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है । 'छतरी की छड़ी' बालन की मृत्यु के पीछे भास्करन मालिक के गुप्त योगदान की सच्ची बात भी श्रीधरन के मन में अंकित थी । चाहे गलतफहमी से हो, चाहे बढ़ई माधवन के प्रोत्साहन से हो, चाहे किसी भी ढंग से क्यों न हो, भास्करन मालिकको एक घातक के रूप में ही श्रीधरन स्मरण कर सकता है । भास्करन मालिक की मृत्यु के सम्बन्ध में वेलु मूप्पन ने जो कहा उसे जरा ताज्जुब के साथ ही श्रीधरन ने सुना था। भास्करन मालिक की तरह लैंगिक आसक्ति रखनेवाले एक मुस्लिम मालिक ने उस खूबसूरत नागर लड़के को छीनने की कोशिश की जिसको भास्करन मालिक ने अपने कब्जे में कर रखा था। चेंगरा की एक दुकान की छत पर चलते क्लब में दोनों मालिकों की गरमागरम बहस हुई। उस दिन रात को भास्करन मालिक घर नहीं पहुँचा। रास्ते में मुस्लिम मालिक के एक बदमाश सेवक ने भास्करन की छुरा भोंककर मार डाला। पुलिस ने मुकदमा दायर कर दिया। पर अदालत ने प्रमाण न होने की वजह से मुजरिम को छोड़ दिया। मुद्दालह को पीछे से मदद करने के लिए कई अमीर मुस्लिम मालिक तैयार थे । मारे गये भास्करन के पक्ष में कोई नहीं था। क्योंकि वह निपट स्वार्थी था । वह अपनी बीबी को एक नौकरानी की तरह ही मानता था। बाहर देखने में अमीर था लेकिन घर में दिन के खर्च के सिर्फ़ बारह आने पत्नी के हाथ में थमाकर एक पैसा भी अधिक खर्च न करने के लिए कहता। भास्करन मालिक के गोदाम में दफ्तर में दो मुंशी काम करते थे । मालिक की मेज़ पर एक रिवॉलविंग पंखा । था । गर्मी से मुंशी पसीने से तर हो जाते लेकिन वह पंसे की हवा को अपने सामने ही रखता । एक भी पैसा किसी को भीख नहीं देता। उसका स्वाल था कि भिखमंगे तो भगवान से अभिशप्त होते हैं। ऐसे लोगों को कुछ देना तो ईश्वर की इच्छा का विरोध करना है। लेकिन अपनी विकृत लैंगिक वासना की पूर्ति के लिए वह कितना भी पैसा खर्च करने के लिए तैयार था । आखिर वह जिन्दगी से कैसे हाथ धो बैठा ? एक नाले के किनारे किसी ने छुरा मारकर उसकी इहलीला समाप्त कर दी ! भास्करन मालिक की मृत्यु पर श्रीधरन को गम नहीं हुआ, खुशी भी नहीं हुई । हर आदमी का जीवन-यापन का ढंग अपना अलग ही होता है। अधिक विचार करें तो हम सभी तो स्वार्थी हैं । स्वार्थ और त्याग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । एक व्यक्ति का जो जीवन दर्शन है वह दूसरों को स्वीकार नहीं होता। सब लोग अपनी मन की संतृप्ति को लक्ष्य कर जीवन यापन करते हैं। स्वार्थी और कंजूस कहकर जिन लोगों की अवज्ञा करते हैं वे हमसे भी अधिक संतृप्ति और सुख का अनुभव करनेवाले हैं। तृप्ति और आनन्द महज सापेक्षिक भाव हैं । स्वार्थी भास्करन मालिक के बारे में सुनने पर सत्रह वर्ष पहले मध्य अफ्रीका 'के डम्मानो को याद ताजा हो आयी । उम्मानी न्यासालैंड का एक अमीर भारतीय 466 :: कथा एक प्रान्तर की व्यापारी था। वह सिंधी था। ब्लाण्टियर में उसकी कपड़े की एक बड़ी दुकान थी । न्यासालैण्ड के कई शहरों और गाँवों में उसकी कई शाखाएँ थीं । उस पूंजीपति के सम्बन्ध में कई कहानियाँ सुनी थीं । पहले सोचा कि ये दन्तकथाएँ हैं । एक दिन दोपहर उस व्यक्ति को सड़क पर सम्मुख देख लिया । एक दुबला-पतला और पाँच फुट लम्बे कद का आदमी । एक पुरानी धोती और कमीज़ पहने था । हाथ में एक मैला-सा झोला लटका रखा था । शायद सब्जीमण्डी से लौट रहा था। दोपहर के बाद मार्केट से सूखी-सड़ी वची-खुची तरकारियाँ कम पैसे में मिल जातं । उन्हें खरीदकर वह डम्मानी घर लौट रहा था । अतिराणिप्पाटं का भास्करन मालिक दिन के खर्च का पैसा - बारह आना ही सही - पत्नी के हाथ में सौंपता था लेकिन ब्लाण्टियर के डम्मानी को तो अपनी बीवी पर उतना भरोसा ही नहीं था । खराब गेहूं और नाले में फेंक देने लायक तरकारियाँ वह अकेला ही बाजार जाकर खरीद लाता... थोक व्यापार की उसकी दुकान में कपड़े की गाँठों पर लगे जितने भी कांगज आते थे, उनमें एक टुकड़ा भी डम्मानी व्यर्थ नहीं जाने देता था । सप्ताह में एक बार इन कागज़ों को उठाकर स्वयं मोहल्ले में ले जाकर बेच आता । भारतीय व्यापारियों से बातचीत करने के लिए डम्मानी शाम को चार बजे हो जाता था। शाम की चाय वह इस तरह दूसरे की दूकान पर पी लेता । वह अपने मन में हिसाव लगाता कि चाय के मूल्य के रूप में तीन पैसे का मुनाफा आज मिला है । कपड़े के व्यापार से हर रोज एक सौ अशर्फियों का मुनाफा मिलने पर भी इस तरह के खराब अण्डे और सड़ी तरकारियाँ खरीदकर, पुराने कागज़ों को बेचकर और मुफ्त की चाय पीकर जो पैसा वह बचाता, उसी से उसे बहुत संतृप्ति और खुशी मिलती थी । डम्मानी का एक ही पुत्र था । लोगों ने समझा था कि उसी सन्तान के लिए वह इतनी अधिक तकलीफ झेलकर पैसे इकट्ठे कर रहा है। लेकिन एक दिन एक मोटर दुर्घटना में वह बालक चल बसा । इससे डम्मानी के चरित्र में कोई परिवर्तन नहीं आया । वह और भी निकृष्ट कंजूसी का काम करने के लिए तैयार हो गया । इस ढंग का था डम्मानी का आत्मसन्तोष । ( चार-पाँच साल पहले ही डम्मानी की मृत्यु हो गयी । उसका मोटा बैंक बेलेन्स और सम्पत्ति मृत्युकर के रूप में सरकार के खजाने में चली गयी) क्या डम्मानी की ज़िन्दगी एक पराजय थी ? उस बुजुर्ग ने अपनी ज़िन्दगी के लक्ष्य की पूर्ति करने संतृप्ति के साथ ही अन्तिम साँस छोड़ी थीं । डम्मानी का स्मरण करने पर ब्लाटिण्यर के दूसरे एक विचित्र व्यक्ति मि सोमन की याद ताज़ा हो आयी । छह फुट लम्बा, मोटा-ताजा ऊँचे कद का व्यक्ति । काला-कलूटा, लाल-लाल आँखें, उग्र स्वभाव । उसकी आँखें देख बदमाशों मर्मर : चार :: 467
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महाराष्ट्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक नई राजमाता जिजाऊ गृह स्वास्थ्य योजना शुरू की है। इस योजना में, महिलाओं को उनके नाम पर गृह संपत्ति के हस्तांतरण या बिक्री विलेख के पंजीकरण के दौरान स्टाम्प शुल्क में छूट मिलेगी। महा विकास अघडी (MVA) सरकार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के साथ मेल खाने वाली महिलाओं के लिए एक उपहार के रूप में बजट 2022 में इस पहल की शुरुआत की है। महाराष्ट्र के बजट 2022 में, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, अजीत पवार ने महिला और बाल विकास विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के निष्पादन पर 2,247 करोड़ रुपये की घोषणा की है। एमवीए सरकार ने महिलाओं के लिए विशेष रूप से प्रचलित दरों पर स्टाम्प ड्यूटी में 1 प्रतिशत की रियायत दी है। यह तभी लागू होगा जब मकान / संपत्ति का हस्तांतरण या बिक्री विलेख का पंजीकरण केवल एक महिला / महिला के नाम पर हो। उप मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि "इस योजना को राजमाता जिजाऊ गृह स्वास्थ्य योजना के नाम से जाना जाएगा। महिलाएं घर को अर्थ देती हैं और संपत्ति में स्वामित्व की उम्मीद करना उनके लिए गलत नहीं है। यह महिला सशक्तीकरण प्रक्रिया का एक हिस्सा है। " हालांकि, महाराष्ट्र राजमाता जीजाऊ गृह स्वामी योजना से राज्य को सरकारी खजाने को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, जो उसने विभिन्न प्रकार की शराबों पर अतिरिक्त वैट और राज्य उत्पाद शुल्क को घटाकर संतुलित किया था। महाराष्ट्र ने हमेशा महिलाओं के लिए नीति-निर्माण में देश का नेतृत्व किया है और लड़कियों की शिक्षा के लिए कई प्रगतिशील कदम उठाए हैं, जो इसे 12 वीं कक्षा तक मुफ्त बनाता है। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के लिए, उनके गाँव के घरों से स्कूलों / कॉलेजों के लिए मुफ्त यात्रा के लिए एक नई योजना की घोषणा की। इस योजना को क्रान्तिज्योति सावित्रीबाई फुले के रूप में लॉन्च किया गया है और राज्य 1,500 पर्यावरण के अनुकूल सीएनजी और हाइब्रिड बसों को प्राथमिकता के आधार पर एमएसआरटीसी को प्रदान करेगा। एक नई तेजस्विनी योजना शहरी / मेट्रो केंद्रों में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और आसान आवागमन के लिए विशेष बसें प्रदान करेगी। नव-तेजस्विनी महाराष्ट्र ग्रामीण महिला विकास के तहत, 623 करोड़ रुपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय निधि द्वारा वित्त पोषित 6 साल की परियोजना। महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को अपने उद्यमों के लिए आजीविका में सुधार करने और मूल्य वर्धन के परिणामस्वरूप अवसर मिलेंगे। महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए, राज्य ने पहले ही जिला वार्षिक योजनाओं में से 3 प्रतिशत आरक्षित कर दिया है, जिसके माध्यम से प्रत्येक वर्ष लगभग 300 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने देश में राज्य रिजर्व पुलिस बल की भारत की पहली महिला बटालियन के गठन की भी घोषणा की, जिसके जल्द ही सामने आने की उम्मीद है। ।फेसबुक पेज को लाइक करें (Like on FB) ।टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिये (Join Telegram Channel) अगर आपको Maharashtra Rajmata Jijau Griha Swamini Yojana से सम्बंधित कोई भी प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है , हमारी टीम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेगी। अगर आपको हमारी ये जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने दोस्तों को भी शेयर कर सकते है ताकि वो भी इस योजना का लाभ उठा सके।
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पति पत्नी और पत्नी के बॉयफ्रेंड के बीच जमकर मारपीट हुई। बॉयफ्रेंड के साथ पत्नी को देखकर पति और उसके परिजनों ने विवाद के बाद मारपीट की। VIDEO सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ग्वालियर में पति पत्नी और प्रेमी के बीच हुई मारपीट का मामला सामने आया है। शहर के फूलबाग चौराहे पर पति ने अपनी पत्नी को प्रेमी के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके बाद पति और उसके परिजनों के बीच जमकर हाथापाई हुई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी में पारिवारिक विवाद है और यह मामला कोर्ट में चल रहा है। बता दें, शहर के बहोडापुर थाना इलाके में रहने वाला यह माहौर परिवार है। आपसी विवाद के चलते शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और मामला कोर्ट में पहुंच गया। इसी को लेकर आज पुलिस ने बयानों के लिए पति पत्नी को थाने में बुलाया था, लेकिन पत्नी अपने प्रेमी को साथ लेकर थाने पहुंच गई और उसके बाद प्रेमी की पत्नी भी वहां पर आ गई। थाने मे बयानों के बाद जब यह सभी लोग थाने से बाहर निकले तो उसके बाद इनमें विवाद शुरू हो गया। जब पत्नी और उसका प्रेमी साथ में प्रेमी की पत्नी शहर के फूलबाग चौराहे पर पहुंची तो पति और उसके परिजन उसके पास पहुंच गए। बातों ही बातों में विवाद हो गया और उसके बाद जमकर हाथापाई हुई। मारपीट का वीडियो राहगीर ने बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि अभी इसकी शिकायत के लिए कोई नही पहुंचा है।
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हमारे संवाददाता नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के षाहदरा (उत्तरी) क्षेत्र में स्थित ओ-ब्लॉक, नन्दनगरी में आज पूर्व केन्दीय राज्य मंत्री एवं् दिल्ली भाजपा पदेष अध्यक्ष, श्री विजय गोयल ने नगर निगम पाथमिक विद्यालय में अतिरिक्त कमरों का षिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्वी दिल्ली के महापौर, श्री रामनारायण दूबे; स्थायी समिति के अध्यक्ष, श्री संजय सुरजन तथा षाहदरा (उत्तरी) क्षेत्र की उपाध्यक्ष श्रीमती स्वाति गुप्ता सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता सुन्दर नगरी के निगम पार्शद, श्री कमलेष गर्ग ने की। दिल्ली पदेष अध्यक्ष, श्री विजय गोयल ने इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा पाथमिक विद्यालय में छात्रों को और अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नंद नगरी के इस स्कूल में अतिरिक्त कमरों का निर्माण किया जायेगा। कमरों के बन जाने से छात्रों तथा षिक्षकों को एक स्वच्छ परिवेष मिलेगा। भवन षिक्षा पचार-पसार की पारंभिक आवष्यकता है, जिसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम का अभियांत्रिकी एवं षिक्षा विभाग हमेषा से पयासरत है। पूर्वी दिल्ली के महापौर, श्री राम नारायण दूबे ने बताया कि पाथमिक विद्यालय में 12 अतिरिक्त कक्षा-कमरों का निर्माण 203. 99 लाख रूपये की लागत से किया जाएगा। यह 10 महीने की अवधि में बन कर तैयार होंगें। इसके अतिरिक्त बालक, बालिकाओं एवं विकलांगों के लिए पत्येक तल पर अलग-अलग षौचालय भी बनायें जायेगें। निगम पार्शद, श्री कमलेष गर्ग ने कहा कि दिल्ली के नागरिकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हम सभी निगम पार्शद संकल्पित हैं और बेहतर से बेहतर संसाधन जुटाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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साल 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में करीब 343 उम्मीदवार हैं जिसमें 251 व्यक्ति और 92 संगठन शामिल हैं. इससे पहले नोबेल कमेटी ने कल तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया था. दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारों में से एक नोबेल पुरस्कार के विजेताओं के नामों के ऐलान होने का सिलसिला शुरू हो गया है. क्वांटम सूचना विज्ञान पर काम करने के लिए तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने की मंगलवार को घोषणा कर दी गई. अब मीडिया में यह खबर लगातार सुर्खियों में है कि फैक्ट चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा भी इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए दावेदारों में से एक हैं. प्रतिष्ठित मीडिया हाउस टाइम की रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि फैक्ट चेक साइट AltNews के सह-संस्थापक, प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर भी नामांकन के आधार पर पुरस्कार जीतने के दावेदारों में से हैं, जिन्हें नॉर्वेजियन सांसदों के माध्यम से सार्वजनिक किया गया और इसे पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो (PRIO) से एकत्र किया गया. दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, जुबैर को इस साल जून में 2018 में उनके एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जो "अत्यधिक भड़काऊ और घृणा फैलाने वाला" था. दिल्ली पुलिस ने उन पर धर्म के आधार पर कई समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर काम करने का आरोप लगाया था. फैक्ट चेकर जुबैर की गिरफ्तारी वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गई और कई जगह इसको लेकर विरोध भी जताया गया. फिलहाल एक महीने तक जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर जुबैर जुलाई में तिहाड़ जेल से बाहर आ चुके हैं. साल 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में करीब 343 उम्मीदवार हैं जिसमें 251 व्यक्ति और 92 संगठन शामिल हैं. हालांकि नोबेल समिति नामांकित व्यक्तियों के नामों का ऐलान नहीं करती है, और न ही मीडिया और न ही उम्मीदवार ऐसा करते हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स सर्वेक्षण में बेलारूसी विपक्षी राजनेता स्वियातलाना सिखानौस्काया, प्रसारक डेविड एटनबर्ग, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, पोप फ्रांसिस, तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे, और म्यांमार की नेशनल यूनिटी गर्वनमेंट, नार्वे के सांसदों द्वारा नामित लोगों में से हैं. नोबेल कमेटी ने कल मंगलवार को तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने क्वांटम सूचना विज्ञान के लिए फ्रांस के एलै एस्पै, अमेरिका के जॉन एफ क्लाउसर और ऑस्ट्रिया के एंतन साइलिंगर को यह पुरस्कार देने की घोषणा की. फोटोन कहे जाने वाले कणों को अधिक दूरी तक अलग-अलग किए जाने के बावजूद उन्हें जोड़ सकने वाले या पकड़ने के तरीकों की खोज के लिए तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिया गया है. क्वांटम सूचना विज्ञान का एक उदाहरण इनक्रिप्शन भी है.
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सूरः मुतफ़्फ़िफ़ीन का संक्षिप्त परिचय यह सूरः मक्का के शुरु ज़माने में उस समय उतरी जब कि मक्का वालों ने सड़कों, बाज़ारों, सभाओं में मुसलमानों पर आवाज़े कसने और उसकी बुराई करने का सिल्सिला शुरु कर दिया। कुछ मुफ़स्सिरीन ने इसे मदनी सूरः भी कहा है । इस भ्रम का कारण हक़ीक़त में हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा का वह कथन है कि जब नबी - ए - करीम (सल्ल ० ) मदीना आए तो वहाँ के लोगों में कम नापने और तौलने का रोग फैला हुआ था, तो अल्लाह तआला ने इस सूरः मुतफ़्फ़िीन को उतारा, जिसके बाद लोग अच्छी तरह नापने-तौलने लगे। इस सूरः की छः आयतों में उस आम बुराई की ओर जो कारोबारी लोगों में बहुत ज़्यादा फैली हुई थी उस का ज़िक्र है (कि अगर दूसरों से कोई सामान लेना होता तो पूरा नाप-तौल कर लेते और जब किसी को देना होता तो नाप तौल में घटा देते ।) जब तक लोगों में यह एह्सास न हो कि एक दिन अल्लाह के सामने पेश होना है, कौड़ी-कौड़ी का हिसाब देना है, उस समय तक यह सम्भव ही नहीं कि वह अपने मामलों में न्याय कर सकें । अगली आयतों में बताया गया है कि बुरे लोगों के आमाल पहले ही जराएम पेशा लोगों के रजिस्टर में दर्ज हो रहे हैं और आख़िरत में उनको भारी तबाही से दो-चार होना पड़ेगा। जो लोग नेक होंगे उन का अच्छा ठिकाना होगा । आख़िर में ईमान वालों को तसल्ली दी गई है और काफ़िरों को आगाह किया गया है कि आज जो लोग ईमान लाने वालों को तुच्छ ( ज़लील ) समझ रहे हैं, कियामत के दिन उन्हें मालूम हो जाएगा कि कौन ज़लील था। आयत नं० 1 से 36 तक ويل للمطففين الذين إذا اكتالواعلى الناس يستوفون 5 وإذا كالوهم أو وزنوهم يخسرون ف الايفن أوليك أنهم مبعوثون ليوم عظيم و يوم يقوم الناس لرب العلمين كلا إن كتب الفجار لفي سجين ن وما أدريك ما ستين وكتب مرقومه ويل يوميذ للمكذبين الذين يكذبون بيوم الدين ومايكذب بة الأكل معتد ائيم إذا تتلى عليه ايتنا قال أساطير الأولين نكلا بل ران على قلوبهم ما كانوا يكسبون كل إنهم عن ربهم يومين لمحجوبون و ثم إنهم لصالوا الجيون ثم يقال هذا الذي كنتم به تكذبون كلا إن كتب الأبرار لفي عليين وما أدريك ماعليون وكتب مرقومن يشهده المقربون فإن الأبرار لفي نعيمة على الأرابك ينظرون في تعرف في وجوههم نشرة التعيين يسقون من رحيق مختوم ختمة مسك وفي ذلك فليتنافس المتنافسون ومزاجه بها المقربون إن الذين أجرموا كانوا من الذين امنوا يضحكون واذا مروا بهم يتغامرون وإذا انقلبوا إلى أهيم من تسيين انقلبوا فكهين وإذا رأوهن قالوا إن هؤلاء لصالون وما أرسلوا عليم حفظين فاليوم الذين امنوا من الكفار يضحكون على الأرابت ينظرون هل ثوب الكفار ما كانوا يفعلون अनुवादनाप तौल में कमी करने वालों के लिए ख़राबी है; 2 जो लोगों से नाप कर लें तो पूरा लें; 3 और जब उनको नाप कर या तौल कर दें तो कम दें। 4 क्या इन्हें इसका ख़याल नहीं है कि उठाए भी जाएँगे ? 5एक बड़े दिन में; 6 उस दिन, जबकि सारे इन्सान 'रब्बुल आलमीन' (सारी दुनिया के रब) के सामने खड़े होंगे। सुन लो बकारों के आमाल नामे 'सिज्जीन' में हैं, 8 और आप को क्या मालूम कि सिज्जीन क्या है? एक लिखा लिखाया दफ्तर है । 10 उस दिन बड़ी दुर्दशा होगी, झुठलाने वालों की; 11 जो इन्साफ़ के दिन को झुठलाते हैं; 12 और उसे नहीं झुठलाता, मगर वह जो सीमा से बढ़ने वाला गुनाहगार है। (13) जब भी उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है, "यह तो पहले लोगों के किस्से, हैं। 14 सुन लो ऐसा नहीं, बल्कि उनके दिलों पर उनके बुरे कामों का जंग बैठ गया है 15 सुन लो बेशक उस दिन यह लोग अपने 'रब' के दीदार (दर्शन) से रोक दिये जाएँगे। 16 फिर बेशक, इन्हें जहन्नम में डाल दिया जाएगा । (17) फिर उनसे कहा जाएगा, "यह उसी का नतीजा है जिसे तुम झुठलाते थे।" (18) सुन लो, कि नेक लोगों के आमाल (कर्मपत्र ) अिल्लीयीन में (विद्यमान) है? (19) और तुम को कुछ मालूम भी है कि अिल्लीयीन क्या है ? (20) एक लिखा लिखाया दफ़्तर है; (21) जिस की निगरानी अल्लाह के मुकर्रब ( समीपवर्ती) फरिश्ते करते हैं । (22) बेशक नेक लोग बड़ी नेअमतों में होंगे; (23) मस्नदों (सिंहासन) पर बैठे नज़ारे कर रहे होंगे; (24) उनके चेहरों पर तुम सुख आनन्द की ताज़गी महसूस करोगे; (25) उनको सील बंद उम्दा ख़ालिस शराब पिलाई जाएगी, (26) जिस पर मुश्क (कस्तूरी के सुगन्ध ) की मुहर लगी होगी, जो लोग दूसरों पर बाज़ी ले जाना चाहते हों, वह इस चीज़ को पाने में बाज़ी ले जाने की कोशिश करें (27) और उस शराब में 'तस्नीम' (जन्नत का स्रोत) के पानी की मिलावट होगी; (28) वह एक झरना है जिससे मुक़र्रब (समीपवर्ती बन्दे) पिएँगे । (29) जो मुजरिम थे वे ( दुनिया में) ईमान वालों की हँसी उड़ाया करते थे, 30 और जब उनके पास से गुज़रते थे, तो वह हिकारत से इशारा करते थे; (31) और जब अपने घरों को लौटते थे तो इतराते हुए लौटते थे; (32) और जब उनको देखते तो कहा करते थे, "यह (लोग) तो गुमराह हैं।" (33) और (हालाँकि ) वे उन पर निगरौँ (संरक्षक ) बना कर नहीं भेजे गये थे तो आज के दिन ईमान वाले, काफ़िरों (इन्कार करने वालों) पर हसेंगे, (35) और मस्नदों (सिंहासन) पर ( बैठकर) देख रहे होंगे । 36 क्या खूब इन काफ़िरों को बदला मिला, जो यह किया करते थे 1 सूरः मुतफ़्फ़िफ़ीन की संक्षिप्त व्याख्या ويل للمطففين الذين إذا اكتالواعلى الناس يستوفون واذا كالوهم أو وزنوهم يخسرون 5 الايظن أولياك أنهم مبعوثون اليوم عظيم و يوم يقوم الناس لرب العلمين बुरे काम का अन्जामअल्लाह तआला फ़रमाते हैं जो लोग दूसरों से अपना हक़ तो पूरा-पूरा लेते हैं, लेकिन दूसरों को देते वक़्त नाप-तौल में कमी करते हैं, उन लोगों का अन्जाम अच्छा नहीं, वह बड़ी मुसीबत में फंसने वाले हैं। उनके हक़ में बेहतर यही है कि वह नाप-तौल में इन्साफ़ से काम लें । जब दूसरों से लेते वक़्त पूरा-पूरा लेते हैं तो दूसरों को देते वक़्त पूरा-पूरा क्यों नहीं देते? इन लोगों को इस का ध्यान रखना चाहिए कि मरने के बाद दोबारा उठना होगा और सब को उठ कर अपने परवरदिगार के पास हाज़िर होना होगा, तब इनसे पूछा जाएगा कि वह अपने ही फायदे के लिए क्यों फंसे हुए थे और दूसरों को नुक्सान पहुँचा कर अपना ख़ज़ाना भरने की फ़िक्र में हर वक़्त क्यों लगे रहते थे? क्या उन्हें पता नहीं था कि इस दुनिया का पैदा करने वाला एक रब (पालनहार) भी है। अगर तुम दुनिया में दूसरों पर जुल्म करोगे तो क़ियामत में तुम से उस का सवाल किया जाएगा, कि तुमने इन्साफ़ क्यों नहीं किया और यह कैसे समझ लिया कि हम चाहे जो करें कोई पूछने वाला नहीं? यानी अल्लाह से डर कर बुरे कामों से बचो, वरना अल्लाह तआला सख़्त अज़ाब देगा। كلا إن كتب الفجار لفي سجينة وما أدريك مارستين نكتب مرقومن ويل يوميذ للمكذبين (12-7 الذين يكتبون بيوم الدين ومايكذب بة الأكل معتد آثمة अल्लाह तआला फ़रमाता है कि तुम्हारा यह ख़याल बिल्कुल ग़लत है कि हम जो चाहें करें कोई पूछने वाला नहीं? हरग़िज़ ऐसा नहीं । याद रखो! तुम जो कुछ करते हो वह बराबर लिखा जा रहा है, वही तुम्हारा आमाल नामा है यानी हर बुरे आदमी के आमाल नामे का रजिस्टर उसके मरने के बाद एक दफ़्तर (कार्यालय) में सुरक्षित कर दिया जाता है, जिस का नाम 'सिज्जीन' है । क़ियामत के दिन यह आमाल नामे निकाल कर लोगों को दे दिए जाएँगे, उस दिन उन लोगों की बहुत बुरी गत बनेगी जो नबियों ( ईशदूतों या अन्तिम महाईशदूत हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की बातों को या मरने के बाद अच्छे बुरे कामों का बदला मिलने को झुठलाया करते थे और कहते थे,
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था - - "कभी 'ब' की जगह व हो जाता है और कभी व की जगह ब । ऊपर के अवतरण में जो 'अनुबादित' शब्द है उसमें 'वा' की जगह 'बा' हो गया है । पर जिस पुस्तक की पीठ पर यह नोटिस छपी है, उसके नाम 'वकरी विलाप' की 'बकरी' में 'ब' की जगह 'व' हो गया है ।"१ राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द के अधोलिखित वाक्यों का परिशोधन आपने किया था। वाक्य इस प्रकार है -- "धरती पर अनेक देश है, और उनमें मनुष्य बसते हैं । परन्तु सब १) देश के लोगों की एक सी बोली नहीं है ।"२ "बिजली कुछ बादलों में ही नहीं रहती थोड़ी बहुत ( २ ) सब जगह और अक्सर चीजों में रहा करती है । यहाँ तक कि ( ३ ) हमारे और तुम्हारे बदन में भी है। और कलों के जोर से भी ( ४ ) निकल सकती है। " 3 ( विद्यांकुर, २३ वीं श्रावृति ) ) "मोरङ्गजेब ने तख्त पर बैठ कर अपना लकब आलमगीर रक्खा । मुल्तान के पास तक ( ५ ) दारा शिकोह का पीछा किया । लेकिन जब ( ६ ) सुना कि दारा शिकोह मुल्तान से सिन्ध की तरफ भाग गया और शुजा बङ्गाल से प्राता है, फौरन (७) इलाहाबाद की तरफ मुड़ा" ( इतिहास तिमिर नाशक १ ) इन वाक्यों में वचन, सर्वनाम और कर्तृ पदों की त्रुटियाँ है । द्विवेदी जी ने इनका संशोधन करते हुए लिखा था -- "इन अवतरणों में ( १ ) 'सब देश की जगह 'सब देशों' क्यों न हो ? (२) 'थोड़ी बहुत' के आगे 'विजुली' क्यों न हो ? और जहाँ ( ३ ) र (४) अंक है, वहाँ 'वह' क्यों न हो ? और ( ६ ) की जगह 'उसने' प्रौर ( ७ ) की जगह 'वह' भी अपेक्षित है । "४ इसी प्रकार ठा० गजाधरसिंह की कादम्बरी से एक वाक्य "यंत्रालयाध्यक्ष महाशय की इस पर ऐसी कृपा हुई कि आज एक वर्ष में छापकर अब आप के हस्तगत होने के योग्य किया है।" इस वाक्य में द्विवेदी जी ने 'छापकर या किया है' के पहले 'इसे' या 'इसको' शब्द जोड़ने का परामर्श दिया है; इसके बाद 'किया है' सकर्मक क्रिया का कर्म रखने की अपेक्षा बतलाई और क्रिया के कर्त्ता 'यंत्रालयाध्यक्ष महाशय' के पश्चात् कर्ता की विभक्ति 'ने' लाने की आवश्यकता का उल्लेख किया है । द्विवेदी जी ने राधाचरण गोस्वामी १ -सरस्वती भाग ६, संख्या ११, नवम्बर १९०५ ई०, भाषा और व्याकरण, पू० ४२७ । २ - सरस्वती भाग ६, संख्या ११, पृष्ठ ४२८ । पृष्ठ ४२८ । भाषा और व्याकरण, पृष्ठ ४२८ । की भाषा से भी उदाहरण देकर इस प्रकार की गलतियों का उल्लेख किया है और उनकी भाषा में आने वाले प्रश्लील शब्दों की ओर से भावी लेखकों को सचेत किया है । गोस्वामी जी के अनन्तर काशीनाथ खत्री की भाषा से आपने यह वाक्य उद्धृत किया - "यह एक पुस्तक नागरी में है। - जिसको ये दोनों पुस्तक लेनी हों - शाहजहाँ पुर से मँगाले /- तृतीय भाग में निषेधकों के आपत्तियों और कल्पनाओं के विधि पूर्वक उत्तर है । "५ उक्त वाक्य में वचन और लिंग सम्बन्धी त्रुटियाँ हैं। उनकी ओर संकेत करते हुए द्विवेदी जी ने लिखा था- "पुस्तक के पहले 'एक' शब्द अनावश्यक जान पड़ता है । 'दोनों पुस्तक' की जगह 'दोनों पुस्तकें' क्यों नहीं ? 'पति' और 'कल्पना' शब्द भी स्त्री लिंग है । अतएव उनके सम्बन्ध के सूचक चिह्न 'के' की जगह स्त्री लिंग 'की' होना चाहिए । आपने लेखकों की सुविधा के लिए कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य भाववाच्य और कर्मकर्तृवाच्य आदि वाक्यों का अन्तर स्पष्ट कर मार्ग प्रदर्शन भी किया था । इस प्रकार द्विवेदी जी ने अपने पूर्ववर्ती तथा वर्तमान सभी लेखकों की भाषा का संशोधन और परिमार्जन किया था । दूसरों की ही नहीं, द्विवेदी जी को स्वयं अपनी भाषा का भी सुधार करना पड़ता था। सारांश में यह कहा जा सकता है कि द्विवेदी जी ने यथाशक्ति स्वर, व्यंजन, वचन, लिंग, कारक, विभक्ति, शिथिलता, अस्पष्टता तथा ग्रामीणता विषयक जितनी अशुद्धियाँ लेखक करते थे उनके परिहार के लिये अथक परिश्रम किया और हिन्दी को परिष्कृत एवं टकसाली रूप प्रदान किया था। भाषा-सुधार की दृष्टि से आपका बहुत ऊँचा स्थान है । भाषा का सुधार करने वाले थे अकेले द्विवेदी जी और त्रुटियाँ करने वाले थे अनेक । सरस्वती के प्रारम्भिक लेखक प्रायः वे त्रुटियाँ करते थे, जो परंपरा से चलती भा रहीं थीं । लेखकों की संख्या और त्रुटियों की सीमा के प्राधिय की अपेक्षा द्विवेदी जी की शक्ति परिमित थी । वैयक्तिक शक्ति की इस सीमा के कारण द्विवेदी जी से कुछ त्रुटियों का छूट जाना अथवा स्वयं कुछ त्रुटियाँ होना असम्भव न था । द्विवेदी जी से स्वयं कुछ त्रुटियाँ हुईं, उनमें से अधिकांश का सुधार बाबू बालमुकुन्द गुप्त द्वारा किया गया। द्विवेदी जी ही नहीं, अन्य लेखकों की व्याकरण सम्बन्धी भूलों का सुधार भी गुप्त जी ने किया है । गुप्त जी स्वयं एक कुशल सम्पादक होने के नाते भाषा की गतिविधि और लेखकों १ -- बाग्विलास - भावा और व्याकरण (१), पृ० १४ । की रचनाओं पर तीव्र दृष्टि रखते थे। अतः भाषा-सुधार का गुरुतर भार उनके ऊपर भी था। भारत मित्र के विविध लेखकों की रचनाओं में भाषासम्बन्धी जो सुधार गुप्त जी ने किया था, उन रचनाओं की हस्तलिखित प्रतियों के नष्ट हो जाने के उपरान्त उनके भाषा-सुधार के महानु कार्य की कल्पना करना साधारण कार्य नहीं है । गुप्त जी के भाषा-सुधार के प्रमाण-स्वरूप द्विवेदी जी के भाषा और व्याकरण नामक लेख की आलोचना पर लिखे गए दस लेख आज उपलब्ध है तथा प्रयोध्यासिंह उपाध्याय के अधखिला फूल' की आलोचना वर्तमान है । इन लेखों से भली प्रकार अनुमान किया जा सकता है कि भाषा-सुधार के कार्य में गुप्त जी ने कितना योग दिया था । गुप्त जी का भाषा सुधार - द्विवेदी जी कुछ समय तक अपनी बोल-चाल की मातृ-भाषा के उच्चारण के अनुसार शब्दों को लिखते थे । वे हमें, जिन्हें, सकें, करें, बातें, दोनों, बिजली, बनावेगा, बनेगा आदि के स्थान पर 'हमें', 'जिन्हें', 'सकें', 'करैं', 'बातें', 'दोनौं', 'बिजुली', 'बनावैगा', 'बनेगा' आदि लिखते थे । ' गुप्त जी ने 'भाषा की अनस्थिरता' वाले लेख में इनका ध्यान इस त्रुटि की ओर आकर्षित किया था। आपने लिखा था - 'हमें', 'जिन्हें', 'सकें', 'करें' श्रादि द्विवेदी जी बहुत लिखते हैं और हम देखते हैं कि, जो लोग उनकी 'सरस्वती' में इन शब्दों का शुब्द उच्चारण अर्थात् 'हमें', 'जिन्हें', सकें, करें आदि लिखते है उनकी भी आप इसलाह कर डालते हैं । इसी प्रकार 'बातें' के स्थान पर 'बातें' लिखने पर गुप्त जी ने लिखा था--"इस कृपा का धन्यवाद, पर आपने बातें की भाँति दोनों क्यों न लिखा ।" 3 'बिजली' शब्द के गलत लिखने पर गुप्त जी ने टिप्परगी की थी - "धन्य बिजुली । देहात की औरतों को भी द्विवेदी - जी ने मात किया । "४ 'तो', 'तब' और 'बनेगा' शब्द के प्रशुद्ध प्रयोग पर गुप्त जी ने लिखा था- "नहीं साहब नहीं बनेगा, आपकी दलील पत्थर की लकीर है । पर ग्राप जैसे हिन्दी दां को 'तो' और 'तब' का प्रयोग ठीक नहीं मालूम यह कैसे गजब की बात है। आप इस तरह कहिये - "तब क्या फिर एक नया व्याकरण बनेगा ।" और 'करे' के स्थान पर 'करें' का प्रयोग करने पर गुप्त -सरस्वती भाग ६, संख्या ११, भाषा और व्याकरण, शीर्षक लेख २ - गुप्त निबन्धावली, प्रथम भाग, भावा की मनस्थिरता, पृ० ४८३ ३ वही, ४ - बही, ५ चही, जी ने लिखा था- "कितनी ही व्याकरण दानी का दावा करके भी श्राप अपने देश की करै- सर को मत छोड़िये ।"१ यह निश्चित है गुप्त जी द्वारा इस प्रकार की व्यंग्योक्तियों से प्रभावित होकर द्विवेदी जी ने स्वयं की तथा अपने लेखकों की इस प्रकार की त्रुटियाँ सुधारी थीं। द्विवेदी जी 'मुहावरा' के स्थान पर 'मुहाविरा', 'मुहावरे' के स्थान पर मुहावरे, 'रद्दो बदल' के स्थान पर 'रद्द बदल' तथा 'अस्थिरता' के स्थान पर 'अनस्थिरता' लिखते थे । गुप्त जी ने इन शब्दों की त्रुटियों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया था। इसके अतिरिक्त गुप्त जी ने द्विवेदी द्वारा प्रयुक्त शब्दों के अशुद्ध रूप, प्रशुद्ध प्रयोग, वाक्य-रचना की शिथिलता, तथा मुहावरों के प्रशुद्ध प्रयोगों को ठीक किया । जिनका उल्लेख प्रस्तुत अध्याय के 'द्विवेदी जी द्वारा की गई भाषा विषयक भूलें' नामक शीर्षक के अन्तर्गत किया गया है । उन सभी अशुद्धियों का परिमार्जन गुप्त जी ने किया है । है अयोध्यासिंह उपाध्याय ने 'अधखिला - फूल' में कुछ ऐसे शब्द प्रौर मुहावरों का प्रयोग किया था, जो न ब्रज भाषा के ही कहे जा सकते थे औौर न उस भाषा के, जिसकी जातीय शैली का रूप भारतेन्दु जी प्रतिष्ठापति कर गये थे । गुप्त जी ने उपाध्याय जी की भाषा की त्रुटियों का उल्लेख करते हुए लिखा था- "आकाश, पच्छिम, श्रन्धियाला, मिट्टी, यह सब शब्द ब्रजभाषा के भी नहीं हैं । ब्रज भाषा में प्रकास, अंधियारा, मट्टी या माटी कहा जाता है और 'इसतिरी' शब्द भी ब्रजभाषा में नहीं ।"२ उपाध्याय जी ने 'सिर' शब्द के स्थान पर 'सर' लिखा था । गुप्त जी ने दोनों शब्दों का भेद स्पष्ट करते हुए लिखा था - "हिन्दी में 'सर' नहीं होता । उर्दू वाले भी 'सर' नहीं बोलते हैं, जहाँ फारसी तरकीब भ्रा जाती है - जैसे 'सरदर्द' । खाली होता है तो 'सिर' बोलते हैं ।' 3 शब्दों को अशुद्ध लिखने के अतिरिक्त उपाध्याय जी ने कुछ मुहावरों के प्रयोग भी गलत अर्थ में किए थे। उन्होंने 'ठन्डा होना' मुहावरे का प्रयोग छतों पर रात की शीतलता का आनन्द लेने के अर्थ में किया था। गुप्त जी ने इस मुहावरे का यथार्थ प्रयोग बताते हुए लिखा था-हिन्दी में आदमी के लिए ठण्डा होने का अर्थ मर जाने से है ।" १ - गुप्त निबन्धावली, प्रथम भाग, भाषा की अनस्थिरता, पू० ४३८ । प्रघखिला फूल, पृ० ५६८ ।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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दिल्ली के सत्ता गलियारों में बड़ी चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान चुनाव आयोग से भयभीत होकर अपने बागियों को मनाने में जुटा हुआ है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी को आशंका है कि यदि 'जी-23' समूह के नेता खुली बगावत कर पार्टी में दो फाड़ का प्रयास करते हैं तो चुनाव आयोग पार्टी का चुनाव चिन्ह् और उसकी संपत्तियों को फ्रीज करने का निर्णय ले सकता है। 2017 में जब समाजवादी पार्टी में विद्रोह हुआ था और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा स्वयं इस पद पर काबिज हुए थे तब भी यह बात उठी थी कि कहीं सपा के चुनावचिन्ह् 'साइकिल' को चुनाव आयोग जब्त न कर ले। कांग्रेस के साथ पूर्व में ऐसा हो भी चुका है। 1969 में जब कांग्रेस में टूट हुई थी और इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस(आर) बनाई गई थी तब चुनाव आयोग ने पुरानी कांग्रेस के नेताओं की अपील पर इंदिरा गांधी वाली कांग्रेस को नया चुनाव चिन्ह् आवंटित कर दिया था और पुराने चुनाव चिन्ह् को फ्रीज कर दिया था। तब उसे 'गाय और बछिया' चुनाव चिन्ह् दिया गया था। आपातकाल के बाद जब कांग्रेस में दोबारा टूट हुई तब इस चिन्ह् को भी फ्रीज कर दिया गया और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस(आई) को नया चुनाव सिम्बल 'हाथ' दिया गया जो अब तक कांग्रेस का चुनाव चिन्ह् बना हुआ है। खबर गर्म है कि एक बार फिर से टूट की स्थिति बनते देख पार्टी आलाकमान ने 'जी-23' समूह के साथ सीधे बातचीत का फैसला लिया ताकि इन नेताओं को खुली बगावत करने से रोका जा सके।
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किसी प्रकार के सिलेंडर या गुवारे में मरना अव्यवहार्य एवं अत्यन्त खर्चीला कार्य है। गोबर गैस के खाद में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक रहती है जबकि गोबर खाद बनाने की परम्परागत प्रक्रिया में 45 प्रतिशत नाइट्रोजन तत्व उड़ जाता है और कम्पोस्ट खाद में 20 से 25 प्रतिशत लेकिन गैस संयंत्र से उपचारित खाद में केवल 7 से 10 प्रतिशत तक ही नाइट्रोजन उड़ता है। इसी प्रकार खुले गड्ढे में डाले गये गोवर से खाद बनने में जहा 120 से 150 दिन का समय लगता है एवं गढ्ढे बनाकर कम्पोस्ट खाद बनाने मैं 90-100 दिन का वहीं गैस संयंत्र से उपचारित खाद 21 से 30 दिन में प्राप्त हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार गोबर गैस संयंत्र से प्राप्त साद सामान्य खाद से 3 से लेकर 10 प्रतिशत तक अधिक उत्पादक है, लेकिन सवैदिात परिवारों ने गोबर संयंत्र से उपचारित खाद को इससे कहीं वचिक उत्पादक बताया है। गैस उत्पादन पर नौसन का प्रभाव भी पड़ता है। गैस संयंत्र में सड़े गोबर से गरनी के मौसम में 20 दिन में 80 प्रतिशत, 30 दिन में 92 प्रतिशत एवं 40 दिन में शत प्रतिशत गैस वनती है लेकिन जैसे-तैसे ठंड बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे गोवर सड़ने में अधिक समय लगता है जिससे गैस बनने कोर मिलने में ज्यादा दिन लगते है। जाड़े की नोसन में अधिक गैस प्राप्त करने के उद्देश्य से गोवर घोल में गैस संयंत्र में उपचारित घोल मिलाया जाता है, पशुसूत्र डाला जाता है एवं कैलिशियम एनोनियन नाइट्रेट मी डाला जाता है। 3- राजस्थान में गोबर गैस :राजस्थान में 1979-80 तक 421 गोकमत किये गये थे, लेकिन इसमें से भी 1974 तक केवल 97 संयंत्र ही स्थापित हो पाये थे। उसके बाद निम्न प्रकार गैस इकाइयां स्थापित हुई :सन नये गैस संयंत्र
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बिना हाथ-पाँव धोये मुझसे चाय पी ही नहीं जाएगी । हमारा जहाज बड़ा साफ था इस में शक नहीं । फिर भी यहाँ-वहाँ मेरे हाथ लग गये हैं और उन हाथों को अच्छी तरह साफ किये बिना चाय पीने का विचार ही बड़ा दुःसह होता है । " ताई काका की ओर मुड़कर बोली, "सुना आपने? ऐसी बात है ! हिन्दू स्त्री, चाहे वह कितने ही बरस विलायत में क्यों न रहे अपने संस्कारों को नहीं छोड़ सकती। ये संस्कार जब तक कायम हैं, तब तक कोई कितनी ही डीगें मारे, सब झूठ हैं ।" चंटू बोला, "मैंने पहले ही यह भविष्य कथन कर दिया था कि मथू के आते ही आप लोगों की बहस शुरू हो जायगी । परन्तु इसके लिए आप लोग इतनी जल्दी क्यों मचा रहे हैं ? वह कौन अव फिर विलायत जा रही है । वहस करने के लिए आगे आपको भरपूर वक्त है ।" मैं उठ कर खड़ी हुई । उसी समय मुझे वाथरूम का रास्ता दिखाने के लिए चन्दू आगे बढ़ा । बीच के कमरे को पार कर हम भीतर गये । उसके आगे एक छोटा सा रास्ता था । उस रास्ते से बाथरूम की ओर जाते हुए सामने के कमरे से एक अपरिचित स्त्री - जिसे मैंने पहले कभी न देखा था - बाहर आयी और मुझे देखते ही चट-से भीतर घुस गयी । मेरा कलेजा धक्-से हो गया । यह कौन होगा भला ? क्या चन्दू की शादी हो चुकी ? यह उसकी कहीं पत्नी तो न हो ? किसी ने उसके नाम का कोई जिक्र क्यों नहीं किया ? या वह कोई पाहुनी आई है ? मेरे मन में ये विचार आ रहे थे, तभी ताई आगे बढ़ कर बोली, "अजी, यूं शर्माती क्यों हो, बहू ! मथू को आये कितनी देर हो गयी, पर तुम अभी तक उनसे मिलने भी नहीं आयी ? सुना मथू, यह है हमारे चन्द्र की पत्नी । " मैं बाथरूम के भीतर कदम रख रही थी तभी ये शब्द मेरे कानों से टकराये और... मेरी आँखों के सामने एक दम अँधेरा छा गया । . चट-से आगे बढ़ कर ताई मुझे न सँभाल लेती, तो मैं एकदम जमीन पर गिर पड़ती । ताई बोली, "क्या हुआ ? क्या गश आ गया ?" " शायद हवा वदलने का असर होगा !" मैंने हकलाते हुए कहा । मैं क्या कह रही थी, इसका मुझे पता था, परन्तु उस नयी युवती के प्रत्यक्ष सामने होते हुए मुझे यह कहने की हिम्मत न हुई कि उसके बारे में मुझे कोई शक हुआ । चाय के बाद स्नान करके हम खाना भी खा चुके । विलायत की वातें लगातार हो रही थीं । वहाँ की अनेक मजेदार बातें मैं सुना रही थी । उन्हें सुन कर उन सव का मनोरंजन हो रहा था - पर यह सव होते हुए भी मेरा मन एक ही बात पर केन्द्रित हो गया था । चन्द्र की पत्नी का ससुराल का नाम सरस्वती रखा गया था । चंदू का नाम भालचन्द्र था और भालचन्द्र गणेश जी का नाम होने के कारण तत्कालीन प्रथा के अनुसार भालचन्द्र की पत्नी का नाम सरस्वती रखा गया था। सच पूछा जाय तो गणेश जी और सरस्वती का परस्पर कोई सम्बन्ध नहीं है । परन्तु गणेश की पत्नी का नाम सरस्वती रखने में यह मान लिया जाता है कि सरस्वती गरणेश जी की पत्नी हैं। पुराण सम्वन्धी हमारे ज्ञान में जो अनेक घुटाले हैं, उन्हीं में एक यह भी है । उसका नाम यद्यपि सरस्वती रखा गया था, फिर भी काका उसे "तरू" ही कहते और ताई 'सरुबाई' कहती । काका हर किसी को उसके छोटे नाम से ही पुकारा करते। उनकी यह एक आदत ही थी । • कोंकरण के सार्वत्रिक प्रचार के अनुसार किसी व्यक्ति को उसके छोटे नाम से पुकारना उस व्यक्ति के प्रति पुकारने वाले के प्रेम और घनिष्ठता का परिचायक माना जाता है। यही कारण था कि वे सरस्वती को भी 'सरू' कह कर ही सम्बोधित करते । परन्तु सरू को जब वे पुकारते, तो उनकी उस आवाज में उनके स्वर की स्वाभाविक कोमलता दिखायी न देती । इससे मैंने यह अनुमान लगाया कि सरुबाई के प्रति उनका मत कोई विशेष आत्मीयता का नहीं था। पति-पत्नी यदि काका के सामने बातें करते, तो उन्हें कोई रुकावट न थी । परन्तु इस जमाने में बुजुर्गों के सामने पति-पत्नी का एक दूसरे से बातें करना असभ्यता माना जाता था । इस कारण मैंने उस दिन चन्द्र और उसकी पत्नी को एक दूसरे से बातें करते कभी नहीं देखा । पर केवल इसी कारण से यह अंदाज लगा लेना कि पति और पत्नी में पटती नहीं है, एक भूल हो जाती । चन्दू और उसकी पत्नी दोनों की कहाँ तक पटती है इस विषय में यदि मैं ताई से पूछती, तो वह मुझे न बताती, ऐसी वात न थी । परन्तु वह बात मुझसे पूछी ही नहीं जाती थी । इस विषय में मुझे. संकोच ही होता था । मैंने स्वयं चन्दू की पत्नी से कोई वात न की और वह भी मुझ से बातें करने के लिए कोई वड़ी उत्सुक हो, यह भी दिखायी न दिया । लीला थी । उससे पूना के समाचार पूछने में मेरा बहुत सा समय बीत गया । नाना साहब अभी तक केसरी आफिस में ही थे । उनका शरीर यद्यपि बहुत कुछ बदल गया था, पर उनके स्वभाव में कोई बदलाहट नहीं हुई थी । वह बिल्कुल पहिले जैसा ही था । लीला की माँ अपने पति के कड़े शासन में उसी तरह भीगी बिल्ली जैसी आज भी रह रही थी । ये बातें मुझे लीला से मालूम हुईं । फर्क अगर हुआ था तो लीला में । वचपन में वह कोई बेवकूफ न थी, पर थी थोड़ी डरपोक ही । परन्तु अव वह बड़ी मुँहफट हो गयी थी । जब वह बातें करने लगती, तो लगातार करती रहती । दूसरे किसी को बात करने का मौका ही न देती । उस दिन उसने अपनी शाला, घर और सहेलियों के बारे में जो बातें शुरू की, तो घंटों करती
