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कलयुग में महाबली हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति अपने सच्चे मन से महाबली हनुमान जी की आराधना करता है उसको कभी भी महाबली हनुमान जी निराश नहीं होने देते उसकी सभी इच्छाएं यह अवश्य पूरी करते हैं इसके साथ ही महाबली हनुमान जी के भक्तों के जीवन में कभी भी कोई कष्ट नहीं आते हैं हर परिस्थिति में हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार से कुछ राशिया ऐसी हैं जो बहुत ही भाग्यशाली साबित रहने वाली है इन राशियों के ऊपर महाबली हनुमान जी की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहेगी जिसकी वजह से इनके जीवन में चल रही सभी मुसीबतें दूर होंगी आज हम आपको उस लेख के माध्यम से इन्ही राशियों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
मेष राशि वाले व्यक्तियों के ऊपर मंगलवार से बजरंगबली की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहेगी जिसकी वजह से आपके जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर होंगी खासतौर से जो व्यक्ति व्यापारी हैं उनको अपने व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलने का योग बन रहा है जो व्यक्ति विद्यार्थी हैं उनको शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल होगी यदि आप सुबह उठकर महाबली हनुमान जी का पाठ करते हैं तो आपको अपने जीवन में अपार सफलता प्राप्त होगी बजरंगबली की कृपा से आपके जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी घर परिवार के साथ खुशाली पूर्वक व्यतीत करेंगे।
वृषभ राशि वाले व्यक्तियों को मंगलवार से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होने वाली है जो व्यक्ति नौकरी पेशा वाले हैं उनको अपने कार्य क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होने के योग बन रहे हैं कार्य क्षेत्र में आप बेहतर प्रदर्शन करेंगे महाबली हनुमान जी की कृपा से आपको सफलता के बहुत से मार्ग प्राप्त होने वाले हैं आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलेगा आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी।
मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के ऊपर मंगलवार से बजरंगबली की कृपा दृष्टि रहने वाली है जो व्यक्ति विदेश में कार्य कर रहे हैं उनको कोई अच्छी खबर मिलने की संभावना बन रही है आपके कार्यक्षेत्र में विस्तार होगा इसके साथ ही आपको धन लाभ प्राप्त करने के अच्छे अवसर मिल सकते हैं आपका आने वाला समय बहुत ही लाभदायक रहेगा जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा पारिवारिक वाद-विवाद दूर होंगे नौकरी के क्षेत्र में आपको अपने उच्च अधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा महाबली हनुमान जी की कृपा से आप दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की की ओर बढ़ेंगे।
कर्क राशि वाले व्यक्तियों के लिए मंगलवार से समय बहुत ही खास रहने वाला है बजरंगबली की कृपा से शारीरिक और मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा कार्य क्षेत्र में आने वाली सभी बाधाएं दूर होंगी आप अचानक किसी यात्रा पर जा सकते हैं जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगी आपके जीवन में ऐसे बदलाव आ सकते हैं जिससे आपकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाएगी बजरंगबली की कृपा से माता-पिता का पूरा सहयोग मिलेगा पारिवारिक संबंधों में मजबूती बनेगी।
सिंह राशि वाले व्यक्तियों को आने वाले समय में अचानक धन लाभ मिलने के योग बन रहे हैं बजरंगबली की कृपा से पुराने कर्ज से छुटकारा मिल सकता है यदि आप कहीं निवेश करते हैं तो उसमें अच्छा लाभ मिलेगा बजरंगबली के नाम से आरंभ किया गया कार्य सफल रहेगा धन से संबंधित सभी परेशानियां दूर होंगी आपकी सेहत में सुधार आएगा संतान की ओर से कोई खुशखबरी मिलने के योग बन रहे हैं।
कुंभ राशि वाले व्यक्तियों को मंगलवार से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होने वाली है आपका कोई खास कार्य समय पर पूरा हो सकता है इसके साथ ही आपको कोई पुरस्कार मिलने की संभावना बन रही है साथ के कुछ लोगों से सहयोग और प्रोत्साहन मिलेगा कोई नया कार्य आरंभ करते हैं तो उसमें आपको किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह मिल सकती है जिससे आरंभ किया गया कार्य सफल होगा बजरंगबली की कृपा से आपके द्वारा किए गए निवेश में अच्छा लाभ मिलने के योग बन रहे हैं आपकी सेहत ठीक रहेगी।
मीन राशि वाले व्यक्तियों का मंगलवार से समय अति उत्तम रहने वाला है आपके मन में अचानक कोई विचार आ सकता है जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा आपके कार्यों में धन लाभ और फायदा मिलने के योग बन रहे हैं आपके द्वारा की गई मेहनत का फल बहुत ही शीघ्र मिलने वाला है कार्य क्षेत्र में सभी नतीजे आपके फेवर में रहेंगे आपका कोई पुराना काम निपट सकता है बजरंगबली की कृपा से अविवाहित व्यक्तियों को विवाह का अच्छा प्रस्ताव मिलने का योग बन रहा है पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा अगर आप हनुमान जी को पान अर्पित करते हैं तो आपके जीवन में सब कुछ अच्छा होगा।
कन्या राशि वाले व्यक्तियों का आने वाला समय मिला जुला साबित रहने वाला है आप अपने किसी खास मित्र से मुलाकात कर सकते हैं जिसकी वजह से आपकी पुरानी यादें ताजा हो जाएगी आप अपना ज्यादातर समय मनोरंजन के क्रियाकलापों में व्यतीत करेंगे भाई बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा परंतु आप जरूरत से ज्यादा किसी के ऊपर विश्वास मत कीजिए अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है सहकर्मियों से सावधान रहने की जरूरत है उच्च अधिकारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
तुला राशि वाले व्यक्तियों को आने वाले समय में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है आपको अपने जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी यदि आप कहीं निवेश करने का विचार बना रहे हैं तो सोच विचार करने के बाद ही निवेश कीजिए आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है माता के स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना बन रही है वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।
वृश्चिक राशि वाले व्यक्तियों का आने वाला समय अच्छा रहेगा आप अपनी जरूरतों को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे आपके कार्य क्षेत्र में विस्तार होने की संभावना बन रही है परंतु आप अपने सभी कार्य ध्यानपूर्वक कीजिए किसी भी प्रकार की लापरवाही आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती है इसलिए आप अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दीजिए।
धनु राशि वाले व्यक्तियों का आने वाला समय काफी चिंताजनक रह सकता है आप अचानक ऐसी किसी मुसीबत में फंस सकते हैं जिससे निकल पाना काफी कठिन होगा परंतु अगर आप प्रयास करेंगे तो हर मुसीबत का सामना आसानी से कर सकते हैं आपको आने वाले समय में धैर्य बनाए रखना होगा परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा आर्थिक दृष्टि से आपका आने वाला समय मध्यम रहेगा फिजूलखर्ची से बचने की जरूरत है।
मकर राशि वाले व्यक्तियों का आने वाला समय अच्छा रहेगा परंतु आप आने वाले समय में किसी यात्रा पर जाने से बचें क्योंकि दुर्घटना होने की संभावना बन रही है धार्मिक कार्यों की ओर रुझान बढ़ेगा परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं जिसकी वजह से आपका मन कुछ हल्का होगा जीवन साथी के साथ नोकझोंक हो सकती है ससुराल पक्ष से कष्ट मिलने के योग बन रहे हैं संतान की ओर से अच्छी खुशखबरी मिल सकती है परंतु विद्यार्थियों को पढ़ाई में ध्यान देने की जरूरत है। |
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा , झंडा ऊँचा रहे हमारा। देश की आज़ादी के ७५ वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं व बधाई। 'लाइव आर्यावर्त' परिवार आज़ादी के उन तमाम वीर शहीदों और सेनानियों को कृतज्ञता पूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन करता है। आइए , मिल कर एक समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। भारत माता की जय। जय हिन्द।
आर्यावर्त डेस्क शनिवार, जुलाई ०९, २०२२ मनोरंजन, सिनेमा,
मुंबई, ०९ जुलाई, बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट ने अपनी आने वाली हॉलीवुड फिल्म 'हार्ट ऑफ स्टोन' की शूटिंग पूरी कर ली है। आलिया भट्ट फिल्म हार्ट ऑफ स्टोन से हॉलीवुड में डेब्यू कर रही है।हार्ट ऑफ स्टोन में आलिया भट्ट के साथ गैल गैडोट और जेमी डोर्नन की भी अहम भूमिका है। आलिया ने इस फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है। बताया जा रहा है कि इस हॉलीवुड फिल्म में आलिया धमाकेदार एक्शन से भरपूर सीक्वेंस करती हुई दिखाई देंगी।आलिया ने अपने सोशल मीडिया पर गैल गेडोट और क्रू के साथ कुछ फोटोज शेयर की है। आलिया ने फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, हार्ट ऑफ स्टोन- तुम मेरे दिल में हो। खूबसूरत गैल गेडोट और मेरे निर्देशक टॉम हार्पर को थैंक्यू। जेमी डोर्नन आज आपको बहुत मिस किया और फिल्म की सारी टीम को थैंक्यू मुझे इतना अच्छा एक्सपीरियंस देने के लिए। मैं हमेशा आपके प्यार और केयर के प्रति शुक्रगुजार रहूंगी जो आप सबने मुझे दिया। अब बस फिल्म देखने का इंतजार कर रही हूं। लेकिन अब...मैं घर आ रही हूं बेबी। फोटो में आलिया समुद्र के किनारे गैल को हग करते हुए नजर आ रही हैं। दूसरे फोटो में आलिया ,क्रू मेंबर्स के साथ दिख रही हैं। पोस्ट पर रिएक्ट करते हुए गैल ने लिखा, 'हम आपको मिस कर रहे हैं।'गैल ने अपनी सोशल मीडिया स्टोरी पर आलिया के साथ वही फोटो शेयर की और लिखा, 'बहुत प्यार...इस प्यारी सी लड़की आलिया को, जिसने हॉर्ट ऑफ स्टोन फिल्म का रैपअप कर दिया।
दरभंगा : विनायक झा सहायक प्राध्यापक के पद पर हुए चयनित। |
बीते जमाने के एक्टर फिरोज खान (फेरोज़ खान) अपनी दमदार पर्सनालिटी और शानदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। २५ सितंबर, १९३९ को बेंगलुरु में जन्मे फिरोज खान की आज ८१वीं बर्थ एनिवर्सरी है। २७ अप्रैल, २००९ को कैंसर के चलते उनका निधन हो गया था।
उन्होंने साल १९५९ में दीदी फिल्म से बॉलीवुड में एंट्री की थी। वे १९६० से १९८० तक दर्शकों के बीच बेहद पॉपुलर रहे। इस दौरान उन्होंने रिपोर्टर राजू, सुहागन, ऊंचे लोग, आरजू, औरत, आदमी और इंसान, मेला, खोटे सिक्के और धर्मात्मा सहित लगभग ५० फिल्मों में काम किया।
फिरोज खान आखिरी बार साल २००७ में वेलकम फिल्म में देखे गए थे। इस फिल्म में उनका डॉन रणवीर धनराज (रैक्स) का कैरेक्टर बड़ा पसंद किया गया था। उन्होंने एक्टिंग के अलावा डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया। बतौर डायरेक्टर उन्होंने अपराध, धर्मात्मा, कुर्बानी, जांबाज, दयावान, यलगार, प्रेमअगन और जानशीन जैसी फिल्में बनाई।
निजी जिंदगी की बात करें तो फिरोज खान ने १९६५ में सुंदरी नाम की महिला से शादी रचाई थी। शादीशुदा होने के बावजूद उनका एयरहोस्टेज ज्योतिका धनराजगिर से लव अफेयर भी चला था। इस प्यार के चक्कर में उन्होंने अपनी बीवी सुंदरी को भी छोड़ दिया था। वे इस एयरहोस्टेज संग लिव इन में रह रहे थे। हालांकि कुछ सालों बाद उनका यह रिश्ता भी टूट गया। वहीं उनकी पत्नी सुंदरी ने भी उन्हें तलाक दे दिया।
फिरोज खान को सुंदरी से तीन बच्चे लैला, फरदीन और सोनिया हुए। सोनिया का साल २०१२ में एक कार दुर्घटना में निधन हो गया। फरदीन अपने पिता की तरह ही बॉलीवुड एक्टर हैं लेकिन उनका फिल्मी करियर कोई खास नहीं रहा। उन्होंने मुमताज की बेटी नताशा माधवानी से निकाह किया है।
लैला अपने पिता के बारे में बताती है कि वे एक नो नॉनसेंस पर्सन थे। उनकी इमेज को देख लोग उनके आसपास भी फटकने से डरते थे। उन्होंने अपने बच्चों को कभी नहीं मारा, क्योंकि उनकी सख्त नजर ही काफी होती थी। लैला बताती है कि पापा ने हमे पैसों से ज्यादा लाइफ वैल्यूज को महत्व देना सिखाया। वे कहते थे बड़ों का अदर करो, छोटो से प्यार करो। पैसा आता जाता रहेगा लेकिन संस्कार हमेशा रहेंगे।
फिरोज खान एक बार धर्मात्मा फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिलने से इतने नाराज हो गए थे कि उन्होंने कांच का दरवाजा तक तोड़ दिया था। लैला बताती है कि पापा ने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की थी। लेकिन वे सेंसर बोर्ड के रवैये से परेशान थे। इसलिए जब फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिला तो उन्होंने अपने हाथ में रखा कांच का ग्लास कांच के दरवाजे पर मार दिया था। हालांकि बाद में उन्हें इसका अफसोस भी हुआ था। |
अंक ज्योतिष के अनुसार मुंबई इंडियंस का नामांक २ है। क्योंकि यह मैंच १३ मई २0१३ को है और इस तारीख का मूलांक ४ है। अंक ४ और २ के मध्य शत्रुता का सम्बंध है। यह सम्बंध एक नकारात्मक सम्बंध है। टीम के कप्तान रिक्की पॉण्टिंग हैं जिनका नामांक ५ है। अंक ४ और ५ के मध्य न्युट्रल सम्बंध है।
यह मैंच १३ मई 20१३ को है। इस तारीख का मूलांक ४ है। अंक ज्योतिष के अनुसार सुनराइज़र्स हैदराबाद का नामांक ४ है। अंक ४ और ४ के मध्य मित्रता का सम्बंध है। यह सम्बंध एक सकारात्मक सम्बंध है। टीम के कप्तान कुमार संगक्करा हैं जिनका नामांक ९ है। अंक ४ और ९ के मध्य भी शत्रुता का सम्बंध है। यह सम्बंध भी एक नकारात्मक सम्बंध है।
इस प्रकार देखा जाय तो मूलांक के आधार पर सनराइजर्स हैदराबाद की टीम मुम्बई इंडियन्स से थोड़ी सी बेहतर स्थिति में नजर आ रही है। लेकिन इसे अंतिम परिणाम नहीं मानना चाहिए इसलिए जानते हैं कि इन टीमों के उस तारीख सम्पूर्णांक कैसा रहेगा।
अंक ज्योतिष के अनुसार मुंबई इंडियंस का नामांक २ है। क्योंकि यह मैंच १३ मई २0१३ को है जिसका सम्पूर्णांक ६ है। अंक ६ और २ के मध्य शत्रुता का सम्बंध है। यह एक नकारात्मक सम्बंध है। टीम के कप्तान रिक्की पॉण्टिंग हैं जिनका नामांक ५ है। अंक ६ और ५ के मध्य मित्रता का सम्बंध है। यह सम्बंध एक सकारात्मक सम्बंध है।
यह मैंच १३ मई 20१३ को है। १३+०५+20१३ का मूलांक जिसे हम यहां पर सम्पूर्णांक कहेंगे वह हुआ ६, अंक ज्योतिष के अनुसार सुनराइज़र्स हैदराबाद का नामांक ४ है। अंक ६ और ४ के मध्य मित्रवत सम्बंध हैं। अत: यहां सकारात्मक संकेत मिल रहा है। टीम के कप्तान कुमार संगक्करा हैं जिनका नामांक ९ है। अंक ६ और ९ के मध्य न्युट्रल सम्बंध हैं।
