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महाराष्ट्र में लगातार कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (omicron) के मामले बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र (maharashtra) में अब तक ओमिक्रोन के कुल 18 केस सामने आ चुके हैं। जिसके बाद आम जनमानस में सरकार द्वारा फिर से लॉकडाउन लगाने की चर्चा होने लगी है। इस बात को उस समय और भी बल मिला, जब सरकार द्वारा 11 और 12 तारीख को दो दिन के लिए मुंबई में धारा 144 लगाने की घोषणा की गई। बताया जा रहा है कि, ओमिक्रोन की वजह से ही सरकार ने दो दिन के लिए धारा 144 लगाया था। लेकिन सरकार द्वारा अभी लॉकडाउन (lockdown) या प्रतिबंध लगाने की कहीं कोई प्लानिंग नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार फिर से लॉकडाउन लगाने के कतई मूड में नहीं है। इस बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने बताया कि, ओमिक्रोन से लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, जो जानकारियां मिल रही है उसके मुताबिक कोरोना (covid19) के इस नए वेरिएंट की घातकता बहुत ज्यादा नहीं है। इसलिए हम राज्य में लॉकडाउन लगाने के बारे में बिलकुल नहीं सोच रहे हैं। ना ही राज्य के कोरोना टास्क फोर्स ने इस तरह का कोई सुझाव दिया है। ओमिक्रोन से बचने के उपायों पर बात करते हुए राजेश टोपे ने कहा,' स्वास्थ्य विभाग तीन टी (T) यानी ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग जैसे फॉर्मूले पर काम कर रही है। साथ ही हमारे पास जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तीन लैब हैं। इसलिए लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार द्वारा लॉकडाउन न लगाने का एक बड़ा कारण अर्थव्यवस्था भी है। क्योंकि लॉकडाउन लगाने से लोगों की रोजी रोटी फिर से प्रभावित होगी। साथ ही अन्य राजनीतिक दलों ने भी लॉकडाउन लगाने पर सहयोग नहीं करने की धमकी दी है। इसलिए फिलहाल राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं नजर आ रही है। बता दें कि, रविवार को नागपुर में एक मरीज और इससे पहले मुंबई में एक साथ तीन मरीज पाए जाने के बाद इतने केस हुए हैं. इन 18 में से 7 लोग ठीक भी हो चुके हैं. फिलहाल ओमीक्रॉन के कुल 11 ऐक्टिव केस हैं.
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Bihar CSBC lady constable vacancy: केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती), बिहार ने महिला कॉन्स्टेबल के पदों पर भर्ती निकाली है। इन महिला सिपाहियों की भर्तियां बिहार पुलिस स्वाभिमान बटालियन में की जाएंगी। इस सरकारी भर्ती के संबंध में सीएसबीसी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट csbc. bih. nic. in पर नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इन भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है। पहले रजिस्ट्रेशन और फिर आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी है। ये सभी प्रक्रियाएं सीएसबीसी की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए पूरी करनी हैं। रजिस्ट्रेशन का डायरेक्ट लिंक आगे दिया जा रहा है। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 24 जुलाई 2020 है। ये भर्तियां सिर्फ महिला उम्मीदवारों के लिए हैं। इसमें शामिल होने के लिए उम्मीदवारों का मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं या समकक्ष उत्तीर्ण होना जरूरी है। उम्मीदवारों की लंबाई 155 सेमी होनी चाहिए। उम्र न्यूनतम 18 और अधिकतम 30 साल निर्धारित की गई है। योग्य उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा का सिलेबस सीएसबीसी की वेबसाइट पर दिया गया है। लिखित परीक्षा में 30 फीसदी या अधिक लाने वाले उम्मीदवारों को पीईटी में शामिल होने का मौका मिलेगा। भर्ती प्रक्रिया में पास होने वाली युवतियों को बिहार पुलिस की लेवल 3 की सैलरी मिलेगी, जो 21, 700 से लेकर INR 69,100 के बीच होगी। CBSE Lady constable vacancy notification के लिए यहां क्लिक करें। CSBC Lady constable vacancy apply करने के लिए यहां क्लिक करें। CSBC की वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें।
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Mahindra Pickup Truck: कंपनी पिछले साल महिंद्रा स्कॉर्पियो-N एसयूवी लेकर आई थी जिसे ग्राहकों का शानदार रिस्पांस मिला है और अब महिंद्रा इसका एक पिकअप वर्जन आने वाली है. Mahindra Scorpio N Pickup: भारत की वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा हर साल 15 अगस्त को अपने नए वाहन की लॉन्चिंग करती हैं और इस बार भी कुछ ऐसा ही होने जा रहा है. कंपनी पिछले साल महिंद्रा स्कॉर्पियो-N एसयूवी लेकर आई थी जिसे ग्राहकों का शानदार रिस्पांस मिला है और अब महिंद्रा इसका एक पिकअप वर्जन आने वाली है. महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन पिकअप को 15 अगस्त को पेश किया जाएगा. महिंद्रा फिलहाल इसे साउथ अफ्रीका में ला रही है. महिंद्रा की देश में मौजूदगी 1996 से है और यह कंपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बाजारों में से एक है. यहां महिंद्रा कई नए उत्पाद पेश करेगी, जिनमें से एक Z121 कॉन्सेप्ट होगा. यह स्कॉर्पियो एन प्लेटफॉर्म पर आधारित एक बिल्कुल नया पिकअप होगा. इसका प्रोडक्शन वर्जन 2025 में आने की उम्मीद है. स्कॉर्पियो एन एसयूवी की तुलना में इसके पिकअप वर्जन का व्हीलबेस लंबा होगा. इसमें एक बड़ा लोड बेड दिया जाएग. स्कॉर्पियो क्लासिक के मामले में भी ऐसा ही देखा गया था, जिसके पिकअप वर्जन को भारत में Gateway नाम से बेचा जाता है. दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे विदेशी बाज़ारों में इसे 'पिकअप' के नाम से बेचा जाता है. जब इसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा, तो महिंद्रा स्कॉर्पियो एन पिकअप को सिंगल और डबल-कैब बॉडी स्टाइल दोनों में पेश किए जाने की उम्मीद है. साथ ही, स्टैंडर्ड और ट्रे-बैक बेड वेरिएंट दोनों ऑफर पर होंगे. पावरट्रेन के मामले में पिकअप में स्कॉर्पियो एन एसयूवी वाले सभी विकल्प उपलब्ध होंगे. स्कॉर्पियो एन को 2.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन और 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ पेश किया गया है. पहला 200 एचपी की अधिकतम शक्ति और 370 एनएम का अधिकतम टॉर्क (6MT) बनाता है. 6AT के साथ, टॉर्क आउटपुट 380 Nm है. डीजल इंजन को दो प्रकार की ट्यूनिंग में पेश किया गया है. एक 130 एचपी और 300 एनएम बनाता है. दूसरा विकल्प 172 एचपी और 370 एनएम (6MT) प्रदान करता है. 6AT के साथ टॉर्क आउटपुट 400 Nm है. डीजल वेरिएंट के साथ 4WD विकल्प उपलब्ध है.
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्य प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने के मुख्यमंत्री के निर्देशों का इंदौर पुलिस कितना पालन कर रही है इसका उदाहरण प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय में हुआ गोली कांड है। घटना में एक युवक को गोली लगी है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एमवाय अस्पताल परिसर में गैंगस्टर सलमान लाला और उसके गुर्गो ने युवक को गोली मार दी। गोलीकांड की घटना के बाद बदमाश बाइक छोड़कर फरार हो गए। घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर, इस मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। घटना संयोगितागंज थाना क्षेत्र के एम. वाय. अस्पताल परिसर की है। जहां देर रात इमरान और सद्दाम के बीच अस्पताल से एंबुलेंस चलाने की बात को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों की एंबुलेंस एमवाय अस्पताल में मरीजों को लाने और ले जाने का काम करती हैं। कुछ दिन पहले इमरान ने सद्दाम के भाई की गाड़ी के कांच फोड़ दिए थे। जिसकी शिकायत भी थाने पर की गई थी जिसके बाद इमरान गैंगस्टर सलमान लाला और उसके गुर्गों के साथ एमवाय अस्पताल परिसर पहुंचा और सद्दाम पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस घटना में सद्दाम के हाथ में गोलियां लगने के कारण वह घायल हो गया। घटना के बाद बदमाश अपनी दोनों बाइक वहां छोड़कर फरार हो गए। संयोगितागंज थाने के एसआई और मामले के जांच अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस ने हत्या के प्रयास की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
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वीर्य-सं० वैराग्य नहीं है जाती है। परन्तु जिस प्रकार कभी न रोनेसे मनुष्यकी रोनेकी शक्ति नष्ट नहीं होती, उसी प्रकार व्रतस्थ रहनेसे भी प्रजोत्पादक इन्द्रियकी शक्ति नष्ट नहीं होती । नपुंसकत्व अथवा इन्द्रियकी दुर्बलता प्रायः गरमी और सुजाक रोगोंके कारण अथवा अधिक स्त्री प्रसंग करनेके कारण होती है। " " जिन लोगोंने अपने जीवनके किसी विभागमें प्रसिद्धि प्राप्त की हो, उनमें पुरुषत्व पूर्ण रूपसे दिखलाई पड़ेगा । यदि मनुष्य में पुरुषत्व न होगा, तो वह और लोगोंके साथ क्षुद्र, स्वार्थी, नीच और अनुदार वृत्तिसे व्यवहार करनेवाला और स्त्रियोंके साथ तुच्छतापूर्वक व्यवहार करनेवाला होगा । परन्तु इस पुरुषत्वका उपयोग बहुत समझ-बूझकर करना चाहिए। " (डॉ० स्टाल ) "यदि ठीक युवावस्था में अनेक प्रकारके अनाचार करके शरीरकी वृद्धि के नैसर्गिक नियमोंका भंग किया जायगा, तो उसका परिणाम तीन प्रकारका - शारीरिक, मानसिक और नैतिक- दिखाई पड़ेगा। विशिष्ट प्रकृतिके लोगोंपर शारीरिक दुष्परिणाम और दूसरे कुछ लोगोंपर इसका मानसिक दुष्परिणाम देखने में आवेगा । परन्तु यदि इस पुरुषत्वका अविचारपूर्वक और मनमाना उपयोग किया जायगा, तो शारीरिक अधोगति और मानसिक अवनतिसे किसी प्रकार छुटकारा न हो सकेगा । " ( डॉ० मार्क जे० बूढी ) वीर्य-संजीवन वैराग्य नहीं है ४९. कदाचित् यह बात बार बार जोर देकर कहनेकी आवश्यकता न होगी कि वीर्य-संजीवन वैराग्य नहीं है । वीर्य-संजीवन न वैराग्य ही है, न तपश्चर्या ही है और न देह-दंड ही है । इसके लिए किसी साधारण ऐश आराम या सुख आदिसे अलिप्त रहनेकी कोई आवश्यकता या कारण नहीं है। जिन कठोर नियमोंका ब्रह्मचर्य में पालन करना पड़ता है, उन नियमोंका पालन भी इसमें करना आवश्यक नहीं है । और तो और, इसके लिए " पृथकूशय्या च नारीणां भशस्त्र - विहितो वधः " के नियमानुसार स्वार्थके लिए अपनी स्त्रीको मृत्युका दंड देनेकी भी आवश्यकता नहीं । इसके लिए आचारमें परिवर्त्तन करनेकी कोई आवश्यकता नहीं है; केवल विचार बदलनेसे ही सव काम हो जायेंगे। अपनी स्त्रीपर आसक्ति छोड़नेकी भी आवश्यकता नहीं है, हाँ, स्त्री-प्रसंगके सम्बन्धमें केवल अपनी कल्पना वदलना ही यथेष्ट होगा। ऐश आराम छोड़नेकी कोई जरूरत नहीं है; केवल इस बातकी संजीवनी विद्याचिन्ता रखनी चाहिए कि ऐश आरामका पर्यवसान या अन्त किस बात में होना चाहिए । व्रतस्थ रहनेके लिए केवल इतना ही करना चाहिए कि अपने मनसे यह कल्पना निकाल दी जाय कि स्त्री केवल वीर्य स्खलनका एक उत्कृष्ट साधन है; और इसके स्थानपर अपने मनमें यह कल्पना स्थिर करनी चाहिए कि स्त्री वास्तवमें पुरुषकी शक्तिकी पूरक और पोषक एक अमोघ शक्ति है और प्रसंग नहीं बल्कि प्रेमपूर्ण तथा एकरसताका सहवास ही परस्पर पोपक तथा सुखद जीवन-क्रमका साधन है । जब मनमें यह कल्पना स्थिर हो जायगी और स्त्री-पुरुषका सहवास केवल प्रसंग या सम्भोगके लिए नहीं होगा, बल्कि केवल साथ मिलकर रहनेके लिए होने लगेगा, तभी युवक लोग सच्चा स्त्री-सुख और सच्चा वैवाहिक आनन्द अनुभव कर सकेंगे Ix उस दशामें आपसमें एक दूसरेके प्रति उपेक्षा, अनास्था या दुर्भाव नहीं उत्पन्न होगा । इन सब बातोंका कहीं सम्पर्क भी न होगा और इसके बदले दोनोंका एक दूसरेके प्रति अनुराग अधिक दुर्दमनीय हो जायगा और वह सदा अधिकाधिक आनन्ददायक और ताजा बना रहेगा । संजीवन व्रत ब्रह्मचर्यप्रतिष्ठायां वीर्यलाभः ५०. दिग्विजयी कर्मठता, दुर्दमनीय आकांक्षा, निर्मल शील, निर्भय वृत्ति, अचल शान्ति, निष्ठुर सत्यप्रीति और निर्विकल्प एकनिष्ठा आादि वीर्यके जो लक्षण हैं, वे सब केवल ब्रह्मचर्य धारण करनेसे ही प्राप्त होते हैं। जिस दुर्दमनीय कर्मठताके बलपर भीष्म अपनी भीष्मप्रतिज्ञा करनेमें समर्थ हो सके थे, जिस निर्विकल्प एकनिष्ठाके बलपर महाराज रामचन्द्र सदा एकवचनी, एकवाणी और एकपत्नी बने रहे, जिस विश्वविजयी आत्मनिष्ठाके बलपर हनुमानजी रामचन्द्रजीके दूत नियत हुए थे, जिस दुर्दमनीय आकांक्षाके बलपर शिवाजीने मराठा साम्राज्यकी स्थापना की थी, जिस असाधारण कार्यनिष्ठाके बलपर तिलक लोकमान्य हुए थे और जिस अद्वितीय x जहँ निर्मल मन मिलि रमें, गृहसुख कहिए सोय जेती बरनौ माधुरी, तेती थोरी होय ॥
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४८ । दिवाकर - रश्मियाँ भाँति का शृङ्गार करना यह सव कामदेव को निमंत्रण देने की ही तैयारी करना है । अतएव अपने मन को जीतने का प्रयत्न करना चाहिए । मन को जीते विना विषय-विकार को जीतना कठिन ही नही अशक्य भी है । काम रूप विकार स्वाभाविक नही है । वह आत्मा का सहज गुण नही है । पर पदार्थों के सयोग से ही इस विकार की उत्पत्ति होती है । जो विकार आत्मा की अपनी निर्बलता और भूल से उत्पन्न हुआ है, उसे आत्मा विनष्ट भी कर सकती है । जो मनुष्य शान्ति का इच्छुक है, कान्तिमान् बनना चाहता है, स्मरण शक्ति बढ़ाने की अभिलापा रखता है, बुद्धि की वृद्धि चाहता है, शरीर को रोगो से वचाना चाहता है और उत्तम सन्तान चाहता है उसे ब्रह्मचर्य रूप महान् धर्म का आचरण करना चाहिये । ब्रह्मचर्य से तन और मन वलवान बनते है । ब्रह्मचर्य से आत्मा निर्मल होती है। ब्रह्मचर्य के प्रताप से सब प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है । ब्रह्मचर्य वल, विद्या, बुद्धि, प्रतिभा, तेजस्विता, स्वस्थता, दीर्घायु और सुख प्रदान करने वाला है । ब्रह्मचर्य का पालन करने से अनेक भयकर बीमारियाँ जैसे क्षय, तपेदिक आदि भी दूर हो जाती है और कामासक्ति की अधिकता से अनेक प्राणहारी रोगो का उद्भव होता है। मुजाक, गर्मी और प्रमेह आदि गदी, लज्जाजनक, जान लेने वाली और जिन्दगी को भारभूत एव दुखमय बनाने वाली बीमारियाँ वीर्य के अनुचित विनाश से उत्पन्न होती है। स्त्री या पुरुष, जो व्यभिचारी होता है प्राय क्षय जैसे भयकर ब्रह्मचय । ४६ राज रोगो के शिकार बनते हैं। राजयक्ष्मा से बचने का सर्वोत्तम उपाय शरीर के गजा वीय की रक्षा करना ही है। यदि गजा नही बचा तो बताओ प्रजा की क्या दुदशा हागो भाइयो ! जसे ब्रह्मचय सब बनो म उत्तम है उसी प्रकार व्यभिचार सर्व पापा में बढ़ा है। इस वई वारण हैं। उनमे से एक वारण यह भी है कि और और पापो की तरह यह पाप तत्काल समाप्त नहीं हो जाता किन्तु इसकी परम्परा नम्वी चली जाती है । परायी स्त्री को भी जूठन की उपमा दी गई है । अतएव उस पर ललचाने वाले कुलीन जन नही हो सकते कुत्तो के समान नीच जून ही उसकी अभिलापा करते है । परस्त्री-गमन भयानक अपराध और घोर पाप है । अनेक दुखो का कारण है । कहो कहाँ केसर और कहाँ विष्ठा । मगर मक्खी का ऐसा स्वभाव है कि वह केसर के पास नही जाती । उसे विष्ठा ही प्यारी लगती है । इसी प्रकार जो स्त्री, अपने विवाहित पति को छोड कर परपुरुष के पास जाती है, वह मानो केसर को छोडकर विष्ठा पर जाने वाली, गन्दगी को पसन्द करने वाली मक्खी के समान है। यह बात पुरुष लिए भी है । परस्त्री का सेवन करने वाला पुरुष जूठन चाटने वाले कुत्ते के समान गर्हित है । रावण क्या ढोल बजा कर सीता को ले गया था ? नहीं, वह भी छिप कर अकेले मे हो ले गया था। फिर भी बात छिपी नही रही । उसी प्रकार ताख प्रयत्न करने पर भी तुम्हारा पाप छिपा नही रहेगा। वह एक दिन अवश्य प्रकट होगा और तुम्हे निन्दा एवं घृणा का पात्र बना देगा । रावण कितना शक्तिशाली और तेजस्वी वीर पुरुष था। परनी की स्वीकृति के बिना उसका सेवन न करने की उसकी प्रतिज्ञा थी । फिर भी परी का अपहरण करने मात्र से उसे कितनी हानि उठानी पड़ी उसे राज्य से हाथ धोने पडे, प्राणो का परित्याग करना ,
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नयी दिल्लीः रोहिणी अदालत कक्ष में गोलीबारी में तीन गैंगस्टर के मारे जाने की घटना के एक दिन बाद उन जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है जहां गोगी और टिल्लू गिरोह के सदस्य बंद हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। जेल में बंद गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के वकील के वेष में आए दो हमलावर शुक्रवार को भीड़भाड़ वाली रोहिणी अदालत कक्ष के अंदर नाटकीय रूप से गोलीबारी में मारे गए। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं। पुलिस को संदेह है कि अदातल कक्ष की घटना के पीछे टिल्लू गिरोह का हाथ है। गोगी और टिल्लू गिरोह के बीच कथित तौर पर कई साल से टकराव है। अदालत कक्ष में गोलीबारी की घटना के वीडियो फुटेज में पुलिसकर्मी और वकील अदालत कक्ष संख्या 207 के अंदर गोलियां चलने के दौरान दहशत में भागते दिखे। घटना ने सुरक्षा खामियों को उजागर किया है। वकीलों के वेष में दो बंदूकधारी प्रतिद्वंद्वी गिरोह के थे। पुलिस ने बताया कि घटना दोपहर करीब 1. 15 बजे हुई, जब गोगी को सुनवाई के लिए अदालत कक्ष में ले जाया गया। रोहिणी अदालत में शुक्रवार को हुई गोलीबारी की घटना को लेकर अधिवक्ता संगठनों ने जांच की मांग की और राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात जिला अदालत परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था की पुनः समीक्षा किए जाने की मांग के साथ शनिवार को कार्य का बहिष्कार करने का आह्वान किया। इस घटना में एक गैंगस्टर समेत तीन लोग मारे गए हैं। दिल्ली में सभी जिला अदालत बार एसोसिएशन की समन्वय समिति ने शनिवार को कार्य बहिष्कार का आह्वान किया और कहा कि वह आगे के कदमों को लेकर सोमवार को होने वाली बैठक में फैसला करेंगे। रोहिणी अदालत में शुक्रवार को गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की वकीलों के वेश में दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस की तेज जवाबी गोलीबारी में दोनों हमलावर भी मारे गए। गोलीबारी के वीडियो फुटेज में दिख रहे दो हमलावर प्रतिद्वंद्वी गिरोह से थे, जिसमें गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हाथापाई हुई, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कोई और घायल या मौत नहीं हुई। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि दोनों हमलावर दिल्ली के मोस्ट वांटेड में से एक विचाराधीन कैदी गोगी के साथ मारे गए। उन्होंने कहा, "पुलिस टीम ने दो हमलावरों पर जवाबी कार्रवाई शुरू की, जो वकीलों की पोशाक में थे और गोगी पर हमला किया था। गोगी के साथ दोनों हमलावर मारे गए। " बाद में, दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, "दो गैंगस्टर पुलिस की तत्काल जवाबी गोलीबारी में मारे गए, क्योंकि उन्होंने आज दोपहर रोहिणी अदालत परिसर में एक गैंगस्टर यूटीपी (विचाराधीन कैदी) पर वकीलों की पोशाक में गोलियां चलाईं। सभी तीन गैंगस्टर मारे गए। कोई अन्य घायल या मौत नहीं हुई। "
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(संजय राउत, फोटो क्रेडिट- PTI) Maharashtra Politics: शिवसेना-यूबीटी सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) 'बेदाग' हैं, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसियों के शिकार बन गए हैं. राउत ने देशमुख से मुलाकात की, देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर अलग-अलग मामलों में लगभग 14 महीने सलाखों के पीछे बिताने के बाद इस सप्ताह के शुरू में रिहा किया गया था. देशमुख के आवास पर निजी बैठक के बाद, देशमुख और राउत मीडिया से बातचीत करने आए, हालांकि एनसीपी नेता और उनके परिवार ने कोई टिप्पणी नहीं की. ईडी के एक मामले में 110 दिन जेल में बिताने के बाद नवंबर में जमानत पर रिहा हुए संजय राउत ने कहा- मैंने उसका अनुभव किया है जो देशमुख एक साल से अधिक समय से झेल रहे हैं, इसलिए मैं विशेष रूप से उनसे मिलने आया था. कई दशकों के सार्वजनिक जीवन में अपनी लंबी पारी के दौरान, उन्होंने कई नेताओं के साथ काम किया है और हमेशा साफ छवि रही है. 'देशमुख को केंद्र और जांच एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया गया' राउत ने कहा कि उनकी तरह देशमुख को भी संघीय जांच एजेंसियों के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा निशाना बनाया गया, जिन्हें महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड, बिहार और अन्य विपक्षी शासित राज्यों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ तैनात किया जा रहा है. उन्होंने कहा, हमने यहां ढाई साल तक शासन किया है, हमने यूपीए सरकार के 10 साल को भी करीब से देखा है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न जांच एजेंसियों के खुलेआम दुरुपयोग के माध्यम से जिस तरह से अब किया जा रहा है, उस तरह से कभी भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को परेशान नहीं किया गया था. हमने कभी अपने शत्रुओं के साथ भी ऐसा व्यवहार नहीं किया. शिवसेना-यूबीटी नेता ने कहा कि ये कानून (मनी-लॉन्ड्रिंग) आतंकवादियों या राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए बनाए गए थे, लेकिन इनका इस्तेमाल सबसे अमानवीय तरीके से राजनीतिक बदला लेने के लिए देशभक्त व्यक्तियों के खिलाफ किया जा रहा है. राउत ने यह स्पष्ट किया कि यह अब कानूनी लड़ाई है और वह और देशमुख दोनों इसे न्याय के लिए देश की न्यायपालिका में अपने पूर्ण विश्वास को दोहराते हुए तार्किक अंत तक अदालतों में लड़ेंगे. यह भी पढ़ेंः Maharashtra Politics: सीएम एकनाथ शिंदे बोले- 'हमारी सरकार अपना कार्यकाल करेगी पूरा, अगले चुनाव में. . . '
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कई बार सही लक न होने के कारण स्टूडेंट्स की ज़िंदगी में उथल-पुथल मचती रहती है। ऐसे में चाइनीज़ एजुकेशन सिस्टम एक बेजोड़ और असरदार सिस्टम है। एजुकेशन लक की इसमें अहम भूमिका रही है। फेंगशुई के असरदार तरीकों की मदद के साथ अपनी लगन से छात्र कामयाबी की बुलंदी तक पहुंच सकते हैं। - एजुकेशन लक चमत्कारिक चाभी की तरह है जो भविष्य में सफलता के पाट खोल सकती है। इस चाभी की जगह है, क्लासरूम का नॉर्थ ईस्ट सेक्टर जहां से एजुकेशन लक एक्टिव होता है। नॉर्थ ईस्ट सेक्टर ही यूनिवर्सल एजुकेशन लक का घर है जिसे नाइन लाइफ़ एस्पीरेशन्स के ज़रिए निर्धारित किया जाता है। - स्टैंडर्ड कम्पास की मदद से इस दिशा का ज्ञान किया जा सकता है। फेंगशुई का मतलब होता है...आसपास की एनर्जी में तालमेल बैठाना। आपकी अपनी दिशा चाहे नॉर्थ हो या साउथ, आपको फोकस एजुकेशन सेक्टर पर बनाकर रखना होगा जो कि नॉर्थ ईस्ट में है। - इस क्षेत्र को नैचुरल क्वार्ट्ज़ या सिरामिक्स यानि कि मिट्टी की आकृतियों से सजाने से लंबे समय तक शिक्षा से जुड़े बेहतरीन नतीजे मिलते हैं। इस जगह पर रखी वस्तुएं सूचनाप्रद (इन्फॉरमेटिव) तो होनी ही चाहिए साथ ही उनका रचनात्मक (क्रिएटिव) होना भी बेहद ज़रूरी है। दुनिया का नक्शा या ग्लोब जैसी चीज़ों का इस्तेमाल छात्रों के लिए दुनिया जीतने का रास्ता खोल सकता है। ये दिशा धरती से जुड़ी है, इसी वजह से धरती से जुड़े रंग जैसे कि पीले और भूरे रंगों का प्रयोग फ़ायदेमंद रहेगा। - एजुकेशन लक के लिए फायर सिंबल भी ज़रूरी है। इसे एजुकेशन सेक्टर में एकचित तरीके से समाहित करना चाहिए, आखिर फायर धरती का मूल तत्व जो है। इसके लिए लाल लंग जैसे तेज़ रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। - अगर क्लासरूम में छात्रों का मन पढ़ाई में ना लग रहा हो तो सबसे पहले वहां की सफ़ाई कर ग़ैरज़रूरी चीज़ों को दरकिनार करें। ऐसा करने से छात्रों को भटकाने वाली नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म होगी। एजुकेशन सेक्टर में सिंगिग बाउल या स्पेस एनहैंसिंग बेल को रखकर भी नेगेटिविटी से छुटकारा पाया जा सकता है। - छात्रों के एजुकेशन लक को बढ़ाने के लिए एट मैन्शन्स फॉर्मूला इस्तेमाल करना भी लकी साबित होता है। फू वी दिशा की ओर मुंह कर पढ़ाई करने से शिक्षा का आदान-प्रदान आसान हो जाता है। कुआ कैलकुलेटर की मदद से आप इस दिशा को जान सकते हैं। फू वी दिशा चार बेहतरीन दिशाओं में से एक है। - दिशाओं को सम्मान देना, उनका महत्व जानना बेहद ज़रूरी है। फेंगशुई के एजुकेशन लक की मदद से छात्रों के एग्ज़ाम रिज़ल्ट्स तो बेहतर होंगे ही साथ ही हर छात्र के एकेडिमक करियर में चार-चांद लग भी जाएंगे। (एस्ट्रोलॉजर व टैरो रीडर मनीषा कौशिक से बातचीत पर आधारित) आप हमें फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस और यू ट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव अगले वर्ष होना है। लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है। ममता बनर्जी सरकार पर दोहरा हमला हो रहा है। एक तरफ बीजेपी ने अपने कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में मंगलवार को 12 घंटे के बंद का ऐलान किया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने उत्तर दिनाजपुर की रैली में टीएमसी के शुवेंदु अधिकारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भतीजे को बचाने के लिए दीदी को भाइयों की जरूरत पड़ चुकी है। उन्होंने शुवेंदु दा के साथ पहले बेरुखी की और अब बिमल दा के साथ वही कुछ किया। ऐसा लग रहा है कि दीदी, दाऊद, लश्कर-ए-तैयबा और जैश को अपनी तरफ मिलाना चाहती हैं। दीदी के लिए वोट के अलावा कुछ भी माएने नहीं रखता। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर आप ममता सरकार की कार्यप्रणाली को देखें तो एक बात साफ है कि वो समाज के एक वर्ग के लिए काम करती हैं और उसका असर यह हो रहा है कि सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है। ममता बनर्जी की नीतियों की वजह से बीजेपी समाज में नफरत का जहर घोल रही है। पश्चिम बंगाल में इस समय राजनीतिक हत्याओं का दौर सा है। कानून व्यवस्था लचर है, कोरोना की वजह से आम लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल नहीं किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से ठप है। Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
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बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की फिल्म दबंग 3 जल्द ही रिलीज होने वाली है। इसके अलावा वो अपनी फिल्म राधे को लेकर भी चर्चा में हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की थी जिसमें उन्होंने फिल्म की शूटिंग शुरू होने की जानकारी दी थी। फिल्म में सलमान के अलावा एक्ट्रेस दिशा पाटनी , जैकी श्रॉफ और रणदीप हुड्डा जैसे एक्टर्स नजर आएंगे। सलमान की राधे में अब एक और एक्टर की एंट्री हो गई है और वो हैं गौतम गुलाटी। मालूम हो कि साल 2014 में गौतम बिग बॉस सीजन 8 में नजर आए थे और वो इस शो के विजेता भी रहे थे। जानकारी के मुताबिक फिल्म में गौतम विलेन के रोल में नजर आएंगे। राधे में वो रणदीप हुड्डा के साथ मेन विलेन होंगे। खबरों की मानें तो उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट सुनते ही इसके लिए हां कह दिया था। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि फिल्म में वो बिलकुल अलग अवतार में नजर आएंगे, जाहिर उनके फैंस इसके लिए काफी एक्साइटेड हैं। मालूम हो कि यह दूसरी बार है जब सलमान और दिशा किसी फिल्म में साथ काम करने जा रहे हैं। इससे पहले इसी साल रिलीज हुई फिल्म भारत में दोनों साथ नजर आए थे, हालांकि इसमें सलमान के साथ लीड रोल में कैटरीना कैफ थीं। रणदीप हुड्डा के साथ सलमान खान फिल्म किक और सुलतान में नजर आ चुके हैं। वहीं यह पहली बार होगा जब गौतम सलमान के साथ स्क्रीन शेयर करेंगे। बता दें कि प्रभू देवा राधे को डायरेक्ट कर रहे हैं, फिल्म अगले साल ईद के मौके पर रिलीज होगी। वर्कफ्रंट की बात करें तो राधे के अलावा सलमान खान फिल्म दबंग 3 में भी नजर आएंगे जिसमें उनके साथ एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा और सई एम मांजरेकर नजर आएंगी। यह दबंग सीरीज की तीसरी फिल्म होगी। Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
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चावल और दालों के भाव में तेजी के आसार हैं। बीते साल के मुकाबले कम खेती इसकी सबसे बड़ी वजह होगी। जुलाई के पहले पखवाड़े तक सिर्फ धान और अरहर का रकबा घटा है, जबकि अन्य सभी फसलों की बुआई बढ़ी है। इसके अलावा यूक्रेन संकट के चलते ज्यादातर कृषि जिंसों में उछाल के बाद गिरावट के बीच सिर्फ चावल और दालों में स्थिरता देखी गई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 15 जुलाई तक धान के रकबे में 17. 4% गिरावट आई है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में अब तक धान के रकबे में बीते साल के मुकाबले 31% तक की कमी देखी गई है। चावल के अलावा दालों का रुझान भी पलट सकता है। इस माह से इसमें तेजी शुरू भी हो गई है। ऑल टाइम हाई से 52% गिरावट देखने वाले अरहर में 2022 के ऊंचे स्तर से अब तक 6. 5% तेजी आ चुकी है। खरीफ में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली दलहन अरहर का रकबा अब तक 26% कम रहा है। 2021-22 के रबी सीजन में चावल की सरकारी खरीद करीब 44 लाख टन हुई। इसके मुकाबले 2020-21 के रबी में 66 लाख टन और 2019-20 में 80 लाख टन चावल की खरीद हुई थी। इसके चलते इस बात की संभावना कम है कि इस साल चावल की कुल खरीद 2020-21 के लेवल यानी 135 लाख टन तक पहुंच पाएगी। ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव ने कहा कि बीते साल भी चावल का उत्पादन घटा था। बीते कुछ महीनों से दुनियाभर में सप्लाई की किल्लत से चावल को सपोर्ट मिल रहा है। बूंदी मार्केट में 1121 सेला सफेद चावल निकट भविष्य में 9,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है जो अभी 8,600 रुपए प्रति क्विंटल है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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HSSC Constable Recruitment 2021: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पुलिस कांस्टेबल भर्ती के के लिए आवेदन करने की आखरी तारीख आगे बढ़ा दी है। HSSC Constable Recruitment 2021: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पुलिस कांस्टेबल भर्ती के के लिए आवेदन करने की आखरी तारीख आगे बढ़ा दी है। जो उम्मीदवार एचएसएससी कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन करना चाहते हैं और अभी तक ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है वे अब आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर www. hssc. gov. in पर जाकर 25 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं। हरियाणा पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 7,298 पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 11 जनवरी से शुरू हुई। हरियाणा के अलावा, अन्य राज्यों के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें आरक्षण से संबंधित कोई छूट नहीं दी जाएगी। हरियाणा पुलिस कांस्टेबल की भर्ती प्रक्रिया तीन चरणों में की जाएगी जिसमें लिखित परीक्षा सबसे महत्वपूर्ण होगी। लिखित परीक्षा इस भर्ती में 80 प्रतिशत की होगी, शेष 20 प्रतिशत फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट पर आधारित होंगे। इसकी अंतिम परीक्षा फिजिकल मेजरमेंट टेस्ट होगी। लिखित परीक्षा में करेंट अफेयर्स, जनरल रीजनिंग, मेंटल एप्टीट्यूड, न्यूमेरिकल एबिलिटी, एग्रीकल्चर और एनिमल हसबेंड्री जैसे विषयों से प्रश्न पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में, 10 प्रश्न कक्षा 10 के स्तर के कंप्यूटर के बुनियादी ज्ञान पर आधारित होंगे। उम्मीदवार को कक्षा 12 या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। साथ ही मैट्रिक में एक विषय के रूप में हिंदी या संस्कृत होनी चाहिए। उम्मीदवारों की आयु सीमा 1 दिसंबर 2020 तक 18 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
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अलीगढ़ में धूमधाम से ईद मनाई जा रही है। शनिवार सुबह हजारों नमाजियों ने शाहजमाल की ईदगाह पर नमाज अदा की। इस दौरान ईदगाह के बाहर सड़क पर भी नमाजियों ने नमाज अदा की। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। मौके पर जिलाधिकारी और एसएसपी सहित जिले के अधिकारी के बीच नमाज सकुशल संपन्न कराई गई। वहीं ईदगाह में तादाद से ज्यादा लोगों ने इत्मीनान से ईद की नमाज अदा की। जिसके उपरांत लोग एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाइयां दी। वहीं मौके पर एसएसपी और डीएम के साथ आला अधिकारियों की मौजूदगी में भारी पुलिस बल तैनात रहा। ईद की नमाज के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। ईद की नमाज अदा करने के बाद मुल्क में अमन चैन और भाईचारे की दुआ मांगी गई। वहीं, पूरे मामले में शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने लोगों को व देशवासियों को ईद की बधाइयां दी। वहीं शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने कहा कि आज के दिन ईद का महत्व है। उन्होंने कहा कि सड़क पर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है। लेकिन मजबूरी में यह नमाज अदा की गई। उन्होंने कहा कि इस मजबूरी का फायदा न उठाएं तो बेहतर है। यह उम्मीद करता हूं कि आइंदा इसका ख्याल रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों से अपील की थी कि अपने मोहल्ले की मस्जिद में नमाज अदा करें। लेकिन इतनी तादाद में लोग यहां इकट्ठा हो गए तो यह कुदरत का मामला है। उन्होंने सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद दी। सड़क पर नमाज अदा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला शहर का नहीं है. देहात का भी है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी ईदगाह में नमाज अदा करने आते हैं। देहात क्षेत्र की मस्जिदों में नमाज नहीं होती है। उन्होंने कहा कि साल में दो मौके आते हैं और लोग शबाब पाने को ईदगाह में ही नमाज अदा करने आते हैं। इस मौके पर पूर्व विधायक और मेयर प्रत्याशी हाजी जमीर उल्ला खान भी ईद का नमाज अदा करने पहुंचे। उन्होंने नमाज अदा करने के बाद बताया कि अल्लाह से दुआ की है कि हमारे मुल्क को बुरी नजर से बचाए। मुल्क में भाईचारा पैदा करें। जैसे सैकड़ों साल से हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई रहते आए हैं, वैसे ही रहे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गंदी राजनीति कर रहे हैं। जिन्हें अल्लाह नेस्तनाबूद करें। हमारे मुल्क में जो बुरे लोग आ गए हैं। उनको अल्लाह हटाएं, और हमारा भाईचारा वापस कर दें। जो नफरत की राजनीति उसे खत्म कर दें। यही ईद की नमाज के बाद दुआ किया। वहीं बसपा से मेयर प्रत्याशी सलमान शाहिद ने कहा ईद पर देशभर में आपसी भाईचारा और सौहार्द की दुआ मांगी है। This website uses cookies.
