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मैनचेस्टर सिटी पिछले पांच वर्षों में चौथी बार संभावित रूप से प्रीमियर लीग खिताब जीतने से चार गेम दूर है। पेप गार्डियोला के दस्ते में एक व्यक्ति जिसने नागरिकों को इस स्थिति में लाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है, वह है केविन डी ब्रुने। उनके नाम पर २६ लीग उपस्थिति के साथ, बेल्जियम ने ११ गोल किए हैं और इस प्रक्रिया में छह सहायता प्रदान की है। उन्होंने खुद को हूस्कोर्ड से ७.५३/१० की समग्र प्रदर्शन रेटिंग भी अर्जित की है, जो न केवल उन्हें सिटी का सर्वोच्च-रेटेड खिलाड़ी बनाता है, बल्कि लीग में संयुक्त-दूसरा उच्चतम रेटेड खिलाड़ी भी बनाता है। यह निर्विवाद है कि मिडफील्डर सिटी के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, हालांकि, ऐसा लगता है कि मैनचेस्टर क्लब की नजर एतिहाद स्टेडियम में एक नए खिलाड़ी को लाने पर हो सकती है जो डी ब्रुने का उनका अगला संस्करण हो सकता है। खबर क्या है? लेक्विपे (कॉट ऑफ़साइड के माध्यम से) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सिटी इस गर्मी में आरबी लीपज़िग स्टार क्रिस्टोफर नकुंकू को साइन करने में रुचि रखती है। पेरिस सेंट-जर्मेन की युवा प्रणाली के माध्यम से अपने तरीके से काम करने के बाद, हमलावर मिडफील्डर १३म ( १०.९म) के कथित शुल्क के सौदे में 201९ समर ट्रांसफर विंडो में वापस जर्मन क्लब में शामिल हो गया। तब से, फ्रेंचमैन ने सभी प्रतियोगिताओं में बुंडेसलीगा क्लब के लिए १३२ प्रदर्शन किए हैं। उन दिखावे में, २४ वर्षीय ने ४३ गोल किए और रास्ते में ४७ सहायता प्रदान की, यह दर्शाता है कि वह कितना आक्रामक और रचनात्मक खतरा है। पूर्व लीपज़िग प्रबंधक जेसी मार्श द्वारा एक खिलाड़ी के रूप में लेबल किया गया है कि कोई कमजोरियां नहीं हैं, नकुंकू को विस्फोटक विस्फोट के साथ रचनात्मक तकनीकी गुणों को गठबंधन करने की उनकी क्षमता के लिए भी प्रशंसा की गई है। स्काउट फुटबॉल ट्विटर पे। डी ब्रुने के साथ उनकी तुलना करने के लिए, ३० वर्षीय की तुलना में उनके नाम पर छह और लीग उपस्थिति के साथ, फ्रांसीसी के पास १८ गोल और १३ सहायता हैं। लीपज़िग स्टार के पास सिटी डायनेमो (४१.९%) की तुलना में लक्ष्य पर शॉट्स का प्रतिशत (४७.२%) अधिक है, यह दर्शाता है कि वह कितना नैदानिक है। क्या सिटी को इस गर्मी में क्रिस्टोफर नकुंकू को साइन करना चाहिए? रक्षात्मक दृष्टिकोण से भी, पूर्व पीएसजी युवा खिलाड़ी ने दिखाया है कि वह डी ब्रुने (११) के समान संख्या में टैकल करके कितना सक्षम व्यक्ति है, लेकिन अधिक अवरोधन और सफल दबाव। आगे बढ़ते हुए, जर्मन पक्ष कथित तौर पर अपने मिडफ़ील्ड उस्ताद को बेचने के लिए ५२म के शुल्क की तलाश में है, यह निश्चित रूप से उनकी संभावित भर्ती के संदर्भ में आगामी ग्रीष्मकालीन स्थानांतरण विंडो के लिए शहर की सोच में होना चाहिए।
भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने शनिवार को पूर्व मुख्य कोच शोर्ड मारिन की नई किताब में लगाए गए आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। कोच मारिन ने अपनी किताब विल पावर: दी इन्साइड स्टोरी ऑफ दी इंक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन हॉकी में आरोप लगाया है कि पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के कहने पर एक खिलाड़ी ने जानबूझकर खराब प्रदर्शन किया था। मारिन के अनुसार २०१७ में जब वह भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच थे, तब उन्होंने एक युवा खिलाड़ी को राष्ट्रमंडल खेल २०१८ में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था। मारिन उस युवा खिलाड़ी की सफलता को लेकर बहुत सकारात्मक थे लेकिन वह खिलाड़ी उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर सका। कोच मारिन ने कहा कि पहले उन्हें संशय हुआ कि खिलाड़ी दबाव के कारण अच्छा नहीं खेल पा रहा, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि मनप्रीत ने कथित तौर पर खिलाड़ी से इतना अच्छा न खेलने के लिए कहा है, ताकि वह अपनी पसंद के खिलाड़ी को टीम में ला सकें। इस आरोप पर आपत्ति जताते हुए खिलाड़ियों ने कहा है कि यह पूरी तरह से विश्वास का उल्लंघन है और इससे खिलाड़ी पूरी तरह असुरक्षित महसूस करेंगे। हॉकी इंडिया में मारिन का प्रवेश २०१७ में हुआ जब उन्हें भारतीय महिला टीम का कोच चुना गया। उन्हें इसी साल पुरुष टीम का भी कोच चुना गया, लेकिन वह बाद में महिला टीम की ओर लौट आए और २०२१ तक मुख्य कोच के पद पर बने रहे।
क्बसे रेसल्ट २०२२: पास होने के लिए कितने अंक लाने पड़ेगे। सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षा के अंतिम परिणाम में छात्रों के टर्म-१ कें अंकों का ३० फीसदी और टर्म-२ के लिए ७० फीसदी अंक वेटेज दिया जा चूका है। क्बसे क्लास १२त रेसल्ट २०२२: डिजिलॉकर पर कैसे देखें सीबीएसई परिणाम? सीबीएसई १२वीं परिणाम देखने के लिए बोर्डसेक्सम.कॉम पर जाना पड़ेगा। होम पेज को ओपन करना और सीबीएसई रिजल्ट पर क्लिक करें। यूजर नेम के रूप में अपने सीबीएसई रोल नंबर और पासवर्ड के रूप में पिन का उपयोग कर सकते है। आपकी १२वीं कक्षा की मार्कशीट स्क्रीन पर उपलब्ध होगी। सीबीएसई १२वीं रिजल्ट २०२२ की मार्कशीट बोर्डसेक्सम पर उपलब्ध है। डिजिलॉकर चेक करने के स्टेप्स भी यहां दिए गए हैं। क्बसे १२त रेसल्ट में लड़कियों ने बाजी मारी है। केंद्रीय विद्यालय के छात्रों का परिणाम ९७.०४ फीसदी रहा है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई ने कक्षा १२ वीं के लिए सीबीएसई परिणाम २०२२ जारी किया है। सीबीएसई १२वीं का रिजल्ट २०२२ अब रेसल्ट्स.क्बसे.निक.इन और क्बसे.गोव.इन पर ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल कहते है कि इंडियन रेलवे ने लास्ट १३ दिनों में १ हजार ३४० वैगनों से शक्कर, ९५८ वैगनों से नमक और 3१6 टैंकों से खाद्य तेल देशभर में पहुंचाया है। राज्यों के लिए ११00 करोड़ रुपये पहले ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निधि से जारी किए जा चुके हैं। इसके ३००० करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की गई। लव अग्रवाल आगे कहा कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में १६.९४ लाख मेट्रिक टन खाद्य सामग्री ट्रांसपोर्ट की गई। १३ राज्यों में १.३ लाख मेट्रिक टन गेहूं और ८ राज्यों में १.३२ लाख मेट्रिक टन चावल बांटा गया। इकर के आर गंगा खेडकर ने बताया कि कोरोना वायरस की ५ लाख टेस्टिंग किट का ऑर्डर दिया जा चुका है। ८-९ अप्रैल तक २.५ लाख टेस्टिंग किट डिलिवर हो जाएंगी।
गैस सिलिन्दर नव प्राइस : गैस सिलेण्डर की डिमांड हर घर मे सबसे ज्यादा होती है, ऐसे मे इस वक्त ज्यादातर घरो मे बिना गैस के खाना नही बनता है, तो ऐसे बहुत से घर ऐसे भी है, जिन्हे केवल कुछ ही सिलेण्डर मे कई महीनो तक खाना बनाना पड रहा है ज्यादातर आम नागरिक इस बढती कीमतो से परेशान है, तो आज गैस सिलेण्डर के दामो मे बदलाव देखने को मिला है, जिसके बाद अचानक खबरो का सिल सिला जारी हो गया है, सरकार द्वारा सभी राज्यो की के गैस के दाम जारी किए है, जिन्हे आपको एक बार ध्यान से देखना चाहिए। गैस सिलेण्डर के नई कीमतो की बात करे तो इसमे घरेलु सिलेण्डर के अलावा कमर्शियल सिलेण्डर की भी डिमांड सबसे ज्यादा रहती है, ऐसे मे इन सिलेण्डर मे थोडा थोडा न होकर सरकार और गैस एजेंसी द्वारा २०० रुपये सस्ता किया था जिसके बाद जहॉ जहॉ कमर्शियल सिलेण्डर का प्रयोग हो रहा था वहा बहुत ही बडी राहत देखने को मिली पर भारत मे सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली गैस मे घरेलु गैस की खपत सबसे ज्यादा है। नीचे हमने कई राज्यो की सिलेण्डर की नई रेट लिस्ट प्रस्तुत की है, जिसे आपको ध्यान देना चाहिए। गैस सिलेण्डर के दाम चुपके से बढते है, ऐसे मे अभी हाल ही मे घरेलू सिलेण्डर की कीमतो मे ५० रुपये की बढोत्तरी की गई है, जिसके बाद मामला गर्म है, जगह जगह बढती किमतो को लेकर लोगो के बीच काफी ज्यादा रोष देखने को मिलता है, दिल्ली मे गैस सिलेण्डर के १४.२ किलो वाले सिलेण्डर के रेट मे ४९ रुपये की बढोत्तरी की गई है। कुछ बहुचर्चित शहरो मे जारी किए गए सिलेण्डर के नए दामो को नीचे प्रस्तुत किया गया है, जिसे आप देख सकते है, अगर आप इन शहरो से है, तो आपको भाव के बारे मे पता रहतना जरुरी है। पटना में १०३९.५० रुपए है। गैस सिलेण्डर के दाम कितना क्या बढे और सरकार द्वारा इसमे क्या बदलाव कर रही है, ऐसे मे यह एक प्रकार से आप प्रतिदिन खुद से चेक कर सकते है। उपलब्ध वेबसाईट की मदद से आप राज्य और स्टेट का चुनाव कर आज के दाम जान सकते है।
डीग न्यूज:डीग : २८ फरवरी विद्यालयों में मिड डे मील के सघन निरीक्षण कार्यक्रम के राज्यव्यापी अभियान के अंतर्गत कार्यवाहक अतिरिक्त जिला एवं उपखंड अधिकारी सुमन देवी ने डीग के किशनलाल जोशी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय , लाला मनोहर लाल खंडेलवाल राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ,राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खोहरी में मिड डे मील का सघन निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को दिए जाने वाले भोजन एवं दूध की गुणवत्ता की जांच करने के साथ-साथ खाद्यान्न के रखरखाव भंडारण भोजन खिलाने ओर पकाने में काम आने वाले बर्तनों की साफ-सफाई आदि की जांच की साथ ही लेखा संधारण एवं स्टॉक आदि की भी मौके पर ही जांच की । एसडीएम सुमन देवी ने मिड डे मील कार्यक्रम के सघन निरीक्षण के दौरान एसएमसी सदस्यों से बातचीत कर विद्यालय में आकर समय-समय पर मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच एवं निरीक्षण करने के बारे में जानकारी ली और उनसे समय-समय पर विद्यालय आकर मिड डे मील का निरीक्षण करने को कहा ताकि बच्चों को दिए जाने वाले भोजन एवं दूध की गुणवत्ता बनाई रखी जा सके । उपखंड अधिकारी ने विद्यालयों में विद्यार्थियों के कुल नामांकन के अनुपात में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम होने पर शाला प्रधानों एवं उपस्थित अध्यापकों को छात्रों ओर उनके अभिभावकों से अधिक से अधिक संख्या में सम्पर्क कर विद्यालय में विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा । मिड डे मील अभियान के तहत डीग की विकास अधिकारी दीपाली शर्मा ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय पास्ता में एनजीओ द्वारा बनाए जा रहे मिड डे मील के निरीक्षण के अंतर्गत भोजन एवं दूध की गुणवत्ता की जांच की। इस दौरान उन्होंने भोजन बनाने वाले स्थान की साफ सफाई के लिए व भोजन सामग्री रखने वाले स्टोर की गंदगी पर पोषाहार प्रभारी सहित एनजीओ प्रभारी को कड़ी फटकार लगाई । दीपाली शर्मा ने रसोई घर में लगे जाले ओर रसोई घर में जगह-जगह चूहों द्वारा फैलाई गई गंदगी व गंदे बर्तन पडे होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए व्यवस्था में सुधार करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बरती गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी । निरीक्षण के दौरान विकास अधिकारी दीपाली शर्मा ने कक्षा आठ के छात्र-छात्राओं की कक्षा में जाकर गणित के स्तर की जांच कीऔर गणित के सवाल कराएं तथा शिक्षकों को निर्देश दिए कि वह कक्षा में नियमित रुप से बच्चों की परीक्षा की तैयारी कराएंअभियान के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय इकलेहरा में खनिज विभाग के अधीक्षण अभियंता ने मिड डे मील के तहत वितरित किए गए भोजन और दूध की गुणवत्ता की जांच के साथ-साथ भोजन बनाने के स्थल बच्चों का खाने बनाने वाले और खाने के बर्तनों की जांच की। और बच्चों की भोजन बैठक व्यवस्था व हाथ धोने की व्यवस्था की भी जानकारी ली। डीग न्यूज: डीग -२८ फरवरी डीग के गांव उमरा के रास्ते में गुरुवार की सांय एक अधेड़ मृत अवस्था में पड़ा हुआ मिला । मृतक भगर सिंह पुत्र भूरी सिंह लोधा गांव कुचाव टी थाना डीग का निवासी था । बहज़ पुलिस चौकी प्रभारी जगदीश सिंह के अनुसार मृतक के पुत्र राकेश लोधा ने पुलिस को दी अपनी मर्ग रिपोर्ट में बताया है कि उसके पिता भगर सिंह गुरुवार की दोपहर २ बजे गांव कुचावती से खाद बीज लेने गोवर्धन गए थे सांय करीब ५:३० बजे मुझे मोबाइल पर फोन से इतला मिली कि उसके पिता भगर सिंह की गोवर्धन से लौटते वक्त गांव उमरा के पास रास्ते में मौत हो गई है । सूचना मिलने पर पुलिस व परिजनों ने मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए डीग लाकर रेफरल चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया । पुलिस ने शुक्रवार को मृतक के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा शव परिजनों के हवाले कर दिया है। में हलवाई डेयरी और किराने की दुकानो से मावा, दूध ,घी और मसालों के नमूने लिए गए जिससे मिलावट खोरों में हड़कंप मच गया । सीएमएचओ डॉक्टर कप्तान सिंह के निर्देशन में शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद गुप्ता और केशव कुमार गोयल ने डीग कस्बे में राधिका मिष्ठान भंडार ,सोनी मिष्ठान भंडार ,और शर्मा मिष्ठान भंडार ,से मावे के तथा यादव डेरी से दूध और घी के एवं मोनू किराना स्टोर से चाट मसाला एवं हल्दी पाउडर के नमूने लिए ,खाद्य सुरक्षा अधिकारी गुप्ता ने बताया है की उक्त नमूने जांच हेतु लैब भिजवाए गए हैं। जिनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जावेगी। गौरतलब है की डीग कस्बा ओर उप खंड के ग्रामीण क्षेत्र में सिंथेटिक दूध ,सिंथेटिक पनीर और मावा, सिंथेटिक देसी घी तैयार करने के दो दर्जन से अधिक कारखाने धड़ल्ले से बेखौफ चल रहे हैं ।और प्रतिदिन सैकड़ों किलो सिंथेटिक दूध, मावा, पनीर व सिंथेटिक घी तैयार कर डीग कस्बा के अलावा गोवर्धन कामा कोसी और दिल्ली जयपुर बिक्री के लिए भेजा जा रहा है ।लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों कि मिलीभगत होने के कारण इन मिलावट खोरो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है । डीग न्यूज: ब्रज महोत्सव के आयोजन की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित।
प्रदेश में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर १८१ आम नागरिकों और सभी जरूरतमंदों के लिये सबसे बड़ा आसरा बन गया है। इस नम्बर पर अब तक ७ लाख 3७ हजार ६९४ लोगों के फोन करने पर भोजन, राशन, दवाओं, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई है। सी.एम. हेल्पलाइन किसानों के लिये भी मददगार साबित हो रही है। इस पर अब तक फसल कटाई, फसल परिवहन आदि की १२२८ समस्याओं का तुरंत निराकरण सुनिश्चित किया गया है। सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर १८१ पर अब तक भोजन संबंधी ५ लाख ९६ हजार ६३०, परिवहन संबंधी ४४ हजार ०९९, दवाइयों संबंधी ३६ हजार ३७१, आवश्यक वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी आदि संबंधी १८ हजार ३११ तथा अन्य प्रकार की ४२ हजार ३३३ समस्याओं की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर सहायता मुहैया कराई गई।
बरेली: श्री राममूर्ति स्मारक रिद्धिमा में दूसरे थिएटर फेस्टिवल इंद्रधनुष रंग महोत्सव २०२२ के अंतिम दिन रविवार को कोलकता के यूनिवर्सल लिटिल थिएटर की ओर से नाटक हाय हैंडसम का मंचन किया गया। परिस्थियों पर हास्य बिखेरता यह नाटक परिवार और बुजुर्ग लोगों की समस्या उठाते हुए ट्रेजेडी पर समाप्त होता है। नाटक एक मिलिट्री अफसर कर्नल कपूर की फैमिली की कहानी है, जो विधुर है। उनका एक सीधा साधा बेटा है, जिसने माडलिंग करने वाली एक लड़की मंदा से प्रेम विवाह किया है। मंदा अपने कैरियर पर ध्यान देना चाहती है, लेकिन कर्नल कपूर चाहते है कि वो अपना परिवार संभाले। मंदा की माँ सीता देवी भी विधवा है। वो भी मंदा की आदतों से परेशान रहती हैं। कपूर साहब और सीता देवी दोनों की हालत एक जैसी है। बच्चों का अपने माँ बाप की तरफ ध्यान नहीं देने से दोनों अकेले हो गए है। सीता और कपूर में एक दूसरे की तकलीफ देखकर सहानुभूति जन्म लेती है। दोनों एक दूसरे की जरूरत को समझ कर शादी कर लेते हैं। दोनों की शादी को बच्चे स्वीकार नहीं करते। सिर्फ घर का नौकर कमाल इसे सही कदम बताता है। कई उतार चढ़ाव के बाद हैप्पी एंडिंग से नाटक का अंत होता है। नाटक का उद्देश्य घर में इग्नोर होते बुजुर्गों की समस्या को उठाना है। बच्चों की व्यस्तता और उपेक्षा से उनका अकेलापन बढ़ जाता है। नाटक में कर्नल कपूर की भूमिका प्रताप जैसवाल, सीता देवी की भूमिका अलकाइरा हाशमी, स्वामी की भूमिका संजीव राय, मंदा की भूमिका तान्या एनी दास और कमाल खुर्शीद की भूमिका इकराम ने निभाई। थिएटर फेस्टिवल के अंतिम दिन मुख्य अतिथि के रूप में बिथरी विधायक डा.राघवेंद्र शर्मा, शायर वसीम बरेलवी, अपर आयुक्त अरुण कुमार भी एसआरएमएस रिद्धिमा पहुंचे। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, ऋचा मूर्ति जी, गुरु मेहरोत्रा, सुरेश सुंदरानी, डा.एसबी गुप्ता, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा.रीटा शर्मा, इंदू परडल, निशांत अग्रवाल सहित शहर के गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।
देश-विदेश सहित भारत जैसे देश में सजावटी मछली पालन का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। ऐसी मान्यता है कि ये मछलियां गुड लक लाती हैं और देश-विदेश के बाजारों में बड़ी मांग है। यही कारण है कि भारत में शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक इसका शौक बढ़ता जा रहा है, अब लोग घरों के अंदर एक्वेरियम लगाकर रंगीन मछलियां पाल रहे है। यही वजह है, जो ये बिजनेस शहरों के साथ-साथ गांव में किसानों के लिये भी गुड़ लक लाता है। बिहार-झारखंड जैसे राज्यों में सजावटी मछली पालन से बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन हुआ है। यहां खेतिहर किसान अब सजावटी मछलियों की यूनिट लगाकर अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं। आप चाहें, तो अपनी सहूलियत और बाजार मांग के अनुसार छोटे से लेकर बड़े स्तर पर सजावटी मछलियां पालन कर अतिक्ति कमाई कर सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इस व्यवसाय के लिए कुल इकाई लागत पर अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता भी देती है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सजावटी मछलियों के पालन पर महिलाओं को ६० प्रतिशत तक अनुदान और पुरुष मछली पालकों को करीब ४० प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। बता दें कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी तथा मछली पालन विभाग सजावटी मछली पालन की क्षमता और व्यापकता को देखते हुए ६१.८९ करोड रूपये की लागत से साल २०१७ में सजावटी मछली पालन परियोजना को शुरू किया था। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख में सजावटी मछली पालन पर सब्सिडी से संबंधित सभी जानकारी के बारे में जानते हैं। सजावटी मछलियों की देश-विदेश के बाजारों में बड़ी मांग है। विश्व में सजावटी मछलियों यानि रंग-बिरंगी मछलियों का कारोबार ५० करोड़ अमेरिकी डालर है, लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी मात्र ५ करोड़ अमेरिकी डालर ही है। भारत के विभिन्न हिस्सों में समुद्री सजावटी मछलियों की लगभग ४०० प्रजातियां हैं। ऐसे में सरकार सजावटी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इसके लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने सजावटी मछली पालन परियोजना लांच किया हुआ है। इस परियोजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सजावटी मछली पालन यानी ऑर्नामेंटल मछली पालन पर किसानों को करीब ६० प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। मत्स्य पालकों को व्यवसायिक स्तर पर सजावटी मछली पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। सजावटी मछली पालन को प्रोत्साहित करने, सजावटी मछली पालन और निर्यात से आय को मजबूत बनाने, ग्रामीण और ग्रामीण क्षेत्र के बाहर की आबादी के लिए रोजगार अवसरों का सृजन करने के साथ ही सजावटी मछली पालन को फलता-फूलता व्यवसाय बनाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी की सुविधा भी दी जा रही है। केंद्र राज्य सरकारें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ऑर्नामेंटल फिश फार्मिंग की कुल इकाई लागत पर आर्थिक अनुदान देती है। इसके लिए सरकार ने बैकयार्ड ऑर्नामेंटल यानि सजावटी मछली पालन यूनिट के लिए अधिकतम इकाई लागत ३ लाख रुपए निर्धारित की गई है। मध्यम आकार की सजावटी मछली पालन इकाई के लिए अधिकतम ८ लाख रुपए की लागत एवं बड़े पैमाने पर सजावटी मछली पालन पर २५ लाख रुपए की लागत इकाई निर्धारित की गई है, जिस पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। सजावटी मछली पालन परियोजना राष्ट्रीय मछली पालन विकास बोर्ड यानि एनएफडीबी विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मछली पालन विभागों के माध्यम से लागू की जाती है। सजावटी मछलियों की परियोजना के अंतर्गत सब्सिडी वितरण की व्यवस्था नीली क्रांति यानि मछलियों के एकीकृत विकास और प्रबंधन के माध्यम से की जाती है। इस परियोजना के तहत देश में असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में मछली पालक सजावटी मछली पालन ईकाइ स्थापित कर आजीविका कमा रहे हैं। सजावटी मछली पालन खाद्य और पोष्टिकता सुरक्षा में प्रत्यक्ष रूप से कोई योगदान नहीं करता लेकिन ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से बाहर की आबादी के लिए विशेषकर महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को आजीविका और आय प्रदान करता है। इस उद्योग में कम समय और कम उत्पादन लागत में अधिक मुनाफा है। सजावटी मछलियों की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग लगातार बढ़ रही है। सजावटी मछली पालन परियोजना के तहत छोटे मछली पालक अपने घर के घर के पीछे के हिस्से में मछली पालन ईकाइयां स्थापित कर सकेंगे, वहीं बड़े मछली पालक मझोले आकार की ईकाइयां, एकीकृत प्रजनन और उत्पादन इकाइयां, एक्वेरियम फैब्रिकेशन भी कर सकते हैं। वैज्ञानिक तकनीक से सजावटी मछली पालन छोटी इकाई लगाने के पर शेड़, मछलियों के फीड और कुछ प्रबंधन कार्यों में कुल ५० से लेकर १ लाख रुपए तक का खर्च आता है, जिससे करीब २० हजार रुपए तक की शुद्ध आय कमा सकते हैं। यदि इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर किया जाता है, तो अधिकतम २५ लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं, जिससे १.५ लाख रुपए तक शुद्ध आय प्राप्त हो सकती है। और सरकार की ओर से इकाई लागत का ६० प्रतिशत सब्सिडी के रूप में प्राप्त हो जाता है। मछली विशेषज्ञ के अनुसार रंगीन मछलियों की यूनिट लगाकर लाखों की आमदनी ले सकते है। मछली विशेषज्ञ के अनुसार किसी भी काम से अच्छे परिणामों के लिये सही ट्रेनिंग का होना बेहद जरूरी है। यही बात लागू होती है सजावटी मछली पालन के लिए। मछली विशेषज्ञ बताते हैं कि सजावटी मछली पालन परंपरागत मछली पालन क्षेत्र का एक उप क्षेत्र है जिसमें मछलियों का प्रजनन सामान्य जल और समुद्री जल किया जाता है। इस बिजनेस की सफलता के लिये ऑर्नामेंटल मछलियों का सही प्रबंधन बेहद जरूरी है। मछली विशेषज्ञ को कहना है कि ऑर्नामेंटल मछलियों के पालन में भरपूर ताजा पानी से लेकर बेहतर क्वालिटी के फूड स्टॉक और बिजली की निरंतर सप्लाई तो बेसिक चीजें है, लेकिन मछलियों को अच्छा वातावरण प्रदान करना, जलवायु के अनुसार यूनिट का मैनेजमेंट करने के लिए सावधानी पूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा मछलियों के समय पर दाना पानी देना और मछलियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रजनन का सही तरीका, स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री से मछलियों के लिए संतुलित आहार तैयार करना और मछलियां तो नदियों और तालाबों से इकट्ठा करने की बेहतर प्रबंधन ही किसानों को सफलता दिला सकता है। इसका मुनाफा पूरा तरह यूनिट के आकार पर निर्भर करता है। यह बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी दिला सकता है। हमारे देश में सबसे अधिक सजावटी मछलियां पूर्वोत्तर भारत में पाली जाती हैं। ट्रैक्टरगुरु आपको अपडेट रखने के लिए हर माह महिंद्रा ट्रैक्टर व फार्मट्रैक ट्रैक्टर कंपनियों सहित अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट प्रकाशित करता है। ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट में ट्रैक्टर की थोक व खुदरा बिक्री की राज्यवार, जिलेवार, एचपी के अनुसार जानकारी दी जाती है। साथ ही ट्रैक्टरगुरु आपको सेल्स रिपोर्ट की मासिक सदस्यता भी प्रदान करता है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र, हवालबाग में आज दिनांक २८.९.२०२२ को रबी किसान मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान, गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्राद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर ने संस्थान द्वारा पर्वतीय कृषि पर किये जा रहे शोध कार्याें की सराहना करते हुए इस संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मी कांत एवं वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर चिन्ता व्यक्त की तथा अच्छे बीजों को अपनाये जाने तथा कदन्न फसलों के उत्पादन पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों से खेती के साथ-साथ पशुपालन अपनाये जाने पर बल दिया। उन्होंने कृषकों को अधिक आय हेतु वैज्ञानिक तकनीकों को अंगीकृत कर स्थानीय संसाधनों को उपयोग करने हेतु आव्हान किया। मूल्य संवर्धन पर बल देते हुए उन्होंने युवाओं से मशरूम, शहद, दूध उत्पादन से रोजगार सुनिश्चित करने हेतु कहा। डा. एन.एस. भण्डारी, कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए नयी शिक्षा नीति में कृषि पर जोर तथा शोध में नवाचार हेतु बल दिया। डा. धीर सिंह, निदेशक, एन.डी.आर.आई., करनाल ने कृषकों से वैज्ञानिक पद्वति को अपनाकर अपनी आय दोगुनी से तीन गुनी करने का आव्हान किया। प्रो. सुनील नौटियाल, निदेशक, गो.ब.पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावारण संस्थान, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा ने कृषि के सतत विकास हेतु संसाधन संरक्षण एवं स्थानीय आर्थिकी बढ़ाने पर बल दिया। संस्थान के पूर्व निदेशक डा. जे.सी. भट्ट ने कृषि के समुचित विकास हेतु संस्थान द्वारा विकसित तकनिकों को सूदूर गॉंव तक पहुॅचाने का आव्हान किया। डा. ए.के. शर्मा, निदेशक (प्रसार), पंतनगर ने पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक खेती, परम्परागत कृषि ज्ञान, फसल विविधीकरण को अपनाने तथा स्थानीय बीजों को संरक्षित करने पर बल दिया। श्री रमेश चन्द्रा, केन्द्र निदेशक, आकाशवाणी, अल्मोड़ा ने संस्थान के कृषि समृद्वि कार्यक्रम की उपयोगिता का जिक्र करते हुए कृषकों की प्रतिक्रियाओं से अवगत कराया। किसान मेले के अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मी कांत ने समस्त आगन्तुकों का स्वागत करते हुए पर्वतीय कृ़िष के क्षेत्रों में संस्थान द्वारा चलायी जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और बताया कि संस्थान द्वारा अभी तक विभिन्न पर्वतीय फसलों की १८१ प्रजातियॉं अधिसूचित की जा चुकी है। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकियों के मॉडल को तीन अंगीकृत गॉंवों में अपनाने की बात बताते हुए कहा कि इन मॉडलों से कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने इन मॉडलों को अधिक से अधिक कृषकों को अपनाने की अपील की। इस अवसर पर, सस्थान द्वारा वर्ष के दौरान विमोचित की गयी २ किस्मों क्रमशः वी.एल. गेहूँ २0२8 एवं वी.एल. गेहूँ ३०१० का लोकार्पण किया गया। साथ ही मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा संस्थान के प्रकाशनों नामतः, उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों हेतु जेठी धान की वैज्ञानिक खेती एवं उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों हेतु चैती धान की वैज्ञानिक खेती का विमोचन किया गया। प्रगतिशील किसानों श्री प्रताप राम, श्री मनोहर लाल, श्री सुरेश चन्द्र, श्री सुन्दर लाल, श्री मनोज सिंह कोरंगा तथा श्री मदन मोहन टम्टा को इस अवसर पर सम्मानित किया गया तथा एस.सी.एस.पी. परियोजना के अन्तर्गत कृषकों को वी.एल. सोलर ड्रायर एवं लघु कृषि यंत्रों का भी वितरण किया गया। संस्थान के प्रक्षेत्र में आयोजित प्रदर्शनी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनेक संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रतिभागिता की गयी एवं २7 प्रदर्शनियॉं लगायी गयी। मेले में उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग ५०० कृषकों ने प्रतिभागिता की एवं विभिन्न फसलों एवं प्रदर्शनियों का भ्रमण किया। मेले में आयोजित कृषक गोष्ठी में पर्वतीय कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा त्वरित समाधान भी किया गया। किसान मेले में कृषक गोष्ठी का संचालन डा. बी.एम. पाण्डे, कार्यक्रम का संचालन डा. कुशाग्रा जोशी एवं धन्यवाद प्रस्ताव डा. जे.के. बिष्ट, विभागाध्यक्ष ने किया।
हब्सग टेस्ट क्या है, एचबीएसएजी पॉजिटिव का क्या मतलब है? १२वीं पास होते ही सभी स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए अच्छे कॉलेजों की खोज करना शुरू कर देते हैं। सभी छात्र इच्छा होती है कि उन्हें बढ़िया से बढ़िया कॉलेज में एडमिशन मिले। कई बार स्टूडेंट और उनके माता पिता को अच्छे कॉलेज की जानकारी ठीक से नहीं मिल पाती है। सेब का सिरका अंग्रेजी भाषा में एप्पल साइडर विनेगर के नाम से जाना जाता है। सेब का सिरका सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सेब का सिरका पीने के फायदे अनेक हैं। यदि आप गैस, एसिडिटी और खट्टी डकार से परेशान हैं और इसका इलाज ढूंढ रहें है तो आजमाएं ये १२ घरेलू उपाय। इन उपायों को अपना कर चुटकियों में मिलेगी राहत। आंवला का रस अत्यधिक पौष्टिक होता है और इसे कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है। खली पेट आंवला जूस पीने के फायदे बहुत हैं आंवले का जूस किडनी, लिवर और हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद कर सकता है। प्याज (रऑ ओनीयन) केवल स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। प्याज में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना बेहद जरुरी है। हालांकि, अधिकतर लोगों को रात में अच्छी नींद नहीं आती है। इस वेब स्टोरी में हम आपको गहरी नींद आने के उपाय के बारे में बता रहे हैं। गिलोय में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई तरह के रोगों में चमत्कारी लाभ पहुंचाता है। आज हम आपको सर्दी में गिलोय के फायदे के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी कई समस्याओं को दूर कर सकता है।
सेब का सिरका अंग्रेजी भाषा में एप्पल साइडर विनेगर के नाम से जाना जाता है। सेब का सिरका सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सेब का सिरका पीने के फायदे अनेक हैं। यदि आप गैस, एसिडिटी और खट्टी डकार से परेशान हैं और इसका इलाज ढूंढ रहें है तो आजमाएं ये १२ घरेलू उपाय। इन उपायों को अपना कर चुटकियों में मिलेगी राहत। आंवला का रस अत्यधिक पौष्टिक होता है और इसे कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है। खली पेट आंवला जूस पीने के फायदे बहुत हैं आंवले का जूस किडनी, लिवर और हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद कर सकता है। प्याज (रऑ ओनीयन) केवल स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। प्याज में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना बेहद जरुरी है। हालांकि, अधिकतर लोगों को रात में अच्छी नींद नहीं आती है। इस वेब स्टोरी में हम आपको गहरी नींद आने के उपाय के बारे में बता रहे हैं। गिलोय में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई तरह के रोगों में चमत्कारी लाभ पहुंचाता है। आज हम आपको सर्दी में गिलोय के फायदे के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी कई समस्याओं को दूर कर सकता है।
अगर हमें किसी बैंक में बैंक खाता खुलवाना होता हैं। तो बैंक खाते में एकाउंट ओपन कराने के लिए बैंक शाखा जाना पड़ता हैं। जिसमे काफी समय नष्ट होता हैं कई बार बैंक में ज्यादा भीड़ होने से बैंक एकाउंट खुलवाने के लिए ३ से ५ दिन भी लग जाते हैं। यहां क्लिक करे। केनरा बैंक ने अपनी बैंक की सुविधाओं को बेहतर करने और अपने ग्राहकों की परेशानियों को समझते हुए ऑनलाइन कनारा बैंक एकाउन्ट ओपन करने की सुविधा उपलब्ध करा दी हैं। केनरा बैंक भारत की कमर्शियल बैंक की लिस्ट में शामिल काफी प्रमुख और अच्छी बैंक हैं। जो लगातार अपने ग्राहकों के लिए बेहतर सुविधाओ उपलब्ध करा रही हैं। वर्तमान समय भारत सहित कई अन्य देशों में केनरा बैंक अपनी सुविधाओ उपलब्ध करा रही हैं। जैसे कि हाल ही इस बैंक ने ऑनलाइन बैंक एकाउन्ट ओपन करने की सुविधा को शुरू किया हैं। बैंक की सुविधाओं का लाभ लेने के लिए ग्राहकों को बैंक शाखा में जाकर अपना समय नष्ट करने की जरुरत न पढ़े। अब बैंक एकाउंट ओपन कराने के लिये पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इसलिए आपके पास पैन कार्ड होना भी जरूरी है।
आपको बता दें की इससे यूनिवर्सिटी के कॉलेजों की ओर से अपने अनुसार एडमिशन फीस का निर्धारण (फिक्सेशन ऑफ फीस) कर विद्यार्थियों से मनमाना राशि की वसूली पर विराम लग जाएगा। वहीं यूनिवर्सिटी में नामांकन समिति की बैठक में इस डेसिज़न को स्वीकृति दे दी गई। बताते चलें की १६ अगस्त से पीजी और स्नातक में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। पीजी का मेरिट लिस्ट जारी कर दिया गया है, यूजी का आज जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले फीस संबंधी अधिसूचना यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों और पीजी विभागों को भेज दी जाएगी। बिहार यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया है कि कला और वाणिज्य (आर्ट्स & कमर्स) का एडमिशन फीस कम होगा। वहीं विज्ञान (साइंस) का एडमिशन फीस इन दोनों की तुलना में अधिक होगा। बिहार सरकार(गवर्नमेंट ऑफ बिहार) की ओर से स्नातक और पीजी (उग & प्ग) दोनों में सभी कोटि की छात्राओं व स्क/स्त कोटि के विद्यार्थियों से एडमिशन फीस नहीं लेने का निर्देश दे रखा है। वहीं पिछले कुछ वर्षों में स्क/स्त कोटि के छात्र छात्राओं से एडमिशन फीस नहीं ली गई। कॉलेजों और पीजी विभागों को कहा गया था कि इन छात्रों के बदले गवर्नमेंट की और से अनुदान दिया जाएगा। अबतक राशि नहीं मिलने की स्थिति में पिछले वर्ष कुछ कालेजों ने छात्राओं से एडमिशन फीस में राशि ली । विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि सभी कोटि की छात्राओं और एससी-एसटी कोटि के विद्यार्थियों से भी शुल्क लिया जाएगा। इसके साथ ही कालेज और पीजी विभागों से एक शपथ पत्र भरकर लिया जाएगा इसमें वे यह लिखकर देंगे कि जब सरकार की ओर से नामांकन मद में इन विद्यार्थियों के बदले अनुदान दिया जाएगा ऐसी स्थिति में वे विद्यार्थियों से ली गई राशि वापस कर देंगे ।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज श्रीनगर गढ़वाल स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों के साथ कोविड-१९ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल कालेज की व्यवस्था के साथ ही पौङी जिले में कोविड-१९ से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बाहर से आने वाले लोगों की मानकों के अनुसार टेस्टिंग हो। सेनेटाइजेशन की पूरी व्यवस्था हो। क्वारेंटाईन के नियमों का अक्षरशः पालन हो। इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। ग्राम प्रधानों को हर सम्भव सहायता दी जाए। गरीबों और बाहर से आने वालों के लिए राशन की कमी न हो। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अपने घर से बाहर निकलने पर लोग मास्क का उपयोग अनिवार्यता से करें। लोगों को निरंतर जागरूक किया जाए। किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर शासन को तत्काल अवगत कराया जाए। बताया गया कि हेमवती नंदन बहुगुणा बेस चिकित्सालय में बैड क्षमता को ५०० से बढाकर ७०० कर दिया गया है। अस्पताल परिसर को दो भागों में विभाजित किया गया है। २०० बैड कोविड-१९ के लिए और ५०० बैड नाॅन कोविड-१९ के लिए रखे गए हैं। २०० बैडेड कोविड ब्लाक में ही सस्पेक्टेड व कन्फर्म वार्ड भारत सरकार के दिशा-निर्देशो के अनुरूप तैयार किए गए हैं। बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धनसिंह रावत, सचिव श्री अमित नेगी, जिलाधिकारी पौङी श्री धीरज सिह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डी एस कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, सीएमओ डॉ मनोज बहुखंडी, प्राचार्य डॉक्टर चंद्र मोहन सिंह रावत, चिकित्सा अधीक्षक बेस अस्पताल डॉ के पी सिंह, प्रोफेसर डॉ के एस बुटोला सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड पर उनके पुराने साथी और प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में कटाक्ष किया है। सोशल मीडिया पर एक यूजर द्वारा शेयर की गई पुरानी तस्वीर पर कुमार ने काव्यत्मक लहजे में तंज कसते हुए लोकतंत्र के सभी राजाओं को चोर कहा है। रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य नाम की यूजर ने २०१२-१३ की तस्वीर के साथ हाल ही की वह तस्वीर साझा की जिसमें वह कुर्ता पयजामा पहने दीवाली त्योहार में शरीक हुए थे। कोई सदियों छले नाम लेकर अपने परिवार का, कोई ताज़ा-ताज़ा छलिया राष्ट्रधर्म सरकार का, कोई रखे धरनों का पर्दा अपने भ्रष्टाचार पर ! वाणी पर पहरे गर्दन पर चाक़ू हैं , उन्होंने लिखा कि २०१२-१३ और उसके बाद के २-३ सालों तक जिस अरविंद केजरीवाल ने देश के सामान्य लोगों के अंदर राजनीति में बदलाव की जो उम्मीद जगाई थी, वो केजरीवाल कौन था? उन्होंने कुमार को टैग करते हुए पूछा ये कौन है? उनके इस ट्वीट पर कुमार विश्वास ने कहा कि कोई सदियों छले नाम लेकर अपने परिवार का,कोई ताज़ा-ताज़ा छलिया राष्ट्रधर्म सरकार का, कोई सबको चोर बताकर खुद ही राहजनी पर है, कोई रखे धरनों का पर्दा अपने भ्रष्टाचार पर ! वाणी पर पहरे गर्दन पर चाक़ू हैं , लोकतंत्र के सारे राजा डाकू हैं ! बताते चलें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर चर्चा में हैं। दो दिवसीय दौरे पर गोवा पहुंचे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक से जब सवाल पूछा गया कि क्या वह मंदिर जाकर सॉफ्ट हिंदुत्व का संदेश दे रहे हैं।
अमृतवर्षा हिंदी दैनिक समाचारपत्र बिहार की राजधानी पटना,राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा देश की कोयला राजधानी धनबाद से प्रकाशित होने वाला लब्ध प्रतिष्ठित एवं बहुप्रसारित हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। अमृतवर्षा समाचार पत्र की स्थापना एवं प्रकाशन अविभाजित बिहार वर्तमान में झारखंड के बोकारो जिले से १९८१ में आरंभ हुआ था। अमृतवर्षा के संस्थापक संपादक स्व- श्री पारसनाथ तिवारी का निधन २०१७ के ७ दिसंबर को नई दिल्ली में हो गया था।उन्हें बिहार मीडिया का आयरन मैन कहा जाता था। उन्होंने अपने जीवन काल में निष्पक्ष तथा निर्भीक पत्रकारिता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया था। अमृतवर्षा समाचार पत्र विगत ४ दशकों से निष्पक्ष पत्रकारिता का मिसाल पेश कर रहा है। अमृतवर्षनऊज.इन अमृतवर्षा समाचार पत्र समूह का डिजिटल संस्करण है। अमृतवर्षनऊज.इन बिहार झारखंड तथा उत्तर प्रदेश तक निष्पक्ष पत्रकारिता की मशाल रोशन कर रहा है। पाठकों तथा दर्शकों से अनुरोध है कि अमृतवर्षनऊज.इन की खबरों पर प्रतिक्रिया देते रहें। आप सबों का विश्वास तथा स्नेह ही हमारी शक्ति तथा प्रेरणा है।संस्थापक संपादक स्व- पारसनाथ तिवारी के पुत्र बन बिहारी वर्तमान में अमृतवर्षनऊज.इन के संपादक हैं,जो वर्तमान दौर में विरासत में मिली निष्पक्ष तथा जनहितैषी पत्रकारिता के ध्वजवाहक हैं।
वहीं दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह बसें कभी खरीदी ही नहीं गई थीं, क्योंकि टेंडर रद्द हो गया था। दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के एक और फैसले के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। यह मामला दिल्ली सरकार की ओर से १००० बसों की खरीद को लेकर जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार पर १००० लो फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितता का आरोप लगा है। दरअसल २०१९ में दिल्ली सरकार ने १००० बसों की खरीद के लिए एक टेंडर जारी किया था और २०२० में बसों के रखरखाव के लिए टेंडर जारी हुआ था। बसों की खरीद में जारी टेंडर में अनियमितता का आरोप लगा है। एलजी ने इस मामले पर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी थी और उसी के बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है। बता दें कि एलजी सचिवालय को जून २०२२ में ही शिकायत मिली थी जिसमें दिल्ली परिवहन मंत्री को डीटीसी बोर्ड में चेयरमैन बनाए जाने पर भी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। शिकायत में कहा गया था कि बसों की खरीद के लिए गलत काम को सुविधाजनक बनाने के लिए डिम्ट्स की नियुक्ति की गई है। शिकायत में लो फ्लोर ब्स-इव और ब्स-वि बसों के लिए लगाई गई बोली में अनियमितता का आरोप लगाया गया था। वहीं मार्च २०२० में लो फ्लोर ब्स-वि बसों की खरीद और वार्षिक रखरखाव के अनुबंध के लिए एक और बोली लगाई गई थी। सीबीआई इस मामले में पहले से ही प्रारंभिक जांच कर रही है। मुख्य सचिव की ओर से १९ अगस्त को एलजी को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी और उसके बाद इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। एलजी ने सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को वर्तमान शिकायत के साथ जोड़कर जांच करने की सिफारिश की है। श्रधा वॉल्कर मर्डर केश: फिल्मों से प्रेरित था आफताब; भड़कीं नीना गुप्ता ने कहा- अच्छी चीजें भी दिखाते हैं वो क्यों नहीं सीखते? गुजरात पोलिंग: दस साल में घटते मतदान के साथ घट रहीं बीजेपी की सीटें, इस बार सबसे कम मतदान का क्या होगा अंजाम? मार्गाशीर्षा पूर्णिमा २०२२: साल की आखिरी पूर्णिमा आज, राशि के अनुसार करें ये ज्योतिषीय उपाय, मनोकामनाएं पूरी होने की है मान्यता!
