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मृत्युदंड दोबारा शुरू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प को दिया तगड़ा झटका - हिन्द खबर
होम विदेश मृत्युदंड दोबारा शुरू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प को दिया तगड़ा...
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मृत्युदंड के मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर झटका मिला है। ट्रम्प चाहते थे कि अमेरिका में मौत की सजा को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।
मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है। इस फैसले ने ट्रंप की योजना पर पानी फेर दिया है। दरअसल, अमेरिका में अगली सजा-ए-मौत सोमवार को श्वेत वर्चस्व के हिमायती डेनियल लुईस को दी जानी थी लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
लुईस ने १९९६ में आठ साल की बच्ची समेत एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने लुईस को मृत्युदंड सेे इनकार करते हुए कहा, यदि यह मामला ६० दिनों के भीतर निचली अदालतों द्वारा हल नहीं किया जाता है तो इसे फिर दाखिल किया जा सकता है।
इससे पहले अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने संघीय अपराधों के लिए मृत्युदंड की बहाली मांगी थी लेकिन सर्वोच्च अदालत ने इस पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया। इससे पहले अमेरिकी सरकार ने १९८८ में मौत की सजा को बहाल किया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में आखिरी बार १६ साल पहले सजा-ए-मौत दी गई थी और तब से लेकर अब तक सिर्फ तीन बार मौत की सजा दी गई है।
चार लोगों ने इस तरीके से सजा-ए-मौत को चुनौती दी थी जिसके बाद निचली अदालतों ने फांसी की सजा पर रोक लगा दिया था।
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बीस साल लंबे पत्रकारिता करियर में अखबार के साथ ही टीवी और डिजिटल में भी कर चुके हैं काम |
सरकारी नौकरी अन्य पोस्ट ग्रेजुएट नौकरियों मनाली में नौकरी रिक्तियों जल्दी करो
मनाली में अन्य पोस्ट ग्रेजुएट जॉब्स डिसेंबर २०१७. फ्रेंशर और अनुभवी उम्मीदवारों के लिए मनाली में नवीनतम सरकारी नौकरी अन्य पोस्ट ग्रेजुएट जॉब्स। मनाली में नवीनतम अन्य पोस्ट ग्रेजुएट जॉब्स के लिए आवेदन करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी इकट्ठा करने के लिए यह सही जगह है। आप न केवल केंद्रीय सरकारी नौकरी पर भी मनाली में अन्य पोस्ट ग्रेजुएट जॉब्स में बड़ी रिक्तियों को नोटिस कर सकते हैं डिसेंबर २०१७ हिंदी में फ्रेशर्स और अनुभवी उम्मीदवारों के लिए दोनों। |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी सोमवार को सुलतानपुर गांव में वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. इस एक्सप्रेसवे को केएमपी ( कुंडली-मानसरोवर, पलवल) एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के खुलने से दो बड़े फायदे होंगे. पहला चार लाख से ज्यादा गाड़ियों को दूसरे राज्य में जाने के लिए दिल्ली में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी और दूसरा इससे करीब २० फीसदी तक प्रदूषण में कमी आ सकती है.
१५ साल में पूरी हुई परियोजना
इस परियोजना को पूरा करने में १५ साल का समय लग गया है. दरअसल इसके परियोजना को २००९ तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था लेकिन तब से कई बार इसकी डेड लाइन को आगे बढ़ाया जा चुका है.
दिल्ली के वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को साल २००३ में प्रस्तावित किया गया था. इस परियोजना को पूरा करने का काम केएमपी एक्सप्रेसवे लिमिटेड को दिया गया था. इस परियोजना पर शुरुआत में कुल लागत १९१५ करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी.
बल्लभगढ़ मेट्रो का करेंगे उद्घाटन
इसके अलावा पीएम मोदी सोमवार को बल्लभगढ़ से एस्कॉर्ट मुजेसर के बीच मेट्रो का उद्घाटन भी करेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह दोपहर १२.३० बजे सुल्तानपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मेट्रो की शुरुआत करेंगे. खबर है कि सोमवार शाम ५ बजे से यह लाइन आम लोगों के लिए खोल दी जाएगी. इस मेट्रो लाइन के विस्तार से अब यात्रियों को दो नए स्टेशन मिलेंगे. इसमें एक स्टेशन संत सूरदास (सिही) और दूसरा राजा नाहर सिंह (बल्लभगढ़)
मेट्रो गुरुग्राम, फरीदाबाद और बहादुरगढ तक यात्रियों को ले जाती थी
डीएमआरसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बल्लभगढ़ तक मेट्रो को चला कर हरियाणा को चौथी बार दिल्ली से जोड़ा जाएगा. अब तक मेट्रो गुरुग्राम, फरीदाबाद और बहादुरगढ़ तक यात्रियों को ले जाती थी. सोमवार से हरियाणा में आने वाला बल्लभगढ़ भी मेट्रो से जुड़ जाएगा. इस मेट्रो कॉरीडोर के उद्घाटन के बाद कश्मीरी गेट से राजा नाहर सिंह मेट्रो स्टेशन (बल्लभगढ़) तक का सेक्शन ४६.६ किलोमीटर तक का हो जाएगा. इसके बाद अब आप बल्लभगढ़ से कश्मीरी गेट तक मात्र ७५ मिनट में पहुंच सकेंगे. ये यात्रा पहले ढाई घंटे में पूरी होती थी.
बल्लभगढ़ एक बड़ा औद्योगिक शहर है
एस्कॉर्ट्स मुजेसर से राजा नाहर सिंह (बल्लभगढ़) रेल सेक्शन फरीदाबाद, दक्षिण पूर्व दिल्ली और मध्य दिल्ली को जोड़ेगा. इस रूट के चलते यहां कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी. बल्लभगढ़ एक बड़ा औद्योगिक शहर है. इसका बहुत तेजी से विकास हो रहा है. बढ़ी संख्या में लोग बल्लभगढ़ से दिल्ली के बीच यात्रा करते हैं और इस मेट्रो से उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी. इस सेक्शन के राजा नाहर सिंह मेट्रो स्टेशन को बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन और बल्लभगढ़ अंतर राज्यीय बस अड्डे से फुट ओवर ब्रिज के जरिए जोड़ा जाएगा. |
यौन उत्पीड़न और एसिड अटैक के शिकार पुरुषों के लिए राहत, अब मिलेगा मुआवजा | चैनल हिन्दुस्तान हिन्दी
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यौन उत्पीड़न और एसिड अटैक के शिकार पुरुषों के लिए राहत, अब मिलेगा मुआवजा
डेस्क: यौन उत्पीड़न या एसिड अटैक के शिकार पुरुषों को भी अब मुआवजा मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पोस्को कानून में सुनवाई कर रहे विशेष जजों को दो अक्टूबर से योजना लागू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस बारे में नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी यानी नालसा की योजना को जेंडर न्यूट्रल कहा है। कोर्ट ने कहा है कि नालसा की मुआवजा योजना जेंडर न्यूट्रल होगी। इसके तहत बलात्कार पीड़ित को न्यूनतम ४ लाख और एसिड अटैक पर ७ लाख मुआवजा देने की बात है।
ज्ञात हो कि इसी साल ११ मई को सुप्रीम कोर्ट ने नालसा की योजना को मंजूरी दी थी। इसे २ अक्टूबर तक पूरे देश में लागू करने को कहा था। इसके तहत बलात्कार पीड़िताओं को न्यूनतम ४ लाख और एसिड अटैक के मामलों में न्यूनतम ७ लाख का मुआवजा देने की बात कही गयी है।
आपको बता दें कि इससे पहले एसिड अटैक मुआवजा स्कीम में पुरुषों को भी शामिल करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था। याचिका में कहा गया था कि एसिड अटैक पीड़ित पुरुषों को न मुआवजा मिलता है और न सरकारी खर्चे पर इलाज। याचिका में ये भी कहा गया था कि इस साल जनवरी से अब तक एसिड अटैक के १८ मामले सामने आये हैं, इनमें ३ मामले पुरुषों पर हमले के हैं।
एसिड अटैक पीड़ितों के लिए ये है योजना
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक मामलों में पीड़ितों को न्यूनतम सात लाख रुपए मुआवजा देने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने सभी राज्यों को इस संबंध में एक हफ्ते के भीतर स्कीम भेजने को कहा था, जिसके बाद हर राज्य को उसका पालन करना पड़ेगा। नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएलएसए) ने मुआवजे की रकम को रिलीफ पॉलिसी के अंतर्गत तय किया था, जिस पर कोर्ट अपनी सहमति दे दी थी। अथॉरिटी ने यह रकम तय करने के लिए केंद्र सरकार के साथ चर्चा की थी, जिसमें फैसला हुआ था कि पीड़िताओं को मुआवजे के रूप में कम से कम पांच लाख रुपए से लेकर सात लाख रुपए दिए जाएंगे।
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तस्वीरों में आप दिशा पटानी को देख सकते हैं. बताते चलें कि दिशा बॉलीवुड एक्टर टाइगर श्राफ दी गर्लफ्रेंड हैं. वे तेज़ी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही हैं और उन्होंने धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी जैसी बेहद सफल फिल्म में काम किया है. वहीं इस साल आई उनकी फिल्म कुंग फू योगा कोई ख़ास सफलता हासिल नहीं कर पाई. लाटेस्ट फोटो |
विश्व कप २०१९ की तैयारियों को सभी टीमों ने अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट ३० मई से इंग्लैंड और वेल्स के मैदानों पर खेला जायेगा। इसके लिए भारतीय टीम भी लगभग तैयार है लेकिन अभी भी टीम में कुछ जगहें खाली हैं। इसके लिए खिलाड़ी आपस में लड़ाई कर रहे हैं, लेकिन विश्व कप से पहले आईपीएल भी होना है।
आईपीएल की फॉर्म पर नहीं मिले विश्व कप का टिकट
भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर और विश्व कप १९८३ विजेता टीम के सदस्य मोहिंदर अमरनाथ का कहना है कि आईपीएल की फॉर्म पर किसी भी खिलाड़ी को विश्व कप टीम में जगह नहीं मिले। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए अपने कॉलम में उन्होंने लिखा
हां, आईपीएल के बीच खेला जाएगा लेकिन जब टीम का चयन विश्व कप के लिए किया जा रहा हो तो इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के फॉर्म को ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए। चयन का आधार पर होना चाहिए कि खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या हासिल किया है।
कप्तान विराट कोहली की तारीफ
मोहिंदर अमरनाथ को विश्व कप १९८३ के सेमीफाइनल और फाइनल दोनों मुकाबले में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिला था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में दमदार प्रदर्शन के लिए कप्तान कोहली और टीम की सराहना की है। उन्होंने लिखा
ऑस्ट्रेलिया में भारत का प्रदर्शन शानदार था, लेकिन मुझे लगता है कि घर पर न्यूजीलैंड को हराना एक और बड़ी उपलब्धि है। खासकर तब जब हमने २००९ के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ उनके घर में एक भी एकदिवसीय मैच नहीं जीता था। कप्तान ने आगे से टीम का नेतृत्व किया। मैदान पर उनकी उपस्थिति और रवैये का अगर खिलाड़ियों में साफ दिख रहा है।
चहल और कुलदीप का शानदार प्रदर्शन
भारतीय की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मिली जीतों में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने लगातार विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई है। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ ने इन दोनों गेंदबाजों के प्रदर्शन की भी सराहना की है।
आईपीएलआईसीसी विश्व कपभारतीय क्रिकेट टीममोहिंदर अमरनाथ
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सीधी खरी बात..: बिहार और संविधान
बिहार और संविधान
काफी लम्बे समय के बाद देश में एक बार फिर से बिहार में १९९८ के यूपी जैसी स्थिति सामने आई है और सम्भावना इस बात की दिख रही है कि अल्पमत में आये और जेडीयू से निष्कासित सीएम मांझी को विधान सभा में बहुमत साबित करने का अवसर और समय राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी द्वारा दिया जायेगा क्योंकि पहले जिस तरह से मांझी द्वारा दिल्ली में यह दावा किया गया था कि वे मंत्रमंडल का विस्तार करना चाहते हैं उससे मामला उलझ सा गया लगता है. यदि मांझी द्वारा इस तरह के दावे न किये जाते तो संभवतः केसरी नाथ उनसे आगामी बजट सत्र में पहले बहुमत साबित करने केलिए कह सकते थे पर इस मामले में मांझी और भाजपा के आंकलन में गड़बड़ी रह गयी और जेडीयू में उतने बड़े पैमाने पर विभाजन नहीं हुआ जिसकी उम्मीद की जा रही थी. अब जब मामला जानबूझकर उलझाया जा रहा है तो बिहार के राज्यपाल के साथ ही केंद्र सरकार पर भी दबाव बनने वाला है क्योंकि इसी वर्ष चुनावी बिसात बिछने से अब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिये ही परिस्थितियां आसान नहीं रहने वाली हैं.
राज्यपाल के पास ऐसी परिस्थिति में खुले तौर पर सबसे सुगम संवैधानिक विकल्प यही होता है जिसमें वह सरकार से सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं पर इसके लिए राजयपाल द्वारा अनावश्यक रूप से जो समय लिया जा रहा है वह चुनावी वर्ष में केवल भाजपा को संभावित लाभ दिलाने के चलते ही लग रहा है. बिहार की जाति आधारित राजनीति में विधान सभा चुनावों में इसी दम पर बहुत कुछ दांव पर लगा रहने वाला है तो किसी के लिए भी इसकी अनदेखी करना आसान नहीं रहने वाला है. सदन में जब सत्ताधारी दल के अध्यक्ष के रूप में शरद यादव की तरफ से राज्यपाल को सूचित कर दिया गया है कि मांझी अब उसके विधान मंडल दल के नेता नहीं हैं और उनके स्थान पर नितीश को नया नेता चुन लिया गया है तो उन्हें सीधे तौर पर कार्यवाही करते हुए मांझी इस्तीफ़ा न देने की स्थिति उन्हें बर्खास्त करने या सदन का विश्वास हासिल करने के लिए कहना चाहिए पर वे जिस तरह से जेडीयू के इस मामले का राजनैतिक रूप से भाजपा के लिए दुरूपयोग कर रहे हैं उसका कोई औचित्य नहीं है.
जब एक बार यह तय किया जा चुका है कि किसी भी सरकार के लिए सदन में ही विश्वास मत हासिल करने से अच्छा कोई विकल्प नहीं हो सकता है तो इस तरह से राजनैतिक अनिश्चितता को बनाये रखने से जनता में क्या सन्देश जाने वाला है ? यह भी पूरी तरह से सही है कि विगत में केंद्रीय सत्ताधारी दलों के द्वारा राज्यपाल के पद का इसी तरह से दुरूपयोग भी किया जाता रहा है पर कल्याण सिंह- जगदम्बिका पाल के मामले में एक बार सदन की सर्वोच्च्च्ता साबित हो चुकी है तो उस पर तुरंत निर्णय लेने के स्थान पर समय काटने से क्या खरीद फरोख्त का समय नहीं दिया जा रहा है ? जनता ने पिछली सरकारों के साथ भी सब कुछ देखा था और आज भी वह नैतिकता की बातें करने वाली भाजपा की स्थिति को देख रही है जो कहने और करने में कितनी अलग है संभवतः सबके सामने आ रहा है और इसीलिए जनता को वह भी राजनीति करने में किसी मामले में पार्टी विद डिफरेंस कहीं से भी नहीं लगती है. संवैधानिक संकट की परिस्थितियों में सरकार को बचाये जाने के लिए जिस तरह के उदाहरण अभी तक सामने आये हैं आज भी उन पर अमल करने से केंद्र सरकार पता नहीं क्यों डर रही है शायद उसे इसी बहाने से बिहार में विकास एक स्थान पर जातिगत राजनीति का अगला सबक सीखने का अच्छा अवसर मिल रहा है जिसे वह पूरी तरह से भुनाना भी चाह रही है.
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ब्रेकिंग इंड व्स इंग:ऋषभ पंत नॉटिंघम टेस्ट में कर सक्ते है अपने करियर का आगाज
इंग व्स इंड, ३र्ड टेस्ट: शुरुआती दोनों टेस्ट मैचों में टीम की पहली पसंद दिनेश कार्तिक फायदा उठाने में नाकाम रहे. फायदा इसलिए क्योंकि दिनेश कार्तिक को चोटिल ऋिद्धिमान साहा की जगह टीम में चुना गया था. ऐसे में भारत के लिए करीब दस साल बाद टेस्ट खेलने वाले दिनेश कार्तिक के पास खुद के टेस्ट करियर का अच्छा मौका था
शुरुआती दोनों टेस्ट मैचों में टीम की पहली पसंद दिनेश कार्तिक फायदा उठाने में नाकाम रहे. फायदा इसलिए क्योंकि दिनेश कार्तिक को चोटिल ऋिद्धिमान साहा की जगह टीम में चुना गया था. ऐसे में भारत के लिए करीब दस साल बाद टेस्ट खेलने वाले दिनेश कार्तिक के पास खुद के टेस्ट करियर का अच्छा मौका था, लेकिन कार्तिक टीम इंडिया के बाकी बल्लेबाजों की तरह शुरुआती दोनों ही टेस्टों में औंधे मुंह गिरे
ऋषभ ने हाल ही में इंग्लैंड में इंडिया ए के लिए खेलते हुए ट्राई सीरीज में ५ मैचों में ५2.६६ के औसत से १५8 रन बनाए, तो वहीं इस लेफ्टी बल्लेबाज ने विंडीज के खिलाफ चार दिनी अनऑफिशियल टेस्ट में १ टेस्ट में ७०.०० के औसत से इतने ही रन, तो इंग्लैंड के खिलाफ चारदिनी मैच में ५9.५0 के औसत से ११9 रन बनाए. ऋषभ की इन्हीं पारियों के बाद जो तीसरी बात रही जिसने टीम मैनेजमेंट पर दबाव बनाया, वह रहा दिग्गज राहुल द्रविड़ का बयान. द्रविड़ ने कहा कि ऋषभ टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उन्हें जारी सीरीज खिलाया जाना चाहिए.
कासगंज- चन्दन गुप्ता हत्याकांड में आरोपियों के घर हुयी कुर्की
ब्रेकिंग कासगंज कासगंज- चन्दन गुप्ता हत्याकांड में आरोपियों के घर हुयी कुर्की, गिरफ्तारी ना हो पाने से कोर्ट के आदेश []
मैनपुरी-हाँथों में तमंचा लिए चोरी करते लाइव सीसीटीवी फुटेज वायरल
मैनपुरी जनपद में चोरो के हौसलो की दाग देने वाला वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में साफ दिख रहा कि []
अमेठी-जिलाधिकारी ने किया धान खरीद केन्द्रों का औचक निरीक्षण।
लक्ष्य के सापेक्ष खरीद न होने पर केन्द्र प्रभारियों को कठोर चेतावनी। बात करते है हम अमेठी कि जहां किसानो []
२०१३ बैच के आईपीएस है अनुराग आर्य क्राईम कंट्रोल करने के साथ रबी मे मैनेजर भी रह चुके है अमेठी [] |
दिल्ली में महिला पत्रकार पर हमला, पुलिस के हाथ खाली
दिल्ली में एक पार्क में टहल रही ४५ वर्षीय महिला पत्रकार पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. इस हमले में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई. उन्हें इलाज के लिए दीप चंद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें दूसरे अस्पताल में रैफर कर दिया गया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
परवेज़ सागर/ अरविंद ओझा
नई दिल्ली, ०६ अप्रैल २०१७, अपडेटेड २१:३७ इस्ट
मामला उत्तर पूर्व दिल्ली के अशोक विहार इलाके का है. पुलिस ने बताया कि घटना बुधवार शाम की है, जब अपर्णा कालरा नामक महिला पत्रकार इलाके के लोकप्रिय पार्क पिकनिक हट में टहलने गई थीं. उस वक्त सामान्य तौर पर पार्क में भीड़भाड़ रहती है. तभी उन पर हमला किया गया.
अपर्णा के रिश्तेदार एचसी भाटिया ने बताया कि वह कल शाम को पार्क में टहलने गई थीं, जो उनके घर से दो मिनट की दूरी पर है. वह छह बजे से सवा छह बजे के बीच प्रतिदिन पार्क में जाती हैं और अंधेरा होने से पहले तकरीबन शाम सात बजे तक लौट आती हैं.
मगर बुधवार की शाम पत्रकार के परिवार को साढ़े सात के करीब दीप चंद अस्पताल और पुलिस की तरफ से फोन आया कि अपर्णा को जख्मी हालत में अस्पताल लाया गया है. उनके परिजन फौरन अस्पताल पहुंच गए. जहां अपर्णा को अचेत हालत में पाया गया. उनके सिर और नाक से खून बह रहा था.
जब उन्हें होश आया तो उन्होंने बताया कि उन पर हमला हुआ था. बाद में उन्हें शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कल रात उनकी सर्जरी की गई है. फोर्टिस अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि कालरा की हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन चूंकि उनकी गंभीर सर्जरी हुई है, उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है.
उनके रिश्तेदारों ने बताया कि अपर्णा के सिर पर गंभीर जख्म आए हैं. उन पर लोहे की छड़ से हमला किया गया था और उनके सिर की हड्डी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है. पुलिस ने बताया कि अभी तक कोई भी चश्मदीद सामने नहीं आया है. उनके परिवार के सदस्यों को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस वारदात के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं कि मसलन आख़िरकार अपर्णा पर हमला करने वाले कौन थे? क्या अपर्णा कालरा की किसी से दुश्मनी थी? बदमाशों का हमला करने का मकसद क्या था?
क्योंकि अपर्णा के पास हमले के वक़्त ना तो पर्स था और ना ही मोबाइल. क्या हमलावर अपर्णा की हत्या करना चाहते थे. पुलिस के लिए ये सारे सवाल चुनौती बने हुए हैं. फिलहाल इस मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं.
पोर्न देखने वाले मंत्री ने पत्रकार पर किया केस
बिहारः पत्रकार की गोली मारकर हत्या
छत्तीसगढ़: सीबीआई की हिरासत में पत्रकार ने लगाई फांसी |
कोहनी असमें बी १६ ११
होम > उत्पादों > कोहनी असमें बी १६ ११
(कोहनी असमें बी १६ ११ के लिए कुल २४ उत्पादों)
थोक चीन से कोहनी असमें बी १६ ११ , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते कोहनी असमें बी १६ ११ खोजने की आवश्यकता है। बस कोहनी असमें बी १६ ११ पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे कोहनी असमें बी १६ ११ का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं। |
आदिवासी किसानों को मारकर पुलिस ने कुछ गलत नहीं किया- जयंत सिन्हा
हजारीबाग। झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में हुई पुलिस फायरिंग से चार ग्रामीणों की मौत में पुलिस की तरफ से कोई वॉयलेशन नहीं हुआ। ऐसा हम नहीं केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा कह रहे हैं।इस गोलीकांड मामले में हजारीबाग के सांसद और केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने पुलिस को क्लीन चिट दे दी है। केन्द्रीय मंत्री ने सिर्फ वीडियो फुटेज देखकर ही पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।
आपको बता दें कि १ अक्टूबर को झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में पंकरी बरवाडीह कोयला खादान की भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुई पुलिस फायरिंग में चार ग्रामीण मारे गए थे। इसके खिलाफ विपक्षी दलों ने २४ अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने इसे पुलिस के द्वारा अघोषित हत्या करार दिया है। इसके बाद जयंत सिंहा दिल्ली से हजारीबाग पहुंचकर घायल अधिकारियों से मिले। सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि लोगों को इस घटना से राजनीति नहीं करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि इस घटना से उन्हें गहरा दुख हुआ है। लेकिन इस घटना के वीडियो फुटेज को देखकर पता चल रहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों द्वारा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। क्लिप में साफ दिख रहा है कि सीओ शैलेश कुमार सिंह भीड़ से हाथ जोड़कर अनुरोध कर रहे हैं। मैंने वीडियो में देखा कि पुलिस अधिकारी ग्रामीणों से अपनी ड्यूटी निभाने को लेकर मिन्नतें कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बरकागांव कांग्रेस विधायक निर्मला देवी की गिरफ्तारी भी प्रोटोकॉल के अन्तर्गत किया गया। जयंत सिन्हा ने हजारीबाग डीसी रविशंकर शुक्ल और एसपी भीमसेन तूती से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि निर्मला देवी को महिला कांस्टेबलों की उपस्थिति में गिरफ्तार किया गया था। जयंत सिन्हा ने कहा कि निर्मला देवी और उनके पति योगेन्द्र साव(पूर्व राज्य कृषि मंत्री) गरीबों को साथ लेकर गन्दी राजनीति कर रहे हैं। वह गरीबों को विकास की तरफ से हटाकर विनाश की तरफ ले जाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि जिन चार लोगों की मौत हुई है उसमें तीन किशोर छात्र और एक जवान दर्जी शामिल है। इस हत्या की सफाई में जयंत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से बात कर ली है। उन्होंने एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है जो इसकी जांच करेगी। ग्रामीणों को जांच का इंतजार करना चाहिए।
ग्रामीण किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बाद केंद्र सरकार की तरफ से दी गई क्लीनचिट से साफ है कि मामला स्थानीय नहीं बल्कि केंद्र सरकार तक के संज्ञान में है। भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू के प्रवक्ता देवशरन भगत भी किसानों का साथ देने की बात कह चुके हैं। लेकिन ताजा हालातों पर चुप्पी साधे हैं।
पुलिस इस मामले में अब किसानों का साथ देने वाली विधायक निर्मला देवी सहित ६०० लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर इस मामले की जांच करने जा रही है। दरअसल बड़कागांव में एनटीपीसी लगाया जा रहा है। जिन लोगों की जमीन इसके लिए अधिग्रहीत की गई है वे मुआवजे के साथ नौकरी की मांग कर रहे हैं। सरकार इस मांग को पूरा करने के पक्ष में नहीं है। आदिवासी किसानों का कहना है कि मुआवजे की राशि खत्म होने के बाद उनका जीवन निर्वहन कैसे होगा। अभी तक वे खेती के जरिए अपने परिवार का पालन करते आए हैं। न खेती रहेगी और न नौकरी तो उनका भविष्य क्या होगा। इसी बात को लेकर दो दिन पहले आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की गई।(नेशनल दस्तक से साभार)
सिन्हा के बयान पर अपनी राय देना ना भूले |
के लिए इटन फुलर प्रसारण
वॉ एयर कूल्ड भागों
के लिए जेडएफ प्रसारण
उत्पाद/सेवा (हम बेच): ऑटो पार्ट्स, ट्रक भागों, बेंज ट्रक भागों, डफ भागों, स्कैनिया भागों
२००३ में स्थापित, के एक व्यावसायिक निर्माण और आपूर्तिकर्ता ऑटो पार्ट्स, ट्रक भागों, खुदाई भागों, फोर्कलिफ्ट भागों चीन में. हम हमारे बाजार पर यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया आदि हम इसो९००१: २००८/इसो-ट्स१६९४९ गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली प्रमाणित है। इसके अलावा, हम एक अनुभवी टीम ग्राहकों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों और उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के लिए. हमारे उत्पाद रेंज को शामिल किया गया १. मेरिटर/रॉकवेल भागों, इटन/फुलर भागों, जेडएफ पारेषण भागों, क्युमिंस भागों, पर्किन्स भागों, ब्प भागों आदि २. ट्रक भागों मर्सिडीज बेंज के लिए, डफ, आदमी, इवेंको, स्कैनिया, रेनॉल्ट ट्रक, वोल्वो ट्रक, हिनो, इसुजु ट्रक, मित्सुबिशी ट्रक, निसान ट्रक, फोर्ड ट्रक, मैक, बेडफोर्ड, माज़, टाटा ट्रक आदि ३. बिल्ली के लिए खुदाई भागों और बुलडोजर भागों/कमला, कोमत्सू, हिताची, कोबेल्को, काटो, वोल्वो, सुमितोमो, हुंडई, दूसन/देवू, सैमसंग और मित्सुबिशी आदि ४. फोर्कलिफ्ट भागों टोयोटा के लिए, मित्सुबिशी, निसान, कोमत्सू, इसुज़ू, टीसीएम, देवू, हुंडई, येल, तैलिफ्ट, यानमार द्वारा अबिडिंग आदि हमारे आदर्श वाक्य के "ग्राहकों की संतुष्टि १स्त", हम उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और उत्कृष्ट सेवा के साथ हमारे ग्राहकों को उपलब्ध कराने. अपने वफादार आपूर्तिकर्ता चीन में. |
एक बुक जर्नल: दस लाख - सुरेन्द्र मोहन पाठक
दस लाख - सुरेन्द्र मोहन पाठक
रेटिंग: ३.५ /५
उपन्यास १९ से २० जून के बीच पढ़ा गया
फॉर्मेट : ईबुक
प्रकाशक : न्यूज़ हंट
सीरीज : जीत सिंह #१
इंस्पेक्टर एक बड़ी बड़ी मूँछों वाला मराठा था जो कि अपनी लाल-लाल आँखों से जीतसिंह को यूँ घूर रहा था जैसे निगाहों से ही उसे भस्म कर डालना चाहता हो।
प्यार ऐसी चीज़ है जिसकी चाहत दुनिया के हर इंसान को होती है। रोटी, कपड़ा और मकान के साथ साथ प्यार का नाम भी इंसान कि बुनियादी ज़रूरतों में शामिल होता है। एक अदद साथी की तलाश हर किसी को होती है और अगर वो साथी सौभाग्यवश मिल जाए तो फिर इंसान उस साथी के साथ रहने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देता है। जीत सिंह का किस्सा भी इससे जुदा नहीं था। जीत सिंह को अपने पड़ोस में रहने वाली सुष्मिता से इश्क़ हो गया था। एक तरफ जहाँ जीत सिंह मामूली शक्ल सूरत वाला एक साधारण ताला चाबी का कारीगर था वहीं दूसरी तरफ सुष्मिता एक पढ़ी लिखी और बेहद खूबसूरत युवती थी। वो अपने और सुष्मिता के बीच के बुनियादी फासलों से आगाह था इसलिए सुष्मिता की छोटी छोटी मदद कर कर ही खुश हो जाता था। लेकिन किस्मत के खेल निराले होते हैं।
जब सुष्मिता की बहन की तबियत ख़राब हो गयी और उसे पता चला कि ईलाज के लिए दस लाख रुपयों की ज़रुरत पड़ेगी तो उसके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गयी। वो दुःख के ऐसे पहाड़ के समक्ष अपने को पा रही थी जिससे पार पाना उसे मुमकिन नहीं जान पड़ता था। जीत सिंह ने जब मदद का हाथ बढ़ाया तो शुष्मिता उस पर निहाल हो गयी और शुष्मिता ने जीत से वादा किया कि अगर वो उसकी मदद कर देता है तो सुष्मिता जीत के पाँव धो धो कर पियेगी। जीतसिंह ने अपने को अँधा क्या मांगे दो आँखे वाली अवस्था में पाया और वो निकल पड़ा दस लाख की तलाश में।
दस की तलाश उसे गुनाह के ऐसे रास्ते में ले गयी जहाँ वापस न जाने का उसने फैसला किया था। उसके पास दिए गए तीन महीने में से दो हफ़्तों का ही समय रह गया था और अब तक उसके हाथ फूटी कौड़ी नही लगी थी। उसने जो भी काम करना चाहा वो ही काम में या तो फच्चर पड़ गया या वो धोखे का शिकार हुआ। क्या वक़्त के रहते जीत सिंह अपने किये वादे को पूरा कर पायेगा ? क्या वो इतनी रकम जमा कर पायेगा ? और अगर करेगा भी तो कैसे ??
ये सब जानने के लिए आपको सुरेन्द्र मोहन पाठक जी कि कलम से निकला हुआ ये बेहतरीन उपन्यास पढ़ना होगा।
'दस लाख' जीत सिंह सीरीज का पहला उपन्यास है जो कि पहली बार १९९३ में प्रकाशित हुआ था। उपन्यास रोमांच से भरपूर तो है ही लेकिन जीत सिंह की व्यथा इसे मार्मकि भी बना देता है। जीत सिंह एक पारम्परिक नायक नहीं है। वो एक चोर है जो की अपनी खुदगर्जी के लिए चोरी करता है। लेकिन फिर भी पाठक साब ने इस किरदार को ऐसे गढ़ा है की आप न चाहकर भी जीतसिंह को कामयाब देखना चाहते हैं। उपन्यास में रोमांच है और कथानक एकदम कसा हुआ है। अक्सर उपन्यासों में कहानी को खींचा जाता है लेकिन पाठक सर की यह खासियत रहती है कि वो अक्सर उतना ही लिखते हैं जितना की ज़रूरी होता है। इससे उपन्यास की लय भी बनी रहती हैं और पाठक का उपन्यास के प्रति रुझान भी। यह बात उपन्यास में भी लागू होती है। अगर आप एक रोमांचकारी उपन्यास को पढ़ना चाहते हैं तो इस उपन्यास को आपको ज़रूर पढ़ना चाहिये।
उपन्यास में एक पाठक की हैसियत से मुझे तो कोई कमी नहीं लगी। हाँ, कुछ जगह सम्पादकीय गलती है जैसे नाम गलत होना या शब्द गलत होना। अक्सर 'ँ' को 'ं' लिखा जा रहा है जैसे कि 'यहाँ' को 'यहां' , 'वहाँ' को 'वहां' , 'यूँ' को 'यूं' । दोनों में उच्चारण का काफी अंतर होता है। प्रकाशक को ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे गलतियाँ न हों क्योंकि हम जैसे लाखों पाठक उपन्यास पढ़कर ही किसी भाषा को सीखते हैं और अगर उपन्यास में ही गलती हो तो नए पाठक भी इस गलती को अपना लेंगे जिससे अंत में नुक्सान भाषा का ही है।
अंत में केवल इतना ही कहूँगा कि अगर आप एक उपन्यास पढना चाहते हैं जो कि आपको रोमांचित करे और जिसमे आप खो जाये तो 'दस लाख' को चुनकर आप कोई गलती नहीं करेंगे।
अगर आपने उपन्यास को पढ़ा है तो अपनी राय से अवगत कराना न भूलियेगा। और अगर उपन्यास नहीं पढ़ा है तो उपन्यास को आप न्यूज़ हंट एप्प पर खरीद कर पढ़ सकते हैं। न्यूज़ हंट आप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है।
उपन्यास को आप निम्न लिंक से हासिल कर सकते हो :
प्रस्तुतकर्ता विकास नैनवाल 'अंजान' पर ८:१५ आम
लेबल: २०१५ रेड्स, जीत सिंह, सुरेन्द्र मोहन पाठक, हिंदी पल्प फिक्शन, हिंदी साहित्य |
कृमि की वजह से ८० प्रतिशत बच्चे खून की कमी के शिकार
होम > लाइफ स्टाइल > कृमि की वजह से ८० प्रतिशत बच्चे खून की कमी के शिकार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में...