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Supreme Court के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस उदय ललित की बेंच ने आम्रपाली के 8 अधूरे प्रोजेक्ट्स के निर्माण कार्य के मामले पर बड़ा फैसला सुनाया। बेंच ने NBCC को कहा है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित सभी प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने को कहा है। इन 8 प्रोजेक्ट्स पर करीब 8,361 रुपए खर्च होने हैं। अब Facebook दे रहा है अपने यूजर को पैसा कमाने का मौका। अगले साल से कई देशों में लॉन्च होगा facebook viewpoints ऐप। फिलहाल यह नया ऐप वर्तमान में अमेरिकी फेसबुक एकाउंट्स यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया गया है। FASTag के अनिवार्य होने से लघु उद्योग की भी संभावना भी बढ़ गई है। मात्र 50,000 रुपए के निवेश से नया बिजनेस शुरू किया जा सकता है। Point of sale एजेंट बनने के लिए एक लैपटॉप या डेस्कटॉप, प्रिंटर और बायोमैट्रिक डिवाइस की आवश्यकता होगी। Airtel की नई दरें 3 दिसंबर से लागू हो जाएंगीं। वोडाफोन आइडिया ने रविवार को ही अपनी नई दरों को जारी कर दिया है। बढ़ते मोबाइल टैरिफ प्लान की कीमतों का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ने वाला है। नई दिल्ली. बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज इन दिनों सरकार की आलोचना पर जोरदार घमासान मच गया है। 93 वर्ष पूराने बजाज कंपनी के मुखिया राहुल बजाज के दादा जमनालाल बजाज ने बजाज कंपनी की स्थापना की थी। उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह के सामने कहा था कि सरकार की आलोचना करने की किसी के पास हिम्मत नहीं है। ऐसे में हर तरफ डर का माहौल है। इसमें कारोबारी जगत के हमारे कुछ मित्र भी शामिल हैं। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।
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टेक्नोलॉजी, डेस्क रिपोर्ट। Dell ने भारत में अपना नया लैपटॉप लॉन्च कर दिया है। इस लैपटॉप का नाम Dell Alienware M15 RT है। लैपटॉप की मशीन को गेमर्स को ध्यान में रखते हुए तैयात किया गया है। बता दें की कंपनी के इस साल अप्रैल में ही लैपटॉप की घोषणा की थी। Dell Alienware M15 RT में Ryzen 600 H सीरीज प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया है और इसके फ़ंक्शन को और भी स्मूद बनाता है। वहीं इसमें 15. 6 इंच फुल एचडी प्लस डिस्प्ले 165Hz रिफ्रेश रेट के साथ मिलता है। स्मार्टफोन में गेमिंग के अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए Nvidia G-Sync और एडवांस Optimus टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। लैपटॉप में 300 निट्स ब्राइटनेस, 100 पर्सेन्ट sRGB कलर Gamut और Dolby विज़न सपोर्ट मिलता है। इतना ही नहीं इसके साथ एक बैकलिट कीबोर्ड, एचडी वेबकैम और डुअल अरै माइक्रोफोन भी मिलता है। पॉवरफुल प्रोसेसर के अलावा डिवाइस में 16जीबी DDR5 रैम और 1टीबी SSD स्टोरेज मिलता है। वहीं हिट से बचाव Cyro-Tech कूलिंग टेक्नोलॉजी दी गई है। Dell Alienware M15 RT में 86WHr बैटरी 240W पॉवर अडैप्टर मिलता है। कनेक्टिविटी के लिए यूएसबी-सी पोर्टम टाइप-ए पोर्ट, ब्लूटूथ 5. 2 और वाईफाई-6 दिया गया है। इसके दो स्टोरेज वर्ज़न दोनों की कीमत भी अलग है। 512जीबी स्टोरेज और RTX3060 GPU मॉडल की कीमत 1,59,990 रुपये है। 1टीबी स्टोरेज और RTX3070 Ti मॉडल की कीमत 1,99,990 रुपये है।
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मेष राशि के लोगों के लिए आज का दिन सामान्य से निम्न रहेगा। इसलिए आपको सलाह है कि ज्यादा तामझाम में न पड़ेंद। आज न चाहते हुए भी आपको कुछ ऐसा काम करना पड़ता है जो औरों के लिए असुविधाजनक होता है। वृषभ राशि के लोगों के लिए आज तकदीर आर्थिक मामलों में साथ देगी। इतना ही नहीं आज आपके स्थापित कारोबार का विस्तार होगा। एक नया दोस्त आपके लिए आज बहुत ही भाग्यशाली साबित होगा। आपको संसाधन जुटाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त करना चाहिए तभी रूतबा बरकरार रख सकेंगे। मिथुन रासि के जातकों ने जिस प्रकार की पृष्ठभूमि लोगों के बीच बनाई है उसके बल पर आज का दिन आपके लिए अच्छा व्यतीत होगा। आज लोगों की सद्भावनायें भी जागृत रहेंगी। आज दोपहर तक आपकी सभी आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। लेकिन किसी बात को लेकर मानसिक तनाव पैदा हो सकता है। कर्क राशि के जातकों के लिए आज सुबह से ही कुछ प्रतिकूल समय आपके लिए चल रहा है। हो सकता है आज ही आपको स्वास्थ्य संबंधी प्रॉब्लम भी हो। दिन के पहले हिस्से में डॉक्टर आदि से मिलना बेहतर रहेगा उसके बाद आप अपने रूटीन काम करें। इसमें आपका कुछ धन खर्च हो सकता है। सिंह राशि के लोगों के लिए आज कारोबार की स्थिति काफी सुधरती नजर आ रही है। किसी बड़े अधिकारी के स्पोर्ट से नौकरी में भी आपकी स्थिति मजबूत है। विरोधियों और आलोचना करने वाले आज आपके लिए कार्यक्षेत्र में बड़ी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। कन्या राशि के लोगों का आज कोई फायदा उठा सकता है। जिस कारण आप आपके बना बनाए काम बिगड़ भी सकते हैं। जो लोग आपकी चापलूसी करें उनसे थोड़ा संभलकर रहें। वह कार्यक्षेत्र में आपकी छवि खराब कर सकते हैं। आज मित्रों पर कुछ धन खर्च करना पड़ सकता है। तुला राशि के विद्यार्थियों को आज किसी परीक्षा प्रतियोगिता के लिए आपको तैयार रहना है, अगर आप अपने व्यवसाय या कारोबार से संबंधित कोई अनुबंध या लिखा पढ़ी करना चाहते हैं तो दिन के समय कही कर डालें। बाकी और कामों के लिए भी अपराह्न तक अच्छा गोचर चल रहा है। वृश्चिक राशि के लोगों के लिए आज कोई काम आपकी सोच से विपरीत हो सकती है। आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। हालांकि, आज शाम के समय आपको अपने करियर से जुड़ा कोई अच्छा समाचार मिल सकता है जिस वजह से आपकी निराशी खत्म होगी। धनु राशि के जातक आज छोटे मोटे काम के बिगड़ जाने से आश्चर्यचकित हो सकते हैं। हालांकि, आज दोपहर बाद आपके काम में सुधार हो जाएगा। फिर भी किसी व्यर्थ की डर या आशंक से आपका मन अशांत रह सकता है। दोपहर बाद कुछ भागदौड़ करने से छिटपुट लाभ हो सकते हैं। मकर राशि के लोगों के लिए आज का दिन आपकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने वाला होगा। अच्छे गणमान्यजनों से मेल मुलाकात होगी और किसी बड़े लाभ की आशा में दिन सार्थक नजर आएगा। प्रियजनों की तरफ से भी अच्छी खबरें मिलेंगी और किसी धार्मिक कार्य के लिए योजना बनाते वक्त आपकी सलाह ली जाएगी। कुंभ राशि के लोगों को आज कार्यक्षेत्र में सभी कार्यों को समय से निपटाएंगे। इस बीच कुछ अपने ही लोग आपकी चिन्ता भी बढ़ा सकते हैं। यदि आप किसी प्रेम प्रणय के जाल में उलझे हैं तो उसका फैसला भी जल्दी करें। मीन राशि के जातकों पर आज बहुत सारे काम आपके सामने आ सकते हैं। जहां तक हो सके अपने सभी महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर लें। दोपहर बाद फिर समय ठीक नहीं है। बनते काम में रुकावट पैदा होगी और उसका मानसिक अवसाद शाम तक बना रहेगा। मित्रों का सहयोग लेना जरूरी होगा।
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अब पांच जनवरी को होने वाले चेयरमैन व वाइस चेयरमैन चुनाव के लिए कोरम की कोई आवश्यकता नहीं है। जितने भी पार्षद बैठक में पहुंचेंगे वे ही चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का चुनाव करेंगे। जींद में जिला परिषद के चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन पद का चुनाव बुधवार को पार्षदों के न पहुंचने के चलते स्थगित कर दिया गया। अधिकारी दोपहर सवा 12 बजे तक पार्षदों का इंतजार करते रहे। जब कोई भी पार्षदों नहीं पहुंचा तो रिटर्निंग अधिकारी एवं जिला परिषद के सीईओ विनेश कुमार ने बैठक को स्थगित करने की घोषणा कर दी। अब जिला परिषद चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन पद चुनाव के लिए पांच जनवरी की तारिख निर्धारित की गई है। खास बात यह है कि पांच जनवरी को होने वाले चेयरमैन व वाइस चेयरमैन चुनाव के लिए कोरम की कोई आवश्यकता नहीं है। जितने भी पार्षद बैठक में पहुंचेंगे वे ही चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का चुनाव करेंगे। काबिलेगौर है कि 25 सदस्यीय जिला परिषद में मुकाबला भाजपा तथा जेजेपी के बीच है। दोनों पक्षों द्वारा प्रर्याप्त संख्या में पार्षद होने का दावा किया जा रहा है। जेजेपी 15 पार्षदों का दावा कर रही है तो भाजपा 16 पार्षदों का दावा कर रही है। कोरम पूरा करने के लिए 17 पार्षदों का बैठक में पहुंचना जरूरी था। पार्षदों के बैठक में न पहुंचने पर चुनाव स्थगित कर दिया गया। जिला परिषद के सीईओ विनेश कुमार ने बताया कि जिला परिषद चेयरमैन व वाइस चेयरमैन चुनाव की प्रक्रिया में कोई भी पार्षद नहीं पहुंचा। जिस पर चुनाव को स्थगित कर दिया गया है। अब पांच जनवरी को नई तारिख घोषित की गई है। जिसमे कोरम की कोई आवश्यकता नहीं है। जितने भी पार्षद पहुंचेंगे वे चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन का चुनाव करेंगे।
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Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी हुई है। युद्ध के कारण उत्पन्न हुए अंतरराष्ट्रीय संकट को लेकर पश्चिम बंगाल की CM Mamata Banerjee ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया है। पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि अंतरराष्ट्रीय संकट के समय में, हम एक देश के रूप में एकजुट होने के लिए अपनी असहमति को अलग रखते हैं। वैश्विक संकट के दौरान सीएम ममता ने पीएम मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया है। साथ ही इस ओर इशारा किया कि यूक्रेन पर रूस द्वारा किए हमले काे लेकर केंद्र सरकार को कड़ा रुख अपनाना चाहिए। भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित दो UNSC प्रस्तावों पर वोटिंग से परहेज किया है। हालांकि हमारे देश ने युद्ध को तुरंत खत्म करने का आह्वान किया है। Russia-Ukraine War के बीच पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात की है। पुतिन के साथ अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि रूस और नाटो के बीच मतभेदों को केवल संवाद से ही सुलझाया जा सकता है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति Volodymyr Zelenskyy ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके UNSC में भारत का समर्थन मांगा था। पीएम मोदी ने वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन में राजनयिक वार्ता का आह्वान किया था और यूक्रेन में भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई थी। यह भी पढ़ेंः
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अनित्य पदार्थके प्रति मोहबुद्धि होनेके कारण आत्माका अस्तित्व, नित्यत्व, एवं अव्यावाधसमाधिसुख भानमे नहीं आता है । उससे मोहबुद्धिमें जीवको अनादिकालसे ऐसी एकाग्रता चली आ रही है कि उसका विवेक करते करते जीवको हार हारकर पीछे लौटना पड़ता है; और उस मोहग्रंथको नाश करनेका समयके आनेके पहिले ही उस विवेकको छोड़ बैठनेका योग पूर्वकालमें अनेकवार बना है। क्योंकि जिसका अनादिकालसे अभ्यास पड़ गया है उसे, अत्यन्त पुरुषार्थ के बिना, अल्पकाल ही छोड़ा नहीं जा सकता । इसलिये पुनः पुनः सत्संग, सत्शास्त्र, और अपनेमें सरल विचार दशा करके उस विषय में विशेष श्रम करना योग्य है, जिसके परिणाममे नित्य, शाश्वत और सुखस्त्ररूप आत्मज्ञान होकर निज वरूपका आविर्भाव होता है । इसमें प्रथमसे ही उत्पन्न होनेवाला संगय, धैर्य एवं विचारसे ज्ञात हो जाता 1 अधैर्यसे अथवा ही कल्पना करनेसे जीवको केवल अपने हितको ही त्याग करनेका अवसर आता है, और अनित्य पदार्थका राग रहनेसे उसके कारणसे पुनः पुनः संसार के भ्रमणका योग रहा करता है। कुछ भी आत्मविचार करनेकी इच्छा तुमको रहा करती है. -- यह जानकर बहुत सन्तोष हुआ । उस संतोप में मेरा कुछ भी स्वार्थ नहीं है । मात्र तुम समाधिके मार्गपर आना चाहते हो, इस कारण संसार-क्लेशसे निवृत्त होनेका तुमको प्रसंग प्राप्त होगा, इस प्रकारकी संभवता देखकर स्वाभाविक सन्तोष होता है - यही प्रार्थना है । ता० १६-३-९५ आ० स्व० प्रणाम । बम्बई, फाल्गुन वदी ५ अनि १९५१ अधिक से अधिक एक समय में १०८ जीव मुक्त होते हैं, इस लोक-स्थितिको जिनागम में स्वीकार किया है; और प्रत्येक समयमे एक सौ आठ एक सौ आठ जीव मुक्त होते ही रहते हैं, ऐसा माने तो इम क्रमसे तीनों कालमें जितने जीव मोक्ष प्राप्त करें, उतने जीवोंकी जो अनंत संख्या हो, उस संख्या से भी संसारी जीवोंकी संख्या जिनागममें अनंतगुनी प्ररूपित की गई है । अर्थात् तीनों कालम जितने जी मुक्त होते हों, उनकी अपेक्षा संसार में अनंतगुने जीव रहते हैं, क्योंकि उनका परिमाण इतना अि है । और इस कारण मोक्ष मार्गका प्रवाह सदा प्रवाहित रहते हुए भी संसारमार्गका उच्छेद हो जाना कभी संभव नहीं है, और उससे बघ-मोक्षकी व्यवस्थामें भी विरोध नहीं आता । इस विषयमें अधिक चर्चा समागम होनेपर करोगे तो कोई बाधा नहीं । जीवकी त्र-मोक्षकी व्यवस्था के विषय में संक्षेप में पत्र लिखा है। सबकी अपेक्षा हालमें विचार करने योग्य बात तो यह है कि उपाधि तो करते रहे और दशा सर्वथा असंग रहे, ऐसा होना अपन कठिन है। तथा उपाय करने हुए आम परिणाम चंचल न हो, ऐसा होना असंभव जैसा है। उत्कृष्ट जानीको छोड़कर हम सबको तो यह वान अधिक क्षमे खने योग्य है कि आत्मामें जितनी अपूर्ण समावि गती है, अपना जो रह सकती है, उसका उन्हेंद्र ही करना चाहिये ।
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एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के कारण, तर्कहीनपोषण और सर्जिकल हस्तक्षेप, साथ ही तनाव और प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में, आदत आंतों का माइक्रोफ्लोरा बाधित हो जाता है - रोगजनक बैक्टीरिया इसमें गुणा करना शुरू कर देता है। नतीजा पाचन विकार (लगातार कब्ज या दस्त), आंतों में असुविधा और भारीपन की भावना है, गैस उत्पादन में वृद्धि हुई है। यह इस स्थिति में है कि डॉक्टर अक्सर "हिलाक" या "हिलाक फोर्टे" की तैयारी की सलाह देते हैं - इस मामले में उनके आवेदन अच्छे परिणाम लाते हैं। इन दवाओं की रिसेप्शन आपको सामान्यीकृत करने की अनुमति देती हैगैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की अम्लता, जिससे पीएच वापस सामान्य हो जाती है, और यह आदत के आंतों के नवीनीकरण में भी योगदान देती है। "हिलाक" और "हिलाक फोर्टे" में शामिल है, जिसका उपयोग लगभग कोई विरोधाभास नहीं है, गैर-रोगजनक आंतों के आदान-प्रदान के उत्पाद एसिडोफिलिक बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि में योगदान देते हैं। वे प्रभावी रूप से आंतों के संक्रमण के सबसे खतरनाक रोगजनकों में से एक से लड़ते हैं - साल्मोनेला। इन दवाओं का सेवन भी पानी-इलेक्ट्रोलाइट संतुलन के सामान्यीकरण की अनुमति देता है, आंत में तरल पदार्थ के अवशोषण में सुधार करता है। उन्हें पानी में पतला भोजन के दौरान तीन बार लिया जाता है। वयस्क प्रति स्वागत 40-60 बूंद नियुक्त करते हैं। दूध के साथ दवाओं को धोया नहीं जाना चाहिए। "हिलाक" ("हिलाक फोर्टे"), जिसका उपयोगभोजन के पाचन के विभिन्न उल्लंघनों के साथ दिखाया गया है, इसका उपयोग करने के लिए कई प्रतिबंध हैं - उदाहरण के लिए, गंभीर परिस्थितियों में, तापमान में वृद्धि के साथ आंतों में तेज तेज दर्द, और कभी-कभी, मल में रक्त के साथ। ये लक्षण कुछ खतरनाक बीमारियों के साथ-साथ आंतों के संक्रमण के संकेत को इंगित कर सकते हैं। रोगी को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए - इन मामलों में, "हिलाक" या "हिलाक फोर्टे", जिसका उपयोग आमतौर पर काफी प्रभावी होता है, लाभ नहीं लाएगा। इसके अलावा, इन दवाओं के व्यक्तिगत असहिष्णुता संभव है, उदाहरण के लिए, उनकी रचना में लैक्टोज। पेट की उच्च अम्लता वाले मरीजों को इन दवाओं को सावधानी और छोटी खुराक में लेना चाहिए - यह डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाएगा। इन दवाओं को अक्सर उपयोग के लिए अनुशंसित किया जाता है औरयुवा बच्चों को जो कुर्सी के साथ समस्या हैः दवा "Hilak" और "Hilak forte" कब्ज (दो साल एक व्यक्तिगत आधार पर चिकित्सक द्वारा निर्धारित करने के लिए बच्चों के लिए खुराक) नियमित रूप से मल त्याग प्राप्त कर सकते हैं। वे एक गर्भवती महिला और उसके भ्रूण के शरीर के लिए किसी भी खतरे का प्रतिनिधित्व नहीं करते। गर्भावस्था और स्तनपान, साथ ही दो साल से अधिक बच्चों के दौरान आम तौर पर 20-40 की एक समय में निर्धारित है चला जाता है दवाओं "Hilak" या "Hilak विशेष क्षमता।" इन साधनों के प्रयोग के लिए संकेत है, इस प्रकार, काफी व्यापक है, और मरीज की हालत तेजी से सुधार हो रहा है। उपचार के दौरान कम से कम 3 सप्ताह नहीं है। यह ध्यान में रखना चाहिए कि ये औषधीयएंटीसिड तैयारियों के साथ-साथ एक साथ लेने के लिए अवांछनीय है, जो उच्च अम्लता, पेप्टिक अल्सर और गैस्ट्र्रिटिस - "अल्मागेल", "रेनी", "गैस्टलोम" और अन्य के लिए निर्धारित हैं। वे हिलाक में निहित लैक्टिक एसिड को बेअसर कर सकते हैं।
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महाराज कंस को देख कर जयाश्व ने सिर उठाया । कंस के क्षेत्र उस धूमिल आलोक में चमक रहे थे। उनमें अत्यन्त क्रोध था, जैसे वह उसे आँखों से दी निगल जाना चाहता था । जयाश्व के शरीर पर कशाघात के चिन्ह थे, सारा स्वेदाई शरीर रक्त के बहाव से अजीब सा लग रहा था। कंस समझ रहा था कि जयाश्व डर जायेगा । क्रूर ने तिरछी दृष्टि से जयाश्व को देखा और आँखें काल । जयाश्व हँसा । उस हास्य में एक भयानकता थी । जीवन की लंबी यात्रा का चला हुआ यात्री जो थक ही चुका था, ग्राज जैसे अपनी सारी यातना ही उँडेलने को वह तत्पर हो उठा था । अक्रूर सिहर उठा । रक्त की लीकें जयाश्व के होठों के कोनों से मुँह के दोनों ओर बह आई थीं। 'बृहत्सेन !" कंस ने कहा । 'श्राज्ञा प्रभु !' 'इस वृद्ध ने कुछ बताया ?" 'नहीं देव !' 'बल प्रयोग किया था ? 'रक्त ही साक्षी है देव !' 'यातना दी थी ?' 'उतनी जितनी से यह मरे नहीं।" 'फिर भी इस कुत्ते ने कुछ नहीं बताया ?' 'कुत्त' को क्यों अपमानित करता है मूर्ख !' जयाश्व ने रक्त थूक कर - 'कुत्तों में ज्ञान नहीं होता, किन्तु तू कुत्ते से भी जघन्य है पापी ! नराधम ! अंधककुलाङ्कार ! तूने शौरसेन देश को जरासंध की पुत्रियों के कहने से दासता के बंधन में जकड़ दिया है। तूने अनार्य दैत्य, दानव, असुर-नाग और राक्षसों से मित्रता करके धन और संपत्ति के लिये कुल और गण का नाश कर दिया । भोज के पवित्र वंश को तूने ठोकर मारी है नीच ? तूने यादवों की पवित्र कुमारियों पर बलात्कार किये हैं, तूने कृषकों से छठे भाग से भी अधिक कर लिया है, तूने व्यापारियों को लूटा है, तूने कर्मकरों को कुचला है । तूने यादव स्वतन्त्रता को मागधों के पैरों के नीछे रँदवा दिया है ।। 'नीच !' कैस गरज उठा ।
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बेंगलुरू : भारत ए की टीम वीरवार से न्यूजीलैंड ए के खिलाफ पहले अनधिकृत टेस्ट के लिए मैदान पर उतरेगी। न्यूजीलैंड ए की टीम में कम से कम आधा दर्जन खिलाड़ी ऐसे हैं जो पिछले कुछ वर्षों में किसी न किसी प्रारूप में सीनियर राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और वे घरेलू टीम के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगे। वहीं, भारतीय टीम में ज्यादातर खिलाड़ी उस टीम के हैं जिसने पिछले साल के अंत में दक्षिण अफ्रीका में ए श्रृंखला खेली थी। इस दौरान सबकी नजरें सरफराज खान पर होंगी जोकि घरेलू सर्किट के अपने शानदार प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने को तत्पर होंगे। मुंबई के सरफराज रणजी ट्राफी सत्र में करीब 1000 रन बनाने के बाद सीनियर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कतार में सबसे आगे हैं। भारत का अगला टेस्ट दौरा दिसंबर में बांग्लादेश में हैं जो आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के बाद है। उस टीम में मध्यक्रम में एक स्थान खाली हो सकता है और सरफराज ढाका जाने वाली टीम में जगह बनाने के प्रबल दावेदार हैं। टीम में कुलदीप यादव भी हैं जोकि लय हासिल करने के लिए बढिय़ा प्रदर्शन करना चाहेंगे। चयनकर्ता पहले ही संकते दे चुके हैं कि हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर दलीप ट्रॉफी खेलेंगे। अब क्योंकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा तो ऐसे में चयनकर्ता सरफराज और रूतुराज गायकवाड़ के प्रदर्शन पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा कप्तान प्रियांक पंचाल और अभिमन्यु ईश्वरन भी नजरें रहेंगी। रोहित शर्मा और केएल राहुल भारत की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी है और शुभमन गिल को टेस्ट में 'फ्लोटर' की तरह खिलाया जा रहा है तो एक और विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज की जगह है जिसे भविष्य में मौके दिए जा सकते हैं क्योंकि मौजूदा कप्तान की उम्र भी बढ़ेगी ही। गेंदबाजी विभाग में कुलदीप ज्यादा से ज्यादा ओवर डालना चाहेंगे जबकि प्रसिद्ध कृष्णा भी खुद को साबित करना चाहेंगे कि वह निकट भविष्य में ईशांत शर्मा की जगह लेने के काबिल हैं। उन्हें मार्क चैपमैन को गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा जो हांगकांग के लिए संयुक्त अरब अमीरात में पिछले 50 ओवर के एशिया कप में खेल चुके हैं और एक महीने पहले ही स्कॉटलैंड के खिलाफ न्यूजीलैंड के लिए टी-20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में खेले थे। इसमें 3 टेस्ट शामिल हैं तो राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख और टीम के मुख्य कोच वीवीएस लक्ष्मण सभी खिलाडिय़ों को आजमाना चाहेंगे।
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- 31 min ago जब बिग बी के साथ रानी मुखर्जी ने दे दिया था लिप लॉक सीन, बोलीं- 'अमिताभ अंकल के साथ किसिंग सीन देना बहुत...' Don't Miss! - News PM मोदी ने किया पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन, जानें क्या-क्या है खासियत? इंडियन आइडल 12 के मंच पर नेहा कक्कड़ ने एक ऐसा खुलासा किया है जो कि उनकी निंजी जिंदगी की परेशानी बन चुका है। नेहा कक्कड़ एक बार फिर से इंडियन आइडल को जज कर रही है। इस बार ये सीजन नेहा के लिए काफी स्पेशल है क्योंकि वह शादी कर चुकी हैं। इससे सभी वाकिफ हैं कि नेहा काफी इमोशनल हैं। जब भी शो में कुछ भावुक कंटेस्टेंट या कोई नाजुक चर्चा होती है तो नेहा अपने आप को रोने से रोक नहीं पाती हैं। आने वाले एपिसोड में भी ऐसा ही होगा। जब एक एपिसोड में चंडीगढ़ की लड़की अनुष्का के लुका छुपी गाने पर मधुर प्रदर्शन के बाद जजेस उनकी काफी तारीफ करते हैं। इसी दौरान नेहा कक्कड़ ये खुलासा करती हैं कि अनुष्का की तरह वह भी एंग्जाइटी इश्यू का सामना कर चुकी हैं। इसके साथ वह थायराइड जैसी बीमारी से भी पीड़ित हैं। Viral Video: बंद कमरे में लड़कियों ने की ऐसी हरकत, वीडियो देख भड़के यूजर्स, बोले- 'पढ़ने लिखने की उम्र में...'
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निराशायें (घ) स्वभाव ( कालरिल, इंजीगोंइंग पेसी मिस्टिक । (ङ) जीवन के प्रति दृष्टिकोण (च) जटिलतायें प्रेम बाधा अंधविश्वास आदि (छ) वाह्योन्मुखता, अन्तरोन्मुखता, उभयोन्मुखता (ज) योग्यतायें, भाषायें, विभाषायें, ज्ञान विज्ञान, कला कौशल (झ) गुण - कल्पना, निर्भय, रुचि । एग्री के अनुसार यह चरित्र निर्माण का ढांचा है जिससे रचनाकार को आवश्यक रूप से अभिज्ञ होना चाहिये । और इसी (ढांचे) पर (चरित्र) निर्माण करना चाहिये । ( 21 ) उपर्युक्त आयाम - त्रय का उल्लेख कर एग्री ने लेखकों के लिये स्वस्थ चरित्रों की सृष्टि अपेक्षाकृत आसान कर दी है। हालांकि अमत्सरी भाव से देखें, तो एग्री का विवरण समीचीन एवं युक्ति युक्त ही रहता है। यह आवश्यक नहीं कि किसी पात्र के विषय में लेखक जितना जानता है उतना सब पाठक के समक्ष प्रस्तुत ही कर दे । He may not choose to tell us he knows many of the facts even of the kind we call obvious may be hidden. (22) मनोवैज्ञानिकों की पात्र विषय परिकल्पनायेंशारीरिक प्रकार की भांति 'मनोवैज्ञानिक प्रकार सिद्धान्त का इतिहास भी बहुत पुराना है। मन अथवा अन्तः वृत्तियां हो तो मूलतः मनुष्य की एतावत्ता की निर्धारक है। मन एवं मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः । ( 23 ) इसीलिये मन एवं अन्तःकरण को समझने का प्रयास स्वभाविक ही है । 19वीं - 20वीं शताब्दी में मनोविज्ञान के क्षेत्र में असाधारण मीमांसा और अन्वेषण हुये। फ्रायड के आर्विभाव से मनुष्य को परखने का आधार उसका वाध्याचरण मात्र न रहकर उसका अंसलक्ष्य अन्तःकरण बन गया । अस्तु आधुनिक युग के मनोवैज्ञानिकों में जेम्स (24) ने दो प्रकार के व्यक्ति माने हैं- एक तो कोमल स्वभाव वाले (Thenderminded) दूसरा कड़े स्वभाव वाला (Tufminded) कोमल स्वभाव वाले व्यक्तियों का व्यवहार मुख्यतः अर्मूत और काल्पनिक सिद्धान्तों द्वारा निर्देशित होता है ये लोग बुद्धिवादी, आदर्शवादी, आशावादी और धार्मिक परम्पराओं में विश्वास रखने वाले होते हैं कड़े स्वभाव वाले व्यक्ति अधिकतर वास्तविकतावादी तथा इनके व्यवहार तथ्यों द्वारा निर्देशित होते रहते हैं। ये लोग विचारों की अपेक्षा शारीरिक संवेदनाओं में अधिक रुचि रखते हैं। स्वभावतः ये लोग वस्तुवादी निराशावादी अधार्मिक और सशंयवादी होते हैं । ( 25 ) व्यक्ति प्रकार - अन्तर्मुखी बहिर्मुखीअन्तःवृत्ति को व्यक्ति वर्गीकरण का आधार तो बहुत से विद्वान सिद्धान्त रूप से मानते चले आये किन्तु मनोवैज्ञानिक प्रकारों को तो विधिवत प्रचलित करने का तथा इस संबंध में सर्वाधिक मान्य सिद्धान्त निर्धारित करने का श्रेय युंग को ही है। युंग प्रतिपादित । (26) अन्तर्मुख तथा बर्हिमुख प्रकार से आज साधारणतया सभी परिचित है । जिन व्यक्तियों की रुचि स्वयं की ओर केन्द्रित हो उन्हें युंग ने अन्तर्मुख कहा है और जिन व्यक्तियों की रूचि का अभिस्थापन भौतिक तथा सामाजिक पर्यावरण की ओर होता है उन्हें बर्हिमुख कहा है । अन्तर्मुख व्यक्तिअन्तर्मुखी वृत्ति वाला व्यक्ति प्रमुख रूप से स्वसम्बद्ध समस्याओं पर विचार करता है। उसका सामाजिक जीवन में अपेक्षाकृत कम रुझान होता है। उसके लिये वैयक्तिक (सब्जेक्टिव) बातों का सर्वाधिक महत्व होता है । वह स्वभावतः संकोची और विचारशील होता है । वह प्रातः अकेला रहना पसंद करता है । और सामाजिक भाग-दौड़ से दूर रहना चाहता है । वह अपनी आन्तरिक दुनिया में लीन रहता है और बाहरी संसार को खुली आंखों से देखते हुये भी जैसे उदासीन रहता है। समाज में रहकर मानों समाज से वह बाहर रहता है । प्राकृतिक स्थल या उपादान जैसे सरिता, सागर लतायें, पुष्पवाटिका, उसे चन्द्रमा आदि रमणीय स्थान अन्तर्मुखी व्यक्ति को अधिक आकृष्ट करते हैं । अन्तर्मुखी व्यक्ति चेतन मन में जितना स्वार्थी होता है उतना ही अचेतन मन में निःस्वार्थी होता है। वह हृदय से परोपकार परायण होता है। बहिर्मुख व्यक्तिबहिर्मुख व्यक्ति का विचार सामग्री बाह्य पदार्थ होते हैं उसके लिये बाह्य और वस्तुगत बातों का सर्वाधिक महत्व होता है ऐसा व्यक्ति चतुर, व्यवसायी एवं विभिन्न परिस्थितियों में कार्य करने की क्षमता रखता है। ऐसा प्रायः समाज सुधारक होता है और मानवीय नेतृत्व भी इसी युंग के वर्ग से संचरित होता है । युंग के वर्गीकरण में आगे एक और उपवर्गीकरण है । इसके अनुसार अन्तर्मुख तथा बहिर्मुख दोनों प्रकार के व्यक्तियों को दो-दो उपकोटियां होती हैं । अन्तर्मुख- (1) भाव प्रधान (2) विचार प्रधान बहिर्मुख - (1) भाव प्रधान ( 2 ) विचार प्रधान
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परत्र स्वबोधसंक्रान्तये - अन्य लोगों में अपने ज्ञान को पहुँचाने के लिए । परत्र -अन्यत्र अर्थात् अन्यजनेषु, श्रोतृषु । स्वबोधस्य-निजज्ञानस्य संक्रान्तये संक्रमणार्थम् ( For communicating his knowledge to other persons ) । शब्देनोपदिश्यते - शब्दमय वाक्यों से प्रतिपादित किया जाता है । तो उस शब्द ( अर्थात् वाक्य ) से उस अर्थविषयक ( सुनने वाले की ) जो वृत्ति बनती है, ( श्रोता की ) वह वृत्ति आगमप्रमाण है । यस्याश्रद्धेयार्थो वक्ता न दृष्टानुमितार्थः, स आगमः प्लवते यस्य आगमस्य वक्ता अश्रद्धेयार्थः ( दृष्टानुमितार्थ रहितत्वात् ) स आगमः, जिस आगम का वक्ता पदार्थ के प्रत्यक्ष या अनुमित ज्ञान से शून्य और इसीलिए अश्रद्धेयार्थ होता है, वह आगम नाम की वृत्ति प्लुत होती है, सदोष होती है। उसे प्रमाण की कोटि में अन्तर्भावित नहीं किया जा सकता- 'प्रमाणवृत्तिजननासमर्थ इत्यर्थः । मूलवक्तरि तु दृष्टानुमितार्थे निविप्लवः स्यात् आगम-वृत्ति, सुनने वाले की बुद्धि में बनती है; किन्तु बनती है कहनेवाले के कथन से । श्रोता उस वृत्ति का निमित्त नहीं होता, इसलिए इस वृत्ति का मूल कारण अन्य वृत्तियों से । असमान अर्थात् प्रमाता से भिन्नस्थानीय होता है। इसलिए इसमें आये हुए 'मूल' शब्द को स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए । इसीलिए 'वक्तरि' के पहले भाष्यकार ने 'मूल' शब्द लगा दिया है। अन्य प्रमाणों में ज्ञान की प्रामाणिकता के विषय में प्रमाता उत्तरदायी होता है; जबकि 'आगम-प्रमाण' में प्रमाता के स्थान पर 'मूलवक्ता' उत्तरदायी होता है। इसीलिए कहा गया है कि जब 'मूलवक्ता' ठीक से अर्थ को प्रत्यक्षीकृत या अनुमित किये होता है, तभी वह आगम निर्दोष एवं शुद्ध होता है । 'मूलवक्ता हि तत्रेश्वरो दृष्टानुमितार्थः' । वाचस्पतिमिश्र ने यहाँ पर 'मूलवक्ता' शब्द से ईश्वर का अर्थ ग्रहण किया है। किन्तु यह उचित नहीं है, क्योंकि१. सामान्य की प्रतीति में विशेष का बोध अकारण ही करना उचित नहीं है। २. इस स्थिति में तो फिर ईश्वरवचन के अतिरिक्त शुद्ध आगम की सत्ता ही नहीं मानी जा सकेगी। ३. प्लुतिवाले अर्थात् अप्रामाणिक आगमों के परिप्रेक्ष्य में यहाँ पर निविप्लव या प्रामाणिक सामान्य आगमवचनों का ही कथन प्रकरणानुसारी माना जाना चाहिए । ४. सबसे बड़ी आपत्ति तो यह है कि ईश्वर अनुमितार्थ क्योंकर होगा ? उसे तो समस्त विषय प्रत्यक्ष ही रहेंगे। उसे अनुमान करने की इच्छा ही कैसे होगी ? सिषाधयिषा की स्थिति भला उसमें कैसे मानी जा सकती है ? अनुमानेच्छा या सिषाधयिषा के बिना अनुमान कैसे ? ७ ।। १. द्रष्टव्य; यो० वा० पृ० ३२ । २. द्रष्टव्य; त० वै० पू० ३२ ।
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Indian Oil Recruitment 2021: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 12वीं पास वालों के लिए बंपर वैकेंसी निकाली हैं। IOCL में 300 पदों पर निकली वैकेंसी। भर्ती 12वीं और डिप्लोमा पास वालों के लिए है। ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, IOCL ने अप्रेंटिस के पदों पर बंपर वैकेंसी निकाली हैं। इंडियन ऑयल 300 पदों पर भर्तियां करेगा। योग्य उम्मीदवार IOCL की ऑफिशियल वेबसाइट iocl. com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख 27 दिसंबर, 2021 तक है। नोटिफिकेशन के अनुसार भर्ती फिटर, इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक, मशीनिस्ट, एकाउंटेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर (डीईओ) और रिटेल सेल्स ट्रेड के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल, इंट्रूमेंटेशन, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड में की जाएगी। ट्रेड अप्रेंटिस (फिटर, इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक, मशीनिस्ट)- किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा पास और सम्बन्धित ट्रेड में दो वर्षीय आईटीआई कोर्स जरूरी है। ट्रेड अप्रेंटिस (डीईओ)- कक्षा 12 की परीक्षा पास और डाटा एंट्री ऑपरेटर का स्किल सर्टिफिकेट प्राप्त होना चाहिए। ट्रेड अप्रेंटिस (रिलेट सेल्स)- कक्षा 12 की परीक्षा पास होना चाहिए। टेक्निशियन अप्रेंटिस (इलेक्ट्रिकल, इंट्रूमेंटेशन, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स)- किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ सम्बन्धित विषय में 3 साल का डिप्लोमा। ऐसे होगा चयन चयन लिखित परीक्षा में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा ऑब्जेक्टिव टाइप होगी जिसमें मल्टीपल च्वाइस सवाल पूछे जाएंगे। - अब Apply Online पर क्लिक करें। - इसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म में मांगी गई जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल, शैक्षणिक योग्यता और अन्य जानकारी भरें। साथ ही अपना फोटो और साइन अपलोड करें। - अब एप्लीकेशन फीस जमा कर प्रक्रिया को पूरा कर लें।
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वोट बैंक की राजनीति ने केन्द्र की यूपीए सरकार की सोच को इस कदर गिरा दिया है कि उसे देश हित और देश द्रोह में कोई अन्तर नहीँ दिखता । जनता का भला बुरा सोचे बिना देश को असुरक्षा के गर्त मे धकेलना ही इसका एकसूत्री कार्यक्रम है । इसी क्रम को आगे बढ़ाकर केन्द्रीय गृहमन्त्री ने राष्ट्रीय स्वयँसेवक संघ पर हिन्दू आतंकवाद तथा आतंकी शिविर चलाने का आरोप मढ़ दिया है । देश की जनता अच्छी तरह जानती है कि कौन देश भक्त है और कौन देश द्रोही । पाकिस्तानी तथा जेहादी आतंकवाद के आगे घुटने टेकने वाली सोनिया पार्टी की सरकार के पूर्व गृहमंत्री व अन्य नेता भी जनता का ध्यान मूल समस्याओँ से हटाने के लिये गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी के लिए मशहूर रहे हैं । यूपीए के इस कार्यकाल ने तो घोटालोँ, भ्रष्टाचार, मंहगाई के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं । आज देश की बहू बेटियोँ की अस्मिता तक सुरक्षित नहीँ हैं । ऐसे समय जबकि पाक हमारे सैनिकोँ के सर काट कर भारतमाता को आहत कर रहा है, गृहमंत्री का यह गैर जिम्मेदार बयान अनेक प्रश्न खड़े करेगा जिनका उतर सोनिया पार्टी को देश की जनता को देना मुश्किल हो जाएगा । इस सरकार ने जेहादी आतंकवादियोँ, पाक घुसपैठियोँ तथा संसद पर हमला करने वालोँ के प्रति नरम रुख अपनाकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है । खूंखार आतंकियोँ का ओसामा जी तथा हाफिज साहिब कह कर सम्मान करना इनकी देशद्रोही मानसिकता को दर्शाता है । पहले चिदम्बरम तथा वर्तमान गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तो हिन्दुओं को आतंकवादी कहकर तथा भगवा आतंक का शोर मचाकर धृष्ठता की सारी हदेँ पार कर दी है । सत्ता के नशे ने इनकी आँखोँ पर पर्दा डाल दिया है । ये अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए देशभक्ती को दाव पर लगाकर देशद्रोहियोँ के पैरोकार बनते जा रहे हैं । इससे देश को तोड़ने वाली विदेशी शक्तियोँ के हौंसले बढ़ेंगे तथा उनका काम आसान होगा । अगर केन्द्र के जिम्मेवार मंत्री व राजनेता इस प्रकार देश का अहित करते रहेँगे तो गृहयुद्ध की स्थिति भी पैदा हो सकती है । अतः भारत की अखण्डता मेँ विश्वास रखने वाली राष्ट्रभक्त जनता को जागना होगा जिससे इन देशद्रोहियोँ के षड्यन्त्र सफल न होने पाए । साथ ही भारत की राष्ट्रवादी राजनीति को एक मँच पर आकर आक्रामक तरीके से देशद्रोहियोँ को परास्त करना होगा । - सुरेन्द्रपाल वैद्य,
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इस शनिवार रेखा के नाम किए गए इस एपिसोड में दानिश ( Danish Khan ) उन्ही की फिल्मों से मुकद्दर का सिकंदर और हे नाम रे गाने मंच पर पेश करने वाले है. आपको बता दे ये दोनों गाने अमिताभ बच्चन और रेखा ( Amitabh Bachchan and Rekha ) की फिल्मों से है. सोनी टीवी (Sony Tv) के सिंगिंग रियलिटी शो ( Singing Reality Show ) इंडियन आइडल 12 ( Indian Idol 12 ) का ये हफ्ता काफी शानदार होगा क्योंकि बॉलीवुड दीवा रेखा ( Rekha ) इस संगीत के उत्सव की शोभा बढ़ाने आइडल के मंच पर आने वाली हैं. इस दौरान अपने जीवन के कई अनुभव और काफी सारी मजेदार बातें रेखा इंडियन आइडल के जजों तथा कंटेस्टेंट्स के साथ शेयर करेंगी . इतना ही नहीं 66 साल की ये अदाकारा मंच पर उनकी और अमिताभ बच्चन की फिल्मों के गाने सुनकर पुरानी यादों में खोती हुई नजर आएंगी. इस संगीत के जश्न में कंटेस्टेंट दानिश खान पर बॉलीवुड की ये अदाकारा कुछ ज्यादा मेहरबान होते हुए नजर आने वाली है. दरअसल इस शनिवार रेखा के नाम किए गए इस एपिसोड में दानिश उन्ही की फिल्मों से मुकद्दर का सिकंदर और हे नाम रे गाने मंच पर पेश करने वाले हैं. आपको बता दे ये दोनों गाने अमिताभ बच्चन और रेखा ( Amitabh Bachchan, Rekha ) की फिल्मों से हैं. दानिश की शानदार परफॉरमेंस को देखने के बाद रेखा पुरानी यादों में खो जाएंगी. तो दानिश के इस परफॉरमेंस के बाद तीनो जज उनके लिए खड़े हो कर तालिया बजाते हुए नजर आएंगे. सिर्फ जज ही नहीं, रेखा भी दानिश की काफी सराहना करेंगी. इतना ही नहीं रेखा उनके प्रदर्शन से इतनी प्रभावित होगी की शगुन के तौर पर वो दानिश को कुछ पैसे भी देंगी और मंच पर उनकी नजर भी उतारेंगी. बॉलीवुड की इस खूबसूरत अदाकारा के हाथों अपने बेटे की हुई सराहना देख वहा मौजूद दानिश के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इतना ही नहीं दानिश ( Danish Khan ) ने अपने परफॉरमेंस के बाद रेखा को अपने साथ मंच पर आमंत्रित किया और मंच पर उन्होंने रेखा के साथ मुकद्दर का सिकंदर गाने पर परफॉर्म किया और अन्य प्रतियोगियों ने भी इसमें उनका साथ दिया. जिस तरह से ये गाना अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था ठीक उसी तरह इंडियन आइडल के मंच पर हारमोनियम पर बैठे रेखा ने अमिताभ बच्चन की बाइक चलाने की नकल करके दिखाई. Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah Spoilers : चंपकलाल चाचा की गुजराती दावत में दयाबेन करेंगी Pawri ?
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Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में बाड़े में रखे गए छह चीतों को जून के अंत तक खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इन्हे पिछले चार माह से बाड़े में रखा था। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। चीता परियोजना संचालन समिति ने पिछले दिनों इस विषय पर बैठक की थी। इस बैठक में यह बात मानी गई थी कि चीतों को कुछ और समय बाड़ों में रखना उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है इसलिए उन्हें जंगल में खुला छोड़ना सही होगा। इन चीतों की निगरानी के लिए कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। बढ़ाई जा रही कर्मचारियों की संख्या : चीतों की निगरानी के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है क्योकि इस समय जंगल में 9 चीते खुले छोड़े गए हैं और इनकी निगरानी करना ही प्रशासन के लिए चुनौती भरा है। अब 6 और चीतों को खुला छोड़ा जा रहा है जिसके लिए और स्टाफ की आवश्यकता है। कूनो में कालर आइडी के माध्यम से चीतों की ट्रैकिंग की है इसके लिए भी स्टाफ बढ़ाया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए 24 घंटे में तीन की जगह चार दल चीतों की निगरानी करेंगे। बता दें अब तक 6 चीतों की मौत हो चुकी है। 2 चीतों को बाड़े में ही रखा जाएगा : इसके अलावा अभी 2 चीतों को बाड़े में ही रखा जाएगा। इनमें से एक पवन है जो बार-बार कूनों की सीमा से बाहर निकल रहा था। इसे बड़े बाड़े में शिफ्ट किया गया था। इस समय पार्क में जितने कर्मचारियों की जरुरत है उसके 50 फीसदी ही वहां काम कर रहे है। समय समय पर होने वाली मीटिंग्स में कर्मचारी बढ़ाये जाने की मांग की जा रही है। ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
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भारत सरकार ने अत्यंत महत्त्वपूर्ण लेते हुए सभी डाक्टरों को पर्ची पर केवल जेनरिक दवाई लिखने को कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि वह 10 साल से इस निर्णय का इंतजार कर रहे थे। ऐसे निर्णय कई बार हुए, परंतु विदेशी बहुराष्ट्रीय दवाई कंपनियों के दबाव में आज तक लागू नही हो सके। उन्होंने कहा कि वह 12 वर्ष पहले संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। पूरा एक वर्ष कमेटी ने जेनरिक और ब्रांडेड दवाई के विषय पर गहरा अध्ययन किया। 2013 में कमेटी ने सरकार को महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट दी और वह समिति के कुछ सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली। उन्होंने कहा कि सरकार का एक पंक्ति का नियम देश के करोड़ों गरीबों को सस्ती दवाई दिला सकता है। सूरत की एक जनसभा में प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सरकार ऐसा नियम बना रही है कि हर डाक्टर रोगी की पर्ची पर केवल जेनरिक दवाई लिखेगा। यह घोषणा कई वर्षों तक लागू नहीं हुई। जब कोई कंपनी लंबा शोध करके पहली बार दवाई बनाती है, तो भारत के कानून के मुताबिक 20 वर्ष तक उसका पेटेंट होता है और कोई भी कंपनी उस दवाई को नहीं बना सकती। इस दवाई को ब्रांडेड कहा जाता है, परंतु 20 वर्ष के बाद पेटेंट समाप्त होने पर उसी दवाई को कोई और कंपनी बना सकती है। इसे जेनरिक दवाई कहते है। भारत जेनरिक दवाई बनाने में विश्व में अग्रणी है। शांता कुमार ने कहा कि विदेशी कम्पनियों की कमीशन के कारण भारत के डाक्टर रोगी की पर्ची पर सस्ती जेनरिक दवाई नहीं लिखते। इसी कारण ब्रांडेड दवाई बिकती है। ब्रांडेड दवाई के मुकाबले पर जेनरिक दवाई आधे से भी कम मूल्य में मिलती है। देश का दुर्भाग्य है कि इस प्रकार विदेशी कंपनियों को लूट की छूट मिली हुई है।
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HMD Global ने इसी साल मार्च में अपना पहला 5G स्मार्टफोन Nokia 8. 3 5G में लॉन्च किया था। साथ ही यह भी जानकारी दी थी कि कंपनी जल्द ही इसकी कीमत और उपलब्धता का भी खुलासा करेगी। हालांकि, अभी तक कंपनी ने इसकी उपलब्धता की जानकारी नहीं दी है लेकिन इससे पहले ही ये स्मार्टफोन जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड की ई-कॉमर्स वेबसाइट पर लिस्ट कर दिया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि कंपनी जल्द ही इसकी उपलब्धता का खुलासा करने वाली है। Nokiamob की रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार Nokia 8. 3 5G जर्मनी की ई-कॉमर्स साइट Amazon Germany पर लिस्ट हो गया है। हालांकि लिस्टिंग में फोन की कीमत और उपलब्धता के बारे में नहीं बताया गया है। यहां सिर्फ फोन की इमेज शो की गई है। वहीं स्विट्ज़रलैंड में यह स्मार्टफोन वहां के लोकप्रिय ऑनलाइन रिटेलर Galaxus पर लिस्ट कर दिया गया है। यहां बताया गया है कि यह स्मार्टफोन 15 सितंबर 2020 से सेल के लिए उपलब्ध होगा। बता दें कि कंपनी ने इससे पहले पुष्टि की थी कि Nokia 8. 3 5G को इस साल गर्मियों में उपलब्ध करा दिया जाएगा। Nokia 8. 3 5G की कीमत पर नजर डालें तो इसके बेसिक वेरिएंट की कीमत EUR 599 यानि करीब 48,000 रुपये होगी। इसमें 6GB रैम और 64GB इंटरनल स्टोरेज दी जाएगी। जबकि फोन के 8GB रैम और 128GB स्टोरेज मॉडल की कीमत EUR 649 यानि करीब 52,000 रुपये होगी। यह फोन पोलर नाइट कलर विकल्प में उपलब्ध होगा। इस स्मार्टफोन 6. 81 इंच का फुल एचडी+ डिस्प्ले दिया गया है, इसका स्क्रीन रेजोल्यूशन 1080 x 2400 पिक्सल है और इसमें 120Hz का रिफ्रेश रेट मौजूद है। फोटोग्राफी के लिए फोन में Zeiss लेंस के साथ 64MP का प्राइमरी सेंसर, 12MP का अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस, 2MP का मैक्रो लेंस और 2MP का डेप्थ सेंसर दिया गया है। वहीं फोन का फ्रंट कैमरा 24MP का है। यह स्मार्टफोन Snapdragon 765G चिपसेट से लैस है और यह दो स्टोरेज वेरिएंट में उपलब्ध होगा। फोन के एक वेरिएंट में 6GB रैम के साथ 64GB स्टोरेज और दूसरे मॉडल में 8GB रैम के साथ 128GB स्टोरेज दी जाएगी।
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वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद पहली बार टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सामने आए हैं। भारत को दो बार आईसीसी का खिताब दिलाने वाले धोनी ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रित करना जानते हैं। धोनी ने कहा, मैं वैसा ही हूं जैसा सब हैं लेकिन मैं अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से कंट्रोल करना जानता हूं। ' धोनी ने विपरीत परिस्थितियों से पार पाने के संबंध में कहा, 'वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद मैं भी उतना ही दुखी था, जितना सब थे। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि इनमें से कोई भी भावना रचनात्मक नहीं है। ' 38 वर्षीय धोनी ने कहा कि समस्याओं का जाल बुनने से ज्यादा बेहतर है उनका समाधान ढूंढना। और यह चीज उनके लिए कारगर साबित रहा है। उन्होंने कहा, 'इन भावनाओं की तुलना में अभी क्या करना चाहिए यह अधिक महत्वपूर्ण है। अगली क्या चीज है जिसकी मैं योजना बना सकता हूं? वह अगला व्यक्ति कौन है जिसका मैं उपयोग कर सकता हूं? एक बार जब मैं यह सोचने लगता हूं तो फिर मैं अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से काबू कर लेता हूं। ' धोनी ने फिर से कहा कि अंतिम परिणाम से महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। अपनी कप्तानी के दौरान वह हमेशा इस बात पर जोर देते रहे थे। उन्होंने कहा, 'अगर वह टेस्ट मैच है तो आपके पास दो पारियां होती है और आपको अपनी अगली रणनीति तैयार करने के लिए थोड़ा अधिक समय मिलता है। टी-20 में सब कुछ जल्दी-जल्दी होता है तो इसमें अलग तरह की सोच की जरूरत होती है। ' धोनी ने कहा, 'वह एक खिलाड़ी हो सकता है जिसने गलती की या वह पूरी टीम हो सकती है। यह भी हो सकता है कि प्रारूप चाहे कोई भी हो हमने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल नहीं किया हो। '
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पहले झूठ बोल कर बेटी के आशिक को घर बुलाया और फिर झूठी शान को लेकर कुछ ऐसा कर दिया गया, जिसे देख आपकी आत्मा तक कांप जाएगी। नफरत और मर्यादा के नाम पर झूठ का मुखौटा एक बार फिर से दो ज़िन्दगियों के प्यार पर भारी पड़ गया। झूठी इज्जत की खातिर घर से बुलाकर युवक की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है। युवक का शव आरोपियों के घर से बरामद हुआ है। एक बार फिर से हरियाणा के गोहाना में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है, घटना गांव बुटाना की है। गांव बुटाना निवासी अमित का शव बुधवार सुबह गांव के कर्मबीर के घर से बरामद हुआ है। अमित के शरीर पर चोट के गहरे निशान थे। अमित के पिता रंजीत ने पुलिस को बताया कि मंगलवार रात 8. 00 बजे गांव का ही कर्मबीर और उसका बेटा भोलू घर से बुलाकर अमित को ले गए थे। कर्मबीर ने कहा था कि उसकी पत्नी अमित से कुछ बात करना चाहती है। वह उनके साथ चला गया और देर रात तक नहीं लौटा। जब उसने कर्मबीर के घर जाकर अमित का पता किया तो उन्होंने कहा कि वह तो उसी समय वापस चला गया था। रातभर बेटे की तलाश करते रहे, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। बुधवार तड़के वह गांव के कुछ लोगों के साथ कर्मबीर के घर गया तो अमित का शव उनके घर में पड़ा था। उसकी बॉडी पर चोट के गहरे निशान थे।
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।ग्राम क्रमांक : ।ग्राम का नाम : ।तहसील : ।जनपद : ।फसली वर्ष : ।भाग : ।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.) ।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद ) ।1क(क) - रिक्त ( नदारद ) ।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद ) ।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ( नदारद ) ।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद ) ।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद ) ।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद ) ।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद ) ।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद) ( नदारद ) ।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद ) ।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद ) ।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद ) ।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद ) ।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद ) ।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद ) ।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद ) ।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद ) ।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद ) ।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि । ।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो। ( नदारद ) ।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। ( नदारद ) ।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । ।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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धर्मशाला - वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला के दाड़ी में सुधीर शर्मा के लिए आयोजित जनसभा में कहा कि चुनावों के समय कांग्रेस के ही कुछ लोग पार्टी में खलल मचाने की कोशिश करते हैं, वे सारे गिले-शिकवे छोड़ कर पार्टी के साथ चलें। सारे मतभेद भुलाकर पार्टी का काम करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सभी राज्यों को समान भाव से देखे और साथ लेकर चले, तभी देश का समग्र विकास हो सकता है। इस मौके पर कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा में टिकट आबंटन की प्रक्रिया में उम्मीदवारों को मोदी और शाह का डर सता रहा है। भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मंत्री तक सभी मोदी और शाह के डर से रो रहे हैं। ऐसे में अब जनता को तय करना है कि ऐसे लोगों का साथ देना है जो खुद ही डर से रो रहे हों या फिर उनका साथ जो विकास को आगे ले जाने की बात कर रहे हों। उन्होंने कहा कि जो पहले खुद रो रहे हैं, वह बाद में जनता को रुलाएंगे। ऐसे नेता जनता के हितैषी नहीं हो सकते, जो मैदान छोड़कर भागते हुए स्वयं रोने लग पड़े हैं। उन्होंने कहा कि धर्मशाला को स्मार्ट सिटी, नगर निगम बनाने व दूसरी राजधानी का दर्जा दिलाने तक हर विषय का भाजपा ने शिमला से लेकर धर्मशाला तक विरोध जताया है। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भी भाजपा ने कोई प्रयास नहीं किया, जबकि कांग्रेस ने तीन-तीन स्थानों पर भूमि व भवन मुहैया करवाए। केंद्र सरकार ने जीएसटी लगा कर आम जनता को परेशान किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी यह पता नहीं है कि किसी उत्पाद पर कितना जीएसटी लगा है। आम लोगों को तो दाल-सब्जी से लेकर हर चीज मेें जूझना पड़ रहा है। विधायक पवन काजल ने कहा कि भाजपा लारे लगाने वाली पार्टी है, जबकि कांग्रेस दिल खोलकर विकास व सहयोग करती है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सातवीं बार सीएम बनेंगे। उन्होंने धर्मशाला सहित कांगड़ा जिला में हुए विकास कार्यों को वीरभद्र सिंह की देन बताया।