इस प्रकार देखा जाय तो सम्पूर्णांक के आधार पर भी सनराइजर्स हैदराबाद की स्थिति बेहतर है। अत: मामला सनराइजर्स हैदराबाद के पक्ष में जाता नजर आ रहा है। हांलाकि जीत हार का फ़ैसला बहुत कम अंतर से होना चाहिए फ़िर भी सनराइजर्स हैदराबाद को जीत मिलने की उम्मीद ज्यादा है, आगे परमात्मा की इच्छा। लेकिन ध्यान रहे यह एक सम्भावना है इसके आधार पर अगर आप किसी तरह का जोखिम उठाते हैं तो उसके जिम्मेवार आप स्वयं होंगे।
केजरीवाल का शपथ-ग्रहण और दिल्ली की नयी सरकार का भविष्य? |
बिग बॉस शो तो अब ख़त्म हो चुका है लेकिन शो से जुड़े लोगों को लेकर लोगों के बीच अब भी इस बात की उत्सुकता है कि वो बाहर निकलकर एक-दूसरे के साथ किस तरह रहते हैं। ऐसे में बिग बॉस की दो कंटेस्टेंट जो बहुत चर्चित रहीं वो थीं रश्मि देसाई और देबोलिना भट्टाचार्जी, दोनों की ही दोस्ती काफ़ी चर्चित रही। बाहर से ही दोनों दोस्त रही हैं और कई मामलों में देबोलिना ने रश्मि का साथ दिया। देबोलिना यूँ तो शो में पूरे वक़्त नहीं रह पायीं उन्हें बैक की चोट के कारण निकलना पड़ा।
इस बात से पता चलता है कि रश्मि देबो के घर के पास ही शूट कर रही थी और शायद उनसे मिलने का वादा था जिसके लिए रश्मि ने उन्हें कॉल किया था। लेकिन देबो के बाहर होने के कारण दोनों का मिलना नहीं हो पाया। आगे रश्मि ने देबोलिना को जवाब देते हुए लिखा कल फ़ोन उठाना बोलती हूँ रश्मि और देबोलिना जल्द ही मिलकर अपनी फ़ोटो भी शेयर करेंगी और दोनों की दोस्ती की जो झलक सोशल मीडिया में देखने मिली उसे देखकर उनके फ़ैन्स ख़ुश हो गए। दोनों के बीच की बांडिंग बिग बॉस के घर मे भी देखने मिली थी। |
इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज (एश सिरीज) में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए थे। कोरोना वायरस की वजह से कमिंस नहीं खेल पाए थे। वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उस घटना के बाद कमिंस ने अब अपनी प्रतिक्रिया दी है। कमिंस ने कहा कि वह मैं नाराज तो हुआ था लेकिन किसी को दोष नहीं दिया जा सकता।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट के अनुसार कमिंस ने कहा कि मैं वास्तव में नाराज था। पता नहीं कि किसके ऊपर हूँ। किसी पर आरोप नहीं लगा सकते। एक बार जब यह स्पष्ट हो गया कि राज्य के नियम हैं, तो आपको उनका पालन करना होगा। कमिंस ने यह भी कहा कि एक बार उनको लगा था कि कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उनको खेलने की अनुमति मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं था।
गौरतलब है कि एडिलेड टेस्ट मैच से पहले पैट कमिंस बाहर डिनर के लिए गए थे। वहां एक कोरोना संक्रमित से वह मिले थे। उस व्यक्ति ने कमिंस से हाथ भी मिलाया था। इसके बाद वह संक्रमित हो गए। मिचेल स्टार्क और नाथन लायन भी खाने के लिए गए थे लेकिन दोनों कमिंस और संक्रमित व्यक्ति से दूर बैठे थे। इसलिए ये दोनों संक्रमण का शिकार नहीं हुए और एडिलेड टेस्ट मैच में खेलने के योग्य माने गए। पैट कमिंस की अनुपस्थिति में टीम की कप्तानी स्टीव स्मिथ ने की।
उल्लेखनीय है कि एडिलेड में मैच डे-नाईट था। पिंक बॉल से खेले गए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को पराजित किया था। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया की टीम सीरीज में २-० से आगे हो गई। इंग्लैंड की टीम अब दबाव में होगी। अगला टेस्ट मैच २6 दिसम्बर को बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के रूप में खेला जाएगा। मेलबर्न में होने वाले इस मुकाबले में पैट कमिंस फिर से कप्तानी करते हुए दिखाई देंगे। |
भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली अहम सीरीज में मेजबान टीम प्रबल दावेदार होने वाली है और उनके मुताबिक भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरीज जीतने के लिए लंबी साझेदारियां करनी होगी। रहाणे और कप्तान विराट कोहली ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर ऐसा ही कुछ करके भी दिखाया था।
अजिंक्य रहाणे ने मंगलवार को अभ्यास सत्र के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "हर एक बल्लेबाज के ऊपर जिम्मेदारी होगी कि वो टीम के लिए योदगान दें और मुझे लगता है कि हमारे लिए बड़ी साझेदारियां करना अहम होगा, जैसे कि हमने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर किया था। इससे हमें ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जो भी टीम अपने घर में खेलती है, वो मजबूत ही होती है और अभी भी ऑस्ट्रेलिया ही सीरीज जीतने की प्रबल दावेदार है। उन्हें स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की कमी खलेगी, लेकिन उनकी टीम इतनी भी खऱाब नहीं है। उनके गेंदबाजी अटैक काफी मजबूत है।"
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ४ टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला ६ दिसंबर से एडिलेड में खेला जाना है और उससे पहले दोनों ही टीमों ने अपनी तैयारी तेज कर रखी है। अभ्यास मैच में लगभग सभी भारतीय बल्लेबाज लय में नजर आए थे और वो उसी फॉर्म को टेस्ट सीरीज में भी जारी रखना चाहेंगे।
रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर जरूर रन बनाए थे, लेकिन हाल के समय में वो बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं, जिसके कारण उनके ऊपर काफी दबाव होने वाला है और टीम भी उनके ऊपर काफी निर्भर करने वाली है। अजिंक्य रहाणे अच्छी बल्लेबाजी करते हुए कप्तान विराट कोहली का समर्थन करते हैं, तो निश्चित ही भारत अच्छा करेगी, जिससे टीम पहली बार सीरीज भी जीत सकती है। |
इंग्लैंड (इंग्लैंड क्रिकेट टीम) ने मेलबर्न में होने वाले तीसरे बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया है। इंग्लैंड ने अपनी प्लेइंग इलेवन में चार अहम बदलाव किए हैं। दिग्गज बल्लेबाज जॉनी बेयरेस्टो (जोनई बैर्स्टॉ) की प्लेइंग इलेवन में वापसी हुई है। वहीं स्टुअर्ट ब्रॉड और रोरी बर्न्स जैसे खिलाड़ियों को ड्रॉप कर दिया गया है।
जॉनी बेयरेस्टो, जैक लीच, जैक क्रॉली और मार्क वुड की प्लेइंग इलेवन में वापसी हुई है। वहीं ओली पोप, स्टुअर्ट ब्रॉड, रोरी बर्न्स और क्रिस वोक्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। ओली पोप और रोरी बर्न्स ने अपने पहले दो मैचों में सिर्फ ४८ और ५१ रन ही बनाए। वहीं दूसरी तरफ क्रिस वोक्स और स्टुअर्ट ब्रॉड ने तीन और दो विकेट लिए थे। क्रिस वोक्स का औसत भी उतना शानदार नहीं है।
एशेज सीरीज में इस वक्त ऑस्ट्रेलियाई टीम आगे चल रही है। कंगारू टीम ने पहले दो मुकाबलों में इंग्लैंड को बुरी तरह हराया है। मेलबर्न में २६ दिसंबर से दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जाना है। अगर ऑस्ट्रेलिया ये मुकाबला जीत जाती है तो फिर सीरीज उनके नाम हो जाएगी।
इंग्लैंड को एशेज सीरीज में वापसी करने के लिए ये मुकाबला हर-हाल में जीतना जरूरी होगा। इसके लिए उनके गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों का बेहतर परफॉर्मेंस करना जरूरी होगा। इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज इस सीरीज में अभी तक शतक वहीं लगा पाया है। तीसरे टेस्ट मैच में जैक क्रॉली और जॉनी बेयरेस्टो से टीम को काफी उम्मीदें होंगी। जो रूट ने भी शतक लगाने की बात कही है।
हसीब हमीद, जैक क्रॉली, डेविड मलान, जो रूट (कप्तान), बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरेस्टो, जोस बटलर, मार्क वुड, ओली रॉबिन्सन, जैक लीच और जेम्स एंडरसन। |
सबके जीवन में परेशानियों का दौर आता है और स्वाभाविक है कि वे ऐसे समय में हतोत्साहित हो जाते हैं। १२वी की परीक्षा के वक्त जब निराशा ने मुझे घेरा तो वन मैग्नीफिसेंट मोटिवेशनल मिनट ( ओन मेग्निफिसेंट मोतीवेशनल मिनट) नाम के एक प्रेरक स्पीच शो ने ही मुझे इस बाहर निकालने के मदद की। इस सब ने मुझे एक चीज और सिखाई कि निराशा के समय जरूरी नहीं आपको सहारा देने कोई न कोई मौजूद हो। कभी कभी आपको अकेले ही ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है और ऐसे समय में ऐसी प्रेरक स्पीच और पॉडकास्ट आपका सहारा बन सकते हैं। इस लेख में, मैं आपको हिंदी में उपलब्ध कुछ ऐसे प्रेरक स्पीच और पॉडकास्ट के बारे में बताने जा रहा हूं जो आपके लिए बहुत ही मददगार साबित हो सकते हैं। सो, लिस्टेन तो थे फॉलोइंग मोतीवेशनल स्पीछेस व्हिच इस गोयंग तो बे ऑफ ग्रेट हेल्प फॉर यू!
१) सिर्फ समय अपना है।
कई बार हम ऐसे दौर से गुजरते जब कोई काम बनता नजर ही नहीं आता। ऐसे में हमारे मुंह से एक ही वाक्य निकलता है कि हमारा समय भी खराब चल रहा है या समय हमारा साथ नहीं दे रहा। अगर आपके मन में भी कभी ऐसा ख्याल आया है तो आपको यह स्पीच जरूर सुनना चाहिए। ये स्पीच आपको यह विश्वास दिलाएगा कि सिर्फ समय ही आपका है और ये आपका साथ हमेशा देगा।
२) सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
मेरी मां कार सीखने की इक्छुक थी लेकिन कई लोगों का यह मानना था कि वे कहां इस उम्र में ये सब सीखेंगी। शायद आपसे भी कई लोगों ने ऐसा कहा हो। अगर ऐसा है तो आपको यह स्पीच जरूर सुनना चाहिए। यूं तो बहुत लोगों ने आपसे यह भी कहा होगा की सीखने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन ये पॉडकास्ट आपको इस वाक्य पर यकीन कराएगा।
३) लाइफ खट्टे मीठे अनुभवों से ही बनती है।
आप ने कई अलग अलग रास्तों पर सफर किया होगा। क्या वे सारे रास्ते आसान एवं सीधे सीधे थे? नहीं न, कुछ रास्ते सीधे होंगे तो कुछ टेढ़े मेढ़े, कुछ तो उतार चढ़ाव वाले भी होंगे। पर अगर रास्ते सीधे नहीं है तो इसका मतलब ये तो नहीं कि हम सफर करना ही छोड़ दें। बस यही तो ज़िन्दगी है। कुछ बुरे अनुभव क्या आए, ज़िन्दगी से निराश हो कार तो नहीं बैठ सकते ना। आखिरकार, ज़िन्दगी इन्हीं खट्टे मीठे अनुभवों से ही तो बनती है। ये बात पता सबको है पर कोई इस पर अमल नहीं करता। बस यही बात आपको याद दिलाने के लिए ये पॉडकास्ट महत्वपूर्ण है।
४) हार से डरो नहीं सीखो।
हार जीत तो एक सिक्के दो पहलू की तरह हैं और इन्हें इसी नजरिए से देखना चाहिए। लेकिन इंसान का स्वभाव ही कुछ ऐसा होता है कि हम जीत नाम के पहलू को ज्यादा तवज्जो देते हैं। माना कि हार किसी को नहीं सुहाती पर सिखाती तो है। बस यही तो सीखने की जरूरत है। अपने अंदर से हार का डर निकालें और उससे कुछ सीख कर जीत की राह बनाना सीखें। माना यह मुश्किल है लेकिन मुमकिन है। इस प्रेरक स्पीच को सुने और सीखें।
५) काम करो फल की चिंता मत करो।
ये तो एक मशहूर मिसाल है कि कर्म करो और फल की चिंता मत करो। आपने भी यह वाक्य कहीं सुना या पढ़ा होगा पर क्या आपने इसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश की है। शायद नहीं, हम किसी भी काम को शुरू करने से पहले उसके हो सकने वाले अंजामों की कल्पना कर लेते है। ऐसे में हमारी ये आदत हमे कई बार इतना डरा देती है कि हम उस काम को करने का विचार ही त्याग देते हैं जबकि यह पूर्ण संभावना होती है कि हैं उस काम को सफलतापूर्वक कर सकते थे। हमें इस विचार को अपने जीवन में उतारना चाहिए और फल की चिंता किए बिना बस काम को करना चाहिए। ये स्पीच इस विचार को अपने जीवन में उतारने में आपकी मदद करेगा।
प्रेरक स्पीच और पॉडकास्ट को ढूंढना कठिन नहीं है। कुकू एफएम जैसे कई मंच इंटरनेट पर उपलब्ध हैं जो इन सेवाओं को मुफ्त में मुहैया कराते हैं जहां से आप मुफ्त में इन्हें डाउनलोड भी कर सकते हैं। फिंड मोर मोतीवेशनल स्पीछेस इन हिन्दी ऑन और प्लेटफार्म एंड अड आ मिनिंग एंड कॉन्फिडेंस इन यूर लाइफ! |
ओला की जिस इलेक्ट्रिक स्कूटर ने बिक्री की सारी रिकॉर्ड तोड़ दिया थे अब उसी स्कूटर की डेलिवरी पर सवाल उठना शुरू हो गए है। इसे ख़रीदे के लिए लोग बेताब है इतना अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की सबसे तेजी बिकने का स्कूटर बन गया। ओला ने दावा किया था की कंपनी ने इसकी बिक्री एक ही दिन में ६०० करोड़ रूपये की कमाई की थी। कंपनी का दवा था की हर १ सेकेंड में ४ स्कूटर की बिक्री हुई उसे ई स्कूटर के लिए मिली थी करीब ९० हज़ार बुकिंग मिली थी लेकिन ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री एसोसिएशन ओला कंपनी के दावे पर सवाल खड़ा कर रहे है फादा के अध्यछ विकेश गुलाटी कंपनी के दावे को मीडिया स्टार्ट पर सवाल उठाया है विकेश गुलाटी ने ट्वीट करके बताया की दस मिनट की कैपेसिटी करने वाली इलेक्ट्रिक ने दिसंबर में सिर्फ १११ ई स्कूटर ही बेचीं इसमें ६० ई स्कूटर कर्णाटक २५ ई स्कूटर तमिलनाडु में बेचीं गए इसके आलावा १5 ई स्कूटर महाराष्ट्र ११ ई स्कूटर राजस्थान में राजिटेर किये गए है इतना ही नहीं विकेश गुलाटी ट्वीट में सवाल भी पूछे है उन्होने पूछा की डिलीवरी में डायरेक्ट तो कस्टमर कांसेप्ट एक बड़ी बाधा बन रही है और क्या ये रियल है या सिर्फ दूसरी स्टार्ट उप कंपनी का प्रचार है। फादा के मुताबित ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी इलेक्ट्रिक को सिर्फ ४ राज्यों में डिलीवरी किया है हलाकि पिछले हप्ते ओला इलेक्ट्रिक सियो और को फाउनार भावेश अग्रवाल ने कहा था की कंपनी स१ और स१ प्रो स्कूटर के पहले बेच की सभी यूनिट बेच दी है। उन्होंने ने कहा की कुछ प्रोजेट में है ज्यादा तर पहले से ही आप के आसपास के डेलिवरी सेण्टर में है और र्टो रजिस्टर प्रोसेस से गुजर रहा है दरसल ओला इलेक्ट्रिक पिछले साल १5 अगस्त 202१ को लांच हुए थे।
स१ और स१ प्रो ई स्कूटर सिंगल चार्ज पर १80 किलोमीटर तक दौड सकता है इस स्कूटर की सबसे खासियत ये है की होम चार्जर से घर में लगे आम सॉकिट से चार्ज किया जा सकता है। कंपनी ने स्कूटर के फ़ास्ट चार्जिंग से १8 मिनट में ५०% तक चार्ज हो जायेगा इस स्कूटर की टॉप स्पेस ११5 किलोमीटर प्रति घंटा होगी इस स्कूटर के वेरिएंट स१ की कीमत ९९९९९ और स१ प्रो १29999 है। ओला स्कूटर सीधे अपने ग्राहक भेज रही है जिसमे कोई डीलर शामिल नहीं है ओला इलेक्ट्रिक को स्कूटर डिलीवरी शुरू करने के लिए करीब चार महीना का इंतज़ार करना पड़ता था। कंपनी ने इसके पीछे डेलिवरी के इसु बताया थे वही ओला स्कूटर लम्बे इंतज़ार को देखते हुए अब इसकी डिमांड बहोत काम हो गई है। |
जिन उम्मीदवारों ने आवेदन प्रोफार्मा का उपयोग करके अपने आवेदन तेलंगाना राज्य आयोग को जमा करने के डर से आवेदन किया है। टीएसपीएससी एएमवीआई भर्ती के साथ रोजगार के लिए आवेदन कार्यक्रम समिति में उपलब्ध होंगे। राज्य परिवहन विभाग में सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों के इन रिक्त पदों को टीएसपीएससी द्वारा भरा जाएगा। आवेदक अपने आवेदन ऑनलाइन जमा करने की पहली तारीख ५ अगस्त २०२२ है। ५ सितंबर २०२२ को तेलंगाना सहायक मोटर वाहन निरीक्षक पद के लिए पंजीकरण बंद कर दिया जाएगा।
ट्स्प्स्क अम्वी भर्ती २०२२ के लिए आवेदन कैसे करें?