मैदान या पार्क के बदले सड़कों पर मॉर्निंग वॉक करना आपको महंगा पड़ सकता है. सेहत सही रखने के बदले आपको जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है. यह महज एक कल्पना नहीं बल्कि बिहार में पिछले दिनों लगातार सामने आ रही कई घटनाओं को देखने के बाद हकीकत से रूबरू कराता है। अब कोहरे का मौसम भी नजदीक आ रहा है. मुजफ्फरपुर पटना समेत कई जगहों पर धुंध भी अब दस्तक देने लगी है, जिसमें हादसों की संभावना और बढ़ जाती है. इसलिए सतर्कता के साथ ही मॉर्निंग वॉक के लिए सुरक्षित जगहों का चयन करना चाहिए खासकर सुबह मे चौक चौराहो दुराहे तिराहे आदि के आसपास अलर्ट रहना बेहद जरूरी है।
आज आपकी आध्यात्मिकता में रुचि बढ़ेगी। कुछ बड़ी बाधाओं को दूर करके स्थिति आपके अनुकूल हो सकती है। व्यवसायियों के लिए लाभ के अवसर बढ़ेंगे। जोखिम न लें ड्राइविंग करते समय सावधान रहें। क़ीमती सामान को सुरक्षित रखें। वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा। व्यस्तता अधिक रहेगी। आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रह सकते हैं। कर्ज की राशि वापस मिलने की संभावना है। आज यात्रा को स्थगित करने का प्रयास करें। चोट और दुर्घटना से हानि संभव है। दूसरों के काम में दखल देने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। आर्थिक रूप से लाभ होगा। आपका व्यापार बढ़ेगा। युवाओं को फायदा होगा। दोस्तों की मदद से आप किसी नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकते हैं। नए अवसर मिलेंगे। जीवन साथी सहयोग करेगा। ऑफिस में किसी से विवाद हो सकता है। अनजान लोगों से सावधान रहें। आज किसी दूसरे मामले में उलझें नहीं। शुभ समाचार मिल सकता है। बचत योजनाओं में निवेश फायदेमंद रहेगा। धन का लाभ होगा। किस्मत आपका साथ देगी। छात्रों को सफलता मिलेगी। युवा आज बहुत खुश होंगे। परिवार के सदस्यों से मदद मिलेगी। रुके हुए कार्य गति प्राप्त करेंगे। रिश्तेदारों से मिल सकते हैं। यात्रा पर जा सकते हैं। धर्म से जुड़े कार्यों में भाग लेंगे। जोखिम लेने से बचें और आज जल्दी करें। परिवार के सदस्यों के साथ टहलने जा सकते हैं। अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। जमीन-जायदाद संबंधी मामले आगे बढ़ेंगे। किसी से विवाद हो सकता है।घरेलू जिम्मेदारी निभाने में सक्षम होंगे। व्यावसायिक सौदा लाभदायक रहेगा। आप बहुत खुश होंगे युवाओं को सफलता मिलेगी। ऑफिस में किसी सहकर्मी के साथ संघर्ष होने की संभावना है। तनाव लेने से बचें। आज कोई भी काम जल्दबाजी में न करें। नुकसान संभव है। कार्यालय को नई जिम्मेदारी मिलेगी। निवेश के प्रस्ताव प्राप्त होंगे। काम अच्छा चलेगा युवा सफलता प्राप्त करेंगे। शैक्षणिक और शोध कार्यों को अनुकूलित किया जाएगा। परिवार के साथ समय बिता पाएंगे। व्यापार में प्रगति होगी। एक प्रबुद्ध व्यक्ति को मार्गदर्शन मिलेगा। बुजुर्गों के आशीर्वाद से घर से बाहर निकलें। आज स्वास्थ्य को लेकर परेशानी हो सकती है। बाहरी खान-पान से दूर रहें। सरकारी मामले आगे बढ़ेंगे। वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा। आपके पास एक अच्छा दिन होगा पैतृक संपत्ति विवाद हल हो जाएगा। आर्थिक समस्या दूर होगी। आप धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। धन का लाभ होगा। नए लोगों से मुलाकात होगी। लेन-देन करते समय सावधानी रखें। आज आपको सम्मान मिलेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। अधिकारी वर्ग नौकरी में खुश रहेगा। जीवन साथी के साथ मधुरता बढ़ेगी। आपके कौशल की प्रशंसा होगी। छात्रों को मेहनत का फल मिलेगा। काम पूरा होने पर खुशी होगी। पार्टनर से सहयोग मिलेगा। दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद करने में सक्षम होंगे। यात्रा को स्थगित करने का प्रयास करें। आज बातचीत पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेनदेन में सतर्कता महत्वपूर्ण है। व्यापार में लाभ होगा। आय बनी रहेगी। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। नए व्यापारिक संबंध बनाने से पहले अच्छे से सोच लें। ऑफिस में परेशानी हो सकती है। काम का दबाव ज्यादा रहेगा। आज आप किसी की मदद कर सकते हैं। कर्ज की राशि वापस मिलने की संभावना है। आज दिन भर सकारात्मक माहौल रहेगा। किस्मत आपका साथ देगी। विवादों से दूर रहें। आप सामाजिक कार्यों से यात्रा कर सकते हैं। रोजगार के प्रयास सफल होंगे। व्यवसाय में आय होगी। परिवार आपके साथ रहेगा। आप बीमा, बैंक आदि में निवेश कर सकते हैं। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य ठीक रहेगा रहेगा। एकल के लिए संबंध जानकारी प्राप्त होगी। आज कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। कारोबार में उतार-चढ़ाव रहेगा। आमदनी ठीक रहेगी। मतभेद किसी से भी उभर सकता है। कोई आर्थिक समस्या सामने आ सकती है। अनावश्यक कार्यों में नष्ट होंगे। अगर समय पर पैसे की व्यवस्था नहीं की गई तो तनाव की भावना पैदा होगी। आवश्यक कार्य पूरा न होने पर समस्या बढ़ सकती है। मित्रों से मुलाकात होगी। आज आप किसी रिश्तेदार के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे। परिवार में सुख और शांति बनी रहेगी। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। धार्मिक यात्रा से मानसिक शांति मिलेगी। ऋण राशि प्राप्त हो सकती है। आय के नए अवसर सामने आएंगे। ऑफिस में प्रभाव बढ़ेगा। मित्र लाभकारी रहेंगे। नौकरी बदलने पर विचार कर सकते हैं। आज आपको अपने दुश्मनों से सावधान रहना चाहिए। वित्तीय योजनाओं में निवेश से लाभ होगा। आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। अपनी दिनचर्या बदल सकते हैं। नई योजना शुरू होगी, लेकिन तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद करने में सक्षम होंगे। सामाजिक जांच की जाएगी। अनजान लोगों से सावधान रहें। अवसर आएंगे। ईश्वर की आराधना करने में मन लगेगा।
नई दिल्ली। मेट्रो की परिकल्पना को जमीन पर उतारने वाले मेट्रो मैन श्रीधरन द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा देने पर उठाये गये सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि श्रीधरन ने ही देश को मेट्रो दी है इसलिये अगर उन्होंने मेट्रो को लेकर केजरीवाल के शगूफे पर गंभीर सवाल उठाये हैं तो उसकी समीक्षा की जानी चाहिये। श्री तिवारी ने कहा मेट्रो के आने से जहां दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया वहीं पर लोगों की यात्रा भी बेहद सुगम हुई है, समय की भी बचत हुई है और जाम की समस्या से भी लोगों को निजात मिली है। श्रीधरन जैसे सम्मानित व्यक्ति अगर केजरीवाल की झूठी घोषणा को एक बीमारी बता रहे हैं तो यह बेहद ही गंभीर मामला है क्योंकि श्रीधीरन ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि मेट्रो में यात्रा करने के लिये मेट्रो के अधिकारी भी कूपन लेकर ही यात्रा करते हैं और जब इसका उद्घाटन हुआ था तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी टोकन लेकर ही यात्रा की थी। श्री तिवारी ने कहा राजनीतिक फायदा लेने के लिये यदि केजरीवाल मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की झूठी घोषणा को अमलीजामा पहनाते हैं तो बुजुर्गों, विकलांगों और स्कूली बच्चों को भी मेट्रो में मुफ्त यात्रा का सवाल उठना लाजमी है। यदि केजरीवाल महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा का फायदा पहुंचाना चाहते हैं तो चुनाव के मद्देनजर जल्दबाजी में इसकी घोषणा करने की बजाय हर पहलू पर विचार करना चाहिये यदि ऐसा नहीं किया गया तो मेट्रो की व्यवस्था चरमरा सकती है। इसके साथ श्रीधरन द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार करना चाहिये।
गिरफ्तार नक्सलियों (नक्सआलिट्स) की पहचान गोविंद मांझी, प्रकाश कुमार दास और उत्तम तिड़ू उर्फ दाऊद के तौर पर हुई है। इनमें से नक्सली गोविंद के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। मारे गए नक्सली लाका पाहन (नक्सली लका पहन) पर जिला प्रशासन ने पांच लाख रुपये की राशि बतौर इनाम घोषित करने का प्रस्ताव गृह विभाग को हाल ही में भेजा था, जिसपर अभी फैसला लेना बाकी था। एसपी मनोज ने आगे बताया कि हालांकि मामला पुलिस की हिरासत में मौत का है ऐसे में नियमानुसार हजारीबाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश से इसकी न्यायिक जांच कराने का अनुरोध किया गया है। गिरफ्तार नक्सली के खिलाफ वर्ष २०१४ में जुलाई माह में बंधन उरांव की हत्या का मामला दर्ज है। इस मामले में कोर्ट ने उसके घर की कुर्की के आदेश के साथ हत्यारोपी नक्सली की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश जारी किया था। घायल महिला की पहचान ललिता देवी पति राजू खेरवार निवासी नरेशगढ़ गांव के तौर पर हुई है। इस घटना की सूचना पाते ही लातेहार सदर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और फौरन घायल महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया। नक्सलियों (नक्सआलिट्स) के पास से तीन रायफल, देसी कट्टा, रायफल के ३० जिंदा कारतूस, ७.५ किलो लिक्विड जेलेटीन, २ डेटोनेटर, नक्सली पर्चा, लेवी की रसीद और एक काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई है। पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की एक संयुक्त टीम बनाकर जंगलों की छानबीन के लिए भेजा गया था। इस दौरान सुरक्षाबलों ने दो लोगों को संदिग्ध स्थिति में पकड़ा। खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि नक्सली डागुर सुंडी (नक्सली दगुर) टोंटो थाना क्षेत्र के अपने सुंडी साई गांव आने वाला है, जिसके आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर धर दबोचा। नक्सली बुधु को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले कई दिनों ने दबिश बनाये हुई थी। लेकिन हर बार उसके साथी तो पुलिस की पकड़ में आ जाते थे लेकिन ये घने जंगलों का फायदा उठाकर दो-तीन बार फरार हो चुका है। गिरफ्तार नक्सली की पहचान मुन्नीलाल महतो उर्फ धर्मेंद्र पिता रिचक महतो, महेंद्र गंजू उर्फ पल्टा पिता तिताई गंझू और राहुल गंजू उर्फ सोरेन पिता प्रसाद गंझू के रूप में हुई है। मारे गये तीन नक्सलियों में से दो की पहचान टीएसपीसी के जोनल कमांडर जितेंद्र यादव और चंचल सिंह के तौर पर की गई है लेकिन तीसरे नक्सली की अभी पहचान नहीं हो पाई है। नक्सली मुर्गी बोदरा की गिरफ्तारी जिला पुलिस बल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि ये नक्सली (नक्सआलीट) कई नक्सली कांडों में शामिल रहा है और यह केन बम लगाने में माहिर माना जाता है। पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि जिले के कामडारा थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले टुरूंडू गांव में प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई का एक कुख्यात नक्सली अपने गांव टुरूंडू सरनाटोली से बाहर देखा गया है। नक्सल नेता मिथलेश औरंगाबाद जिले के कुटुंबा थाना क्षेत्र के विष्णुपुर खैरा गांव का रहने वाला है। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा है और इलाज कराने के लिए जा रहा था तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के मुताबिक, रविवार को हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से हथियार भी बरामद किए गए थे। इस दौरान सुरक्षाबलों को घटनास्थल से चूड़ियों के टूकड़े भी मिली हैं। नक्सली उमेश पिछले कई सालों से नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले बूढ़ापहाड़ के इलाके में सक्रिय था। इसके खिलाफ कई थानों में लूट, हत्या का प्रयास, पुलिस टीम पर हमला, निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाने सहित दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं।
३१ जनवरी २०१८, माघ मास शुक्ल पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण है इस मौके पर क्या करें क्या न करें और ग्रहण का क्या समय है किस समय सूतक शुरू होगा यह सब जानने के लिए डबल ए न्यूज़ ने बातचीत की पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा ज्योतिषरत्न आईफस से। पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा ज्योतिषाचार्य ने डबल ए न्यूज़ पर बताया कि ३१ जनवरी २०१८ माघ मास शुक्ल पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण है जो भारत समेत कई देशों में होगा भारत में इसकी शुरुआत शाम ०५:१८ पर होगी और समापन ०८:४१ पर होगा। यदि सूतक की बात करें तो सूतक सुबह ०८:२८ पर शुरू हो जाएगा। इस दौरान हमें कुछ सावधानियों की जरूरत होती है कुछ नियमों का पालन करना होता है ग्रहण के दौरान हम आलस न करें ग्रहण काल से पहले स्नान करें और उसके बाद ध्यान पूजा उपासना मंत्र जप आदि करें और ग्रहण के वक्त किसी भी प्रकार का भोजन ना करें केवल प्रभु उपासना करें और ना ही उस वक्त सोना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासकर सावधानियों की जरूरत होती है ग्रहण के वक्त किसी भी धारदार वस्तु चाकू , कटर आदि का प्रयोग न करें और ग्रहण के बाद वस्त्र समेत स्नान करके गंगाजल आदि से शुद्धीकरण करें और ध्यान रहे ग्रहण के दौरान दान-पुण्य जरूर करें । यदि घर में कोई बीमार है तो उसे आप भोजन जरूर करवा सकते हैं। ग्रहण खत्म हो जाने के बाद स्नान जरूरी है और उसके साथ ही दान करना भी बेहद जरूरी होगा और भी कई तरह की सावधानियां और उपासना की विधियां है जो सब पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा ज्योतिषरतन ने अपने इस वीडियो में बताई है जिसमें देखकर आप उनका पालन भी कर सकते हैं आप युतुबे पर हमारे चैनल आ न्यूज को सबस्क्रिबे जरूर करें और हमारे इस पोर्टल पर इस तरह की जानकारियों के लिए विजिट करें। कोरोना पीड़ितों के लिए निगम पार्षद अजय शर्मा ने हवन कर मांगी दुआएं।
नारायणपुर। पुलिस ने सक्रिय नक्सली सुखराम पोड़ियाम को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया है। उल्लेखनीय है कि आईपीएस सदानंद कुमार, पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर एवं आईपीएस पुष्कर शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नक्सल ऑप्स, अभिषेक पैकरा, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी छोटेडोंगर के निर्देशानुसार थाना ओरछा से जिला बल, डीआरजी एवं छसबल की संयुक्त टीम साप्ताहिक बाजार ओरछा में बाजार प्रबंध ड्यूटी पर रवाना होकर बाजार का कार्डन कर रहे थे, तभी पुलिस पार्टी को देखकर ०३ संदिग्ध व्यक्ति भागने का प्रयास किये, जिन्हे पुलिस पार्टी द्वारा घेराबंदी करने पर ०१ संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ने में सफलता मिली। तलाशी लेने पर कमर में रखे ०१ नग देशी गुप्ती जप्त किया गया। पूछताछ करने पर नक्सली संगठन में काम करना तथा रेंगाबेड़ा मिलिशिया कमाण्डर के पद पर सक्रिय रूप से कार्य करना बताया। सक्रिय नक्सली सुखराम पोड़ियाम थाना ओरछा का ०१ एवं थाना धनोरा का ०२ अपराध में नामजद आरोपी है। उक्त नक्सली के खिलाफ छ०ग० शासन द्वारा पद के अनुसार ०१ लाख रूपये एवं पुलिस अधीक्षक नारायणपुर द्वारा 1० हजार रूपये का ईनाम घोषित है।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में हाई स्कूल की पार्किंग में भारतीय मूल के १८ वर्षीय एक लड़के की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। वैंकूवर सन अखबार ने बताया कि पीड़ित की पहचान महकप्रीत सेठी के रूप में की गई, जिसे मंगलवार को सरे के तमनाविस हाई स्कूल की पार्किंग में १७ वर्षीय एक लड़के ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। इस समय, यह माना जाता है कि संदिग्ध और पीड़ित एक दूसरे को जानते थे और यह एक अलग घटना थी, एकीकृत मानवहत्या जांच दल सार्जेंट ने कहा। टिमोथी पियरोटी को रिपोर्ट में उद्धृत किया गया था। १७ वर्षीय संदिग्ध की पहचान गवाहों द्वारा की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कैनेडियन नेशनल पुलिस के सरे प्रवक्ता, सी.पी.एल. वैनेसा मुन ने कहा कि पुलिस को दोपहर बाद हमले के बारे में बताया गया। इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (इहित) ने स्कूल में उन छात्रों से पूछा, जिन्होंने घातक लड़ाई देखी थी, उनके पास जो भी जानकारी है, उसके साथ आगे आने के लिए कहें।
जब आप दान.कॉम पर एक डोमेन नाम खरीदते हैं, तो आप स्वचालित रूप से हमारे खास क्रेता सुरक्षा कार्यक्रम से जुड़ जाते हैं। हम आपको कैसे सुरक्षित रखते हैं, इसके बारे में हमारी विश्वास व सुरक्षा पेज पर और पढ़ें। हमारी सुरक्षित डोमेन स्वामित्व हस्तांतरण प्रक्रिया के आगे, हम सभी लेनदेन की कड़ाई से निगरानी करते हैं। अगर कुछ अजीब लगता है तो हम तुरंत कार्रवाई करते हैं। और अगर विक्रेता सौदे के अपने हिस्से को वितरित नहीं करता है, तो हम आपको २४ घंटे के भीतर धनवापसी कर देते हैं। सभी डोमेन स्वामित्व हस्तांतरणों में से ९८% २४ घंटों के भीतर पूरे हो जाते हैं। विक्रेता पहले हमें डोमेन डिलीवर करता है, फिर हम आपको आपके अनुरूप ट्रांसफर निर्देश भेजते हैं। मदद की ज़रूरत है? हमारे डोमेन स्वामित्व हस्तांतरण विशेषज्ञ बिना किसी अतिरिक्त लागत के आपकी सहायता करेंगे। बैंक वायर से भुगतान करें और १% की छूट पाएं या हमारे भुगतान प्रोसेसर, अद्येन के माध्यम से उपलब्ध सबसे लोकप्रिय भुगतान विकल्पों में से एक का उपयोग करें। अद्येन उबर और ईबे जैसी कई प्रमुख तकनीकी कंपनियों के लिए पसंद का भुगतान मंच है। मूल्य वर्धित कर (वैट) एक उपभोग कर है जो यूरोपीय संघ (ईयू) में सभी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है। वैट किसे देना है? यूरोपीय संघ के सभी उपभोक्ताओं से सामान और सेवाओं की खरीद पर वैट लगाया जाता है। यूरोपीय संघ में एक ही देश में किसी व्यवसाय से खरीदारी करने वाले व्यवसायों पर भी वैट लगाया जाता है। यूरोपीय संघ के किसी भिन्न यूरोपीय संघ के देश में किसी व्यवसाय से खरीदारी करने वाले व्यवसायों पर वैट नहीं लगाया जाता है। यूरोपीय संघ के बाहर के उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर वैट नहीं लगाया जाता है। क्या आपकी वैट गणना गलत है? इस पृष्ठ पर प्रदान की गई वैट दर केवल एक अनुमान है। आपके बिलिंग विवरण दर्ज करने के बाद चेकआउट प्रक्रिया के दौरान इसे ठीक किया जाएगा।
यदि आप भी रिलायंस जियो के ग्राहक हैं तो आपको जल्द ही झटका लग सकता है, क्योंकि खबर है कि जियो अपने टैरिफ प्लान की कीमत में इजाफा करने की तैयारी में है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो इन्फोकॉम इस वित्त वर्ष में टैरिफ की कीमतें बढ़ा सकती है। दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि जियो को फाइबर और टावर लगाने में काफी खर्च लग रहा है। इसके अलावा कई सारे प्रोजेक्ट्स पर भी कंपनी का करीब ९ हजार करोड़ का सालाना खर्च हो रहा है। ऐसे में कंपनी अपनी सेवाओं की कीमतें बढ़ाने का फैसला ले सकती है। इन्वेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के अनुसार जापान की सॉफ्टबैंक जियो में १४-२१ हजार करोड़ निवेश कर सकती है। गौरतलब है कि वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियां भी पूंजी जमा करने के लिए योजनाएं बना रही हैं। ऐसे में जियो को भी अपनी प्लानिंग करनी होगी। कहा जा रहा है कि वोडाफोन-आइडिया व एयरटेल राइट इश्यू से कीरब २५-२५ हजार करोड़ इकट्ठा करने में जुटी हैं। अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में सामने आया था कि जियो सिर्फ ६०० रुपये में जियो गीगाफाइबर लॉन्च करेगा। इस कीमत पर ग्राहकों को ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और टीवी की सुविधा मिलेगी। इस प्लान के तहत ग्राहकों को अनलिमिटेड कॉलिंग भी मिलेगी।
पटना । बिहार में जल्द ही मगध विश्वविद्यालय बीएड सत्र २०१८-२० प्रवेश परीक्षा में सफल छात्रों का रिजल्ट घोषित करेगा। लेकिन इस से पहले यूनिवर्सिटी ने इसके लिए सभी कॉलेजों से शपथ पत्र मांगा है। इसका साफ मतलब यह है कि बीएड प्रथम वर्ष का रिजल्ट जारी करने के पहले एक शर्त लगा दी गई है। जिसके तहत सभी प्राइवेट बीएड कॉलेजों व सरकारी कॉलेजों को २० अगस्त तक फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट से एक शपथ पत्र देने को कहा है। शर्त में यह बात रखी गई है कि के वैसे ही छात्र जिन्होंने नालंदा खुला विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सफलता अर्जित की थी। उन्हीं का दाखिला दाखिला लिया है। बिना प्रवेश परीक्षा वाले छात्रों का दाखिला नहीं लिया है। इसी आधार पर सत्र २०१८- २० के प्रथम वर्ष का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। वहीं नालन्दा खुला विवि के सफल छात्र को अपना एक कॉपी लगाकर देना होगा।इतना ही नहीं इसके साथ में एडमिट कार्ड की कॉपी देनी होगी। वैसे एक भी छात्रों का रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा जो बिना प्रवेश परीक्षा सफल किये हुए नामांकन लिये हैं। बताया जा रहा है कि राजभवन से आदेश प्राप्त होने के बाद विवि ने ऐसी शर्तें लगाई हैं। इसके बाद रिजल्ट घोषित करने फैसला किया गया।
मधुबनी | राजहंस चौधरी | बिहार के स्कूलों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। बिहार के मधुबनी जिला में शहर के ठीक मध्य में दो मुख्य स्कूल है। एक वॉट्सन उच्च विद्यालय और दूसरा सुरी स्कूल। दोनों के ग्राउंड का हाल बहुत बत्तर है। सुरी स्कूल जिसका निर्माण ही इस आशय से हुआ था कि मधुबनी जिला के सुरी समाज के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। शिक्षा की गुणवत्ता की बात करना बेवकूफी होगी, कारण बिहार की शिक्षा व्यवस्था बहुत ही जटिल दौर में है। यह स्कूल शहर के मध्य स्थित है। कह सकते है कि सुरी सामाज के मध्य भी। मधुबनी जिला में इस समाज से बहुत लोग मधुबनी के स्थानीय राजनीति से जुड़े हुए है। और सभी का यहां रोज आना जाना है जारी रहता हैं । एक हल्की सी बारिश पूरा शहर कीचड़ के रूप में बदल जाती हैं तो सोचिये जोरदार बारिश से पूरा मधुबनी जलमग्न हो जाएगा । ऐसे में यह स्कूल जिसका फोटो स्वराज भारत लाइव के जिला संवाददाता राजहंस ने खुद अपने मोबाइल से कैप्चर किया। हमारे संवाददाता राजहंस बतलाते हैं कि यहाँ की स्तिथि काफी जर्जर दिखी हैं , पूरे विद्यालय में बारिश की पानी जमा हैं उन्होंने कहा कि जिला में बहुत से निजी विद्यालय है, जिसका हालत इतना खराब हैं कि जिससे आप सभी अनजान हैं और यह जानकर आप काफी दुखी होंगे , सुरी समाज और मधुबनी के मध्य स्थित सुरी स्कूल का हालत यह है। संवाददाता राजहंस ने जब स्थानीय ग्रामीणों से बात किया तो ग्रामीणों ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि मधुबनी के हर संपदा पर लगभग ५०% कब्जा यहां के सुरी समाज का है , जहां के छोटे और मोटे नेताजी सब रोज फेसबुक पर अंट बंट संट सेखी बघारते रहते है। मानसून आ गया लेकिन नाला का योजना लटक गया।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर चार जुलाई को नए दिशा-निर्देश जारी होने के बाद से ८५ शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें होटल और रेस्तरां को डिफ़ॉल्ट रूप से सेवा शुल्क लगाने से रोक दिया गया है। कलेक्टर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। ५-८ जुलाई के बीच दर्ज सेवा शुल्क शिकायतों के मामले में शीर्ष पांच शहर हैं नई दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और गाजियाबाद। उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और जिला कलेक्टरों को नए दिशानिर्देशों का व्यापक प्रचार सुनिश्चित करने और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए लिखा है। ४ जुलाई को, सीसीपीए ने नए दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें होटल और रेस्तरां को स्वचालित रूप से या खाद्य बिलों में डिफ़ॉल्ट रूप से सेवा शुल्क लगाने से रोक दिया गया था। इसमें यह भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में उपभोक्ता क्या कदम उठा सकते हैं। नई दिल्ली में करीब १८, बेंगलुरु में १५, मुंबई में ११, पुणे में ४ और गाजियाबाद में ३ शिकायतें मिलीं। प्रमुख शिकायतों में होटल/रेस्तरां द्वारा सेवा शुल्क को अनिवार्य बनाना, भुगतान करने से मना करने पर उपभोक्ताओं को शर्मिंदा करना, किसी अन्य नाम से शुल्क जोड़ना और उपभोक्ताओं की जानकारी को छिपाना शामिल है कि सेवा शुल्क का भुगतान स्वैच्छिक है। सीसीपीए ने कहा कि उपभोक्ताओं द्वारा १ अप्रैल, २०2१ से २० जून, २०22 तक सेवा शुल्क लगाने की लगभग ५३७ शिकायतें दर्ज की गईं। यह कहते हुए कि नए दिशानिर्देश प्रकृति में सलाहकार नहीं हैं, सीसीपीए के मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि वे पूरी तरह से कानून द्वारा लागू करने योग्य हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, २०१९ की धारा १८ (२) (एल) के तहत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जो सीसीपीए को अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने का अधिकार देता है। नतीजतन, सीसीपीए ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और जिला कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश के साथ लिखा है कि दिशानिर्देशों के उल्लंघन में सेवा शुल्क लगाना अनुचित व्यापार व्यवहार है और एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्रभावित करता है, और ऐसी शिकायतों का संज्ञान लिया जाना चाहिए। प्राथमिकता पर। सीसीपीए द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों और पिछली गाइडलाइन के बीच अंतर यह है कि बीच की अवधि में, पूर्ववर्ती उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, १९८६ को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, २०१९ से बदल दिया गया, जो जुलाई २०२० में लागू हुआ। इसने एक नया वैधानिक निकाय कपा बनाया जिसे संसद द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं का संज्ञान लेने का अधिकार दिया गया है। इसलिए, दिशानिर्देशों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी, बयान में कहा गया है। यदि कोई उपभोक्ता पाता है कि कोई होटल या रेस्तरां दिशानिर्देशों के उल्लंघन में सेवा शुल्क ले रहा है, तो सीसीपीए ने कहा कि उपभोक्ता संबंधित होटल या रेस्तरां से बिल राशि से शुल्क हटाने का अनुरोध कर सकता है। उपभोक्ता एनसीएच पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जो पूर्व-मुकदमेबाजी स्तर पर विवाद निवारण तंत्र के रूप में काम करता है, १९१५ नंबर पर कॉल करके या एनसीएच मोबाइल ऐप के माध्यम से। उपभोक्ता उपभोक्ता आयोग में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके त्वरित और प्रभावी निवारण के लिए ई-दाखिल पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से शिकायत दर्ज की जा सकती है।
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थाना लम्भुआ क्षेत्रान्तर्गत एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक पिकअप में देर रात गौवंश को ले जाते हुये कुछ लोग दिखे थे। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस की दो टीमों का गठन करते हुए गौ तस्करों की धरपकड़ में जुट गई। देर रात संदिग्ध आरोपितों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। कार्रवाई में चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, इनमें एक घायल आरोपित को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पकड़े गए चारों आरोपित गौ तस्कर गिरोह के सदस्य बताए जा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने २४ नवंबर को बताया कि गौ तस्करी के वायरल वीडियो में थाना लम्भुआ में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। कार्रवाई के लिए दो टीमें गठित की गईं। पुलिस टीमों को गौ तस्करों के थाना शिवगढ़ में होने की सूचना मिली और उन्होंने दबिश दी। जिसमें चार संदिग्ध व्यक्तियों को घेर लिया गया। पुलिस को देख बदमाशों ने अवैध असलहों से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से एक आरोपित घायल हो गया और घेराबंदी करते हुए उसके साथ तीन अन्य साथियों समेत कुल चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। घायल आरोपित को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। एसपी ने बताया कि घायल आरोपित का नाम जबीउल्ला उर्फ बिल्ला है। यह पहले भी गो-वध अधिनियम का अभियुक्त रहा है। इसके पिता भी गो-वध अधिनियम तथा गैंगस्टर एक्ट का अपराधी रहा है। शेष तीन अभियुक्तों में गुड्डु पुत्र सब्बीर, बाबू पुत्र अनवर, मो मिराज पुत्र रफीक हैं। इन अपराधियों के ऊपर भी मारपीट, मादक पदार्थ तथा आयुध अधिनियम के तहत मुकदमे पंजीकृत हैं। अभियुक्तों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत पुलिस जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
एक्ट्रेस शिल्पा शिंदे और भाबीजी घर पर है की प्रोड्यूसर बिनाफर कोहली के बीच झगड़ा खत्म होता नहीं दिख रहा। ऐसी खबरें हैं कि सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन(सिंटा) शिल्पा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने जा रही है। एक्ट्रेस शिल्पा शिंदे और भाबीजी घर पर है की प्रोड्यूसर बिनाफर कोहली के बीच झगड़ा खत्म होता नहीं दिख रहा। ऐसी खबरें हैं कि सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन(सिंटा) शिल्पा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने जा रही है। सिंटा के ज्वॉइंट सेक्रेटरी और एक्टर अमित बहल ने बताया,शिल्पा मेरी सदस्य हैं और मैं उसकी मदद करूंगा। मैं उसका साथ नहीं छोडूंगा। एक मई को हमारी सालाना बैठक होगी जिसमें इस बारे में फैसला लिया जाएगा। बहल ने साथ ही बताया कि वर्तमान में शिल्पा के खिलाफ अादेश जारी नहीं किया गया है। साथ ही उनके काम करने पर भी पाबंदी नहीं है। वहीं शिल्पा शिंदे ने बताया,सिंटा को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। अब यह कानूनी मामला है। प्रोड्यूसर ने मुझे कानूनी नोटिस भेजा है और मैंने उसका जवाब दिया है। अब यह मेरे और प्रोड्यूसर के बीच की लड़ाई है। मैंने सिंटा को प्रोड्यूसर की समस्याओं के बारे में बताया लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। वे मुझे काम करने से नहीे रोक सकते। शिल्पा ने साथ ही कहा कि वह कपिल शर्मा का शो नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बिनाफर ने इमोशनल गेम खेलकर सभी निर्माताओं को अपनी तरफ कर लिया है। शिल्पा ने कहा,मैं कोर्ट में साबित कर दूंगी कि उसने मुझे काम से रोका। वे मुझे डराने की कोशिश कर रहे हैँ लेकिन मैं डरती नहीं हूं। उनके शो की बैंड बजी है। मुझे रिप्लेस नहीं किया जा सकता। मैं इस प्रोड्यूसर को छोडूंगी नहीं। वहीं शिल्पा ने सिंटा के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई है। यह रिपोर्ट शिल्पा के काम करने पर पाबंदी के चलते दर्ज कराई गई है। शिवाजी का टीज़र आया तो ट्रोल हो गए अक्षय कुमार, राजा-महाराजाओं के ज़माने में कहां से आया इलेक्ट्रिक बल्ब?