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दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। भारत विश्व में सातवें स्थान पर पहुंच गया है। इस बीच खबर है कि पाकिस्तान में रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किए गए। पड़ोसी देश में कुल मामले बढ़कर 72,460 हो गए हैं। इस्लामाबादः पाकिस्तान में कोरोना वायरस के 2,964 नए मामले सामने आने के बाद देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर सोमवार को 72,460 हो गई। वहीं इस बीमारी से 60 और लोगों की जान जाने के बाद मरने वालों की संख्या 1,543 हो गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, सिंध में कोविड-19 के 28,245 मामले, पंजाब में 26,240 मामले, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में 10,027 मामले, बलूचिस्तान में 4,393 मामले, इस्लामाबाद में 2,589 मामले, गिलगित-बाल्टिस्तान में 711 मामले और आजाद कश्मीर (पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर) में 255 मामले हैं। मंत्रालय ने बताया कि देश में अभी तक 26,083 मरीज ठीक हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 14,398 जांच की गई। अभी तक कुल 561,136 लोगों की जांच की जा चुकी है। मई महीने में संक्रमण के मामलों में 52,000 की वृद्धि हुई है और आंकड़ा 17,699 से बढ़ कर 69,474 पहुंच गया। प्रधानमंत्री इमरान खान सोमवार को राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें उम्मीद है कि महामारी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। सिंगापुर में पाबंदी में ढील दिए जाने से एक दिन पहले सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 408 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमित लोगों की संख्या 35,292 हो गयी और 23 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के सभी नए मामले दूसरे देशों से आए लोगों में मिले हैं जिनको यहां कामकाज का परमिट मिला हुआ है। ये सभी ऐसी जगहों पर रहते हैं जहां मकानों में एक साथ कई लोग रहते हैं। ऐसे क्षेत्र कोरोना वायरस संक्रमण के नए केंद्र के तौर पर सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रोजाना के अपडेट में कहा है कि जांच के आधार पर सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के नए मामले नहीं मिले हैं। सिंगापुर में संक्रमण रोकने के लिए पाबंदी सोमवार को खत्म हो रही है। अगले दिन से तीन चरणों में इसमें ढील दी जाएगी । पहले चरण के तहत संक्रमण का खतरा जहां कम होगा, ऐसे कारोबार को काम बहाल करने की अनुमति दी जाएगी। यहां पर भी लोगों को उचित दूरी बनाकर काम करना होगा। राष्ट्रीय विकास मंत्री लॉरेंस वोंग ने बताया कि सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के मामले कम और स्थिर रहने पर जून के अंत से दूसरा चरण शुरू होगा। सिंगापुर में अस्पतालों में कोविड-19 के 313 मरीज भर्ती हैं जबकि हल्के लक्षण वाले 12,841 लोगों को सामुदायिक केंद्रों में रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से ठीक होने पर 21,699 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है जबकि 23 लोगों की मौत हुई है।
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ये एक ऐसा रत्न है जो दुश्मनों से भी आपको विजय दिला सकता है और आपकी सारी समस्याएं भी सुलझ जाती है। ज्योतिष की नजरों में रत्नों को अधिक महत्व दिया गया है। किसी भी बुरे प्रभाव या फिर समस्याओं दूर करने के लिए रत्नों का सहारा लिया जाता है। वैसे पहले भी हम आपको कई रत्नों जैसे पुखराज, सफेद मोती आदि के बारे में बता चुके हैं इसी कड़ी में आज आपको बताएंगे 'फिरोजा' के बारे में। ये एक ऐसा रत्न है जो दुश्मनों से भी आपको विजय दिला सकता है और आपकी सारी समस्याएं भी सुलझ जाती है। फिरोजा रत्न यानि फिरोजी रंग (जिसमें गहरा नीला, आसमानी और कई बार हरा रंग भी मिला हुआ होता है) का दिखने वाला यटह रत्न प्रेम संबंधों का भी प्रतीक है। इसे पहनने से बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। ज्योतिष के मुताबिक, इस रत्न को मीन राशि वालों को पहनना चाहिए। यह गुरु को मजबूत करता है। और जब गुरु मजबूत होगा तो सारे काम धीरे-धीरे बनने लग जाएंगे। यदि पति पत्नी में अनबन हो तो किसी ज्योतिष की सलाह से शुभ मुहूर्त मे इसे एक-दूसरे को पहनाएं। यदि आपके किसी मित्र के साथ मतभेद बहुत ही ज्यादा बढ़ गए हैं। तो उसे फिरोजा रत्न बनवाकर भेंट स्वरूप गिफ्ट करें।
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AJH vs DEF Ajman Council T10 League, 2023 मैच न० 1 डिटेल्सः AJH vs DEF के बीच पहला मुकाबला 5 जून को Eden Gardens Ajman, UAE में खेला जाएगा। यह मैच 08:00 PM बजे शुरू होगा। इस मैच का सीधा प्रसारण व अपडेट Fancode app और cricketaddictor. com पर उपलब्ध रहेगा। AJH vs DEF Ajman Council T10 League, 2023 मैच न० 1 प्रीव्यू : Ajman Council T10 League की शुरुआत आज AJH और DEF टीमों के बीच मुकाबले से होगी। यह मुकाबला भारतीय समय अनुसार रात 8:00 बजे से खेला जाएगा। इस मुकाबले के लिए दोनों टीमों के मजबूत बिंदुओं की तरफ देखा जाए तो AJH टीम के पास सागर कल्याण, जीवन गंगाधरन, खालिद शाह जैसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं तो वहीं दूसरी ओर DEF के पास साकिब महमूद-I, मोहम्मद यासीर, सज्जाद मलूक जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की एक लंबी सूची है। आज का यह मुकाबला काफी रोमांचक होने की उम्मीद है जिसमें दोनों ही टीमे इस टूर्नामेंट की शुरुआत जीत के साथ करना चाहेंगी। मौसम रिपोर्टः आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश होने की संभावना नहीं है। तापमान 33-35 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। पिच रिपोर्टः यह पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल है। इस पिच पर तेज गेंदबाजों को थोड़ी मदद प्राप्त होती है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना इस पिच पर सही निर्णय रहेगा। पहली पारी का औसत स्कोरः पहली पारी में बल्लेबाजी करना थोड़ा आसान नजर आया है। यहां पर पहली पारी का औसत स्कोर 148 रन है। लक्ष्य का पीछा करते हुए रिकार्डः दूसरी पारी में बल्लेबाजी थोड़ी मुश्किल नजर आई है। इसीलिए यहां पर लक्ष्य का पीछा करते हुए 49 प्रतिशत मुकाबले जीते गए हैं। संभावित एकादश AJH: संभावित एकादश DEF: AJH vs DEF Ajman Council T10 League, 2023 मैच न० 1 ड्रीम टीम टॉप पिक्सः सागर कल्याणः यह AJH टीम के कप्तान है। यह अपनी टीम के लिए पारी की शुरुआत करते हैं। यह अपने पिछले मुकाबले में मात्र 67 गेंदों पर 151 रनों की आक्रामक पारी खेल कर नाबाद रहे थे। ड्रीम टीम मे कप्तान या उपकप्तान के लिए यह लोगों की पहली पसंद रहेंगे। जीवन गंगाधरनः यह AJH टीम के बेहतरीन ऑल राउंडर है। हाल ही में संपन्न हुए पिछले टूर्नामेंट में यह अपनी टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। ड्रीम टीम में इनको बतौर कप्तान या उप कप्तान आजमाया जा सकता है। खालिद शाहः यह AJH टीम के सलामी बल्लेबाज है। SHARJAH RAMADAN T20 LEAGUE के 9 मुकाबलों में इन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 155 रन बनाए थे। ड्रीम टीम के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। साकिब महमूद-I: यह DEF टीम के हरफनमौला ऑलराउंडर है। ड्रीम टीम मे इनको शामिल करना आवश्यक है क्योंकि यह गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में भी अच्छे अंक दिला सकते हैं। मोहम्मद यासीरः यह DEF टीम के तेज गेंदबाज है। इन्होंने अपने पिछले मुकाबले में शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट हासिल किए थे। ड्रीम टीम के लिए यह एक उपयोगी खिलाड़ी है। अंकुर सांगवानः यह AJH टीम के प्रमुख गेंदबाज है। अपनी टीम के लिए इन्होंने कई बार शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करके जीत दिलाई है। ड्रीम टीम के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। AJH vs DEF Ajman Council T10 League, 2023 मैच न० 1 कप्तान/उपकप्तान विकल्पः ड्रीम 11 टीम 1: ड्रीम 11 टीम 2: AJH vs DEF Ajman Council T10 League, 2023 मैच न० 1 विशेषज्ञ सलाहः यह पिच बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को मदद करती है इसलिए इस पर 1-4-4-2 के संतुलन के साथ जाना सही निर्णय रहेगा। AJH vs DEF Ajman Council T10 League, 2023 मैच न० 1 संभावित विजेताः AJH टीम के मैच जीतने की संभावना ज्यादा है। यह टीम ज्यादा संतुलित और बेहतर नजर आ रही है।
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भारत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की क्या हालत है ये बात भला किस से छिपी है। अगर किसी को एक जगह से दूसरी जगह जाना है तो उसके लिए खूब धक्के खाने पड़ते हैं। लेकिन जब सिर्फ एक युवती की जिद की वजह से राजधानी एक्सप्रेस 535 किलोमीटर लंबा सफ़र तय करना पड़े तो हर किसी का हैरान होना तय है। दरअसल यह सफर उस युवती के रूप में केवल एक ही यात्री को लेकर पूरा किया गया। राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज से सीधे रांची आना था। डाल्टनगंज से ट्रेन के जरिए रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। लेकिन युवती ने राजधानी से ही रांची जाने की जिद के आगे रेलवे बोर्ड को झुकना पड़ा। ट्रेन को गया ले जाकर गोमो व बोकारो होकर रांची लाना पड़ा। डाल्टनगंज से गया 217 किलोमीटर व गया से बोकारो 202 किलोमीटर और बोकारो से रांची 116 किलोमीटर यानि कुल 535 किलोमीटर का सफर राजधानी ने एक युवती अनन्या को लेकर पूरा किया। ट्रेन रात 1. 45 बजे रांची स्टेशन पहुंची। इस सफ़र में अनन्या की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की कई महिला सिपाही तैनात की गई थीं। रेलवे के एक वरीय अधिकारी के अनुसार, 25 वर्ष से वह रेलवे में कार्यरत हैं, लेकिन याद नहीं कि एक यात्री के लिए राजधानी ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की। युवती ने बस में सफर करने से साफ मना कर दिया। उसने अधिकारियों से साफ कहा कि वो बस से सफर नहीं करेगी। वो ट्रेन से ही रांची जाएगी क्योंकि उसने दिल्ली से रांची तक का ट्रेन का टिकट लिया है। युवती का कहना था कि अगर उसे बस से सफर करना होता तो वो दिल्ली से ही बस पर सफर करती। गोमो स्टेशन पर अनन्या ने कहा कि डालटनगंज में पहले तो आपने ट्रेन घंटों खड़ी रखी। फिर रेलवे ने कुछ खटारा बस में अपनी मंजिल की तरफ जाने को कहा। सभी यात्री उतरने लगे। कोच अटेंडेंट भी उतरने लगे। ये देख अनन्या ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि यात्री को रांची तक पहुंचाना आप लोगों की जिम्मेदारी है, अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। बावजूद वे सुनने को तैयार नहीं थी। मैं अंदर बैठी रही। कभी रेलवे के लोग तो कभी कुछ यात्री अंदर आ कर मुझे उतारने की कोशिश करने लगे। कहा गया, जिद छोडि़ए। हालांकि इस दौरान उनसे कहा गया कि सिर्फ आपके लिए ट्रेन नहीं चलेगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और साफ कह दिया कि रेलवे मुझे गंतव्य तक पहुंचाए। इसके बाद शाम में ट्रेन खुली। अनन्या का कहना था कि पूरा मामला मिस मैनेजमेंट का है। रात में एनाउंस किया गया था कि ट्रेन डालटनगंज होकर नहीं जाएगी। ट्रेन की रफ्तार, सफाई बंदोबस्त और खानपान पर भी सवाल उठाए।
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करांची/नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.) । खराब दौर से गुजर रहे पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान मिस्बाह उल हक को एक और झटका लगा है फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवेन्यू ने मिस्बाह के टैक्स भुगतान नहीं करने के चलते उनका बैंक अकाउंट सील कर दिया। बल्ले से खराब फार्म और कप्तानी छिन जाने की तमाम समस्याओं से घिरे मिस्बाह का 39 लाख रुपये के टैक्स का भुगतान नहीं करने के कारण एफबीआर ने बैंक खाता सील कर दिया है। मिस्बाह के अलावा पाकिस्तान की टेस्ट टीम के एक अन्य खिलाड़ी अजहर अली का भी भुगतान नहीं किए जाने के कारण खाता सील किया गया है। हालांकि मिस्बाह के अनुसार उनका कर विभाग के साथ भुगतान को लेकर कुछ विवाद है। जिसके हल होने के कारण ही उन्होंने बकाया राशि नहीं चुकाई है। इस बीच एफबीआर के प्रवक्ता ने शाहिद हुसैन ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा बताया कि उन्होंने अजहर और मिस्बाह के बैंक खाते सील किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने मिस्बाह और अजहर के बैंक खाते सील कर दिए हैं। अगर इनके खातों में यह राशि होगी तो उससे बकाया राशि वसूल कर ली जाएगी। मिस्बाह को कर विभाग को 39 लाख रुपये जबकि अजहर को 15 लाख रुपये का भुगतान करना है। इन खिलाड़ियों के बैंक खाते एफबीआर के कानून के तहत ही सील किए गए हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले पर अधिक जानकारी नहीं दी है। बोर्ड का कहना है कि वकील इस मामले को देखेंगे। हालांकि कर का भुगतान नहीं करने के मामले में पाकिस्तानी टीम के अन्य खिलाड़ी भी पीछे नहीं हैं। मोहम्मद हफीज और उमर अकमल भी कर जांच का सामना कर रहे हैं।
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इस दिन माँ गंगा को खुश करने के लिए भक्तों द्वारा व्रत भी रखें जातें है। यह दिन मंगल कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन बहुत शुभ संयोग होते जिसके कारण मंगल कार्यों के फल भी अच्छे प्राप्त होते है। इस दिन जन्मदिन पूजा या मुंडन जैसे शुभ कार्य करने के बहुत अच्छे मुहूर्त होते है। माँ गंगा की श्रद्धा पूर्ण स्तुति करने से व्यक्ति के दुःख - दर्द दूर हो जातें है। गंगा दशहरा 2020 का मुहूर्त : दशमी तिथि आरंभ : 31 मई 2020 को शाम 05 : 36 बजे सेदशमी तिथि समापन : 1 जून 2020 को दोपहर 02 :57 बजे तक है। इस दिन विधि - वत माँ गंगा की आराधना करनी चाहिए। जो कोई भी इच्छा हो उसे माँ गंगा के समक्ष व्यक्तकर उसकी पूर्ति के लिए कामना करनी चाहिए। देवी गंगा अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति अवश्य ही करेंगी। गंगा दशहरा के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि संपन्न करना चाहिए। इस दिन माँ गंगा के मंत्रों का उच्चारण भी करना चाहिए। देवी की स्तुति पूर्ण निष्ठा के साथ करनी चाहिए। देवी को अर्पण किए जाने वाले समस्त सामग्री को देवी गंगा के चरणों में अर्पित करना चाहिए। माँ गंगा को फूल एवं भोग स्वरुप फल अर्पण करने चाहिए। माँ गंगा के पवित्र जल का छिड़काव पुरे घर में करना चाहिए। इससे सभी नकारात्मक दोषों का नाश होता है। व्यथा का वास समाप्त होता है एवं सुख - संपत्ति का आगमन घर के वातावरण में समाया रहता है। गंगा दशहरा 2020 : गंगा दशहरा पर 10 का क्या है महत्व ? गंगा दशहरा 2020 : क्यों है गंगा दशहरा का पूजन महत्वपूर्ण ? गंगा दशहरा 2020 : जानिए कब है गंगा दशहरा का पर्व ?
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MP Weather Prediction Today: एमपी में एक बार फिर से मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ आंधी वाली बारिश की संभावना जताई है। वहीं, राजधानी भोपाल में सुबह से बादल छाए हुए हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों में सोमवार को भी बौछारें पड़ी थीं। भोपालः मंगलवार (MP weather report today) की सुबह एक बार फिर से राजधानी भोपाल में मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं, बारिश थमने के बाद उमस काफी बढ़ गई है। आगामी 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश में अधिकांश स्थानों पर बिजली और वज्रध्वनि के साथ आंधी और भारी वर्षा की संभावना है। भारी बारिश के कारण अभी भी कई नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी उतरने के बाद लोगों अपने घरों में लौटने लगे हैं। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र नायक ने बताया कि छह से नौ सितंबर 2022 के दौरान पूर्वी मध्यप्रदेश में अधिकांश स्थानों से अनेक स्थानों पर वर्षा की संभावना है। साथ ही कहीं-कहीं बिजली और वज्रध्वनि के साथ वाली आंधी और भारी वर्षा की संभावना है। इसके साथ ही पश्चिमी मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। वहीं, 12 सितंबर 2022 तक मध्यप्रदेश में अनेक स्थानों से कुछ स्थानों पर वर्षा की गतिविधियां बनी रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर अपनी सामान्य स्थिति के साथ और पूर्वी छोर अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में चलायमान है। मानसून ट्रफ का पूर्वी छोर 48 घंटों के बाद दक्षिण की ओर शिफ्ट होने की संभावना है। मौसम विज्ञानी ने कहा कि वर्तमान में औसत समुद्र तल पर मानसून की ट्रफ अब गंगानगर, हिसार, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, जलपाईगुड़ी, जोरहाट और वहां से पूर्व की ओर नगालैंड से होकर गुजर रही है। इसके साथ ही निचले क्षोभमंडल स्तर पर एक उत्तर दक्षिण ट्रफ उत्तरी आंतरिक कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक चलायमान है। औसत समुद्र तल से 0. 9 किमी ऊपर उत्तर-दक्षिणी ट्रफ रेखा उत्तर आंतरिक कर्नाटक से आंतरिक तमिलनाडु होती कोमोरिन क्षेत्र तक विद्यमान है। वहीं, एक चक्रवाती परिसंचरण कोमोरिन क्षेत्र और उससे सटे मालदीव पर निचले क्षोभमंडल स्तरों में बना हुआ है। 07 सितंबर 2022 के आसपास मध्य-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। इसके प्रभाव में अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। गौरतलब है कि सोमवार को राजधानी भोपाल में अधिकतम तापमान 31. 5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23. 1 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया है। मंगलवार को अधिकतम 31 और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने की उम्मीद है।
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शिवपुरी। लोकतंत्र में विकलांग लोगो की भी सहभागिता हो, इसके लिए राष्ट्रीय विकलांग पार्टी देश व्यापी स्तर पर काम करती है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां पर विकलांग लोगो की स्थिति काफी दयनीय है। ऐसे में हम कैसे कह सकते है कि अच्छे दिन आने वाले है वहीं कांग्रेस शासित प्रदेशो में फिर भी विकलांगो के लिए काफी कुछ किया जाता है। उक्त बात राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केके दीक्षित ने एक निजी होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहीं। इस मौके पर उन्होने जिला विकलांग कार्यकारिणी का भी गठन किया जिसमें अकरम खान को जिलाध्यक्ष व किन्नर मोर्चे का अध्यक्ष मंजू मौसी किन्नर को नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दीक्षित ने आगे बताया कि उनकी पार्टी देश के 14 राज्यों में स्थापित हो चुकी है और धीरे-धीरे पूरे देश भर में अपने लोगो को जोड़ेगी। उन्होने आगे बताया कि उनकी पार्टी विकलांगों के हक में काम करेंगी और उनके साथ कभी अन्याय नहीं होने देंगी। इस बार नगर निकाय चुनाव में उनकी पार्टी हर वार्ड में अपना उ मीदार खड़ा करेंगी तथा यहां पर हो रही गंदी राजनीति व महलों की राजनीति से लोगो को मुक्त कराऐगी। नगर पालिका अध्यक्ष के लिए राष्ट्रीय विकलांग पार्टी की तरफ से मंजू मौसी किन्नर को अपना उ मीदवार घोषित किया गया है।
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कुछ सम्बन्ध रखता है ? अथवा नहीं रखता । इस प्रश्न को अभी तक विचारक इस दृष्टिकोण से नहीं देखते थे । बे सीधे काव्य की श्रात्मा की व्याख्या करने की चेष्टा करते थे और वह सब वाह्य उनकी दृष्टि में उपेक्षित होता था, जिसको कि साहित्य का प्रकट अथवा दिखाई देने वाला स्वरूप कहा जा सकता था। इसका कारण था कि वे विभिन्न प्रकार की शिकथवा पूर्ण संगतियों के प्रति उपेक्षा रख कर, किसी मूल सत्य को प्रतिष्ठापित करके, युग-युग के लिये उसको शाश्वत मान कर, चैन से बैठना चाहते थे जब कि हम उस सत्य को स्थिरीकृत करके नहीं देखना चाहते, हम तो उसे 'गति' के सत्य में उसके 'चल' स्वरूप में देखना चाहते हैं। हम जानते हैं कि एक यात्री जब घर से निकलता है तब वह अपनी मंजिल तक पहुँचने की अवधि तक अनेक स्थानों में से निकलता है। यदि कायदे से देखा जाये तो यह समूचे पथ में से गुज़रा हुआ आदमी गंतव्य पर पहुंचकर कहीं नहीं रह जाता, जो कि वह यात्रा प्रारम्भ करते समय था । किन्तु व्यक्ति मूलतः वही रहता है यद्यपि वह प्रतिक्षण परिवर्तित होता रहता है । इस प्रतिक्षण के परिवर्त्तन में जो प्रवाहमयता में ही प्रतिक्षण की अनुभूति के तार से अपनी सत्ता को प्रतिक्षण परिवर्तित होती प्रकृति के कार्यव्यापार में अपनी इकाई में अनुभव करता है, वही यात्री का वास्तविक स्वरूप है । अर्थात् वाह्य र अन्तस्थ इस सृष्टि में निरन्तर बदलते रहते हैं । इस नैरंतर्य्यमय परिवर्त्तन को देखकर ही बुद्ध ने अपने युग में अपनी भाषा में श्रात्मा की पूर्ण में सत्ता को स्वीकृत करकेका प्रतिपादन किया था । उपनिषदों ने आत्मा को नित्य माना था। इसको रूप मानकर भी वायव्य सत्ता के रूप में स्वीकृत किया था । न दिखाई देने वाले सूक्ष्म से सूक्ष्म और महत से भी महत को अणोरंणीयान् महतोमहीयान् कहकर श्रात्मा की जिस प्रकार व्याख्या की गई उसे शताब्दियों से भारतीय समाज ने श्रद्धा से अपनाया है। मनुष्य के कर्म जैसी प्रगट वस्तु को कार्यकारण के सम्बन्ध से उस रूप आत्मा से जोड़कर जो जन्मजन्मांतर के व्यूहों में अभिव्यक्त किया गया, उसे भी भारत के सर्वसाधारण ने अत्यन्त सहज मानकर ही अङ्गीकार किया था, जैसे बह कोई कठिन बात ही नहीं थी। अभावात्मक वर्णनों की समष्टि को भौतिक जगत से जोड़कर उसे सहज स्वीकार करने की कला में जो प्रवीणता भारतीयों ने दिखाई वह निस्संदेह बड़ी विचित्र सामाजिक विकास प्रक्रिया की प्रतिनिधित्व करने वाली बात है। ढाई हज़ार साल पहले बुद्ध ने उस श्रात्मा की एकरूपता को चुनौती दी और परिवर्त्तन पर अधिक बल दिया। देखने में यह भले ही नवीनता लगे परन्तु इतिहास और संस्कृति का विद्यार्थी जानता है कि यह तत्कालीन समाज की ही विशेष विचारधाराओं का परिणाम था । यद्यपि बुद्ध का विचार अपने मूल को भूल कर नये विचारों में बदल गया, परन्तु हम जिस गति को मानकर चलते हैं वह अपने को सापेक्ष रखकर देखती है और इसलिये हमारे विचार का मूल बदल नहीं सकता, विकसितमात्र हो सकता है। हम प्रत्येक युग की परिस्थिति को पहले देखते हैं और परिस्थिति को समझने के लिये व्यक्ति के विकास के सर्वाङ्गीण रूप का अध्ययन करते हैं। इसी का नाम आदर्श का है । आदर्श का पुरातन स्वरूप धर्म के नाम पर अपना प्रकटीकरण कर सका है। धर्म शब्द का अर्थ प्राचीन भारत में कानून से लिया जाता था, क्योंकि मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य, नारद, पाराशर श्रादि की स्मृतियों में कानूनों का वर्णन है और वे कानून ही धर्म कहे गये हैं। हम अब ६ वी शती से जिस रूप में धर्म शब्द का अर्थ ग्रहण करते रहे हैं, वह श्रर्थ पुराने भारत में इस शब्द के साथ लगा हुआ नहीं था। गीता में कृष्ण ने स्वधर्म पालन में निधन भी श्रेय बताया है । उस समय धर्म का अर्थ ईसाई या मुसलमान या हिन्दू होना नहीं था, क्योंकि तब ा सशक्त थे और अपनी जैसी सशक्त जातियों से बाद के युग का सा अलगाव नहीं रखते थे। उस समय अन्तभुक्ति का मार्ग रूढ़िवाद ने बन्द नहीं किया था। तब धर्म का अर्थ या समाज के श्रार्थिक, राजनैतिक नियमन को मानना और उसके अनुसार काम करना । उपासना के क्षेत्र में व्यक्ति स्वतन्त्र था। जैसे बाद में हिन्दू, मुसलमान, ईसाई नामक 'धर्म' चले, वैसे प्राचीनकाल में एक ही संस्कृति में जन्मे विभिन्न सम्प्रदाय थे जैसे जैन, बौद्ध, कापालिक, कालामुख, गाणपत्य, सौर इत्यादि । जब धर्म का अर्थ बदला तो उसका तात्पर्य हुआ एक विशेष प्रकार की संस्कृति के अन्तर्गत रहकर अपने-अपने सम्प्रदायों को मानना । पुराने समय में जो तर्क बुद्धि थी, वह छोड़ दी गई। इसका कारण यह था कि संस्कृति की रक्षा विदेशियों के आक्रमण के समय सर्वोपरि हो गई थी । संस्कृति का दूसरा नाम अपने संकीर्ण विभाजन में धर्म बनकर प्रचलित हो गया । यूरोप और पश्चिमी इस्लामी देशों में केवल सम्प्रदाय जन्मे । फिर संम्प्रदायों के भीतर ही उप-संप्रदाय भी हुए। परन्तु उनका दृष्टिकोण भारतीय धर्म-सम्बन्धी मूल चिन्तन की भाँति व्यापक नहीं था । इससे सङ्कीर्णता का जन्म हुआ । अब उस संकीर्णता के आदर्श को मानने से नयी परिस्थितियों का विकास समझ में नहीं श्राता । आवश्यकता इस बात की है कि वस्तुस्थिति का पुनः मूल्यांकन किया जाय । इससे पहले हमें धर्म संबंधी विचारों का मंथन करना चाहिये, ताकि हम उसके विकास संबंधी अनुभवी से भविष्य के लिये लाभ उठा सकें । प्रत्येक धर्म और संप्रदाय ने साथ एक विशिष्ट संस्कृति का प्रतिपादन करता है । यदि हम इस सांस्कृतिक पक्ष को छोड़ दें तो धर्म केवल नैतिक नियमावली है जिसे अंगरेजी में ( Ethics ) एथिक्स कहते हैं। किंतु एथिक्स से भी बढ़कर धर्म का प्रभाव रहा है, क्योंकि एथिक्स की मर्यादा सीमाओं में प्रभावित नहीं कर पाती, वही जब धर्म का अङ्ग बनकर प्रस्तुत होती है, तो उसमें एक प्राणवती महिमा का उदय होता है, जो अपने गहरे प्रभाव छोड़ने की सामर्थ्य रखती है । धर्म की निर्बलता है कि जब वह जन्म लेता है तब वह एक विशेष समाज में से उद्भूत होता है और अपने से पुराने समाज की विरासत को ग्रहण करता है, किन्तु जब वह अपना आकार ग्रहण कर लेता है तब वह विकास नहीं कर पाता । विकास तो फिर भी होता है । तब विकास और धर्म में द्वन्द्व हो जाता है। विकास नयी परिस्थिति में नयी व्याख्या चाहता है और धर्म की व्याख्या सीमित होती है, वह विकास में अपने को प्रतिपल्लवित नहीं कर पाती । होता यह है कि एक धर्म बन गया। अब उसमें यदि नयी बात का समावेश होता है तो वह उपसंप्रदाय बनता है जैसे श्रद्ध तवाद के बाद विशिष्टाद्वैतवाद, इतवाद आदि बने । यदि बात अधिक नयी होती है तो उसमें ऐसा भेद आता है जैसे यहूदी, ईसाई, मुसलमान । यदि व्याख्यात्मक भेद होता है तो ऐसे श्राता है जैसे सांख्य, बौद्ध और जैन दर्शन पर अवलंबित जीवनतंत्र की व्याख्या । क्रम विकास में यह परिवर्तन विरोधों की टकराहट से बढ़ता है वह सहज गति या कुदान ( Leap ) के प्राकृतिक स्वरूप में गुणात्मक परिवर्तन के रूप में प्रकट नहीं होता । यही कारण है कि उसके भीतर अन्तर्विरोध पैदा हो जाते हैं और गतिरोध रूढ़िवाद को जन्म देता है। वैसे तो कोई भी चिंतन कभी भी न दावा कर सका है, न कर ही सकेगा कि यही शाश्वत है, यही अन्तिम है, परन्तु मनुष्य का एक दावा शाश्वत रहेगा, कम से कम तब तक रहेगा जब तक इस पृथ्वी पर मनुष्य है कि मनुष्य का ज्ञान पूर्ण कभी नहीं है, वह विकासशील है और परिवर्तित होता रहता है, इसीसे सापेक्ष है। इस सापेचता की स्वीकृति परमावश्यक है । श्राध्यात्मवाद की सीमाए हैं। वह विकास को स्वीकार नहीं करता । और इससे ही सारी उलझन पैदा हो जाती है। जब 'समय तत्त्व' को नहीं माना जाता तब रूढ़ि अपना रंग लाती है । 1. Contrary to metaphysics, dialectics does not regard the process of development as a simple process growth, where quantitative changes do not lead to qualitative changes, but as a development which passes from insignificant and imperceptible quantitative changes to open, fundamental changes, to qualifative changes; a development in which lhe qualitative changes occur not gradually,but rapidly and abruptly, taking the form of a leap from one state to another; they occur not accidentally but &s & natural result of an accumulation of imperceptible and gradual quantitative changes. (Dialectical & Historical materialism. J. Stalin moscow 1952 pp. 10 ) विकास अपने आप में सहज नहीं हुआ करता । धीरे-धीरे परिवर्त्तन होता जाता है। इतने धीरे कि दिखाई भी नहीं देता। फिर एकदम परिवर्त्तन है, इसलिये कि जो धीमे-धीमे परिवर्तन होता रहता है वह इकट्ठा होने पर ही दिखाई देने लगता है। मात्रात्मक परिवर्तन हो जाने से गुणात्मक परिवर्त्तन हो जाया करता है। फिर कई गुणात्मक परिवर्त्तनों के मात्रात्मक संघट्ट से नया गुणात्मक परिवर्तन हो जाया करता है। धर्म इसको स्वीकार नहीं करता । वह तो एक नियमावली बनाकर संतोष कर लेता है। सच तो यह है कि मनुष्य अपने जीवन समाज, संसार की व्याख्या करके रहना चाहता रहा है और रहेगा भी। बौद्धों ने जब चिंतन किया था तब यह स्वीकार किया था कि दो प्रकार के सत्य होते हैं। एक लौकिक एक परमार्थिक । परमार्थिक के नाम पर जो बौद्धिकता ने अपनी सीमाओं में बंधे रहकर भी व्यापकता दिखाने की चेष्टा की थी, वह जनसमाज पर अपना प्रभाव नहीं डाल सकी। जनसमाज उतना शिक्षत नहीं था। वरन् यह कहना ठीक होगा कि उसकी समस्याओं के समाधान के लिये एक शृद्धापरायण नैतिकता की आवश्यकता थी । वह समाधान युगप्रचलित था । उसी के अनुरूप चिंतकों ने लौकिक सत्य को विवश होकर स्वीकार कर लिया और जनसमाज में अपने पाँव जमाये रखने की चेष्टा की। चिंतन का यह द्विविध रूप भारत में ही प्राप्त होता है, जिससे विवशता में आवश्यकताओं के लिये एक सत्य स्वीकार किया, किंतु उसको सापेक्ष समझकर परमार्थ में उसी स्वीकृति को लघु कहकर ॐठा दिया। किन्तु उनका यह सापेक्षता का ज्ञान केवल इस सत्य पर टिका था कि वे परिवर्त्तन के प्रवाह को नाहत रूप से विच्छिन्न मानते थे । उसमें एक बहुत बड़ी कमी थी । वह थी उस परिव तन में आने वाले गुणात्मक परिवर्त्तन का ज्ञान । बे एक ही चक्र की कल्पना करते थे । इसलिये विद्रोही सा दिखाई देने वाला यह चिन्तन केवल विद्रोही दिखाई ही देता था । मूलतः इसकी पहुँच अन्य स्थावर चिंतनों से कम थी । दूसरे संप्रदायमूलक होने के कारण यह अन्तभुक्ति होने के झटकों को भी नहीं फेल सका, अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने लगा और यह इतनी दूर जाकर गिरा कि अपनी केन्द्रबिंदु पर लौटने की क्षमता को पूरी तरह से विस्मृत कर गया । मनुष्य का विकास अपनी सामर्थ्य में कितना बड़ा है, इसका केवल एक श्रंश साहित्य के माध्यम से प्रगट होता है । साहित्य उसके अन्तर्त की अभिव्यक्ति है । वह एक प्रकार से उसकी सत्ता की सबसे सुन्दर व्याख्या भी कहा जा सकता है । इस मनुष्य के समाज में अनेक व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने साहित्य के लिये सब कुछ न्यौछावर कर दिया है और अपने को भी मिटाकर वे चले गये हैं। काव्य के प्राचार्यों ने उसे यश और कीर्ति की लिप्सा कहा है। मैं समझता हूँ यश और कीर्ति की नीयत धन कमाने की नीयत की ही भाँति साहित्यकार की को पूर्णरूपेण संतुष्ट नहीं करती । सामाजिक सम्बन्धों में जो हृदय पर घात प्रतिघातों की क्रिया प्रक्रिया होती है, वही संवेदनशील हृदय को आगे बढ़ाती है। कवि यह जानते हुए भी कि अमुक कार्य में यश मिलेगा तब तक उसे नहीं करते जब तक उनकी इच्छा स्वयं उस ओर जाग्रत न हो जाये । यहाँ मैं कवि व्यक्तित्व और समाज को दो भागों में बाँटकर नहीं देखता । मनुष्य एक विराट अस्तित्व का भाग है और वही इस योग्य हुआ है कि प्रकृति को अनुभव की दृष्टि से देखे, जो कि अन्य जानकर नहीं कर सके हैं । उनमें प्रयोग करने की क्षमता है, और वह तथ्यों को एक दूसरे से जोड़कर उनकी परीक्षा करता है। वह स्वयं भी उन परीक्षण का विषय है। प्रयोग का विषय है। यदि हम यह स्वीकार करते हैं कि जीवित विश्व के अध्ययन से इस विषय पर कुछ प्रकाश पड़ सकता है कि हम उसके महत्त्व को समझा सकें कि वह धरती पर क्यों, कैसे आया, तब हमें पता चल सकता है कि उसका अन्यों से क्या सम्बन्ध है, अन्यों से क्या भेद है । इसके लिये आवश्यक है कि हम समस्त संसार का प्रारम्भ से अध्ययन करें किंतु हमें यह अवश्य याद रखना चाहिये कि जिन श्रौजारों से हम प्रयोग करते हैं और अनुभव ग्रहण करते हैं, परीक्षा करते हैं, वे इतने समर्थ नहीं भी हो सकते कि सब कुछ को हमारे सामने प्रगट कर सके ।' 1 १ का मन डैस्टिनी-लोकोते यू न्यौय पृ० २१ ह्य इसीलिये कवि हृदय की व्याख्या करते समय भी हमें कुछ विशेषताओं की ओर ध्यान देना होगा। यह आदर्श के अध्ययन का मूल प्रश्न है, क्योंकि हमारा सम्बन्ध साहित्य से ही है । कवि का हृदय जब वस्तु को ग्रहण करके फिर अभिव्यक्त करता है तब वस्तु केवल वही नहीं रहती जो पहले थी। उस वस्तु में उसका व्यक्तित्व मिलकर फिर बाहर ढलता है । इसे 'कला कला के लिये' वाले स्वेच्छा कहते हैं । रूढ़िवादी इसे 'परमात्मा की देन' कहा करते हैं। समाज शास्त्र के श्रालोचक कवि के मानस की इस स्वतंत्रता को उसकी अपने आदर्श के प्रति होने वाली श्रद्धा कहा करते हैं । आदर्श तो विकास है। विकास एक संघर्ष है । प्रकृति की विजय मात्र मनुष्य को सुख नहीं दे सकती जब तक कि उसके साथ मनुष्य की नैतिक उन्नति भी नहीं होती । इस नैतिकता का सबसे ।२ संतुलित रूप कवि में प्रगट होता है। कभी कभी युग विशेष के नैतिक मानदण्ड अपने में पूर्ण दिखाई देते हैं। मनुष्य से मनुष्य के जो संबंध होते हैं उनके प्रति ऐसा दृष्टिकोण हो जाता है कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं, सबसे अधिक न्याय्य हैं । इतिहास की ओर जाकर आज के जीवन में फैली वर्गगत विषमता एक ऐसी चीज़ है, जो उनके हृदय को भी हिला देती है, जो कि वर्गगत जीवन को शाश्वत समझते हैं। किंतु ऐसा क्यों होता है ? इसलिये जब कलाकार कला का सृजन करता है तब कला उस अभिव्यक्ति का पत है, जो कलाकार अपने व्यक्तित्व से वस्तु का तादात्म्य करके सृजन करता है । कलाकार में वस्तु के सम्बन्ध में आने पर विशेष विचारों अनुभूतियों तथा भावों का जागरण होता है । कलाकार का व्यक्तित्व उन सबको अपने भीतर लेकर उसे दूसरों को सुना देने की इच्छा करता है, क्योंकि उसका व्यक्तित्व अपने आपमें पूर्ण नहीं हो जाता, उसकी पूर्णता उसके व्यक्तित्व के समाज संबंधों पर निर्मित तथा निर्भर भी होती है। वह अपने को प्रगट कर देता है। इस प्रकार वह न समाज के ब्यूह में व्यक्तित्व का नाश है, न व्यक्तित्व की किसी प्रकार की निरंकुशता ही, जो नियमन के किसी रूप को भी स्वीकार नहीं करती। व्यक्ति जब समाज से संवेदनशीलता से मिलता है तब उसमें २ वही पृ० १७८
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अलीगढ़. यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की रैंकिंग में भले ही सुधार हो रहा है. लेकिन विदेशी छात्रों की संख्या घट रही है. पिछले 10 सालों में 20 से अधिक देशों के छात्रों ने दूरी बना ली है. जबकि 2013 के आंकड़ों के अनुसार 36 देशों के विद्यार्थी एएमयू में अध्ययन कर रहे थे. लेकिन साल दर साल घटते घटते अब महज 16 देशों के छात्र-छात्राएं ही पढ़ाई कर रहे हैं. हालांकि तीन नए देशों के विद्यार्थी भी शामिल हुए हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए देश से ही नहीं विदेश से भी छात्रों का रुझान रहा है. यही वजह है कि यहां देश दुनिया के विद्यार्थी बड़ी संख्या में दाखिला लेकर भविष्य बनाने के लिए आए हैं. यहां ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, मॉरीशस समेत अन्य देशों के छात्र ग्रेजुएशन से लेकर रिसर्च तक करने आए हैं. 2013-14 के आंकड़ों पर गौर करें तो विश्वविद्यालय में 36 देशों के विद्यार्थी पढ़ रहे थे. वहीं, 2022- 23 के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष केवल 16 देशों के विद्यार्थी ही एएमयू में दाखिला लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले 10 वर्षों में 20 से अधिक देशों के विद्यार्थियों ने दाखिला नहीं लिया. हालांकि एएमयू प्रशासन इसके पीछे अलग तरह के तर्क दे रहा है. छात्र संख्या घटने की वजह इकोनामिक क्राइसिस के साथ विदेशों में शिक्षा के साधन बढ़ना, प्राइवेट विश्वविद्यालय की संख्या बढ़ना, विद्यार्थियों को अपने देशों में ही दाखिले के लिए प्रलोभन देना आदि माना जा रहा है. भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका के साथ ही ऑस्ट्रेलिया , ब्रिटेन, कनाडा, इथोपिया, इजिप्ट, जर्मन, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, जॉर्डन, कजाकिस्तान, लिबिया, मॉरीशस, नाइजीरिया, न्यूजीलैंड, फिलिपिंस, सऊदी अरब, साउथ कोरिया, साउथ अफ्रीका, सूडान, सोमालिया, सीरिया, थाईलैंड, तुर्किस्तान, टर्की, यमन देश के छात्रों यहां पढ़ने आते रहे. हालांकि जिन देशों के विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है उसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, बांग्लादेश, भूटान, ब्रिटेन, कनाडा, इजिप्ट, जर्मन, जॉर्डन, कजाकिस्तान, मॉरीशस, नाइजीरिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, सीरिया, तुर्किस्तान, टर्की, शामिल हैं. हालांकि, एएमयू में एक समय ऐसा था जब थाईलैंड के विद्यार्थियों की अपनी अलग दुनिया हुआ करती थी. थाईलैंड के विद्यार्थियों के रहने का भी अपना अलग अंदाज था. उनका ड्रेसिंग सेंस से लेकर वाहन तक की अपनी अलग पहचान हुआ करती थी. 2013 में इन विद्यार्थियों की संख्या सबसे अधिक थी. लेकिन अब इनकी संख्या घटकर महज 17 रह गई है. वहीं पाकिस्तान की केवल एक छात्रा ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है. एएमयू में एक ओर जहां देशों की संख्या कम हुई है. वहीं छात्र संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है. 2013 में 300 से अधिक विदेशी विद्यार्थी कैंपस में अध्ययनरत थे. उसके बाद वर्ष 2019 में यह संख्या बढ़कर 500 से अधिक पहुंच गई थी. लेकिन यह संख्या अब घटकर महज 212 रह गई है. वहीं इंटरनेशनल स्टूडेंट्स सेल के एडवाइजर प्रोफेसर अली नवाज जैदी ने बताया कि विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने से देश व छात्र संख्या घटने के कई कारण हैं. इकोनामिक क्राइसिस इसमें बड़ी वजह है. साथ ही अधिकांश देशों में शिक्षा के संसाधनों में बढ़ोतरी हुई है. प्राइवेट संस्थान भी अपने देशों में विद्यार्थियों को कम फीस में अच्छे अवसर दे रहे हैं. कोविड समेत अन्य कारणों से भी विदेशी छात्र संख्या में गिरावट आई है.