तेलंगाना राज्य सरकार आयोग ने घोषणा की है कि परिवहन विभाग में ११३ रिक्त सहायक मोटर वाहन निरीक्षक पदों को भरने के लिए यह भर्ती प्रक्रिया होगी। घोषणा यहां देखी जा सकती है। ट्स्प्स्क अम्वी भर्ती २०२२ आवेदन पत्र ५ अगस्त, २०२२ से शुरू होकर ५ सितंबर, २०२२ तक पर स्थित आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से जमा किए जा सकते हैं। टीएसपीएससी जॉब्स २०२२ के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए तथ्य, नवीनतम समाचार अपडेट और लिंक सभी आवेदन करने के इच्छुक लोगों के लिए इस वेबसाइट पर पाए जा सकते हैं।
नवंबर २०२२ में, चयन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में एक परीक्षा लिखी जाएगी। यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकृति की होती है और इसे कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षा के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। आवेदन (ओटीआर) पूरा करने से पहले उम्मीदवारों को पहली बार पंजीकरण पृष्ठ पर पंजीकरण करना होगा। ओटीआर के साथ पंजीकृत उम्मीदवारों को इंटरमीडिएट पोस्ट से जुड़कर टीएसपीएससी एएमवीआई पद के लिए आवेदन करना चाहिए। आवेदकों को यह याद रखना चाहिए कि टीएसपीएससी में ओटीआर पंजीकरण को रोजगार आवेदन के रूप में नहीं माना जाता है। तेलंगाना राज्य आयोग के साथ सहायक मोटर वाहन निरीक्षक पद के लिए आवेदन करने के लिए, आपको पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि आप आधिकारिक बोर्ड में सूचीबद्ध सभी योग्यता आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
तेलंगाना राज्य आयोग ने ११३ मोटर वाहन सहायक निरीक्षक पदों की भर्ती के लिए नौकरी अधिसूचना जारी की है। उम्मीदवारों के पास ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या मैकेनिकल इंजीनियरिंग संस्थान से डिग्री होनी चाहिए। आवश्यकताओं को पूरा करने वाले उम्मीदवार ५ अगस्त से ५ सितंबर, २०२२ के बीच अपने आवेदन जमा कर सकते हैं।
ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिग्री या समकक्ष योग्यता जैसे आवश्यक दस्तावेजों वाले आवेदक इस पद के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जब तक कि वे नियम और शर्तों में उल्लिखित सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इसके अलावा, उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचनाओं को पढ़कर पात्रता मानदंड के बारे में अधिक जान सकते हैं।
आवेदन, जो ५ अगस्त २०२२ और ५ सितंबर २०२२ के बीच आधिकारिक वेबसाइट ट्स्प्स्क.गोव.इन पर खुला रहेगा, उन तिथियों के बीच इच्छुक और योग्य लोगों द्वारा जमा किया जा सकता है। उम्मीदवारों को आवेदन करने से पहले सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है। इस करियर की प्रगति के हिस्से के रूप में, हैदराबाद में ट्स्प्स्क में काम करने का अवसर भी है।
केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त और एआईसीटीई, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित संस्थान से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना चाहिए; इसके अलावा, उम्मीदवार के पास एक मजबूत ड्राइविंग क्षमता होनी चाहिए जो उन्हें भारी मोटर वाहन (परिवहन वाहन) संचालित करने की अनुमति देती है।
प्रत्येक उम्मीदवार को रुपये का भुगतान करना होगा। २००/- परीक्षा शुल्क रु. १२०/-, जिसका भुगतान प्रत्येक आवेदक को करना होगा। हालांकि, जो कोई कर्मचारी नहीं है, उसके लिए परीक्षा शुल्क का भुगतान करना आवश्यक नहीं है।
उम्मीदवारों से अनुरोध है कि फॉर्म भरने से पहले ओटीआर प्रक्रिया को पूरी तरह से पूरा करें।
अम्वी आवेदन पत्र भरने के लिए आपको ट्स्प्स्क की वेबसाइट पर जाना होगा।
सबसे पहले, आपको ओटीआर प्रक्रिया से प्राप्त डेटा की जांच करनी होगी।
यदि सभी जानकारी सही है तो हां बटन पर क्लिक करें। आवेदकों से अब सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने का अनुरोध किया जाता है।
उसका प्रिंट आउट निकाल कर भेज दें।
भविष्य में उपयोग के लिए अपनी आवेदन पंजीकरण जानकारी को कहीं सुरक्षित रखना सुनिश्चित करें।
पदों की नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए लिखित परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) भर्ती परीक्षा (सीबीआरटी) ऑफलाइन ओएमआर आधारित परीक्षा का उपयोग किया जाएगा। पदों के लिए चयन लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों और उम्मीदवार की शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता पर आधारित होगा। |
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। नगरपालिका में कनिष्ठ लेखाकार को विभिन्न शिकायतों के चलते एपीओ कर दिया गया है। पालिका के अधिशासी अधिकारी और पालिकाध्यक्ष ने बताया कि रविशंकर जोगी द्वारा कार्यालय में पद दुरुपयोग, मनमर्जी, हठधर्मिता अपनाई जा रही है। साथ ही इसके द्वारा वेतन, डीजल एवं अन्य आवश्यक बिलों को रोका जाता है जिससे पालिका की छवि धूमिल होती है। इसके साथ ही पालिका ने स्वीकार किया कि ४ मई से शुरू हुए कैंप में किसी भी प्रकरण में मौका रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई जिससे पट्टा वितरण में कठिनाई आ रही है। पालिका ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अनुशासनहीनता पालिका में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आदेशों की अवहेलना करने वाले कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी रहेगी। |
नीत इम्पोर्तंट चाप्टर्स २०२०: २६ जुलाई, २०२० को नीट का एग्जाम होना है यानी करीब एक महीना एग्जाम को रह गया है। फिलहाल परीक्षा के स्थगित होने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में छात्रों को तैयारी पर ध्यान देना चाहिए।
परीक्षा का समय जब नजदीक होता है तो छात्रों को चाहिए जो अब तक पढ़ रखा है, उसे ही रिवाइज करें। इस दौरान आपको किसी नई स्टडी मटीरियल को ट्राई नहीं करना चाहिए। अब तक आपने जो नोट्स तैयार किए हैं, उनका रिविजन करें और एनसीईआरटी की किताबों पर ध्यान दें।
देश भर में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए सीबीएसई और आईसीएसई की १०वीं और १२वीं क्लास की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। सीटेट की परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। अब जेईई मेन और नीट को भी स्थगित करने की मांग उठ रही है। लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है। |
नैनी। नैनी कोतवाली क्षेत्र के टीएसएल पॉवर हाउस से सटे नैनी विद्युत भंडार के वर्कशॉप में सोमवार की सुबह भीषण आग लग गई। पुराने ट्रासंफॉर्मर रिपेयरिंग के दौरान होने वाली वेल्डिंग की चिंगारी से आग लगना बताया जा रहा है। आग इतनी विकराल थी कि कई सौ मीटर दूर से ही उसका धुंआ दिखाई दे रहा था। आग से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। अधिकारी अभी नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। वहीं देर शाम तक वहां से धुंआ उठता रहा।
सोमवार की सुबह लभगभ नौ बजे टीएसएल पॉवर हाउस के बगल स्थित नैनी विद्युत भंडार के वर्कशॉप में कर्मचारी खराब ट्रासंफॉर्मर की मरम्मत कर रहे थे। वहां मौजूद कर्मचारियों की माने तो वेल्डिंग करने के दौरान निकलने वाली चिंगारी से आग लग गई। सूचना पर फायरबिग्रेड की गाड़ी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुट गई। लगभग तीन घंटे की मशकक्त के बाद १० से अधिक फायरबिग्रेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। सूचना पर इंस्पेटर नैनी बृजेश सिंह के बाद एसडीएम करछना गणेश कुमार कन्नौजिया, सीओ करछना अजीत सिंह चौहान समेत विद्युत विभाग के एसडीओं व अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। |
आज हम आपको बताने वाले हैं कि सबसे अच्छा एक कौन सा है २०२२ में (बेस्ट एक इन इंडिया). एयर कंडीशनर तेजी से आधुनिक भारतीय परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते जा रहे हैं। चाहे गर्मियों में प्रचंड गर्मी हो या अत्यधिक चिपचिपाहट वाली वर्षा ऋतु या शुष्क सर्दियाँ, भारत में एयर कंडीशनर (एक) पूरे वर्ष उपयोगी होते हैं।
कई घरों में खराब वेंटिलेशन के कारण, एयर कंडीशनर (एक) ताजी हवा लाने के साथ-साथ इनडोर तापमान को सहनीय रखने के लिए एक प्रभावी समाधान बनाते हैं। यदि आप अपने घर के लिए एयर कंडीशनर की तलाश में बाजार में हैं, तो हमने भारत में उपलब्ध कुछ बेहतरीन एयर कंडीशनर की एक सूची तैयार की है।
यह पैनासोनिक एयर कंडीशनर एक ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, जो इसे इस मूल्य खंड में सबसे अच्छे विकल्पों में से एक बनाता है।
बेस्ट एक इन इंडिया की लिस्ट में अगला एक है सन्यो १ टन एयर कंडीशनर एक और स्प्लिट एसी, जो ५-स्टार एनर्जी एफिशिएंसी रेटिंग के साथ आता है।
यह एक बिल्ट-इन प्म२.५ और एंटी-डस्ट फिल्टर के साथ आता है जो हवा को शुद्ध कर सकता है और एक ही समय में हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
यह एक तांबे के तार के साथ आता है जो शीतलन दक्षता में सुधार करता है और कम रखरखाव की आवश्यकता होती है।
ल्ग म्स-क१२एन्ज़ा इन्वर्टर स्प्लिट एसी एक वैरिएबल स्पीड कंप्रेसर से लैस है जो तापमान के आधार पर पावर को एडजस्ट कर सकता है।
यह कम ऊर्जा बिल सुनिश्चित करने के लिए पांच सितारा ऊर्जा दक्षता रेटिंग के साथ आता है।
एसी हाई-ग्रोव्ड कॉपर पाइप के साथ आता है जो उचित गर्मी अपव्यय सुनिश्चित करता है। यह मानसून आराम तकनीक के साथ आता है जो मानसून के दौरान आरामदायक शीतलन प्रदान करने के लिए कमरे के तापमान और हवा की नमी को कुशलता से नियंत्रित करता है।
र३२ रेफ्रिजरेंट जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करके ग्रह की रक्षा करें। एयर कंडीशनर अगली पीढ़ी के र३२ रेफ्रिजरेंट का उपयोग करता है, जो ओजोन परत के संरक्षण में मदद करता है और ग्लोबल वार्मिंग पर कम प्रभाव डालता है।
साफ करने में आसान फिल्टर अपने एयर कंडीशनर को कम मेहनत में कुशलता से काम करते रहें। ईसी फिल्टर प्लस बाहर, ऊपर की तरफ स्थित है, इसलिए इसे आसानी से निकाल कर साफ किया जा सकता है। इसका घना जाल हीट एक्सचेंजर को साफ रखता है और एक एंटी-बैक्टीरियल कोटिंग आपको खतरनाक वायुजनित दूषित पदार्थों से बचाने में मदद करती है।
बेस्ट १.५ तों एक इन इंडिया २०२२ की सूचि में अगला एक है, कैरियर १.५ तों ५ स्टार इनवेर्टर स्प्लित एक. कैरियर १.५-टन एयर कंडीशनर इन्वर्टर तकनीक के साथ आता है जो सुनिश्चित करता है कि आपकी जेब में छेद किए बिना आपका कमरा ठंडा रहे।
यह मध्यम आकार के कमरों के लिए उपयुक्त है और ऊर्जा दक्षता के लिए पांच सितारा रेटिंग के साथ आता है। यह एक कॉपर कंडेनसर कॉइल से लैस है जिसे कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और उचित शीतलन सुनिश्चित करता है।
एयर कंडीशनर एक दोहरे निस्पंदन सिस्टम के साथ आता है जो आपके घर के अंदर हवा से सूक्ष्म कण प्रदूषकों को हटाता है। यह एक एक्वा क्लियर कोटिंग के साथ आता है जो बाहरी इकाई को जंग से बचाता है।
एलजी १.५-टन एयर कंडीशनर दोहरे इनवर्टर के साथ आता है जो यह सुनिश्चित करता है कि आपका कमरा ५2च तक के अत्यधिक उच्च बाहरी तापमान पर भी ठंडा बना रहे।
यह ओशन ब्लैक प्रोटेक्शन के साथ कॉपर टयूबिंग के साथ आता है जो तटीय क्षेत्रों में भी जंग को रोकता है। यह र३२ रेफ्रिजरेंट का उपयोग करता है जो अन्य एयर कंडीशनर में उपयोग किए जाने वाले र४१०आ रेफ्रिजरेंट की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल है।
यह एलजी एयर कंडीशनर एक अत्यधिक विश्वसनीय विकल्प है, जिसमें ओशन ब्लैक प्रोटेक्शन और कॉपर ट्यूब जैसी विशेषताएं हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि यह लंबे समय तक चले।
स्मार्ट निदान प्रणाली : त्रुटि सूचनाओं को समझने में आसान और दूरस्थ निदान आपको निकटतम एलजी सेवा केंद्र से संपर्क करने और समस्या को तुरंत हल करने में मदद करते हैं।
ल्ग आई दुअल कूल एयर कंडीशनर एडीसी सेफ्टी सेंसर के साथ आता है, जो ऑपरेशन के हर चरण में मजबूती और सुरक्षा की शक्ति से निर्मित होता है जो उन्हें अत्यधिक टिकाऊ, सुरक्षित बनाता है और एक स्थिर संचालन सुनिश्चित करता है।
इन्वर्टर कंप्रेसर के साथ स्पिल्ड एसी: वेरिएबल स्पीड कंप्रेसर जो हीट लोड के आधार पर पावर को एडजस्ट करता है। यह सबसे अधिक ऊर्जा कुशल है और इसमें सबसे कम शोर वाला संचालन है।
एसी गोल्डन फिन एंटी-करप्शन कंडेनसर के साथ आता है जो निर्बाध शक्तिशाली कूलिंग के लिए स्थायित्व और भारी शुल्क प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।
विशेष सुविधाएँ: यह एसी इन्वर्टर कंप्रेसर, एक्टिव कार्बन फिल्टर, एंटी बैक्टीरियल और डस्ट फिल्टर, एंटी-माइक्रोबियल सेल्फ क्लीनिंग (हेल्दी ऑटो ब्लो), र३२ रेफ्रिजरेंट, साइलेंट ऑपरेशन के साथ आता है।
रेफ्रिजरेंट गैस: र३२ जो पर्यावरण के अनुकूल है जिसमें ओजोन रिक्तीकरण क्षमता नहीं है।
बेहतर कूलिंग और कम रखरखाव के लिए १००% कॉपर कंडेनसर कॉइल।
ऊर्जा दक्षता के लिए इसे फाइव स्टार रेटिंग दी गई है। एसी एक सक्रिय कार्बन फिल्टर और एक एंटी-बैक्टीरियल फिल्टर के साथ आता है जो हवा को साफ करने और हवा से धूल, पराग, बैक्टीरिया और अन्य प्रदूषकों को हटाने में मदद करता है।
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यदि आप ये जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण कौन लिखता है तो ये खबर आपके लिए है। मोदी अपनी विशिष्ट भाषणों के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषण के संबंध में जानकारी के लिए पीएम कार्याल में आरटीआई लगाई गई थी। इसका जवाब मिल चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग हर दिन किसी न किसी मुद्दे पर भाषण देते हैं। कभी मौका होता है पॉलिटिकल रैली का तो कभी कोई लॉन्चिंग इवेंट, कभी छात्र-छात्राओं को संबोधन तो कभी इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस में भी संबोधित करना होता है। ऐसे में एक सवाल सबके जेहन में जरूर आता होगा। सवाल यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ये भाषण आखिर लिखता कौन है। इस सवाल के जवाब के लिए इंडिया टुडे ने प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आरटीआई दाखिल की।
इस आरटीआई के तहत उन लोगों के नाम और नंबर जानने की कोशिश की गई, जो अलग-अलग मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भाषण तैयार करते हों। यही नहीं, इसके जरिए यह भी जानने का प्रयास हुआ कि भाषण को तैयार करने वाले लोगों को इसके एवज में तकरीबन कितना पैसा दिया जाता है। इस आरटीआई का जवाब भी आ गया है।
बताया गया है कि विभिन्न माध्यमों से इनपुट्स इकट्ठा करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही भाषणों की रूपरेखा तैयार करते हैं। पीएमओ ने आरटीआई के जवाब में बताया है, अलग-अलग कार्यक्रमों के अनुसार प्रधानमंत्री को उसके इनपुट उपलब्ध करा दिए जाते हैं। इसके बाद पीएम खुद भाषण को अंतिम रूप देते हैं। हालांकि, पीएम की स्पीच तैयार करने में कितनी रकम खर्च की जाती है, इसका जिक्र नहीं किया गया है। |
राम ने इसे ऑनलाइन कैसे उड़ाया? पतली बर्फ पर चार्जर्स स्टेली?
रैम्स ऐसा प्रतीत नहीं होता है जैसे कि वे एक और सुपर बाउल खिताब के लिए इसे वापस चला सकते हैं जैसा कि उन्होंने घोषित किया था। इस बीच, शॉर्ट-हैंडेड चार्जर्स ने लगातार गेम में अच्छा प्रदर्शन किया और केवल हार गए। उनके खेल का अगला तार यह निर्धारित कर सकता है कि क्या वे प्लेऑफ़ स्थान के लिए लड़ाई में शामिल होने जा रहे हैं। रैम्स ने लेखक गैरी क्लेन को मात दी और चार्जर्स ने लेखक जेफ मिलर को पछाड़ते हुए प्रशंसकों की चिंताओं और प्रश्नों को नियमित सत्र में जाने के लिए सात सप्ताह के साथ संबोधित किया।
आप कब स्वीकार करेंगे जो नोटबूम ($२५म) और नोबडी लाइन (उनकी स्थिति में कोई भी शीर्ष १० नहीं) उत्तराधिकार योजना का कोई उदाहरण नहीं थे? दिन १, केवल एक आक्रामक लाइनमैन, एलन को उनकी स्थिति में शीर्ष २० का दर्जा दिया गया था। अब जबकि दो टैकल समाप्त हो गए हैं तो क्या था और क्या आक्रामक लाइन के लिए उत्तराधिकार की योजना होगी? आप वह बात जानते हैं जो क्वार्टरबैक को चोट लगने से बचाती है?
क्लेन: जब लेफ्ट टैकल एंड्रयू व्हिटवर्थ रिटायर्ड और राइट गार्ड ऑस्टिन कॉर्बेट ने फ्री एजेंट के रूप में छोड़ दिया, तो राम के पास उत्तराधिकार की योजना थी। २०१८ में, उन्होंने ड्राफ्ट में अपने उच्चतम पिक के साथ जो नोटबूम का चयन किया और फिर उन्हें एक विस्तार पर हस्ताक्षर करने से पहले चार सत्रों के लिए व्हिटवर्थ के पीछे प्रशिक्षु बना दिया। उन्होंने केंद्र ब्रायन एलन पर भी फिर से हस्ताक्षर किए। फिर उन्होंने २०२१ के मसौदे में अपने उच्चतम पिक के साथ आक्रामक लाइनमैन लोगान ब्रूस का मसौदा तैयार किया, जो उन्हें शुरुआती सही गार्ड के रूप में पेश करता है, यदि सीजन की शुरुआत में नहीं, तो मिडसनसन द्वारा। उन्होंने सीजन के सलामी बल्लेबाज की पूर्व संध्या पर रोब हैवेनस्टीन से भी सही मुकाबला किया।
यह एक योजना की तरह लगता है। लेकिन कई योजनाओं की तरह यह भी कारगर नहीं हुई। ब्रूस को सीज़न के अंत में घुटने की चोट का सामना करना पड़ा, एलन को कई चोटें लगीं और अंत में नोटबूम को सीज़न के अंत में एच्लीस की चोट भी लगी। और कई पदों पर प्रशिक्षित बैकअप या तो चोटिल हो गए या अच्छा नहीं खेले। नि:संदेह रैम्स फ्री-एजेंट आक्रामक लाइनमेन पर हस्ताक्षर करने और दूसरों का मसौदा तैयार करने की तलाश में होंगे। लेकिन उनका ज्यादातर पैसा क्वार्टरबैक मैथ्यू स्टैफोर्ड, रिसीवर कूपर कुप्प, डिफेंसिव लाइनमैन आरोन डोनाल्ड और कॉर्नरबैक जालन रैमसे में बंद है।
जब कोचों को काम पर रखने की बात आती है तो स्पैनोस के तहत चार्जर्स हमेशा कुख्यात सस्ते रहे हैं। क्या अब ब्रैंडन स्टेली को केवल यही बचा रहा है क्योंकि वह निश्चित रूप से अपनी गहराई से बाहर लगता है?
मिलर: सुनिश्चित नहीं है कि उसकी गहराई से बाहर का क्या अर्थ है, लेकिन, नहीं, वह वह नहीं है जो अभी स्टेली को बचा रहा है। यह फ़्रैंचाइज़ी ऐतिहासिक रूप से इन-सीज़न हेड-कोचिंग परिवर्तन नहीं करती है। इसलिए, अगर स्वामित्व स्टैली से आगे बढ़ने का फैसला करता है, तो मैं सीजन के बाद तक ऐसा नहीं देखूंगा। बस एक अनुस्मारक के रूप में, स्टेली अपना हेड-कोचिंग करियर शुरू करने के लिए १४-१३ साल का है। अपने पहले २७ खेलों के माध्यम से, बिल बेलिचिक ११-१६ और बिल वॉल्श और जिमी जॉनसन दोनों ५-२२ थे।
क्या अपेक्षाकृत कुछ खिलाड़ियों को इतना पैसा देने के लिए राम प्रबंधन ने उच्च गुणवत्ता वाले खिलाड़ियों को लगातार विजेता बनाने के लिए आवश्यक कई अन्य आक्रामक और रक्षात्मक पदों पर रखने के लिए पर्याप्त वेतन-कैप नकद नहीं छोड़ा? मेरा प्रश्न आपत्तिजनक रेखा में स्पष्ट छिद्रों से काफी आगे तक फैला हुआ है। दूसरा, इस सीज़न के शीर्ष दावेदारों में अत्यधिक मोबाइल क्वार्टरबैक दिखाई देते हैं जो उनके अपराधों में एक महत्वपूर्ण आयाम जोड़ते हैं। स्टैफ़ोर्ड पर कोई दस्तक नहीं है क्योंकि उनका रिज्यूमे खुद के लिए बोलता है, लेकिन पांव मारना स्पष्ट रूप से उनका मजबूत सूट, विचार कभी नहीं रहा है?