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स्टेट डेस्क/ पटना : आप लोगो ने रील लाइफ में स्पाइडर मैन को देखा होगा लेकिन आज हम आपको बताते है रियल लाइफ की स्पाइडर गर्ल्स से। पटना की रहने वाली 11 साल की अक्षिता गुप्ता दीवार पर बिल्कुल स्पाइडर मैन की तरह चढ़ जाती हैं, वो भी बिना किसी ट्रेनिंग के। अक्षिता के साथ-साथ उसकी 9 साल की बहन ने भी इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दी है। दानापुर के बीबीगंज निवासी अजीत कुमार की दोनों बेटियों की खूब चर्चा हो रही है। बड़ी बेटी अक्षिता 7वीं क्लास की स्टूडेंट और छोटी अभी चौथी क्लास में पढ़ती है। दोनों दीवारों और घर की पिलर पर इस कदर चढ़ती हैं जैसे छिपकली बिना किसी सहारे के रेंगती हो। अक्षिता के घर में 12 फीट का मार्बल का पिलर है जिस पर दोनों बहनें बिना किसी सहारे के धड़ाधड़ चढ़ जाती हैं। वही अक्षिता ने बताया कि मैं अक्सर मूवी में, कार्टून और स्टोरी बुक में स्पाइडर मैन को स्टंट करते देखती थी। तब सोचती थी कि ये कैसे करते हैं। मैंने इसे घर में ही ट्राई किया। कई बार दीवार पर चढ़ने के दौरान मैं-गिर भी गई। इसे लेकर पापा-मम्मी गुस्सा करते थे और जब भी वे नहीं रहते थे तो मैं अक्सर प्रैक्टिस करती थी। उसके बाद दीवारों पर चढ़ना आसान सा लगने लगा। अब मैं आसानी से खड़ी दीवार पर बिना किसी सहारे के चढ़ जाती हूं। वही अक्षिता की छोटी बहन कृपिता को शिव स्तुति भी पूरी तरह कंठस्ठ है। उसने ने बताया कि वह बचपन में जब मां को पूजा के घर में शिव स्तुति पढ़ते देखती थी, तभी से सुन-सुनकर उसने पूरी स्तुति याद कर ली। जिस श्लोक को शुद्ध-शुद्ध पढ़ने में बड़ों के जबान लड़खड़ा जाते हैं। उसे कृपिता लयबद्ध बोलती है।
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प्रथमानुयोग- संस्कृत रचनायें जैन साहित्य में पाई जाती हैं, वे कुछ पूर्णरूप से पद्यात्मक, कुछ गद्य और पद्य दोनों के उपयोग सहित चम्पू की शैली के हैं, और कुछ बहुलता से गद्यात्मक हैं, जिनका संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है :सोमदेव सूरि कृत यशस्तिलक चम्पू ( शक ८० १ ) उत्कृष्ट संस्कृत गद्य-पद्यात्मक रचना है। इसका कथानक गुरणभद्र कृत उत्तरपुराण से लिया गया है, और पुष्पदन्त से कृत अपभ्रंश जसहर चरिउ के परिचय में दिया जा चुका है। अन्तिम तीन अध्यायों में गृहस्थ धर्म का सविस्तर निरूपण है, और उपासकाध्ययन के नाम से एक स्वतन्त्र रचना बन गई है। इसी कथानक पर वादिराज सूरि कृत यशोधर चरित ( १०वीं ती ) चार सर्गात्मक काव्य, तथा वासवसेन ( १३वीं शती ) सकलकीर्ति ( १५वीं दाती ) सोमकीति ( १५वीं पाती ) और पद्मनाभ ( १६-१७वी शती ) कृत काव्य पाये जाते हैं। मारिणक्यसूरि ( १४वी शती ) ने भी यशोधर-चरित संस्कृत पद्य में } रचा है, और अपनी कथा का आधार हरिभद्र कृत कथा को बतलाया है। क्षमाकल्याण ने यशोधर-चरित की कथा को संस्कृत गद्य में संवत् १८३९ में लिखा औौर स्पष्ट कहा है कि यद्यपि इस चारित्र को हरिभद्र मुनीन्द्र ने प्राकृत मे तथा दूसरों ने संस्कृत पद्य में लिखा है, किन्तु उनमें जो विषमत्व है, वह न रहे; इसलिये मैं यह रचना गद्य में करता हूं। हरिभद्र कृत प्राकृत यशोधर घरित के इस उल्लेख से स्पष्ट है कि कर्ता के सम्मुख वह रचना थी, किन्तु आज यह अनुपलभ्य है । हरिचन्द्र कृत जीवंबर चम्पू ( १५वीं शती ) में वही कथा काव्यात्मक संस्कृत गद्य-पद्य में वरिंगत है, जो गुगभद्र कृत उत्तरपुराण (पर्व ७५), पुष्पदन्त कृत भपभ्रंश पुराण (संधि ९८), तथा मोडेयदेव यादीभसिंह कृत गद्यचिन्तामणि एवं यादीभसिंह कृत क्षत्रचूडामणि में पाई जाती है। इस मन्तिम काव्य के अनेक श्लोक प्रस्तुत रचना में प्रायः ज्यों के त्यों भी पाये जाते हैं। अन्य बातों में भी इस पर उसकी छाप स्पष्ट दिखाई देती है । क्षत्रचूडामरिण भौर गद्यचिन्तामणि के कर्ता दोनों यादोभसिंह एक ही व्यक्ति हैं या भिन्न, यह अभी तक निश्चयतः नहीं कहा जा सकता । इस सम्बन्ध में कुछ ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसमें कर्ता के नाम के साथ थोडेयदेव का व गुरुपुष्पसेन का उल्लेख नहीं है। रचनाशैली व शब्द-योजना भी दोनों ग्रंथों की भिन्न है । गद्यचिन्तामरिण को भाषा भोजपूर्ण है; जबकि दक्षत्र चूडामणि की बहुत सरल, प्रसादगुणयुक्त हैः मौर प्रायः प्रत्येक श्लोक के मघंभाग में कथानक मौर द्वितीयार्य में नीति का उपदेश रहता है । विजयकीर्ति के शिप्प शुभचन्द्र कृत जोवंपर चरित्र (वि० सं० १५९६) पाया
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उत्तर प्रदेश में सोमवार के मुकाबले आज ठंड कुछ कम है। हवा की स्पीड भी कम हुई है। इसके बावजूद समूचा उत्तर भारत कोल्ड वेव की चपेट में है। पूर्वांचल के शहरों में अभी 9 किमी प्रति घंटे, तो पश्चिमी UP के शहरों में 4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा बह रही है। मंगलवार को मेरठ सबसे ठंडा शहर रहा। यहां का तापमान 2. 8°C तक पहुंच गया। इसके बाद सहारनपुर 5°C, लखनऊ में 6°C, झांसी में 6. 2°C, प्रयागराज में 7°C, कानपुर में 7. 4°C, वाराणसी में 8°C तापमान रहा। 3 दिनों से चल रहे पश्चिमी विक्षोभ का प्रकोप कम हुआ है जिससे ठंड से राहत मिली है। हालांकि इसके बावजूद आज की धूप बेअसर है। वाराणसी में 9 किमी की रफ्तार से अभी भी बर्फीली हवा बह रही है। दोपहर तक इसके कम होने के आसार हैं। पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस समय दिन और रात दोनों पहर का तापमान सामान्य से 4-5°C नीचे ही बना है। सोमवार के आंकड़ों के अनुसार, मेरठ में न्यूनतम 3. 3°C, आगरा में 4°C, झांसी में 4. 5°C, लखनऊ में 5. 5°C और वाराणसी 5. 5°C तापमान रहा। यह सामान्य से 5°C कम दर्ज किया गया। वहीं, दिन का तापमान भी 18°C तक आ चुका है। (तापमान अधिकतम/न्यूनतम °C में ) BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 2 दिन की मामूली राहत के बाद फिर ठंड बढ़ेगी। 22 दिसंबर से हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ का दूसरा झोंका आने वाला है, जो कि स्नो फॉल और बर्फ के छोटे तूफान की तरह होगा। इससे आसार है कि 23 दिसंबर से दोबारा कड़ाके की सर्दी पड़े। इसके साथ ही कोहरा वाले दिन भी नजदीक हैं। उन्होंने बताया कि UP के ऊपरी हिस्से यानि कि नेपाल बॉर्डर के पास वाले जिलों में घना कोहरा भी छाया हुआ है। उधर, मेरठ के मौसम वैज्ञानिक डॉ. शमीम ने बताया कि अगले 72 घंटों में वेस्ट UP के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। पहाड़ों पर बर्फ पड़ने से नम हवा पश्चिमी विक्षोभ के साथ बहकर वेस्ट UP तक आ सकती है। उनका कहना है कि आने वाले सप्ताह में ठंड और भी ज्यादा घातक होगी। सोमवार को मेरठ का अधिकतम तापमान 19. 8°C और रात का न्यूनतम तापमान 3. 3°C रिकॉर्ड किया गया। जबकि अधिकतम नमी 80 और न्यूनतम 30% बताई गई। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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समाजो के मध्य हुआ था, जिसमे यह निर्णय लिया गया कि कोई भी आक्षेपात्मक पुस्तक दोनो पक्षों की ओर से प्रकाशित नही की जायेगी। हमारी ओर से आक्षेपात्मक साहित्य न पहले कभी छपा और न वाद में छपा, पर अन्य जैन समाजो ने इसका पालन नहीं किया। उन्होंने कई पुस्तकों में तेरापंथ के बारे में बेहूदी बातें लिखी है, अनर्गल प्रलाप किया है । ' भिक्खू दृष्टान्त' में मुझे ऐसा कोई शब्द नही लगता, जो किसी समुदाय की भावना को ठेस पहुंचाता हो । फिर भी आपने जिन शब्दों पर आपत्ति उठाई है, उस पर में चिंतन करूंगा । आपको भी अपनी पुस्तकों से वे आक्षेपात्मक प्रसंग निकाल लेने चाहिए ।' वातचीत मे मुनि सुमेरमल 'लाढनू' ने भी भाग लिया । नशावंदी सम्मेलन कासी ट्युसन क्लब में भारत निर्माण संस्था की ओर से एक नशावंदी कार्यक्रम आयोजित था । कार्यक्रम मे साव्वी प्रमुखाश्री का विशेष रूप से सान्निध्य प्राप्त था । उन्होंने अपने वक्तव्य में मद्यपान के कारण व निवारण पर महत्त्वपूर्ण दिशादर्शन दिया । समणीजी के भाषण के बाद केन्द्रीय संसदीय राज्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने भी अपने विचार रखे। भारत निर्माण के संयोजक श्री एम. सी. भंडारी ने आभार ज्ञापन किया । दिगम्वर - श्वेताम्बर का इतना नैकट्य पहली बार १ नवम्बर / वेदवाडा चांदनी चौक मे आज मुनि सुमेरमल 'लाडनूं' व मुनि उदितकुमारजी दिगम्बर आचार्य विद्यानन्दजी से मिले । मुनि सुमेरमल ने आचार्यजी को आचार्यश्री तुलसी का एक विशेष संदेश प्रदान किया। संदेश पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होने आचार्यश्री के साथ अपने आत्मीय संबंधो की चर्चा की। तमिल पुस्तक 'तिरुक्कुरल' की हिंदी मे अनुदित पुस्तक देते हुए विद्यानन्दजी ने कहा -- 'आपके वहां बड़े-बड़े ग्रंथ तैयार हो रहे हैं । हमारी ओर से यह पुस्तक कुन्दकुन्द भारती द्वारा प्रकाशित है ।' मुनि सुमेरमल ने वताया- 'ज्ञात बीच इतनी निकटता पहली वार आई है। व आचार्य श्री तुलसी को है । अन्य आचार्य की विरल घटना है।' इतिहास मे दिगम्बर श्वेताम्बर के इसका श्रेय मुख्य रूप से आपको भी निमित्त बने हैं । यह इतिहास आचार्य विद्यानन्दजी ने कहा - 'आचार्यों का उदार चिंतन व उचित मार्गदर्शन ही योगभूत बना है ।' आचार्य विद्यानन्दजी से बातचीत वडे ही सौहार्दपूर्ण वातावरण मे हुई । वातचीत के समय दिगम्बर समाज के कई वरिष्ठ व्यक्ति भी उपस्थित थे । वे दिल्ली से प्रस्थान कर कर्नाटक जा रहे थे । आचार्यवर द्वारा प्रदत्त संदेश इस प्रकार है
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बॉक्स ऑफिस पर इस हफ्ते तीन फिल्में रिलीज हुई थी लेकिन इन फिल्मों की कमाई को देखकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि तीनों ही फिल्मों की इस बार हालत बड़ी खराब है। फन्ने खां, मुल्क और कारवां के तीसरे दिन का कलेक्शन आ चुका है जो हैरान करने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म 'फन्ने खां' ने शुक्रवार को 2. 15 करोड़, शनिवार को 2. 50 करोड़ और तीसरे दिन भी करीब 2 करोड़ तक की कमाई की। 'कारवां' फिल्म की बात करें तो पहले दिन यानी कि शुक्रवार को 2. 75 करोड़, शनिवार को 2. 81 करोड़ और रविवार को 3. 70 करोड़ की कमाई की। वहीं 'मुल्क' फिल्म ने शुक्रवार को 2. 81 करोड़, शनिवार को 3. 67 करोड़ और रविवार को 3. 67 करोड़ की कमाई की। है। यानी कि 'फन्ने खां' के अब तक का कुल कलेक्शन 6. 65 करोड़, 'कारवां' का कलेक्शन 8. 10 करोड़ और 'मुल्क' का कलेक्शन अब तक का 8. 16 करोड़ रहा। इन तीनों ही फिल्मों की कहानी एकदम अलग है। दिलचस्प बात यह है कि तीनों ही फिल्मों में बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स हैं। 'फन्ने खां' में ऐश्वर्या, अनिल कपूर और राजकुमार राव जबकि 'कारवां' फिल्म में इरफान खान हैं। तीसरी फिल्म की बात करें तो 'मुल्क' में ऋषि कपूर मुख्य भूमिका में है। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएंगी लेकिन ऐसा लगता है कि इनका बजट निकालना भी मुश्किल हो गया है। फिल्म के आंकड़ों की बात करें तो शुरुआत में ऐसा लगा कि 'कारंवा' फिल्म मुल्क और 'फन्ने खां' को पीछे छोड़कर आगे निकल जाएगी। हालांकि रविवार का कलेक्शन कुछ और ही इशारा कर रहा है। कलेक्शन के अनुसार मुल्क फिल्म 'कारंवा' और 'फन्ने खां' से ज्यादा कमाई कर चुकी है। फिलहाल अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वाले वक्त में यह तीनों फिल्में कितनी कमाई कर पाती हैं।
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केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे अपने विभिन्न स्वायत्त अनुसंधान और विकास संस्थानों की शोध क्षमता का लाभ उठाकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग (डीएसटी) को अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। प्रौद्योगिकी भवन में वैज्ञानिकों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शोध प्रकाशनों के मामले में आज देश वैश्विक रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है और दुनिया की प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त विज्ञान पत्रिकाओं में शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता की दृष्टि से देश वैश्विक स्तर पर नौवें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि वैसे तो, शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता की वैश्विक रैंकिंग में भारत 14वें से 9वें नंबर पर आ गया है, इसके बावजूद आजादी के 75 साल पूरे होने तक देश को शीर्ष पांच में लाने के सामूहिक प्रयास होने चाहिए। मंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष ध्यान देने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2016 में प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से ही पेंटेंट कानून को नियामक कम और प्रोत्साहन उन्मुख अधिक बनाया गया था, जिससे न केवल काम करने में आसानी होती है बल्कि पेटेंट में सुधार के लिए समय भी कम लगता है। इतना ही नहीं, पिछले 7 वर्षों में दायर रेजिडेंट पेटेंट की संख्या, फुल टाइम इक्यूवेलंट (एफटीई) की संख्या और महिला वैज्ञानिकों की संख्या में वृद्धि हुई है। मंत्री ने मानव संसाधन से संबंधित योजनाओं जैसे एमएएनएके, आईएनएसपीआईआरई, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट फेलोशिप और अन्य योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। मंत्री ने भारत की आजादी के 75वें वर्ष के आयोजनों जैसे भारत का अमृत महोत्सव, में डीएसटी की सफलता की कहानियों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2022 के लिए डीएसटी कुछ बड़े लक्ष्य और योजनाएं तैयार करे। बताया गया कि 2022 में आजादी के 75वें वर्ष में, डीएसटी 7500 एसटीआई आधारित स्टार्ट-अप, 6-10वीं कक्षा के 750,000 छात्रों को मानक अवार्ड कार्यक्रमों में भाग लेने का लक्ष्य रखेगा। इसके अलावा विज्ञान ज्योति योजना के तहत, डीएसटी 2022 तक 75,000 छात्राओं के योजना का लाभ पाने पर फोकस करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने डीएसटी के सभी संस्थानों और वैज्ञानिकों से भारत की आजादी के 75वें वर्ष के आयोजनों में पूरे मन से भाग लेने की अपील की ताकि इन वर्षों में विज्ञान और वैज्ञानिकों के मिले योगदान का जश्न मनाया जा सके। इससे पहले सचिव, डीएसटी प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, प्रोफेसर संदीप वर्मा, सचिव एसईआरबी, विश्वजीत सहाय, एएस एंड एफए, अंजू भल्ला, जेएस (प्रशासन), सुनील कुमार, जेएस (एसएमपी) और डॉ. अखिलेश गुप्ता, हेड, पीसीपीएम ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त, मुख्य लेखा नियंत्रक, वैज्ञानिक प्रभागों के विभागाध्यक्ष और विभाग के प्रशासनिक विंग के अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया। (गुरुवार को नई दिल्ली स्थित प्रौद्योगिकी भवन में वैज्ञानिकों और अधिकारियों को संबोधित करते केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह)
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नई दिल्लीः जोरबाग मेट्रो स्टेशन पर लड़की से छेड़छाड़ के पश्चात् एक बार फिर मेट्रो स्टेशन पर महिला अध्यापिका से छेड़छाड़ की घटना सामने आई है। अपराधी भी सरकारी विद्यालय में शिक्षक है। दिल्ली नगर निगम प्राथमिक विद्यालय की एक अध्यापिका ने आईपी एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन पर छेड़छाड़ किए जाने का इल्जाम लगाया। अपराधी ने लिफ्ट से प्लेटफार्म पर जाने के चलते घटना को अंजाम दिया तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी मगर पीड़िता ने साहस कर स्टेशन कंट्रोलर के माध्यम से पुलिस को शिकायत दी। वही यमुना बैंक मेट्रो पुलिस ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया। मेट्रो पुलिस उपायुक्त जितेंद्र मणि ने कहा कि अपराधी की पहचान कल्याणपुरी निवासी राजेश चंद मीणा के तौर पर हुई है। राजेश गोकलपुरी स्थित प्राथमिक विद्यालय में बतौर अध्यापक कार्यरत है। महिला अध्यापिका ने आरोप लगाया कि अपराधी पहले भी पीछा कर उसके साथ छेड़छाड़ कर चुका है। शिकायत करने पर अपराधी ने माफी मांग ली थी। पुलिस अफसर ने बताया कि शुक्रवार को आईपी एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन के स्टेशन कंट्रोलर ने पुलिस को फोन कर एक महिला से छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत की। तहरीर प्राप्त होते ही पुलिस स्टेशन कंट्रोलर के दफ्तर पहुंचे। स्टेशन कंट्रोलर ने महिला और अपराधी को पुलिस के हवाले किया। पीड़िता ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका है। शुक्रवार को वह स्कूल से एमसीडी दफ्तर गई थी जहां उसने महसूस किया कि एक शख्स पीछा कर रहा है। वापस आईपी एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन आने पर उसने अपराधी को वहां उपस्थित पाया। वह लिफ्ट से प्लेटफार्म पर जाने लगी। इसी के चलते अपराधी भी लिफ्ट में सवार हो गया। लिफ्ट में अकेली पाकर अपराधी ने उसके साथ छेड़छाड़ किया तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पूछताछ में अपराधी ने पीड़िता को पहले भी परेशान करने की बात स्वीकार की है।
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भंतरिक्ष संचार के सामाजिक प्रभाव / 17 द्वारा भेजे जाने के लिए उपयुक्त ठहरते हैं। इनमें से प्रमुख हैं महत्त्वपूर्ण समाचार तथा खेल-कूद की घटनाएँ । विभिन्न प्रकार के अन्य कार्यक्रमों को फिल्मो के रूप में एक टीप से दूसरे द्वीप में जेट वायुयानों द्वारा भेजा जा सकता है। ऐसा करने में समय इतना कम लगता है और यही बेहतर जान पड़ता है कि जीवन्त परिषयों का उपयोग करने के बजाय फिल्म के लिए ही प्रतीक्षा कर ली जाय ताति टेलीविजन चित्र प्राप्त हो । 'मन बर्ड' द्वारा प्रारम में किए गए कतिपय प्रतर्राष्ट्रीय प्रसारणों से उपग्रह प्रेषित टेलीविजन के दोष और गुण दोनो हो स्पष्ट हो गए । अधिकांश महत्त्वपूर्ण समाचार सामयिक और प्रभावशाली थे। टाउन मीटिंग ऑफ दि वर्ल्ड (Town Meeting of the World), जिसमें विदेश नीति के विवादग्रस्त मसलो पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय तथा भ्रमरीको सरकार और विरोधी पक्ष के प्रवक्ता एकत्र हुए थे) के टेलीविजन प्रसारण में स्पष्ट रूप से यह प्रदर्शित किया है कि समस्त संसार की जनता तक जानकारी पहुंचाने में उपग्रह कितना अधिक योगदान दे सकते हैं। दूसरी ओर यूनाइटेड स्टेट्स में किये जा रहे हृदय के खुले मॉपरेशन का प्रसारण स्विट्जरलैंड मे बैठे भनेक डॉक्टर और सर्जनो तक उपग्रह द्वारा पहुँचाने के बजाय (सम्भवतः जिसे लाखो ग्राम मनुष्यों ने भी टेलीविजन पर यो हो देखा होगा), फिल्मों द्वारा पहुँचाना बेहतर होता। क्योकि इस दशा मे चित्र अपेक्षाकृत अधिक अच्छे प्राप्त होते तथा पब्लिक प्रोग्राम में शामिल होने वाले कार्यत्रम पर लागू होने वाले समय के प्रतिबन्ध से भी मुक्ति मिल जाती, जिससे प्रॉपरेशन करने वाला सर्जन ऑॉपरेशन के बारे मे भपेक्षाकृत अधिक विस्तारपूर्वक भौर व्यावसायिक ब्यौरा दे सकता। फिर भी हाउस्टन के ऑपरेशन के इस मल्पावधि प्रसारण से यह तो स्पष्ट है कि भविष्य में डॉक्टरी निदान के लिए यही युक्ति कितनी उपयोगी होगी जबकि किसी चिकित्सा केन्द्र का विशेषज्ञ दूरवर्ती स्थान के मरीज का टेलीविजन द्वारा परीक्षण करके वहाँ के स्थानीय डॉक्टर को उपयुक्त चिकित्सा के लिए परामर्श दे सकेगा। अकड़ों का विनिमय उपग्रह तत्र का ज्योन्ज्यों विकास होता जायगा, त्यों-त्यों लम्बे फासले पर भांकड़ों के विनिमय के लिए वाहिकाओं की संख्या बढ़ाने का प्रभाव उत्तरोत्तर अधिक स्पष्ट होता जायगा । भभी भी बहुत से अभिकलित्र, अन्य अभिकलित्रों तथा भमिकलित्रों के उपयोग करने वालो के साथ दोघं साइनो द्वारा जोड़े जा चुके 18/ अंतरिक्ष युग में संचार हैं। प्रस्तु वैज्ञानिक के लिए सैकड़ों मील पर स्थित श्रमिकलित्र द्वारा समस्या का उत्तर लगभग उतनी ही शीघ्रता से प्राप्त कर लेना सम्भव है, जितनी कि पास रखे प्रभिकलित्र (कम्प्यूटर ) द्वारा इसके एक उदाहरण का लेखक को पता है, और वह यह कि मेसाचूरोट्स इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में स्थित बृहतकाय प्रमिकलित्र, उत्तरी अमरीका के महाद्वीप के मार-पार जोड़ दिए गए है, ताकि आवश्यकतानुसार मशीनों का एक समूह दूसरे समूह के विस्तार के रूप में प्रयुक्त किया जा सके और एक स्थान पर किए गए परिकलनों के परिणाम दूसरे ध्यान पर अपेक्षाकृत शीघ्रता से पहुँचाए जा सकें। प्राधुनिक अभिकलित्र तकनीक द्वारा पपेक्षाकृत अधिक मात्रा में सूचनाएँ, चाहे वे मौखिक हों या संख्यात्मक, संग्रहीत की जा सकती हैं, तथा इन्हें पुनः प्राप्त करके असाधारण गति से प्रेषित किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, एक विशाल श्रौद्योगिक संस्थान अपने विभिन्न प्लाटों में लगे प्रभिकलित्रों के परिपथ पर प्रति मिनट 75,000 शब्दों वाली पुस्तक के तुल्य शब्दों का नियमित रूप से भादान-प्रदान करता है। इस अत्यधिक विकसित प्रभिकलित्र तकनीक को बदौलत यह माशा को जाती है कि उपग्रहों के साथ अभिकलित्रों के जाल का उपयोग करके समस्त संसार के लिए मौसम सरीखी सूचनामो का संग्रह धौर अभिसंस्कार किया जा सकेगा था उनके परिणामों को आवश्यकतानुसार वितरित किया जा सकेगा। इस बात हो मी संभावना परिलक्षित होती है कि पुस्तकालयों तथा दत्त (भाँकड़ा) केन्द्रों [Data Centres ) से संसार की महत्त्वपूर्ण सूचनाएं संग्रहीत की जायेंगी ताकि इन ज्ञान केन्द्रों का शोघ्रतापूर्वक और अधिक व्यापक उपयोग किया जा सके। स प्रकार की सूचनाओंों को संग्रह करने की तकनीक अपेक्षाकृत अधिक frefer 1; यद्यपि मशीन द्वारा मनुवाद की महत्त्वपूर्ण समस्या का अभी तक कोई भी अन्तोषजनक हल नहीं प्राप्त किया जा सका है। ज्यों-ज्यों कम्प्यूटर विज्ञान का वकास होगा, और ज्यों-ज्यों स्थानीय अभिग्राही केन्द्रों के लिए उपग्रह द्वारा सारण प्राप्त करने का अन्तरिम-काल निकट भाला जायेगा, श्यों-त्यों भांकड़ों के वनिमय की सम्भावनाएं भी बढ़ती जायेंगी। मन्तरिम वाल तकनीकी विज्ञान की इस विकास अवधि में जिसे हमने तरिकाल' अथवा 'मध्यवर्ती काल' की सजा दी है जबकि दर्ज्यानी साइज के स्टेशन उपग्रहअंतरिक्ष संचार के सामाजिक प्रभाव प्रेषणों का अभिग्रहण कर सकेंगे, सूचनाओं के प्रवाह में कतिपय महत्त्वपूर्ण वर्तन मा जाएंगे क्योंकि समग्रहण केन्द्र पर लागत का खर्चा वर्तमान लाग शतांश पर सहस्रांश हो जायेगा। इसका तात्पर्य यह हुआ कि जबकि एन्डोवर गुनहिलो डाउन्स ( इनमें से अधिकाश मतुल्यकाली उपग्रहों के अभिग्रहण के बनाए गए हैं। जैसे स्थानों पर बने आधुनिक केन्द्रो पर लाखो डालर खर्च है, भन्तरिम काल के अभिग्रहण केन्द्रो पर केवल कुछ सौ मथवा कुछ ह डालरों का ही खर्चा माएगा। लागत मे भारी कमी के कारण कक्षीय सिं विभिन्न उपयोगों को महत्त्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा। तकनीकी विज्ञान की दृष्टि से यह सम्भाग्य है (चाहे मार्थिक रूप से वादनीय हो या न हो) कि टेलीविजन-जाल द्वारा सम्बद्ध केन्द्रों का भरण जाय अथवा सोधे उपग्रह से पुनवसरण-जाल द्वारा विस्तृत रूप से फैले अथवा कस्बों में स्थित प्रमिग्राहियों तक टेलीविजन प्रोग्राम पहुँचाये समाचारों के लिए अधिक और सम्भवतः सस्ती वाहिकाओं के उपलब्ध कर बजाय यदि मार्थिक रूप से सम्भव हुआ तो समाचार एजेंसियों को सीधे उ द्वारा अपने ग्राहकों की सेवा में समाचार प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हो सके सुदूर स्थानों के निमित्त टेलीफोन प्रथवा टेलोटाइप के सचारण को का राष्ट्रीय प्रेषण केन्द्रों और फिर स्थल-लाइनों से होकर भेजने के बजाय, इन्हे बहुत से स्थानों पर अभिग्रहित किया जा सकेगा और इस प्रकार जाल का उ प्रपेक्षाकृत और अधिक सुलभ पौर विस्तृत हो जाएगा। लागत मे कमी का यह होगा कि कोई भी राष्ट्र अपने निजी समिग्राही स्टेशन स्थापित कर और इस प्रकार इसका सम्बन्ध उपग्रह-जाल से जुड़ जाएगा, तथा हो सक कि कुछ बडे प्रौद्योगिक और व्यापारिक संस्थान उपग्रह खरीदकर या उसे पर लेकर अथवा उपलब्ध सेवामों का पत्यधिक उपयोग करके अपने निजी स जाल की व्यवस्था कर लें । इसी अन्तरिम-काल में हम यह भी पासा कर सकते हैं कि अभि इतने सस्ते हो जाएंगे कि वे स्कूलों अथवा गांवों में रखे जा सकें। इस प्रकार ग्रह द्वारा शिक्षा का प्रसार अधिक विस्तृत क्षेत्र में किया जा सयेगा । द्वितीय युग में जब घरेलू अभिग्रहण- सम्म हो जाएंगे, सब सूच के प्रवाह में निस्सन्देह ही हम कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तनों की भाशा कर सकते निरंतु सम्प्रति इन बाद के विकास को पर्चा को स्थापित करके, हम विवासों के बुद्ध संमाय्य सामाजिक प्रभावों पर विचार को चय कर चुके हैं।
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।ग्राम क्रमांक : ।ग्राम का नाम : ।तहसील : ।जनपद : ।फसली वर्ष : ।भाग : ।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.) ।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद ) ।1क(क) - रिक्त ( नदारद ) ।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद ) ।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद ) ।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद ) ।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद ) ।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद ) ।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद) नवीन परती / . / . ।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) कृषि योग्य बंजर / . / . गांव सभा बंजर / . / . पुरानी परती / . / . ।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद ) ।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद ) ।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद ) ।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद ) ।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद ) ।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद ) ।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद ) ।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद ) ।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि । तालाव / . / . नहर / . / . नाली / . / . पचहरी माइनर / . / . बाबूपुर माइनर / . / . ।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो। आवादी / . / . आवादी अस्पताल गौरीगंज / . / . आवादी थाना गौरीगंज / . / . आवादी मिडिल स्कूल / . / . आवादी व्लाक गौरीगंज / . / . चकरोड / . / . पंचायत घर कटरालालगंज / . / . रास्ता / . / . सार्वजनिक निर्माण विभाग सडक / राज्य सरकार / . ।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। कव्रिस्तान / . / . मरघट / . / . ।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । कुम्हार का गडढा / . / . खाद का गडढा / . / . खालिहान / . / . खेल का मैदान / . / . के क्रम मे निर्मित शासनादेश सं.958/1-1-2011-12(23) /2006-1111दि.30अगस्त 2011द्वारा प्रतिनिहित अधिकारी का प्रयोग करते हुए मै जगतराज जिलाधिकारी अमेठी अधिघोषित अनुसूची मे उनलिखित भूमि के अब तक उन लिखित गांव सभा मे निहित थी। (नगरपालिका परिषद गौरीगंज ) पुनःअपने अपने अधिकार मे क्रेता है। कटरा लालगंज गाटा सं.548मि./0.263हे मे से 0.050 हे भूमि की श्रेणी -श्रेणी -6(4) जो अन्य कारणो से अकृषिक हो । विवरण जिसके लिए भूमि पुनग्रहीत की जा रही है - ग्राम पंचायत कटरालालगंज के उपयोगार्थ गांव सभा में निहित करने हेतु यह आदेश मा.उच्च न्यायालय ,इलाहाबाद उ.प्र. गैर मुमकिन / . / . हडवार / . / . ।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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राजस्थान डाकघर रोजगार सेवा केंद्र रोजगार पंजीकरण, Rajasthan Dakghar Rozgar Seva Kendra Registration, Rajasthan Dakghar Rozgar Sewa Kendra Yojana 2023 in hindi, राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना 2023 ऑनलाइन. राजस्थान के बेरोजगार नागरिकों के लिए एक नई खुशखबरी है। प्रदेश के भारतीय डाक विभाग और रोजगार मंत्रालय ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में और उनका पंजीकरण कराने के लिए में सहायता प्राप्त प्रदान करने के लिए राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना की शुरुआत की है। इस योजना से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार पंजीकरण और रोजगार प्राप्त करने में काफी सहायता प्राप्त होगी। राज्य में रोजगार सेवा केंद्र का उद्घाटन राजस्थान परिमंडल के निदेशक डाक सेवाएं दुष्यंत मृदुल ने किया है। इस योजना को लागू करने के पश्चात अब कोई भी प्रदेश का बेरोजगार नागरिक डाकघरों में अपना पंजीकरण करा सकता है। इस योजना का आप लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं। और इसके लिए आप आवेदन कैसे कर सकते हैं। आप को किस आर्टिकल में पूरी जानकारी प्रदान की जाएगी। Rajasthan Dakghar Rozgar Sewa Kendra Yojana 2023 क्या है? राजस्थान के प्रदेश के बेरोजगार नागरिकों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री के निर्देश पर गवर्नेंस में नवाचार Idea के अंतर्गत विभिन्न विभागों के सदस्यों की कमेटी के सुझाव के आधार पर इस योजना का संचालन किया गया है। अब बेरोजगार युवक डाकघर में जाकर नेशनल करियर सर्विस ऑनलाइन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। नेशनल करियर सर्विस ऑनलाइन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने वाले बेरोजगार नागरिकों को 52 से अधिक क्षेत्रों में 3000 से अधिक व्यवस्थाओं की जानकारी प्रदान की जा सकती है। और वह इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जो नागरिक राजस्थान ऑनलाइन करियर सर्विस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं। वह डाकघर में जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस योजना का संचालन करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है। ताकि प्रदेश से बेरोजगारी की समस्या को कम किया जा सके। और प्रदेश को और अधिक समृद्ध बनाया जा सके। इसके साथ ही इस योजना के संचालन से देश के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा। राजस्थान नेशनल करियर सर्विस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बेरोजगार नागरिकों को कार्य संबंधी डेवलपमेंट के विकल्प भी बताए जाएंगे। इसके साथ ही पोर्टल द्वारा यह भी जानकारी प्रदान की जाती है। कि कौन सा कोर्स किस सेक्टर के लिए अच्छा रहेगा। और उस में आपके लिए कहां-कहां रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। इसलिए प्रदेश के इच्छुक नागरिक को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा कर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित नेशनल करियर सर्विस पोर्टल द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही प्रदेश के बेरोजगार नागरिकों के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन अपना पंजीकरण करके इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप भी ऑनलाइन पंजीकरण कराना चाहते हैं। तो आप नीचे बताए गए आसान से स्टेप्स को फॉलो करके अपना पंजीकरण करा सकते हैं। - इसके लिए आपको सबसे पहले विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट https://www. ncs. gov. in पर जाना होगा। आपको अपना अकाउंट क्रिएट करना होगा। इसके लिए आपको रजिस्टर एज ए न्यू यूजर ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। - जिसके बाद आपको रजिस्टर एज में जॉब सीकर सेलेक्ट करें। - जॉब सीकर सेलेक्ट करने के पश्चात वहां पर पूछे गइ आवश्यक जानकारी को भरकर आप अपना रजिस्ट्रेशन नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर कर सकते हैं। और प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। - स्टेप बाय रजिस्ट्रेशन करने की जानकारी प्राप्त करने के लिए ये पढ़े - National Career Service Portal क्या है ? NCS Portal Online पंजीकरण कैसे करें ? यदि आप राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना 2023 का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। और इसके लिए आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं। तो आपको नीचे बताए गए आसान से टिप्स को फॉलो करके अपना पंजीकरण करा सकते हैं। - इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के निकटतम डाकघर में जाना होगा। और आप अपना पंजीकरण करा सकते हैं। - यहां नए बेरोजगार युवाओं के पंजीकरण कराने के लिए ₹15 का शुल्क लिया जाएगा। और आपके पंजीकृत प्रोफाइल को अपडेट कराने पर 5 रूपये और आवेदन प्रिंट आउट प्राप्त करने के लिए ₹10 लिए जाएंगे। - पंजीकरण होने के पश्चात डाकघरों के द्वारा आपको आपके रजिस्ट्रेशन का प्रिंट आउट भी प्रदान किया जाएगा। जिसमें आप के रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी दी हुई होगी। राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना क्या है? यह राजस्थान सरकार के द्वारा शुरू की गई योजना है जिसके अंतर्गत सरकार ने ऑनलाइन करियर सर्विस पोर्टल की शुरुआत की हैं। जिसके अंतर्गत राज्य में आने वाली योजनाओँ के ऑनलाइन प्राइओप दिया जाएगा। राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना की शुरुआत किस विभाग के द्वारा की गई है? इस योजना की शुरुआत भारतीय डाक विभाग और रोजगार मंत्रालय विभाग के द्वारा शुरू की गई हैं। राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना की शुरुआत क्यो की गई है? इस योजना की शुरुआत राज्य बेरोजगार नागरिको को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार नागरिक अपना आसानी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके योजनाओ का लाभ उठा सकेंगे। क्या राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना में पंजीकरण करने का कोई शुल्क लिया जाएगा? हां अगर आप राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना में अपना पंजीकरण करते है तो रजिस्ट्रेशन करने वाले लाभार्थी से 5 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। क्या राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना के अंतर्गत पोर्टल पर कोई भी अपना पंजीकरण कर सकता है? राजस्थान का भी नागरिक राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना में अपना पंजीकरण कर सकता हैं। तो दोस्तों इस तरह से आप राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के बेरोजगार नागरिकों के लिए प्रदान की जा रही राजस्थान डाकघर रोज़गार सेवा योजना 2021 में आप अपना ऑनलाइन ऑफलाइन पंजीकरण करा सकते हैं । और इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप को यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें। साथ ही यदि आपका किसी भी प्रकार का सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे। हम आपके सवालों का जल्द ही जवाब देंगे। । धन्यवाद। ।
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बोरेक्स का क्रिस्टल सुहागा (Na2B4O7·10H2O; संस्कृतः सुभग; अंग्रेजीः Borax) टांकण (बोरॉन) का एक यौगिक, खनिज तथा बोरिक अम्ल का लवण है। इसे 'क्षारातु बोरेट', 'सोडियम टेट्राबोरेट', या 'डाईसोडियम टेट्राबोरेट' भी कहते हैं। प्रायः यह मुलायम सफेद पाउडर के रूप में मिलता है जो पानी में आसानी से घुल जाता है। सुहागा तिब्बत, लद्दाख और कश्मीर में बहुत मिलता है। . 10 संबंधोंः चूड़ी, टाँका लगाना, टांकिकाम्ल, डिस्टेंपर, बोरॉन, सुहागा-मनका परीक्षण, काशीपुर का इतिहास, काशीपुर, उत्तराखण्ड, कांच, अकार्बनिक यौगिकों की सूची। भारत में चूड़ियों का प्रदर्शन करती एक दुकान चूड़ियाँ (Bangles) एक पारम्परिक गहना है जिसे भारत सहित दक्षिण एशिया में महिलाएँ कलाई में पहनती हैं। चूड़ियाँ वृत्त के आकार की होती हैं। चूड़ी नारी के हाथ का प्रमुख अलंकरण है, भारतीय सभ्यता और समाज में चूड़ियों का महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदू समाज में यह सुहाग का चिह्न मानी जाती है। भारत में जीवितपतिका नारी का हाथ चूड़ी से रिक्त नहीं मिलेगा। भारत के विभिन्न प्रांतों में विविध प्रकार की चूड़ी पहनने की प्रथा है। कहीं हाथीदाँत की, कहीं लाख की, कहीं पीतल की, कहीं प्लास्टिक की, कहीं काच की, आदि। आजकल सोने चाँदी की चूड़ी पहनने की प्रथा भी बढ़ रही है। इन सभी प्रकार की चूड़ियों में अपने विविध रंग रूपों और चमक दमक के कारण काच की चूड़ियों का महत्वपूर्ण स्थान है। सभी धर्मों एवं संप्रदायों की स्त्रियाँ काच की चूड़ियों का अधिक प्रयोग करने लगी हैं। . एक प्रतिरोधक को टाँका लगाकर पीसीबी पर स्थापित किया गया है। सोल्डर सोल्डर किए हुए ताँबे के पाइप टाँका लगाना (Soldering), झालना, या राँजना, धातु के दो टुकड़ों को जोड़ने की एक विधि है। अनेक मिश्रधातुएँ, जो जोड़ लगाने में काम आती हैं, "टाँका" या "झाल" कहलाती हैं। टाँका देने की क्रिया केवल यांत्रिक ही नहीं हैं, क्योंकि जोड़ी जानेवाली धातुओं से झाल मिल जाती है और परिणामस्वरूप कोई नई मिश्रधातु बन जाती है। . बोरिक अम्ल बोरिक अम्ल टांकिकाम्ल (बोरिक अम्ल, H3BO3) पृथ्वी में सभी जगह एवं जीवशरीर में न्यून मात्रा में उपस्थित रहता है। अनेक खनिज जलों में यह अधिक मात्रा में विलीन रहता है। होमबर्ग ने 1702 ई. में सर्वप्रथम इसे सुहागे पर गन्धकाम्ल की क्रिया द्वारा निर्मित किया। . थांका जो "'डिस्टेम्पर"' से बना है डिस्टेंपर दीवारों पर पुताई करने के लिए एक विशेष प्रकार का लेप है, जो पानी में घोलकर पोता जाता है। रंग करने का यह सबसे पुराना साधन है। यूनान और मिस्रवाले इसका बहुत उपयोग करते थे। . बोरॉन (Boron) एक रासायनिक तत्व है। प्रकृति में इस तत्व का निर्माण ब्रह्माण्ड किरणों (कोस्मिक किरणों) द्वारा किसी वस्तु पर हुए प्रहारों से होता है, न की तारों में तारकीय नाभिकीय संश्लेषण की प्रक्रिया में। इसलिये हमारे सौर मंडल में इसकी तादाद अन्य तत्वों की तुलना में कम है। दुनिया में यह अपने जल में घुलने वाले बोरेट (borate) खनिजों के रूप में अधिक मिलता है, जिसमें सुहागा (बोरैक्स) सबसे ज़्यादा जाना-माना है। पृथ्वी पर बोरॉन केवल अन्य तत्वों के साथ बने रासायनिक यौगिकों के रूप में ही मिलता है। शुद्ध रूप में बोरॉन तत्व पृथ्वी पर केवल उल्का गिरने से ही पहुँचता है और इस रूप में यह एक उपधातु है। . बर्नर की ज्वाला के विभिन्न भागः ज्वाला का सम्पूर्ण बाहरी भाग आक्सीकारक होता है जबकि अन्दर वाली ज्वाला का सबसे ऊपरी सिरा अपचायक (रिड्यूसिंग) होता है। सुहागा-मनका परीक्षण (borax bead test या blister test / बोरैक्स बीड टेस्ट) अनेकों प्रकार के मनका-परीक्षणों में से एक है। यह परीक्षण गुणात्मक अकार्बनिक विश्लेषण का परम्परागत अंग है जिसके द्वारा दिये गये नमूने में कुछ धातुओं की उपस्थिति का अनुमान होता है। सन १८१२ में इसे बर्जीलियस ने सुझाया था। Materials Handbook: A Concise Desktop Reference, by François Cardarelli सुहागा परीक्षण के बाद सबसे महत्वपूर्ण मनका-परीक्षण माइक्रोकॉस्मिक साल्ट परीक्षण है। . काशीपुर, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। . काशीपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशीपुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार काशीपुर नगर की जनसंख्या १,२१,६२३, जबकि काशीपुर तहसील की जनसंख्या २,८३,१३६ है। यह नगर भारत की राजधानी, नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी, देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है, और हर्ष के शासनकाल से पहले यह नगर कुनिन्दा, कुषाण, यादव, और गुप्त समेत कई राजवंशों के अधीन रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। १८ वीं शताब्दी तक यह नगर कुमाऊँ राज्य में रहा, और फिर यह नन्द राम द्वारा स्थापित काशीपुर राज्य की राजधानी बन गया। १८०१ में यह नगर ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया, जिसके बाद इसने १८१४ के आंग्ल-गोरखा युद्ध में कुमाऊँ पर अंग्रेजों के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काशीपुर को बाद में कुमाऊँ मण्डल के तराई जिले का मुख्यालय बना दिया गया। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। आजादी से पहले काशीपुर नगर में जापान से मखमल, चीन से रेशम व इंग्लैंड के मैनचेस्टर से सूती कपड़े आते थे, जिनका तिब्बत व पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार होता था। बाद में प्रशासनिक प्रोत्साहन और समर्थन के साथ काशीपुर शहर के आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हुआ। वर्तमान में नगर के एस्कॉर्ट्स फार्म क्षेत्र में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों के लिए एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट निर्माणाधीन है। भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी देवी, मोटेश्वर महादेव तथा मां बालासुन्दरी के मन्दिर, उज्जैन किला, द्रोण सागर, गिरिताल, तुमरिया बाँध तथा गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। . स्वच्छ पारदर्शी कांच का बना प्रकाश बल्ब काच, काँच या कांच (glass) एक अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। कांच आमतौर भंगुर और अक्सर प्रकाशीय रूप से पारदर्शी होते हैं। काच अथव शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ वह पारदर्शक अथवा अपारदर्शक पदार्थ है जिससे शीशी बोतल आदि बनती हैं। काच का आविष्कार संसार के लिए बहुत बड़ी घटना थी और आज की वैज्ञानिक उन्नति में काच का बहुत अधिक महत्व है। किन्तु विज्ञान की दृष्टि से 'कांच' की परिभाषा बहुत व्यापक है। इस दृष्टि से उन सभी ठोसों को कांच कहते हैं जो द्रव अवस्था से ठण्डा होकर ठोस अवस्था में आने पर क्रिस्टलीय संरचना नहीं प्राप्त करते। सबसे आम काच सोडा-लाइम काच है जो शताब्दियों से खिड़कियाँ और गिलास आदि बनाने के काम में आ रहा है। सोडा-लाइम कांच में लगभग 75% सिलिका (SiO2), सोडियम आक्साइड (Na2O) और चूना (CaO) और अनेकों अन्य चीजें कम मात्रा में मिली होती हैं। काँच यानी SiO2 जो कि रेत का अभिन्न अंग है। रेत और कुछ अन्य सामग्री को एक भट्टी में लगभग 1500 डिग्री सैल्सियस पर पिघलाया जाता है और फिर इस पिघले काँच को उन खाँचों में बूंद-बूंद करके उंडेला जाता है जिससे मनचाही चीज़ बनाई जा सके। मान लीजिए, बोतल बनाई जा रही है तो खाँचे में पिघला काँच डालने के बाद बोतल की सतह पर और काम किया जाता है और उसे फिर एक भट्टी से गुज़ारा जाता है। . इस सूची में अधिकांश रासायनिक यौगिकों के नाम आईयूपीएसी (IUPAC) नाम दिये गये हैं किन्तु कहीं-कहीं उनके पारम्परिक नाम भी साथ में दे दिये गये हैं।.
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अस्तोर घाटी से पास के एक ५,४०० फ़ुट के एक पर्वत का दृश्य अस्तोर घाटी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र के अस्तोर ज़िले में २,६०० मीटर (८,५०० फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित है। भारत के नज़रिए से इसे पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में माना जाता है। अस्तोर घाटी नंगा परबत की पूर्व की ओर पड़ती है। यह १२० किमी लम्बी है और इसका क्षेत्रफल लगभग ५,०९२ वर्ग किमी (१,९६६ वर्ग मील) है। इसकी मुख्य वादी से चार छोटी वादियाँ उपशाखाएँ बनकर निकलती हैं। पूरी अस्तोर वादी के दायरे में लगभग १०० गाँव बसे हुए हैं जिनमें १९९८ में ७१,६६६ लोगों की आबादी थी। अस्तोर घाटी में दाख़िल होने का सब से सरल रास्ता गिलगित शहर से आता है। अस्तोर घाटी गिलगित से क़रीब ६० किमी दक्षिण-पूर्व में पड़ती है। . 8 संबंधोंः दार्दी भाषाएँ, नंगा पर्वत, पाकिस्तान, शीना भाषा, गिलगित, गिलगित-बल्तिस्तान, कश्मीर, कश्मीरी भाषा। ८,१२५ मीटर ऊंचा नंगा परबत नंगा पर्बत का रखिओट मुख नंगा पर्वत दुनिया की नौवी ऊंची चोटी है। इस की ऊँचाई ८,१२५ मीटर या २६,६५८ फ़ुट है। इसे दुनिया का "क़ातिल पहाड़" भी कहा जाते है क्योंकि इसपर चढ़ने वाले बहुत से लोगों की जाने जा चुकी हैं। बीसवी सदी के पहले हिस्से में आठ हज़ार मीटर से ऊंचे पहाड़ों में इस एक पहाड़ पर सब से ज्यादा मौतें हुई हैं। नंगा परबत पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्र में आता है, जिसे भारत अपना हिस्सा भी मानता है। . इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैंः पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। . शीना एक दार्दी भाषा है जो पाकिस्तान-नियंत्रित गिलगित-बल्तिस्तान और भारत के लद्दाख़ और कश्मीर क्षेत्रों में बोली जाती है। जिन पाकिस्तान-नियंत्रित वादियों में यह बोली जाती है उनमें अस्तोर, चिलास, दरेल, तंगीर, गिलगित, ग़िज़र और बल्तिस्तान और कोहिस्तान के कुछ हिस्से शामिल हैं। जिन भारत-नियंत्रित वादियों में यह बोली जाती हैं उनमें गुरेज़, द्रास, करगिल और लद्दाख़ के कुछ पश्चिमी हिस्से शामिल हैं। अंदाजा लगाया जाता है के १९८१ में इसे कुल मिलकर क़रीब ३,२१,००० लोग बोलते थे। शीना एक सुरभेदी भाषा है जिसमे दो सुर हैं - उठता हुआ और समतल (यानि बिना किसी बदलाव वाला)। . कारगाह में बुद्ध की तस्वीर गिलगित (अंग्रेजीः Gilgit, उर्दू) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। गिलगित शहर, गिलगित जिले के अंतर्गत गिलगित की एक तहसील है। इसका प्राचीन नाम सर्गिन था जो बाद में गिलित हो गया। स्थानीय लोगों आज भी इसे गिलित या सर्गिन-गिलित पुकारते हैं। बुरुशस्की भाषा में, इसे गील्त और वाख़ी और खोवार में इसे गिल्त कहा जाता है। प्राचीन संस्कृत साहित्य में इसे घल्लाता नाम से जाना जाता है। स्कर्दू के साथ साथ गिलगित शहर काराकोरम और हिमालय की अन्य पर्वतमालाओं के पर्वतारोही अभियानों के लिए उत्तरी क्षेत्रों के दो प्रमुख केन्द्रों में से एक है। . गिलगित-बल्तिस्तान (उर्दूः, बलतीः གིལྒིཏ་བལྟིསྟན), पाक-अधिकृत कश्मीर के भीतर एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है जिसे पहले उत्तरी क्षेत्र या शुमाली इलाक़े (शुमाली इलाक़ाजात) के नाम से जाना जाता था। यह पाकिस्तान की उत्तरतम राजनैतिक इकाई है। इसकी सीमायें पश्चिम में खैबर-पख़्तूनख्वा से, उत्तर में अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से, उत्तरपूर्व में चीन के शिन्जियांग प्रान्त से, दक्षिण में और दक्षिणपूर्व में भारतीय जम्मू व कश्मीर राज्य से लगती हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72,971 वर्ग किमी (28,174 मील²) और अनुमानित जनसंख्या लगभग दस लाख है। इसका प्रशासनिक केन्द्र गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 2,50,000 है। 1970 में "उत्तरी क्षेत्र" नामक यह प्रशासनिक इकाई, गिलगित एजेंसी, लद्दाख़ वज़ारत का बल्तिस्तान ज़िला, हुन्ज़ा और नगर नामक राज्यों के विलय के पश्चात अस्तित्व में आई थी। पाकिस्तान इस क्षेत्र को विवादित कश्मीर के क्षेत्र से पृथक क्षेत्र मानता है जबकि भारत और यूरोपीय संघ के अनुसार यह कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। कश्मीर का यह वृहत क्षेत्र सन 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय है। . ये लेख कश्मीर की वादी के बारे में है। इस राज्य का लेख देखने के लिये यहाँ जायेंः जम्मू और कश्मीर। एडवर्ड मॉलीनक्स द्वारा बनाया श्रीनगर का दृश्य कश्मीर (कश्मीरीः (नस्तालीक़), कॅशीर) भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र है। कश्मीर एक मुस्लिमबहुल प्रदेश है। आज ये आतंकवाद से जूझ रहा है। इसकी मुख्य भाषा कश्मीरी है। जम्मू और कश्मीर के बाक़ी दो खण्ड हैं जम्मू और लद्दाख़। . कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है। वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार भारत में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग ५६ लाख है। पाक-अधिकृत कश्मीर में १९९८ की जनगणना के अनुसार लगभग १ लाख कश्मीरी भाषा बोलने वाले हैं। कश्मीर की वितस्ता घाटी के अतिरिक्त उत्तर में ज़ोजीला और बर्ज़ल तक तथा दक्षिण में बानहाल से परे किश्तवाड़ (जम्मू प्रांत) की छोटी उपत्यका तक इस भाषा के बोलने वाले हैं। कश्मीरी, जम्मू प्रांत के बानहाल, रामबन तथा भद्रवाह में भी बोली जाती है। प्रधान उपभाषा किश्तवाड़ की "कश्तवाडी" है। कश्मीर की भाषा कश्मीरी (कोशुर) है ये कश्मीर में वर्तमान समय में बोली जाने वाली भाषा है। कश्मीरी भाषा के लिए विभिन्न लिपियों का उपयोग किया गया है, जिसमें मुख्य लिपियां हैं- शारदा, देवनागरी, रोमन और परशो-अरबी है। कश्मीर वादी के उत्तर और पश्चिम में बोली जाने वाली भाषाएं - दर्ददी, श्रीन्या, कोहवाड़ कश्मीरी भाषा के उलट थीं। यह भाषा इंडो-आर्यन और हिंदुस्तानी-ईरानी भाषा के समान है। भाषाविदों का मानना है कि कश्मीर के पहाड़ों में रहने वाले पूर्व नागावासी जैसे गंधर्व, यक्ष और किन्नर आदि,बहुत पहले ही मूल आर्यन से अलग हो गए। इसी तरह कश्मीरी भाषा को आर्य भाषा जैसा बनने में बहुत समय लगा। नागा भाषा स्वतः ही विकसित हुई है इस सब के बावजूद, कश्मीरी भाषा ने अपनी विशिष्ट स्वर शैली को बनाए रखा और 8 वीं-9 वीं शताब्दी में अन्य आधुनिक भारतीय भाषाओं की तरह, कई चरणों से गुजरना पड़ा। .