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था । यह स्त्री निस्संतान मर गई । उक्त खाँ को तीन लड़के थे पर किसी ने भी उन्नति नहीं की । इसका एक संबंधी मीर मोमिन इन सबसे योग्य था । यह कुछ दिन तक एलिचपुर के सुवेदार हसन अली खाँ बहादुर आलमगीरी का प्रतिनिधि रहा । इसके लड़कों में सबसे बड़ा मिर्जा अच्दुल रजा अपने पिता के ऋणों का उत्तरदायी होकर सराय और वस्तो का अकेला भालिक हुआ । यह निस्संतान रहा। इसकी वृद्धा स्त्री बहू वेगम के नाम से प्रसिद्ध थी । अंत तक यह अपना कालयापन वस्ती की आय से करती रही । दूसरा मिर्जा मनोचेहर जवानी में मर गया । उसे लड़के थे । उक्त बहू वेगम ने अपने भाई की एक लड़की को स्वयं पालकर उससे विवाह दिया था। इसके बाद लगभग सात साल तक यह बुढ़िया जीवित रही, जिसके बाद इसका कुल सामान उसको मिल गया। दो साल बाद वह भी मर गई और उसके लड़के उस पर अब अधिकृत हैं। तीसरा मिर्जा महम्मद सईद अधिकतर नौकरी करता रहा । वह कविता भी करता था और अनुभवी था। उसका एक शेर हैपर जो चित्रकारी है उसे वे सरसरी तौर पर नहीं जानते। यह गोल लेख यह है कि परी को उपस्थित करो ।। पिता की पदवी पाकर कुछ दिन चाँड़ा का तहसीलदार रहा। में दुख हुआ और कोई नौकरी न लगी। तब कर्णाटक गया और कुछ दिन अन्न खॉ मियानः के पुत्र अदुकादिर सों के साथ बालाघाट कर्णाटक में व्यतीत किया। इसके बाद पाई वाट जाकर वहीं मर गया। यह निस्संतान था। उस वृद्धावस्था में भी सौंदर्य की कमी नहीं थी । लेखक पर उसका प्रेम था ।
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पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा पिछले एक साल में हमने वीडियो लिंक (Video Link) से 9 परियोजनाओं (Projects) को लॉन्च किया। आज के तीन परियोजनाओं को जोड़कर एक साल में हमने एक दर्जन संयुक्त परियोजनाएं लॉन्च की हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) और प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय परियोजनाओं (Bialiteral Projects) के समझौते का आदाना प्रदान किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ तीन और द्विपक्षीय परियोजनाओं का उद्घाटन करने का मौका मुझे मिला है। पिछले एक साल में हमने वीडियो लिंक से 9 परियोजनाओं को लॉन्च किया। आज के तीन परियोजनाओं को जोड़कर एक साल में हमने एक दर्जन संयुक्त परियोजनाएं लॉन्च की हैं। उन्होंने कहा कि आज की ये तीन परियोजनाएं तीन अलग-अलग क्षेत्रों में हैं- एलपीजी आयात, वॉकेशनल ट्रेनिंग और सामाजिक सुरक्षा। लेकिन इन तीनों का उद्देश्य एक ही है। और वो हमारे नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना है। यही भारत-बांग्लादेश संबंधों का मूल-मंत्र भी है। उन्होंने आगे कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ अपनी साझेदारी को प्राथमिकता देता है। हमें गर्व है कि भारत-बांग्लादेश संबंध दो मित्र पड़ौसी देशों के बीच सहयोग का पूरी दुनिया के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। पीएम मोदी ने कहा कि ढाका के रामकृष्ण मिशन में विवेकानंद भवन का प्रोजेक्ट दो महामानवों के जीवन से प्ररेणा लेता है। हमारे समाज और मूल्यों पर स्वामी रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद जी का अमिट प्रभाव है।
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भारत में क्रिकेट का आलम यह है, कि भारत में क्रिकेट को धर्म समझा जाता है. भारत को क्रिकेट ने कई ऐसे यादगार पल दिए है, जो हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के जहन में जिंदा रहते है, जबकि कुछ दुखद पल भी जिसे हर कोई क्रिकेट फैन भूलना चाहता हैं. भारत के पूर्व क्रिकेटर रमन लांबा का जन्म 2 जनवरी 1960 को उत्तरप्रदेश के मेरठ में हुआ. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ रहे लांबा ने क्रिकेट में शानदार तरीके से आगाज किया, हालाँकि उसके करियर का अंत बेहद दुखद तरीके से हुआ. रमन लांबा में क्रिकेट का जूनून इस कदर था, कि उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर ही दम तोड़ा, लेकिन यह उनकी स्वाभाविक मौत नहीं थी. दरअसल बांग्लादेश में खेले जा रहे, एक मैच में फ़ील्डिंग के दौरान गेंद करने के कारण उनकी मौत हुई. रमन की मौत की ख़बर ने क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया था. 20 फ़रवरी 1998 को बांग्लादेश, ढाका में क्रिकेट क्लब अबाहानी क्रइरा चाकरा बनाम मोहम्माडन स्पोर्टिग मैच के खेलते हुए लांबा की मौत हुई. मैच में अबाहानी टीम से खेलते हुए लांबा शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे. जिस दौरान लांबा के गेंद लगी उस समय कप्तान ने लांबा को हेलमेट पहनने को कहा था, लेकिन लांबा ने यह कहकर माना किया था, कि ओवर में सिर्फ 3 गेंद बची हैं. जिसके बाद अबाहानी टीम के गेंदबाज़ सैफुल्लाह खान ने गेंद डाली जो शॉर्ट डाली और मोहम्माडन स्पोर्टिग टीम बल्लेबाज़ मेहराब हुसैन ने एक तेज शॉट लगाया, जोकि शॉर्ट लेग पर खड़े रमन लांबा के सर पर जा लगा. गेंद लगने के बाद रमन लांबा खड़े हुएऔर ड्रेसिंग रूम में चले गए, जिसके थोड़ी बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. रमन की बिगड़ती हालत देख दिल्ली से डॉक्टर बुलाये गए, लेकिन रमन लांबा को नहीं बचा पायें और ढाका के पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्पिटल में 23 फ़रवरी को उनकी मौत हो गई. रमन लांबा ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कम खेला, लेकिन छोटे से अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान ही उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया. रमन लांबा से जुड़ी एक रोचक कहानी भी हैं. 1986 में इंग्लैंड के दौरे के दौरान लांबा श्रीकांत की जगह फ़ील्डिंग करने आये, जिसके कुछ देर बाद श्रीकांत बिना अंपायर को बताए मैदान पर आ गए. एक ओवर के लिए श्रीकांत और लांबा दोनों मैदान पर फील्डिंग करते रहे. अंपायर ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया. यह क्रिकेट में पहला मौका था, जब एक अंतर्राष्ट्रीय मैच में 12 फील्डर्स ने फील्डिंग किया. रमन लांबा ने भारत के लिए 4 टेस्ट मैचो में 1 अर्धशतक की मदद से 102 रन बनाये, जबकि 32 एकदिवसीय मैचो में लांबा ने 6 अर्धशतक और 1 शतक की मदद से 783 रन बनाए. रमन लांबा प्रथम श्रेणी क्रिकेट के बड़े स्टार रहे, लांबा ने 121 प्रथम श्रेणी मैचो में 53. 84 की औसत से 8776 रन बनायें, जिस दौरान लांबा ने 31 शतक और 27 अर्धशतक लगायें. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लांबा का सर्वोच्च 320 रहा.
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अनुब्रत मंडल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी हुसैन ने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ताओं को उसके कब्जे में 49 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई ने सोमवार को आसनसोल की एक अदालत में पशु तस्करी मामले में अपना चौथा आरोपपत्र पेश किया, जिसमें टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 40 पन्नों के आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि हुसैन ने पशु तस्करों से धन को अनुब्रत मंडल तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो टीएमसी के बीरभूम अध्यक्ष हैं। मंडल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी हुसैन ने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ताओं को उसके कब्जे में 49 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। उन्होंने कहा कि हुसैन के मोबाइल फोन के कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह तस्करों और पशुपालकों के सीधे संपर्क में था। सहगल के सोमवार को सीबीआई की हिरासत में 60 दिन पूरे हो गए और एजेंसी को कानून के मुताबिक शाम पांच बजे तक अपना प्रारंभिक आरोप पत्र दाखिल करना था। अधिकारी ने कहा कि मंडल को सीबीआई ने दिन के दौरान समन किया था ताकि कुछ सूचनाओं को सहगल से पूछताछ करके हासिल करने की पुष्टि की जा सके। हालांकि, वह अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए नहीं पहुंचे। सीबीआई ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे करोड़ों रुपये के पशु तस्करी रैकेट में अपनी जांच के तहत मंडल से दो बार पूछताछ की थी। ताजा चार्जशीट में सीबीआई ने फरार टीएमसी नेता बिनय मिश्रा के भाई बिकाश मिश्रा का भी नाम लिया है। मवेशी तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष सोमवार को पेश नहीं हुए। एजेंसी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने जांच एजेंसी को सूचित किया था कि वह उपस्थित नहीं रह पाएंगे। एजेंसी के एक सूत्र ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल ने सीबीआई को सूचित किया था कि वह पशु तस्करी मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को उसके समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे। समझा जाता है कि पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष मंडल ने मेडिकल जांच के कारण केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने में असमर्थता जताते हुए एक ईमेल भेजा है। सूत्र ने कहा कि सीबीआई अधिकारियों ने मंडल का ईमेल प्राप्त होने की बात स्वीकारी है। पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि तृणमूल नेता स्वास्थ्य जांच के लिए कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल जा रहे हैं। सीबीआई ने 5 अगस्त को तृणमूल के बीरभूम जिला अध्यक्ष मंडल को सोमवार को पेश होने के लिए तलब किया था। इस मामले की जांच के सिलसिले में संघीय एजेंसी पहले उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में जिले के विभिन्न स्थानों पर छापे मारे हैं। मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन को भी जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2017 के एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बंगाल के सात मंत्रियों समेत 19 नेताओं की संपत्ति वृद्धि मामले में ईडी को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने बिप्वल चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया कि जिसमें तृणमूल कांग्रेस के 19 विधायकों, सांसदों और राज्य सरकार के मंत्रियों की संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि पर सवाल उठाय गया था। चौधरी ने इन नेताओं द्वारा विभिन्न चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करते समय केंद्रीय चुनाव आयोग के पास जमा किए गए हलफनामों का हवाला दिया है। जनहित याचिका में बंगाल के दो दिवंगत मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी व साधन पांडे के भी नाम हैं। इसके अलावा राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम, शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु, वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, कानून मंत्री मलय घटक, सहकारिता मंत्री अरूप राय, आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद अहमद खान और पंचायत मामलों की राज्य मंत्री सिउली साहा का नाम भी इसमें शामिल है। इस सूची में बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी और बैरकपुर से लोकसभा सांसद अर्जुन सिंह के भी नाम हैं, जो हाल में भाजपा से तृणमूल में लौटे हैं। अन्य प्रमुख नामों में सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब, विधायक मदन मित्रा और स्वर्ण कमल साहा शामिल हैं। सूची में बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री और राज्य सरकार के वर्तमान प्रधान वित्तीय सलाहकार अमित मित्रा का भी नाम इसमें शामिल है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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रिचर्ड स्ट्रॉस (1864-19 4 9) द्वारा रचित, "एलीक्टा" प्राचीन ग्रीस में एक-एक्ट ओपेरा सेट है। यह 25 जनवरी, 1 9 0 9 को ड्रेस्डेन स्टेट ओपेरा में प्रीमियर हुआ। युद्ध में मजदूरी करने के लिए ट्रॉय को बाहर जाने से पहले किंग एग्मेमोन अपनी बेटी इफिगेनिया को बलिदान देते थे। उनकी पत्नी, क्लेटामेनेस्ट्रा, उनके घृणा में बढ़ती हैं और उनकी वापसी पर उन्हें मारने के लिए दृढ़ हैं। जब वह युद्ध से घर आता है, तो वह उसे अपने प्रेमी एगीस्ट की मदद से हत्या करती है। हालांकि, क्लेटामेनेस्ट्रा अपनी सुरक्षा के लिए थके हुए हैं, डरते हुए कि उनके तीन जीवित बच्चे (एलीक्टा, क्राइसोथेमिस और ओरेस्ट) अपने पिता की मौत का बदला ले लेंगे। चूंकि पांच नौकर महल के आंगन को साफ करते हैं, इसलिए वे अपने पिता की मृत्यु के बाद से एलेक्ट्रा की स्थिति के बारे में गपशप करते हैं, वह जंगली और अप्रत्याशित हो गई है। एलीक्टा कुछ अपमानों को उखाड़ फेंकने वाली छाया से उभरता है और नौकरियां अपनी छुट्टी लेती हैं। अकेले, Elektra अपने पिता को प्रार्थना करता है, प्रतिशोध शपथ लेता है। यह आंगन में था जहां उसकी मां और एगीस्ट ने अपने पिता के निर्जीव शरीर को खींच लिया, जिसे उन्होंने स्नान करने के पहले पलों की हत्या कर दी थी। एलीक्टा की छोटी बहन, क्राइसोथेमिस, उसकी प्रार्थना में बाधा डालती है, और भीख मांगती है कि वह बदला लेने के साथ उसका जुनून छोड़ देती है। वह चाहता है कि वे सामान्य, खुशहाल जीवन जीएं, और राजकुमार होने के लाभों का आनंद लें। जब वे अपनी आने वाली मां की आवाज सुनते हैं तो लड़कियां चौंक जाती हैं। क्राइसोथेमिस जल्दी से निकलता है, लेकिन एलीक्टा बनी हुई है। Klytaemnestra, एक दृश्यमान मलबे, परावर्तक की तलाश, मदद के लिए Elektra पूछता है। वह देवताओं को खुश करने के लिए एक और बलिदान करना चाहती है, उम्मीद है कि वे बदले में अपनी शांति देंगे। Elektra अपनी मां को एक अशुद्ध महिला बलिदान देने के लिए कहता है। जब क्लेटामेनेस्ट्रा एक नाम मांगता है, एलीक्टा चिल्लाता है, "क्लेटामेनेस्ट्रा! " Elektra शपथ लेता है कि वह और उसके निर्वासित भाई, ओरेस्ट, उसे मार डालेगा और उसके अजीब सपनों को खत्म कर देगा - केवल तभी वह शांति पायेगी जो वह इतनी सख्त चाहती है। आंगन में अकेले छोड़ दिया गया, एलीक्टा अपने कुत्ते की हत्या के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुल्हाड़ी की तलाश में धरती में बेरहमी से खुदाई शुरू कर देता है। जैसे ही वह खुदाई करती है, एक क्लॉक्ड मैन क्लिटेमनेस्त्र और एगीस्ट की तलाश में प्रवेश करता है। वह एलेक्टा को बताता है कि वह ओरेस्ट की मौत की खबर देने आया है। Elektra अजनबी को उसका नाम बताता है, और वह उसे फुसफुसाता है कि ओरेस्ट वास्तव में जिंदा है। एलीक्टा, भावना से उबरने के लिए, अजनबी को बताना शुरू होता है जहां वह अपनी मां को पा सकता है। वह उसे बाधित करता है और उसे अपने भाई को पहचानने के लिए उसे झुकाता है। वह अपनी बाहों में गिर गई और दोनों एकजुट होने में खुश हैं। उनका पुनर्मिलन एक पल लंबा है क्योंकि क्लेटामेनेस्ट्रा ओरेस्ट को बुलाता है। नौकरों ने तुरंत उनके आगमन पर उन्हें अधिसूचित किया। एलेस्ट्रा आंगन में इंतजार कर रहा है क्योंकि ओरेस्ट महल में प्रवेश करती है। एक चिल्ला सुनाई तक यह लंबा नहीं है। एलेक्टा चमकीले मुस्कान, यह जानकर कि ओरेस्ट ने अपनी मां को मार डाला है। Aegisth आंगन में चलाता है और Elektra खुशी से महल के अंदर उसे उखाड़ फेंक देता है। वह भी जल्दी से हत्या कर दी गई है। अंततः एलीक्टा इतनी देर तक जिस घृणा को आयोजित कर रही है उसे छोड़ दे सकती है। वह देवताओं का धन्यवाद करती है और खुशी के लिए नृत्य करना शुरू कर देती है। उसके नृत्य के शीर्ष पर, वह जमीन पर गिरती है और अपनी आखिरी सांस को सांस लेती है।
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रोहित शर्मा को पिछले महीने मैच के दौरान चोट लग गई थी, जिसके कारण वह मुंबई इंडियंस के कुछ मैचों में नहीं खेल पाए थे. इसके बाद रोहित को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया था, जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की फिटनेस को लेकर मची गफलत और बयानबाजी पर मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है. UAE में चल रहे IPL 2020 में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के कप्तान रोहित शर्मा को चोट के कारण ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया था, लेकिन मंगलवार को लीग स्टेज के अपने आखिरी मैच में रोहित मैदान पर उतरे, जिसके बाद ये मुद्दा और गर्म होता दिख रहा है. पिछले महीने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 'डबल सुपर ओवर' वाले मैच में हैमस्ट्रिंग में तकलीफ के कारण रोहित अगले कुछ मैचों से बाहर हो गए थे. रोहित की फिटनेस के कारण उन्हें इस महीने ऑस्ट्रेलिया जाने वाली तीनों फॉर्मेट की भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया था. हालांकि, मुंबई इंडियंस ने रोहित के नेट्स में बैटिंग करते हुए वीडियो पोस्ट किए जिसने अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर दी. हाल ही में कोच शास्त्री ने कहा था कि अगर रोहित पूरी तरह फिट हुए बिना मैदान में उतरे तो उनकी चोट के और गंभीर होने का खतरा रहेगा. शास्त्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह सेलेक्शन मीटिंग का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उन्हें रोहित की मेडिकल रिपोर्ट के बारे में पता था. शास्त्री के इसी बयान पर अब पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग भड़क उठे हैं. 'क्रिकबज' के कार्यक्रम में बात करते हुए सहवाग ने कहा, सहवाग ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि BCCI ने बिना पूरी जानकारी लिए रोहित के चयन पर फैसला किया. पूर्व ओपनर ने कहा कि रोहित को टीम में चुना जाना चाहिए था और अगर वो फिट नहीं हो पाते तो उन्हें आगे जाकर रिप्लेस भी किया जा सकता था. उन्होंने इसे कुप्रबंधन बताते हुए कहा, मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा करीब 2 हफ्ते बाद मंगलवार को IPL 2020 के आखिरी लीग स्टेज मैच के लिए फिर से टीम में लौटे. हालांकि रोहित की वापसी अच्छी नहीं रही. बैटिंग वो सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि उनकी टीम को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि मैच के बाद रोहित ने जरूर कहा कि वह अब पूरी तरह से फिट हैं.
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देश में एक नयी राजनीति की शुरुआत करने के संकल्प और जज़्बे के साथ, इंडिया ग्रींस नाम से एक नया राजनीतिक दल पर्यावरण संरक्षण और राजनीतिक प्रदूषण से लड़ने के लिय मैदान में उतरा है। पेशे से पत्रकार सुरेश नौटियाल इस नव गठित दल के प्रेसिडेंट चुने गए हैं। सर्व सहमति से निर्वाचित होने के बाद नौटियाल ने जम्मेदारियों का कंटीला ग्रीन ताज पहनते ही राजनीति में कारगर दख़ल देने के लिए एक 'ऐक्शन प्लान' पर काम कर के अपनी पार्टी की मौजूदगी दर्ज कराने का संकल्प लिया। उनका मानना है कि इंडिया ग्रींस देश की प्रदूषित राजनीति में एक ताज़ी हवा की तरह बहेगी। और मील का पत्थर साबित होगी। देश की राजनीति में ग्रीन कारवां दस्तक है ग्रीन पार्टी के रूप में। प्रस्तावित ऐक्शन प्लान के तहत बहुत से इकोलाजी और पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ इंडिया ग्रींस अगले साल होने वाले लोक सभा चुनावों के लिय पीपुल्स मैनिफ़ेस्टो तैयार करेगी और ज़ाहिर है दर्शक बनकर नहीं रहेगी। इंडिया ग्रींस राजनीति का एजेंडा सेट करने की कोशिश करेगी- राजनीति की दशा और दिशा बदलने के लिए। लोकतंत्र के नाम पर फल-फूल रहा बदनाम भीड़तंत्र को पोषित करने के लिए पहले से मौजूद 1866 राजनीतिक दलों के दलदल में एक नया दल, इंडिया ग्रींस, ऐसा क्या कर सकेगा कि इस दल की एक अलग पहचान बन सके? यह अलग दिख सके? क्या यह दल भी दलों की दलदल में धंसेगा या जुगनू की तरह टिमटिमाएगा ? अभी कुछ नहीं कह सकते। ग्रीन ऐक्टिविस्ट बहुत सजग हैं। और आशावान भी। ख़बरों के बीच रहने वाले, न्यूज़ एजेन्सी में एडिटोरियल कन्सल्टेंट की हैसियत से ख़बरों की चीरफाड़ करने में दक्ष, नौटियाल को ख़बर है कि चुनौती बहुत बड़ी है। इसलिए उन्हें कोई मुग़ालता भी नहीं है। उन्हें पता है कि दल छोटा है और मुद्दे बड़े। पर इससे वे मायूस नहीं हैं। जुझारूपन इस ग्लोबल ऐक्टिविस्ट के डीएनए में है। कोई भी नयी चुनौती उनका हौसला और भी बढ़ाती है। चुनौती उन्हें जीने का मक़सद देती है। दल बहुत हैं और मुद्दे भी। फिर भी पर्यावरण की बात करने वाले दल बहुत कम। और यही बात उन्हें कुछ ठोस नया करने का और कामयाब होने का हौसला देता है। नौटियाल का मानना है कि ग्रीन कन्स्टिचूएन्सी बहुत बड़ी है। और ग्रीन पार्टी की सोच भी बहुत बड़ी, व्यापक और समावेशी है-लोकल टू ग्लोबल। स्कूली जीवन से सक्रिय राजनीति में भागीदारी रखने वाले, उत्तराखंड आंदोलन और पर्यावरण में गहरी दिलचस्पी के चलते नौटियाल का ग्रीन ज़िहादी बनना स्वाभाविक था । आख़िर वे उस प्रदेश से वास्ता रखते हैं जहां पर्यावरण आंदोलन के दो बड़े नेता चंडीप्रसाद भट्ट और सुन्दरलाल बहुगुणा ने ग्रीन राजनीति के बीज बोए । नौटियाल इन्हीं दो बड़े नेताओं के राजनीतिक ग्रीन वंशज हैं। एक अर्थ में उनका मानसपुत्र। एक ऐक्टिविस्ट के तौर पर नौटियाल अपनी जनवादी आस्था का नया ग्रीन अवतार भी हैं और ये उनका एक नया सफ़र भी - नयी यात्रा, एक नया पड़ाव भी है। इंडिया ग्रींस का दो दिवसीय- 17-18 नवंबर को दिल्ली में आयोजित- कन्वेन्शन जिसमें पार्टी का संविधान एडाप्ट किया गया और प्रेसिडेंट के साथ पार्टी की पोलिटिकल अफ़ेयर्स कमेटी और नेशनल एग्जीक्यूटिव गठित की गयी। इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि दिल्ली के मीडिया ने इंडिया ग्रींस के गठन को एक नान इवेंट मान कर ब्लैकआउट कर दिया। वैसे भी आज के दौर में दूसरी सनसनीख़ेज़ मसालेदार ख़बरों के सामने इंडिया ग्रींस की न्यूज़ वैल्यू कितनी आंकी जा सकती है इस पर प्रश्न चिन्ह है। कह सकते हैं कि ख़बर ब्लैकआउट नहीं हुई, ख़बर ने जगह नहीं पायी। इंडिया ग्रीन अभी चटपटी ख़बर नहीं है जब तक नौटियाल की पार्टी देश में ग्रीन जेहाद का एलान न कर दे। वैश्वीकरण ,बाज़ारीकरण और जलवायु परिवर्तन के इस दौर में ग्रीन पार्टी की मौजूदगी नितांत आवश्यक है । ग्रीन एक्टिविस्ट को साफ़ दिखता है भू संसाधनों के उपयोग का लोकतंत्रीकरण के बजाय लगभग सभी दलों ने सर्वसम्मति से विकास के एक ऐसे मॉडल को स्वीकार कर लिया है जो बहुसंख्यक आबादी की जीविका से जुड़े प्राकृतिक संसाधनों को कमज़ोर करता जा रहा है और अंततः विनाश का कारण बन रहा है। इंडिया ग्रींस ने इन चुनौतियों का सामना करने का प्रारूप तैयार किया है। क्योंकि 'ग्रीन भविष्य है और भविष्य ग्रीन' है। (बसंत रावत "दि टेलीग्राफ" के अहमदाबाद में ब्यूरो चीफ रहे हैं।)
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नई दिल्ली : भारत में एक 10 साल की रेप पीड़िता मां बनने वाली है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने गर्भपात की अनुमति मांगी थी. पीड़िता 32 महीनों की गर्भवती है. सुप्रीम कोर्ट ने 'पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च' मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर फैसला सुनाते हुए कहा कि गर्भपात ना ही लड़की के स्वास्थ्य के लिए ठीक होगा और ना ही लड़की के गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए. प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने गर्भवती बच्ची के परीक्षण के लिए गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद गर्भपात की अनुमति के लिए दायर याचिका खारिज कर दी. रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भपात से गर्भवती लड़की के जीवन को खतरा हो सकता है. याचिका खारिज करते हुते न्यायधीश ने कहा की लड़की को देखरेख और चिकित्सा मुहैया कराई जानी चाहिए. यह भी कहा गया कि बच्चे के प्रसव के संबंध में चिकित्सक सर्वश्रेष्ठ विकल्प अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं. बता दें कि इससे पहले चंडीगढ़ जिला कोर्ट ने 18 जुलाई को पीड़िता गर्भपात की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. गौरतलब है कि कोर्ट चिकित्सीय गर्भ समापन कानून के तहत 20 हफ्ते तक के भ्रूण के गर्भपात की अनुमति देता है.