क्लेन: रैम्स २०१८ के दिनों से बहुत पहले हैं जब उनके पास एक धोखेबाज़ अनुबंध पर क्वार्टरबैक खेल रहा था और पूरे क्षेत्र में उच्च कीमत वाले सितारों के साथ उन्हें घेर सकता था। एनएफएल सीजन-टू-सीजन प्रस्ताव है। यदि आप सुपर बाउल्स नहीं जीतते हैं तो लगातार विजेता का क्षेत्ररक्षण करने का कोई मतलब नहीं है। और रैम्स ने अपने स्टार खिलाड़ियों का अधिग्रहण और भुगतान करके सुपर बाउल जीता। सुपर बाउल के बाद, उन्होंने स्टैफ़ोर्ड, कुप्प और डोनाल्ड को बड़े एक्सटेंशन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने बाजार-स्तर के सौदे के लिए रिसीवर एलन रॉबिन्सन पर हस्ताक्षर किए और टीम के अनुकूल सौदे के लिए भविष्य के हॉल ऑफ फेम लाइनबैकर बॉबी वैगनर पर हस्ताक्षर किए। और रैमसे भी एक बड़े कॉन्ट्रैक्ट पर खेल रहे हैं।
मैथ्यू स्टैफ़ोर्ड ४९एर्स डिफेंस के दबाव में थ्रो करता है। रैम्स का क्वार्टरबैक धावक नहीं हो सकता है, लेकिन वह हाथापाई कर सकता है और रन पर फेंक सकता है।
स्टैफ़ोर्ड कभी भी एक स्क्रैम्बलर नहीं रहा है। एनएफएल में सबसे अच्छे पासिंग आर्म्स में से एक के साथ, उसे होने की आवश्यकता नहीं है। और वह अब बदलने वाला नहीं है। रनिंग डायमेंशन जो अन्य क्वार्टरबैक अपने अपराधों में लाते हैं, रक्षात्मक समन्वयकों के लिए इसे बहुत कठिन बना देता है। लेकिन टीमें दोनों के साथ सुपर बाउल्स जीत सकती हैं। पैट्रिक महोम्स के नेतृत्व में कैनसस सिटी चीफ्स ने २०१९ सीजन में खिताब जीता था। टॉम ब्रैडी ने २०२० में टाम्पा बे बुकेनेर्स का नेतृत्व किया, पिछले सीज़न में स्टैफ़ोर्ड द रैम्स।
चार्जर्स ने कठिन तरीका सीखा है, एक अच्छा किकर ढूंढना आसान नहीं है। डिकर द किकर पर हस्ताक्षर क्यों नहीं करते? बच्चे के पास एक मजबूत बहुत सटीक पैर है। अब तक नाजुक नहीं रहा; हमारे दूसरे कांच की तरह हैं।
चक्कीवाला: चार्जर्स ने मंगलवार को अपने सक्रिय रोस्टर में कैमरून डिकर को साइन किया और डस्टिन हॉपकिंस को घायल रिजर्व में रखा। इसलिए, जब तक वह चोटिल नहीं हो जाता या उसका प्रदर्शन अचानक खराब नहीं हो जाता, तब तक डिकर कम से कम अगले चार मैचों के लिए किकर होंगे।
खराब चार्जर कोचिंग। आधे के अंत में हर्बर्ट अपने ऑल-प्रो केंद्र के नीचे क्यों नहीं रहे? वे केल्स को दो मुख्य मुख्य रिसीवरों के बाहर होने से कैसे नहीं रोक सकते थे? वे पास रश पर महोम्स के रन को कैसे बंद नहीं कर सकते थे (जैसे चीफ्स ने हर्बर्ट को किया था)? खराब चार्जर कोचिंग है कारण।
मिलर: इन्हें क्रम में लेने के लिए, १) मुझे लगता है कि आप पूछ रहे हैं कि जस्टिन हर्बर्ट ने हाफ के अंत में क्यूबी स्नीक क्यों नहीं चलाया। सामान्यतया, यह एक कॉल है जिसे वह बचाव की नज़र के आधार पर हाथापाई की रेखा पर बना सकता है। हर्बर्ट स्पष्ट रूप से एक लाभ के रूप में वहाँ चुपके से नहीं देखा। २) ट्रेविस केलस लगातार आठवां प्रो बाउल बनाने की राह पर है। उसे कोई नहीं रोक सकता। वह असांटे सैमुअल जूनियर जैसे कॉर्नरबैक के लिए एक दुःस्वप्न मैचअप है, और आप सवाल कर सकते हैं कि यह जोड़ी रविवार को क्यों बनी। मिश्रण कवरेज में मूल्य है, लेकिन केनेथ मरे जूनियर को केल्स को कवर करने के लिए कहना जो एक नाटक पर हुआ जिसके परिणामस्वरूप प्रमुखों के लिए ३४-यार्ड लाभ हुआ आदर्श नहीं है। चार्जर्स शायद अधिक रविवार को केलस में डार्विन जेम्स जूनियर का उपयोग कर सकते थे, लेकिन जेम्स सबसे प्रभावी तब होता है जब वह पूरे मैदान में लाइन में खड़ा होता है। ३) जस्टिन हर्बर्ट बहुत कुछ कर सकते हैं। लेकिन पैट्रिक महोम्स की तरह दौड़ना उनमें से एक नहीं है।
चीफ्स टाइट एंड ट्रैविस केल्से (८७) ने असांटे सैमुअल जूनियर (२६) को छोड़ दिया, क्योंकि वह चार्जर्स के खिलाफ टचडाउन कैच पर मैदान में उतरे।
ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि किसी भी रक्षात्मक पीठ को चार्जर्स ने या तो मसौदा तैयार किया है या मुफ्त एजेंसी के माध्यम से हस्ताक्षर किए हैं या कुछ भी सार्थक करने में सक्षम हैं, तो कौन जवाबदेह है? क्या यह सब चालू है [जनरल मैनेजर टॉम] टेलीस्को या स्टेली भी विकल्पों की जिम्मेदारी वहन करते हैं?
मिलर: मेरा तर्क है कि डार्विन जेम्स जूनियर बहुत अच्छे हैं। असांटे सैमुअल जूनियर के पास बहुत अच्छा होने का मौका है। अभी भी यह निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी कि वह कुछ भी सार्थक करने में असमर्थ है। जेसी जैक्सन पिछले साल एक प्रो बाउल पिक थे और उन्हें चोट लगने से पहले इस सीजन में खुद को दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला था। अंतत: इस रोस्टर के निर्माण के लिए टॉम टेलेस्को और ब्रैंडन स्टेली सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। मेरे लिए २०२२ चार्जर्स के बारे में सबसे निराशाजनक बात कुल मिलाकर डिफेंस का संघर्ष रहा है। हमने सभी सीज़न के बारे में सुना है कि उन्होंने इस योजना में सफल होने के लिए आवश्यक अनुभव और शरीर के प्रकार के साथ खिलाड़ियों को कैसे जोड़ा था। १० खेलों के परिणाम बेतहाशा मिश्रित रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि चार्जर्स एक और भविष्य के हॉल-ऑफ-फेम क़्ब को बर्बाद कर देंगे, जैसा कि उन्होंने डैन फाउट्स, ड्रू ब्रीज, फिलिप रिवर और अब जस्टिन हर्बर्ट के साथ किया था? टेलीस्को एक पूरी टीम बनाने में लगातार विफल रहा है। ओ-लाइन लगभग १० वर्षों से एक समस्या है।
मिलर: अपशिष्ट से मेरा मानना है कि आपका मतलब सुपर बाउल नहीं जीतना है। मैं एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने जा रहा हूं और कहता हूं कि जस्टिन हर्बर्ट के कार्यकाल के दौरान चार्जर्स एनएफएल खिताब जीतेंगे। केवल इसलिए कि मुझे लगता है कि वह इतना अच्छा है और इस टीम के किसी भी प्रशंसक को विश्वास नहीं है कि ऐसा कभी होगा। छुट्टियों की शुभकामनाएं!!! |
ऊना, २ जनवरी कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत डंगोली में दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। दंगल प्रतियागिता में विभिन्न वर्गाे में स्पर्धाओं का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि कुश्ती हमारा पारंपरिक खेेल है। मनुष्य के सर्वांगीण विकास में खेल गतिविधियां अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। दंगल व कुश्ती जैसी खेल गतिविधियों से शरीरिक बल में वृद्धि होती है और शरीर मजबूत बनता है। इसके अलावा खलों से इंसान मानसिक रुप से सुदृढ़ होता है और इनसे रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी विकास होता है।
उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में युवा पीढ़ी पारंपरिक खेल गतिविधियों से दूर होती जा रही है। उन्होंने युवाओं से आहवान किया कि नशों एवं ड्रग्स जैसी बुराईयों से दूर रहें और खेल गतिविधियों से स्वयं को जोड़ें ताकि आप शारीरिक और मानसिक रुप से समृद्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेलों का संवर्धन एवं संरक्षण में युवा पीढ़ी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों कदम उठाए जा रहे हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपये व्यय करके खेल स्टेडियमों का निर्माण किया जा रहा है ताकि खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए एक मंच मिल सके। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि जिला ऊना ने दीपक ठाकुर, निशाद कुमार जैसे खिलाड़ी दिए हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रदेश का नेतृत्व किया है।
इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा, मंडलाध्यक्ष मास्टर तरसेम लाल और दंगल समिति के पदाधिकारियों सहित अन्य उपस्थित रहे। |
सर्दियों की दस्तक के साथ ही कांगड़ा जिला के पौंग जलाशय में विदेशी परिंदों की बढ़ती तादाद ने वन्य प्राणी विंग को भी सर्तक कर दिया है। हजारों मील दूर विदेशों से सर्दियों के प्रवास के लिए पौंग जलाशय आने वाले इन परिंदों की सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती रहती है। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन्य प्राणी विंग ने १५ टीमों का गठन किया है जो उनकी सुरक्षा को लेकर जगह-जगह तैनात की गई हैं। पौंग जलाशय की खाली जमीन में फसल बीजाई पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। पौंग जलाशय के खाली क्षेत्र में लोग गेहूं की अवैध खेती कर कीटनाशक दवाई का छिड़काव करते हैं जो परिंदों के लिए जानलेवा साबित होते हैं। इसके अलावा कई बार स्थानीय लोग इनका शिकार भी करते हैं।
गौरतलब है कि सर्दियों में विदेशी परिंदे प्रदेश के जिला कांगड़ा के पौंग जलाशय में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में डेरा डालते हैं। सर्दियां समाप्त होते ही ये परिंदे अपने मूल निवास के लिए प्रस्थान कर जाते हैं। पौंग जलाशय में नवंबर महीने से मार्च महीने तक अठखेलियां करते देखे जा सकते हैं।
उधर पौंग जलाशय में प्रवासी पक्षियों और यहां की खूबसूरती को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां आते हैं। पौंग जलाशय के पश्चिम में शाम के वक्त डूबते हुए सूरज का नजारा और पीछे धौलाधार हिमालय की श्रृंखलाएं यहां की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं। स्थानीय निवासी भी विदेशी परिंदों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
पौंग झील में आने वाले विदेशी परिंदे साइबेरिया, चीन सहित तिब्बत के ठंडे इलाकों से यहां प्रवास के लिए पंहुचते हैं। इनके आने का सिलसिला नवंबर की शुरुआत में आरंभ हो जाता है तथा मार्च में गर्मियों की दस्तक के साथ ही वापस लौट जाते हैं। इन दिनों प्रवासी परिंदों से पौंग जलाशय गुलजार है। बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह विशेष आकर्षण का केंद्र रहते हैं।
प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से तीन प्रकार के पक्षी पौंग झील में आते हैं। प्रथम पानी के पक्षी जैसे की यूरेशियन कूट, ग्रेलैग गूज, उत्तरी सींखपर, छोटी मुर्गाबी इत्यादि एक बड़ी संख्या में दिखाई दे सकते हैं। प्रवास करने वाले सभी पक्षियों में सबसे ऊंचा उड़ने वाले पक्षी का स्थान लेने वाले बार-हेडेड गीज, प्रवासी पक्षियों में सबसे अधिक तादाद में आते हैं। |
सिसवा बाजार-महराजगंज डीवीएनए। सिसवा ब्लाक के क्षेत्र संख्या ५८ होरीलापुर जो प्रमुख पद के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुयी थी वहां से आँचल जायसवाल ने जीत हासिल किया है।
बताते चले कि सिसवा विकास खण्ड के क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए संख्या ५८ पर दो ऐसे उम्मीदवार आमने सामने थे जो दोनों ही प्रमुख पद के दावेदार बताये जा रहे थे, जहां से गिरजेश जायसवाल की समर्थित प्रत्याशी आंचल जायसवाल ने जीत दर्ज किया है।
माईयूपीन्यूज डॉट काम पर आपको छोटी से लेकर बड़ी खबरों की अपडेट मिलती रहती है। इस न्यूज पोर्टल की खबरें हमेशा सत्य और तथ्यों पर आधारित होती है। |
(संजय राठौर - बोङा-:) राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद रोडमल नागर जिला अध्यक्ष भाजपा दिलवरयादव नरसिंहगढ़ विधायक महाराज राजवर्धनसिंह किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष देवीसिंह रुहैैैला डॉ.प्रतापसिंह राजपूत (पूर्व मंडलअध्यक्ष) निदेशक पर मण्डल कार्यकारिणी की घोषणा मंडलअध्यक्ष राधेश्याम राजपूत द्वारा की गई जिसमें मण्डल महामंत्री हरिनारायण रुहैला चाठा को नियुक्त किया गया इस नियुुुक्ति पर वरिष्ठ कार्यकर्ता चंदनसिहं ठाकुर राजेंद्रव्यास कमलसिंह राजपूत (पूर्व नपा अध्यक्ष बोङा) गोपालसिंह परमार दौलत सिंह सिसोदिया भूपेंद्रसिंह रुहेला संजयसिंह रुहेला सरपंच मोहनरुहेला सरपंच सत्यनारायण रुहेला सरपंच चिंटू बना नारायणसिंह रुहेला पन्नालालरुहैला बद्रीलालपटेल रतिरामरुहैला शिवनारायण रुहैला शंकरसिंह रुहैला लखनरुहेला हनुमंतयादव राजेश सगवालिया सतीशगिरी अमृतलाल हाड़ा प्रेमनारायण पूर्व सरपंच बलराम रुहैला भगवान सिंह रुहेला गोविंद रुहेला संजय रुहेला कमल रुहेला पूनम रुहेला कालूराम रुहैला जगमोहन रुहैला आदि इष्ट मित्रों ने बधाई दी। एवं वरिष्ठठ नेतृत्व का आभार माना। |
एल्यूमीनियम कोर कम्पोजिट पैनल ग्लॉसी सीरीज़ सामान्य सीरीज़ की तुलना में अधिक बिरगेटर लगती है। यह लाल, नीला, पीला, काला, बैंगनी, हरा, नारंगी, ग्रे, सफ़ेद, सिल्वर, गोल्डन और इतने पर जैसे रंग बना सकती है। एल्यूमिनियम कोर कम्पोजिट पैनल सामान्य श्रृंखला व्यापक रूप से बाहरी पर्दे की दीवारों के निर्माण, पुरानी इमारतों के लिए सजावट और नवीनीकरण परिवर्धन, आंतरिक दीवारों की सजावट, छत, बाथरूम, रसोई और बालकनियों, दुकान के दरवाजे की सजावट, विज्ञापन बोर्ड डिस्प्ले प्लेटफॉर्म और साइनबोर्ड, वॉल बोर्ड और सुरंगों, औद्योगिक सामग्रियों, वाहनों और नौकाओं के लिए सामग्री और आदि के लिए छत आ२ ग्रेड तक अग्नि प्रतिरोध की आवश्यकता। |
हेरिटेज फूड सूखे खरबूजे को उच्च गुणवत्ता वाले ताजे फलों के साथ कम तापमान वाले सिरप में ठंडा करके पैदा करता है, अम्लता और विशेष सुगंधित और अद्वितीय स्वाद सुनिश्चित करता है।
सूखे खरबूजे एक स्वस्थ नाश्ता है जो एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर है। सूखे खरबूजे की सेवा में एंटीऑक्सिडेंट शरीर को मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
खरबूजा गर्मियों में एक ताज़ा नाश्ता बनाता है, और इसमें पोषक तत्व होते हैं जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं।
बच्चों और वयस्कों के बीच लोकप्रिय, खरबूजा एक ताज़ा, स्वस्थ और आसान गर्मियों की मिठाई बना सकता है, जबकि उनकी उच्च पानी की मात्रा निर्जलीकरण को रोकने में मदद करती है।
इस प्रकार के फल में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।
खरबूजे के अन्य नामों में कस्तूरी तरबूज, फल तरबूज, रॉक तरबूज और फारसी तरबूज शामिल हैं। वे हनीड्यू खरबूजे, तरबूज और खीरे के साथ कुकुरबिटेसी परिवार के सदस्य हैं।
खरबूजे में पानी, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिज विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, एंटीऑक्सिडेंट कोशिका क्षति को रोकने में मदद कर सकते हैं जिससे कैंसर और अन्य स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं।
चयापचय के दौरान, शरीर मुक्त कण नामक अस्थिर अणुओं का उत्पादन करता है, जो शरीर में जमा हो सकते हैं और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस क्षति को ऑक्सीडेटिव तनाव के रूप में जाना जाता है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर से मुक्त कणों को हटाने और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने में मदद करते हैं।