केंद्र की अधिसूचना के बाद राज्य सरकार ने पदोन्नति का जारी किया आदेश - प्राइमरी का मास्टर । प्राइमरी का मास्टर । सर्कुलर, पब्लिक होलिडे, होलिडे, गवर्नमेंट ऑर्डर, लीवे : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित विद्यालया/ मान्यता प्राप्त बेसिक विद्यालयों में वर्ष २०२२ में दिये जाने वाले अवकाश तालिका का प्रेषण। लखनऊ- विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश के १७ पीसीएस मंगलवार को आईएएस के पद पर पदोन्नत हो गए हैं। केंद्र की अधिसूचना के बाद राज्य सरकार ने पदोन्नति संबंधी आदेश जारी कर दिया है। पदोन्नति पाने वालों में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव आशुतोष मोहन अग्निहोत्री भी शामिल हैं।विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग कामता प्रसाद सिंह, विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा राम सहाय यादव, विशेष सचिव खाद्य एवं रसद अतुल सिंह, मुख्य महाप्रबंधक राज्य सड़क परिवहन निगम राम सिंह वर्मा शामिल हैं। अपर आयुक्त आगरा मंडल मंजूलता, विशेष सचिव आवास डा. अल्का वर्मा, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा संतोष कुमार, विशेष सचिव आवास सुनील कुमार सिंह व अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं चित्रलेखा सिंह आईएएस बनी हैं।विशेष सचिव एवं अपर राज्य संपत्ति अधिकारी सतीश पाल, विशेष सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मदन सिंह गब्र्याल, एडीएम प्रशासन लखनऊ विपिन कुमार मिश्रा, रजिस्ट्रार केजीएमयू लखनऊ रेखा एस चौहान आईएएस बनी हैं। सीडीओ लखीमपुर खीरी अनिल कुमार सिंह, स्टाफ आफिसर अध्यक्ष राजस्व परिषद रीना सिंह और संयुक्त सचिव निर्वाचन रत्नेश सिंह आईएएस बने हैं। डीपीसी में कुल २१ पीसीएस अधिकारियों को पदोन्नति देने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री गूगल सर्च, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद। महराजगंज : मण्डलीय बेसिक बाल-क्रीड़ा प्रतियोगिता में रविन्द्र नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम पडरौना में महराजगंज का दबदबा, बीएसए आशीष कुमार सिंह एवं बीईओ सहित उपस के जिलाध्यक्ष केशवमणि त्रिपाठी जिलामंत्री सत्येन्द्र कुमार मिश्र सहित तमाम पदाधिकारियों ने दिया बधाई।
कोई ऐसा काम है जिसे आधुनिक राज्य, राष्ट्र नहीं कर सकता? गुलामी प्रथा दूर हुई या नहीं? यह सिर्फ भारतीयों या अफ्रीकनो को दास बना कर सुरीनाम, मॉरीशस, अमेरिका आस्ट्रेलिया, न्यूजीलेंड तक ले जाने तक सीमित नहीं थी। पहले तो इन्होंने अपने यूरोप, इंग्लैंड के गरीब, वंचितों को ही दास बना कर शुरू किया था। उपनिवेश या कहें तत्कालीन इतिहास की जरूरत थी। फिर आवाज़ उठी तो अमेरिका में ही नहीं दुनिया भर से दास प्रथा, कानूनन हट गई। लेकिन बराबरी का सपना अभी भी दुनिया भर में उतना ही दूर है। भारत में तो दूर भी और क्रूर भी। फ्रांसीसी क्रांति ने दुनियाभर को बराबरी, अभिव्यक्ति, भाईचारे का नया दर्शन, नया पैगाम दिया। क्या पूरे यूरोप ने भी उसे तुरंत स्वीकारा था? नहीं। दशकों तक लड़ाइयां, मारकाट रही .लेकिन बराबरी आकर रही। इस बराबरी ने ही यूरोप को वहां स्थापित किया- सुख, समृद्धि में जहां आज है। दुनियाभर को ज्ञान, विज्ञान, दर्शन दिया उसी की बदौलत हम बीसवीं और इक्कीसवीं सदी पर नाज करते हैं। लेकिन स्त्री के संदर्भ में बराबरी का यह सपना यूरोप में सबसे बाद में आया। स्त्री को मत का अधिकार तो महज पिछले सौ वर्ष में अनेकों प्रतिरोध, जनान्दोलनों के बाद मिला है। आश्चर्य कि भारत के स्वाधीनता संग्राम में स्त्री पुरूष की बराबरी की यह बात हवाई तौर पर शुरू से रही थी। इंग्लैंड ओर यूरोप के देशों से भी पहले। लेकिन दुनिया में स्त्री की आजा़दी, मुस्लिम राष्ट्रों को छोड़कर, भारत से कहीं बेहतर है .भारत यहां भी पीछे पीछे रेंग रहा है। लेकिन उम्मीद जिंदा है। सबसे ज्यादा यहां श्रेय अंग्रेजी साम्राज्य को जिन्होंने पहली बार समानता और ज्ञान के दरवाजे खोले। ओपनिविश्कि शोषण की लाखों दास्तानों से कहीं ऊपर है बराबरी का दर्शन। ज्ञान-विज्ञान, तक्र का प्रचार प्रसार। अलोकप्रिय होने की सरहदों तक जाकर भी उन्होंने भारतीय समाज की क्रुरता, नशृसताओं के खिलाफ आवाज उठाई, कानून बनाए और कहे कि सभ्यता सिखाई। क्या सती प्रथा से आपके अन्दर गुस्से, भय, ग्लानि के रोंगटे खड़े नहीं होते? क्या महानता थी इसमें? धर्म, झूठी शान की अफीम कितना क्रूर बना देती है। दुनिया भर में कम ही ऐसे उदाहरण मिलेंगे। क्या कर रहा था हिन्दु धर्म और उसकी मनु स्मृति, पुराण, वेद, उपनिषद .और मुस्लिम शासक ? सिर्फ ताजमहल या जामा मस्जिद बनाकर आप सभ्यता और संस्कृति का ढिंढोरा नहीं पीट सकते। तत्कालीन शासन ओर दोनों धर्मों की दुरमिसंधि का सबसे अमानवीय चेहरा था,. सती प्रथा, परदा प्रथा, ठगी प्रथा , बाल विवाह या विधवा विवाह, अंग्रेजी शासन ने अपने शासन को बचाते हुए जो भी संभव, था किया। शासन होता ही इसलिए है इसलिए जाति उन्मूलन में उससे उम्मीद अपेक्षित है। भारतीय समाज विशेषकर हिन्दु समाज की सबसे बड़ी बुराई, व्यधि , जाति प्रथा के खिलाफ भी अंग्रेजी साम्राज्य को श्रेय जाता है। यों भक्तिकालीन संत कबीर, रैदास ,नानक आदि भी जाति ,धर्म के खिलाफ आवाज उठाते रहे थे लेकिन इनकी आवाजें नक्कारखाने में तूती से आगे नहीं बढ़ पायीं। कुछ कुछ शुरुआत राजा राम मोहन रॉय आदि करते हैं। लेकिन वह भी ब्रिटिश व्यवस्था ,तर्क के आलोक में। असली शुरुआत होती है महात्मा फूले और सावित्री फुले से। क्यों ? कैसे? दोनों ने जाति प्रथा के दंश, अपमान झेले थे। लेकिन तभी उन्हें इसाई मिशनरी स्कूल का अनुभव हुआ। मानेां उनको ज्ञान प्राप्ति हो गई। आखिर यह असमानता क्यों? मनुष्य मनुष्य के बीच जाति की, धर्म की ,स्त्री पुरुष के बीच अधिकारों की? यह संभव हुआ अंग्रेजी ज्ञान और उनके बराबरी के दर्शन से। आगे चलकर सर सैयद अहमद खान जिन्हें मुस्लमानों को शिक्षित, आधुनिक बनाने की शुरुआत का श्रेय जाता है, उनकी आंखें भी इंग्लैंड जाकर खुली वर्ष १८७० के आसपास। वे अंग्रेजों की प्रगति, सुख शांति पर चकित थे और बार-बार अपनी मुस्लमान कौम की जाहिली, धर्मांधता, अशिक्षा को धिक्कारते हैं। अंग्रेजो की उन्होंने मन से प्रशंसा की ओर अलीगढ़ यूनीवर्सिटी की नींव डाली। हॉलांकि स्त्री शिक्षा के वे वैसे हिमायती नहीं थे जैसे महात्मा ज्योतिवॉ फुले और सावित्री फुले। क्या अम्बेडकर, भारत रत्न बाबा साहेब अम्बेडकर बन पाते यदि अमेरिका, इंग्लैंड में पढ़कर उस समाज की बराबरी से प्रभावित नहीं होते? आजा़दी की लडा़ई के सभी सूरमाओं- गाँधी, नेहरू, नौरोजी, सुभाष, भगतसिंह ने लोकतंत्र की शिक्षा यूरोप, अमेरिका ,रूस से पाई। आज भारत जहां है यह सबकी साझी विरासत का नाम है। कुछ सफल ,ज्यादातर असफल। लेकिन जातिप्रथा का नासूर खत्म होने के बजाए बढ़ता क्यों गया? क्यों तमिलनाडु के लेखक को जाति दनश में जीते जी अपने को मृत घोषित करना पड़ता है? क्यों रोज रोज दलितों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आती हैं? क्ययों मई २०१६ में भी महारष्ट्र के गांव का सवर्ण दलित मजदूर को अपने कुएं से पानी पीने से मना कर देता है? क्यों सत्तर साल के बाद अभी भी मैला सिर पर रखकर ढोने की प्रथा चली हुई है? जिम्मेदारी हम सब की है। कोई भी दूध का धुला नहीं है। न सरकारें, न राजनैतिक दल, न धर्म के पंडे पुजारी, न बुद्धिजीवी और न नए दलित नौकरशाह ,पार्टियों के भोंपू। जब बाबा साहेब के बनाए संविधान में अस्पृश्यता के खिलाफ इतना स्पष्ट प्रावधान है, बची खुची बातें नीतिनिर्देशक तत्वों में है तो फिर जातिवाद फैलता क्यों गया? जब जातिसूचक नाम लेने भर कानून अपराध है तो स्कूलों के सरकारी नौकरियों में जातिसूचक सरनेम क्यों आज तक लगे हुए हैं। क्यों दंड व्यवस्था कैसी लचर बनाई गई कि चोर भी चोरी करते रहे और साहूकारों को भी भ्रम बना रहे। प्रोफेसर इम्तियाज अहमद के शब्दों में हम संविधान में सैकुलर, जातिविहीन हो गए, समाज में तो अभी उतनी ही दूरी पर हैं। तमिलनाडु में दलित राजनैतिक नेतृत्व के बावजूद, समाज में जातिवाद उतना ही कायम है. यही हाल उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों का है . पूजाभाव, ब्राह्मणवादी संस्कार, नयी वैज्ञानिक चेतना से ही नष्ट होंगे। लेकिन इस फार्मूले से केवल नेहरू वंश को ही सत्ता नहीं मिली, देश भर के राजनैतिक दल, क्षेत्रीय पार्टियां, संगठनों ने इसी फार्मूले को और बढ़ाया। यानि कि जाति अस्मिता जितनी गहरी, संगठित, दृश्य होगी , सत्ता हथियाना उतना ही आसान। लोहिया जैसों ने सरनाम आदि हठाने के कुछ कदम उठाए भी, लेकिन जल्दी ही वे भी नेहरू के फार्मूले में समाहित हो गए। यह फार्मूला इनता धांसू है कि वी.पी.सिंह जैसा कांग्रेसी, अपने दल से विद्रोह करके और भी बडे़, उसी मंडल फार्मूला की बदौलत मसीहा बनने की कौशिश करता है जिसे कांग्रसी वंश की इन्दिरा गांधी भी लागू करने में हिचकिचा रही थी। अर्जुन सिंह, हेमवती नंदन, बहुगुणा, लालू प्रसाद, मुलायम, मायावती से लेकर मौजूदा नरेन्द्र मोदी सरकार उसी फार्मूले की बदौलत सत्ता पर कायम हैं लेकिन जनता में समाज परिवर्तन का भ्रम भी बनाए हुए हैं। क्या नेहरू को १९४७ से १९६४ तक मिला सत्रह वर्ष का समय कम था? सामाजिक परिवर्तन की तैयारी तो महात्मा फूले, आम्बेडकर, आयंगर, जस्टिस पार्टी, गांधी और ऐसे समानधर्मों राजनेताओं, सुधारकों ने पहले ही कर दी थी। संविधान भी आपके साथ था, पार्टी भी और आपकी अन्य प्रतिष्ठा भी। यह संभव होता यदि नेहरू में गांधी की तरह सत्ता संलिप्त लिप्सा से दूर रहते । नेहरू के सपनों में समाज परिवर्तन तो आटे में नमक बराबर मुश्किल से रहा होगा। गौरों की जगह सिर्फ काले शासक आ गए वरना समाज परिवर्तन की जो लहर अम्बेडकर ने पैदा की थी, उसे नेहरू और तटवर्ती कांग्रसी सरकारों ने आरक्षण के झुनझुने में बदल दिया। इतना की भारतीय लोकतंत्र सिर्फ आरक्षण शब्द पर सारी कलावाजियां करता रहा है और आज भी कर रहा है। अम्बेडकर का समाज परिवर्तन का आरक्षण से भी बड़ा योगदान हिन्दु कोड बिल है। सिर्फ सामाजिक बराबरी ही नहीं स्त्री पुरुष के बीच की बराबरी भी उतनी ही जरूरी है। यहां नेहरू पूरे मन से साथ थे और यह संभव हुआ। पूरा हिन्दु समाज इसका ऋणी है। हिन्दु समाज में गैर बराबरी की कम से कम एक जंजीर तो टूटी। लेकिन यही एक एक बड़ा पेंच या कहें नेहरू की वोट राजनीति का दागदार चेहरा सामने आता है। हिन्दु कोड बिल ठीक था, ठीक है ,लेकिन मुसलमानों पर समान कोड लागू क्यों नहीं? अम्बेडकर जी का कहना था कि शीघ्र ही ऐसा सुधार मुस्लमान-महिलाओं के पक्षा में भी लाया जाएगा और यदि अम्बेडकर जीवित रहते, बावजूद वोधधर्म अपनाने के, तो वे चुप नहीं बैठते। उनकासमानता का सपना नेहरु की तरह सतही नहीं था .जिस व्यक्ति ने समानता के सपने की खातिर राजनीति छोड़ दी ,धरम छोड़ दिया वे धर्म, धर्म के बीच ऐसी कुटिलता के पक्षधर कभी नहीं रहते। मुस्लमान मर्द तो भारतीय संविधान से चलना चाहता है लेकिन अपनी पत्नियों को शरीयत से चलाना चाहता है। यदि दुनिया भर में हर नागरिक के लिए सामान कानून है तो भारतीय मुस्लिम स्त्री को इससे वंचित क्यों रखा गया है? नेहरू की नजर सत्ता की खातिर साफ थी। मुस्लमानो को खुश रखकर सदा के लिए वोट बैंक में बदलना। इसी का परिणाम हुआ कि सवर्ण हिन्दुओं में बढ़ते आक्रोश को शांत रखने का एक उपाय यह किया गया कि जाति,वर्ण के सांप को वैसा ही सोया पड़ा रहने दो। जाति वर्ण पर चोट कहीं उन्हें कांग्रेस से दूर न कर दे. तू भी खुश, मैं भी खुश। लेकिन क्या सारे काम फुले, साहूजी महाराज, अम्बेडकर, गांधी, नेहरू, कासीराम ही करेंगे? यदि इस जाति मुक्त समाज के लिए कौशिश नहीं करते तो क्या हम भी उतने ही बड़े अपराधी नहीं होंगे? हिन्दु धर्म के सवर्ण पंडित, पुरोहित तो सदियों से जातिप्रथा की मलाई खा रहे थे,खा रहे हैं इसीलिए वे कभी भी जातिप्रथा का खात्मा नहीं चाहते। आरक्षण शब्द पर जरूर भड़कते रहते हैं लेकिन जैसे ही उन्हें जाति से आज़ादी की बात की जाती है, उन्हें सांप सूंघ जाता है। लेकिन क्या शासन इतनी कमजोर, मिमियाती बिल्ली का नाम है? क्या इन पंडित पुरोहितों ने सती प्रथा, विधवा विवाह का कम विरोध किया था? आ गए रास्ते पर रातों रात। सत्ता की नीयत साफ हो तो यह आज भी रातों रात संभव है। जाति प्रथा के नए संरक्षक सामाजिक न्याय के राजनैतिक मसीहा हैं। हों भी क्यों न, वे तो पैदा भी इसी मांद में हुए हैं। भारतीय लोकतंत्र का सबसे से सुनहरा पृष्ठ। हजारों सालों के बाद जिन्हें बराबरी का अहसास हुआ, अस्मिता मिली और सत्ता में राजा बनने के वे अधिकार लोकतंत्र ने दिए जो मानव इतिहास में भारतीय भू-भाग में तो कभी संभव ही नहीं हुए होते ,यदि यूरोप में पुर्नजागरण, फ्रासींसी क्रांति या भारत अंग्रेजों का उपनिवेश नहीं बनता। लेकिन क्या लोकतंत्र की यात्रा व्यक्ति ,समुदाय जाति विरोध पर ही खत्म हो जाती है? क्या लोकतंत्र सिर्फ अपनी जाति या धर्म ध्वजा के फहराने में ही सार्थकता पाता है? नहीं। यह लोकतंत्र का अपमान है। फिर सामाजिक न्याय के इन नये मसीहाओं ने मुस्लिम स्त्री की बराबरी की बात क्यों नहीं उठायी? क्या इतनी बड़ी आबादी को आप धर्म की स्वतंत्रता की आड़ में वंचित रख सकते हैं? स्वार्थी , पंडित पुरोहित तो डरे हुए लोग थे कि हमारी जाति छीनने की बात ने होने लगे इसीलिए मुस्लिमों को ऐसा ही बना रहने दो। एक दूसरे की मूर्खता, आडम्बरों के समर्थक ,पोषक .क्या मुस्लमान भी उतने ही गरीब, अशीक्षित नहीं हैं, बल्कि अनुसूचित जाति, जनजातियों से भी ज्यादा। भला हो मंडल कमीशन का कि कुछ मुस्लमानों को भी उसमें हिस्सा मिल रहा है लेकिन उनके पक्ष में सामाजिक न्याय के नेताओं की चुप्पी क्या बयान करती है? आरक्षण सामाजिक न्याय के पक्षकारों को तुरंत कुछ हिन्दु कोड बिल की तर्ज पर मुस्लिम एक्ट के पक्ष में और पूरे मुस्लिम समाज की आरक्षण में भागीदारी के लिए आवाज उठानी चाहिए। ये दोनों पक्ष जुड़े हुए हैं बराबरी के हक के लिए। क्या समाज के किसी व्यक्ति की एक टांग छोटी बनी रहे तो वह बराबर दौड़ सकता है? दलित सिर्फ अपने को ही पिछड़ा, वंचित क्यों सिद्ध करने पर तुले रहते हैं। कभी उनकी फिक्र भी करें जो उनसे भी नीचे हैं। सच्चा मानवीय लोकतंत्र तो तभी संभव है। मुस्लमानों को स्वयं भी आगे आकर आवाज़ उठाने की जरूरत है। वे आरक्षण में तो हिस्सेदारी दुनियाभर के दर्शन, पैमाने और भारतीय संविधान की बराबरी से चाहते है लेकिन शरीयत के सुधार के नाम पर उनमें वलवला आ जाता है। यहां बाबा साहेब अम्बेडकर की मुस्लमानों को लेकर कही बात याद आती है। हिन्दु धर्म में अपनी बुराइयों को कहने की आजादी तो है, मुस्लिम धर्म में तो वह भी नहीं। भारतीय अनुभव भी इससे अलग नहीं है। इसीलिए ऐसी सामाजिक विषमताएं। बहुजनवाद में यदि मुस्लिम, इसाई पारसी शामिल नहीं है तो इसकी सीमाऐं कई प्रश्न पैदा करती है। जातिवाद को कायम रखने में सवर्ण हिन्दु, पुरोहितों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर नये अमीर, दलित राजनेता और नौकरशाह भी खड़े हैं। आरक्षित वर्ग जैसे खुलकर मुस्लमानों के पक्ष में नहीं है वैसे ही अपनी वंचित विरादरी के साथ भी नहीं ऐसी किसी भी समीक्षा विमर्श को आरक्षण विरोध का नाम देकर उन्हीं पंडितो, मुल्लाओं की तरह भड़क उठता है जसे वर्ण व्यवस्था या शरीयत में परिवर्तन के नाम पर विरोध करते आये हैं। गांव, देहात कन्याकुमारी से लेकर गाजियाबाद, गाजीपुर, सहरसा तक जातिवाद में वैसे ही फंसे हैं। लेकिन शहरी जीवन में कुछ सुधार आया है। निश्चित रूप से जैसे जैसे शहरीकरण और आधुनिक शिक्षा, शिक्षा, सोच तर्क वैज्ञानिक चिंतन का प्रसार होगा, जातिवाद शब्द अप्रासंगिक होता जाएगा। लेकिन इतने बड़े देश में जब सत्तर साल में इतनी कम तब्दीली आयी है तो अभी न जाने कितने दशक लगेंगे इस रफ्तार से। अत: इस रफ्तार को बदलने की जरूरत है और तुरंत। और बढ़ जाएगी, लेकिन अपनी ही जाति में उसे विस्तार देने में क्या हर्ज है? धीरू भाई सेठ जाने माने समाज शास्त्री और पिछड़ा आयोग के सदस्य दशकों से इस बात को कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं हो लेकिन जो व्यक्ति समुदाय उसका जाम उठा चुके हैं उसे बाहर करें जिससे नए वंचितों को जगह मिले। सुप्रीम कोर्ट के भी ज्यादातर निर्णयों में बार बार यही प्रतिध्वनि आती है। लेकिन जाति संरक्षक राजनीति के चलते सब कुछ ठहर गया है। बल्कि कहें कि उसी दौर में पहुंच रहे हैं जो अंग्रेजों के यहां आने के वक्तअठारवी सदी में कायम था। जातिवाद को हटाने में सबसे बड़ी भूमिका शिक्षा की है। आधुनिक तर्कशील, वैज्ञानिक सोच पैदा करने वाली। शिक्षा को अलग न समझा जाए। इससे हर नागरिक, वर्ग समुदाय जुडा़ है। वह चाहे राजनीतिज्ञ, मंत्री कार्यपालिका की भूमिका में है या माँ बाप शिक्षक ,प्राचार्य, लेखक, वैज्ञानिक पत्रकार, पुरोहित मुल्ला की । धर्म की भूमिका को बदलना होगा और यह सिर्फ दीवारों पर टांगने से संभव नहीं होगा माना प्रथम प्रधानमंत्री को एक वैज्ञानिक दृष्टि पाने का श्रेय जाता है लेकिन समाज में उसे नहीं उतार पाये तो कुछ जिम्मेदारी तो बनती ही है। लेकिन अपराध हमारा भी कम नहीं है कब तक आप मनुस्मृति, शताब्दियों तक हुए शोषण अंग्रेजी या मुस्लिम राज को कोसते रहोगे? कांग्रेस या पुरानी सत्ताओं से बदला लेने की भावना भी उदे्दश्य से भटकना है। जातिवाद को सिर्फ आरक्षण के आइने में देखना या दिखाना और सिर्फ सत्ता की खातिर सतत विमर्श भी घोर अपराध की श्रेणी में आता है। नये भारत को नयी पीढ़ी के सपनों आकांक्षाओं से समझने की जरूरत है। क्या जातियुक्त समाज आधुनिक भारत कहलाने का अधिकारी है? हाल ही में घोषित सिविल सेवा परीक्षा में एक बेटी ने टॉप करके पूरे भारतीय समाज को कई संदेश एक साथ दिए हैं कि बेटी वह सब कुछ कर सकती है जो एक बेटा। उसे बराबरी ,आजादी चाहिए पढ़ने की, आगे बढ़ने की। जब उसकी जाति का प्रश्न भी कुछ स्वार्थी धर्मांध जातिवादियों ने उठाया तो उसको जबाव भी ऐेसे सभी जातिवादियों के लिए तमाचा था। उसका कहना था कि मैं जाति के लिए नहीं देश, समाज के लिए काम करूंगी। टीना की आवाज़ आधुनिक नए भारत की आवाज, पहचान बन सकती है। वशर्ते कि हम सब जाति की मानसिकता से पहले स्वयं मुक्त हो, फिर समाज, व्यवस्था और सत्ता को भी मुक्ति दिलाने में मदद करें। प्रेमचंद , जगदीश चंद, स्वदेश दीपक ओम प्रकाश बाल्मिकी, संजीव की तरह कथा उपन्यास लिखे, फंड्री, चोरंगा जैसी फिल्में बनाये और नरेन्द्र दाभोलकर की तरह सभी कूप मंडूकताओं के खिलाफ लड़ें। आधुनिक ज्ञान, तकनीक, चेतना, वैश्वीकरण सब मौजूदा वक्त में हमारे साथ हैं। जातिवाद का राक्षस बचकर कहां जाएगा ?