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के लिए क्या लेकर आया है। आज आपको ये सूचना मिल सकती है कि आपका स्थानांतरण किसी अन्य शहर में कर दिया गया है अथवा आपने स्वयं ही शहर को छोड़क़र अन्यन्त्र जाने की ठानी है। आप जल्दी ही अपने आप को अपने काम के जरिये सिद्ध कर दिखाएंगे। ये एक सकारात्मक मोड़ है, इसलिये घबराने की जरूरत नहीं है। व्यापार में तगड़ा झटका लगने का भय है। इससे बचने की कोशिश करें। अच्छा तो यह रहेगा कि इस तात्कालिक झटके से अपने व्यवसाय को बचाने का प्रयास करें। एक लक्ष्य बनाकर उसे पाने का प्रयत्न करें। कुछ ऐसे कर्मठ और निष्टावान लोगों को साथ जोड़िये जो आपको अपने व्यवसाय में नई ऊंचाई छूने में मदद करें। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर में इतने झगड़े क्यों होते हैं। शायद आपको ही अपने गुस्से पर काबू रखने की जरूरत है। अगर आप और सकारात्मक और सहनशक्ति वाले व्यक्ति बन जाएं तो आप अपने घर में खुशनुमा माहौल पैदा कर पाएंगे। याद रहे गलती हर इन्सान से होती है, कोई भी सम्पूर्ण नहीं होता। अपने परिजनों के साथ इज्जत से पेश आएं परिणामस्वरूप वो भी आपके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे। सितारों के प्रभाव से आज आप दोनों के रिश्ते में गहराई बढ़ेगी। यदि आप फार्मा के क्षेत्र में काम करते हैं, तब आज का दिन विशेष फल देने वाला है। यदि आप लंबे समय से काम के बोझ तले दबे हुए हैं तो आज के दिन आपके सहकर्मी इसमें से आपको बाहर निकलने में मदद कर सकते है। आज व्यवसायिक संपत्ति लेन देन करना आपके फायदे में होगा। शेयर या किसी साझेदारी में पैसा बिलकुल मत लगाइये, चाहे कोई कितना भी बड़ा लालच दे। अगर आपको सेहत से सम्बन्धित परेशानी है तो आज वो दिन है जब आपको अपनी परेशानी का हल निकालना होगा। तले-भुने खाने से दूर रहें और तनाव को कम रखें ताकि आपकी बल्डप्रेशर की परेशानी ना बढ़ जाए। आज आपको असन्तुलित खाने के प्रति सावधान रहना होगा। आज आप जरा अपनी बहस करने की आदत को काबू में रखें। आज आप शायद थोड़ा उत्तेजित हो जाएं व बहस में पड़ जाएं। शांत रहें और बस अपना काम करने में लगे रहें। यदि आप आईटी उद्योग में हैं तब संभव है कि आपको विदेश जाना पड़े। इस अवसर का लाभ उठाएं, क्योंकि इससे आपको धन व उन्नति, दोनों ही प्रकार के लाभ मिलेंगे। इस अवसर को चूकें नहीं और घबराएं भी नहीं। कुछ वस्तुएं जिन्हें आप बहुत पहले खो चुके थे आपको आज वह मिल जाएंगी। यह आपके लिए कोई विशेष वस्तु हो सकती है। आज का दिन आपके लिए सबसे अच्छा है क्योंकि आज आप अपनी बहुमूल्य वस्तुएं प्राप्त कर रहे हैं।
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बीजेपी नेता और सोशल मीडिया स्टार सोनाली फोगाट की मौत के मामले में जल्द ही बड़ा अपडेट सामने आ सकता है। हरियाणा पुलिस ने सोनाली के फॉर्म हाउस से लैपटॉप, सीसीटीवी का डीवीआर गायब करने वाले शख्स को हिरासत में ले लिया। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। वहीं आगे की जांच के गोवा पुलिस भी हरियाणा पहुंच गई है। हिसार के एसएचओ मंदीप चहल ने कहा कि गोवा पुलिस हरियाणा आ गई है। हम शिवम नाम के शख्स से पूछताछ कर रहे हैं, वह यूपी के मेरठ-गाजियाबाद इलाके का रहने वाला था। वह अक्सर अपना फोन स्विच ऑफ कर देता था। पूछताछ के दौरान हमें एक लैपटॉप और फोन मिला है। हिसार पहुंचे गोवा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हम यहां जांच के लिए आए हैं। और जांच के अनुसार अलग-अलग स्थानों का दौरा करेंगे। हरियाणा पुलिस के मुताबिक, गोवा पुलिस के अधिकारी सोनाली फोगट के फार्महाउस और उनके हिसार के संत नगर स्थित आवास पर जाएंगी। इसके बाद गोवा पुलिस गुरुग्राम भी जाएगी। लैपटॉप, सीसीटीवी का डीवीआर गायब करने वाले शख्स की पहचान कंप्यूटर ऑपरेटर शिवम के तौर पर हुई है। सोनाली के परिवार ने शिवम् पर फॉर्महाउस स्थित दफ्तर से लैपटॉप, डीवीआर, ऑफिस का मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज चुराकर गायब होने का आरोप लगाया था, उस कंप्यूटर ऑपरेटर शिवम को हरियाणा पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ जारी है।
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[भाग II - खंड 3 (ii) भारत का राजा 6. जहां एक कर्मचारी जो कर्मचारी भविष्य निधि (कानूनी) या किसी अन्य छूट प्राप्त स्थापना का पहले से सदस्य है, को अपनी स्थापना में काम पर लगाया जाता है तो नियोक्ता उसे निधि का तुरन्त सदस्य बनाएगा और ऐसे कर्मचारी के पिछले नियोक्ता के पास भविष्य निश्चि लेख में संचयों को अंतरित कराने और उसके लेखे में जमा कराने की व्यवस्था करेगा । 7. केन्द्रीय भविष्य निधि श्रायुक्त के द्वारा प्रथवा केन्द्रीय सरकार के द्वारा जैसे भी मामला हो, समय-समय पर दिए गए निर्देशों के अनुसार भविष्य निधि के प्रबन्ध के लिए नियोक्ता न्यासी बोर्ड की स्थापना करेगा । 8. भविष्य निधि, न्यासी बोर्ड में निहित होगा ओ अन्य बातों के होते हुए भविष्य निधि में श्राय के उचित लेखों और भविष्य निधि से श्रदायगियों और उनकी अभिरक्षा शेषों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के उत्तरदायी होगा । 9. न्यासी बोर्ड कम से कम 3 माह में एक बार बैठक करेंगे और केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए मार्ग निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त को अधिकार होगा कि वह किसी अन्य योग्य लेखा परीक्षक से खातों की दुबारा लेखा परीक्षा कराए और ऐसे पुनः लेखा परीक्षा के खर्च नियोक्ता वहन करेगा । 10. प्रत्येक वर्ष स्थापना के लेखा परीक्षित तुलन-पत्र के साथ लेखापरीक्षत वार्षिक भविष्य निधि लेखों को एक प्रति वित्तीय वर्ष की समाप्ति के छ माह के अन्दर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को प्रस्तुत की जाएगी । इस प्रयोजन के लिए भविष्य निधि का वित्तीय वर्ष पहली अप्रैल में 31 मार्च तक होगा । 11. नियोक्ना प्रतिमाह भविष्य निधि के देय अपने कर्मचारियों के अंशदानों को श्रागामी माह की 15 तारीन तक न्यासी बोर्ड को अंतरित कर देगा अंशदानों को विलम्ब से श्रदायगी करने के लिए समान परिस्थितियों में नियोक्ता नुक्शानी देने का उसी प्रकार उत्तरदायी होगा जिस प्रकार एक न छूट प्राप्त स्थापना उत्तरदायी होती है । 12. न्यामी बोर्ड सरकार द्वारा समय-समय पर दिए गए निदेशों के अनुसार निधि में जमा राशियों का निवेश करेगा । प्रतिभूतियां न्यासी बोर्ड के नाम पर प्राप्त की जाएंगी और भारतीय रिजर्व बैंक के जमा नियन्त्रण में अनुसूचित बैंक की अभिरक्षा में रखा जाएगा । 13. सरकार के निर्देशों के अनुसार निवेश न करने पर न्यासी बोर्ड अलग-अलग रूप में और एक साथ केन्द्रीय भविष्य निधि आयक्त या उसके प्रतिनिधियों द्वारा लगाए गए अधिक प्रभाव का उत्तरदायी होगा । 14. स्यामी बोर्ड एक वस्तु ब्यौरा रजिस्टर तैयार करेगा और ब्याज और विमोचन आय की समय पर वसूलो सुनिश्चित करेगा 13. गमा लिए गए अंदानी जिने गए और प्रत्येक कर्मचारी से सम्बन्धित ब्याज को दिखाने के लिए व्यासी बोर्ड विश्तृत लेखे तैयार करेगा । 10. वित्तीय/लेखा वर्ष को समाप्ति के छः माह के अन्दर बोर्ड प्रत्येक कर्मचारी को वार्षिक लेखा विवरण जारी करेगा । 17. बोर्ड प्रत्येक कर्मचारी को वार्षिक लेखा विवरण के स्थान पर पाक जागे कर सकता है। वे पान बकें, कर्मचारियों की अभिरक्षा में रहेंगी और कर्मचारियों के प्रस्तुतीकरण पर बोर्ड के द्वारा इन्हें अद्यतन किया जाएगा । 18. लेखा वर्ष के पहले दिन आदि शेष पर प्रत्येक कर्मचारी के लेने में ब्याज उस दर से जमा किया जाएगा जिसका न्यासी बोर्ड निर्णय करें परन्तु यह उक्त स्कीम के पैरा 60 के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार द्वारा घोषित दर से कम नहीं होगा । 19. यदि न्यासी बोर्ड केन्द्रीय सरकार द्वारा घोषित ब्याज की दर इस कारण से कि निवेश पर आय कम है या किसी अन्य कारण से अदा करने में असमर्थ है तो इस कमी को नियोक्ता पूरा करेगा । 20. नियोक्ता भविष्य निधि की चोरी के लूटखसूट, ख्यानत, गबन अथवा किसी अन्य कारण से हुई हानि को पूरा करेगा । 21. नियोक्ता और त्यासी बोर्ड, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को ऐगी विवरणियां प्रस्तुत करेगा जो समय-समय पर केन्द्रीय सरकार केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त निर्धारित करें। 22. उक्त स्कीम के पैरा 69 की शैली पर किसी कर्मचारी को निधि के सदस्य न रहने पर यदि स्थापना के भविष्य निधि नियमों में नियोक्ताओं के अंगदानी को जब्त करने की व्यवस्था है तो न्यासी बोर्ड इस प्रकार जब्त की गई राशियों का अलग से लेखा तैयार करेगा और उसे ऐसे प्रयोजनों के लिए उपयोग करेगा जो केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त को पूर्व अनुमति से सुनिश्चित किया गया हो । 23. स्थापना के भविष्य निधि के नियमों में किसी बात के होने पर भी यदि स्थापना के कर्मचारी के सदस्य न रहने पर या उसके अन्य स्थापना में स्थानान्तरण होने पर उसको उपदान और पेंशन नियमों के अन्तर्गत अदा की जाने वाली नियोक्ता और कर्मचारी की राशि, नियोक्ता और कर्मचारी अंशदान की ब्याज सहित उस राशि से कम है जो उसे उस समय प्राप्त होती जब वह उक्त स्कीम का सदस्य होता, तो नियोक्ता मुआवजे के रूप में या विशेष अंशदान के रूप में राशि का अन्तर अदा करेगा । 21. नियोक्ता, भविष्य निधि के प्रशासन से सम्बन्धित सभी खर्च जिसमें लेखों के रखरखाच रिटर्न प्रस्तत किए जान, राशियों का अन्तरण शामिल है, वहन करेगा । THE GAZETTE OF INDIA : OCTOBER 10, 1987/ASVINA 18, 1909 25. स्थापना से सम्बन्धित नियोक्ता निरीक्षा के लिए ऐसी सुविधाएं प्रदान करेगा और प्रत्येक मास की समाप्ति पर 15 दिन के अन्दर ऐसे निरीक्षण प्रभार अदा करेगा जो समय-समय पर केन्द्रीय सरकार 377 अधिनियम की ETTET 17 की उपधारा ( 3 ) के खंड (क) के अन्तर्गत निश्चित करें । 26. नियोक्ता समुचित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित निधि के नियमों की एक प्रति तथा जब भी कोई संशोधन होता है, उसकी मुख्य बातों को कर्मचारियों के बहुमत को भाषा अनुवाद करके स्थापना के बोर्ड पर लगाएगा । 27. "समुचित सरकार" स्थापना की चालू छूट पर और मा लगा सकती है । 28. यदि उक्त अधिनियम के अन्तर्गत स्थापना वर्ग जिसमें उसकी स्थापना आती है, पर अंशदान की दर बढ़ाई जाती है, नियोक्ता भविष्य निधि अंशदान की दर उचिन रूप में बड़ाएगा, ताकि उक्त अधिनियम के अंतर्गत दिए जाने वाले लाभों से स्थापना की स्कीम के अंतर्गत दिए जाने वाले भविष्य निधि के लाभ किगो भी प्रकार से कम न हों। 29. उक्त गर्यो में से किसी एक के उल्लंघन पर छूट रद्द की जा सकती है। [संख्या एम 35012 / 15 / 87 एम. एस -2] ए. के. भट्टाराई, अवर सचिव S.O. 2798. Whereas Messrs. Indian Oil Blending Ltd. Prabhadevi, Bombay (Code No. MH 5646) (hereinafter referred to as the said stablishment) has applied for exemption under clause (a) of sub-section (1) of section 17 of the Employees' Provident Funds and Miscellaneous Provisions Act, 1952 (9 of 1952) (hereinafter referred to as the said Act); And hereas in the opinion of the Central Government the rules of the provident fund of the said establishment with respect to the rates of conribution are not less favourable to employce therein than those specified in section 6 of the said Act and the employees are also in enjoyment of other provident fund benefit which on the whole are not less favourable to the employecs than the benefits provided under the said Act or under the Employees' Provident Funds Scheme 1952 (hereinafter referred to as the said Scheme) in relation to the employees in any other establishment of a similar character. Now, therefore, in excrcise of the powers conferred by clause (a) of sub-section (1) of Section 17 of the said Act and subject to the conditions specified in the Schedule annexed hereto, the Central Government hereby exempts the said establishment from the opcration of all the provisions of the said Scheme. THE SCHEDULE 1. The employer in relation to the said establishment shall provide for such facilities for inspection and pay such inspection charges as the Central Government may from time to time direct under clause (a) sub-section (3) of section 17 of said Act within days from the close of every month. [PART II-SEC. 3 (ii)] 2. The rate of contribution payable under the provident fund rules of the establishment shall at no time be lower than those payable under the said Act in respect of the unexempted establishments and the said Scheme framed thereunder. 3. In the matter of advances, the Scheme of the exempted establishment shall not be less favourable than the Employees Provident Fund Scheme, 1952. 4. Any amendment to the said scheme which is more beneficial to the employees than the existing rules of the establishment shall be made applicable to them automatically. No amendment of the rules of the provident fund of the said establishment shall be made without the previous approval of the Regional Provident Fund Commissioner and where any amendment is likely to affect adversely the interest of the employees of the said establishment, the Regional Provident Fund Commissioner shall before giving the his approval, give a reasonable opportunity to employees to explain their point of view. 5. All employees (as defined in section 2(f) of the said Act) who would have been eligible become members of the Provident Fund had the estabilshment not been granted exemption shall be enrolled as members. 6. Where an employee who is already a member of the Employees' Provident Fund (Statutory) or provident fund of any other exempted estabilshment is employed in his establishment, the employer shall immediately enrol him as a number of the fund and arrange to have the accumulations in the provident fund account of such employee with his previous employer transferred and credited to his account. 7. The employer shall establish a Board of Trustees for the management of the pro lent fund according to such directions as may be given by the Central Provident Fund Commissioner or by the Central Government, as the case may be, from time to time. 8. The Provident fund shall vest in the Board of Trustees who will be responsible for and accountable to the Employees Provident Fund Organisation interalia for proper accounts of the receipts into and payments from the Provident fund and the balances in their custody. 9. The Board of Trustees shall meet at least once in every three months and shall function in accordance with the guidelines that may be issued from time to time by the Central Government Central Provident Fund Commissioner or an officer authorised by him. 10. The accounts of the Provident Fund maintained by the Board of Trustees shall be subject to audit by a qualified independent Chartered Accountant' annually. Where considered necessary, the Central Provident Fund Commissioner shall have the right to have the accounts re-audited by any other qualified auditor and the expenses so incurred shall be born by the employer. 11. A copy of the audited annual provident fund accounts together with the audited balance sheet of the establishment for each accounting year shall be submitted to the Regional Praovident Fund Commissioner within six months after the close of the financial year. For this purpose the financial year of the
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छादश अधिकार. प्रश्न - कर्मको प्रेरणा करने वाली कोई व्यक्ति तो अव इय होनी चाहिए । कर्म और जड होनेसे क्या कर सकेत हैं ? उत्तर - कर्मका ऐसा स्वभाव ही है कि, वह किसी की भी मेरणा विना, अपने आपको स्वरूप योग्य फल देता है । जीव, जो अजीव शरीरके साथ संबंध रखकर वर्तमान में जी रहे हैं, पूर्वकालमें जीते थे और भविष्य जीवेंगे, उन सबका कर्मों के साथ त्रैकालिक संबंध है, यह ध्यान में रखना चाहिए। यह संपूर्ण जगत् पम् द्रव्य, धर्म, अधर्म, आकाश, काल, जीव और और पंच समचाम, काल, स्वभाव, नियति, पूर्वकृत और पुरुषप्रयत्न, स्वरूप है । इससे अन्य स्वरूप नहीं । व्योमें धर्मास्वि कायादि ५ जम व् हैं और एक जीव चैतन्य व् है । धर्मास्तिकाया जीवके चलने फिरने में मदत करता है । अस्तिकाय बैठने करने में मेरणा करता है। आकाशास्तिकाय अव गाहन - अवकाश देता है और पुस्तिकाय द्वारा जोन आहारादि करता है । इस पुजास्तिकाय में ही कर्मों का अंतर्भाव होता है। काल व्य आयुष्पादि सब स्थिति युक्त पदार्थों की स्थिति नियत करनेमें उपयोगी है । काल आदि पंच समत्रायके सामर्थ्य से जीव कमका ग्रहण, धारण, भोग और शमन करता है। अर्थात् जीव करते अजीव चलवान है कि जिनसे मेरित हो कर जीव सुख दुःख के भागी बनते हैं। जीव शुभाशुभ कमाको ग्रहण
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- प्रभावितों के लिए सभी जरुरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। - जल जनित रोगों से बचाव के प्रबंध भी कर लिए जाएं। - सभी सचिव अपने विभागों से संबंधित कार्य योजना बनाए और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो। फूड पैकेट की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। आवश्यकता पड़ने पर हेलीकॉप्टर से भी खाद्य सामग्री भेजी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय। सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर लें। बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय। सभी विभागीय सचिव अपने अपने विभागों से संबंधित व्यवस्थाएं देखें और अपने जिला स्तरीय अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहें। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग से भी लगातार संपर्क में रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए पर्याप्त बजट है। संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, श्री विनय शंकर पांडेय, विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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संजय जयसवाल के ट्विट पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्विट में कहा, कल हमारे नेता राहुल गांधी जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की एक मुलाक़ात से भाजपा के नेताओं को ऐसी क्या आग लगी की वह सारी मर्यादा ही भूल गए। याद रहे, समय सब का हिसाब करेगा। वहीं जदयू भी संजय जायसवाल को आइना दिखाने से नहीं चूकी. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने ट्विट के माध्यम से संजय जायसवाल को जवाब दिया. उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की जो उस समय की है जब जायसवाल राजद के दल से चुनाव लड़े थे. उन्होंने जायसवाल को इतिहास याद दिलाते हुए कहा, ये कहाँ कहाँ से घूम कर आए है इनको खुद याद नहीं है। फिलहाल ये बस निचले स्तर की बयानबाजी कर के अपनी प्रदेश अध्यक्ष वाली कुर्सी बचाने की जुगत में है। किसी से सवाल पूछिए कि बिहार बीजेपी को कमजोर किसने किया तो जवाब आएगा-राजद के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष सह वर्तमान के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष। राजद भी संजय जयसवाल पर जमकर हमलावर है. राजद के एससी-एसटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधू ने कहा, बिहार बीजेपी का अध्यक्ष है ये संजय जायसवाल दूसरे को पलटू और पप्पू कह रहा है। ये खुद पलटू है। पहले राजद में था फिर भाजपा में गया। इसका बाप मदन जायसवाल भी पहले भाजपा फिर राजद फिर पलट के भाजपा में गया।
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डॉक्टरों से सुनने के बाद कई माता-पिताबच्चा अक्षम है, पता नहीं कि आगे क्या करना है। कई इसे व्यक्तिगत अपमान के रूप में देखते हैं, वे शर्मिंदा होने लगते हैं, डरते हैं। बेशक, वे अपने बच्चों से प्यार करते रहेंगे, लेकिन उन्हें नहीं सिखाते कि उन्हें कैसे सिखाया जाए और उन्हें कैसे विकसित किया जाए। दुर्भाग्य से, कुछ लोगों को पता है कि ऐसी समस्याओं को लेकोटेका द्वारा हल किया जाता है। यह क्या है, यह बच्चे के विकास को कैसे प्रभावित करता है? लेकोटेका एक ऐसी सेवा है जो उन बच्चों को प्रारंभिक मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक सहायता प्रदान करती है जिनके सीमित अवसर हैं। केंद्र "लेकोथेका" ऐसे बच्चों के लिए बनाया गया है,जिनके पास स्कूलों या बगीचों में भाग लेने के लिए दूसरों के साथ अवसर नहीं है। उन्हें एक दोषविज्ञानी, भाषण चिकित्सक, मनोवैज्ञानिक की मदद की ज़रूरत है। इसके अलावा, परिवार के मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक समर्थन प्रदान किया जाता है। इस उद्देश्य के लिए, विशेष कार्यक्रम विकसित किए गए हैं जो बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास और उनकी व्यक्तिगत जरूरतों के विशिष्ट विशेषताओं को ध्यान में रखते हैं। यह जोर दिया जाना चाहिए कि एविकलांग बच्चों और उन बच्चों के लिए जिनके पास भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक स्थिति में विभिन्न असामान्यताएं हैं। उन बच्चों के लिए एक जगह आयोजित की गई है, जिनके विकास में देरी है, कई खिलौनों के साथ एक विशेष क्षेत्र है। उत्तरार्द्ध दृश्य और श्रवण धारणा, संवेदी और मोटर कौशल विकसित करने, और संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं को सक्रिय करने में भी मदद करता है। 1 9 63 में, स्विट्ज़रलैंड ने काम करना शुरू कर दियावर्णित संरचना। रूस में यह केवल 2001 में उभरा। आज मास्को में सबसे बड़ी इकाइयों में से एक है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि डीओयू में एक लीकोटेका है और एक अलग इकाई के रूप में। यह आज मौजूद समस्याओं के संबंध में उभरा। हर साल अक्षम बच्चों की संख्या बढ़ रही है। दुर्भाग्यवश, हमारे देश के कई क्षेत्रों में ऐसी कोई इकाई नहीं है जो ऐसे कार्यों को कर सके। यदि सेरेब्रल पाल्सी वाले बच्चे अब ध्यान दे रहे हैं, तो जिन लोगों को दृष्टि और सुनवाई में समस्या है, उन्हें कहीं भी जाना नहीं है। व्यावहारिक रूप से कोई विशेषज्ञ नहीं हैं। एक दोषपूर्ण चिकित्सक या भाषण चिकित्सक के साथ काम करने के लिए पर्याप्त नहीं है। जिन बच्चों को बौद्धिक में समस्या है,मानसिक और शारीरिक योजना, लेकोटेका द्वारा एक महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी। यह क्या है, किस उम्र के लिए इसकी गणना की जाती है? एक वर्षीय बच्चा इसी तरह के केंद्रों में कक्षाएं शुरू कर सकता है। यहां अंतरिक्ष सही ढंग से व्यवस्थित है, सभी खिलौने का उद्देश्य बच्चे के विकास के लिए है। संकीर्ण विशेषज्ञता के चिकित्सक काम करते हैंः नायक विज्ञानी, मनोचिकित्सक, सामाजिक शिक्षक, शिक्षक-आयोजक, मनोवैज्ञानिक और अन्य। एक निश्चित समय पर, माता-पिता अपने बच्चों के साथ मिलकर केंद्र में आते हैं, जहां विशेषज्ञ उन्हें सिखाते हैं कि बच्चों को सही तरीके से विकसित करना और उनके साथ खेलना कैसे है। पाठ्यक्रम के अंत में, प्रतिभागियों को लाभ प्राप्त होते हैंहोमवर्क करने के लिए। बच्चे कक्षा में लौटने के बाद। यदि आवश्यक हो, तो एक अतिरिक्त पाठ्यक्रम बनाया गया है। विशेषज्ञों को मास्को में प्रशिक्षित किया जाता है। विकलांग बच्चों के लिए लेकोटेका का मूल विचार है। युवा बच्चों को छोटी उम्र में खेल की मदद से उनके आसपास की दुनिया से ठीक से संपर्क करने का तरीका सिखाया जाता है। विशेष प्रौद्योगिकियां बनाई जा रही हैं जो उनकी क्षमताओं के अनुकूल हैं। वे खेलना सीखते हैं, इसमें दुनिया और घटनाओं को समझने के लिए, और आसपास क्या हो रहा है, ठीक से प्रतिक्रिया करने के लिए। एलिजाबेथ न्यूज़न - एक ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक - कुछ सैद्धांतिक नींव रेखांकित। उन्होंने एक पुस्तक "खिलौने और खिलौने" प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने सक्रिय रूप से खेल के विषय और समग्र विकास और व्यक्तित्व गठन पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। हमारे देश में कई पूर्वस्कूली संस्थानों मेंएक lekoteka काम शुरू होता है। यह क्या है, पहले से ही बहुत से परिवारों को जानता है जिनके पास विकलांग बच्चों हैं। यहां, खिलौनों को विशेष रूप से बच्चे की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चुना जाता है। आज, आप अक्सर उन बच्चों से मिल सकते हैं जोध्यान घाटा है। उनके पास ऑटिज़्म या अति सक्रियता के लक्षण हैं। उनके लिए, खिलौने की सभी विशेषताओं को ध्यान से संतुलित किया जाना चाहिए। उत्कृष्ट फिट रेडियो नियंत्रित मॉडल। वे उपयोग करने के लिए बहुत ही सरल हैं, दृष्टि से और आवाजों की मदद से बच्चे को प्रोत्साहित करते हैं और सुझाव देते हैं कि कार्य कैसे करें। इस सामग्री, एक कारण और प्रभाव संबंधों की स्थापना अंतरिक्ष में नेविगेट और "सही-बाएँ", "आगे और पीछे" के रूप में सोचने के लिए सीखने के लिए बहुत ही आसान सक्षम बनाता है। जल्द ही बच्चे "ओवर-अंडर" रिश्ते को समझना शुरू कर देता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बच्चे को खेलने की प्रक्रिया मेंअपनी उंगलियों के ठीक मोटर कौशल विकसित करता है, अपने कार्यों की सही योजना बनाने के लिए सीखता है। नतीजा तुरंत संसाधित हो जाता है, वस्तु को ट्रैक किया जाता है और ध्यान इसकी गतिविधियों की शुद्धता पर केंद्रित होता है।
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- 31 min ago तलाकशुदा हसीना ने नाइटी में पोस्ट कर दीं S*xy तस्वीरें, रात होते ही बेडरूम में ऐसे मचलीं कि. . Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? - Automobiles मारुति सुजुकी इन्विक्टो रिव्यूः एमपीवी सेगमेंट को मिलेगा नया किंग? अपनी किताब 'अनफिनिश्ड' में प्रियंका चोपड़ा ने कई अनसुने पहलू सामने रखे हैं, जिसे सुनकर फैंस हैरान हैं। आज भारत ही नहीं, ग्लोबल स्तर पर नाम रहीं अभिनेत्री ने एक घटना शेयर करते हुए बताया कि जब उन्होंने एक फिल्म में अपने मेल को-स्टार जितने फीस लेने की मांग की तो प्रोड्यूसर-डायरेक्टर ने उन्हें फिल्म छोड़कर जाने के लिए कह दिया। इस घटना ने प्रियंका को बहुत ठेस पहुंचाई। प्रियंका चोपड़ा ने अपने किताब में लिखे इस किस्से के बारे में स्किम्ड फ्रॉम द काउच के पोडकास्ट पर कहा। उन्होंने फिल्म और को-स्टार नाम लिए बिना कहा कि एक फिल्म के सेट पर जब उन्होंने अपने प्रोड्यूसर-डायरेक्टर से मेल को-स्टार जितना भुगतान करने के लिए कहा, तो उन्होंने फिल्म और सेट दोनों छोड़कर जाने के लिए कह दिया। प्रियंका ने कहा इससे मुझे दुख तो हुआ, लेकिन फिर भी मैंने उस फिल्म में काम किया था। मैंने समझौता करके वहां बने रहने का फैसला किया क्योंकि उन्हें इस 'सिस्टम' में ही काम करना था। खान, तक,
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एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पहाड़ों को कठोर सर्द परिस्थितियों से कुचल रहा है, जिससे पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश और हिमपात हो रहा है। पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड से ज्यादा जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश को नुकसान हुआ है। इस सर्दी के मौसम की सबसे भारी मार देखी गई है, जिससे पहाड़ों पर नियमित जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गुलमर्ग, पहलगाम, बटोटे, भद्रवाह और घाटी के प्रवेश स्टेशनों जैसे बनिहाल और काजी गुंड में मध्यम से भारी बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश की निचली पहाड़ियों जैसे धर्मशाला, कांगड़ा और चंबा में पिछले 24 घंटे के दौरान 68 मिमी, 70 मिमी और 73 मिमी वर्षा दर्ज की गई। उत्तराखंड के नैनीताल और मसूरी में सीजन की पहली अच्छी बारिश हुई। मध्य और ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी हिमपात हुआ। मौसम की गतिविधियां आज भी बदस्तूर जारी हैं। मौसम की स्थिति में सुधार, भले ही थोड़े समय के लिए हो, कल और परसों इन भागों में से अधिकांश पर फिर से दबाव पड़ने की उम्मीद है। तलहटी और पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई। बारिश का जारी दौर आज भी जारी रहेगा और दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र को कवर करेगा। इन स्थितियों में भी कल काफी सुधार होगा, एक बार फिर केवल एक छोटी सी सांस के लिए। एक और पश्चिमी विक्षोभ, पिछले वाले से अधिक मजबूत, 28 जनवरी को पश्चिमी हिमालय पर पहुंच रहा है। पहले की प्रणाली की तरह, यह विक्षोभ भी राजस्थान के ऊपर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के साथ होगा। इन प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव के तहत, पहाड़ों और मैदानों को एक साथ कवर करने के लिए, मौसम की गतिविधि का क्षेत्र विस्तारित और तीव्र हो जाएगा। 28 से 30 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के निचले और मध्य इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है, 29 जनवरी को चरम गतिविधि के साथ। सड़कों की नाकाबंदी के कारण मौसम की गतिविधि के पैमाने पर पहाड़ियों में यातायात बाधित होगा। , भूस्खलन और खराब मौसम की स्थिति। यदि इस अवधि के दौरान लोकप्रिय स्थलों की यात्रा की योजना बनाई गई है, तो बेहतर है कि इससे बचा जाए।
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एलआईसी (lic) ने अपने पोर्टल पर ऑनलाइन पेमेंट के लिए खास नियम बनाया है. पोर्टल पर पेमेंट के लिए खास जगह भी दी गई है. यहां रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड दोनों तरह के यूजर्स ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं. कोरोना काल में बिल पेमेंट का काम मुश्किल हो गया है. लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते दफ्तरों में लोग जाकर बिल पेमेंट नहीं कर पा रहे. इससे ऑनलाइन पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है. एलआईसी (lic) का प्रीमियम भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं जो कि बेहद आसान काम है. इसे डेबिट या क्रेडिट कार्ड से चुकाना कुछ मिनटों का काम है. एलआईसी ने अपने पोर्टल पर ऑनलाइन पेमेंट (lic online payment) के लिए खास नियम बनाया है. पोर्टल पर पेमेंट के लिए खास जगह भी दी गई है. यहां रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड दोनों तरह के यूजर्स ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं. ग्राहकों को यह अमेजॉन और पेटीएम जैसे वॉलेट पर भी मिल रहा है. एलआईसी के दफ्तरों के बाहर आपको लोगों की लंबी लाइनें अक्सर देखने को मिल जाएंगी. कोरोना काल में भले न दिखे लेकिन सामान्य दिनों में यह आम बात है. इसका कारण है कि ग्राहक ज्यादा से ज्यादा काउंटर पर बिल पेमेंट करते हैं. अगर वे ऑनलाइन पेमेंट (lic premium payment online) करें तो इसमें कोई झंझट नहीं और भीड़ से भी छुटकारा मिल जाएगा. अगर आप नॉन रजिस्टर्ड यूजर हैं तो आपके लिए अलग नियम है. सबसे पहले आपको एलआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर क्लिक करना है. यहां 'pay direct' लिखा दिखेगा जहां आप बिना लॉगिन हुए प्रीमियम चुका सकते हैं. यहां एक दूसरा पेज खुलेगा जहां आपको 'please select', 'premium payment' लिखा दिखेगा. प्रीमियम पेमेंट पर क्लिक करें और proceed बटन दबा दें. यहां आपको एक कस्टमर वैलिडेशन फॉर्म मिलेगा जिसे भरना होगा. इसमें पॉलिसी, किस्त, प्रीमियम, जन्म तारीख, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के बारे में पूछा जाएगा. यहां कैप्चा को कंप्लीट करें, एग्रीमेंट एक्सेप्ट करें और प्रोसीड बटन पर दबां दें. अगले पेज पर पॉलिसी डिटेल को वेरीफाई करें और फिर प्रोसीड कर दें. अब आपसे पेमेंट ऑप्शन के बारे में पूछा जाएगा कि क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करेंगे. जिससे पेमेंट करना हो करें और ट्रांजेक्शन को पूरा करें.
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पालमपुर - आधुनिकता व फैशन की दौड़ में युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं है। तंबाकू व अन्य ऐसे पदार्थों से कैंसर के रोगियों की संख्या में भी साल दर साल दर्ज की जा रही बढ़ोतरी इस बात का संकेत देती है कि गंभीर होते जा रहे इस विषय पर साल में चंद शिविर लगाकर ही अपने कर्त्तव्य से इतिश्री नहीं की जा सकती। आंकड़े बताते हैं कि पूरे विश्व में हर साल कैंसर व तंबाकू के सेवन से करीब 80 लाख लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। चिंताजनक यह भी है कि विश्व में जितने लोग मौत का ग्रास बन रहे हैं, उनमें से 13 प्रतिशत किसी न किसी तरह के कैंसर से पीडि़त होते हैं। प्रदेश में कैंसर की चपेट में आने वाले लोगों में महिला व पुरुष दोनों शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार कैंसर के पीछे धूम्रपान की आदत एक बड़ा कारण है। कैंसर पीडि़तों की संख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां यह आंकड़ा दो लाख के आसपास है, जबकि महाराष्ट्र में कैंसर पीडि़तों का आंकड़ा एक लाख के पार है। 2014 के आंकड़ों के अनुसार देश के उत्तरी राज्यों में कैंसर के सबसे कम मामले हिमाचल में सामने आए थे, जबकि पंजाब में इनकी संख्या 25026, हरियाणा में 23336, दिल्ली में 15160 और जम्मू-कश्मीर में 11815 रही थी। कैंसर को लेकर लोगों विशेषकर युवा वर्ग को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है, जिससे कि कैंसर पीडि़तों की संख्या पर रोक लगाई जा सके। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि देश भर में कैंसर पीडि़तों का सालाना आंकड़ा 12 लाख के आसपास है, वहीं प्रदेश में यह आंकड़ा छह हजार के पार पहुंच चुका है।
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मिथुन मंडल, पखांजूर : पखांजूर पुलिस ने इंस्टाग्राम में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित अश्लील पोस्ट करने वाले आरोपी को गिरफ़्तार किया है। पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित अश्लील पोस्ट किया गया है सायबर टिप लाइन की रिपोर्ट पर थाना पखांजूर में अपराध क्रमांक 03/21 धारा 67 (बी) आईटी एक्ट दिनांक 06/01/21 एक्ट अज्ञात आरोपी के विरुद्ध पंजीवद्ध कर विवेचना में लिया गया था। जिसमें आरोपी द्वारा अपलोड अश्लील चाइल्ड पोर्नोग्राफी का आईपी का सेवा प्रदाता कंपनी से जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण किया गया। जिसमें अपलोड आईपी का टावर लोकेशन घटना दिनांक समय में शुभपल्ली पखांजूर का होना पाया गया। विवेचना में आरोपी द्वारा अश्लील सामग्री चाइल्ड पोर्नोग्राफी सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम मे पोस्ट करने में प्रयुक्त मोबाईल नंबर ज्ञात कर सी. डी. आर. एवं कंज्यूमर एप्लीकेशन फॉर्म सेवा प्रदाता कंपनी से प्राप्त किया गया। जिसमें आरोपी द्वारा चाइल्ड पॉर्नोग्राफी सोशल सोशल नेटवर्किंग साइट में पोस्ट करने में प्रयुक्त मोबाइल नंबर का धारक रतन दास पिता अनुकूल चंद दास वार्ड क्रमांक 05 शुभपल्ली नयाबाजार पखांजूर थाना पखांजूर का होना पाये जाने पर विवेचना के दौरान आरोपी रतन दास को आज दिनांक 09/04/21 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया आरोपी से घटना में प्रयुक्त मोबाइल भी जप्त किया गया है।
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मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक महिला नेता ने शख्स की सबके सामने पिटाई कर दी। इतना ही नहीं उन्होंने शख्स को भद्दी गालियां भी दीं। यह सब वहां मौजूद शख्स ने वीडियो में कैद कर लिया। मिली जानकारी के मुताबिक, महिला नेता सियोनी इलाके में स्वच्छता अभियान चला रही थीं। तब ही वहां मौजूद एक शख्स ने उनसे पूछ लिया कि वह अपने इलाके में सफाई कब करेंगी? कथित तौर पर सिर्फ इसी बात पर महिला बीजेपी नेता को गुस्सा आ गया और उन्होंने शख्स को पीटना शुरू कर दिया। वीडियो में दिख रहा है कि महिला नेता शख्स को पीट रही है और भद्दी-भद्दी गालियां भी दे रही है। अंत में वह शख्स वहां से चला जाता है। वीडियो में आसपास कई और लोग भी खड़े दिख रहे हैं। वीडियो में बस इतना दिख रहा है कि आसपास के लोग महिला बीजेपी नेता को रोकने की कोशिश करते हैं लेकिन वह उनमें से किसी की भी बात नहीं सुनती और गालियां देती हुई शख्स को पीटती रहती है। कुछ लोग एक बैनर को भी लेकर खड़े हुए हैं। महिला नेता का नाम फिलहाल पता नहीं लगा है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, बाद में महिला नेता ने पुलिस से कहकर उस शख्स को पुलिस थाने लेकर जाने के लिए भी कहा था। आगे क्या हुआ यह फिलहाल पता नहीं लग पाया है।
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Virat Kohli Anushka Sharma Dayanand Giri Ashram: अनुष्का शर्मा और उनके पति व पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली हाल ही में ऋषिकेश पहुंचे। जिसके बाद अब सेलेब्रिटी कपल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की टेस्ट सीरीज से पहले ऋषिकेश में स्वामी दयानंद आश्रम में स्वामी दयानंद जी महाराज की समाधि पर जाकर आर्शीवाद लिया। अब दोनों की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। जिनमें अनुष्का और विराट आश्रम में पूजा करते नजर आ रहे हैं। कहा जाता है कि स्वामी दयानंद जी महाराज पीएम नरेंद्र मोदी के 'आध्यात्मिक गुरु' थे। यह ध्यान देने वाली बात है कि विराट ने टी20 से ब्रेक लिया है और इसलिए वह न्यूजीलैंड की मौजूदा चल रही सीरीज में नहीं खेल रहे हैं। साथ ही, खबरों की मानें तो विराट और अनुष्का दयानंद गिरि आश्रम में भंडारा आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। विराट और अनुष्का की ऋषिकेश यात्रा के कुछ दिनों बाद दोनों ने अपनी बेटी वामिका के साथ वृंदावन के एक आश्रम में आशीर्वाद मांगा। उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में वृंदावन में बाबा नीम करोली आश्रम का दौरा किया और लगभग एक घंटे तक आश्रम में रहे और बाबा की 'समाधि' के 'दर्शन' के अलावा 'कुटिया' (झोपड़ी) में ध्यान लगाया। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आश्रम में कंबल भी दान किए। गौरतलब है कि अनुष्का का परिवार बाबा नीम करोली का अनुयायी रहा है। क्रिकेट के बारे में बात करें तो, ऑस्ट्रेलिया चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए आने वाले कुछ दिनों में भारत का दौरा करने के लिए तैयार है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 के नाम से लोकप्रिय यह श्रृंखला विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में शीर्ष दो स्थानों का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण होगी। शीर्ष टीमें जून में द ओवल में होने वाले एकमात्र चैंपियनशिप गेम के लिए प्लेऑफ़ स्थिति अर्जित करेंगी। सीरीज 9 फरवरी से नागपुर में शुरू होगी जबकि वनडे 17 मार्च से मुंबई में शुरू होंगे। वर्कफ्रंट की बात करें तो अनुष्का ने हाल ही में 'कला' में अपने कैमियो से सभी को चौंका दिया। इसके बाद वह अपकमिंग फिल्म 'चकदा एक्सप्रेस' में नजर आएंगी। फिल्म प्रोसित रॉय द्वारा निर्देशित है और पूर्व भारतीय क्रिकेटर झूलन गोस्वामी के जीवन पर आधारित एक स्पोर्ट्स बायोपिक है। अनुष्का अपने करियर में पहली बार क्रिकेटर की भूमिका में नजर आएंगी। स्पोर्ट्स ड्रामा का प्रीमियर नेटफ्लिक्स पर भी होगा।
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Start Up India DPIIT: हर कोई आज के दौर में अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है। नौकरी के बंधन से हर कोई बाहर निकलना चाहता है और खुद को ना सिर्फ आत्मनिर्भर करना चाहता है बल्कि और लोगों को रोजगार मुहैया कराना चाहते हैं। ऐसे में अगर आप भी खुद से अपना कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो निसंदेह एक अच्छी शुरुआत है। भारत सरकार ने भी नए बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया जैसी योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत सरकार की ओर से नए उद्यमियों को कई तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। आज हम आपको इसी योजना के तहत मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी देंगे। कैसे आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं, इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी देंगे। स्टार्टअप इंडिया योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले आपको भारत सरकार की DPIIT में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। डीपीआईआईटी की बात करें तो यह डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड है। इस विभाग का मुख्य काम देश में व्यापार को बढ़ावा देना है। अगर आपने अपने बिजनेस को DPIIT में रजिस्टर कराया है तो आपको सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको बहुत सारे मामलों में आप खुद से ही सेल्फ सर्टिफिकेशन कर सकते हैं, आपके पास Self Certification authority मिल जाती है। यानि आप कई सारे कागजों पर आप खुद से साइन कर सकते हैं, इसके लिए आपको किसी अधिकारी या विभाग के पास नहीं भागना पड़ता है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि स्टार्टअप अपने शुरुआती दौर में अपने बिजनेस पर ध्यान दें ना कि सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों के चक्कर में पड़े। इसका दूसरे फायदे की बात करें तो 6 लेबर लॉ और 3 पर्यावरण कानूनों से छूट मिलती है। यानि अगर आपको 6 श्रम कानून से छूट मिली है और 3 पर्यावरण कानूनों से छूट मिली है तो इससे संबंधित 5 साल तक आपकी कंपनी में कोई जांच नहीं होगी। हालांकि अगर कोई गंभीर शिकायत आपके खिलाफ मिलती है तो जांच हो सकती है। ईपीएफ, ग्रैच्युटी, कॉन्ट्रैक्ट लेबर आदि में आपको राहत मिल जाती है। जिन स्टार्टअप के पास DPIIT का रजिस्ट्रेशन होता है, उनको लगातार तीन साल तक कर में छूट मिलती है। इसी के साथ जो भी आपके बिजनेस में निवेश करना चाहता है उसे भी काफी लाभ मिलता है। लिहाजा अगर आपके पास DPIIT का रजिस्ट्रेशन है तो निवेशक आपके बिजनेस में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाएंगे। अगर किसी भी वजह से आपको अपना बिजनेस बंद करना पड़ता है तो इसे बंद करने की प्रक्रिया भी काफी आसान होती है। इस रजिस्ट्रेशन का लाभ उस स्थिति में भी आपको मिलता है अगर आप अपने उत्पाद या सेवा को सरकारी दफ्तर में संस्थान में बेचना चाहते हैं। आपके स्टार्ट अप के पास DPIIT होने की स्थिति में आपको सिक्योरिटी मनी नहीं देनी होती है। जेम पर भी आपको इसका लाभ मिलता है। अगर आप जेम पोर्टल पर सर्विस या उत्पाद बेचते हैं तो भी इस DPIIT रजिस्ट्रेशन का आपको लाभ मिलता है। DPIIT के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपकी कंपनी का भारत में पार्टनर्शिप, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड होना जरूरी है। यानि अगर आप प्रोपराइटरशिप कंपनी हैं या फिर देश से बाहर आपकी कंपनी है तो आपको यह रजिस्ट्रेशन नहीं मिल सकता है। इसके अलावा 100 करोड़ रुपए से अधिक का टर्नओवर होने पर DPIIT रजिस्ट्रेशन नहीं मिल सकता है। यह रजिस्ट्रेशन सिर्फ नई और मूल रुप से बनाई गई कंपनी के लिए ही होता है। DPIIT जब भी किसी को रजिस्ट्रेशन मुहैया कराता है तो वह यह देखता है कि क्या कंपनी कुछ नया शुरू करने जा रही है, किसी नए तरह के उत्पाद, सेवा आदि को शुरू कर रही है। इसके साथ ही क्या आपके बिजनेस से रोजगार का सृजन होने जा रहा है, बड़ा राजस्व खड़ा होने जा रहा है। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए ही DPIIT आपको सर्टिफिकेट मुहैया कराता है। ऐसे में नए तरह के बिजनेस आइडिया को DPIIT पहचान देता है और उन्हें रजिस्ट्रेशन देता है। DPIIT रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको www. startupindia. gov. in पर लॉगिन करना है। यहां पर अपने स्टार्टअप को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपको DPIIT रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करके जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करना है, डायरेक्टर की जानकारी देनी होगी। साथ ही अपने बिजनेस के बारे में जानकारी की विस्तृत जानकारी देनी होगी कि आखिर क्यों आपको यह सर्टिफिकेट दिया जाए। यह पत्र आपके लिए काफी अहम है, लिहाजा इसपर आपको अच्छे से काम करना चाहिए और अपने बिजनेस को अच्छे से समझाते हुए तैयार करना चाहिए। आवेदन करने के बाद DPIIT आपके आवदेन की समीक्षा करेगा। आपका आवेदन स्वीकार हो गया तो आपका DPIIT में रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और अगर रिजेक्ट होता है तो आपको विभाग की ओर से इसकी जानकारी दी जाएगी कि क्यों आपका आवेदन रद्द हुआ। यहां गौर करने वाली बात है कि कभी भी अपने बिजनेस के बारे में गलत जानकारी ना दें, अन्यथा आपका रजिस्ट्रेशन बाद में वापस भी लिया जा सकता है।
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वर्तमान समय में ये एक ऐसा ट्रेड है, जिसमें सबसे ज्यादा प्लेसमेंट होता है और सबसे ज्यादा सैलरी भी मिलती है। कई रिपोर्ट्स और टॉपर्स की मानें तो इस ट्रेड से बीटेक करने पर करोड़ों रुपए का प्लेसमेंट आसानी से हो जाता है। सिविल इंजीनियरिंग एक ऐसा ट्रेड है, जिसका दबदबा शुरुआत से ही बरकरार है। यह ट्रेड लड़कियों के लिए बेस्ट माना जाता है। अगर आप भी सिविल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो देश के किसी भी आईआईटी से कर सकते हैं। कोर्स पूरा करने पर 80 लाख रुपए तक का प्लेसमेंट आसानी से मिल जाता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की गिनती बीटेक के बेस्ट ट्रेड में होती है। आईआईटी से इस ट्रेड में बीटेक करने पर करोड़ों रुपए का प्लेसमेंट आसानी से हो जाता है। वहीं, एनआईटी से भी बीटेक करने वाले छात्रों को भी 20 लाख या उससे ऊपर तक का प्लेसमेंट आसानी से मिल जाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग को बेस्ट ट्रेड माना जाता है। अगर आप बीटेक करना चाहते हैं, तो इस ट्रेड से कर सकते हैं। आईआईटी, एनआईटी के अलावा कई राज्य सरकारी बीटेक कॉलेज इस ट्रेड में बीटेक कराते हैं। इसके लिए कई यूनिवर्सिटीज में इस ट्रेड में बीटेक कराती है। छात्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर सकते हैं। इस ट्रेड में भी बढ़िया सैलरी मिलती है। वहीं, एनआईटी से पासआउट को भी बढ़िया 20 लाख रुपए तक शुरुआती सैलरी मिल जाती है। इसके अलावा छात्र देश के अच्छे प्राइवेट कॉलेज से भी यह कोर्स कर सकते हैं। बायोटेक्नोलॉजिकल इंजीनियरिंग ट्रेड से भी बीटेक करके छात्र बढ़िया करियर बना सकते हैं। आज के जमाने में इस ट्रेड का बढ़िया डिमांड है। ये ट्रेड लड़कों और लड़कियों के लिए बेस्ट माना जाता है। इस ट्रेड से बीटेक करने पर आसानी से बढ़िया प्लेसमेंट हो जाता है। आईआईटी से छात्र एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग भी कर सकते हैं। इस ट्रेड को भी लड़कियों के लिए बेस्ट माना जाता है। आईआईटी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने पर आसानी से 50 लाख प्लस का प्लेसमेंट हो जाता है। वहीं, एनआईटी वालों को भी बढ़िया प्लेसमेंट मिलता है। लगभग सभी राज्यों के विभिन्न सरकारी स्कूल भी इस ट्रेड में बीटेक कराते हैं, हालांकि आईआईआटी व एनआईटी के मुकाबले यहां कम प्लेसमेंट मिलता है।
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मलियाली ऐक्टर बहुराज जमीन को लेकर हुए एक विवाद में घायल हो गए। घटना के बाद उन्हें अदिमाली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हें वहां से राजगिरी मेडिकल सेंटर रैफर कर दिया गया। इडुक्की मलियाली ऐक्टर बहुराज जमीन को लेकर हुए एक विवाद में घायल हो गए। घटना के बाद उन्हें अदिमाली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हें वहां से राजगिरी मेडिकल सेंटर रैफर कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, बहुराज ने अपने रेजॉर्ट एमर्ल्ड के पास स्थित जमीन खरीदी है। इस जमीन पर तालाब भी है, जिससे आस-पास के लोग पानी लेते हैं। जमीन के पूर्व मालिक सनी का आरोप है कि बहुराज ने इस जमीन का पूरा पेमेंट नहीं किया हैं। जबकि उनके बीच हुए समझौते के मुताबिक पूरा पेमेंट करने के बाद ही बहुराज उस जमीन पर कंस्ट्रिक्शन करा सकते थे। विवाद के तूल पकड़ने के बाद मामला पुलिस में पहुंच गया और पुलिस ने मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए दोनों पक्षों को सुलह के लिए बुलाया। बातचीत के दौरान मामला बढ़ गया और स्थानीय लोग सनी के पक्ष में उतर आए। इस दौरान काफी धक्का-मुक्की हुई। आरोप है कि सनी ने बहुराज के सीने पर हथियार से वार किया जिस कारण वह चोटिल हो गए। सूत्रों के मुताबिक बहुराज को कोई खतरा नहीं है और उन्हें जल्द हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
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नव ग्रहों में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि को वास्तविक ग्रह माना जाता है. जबकि राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है. ज्योतिषी अनुसार ये दोनों ही छाया ग्रह अपने आप में बेहद खास हैं. इनका प्रभाव सभी राशियों के साथ-साथ ग्रहों पर भी पड़ता है. ऐसे में यदि राहु या केतु किसी जातक पर प्रभावी हो जाएं तो बाकी ग्रह हार जाते हैं. यदि किसी जातक पर राहु या केतु प्रभावी हो जाए तो बाकी ग्रह परास्त हो जाते हैं. 2023 में केतु ग्रह का प्रभाव सभी जातकों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. इस साल केतु अपनी चाल में बदलाव भी करेंगे और सभी को प्रभावित करेगा. लगातार महीने भर तक दो रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं. यह केतु के सभी नकारात्मक प्रभावों को समाप्त कर देता है. साथ ही व्यक्ति के सभी कष्ट और परेशानियां भी दूर हो जाती हैं. इसके अलावा इस समय के दौरान कबूतरों को दाना खिलाएं. राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान भैरव को प्रसन्न करना सबसे अच्छा उपाय माना जाता है. भैरव चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से राहु और केतु सकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं. ज्योतिषी की सलाह पर आप हर रविवार को भी भैरव की पूजा कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में केतु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा बताई गई है. इसके लिए प्रत्येक बुधवार को गणेश जी को ताजी हरी फलियां अर्पित करनी चाहिए. इससे केतु का प्रभाव तो दूर होता ही है साथ ही धन की भी प्राप्ति होती है.