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देहरादून। कोरोना संकट के कारण जारी लॉक डाउन में जरूरतमंदों तक खाद्यान्न व अन्य सामग्री पहुंचाने के अभियान में भाजपा ने २ अप्रैल तक दो लाख से भी अधिक लाभार्थियों तक पहुंच बनाई है।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आह्वान पर प्रदेश भाजपा ने २८ मार्च से असहाय, गरीब, बुजुर्ग व जरूरतमदों के लिए खाद्यान्न व अन्य सामग्री पहुंचाने के लिए यह अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि इस अभियान की प्रतिदिन प्रदेश स्तर पर समीक्षा की जा रही है। भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने अभियान की समीक्षा के लिए गढ़वाल मंडल की जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार व कुमायूं मंडल में दूसरे महामंत्री राजू भंडारी को सौंपी है। प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान गुरुवार तक पार्टी कार्यकर्ता २१६,०४४ लोगों तक पहुंचे हैं। इस दौरान १६६,३९१ भोजन पैकेट, १७,५१८ खाद्यान्न व अन्य सामग्री के पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर मोदी रसोई भी संचालित की जा रही है।
पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने इस अभियान के दौरान प्रधानमंत्री केयर में अपनी अपनी क्षमता के अनुसार आर्थिक सहयोग भी कर रहे हैं। |
इस समय भारतीय टीम न्यूजीलैंड के दौर पर है। जहां टीम शुक्रवार से तीन एकदिवसीय मैचों की सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेंगे। इस सीरीज में भारत की कप्तानी शिखर धवन संभालेंगे। शिखर अगले साल आईपीएल में भी अपनी टीम पंजाब किंग्स की भी कप्तानी संभालेंगे।
वह दूसरी बार आईपीएल में किसी टीम की कप्तानी करेगें। इसके पहले वह आईपीएल में हैदराबाद की कप्तानी कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी पुरानी आईपीएल टीम हैदराबाद को लेकर एक बहुत बड़ा बयान दिया जो काफी सुर्खियां में है।
शिखर धवन ने क्रिकेट न्यूज बेबसाइट क्रिकइन्फो को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि,पंजाब किंग्स ने अभी तक उस तरह की सफलता हासिल नहीं की है, जैसी टीम मैनेजमेंट और फैंस चाहते हैं। वही शिखर धवन ने सनराइजर्स हैदराबाद को लेकर कहा कि वे आधे सीजन के लिए ही साँ के कप्तान थे। अब वे एक नई टीम के साथ नई शुरुआत कर रहे हैं।
उन्होंने हैदराबाद को लेकर कहा कि अगर आईपीएल टीम किसी भी खिलाड़ी को कप्तानी की जिम्मेदारी दे तो उसे कम से कम एक सीजन तो दिया ही जाना चाहिए। अगर पहले से पता होता कि साँ की टीम आधे सीजन के लिए ही उन्हें कप्तान बना रही है तो वे कतई इसे नहीं लेते। उन्होंने कहा कि एक बल्लेबाज के तौर पर मैं उस सीजन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा। इसलिए मैंने उस वक्त मैंने उनका ये फैसला मान लिया।
वहीं आपको बता दें कि शिखर धवन आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। उन्होंने साल २०१८ से २०२० तक हर सीजन ५०० से ज्यादा रन बनाए। साल २०१८ में उनका स्ट्राइक रेट १३६ का था, साल २०१९ में उनका स्ट्राइक रेट १३५ का था, लेकिन साल २०२० में ये बढ़कर सीधा १४४ तक जा पहुंचा।
जिसको लेकर उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि अपने स्ट्राइक रेट के लिए काम करना है। वही उन्होंने दिल्ली कैपिटल की तारीफ की और कहा कि साल २०१९ से लेकर २०२१ के बीच रिकी पोंटिंग जैसे कोच के साथ काम करने में काफी मजा आया। उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और जो खेल मैंने दिखाया उसकी भी तारीफ पोंटिंग ने की। |
तूफ़ान राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित और सहायक भूमिकाओं में मृणाल ठाकुर और परेश रावल के साथ राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज के रूप में फरहान अख्तर अभिनीत एक आगामी भारतीय हिंदी भाषा की स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म १६ जुलाई २०२१ को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ होगी।
फरहान अख्तर ने अपनी आगामी स्पोर्ट्स ड्रामा तूफान की नई रिलीज की तारीख की घोषणा की है। फिल्म, जो पहले २१ मई को रिलीज होने वाली थी और कोरोनवायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण स्थगित कर दी गई थी, अब १६ जुलाई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम होगी।
इससे पहले मई में, फरहान ने एक बयान जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इन कठिन समय में समुदाय की मदद करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और अपनी फिल्म की रिलीज को स्थगित कर देंगे।
भारत में स्थिति वास्तव में दिल तोड़ने वाली है, और हम एक्सेल एंटरटेनमेंट और रोम्प पिक्चर्स में महामारी से प्रभावित सभी लोगों के लिए अपने विचार और प्रार्थना भेजते हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हमारा ध्यान पूरी तरह से महामारी पर और अपने कर्मचारियों, उनके परिवारों का समर्थन करने और व्यापक समुदाय की मदद करने पर है। इसलिए हमने स्थिति में सुधार होने तक अपनी फिल्म तूफान की रिलीज को टालने का फैसला किया है। हम नियत समय में नई रिलीज की तारीख के बारे में एक अपडेट जारी करेंगे, बयान पढ़ा था।
फरहान अख्तर के सभी प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है क्योंकि उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म तूफान के निर्माताओं ने घोषणा की है कि फिल्म का ट्रेलर ३० जून को रिलीज किया जाएगा।
मार्च में फिल्म का एक दिलचस्प टीज़र साझा करके फिल्म प्रेमियों की उत्सुकता बढ़ाने के बाद, निर्माताओं ने अभिनेता मृणाल ठाकुर के साथ फरहान की जबरदस्त केमिस्ट्री वाला एक नया पोस्टर जारी करके दर्शकों के उत्साह को और बढ़ा दिया है।
फरहान ने फिल्म का पोस्टर भी साझा किया और अपने ट्विटर हैंडल पर ट्रेलर की रिलीज की तारीख की घोषणा की।
उन्होंने ट्वीट किया, जब प्यार आपको साथ रखता है तो जिंदगी आपको नहीं तोड़ सकती। ट्रेलर ३० जून को रिलीज होगा। #तूफ़ानोंप्राइम, उन्होंने ट्वीट किया।
आगामी फिल्म रितेश सिधवानी (एक्सेल एंटरटेनमेंट), राकेश ओमप्रकाश मेहरा (रोम्प पिक्चर्स) और फरहान द्वारा निर्मित है।
बहुप्रतीक्षित स्पोर्ट्स ड्रामा का निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया है। तूफान भारत में अमेज़न प्राइम वीडियो पर और १६ जुलाई, २०२१ से २४० देशों और क्षेत्रों में स्ट्रीम होगा, जो कि भारी सफलता के बाद राकेश के साथ फरहान के दूसरे सहयोग का प्रतीक है। दिवंगत भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह पर आधारित बायोपिक भाग मिल्खा भाग।
फिल्म में परेश रावल, सुप्रिया पाठक कपूर, हुसैन दलाल, मोहन अगाशे और दर्शन कुमार भी हैं। फिल्म में फरहान राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग खिलाड़ी के रूप में नजर आएंगे।
फिल्म को पूरे मुंबई में डोंगरी स्लम और गेटवे ऑफ इंडिया जैसे वास्तविक स्थानों पर शूट किया गया है। तूफान में अभिनय और निर्माण के अलावा, फरहान फिल्म शर्माजी नमकीन को भी नियंत्रित कर रहे हैं।
अभिनेता ऋषि कपूर के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के कारण फिल्म रुक गई थी। कथित तौर पर परेश रावल फिल्म में दिवंगत अभिनेता की जगह लेंगे। |
पिछले कुछ महीनों से खबर आ रही थीं कि यूनिवर्सल चैंपियन सैथ रॉलिंस और बैकी लिंच रिलेशनशिप में हैं। सैथ रॉलिंस ने पहले भी इस बात के हिंट दिए थे लेकिन अब उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो पोस्ट करके दोनों के रिलेशनशिप की पुष्टि कर दी।
रैसलमेनिया ३५ में सैथ रॉलिंस और बैकी लिंच दोनों को ही अपने-अपने मैचों में जीत मिली थी। सैथ रॉलिंस ने ब्रॉक लैसनर को हराकर यूनिवर्सल चैंपियनशिप जीती थी, वहीं बैकी लिंच ने मेन इवेंट में रोंडा राउजी और शार्लेट फ्लेयर को हराकर रॉ और स्मैकडाउन विमेंस चैंपियनशिप अपने नाम की।
रैसलमेनिया ३५ के पहले हॉल ऑफ फेम में भी सैथ और बैकी को साथ में देखा गया था, जिसके बाद से कई सारे फैंस के मन में दोनों के रिलेशनशिप को लेकर सवाल उठ रहे थे। लेकिन किसी ने भी रिलेशनशिप की पुष्टि नहीं की थी।
रॉ और स्मैकडाउन विमेंस चैंपियन बैकी लिंच और पूर्व विमेंस चैंपियन बैथ फीनिक्स की ट्विटर पर कहासुनी हो गयी थी, इस दौरान द मैन ने उनके और सैथ रॉलिंस के रिलेशनशिप पर से पर्दा उठा दिया था। फिर रही-सही कसर सैथ रॉलिंस के पोस्ट ने पूरी कर दी।
कुछ समय बाद ही सैथ रॉलिंस ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बैकी लिंच को किस करते हुए एक फोटो पोस्ट की।
व्वे ने भी सैथ रॉलिंस द्वारा डाली गई फोटो को अपने आधिकारिक अकाउंट से शेयर किया और दोनों ही रैसलर्स को टैग किया।
सैथ रॉलिंस और बैकी लिंच को मनी इन द बैंक पीपीवी में अपनी चैंपियनशिप को डिफेंड करना है। इस पीपीवी में सैथ रॉलिंस का मैच एजे स्टाइल्स से और बैकी लिंच का लैसी इवांस और शार्लेट से होने वाला है। देखना रोचक होगा कि दोनों अपनी चैंपियनशिप को डिफेंड कर पाते है या नहीं। |
लगातार हार से टूटने के कगार पर पहुंच चुकी टीम इंडिया में अब बलि का बकरा तलाशा जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में जिस तरह वीरेंद्र सहवाग की खबरें आ रही हैं, कहीं खराब प्रदर्शन करने वालों की जगह वीरू की बलि न चढ़ जाए।
ऑस्ट्रेलिया के बड़े अखबार हेराल्ड सन ने खबर छापी है कि ड्रेसिंग रूम में भारतीय क्रिकेट टीम बंट गई है। एक तरफ धोनी की तरफदारी करने वाले लोग हैं, जबकि दूसरी तरफ कुछ खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग को टीम का कप्तान बनाना चाहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वीरू टीम के दूसरी धुरी बनते जा रहे हैं और कई खिलाड़ी उनके समर्थन में आ चुके हैं।
लेकिन इस रिपोर्ट में न तो किसी सूत्र का हवाला दिया गया है और न ही यह बताया गया है कि वे कौन से खिलाड़ी हैं, जो वीरेंद्र सहवाग को कप्तान बनाना चाहते हैं। बस इतना लिखा गया है कि धोनी ने सिडनी टेस्ट में संघर्ष करने की जगह समर्पण करने का फैसला किया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है, जिसमें से पहले दो टेस्ट मैच भारत हार चुका है। दोनों टेस्ट चार चार दिनों में खत्म हो गए हैं। सहवाग ने पहले भारतीय टीम का नेतृत्व किया है और कभी कभी धोनी के साथ उनके बहुत अच्छे रिश्ते नहीं होने की भी खबर आ चुकी है।
अखबार ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर रेयान हैरिस का हवाला दिया है, जिन्होंने हाल ही में कहा है कि भारतीय खिलाड़ी आपस में लड़ रहे हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई खेमे में इस बात की खुशी है कि दो हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम आपस में उलझ कर रह गई है।
ऐसा आम तौर पर होता है कि हार के बाद किसी भी टीम को सूली पर चढ़ाया जाता है। विदेशी धरती पर लगातार छह टेस्ट मैच हारने और टेस्ट रैंकिंग में दूसरा नंबर भी गंवाने की कगार पर खड़ी भारतीय टीम के लिए भी कुछ ऐसा ही मौका है। मीडिया में उनके खिलाफ खबरें छपना कोई ताज्जुब की बात नहीं। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने टीम और ड्रेसिंग रूम में उनके बर्ताव पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट में लिखा गया है कि इंग्लिश छोड़ कर ड्रेसिंग रूम में छह भाषाएं बोली जाती हैं और खिलाड़ियों में किसी बात को लेकर एकता नहीं है। खिलाड़ियों को टीम इंडिया के लिए खेलने पर ज्यादा फीस नहीं मिलती, बल्कि ज्यादा पैसे विज्ञापन से मिलते हैं और इस वजह से अमीरों और गरीबों का फासला बढ़ रहा है।
भारत के पूर्व कोच ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल का भी जिक्र किया गया है। चैपल ने कभी कहा था कि भारतीय टीम सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों के भेद में फंसी है और इस वजह से जूनियर खिलाड़ी अपनी बात नहीं कह पाते हैं।
हालांकि विदेशी कोचों को भारतीय संस्कृति के साथ मिल कर चलने में भी परेशानी होती है। हो सकता है कि चैपल जिसे सीनियर जूनियर का भेद समझ रहे हों, वह भारतीय तहजीब में छोटे बड़े का लिहाज हो।
इन सब चुनौतियों के बीच भारतीय टीम को फूट से निजात पाते हुए पर्थ में १३ जनवरी से शुरू हो रहे टेस्ट मैच पर ध्यान देना है। और उधर, करियर के आखिरी पड़ाव पर टीम इंडिया के कोच डंकन फ्लेचर को इस टीम को संजो कर आगे बढ़ना होगा। |
बर्लिन, २८ सितम्बर: जर्मन संघीय सांख्यिकी कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि जर्मनी की आबादी में इस साल ८४ मिलियन से अधिक लोगों की रिकॉर्ड ऊंचाई दर्ज की गई है, जो मुख्य रूप से यूक्रेनी शरणार्थियों की आमद से प्रेरित है।
जर्मन समाज, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर जानकारी एकत्र करने के लिए जिम्मेदार कार्यालय के अनुसार, जर्मनी ने २०२२ की पहली छमाही में यूक्रेन से ७५०, ००० लोगों का शुद्ध आव्रजन दर्ज किया।
उस आमद ने वर्ष की पहली छमाही में जर्मनी की जनसंख्या वृद्धि को १% या लगभग ८४३,००० लोगों तक पहुंचा दिया।
सऊदी अरब के साथ जर्मनी कैसे काम कर सकता है?
तुलनात्मक रूप से, जर्मन जनसंख्या में केवल ८२,००० लोगों, या ०.१% की वृद्धि हुई, पूरे 2०2१ में।
जर्मनी, जो अब यूरोपीय संघ का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, ने १९९० के बाद से केवल तीन बार इस पैमाने की तुलना में विकास देखा है।
प्रत्येक अवधि में जनसंख्या में वृद्धि शरणार्थियों की लहर से जुड़ी हुई थी।
१९९२ में, पूर्व यूगोस्लाविया में युद्ध से आए शरणार्थियों ने जनसंख्या को ७००,००० तक बढ़ाने में मदद की, और २०१५ में, जर्मनी मध्य पूर्व में युद्धों से एक लाख से अधिक शरणार्थियों का घर बन गया।
सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, जर्मनी की महिला जनसंख्या में १.२% की वृद्धि हुई, जो इसकी पुरुष जनसंख्या से काफी अधिक है, जिसमें ०.८% की वृद्धि हुई है।
इसका मतलब है कि यूक्रेन में युद्ध से अधिक महिलाएं और बच्चे भाग गए, क्योंकि जो पुरुष लड़ सकते थे उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं थी।
शरणार्थियों की आमद से पहले ही, जर्मनी प्रवासियों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बन गया क्योंकि श्रम की मांग बढ़ी।
यूरोपीय संघ के सबसे अमीर देशों में से एक, जर्मनी में दुनिया की सबसे कम प्रजनन दर है और देश में रहने वाले सबसे कम युवाओं में से एक है। |
३ तोडेक पर फिल्में ऑनलाइन कैसे देखें?
३.२ आपको पायरेटेड फिल्में क्यों नहीं डाउनलोड करनी चाहिए।
आज के आर्टिकल में हम आपको तोडेक स्ट्रीम क्वालिटी हद ७२०प डावनलोड में पूरी जानकारी प्रदान करने जा रहे है. जो आपके लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है।
तोडेक एक वेबसाइट है जो पायरेसी को बढ़ावा देती है यही कारण है कि वेबसाइट कभी-कभी डाउन हो जाती है या किसी क्षेत्र में तोडेक की सबसे अच्छी चीज पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है, लेकिन तोडेक.इन फिर अलग अलग डोमेन से इन्टरनेट पर सक्रीय हो जाती है .और वेबसाइट को फिर लाइव हो जाती है,आज के आर्टिकल में हम आपको तोडेक स्ट्रीम क्वालिटी हद ७२०प डावनलोड में पूरी जानकारी प्रदान करने जा रहे है. जो आपके लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है।
तोडेक पर फिल्में ऑनलाइन कैसे देखें?