बिहार बोर्ड इंटर रेसल्ट २०२२: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से इंटरमीडिएट के जितने भी विद्यार्थी २०२२ में इंटर की परीक्षा दिए थे उन सभी विद्यार्थी का रिजल्ट बिहार बोर्ड जारी करने जा रही हैको मूल्यांकन समाप्त कर टॉपर सत्यापन की जांच आज से पटना में बोर्ड ऑफिस बुलाकर इंटरव्यू की प्रक्रिया किया गया है जिसमें मुजफ्फरपुर से १० स्टूडेंट टॉपर सत्यापन में शामिल हुए थे और भी अलग-अलग जिला से टॉपर का सत्यापन और उनका प्रैक्टिकल कॉपियों की जांच दोबारा से किया जा रहा है। इंटरमेडियाते का रेसल्ट कब आएगा २०२२ इंटर का रिजल्ट कब आएगा सभी विद्यार्थी को मन में सवाल है इंटरमीडिएट का रिजल्ट कब आएगा। इंटर का रिजल्ट कब आएगा साथ ही रिजल्ट कैसे चेक करना है पूरी प्रक्रिया इस पोस्ट के माध्यम से बताया गया है इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ें। बिहार बोर्ड १२त रेसल्ट दते २०२२: इंटरमीडिएट की जितने भी विद्यार्थी परीक्षा दिए थे उन सभी विद्यार्थी का कॉपियों का मूल्यांकन समाप्त कर टॉपर सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है इंटर का रिजल्ट कब आएगा(बिहार बोर्ड इंटर रेसल्ट कब तक आयेगा) इसके लेकर बिहार बोर्ड की ओर से ऑफीशियली जानकारी दिया गया उम्मीद जताई जा रही है कि १७ मार्च तक रिजल्ट को घोषित किया जाएगा क्योंकि टॉपर सत्यापन की प्रक्रिया मे पिछले साल के अनुसार १ से २ दिन समय लगता है उसके बाद रिजल्ट को घोषित किया जाता है इस साल भी बिहार बोर्ड पिछले साल के अनुसार रिकॉर्ड तोड़ रिजल्ट देने जा रहा है क्योंकि पिछले साल २6 मार्च को इंटर का रिजल्ट जारी किया गया था और इस बार १७ मार्च को बिहार बोर्ड के द्वारा होली से पहले रिजल्ट जारी कर इतिहास बनाएगा। १२त रेसल्ट चेक लिंक २०२२: इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस साल १६ लाख ४८ हज़ार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे उन सभी विद्यार्थियों को कॉपियों का मूल्यांकन २६ फरवरी से लेकर ८ मार्च तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था और १३३ मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे जिसमें १५ हज़ार से अधिक शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए लगाए गए थे जो अपने निर्धारित बिहार बोर्ड के समय पर कॉपियों का मूल्यांकन पूरा किया और सही तरीका से जांच कर रिकॉर्ड कायम किया इस साल बिहार बोर्ड पूरे भारत का पहला बोर्ड बना जो इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी करेगी और साथी साथ परीक्षा फरवरी माह में करवाई है के अनुसार अभी परीक्षा का डेट आया है और बिहार बोर्ड परीक्षा लेकर रिजल्ट भी दे दिया दिया है। इस साल कितना % रिजल्ट आएगा? बिहार बोर्ड से जितने भी विद्यार्थी इंटर की परीक्षा दिए हैं उन सभी विद्यार्थियों का रिजल्ट जारी होगा। इंटर का रिजल्ट कैसा आएगा २०२२ सभी विद्यार्थी का मन में सवाल है। २०२१ में साइंस और कॉमर्स में मिलाकर ७८.८% रिजल्ट को जारी किया गया था इस साल भी अमित जताई जा रही है ८5% के आसपास रिजल्ट कब घोषित किया जाएगा बिहार और लगातार अपने रिजल्ट में सुधार करता है।
अंड्रॉयड १२ अंड्रॉयड के लिए एक बिल्कुल नया डिज़ाइन लेकर आया, और यह आवश्यक रूप से ऐसा डिज़ाइन नहीं था जो सभी के साथ प्रतिध्वनित हो। मैं इसका प्रशंसक था, लेकिन बड़े बटन और पेस्टल रंग दुनिया के सबसे बड़े ऑपरेटिंग सिस्टम से हटकर थे। एंड्रॉइड १३ डिजाइन की उस दिशा को मजबूत करता है, कम से कम अब तक, यह एक बहुत ही मामूली पुनरावृत्ति सुधार है। यदि आप अपने स्मार्टफोन पर अंड्रॉयड १३ को आज़माना चाहते हैं, तो आप अपने गूगल पिक्सेल डिवाइस पर अंड्रॉयड १३ कैसे स्थापित करें, इस बारे में हमारी मार्गदर्शिका देख सकते हैं। यह बहुत पहले विकास पूर्वावलोकन है, जिसका अर्थ है कि यह न केवल संभावित छोटी गाड़ी है, बल्कि यह केवल नई सुविधाओं की शुरुआत है। गूगल को उम्मीद है कि अंतिम रिलीज़ इस साल के अंत में आएगी, जिसका अर्थ है कि अभी और इसके अंतिम रिलीज़ के बीच कई महीनों के बदलाव होने जा रहे हैं। यदि आपने कभी गूगल पिक्सेल स्मार्टफोन का उपयोग नहीं किया है, तो शायद आपको पता नहीं है कि एंड्रॉइड १२ वास्तव में एओएसपी में कैसा दिखता है, कम एंड्रॉइड १३। यदि आपने गूगल पिक्सेल स्मार्टफोन का उपयोग किया है, तो एंड्रॉइड १३ एक नज़र में पूरी तरह से अलग नहीं है अंड्रॉयड १२. ध्यान दें कि जबकि गूगल पिक्सेल्स नंगे आओस्प पर नहीं चलते हैं, वे बहुत समान दिखते हैं। सूचनाओं को गोल किया जाता है, त्वरित सेटिंग्स को समान संख्या में टैप करने योग्य आइकन में विस्तारित किया जाता है, और सेटिंग ऐप समान रहता है। एकमात्र वास्तविक परिवर्तन जो मैंने देखा है वह मीडिया प्लेयर में वॉल्यूम स्लाइडर की शुरूआत है जिसे आउटपुट होने वाले वर्तमान डिवाइस पर ले जाया जा सकता है। यहां तक कि डायलर, गूगल संदेश और फ़ाइलें ऐप के रूप में पहले से लोड किए गए ऐप्स सभी एक जैसे दिखते हैं। नया फोटो पिकर एपीआई गूगल के पहले से मौजूद दस्तावेज़ पिकर का विस्तार है। यह डिवाइस पर दस्तावेज़ों का चयन करने के लिए एंड्रॉइड सिस्टम का लाभ उठाकर काम करता है, जिसे बाद में उपयोग में आने वाले ऐप के साथ चुनिंदा रूप से साझा किया जाता है, बजाय इसके कि ऐप में डिवाइस पर ही फाइलों तक व्यापक स्टोरेज एक्सेस हो। कोई स्टोरेज एक्सेस नहीं था, लेकिन एंड्रॉइड सिस्टम द्वारा एक फोटो का चयन किया जा सकता है और एक ऐप के साथ चुनिंदा रूप से साझा किया जा सकता है। वर्तमान में, यदि आप किसी मित्र को सीधे ऐप के माध्यम से एक फोटो भेजना चाहते हैं, तो आपकी पूरी फोटो लाइब्रेरी को उस ऐप के साथ साझा करना होगा। वहां से, ऐप आपकी सभी तस्वीरों को सूचीबद्ध करता है, और आप एक का चयन करते हैं और इसे भेजने के लिए चुनते हैं। अब, तस्वीरें एंड्रॉइड सिस्टम द्वारा सूचीबद्ध की जाती हैं, और केवल आपके द्वारा चुनी गई तस्वीर को ऐप के साथ साझा किया जाता है। यह उस समग्र पहुंच को कम करता है जो किसी ऐप की आपकी फोटो लाइब्रेरी तक होती है। गूगल ने कलर करेक्शन क्विक सेटिंग, वन-हैंड मोड क्विक सेटिंग और क्यूआर कोड क्विक सेटिंग भी जोड़ी है। वन-हैंड मोड और क्यूआर कोड स्कैनर अभी तक काम नहीं करते हैं, और बाद का कारण यह है कि इसे टैप करने की क्रिया के लिए एक संगत ऐप को असाइन नहीं किया गया है। रिपोर्टों से पता चलता है कि एडीबी के माध्यम से इस त्वरित सेटिंग टाइल में उपयोग के लिए अपना खुद का ऐप सेट करना संभव है, लेकिन मैं इसे काम करने में असमर्थ था। अंड्रॉयड १३ में बहुत सारे उपयोगकर्ता-संबंधी परिवर्तन नहीं हैं, लेकिन यह दिखाने के लिए पर्याप्त हैं कि गूगल इसे किस दिशा में ले जाना चाहता है। अंड्रॉयड १२ का डिज़ाइन, जैसा कि अपेक्षित था, यहाँ रहने के लिए है, और यह केवल गूगल है जो उस डिज़ाइन को अंड्रॉयड के भविष्य के रूप में मजबूत कर रहा है। मैं इन परिवर्धनों का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं क्योंकि ये सभी हमारे पास पहले से मौजूद किसी चीज को हटाए बिना कार्यक्षमता जोड़ते हैं। स्पष्ट होने के लिए, ये सभी परिवर्तन जिन्हें हमने यहां प्रलेखित किया है, वे दृश्य परिवर्तन हैं। भविष्य में आने वाले कई अन्य सुधार हैं, जैसे कि आसान उपयोगकर्ता खाता स्विचिंग, एक ग्बोर्ड जैसी क्लिपबोर्ड ऑटो-क्लियर सुविधा, और बहुत कुछ। हम भविष्य में किसी भी और बदलाव पर नज़र रखेंगे, और हमें यह बताना सुनिश्चित करें कि आप टिप्पणियों में अंड्रॉयड १३ के बारे में क्या सोचते हैं! "शाहिद अंसारी एक प्रतिष्ठित कंपनी में वेब डिज़ाइनर हैं और पार्ट टाइम ब्लॉगर हैं जो नवीनतम तकनीकों पर ब्लॉग / लेख लिखते हैं। अपने शिक्षाविदों में, उन्होंने २०१७ में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में एमएससी (म.स्क.) किया है।"
यह विश्व का एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है| दिसम्बर २००७ में रूपर्ट मर्डोक की कम्पनी न्यूज़ कॉर्पोरेशन ने इसका अधिग्रहण डो जोन्स और कम्पनी से किया था। तब से अखबार के भविष्य और इसके सम्पादकीय सामग्री को लेकर काफ़ी अटकलें लगायी जाती रही हैं और तब से अखबार ने निश्चित रूप से कुछ हद तक मध्यममार्गी से दक्षिणपंथी पथ ले लिया है। उदाहरण के लिये। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, २००८ में यह उन चंद अखबारों में था जिन्होनें राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन प्रत्याशी जॉन मैक्केन का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काफ़ी हद तक समर्थन किया था। भूमंडलीय ऊष्मीकरण के बारे में उन वैज्ञानिकों को अखबार में लगातार जगह मिलती है जो इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि यह मानवजनित है। मार्च २०१० में इसके पाठकों की संख्या बीस लाख दस हजार के करीब थी, जिसमें करीब चार लाख ऑनलाइन पाठक भी शामिल हैं।
सरकार द्वारा पिछले सप्ताह निजी कंपनियों को सार्वभौमिक सेवा दायित्व (यूएसओ) के अंतर्गत लाने के बावजूद रविवार को भी देश भर में पेट्रोल पंपों में कमी नजर आई। जहां पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक मुख्य रूप से प्रभावित हुए थे, वहीं दूसरी ओर अब तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कश्मीर और अन्य राज्यों से भी ईंधन की कमी की खबरें आ रही हैं। जियो-बीपी और नायरा एनर्जी जैसी निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग के संगठन - फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफआईपीआई) ने यह कहते हुए सरकार से संपर्क किया है कि घाटा निजी कंपनियों की आगे निवेश और विस्तार करने की क्षमता को सीमित कर देगा। एफआईपीआई ने कहा था कि दामों में संशोधन नहीं होने की वजह से कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर २० से २५ रुपये और पेट्रोल पर प्रति लीटर १४ से १८ रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। उद्योग के सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) में अब औसत दैनिक आपूर्ति में २० प्रतिशत का इजाफा देख रहा है। डीलरों द्वारा शिकायतों के संबंध में पूछे जाने पर सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीलरों द्वारा की गई सभी निष्पादन योग्य मांग को क्रियान्वित किया जा रहा और सभी आपूर्ति स्थलों पर पर्याप्त उत्पाद उपलब्ध हैं। मांग में इस इजाफे को पूरा करने के लिए स्थलों पर सामान्य कामकाजी घंटों से ज्यादा काम किया जा रहा है। कृषि गतिविधियों के कारण सीजन संबंधी उछाल की वजह से मांग में वृद्धि हुई है। पर्यटन पूरे जोरों पर है और पर्यटन स्थलों में बिक्री रिकॉर्ड शीर्ष स्तर पर है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस साल १ से १6 जून के बीच डीजल और पेट्रोल की बिक्री में क्रमशः ४४ प्रतिशत और ४२ प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अधिकारी ने कहा कि 'इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि निजी तेल कंपनियों के पास बाजार में बड़ा खुदरा नेटवर्क मौजूद है और निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर कमी/अधिक दामों की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों वाली तेल विपणन कंपनियों की ओर पेट्रोल और डीजल दोनों की ही मात्रा में खासा स्थानांतरण हुआ है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर राज्य में पेट्रोल और डीजल की नियमित आपूर्ति की मांग की। उन्होंने कहा कि करीब चार से पांच दिनों के बफर स्टॉक की तुलना में राज्य में पेट्रोल पंपों पर अभी केवल एक दिन का ही स्टॉक नजर आ रहा है। उन्होंने कृषि क्षेत्र को आपूर्ति के संबंध में भी चिंता जताई है। पिछले सप्ताह सरकार ने सार्वभौमिक सेवा दायित्वों (यूएसओ) का विस्तार निजी क्षेत्रों के लिए भी कर दिया था। इसके जरिये पेट्रोल पंपों को निर्दिष्ट कार्य घंटों पर और उचित मूल्य पर आपूर्ति बनाए रखनी होगी। मीडिया की खबरों और सूत्रों के मुताबिक रविवार को ईंधन उपलब्ध कराने वाले निजी पेट्रोल पंप, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों वाले पेट्रोल पंपों की तुलना में अधिक कीमत पर उपलब्ध करा रहे थे। ईंधन के दाम २१ मई से अपरिवर्तित रहे हैं, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में प्रति लीटर आठ रुपये और डीजल पर प्रति लीटर छह रुपये कटौती की घोषणा की थी। केय्वॉर्ड: निजी तेल कंपनियां, यूएसओ, पेट्रोल पंप, ईंधन खुदरा विक्रेता, एफआईपीआई,
देश के दिवंगत दार्शनिक संत स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित फिल्म 'द लाइट : स्वामी विवेकानंद' के निर्माता जगदीश मिश्रा और शिक्षाप्रद फिल्में बनाना चाहते हैं। जगदीश ने आईएएनएस से कहा, "मेरा इरादा है कि मैं मजबूत सामाजिक संदेश वाली अच्छी शिक्षाप्रद फिल्में बनाऊं जिनसे समाज का उत्थान हो सके।" उनका कहना है कि नई पीढ़ी के फिल्म निर्माता पश्चिमी फिल्मों की नकल करने में व्यस्त हैं यही मुख्य कारण है कि उन्होंने ऐसा निर्णय लिया। जगदीश ने कहा, "तलाश करने के लिए यहां बहुत सी चीजें हैं। नई पीढ़ी द्वारा पश्चिमी संस्कृति और जीवनशैली का अनुसरण करने के कारण भारतीय समाज से भारत की बहुमूल्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है।" 'द लाइट : स्वामी विवेकानंद' का निर्देशन उत्पल (टूटू) सिन्हा ने किया है। दीप भट्टाचार्य ने फिल्म में मुख्य किरदार निभाया है। मकर संक्रांति २०२० में १५ जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।
इलेक्ट्रिसिटी बिजली बिल : बिजली बिल को लेकर सरकार द्वारा बहुत से प्रयत्न किए जा रहे है, जिससे बहुत से भारत के नागरिको को बिल के रेट और बिजली के बिल को भरने मे काफी ज्यादा समस्या का सामना करना पड रहा है, बिजली के बिले को लेकर बहुत सी लाखो समस्याए है, जो बहुत ही ज्यादा परेशानी खडी कर देती है, ऐसे मे सरकार द्वारा अभी हाल ही मे कुछ जरुर बदलाव किए है, जिसे नीचे प्रस्तुत कर रहे है, अगर आप बिजली बिल जमा करते है, तो आपको इसकी जानकारी होनी बहुत ही ज्यादा जरुरी है। बिजली बिल को लकेर अभी हाल ही मे कई राज्यो मे बडे बदलाव देखने को मिले है, जिसमे अभी उत्तर प्रदेश मे ३०० यूनिट के बाद ७ रुपये यूनिट के हिसाब से दर लागू करनी चाहती है, ऐसे मे इसकी सुनवाई चल रही है, कंपनियो के बढते घाटे और अत्यधिक लोड के कारण रिकवरी मे काफी समस्या आ रही है, और बिजली चोरी जैसी समस्याओ का निजाद पाने के लिए सरकार दिन प्रतिदिन बडे बदलाव करती दिख रही है। दिल्ली मे बिजली बिल पर सब्सिडी पर बहुत बडी अपडेट जारी की गई है, जिसे बताया जा रहा है की दिल्ली सरकार द्वारा सब्सिडी को बद कर दिया जाएगा। उपलब्ध यह सुविधा केवल उन्ही लोगो को मिलेगी जो इसके लिए आवेदन देगे। इसके लिए अगर आपको यह सुविधा का फायदा उठाना है, तो आज ही इसके लिए आवेदन करें।
आयोक्ल भर्ती २०२२: इंडियन ऑयल अंतिम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्रों, अंतिम वर्ष के एमबीए छात्रों, चार्टर्ड एकाउंटेंट, आईटी पेशेवरों, प्रथम श्रेणी के पेशेवर डिग्री धारकों और प्रासंगिक विषयों से स्नातकोत्तर के लिए एक महान नौकरी कैरियर के अवसर प्रदान करता है, इंजीनियर प्रशिक्षुओं, प्रबंधन प्रशिक्षुओं के रूप में भर्ती किया जाता है। लेखा अधिकारी, प्रयोगशाला अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, प्रणाली अधिकारी, संचार अधिकारी और वैज्ञानिक आदि। आयोक्ल सार्वजनिक क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों में से एक है, इसके नियमित रूप से भारत में ६०० से अधिक स्थानों पर विभिन्न स्तरों के लिए योग्य भारतीय उम्मीदवारों की भर्ती की जाती है, जिसमें रिफाइनरी, पाइपलाइन, टर्मिनल, एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, बल्क स्टोरेज टर्मिनल, एविएशन जैसी मार्केटिंग इकाइयां शामिल हैं। ईंधन स्टेशन, खुदरा/उपभोक्ता/लुब्रिकेंट बिक्री, और प्रवेश स्तर पर अनुसंधान एवं विकास केंद्र पर। आईओसीएल के बारे में क्या? इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आयोक्ल) एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, यह भारत की सबसे बड़ी वाणिज्यिक तेल कंपनी है। इंडियनऑयल एक सरकारी स्वामित्व वाली तेल और कंपनी है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। आयोक्ल कंपनी में नौकरियां क्या हैं? इंडियनऑयल नए और अनुभवी इंजीनियरिंग पेशेवरों, स्नातकों, प्रशिक्षुओं और अन्य पेशेवरों दोनों के लिए विभिन्न स्तरों की नौकरियों की पेशकश करता है। प्रबंधक स्तर के पद। आईओसीएल भर्ती २०२२ कैसे लागू करें? आईओसीएल भर्ती की चयन प्रक्रिया क्या है? मैं आयोक्ल अपरेंटिस २०२२ कैसे प्राप्त करूं? फ्रेशर उम्मीदवार, जिन्होंने आईटीआई / एनसीटीसी, डिप्लोमा और इंजीनियरिंग स्नातक पास किया है, वे आईओसीएल अपरेंटिसशिप जॉब्स के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। तकनीशियन अपरेंटिस: मान्यता प्राप्त संस्थान / विश्वविद्यालय से संबंधित इंजीनियरिंग विषय में ०३ साल का डिप्लोमा सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम ५०% अंकों के साथ और आरक्षित पदों के खिलाफ एससी / एसटी उम्मीदवारों के मामले में ४५%। ट्रेड अपरेंटिस: एनसीवीटी / एससीवीटी से संबंधित ट्रेड में पूर्णकालिक नियमित आईटीआई। ट्रेड अपरेंटिस (गैर तकनीकी): सामान्य, ओबीसी के लिए न्यूनतम ५०% अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातक डिग्री (स्नातक) और एससी, एसटी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए ४५% अंक। क्या आयोक्ल केंद्र सरकार की नौकरी है? आयोक्ल भारत सरकार के स्वामित्व वाली प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी और भारत में सबसे बड़ी वाणिज्यिक तेल कंपनी है। आयोक्ल नौकरियां केंद्र सरकार की नौकरियों के बराबर हैं, लेकिन प्रत्यक्ष संघ सरकार की नौकरियां नहीं हैं। आयोक्ल नौकरियों को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों प्सू जॉब्स के तहत वर्गीकृत किया गया है।
जानसठ। सीएचसी प्रभारी डॉ अशोक कुमार के निर्देशन में क्षेत्र के गांव राजपुर कला में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। मेले में चिकित्सकों ने ५० मरीजों को चेकअप के बाद दवाई का वितरण किया। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर प्रत्येक रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की मंशा यही है कि इस माध्यम से अधिक से अधिक लोगों के बीच स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे और स्वास्थ्य सेवाओं का सभी लोगों को लाभ प्राप्त हो। स्वास्थ्य मेले में डॉक्टर अशोक बालियान, डॉक्टर विपुल तोमर, एएनएम प्रेमवती, स्टाफ नर्स मोहम्मद शादाब, स्वास्थ्य कर्मी आशा प्रीति, आशा डोली और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीजों को ब्लड प्रेशर, शुगर, खांसी, दमा, दर्द, बुखार और दस्त से संबंधित बीमारियों की दवाई उपलब्ध कराई*। अनोखा मामला देश की राजधानी से महज १२० किमी दूर स्थित मुजफ्फरनगर शहर से सामने आया है, जहां शादी के मौके पर दहेज की जमकर नुमाइश की गई। इसके लिए विवाह स्थल के मेन गेट पर बाकायदा एक बैनर भी लगाया गया, जिसमें कार के लिए दी जा रही पूरी रकम की जानकारी दी गई। इतना ही नहीं बैनर पर ना केवल दूल्हा-दुल्हन का नाम प्रिंट कराया गया, बल्कि दूल्हे का फोटो तक लगा दिया गया। अब ये फोटो सोशल मीडिया पर पूरी तरह से वायरल हो रहा है और इस पूरे मामले की जमकर छीछलेदर भी हो रही है। पुरानी घास मंडी का है मामला दरअसल ये पूरा मामला सिविल लाइन थाना इलाके की पुरानी घास मंडी का है। जहां आफताब मैरिज हॉल के नाम से बैंकट है। २८ फरवरी को दिलनवाज़ और सीमा सलमानी का इसी बैंकट हॉल में निकाह हुआ है। लड़की पक्ष ने अपनी हैसियत के हिसाब से खूब दान-दहेज दिया है, जिसमें कार के लिए नकद रकम भी दी गई है। लड़की पक्ष ने लगवाया बैनर??? लड़की पक्ष की तरफ से कार ना देकर साढ़े सात लाख रुपये नकद दूल्हे पक्ष को बतौर दहेज दिया गया। लोगों के बीच अपना दिखावा करने की होड़ में लड़की पक्ष ने कुछ ऐसा कारनामा कर डाला कि अब उसकी जमकर जग-हंसाई हो रही है।
मुजफ्फरनगर में अपहरण,बलात्कार व एस सी एस टी एक्ट के मामले में एक आरोपी को क्लीन चिट दे दी है।अभियोजन पक्ष इस मामले में आरोपी के विरुद्ध न्यायलय मे सबूत नहीं जुटा पाया। जिसके चलते न्यायालय ने एफ आई आर मे नामजद एक आरोपी को मुक़दमे से बरी कर दिया। इस मामले में कुछ साक्ष्य ऐसे थे जो इस घटना की पुष्टि नहीं कर पा रहे थे। इस मामले की सुनवाई कोर्ट नम्बर २ जमशेद अली एस सी एस टी के समक्ष हुई। जहां आरोपी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने न्यायालय को बताया कि इस घटना को लेकर काफ़ी विरोधाभास है। वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद की जबरदस्त पैरवी के चलते शासकीय अधिवक्ता व अभियोजन पक्ष के प्रयास विफल हुए। जिसमे अपहरण के बाद बलात्कार व एस सी एस टी एक्ट का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस द्वारा ३६३ ३७६ ५०६ आईपीसी व ३(२) ५ एस सी एस टी एक्ट धाराओं मे चार्जशीट दाखिल की गई थी। लेकिन न्यायालय में यह मुकदमा साबित नहीं हो पाया। जिससे चलते न्यायलय एस सी एस टी ने आरोपी को बरी कर दिया है।"" अनोखा मामला देश की राजधानी से महज १२० किमी दूर स्थित मुजफ्फरनगर शहर से सामने आया है, जहां शादी के मौके पर दहेज की जमकर नुमाइश की गई। इसके लिए विवाह स्थल के मेन गेट पर बाकायदा एक बैनर भी लगाया गया, जिसमें कार के लिए दी जा रही पूरी रकम की जानकारी दी गई। इतना ही नहीं बैनर पर ना केवल दूल्हा-दुल्हन का नाम प्रिंट कराया गया, बल्कि दूल्हे का फोटो तक लगा दिया गया। अब ये फोटो सोशल मीडिया पर पूरी तरह से वायरल हो रहा है और इस पूरे मामले की जमकर छीछलेदर भी हो रही है। पुरानी घास मंडी का है मामला दरअसल ये पूरा मामला सिविल लाइन थाना इलाके की पुरानी घास मंडी का है। जहां आफताब मैरिज हॉल के नाम से बैंकट है। २८ फरवरी को दिलनवाज़ और सीमा सलमानी का इसी बैंकट हॉल में निकाह हुआ है। लड़की पक्ष ने अपनी हैसियत के हिसाब से खूब दान-दहेज दिया है, जिसमें कार के लिए नकद रकम भी दी गई है। लड़की पक्ष ने लगवाया बैनर??? लड़की पक्ष की तरफ से कार ना देकर साढ़े सात लाख रुपये नकद दूल्हे पक्ष को बतौर दहेज दिया गया। लोगों के बीच अपना दिखावा करने की होड़ में लड़की पक्ष ने कुछ ऐसा कारनामा कर डाला कि अब उसकी जमकर जग-हंसाई हो रही है।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पौड़ी के श्रीकोट में अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कराते हुए अंकिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पौड़ी जनपद अंतर्गत श्रीनगर के डोभ श्रीकोट गांव पहुँचे और अंकिता के परिजनों से भेंट कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मामले की जांच को डीआईजी पी.रेणुका देवी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई है जिसने अपनी जांच प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड के तीनों आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और जांच में जिन भी लोगों की भूमिका संदेह के दायरे में है उन पर भी कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की धनराशि भी प्रदान की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, स्प यशवंत सिंह चौहान, सम आकाश जोशी आदि भी उपस्थित रहे।
यूक्रेन और श्री लंका में जो हालात हैं उन्हें देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि जिस तरह रूस ने यूक्रेन पर अटैक किया है और उसके कुछ इलाकों पर अपना दावा किया है, वैसा ही भारत के खिलाफ चीन भी कर सकता है। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने यह बात कही। राहुल गांधी ने कहा कि ठीक यही सिद्धांत चीन भारत पर लागू करना चाहता है। वह कहता है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश भारत के हिस्से नहीं हैं और उसने इन इलाकों के पास अपनी सेना को तैनात कर रखा है। सरकार उसकी इन हरकतों को नजरअंदाज कर रही है। लेकिन हमारे पास रूस और यूक्रेन के तौर पर एक मॉडल है। यह यहां भी लागू हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रही है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे सच्चाई को स्वीकार कर लें और उसके मुताबिक तैयारियां शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि यदि हम तैयारी नहीं करेंगे तो फिर स्थितियां बिगड़ने पर हम किसी लड़ाई के लिए सक्षम नहीं होंगे। राहुल गांधी ने भारत के हालात की तुलना श्री लंका से की। उन्होंने कहा कि बीते २ से ३ सालों में मीडिया, संस्थानों, भाजपा नेताओं और आरएसएस ने सच्चाई को छिपाया है। धीरे-धीरे सच सामने आएगा। आज जो श्री लंका में हो रहा है, वहां सच सामने आ गया है। भारत में भी सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने कहा कि आखिर अंतर क्या है? भारत को अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया है। पहले यह एक राष्ट्र हुआ करता था, लेकिन उन्होंने अब अलग-अलग देश इसके अंदर बनाने की कोशिश की है। इन सभी को एक-दूसरे के सामने खड़ा किया जा रहा है। जब यह होता है तो फिर हिंसा होती है। भले ही आज मुझे पर भरोसा न किय़ा जाए, लेकिन २ से ३ साल के इंतजार के बाद यह नज़र आएगा।
क्ग न्यूज : रायगढ़। कलेक्टर रानू साहू ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सड़क निर्माण कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा की सड़क निर्माण में गति के साथ गुणवत्ता में विशेष ध्यान रखा जाए। जिले में पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। सड़क के विभिन्न स्तरों में किए जाने वाले निर्माण कार्यों की जानकारी ली। जिसमें खरसिया से छाल मार्ग, हाटी से धरमजयगढ़, पत्थलगांव से धरमजयगढ़ मार्ग, इसी प्रकार रायगढ़ से धरमजयगढ़ अंतर्गत धर्मजयगढ़ से जामपाली मार्ग, जामपाली से घरघोड़ा, घरघोड़ा से पूंजीपथरा, पूंजीपथरा से रायगढ़, छाल से घरघोड़ा व घरघोड़ा से लैलूंगा तक विभिन्न सड़क मार्गों के कार्यों की समीक्षा किये। उन्होंने सभी ठेकेदारों और अभियंता को प्रतिदिन के कार्यों को सुनिश्चित के निर्देश दिए। इस दौरान खरसिया से छाल एवं छाल से हाटी मार्ग में सड़कों के निर्माण कार्यों में लापरवाही पर उप अभियंता राजेंद्र कौंशिल एवं डी.एस.चौहान को कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर राजीव पाण्डेय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसी प्रकार उन्होंने एडीबी के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने करुभाटा, रक्सापाली, कछार तारापुर, पुटकापाली, सूपा, धरमजयगढ़, कापू, बाकारूमा जैसे विभिन्न मार्गो की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा की सभी सड़क निर्माण कार्यों में मजदूरों की संख्या में वृद्धि की जाए, जिससे कार्यों में आवश्यक प्रगति से हो सके। इस दौरान उन्होंने सड़क निर्माण में दिक्कत पर संबंधित अधिकारियों को एसडीएम की जानकारी में देने एवं आपसी समन्वय के माध्यम से समस्या को हल करने के निर्देश दिए। जिससे सड़क निर्माण के कार्यों में किसी प्रकार का अवरोध न हो। इसी प्रकार सड़क निर्माण के दौरान आवागमन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
बिहार की धरती पर २०२४ के लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने सीधे तौर पर नीतीश-लालू को निशाने पर लिया। बोले- नीतीश कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे और लालू को धोखा देंगे। पिछले दस सालों में नीतीश कुमार लोगों को बार-बार इस बात का भरोसा दिलाते रहे हैं कि वे बाढ़ से तबाह कोशी क्षेत्र को एक समृद्ध क्षेत्र में बदल देंगे। सीमांचल में एमआईएम, बीजेपी की बी-टीम, युवा आकांक्षाओं की प्रतीक या कुछ और! सीमांचल के इलाके में एमआईएम का भविष्य क्या है? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए पुष्यमित्र ने इस इलाके के लोगों का मन टटोला। बिहार : नागरिकता संशोधन बिल के बाद क्या ब्जप सीमांचल में खेलने जा रही है न्र्च कार्ड? मुस्लिम बहुल क्षेत्र में २३ विधानसभा सीटें हैं। लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले एनआरसी के मुद्दे पर फिलहाल एनडीए बंटा हुआ दिखाई देता है।
गेहूं की फसल में सिंचाई एवं परवर्क प्रबंधन की जानकारी होना बहुत जरूरी है। गेंहू की फसल में उचित समय पर सिंचाई नहीं करने के कारण पैदावार में कमी आती है। इसके साथ ही फसल में सही समय पर एवं सही मात्रा में उर्वरकों की पूर्ति करने से हमें उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है। अगर आप भी कर रहे हैं गेहूं की खेती तो फसल में पहली सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस वीडियो को ध्यान से देखें। यदि आपको इस वीडियो में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दिया। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी के नाम का भी ऐलान किया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में लिखा कि नई पार्टी का नाम पंजाब लोक कांग्रेस है। पंजीकरण चुनाव आयोग के पास अनुमोदन के लिए लंबित है। पार्टी के चिह्न को बाद में मंजूरी दी जाएगी। आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपमानित महसूस करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की इनसे भी नहीं बनती है और समय-समय पर वो विवादित बयान देते रहते हैं। अपनी महत्वकाक्षाओं के चलते नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसके बाद पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया था कि वो नवजोत सिंह सिद्धू को न तो प्रदेश कांग्रेस प्रमुख का पद देना चाहते हैं और न ही उपमुख्यमंत्री का। इसके बावजूद कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू की पीठ थपथपाई और उन्हें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी। फिर भी मामला नहीं थमा और अंतत: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब आगामी चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि वो किसी भी हालत में सिद्धू को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे और उन्होंने सिद्धू को सुरक्षा लिहाज से खतरा भी बताया था।
नई दिल्ली हवाई अड्डे पर पत्रकारों ने जब बेनामी संपत्ति और घोटालों के बारे में उनसे सवाल किया तो वो भड़क गए और पत्रकारों को डपट दिया। लालू ने गुस्से में मीडियाकर्मियों को भला-बुरा कहा। उन्होंने कहा कि तुमलोग पीएम मोदी से सुपारी लिए हो, उसी की भाषा बोलते हो। जब लालू से पत्रकारों ने पूछा कि उदय लाल चौधरी से क्या संबंध है? गैंगस्टर शहाबुद्दीन से क्या संबंध है तो लालू ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हां, तिहाड़ जेल में बंद मोहम्मद शहाबुद्दीन से मेरी दोस्ती है। लालू यादव से बेनामी संपत्ति और उसकी आयकर विभाग की जांच सहित छापेमारी से संबंधित सवाल किए गए तो लालू यादव का गुस्सा चरम पर पहुंच गया और हमेशा खुश होकर मीडिया के सवालों का जवाब देने वाले लालू यादव मीडियाकर्मियों पर भड़क गए।
काशीपुर। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उदयराज हिन्दू इण्टर कॉलेज प्रांगण पहुँचकर लगभग ११७१०.५० लाख रूपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। जिसमें ३७४१.१० लाख रुपए लागत की ११ योजनाओं का लोकार्पण और ७९६९.४ लाख रुपये लागत की १७ योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने जन समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकास को अन्तिम छोर के व्यक्ति तक पहुॅचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भी कहा है कि तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि विकास यात्रा किसी की व्यक्तिगत यात्रा नहीं है, ये सामूहिक यात्रा है। उन्होंने कहा कि युवा राज्य के युवा सपनों को पंख देने का काम सभी को मिलकर करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की सहयोगी के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने की अगेती प्रजाति के लिए ३५५ और सामान्य प्रजाति के लिए ३४५ रूपये निर्धारित किया है, जोकि २९.५० रूपये प्रति कुन्तल की वृद्धि की है। भाड़ा ११ से घटा कर ९.५० रूपये किया है। २०१६ से बन्द सितारगंज चीनी मिल शुरू कर दी गयी है और काशीपुर चीनी मिल शुरू करने की दिशा में अनुसंधान चल रहा है। औद्योगिक विवादों का खात्मा हो, उद्यमि परेशान न हों, इसके लिए सिंगल विण्डो सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है। औद्योगिक विवादों को वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर निस्तारण के लिए टीम का गठन किया गया है।
वहीं उनके मन्दिर जाने व गोपूजन करनेको लेकर भी उनकी आलोचना की गई । सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई उर्ल काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं। अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है। कुलदेवताका नामजप ज्ञात न होनेपर क्या करें ? अनेक देवी-देवताओंमें कुलदेवताका नामजप क्यों करें ?
मामूली खेती किसानी के कार्य से किसी तरह परिवार की आजीविका चलाने वाली मीना राठौर आज डेयरी उद्योग एवं वायर फेंसिंग कारोबार की जानी पहचानी महिला उद्यमी बन गई हैं। यह सब उन्होंने महिला स्वसहायता समूह से जुड़कर संभव कर पाया है। ग्राम सिवनी की रहने वाली मीना राठौर एक गृहिणी हैं और शादी के पहले वह दसवीं तक ही पढ़ाई कर पाई थीं। शादी के बाद जब वह ससुराल आईं, तो परिवार के हालात ठीक नहीं थे। परिवार आजीविका चलाने के लिए थोड़ी बहुत खेती किसानी पर निर्भर था, जिससे घर का खर्च चलाना मुष्किल था। मीना से यह सब देखा नहीं गया और उन्होंने घर के हालात ठीक करने की ठानी। इसलिए वह पहले स्वसहायता समूह से जुड़ीं और इसके बाद ग्राम संगठन से जुड़ गईं। शुरु में उन्होंने समूह से ४० हजार रुपये कर्ज लेकर खेती किसानी के साथ सब्जी उत्पादन का कार्य शुरु किया। इसकी आमदनी ने उनका उत्साह बढ़ाया और उन्होंने ग्राम संगठन से ६० हजार रुपये उधार लेकर सिलाई एवं जनरल स्टोर का कार्य भी शुरु कर दिया। यह व्यवसाय भी चल पड़ा। अब उन्होंने ग्राम संगठन एवं सी.सी.एल से कर्ज बतौर एक लाख रुपये लेकर डेयरी उद्योग का काम शुरु कर दिया। फिर उन्होंने एक लाख रुपये की राषि की और व्यवस्था कर वायर फेंसिंग कारोबार शुरु कर दिया। हालांकि समय ना दे पाने की वजह से उन्हें जनरल स्टोर बंद करना पड़ा। मगर उनके अन्य व्यवसाय तेजी से चल पड़े। जिससे रोजाना उनकी आमदनी बढ़ती चली गई। आज वह अपने सभी व्यवसायों से हर महीना पच्चीस हजार रुपये कमा रही हैं। मीना ने बीच में छूटी पढ़ाई भी शुरु कर दी और आज वह बी.ए. द्वितीय वर्ष का अध्ययन कर रही हैं। मीना समूह में बुक कीपर का कार्य भी कर रही हैं। उनके परिवार में समृद्धि आते देख गांव की अन्य महिलाएं भी स्वसहायता समूह से जुडऩे में दिलचस्पी लेने लगी हैं। यह सब समूह से जुडऩे का कमाल है कि मीना को गांव में भरपूर मान सम्मान मिलने के साथ-साथ महिला उद्यमी के रूप में भी पहचान मिली है। आज घर का कच्चा मकान पक्के में परिवर्तित हो चुका है। उन्होंने मोटर साइकिल एवं कलर टीवी ले ली है। कृषि कार्य को बढ़ाने हेतु बोरवेल करा लिया है। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होने पर खुषी जताते हुए मीना कहती हैं कि समूह से जुडऩे पर उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई। गांव में मान सम्मान बढ़ा है। अब भविष्य की चिन्ता नहीं रही। म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिषन के जिला परियोजना समन्वयक श्री शषांक प्रताप सिंह ने बताया कि आज महिला स्वसहायता समूह महिला आत्मनिर्भरता का पर्याय बने हुए हैं। इनके जरिए गांव की महिलाएं लगातार स्वावलम्बी बन रही हैं।
गुरुग्राम/पटौदी। जिला गुरुग्राम में बदलते मौसम के साथ कोरोना कोविड-१९ ने भी अपना रंग बदलना शुरू कर दिया है । जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है वैसे ही कोरोना कॉविड १९ के पॉजिटिव केस का आंकड़ा भी ऊपर चढ़ना आरंभ हो गया है । एक दिन पहले १०४ पॉजिटिव केस थे , बीते २४ घंटे के दौरान यह संख्या १८४ तक पहुंच गई है । सीधे शब्दों में गुरुग्राम में पॉजिटिव केस २०० तक पहुंचने में केवल मात्र ६ केस की ही कमी है । इसी बीच बीच में २४ घंटे के दौरान १०१ संक्रमित केस रिकवर भी होने वालों में शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक जिला गुरुग्राम में सिटी और देहात के इलाके को मिलाकर अभी भी ७४२ कोरोना कॉविड १९ के एक्टिव के मौजूद हैं । जबसे कोरोना कॉविड १९ ने जिला में पांव फैलाए हैं तब से लेकर १९ मार्च २०२१ तक ६०३८५ पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं । इनमें से ५९२८३ संक्रमित कोविड-१९ के रिकवर हो चुके हैं । वहीं जिला गुरुग्राम में अभी तक कोविड-१९ के कारण मौत का आंकड़ा ३६० तक पहुंच चुका है । सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले इलाकों में शामिल पटौदी ब्लॉक में बीते २४ घंटे के दौरान एक बार फिर से सात नए कोविड-१९ के पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । वही फरुखनगर ब्लॉक में कोई भी नया के सामने नहीं आया तथा सोहना ब्लॉक में शुक्रवार को दो नए पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले इलाकों में कोविड-१९ के लिए सबसे अधिक साफ्ट टारगेट पटौदी ब्लाक ही बना हुआ है । पटौदी ब्लॉक में अभी तक ४५१३ कोविड-१९ के पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं । पटौदी के साथ लगते फरुखनगर ब्लॉक में पॉजिटिव केस का आंकड़ा ६३६ तक ही ठहरा हुआ है । इसके विपरीत सोहना ब्लॉक में कोविड-१९ के अभी तक २०७१ पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं । बीते २४ घंटे के दौरान जिस प्रकार से करीब ८० नए पॉजिटिव केस एक दिन पहले के मुकाबले शुक्रवार को दर्ज किए गए हैं , यह बढ़ता आंकड़ा निश्चित ही स्वास्थ्य विभाग सहित आम जनमानस के लिए चिंता का कारण बनता दिखाई दे रहा है । ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आम जनमानस का आह्वान किया गया है कि कोविड-१९ से बचाव के लिए मास्क अवश्य पहने । सोशल डिस्टेंस को बनाकर रखें तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अधिक समय तक नहीं ठहाना चाहिए । वही थोड़ी थोड़ी देर में अपने हाथों को भी साबुन से अवश्य साफ करते रहें । कोरोना की बढ़ती संख्या के साथ इसकी चैन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन नए सिरे से रणनीति बनाकर पूरी तरह से सक्रिय होता दिखाई दे रहा है। गब्बर का भी नहीं रहा डर: ठेका सीसी रोड बनाने का या सीवर लाइन डालने का ! आधा दर्जन गांवों की छात्राएं दसवीं के बाद घर बैठने को मजबूर ! रेवाड़ी में कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने वार्ड नंबर २५ में सुनी लोगों की समस्याएं। कहा_देश और प्रदेश का विकास कराने के लिए कांग्रेस को सत्ता में लाएं।
एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक और श्रीनगर की हजरत बल दरगाह के खादिमों के बीच रोचक वार्तालाप ! अंततः दरगाह के खादिम बाहर आये, पूछा, आपको क्या चाहिए ? माथे पर तिलक सजाये संघ प्रचारक जी ने कहा , मैं सनातनी हिन्दू हूँ, मैं न अपना नाम बदलूँगा न अपना पंथ बदलूँगा और न ही मुझे आपकी अरबी, फारसी भाषा आती है पर मैं यहाँ इबादत करना चाहता हूँ, वो भी अपने तरीके से और अपनी भाषा में, तो मेरा प्रश्न है कि क्या मैं यहाँ इबादत कर सकता हूँ? इस पर दरगाह कमिटी के वहां उपस्थित २८ लोग बैठे, आपस में मशवरा करते रहे पर किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पा रहे थे , आखिर संघ प्रचारक उनके पास गए और कहा, मेरा दूसरा प्रश्न ये है कि अल्लाह केवल अरबी, फारसी ही समझता है या बाकी जुबानें भी समझता है? इसलिए मेरी भाषा में की गई मेरी इबादत को अगर वो नहीं समझता तो फिर हम तो उससे बड़े हो जायेंगे क्यूंकि हम वो भाषा जानतें हैं जो भाषा वो नहीं जानता. ईश्वर तो उसकी जुबान भी सुनता और समझता है जो गूंगे हैं, जो बोल नहीं सकते, वो तो पशु-पक्षियों की भी जुबान समझता है तो मेरी अपनी जुबान में की गई इबादत को सुनेगा कि नहीं? इसके बाद जब इन्द्रेश कुमार बाहर निकले तो इस इंसान के सम्मान में दरगाह कमिटी के लोग पंक्तिबद्ध खड़े थे और यह कहते हुए उनका आभार व्यक्त कर रहे थे कि इस आदमी ने उन्हें आज खुदाई रोशनी दिखाई है.जी हाँ ये संघ प्रचारक और कोई नहीं इन्द्रेश कुमार जी ही थे, जिनके मार्गदर्शन में राष्ट्रवादी मुसलमानों का संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच गतिशील है ! इन्द्रेश कुमार का सारा जीवन ऐसे ही अकल्पनीय गाथाओं से गुथा हुआ है. कश्मीर का आतंकवाद, हजरत बल पर हुई सैनिक कारवाई , माथे पर तिलक और पृष्ठभूमि संघ प्रचारक की, मुस्लिम दरगाह पर अपनी रीति और अपनी भाषा में अपने माबूद के इबादत की जिद इन सबको मिलाइए और बताइए कि पूरी दुनिया में पिछले १४३७ सालों के इतिहास में किसने मुस्लिमों के बीच जाकर उनसे ऐसे प्रश्न किये हैं ? और उनके बीच से सुरक्षित और ससम्मान लौटा है? तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं ! यह संतोषजनक तथ्य है कि इन्द्रेश जी के प्रयत्नों से बड़े पैमाने पर अब भारतीय मुस्लिम समाज के बंधू भी इस भावना में रंगने लगे हैं ! "भगवत गीता" जिसके १८ अध्यायों के करीब ७०० श्लोकों में छुपा है हर इंसान की सभी समस्याओं का समाधान ! महात्मा बुद्ध जन्म से क्षत्रिय और कर्म से ब्राह्मण थे फिर दलितों से उनका क्या सम्बन्ध ??? अखबारों की कतरन,४०,अपराध,३,अशोकनगर,९,आंतरिक सुरक्षा,१५,इतिहास,१४८,उत्तराखंड,४,ओशोवाणी,१६,कहानियां,३९,काव्य सुधा,६४,खाना खजाना,२१,खेल,१९,गुना,३,ग्वालियर,१,चिकटे जी,२५,चिकटे जी काव्य रूपांतर,५,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,६,तकनीक,८५,दतिया,२,दुनिया रंगविरंगी,३२,देश,१६२,धर्म और अध्यात्म,२३६,पर्यटन,१५,पुस्तक सार,५९,प्रेरक प्रसंग,८०,फिल्मी दुनिया,१0,बीजेपी,३८,बुरा न मानो होली है,२,भगत सिंह,५,भारत संस्कृति न्यास,२८,भोपाल,२४,मध्यप्रदेश,४९६,मनुस्मृति,१४,मनोरंजन,५२,महापुरुष जीवन गाथा,१३0,मेरा भारत महान,३0८,मेरी राम कहानी,२३,राजनीति,८९,राजीव जी दीक्षित,१८,राष्ट्रनीति,४९,लेख,११२0,विज्ञापन,४,विडियो,२४,विदेश,४७,विवेकानंद साहित्य,१0,वीडियो,१,वैदिक ज्ञान,७०,व्यंग,७,व्यक्ति परिचय,२९,व्यापार,१,शिवपुरी,८२0,शिवपुरी समाचार,१३२,संघगाथा,५७,संस्मरण,३७,समाचार,१0४१,समाचार समीक्षा,७६0,साक्षात्कार,८,सोशल मीडिया,३,स्वास्थ्य,२५,हमारा यूट्यूब चैनल,१0,इलेक्शन २0१९,२४,शिवपुरी,२, क्रांतिदूत : एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक और श्रीनगर की हजरत बल दरगाह के खादिमों के बीच रोचक वार्तालाप !