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पेट में पाये जाने वाले कीड़ों की वजह से एक से १९ साल तक के बच्चों में ८० प्रतिशत एनीमिया के शिकार है। स्वास्थ्य विभाग सूत्रों ने दावा किया है कि बच्चों के पेट में पाये जाने वाले कृमि की वजह से शरीर में लौहधातु की कमी हो जाती है और वे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। अाधिकारिक सूत्रों ने बताया ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने इस माह से स्कूलों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाकर छह से १९ साल तक के बच्चों को कृमि की दवा बांटनी शुरू कर दी है ।
स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों ने बताया कि बच्चों को एलबेनडाजोल की टिकिया दी जा रही है जिससे कृमि पेट में नष्ट हो जायं और बच्चों में खून की कमी न होने पाये ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सूत्रों ने बताया कि विश्व में सबसे ज्यादा भारत में मिट्टी से बच्चों में संक्रमण होता है । पेट में पाये जाने वाला कृमि से शरीर में लौह धातु की कमी हो जाती है और बच्चे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं । इससे कुपोषण, एनीमिया तथा पेट में दर्द जैसी सम्यायें पैदा होती हैं जिससे शरीर का विकास रूक जाता है । |
एवम हैकिंग के बावजूद ओवेसी को बीजेपी एजंट बताना सिर्फ मुस्लिम द्वेष की निशानी
बीजेपी को एवम में गड़बड़ी कर बनी हुई सरकार बीजेपी के अलावा सभी राजनैतिक दल और उनके दिग्गज कह रहे है. जिस मुह से यह लोग बीजेपी को एवम से बनी सरकार कह रहे है उसी मुह से ओवेसी को बीजेपी को जितने में हर वक्त जितने में मदत करने वाला बीजेपी का एजंट बताते है. इससे साफ जाहिर है के यह लोग ऐमीम के विरोधी है और ना यह बीजेपी के विरोधी है यह तो सिर्फ मुस्लिम द्वेषी, दोगले दलाल है. जो ओवेसी को बीजेपी का एजंट बताते है सिर्फ इसलिए के वह मुस्लिम है. सभी पार्टियों में मुस्लिम लीडर है जो मुख्य पदों पर विराजमान है. जो अपनी अपनी पार्टी की गुलामी करते है. मुसलमानों पर जुल्म करने वाली पार्टी सिर्फ बीजेपी ही नहीं सबसे ज्यादा जुल्म करने वाली तो कांग्रेस है. उसके साथ सभी पार्टियों के शासनकाल में मुसलमानों पर जुल्म हुए है. किसी एक को दोष देना नाइंसाफी होगी. इस दौरान सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी जुबाने सिलवा ली थी. अगर जुबान खोलते तो पद से हटाये जाते, कुर्सी छीन ली जाती इसलिए कोई कुछ नहीं बोला. अगर कोई मुस्लिम नेता उभरता है और लोग उसका नेतृत्व कुबूल करते है तो सभी मुस्लिम नेताओं की दुकानदारी बंद हो जाती. इसलिए ओवेसी का विरोध करना उनके लिए जरुरी हो गया. और अपने आकाओं की दलाली भी करनी है.
यूपी चुनाव के बाद बीजेपी के अलावा सभी पार्टियों ने एवम पर सवाल उठाते हुए बीजेपी को एवम सरकार बताते हुए एवम पर पाबंदी लगाने की मांग की, याद रहे इनमे वो सभी स्वघोषित मुस्लिम लीडर शामिल है जिन्होंने ओवेसी को बीजेपी का एजंट कहा. जिस मुह से बिना सोचे समझे इन लोगो ने ओवेसी को बीजेपी का एजंट बताया उनको कोई हक़ नहीं बनता के वह ओवेसी को छोड़कर एवम को दोष दे. अगर एवम दोषी है तो फिर ओवेसी कैसे बीजेपी का एजंट हुआ ? अगर ओवेसी बीजेपी के एजंट है तो एवम में गड़बड़ी का सवाल ही नहीं उठता. सभी मुस्लिमो के स्वयंघोषित हितैषी दोगले है. अपनी पथ-प्रतिष्ठा और कुर्सी के लिए मुस्लिम नेता उभरने नहीं देते. और मुसलमानों को गुमराह कर अपनी दलाली की दुकाने धड़ल्ले से चलाते है. मुस्लिमो के अलावा कुछ और भी है जो ओवेसी को बीजेपी का एजंट बताते है. हम उन्हें दोष नहीं देना चाहते क्यूंकि, उनकी आवाज तब बुलंद हुई जब मुस्लिम दलालों की हुई. मुस्लिम दलालों ने मुस्लिम द्वेष में संघ को भी पीछे छोड़ा यह शर्म की बात है. अब सभी पार्टियों को पहले यह तय करना होगा के बीजेपी को जिताने वाला कौन ? ओवेसी या एवम दोनों में से जो निर्दोष है क्या उनसके निर्दोष होने का प्रचार दोगले लोग करेंगे ? दोगले पार्टी के मुखिया कहेंगे ?नहीं..... क्यूंकि यह ओवेसी विरोधी नहीं मुस्लिम द्वेषी है. संघी है.
यह देखो ये साहब और ऐसे कई साहब भी है जो ओवेसी पर सवाल उठाते है. अपने रिश्तेदार मायावती, मुलायम, अखिलेश, नितीश, लालू, शरद पवार, आठवले, केजरीवाल अदि सत्ताधारियो पर या कई बार सत्ता संभाल चुके उनसे सवाल नहीं करते एक सांसद से सवाल करते है.
(नोट- सोशल डायरी का किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं, हमारा मकसद सिर्फ सच का पप्रसार करना और झूठ के चेहरे से स्कार्फ हटाना है -संपादक)
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मेरे निर्माण और रचनाशीलता में इलाहाबाद का है अहम रोल : रवींद्र कालिया | नो. १ इंडियन मीडिया न्यूज पोर्तल
उन्होंने कहा कि आज हिंदी का वर्चस्व बढ़ रहा है और इसका भविष्य उज्ज्वल है। आने वाले कल में लोग हिंदी के अच्छे स्कूलों के लिए भागेंगे। मेरा सौभाग्य है कि इसी हिंदी के सहारे मैंने पूरी दुनिया की सैर की। जहां तक लिखने के लिए समय निकालने की बात है तो मैंने जो कुछ भी लिखा, अपने व्यस्ततम क्षणों में ही लिखा। जितना ज्यादा व्यस्त रहा, उतना ही ज्यादा लिखा। अपने आसपास की जिंदगी को जितना अच्छा समझ सकेंगे, उतना ही अच्छा लिख सकेंगे। कई बार समय को जानने के लिए टीनएजर्स को समझना जरूरी है, उनकी ऊर्जा और सोच में समय का सच होता है।
गोष्ठी में प्रमुख रूप से ममता कालिया, अजीत पुश्कल, ए.ए. फातमी, असरफ अली बेग, अनीता गोपेश, दिनेश ग्रोवर, रमेश ग्रोवर, एहतराम इस्लाम, रविनंदन सिंह, अनिल रंजन भौमिक, अजय प्रकाश, विवेक सत्यांशु, नीलम शंकर, बद्रीनारायण, हरीशचन्द पाण्डेय, जयकृष्ण राय तुषार, नन्दल हितैषी, फखरूल करीम, जेपी मिश्रा, सुबोध शुक्ला, धनंजय चोपड़ा, अविनाश मिश्र, श्रीप्रकाश मिश्र, आमोद माहेश्वरी, फज़ले हसनैन, सुरेन्द्र राही, अमरेन्द्र सिंह सहित तमाम साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। |
रोजनामचा: विवादों पर विराम लगाती विकास की सड़क
खण्डवा (साई)। जिला मुख्यालय से १५ कि.मी. दूर बसी है छैगांवमाखन जनपद की ग्राम पंचायत सुरगांवजोशी। इस ग्राम पंचायत की विडंबना थी कि यहाँ लोगों के पास पर्याप्त पैसा होने पर भी पंचायत में विकास की धुरी ठहरी हुयी थी। कारण था लोगो में आपसी मनमुटाव होना। ग्राम पंचायत में विकास कम, विवाद ज्यादा थे। गांव में पक्की बिल्डिंगें तो बनी थी परंतु गाँव की गलियाँ कच्ची व कीचड़ से सराबोर थी। पंचों के आपस में विवाद होने के कारण पंचायत की बैठकें भी बहुत ही कम हो पाती थी। इस पंचायत में ग्रामीणों द्वारा आपसी रंजिश के चलते १३ स्थानों पर शिकायतें दर्ज करवा रखी थी। जिस समय पंचायत में विकास गर्त में जाने लगा था, उसी समय प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजना पंच-परमेश्वर प्रारंभ हुयी एवं अन्य पंचायतों की भंाति ही सुरगांवजोशी पंचायत में भी पंच-परमेश्वर अंतर्गत सीमेंट कांक्रीट मार्ग के निर्माण की स्वीकृतियाँ जारी की गई। सुरगांवजोशी के लोगों के लिये यह पहला अवसर था, जब उनके गाँव में पक्की सड़क बन रही थी। लोगों में आपसी समन्वय न होने के कारण गाँव की लगभग २५ गलियाँ गंदगी का घर बनकर बीमारियों को पनाह दे रही थी। पंच-परमेश्वर योजना अंतर्गत आस-पास की ग्राम पंचायतों में बने पक्के मार्गों को देखकर सुरगांवजोशी के लोगांे ने भी इस योजना से अपने गाँव की गंदगी को दूर कर विकास के मार्ग का निर्माण करने की मन में ठान ली थी।
पंच-परमेश्वर योजना और मनरेगा योजना के समन्वय द्वारा सुरगांवजोशी में ४ लाख २ हजार रूपये की लागत से मार्ग का निर्माण किया जाना तय हुआ और पहले मार्ग निर्माण के लिए जगदीश चम्पालाल से नथ्थू की दुकान की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। यह गाँव की वह गली थी जो ढलान में बनी थी ओर गाँव के घरों से निकलने वाला अधिकांश निस्तारी पानी इसी गली में से बहता था। यह गली एक गटर का रूप ले चुकी थी। नथ्थू पिता श्यामलाला बताते है कि इस गली की गंदगी के चलते उनकी किराना दुकान पर व्यवसाय बहुत कम हो पाता था। अब पक्की सड़क बन जाने से ग्राहकी में दोगुनी वृद्धि हो गयी है। मनरेगा के समन्वय से बने पंच-परमेश्वर योजना के एक मार्ग से सुरगांवजोशी के लगभग १०० परिवारों को नरकीय जीवन से मुक्ति मिल गयी है।
सुरगांवजोशी में बने पंच-परमेश्वर के पक्के मार्ग ने वहाँ के निवासियों के विचारो में भी परिवर्तन कर दिया है। गाँव के सरपंच चंद्रशेखर पटेल बताते है कि गाँव के लोग इस विकास कार्य से इतना प्रभावित हुए है कि सभी लोगांे द्वारा अपनी शिकायतें वापिस ले ली गई हैं और अब सभी लोग गाँव में विवाद की जगह विकास चाहते हैं। लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि यदी पंच-परमेश्वर से बने मार्ग जैसा मार्ग गाँव में कभी पहले बन जाता तो शायद गाँव के लोग आपसी रंजिश को भुलाकर विकास के नवीन सोपानों की ओर बढ़ गये होते। |
नोकिया ६ लांच इंडिया
भारत में लांच हुआ नोकिया ६
नोकिया ६ बहुत ही जल्द ही ऑनलाइन साईट अमेज़न पर आने वाला है नोकिया के प्रेमियों के लिए बहुत अछ्छी खबर है की नोकिया ६ का रजिस्ट्रेशन सुरु हो गया है| नोकिया ६ की खरीदी २३ अगस्त से शुरू होने वाली है| नोकिया ६ को ऑनलाइन साईट अमेज़न से खरीदने पर कई ऑफर दिए जायेगे | नोकिया ६ को लाँच होने के साथ टेलीकाम कम्पनी वोडाफ़ोन ने ४५गब इन्टरनेट फ्री दिया जायेगा, इतना ही नही मेक माय ट्रिप की ओर से २५०० रुपए का ऑफर दिया गया है जिसमे १८०० रुपए होटल में रहने के लिय और ७०० रुपए की फ्लाईट की टिकट दी जाएगी|
नोकिया ६ की डिस्प्ले,फीचर
नोकिया ६ की डिस्प्ले ५.५ गोरीला ग्लास वाला डिस्प्ले है, इसमें कोरिंग गुरिल्ला ग्लास ३ का प्रोटेक्शन दिया गया है | इसका रिसॉल्यूशन (१९००*१०८०)पिक्स़ल और इसमें २.५ का कर्वेद डिस्प्ले जो की बहुत ही अच्छा है और नोकिया ६ का प्रोसेसर १.४घ्ज़ है प्रोसेसर मॉडल क्वाल्कम स्नाद्रगन ४३० है|(४*१.२ घ्ज़ कॉर्टेक्स आ५३ + ४*१.५घ्ज़ कॉर्टेक्स आ५३) नोकिया ६ का प्रोसेसर(६४ बित) वित एड्रेनो ५०५ गप्स हैं | नोकिया ६ में ४ गब लैडर३ राम दी गई है इनमे इंटरनल मेमोरी ६४गब दी गई है , इसे बड़ा कर १२८गब तक माइक्रो स्ड कार्ड के माध्यम से बड़ा सकते है | ये मोबाईल एंड्राइड ७.० (नौगत) पर कार्य करता है . नोकिया ६ दुअल सिम है गम + क्दमा है इसमें ३जी और ४ जी लते सपोर्ट करता है मोबाईल की बैटरी ३०००म्ह की है जो की बहुत ही पॉवर फूल है इसमें रेमोबल बैटरी नही है | नोकिया ६ का कैमरा रियर कैमरा १६म्प वित दुअल टोन लेड फ़्लैश के साथ,पडफ,१.०उम सेंसर ,फ/२.० अपर्चर है फ्रंट-फेसिंग ८म्प का कैमरा है जो एक प्रकार से सेल्फि केमरा है | फॉर्म फैक्टर = टच स्क्रीन = आरते ब्लैक ,म्ते ब्लैक टींपरड ब्लू ,सिल्वर ,कॉपर |
वीर सावरकर को अंग्रेजों का दलाल कहने वाले संदीप पर मुकदमा दर्ज
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय पर थाना सिविल लाइंस में भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ है। उन्होंने रविवार को एएमयू में वीर सावरकर को अंग्रेजों का दलाल कहा था। वह एएमयू में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी, जेएनयू हिंसा आदि को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे।
राजीव कुमार आशीष निवासी सरस्वतीपुरम गोरखनाथ मंदिर गोमती नगर लखनऊ ने सिविल लाइंस थाने में उक्त मुकदमा दर्ज करया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि वह अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। समाचार पत्रों के माध्यम से उनको जानकारी हुई है कि संदीप ने सावरकर को दलाल कहा है। यही नहीं उनके संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत चक्रपाणी महराज का भी अपमान किया है।
राजीव ने एलान किया है कि अगर मुकदमा दर्ज कर छह घंटे में संदीप की गिरफ्तारी नहीं हुई तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन होगा। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री सहित डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को भी भेजी है। ये मुकदमा १५३ ए सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ है। |
मुख्य सचिव से मारपीट के मामले में चार्जशीट दाखिल, केजरीवाल और सिसोदिया को बनाया आरोपी
इस बैठक में केजरीवाल के अलावा उनके पूर्व सलाहकार वीके जैन और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे.
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और ११ विधायकों को आरोपी बनाया गया है. अंशु प्रकाश के साथ १९ फरवरी २०१८ को केजरीवाल के आवास पर मारपीट की गई थी. इस मामले में सीएम केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और केजरीवाल के पूर्व सलाहकार वीके जैन से पूछताछ की गई थी जबकि दो विधायकों को गिरफ्तार किया गया था.
२५ अगस्त को अगली सुनवाई
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट इस मामले में २५ अगस्त को अगली सुनवाई करेगी. मामला इसी साल १९ फरवरी का है जब मुख्यमंत्री के घर पर बैठक के दौरान अंशु प्रकाश से कथित रूप से मारपीट की गई थी. अंशु प्रकाश को देर रात बैठक के लिए केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया था. आरोप है कि यहां उनके साथ केजरीवाल की मौजूदगी में मारपीट की गई. इस मामले में दो विधायकों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
इस बैठक में केजरीवाल के अलावा उनके पूर्व सलाहकार वीके जैन और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे. इस मामले में पुलिस ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान, प्रकाश जरवाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इन दोनों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भी भेजा गया था. इनके खिलाफ सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकने और आपराधिक साजिश के आरोप में केस दर्ज हुआ था.
१९ फरवरी को हुई मारपीट
अंशु प्रकाश ने दिल्ली पुलिस से कथित मारपीट मामले की शिकायत की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में उस रात की पूरी घटना का विवरण दिया थी. उन्होंने बताया कि कैसे उनके साथ आप विधायकों ने बदसलूकी और मारपीट की. इस घटना के बाद आईएएस, दानिक्स और अधीनस्थ सेवा कर्मचारी संघ काम नहीं करने की बात पर अड़ गया था. आप नेता-विधायक जहां मुख्य सचिव पर आरोप लगा रहे थे वहीं कर्मचारी काम के बहिष्कार पर अड़े रहे. इस मामले को लेकर अब तक आईएएस अफसरों और आप सरकार के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है. केजरीवाल और दूसरे मंत्रियों का कहना है कि अफसर कामकाज में सहयोग नहीं दे रहे हैं.
यूपी में रुक-रुककर हो रही बारिश, पूर्वांचल में भारी बारिश की चेतावनी
बीजेपी ने विधि आयोग के समक्ष ५० मिनट तक 'वन नेशन वन इलेक्शन' के पक्ष में रखी अपनी ये राय |
जिन्दगी का गणित मंजू मिश्रा मेरी धरोहर पर यशोदा अग्रावल --
दोहे "सूरज हुआ जवान" --
लघु गीत जुगनू से दीपक झुक जाये, वो रात अभी तो बाकी... मेरा अव्यक्ता राम किशोर उपाध्याय --
कोई भी शहर जलता है तो दिल्ली मुस्कराती है स मी क्षा --
बाल गीत/ डॉ. नागेश पांडेय 'संजय' - फूलों का स्कूल फूलों का स्कूल खुला है, फूलो का स्कूल। बगिया में ही क्लास लगी है, खूब पढ़ेंगे, आस जगी है। साफ-सफाई खूब चकाचक, नहीं जरा-सी धूल... अभिनव सृजन --
'जो चुनाव सॉफ्टवेयर को मैनिपुलेट करेगा वही तय करेगा कि देश पर शासन कौन करेगा' : आईटी एक्सपर्ट रूवॉफ ------ : ध्रुव गुप्त / गिरीश मालवीय क्रांति स्वर पर विजय राज बली माथुर --
पौराणिक उपन्यास 'पहला शूद्र' पे भगवंत अनोमल की समीक्षा। कलम से..पर सुधीर मौर्य 'सुधीर' --
पुकार - राकेश रोहित दो शब्द --
हिन्दी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता अभियान: गंगा में मिलिहें डूब कर नहइहें... अम्मा से मिलिहें त खुलकर बतिअइहें... 'दि वेस्टर्न विंड' (पछुआ पवन) पर पवन विजय --
गुज़ारिश मेरी भावनायें...पर रश्मि प्रभा... --
आ लगा किनारा मेरे मन की पर अर्चना चावजी अर्चना चाओजी --
वैधानिक चेतावनी - यह अप्रैल फूल नहीं है । अभी - अभी अपुष्ट सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि शिव तांडव सेना के माननीय रविन्द्र रिलेक्सो गायकवाड़ ने देश की जनता से वादा किया है कि वे अबसे पैरों में कभी चप्पल या जूते नहीं पहिनेंगे । देश का सबसे ज्वलंत मंदिर - मस्जिद का मुद्दा सुलझा लिया गया है । विवादित जगह पर ड्यूप्लेक्स बनवा दिया जाएगा । नीचे की मंज़िल पर मंदिर और ऊपर के हिस्से में मस्जिद का निर्माण होगा । श्रद्धालु पहले मंदिर जाएंगे उसके पश्चात उनका मस्जिद में इबादत करना अनिवार्य होगा, ऐसा नहीं करने वालों को दंडस्वरूप निर्मल बाबा के प्रवचन सुबह - शाम सुनवाए जाएंगे ... कुमाउँनी चेली पर शेफाली पाण्डे --
निर्मल वर्मा जन्मतिथि विशेष - मन के भीतर की खोज में: डॉ. जयकृष्ण मिश्र 'अमन' नवोत्पल पर श्रीश क. पाठक --
ज़िंदगी कम है क्या कि मौत की कमी होगी दुबारा इश्क़ की दुनिया हरी भरी होगी वो मिल भी जाए तो क्या अब मुझे ख़ुशी होगी... पथ का राही पर मुसाफिर --
वक्त का मरहम है जन्म अनिश्चित मृत्यु शाश्वत सत्य है , नहीं कुछ भी स्थिर सब अनित्य है। जैसा जिसका भोग है रहता है वह साथ। जाने की बेला में चल देता है पैदा कर निर्वात... मन के वातायन पर जयंती प्रसाद शर्मा --
चाहत उम्मीद की ... सोचता हूँ फज़ूल है
उम्मीद की चाह रखना ... कई बार गहरा दर्द दे जाती हैं ... टुकड़ा टुकड़ा मौत से अच्छा है खुदकशी कर लेना ... स्वप्न मेरे ...पर दिगंबर नस्वा --
कोई शर्त होती नहीं प्यार में पूरब और पश्चिम फिल्म का एक गीत मुझे जीवन के हर क्षेत्र में याद आता है कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया ......। लड़की के रूप में जन्म लिया और पिताजी ने लड़के की तरह पाला, बस यही प्यार की पहली शर्त लगा दी गयी। हम बड़े गर्व के साथ कहते रहे कि हमारा बचपन लड़कों की तरह बीता लेकिन आज लगता है कि यह तो एक शर्त ही हो गयी... अजित गुप्ता का कोना पर स्म्त. अजित गुप्त --
मिलिये 'मगन'जी से, जो 'नेपाली'जी बन गये... मुक्ताकाश....पर आनन्द वर्धन ओझा --
गीतिका "कल्पनाएँ निर्मूल हो गईं, पाषाणों को गढ़ने में" उच्चारण प्रस्तुतकर्ता |
दो दिवसीय यात्रा पर भूटान पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर | द्द न्यूज
होम | नेशनल | दो दिवसीय यात्रा पर भूटान पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर भूटान पहुंच गए है । विदेश मंत्री बनने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान विदेश मंत्री भूटान के प्रधानमंत्री लोटेय शेरिंग से मुलाकात करेंगे। भूटान के नरेश जिग्मे खेशर नामग्याल वांगचुक से भी उनकी बातचीत होगी। वह भूटान के अपने समकक्ष टांडी दोरजी से भी मिलेंगे। उनकी यात्रा इस परंपरा के अनुरूप है कि भारत अपने करीबी मित्र एवं पड़ोसी भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंध को महत्व देता है।
भूटान, भारत का करीबी सहयोगी है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा है । विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और भूटान के अनूठे और सदाबहार संबंध हैं। यह आपसी भरोसे, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित है । यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और पनबिजली सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी। |
अरुण जेटली के बजट में आपको नज़र रखनी है इन तीन मोर्चों पर....(फाइल फोटो)
वित्त मंत्री अरुण जेटली आज मोदी सरकार का चौथा बजट (यूनियन बुदगेट २०१७) पेश करने वाले हैं. इस सरकार के लिए यह बजट चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि एक और जहां उसे नोटबंदी के बाद से परेशान लोगों को राहत देने का दबाव है और दूसरी और देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के हरसंभव उपाय भी करने हैं. वहीं, किसी भी सरकार के लिए बजट के जरिए सुधारात्मक और जन कल्याणकारी उपायों पर फोकस करते हुए खर्चों का आवंटन करना भी जरूरी होता है.
ऐसे में, आप और हम किन तीन चीजों पर नज़र रखें जिनका हम पर सीधा असर पड़ेगा...
इनकम टैक्स में छूट? ६.५ लाख रुपए की छूट मिलाकर ८ लाख रुपए होगी?
बजट में आयकर में छूट २.५ लाख रुपए से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना करके जेटली राहत दे सकते हैं. ८०च के तहत फिलहाल १.५ लाख रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम (नप्स) में किए गए निवेश को मिलाकर कुल २ लाख रुपए तक की छूट मिलती है. कयास हैं कि यह सीमा बढ़ाकर ८०च के तहत २ लाख और एनपीएस में किए गए निवेश को मिलाकर २.५ लाख रुपए की जा सकती है. होम लोन (होम लोन) पर ब्याज पर अभी २ लाख रुपये की छूट मिलती है. इसे बढ़ाकर २.५ लाख रुपए किया जा सकता है. इस तरह अभी ८०सी, एनपीएस और होम लोन के इंटरेस्ट को मिलाकर बात करें तो अभी तक जो ६.५ लाख रुपए सालाना की छूट मिलती है. वह बढ़कर ८ लाख रुपए हो सकती है. अगर ऐसा हो जाता है तो काफी राहत मिलेगी. (इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
सर्विस टैक्स बढ़ेगा? यदि हां तो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद फरोख्त महंगी होगी...
एसएमसी सिक्यॉरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (गस्ट) के साथ तालमेल बिठाने के लिए देखना यह होगा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सर्विस टैक्स में १ फीसदी की बढ़ोतरी करते हैं या नहीं. दरअसल ऐसा करने की वजह (सर्विस टैक्स में इजाफा) यह भी होगी कि कंज्यूमर को १ जुलाई से जीएसटी के जरिए अधिक दर के टैक्स चुकाने में झटका महसूस न हो. हालांकि कुछ विशेषज्ञों की यह राय है कि जेटली अप्रत्यक्ष करों को बजट में नहीं छुएगें. ऐसे में वह सर्विस टैक्स को भी यथावत रहने दे सकते हैं. मगर यदि सेवा कर की दर में इजाफा किया जाता है तो यह १5 से १6 या १8 फीसदी किया जा सकता है. ऐसे में आम आदमी के लिए होटेल में खाना पीना, फोन का बिल चुकाना और हवाई यात्रा की टिकट आदि जैसी कई सेवाओं और वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे. (इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
रेलवे किराए में बढ़ोतरी? नई ट्रेनें? सुरक्षा कोष में इजाफा?
९३ साल में पहली बार है कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बना कर पेश किया जाए. माना जा रहा है कि रेलवे में नई ट्रेनों का ऐलान कम होगा और सुरक्षा पर ज्यादा जोर ज्यादा दिया जाएगा. पिछले कुछ समय में हुए रेल हादसों के मद्देनजर इस बार रेल सेफ्टी फंड बढ़ाया जा सकता है. कई नई तरह की डिवाइस की घोषणा हो सकती है, नेटवर्क का विस्तार होगा और कॉरिडोर प्लान, ट्रेन की रफ्तार पर फोकस किया जाए. साथ ही, रेल किरायों में बढ़ाया सकता है क्योंकि पिछले साल नहीं बढ़ा था.(इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
कर्नाटक में कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं के घर आयकर विभाग का छापा, ४.२५ करोड़ रुपए कैश बरामद
टैक्स व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए आयकर विभाग लाया नई स्कीम
मोदी सरकार का इनकम टैक्स की दरों में कटौती करने का इरादा, नीति आयोग ने दिए संकेत |
मां पूर्णागिरि के दर्शन करके लौट रहे युवक की कार से कुचलकर मौत
पूरनपुर। मां पूर्णागिरि के दर्शन कर बस से लौट रहे लखीमपुर खीरी के युवक को कार ने कुचल दिया। युवक पूरनपुर-खटीमा रोड पर लघुशंका के लिए बस से नीचे उतरा था। परिवार वाले उसे सीएचसी लेकर आए, लेकिन चिकित्सकों ने इलाज से पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया।
शनिवार शाम करीब पांच बजे पूरनपुर-खव्ीमा रोड पर माधोटांडा थाना से दो किलोमीटर दूर जनपद लखीमपुर खीरी के थाना धौरहरा के गांव गुसैन पुरवा निवासी कौशल पिता बच्चाराम, भाई शत्रुघ्न, शत्रुघ्न की पत्नी और मां के साथ गांव और आसपास गांव के लोगों के साथ मां पूर्णागिरी के दर्शन करके लौट रहा था। पूरनपुर-खटीमा रोड पर थाना माधोटांडा से दो किलोमीटर पहले बस के रूकने पर वह लघुशंका करने नीचे उतरा। पूरनपुर की ओर से अनियंत्रित गति से जा रही कार ने उसे कुचल दिया। घटना के बाद कार चालक कार कर भाग गया। कौशल को सीएचसी लाया गया। चिकित्सकों ने इलाज से पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया। कौशल अपने चार भाईयों में रामप्रसाद से छोटा, जबकि शत्रुघन, कंधईलाल से बड़ा था। पुत्र की मौत पर बस में सवार बच्चा राम उनकी पत्नी शोकाकुल हो गए। परिवार में चीख पुकार मच गई। |
पाँच लिंकों का आनन्द: ये बंधन तो अटूट है...-४३ अंक
हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन...
मुझे बहुत याद आती हैं...
जिन्होंने मुझे उस वक्त राखी बांधी...
जब मैं छात्रावास में...
घर से बहुत दूर था...
उस वक्त मुझे बहुत आवश्यक्ता थी...
उनके अपने पन की...
भली ही आज उनकी राखी मुझ तक नहीं पहुंच रही...
ये भी आवश्यक नहीं...
राखी हर वर्ष ही बांधी जा सके...
राखी चाहे एक बार या सौ बार बांधी गयी हो...
ये बंधन तो अटूट है...
उन सब के सुखद भविष्य की कामना के साथ...
पेश हैं आज के ५ लिंक....
मुझको नश्वर चीज़ों की दिल से कोई दरकार नहीं।
संबंधों की कीमत पर कोई सुविधा स्वीकार नहीं।
माँ के सारे गहने-कपड़े तुम भाभी को दे देना।
बाबूजी का जो कुछ है सब ख़ुशी ख़ुशी तुम ले लेना।
इस का एक ही उपाय है हम भाववाद (आदर्शवाद, दिखावा) का त्याग करें। यथार्थ की जमीन पर आएँ। हम में बोध हो कि परिवार में सब समान हैं भाई-बहिन भी और स्त्री-पुरुष
भी। परिवार में भी और समाज में भी सभी एक दूसरे के लिए हैं, सब मिल कर किसी एक की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। यह हमारी आदत बने, व्यवहार में दिखाई दे, तब
किसी को किसी भी चीज का अभाव नहीं खल सकता, न भौतिक वस्तुओं का न ही प्यार और स्नेह का।
राखी के इस त्यौहार का उद्घोष "हम सब साथ साथ हैं" होना चाहिए।
इसी ऐतिहासिक घटना की कहानी के आधार पर बाद में किसी चित्रकार ने अपनी कल्पना के आधार पर राणा सांगा (राना संगा) का पेड़ के नीचे सोते हुए चित्र बनाया जिसमें
पेड़ की छाया दूर होने के बाद धुप से सांगा को बचाने हेतु फन उठाया हुआ एक सांप उन पर छाया कर रहा है|
जल्दी ले जा डाकिए,ये राखी के तार |
गूँथ दिया मैंने अभी,इन धागों में प्यार |
बड़ी सजीली राखियाँ , बेचे नेट हज़ार |
जमाना जो बदले बदल जाने देना
बस दोस्तों के दिल में बड़ा प्यार रखना ।
अहम् का वहम कभी छू भी ना पाये
मुझको सदा अपना तलबगार रखना ।
लग रहा ये हिम्मती इक माँ का बेटा है।
सर्प के फन के तले बेख़ौफ़ लेटा है ?
सुशील कुमार जोशी ३० अगस्त २०१५ को ९:२० आम
अपने आप में अद्भुत प्रस्तुति
ज्योति-कलश १ सितंबर 20१5 को १:३५ प्म
महेंद्र भटनागर का अनूभूत-क्षण - महेंद्रभटनागर स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील हिन्दी-कविता के बहु-चर्चित यशस्वी हस्ताक्षर हैं। उनकी कविता मानवतावाद से अध्यात्म की ओर उन्मुख है। नव-प्रगतिवादी ...
मेरे आदरणीय निंदक ,,दिल के नज़दीक छद्म राष्ट्रभक्ति के बहकावे में भटके मेरे दिल की धड़कन बने अज़ीज़ भाइयो - मेरे आदरणीय निंदक ,,दिल के नज़दीक छद्म राष्ट्रभक्ति के बहकावे में भटके मेरे दिल की धड़कन बने अज़ीज़ भाइयो ,,मेने सारे जहाँ से अच्छा ,, ,रिक्त स्थान ,छोड़कर ,,उम...
अमाँ हम भी किरायेदार ही हैं....नवीन सी. चतुर्वेदी - चढा कर तीर नज़रों की कमाँ पर। हसीनों के क़दम हैं आसमाँ पर॥ हरिक लमहा लगे वो आ रहे हैं। यक़ीं बढता ही जाता है गुमां पर॥ कोई वादा वफ़ा हो जाये शायद। भरोसा ...
उस्ताद बिस्मिला खां और ब्लॉग बुलेटिन - सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार। *उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ* (जन्म: २१ मार्च, १९१६ - मृत्यु: २१ अगस्त, २००६) हिन्दुस्तान के प्रख्यात शहनाई वादक थे। उनक...
मल्टीपल चॉइस कंप्यूटर साइंस क्विज - ४७ - क्विज़ क्वेस्ट्न्स रिलेटेड कंप्यूटर सियाएंस - ४७ - बढाईये अपने कंप्यूटर ज्ञान (कंप्यूटर ग्क ) को हमारे साथ, जो आजकल हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए जरुरी हैै। जाॅचिये अपनी अपनी कंप्यूटर योग्यता हमारे साथ, कंप... |
बिग बॉस १३ को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश का बड़ा बयान, बैन करने को लेकर किया ये फैसला - प्रदेश जागरण | प्रदेश जागरण
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बिग बॉस १३ को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश का बड़ा बयान, बैन करने को लेकर किया ये फैसला
क्या सलमान खान के मोस्ट कंट्रोवर्शियल शो पर बैन लगने वाला है. बिग बॉस-१३ पर जारी संकट के बीच शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा बयान दिया है. पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री से पूछा था कि क्या बिग बॉस बिग बॉस १३ पर बैन लगाए जाने का कोई आदेश जारी हुआ है?
दरअसल, हाल ही में खबर आई थी कि बिग बॉस विवाद पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर से रिपोर्ट मांगी है.
क्योंकि बिग बॉस के कंटेंट को अश्लील बताते हुए आज यूपी के विधायक समेत कई संगठनों ने विरोध किया है. जावड़ेकर ने कहा, मैंने प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगी है कि बिग बॉस में क्या दिखाया जा रहा है. इस सप्ताह रिपोर्ट मिल जाएगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद की लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने अपने पत्र में लिखा है कि बिग बॉस-१३ का प्रसारण प्राइम टाइम के स्लॉट में किया जा रहा है, जिसके कंटेट में बेहद ही अश्लीलता और फूहड़ता का खुलेआम घिनौना प्रदर्शन किया जा रहा है. इस शो को घरेलू माहौल में देखना तक मुश्किल है.
