मी पर, उन्हें सरगर्मी, एक उबाल लाने के लिए। - पकाए जाने के बाद, पानी निकालें। - मक्खन जोड़ें। - चिकनी तक हिलाओ। पकवान तैयार है। यदि आप इसे प्रोग्रामर की आंखों से देखते हैं, तो यह एक सामान्य रैखिक एल्गोरिदम है, जिसे टेक्स्ट फॉर्म में लिखा गया है। तो यह हमारे जीवन में इतना दुर्लभ नहीं है, यह जटिल अवधारणा होती है। हम बस इसका इस्तेमाल करते हैं और इसके बारे में भी नहीं जानते हैं।
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ICSI CSEET May Exam 2022: इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया ने आईसीएसआई सीएसईईटी (ICSI CSEET) एक्जाम के लिए मई 2022 की तारीख जारी की है। इस संबंध में कहा गया है कि कंपनी 7 मई, 2022 को सेक्रेटरी एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट रिमोट प्रॉक्टेड मोड के जरिए आयोजित करेगी। आईसीएसआई सीएसईईटी मई में आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को बैच समय, यूजर आईडी और पासवर्ड अलग से ई-मेल या एसएमएस द्वारा सूचित करेगा। आईसीएसआई ने उम्मीदवारों से अनुरोध किया है कि वे क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके एक्जाम में हाजिर हों, जो आपके ई-मेल आईडी या एसएमएस के माध्यम से भेजे जाएंगे। इस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को अपने लैपटॉप/ डेस्कटॉप में अनिवार्य सुरक्षित परीक्षा ब्राउजर पहले से डाउनलोड करके रखना होगा, जिससे वे परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। योग्य उम्मीदवारों को यह सलाह दी जाती हैं कि वे नियत समय में संस्थान की वेबसाइट पर जाकर वहां दिए गए निर्देशों के साथ अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लें। इस बीच, आईसीएसआई सीएसईईटी (ICSI CSEET) जुलाई 2022 सत्र की पंजीकरण प्रक्रिया 15 जून, 2022 को समाप्त होगी तथा इसकी परीक्षा 9 जुलाई, 2022 को आयोजित की जाएगी। मई 2022 एक्जाम में शामिल होने वाले योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आईसीएसआई की आधिकारिक वेबसाइट icsi. edu पर जाकर नोटिस देख सकते हैं।
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किसी कवियत्री को कहानीकार के रूप में सफलतापूर्वक परिवर्तित हो किस्सागोई करते देखना अपने आप में एक अलग एवं सुखद अनुभव से आपको रूबरू करवाता है। वर्तमान साहित्य जगत में अंजू शर्मा जी का नाम उनकी कविताओं के ज़रिए पहले से ही किसी पहचान या परिचय का मोहताज नहीं है। पहले उनकी अलग कलेवर से संचित कविताएं मन मोहने के साथ अलग ढंग से सोचने पर मजबूर भी करती थी और अब..अब तो साहित्य की अन्य विधाओं जैसे कहानी एवं उपन्यास के क्षेत्र में भी उनका महत्त्वपूर्ण दखल रहने लगा है। भावनाओं से लबरेज़ उनकी कहानियाँ बिना किसी झिझक, दुविधा अथवा परेशानी के पाठकों को अपने साथ लंबी सैर पर चलने के लिए तुरंत राज़ी कर लेती हैं। किसी भी कहानी के साथ, उसे किस तरह का ट्रीटमेंट मिलना चाहिए, ये वह भलीभांति जानती हैं। जहाँ एक तरफ उनकी कहानी की धाराप्रवाह लेखनशैली पाठकों को अपने साथ अपनी ही धुन में बहाए ले चलती है, वहीं दूसरी तरफ उनकी कहानी को कहने की भाषा कहानी के किरदारों, माहौल, स्तिथि परिस्थिति एवं परिवेश के हिसाब से अपने आप स्थानीय एवं भाषायी कलेवर अपना बदलती रहती है जिससे कहानी को और अधिक विश्वसनीय होने में तार्किक ढंग से मदद मिलती है। उनके पास विषयों तथा विषयानुसार बर्ताव करने वाले किरदारों की कमी नहीं है। जितनी आसानी से वो अपनी कहानी को फ्लैशबैक में ले जाती हैं, उतनी ही सहजता से वे उससे बाहर भी आ जाती हैं। अभी फ़िलहाल में मुझे उनका दूसरा कहानी संग्रह "सुबह ऐसे आती है" पढ़ने का मौका मिला। इस संकलन की कहानियों में से कुछ को मैं पहले भी पढ़ चुका हूँ। इस संकलन की कहानियों में जहाँ एक तरफ तीन तलाक और हलाला जैसी कुरीतियों का प्रभावी रूप से जिक्र है तो दूसरी तरफ कैरियर की अंधी दौड़ में टूटते परिवारों की भी दिक्कतें एवं परेशानियां हैं। किसी कहानी में अपनी मंज़िल तक ना पहुँच पाने पर अवसाद ग्रसित हो आपसी रिश्ता जुड़ने से पहले ही टूटने की कगार पर है तो किसी कहानी में कश्मीर के विस्थापितों के दुख दर्द को समेटते हुए उनके फिर से उबरने का जिक्र है। किसी कहानी में पुरुषात्मक सत्ता के कट्टरपंथ से विरोध जता महिलाओं के आगे बढ़..