टीहर, जालौन : रामपुरा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत टीहर में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कोरोना से बचाव,स्वच्छता व गांव में झगड़ा न करने के लिए जागरूक किया गया। शिविर में तहसीलदार प्रेमनारायण प्रजापति ने कहा कि अभी कोरोना का संकट टला नहीं है। इसलिए सभी लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए। मास्क, सेनिटाइजर व दो गज की दूरी का पालन करते रहें। हालांकि जिला कोरोना मुक्त हो चुका है फिर भी लोग लापरवाही न बरतें। टीहर ग्राम प्रधान प्रदीप गौरव ने कहा कि आने वाले समय में यदि कोरोना संक्रमण पुनः बढ़ता है तो फिर से सख्ती हो सकती है इसलिए कोरोना से बचने के लिए निर्धारित गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कानून का उल्लंघन न करें और छोटे-मोटे विवाद गांव में आपस में बैठकर निपटा लें जिससे उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर न लगाना पड़े। थाना प्रभारी इंसपेक्टर जेपी पाल ने कहा कि बदलते मौसम में संक्रामक बीमारियां बढ़ रही हैं जिसमें सबसे अधिक बीमारियां गंदगी से फैल रही हैं अतः लोगों को साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा तभी वह जुखाम, बुखार, उल्टी, दस्त आदि संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि घर पर उबाल कर ठंडा हुआ साफ पानी पिएं क्योंकि संक्रमित जल से पीने से बीमारियां फैलने की सर्वाधिक संभावना रहती है । पीएलवी राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि उनके गांव में विकास के कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं इसलिए वह लोग भी सहयोग करें जिससे उनके गांव का नाम पूरे जिले में विकास में अव्वल रहे। इस दौरान एडीओ पंचायत भारत सिंह, सचिव जगदंबा प्रसाद, मुन्ना राजा, श्याम सुंदर चंसौलिया, संजय त्रिपाठी, अशोक कुशवाहा, मंगल सिंह सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।
बैंकिंग जॉब इन मध्य प्रदेश | बैंकिंग जॉब इन मध्य प्रदेश में रोजगार की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है क्योंकि हमने इस पृष्ठ पर संपूर्ण जानकारी जो आप बैंकिंग जॉब इन मध्य प्रदेश | बैंकिंग जॉब इन मध्य प्रदेश के लिए देख रहे हैं हमने वहां तमाम नौकरियों के बारे में इस पृष्ठ पर नौकरियों और करियर के बारे में बताई है जिनके लिए आप आवेदन कर सकते हैं। बैंकिंग जॉब इन मध्य प्रदेश के लिए करंट जीके क्विज ही क्यों? करेंटक्क्विज़.इन एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर आप विभिन्न सरकारी नौकरी और गैर सरकारी नौकरियों की जानकारी साथ-साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा विभिन्न सिर्फ नौकरियों की जानकारी तुरंत हम इस पृष्ठ पर प्रकाशित करते हैं ताकि आपको आने वाले सरकारी नौकरियों का अपडेट प्राप्त होते रहे। बैंकिंग जॉब इन मध्य प्रदेश में भविष्य में आने वाले नौकरियों के बारे में संपूर्ण विवरण और जानकारी के लिए आप इस पेज को बुक मार्क कर सकते हैं ताकि आने वाले नौकरियों की जानकारी मिल सके करण जीके क्विज एक ऐसा स्थान है जहां पर नौकरियों की जानकारी मिलता रहेगा।
दिशा पटानी हमेशा अपने फैशन स्टाइल को लेकर सुर्खियों में रहती हैं और अक्सर अपने फॉलोअर्स को हैरान कर देती हैं। हालांकि इस बार एक्ट्रेस अपने लुक से लोगों को इम्प्रेस करने में नाकाम रही। दरअसल दिशा ने हाल ही में क्रॉप टॉप और लीजर पैंट में अपने वॉशबोर्ड एब्स को फ्लॉन्ट किया। उनकी तस्वीरें और वीडियो देखने के बाद बेफिक्र नेटिजन्स के एक वर्ग ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। जहां एक ने कहा, वह पूनम पांडे स्टाइल की नकल कर रही हैं, तो दूसरे ने लिखा, ये दूसरी उर्फी जावेद है। दिशा इस दौरान ब्लाउज टॉप में काफी सेक्सी लग रही थीं। हालांकि तेज हवा के कारण उनका लुक जरा खराब हो गया। तेज हवा के कारण दिशा पाटनी का टॉप सामने से उड़ा रहा था जिसके कारण वो काफी अनकंफर्टेबल फील कर रही थीं। वीडियो में आप देख सकते हैं कि दिशा ने इस दौरान अपने टॉप का सिर्फ एक ही बटन लगाया हुआ था और बाकि सभी खोले हुए थे। बता दें कि दिशा पाटनी इन दिनों फिल्म में अपनी परफॉर्मेंस को लेकर छाई हुई हैं। जहां इस फिल्म को दर्शकों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है तो वहीं दिशा की एक्टिंग की भी जमकर तारीफें हो रही हैं। फिल्म के साथ साथ दिशा इन दिनों अपनी लव लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में हैं।
वकील त्रिलोकी प्रसाद (ओम प्रकाश) अपने पुत्र अशोक व आलोक के साथ रहते है| अशोक भी वकील है और उसकी शादी गीता (लिली चक्रवर्ती) से हुई है| पिता आलोक को अपनी न्याय-संस्था में अशोक के साथ न्याय का अभ्यास की सलाह देते है| आलोक को संगीत में रूचि होने के कारण पंडित जमुना प्रसाद (ए के हंगल) के यहाँ संगीत का अभ्यास करता है| त्रिलोकी प्रसाद को पता चलता है की आलोक संगीत के बहाने एक तवायफ सरजूबाई बनारासवाली (छाया देवी) के यहाँ जाता है जो झोपड़-पट्टियों में रहती है| पिता के मना करने पर भी आलोक सरजूबाई के यहाँ जाता है| उधर गुप्ताजी (युनुस परवेज़) उन झोपड़-पट्टियों पर कब्ज़ा पाना चाहता है| त्रिलोकी प्रसाद अपनी वकालत से न्यायालय का फैसला गुप्ताजी के पक्ष में कराते है जिससे सरजूबाई और उसके साथी बेघर होते है| गुप्ताजी की फीस आलोक को दिए एक पुरानी कार खरीदने को कहते है| उन पैसों से अलोक के तांगा खरीदने पर त्रिलोकी प्रसाद उसे घर से निकाल देते है| जब त्रिलोकी प्रसाद को पता लगता है आलोक का काम सफलतापूर्वक चल रहा है तो उसका काम बंद कराने के लिए कम भाड़े पर कुछ मोटरगाड़ियाँ लगा देते है| क्या इन परिस्तिथियों में आलोक और त्रिलोके प्रसाद के मतभेद कम हो आलोक घर लौटता है?
शीर्ष-गुणवत्ता मैक्सी कार्डिगन खरीदें। ० पर सर्वोत्तम मूल्य पर और समय पर लदान और होम डिलीवरी प्राप्त करते हैं। अनगिनत शैलियों, डिजाइन, रंग और पैटर्न से चुनने के लिए उपलब्ध हैं। हवादार रात या सर्द दिन, मैक्सी कार्डिगन के लिए बिल्कुल सही। एक गर्म और आरामदायक शैली विकल्प हैं। आकस्मिक पोशाक या अधिक औपचारिक डिजाइनों में से चुनें और उन्हें समुद्र तट पर या किसी पार्टी में पहनें। हर जलवायु और हर अवसर में आराम के लिए शैलियों का पता लगाएं। विभिन्न प्रकार के मैक्सी कार्डिगन हैं। पर खरीद के लिए उपलब्ध है। कार्डिगन हथियार और धड़ को कवर करते हैं और बटन खुले या बंद मोर्चे की अनुमति देते हैं। जंपर्स एक आकर्षक स्लीवलेस विकल्प है। स्वेटशर्ट पूरी तरह से ऊपरी शरीर को कवर करते हैं, और कुछ में सुविधाजनक भंडारण के लिए जेब होती है। स्लीवलेस स्लीवलेस निट के वस्त्र हैं, और टैंक टॉप किस्मों को अक्सर स्लीवलेस अंडरशर्ट के रूप में पहना जाता है। कछुए, ट्यूनिक्स, वी-नेक और क्रूनेक्स सहित कई शैलियों में डिज़ाइन ढूंढें। मैक्सी कार्डिगन निर्मित और आरामदायक और नरम होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। वे आम तौर पर अन्य कपड़ों जैसे टी-शर्ट पर स्तरित प्रभाव के लिए पहने जाते हैं। वे उत्कृष्ट गर्मी इन्सुलेटर हैं और शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं। वे आकस्मिक पोशाक के साथ या एक औपचारिक कार्यक्रम के लिए पहनने के लिए पर्याप्त बहुमुखी हैं। विकल्पों की भीड़ का मतलब है कि हर तापमान रेंज और हर अवसर के लिए एक उपयुक्त स्वेटर मिल सकता है। अलग-अलग मैक्सी कार्डिगन खोजें। पर। और अद्भुत छूट और प्रस्तावों का लाभ उठाएं। किसी भी विशिष्ट वरीयताओं और आवश्यकताओं को फिट करने के लिए कई रंगों, डिजाइनों और शैलियों की खरीदारी करें। शेष गर्म और आरामदायक रहते हुए एक आकर्षक उपस्थिति बनाए रखने के लिए कई खरीदें।
सिल रिक्रूटमेन्ट २०२२ :- कोल इंडिया लिमिटेड ने चिकित्सा कार्यकारी के लगभग ५५ पदों के लिए भर्ती निकाली हैं ! यदि आप निर्धारित योग्यता पूरी करते है तो आप इस सिल वैकन्सी २०२२ के लिए आवेदन कर सकते है ! आप से निवेदन है कि आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक जानकारी पढ़ले उसके बाद ही आवेदन करें ! शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव (एडउकेशन क्वॉलिफिकेशन्स & एक्सपैरिएंस) :- सिल वैकन्सी २०२२के लिए उम्मीदवार को पोस्ट ग्रेजुएशन/एमबीबीएस/डीएनबी होना अवश्यक है ! इस भर्ती की शैक्षणिक योग्यता सम्बंधित जानकारी के लिए कृपया ऑफिसियल नोटिफिकेशन जरूर देंखे ! आयु सीमा (आगे लीमित) :- इस भर्ती (सिल रिक्रूटमेन्ट २०२२) के लिए उम्मीदवार की आयु ३५ से ४२ वर्ष के बीच होना चाहिए ! आयु में छूट सम्बंधित जानकारी के लिए विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन देंखे ! चयन प्रक्रिया (सेलेक्शन प्रोसेस) :- इस कोल इंडिया लिमिटेड भर्ती २०२२ में आवेदक का चयन लिखित परीक्षा, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के आधार पर उम्मीदवार का चयन होगा ! वेतन (सलेरी) :- इस कोल इंडिया लिमिटेड सिल डिपार्टमेंट २०२२ में उम्मीदवार का चयन हो जाने पर ६०,००० २,००,०००/ रूपये पे प्रतिमाह दिया जायेगा ! नोट :- परीक्षा शुल्क में छूट सम्बंधित जानकारी के लिए ऑफिसियल नोटिफिकेटिन जरूर देंखे ! आवश्यक निर्देश :- सिल रिक्रूटमेन्ट २०२२ से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए ऑफिसियल नोटिफिकेशन देंखे या आप निचे कमेंट कर के भर्ती सम्बंधित जानकारी पूछ सकते है ! इस भर्ती को अपने दोस्तों को भेज कर उनकी मदद जरूर करें !
सुरभि न्यूज़ चंबा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तत्वावधान में विशेष प्रचार अभियान के तहत प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं व जन कल्याण के लिए आरंभ की गई नीतियां कार्यक्रमों, उपलब्धियां और विभिन्न योजनाओं का प्रचार प्रसार को लेकर गीत संगीत एवं नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया ।कलाकारों द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं ,अंतर्जातीय विवाह पुरस्कार योजना ,कृषि अनुदान योजना ,अंबेडकर लघु ऋण योजना ,हिम स्वावलंबन योजना ,अटल आवास योजना, एवं हस्तशिल्प विकास योजना जैसे अनेक कल्याणकारी योजनाओं बारे बारे जानकारी दी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए आर्यन कला मंच उदयपुर,प्रिया म्यूजिकल ग्रुप जडेरा, युवा किसान मंच टिकरी,मां सरस्वती म्यूजिकल ग्रुप लेच और चंबा रंग दर्शन के कलाकारों का विशेष सहयोग रहा। विकासखंड तीसा की ग्राम पंचायत तीसा के वार्ड पनिहारका मे कला मंच के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक ढोंगी बाबा ने लोगों को हंसा कर लोटपोट किया वहीं तिलक राज के लोकगीत दुगे नालू उचियां धारा व समूह के सभी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत समूह गान आज हिमाचल बढ़ चुका चहूं विकास की ओर नए लोगों का भरपूर मनोरंजन की भी किया। निहारिका की वार्ड मेंबर बीना देवी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और लोगों से अपील की कि वे सरकार द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। इसी प्रकार विकास खंड चंबा की ग्राम पंचायत उदयपुर में मां सरस्वती म्यूजिकल ग्रुप द्वारा कलाकारों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें अनु ठाकुर द्वारा लोकगीत ढुगी मेरी डाकनी बाई चंपेम्बे चली जाना हो सराहनीय रहा ।वहीं कलाकारों द्वारा समूह गान चली आई माणुओ चली आई हो नई नई योजना चली आई हो तथा नुक्कड़ नाटक मेरेआ प्यारूआ प्रस्तुत कर लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर उदयपुर के ग्राम पंचायत प्रधान ओंकार सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलाकारों का हौसला बढ़ाया तथा सरकार द्वारा चलाए इस अभियान की सराहना की। नेहरू युवा केन्द्र केलांग के द्वारा उत्कृष्ट युवा मंडल व महिला मंडल पुरस्कार के लिए पिछले वितीय वर्ष कि गतिविधियों के ऊपर युवा मंडलों व महिला मंडलों से आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए कोई भी पंजीकृत युवा, महिला मंडल जिसने वितीय वर्ष ०१ अप्रैल २०२१ से ३१ मार्च २०२२ तक युवा मंडल, महिला मंडल द्वारा विभिन्न सामाजिक, खेलकूद, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण, पोषण माह, स्वास्थ्य एवं स्वरोजगार संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन किया हो, वो इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने कि अंतिम तिथि ०९ दिसंबर २०२२ रहेगी। आवेदनों को जिला स्तरीय समिति द्वारा जांचने के बाद सबसे अच्छा कार्य करने वाले युवा मंडल व महिला मंडल का चयन किया जाएगा। आवेदन प्रपत्र नेहरु युवा केन्द्र केलांग के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। उत्कृष्ट या बेहतरीन कार्य के लिए जो युवा मंडल या महिला मंडल जिला में प्रथम स्थान प्राप्त करता है, उसे २५००० रुपये कि राशि पुरस्कार में दी जाएगी एवं उसे राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए भी नामित किया जाएगा। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले युवा मंडल, महिला मंडल को ७५००० रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर ५०००० रुपये एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर २५००० रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले युवा मंडल, महिला मंडल को राष्ट्रीय स्तर के लिए नामित किया जाएगा, जिसमें सभी राज्यों से प्रथम आने वाले युवा मंडल व महिला मंडल चयनित होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार ३ लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार १लाख रुपये एवं तृतीय पुरस्कार ५० हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह सारे पुरस्कार आपके जिला स्तर पर किये गये आवेदन के साथ कार्यक्रम की रिपोर्ट, सम्बंधित विभागों के प्रशंसा पत्र, सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया पर सक्रियता, कार्यक्रम के तिथि आधारित फोटोग्राफ, क्लब के बैनर के साथ की गयी गतिविधियाँ एवं क्लब का लेखा-जोखा कि रिपोर्ट लगानी अनिवार्य होगी । युवा मंडल व महिला मंडल के कार्यक्रमों कि रिपोर्ट को आवेदन प्रपत्र के साथ संगलन करके नेहरु युवा केन्द्र केलांग के जिला कार्यालय में ०९ दिसंबर २०२२ तक अवश्य जमा करवाएं । जिला लाहौल स्पीति में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शीतकालीन पर्यटन व पर्यावरण संरक्षण को बल प्रदान करने के लिए नई पहल की गई है। उपायुक्त लाहौल स्पीति सुमित खिमटा ने आज कोकसर में चंद्रभागा नदी के तट पर चार दिवसीय कयाकिंग अभियान का विधिवत रूप से पूजा अर्चना के उपरांत शुभारंभ किया। अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण एवं संबंध खेल संस्थान मनाली के ५ सदस्यों की विशेषज्ञ क्याकरस् दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के उपरांत सुमित खिमटा ने कहा कि जिला लाहौल स्पीति में प्रथम बार शीतकालीन खेल में कयाकिंग को अभियान के तौर पर शामिल किया गया है इससे शीतकालीन व साहसिक खेलों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। उपायुक्त खिमटा ने अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संबद्ध खेल संस्थान मनाली, पर्यटन विभाग और खेल विभाग का धन्यवाद करते हुए कहा कि इन विभागों के संयुक्त तत्वाधान में लाहौल स्पीति के चंद्रभागा नदी में ४ दिनों में ७५ किलोमीटर कयाकिंग अभियान आजादी के अमृत महोत्सव के ७५ वर्ष की भावना को लेकर आयोजित किया जा रहा है। कयाकिंग अभियान की टीम कोकसर पुल के डोरनी मोड से तान्दी संगम होते हुए उदयपुर तक शीतकालीन खेलों को उजागर करने व विशेेेषकर युवाओं का इन खेलोंं के प्रति रुझान बढ़ाने के मकसद से लोगों को जागरूकता का संदेश देंगे। उपायुक्त सुमित खिमटा ने कहा कि विश्व आइस स्केटिंग दिवस के दिन सिस्सू में हिमाचल आइस स्केटिंग एसोसिएशन व हित धारकों के समन्वय से कयाकिंग, स्नो स्कीइंग, आइस स्केटिंग व अन्य खेलों की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी और शीतकालीन व साहसिक खेलों से जुड़ी तमाम संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। इस मौके पर कयाकिंग अभियान के लीडर अविनाश नेगी निदेशक अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संस्थान मनाली, संयुक्त निदेशक रमन गरसंगी व रेस्क्यू टीम के भी सदस्य मौजूद रहे। जोगिन्दर नगर उपमंडल के अंतर्गत लडभड़ोल तहसील की ग्राम पंचायत खुड्डी स्थित भभौरी धार जिसे सिकंदरधार के नाम से भी जाना जाता है कि ऊंची चोटी में स्थापित है मां भभौरी का प्राचीन मंदिर। कहा जाता है कि भभौरी धार जिसे सिकंदरधार भी कहते हैं में राजाओं का बेहड़ा या चौकी हुआ करती थी। इसी दौरान राजा अपने साथ भभौरी मां को पिंडी रूप में यहां लेकर आए थे। भरमौर से आने के कारण इसका नाम बदलते वक्त के साथ भभौरी हो गया। भभौरी मां मंडी व कांगड़ा जनपद के लोगों की कुल देवी भी है तथा इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। किंवदंती है कि यह प्राचीन मंदिर हजारों वर्ष पुराना है तथा इसका अपना एक इतिहास है। यह भी कहा जाता है कि यूनानी सम्राट सिकन्दर ने भारतीय उपमहाद्वीप में अपने विजयी अभियान के दौरान वे अपनी सेना के साथ ब्यास नदी के तट तक पहुंचे थे। ऐसे में इस स्थान को सम्राट सिकंदर के साथ जोड़ते हुए इस धार को सिकंदर धार के नाम से भी जाना जाता है। जहां तक प्राचीन राजाओं के साम्राज्य की बात करें तो मंदिर से लगभग ३०० या ४०० मीटर की दूरी पर राजाओं की चौकी या बेहड़ा हुआ करता था। जिस स्थान पर राजाओं का बेहड़ा स्थापित था वह भभौरी धार की सबसे ऊंची जगह है। लेकिन बीतते समय के साथ अब यह स्थान खंडहर हो चुका है तथा यहां पर केवल पत्थरों के ही ढ़ेर रह गए हैं। परन्तु इस स्थान को देखते ही प्राचीन समय का इतिहास मानो एक बार फिर जीवंत हो उठता है। मंदिर के आसपास एक इंसानी बस्ती भी हुआ करती थी लेकिन यह क्षेत्र अति दुर्गम होने के कारण अधिकतर लोगों ने यहां से पलायन कर लिया है तथा साथ लगते गांवों खुड्डी, गाहरा इत्यादि स्थानों पर जाकर बस गए हैं। प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बात करें मां भभौरी का यह प्राचीन स्थान बेहद खूबसूरत है। मंदिर व आसपास क्षेत्र की ऊंचाई लगभग १५०० से १८०० मीटर के करीब है। यहां पर सर्दियों में बर्फबारी भी होती रही है। यह स्थान घने बान, बुरांस व काफल के पेड़ों से ढक़ा हुआ है। इस स्थान से एक तरफ हिमाच्छादित धौलाधार पर्वत श्रृंखला का बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है तो दूसरी तरफ कांगड़ा व मंडी घाटी का सुदूर तक दृश्य देखते ही बनता है। शहरों की आपाधापी से दूर यहां आकर मां के दर्शनों के साथ-साथ मन को बेहद सुकून मिलता है। यह स्थान घने पेड़ों से ढक़ा होने के कारण यहां जंगली जानवर भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं। मां भभौरी के प्रांगण तक खुड्डी गांव से लगभग ३ किलोमीटर एक कच्ची सडक़ पहुंच चुकी है। लेकिन इस सडक़ पर अधिक ऊंचाई, संकरीघाटी तथा कच्ची होने के कारण वाहन से सफर काफी खतरनाक रहता है। ऐसे में श्रद्धालु चाहें तो खुड्डी से लगभग २ किलोमीटर का पैदल सफर करते हुए प्रकृति के खूबसूरत नजारों को समेटते हुए भी मां के प्रांगण तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा चलहारग पंचायत की ओर से भी पैदल मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन घना जंगल होने के चलते जानवरों का भी खतरा बना रहता है। यह मंदिर उपमंडल मुख्यालय जोगिन्दर नगर से वाया ऐहजु लगभग ३० किलोमीटर तथा वाया बल्ह, मैन भरोला २० किलोमीटर है जबकि तहसील मुख्यालय लडभड़ोल से लगभग १८ किलोमीटर तथा शिव नगरी बैजनाथ से लगभग ३५ किलोमीटर दूर है। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से यदि इस क्षेत्र को विकसित किया जाए तो यह जोगिन्दर नगर उपमंडल का एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होने के कारण ट्रैकिंग के लिए भी एक अच्छा स्थान है। साथ ही भभौरी धार से पैराग्लाइडिंग की संभावनाओं पर कार्य किया जाए तो बीड़-बिलिंग के बाद इस क्षेत्र को साहसिक पर्यटन की दृष्टि से भी आगे बढ़ाया जा सकता है। मंदिर कमेटी ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सराय का भी निर्माण करवाया है। इसके अलावा यहां पर खुला मैदान भी है जहां पर आषाढ़ माह में मां भभौरी का मेला लगता है। मेले के दौरान यहां पर विभिन्न खेल स्पर्धाओं का भी आयोजन किया जाता है। राष्ट्र के प्रति समर्पित एक निष्पक्ष वेब न्यूज़ पोर्टल है। हमारी अटूट आस्था राष्ट्र के प्रति समर्पित है। लिहाजा इस पोर्टल का संचालन भी हम बतौर मिशन ही कर रहे हैं । हम भारत की एकता, अखंडता तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता से संकल्पित हैं। हम विभिन्न जाति, धर्म, लिंग, भाषा, संप्रदाय और संस्कृति के प्रति निरपेक्ष भाव रखते हैं। ख़बरों के प्रकाशन में हम निष्पक्षता के साथ पत्रकारिता धर्म का पालन करते हैं। निष्पक्षता एवं निर्भीकता हमारी पहचान है ।अवैतनिक और स्वैक्षिक सेवा करने वाले संवादाता इस 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यदि आप एक छोटी रसोई के लिए सही रसोईघर चुनते हैं, तो अंतरिक्ष के एर्गोनॉमिक्स की योजना बनाएं और इंटीरियर की शैली को परिपूर्ण करें - आपकी रसोई समान नहीं होगी! और हम आपको अभी यह सब करना सिखाएँगे। कौन सा शेड चुनना बेहतर है? एक छोटी रसोई के इंटीरियर को बनाने में रंग की पसंद सबसे महत्वपूर्ण सवाल है। आखिरकार, अगर आवास निर्माण ने आपको पर्याप्त संख्या में वर्ग मीटर के रसोई घर के साथ उपहार नहीं दिया है, तो डिजाइन मैदान में प्रवेश करता है! अंतरिक्ष को दो तरीकों से विस्तारित करें: वास्तविक और दृश्य। पहले मामले में, आपको दीवारों को ध्वस्त करने, कमरों को मर्ज करने, नियंत्रण सेवाओं के साथ इन कार्यों का समन्वय करने और कई अन्य परेशानियों की आवश्यकता होगी। दूसरे में, आपको बस अपने आप को पेंट के जार के साथ बांटना होगा (जाहिर है, इस विकल्प की लागत कई गुना कम है)। आखिरकार, हमारा मस्तिष्क प्यार में पुश्किन की तरह है: "आह, मुझे धोखा देना मुश्किल नहीं है, मैं खुद को धोखा देने के लिए खुश हूं!" और यह वास्तव में सच है! इस तस्वीर पर एक नज़र डालें: प्रकाश वर्ग हमें अधिक लगता है, हालांकि यह बिल्कुल अंधेरे के समान है। रसोई के साथ भी: इसका इंटीरियर जितना हल्का होगा (कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह फटा है या नहीं), यह आपको उतना ही विशाल लगेगा। एक छोटी सी रसोई में रंग के साथ काम करने का एक और रहस्य है। इस तथ्य के अलावा कि रंगों को प्रकाश और अंधेरे में विभाजित किया जाता है, उन्हें सशर्त रूप से गर्म और ठंडे में विभाजित किया जाता है। तो, गर्म शेड अधिक गतिशील होते हैं और दृढ़ता से हमारे ध्यान पर जोर देते हैं। इसलिए, यह हमें लगता है कि उनमें से अधिक हैं। ठंडे रंगों के साथ, सब कुछ बिल्कुल विपरीत है। इसलिए, अंतरिक्ष को व्यापक रूप से व्यापक बनाने के लिए, विशेषज्ञ ठंडे रंग के पैलेट का उपयोग करने की सलाह देते हैं। लेकिन! इस नियम के अपवाद हैं। यदि आपकी रसोई में पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश नहीं है, तो गर्म रंग स्थिति को बचा सकते हैं। एक छोटी रसोई के लिए क्या शैली चुनना है? अक्सर, चुने हुए रंग काफी हद तक इंटीरियर की शैली को निर्धारित करते हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश में रंगों की अपनी अच्छी तरह से स्थापित पैलेट है: प्रोवेनकल शैली के लिए सफेद-लैवेंडर, स्कैंडिनेवियाई के लिए सफेद-बेज, मचान के लिए ईंट-काला। लेकिन अगर रसोई का एक वर्ग मीटर छोटा है, तो अन्य विशेषताओं को ध्यान में रखना जरूरी है जो प्रत्येक शैली की विशेषता हैं। सजावटी व्यंजनों और सुरुचिपूर्ण सामान के बिना प्रोवेनकल भोजन की कल्पना नहीं की जा सकती है, जो कि कम संख्या में मीटर के साथ, अतिरिक्त सेंटीमीटर प्रयोग करने योग्य स्थान ले जाएगा। इसके विपरीत, स्कैंडिनेवियाई अर्थव्यवस्था-वर्ग शैली में तात्कालिक भंडारण प्रणालियों की उपलब्धता का तात्पर्य है, जो बेहद महत्वपूर्ण है, अगर न केवल रसोईघर छोटा है, बल्कि एक पूरे के रूप में अपार्टमेंट भी है। रसोई के कार्य क्षेत्र के डिजाइन के संदर्भ में मचान अधिक व्यावहारिक है, लेकिन गहरे रंग पैलेट के कारण आपको तैयार रसोईघर में न्यूनतम मात्रा में फर्नीचर का उपयोग करना होगा। आधुनिक शैली, अतिसूक्ष्मवाद या अमेरिकी क्लासिक्स एक छोटे से तैयार रसोईघर के लिए एक सार्वभौमिक समाधान मानते हैं। पहले दो शैलियों में रंग के लिए कोई सख्त बंधन नहीं है (एक तालिका शीर्ष का चयन करते समय सहित), इसलिए आप रंगों के किसी भी पैलेट का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकते हैं, और अमेरिकी क्लासिक इंटीरियर बहुत हल्का है और एक ही समय में विवेक (एक ही सिद्ध के विपरीत) इसलिए मीटर की सबसे छोटी संख्या में भी पूरी तरह से फिट बैठता है। कोने की रसोई (अर्थव्यवस्था वर्ग सहित) को छोटे स्थानों के लिए एक आदर्श समाधान माना जाता है, क्योंकि यह आपको सबसे आरामदायक "कामकाजी त्रिकोण" बनाने की अनुमति देता है - रसोई में कपड़े धोने, खाना पकाने और क्षेत्रों को काटने का एक समूह। कॉर्नर किचन चुनने में सबसे महत्वपूर्ण बात कॉर्नर मॉड्यूल की पसंद है। यह सीधा या तिरछा हो सकता है। काउंटरटॉप को इसके अनुसार चुना गया है। बेवल्ल्ड कोने मॉड्यूल कार्य क्षेत्र को बढ़ाता है, हालांकि, यह तैयार रसोई में अधिक स्थान लेता है। एक सीधा कोने वाला मॉड्यूल अधिक कॉम्पैक्ट है और एक छोटे से क्षेत्र के साथ रसोई के लिए पसंद किया जाता है। कोने के मॉड्यूल में फेकेड्स के बन्धन की विधि पर विचार करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तरार्द्ध विशेष रूप से प्रासंगिक हैं यदि कोने मॉड्यूल में दराज का उपयोग किया जाता है। एक छोटी अर्थव्यवस्था-वर्ग की रसोई के स्थान को व्यवस्थित करने का सबसे आसान तरीका एकल-पंक्ति (प्रत्यक्ष) लेआउट का उपयोग करना है। यह स्थापना में विशेष ट्रिक्स की आवश्यकता नहीं है और बजट को कम से कम सभी वर्ग मीटर पर सबसे अधिक आवश्यक फिट करने की अनुमति देता है। कमियों में से - सबसे अधिक संभावना है कि आपके पास रसोई के बर्तन के भंडारण के लिए पर्याप्त अलमारियाँ और दराज नहीं होंगे। लाभों में से - आप रसोई में एक छोटी डाइनिंग टेबल या पाकगृह रख सकते हैं। दीवार अलमारियाँ का उपयोग व्यंजन, भोजन, मसाले, रसोई के बर्तन - अर्थात् करने के लिए किया जाता है। सभी जो सबसे अधिक बार उपयोग किया जाता है और (अधिमानतः) वजन कम होता है। सुविधा के लिए, आंखों के स्तर पर अलमारियाँ रखें, लेकिन काम की सतह से ६० सेमी से कम नहीं! यदि आपको बहुत अधिक संग्रहण स्थान की आवश्यकता है, तो छत के नीचे अलमारियाँ बनाएं, लेकिन ऊपर वाले अलमारियों पर कुछ ऐसा रखें जिसे आप बहुत बार उपयोग नहीं करते हैं इसलिए आप हर बार ऊपर और नीचे कूदते नहीं हैं। और यह सिर्फ हर छोटी रसोई के लिए होना चाहिए! रसोई सेट के कोने अलमारियों - आपकी रसोई में सहवास और आराम बनाने का एक अतिरिक्त अवसर। वे नेत्रहीन रूप से चिकनी और रसोई के सिरों को हल्का करने में मदद करते हैं। यहां आप कुछ ट्रिंकट, मसाले के जार, एक चाय घर या खिलने वाले हाइड्रेंजिया के साथ एक बर्तन रख सकते हैं। रोल-आउट और स्लाइडिंग वार्डरोब निश्चित रूप से एक छोटे रसोईघर में आपके जीवन को आसान बना देगा! साधारण अलमारियाँ की गहराई में अफवाह फैलाने के बजाय (जिस पर, कभी-कभी, विशेष रूप से नीचे की रेखा में) इसे प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता है, आप बस मॉड्यूल की सामग्री को रोल आउट करते हैं और आपको जिस चीज की आवश्यकता होती है उसे देखें। क्या यह प्यारा नहीं है? वास्तव में, ८० पर आपके तैयार रसोई प्रतिशत की उपस्थिति फेकेड्स पर निर्भर करती है। कई मायनों में, फेकेड्स की पसंद इंटीरियर डिजाइन की शैली पर निर्भर करती है। आधुनिक शैली में रसोई के लिए प्लास्टिक अधिक उपयुक्त है, प्रोवेनकल या क्लासिक शैली में रसोई के लिए लकड़ी, और मचान के लिए धातु। काउंटरटॉप्स के लिए समान आवश्यकताएं, वैसे, हालांकि पत्थर काफी बहुमुखी सामग्री है। आपकी रसोई की दृश्य धारणा के संदर्भ में, एक सामान्य सिफारिश है: जितना संभव हो उतना कम सजावट का उपयोग करें। जितना कम विवरण होगा, उतनी ही कम जगह दिखाई देगी। नीचे से रसोई की शीर्ष रेखा को गहरा बनाने की भी सलाह नहीं दी जाती है - अंतरिक्ष असंतुलित लगेगा। एक छोटी अर्थव्यवस्था वर्ग की रसोई में, बार काउंटर अच्छी तरह से डाइनिंग टेबल की जगह ले सकता है। विशेष रूप से सच है यह रसोई में एक आधुनिक शैली में या एक मचान शैली में दिखेगा। इसे एक मानक रसोई (कोने या प्रत्यक्ष) के विस्तार के रूप में तैनात किया जा सकता है, लेकिन अब इसे बार काउंटर ... विंडो गिल में बदलना फैशनेबल है! यह स्टाइलिश, और सुंदर, और कार्यात्मक और एर्गोनोमिक दोनों है। लेकिन एक धातु पैर पर वापस लेने योग्य बार काउंटरों से स्पष्ट रूप से मना कर दिया जाना चाहिए - यह अतीत का अवशेष है। आधुनिक किचन सेट एक सावधानी से सोची गई स्टोरेज प्रणाली और अंतरिक्ष का संगठन है। बेशक, बजट विकल्प प्रीमियम विकल्पों की तुलना में मॉड्यूल की पसंद में अधिक सीमित हैं, जिसमें रसोई के लिए घटकों की काफी विस्तृत श्रृंखला है। हालांकि, वहाँ हमेशा एक विकल्प है। तो, कार्गो - तरल पदार्थ के भंडारण के लिए एक आधुनिक शैली में एक संकीर्ण दराज कैबिनेट: सिरका, वनस्पति तेल, शराब, आदि, एक छोटी रसोई में स्थापित रसोई का एक उपयोगी घटक बन जाएगा। थोक उत्पादों के भंडारण के लिए, एक संकीर्ण कैबिनेट एक उपयोगी अधिग्रहण होगा। कुछ रसोई के कोनों में सीट के नीचे रसोई के बर्तन के भंडारण के लिए अंतर्निहित ड्रॉर हैं। रसोई के डिजाइन में प्रकाश बहुत कुछ होना चाहिए! खाना पकाने के लिए आरामदायक बनाने के लिए, इसे साफ करना आसान है, और सामान्य तौर पर, रसोई को स्टाइलिश और सुंदर बनाने के लिए। आपकी रसोई में बहुत पहला प्रकाश स्रोत खिड़की और प्राकृतिक प्रकाश है। लेकिन यह हमेशा वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते हैं। इसलिए, सामान्य प्रकाश बचाव में आता है। आमतौर पर, यह एक झूमर या कई छत रोशनी (मचान में) है। याद रखें, यदि आपकी रसोई में कोई हुड नहीं है, तो झूमर सहित सभी कालिख और गंदगी सतहों पर बस जाएगी। प्रकाश व्यवस्था का एक और महत्वपूर्ण रूप कार्यात्मक है। रसोई में, यह कार्य क्षेत्र का प्रकाश है, जिसे अक्सर ऊपरी अलमारियाँ के नीचे रखा जाता है। आधुनिक तकनीक आपको रसोई के एप्रन को बैकलाइट के साथ तुरंत बनाने की अनुमति देती है, ताकि खाना पकाने की प्रक्रिया आसान और सुखद हो। कार्यात्मक प्रकाश व्यवस्था का उपयोग अलमारियाँ में भी किया जा सकता है। सजावटी प्रकाश व्यवस्था को आपकी रसोई को और अधिक सुंदर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें आधुनिक शैली में दोनों अलग-अलग लाइट्स, और कैंडलस्टिक्स के साथ लैंप शामिल हैं। सबसे अधिक बार, इसे आंतरिक डिजाइन की शैली के तहत चुना जाता है। ड्रॉअर आपको सबसे आवश्यक होने पर हाथ रखने की अनुमति देता है। रसोई डिजाइन के लिए एक या दो गहरे वाले की तुलना में कई कम दराज करना बेहतर है (हालांकि, घटकों की लागत के कारण डॉलर में लागत भिन्न हो सकती है)। फिर आप उनकी सामग्री को एक पंक्ति में व्यवस्थित कर सकते हैं और एक नज़र में आवश्यक चीज़ पा सकते हैं। आयोजक रसोई और अलमारियाँ में दराज के लिए एक उपयोगी जोड़ होंगे, क्योंकि वे प्रत्येक आइटम या वस्तुओं के समूह (उदाहरण के लिए, मसाले) के लिए एक अलग भंडारण स्थान प्रदान करते हैं। हालाँकि, याद रखें! आयोजक की उपस्थिति आपकी रसोई में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं है! रसोई में ऑर्डर करने के लिए, चीजों को उनके स्थानों पर रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, किसी चीज़ के लिए एक जगह का चयन करना, अपने आप को उन्मुख करना, जहां चीज़ आपके लिए वापस (ऊपरी कैबिनेट में, निचले कैबिनेट में या यहां तक कि दराज में) रखने के लिए अधिक सुविधाजनक होगी, और न कि जहां इसे लेना अधिक सुविधाजनक होगा। एक छोटी सी रसोई में, हैंडल अक्सर फटे कपड़े और खरोंच का कारण बनता है। संभव के रूप में सुव्यवस्थित रूप से हैंडल चुनें, और यदि संभव हो, तो उन्हें पूरी तरह से छोड़ दें। रेलिंग एक काम की सतह से ऊपर एक ट्यूब है जिस पर रसोई के बर्तन लटकाए जाते हैं। पहले, ऊपरी अलमारियाँ के नीचे हुक का उपयोग इसके लिए किया गया था, लेकिन रेलिंग की सुंदरता यह है कि आप असीमित संख्या में वस्तुओं को लटका सकते हैं। बहुत छोटी रसोई से, गलियारे में एक रेफ्रिजरेटर बाहर निकालना बेहतर होता है। अंतर्निहित रेफ्रिजरेटर अदृश्य होंगे, लेकिन इसके लिए आपको एक विशेष रसोई सेट की आवश्यकता होगी, जो एक नियमित रूप से अधिक स्थान लेगा। लेकिन एक रेफ्रिजरेटर एक स्टाइलिश सहायक और आपकी रसोई की एक उज्ज्वल सजावट बन सकता है, उदाहरण के लिए, अगर यह एक असामान्य रंग का है या रेट्रो शैली में बनाया गया है (डॉलर में लागत भिन्न हो सकती है)। गीजर रसोई के डिजाइन में बहुत ही सौंदर्यवादी रूप से मनभावन नहीं लगते हैं, इसलिए ऊपरी कैबिनेट के मुखौटे के पीछे उन्हें छिपाना बेहतर होता है (किसी भी समय उपयोग के अनिवार्य संरक्षण के साथ!)