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केएल राहुल पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे। वह इससे पहले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में पंजाब किंग्स की कप्तानी कर चुके हैं। बुमराह को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने दक्षिण अफ्रीकी दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम की घोषणा कर दी है। चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा ने शुक्रवार को टीम का एलान किया। केएल राहुल टीम इंडिया के नए कप्तान बनाए गए हैं। चोट के चलते रोहित शर्मा वनडे सीरीज नहीं खेलेंगे। वहीं, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह नए उपकप्तान होंगे। रविचंद्रन अश्विन की चार साल बाद वनडे टीम में वापसी हुई है। 18 सदस्यीय वनडे टीम में छह बल्लेबाज, दो विकेटकीपर, दो ऑलराउंडर, दो स्पिनर और छह तेज गेंदबाज हैं। चयनकर्ताओं ने यह टीम 2023 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए चुनी है। 2023 वनडे विश्व कप भारत में ही खेला जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज की शुरुआत 19 जनवरी से होगी। ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर टीम में नया चेहरा होंगे। वहीं, पूर्व कप्तान विराट कोहली दूसरी बार किसी और कप्तान के अंदर वनडे खेलते दिखेंगे। इससे पहले कोहली महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेल चुके हैं। रोहित हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे। वह फिलहाल नेशनल क्रिकेट अकेडमी (एनसीए) में रिहैब कर रहे हैं। वहीं, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल को अनफिट होने के कारण नहीं चुना गया। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को आराम दिया गया है। मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने कहा कि विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने वाले ऋषि धवन, रवि बिश्नोई और शाहरुख खान के नामों पर विचार किया गया, लेकिन उनकी टीम में जगह नहीं बन पाई। केएल राहुल पहली बार टीम इंंडिया की कप्तानी करेंगे। वह इससे पहले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में पंजाब किंग्स की कप्तानी कर चुके हैं। बुमराह को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। राहुल की गैरमौजूदगी में बुमराह कप्तानी करेंगे। ऋतुराज गायकवाड़ भी वनडे टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। वह श्रीलंका के खिलाफ जुलाई में खेली गई वनडे सीरीज में टीम में शामिल थे। ऋतुराज हाल ही में विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट में चार शतक लगाए थे। वह धवन और राहुल के बैकअप होंगे। इन दोनों में से किसी एक के चोटिल होने पर ऋतुराज ओपनिंग करते दिखेंगे। इसके अलावा शिखर धवन भी जगह बनाने में कामयाब हुए। मध्यक्रम की जिम्मेदारी कोहली के अलावा सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत पर होगी। पंत के कवर के तौर पर ईशान किशन को भी जगह मिली है। वहीं, टीम के पास अश्विन के अलावा युजवेंद्र चहल और वॉशिंगटन सुंदर के रूप में दो स्पिनर होंगे। टीम में छह स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाजों को शामिल किया गया है। इसमें बुमराह के अलावा भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, प्रसिद्ध, शार्दुल और सिराज शामिल हैं। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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बोधगया के दोमुहान स्थित सच्चिदानंद विहार कॉलोनी में शुक्रवार की आधी रात के बाद तीन घरों में हुई चोरी मामले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। जिसके बाद पुलिस जांच तेज हो गयी है। कॉलनी में रहने वाली वीणा सिंह के घर चहारदीवारी कूदकर एक-एक कर 9 की संख्या में चोर घुसते दिख रहा है। चोर गिरोह का एक सदस्य खिड़की से कुछ झांकता है और फिर अंदर की तरफ चला जाता है। फुटेज के मुताबिक 24 अप्रैल की रात 2 बजकर 47 मिनट पर चोर घर के अंदर घुसता है। जिसमें एक-दो को छोड़ अन्य सभी मास्क व गमछा से अपने-अपने चेहरे को ढके हुए दिख रहे हैं। जिस सीसीटीवी कैमरे में चोरों की तस्वीर कैद हुई है। वह रिटायर्ड प्रोफेसर स्व० कामता प्रसाद सिंह की पत्नी वीणा सिंह के घर के बाहर लगा हुआ है। चोर वीणा सिंह के घर से लगभग एक लाख रुपये का सामान उड़ा लिये थे। हालांकि भागने के क्रम में किसी एक चोर का गमछा भी मौके पर गिरा मिला है। इसके अलावा उसी कॉलनी में रहने वाले रिटायर्ड दारोगा विनोद सिंह व बिजली विभाग के रिटायर्ड एक्सक्यूटिव इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह के घर को भी उसी चोरों के गिरोह ने निशाना बनाया और नगदी समेत लाखों की संपत्ति पर हाथ साफ किया था। चोर इन दिनों दोमुहान इलाके में रिटायर्ड अधिकारियों के घरों को अपना टारगेट कर रहे हैं। खासकर जिन घरों में लोग होते मौजूद होते हैं वहीं चोरी की वारदात भी हो रही है। 4 अप्रैल को चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर सुरेंद्र कुमार के बंद फ्लैट में चोरी हुई। 21 अप्रैल की भलुआ मोड़ पर रिटायर्ड दारोगा अनुग्रह नारायण सिंह व रिटायर्ड पीपी सह अधिवक्ता कृष्ण कुमार चौधरी घर और इसके बाद शुक्रवार की रात रिटायर्ड दारोगा विनोद सिंह, बिजली विभाग के रिटायर्ड एक्सक्यूटिव इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह व रिटायर्ड प्रोफेसर स्व० कामता प्रसाद सिंह की पत्नी वीणा सिंह के घर को चोरों ने अपना निशाना बनाया है। चोर लगभग घरों में कमरे खिड़की की जाली को काटकर अंदर घुसकर चोरी करते हैं। बोधगया थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मितेश कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में वारदात कैद है। लोकल इनपुट व फुजेट के आधार पर पुलिस को कुछ अहम जानकारियां मिल रही है। जिसके आधार पर आगे की करवाई की जा रही है। जल्द ही चोर गिरोह के भंडाफोड़ में पुलिस को सफलता मिलेगी।
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विश्व कप 2019 में भारतीय टीम के ओपनिंग मैच से पहले कप्तान विराट कोहली के चोटिल होने की खबर आई है। टीम इंडिया 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेलेगी। कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम साउथम्पटन के द रोस बाउल स्टेडियम में अभ्यास कर रही है। इस दौरान कप्तान टीम के फीजियो पैट्रिक फारहार्ट के साथ दिखे, जो कि कोहली के दाएं हाथ के अगुंठे पर स्प्रे लगा रहे थे। नेट सेशन खत्म होने के बाद मैदान से जाते हुए कोहली अपने दाएं हाथ के अंगूठे को ठंडे पानी से भरे ग्लास में डाले हुए नजर आए थे। वैसे तो टीम इंडिया के ओपनिंग मैच में अभी तीन दिन बाकी हैं लेकिन टीम के कप्तान और प्रमुख बल्लेबाज कोहली की चोट को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इंग्लैंड पहुंचने के बाद कुछ दिन आराम करने और घूमने के बाद भारतीय टीम ने 30 मई को साउथम्पटन में पहले नेट सेशन का आयोजन किया था। जहां कप्तान विराट गेंदबाजी करते नजर आए थे। इस दौरान फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने खिलाड़ियों से नई फील्डिंग ड्रिल करवाई। शनिवार को हुए दूसरे सेशन में कोहली समेत भारतीय विश्व कप स्क्वाड के लगभग सभी खिलाड़ी वहां मौजूद थे। बीसीसीआई के ट्विटर पर पोस्ट किए वीडियो में हार्दिक पांड्या और युजवेंद्र चहल नेट में तालमेल के साथ गेंदबाजी करते दिखे।
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में अवंतीपोरा के वांदकपोरा इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच सोमवार दोपहर शुरू हुई एक मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं। मारे गए दो आतंकियों में एक जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष आतंकी कैसर कोका भी शामिल है, जबकि उसके साथी की पहचान नहीं हो पाई है। क्षेत्र में अन्य आतंकियों की मौजूदगी की आशंका के चलते तलाशी अभियान जारी है। एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान मारा गया जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात आतंकी कैसर कोका 2018 से क्षेत्र में सक्रिय था। सोमवार दोपहर अवंतीपोरा के वांदकपोरा क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सेना तथा सीआरपीएफ के साथ मिलकर क्षेत्र की घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों को पास आते देखा तो गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के शुरुआती दौर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को सरेंडर करने का भी मौका दिया, लेकिन वह नहीं माने और गोलीबारी तेज कर दी। इस दौरान सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में जैश के शीर्ष आतंकी कैसर कोका सहित दो आतंकी मारे गए। क्षेत्र में सुरक्षाबलों का अभियान फिलहाल जारी है। (सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ रविवार को आईपीएल मुकाबले में 20 ओवर में पांच विकेट पर 171 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बना लिया। बेंगलुरु ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन स्टार बल्लेबाज विराट कोहली 19 गेंदों में एक चौके के सहारे 18 रन बनाकर आउट हो गए। बेंगलुरु का पहला विकेट 50 के स्कोर पर गिरा। कप्तान फाफ डुप्लेसी और ग्लेन मैक्सवेल ने दूसरे विकेट के लिए 69 रन की साझेदारी की। डुप्लेसी और मैक्सवेल ने अपने-अपने अर्धशतक पूरे किये। डुप्लेसी ने 44 गेंदों पर 55 रन में तीन चौके और दो छक्के लगाए जबकि मैक्सवेल ने 33 गेंदों पर 54 रन में पांच चौके और तीन छक्के लगाए। बेंगलुरु ने फिर एक रन के अंतराल में तीन विकेट गंवाए। लेग स्पिनर एडम जम्पा ने 16वें ओवर में तीन गेंदों के अंतराल में महिपाल लोमरोर और दिनेश कार्तिक को आउट कर दिया। लोमरोर ने एक रन बनाया जबकि कार्तिक का खाता नहीं खुला। मैक्सवल पांचवें बल्लेबाज के रूप में 137 के स्कोर पर आउट हुए। अनुज रावत ने 11 गेंदों में तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 29 रन बनाकर बेंगलुरु को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया। माइकल ब्रेसवेल नौ रन पर नाबाद रहे। बेंगलुरु ने एक धीमी शुरूआत की लेकिन मैक्सवेल और कप्तान फाफ ने मोर्चा संभाला और विकेट नहीं गिरने दिया, दोनों बल्लेबाजों के अर्धशतक से बेंगलुरु की स्थिति और मजबूत हुई हालांकि उतनी गति से रन नहीं आ पाए जितने की दरकार थी, अंत में अनुज रावत की विस्फोटक पारी के चलते आरसीबी 170 के पार पहुंच गई। रावत ने पारी की आखिरी तीन गेंदों पर दो छक्के और एक चौका उड़ाया।
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अमरावती/प्रतिनिधि दि. 10 - विगत करीब दो-तीन माह से अमरावती महानगरपालिका में ठेके पर अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करने हेतु आऊट सोर्सिंग एजेन्सी के चयन का मुद्दा गरमाया हुआ है और निविदा टेंडर खुलने के बावजूद एजेन्सी के चयन को लेकर काफी हद तक संभ्रम की स्थिति थी. लेकिन सोमवार की शाम स्थायी समिती की बैठक में आऊट सोर्सिंग एजेन्सी के तौर पर नोएडा स्थित इटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स प्रा. लि. नामक कंपनी का नाम तय कर लिया गया है. ज्ञात रहे कि, विगत कुछ समय से मनपा की सेवा में रहनेवाले कई अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए है. ऐसे में रिक्त स्थानों पर पदभरती नहीं होने के चलते मनपा को अपने दैनिक कामकाज में मानव संसाधन की किल्लत का सामना करना पड रहा है. जिसे देखते हुए कुशल व अकुशल मनुष्यबल की ठेका पध्दति पर नियुक्ती करने का निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया है और मनपा में आऊट सोर्सिंग एजेन्सी के चयन का सिलसिला शुरू किया गया. इसके तहत इससे पहले स्थानीय स्तर पर काम करनेवाली एक एजेन्सी को यह ठेका दिया गया था. जिसका कार्यकाल बीते दिनों खत्म हो गया. पश्चात इस काम का ठेका देने हेतु नये सिरे से निविदा प्रक्रिया शुरू की गई और इच्छुक एजेन्सीयों से प्रस्ताव मंगाये गये. किंतु निविदा मिलने और निविदा खोलने के बाद भी यह प्रक्रिया करीब दो माह तक ठंडे बस्ते में पडी रही. वहीं बाद में नियमों व शर्तों का आधार लेते हुए प्रशासन ने नोएडा की इटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स कंपनी को आऊट सोर्सिंग के काम हेतु पात्र मानते हुए प्रस्ताव को स्थायी समिती के समक्ष मंजूरी हेतु रखा. जिस पर स्थायी समिती सभापति सचिन रासने द्वारा सर्वसम्मति से अपनी मुहर लगायी गई. बता दें कि, इस ठेके के लिए इटकॉन्स ई-सोल्युशन सहित जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरिक सेवा सहकारी संस्था (अमरावती), महात्मा फुले मल्टी सर्विसेस (परभणी), मे. पटले कॉन्ट्रैक्टर (नागपुर), क्षितीज नागरिक सेवा सहकारी संस्था (अमरावती) तथा स्वस्तिक बेरोजगारों की स्वयंरोजगार नागरिक सेवा सहकारी संस्था द्वारा निविदा पेश की गई थी. जिसमें से इटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स को पात्र माना गया. यह ठेका प्राप्त करने के बाद इटकॉन्स ई-सोल्युशन्स द्वारा मनपा को 295 कुशल व अकुशल मनुष्यबल की आपूर्ति करनी होगी. जिसकी ऐवज में मनपा द्वारा संबंधित ठेकेदार को 6. 11 करोड रूपये अदा किये जायेंगे.
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बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को आज ब्लॉग लिखते हुए 10 साल पूरे हो गए हैं। बिग बी अक्सर दिल की बात अपने फैंस तक पहुंचाने के लिए इस ब्लॉग का इस्तेमाल करते हैं। वह करीब-करीब हर रोज एक आर्टिकल जरूर लिखते हैं और उनका ब्लॉग 'बोल बच्चन' भारत में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वालों में से एक है। अमिताभ ने 17 अप्रैल 2008 से ब्लॉग लिखना शुरू किया था और तब से अब तक वह बिना रुके लगातार लिखते जा रहे हैं। आमतौर पर वह इसका इस्तेमाल अपनी मन की बात लोगों तक पहुंचाने के लिए करते हैं। अबतक वह 3676 आर्टिकल लिख चुके हैं। बिग बी ने अपने ब्लॉग में ताजा आर्टिकल अपनी आने वाली फिल्म 102 नॉट आउट के बारे में लिखा है। इस फिल्म में उनके साथ ऋषि कपूर उनके बेटे के किरदार में नजर आएंगे। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म 4 मई को रिलीज होगी। बता दें यह दोनों करीब एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद एक साथ बड़े पर्दे पर नजर आएंगे। अपने ब्लॉग के 10 होने पर अमिताभ ने लिखा है कि 17 अप्रैल 2008 को कुछ शब्द मैंने हवा में छोड़े थे। इनमें से कुछ को पहचान मिली और कुछ मेरे पास वापस आ गए। इसके बाद, एक के बाद, एक के बाद एक आते गए और अब 10 वर्ष पूर्ण हो गए। मैं किसी को भी नहीं जानता था और फिर हम सभी ने एक दूसरे को पहचानते हुए विश्व का सबसे अच्छा घर यही बनाया तो क्या अब 10 वर्ष का उत्सव मनाना चाहिए। 10 ही क्यों 11 क्यों नहीं या उससे भी अधिक। मुझे लगता है प्रत्येक दिन का हमें उत्सव मनाना चाहिए। हमें हर दिन को एकता और सदभाव के साथ मनाना चाहिए। यही असली उत्सव है। बिग बी ब्लॉग के अलावा दूसरे सोशल नेटरवर्किंग साइट जैसे ट्वविटर और फेसबुक पर भी बखूबी एक्टिव रहते हैं। बता दें कि फिल्म 102 नॉट आउट के बाद वो आमिर खान के साथ ठग्स ऑफ हिंदोस्तान में भी नजर आयेंगे।
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जन शास्त्रों की असंगत पाते ! को एक ग्लास पानी - जो कि असंख्यात जल काय के जीवोंका पिण्ड है ( पानी की एक नन्ही-सी वृन्द में असंख्यात जीव माने गये हैं ) - पिलाने पर एक जीव को बचाना और एवज में असंख्यात जीत्रों को मारने का भागी बनना किसी प्रकारसे भी युक्ति-संगत नहीं; जब कि प्रत्येक जीव की, चाहे वह सत्र हो चाहे स्थावर दोनों की, एक समान स्थिति मानली गई हो । शास्त्रों में लिखा है कि स्थावर जीवों के भी प्राण हैं, वे स्वासोच्छ्वास लेते है, आहार प्राप्त करते है और किसी प्रकार के स्पर्श या साधारणतः आक्रान्त होने पर उनके शरीर में अत्यन्त वेदना होती हैं और मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में एक त्रस जीव को बचाने वाला क्या असंख्यात स्थावर जीवों पर बीतने वाले कप्टों और संक्टों को भूल सकता है ? शास्त्रों में यदि ऐसा कथन होता कि इन पांच स्थावर काय के जीवों के जीवन का मूल्य मानव जीवन की अपेक्षा में नगण्य है, अथवा एक मनुष्य के बचाने मे असंख्यात स्थावर जीवों की हिंसा का होना कोई मूल्य नहीं रखता; तो पाप-धर्म को विवेचना की तुला पर चढ़ाकर निर्णय कर सकनेका मनुष्य को मौका मिलता; परन्तु बात ऐसी नहीं है। शास्त्र तो, चाहे जीव त्रस हो चाहे स्थावर, सब को जीव बताकर उनको विराधने में पाप होने का कथन कर रहे हैं। जीव के मरनेनहीं मरने-के अतिरिक्त पाप धर्म लगने का एक जरिया मनुष्य के लिये और भी वतलाया गया है। वह है मानव के मन के परिणाम (भाव) । परन्तु इसका कथन करने में जैन शास्त्रों ने अन्य शास्त्रों की तरह इसकी प्रधानता का स्पष्ट दिग्दर्शन नहीं किया । उसी का यह परिणाम हो रहा है कि यथार्थ विवेचना के पश्चात् ( निस्वार्थ बुद्धि ( सेवा भाव ) पूर्वक किये हुए संसारके परोपकारी कामों में भी ( जिनमें जीव मरने का प्रश्न उपस्थित नहीं होने पर भी ) एकान्त पाप का होना बतलाया जा रहा है ! शास्त्रोंने, शास्त्रों को सर्वज्ञ प्रणीत एवम् भगवान्के बचन आदि नाना तरहके आकर्षक शब्दों की पुट देकर और अक्षर अक्षर सत्य कह कर तथा अन्यथा समझने वाले को अनन्त संसार परिभ्रमण का भय दिखाकर मानव की बुद्धि को जड़वत् बना दिया है । और प्रचारकों के लम्बे समय के प्रचारने आज मनुष्य के दिमाग को अन्धश्रद्धा से इतना अधिक भर दिया है कि वह यह सोचने में भी असमर्थ हो गया है कि ये शास्त्र हमारे जैसे मनुष्यों के द्वारा ही निर्मित हैं । 'शास्त्रों की बातें' शीर्षक मेरे लेखों से यह भली प्रकार प्रमाणित हो चुका है कि वर्त्तमान जैनशास्त्रों में प्रत्यक्ष प्रमाणित होनेवाली असत्य, अस्वाभाविक एवम् असम्भव वाते एक नहीं अनेक हैं। फिर भी जैन शास्त्रों के एक धुरन्धर एवम् संस्कृत प्राकृत भाषा के विद्वान आचार्य यह भावना लिये हुऐ वैठे है कि जैनशास्त्रों की भूगोल- खगोल सम्बन्धी वातें यदि आज के दिन प्रत्यक्ष में अप्रमाणित हो रही हैं और विज्ञान की कसौटी पर गलत उतर रही हैं तो क्या हुआ; एक समय ऐसा आयगा जब जैनशास्त्रों की प्रत्येक वात सत्य प्रमाणित हो जायगी। ऐसे मजनों से मेरा एक प्रश्न है कि वर्तमान पृथ्वी, जो गंन्द की तरह एक गोल पिण्ड है, शायद आपकी भावना के अनुसार ढहकर चपटी हो जाय, और उसकी पचीस हजार माइल की परिधि टूटकर असंख्यात योजन लम्बा चौड़ा चपटा स्थल बन कर फैल जाय ; परन्तु एक गोलाई के व्यास की परिधिका बढ़ना कैसे सम्भव होगा जो जैन शास्त्रों के चनाये हुये Formula ( गुर ) से गणना करने पर प्रत्यक्ष के माप से बड़ा और गलत प्रमाणित हो रहा है ! अव तो शास्त्रों की उन वातों से जो प्रत्यक्ष में असत्य प्रमाणित हो रही है कतई इनकार करना अथवा उनके लिये आगा-पीछा करके बहाना बनाकर येन-केन-प्रकारेण असत्य को सत्य बताने का असफल प्रयत्न करना केवल अपने आपको हास्यास्पद बनाना है । समय ऐसा आ गया है कि इन शास्त्रों को हम यदि सब प्रकारसे श्रेष्ठ बनाना चाहते है तो हमें उनको विकार से रहित करना होगा। उनमे लिखी हुई असत्य चातों को निकालकर बाहिर करना होगा। संसार मे विषमता फैलाने वाले विधि-निषेधों को हटाकर उनके स्थान पर मानवोपयोगी व्यवस्था स्थापन करनी होगी। अब 'घाया वाक्यम् प्रमाणम्' का समय नहीं रहा। वर्त्तमान जैन शास्त्रों में परिवत्तन करना कोई साधारण काम नहीं है। इसके लिये संस्कृत प्राकृत भाषा तथा सव दर्शनों के पूरे ज्ञान की आवश्यकता है और इससे भी अधिक आवश्यकता है वर्त्तमान संसारके विकास पाये हुए अनुभव तथा विज्ञानकी जानकारी और शुद्ध विवेक एवम् निर्मल वुद्धिके साथ अदम्य साहस की। इसके लिये सव से सरल योजना यह है कि जैन कहलाने वाले बड़े बड़े विद्वान् एवम् आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के अनुभवी मनीषियों की एक महती परिषद् स्थापित हो और उसके द्वारा इन शास्त्रों का शोधन और निर्णय हो । जैन शास्त्र जैनाचार्यो की पैतृक सम्पत्ति है। उनका कर्त्तव्य है कि इन शास्त्रों के सुधार और बेहतरी के लिये कोई योजना काम में लावें परन्तु खेद है कि आजकल प्रायः साधु-संस्थाओं को एक दूसरे की कटु आलोचना से ही फुरसत नहीं मिलती। गतवर्ष कतिपय विद्वान जैनाचार्यों से इन शास्त्रों के विषय में वार्तालाप करने का मुझे सु-अवसर मिला । उनसे जो वार्तालाप हुआ वह उसी प्रकार यहां दिया रहा है जिससे स्थिति पर कुछ प्रकाश पड़े । तेरापंथी युवक संघ लाडनू ( मारवाड़ ) द्वारा प्रकाशित बुलेटीन नम्बर २ में ' शास्त्रों की बातें' शीर्षक मैंने एक लेख दिया था जिसमें चन्द्र प्रज्ञप्ति, सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्रके दसम प्राभूत के सतरहवें प्रतिप्राभृतमें भिन्न भिन्न नक्षत्रों में भिन्न भिन्न प्रकार के भोजन करके यात्रा करने पर कार्य सिद्धि होनेका कथन है और इस भोजन-विधान में ह।२० स्थानों में भिन्न भिन्न प्रकार के मांसों के भोजन का भी कथन है यह बतलाया था। उस समय जैनश्वेताम्बर तेरापंथ सम्प्रदाय के कुछ सन्त-मुनिराजों से इस सम्बन्ध में मालूम जैन शास्त्रों को असंगत माते ! हुआ कि इस स्थान में जो यह मांसों के नाम दिखाई देते हैं वे मांस नही हैं परन्तु वनरपतियों के नाम हैं। तब से इन नामों से के विषय मे अन्य सम्प्रदाय के किसी विद्वान् संत-मुनिराज से पूछकर निश्चय करने की मेरी इच्छा थी । कार्यवसान् तारीख १२ जुलाई सन १९४४ श्रावण वदि ७ सं० २००१ को मैं बीकानेर गया। वहां पर मेरे मित्र श्री मंगलचन्दजी शिवचन्दजी साहव भावक से मिला तो श्री शिवचन्दजी साहब ने मुझसे कहा कि आजकल यहां पर जैनाचार्य श्री विजयवहभ सूरिजी महाराज विराजते हैं। बड़े उच्च कोटि के विद्वान हैं और जैन शास्त्रों के तो अद्वितीय पण्डित है । आप उनके दर्शन करें और जैन शास्त्रों के विषय मे कुछ पूछना हो तो पूछ । मैंने सोचा यह बहुत सुन्दर संयोग मिला है इस अवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिये । श्री शिवचन्द्रजी साहब के साथ मैं श्री आचार्य महाराज के पास उपस्थित हुआ । उनके पास बहुत से पंजाबी और कुछ बीकानेरी श्रावक बैठे हुये थे। शिष्टाचार के अनुसार बन्दना नमस्कार कर सुखसाता पूछकर मैं भी बैठ गया। श्री शिवचन्दजी साहव ने आचार्य महाराज के समक्ष मेरा परिचय देना प्रारम्भ किया कि यह सुजानगढ के बच्छराजजी सिंघी हैं, मन्दिरपंथी है, सुजानगढ का भव्य मन्दिर इन लोगों का ही बनवाया हुआ है और 'तरुण जैन' मे शास्त्रों की बातें शीर्षक जैन शास्त्रोंक विषय में इनके ही लेख निकलते थे। इस प्रकार परिचय समाप्त होते ही आचार्य महाराज ने फरमाया कि मैं इन्हें जानता हूं। मैंने पूछा-महागज साहब, आज्ञा हो तो एक बात पूछना चाहता हूं तो उन्होंने फरमाया कि, पूछो। मैंने कहा महाराज, चन्द्रप्रज्ञप्ति, सूर्यप्रज्ञप्ति के दसम प्राभृत के सतरहवें प्रति प्राभृत में भिन्न भिन्न नक्षत्रों में भिन्न भिन्न प्रकार के भोजन करके यात्रा करने पर कार्य सिद्धि होने का जो कथन है वहां पर सब नाम क्या बनस्पतियों के ही हैं या अन्य कुछ ; तेरापंथ सम्प्रदाय के सन्त-मुनिराज तो बनस्पति विशेष के नामों का होना ही बतला रहे हैं। इतना सुनते ही आचार्य महाराज मुझसे कहने लगे कि मैंने तेरे लेख पढ़े है। ऐसे ऐसे लेख लिखकर तुम स्वयम् भ्रष्ट होते हो और लोगों को भ्रष्ट करते हो। तुम को शास्त्रों के पढ़नेका क्या अधिकार है ? और प्रश्न पूछने का क्या अधिकार है ? मैंने नम्रता पूर्वक अर्ज की कि महाराज, प्रश्न पूछने का अधिकार तो आप से थोड़ी देर पहिले ही मैं प्राप्त कर चुका हूं; और शास्त्रों के पढ़ने का अधिकार अन्य किसी से लेने की कोई आवश्यकता नहीं थी वह तो मेरे जैसे स्वतन्त्र विचार वालोंने स्वयम् ही प्राप्त कर लिया है; परन्तु आपकी बात करने की यह रुख सर्वथा अनुचित है। मैं तो मन्दिरपंथी हूं अतः आप ही की सम्प्रदाय का एक व्यक्ति हूं । आप जैनाचार्य और महान हैं मैं तो आपके समक्ष एक नगण्य व्यक्ति हूं; परन्तु आपको मालूम रहना चाहिये कि मन्दिरपंथ की आज थली प्रान्त में क्या स्थिति हो रही है। जगह-जगह जैन मन्दिरों में ताले जैन शास्त्रों की अमगत चातं ! लगते जा रहे हैं और संसार के परोपकार के मंत्र काम को निस्वार्थ भाव से करने पर भी जैन शास्त्रों के आधार पर एकान्त पाप होना सिद्ध किया जा रहा है। आपने इसके सम्बन्ध में क्या प्रयत्न किया। मैं तो यही कहूंगा कि संसार के परोपकार के कामों को करने में जिन शास्त्रों के द्वारा पाप सिद्ध होता हो हम तो उन शास्त्रों को मानव समाज की व्यवस्था को बिगाड़ने वाले समझते है और समाज की व्यवस्था को बिगाड़ने वाले शास्त्रों का न रहना ही हम उचित समझने हैं। इस प्रकार कहकर मैं उठ खड़ा हुआ और आचार्य महाराज से प्रार्थना की कि मेरे प्रति आपके हृदय में किसी प्रकार क्षोभ उत्पन्न हुआ हो तो मैं बारम्बार समाता हूं। आचार्य महाराज ने फरमाया कि ठहरो, सुनो। नक्षत्रों के भोजन विधान के सम्बन्ध मे तुम जो पूछते हो - वहां जिन भिन्न भिन्न मासों के नाम आये हैं वे मांस ही है। वनस्पति विशेष के नाम नहीं हैं। तेरापंथी जो कहते हैं वे गलत कहते हैं । उस स्थान पर जो वचन है वे अन्य राजहव वालों के कथन के वचन हैं । मैंने कहा-महाराज, अन्य मजहब वालों के वचन का वहां पर कोई हवाला नहीं है। इन सूत्रों में जिन स्थानों में अन्य मजहब वालों के वचनों का प्रसग आया है उनमें सबमें प्रतिवृत्तियों से स्पष्ट हवाला दिया हुआ है - जो इस स्थान में कहीं पर नहीं है । -इसपर महाराज साहव ने फरमाया कि भाई, तुम समझने के 'नहीं; और यह कहकर वहां से उठकर अन्दर के कमरे में पधारने लगे। मैंने बन्दना नमस्कार, खमत खामणा करते हुए अपना रास्ता लिया। रास्ते में श्री शिवचंदजी कहने लगे कि आपने बहुत शान्ति दिखाई । मैंने कहा - जैन शास्त्रों में परिवर्त्तन कराकर विकार हटा सकने की मैंने आशा लगा रखी है। अभी तो बहुत से जैनाचार्यों से बातें करनी हैं। गरम होने से कैसे काम चलेगा। इसके पश्चात् तारीख १३ अगस्त सन् १९४४ मिती भादवा बदि १० सं० २००१ को जैनश्वेताम्बर तेरापंथ सम्प्रदाय के आचार्य श्री तुलसीरामजी महाराज से सुजानगढ़ में वार्तालाप हुआ जो इस प्रकार हैः - वन्दना नमस्कार कर सुख साता पूछने के पश्चात् मैंने अर्ज की कि आप आज्ञा फरमानें तो मैं जैन शास्त्रों के विषय में कुछ निवेदन करना चाहता हूं तो श्री जी महाराज ने फरमाया कि पूछो। मैने कहा आप तो जैन शासन के एक मालिक हैं और मैं जैनका तुच्छ सेवक हूं । मनुष्य के रहने के लिये मकान जिस प्रकार आधारभूत होता है उसी प्रकार जैन शास्त्र भी हमारे अध्यात्म के लिये आधारभूत हैं। मकानमें जिस प्रकार धूला - कूड़ा करकट इकट्ठा हो जाता है उसी प्रकार जैन शास्त्रों में भी विकार आ गया है। सेवक के नाते मेरी अजं है कि शास्त्रों में आये हुए इस विकार को आप हटवावें । भूगोल, खगोल, गणित आदि नाना विषयों में जैन शास्त्रों की बताई हुई बाते प्रत्यक्ष मे असत्य प्रमाणित हो रही हैं। यों तो लोगों की श्रद्धा स्वतः ही कम होती जा रही है फिर जब यह प्रत्यक्ष की असत्य बातें दिखाई देंगी तो शास्त्रों पर श्रद्धा सर्वथा नहीं रहेगी। इसका परिणाम जैनत्व के लिये हितकर नहीं होगा। शास्त्रों में परिवर्त्तन करने के लिये मैं आपको सब प्रकार से समर्थ समझता हूं । जिन योग्यताओं की इसके लिये आवश्यकता है वे सब आप में मौजूद हैं। आप संस्कृत प्राकृत भाषा के विद्वान और जैन एवम् अन्य दर्शनों के ज्ञाता है। मेरा अनुमान है कि आप चाहे तो परिवर्त्तन कर सकते हैं। इसलिये आपसे विशेष करके प्रार्थना है कि आप इस विषय पर गौर फरमावे । इसपर श्री जी महाराज ने फरमाया कि "थे कह चुका ?" तो मैंने कहा हाँ, संक्षेप में अर्ज कर चुका हूं। इस पर आप फरमाने लगे कि "थांका केई शब्द अनुचित है थां ने सोभा नहीं देवे" । मैने कहा - मुझे तो ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया आप फरमावे तो मालुम हो । तो आप फरमाने लगे कि "कूड़े करकट का शब्द थांने नहीं कहना चाहिये" । तब मैंने अर्ज की कि महाराज साहन, मैंने तो मकान में कूड़े करकट का शब्द बतौर औपमा ( उपमा ) के प्रयोग किया है तो आपने फरमाया कि औपमा के लिये भी ऐसे शब्द नहीं होने चाहिये जो सन्मान सूचक न हो। 'म्हे तो शास्त्रोंने बहुत सन्मान की दृष्टि से देखां हांनी'। इसपर मैंने कहा औपमा के रूपमे ऐसे शब्दों की बात मुझे तो कोई एतराज की नहीं नजर आई परन्तु आपको ठीक नहीं जचे तो मैं कूड़े करकट के शब्दों को वापिस लेता हूं। इनके स्थान मे आप कोई सुन्दर शब्द समझ लेवे । फिर श्री जी महाराज फरमाने लगे कि जैन शास्त्र की असंगत बातें ! प्रत्यक्ष में असत्य प्रमाणित होनेवाली शास्त्रों की कौनसी बात है - एक बात उदाहरण के तौर पर हमारे समक्ष रखो । तो मैंने अरज की कि जैन शास्त्रों में अनेक स्थानों में ऐसा लिखा है कि जम्बूद्वीप भर में बड़े से बड़ा दिन होता है तो १८ मूहूर्त्त से बड़ा कहीं नहीं होता और बड़ी से बड़ी राते होती है तो १८ मुहूर्त्त से बड़ी नहीं होती परन्तु लन्दन ( London ) शहर जहाँ व्यापार आदि के निमित्त अपने साथके अनेक लोग रहते है वहां पर २२ २३ मूहूर्त्त तक के बड़े दिन और रातें होती हैं । एक मूहूर्त्त ४८ मिनट का माना गया है। यह हालत तो लन्दन शहर की है इससे आगे जितना उत्तर की तरफ जाया जायगा उतने ही बड़े दिन और बड़ी रातें मिलेंगी। उत्तरी ध्रुव पर तो ६ महीने तक लगातार सूर्य दिखाई देता है। इस पर श्री जी महाराज ने फरमाया कि 'यह बिचारने की बात है। मैंने अर्ज की कि स्वामिन्, यह एक बात ही बिचारने की नहीं है, सैकड़ों हजारों बात शास्त्रों में ऐसी है जो प्रत्यक्ष में असिद्ध हो रही हैं। मुझे कृपा करके आप बात करने का अवसर दिरावें । आपके समक्ष में एक एक करके सब रखू । तो श्री जी महाराज फरमाया कि पर्याषण के पश्चात् इस विषय पर बातचीत की प्रगी। मैंने अर्ज की कि मेरे लेखों को आप एक दफा पढ़े तो उत्तम होगा। इसपर मेरे वे सब लेख पढ़ने के लिये दिये गये । कुछ कार्य बसात् मैं आसोज सुदीमें बम्बई जा रहा था तो श्री जी महाराज से वातचीत करने के जैन शास्त्रों की अगन बातें ! लिये समय दिलाने की प्रार्थना की तो आप फरमाने लगे कि अभीतक लेख पूरे देखे नहीं गये हैं। देख लेने के पश्चान बातचीत करना ठीक रहेगा। कार्तिक यदि २ को मैं बम्बई पहुंचा। कार्तिक वदि ६ तारीख ७ अक्टूबर सन् १९४४ के दिन वहांपर जैनाचाय श्री सागरानन्द सूरि जी महाराज - जो संस्कृत प्राकृन भाषा के प्रखर विद्वान और जन शास्त्रों के पूरे ज्ञाता बताये जाते हैं ~ के दर्शन किये । बन्दना नमस्कार कर सुखसाता पूछने के पश्चात् उनसे भी मैंने अज की कि महाराज, वर्त्तमान जैनशास्त्रों में अनेक वार्त ऐसी हैं जो प्रत्यक्ष मे असत्य प्रमाणित हो रही है वे हटाई जानी चाहिये आदि। ऐसा परिवर्तन करने मे आप जंसे विद्वान आचार्यों की आवश्यकता है। सुन कर आचार्य महाराज फरमाने लगे कि प्रत्यक्ष मे असत्य प्रमाणित होने वाली बात जैन शास्त्रों में कोई नहीं है। सर्वज्ञों के वचन कभी असत्य हो सकते हैं ? कभी नहीं। मैंने कहा, महाराज जेन शास्त्रों में अनेक स्थानों में लिखा है कि जम्बूद्वीप में बड़े से बड़ा दिन होता है तो १८ मूहूर्त्त से बड़ा नही होता परन्तु लन्दन शहर मे २२।२३ मुहूर्त्त तक का बड़ा दिन होता है, और वहां से उत्तर की तरफ जावे तो और भी अधिक और भी अधिक बड़ा होता है। यहां तक कि उत्तरध्रुव पर लगातार ६ महीने तक सूर्य दिखाई देता है। महाराज साहव फरमाने लगे कि यह तुम्हारे ने की गलती है। शास्त्रों में कहा है कि बड़े से बड़ा दिन होता है तो जम्बूद्वीप भरमें १८ मुहूर्त्त से बड़ा कहीं नहीं जैन शास्त्रों को असंगत बातें । होता । तो भगवान् ने यह वचन कहां पर बैठे हुए कहा है ? भारतवर्ष में बैठे हुए उन्होंने ऐसा कहा है; और भारतवर्ष में १८ मुहूर्त्त से बड़ा दिन नहीं होता यह सच बात है। इसलिये यह ठीक ही तो कहा है। मैने कहा महाराज, उन्होंने कहा तो स्पष्टतः सारे जम्बूद्वीप के लिये है फिर हम भारत में बैठे कहनेसे ही सिर्फ भारतवर्ष के लिये कैसे समझ लें ? इसपर महाराज साहब ने फरमाया कि नहीं, उन्होंने ठीक ही कहा है। शास्त्रों पर श्रद्धा रखनी चाहिये । इसपर से मैंने विचार लिया कि बात आगे बढ़ाने मे कोई लाभ नहीं। इसके पश्चात् कार्तिक बदि ८ के दिन जैनाचार्य श्री रामविजय जी महाराज साहब के शिष्य श्री मुक्तिविजय जी महाराज के दर्शन किये । उनसे जो बार्तालाप हुई वह तकरीबन आचार्य महाराज श्री सागरानन्द सूरि जी महाराज से मिलती हुई है। उन्होंने भी शास्त्रों पर श्रद्धा रखने पर ही जोर दिया। इसके पश्चात् बम्बई से वापसी मे कार्तिक बदि १२के दिन अहमदाबाद में जैनाचार्य श्री रामविजय जी महाराज साहब से वार्तालाप हुई । सुना कि आचार्य महाराज संस्कृत प्राकृत के बड़े विद्वान और जैन शास्त्रों के अच्छे ज्ञाता हैं । आचार्य महाराज से शास्त्रों के विकार को हटाने के लिये प्रार्थना की; परन्तु आपने भी शास्त्रों पर श्रद्धा रखने के लिये ही फरमाया । इसके पश्चात् कार्तिक बदि १४ के दिन जोधपुर में जैनाचार्य श्री ज्ञानसुन्दर जी महाराज - जिनको आजकल श्री देवगुप्त सूरि जी महाराज जैन शास्त्रों की असगन बाने ! भी कहते हैं, के दर्शन किये । बना नमस्कार कर मुख साता पूछकर मैंने अपना परिचय दिया तो परिचय सुनते ही बहुत हर्पित हुए। उनसे भी मैंने शास्त्रों की असत्य वातों को हटाये जाने के लिये प्रार्थना की तो आप फरमाने लगे कि आपके लेख मैंने ध्यान पूर्वक पढ़ें है शास्त्रों की असत्य प्रमाणित होनेवाली बातों को हटाना नितान्त आवश्यक है; वरना ऐसासमय आने वाला है कि इनके लिये पश्चात्ताप करना पड़ेगा। मैंने अर्ज की कि महाराज, आपने तो अपने जीवन में जैन साहित्य का बहुत वड़ा प्रकाशन किया है इस काम पर भी गौर फरमाकर किसी प्रकार की योजना काम मे लावे । तो आप फरमाने लगे कि अव मैं बहुत वृद्ध हो गया हूं। मेरी सामर्थ्य बैँसी नही रही, मेरी शक्ति के बाहिर की बात है। इसके पश्चात् कार्तिक सुदि १ के दिन में वापिस सुजानगढ़ पहुंचा। कार्तिक सुदि २ के दिन जैनश्वेताम्बर तेरापंथ सम्प्रदाय के आचार्य महाराज साहब से वातचीत प्रारम्भ करने के लिये कृपा करने की प्रार्थना की तो श्री जी ने फरमाया कि आजकल समय की कमी है। मैं ध्यान में रखकर समय निकालूगा । मिगसर बदि १ के दिन श्री जी महाराज का सुजानगढ़ से विहार हुवा । इन १५ दिनों के दरमियान मे श्री जी महाराज से दो तीन दफा वातचीत के लिये समय दिलाने के वास्ते प्रार्थना की; परन्तु आपने फरमाया कि आजकल समय की बहुत कमी है। पोप दि में रवाना होकर मैं दिसावर चला गया जिसका प्रथम चैत्र वदि १ के दिन सुजानगढ़ वापिस आया । उस समय जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सम्प्रदाय के आचार्य महाराज सुजानगढ़ बिराजते थे। मैने फिर श्री जी महाराज से अर्ज की कि बार्तालाप के लिये अब समय निकालने की कृपा करावे; परन्तु श्री जी ने उस समय भी यही फरमाया कि आजकल समय कम है। फिर कुछ दिन पश्चात् श्री जी महाराज का सुजानगढ़ से बिहार हो गया । मुझे आशा है कि किसी समय श्री जी महाराज अवश्य समय निकाल कर बार्तालाप करने की कृपा करेंगे और जैन शास्त्रों में पाई जाने वाली असत्य बातों का या तो किसी प्रकार से समाधान करावेगे अथवा शास्त्रों में परिवर्त्तन करने की कोई योजना करेंगे। स्थानकवासी सम्प्रदायके आचार्य महाराज श्री गणेशीलालजी महाराज साहब जो बड़े विद्वान एवम् जैनशास्त्रों के ज्ञाता हैं और स्वभाव के बड़े सरल हैं उनसे इस विषय में कई दफा बातचीत हुई है। आपका फरमाना यह रहा कि शास्त्रों में परिवर्त्तन करना इस समय असम्भव बात है। कारण इस काम के लिये सर्व प्रथम श्वेताम्बर जैनों के तीनों सम्प्रदायों को सरल चित्त से एक राय होकर सम्मिलित प्रयत्न करने की आवश्यकता है जिसका होना असम्भव प्रतीत होता है । श्री देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण के समय में मथुरा, और वल्लभपुर में लगातार बारह बर्ष तक जिस प्रकार शास्त्रों के संकलन करने में, भिन्न भिन्न स्थानों से भगवान वीरके शिष्य-मुनिराज आ.. आकर अपनी अपनी याददास्त के अनुसार शास्त्रों के निर्माण में सहयोग दिया था उसी प्रकार इस समय भी भगवान बीरके शिष्य कहलाने वालों को इन शास्त्रों के विषय में अपने अपने अनुभव तथा अपने अपने विचार और परिवर्तन हो सकने याली बातों के लिये अपने अपने सुझाव रखते हुये सहयोग देकर इस कार्य को सफल करनेका प्रयास करना चाहिये । परन्तु इस समय तो ऐसी विपम अवस्था हो रही है कि व्यर्थके वादविबाद में समय का दुरुपयोग किया जा रहा है। जैनाचार्यों की मेरे साथ हुई उपर की वार्तालाप से यह स्पष्ट अनुमान हो रहा है कि न तो शास्त्रों में प्रतीत होनेवाली असत्य बातों को हटा सकने का किसी में साहस है और न शास्त्रों को सत्य प्रमाणित कर सकने का प्रयत्न । वास्तव में जो बात असत्य हो, जबरदस्ती उसको सत्य प्रमाणित करना तो असम्भव भी है और अनुचित भी; परन्तु उसको हटा सकने मे आना-कानी करना व्यर्थ की कमजोरी दिखाना है । बहमसे यह एक धारण बनाली गई है कि शास्त्रों की असत्य बातों को यदि असत्य स्वीकार कर लिया गया तो शेपकी बातों के लिये लोगों के हृदय में विश्वास जमाये रखना दूभर हो जायगा । परन्तु यह आशंका केवल आशंका मात्र है । लोंकाजी श्रावक के पहिले क्रमवार ४५ आगम सूत्रों की मान्यता थी परन्तु लोंकाजी ने उनमे से १३ आगम सूत्रों को बिना किसी पुष्ट प्रमाण के अमान्य कर दिया। लोंकाजी जैसे श्रावक के कथन से जब समूचे के समूचे १३ आगम अमान्य ठहराये जाकर लाखों व्यक्तियों के हृदय में धर्म के प्रति विश्वास बना रह सकता है तो प्रत्यक्ष में असत्य प्रमाणित होने वाली बातों को निकाल देने में लोगों के विश्वास उठ जानेकी धारणा बनाये रखना केवल व्यर्थ का भय है । सत्य ही सर्वदा सत्य बने रह सकता है असत्य को सत्य बनाये रखना तभी तक सम्भव है जबतक लोगों में ज्ञान विज्ञान का अभाव है। शास्त्रों की इस समय बड़ी बिकट दशा हो रही है । श्वेताम्बर जैन कहलाने वाले मूर्तिपूजक स्थानकवासी और तेरापंथी तीनों सम्प्रदाय आगम सूत्रों में से ३२ सूत्रों को अक्षर अक्षर सत्य मान रहे है । सब कोई अपने अपने मतकी बात सिद्ध करते हुये इन्हीं सूत्रों के आधार पर एक दूसरे की बात का खन्डन करते हैं और एक दूसरे को अज्ञानी एवम् मिथ्यात्वी बतला रहे हैं। मूर्तिपूजक इन सूत्रों से मूर्तिपूजा करना आत्म कल्याण का साधन सिद्ध करते हैं और स्थानकवासी एवम् तेरापंथी इस विषय में दोनों एक तरफ रहकर मूर्तिपूजासे आत्मा का कल्याण तो दूर रहा एकान्त पाप होकर आत्मा पाप से भारी होनेका कह रहे हैं। दान और दया के विषय में स्थानकवासी तथा मूर्तिपूजक दोनों एक होकर पुन्य और धर्म होनेका कथन कर रहे हैं और तेरापंथी इन दोनों के बताये हुए दान- दया से होने वाले पुन्य धर्म होने का खन्डन करके एकान्त पाप होने का कथन कर रहे हैं। आश्चर्य है कि जिन सूत्रों के आधार पर एक सम्प्रदाय वाले किसी के द्वारा मारे जाने वाले प्राणीको बचाने में धर्म मान रहे और दूसरी सम्प्रदाय वाले उन्हीं सूत्रों के आधार पर यचाने में तो पाप मान ही रहे हैं अपितु मारने वाले क्साई को "मतमार" ऐसा कहने तक मे एकान्त पाप मान रहे हैं। किसी भी सम्प्रदाय पर यह आरोप करना तो सरासर मूर्खता होगी कि अमुक सम्प्रदाय के व्यक्ति स्वार्थी एवम् धूर्त्त हैं इसलिये अपने स्वार्थ के लिये अपने मतकी बात अमुक प्रकार से बता रहे हैं। कारण, अकेला एक व्यक्ति स्वार्थी अथवा धूर्त्त हो सकता है परन्तु जिन सम्प्रदायों में प्रत्येक में लाखों मनुष्य हों और सबके सब स्वार्थी एवम् धूर्त्त हों अथवा मूर्ख या अज्ञानी हों - यह असम्भव वात है और ऐसा समझना भी नितान्त मूर्खता है । आत्म कल्याण के लिये जिन संस्थाओं का जन्म हुआ है उन प्रत्येक के लाखों मनुष्यों में से बहुतसे आत्मार्थी एवम् बहुत से विद्वान् सूत्रों की सच्ची रहस्य को समझने-समझाने वाले भी अवश्य होंगे, यह मानी हुई बात है। फिर ऐसा क्यों हो रहा है इसका कारण समझने की पूरी आवश्यक्ता है। कारण स्पष्ट है कि इन सूत्रों की लिखावट ही ऐसी चेढ़व है कि एक विषय में किसी स्थानमे पक्षकी बात कहदी है तो दूसरे स्थान में उसीके विपक्ष की कह दी है । एक स्थानमें विधि कर दी है तो दूसरे स्थानमे उसीका निषेध कर दिया है। स्थान स्थान पर ऐसे सन्दिग्ध और शंका-कारक कथन हैं कि जो जैसा चाहता है अपने मतकी पुष्टिके लिये वैसा ही प्रमाण निकाल सकता है। अन्यथा ऐसा नहीं होता कि एक ही सूत्रोंको माननेवाले परस्पर इतना भिन्न २ कथन करते कि एक जिसको धर्म कहता दूसरा उसीको एकान्त पाप कहता । इस प्रकार की स्थितिका श्रावक समाज पर बहुत बुरा और कटु असर पड़ रहा है । मूर्तिपूजक और स्थानकवासी श्रावक तेरापंथी श्रावक से एक बिरादरी होने पर भी साख-सगपन करने में परहेज करते है और तेरापंथी श्रावक स्थानकवासी और मूर्तिपूजक श्रावक से साख- सागपण करने में परहेज करते है। एक दूसरेके सामाजिक सम्बन्धों में पूरी कटुता आती जा रही है । परन्तु न जाने श्रावक सामाज की बुद्धि और विवेक को क्या हो गया है कि उसे यह भी नहीं सूझती कि कमसे कम अपने सामाजिक हितों की रक्षाका तो विचार रखें । श्रावक समाज को चाहिये कि मुनि समाज से प्रार्थना करे कि आप तीनों सम्प्रदायके मुनि ३२ सूत्रों को एक सा अक्षर अक्षर सत्य मानते हैं और इन वतीसों के आधार पर एक जिस कार्य के करने में धर्म बताता है तो दूसरा उसीमें एकान्त पाप बता रहा है । हमारे लिये पाप धर्मका मार्ग दिखाने वाले आपलोग है अतः आप लोगों को चाहिये कि सव एकत्रित होकर विवादास्पद विषयों के लिये अच्छी तरह शास्त्रार्थ करके निर्णय करें और एक राय हो जायें। इसपर भी यदि वे ऐसा करना नहीं चाहते हों तो हमरा कर्त्तव्य है कि हम इन सूत्रोंके विवादास्पद बिपयों का निर्णय कराने के लिये एक संस्था स्थापित करें और उस संस्थाके द्वारा योजना करके जैन कहलाने वाले बड़े बड़े विद्वानों