साथ ही ऐसे सीरियल जो टीवी के माध्यम से देश के बड़े वर्ग तक सीधा पहुंचते हैं, इनके सेंसर की व्यवस्था फिल्मों की तरह ही सख्ती से की जाए, जिससे इस तरह के अश्लीलता परोसने वाले, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक ताने-बने को नष्ट करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जा सके.
हाउसफुल ४: नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी पर फिल्माया गया द भूत सॉन्ग हुआ रिलीज
कॉमेडी-ड्रामा फ़िल्म हाउसफुल ४ अपने दिलचस्प कैरक्टर पोस्टर के साथ सुर्खियों का हिस्सा बनी हुई |
बाड़मेर : १००० ही मिलते हैं, क्या बदलवाएं और क्या खाएं? - राजस्थान शिक्षा
होम जिले की खबर बाड़मेर बाड़मेर : १००० ही मिलते हैं, क्या बदलवाएं और क्या खाएं?
जिले की खबरबाड़मेर
बाड़मेर : १००० और ५०० के नोट बंद होते ही जहां एक ओर बैंकों में कतार लग गई है और लोग अपने हजार पांच सौ के नोट को बदलवाने की चिंता में लगे हुए है। वहीं जरूरतमंद महिलाओं का एक तबका एेसा भी है जो अपने एक हजार रुपए के लिए महीनों से इंतजार कर रही है। इनकी सरकार से एक ही मिन्नत है कि पंद्रह साल हो गए हंै उनको काम करते हुए। अब तो सरकार उनको इतना मेहनताना दें कि गुजारा करना संभव हों। ये महिलाएं स्कूल से पचास से अधिक बच्चों के लिए रोज खाना पकाती है, इसलिए मेहनत भी कम नहीं है।
मिड-डे-मील योजना के तहत राज्यभर में प्रत्येक विद्यालय में वर्ष २००० में न्यायालय के आदेश के बाद दोपहर का भोजन शुरू किया गया और इसके लिए जरूरतमंद, बीपीएल और पिछड़े तबके की महिलाओं को मानदेय पर रखा गया। पहले इनको कुकिंग कन्वर्जन (खाना पकाने ) की राशि मंे से बचत होने वाले रुपए दिए जा रहे थे।
फिर पांच साल बाद तय किया गया कि अब इनको एक हजार रुपए निश्चित मानदेय दिया जाएगा। एक महिला को पचास से अधिक बच्चों का खाना प्रतिदिन बनाना होता है। बर्तन साफ करने से लेकर सारा कार्य यही महिलाएं करती है। एेसे में इनको कम से कम तीन से पांच घंटे विद्यालय को देने होते हंै। इतनी मेहनत के बावजूद मेहनताना महज हजार रुपए मिल रहा है जिससे गुजारा करना भी मुश्किल है।
८० प्रतिशत एकल महिलाएं
चयन का पहला आधार एकल महिला को रखा गया था। एेसे में इस कार्य में लगी ८० फीसदी महिलाएं एकल है। इन महिलाओं व आश्रितों का गुजारा इसी एक हजार रुपए पर हो रहा है, जो महंगाई के इस दौर में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन जैस है। इन महिलाओं का मानदेय बढऩा चाहिए।
शेरसिंह भुरटिया, प्रदेश प्रतिनिधि प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षक संघ
यह बहुत ही गंभीर मामला है। गरीब परिवारों की महिलाओं को महज १००० रुपए में महीना भर काम करवाना ठीक नहीं है। राज्य सरकार कम से कम इन महिलाओं को न्यूनतम मजदूरी दें और इनको नियमित भी किया जाए। ऐसी महिलाओं की हालत बहुत ही खराब है।
लक्ष्मण बडेरा, अध्यक्ष मजदूर यूनियन
बाड़मेर बाड़मेर : शिविर में नहीं आने पर १७ संस्था प्रधानों को नोटिस मोस्ट पॉपुलर |
राशिफल: शनि-सूर्य का मिलन किसके लिए बनेगा खुशगवार
आज का शुभाशुभ: शनिवार दि॰ १६.१२.१७ चंद्र वृश्चिक राशि व अनुराधा नक्षत्र, भाग्यांक २, शुभरंग सफ़ेद, शुभदिशा उत्तरपश्चिम, राहुकाल प्रातः ९ से प्रातः १०.३० तक। आज का विशेष उपाय: दैनिक खुशहाली हेतु शनि मंदिर में चंदन चढ़ाएं। आज का महामंत्र: ॥ शं शनैश्चराय सौम्याय नमः ॥ इस शनि मंत्र से जीवन सौम्य बनता है। मेष: कला के प्रति []
रायपुर: यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है क्यों की आज से ५ दिनों के लिए छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 1५ ट्रेनें रद्द हैं. दरअसल दक्षिण-पूर्वी रेलवे के खड़गपुर रेल मंडल के अंतर्गत यार्ड के आधुनिकीकरण के चलते आज से छत्तीसगढ़ में ५ दिवसीय मेगा ब्लॉक किया गया है. बता दें कि १९ नवंबर तक मेगा []
विक्रमी सम्वत् : २०७४, कार्तिक प्रविष्टे : १३, राष्ट्रीय शक सम्वत्: १९३९, दिनांक: ७ (कार्तिक), हिजरी साल: १४३९, महीना: सफर, तारीख: ८, सूर्योदय: ६.४५ बजे, सूर्यास्त: ५.3८ बजे (जालंधर समय), नक्षत्र: धनिष्ठा (२९ अक्तूबर दिन-रात तथा ३० को प्रात: ६.४४ तक)। योग: गंड (रात ८.०३ तक), चंद्रमा सायं ५.५9 तक मकर राशि पर तथा उसके []
प्यार में पड़े इन ७ राशियों के आशिष के लिए अच्छी खबर, तुरंत एक क्लिक में पढ़े अपना राशिफल
मेष (एरीज): परिजनों के साथ उग्र वाद-विवाद होने की संभावना है। छाती में दर्द या अन्य किसी विकार से व्यग्रता का अनुभव हो सकता है। निरर्थक आर्थिक खर्च से बचें। मन चिंताग्रस्त रह सकता है। प्रवास-पर्यटन न करने की गणेशजी सलाह देते हैं। वृषभ (तौरूस): आज आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी। प्रतिस्पर्धियों पर आप []
मेष (एरीज): आज आप किसी स्थिति से घबराएं नहीं लेकिन सावधान जरूर रहें। आज आप अधिक संवेदनशील और भावनात्मक रहेंगे। किसी भी बात से आपका मन दुखी हो सकता है एवं आपकी भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। वृषभ (तौरूस): गणेशजी के अनुसार, आज आपकी चिंताएं कम होंगी और उत्साह बढ़ेगा। मन प्रफुल्लित रहेगा। आज []
मेष (एरीज): गणेशजी आज आपको आर्थिक मामलों और लेन-देन के मुद्दों में सचेत रहने की सलाह देते हैं। विवाद से बचें, अन्यथा परिवार के सदस्यों के साथ कलह हो सकता है। वृषभ (तौरूस): गणेशजी की कृपा से आपका आज का दिन लाभ से भरा होगा। शारीरिक और मानसिक रुप से आज आप काफी स्वस्थ रहेगें []
आज हुआ शुक्र का कन्या राशि में प्रवेश, कई राशियों में बना है लाभ योग। देखिए आपको किन क्षेत्रों से मिलेगा लाभ। मेष (एरीज): शारीरिक- मानसिक स्वास्थ्य सही रहेगा। पारिवारिक सदस्यों के साथ स्वादिष्ट भोजन करने और आनंदपूर्ण समय व्यतीत करने का योग है। आर्थिक मामले में भविष्य के लिए अच्छी प्लानिंग कर सकेंगे। वृषभ []
मेष (एरीज): गणेशजी के आशीर्वाद से आज आपका दिन अनुकूलता से परिपूर्ण रहेगा। आपको सभी कार्यों में सफलता मिलने से आप प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। वृषभ (तौरूस): आज के दिन गणेशजी आपको सावधानीपूर्वक चलने की सलाह देते हैं। आज आपका मन अनेक प्रकार की चिंताओं से घिरा रहेगा। स्वास्थ्य भी नरम-गरम रहेगा। विशेष रूप से []
आज इन राशियों को मिलेगा अपना प्यार, जानें और क्या कहता हैं आपका राशिफल
मेष (एरीज): गणेशजी के अनुसार आज आपका दिन अनुकूल है। स्वस्थ तन-मन से आज सारे कार्य कर पाएंगे, परिणामस्वरूप आपमें ऊर्जा एवं उत्साह छलकेगा। लक्ष्मीजी की कृपा आप पर रहेगी। वृषभ (तौरूस): गणेशजी आपको सूचित करते हैं कि आज का दिन सावधानीपूर्वक बिताएं। आपका मन अनेक प्रकार की चिंताओं से ग्रस्त हो सकता है। स्वास्थ्य []
२६ को नियामक आयोग में छ ग प्र किसान संगठन
दुर्ग : बिजली की दरों में कोई भी परिवर्तन करने के लिये ...
माओवादियों का तांडव जारी, सहायक आरक्षक को पहुँचाया मौत के घाट
बीजापुर: दक्षिण बस्तर में माओवादियों का उत्पात जारी ...
मुंबई: लगातार तीसरे सत्र भारतीय शेयर बाजार गिरावट के ...
महासमुंद: स्कूलों के समय सारिणी में हुआ बदलाव
महासमुंद: जिले के सभी शालाओं में निर्धारित पाठ्यक्रम ...
सैकड़ों नक्सलियों ने मचाया तांडव, दर्जनों वाहन में आगजनी और तोड़फोड़
बलरामपुर: जिले के सीमावर्ती थाना क्षेत्र सामरीपाठ व ...
गोल्ड कप में इस बार खेलेंगी आठ राज्यों की टीमें
जगदलपुर। बस्तर के प्रतिष्ठित ऑल इंडिया गोल्ड कप फुटबाल ...
आज का पंचांग: १० दिसंबर, २०१७ रविवार पौष कृष्ण तिथि अष्टमी
१० दिसंबर, २०१७ रविवार पौष कृष्ण तिथि अष्टमी (१०-११ ...
दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के दूरअस्त गावों में जादू-टोना ... |
दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ.बी.आर. अम्बेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च में मुख्य जाँचकर्ता के रिक्त पद की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित की जाती हैं। इच्छुक अभ्यर्थी निचे दिए गए अनुदेशों को पढ़कर अंतिम तिथि से पूर्व आवेदन कर सकते है। आवेदन करने की अंतिम दिनांक ०५ जून २०२० है। इन पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार और अनुभव के आधार पर किया जाएगा।
मुख्य जाँचकर्ता @ डॉ। बी.आर. अम्बेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च, दिल्ली विश्वविद्यालय
प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय में कार्यक्रम सहायक पद भर्ती प्रोग्राम असिस्टेंट @ प्जत्सौ रिक्रूटमेन्ट |
सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने अपने फैसले में अयोध्या (अयोध्या) में राम मंदिर निर्माण (राम टेम्पल कंस्टृक्शन) का रास्ता साफ कर दिया है. शीर्ष अदालत ने विवादित जमीन रामलला (रामलाला) विराजमान को दी है. साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड (सुननी वऑफ बोर्ड) को मस्जिद के लिए अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने को कहा है. वहीं, अदालत में निर्मोही अखाड़ा के सभी दावे खारिज हो गए हैं.
नई दिल्ली. अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (अयोध्या दिसपुते) पर सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) का बहुप्रतीक्षित फैसला (डेसिज़न) आ चुका है. चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई (क्जी रंजन गोगोई) ने शनिवार सुबह साढ़े दस बजे से इस पर अपना फैसला पढ़ना शुरू किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला (रामलाला) विराजमन को देने की बात कही. साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड (सुननी वऑफ बोर्ड) को अयोध्या (अयोध्या) में ही कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. शीर्ष अदालत ने विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी है. साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने को कहा है. वहीं, अदालत में निर्मोही अखाड़ा के सभी दावे खारिज हो गए हैं.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने अयोध्या मुद्दे पर निर्णय देते हुए कहा कि कोर्ट के लिए धर्मशास्त्र में जाना उचित नहीं (फाइल फोटो)
हिंदू पक्ष ने पेश किए ऐतिहासिक साक्ष्य
'कोर्ट के लिए धर्मशास्त्र में जाना उचित नहीं'
फैसला पढ़ते हुए सीजेआई ने रामलला विराजमान को कानूनी मान्यता दी. उन्होंने एएसआई के रिपोर्ट का भी जिक्र किया. सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि मस्जिद खाली जगह पर नहीं बनाई गई थी. खुदाई में वहां पर गैर इस्लामिक ढ़ाचा मिला था.
'१८५६ से पहले मुस्लिमों का गुंबद पर दावा साबित नहीं होता'
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विवादित भूमि पर हर शुक्रवार को मुस्लिम नमाज अदा करते थे और इस जमीन के बाहरी हिस्से पर हिंदू पूजा करते थे. क्जी रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि अयोध्या के विवादित स्थल के बाहरी क्षेत्र पर हिंदुओं का दावा साबित होता है. १८५६ से पहले मुस्लिमों का गुंबद पर दावा साबित नहीं होता.
सीजेआई ने कहा कि १९४९ तक मुस्लिम मस्जिद में नमाज अदा करते थे. मुस्लिमों ने मस्जिद को कभी नहीं छोड़ा. विवादित स्थल पर मस्जिद बनने के बाद से नमाज का दावा साबित नहीं होता. इस केस में हिंदू पक्ष ने कई ऐतिहासिक सबूत दिए. बाहरी चबूतरा, राम चबूतरा और सीता की रसोई में भी पूजा होती थी. |
मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में बेचे १,४६,७६६ वाहन - गलक्सी इंफारमेर
होम लाटेस्ट न्यूज मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में बेचे १,४६,७६६ वाहन
नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि अक्टूबर में उसकी बिक्री मामूली तौर पर बढ़कर १,४६,७६६ वाहन रही है। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा १,४६,4४६ वाहन था।
कंपनी ने एक बयान में बताया कि उसकी घरेलू बिक्री १.५ प्रतिशत बढ़कर १,३८,१00 इकाई रही जो अक्टूबर 20१7 में १,३६,००० वाहन थी।
इसमें कंपनी की आल्टो और वैगन आर जैसी छोटी कारों की बिक्री ३२,८३५ इकाई रही जो पिछले साल अक्टूबर में ३२,४९० कारें थी।
इसी तरह स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजायर जैसी कॉम्पैक्ट श्रेणी में कंपनी ने ६४,७८९ कारों की बिक्री की जो अक्टूबर २०१७ में ६२,४८० वाहन थी।
मिड-सेडान श्रेणी में कंपनी ने ३,८९२ सियाज की बिक्री की। वहीं विटारा ब्रेजा, एस-क्रॉस और अर्टिगा जैसी यूटिलिटी वाहन श्रेणी में कंपनी की बिक्री घटी है और यह ११.२ प्रतिशत घटकर २0,७६४ वाहन रही जो अक्टूबर २017 में २३,३8२ वाहन रही।
अक्टूबर में कंपनी का निर्यात १७ प्रतिशत घटकर ८,६६६ वाहन रहा जो पिछले साल इसी माह में १०,४४६ वाहन था।
प्रेवियस आर्टियलमुख्य सचिव के मीडिया प्रभारी वीरेन्द्र सिंह हुये सेवानिवृत्त |
व्हाट्सएप डार्क मोड की टेस्टिंग अब आखिरी चरण में है...
नई दिल्ली:व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे- लोकप्रिय मैसेजिंग एप व्हाट्सएप हमेशा अपने यूजर्स के लिए नए-नए अपडेट लाता रहता है और इसी कड़ी में अब खबर मिली है कि व्हाट्सएप (व्हेत्सप्प) जल्द ही डार्क मोड (डार्क मोड़) फीचर को लॉन्च करने वाला है। व्हाट्सएप पिछले काफी लंबे वक्त से इस फीचर पर काम कर रहा था।
व्हाट्सएप डार्क मोड (व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे) की लॉन्चिंग को लेकर पहले भी बहुत सी रिपोर्ट्स लीक हुई थी
लेकिन इस बार यह खबर वेबबीटा इंफो की उस रिपोर्ट से मिली है जिसमें दावा किया गया है कि व्हाट्सएप डार्क मोड (व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे)की टेस्टिंग अब आखिरी चरण में है।
इसलिए उम्मीद है कि इस फीचर का अपडेट एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स को जल्द ही मिल जाएगा।
लीक रिपोर्ट्स के अनुसार, यूजर्स के लिए व्हाट्सएप डार्क मोड फीचर (व्हेत्सप्प डार्क मोड़) जून या जुलाई तक लॉन्च कर दिया जाएगा।
व्हाट्सएप ने अपने ग्राहकों के एक्सपीरियंस को बेस्ट बनाने के लिए डार्क मोड फीचर (व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे) पर काम शुरू कर दिया है।
फेसबुक (फेसबुक) अधिकृत व्हाट्सएप इससे अतिरिक्त लो डाटा मोड और डिलीट मैसेज फीचर पर भी काम कर रहा है।
वहीं, इससे पूर्व फेसबुक ने मैसेंजर और इंस्टाग्राम (इंस्टाग्रम) के यूजर्स के लिए भी डार्क मोड सपोर्ट उपलब्ध कराया था। वैसे इस मोड की लॉन्चिंग को लेकर व्हाट्सएप ने फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
व्हेत्सप्प एक और नया अपडेट डिलीट मैसेज फीचर जल्द ही लाने वाला है। यह एंड्रॉयड (अंड्रॉयड) यूजर्स के लिए पेश किया जाएगा।
इसकी मदद से यूजर्स मैसेजेस का टाइम सेट करके उन्हें डिलीट कर सकेंगे। यह फीचर भी बीटा मोड में है। जल्द ही कंपनी इसे भी लॉन्च कर सकती है।
व्हाट्सएप लो डाटा मोड (व्हेत्सप्प लो डाटा मोड़) को इयोस यूजर्स के लिए कंपनी पेश करेगी। जैसाकि नाम से ही ज़ाहिर है यूजर्स इस नए मोड के द्वारा डाटा की कम खपत कर सकेंगे।
इससे पूर्व यही फीचर व्हेत्सप्प कैलिंग के लिए उपलब्ध किया गया था। इस फीचर को जैसे ही यूजर्स ऑन करेंगे तो यह मोड ऑटो डाउनलोडिंग सेटिंग के ऑन होने के बावजूद भी अपने आप फोटोज और वीडियोज को डाउनलोड होने से रोक देगा।
इतना ही नहीं आप ऑटो डाउनलोड वॉयस मैसेजेस को भी ऑटो डाउनलोड होने से रोक सकेंगे। इससे डाटा की खपत बहुत हद तक कम हो जाएगी।
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जून महीने में कंपनियों की हायरिंग एक्टिविटीज में ६ फीसद की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। जून महीने में कंपनियों की हायरिंग एक्टिविटीज में ६ फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें सबसे ज्यादा २६ फीसद की बढ़ोतरी आईटी-सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में दर्ज की गई है। नौकरी का जॉब सूचकांक जून में २,17२ पर रहा है, जो कि जून २018 में २,०४७ पर था।
हालांकि, कुछ ऐसे उद्योग भी हैं जिनकी हायरिंग एक्टिविटी में गिरावट दर्ज की गई। ऑटो में १८ फीसदी और एंसिलरी में ११ फीसदी की गिरावट देखी गई है। वहीं मानव संसाधन, प्रशासन, सेल्स और व्यवसाय विकास जैसे क्षेत्रों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उधर बैंकिंग और बीपीओ क्षेत्र में १४ फीसदी और २ फीसदी की गिरावट देखी गई है। |
जूनियर काउन्सल: शिक्षाकर्मी को हटाने का आदेश निरस्त
शिक्षाकर्मी को हटाने का आदेश निरस्त
बिलासपुर हाईकोर्ट ने जनपद पंचायत बसना के शिक्षाकर्मी को पद से हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की जनपद पंचायत बसना में शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन के ८९ पदों पर भर्ती के लिए २० फरवरी २०07 को विज्ञापन जारी किया गया था। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनपद पंचायत ने सामान्य सभा की बैठक में अनुमोदन कर ८१ आवेदकों की चयन सूची जारी की और नियुक्ति आदेश दिया। इसमें ३८ शिक्षाकर्मियों ने ज्वाइन किया, जबकि ४३ पद रिक्त रह गए। इसी चयन प्रक्रिया के आधार पर १२ अक्टूबर २०07 को ४३ आवेदकों की नए सिरे से चयन सूची जारी की गई, जिसमें १० शिक्षाकर्मियों ने कार्यभार ग्रहण किया।
जनपद पंचायत ने ६ नवंबर २००७ को तीसरी बार ११५ पदों पर नियुक्ति के लिए आदेश जारी कर दिया। इन नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की गई। भर्ती को अवैधानिक बताते हुए जांच की मांग भी की गई। इसके बाद कलेक्टर ने पहली चयन सूची के १९ शिक्षाकर्मियों सहित शेष सभी का नियुक्ति आदेश निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ भीष्मदेव होता ने पंचायत संचालक के समक्ष अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद भीष्मदेव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें कलेक्टर के आदेश को अवैधानिक बताते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए बगैर ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी नियुक्ति को वैध बताते हुए कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन व जनपद पंचायत बसना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि उन्हें दूसरी व तीसरी सूची से कोई लेना देना नहीं है। याचिकाकर्ता की नियुक्ति पहली सूची में वैधानिक तरीके से की गई थी। जस्टिस सतीश कुमार अग्निहोत्री ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के तर्कों पर सहमति जताते हुए कलेक्टर व पंचायत विभाग के संचालक के आदेश को निरस्त कर दिया है। |
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। भगवान शंकर को कर्क राशि का आराध्य देव माना जाता है। इन हृदाया नाम के लड़कों को पेट सम्बन्धी परेशानियां बनी रहती हैं। हृदाया नाम के लड़के ब्रेस्ट (महिला), चेस्ट (पुरुष) और दिल की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। इन हृदाया नाम के लड़कों में कैंसर, चेचक और मानसिक रोगों से ग्रस्त होने की सम्भावना अधिक होती है। इस राशि के हृदाया नाम के लड़के को जरुरत से ज्यादा चिंता करने की आदत होती है। इस राशि के हृदाया नाम के लड़के बहुत अच्छे श्रोता होते हैं।
अगर आप अपने बच्चे का नाम हृदाया रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि हृदाया का मतलब दिल होता है। हृदाया नाम रखने से आपका बच्चा भी इस नाम के मतलब की तरह व्यव्हार करने लगता है। हृदाया नाम रखने से पहले इसका अर्थ जानना जरूरी होता है। जैसे कि हृदाया नाम का मतलब दिल होता है और इस अर्थ का प्रभाव हृदाया नाम के व्यक्ति के स्वभाव में भी दिखने लगता है। हृदाया नाम का अर्थ जानने के बाद आप भी अपने बच्चे को हृदाया नाम आराम से दे सकते हैं। कुछ सामाजिक अवधारणाओं के अनुसार हृदाया नाम का अर्थ व्यक्ति के स्वभाव से जुड़ा होता है, यानी कि हृदाया नाम का अर्थ दिल है तो आपके स्वभाव में भी इसकी झलक दिखेगी। हृदाया नाम की राशि, हृदाया नाम का लकी नंबर व हृदाया नाम के लोगों के व्यक्तित्व अथवा इस नाम के मतलब जो कि दिल है, आदि के बारे में आगे बताया गया है।
हृदाया नाम का स्वामी चंद्रमा और शुभ अंक २ है। लकी नंबर २ वाले व्यक्ति दिखने में जितने आकर्षक होते हैं, भावनात्मक रूप से वे उतने ही संवेदनशील होते हैं। हृदाया नाम के लोगों का ग्रह स्वामी चंद्रमा होने के कारण ये हमेशा दूसरों की मदद करते हैं। हृदाया नाम वाले जातक अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाते और साथ ही इनमें आत्मविश्वास की भी कमी होती है। हृदाया नाम के लोग बहुत दयालु और दूसरों का मार्गदर्शन करने वाले होते हैं। ये दूसरों की बातों को बहुत जल्दी अपने दिल पर लगा लेते हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर इनमें क्षमा कर देने का भी गुण होता है।
हृदाया नाम के व्यक्ति की राशि कर्क होती है। हृदाया नाम के लोग लड़ाई-झगड़ों से दूर रहते हैं। हृदाया नाम के लोग जो ठान लेते हैं, उसे करके ही दम लेते हैं। कर्क राशि के लोग अंदर से अपनी इच्छाएं व उदेश्य मजबूत रखते हैं, जबकि बाहर से ये ऐसे नहीं दिखते। हृदाया नाम के व्यक्ति अच्छे मैनजेर बनते हैं। ये लोग अपने सहकर्मी को बहुत प्यार करते हैं। उनके साथ सहयोगपूर्ण रिश्ते रखते हैं।
हृदाया की कर्क राशि के हिसाब से और नाम |
दिंनाक: १६ जुल २०१८ १८:१७:२९
भोपाल(विसंके). हमारे भोपाल में शनिवार को फिर वही हुआ जिसके बारे में मैंने ४ जुलाई को लिखा था। १२ दिन पुराने उस कॉलम में मैंने कहा था कि सोशल मीडिया पर लोकतंत्र को भीड़ तंत्र में बदला जा रहा है। अब वहां से फतवे जारी होते हैं और देखते ही देखते लोग नोच लिए जाते हैं। यह नोच खसोट केवल शब्दों से ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप से होने लगी है।
मेरा कहना था- चिंताजनक बात यह है कि अब पुलिस या अदालतें किसी को आरोपी या दोषी बाद में बताती हैं, उससे पहले ही यह काम सोशल मीडिया के ट्रोलर्स या वहां पनप रही अराजक भीड़ कर डालती है। यह भीड़ पुलिस भी है और अदालत भी और अब तो बिना किसी अपराध के मौत की सजा देकर यह जल्लाद का काम भी अंजाम दे रही है।
कुछ ही घंटे बीते हैं उस घटना को जब भोपाल के एक इलाके में एक सिरफिरे आशिक ने एक लड़की को कमरे में बंद कर लिया था। उस लड़की पर हमला करने के बाद उसने मोबाइल फोन पर खूनी ड्रामा खेला और पुलिस को पूरे १२ घंटे तक छकाया। चूंकि लड़की उसके कब्जे में थी इसलिए पुलिस असहाय सी, उसकी हरकतों को बस देखती रही।
मामला तभी सुलट पाया जब एसपी ने दमकल गाड़ी की हाइड्रोलिक क्रेन पर चढ़कर उससे बात की और भरोसा दिलाया कि बंधक बनाई गई जिस लड़की से वह शादी करना चाहता है उससे उसकी शादी करवा दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद उस सिरफिरे ने दरवाजा खोला और पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।
जिस दिन उसे पकड़ा गया उस दिन भी उस बिल्डिंग के बाहर मौजूद भीड़ ने उस पर अपना गुस्सा उतारने की कोशिश की थी। लेकिन जो उस दिन नहीं हो पाया वह शनिवार को हुआ जब पुलिस ने उस युवक का जुलूस निकाला। पुलिस जब उस युवक को लेकर निकली तो भीड़ ने उस पर चप्पलें बरसाईं और उसके साथ मारपीट की।
इस घटना का जो वीडियो सोशल मीडिया पर आया है उसमें साफ दिख रहा है कि पुलिस वाले उस युवक को पकड़े हुए हैं और पुलिस के संरक्षण में रहते हुए कुछ महिलाएं उसे चप्पलों से पीट रही हैं। एक पुलिस वाले के हलके से अपना हाथ आगे बढ़ाने भर के अलावा वीडियो में साफ नजर आता है कि पुलिस लोगों को उस सिरफिरे पर हाथ साफ करने का पूरा मौका दे रही है।
युवक के मुंह पर कई सारी चप्पलें पड़ जाने के बाद पुलिस वाले चलो बस हो गया ना के अंदाज में आरोपी को दूर ले जाते नजर आते हैं। वीडियो बहुत छोटा-सा है पर माहौल देखकर अंदाज लगाया जा सकता है कि पुलिस ने युवक की सार्वजनिक पिटाई के लिए लोगों को उकसाया भले न हो, लेकिन उन्होंने बलपूर्वक उन लोगों को रोकने की कोशिश भी नहीं की जो आरोपी पर हमला कर रहे हैं।
इसी के समानांतर भीड़ का ही एक और वीडियो मुझे इंदौर के एक वाट्सएप ग्रुप पर देखने को मिला। उसमें भीड़ कुछ पुलिसवालों को पहले घेरती नजर आ रही है और उसके बाद अचानक लोग उन पर हमला कर देते हैं। हक्के-बक्के पुलिस वाले पहले तो लोगों को दूर धकाते हैं, लेकिन भीड़ के उग्र होते जाने की स्थिति को भांपते हुए बाद में अपनी जान बचाने के लिए वहां से दौड़ लगा देते हैं।
इस वीडियो क्लिपिंग के साथ घटना का ब्योरा देते हुए जो संदेश आया वह कहता है कि इंदौर जिले के गौतमपुरा थाना क्षेत्र के सिरोज्या गांव के ग्रामीणों ने कल स्थानीय पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा ग्रामीणों में आक्रोश स्थानीय तहसीलदार द्वारा पुलिस की मदद से एक मजदूर का झोपडा हटाये जाने के दौरान, मजदूर द्वारा जहरीला पदार्थ खाने से उपजा था
मजदूर की उपचार के दौरान इंदौर के एमवायएच में मौत हो गई मजदूर का शव सड़क पर रख तहसीलदार और टीआई को हटाए जाने की मांग कर रहे ग्रामीणों को समझाइश देने पहुँचे टीआई अनिल वर्मा और अन्य पुलिसकर्मियों पर ग्रामीण बिफर गये भागते-दौड़ते टीआई और अन्य पुलिसकर्मियों को एक पत्रकार ने किसी घर में शरण दिलवाकर बचाया
पिछले दिनों देश में बच्चा चोर गिरोह से जुड़े होने के संदेह में देश के विभिन्न भागों में ऐसी ही हिंसक भीड़ ने १६ लोगों की पीट पीटकर हत्या कर दी थी। रविवार को खबर आई कि दो दिन पहले कर्नाटक के एक कस्बे में एक इंजीनियर को भीड़ ने इसी आशंका के चलते मार डाला, जब कतर से आया यह युवक बच्चों को विदेशी चॉकलेट दे रहा था।
दरअसल यह बहुत खतरनाक ट्रेंड है जिसे जितनी जल्दी रोका जाए उतना ही अच्छा होगा। यहां पुलिस की उस भूमिका पर भी चर्चा होनी चाहिये जिसमें वह खुले आम हिंसक भीड़ को या तो उकसाती या फिर उसकी मौन समर्थक बनी नजर आती है।
जब भीड़ किसी भी घटना के आरोपियों का सड़क पर ही हिसाब किताब साफ करने लगती है तो कानून के न्याय का क्या मतलब रह जाता है? खुद पुलिस के आला अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। क्या वे कानून से न्याय दिलाने के बजाय आरोपियों को भीड़ के हाथों सड़क पर ही निपटवा देने में भरोसा करने लगे हैं?
भीड़ के इस कथित इंसाफ को लेकर कई फिल्मों में ऐसे दृश्य फिल्माए गए हैं। लेकिन फिल्मों की बात अलग है, बड़ा सवाल यह है कि क्या हम जीते जागते समाज में ऐसे बर्बर फैसलों को मंजूरी या मान्यता दे सकते हैं? भीड़ के हाथों में जब खून लग जाता है तो वह पुलिस या अपराधी में फर्क नहीं देखती यह इंदौर जिले की ही उस दूसरी घटना से समझा जा सकता है जिसका जिक्र मैंने ऊपर किया।
जब आप भीड़ को किसी अपराधी को मारने की मौन स्वीकृति देते हैं, तब वह आप पर यानी पुलिस पर भी हाथ उठाने से नहीं चूकती। ये हालात घोर अराजकता की निशानी हैं। चाहे बच्चा चोरों का मामला हो या किसी सिरफिरे आशिक का या फिर कानून का पालन करवाने गई पुलिस का भीड़ को यह इजाजत कैसे दी जा सकती है कि वह अपने स्तर पर सड़क पर ही सारा फैसला कर दे ऐसा फैसला जिसमें सजा-ए-मौत तक शामिल है!!! |
जुलूस में एक रंग के हो गए हुरियारे
धामपुर। होली हवन समिति की ओर से मंगलवार की शाम निकाले गए सूखे रंग के जुलूस सभी लोग एक रंग में हो गए। जुलूस में हुरियारे युवक ढोल की थाप पर जमकर थिरकते चल रहे थे। जुलूस होरी महाराज के मंदिर से शुरू हुआ।
जुलूस का शुभारंभ ब्लाक प्रमुख मालती चौहान व जिला सहकारी बैंक के सभापति एवं पर्यटन राज्यमंत्री पुत्र अमित प्रताप सिंह ने फीता काटकर किया। जुलूस का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष संजय कात्यायन व सचिव नीरज रस्तौगी कर रहे थे। जुलूस में युवक ढोल की थाप कर जमकर थिरकते हुए चल रहे थे। होली के दिन उक्त समिति द्वारा सूखे रंग का जुलूस निकलता है और दुल्हैंडी के दिन होली हवन का विशाल जुलूस निकाला जाता है। जुलूस में मुसलिम भाई भी बढ़कर हिस्सा लेते है। कई स्थानों पर जुलूस का स्वागत करते है। मंगलवार को निकले जुलूस का भी नगर में कई स्थानाें पर स्वागत किया गया। |
जिले के मरंगहादा थाना क्षेत्र के ओमटो गांव में भाकपा माओवादी के पांच सक्रिय उग्रवादियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक देसी देसी कट्टा, पांच जिंदा कारतूस, १५ मोबाइल चार्जर, अपाची बाइक और भाकपा माओवादी का बैनर बरामद किया गया है।
सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: जिले के मरंगहादा थाना क्षेत्र के ओमटो गांव में भाकपा माओवादी के पांच सक्रिय उग्रवादियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक देसी देसी कट्टा, पांच जिंदा कारतूस, १५ मोबाइल चार्जर, अपाची बाइक और भाकपा माओवादी का बैनर बरामद किया गया है। प्रेसवार्ता में एसपी आलोक ने बताया कि उन्हें भाकपा माओवादी के कुछ नक्सलियों के ओमटो गांव में मौजूदगी की सूचना मिली थी जिसके बाद खूंटी के एसडीपीओ आशीष कुमार महली के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने शुक्रवार को ओमटो में छापेमारी की और भाकपा माओवादी के नक्सली सुखदेव मुंडा उर्फ मंगरा मुंडा (ग्राम ओमटो निवासी), सयमीर नाग उर्फ बिरसा नाग (मारंगहादा), करम सिह नाग उर्फ सोमा नाग (मारंगहादा), कंदरा मुंडा उर्फ गाजा (पीड़ीहातू) और नारदे मुंडा उर्फ हाका उर्फ बुधराम उर्फ बुधुवा (सालेहातू) को गिरफ्तार किया। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों ने पारा टीचर सनिका मुंडा पर जानलेवा हमला सहित कई अन्य नक्सली घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
कब नीतीश कुमार होगें बीजेपी से अलग और क्यों लालू होगें बीजेपी के साथ ?