। ऑर्डर करने के लिए रसोई बनाना आपको अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और इच्छाओं के अनुसार अधिकतम सेंटीमीटर स्थान का अधिकतम कार्यात्मक उपयोग करने की अनुमति देगा। आधुनिक निर्माताओं के तैयार रसोई मुख्य रूप से मॉड्यूलर हैं और आपको अपने खुद के रसोई सेट को इकट्ठा करने की अनुमति देते हैं। यहां सबसे प्रसिद्ध निर्माताओं (डॉलर की लागत आधिकारिक साइटों पर पाई जा सकती है) से छोटे रसोई सेट के उदाहरण हैं। आप इस लेख को कैसे रेट करते हैं? एक व्यक्ति रसोई में बहुत समय बिताता है। २०१९-२०२२ कॉन्फेटिसिमो - महिलाओं का ब्लॉग। साइट सामग्री की प्रतिलिपि बनाना प्रतिबंधित है। जानकारी मनोरंजक और सूचनात्मक है। चिकित्सा उद्देश्यों के लिए, कृपया संबंधित विशेषज्ञों से संपर्क करें। आप १८ साल के हैं? हम आपकी वरीयताओं और बार-बार आने वाली यात्राओं को याद करके आपको सबसे प्रासंगिक अनुभव देने के लिए हमारी वेबसाइट पर कुकीज़ का उपयोग करते हैं। "स्वीकार करें" पर क्लिक करके, आप सभी कुकीज़ के उपयोग के लिए सहमति देते हैं। वेबसाइट के माध्यम से नेविगेट करते समय यह वेबसाइट आपके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कुकीज़ का उपयोग करती है। इनमें से, आवश्यक के रूप में वर्गीकृत किए गए कुकीज़ आपके ब्राउज़र पर संग्रहीत किए जाते हैं क्योंकि वे वेबसाइट की बुनियादी कार्यक्षमता के काम के लिए आवश्यक हैं। हम तीसरे पक्ष के कुकीज़ का भी उपयोग करते हैं जो हमें विश्लेषण करने और समझने में मदद करते हैं कि आप इस वेबसाइट का उपयोग कैसे करते हैं। ये कुकीज़ केवल आपकी सहमति से आपके ब्राउज़र में संग्रहीत की जाएंगी। आपके पास इन कुकीज़ को ऑप्ट-आउट करने का विकल्प भी है। लेकिन इनमें से कुछ कुकीज़ से बाहर निकलने से आपका ब्राउज़िंग अनुभव प्रभावित हो सकता है। वेबसाइट को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक कुकीज़ बिल्कुल आवश्यक हैं। ये कुकीज़ बेसिक फंक्शंस और बेवसाइट की सुरक्षा सुविधाओं को सुनिश्चित करती हैं। कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-एनालिटिक्स ११ महीने इस कुकी को गदप्र कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है। कुकी का उपयोग "अनालेटिक्स" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-कार्यात्मक ११ महीने कुकी को गदप्र कुकी सहमति द्वारा "कार्यात्मक" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति दर्ज करने के लिए निर्धारित किया गया है। कुकीलविंफ़ो-चेकबॉक्स-आवश्यक ११ महीने यह कुकी गदप्र कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट की गई है। कुकीज़ का उपयोग कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति के लिए "आवश्यक" श्रेणी में किया जाता है। कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-अन्य ११ महीने इस कुकी को गदप्र कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है। कुकी का उपयोग कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति के लिए श्रेणी "अन्य" में किया जाता है। कुकइलाविनो-चेकबॉक्स-प्रदर्शन ११ महीने इस कुकी को गदप्र कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है। कुकी का उपयोग "प्रदर्शन" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। देखा गया_कोकी_पुलिस ११ महीने कुकी को गदप्र कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है और इसका उपयोग स्टोर करने के लिए किया जाता है कि उपयोगकर्ता ने कुकीज़ के उपयोग के लिए सहमति दी है या नहीं। यह किसी भी व्यक्तिगत डेटा को संग्रहीत नहीं करता है। फ़ंक्शनल कुकीज कुछ फ़ंक्शनलिटीज़ को परफॉर्म करने में मदद करती हैं, जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वेबसाइट का कंटेंट शेयर करना, फीडबैक इकट्ठा करना और थर्ड-पार्टी फीचर्स। प्रदर्शन कुकीज़ का उपयोग वेबसाइट के प्रमुख प्रदर्शन सूचकांक को समझने और उनका विश्लेषण करने के लिए किया जाता है जो आगंतुकों के लिए बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करने में मदद करता है। विश्लेषणात्मक कुकीज़ का उपयोग यह समझने के लिए किया जाता है कि आगंतुक वेबसाइट के साथ कैसे बातचीत करते हैं। ये कुकीज़ मेट्रिक्स पर आगंतुकों की संख्या, बाउंस दर, ट्रैफ़िक स्रोत आदि के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करती हैं। विज्ञापन कुकीज़ का उपयोग प्रासंगिक विज्ञापनों और विपणन अभियानों के साथ आगंतुकों को प्रदान करने के लिए किया जाता है। ये कुकीज़ वेबसाइटों पर आगंतुकों को ट्रैक करती हैं और अनुकूलित विज्ञापन प्रदान करने के लिए जानकारी एकत्र करती हैं। अन्य अनियंत्रित कुकीज़ वे हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है और उन्हें अभी तक किसी श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
उसकी १७ वर्षीय सौतेली बेटी ने आरोप लगाया था कि अपीलकर्ता ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जबकि उसके पिता विदेश में थे। अपनी नाबालिग सौतेली बेटी द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपी एक महिला को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए अग्रिम जमानत दे दी थी कि हिरासत में पूछताछ से न्याय नहीं होगा। [उर्मिला प्रकाश भाटिया बनाम महाराष्ट्र राज्य]। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मंगलवार को पारित किया। कोर्ट ने कहा कि हालांकि वह मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है, लेकिन वह गिरफ्तारी से पहले जमानत देने की इच्छुक है। आदेश ने कहा, "हम किसी भी तरह से मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता के साथ-साथ आरोपों की प्रकृति में, हमारा स्पष्ट रूप से यह विचार है कि अपीलकर्ता की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।" पीठ ने स्पष्ट किया कि अग्रिम जमानत, फिर भी, शीर्ष अदालत के साथ-साथ निचली अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के अधीन होगी। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद अपीलकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। पिछली सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने अपीलकर्ता को इस शर्त पर अंतरिम संरक्षण दिया था कि वह वैवाहिक घर में प्रवेश नहीं करेगी, कोई अप्रिय स्थिति पैदा नहीं करेगी या पीड़ित बच्चे के पास जाने का प्रयास नहीं करेगी। अदालत ने मामले की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखा जो पीड़िता के पिता और अपीलकर्ता के बीच वैवाहिक विवाद से उत्पन्न हुआ था। मामला पहले मध्यस्थता के लिए भेजा गया था जो सकारात्मक परिणाम देने में विफल रहा। राज्य के वकील के साथ-साथ अपीलकर्ता को सुनने पर, अदालत की राय थी कि अपीलकर्ता को अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाए।
इस साल ऑप्पो, विवो, ज़ियाओमी, ओनेप्लस समेत कई स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां भारत में अपने ४ग के साथ-साथ ५ग स्मार्टफोन को भी इस साल लॉन्च करने वाली हैं। बता दें, ये स्मार्टफोन्स साल के पहले क्वार्टर में लॉन्च किए जा सकते हैं। नई दिल्ली। इस साल ऑप्पो, विवो, ज़ियाओमी, ओनेप्लस समेत कई स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां भारत में अपने ४ग के साथ-साथ ५ग स्मार्टफोन को भी इस साल लॉन्च करने वाली हैं। बता दें, ये स्मार्टफोन्स साल के पहले क्वार्टर में लॉन्च किए जा सकते हैं। भारत में इस साल अप्रैल से लेकर जून के बीच में ५ग स्पेक्ट्रम को ऑक्शन किया जा सकता है। इसके बाद सर्विस की ट्रायल शुरू की जा सकती है। वहीं ग्लोबल रिसर्च फर्म टेचार्च के रिसर्चर्स का मानना है कि इस साल १५ से १८ मॉडल्स को ५ग नेटवर्क फीचर के साथ लॉन्च किया जा सकता है। इन स्मार्टफोन्स को भारत में र्स ३०,००० की प्राइस रेंज में लॉन्च किया जा सकता है। इंटरनेशनल डाटा कॉर्पोरेशन (इड्क) की रिपोर्ट के मुताबिक, अफोर्टिबिलिटी फेक्टर को ध्यान में रखते हुए कंपनी इस साल ४ग और ५ग दोनों मॉडल्स भारत में लॉन्च कर सकती हैं। आपको बताते चलें कि ज़ियाओमी ने कुछ दिन पहले ही अपने बयान में कहा था कि वो इस साल करीब १० ५ग स्मार्टफोन्स को ग्लोबली लॉन्च कर सकता है। वहीं, ऑप्पो, विवो, ओनेप्लस और सैमसंग ने इस साल अपने ५ग स्मार्टफोन्स के लिए टाइमलाइन सेट कर दिया है। टेचार्च के मुताबिक, १.५ मिलियन यानि की १५ लाख से ज्यादा ५ग स्मार्टफोन इस साल भारत में शिप किए जा सकते हैं। वहीं, चिपसेट बनाने वाली कंपनियां क्वाल्कम, मेडिटेक, सैमसंग और हुवी भी अपने फास्ट और ५ग कॉम्पेटिबल चिपसेट डिजाइन कर रही हैं, जो लो लैटेंसी पर काम करती हैं। भारतीय प्रीमियम बाजार की बात करें तो ओनेप्लस ने भारतीय बाजार में ५ग स्मार्टफोन्स को पायलट तौर पर एक्सपोर्ट भी करना शुरू कर दिया है। क्वाल्कम के मुताबिक, भारत में अगले दो तिमाही में ५ग रेडी स्मार्टफोन्स शिप होने शुरू हो जाएंगे।
वे कम्प्यूटर्स, जो डेटा (डाटा) को ट्रान्सफर (ट्रांसएर) करने के लिए फ्त्प का प्रयोग करते हैं, फ्त्प सर्वर्स (फ्त्प सरवर्स) कहलाते हैं। फ्त्प सर्वर्स (फ्त्प सरवर्स) पर संग्रहीत कुछ फाइल्स (फाइल्स) को कोई भी यूजर (उसर) एक्सेस (एक्सेस) कर सकता है, जबकि कुछ फाइल्स विशिष्ट यूजर्स (स्पेसिफिक उसर्स) द्वारा ही एक्सेस (एक्सेस) की जा सकती हैं।
डॉ. धीरज साहा (मध्य), मीनू भारती (दायें), प्रियंका राय (बायें) गोवा। डेंगू से निपटने के लिये न तो प्रभावी दवाएँ हैं और न ही अभी इसे नियंत्रित करने के लिये टीकाकरण उपलब्ध है। डेंगू का नियंत्रण संक्रमण फैलाने वाले मच्छरों की रोकथाम पर निर्भर करता है। इसके लिये मच्छरों को मारने वाले कई तरह के सिन्थेटिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। भारतीय वैज्ञानिकों के एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि इन कीटनाशकों के प्रति मच्छरों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के कारण अब वे बेअसर साबित हो रहे हैं। दार्जिलिंग स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ बंगाल के प्राणी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक पश्चिम बंगाल के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशकों के प्रति मच्छरों की प्रतिरोधक क्षमता का अध्ययन करने के बाद इस नतीजे पर पहुँचे हैं। डेंगू मच्छर मुख्य रूप से डीडीटी, मैलाथियान परमेथ्रिन और प्रोपोक्सर नामक कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधी पाए गए हैं। अधिकांश डेंगू मच्छरों में टेमेफोस, डेल्टामेथ्रिन और लैम्ब्डासाइहेलोथ्रिन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी लक्षण भी देखे गए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों के खिलाफ मच्छरों में प्रतिरोधी तंत्र विकसित होने के कारण इन कीटनाशकों का कोई खास असर मच्छरों पर नहीं पड़ता है। वैज्ञानिकों ने मच्छरों में प्रतिरोध पैदा करने वाली जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं का पता लगाया है। उनका कहना है कि मच्छरों में मौजूद एंजाइम कार्बोक्सीलेस्टेरेसेस, ग्लूटाथिओन एस-ट्रांसफेरेसेस और साइटोक्रोम पी ४५० या संयुक्त रूप से काम करने वाले ऑक्सीडेसेस के माध्यम से चयापचय से उत्पन्न डिटॉक्सीफिकेशन द्वारा प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हुई है। इस शोध के दौरान पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और उत्तरी दीनाजपुर समेत पाँच जिलों से मच्छरों के लार्वा, प्यूपा और वयस्कों को मानसून से पहले, मानसून के समय और मानसून के बाद की अवधि में एकत्रित किया गया। इन मच्छरों पर डेल्टामेथ्रिन, लैम्ब्डासाइहेलोथ्रिन, मैलेथियान, प्रोपोक्सर, परमेथ्रिन और डीडीटी के प्रभाव का अध्ययन किया गया है। पृथक रूप से और मिलाकर उपयोग किए गए इन कीटनाशकों के प्रभाव से प्रति दस मिनट में मरकर गिरने वाले मच्छरों की संख्या का आकलन करते हुए उनकी मृत्यु दर की गणना की गई है। शोधकर्ताओं ने मच्छरों की मृत्यु दर के आधार पर उनकी कीटनाशकों को ग्रहण करने की क्षमता के बीच सम्बन्ध स्थापित किया है। इससे पता चला है कि पिछले ७० वर्षों से दुनियाभर में कृषि और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र दोनों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक डीडीटी के प्रति मच्छरों की कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता सबसे ज्यादा है क्योंकि इसके उपयोग से सिर्फ ४६ प्रतिशत से ७०.२ प्रतिशत मच्छर ही नष्ट हो पाते हैं। कुछ समय पूर्व उपयोग में आए डेलटामेथ्रिन और लैम्ब्डासाइहेलोथ्रिन के लिये मच्छर अति संवेदनशील थे या फिर उनके लिये उनमें धीमी गति से प्रतिरोध देखा गया है। इसीलिये मच्छरों की मृत्यु दर १०० प्रतिशत के करीब थी। हांलाकि, प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने से मच्छरों की सभी कीटनाशकों के प्रति संवेदनशीलता बहुत कम हो गई है। एडीस एजिप्टि और एडीस अल्बोपिक्टस डेंगू के रोगवाहक मच्छरों की प्रजातियाँ हैं, जो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैली हैं। हर साल भारत में डेंगू के लाखों मामले सामने आते हैं। मच्छरों को मारने और खेतों में छिड़काव किए जाने वाले कीटनाशकों के प्रति मच्छरों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के कारण पूरी दुनिया में चलाए जा रहे रोगवाहक नियंत्रण कार्यक्रमों में काफी परेशानियाँ पैदा हो रही हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, मच्छरों में कीटनाशक प्रतिरोधी स्तर के मूल्यांकन से डेंगू जैसी बीमारियों को न्यूनतम स्तर तक सीमित किया जा सकता है। कुशल एकीकृत वेक्टर नियंत्रण रणनीतियों को डिजाइन करने में इस अध्ययन के निष्कर्ष उपयोगी हो सकते हैं। जीन स्तर पर केन्द्रित उन्नत अध्ययन भी प्रतिरोध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सकती है। शोधकर्ताओं की टीम में डॉ. धीरज साहा के के अलावा मीनू भारती भी शामिल हैं। यह शोध प्लॉस वन शोध पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
इतना तो हम सब जानते हैं कि किताबी शिक्षा तथा सामान्य जीवन की शिक्षा में काफी अंतर है, जो बातें जो किताब से सीख नहीं पाते वह सामान्य जीवन में अनुभव हमें सिखा जाता है, ऐसे ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखने को मिल रहा है, जिसे देख कर लग रहा है कि बच्चे को उसके मां-बाप ने काफी अच्छे संस्कार दिए हैं। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि घर के दरवाजे पर एक गाय बनी हुई है तथा घर के अंदर से एक छोटा बच्चा जिसकी उम्र ज्यादा से ज्यादा २ या ३ साल के बीच की होगी, वह दौड़ कर आता है उसके हाथों में एक रोटी है वह गाय को खिलाता है और सीधे हाथ से गाय के सिर को छूकर प्रणाम भी करता है , यह सारी प्रक्रिया करने पर उसके चेहरे पर कहीं से भी डर नहीं नजर आता जैसा लगता है कि वह प्रतिदिन यह काम करता होगा और करने के बाद वह दौड़कर पुन अंदर चला जाता है। बच्चे की यह की प्रक्रिया काफी सराहनीय है।
सलमान खान की फिल्म भाईजान के लिए उन्होंने अब स्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी की इस फिल्म में एंट्री करवाई हैं। काफी दिनो से ही यह फिल्म चर्चाओं में बनी हुई है। फिल्म मेकर्स ने इस फिल्म का नाम कभी ईद कभी दिवाली से बदलकर भाईजान कर दिया है। इस फिल्म में सलमान के साथ बिग बॉस १३ की कंटेस्टेंट रह चुकी शहनाज गिल को भी लीड रोल के लिए चुना गया है। इस फिल्म के लिए पलक तिवारी को सलमान खान ने खुद एक बड़े रोल के लिए चुना है। पलक इस फिल्म में एक पंजाबी सिंगर जस्सी गिल के अपोजिट काम करेंगी। पलक तिवारी ने फिल्म भाईजान की शूटिंग भी शुरू कर दी है। इस फिल्म में पलक और जस्सी एक गाने में भी नजर आयेंगे। फिल्म के डायरेक्टर फरहाद समजी की इस फिल्म में सलमान खान, शहनाज गिल, पलक तिवारी, जस्सी गिल, वंकटेश, पूजा हेगड़े, राघव जुयाल, सिद्धार्थ निगम यह सब एक्टर इस फिल्म में नजर आने वाले है। पलक तिवारी के लुक और स्टाइल से पहले से ही उनको पसंद करते है। उनका पहला सॉन्ग बिजली बिजली जो की एक सुपरहिट सॉन्ग था। यह सॉन्ग काफी वायरल भी हुआ था। इसी सॉन्ग से पलक को इस इंडस्ट्री में एक पहचान मिली और लोग उनको पसंद करने लगे थे। पलक तिवारी ने इससे पहले फिल्म अंतिम: द फाइनल ट्रुथ में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम करती थी। पलक ने इससे पहले सलमान के साथ बिग बॉस का स्टेज शेयर किया था। पलक की मां स्वेता तिवारी बिग बॉस ४ की विनर रह चुकी है। फिल्म भाईजान में पहले आयुष शर्मा भी थे लेकिन बाद में इनकी बढ़ती डिमांड की वजह से इनको फिल्म से बाहर कर दिया गया। हालांकि इससे आयुष गुस्सा नही हुए इन सब उनके और सलमान के रिश्ते में कुछ असर नही पड़ा। आयुष को इस फिल्म में अहम रोल चाहिए था और क्रिएटिव डिफ्रेंसेज के चलते भी आयुष को फिल्म से बाहर करना पड़ा।
कैटरीना कैफ हिंदी सिनेमा जगत की मशहूर हीरोइन है। कैटरीना कैफ को बॉलीवुड में खूब सम्मान और इज्जत दी जाती है। इस सब के पीछे उनका एक बहुत बेहतरीन और शानदार बॉलीवुड करियर है। कैटरीना कैफ ने अपने बॉलीवुड करियर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी है। लगभग हर किसी की तरह कटरीना कैफ ने भी अपनी जिंदगी में खूब उतार-चढ़ाव देखें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैटरीना कैफ की जिंदगी में एक समय ऐसा था जब उनके और सलमान खान के एक साथ होने की खूब चर्चाएं सोशल मीडिया पर हुआ करती थी। तथा यह भी खबर आती थी कि कटरीना सलमान खान को पसंद करती है। परंतु कैटरीना कैफ ने विकी कौशल को अपने जीवन साथी के रूप में चुन लिया। कैटरीना कैफ और विकी कौशल पिछले साल ही शादी के बंधन में बंधे हैं। इन दोनों की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया तथा उनकी शादी की फोटोस तो इंटरनेट पर चुटकियों में वायरल हो गई थी। एक टाइम था जब हर जगह शादी की चर्चाएं हो रही थी। इसके बाद सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि कैटरीना कैफ मां बनने वाली है। लेकिन आप सभी को बता दें कि यह खबर बिल्कुल झूठी खबर थी। क्योंकि विकी कौशल चाह कर भी अभी कैटरीना कैफ को मां बनने का सुख नहीं दे सकते। और इन दिनों सोशल मीडिया पर हर जगह इन्हीं की चर्चाएं हो रही हैं। इसी आर्टिकल में हम आगे कैटरीना कैफ की शादी से लेकर कुछ महीनों बाद हुए इतने बड़े खुलासे तक सब कुछ बताएंगे। कैटरीना कैफ और विकी कौशल दोनों ने अपने एक्टिंग के दम पर खूब नाम कमाया कटरीना कैफ ने पिछले कई सालों में बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक सुपरहिट देकर हम लोगों को अपनी एक्टिंग का दीवाना बनाया हैं। वही विकी कौशल में भी अपनी जबरदस्त एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में एक मुकाम हासिल कर लिया है। और ब्लॉकबस्टर मूवीस देकर बॉलीवुड में अपना नाम बना लिया है। रितिक रोशन और कैटरीना कैफ की जोड़ी लोगों को खूब ज्यादा पसंद आ रही है। लेकिन विकी कौशल जाकर भी कटरीना कैफ पूरा नहीं कर सकते। इसकी चर्चा है पुरे सोशल मीडिया पर चारों तरफ हो रही है। शादी के इतने महीने बाद भी विकी कौशल कैटरीना कैफ को मां बनने का सुख करो नहीं दे पा रहे इसी के बारे में आप आगे और पढ़ेंगे और आपको विस्तार से बताएंगे कि विकी कौशल अभी तक कटरीना कैफ को चाह कर भी मान नहीं बना सकते। तो मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक खबर सामने आई है। और चारों तरफ इसी की चर्चा हो रही है जिसमें आ जा रहा है देने की घोषणा का मां बनने का सपना चाह कर भी पूरा नहीं कर सकते। इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि विकी कौशल इन दिनों अपनी आने वाली पिक्चरों की शूटिंग में इतने ज्यादा व्यस्त हैं और इसके साथ ही अकेले विकी कौशल ही नहीं कटरीना कैफ भी अपने आने वाली मूवी को लेकर बिजी चल रही हैं। और कैटरीना कैफ ने भी अभी तक मां बनने के बारे में नहीं सोचा है। तो सीधे-सीधे विकी कौशल और कैटरीना कैफ दोनो ने अभी तक माता-पिता बनने के बारे में नहीं सोचा है इसी के चलते विकी कौशल कटरीना कैफ को चाहकर भी अभी मां बनने का सुख नहीं दे सकते।
जापान की राजधानी टोक्यो में हुए चार अन्तमहाद्वीपीय देशों अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया व जापान के संगठन क्वाड के शिखर सम्मेलन में प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस के साथ उसके सम्बन्ध अन्य किसी देश के साथ सम्बन्धों के सापेक्ष नहीं रहेंगे जबकि अमेरिका के साथ भारत आपसी भरोसे के बूते पर द्विपक्षीय सम्बन्धों को नई ऊंचाई देने में भी नहीं हिचकेगा। जाहिर है कि रूस के साथ भारत के सम्बन्धों को अमेरिका या किसी अन्य देश के चश्मे से नहीं देखा जा सकता है। भारतीय हितों को सर्वोच्च रखते हुए ही भारत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी रणनीति तय करेगा और इसी नीति के अंतर्गत भारत की शुरू से ही मंशा रही है कि हिन्द-प्रशान्त महासागर क्षेत्र पूरी तरह स्वतन्त्र रहे और शान्तिपूर्ण रहे। इस सन्दर्भ में भारत के पड़ोेसी चीन की नीति पूरी तरह इस क्षेत्र में अपना प्रभाव जमाने की रही है जिसके प्रतिकार में भारत अमेरिका समेत जापान व आस्ट्रेलिया के नजरिये से सहमत नजर आता है मगर वह इसका हल सामरिक तरीकों में न देखते हुए कूटनीतिक वार्ताओं में देखता है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं निकलता है कि भारत यूक्रेन व रूस के मुद्दे पर भी इन तीनों देशों के नजरिये का समर्थन करे अतः श्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ हुई एकल वार्ता में रूस या यूक्रेन का कोई जिक्र नहीं किया और केवल मानवीयता के आधार पर मदद देने की भारत की सुविचारित नीति को ही केन्द्र में रखा। हमें गौर से यह विचार करना चाहिए कि हिन्द महासागर क्षेत्र भारत की अन्तर्राष्ट्रीय महत्ता को अपने नाम से ही दर्शाता है और बताता है कि इस जल मार्ग से होने वाले विश्व व्यापार के प्रति भारत की जिम्मेदारी किस हद तक हो सकती है। इसी का विस्तार प्रशान्त महासागर क्षेत्र में होने पर सकल अन्तरद्वीपीय व्यापार की गति विश्व के विभिन्न देशों के बीच वाणिज्य व व्यापार की गतिविधियों को बढ़ाती है जिसमें अमेरिका की भागीदारी भी हो जाती है। इसे देखते हुए चीन इस पूरे महासागरीय क्षेत्र में अपना वाणिज्यिक दबदबा कायम करने की गरज से अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करके अपनी धौंस जमाना चाहता है। यह धौंस वह इस तरह जमाना चाहता है कि इस जल क्षेत्र में उसकी आर्थिक या वाणिज्यिक मनमानियों को कोई भी दूसरा देश खास कर अमेरिका चुनौती न दे सके। अतः भारत की भूमिका बहुत अधिक बढ़ जाती है और इस तरह बढ़ती है कि उसे साथ लिये बिना अमेरिका समेत दुनिया का दूसरा देश कुछ नहीं कर सकता। इस हकीकत को चीन को भी समझना चाहिए और हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र में बिना किसी टकराहट के विश्व व्यापारिक गतिविधियों को निर्बाध रूप से चलाने में सहयोग करना चाहिए परन्तु चीन अपने आर्थिक हितों के आगे न्यायपूर्ण वाणिज्यिक गतिविधियों को तरजीह नहीं देना चाहता जिसकी वजह से इस जल क्षेत्र में तनाव पैदा होने की संभावनाएं बन रही हैं परन्तु चीन भारत का निकटतम पड़ोसी है और भारत के साथ उसके अच्छे व्यापारिक सम्बन्ध भी हैं अतः वह भारत को धौंस में लेने के ऐसे रास्ते अख्तियार करता रहता है जिससे भारत हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र में उसका प्रभाव निरस्त या निस्तेज करने के अन्तर्राष्ट्रीय प्रयासों से दूर रहे। यही वजह है कि चीन ने भारत की लद्दाख व अरुणाचल सीमा पर अतिक्रमण करने की कार्रवाइयां कीं परन्तु भारत की तरफ से मुहतोड़ जवाब मिलने पर चीन के होश ठिकाने भी आ गये। इसके बावजूद सीमा पर उसकी उत्तेजक कार्रवाइयों पर लगाम नहीं लगी है। अतः चीन के मुद्दे पर प्रधानमन्त्री ने क्वाड बैठक में जो रुख अपनाया है वह पूर्णतः राष्ट्रहित में है और भारत की निडरता का परिचायक है। बेशक पिछले दो दशकों में भारत-अमेरिका सम्बन्धों में गुणात्मक सुधार आया है मगर इसके बावजूद अमेरिका पर आम भारतीय आंख मीच कर भरोसा करने को तैयार नहीं रहता है। यही वजह है कि प्रधानमन्त्री ने अमेरिका रक्षा सामग्री के भारत में निर्माण किये जाने के बारे में कई कदम आगे बढ़ा कर समझौता करना चाहा है। मेक इन इंडिया के तहत अगर अमेरिकी आयुध सामग्री का उत्पादन होता है तो इससे आपसी भरोसे में भी भारी वृद्धि होगी। इसके साथ यह भी समझे जाने की जरूरत है कि मौजूदा वैश्विक घटनाक्रम में भारत को अमेरिका की इतनी जरूरत नहीं है जितनी कि अमेरिका को भारत की। अतः भारत को सभी दिशाओं में अपने हितों की रक्षा करते हुए क्वाड में भी आगे बढ़ना होगा।
२० फरवरी, २०19 को महाराष्ट्र भर के गांवों के किसान मुंबई तक मार्च निकालने के लिए नासिक शहर में एकत्र हुए। नासिक जिले के डिंडोरी गांव के साथ-साथ अन्य गांवों में भी प्रदर्शनकारियों ने इस मार्च के लिए हफ्तों पहले तैयारी कर ली थी। उन्होंने अनाज जमा कर लिए थे और खाना पकाने के लिए बड़े बर्तन, पानी जमा करने के लिए ड्रम, जलावन की लकड़ी, और सोने के लिए तिरपाल तथा गद्दे रख लिए थे। डिंडोरी गांव से ये किसान टेम्पो, साझा ऑटो और दुपहिया वाहन द्वारा १३ किलोमीटर दूर ढाकम्बे टॉल नाका पर पहुंचे। निर्गुडे करंजली, भेडमाल, तिलभट, शिंदवाड़ और अन्य गांवों से और भी किसान इकट्ठा होने लगे। वे दहानू, नासिक, पालघर और ठाणे जिलों से आए थे, साथ ही कुछ मराठवाड़ा और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से भी आए थे। फिर वे सभी नासिक के केंद्रीय बस डिपो की ओर मार्च करने लगे, जहां दूसरे जिलों से भारी संख्या में किसान एकत्र हो रहे थे। २१ फरवरी, २०१९ को, किसानों ने नासिक के बस डिपो से मार्च करना शुरू किया, और ११ किलोमीटर तक चलने के बाद, लगभग २:३० बजे विल्होली गांव पहुंचे। महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों तथा मार्च की आयोजक, अखिल भारतीय किसान सभा के नेताओं के बीच एक लंबी बैठक के बाद, देर रात मार्च को समाप्त कर दिया गया। सरकार ने एक बार फिर किसानों की सभी मांगों को पूरा करने का वादा किया है।
रोहतक में शनिवार अल सुबह जोरदार धमाका हो गया। जिला मुख्यालय से १० किलोमीटर की दूरी पर गांव खरावड़ में थैले में ब्लास्ट हो गया। धमाके के संपर्क में आने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। जोरदार धमाके की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और घायल को उपचार के लिए पीजीआइएमएस रोहतक में भर्ती कराया गया है। हादसे की सूचना मिलने पर आइएमटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल एक्सपर्ट टीम को भी मौके पर जांच के लिए बुलाया गया। जानकारी के मुताबिक, गांव खरावड़ निवासी ५५ वर्षीय राजकुमार शनिवार सुबह करीब सात बजे खेत की तरफ जा रहा था। थोड़ी दूरी पर जाने के बाद कच्चे रास्ते एक थैला रखा देखा। राजकुमार ने बीच रास्ते से हटाने के लिए जैसे ही थैले को उठाया, तभी उसमें जोरदार ब्लास्ट हो गया। धमाके से राजकुमार के हाथ मुंह और शरीर पर कई जगह गहरे घाव हो गए। धमाके की आवाज सुनकर वहां कुछ लोग पहुंचे और उसको पीजीआइएमएस में ले गए। इसके बाद पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। एफएसएल टीम घटनास्थल पर प्रारंभिक जांच में ब्लास्ट होने के खास कारणों का पता नहीं लगा पाई है। इस हादसे को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल भी है और इसे किसी बड़ी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। लोगों में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल गर्म है।
जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एव ंचेयरमेन राजस्थान स्टेट गैस लि. डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आरएसजीएल का वार्षिक कारोबार बढ़कर ५६ करोड ६२ लाख रु. हो गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष २०२१-२२ के दौरान आरएसजीएल ८ करोड़ १३ लाख रु. रहा है।एसीएस माइंस व चेयरमेन आरएसजीएल सचिवालय में आरएसजीएल की संचालक मण्डल की ३३ वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। आरएसजीएल द्वारा कोटा में तेजी से आधारभूत संरचना कार्य को बढ़ाया जा रहा हैं वहीं नीमराना व कूकस में एक दिन में सर्वाधिक सीएनजी उपलब्ध कराने का रिकार्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि आरएसजीएल द्वारा कोरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत राजस्थान मेडिकल रिलिफ सोसायटी में १३ लाख २५ हजार रु. उपलब्ध कराए। आरएसजीएल के प्रबंध संचालक श्री मोहन सिंह ने बताया कि आरएसजीएल द्वारा १३ सीएनजी स्टेषनों के माध्यम से सीएनजी वितरित की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोटा में घरेलू पाइप्ड गैस उपलब्ध कराने के लिए आधारभूत संरचना के साथ ही घरेलू पाइप्ड गैस कनेक्षन का काम चरणवद्ध तरीके से जारी है। संचालक मण्डल की बैठक में गैल प्रतिनिधि श्री अजय कुमार जिंदल व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