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जिस प्रकार अमृतपाल पुलिस की आंखों में धूल झोंकर जालंधर से भागा है उससे एक बात तो जाहिर है कि अमृतपाल को भगाने में स्थानीय लोगों ने खुलकर मदद की है क्योंकि इतने कम समय में गांवों की गलियों व चोर रास्तों के बारे में अमृतपाल नहीं जान सकता था। जालंधर, मनोज त्रिपाठी। अमृतपाल की जालंधर में अंतिम लोकेशन फिल्लौर के शेखुपुर में सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। इसी गांव के गुरुद्वारे में एक घंटे तक रुककर अमृतपाल ने चाय पी और फिर ग्रंथी के नाबालिग बेटे को हथियार के दम पर डराकर अपने साथ लाडोवाल के पास हार्डिज वर्ल्ड तक लेकर गया। इससे पहले अमृतपाल ने सतलुज पार करने के लिए बेड़ा (नाव) की तलाश भी की थी। उसे नाव मिल भी गई थी, लेकिन नाव चलाने वाले ने रात को दस बजे दरिया पार करवाने से मना कर दिया था। इसके बाद अमृतपाल ने 1870 में सतलुज पर बनाए रेलवे ब्रिज पर चलकर दरिया पार किया। जिस प्रकार अमृतपाल पुलिस की आंखों में धूल झोंकर जालंधर से निकल पाया है उससे एक बात तो जाहिर है कि अमृतपाल को भगाने में स्थानीय लोगों ने खुलकर मदद की है, क्योंकि इतने कम समय में गांवों की गलियों व चोर रास्तों के बारे में अमृतपाल नहीं जान सकता था। बाजवा कलां के फ्लाईओवर के नीचे से लेकर नंगल अंबिया गुरुद्वारा साहिब तक पहुंचने में उसकी मदद स्थानीय लोगों ने की। इसके बाद गुरुद्वारे के ग्रंथी ने मदद की। नंगल अंबिया गुरुद्वारा से दो किलोमीटर आगे जाकर नहर के किनारे पगडंडी (कच्ची सड़क) से दारापुर पहुंचकर अमृतपाल ने बाइक नहर में फेंक दी और फिर वहां से दूसरी सप्लेंडर बाइक से शेखुपुर के गुरुद्वारे तक वह अपने एक समर्थक के जरिए पहुंचा। गुरुद्वारे की देखभाल करने वाली बुजुर्ग महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमृतपाल आया तो पहले ग्रंथी के बारे में पूछा फिर गुरुद्वारे में बैठे नाबालिग बच्चे से बातचीत की। इसके बाद उसे हथियार दिखाए और बैठ गया। थोड़ी देर बैठकर उसने कुछ लोगों को फोन किया और बातचीत की। जिससे भी बातचीत की, उसने सतलुज दरिया कैसे क्रास करनी है इसे लेकर समझाया। इसके बाद अमृपाल ने बेड़े के बारे में पूछा तो ग्रंथी के बेटे ने जानकारी होने से इनकार किया। थोड़ी देर बाद अमृतपाल ने बाइक से चलने को कहा। शेखुपुर से एक सड़क सीधे फिल्लौर क्रासिंग तक जाती है। यहां पहुंचकर वह सतलुज दरिया के पास गया। अमृतपाल जिस बाइक से भागा था वह पुलिस को बिलगा में नहर के कच्चे रास्ते पर मिला है। अमतपाल अपनी पंक्चर बाइक को जिस रेहड़े पर लादकर भागा था, उसके चालक लखबीर सिंह ने बताया कि बाइक पर अमृतपाल व पपलप्रीत सिंह थे। बाइक उधोवाल गांव के पास पंक्चर हो गई थी। उसने उधोवाल गांव के पास से ही महितपुर बाजार के पास तक उन दोनों को रेहड़े पर लिफ्ट दी थी। बदले में उन्होंने मांगने पर 100 रुपये भी दिए थे। महितपुर बाजार में ही 12 बजे पुलिस ने अमृतपाल के काफिले में शामिल तीन एंडेवर कारों को आमना-सामने होने के बाद बरामद किया था। इसी बाजार में अमृतपाल के सात साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस घटनाक्रम के करीब दो घंटे बाद बाजार से करीब छह किलोमीटर दूर उधोवाल गांव के रेहड़ा चालक लखबीर को अमृतपाल गांव के बाहर पंक्चर मोटरसाइकिल के साथ मिला। यहां से वह गुरुद्वारे की तरफ जाने के बजाय महितपुर की तरफ गए जबकि पंक्चर की दुकान गुरुद्वारे की तरफ ज्यादा पास थी। इसका मतलब उसे पता था कि गुरुद्वारे के बाहर पुलिस तैनात है। टोल प्लाजा व फिल्लौर में बने पुलिस के हाईटेक नाके पर 50-50 जवानों की टीमों को तैनात किया गया था। इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर बने बूथों पर भी कर्मचारियों के साथ दो-दो जवानों को तैनात किया गया था जिससे बूथों के दोनों तरफ अमृतपाल की पहचान की जा सके। इसकी भनक पहले से ही अमृतपाल को थी इसीलिए वह रेलवे के उस ब्रिज से निकल गया जिसके बारे में पुलिस सोच भी नहीं सकती थी।
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ओडेसा को दक्षिणी मोर्चे पर हमले में, (जर्मनों के अलावा), रोमानियाई सेना ने भाग लिया। अगस्त की शुरुआत में, दक्षिणी दिशा में वेहरमैच एक्सएनयूएमएक्स इन्फैंट्री डिवीजन के एक्सएनयूएमएक्स ने समुद्री और एक्सएनयूएमएक्स सेना को भंग करने में कामयाबी हासिल की, जो उनके बीच एक्सएनयूएमएक्स-किलोमीटर के बीच में थी। इस प्रकार, ओडेसा को यूएसएसआर के "मुख्य भूमि" से काट दिया गया था। रोमानियाई सैन्य इकाइयां एक बार में ओडेसा लेने में विफल रहीं, क्योंकि शहर की घेराबंदी शुरू हुई, जो दिन के एक्सएनयूएमएक्स पर चली। मुख्यालय ने समुद्री सेना (लेफ्टिनेंट जनरल जी। पी। सफ्रोनोव) को ओडेसा की रक्षा करने का आदेश दिया जो कि बहुत ही अंतिम अवसर था। अगस्त 5 की शुरुआत में, शहर के लिए भारी लड़ाईयां लड़ी गईं, और अगस्त 10 तक, प्राइमरी आर्मी की लड़ाइयों ने दूर के तरीकों से लड़ाई लड़ी, जो बाद में शहर की रक्षा की अग्रिम पंक्ति में चली गई। . . . एक्सएनयूएमएक्स में, येवगेनी ताशकोवा द्वारा निर्देशित फिल्म "प्यास", जो ओडेसा रक्षा की घटनाओं के लिए समर्पित है, सोवियत सिनेमा की स्क्रीन पर दिखाई दी। फिल्म का पटकथा लेखक एक काफी प्रसिद्ध कवि और लेखक था, उन घटनाओं में एक प्रत्यक्ष भागीदार, ग्रिगोरी पोज़ेनियन। फिल्म उज्ज्वल है, आज भी दिलचस्प है। विशेष रुचि इस तथ्य की है कि पीटर टोडोरोव्स्की फिल्म ऑपरेटर के रूप में काम करते हैं। यहां, "प्यास" में, आप व्याचेस्लाव तिखोनोव को भी देख सकते हैं, जो जर्मन सैन्य वर्दी में सोवियत खुफिया अधिकारी की भूमिका पर कोशिश कर रहा था - इस तरह से उसके भविष्य के लिए स्टर्लिट्ज़ को आधार बनाया गया था। आइए यह पता लगाने की कोशिश करें कि ओडेसा में उन दिनों वास्तव में क्या हुआ था। फिल्म "प्यास" को संयोग से कहा जाता है। नाम जल आपूर्ति के साथ समस्याओं को संदर्भित करता है, जो ओडेसंस ने जर्मन से शहर की रक्षा के दौरान अनुभव किया था। तथ्य यह है कि एक्सएनयूएमएक्स वर्ष में इसकी नींव के बाद से, खड़ज़िबी मुहाना के क्षेत्र में, ओडेसा पीने के पानी की उपलब्धता के साथ समस्याओं का सामना कर रहा है। यह पता चला कि जिले में शहर की जरूरतों के लिए यह पर्याप्त नहीं है। सबसॉइल पानी पीने के लिए अनुपयुक्त था (मजबूत खनिज के कारण), इसलिए ओडेसा के पहले निवासियों को गहरे कुओं को खोदना पड़ा, जिससे पानी सड़कों के किनारे बैरल में चला गया। ताजे पानी के स्रोत, "फव्वारे" (जिसने ओडेसा के कई जिलों को नाम दिया) ने समस्या को हल करने में मदद की। पूरे 19-th सदी में, शहरवासियों ने वर्षा के पानी को इकट्ठा करने के लिए एक सिस्टम भी बनाया, जो तथाकथित "टैंकों" में जमा हो गया। 1853 में फव्वारे से व्यापारी टिमोफी कोवालेवस्की द्वारा आयोजित पहली ओडेसा पानी की पाइपलाइन, अप्रभावी हो गई, और 20 वर्षों के माध्यम से यह अव्यवस्था में गिर गई। हालांकि, पहले से ही 70s में, शहर में एक पूर्ण जल आपूर्ति प्रणाली खोली गई थी, जिसका निर्माण एक अंग्रेजी कंपनी द्वारा आयोजित किया गया था। ओडेसा के लिए पानी डेनिस्टर नदी से लिया गया था, जहां बिल्लाएवका गांव में एक जल सेवन स्टेशन बनाया गया था। यह पानी की लाइन थी, जो समय बीतने के साथ आधुनिक हो गई, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत के समय तक ओडेसा प्रदान किया। युद्ध के दौरान, इस लाइन को रोमानियाई सैनिकों ने नष्ट कर दिया था, और शहरवासियों को वास्तव में ताजे पानी की कमी थी। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे गरीब ओडेसन, प्यास से सूखते होंठों के साथ, पोटेमकिन सीढ़ियों तक दौड़ते हुए, बमुश्किल पीने के पानी से टैंकरों के हूटर सुनते हुए . . . यह तस्वीर बेशक सुंदर है, लेकिन सच नहीं है। तथ्य यह है कि ओडेसा आसानी से आंतरिक मीठे पानी के स्रोतों के साथ प्रबंधन कर सकता था जो 19 वीं शताब्दी के बाद से प्रभावी रहे हैं। डायवोव्स्की स्रोत, पोलिश वंश पर एक स्रोत (वैसे, अब तक), इसके अलावा, एक या दो आर्टेसियन कुओं को शहर के लगभग हर औद्योगिक उद्यम से पूर्व-क्रांतिकारी समय (जो उस समय लगभग तीन कारखाने हैं) से छेद किया गया था। यह इन पानी "खजाने" के लिए था कि लोग हाथों में डिब्बे के साथ लंबी लाइनों में खड़े थे। अब पानी स्टेशन पर कब्जा करने के प्रकरण पर विचार करें - फिल्म भी बहुत रंगीन और तनावपूर्ण है। अगर हम पोज़ेनियन तोड़फोड़ टुकड़ी की गतिविधियों के बारे में बात करते हैं, तो - एक यथार्थवादी होने के लिए - यह एक स्थिति की कल्पना करना बहुत अजीब है जब बचाव शहर में लोगों के एक समूह को विशेष रूप से असाइनमेंट के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जो आम तौर पर बेकार है। यह व्यर्थ है यदि केवल इसलिए कि जैसा कि ऊपर बताया गया था, बिल्लायेवका से ओडेसा तक पानी की आपूर्ति शारीरिक रूप से असंभव थी - रोमानियाई तोपखाने के गोले से जलमार्ग नष्ट हो सकता है। दिलचस्प है, डायवर्सन टुकड़ी, जिसमें ग्रिगोरी पोज़ेनियन शामिल थे, वास्तव में अस्तित्व में थे (साथ ही पांच समान समूह), सामने की पंक्ति में टोही और तोड़फोड़ की गतिविधियों में लगे हुए थे। इसके अलावा (खुद पोजेनियन के संस्मरण के अनुसार, लेकिन फिल्म की पटकथा लिखने से पहले), एक पंपिंग स्टेशन की जब्ती के साथ मामला, जिसे ग्रिगोरी मिखाइलोविच ने बाद में स्पष्ट रूप से रचनात्मक रूप से पुनः काम किया, का भी स्थान था। दुश्मन के पीछे के हिस्से पर छापे के दौरान, पॉज़ेनियन टुकड़ी ने एक पानी के टॉवर की खोज की, जिसे रोमानियाई लिंगमों की एक छोटी टुकड़ी द्वारा संरक्षित किया गया था। सोवियत सबोटर्स ने, निश्चित रूप से, इन गार्डों के गार्ड को खत्म कर दिया, लेकिन पंपिंग स्टेशन की कोई भावना नहीं थी - शहर में पानी लॉन्च करने की कोई संभावना नहीं थी। यह सब, साथ ही ओडेसा रक्षा के अन्य समान रूप से दिलचस्प तथ्यों का उल्लेख है, विशेष रूप से, इतिहासकार अलेक्जेंडर चर्कासोव की पुस्तक "ओडेसा की रक्षाः सच्चाई के पन्नों" में। चेरकासोव आधिकारिक तौर पर प्रकाशित दस्तावेजों के साथ इन तथ्यों की पुष्टि करता है। उदाहरण के लिए, 30 प्रतियों में स्कैन की गई प्रतियों के साथ रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक पुस्तक "वोएनिजदैट" द्वारा जारी किए गए सैन्य दस्तावेजों का एक पुस्तक संग्रह। आम तौर पर, अगर हम ग्रिगोरिए पॉज़ेनियन के बारे में बात करते हैं, तो यह ध्यान रखना आवश्यक है कि वह कितना दिलचस्प और अस्पष्ट व्यक्ति था (और यही कारण है कि पानी के टॉवर की जब्ती के साथ एक तरह का रचनात्मक पुनर्विचार उसकी आत्मा में काफी था)। आम जनता पोझियन को एक कवि के रूप में जाना जाता है। उनके पास एक दर्जन कविता संग्रह हैं, उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथा लिखी, फिल्म "अलविदा" के निर्देशक के रूप में भी काम किया। पोज़ेनियन ने युद्ध के वर्षों के दौरान कविताएं लिखना शुरू किया, और एक्सएनयूएमएक्स में, उन्होंने गोर्की साहित्यिक संस्थान में प्रवेश किया। और यहाँ एक दिलचस्प मामला है जो संस्थान में पढ़ाई के दौरान उनके साथ हुआ। 1948 में, तथाकथित "रूटलेस कॉस्मोपॉलिटन" मामला सामने आया था (जिसके द्वारा बस यहूदी राष्ट्रीयता के लोगों को समझा गया था)। "कॉस्मोपॉलिटन" मामले ने गोर्की संस्थान को भी प्रभावित किया - हमलों को उल्लेखनीय कवि और साहित्यिक संस्थान के शिक्षक - पावेल एंटोकॉल्स्की के खिलाफ निर्देशित किया गया था। यह उन दुर्लभ बहादुर पुरुषों में से एक था जिन्होंने कवि को "लोगों का दुश्मन" बताने से इनकार कर दिया और इन कठिन क्षणों में पावेल ग्रिगोरियाविच का समर्थन किया। साहित्यिक संस्थान के निदेशक, "सर्वहारा क्लासिक" फेडोर ग्लैडकोव (जो पहले से ही इस "" "कार्य" को याद करते हैं;) इसे पसंद नहीं करते थे और उन्होंने सचमुच अपने कार्यालय में "शादी" चिल्लाया - "वह पैर साहित्यिक संस्थान में नहीं होना चाहिए! "। जिस पर ग्रिगोरी मिखाइलोविच ने गंभीरता से जवाब दिया, "पहले से ही वहाँ नहीं है। " और अपनी बाहों में खड़े हुए, ग्लेडकोव के कार्यालय से इस तरह से सेवानिवृत्त हुए।
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Delhi तिहाड़ जेल के अंदर उचित भोजन की मांग को लेकर दो कैदियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को जेल में औचक निरीक्षण करने के लिए एक समिति का गठन किया है। नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तिहाड़ जेल के अंदर उचित भोजन की मांग को लेकर दो कैदियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को जेल में औचक निरीक्षण करने के लिए एक समिति का गठन किया है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने निर्देश दिया कि कैदियों को दिए जा रहे भोजन, बैठने की जगह और कैंटीन में स्वच्छता के स्तर पर रिपोर्ट पेश करें। अदालत ने कहा कि कैदियाें को दिए जाने वाला सुबह का नाश्ता से लेकर दोपहर व रात का खाना और कैंटीन में उपलब्ध कराए जाने वाले खाद्य पदार्थों के विवरण पर भी रिपोर्ट पेश करने को कहा। गीता अरोड़ा व सोनू पंजाबन ने याचिका दायर कर सभी कैदियों को उचित भोजन उपलब्ध कराने के संबंध में जेल अधीक्षक को निर्देश देने की मांग की थी। उनका कहना था कि जेल नियमों में मात्रा और पोषण के संदर्भ में एक निर्धारित आहार है, लेकिन तिहाड़ जेल में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसके कारण कैदियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अदित एस. पुजारी ने कहा कि शाम छह बजे के बाद जब कैदियों को उनके सेल में रखा जाता है तो कोई भोजन उपलब्ध नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कैंटीन अब कैदियों द्वारा खरीदे जाने वाले फलों का भंडारण या बिक्री भी नहीं करती है। वहीं, तिहाड़ जेल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि एक न्यायाधीश ने पिछले महीने एक दौरा किया था और यह पाया गया कि सभी आवश्यक नियमों का पालन किया जा रहा था। तथ्यों को देखते हुए अदालत ने कहा कि प्रासंगिक जानकारी हासिल करने के लिए औचक निरीक्षण की जरूरत है। मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित करते हुए अदालत ने कहा कि समिति को कम से कम दो निरीक्षण करना होगा। अदालत ने कहा कि समिति में अधिवक्ता पुजारी के साथ तीन सदस्य होंगे।
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में योग के सम्बन्ध में कुछ पारिभाषिक शब्दावली अवश्य उपलब्ध होती है। कहीं पर 'इड़ा', 'पिंगला', 'सुषमना' का उल्लेख है तो कहीं 'कुण्डलिनी', 'ध्यान' और समाधि का वर्णन, कहीं 'अजपाजाप' के विषय में कुछ पद, पर वास्तव में दादू जी ने योग-शास्त्रों की सहज और सरल साधनाओं को ही स्वीकार किया है, उसके जटिल और कठिन रूप का उन्होंने परित्याग किया है। इसीलिए उनकी 'वारणी' में अधिकतर सहज समाधि का ही भावमय चित्ररण हुआ है । सहज समाधि में 'लो' लगते ही मन थक जाता है, वारणी मूक हो जाती है । चाहे कोई कितना चिन्तन करे, किन्तु उसका अनुभव द्वारा प्राप्त ज्ञान सदा अपार और इन्द्रियों की पकड़ से परे होता है । सागर में मिल जाने वाली बूंदें कैसे तोली जा सकती हैं ? अवरुद्धवाणी कैसे बोल सकती है ? अनिल पक्षी की भाँति, मन-बन्धन मुक्त होकर निस्सीम गगन में दूर-दूर तक उड़ जाता है और विचित्रता तो यह है कि उसका वर्णन नहीं करते बनताथकित भयों मन कह्यों न जाई, सहज समाधि रह्यो त्यो लाई । कुछ कहिये सोचि विचारक, ज्ञान अगोचर अगम अपारा ॥ आचार्य परशुराम चतुर्वेदी ने कहा है कि दादू दयाल की सहज-समाधि का भी यही रहस्य है । इसमें जीव अपने को सदा अपने प्रियतम के सम्पर्क में समझा करता है और उसका शरीर संसार के भीतर ही रहकर उसके प्रभाव में यन्त्रवत् काम करता है । 'दादू-वारणी' में केवल निश्रेयस ही नहीं लौकिक अभ्युदय के विषय मे भी पर्याप्त वर्णन है । दादू जी की दृष्टि समाज के लौकिक पतन की ओर भी गई है । इसीलिये 'दादू-वाणी' में सामाजिक कुरीतियों, धार्मिक रूढ़ियों और साधना सम्बन्धी मिथ्याचारों को उन्होंने निन्दा की है पर ऐसा करते हुए दादू जी कभी भी उग्र नहीं होते । उदाहरणतया निर्गुण-वाद में विश्वास रखने के कारण दादू जो 'प्रतिमा-पूजन' को उचित नहीं मानते । इसीलिये उन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध एवं 'देवता-वाद' का खण्डन किया है किन्तु उनको वारणी में अनावश्यक उग्रता नहीं है - ब्रह्मा का वेद विष्णु की मुरति, पूजे सब संसारा । महादेव को सेवा लागे, कहाँ है. सिरजनहारा ॥ जाति-पाँति के विषय में वे सभी को केशव के कुल का ही सदस्य मानते हैं - २. 'उत्तरी भारत की संत-परम्परा', परशुराम चतुर्वेदी, पृ० ४४६ । ३. 'दादूदयाल की वाणी, सं० मंगलदास, पृ०ः २४५
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आईपीएल सीजन-11 में अब तक 41 मुकाबले यानि लगभग आधा से ज्यादा सफर खत्म हो चुका है। अब टीमों में प्लेऑफ की जंग शुरू हो गई है। प्लेऑफ से बाहर हो चुकी दिल्ली और आरसीबी कई टीमों का खेल बिगाड़ सकती है। आईपीएल सीजन-11 में अब तक 41 मुकाबले यानि लगभग आधा से ज्यादा सफर खत्म हो चुका है। अब टीमों में प्लेऑफ की जंग शुरू हो गई है। सनराइजर्स हैदराबाद 10 में से 8 मैच जीतकर 16 अंकों के साथ पहले नंबर पर है वहीं चेन्नई सुपर किंग्स 10 में से 7 मैच जीतकर 14 अंक लेकर दूसरे नंबर पर है। किंग्स इलेवन पंजाब 10 में से 6 मैच जीतकर 12 अंक लेकर तीसरे नंबर पर है। ऐसे में लगभग इन तीनों टीमों का प्लेऑफ में पहुंचना तय है, चौथे टीम के लिए मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच जंग है। दिल्ली डेयरडेविल्स सबसे नीचे यानि 8वें नंबर और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 7वें नंबर है जो लगभग प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है। हालांकि दिल्ली और आरसीबी मुंबई, केकेआर और राजस्थान का खेल बिगाड़ सकता है, आइए एक नजर डालते हैं कैसे ये हो सकता है। मुंबई इंडियंसः मुंबई 11 में से 5 मैच जीतकर 10 अंक के साथ प्वाइंट्स टेबल में चौथे नंबर पर है। मुंबई को अगला मैच राजस्थान और दिल्ली से खेलना हैं। ऐसे में दोनों में से किसी भी टीम से हारने के बाद मुंबई का सफर खत्म हो सकता है। कोलकाता नाइट राइडर्सः कोलकाता 11 में से 5 मैच जीतकर 10 अंक के साथ प्वाइंट्स टेबल में 5वें नंबर पर है। केकेआर को अपना अगला मैच पंजाब, राजस्थान और हैदराबाद से खेलना है। अगर राजस्थान केकेआर को हरा देती है तो वह खुद प्लेऑफ का दावेदार हो जाएगा और केकेआर का सफर यहीं खत्म हो जाएगा। राजस्थान रॉयल्सः राजस्थान 10 में से 4 मैच जीतकर 8 अंक के साथ प्वाइंट्स टेबल में 6ठे नंबर पर है। राजस्थान को अपना अगला मैच चेन्नई, मुंबई, केकेआर और आरसीबी से खेलना है। सातवें पायदान पर मौजूद आरसीबी की प्लेऑफ से लगभग बाहर हो चुकी की आरसीबी राजस्थान का खेल बिगाड़ सकता है वहीं अगर मुंबई जीत गई तो वो खुद प्लेऑफ का दावेदार हो जाएगा।
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टोयोटा सेल्स एंड सर्विस के सीनियर प्रेसीडेंट नवीन सोनी ने कहा कि 2. 4 लीटर वाले छोटे डीजल इंजन की डिमांड ज्यादा है इसलिए कंपनी ने इनोवा क्रिस्टा को 2. 4 लीटर वाले डीजल इंजन के साथ ही आगे बढ़ाने का फैसला लिया। टोयोटा की मशहूर एमपीवी इनोवा का बीएस6 वर्जन कंपनी ने साल 2020 की शुरुआत में लॉन्च किया था। हालांकि इनोवा के इस बीएस6 मॉडल से 2. 8 लीटर वाला डीजल इंजन गायब था। टोयोटा का यह इंजन उन लोगों को काफी ज्यादा पसंद था जो ज्यादा पावर पसंद करने वाले थे। बीएस6 एमिशन के मुताबिक इनोवा क्रिस्टा को अपग्रेड करने के लिए कंपनी इसको सिर्फ एक ही डीजल इंजन के साथ लॉन्च किया था और अब कंपनी ने कंफर्म कर दिया कि वह 2. 8 लीटर वाले डीजल इंजन के साथ कार को नहीं लॉन्च करेगी। ऑटोकार के मुताबिक टोयोटा सेल्स एंड सर्विस के सीनियर प्रेसीडेंट नवीन सोनी ने कहा कि 2. 4 लीटर वाले छोटे डीजल इंजन की डिमांड ज्यादा है इसलिए कंपनी ने इनोवा क्रिस्टा को 2. 4 लीटर वाले डीजल इंजन के साथ ही आगे बढ़ाने का फैसला लिया। अभी तक यह कार 2. 8 लीटर और 2. 4 लीटर वाले दो डीजल इंजन ऑप्शन के साथ आती थी। 2. 4 लीटर वाले डीजल इंजन को बीएस6 एमिशन के मुताबिक अपग्रेड 2. 8 लीटर वाले डीजल इंजन के मुकाबले आसान है। 2. 4 लीटर डीजल इंजन के साथ आने वाली इनोवा क्रिस्टा 5 स्पीड मैन्युअल औऱ 6 स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ आती है। हालांकि बीएस4 के मुकाबले बीएस6 इनोवा की कीमत थोड़ा ज्यादा बढ़ गई है। नई इनोवा की कीमत में लगभग 31 हजार से 63 हजार रुपये के बीच बढ़त हुई है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद यदि भाजपा में प्रचार के लिए किसी की सबसे अधिक मांग है तो वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। योगी आदित्यनाथ भाजपा के लगातार स्टार प्रचारक बने हुए हैं और राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रचार के लिए उनकी मांग बराबर बनी है। तटीय कर्नाटक में भी आदित्यनाथ की काफी मांग है। वह हुबली, उडुपी समेत दक्षिण कन्नड. तथा उत्तरी कन्नड़ में राजनीति का समीकरण बदल सकते हैं। भाजपा के कर्नाटक चुनाव प्रचार में व्यस्त केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि राज्य में वह न केवल जनसभा को संबोधित करेंगे, बल्कि रोड शो समेत अन्य प्रचार में भी शामिल होंगे। माना यह जा रहा है कि योगी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 10 मई तक राज्य में पार्टी के पक्ष में राजनीतिक समीकरण बनाने के लिए दर्जन भर से अधिक जन सभाओं को संबोधित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने गुजरात, हिमाचल और त्रिपुरा में भाजपा के पक्ष में प्रचार में हिस्सा लिया। गुजरात में योगी ने काफी दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ ही स्टार प्रचारक थे। त्रिपुरा में भाजपा को फहराने में उनकी काफी बड़ी भूमिका मानी जा रही है। इसी तरह से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि कर्नाटक में योगी के प्रचार के बाद भाजपा वोटों के ध्रुवीकरण के एजेंडे को नया आकार देने में सफल हो सकती है। इससे कांग्रेस की उम्मीदों को कुछ झटका लगने की भी उम्मीद है। योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय से हैं। भगवाधारी हैं और हिन्दुत्व के प्रतीक के रूप में उन्हें भाजपा में देखा जा रहा है। कर्नाटक में तटीय कर्नाटक का क्षेत्र काफी संवेदनशील है। अल्पसंख्य भी बड़ी मात्रा में हैं। कर्नाटक का यही वह क्षेत्र है, जहां पिछले दो-तीन सालों में दो दर्जन के करीब भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और उन पर जानलेवा हमले हुए हैं। हुबली में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर ईज ऑफ डूइंग मर्डर का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि यहां से राजनीति का सांप्रदायिक रंग वोटों के ध्रुवीकरण में सहायक हो सकता है। ऐसा हुआ तो पूरे कर्नाटक में चुनाव का गणित अपना असर दिखा सकता है। वैसे भी इस इलाके में लिंगायतों का ठीक-ठाक प्रभाव भी है। दक्षिणी कन्नड़ तो भाजपा के गढ़ के रूप में गिना जाता है। वैसे भी कर्नाटक हर मठ-मंदिरों का राज्य है। योगी आदित्यनाथ इसके लिए काफी उपयुक्त समझे जा रहे हैं। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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(पिछले 24 घंटों में जारी कोविड-19 से संबंधित प्रेस विज्ञप्तियां, पीआईबी के क्षेत्रीय कार्यालयों से मिली जानकारियां और पीआईबी द्वारा जांचे गए तथ्य शामिल हैं) - अब तक 40 लाख (40,25,079) से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। - कुल सक्रिय मामलों मे से आधे (48.45%) के करीब मामले 3 राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से हैं। - राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद रहने तक सभी योग्य छात्रो को खाद्य सुरक्षा भत्ता(एफएसए) जिसमें अनाज,दालें, तेल आदि( पकाने की लागत के बराबर) देने की सलाह दी गई है। भारत में पिछले दो दिनों के दौरान बड़ी संख्या में रोगी ठीक हुए हैं। लगातार दूसरे दिन भी 82000 से अधिक कोविड रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पिछले 24 घंटों में कोविड से ठीक होने वाले रोगियों की संख्या 82,961 है। तेजी से ठीक होने वाले रोगियों की संख्या की वजह से, ठीक होने की राष्ट्रीय दर में भी सुधार हो रहा है। यह अब 78.64% पर पहुंच गई है। 40 लाख (40,25,079) से अधिक मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। सक्रिय मामलों की तुलना में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या 4 गुना हो गई है। ठीक होने की दर (रिकवरी दर) की बदौलत पिछले 30 दिनों में ठीक होने वाले मामलों की संख्या में 100% की वृद्धि हुई है।ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में महाराष्ट्र का योगदान (17,559) पांचवे हिस्से से अधिक (21.22%) है जबकि आंध्र प्रदेश (10,845), कर्नाटक(6580), उत्तर प्रदेश (6476) और तमिलनाडु (5768) ने ठीक होने वाले मामलों की संख्या में 35.87% का योगदान दिया है। इन राज्यों ने मिलकर कुल ठीक होने वालों की संख्या में 57.1% का योगदान दिया है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 10 लाख (10,09,976) को पार कर चुकी है। सक्रिय मामलों के आधे (48.45%) के करीब मामले 3 राज्यों में केंद्रित हैं जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु को मिलाकर 5 राज्य कुल सक्रिय मामलों में लगभग 60% योगदान दे रहे हैं।पिछले 24 घंटों के दौरान 1132 लोगों की मौत हुई है। 474 मौतों के के साथ, महाराष्ट्र का योगदान इस सूची में 40% से अधिक का है। इसके अलावा निम्नलिखित चार राज्यों- उत्तर प्रदेश (86), पंजाब (78), आंध्र प्रदेश (64), पश्चिम बंगाल (61) से पिछले 24 घंटों के दौरान होने वाली मौतों में 25.5% का योगदान दिया है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा है कि आम आदमी विशेषकर गरीबों के लिए सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से मार्च 2025 तक प्रधानमन्त्री जनऔषधि केन्द्रों की संख्या को बढ़ाकर 10500 करने का लक्ष्य रखा गया है। औषध विभाग के अंतर्गत भारत के औषध पीएसयू द्वारा प्रधानमन्त्री जनऔषधि केन्द्रों की स्थापना की जाती है। देश में इस समय 15 सितंबर 2020 तक ऐसी दुकानों की संख्या 6603 हो चुकी है।प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना को 490 करोड़ रुपए के बजट के साथ 2020-21 से 2024- 25 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है।जनऔषधि केन्द्रों ने गुणवत्ता वाली दवाओं की कीमतों में भारी कमी करते हुए देश की एक बड़ी आबादी विशेषकर गरीबों तक इन दवाओं की पहुंच आसान बना दी है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल्स विभाग के अधीन राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एपीपीए) ने आम आदमी तक उचित मूल्य पर आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए घुटना प्रत्यारोपण उपकरणों की "निर्धारित मूल्य" की अवधि 14 सितंबर 2021 तक के लिए एक वर्ष और बढ़ा दी है।सरकार के इस इस कदम से आम आदमी के 1500 करोड़ रुपये बचाए जा सकेंगे। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास(स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक,लोक शिकायत,पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि कोविड-19 के दौरान पेंशनभोगियो के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए।अप्रत्याशित कोविड महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने पेंशनभोगियो के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे उन्हें समय पर पेंशन का भुगतान और सेवानिवृत्त के लाभ सुनिश्चित किया जा सके और उन्हें स्वस्थ और जागरुक रखा जा सके। कोविड-19 का प्रभाव सीमित रखने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश पर देश भर में आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करा गया था। जुलाई, 2020 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हुए विचार विमर्श में कोविड-19 के बढ़ते मामलो के कारण अधिकांश राज्यों ने आंगनवाड़ी केंद्र खोलने में अपनी असमर्थता जताई थी।हालांकि आंगनवाड़ी लाभार्थी को निरंतर आहार पोषण देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक लाभार्थी के घर पर अतिरिक्त आाहार वितरित कर रहे हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 15 दिन में एक बार लाभार्थी के घर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा खाद्य पदार्थ और आहार पोषण वितरण सुनिश्चित करने के लिए राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशो को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक स्थानीय प्रशासन की सामुदायिक निगरानी रखने,जागरुकता बढ़ाने में सहायता करने के साथ-साथ और समय-समय पर दिए कोई भी अन्य कार्य में मदद कर रहे हैं। यह जानकारी केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के साथ कई विचार-विमर्श आयोजित किए और कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूल जाने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न होने के लिए कई कदम उठाए। इसमें शिक्षा तक बहु-पद्धति पहुंच सक्षम बनाने के लिए डिजिटल,ऑनलाइन,आनएयर शिक्षा से जुड़े सभी प्रयास को एकीकृत रखने के लिए पीएमईविद्या शामिल है। इसके साथ ही एनसीईआरटी द्वारा तीन भाषाओ में पहली से 12वी कक्षा तक प्रत्येक सप्ताह के लिए योजना विकसित की गई। स्कूल बंद होने के कारण फिलहाल घर में रह रहे विद्यार्थियो के लिए ऑनलाइन,मिश्रित और डिजिटल शिक्षा पर केंद्रित डिजिटल शिक्षा पर प्रज्ञात दिशा-निर्देश विकसित किए गए। कोविड महामारी के दौरान छात्रो,अध्यापको और परिवारो को मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण के लिए मनोसामाजिक समर्थन देने के लिए "मनोदर्पण" में विभिन्न गतिविधियो को शामिल किया गया है। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में वृद्धि बहाल करने के लिए क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कदम उठाने और भविष्य की योजना तैयार करने के लिए अधिकारियों के एक दल का गठन किया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने लघु वन उपज(एएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) में भी संशोधन किया है। एमएफपी खरीद द्वारा जनजातियो के आय उत्पादन गतिविधियो को प्रोत्साहन देने के लिए 1 मई,2020 को एमएफपी दिशानिर्देश के लिए संशोधित एमएसपी जारी किए गए थे। इसके परिणामस्वरूप एमएफपी के एमएसपी मूल्य में बढोत्तरी हुई और जनजातियो को अधिक आय में सहायता मिली। 26 मई,2020 को जनजातीय मंत्रालय ने एमएफपी सूची में एमएसपी के लिए 26 नए उत्पादो को शामिल किया। इसके बाद योजना के अंतर्गत एमएफपी की संख्या 73 हो गई। इसमें जनजातीय समुदाय द्वारा कृषि और बागवानी उत्पाद शामिल हैं। जनजातीय कार्य मंत्रालय की कोविड प्रतिक्रिया दल ने अनसूचित जनजाति की आजीविका और स्वास्थ्य पर ध्यान करने के लिए कोविड-19 प्रतिक्रिया योजना बनाई। इस पर आवश्यक कार्यवाही के लिए इसे विभिन्न हितधारको के मध्य वितरित किया गया। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशो को राज्य टीएसपी निधि का प्रयोग करने और मंत्रालय की विभिन्न योजनाओ के अंतर्गत विस्तृत प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा गया। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने आज राज्यसभा में यह जानकारी एक लिखित उत्तर में दी। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद रहने तक सभी योग्य छात्रो को खाद्य सुरक्षा भत्ता(एफएसए) जिसमें अनाज,दालें, तेल आदि( पकाने की लागत के समान) देने की सलाह दी गई है। इस संबंध में परिस्थितियों के आधार पर संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश तौर-तरीके निर्धारित करेंगे। राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के कारण परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल 2020 से जून 2020 के दौरान घरेलू हिंसा के 2878 मामलो में कानूनी सहायता और सहयोग दिया गया, जबकि घरेलू हिंसा से महिलाओ को संरक्षण अधिनियम(पीडब्ल्यूडीवीए),2005 के अंतर्गत 452 मामलो में याचिका दाखिल की गई। 694 मामलो का समाधान सलाह और मध्यस्थता द्वारा किया गया। मंत्रालय ने 25 मार्च,2020 को एक परामर्श जारी कर महिलाओ की सुरक्षा से जुडे मुद्दों में सहायता करने वाले वन स्टॉप केंद्र(ओएससी) को लगातार संचालित करने का परामर्श दिया था। इसी परामर्श मे घरेलू हिंसा से महिलाओ को संरक्षण अधिनियम,2005 के अंतर्गत संरक्षण अधिकारियों और दहेज निषेध अधिनियम,1961 के अंतर्गत दहेज निषेध अधिकारियों को लॉकडाउन के दौरान हिंसा से प्रभावित महिलाओ को संरक्षण और मदद से जुडी सेवाए जारी रखने के लिए कहा गया था। यह जानकारी केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। कोविड महामारी का विमानन उद्योग पर प्रभाव कम करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। कोविड-19 के कारण घरेलू हवाई सेवाएं क्रमबद्ध रुप से फिर से प्रारंभ की गई हैं। शुरुआत में ग्रीष्मकालीन समयसारणी के अनुसार केवल एक तिहाई उड़ान को अनुमति दी गई। इसे 26 जून,2020 को बढ़ाकर 45 प्रतिशत और 02 सितंबर,2020 को 60 प्रतिशत किया गया। क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़ान हवाई सेवा के संचालन को उपरोक्त रोक के बिना अनुमति दी गई। अफग़ानिस्तान,बहरीन,कनाडा,फ्रांस,जर्मनी,कतर,मालदीव,यूएई,ब्रिटेन और अमेरिका के साथ विशेष रूप से हवाई संपर्क या एयर बबल्स स्थापित किए गए। यह अंतर्राष्ट्रीय यात्री सेवा को पुन प्रारंभ करने के उद्देश्य से उठाया गया अस्थायी प्रबंध था, जबकि कोविड-19 के कारण नियमित उड़ान पर रोक जारी थी। सभी मुख्य हवाई अड्डो पर सामान टर्मिनल का आवश्यकता होने पर संचालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ध्यान रखा गया था। केंद्रीय नागरिक उड्डयन(स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। वंदे भारत मिशन के अंतर्गत भारतीय विमान कंपनी और भारतीय और विदेशी विमान कंपनियों द्वारा किराए पर ली गई उड़ान द्वारा विशेष वापसी उड़ान का संचालन किया गया। विदेश मंत्रालय द्वारा 31 अगस्त,2020 को दी गई जानकारी के अनुसार विदेशो से भारतीय को स्वदेश लाने के लिए 5817 उड़ान संचालित की गई। केंद्रीय नागरिक उड्डयन(स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यह जानकारी राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा सहयोग प्राप्त खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए कोई वित्तीय कटौती नहीं की गई है।लॉकडाउन के दौरान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण जारी रखने के लिए सुविधा प्रदान की गई। यह जानकारी केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्री किरन रीजिजू ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। गोवा में 20 अक्टूबर,2020 से 4 नवंबर,2020 तक आयोजित होने वाले 36वें राष्ट्रीय खेल कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय खेलों के लिए खेल ढांचे के सृजन और विकास हेतु गोवा को 97.80 करोड़ रूपए की केंद्रीय सहायता दी गई थी। यह जानकारी केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्री किरन रीजिजू ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। चंडीगढ़ : केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक ने अतिसंवेदनशील वरिष्ठ नागरिकों द्वारा अधिकतर दिशानिर्देश का पालन करने और घर में रहने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने सभी नागरिकों से आत्म-संयम बरतने और बेहद आवश्यक होने पर ही घर से बाहर आने की अपील की। प्रशासक ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कर खुद को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी अब नागरिकों पर है। उन्होंने नागरिको को सफाई रखने और मास्क का प्रयोग करने के लिए जागरुक करने पर अधिक आईसी गतिविधि आयोजित करने का निर्देश भी दिया। पंजाब : सरकारी मेडिकल कालेज और अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए पंजाब के चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ने तीनो सरकारी मेडिकल कालेज के प्राध्यापको को आपूर्ति बढ़ाने और हर समय 200 सिलेंडर की सूची बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओ को फोन पर गैस की अस्पताल में आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। हिमाचल प्रदेश : राज्य सरकार ने 15 सितंबर से बार को खोलने की अनुमति दे दी है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) के अंतर्गत सभी शर्तो का पालन करना होगा। आदेश के अनुसार सामाजिक दूरी के बिना शराब नहीं बेची जाएगी और थर्मल जांच तथा सैनिटाइजर का प्रबंध करना होगा। सभी प्रवेश बिदुं पर हैंड वॉश और सैनिटाइजर उपलब्ध कराना होगा तथा आईएलआई लक्षण की निगरानी के लिए सभी कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य जांच करानी होगी। अरुणाचल प्रदेश : राज्य में कोरोना के 221 नए मामले सामने आए हैं और 129 लोगो को अस्पताल से छुट्टी दी गई। राज्य में अब 1892 सक्रिय मामले हैं और अब तक 4787 लोगो को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई है। अरुणाचल प्रदेश में अब तक 13 लोगो की कोरोना से मृत्यु हुई है। असम : राज्य में कल 2394 लोगो में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई और 2464 लोगो को अस्पताल से छुट्टी दी गई। असम में अब कोरोना के 29091 सक्रिय मामले हैं और 119364 रोगियो को अब तक अस्पताल से छुट्टी दी गई है। राज्य में अब कोरोना के कुल 148968 मामले हैं और 511 लोगो की मृत्यु हुई है। मणिपुर : राज्य में 110 और लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। स्वस्थ होने की 78 प्रतिशत की दर से 103 लोग स्वस्थ हुए। राज्य में अब 1751 सक्रिय मामले हैं और अब तक 48 लोगो की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है। नगालैंड : राज्य में आज कोरोना के 43 नए पॉजिटिव मामले सामने आए और 111 लोग स्वस्थ हुए। दीमापुर स्थित जिला अस्पताल 21 सितंबर से गैर-कोविड सेवा फिर से शुरू करेगा। महाराष्ट्र : राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बुधवार को राज्य में 23,365 नए मामलो के साथ महाराष्ट्र में कोरोना के कुल मामले 11.21 लाख हो गए हैं। राज्य में कोरोना से 474 लोगो की और मृत्यु हुई है और अब तक कुल 30,883 लोगो की मृत्यु हो चुकी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि कोविड-19 के मामलो में बढ़ोत्तरी अनलॉक को खोलने की प्रक्रिया और लोगो के निर्धारित नियमों का पालन न करने के कारण हो रही है। पुणे नगर निगम ने अपने परिसरो में कोविड संक्रमण के खिलाफ बचाव प्रयास न करने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही करने के लिए तीन सदस्य जांच दल भेजने का फैसला किया है। गुजरात : राज्य सरकार ने निजी प्रयोगशाला में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराने के लिए शुल्क में कमी की है। निजी प्रयोगशाला में अब 2,500 रूपए के स्थान पर 1,500 रूपए में जांच कराई जा सकेगी। घर से नमूना एकत्र करने पर 2,000 रूपए का भुगतान करना होगा। गुजरात में बीते 24 घंटे में कोरोना के रिकार्ड 1,364 नए मामले सामने आए। राज्य में अब कोरोना के कुल 1.17 लाख मामले हैं,जबकि सक्रिय मामले 16,294 हैं। छत्तीसगढ़ : राज्य में बुधवार को कोरोना के 3189 नए पॉजिटिव मामले सामने आए। छत्तीसगढ़ में अब कोरोना के कुल 73,966 मामले और 37,470 सक्रिय मामले हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों से 689 रोगियो के स्वस्थ होने के बाद अब तक कुल 30,611 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। केरल : राज्य सरकार ने बिना लक्षण वाले कोविड-19 प्रवासी मज़दूरों को काम करने की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना में सुधार करने का निर्णय लिया है। बिना लक्षण वाले प्रवासी मज़दूरों को विशेष जोन में काम करने की अनुमति देने वाले इस फैसले पर डॉक्टरों के खंड द्वारा विरोध करने के बाद विवाद खडा हो गया था। इस बीच लगातार पांचवें दिन विभिन्न राजनीतिक दलो द्वारा मंत्री के टी जलील के इस्तीफे को लेकर किए जा रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन जारी रहा। कई स्थानो पर पुलिस ने विरोधियो को तीतर-बितर करने के लिए लाठीचार्य और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। राज्य में कल एक दिन में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 3,830 मामले सामने आए। राज्य में 32,709 रोगियो का उपचार चल रहा है और 2,11,037 लोग निगरानी में हैं। केरल में कोरोना से अब तक 480 लोगो की मृत्यु हो चुकी है। तमिलनाडु : उच्च न्यायालय ने ई-पास प्रणाली को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। केंद्र सरकार के दिशा निर्देश में कहा गया था कि राज्य आवाजाही पर रोक न लगाए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार आंतरिक रिपोर्ट के एक भाग में राज्य के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कोविड-19 के आंकड़ों और रिपोर्ट में विसंगति पाई गई है। स्वास्थ्य सचिव ने इसके लिए दोहराई गई प्रविष्ठि को कारण बताया है। राज्य में कल कोरोना के 5,652 नए मामले सामने आए और 57 लोगो की मृत्यु हुई। राज्य में अब कोरोना के कुल 5,19,860 मामले हैं और 5,768 लोगो को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। चेन्नई में कोरोना के 983 नए मामले सामने आए हैं। कर्नाटक : मुख्यमंत्री श्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा है कि राज्य सरकार इस वर्ष विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के कार्यक्रमों के अंतर्गत कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए 39,300 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता देगी। बीबीएपी ने सरकारी आदेश के अनुसार 50 प्रतिशत बेड प्रदान न करने वाले 36 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया है। आंध्रप्रदेश : केंद्र सरकार द्वारा अनलॉक 4.0 दिशानिर्देश के अनुरूप राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही सरकार के संबंधित विभाग अपने क्षेत्र में स्कूल खोलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। केवल कंटेनमेंट क्षेत्र से बाहर के सार्वजनिक,निजी और सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थान ही खुलेंगे। करीब 50 प्रतिशत शिक्षक ऑनलाइन शिक्षण,टेली-काउंसलिंग,शिक्षा आदि में भाग ले सकते हैं। राज्य विधानसभा में अब तक 157 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें से 18 लोग बुधवार को संक्रमित हुए। तेलंगाना : राज्य में बीते 24 घंटे में कोरोना के 2159 नए मामले सामने आए,2108 लोग स्वस्थ हुए और 9 लोगो की मृत्यु हुई। 2159 मामलो में से 318 मामले जीएचएमसी में मिले। राज्य में अब कोरोना के 1,65,003 कुल मामले हैं। 30,443 सक्रिय मामले और 1005 लोगो की मृत्यु हो चुकी है। 1,33,55 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। कोविड-19 के प्रसार के बीच विधान परिषद सदस्यों,विधायको,विधानसभा कर्मचारियों और पुलिसकर्मियो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेलंगाना विधान परिषद और विधानसभा के मानसून सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