उभरने की कहानी है। तो किसी कहानी में पुराने दकियानूसी अंधविश्वासी विचारों पर भी प्रभावी ढंग से चोट की गयी है। किसी कहानी में सम्मानपूर्वक ढंग से विधवाओं के उत्थान की कहानी है तो किसी कहानी में नॉस्टेल्जिया से गुज़रते हुए गांव, घर, कस्बों से जुड़े रिश्तों के टूटने और फिर जुड़ने की कहानी का प्रभावी ढंग से ताना बाना बुना गया है। इस संकलन को पढ़ते हुए हमारा सामना कहीं ईश्वर के प्रति आस्था- अनास्था से गुज़रती हुई कहानी से होता है तो किसी कहानी में वर्जित फल को चखने के तमाम प्रलोभनों से दृढ़ निश्चयी स्त्री के बच निकलने की कथा को विस्तार दिया गया है। किसी कहानी में हम जेल जा चुके व्यक्ति के सज़ा काट..जेल से छूटने पर उसके परिवार द्वारा उसे ही भुला दिए जाने की मार्मिक घटना से रूबरू होते हैं तो किसी कहानी में अनैतिक रिश्तों के भंवर में डूबे व्यक्ति के ठोकर खा.. वापिस घर लौटने को लेकर तमाम प्लाट रचा गया है। एक तरह से हम कह सकते हैं कि इस पूरे कहानी संकलन में एक आध कहानी को छोड़ कर हर कहानी अवसाद से उबर कर हम में एक तरह से ऊर्जा एवं साकारात्मकता का संचार करती है। अंत में एक पाठक की हैसियत से कुछ सुझाव कि मुझे इस किताब को पढ़ते वक्त कुछ जगहों पर शब्दों के रिपीट होने की ग़लती दिखाई दी और पूरी किताब में जायज़ जगहों पर भी नुक्तों का प्रयोग ना के बराबर दिखाई दिया। आने वाले संस्करण/पुनर्मुद्रण तथा आने वाली नई किताबों में इस तरह की छोटी छोटी कमियों को आसानी से दूर किया जा सकता है। उम्दा क्वालिटी के इस 135 पृष्ठीय कहानी संकलन को छापा है भावना प्रकाशन ने और इसके पेपरबैक संस्करण का मूल्य ₹195/- रखा गया है जो कि किताब की क्वालिटी और कंटैंट को देखते हुए ज़्यादा नहीं है। लेखिका तथा प्रकाशक को इस संग्रहणीय किताब के लिए बहुत बहुत बधाई तथा आने वाले भविष्य के लिए अनेकों अनेक शुभकानाएं।
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चंडीगढ़ - सच्चे मन, पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ मानवता की सेवा को समर्पित हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आये दिन अपने आचरण से लोगों का दिल जीत रहे हैं। समूचे प्रदेश को अपना परिवार मानने वाले मुख्यमंत्री से किसी की परेशानी नहीं देखी जाती। किसी को परेशानी में घिरा देख मुख्यमंत्री उनकी मदद के लिए हमेशा आगे आते हैं। कुछ ऐसा ही शुक्रवार को भी हुआ जब मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल चंडीगढ़ से पंचकूला की ओर जा रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सड़क किनारे एक दिव्यांग महिला को देखा और अपना काफिला रुकवाकर उसकी परेशानी जानी। मुख्यमंत्री ने महिला को मौके पर ही अपनी तरफ से आर्थिक सहयोग दिया और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का भी भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री को इस प्रकार से अपने सामने देखकर वह महिला हैरान रह गई। महिला ने बताया की वह कभी सोच भी नहीं सकती थी कि एक दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री स्वयं आकर उसकी मदद करेंगे। महिला ने बताया कि उसने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के बारे में जैसा सुना था वे बिलकुल वैसे ही हैं जो वंचितों को सरकार की ओर से मदद के लिए दिन रात जुटे हैं और इसी को ध्यान में रखकर योजनाएं बना रहे हैं। महिला ने कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि मुख्यमंत्री को सदैव स्वस्थ रखें और लम्बी आयु दें और वे ऐसे ही जनता की सेवा करते रहें। मुख्यमंत्री समाज की भलाई, जन-जन के जीवन को सुखमय करने, वंचितों व जरूरतमंदों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए अंत्योदय की भावना से आगे बढ़ रहे हैं। श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने विभिन्न वर्गों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं, ताकि अंत्योदय की भावना से समाज के कमजोर से कमजोर व्यक्ति के विकास की परिकल्पना को साकार किया जा सके। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना चलाकर गरीबों व वंचितों को स्वावलंबी बनाकर जीवन जीने का अधिकार दिया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि गरीब व जरूरतमंदों का सरकारी सुविधाओं व सेवाओं पर पहला हक है। प्रदेश में वंचितों व जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए चिरायु हरियाणा योजना शुरू की गई है। इसमें 1 लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों को 5 लाख रुपये वार्षिक का स्वास्थ्य कवर मिल रहा है। इससे प्रदेश में लगभग 29 लाख परिवार कवर हो रहे हैं। प्रदेश में अंत्योदय परिवारों की स्वास्थ्य जांच के लिए निरोगी हरियाणा योजना भी शुरू की गई है। इसके तहत 25 मानकों के आधार पर गरीब व वंचित परिवारों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। ऐसे में देखा जाए तो गरीबों व वंचितों के उत्थान के लिए कार्य करना ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जीवन का लक्ष्य है। वे प्रदेश की लगभग पौने 3 करोड़ जनता को अपना ही परिवार मानते हैं। श्री मनोहर लाल वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत पर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं।
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ललितपुर में खाद की किल्लत को लेकर दो तीन किसानों की मौत के बाद राजनीति शुरू हो गई है। तीन दिन पहले प्रियंका गांधी ने ललितपुर का दौरा किया था। अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज दो दिवसीय दौरे पर ललितपुर आयेंगे। यहां वह दो दिन में 5 मृतक किसान परिवारों से मिलेंगे। किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रंजीत यादव ने बताया कि संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत व प्रदेशाध्यक्ष राजवीर 1 नवंबर को दोपहर 12 बजे ललितपुर पहुंचेंगे। जहां वह पीडब्ल्यू डी के रेस्ट हाउस में पहुंचेंगे। उसके बाद मृतक किसान भोगीराम पाल के घर नयागांव जाएंगे। उसके बाद कस्बा पाली में मृतक किसान बल्लू पाल के घर पहुंचेंगे। कस्बा पाली में रात रुकेंगे। 2 नवंबर को गांव बनयाना में मृतक किसान महेश बुनकर के घर जाएंगे। फिर ग्राम मसौरा खुर्द में मृतक किसान रघुवीर पटेल व ग्राम मैलवारा खुर्द में मृतक किसान सोनी अहिरवार के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात करेंगे। 29 अक्टूबर को लखनऊ से ट्रेन द्वारा प्रियंका गांधी ललितपुर पहुंची थी। जहां उन्होंने चारों किसानों के परिजनों से बल्लू पाल के घर में मुलाकात की। खाद न मिलने और कर्ज से परेशान किसान बल्लू पाल ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। प्रियंका ने यहां एक कमरे में बैठकर पीड़ित परिजनों का दर्द जाना। बातचीत के दौरान ही मृतक किसान भोगीराम पाल की बेटी सविता बेहोश हो गई तो प्रियंका ने उसे अपने हाथों से गिलास से पानी पिलाया था। - 21 अक्टूबर को खाद की समस्या को लेकर किसानों ने महरौनी, मड़ावरा व ललितपुर में प्रदर्शन किया था। - 22 अक्टूबर को खाद लेने के लिए दो दिन से लाइन में लगे नयागांव निवासी 55 वर्षीय किसान भोगी पाल की मौत हो गई थी। - 23 अक्टूबर कोमहरौनी में खाद के लिए किसानों ने प्रदर्शन करते हुए ललितपुर मार्ग पर कई घंटों जाम लगाया था। - 24 अक्टूबर को नाराहट में खाद के लिए लाइन में आगे लगने को लेकर पुलिस व किसानों के बीच विवाद हो गया था। इस विवाद में पुलिस कर्मियों ने दो किसानों को धक्का दे दिया था जिससे उनके सिर पर चोट आ गई थी। आक्रोशित किसानों ने सड़क पर जाम लगा दिया था। घायल किसान ने एक दरोगा को थप्पड़ भी जड़ दिया था। मड़ावरा में किसान को पुलिसकर्मी ने मारा था। जिसके बाद किसानों ने सड़क पर जाम लगाते हुए दो बसों में तोड़फोड़ कर दी थी। - 25 अक्टूबर को किसानों ने खाद नहीं मिलने से झांसी मार्ग पर जाम लगा दिया था। खाद के भरे ट्रक के आगे लेटकर खाद की बोरियां लूटने का प्रयास किया गया था। - 25 अक्टूबर को कोतवाली सदर क्षेत्र के ग्राम मैलवारा खुर्द निवासी सोनी अहिरवार (40) सात दिन से खाद के लिए परेशान था। रात को उसने खेत पर महुआ के पेड़ से रस्सी बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। - 25 अक्टूबर को पीसीएफ के कर्मचारी भंडार नायक पर 2261 खाद की बोरी गायब करने व 28 लाख 61 हजार रुपए जमा नहीं करने को लेकर कोतवाली में एसडीएम द्वारा पकड़कर बैठा दिया गया था। - 26 अक्टूबर को थाना नाराहट के ग्राम बनयाना निवासी 30 साल के किसान महेश बुनकर की मौत हो गई थी। परिजनों ने बताया था कि महेश खाद के लिए ललितपुर में तीन दिन से लाइन में लगा था। 