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कर सकता हूँ वह यह है कि अपनी व्यक्तिगत समस्याग्रोपर आपके सामने कुछ प्रकाश डालू । ऐसा करनेसे सम्भव है कि कुछ समस्याओ पर भी कुछ प्रकाश पड जाय । अपनी समस्या पर प्रकाश डालनेका मेरा स्पष्ट तात्पर्य यह है कि मै जो कुछ कहूँ प्रापके या किसी अन्यके वारेमे न कहकर अपने बारे मे ही कहूँ । यही बात मुझे बेहद पसद है । मै केवल अपने बारेमे ही लिखना चाहता हूँ । लेकिन मेरे एक साहित्यिक मित्रका कहना है कि यदि मै अपने बारेमे लिखूगा तो लोग उसे पसद नही करेगे, पढना भी पसद नही करेगे । उनका यह कहना अनुभवसे ठीक ही दीख पड़ता है। अपनी ही कहनेवाले की बात सुनना लोग पसद नही करते । कुछ बडे आदमियोको छोडकर जो विशेष प्रसिद्धि पाकर आत्मकथा लिखनेके पदपर पहुँच गये है, अन्य सभी लोगोके मुख से चर्चाकी वाते सुनते हुए लोग ऊब उठते है । ऐसे लोगोकी आत्म-चर्चा स्वभावतया आत्म-प्रशसा निर्णयोका मूल्याकन उचित मात्रासे कही अधिक होता है । इसी तथ्यको दृष्टिमे रखकर ग्रामतोर पर प्रसिद्धि के 'यात्म-कथा-लेखन-पद' तक पहुँचनेके पहले विचारशील लेखक अपने सम्बन्धमे चुप रहकर ही अपने विनय-भावका परिचय देते है । लेकिन मैने इस प्रचलित नियमका एक ग्रुपवाद वनकर केवल अपने वारेमे ही और यथासम्भव अपनी समस्या सिलसिले अपनी अच्छाइयो के पहलूपर ही लिखनेका निश्चय किया है। मेरा विश्वास है कि मेरी अच्छाइयोसे ही आपकी समस्या पर भी सम्भवत कुछ प्रकाश पड सकता है, और मेरी बुराइयो या कमियोका आपके सामने थाना व्यर्थ है । लेखनको मेरी यह दिशा श्रीर शैली ही, सम्भव है, मेरी विशिष्ट मौलिकता सिद्ध हो और आगे चलकर मुझे कुछ प्रसिद्धि भी दे जाय । मेरी यह दिशा और शैली या उवाने वाली होगी, ऐसी कोई विशेषप का मेरे मन नही है ।
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नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के छतरपुर में एक स्त्री ने एक कार्यक्रम के चलते मंच पर शख्स की चप्पल से पिटाई कर दी. मामला हिंदू एकता मंच की बेटी बचाओ महापंचायत का है. बोला जा रहा है कि स्त्री अपनी बात रख रही थी तथा यह आदमी उसे माइक से हटाने का कोशिश कर रहा था, जिसके कारण स्त्री ने चप्पल उतारकर उसे मारना आरम्भ कर दिया. सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्त्री की बेटी इस आदमी के बेटे के साथ फरार हो गई थी. दोनों ने विवाह भी कर ली. स्त्री इसी बारे में मंच पर बता रही थी. इसी के चलते वह गुस्से में आ गई तथा चप्पल निकालकर समधी को मारना आरम्भ कर दिया. कार्यक्रम में मौजूद बाकी लोगों ने मंच पर आकर स्त्री को रोका. आदमी की पहचान सत्य प्रकाश के नाम से हुई है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे और इस स्त्री की बेटी ने आर्य समाज में विवाह की है. उन्होंने मैरिज सर्टिफिकेट के लिए न्यायालय में भी आवेदन किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें विवाह से कोई परेशानी नहीं है, मगर स्त्री ने इस विवाह को कबूल नहीं किया है. स्त्री को लगता है कि उसकी बेटी की जबरदस्ती विवाह कराई गई है. दिल्ली के छतरपुर क्षेत्र में ही आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा वालकर का बेरहमी से क़त्ल कर के उसके 35 टुकड़े कर दिए थे. इन टुकड़ों को उसने फ्रिज में रखा तथा 16 दिन तक जंगल में फेंकता रहा. यह महापंचायत श्रद्धा के लिए न्याय मांगने के लिए की गई थी. पुलिस को आफताब की निशानदेही पर अभी तक 13 हड्डियां प्राप्त हुई हैं. श्रद्धा का जबड़ा प्राप्त होने की समाचार भी सामने आई है.
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लोकसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार हुआ समाप्त प्रदेश के आठ लोकसभा सीटों पर कल डाले जायेंगे वोट लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में प्रदेश के दस सीटों पर एक सौ बीस प्रत्याशी चुनावी मैदान में राज्यपाल राम नाईक ने लोकसभा चुनाव के दौरान सभी से चुनाव आचार संहिता का पालन करने का किया आह्वान मतदाताओं से की मतदान करने की अपील बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिये कल जारी की प्रत्याशियों की तीसरी सूची लोकसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार कल शाम समाप्त हो गया है इस चरण में प्रदेश के आठ लोकसभा सीटों सहारनपुर कैराना मुजफ्फरनगर बिजनौर मेरठ बागपत गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में कल ग्यारह अप्रैल को वोट डाले जायेंगे मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने बताया कि सहारनपुर से ग्यारह कैराना से तेरह मुजफ्फरनगर से दस बिजनौर से तेरह मेरठ से ग्यारह बागपत से तेरह गाजियाबाद से बारह और गौतमबुद्ध नगर से तेरह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं इस चरण के चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा के महेश शर्मा जनरल वी0के0 सिंह संजीव बालियान कांग्रेस से नसीमउद्दीन सिद्दीकी राष्ट्रीय लोकदल से चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयन्त चौधरी अपना भाग्य आजमा रहे हैं चुनाव प्रचार की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद पुलिस ने इन सभी जिलों में सुरक्षा इंतजाम और सख्त कर दिये हैं हमारे लखनऊ संवाददाता की एक रिपोर्ट एक राज्य में पहले चरण में जिन आठ सीटो पर मतदान होगा उनमें गाजियाबाद गौतमबुद्ध नगर बागपत सहारनपुर मेरठ मुजफ्फरनगर बिजनौर और कैराना शामिल हैं सभी पार्टियों के नेता पहले ही अपना गहन प्रचार कर चुके हैं आज ईवीएम मशीनों के साथ मतदान कर्मियों को कड़ी सुरक्षा के बीच उनके गन्तव्य स्थानों के लिए भेजा जायेगा इस चरण में कुल छियान्नबे उम्मीदवार मैदान में हैं इस बीच कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज अमेठी लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे वहीं भाजपा की स्मृति ईरानी का कल इस सीट से अपना पर्चा दाखिल करने का कार्यक्रम है एम एस यादव आकाशवाणी समाचार लखनऊ तीसरे चरण में प्रदेश में दस लोकसभा सीटों पर नामांकन वापसी के बाद कुल एक सौ बीस प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गये हैं मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने बताया कि नाम वापसी के अंतिम दिन कल बारह प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र वापस लिये तीसरे चरण में दाखिल किये गये नामांकन पत्रों में सबसे अधिक सोलह प्रत्याशी बरेली लोकसभा सीट पर जबकि सबसे कम छह प्रत्याशी फिरोजाबाद सीट पर है इस चरण के लिये अट्ठाईस मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी तीसरे चरण में मुरादाबाद रामपुर संभल फिरोजाबाद मैनपुरी एटा बदायूं आंवला बरेली और पीलीभीत लोकसभा सीट पर तेईस अप्रैल को मतदान कराया जायेगा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बलसीआरपीएफ कल अपना चौवनवां शौर्य दिवस मना रहा है इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर सीआरपीएफ के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की राष्ट्रपति ने कहा मरणोपरान्त शौर्य पदक से आज सम्मानित वीरों के स्मृति को मैं नमन करता हूं देशवासियों की रक्षा के लिए सदैव सचेत और सक्रिय रहने वाले पुलिसबलों ने राष्ट्र के प्रति समर्पण के अनेक असाधारण आदर्श प्रस्तुत किये हैं उनके सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में सीआरपीएफ आज के दिन शौर्य दिवस मनाती है राष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद का मुकाबला करने में सीआरपीएफ की भूमिका सराहनीय है उन्नीस सौ पैंसठ में कल के ही दिन सीआरपीएफ की एक छोटी टुकड़ी ने गुजरात में कच्छ के रण में सरदार चौकी पर बहादुरी से लड़ते हुए पाकिस्तानी ब्रिगेड के हमले को नाकाम किया था केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल अपने वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए नौ अप्रैल के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाता है उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने संबंधी याचिका खारिज कर दी है न्यायालय ने कहा कि याचिका समय से पहले दाखिल की गई है क्योंकि अभी तो सेंसर बोर्ड ने यह फिल्म प्रमाणित नही की है न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता तथा संजय खन्ना की पीठ ने व्यवस्था दी कि अगर फिल्म ग्यारह अप्रैल से पहले रिलीज हो जाती है तभी याचिकाकर्ता निर्वाचन आयोग में शिकायत कर सकते है आह्वान करते राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश में कल से शुरू होकर उन्नीस मई तक सात चरणों में सम्पन्न होने वाले लोकसभा चुनाव में राजनैतिक पार्टियों उम्मीदवारों मतदाताओं चुनाव में काम करने वाले सरकारी अधिकारियोंकर्मचारियों तथा सुरक्षा दलों का हुए कहा कि वे चुनाव आचार संहिता का पालन करते हुये शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने का मार्ग से प्रशस्त करें उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है राज्यपाल ने कहा कि मतदाता जनतंत्र के निर्माता हैं वे संविधान के अधिकार का प्रयोग करके सरकार के गठन में सहयोग करें मतदान किसको करना है यह मतदाता का विशेषाधिकार है उन्होंने कहा कि मतदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ दान है मतदाताओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे स्वयं मतदान करने जायें और दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करें निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण से लेकर सातवें और अन्तिम चरण के मतदान के दौरान किसीभी प्रकार के एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है यह प्रतिबंध इलेक्ट्रॉनिक प्रिन्ट तथा अन्य सभी प्रकार के मीडिया पर लागू होगा कल सुबह सात बजे से उन्नीस मई के शाम साढे छ बजे के दौरान किसी भी प्रकार का एग्जिट पोल जारी नहीं किया जा सकेगा किसी भी चरण के मतदान के सम्पन्न होने से अड़तालिस घंटे पहले मीडिया में कोई भी ओपीनियन पोल चुनाव सर्वेक्षण जारी नहीं हो सकेगा प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिये बहुजन समाज पार्टी ने कल अपने प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है पार्टी ने बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे को सीतापुर संसदीय सीट से अरशद अहमद सिद्दीकी को धौरहरा से सीएल वर्मा को मोहनलालगंज से सुखदेव प्रसाद को फतेहपुर से और चन्द्रदेव राम यादव को कैसरगंज संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिये अब तक बाईस उम्मीदवारों के नाम तय कर दिये हैं केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने कहा है कि दिल्ली के आयकर निदेशालय ने विभिन्न लोगों के पास लगभग दो अरब इक्यासी करोड़ रूपये की बेहिसाबी नकदी का पता लगाया है सीबीडीटी के एक बयान में बताया गया है कि एक प्रमुख व्यक्ति के घर से दिल्ली स्थित एक राजनीतिक दल के मुख्यालय को बीस करोड़ रूपये की नकदी भेजे जाने का भी पता चला है लेकिन उसने इस व्यक्ति या राजनीतिक दल के बारे में जानकारी नहीं दी है केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष और राजस्व सचिव ने देश में जारी आयकर छापों के सिलसिले में कल नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग के सदस्यों से मुलाकात की राजस्व सचिव ए बी पांडे और प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष पी सी मोदी को निर्वाचन आयोग ने बुलाया था बाराबंकी में नवाचार कार्यक्रम अच्छे शिक्षक अच्छे स्कूल अच्छे छात्र अच्छे समाज के अन्तर्गत आयोजित परीक्षा में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पर आये छात्रछात्राओं को जिलाधिकारी उदयभानु त्रिपाठी ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय बहरौली में आयोजित यह परीक्षा बाराबंकी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय की वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान पर आये दो सौ तेरह विद्यालयों के छात्रछात्राओं के लिये आयोजित की गई थी प्रदेश भर के शक्तिपीठों और देवी मंदिरों पर चल रहे नवरात्र मेला जोरों पर है आज मॉ भगवती के पांचवे स्वरूप माता स्कंद की उपासना की जा रही है मिर्जापुर जिले के विन्ध्याचल स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता विन्ध्यवासिनी देवी मंदिर पर लगने वाले चैत्र नवरात्र मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है बलरामपुर जिले के देवीपाटन स्थित माता पाटेश्वरी देवी मंदिर पर भारी संख्या में लोग दर्शनपूजन और धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा दो हजार उन्नीस के लिए कल से पंजीकरण शुरू हो गया है विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में बताया गया है कि यात्रा आठ जून से आठ सितम्बर के बीच दो मार्गो से होगी पंजीकरण की अंतिम तिथि नौ मई है
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Kanpur Violence Update : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपूर (Kanpur) में हुई हिंसा (Kanpur Violence Update) की जांच कर रही एसआईटी ने बड़ा खुलासा करते हुए कोर्ट को बताया है कि नुपूर शर्मा के बयान के खिलाफ भड़की हिंसा में हर पत्थरबाज को एक हजार रुपये और पेट्रोल बम फेंकने वाले को 5000 रुपए प्रति व्यक्ति दिया गया था। एसआईटी ने कहा है कि नई सड़क हिंसा का मुख्य उद्देश्य चन्द्रेश्वर हाता खाली कराना था। इसके लिए बिल्डर हाजी मोहम्मद वसी ने मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी के संगठन को 10 लाख रुपये दिए थे। हाता खाली होने के बाद 90 लाख रुपये और दिए जाने थे। यह खुलासा वसी ने एसआईटी की पूछताछ में किया है। 3 जून को हुई हिंसा की एसआईटी ने कोर्ट में केस डायरी दाखिल की है। उसमें बताया गया कि पत्थरबाजों को हजार रुपए व पेट्रोल बम वालों को 5000 रुपए दिया गया। उपद्रवियों को हिंसा फैलाने के लिए पैसे दिए गए थे। केस डायरी पब्लिक प्रोसिक्यूटर दिनेश अग्रवाल ने दायर की है। वहीं वसी, जफर समेत हिंसा से जुड़े लोगों की एसआईटी डिटेल खंगाल रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बिल्डर वसी से ने पूछताछ में बताया कि चन्द्रेश्वर हाता की जमीन पर उसकी लंबे समय से नजर थी। वह वहां पर अपार्टमेंट के साथ एक मार्केट भी बनवाना चाहता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात हयात जफर हाशमी से हुई। हयात ने बताया कि वह भाजपा नेत्री के आपत्तिजनक बयान पर बंदी कराने वाला है। वसी ने पुलिस को बताया कि यह बात सुनकर उसने हाता खाली कराने की योजना बनाई। इसके लिए उसने हयात से एक करोड़ रुपये में सौदा किया। 10 लाख उसे नकद दे दिए। बाकी रकम भी हाता खाली होने के बाद नकद ही दी जानी थी। वसी ने हिंसा के लिए एक दिन में 34 लाख रुपए की दो प्रॉपर्टी बेची। इससे पहले उसने तीन प्रॉपर्टी अप्रेल, फरवरी और दिसंबर में बेची। जिसकी कीमत 35 लाख, 17 लाख और 75 लाख थी। वहीं हाशमी ने मई, दिसंबर और जनवरी में प्रापर्टियां बेची जिसमें 14 लाख, 10 लाख और 7 लाख मिले। वहीं उीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि बिल्डर वसी से पूछताछ में चन्द्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए पैसे के लेन-देन की बात सामने आई है। यह पैसा कहां से आना था और कैसे आना था, इसकी जांच की जाएगी। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
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गोरखपुर (ब्यूरो)। मगर अब ऐसा नहीं होगा। लोगों को वादियों के खूबसूरत नजारों को देखने का मौका भी मिलेगा। साथ ही खास मंदिरों के दर्शन भी कर सकेंगे। इसके लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने खास टूर प्लान किया है। महज प्रति व्यक्ति 12,285 रुपए खर्च कर साउथ इंडिया की खास सैर की जा सकती है। इसमें नाश्ता, भोजन के साथ ठहरने की भी व्यवस्था की गई है। आईआरसीटीसी ने 10 से 22 दिसंबर तक स्पेशल टूर प्लान किया है। 12 रात और 13 दिन के टूर पैकेज के लिए रजिस्ट्रेशन स्टार्ट हो चुके हैं। टूर पैकेज के तहत यात्रा में पैसेंजर्स को नाश्ता, दोपहर व रात का शाकाहारी भोजन मिलेगा। स्थानीय यात्राएं बसों के जरिए पूरी कराई जाएंगी। ठहरने के लिए धर्मशालाओं की व्यवस्था रहेगी। टूर पर जाने वाले मुसाफिरों के लिए इसमें रजिस्टर्ड होने के दो ऑप्शन हैं। अगर वह लखनऊ के रहने वाले हैं, तो गोमती नगर पर्यटन भवन स्थित आईआरसीटीसी ऑफिस पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं, आईआरसीटीसी टूरिज्म की वेबसाइट 222. द्बह्म्ष्ह्लष्ह्लशह्वह्म्द्बह्यद्व. ष्शद्व पर जाकर रजिस्ट्रेशन भी कराया जा सकता है। तिरुपति - पद्मावती मंदिर, कपिलेश्वर स्वामी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, कलाहस्ती मंदिर, दिसंबर में आईआरसीटीसी ने साउथ इंडिया का टूर प्लान बनाया है। 12 रात और 13 दिन के इस टूर पैकेज में आने-जाने से लेकर खाने-पीने, ठहरने और लोकल कनवेंस की व्यवस्था भी आईआरसीटीसी करेगा।
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BHADRA 4, 1905 (SAKA) (11) और (।।।) उक्त शिकायतें छान बीन के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो को 30 जुलाई 1983 को सौंप दी गई हैं और रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है । गया था । (ग) केवल एक अधिकारी पदोन्नत किया Decline in Foreign Exchange Reserves 5250. DR. KRUPASINDHU BHOI : SHRI A.K. ROY : Will the Minister of FINANCE be pleased to state ; (a) whether foreign exchange reserves at the end of 1982-83 declined by Rs. 255.66 crores over the previous year despite drawing from the International Monetary Fund; (b) if so, the details thereof and the reasons for the short-fall ; and (c) the steps envisaged to step them up further to meet any eventuality ? THE MINISTER OF FINANCE (SHRI PRANAB MUKHERJEE) : (a) and (b) Tak - ing into account the drawings under the Extended Arrangement with the International Monetary Fund, the foreign exchange reserves (excluding Gold and Special Drawing Rights) had increased by an amount of Rs. 911 crores during 1982-83. (c) The level of reserves is continuously kept under review with a view to ensuring that the country's commitments with regard to debt service and our requirements of goods and services are met. During the last three years, with this objective in mind, the government has taken a number of measures including increase in export growth and reduction of imports especially of bulk items. बैंक प्राफ़ बड़ौदा की बडीत शाखा (इलाहाबाद) के अधिकारियों द्वारा प्रग्रिम ऋरण 5251. श्री राम प्यारे पनिका : क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि : (क) क्या यह सच है कि बैंक आफ बड़ौदा की बड़ौत शाखा ( इलाहाबाद ) द्वारा लोगों को दी गयी अग्रिम ऋण राशियों का इस्तेमाल उस प्रयोजन के लिए नहीं किया गया है जिसके लिए वह ऋण दिया गया था और ऋण को जरूरत मंद लोगों के देने के बजाय उसे जरुरत हीन लोगों को बिना किसी जांच किए दिया गया जिसके परिणाम स्वरुप उस ऋण को वसूल करना कठिन हो गया है और जरुरतमंद गरीब लोगों को इस ऋण से वंचित किया गया (ख) क्या उक्त बैंक के अधिकारियों के मनमाने दृष्टिकोण के कारण लोगों को हास किया जा रहा है और उनके द्वारा अनियमितताएं वरती जा रही हैं तथा क्या इन अधिकारियों को कहीं और स्थानांतरित करने एवं मामले की जांच करने हेतु आदेश देने की मांग की गयी है; और (ग) यदि उक्त भाग ( क ) और (ख) का उत्तर हा में हों, तो इस मामले में क्या कार्यवाही की गयी है अथवा किए जाने का विचार है ? वित्त मंत्रालय में उप मंत्री (श्री जनार्दन पुजारी) : (क) से (ग) सरकार तथा बैंक आफ बड़ौदा को उसकी बड़ौत शाखा के प्रबंधक के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिनमें आरोप लगाए गए थे कि वह अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है, ग्राहकों से रिश्वत मांगकर उन्हें परेशान कर रहा है और नाजायज भेंट स्वीकार करके बेईमान ऋणकर्ताओं को ऋण दे रहा है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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पटना (विधि सं)। महीनों तक इंतजार करने के बाद सोमवार 27 सितंबर से से पटना हाईकोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू हो गया है। सप्ताह में एक दिन वर्चुअल कोर्ट भी रहेगा। वैश्विक महामारी कोविड -19 के मद्देनजर कोर्ट में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा जिनके मुकदमें सुनवाई हेतु सूचीबद्ध हो। मार्च, 2021के बाद से अभी तक मुकद्दमों की ऑनलाइन सुनवाई की जा रही थी। कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के पहले सभी व्यक्ति का तापमान लिया जा रहा है और हांथ को सैनेटाइज़ करवाया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तौर पर कर्मी मुहैया कराए गए हैं। वैसे पटना हाई कोर्ट स्थित सरकारी अस्पताल में हमेशा की तरह चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध कराया गया है। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। सुरक्षा कर्मी पास देख कर ही किसी व्यक्ति को हाई कोर्ट परिसर में प्रवेश दे रहे हैं। मास्क पहनना और सामाजिक दूरी को बनाये रखने का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। गाड़ियों के पार्किंग के लिए ट्रैफिक पुलिस के कर्मी पूरी तरह से मुस्तैद दिखे। गाड़ियों की पार्किंग के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है। ट्रैफिक पुलिस के जवान इसे नियंत्रित कर रहे हैं। फ्लू, बुखार व सर्दी खांसी से पीड़ित व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोरोना के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी किए गए दिशानिर्देशों व गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। अधिवक्ता भी मुकदमों की फिजिकल सुनवाई को लेकर काफी उत्सुक और उत्साहित दिखे। महीनों बाद कोर्ट के खुलने की वजह से कुछ अधिवक्ताओं को कोर्ट रूम तक पहुंचने में जरूर धोड़ी असुविधा हो रही है, चुकी कोर्ट बिल्डिंग के सभी प्रवेश द्वार को अभी सुरक्षा कारणों से नहीं खोला गया है, लेकिन वे भी पूछताछ करके कोर्ट रूम तक आसानी से पहुंच जा रहे हैं। हाई कोर्ट के वरिष्ठ सुरक्षा कर्मी भी मुस्तैद दिखे।
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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जीवन का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। लोगों के जीवन की रक्षा करना किसी भी सरकार का पहला कर्तव्य होना चाहिए। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बयान देता हुए राज्य सरकार की निंदा की है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जीवन का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। लोगों के जीवन की रक्षा करना किसी भी सरकार का पहला कर्तव्य होना चाहिए। यदि वे लोगों की जान की रक्षा नहीं करते हैं तो वे अपने मौलिक कर्तव्य में असफल हो रहे हैं। हम भारत के किसी भी हिस्से में किसी भी सरकार की विफलता की निंदा करते हैं, जो लोगों की जान की रक्षा नहीं कर सकती। पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हिंसा पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बड़ा बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नवाब मलिक ने कहा कि हिंसा का समर्थन नहीं हो सकता। हम इसकी निंदा करते हैं लेकिन भाजपा को राजनीति बंद कर देनी चाहिए। जिस तरह से उनके पूर्व मुख्यमंत्री के लड़के कहते हैं कि लोग याद रखें कि दिल्ली आना है। चेतावनी देना बर्दाश्त नहीं होगा। भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हो रही हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल गेस्ट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भाजपा नेता आदेश गुप्ता, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश सिंह वर्मा और रमेश बिधूड़ी ने हिस्सा लिया। इस दौरान भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जिस तरह रेप, हत्या, आगजनी हुई है वह मुस्लिम लीग के डायरेक्ट एक्शन डे की याद दिलाता है। ये लोग चंडी पाठ का भी मजाक उड़ाते हैं, क्योंकि असलियत में वे जिहादी ताकतों के साथ हैं। ये लोकतंत्र पर काला धब्बा है। लेफ्ट लिबरल इस पर आवाज तक नहीं निकाल रहे हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है। चुनाव परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है। जिनमें कई लोगों की जान चली गई है और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ऐसे में हिंसा को लेकर राज्य में राजनीतिक सियासत गरमाई हुई है। हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज से पश्चिम बंगाल के 2 दिनों के दौरे पर रहेंगे और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे। भारतीय जनता पार्टी ने 5 मई को हिंसा को लेकर बंद का आह्वान भी किया है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी और एक्सपोर्ट सब्सिडी जैसे दूसरे बदलावों, एथनॉल प्रॉडक्शन को बढ़ावा मिलने और बढ़ती कीमतों के चलते भारत के शुगर सेक्टर में इस साल टर्नअराउंड के संकेत दिख रहे हैं। मार्केट एनालिस्टों का कहना है कि साइक्लिकल उतार-चढ़ाव के दौर से इंडस्ट्री अब बाहर निकलने को है। कंपनियों को अच्छा कैश फ्लो मिलेगा और कॉल ऑप्शन के कारण चीनी के दाम में अधिक गिरावट आने की आशंका भी नहीं है। बलरामपुर चीनी, बन्नारी अम्मान, धामपुर शुगर, डालमिया भारत और बजाज हिंदुस्तान के शेयरों में पिछले एक हफ्तों से खरीदारी चल रही है और इनके डिलीवरी वॉल्यूम में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस बारे में मार्केट एनालिस्ट अभिषेक रॉय ने बताया, 'चीनी का उत्पादन कम होने के आसार हैं। इसके साथ एक्सपोर्ट सब्सिडी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम में बढ़ोतरी, एथनॉल प्रॉडक्शन पर जोर और एमएसपी में बढ़ोतरी से इंडस्ट्री की सूरत बदल सकती है। पहले यह सेक्टर बिजनेस साइकिल में फंस जाता था। कभी इसमें तेजी का दौर होता था तो कभी मंदी का। अब हमें इसके इस दौर से बाहर निकलने की उम्मीद है। इससे चीनी कंपनियों के कैश फ्लो में बढ़ोतरी होगी। ' पिछले महीने सरकार ने चीनी का एमएसपी 29 रुपये से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलो कर दिया था। इससे कंपनियों के कैश फ्लो में बढ़ोतरी होगी और वे किसानों को गन्ने का बकाया चुका सकेंगी। एमएसपी में बढ़ोतरी से खुले बाजार में चीनी का भाव बढ़ेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे गन्ना किसानों के बकाये के बोझ से दबी चीनी मिलों को राहत मिलेगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की सीनियर एनालिस्ट खुशबू लखोटिया ने बताया, 'एमएसपी बढ़ने के बाद चीनी का थोक भाव 33-34 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है, जो पहले 31-32 रुपये था। इससे मिलों के ऑपरेटिंग मार्जिन में 4-5 पर्सेंट बढ़ोतरी होगी। ' उन्होंने यह भी कहा कि चीनी की बिक्री को रेगुलेट किए जाने से मिलों को अधिक वर्किंग कैपिटल की जरूरत पड़ेगी। इससे उनकी ब्याज देनदारी बढ़ सकती है। दिसंबर 2018 क्वॉर्टर में चीनी कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़कर 5. 1 पर्सेंट हो गया था, जो इससे पिछली तिमाही में 4. 2 पर्सेंट था। पिछली तिमाही में कंपनियों की आमदनी में तिमाही आधार पर 18 पर्सेंट की शानदार बढ़ोतरी हुई थी। ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के एनालिस्ट अचल लोहाडे ने कहा, 'बलरामपुर देश की टॉप 3 कंपनियों में शामिल है। इस पर कम कर्ज है। एमएसपी में बढ़ोतरी से इस कंपनी को काफी फायदा हो सकता है। ' उन्होंने यह भी कहा कि ईआईडी पैरी में भी निवेश किया जा सकता है। बलरामपुर चीनी का तीन साल में रिटर्न ऑन इक्विटी 25. 90 पर्सेंट रहा है और अभी इसमें वित्त वर्ष 2020 के अनुमानित ईपीएस के 5. 1 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। मार्च 2017 में कंपनी पर 1,782 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो सितंबर 2018 में घटकर 360 करोड़ रुपये रह गया था। धामपुर शुगर का आरओई 16 पर्सेंट है और इसमें वित्त वर्ष 2020 के अनुमानित ईपीएस के 6. 7 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इस पर भी मार्च 2017 में 1,915 करोड़ का कर्ज था, जो सितंबर 2018 में घटकर 755 करोड़ रह गया था।
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द्रव्य कर्म रागादि का कारण है यह बात उपर्युक्त कथन से स्वयं सिद्ध हो जाती है फिर भी उसका खुलासा इस प्रकार है :परपरिणतिहेतो मेहनाम्नोऽनुभावादविरतमनुभाव्यव्याप्तिकन्माषितायाः ।। मम परमविशुद्धिः शुद्धचिन्मात्रमूर्तेर्भवतु समयसारख्याख्ययैवानुभूतेः ।।३।। समयसार कलश अर्थः-श्रीमत् अमृतचन्द्राचार्य देव कहते हैं कि इस समयसार ( शुद्धात्मा तथा ग्रन्थ ) की व्याख्या (टीका) से ही मेरी अनुभूति की अर्थात् अनुभवनरूप परिणति की परमविशुद्धि ( समस्त रागादि विभाव परिणति रहित उत्कृष्ट निर्मलता) हो । । यह मेरी परिणति, परपरिणति का कारण जो मोह नामक कर्म है, उसके अनुभव से (उदयरूप विपाक से) जो अनुभाव्य (रागादिपारिणमों) की व्याप्ति है, उससे निरन्तर कल्माषित (मैली) है और मैं द्रव्यदृष्टि से शुद्ध चैतन्यमात्र मूर्ति हूँ। इस कलश में मोह कर्म को बताया है। इसी प्रकार कथन २८२ गाथा आदि हैं। रागादि परिणति का कारण करनेवाली समयसार मे जैसे अभी राग की उत्पत्ति का विचार किया उसी प्रकार वीतरागता पर्याय के प्रतिबंधक का भी विचार करते है । क्या वीतरागता का प्रतिबंधक अपना क्रय ही है या अपने गुण या अन्य कोई । यहि वीतरागता रूप पर्याय का आवारक (प्रतिबंधक) अपना द्रव्य ही माना जावे तो राग का भी प्रतिबंधक उसी समय अपना द्रव्य हो जावे, अपना द्रव्य अपने स्वभाव के लिये प्रतिबंधक हो-ऐसा तो कहीं सिद्धान्त ही नहीं है। नहीं तो कोई भी द्रव्य सत् रूप नहीं ठहर सकता । तब वीत्तरागता का प्रतिबंधक अपनी आत्मा के अन्य गुणों को कहा जाय जैसे ज्ञानादि, तब भी विवाद उपस्थित होता है कि वे ज्ञानादि गुण कैसे दूसरे गुण के बाधक हो सकते हैं ? नहीं हो सकते । इसलिये अन्य कोई द्रव्यकर्म कारण ही बाधक ठहरता है। दो विरोधी ( राग और वीतराग ) बाते एक साथ देखी नहीं जातीं। रागादि के अभाव से वीतरागता होती है। जैसेजैसे रागादि क्षीण होते हैं, वैसे-वैसे वीतरागभाव होते है । जैसे-जैसे प्रमाण में वीतरागभाव होते हैं, वैसे-वैसे रागादिका अभाव परिचय में आता है। इस प्रकार अन्वय (उत्पाद) और व्यतिरेक ( प्रतिबंध ) दृष्टि द्वारा कथन किया है। इस कथन से द्रव्यकर्म को ही कार्यकारणपना सिद्ध होता है। कहा भी हैःअन्वयव्यतिरेकगम्यो हि कार्यकारणभावः जब वस्तु को आश्रयकर अध्यवसान होते देखे जाते हैं, तब द्रव्यकर्म को रागादि होने मे निमित्त न मानना कितनी बड़ी भारी भूल है। दृष्टान्त - जैसे थर्मामीटर मे डिगरी शरीर की गर्मी को सूचित करती है। यदि शरीर की गर्मी निमित्त न होती तो हम उसको गर्मी का मापक ही कैसे कहते ? तथा डिग्री के हीनाधिकपना से गर्मी का होनाधिकपना भी क्योंकर मानते ? तथा उपचार भी थर्मामीटरका न कर शरीरका ही क्यों करते ? इन प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि विकार के होने में कारण कोई पर ही है उस पर का नाम द्रव्यकर्म है । पर के प्रभाव का कथन समयसार मे इस प्रकार हैःटीका - उपयोगस्य हि स्वरसत एव समस्तवस्तु स्वभावभूतस्वरूपपरिणामसमर्थत्वे सत्यनादिवस्त्वंतरभूतमोहयुक्तत्वान्मिध्यादर्शनमज्ञानमविरतिरिति त्रिविघः परिणामत्रिकारः । स तु तस्य स्फटिकस्वच्छताया इब परतोऽपि प्रभवन् दृष्टः । यथा हि - स्फटिकस्वच्छतायाः स्वरूप परिणामसमर्थत्वे सति कदाचिन्नीलहरितपीततमाल कदली कांचनपात्रोपाश्रययुक्तत्वान्नीलो हरितः पीत इति त्रिविघः परिणामविकारो दृष्टस्तथोपयोगस्यानादिमिथ्या दर्शनाज्ञानाविरति स्वभाववस्त्वंतरभूतमोहयुक्तत्वात् मिथ्या दर्शनमज्ञानमविरतिरिति त्रिविघः परिणामविकारोदृष्टव्यः भावार्थ :- आत्मा के उपयोग में यह तीन प्रकार का परिणाम विकार अनादिकर्म के निमित्त से है। ऐसा नही है कि यह पहले शुद्ध ही था, अब इसमें नया परिणाम विकार हो गया है। यदि ऐसा हो तो सिद्धों के भी नया परिणाम विकार होना चाहिये, किंतु ऐसा नहीं होता। इसलिये यह समझना चाहिये कि वह अनादि से ही है ।
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साल 2004 में पूर्व सीएम विलासराव देशमुख सरकार के बाद शिवसेना-NCP-कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने तीन मुस्लिम कैबिनेट मंत्री बनाए हैं. इसे संयोग कहें या कुछ और कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में महाराष्ट्र को पांच साल बाद चार मुस्लिम मंत्री मिले हैं. सोमवार को उद्धव के मंत्री मंडल विस्तार में 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिसमें चार मंत्री मुस्लिम समुदाय से आते हैं. इतना ही नहीं इन चार में से तीन को कैबिनेट मंत्री का पद भी मिला है. कौन हैं यह चार मंत्री? उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी के मंत्रिमंडल में जिन चार मुस्लिम चेहरों को जगह मिली है, उनमें NCP के नवाब मलिक और हसन मुश्रीफ हैं, जिन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ ली है. वहीं कांग्रेस के असलम शेख को भी कैबिनेट मंत्री का पद मिला है. इनके अलावा शिवसेना से अब्दुल सत्तार ने राज्य मंत्री के पद की शपथ ली है. साल 2004 में पूर्व सीएम विलासराव देशमुख सरकार के बाद शिवसेना-NCP-कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने तीन मुस्लिम कैबिनेट मंत्री बनाए हैं. उस समय देशमुख सरकार में भी तीन मुस्लिम कैबिनेट मंत्री थे. इतना ही नहीं राज्य सरकार में सबसे ज्यादा सात मुस्लिम मंत्री भी विलासराव देशमुख सरकार में ही थे,जिनमें से तीन को कैबिनेट मंत्री का पद मिला था. 1960 के बाद से, जबसे महाराष्ट्र राज्य बना है, साल 2014 में यह पहला मौका था जब बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सरकार में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं था. जबकि महाराष्ट्र में 11.5 फीसदी मुस्लिम आबादी है.