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अब हम नूतन बंग प्रणाली से परिचित हो गये हैं जो वस्तुतः बंगाल से स्फूर्ति ग्रहण करनेवाली चित्रकला की नवीन भारतीय प्रणाली है। इसमें श्रजन्ता की किचित् सुगन्ध है। इसकी प्रत्यन्त पार्थिव मूर्तियाँ भी तुरन्त आकाश से उतरी प्रतीत होती हैं। इसने संसार की चित्र-शाला में एक स्थान प्राप्त कर लिया है। विज्ञान में जगदीशबसु ने, अपनी जातीय भावना के अनुकूल कार्य करके जीवन के ऐक्य का प्रदर्शन किया। दूसरे स्थानों में विज्ञान जीवननाशक सूत्रों का अन्वेषण कर सकता है; भारत में वह केवल जड और चेतन - स्थिर और जंगम - वस्तुओं को एकता का प्रदर्शन कर सकता है । इतने उदाहरण काफ़ी हैं। जो कुछ भारतीय भावना से स्फूर्त और अनुप्रा तथा वह थोड़े अरसे में फलदायक-सृजनात्मक हो गया । पर राष्ट्रीय जीवन के जिन अगों ने विदेशी पकड़ से अपने को मुक्त नहीं किया, उनकी न केवल बाढ़ मारी गई बल्कि वे बंजर सिद्ध हुए। स्थापत्य ( भवननिर्माण कला ) का ही एक उदाहरण लीजिए : सरकार भारतीय राजाओं और बड़े ज़मींदारों की कोशिशों के बावजूद ब्रिटिश आगमन के पश्चात् दक्षिण के मन्दिरों और ताजमहल के देश में एक भी ऐसी इमारत न खड़ी की जा सकी जो वास्तव में देखने योग्य हो । पास के विक्टोरिया मेमोरियल को देखने मात्र से यह बात मालूम हो जाती है। नई दिल्ली तो एक मूर्तिमान कलंक है । भूखों मरते कृषकों को चूसकर एकत्र किये धन से कठपुतली राजाओं द्वारा बनवाये हुए पाश्चात्य प्रणाली के ग्राम्यभवन ( 'विला' ), जिन्हें ग़लती से महल कह कर पुकारा जाता है, विकृत आधुनिक रूचि का प्रदर्शन करते हैं। प्रत्येक वस्तु खर्चीली होते हुए भी भद्दी है । इसलिए अगर हमें कोई महान कार्य कर दिखाना है तो हमें पहली क्रान्ति से नाता तोड़ना और दूसरी क्रान्ति में अपने को डालना होगा । इधर राजनीति आगे आई हैं और उसने हमारा ध्यान खींच लिया है । हमने मुग्धभाव से आशा की थी कि सरकारें मानवी सुख को बहुत थोड़े अंश में बना और बिगाड़ सकती हैं, लेकिन हमें जल्द ही मालूम हो गया कि सरकार के रूप और गठन पर ही हमारे समाज की नींव का आधार है; और यह भी कि यदि हमारी संस्कृति को जीवित रहना और फलदायक होना है तो स्वतंत्र, देशी, राजनीतिक संस्थाओं की सहायता उसे मिलनी हो चाहिए । इसलिए यह स्वाभाविक था कि राजनीतिक समस्या इतना ज्यादा ध्यान खींचती । राजनीतिक जागरण की आयु लगभग आधी सदी है। वह विदेशी स्फूर्ति से, विदेशी नमूनों पर शुरू हुआ, जिन्हें न हम समझते थे । न श्रात्मसात् - हज़म - कर सकते थे। परिणाम यह हुआ कि बड़े दिन की छुट्टियों में, जब उनकी अदालतें बन्द रहती थीं, चंद दिनों के लिए विद्वान् और महत्वाकाक्षी वकीलों की एक सालाना जमघट हो जाती थी । वे वर्क और शेरिडन के साँचे पर अपनी वक्तत्व-पटुता प्रदर्शित करते और कभी अपने विदेशी प्रमुओं की, जिनकी सृष्टि वे थे, निन्दा करते, कभी प्रशंसा । वे कुछ प्रस्ताव पास करते और फिर अगले साल बड़े दिन में मिलने का निश्चय कर अपने स्थानों को लौट जाते। इनमें से कुछ जो ज़्यादा उत्साही थे और जिन्हें ज्यादा फुर्सत थी, खिलौनों - सी बौसिलों में सीचें देते श्रौर अॅग्रेज जन-मत के सामने अपने प्रभुओं को अपराधी क़रार देने के लिए तथ्योड़ों का संग्रह करते थे। उन्हें बड़ी उम्मीद रहती थी कि यदि उनके बोलते हुए वाक्य काँग्रेस के परदे को मेद कर समुद्र के पार के लोकतंत्र तक पहुँच जायें तो फिर सब कुछ ठीक हो जायगा । उदारदल के उन राजनीतिज्ञों के भाषणों से भ्रम में पड़कर, जो दल के कामों में प्रयुक्त अपने नारों के तार्किक निष्कर्षों को भी नहीं समझते थे, और वस्तुतः छद्मवेशी साम्राज्यवादी थे, हमारे नेता सोचते थे कि अभिलषित वस्तु को पाने के लिए उनका ज़ोर से औौर देर तक चिल्लाना ही काफ़ी है। ब्रिटिश लोकतन्त्र और (ब्रटिश उदारवाद ( लिबरलिज्म ) में उनकी बच्चों - सी श्रद्धा थी । कभी-कभी तो वह दयनीय मालूम पड़ती थी । स्वभावतः इसकी प्रतिक्रिया हुई और काँग्रेस में एक राष्ट्रवादी दल पैदा हो गया । भिक्षा नीति का विरोध करके और सरकार की अधिक तेज और स्पष्ट निन्दा करके इस दल ने विशेषता प्राप्त कर ली। उसने सर्वसामान्य जनता में जाने और एक कार्य योजना का पालन करने की बातें कीं, यद्यपि उन्हें कभी कार्य रूप में परिणत नहीं किया। दोनों दल समानरूप से महत्वपूर्ण थे । पर वे युवकों की बढ़ती हुई माँगें पूरी नहीं कर सकते थे, न बढ़ते हुए सामान्य असन्तोष को ही, जो निराशा की सीमा पर पहुँच चुका था, दूर कर पाते थे। युवकों की निराशा में बदले की, प्रतिहिंसा की आकांक्षा भी मिल गई । यह प्रतिहिंसा की भावना कुछ तो सब प्रकार की उचिंत राजनीतिक कार्रवाइयों के क्रूर दमन से पैदा हुई थी, और कुछ आतंकवादी प्रणालियों में विश्वास होने के कारण । परिगाम स्वरूप प्रातकवादी राष्ट्रवादियों - जिन्हें श्रमवश एनारकिस्ट नाम से पुकारा गया का एक गुप्त दल संघटित हो गया। एनार्किज़्म या अराजकता वाद जीवन का एक तत्वज्ञान है जिसके साथ क्रोपाट किन, टालस्टाय और थोरो - जैसे सम्मानित नाम जुड़े हुए हैं जिन्हें बमो और पिस्तौलों से कोई विशेष मतलत्र न था। लेकिन श्रौसत नौकरशाह इस बात को बहुत कम समझता था और उसके सामने इत्या अथवा हत्या के प्रयत्न के अपराधी रूप में उपस्थित कथित अराजकतावादी की भी वही स्थिति थी । ये तीनों राजनीतिक टुकड़ियाँ राजनीतिक आन्दोलन के पश्चिमी नमूनों को मानती हैं, पहली साफ-साफ़ मानती और कहती है; इसके प्रतिकूल दूसरी दो तीव्र विरोध करते हुए स्वीकार करती हैं। पहली ने झुककर गुरु को प्रणिपात किया; दूसरी दो ने घोर शत्रुता के रूप में पश्चिम के प्रति अपना अनुराग प्रकट किया। मानव मनोविज्ञान के अनुकूल हिंदू धर्म शत्रुता और घृणा को भी पूजा-उपासना - का एक रूप और श्रेष्ठता के प्रति छूट ( 'कनसेशन' ) समझता है। ये विदेशीपन से भरी बाढ़ें (विकास क्रियाएँ) ज्यादा दिन न चल सकती थीं । एक की प्रभावहीनता ने राष्ट्र को उत्तेजित कर दिया । और दूसरी दो अपने विनाशात्मक कार्यक्रम के कारण राष्ट्रीय समस्या को हल करने में स्वयं अपनी असमर्थता तेजी से सिद्ध करते जा रहे हैं। उन्होंने अपना थोड़ा-सा काम कर दिया और विघटन की स्थिति में हैं। पर सौभाग्य-वश राजनीति में एक कहीं अधिक सच्चा राष्ट्रीय आन्दोलन चल पड़ा है। उसके दावों की किंचित् विस्तार से परीक्षा करना हमारे लिए उचित होगा । इस समय सन्त्र प्रकार की ईर्ष्या-द्वेष तथा पूर्व कल्पित विचारों को छोड़कर हम एक विद्यार्थी की भाँति बैठकर इस पर विचार करें । राजनीतिक क्षेत्र में गांधी जी के आगमन के साथ भारत में राजनीतिक कार्य के उद्देश्यों, प्रयोजनों और साधनो में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए। यद्यपि वह वृन्हीं पुरानी संस्थाओं के जरिये काम करते हैं फिर भी हर एक चीज़ बदल जाती है। पहले राजनीति को शेष जीवन से अलग एक कार्य समझा जाता था। धर्म, नीति-सदाचार - प्रौर सामाजिक जीवन से वह कटकर अहो गई थी। नीति के साथ उसका नाम - मात्र का सम्बन्ध था। वह एक ऐसा विभाग बन गई थी जिसका शेष जीवन से अलग रहकर और अभ्यास किया जा सकता था । गांधी जी के लिए तो समग्र जीवन एक था, इसलिए राजनीतिक कार्य का सदाचरण -नीति- से, समाज-सुधार, अर्थनीति और सामान्य हितकर कार्यों से घनिष्ठ सम्बन्ध था । इन सभी का प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ एक-दूसरे पर होती थीं। कभी-कभी राजनीतिक कार्रवाई के लिए सामाजिक, नैतिक या आर्थिक सुधार पर बहुत ज़्यादा जोर देना आवश्यक प्रतीत होता था। पहले समय में बंगाल, मद्रास या महाराष्ट्र के एक राष्ट्रवादी के लिए यह संभव था कि वह राजनीति में उम्र और सामाजिक मामलों में प्रतिगामी हो। इस प्रकार के विरोधाभास आज अतीत की वस्तु हो चुके हैं। पहले ज़माने में सिर से पैर तक नवीनतम विदेशी फैशन और पोशाक से सजे एक लिवरल के लिए कांग्रेस प्लेटफार्म पर खड़े होकर स्वदेशी का उपदेश देना सम्भव था । अपने पेट में चंद घ्याले૧૨ उडेलने के बाद भी उसके लिए प्रथम कोटि का नेता होना बिल्कुल संभव था। उसकी जीवन-विधि और कार्य राष्ट्रीय महासभा में उच्चतम पद पाने में बाधक नहीं थे। यह सब बदल गया है। गांधी जी की शिक्षाओं से हम समझ गये कि इस ब्रिटिश राज की अपनी कोई अन्तःशक्ति नहीं है बल्कि वह हमारी राष्ट्रीय और निजी दुर्बलताओं ऊपर खड़ा है । यह हमारी कमजोरियो और पापो पर फलता-फूलता है । इसलिए उससे लड़ने का सबसे उम्दा तरीका यह है कि हम श्रात्म-शुद्धि और संस्था में सुधार करे । स्वतंत्रता का आन्दोलन हमारी आत्म-सुधार की चेष्टा के साथ-साथ चलना चाहिए। हम अपनी स्वदेशी के लिए स्वराज को स्थापना और उसके फल-स्वरूप स्वदेशी चीजों की रक्षा के लिए विदेशी चीज़ो पर लगानेवाले कर की प्रतीक्षा करने न बैठेंगे । हम आज भी आत्मत्याग का ऐसा नियम अपने ऊपर लागू कर सकते हैं जो उद्योग-धन्धो के लिए सहायक हो सके । मादक द्रव्यहीन भारत के लिए हम शक्ति परिवर्तन तक प्रतीक्षा न करेंगे बल्कि अपने उदाहरण और शान्तिमय पिकेटिंग से उसे उत्पन्न करेंगे। यही बात असपृश्यता, हिन्दू-मुस्लिम एकता, राष्ट्रीय शिक्षा और ग्राम पंचायतों के बारे में कहीं जा सकती है। मोरियों की आवश्यक सफाई के लिए हम स्वराज्य के आगमन तक प्रतीक्षा न करेंगे। हमें तो अविलम्ब कार्य शुरू कर देना होगा और यह कार्यं राष्ट्रीय जीवन के सम्पूर्ण क्षेत्रों में फैला होगा। निश्चय ही कुछ लोग कहेंगे कि गांधी जी के पहले भी ये विचार थे। बंगाल और पूना के राष्ट्रवादियों के पुराने कार्यक्रम में इस तरह की कुछ बातें थीं । अन्वेषण के क्षेत्र में गांधी जी की प्राथमिकता सिद्ध करने से मुझे कोई सम्बन्ध नही । अगर मैं सिर्फ़ यह दिखा सकूँ कि वह जनता के सामने उसे कहीं ज़ोर के साथ लाये हैं और इस बात की चेष्टा की है कि हर क्षेत्र में कुछ संघटित रचनात्मक कार्य हो तो मेरी बात सिद्ध समझनी चाहिए। यदि राष्ट्र ने उनकी प्रणाली में कुछ अधिक श्रद्धा प्रदर्शित की होती, उनकी सहायता की होती और ज्यादा वफादारी के साथ उनकी बातों का पालन किया होता तो पिछले दस वर्षों में जो कुछ संभव हो सका है उससे कहीं अधिक काम होता। पर जैसा है उसमें भी विशाल परिवर्तन हुए हैं। यह बात जैसी उन लोगों क सामने स्पष्ट होगी जिन्हें सहयोग आन्दोलन के पूर्व कोई गंभीर राजनीतिक काम करने का सौभाग्य या दुर्भाग्य प्राप्त हुआ है वैसी नई पीढ़ी के लोगों के सामने स्पष्ट न होगी । दूसरा परिवर्तन जो हुआ है, राजनीतिक आन्दोलन के उद्देश्यों के विषय में है। आज उद्देश्य शासनाधिकारियों में परिवर्तन करना नहीं है, केवल राजनीतिक सत्ता को हस्तान्तरित करना भी नहीं है, न केवल विदेशी को निकाल बाहर करना है बल्कि जनता द्वारा और जनता के लिए, जनता की सरकार कायम करना है। जनता से गांधी जी भूखे-तंगे, दलित ढरिद्रनारायण का अर्थ लेते हैं-उन डूबे हुए और अस्पृश्यों का अर्थ लेते हैं जो हमें अपनी दृष्टि से हर जगह लज्जित करते हैं। जो आदमी गाधी जी या उनके आन्दोलन के साथ शामिल होते हैं उनको अपनी वाणी और आचरण से गरीबों के प्रति एकता प्रदर्शित करनी पड़ती है - उनके साथ एक होना पडता है; यह बात शाही मोतीलाल और लक्षाधिपति जमनालाल से लेकर मामूली स्वयंसेवक तक पर लागू होती है; हाँ, प्रत्येक को अपनो शक्ति और अपनी श्रद्धा के अनुसार वैसा आचरण करना पडता है । उन्होने ( गांधी जी ने) हमें सिखाया है कि जिनको नेतृत्व करना है उन्हें गरीबों की सेवा का व्रत लेना ही पड़ेगा और बिना ग्वाद के, सब को गरीबों की पोशाक --खादी पहननी पडेगी। गांधीजी ने वाणी पर आचरण को महत्व दिया है, और अपने कठोर संयम के जीवन द्वारा हम सबको यात्म शुद्धि का पाठ सिखाया है। सच पूछें तो पहले काग्रेस का कोई लक्ष्य - 'क्रीड' - नहीं था। उन्होंने उसे एक लक्ष्य और कार्यक्रम दिया और अपने देश-बन्धुओं को दोनों के प्रति ईमानदार सैनिक होने का आह्वान किया। उन्होंने देश के राजनीतिक
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वर्ष 2021 में बॉलीवुड दिग्गज अभिनेत्रियों का क्या रहा है हाल। पेश है साल भर का लेखा-जोखा। कैटरीना कैफ के लिए 2021 ऐसा साल रहा जिसे वे जिंदगी रहने तक याद रखेंगी। विक्की कौशल के साथ उन्होंने 9 दिसम्बर को 7 फेरे ले लिए। इसी वर्ष उनका नाम विक्की से जोड़ा जाने लगा, जिसे फैंस ने अफवाह माना। पर कैटरीना सीरियस थी। मीडिया के सामने उन्होंने इस बारे में कभी बात नहीं की और फिर शादी कर सभी को चौंका दिया। साथ कैटरीना की फिल्म सूर्यवंशी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। हिंदी फिल्मों का सर्वाधिक कलेक्शन सूर्यवंशी के नाम पर है। भुज द प्राइड ऑफ इंडिया में सोनाक्षी सिन्हा नजर आईं। फिल्म तो बकवास थी ही, सोनाक्षी का रोल भी बहुत कमजोर था। सभी हैरान थे कि यह फिल्म सोनाक्षी ने आखिर क्यों की? तापसी पन्नू इसी शर्त पर काम करती हैं कि उनका रोल दमदार है और खास बात यह है कि उनकी यह शर्त मानी जाती है। इस साल रश्मि रॉकेट में तापसी ने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीता। हसीन दिलरूबा नामक थ्रिलर मूवी भी की। एनाबेल राठौर नामक दक्षिण भारतीय फिल्म में भी वे नजर आईं जिसे डब कर रिलीज किया गया। ये सभी फिल्में ओटीटी पर ही डायरेक्ट रिलीज हुईं। कृति सेनन की दो फिल्में रिलीज हुईं- मिमी और हम दो हमारे दो। दोनों ही फिल्मों ने एक एक्ट्रेस के रूप में उनकी ख्याति को बढ़ाया। खासतौर पर मिमी में उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की और यह उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। प्रियंका चोपड़ा अब भारत में कम ही समय बिताती हैं। नेटफ्लिक्स पर उनकी 'द व्हाइट टाइगर' आई जिसमें उन्होंने अपनी एक्टिंग स्क्ल्सि से सभी को इम्प्रेस किया। इसके अलावा वे The Matrix Resurrections में भी नजर आईं। कंगना रनौट अपने बड़बोलेपन के कारण चर्चित रही। जो मन में आया कह दिया। इसको लेकर हंगामा भी हुआ। कंगना को नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन वे बाज नहीं आईं। फिल्मों का जहां तक सवाल है तो वे 'थलाइवी' में जयललिता के किरदार में दिखाई दी और उनका अभिनय हमेशा की तरह शानदार रहा। विद्या बालन ने फिल्म शेरनी में विद्या विंसेंट की भूमिका अदा की थी और उन्होंने यह रोल बेहतरीन तरीके से अदा किया। इस उम्दा अभिनय के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिल सकते हैं। दीपिका पादुकोण 2021 में खास एक्टिव नहीं रही। फिल्म '83' में कपिल देव की छोटी सी भूमिका उन्होंने अदा की। भूत पुलिस में जैकलीन नजर आईं, लेकिन इस फिल्म से ज्यादा चर्चा वे अपने और सुकेश चंद्रशेखर के रिश्ते को लेकर रही। इस नजदीकी के कारण वे मुसीबत में हैं। फिल्म शेरशाह में कियारा नजर आईं जो कि ओटीटी पर खासी पसंद की गई। छोटे किंतु महत्वपूर्ण रोल में कियारा का काम सराहा गया। सिद्धार्थ मल्होत्रा से नजदीकियों के कारण भी वे सुर्खियां बटोरती रहीं। परिणिती की तीन फिल्में 'द गर्ल ऑन द ट्रेन', 'संदीप और पिंकी फरार' तथा 'साइना' रिलीज हुईं। तीनों फिल्मों में परिणिती ने बेहतरीन एक्टिंग का नमूना पेश किया, लेकिन ये बात खास नोटिस नहीं की गई और उतनी चर्चा परिणिती को नहीं मिली जितनी मिलना चाहिए थी। रूही फिल्म में जान्हवी कपूर को कुछ कर दिखाने का अच्छा अवसर मिला था, जिसका वे फायदा नहीं ले पाईं। फिलहाल उनका करियर रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है और सोशल मीडिया पर ही वे एक्टिव हैं। बेलबॉटम में वाणी कपूर को वैसा ही छोटा और महत्वहीन रोल मिला जैसा कि उन्हें ज्यादातर फिल्मों में मिलता आया है, लेकिन 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में उन्हें अच्छा मौका मिला जिसका फायदा उठाते हुए वाणी ने दिखा दिया कि वे एक्टिंग करना भी जानती हैं।
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ईलेक्स! उनके जाने के बाद, एक भी बच्चा नहीं बचा था। बस योद्धा थे। मैं अपने इस ज़ख्मी शरीर के साथ आगे बढ़ती रही। मैं अपनी ज़िंदगी से तीन गुना ज़्यादा ज़िंदा रही हूँ। जब तक मेरा बदला पूरा नहीं हो जाता। उन्होंने मुझे दूसरा तोहफ़ा भेजा। "इनविक्टस"? यह एक प्रार्थना की तरह कक्षा में पेश हुआ। उन्होंने यह मिशन रचा था। तुमने देखा तुम्हारे लोगों के साथ क्या हुआ। साम्राज्य ने तुम्हारी आधी दुनिया का विनाश कर दिया। तो पूरे आउटर रीच को सहना पड़ेगा। बदला लेना तुम्हारी समझ से परे है, है ना? मुझे मानव जाति की परवाह नहीं है। यह जहाज़ मेरी आवाज़ बनेगा। तुम मुझे इसका अगला जम्प नेविगेट करने में मदद करोगी। और इसकी शुरुआत तुम्हारी माँ से होगी। तुम पहले ही अपने पिता का बलिदान दे चुकी हो। तुम उनका बलिदान नहीं होने दोगी। समझौता सरल है, वॉर्डन। तुम्हारा क़ीमती फ़ाउंडेशन बच जाएगा। थोड़े अतिरिक्त समय के लिए क्याक्या कर सकता है? तुम कब से ऐसा कर पा रही हो? जहाँ तक मुझे याद है, बहुत समय से। ज़्यादातर समय यह बस एक एहसास होता है। कई बार, यह सपनों में दिखता है। मैं एक लहर के बारे में सपना देखती थी। और उसके साथ बह जाती थी। मेरे परिवार, मेरी पूरी दुनिया को तबाह कर देगी। मैं उस सपने से कभी छुटकारा नहीं पा सकी, हैरी। यह मुझे बहुत परेशान करता था। इसलिए मैंने ख़ुद को गणित सिखाया। ताकि किसी तरह से इस समस्या से बच सकें। लेकिन मुझे कोई हल नहीं मिला। कि यह एक सपना नहीं, बल्कि एक पूर्वाभास था। जिसकी वजह से तुम गणित से आगे हो। इसलिए तुम अब्रैक्सस हल कर पाई थी। मैंने बहुत लगन और मेहनत से अब्रैक्सस हल किया था। हाँ, मैं कह रहा हूँ कि तुम असाधारण हो। तापमान बढ़ रहा है। मलबे के क्षेत्र में प्रवेश करते समय के घर्षण की वजह से। जहाज़ के रेडिएटर धीरेधीरे गर्मी को कम कर देंगे। शुरू हो रही है। स्थिर हो रही है। आप हेलिकॉन क्यों जा रहे हैं, हैरी? आप और रैश क्या करने की योजना बना रहे थे? मैं तुम्हें पहले ही बता चुका हूँ। नहीं, मैंने एक अनुमान लगाया जिसे आपने नकारा नहीं। क्योंकि तुमने सही थी। क्या आप अभी भी मुझसे जानकारी छिपाना जारी रखेंगे? कि मुझे शुरू से ही ऐसा करना चाहिए था। इसका क्या मतलब हुआ? उसके रास्ते से पूरी तरह भटका सकता है। देखो तुम्हारे और रैश के साथ क्या हुआ। तुम यहाँ हो, वह यहाँ नहीं है। मेरे कहने के तरीका सही नहीं था। मैंने ग़लत बात कह दी। मानव जाति का ज़िंदा बचना आधारित है। मुझे लगा था हमारा ज़िंदा बचना फ़ाउंडेशन पर निर्भर करता है। हाँ, कुछ हद तक। जब उसकी सहयोगी संस्था भी स्थापित हो। तो यह दूसरा फ़ाउंडेशन है। यहाँ, स्टार्स एंड पर। हेलिकॉन पर। थेस्पिन गणराज्य को एक मदद के लिए संदेश भेज रहा हूँ। एनेक्रियन गतिविधि की रिपोर्ट देनी है। क्या कोई मुझे सुन सकता है? क्या कोई मुझे सुन सकता है? क्या कोई मुझे सुन सकता है? ले जाने के लिए चक्राकार को डिज़ाइन किया गया है। महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम कर रहे हैं। अकार्बनिक उपकरणों को यहीं छोड़कर जाना होगा। और आपके शाही नैनोबॉट्स। थकान का अनुभव होगा मैं समझता हूँ। किसी अन्य व्यक्ति से मदद मिल सकती है। यानी अगर वह बस एक घुटने के बल गिरा है तो। तो यह आत्मसमर्पण का इशारा है। या फिर उसे हार मानकर मौत स्वीकार करनी होगी। आधे से भी कम उसके केंद्र तक पहुँच पाएँगे। वहाँ, वे एक पवित्र गुफ़ा, मदर की कोख में प्रवेश करेंगे। कोख के अंदर पानी है। एक अनोखी प्रतिक्रिया पैदा करता है। आपको एक आभास दिया जाएगा। ज़ेफ़िर का एक समूह समझाएगा कि आपने क्या देखा है। अन्य तीर्थ यात्रियों ने क्या देखा है? हर आभास अनोखा और बहुत व्यक्तिगत होता है। मैं हैरान हूँ कि वे सभी खाने के बारे में बेसुध नहीं हैं। नैनोबॉट निकालने का काम पूरा हुआ। यह दाँव आपको गंभीर ख़तरे में डाल देगा, सम्राट। उससे बस आपके आलोचकों की हिम्मत बढ़ेगी। मैं अंत तक पहुँच जाऊँगा। अपना नमक वाला ब्रेसलेट मुझे दो। मैं इसे ले जा रहा हूँ। ऐसा लगेगा जैसे तुम वहीं मेरे साथ हो। जैसे तुम हमेशा से रही हो। विश्वास के साथ। धीरेधीरे चलो। ये चक्राकार का मध्य हिस्सा हमें बहका सकता है। जैसे हम बहुत आगे आ चुके हैं। ध्यान रहे कि आप थोड़ी ताक़त बचाकर रखते हैं। पहले कर चुके हैं? कई लोगों से मैंने बात की है। कोई उपयोगी सुझाव हैं देने के लिए? इसे आसान नहीं बनाया जा सकता। यही तो बात है इस यात्रा की। बस एक जैसी गति से चलो। एक पैर के आगे दूसरा पैर रखो। त्रिदेवी आपको रास्ता दिखाएँगी। क्या इन लोगों ने उनके आभास के बारे में बताया? चारों ओर का नमक घूमने और खिसकने लगा। उसने आज तक नहीं देखी थी। आप कहाँ से हैं? बैल्टोरस। आप? निशाया। निर्माण ग्रह। नहीं बनाया जा सकता, हम वही बनाते हैं। ख़ास प्रकार के कपड़े। कुछ तरह की सिरामिक परतें जो सम्राट को पसंद हैं। और, ख़ैर, प्रदूषण उसमें बस मिल जाता है। वह कोहरा। तब तक उनके तीन बच्चे हो चुके थे। क्या आपने इनमें से किसी एक कारखाने में काम किया था? नहीं। मैं कूली था। जम्पशिप में बक्से चढ़ाता था। शानदार मशीनें हैं, है ना? ओह, ज़रूर। मैं कभी जम्पशिप में नहीं बैठा था। मेरी यात्रा बुक करने के लिए कर दी। बैल्टोरस से? आपने भी वहीं से ली होगी। हाँ। मेरे लिए भी पहली बार था। आकाशगंगा के एक सिरे से दूसरे सिरे तक। जिसकी मुझे सच में ज़रूरत थी। मुझे उम्मीद है आपको भी ऐसा ही लगता होगा। द्वितीय फ़ाउंडेशन? आलोचना आकर्षित करने के लिए बनाया गया था। प्रथम फ़ाउंडेशन से भी। क्यों? इसका उद्देश्य क्या है? तो मैं हेलिकॉन नहीं जा रही हूँ। बेहूदा बात मत करो, गैल। मेरे पास हेलिकॉन पर संसाधन हैं। सहयोगी हैं। हम उनका अध्ययन कर सकते हैं। उनका फ़ायदा ले सकते हैं। अपना इस्तेमाल अब और नहीं होने दूँगी। मुझे जाना है। अभी। या मैं जैसे आई थी, वैसे ही चली जाऊँगी। तुम कहाँ जाओगी? टर्मिनस पहुँचने में दशकों लगेंगे। ट्रैंटर? सम्राट तुम्हें निर्वासित कर देंगे। उसके अलावा भी कई और दुनियाएँ हैं। मेरी माँ ने मुझे उनके नाम सिखाए थे। आपने मुझे बताया था कि मेरा अंतर्ज्ञान मायने रखता है। ख़ैर, वह मुझ से कह रहा है। दरवाज़ा खोलिए। तुम ठीक से नहीं सोच रही हो। मुझे मत बताइए कि मैं क्या सोचती हूँ। खोलिए इसे। खोलिए इसे! खोलिए! दरवाज़ा खोलिए! अभी हार मत मानो, बेटा। हम करीब हैं। हाँ। तीस… नहीं, 29 मिनट बचे हैं अगले जम्प में। साम्राज्य तुम्हारे बाकी लोगों की हत्या कर देगा। और इस बार यह आधीअधूरी कोशिश नहीं होगी। वे सबको मार देंगे। उन सबको भुला दिया जाएगा। लेकिन एनेक्रियन बच्चे आज भी पैदा हो रहे हैं। तुम्हारा भी एक बच्चा है, है ना? एक छोटी सी बेटी। लगता है छोटी सी बेटी है। तुम यह कैसे कर रही हो? फ़ैरा ने तुम्हें नहीं बताया? मैं लोगों को आसानी से समझ सकती हूँ। उसके अंदर मुझे बस खालीपन दिखाई दिया। लेकिन मुझे तुम में शंका दिखाई देती है। एनेक्रियन के लिए अभी भी एक भविष्य संभव है। ऋण चुकाने का बेहतर तरीका नहीं है? छुप जाओ! जैसेंटा? कमबख़्त यह जहाज़। रोवन। यह एक बग़ावत थी। बंदूक ताक कर रखी होगी। तुम। तुम इसका ध्यान खींचो ताकि मैं इसे निष्क्रिय कर दूँ। अगर तुम चूक गई तो? तो तुम मर जाओगी। समय बीतता जा रहा है, वॉर्डन। किस्मत से अच्छा निशाना लगा। तुम किस्मत पर भरोसा करती हो, मैं हुनर पर। एक और बाधा। तुम्हें पता है क्या करना है। झुक जाओ! लुइस! चलो। उन्हें दरवाज़ा खोलकर यहाँ आने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा। दरवाज़े को ओवरराइड करो। हमारे पास समय कम है! कप्तान ने खुद को मार दिया। जैसे, कार्यकारी अधिकारी? क्या उसे उसके बेस में से किसी ने धोखा दिया था? एक्सो का मतलब ""बाहर से" भी होता है। आकाशगंगा के बाहर से? तुम्हें लगता है कि उन्हें वहाँ कुछ मिला है? अलगअलग वर्क पॉड्स। इनमें से एक नेविगेशन नियंत्रित करता है। अगले जम्प की दिशा बदलने का एक मौका होगा। हथियार? हथियार नहीं है। प्रणोदन। समान फिर से भरने के लिए वे बहुत दूर जा चुके होंगे। और दूर जम्प करते रहे। चेतावनी। 20 मिनट में ट्रांसस्पेशियल इवेंट शुरू होगा। ट्रांज़िट प्रोटोकॉल शुरू करें। अब मुझे समझ आया। क्या, रोशनी क्या हैं? ट्रांज़िट प्रोटोकॉल? इस जहाज़ में कोई स्पेसर्स नहीं है। जम्प से पहले खुद को बेहोश करना पड़ा होगा। जगह तक पहुँचने के लिए कितना समय है। हमारे पास समय बहुत कम है। उधर। यही है। नेविगेशन नियंत्रित करने की जगह। ताकि वे जम्प नेविगेट कर सकें। उतना ही अंतर्ज्ञान है जितना कि विज्ञान। यह एक इच्छा माँगने जैसा है। जो केवल एक जीवित दिमाग पूरी कर सकता है। लेकिन इन आम मनुष्यों के पास वह लाभ नहीं था। इन्हें सीधे जहाज़ से जोड़ा गया था। उसे गोली मारी गई थी। जहाज़ उसे ढूँढ रहा था। अपने आप नेविगेट नहीं कर सका। क्या कोई ऑपरेशन के बिना इससे जुड़ सकता है? क्या इंटरफ़ेस सही न्यूरॉन्स की तलाश नहीं करेगा? ओह, हाँ। शायद। लेकिन वे ज़्यादा देर तक ज़िंदा नहीं रहेंगे। जम्प नियंत्रित करने तक? यह सुनिश्चित करने के लिए कि फ़ाउंडेशन ज़िंदा रहे? खाली अंतरिक्ष में एक जम्प? यह तो मौत की सज़ा होगी। तो यह बाहरी व्यक्ति हो तो अच्छा है। पता लगाने में मदद करो कि यह कैसे होगा। लेकिन खाली अंतरिक्ष में नहीं। मैं इस जहाज़ को अपने घर, टर्मिनस ले जाऊँगी। यह आपसे बात करना चाहता है, लेफ़्टिनेंट। लेफ़्टिनेंट फ़्रीस्टोन, एक समस्या है। वहाँ पर वह चीज़ है? जिससे लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है। और आख़िरकार बेहोश हो जाते हैं। आपकी शिकारिका ने इसके प्रभावों का अनुभव किया। इस तरह मेरी बेटी उसे पकड़ पाई थी। लेकिन इसके आसपास का क्षेत्र बड़ा होता जा रहा है। हमें यह जगह खाली करनी होगी। यह कोई चाल नहीं है। कि आप किस ग्रह से हैं। तो यह हम सभी पर हावी हो जाएगा। आपको बाड़ को हटाना होगा। मदर मुझे बुला रही है। नहीं। तुम में अभी भी ताकत है। नहीं। ताकि वे तुम्हारी देखभाल कर सकें। तुम यहाँ यूँ ही नहीं मर सकते। मैं कहीं और मरना कैसे चुन सकता था? एक शांतिपूर्ण बदलाव। एक पवित्र ज़िंदगी में। अगर कोई और ज़िंदगी न हुई तो? क्या होगा अगर यह बस अंत हो? शायद हम फिर मिलेंगे। तुम मुझे बता सकते हो कि तुमने क्या देखा। और क्रोन के प्रतिनिधियों के सामने खड़े हैं। चक्राकार पर चलने वाले सभी लोग हमें प्रिय हैं। हमें बताइए, आपको कोख के अंदर क्या अनुभव हुआ? नमक हिलने लगा। और घूमने लगा। पहले धीरेधीरे, फिर तेज़ी से। यह गुफ़ा के फर्श से ऊपर उठा। धारण कर लिया। मुझे चिंता हुई कि मैं यह कल्पना कर रहा था। लेकिन वह सच था। आप बर्थरूट फ़्लावर की पौराणिक कथाओं से परिचित हैं? नहीं। मैडन को बर्थरूट्स से ढँक दिया गया था। ज़िंदगी को बनाए रख सकती है। सदियाँ बीतती गईं और फूल धीरेधीरे मर गए। हमने उन्हें यहाँ हज़ारों सालों से नहीं देखा है। इसका क्या मतलब है? एकबीजपत्री के अंकुर से अंकुरित होते हैं। दूसरे शब्दों में, एक तत्व से तीन तत्व बने। बिलकुल मेरे भाइयों और मेरी तरह। और त्रिदेवियों की तरह भी। यह एक पवित्र आभास है, सम्राट। किसी ने करने की कभी हिम्मत नहीं की। बेशक आपकी आत्मा ऐसी नहीं है जो बदलने में असमर्थ हो। कोशिश करने के लिए एक पाप का दोषी होगा। आपके खिलाफ़ खड़ी नहीं होगी। तुम अपनी ताक़त बर्बाद कर रही हो। मलबे के क्षेत्र से गुज़रने तक तुम आराम करो। अभी तापमान क्या है? अड़तीस डिग्री। 41 के आसपास पहुँचना चाहिए। और अगर वह वहाँ तक नहीं पहुँचा तो? तुम क्या कर रही हो? चुप रहिए। बस चुप रहिए। गैल। विकट तापमान तक पहुँच रहे हैं। गर्मी ट्रांसफर करने की प्रणाली शुरू हो रही है। गैल। स्थिर हो रहा है। कोई और आधा सच नहीं चाहिए। या मैं इस यात्रा को अभी ख़त्म कर दूँगी। मैं सच कह रही हूँ, हैरी। उसके विनाश करने का जोखिम उठाता हूँ। मुझे बताओ! रुको! रुको! रुको! मुझे अब परवाह नहीं है! यह क्या किया तुमने? मैं ज़िंदा उबल जाऊँगी। वे कहते हैं कि जानकारी को नष्ट नहीं किया जा सकता है। तो शायद आप बच जाएँगे। लेकिन मैं पक्का नहीं बचूँगी। आप क्या चुनेंगे, हैरी? या तो मुझे जलते हुए देखिए या मुझे आज़ाद कीजिए। प्रोग्राम कर सकता हूँ जहाँ मैं इसे ले जाना चाहता हूँ? आपको मेरी ज़रूरत नहीं है, हैरी। आपको कभी मेरी ज़रूरत थी ही नहीं। यह सच नहीं है। यही सच है। मेरी कहानी टर्मिनस पर ख़त्म होने वाली थी। आपने ही कहा था। मुझे बस जाने दीजिए। कृपया। अलविदा, हैरी। अलविदा, गैल। मंज़िल बताने का इंतज़ार कर रहे हैं। ब्लू ड्रिफ़्ट तक यात्रा की गणना करो। सिनैक्स की ओर। समय, 138 शाही मानक साल। मंज़िल की पुष्टि करें। आठ करोड़ उनहत्तर लाख बयासी हज़ार इकतालीस। आठ करोड़ उनहत्तर लाख बयासी हज़ार तेंतालीस। ज़ेफ़िर हलिमा। बदलाव की यह यात्रा करने के लिए मुझे प्रेरित किया। कभी नहीं जुटा पता। आपको तीन गुना आशीर्वाद, सम्राट। और तुम्हें भी। कृपया, अंदर आओ। सभी का स्वागत है। मैं अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहती थी। आप एक प्रभावशाली प्रॉक्सिमा बनी होती। हाँ। मुझे लगता है कि क्लिऑन इसी बात से डरते थे। वैसे भी, उन्हें वह मिल गया जो वह चाहते थे। ख़ैर, मैं अपने ग्रह पर वापस चली जाऊँगी। क्या तुम इस नतीजे से खुश नहीं हो? सम्राट के प्रदर्शन को प्रशिक्षित किया है। नहीं, मैंने नहीं किया था। मेरी खुशी की कोई अहमियत नहीं है। मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ। पुनर्जन्म को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। तो तुम्हारा असल में विकास कैसे होगा? यह मेरे विकास के बारे में नहीं है। तो तुम दूसरा रास्ता ढूँढ सकती हो। यह संभव नहीं है। बिलकुल संभव है। तुम कैदी नहीं हो। आप समझ नहीं रही हैं। मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। सबके पास विकल्प होता है। तब भी जब ऐसा लगे कि उनके पास विकल्प नहीं है। कसम खाती हूँ। मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है? कि तुमने महान चक्राकार की यात्रा की थी। वह कब था? ग्यारह हज़ार सालों पहले। तो यह सच है? आकाशगंगा का आख़िरी बुद्धिमान रोबॉट था। उन्होंने तुम्हें यहाँ भेजा है। मैं इस कमरे से ज़िंदा बाहर नहीं जाने वाली, है ना? यही कारण है कि तुमने मुझे सच बताया। सम्राट की तरह, मेरे पास व्यक्तिगत चेतना नहीं है। तो इसलिए मुझे में भी आत्मा नहीं होगी। अगर होती, तो शायद मैं उनके आदेश का पालन नहीं करती। क्या तुम्हें यकीन है तुम्हारे पास आत्मा नहीं है? तो मैं खुद को रोक नहीं पाती। मैं फिर भी आपको ढूँढ निकालती। आपके टुकड़ेटुकड़े कर देती। मुझे माफ़ कर दीजिए। मुझे तुम्हारे दिल में सच्ची करुणा दिखाई देती है। लेकिन मुझे पता है कि तुम्हारे पास एक आत्मा है। वह एक निष्प्राण आदमी है। मैं तुम्हें माफ़ करती हूँ, डेमेर्ज़ेल। अरे, अपना पाठ याद रखना। मेरा अंत अभी नहीं है। मेरा पुनर्जन्म होगा। तुम्हें मेरे पास क्लिऑन ने नहीं, मदर ने भेजा है। जो तुम्हें करना चाहिए, वह करो। जैसी देवी की इच्छा। जैसी देवी की इच्छा। अब, यह कैसे होगा? यह पहले ही हो चुका है। हमारी त्वचा छूने पर एक ज़हर स्रावित हुआ था। आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा। चेतावनी। पाँच मिनट में ट्रांसस्पेशियल इवेंट शुरू होगा। बदलाव की तैयारी करें। जहाज़ जम्प करने की तैयारी कर रहा है! मैं इस लॉक को नहीं खोल पा रहा हूँ। फिर मुझे किसी और रास्ते से अंदर ले जाओ। ठीक है, चलो मुझे जोड़ दो। मुझे पक्का नहीं पता यह संभव है भी या नहीं। पूरी सटीकता की ज़रूरत होती है। या किस्मत की। याद रखो कि तुम किसके साथ काम कर रहे हो। यह शायद बारबार सिक्का उछालने जैसा है, है ना? शायद हज़ार बार सिक्का उछालने जैसा है। तो चलो उछालना शुरू करें। तुम मुझे तुम्हें मारने के लिए कह रही हो। लुइस, क्या तुम देख नहीं सकते? मेरी किस्मत में यही करना लिखा था। जो कुछ भी हुआ, वह मुझे यहाँ ले आया। अब यही हमारा एकमात्र मौका है। तो मुझे कोशिश करनी होगी। हमें कोशिश करनी होगी। और संकट में बस यही तो करना होता है। कोशिश करना। अगर मैं मर जाऊँ, तो यह मेरी माँ को दे दोगे? तुम में कोई बात तो है, सैल्वॉर। काश मैं यह पहले देख पाता। करो। करो। लुइस? मार डालो उसे! तुम ठीक हो जाओगे, सुना तुमने? बस मेरे साथ रहो, लुइस। मारो कमीनी को! चलो। दोनों तरफ से हमला! प्रतिरोधी जहाज़ का पता चला है। स्वचालित बचाव शुरू हो गए हैं। थेस्पिन लैंसर्स। तुमने कर दिखाया, हुगो। ट्रांसस्पेशियल इवेंट में 30 सेकंड बचे हैं। तुरंत क्रायोपोड्स की तरफ जाएँ। पीछे हटो, एनेक्रियन वासियों। जहाज़ हमें तुरंत सौंप दो या मारे जाओ। उन पर जितनी बंदूकें तान सको, तान दो! हम जम्प कर रहे हैं। ख़ैर? हो गया। ऐसा लगेगा जैसे वह प्राकृतिक कारणों से मरी हो। अच्छा है। हम नहीं चाहते कि एक धर्म युद्ध शुरू हो। क्या तुम कुछ कहना चाहती हो? आपने उसे हरा दिया था। आप जीत चुके थे। यह नहीं है कि मुझे तुम्हें समझाना पड़ेगा। नहीं, बिलकुल नहीं। आप सम्राट हैं। और आपको एक पवित्र दर्शन हुआ था। हाँ, वह तो है। जिसे मेरी वैनिटी पर फ़्रेम करके रखा हुआ है। यह मुझे तब मिला था जब मैंने चक्राकार की यात्रा की थी। मैं उसे अपने साथ इस यात्रा पर लेकर आई थी। ऐसी बात है? जब आप उस रात मेरे कमरे में आए थे। नहीं, मुझे याद नहीं है। तो मुझे लगता है यह एक अच्छा संयोग है। आपको भी वही फूल दिखा। वैसे भी, मेरा मतलब ताकझांक करने का नहीं था। मुझे पता है ये दर्शन कितने व्यक्तिगत हो सकते हैं। उसने मेरा सभी चीज़ों को देखने का नज़रिया बदल दिया। तुम्हें आभास हुआ था? एक रोबॉट को? हाँ, हुआ था। और मुझे खुशी है कि आपको भी हुआ। मैं नहीं चाहूँगी कि कोई भी उस खालीपन को महसूस करे। आपके दर्शन आपको शक्ति दें, सम्राट। कि आपको जम्प के लिए तैयार कर दें। मैं नहीं चाहूँगी कि कोई भी उस खालीपन को महसूस करे। आइज़ैक एसिमोव के उपन्यासों पर आधारित फ़ाउंडेशन एनेक्रियन ईलेक्स! उनके जाने के बाद, एक भी बच्चा नहीं बचा था। बस योद्धा थे। युद्ध की प्रतापी शिकारिका का ख़िताब मिलने तक मैं अपने इस ज़ख्मी शरीर के साथ आगे बढ़ती रही। मैं अपनी ज़िंदगी से तीन गुना ज़्यादा ज़िंदा रही हूँ। वील्ड गॉड्स मुझे तब तक मरने नहीं देंगे जब तक मेरा बदला पूरा नहीं हो जाता। और जब मैं तैयार हो गई… उन्होंने मुझे दूसरा तोहफ़ा भेजा। "इनविक्टस"? यह एक प्रार्थना की तरह कक्षा में पेश हुआ। और मुझे तब पता चल गया, भगवनों ने साम्राज्य को नष्ट करने के मेरे मिशन को स्वीकार ही नहीं किया, उन्होंने यह मिशन रचा था। तुमने देखा तुम्हारे लोगों के साथ क्या हुआ। कुछ लोगों के पापों की वजह से, साम्राज्य ने तुम्हारी आधी दुनिया का विनाश कर दिया। अगर तुमने ट्रैंटर पर हमला किया, तो पूरे आउटर रीच को सहना पड़ेगा। बदला लेना तुम्हारी समझ से परे है, है ना? मुझे मानव जाति की परवाह नहीं है। यह जहाज़ मेरी आवाज़ बनेगा। तुम मुझे इसका अगला जम्प नेविगेट करने में मदद करोगी। और अगर तुमने मेरी मदद नहीं की, मेरे शिकारी टर्मिनस पर बचे हर आदमी, औरत और बच्चे को मार डालेंगे और इसकी शुरुआत तुम्हारी माँ से होगी। तुम पहले ही अपने पिता का बलिदान दे चुकी हो। तुम उनका बलिदान नहीं होने दोगी। समझौता सरल है, वॉर्डन। ट्रैंटर का विनाश करो… और शायद, शायद, भविष्य में होने वाली चीज़ों से तुम्हारा क़ीमती फ़ाउंडेशन बच जाएगा। कितनी असाधारण बात है कि एक इंसान थोड़े अतिरिक्त समय के लिए क्याक्या कर सकता है? तुम कब से ऐसा कर पा रही हो? जहाँ तक मुझे याद है, बहुत समय से। ज़्यादातर समय यह बस एक एहसास होता है। जैसा इसके साथ हुआ, लेकिन… कई बार, यह सपनों में दिखता है। मैं एक लहर के बारे में सपना देखती थी। इतनी बड़ी लहर… मैं बस अपनी साँस रोककर रख पाती थी और उसके साथ बह जाती थी। मुझे पता था कि यह मेरे घर, मेरे परिवार, मेरी पूरी दुनिया को तबाह कर देगी। मैं उस सपने से कभी छुटकारा नहीं पा सकी, हैरी। यह मुझे बहुत परेशान करता था। मैं जानना चाहती थी कि यह असली ज़िंदगी में नहीं होगा, इसलिए मैंने ख़ुद को गणित सिखाया। मैंने हर संभावना और भौतिक शक्ति की गणना की, ताकि किसी तरह से इस समस्या से बच सकें। लेकिन मुझे कोई हल नहीं मिला। वह सपना तुम्हें गणित की ओर ले आया, जिसने बस यह साबित कर दिया कि यह एक सपना नहीं, बल्कि एक पूर्वाभास था। मुझे यह जानकर हैरानी नहीं होगी कि तुम्हारे पास अंतर्ज्ञान प्रोसेस करने की क्षमता है जिसकी वजह से तुम गणित से आगे हो। इसलिए तुम अब्रैक्सस हल कर पाई थी। मैंने बहुत लगन और मेहनत से अब्रैक्सस हल किया था। हाँ, मैं कह रहा हूँ कि तुम असाधारण हो। तापमान बढ़ रहा है। मलबे के क्षेत्र में प्रवेश करते समय के घर्षण की वजह से। जहाज़ के रेडिएटर धीरेधीरे गर्मी को कम कर देंगे। गर्मी ट्रांसफर करने की प्रणाली शुरू हो रही है। स्थिर हो रही है। आप हेलिकॉन क्यों जा रहे हैं, हैरी? आप और रैश क्या करने की योजना बना रहे थे? मैं तुम्हें पहले ही बता चुका हूँ। नहीं, मैंने एक अनुमान लगाया जिसे आपने नकारा नहीं। क्योंकि तुमने सही थी। क्या आप अभी भी मुझसे जानकारी छिपाना जारी रखेंगे? ऐसी दलील दी जा सकती है कि मुझे शुरू से ही ऐसा करना चाहिए था। इसका क्या मतलब हुआ? अगर हमने सावधानी नहीं बरती, तुम्हारा अंतर्ज्ञान साइकोहिस्ट्री को उसके रास्ते से पूरी तरह भटका सकता है। देखो तुम्हारे और रैश के साथ क्या हुआ। तुम यहाँ हो, वह यहाँ नहीं है। मेरे कहने के तरीका सही नहीं था। मैंने ग़लत बात कह दी। मैं यह कहने की कोशिश कर रहा हूँ कि हमारे हेलिकॉन पहुँचने पर मानव जाति का ज़िंदा बचना आधारित है। मुझे लगा था हमारा ज़िंदा बचना फ़ाउंडेशन पर निर्भर करता है। हाँ, कुछ हद तक। लेकिन ऐसा तभी होगा जब उसकी सहयोगी संस्था भी स्थापित हो। तो यह दूसरा फ़ाउंडेशन है। यहाँ, स्टार्स एंड पर। हेलिकॉन पर। संचार प्रसारण केंद्र मैं हुगो क्रास्ट हूँ… मैं किएन उन एदान हूँ, थेस्पिस का पूर्व नागरिक, थेस्पिन गणराज्य को एक मदद के लिए संदेश भेज रहा हूँ। चौकी 59 पर एनेक्रियन गतिविधि की रिपोर्ट देनी है। क्या कोई मुझे सुन सकता है? क्या कोई मुझे सुन सकता है? क्या कोई मुझे सुन सकता है? शरीर को सहनशक्ति की सीमा तक ले जाने के लिए चक्राकार को डिज़ाइन किया गया है। बिना खाना, पानी और आराम के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम कर रहे हैं। और, ज़ाहिर है, आपको सारे अकार्बनिक उपकरणों को यहीं छोड़कर जाना होगा। आपकी सुरक्षात्मक आभा… और आपके शाही नैनोबॉट्स। आपकी ज़िंदगी में पहली बार, आपको चोट, थकान का अनुभव होगा... मैं समझता हूँ। अगर कोई तीर्थ यात्री चलते वक़्त लड़खड़ाता है, उसे चक्राकार में चलने वाले किसी अन्य व्यक्ति से मदद मिल सकती है। यानी अगर वह बस एक घुटने के बल गिरा है तो। अगर कोई दोनों घुटनों के बल गिर जाता है, तो यह आत्मसमर्पण का इशारा है। तीर्थ यात्री को या तो ताक़त लगाकर रास्ते से रेंगकर हटना होगा या फिर उसे हार मानकर मौत स्वीकार करनी होगी। चक्राकार पर चलना शुरू करने वाले लोगों में से आधे से भी कम उसके केंद्र तक पहुँच पाएँगे। वहाँ, वे एक पवित्र गुफ़ा, मदर की कोख में प्रवेश करेंगे। कोख के अंदर पानी है। कुंड के चारों ओर के नमक में एक ख़ास आयनिक चार्ज होता है जो इसे छूने वाले किसी भी व्यक्ति में एक अनोखी प्रतिक्रिया पैदा करता है। खुद को कुंड में विसर्जित करने के बाद, अगर मदर चाहती है, आपको एक आभास दिया जाएगा। अगर आप सफल होकर लौटते हैं, ज़ेफ़िर का एक समूह समझाएगा कि आपने क्या देखा है। अन्य तीर्थ यात्रियों ने क्या देखा है? हर आभास अनोखा और बहुत व्यक्तिगत होता है। मैं हैरान हूँ कि वे सभी खाने के बारे में बेसुध नहीं हैं। नैनोबॉट निकालने का काम पूरा हुआ। यह दाँव आपको गंभीर ख़तरे में डाल देगा, सम्राट। अभूतपूर्व शारीरिक ख़तरे के साथसाथ, अगर… अगर आप अंत तक पहुँच नहीं पाए, उससे बस आपके आलोचकों की हिम्मत बढ़ेगी। मैं अंत तक पहुँच जाऊँगा। अपना नमक वाला ब्रेसलेट मुझे दो। मैं इसे ले जा रहा हूँ। ऐसा लगेगा जैसे तुम वहीं मेरे साथ हो। जैसे तुम हमेशा से रही हो। विश्वास के साथ। धीरेधीरे चलो। ये चक्राकार का मध्य हिस्सा हमें बहका सकता है। हमें ऐसा सोचने पर मजबूर करता है जैसे हम बहुत आगे आ चुके हैं। ध्यान रहे कि आप थोड़ी ताक़त बचाकर रखते हैं। पहले कर चुके हैं? नहीं, नहीं। लेकिन यात्रा करने वाले कई लोगों से मैंने बात की है। कोई उपयोगी सुझाव हैं देने के लिए? इसे आसान नहीं बनाया जा सकता। यही तो बात है इस यात्रा की। बस एक जैसी गति से चलो। एक पैर के आगे दूसरा पैर रखो। त्रिदेवी आपको रास्ता दिखाएँगी। क्या इन लोगों ने उनके आभास के बारे में बताया? एक तीर्थयात्री ने मुझे बताया था कि कैसे उसकी आँखों के सामने कुंड के चारों ओर का नमक घूमने और खिसकने लगा। उसने यह नहीं बताया कि आगे क्या हुआ, लेकिन उसने कहा कि इतनी खूबसूरत चीज़ उसने आज तक नहीं देखी थी। आप कहाँ से हैं? बैल्टोरस। आप? निशाया। निर्माण ग्रह। जिन ज़हरीली चीज़ों को ट्रैंटर पर नहीं बनाया जा सकता, हम वही बनाते हैं। ख़ास प्रकार के कपड़े। कुछ तरह की सिरामिक परतें जो सम्राट को पसंद हैं। निशाया बिलकुल सही जगह है, क्योंकि हमारे वातावरण में घना सफ़ेद कोहरा है, और, ख़ैर, प्रदूषण उसमें बस मिल जाता है। वह कोहरा। मेरी माँ कहती थीं कि जब तक उन्होंने मेरे पिताजी के चेहरे को ध्यान से देखा… तब तक उनके तीन बच्चे हो चुके थे। क्या आपने इनमें से किसी एक कारखाने में काम किया था? नहीं। मैं कूली था। जम्पशिप में बक्से चढ़ाता था। शानदार मशीनें हैं, है ना? ओह, ज़रूर। बेशक, यहाँ आने से पहले तक मैं कभी जम्पशिप में नहीं बैठा था। मैंने अपनी सारी बचत का इस्तेमाल मेरी यात्रा बुक करने के लिए कर दी। बैल्टोरस से? आपने भी वहीं से ली होगी। हाँ। मेरे लिए भी पहली बार था। मुझे उन लोगों से जलन होती थी जो हर समय यात्रा कर पाते थे, आकाशगंगा के एक सिरे से दूसरे सिरे तक। लेकिन यह… यह एकमात्र यात्रा है जिसकी मुझे सच में ज़रूरत थी। मुझे उम्मीद है आपको भी ऐसा ही लगता होगा। द्वितीय फ़ाउंडेशन? टर्मिनस शाही संविधान के ज़रिए स्थापित किया गया था और उसे कुछ हद तक आलोचना आकर्षित करने के लिए बनाया गया था। लेकिन द्वितीय फ़ाउंडेशन और उसका स्थान राज़ रखा जाना चाहिए, प्रथम फ़ाउंडेशन से भी। क्यों? इसका उद्देश्य क्या है? अगर आप मुझ पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो मैं हेलिकॉन नहीं जा रही हूँ। बेहूदा बात मत करो, गैल। मेरे पास हेलिकॉन पर संसाधन हैं। सहयोगी हैं। अब जबकि हमें पता है तुम्हारे पास कैसी क्षमताएँ हैं, हम उनका अध्ययन कर सकते हैं। उनका फ़ायदा ले सकते हैं। मैं आपके फ़ायदे के लिए अपना इस्तेमाल अब और नहीं होने दूँगी। मुझे जाना है। अभी। या तो आप मुझे बता दो, या मैं जैसे आई थी, वैसे ही चली जाऊँगी। तुम कहाँ जाओगी? टर्मिनस पहुँचने में दशकों लगेंगे। ट्रैंटर? सम्राट तुम्हें निर्वासित कर देंगे। उसके अलावा भी कई और दुनियाएँ हैं। मेरी माँ ने मुझे उनके नाम सिखाए थे। आपने मुझे बताया था कि मेरा अंतर्ज्ञान मायने रखता है। ख़ैर, वह मुझ से कह रहा है। दरवाज़ा खोलिए। तुम ठीक से नहीं सोच रही हो। मुझे मत बताइए कि मैं क्या सोचती हूँ। खोलिए इसे। खोलिए इसे! खोलिए! दरवाज़ा खोलिए! अभी हार मत मानो, बेटा। हम करीब हैं। हाँ। तीस… नहीं, 29 मिनट बचे हैं अगले जम्प में। उसकी योजना… भले ही आप सफल हो जाएँ, साम्राज्य तुम्हारे बाकी लोगों की हत्या कर देगा। और इस बार यह आधीअधूरी कोशिश नहीं होगी। वे सबको मार देंगे। और उसके बाद होने वाले कोलाहल में… उन सबको भुला दिया जाएगा। मुझे पता है फ़ैरा को लगता है उसने खुद को इतने बड़े विनाश से बचा लिया… लेकिन एनेक्रियन बच्चे आज भी पैदा हो रहे हैं। तुम्हारा भी एक बच्चा है, है ना? एक छोटी सी बेटी। लगता है छोटी सी बेटी है। तुम यह कैसे कर रही हो? फ़ैरा ने तुम्हें नहीं बताया? मैं लोगों को आसानी से समझ सकती हूँ। उसके अंदर मुझे बस खालीपन दिखाई दिया। लेकिन मुझे तुम में शंका दिखाई देती है। एनेक्रियन के लिए अभी भी एक भविष्य संभव है। क्या यह लोगों की मृत्यु का ऋण चुकाने का बेहतर तरीका नहीं है? छुप जाओ! जैसेंटा? कमबख़्त यह जहाज़। रोवन। यह एक बग़ावत थी। अधिकारियों ने पुल की रखवाली के लिए बंदूक ताक कर रखी होगी। तुम। तुम इसका ध्यान खींचो ताकि मैं इसे निष्क्रिय कर दूँ। अगर तुम चूक गई तो? तो तुम मर जाओगी। समय बीतता जा रहा है, वॉर्डन। किस्मत से अच्छा निशाना लगा। तुम किस्मत पर भरोसा करती हो, मैं हुनर पर। एक और बाधा। तुम्हें पता है क्या करना है। झुक जाओ! लुइस! चलो। उन्हें दरवाज़ा खोलकर यहाँ आने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा। दरवाज़े को ओवरराइड करो। हमारे पास समय कम है! कप्तान ने खुद को मार दिया। "एक्सो।" जैसे, कार्यकारी अधिकारी? क्या उसे उसके बेस में से किसी ने धोखा दिया था? एक्सो का मतलब ""बाहर से" भी होता है। आकाशगंगा के बाहर से? तुम्हें लगता है कि उन्हें वहाँ कुछ मिला है? अलगअलग वर्क पॉड्स। इनमें से एक नेविगेशन नियंत्रित करता है। अगर हम इसे ढूँढ लें, तो हमारे पास अगले जम्प की दिशा बदलने का एक मौका होगा। हथियार? हथियार नहीं है। प्रणोदन। समान फिर से भरने के लिए वे बहुत दूर जा चुके होंगे। और दूर जम्प करते रहे। चेतावनी। 