भोपाल में कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के निवास स्थल के आसपास के १ किलो मीटर एरिया को कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े द्वारा कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है।मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्यअधिकारी श्री प्रभाकर तिवारी ने बताया कि आज 3१ व्यक्तियों की कोरोना सेम्पल रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है । अभी तक भोपाल में कुल ४९५ व्यक्तियों की कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। आज भोपाल में आज की रिपोर्ट अनुसार पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश अनुसार आज कोरोना पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों के निवास स्थान क्रमश: थाना मंगलवारा के अंतर्गत स्ट्रीट नंबर २ छावनी, गली नंबर २ नवीन पुरी, गली नंबर २ छावनी, २३ छावनी, बुधवारा ,मकान नंबर ४१ बुधवारा , थाना शाहजहानाबाद के अंतर्गत सूर्या परिसर इब्राहिम पुलिस लाइन, मदर इंडिया कॉलोनी, थाना बजरिया में शंकराचार्य नगर जैन मंदिर के पास, सौरभ कॉलोनी चांदबड़, थाना कोहेफिजा में ताजुल मस्जिद, कोहेफिजा थाना, थाना जहांगीराबाद में मकान नंबर ३३ अहीरपुरा, ३१६ सतपुड़ा भवन के पास वल्लभ नगर, मकान नंबर २0 अहीरपुरा साहू मंदिर के पास बरखेड़ी ,२4 एसबीआई की पुरानी बिल्डिंग जहांगीराबाद, न्यू रविदास कॉलोनी, अहिरमोहल्ला, चर्च रोड, मकान नंबर १०६ रउफ भाई की गली नई बाजार ,नूर बाग कैंप होमगार्ड कार्यालय जहांगीराबाद, थाना टीला जमालपुरा में कच्ची मस्जिद बाग मुफ्ती साहब शाहजहानाबाद कबितपुरा, पुतलीघर बिडिए मस्जिद, थाना निशातपुरा में मकान नंबर २11 देवकी नगर बैरसिया, दुर्गा मंदिर लंबाखेड़ा , नियर अमन कॉलोनी शिया मस्जिद करोंड, थाना हबीबगंज में डी ३/ १७ चार इमली, थाना रातीबड़ में शिवनगर नीलबड़ , थाना कोतवाली में गली नंबर २ बैंड मास्टर चौराहा इस्लाम पुरा और थाना टीटी नगर में मद्रासी कॉलोनी भोपाल को शामिल किया गया है । कलेक्टर श्री तरुण पिथोडे ने भोपाल में आज संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के निवास स्थल को इपिक सेंटर घोषित कर उसके आसपास के १ किलोमीटर क्षेत्र को कंटेंटमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया गया है | इस कंटेनमेंट एरिया के अंतर्गत पूर्ण रूप से आवागमन प्रतिबंधित रहेगा ।कंटेनमेंट एरिया के समस्त निवासियों को होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा ।कंटेनमेंट एरिया को पेरिमीटर कंट्रोल किया जाएगा जिसके अंतर्गत आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त किसी प्रकार के लोगों का बाहर जाना प्रतिबंधित रहेगा। कंटेनमेंट एरिया में सीएमएचओ द्वारा विशेष रैपिड रिस्पांस टीम या मोबाइल यूनिट का गठन किया जाएगा और कंटेनमेंट एरिया और एग्जिट प्वाइंट पर स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा सतत स्क्रीनिंग की जाएगी ।समस्त टीम कोविड १9 सस्पेक्टेड केस की मॉनिटरिंग की जाएगी और संक्रमण की संभावित लक्षण जैसे बुखार खांसी श्वास लेने में तकलीफ आदि लक्षण आने पर रैपिड रिस्पांस टीम को तत्काल सूचना दी जाएगी। जिन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया है उनका प्रतिदिन फॉलो किया जाएगा इसके अलावा आगे संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संदिग्ध मरीज की कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री ट्रेक करते हुए समस्त संबंधियों से अनिवार्यता संपर्क किया जा कर उन्हें भी होम करने की कार्यवाही और मॉनिटरिंग की जाएगी। कंटेनमेंट एरिया में नगर निगम के अधिकारी पूरे क्षेत्र का किया जाना सुनिश्चित करेंगे। प्रशासन उस कंटेनमेंट एरिया में आवश्यक वस्तु की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। कोरोना संक्रमण से रोकथाम के लिए कंटेन मेंट प्लान के तहत पूरे भोपाल को आठ जोन में बांटा गया है । इन आठ जोन में भी कार्यवाही की सुविधा की दृष्टि से कोविड१९ कंटेनमेंट एरिया को थाना क्षेत्र के तहत रखा गया है। पूर्व में घोषित कंटेंटमेंट क्षेत्र के अंतर्गत थाना जहांगीराबाद अंतर्गत ७९ , थाना टीटी नगर अंतर्गत ३५ , थाना कमला नगर अंतर्गत ३१ , थाना अशोका गार्डन अंतर्गत २७ , थाना कोहेफिजा अंतर्गत ५८, थाना शाहजहानाबाद अंतर्गत २२ ,थाना कोलार अंतर्गत १९ ,थाना हबीबगंज अंतर्गत १६ , थाना ऐशबाग अंतर्गत १९, थाना, गोविंदपुरा अंतर्गत १५ , थाना बागसेवनिया अंतर्गत १६ , थाना तलैया अंतर्गत १३ ,थाना निशातपुरा अंतर्गत १० , थाना अवधपुरी अंतर्गत ८ ,थाना स्टेशन बजरिया अंतर्गत १२,थाना मिसरोद अंतर्गत ९, थाना हनुमानगंज अंतर्गत ७, थाना शाहपुरा अंतर्गत ५ , थाना चुना भट्टी अंतर्गत ५ ,थाना अयोध्या नगर अंतर्गत ३ , थाना कोतवाली अंतर्गत ६, थाना बैरागढ़ अंतर्गत ४, थाना पिपलानी अंतर्गत ४, थाना मंगलवारा अंतर्गत ७ ,थाना गांधीनगर अंतर्गत ३, थाना एमपी नगर अंतर्गत ३, थाना रातीबड़ अंतर्गत ३ , थाना कटारा हिल्स अन्तर्गत ३, थाना ईटखेड़ी अंतर्गत २, टीला जमालपुरा अन्तर्गत २, थाना श्यामला हिल्स अन्तर्गत १, थाना छोला मंदिर अन्तर्गत ३ , थाना गौतम नगर अन्तर्गत २ और थाना बैरसिया के अन्तर्गत १ कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के निवास स्थान के आसपास १ किलोमीटर के क्षेत्र को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है।
थे गुजरात कन्सर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (गरी) रिक्रूटमेन्ट २०२२ अपरेंटिस पद के लिए भर्ती प्रकाशित की है। भर्ती के लिए कुल रिक्तियां ६८ हैं। यहां आपको गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ के बारे में सभी जानकारी मिलेगी जैसे - महत्वपूर्ण तिथि, चयन प्रक्रिया, आयु सीमा, वेतन, फॉर्म शुल्क, परीक्षा तिथि। नीचे सभी जानकारी है कि गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ के लिए कौन आवेदन कर सकता है। जो लोग गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए लिंक से आवेदन कर सकते हैं। गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ के लिए फॉर्म भरने की अंतिम तिथि ०५ सितम्बर, २०२२ है। गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ में आवेदन करने के लिए योग्यता म्ब्ब्स, म्ड, म्स, दनब, द्म, म.च पास है। गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ के लिए आवेदन करते समय, सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही है। १. गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ में आवेदन करने के लिए सबसे पहले नीचे दिए गए आवेदन लिंक पर क्लिक करें। २. फिर इस गरी रिक्रूटमेन्ट २0२२ फॉर्म में मांगी गई जानकारी को ध्यान से भरें, इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जानकारी भरने में कोई गलती न हो। ३. गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ आवेदन पत्र में मांगे गए दस्तावेजों जैसे कि परिणाम, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र आदि को जोड़ें। ४. गरी रिक्रूटमेन्ट २०२२ के लिए आवेदन करने के लिए आपको अनुरोधित आकार में एक फोटो और हस्ताक्षर होना चाहिए।
अपने स्थापना के समय से ही भारतीय विद्यामंदिर और इसके सहयोगी संस्थान भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मेलन, संगोष्ठियां आदि आयोजित करते रहे हैं । गणगौर गवरजा का लोकार्पण बाबूलाल शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक गणगौर गवरजा का लोकार्पण ३१ मार्च २०११ को किया गया । इस अवसर पर सांस्कृतिक काय्रक्रम का आयोजन किया गया । गणगौर पूजा का आयोजन करने वाली विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया । प्रतिनिधियों को कार्यक्रम में सम्मानित भी किया गया। भारतीय विद्यामंदिर के अध्यक्ष डा बिट्ठल दास मूंधड़ा द्वारा लिखित इंडियन एनसाइक्लोपीडिक सर्वे ऑफ इंडियन कल्चर के आठ खण्ड माननीय राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल और उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी को भेंट किये गए। जयपुर में ३-४ मार्च २०१२ को वैचारिकी लेखक पाठक सम्मेलन का आयोजन किया गया । तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में शामिल हुए। सम्मेलन में राजस्थान के इतिहास एवं राजस्थान के पुरातत्व पर विचार विमर्श हुआ । कार्यक्रम में लेखक श्री शंकर भट्ट, संस्कृत के विद्वान श्री कलानाथ शास्त्री, लोक कथाकार श्री कृष्ण कुमार शर्मा, प्रख्यात विद्वान श्री राजेंद्र कुमार सिंघल तथा पुरातत्व संबंधी विषयों के लेखक श्री रतन चंद अग्रवाल को सम्मानित किया गया। स्वर्गीय श्री मूलचंद पारीक की प्रतिमा का अनावरण गिरधर दास मूंधड़ा शिक्षण संस्थान, बीकानेर एवं बीकानेर समाज की ओर से १८ अक्टूबर २०११ को प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री मूलचंद पारीक की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में स्वर्गीय श्री मूलचंद पारीक की प्रतिमा का अनावरण किया गया।
पटना। बिहार के पूर्व मंत्री (एक्स मिनिस्टर) व जनता दल यूनाइटेड (ज्दू) विधायक मेवालाल चौधरी (मेवे लाल चौधरी) का सोमवार को पटना के पारस अस्पताल (पारस हॉस्पिटल) में कोरोनावायरस संक्रमण (कोरोनाविरस इन्फेक्शन) के कारण निधन हो गया। मेवालाल चौधरी के इलाज के दौरान के अनुभवों को साझा करते हुए उनके निजी सचिव शुभम सिंह (शुभम सिंह) ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था (हेल्थ सिस्टम इन बिहार) की पोल खोल दी है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (कम नीतीश कुमार) उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि इलाज के दौरान पहले मुंगेर व बाद में पटना में मेवालाल ने क्या-क्या झेला। सत्ताधारी दल का बड़ा नाम रहने के बावजूद उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा। सही व समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण वे मौत से जंग हार गए। शुभम सिंह कहते हैं कि मेवालाल चौधरी को बीते कुछ दिनों से बुखार था। कोरोनावायरस संक्रमण की आशंका होने पर उन्होंने मुंगेर में आरटीपीसीआर टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट के लिए उन्होंंने तीन दिन तक इंतजार किया। इस बीच १५ अप्रैल को जब उनकी स्थिति बिगड़ी, तब भी उन्होंने आरटीपीसीआर रिपोर्ट की मांग की, लेकिन वह नहीं मिली। बाद में यह रिपोर्ट १६ अप्रैल को मिली। शुभम सिंह के अनुसार, इसके पहले मेवालाल को सांस लेने में कठिनाई होने पर उन्हें १५ अप्रैल को ऑक्सीजन सपोर्ट पर पर रखकर पटना लाया गया। रास्ते में उन्हें खांसी का दौरा पड़ा। रास्ते में उन्हें अदरक चबाने के लिए दिया गया, जाकि खांसी कम हो। १५ अप्रैल की रात १२.३० बजे उन्हें पटना के सरकारी आवास पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। अगली सुबह पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (इजिम) ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भर्ती करने से इनकार कर दिया। वहां मेवालाल ने खुद सांस लेने में परेशानी की स्थिति बताते हुए डॉक्टरों से आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का आग्रह किया, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि इसकी रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग जाएंगे और रिपेार्ट पॉजिटिव आने के पहले वे उन्हें भर्ती नहीं कर सकते हैं। शुभम सिंह ने बताया कि पूर्व मंत्री ने अपने सभी स्रोतों से सहायता मांगी, लेकिन आइजीआइएमएस में बेड नहीं पा सके। इसके बाद पटना के पारस अस्पताल ने भी बेड के अभाव में भर्ती करने से इनकार कर दिया। तब मेवालाल चौधरी ने पटना के जिलाधिकारी (पटना द्म) चंद्रशेखर को फोन किया। जिलाधिकारी के कहने पर पारस अस्पताल ने बेड दिया। पारस अस्पताल में डॉक्टरों ने सीने की सीटी-स्कैन कराने पर गंभीर कोरोना संक्रमण पाया। आइसीयू में बेड नहीं रहने के कारण उन्हें फिलहाल इमरजेंसी वार्ड में रखकर इलाज शुरू किया गया। घंटों बाद १६ अप्रैल को रात्रि ११ बजे जब तक आइसीयू में बेड मिला, तब तक मेवालाल केवल ऑक्सीजन सपोर्ट व सेलाइन पर रखे गए थे। आगे १८ अप्रैल को डॉक्टरों ने बताया कि फेफड़े ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखना होगा। मेवालाल १८ अप्रैल की रात में वेंटिलेटर पर रखे गए और १९ अप्रैल की सुबह करीब ४.३० बजे उनकी मौत की सूचना दी गई। शुभम सिंह ने सवाल किया है कि जब एक सत्ताधारी दल के बड़े विधायक के साथ अस्पतालों में ऐसा हो सकता है, तब आम आदमी के साथ क्या होगा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के प्रयासों से रामग्राम उत्खनन का होगा अंतिम निरीक्षण। कताज़ा न्यूज न्यूज़ चैनल है जहाँ आप छत्तीसगढ़ और भारत की नवीनतम और ट्रेंडिंग न्यूज़ पा सकते हैं। कताज़ा न्यूज न्यूज़ चैनल के माध्यम से दैनिक समाचार प्रदान करते हैं जहां आप हमारे समाचार देख सकते हैं व पढ़ सकते हैं।
१) सावधान रहो। लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने धर्मकार्यों का प्रदर्शन न करो, नहीं तो तुम अपने स्वर्गिक पिता के पुरस्कार से वंचित रह जाओगे। २) जब तुम दान देते हो, तो इसका ढिंढोरा नहीं पिटवाओ। ढोंगी सभागृहों और गलियों में ऐसा ही किया करते हैं, जिससे लोग उनकी प्रशंसा करें। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं। ३) जब तुम दान देते हो, तो तुम्हारा बायाँ हाथ यह न जानने पाये कि तुम्हारा दायाँ हाथ क्या कर रहा है। ४) तुम्हारा दान गुप्त रहे और तुम्हारा पिता, जो सब कुछ देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा। ५) ढोगियों की तरह प्रार्थना नहीं करो। वे सभागृहों में और चौकों पर खड़ा हो कर प्रार्थना करना पसन्द करते हैं, जिससे लोग उन्हें देखें। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं। ६) जब तुम प्रार्थना करते हो, तो अपने कमरें में जा कर द्वार बंद कर लो और एकान्त में अपने पिता से प्रार्थना करो। तुम्हारा पिता, जो एकांत को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा। ७) प्रार्थना करते समय ग़ैर-यहूदियों की तरह रट नहीं लगाओ। वे समझते हैं कि लम्बी-लम्बी प्रार्थनाएँ करने से हमारी सुनवाई होती है। ८) उनके समान नहीं बनो, क्योंकि तुम्हारे माँगने से पहले ही तुम्हारा पिता जानता है कि तुम्हें किन-किन चीज़ों की ज़रूरत है। ९) तो इस प्रकार प्रार्थना किया करो- स्वर्ग में विराजमान हमारे पिता! तेरा नाम पवित्र माना जाये। १०) तेरा राज्य आये। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में, वैसे पृथ्वी पर भी पूरी हो। ११) आज हमारा प्रतिदिन का आहार हमें दे। १२) हमारे अपराध क्षमा कर, जैसे हमने भी अपने अपराधियों को क्षमा किया है। १३) और हमें परीक्षा में न डाल, बल्कि बुराई से हमें बचा। १४) यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। १५) परन्तु यदि तुम दूसरों को क्षमा नहीं करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेगा। १६ ढोंगियों की तरह मुँह उदास बना कर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिससे लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहें हैं। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं। १७) जब तुम उपवास करते हो, तो अपने सिर में तेल लगाओ और अपना मुँह धो लो, १८) जिससे लोगों को नहीं, केवल तुम्हारे पिता को, जो अदृश्य है, यह पता चले कि तुम उपवास कर रहे हो। तुम्हारा पिता, जो अदृश्य को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा। १९) पृथ्वी पर अपने लिए पूँजी जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीडे़ खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। २०) स्वर्ग में अपने लिए पूँजी जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। २१) क्योंकि जहाँ तुम्हारी पूँजी है, वही तुम्हारा हृदय भी होगा। २३) किन्तु यदि तुम्हारी आँख बीमार है, तो तुम्हारा सारा शरीर अंधकारमय होगा। इसलिए जो ज्योति तुम में है, यदि वही अंधकार है, तो यह कितना घोर अंधकार होगा! २४) कोई भी दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम ईश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते। २५) मैं तुम लोगों से कहता हूँ, चिन्ता मत करो- न अपने जीवन-निर्वाह की, कि हम क्या खायें और न अपने शरीर की, कि हम क्या पहनें। क्या जीवन भोजन से बढ कर नहीं ? और क्या शरीर कपडे से बढ़ कर नहीं? २६) आकाश के पक्षियों को देखो। वे न तो बोते हैं, न लुनते हैं और न बखारों में जमा करते हैं। फिर भी तुम्हारा स्वर्गिक पिता उन्हें खिलाता है, क्या तुम उन से बढ़ कर नहीं हो? २७) चिंता करने से तुम में से कौन अपनी आयु घड़ी भर भी बढा सकता है? २८) और कपडों की चिन्ता क्यों करते हो? खेत के फूलों को देखो। वे कैसे बढ़ते हैं! वे न तो श्रम करते हैं और न कातते हैं। २९) फिर भी मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ कि सुलेमान अपने पूरे ठाट-बाट में उन में से एक की भी बराबरी नहीं कर सकता था। ३०) रे अल्पविश्वासियों! खेत की घास आज भर है और कल चूल्हे में झोंक दी जायेगी। यदि उसे भी ईश्वर इस प्रकार सजाता है, तो वह तुम्हें क्यों नहीं पहनायेगा? ३१) इसलिए यह कहते हुए चिंता मत करो- हम क्या खायें, क्या पियें, क्या पहनें। ३२) इन सब चीजों की खोज में गैर-यहूदी लगे रहते हैं। तुम्हारा स्वर्गिक पिता जानता है कि तुम्हें इन सभी चीजों की ज़रूरत है। ३३) तुम सब से पहले ईश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज में लगे रहो और ये सब चीजें, तुम्हें यों ही मिल जायेंगी।
राज्य में नए साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. और इसे देखते हुए राज्य सरकार ने १० से १२ जनवरी २०२२ तक होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-२०२२ को स्थगित करने का फैसला किया है. सरकार पिछले दो महीने से समिट की तैयारी कर रही है। राज्य में बढ़ते कोरोना मामले और गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में शिखर सम्मेलन को फिलहाल के लिए टालने के मुद्दे पर चर्चा हुई. प्रधान मंत्री के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में शिखर सम्मेलन को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में कोरोना और एमिक्रॉन वायरस को और फैलने से रोकने के लिए पूरी एहतियात बरतते हुए स्थिति की व्यापक समीक्षा की और यह सुनिश्चित किया कि महामारी न फैले। इन सब को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नागरिकों के व्यापक हित में १० से १२ जनवरी २०२२ तक होने वाले १०वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को स्थगित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए विशेष धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को हमेशा मानव जाति के कल्याण, खुशी और सुरक्षा और स्वास्थ्य और कल्याण की चिंता रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गुजरात विकास का एक वैश्विक मॉडल है और वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट दुनिया भर के पूंजी निवेशकों, उद्योगपतियों, निवेशकों के लिए एक व्यवहार्य मंच बन रहा है। शिखर सम्मेलन में देश भर के राष्ट्राध्यक्षों, गणमान्य व्यक्तियों, उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ व्यापार और उद्योग के अधिकारियों ने भाग लिया। विश्व व्यापार और उद्योग क्षेत्र में राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य सरकार द्वारा समय पर १०वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री ने शिखर सम्मेलन में भागीदार देश के रूप में और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्रों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रति आभार व्यक्त किया है, और भविष्य में उनसे इसी तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया की आशा करते हैं। बता दें, पिछले एक हफ्ते में राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति एक बार फिर बढ़ गई है. राज्य सरकार द्वारा सघन टीकाकरण, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग के कारण स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है और कल राज्य में कोरोनरी हृदय रोग के रोगियों के ठीक होने की दर ९७.४८ प्रतिशत थी। नए वेरिएंट एमिक्रॉन के मामले भी कोरोना संक्रमण के साथ सामने आए हैं और इसके मरीजों के इलाज, आइसोलेशन आदि को लेकर पूरा राज्य प्रशासन हाई अलर्ट पर है. दुनिया भर में इसका प्रकोप तेज होता दिख रहा है, और संक्रमण दुनिया भर में फैल गया है।
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नईदिल्ली,०१ अगस्त (आरएनएस)। अब आप अपने परिवार और दोस्तों को उपहार में खास तौर पर तैयार किए गए खादी रेशम फेस मास्क का एक आकर्षक उपहार बॉक्स दे सकते हैं। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कल खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा विकसित उपहार बॉक्स का शुभारंभ किया। उपहार बॉक्स में विभिन्न रंगों और प्रिंटों में चार दस्तकारी रेशम के मास्क होते हैं। मास्क को सुनहरा उभरे हुए मुद्रण के साथ एक सुंदर रूप से तैयार किए गए हस्तनिर्मित काले रंग के पेपर बॉक्स में पैक किया गया है। रेशम मास्क उपहार बॉक्स की कीमत सिर्फ ५०० रुपये प्रति बॉक्स है और अब दिल्ली एनसीआर में केवीआईसी के सभी आउटलेट्स पर उपलब्ध है। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि उपहार बॉक्स लॉन्च करने के पीछे का विचार विदेशी बाजार और त्योहारों के मौसम के दौरान अपने प्रियजनों के लिए उचित मूल्य के उपहारों की तलाश कर रहे एक बड़ी भारतीय आबादी की मांग को पूरा करना है। उपहार बक्से में एक मुद्रित रेशम मास्क और तीन अन्य मास्क ठोस आकर्षक रंगों में होंगे। ये तीन स्तरीय रेशम मास्क त्वचा के अनुकूल,धोने योग्य, पुन: उपयोग योग्य, और स्वाभिवक रूप से सडऩशील हैं। सिल्क मास्क में तीन चुन्नट होते हैं और कान में लगाने वाले लूप को आसानी से समायोजित किया जा सकता है। इसमें १०० प्रतिशत खादी सूती कपड़े की दो आंतरिक परतें और रेशम कपड़े की एक शीर्ष परत है।
रुडकी। उत्तराखंड किसान मोर्चा ने गन्ना मूल्य भुगतान में हो रही देरी पर रोष जताया। इस दौरान उकिमो ने प्रशासन से किसानों को जल्द से जल्द गन्ना मूल्य भुगतान दिलाने की मांग की। उकिमो ने प्रशासनिक भवन में शुगर मिलों द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान में हो रही देरी को लेकर बैठक की। बैठक की अध्यक्षता धर्मवीर सिंह और संचालन महकार सिंह ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि शासन, प्रशासन गन्ने का भुगतान को गंभीरता से नहीं ले रहा है। कहा कि प्रशासन की अनदेखी के कारण ही इकबालपुर शुगर मिल पर १८० करोड़ रुपये बकाया है। बताया कि प्रशासन की अनदेखी के चलते अन्य शुगर मिलों का हाल भी इकबालपुर मिल की तरह न हो जाए। उन्होंने कहा कि दोबारा से किसानों के साथ ऐसा अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उकिमो किसानों की हक में लड़ाई रहेगा। इस अवसर पर सुरेन्द्र चौधरी ने ऊधमसिंह नगर में सीपीयू द्वारा कथित तौर पर युवक के साथ की गई हिंसात्मक घटना की निंदा की। कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीपीयू की बागडोर थाना प्रभारियों या पुलिस अधीक्षक को सौंप देनी चाहिए। इस अवसर पर बालेन्द्र त्यागी, राजपाल सिंह, सतवीर, मोनू, नरेन्द्र सिंह, बिजेन्द्र सिंह, अनिल सैनी, सुधीर, महीपाल सिंह, सुशील कुमार, वीरेन्द्र सैनी, नरेश लोहान, धमेन्द्र सिंह, प्रमोद कुमार, जनेश्वर सैनी, कर्मवीर सिंह, अमित कुमार, संदीप कुमार, ईलम सिंह, विनोद शर्मा, आकिल हसन आदि मौजूद रहे।
र्बसे १० वीं रिजल्ट २०२२ आज : लगभग १० लाख माध्यमिक छात्रों के लिए आज का दिन है, जो धैर्यपूर्वक राजस्थान १० वीं रिजल्ट २०२२ की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। आधिकारिक घोषणा के अनुसार, आरबीएसई कक्षा १० परिणाम २०२२ को शाम को घोषित किया जाएगा। राजस्थान बोर्ड कक्षा १० परिणाम आधिकारिक रूप से बोर्ड के अजमेर कार्यालय से घोषित किया जाएगा, जिसके बाद छात्रों को डिजिटल माध्यमों के माध्यम से इसके लिए प्रवेश प्रदान किया जाएगा। आज शाम ४ बजे, छात्र आधिकारिक परिणाम वेबसाइटों यानी राजेडुबोर्ड.राजस्थान.गोव.इन और राजरेसल्ट्स.निक.इन के माध्यम से बीएसईआर १० वीं परिणाम की जांच और उपयोग कर पाएंगे। छात्रों को राजस्थान १० वीं परिणाम के लिए पहली पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, रिजल्ट तिथि को सबसे पहले, सबसे अधिक संभावना है, यहां तक कि आधिकारिक वेबसाइट के नीचे दिए गए लिंक पर प्रकाशित किया जाएगा। र्बसे १०वीं, १२वीं रिजल्ट नाम से देखें? कर्ज माफ़ी योजना: ८० लाख किसानों पर बोझ बना कर्ज, अब माफ करने जा रही सरकार, लिस्ट में चेक करें अपना नाम? आयुष्मान भारत योजना: पांच लाख रुपये का करा सकते हैं मुफ्त इलाज, जानें कौन लोग कर सकते हैं स्कीम में आवेदन? अटल पेंशन योजना: अगर आप भी हैं शादीशुदा तो आपको भी मिल सकते हैं हर महीने ५ हजार रुपये तक, जानिए कैसे?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन से उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लि. एवं पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ लि. द्वारा पूर्ण की गई कुल १३ परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में १३ यूपीसीएल तथा ०२ पिडकुल की शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज महत्वपूर्ण परियोजनाएं जनता को समर्पित हुई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे। देवभूमि उत्तराखण्ड गंगा एवं यमुना का उद्गम स्थल है। राज्य में जल विद्युत की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में तेजी से कार्य करने की जरूरत है। राज्य के राजस्व स्रोतों में ऊर्जा का स्रोत महत्वपूर्ण है। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं पर तेजी से कार्य हो, इसके लिए सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से काम करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए ऊर्जा का क्षेत्र महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विद्युत की रोस्टिंग कम से कम किये जाने के प्रयास किये जाएं। जो रोस्टिंग की जा रही है, उसका समय निर्धारित हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत मीटरों, बिजली के बिलों की शिकायतों पर सख्त कारवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति आई है। राज्य में जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मंत्र पर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने से मन में संतुष्टि का भाव तभी आयेगा, जब कार्य पूर्ण मनोयोग से किया जाए। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक संभावनाएं हैं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में पर्वतीय राज्य के दृष्टिगत योजनाएं बननी जरूरी हैं। १. २क्स३ म्वा, ३३/११ के.वी. उपसंस्थान सोनप्रयाग एवं ३३ के. वी. गुप्तकाशी सोनप्रयाग लाईन श्री केदारनाथ जी की विद्युत आपूर्ति के सुदृढ़ीकरण हेतु । २. ३३ के. वी. सिमली नन्दप्रयाग लाईन, श्री बद्रीनाथ जी की विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु । ३. २क्स८ म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, ऋषिकेश, देहरादून। ४.२क्स१० म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, कनखल, हरिद्वार। ५.२क्स१० म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, पनियाला, रुड़की । ६. २क्स५ म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, अल्मोड़ा । ७.२क्स१० म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, रूद्रपुर । ८. २क्स१० म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, किच्छा, उधमसिंहनगर । ९. २क्स१० म्वा, ३३/११ के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, काठगोदाम, हल्द्वानी। १०.२क्स३ म्वा, ३३/११ के.वी. उपसंस्थान, आराकोट, उत्तरकाशी। ११. २क्स५ म्वा, ३३/११ के.वी. उपसंस्थान, असकोट, पिथौरागढ़। १२.२२० क्व, व्यासी देहरादून डबल सर्किट लाईन । १३. २क्स५०म्वा, २२0/३३ के.वी., उपसंस्थान, जाफरपुर, उद्यम सिंह नगर । इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल अनिल कुमार, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, अपर सचिव अहमद इकबाल, अपर सचिव रंजना राजगुरू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
लॉफिंग बुद्धा के बारे में ऐसी मान्यता है कि, इनको घर में रखने से भाग्य में वृद्धि होती है और घर में सकारात्मक उर्जा का प्रवेश होता है ! घर में शांति और सौहाद्रपूर्ण वातावरण बना रहता है ! कुछ लोग लॉफिंग बुद्धा को अपने घर के मुख्य द्वार पर इस प्रकार लगाते है कि, आने वालों की नजर इन पर पड़े और ऐसा लगे कि ,बुद्धा हंसकर घर के अन्दर आने के लिए स्वागत कर रहे है ! लॉफिंग बुद्धाओंकी अनेक प्रकार की प्रतिमाएँ बाजार में उपलब्ध है ! इन प्रतिमाओं को कुछ लोग अपने दुकान, ऑफिस, शोरुम,व्यसायिक स्थलों पर भी लगाते है !लॉफिंग बुद्धा के बारे में बड़ी प्यारी कहानी प्रचलित है शायद इसे बहुत कम लोग जानते होंगे ! सुना है कि ....तीन बौद्ध भिक्षु रहा करते थे ! इनके बारे कहते है हंसी से ही इनको ज्ञान प्राप्त हुआ था ! इसी कारण दुनिया में उपदेश देने लगे कि, हंसना भी ध्यान करने का एक तरीका है ! उन्होंने इसे "हंसी ध्यान" कहा और जिन्दगी भर जहाँ भी तीनों जाते हंसी का सन्देश फैलाते रहते ! पता है एक दिन क्या हुआ ? उन तीनों बौद्ध भिक्षुमेसे एक मर गया ! जो बाकी के दो बौद्ध भिक्षु उसके पार्थिव शरीर के पास बैठ कर हंसने लगे ! उनके इस अटपटे व्यवहार को देखकर आजू बाजू के लोग नाराज होकर गालियाँ देने लगे ...इसपर उन दोनों ने जो उन लोगों को कहा समझने जैसा है ..."हमारे मित्र ने अपनी पूरी जिन्दगी में लोगों को हंसने का सन्देश दिया ...सारा जीवन उसी में लगा दिया ... अगर हम लोग उसे उसके अंतिम समय में हंसकर विदा नहीं करेंगे तो उसकी आत्मा हम पर हंसेगी कि, हम भी दुसरों की तरह जीवन को गंभीरता के बंधनों में जकड लिया है इसलिए मरने से पहले उसकी इच्छा को पूरा करने के लिए हम लोग हंस रहे है " अंत में जब अंतिम संस्कार करने के लिए चिता जलाने की बारी आई मौत से पहले भिक्षु ने कहा था " चूंकि मै अपनी सारी जिंदगी हंसता रहा हूँ, इसलिए हंसी ने मेरे अन्दर की सारी अशुद्धियाँ साफ हुई है इसलिए कृपया मेरे मृत शारीर को नहलाना मत ..जैसा है वैसे ही जलाया जाए ! उसकी इच्छा के अनुसार भिक्षु के मृत शरीर को कहे अनुसार लिटाया गया और चिता को आग लगा दी गई ! पता है क्या हुआ ....चिता में से पटाखों के धमाके होने लगे ....पहले तो बात किसी के समझ में नहीं आयीं पर जब बात समझ में आयी सारे वहां पर मौजूद लोग हंसने लगे ! दरअसल हुआ यूँ कि, उस भिक्षु ने मरने से पहले अपने चोंगे के भीतर पटाखे बांध लिए थे ताकि, मरने के बाद भी लोगों को हंसा सके ....इसलिए तबसे वे "हंसाने वाले बुद्ध" या लॉफिंग बुद्धा कहलाने लगे !