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लंदनः यूके में भारतीय प्रतिष्ठान पर एक और हमले में कथित खालिस्तानी तत्वों ने पश्चिम लंदन में स्थित हैमरस्मिथ में एक पंजाबी रेस्तरां को निशाना बनाया। रीच-यूके ने बुधवार देर रात ट्वीट किया, "हम एटदरेट मेटपुलिसयूके से हैमरस्मिथ में एक पंजाबी रेस्तरां 'रंगरेज रेस्तरां' पर हुए इस हमले का संज्ञान लेने का आग्रह करते हैं। अधिकांश सिख इस विचारधारा का पालन नहीं करते हैं और इसलिए उन्हें खालिस्तानी अलगाववादियों की ओर से परेशान किया जाता है। यूके के अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करें। " वीडियो में नकाबपोश लोगों के एक समूह को रेस्तरां की खिड़कियों पर पीटते और लोगों से बाहर आने और उनका सामना करने के लिए कहते हुए देखा जा सकता है। रेस्टोरेंट के बाहर एक नकाबपोश शख्स वीडियो बनाता हुआ देखा जा सकता है, जो धमकी दे रहा है और रेस्टोरेंट में मौजूद लोगों से पूछ रहा है कि क्या वे डरे हुए हैं। रेस्टोरेंट के मालिक हरमन सिंह कपूर ने अपने ट्वीट में मेट पुलिस और मेट पुलिस हिंदू एसोसिएशन को हरी झंडी दिखाते हुए लिखाः इन गुंडों को लगता है कि हम असली सिख पीछे हट जाएंगे लेकिन मेरे भोजनालय पर हमला करना सरासर कायरता है। एक असली सिख हिंसा में विश्वास नहीं करता"एक असली सिख हिंसा में विश्वास नहीं करता है, यह सिखों का तरीका नहीं है। हम तलवार तभी उठाते हैं जब जरूरत होती है, जब जरूरत नहीं होती है तब नहीं! मैं अपने सिख भाइयों से इस हिंसा को रोकने के लिए विनती करता हूं या मुझे कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। " यह हमला कुछ खालिस्तान समर्थक समूहों की ओर से कथित रूप से लंदन में भारतीय उच्चायोग में तिरंगा नीचे उतारने के बाद हुआ है। भारत ने अपना कड़ा विरोध जताने के लिए ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया था। विडियो जारी कर खलिस्तानियों को जवाबविदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, "यह उम्मीद की जा रही है कि यूके सरकार आज की घटना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। " रेस्तरां की सह मालिक खुशी कौर कपूर ने दो वीडियो ट्वीट कर खलिस्तानियों पर निशाना साधा। एक में उन्होंने कहा कि जो लोग खलिस्तान की मांग कर रहे हैं वो जान लें कि गुरु गोविंद सिंह पटना बिहार से थे। उन्होंने कहा कि कुछ भाइयों का दिमाग घुटने में हैं। उनके इस वीडियो पर लोगों ने अपशब्द कहे तो उन्होंने आगे कहा, 'मैं माफी चाहती हूं, कि मैंने कहा कि दिमाग घुटने में है। दरअसल इन लोगों का दिमाग ही नहीं है। '(एजेंसी इनपुट के साथ)
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मास्लो दो बड़े के रचनाकारों में से एक हैमनोविज्ञान में दिशानिर्देशः मानवतावादी और पारस्परिक विश्लेषण उनका मानना था कि व्यक्तित्व के सिद्धांत को न केवल व्यक्ति के व्यवहार को ध्यान में रखना चाहिए, बल्कि वह ऊंचाई भी जो प्रत्येक व्यक्ति प्राप्त कर सकता है। मास्लो की जरूरतों को सीधे प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक और व्यक्तिगत उपलब्धियों से संबंधित है, जैसे प्यार, रहस्यवाद, रचनात्मकता और परार्थवाद। निर्धारित करने के लिए कि किसी व्यक्ति की क्या जरूरत है, इब्राहीम ने प्रेरणाओं और ज़रूरतों के विश्लेषण को व्यवस्थित किया है मास्लो पिरामिड एक व्यक्ति की जरूरत है, महत्व के अनुसार वितरित किया गया। पिरामिड का आधार मूलभूत आवश्यकताओं हैमानवः पानी, भोजन, यौन संतोष और अन्य शारीरिक जरूरतों में यदि किसी कारण से शारीरिक शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता है, तो वह पिरामिड के पदानुक्रम में उच्चतम स्तर तक नहीं जाएंगे। जब कोई व्यक्ति बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के बारे में सोचना बंद कर देता है, तो वह अन्य जरूरतों को पूरा करने के बारे में सोचने में सक्षम है। अगले कदम सुरक्षा की आवश्यकता है किसी व्यक्ति को योजनाओं, सपने और काम को बनाने और कार्यान्वित करने के लिए सुरक्षित महसूस करना चाहिए। यदि सुरक्षा की आवश्यकता संतुष्ट नहीं है, तो एक व्यक्ति अपनी जिंदगी को सुरक्षित बनाने के लिए सब कुछ, उपवास और प्यास को भी अनदेखा करेगा। मास्लो की जरूरतों के पदानुक्रम के सिद्धांत यह है कि जब दो बुनियादी कदम संतुष्ट होते हैं, तो एक व्यक्ति पिरामिड के तीसरे और चौथे चरण में जाता है, जो मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के क्षेत्र में है। मास्लोव के अनुसार मनोवैज्ञानिक आवश्यकताएं,जब हम पूर्ण होते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं तो सार्थक बन जाते हैं। तभी तो व्यक्ति को प्यार और सम्मान की इच्छा महसूस होती है इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, विभिन्न समुदायों और प्रणालियां बनाई गई हैं, जिसमें एक व्यक्ति सम्मान प्राप्त करने का प्रयास करता है, सामूहिक या समूह का एक महत्वपूर्ण सदस्य बन जाता है। अगले चरण की आवश्यकता हैमान्यता दी। किसी व्यक्ति का सम्मान करना और समुदाय के लिए उसका मूल्य पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर इन मानव की जरूरतें संतुष्ट नहीं हैं, तो वह सामाजिक महत्व को प्राप्त करने के लिए सभी प्रकार के तरीकों की तलाश कर रही है, कभी-कभी बुनियादी जरूरतों को भूलकर। जब सभी निचले-स्तर की आवश्यकता होती है (मस्लो के अनुसार)संतुष्ट हैं, एक व्यक्ति दुनिया में अपने महत्व के बारे में सोचना शुरू कर देता है दुनिया, परिवार, आदि के लिए वास्तव में उपयोगी होने के लिए अपने कौशल और ज्ञान को बेहतर बनाने और सुधारने की एक आकांक्षा है। आत्म-वास्तविकता एक व्यक्ति अपने व्यवसाय को करने का प्रयास करता है, जिसके लिए वह बनाया गया था। यदि कोई व्यक्ति उच्चतम स्तर की जरूरतों तक पहुंच गया है, तो सभी पूर्वजों को संतुष्ट कर दिया है, वह खुश नहीं होगा यदि वह वह पसंद नहीं करता जो वह पसंद करता है।
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मानसी-खगड़िया रेलखंड पर शनिवार को रेल पटरी टूटने से समस्तीपुर से सहरसा जा रही 55566 डाउन पैसेन्जर ट्रेन बाल-बाल बची. पटरी से गुजर रहे अरैया गांव के नरेश पासवान की आकस्मित नजर टूटी पटरी पर पड़ी. इसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी. स्थानीय ग्रामीण मनीष कुमार पासवान, उमेश पासवान, मोनू पासवान आदि ने दौड़कर निकट के पांच किलोमीटर दूर स्थित रेलवे ढाला के गेटमैन को दी. गेटमैन ने लाल झंडा लगाकर पैसेंजर ट्रेन को केबिन ढाला पर ही रूकवा दिया. इसके बाद सूचना पर पहुंचे गैंगमैन ने टूटी पटरी में जुगल प्लेट लगाया तब जाकर ट्रेन को लगभग आधा घंटा के बाद मानसी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया गया. ट्रेन रुकने से यात्री खासा परेशान रहे. आधा घंटा के बाद ट्रेन खुलने के बाद यात्रियों ने राहत महसूस की. ट्रेन के इंतजार में मानसी रेलवे स्टेशन में भी उदघोषणा के बहुत ज्यादा देर बाद तक ट्रेन नहीं आने से यात्रियों को परेशान देखा गया. खगड़िया पीडब्ल्यूआई ने बताया कि टूटी पटरी को दुरुस्त कर रेल लाइन पर परिचालन सामान्य कर दिया गया है. खगड़िया स्टेशन अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि कॉशन पर वैसे मानसी- खगड़िया रेलखंड के डाउन लाइन पर ट्रेन परिचालन कराया जा रहा है.
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'सेक्रेड गेम्स' में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की सहकलाकार रही कुब्ब्रा सेट नवाज़ुद्दीन पर मी टू के तहत इल्जाम लगाए जाने पर उनके बचाव में सामने आई हैं। नवाज़ुद्दीन पर इल्जाम लगाएं हैं निहारिका ने। निहारिका 2009 में 'मिस लवली' में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की सह-कलाकार रहीं हैं। निहारिका की कहानी पत्रकार संध्या मेनन ने अपने ट्विटर अकाउंट के ज़रिये बताई है। इस पोस्ट में निहारिका द्वारा बताया गया है कि," नवाज़ुद्दीन और मैं फ़िल्म निर्माण के दौरान करीब आ गए थे। वह मुझे वास्तविक और बहुत फ़िल्मी लगे इसलिए मैं उनसे बातें करने लगी। एक दिन मैंने उन्हें नाश्ते पर बुलाया था और उन्होंने मुझे पीछे से जकड़ लिया। Niharika and other women accused Siddiqui of making up lies in his autobiography, due to which he withdrew the book. निहारिका के अनुसार दोनों ने डेट करना शुरू कर दिया था पर नवाज़ुद्दीन के बार-बार झूठ बोलने की वजह से निहारिका ने उनके साथ अपना रिश्ता ख़त्म कर लिया। मॉडल रह चुकी निहारिका ने नवाज़ुद्दीन को यौन स्तंभित पुरुष भी कहा। नवाज़ुद्दीन के बचाव में कुब्रा ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को मीटू और एक ख़राब रिश्ते में भ्रमित नहीं होना चाहिए। कुब्रा ने इस पोस्ट में लिखा है कि ,"एक रिश्ता ख़राब हुआ था न कि यह कोई मीटू की कहानी है। लोगों को किसी का भी पक्ष लेने से पहले इन दोनों के अंतर को समझ लेना चाहिए। A relationship gone sour, isn't #MeToo someone needs to recognise the toxic difference before we go picking sides. I stand by #NawazuddinSiddiqui or #Nowaz as a man. I stand by the fact that although Niharika Singh may have had a tough time in the industry, categorising her once personal relationship as a #MeToo statement is incorrectly placed. We as humans are flawed. That isn't gender specific. मैं नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की तरफ हूँ। मैं यह मानती हूँ कि निहारिका सिंह को भले ही फ़िल्म जगत में बुरा समय देखना पड़ा होगा पर पर एक निजी सम्बन्ध को मीटू के वर्ग में ला रहीं हैं। एक इंसान के रूप में हम सबमें कमियाँ होती हैं पर ऐसा नहीं है कि वह बस एक ही लिंग में हो। नवाज़ुद्दीन का इस बात पर कोई भी बयान आना बाकी है। पिछले साल निहारिका और सुनीता रजवार ने नवाज़ुद्दीन को शोषक और औरतों का अपमान करने वाला कहा था।
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नई दिल्लीः किसी भी फिल्म में जहां कानूनी लड़ाई का ड्रामा चल रहा होगा, आमतौर पर वकील स्क्रीन पर पूरा समय हथिया लेते हैं. उनकी शानदार डायलॉग डिलिवरी पर लोग खूब तालियां पीटते हैं और उनके फैन हो जाते हैं. लेकिन जब से अदालतों ने अपनी कार्यवाही को लाइवस्ट्रीम करना शुरू किया है, यह माहौल कुछ बदला-बदला सा है. अब जज शो के सितारे बन गए हैं. उनकी तीखी टिप्पणी से लेकर उनकी डायलॉग डिलीवरी और हास्य-व्यंग्य तक, सब दर्शकों को खूब लुभा रहा है. अब चाहे एक घंटे का YouTube वीडियो हो या इंस्टा पर स्नैक-आकार का स्निपेट, सबमें वाहवाही पाने वाले जज ही हैं. जजों के फैसले या फिर उनकी टिप्पणियों में ऐसा क्या है कि लोग उन्हें खासा पसंद कर रहे हैं? शायद उनकी दार्शनिक अंदाज में जीवन जीने की दी गई सलाह या फिर कड़ी फटकार. या फिर कहे कि दोनों के बीच टॉस-अप चलता रहता है. 'प्यार खो गया है. भावनाएं मर गई हैं. उनके बीच प्यार कहां है? लगाव कहां है? ' एक तलाक की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जज रोहित आर्य मामले को कुछ इस तरह से देखते हैं. वह एक रोती हुई पत्नी को ढांढस बढ़ाते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ने और तलाक को कलंक के रूप में नहीं देखने की सलाह देते हैं. हाल ही में YouTube पर कोर्टरूम के इस वीडियो को पोस्ट किया गया था. अलग हुए जोड़े को एक 'अभिभावक' की तरह सलाह देने को आर्य की यूएसपी बनाते हुए पोस्ट किया गया था. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. 22 मई को यूट्यूब पर 'आईएएस वॉर्न्ड फॉर हिज ड्रेस बाय पटना हाई कोर्ट जज' शीर्षक वाले इस वीडियो को 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. एक अन्य वीडियो में गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार बच्चे की कस्टडी के मामले की सुनवाई के दौरान कई तरह की भावनाओं को सामने लाते हैं. वह पिता की तरफ से पैरवी कर रहे वकील से कहते हैं 'आप बच्चों की कस्टडी चाहते हैं? पहले पैसे दो... यह सब रोकड़ा से ही हो पाएगा न. ' वकील सकपकाते हुए थोड़ा सा मुस्कुराने लगता है. अपनी इस तीखी टिप्पणी के बाद फिर जज अपनी बातचीत में थोड़ा नर्म होते हुए दिखते हैं. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उस समय पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं, पिछले महीने तीन कार्यवाही को लाइवस्ट्रीम किया गया. 27 सितंबर को शाम 5 बजे तक, 7 लाख से ज्यादा दर्शकों ने सुनवाई देखने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के यूट्यूब वेबकास्ट पर लॉग इन किया था. इन वीडियोज ने देश के उच्च न्यायालयों की कार्यवाही को पसंद करने वाले दर्शकों की भूख को बढ़ा दिया है. कम से कम आठ उच्च न्यायालयों के पास लाइवस्ट्रीम कार्यवाही के लिए अपने स्वयं के YouTube चैनल हैं. गुजरात उच्च न्यायालय ने दो साल पहले अक्टूबर 2020 में इसकी पहल की थी. तब से यह साफ हो गया है कि लोग अदालती कार्यवाही को देखने में रुचि रखते हैं. खासकर तब, जब इनमें जनहित के मामलों को शामिल किया जाए. उदाहरण के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय की विवादास्पद हिजाब प्रतिबंध मामले की सुनवाई उसके YouTube चैनल पर सबसे अधिक बार देखी गई. उनमें से दो को 7 लाख से ज्यादा बार देखा गया है (यहां और यहां देखें) और दूसरे को 4 लाख से ज्यादा व्यूअर मिले हैं. कुल मिलाकर उच्च न्यायालय के लाइवस्ट्रीम और रिकॉर्डिंग ने न सिर्फ न्यायिक प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने में योगदान दिया है, बल्कि YouTube, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों पर भी इसे लोकप्रिय बना दिया है. उन्होंने कुछ जजों को सही मायने में सेलिब्रटीज बना दिया है. अपनी तीखी टिप्पणियों के कारण सफेद और काले बालों वाले एमपी उच्च न्यायालय के रोहित आर्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सबसे लोकप्रिय न्यायाधीशों में से एक हैं. उनकी कुछ वीडियो को तो 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. उनमें से एक वीडियो में वह एक वकील को इस आधार पर जमानत की मांग करने के लिए चुनौती देते हुए नजर आते हैं कि उनकी पत्नी जल्द ही एक बच्चे को जन्म देने वाली है. आर्य वीडियो में पूछते हैं, 'कितनी बार बीवी की डिलीवरी करवाओगे? ' क्योंकि जमानत को जायज ठहराने के लिए उनके सामने पहले भी यही कारण पेश किया गया था. कई अदालती वीडियो में की गई टिप्पणियों में दर्शक जजों की समझ और उन्हें मिले अधिकारों से काफी प्रभावित रहते हैं. कुछ को वकीलों और गवाहों के साथ उनके बातचीत करने का अंदाज पसंद आता है तो कुछ सिस्टम के सही ढंग से काम करने की 'उम्मीद' से प्रभावित हो जाते हैं. पटना हाईकोर्ट के 5 जून के वीडियो में जस्टिस आशुतोष कुमार जमानत अर्जी में एक वकील को उसकी 'आधी-अधूरी तैयारी' के लिए फटकार लगाते हैं, लेकिन फिर भी उसे मंजूर कर लेते हैं. गुजरात उच्च न्यायालय के पहले अपलोड वीडियो को 12 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और उसे 1,000 से ज्यादा कमेंट मिले हैं. इनमें से अधिकतर कमेंट आम जनता की तरफ से किए गए हैं. कुछ अदालती शिल्प की सुंदरता और उच्च न्यायालय की पहल की सराहना करते हैं. तो वहीं कुछ दर्शक बताते हैं कि उन्होंने वास्तविक अदालती कार्यवाही को पहली बार देखा हैं और फिर वे फिल्मों में अदालती कार्यवाही के साथ इसकी तुलना करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने चार साल पहले 2018 में स्वप्निल त्रिपाठी के फैसले में अदालती कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग को अधिकृत किया था. इस फैसले में जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने प्रसिद्ध टिप्पणी की थी कि "सिस्टम में पारदर्शिता भ्रष्टाचार को रोकती है' यानी जब लोगों को पता होता है कि उन पर नजर रखी जा रही है तो वह ठीक ठंग से अपना काम करते हैं. वह अब सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के प्रमुख हैं. हालांकि इस तरह की पहली पहल अक्टूबर 2020 में हुई, जब गुजरात उच्च न्यायालय अपनी सुनवाई को लाइवस्ट्रीम करने वाला देश का पहला बन कोर्ट बना था. इसके YouTube चैनल वीडियो पर 1. 5 करोड़ से से ज्यादा व्यू हैं और चैनल के 1. 11 लाख सब्सक्राइबर हैं. पिछले साल जून में जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति ने सभी हितधारकों से सुझाव और इनपुट आमंत्रित करते हुए, अदालती कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए मसौदा मॉडल नियम जारी किए थे. 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार अपनी कार्यवाही को लाइवस्ट्रीम किया. भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमण की औपचारिक पीठ की कार्यवाही का उनके कार्यालय में अंतिम दिन लाइवस्ट्रीम किया गया था. उच्च न्यायालय की कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग ने न्यायाधीशों और वकीलों के बीच हुई बहस की क्लिप को YouTube पर डालकर उन्हें चैनलों के समानांतर फलने फूलने का मौका दिया है. ऐसा ही एक चैनल लॉ चक्र ने पांच महीने पहले ही वीडियो अपलोड करना शुरू किया था, लेकिन पहले से ही इसके 74. 8 हजार सब्सक्राइबर हैं. चैनल के पास 140 से ज्यादा वीडियो हैं और उनमें से लगभग सभी अदालती सुनवाई या न्यायाधीशों के भाषणों के अंश हैं. एक अन्य कोर्ट रूम चैनल इस साल 30 जून को लॉन्च किया गया था. अदालती सुनवाई के 170 से ज्यादा वीडियो के साथ यह पहले ही बार में 126 हजार सबसक्राइबर बनाने में कामयाब रहा है. चैनल के विवरण में कहा गया है कि वह लोगों के लिए खुद को पारदर्शी बनाने के अदालतों के प्रयासों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है. इसी तरह का एक और कोर्ट रूम लाइव चैनल है. यह 30 जून को 'कानूनी इंटर्न और आम भारतीय जनता को वास्तविक कोर्ट रूम लाइव वीडियो के जरिए कानूनी कार्यवाही के बारे में शिक्षित करने' के इरादे से शुरू हुआ है. सुनवाई के क्लिप्स ने इसे इंस्टाग्राम पर कई मीम पेजों और कानूनी शिक्षा देने पर फोकस करने वाले अन्य YouTube चैनलों पर जगह दी है. सभी लीगल प्रोफेशनल्स कोर्ट रूम लाइवस्ट्रीमिंग के फायदों पर सहमती नहीं जताते हैं. लेकिन कुछ इसके प्रबल समर्थक हैं. जबकि कुछ का मानना है कि इसका दूसरा पहलू भी है. वरिष्ठ अधिवक्ता के. टी. एस. तुलसी के लिए लाइवस्ट्रीमिंग का मतलब 'न्याय को लोगों के करीब लाना' और 'सच्चाई' को पर्दे पर रखने जैसा है. वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा को इसे लेकर कुछ आपत्तियां हैं. हालांकि उनका यह भी मानना है कि लाइवस्ट्रीमिंग से 'भारतीय न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने और जवाबदेही को मजबूत करने' में मदद मिलेगी. लूथरा के अनुसार, लाइवस्ट्रीमिंग का संभावित रूप से 'न्याय प्रशासन के समग्र वितरण पर' प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने समझाया, 'उदाहरण के लिए बार और बेंच के बीच कभी-कभी हल्का-फुल्का वाद-विवाद हो सकता है. जरूरी नहीं है कि उसे रिकॉर्ड किया जाए और उसे एक मामला बनाते हुए लोगों के सामने पेश किया जाए. या फिर गलत तरीके से रिपोर्ट किया जाए. हाल ही में जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की टिप्पणी को ले. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा किसी मामले की सुनवाई के दौरान कही गई कोई बात को आप आदेश नहीं मान सकते हैं. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है. (इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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की ओर नहीं, कुछ करना सिखाती है, श्रालय में पड़े-पड़े जीवन व्य तीत करना नहीं । जीवन में यह उपयोगिता जाना चाहती है केवल सौंदर्य और वह भी वासनामय सौंदर्य मात्र नहीं । श्राज का युग इस प्रकार की कला के उत्थान में प्रयत्नशील है और याज के कलाकार जीवन के इस उपयोगितावादी मर्म को भली प्रकार समझ चुके हैं। वह व्यर्थ की झूठी प्रयोजन विहीन कलात्मकता में फंसे रह कर अपनी कल्पनाशील, चिंतन-शील, अनुभव-शील, भावना-शील मनोवृत्तियों को कु ठित करना नहीं चाहते, वह चाहते हैं उपयोगिता के साथ एक प्रगति और इस मार्ग में उन्हें सफलता भी कम नहीं मिल रही है । हिन्दी के वर्तमान लेखक इस प्रकार का साहित्य सृजन करने में बहुत प्रयत्नशील हैं । समय-समय पर कला के पुजारियों ने कला के अपने अपने विचारों के आधार पर अर्थ लगा कर कला की परिभाषायें निर्धारित की हैं वह कहते हैं--- कला-कला के लिये है । कला-जीवन के लिये है । कला-उपयोगिता के लिये है । कला-जीवन की वास्तविकता से पलायन के लिये है कला-सेवा के लिये है। कला-आत्मानंद का दूसरा नाम कला-आत्माभिव्यक्ति के लिये है । कला- विनोद और विश्राम के लिये है । कला में सृजनात्मकता होती यावश्यक हम कक्षा में इन सभी गुणों को देख कर प्रसन्न हो सकते हैं यदि उसमें उपयोगिता का अभाव न हो क्योंकि उपयोगिता कला का प्रधान गुण होना चाहिये ।
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Meerut। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर समेत मेरठ की सभी निर्माणी एजेंसियों को गाइडलाइन जारी की है। सीपीसीबी ने एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी समेत विभिन्न निर्माणी संस्थाओं को फिलहाल हाइवे निर्माण पर रोक के निर्देश दिए हैं। बोर्ड का मानना है कि बलूचिस्तान-राजस्थान से आ रही धुंध से प्रदूषण में रिकार्ड वृद्धि हो रही है। ऐसे में कोई भी ऐसी गतिविधियां न की जाएं, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़े। कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार ने बताया कि धूल भरी हवाओं से प्रदूषण के स्तर में रिकार्ड इजाफा हो रहा है। मेरठ मंडल के सभी जनपद के डीएम को सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुपालन के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीपीसीबी के ग्रीडिंग रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के लिए गठित टास्क फोर्स की एक आकस्मिक बैठक बीती 13 जून को दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक में यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आदि निर्माणी एजेंसियों ने एक साथ बैठक की। बैठक में सीपीसीबी ने मौसम विभाग के अनुमान को दोहराते हुए कहा कि आने वाले 3 दिनों तक आसमान में धुंध छाई रहेगी। ऐसे में डस्ट के कारण पीएम 10 के लेवल में रिकार्ड इजाफा हो रहा है। जिसके बाद बैठक में निर्णय लिया गया कि फिलहाल वे सभी कार्य बंद कर दिए जाएं, जो डस्ट और पॉल्यूशन को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि मेरठ में गुरुवार को बुधवार की अपेक्षा पीएम 10 के लेवल में गिरावट दर्ज की गई। सभी स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट पर रोक। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे, मेरठ-बुलंदशहर एक्सप्रेस-वे चौड़ीकरण समेत ऐसी सभी सड़कों के निर्माण पर फिलहाल रोक। जिन साइट्स पर निर्माण कार्य होगा, उन पर डस्ट कंट्रोल करनी होगी। शहर में बड़े निर्माण कार्यो पर रोक। बिल्डिंग मैटेरियल के आवागमन और बल्क में प्रयोग पर रोक। सड़कों पर पानी का छिड़काव और मशीन से सफाई कराई जाए, जिससे धूल न उठने पाए।
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ई) प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों द्वारा इसकी घोषणा कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत उनके विरुद्ध किसी अपराध सहित कोई आपराधिक मामले नहीं हैं; और एफ) प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों पर बैंकर की रिपोर्ट । (ii) इस संबंध में आवेदन महाप्रबंधक, विनियमन एवं पर्यवेक्षण विभाग, राष्ट्रीय आवास बैंक, नई दिल्ली को भेजा जाए। नियंत्रण/प्रबंधन में परिवर्तन के बारे में पूर्व सार्वजनिक नोटिस की आवश्यकता (i) स्वामित्व का विक्रय अथवा हस्तांतरण, जो शेयरों के विक्रय, अथवा नियंत्रण के हस्तांतरण, चाहे वो शेयरों के विक्रय के साथ या उसके बगैर हो, के द्वारा प्रभावित करने से पहले कम से कम 30 दिनों की सार्वजनिक सूचना दी जाएगी। इस तरह के सार्वजनिक नोटिस राष्ट्रीय आवास बैंक की पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद ही, एचएफसी द्वारा और भी अन्य पक्षों द्वारा या संयुक्त रूप से संबंधित पक्षों द्वारा दी जाएगी । (ii) इस सार्वजनिक सूचना में स्वामित्व / नियंत्रण को बेचने अथवा हस्तांतरण के इरादे के साथ हस्तांतरिती के विवरण और स्वामित्व/नियंत्रण के ऐसे विक्रय अथवा हस्तांतरण के कारणों को बताया जाएगा। इस सूचना को कम से कम एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार-पत्र और एक प्रमुख स्थानीय समाचार पत्र (जिसमें पंजीकृत कार्यालय का स्थान आता हो) में छापा जाएगा। अन्य कानूनों के आवेदन वर्जित नहीं इन निर्देशों के प्रावधान उस समय प्रचलित किसी अन्य कानूनों, नियमों, विनियमनों अथवा निर्देशों के प्रावधानों के अल्पीकरण में न होकर, के अतिरिक्त होगा। सार्वजनिक जमाओं को स्वीकार करने के लिए वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) रखने वाली आ.वि.कं. के अधिग्रहण अथवा नियंत्रण के हस्तांतरण के मामलों में सार्वजनिक जमाओं को स्वीकार करने की अनुमति यह स्पष्ट किया जा सकता है कि सार्वजनिक जमाओं को स्वीकार करने के लिए वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) रखने वाली आ.वि.कं. के अधिग्रहण अथवा नियंत्रण के हस्तांतरण के मामलों में राष्ट्रीय आवास बैंक के पास सार्वजनिक जमाओं को स्वीकार करने की अनुमति देने की समीक्षा का अधिकार सुरक्षित है। निरस्त और बचाव आवास वित्त कंपनी (रा.आ. बैंक) निर्देश, 2010 के अनुच्छेद 19 के अंतर्गत समाविष्ट प्रावधान इन निर्देशों के द्वारा निरस्त होंगे. ऐसे निरस्त के ए) ऐसी कोई कार्रवाई जिसे, निरस्त निर्देशों के तहत शुरू किया गया हो अथवा प्रारम्भ किया गया हो, वह उक्त निर्देशों के प्रावधानों के द्वारा ही शासित होगी। बी) राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा जारी अन्य अधिसूचनाओं का कोई भी उद्धरण जिसमें उपरोक्त निरस्त निर्देशों का कोई संदर्भ समाविष्ट हो, का तात्पर्य निरस्त की तिथि के पश्चात इन निर्देशों के संदर्भ से होगा, अर्थात् आवास वित्त कंपनी अधिग्रहण अथवा नियंत्रण के हस्तांतरण की अनुमति (राष्ट्रीय आवास बैंक) निर्देश, 2016. राष्ट्रीय आवास बैंक, यदि किसी कठिनाई को दूर करने या किसी अन्य उचित और पर्याप्त कारण के लिए वह यह आवश्यक समझता है तो राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा यथा अधिरोपित ऐसी शर्तों के अध्यधीन या तो सामान्य रूप से या किसी विनिर्दिष्ट अवधि के लिए इन निर्देशों के सभी या किन्हीं प्रावधानों का अनुपालन करने या उससे छूट देने के लिए किसी आवास वित्त कंपनी/कंपनियों के वर्ग को समयावधि बढ़ाने की मंजूरी दे सकता है। इन निर्देशों के प्रावधानों को प्रभावी करने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय आवास बैंक, यदि आवश्यक समझे, इसके अंतर्गत आने वाले किसी भी मामले में अपेक्षित स्पष्टीकरण जारी कर सकता है और राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा इन निर्देशों के किसी भी प्रावधान की नई व्याख्या अंतिम होगी और सभी पक्षों पर बाध्य होगी। श्रीराम कल्याणरामन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी
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एसपी ग्रामीण अतुल सोनकर के नेतृत्व में पतरंगा थाना प्रभारी विवेक सिंह और एसओजी की टीम जांच में जुटी थी. जांच के आधार पर टीम ने गांव के ही रहने वाले सुरेंद्र रावत और उसके साथी बबलू को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपने गुनाह कबूल किया. उत्तर प्रदेश के अयोध्या छह साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले में ताऊ और सके साथी को गिरफ्तार किया गया है. रेप के बाद आरोपियों ने बच्ची की लाश को तालाब में बोरी में डालकर फेंक दिया था. पुलिस ने इस मामले में खुलासा करते हुए दोनों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है दोनों ने छह साल की बच्ची को किडनैप किया था और उसके बाद दोनों ने मिलकर बच्ची के साथ गैंगरेप किया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि ताऊ ने अपने दोस्त के साथ बच्ची को किडनैप किया और उसके बाद दोनों ने गैंगरेप किया. उसके बाद पकड़े जाने के डर से दोनों ने उसकी हत्या कर दी. दोनों आरोपियों ने शव को बोरी में डालकर पहले गन्ने के खेत में छिपा दिया था और कुछ दिन बाद बोरी को तालाब में फेंक दिया. जबकि 30 नवंबर को बच्ची की हत्या का मामला तब सामने आया जब शव तालाब उतरते हुए देखा गया. वहीं जिले के एसएसपी शैलेश पांडेय ने घटना के रहस्य का पर्दाफाश करते हुए कहा कि 22 नवंबर को बच्ची लापता हो गई थी और इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. रिश्तेदारों की सूचना पर पतरंगा पुलिस ने किडनैप का मामला दर्ज कर बच्ची की तलाश कर रही थी. इसी बीच 30 नवंबर को तालाब के अंदर बोरी में बच्ची का शव मिला और शव की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई. एसपी ग्रामीण अतुल सोनकर के नेतृत्व में पतरंगा थाना प्रभारी विवेक सिंह और एसओजी की टीम जांच में जुटी थी. जांच के आधार पर टीम ने गांव के ही रहने वाले सुरेंद्र रावत और उसके साथी बबलू को गिरफ्तार किया और सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपने गुनाह कबूल किया. दोनों बताया कि उन्होंने किडनैप के बाद बच्ची के साथ रेप किया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी. दोनों ने कुछ दिनों तक शव को बोरी में रखकर गन्ने के खेत में झाड़ियों के बीच छिपाकर रखा था और बाद में शव को बोरी में भरकर तालाब में फेंक दिया. बच्ची के साथ गैंगरेप और उसके बाद हत्या के मामले में एसएसपी ने आरोपियों को कठोर सजा देने के लिए दस दिन में जांच पूरी करने का निर्देश दिया. ताकि जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल की जा सके और दोषियों को सजा मिल सके.