सड़या पंचायत मुखिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज |
पटना: बिहार में इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व में महागठबंधन तो बना लिया, परंतु महागठबंधन के घटक दलों को ही नहीं, बल्कि मतदाताओं ने राजद को भी नकार दिया। माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति के कारण राजद को इस बड़ी नाकामी से रूबरू होना पड़ा।
चारा घोटाला के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद ने जेल से ही मतदाताओं को राजद की ओर आकर्षित करने की हर कोशिश की, परंतु चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि राजद की रणनीति को मतदाताओं ने नकार दिया।
लालू की अनुपस्थिति में पार्टी की कमान संभाल रहे लालू के पुत्र और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राजद के वोट बैंक मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को साधने के लिए जातीय गोलबंदी करने की कोशिश की और आरक्षण समाप्त करने का भय दिखाकर 'संविधान बचाओ' के नारे जरूर लगाए, परंतु मतदाताओं ने उसे भी नकार दिया। राजद की ऐसी करारी हार इसके पहले कभी नहीं हुई थी।
पिछले लोकसभा चुनाव में भी राजद ने चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, परंतु इस चुनाव में अबतक मिले रुझानों से स्पष्ट है कि राजद के हिस्से एक सीट या खाता भी नहीं खुले। हालांकि इसकी अभी अधिकारिक घोषणा शेष है।
इस चुनाव में लालू प्रसाद की पुत्री और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को एक बार फिर पाटलिपुत्र से हार की संभावना है। पाटलिपुत्र से राजग प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने निर्णायक बढ़त बना ली है।
पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को चार सीटें मिली थीं, जबकि वर्ष २००४ में राजद ने २२ सीटें हासिल की थी।
कहा जाता है कि महागठबंधन के घटक दल इस भरोसे पर रहे कि राजद के वोट बैंक के सहारे वे चुनावी मंझधार से पार निकल जाएंगे।
बिहार की राजनीति के जानकार संतोष सिंह कहते हैं, "राजद ही नहीं महागठबंधन के घटक दल अपने वोटबैंक के भरोसे रहे और नकारात्मक राजनीति करते रहे, जबकि दूसरी तरह राजग विकास की बात की।"
उन्होंने कहा कि लालू एक दक्ष नेता हैं, जबकि तेजस्वी अभी राजनीति की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद अगर अपने वोट बैंक को मजबूत रखते थे तो उस वोटबैंक का इजाफा भी करते थे।
इधर, राजद के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि "तेजस्वी ने कभी भी अपनी पार्टी के अनुभवी नेताओं से चुनाव के दौरान मुलाकात नहीं की और न ही उनसे सलाह मांगी। इसी दौरान दोनों भाइयों के बीच विवाद की भी खबरें आती रहीं। इसका भी प्रभाव इस चुनाव पर पड़ा है।"
इस बीच, राजद के नेता भी मानते हैं कि लालू प्रसाद के नाम पर ही महागठबंधन को कुछ वोट हासिल हो सका। लालू प्रसाद सोशल मीडिया के जरिए मतदाताओं से अपील करते रहे थे।
पटना के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार कहते हैं, "बिहार की राजनीति की समझ लालू को थी। यहां तक कि क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के नाम तक लालू प्रसाद को याद रहते हैं। जेल में रहने के कारण तेजस्वी के लिए लालू इस बार उतने सुलभ भी नहीं हो सके कि उनसे सलाह भी ली जा सके।"
उल्लेखनीय है कि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, रालोसपा के अलावा कई अन्य छोटे दल शामिल थे।
(यह भी पढ़ें)...> बिहार : भाजपा, जद (यू) में जीत पर जश्न केंद्र और राज्य सरकार के कार्यो पर जनता ने मुहर लगाई : नीतीश |
कम अखिलेश ने शिवपाल सहित अमर सिंह के करीबियों को किया बर्खास्त
होम > मुख्य समाचार > कम अखिलेश ने शिवपाल सहित अमर सिंह के करीबियों को किया बर्खास्त
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को वरिष्ठ मंत्री व सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया। यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने मंत्रिमंडल के ४ कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। सीएम ने अपने चाचा और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, ओम प्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय को अपने मंत्रिमंडल से निकाल दिया है। साथ ही सीएम ने अमर सिंह की करीबी जया प्रदा फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
मंत्रियों की बर्खास्तगी का पत्र सीएम ने राजभवन को भेज दिया गया है। जिसके बाद राज्यपाल राम नार्इक ने चारों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया।
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सीएम अखिलेश ने इस दौरान कहा कि अमर सिंह पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। जो उनका साथ रहेगा वो हमारे साथ नहीं रहेगा। अखिलेश ने बैठक में कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ है उनको हटाया जाएगा, जिस व्यक्ति ने पार्टी में झगड़े पैदा किए उनको माफी नहीं दी जाएगी। विधायकों की बैठक में अखिलेश ने अमर सिंह को दलाल बोला है।
वहीं, मीटिंग से बाहर निकले नेताओं ने बताया कि एमएलए और एमएलसी के साथ बैठक के दौरान अखिलेश ने भावुक बयान दिया। सीएम ने कहा कि नेताजी पिता है मैं हमेशा उनकी सेवा करूंगा। बैठक में सीएम के बयान पर कई नेता भी भावुक हुए और रो पड़े। सीएम ने कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे नेता हैं और हमेशा रहेंगे। २१ नवंबर को आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का उदघाटन है, विधायक दल की मीटिंग में प्रस्ताव पास हो गया है। नेता जी के जन्मदिन के पहले उन्हे एक्सप्रेस वे का गिफ्ट देंगे।
सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी नहीं तोड़ेंगे, साथ रहेंगे। रथ भी चलाऊंगा और जयंती समाराेह में भी जाऊंगा। पार्टी और नेताजी के खिलाफ साजिश करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। अमर सिंह ने घर में आग लगाई है उन पर भी एक्शन होगा। बैठक के बाद विधायक दल ने कहा कि हमे गर्व है कि अखिलेश यादव हमारे नेता हैं।
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स्लिम और ट्रिम बनने के लिये बदलें भोजन का तरीका पोस्टेड बाय: पूर्णिमा
नेक्स्ट अगर आप रोजाना पूरे घर में भाग-भाग कर नाश्ता करते हैं या फिर समय ना होने की वजह से खाने को पानी के साथ जल्दी निगल लेते हैं तो आगे चल कर आपको कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह आदत आपके स्वास्थ्य के लिये बिल्कुल भी अच्छी नहीं है क्योंकि इससे मोटापा बढ़ता है और पेट की कई अन्य बीमारियां घर जाती हैं। अगर आपको फिट और स्लिम रहना हो, तो अपने खाने का तरीका बदलें। ज्यादा जानकारी के लिये पढे़ यहां-
भोजन करते समय पानी ना पिएं अगर आप भोजन करने के दौरान पानी या कोलड्रिंक पीने की आदत बनाए हुए हैं, तो उसे अभी छोड़ दीजिये। पानी पीने से पेट में खाना ठीक प्रकार से हजम नहीं हो पाता। इससे एसिडिटी की भी समस्या पैदा होती है। हांलाकि हम ऐसा नहीं कह रहें हैं कि गले में खाना अटकने पर भी आप पानी ना पिएं, इस स्थति में आप पानी पी सकते हैं। |
सेलेना गोमेज इस काम के लिए देती हैं ३०० डॉलर प्रति घंटे | चौंक जाएंगे आप
सेलेना गोमेज ने बेहद कम उम्र में सक्सेस और हेल्थ समस्याएं एक साथ देखी हैं। वैसे अब वह दोबारा फिटनेस पर फोकस कर रही हैं और इसके लिए हर एक घंटे में इतनी फीस देती हैं। सूत्र ने कहा उन्होंने परिवार और दोस्तों के साथ वक्त बिताया और अपने सामान्य जीवन में लौट आईं। वह स्वस्थ हैं और अच्छा महसूस कर रही हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अब सेलेना गोमेज खुद को ठीक महसूस
गायिका-अभिनेत्री सेलेना गोमेज फिटनेस के लिए लगभग ३०० डॉलर प्रति घंटे खर्च करती हैं। ल्यूपस और किडनी प्रत्यारोपण के लिए, चिंता और अवसाद से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए अस्पताल में भर्ती रहने के बाद २६ वर्षीया गायिका दिसंबर में घर वापस आ गईं थीं।
लॉस एंजिल्स में निजी सत्रों पर उन्होंने ३०० डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से खर्च किया है। हालांकि नए ग्राहकों के लिए निजी सत्र अन्य प्रशिक्षकों के साथ १२५ डॉलर प्रति घंटे पर उपलब्ध हैं।
वेबसाइट ईऑनलाइन डॉट कॉम के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा कि उन्हें पिछले साल अपने स्वास्थ्य के साथ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। सूत्र ने कहा सेलेना घर वापस आ गई हैं और अच्छा महसूस कर रही हैं। |
होम राज्य अगले महीने कानपुर में आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की बैठक,यूपी चुनावों...
अगले महीने कानपुर में आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की बैठक,यूपी चुनावों पर होगी नज़रबाय कोब्रपोस्ट .कॉम -जून २५, २०१६०
ट्वीट राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रान्त प्रचारकों की चार दिवसीय बैठक कानपुर में होने जा रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले होने वाली यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ख़ास बात ये है कि इस बैठक में सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी भी शामिल होंगे। सोनी पिछले एक वर्ष से छुट्टी पर थें।
सूत्रों के मुताबिक,प्रान्त प्रचारकों की यह वार्षिक बैठक है। यह बैठक हर साल अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा की बैठक के बाद जुलाई में होती
है। इस बैठक में देश भर में तैनात आरएसएस के प्रांत प्रचारक हिस्सा लेते हैं। कानपुर में १२ से १५ जुलाई तक होने वाली इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी हिस्सा ले सकते हैं।इसे भी पढ़िए : राहुल गांधी का मोदी पर अबतक का सबसे बड़ा हमला, पीएम को बताया गब्बर टैगसेलैक्शन्सकानपुर्मीतिंगनेक्स्ट मोंट्र्सउपशरे
ट्वीट प्रेवियस आर्टियलदक्षिण अफ्रीका को हरा कर वेस्टइंडीज फाइनल मेंनेक्स्ट आर्टियलरॉबर्ट वाड्रा ने स्वामी के बयान को बताया वेटरों का अपमानकोब्रपोस्ट .कॉम रिलेटेड आर्टिक्लिज्मोर फ्र्म औथोर राज्यसुशील मोदी को शत्रुघ्न सिन्हा की चुनौती- निकालना है निकाल दो, धमकी मत दो राज्यगौरक्षकों ने ट्रेन रोक उतरवाई गाय, रेलवे स्टाफ को पीटा राज्यआंध्र प्रदेश में दिनदहाड़े सड़क के बीचोंबीच शख्स की हत्या राज्यशर्मनाक : सड़क पर युवक की बेरहमी से हत्या, वीडियो बनाते रहे लोग राज्यबेटी की तरफ़ देखने परे दिव्यांग को पीट पीट कर मार डाला राज्यसहारनपुर हिंसा: तनाव खत्म करने के लिए गृह सचिव ने दलितों-ठाकुरों के घर-घर जाकर मांगी माफी राज्यन्क्र में महिला से सरेआम छेड़छाड़: तमाशबीन बनी रही भीड़, पुलिस ने भी नहीं की मदद राज्यदर्दनाक: मां की लाश से लिपटकर दूध पीते इस मासूम की वीडियो देख फफक उठे लाखों दिल, देखें विडियो राज्यजेवर गैंगरेप: पीड़िता के बयान के आधार पर दो आरोपी हिरासत मेंनो कम्मनस्लीवे आ रेप्ली कैंसल रेप्ली |
महिलाओं को रक्षाबंधन पर ३६ घंटे मिलेगी बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा
हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा सुविधा देने का निर्णय लिया है। महिलाओं को ३६ घंटे तक मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हर साल की तरह इस साल भी रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा सुविधा देने का निर्णय लिया है। महिलाओं को ३६ घंटे तक मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलेगी। इस अवधि में महिलाओं के साथ सफर करने वाले उनके १५ वर्ष तक की आयु के बच्चों को भी मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी। सरकार ने जेल नियमावली में संशोधन के बाद जेलों में रक्षाबंधन का पर्व मनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
हरियाणा के परिवहन एवं जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार के अनुसार रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा का विस्तार किया गया है। २६ अगस्त को रक्षाबंधन के चलते प्रदेश में महिलाओं को २५ आगस्त दोपहर १२ बजे से मुफ्त सफर की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा २६ अगस्त की रात १२ बजे तक कुल ३६ घंटे के लिए रहेगी।
परिवहन मंत्री के अनुसार रक्षाबंधन पर सरकार द्वारा बसों के रूट में कोई कटौती नहीं की जाएगी। प्रत्येक निर्धारित रूट पर बसें सामान्य की भांति चलेंगी। उन्होंने बताया कि जेल मैनुअल के अनुसार प्रदेश की जेलों में रविवार को कैदियों एवं हवालातियों के साथ मुलाकात का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन इस बार रक्षाबंधन का पर्व रविवार को होने के कारण इस मामले में मंत्री समूह की बैठक में मंथन किया गया।
मंत्रिमंडल ने बैठक में नियमों को छूट प्रदान करते हुए इस बार रविवार को भी जेलों में बहनों द्वारा अपने भाइयों के साथ मुलाकात करने का प्रावधान किया है। प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। महिलाएं जेलों में बंद अपने भाइयों को सुबह १० बजे से शाम चार बजे तक राखी बांध सकेंगी। इसके लिए बकायदा सभी जेलों में व्यवस्था की जाएगी।
# मुफ्त यात्रा सुविधा |
दोस्तों आपको पता है कि जब हम गूगल सर्च इंजन में कुछ सर्च करते हैं तो हमें वेबसाइट का नाम या उसका टाइटल दिखता है और उसके नीचे उस टाइटल का कुछ डिस्क्रिप्शन दिखाई देता है। यह डिस्कशन हमें यह बताता है कि जो दिया गया पैसे उसके अंदर क्या है। जब कोई विजिटर उस टाइटल को देखता है और उसके नीचे लिखे भी डिस्कशन को देखता है तो उसे पता चल जाता है कि दिए गए पेज में हम मेरे अनुसार या मेरी खोजी गई चीज है या नहीं तो वह आपके पेज पर जाता है अन्यथा दूसरे पेज पर नेविगेट हो जाता है। यदि हमारा डिस्क्रिप्शन सही और सटीक होगा तो यूज़र हमारी वेबसाइट पर आएगा और हमारी गूगल में रैंकिंग बढ़ेगी। तो दोस्तों देखो डिस्क्रिप्शन कितना जरूरी है तो आइए आज हम डिस्क्रिप्शन के बारे में यह कैसे लगाते हैं इसकी जानकारी देखेंगे ।
सर्च डिस्क्रिप्शन क्या है।
दोस्तों मैं आपको बता दूं कि सर्च डिस्क्रिप्शन हमारे ब्लॉक या हमारे ब्लॉक की एक पोस्ट के बारे में मुख्य जानकारी है। इसके अंतर्गत हम केवल डेढ़ सौ शब्द में ही हमारे पेज की पूरी जानकारी को बताते हैं। यह जानकारी जब कोई विजिटर गूगल सर्च इंजन में किसी पोस्ट को सर्च करता है तो उस पोस्ट के नीचे या उस टाइटल के नीचे एक डेढ़ सौ शब्द की जानकारी दिखाई देती है। अतः मैं आपको बता दूं कि जो भी आप सर्च डिस्क्रिप्शन डालना चाहते हैं वह डेट को सबसे ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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आप अब नहीं पोस्ट का टाइटल पोस्ट में डालें और सर्च डिस्क्रिप्शन में कुछ भी आप जो भी पोस्ट का १५० शब्द में डिस्क्रिप्शन डालें। |
हैरान करने वाली खबर, बड़े क्राइम के लिए बिल्ली को किया था गिरफ्तार, कारागार से हुई फरार ८ लाख के इनामी नक्सली भाई ने रक्षाबंधन पर बहन के कहते ही खुद को किया सरेंडर जम्मू कश्मीर: आतंकवादियों के निशाने पर इंडियन आर्मी सैमसंग गलक्सी म५१ सर्टिफिकेशन साइट पर हुआ स्पॉट हिंदुस्तान में महंगे स्मार्ट फोन की मांग घटी अमेरिकी कंपनी व्हाइट वेस्टिंगहाउस की वॉशिंग मशीन के साथ हिंदुस्तान में एंट्री, शुरुआती मूल्य ७,४९९ रुपये एसर स्विफ्ट ३ लैपटॉप हिंदुस्तान में लॉन्च, जाने कीमत व्हेत्सप्प ने लॉन्च किया कमाल का फीचर बेहद आलीशान है अनिल कपूर का बंगला, आप भी देखे ये तस्वीर फैंस ने इस एक्ट्रेस के बर्थडे पर दिया उन्हें ये खास तोहफा 'रामायण' के 'राम' का धरती पूजन से पहले वायरल हुआ ये ट्वीट ५ वर्ष के बाद पति से अलग हुईं मिनीषा लांबा सोशल मीडिया पर करण जौहर की वापसी मोनालिसा व पवन का सिंह का बारिश में रोमांस अयोध्या राम मंदिर धरती पूजन: प्म मोदी के साथ मुख्य मंच पर होंगे ये मेहमान बाबा रामदेव बोले- राम मंदिर निर्माण के साथ हिंदुस्तान में 'राम राज्य' की स्थापना होगी अयोध्या आने वाली सीमाएं की गई सील, देशभर से बुलाए गए विद्वान आचार्य राम मंदिर धरती पूजन के लिए सजी अयोध्या बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर १९ हुई राम मंदिर धरती पूजन के समय हो सकती है बारिश
जेनेवा: संयुक्त देश सुरक्षा परिषद (उनस्क) ने कराची स्थित पाक स्टॉक एक्सचेंज में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। २९ जून को हुए इस आतंकवादी हमले में ४ आतंकवादी सहित ११ लोगों की जान गई थी। उनस्क ने बोला कि आतंकवाद अपने किसी भी रूप में अतंरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है, सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने बोला कि आतंकवाद के प्रत्येक रूप की कड़ी आलोचना होनी चाहिए व यह संसार के लिए गंभीर खतरा है।
सुरक्षा परिषद ने दोहराया कि आतंकवाद का हर तरह का कृत्य आपराधिक है व इसे माफ नहीं किया जा सकता। सुरक्षा परिषद ने बोला कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इस कृत्य का मकसद क्या है, इसे किसने किया है व कब किया है। सुरक्षा परषिद ने बोला कि संसार के सभी मुल्क अपने पास उपस्थित सभी साधनों के द्वारा यूनाइटेड नेशंस के चार्टर व दूसरे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार आतंकवाद से लड़े।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की हिंसा को कथित आजादी की लड़ाई से जोड़ने वाले पाक के लिए सुरक्षा परिषद का ये बयान कठोर संदेश है। सुरक्षा परिषद ने साफ़ कर दिया है कि आतंक केवल आतंक है व इसके उद्देश्य के आधार पर इसे वैलिडिटी का जामा नहीं पहनाया जा सकता है। सुरक्षा परिषद ने इस आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों के साथ गहरी संवेदना प्रकट करते हुए इस हमले में घायल हुए लोगों के जल्द अच्छा होने की कामना की।
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सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल से मांगी खाली पदाें की सूची
पठानकोट न्यूज - शिक्षा विभाग की ओर से जिले के प्राइमरी स्कूलों में सरप्लस किए गए १५० अध्यापकों को एडजस्ट करने का एक और मौका दिया...
शिक्षा विभाग की ओर से जिले के प्राइमरी स्कूलों में सरप्लस किए गए १५० अध्यापकों को एडजस्ट करने का एक और मौका दिया जाएगा। इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में खाली पदों की प्रिंसिपल से लिस्ट मंगवाई गई है। अभी ३५ सरप्लस अध्यापकों का तबादला उनके पसंदीदा स्टेशन पर किया गया है।
शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि जिले में सरप्लस टीचर थे और पिछले तीन सालों से किसी ने भी उस तरफ ध्यान नहीं दिया। अब जब एजूकेशन सेक्रेटरी ने पिछले दिनों बुलाई बैठक में जिले में अध्यापकों की पोस्ट और उपलब्धता के बारे में जानकारी हासिल की तो सारा मामला सामने आया। इसके बाद रेशनेलाइजेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा विभाग प्राइमरी स्कूलों के १५० शिक्षकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया, इनमें ज्यादातर शिक्षा प्रोवाइडर शामिल हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी संजीव गौतम का कहना है कि अभी सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल से खाली पदों की डिटेल मंगवाई गई है ताकि सरप्लस अध्यापकों को सेकेंडरी में एडजस्ट किया जा सके। यदि सेकेंडरी में कोई पोस्ट नहीं होगी, तो सरप्लस अध्यापकों का तबादला जिले से बाहर होगा। पूछने पर उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रोवाइडरों को पहले सैलरी कम मिलती थी, लेकिन साल २००७ के बाद तो हर साल उन्हें इंक्रीमेंट मिल रहा है।
रेशनेलाइजेशन पॉलिसी के तहत जिले में घोषित किए हैं १५० अध्यापक सरपल्स
प्राइमरी शिक्षा को किया जा रहा तहस नहस : यूनियन
अध्यापक संघर्ष कमेटी के नेताओं रविदत्त, रमन कुमार, उमेश कुमार, रजनीश कुमार, राजेश कुमार, मुनीष कुमार, सोहन लाल, करतार चंद, नरिंद्र सिंह, जगदीश राज, परमवीर सिंह, जेपी सिंह, बावा सिंह, कुलदीप कुमार, विजय कुमार, मीना कुमारी, रजनी देवी ने बताया कि प्राइमरी शिक्षकों का कैडर जिला स्तर का होता है, जिन्हें जिले में ट्रांसफर किया जा सकता है। जबकि हाई और सेकेंडरी शिक्षकों का कैडर प्रदेश स्तर का होने के चलते उन्हें अन्य जिलों में ट्रांसफर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेशनेलाइजेशन पॉलिसी के तहत शिक्षकों को सरप्लस घोषित कर प्राइमरी शिक्षा को तहस नहस किया जा रहा है। यूनियन नेताओं ने कहा कि रेशनेलाइजेशन पॉलिसी का बायकॉट किया जाएगा और हर स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। |
नत्व की निधि राजदान कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं | परफॉर्म इंडिया
होम हेट ट्रेकर नत्व की निधि राजदान कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं
नत्व की निधि राजदान कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं
पत्रकारों का मूल धर्म क्या है? पत्रकारों का मूल धर्म है कि खबरों को निष्पक्ष तरीके से पेश किया जाए और हमेशा सच्चाई का साथ दिया जाए। दुख की बात यह है कि देश के पत्रकार ऐसा नहीं कर रहे हैं, बड़ी संख्या में पत्रकार अपनी व्यक्तिगत निष्ठा और खास एजेंडे के तहत खबरों को तोड़मरोड़ कर पेश करने में लगे हैं। हैरानी की बात यह है कि देश में कई पत्रकारों को अपनी पत्रकारिता का एक ही मकसद नजर आता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उनकी सरकार का हर हाल में विरोध किया जाए। निधि राजदान भी इसी जमात की एक पत्रकार हैं। निधि नत्व में कार्यकारी संपादक हैं और एंकरिंग भी करती हैं।
नत्व चैनल पर शाम के समय यदि निधि राजदान के कार्यक्रमों को देखा जाए या उनके द्वारा किए गये ट्वीट्स पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट होता है कि वह कांग्रेस पार्टी के एजेंट के रुप में पत्रकारिता कर रही हैं। इस तरह की सुपारी पत्रकारिता करने वाली निधि राजदान मुद्दों को छोड़कर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधती हैं। आइए, आपको निधि राजदान की सुपारी पत्रकारिता के रंग से परिचित कराते हैं-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-१ निधि राजदान ने २८ दिसंबर 20१7 को दो ट्वीट्स किए, एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ पर अफसोस जाहिर किया तो दूसरे ही ट्वीट में गोवा में साइकिल चलाती हुई सोनिया गांधी की तस्वीर से गदगद हो गईं। इन दोनों ट्वीट्स को पढ़कर आप भी अच्छी तरह समझ जाएंगे कि वाकई में निधि राजदान नत्व में कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं।
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-२ ७ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर जवाब के दौरान कांग्रेस को आड़े हाथों लिया उससे निधि राजदान तिलमिला गईं। प्रधानमंत्री के जवाब पर कांग्रेस के नेता शशि थरूर की प्रतिक्रिया से सुर में सुर मिलाते हुए ट्विटर पर लिखा -फरागों इस बऐक. दूसरे ट्वीट में निधि ने प्रधानमंत्री मोदी को पकौड़ा बेचने वाला कहकर संबोधित करते हुए प्रश्न पूछा। निधि राजदान की इस प्रतिक्रिया में कांग्रेस के एजेंट के रुप में एक पत्रकार नजर आता है। आप भी निधि के ट्वीट्स पढ़िए-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-३ आश्चर्य होता है जब निधि राजदान जैसे कांग्रेस के एजेंट पत्रकार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए, तथ्यों को नकार कर सोशल मीडिया और मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक मुहिम चलाते हैं। राफेल डील पर रक्षा मंत्री का जवाब आया कि देशहित और सुरक्षा कारणों से कुछ जानकारियां नहीं दी जा सकती है, तो कांग्रेस के बोल में बोल मिलाते हुए निधि ने ५ फरवरी को ट्वीट किया कि टैक्स देने वाली देश की जनता को कैसे पता चलेगा कि इस डील में कितना रुपया दिया गया? यह लिखते समय निधि को यह ध्यान नहीं रहा कि पूर्व में भी कांग्रेस के रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी और ए के एंटोनी भी चार बार, देश हित और सुरक्षा कारणों से रक्षा सौदों की जानकारी नहीं दे सके थे। किसी व्यवस्था के आधार पर, बिना किसी ठोस सबूत के निराधार प्रश्न खड़ा करना निधि जैसे सुपारी पत्रकारों की आदत है-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-४ १ फरवरी को संसद में आम बजट पेश होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने बजट के बारे में जब अपनी प्रतिक्रिया टीवी चैनलों पर दी तो निधि राजदान को कांग्रेस प्रवक्ता के रुप में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करने का एक और मौका मिल गया-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-५ संसद में बजट पेश होने वाले दिन ही राजस्थान में हुए तीन उपचुनावों के परिणाम भी आए, इन परिणामों से जहां कांग्रेसी अपनी जीत पर खुश थे, उससे कहीं अधिक खुशी निधि राजदान को हुई। १ फरवरी को राजस्थान की जीत पर सचिन पायलट को बधाई देते हुए लिखा-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-६ पद्मावत फिल्म पर चल रहे विवाद के कारण, सुरक्षा की दृष्टि से गुरुग्राम में २४ जनवरी से क्लब और पब बंद करवा दिए गए थे। इस खबर ने निधि को प्रधानमंत्री मोदी को घेरने का एक और मौका दे दिया। २४ जनवरी को किए गए इस ट्वीट में निधि ने प्रधानमंत्री मोदी को भारत को विश्व की महाशक्ति होने के दावे से जोड़ दिया। निधि ने जानबूझकर अमेरिका जैसी विश्व महाशक्ति की उन कानून व्यवस्था की घटनाओं को भुला दिया, जो वहां आए दिन होती रहती हैं। इस अमर्यादित ट्वीट में लिखा-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-७ निधि राजदान किस तरह की पत्रकार हैं, इसका सटीक जवाब उनके ३१ दिसंबर 201७ के ट्वीट से मिलता है। क्या कोई पत्रकार जो लंबे समय से विदेशी मामलों पर पत्रकारिता कर रहा हो, वह कूटनीति और रणनीति की भाषा को समझते हुए भी ऐसे प्रश्न कर सकता है?, जैसा कि इस ट्वीट में किया गया। इस ट्वीट में पूछे गए प्रश्न से साफ हो जाता है कि वह कांग्रेस के एजेंट के रूप में ऐसे बोल बोलती हैं। आप भी उस ट्वीट को पढ़कर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-८ २ ग घोटाले के मामले पर जब दिल्ली की सीबीआई अदालत ने निर्णय दिया तो, निधि राजदान का घोटालों के कारण यूपीए सरकार के गिरने पर अफसोस हुआ और वो पूर्व महालेखा परीक्षक और नियंत्रक, विनोद राय को पूरी तरह से दोषी के रुप में देखने लगीं। निधि ने इस भावनात्मक सोच में, तर्क को दरकिनार करते हुए यह भुला दिया कि सर्वोच्च न्यायलय ने इसी मामले में 1२२ स्पेक्ट्रम आवंटनों को रद्द कर दिया था। जब मामले पर न्यायलय ही उलझ चुका हो, उसे लेकर ट्विटर पर की गई ऐसी प्रतिक्रिया किसी कांग्रेसी सुपारी पत्रकार की ही लगती है-
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-९ प्रधानमंत्री मोदी के विरोध की मानसिकता से निधि राजदान कितनी बुरी तरह प्रभावित हैं, यह उनके १३ दिसंबर २०१७ के ट्वीट से पता चलता है।
कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-१० निधि राजदान नत्व पर रात ८ बजे जिस डिबेट शो को करती हैं, उसके मुद्दे पूरी तरह से एकतरफा और प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में होते हैं। निधि अपने इस प्रोग्राम के बारे में हर रोज ट्वीट्स करती हैं। इन कुछ ट्वीट्स देखकर आप भी यही निष्कर्ष निकालेंगे कि निधि राजदान वाकई में कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं-
अगर पत्रकार सुपारी लेकर पत्रकारिता करते हैं, तो देश के विकास और सामान्य जन के लिए कुछ ठोस अंशदान करने के बजाए राजनीति और प्रजातंत्र को दूषित करते हैं। यह बौद्धिक प्रदूषण भारत के प्रजातंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
प्रेवियस आर्टियलमोदी राज में अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत, आईआईपी ७.१ प्रतिशत बढ़ा |
उपहार का चयन कैसे करें? हम शिष्टाचार के नियमों का अध्ययन करते हैं
ऐसा माना जाता है कि हम सभी को उपस्थित होना पसंद हैऔर उपहार स्वीकार करते हैं। किसी भी मामले में, हम इस विषय पर अधिकांश पुस्तकों और लेखों के लेखकों द्वारा लगातार आश्वस्त हैं। हालांकि, व्यक्तिगत अनुभव से, हम में से अधिकांश पूरी तरह से जानते हैं कि प्रस्तुति की खरीद एक बहुत ही परेशानीपूर्ण व्यवसाय है। एक उपहार चुनने की समस्या जिसे "अदालत में रखना होगा" हर किसी के लिए काफी प्रासंगिक है। आखिरकार, हमारे जीवन के लिए दोस्तों, रिश्तेदारों और सहयोगियों को बधाई देने के लिए कई बार हमारे पास है। कुछ दाताओं का सपना है कि उनका उपहार कोठरी या पेंट्री में धूल में भेजा गया। इसके विपरीत, हम ईमानदारी से एक और व्यक्ति को खुश करने का सपना देखते हैं। एक संकेत, जो उपहार चुनने के लिए, शिष्टाचार के नियम हैं, इस नाज़ुक प्रक्रिया की सभी बारीकियों को विनियमित करते हैं।
आइए सामान्य रोजमर्रा की स्थिति से शुरू करें - आपको एक कप चाय में आमंत्रित किया गया था। कोई गंभीर अवसर नहीं है, सिर्फ एक दोस्ताना सभा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप खाली हाथ प्रकट कर सकते हैं।
इस मामले में, यह बोतल के लिए उपयुक्त हैअच्छी शराब और मिठाई का एक बॉक्स, एक केक या चाय के लिए केक का एक सेट। घर की मालकिन के लिए फूलों का एक गुलदस्ता निश्चित रूप से एक मामला है। अगर घर में बच्चे हैं, तो उनके लिए छोटे उपहारों की देखभाल करने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
एक उदाहरण बिल्कुल विपरीत है - एक शादीरिश्तेदार या दोस्तों। अक्सर इस मामले में, उपहार का चयन करने का सवाल इसके लायक नहीं है। न्यूवाइड्स तुरंत यह निर्धारित करते हैं कि वे नकद समकक्ष में उपहार स्वीकार करते हैं। हालांकि, इस मामले में आश्चर्य प्रस्तुत करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। यह स्पष्ट करना उचित है कि दुल्हन और दुल्हन अपने सबसे महत्वपूर्ण दिन पर किस तरह का उपहार प्राप्त करना चाहते हैं।
आज शादी करने के लिए यह फैशनेबल बन गया हैसभी प्रकार के घरेलू उपकरणों। लेकिन मेहमानों के रूप में, एक नियम के रूप में, बहुत कुछ और सहमत हैं कि उनके पास हमेशा अवसर नहीं होता है, खुश जोड़े ने पांच लोहा, कई इलेक्ट्रिक केटल्स और कुछ माइक्रोवेव ओवन के टुकड़े सौंपे। मेरी राय में, इस मामले में, एक और तर्कसंगत समाधान उपहार प्रमाण पत्र होगा। युवाओं को यह तय करने दें कि उन्हें और क्या चाहिए।
काम पर सहयोगी लगभग हर किसी के हैं। और कम से कम एक बार एक बार छुट्टी पर उन्हें बधाई देने की जरूरत है। हालांकि, हर कोई नहीं जानता कि इस मामले में कौन सा उपहार अधिक उपयुक्त है। प्रिय सहयोगियों को महंगा उपहार स्वीकार नहीं किया जाता है, विशेष रूप से यह उच्च अधिकारियों से संबंधित है। मुख्य टीम के लिए एक उपहार आमतौर पर पूरी टीम से खरीदने के लिए बेहतर होता है। अन्य सहयोगियों के मामले में, इस अवसर के अनुरूप एक ही उपहार (हैंडल, नोटबुक, कैलेंडर) प्रस्तुत करना उचित है। यदि कर्मचारी छोटा है और कर्मचारियों के बीच संबंध अनुकूल हैं, तो उपहार व्यक्तिगत ध्वनि दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, विभिन्न पैटर्न के साथ चाय या कॉफी के लिए मग खरीदें।
हम में से कई जानते हैं कि करीबी लोगों के लिए उपहार खरीदने की सबसे मुश्किल बात है।
बेशक, मां, पत्नी, बहन या भाई के लिए उपहार चुनने के बारे में विशिष्ट सलाह देना मुश्किल है। हालांकि, कुछ सिफारिशें काफी उपयुक्त होंगी।
पुराने रिश्तेदार घर या बगीचे के लिए आरामदायक और आरामदायक चीजों की सराहना करेंगे। आप माता-पिता को अपने शौक से संबंधित उपहार भी दे सकते हैं।
युवा पीढ़ी सभी प्रकार से प्रसन्न हो सकती हैआधुनिक गैजेट्स, लेकिन एक भाई या बहन के लिए कपड़े और जूते बेहतर नहीं है। ये चीजें दी गई हैं, और आपको बिना किसी कारण के उन्हें खरीदने की जरूरत है।
अंत में, हम कुछ सिफारिशें देते हैंकिसी प्रियजन के लिए उपहार चुनें। इस बात पर विचार करें कि प्रस्तुत किए गए व्यक्ति के प्रति आपके दृष्टिकोण के स्पष्ट प्रदर्शन के रूप में इस मामले में आपका उपहार माना जाता है। इस संबंध में विशेष रूप से संवेदनशील, निष्पक्ष सेक्स। इसलिए, अपनी पत्नी या प्रेमिका चीजें कभी नहीं पेश करें, जिसका मूल्य दो तरीकों से व्याख्या किया जा सकता है।
ध्यान रखें कि पुरुषों और महिलाओं को स्वच्छता वस्तुओं को खराब रूप माना जाता है। तो जेल, शैम्पू, हस्तनिर्मित साबुन और शेविंग फोम के बारे में भूल जाओ।
आप अपने पसंदीदा कोलोन को पूरी तरह से दे सकते हैं - पुरुषमुझे महिलाओं के स्वाद पर स्वाद के चयन में भरोसा है। लेकिन परफ्यूम पेश करने वाली महिला अवांछनीय है, उसे बहुत पसंद है कि वह इसे पसंद करेगी।
कई लोग इसे एक बहुत ही उचित उपहार मानते हैं।महंगे कपड़े का सेट हालांकि, यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। सही ब्रा का चयन करना एक कठिन प्रक्रिया है, ऐसे कई पैरामीटर हैं जो एक अच्छा फिट निर्धारित करते हैं। आकार को जानने के बावजूद, भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि यह या वह मॉडल इस आंकड़े को कैसे देखेगा। और एक ब्रा पहने हुए, हड्डियों से पसलियों में खोदना - सबसे सुखद बात नहीं है।
उपहार चुनना, इच्छाओं से निर्देशित होनाजिसकी उद्देश्य यह है, और व्यावहारिकता के विचार नहीं। फूल किसी भी उपहार के लिए एक अनिवार्य लगाव होना चाहिए। खासकर जब महिला की बात आती है। हालांकि, मजबूत लिंग के प्रतिनिधियों के लिए, आप एक उपयुक्त फूल व्यवस्था भी पा सकते हैं। उदाहरण के लिए, ग्लेडियोलि पारंपरिक रूप से मर्दाना रंग माना जाता है।
एक उपहार के रूप में फल टोकरी - किसी प्रियजन को आश्चर्यचकित करने का सबसे अच्छा तरीका |
हमारा खत्री समाज: हिन्दू धर्म और सिख धर्म को जोडनेवाली कडी भी खत्री ही है !!