अगर आज पीके साइट डाउन है या आपका नेटवर्क प्रोवाइडर पायरेसी वेबसाइटों को ब्लॉक करता है?.आपको ऊपर दिखाया गया वही पेज दिखाई देगा। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप अभी भी चरणों का पालन करके वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं।
आप खोज में अन्य ४ लिंक खोल सकते हैं। इससे शायद वेबसाइट खुल जाएगी। ऊपर दिखाये अनुसार।
यदि आप ४ विकल्प नहीं देख सकते हैं तो आपको अपने पृष्ठ को १ ३ बार ताज़ा करना चाहिए या एक नया गुप्त टैब खोलना चाहिए।
आप इन के साथ वेबसाइट का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, जिसका अर्थ है कि या तो वेबसाइट डाउन है या आपका इंटरनेट प्रदाता आपको इस प्रकार की वेबसाइटों तक पहुंचने की अनुमति नहीं दे रहा है।
अच्छी खबर है कि अभी भी आपके पास प्रॉक्सी सर्वर का उपयोग करने और यूएस या ईयू के सर्वर का उपयोग करने का अंतिम विकल्प है।
सटीक मूवी नाम खोजें और वर्तनी की जाँच करें।
टॉरेंट वेबसाइट पर विभिन्न श्रेणियों को एक्सप्लोर करने का प्रयास करें।
वेबसाइट आपको विज्ञापनों को पुनर्निर्देशित करेगी, विज्ञापन बंद करने और फिर से अपनी खोज शुरू करने से डरो मत।
आपको पायरेटेड फिल्में क्यों नहीं डाउनलोड करनी चाहिए।
बॉलीवुड, हॉलीवुड और तमिल इंडस्ट्री सहित फिल्म उद्योग इतने बड़े हैं। उद्योग में काम करने वाले लोग अपना योगदान देने के लिए इतनी मेहनत करते हैं। बहुत से लोगों का जीवन फिल्मों पर निर्भर है और वे कैसा प्रदर्शन करते हैं।
भारत में फिल्में इतनी आसानी से पायरेटेड हो जाती हैं कि कोई भी या बहुत कम लोग ऑनलाइन फिल्में देखने जाते हैं। इससे न केवल फिल्म हॉल बल्कि उद्योग में काम करने वाले सभी क्रू मेंबर प्रोड्यूसर प्रभावित होते हैं।
पायरेसी वेबसाइट्स विज्ञापनों और दैट्स के माध्यम से पैसा कमाती हैं और वे लीक संस्करण को इतनी जल्दी क्यों जारी करती हैं। ये वेबसाइट फिल्म से ही ज्यादा कमाई कर रही है।
हम अरबी में किसी भी प्रकार के समुद्री डकैती को बढ़ावा नहीं देते हैं हम एक फिल्म बनाने के लिए कड़ी मेहनत का सम्मान करते हैं। हम जानते हैं कि यह अभिनय संपादन और प्रचार में सीरियस प्रयास लेता है और इसमें भारी मात्रा में पैसा भी लगता है। हम आपसे केवल सिनेमाघरों में फिल्में देखने का अनुरोध करते हैं। |
हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने बुधवार को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य आपदा मोचन निधि के अन्तर्गत ८०.५२ लाख रूपये की लागत से ग्रामीण निर्माण विभाग हरिद्वार द्वारा निर्मित जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र,रोशनाबाद का मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना कर फीता काटकर लोकार्पण किया तथा पूरे परिचालन केन्द्र का बारीकी से निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने सभी को नये भवन के लिये बधाई व शुभकामना देते हुये कहा कि उत्तराखण्ड निरन्तर उत्तरोत्तर प्रगति की ओर बढ़ रहा है, जो इसे भारत के श्रेष्ठ राज्यों के सबसे ऊपर पहुचाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो भी योजनायें अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति के लिये चलाई जा रही हैं, उनका पूरा-पूरा लाभ उन तक पहुंचाने में हम सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस मौके पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार भगवानपुर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, अवनीश शर्मा,सन्दीप कुमार,राहुल शर्मा,सनी कुमार आदि को उत्कृष्ट कार्यों के लिये सम्मानित भी किया। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा अपर जिलाधिकारी अपर जिलाधिकारी का जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र,रोशनाबाद पहुंचने पर पुष्पगुच्छ,प्रतीक चिह्न भेंट कर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन,अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल,अपर जिलाधिकारी पी०एल० शाह,एचआरडीए सचिव उत्तम सिंह चौहान,उप जिलाधिकारी सुश्री नूपुर वर्मा,आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा कैन्तुरा, सेवायोजन अधिकारी सुश्री अनुभा जैन, अधिशासी अभियन्ता ग्रामीण निर्माण विभाग रामजी लाल सहित सम्बन्घित अधिकारीगण उपस्थित थे। |
अभिनेत्री नोरा फतेही अपने असाधारण नृत्य कौशल से प्रशंसकों को प्रभावित करना जारी रखता है। अब, अपनी टोपी में एक और पंख जोड़ते हुए, नोरा जल्द ही फीफा के लिए अंतरराष्ट्रीय रैप सनसनी निकी मिनाज के साथ सहयोग करेगी। दुनिया कप २०२२ का आधिकारिक फुटबॉल गान। जबकि सहयोग का विवरण लपेटा जा रहा है, ईटाइम्स की रिपोर्ट है कि नोरा फतेही सुपर बास गायक के साथ अपनी आवाज देगी। पिछले महीने यह बताया गया था कि नोरा शकीरा और जेनिफर लोपेज की लीग में शामिल होंगी क्योंकि उन्हें २० नवंबर को फीफा विश्व कप २०२२ के उद्घाटन समारोह में प्रदर्शन करने के लिए चुना गया है।
इससे पहले, नोरा फ़्रेही ने आधिकारिक कतर विश्व कप गान में अभिनय किया था, जिसका प्रीमियर ७ अक्टूबर को युतुबे पर हुआ था। रेडऑन द्वारा निर्मित, लेबल जिसने पहले वाका वाका और ला ला ला, कतर विश्व कप गीत के लिए शकीरा के साथ सहयोग किया था। नाम दिया लाइट द स्काई। नोरा ने ट्रैक के लिए मनाल, बाल्किस और रहमा रियाद के साथ हाथ मिलाया है।
नोरा फतेही के मार्की इवेंट में अपने प्रदर्शन के दौरान हिंदी में गाने की उम्मीद है।
इससे पहले २०१० में, संगीत जोड़ी, सलीम-सुलेमान ने फीफा विश्व कप गान के लिए दक्षिण अफ्रीकी गायक, लोइसो बाला और एरिक वेनाना के साथ सहयोग किया था। उस वर्ष विश्व आयोजन के उद्घाटन और समापन समारोहों में संगीतमय कलाकारों की टुकड़ी का प्रदर्शन किया गया।
इस बीच, नोरा डांस रियलिटी टीवी शो झलक दिखला जा सीजन १० में माधुरी दीक्षित और करण जौहर के साथ जज के रूप में नजर आ रही हैं। इसके अलावा, सिद्धार्थ मल्होत्रा की थैंक गॉड में माणिके गाने में उनके फीचर ने भी काफी चर्चा बटोरी। |
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता आमिर खान जिन्होंने बॉलीवुड में काफी हिट फिल्मों में काम किया है और अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है वही फिल्मों में लिखने वाले हैंडसम आमिर खान रियल लाइफ में कैसे दिखते हैं तो आइए देख लीजिए!
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता अक्षय कुमार जिन्होंने बॉलीवुड में काफी हिट फिल्मों में काम किया है और अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है वही फिल्मों में लिखने वाले हैंडसम अक्षय कुमार रियल लाइफ में कैसे दिखते हैं तो आइए देख लीजिए!
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता शाहरुख़ खान जिन्होंने बॉलीवुड में काफी हिट फिल्मों में काम किया है और अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है वही फिल्मों में लिखने वाले हैंडसम शाहरुख़ खान रियल लाइफ में कैसे दिखते हैं तो आइए देख लीजिए!
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सलमान खान जिन्होंने बॉलीवुड में काफी हिट फिल्मों में काम किया है और अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है वही फिल्मों में लिखने वाले हैंडसम सलमान खान रियल लाइफ में कैसे दिखते हैं तो आइए देख लीजिए!
साउथ इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता रजनीकांत जिन्होंने बॉलीवुड में काफी हिट फिल्मों में काम किया है और अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है वही फिल्मों में लिखने वाले हैंडसम रजनीकांत रियल लाइफ में कैसे दिखते हैं तो आइए देख लीजिए! |
आजकल के डिजिटल दौर में स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप जैसी चीजों का प्रयोग काफी हो रहा है। कंप्यूटर का प्रयोग हम अपने कई कार्यों के लिए करते ही हैं। अब अगर इन चीजों से हमारा काम आसान होता है तो हमे इन चीजों के बारे में जानकारी होना जरुरी है। दुनिया में स्मार्ट फ़ोन तो लगभग सभी उपयोग में लाते हैं। और सभी लोगों को फ़ोन में स्क्रीनशॉट लेना भी आता ही है। पर यदि बात कंप्यूटर की आती है तो शायद कुछ लोगों को कंप्यूटर में स्क्रीन शॉट लेना नहीं आता होगा। तो अगर आप कंप्यूटर में स्क्रीनशॉट लेना चाहते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस लेख को अंत तक पढ़ें। इसमें हम आपको बताएँगे की स्क्रीनशॉट कैसे लेते हैं।
यदि आप कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं तो आपको उसमे स्क्रीनशॉट लेना आना चाहिए। आपको कभी भी इसकी जरुरत पड़ सकती है। तो अगर आपको कंप्यूटर में स्क्रीनशॉट लेना नहीं आता है तो आप नीचे लिखी प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक पढ़ें और कंप्यूटर में स्क्रीनशॉट लेना सीखें। यहाँ हम आपको स्क्रीनशॉट लेने के तीन तरीके बताएँगे।
यदि आपको अपने कंप्यूटर में किसी भी समय दिखने वाली स्क्रीन को उसी समय एक पिक्चर के रूप में सुरक्षित करना है तो आप इसका स्क्रीनशॉट ले सकते हैं। और यहीं से इसको एडिट करके सुरक्षित कर सकते हैं। ताकि जब भी आपको इसकी जरुरत पड़े तो आप इसे आसानी से देख सकें। अतः कंप्यूटर में दिखने वाली स्क्रीन को एक इमेज के रूप में सुरक्षित करने को ही स्क्रीनशॉट कहते हैं। यह एक बहुत ही आसान प्रक्रिया है।
यदि आप किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में स्क्रीन शॉट लेना चाहते है तो आपको कीबोर्ड में शॉर्टकुट की की सहायत से ले सकते हैं। इसके लिए आपको विंडो+प्र्ट स्क दबाना होगा जैसे ही आप ये दोनों बटन दबाएंगे आपके सामने इस स्क्रीन शॉट को सुरक्षित करनी की जानकारी खुल जाएगी और अब आप इसको किसी भी नाम से सुरक्षित कर सकते हैं।
इसमें आपको स्क्रीन शॉट के फोल्डर को ओपन करना है।
यदि आप अपने कंप्यूटर में स्निपिंग टूल्स के द्वारा स्क्रीनशॉट लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने कम्प्यूटर में स्निपिंग तूल को इनस्टॉल करना होगा अमूमन स्निपिंग तूल सभी कम्प्यूटर में पहले से ही रहता है। इसकी सहायता से आप जितने भी एरिया का स्क्रीनशॉट लेना चाहते हैं आसानी से ले सकते हैं। इसके आपको एरिया सेलेक्ट करना होगा, और एरिया सेलेक्ट करते ही आपके सामने इस पिक्चर को सेव करने की जानकारी आ जाएगी, और आप आसानी से इसे सेव कर पाओगे।
विंडो के बटन को प्रेस करके आपको स्निपिंग टूल्स को सर्च करना है।
अपना सॉफ्टवेयर खोलें और नव के विकल्प पर क्लिक करें।
अब आपको राइट क्लिक करके स्क्रीन को सेलेक्ट कर लेना है।
यदि आप प्र्टस्क्र ओर म्स पेंट की मदद से स्क्रीन शॉट लेना चाहते है तो इसके लिए आप निम्न प्रक्रिया को फॉलो करें।
आपको अपने कंप्यूटर के कीबोर्ड में प्र्टस्क्र के बटन को दबा देना है।
और स्क्रीन को कॉपी कर लेना है।
इसके बाद आपको म्स पेंट ओपन कर लेना है और यहाँ कॉपी की हुई पिक्चर को पेस्ट के देना है।
अब आपको इसे यहाँ सुरक्षित कर देना है।
इस प्रकार आप अपने कंप्यूटर में आसानी से स्क्रीनशॉट ले सकते हो।
स्क्रीन शॉट क्या होता है ?
यदि हम अपने कंप्यूटर में किसी भी स्क्रीन को एक इमेज के रूप में सेव करना चाहते है तो इसे स्क्रीन शॉट कहते हैं। यह काफी आसान तरीका है।
स्क्रीन शॉट की जरुरत क्यों होती है ?
यदि हम किसी जरुरी चीज को अपने कंप्यूटर में संभाल कर रखना चाहते है, या कंप्यूटर में किसी भी स्क्रीन को एक पिक्चर के रूप में संभाल कर रखना चाहते हैं तो इसके लिए स्क्रीन शॉट की जरुरत पड़ती है।
हम कंप्यूटर में स्क्रीन शॉट कैसे ले सकते हैं ?
क्या स्क्रीन शॉट लेने के लिए कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना पड़ता है ?
नहीं, आप बिना सॉफ्टवेयर के भी स्निपिंग तूल की मदद से स्क्रीन शॉट ले सकते हैं। |
चैंबर की सरकारी मामलों की समिति में शामिल होकर सदस्य उन मुद्दों पर प्रभाव डाल सकते हैं जो व्यापार को प्रभावित करते हैं। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए हमारी नियमित बैठकों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। अधिक जानकारी के लिए और इस समिति में शामिल होने के लिए, ब्रायन स्टार से या (९४९) ६६०-९११२ पर संपर्क करें।
ग्रेटर इरविन चैंबर लेजिस्लेटिव पॉलिसी हैंडबुक चैंबर के लिए नीति मंच के रूप में कार्य करती है और इसका समर्थन कार्यों में लगातार बने रहने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। उपभोक्ता गोपनीयता से लेकर कार्यबल की तैयारी तक, हैंडबुक उन मुद्दों पर नीतिगत उद्देश्य, स्थिति और पृष्ठभूमि प्रदान करती है जो चैंबर और उसके सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। |
हेल्लो दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि कैसे लड़को के पीछे लड़कियाँ पड़ती है और कैसे लड़को से लड़कियां बहुत जल्द आकर्षित हो जाती है दोस्तो मैं आपको तीन टाइप के लड़को के बारे में बताऊंगा जिनसे लड़कियां बहुत आसानी से इम्प्रेस हो जाती है और उनके तरफ बहुत जल्द आकर्षित भी हो जाती है।
जो अपने फ्यूचर को लेकर सीरियस होते है ऐसे लड़के जो अपने करियर को लेकर बहुत सीरियस होते है जिनमे कुछ कर जाने की चाहत होती है ऐसे लड़को को लड़कियां खुद पटाती है और ऐसे लड़को को लड़कियां बहुत पसंद करती है।
जिनमे कोई हुनर होता है जिन लड़को मे कोई हुनर होता है जैसे सिंगिंग, डांसिंग या पढ़ाई में बहुत ज्यादा इंटलिजेंट होना ऐसे लड़को को लड़कियां बहुत जल्दी अपना दिल दे बैठती है लेकिन याद रखे कि ऐसे लड़को को लडकियां जल्दी प्रपोज नही करती क्योंकि लड़कियो को रिजेक्ट होने का डर हमेशा सताते रहता है।
जो खुशमिजाज और मजाकिया होते है जो लड़के बहुत खुशमिजाज होते है और लड़कियो से मजाक करना जानते है ऐसे लड़को को लड़कियां बहुत जल्द अपना दिल दे बैठती है क्योंकि ऐसे लड़को से लड़किया बहुत जल्द खुल-मिल जाती है और ऐसे लड़के लड़कियो से दोस्ती करने में बहुत एक्सपर्ट होते है ।
आप मानो या न मानो हर लड़की को एक ऐसा बॉयफ्रेंड चाहिए होता है जो हमेशा उसको हंसाये और खुश रखे लड़कियां अच्छे से जानती है कि जो लड़के मजाकिया और खुशमिजाज होते है वही उन्हें खुश रख सकते है।
दोस्तों आज हमने आपको लड़कियों को लॉकर कुछ खास बातें बतायी है आप इनको ध्यान में जरूर रखें।
आप हमारी पोस्ट को लाइक और फॉलो करना न भूलें। |
पुराने सिक्कों और नोटों को लेकर काफी विवाद हो रहा है, हर कोई आदमी और पुराने सिक्के की तलाश में घूम रहा है, जिन नागरिकों के पास पुराने सिक्के और नोट हैं, उन्होंने उन्हें पेश किया है, इसलिए यह देखना आश्चर्यजनक है कि जिन लोगों के पास यह नोट या सिक्के हैं, तो उन लोगों को भी नोट और सिक्के की तलाश है, जिन लोगों ने पुराने सिक्कों और नोटों को बेचा है, वे आज करोड़पति बन गए हैं। हमारे देश में कई युवाओं को पुराने सिक्के और नोट इकट्ठा करने का शौक है और आज उनका शौक उन्हें करोड़पति बना रहा है।
पुराने सिक्कों और नोटों की खासियत बताएं कि मुझे कुछ नहीं चाहिए लेकिन आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को अब पुराने सिक्के और नोट खरीदने का शौक है, दीदी भारत में एक टावर के पास एक पुराना सिक्का नया नोट है, इसलिए वह इस सिक्के और नोट को अंतरराष्ट्रीय लोगों को बेचकर मांगे गए पैसे को मुंह में ले सकते हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि युवाओं को पुराने सिक्के और नोट बेचने के लिए कहीं नहीं जाना पड़ता, वे अपने कीमती सिक्के, और नोट घर बैठे ऑनलाइन बेचकर करोड़ों रुपये प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आपके पास भी पुराने नोट और सिक्के हैं और आप उन सिक्कों और नोटों की सही कीमत जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए। अब घर बैठे पता लगा सकते हैं कि आपके पास सिक्कों, और नोटों की कीमत वास्तव में क्या है, और आप इससे कितना पैसा कमा सकते हैं। आपको यहां सारी जानकारी मिल जाएगी।
जिन नागरिकों के पास १ रुपये के चांदी के सिक्के हैं, वे इन सिक्कों से २,००,०० तक कमा सकते हैं, जो नागरिक द्वारा बेची जा रही राशि और जो खरीद रहा है, वह इस बात पर निर्भर करता है कि वह अपने सौदे पर कितना फैसला करता है।
आप सभी अपने पुराने सिक्को और नोटों को ऑनलाइन बेच सकते हैं।
उसके बाद कुछ बेसिक जानकारी भरने के बाद रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगइन करना होगा।
आप सिक्के को बेचना चाहते हैं तो आपको मके आ ऑफेर पर क्लिक करना है।
अब आपको अपने सिक्के की एक फोटो लेकर अपलोड करना है।
उसके बाद जो भी इच्छुक लोग होंगे वे सिक्के को देखकर यदि खरीदने में इंटरेस्टेड होंगे तो आपसे कांटेक्ट करेंगे। |
उप पंचायत राज भारती : यूपी पंचायतीराज विभाग मे बम्पर पदो पर भर्तीया जारी की जाने वाली है, ऐसे मे प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष उपलब्ध भर्ती की प्रक्रिया शुरु कराइ थी जिसमे बताया जा रहा था कि प्रत्येक ग्राम सभा मे इनकी नियुक्तिया होगी उपलब्ध नौकरी १ साल की होगी उप पंचायत राज भारती तो प्रदेश सरकार लगभग फिर से यूपी पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत भर्ती की प्रक्रिया जल्द ही करने वाली है, ऐसे मे जरुरी निर्देश ओर अन्य प्रमुख जानकारी नीचे से ध्यानपूर्वक अयश्य पढे।
उपलब्ध ५८,००० पदो पर भर्ती जारी की गई थी ऐसे मे बडी संख्या मे जल्द ही इस वर्ष भी भर्तीया आयोजित की जा सकेगी, ऐसे मे बडे स्तर पर पंचायत सहायक एवं डाटा एंट्री आपरेटर के पदो पर भर्तीया जारी की जा सकेगी, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की सभी ५८,१८९ पंचायतों में उप पंचायत राज भारती को ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित करने की घोषणा भी कर दी है। ऐसे मे सरकार द्वारा जारी किए गए इस प्रक्रम पर सैलरी और नगर पंचायत मे ही नियुक्तिया मिलेगी।
मुस्टर्ड ऑयल रेट : अभी-अभी देशभर में आज लागू हुआ सरसो तेल का नया दाम देखें अपने शहर का लिस्ट।।
उप पंचायती राज भारती एलिगिबिलिटीशैक्षिक योग्यता : उम्मीदवार किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से १२वीं पास उम्मीदवार इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। लेकिन आवेदकों के लिए एक ही ग्राम पंचायत का निवासी होना जरुरी है। भर्ती के लिए एक सादे कागज़ पर आवेदन पत्र लिखकर सभी आवश्यक दस्तावेजों (जैसे- हाई स्कूल और इंटर सर्टिफिकेट, आयु और जाति प्रमाण पत्र) के साथ अपने ग्राम पंचायत या संबंधित विकास खंड या जिला पंचायत के राज अधिकारी कार्यालय में जमा करना पड़ेगा।
आयु सीमा १८ ४० वर्ष होनी जरुरी है तथा अन्य कैटेगरी के लिए छूट का भी प्रावधान भी है।
से जानकारी प्राप्त कर सकेगी।
उप पंचायत राज भारती प्रदेश की ५८,१८९ ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण कर उन्हें ग्राम सचिवायल के तौर पर संचालित करने की प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रफ्तार पकड़ रही है। इन ग्राम सचिवालयों में तैनात किये गये पंचायत सहायकों को पहली दिसंबर से ६००० रुपये मासिक वेतन मिलने लग जायेगा। बुधवार को इसके लिए आदेश जारी हो गया है।
पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ग्राम सचिवालय के नियमित संचालन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सहायकों का चयन कर तैनाती की जा भी रही है। जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/एकाउंटेंट/डाटा इण्ट्री आपरेटर का चयन पूरा हो गया है, उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं के बदले पहली दिसंबर से छह हजार रुपये का भुगतान किया जा सकेगा।
बाकी जगह जल्द तैनाती के आदेश: जहां अभी पंचायत सहायकों का चयन व तैनाती की कार्यवाही पूरी नहीं की गयी है, वहां इसे तत्काल पूरी करने को कहा भी गया है। ऐसी ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों को छह हजार रुपये मासिक वेतन का भुगतान उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के सत्यापन के बाद तैनाती की तारीख से किया जा सकेगा। प्रदेश की कुल ५८,१८९ ग्राम पंचायतों में से अभी तक ५५,६८८ पंचायतों में पंचायत सहायक चयनित कर दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह के इसी आदेश में कहा गया है कि ग्राम पंचायतों में कतिपय पंचायत भवन के निर्माण के लिए विवाद की स्थिति पैदा हो रही है, वहां संबंधित मण्डलीय उप निदेशक को नोडल अधिकारी नामित किया जा रहा है। ताकि वह स्थल विवाद की स्थिति को मण्डलायुक्त के संज्ञान में लाकर उस विवाद का समय से निपटारा किया जाये। |
डेस्क: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पटना में पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक तरफ जहां नीतीश कुमार को अपना पिता तुल्य बताया है तो दूसरी तरफ उनके कथित विकास मॉडल पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मेरा और नीतीश जी का संबंध राजनीतिक नहीं था। वह मुझे अपना बेटा मानते थे। नीतीश जी के फैसले का मैं दिल से स्वागत करता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश जी उनके साथ हैं, जो गोडसे की विचारधारा को मानते हैं। गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं। पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया, इसलिए नीतीश जी को लगता है कि जो किया बहुत किया। लेकिन बिहार अभी भी सबसे पिछड़ा राज्य बना हुआ है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को उन्होंने कहा था, हमने देश भर में भले ही राजनीतिक मैनेजर के तौर पर काम किया हो, लेकिन बिहार में मैंने एक पॉलिटिक्ल एक्टिविस्ट के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू किया था। ऐसे में एक बात साफ तौर पर समझ लीजिए कि बिहार में मेरी भूमिका एक मैनेजर (रणनीतिकार) की नहीं होगी बल्कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर ही होगी। |
जब आप दान.कॉम पर एक डोमेन नाम खरीदते हैं, तो आप स्वचालित रूप से हमारे खास क्रेता सुरक्षा कार्यक्रम से जुड़ जाते हैं। हम आपको कैसे सुरक्षित रखते हैं, इसके बारे में हमारी विश्वास व सुरक्षा पेज पर और पढ़ें।
हमारी सुरक्षित डोमेन स्वामित्व हस्तांतरण प्रक्रिया के आगे, हम सभी लेनदेन की कड़ाई से निगरानी करते हैं। अगर कुछ अजीब लगता है तो हम तुरंत कार्रवाई करते हैं। और अगर विक्रेता सौदे के अपने हिस्से को वितरित नहीं करता है, तो हम आपको २४ घंटे के भीतर धनवापसी कर देते हैं।
सभी डोमेन स्वामित्व हस्तांतरणों में से ९८% २४ घंटों के भीतर पूरे हो जाते हैं। विक्रेता पहले हमें डोमेन डिलीवर करता है, फिर हम आपको आपके अनुरूप ट्रांसफर निर्देश भेजते हैं। मदद की ज़रूरत है? हमारे डोमेन स्वामित्व हस्तांतरण विशेषज्ञ बिना किसी अतिरिक्त लागत के आपकी सहायता करेंगे।
बैंक वायर से भुगतान करें और १% की छूट पाएं या हमारे भुगतान प्रोसेसर, अद्येन के माध्यम से उपलब्ध सबसे लोकप्रिय भुगतान विकल्पों में से एक का उपयोग करें। अद्येन उबर और ईबे जैसी कई प्रमुख तकनीकी कंपनियों के लिए पसंद का भुगतान मंच है।
मूल्य वर्धित कर (वैट) एक उपभोग कर है जो यूरोपीय संघ (ईयू) में सभी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है।
वैट किसे देना है?