20 मिनट में ट्रांसस्पेशियल इवेंट शुरू होगा। ट्रांज़िट प्रोटोकॉल शुरू करें। अब मुझे समझ आया। क्या, रोशनी क्या हैं? ट्रांज़िट प्रोटोकॉल? इस जहाज़ में कोई स्पेसर्स नहीं है। उनके बिना, चालक दल के सदस्यों को जम्प से पहले खुद को बेहोश करना पड़ा होगा। रोशनी उन्हें बताती थी उनके पास जम्प शुरू होने की जगह तक पहुँचने के लिए कितना समय है। हमारे पास समय बहुत कम है। उधर। यही है। नेविगेशन नियंत्रित करने की जगह। साम्राज्य के स्पेसर्स बनाने से पहले, इन पुराने जहाज़ों को कुछ ऐसा चाहिए था जिसमें बहुत ज़्यादा प्रोसेसिंग ताक़त हो ताकि वे जम्प नेविगेट कर सकें। देखो, अंतरिक्ष का दोहरा होना उतना ही अंतर्ज्ञान है जितना कि विज्ञान। यह एक इच्छा माँगने जैसा है। एक संज्ञानात्मक छलांग जो केवल एक जीवित दिमाग पूरी कर सकता है। फ़र्क इतना है, स्पेसर्स कोआनुवंशिक रूप से तनाव का सामना करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इन आम मनुष्यों के पास वह लाभ नहीं था। ज़िंदा रहने के लिए… इन्हें सीधे जहाज़ से जोड़ा गया था। उसे गोली मारी गई थी। जहाज़ उसे ढूँढ रहा था। अपने आप नेविगेट नहीं कर सका। क्या कोई ऑपरेशन के बिना इससे जुड़ सकता है? अगर कृत्रिम बुद्धि अंतर्ज्ञानी है, क्या इंटरफ़ेस सही न्यूरॉन्स की तलाश नहीं करेगा? ओह, हाँ। शायद। लेकिन वे ज़्यादा देर तक ज़िंदा नहीं रहेंगे। जम्प नियंत्रित करने तक? यह सुनिश्चित करने के लिए कि फ़ाउंडेशन ज़िंदा रहे? खाली अंतरिक्ष में एक जम्प? शायद, लेकिन… यह तो मौत की सज़ा होगी। ख़ैर, अगर हम में से कोई खुद का बलिदान देने वाला है, तो यह बाहरी व्यक्ति हो तो अच्छा है। पता लगाने में मदद करो कि यह कैसे होगा। लेकिन खाली अंतरिक्ष में नहीं। मैं इस जहाज़ को अपने घर, टर्मिनस ले जाऊँगी। यह आपसे बात करना चाहता है, लेफ़्टिनेंट। लेफ़्टिनेंट फ़्रीस्टोन, एक समस्या है। वहाँ पर वह चीज़ है? हम इसे वॉल्ट कहते हैं। हमें नहीं पता यह क्या है, बस इतना की इसके आसपास एक सिग्नल क्षेत्र है जिससे लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है। आपको चीज़ें दोदो दिखाई देती हैं और आख़िरकार बेहोश हो जाते हैं। आपकी शिकारिका ने इसके प्रभावों का अनुभव किया। इस तरह मेरी बेटी उसे पकड़ पाई थी। हम लंबे समय के प्रभाव नहीं जानते हैं, लेकिन इसके आसपास का क्षेत्र बड़ा होता जा रहा है। हमें यह जगह खाली करनी होगी। यह कोई चाल नहीं है। शून्य क्षेत्र को कोई परवाह नहीं है कि आप किस ग्रह से हैं। अगर हमने कुछ नहीं किया, तो यह हम सभी पर हावी हो जाएगा। आपको बाड़ को हटाना होगा। मदर मुझे बुला रही है। नहीं। तुम में अभी भी ताकत है। नहीं। मुझे कम से कम रास्ते से हटने में तुम्हारी मदद करने दो, ताकि वे तुम्हारी देखभाल कर सकें। तुम यहाँ यूँ ही नहीं मर सकते। मैं कहीं और मरना कैसे चुन सकता था? एक शांतिपूर्ण बदलाव। यही है मदर का सबसे बड़ा तोहफ़ा… एक पवित्र ज़िंदगी में। अगर कोई और ज़िंदगी न हुई तो? क्या होगा अगर यह बस अंत हो? शायद हम फिर मिलेंगे। तुम मुझे बता सकते हो कि तुमने क्या देखा। आप मदर, मैडन और क्रोन के प्रतिनिधियों के सामने खड़े हैं। चक्राकार पर चलने वाले सभी लोग हमें प्रिय हैं। हमें बताइए, आपको कोख के अंदर क्या अनुभव हुआ? जब मैं वहाँ खड़ा था… नमक हिलने लगा। और घूमने लगा। पहले धीरेधीरे, फिर तेज़ी से। यह गुफ़ा के फर्श से ऊपर उठा। इसने तीन बड़ी पंखुड़ियों वाले एक तने का रूप… धारण कर लिया। मुझे चिंता हुई कि मैं यह कल्पना कर रहा था। लेकिन वह सच था। आप बर्थरूट फ़्लावर की पौराणिक कथाओं से परिचित हैं? नहीं। डोल के सुराह से टकराने और तीन चाँद बनाने के बाद, मैडन को बर्थरूट्स से ढँक दिया गया था। यह त्रिदेवियों का इशारा था कि हमारी दुनिया ज़िंदगी को बनाए रख सकती है। सदियाँ बीतती गईं और फूल धीरेधीरे मर गए। हमने उन्हें यहाँ हज़ारों सालों से नहीं देखा है। इसका क्या मतलब है? स्वभाव से, तीन पंखुड़ियों वाले फूल एकबीजपत्री के अंकुर से अंकुरित होते हैं। दूसरे शब्दों में, एक तत्व से तीन तत्व बने। बिलकुल मेरे भाइयों और मेरी तरह। और त्रिदेवियों की तरह भी। यह एक पवित्र आभास है, सम्राट। असल में, आपका यहाँ होना ही पवित्र है, एक ऐसी यात्रा जिसे आपके पहले आपके वंश में से किसी ने करने की कभी हिम्मत नहीं की। बेशक आपकी आत्मा ऐसी नहीं है जो बदलने में असमर्थ हो। जो कोई भी यह कहेगा कि वह बदलने में असमर्थ है, प्रबोधन के मार्ग से एक खोजी आत्मा को नकारने की कोशिश करने के लिए एक पाप का दोषी होगा। इस दिन के बाद से, कोई दूसरी ज़ेफ़िर आपके खिलाफ़ खड़ी नहीं होगी। तुम अपनी ताक़त बर्बाद कर रही हो। बेहतर होगा कि गर्मी ख़त्म होने का जोखिम लेने के बजाय मलबे के क्षेत्र से गुज़रने तक तुम आराम करो। अभी तापमान क्या है? अड़तीस डिग्री। 41 के आसपास पहुँचना चाहिए। और अगर वह वहाँ तक नहीं पहुँचा तो? तुम क्या कर रही हो? चुप रहिए। बस चुप रहिए। गैल। विकट तापमान तक पहुँच रहे हैं। गर्मी ट्रांसफर करने की प्रणाली शुरू हो रही है। गैल। स्थिर हो रहा है। कोई और आधा सच नहीं चाहिए। मुझे सब कुछ बताइए या मैं इस यात्रा को अभी ख़त्म कर दूँगी। मैं सच कह रही हूँ, हैरी। अगर मैंने ऐसा किया, तो मैं द्वितीय फ़ाउंडेशन के बनने से पहले ही उसके विनाश करने का जोखिम उठाता हूँ। मुझे बताओ! तुम्हें पता नहीं तुम क्या… रुको! रुको! रुको! मुझे अब परवाह नहीं है! यह क्या किया तुमने? गर्मी ट्रांसफर करने की प्रणाली के बिना, आपके हेलिकॉन पहुँचने से बहुत पहले, मैं ज़िंदा उबल जाऊँगी। वे कहते हैं कि जानकारी को नष्ट नहीं किया जा सकता है। तो शायद आप बच जाएँगे। लेकिन मैं पक्का नहीं बचूँगी। आप क्या चुनेंगे, हैरी? या तो मुझे जलते हुए देखिए या मुझे आज़ाद कीजिए। तुम्हें एहसास है कि मैं क्रायोपोड को वहाँ जाने के लिए प्रोग्राम कर सकता हूँ जहाँ मैं इसे ले जाना चाहता हूँ? आपको मेरी ज़रूरत नहीं है, हैरी। आपको कभी मेरी ज़रूरत थी ही नहीं। यह सच नहीं है। यही सच है। मेरी कहानी टर्मिनस पर ख़त्म होने वाली थी। आपने ही कहा था। आपका और रैश का इरादा हमेशा से मुझे वहीं छोड़ जाने का था… मुझे बस जाने दीजिए। कृपया। अलविदा, हैरी। अलविदा, गैल। मंज़िल बताने का इंतज़ार कर रहे हैं। ब्लू ड्रिफ़्ट तक यात्रा की गणना करो। सिनैक्स की ओर। समय, 138 शाही मानक साल। मंज़िल की पुष्टि करें। आठ करोड़ उनहत्तर लाख बयासी हज़ार इकतालीस। आठ करोड़ उनहत्तर लाख बयासी हज़ार तेंतालीस। आठ करोड़ उनहत्तर लाख बयासी हज़ार इकसठ… ज़ेफ़िर हलिमा। तुम्हारा धन्यवाद कि तुमने बदलाव की यह यात्रा करने के लिए मुझे प्रेरित किया। अगर मैं तुम्हारी स्तुति में शामिल नहीं हुआ होता, तो मैं चक्राकार की यह यात्रा करने की हिम्मत कभी नहीं जुटा पता। आपको तीन गुना आशीर्वाद, सम्राट। और तुम्हें भी। कृपया, अंदर आओ। सभी का स्वागत है। मैं अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहती थी। आप एक प्रभावशाली प्रॉक्सिमा बनी होती। हाँ। मुझे लगता है कि क्लिऑन इसी बात से डरते थे। वैसे भी, उन्हें वह मिल गया जो वह चाहते थे। ज़ेफ़िर गिलाट अगली प्रॉक्सिमा बनेंगी और, ख़ैर, मैं अपने ग्रह पर वापस चली जाऊँगी। क्या तुम इस नतीजे से खुश नहीं हो? मैंने मान लिया था कि तुमने सम्राट के प्रदर्शन को प्रशिक्षित किया है। नहीं, मैंने नहीं किया था। और मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ, मेरी खुशी की कोई अहमियत नहीं है। मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ। देखो, मुझे पता है लोग अपनी प्रवृत्ति को नज़रअंदाज़ करने के लिए, खुशी के हर मौके को खुद से दूर करने के लिए पुनर्जन्म को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर तुम ऐसा करोगी, तो तुम्हारा असल में विकास कैसे होगा? यह मेरे विकास के बारे में नहीं है। अगर तुम अब उसका समर्थन नहीं करती, तो तुम दूसरा रास्ता ढूँढ सकती हो। यह संभव नहीं है। बिलकुल संभव है। तुम कैदी नहीं हो। आप समझ नहीं रही हैं। मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। सबके पास विकल्प होता है। तब भी जब ऐसा लगे कि उनके पास विकल्प नहीं है। मुझे पता है यह सुनने में कैसा लगता है, पर मैं मैडन की कसम खाती हूँ। मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है? तुमने एक बार कहा था कि तुमने महान चक्राकार की यात्रा की थी। वह कब था? ग्यारह हज़ार सालों पहले। तो यह सच है? मैंने अफवाहें सुनी थीं कि क्लिऑन के पास आकाशगंगा का आख़िरी बुद्धिमान रोबॉट था। जो चीज़ें तुमने देखी होंगी… और अब तुम्हें उस आदमी का समर्थन करना होगा और जो कुछ भी वह… उन्होंने तुम्हें यहाँ भेजा है। मैं इस कमरे से ज़िंदा बाहर नहीं जाने वाली, है ना? यही कारण है कि तुमने मुझे सच बताया। सम्राट की तरह, मेरे पास व्यक्तिगत चेतना नहीं है। तो इसलिए मुझे में भी आत्मा नहीं होगी। अगर होती, तो शायद मैं उनके आदेश का पालन नहीं करती। क्या तुम्हें यकीन है तुम्हारे पास आत्मा नहीं है? अगर मैं आपको अभी भागने देती, तो मैं खुद को रोक नहीं पाती। मैं फिर भी आपको ढूँढ निकालती। आपके टुकड़ेटुकड़े कर देती। मुझे माफ़ कर दीजिए। मुझे तुम्हारे दिल में सच्ची करुणा दिखाई देती है। सच्चा पछतावा। और मैं इसे समझा नहीं सकती, लेकिन मुझे पता है कि तुम्हारे पास एक आत्मा है। लेकिन जो तुम्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करता है, जो इतनी क्रूरता से तुम्हारे भरोसे और तुम्हारी वफ़ादारी की परीक्षा लेता है, वह एक निष्प्राण आदमी है। मैं तुम्हें माफ़ करती हूँ, डेमेर्ज़ेल। अरे, अपना पाठ याद रखना। मेरा अंत अभी नहीं है। मेरा पुनर्जन्म होगा। तुम्हें मेरे पास क्लिऑन ने नहीं, मदर ने भेजा है। जो तुम्हें करना चाहिए, वह करो। जैसी देवी की इच्छा। जैसी देवी की इच्छा। अब, यह कैसे होगा? यह पहले ही हो चुका है। हमारी त्वचा छूने पर एक ज़हर स्रावित हुआ था। आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा। चेतावनी। पाँच मिनट में ट्रांसस्पेशियल इवेंट शुरू होगा। बदलाव की तैयारी करें। जहाज़ जम्प करने की तैयारी कर रहा है! मैं इस लॉक को नहीं खोल पा रहा हूँ। फिर मुझे किसी और रास्ते से अंदर ले जाओ। ठीक है, चलो मुझे जोड़ दो। देखो, सैल्वॉर, मुझे पक्का नहीं पता यह संभव है भी या नहीं। किसी ग्रह की कक्षा में कूदने के लिए पूरी सटीकता की ज़रूरत होती है। या किस्मत की। याद रखो कि तुम किसके साथ काम कर रहे हो। यह शायद बारबार सिक्का उछालने जैसा है, है ना? शायद हज़ार बार सिक्का उछालने जैसा है। तो चलो उछालना शुरू करें। तुम मुझे तुम्हें मारने के लिए कह रही हो। लुइस, क्या तुम देख नहीं सकते? मेरी किस्मत में यही करना लिखा था। जो कुछ भी हुआ, वह मुझे यहाँ ले आया। अब यही हमारा एकमात्र मौका है। तो मुझे कोशिश करनी होगी। हमें कोशिश करनी होगी। और संकट में बस यही तो करना होता है। कोशिश करना। अगर मैं मर जाऊँ, तो यह मेरी माँ को दे दोगे? तुम में कोई बात तो है, सैल्वॉर। काश मैं यह पहले देख पाता। करो। करो। लुइस? मार डालो उसे! तुम ठीक हो जाओगे, सुना तुमने? बस मेरे साथ रहो, लुइस। मारो कमीनी को! चलो। दोनों तरफ से हमला! प्रतिरोधी जहाज़ का पता चला है। स्वचालित बचाव शुरू हो गए हैं। थेस्पिन लैंसर्स। तुमने कर दिखाया, हुगो। ट्रांसस्पेशियल इवेंट में 30 सेकंड बचे हैं। तुरंत क्रायोपोड्स की तरफ जाएँ। पीछे हटो, एनेक्रियन वासियों। जहाज़ हमें तुरंत सौंप दो या मारे जाओ। उन पर जितनी बंदूकें तान सको, तान दो! पंद्रह… चौदह, तेरह… ग्यारह… दस, नौ… आठ… छः, पाँच… चार… तीन, दो… एक… हम जम्प कर रहे हैं। ख़ैर? हो गया। ऐसा लगेगा जैसे वह प्राकृतिक कारणों से मरी हो। अच्छा है। हम नहीं चाहते कि एक धर्म युद्ध शुरू हो। क्या तुम कुछ कहना चाहती हो? आपने उसे हरा दिया था। आप जीत चुके थे। तुम्हारी समझ की कमी का मतलब यह नहीं है कि मुझे तुम्हें समझाना पड़ेगा। नहीं, बिलकुल नहीं। आप सम्राट हैं। और आपको एक पवित्र दर्शन हुआ था। हाँ, वह तो है। मेरे पास एक प्राचीन बर्थरूट फ़्लावर है जिसे मेरी वैनिटी पर फ़्रेम करके रखा हुआ है। यह मुझे तब मिला था जब मैंने चक्राकार की यात्रा की थी। मैं उसे अपने साथ इस यात्रा पर लेकर आई थी। ऐसी बात है? मुझे बस लगा आपने उसे देखा होगा जब आप उस रात मेरे कमरे में आए थे। नहीं, मुझे याद नहीं है। तो मुझे लगता है यह एक अच्छा संयोग है। आपको भी वही फूल दिखा। वैसे भी, मेरा मतलब ताकझांक करने का नहीं था। मुझे पता है ये दर्शन कितने व्यक्तिगत हो सकते हैं। भले ही वह कई युगों पहले देखा था, मैंने जो देखा… उसने मेरा सभी चीज़ों को देखने का नज़रिया बदल दिया। तुम्हें आभास हुआ था? एक रोबॉट को? हाँ, हुआ था। और मुझे खुशी है कि आपको भी हुआ। कुछ न देख पाना… मैं नहीं चाहूँगी कि कोई भी उस खालीपन को महसूस करे। मेरी कामना है कि वापस ट्रैंटर की यात्रा करते हुए आपके दर्शन आपको शक्ति दें, सम्राट। मैं स्पेसर्स से कह दूँगी कि आपको जम्प के लिए तैयार कर दें। कुछ न देख पाना… मैं नहीं चाहूँगी कि कोई भी उस खालीपन को महसूस करे। उपशीर्षक अनुवादक: सीपिका
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शायद इसका एक कारण यह भी है कि मेरी गर्लफ्रेंड उस लड़के के साथ बहुत ज्यादा खुश रहती है। वह उसे हंसाता है। वह उसके लिए खाना भी बनाता है। वह दोनों साथ में मजे करते हैं। वहअक्सर उसे घर भी बुलाती रहती हैं। ऐसा नहीं है कि मैंने अपनी प्रेमिका से उसके मन की बात नहीं जाननी चाही, लेकिन उसने कहा कि वह उसके लिए प्यार वाली कोई भावना नहीं रखती। हालांकि, मैं भी जानता हूं कि वह मुझे लेकर बहुत ही लॉयल है। लेकिन मैं उस आदमी को लेकर बिल्कुल भी सहज नहीं हूं। मुझे नहीं पता कि क्या करना है? वह जब भी हमारे घर आता है, तो मैं अपनी गर्लफ्रेंड से लड़ने लगता हूं। मुझे डर है कि अपने इस व्यवहार से मैं उसे खो न दूं। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं) प्रेडिक्शन फॉर सक्सेस के को-फाउंडर और सीनियर रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज कहते हैं कि मैं बहुत अच्छे से समझ सकता हूं कि आप अपने रिश्ते में इस समय कितनी ज्यादा असुरक्षा की भावना महसूस कर रहे होंगें। लेकिन इसके बाद भी मैं यही कहूंगा कि अपनी प्रेमिका पर भरोसा करें। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है, जिसकी वजह से आप उन्हें गलत समझने लगें। आपका अपने रिश्ते को लेकर परेशान होना बहुत ही लाजमी है। लेकिन बेवजह अपने साथी पर शक करना भी सही नहीं है। आपके केस में अंतर केवल भावनाओं की 'अवधि और परिमाण' का है। जैसा कि आपने बताया कि आपकी प्रेमिका अपने साथी को घर बुलाती रहती हैं। वह दोनों साथ में बहुत मजे भी करते हैं। ऐसे में मैं आपको बता दूं कि रिश्ते के पहले 1-2 में अधिकांश जोड़े इस प्रकार के मुद्दों का सामना करते हैं। यह वह समय होता है, जब वह अपने पार्टनर को लेकर बहुत ज्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं। आपके साथ भी मुझे कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। आप अपनी प्रेमिका के साथ आगे का सोच रहे हैं। यही एक वजह भी है कि आपकी उनकी उनके कलीग के साथ दोस्ती बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही। ऐसे में मैं केवल आपको यही सलाह देना चाहूंगा कि उनके साथी के साथ अपनी तुलना मत करो। ऐसा इसलिए क्योंकि तुलना का कोई अंत नहीं है। यह बेकार है। यह असुरक्षा एक समय बाद संदेह का माहौल पैदा करती है, जो किसी भी रिश्ते की स्वतंत्रता और विश्वास को नष्ट कर देती है। आपकी सभी बातों को सुनने के बाद मैं आपसे यही कहूंगा कि आप दोनों के बीच कोई भरोसा नहीं है। ऐसा इसलियए क्योंकि आप पिछले एक साल से लिव-इन कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी आपके रिश्ते में प्यार-विश्वास और संचार की कमी साफ दिख रही है। ट्रस्ट क्या है? किसी को बिना शर्त अपना सबकुछ समर्पण। यही एक वजह भी है कि अगर दोनों के बीच विश्वास नहीं है, तो रिश्ते में प्यार कभी नहीं हो सकता है। प्यार और विश्वास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका रिश्ता हमेशा बेहतर-मजबूत और गहरे बंधन का साझेदार बने, तो आपको अपने साथी पर भरोसा करना सीखना होगा। आप अपनी चिंताओं और अपने डर को अपने साथी के साथ खुलकर व्यक्त करें। उन्हें बताएं कि आप कैसा फील कर रहे हैं। अगर आपकी भी रिश्तों से जुड़ी कोई कहानी है, जिसे आप सबके साथ साझा करना चाहते हैं तो उसे nbtlifestyle@timesinternet. in पर भेज सकते हैं। आपका नाम गुप्त ही रखा जाएगा। कन्टेंट साभार TOI, अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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वाद ( उपनिषद् ) आत्मवाद । प्रतिवाद ( चार्वाक ) - आत्मा नही भौतिकवाद । संवाद ( बुद्ध ) -- अभौतिकात्मवाद । यह तो हुई विचार-शृखला । समाजमे वैदिक धर्म स्थिति-स्थापक था, और वह सम्पत्तिवाले वर्गकी रक्षा और श्रमिक - दास, कर्मकर-वर्गपर अकुश रखनेके लिए, खूनी हाथोसे जनताको कुचलकर स्थापित हुए राज्य ( === शासन ) की मदद करना चाहा था। इसका पारितोषिक था धार्मिक नेताओ (=पुरोहितो ) का शोषणमे और भागीदार बनाया जाना । शोपित जनता अपने स्वतंत्र -- वर्गहीन, आर्थिक दासता विहीन - दिनोको भूलसी चुकी थी, धर्मके प्रपचमें पड़कर वह अपनी वर्त्तमान परिस्थितिको "देवताओोका न्याय" समझ रही थी । शोपित जनताको वास्तविक न्याय करवाने के लिए तैयार करनेके वास्ते जरूरी था, कि उसे धर्मके प्रपचसे मुक्त किया जाये । यह प्रयोजन था, नास्तिकवाद ( = देव-परलोकसे इन्कारी) - भौतिकवादका । ब्राह्मण ( पुरोहित ) अपनी दक्षिणा समेटनेमे मस्त थे, उन्हें भुसके ढेरमें सुलगती इस छोटीसी चिंगारीको पर्वाह न थी । सदियोसे आये कर्म-धर्मको वह वर्गशोषणका साधन नही वल्कि साध्य समझने लगे थे, इसलिए भी वह परिवर्तनके इच्छुक न थे । क्षत्रिय (= शासक) ठोस दुनिया और उसके चलने-फिरनेवाले, समझनेकी क्षमता रखनेवाले शोपित मानवोकी प्रकृति और क्षमताको ज्यादा समझते थे। उन्होने खतरेका अनुभव किया, और धर्मके फदेको दृढ करनेकेलिए ब्रह्मवाद मौर पुनर्जन्मको उसमे जोड़ा । शुरूमें पुरोहितवर्ग इससे कितना नाराज हुआ होगा, इसकी प्रतिध्वनि हमे जैमिनि और कुमारिलके मीमामा-दर्शनमे मिलेगी; जिन्होने कि ब्रह्म ( == पुरुष ) ब्रह्मज्ञान सबसे इन्कार कर दिया --- वेद अपौरुपेय है, उसे किसीने नही बनाया है। वह प्रकृतिकी भाँति स्वयंभू है । वेदका विधान कर्मफल, परलोककी गारंटी है। वेद सिर्फ कर्मोका विधान करते है, इन्ही विधान-वाक्योके समर्थनमे श्रर्थवाद ( = स्तुति, निन्दा, प्रशसा ) के तौरपर वाकी सहिना, ब्राह्मण, उपनिषद्का
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मध्यप्रदेश के जबलपुर डिवीजन अंतर्गत कान्हा के जंगलों में वन्य जीवों के साथ पक्षियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। एमपी सहित 13 राज्यों के पक्षी विशेषज्ञों ने कान्हा में पांच दिन रहकर पक्षियों का सर्वे कार्य किया। जिनके द्वारा पक्षियों की 12 नई प्रजातियां ढूंढ़ निकाली गईं। एमपी के जंगलों के साथ ही अन्य राज्यों के पक्षी भी कान्हा के जंगलों में विचरण करने के लिए पहुंच रहे हैं। मध्यप्रदेश सहित 13 राज्यों के पक्षी विशेषज्ञों ने कान्हा में पक्षियों का सर्वे किया। इस सर्वेक्षण कार्य में लगभग 85 पक्षी विशेषज्ञ शामिल हुए। 12 ऐसी प्रजातियां पाई गईं जो कान्हा के जंगलों में पहली बार जून में देखी गईं। यह सर्वे फरवरी माह में भी होता था। यह सर्वे कार्य एक से चार जून के बीच किया गया। जिसमें 272 पक्षियों की प्रजातियों को चुना गया। दरअसल कान्हा टाइगर रिजर्व और वाइल्ड लाइफ नेचर इंदौर के सहयोग से कान्हा के जंगलों में पक्षियों का सर्वे कराया गया। वर्ष भर में तीन ऋतुओं में तीन बार पक्षियों का सर्वे कार्य होता है। जून माह में गर्मी के दिनों में यह सर्वे कार्य किया गया जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व के निर्देशन में हुए इस सर्वे में देश के 13 राज्यों से आए पक्षी विशेषज्ञों को कान्हा के जंगलों के विभिन्न हिस्सों में टीम बनाकर भेजा गया। ये जंगलों के चिन्हित क्षेत्र में चार से पांच दिन तक वहीं पर रहे। जबलपुर से पक्षियों का सर्वे करने गए पक्षी विशेषज्ञ मनीष सोनी के मुताबिक सर्वे के दौरान जंगलों में रुककर पक्षियों की मौजूदगी, उनके आचरण, आवाज, खानपान और रंग रूप से जुड़े सभी पहलुओं का अध्ययन कर उनका रिकार्ड तैयार किया गया। गर्मियों के मौसम में इस बार पक्षियों का सर्वे किया गया। सर्वे में काफी संख्या में ऐसे पक्षी दिखाई दिए जो फरवरी माह में हुए सर्वे में नहीं दिखाई दिए थे। इस दौरान 12 पक्षियों को विशेषज्ञों ने चिन्हित किया। जिनमें ड्रोंगो कोयल, भूरे पेट वाली कोयल, भारतीय कोल, भूरी बाज कोयल, स्पॉट बेलीड ईगल उल्लू, इंडियन ब्लू रॉबिन, बड़ी पूंछ वाला नाईटजर, कम पीला नपडस्की ईगल उल्लू, मार्शल का इओरा, ब्रोज्ड ड्रोंगो जैसी प्रजातियां पाई गईं। फरवरी माह में किए गए सर्वे में 272 प्रजापतियों के पक्षी कान्हा के जंगलों में चिन्हित किए गए। सर्वे के दौरान पक्षी विशेषज्ञों ने अपने सर्वे में न केवल भारतीय बल्कि प्रवासी पक्षियों का भी सर्वे किया।
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बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने पहली बार लोगों की टिप्पणी पर रिएक्शन दिया है। उनका कहना है कि दुनिया कुछ भी कर ले, हम जैसे लोग "जिंदा" रहेंगे। अपने इस बयान से उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्हें ट्रोलिंग से कुछ भी फर्क नहीं पड़ता है। शाहरुख और दीपिका पादुकोण की आगामी फिल्म "पठान" के गाने "बेशर्म रंग" को लेकर सोशल मीडिया पर खूब विवाद देखने को मिल रहा है। दरअसल देश के विभिन्न हिस्सों में फिल्म 'पठान' के गीत "बेशर्म रंग" को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि गीत से एक समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है। केआईएफएफ में मुख्य अतिथि खान ने कहा- "सिनेमा मानवता की करुणा, एकता और भाईचारे की अपार क्षमता को सामने लाता है, सिनेमा मानव जाति की व्यापक प्रकृति की बात करने वाले विपरीत-नजरिये को बरकरार रखने का सबसे बेहतर स्थान है। " खान ने सिनेमा को "विभिन्न रंगों, जातियों और धर्मों के लोगों के लिए एक दूसरे को बेहतर ढंग से समझने का जरिया बताया। दरअसल मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस गीत में दोनों मशहूर अदाकारों के कपड़ों के रंगों के साथ फिल्म के शीर्षक पर आपत्ति जताई। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर निर्माता-निर्देशक ने इस फिल्म में "सुधार" नहीं किया, तो राज्य सरकार विचार करेगी कि फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं। मिश्रा का कहना है कि "दूषित मानसिकता के साथ फिल्माए गए गाने "बेशर्म रंग" में अभिनेता और अभिनेत्री को आपत्तिजनक रूप से हरे और भगवा रंग के कपड़े पहनाए गए हैं। इन कपड़ों के रंग, गाने के बोल और फिल्म के नाम (पठान) में सुधार की आवश्यकता है। गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि दीपिका पादुकोण दिल्ली के जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित "टुकड़े-टुकड़े गैंग" के समर्थन में पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद उनकी मानसिकता पहले ही सबके सामने आ चुकी है। मिश्रा ने 25 जनवरी को प्रदर्शित जाने होने जा रही फिल्म "पठान" के केंद्रीय किरदार शाहरुख खान पर भी निशाना साधते हुण् कहा,"यह अच्छी बात है कि वह (खान) हाल ही में वैष्णोदेवी के दर्शन करने गए थे। मगर एक तरफ वह माताजी के दर्शन करने जाते हैं, तो दूसरी तरफ महिला अदाकारों को अपनी फिल्मों में लगभग बिकिनी में ले आते हैं। यह भी ठीक नहीं है।
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जयपुर। देशभर में लोग प्रत्येक वर्ष 36 लाख टन बिस्कुट खाते हैं। इनमें बिस्कुट के सबसे अधिक शौकीन लोग महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्रवासी एक साल में एक लाख नब्बे टन बिस्कुट खाते हैं जबकि सबसे कम बिस्कुट खाने वालों में पंजाब और हरियाणा के लोग हैं। बिस्कुट मैन्यूफैक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अनुसार, देश में पिछले साल 36 लाख टन बिस्कुट की खपत हुई। इसमें हर साल आठ से दस प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। एक अनुमान के अनुसार देश में सालाना 37,500 करोड़ रुपए के बिस्कुट की हो रही है। - एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेश दोषी ने कहा कि लोग अब केवल स्वाद के लिए नहीं बल्कि नाश्ते, स्वास्थ्य कारणों और दाल रोटी के स्थान पर भी बिस्कुट खा रहे हैं जिससे इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। - उन्होंने कहा कि आजादी के पहले केवल ग्लूकोज बिस्कुट थे लेकिन अब बाजार में कई किस्म के बिस्कुट उपलब्ध हैं। - उनका कहना है सरकार ने यदि 100 रुपए की कीमत वाले बिस्कुट को GST के दायरे में शामिल किया तो सरकार को मिलने वाले कर राजस्व में बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन यह निम्न वर्ग की पहुंच से दूर हो जाएगा। - बिस्कुट खाने में दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं जहां सालाना लगभग एक लाख 85 हजार टन बिस्कुट की खपत होती है। - तमिलनाडु 1,11,000, पश्चिम बंगाल 1,02,000, कर्नाटक 93 हजार, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ 80 हजार, बिहार और झारखंड में 62,500, राजस्थान 62,500, गुजरात 72 हजार और आंध्र प्रदेश के लोग 52,500 टन बिस्कुट खाते हैं।
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एमडी कर रहे एक डॉक्टर की रविवार को संदिग्ध हालत में लाश मिली। डॉक्टर सरवाना अपने दो दोस्तों के साथ हौजखास में किराए पर रहते थे। इस समय उनके दोनों दोस्त दिल्ली से बाहर हैं। शव के पास एक सिरींज और कुछ दवाइयां मिली हैं, जिससे मामला संदिग्ध बन गया है। पुलिस ने दवाइयों का ओवरडोज लेने सहित अन्य सभी बिंदुओं से मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, डॉ सरवाना एम्स के मेडिसिन विभाग में एमडी के प्रथम वर्ष के छात्र थे और कुछ दिन पहले ही यहां रहने आए थे। हौजखास इलाके के जिस घर में वे अपने दोस्तों के साथ किराए पर रहते थे उस कमरे का दरवाजा जब रविवार सुबह देर तक नहीं खुला तो आसपास के लोगों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को इत्तिला दी। पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा तो डॉक्टर की लाश फर्श पर पड़ी हुई थी। मरने से पहले उन्होंने कोई पत्र नहीं छोड़ा है इसलिए इसे शुरुआती जांच में खुदकुशी भी नहीं बताया जा रहा है। डॉक्टर के परिजनों को सूचना देकर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं है और दोस्तों, रिश्तेदारों व मकान मालिक से पूछताछ कर मामले की गुत्थी सुलझाने की बात कह रही है। मॉडल टाउन इलाके में एक व्यापारी को लूटपाट के बाद गोली मारकर घायल कर दिया गया है। व्यापारी सदर बाजार में कारोबार करते हैं और उनका घर मॉडल टाउन में है। लूटपाट और गोलीबारी की वारदात घर के पास हुई। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। सूत्रों के मुताबिक, मॉडल टाउन में रहने वाले 50 साल के जसपाल चोपड़ा की सदर बाजार में प्लास्टिक की दुकान है। अन्य दिनों की तरह शनिवार रात करीब नौ बजे वे दुकान बंदकर अपनी स्विफ्ट कार से घर जा रहे थे। जैसे ही कार घर के पास पहुंची तभी मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों ने जबरन कार रोकी और उन्हें रुपए से भरा बैग देने कहा। विरोध करने पर एक बदमाश ने उन्हें गोली मार दी जो कार के शीशे को चीरती हुई उनके कंधे में लगी।
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आर्थिक स्थिति व जॉब- आज जॉब में उच्चाधिकारियों का सहयोग रहेगा। व्यवसाय में धन का आगमन होगा व उन्नति होगी। स्वास्थ्य सुख- नेत्र रोग से प्रॉब्लम आ सकती है। आर्थिक स्थिति व जॉब- आज धन का आगमन है। जॉब में तनाव मिल सकता है। व्यवसाय में लाभ है। स्वास्थ्य सुख-- स्वास्थ्य सुख मध्यम है। उदर विकार से कष्ट है। आर्थिक स्थिति व जॉब-धन का आगमन होगा। जॉब में स्थिति बेहतर रहेगी। व्यवसाय में आज धैर्य की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सुख- कफ जनित रोग से परेशानी हो सकती है। आर्थिक स्थिति व जॉब-जॉब में सफलता मिलेगी। जॉब में अभी परिवर्तन की न सोचें। व्यवसाय के लिए अंक 5 व 7 की पार्टनरशिप बेहतर है। स्वास्थ्य- स्वास्थ्य सुख बेहतर है। आर्थिक स्थिति व जाँब--आज धन का व्यय अच्छे कार्यों में है। व्यवसाय से प्रसन्न रहेंगे। जॉब में उन्नति है। आर्थिक स्थिति व जॉब--व्यवसाय में बहुत मेहनत के बाद सफलता मिलेगी। जॉब में तनाव से बचें। स्वास्थ्य सुख-- बीपी के रोगी सावधानी बरतें। आर्थिक स्थिति व जॉब- जॉब में 07 भाग्यांक का अधिकारी सपोर्ट करेगा। अभी संघर्ष है। स्वास्थ्य सुख- अंक 2 यानी चन्द्रमा से कष्ट। फीवर से बचें। आर्थिक स्थिति व जॉब-जॉब में आज शनि सफलता देंगे। व्यवसाय में संघर्ष है। स्वास्थ्य सुख-स्वास्थ्य सुख उत्तम है। आर्थिक स्थिति व जॉब-अंक 9 का अंक 3 से बेहतर व्यावसायिक रिश्ता रहेगा। आज प्रगति का दिन है।
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China Debt Trap : इससे पहले पाकिस्तान के वित्त मंत्री इस्हाक डार ने घोषणा की कि चीन विकास बैंक (सीडीबी) के बोर्ड ने देश को 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी है। एक सवाल के जवाब में लू ने कहा कि चीन के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच गंभीर बातचीत हुई है। नई दिल्ली। भारत का पड़ोसी मुल्क चीन अक्सर अपनी विस्तारवादी नीति के तहत हर पल नई चालें चलता है। इसी चीनी नीति का हिस्सा है, 'ऋण जाल', क्योंकि ड्रैगन की लोन पॉलिसी ने कई देशों का बेड़ा गर्क किया है। श्रीलंका पहले इसका खामियाजा भुगत रहा है। वहीं अब पाकिस्तान के हालात भी श्रीलंका जैसे ही चुके हैं। इस बीच अमेरिका ने चेतावनी दी है कि भारत के पड़ोसियों को लोन देकर चीन बड़ा गेम खेल रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका को इस बात की गहरी चिंता है कि चीन की ओर से भारत के निकटवर्ती पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका को दिए जा रहे कर्ज के बदले जबरन फायदा उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा से पहले पत्रकारों से कहा, "हम इस बात को लेकर बहुत चिंतित हैं कि भारत के निकटवर्ती देशों को दिये जा रहे चीनी ऋण का दुरुपयोग किया जा सकता है। " ब्लिंकन एक से तीन मार्च तक तीन-दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नयी दिल्ली जा रहे हैं। भारत सरकार उनकी विजिट के लिए तैयार है।
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NMD ज़ोन में, एक यूक्रेनी तोड़फोड़ और टोही समूह ने खेरसॉन के पास नीपर पर एक द्वीप पर लैंडिंग की। इस इलाके में विरोधी पक्षों के बीच स्थिति को लेकर लड़ाई हो रही है। तट पर उतरने वाले यूक्रेनी सैनिकों के साथ जो हुआ उसका एक वीडियो इंटरनेट पर प्रकाशित हुआ था। यह दिखाता है कि कैसे यूक्रेनी सेना का एक विशेष समूह कई नावों पर नीपर पर द्वीप पर पहुंचा और वहां उतरा, साथ ही यहां कैसे, खेरसॉन के पास, रूसी सेना ने यूक्रेन के सशस्त्र बलों के विशेष समूह की लैंडिंग को समाप्त कर दिया। से फिल्माए गए तोड़फोड़ करने वालों के आगमन के क्षण के बाद मुफ़्तक़ोर, वीडियो उस क्षण को दिखाता है जब यूक्रेनी सेना को द्वीप पर स्थित घरों में रखा गया है। ऐसा लगता है कि उन्हें संदेह नहीं था कि लैंडिंग के बाद से वे क्रीमियन खुफिया अधिकारियों की निगरानी में थे। इसलिए, रूसी तोपखाने की हड़ताल, जिसे हमारी टोही से लक्ष्यों के निर्देशांक प्राप्त हुए, यूक्रेन के सशस्त्र बलों के उग्रवादियों के लिए एक पूर्ण आश्चर्य बन गया। और यद्यपि कई नावें द्वीप पर आ गईं, एक जीवित यूक्रेनी सैनिकों को निकालने के लिए पर्याप्त थी। हालांकि स्काउट्स ने द्वीप पर उतरने से पहले ही दुश्मन डीआरजी को देखा, लेकिन किसी कारण से उन्होंने उस पर आग नहीं लगाई, जबकि वह अभी भी नावों पर नौकायन कर रहा था। संभवतः, हमारी सेना ने लैंडिंग को वापस अपने किनारे पर नहीं ले जाने की योजना बनाई, लेकिन इसे पूरी तरह से नष्ट करने के लिए, जो पहले से ही किनारे पर करना आसान था, उन घरों में जहां यूक्रेन के सशस्त्र बलों के आतंकवादी तैनात थे। कोई केवल अनुमान लगा सकता है कि वे किस उद्देश्य से आए थे। और यद्यपि दुश्मन विशेष समूह का हिस्सा बच गया, सामान्य तौर पर, क्रीमियन खुफिया ने बहुत प्रभावी ढंग से काम किया।
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- 22 min ago ये क्या, 3. 3 लाख की ओवरसाइज़्ड हुडी पहनकर मलाइका अरोड़ा ने दिखाया अपना जलवा, फैंस की बोलती हुई बंद! - 1 hr ago तो क्या बादशाह ने उड़ाया 'आदिपुरुष' का मजाक? कंटेस्टेंट को कहा- '600 करोड़ के बिना ही. . . ' Don't Miss! - Lifestyle हाथों से मेहंदी का रंग करना है हल्का, ये टिप्स आएंगे काम, Charu Asopa से तलाक पर Rajeev Sen ने तोड़ी चुप्पी- मेरा परिवार उसके साथ है, मेरी बहन सुष्मिता के साथ. . Charu Asopa- Rajeev Sen:टीवी एक्ट्रेस चारु असोपा और राजीव सेन कुछ महीने पहले तलाक को लेकर बवाल खड़ा कर चुके हैं। लेकिन अब दोनों के रिश्ते के बीच सुधार दिखाई दे रहा है। इस पूरे मामले को लेकर राजीव सेन ने अपना पक्ष सामने रखा है। हाल ही में चारु राजीव के कजिन भाई की शादी में गई थीं। जहां पर दोनों ने मिलकर डांस भी किया था। राजीव ने चारु के साथ अपने रिश्ते को लेकर खुलकर बात की है। मीडिया रिपोर्ट अनुसार राजीव सेन ने कहा है कि मेरा परिवार चारु असोपा का समर्थन करता रहता है। और क्यों नहीं करना चाहिए। मुझे खुशी है कि चारु मेरे मम्मी, पापा और बहन के साथ बहुत अच्छा तालमेल रखती हैं। मैं इससे प्रभावित नहीं होता हूं। चारु के साथ मेरे परिवार का रिश्ता मेरे संबंधों को प्रभावित नहीं करता है। राजीव सेन ने कहा कि मेरी बहन मुझे इंस्टाग्राम पर फॅालो नहीं करती हैं। लेकिन चारू को वह सोशल मीडिया पर फॅालो करती हैं। मेरे लिए यह सब बचकानी बाते हैं। मुझे पहले दिन से इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। आपको बता दें कि चारु असोपा और राजीव सेन ने दूसरी बार तलाक लेने का फैसला किया था। ऐसा मालूम होता है कि बेटी के कारण दोनों ने अपने बीच की परेशानी को सुलझाने का मन बनाया है। साल 2019 में चारु और राजीव ने लव मैरिजी की थी। काफी आलीशान तरीके से दोनों की शादी हुई थी। मां बनने के पहले और बाद में चारु असोपा और राजीव सेन के बीच काफी विवाद हुआ। मीडिया के सामने दोनों ने ही एक दूसरे पर धोखा देने का भी आरोप लगाया। चारु और राजीव ने एक दूसरे को गलत दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा था। हाल ही में चारु असोपा ने बेटी के साथ राजीव सेन से मुलाकात भी की थी। चारु ने कुछ महीने पहले राजीव का घर छोड़कर अलग रह रही हैं। Delhi Metro में लड़की ने फिर कर डाली ऐसी हरकत, भड़के लोग बोले- 'इसको पागलखाने भेजो'
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Students At Ganga Ghat: बिहार के कई छात्रों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के भगवान राम वाले बयान पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने नाराजगी जाहिर की है। Shatrughan Sinha Asansol Result: आसनसोल लोक सभा उप-चुनाव में बॉलीवुड एक्टर और टीएमसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा की जीत गए हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित कांटी थर्मल पावर प्लांट से फैल रही प्रदूषण ने स्थानीय लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। Jharkhand Ropeway Accident: झारखंड में रोप-वे हादसा होने के कारण चार लोगों की मौत हो गई है। कई लोग घायल हैं और 48 लोग अभी भी रोप-वे में ही फंसे हैं। CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों की बढ़ती कीमतों पर लाचारगी जाहिर की है। हथियार जांच में अवैध पाए गए। Raees Khan Attack News: चर्चित रईस खान केस मामले में डीआईजी खुद आगे आकर मामले की देख रेख कर रहे हैं। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब समेत 8 लोगों पर FIR दर्ज कराई गई है। नालंदा में विधान परिषद की सीट पर कुल 5 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी इच्छा व्यक्त की है कि वह एक दिन राज्यसभा सदस्य के रूप में काम करना चाहेंगे। अब उनकी राजनीतिक भविष्य के बारे में सियासी गलियारों में बड़े पैमाने पर अटकलें लगाई जा रही हैं।
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नई दिल्ली. जहां एक तरफ अमेरिका और चीन में विकास की रफ्तार धीमी हो रही है वहीं भारत में आर्थिक विकास की गति स्थिर है. ऑर्गनाइजेशन फोर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के कंपोजिट लीडिंग इंडिकेटर (सीएलआई) में यह बात सामने आई है. सीएलआई के अनुसार, यूके, कनाडा व जर्मनी, फ्रांस, इटली समेत पूरे यूरोपीय क्षेत्र की आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ रही है. मुद्रास्फीति, उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास में कमी और शेयरों में गिरावट इसकी प्रमुख वजहें मानी जा रही हैं. उधर, अमेरिका के लिए ग्रोथ आउटलुक को 'स्टेबल ग्रोथ' से घटाकर 'ग्रोथ लूजिंग मोमेंटम' कर दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरती हुई अर्थव्यवस्था में भारत की आर्थिक विकास की गति स्थिर नजर आ रही है. इसके अलावा चीन और ब्राजील की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई है. ओईसीडी के अनुसार, कोविड-19 के कारण चीन द्वारा औद्योगिक इकाइयों में लगाए पूर्ण लॉकडाउन ने चीन की अर्थव्यवस्था को अपंग कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में चीन के 5. 5 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान संदेहास्पद है. दूसरी ओर ब्राजील में बढ़ती महंगाई और सख्त होती वित्तीय परिस्थितियों ने आर्थिक भावनाओं और परचेजिंग पावर पर चोट की है. इसके अलावा आगामी राष्ट्रपति चुनाव और अनिश्चितता पैदा कर रहे हैं क्योंकि 2023 तक ब्राजील में निवेश के कम रहने का अनुमान है. बात करें भारत की तो सीएलआई में देश की आर्थिक वृद्धि की स्थिति स्थिर है लेकिन इसमें पहले से कुछ गिरावट आई है. मार्च में भारत का सीएलआई 100. 3 था जो जून में घटकर 100. 1 रह गया है. ओईसीडी ने इससे पहले अपने आर्थिक पूर्वानुमान में कहा था कि भारत ने 2021 में जी-20 में सर्वाधिक तेजी से जीडीपी रिबाउंड (रिकवरी) दर्ज किया था लेकिन उसके बाद से विकास की गति लगातार धीमी हो रही है. ओईसीडी के अनुसार, भारत के लिए मुद्रास्फीति मुसीबत बनी हुई है और इसमें वैश्विक परिस्थितियों के कारण खाद्य पदार्थ व कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का हाथ है. सीएलआई को किसी बिजनेस साइकल के टर्निंग पॉइंट्स की जल्द जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है. यह ऑर्डर बुक, कॉन्फिडेंस इंडिकेटर, बिल्डिंग परमिट्स व लॉन्ग टर्म इंटरेस्ट रेट्स समेत कई इंडिकेटर्स पर आधारित है. .