वह भारत देश है मेरा कविता में कवि ने भारत के महान होने के बारे में बताया है कि पहले भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था कविता में यह भी बताया गया है कि यहां के हर डाल डाल में सोने की चिड़िया का बसेरा है यहां के लोग सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने वाले हैं यहां जो ऋषि मुनि होते हैं वह भी भगवान या प्रभु का नाम जपते रहते हैं या स्मरण करते रहते हैं कवि ने भारत के बालक को मोहन और बालिका को राधा बताया है। कवि यह भी कहते हैं कि भारत में सबसे पहले सूरज का उदय होता है साथ ही यहां विभिन्न तरह के और अद्भुत तरीके से त्योहारों को मनाया जाता है कहीं पर दिवाली की जगमगाहट दिखाई पड़ती है तो कहीं पर होली के मेले लगते हैं और चारों ओर खुशियों का माहौल, प्रेम रंग का माहौल बिखरा हुआ रहता है। यहां के पहाड़ और मंदिर इतनी बड़ी बड़ी है कि ऐसा प्रतीत होता है कि आसमान से बातें कर रहे हो कवि यह भी कहते हैं कि यहां के जो लोग हैं उनमें इतनी ज्यादा विश्वास और भरोसा है कि वह अपने घरों में ताला तक नहीं लगाते हैं इस प्रकार कवि ने भारत को सोने की चिड़िया कहते हुए भारत को अन्य देशों से महान बताया है। क) डाल डाल पर सोने की चिड़िया का क्या अर्थ है? उत्तर : डाल डाल पर सोने की चिड़िया का अर्थ है कि भारत जैसे महान देश को बनाने के लिए यहां के हर देशवासी एकजुट रहते हैं जहां डाल डाल पर सोने की जैसे चिड़ियों की बसेरा है। ख) सबसे पहले सूर्योदय कहां होता है? उत्तर : सबसे पहले सूर्योदय भारत में होता है। ग) भारत में सवेरा कैसे होता है? उत्तर : भारत में सवेरा भगवान को स्मरण करते हुए हंसी खुशी और प्रेम पूर्वक होता है। क) भारत के लोग किस मार्ग पर चलने वाले हैं? उत्तर: भारत के लोग सत्य अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने वाले हैं। ख) कविता में राधा और कृष्णा का उल्लेख क्यों हुआ है। उत्तर : कविता में राधा और कृष्णा का उल्लेख इसलिए हुआ है क्योंकि जिस प्रकार राधा और कृष्ण जो अपने देश यानी कि वृंदावन से जिस प्रकार से प्रेम रखते थे और उसे हर परिस्थितियों एवं विपत्तियों से बचाने के लिए तत्पर रहते थे ठीक उसी प्रकार यहां की जो बालक एवं बालिकाएं हैं वह भी अपने देश से बहुत प्रेम रखते हैं और उनकी हिफाजत एवं हर चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्पर रहते हैं इसलिए कविता में कवि ने राधा और कृष्ण का उल्लेख किया है। ग) भारत के त्योहार अलबेले कैसे हैं? उत्तर : जैसे कि भारत में कई प्रकार के जाति,धर्म के लोग निवास करते हैं यहां हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई और भी कई तरह के जाति के लोग निवास करते हैं उनके धर्म एवं उनके मानने के तरीका अलग-अलग है जिसके कारण यहां हर पल में किसी ना किसी का त्यौहार या पर्व होता ही है जिसे मनाने का रीति-रिवाज भी अलग-अलग हैं और सभी एक साथ मिलजुल कर और हंसी खुशी से बनाते हैं।इसलिए कवि ने भारत के त्योहार को अलबेला यानी की अद्भुत बताया है क्योंकि यहां के जो त्यौहार है उन्हें अद्भुत तरीकों से मनाया जाता है। घ) 'ताला ना डालने' से क्या तात्पर्य है? उत्तर : ताला डालने से तात्पर्य है कि भारत के जो निवासी है वे उनमें इतनी ज्यादा विश्वास है कि वह अपने घरों में ताला तक नहीं लगाते हैं। यहां तक की मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों एवं चर्च में भी कभी ताला नहीं लगाया जाता है। क) चिड़िया कहां रहती हैं? ख) ऋषि मुनि क्या करते हैं? ग) किस त्योहार पर जगमगाहट होती हैं? घ) पग-पग पर किस का डेरा लगता है? वह भारत देश है मेरा। अर्थ : यह पंक्ति राजेंद्र धवन के कविता 'वह भारत देश है मेरा' से लिया गया है कवि इस पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि विभिन्नता वाले देश भारत के धरती पर मनाए जाने वाले त्योहार बहुत ही अद्भुत है कहीं दिवाली की जगमग होती है तो कहीं होली के मेले लगे होते हैं कवि ये भी कहते हैं कि भारत जैसे महान देश में चारों तरफ प्रेम रंग का और हंसी खुशी का माहौल बना रहता है इसलिए भारत देश महान है। इतनी विभिन्नता होने के बावजूद भी जहां सभी एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। यहां पर बहुत ऊंचे और विशाल मंदिर तथा शिवालय हैं। यहां के किसी भी नगर के किसी भी दरवाजे पर लोक ताला नहीं लगाते हैं यहां सुबह और शाम आखर प्रेम का संदेश देते हैं। उत्तर : जहां आसमान से बातें करते, मंदिर और शिवालय, मेरा नाम विवेकानंद है। मैं एक शिक्षक हूँ, साथ ही एक भावुक ब्लॉगर और हिन्दिकेगुरु.कॉम का संस्थापक हूँ। आप इस ब्लॉग के माध्यम से हिंदी से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप हिंदी व्याकरण, पत्र लेखन, निबंध लेखन और भी महत्वपूर्ण जानकारी इस ब्लॉग के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
रायपुर ०९ दिसंबर २०१७ (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता अनिल कुमार बघेल ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन विश्वविद्यालय में परीक्षा के नाम पर अरबों रूपये के बहुत बड़े फर्जीवाड़े को उजागर किया है। जिससे अनिल की चहुंओर प्रशंसा की जा रही एवं सोशल मीडिया पर भी उक्त खबर छाई हुई है। आप पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा किए गए खुलासे में ये भी संभावना जताई गई है कि इस फर्जीवाड़े एवं लूट में छग, मध्य प्रदेश के साथ दिल्ली के राजनेताओं एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा मिलकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। वहीं सच्चाई उजागर होने के बाद से छग, मप्र एवं दिल्ली में कोहराम मच गया है। तो वहीं आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ द्वारा उक्त फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। विदित हो कि दो साल पहले सूचना मिली थी कि इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी में पैसे देकर परीक्षा पत्र और पेपर पहले से प्राप्त किया जा सकता है। मगर कोई भी ठोस सबूत नहीं होने के कारण बात आई व गई। परंतु लाखों छात्रों के भविष्य को देखते हुए उक्त फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने की जिम्मेदारी आप पार्टी कार्यकर्ता अनिल बघेल ने खुद पर ली। इसके लिए उन्होंने इग्नू में प्रवेश लेने से लेकर परीक्षा तक सभी नियम एवं दिशा निर्देशों का पालन, पूरे योजनाबद्ध तरीके से करते हुए, इस अरबों रूपये के फर्जीवाड़े का परत दर परत खुलासा किया है। अनिल कुमार बघेल ने इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने का संकल्प लिया और एक योजना के तहत उन्होंने बीए की परीक्षा में भाग लिया। एक दिसंबर से वह इस परीक्षा में बिलासपुर के केंद्र से शामिल हो रहे हैं। प्रतिदिन परीक्षा संचालकों के माध्यम से उन्हें पेपर प्राप्त हो जाता है और एक दिन पहले ही सारे प्रश्न और उत्तर तैयार कर लिए जाते हैं। अगले दिन परीक्षा केंद्र नियंत्रक के माध्यम से पेपर की आंसर शीट परीक्षा में जमा कर दी जाती है। अनिल ने ०८ दिसंबर को समाज शास्त्र विषय की परीक्षा दी जिसका पेपर उन्हें एक दिन पहले यानि ०७ दिसंबर को ही मिल चुका था। ०८ दिसंबर को परीक्षा दोपहर २:०० बजे से था, अतः पेपर और आंसर शीट ०७ दिसंबर को प्राप्त करने के पश्चात अनिल ने ०८ दिसंबर २017 शुक्रवार सुबह ८:०० बजे राज्यसभा टीवी के सामने उसकी फोटो भी खिंचवा कर रख ली, जिसमें तारीख और समय स्पष्ट दिख रहा है। अनिल उसी आंसर शीट को ०८ दिसंबर की परीक्षा में जमा करके आए हैं। ०७ दिसंबर की परीक्षा के पश्चात परीक्षा हॉल बिलासपुर से वे सीधे आम आदमी पार्टी के राज्य कार्यालय रायपुर पहुंचे और ०८ दिसंबर को २:०० बजे से प्रारंभ होने वाली परीक्षा के पेपर एवं आंसर शीट मीडिया के सामने रखते हुए खुलासा किया कि कल दोपहर २:०० बजे से शुरू होने जा रही परीक्षा में, जो परीक्षा पत्र होगा, वह उनके हाथ में है। इग्नू में इतने बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर किया है। इससे जाहिर होता है कि देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में परीक्षा के नाम पर व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। यह अरबों रूपए का घोटाला है, जिसमें दिल्ली से लेकर छग के छोटे-छोटे शहरों में परीक्षा नियंत्रक है, उनका नेटवर्क स्थापित है। जिसके माध्यम से आंसर शीट और पेपर दोनों समय से पूर्व मिल जाता है। इस तरह का फर्जीवाड़ा कर देश के करोड़ों लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है जो ईमानदारी से परीक्षा देते हैं। आज इग्नू में इस बड़े भारी पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए आम आदमी पार्टी के राज्य कार्यालय में प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार बघेल, प्रदेश यूथ विंग के अध्यक्ष और प्रदेश सचिव आदि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह मध्यप्रदेश के व्यापम जैसा घोटाला है। आम आदमी पार्टी ने इग्नू की सभी परीक्षाओं को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। दोषी अधिकारियों को सजा देने सीबीआई जांच की मांग की है।
इनके शांत स्वभाव की वजह से यह अपने शिक्षण जैसे कार्य में लगातार प्रयास करते रहे | वर्तमान समय में भी प्रयास कर रहे हैं यह भारत के एक बेहतरीन कोचिंग संस्था को चलाते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की उपस्क छात्रों को इयास जैसी बड़ी परीक्षा को पास करने के लिए तैयारी कारवाई हैं | इनका स्वभाव उनके माता-पिता से मिला क्योंकि वह भी एक अध्यापक हैं | विकास दिव्यकीर्ति ने अपना सारा जीवन शिक्षण में लगा दिया । अपने जीवन काल में इन्होंने भारत के सर्वोच्च पद इयास जैसे पद को ग्रहण किया और अपने पद को निष्ठा पूर्वक निभाया यह भी इनके लिए एक उपलब्धि ही है । डॉ विकास दिव्यकीर्ति कौन है ? डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म कब हुआ ? डॉ विकास दिव्यकीर्ति के पास कितनी डिग्री { कितना पढे } है ? डॉ विकास दिव्यकीर्ति की एक साल की इन्कम कितनी है ? डॉ विकास दिव्यकीर्ति माता और पिता का नाम क्या है ?
कोन स्विच कुबेर आप्प रेवीव: क्या आप भी क्रिप्टो करेंसी के बारे मे जानते है अर्थात् क्रिप्टो करेंसी क्या है? या फिर सबसे सस्ती क्रिप्टोकरेंसी? के बारे में जानते है यदि नहीं जानते है तो आप निश्चित तौर पर कॉइन स्वीच कुबेर ऐप्प के बारे में भी नहीं ही जानते होंगे और इसीलिए हम, आपको अपने इस आर्टिकल में, विस्तार से कोन स्विच कुबेर आप्प रेवीव प्रदान करेंगे ताकि आप सभी आसानी से क्रिप्टो करेंसी और कॉइन स्वीच कुबेर एप्प की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है। २ क्रिप्टो करेंसी क्या है? ५.१ कोन स्विच कुबेर आप्प का प्रयोग करने के लिए आपको किन दस्तावेजो की जरुरत होगी? आज के इस डिजिटल युग में, जहां सभी चीजों का रुपान्तरण डिजिटल रुप में हो रहा है वहीं डिजिटलीकरण की इस बयार में भी मुद्रा अर्थात् रुपयो का रुपान्तरण भी डिजिटल हो गया है और इसी डिजिटल मुद्रा के रुप को क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है। अन्त, हमारा ये आर्टिकल पूरी तरह से क्रिप्टो करेंसी, कॉइन स्वीच कुबेर एप्प, इनकी विशेषताओं, इनके लिए दस्तावेजो आदि की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप सभी ना केवल इन चीजों की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें बल्कि अपने ज्ञान का विस्तार भी कर सकें। क्रिप्टो करेंसी क्या है? सबसे पहले हम, आपके पूछना चाहते है कि, क्या आप जानते है कि, क्रिप्टो करेंसी क्या है? यदि आपको नहीं पता है तो कोई बात नहीं क्योंकि हम, अपने इस आर्टिकल में, आपको विस्तार से बतायेगे कि, क्रिप्टो करेंसी क्या है? बेहद साधारण व सरल में शब्दो में जिस प्रकार हम, भौतिक मुद्रा ( जिस मुद्रा को हम हाथ से छू सकते है, देख सकते है, महसूस कर सकते है और अपने बटुए में रख सकते है ) के रुप में १ रुपय के सिक्के से लेकर २००० रुपयो के नोट को अंग्रेजी भाषा में करेंसी कहते है ठीक इसी प्रकार से मुद्रा के डिजिटल रुप को क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है जिसका लेन देन व अन्य सभी क्रियायें ऑनलाइन होती है। इस प्रकार हम, कह सकते है कि, जिस मुद्रा का लेन देन ऑनलाइन किया जाता है उसे ही क्रिप्टो करेंसी कहते है जिसका चलन, आजकल तेजी से बढ़ता जा रहा है जैसे कि बिट कॉइन जिसकी पूरी जानकारी हम,आपको इस आर्टिकल में प्रदान करेंगे। बित कोन एक जानी मानी क्रिप्टो करेंसी है और हम, आपको बता दें कि, १ बिट कॉइन का भारतीय मूल्य लगभग ४५ लाख होता है और इसी वजह से आजकल क्रिप्टो करेंसी का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है क्योंकि यही आने वाले भविष्य का सबसे बड़ा निवेश केंद्र होगा। कोन स्विच कुबेर आप्प को आधिकारीक तौर पर साल २०१७ में लांच किया गया था, भारतीय नागरिको के उपयोग के लिए कोन स्विच कुबेर आप्प को गूगल प्ले स्टोर पर ३१ मई, २०२० को लांच किया गया था। अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तार से कोन स्विच कुबेर आप्प के बारे में शुरुआती जानकारी प्रदान की। क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखने के लिए प्रमुख तौर पर कोन स्विच कुबेर आप्प का प्रयोग किया जाता है, क्रिप्टो करेंसी का सफलतापूर्वक लेन देन करने के लिए कोन स्विच कुबेर आप्प को एक्स्चंगे वैलेट के तौर पर प्रयोग किया जाता है, इस कोन स्विच कुबेर आप्प की मदद से आसानी से ना केवल क्रिप्टो करेंसी को खरीद सकते है बल्कि बेच भी सकते है, वही दूसरी तरफ कोन स्विच कुबेर आप्प का सबसे बड़ा लाभ यह है कि, इस एप्प की मदद से हम, अपने क्रिप्टो करेंसी का प्रयोग, भारतीयो रुपयो के रुप में भी कर सकते है, साथ ही साथ हमार जो युवा, अपना स्मार्टफोन से पैसा कमाना चाहते है उन्हें हम, बताना चाहते है कि, कोन स्विच कुबेर आप्प पर आप केवल १०० रुपयो का निवेश करके पार्ट टाइम जॉब करके अच्छा खासा पैसा कमा सकते है, इस कोन स्विच कुबेर आप्प की मदद से आप डिजिटल दुनिया में सभी प्रकार की क्रिप्टो करेंसीज को आसानी से खरीद सकते है और इनका लेन देन करके आप आसानी से घर बैठे बैठे पैसा कमा सकते है, कोन स्विच कुबेर आप्प पर आप आसानी से किसी भी प्रकार से रुपयो का लेन देन कर सकते है क्योंकि यहां पर आपको बैंक ट्रांसफर से लेकर यू.पी.आई पेमेंट तक के सभी अवसर प्राप्त होते है। अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तारपूर्वक, कोन स्विच कुबेर आप्प से प्राप्त होने वाले लाभों व विशेषताओँ की पूरी जानकारी प्रदान की। कोन स्विच कुबेर आप्प का प्रयोग करने के लिए आपको किन दस्तावेजो की जरुरत होगी? कोन स्विच कुबेर आप्प का प्रयोग करने के लिए सबसे पहले आपको गूगल प्ले स्टोर से कोन स्विच कुबेर आप्प को यहां पर क्लिक करके इस्टॉल करना होगा, इसके बाद आपको इस एप्प को ओपन करना होगा जहां पर आपको साइन अप करने के लिए कहा जायेगा जिसके आपको अपने बैंक मे दिये गये चालू मोबाइल नंबर को दर्ज करना होगा, अन्त में, आपको सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा जिसके बाद आप, अपने कोन स्विच कुबेर आप्प का प्रयोग करने के लिए तैयार है। कोन स्विच कुबेर आप्प को डाउनलोड, इंस्टॉल और साइन अप करने के बाद आप आसानी से इस एप्प को प्रयोग कर सकते है, कोन स्विच कुबेर आप्प को प्रयोग करने के लिए सबसे पहले आपको इस एप्प के डैशबोर्ड पर आना होगा जो कि, बेहद उसर फ्रेंडली है जहां पर आपको सबसे ऊपर की तरफ ही मोने अड करने का विकल्प मिलता है जिस पर क्लिक करके आपको अपने एप्प में पैसे जमा करने होगें, अपने कोन स्विच कुबेर आप्प में पैसे जमा करने के बाद सभी प्रकार के डिजिटल क्रिप्टो करेसी को ऑनलाइन एप्प की मदद से खऱीद सकते है, बेच सकते है और अन्य सभी प्रकार से इस कोन स्विच कुबेर आप्प का प्रयोग करके अच्छा खासा पैसा कमा सकते है। सबसे पहले आपको अपने कोन स्विच कुबेर आप्प को ओपन करना होगा और डैशबोर्ड पर आना होगा, डैश बोर्ड पर आने के बाद आपको प्रोफाइले के विकल्प पर क्लिक करना होगा जहां पर आपको ए किक उपड़ते करने का विकल्प मिलेगा जिस पर आपको क्लिक करना होगा, इसके बाद आपके सामने ए किक उपडेशन फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको मांगी जाने वाली सभी जानकारीयो को दर्ज करना होगा, अन्त मे, आपको अपने किसी एक इडेन्टाइटी डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन करना होगा और पिन सेट करना होगा व सबमिट के विकल्प पर क्लिक कर देना होगा जिसके बाद आपका कोन स्विच कुबेर आप्प पर ए किक हो जायेगा। अन्त, इस प्रकार कुछ आसान से स्टेप्स को पूरा करके हमारे सभी आवेदक, आसानी से अपने कोन स्विच कुबेर आप्प पर ए किक कर सकते है। कोन स्विच कुबेर आप्प को विशेषतौर पर केवल क्रिप्टो करेसी के लेन देन के लिए बनाया गया है, हम, आपको बता दें कि, कोन स्विच कुबेर आप्प पर आपको इंस्टेंट बाय एंड सेल का फीचर मिलता है जिसकी मदद से आप १०० से अधिक क्रिप्टो करेसी का भारतीय रुपयो में तुरन्त लेन देन कर सकते है, अन्त में, हम आपको बता दें कि, इसमें आपको १०० प्रतिशत सुरक्षा का आश्वासन प्राप्त होता है। अन्त, इस प्रकार कुछ बिंदुओँ की मदद से हमने आपको विस्तार से कोन स्विच कुबेर आप्प की प्रमुख बिंदुओ की जानकारी प्रदान की। आधुनिकता के इस दौर में हमें, खुद को ना केवल समय के साथ बदलना होगा बल्कि समय के साथ तरक्की करने के लिए हमें, आधुनिक समय की रिति रिवाजो को अपनाना होगा जैसे कि, हमें कोन स्विच कुबेर आप्प, क्रिप्टो करेंसी आदि की पूरी जानकारी, प्रयोग करने की जानकारी और इससे होने वाले लाभों व हानियों आदि की पूरी जानकारी प्राप्त करनी होगी और इसी लक्ष्य से हमने आपको इस आर्टिकल में विस्तार से कोन स्विच कुबेर आप्प और क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी प्रदान की ताकि आप सभी इसका सफल प्रयोग कर सकें। अन्त हम उम्मीद व आशा करते है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेगे, शेयर करेगे और साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव भी कमेंट करके सांक्षा करेगे ताकि हम, इसी प्रकार के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें। व्हेट इस ५ग? : ५ग क्या है और कैसे काम करता है? न्क मॉनीटर खासकर हमने उन लोगों के लिए बनाया है जो सच में जीवन में कुछ करके आगे बढ़ना चाहते हैं। दोस्तों इस ब्लॉग पर हम प्रेरक विचारों के अलावा स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी देंगे। इस ब्लॉग माध्यम से हम अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाएंगे तथा साथ ही कुछ महापुरुषों के विचारों से भी अवगत करवाएंगे और महान लोगों की जीवनियाँ आपके सामने प्रस्तुत करते रहेंगे।
सभ्यताएँ जब अपने शिखर पर पहुँचती हैं तो उसके उपरांत बस पराभव की ओर ही जा सकती हैं। मानव सभ्यता क्या ऐसे ही दौर में है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी व बाजार की उपलब्धियों के इस स्वर्णिम काल में हम सबसे ज़्यादा डरे हुए हैं और हताश व निराश हैं। यूँ तो मानव अपने उद्भव काल से ही निरंतर संघर्ष कर आगे बढ़ता आया है। हमारा उद्विकास इसका गवाह है। प्रकृति से हमारा संघर्ष और सामंजस्य हमारी जीत की कहानी है। यह उपलब्धि हमारे लिए गर्व की बात रही है किंतु इस गर्व के अभिमान व अतिमें बदलने के कारण हम नियंत्रण खो बैठे हैं। उपलब्धियों के अभिमान में अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं कर पाए और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हम प्रकृति का अनियंत्रित दोहन करने लगे। नतीजा ग्लोबल वार्मिंग व जलवायु परिवर्तन। भारत की ही बात करें तो वर्ष २०२१ में हमारी जीडीपी वृद्धि ९% के आस पास थी ( इस वर्ष यह ६% के आसपास ही होगी) तो जलवायु परिवर्तन के कारण जीडीपी को हुआ नुकसान कुल जीडीपी का ५.२% था। कमोबेश यह हाल पूरी दुनिया का है और यह नुकसान साल दर साल बढ़ता ही जाना है, मगर हम संभल ही नहीं रहे। न हम उतनी तेज़ी से अपनी नीतियाँ बदल रहे और न ही विकास का माडल। अस्तित्व की चुनौतियों के बीच दुनिया के अधिकांश देश आपसी सत्ता संघर्ष व संसाधनों और वर्चस्व की लड़ाई में उलझे हैं। दुुनिया के प्रसन्न समाजों में हम क्यों पिछड़ रहे हैं? राष्ट्रपति की वेदना : कैसे मिले सस्ता-समुचित न्याय ?? स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रहा है। ऐसे में मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। प्रवक्ता डॉट कॉम इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।
जनपद गोपालगंज बिहार के गोपालगंज समाहरणालय मे स्थित जिला सामाजिक सुरक्षा कोंषाग मे दिव्याग जनो से सम्बंधित समस्याओं को लेकर गोपालगंज आ ड स पिंकी मैम के पास गया था क्योकी उनहोंने मुझे सारे डॉक्यूमेंट लेके आने के लिए बोला था।वहा गया तो अंदर जाने के लिए रैंप ही नही था। पता चला कि मैम है ही नही जब वहा उपस्थित कर्मचारियों से पुछा तो उनहोंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और कुछ भी बताने से मना कर दिया।फिर मैने पिंकी मैम को काल किया तो वो हमे ही उलटा बोलने लगी और "हमे धमकी दे रही है कि हमारे खिलाफ केस करेंगी"लेकिन उनकी ऐ नही पता कि हम या कोई भी दिव्याग उनके धमकी से डरने वाले नही।हम अपना हक लेके रहेंगे।हम आप सभी से आग्रह कर रहे है कि दिव्याग भाइयों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ उठाएं। और हम सभी दिव्याग भाई गोपालगंज आ ड स को बर्खास्त करने की मांग करते है जो दिव्यांग जनो को धमकी दे रही और उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही है।
अलग विदर्भ राज्य बनने को लेकर राजनीतिक दलों और राजनेताओं में मतभेद है क्योंकि सबके अपने अपने फायदे और नुकसान जुड़े हुए हैं। अलगाववाद की यह आवाज कोई नई नहीं है लेकिन इस समय मांग जोर पकड़ने की मुख्य वजह विदर्भ का पिछड़ापन है। देश के नक्शे में कभी सबसे संपन्न खेतिहार पट्टी के रूप में मशहूर विदर्भ आज अन्नदाताओं की आत्महत्या के लिए जाना जाता है। जिसकी वजह गरीबी और कर्ज में किसानों का डूबा होना माना जा रहा है। कपास, गन्ना, अंगूर और सोयाबीन जैसी कीमती फसलों के होने के बाद भी इस क्षेत्र के किसान मौत को गले लगा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह पिछले कुछ सालों से सूखे की वजह से फसल की सही तरीके से पैदावार न होना है। सबसे ज्यादा फायदे का सौदा मानी जाने वाली कपास की फसल आज घाटे का सौदा बन गई है क्योंकि विदर्भ के किसानों को सीधे अमेरिका जैसे विकसित देशों के किसानों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। अमेरिकी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की वजह से वहां के किसान सस्ती दर पर कपास की बिक्री करते हैं जबकि सुविधाओं के अभाव में विदर्भ के किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। अच्छे भविष्य की चाह में यहां के किसानों ने साहूकारों और सहकारी बैंकों से कर्ज लिया जिसको समय पर न दे पाने की वजह से वह साल दर साल कर्ज के दलदल में फंसते गए। कर्ज और गरीबी से छुटकारा पाने के लिए किसानों को सबसे से आसान तरीका आत्महत्या ही लगता है। किसानों की इस मनोदशा को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तीन साल पहले इस इलाके का दौरा किया था और विदर्भ को ३७५० करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया था। इस राहत पैकेज के अलावा कर्ज माफी के लिए ७१२ करोड़ रुपये और दिये गए थे। केन्द्र सरकार के राहत पैकेज के साथ राज्य सरकार ने भी यहां के विकास के लिए १२०० करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसके बाद भी किसानों की आत्महत्या करने की प्रवृत्ति में विराम नहीं लग सका है।विदर्भ को अलग राज्य बनाने की मांग पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कहते हैं कि अलग राज्य समस्या का हल नहीं है। विदर्भ के विकास के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था की गई है जिसका असर थोड़े दिनों में दिखाई देने लगेगा। दूसरी तरफ अलग विदर्भ राज्य के लिए आंदोलन कर रहे लोगों का आरोप है कि विदर्भ के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा है जिससे इस क्षेत्र का विकास नहीं हो सका है। विदर्भ जनांदोलन समिति के अध्यक्ष अशोक तिवारी कहते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकार ने जो पैकेज दिया था वह किसानों के लिए नहीं बल्कि डूबते बैंकों को बचाने के लिए था। किसानों को धन मिला ही नहीं है, सरकार ने जो पैसा दिया उसको बैंकों ने अपने पास रख लिया जिससे उनका डूबता हुआ पैसा उन्हें मिल गया और किसान जहां था वहीं आज भी खडा है। तिवारी के अनुसार विदर्भ के अलग राज्य की मांग सबसे पुरानी है और यहां हिंदी एवं मराठी बोलने वाले लोग हैं। इसीलिए इससे क्षेत्र के विकास के लिए विदर्भ को अलग राज्य बनाना ही होगा। भारतीय जनता पार्टी विदर्भ को अलग राज्य बनाने के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। नागपुर से भाजपा विधायक देवेन्द्र फड़नवीस कहते हैं कि उनकी पार्टी विदर्भ का मुद्दा लम्बे समय से उठाती रही है और तेलंगाना के बाद अब विदर्भ राज्य के गठन को लेकर अपनी लड़ाई और तेज करेगी। दूसरी ओर राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना अलग विदर्भ को सिरे से नकार रही है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई के अनुसार विदर्भ का विकास तभी संभव है जब वह महाराष्ट्र का हिस्सा बना रहे। देसाई कहते हैं जो लोग विदर्भ को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं उन्हें यह याद रखना चाहिए कि संयुक्त महाराष्ट्र के स्वप्न को पूरा करने के लिए १०५ शहीदों ने कुर्बानी दी थी। शिवसेना की कुर्बानी के जवाब में विदर्भ के रास्ते होकर सात बार संसद पहुंचने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी सांसद विलास मुत्तेमवार कहते हैं कि नेतृत्व का एक तबका बंटवारे की मांग को गलत बता रहा है लेकिन किसी ने इस बारे में सोचा है कि पिछले पांच सालों में विदर्भ में सात हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं और १०५ लोगों की कुर्बानी का हवाला देकर लोगों को कब तक ब्लैकमेल किया जाता रहेगा। उनके अनुसार इस इलाके का पिछड़ेपन राज्य के विकास में बाधा डाल रहा है और इस क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब अलग विदर्भ का गठन किया जाए। राज ठाकरे की पार्टी मनसे अलग विदर्भ के मुद्दे पर शिवसेना के सुर में सुर मिला रही है। जबकि कांग्रेसी नेता इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं। जैन के अनुसार अगर विदर्भ बनाया जाता है तो कोई बड़ी दिक्कत नहीं आने वाली है क्योंकि नागपुर में मंत्रालय, विधानसभा और विधान परिषद भवन हैं जो कि विदर्भ में ही आता है।
गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव तय करेंगे कि राज्य अगले २५ साल में कहां होगा। गुजरात के बोटाड जिले में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मतदाताओं को आने वाले वर्षों में राज्य की नियति को आकार देना है। अपनी मातृभाषा गुजराती में अपने ३० मिनट के लंबे भाषण में कहा, यह चुनाव केवल अगले पांच वर्षों के लिए नहीं है, यह निर्धारित करेगा कि गुजरात अगले २५ वर्षों में कैसा दिखता है। रविवार को व्यस्त अभियान कार्यक्रम का हिस्सा था। उन्होंने दशकों तक नर्मदा परियोजना को रोकने के लिए सब कुछ किया और यह सुनिश्चित किया कि विश्व बैंक सहित कोई भी पैसा गुजरात में न आए। उन्होंने गुजरात की छवि खराब की है। पीएम मोदी ने धोराजी में कहा, इससे पता चलता है कि आप (राहुल) केवल गुजरात को बर्बाद करने के लिए काम कर रहे हैं। गुजरात में विधानसभा चुनाव दो चरणों में १ और ५ दिसंबर को होंगे। वोटों की गिनती हिमाचल प्रदेश के साथ ८ दिसंबर को होगी। राज्य लंबे समय से भाजपा का गढ़ रहा है और पार्टी ने इस बार भी भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटने की ठान ली है। हालाँकि, इसे अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) से कड़ी चुनावी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने इसुदन गढ़वी को अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। कांग्रेस भी भाजपा सरकार को बेदखल करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ चुनावी पैर आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रही है।
१.८ क: ३. विफी का पासवर्ड पता कैसे नहीं लगता है? फ़्री रेचार्ज कैसे करे बेस्ट तरीका पूरी जानकारी? अगर आप किसी वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्टेड है और आपको उस विफी का पासवर्ड देखना है तो लैपटॉप/कंप्यूटर में आप कम्ड कमांड से ऐसा कर सकते है। स्टेप१ अपने लैपटॉप में कमांड प्रोम्प्त को ओपन करे आप विंडो की+ र शॉर्टकट से भी इसे ओपन कर सकते है। स्टेप२ अब सर्च बार में कम्ड लिख कर एंटर करे। स्टेप६- इस तरह से की कॉन्टेंट के सामने उस विफी का पासवर्ड आपको लिखा हुआ मिल जायेगा। इस तरीके में बस एक बात का ध्यान रखना है की आप सिर्फ उन्ही ही विफी का पासवर्ड पता कर पाएंगे जिन विफी का नाम कम्ड में शो होगा, चलिए अब फ़ोन वाले तरीके को देखते है। एंड्राइड फ़ोन्स में आप विफी के ऑप्शन में जाकर जो भी आपके फ़ोन में विफी के नेटवर्क्स सेव है उनके पासवर्ड्स देख सकते है बिना किसी ऐप के चलिए जानते है कैसे। स्टेप१ अपने फ़ोन की सेटिंग्स में जाये। स्टेप२ सेटिंग्स में से अब विफी & नेटवर्क्स के ऑप्शन में जाये। स्टेप३ अब जिस भी विफी से आपका फ़ोन कनेक्टेड है उस पर क्लिक करदे। स्टेप४ जैसे ही आप विफी के नाम पर क्लिक करेंगे तो आपको शारें का ऑप्शन या क़्र कोड मिलेगा। स्टेप५- अब क़्र कोड के नीचे आपको विफी का पासवर्ड लिखा हुआ मिल जायेगा। इस तरह से आप वी फी का पासवर्ड कैसे पता करे मोबाइल मे जान सकते है। कुछ मोबाइल्स जैसे मी के फ़ोन्स में सिर्फ क़्र कोड ही आता है पासवर्ड लिखा नहीं मिलता। ऐसे में आप उस क़्र कोड को स्कन कर के विफी का पासवर्ड देख सकते है। स्कैन करने के लिए आप क़्र कोड का स्क्रीनशॉट ले और गूगल लेंस की मदद से स्कन करे। मिनी कंप्यूटर क्या है? और इसकी विशेषताएं क्या है? क: १. किसी भी विफी का पासवर्ड कैसे पता कर सकते है? इसके बाद गूगल लेंस पर उस क़्र कोड को सेलेक्ट करते ही नीचे में वाईफाई पासवर्ड लिखा होता है। क: २. बिना रूट का वाईफाई का पासवर्ड कैसे पता करे? अंस: बिना रूट का वाईफाई पासवर्ड कैसे करते है इसके लिए आपका मोबाइल में कंपनी का ही सॉफ्टवेयर डला रहता है तभी गो तो वेब पाग पर लोग इन कर सकते है या ऑप्शन मिलता है अगर नहीं खुलेगा तो रूटर पाग सेतूप से वाईफाई का पासवर्ड पता कर सकते है अगर उसमें आद्मिनिस्ट्रेटर पासवर्ड लगा है तो वाईफाई का पासवर्ड पता नहीं कर पायेंगे। क: ३. विफी का पासवर्ड पता कैसे नहीं लगता है? अंस: विफी का पासवर्ड क्यों नहीं चलता इसके दो कारण होते है पहला अगर वाईफाई का ओनर ने रूटर पाग पर पासवर्ड लगा दिया है तो पता नहीं कर सकते है दूसरा अगर वाईफाई का ओनर ने वाईफाई का पासवर्ड बदल दिया है तो आप उस वाईफाई का पासवर्ड पता नहीं कर पायेंगे। यदि आप वाईफाई का पासवर्ड करना चाहते है तो अपने दोस्त या रिलेटिव को वाईफाई का पासवर्ड डालने के लिए मोबाइल देना है इसके बाद ऊपर में बताए गए तरीके फॉलो करके वाईफाई का पासवर्ड पता कर सकते है।
पटना/नई दिल्ली ( द न्यूज़)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसी के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भाजपा के प्रदेश मंत्री व एसआईएस के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा की जमकर तारीफ करते हुए उनकी पीठ थपथपाई है।पिछले दिनों दिल्ली में एसआईएस के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा द्वारा आयोजित प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसी को ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस दिए जाने की जरूरत है। यह प्रतियोगिता/ प्रतिस्पर्धा का युग है। उन्होंने ऋतुराज सिन्हा का नाम लेते हुए कहा कि आपलोगों ने पारदर्शी व्यवस्था के लिए पोर्टल लांच कर अच्छा काम किया है। निजी सुरक्षा एजेंसियों के विकास बिना देश का विकास असंभव है। उद्योगों के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। साथ ही न्यूनतम वेतन का ख्याल रखना चाहिए। श्री शाह ने ऐसे कार्यक्रम के लिए ऋतुराज सिन्हा की पीठ थपथपाई और निजी एजेंसियों का लाइसेंस बढ़ाने पर जोर दिया।
पेट्रोल डीझेल प्राइस: सरकारी तेल कंपनियों ने आज यानी शनिवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। अप्रैल महीने में यह लगातार १७वीं बार है, जब तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी आज भी तेल के दाम स्थिर हैं। ऐसे में आम आदमी को पेट्रोल-डीजल पर महंगाई की मार से परेशान लोगों को थोड़ा राहत मिली है। हालांकि पेट्रोल के भाव १०० रुपये प्रति लीटर से ऊपर हैं। अगर पेट्रोल की बात करें तो २२ मार्च से ६ अप्रैल तक पेट्रोल १० रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। ६ अप्रैल के पहले पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई थी। पेट्रोल और डीजल के दाम में ८० पैसे की बढ़ोतरी हुई थी। स्थानीय टैक्स और राज्य सरकारों के वैट की वजह से सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग-अलग होते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम १०५.४१ रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम ९६.६७ रुपये रुपये प्रति लीटर हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम १२०.५१ रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम १०४.७७ रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। कोलकाता में पेट्रोल के दाम ११५.१२ रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम ९९.८३ रुपये प्रति लीटर पहुंच गए हैं। चेन्नई में पेट्रोल के दाम ११०.८५ रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम १००.९४ रुपये प्रति लीटर हैं। पेट्रोल-डीजल के भाव रोजाना बदलते हैं और सुबह ६ बजे अपडेट हो जाते हैं। पेट्रोल-डीजल का रोज़ का रेट आप स्म्स के जरिए भी जान सकते हैं (हॉ तो चेक डीझेल पेट्रोल प्राइस डेली)। इंडियन ऑयल के कस्टमर रस्प के साथ शहर का कोड लिखकर ९२२४९९२२४९ नंबर पर और ब्पक्ल उपभोक्ता रस्प लिखकर ९२२३११२२२२ नंबर पर भेज जानकारी हासिल कर सकते हैं। वहीं, ह्पक्ल उपभोक्ता हप्प्राइस लिखकर ९२२२२०११२२ नंबर पर भेजकर भाव पता कर सकते हैं। गवर्नमेंट श्शमे: खूब चलाएं टीवी, फ्रीज, पंखे, २५ साल तक फ्री बिजली, इस सरकारी स्कीम का ऐसे उठाएं फायदा!
बहुत ऐसे सवाल है जिनके जवाब देने में आप फंस जाते होंगे। जैसे मुर्गी पहले आई या अंडा?? अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी?? जी हां ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब खुद में ही सवाल पैदा करते हैं। अब अंडा शाकाहरी है या मांसाहारी इस बात जवाब तो हम आपको कुछ दिन पहले अपने आर्टिकल के जरीए दे चुके हैं। लेकिन आज हम आपको इस पहेली से ज़रूर बाहर निकाल देंगे कि मुर्गी पहले आई या फिर पहले आया अंडा। पहले अंडा आया या मुर्गी ? जबसे आपने जन्म लिया होगा तभी से आप ये पहेली सुनते आ रहे होंगे। जिसके जवाब में कभी कोई कहता है कि पहले अंडा आया फिर मुर्गी आई, तो कोई कहता है मुर्गी के बिना अंडा आने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन आज इस पहेली का मनघड़ंत जवाब नहीं देंगे, बल्कि बताएंगे वो जवाब जो वैज्ञानिकों ने लंबे समय की रिसर्च के बाद बताया है। शेफील्ड और वारविक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक दल ने दावा किया है कि धरती पर अंडे से पहले मुर्गी का जन्म हुआ था। वैज्ञानिकों ने पाया कि ओवोक्लाइडिन नाम का प्रोटीन अंडे की खोल के निर्माण में बेहद ज़रूरी होता है और यह प्रोटीन सिर्फ मुर्गी के अंडाशय से ही पैदा होता है। इस पहेली को साइंटिफिक रीज़न के साथ सुलझाते हुए वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर दावा कर दिया कि पहले मुर्गी आई और उसके बाद ही अंडा आया। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह प्रोटीन मुर्गी के अंडाशय से पैदा होता है इसलिये पहले अंडा आया या मुर्गी अब यह पहेली सुलझ गई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि पहले मुर्गी आई और इसके बाद अंडा पैदा हुआ। रिसर्च से जुडे़ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. कोलिन फ्रीमैन ने कहा, लंबे समय से यह संदेह बना हुआ था कि अंडा पहले आया लेकिन अब हमारे पास वैज्ञानिक सबूत है जो हमें बताता है कि मुर्गी पहले आई।अब आपके मन में एक सवाल आ रहा है कि मुर्गी पहले कैसे आई। असल में इसका जवाब यह है कि कुछ जानवर धरती पर पहले से ही मौजूद थे, जिनमें मुर्गी भी शामिल है । देखा दोस्तों वैज्ञानिकों ने कितना ठोस कारण दिया कि पहले धरती पर कौन आया। तो अब अगर कोई आपसे यह सवाल पूछे, तो वैज्ञानिक कारण बताते हुए उसे भी इस पहली के सच से वाकिफ करा दीजिएगा कि पहले तो मुर्गी ही आई उसके बाद अंडा आया।
कानपुर २४ सितम्बर २०१८ (महेश प्रताप सिंह). पीएम नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश में स्वच्छ भारत के प्रकल्प के अन्तर्गत गोविंद नगर विधानसभा प्रभारी एवं जिला सह संयोजक अनुज दीक्षित तथा वार्ड ६० रावतपुर पार्षद जितेन्द्र गांधी के नेतृत्व में रामलाल स्कूल से एकता चौराहे तक स्वच्छता जागरूक रैली का आयोजन किया गया। जिसमें जनमानस, व्यापारियों एवं माताओं बहनों व बच्चों को स्वच्छता का संदेश दिया गया तथा संकल्प दिलाया गया कि हम अपने अपने घरों के सामने गन्दगी नहीं होने देंगे। तथा स्वच्छ रखने में अपना पूरा सहयोग देंगे। जागरूकता रैली में मुख्य रूप से अनूप पचौरी, पप्पी पाण्डेय, सतेन्द्र मिश्रा, रवि पाण्डेय, कृष्ण कुमार त्रिवेदी, राजेश भदौरिया, कमलेश त्रिवेदी, उदय राज सिंह, कमलेश दीक्षित, गिरिजा दीक्षित, संतोष शुक्ला, अजय चौहान, अमित त्रिपाठी, सत्येन्द्र पाण्डेय, सुभाष, अनिरूद्ध सिंह, आदित्य, सचिन, शैलू, अक्षय, सूरज, मनोज सिंह, मुकुल, पुनीत, रीना गुप्ता, धर्म दुबे, मोहित, संजय कुशवाहा व सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।