यूरोपीय संघ के सभी उपभोक्ताओं से सामान और सेवाओं की खरीद पर वैट लगाया जाता है।
यूरोपीय संघ में एक ही देश में किसी व्यवसाय से खरीदारी करने वाले व्यवसायों पर भी वैट लगाया जाता है।
यूरोपीय संघ के किसी भिन्न यूरोपीय संघ के देश में किसी व्यवसाय से खरीदारी करने वाले व्यवसायों पर वैट नहीं लगाया जाता है।
यूरोपीय संघ के बाहर के उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर वैट नहीं लगाया जाता है।
क्या आपकी वैट गणना गलत है?
इस पृष्ठ पर प्रदान की गई वैट दर केवल एक अनुमान है। आपके बिलिंग विवरण दर्ज करने के बाद चेकआउट प्रक्रिया के दौरान इसे ठीक किया जाएगा।
मुझे क्या भुगतान करना पड़ेगा?
यह राशि नवीनतम मुद्रा रूपांतरण दर पर आधारित एक अनुमान है।
मुझे क्या भुगतान करना होगा?
मेरा मासिक भुगतान कितना होगा?
बिक्री के लिए है!
यह कैसे काम करता है? |
क्या आप मशहूर सिंगर पापोन को जानते हैं ,अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं है आज हम आपको बताते हैं मशहूर सिंगर पापोन कौन है?
मशहूर सिंगर पापोन एक मशहूर गायक है जो आज एक गलती से सुर्खियों में है ।दरअसल पापों ने एक कार्यक्रम के दौरान एक नाबालिग लड़की को जोरदार किस कर लिया ।जिसकी वजह से विवादों के घेरे में है।उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है ।
आपको बता दे पापोन एक मशहूर गायक है जो अपने मोह मोह धागे गाने से काफी हिट हुए थे ।
पापों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया गया है जिसमे बताया गया है कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की जबरदस्ती रंग लगाने और उसे किस करने का प्रयास किया गया है।
सबूत के तौर पर उनका वायरल विडियो है।जो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है ।
मिली जानकारी पापोन के खिलाफ एक वकील फिर दर्ज कराई है।
इस केस और वायरल विडियो के बाद पूरे देश में उनके उनके चरित्र के प्रति लोगो ने सवाल उठाना शुरू कर दिया। |
बाराबंकी। लाजपत नगर स्थित गुरुद्धारा श्री गुरु सिंह सभा प्रबन्धक कमेटी द्वारा सिक्खों के दसवे गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में शहर मे नगर कीर्तन व शोभा यात्रा बड़े ही धूम-धाम के साथ निकाली गई। ''पंच प्यारो'' की अगुवाई में गुरु महाराज की शाही सवारी गुरुद्धारा परिसर से शुरु होकर बेगमगंज, छाया, राजकमल, ईदगाह, सट्टी बाजार, घंटाघर, धनोखर, निबलेट तिराहा, होते हुए पुनः गुरुद्धारा परिसर पहंुची। शोभा यात्रा का जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। शाही सवारी में हर वर्ष की भातिं इस वर्ष भी रामपुर गत्का पार्टी के हेड़ हरजीत सिंह व उनकी टीम द्वारा अद्भुत करिश्मे दिखाये गये। मधुर धुन के लिए लुधियाना (पंजाब) से हालदा पाइपर बैण्ड़ पार्टी ने हेड़ कुलदीप सिह द्वारा शोभा यात्रा को एक अलग रुप में प्रदर्शित किया गया। मुगलसराय की पंजाबी आकेस्ता पार्टी में शामिल सेवादारों ने कीर्तन-जसगायन किया। तो वही दूसरी तरफ शाही सवारी के आगें गुरु महिमा अनुसार सिक्खी महिलाओ द्वारा सेवा स्वरुप झाड़ू व पुष्प की वर्षा की जा रही थी। तो वही लैय्या मंडी स्थित अधिवक्ता सरदार भूपिन्दर पाल सिंह द्वारा शोभा यात्रा में श्रद्धालुओं की सेवा व गुरु महाराज के सत्कार हेतु प्रसाद वितरण का कार्यक्रम किया गया। जिसमें जनप्रतिनिधियों समेत बुद्धजीवियों ने हिस्सा लिया। प्रसाद वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा, सदर विधायक सुरेश यादव, वरिष्ठ भाजपा नेता प्रशान्त मिश्रा द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। इसके अलावा मुख्य सेवादारो के रुप में स्टेशन अधीक्षक वी०के०शुक्ला, वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन, डा० रिजवान अली, विभव मिश्रा, नीरज वर्मा, हुमायू नईम खां, आनन्द सिंह, विजय प्रताप सिंह, वसीम राईन, आदिल राईन, हिसाल बारी किदवाई, सुनीत अवस्थी, आसिफ अहमद खां, डा० रेहान अल्वी, वीरेन्द्र कुमार पटेल, संजीव बक्शी, शाहिन अख्तर, निर्मल वर्मा, पं० प्रित्यूशकान्त शुक्ला, अवधेश यादव, पत्रकार सरदार परमजीत ंिसह विक्की, सरदार स्वर्ण सिंह, सरदार नरेन्दर सिह सलूज, दानिश सिद्दकी, गणेश सिंह अनूप, गिरीश चन्द्र, श्याम ंिसह, अंकुल वर्मा ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। |
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-५ के आँकड़ों में प्रदेश ने वर्ष 201५-१६ के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-४ के मुकाबले अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-५ की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में शिशु लिंगानुपात बेहतर होकर वर्ष २०२०-२१ में 9५6 पर पहुँच गया है, जबकि वर्ष 201५-१६ में यह ९२७ थी। वहीं कुल लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है। वर्ष 201५ -१६ में यह ९४८ थीं जो बढ़कर अब ९७० हो गया है।
एनएफएचएस-५ के आँकड़ों में प्रदेश में ५ वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों में सभी प्रकार के कुपोषण की दरों में कमी आई है। प्रदेश में एनएफएचएस-४ वर्ष 201५-१६ की तुलना में सर्वे-५ में राष्ट्रीय औसत से भी अधिक सुधार हुआ है।
प्रदेश में विभागीय योजनाओं के समन्वित एवं प्रभावी क्रियान्वयन से अति गंभीर कुपोषण दर में २९.३ प्रतिशत की कमी आई है। देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश की स्थिति में 1३ रैंक का सुधार हुआ है। इस सर्वे में मध्य प्रदेश ३0वें स्थान से १७वें स्थान पर आ गया है। जहाँ देश में अति गंभीर कुपोषण दर २.७ प्रतिशत बढ़ा है, वहीं मध्य प्रदेश में २९.३ प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई है।
दुबलेपन (वेस्टिंग) में प्रदेश अन्य राज्यों में सुधार के क्रम में तीसरे स्थान पर है। देश में ८.१ प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश में २६.४ प्रतिशत का सुधार हुआ है। एनएफएचएस-४ में प्रदेश ३२वें स्थान पर था, जो अब 2४वें स्थान पर आ गया है।
कम वज़न (अंडरवेट) श्रेणी में सुधार में प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। देश में १०.३ प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश में २२.९ प्रतिशत का सुधार हुआ है। एनएफएचएस-४ में प्रदेश ३३वें स्थान पर था, अब ३1वें स्थान पर आ गया है।
ठिगनेपन (स्टंटिंग) में अधिकतम सुधार करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश छठवें नंबर पर है। देश में ७.८ प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि प्रदेश में १५ प्रतिशत का सुधार हुआ है। एनएफएचएस-४ में प्रदेश ३२वें स्थान पर था, जो अब ३०वें स्थान पर आ गया है।
बाल विवाह की दर में देश में १३.१ प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मध्य प्रदेश में २८.७ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
इसके अतिरिक्त जन्म के समय लिंगानुपात में देश में १.१ प्रतिशत का सुधार हुआ, जबकि मध्य प्रदेश में ३.१ प्रतिशत का सुधार दर्ज़ हुआ है। |
ग्राफिक कार्ड क्या हैं?यह काम क्या करता हैं : हेलो दोस्तो कैसे है आप सभी उम्मीद करते है आप सभी ठीक होंगे। आज हम आपको ग्राफिक कार्ड के बारे में जानकारी देनेवाले है। अगर गेम्स के शौकीन है तो आपको ग्राफिक कार्ड के बारे में जरूर पता होगा।
आज के समय में मार्केट में बहुत सारे एडवांस कंप्यूटर्स आए है। अगर आप कोई भी लैपटॉप या कंप्यूटर खरीदने जाते है तो अपने देखा होगा की, जिनमे हाई ग्राफिक कार्ड है वह लैपटॉप और कंप्यूटर बहुत महंगे आते है।
वैसे देखा जाए तो दोस्तो सभी लैपटॉप के साथ ग्राफिक कार्ड आता है लेकिन वह बहुत ही लो क्वालिटी के होते है। अगर आप लो ग्राफिक कार्ड वाला लैपटॉप खरीदते है तो आपको लैपटॉप बहुत ही सस्ते में मिल जाता है।
वही अगर आप २गब और उससे ज्यादा मेमोरी वाला ग्राफिक कार्ड खरीदते है तो आपको वह साधारण लैपटॉप की तुलना में बहुत ही महंगा मिल जाता है।
अब आपके मन में यह सवाल जरूरी आ रहे होंगे की, आखिर हाई ग्राफिक कार्ड की प्राइस इतनी महंगी क्यों होती है और ग्राफिक कार्ड का असल में काम क्या होता है? अगर आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते है तो आपके इससे जुड़ी सभी जानकारी मिल जाएगी।
देखा जाए तो दोस्तो ग्राफिक कार्ड एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड या फिर कहे तो एक हार्डवेयर कंपोनेंट होता है।जो हमारे लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल में भी होता है।
हम जब लैपटॉप या कंप्यूटर खरीदने है तो हमे कंपनी की तरफ से यह ग्राफिक सीएडी मदरबोर्ड में इनबिल्ट मिलता है। अगर आप चाहे तो बाजार से एक हाई क्वालिटी ग्राफिक कार्ड लाकर लैपटॉप या कंप्यूटर में एक्स्टेर्नल ग्राफिक कार्ड लगा सकते है।
आपको बतादे की, हम मोबाइल में ग्राफिक कार्ड नहीं लगा सकते है। क्योंकि कंप्यूटर की तरह हमे मोबाइल में अलग से कोई स्लोट नही दी जाती है। जिसमे हम एक्स्टेर्नल ग्राफिक कार्ड लगा सकते है। यह काम आप कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में बड़ी ही आसानी से कर सकते है।
दोस्तो हमारे खयाल से आपको ग्राफिक कार्ड क्या होता है इसके बारे में अच्छी खासी जानकारी मिल गई होगी। अब हम ग्राफिक कार्ड का काम क्या होता है? इसके बारे में जानते है।
दोस्तो यहां पर हमने आपको ग्राफिक कार्ड काम क्या करता है इसके बारे बताया है। आज के समय में बहुत सारे ऐसे लोग है, को गेम्स और प्रोसेसिंग का काम करते है। जिन्हे करने के लिए ग्राफिक कार्ड होना बहुत जरूरी है।
अगर आप एक गामेर है तो आपको पता होगा की, हाई ग्राफिक में अगर बिना लैग के हमे गेम खेलना है तो ग्राफिक कार्ड कितना इम्पोर्तंट है।
अगर आप वैक्स करना चाहते है या फिर अपने लैपटॉप पर कोई हेवी काम करना चाहते है। तो आपके पास अच्छा क्वालिटी का ग्राफिक कार्ड होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर आप लो क्वालिटी ग्राफिक कार्ड पर इतने हेवी काम करने जायेंगे तो यह मुमकिन नहीं है।
अगर आपके पास अच्छा ग्राफिक कार्ड नहीं है और आप अपने कंप्यूटर में वीडियो एडिटिंग करना चाहते है या फिर कोई गेम खेलना चाहते है। जैसे की, आप पुबग खेलना चाहते है तो आपके लैपटॉप में पुबग इंस्टॉल तो हो जायेगा।
लेकिन अच्छा ग्राफिक कार्ड ना होने के कारण वह अच्छे से चलेगा नही। साथ ही अगर आप एडिटिंग भी करना चाहते है तो अच्छे हाई क्वालिटी सोफ्त्वार् है वह आपके कंप्यूटर में वर्क नही करेंगे। आपके लैपटॉप में काम करना तो बहुत दूर की बात है यह आपके लैपटॉप में इंस्टाल भी नही होंगे।
इसलिए दोस्तो अगर आपको एक अच्छा परफॉर्मेंस चाहिए या फिर हेवी वर्क करना है तो आपके पास हाई क्वालिटी ग्राफिक कार्ड होना बहुत जरूरी है।
तो दोस्तो हमारे खयाल से आपको पता चल गया होगा की, ग्राफिक कार्ड क्या होता है और इसका काम क्या होता है।
दोस्तो अगर आपको एक्सटर्नल ग्राफिक कार्ड खरीदना है तो आप ऑनलाइन फ्लिपकार्ट और अमेजन पर देख सकते है। इसके अलावा अगर आप अपने नजदीकी इलेक्ट्रॉनिक स्टोर में जाते है तो वहां पर भी आपको ग्राफिक कार्ड मिल जायेगा।
अगर आपको बेस्ट ग्राफिक कार्ड के बारे में जानना है तो आप युतुबे से जानकारी निकल सकते है।
दोस्तो आपको ग्राफिक कार्ड क्या हैं? यह काम क्या करता हैं यह आर्टिकल कैसा लगा हमे कॉमेंट में जरूर बताइए। साथ ही यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो और फमिली के साथ जरूर शेयर करिए।
इस आर्टिकल से जुड़ा कोई प्रश्न आपके मन में हो तो आप हमे कमेंट के द्वारा पूछ सकते है। हम आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी तरह से कोशिश करेंगे।
इस आर्टिकल में कोई प्वाइंट बताना अगर हम से रह गया हो तो हमे माफ कर दीजिए। इसके अलावा अगर इस आर्टिकल से जुड़ा कोई प्वाइंट या फिर कंटेंट से जुड़ा कोई सवाल हो तो हमे बताइए। आपकी एक कमेंट से हमारे कंटेंट को इंप्रूव करने के लिए हेल्प हो जायेगी।
भारत में कुल कितने राज्य हैं?