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लोहरदगा नगर पर्षद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 19 में 21 जुलाई को अन्य कोविड-19 के पाजिटिव केस पाये जाने की सूचना ईओ द्वारा दी गयी है। आनंद अग्रवाल के दुकान से नीरज कुमार के घर तक के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 के पॉजिटिव केस पाये गए हैं। अतः ऐसी स्थिति में उक्त क्षेत्र में प्रभावी कान्टैक्ट ट्रेसिंग व इस क्षेत्र में आम लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित करने के लिए पूर्व में घोषित कंटेन्मेंट व बफर जोन का क्षेत्र विस्तार करना आवश्यक है। डीसी दिलीप कुमार टोप्पो ने वृहद जनहित व कोविड-19 महामारी के फैलाव के रोकने के लिए आदेश जारी किए हैं। जिसमें ईस्ट गोला रोड वार्ड संख्या 19-आनंद अग्रवाल के दुकान से नीरज कुमार के घर तक कन्टेन्मेंट जोन होगा। ईस्ट गोला रोड वार्ड नम्बर 19-सुनील अग्रवाल के घर से मुरारी अग्रवाल के घर तक कंटेन्मेंट जोन होगा। पीटर इंग्लैंड शो रूम से उदय अग्रवाल के घर तक बफर जोन होगा। महावीर चौक (हनुमान मंदिर) से बरवा टोली चौक तक ( राईकल बुक स्टोर) तक बफर जोन होगा। एमओआईसी, लोहरदगा के द्वारा कन्टेंन्मेंट जोन में रह रहे लोगों को होम-इंस्टीट्यूशनल कोरंटाइन करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। इस दौरान लक्षण, सम्पर्क एवं यात्रा इतिहास को संज्ञान में रखा जायेगा। बफर जोन में आवश्यक सामग्रियों से संबंधित किराना दुकान सुबह सात बजे से संध्या सात बजे तक खुले रखे जा सकेंगे।
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बिग बॉस 15 (Bigg Boss 15 Grand Finale) का ग्रैंड फिनाले कई चीजों के लिए याद रखा जाएगा। इस बार शो में अब तक के कई विनर्स ने जहां परफॉर्मेंस दी, वहीं सीजन 15 का ग्रैंड फिनाले तीन हिस्सों में पूरा किया गया। बिग बॉस के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इसका फिनाले एपिसोड तीन हिस्सों में टेलीकास्ट किया गया। मुंबई। बिग बॉस 15 (Bigg Boss 15 Grand Finale) का ग्रैंड फिनाले कई चीजों के लिए याद रखा जाएगा। इस बार शो में अब तक के कई विनर्स ने जहां परफॉर्मेंस दी, वहीं सीजन 15 का ग्रैंड फिनाले तीन हिस्सों में पूरा किया गया। बिग बॉस के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इसका फिनाले एपिसोड तीन हिस्सों में टेलीकास्ट किया गया। फिनाले की शुरुआत शनिवार 29 जनवरी से ही हो गई थी। इसके बाद रविवार 30 जनवरी को 8 बजे से शो शुरू हुआ लेकिन डेढ़ घंटे के बाद इसमें बड़ा-सा ब्रेक लेना पड़ गया। बता दें कि इससे पहले टॉप-4 में तेजस्वी प्रकाश, करण कुंद्रा, शमिता शेट्टी और प्रतीक सहजपाल सेफ हो चुके हैं। आखिर क्यों लेना पड़ा लंबा ब्रेक : बिग बॉस सीजन 15 के ग्रैंड फिनाले में करीब डेढ़ घंटे का ब्रेक लिया गया है। साढ़े 9 बजे से टीवी शो 'हुनरबाज' के चलते ब्रेक लिया गया है। अब शो दोबारा डेढ़ घंटे बाद यानी 11 के आसपास शुरू होगा। इससे पहले दीपिका पादुकोण, अनन्या पांडे और सिद्धांत चतुर्वेदी ने अपनी अपकमिंग फिल्म 'गहराइयां' का प्रमोशन किया। अनन्या पांडे ने सलमान खान (Salman Khan) के साथ 'मैं तेरा तोता' गाने पर डांस किया। यह गाना उनके पापा चंकी पांडे की ही फिल्म का है। 10 लाख लेकर शो से बाहर हुए निशांत भट्ट : बिग बॉस (Bigg Boss) के एक्स विनर ने घर में एंट्री करते ही टॉप 5 कंटेस्टेंट्स को 10 लाख रुपए का ऑफर दिया। इस दौरान बताया गया कि ये पैसा लेकर वो चाहें तो विनर की रेस से बाहर हो सकते हैं। इसके बाद निशांत भट्ट (Nishant Bhatt) ने 10 लाख रुपए लेने का फैसला किया और खुद को विनर की दौड़ से बाहर कर लिया। बता दें कि बिग बॉस विनर को जो भी प्राइज मनी मिलेगी उसमें से 10 लाख रुपए काट लिए जाएंगे। क्या तेजस्वी प्रकाश बनेंगी विनर? बिग बॉस के ग्रैंड फिनाले से पहले शो की एक्स विनर श्वेता तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में श्वेता फोटोग्राफर द्वारा विनर का नाम पूछे जाने पर गलती से तेजा कह देती हैं। हालांकि, इसके बाद वो फौरन बात को बदल देती हैं। हालांकि, इस वीडियो के बाद तेजस्वी के फैंस और लोग भी उन्हें ही विनर मान रहे हैं। ये भी पढ़ें :
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वीर अर्जुन संवाददाता नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से उनकी नौ मई की चीन यात्रा को तब तक के लिए रद्द करने की मांग की जब तक चीनी सैनिक लद्दाख के देपसांग घाटी से पीछे नहीं हटते। इस क्षेत्र में चीनी सैनिक एक पखवाड़े से जमे हुए हैं। मातृश्री पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, इन घटनाओं के बावजूद विदेश मंत्री चीन जा रहे हैं। मुझे दुख है लेकिन मैं विनम्रमापूर्वक कहना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री को चीन जाने से रोकें। तब तक के लिए जब तक चीन इस क्षेत्र ःलद्दाखः से पीछे नहीं हटता, चीन की कोई यात्रा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि इस क्षेत्र को आईटीबीपी के बजाए सेना को सौंप देना चाहिए। राजनाथ ने कहा, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि बिना किसी देरी किये इस क्षेत्र को सेना के हवाले किया जाए क्योंकि कोई अन्य बल इस इलाके में काम नहीं कर सकता है। यह काफी संवेदनशील मामला है और हमारे देश को बाहर से खतरे का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने चीनी घुसपै" के बावजूद खुर्शीद की चीन यात्रा को जारी रखने का निर्णय किया है। खुर्शीद की यात्रा अगले महीने चीन के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री ली क्विंग की भारत यात्रा से पहले हो रही है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चीन, भारत को सभी ओर से घेर रहा है और यह नई बात नहीं है, इस बारे में उन्होंने सरकार का ध्यान पांच वर्ष पहले ही दिलाया था। उन्होंने कहा, मैं पहला नेता था जिसने पांच. . छह वर्ष पहले चीन के ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने और धारा मोडने के विषय को उ"ाया था। मैंने इस विषय को संसद में भी उ"ाया। उन्होंने कहा, प्रधनमंत्री ने कहा कि यह गंभीर मामला है और मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे बात करूंगा। मैंने इस मामले की जांच के लिए संयुक्त समिति का सुझाव दिया लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लाहौर जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर हमले के बारे में भाजपा प्रमुख ने कहा कि अगर भारत ने पूर्व में ऐसी घटनाओं का पूरजोर विरोध किया होता तब किसी ने उस पर हमला करने की जुर्रत नहीं की होती। सिंह ने कहा, सरबजीत पर पाकिस्तान की जेल में हमला किया गया और यह निंदनीय है। यह संबंधित देश का दायित्व है कि वह अपने यहां कैदियों को सुरक्षा प्रदान करे। सरबजीत पर हमला किया गया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इसकी निंदा करता हूं। राजनाथ ने कहा, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब यह वाकया सामने आया है।
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WWE का लॉकर रूम इस समय वायरल इलनेस मिनिग्तिंस से पीड़ित है और इस बीमारी की चपेट में रोमन रेन्स आ गये हैं और इसी वजह से वे TLC में लड़ते हुए नहीं दिखाई देंगे. इस बार की TLC में असल प्लान ये था कि शील्ड का मुकाबला मिज़, शेमस, सिजारो, ब्रोन और केन से 5 - 3 हैंडीकैप मुकाबला कराया जाए पर रोमन रेन्स के बीमार पड़ने की वजह से अब कंपनी को बदलाव करने पड़े हैं. अब उनकी जगह कर्ट एंगल लेंगे जिससे शील्ड के री-यूनियन का ऑफिसियल मैच नहीं हो सकेगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ रोमन रेन्स ही इस बीमारी से जूझ रहे हैं, इसी बीमारी से ब्रे वायट, उनके भाई बो डैलस और WWE एनाउंसर जो जो भी इसी बीमार से गुजर रहे हैं. आपको बता दे कि खुद WWE ने इस बात को माना है, कि उनका लॉकर रूम में कई रेस्लर्स बीमार पड़े हैं और इसकी वजह से उन्हें अपने प्लान्स में बदलाव करने पड़ रहे हैं. WWE ने अपने रेस्लरो को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमे उन्होंने सभी रेस्लरो को सावधान रहने को कहा है. इस एडवाइजरी में कहा गया है कि रेस्लर्स अपनी सेहत का ख्याल रखे और खासकर इस बीमारी से बच कर रहे. ब्रोन भी हुए बीमार ! ऐसी खबरे निकल कर बाहर आ रही हैं कि इसी बीमारी ने अब ब्रोन स्ट्रोमैन को अपने चपेटे में ले लिया है जिसकी वजह से ब्रोन स्ट्रोमैन को भी इस TLC से बाहर होना पड़ सकता है. खबर में कहा गया है, कि ब्रोन स्ट्रोमैन को प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है और उम्मीद जताई जा रही है, कि वे इस मैच में हिस्सा ले सके, हालांकि अभी WWE का इस खबर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को यानी आज महाराष्ट्र के पुणे में एक रैली की, उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए बताया की किन कारणों के चलते राज ठाकरे को अपना 5 जून का अयोध्या दौरा रद्द करना पड़ा। मनसे प्रमुख ने कहा कि "दो दिन पहले, मैंने अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित करने के बारे में ट्वीट किया था। मैंने जानबूझकर यह ट्वीट किया कि मेरे दौरे को लेकर सभी अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। जो लोग मेरी अयोध्या यात्रा के खिलाफ थे, वे मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे थे। मैंने इस विवाद में नहीं पड़ने का फैसला किया। " साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के समान नागिरक संहिता का समर्थन करते हुए उसे जल्द देश में लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा मैं पीएम से मांग करता हूं कि वह जल्द देश में समान नागिरक संहिता लागू करें और जनसंख्या नियंत्रण पर भी कानून बनाएं। इसके साथ ही राज ठाकरे ने पीएम मोदी से महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने का भी अनुरोध किया है। इसके अलावा उन्होंने राणा दंपति पर तीखा हमला किया और उनके हिंदुत्व को "नकली" बताया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार और निर्दलीय विधायकों नवनीत राणा और रवि राणा के बीच तनाव को एक नाटक करार दिया। राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि राणा दंपति कुछ दिनों पहले तक शिवसेना नेता संजय राउत के साथ लड़ रहे थे, लेकिन लद्दाख में इन सभी ने एक साथ खाना खाया है। उन्होंने कहा, "क्या मातोश्री एक मस्जिद है? राणा दंपत्ति को वहां जाकर हनुमान चालीसा का पाठ क्यों करना पड़ा? राणा दंपत्ति और उनका हिंदुत्व नकली है। " महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी जमकर निशाना साधा, हालही में सीएम ठाकरे ने असली हिंदू को लेकर एक बयान दिया था। जिस पर तंज कस्ते हुए राज ठाकरे ने कहा कि सीएम का बयान बहुत बचकाना है, वह पूछते हैं कि असली हिंदू कौन है, मुझे उनके बयान पर हंसी आती है और यह पूछने का दिल करता है कि मेरी कमीज ज्यादा सफेद है या आपकी? बता दें कि शहर में गणेश कला क्रीड़ा मंच पर हुई रैली से पहले पुणे पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर कई पाबंदियां लगाई थी। स्वरगेट पुलिस स्टेशन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, ठाकरे के भाषण से किसी समुदाय का अपमान नहीं होना चाहिए या लोगों में द्वेष पैदा नहीं होना चाहिए। दिशानिर्देश मनसे कार्यकर्ताओं और कार्यक्रम के आयोजकों पर लागू हुए थे।
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पटना : पोलीसनामा ऑनलाईन - फेमस डायलॉग 'खामोश' अभिनेता और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा 28 मार्च को कांग्रेस में शामिल होंगे। एक दिन पहले ही सिन्हा ने ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की थी। उन्होंने लिखा था कि न्यूनतम आय गारंटी योजना की घोषणा करना 'मास्टर ऑफ सिचुएशन' राहुल गांधी का मास्टरस्ट्रोक है। इसने हमारे कुछ अहम लोगों को परेशान कर दिया है और उन्होंने तुरंत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घोषणा को छल कपट करार दे दिया। It's a masterstroke by the 'master of situation', @RahulGandhi - declaring #MinimumIncomeGuarantee scheme. It has rattled our people so much that some of our prominent people had to rush for a press conference, calling the whole declaration/ announcement "chhal kapat". चर्चायें हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस की तरफ से पटना साहिब सीट से चुनाव लड़ेंगे। शत्रुध्न सिन्हा को बीजेपी का टिकट नहीं मिलने के पीछे कई वजहें गिनाई जा रही हैं। समझा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ उनका हमलावर रुख एवं पार्टी विरोधी गतिविधियां उनके खिलाफ गई हैं। पटना साहिब सीट बीजेपी के लिए अनुकूल मानी जाती है। इस सीट के बारे में कहा जाता है यहां बीजेपी के लिए यहां चुनाव जीतना आसान होता है। शत्रुघ्न दो बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं और इसका लाभ उन्हें मिल सकता है। रविशंकर प्रसाद पहली बार इस सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे इसलिए उनके लिए यहां चुनौतियां ज्यादा होंगी।
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गर्भावस्था में कैसे लाभ पहुंचाता है सरसों का साग ? प्रेग्नेंसी के दिनों में आप जितना हेल्दी खाएंगी, उतना ही आपके साथ-साथ आपके बच्चे की सेहत के लिए बेहतर होगा। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को उन चीजों को डाइट में अधिक शामिल करना चाहिए, जिनमें अधिक मात्रा में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन हों। आप हरी सब्जी, फल, अंकुरित अनाज, दालें, अंडा तो खाएं ही साथ ही सरसों का साग (Sarson ka Saag) भी जरूर खाएं। सरसों का साग (Sarson ka Saag) आपके और आपके शिशु दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद है। गर्भवती होने पर शरीर को कई तरह के आवश्यक विटामिन की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति आप हेल्दी डाइट लेकर ही कर सकती हैं। इसके लिए आप डॉक्टर द्वारा बताए गए कुछ सप्लिमेंट्स और दवाएं ले सकती हैं, साथ ही अपने आहार में ऐसी चीजें भी शामिल करें, जो विटामिन्स से भरपूर हों। गर्भवती महिला के लिए को विशेष रूप से सरसों के साग का सेवन करना चाहिए। गर्भावस्था में कैसे लाभ पहुंचाता है सरसों का साग ? 1 अक्सर कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं को उल्टी की समस्या लगातार बनी रहती है। यदि आप इन दिनों सरसों का साग (Sarson Ka Saag in Pregnancy) खाती हैं, तो आप उल्टी की परेशानी को काफी हद तक कम कर सकती हैं। फिर आपको उल्टी रोकने के लिए दवा का सेवन भी नहीं करना पड़ेगा। प्रेग्नेंसी में अधिक दवा खाने से भी बचना चाहिए। 2 प्रेग्नेंसी की अवस्था में अधिकांश महिलाओं को जी मिचलाने की समस्या होती है। सरसों के साग में विटामिन के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सरसों के साग से बनी चीजों को खाने से गर्भवती महिलाओं को मितली की परेशानी नहीं होती है। 3 सरसोंं के साग में पर्याप्त मात्रा में सल्फर और एंटी आक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों से शरीर में एनर्जी आती है। इसका सेवन करने से शरीर में उपस्थित विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को अंदर से साफ रहना जरूरी है। आप जितना सरसों का साग खाएंगी, आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। दिल के रोगों से बचाता है, क्योंकि इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है। जोड़ों में दर्द की समस्या दूर होती है। इसका सेवन करने से हड्डियों को भी मजबूती मिलती है। फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। वजन कम किया जा सकता है। डायबिटीज के रोगी भी इसे जरूर खाएं। इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होता है। Total Wellness is now just a click away.
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पेट्रोल-डीजल का भाव महाराष्ट्र के सभी बड़े शहरों में आज भी बढ़ा है साथ ही सब्जियों और दालों के दाम आसमान छू रहे हैं. देश भर में ईंधन का लगातार बढ़ती हुई कीमत का असर अब आम ज़रूरत की चीजों पर दिखाई देने लगा है. महाराष्ट्र (Maharashtra Petrol-Diesel Price) की बात करें तो मुंबई, पुणे सहित सभी शहरों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर की दर से मिल रहा है. डीजल भी 90 रुपए से अधिक प्रतिलीटर की दर से मिल रहा है. देश भर में आज अलग-अलग शहरों में आज (31 मई) पेट्रोल दर में प्रतिलीटर 25 से 31 पैसे की वृद्धि हुई है. डीजर की दर में भी 25 से 29 पैसे की वृद्धि हुई है. इस लगातार बढ़ती हुई पेट्रोल और डीजल की कीमतों से आम आदमी के घर का बजट गड़बड़ाने लगा है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सीधा असर बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है. मुंबई के कई इलाकों में सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. यह सीधे-सीधे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि का असर बताया जा रहा है. अनेक ठिकानों में सब्जियों की दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इससे आम गृहिणियों के घर का बजट बुरी तरह से गड़बड़ा गया है. आज मुंबई में सब्जियों की कीमतों की बात करें तो टमाटर 24 से 40 रुपए किलो मिल रहा है. पत्ता गोभी, लौकी, बीट 40 से 50 रुपए किलो मिल रहे हैं. मटर 120 रुपए किलो मिल रहा है. फ्रेंच बीन्स 100 रुपए किलो मिल रही है. गवार फली 80 रुपए किलो मिल रहा है. करेला 60 रुपए किलो मिल रहा है. आलू-प्याज 30 रुपए किलो मिल रहे हैं. बैंगन 50 से 60 रुपए किलो मिल रहा है. खीरा 40 से 50 रुपए किलो मिल रहा है. मुंबई, पुणे सहित अन्य शहरों में पेट्रोल ने कीमतों की सेंचुरी लगाई है. मुंबई में पेट्रोल 100.53 रुपए प्रतिलीटर है. वहीं डीजल 92.50 रुपए प्रतिलीटर के भाव में मिल रहा है. पुणे की बात करें तो आज यहां पेट्रोल का रेट 100 रुपए प्रतिलीटर के पार है. पुणे में पेट्रोल की कीमत में 34 पैसे की बढ़ोत्तरी हुई है. इस तरह यहां पेट्रोल 100.15 रुपए प्रतिलीटर के भाव से मिल रहा है. जबकि डीजल 90.71 के भाव से मिल रहा है. मई महीने से पहले ईंधन की दरों में खास बढ़ोत्तरी दिखाई नहीं दी थी. अप्रैल में दरें बढ़ीं तो घटाई भी गईं. लेकिन 4 मई से ईंधन की कीमतों में जो इजाफा होना शुरू हुई तो यह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. मई महीने के इन 17 दिनों में पेट्रोल 3.88 रुपए महंगा हो गया. डीजल प्रतिलीटर 4.42 रुपए महंगा हो गया है. पिछले रविवार पेट्रोल और डीजल की दर स्थिर थी. लेकिन अब अनेक शहरों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर गया है. डीजल की कीमत भी 90 रुपए प्रति लीटर को पार कर चुकी है.
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मुंबईःडीआईडी लिटिल मास्टर्स में जज के रूप में नजर आने वाली अभिनेत्री मौनी रॉय ने अपने पसंदीदा नृत्यृ कथकली को लेकर खुलकर बात रखी हैं। अभिनेत्री कहती है कि कथकली एक नृत्य रूप है जिसमें कहानी सुनाना शामिल है। इस वीकेंड में भी दर्शकों को बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर गीता कपूर और टेरेंस लुईस के साथ डीआईडी लिटिल मास्टर्स के जजों के साथ शो की शोभा बढ़ाई जाएगी। शूटिंग के दौरान, गीता के लिए प्रतियोगी आरव को एक कथकली गीत पर प्रदर्शन करने की चुनौती थी जिसने मौनी का दिल जीत लिया। मौनी रॉय ने खुलासा किया, सबसे पहले, मैं गीता मां को धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने आरव को हम सभी के लिए कथकली एक्ट करने की चुनौती दी। मुझे लगता है कि दर्शकों को हमारे शास्त्रीय नृत्य रूपों को भी दिखाना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी संस्कृति है बहुत सुंदर और कथकली एक नृत्य रूप है जिसमें कहानी सुनाना और अपनी भावनाओं और भावनाओं को अपनी आंखों के माध्यम से व्यक्त करना शामिल है। मौनी रॉय ने आगे कहती है, मुझे लगता है कि आरव ने डीआईडी लिटिल मास्टर्स पर आज इस नृत्य रूप के साथ पूर्ण न्याय किया। मुझे यह जोड़ना होगा कि कथकली केरल के मलयालम भाषी, दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र का एक कला रूप है और यह मेरे दिल के बहुत करीब है। केरल का व्यक्ति मतलब मेरे पति भी मेरे दिल के बहुत करीब है। डीआईडी लिटिल मास्टर्स जी टीवी पर प्रसारित होता है। डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
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वार्षिक संगीतमाला के समापन में अब सिर्फ आख़िरी की तीन सीढ़ियाँ बची हैं और इन तीनों गीतों के बोल कुछ ऐसे हैं जो इनकी मिठास को और बढ़ा देते हैं। तीसरी पॉयदान पर एक बार फिर बाजीराव मस्तानी का वो नग्मा जिस पर आपका ध्यान फिल्म देखते हुए शायद ही गया हो। गीत के बोल थे तुझे याद कर लिया है आयत की तरह क़ायम तू हो गई है रिवायत की तरह। अब इस आयत को क्षेत्रमिति वाला आयत (Rectangle) मत समझ लीजिएगा। दरअसल क़ुरान में लिखी बात को भी आयत कहते हैं। तो किसी को..याद करने की सोच को आयत का बिम्ब देना अपने आप कमाल है ना और ये कमाल दिखाया एक किसान के बेटे ने। जी हाँ इस गीत को लिखने वाले हैं ए एम तुराज़ जो कि मुजफ्फरनगर के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अब तुराज़ साहब के बारे में क्या कहें। तीन पीढ़ियों तक उन्होंने घर में किसानी का काम होते ही देखा। ख़ुद तो हिंदी मीडियम से पढ़े पर पिता के शायरी के शौक़ ने उन्हें उर्दू भी सिखा दी। पहली बार कविता तो उन्होंने अठारह साल का होने के बाद लिखी पर इससे पहले ये समझ गए कि उनसे खेती बारी नहीं होने वाली। पिता तो इस आशा में थे कि वो भी उनके साथ काम करें पर उन्होंने मुंबई जा कर काम करने की इच्छा जताई। पिता की अनुमति तो नहीं मिली पर दादी अपने लाडले पोते के बचाव में आ गई और उन्होंने उनके वालिद से कह दिया कि आप भेज रहे हैं या हम भेंजें। फिर क्या था पिताजी को झुकना पड़ा और बीस साल से भी कम उम्र में तुराज़ मुंबई आ गए। "संजय सर ने मुझसे यही कहा कि धुन, संगीत सब भूल जाओ बस कविता के लिहाज से तुमने जो सबसे अच्छा मुखड़ा लिखा हो वो मुझे दो । मेंने उन्हें ये तेरा जिक़्र है या इत्र है... सुनाया और उन्होंने इसे फिल्म के लिए चुन लिया जबकि यही मुखड़ा मैं बहुत लोगों को पहले भी सुना चुका था पर किसी की समझ में नहीं आया। मैं वो लिखना चाहता हूँ जिसे मुझे और सुननेवाले की रुह को सुकून मिले और संजय लीला भंसाली ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने ऐसा करने का मुझे अवसर दिया।" जिंदगी में जब दूरियाँ बढ़ती हैं तो यादें काम आती हैं। अपने प्रिय के साथ बिताया एक एक पल हमारे जेहन में मोतियों की तरह चमकता है। उस चमक को हम अपने दिल में यूँ सँजो लेते है कि उन क्षणों के बारे में बार बार सोचना व महसूस करना हमारी आदत में शुमार हो जाता है। तुराज़ इन्हीं भावों से मुखड़े की शुरुआत करते हैं। पर मुखड़े के पहले ताल वाद्य की हल्की हल्की थाप के बीच अरिजीत सिंह का शास्त्रीय आलाप शुरु होता है जिसे सुन मन इस संजीदगी भरे गीत के रंग में रँग जाता है। संजय लीला भंसाली का शुरुआती संगीत संयोजन और अरिजीत का आलाप मुझे रामलीला के उनके गीत लाल इश्क़ की याद दिला देता है। हम दिल दे चुके सनम के बाद से उन्होंने इस्माइल दरबार को बतौर संगीतकार काम नहीं करवाया हो पर अपने अभिन्न मित्र के संगीत की छाप उनके बाद की फिल्मों में भी दिखी है पर इसके बावज़ूद भी गर उनके गीत मुझे इतने मधुर लगे हैं तो इसकी वज़ह है गीतकार व गायकों का उनका उचित चुनाव। अरिजीत सिंह ने इस गीत के बोलों को अपनी रूह से महसूस करते हुए गाया है। उन्हें भले ही इस साल का फिल्मफेयर एवार्ड सूरज डूबा है के लिए मिला पर इस गीत के लिए वो उस इनाम के ज्यादा हक़दार थे। मुखड़े के बीच की कव्वाली के टुकड़े में उनका साथ दिया है अजीज़ नाजा और शाहदाब फरीदी ने। तुझे याद कर लिया है, इस एक लफ्ज़ में ही छुपी क़ायनात है ..
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नोरा फतेही ने गोल्डन शिमरी ड्रेस में कराया फोटोशूट, देखें एक्ट्रेस की वायरल तस्वीरें By संदीप दाहिमा । Published: January 17, 2022 04:07 PM2022-01-17T16:07:56+5:302022-01-17T16:19:22+5:30Next बॉलीवुड की पॉपुलर स्टार नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर अपना लेटेस्ट फोटोशूट शेयर किया है। (फोटोः इंस्टाग्राम) इस फोटोशूट में नोरा फतेही गोल्डन शिमरी ड्रेस में स्टाइलिश लुक में पोज देती नजर आ रही हैं। (फोटोः इंस्टाग्राम) डीप नेक गोल्डन ड्रेस में नोरा फतेही का ये बेहद गार्जियस अंदाज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। (फोटोः इंस्टाग्राम) हाल ही में नोरा फतेही की कोरोना पॉजिटिव होने की खबर सामने आई थी, मगर अब वो ठीक हो चुकी हैं। (फोटोः इंस्टाग्राम) नोरा फतेही फैंस के बीच दिलबर गर्ल के नाम से जानी जाती हैं, बॉलीवुड में नोरा फिल्मों में कई फेमस गानों पर अपने डांस स्टेप्स दिखा चुकी हैं। (फोटोः इंस्टाग्राम) नोरा बॉलीवुड में स्ट्रीट डांस 3 डी, बाटला हाउस, भुज, स्त्री जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। (फोटोः इंस्टाग्राम) सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर नोरा फतेही के 37. 1 मिलियन फॉलोअर्स हैं। (फोटोः इंस्टाग्राम)टॅग्स :नोरा फतेहीहिन्दी सिनेमा समाचारबॉलीवुड अभिनेत्रीNora Fatehibollywood newsbollywood actressशेअर :
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नई दिल्लीः देश में पहाड़ी क्षेत्रों में लागातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। अब हिमाचल प्रदेश से बुरी खबर सामने आई है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक निजी बस के खड्ड में गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई है। कुल्लू ज़िले के नियोली-शानशेर मार्ग पर सैंज घाटी के जांगला इलाके में एक निजी बस के चट्टान से गिरी थी। जिसके चलते यह बड़ी दुर्घटना हुई है। इस घटना में घायलों को स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया है। राहत बचाव टीम मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू कर रही है। कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक निजी बस के खड्ड में गिरने से कुछ स्कूली बच्चों समेत 16 लोगों की मौत हो गई। सैंज जा रही बस जंगला गांव के पास सुबह करीब साढ़े आठ बजे खड्ड में गिर गई। घटना स्थल पर जिले के अधिकारी तथा बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और घायलों को नजदीक स्थित एक अस्पताल ले जाया जा रहा है। आपको बता दें की पहाड़ी इलाकों में इस तरह की घटनाएं आये दिन सामने आ रही हैं। कुल्लू जिले के नियोली-शानशेर मार्ग में इस घटना में अभी और कई मासूमों के मौत होने का अंदेशा जताया जा रहा है। प्रशासन की तरफ से अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार है।
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नेशनल डेस्कः फ्रांस के लूवर संग्राहलय में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिये आयोजित डिनर में शामिल हुए अभिनेता आर. माधवन ने रविवार को कहा कि वह उन दोनों वैश्विक नेताओं से आश्चर्यचकित हैं, जिन्होंने कार्यक्रम में अपनी दृष्टि का वर्णन किया और "पूरे उत्साह के साथ दोनों देशों के भविष्य पर चर्चा की। " मैक्रों और उनकी पत्नी एवं फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिगिट मैक्रों ने शुक्रवार को यहां के इस प्रतिष्ठित संग्रहालय में प्रधानमंत्री मोदी के लिए डिनर का आयोजन किया था। प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति के न्यौते पर गुरुवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे थे। प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान 'बैस्टिल दिवस' परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। माधवन ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में "अनुग्रह और विनम्रता पर अतुलनीय सीख" के लिए मैक्रों और पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे लिखा, "14 जुलाई 2023 को पेरिस में आयोजित बैस्टिल दिवस समारोह के दौरान भारत-फ्रांस संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के लिए कुछ अच्छा करने का जुनून और समर्पण स्पष्ट और शानदार था। लूवर संग्राहलय में हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा आयोजित डिनर से मैं आश्चर्यचकित हूं। " उन्होंने लिखा, कार्यक्रम में दोनों वैश्विक नेताओं ने दो महान मित्र राष्ट्रों के भविष्य के लिए अपनी दृष्टि का उत्साहपूर्वक वर्णन किया। माधवन ने डिनर की तस्वीरों की एक श्रृंखला के साथ लिखा, "दोनों देशों के बीच सकारात्मकता और आपसी सम्मान एक मधुर संबंध को बयां करता है। यह एक ऐतिहासिक पल था। "
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एंड्रिया ने साल 2018 में अपने लुक्स को बदलना शुरु किया था और अब तक वह अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के प्रयास करती जा रही हैं। उनके होंठ इतने बड़ें हैं कि सांस लेने में भी मुश्किल होती है। एंड्रिया ने बताया कि उन्होंने 2018 में लिप फिलर्स लगवाने शुरु किए थे, जिसके बाद अब तक वह कम से कम 32 बार इसी प्रॉसेस को दोहरा चुकी हैं। एंड्रिया ने हायलूरॉनिक एसिड फिलर्स के जरिए अपने होंठ बढ़े किए हैं। इसके लिए उन्होंने करीबन £8,000 रुपये खर्च किए हैं। भारतीय मुद्रा के अनुसार, उन्होंने करीबन 7. 59 लाख रुपये सर्जरी के लिए खर्च कर दिए हैं। एंड्रिया के अनुसार, उन्हें खुद नहीं पता कि उन्होंने इस पर कितने पैसे खर्च कर दिए हैं। एंड्रिया के अनुसार, उनके लिप्स दुनिया में सबसे बड़े हैं। हांलाकि इसके बावजूद भी रुकना नहीं चाहती। अपने होंठो को वो और भी बड़ा और बार-बार फिलिंग करवाना चाहती हैं। एक इंटरव्यू में वह खुद इस बात का खुलासा किया था कि डॉक्टर भी उन्हें सलाह दे चुके हैं कि इससे ज्यादा फिलिंग एंड्रिया को नहीं करवानी चाहिए, लेकिन वह रुकना नहीं चाहती। इसके अलावा एंड्रिया ने ब्रेस्ट इम्पलांट भी किया है जिसके तस्वीरें भी वह अपने सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं। क्या होता है हायलूरॉनिक एसिड? हायलूरॉनिक एसिड शरीर में प्राकृतिक रुप से पाया जाता है यह त्वचा को हाइड्रेट रखने और फर्म रखने में मदद करता है। इसे एजिंग साइन्स और फिलर के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है। ये फिलर्स एक से दो साल तक ही असर दिखाते हैं। एंड्रिय ने इसी एसिड के जरिए लिप्स को बड़ा किया है। इस एसिड को लिप्स में भरने से होंठ प्लंप और फुलर हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लिप फिलर्स के कुछ कॉमन और कुछ अनकॉमन साइड इफेक्ट्स होते हैं।
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प. मोहनलाल महतो ' वियोगी' प्रणाम १० मोहनलाल महतो जिनके पावन खरित ललाम, उनके श्रीचरणोंमें मेरा स्नेह-सहित शतकोटि प्रणाम कुछ हैं जलधरसे उपकारी, जीवन बरसा बारी-बारी, सींच गये जो क्यारी क्यारी हराभरा संसार आज है जिनके मिटनेका परिणाम । कुछ हैं सुमन-समान मनोहर, मिलते लघन कुंपकर, फिर निसर्गमें मिल जाते कर, पिर जिनके सुचासकी गतिको रोक नहीं सकता विधि वाम । कुछ प्रदीप-सम हैं मुस्काते. रविका प्रतिनिधित्व कर आते, निजको जला विभा फैलाते, मिल जाते चुपचाप उबामें कैसा है यह सकरुण काम ! कुछ हैं शलभ समान स्नेहमय, आत्मबिभोर अजय, मृदु सहृदय, सदा लक्ष्यपर बलते निर्भय, इन हुतात्माओंके बल हैं रघुपति राघव राजाराम । जिनके पावन चरित लालम श्रीयुत भहभास्कर "शङ्कराचार्य के समान संतारमें अद्वितीय तस्वज्ञानी आजतक कोई उत्पन्न नहीं हुआ।" - स्व० लो० तिलक (गीतारहस्य, विषयप्रवेश, पृष्ठ १३) वादिवात-गजेन्द्र दुर्मदघटा - संघर्षणः सर्ववित् श्रीमद्द शिककेन्द्रराट् मृगगुरुः आयाति सर्वार्थवित् ॥ दूरं गच्छत वादिदुःशठगजाः संन्यासद्वन्ष्ट्रायुधो वेदान्तोरुत्रनाश्रयः तदपरं द्वैतं वनं धङ्क्ष्यति ॥ सुप्रसिद्ध अद्वैतवादके आदि प्रवर्तक तथा अद्वितीय दार्शनिक भगवान् शङ्कराचार्य साक्षात् 'शङ्करावतार' थे। भगवान् बुद्ध जब निर्मल धर्मोपदेश कर विरत हो चुके थे और उनके चलाये धर्मने उन्नतिके उच्च शिखरसे फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर पाँव रखना शुरू कर दिया था तथा बौद्धोंके घर अनेक कुरीतियोंका प्रसार हो चुका था, तब शङ्करके रूपमें पुनः एक ध्योति भारतमें प्रकट हुई। जिसकी असाधारण प्रतिभा और अनुपम विद्वत्तासे सारी विद्वन्मण्डली चकित हो उठी । यद्यपि आर्यवर्य शङ्कराचार्यके अनुरक्त भक्तों और शिष्यानुशिष्योंसे भारत के सभी प्रधान स्थान व्याप्त हैं; तथापि इनको असल जीवनी नहीं मिलती। परवर्ती कालमें कुछ बारिताल्यायिकाएँ जरूर रखी गयी है; पर उनकी प्रामाणिकतामें सन्देहकी काफी जगह है। जो हो, अब तो उन्हींके भाधारपर कुछ कहा जा सकता । उन ग्रन्थोंमें आनन्द गिरिका "शरदिग्विजय" चिठ्ठिलास यतिका 'शङ्कर विजय' तथा माधवाचार्य का संक्षेप शङ्करजय' नामक ग्रन्थ हो प्रधान तथा उल्लेख मीय हैं। नीलकण्ठ, सदानन्द, परमहंस वालकृष्ण और आनन्दका 'लघु शङ्करविजय' तथा तिरुमल्ल दीक्षितका 'शङ्कराभ्युदय एवम् पुरुषोत्तम भारतीका 'शङ्कर विजय-संग्रह' भी उत्तम है। माधवाचार्यने लिखा है कि, मलवरके अन्तगंत कालादि नामक स्थान में सती देवीके गर्भसे शङ्कर उत्पन हुए। ये शिवगुरुके औरस थे। चिद्धिलास यतिका कथन है कि, केरल देशके कालादि नामक स्थान में शिवगुरुके औरस और आर्याग्माके गर्भसे शङ्कर, वसन्त ऋतुके मध्याह्न कालमें, उत्पन्न हुए। इसी प्रकार आनन्द गिरिने लिखा है कि, चिदम्बरम्में एक ब्राह्मण अपनी कामाक्षी नामक पलीके साथ रहा करते थे। उन्हें विशिष्टा नामकी एक अत्यन्त रूपवती कन्या हुई । विश्व जित नामक ब्राह्मणके साथ उस कन्याका विवाह हुआ। कुछ दिन घरमें रहकर विश्वजित बैरागी हो गये । दुःखित होकर विशिष्टाने चिदम्बरेश्वर महादेवकी बड़ी सेवा की। जिनकी कृपासे उसे एक पुत्र प्राप्त हुआ, जा पीछे चलकर शङ्कर कहलाया। इसी प्रकार सब प्रन्थोंमें सब तरह की बाते हैं । काल निर्णय के सम्बन्ध में सदानन्दने लिखा है कि, युधिष्ठिराब्द २७२२ अर्थात् ३७६ ई० सन्के पहले शङ्कर आविर्भूत हुए, किन्तु शारदामटकी गुरु परम्पराकी सहायतासे २६३१ युधिष्ठिराब्दमें यानी ४७६६० सन् पूर्वमें शङ्करका उत्पन्न होना माना जाता जाता है- "युधिष्ठिर शके २६३१ घेशाख शुक्ल प्रवाह ५, सर २] MIVIV A पञ्चम्यां श्रीमच्छङ्करावतारः ।" लेकिन इतना पहले शङ्करका वर्तमान रहना असम्भव है। आधुनिक भारतीय विद्वानों तथा पाश्चात्य विद्वानोंके मतसे शङ्कराचार्य मन्दिर शङ्करका समय ६८६ ई० या ७८८६० होना निश्चित है। अधिक विचार और युक्ति ६८६ ई० की ही ओर है । प्रतिभावान् बालक शङ्कर उपनयन संस्कार के पूर्व ही अनेक शास्त्रोंके पण्डित हो चुके हैं। सबने उनकी अप्रतर्य प्रतिभा और विद्याका लोहा मान लिया है। पाँचवें या आठवें वर्ष में उनका उपनयन होता है। वे ब्राह्मण कहलाते हैं। अब वे सम्पूर्ण शास्त्रोंके पण्डित हो जाते हैं। सारी दुनिया हस्तामल-फक्त् उन्हें दीख पड़ती है। प्राणियोंको मोहान्धकारमें पतित देखकर उनका हृदय द्रवीभूत हो जाता है । बौद्धोंके चंगुलमें फँसे हुए वैदिक धर्म को छुड़ाने के लिये वे विकल हो उठते हैं। संन्यास ले लेने की भावना भी रह-रह कर उनके मन में उमड़ पड़ती है। लेकिन माताकी आशा के बिना वे संन्यास कैसे ले सकते हैं ? अपने किसी दूर देशके सम्बन्धीके घरसे शङ्कर अपनी माताके साथ लौटे आ रहे हैं। राहमें एक नदी पड़ती है। शङ्करके मनमें संन्यास लेनेकी भावना उद्वेलित हो रही है; किन्तु विना माताकी आज्ञाके वे उस ओर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते हैं। सहसा उन्हें माताको ठगनेकी एक युक्ति सूझ पड़ी। उन्होंने चमत्कारका सहारा लेकर नदीक जलको विद्युद्व गसे बढ़ाना शुरु कर दिया । बीच नदीमें अपने बालक पुत्रको बचानेमें माता असमर्थ हो गयीं। दोनों डूबने लगे । शङ्करने मातासे कहा- "अगर तुम दोनों की प्राण-रक्षा चाहती हो, तो भगवान से प्रार्थना करो और मुझे संसारी प्राणियोंके कल्याणके लिये संन्यास ले लेने दो । भगवान् तुम्हारी प्रार्थना जरूर सुन लेंगे हम दोनों के साथ संसारका कल्याण हो जायगा पुत्रको जीवित देखनेके लिये माताका हृदय उमड़ पड़ा। उन्होंने अबिलम्ब आशा देवी । आनन फाननमें नदीका जल कम हो गया। शङ्करके ओठपर मुस्कुराहट खेलने लगी । शङ्कर नदीमें स्नान कर रहे हैं। माता उन्हें नहलाने आयी है । पुत्रके दिव्य मुखको बार-बार देखकर भी माता नहीं अघाती है। उसके मनमें रह-रह कर अब पुत्रवधूका मुखकमल देखनेकी उ. कण्ठा बढ़ रही है विपत्तिमें पड़कर उसने पुत्र की बाजी लगायी थी और उसे भगवान्को समर्पित कर चुकी है। वह इस बातको भूल गयी है । सहमा नदीमें शङ्कर चीख पड़े। उन्हें किसी भीमकाय कुम्भीरने पकड़ लिया। वे अगाध जलमें डूब गये माताकी सब सुखद कल्पनाएँ काफूर हो गयी यह भी डूब मरनेके लिये पानीमें कूद पड़ी। सहस शङ्करकी आधी देह दूरमें मालूम पड़ी। माता बेतहाशा उधर ही दौड़ो शङ्करने इशारेसे मना किया कुम्भीर धीरे-धीरे किनारकी ही ओर आ रहा था। तटसे कुछ हटकर गम्भीर जलमें वह कुम्भीर खड़ा हो गया। उसके बड़े-बड़े जबड़े बीच शङ्कर फंसे हुए थे शङ्करने कहा- 'माँ तुम अपनी प्रतिज्ञा भूल गयी हो। तुमने मुझे संन्यास ले लेनेकी आशा दे दी श्री, किन्तु मोहमें पड़कर तुमने मुझे आजतक नहीं छोड़ा । भगवान् मुझे संन्यासी बनाना चाहते हैं। बोलो तुम मुझे खुशी खुशी सन्यासी बनने दोगी ?" माताकी जानमें जान आयी। उन्होंने शरको देशपर निछार कर दिया पल भरमें ही वह भयानक दृश्य अन्तर्धान हो गया। शङ्कर खड़े-खड़ मुस्कुराने लगे। माताने एक बार पुत्र को कलेजेसे लगाकर सदाके लिये छोड़ दिया। और नष्टप्राय कर्मकाण्डको पुनरुज्जीवित किया । इन कार्यों में उन्हें अनेक कष्ट केलने पड़े, विविध दिग्गज विद्वानोंसे शास्त्रार्थ करना वाममार्गियों या कपालिकोंने उन्हें अनेक लोमहर्षण यातनाएँ दीं। उन दिनों बौद्ध धर्मका अतिशय प्राबल्य था। इसे राजाश्रय तथा राजबल भी प्राप्त था । लोग बौद्ध धर्म को बड़ी प्रतिष्ठा की दृष्टि से देखा करते थे। इसके खिलाफ चूतक करना भी लोगोंके लिये मौतका आह्वान करना था । प्रत्येक भिक्षु वैदिक धर्मके जरें- जरैको उड़ा देने के लिये विस्फोटक बना हुआ था। महाराजा भोजके 'कामधेनु' नामक ग्रन्थकी उपक्रमणिकार्मे लिखा है कि बौद्ध राजा मतादित्य ने हजारों ब्राह्मणाँको निमन्त्राण दे उनको पोथियाँ छीनकर जला दी थीं। बौद्धोंके द्वारा ही सह्याद्रिखण्ड विनष्ट हुआ था। उन्हीं दिनों भगवान् शङ्कर और उनके शिष्यानु शिष्योंने वैदिक धर्मका झण्डा फहराया, बौद्धोंसे लहा लिया। अन्तमें शङ्करकी ही विजय हुई। बौद्ध धर्म भारत न भागकर दूर देशोंमें जा छिपा शङ्कर प्रकाण्ड पण्डित थे। दर्शन-शास्त्रमें तो उनकी अव्याहत गति थी । घे अद्वैत-वादके प्रधान पवर्तक थे। वे केवलाई तत्रादी या मायावादी थे । उनके मतके सम्बन्धकी एक किंवदन्ती इस प्रकार प्रबलित हैसंन्याजी शहुर के ल भगवडूजन में ही लीन नहीं हुए। उन्होंने ति समाजको सुधारा "लोकार्जन प्रवक्ष्यामि यदुक्त प्रन्थ कोटिभिः । ब्रह्म सयं जगन्मिथ्या जीवो यहाँव नापरः ॥" शङ्करके मतकी एक सार बात यह है कि ब्रह्म ही एक मात्र अद्वितीय वस्तु है । जीव ब्रह्मवन्तु छोड़कर और कुछ भी नहीं है । जगत् मायाकी प्रहेलिका है। अविद्या ( माया ) के विनष्ट होनेसे ही जीव और ब्रह्मका पार्थक्य-ज्ञान विनष्ट होता प्रवाह ५.२] है। यह सांसारिक प्रपञ्च सगुण ब्रह्मके साथ ही सम्बद्ध है बैदिक कर्मकाण्डकी पर्यालोचना करनेसे ब्रह्मके दो विषय ज्ञात होते हैं। एक सगुण ब्रह्म और दूसरा निर्गुण । सगुण ब्रह्मका ही नाम ईश्वर है। परमब्रह्म निर्गुण और निष्क्रिय है। इस मायामय जगत्का उनके साथ कोई भी सम्बन्ध नहीं है वे परमात्मा है। "तत्त्वमसि" महावाक्य के अनुष्ठानसे जब जीव और ब्रह्मका भिन्न ज्ञान तिरोहित हो जाता है, तब ही जीव मुक्ति लाभ कर अपने स्वरूपका प्राप्त होता है। शङ्कराचार्यने वेदान्तसूत्र, गीता, बृहदारण्यक तथा कुछ उपनिषदोंके भाष्य लिखें हैं। यों तो शङ्करके नामपर छोटे-बड़े सौसे भी अधिक ग्रन्थ विक रहे हैं; परन्तु उन सबकी रचना स्वय शङ्कराचार्यने नहीं की है। यह बात शब्दावली शैली और उद्देश्य की आलोचना करनेसे स्पष्ट मालूम पड़ने लगती है। शङ्कराचायके मठाधिकारी महन्त लोग भी अपनेका शङ्कराचार्य ही लिखते हैं । सम्भव है, वे ग्रन्थ उनके ही बनाये हों या शङ्कर नामधारी किसी दूसरे व्यक्तिके । आचार्य गोविन्दपादके आश्रम में शिष्यमण्डली विद्याध्ययन कर रही है। शङ्कर भी उसी मण्डलीका एक षोड़शवर्षीय तेजस्वी छात्र है। आचार्य के गुरुदेव गौड़पादजी आश्रममें पधारे हुए है शङ्करकी प्रतिभा देखकर वे गद्गद हो रहे हैं। विभिन्न देशोंसे आये हुए पण्डित- प्रवरोंके साथ शङ्कर शास्त्रार्थ कर रहा है। प्रतिद्वन्द्वी पण्डित उसकी अद्भुत विद्य, अकाटय युक्ति और नम्र सदाशयत पर मुःध हैं, पराजित होकर भी प्रसन्न हैं। गौड़पादने शङ्करको आश. र्वाद दिया- "वत्स, तुम मेरी चिर अभिलाषाको सफल करो । वममार्गी बौद्धोंका विध्वस कर शुद्ध सनातन वैदिक धर्मका प्रचार करो शङ्करने घुटने टेककर आशीर्वाद ग्रहण किया। गोविन्दपाद आत्म साक्षात्कारके लिये समाधि लगा रहे हैं, लेकिन सरिता के कल-कल मिनादसे आश्रम मुखरित हो रहा है। समाधि लगती ही नहीं। गुरुकी असफलतापर क्षुब्ध होकर शङ्करने नदीको कुछ देरके लिये निम्तब्ध हो जानेकी आज्ञा दे दी । सम्पूर्ण आश्रम नीरव हो गया। गुरु देव भी चकित हो गये। यह शङ्करके योगवलका परिणाम था। माता के दर्शनार्थ शङ्कर अपनी जन्म भूमि में उपस्थित होते हैं। बृद्धा माता नदी म्नान करनेको गयी हुई हैं। जरा ऊर्जर होकर वृद्धा माता उतनी दूर जानेसे थक जाती है, यह सोचकर शङ्करने नदीकी एक धाराको गाँवके पाससे ही बहनेकी आज्ञा दे दी सुत्रहमें लगोंने देखा कि, शङ्करकी माता अपने घरके समीप ही नदीमें स्नान कर रही अपनी दिग्विजय यात्रा के सिल सलेमें शङ्करने पहले सुधन्वा ( बौद्ध ) राजाके दरवारमें प्रवेश किया शङ्करका बौद्धोंसे महान् शास्त्रार्थ हुआ। बौद्ध पण्डित हार गये, परन्तु उन्होंने कु टलता नहीं छोड़ी। आखर राजाने ही सबको शान्त किया और स्वयं वंदक धर्ममें दीक्षित होकर सब बौद्ध पण्डितोंको वेदानुयायी ह नेके लिये विवश किया । शङ्करकी इस दिग्विजय यातामें सर्वत ही राजा सुधन्वा उनके प्रधान संरक्षक बने रहे।
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नई दिल्ली : सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों कई ऐसे वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिनमें बुजुर्गों को मारा-पीटा जा रहा है। हाल ही में दो बुजुर्ग महिलाओं का वीडियो (Viral Video) सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है। जिसमें उनके घर वाले डंडे से उनकी पिटाई करते हुए नजर आ रहे थे। इसके बाद इस वक्त एक बुजुर्ग टीचर का वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बना हुआ है। जिसे देखकर लोग आग बबूला हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक यह मामला कैमूर जिले के भभुआ शहर का है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दो महिला पुलिसकर्मियां एक बुजुर्ग पर लाठियां बरसा रही हैं। इस दौरान बुजुर्ग टीचर (Teacher) महिला पुलिसकर्मियों से बार-बार पूछता है कि आखिर उसकी गलती क्या है। इसके बाद भी दोनों महिला पुलिसकर्मी वृद्ध को डंडे से पीटती रहती हैं। जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग टीचर सड़क जाम के दौरान रोड पार कर रहे थे। जिसको लेकर उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। कैमूर ज़िले के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाले इस बुजुर्ग सज्जन की गलती सिर्फ इतनी थी की साईकिल से गिर गए और उठने में थोड़ी देर हो गयी। ये नीतीश जी के अधिकारियों का जंगलराज हैं। चोर-उच्चके राज कर रहे हैं और जनता पर लाठियाँ बरसाई जा रही हैं। गौरतलब है कि बुजुर्ग के इस वीडियो को Prashant Kishor ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि कैमूर ज़िले के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाले इस बुजुर्ग सज्जन की गलती सिर्फ इतनी थी की साईकिल से गिर गए और उठने में थोड़ी देर हो गई। ये नीतीश जी के अधिकारियों का जंगलराज हैं। चोर-उच्चके राज कर रहे हैं और जनता पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।
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बेखौफ चोरों की दहशत आए बढ़ती ही जा रही है। बिना किसी डर के दिन दिहाड़े व देर रात चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। पंजाब में जहां बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली हैं वहीं कई जगहों को पर काफी नुकसान भी हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से वाहनों को साइड करवाकर जाम को खुलवाया । सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लेकर जांच शुरू कर दी है। कस्बा शेरपुर के एक नौजवान की बीती रात अमेरिका में अचानक मौत हो जाने का दुखद समाचार मिला है। जालंधर जिले के नज़दीकी गांव निझरां में जन्मे 33 वर्षीय नौजवान अवतार सिंह मट्टू ने कनाडा में बड़ा मुकाम हासिल कर पंजाब का नाम चमकाया है। शहर के रामा मंडी इलाके में युवक पर जानलेवा हमला होने की सूचना है। शहर के खुरला किंगरा इलाके में डी. जी. का काम करने वाले युवक पर जानलेवा हमला होने की घटना सामने आई है। संजय गांधी नगर में एक प्रवासी किरायेदार अपने कैंसर पीड़ित मकान मालिक के बेटे के खाते से 5 लाख रुपये निकलवा कर फरार हो गया। विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व डी. आई. जी. के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार फिरोजपुर के पूर्व डी. आई. जी. और जालंधर पी. ए. पी. मौजूदा डी. आई. जी. इंदरबीर सिंह पर ड्रग सप्लायर से 10 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। इस मौके पर सांसद सुशील कुमार रिंकू और स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह मौजूद थे, जिन्होंने मुस्लमान समुदाय के साथ गले मिलकर बधाई दी। विजिलेंस ब्यूरों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक निजी एजेंट को रिश्वत लेने के आरोप में काबू किया है। मिली जानकारी के अनुसार एजेंट ड्राइविंग टेस्ट दिए बिना ही हैवी ड्राइविग लाइसेंस जारी करने के बदले में 500 रुपए रिश्वत ले रहा था। नाकाबंदी दौरान पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। इस दौरान उनके साथ अलग-अलग जत्थेबंदियों का समर्थन भी मिल रहा है। जालंधर लोकसभा चुनाव को करीब डेढ़ महीना बीत गया है। Be on the top of everything happening around the world. Try Punjab Kesari E-Paper Premium Service.