25 अक्टूबर को खाद की लाइन में लगते समय उसकी हालत बिगड़ गई थी। 26 अक्टूबर को शाम तीन बजे घर पर उसकी मौत हो गई थी। - 27 अक्टूबर को महिला किसानों ने खाद नहीं मिलने पर ललितपुर में इलाइट चौराहे के निकट खाद दुकानदार पर धूल फेंक कर हमला करते हुए जाम लगा दिया था। - 28 अप्रैल को खाद की समस्या का समाधान करने में फेल होने पर जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार को हटा दिया गया। - 29 अक्टूबर को प्रियंका गांधी ने मृतक किसान परिवारों से मुलाकात की।
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क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कम ही उदाहरण मिलेंगे जिसमें पति अंतरराष्ट्रीय टीम में खेल रहेे हों और पत्नी भी महिला अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा हो। ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क अंतरराष्ट्रीय टीम में तेज गेंदबाजी करतेे हैं और मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही चार मैचों की टेस्ट सीरीज का हिस्सा हैं। पत्नी ऐलीसा हैली अच्छी विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और फिलहाल भारतीय महिला टीम के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए भारत में हैं। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम ने रविवार को वडोदरा में खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे को जीत कर सीरीज क्लीन स्वीप कर दी। आखिरी वनडे मैच की हीरो रही ऐलीसा हैली, जिन्होंने अपने करियर का पहला शतक लगाकर टीम को 97 रनों से जीत दिलाई। जीत के बाद मिचेल स्टॉक पत्नी के करियर के पहले शतक पर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और उन्होंने ट्विटर पर पत्नी की जमकर तारीफ की। स्टार्क ने पत्नी की शतकीय पारी वाली फोटो इंस्टग्राम पर शेयर करते हुए लिखा, "पत्नी ने करियर का पहला शतक लगाया है। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम की किसी भी विकेटकीपर द्वारा बनाया गया ये पहला शतक है। साथ ही ये ऑस्ट्रेलिया की किसी भी महिला खिलाड़ी द्वारा भारत के खिलाफ बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर भी है। मै एक प्राउड हबी हूं। हैली ने इस मैच में 133 रनों की पारी खेली, जिसकी मदद से ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम ने 50 ओवरों में भारत के सामने 332 रन बना दिए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भरतीय टीम 235 रनों पर ही ऑल आउट हो गई।
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आजकल के भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लगभग हर इंसान तनाव में रहता है. तनाव में रहने पर इंसान को तरह-तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं. डॉक्टरों की मानें तो व्यक्ति तभी स्वस्थ रहेगा जब वह अंदर से खुश रहेगा और फिर वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि 'laughter is the best medicine'. इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आये हैं जो आजकल सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहे हैं और हमें यकीन है कि इन्हें पढ़ने के बाद आप भी हंसे बिना रह नहीं पाएंगे. तो देर किस बात की है? चलिए शुरू करते हैं हंसने-हंसाने का ये सिलसिला. पति और पत्नी में लड़ाई हुई, पति घर से चला गया, पति : रात को फ़ोन पर पूछा, खाने में किया है? पत्नी : जेहेर. पति : मैं देर से घर आऊंगा, तुम खाके सो जाना। पति अपनी पत्नी से mobile पर : तुम बोहत सुन्दर हो. पत्नी : आच्छा, thanks. पति : तुम बिलकुल princess जैसे हो, पत्नी : thanks यार, अच्छा ये बताओ किय कर रहे हो? पति : नही कुछ नही free था, सोचा मजाक ही कर लिया जाये। पिज्जवाला : क्या तुम शादीशुदा हो ? माँ अपने बेटे को पिज्जा लाने भेजेगी। अंदर झाँकू और अपनी कमिया ढूँढू ? गिनवाएंगी की तुम्हे याद हो जाएगी। ले जाता हे तो ठीक वरना स्टाफ रूम में रख देंगे। मगर अब मोबाईल गिरता हे तो कलेजा, बहार आते हे। भगवान बस लड़की हो। कितने देश हे ? देश हे बाकि सब विदेश हे।
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