"क्यूंकि संविधान में सिख , जैन और बौद्ध मतों को हिन्दुओं के ही धर्म का अंग माना गया है। "
कृपया अनुच्छेद व पृष्ठ सहित इसकी जानकारी प्रदान करें ।
यह आलेख खत्री सीता राम टंडन जी का लिखा है .. मैं सिर्फ इसे पेषित कर रही हूं .. इसलिए आपके प्रश्न को उनलोगों के पास भेज रही हूं .. जैसे ही जबाब आएगा मैं अवश्य सूचित करूंगी .. हिन्दु मैरिज एक्ट और डाइवोर्स एक्ट में सिख , जैन और बौद्ध एक जैसे हैं .. जबकि मुस्लिमों के लिए अलग .. इसी बात की चर्चा आलेख में आपके प्रश्न वाले पंक्ति से ठीक पहले की गयी है .. मेरे ख्याल से इसी से उन्हें लगा हो कि इन मतों को हिन्दु का ही अंग माना गया है !! |
हेलो दोस्तो कैसे हो आपलोग मुझे उम्मीद है आप सभी बिलकुल अच्छे होंगे दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा एक बाहत ही मजेदार ट्रिक के बारे में मतलब एक ऐसे आप्प के बारे में बताने वाला हूँ जिसे डावनलोड करने के बाद आप अपने इंटरनेट को ५ग बना सकते है दोस्तों अगर आप अपने स्लो इंटरनेट से बहुत ज्यादा परेशान है तो आप इसे अच्छी तरह से समझ लीजियेगा क्युकी अगर आपने इसे अच्छे से समझ लिया तो पूरी ज़िन्दगी आपको स्लो इंटरनेट की परेशानी नहीं होगी और आपका इंटरनेट सुपरफास्ट तो हो ही जाएगा दोस्तों पहले मेरा भी इंटरनेट बहुत ज्यादा स्लो चल रहा था फिर मैंने इस ट्रिक को अपने फोन में किया और अब मेरा इंटरनेट इतना ज्यादा फास्ट हो गया है की आप सोच भी नहीं सकते है और दोस्तों मैं आपको १००% कह रहा हु की आपका भी इंटरनेट सुपरफास्ट हो जाएगा और फिर कभी आपका इंटरनेट स्लो नहीं होगा | क्या कमाल की आप्प है मेरे दोस्त आपको भी देखकर मज़ा आ जाएगा |
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गले में सांप लपेटे बिहार के शिक्षा मंत्री की फोटोज हुईं वायरल, बीजेपी बोली-अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे मंत्री
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से पुराने वाहन सरेंडर करने वालों खरीदारों को नए वाहन की खरीद पर उत्पाद शुल्क में कम से कम ५० प्रतिशत की छूट देने की अपील की है।
भाषा नई दिल्ली | जान्वरी १८, २०१६ ०१:४८ आम
केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी। (पीटीआई फाइल फोटो)
वाहनों के लिए बजट में एक अंतिम मियाद की अवधि के बारे में नीति की घोषणा हो सकती है। इसमें उन खरीदारों को जो अपने प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सरेंडर करते हैं, को नए वाहन की खरीद में उत्पाद शुल्क में कम से कम ५० प्रतिशत की छूट दी जा सकती है। एक सूत्र ने कहा कि इसके अलावा बजट में वाहन विनिर्माताओं के लिए कुछ प्रमुख घोषणाएं हो सकती हैं जिससे हरित वाहनों में निवेश आएगा।
सूत्र ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से पुराने वाहन सरेंडर करने वालों खरीदारों को नए वाहन की खरीद पर उत्पाद शुल्क में कम से कम ५० प्रतिशत की छूट देने की अपील की है। समझा जाता है कि गडकरी ने जेटली से कहा है कि इससे न केवल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि रोजगार के भारी अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही इससे प्रदूषण में भी भारी कमी लाने में मदद मिलेगी।
गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि सरकार दस साल से अधिक पुराने वाहन को सरेंडर करने पर डेढ़ लाख रुपए का प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। जेटली की १५ जनवरी को गडकरी और सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ बजट पूर्व चर्चा हुई थी। |
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प्रशिक्षण में अव्यवस्था हावी रही
औरैया। नगर निकाय सामान्य निर्वाचन २०१२ के स्थानीय निकायों में मतदान कराने के लिए शनिवार को पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय मतदान अधिकारी को अव्यवस्था के बीच प्रशिक्षण दिया गया। बारिश से प्रशिक्षण निर्धारित समय से एक घंटे देरी से शुरू हो सका। ड्यूटी स्लिप न मिलने से कई कार्मिकों ने देरी से प्रशिक्षण स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जिला मुख्यालय सभागार में पीठासीन एवं प्रथम, द्वितीय व तृतीय पोलिंग अधिकारियों के प्रशिक्षण में किसी तरह की बाधा न हो इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे। पर खराब मौसम की वजह से प्रशिक्षण समय से शुरू नहीं हो सका। रातभर बारिश होने के बाद सुबह से ही आसमान में बदली छाई रही। पोलिंग कार्मिकों को ड्यूटी स्लिप भी नहीं मिली। पीठासीन अधिकारी और पोलिंग कार्मिकों को मतपेटिकाओं को खोलने एवं बंद करने के तरीकों के साथ ही उनकी सील बंद करने की जानकारी दी गई। |
>अखिल भारतीय किसान सभा (१९३६ ई.) के संस्थापक कौन थे ? >सरकार के विरुध्द अविश्वास प्रस्ताव संसद के किस सदन में लाया जाता है ? >सामान्यतः बैंक सावधि जमा अधिकतम कितनी अवधि के लिए स्वीकार करते हैं ? >सबसे विशाल जीवित स्तनपायी कौन सा है ? >जयसमंद झील कहाँ स्थित है ? >किसने सबसे पहले यह पता लगाया कि शुक्र ग्रह पूरी तरह से बादलों से घिरा हुआ है ? >प्रिंटर, कीबोर्ड और मोडम जैसी बाहरी डिवाइसें क्या कहलाती हैं ? >सुदीरमन कप किस खेल से सम्बन्धित है ? >किस भारतीय राज्य को पोलो खेल का उद्गम माना जाता है ? >आंखो से दिखाई देने वाला सबसे दूरस्थ खगोलीय पिंड अर्थात् एंड्रोमीडा की ग्रेट गैलेक्सी पृथ्वी से कितने प्रकाश वर्ष की दूरी पर है ? >मछली कहाँ से श्वास लेती है ? >उत्तर प्रदेश में उर्दू को द्वितीय राजभाषा कब घोषित किया गया ? >इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय सुपर ताप विद्युत परियोजना के तहत् प्रतिवर्ष कितने अरब विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है ? >रक्ताल्पता रोग किसकी कमी से होता है ? >वह युक्ति जिसके द्वारा आँकड़ों को टेलीफोन के माध्यम से बाइनरी सिग्नलों की सहायता से भेजा जाता है, क्या कहलाती है ? >राष्ट्रपति को पद एवं गोपनीयता की शपथ कौन दिलवाता है ? 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>भारत में लोकपाल का विचार कहां से लिया गया है ? >भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए अपेक्षित न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? >महात्मा गाँधी ने करो या मरो का मंत्र किस आन्दोलन के समय दिया था? >खाद्य ऊर्जा को हम किस इकाई में माप सकते हैं ? >अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रतिनिधि कैप्टन हॉकिंस किसके राजदरबार में राजकीय अनुग्रह प्राप्त करने के लिए उपस्थित हुआ था ? >भारत में १९४६ में लॉर्ड वावेल ने किसको अंतरिम सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित किया था ? >भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरू को फाँसी पर कब चढ़ाया गया ? >गायत्री मंत्र किस वेद में लिखित है ? >भारत सरकार द्वारा बालकों के कल्याण के लिए बाल नीति की घोषणा कब की गई थी ? >जवाहरलाल नेहरू फुटबॉल स्टेडियम किस राज्य में है ? >उपन्यास देवदास का लेखक कौन है ? >भारत का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था ? >विद्युत.आवेश का पता लगाने के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जाता है ? >नरसिंहम समिति किससे सम्बन्धित है ? >माइक्रोप्रोसेसर किस पीढी का कम्प्यूटर है ? >अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी कौन-सा देश करता है ? >बाल प्वाइंट पेन का अविष्कार किसने किया ? >किस राज्य में रंगनाथित्तु पक्षी अभयारण्य स्थित है ? >सरकारिया आयोग किसके अध्ययन के लिए गठित किया गया था ? >आधुनिक ओलम्पिक खेल सर्वप्रथम कब एवं कहाँ आयोजित किए गए ? >जल की कठोरता जल में क्या डालकर दूर की जाती है ? >भारत में मनोविज्ञान की प्रयोगशाला की सर्वप्रथम स्थापना किस वर्ष हुई ? >सांडों की लड़ाई किस देश का राष्ट्रीय खेल है ? >साल्ट लेक स्टेडियम कहाँ स्थित है ? >पहला ड्डत्रिम उपग्रह कौनसा था ? >जो शीघ्र प्रसन्न हो जाए, उसे क्या कहेंगे ? >आजकल सड़कों पर रोशनी के लिए प्रायः पीले लैंपों का प्रयोग किया जाता है। उन लैंपों में किस गैस का प्रयोग किया जाता है ? >गांधीजी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तैने कहिए का रचयिता कौन है ? >प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरूआत कब हुई ? >अंग्रेजों द्वारा कलकत्ता में निर्मित दुर्ग का नाम क्या है ? >चीन द्वारा निर्मित ग्वादर बन्दरगाह किस देश में स्थित है ? >रवीन्द्रनाथ टैगोर ने किसके विराध में नाइटहुड का त्याग कर दिया था ? >भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है ? >आलू किसका संशोधित रूप (उत्पादन) है ? >नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी कहां अवस्थित है ? >कामकाजी महिलाओं के लिए प्रत्यावास योजना किसके द्वारा संचालित की जाती है ? 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>ललित कला अकादमी की स्थापना किस वर्ष हुई थी ? >स्त्रियों की दशा में सुधार न होने तक विश्व के कल्याण का कोई मार्ग नहीं है। यह किसने कहा है ? >पृथ्वी के अतिरिक्त किस ग्रह पर वायुमण्डल पाया जाता है ? >वसुंधरा शिखर सम्मेलन कहां हुआ था ? >गुरु केलुचरण महापात्र किस नृत्य शैली में निपुण थे ? >काले वन किस देश में पाए जाते हैं ? >लन्दन किस नदी के किनारे स्थित है ? >वह अवस्था क्या कहलाती है ? >मुद्राराक्षस नामक पुस्तक का लेखक कौन था ? >मोंगिया पत्तन किस राष्ट्र में स्थित है ? >पल्लवों की राजधानी का नाम क्या था ? >संविधान के अनुसार भारतीय संसद के अंग कौन.कौन हैं ? >संयुक्त राज्य अमेरिका में किसने थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना की थी ? >प्रादेशिक सेना में एम.एस. धोनी को कौन-सी मानद पदवी दी गई है ? >हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, श्195६श् में महिलाओं एवं पुरुषों को किसका अधिकार प्राप्त है ? >संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद ने कितनी गैर.सरकारी संस्थाओं को विशेष सलाहकार का दर्जा दिया है ? >सामान्य वयस्क व्यक्ति में कुल कितना रक्त होता है ? >राणा प्रताप सागर बाँध किस नदी पर स्थित है ? >फुटबॉल में ब्लैक पर्ल के उपनाम से किसे जाना जाता है ? 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फिल्म "भारत" का नया गाना "इश्के दी चाशनी" हुआ रिलीज, यहाँ देखे -
एन्टर्टेन्मन्ट डेस्क : सलमान खान की आनेवाली फिल्म भारत जो ५ जून को ईद के मौके पर रिलीज की जाएगी, इस फिल्म का गाना इश्के दी चाशनी आज रिलीज किया गया है। इस गाने में सलमान और कटरीना साथ में रोमांस करते नज़र आए है। इस गाने में सलमान,कटरीना की तारीफ करते और कटरीना को चासनी सा मीठा कहते नज़र आए है।
इस गाने का म्यूजिक विशाल&शेखर ने दिया है, और इस गाने को अपनी आवाज से अभिजीत श्रीवास्तव ने निखारा है। यह गाना एक रोमांटिक गाना है जिसमे कटरीना पर सलमान इश्क दी चासनी वाला मीठा मीठा प्यार बरसाते नज़र आए है।
यह गाना एक ड्रीम सीक्वेंस है जिसमे सलमान और कटरीना एक दूसरे से शादी करने के सपने देखते नज़र आएँगे। यह गाना सलमान और कटरीना पर फिल्माया गया है। इस फिल्म के सभी गाने और सभी पोस्टर और इस फिल्म के ट्रेलर ने लोगो की उत्सुकता बढ़ा दी है इस फिल्म को देखने के लिए लोग बेताव हो रहे है।
इस फिल्म में सलमान का नाम भारत है, और इस फिल्म की कहानी इस फिल्म के मुख्य किरदार भारत की जिंदगी पर निर्धारित है। इस फिल्म के लिड रोल में सलमान खान, कैटरिना कैफ, दिशा पटानी, जैकी श्रॉफ, तब्बू और सुनील ग्रोवर है। सलमान की यह फिल्म भारत अली अब्बास के निर्देशन में बनी है। यह फिल्म ५ जून २०१९ को रिलीज की जाएगी।
यहाँ देखे इश्क दी चाशनी :-
शिल्पा शेट्ठी के बेटे का हुनर देख दंग रह गए टाइगर श्रॉफ
मोदी सहित पूरी कैबिनेट ने राष्ट्रपति को सौंपा ईस्तीफा, जल्द होगा नई कैबिनेट का गठन |
पर्यावरणीय अध्ययन युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका २०१९/२०२०
पर्यावरणीय अध्ययन युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका
उच्च कार्यक्रम मेपर्यावरणीय अध्ययन युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका .सारी जानकारी प्राप्त करे स्कूल और कार्यक्रम के बारे मे,सम्पर्क करे प्रवेश कार्यलय ३ बट्म
७ में परिणाम पर्यावरणीय अध्ययन, युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका
पर्यावरण विज्ञान और निगरानी में मास्टर ऑफ साइंस
विज्ञान स्नातक की डिग्री के साथ व्यक्तियों और जो पर्यावरण निगरानी (पूर्व सेवा आवेदकों) में तकनीकी कौशल उन्नत आवश्यकता होती है;: पर्यावरण निगरानी और बहाली में स्नातक प्रमा ... [+]
पर्यावरण निगरानी और बहाली में स्नातक प्रमाणपत्र कार्यक्रम के लिए बनाया गया है:
विज्ञान स्नातक की डिग्री है और जो के साथ लोगों को पर्यावरण निगरानी (पूर्व सेवा आवेदकों) में तकनीकी कौशल उन्नत आवश्यकता होती है; और पहले से ही अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए एक पर्यावरण ... [-]
युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका , ओरेंजबर्ग
कठोर पाठ्यक्रम छात्रों को दो प्रमुख स्नातक स्कूलों में विश्व प्रसिद्ध संकाय से सीखने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही व्यापार और पर्यावरण प्रबंधन के प्रमुख पेशेवरों के रूप ... [+]
संयुक्त मास्टर्स प्रोग्राम येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एसओएम) और येल स्कूल ऑफ वानिकी और पर्यावरण अध्ययन (एफईएस) द्वारा प्रस्तावित एक तीन साल का कार्यक्रम है जिसके माध्यम से छात्रों को एमबीए और पर्यावरण परास्नातक डिग्री दोनों कमाते हैं। कठोर पाठ्यक्रम छात्रों को दो प्रमुख स्नातक स्कूलों में विश्व प्रसिद्ध संकाय से सीखने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही व्यापार और पर्यावरण प्रबंधन के प्रमुख पेशेवरों के रूप में भी इसका अवसर मिलता है। कार्यक्रम अपने २५ वें वर्ष में है, यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे पुराना कार्यक्रम बना रहा है। संयुक्त मास्टर्स प्रोग्राम दो क्षेत्रों का अध्ययन करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है जो तेजी से जुड़े हुए हैं। व्यापार और पर्यावरण के बीच संबंधों को समझने के लिए नेताओं को तैयार करना चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण है जो एक आधुनिक और वैश्विक समाज बनाता है। व्यापार और पर्यावरण के चौराहे एक स्थायी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में रचनात्मकता के लिए कई रोमांचक और गतिशील अवसर प्रदान करते हैं। इस कार्यक्रम में वर्तमान में २२ छात्र हैं, जो विविध पृष्ठभूमि से येल आते हैं और विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में कई पर्यावरणीय मुद्दों पर काम करने की योजना बना रहे हैं। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानने के लिए भावी छात्रों को प्रत्येक विद्यालय में प्रवेश कार्यालयों, साथ ही संकाय और मौजूदा छात्रों से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।... [-]
सतत आंतरिक वातावरण में मास्टर
सतत आंतरिक वातावरण कार्यक्रम में कला के फिट के मास्टर नेता हैं जो आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और रिक्त स्थान के लिए स्थिरता में विशेषज्ञता को लाने के लिए तैयार करता है। प ... [+]
सतत आंतरिक वातावरण कार्यक्रम में कला के फिट के मास्टर नेता हैं जो आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और रिक्त स्थान के लिए स्थिरता में विशेषज्ञता को लाने के लिए तैयार करता है। पाठ्यक्रम अनुसंधान विधियों, सिद्धांतों, और पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार अंदरूनी के निर्माण के लिए लागू प्रगतिशील प्रथाओं में प्रवीणता विकसित करता है। हम, वातावरण जिसमें हम रहते हैं बदलने के लिए काम जानने के लिए, और खेलने को तैयार पेशेवरों के एक समुदाय पैदा कर रहे हैं।... [-]
सतत आंतरिक वातावरण (एमपीएस-एस) में एमपीएस के बाद पेशेवर के विकास और सतत आंतरिक रिक्त स्थान है कि सकारात्मक दुनिया को प्रभावित करेगा बनाए रखने में नेतृत्व की भूमिका ग्रहण ... [+]
पर्यावरण विज्ञान के मास्टर पर्यावरण विज्ञान में पर्यावरण से अध्ययन और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान में दो से तीन साल की मास्टर डिग्री है। ... [+]
पर्यावरण विज्ञान के मास्टर पर्यावरण विज्ञान में दो को तीन साल की मास्टर डिग्री करने के लिए एक से एक, पर्यावरण और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान का अध्ययन है।
पाठ्यचर्या में जीवविज्ञान , पारिस्थितिकी , भौतिकी , और भूविज्ञान , साथ ही अर्थशास्त्र , व्यापार और समाजशास्त्र जैसे मानविकी में क्षेत्रों जैसे वैज्ञानिक क्षेत्रों में काम शामिल है।... [-] |
होमपॉलिटिकलगिड़गिड़ा रहे कमलनाथ को माफ करने के मूड में नहीं है र्स, जारी हुआ आधिकारिक बयान | म्प न्यूज
भोपाल। संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध वाली घोषणा के बाद कमलनाथ तेजी से बैकफुट पर आए और मामले को संभालने की कोशिश की परंतु कांग्रेस नेता सुुंदरलाल तिवारी ने सुलगी आग को भड़का दिया। कमलनाथ ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर संघ की तारीफ की, इसे अप्रत्यक्ष माफी माना गया परंतु आरएसएस कमलनाथ को माफ करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। संघ ने आधिकारिक बयान जारी कर दिया है।
ऐसा नियम नहीं...शाखाओं में जाने से नहीं रोक सकते
प्रांत संघचालक सतीश पिंपलीकर ने कहा कि सरकारी कर्मचारी के शाखा में जाने का अभी कोई नियम नहीं है। इसलिए उन्हें रोक नहीं सकते। कांग्रेस का यह चुनावी हथकंडा है। शाखा में जाने को लेकर १०० सेे ज्यादा केस में कर्मचारियों को ही राहत मिली है। निर्णय संघ के पक्ष में आया। कांग्रेस की सरकार नहीं आएगी। यदि आई भी तो देखेंगे क्या करना है।
कमलनाथ को अंदाजा भी नहीं कि क्या कर दिया
प्रांत सह संघचालक अशोक पांडे ने इसे कांग्रेस की बड़ी राजनीतिक भूल बताया। उन्होंने संकेत दिए कि स्वयंसेवक चुप नहीं बैठेंगे। वैसे तो स्वयंसेवक ने यह तय किया था कि शत-प्रतिशत मतदान कराने के लिए जनजागरण करेंगे, लेकिन वे अब इस बारे में प्रतिबद्ध हैं कि कांग्रेस के इस कदम के विरोध में जनजागरण करेंगे।
कांग्रेस का दूसरा बड़ा हमला: संघ आतंकवाद का प्रतीक
भोपाल। कांग्रेस नेता सुंदरलाल तिवारी ने मंगलवार को इस विवाद में भड़काने वाला बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि संघ आतंकवाद का प्रतीक है। यह पूरी तरह से राजनीतिक संगठन है। यह वह संगठन है, जिसने गांधी की हत्या की। आरएसएस राज्य के साथ पूरे देश में घृणा का वातावरण पैदा करता है और सामाजिक घृणा फैलाता है। संघ की शाखाओं में हिन्दुस्तान का झंडा कभी नहीं फहराया जाता है और यही सब आतंकवाद का प्रतीक है। हालांकि तिवारी के बयान पर कमलनाथ ने कहा कि ये तिवारी के निजी विचार हैं। पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
बचाव में गिड़गिड़ाते कमलनाथ
हमने वचन-पत्र में कहीं नहीं लिखा कि संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाएंगे। सिर्फ इतना लिखा है कि जिस तरह केंद्र सरकार, उमा भारती और बाबूलाल गौर के कार्यकाल में जो रोक लगी थी, उसे ही लागू करेंगे। इसके अलावा संघ से कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है।
कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
संघ की बड़ी गतिविधि - वरिष्ठ स्वयंसेवक डॉ. विश्वास चौहान के अनुसार
- दो करोड़ से ज्यादा ट्रेंड स्वयंसेवक, ४० देशों में सक्रिय।
- ८० से ज्यादा अनुषांगिक संगठन।
- ५६ हजार ५६9 दैनिक शाखाएं लगती हैं।
- १३ हजार ८४७ साप्ताहिक मंडली, ९ हजार मासिक शाखा।
- ५ करोड़ से अधिक स्वयंसेवक नियमित शाखाओं में आते हैं।
- हर तहसील और ६५ हजार गांवों में लगती हैं शाखाएं।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, २८३ सांसद, १४६० विधायक, १८ राज्यों के मुख्यमंत्री संघ के स्वयंसेवक हैं या संघ परिवार का हिस्सा हैं। |
अवनी कमरे में चाय लेकर आई, तो पम्मी झट से बोली, अरे, हमारे साथ इस फॉर्मैलिटी की ज़रूरत नहीं है भई, हम तो घर के ही लोग हैं.
फॉर्मैलिटी नहीं है, चाय है, हमें भी पीनी थी सो बना लाई. सब हंस पड़े. अवनी की सास कावेरी दो दिन पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज होकर आई थी, तो पम्मी और उसकी सास उमा उन्हें देखने के लिए आए थे. दोनों एक ही कॉलोनी में रहते थे. अवनी और पम्मी एक ही किटी के मेंबर थे. दोनों के बच्चे भी एक ही स्कूल में जाते थे, अतः दोनों में ठीक-ठाक दोस्ती थी. उनकी सासें कावेरी और उमा कॉलोनी में चलनेवाले साप्ताहिक सत्संग की मेंबर थीं, अतः उनमें भी गपशप का रिश्ता था.
जाओ भई, तुम दोनों बहुएं चाय पीते हुए अपनी बातें करो और हमें अपनी करने दो. उमा बोली तो पम्मी और अवनी अपनी-अपनी चाय लेकर ख़ुशी-ख़ुशी बाहर आ गए.
क्या यार, पता है तूने पिछले पंद्रह दिनों में कितना कुछ मिस कर दिया. सुमन के यहां शुक्रवार को किटी थी. पिछले सोमवार को पूरा ग्रुप पिक्चर और लंच के लिए गया था. इस बार निशा ने अपने बर्थडे की क्या ज़बर्दस्त पार्टी दी. तू होती तो पम्मी के उत्साहित स्वर से अवनी का चेहरा उतर गया.
मैं कैसे होती यार. मैं वहां होती, तो इस घर में गधों की तरह मज़दूरी कौन करता. सासूजी तो १० दिन से हॉस्पिटल में पड़ी थीं. पहले डेंगू हो गया था और अब ये लंग इंफेक्शन. जब देखो खांसती-थूकती रहती हैं. तौबा मेरा तो जी ख़राब होने लगा है. रसोई में उठकर आ जाती हैं, सब्ज़ी काटने लगती हैं और उसी पर खांसती रहती हैं सच पम्मी, मुझे तो बच्चों के लिए बड़ा डर लगने लगा है, कहीं उन्हें इंफेक्शन न हो जाए. सोनू को पिछले महीने ही फ्लू हुआ था. रिंकी को भी जल्दी खांसी-ज़ुकाम पकड़ती है. मैंने बच्चों को कहकर भी रखा है कि दादी के पास न जाया करो, मगर मेरी सुनता कौन है? सास की बीमारी से झल्लाई अवनी को बड़े दिनों बाद कोई अपना दुखड़ा सुनाने को मिला, तो वह फट पड़ी.
तू कोई नर्स क्यों नहीं रख लेती उनकी देखभाल के लिए. पम्मी चाय का सिप लेते हुए बोली.
कैसे रख लूं, कितना पैसा लेती हैं नर्स, जानती भी है. इनके अकेले की कमाई में क्या-क्या कर लूं. बच्चे भी बड़े हो रहे हैं, उनके ख़र्चे बढ़ रहे हैं. ऊपर से मम्मीजी के इलाज और दवाइयों के ख़र्चे. उन्हें जब देखो, कुछ न कुछ लगा ही रहता है.
पर आंटीजी की पेंशन भी तो
आती है ना? पम्मी की खूफ़िया नज़रें निधि के चेहरे पर टिकी थीं. अवनी ऐसे हड़बड़ाई जैसे कोई चोरी पकड़ी गई हो. मन ही मन सोचने लगी, ज़रूर मम्मीजी ने अपनी पेंशन के बारे में इसकी सास को गाया होगा.
आती है, तो उनकी अपनी जेब में जाती है, कौन-सा हमें देती हैं. वो तो ऊपरवाले पोर्शन से जो थोड़ा-बहुत किराया आता है, उसी का बहुत बड़ा सहारा हो जाता है, वरना ख़र्चों का मुंह तो भस्मासुर-सा खुला ही रहता है. सच पम्मी, कभी-कभी मन करता है सब कुछ छोड़छाड़ के कहीं चली जाऊं संन्यास ले लूं, तभी शांति मिलेगी. निधि की रोनी सूरत देख पम्मी को सचमुच उससे सहानुभूति हो
यही तो हो रहा है आजकल. जिनकी संन्यास लेने की उम्र है, उन्हें सारे सुख चाहिए और जिनकी उम्र गृहस्थी का सुख उठाने की है, उनको संन्यास झेलना पड़ रहा है अब तुझे क्या बताऊं, बात छिड़ी है, तो कह रही हूं, हमारा भी यही हाल है. दो कमरों का छोटा-सा घर है. एक कमरे में मम्मीजी जमी हैं, दूसरा हम तीनों के पास है. अंकित १० साल का हो गया, अभी भी हमारे पास ही सोता है. हमारी कोई पर्सनल लाइफ, सेक्स लाइफ बची ही नहीं है.
अरे, तो दादी के पास नहीं सो सकता क्या..?
मम्मीजी को तो नींद आती नहीं, पूरी रात लाइट जलाकर रखती हैं. किताबें पढ़ती रहती हैं या रेडियो सुनती रहती हैं अंकित को उनके पास ज़रा भी नींद नहीं आती. वैसे भी वह बड़ा हो रहा है, उसे भी तो अपना कमरा चाहिए. सोच रहे थे, अपना बिज़नेस बढ़ाएं. कुछ हालात सुधरेंगे, तो बड़ा घर लेने की सोच सकते हैं, मगर बिज़नेस में पैसा पहले लगता है, आता बाद में है.
मगर तुम्हारी गांव में भी कुछ ज़मीन है ना, उसे बेचकर नया घर ले लो ना.
इस बार पम्मी हक्की-बक्की रह गई, अरे, इसे कैसे पता चला हमारी ज़मीन के बारे में? ज़रूर मम्मी ने इसकी सास को बता रखा है.
वो हमारी कहां है, मम्मीजी के नाम है और वे पुरखों की उस ज़मीन से ऐसे चिपकी हैं, जैसे- गुड़ पर मक्खी. क्या फ़ायदा इतना सत्संग-भजन करने का? एक ज़मीन से तो मोह छूटता नहीं. पम्मी मुंह बनातेे हुए बोली. कभी गांव भी नहीं जातीं. रहती-खाती हमारे साथ हैं, लेकिन अगर हमने ज़मीन का नाम ले लिया, तो आगबबूला हो जाती हैं. कहती हैं, मेरे जीते जी मैं उसे नहीं बेचनेवाली मेरे मरने के बाद जो चाहे करना वो तो अंकित के पापा ने उस ज़मीन को दिखाकर एक फाइनेंसर से कुछ लाख का पसर्नल लोन लिया है. उसी से बिज़नेस बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, पर ये बात मम्मीजी को पता नहीं है. तू भी ज़िक्र मत करना. पम्मी भावावेश में अपने राज़ उगल गई.
एक और बात शेयर करती हूं तुझसे. पम्मी इधर-उधर देखते हुए अवनी के पास सरककर फुसफुसाई.
यहां से १५ किलोमीटर दूर एक नया वृद्धाश्रम खुला है. हम देखकर आए हैं. बहुत अच्छा है. वहां साल के कुछ पैसे भर दो, फिर सारी ज़िम्मेदारी उनकी. हमने मम्मीजी को वहां रखने का मन बना लिया है. वहां का माहौल अच्छा है. खुली और साफ़ आबोहवा है, फिर उनकी हमउम्र औरतें भी हैं. उनका ख़ूब मन लगेगा. मैं तो कहती हूं तुम भी आंटीजी को वहां भेज दो. दोनों साथ होंगे, तो
ख़ुशी-ख़ुशी चले जाएंगे. ज़्यादा दूर भी नहीं है. हम मिलने भी जा सकते हैं. मैंने एक-दो से और बात की है. शायद उनका ग्रुप भी बढ़ जाए. सुनकर अवनी का मुंह खुला का खुला रह गया, वृद्धाश्रम! अरे लोग क्या कहेंगे..?
लोगों की देखें या अपनी सुधारें.. वैसे भी ज़रा सोच के देख, बच्चों की बेहतरी के लिए उन्हें हॉस्टल नहीं भेजते क्या इसे बस ऐसे ही समझ कि हम अपनी और उनकी सहूलियत के लिए उन्हें उनके हॉस्टल भेज रहे हैं. हमने तो मन बना लिया है, वे जाएंगी, तो फिर उनका कमरा अंकित को दे देंगे.
तुम्हारे पति मान गए..? अवनी ने अचरज से पूछा.
मान क्या गए, बस जैसे-तैसे मना लिया समझो. ये मम्मीजी से आजकल में बात करने ही वाले हैं.
तुम दोनों की बातें ख़त्म हो गई हों, तो चलें पम्मी. अंकित स्कूल से आता ही होगा. उमा ने बाहर आकर कहा, तो दोनों थोड़ा सकपका गए.
जी मम्मीजी. कहकर पम्मी तो चली गई, मगर अवनी के दिमाग़ में एक ऐसा फ़ितूर छोड़ गई, जो उसे अपनी सारी समस्याओं का हल और सुखी जीवन की चाबी लग रहा था. उसने शाम को बातों-बातों में अपने पति कुणाल से इस बात का ज़िक्र किया और ऐसे किया जैसे वह कोई वृद्धाश्रम नहीं, बल्कि सीनियर सिटिज़न का रिसॉर्ट हो, जहां पर मां को भेजना उन्हें चार धाम की यात्रा कराने जैसा पुण्य देगा. कुल मिलाकर अवनी की बातों से कुणाल भी सहमत हो गए और वृद्धाश्रम देख आने को राज़ी हो गए.