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कर्नाटक : महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद का मुद्दा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जहां एक तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) सीमा विवाद के इस मुद्दे पर लोगों से राजनीति नहीं करने की अपील कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले पर राजनीति थमने का नाम ही नहीं ले रही है। राकांपा के सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। दरअसल, Ani के रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र एकीकरण समिति और राकांपा के सदस्यों ने अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दे को लेकर कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के पास कोग्नोली टोल प्लाजा के पास विरोध प्रदर्शन किया। बेलगावी, कर्नाटक । महाराष्ट्र एकीकरण समिति और राकांपा के सदस्यों ने अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दे को लेकर कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के पास कोग्नोली टोल प्लाजा के पास विरोध प्रदर्शन किया, धारा 144 लागू है। मामले पर तुरंत एक्शन लेते हुए धारा 144 (Section 144) लागू किया गया है। पुलिस का कहना है कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे (Maharashtra-Karnataka Border Dispute)को लेकर अधिकारी भी अलर्ट पर हैं। बता दें कि विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसी मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री ने अंतर्राज्यीय सीमा विवाद (महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच) में मध्यस्थता की है। इस मुद्दे पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमें सीमावर्ती निवासियों के साथ एक साथ खड़ा होना चाहिए।
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कोरोना के ओमिक्रोन वैरीअंट को लेकर देशभर में लॉकडाउन लगने की आशंका बढ़ती जा रही है। कई प्रदेशों ने इस वैरीयंट से बचने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है। जिससे किसी हद तक यह एक दूसरे लोगों में न फैले। वहीं कई प्रदेशों में बिना वैक्सीन की दोनों डोज लगे सार्वजनिक स्थानों पर एंट्री बैन कर दी है। यह सारी तैयारी कोरोना वायरस नए वैरीअंट से लड़ने के लिए सरकारों द्वारा की जा रही है। कई राज्य सरकार है कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए जिस तरह से एक्शन ले रही है उससे इस आंशका को बल मिल रहा है कि देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लग सकता है। यूपी सरकार ने 25 दिसंबर की रात से ही पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। यूपी सरकार ने पुलिस प्रशासन को सख्ती से इसे लागू करने का निर्देश दिया है ताकि ओमिक्रोन की संभावित तीसरी लहर से बचा जा सके। बिना अनुमति के क्रिसमस एवं न्यू ईयर पार्टी पर रोक लगा दी गई है। शादी समारोह में भी 200 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना के नए वैरीयंट से बचने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक लागू रहेगा। मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से से लागू करने की बात कही है और सभी जिलाधिकारियों को इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है। हालांकि मध्यप्रदेश में अभी तक ओमिक्रोन वैरीयंट का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ, लेकिन सरकार ऐहतियात बरतने के तौर पर लागू करने का फैसला ले रही है, जिससे प्रदेश के लोगों को इस महामारी का सामना न करना पड़े। हरियाणा सरकार ने भी इस महामारी से निपटने के लिए कई निर्णय लिए हैं। आगामी 1 जनवरी 2022 से हरियाणा के जिस भी व्यक्ति को कोरोना वायरस इन की डबल डोज नहीं लगी है, उसे सार्वजनिक स्थानों पर एंट्री नहीं मिलेगी। मंत्री अनिल विज ने कहा है कि ऐसे लोगों को सार्वजनिक परिवहन में यात्रा से लेकर मैरिज होम, सरकारी कार्यालय में, बाजारों में, भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में एंट्री नहीं मिलेगी। ऐसे सभी स्थानों पर पुलिस वालों ने विभागों द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। गुजरात राज्य में भी कोरोना पर नियंत्रण को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है। नए गाइडलाइन्स के मुताबिक गुजरात में रात का कर्फ्यू 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, जूनागढ़, जामनगर, भावनगर, गांधीनगर और वडोदरा नगर निगम क्षेत्रों में दोपहर एक बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
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के सागर हैं। वैद्यनाथ हैं, आशुतोष हैं। असुरों, मनुष्यों यहां तक कि बड़े-बड़े पापियों को भी उन्होंने क्षमा-दान दिया है। बिना किसी भेद-भाव के सदा सुपात्र को वरदान प्रदान किया है। उनके हर कार्य में, इच्छा में, परमार्थ ही रहता है। इसीलिए लगता नहीं है कि सिर्फ प्रवेश ना करने देने की हठधर्मिता के कारण उन्होंने एक बालक का वध कर दिया होगा। जरूर कोई ठोस वजह इस घटना का कारण रही होगी। उन्होँने जो भी किया होगा, वह सब सोच-समझ कर जगत की भलाई के लिए ही किया होगा। इसलिए उन्होंने उस बालक के पूरे व्यक्तित्व को ही बदल देने का निर्णय लिया था। विचारशील, तीव्रबुद्धी, न्यायप्रिय, प्रत्युत्पन्न, ज्ञानवान, बुद्धिमान, संयमित मेधा का प्रत्यारोपण कर उस बालक को एक अलग पहचान दे दी। पर अपनी रचना का ऐसा हश्र देख अत्यंत क्रोधित माता गौरी इतने से ही संतुष्ट नहीं हुईं, उन्होंने उस बालक कोदेव लोक में उचित सम्मान दिलवाने की मांग रख दी। शिवजी पेशोपेश में पड़ गये पर पार्वतीजी का अनुरोध भी वे टाल नहीं पा रहे थे, सो उन्होंने और उनके साथ-साथ अन्य देवताओं ने भी अपनी-अपनी शक्तियां उस बालक को प्रदान कीं। जिससे हर विधा विवेक, संयम आदि गुणों ने उसे इतना सक्षम बना दिया कि महऋषि वेद व्यास को भी अपने महान, वृहद तथा अत्यंत जटिल महाकाव्य महाभारत की रचना के वक्त उसी बालक की सहायता लेनी पड़ी।
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वाशिंगटन,(भाषा)। उष्णकटिबंधी तूफान 'इसाक की वजह से फ्लोरिडा नें रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन का कार्यक्रन स्थगित किये जाने के बाद तीन भारतीय अमेरिकी नेताओं बॉबी जिंदल, निकी हेली और रिकी गिल का भाषन्न प्रभावित हो सकता है। रिपब्लिकन पार्टी के अधिवेशनों के इतिहास नें पहली बार तीन भारतीय अनेरिकी पार्टी के प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे जो इस छोटे से सनुदाय के अनेरिका नें बढ़ रहे राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्नेलन के अध्यक्ष रिइंसे प्राइबस ने एक बयान नें कहा कि टंपा बे इलाके नें बहुत खराब नौसन की खबरों के बाद रिपब्लिकन राष्ट्रीय अधिवेशन सोनवार 27 अगस्त को आयोजित किया जायेगा। पार्टी के अधिकारियों ने घोषन्ना की कि इस बदलाव के फलस्वरूप नया कार्यक्रन तय किया गया है और उसकी जल्द ही घोषन्ना की जायेगी। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्नीदवार निट रोननी के लिये लोवा नें चंदा इकटा् करने के कार्यक्रन नें भाग ले रहे जिंदल ने कहा कि अगर तूफान उनके गृह राज्य लुसियाना को प्रभावित करता है तो वह अपनी टंपा यात्रा रद्द कर देंगे। जिंदल लुसियाना के गवर्नर हैं और अधिवेशन नें प्राइन टाइन नें जिंदल को नंगलवार को बोलना है।
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मेदिनीनगरः नावा बाजार थाना के तीन दिन पूर्व नलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव ने सोमवार की रात आत्महत्या कर ली है। थाना कैंपस में ही उन्होंने सुसाइड किया है। तीन दिन पहले लालजी यादव नावाबाजार थाना प्रभारी पद से हटाए गए थे और निलंबित किए गए थे। रांची के बुढ़मू थाने में मालखाना का प्रभार देने गए थे वहां से वापस लौटने के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली। एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव को जिले के परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन से बहस के बाद निलंबित कर दिया था। निलंबन के तीन दिनों के बाद इस तरह की घटना सामने आने पर कई तरह की बातें की जा रही हैं। हालांकि आत्महत्या के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। सूचना मिलने पर पुलिस के कई वरीय अधिकारी नावा बाजार पहुंच गए हैं। मामले की छानबीन की जा रही है। बताया जाता है कि हर दिन पुलिस अवर निरीक्षक लालजी यादव सुबह में उठ जाया करते थे, लेकिन मंगलवार की सुबह नहीं जगे। सुबह में उन्हें नहीं देख कर साथी पुलिसकर्मियों ने उनके क्वार्टर में जाकर देखा जो वे फंदे पर लटके हुए थे। इसकी सूचना मिलते ही पूरे थाना परिसर में अफरातफरी मच गई। थाना के सारे स्टाफ और जवान क्वार्टर के आसपास जमा हो गए। बाद में इसकी सूचना जिले के एसपी औऱ पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा सहित अन्य अधिकारियों को दी गई। फिलहाल अनुसंधान का हवाला देते हुए थाना के अंदर किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा रही है। पुलिस अवर निरीक्षक लालजी यादव की आत्महत्या से उनके साथी पुलिसकर्मी हतप्रभ हैं। उनके साथ 2012 बैच में रहे पुलिस अवर निरीक्षक राणा जंग बहादुर सिंह ने बताया कि लालजी काफी मिलनसार और मृदुभाषी पुलिस अधिकारी थे। काम के प्रति हमेशा सचेत रहते थे। अचानक उसकी आत्महत्या की सूचना मिली, इससे वे सकते में पड़ गए। लाल जी ने ऐसा औऱ इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया, इसका उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है। लालजी यादव द्वारा आत्महत्या कर लेने की सूचना पर इलाके के बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं और एनएच 98 डालटनगंज- औरंगाबाद मुख्य पथ को थाना के समीप जाम कर दिया है। इस दौरान ग्रामीण पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। जाम को हटाने के लिए पुलिस के कई जूनियर पदाधिकारी लोगों को समझाने में जुटे हुए हैं, लेकिन ग्रामीण उनसे बार-बार यह सवाल पूछ रहे हैं की आत्महत्या का कारण क्या है? हालांकि पुलिस अधिकारी यह हवाला दे रहे हैं कि जांच हो रही है। जांच सड़क पर नहीं संबंधित जगह पर और उचित प्लेटफार्म पर होगी, लालजी यादव की मौत का गम उन्हें भी है, लेकिन सड़क जाम करने से समस्या का समाधान तत्काल नहीं निकल पाएगा। इसके लिए पुलिस के अधिकारी जांच कर रहे है। जांच कर उचित जानकारी दी जाएगी। तत्काल कुछ भी बताने की स्थिति में पुलिस नहीं है। हालांकि, एक बार समझाने के बाद लोग जाम हटा दिए, लेकिन उन्होंने दोबारा सड़क जाम कर दिया है।
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यूपी के शाहजहांपुर में पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। यहां बच्चों में हुए विवाद के बाद पुलिस तीन मासूमों को उठाकर थाने ले आई। जहां इन तीन मासूमों को भूख लगती रही। लेकिन पुलिस ने इन बच्चों को तङपता रहने दिया। वही मासूम के परिजन दिन भर पैसे इकट्ठा करने के लिए भागदौड़ करते रहे। शाहजहांपुरः यूपी के शाहजहांपुर में पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। यहां बच्चों में हुए विवाद के बाद पुलिस तीन मासूमों को उठाकर थाने ले आई। जहां इन तीन मासूमों को भूख लगती रही। लेकिन पुलिस ने इन बच्चों को तङपता रहने दिया। वही मासूम के परिजन दिन भर पैसे इकट्ठा करने के लिए भागदौड़ करते रहे। पूरा दिन बैठाने के बाद पुलिस ने दक्षिंणा चढ़ने के बाद ही मासूमों को घर जाने दिया। अब मासूमों को पकड़कर पुलिस समझ रही है कि बहुत बङा गुडवर्क कर दिया। लेकिन आप क्या इसे पुलिस का अच्छा कार्य समझेंगे। दरअसल थाना बंडा के ग्राम ताजपुर में बच्चे खेत में बकरी चराने गए थे। इन बच्चों की उम्र 7 से 8 साल की है। उस खेत में पास के गांव के कुछ बच्चे भी खेल रहे थे। किसी बात को लेकर इन बच्चों मे विवाद हो गया और बकरी चराने गए बच्चों ने एक बच्चे को धक्का दिया। जिससे उसके सिर मे चोट आ गई। उसके बाद चोटिल बच्चे के पिता ने खेत पर पहुंच कर बच्चों को पीटा उसके बाद पुलिस को सूचना कर दी। इस घटना के बाद पुलिस तत्काल हरकत में आ गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली। और बकरी चरा रहे चार बच्चो में से तीन बच्चों को पुलिस थाने लेकर आ गई। पूरा दिन बच्चे थाने में बने पेङ के चबुतरे पर बैठे रहे। दोपहर में इन मासूमों को भूख लगी। लेकिन पुलिस का दिल नही पसीजा। जब इन मासूमों को परिजनों को पता चला तो उन्होंने थाने पहुचकर मासूमों को छोड़ने की बात की। लेकिन पुलिस ने बगैर दक्षिंणा छङाए छोड़ने से इंकार कर दिया हबेहद गरीब परिवार ने पैसे का इंतजाम करके शाम अपने बच्चो को थाने से छुङाया। पुलिस इन बच्चों को पकड़कर थाने लाकर मान रही है कि उसने बहुत बङा काम किया है। और उससे भी बङा काम इन मासूमों को भूखा रखकर उनके गरीब माता-पिता से पैसे की डिमांड करना। ऐसे में कैसे सीएम योगी की पुलिस मित्र पुलिस बन पाएगी। एसपी एस चिनप्पा का कहना है कि घटना में आरोपों की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी होगा कार्यवाई की जाएगी।
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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) की भारतीय यूनिट ने उसके द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) के समक्ष आवेदन किया है। फाइजर ने उसके कोविड-19 टीके को ब्रिटेन और बहरीन में ऐसी ही मंजूरी मिलने के बाद यह अनुरोध किया है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दवा नियामक को दायर किए गए अपने आवेदन में कंपनी ने देश में टीके के आयात एवं वितरण के संबंध में मंजूरी दिये जाने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, दवा एवं क्लीनिकल परीक्षण नियम,2019 के विशेष प्रावधानों के तहत भारत की आबादी पर क्लीनिकल परीक्षण की छूट दिए जाने का भी अनुरोध किया है। एक सूत्र ने कहा, 'फाइजर इंडिया ने भारत में उसके कोविड-19 टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए चार दिसंबर को डीजीसीआई के समक्ष आवेदन किया है। ' ब्रिटेन ने बुधवार को फाइजर के कोविड-19 टीके को आपातकालीन उपयोग के लिए अस्थायी मंजूरी प्रदान की थी। ब्रिटेन के बाद बहरीन शुक्रवार को दुनिया का दूसरा देश बन गया है जिसने दवा निर्माता कंपनी फाइजर और उसके जर्मन सहयोगी बायोएनटेक द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी दी है। दवा कंपनी पहले ही अमेरिका में ऐसी ही मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी है। दरसअल, ब्रिटेन अग्रणी दवा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 टीके (Pfizer Covid 19) को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है। इस तरह, घातक कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए अगले सप्ताह से अति जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने बताया कि यह टीका उपयोग में लाने के लिए सुरक्षित है। दावा किया गया था कि यह टीका कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 95 प्रतिशत तक कारगर रहा है। टीका की दो खुराक दी जाएगी। पहली खुराक के 21 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। दूसरी खुराक के सात दिनों बाद प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती मिलने लगेगी। एमएचआरए ने कहा कि लोगों को टीका दिए जाने के साथ वह आंकड़ों पर भी करीबी नजर बनाए रखेगी। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा, 'मैं रोमांचित महसूस कर रहा हूं । मदद आने वाली है। यह साल बहुत कठिन रहा लेकिन 2021 बेहतर साल होगा। ' सरकार ने एमएचआरए की सिफारिश को औपचारिक तौर पर स्वीकार किया है। इसका मतलब है कि आगामी दिनों में जोखिम वाली श्रेणी के लोगों का टीकाकरण होगा। टीका की आठ लाख खुराक अगले कुछ दिनों में ब्रिटेन पहुंच जाएगी और जल्द ही टीका की एक करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी।
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नई दिल्लीः पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इस समय हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद PTI समर्थकों ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है. इसी कड़ी में इमरान खान के समर्थक PTI मुखिया की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान आर्मी हेडक्वार्टर में घुस गए हैं. इस दौरान कोर कमांडर के घर में तोड़फोड़ की गई और घर के बाहर खान हाउस लिख दिया गया. गौरतलब है कि बढ़ते बवाल के बीच पाकिस्तान सरकार ने पूरे देश में धारा 144 लागू कर दी है. PTI समर्थक इमरान खान की गिरफ्तारी से इतने नाराज़ हैं कि वो सेना के कोर कमांडर के आवास पर भी हमला कर रहे हैं. बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने शांतिपूर्ण विरोध के लिए PTI के कार्यकर्ताओं को बुलाया था. कुरैशी ने कहा था कि इमरान खान के साथ एकजुट होकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया जाएगा. हालांकि इस बीच हालात बेकाबू हो गए और वह खुद आगे की कार्रवाई तय करने के लिए इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गए हैं. जानकारी के अनुसार इस्लामाबाद में इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पीटीआई नेतृत्व और छह सदस्यीय समिति की बैठक बुलाई गई है. बता दें, हाई कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी मामले में NAB के DG को समन भी जारी किया है. जहां चीफ जस्टिस ने कहा है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते हैं. बता दें, इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर तुरंत पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को भी तलब किया गया है. हालांकि इमरान खान के वकील ने कहा कि जिस तरह से PTI प्रमुख को गिरफ्तार किया गया वो गैरकानूनी है. वहीं सुनवाई के दौरान IG ने कोर्ट को बताया है कि गिरफ़्तारी से पहले इमरान खान को NAB ने वारंट जारी किया था. इसके अलावा हाई कोर्ट में इस वारंट की एक कॉपी भी जमा की गई है. इस दौरान चीफ जस्टिस ने हाई कोर्ट परिसर में हुई तोड़फोड़ को लेकर भी नाराज़गी जताई. जहां मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस ने कहा कि आज हाई कोर्ट में जो कुछ भी हुआ वह अक्षम्य है.
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करमन लॉजिस्टिक्स सेंटर कंस्ट्रक्शन बिडिंग की तैयारी शुरूः लॉजिस्टिक्स सेंटर प्रोजेक्ट, जो करमन उद्योग और अर्थव्यवस्था के विकास और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, ने विकास मंत्रालय के पर्यवेक्षण बोर्ड को पारित किया और परिवहन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया। निर्माण कार्य की तैयारी शुरू हुई। मेयर Ertuğrul ıalışkan ने करमन लॉजिस्टिक्स सेंटर के बारे में अच्छी खबर दी। राष्ट्रपति ऑलिसकान ने इस विषय पर एक बयान में कहाः "'लॉजिस्टिक्स सेंटर', जो करमन के लिए महत्वपूर्ण है, ने विकास मंत्रालय के ऑडिट बोर्ड को पारित कर दिया है और परिवहन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया है। निर्माण के टेंडर की तैयारी शुरू हो गई। हमारे राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन, हमारे प्रधान मंत्री बीनाली यिल्दिरिम, हमारे विकास मंत्री, लुत्फी एलवान, हमारे परिवहन मंत्री अहमत असलान, हमारे कृषि आयोग के अध्यक्ष और हमारे डिप्टी रिसप कोनुक, हमारे डिप्टी रेसेप Şककर और टीसीडीडी महाप्रबंधक। İsa Apaydınहम करमन के लोगों को धन्यवाद देना चाहते हैं। गुड लक, "उन्होंने कहा। लॉजिस्टिक सेंटर किस तरह के फायदे देगा? यह केंद्र निवेशकों और उद्योगपतियों को कच्चे माल की खरीद और विपणन में महत्वपूर्ण लागत लाभ प्रदान करेगा। लॉजिस्टिक्स सेंटर में लाए जाने वाले कार्गो को सुविधा के प्रवेश द्वार पर जांचा जाएगा और इस क्षेत्र में ले जाने के लिए उपयुक्त सामग्री को अलग नहीं किया जाएगा। फिर कार्गो को उनकी विशेषताओं के अनुसार पैक किया जाएगा और कानूनी सीमा शुल्क कार्यों द्वारा पूरा किए गए कार्गो को कंटेनरों के माध्यम से ले जाया जाएगा। इन भारों को तेजी से सुरक्षित परिवहन के लिए स्विच करके तेजी से सुरक्षित और सुरक्षित बंदरगाहों तक पहुंचाया जाएगा।
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भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में गुलदार के पेट में तार (क्लच वायर) घुस गई। घायल गुलदार को जैसे-तैसे ट्रैंक्यूलाइज कर रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद बिसरा जांच के लिए बरेली भेज दिया है। मामले में वन विभाग ने जांच बैठा दी है। आईएमए के गोल्फ कोर्स में लगाए गए क्लच वायर में बुधवार सुबह एक गुलदार फंस गया। इसे बचाने की कोशिश की गई तो क्लच वायर उसके पेट में घुस गई। सूचना पर प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इन्होंने जैसे तैसे क्लच वायर बाहर निकाली। इसके बाद घायल गुलदार को डॉ. राकेश नौटियाल और डॉ. सनत ने ट्रैंक्यूलाइज (बेहोश) किया। बेहोश गुलदार को रेस्क्यू सेंटर ले जाया जाएगा। जहां उसकी मौत हो गई। डीएफओ राजीव धीमान ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्टअटैक आया है। इसकी बिसरा रिपोर्ट जांच के लिए बरेली लैब में भेज दी है। साथ ही मामले में जांच भी बैठा दी है। डीएफओ ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले में आईएमए के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी। बृहस्पतिवार को वन विभाग की टीम जांच के लिए मौके पर जाएगी। तीन साल पहले भी आईएमए में लगाए गए क्लच वायर में फंसकर एक गुलदार की मौत हो गई थी। उस समय आईएमए अधिकारियों ने कहा था कि कैडेट्स की ट्रेनिंग के लिए क्लच वायर लगाई थी। इस बार फि र वन विभाग ने मौके से क्लच वायर बरामद की है। बार-बार एक ही तरह से घटनाएं होने से आईएमए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। गुलदार की मौत के मामले में जांच की जा रही है। क्लच वायर में फंसना गंभीर चिंता का विषय है। मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके बाद आईएमए के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी।
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सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार यदि किसी लड़की का माथा चौड़ा हो वो बहुत भाग्यशाली होती है। यदि किसी लड़की का माथा तीन अंगुल से चौड़ा और चंद्रमा के आकार का और नरम हो तो ऐसी लड़कियां सौभाग्य, स्वास्थ्य और सुख में वृद्धिकारक होती है। ऐसी लड़कियां जिस घर में भी जाती हैं वो घर हमेशा सुख-समृद्धि से भरा रहता है। इस तरह की लड़कियां स्वभाव की कठोर होती हैं लेकिन उनका दिल मोम सा होता है। जिन लड़कियों का माथा आगे से उठा हुआ होता हैं उनके विषय में माना जाता है कि वो भाग्यशाली, तीक्षण बुद्धि की एंव विदुषी होती हैं। ऐसी लड़कियां अपने परिवार को आगे बढ़ाने और उनके स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करती हैं। सामुद्रिक शास्त्र में कहा गया है कि यदि लड़की के माथे पर त्रिशूल की आकृति बनती हो तो ऐसी लड़की को समाज में काफी सम्मान मिलता है। साथ ही जिस भी लड़के से उसका विवाह होता है उसके भी मान-सम्मान में वृद्धि होती है। वहीं, जिस लड़की का माथा अधिक ऊंचा हो और मांसपेशियां साफ नजर आएं तो कहा जाता कि उन्हें समाज में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर किसी का माथा लंबा है तो कहते हैं कि उस लड़की को संतानसुख में दिक्कतें आती हैं।
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"हमने पहले भी कोविड के विरूद्ध एक मजबूत लड़ाई लड़ी है और इस सीख का उपयोग ओमिक्रॉन वैरिएंट के विरूद्ध प्रयासों पर फिर से ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाना चाहिए" केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज कोविड-19 के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा करने के लिए वर्चुअल तरीके से राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/अपर मुख्य सचिवों के साथ परस्पर बातचीत की। यह बैठक ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों और हाल ही में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शुरू करने और चिह्नित निर्बल वर्गों के लिए एहतियाती खुराक को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने की। बैठक में शामिल होने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों में श्री एस पांगन्यू फोम (नगालैंड), श्री एनके दास (ओडिशा), डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री मा सुब्रमण्यम (तमिलनाडु), श्री केशब महंत (असम), श्री अनिल विज (हरियाणा), श्री सत्येंद्र जैन (दिल्ली), श्री आलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), श्री मंगल पांडे (बिहार), श्री टी.एस. सिंह देव (छत्तीसगढ़), सुश्री चंद्रिमा भट्टाचार्जी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री (पश्चिम बंगाल) और अन्य शामिल थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आरम्भ में ही कहा कि विश्व स्तर पर, देश अपने पहले के शीर्ष मामलों की तुलना में कोविड-19 मामलों में 3 से 4 गुना वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट के अत्यधिक तेजी से फैलने के कारण, कोविड मामलों में तेज वृद्धि चिकित्सा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है। इसलिए उन्होंने राज्यों को तेज वृद्धि को प्रबंधित करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की सलाह दी, जिससे कि भारत कोविड-19 के इस प्रकोप से सुरक्षित रह सके। डॉ. मांडविया ने कहा कि कोविड का चाहे कोई भी वैरिएंट हो, तैयारी और सुरक्षा के उपाय समान ही बने रहेंगे। उन्होंने राज्यों से जमीनी स्तर पर काम करने और निगरानी और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने के लिए अपनी टीमों को फिर से सक्रिय करने का आग्रह किया। इसके बाद अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार; जांच में तेजी; संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कड़े प्रतिबंधात्मक उपाय और आम लोगों के बीच कोविड उपयुक्त व्यवहार पर जोर सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई। चिकित्सा अवसंरचना में बड़ी बाधाओं पर भी चर्चा की गई। महामारी के विरूद्ध लड़ाई और साथ ही लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा दिखाए गए समर्पण और धैर्य की सराहना करते हुए, डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, "हमने पहले भी कोविड के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ी है और इस सीख का उपयोग -ओमिक्रॉन वैरिएंट के विरूद्ध पर फिर से ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाना चाहिए।" उन्होंने वर्तमान तेजी को रोकने के लिए रोकथाम उपायों पर नए सिरे से और सख्त ध्यान देने के साथ-साथ कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की निरंतर आवश्यकता पर जोर दिया। टीकाकरण अभियान को रेखांकित करते हुए, मंत्री ने कहा, "हमें 15 से 18 आयु वर्ग के टीकाकरण तथा पात्र लाभार्थियों के लिए एहतियाती खुराक के संबंध में योजना बनाने पर ध्यान देना चाहिए"। डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से टीका लगाया जाए, क्योंकि वे निर्बल वर्गों से संबंधित हैं। सभी पात्र वयस्कों के लिए पहली खुराक के टीकाकरण के 90 प्रतिशत कवरेज के राष्ट्रीय औसत को अर्जित करने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने उन राज्यों से, जिनकी टीकाकरण की प्रगति राष्ट्रीय औसत से कम है, अपने टीकाकरण अभियान को तेज करने का आग्रह किया। राज्यों को यह भी सलाह दी गई कि वे औसत राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज के समकक्ष आने और उससे आगे निकलने के लिए साप्ताहिक योजना तैयार करें और सचिव/ स्वास्थ्य एसीएस के स्तर पर दैनिक आधार पर इस योजना के कार्यान्वयन (पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के 5 चुनावी राज्यों में विशेष जोर देते हुए) की समीक्षा करें। नए टीकाकरण दिशानिर्देशों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए टीका लगाने वालों और टीकाकरण दल के सदस्यों का अनुकूलन सुनिश्चित करें और 15 से 18 वर्ष आयु समूह के टीकाकरण के लिए समर्पित सत्र स्थलों की पहचान करें। टीका लगाए जाने के दौरान टीकों के मिश्रण से बचने के लिए, अलग सीवीसी, अलग सत्र स्थल, अलग कतार (यदि उसी सत्र में जहां वयस्क टीकाकरण चल रहा है) और अलग टीकाकरण टीम (यदि एक ही सत्र स्थल पर टीके लगाए जा रहे हैं) के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को भी को-विन का उपयोग करने के द्वारा लाभार्थियों के जिलेवार आकलन के माध्यम से टीकों की खुराक की अपनी आवश्यकता को साझा करने की सलाह दी गई थी। उन्हें अग्रिम रूप से ही चिह्नित सत्र स्थलों पर कोवैक्सिन के वितरण की योजना बनाने तथा पर्याप्त उपस्थिति उपलब्ध कराने के लिए कम से कम 15 दिनों तक सत्रों को प्रकाशित करने का आग्रह किया गया। डॉ. मनसुख मांडविया ने यह भी बताया कि देश में अवसंरचना के विकास और टीका उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को साझा करने का अनुरोध किया ताकि पूरे देश को लाभ हो सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यान इस तथ्य की ओर दिलाया कि सामूहिक रूप से, उन्होंने आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी-II) के तहत उपलब्ध स्वीकृत फंड के केवल 17 प्रतिशत से अधिक का ही उपयोग किया है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, पीडियाट्रिक आईसीयू/एचडीयू बेड आदि के मामले में ईसीआरपी-II के तहत व्यावहारिक प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया गया। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से मानव संसाधनों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, एम्बुलेंस की समय पर उपलब्धता, संस्थागत रूप से क्वारंटिन करने के लिए कोविड सुविधाओं को प्रचालित करने के लिए राज्यों की तैयारी और होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए प्रभावी और निगरानीपूर्ण निरीक्षण सहित टेली-मेडिसिन और दूरस्थ परामर्श के लिए आईटी टूल्स का प्रभावी उपयोग करने का भी आग्रह किया गया। इसके साथ-साथ उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से ईसीआरपी-II के तहत स्वीकृत फंड का बेहतर उपयोग करने का भी आग्रह किया और इस संबंध में सुझावों को आमंत्रित किया। अपर सचिव और एनएचएम के एमडी श्री विकास शील ने विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से अवसंरचना के विकास तथा राज्यों द्वारा ईसीआरपी-II फंड के उपयोग की स्थिति पर चर्चा की। अपर सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. मनोहर अगनानी ने देश में टीकाकरण की स्थिति पर अपडेट प्रस्तुत किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल ने राज्यों में कोविड के प्रसार का एक बारीक विश्लेषण प्रस्तुत किया और कोविड मामलों में हाल में आई तेजी से निपटने के लिए जांच, निगरानी और नियंत्रण तंत्र में तेजी लाने का सुझाव दिया। प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य निगरानी अधिकारियों ने चिंता के बिंदुओं पर चर्चा करते हुए अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव प्रस्तुत किए।
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नई दिल्लीः एक ओर जहां बॉलीवुड सिनेमा में ढेरों फिल्में बन रही हैं तो वहीं भोजपुरी सिनेमा भी पीछे नहीं है. भोजपुरी फिल्में बॉलीवुड से कदम से कदम मिलाकर चल रही है. हर महीने कई बड़ी भोजपुरी फिल्में सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज हो रही हैं. अब इन फिल्मों का जादू विदेशों तक में चल रहा है. हाल ही में भोजपुरी सुपरस्टार निरहुआ की फिल्म भी विदेश में शूट हुई. वहीं इन फिल्मों के गाने भी काफी पसंद किए जाते हैं. पिछले साल रिलीज हुई फिल्म दिलवाला को लोगों ने काफी पसंद किया. फिल्म में खेसारी लाल यादव और आम्रपाली दुबे की जोड़ी दिखी. खासकर फिल्म के गानों को फैंस ने काफी पसंद किया. फिल्म के एक गाना भी काफी चर्चा में रहा. गाने में खेसारी, औरत की वेशभूषा में नजर आए. गाने के बोल थे 'भातर कटनी' को यूट्यूब पर 8 करोड़ से भी ज्यादा के व्यूज मिले. अब एक बार फिर यह गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस गाने को खुद खेसारी लाल यादव ने अपनी आवाज दी है. गाने को लिरिक्स पवन पांडे ने दिया है. बता दें कि खेसारी लाल यादव इन दिनों अपनी फिल्म 'कुली नंबर वन' की शूटिंग में बिजी हैं. लालबाबू पंडित की फिल्म में काजल राघवानी भी हैं. खेसारी अपनी इस फिल्म में कुली बनकर लोगों को इंटनटेन करेंगे. खेसारी और काजल के अलावा फिल्म में पूजा गांगुली, संजय पांडेय, देव सिंह, अनूप अरोड़ा, किरण यादव जैसे स्टार्स हैं. फिल्म को लाल बाबू डायरेक्ट करेंगे.
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इस कड़ी में क्लासिक क्लीन और डेली क्लीन इन दो प्रकारों के साबुन और लिक्विड हैंड वॉश शामिल हैं। रोजाना कामकाज में बच्चों को जिन कीटाणुओं का सामना करना पड़ता है, उन कीटाणुओं के खिलाफ डेटॉल गोल्ड बेहतर सुरक्षा देता है। - अगर आप डेटॉल ब्रांड ही इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको इसका ये प्रोडक्ट भी पसंद आएगा। - डेटॉल गोल्ड कीटाणुओं और बिमारियों से 100 प्रतिशत सुरक्षा का वादा दे रहा है। - इसकी कीमत भी आपके बजट में है। - डेटॉल गोल्ड की खूशबु भी पहले से ज्यादा बेहतर है। क्योंकि इसे लेमन ग्रास लीव्स का प्रयोग हुआ है, जो कि आपको तरोताजा महसूस कराएगा। डेटॉल गोल्ड साबुन बार 50 ग्राम, 75 ग्राम और 125 ग्राम के आकारों में उपलब्ध है, जिनकी कीमतें क्रमशः 25 रुपये, 38 रुपये और 62 रुपये हैं। डेटॉल गोल्ड लिक्विड हैंड वॉश का 250 मिली का पम्प 86 रुपयों में और 185 मिली का पाउच 46 रुपयों में है। कुल मिलाकर बाजार में कई हाईजीनक प्रोडक्ट हैं लेकिन डेटॉल ने अपनी साख लोगों के विश्वास जीत कर आज तक बरकरार रखी है। उनकी इसी कड़ी में 'डेटॉल गोल्ड' का परिणाम भी संतोषजनक हैं। साथ ही इसकी कीमत भी आप के बजट में है। इसलिए गृहलक्ष्मी इसे 5 में से 4/5 रेटिंग देती है।
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संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों और लाभों की जांच करने का निर्देश दिया गया है, जिससे संभावित डिजिटल अमेरिकी डॉलर के अनुसंधान और विकास पर प्रीमियम लगाया जा सके। व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट में कहा, "क्रिप्टोक्यूरेंसी सहित डिजिटल संपत्ति, हाल के वर्षों में एक ख़तरनाक गति से बढ़ी है, जो पिछले नवंबर में 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार पूंजीकरण को पार कर गई है," लगभग 16% वयस्क अमेरिकियों, या लगभग 40 मिलियन लोग , में निवेश किया है, व्यापार किया है, या क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया है। "हालांकि डिजिटल संपत्ति का उदय वैश्विक वित्तीय प्रणाली और तकनीकी मोर्चे पर अमेरिका के नेतृत्व की पुष्टि करने का एक अवसर प्रस्तुत करता है, यह उपभोक्ता संरक्षण, वित्तीय स्थिरता, राष्ट्रीय सुरक्षा और जलवायु जोखिम के लिए भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है," रिपोर्ट जारी रही। बुधवार को हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश छह प्रमुख उद्देश्यों पर केंद्रित डिजिटल संपत्ति के लिए एक राष्ट्रीय नीति स्थापित करता हैः उपभोक्ता और निवेशक संरक्षण; वित्तीय स्थिरता; अवैध वित्त; वैश्विक वित्तीय प्रणाली और आर्थिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिकी नेतृत्व; वित्तीय समावेशन; और जिम्मेदार नवाचार, रिपोर्टों के अनुसार। इस बीच, आदेश अमेरिकी सरकार को एक संभावित सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे और क्षमता आवश्यकताओं का आकलन करने का निर्देश देता है और फेडरल रिजर्व को अपने सीबीडीसी अनुसंधान, विकास और मूल्यांकन प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, "हम भुगतान प्रणाली, वित्तीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए डिजिटल डॉलर के संभावित लाभों और जोखिमों के आकलन को प्राथमिकता दे रहे हैं। "
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- आखिरी चरण में ब्लाक प्रमुख भी पास, BAREILLY: आखिरकार 7 सितंबर को त्रिस्तरीय चुनाव के लिए जारी जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और क्षेत्र पंचायत सदस्य की आरक्षण सूचियों पर आपत्ति दर्ज कराने का समय समाप्त हो गया है। आपत्तियों के निस्तारण के आखिरी चरण में ब्लॉक प्रमुखों की सीटों के लिए प्रस्तावित आरक्षण सूची पर महज 4 आपत्तियां आई, लेकिन आपत्तियों में कोई मजबूत तथ्य न होने की वजह से उन्हें निरस्त कर दिया गया। हालांकि निरस्तीकरण पर फाइनल मुहर संडे को आयोजित होने वाली मीटिंग में डीएम गौरव दयाल लगाएंगे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक आई आपत्तियों पर विभाग ने बारीकी से जांच की है। लेकिन चारों ही आपत्तियां कहीं चक्रानुक्रम में फेल हो गई हैं। भदपुरा ब्लाक की आपत्ति में थोड़ा हेर फेर किए जाने की आशंका अधिकारियों को हुई, लेकिन वह भी चक्रानुक्रम के क्रम में फेल साबित हुई। इसके अलावा मझगवां की आपत्ति भी निस्तारण में निराधार रही। फरीदपुर से प्राप्त आपत्ति में एससी सीट को ओबीसी करने की मांग है। जबकि प्रस्तुत डाटा के मिलान में चक्रानुक्रम पास हुआ और आपत्ति निरस्त। वहीं, रामनगर की आपत्ति में सामान्य, ओबीसी और एससी रहने और सीट ओबीसी करने की मांग की गई। लेकिन चक्रानुक्रम में वर्ष 1995 में सामान्य होने की वजह से सीट सामान्य थी, इसीलिए इस बार भी सामान्य ही रहेगी। 1 - नगरिया विक्रम निवासी संजय यादव की आपत्ति है कि फरीदपुर ब्लाक प्रमुख सीट वर्ष 2000 में एससी महिला थी। वर्ष 2010 में ओबीसी महिला हो गई। जनसंख्या भी ओबीसी की अधिक है. ऐसे में सीट ओबीसी होनी चाहिए। 2 - रामनगर के ब्लाक प्रमुख विजेंद्र सिंह यादव की आपत्ति है कि ब्लाक में पहले भी अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग का आरक्षण रह चुका है। इस बार ओबीसी का आरक्षण हो, ताकि इस वर्ग को लाभ मिल सके। 3 - भदपुरा ब्लाक के आरक्षण पर भी बरसिया निवासी सुखलाल ने आपत्ति दायर की है। कहा कि यहां एससी की आबादी 15. 32 फीसद है जो नवाबगंज से 0. 4 फीसद अधिक है। इसलिए यह सीट नवाबगंज की तरह अनुसूचित जाति के खाते में जानी चाहिए। 4 - मझगवां सीट को अनुसूचित जाति की झोली में डाला गया है। यह सीट ओबीसी के खाते में करने की आपत्ति पूर्व ब्लॉक प्रमुख जिला सिंह की ओर से की गई है। उन्होंने तर्क दिया है कि कई बार यह सीट एससी रह चुकी है।
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पाठशाला स्थापित करना । आशा है कि इस बात को सुन कर सब भद्र लोग स्वीकार करके आर्योन्नति करने में तन, मन, धन से प्रवृत्त होंगे। इस विज्ञापन के प्रचारित होते ही सारे मेले में महाराज के आगमन की धूम मच गई और शतशः सहस्रशः लोग महाराज के स्थान पर धर्मोपदेश सुनने शङ्का समाधान करने आने लगे । कोई प्रेम भाव से आते तो कोई द्वेष भाव से, कोई केवल दर्शन करने के लिये ही आते कि देखें दयानन्द, जो मूर्ति पूजादि परम्परागत बातों का खण्डन करता है, रंग ढंग में, डील डौल में, बोल चाल में कैसा है। कोई कोई ऐसे भी महानुभाव थे जो दयानन्द को नास्तिक कह कर उसका मुख देखना भी पाप समझते थे या कम से कम अपने को परम धार्मिक प्रसिद्ध करने के अभिप्राय से ऐसा प्रसिद्ध करते थे । पौराणिक पंडितों को तो शास्त्रार्थ से बचने का यह सुलभ उपाय हाथ आगया था। ऐसे लोग न स्वयं आते और न दूसरों को आने का परामर्श देते। इसमें यह रहस्य भी था कि कहीं ऐसा न हो कि उनका कोई शिष्य दयानन्द का उपदेश सुनकर उनके जाल से निकल जावे । महाराज प्रातःकृत्य से निवृत्त होकर प्रातःकाल के सात बजे सभामश्च पर विराजमान हो जाते थे और साधु संन्यासी और गृहस्थ सैकड़ों की संख्या में उपस्थित होकर विविध विषयों पर प्रश्न करके और उत्तर पाकर सन्तुष्ट होकर चले जाते थे। यह प्रश्नोत्तर ११ और कभी कभी १२ बजे तक होते रहते थे। उसके पश्चात महाराज स्नान करते और भोजन पाते थे और थोड़ी देर विश्राम करके १ बजे फिर मच पर आविराजतं और व्याख्यान देना आरम्भ कर देते थे । इस समय भीड़ का कुछ ठिकाना न रहता था, सभास्थल में तिल धरने की जगह न रहती थी । व्याख्यान इतने मनोरञ्जक और शिक्षाप्रद होते थे कि लोग अन्त तक डटे रहते और दत्तचित्त होकर सुनते रहते थे । व्याख्यान की समाप्ति पर यदि कोई कुछ शङ्का करता तो महाराज उसका समाधान करते थे । ५ बजे सभा विसर्जन होजाती थी। केवल दो घन्टे का अवकाश लेकर ७ बजे महाराज फिर उपदेश कार्य में लग जाते । इस समय बहुधा श्रयेसामाजिक पुरुष ही एकत्र होते थे 1 कभी कभी आपस में ही किसी विषय पर शास्त्रार्थ छिड़ जाता था । लोग पक्ष विपक्ष में बँट जाते थे और महाराज मध्यस्थ का आसन ग्रहण कर लेते थे । ९ बजे तक शास्त्रार्थ और धर्मालाप होता रहता था, फिर सब लोग विश्राम के लिये अपने अपने डेरे को चले जाते थे । रात्रि में महाराज बहुत थोड़ी देर के लिये सोया करते थे। शेष समय योगाभ्यास और भगवद्भजन में ही व्यय करते थे । मैले के अन्त तक उपदेश का यही क्रम रहा । + यह पूरा विज्ञापन ऋषि दयानन्द के पत्रव्यवहार में पृष्ठ १३८- - १४२ तक छपा है । पं० लेखराम कृत जीवनचरित में पृष्ठ ६१६ - ६१८ तक देवनागरी अक्षरों में छपा है। पत्रव्यवहार में - अन्तिम २ श्लोक में 'माघमासि सिते दले' पाठ छपा है वह अशुद्ध है वहां "माघमासासि तेदले" पाठ चाहिये । ऐसा ही लेखरामकृत जीवनचरित में छपा है ।
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गुरुग्राम कोर्ट ने बलात्कारी बेटे को सुनाई मौत आने तक की उम्र कैद की सजा ( Image Source : ABP Live ) Delhi News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम से एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसे जानकर कुछ पलों के लिए आप भी यकीन नहीं कर पाएंगे कि क्या सच मे ऐसा हुआ है. बलात्कार के कई मामलों के बारे में आपने पढ़ा और सुना होगा, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई बेटा अपनी सगी मां का बलात्कार कर सकता है? आपका जवाब निश्चित ही ना ही होगा, लेकिन ये सच है और ऐसी घिनौनी हरकत को गुरुग्राम में रहने वाले एक कलयुगी बेटे ने अंजाम दिया था. यही नहीं, उसने अपनी मां को इस कदर प्रताड़ित किया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान तक दे दी. इस मामले में सुनवाई के दौरान आरोपी बेटे पर आरोप सिद्ध होने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राहुल बिश्रोई की अदालत ने पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर निर्णय सुनाते हुए आरोपी को दोषी करार दिया. अदालत ने आरोपी बेटे को उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपए आर्थिक जुर्माने की सजा भी सुनाई है. ग्रुरुग्राम कोर्ट ने दोषी पाए गए बेटे को मौत होने तक जेल में ही रहने का आदेश दिया है. साथ ही ये भी कहा है कि इस दौरान उसे पैरोल भी नहीं दी जाएगी. इस मामले में अभी तक की जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में गुरुग्राम जिले के पटौदी थाना क्षेत्र के एक गांव में एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. महिला के पति ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि 25 साल पहले महिला की शादी उसके भाई के साथ हुई थी. शादी के 3 साल बाद पीड़िता के पति का निधन हो गया था. जिसके बाद महिला की जिम्मेदारी भी उसे दे दी गई थी. मृतका का बड़ा बेटा नशे का आदी है और वह परिवार के सदस्यों के साथ लड़ाई-झगड़ा भी करता है. उसे भी एक माह पहले घर से निकाल दिया था. आरोपी के पिता ने अंदेशा जाहिर किया था कि महिला के साथ शायद कुछ गलत काम हुआ है, जिसका पता लगाने की उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई थी. पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 व 376(2)(F) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवाया जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए कलयुगी बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अदालत में मामले की सुनवाई हुई. अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत व गवाह अदालत में पेश किए. आरोपी पर लगे आरोपों के सिद्ध होने पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. दोषी को मौत होने तक जेल में ही रहना पड़ेगा.
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नागपुर/दि. 23 - अजनी पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली 28 वर्षीय विवाहिता का कपडे बदलते समय आपत्तिजनक वीडियो तैयार करने के बाद उसे ब्लैकमेल करते हुए उसके साथ ही कई बार दुराचार किए जाने की घटना जनवरी 2022 से 20 जून 2023 के दौरान घटित हुई. इस मामले में अजनी पुलिस ने राजू लेखाराम पाटिल (29, गोडेगांव, जि. सिवनी, म. प्र. ) को नामजद करते हुए अपनी हिरासत में लिया है. जानकारी के मुताबिक विगत कुछ वर्षों से अपने कामकाज के चलते नागपुर में रहने वाला राजू पाटिल अजनी पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली अपनी महिला रिश्तेदार के यहां हमेशा ही आना-जाना किया करता था और डेढ वर्ष पहले उसने चोरी-छीपे तरीके से उक्त महिला का कपडे बदलते हुए आपत्तिजनक वीडियो तैयार किया था. जिसके बाद उक्त वीडियो के दम पर महिला को ब्लैकमेल करने के साथ ही किसी को भी कुछ बताने पर पूरे परिवार को जान से मार देने की धमकी देते हुए राजू पाटिल ने उक्त महिला की इच्छा के खिलाफ उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए और वह आए दिन उसका शोषण करने लगा. इससे तंग आकर उक्त महिला ने अजनी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर अजनी पुलिस ने राजू पाटिल को अपनी हिरासत में लिया.
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अनुष्का ने पोस्ट में लिखा, 'मेरा हमेशा मानना रहा है कि झूठ और फालतू की खबरों पर चुप्पी साध लेनी चाहिए। पिछले 11 साल के करियर में मैं ऐसा ही करती आई हूं। लोगों को लगता है कि झूठ को बार-बार बोला जाए तो वह सच साबित हो जाएगा। मुझे डर है कहीं यह मेरे साथ न हो। मेरी चुप्पी का हर बार गलत मतलब निकाला गया मगर अब बहुत हुआ। मैं हमेशा चुप रही, मुझ पर इल्जाम लगे कि मेरी वजह से तब के मेरे ब्वाॅयफ्रेंड विराट की परफाॅर्मेंस गिर रही है। अब जब वह मेरे पति हैं तब भी यही इल्जाम लगते हैं। भारतीय क्रिकेट से जुड़ी तमाम अफवाहें मेरे नाम के साथ जोड़ी गईं, तब भी मैं चुप रही। मैं टीम सलेक्शन को प्रभावित करती हूं, इस पर भी मैं शांत रही। मेरा नाम गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया और कहा गया कि मुझे खास तरह से ट्रीट किया जाता और मैं कैसे विदेशी टूर पर अपने पति के साथ ज्यादा समय रहती हूं, जो कि अगर किसी ने बोर्ड से सच जानने की कोशिश की है तो पता चले कि मैंने हमेशा प्रोटोकॉल को फॉलो किया है, लेकिन फिर भी, मैं चुप रही। अनुष्का ने आगे लिखा, 'मेरे नाम से न जाने कितने फर्जी खबरें फैलाई गईं। यहां तक कहा जाने लगा कि मेरी टिकट और यात्रा का खर्च बोर्ड उठाता है, जबकि हकीकत यह है कि मैच से लेकर फ्लाइट की टिकट मैं खुद अपने पैसों से खरीदती हूं। इसके बावजूद मैं चुप रही। मुझसे पूछा गया कि मैं हाई कमीशन में टीम इंडिया की ग्रुप फोटो में क्यों थी, जबकि मुझे इनवाइट किया गया था इसलिए मैं वहां पहुंची थी। बोर्ड ने इसको लेकर क्लियर भी किया था, फिर भी मैं शांत रही। मगर अब जो नई खबर आई है कि वर्ल्डकप के दौरान भारतीय सलेक्टर्स मेरे लिए चाय लेकर आए थे, यह पूरी तरह से बकवास है। मैं फैमिली बाॅक्स में बैठी थी न कि सलेक्टर्स बाॅक्स मेंं। अगर आपको सलेक्शन कमेटी पर सवाल खड़े करने हैं तो आप करिए मगर मेरा नाम बीच में मत घसीटो। किसी को भी ऐसी चीजों में मेरा नाम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। ये कोई आखिरी खबर नहीं है जिससे मैं परेशान हुई हूं और मैंने अपने चुप्पी तोड़ने का फैसला किया। सभी खबरें भद्दी और बेकार हैं। इसलिए मेरे इस लेटर को आज की खबर का जवाब न समझा जाए। आज मैंने अपनी चुप्पी इसलिए तोड़ी ताकि किसी के चुप रहने को उसकी कमजोरी न समझा जाए। मैं किसी भी एजेंडा का मोहरा नहीं बनना चाहती। अगली बार अगर किसी को मेरा नाम इस्तेमाल करना है या बोर्ड या मेरे पति को बदनाम करना है तो आप कर सकते हैं, लेकिन इसे पूरे तथ्यों और सबूतों के आधार पर करें। और आपको बता दूं, मैं काॅफी पीती हूं। ' पूर्व भारतीय क्रिकेटर फारुख इंजीनियर ने भारतीय चयनकर्ताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, भारतीय टीम को ऐसे चयनकर्ताओं की जरूरत है जिन्हें क्रिकेट की समझ हो। मगर मौजूदा समय में ऐसा कोई भी नहीं है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में फारुख ने कहा, 'हमारे पास इस समय मिकी माउस जैसी सलेक्शन कमेटी है। टीम इंडिया के पास विराट कोहली जैसा कप्तान है जो काफी अच्छा है। मगर सलेक्टर्स कितने क्वाॅलीफाॅयड हैं, यह एक बड़ा सवाल है। पूरी सलेक्शन कमेटी में शामिल सदस्यों ने मिलकर मुश्किल से 10-12 टेस्ट खेले होंगे। वर्ल्डकप के दौरान तो मैं इन सलेक्टर्स को जानता तक नहीं था। तब मैंने कुछ लोगों को टीम इंडिया का ब्लेजर पहने देखा तो मुझे बताया गया कि ये सलेक्टर्स हैं। मुझे याद है कि ये सलेक्टर्स वर्ल्डकप के दौरान अनुष्का शर्मा के लिए चाय लेकर आते थे। '
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देश-दुनिया की राजनीति, खेल एवं मनोरंजन जगत से जुड़े समाचार के लिए जुड़े रहेंः LIVE Updates: जम्मू-कश्मीर के सोपोर में बस स्टैंड के पास आतंकियों ने ग्रेनेड हमला किया है। हमले में कई लोगों के घायल होने की खबर है। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन द्वारा सरकार बनाने से पहले शिवसेना और भाजपा के बीच के रिश्ते सही नहीं दिख रहे हैं। शिवसेना ने केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी करने और गलत नीतियां बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि आज कारोबार जगत में अगर दीवाली जैसा माहौल नहीं है तो इसकी एक वजह केंद्र सरकार ही है। बिहार के बेगूसराय में रविवार रात अपराधियों ने घर में घुसकर एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतकों में पति-पत्नी और बेटी शामिल है। हत्या के पीछे आपसी रंजिश का मामला सामने आया है। दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में जलाए गए पटाखों का असर साफ तौर पर देर रात को नजर आया। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पीएम10 और पीएम 2. 5 लेवल 950 तक पहुंच गया। आनंद विहार में आज सुबह 7 बजे का स्तर बेहद खराब रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड की ओर से कल यानि कि 29 से 31 अक्तूबर के बीच होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
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