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इस दौरान भीम सरोवर में स्नान आदि भी प्रतिबन्धित रहेगा. मंदिर परिसर के सभी मंदिरों में धार्मिक राग, भोग-आरती के धार्मिक कार्यक्रम होंगे. सामान्य श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बन्द रहेगा. मंदिर प्रबन्धन ने जनता का आह्वान किया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए व्यापक जनहित और देशहित में वे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें. नाथ सम्प्रदाय से सम्बद्ध बलरामपुर स्थित प्रमुख शक्तिपीठ देवीपाटन का मां पाटेश्वरी मंदिर भी 21 मार्च से 31 मार्च, 2020 तक सामान्य श्रद्धालुओं के लिए बन्द कर दिया गया. मंदिर प्रबन्ध समिति ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के जनहित एवं देशहित में लिए गए निर्णय का समर्थन करते हुए यह निर्णय लिया है. इस दौरान मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना, ब्रह्म मुहूर्त की आरती, पूर्वाह्न भोग आरती और अपराह्न काल की आरती पहले की तरह की जाएगी. धार्मिक कार्यक्रम और सूरजकुण्ड में स्नान आदि भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. मंदिर प्रबन्धन ने जनता का आह्वाहन किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए व्यापक जनहित और देशहित में वे भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें. गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और वही नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े महंत हैं. जब पूरे देश में भीड़-भाड़ से बचने की लोग सलाह दे रहे हैं, तब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बड़ा कदम उठाते हुए आम जनता के हित में उनके मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी. साथ ही आने वाले नवरात्र में बलरामपुर के पाटेश्वरी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटने की संभावनाओं को देखते हुए उसे भी 31 मार्च तक आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद कर दिया गया है. मुख्यमंत्री और मंदिर प्रबंधन के इस निर्णय से जो भीड़ इन दोनों मंदिरों पर जुटती थी, अब इकट्ठा नहीं होगी. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक जंग जीतने में मदद मिलेगी.
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ALLAHABAD: इलाहाबाद की होली यूं ही नहीं सबसे जुदा है। जब पूरा शहर होली खेल चुका होता है तो दूसरे दिन ठठेरी बजार में होली खेली जाती है। इसमें व्यापारी अपने परिवार के साथ शामिल होते हैं। शुक्रवार को पूरी ठठेरी बाजार रंगों से सराबोर दिखी। हर आयु वर्ग के लोगों ने ठठेरी बाजार की ऐतिहासिक होली का जमकर लुत्फ उठाया। हर कोई लाल, गुलाबी, हरा और बैगनी लपेटे फिल्मी गीतों पर थिरकता नजर आया। युवाओं की टोली सड़क पर निकली थी तो महिलाओं ने घरों में होली खेली तो बच्चों ने छत पर कमान संभाल रखी थी। गली से गुजरने वाला कोई भी बिना रंग से सराबोर हुए नहीं निकल पाया। ठठेरी बाजार में होली के एक दिन बाद रंग खेलने की परंपरा है। इसके चलते देश में यह अनोखी होली मानी जाती है। जिन गलियों में आम दिनों में खरीदारों के चलते पांव रखने की जगह नहीं होती, वहां होलियारों का हुड़दंग देखने को मिलता है। ठठेरी बाजार की होली की खास बात ये होती है कि यहां पर सिर्फ बाजार की गली के अंदर ही लोग होली खेलते हैं। इस दौरान जो भी गली के अंदर से गुजरा उसका रंग से सराबोर होना तय है। शुक्रवार को यहां रंग चलने के कारण गली की सारी दुकानें बंद रहीं। बाहरी लोगों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया था। सिर्फ रंग खेलने वालों को अंदर जाने की अनुमति थी। दोपहर बाद तक रंग खेलने का सिलसिला चलता रहा। लोगों ने एक-दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल से सराबोर कर दिया। महिला, पुरुष, बच्चे और वृद्ध सबने खूब हुड़दंग किया। दिन में रंग खेलने के बाद शाम को घर जाकर बधाई देने का सिलसिला शुरू हुआ। जो देर रात तक चलता रहा।
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MI vs GT Playing 11: आईपीएल 2023 में शुक्रवार यानी आज मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर शाम 7:30 बजे से शुरू होगा। गुजरात टाइटंस की टीम इस सीजन में सबसे अधिक 8 जीत के साथ अंक तालिका में सबसे ऊपर बनी हुई हैं। MI vs GT Playing 11: आईपीएल 2023 में शुक्रवार यानी आज मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर शाम 7:30 बजे से शुरू होगा। गुजरात टाइटंस की टीम इस सीजन में सबसे अधिक 8 जीत के साथ अंक तालिका में सबसे ऊपर बनी हुई हैं। जबकि दूसरी तरफ मुंबई इंडियंस कि टीम भी पिछले कुछ मैचों से लगातार जीत के साथ मजबूत स्थिति में बनी हुई हैं। ऐसे में दो बड़ी टीमों के बीच एक कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती हैं। इस मैच को लेकर दोनों टीमें अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं। गुजरात की टीम इस मैच को जीतकर प्लेऑफ में जगह बना लेगी। लेकिन मुंबई के सामने उनके होम ग्राउंड पर यह इतना आसान काम भी नहीं हैं। मुंबई की टीम के लिए गेंदबाजी बड़ी समस्याः मुंबई इंडियंस की टीम अपने होम ग्राउंड पर काफी मजबूत नज़र आ रही हैं। लेकिन उनके सामने इस बार टूर्नामेंट की नंबर-1 टीम होगी। ऐसे में मुंबई के बल्लेबाज़ों के लिए तो परेशानी होगी, लेकिन उनकी गेंदबाज़ी बड़ी समस्या बन सकती हैं। ऐसे में इस मैच में गुजरात के सामने मुंबई इंडियंस की टीम एक बेहतर गेंदबाज़ी आक्रमण के साथ मैदान पर उतरेगी। जेसन बेहरेनडोर्फ और क्रिस जॉर्डन के ऊपर इस मैच में गेंदबाज़ी का सारा दारोमदार रहने वाला हैं। जेसन बेहरेनडोर्फ ने पिछले मैच में भी काफी शानदार गेंदबाज़ी की थी, लेकिन दूसरी तरफ जॉर्डन अपने पहले ही मैच में लय में नज़र नहीं आए। राशिद-नूर की जोड़ी दिखायेगी अपना जलवाः गुजरात टाइटंस की टीम ने पिछले सीजन के बाद इस सीजन में भी जबरदस्त लय बरक़रार रखी हैं। इस सीजन में एक बार फिर गुजरात टाइटंस की टीम प्लेऑफ में पहुंचने से बस इ जीत दूर हैं। गुजरात के लिए उनके गेंदबाज़ बेहतरीन फॉर्म में नज़र आ रहे हैं। इसमें मोहम्मद शमी से लेकर नूर अहमद तक के नाम शुमार हैं। राशिद खान और नूर अहमद की जोड़ी को खेलना सभी बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल काम नज़र आ रहा हैं। ऐसे में मुंबई के खिलाफ इस मैच में इन दोनों स्पिनर्स पर सभी की निगाहें होगी। दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग 11: मुंबई इंडियंसः रोहित शर्मा (कप्तान), ईशान किशन, कैमरून ग्रीन, सूर्यकुमार यादव, टिम डेविड, नेहल वढेरा, क्रिस जॉर्डन, पीयूष चावला, आकाश मधवाल, कुमार कार्तिकेय और जेसन बेहरेनडोर्फ। गुजरात टाइटंसः रिद्धिमान साहा, शुभमन गिल, हार्दिक पंड्या (कप्तान), विजय शंकर, डेविड मिलर, अभिनव मनोहर, राहुल तेवतिया, राशिद खान, मोहित शर्मा, नूर अहमद और मोहम्मद शमी।
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कोटकपूरा (नरिन्द्र): जिला पुलिस प्रमुख राजपाल सिंह की ओर से नशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिदायतों पर शमशेर सिंह गिल डी. एस. पी. कोटकपूरा व इंस्पेक्टर अमृतपाल सिंह भाटी के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए थाना सिटी पुलिस कोटकपूरा ने 3 व्यक्तियों को कथित नशीले पदार्थ समेत गिरफ्तार किया है। इस सम्बंध में पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार ए. एस. आई. सुखदातापाल, हैड कांस्टेबल सुशील कुमार व गुरसेवक सिंह, कांस्टेबल बूटा सिंह व गुरप्रीत सिंह सरकारी गाड़ी पर गश्त दौरान स्थानीय ज्ञानी जैल सिंह मार्कीट में मौजूद थे कि शाम 5 बजे के करीब मुखबिर की ओर से पुलिस पार्टी को सूचना दी गई कि नशा बेचने के आदि 3 व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर नई दाना मंडी में बनी लक्कड़ मंडी में नशा बेच रहे हैं, अगर अभी रेड की जाए तो उन्हें नशे समेत काबू किया जा सकता है। यह सूचना मिलने पर पुलिस पार्टी की ओर से की गई कार्रवाई दौरान उक्त तीनों व्यक्तियों को 14 ग्राम नशीले पदार्थ व मोटरसाइकिल समेत काबू कर लिया गया। इस सम्बंध में थाना सिटी कोटकपूरा में जशनप्रीत सिंह व मनप्रीत सिंह वासीयान गांव दुआरेआना व करनदीप सिंह वासी कोटकपूरा के खिलाफ केस दर्ज कर अगली कार्रवाई अमल में लाई गई।
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नई दिल्लीः क्या आपको भी बचपन में दीवारों पर पेंटिंग बनाना अच्छा लगता था? क्या आप भी अपने घर की हर दीवार पर वो प्यारे - प्यारे कार्टून्स बनाते थे जो आपने कभी टीवी पर या कॉमिक बुक्स में देखे थे. कम से कम वो सिनरी तो बनाई ही होगी जिसमें एक झोपड़ी हुआ करती थी और उसके पीछे पहाड़ दिखाई पड़ते थे और उस पर एक गोल सा सूरज निकल रहा होता था, फिर उस झोपड़ी के सामने एक साइकिल बनाते थें जिसके बगल में हम एक आदमी और औरत ड्रॉ करते थे जिसके नीचे लिखते थे 'पापा - मम्मी'. क्या आप भी उन्हीं शैतान बच्चों में से एक हैं? मैं तो उन्हीं में से एक हूंं. अब बचपन में पड़ी मार के कारण ये तो समझ में आ ही गया होगा कि अब दीवार पर पेंटिंग नहीं बनाना है लेकिन वो पेटिंग करने का जज्बा आज भी आपमें कहीं न कहीं जिंदा है और आप क्रिएटिविटी की दुनिया को थोड़ा और एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है क्योंकि आज हम आपको बताने जा रहे है कि ड्राइंग और पेटिंग में आप किस तरह से करियर बना सकते हैं. ड्राइंग और पेटिंग में करियर का बनाने का सपना देखने वाले लोगों के बीच Bachelor of Fine Arts (BFA) का कोर्स करना होता है. इस कोर्स को आप 10+2 के बाद कर सकते हैं. ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में BFA चार सालों का कोर्स होता है. शुरूआती सालों में आपको विजुअल आर्ट के सभी विषयों की जानकारी दी जाती है लेकिन अंतिम साल में आपको स्पेशलाइजेशन के रुप में एक विषय चुनना होता है. आप पेटिंग के साथ अपना स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं. पेटिंग डिपार्टमेंट से आप म्यूरल (दीवारों पर बनाने वाले आर्ट्स) के लिए भी जा सकते हैं. अगर आप चाहें तो आप M. A. करके रिसर्च के लिए जा सकते हैं और इसके बाद आप किसी प्राइवेट संस्थान या किसी सरकारी कॉलेज में पढ़ा सकते हैं. वैसे तो कोर्स पूरा होने के पहले ही अगर आपने मेहनत की तो आपको सफलता मिलनी शुरू हो जाती है. आपको प्राइवेट काम मिलना शुरू हो जाता है. ज्यादातर, किसी प्राइवेट संस्थानों में, घरों और ऑफिसों, सरकार की तरफ से दीवारों को सजाने या उनपर पेंट, पोर्ट्रेट बनाने जैसे करने के बहुत से काम मिलने शुरू हो जाते हैं. फ्रीलांस आर्टिस्ट के तौर पर आपको ढेरों काम मिलते हैं. आजकल कई ऐसे Start up खुले हैं जो आपके बनाए हुए स्कैच या पेटिंग्स को ऑनलाइन सेल करते हैं. तो अपनी पेटिंग्स या सिर्फ उसकी कॉपी के राइट्स बेचकर भी आप पैसे कमा सकते हैं. इसके साथ आप खुद का एक्जीबिशन करके भी पेटिंग्स सेल कर सकते हैं. आपको आपके एक्सपीरियंस के हिसाब से पैसा मिलता है. जितना एक्सपीरियंस आप गेन करते जाएंगे उतनी ही आपकी पेमेंट बढ़ती जाएगी. बहुत से लोग पुरानी पेटिंग्स वगैरह को रीस्टोर या फिर से बनवाते हैं, तो इस तरह के कामों से भी आपको अच्छा पेमेंट मिल सकता है.
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JAMSHEDPUR : ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिचट में लगभग 350 एकड़ फॉरेस्ट व गवर्नमेंट लैंड पर एचक्रॉचमेंट है। इस खुलासे के बाद अब एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा पूरे मामले को खंगाला जा रहा है। इस मामले में इचचवायरी स्टार्ट कर दी गई है। 800 सेल डीड से संबंधित जानकारी कलेचट की गई है, जिसमें गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराए जाने की बात सामने आई है। फर्स्ट फेज में 200 डीड से सबंधित पूरी रिपोर्ट सर्किल ऑफिस को भेजते हुए मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। डिस्ट्रिचट एडमिनिस्ट्रेशन बड़े पैमाने पर हुए जमीन के इस गोरखधंधे को गंभीरता से लेते हुए सीओ को सेल डीड की जांच कर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है। सर्किल ऑफिसर प्रभात भूषचा ने पूरी रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। हालांकि उचहोंने कुछ सेल डीड को इनकंचलीट बताते हुए रजिस्ट्रार ऑफिस को फिर से डिटेल भेजने को कहा है। सिटी में लगभग सभी थाना क्षेचा में भू-माफिया सक्रिय हैं। मानगो, साकची कालीमाटी, बिष्टुपुर, सीएच एरिया, जुगसलाई, कीताडीह, पारडीह सहित अचय एरिया में गवर्नमेंट लैंड की खरीद बिक्री का धंधा जोरों पर है। इनमें फॉरेस्ट लैंड भी शामिल हैं। भू-माफिया धड़ल्ले से इसकी खरीद-बिक्री कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनकी रजिस्ट्री भी करवा ली जा रही है। ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिचट में गवर्नमेंट व फॉरेस्ट लैंड पर हो रहे इनक्रॉचमेंट से डिस्ट्रिचट एडमिनिस्ट्रेशन खासा परेशान है। सबसे चयादा फॉरेस्ट लैंड पर एचक्रॉचमेंट हो रहा है। हालांकि एचक्रॉचमेंट रोकने को लेकर पहले के एसएसपी द्वारा यह निर्देश भी दिया गया था कि जिस थाना एरिया में एचक्रॉचमेंट होगा, वहां के थानेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन ऐसा कुछ अब तक देखने को नहीं मिला है। हालात यह है कि कई फ्रेश इनक्राॅचमेंट (फॉरेस्ट लैंड, नचशा विचलन सहित अचय) के मामले सिटी में लगातार सामने आ रहे हैं। डिस्ट्रिचट में लैंड एचक्रॉचमेंट के साथ साथ नचशा विचलन की भी काफी कंचलेन आ रही हैं। एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा नचशा विचलन के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। इसके बाद कई बिल्डिंग के बेसमेंट की सीलिंग की गई, लेकिन बाद में उचहें खोल दिया गया। नोटिफाइड एरिया कमिटी स्टाफ और ऑफिशियल्स की कमी का रोना रोकर कार्रवाई से बचते रही है या यूं कहें कि इनका सह बिल्डरों को प्राचत है। मानगो मेन रोड पर ही एक 5 स्टोरी बिल्डिंग 5 महीने पहले ही कचपलीट हुई है। उसी रास्ते से नोटिफाइड एरिया के ऑफिशियल्स आते जाते हैं, लेकिन उनकी इस पर नजर नहीं पड़ती। इससे साफ जाहिर होता है कि गवर्नमेंट इचचलाइज की इसमें मिलीभगत है, जो पहले इल्लीगल काम करवाते हैं और बाद में उसे ढंकने की कोशिश करते हैं। सेल डीड की जांच के लिए सर्किल ऑफिस को भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जमीन की सही स्थिति की जानकारी मिल पाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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हालांकि बहुत कम लोगों को ही इस बात की जानकारी है कि 'सैराट' केवल मराठी भाषा में ही नहीं बनी बल्कि कई क्षेत्रीय भाषाओं में इसके रीमेक बन चुके हैं। अब इस फिल्म का हिंदी रीमेक 'धड़क' बनकर तैयार है जिसमें जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म का डायरेक्शन शशांक खेतान ने किया है और इसे करण जौहर प्रड्यूस कर रहे हैं। अब यह फिल्म इस हफ्ते रिलीज होने के लिए तैयार है। 'धड़क' से पहले 'सैराट' के पंजाबी, कन्नड़ और उड़िया भाषा में रीमेक बन चुके हैं। पंजाबी में बनी फिल्म का नाम 'चन्ना मेरेया' था जिसका डायरेक्शन पंकज बत्रा ने किया था। इस फिल्म में निंजा, पायल राजपूत, योगराज सिंह और अमृत मान ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। कन्नड़ भाषा में यह फिल्म 'मानसू मल्लिगे' नाम से बनी थी। इसमें 'सैराट' की हिरोइन रिंकू राजगुरू ने ही दोबारा आर्ची का किरदार निभाया था और उनके ऑपोजिट निशांत लीड रोल में थे। इस फिल्म में भी कन्नड़ लिरिक्स को मराठी म्यूजिक कंपोजर अजय-अतुल ने ही संगीत से सजाया था। स्वराज और सुमीरा के लीड रोल वाले 'सैराट' के उड़िया वर्जन 'लैला ओ लैला' नाम से बनी थी जिसका डायरेक्शन सुशांत मणि ने किया था। जबकि बांग्ला में अभिमन्यु मुखर्जी 'सैराट' के रीमेक को 'नूर जहां' नाम से बना रहे हैं जिसमें आदित्य रॉय और पूजा चेरी लीड रोल्स में हैं। अगर आपने अभी भी मराठी में ऑरिजनल 'सैराट' नहीं देखी है तो इनमें से किसी भी भाषा में इस फिल्म के रीमेक देख सकते हैं।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। रामकृष्ण गोपाल भांडारकर रामकृष्ण गोपाल भांडारकर (6 जुलाई 1837 - 24 अगस्त 1925) भारत के विद्वान, पूर्वात्य इतिहासकार एवं समाजसुधारक थे। वे भारत के पहले आधुनिक स्वदेशी इतिहासकार थे। दादाभाई नौरोज़ी के शुरुआती शिष्यों में प्रमुख भण्डारकर ने पाश्चात्य चिंतकों के आभामण्डल से अप्रभावित रहते हुए अपनी ऐतिहासिक कृतियों, लेखों और पर्चों में हिंदू धर्म और उसके दर्शन की विशिष्टताएँ इंगित करने वाले प्रमाणिक तर्कों को आधार बनाया। उन्होंने उन्नीसवीं सदी के मध्य भारतीय परिदृश्य में उठ रहे पुनरुत्थानवादी सोच को एक स्थिर और मज़बूत ज़मीन प्रदान की। भण्डारकर यद्यपि अंग्रेज़ों के विरोधी नहीं थे, पर वे राष्ट्रवादी चेतना के धनी थे। वे ऐसे प्रथम स्वदेशी इतिहासकार थे जिन्होंने भारतीय सभ्यता पर विदेशी प्रभावों के सिद्धांत का पुरज़ोर और तार्किक विरोध किया। अपने तर्कनिष्ठ और वस्तुनिष्ठ रवैये और नवीन स्रोतों के एकत्रण की अन्वेषणशीलता के बदौलत भण्डारकर ने सातवाहनों के दक्षिण के साथ-साथ वैष्णव एवं अन्य सम्प्रदायों के इतिहास की पुनर्रचना की। ऑल इण्डिया सोशल कांफ़्रेंस (अखिल भारतीय सामाजिक सम्मलेन) के सक्रिय सदस्य रहे भण्डारकर ने अपने समय के सामाजिक आंदोलनों में अहम भूमिका निभाते हुए अपने शोध आधारित निष्कर्षों के आधार पर विधवा विवाह का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने जाति-प्रथा एवं बाल विवाह की कुप्रथा का खण्डन भी किया। प्राचीन संस्कृत साहित्य के विद्वान की हैसियत से भण्डारकर ने संस्कृत की प्रथम पुस्तक और संस्कृत की द्वितीय पुस्तक की रचना भी की, जो अंग्रेज़ी माध्यम से संस्कृत सीखने की सबसे आरम्भिक पुस्तकों में से एक हैं। . जिस स्त्री के पति की मृत्यु हो गयी हो उसे विधवा कहते हैं। जिस पुरुष की पत्नी की मृत्यु हो गयी हो उसे विधुर कहते हैं। . रामकृष्ण गोपाल भांडारकर और विधवा आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)। रामकृष्ण गोपाल भांडारकर 40 संबंध है और विधवा 0 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (40 + 0)। यह लेख रामकृष्ण गोपाल भांडारकर और विधवा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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LUCKNOW: देश के 83 पूर्व नौकरशाहों ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। इन रिटायर्ड अधिकारियों ने खुला पत्र जारी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से मामले का स्वतः संज्ञान लेने और अपनी निगरानी में जांच कराने का आग्रह किया है। सरकार पर आरोप लगाया है कि वह हिंसा में शामिल लोगों को न गिरफ्तार कर सिर्फ गोकशी के आरोपितों को पकडऩे में जुटी है। उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है। पत्र में कहा गया है कि सरकार ने इसे सांप्रदायिक एजेंडे के तहत फैलाई गई हिंसा माना था लेकिन, अब सारा फोकस गोकशी के आरोपितों की तरफ हो गया है। मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया, इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पूर्व अधिकारियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को इरादतन बताया है। कहा है कि गोकशी के मामले में उन लोगों को जेल भेजा गया है, जिनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है। सेवानिवृत्त अफसरों के इस समूह में कुछ अधिकारी मुख्य सचिव और डीजीपी जैसे प्रमुख पदों पर रहे हैं, जबकि कुछ विदेश मंत्रालय और भारत सरकार में तैनात रह चुके हैं। जिन प्रमुख अधिकारियों के पत्र में नाम हैं, उनमें एसपी एंब्रोस, जेएल बजाज, एन बाला भाष्कर, जेएफ रिबेरो, बृजेश कुमार, हर्ष मंदेर, एनसी सक्सेना, अदिति मेहता, जेपी राय, प्रवेश शर्मा, नरेंद्र सिसोदिया आदि हैं। इस मामले में डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि पत्र लिखने वाले तमाम पूर्व अफसरों में पिछली भ्रष्ट सरकारों में मलाई खाने वाले भी शामिल है। इन्हें बयान देने के लिए उत्पन्न किया गया है। इन पर टिप्पणी करना भी उचित नहीं है। बुलंदशहर कांड : सीएम के निर्देश पर जांच में जुटी एसआईटी, इंस्पेक्टर को गोली इस फौजी ने मारी थी!
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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Rahul Bhatt Murder : बडगाम में राहुल भट्ट की हत्या के बाद से वहां कश्मीरी पंडितों में गुस्सा एवं आक्रोश है। कश्मीरी पंडित अपने लिए सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कश्मीरी पंडितों की हत्या पर विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे आतंकवाद के खिलाफ कश्मीरी पंडितों की लड़ाई में उनका साथ दें। कुमार ने कहा, 'कश्मीरी पंडितों का गुस्सा जायज है लेकिन इससे भी बड़ी नाराजगी उन राजनीतिक दलों के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता का नारा लगाते हैं। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और उद्धव ठाकरे चुप हैं। इनकी चुप्पी से ऐसा लगता है कि कश्मीरी पंडित इस देश के नागरिक नहीं हैं और इनके ऊपर होने वाले अत्याचार मायने नहीं रखते। ' 'स्थानीय लोग कश्मीरी पंडितों का साथ दें' आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं को घाटी में बसाने में केंद्र सरकार को मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं कश्मीर के लोगों से अपील करता हूं कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पंडितों का साथ दें। कश्मीर जब तक आतंकवाद से मुक्त नहीं होगा तब तक इस देश के लोग शांति से नहीं बैठेंगे और पंडितों के हक के लिए आवाज उठाते रहेंगे। ' बता दें कि कश्मीरी पंडित एवं सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की पिछले सप्ताह दो आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या के खिलाफ कश्मीरी पंडितों का आक्रोश फूट पड़ा। शुक्रवात को कश्मीरी पंडितों ने बडगाम सहित अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को केंद्रशासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में जारी सर्वे पर आरएसएस नेता ने कहा कि इस मामले में सच्चाई सामने आनी चाहिए। इससे देश को सही रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
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Rajiv Pratap Rudy news : सोनपुर रेलवे के मंडल संसदीय समिति की बैठक के दौरान सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कस्टमर केयर नंबर 139 के हकीकत को बताया। इस हकीकत से आम लोग रोज रूबरू होते हैं, लेकिन रेलवे के अधिकारी अभी तक अनजान थे। छपराः रेलवे के लापरवाही के कारण आम आदमी रोज परेशान होते हैं। सांसद राजीव प्रताप रूडी ने रेलवे की उच्च स्तरीय बैठक में इस समस्या से सबको रूबरू करा दिया। सांसद राजीव प्रताप रूडी ने रेलवे के कस्टमर केयर नंबर की हकीकत को कुछ अलग अंदाज में ही अधिकारियों को बताया तो अधिकारी भी हतप्रभ रह गए। सोनपुर रेलवे के मंडल संसदीय समिति की बैठक के दौरान सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कस्टमर केयर नंबर 139 के हकीकत को बताया। इस हकीकत से आम लोग रोज रूबरू होते हैं, लेकिन रेलवे के अधिकारी अभी तक अनजान थे। रेलवे अधिकारियों के सामने रेलवे के कस्टमर केयर नंबर 139 की विफलता को सांसद रूडी ने व्यावहारिक रूप से प्रदर्शित कर दिखाया। Mumbai Local: मुंबई में बनेगी ट्रेन की पटरियों के नीचे सुरंग, बारिश में जलजमाव से बचने के लिए रेलवे की तैयारी इससे वहां उपस्थित तमाम उच्चाधिकारी हतप्रभ रह गये और तब सांसद रूडी ने कस्टमर केयर का नंबर कई बार डॉयल किया पर किसी भी टेली कॉलर से यह न तो कनेक्ट हुआ और न ही कोई प्रत्युत्तर आया जबकि फोन से कॉल का रेट 2 रुपये कट भी गया। इस प्रकार सांसद रूडी ने यह प्रदर्शित किया कि इसी प्रकार आम यात्री कॉल करते हैं उनके पैसे खर्च हो जाते हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। रेलवे ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है और जल्द समस्या समाधान का आश्वासन भी दिया है।
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बहुत सारे संगीतकारों और संगीत निर्देशकों के बाद प्रसिद्धि पाने वाले कच्छ बादाम गायक ने वायरल गीत को उठाया। Manoj Dey Vlogs के सदस्यों ने प्रसिद्ध गायक का दौरा किया, जो कहता है कि उसे उसका उचित क्रेडिट नहीं मिला, और उसे Tata Harrier के अंदर एक स्पिन दिया। गायक प्रभावित होकर वापस आया। वीडियो में हम देख सकते हैं कि वे लंबे समय से गायक के साथ बात कर रहे थे। जाते समय गायक भुवन बड्याकर उन्हें विदा करने आए। उसने Tata Harrier को पार्क किया और गाड़ी की जांच करने चला गया। फिर उन्होंने उसे अपनी नई कार - Tata Harrier में ले जाने की पेशकश की। उन्होंने गायक को अपने गांव के चारों ओर एक सवारी दी। गायक Tata Harrier से प्रभावित लगता है, खासकर पैनोरमिक सनरूफ से। Harrier के विशाल सनरूफ को देखकर वो भी हैरान रह गए. गायक अपने गांव बीरभूम में एक दुर्घटना में शामिल हो गया था। वह अपनी नई कार की कोशिश कर रहा था और कार को एक दीवार से टकरा गया। उनके चेहरे पर चकत्ते सहित कई चोटें आईं और कुछ दिनों के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसलिए उन्होंने इस वीडियो में हाथ पर पट्टी बांध रखी है। भुवन मूंगफली बेचकर प्रतिदिन 300 रुपये कमाते थे। किसी ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर इंटरनेट पर डाल दिया था जहां से उन्होंने कई लोगों की निगाहें खींच लीं और इंटरनेट सेंसेशन बन गए। कथित तौर पर उन्हें उस म्यूजिक कंपनी से 3 लाख रुपये मिले, जिसने उनके गाने को रीमिक्स किया था। वह एक राजनीतिक दल द्वारा भी शामिल है और राजनीतिक रैलियों में लाइव प्रदर्शन देता है। Tata Harrier और Safari के लिए नया टर्बो-पेट्रोल इंजन विकल्प 150 पीएस की अधिकतम शक्ति और 250 एनएम का पीक टॉर्क उत्पन्न करने की उम्मीद है। ये आंकड़े दोनों में उपलब्ध 2.0-लीटर डीजल इंजन से अधिकतम 170 पीएस की अधिकतम शक्ति और 350 एनएम के अधिकतम टॉर्क से कम हैं। दोनों एसयूवी में फिएट-सोर्स डीजल इंजन की तुलना में पेट्रोल इंजन अधिक परिष्कृत और चिकना होने की संभावना है। इसके 6-स्पीड मैनुअल और 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के दोनों विकल्पों के साथ पेश किए जाने की भी उम्मीद है, ठीक उसी तरह जैसे इन एसयूवी के वर्तमान में उपलब्ध डीजल-पावर्ड अवतार मिल रहे हैं। फीचर-लोडेड Tata Harrier में 18-इंच मशीनी अलॉय व्हील, कॉर्नरिंग फॉग लैंप, वायरलेस ऐप्पल कारप्ले और Android Auto के साथ 8.8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, वायरलेस चार्जर, पैनोरमिक सनरूफ, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, 7-इंच टीएफटी एमआईडी जैसे फीचर्स मिलते हैं। इंस्ट्रूमेंट कंसोल, पावर्ड ड्राइवर सीट, पुश स्टार्ट-स्टॉप बटन और क्रूज कंट्रोल के साथ टिल्ट और टेलिस्कोपिक एडजस्टेबल मल्टी-फंक्शनल स्टीयरिंग व्हील।
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Lalu Yadav Daughter: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू यादव का सोमवार को सिंगापुर में सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। उन्हें उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने किडनी डोनेट किया है। फिलहाल, लालू और रोहिणी आचार्य सर्जरी के बाद अस्पताल में भर्ती हैं। 74 साल के पिता को किडनी डोनेट करने के बाद 40 साल की रोहिणी आचार्य की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। लोगों का कहना है कि ये रोहिणी के लिए जोखिम भरा निर्णय था। उधर, रोहिणी के हौसले की केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी तारीफ की है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को लालू यादव का कट्टर आलोचक में से एक हैं। गिरिराज ने कहा कि रोहिणी ने अपने निर्णय से एक मिसाल कायम की है। लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने सोमवार शाम सर्जरी के बाद ट्विटर पर कई तस्वीरें और वीडियो साझा किए। मीसा और रोहिणी के छोटे भाई बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अस्पताल से एक अपडेट शेयर किया। पापा का किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन सफलतापूर्वक होने के बाद उन्हें ऑपरेशन थियेटर से आईसीयू में शिफ्ट किया गया। तेजस्वी यादव और मीसा भारती सर्जरी के लिए सिंगापुर में अपने बीमार पिता के साथ रह रहे हैं। पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे लालू यादव को इस साल की शुरुआत में किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई थी। ऑपरेशन से कुछ घंटे पहले रोहिणी ने अपने पिता के साथ सर्जरी से पहले की एक तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा कि मुझे शुभकामनाएं दें। सर्जरी से पहले लालू यादव की सलामती के लिए बिहार के मंदिरों में 'हवन' से लेकर 'महामृत्युंजय जाप' तक की गई।
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