अरे, देखना क्या है, पम्मी और भाईसाहब ने देखा है, बहुत अच्छा है. मैं तो कहती हूं उमा आंटी के साथ ही अगर मम्मी भी चली जाएं, तो बहुत अच्छा रहेगा. उन्हें कंपनी भी रहेगी और घर छोड़ने का उतना दुख भी नहीं होगा. आप जल्द ही मम्मीजी से बात कर लो.
पर अवनी, मम्मी दो दिन पहले ही हॉस्पिटल से आई हैं, उनकी रिकवरी तो हो जाने दो. फिर बात करते हैं. कहकर कुणाल सो गए, मगर अवनी की आंखों में अब नींद कहां? वहां तो एक बूढ़ी बीमार झंझट से मुक्ति पाने के सपने पलने लगे थे.
अगले दिन से ही अवनी ने अपनी सास की जल्दी रिकवरी के लिए ज़ोरदार सेवा शुरू कर दी. जूस, सूप, समय से खाना. जो कभी नहीं हुआ वह अब हो रहा था. अवनी ज़िंदगी में पहली बार अपनी सास के स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी. धीरे-धीरे कावेरीजी स्वस्थ हो स्वयं को फिट महसूस करने लगीं. अब वे अपने कमरे में नहीं, बल्कि सबके साथ डायनिंग टेबल पर बैठकर खाना-नाश्ता लेती थीं. घर के कामों में भी हाथ बंटाने लगी थीं. उनकी मॉर्निंग वॉक भी शुरू हो गई थी.
आज हल्के बादल घिरे थे. मौसम ख़ुशगवार हो रहा था, बाहर भी और अवनी के भीतर भी. कुणाल ने ऑफिस से आकर मां से बात करने का वादा जो किया था. पम्मी तो अपनी सास से बात कर भी चुकी थी और वे अगले रविवार उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ने जानेवाले थे. अवनी की तरह पता नहीं क्यों, आज कावेरीजी भी कुछ ज़्यादा ही उत्साहित लग रही थीं. उन्होंने शाम की चाय पर अपने हाथों से बेटे की पसंद का मूंग दाल हलवा और बहू के लिए पनीर कटलेट बनाए थे. कुणाल के आने पर उन्हें बड़े प्यार से परोसा और तीनों डायनिंग टेबल पर बैठ गए. खाते हुए कुणाल ने मां की ओर देखा, तो वे उसे ऐसे निहार रही थीं, जैसे उसे बचपन में कुछ खिलाते हुए प्रेम और ममता से निहारा करती थीं. यह सब देखकर पहले से ही घबराया कुणाल थोड़ा और सकपका गया. वह खाते-खाते रुक गया.
क्या हुआ बेटा, अच्छा नहीं बना है क्या? तू तो ये हलवा चट-चट करके खा जाता था. आज ऐसे लग रहा है जैसे ज़बर्दस्ती निगल रहा है.
नहीं मां, बहुत अच्छा बना है. कहते हुए कुणाल ने चोर नज़रों से अवनी को देखा, तो वह उसे ऐसे घूर रही थी, जैसे कटलेट के साथ उसे भी खा जाएगी.
कुणाल कुछ संभलकर बोला, मां, आज कुछ ख़ास है क्या?
हां बेटा, आज का दिन मेरे लिए बहुत ख़ास है. मैंने एक निर्णय लिया है, जो तुम दोनों को बताना है. मैं जानती हूं तुम दोनों मुझे बहुत प्यार करते हो, मुझे बहुत मान भी देते हो, इसलिए मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का भी सम्मान करोगे.
ऐसी क्या बात है मां, क्या निर्णय लिया है आपने? कुणाल और अवनी दोनों सुनने के लिए अधीर हो उठे.
देखो बेटा, मेरी उम्र हो चली है. बीमार भी रहती हूं. लगता है जैसे ज़्यादा दिन नहीं बचे हैं. सोच रही हूं अब बाकी का जीवन अपने जैसी बूढ़ी और असहाय औरतों के साथ बिताऊं. उनका सुख-दुख बांटूं. पहले तो घर की ज़िम्मेदारियों के चलते कुछ करने का मौक़ा नहीं मिला, पर अब जब बहू ने सब संभाल लिया है, तो सोच रही हूं कि जीवन के इस अंतिम पड़ाव पर ही सही, कुछ सेवा धर्म निभा लूं. वही तो आगे काम आएगा, बाकी तो सब यहीं रह जाना है. वैसे भी तुम लोग समझदार हो, अपना जीवन अच्छे से जी रहे हो. तुम्हारे प्रति मैंने अपने सभी दायित्व पूरे कर लिए हैं, इसलिए अब बाकी का जीवन अपने तरी़के से जीना चाहती हूं. उमा बहनजी किसी वृद्धाश्रम के बारे में बता रही थीं सास की बात पूरी भी नहीं हुई थी कि अवनी का चेहरा खिल गया. वह मन ही मन सोचने लगी, ये तो बहुत बढ़िया हो गया. हमें कुछ कहने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी. मम्मीजी तो ख़ुद उमा आंटी के साथ वहां जाने के लिए तैयार बैठी हैं. अच्छा हुआ, चलो बच गए. कुणाल के मुंह से तो कुछ फूट ही नहीं रहा था.
वृद्धाश्रम! क्या कह रही हैं मम्मीजी, क्या हमसे कुछ भूल हो गई जो आप..? अवनी ने भली बनने की कोशिश की.
नहीं बहू, पिछले कुछ दिनों में तुमने मेरी जितनी सेवा की है, उतनी कोई बेटी भी न करे. मुझे तुम लोगों से कोई शिकायत नहीं है. यह निर्णय तो मैंने अपनी ख़ुशी और संतुष्टि के कारण लिया है. आशा है, तुम इसे अन्यथा नहीं लोगे और इसमें मेरा साथ दोगे.
ठीक है मां, जैसी आपकी इच्छा. कुणाल गहरी सांस छोड़ते हुए बोला. भीतर से वह भी सुकून में था कि चलो, मां के सामने ऑकवर्ड महसूस करने से बच गया. हम आपसे हर वीकेंड मिलने आते रहेंगे.
बेटे को राज़ी देख कावेरीजी ने एक गहरी सांस भरी और गंभीर भाव से आगे बोलना शुरू किया.
तो ठीक है बेटा, अपने लिए एक अच्छा-सा किराए का घर देख लो, पर जब देखोगे तो इस बात का ध्यान रखना कि वह तुम्हारे ऑफिस के पास भी हो और बच्चों के स्कूल से भी दूर न पड़े. आजकल ट्रैफिक की वजह से कहीं आने-जाने में बहुत समय बर्बाद होता है.
किराए का घर? कुणाल और अवनी चौंके.
क्या मतलब मां?
किराए का घर तो देखना ही पड़ेगा ना, तुम लोगों को यहां से शिफ्ट जो होना है. इतना बड़ा धमाका करने के बावजूद कावेरी का स्वर मधुर और संयत था.
हमें क्यों शिफ्ट होना है भला? अवनी हड़बड़ाई.
अब मैं इस बुढ़ापे में अपना घर छोड़कर क्यों जाने लगी. यह घर ही तो तुम्हारे पिताजी की अंतिम निशानी है मेरे पास. मैं तो यहीं रहूंगी और यहीं अपने समान कुछ और ब़ूढी महिलाओं को रखूंगी.
और हम लोग? कुणाल बदहवास-सा बोला.
देखो बेटा, तुम्हारे पिता तो बहुत जल्द हमारा साथ छोड़कर दुनिया से चले गए थे. मैंने कितनी मुश्किलों से तुम्हें पढ़ाया-लिखाया, इस क़ाबिल बनाया कि तुम अपना, अपने परिवार का ध्यान रख सको, तो अब मेरी तुम्हारे प्रति सारी ज़िम्मेदारियां खत्म होती हैं. वैसे भी अब तुम लोगों को अपने घर के बारे में सोचना चाहिए, कब तक मेरे घर में रहोगे..? कावेरीजी ने जिस नज़र से अपने बेटे को देखा, लग रहा था जैसे आज वे कोई पुराना हिसाब चुकता कर रही हों. हिसाब ही तो था उन सभी बातों का, जो उन्होंने उस रात अनजाने में सुनी थीं. जब अवनी और कुणाल उन्हें वृद्धाश्रम भेजने की योजना बना रहे थे.
मां के इस बदले रूप से कुणाल अवाक् था. कुछ सोचने-समझने की शक्ति नहीं बची थी उसमें. मां का घर तो क्या यह मेरा नहीं है..? पर मैं तो इसे अपना मानकर ही बैठा था, मानता भी क्यों न मां ने आज से पहले कभी जताया भी तो नहीं था कि यह उसका घर है. हमेशा कितना अपनापन, कितना प्यार दिया और आज वो तेरे-मेरे पर उतर आई हैं तभी कुणाल के भीतर कुछ भरभरा गया.
ओह, मैं भी तो वही कर रहा था. कैसे मां को उनके ही घर से निकालने की तैयारी कर रहा था. घर पिताजी ने बनाया था और मां के नाम है, तो मालकिन वही हुईं ना, फिर मैं कैसे उन्हें यहां से निकालने की सोच बैठा था. कुणाल के अंदर विचारों की उथल-पुथल मची थी. अवनी के तो पैरों तले की जैसे ज़मीन खींच ली गई थी.
कहां खो गए बेटा? हमारी पूरी योजना तो सुनो. हमने सोचा है कि ये कोई वृद्धाश्रम नहीं होगा. वृद्धाश्रम का नाम सुनते ही बड़ी लाचारी, बेचारगीवाली फीलिंग आती है.
हमने मतलब यानी कोई और भी है, जिसने मां को ये सब सिखाया-पढ़ाया.
मां, हमने यानी..?
मैंने और उमाजी ने मिलकर अपने इस प्रोजेक्ट का नाम उमंगों का आशियाना रखा है. यह नाम सुनते ही शरीर में एक उत्साह, एक उमंग-सी दौड़ती है. हमारी योजना है कि हम, हमारे अलावा यहां ६-७ और ऐसी बूढ़ी महिलाओं को रखेंगे, जिनको मजबूरन वृद्धाश्रम का रुख करना पड़ रहा है. दो तो अपनी ही कॉलोनी में मिल गई हैं. वैसे बहू, मानना पड़ेगा तुम्हारी सहेली पम्मी को जो अपनी सास के लिए बड़ी केयरिंग है! वह उन सभी को अपनी सास के साथ वृद्धाश्रम भेजने के मूड में थी, ताकि उमाजी को अकेले कोई कठिनाई न हो. जब उमाजी ने मुझे बताया, तो मैंने कहा जब अपना इतना बड़ा घर है, तो सब यहीं रह लेते हैं, कहीं और जाने की क्या ज़रूरत है? कावेरीजी इत्मीनान से हलवा खाते हुए बोलीं, मगर उनका छोड़ा तीर सीधा अवनी के दिल पर लगा. ओह! तो मम्मीजी को सब पता चल चुका था, इसीलिए ये सब प्लानिंग करके रखी है.
मम्मीजी, आपको यह सब इतना आसान लग रहा है, सब आ तो जाएंगी, मगर खाएंगी क्या? आप लोगों के पास कुछ कमाई का साधन भी है क्या..? इस बार अवनी बिलबिला उठी.
उसकी तुम चिंता न करो बहू, मेरी पेंशन है. फिर ऊपर के पोर्शन से अच्छा-ख़ासा किराया भी आता है और उमाजी की गांव में बहुत बडी ज़मीन थी. वह उन्होंने कल ही बेच दी है. वे कह रही थीं कि उसके ब्याज से ही हम सबका घर ख़र्च आराम से चल जाएगा.
बाहर अभी भी मौसम ख़ुशगवार था, मगर अवनी के भीतर जगा मौसमी ख़ुमार उतरकर बुख़ार में तब्दील हो चुका था. वह मन ही मन पम्मी को कोस रही थी, हाय राम, कैसी बुद्धि फेरी उसने मेरी? हमें घर से बेघर करवा दिया, पर जो बोया है, वो काटेगी ज़रूर. पता करती हूं उस फाइनेंसर का, जिससे उन्होंने गांव की ज़मीन दिखाकर लोन लिया है. उसे जब पता चलेगा कि वह ज़मीन तो बिक चुकी है, तो उनको जेल भी हो सकती है. अवनी किसी घायल पंछी की तरह फड़फड़ा रही थी.
कुणाल का भी यही हाल था. इतनी कम तनख़्वाह में किराए का घर, बच्चों की पढ़ाई, घर के ख़र्चे अकेले सब कैसे मैनेज करूंगा. यहां तो गैस, बिजली, फोन बिल वगैरह मम्मी अपनी पेंशन से भर दिया करती थीं. वह अपनी सोच पर पछता रहा था. कावेरीजी की कुणाल पर टिकी शांत गहरी आंखें, जैसे कह रही थीं कि मैं तुम्हारी मां हूं बेटे, इसलिए तुम फिर कभी मेरा बाप बनने की कोशिश मत करना. |
पोंस्ट बॉयलर - पृष्ठ २
विफलता, समस्या निवारण और मरम्मत: खुद की मरम्मत? पोनस्ट बॉयलर
पुन: पोनस्ट बॉयलर
संदेश गैर लूद्वारा अरनॉडज़्ह २३/०५/२०, ००:३७
फिलिप स्छूत लिखा है: अरे नहीं, यह खास है।
यह २ फ्यूज धारकों, नीचे सही नहीं होगा? जाँच करने के लिए कि क्या कोई ऐसा है जो टोस्ट है।
अन्यथा, हाँ यह कार्ड की तरह बदबू आ रही है
हाँ, मैं कार्ड को बदलने जा रहा हूँ, मेरे पास सिर्फ ५३० वाँ उद्धरण था जिसे मैंने पहले ही २०१५ में बदल दिया था और इसकी लागत मुझे २५० वीं थी
संदेश गैर लूद्वारा फिलिप स्छूत २७/०५/२०, १६:४५
यह महंगा है, इटालियंस २०० से कम हैं, जब तक कि लंबोदर जांच नहीं होती है
संदेश गैर लूद्वारा अरनॉडज़्ह २७/०५/२०, २०:३६
अरनूदबज़ ने लिखा:
यह आज कार्ड बदलने के लिए अच्छा है बॉयलर फिर से काम करता है
वह अगला ब्रेकडाउन है
पंजीकरण: ०२/०६/२०, १०:३२
संदेश गैर लूद्वारा लेबूलट१९७९ ०२/०६/२०, १०:४४
संदेश गैर लूद्वारा अरनॉडज़्ह ०२/०६/२०, ११:०१
संलग्नक द्वारा स्टीफन च ३०/०५/१९, १८:१२
द्वारा अंतिम पोस्ट अरनॉडज़्ह २१/०५/२०, १४:५० |
बयानों से बनी सुर्खियां : नीतीश कुमार | नरेंद्र मोदी | कन्हैया कुमार
नीतीश कुमार (फाइल फोटो) | आईएएनएस
किसी को भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो देश के हित के खिलाफ हो.
नीतीश कुमार की यह प्रतिक्रिया संशोधित नागरिकता कानून यानी सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोपित शरजील इमाम की गिरफ्तारी पर आई. उसकी गिरफ्तारी बिहार के जहानाबाद स्थित उसके गांव से हुई. अपने भाषण में शरजील इमाम असम का संपर्क भारत से काटने की बात करते हुए दिखा था.
हमने ऐतिहासिक रूप से किए गए अन्याय को दुरुस्त कर दिया है.
नरेंद्र मोदी ने यह बात नए नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कही. दिल्ली में नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) की एक रैली में उन्होंने कहा कि इसके जरिये पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों से किए गए वायदे को पूरा किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा, यही गांधी जी की भी इच्छा थी. नेहरू-लियाक़त समझौते की भी यही भावना थी लेकिन ऐसे पीड़ित लोगों से मुंह फेर लिया गया.
बापू भी देश के ग़द्दार थे इनके लिए. गोली मार दी थी उनको भी.
कन्हैया कुमार, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष
कन्हैया कुमार ने यह बात दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक जनसभा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा विवादित नारे लगवाए जाने के संदर्भ में कही है. इसके लिए दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उनसे जवाब भी मांगा है. कन्हैया कुमार ने कहा कि बापू आज भी देश के लोगों के दिलों में जिंदा हैं. |
योगासन क्यों फायदेमंद है?
योगासन शरीर और मन के लिए फायदेमंद है ये बात सभी जानते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने हर साल २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी इंटरनेशनल योगा दए के रूप में मनाने का फैसला लिया है। योगासन आज सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में पॉपुलर हो रहे हैं। योगासनों के द्वारा लोग स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं और कई तरह के रोगों को ठीक कर रहे हैं।
अगर आप भी यही सोचते हैं कि योगासनों का मतलब शरीर के आड़े-टेढ़े पोज़ हैं, जिन्हें करना बहुत कठिन है, तो आपको योगासनों के बारे में और ज्यादा जानने की जरूरत है। दुनिया के तमाम रिसर्च और अध्ययनों में ये स्पष्ट हो चुका है कि लगातार योगासन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट अटैक आदि के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा योगासन से शरीर लंबे समय तक बूढ़ा नहीं होता है। आइए आपको बताते हैं योगासन करने के १० जबरदस्त फायदे।
विश्व योगा डे
सबसे फायदेमंद योगासन |
होम हप-१ शिमला टॉप न्यूज पता टीचर नियमितीकरण मामले में हाईकोर्ट का सरकार से जवाब-तलब
निजी प्रतिवादियों को भी नोटिस जारी कर मांगा जवाब, ६ सप्ताह का दिया समय
शिमला। हाईकोर्ट ने पीटीए (पता) शिक्षकों को नियमित करने के विरुद्ध दायर याचिका में राज्य सरकार सहित निजी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के फैसले के पश्चात हिमाचल कैबिनेट ने बीते दिनों पीटीए शिक्षकों को नियमित करने को मंजूरी दी थी। इसके बाद नियमितीकरण का यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट (हाई कोर्ट) पहुंच गया। नियमितीकरण के खिलाफ याचिका दायर हुई है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चंदर भुसन बारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए प्रतिवादियों से ६ सप्ताह के भीतर जवाब-तलब किया है।
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याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार सरकार द्वारा पीटीए अध्यापकों (पता टीचर्स) को नियमित करने का फैसला सरासर गलत है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में पीटीए अध्यापकों के बारे फैसले में कोई जिक्र नहीं है। पीटीए अध्यापकों को नियमित करना भर्ती के नियमों का उल्लंघन करना है। मामले में पीटीए शिक्षक संघ और कुछ पीटीए शिक्षकों को भी प्रतिवादी बनाया गया है। गौरतलब कि लंबे संघर्ष के बाद कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था, जिसके आधार पर राज्य मंत्रिमंडल ने इन शिक्षकों को नियमित करने का फैसला लिया है। मामले पर ६ सप्ताह के बाद सुनवाई होगी। |
प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है ?
बच्चे के पिता उसके प्रत्येक खेल में शामिल होने का प्रयास करते थे। उसे किसी-न-किसी प्रकार अधिकांश समय अपने साथ रखते थे अतः शिशु का पिता के प्रति अधिक लगाव स्वाभाविक था। किंतु माँ का स्नेह हृदयस्पर्शी होता है। निश्छल हृदय शिशु को हृदयस्पर्शी स्नेह की पहचान होती है। यही कारण है विपदा के समय शिशु पिता के पास न जाकर माँ के पास जाता है। माँ की गोद में सुरक्षा की गारंटी के साथ वात्सल्य स्नेह की पूर्ण अनुभूति करता है।
बच्चों की यह स्वाभाविक विशेषता होती है कि वे अत्यंत भोले-भाले, निश्छल तथा सरल होते हैं। अपनी मनपसंद की चीजें मिलते ही, अपने साथियों का साथ पाते ही अपने दुख-सुख तथा रोना-धोना भूल जाते हैं। उन्हें अपने समान उम्र वाले सांथियों का साथ अच्छा लगता है। वे उन्हीं के साथ तरह-तरह के खेल खेलते हैं। अपने मन की हर बात तथा हर भाव को उनके साथ बाँटते हैं। भोलानाथ को भी जब साथी बालकों की टोली दिखाई देती है तो उनका खेलना-कूदना देखकर, वह गुरु जी की डाँट-फटकार तथा अपना सिसकना भूल जाता है और उनके साथ खेलने में मग्न हो जाता है। बच्चों के साथ उसे लगता है कि अब डर, भय और किसी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं रही। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।
आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी-न-किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।
१. अटकन-बटकन दही चटाके।
बनफूले बंगाले ।
२. अर्रक-बकि दूध की धार ।
चोर भाग गया पल्ली पार।।
भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री हमारे खेल और खेलने की सामग्री से पूरी तरह भिन्न है। भोलानाथ जिस ग्रामीण पृष्ठभूमि का और जिस काल का बालक है, उस समय गाँवों में बिजली नहीं पहुँची थी तथा आज जैसे खेल खिलौने उपलब्ध न थे। ऐसे में भोलानाथ और उसके साथी मिलकर घर के पास बने चबूतरे पर नाटक खेलते थे। कभी-कभी वे सब मिलकर मिठाइयों की दुकान लगाते, जिसमें मिट्टी के ढेले के लड्डू पत्तियों की पूरी-कचौरियाँ, गीली मिट्टी की जलेबियाँ, घड़े के टुकड़े के बताशे आदि बना लेते।
वे धूल से मेंड़, दीवार, तिनकों का छप्पर, दीये की कड़ाही, पानी से घी, धूल का आटा, बालू की चीनी बनाकर भोज्य पदार्थ तैयार करते थे। इसके अलावा बारात का जुलूस निकालना, चिड़ियों को उड़ाना उनका प्रिय खेल था। आज हमारे खेल तथा खेल-सामग्री में बदलाव आ गया है। हमारे खेल के सामान मशीन-निर्मित हैं। भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने के सामान ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंधित हैं, हमारे खेलों में क्रिकेट, फुटबॉल, वालीबॉल, लूडो, शतरंज, वीडियो गेम, कंप्यूटर पर गेम आदि शहरी पृष्ठभूमि वाले खेल शामिल हैं।
पाठ में आए हर प्रसंग प्रायः हृदयस्पर्शी हैं। सभी प्रसंग बचपन की याद दिलाते हैं;
माँ का अचानक भोलानाथ को पकड़कर तेल लगाना, उसका छटपटाना, फिर भी उसे कन्हैया बनाकर छोड़ना तथा बाबू जी के साथ आकर रोना-सिसकना भूलकर अपने साथियों के खेल में शामिल हो जाना।
भोलानाथ और उसके साथियों का खेती करने का अभिनय करना, खेती की पैदावार (राशि) को तौलना, इसी बीच बाबू जी का आना और सारी राशि को छोड़कर बच्चों का हँसते हुए भाग जाना, बटोहियों को देखते रह जाने का प्रसंग दिल को छू जाता है।
भोलानाथ और उसके साथियों का टीले पर चूहे का बिल देख पानी उलीचना, बिल से चूहे की जगह साँप निकलना, फिर तो बच्चों का डरना, इधर-उधर काँटों में भागना, भोलानाथ को माँ के आँचल में छिपना, सिसकना, माँ की चिंता, हल्दी लगाना, बाबू जी के लेने पर भी माँ की गोद न छोड़ना मर्मस्पर्शी दृश्य उपस्थिति करता है।
इस उपन्यास-अंश में तीस के दशक की ग्राम्य-संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं?
माता का अँचल उपन्यास में वर्णित तीस के दशक की संस्कृति और आज की ग्रामीण संस्कृति को देखकर लगता है कि समय के साथ दोनों समय की संस्कृतियों में अत्यधिक बदलाव आ गया है। बच्चों की दुनिया तो पूरी तरह से बदल गई है। अब जगह-जगह नर्सरी और प्री-प्राइमरी स्कूल खुल जाने से बच्चों को जबरदस्ती वहाँ भेजने का रिवाज चल पड़ा है। दोपहर बाद बच्चों को ट्यूशन भेजने में प्रतिष्ठा की झलक दिखने लगी है। बिजली पहुँच जाने से बच्चे अब टीवी पर कार्टून देखकर समय बिताने लगे हैं। ऐसे में मिलजुल खेलने का समय बचता ही नहीं है। खेती के काम अब मशीनों से होने लगे हैं। सिंचाई का काम ट्यूबेल से किया जाने लगा है। लोगों में राजनीतिक उन्माद बढ़ने से सहभागिता, सद्भाव और पारस्परिक प्रेम कम होने लगा है।
पाठ पढ़ते-पढ़ते आपको भी अपने माता-पिता का लाड़-प्यार याद आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी में अंकित कीजिए।
सोमवार १५ सितंबर, २०१३
आदरणीय पिता या माता जी यद्यपि दोनों ही आज साथ नहीं हैं तथापि उनके साथ बिताए शैशव काल की कुछ घटनाएँ बरबस याद आ जाती हैं। बचपन में कुएँ की रहट पर खेलते हुए रहट के चक्कर में सिर फैंस करे फट गया था, मैं रो रहा था, सारा शरीर खून से लथपथ था। पिता जी ने अपनी धोती फाड़कर मेरा सिर बाँध कंधे पर बैठाकर घेर (फार्म हाऊस) से डॉक्टर के पास ले गए। मरहम-पट्टी कराकर दवी दिलवाई। मेरे ठीक होने तक मेरे साथ रहकर मेरी हर ज़रूरत का ध्यान रखते थे। एक-दूसरी घटना याद आ गई है हम माँ के साथ आम के पेड़ के नीचे खड़े थे। साथ में छोटा भाई और अन्य महिलाएँ भी थीं। वेग से वर्षा होने लगी, जोर से बिजली कड़की और माँ ने अपने पल्लू से यकायके ऐसे ढका मानो बिजली से वह पल्लू रक्षा कर लेगा। मैं माँ के स्नेह से हैरान रह गया।
यहाँ माता-पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
माता-पिता को अपने बच्चे बहुत अच्छे लगते हैं। वे अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं। भोलानाथ के माता-पिता दोनों ही भोलानाथ से असीम प्यार करते हैं, पर पाठ में माता की अपेक्षा पिता भोलानाथ को अधिक प्यार करते हैं। वे भोलानाथ के साथ प्यार से कुश्ती करते हुए हारने का अभिनय कर उसे खुश करना चाहते हैं। वे भोलानाथ को अपने पास बिठाकर पूजा करते हैं। वे उसके ललाट पर तीन आड़ी अथवा अर्धचंद्राकार रेखाएँ बनाकर तिलक करते तथा भभूत लगाते हैं। पूजा समाप्त होने पर वे उस बाग में ले जाकर पेड़ की डाल पर झुलाते हैं। इसी प्रकार माँ भोलानाथ को खिलाने के लिए अनेक उपाय करती। वह तरह-तरह की चिड़ियाँ का नाम लेकर भोलानाथ को खिलाती। वह दही-भात खिलाने के लिए अनेक बातें करती। वह चोटिल भोलानाथ के जख्ओं पर हल्दी लगाती है और भोलानाथ उसके अंचल में छिप जाता है।
माता का आँचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाएँ।
भोलानाथ का अधिकांश समय पिता के साथ में बीतता है। ऐसा लगता है कि पिता भोलानाथ का संबंध व्यक्ति और छाया का है। भोलानाथ का माँ के साथ संबंध दूध पीने तक का रह गया है। अंत में साँप से डरा हुआ बालक भोलानाथ पिता को हुक्का गुड़गुड़ाता देखकर भी माता की शरण में जाता है और अद्भुत रक्षा और शांति का अनुभव करता है। यहाँ भोलानाथ पिता को अनदेखा कर देता है जबकि अधिकांश समय पिता के सानिध्य में रहता है। इस आधार पर माता का आँचल सटीक शीर्षक है।
अन्य और भी उचित तथा उपयुक्त शीर्षक हो सकते हैं।
माता-पिता का सानिध्य।
बचपन के वे दिन।
बचपन की मधुर स्मृतियाँ।
बच्चे का बचपन सामान्यतया उसके माता-पिता के साथ बीतता है। बच्चा अपने माता के व्यवहार से प्रभावित होता है। माता-पिता उसकी हर आवश्यकता का ध्यान रखते हैं। बच्चे भी अपने माता से प्रेम करते हैं और वे अनेक तरीकों से माता-पिता के प्रति अपने प्रेम की अभिव्यक्ति करते हैं; जैसे-
माँ-बाप के न चाहने पर भी वे उनकी गोद में बैठ जाते हैं।
माँ-बाप से लिपटकर, उन्हें चूमकर।
अपने नन्हें हाथों से माँ-बाप को खाना खिलाकर।
माता-पिता की बात मानकर अपना प्यार प्रदर्शित करते हैं।
इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है? ।
इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है उसकी पृष्ठभूमि पूर्णतया ग्रामीण जीवन पर आधारित है। पाठ में तीस या चालीस के दशक के आसपास का वर्णन है। ग्रामीण परिवेश में चारों ओर उगी फसलें; उनके दूधभरे दाने चुगती चिड़ियाँ, बच्चों द्वारा उन्हें पकड़ने का प्रयास करना, उन्हें उड़ाना, माता द्वारा बलपूर्वक बच्चे को तेल लगाना, चोटी बाँधना, कन्हैया बनाना, साथियों के साथ मस्तीपूर्वक खेलना, आम के बाग में वर्षा में भीगना, बिच्छुओं का निकलना, मूसन तिवारी को चिढ़ाना, चूहे के बिल में पानी डालने पर साँप का निकल आना सब कुछ हमारे बचपन से पूर्णतया भिन्न है। आज तीन वर्ष की उम्र होते ही बच्चों को नर्सरी या प्रीपेरेटरी कक्षाओं में भर्ती करा दिया जाता है। उनके खेलों के सभी सामान दुकान से खरीदे गए होते हैं। बच्चे क्रिकेट, वॉलीबॉल, कंप्यूटर गेम, वीडियो गेम, लूडो आदि खेलते हैं। जिस धूल में खेलकर ग्रामीण बच्चे बड़े होते हैं तथा मजबूत बनते हैं। उससे इन बच्चों का कोई मतलब नहीं होता है। आज माता-पिता के पास बच्चों के लिए भी समय नहीं है, ऐसे में बच्चे टी.वी., वीडियो देखकर अपनी शाम तथा समय बिताते हैं।
फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन की आँचलिक रचनाओं को पढ़िए।
छात्र पुस्तकालय से फणीश्वर नाथ रेणु और नागार्जुन की आँचलिक रचनाएँ लेकर स्वयं पढ़ें। |
छत्तीसगढ़ न्यूज : दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा के गनमैन ने गोली मारकर की खुदकुशी
छत्तीसगढ़ न्यूज: सर्विस गन एके-४७ राइफल से सीने के दाहिने ओर गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
दंतेवाड़ा।छत्तीसगढ़ न्यूज: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में कांग्रेसी विधायक देवती कर्मा के बंगले में देर रात गोली चलने से सनसनी फैल गई है। विधायक के गनमैन ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। घटना रात करीब साढ़े १२ बजे की है। दंतेवाड़ा स्थित विधायक बंगले में तैनात जवान आसो राम कश्यप देर रात मोबाइल फोन पर किसी से बात कर रहा था। इसी दौरान उन्होंने अपने सर्विस गन एके-४७ राइफल से सीने के दाहिने ओर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। विधायक बंगले में आधी रात बाद गोली चलने की आवाज सुनकर हड़कंप मच गया। जब तक लोग कुछ समझ पाते सुरक्षा जवान कश्यप दम तोड़ चुके थे।
पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया है कि घटना के तत्काल बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई थी और जवान को लहुलूहान हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दी है। जवान ने आत्महत्या किन परिस्थितियों में और क्यों किया? यह अभी अबूझ पहेली बनी हुई है। उसके परिजन जगदलपुर में रहते हैं। परिजनों को रात में ही सूचित कर दिया गया था। सुबह परिजन दंतेवाड़ा पहुंचे। पंचनाम के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की शूक्ष्म जांच कर रही है।
बताया गया है कि पीएसओ आसोराम कश्यप के दाहिने सीने पर गोली लगी है। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। वह सुरक्षा वाहिनी का जवान है। प्रथम दृष्टया किसी पारिवारिक तनाव की वजह से खुद को गोली मार लेने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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मोहाली टेस्ट के दूसरे दिन झटकों के बाद संभली भारतीय पारी
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मोहाली. भारतीय क्रिकेट टीम ने पंजाब क्रिकेट संघ मैदान पर जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को इंग्लैंड की पहली पारी २८३ रनों पर समेटने के बाद दिन का खेल खत्म होने तक २७१ रन बनाने में अपने छह विकेट गंवा दिए हैं। रविचंद्रन अश्विन (नाबाद ५१) और रवींद्र जडेजा (नाबाद ३१) ने सातवें विकेट के लिए ६७ रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को संभाल लिया है।
दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने छह विकेट पर २७१ रन बना लिए हैं और पहली पारी के आधार पर अभी भी १२ रन पीछे है।
चायकाल तक मात्र दो विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम ने दिन का आखिरी सत्र में जल्दी-जल्दी चार विकेट गंवा दिए। चेतेश्वर पुजारा (५१) अपने निजी योग में एक भी रन नहीं जोड़ पाए और चायकाल के बाद दूसरी ही गेंद पर पवेलियन लौट गए।
इसके बाद हालांकि अश्विन और जडेजा ने पारी को अच्छी तरह संभाल लिया। अश्विन ने सीरीज के लगातार तीसरे मैच में अर्धशतक लगाया है। इंग्लैंड के लिए आदिल राशिद ने अब तक तीन विकेट लिए हैं, जबकि बेन स्टोक्स को दो विकेट मिले हैं। नायर रन आउट होकर पवेलियन लौटे। आठ साल के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट टीम में वापसी करते हुए पार्थिव पटेल (४२) ने भी उपयोगी पारी खेली।
राशिद चार रनों पर नाबाद लौटे थे जबकि गारेथ बैटी ने खाता नहीं खोला था। दूसरे दिन समी ने पहले तो राशिद को चार रन के ही निजी योग पर चलता किया जबकि बैटी को उन्होंने एक के निजी योग पर पगबाधा आउट किया। जेम्स एंडरसन १३ रन बनाकर नाबाद रहे। एंडरसन ने नौ गेंदों पर एक चौका लगाया।
इंग्लिश टीम ने कुल ९३.५ ओवरों का सामना किया। भारत की ओर से समी ने तीन सफलता हासिल की जबकि उमेश यादव, जयंत यादव और रवींद्र जडेजा को दो-दो विकेट मिले। रविचंद्रन अश्विन को एक विकेट मिला। पांच मैचों की सीरीज में भारत १-० से आगे है। उसने विशाखापट्नम में इंग्लैंड को २४६ रनों से हराया था। राजकोट में खेला गया पहला टेस्ट बराबरी पर छूटा था। |
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बच्चो की तरह अपने हाथ पर एक्स-गर्लफ्रेंड का नाम लिखकर रो रहे हैं कपिल १
अप्र १७ २०१८ ०९:२० आम
कुछ समय पहले कपिल की गर्लफ्रेंड प्रीति सिमोस ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कपिल ने कई बार कहा कि वह डिप्रेशन में हैं लेकिन वह उनसे यह पूछना चाहती हैं कि वो डिप्रेशन में क्यों हैं ? कपिल की ख़ास दोस्त गिन्नी ने भी इस बारे में बात कि और उन्होंने कहा कि जब कपिल उनके साथ रिलेशन में थे तब कपिल की प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों ज़िंदगी ठीक चल रही थीं, लेकिन उनका बुरा समय तब से शुरू हुआ है, जब से वो उनसे अलग हुए हैं.'
जब क्रिकेट और फ़िल्मी दुनिया के दो महारथी मिले एक जगह
विवाद को लेकर खुलकर बोले कपिल शर्मा |
१६ साल की लड़की ने १२ साल के लड़के से बनाए संबंध, प्रेग्नेंसी ने कर दिया.. | असम१२3.कॉम हिन्दी
१६ साल की लड़की ने १२ साल के लड़के से बनाए संबंध, प्रेग्नेंसी ने कर दिया..
लाइव न्यूज: अगर आपसे कोई ये कहे कि एक १६ साल की लड़की पेट में पल रहे बच्चे का पिता एक १२ साल का बच्चा हैं तो शायद आप यकीन न करें।
आपको लगे कि यह एक मजाक है, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। हाल ही में मध्यप्रदेश में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। सबसे खास बात तो यह है कि इस पूरे मामले की जांच में जो चीजें सामने आ रही हैं, उन्हें लेकर खुद पुलिस भी हैरान है। आइए जानें यह पूरा मामला है
बच्चे ने रेप किया
जी हां हाल ही में मध्य प्रदेश के रीवा में सोहागी थानाक्षेत्र के सोनवर्षा गांव में एक बड़ा चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक १६ साल की लड़की थाने पहुंची और उसने पुलिस को अपने ६ माह की प्रेग्नेंसी बात बताई। उसका कहना था कि उसके साथ एक रेप हुआ है। इस पर पुलिस ने जब रेपिस्ट का नाम पूछा तो पता चला कि एक १२ साल के बच्चे ने उसके साथ रेप किया है।
ऐसे में उसके बच्चे का बाप भी वही छोटा बच्चा है। यह सुनकर पुलिस हैरत में पड़ गई। लड़की का कहना था कि उस लड़के और उसके घर के अच्छे संबंध हैं। जिससे एक दिन वह शाम को उसके घर गई। इसके बाद वह खाना खाकर रात में वहीं पर सो गई।
बच्चे का पिता कौन
इस दौरान सुबह जब उठी तो देखा कि वह लड़का उसके साथ बिस्तर पर लेटा था। इसके बाद से ही वह प्रेग्नेंट हो गई। ऐसे में यह पूरा मामला सुनकर पुलिस ने लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली। मामले की जांच शुरू हुई और लड़के का मेडिकल टेस्ट कराया गया। इसके बाद और ज्यादा चौकाने वाली सामने आई। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक अभी वह लड़का पिता नहीं बन सकता है। ऐसे में अब पुलिस और लड़की के परिजन हैरान हैं कि आखिर उसके पेट में पल रहे बच्चे का पिता कौन है। वहीं लड़की अपनी बात पर अड़ी है। उसका कहना है कि उसके बच्चे का बाप सिर्फ और सिर्फ वहीं १२ साल का लड़का है। मध्यप्रदेश पुलिस अब इस मामले को दूसरे एंगल से जांच रही है।
१५ लाख के बाद अब ५० दिन के वादे से मुकर... डिसेंबर ११, २०१६ अखलाख के परिजनों को मिला ग्रेटर नोएडा में फ्लैट जान्वरी १३, २०१६ इसीस ने जिस मज़ार को उड़ा दिया था, उसके नीचे इराक़ी... मार्च ९, २०१७ जियोनी पायनियर पी५एल ४जी बजट स्मार्टफोन लॉन्च, कीमत ८,४९९ रुपये अप्रैल १६, २०१६ वीडियो- इस गरीबी और भुखमरी के मंजर को देख फूट-फूट कर... डिसेंबर 2९, २०१६ होम |
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यूनिवर्सितास पड़्जदजरान बांडुंग, इंडोनेशिया में हमारे ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं। इस कार्यक्रम हमारी परियोजनाओं परिसर पर अंग्रेजी भाषा में आयोज ... [+]
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पीएच.डी. शहरी विकास और शासन पर
शहरी प्रबंधन और शासन के संयोजन के रूप में, यह पीएच.डी. कार्यक्रम एक अद्वितीय अकादमिक अनुभव प्रदान करता है जो आज की दुनिया के लिए बेहद प्रासंगिक है।
पीएच.डी. कार्यक्रम अकादमिक-से-अभ्यास वातावरण बनाने पर केंद्रित है जो छात्रों को अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने के लिए तैयार करेगा। जबकि छात्रों को सालाना तीन महीने के लिए आईएचएस में होना आवश्यक है, जिसके दौरान वे अपने कौशल और ज्ञान का आधार तैयार करेंगे, उन्हें शेष वर्ष के लिए कहीं और अनुसंधान करने की भी अनुमति है।... [-] |
पूर्व अाइपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने खुद की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए बिहार के डीजीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने फरार चल रहे बाहुबली विधायक अनंत सिंह से जान का खतरा बताया है।
पटना, जेएनएन। बिहार के पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ दास (अमिताभ दास) ने एके ४७ बरामदगी मामले में फरार चल रहे बाहुबली विधायक अनंत सिंह से खुद की जान का खतरा बताते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से सुरक्षा की गुहार लगाई है। डीजीपी को पत्र लिखकर उन्होंने सुरक्षा के लिए दो गोरखा जवानों की मांग की है।
अमिताभ दास ने बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडे को भेजे गए पत्र में लिखा है कि विधायक अनंत सिंह सुपारी देकर उनकी हत्या करवा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने गोपनीय पत्र का हवाला दिया है जो उन्होंने वर्ष २००९ में बिहार के निर्वाचन पदाधिकारी सुधीर कुमार राकेश को लिखा था। पत्र में उन्होंने बाहुबली विधायक अनंत सिंह के घर पर एके ४७ सहित अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा होने की गोपनीय सूचना दी थी।
पूर्व आइपीएस अधिकारी ने डीजीपी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि दिनांक ५ मार्च २००९ को उन्होंने मोकामा विधायक अनंत सिंह के बारे में सूचना दी थी कि उनके लदमा (बाढ़ ) स्थित आवास में एके ४७, एके ५6 और लाइट मशीनगन सहित अवैध हथियारों का जखीरा है। इस सूचना के बाद १६ अगस्त २०१९ को पूरे १० वर्ष बाद विधायक के आवास पर पुलिस ने छापेमारी कर एके ४७ बरामद किया। सूचना पुष्ट हुई। सत्यमेव जयते।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि अब विधायक उनकी हत्या कराने का षडयंत्र रच रहे हैं। उनके गुर्गों को सुपारी दी जा चुकी है। इसीलिए तत्काल बीएमपी से दो गोरखा अंगरक्षक उपलब्ध कराए जाएं।
बता दें कि बीते १६ अगस्त को बाहुबली विधायक अनंत सिंह के नदावां गांव स्थित पैतृक घर से पुलिस को एके-४७ और दो हैंड ग्रेनेड मिले थे। बरामदगी के बाद से विधायक फरार चल रहे हैं। उसके बाद उन्होंने दो वीडियो संदेश जारी किए हैं। माना जा रहा है कि वे जल्द ही सरेंडर कर देंगे।
# पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ दास |
ले पंगा अपने हक़ के लिए ले पंगा ताज़ा ख़बरे| हिंदी समाचार | ब्रेकिंग न्यूज़ | लाइव न्यूज | लाइव विदियोस शाहिद कपूर की सुपरहिट फिल्म इश्क-विश्क के सीक्वल में नजर आएंगा ये बॉलीवुड सुपरस्टार! | लेपनगा
शाहिद कपूर की सुपरहिट फिल्म इश्क-विश्क के सीक्वल में नजर आएंगा ये बॉलीवुड सुपरस्टार!
ले पंगा न्यूज डेस्क, धीरज सैन। हाल ही में शाहिद कपूर की रिलीज हुई फिल्म कबीर खान बॉक्स आफिस पर शानदार बिजनेस कर रही है। कबीर खान में बॉलीवुड के चॉकलेटी अभिनेता शाहिद कपूर ने शानदार एक्टिंग की है। जिसे उनके फैंस काफी पंसद कर रहे है। इसी बीच शाहिद कपूर के फैंस के लिए एक अच्छी खबर नहीं आ रही है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शाहिद कपूर की २००३ में आई सुपरहिट मूवी इश्क विश्क के सीक्वल में नजर नहीं आएंगे। शाहिद कपूर ने फिल्म इश्क विश्क से ही बॉलीवुड में डेब्यू किया था। जानकारी मिल रही हैं कि जल्द ही इश्क विश्क का सीक्वल बनने की तैयारी है। ऐसे में इस रोमांटिक फिल्म के सीक्वल में शाहिद कपूर नजर नहीं आने वाले है।
मीडिया से मिल रही जानकारी के अनुसार इश्क विश्क के सीक्वल में शाहिद के छोटे भाई ईशान खट्टर अहम भूमिका में नजर आ सकते है। हालांकि अभी इस बात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल है। बॉलीवुड के जाने माने फिल्म मेकर रमेश तौरानी फिल्म इश्क विश्क का सीक्वल बनाने पर काम कर रहे है।
बता दें कि शाहिद कपूर की हाल ही रिलीज हुई फिल्म कबीर खान ने १०० के क्लब में एंट्री कर ली है। शाहिद के करियर की ये पहली फिल्म है जो १०० करोड़ के क्लब में शामिल हुई है। साथ ही हाल ही में खबर आई है कि कबीर सिंह की सफलता के बाद शाहिद कपूर एक बार फिर साउथ फिल्म के रीमेक में काम करने जा रहे है। तेलुगू सुपरहिट फिल्म अर्जुन रेड्डी की रीमेक है।
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बच्चो की नज़र कैसे उतारे, बच्चो की नज़र कैसे उतारे बच्चो को बुरी नज़र बहुत जल्दी लगती हे,बच्चे के कोमल मन और शरीर पर बुरी नज़र का प्रभाव बहुत भयंकर होता हे| अपने बड़े बुजुरो के पास नज़र उतरने के बारे में जानकार होती थी लेकिन आजकल इन बातो पर कोई यकीन नहीं करता हे लेकिन यकीन करने वाले आज भी नज़र और रोक -टोक जैसे सामाजिक रीती रिवाजो को आज भी मानते हे |
दोस्तों ऐसा कहा जाता हे की बच्चो को बुरी नज़र बहुत जल्दी लग जाती हे,बच्चे बहुत नाज़ुक होते हे उनके लिए तो एक बुरी नज़र ही काफी से नुकसान देने के लिए दोस्तों इस आर्टिकल में आपको बच्चो को लगी बुरी नज़र कैसे उतारे और बुरी नज़र से अपने कोमल बच्चो को कैसे बचाए यह पूरी जानकारी दी जाएगी बस आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़े बहुत ही जल्द आप बच्चो की नज़र उतारना सीख जायेंगे और आपको किसी से पूछना भी नहीं पड़ेगा | बच्चो की नज़र कैसे उतारे
क्यों लगती हे नज़र
इस दुनिया में सभी तरहे के लोग होते हे किसी का मन केसा होता हे किसी का मन कैसा कोई नहीं जानता ,दोस्तों बुरी नज़र एक नकारात्मक ऊर्जा के जोकि किसी बुरी मनसा से या गलत विचारो से उत्पन्न ऊर्जा हे बच्चे बहुत कोमल होते हे उन्हें बुरी नज़र जल्द ही लग जाती हे| कहते हे बच्चे को तो अपनी माँ की भी नज़र लग जाती हे बच्चो की नज़र कैसे उतारे
बच्चो की नज़र कैसे उतारे
आधुनिक जमाने में कुछ लोग आज भी इन रीती रिवाजो का पालन करते हे | कुछ तरीके हे जिनसे बच्चो की नज़र आसानी से उतारी जा सकती हे यहां में कुछ नुस्के और टोटके आपको बताऊंगा जिनसे आप अपने बच्चे को लगी बुरी नज़र उतार सकेंगे |
बच्चों की नजर उतारने के १० पारंपरिक उपाय
राई और लाल मिर्च को २१ बार बच्चे पर ओसार कर चूल्हे में जला दें |
फिटकरी को २१ बार बच्चे पर ओसार कर चूल्हे में जला दे |
एक जल के लोटे में दूध और शकर मिलकर बच्चे के सर से पैर तक ११ बार फेरकर पीपल को अर्पित करे
किसी काली गाय को मीठा रोठ बनाकर खिलाने से भी बुरी नज़र का दोष समाप्त हो जाता हे |
नमक, राई, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके व सूखी मिर्च अंगारे पर डालकर उस आग को बच्चे के ऊपर सात बार घुमाये
शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर उनके कंधे पर से सिंदूर लाकर नजर पीडित बच्चे के माथे पर लगाए
बच्चे को स्तनपान कराने से पहले इमली की पत्ती को बच्चे के सिर के पास रखे
बच्चे के भोजन पर लगी नज़र दूर करने के लिए बच्चे के भोजन को एक पत्ते में लेकर उसपर कोई भी इत्र छिड़क कर रस्ते में रख दे |
नमक, राई, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके व सूखी मिर्च अंगारे पर डालकर
राइ को बच्चे पर २१ बार ओसार कर अंगारे पर डाले
बच्चो की नजर उतारने का मंत्र
ॐ नमो सत्य नाम आदेश गुरु को,
ॐ नमो नज़र जहाँ पर पीर ना जानी
किसकी बेटी, का तेरो नाम,
कहाँ से उड़ी, कहाँ को जाया,
कहो नज़र कहाँ ते आई,
मेरी बात सुनो चित्त लाय,
जैसी होय सुनाऊँ लाय,
यहाँ की ठौर तोही कौन बताई,
कौन जात तेरो कहाँ धाम,
अबहि बसकर ले तेरी माया,
बोले छल सौं अमृतवानी,
मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति,
इस मंत्र को मंगलवार के दिन बच्चे के माता पिता दोनों में से कोई भी सिद्ध कर सकता हे | महिला मासिक धर्म में होतो मन्त्र उच्चारण न करे तो बेहतर हे | इस मन्त्र को सात बार बोल कर बच्चे के सर सात बार फुक मारे ,मंत्र जाप करने वाले को दक्षिण दिशा की तरफ मुँह कर तेल का दीपक जला कर मंत्र सिध्द करना चाहिए।
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उत्तर प्रदेश: अलीगढ़ में का के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बवाल, थाने पर पथराव, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले - वरकू ए ताज़ा
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के ऊपरकोट में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बवाल हो गया है। बताया जा रहा है कि सीएए के विरोध में कुछ लोग जुलूस निकाल रहे थे। खबरों के मुताबिक, इस दौरान कुछ युवकों ने तुर्कमान गेट पर के पास पथराव किया। इसके बाद हलाता तनावपूर्ण हो गए। खबरों में कहा गया है कि कुछ लोगों ने ऊपरकोट कोतवाली पर भी पथराव किया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस के वाहनों पर पथराव किया और जामा मस्जिद के पास एक ट्रांसफार्मर को आग लगाने की कोशिश की। डीएम ने कहा, "प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर पथराव किया इसलिए पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
बताया जा रहा है कि सीएए के विरोध में शाहजमाल ईदगाह के सामने हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष जमा हुए थे। प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे थे। ऊपरकोट कोतवाली के सामने भी प्रदर्शनकारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के समझाने के बावजूद टकराव के हालात बन रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, देहलीगेट और ऊपरकोट थाना क्षेत्र के मुस्लिम इलाकों के सभी बाजार बंद हो गए हैं। करीब १२:३० बजे सब्जी मंडी इलाके के दुकानदारों को भी धरना प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान करते हुए बाजार बंद करा दिया गया था। फिलहाल इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। इलाके में हालात तनावपूर्ण हैं।
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विश्व के प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी का दावा, अक्टूबर तक तैयार हो सकता है कोरोना वायरस का वैक्सीन
फाइजर जर्मन एमआरएनए कंपनी बायोएनटेक के सहयोग से कोविड -१९ को रोकने के लिए बीएनटी १६२ वैक्सीन कार्यक्रम के लिए अमेरिका और यूरोप में क्लीनिकल परीक्षण कर रही है.
न्यूयॉर्क: वैश्विक दवा प्रमुख फाइजर का मानना है कि कोविड -१९ को रोकने के लिए एक वैक्सीन अक्टूबर के अंत तक तैयार हो सकती है. कंपनी के सीईओ अल्बर्ट बोरला ने ये जानकारी दी है. फाइजर जर्मन एमआरएनए कंपनी बायोएनटेक के सहयोग से कोविड -१९ को रोकने के लिए बीएनटी १६२ वैक्सीन कार्यक्रम के लिए अमेरिका और यूरोप में क्लीनिकल परीक्षण कर रही है. अलसो रेड - आईसीएमआर १५ अगस्त तक लॉन्च करेगा कोरोना वायरस वैक्सीन, जानिए क्या है प्लान
बोरला ने इस सप्ताह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्च र्स एंड एसोसिएशन (आईएफपीएमए) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में भाग लेते हुए यह टिप्पणी की. फियर्सबायोटेक द्वारा आयोजित इस समारोह में बोरला ने कहा, अगर चीजें अच्छी तरह से चलती हैं, तो हमारे पास एफडीए (यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) और ईएमए (यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी) के लिए सुरक्षा और प्रभावकारिता के पर्याप्त सबूत होंगे और अक्टूबर के अंत के आसपास हमारे पास एक वैक्सीन होगा. अलसो रेड - वो के महानिदेशक का दावा, एक साल के भीतर आ सकती है कोरोना वैक्सीन
इस कार्यक्रम में वक्ताओं में एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियट, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की प्रमुख एमा वाल्स्ले, जॉनसन एंड जॉनसन के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी पॉल स्टॉफल्स भी शामिल थे. इनमें से प्रत्येक कंपनी अपने साझेदारों के साथ मिलकर बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन विकसित कर रही है. जबकि जीएसके सैनोफी के साथ सेना में शामिल हो गया है, वहीं एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में विकसित किए जा रहे टीके का समर्थन कर रहा है. जे एंड जे अपने वैक्सीन को विकसित करने के लिए अमेरिका के बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ सहयोग कर रहा है. अलसो रेड - कोरोना वासीन: कोविड-१९ के इलाज के लिए सिप्ला ने लॉन्च की 'सिप्रेमी', भारत में जल्द शुरू होगा परीक्षण
अब तक दुनिया भर में १२० से अधिक टीके प्रस्तावित हैं. वर्तमान में, क्लीनिकल ट्रायल में कम से कम १० वैक्सीन उम्मीदवार हैं और ऐसे ११५ वैक्सीन उम्मीदवार हैं जिनके क्लीनिक ट्रायल से पूर्व के मूल्यांकन में हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जितना संभव हो उतने टीकों का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि हम यह अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि यह कितने व्यवहारिक साबित होंगे. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सफलता की संभावना बढ़ाने के लिए, सभी उम्मीदवारों के टीके का परीक्षण तब तक करना आवश्यक है जब तक वे विफल नहीं हो जाते.
फाइजर और बायोएनटेक के डेवलपमेंट प्रोग्राम में चार वैक्सीन उम्मीदवार शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक एमआरएनए के अलग कॉम्बिनेशन और टारगेट एंटीजन का प्रतिनिधित्व करते हैं.
वर्ल्ड नो टोबक्को दए २०२०: किसी भी रूप में जानलेवा है तंबाकू, कोरोना काल में तो और भी घातक |
पोस्टेड ऑन २०त नोवंबर, २०15. अन्डर देश, फीचारुड न्यूज़ नयी दिल्ली, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक और तीखा हमला करते हुए आज कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में कोई काम नहीं होने का प्रचार करने वाले मोदी झूठ बोल रहे हैं.
डा़ॅ सिंह ने युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कांग्रेस सरकार में कोई काम नहीं होने का प्रचार करके मोदी गलत तरीके से हमला कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं. इस दुर्भावना हमले को रोकने के लिए आगे आने और इस झूठ का पर्दाफाश करने की जरूरत है.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की नीतियों को दिशाहीन करार देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए जो काम किया है इतिहास उसका गवाह है.
संप्रग और राजग सरकार की नीतियों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि राजग सरकार की नीतियां दिशाहीन है और कांग्रेस ने जो नीतियां बनायी वह देश को आर्थिक मजबूती प्रदान कर रही है.
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मोदी की चार्जशीट की गीदड़ भभकी से नहीं डरने वाला, चौकीदार को गद्दी से हटाकर रहूंगा : कन्हैया
होम भ न्यूज मोदी को चुनौती देते हुए कन्हैया ने कहा- चार्जशीट की गीदड़ भभकी...
चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के अलावा बाकि ७ लोग कश्मीरी हैं। १२०० पेज की चार्जशीट में पुलिस ने कुल ४६ लोगों को आरोपी बनाया है। कन्हैया, उमर, अनिर्बान समेत १० लोगों का नाम कॉलम नंबर ११ में रखे गए हैं।
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सीजेआइ बोले, संविधान पीठ को भेज सकते हैं मामला
असम और त्रिपुरा की याचिकाओं पर अलग से होगी सुनवाई
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में १४४ से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने कानून पर रोक से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा, अंतरिम रोक के लिए तीन जजों की बेंच आदेश नहीं दे सकती, सिर्फ पांच जजों की संविधान पीठ ही अंतरिम राहत दे सकती है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट में सीएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई पर भी रोक लगा दी है। सीजेआइ एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने असम और त्रिपुरा की याचिकाओं को अलग से सुनने पर सहमति जताई है। कोर्ट ने मामले को पांच जजों की संविधान पीठ को भेजने का भी संकेत दिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि नई याचिका दाखिल करने पर रोक लगनी चाहिए। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, उत्तर प्रदेश में १९ जिलों में ४० हजार लोगों को संदिग्ध बताकर पुष्टिकरण की प्रक्रिया चल रही है।
क्या यह लोगों में डर पैदा करने के लिए काफी नहीं है, जो प्रक्रिया ७० सालों में नहीं हुई तो क्या उसे मार्च तक टाला नहीं जा सकता। एक अन्य वकील ने कहा कि अगर एक बार एनपीआर में किसी को संदेहजनक बताया गया तो उसका नाम मतदाता सूची से कट जाएगा। यह अल्पसंख्यकों के लिए बडी चिंता है, इस पर कपिल सिब्बल ने भी हामी भरी।
इस तरह रोक ठीक नहीं : सीजेआइ अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, अगर ये लोग इस तरह रोक चाहते हैं तो अलग से याचिका दाखिल करना चाहिए। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि बंगाल और असम विशिष्ट राज्य हैं। सुनवाई आज ही शुरू होनी चाहिए। असम में बांग्लादेशियों का मुद्दा है। इनमें आधे बांग्लादेश से आने वाले हिंदू और आधे मुस्लिम हैं। असम में ४० लाख बांग्लादेशी हैं। इस कानून के तहत आधे ही लोगों को नागरिकता मिलेगी। ये पूरी डेमोग्राफी को बदल देगा, इसलिए सरकार को फिलहाल कदम उठाने से रोका जाना चाहिए।
एकतरफा रोक नहीं लगा सकते
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, पहले ये तय हो कि इसे संविधान पीठ भेजा जाना है या नहीं। हम कानून पर रोक नहीं मांग रहे, लेकिन इस प्रक्रिया को तीन महीने के लिए रोका जाए। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में ३० हजार लोग चुने गए हैं। सिब्बल बोले कि इसी पर फरवरी में कोई तारीख सुनवाई के लिए तय होनी चाहिए। सीजेआइ ने कहा, फिलहाल हम सरकार को अस्थाई नागरिकता देने के लिए कह सकते हैं। हम एकतरफा रोक नहीं लगा सकते।
९९ प्रतिशत याचिकाएं सुननी चाहिए: सीजेआइ
सीजेआइ ने कहा कि ये अहम है कि क्या हमें ९९ प्रतिशत याचिकाकर्ताओं को सुनना चाहिए और इसके बाद आदेश जारी करना चाहिए। अगर हम केंद्र सरकार व कुछ की बात सुनकर हम आदेश जारी करते हैं तो बाकी याचिकाकर्ता कहेंगे कि हमारी बात नहीं सुनी गई।
रोक पर बाद में करेंगे सुनवाई
मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले को संविधान पीठ को भेजा जाए। सिब्बल ने कहा कि तब तक कुछ माह के लिए इस पर रोक लगा दी जानी चाहिए, जिसका अटार्नी जनरल ने विरोध किया और कहा यह एक तरह का स्टे होगा। सीजेआई ने कहा कि मामला संविधान पीठ को जा सकता है। हम रोक पर बाद में सुनवाई करेंगे।
भीड़ के लिए कुछ करना होगा
सुनवाई से पहले कोर्ट नंबर खचाखच था, जिसकी वजह से कोर्ट के तीनों दरवाजे खोलने पड़े। सीजेआइ एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ मामले की सुनवाई में भीड़ के चलते परेशानी हुई। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि वकील अंदर नहीं आ पा रहे हैं, शांतिपूर्वक माहौल होना चाहिए, कुछ किया जाए। इस पर सीजेआइ ने कहा कि कोर्ट रूम बढ़ती गैरजरूरी भीड़ को काबू करने के लिए व्यवस्था बनानी होगी। इसमें वकील आसानी से आ जा पाएं। |
उत्तरकाशी: ट्रेकिंग पर गए दो लोगों की ठंड से मौत, निकाले गए बाकी लोग - उत्तराखंड न्यूज
होम उनलेबल्ड उत्तरकाशी: ट्रेकिंग पर गए दो लोगों की ठंड से मौत, निकाले गए बाकी लोग
उत्तरकाशी: ट्रेकिंग पर गए दो लोगों की ठंड से मौत, निकाले गए बाकी लोग
देहरादून- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में उत्तराखंड-हिमाचल की सीमा पर मोरी क्षेत्र में चांईसील ट्रैक पर ११ अप्रैल को हुई भारी बर्फबारी में फंसे यूथ हॉस्टल असोसिएशन इंडिया के ट्रैकिंग दल के दो सदस्यों की भीषण ठंड की वजह से मौत हो गई है। बर्फबारी में फंसे इस ट्रेकिंग दल के सभी सदस्यों को निकाल लिया गया है। २९ सदस्यीय इस दल के तीन लोगों को १० दिन बाद शुक्रवार को निकाला जा सका। एसडीआरएफ की टीम २४ सदस्यों को पहले ही रेस्क्यू कर चुकी थी।
ट्रेकिंग दल खराब मौसम का शिकार हुए
चांईसील गया यह ट्रेकिंग दल खराब मौसम का शिकार हो गया था। ट्रेकिंग दल में एक व्यक्ति घायल भी हो गया था, जिसे एयरलिफ्ट किया गया है। बाकी लोग सड़क मार्ग से ही लौट रहे हैं। आपको बता दें कि ३ अप्रैल को दल के सदस्यों ने ट्रेकिंग शुरू की थी और ११ अप्रैल को जब चांईसील बुग्याल में यह दल पहुंचा तो भारी बर्फबारी में फंस गया।
जानकारी के मुताबिक, मौसम खराब होने और भीषण बर्फबारी शुरू होने के कुछ ही देर में ट्रेकर्स को समझ आ गया कि वह खराब मौसम में फंस चुके हैं। उनके द्वारा इसकी सूचना मिलने के बाद भी मौसम खराब होने की वजह से बचाव कार्य भी तेजी से नहीं चलाए जा सके। |
विश्व रक्तदान दिवस: ३९ साल में १३२ बार के नॉट-आउट रक्तदाता दीपक शुक्ला
बाय अभय पाण्डेय
मुंबईः आज विश्व रक्तदान दिवस है। साल में दो बार क्रमशः १४ जून और १ अक्टुबर को विश्व रक्तदान दिवस और ८ मई को रेड क्रॉस डे के रूप बड़े पैमाने पर में रक्तदान किया जाता है। ये तीनों दिन आम आदमी के लिए महज़ तारिख है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक अवसर है, एक त्योहार है। उन में से एक हैं महाराष्ट्र के जलगांव जिला अन्तर्गत चालीस गांव तहसील के रहने वाले दीपक शुक्ला। दीपक शुक्ला एक ऐसे रक्तदाता हैं, जो पिछले ३९ वर्षों से लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं और अब तक १32 बार रक्तदान कर चुके हैं।
दीपक शुक्ला की कहानी शुरू होती है साल १९८० से, तब दीपक महज १७ साल के थे और जलगांव जिला अन्तर्गत चालीस गांव के एक स्कूल में कौमर्स संकाय के विद्यार्थी थे। उन दिनों ब्लड डोनेशन के लिए स्कूल में बाहर की संस्थाओं की ओर से कैंप लगाए जाते थे। कैंप लगने की जानकारी पाकर दीपक मन ही मन ब्लड डोनेट करने को लेकर उत्साहित थे और उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब वो रक्तदान जैसे महादान में भाग लेते।
१७ साल की उम्र में रक्तदान करने से रोका
साल १९८० की तारिख स्कूल में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। सभी रक्तदाताओं के साथ दीपक भी शिविर में रक्तदान करने पहुंचे, लेकिन उनका रक्त नहीं लिया जा सका क्योंकि तब उनकी उम्र महज़ १७ साल थी और रक्त देने की कैरेटेरिया को फूलफिल करने के लिए डोनर की उम्र कम से कम १८ साल होनी चाहिए। दीपक उदास हो गए, लेकिन मन से ख़्याल नहीं गया और अपने १८ साल होने का इंतजार करने लगे।
१८ साल की उम्र में माँ के साथ किया पहला रक्तदान
१५ अगस्त १९८१ को स्कूल में फिर से रक्तदान शिविर लगा। दव दीपक १८ साल के हो चुके थे। दीपक उस रक्तदान शिविर में अपनी माँ श्यामा देवी शुक्ला के साथ ब्लड डोनेट करने पहुंचे। माँ और दीपक ने एक साथ पहली बार ब्लड डोनेट किया। रक्तदान करने के बाद दीपक काफी खुश हुए और मन ही मन ये ठान लिया कि वे अब रक्तदान को अपनी जीवनशैली बना लेंगेहो भी वैसा ही रहा है।
१९८१ से लेकर अब तक १३२ बार कर चुके हैं रक्तदान
३८ साल पहले १८ साल की उम्र से दीपक ने रक्तदान का जो शिलशिला शुरू किया वह आज भी अनवरत जारी है। आज उनके परिवार का हर एक बालिग सदस्य रक्तदाता है। अकेले दीपक जहां १३२ बार रक्तदान कर चुके हैं वहीं उनका पूरा परिवार मिललाकर लगभग ३०० बार से ज्यादा रक्तदान किया जा चुका है। दीपक आगे भी थकते नज़र नहीं आ रहे।
दीपक कहते हैं रक्तदान मेरे जीवन की सार्थकता है , यह तब तक जारी रहेगा जब तक मैडिकल साइंस इजाजत देती है।
रक्तदान को बढावा देने के लिए, रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करे सरकार दीपक
दीपक और उनका परिवार इस महादान को निःस्वार्थ भाव से करते हैं। उन्हें ना तो नाम कमाने की लालसा है और ना ही सरकार से पुरस्कार पाने की। हालांकि उनकी अपील है कि रक्तदाताओं के लिए सरकार को अपनी योजनाओं कुछ विशेष महत्व देना चाहिए, ऐसा करने से रक्तदान करने वालों का हौसला तो बढ़ेगा ही साथ ही दूसरे लोग भी रक्तदान के लिए आगे आएंगे। दीपक का कहना है कि सरकार को रक्तदाता युवाओं के लिए विशेष छुट का प्रावधान करना चाहिए ताकि उनका हौसला बढ़ सके और ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें अपनी सहभागिता निभा सकें।
अभय पाण्डेय एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष २००४ में पत्न न्यूज के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।
प्रेवियस आर्टियलसारणः भाजपा जिलाध्यक्ष ने की सातो मोर्चा के जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा
नेक्स्ट आर्टियलबिहारी माटी के लाल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने की खुदकुशी |
हेलिकॉप्टर से दूल्हे के आने की खबर से उत्सुकता बढ़ी | हेलिकॉप्टर से दूल्हे के आने की खबर से उत्सुकता बढ़ी - शाहपुरा न्यूज,शाहपुरा न्यूज़,शाहपुरा समाचार
हेलिकॉप्टर से दूल्हे के आने की खबर से उत्सुकता बढ़ी
शाहपुरा न्यूज - भास्कर न्यूज | अमरसर/ शाहपुरा मुरलीपुरा गांव के रावतेडा जोहड़ स्थित दूणों की ढाणी में २९ अप्रैल को सुशीला उर्फ...
भास्कर न्यूज | अमरसर/ शाहपुरा
मुरलीपुरा गांव के रावतेडा जोहड़ स्थित दूणों की ढाणी में २९ अप्रैल को सुशीला उर्फ सोनिया की शादी में शाहपुरा से हेलिकाप्टर में दूल्हा आएगा जिसको लेकर बुधवार को थाना प्रभारी उदय सिंह, पीडब्ल्यूडी एईएन बहादुर सिंह व जेइएन अनिल जांगिड ने हेलिपैड स्थल का निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार मुरलीपुरा रावतेडा जोहड़ स्थित दूणो की ढाणी में सुशीला उर्फ सोनिया पुत्री बोदीलाल दूण की शाहपुरा निवासी सुरेंद्र पुत्र भगवान सहाय पलसानिया के साथ शादी तय हुई है। दूल्हे द्वारा हेलिकाप्टर में आने की सूचना पर थाना प्रभारी उदय सिंह व पीडब्ल्यूडी के एईएन बहादुर सिंह व जेईएन अनिल जांगिड ने मय टीम हेलिपैड के लिए राष्ट्रीम महिला कालेज के प्रस्तावित स्थल का मौका निरीक्षण किया तथा दुल्हन के परिजनों से जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भिजवाई। पूर्व जिला पार्षद जेपी मान, फूलचंद दूण आदि लोगों ने बताया कि दूल्हे के हेलिकाप्टर से आने की सूचना से कस्बे सहित आसपास के गांवों में लोगों में रोमांच है। उल्लेखनीय हैं कि आसपास क्षेत्र में कोई दूल्हा पहली बार अपनी शादी में हेलिकाप्टर से आ रहा है। थाना प्रभारी उदय सिंह व जेईएन अनिल जांगिड ने बताया कि हेलिपेड स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी। |
दमदार इंजन के साथ मिलेंगे बेहतरीन विशेषता, महिंद्रा बॉलीरो ब्स६ हिंदुस्तान में लॉन्च - न्यूज एक्सप्रेस२४
दमदार इंजन के साथ मिलेंगे बेहतरीन विशेषता, महिंद्रा बॉलीरो ब्स६ हिंदुस्तान में लॉन्च
महिंद्रा एंड महिंद्रा ( महिंद्रा एंड महिंद्रा ) ने हिंदुस्तान में अपनी बेहद ही पॉपुलर एसयूवी महिंद्रा बोलेरो ब्स६ ( महिंद्रा बॉलीरो ब्स६ ) को हिंदुस्तान में लॉन्च कर दिया गया है. बहुत ज्यादा समय से हिंदुस्तान में महिंद्रा बोलेरो का जलवा बरकरार है. अब नए ब्स६ नॉर्म्स लागू होने जा रहे हैं ऐसे में कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्रों की अपनी इस पॉपुलर एसयूवी को ब्स६ इंजन से अपडेट करके हिंदुस्तान में लॉन्च कर दिया है.
इंजन व पावर: इंजन की बात करें तो नयी बोलेरो ब६ ( महिंद्रा बॉलीरो ब्स६ इंजिन ) में १.५ लीटर ३ सिलेंडर इंजन लगाया गया है जो ३६00 आरपीएम पर 7५ बीएचपी की मैक्सिमम क्षमता व १६00 से २२०० आरपीएम पर 2१0 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है. यह इंजन फाइव स्पीड ट्रांसमिशन से लैस है. इस एसयूवी में ६0 लीटर का फ्यूल टैंक दिया गया है जिससे यह लंबी दूरी तय कर सके.
फीचर्स: विशेषता ( महिंद्रा बॉलीरो ब्स६ फ्धटर् ) की बात करें तो २० महिंद्रा बोलेरो ब्स६ में अपडेट ग्रिल, बोनट व हेडलाइंस दिए गए हैं. इस एसयूवी में इंटीग्रेटेड बीम लाइट, हजार्ड रोशनी व पार्किंग रोशनी लगाई गई है. रियर की बात करें तो एसयूवी में नयी टेल लैंप व नया टेल गेट डोर हैंडल दिया गया है.
सेफ्टी फीचर्स: सेफ्टी विशेषता की बात करें तो बोलेरो में डुअल एयर बैग सेटअप, हाई स्पीड अलर्ट सिस्टम, फ्रंट सीट बेल्ट रिमाइंडर दिया गया है.
कीमत: मूल्य ( महिंद्रा बॉलीरो ब्स६ प्राइस ) की बात करें तो नयी बोलेरो २०२० की शुरुआती मूल्य 77६000 है वहीं इसकी मूल्य ८७८००० तक जाती है.
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कोलकाता के श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज की सनातन के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कर्यकर्ताओं ने ली भेंट ! - हिन्दू जनजागृति समिति
मुख पृष्ठ > आजकी वार्ता > कोलकाता के श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज की सनातन के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कर्यकर्ताओं ने ली भेंट !
कोलकाता के श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज की सनातन के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कर्यकर्ताओं ने ली भेंट !
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में, हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत संत भेंट
बाईं ओर से श्री अर्चना पुरी मां, स्वामी म्रिगानंद महाराज एवं श्री. शंभू गवारे
कोलकाता (बंगाल) : हाल ही में यहां के जादवपुर में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री सुमंतो देवनाथ एवं श्री. शंभू गवारे ने श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज एवं उनकी गुरुमाता श्री अर्चना पुरी मां से भेंट कर सनातन संस्था एवं समिति के कार्य की जानकारी दी। साथ ही उन्हें सनातन के गोवा के आश्रम में आने हेतु आमंत्रित किया।
इस अवसर पर स्वामीजी ने समिति एवं संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि, वे अपने स्तर पर पिछले ३५ वर्षों से हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सत्यानंद महापीठ के संदर्भ में जानकारी दी एवं इस पीठ का उपयोग हिन्दू धर्म के एक व्यासपीठ के रुप में होने की इच्छा व्यक्त की !
इस भेंट के लिए भारत साधक समाज संस्था के श्री. अनिर्बान नियोगी एवं श्री. मानस रॉय ने विशेष प्रयास किए।
संतों के आशीर्वादसनातन संस्थाहिन्दू जनजागृति समिति |
वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती १३ को | वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती १३ को - डिडवाना न्यूज,डीडवाना न्यूज़,डीडवाना समाचार
वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती १३ को
डिडवाना न्यूज - वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती समारोह की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें १३ अगस्त को दुर्गादास राठौड़ की...
वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती समारोह की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें १३ अगस्त को दुर्गादास राठौड़ की ३८०वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया। संघ सचिव बलवीर सिंह बड़ाबरा ने बताया कि जयंती समारोह हिम्मत सिंह छात्रावास सभा भवन में १३ अगस्त को सुबह ११ बजे आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर समता राम महाराज मौजूद रहेंगे। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह मुख्य अतिथि होंगे। अध्यक्षता लोकेंद्रसिंह कालवी करेंगे। साथ ही पूर्व डीजी लक्ष्मण सिंह राठौड़, राजपूत सभा जयपुर अध्यक्ष गिरीराज सिंह लोटवाड़ा, उतराखंड के शेरसिंह राणा, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, महिपाल सिंह मकराना, श्रीराज शेखावत, सवाई सिंह, दुर्ग सिंह चौहान, प्रेम सिंह रूणिचा, भंवर सिंह रेटा, सुमेर सिंह आदि उपस्थित रहेंगे। |
मॉडल संख्या: ८२३
१००: ९० (सामूहिक अनुपात)
वीटन ८२३ फ्लेक्सिबल पैकेजिंग चिपकने वाले दो घटक पॉलीयूरेथेन लैमिनेटिंग चिपकने वाला
८२३ का परिचय
८२३ दो घटक विलायक मुक्त पॉलीयुरेथेन चिपकने वाला, पारदर्शी फिल्म के लिए उपयोग किया जाता है, फिल्म और एल्यूमीनियम कंपोजिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
नाम ८२३ ए
अंग आइसोसाइनेट हीड्राकसीड
मिक्सिंग रेट १००: ९० (वजन अनुपात)
रंग पीले रंग के लिए बेरंग पीले रंग के लिए बेरंग
घनत्व १.१ १. ग्रा। / सेमी ३ १.०२ ग्राम / सेमी ३
-जमा हुआ भोजन
पीए / एलएलडीपीई (सीपीपी)
उत्पाद प्रदर्शन, स्याही, पैकेजिंग सामग्री, और ठीक-ट्यूनिंग के संचालन की स्थिति के अनुसार ए: बी = १००: ९० का मानक द्रव्यमान अनुपात।
२. हाइब्रिड विधि
एक घटक और बी घटक सेट प्रतिशत अंक, स्वत: मिश्रण मशीन मिश्रण के माध्यम से, उपयोग के बाद मिश्रण।
३. कोटिंग राशि
यह प्लास्टिक फ़ाइल और एल्यूमीनियम पन्नी, और फिल्म के अंतिम उद्देश्य के बीच स्थिति को संयोजित करने के लिए है। कोटिंग की चिपकने वाली मात्रा ०.९-२.०ग / म२ (शुष्क चिपकने वाला) के भीतर प्रबंधित की जा सकती है। मुद्रित राशि को मुद्रित फिल्म के अनुसार समायोजित किया जाना चाहिए।
४. पॉट लाइफ
उत्कृष्ट संचालन के साथ ८२३ चिपकने वाला घटक ए और बी मिश्रण ४० से ३० मिनट से अधिक के समय के संचालन के लिए।
५. भंडारण और वितरण
भंडारण: प्रशीतित भंडारण की सिफारिश की जाती है। सीधे धूप और उच्च तापमान से बचें। सील चिपकने वाला -३० में मूल कंटेनर में ९ महीने के लिए ३० तक संग्रहीत किया जाना चाहिए। एक बार खोलने के बाद, इसे उपयोग करने के बाद सील किया जाना चाहिए, और बाकी चिपकने वाला कम समय के भीतर समाप्त हो जाना चाहिए।
६. पैकेज विशिष्टता
८८२३ एक घटक २५क्ग / पेल
८८२३ बी घटक २५ केजी / पेल
सुरक्षा विचार के लिए, कोटिंग सिस्टम को निकास कवर स्थापित किया जाना चाहिए। उत्पादन से पहले, निकास दक्षता की जांच करने के लिए हवा में आइसोसाइनेट सामग्री का परीक्षण करें। आइसोसाइनेट सौंपने के नियमों को अंतर्राष्ट्रीय आइसोसाइनेट एसोसिएशन के साथ पालन करना चाहिए। कृपया स्थानीय सुरक्षा नियमों और म्स्ड्स को देखें।
बड़े पैमाने पर उत्पादन से पहले कंपोजिट टेस्ट और फिल्म टेस्ट का अभ्यास करना आवश्यक है। विस्तृत निर्देश "चिपकने वाली समग्र प्रौद्योगिकी निर्देश" को संदर्भित करता है। |
हमारे व्यापारिक ब्रांड्स
हमारे गुणवान उत्पाद हमारे दो व्यापारिक ब्रांड्स के अंर्तगत बेचे जाते हैं: हैरिस मोरान और क्लॉज समृद्ध इतिहास के साथ, और जिन देशों में बेचे गए हैं, वहाँ एक कथित विरासत के रूप में ये ब्रांड्स हमारे क्षेत्रीय बाज़ारों में हमारे ग्राहकों के राजदूत के रूप में हमारा प्रतिनिधित्व करते हैं ।
१४ %शोध में निवेश
हमारे बारे में हम. क्लाउसे और उन्नतशीलता के लिए हमारी प्रतिबद्धता के बारे में अधिक जानें
कैरियर हमारे नौकरियों के प्रस्तावों को देखें और जानें वह बात जो हम. क्लाउसे को काम करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला स्थान बनाता है |
अफ्रीकी देशों ने की मांग- माफी मांगें डोनाल्ड ट्रंप
ट्रंप ने हैती और अफ्रीकी देशों के प्रवासियों की रक्षा करने के कुछ अमेरिकी सांसदों के प्रयासों को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए कई बार इन देशों को मलिन (शिटहोल) कहकर संबोधित किया था
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से निराश अफ्रीकी देशों के एक समूह ने शनिवार को ट्रंप से मांग की कि वह अपना बयान वापस लें और माफी मांगे.
गौरतलब है कि ट्रंप ने हैती और अफ्रीकी देशों के प्रवासियों की रक्षा करने के कुछ अमेरिकी सांसदों के प्रयासों को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए कई बार इन देशों को मलिन (शिटहोल) कहकर संबोधित किया.
ट्रंप की टिप्पणियों पर विचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीकी राजदूतों ने एक आपात सत्र बुलाया. जिसके बाद अफ्रीकी राजदूतों के एक समूह ने कहा कि वे इस महाद्वीप को नीचा दिखाने तथा लोगों की निंदा कर अफ्रीका तथा वहां के लोगों के प्रति अमेरिकी प्रशासन के रवैये से चिंतित हैं.
उन्होंने ट्रंप से टिप्पणी वापस लेने और माफी की मांग करते हुए कहा कि समूह बहुत ही निराश है और वह अमेरिका के राष्ट्रपति की घृणित, नस्लवादी और दूसरे देशों के लोगों के प्रति नफरत भरी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है.
साथ ही समूह ने उन अमेरिकी लोगों का भी आभार जताया जिन्होंने इन टिप्पणियों की आलोचना की.
ट्रंप ने एक ट्वीट में शनिवार को देश और विदेश में पैदा हुए आक्रोश को कम करने के लिए घुमा फिराकर कही गई बात में इसे खारिज किया. |
होम ऑटो फॉक्सवैगन २०२६ के बाद से केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का करेगी निर्माण, जल्द...
फॉक्सवैगन २०२६ के बाद से केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का करेगी निर्माण, जल्द करने जा रही है यह काम
जयपुर। दुनिया पॉपुलर ऑटोमोबाईल निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन ने घोषणा की है कि वह २०२६ के बाद से केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल को ही तैयार करेगी। कंपनी २०२६ के बाद पेट्रोल और डीजल इंजन की कारें बनाना बंद कर देगी। ये नई योजना फॉक्सवैगन ग्रूप के अंतर्गत आनेवाली सभी सब ब्रांड कंपनियों पर लागू होगा। आपको बता दें कि फॉक्सवैगन ग्रूप के अंतर्गत फॉक्वैगन, ऑडी, सीट, स्कोडा, पोर्शे, बेंटले, लेम्बोर्गिनी और बुगाटी के साथ और भी कई कंपनियां वाहनों का निर्माण करती है।
यह ऐलान कंपनी के स्ट्रेटजी प्रमुख माइकल जॉस्ट ने जर्मनी के वोल्फ्सबर्ग में चल रहे ऑटोमेटिव कॉन्फरेंस के दौरान किया है। आने वाले समय में कंपनी केवल ईको फ्रेंडली और कम उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक इंजन वाली कारों का निर्माण करेगी।
कॉन्फरेंस में जॉस्ट कहा कि हम ईंधन जलाकर चलने वाले इंजन कारों के निर्माण से हम खुद को धीरे-धीरे दूर कर रहे हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ वर्षों पहले हुए डीजल-गेट स्कैंडल से फॉक्सवैगन को कड़ा झटका लगा था और इसमें कंपनी को करीब २७ बिलियन यूरो का जुर्माना भरना पड़ा था। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए कंपनी डीजल-पेट्रोल कारों के निर्माण से खुद को पूरी तरह दूर करना चाहती है।
जानकारी के अनुसार, इस योजना पर कंपनी ने काम करना शुरु कर दिया है और पोर्शे टेकैन उसका पहला प्रोडक्ट हो सकता है। माना जा रहा है कि इस कार को अगले साल ग्लोबल मार्केट में लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि पिछले महीने कार निर्माता कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर २०२३ तक ४४ अरब यूरो (५० अरब डॉलर) के निवेश की घोषणा की थी।
प्रेवियस आर्टियलराष्ट्रपति ट्रंप नए अटॉर्नी जनरल पद के लिए विलियम बर्र को नामित करेंगे
नेक्स्ट आर्टियलगो गोवा गोन २ मजेदार होगी : अभिनेता वीर दास |
कोरोना : पंडाल लगाकर मास्क बेच रहे थे दवा व्यापारी, पुलिस ने लिया एक्शन
राजधानी रायपुर में धारा-१४४ के खूलेआम उल्लंघन से प्रशासन भी हैरान, पुलिस को भेजकर की कार्रवाई। पढ़िए पूरी खबर-
रायपुर। कोरोना के प्रति लोगों में भय का वातावरण देखकर मास्क बेचने के लिए पंडाल लगाने वाले व्यापारियों को पुलिस ने खदेड़ दिया है। धारा-१४४ के उल्लंघन की आशंका के कारण पुलिस ने पंडाल बंद कराया। यह पंडाल जिला दवा व्यापारियों ने लगाया था, जहां व्यापारिक संगठनों के कुछ नेता भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि नए मेडिकल कॉम्पलेक्स के पास दवा व्यापारियों ने रियायती दर पर यानी २५ रुपए में दो मास्क बेचने का बैनर लगा रखा था, जिसके चलते देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ लग गई है। भीड़ लगना धारा-१४४ का उल्लंघन है। जानकारी मिली है कि रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप जुनेजा भी यहां पहुंचे। पंडाल वाली जगह पर भीड़ और अव्यवस्था देखकर विधायक जुनेजा ने भी नाराजगी व्यक्त की।
इसी बीच, इसकी खबर 'आईएनएच-२४' ने बड़ी प्रमुखता से प्रसारित की। इसके बाद हरकत में आए प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंच सबसे पहले पंडाल हटवाया। उसके बाद कैम्प लगाकर मास्क बेचने वालों को वहां से चलता किया। |
कूलर नियोप्रीन बोतल
होम > उत्पादों > कूलर नियोप्रीन बोतल(कूलर नियोप्रीन बोतल के लिए कुल २४ उत्पादों)
कूलर नियोप्रीन बोतल - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से
हम विशेष हैं कूलर नियोप्रीन बोतल निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक कूलर नियोप्रीन बोतल, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक कूलर नियोप्रीन बोतल में से एक, डोंगउअन टॉप स्पोर्ट्स गुड्स को.,लैड। |
बीएसए ने पकड़ा एमडीएम में गड़बड़झाला
रायबरेली। बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह ने मंगलवार को जिले के १० से अधिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की जांच की।
दो स्कूलों के एमडीएम रजिस्टर में गड़बड़ी मिलने पर प्रधानाध्यापक का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया, जबकि एक स्कूल के प्रधानाध्यापक सुबह १० बजे तक स्कूल नहीं पहुंचे तो उनका वेतन रोक कर जवाब मांगा है।
बीएसए पीएन सिंह व एमडीएम के जिला समन्वयक विनय तिवारी ने मंगलवार को सबसे पहले अमावां ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक स्कूल हैबतमऊ का निरीक्षण किया।
यहां एमडीएम रजिस्टर में गड़बड़ी पकड़ में आई। प्रथम दृष्टया मनमानी मिलने पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका कल्पना तिवारी को वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है।
नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल वजीरगंज में भी एमडीएम रजिस्टर में गड़बड़ी मिलने पर प्रधानाध्यापक सुमन दीक्षित का वेतन रोकते हुए जवाब तलब किया।
बीएसए ने नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल किला बालिका नगर का निरीक्षण किया तो यहां प्रधानाध्यापक जावेद अहमद सुबह १० बजे तक स्कूल में मौजूद नहीं मिले।
उनका वेतन रोकते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा बीएसए ने प्राथमिक व जूनियर स्कूल राही समेत कई और स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की पड़ताल की।
तीन जोन में बांटा गया जिला, सुरक्षा को लेकर अलर्ट
धान खरीद में फर्जीवाड़ा करने वालों को चिन्हित कर करें कार्रवाई: राज्यमंत्री
एआरटीओ में एसडीएम का छापा, दलाल दुकानें बंद करके भागे, टीम गठित |
एकाउन्ट क्रिएट करने के बाद आपको इसका शॉर्टकुट स्क्रीन पर ले आना है जहाँ से आप इसे बड़ी आसानी से उसे कर सकते हो।
उम्मीद करता हो दोस्तों आपको यह एक मोबाइल में २ व्हेत्सप्प एकाउन्ट कैसे बनाए ? की स्टेप्स अच्छी तरह से समझ में आ गई होगी। इसमे अगर आपको कोई भी परेशानी आती है। तो आप हमें निचे कमेंट कर सकते है। |
मल्टीस्टारर फिल्म करने से डरते हैं सुपरस्टार्स : अनिल कपूर दस्तक टाइम्स
मल्टीस्टारर फिल्म करने से डरते हैं सुपरस्टार्स : अनिल कपूर
मुम्बई : अभिनेता अनिल कपूर ने कहा कि तमाम यंग ऐक्टर्स मल्टीस्टारर फिल्म करने से खुद का करियर सेफ नहीं समझते हैं। इसी वजह से खूबसूरत और वीरे दी वेडिंग की कास्टिंग में बहुत दिक्कत हुई थी। लोग फिल्म की स्क्रिप्ट ले जाते थे, लेकिन पढ़ते भी नहीं थे। फिल्मं में हिरोइन का थोड़ा सा ज्यादा और मजबूत रोल होता है तब भी वह खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं। अनिल कपूर के अनुसार फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले कुछ लोगों को जैसे ही थोड़ी कामयाबी मिलती है उनका दिमाग खराब हो जाता है और उनका पागलपन सामने आ ही जाता है। मल्टीस्टारर फिल्मों की कास्टिंग में होने वाली दिक्कत पर बात करते हुए अनिल कपूर कहते हैं कि आज भी बड़े सुपरस्टार्स मल्टीस्टारर फिल्म करने से डरते हैं। खास तौर पर आज के यंगस्टर्स में यह डर ज्यादा है।
मुझे अपने होम प्रॉडक्शन की फिल्म खूबसूरत में दो हीरो को कास्ट करने में बहुत दिक्कत हुई थी। मैंने खुद कई लोगों को कहानी सुनाई थी, कुछ लोग स्क्रिप्ट लेकर गए, लेकिन पढ़ी भी नहीं। ऐसी ही तकलीफ हमें वीरे दी वेडिंग के दौरान भी हुई थी। अनिल बताते हैं, मैं अपने दोस्त विधु विनोद चोपड़ा के साथ बात कर रहा था कि आज के यंग ऐक्टर्स समझते क्यों नहीं हैं। कहानी में हिरोइन का रोल थोड़ा सा ज्यादा अच्छा हो जाता है तो परेशानी हो जाती है। सच बात तो यह है कि इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, जब फिल्म कामयाब होती है तो सबको फायदा होता है। हर फिल्म में आप फर्स्ट फ्रेम से लास्ट फ्रेम तक नहीं हो सकते हैं। रेस ३ के बाद अनिल कपूर की अगली फिल्म फन्ने खान है। यह फिल्म ३ अगस्त को देश के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। इसके बाद अनिल एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा और टोटल धमाल में नजर आएंगे। फिल्म इंडस्ट्री में आपसी ईगो से बिगड़ते काम पर अनिल ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में जिसको ज्यादा कामयाबी मिलती है, उसका दिमाग खराब हो जाता है, यहां पागलपन की कमी नहीं है। मैंने तो सबके अंदर ईगो देखा है, फिर चाहे वह ऐक्टर हो, डायरेक्टर हो या फिर फिल्म निर्माता। लोग यह नहीं समझते हैं कि कामयाबी का रास्ता बहुत लंबा है, सबको छोटे रास्ते से ही कामयाबी चाहिए होती है।
अनिल बताते हैं कि जब रेस ३ की कहानी मेरे पास आई थी तब मुझे काफी लोगों ने कहा था कि मल्टीस्टारर फिल्म है यह होगा, वह होगा, मत कर यह फिल्म। ऐसी स्टारकास्ट के साथ क्यों काम कर रहे हो। मतलब इधर-उधर की बहुत सारी बातें लोगों ने मुझसे कहीं और समझाने की कोशिश की, ताकि मैं रेस ३ न करूं। यह अच्छी बात है कि मैं किसी की नहीं सुनता हूं, मैं अपने मन और दिल की बात सुनता हूं, अपनी समझदारी से काम करता हूं। अनिल आगे कहते हैं कि मुझे लोगों की बातें सुनकर हैरानी होती थी कि ऐसी बातें आप कैसे कर सकते हैं। अब किसी की फिल्म चलती है किसी की नहीं। मुझे लगता है कि एक मल्टीस्टारर फिल्म में किसी एक की किस्मत भी अच्छी होती है तो फिल्म चल जाती है। अब इतने सारे ऐक्टर्स में किसी न किसी की किस्मत तो अच्छी होगी न। रेस ३ के दौरान मैं हमेशा सोचता था कि यह फिल्म मेरे और सलमान की किस्मत से नहीं बल्कि बाकी ऐक्टर्स की किस्मत से चलेगी। मैं इसी सोच के साथ काम करता हूं। शायद सलमान भी ऐसा ही सोचकर काम करते होंगे तभी इतने सालों से इतने बड़े स्टार हैं।
फिल्म बनाना आसान काम नहीं है, प्रॉडक्शन के अनगिनत कामों के अलावा शूटिंग, स्क्रिप्ट, रिलीज़, प्रमोशन और भी बहुत कुछ होता है। मेरे हिसाब से सबसे मुश्किल काम होता है प्रोडूसर का। बहुत कुछ तो आपके पिछले प्रॉजेक्ट पर आधारित होता है। अब जैसे वीरे दी वेडिंग की कास्टिंग, शूटिंग और प्रॉडक्शन में हमें बहुत दिक्कत हुई, लेकिन अब जब फिल्म सफल हो गई है तो अब हमारी अगली फिल्म के लिए रास्ते आसान हो गए हैं। हम जब वीरे दी वेडिंग बना रहे थे उस समय जो देरी हुई उस दौरान हमने बहुत सी और भी कहानियों में काम किया है। इस समय मेरे होम प्रॉडक्शन में बहुत सी पकी-पकाई कहानियां तैयार हैं। बस उनकी शूटिंग शुरू करनी है। हम हर तरह का काम कर रहे हैं, फिल्म, टीवी शो और वेब सीरीज का, सब चीजों का मसाला तैयार है।
प्रेवियस आर्टियल कुलदीप और चहल के टेस्ट खेलने को लेकर कोहली का ये जवाब, जडेजा और अश्विन को कर सकता है परेशान
नेक्स्ट आर्टियल दो चुनावी रैलियों पर आतंकी हमले, पकिस्तान में १३३ की मौत, कई जख्मी |
काशीवासी देशवासियों को सिखा सकते हैं साधना, सेवा, समाधान का भाव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
सांसद और पीएम नरेंद्र मोदी ने आज नवरात्रि के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नागरिकों से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना से बचाव की लड़ाई में लागू किए लॉकडाउन को प्रभावी बनाना बेहद जरूरी है।
काशीवासी साधना, सेवा, समाधान के सद्गुण पर चलकर, नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करके देश के लिए उदाहरण बन सकते हैं। कोरोना से बचाव पर चिंता प्रकट करते हुए पीएम ने कहा कि महामारी से बचने के सामाजिक जागरूकता ही यही एकमात्र उपाय है।
पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में प्रोफेसर कृष्णकांत वाजपेयी ने कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए सामाजिक जागरूकता फैलाने पर बात की, तो प्रधानमंत्री ने भी कहा कि कोरोना से बचाव की लड़ाई में सामाजिक जागरूकता बेहद जरूरी है।
पीएम ने कहा कि वैसे मैं आपको ये भी जानकारी देना चाहता हूं कि कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी देने के लिए सरकार ने वाट्सएप के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क भी बनाई है। आप ये भी ध्यान रखिए कि कोरोना से संक्रमित दुनिया में १ लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं और भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं।
आभार प्रकट करने का संस्कार बढ़ना जरूरी
पीएम ने कहा कि कल तो एक खबर में देख रहा था कि इटली में ९० वर्ष से ज्यादा आयु की माताजी भी स्वस्थ हुई हैं। आपने देखा होगा, बीते कुछ वर्षों में एक परंपरा शुरू हुई है कि एयरपोर्ट पर जब लोग फौज के जवानों को देखते हैं तो उनके सम्मान में खड़े हो जाते हैं, कुछ लोग तालियां भी बजाते हैं। ये आभार प्रकट करने का तरीका हमारे संस्कारों में आगे भी बढ़ना ही चाहिए। हमारे समाज में ये संस्कार दिनों-दिन प्रबल हो रहा है, कि जो देश की सेवा करते हैं, जो देश के लिए खुद को खपाते हैं, उनका सार्वजनिक सम्मान भी होते रहना चाहिए।
जीवन तो आशा और विश्वास से ही चलता है
समाजसेवी मोहिनी ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिन-रात कार्य कर रहे मेडिकल स्टॉफ के स्वास्थ्य को लेकर सवाल पूछा। पीएम ने कहा कि आप सोचिए, अस्पतालों में लोग १८-१८ घंटे काम कर रहे हैं। कई जगहों पर अस्पतालों में, हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों को २-३ घंटे से ज्यादा सोने को नहीं मिल रहा। कितने ही सिविल सोसायटी के लोग हैं जो गरीबों की मदद के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। निराशा फैलाने के लिए हजारों कारण हो सकते हैं लेकिन जीवन तो आशा और विश्वास से ही चलता है। नागरिक के नाते कानून और प्रशासन को जितना ज्यादा सहयोग करेंगे, उतने ही बेहतर नतीजे निकलेंगे।
आपदा को अवसर में बदलना मानव की विशेषता
उद्योगपति अखिलेश खेमका ने पीएम से लॉकडाउन की वजह से प्रभावित असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के आजीविका के संबंध में चिंता प्रकट की। पीएम ने कहा कि ये सही है कि आपदा बहुत बड़ी है, लेकिन आपदा को अवसर में बदलना ही मानव जीवन की विशेषता है। इन दिनों सोशल मीडिया में आप लॉकडाउन का एक और प्रभाव देखने को मिल रहा है।
मेरी बालक सेना हर परिस्थिति से निपटने को है तैयार
बीएचयू में कोरोना वार्ड के हेड डॉ गोपाल नाथ ने पीएम से कोरोना महामारी के इलाज से जुड़ी सुविधाओं की उपलब्धता पर चिंता प्रकट की। पीएम ने कहा कि हमें ये ध्यान रखना है कि अभी तक कोरोना के खिलाफ कोई भी दवा, कोई भी वैक्सीन पूरी दुनिया में नहीं बनी है। इस पर हमारे देश में भी और दूसरे देशों में भी काम तेज़ी से चल रहा है।
गृहिणी अंकिता खत्री ने पीएम से जब छात्रों की वार्षिक परीक्षा और अन्य विषयों पर बात की तो पीएम ने उन्हें बच्चों की चिंता से बचने की सलाह देते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि मानव जाति, कैसे इस वैश्विक संकट से जीतने के लिए एक साथ आगे आई है और इसमें भी सबसे बड़ी भूमिका मेरी बालक सेना निभा रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन - फोटो : अमर उजाला |
एडउकेशन ऑफिस कबिर्धम रिक्रूटमेन्ट: शिक्षा विभाग कबीरधाम के द्वारा जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय हेतु शाला संगवारी के ५० पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसके लिए छ.ग. के स्थानीय/जिले के मूल निवासियों से २४ अक्टूबर २०१९ तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन मंगाया गया है। एडउकेशन ऑफिस कबिर्धम रिक्रूटमेन्ट आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार जो इन पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य अर्हताओं की पूर्ति करते हों, वे अंतिम तिथि तक विभाग को अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अन्य एडउकेशन डिपार्टमेंट जॉब्स के लिए यहां क्लिक करें।
शिक्षा विभाग कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
शाला संगवारी ५० पद।
इस रोजगार अधिसूचना पर चयनित उम्मीदवारों को ८०००-१००००/- संविदा वेतनमान प्रदान किया जायेगा।
इस भर्ती हेतु आवेदन करने के लिए आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्था/बोर्ड/विश्वविद्यालय से बारहवीं पास एवं डीएड/स्नातक डिग्री एवं डीएड या बीएड अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
आवेदन करने की अंतिम तिथि २४ अक्टूबर २०१९ |
मनमोहन पर बनी मूवी का ट्रेलर युतुबे से गायब | लेंडं न्यूज लेनदेन न्यूज़
होम मनोरंजन मनमोहन पर बनी मूवी का ट्रेलर युतुबे से गायब
थे एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ट्रेलेर मिसिंग:जी हां, यह सुनने में आपको एक बार अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है कि साल २०१९ की बहुप्रतीक्षित फिल्म थे एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर यूट्यूब से गायब हो चुका है, जिसका ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ किया गया था।
यूट्यूब से विडियो का इस कदर गायब होने से न केवल दर्शक हैरान हैं बल्कि फिल्म के लीड ऐक्टर अनुपम खेर ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।अनुपम खेर ने अपने ट्विटर हैंडल पर युतुबे से इस बारे में मदद मांगी है।
उन्होंने लिखा है, डियर @युतुबे!!!मुझे देश के अलग-अलग हिस्सों से यह मेसेज और फोन आ रहे हैं कि जब आप यूट्यूब पर ट्रेलेर ऑफ #थेकीडेंटलप्राइममिनिस्टर सर्च करेंगे तो या तो यह आपको नहीं दिखेगा या फिर ५०वें पोजिशन पर नजर आएगा, जबकि हम नंबर १ पर ट्रेंड कर रहे थे। प्लीज़ हेल्प। #हैप्पीनेवीर.
बता दें कि यह फिल्म ११ जनवरी २०१९ को रिलीज़ होनेवाली है, जिसमें अनुपम खेर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भूमिका में नजर आ रहे हैं। ट्रेलर रिलीज़ होते ही राजनीतिक विवादों से घिर चुकी है यह फिल्म। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब थे एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर आधारित है, जिसमें साल २००४ से लेकर साल २०१४ तक के भारत के राजनीतिक माहौल और उस दौरान हुई घटनाओं को बताया है।
अनुपम खेर ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने ट्रेलर का लिंक शेयर करते हुए इस ट्वीट को ज्यादा से ज्यादा रीट्वीट करने का निवेदन किया है।बता दें कि ट्रेलर रिलीज़ होते ही कई कांग्रेस के कई नेताओं ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि फिल्म के जरिए गांधी परिवार की छवि खराब की जा रही है।
इसके बाद कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि कांग्रेस नेताओं ने रिलीज़ से पहले इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की डिमांड की है और अनुपम खेर ने कहा था कि यदि मनमोहन सिंह ऐसा चाहते हैं तो फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी जाएगी।
फिल्म में अनुपम खेर के अलावा अक्षय खन्ना ने संजय बारू का, सुजैन बर्नट ने सोनिया गांधी, आहना कुमरा ने प्रियंका गांधी, दिव्या सेठी ने गुरशरण कौर और अर्जुन माथुर ने राहुल गांधी का किरदार निभाया है। विजय रत्नाकर गुट्टे के निर्देशन में बनी यह फिल्म ११ जनवरी को रिलीज होगी।
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८२ सालों में दूसरी बार विदेशी दौरे से भारतीय क्रिकेटरों को भेजा जाएगा वापस
भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल कोमहिलाओं पर गई टिप्पणियों के लिए जांच तक निलंबित कर दिया गया है और ऑस्ट्रेलिया से वापस भेज दिया गया है
भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों से जुड़े विवाद पहले भी होते रहे हैं लेकिन हार्दिक पंड्या और केएल राहुल का मामला पिछले ८२ वर्षों में केवल दूसरी घटना है जबकि भारतीय क्रिकेटरों को दौरे के बीच स्वदेश भेजा जाएगा. वर्षों पहले १९३६ में महान लाला अमरनाथ को तत्कालीन कप्तान विजयनगरम के महाराज यानि विज्जी ने एक प्रथम श्रेणी मैच के दौरान कथित अपमान के कारण भारत के इंग्लैंड दौरे के बीच से स्वदेश भेज दिया था.
विदेशी दौरों में कई बार अनुशासनात्मक मसले उठे लेकिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह पहला अवसर है जबकि बोर्ड ने कार्रवाई की और दोषी खिलाड़ियों को स्वदेश लौटने के लिए कहा. लाला अमरनाथ की विज्जी के साथ बहस मुख्य रूप से टीम की राजनीति से जुड़ी थी और आम राय रही है कि ब्रिटिश भारत के तहत एक रियासत के शासक को अपनी योग्यता नहीं बल्कि पद के कारण कप्तानी मिली थी.
ईएसपीएनक्रिकइन्फो में जुलाई २००७ में प्रकाशित एक आलेख के अनुसार अमरनाथ क्षुद्र राजनीति का शिकार हुए थे. पंड्या और राहुल का मामला एकदम से भिन्न है और उन्हें महिलाओं के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियां करने की कीमत चुकानी पड़ रही है. भारतीय खिलाड़ी के दौरे के बीच से स्वदेश लौटने की एक और घटना १९९६ में घटी थी जब नवजोत सिंह सिद्धू कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन से तीखी बहस के बाद दौरे से हट गए थे. वह किसी को सूचित किये बिना चुपचाप निकल गए थे जिससे कमरे में उनके साथी को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिल गया. यह साथी कोई और नहीं बल्कि सौरव गांगुली थे जिन्होंने लार्ड्स में डेब्यू मैच में ही शतक जड़ा था. |