प्रधानमंत्री को सैलरी कितनी मिलती है?
जन सूचना अधिकार अधिनियम रती क्या हैं? |
सबसे पहले सूरज कहा उगता है? : हेलो दोस्तो कैसे आप सभी आज हम आपको सूरज के बारे में बात करेनेवाले है। अगर आप भी जानना चाहते है की, सबसे पहले सूरज कहा उगता हैं? तो फिर आप बिलकुल सही जगह पर आए है। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में आपको सूरज से जुड़ी और भी बहुत सारी जानकारी जानने को मिलनेवाली है।
हमारी इस दुनिया में कई ऐसी चीजे ही रहती है,जिनके बारे में हमे पता नही होता है। आज हम आपको ऐसी की कुछ जानकारी सूरज के बारे में देनेवाले है।
सबसे पहले सूरज कहा उगता है?
अगर आपने साइंस पढ़ा है या फिर आपको साइंस से जुड़ी जानकारी हासिल करना पसंद है तो आपको यह लता होगा की, हमारे भारत देश और पूरी दुनिया में सबसे पहले सूरज कहा पर उगता है। अगर फिर भी आपको नही पता है तो कोई बात नही क्योंकि इस आर्टिकल में पता चल ही जाएगा।
हमारे डॉक्टर्स और अन्य लोग भी हमे सलाह देते है की, हमे सुबह का सूरज देखना चाहिए। यह हमारी स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। पर बहुत सारे लोग इस दुनिया में ऐसे होते है जो दिन भर का काम करने के बाद सुबह जल्दी ना उतने के कारण उन्हें सुबह का सूरज दखने के लिए मिलता है।
दोस्तो इस सवाल का जवाब इतना भी आसान नहीं है। क्योंकि हमारी धरती हर वक्त घूमती रहती है। ऐसे में सबसे पहले दुनिया में सूरज कहा उगता है यह बताना बहुत मुश्किल है। हालांकि अभी इंसानों इतनी उन्नति की है की पृथ्वी को और पूरे ब्रह्मांड को समझने के लिए हर बार रिसर्च करता रहता है। अभी देखा जाए तो इंसानों ने दिशा को समझने के लिए, उसका विभाजन किया है। जैसे की,
अगर देखा जाए तो दोस्तो हमारे पूरी दुनिया में पूर्व जापान का मिनामी टोरिशिमा इलाका पूर्व में आता है। ऐसे में हम कह सकते है की, दुनिया में पूर्व दिशा वहा होने की वजह से सबसे पहले सूरज वहा उगता होगा।
अभी तक जापान को सबसे पहले सूर्योदय की धरती माना जाता था। लेकिन अभी सभी देशों ने गम्त के टाइम को मान्यता दी है। इसलिए हर कोई अब गम्त टाइम के हिसाब से चलता है। यानी देखा जाए तो अब न्यूजीलैंड सबसे पहले सूरज उगता है।
क्योंकि न्यूजीलैंड में गम्त+१३ टाइम है और जापान में गम्त+९ है। इस टाइम के अनुसार देखा जाए तो न्यूजीलैंड में जब सुबह के ६ बजते है तब जापान में रात के २ बजे होते है। इससे यह पता चलता है की, सबसे पहले सूरज न्यूजीलैंड में उगता है।
तो दोस्तो हमारे खयाल से अब आपको पता चल गया होगा की, विश्व में सबसे सूरज कहा निकलता है। अब हम जानने की कोशिश करते है की, हमारे भारत देश में सबसे पहले सूरज कहां पर निकलता है।
दोस्तो देखा जाए तो यह सवाल थोड़े अजीब है पर हां हम अगर जनरल नॉलेज के हिसाब देखे तो इन सवालों के जवाब हमे पता होने चाहिए। अब हमने विश्व में सूरज का उगता है इसके बारे में पता कर लिया। अब है नीचे जानते है की, हमारे भारत देश में कहा सबसे पहले सूरज को देखा जाता है।
हमारे भारत में देश में अरुणाचल प्रदेश में सबसे पहले सूरज उगता है। इस प्रदेश का नाम भी उगते हुए सूरज को ध्यान में रखते हुए रखा गया था। अरुणाचल प्रदेश के नाम में ही उगता हुआ सूरज नाम छुपा हुआ है। जिसके बारे में हमने आपको नीचे अच्छे से बताया है।
अरुण का मतलब होता है सूर्य और चल का मतलब होता है उदय। इन दोनो शब्दो को जोड़े तो सूर्योदय बनता है। मतलब की ऐसा प्रदेश जहां पर सबसे पहले सूरज उगता है, इसलिए अरुणाचल प्रदेश को उगते हुए सूरज की भूमि कहते है।
अब आप सोच रहे होंगे कि, अरुणाचल में सूर्योदय होता है यह बात तो ठीक है, पर अरुणाचल के किस जगह पर सूर्य सबसे पहले देखा जाता है। अरुणाचल प्रदेश में डोंग वैली की जो देवांग घाटी है वहा पर हमारे भारत के टाइम के अनुसार २ घंटे पहले सूर्योदय को देखा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बतादे की, यह एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां पर सूर्य की करने सबसे पहले कदम रखती है।
दोस्तो आपको सबसे पहले सूरज कहा उगता है? यह आर्टिकल कैसा लगा हमे कॉमेंट में जरूर बताइए। साथ ही यह आर्टिकल अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करिए।
इस आर्टिकल से जुड़ा कोई सवाल आपके मन में हो तो आप हमे कॉमेंट में बता सकते है। हम आपके सभी सवालों का का उत्तर देने की पूरी तरह से कोशिश करेंगे। सबसे जरूरी बात यह की, अगर आप अरुणाचल प्रदेश में रहते है तो हमे कॉमेंट में जरूर बताइए।
जन सूचना अधिकार अधिनियम रती क्या हैं? |
पीपल समस्त वृक्षों में सबसे पवित्र इसलिए माना गया है क्योंकि स्वयं भगवान श्रीहरि विष्णु जी पीपल में निवास करते हैं। जानिए कुछ पीपल के टोटके जो आप अपने जीवन सुधरने में उपयोग कर सकता है।
श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं।
स्कंद पुराण के अनुसार पीपल के मूल (जड़) में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्रों में भगवान हरि और फलों में समस्त देवताओं सदैव निवास करते हैं।
पीपल को प्रतिदिन जल अर्पित करने से कुंडली के कई अशुभ माने जाने वाले ग्रह योगों का प्रभाव खत्म हो जाता है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल पेड़ लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में दुख नहीं सताता।
पीपल के पेड़ का सिंचन, पूजन और परिक्रमा करने से मनुष्य की कामनाओं की पूर्ति होती है वहीं शत्रुओं का नाश भी होता है।
पीपल का पेड़ लगाने के बाद उसे नियमित रूप से जल अर्पित करने से मोक्ष प्रापति होती है।
जैसे-जैसे आपने द्वारा लगाया हुवा पीपल वृक्ष बड़ा होगा आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती जाएगी, धन बढ़ता जाएगा।
पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से करियर और नौखरि की समस्या जल्दी ख़तम हो जायेगा।
अमावस्या और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने से कष्ट निवृत्ति होती है।
प्रात: काल नियम से पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर जप, तप एवं प्रभु नाम का सिमरण करने से जीव को शारीरिक एवं मानसिक लाभ प्राप्त होता है।
पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिदिन सरसों के तेल का दीपक जलाना से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है, कारोबार में सफलता मिलती है, रुके हुए काम बनने लगते हैं।
तांबे के लोटे में जल भरकर भगवान विष्णु जी के अष्टभुज रूप का स्मरण करते हुए पीपल की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए। इसे मैरिड लाइफ सक्सेसफुल और खुश रहे गा। |
समाजवादी पार्टी के युवा नेता दुर्गापुरा निवासी पुष्पेंद्र यादव को उनकी कार्यशैली को मध्यनजर रखते हुये समाजवादी युवजन सभा का ब्लॉक महेवा का ब्लॉक अध्यक्ष मनोनीत किया गया है ।
जिलाध्यक्ष गोपाल यादव एवं समजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष शिवम पाल की मौजूदगी में पुष्पेंद्र यादव को पुष्पहार पहनाकर सम्मानित किया गया और साथ ही मनोनयन पत्र भी दिया गया।
पुष्पेंद्र यादव ने कहा कि हम जिलाध्यक्ष महोदय द्वारा दी गयी इस जिम्मेदारी को पूरी मेहनत और लगन के साथ निभाने का प्रयास करेंगे। और समाजवादी पार्टी की विचारधारा को ब्लॉक स्तर पर जन जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को जौनपुर जिले के जमीन पकड़ी एवम् कोहडे ग्राम सभा में मौन धारण कर एवम् कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी गई। |
ए-कल्याण झारखण्ड छात्रवृत्ति वर्ष २०२१-२२ हेतु आवेदन करें।
झारखंड अधिविध परिषद (जैक) रांची द्वारा आयोजित कक्षा ११वीं बोर्ड टर्म-२ परीक्षा दिनांक १६ जून से ११ जुलाई २0२२ तक प्रथम पाली (सुबह १०:०० आम से) एवं द्वितीय पाली (दोपहर २:०० प्म से) मैं आयोजित की जाएगी तथा कक्षा ११वीं बोर्ड टर्म-२ परीक्षा के लिए ऑनलाइन प्रवेश पत्र (एडमित कार्ड) ११ जून २0२२ से परिषद की वेबसाइट पर डाउनलोड होना शुरू होगा।
अतः झारखंड अधिविध परिषद रांची द्वारा कक्षा ११वीं बोर्ड टर्म-२ परीक्षा २0२२ से संबंधित सभी परीक्षार्थियों तथा उनके अभिभावको को सूचित किया जाता है, की कक्षा ११वीं बोर्ड परीक्षा २0२२ के लिए ऑनलाइन प्रवेश पत्र ११ जून २0२२ से झारखंड अधिविध परिषद के अधिकारिक वेबसाइट पर डाउनलोड होना शुरू होगा। तत्पश्चात सभी छात्रों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि वे अपने प्रवेश पत्र विद्यालय / महाविद्यालय द्वारा प्राप्त करें एवं प्रवेश पत्र में दिए गए दिशा-निर्देशों को पालन करें। विद्यालय / महाविद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा ऑनलाइन माध्यम से अपने छात्र-छात्राओं के लिए एडमिट कार्ड (एडमित-कार्ड) नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकेंगे।
जैक द्वारा आयोजित कक्षा ११वीं की बोर्ड परीक्षा से संबंधित मुख्य जानकारी।
जैक द्वारा कक्षा ११वीं बोर्ड की टर्म-२ परीक्षा दिनांक १६ जून से ११ जुलाई २0२२ तक आयोजित होगी।
बोर्ड द्वारा टर्म-२ परीक्षा दो पाली (टू सिटिंग) में ली जाएगी।
जैक ११वीं बोर्ड परीक्षा चयनित ५ मुख्य विषय में ही आयोजित की जाएगी।
छात्रों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए उक्त पांच विषयों में से चार विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।
जैक द्वारा कक्षा ११वीं बोर्ड की टर्म-२ परीक्षा लिखित के माध्यम से ली जाएगी।
विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा ऑनलाइन माध्यम से टर्म-२ प्रवेश पत्र नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर पाएंगे।
टर्म-२ परीक्षा में प्रत्येक विषय से ४० अंक के अतिलघुउत्तरीय, लघुउत्तरीय एवं दीर्घउत्तरीय मिश्रित प्रश्न पूछे जाएंगे एवं आंतरिक मूल्यांकन १० अंकों का विद्यालय स्तर पर किया जाएगा।
सभी परीक्षार्थी को प्रश्न पत्र का अध्ययन करने के लिए १५ मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
परिषद के द्वारा राज्य भर में २२०० परीक्षा केंद्र बनायें गये हैं।
विद्यार्थी द्वारा दोनों टर्म की परीक्षाओं में प्राप्त अंक को समाहित कर परीक्षा फल का प्रकाशन किया जाएगा।
जैक द्वारा ११वीं बोर्ड परीक्षा की रिजल्ट जुलाई माह के अंतिम सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा।
स.नो परीक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश।
१ प्रत्येक परीक्षार्थी परीक्षा आरंभ होने के निर्धारित समय से ३० मिनट पूर्व परीक्षा केंद्र में उपस्थित होना है।
२ सभी परीक्षार्थी से अनुरोध है कि वे जैक द्वारा जारी मूल एडमिट कार्ड के साथ ही परीक्षा केंद्र में उपस्थित हो।
३ किसी भी परीक्षार्थी को एडमिट कार्ड के बिना परीक्षा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
४ सभी परीक्षार्थी एडमिट कार्ड पर उल्लिखित निर्देशों को पालन करते हुए परीक्षा केंद्र में उपस्थित होना है।
५ परीक्षा प्रारंभ होने के समय से आधा घंटा के बाद आने वाले परीक्षार्थी को किसी भी स्थिति में परीक्षा में नहीं सम्मिलित किया जाएगा।
६ प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए परीक्षा कक्ष पर एक सीट नियत होगी, जिस पर उसका अनुक्रमांक लिखा होगा। परीक्षार्थियों को अपनी सीट पर ही बैठना होगा।
७ परीक्षार्थियों को अपना लेखन सामग्री जैसे कि ब्लू बॉल पेन या ब्लू ब्लैक पेन स्याही, पेंसिल आदि साथ लानी होगी। किसी अन्य प्रकार की स्याही से लिखने की अनुमति नहीं है।
८ परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थी के पास किसी भी तरह का कागजात, नोट बुक, किताबें, कैलकुलेटर, ब्लूटूथ डिवाइस, या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पाए जाने पर परीक्षार्थी को जैक के द्वारा अयोग्य घोषित किया जाएगा।
९ प्रश्न पत्र हल करना प्रारंभ करने से पहले प्रत्येक परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर निर्देश अनुसार निर्धारित स्थान पर अपना अनुक्रमांक आदि लिखना होगा।
१० कोई भी परीक्षार्थी सहायक अधीक्षक की अनुमति के बिना परीक्षा समाप्त होने से पहले ना तो सीट छोड़ सकते हैं और ना ही परीक्षा भवन से उठकर बाहर जा सकते हैं।
११ परीक्षा के एक घंटा समय बीत जाने पर ही कोई परीक्षार्थी अधीक्षक की अनुमति से परीक्षा कक्ष से बाहर शौचादि के लिए जा सकेंगे।
१२ यदि किसी परीक्षार्थी का किसी कारणवश परीक्षा अधीक्षक से कुछ कहना या कुछ पूछना हो तो वे अपनी निर्धारित सीट पर खड़े होकर पूछ सकते हैं।
१३ टर्म-२ परीक्षा अतिलघुउत्तरीय, लघुउत्तरीय एवं दीर्घउत्तरीय मिश्रित प्रश्नों पर आधारित होगा एवं परीक्षा लिखित होगी।
१४ परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थी द्वारा एक दूसरे से मदद लेने या देने अथवा एक दूसरे से बातचीत करना सर्वथा वर्जित है। पकड़े जाने पर परीक्षार्थी को परीक्षा से निष्कासित कर दिए जाएंगे। |
राजा राम मोहन रॉय बर्थ अन्निवरसरी: पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के राधानगर गांव में २२ मई, १७७२ को जन्मे राजा राममोहन राय की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। उनके पिता रामकांत राय वैष्णव थे। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए पटना भेजा गया। तीक्ष्ण बुद्धि के धनी राममोहन राय ने १५ साल की उम्र तक बंगला, पारसी, अरबी और संस्कृत सीख ली थी।
राजा राममोहन राय मूर्तिपूजा (राजा राम मोहन रॉय बर्थ अन्निवरसरी) और रूढ़िवादी हिन्दू परंपराओं के विरुद्ध थे। वे सभी प्रकार की सामाजिक धर्मांधता और अंधविश्वास के खिलाफ थे, लेकिन उनके पिता रूढ़िवादी हिन्दू ब्राह्मण थे। इससे पिता और पुत्र में मतभेद पैदा हो गया और राजा राममोहन राय घर छोड़कर चले गए। उन्होंने घर लौटने से पहले काफी यात्राएं कीं। वापसी के बाद उनके परिवार ने इस आशा के साथ उनकी शादी कर दी कि वे बदल जाएंगे, लेकिन इसका उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
वे वाराणसी चले गए और वहां उन्होंने वेदों, उपनिषदों एवं हिन्दू दर्शन का गहन अध्ययन किया। उनके पिता १८०३ में गुजर गए और वे मुर्शिदाबाद लौट आए। राजा राममोहन राय ने ईस्ट इंडिया कंपनी के राजस्व विभाग (राजा राम मोहन रॉय बर्थ अन्निवरसरी) में नौकरी शुरू कर दी। वे जॉन डिग्बी के सहायक के रूप में काम करते थे। वहां वे पश्चिमी संस्कृति एवं साहित्य के संपर्क में आए। उन्होंने जैन विद्वानों से जैन धर्म का अध्ययन किया और मुस्लिम विद्वानों की मदद से सूफीवाद की शिक्षा ली।
उन्होंने समाज की कुरीतियों जैसे सती प्रथा, बाल विवाह के खिलाफ खुलकर संघर्ष किया। सती प्रथा का वेदों में कोई स्थान नहीं था अत: उन्होंने गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक की मदद से सती प्रथा के खिलाफ कानून बनवाया। उन्होंने घूम-घूमकर लोगों को उसके खिलाफ जागरूक किया। उन्होंने लोगों की सोच में बदलाव लाने का अथक प्रयास किया।
उन्होंने १८१४ में आत्मीय सभा का गठन कर समाज में सामाजिक और धार्मिक सुधार शुरू करने का प्रयास किया। उन्होंने महिलाओं के फिर से शादी करने, संपत्ति में हक समेत महिला अधिकारों के लिए अभियान चलाया। उन्होंने सती प्रथा और बहुविवाह का जोरदार विरोध किया।
उन दिनों काफी पिछड़ापन था और संस्कृति के नाम पर लोग अपनी जड़ों की ओर देखते थे, जबकि राजा राममोहन राय यूरोप के प्रगतिशील एवं आधुनिक विचारों से प्रभावित थे। उन्होंने इस नब्ज को समझा और जड़ को ध्यान में रखकर वेदांत को नया अर्थ देने की चेष्टा की।
राजा राममोहन राय ( राजा राम मोहन रॉय बर्थ अन्निवरसरी) ने शिक्षा खासकर स्त्री-शिक्षा का समर्थन किया। उन्होंने अंग्रेजी, विज्ञान, पश्चिमी चिकित्सा एवं प्रौद्योगिकी के अध्ययन पर बल दिया। वे मानते थे कि अंग्रेजी शिक्षा पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से बेहतर है। उन्होंने १८२२ में अंग्रेजी शिक्षा पर आधारित स्कूल की स्थापना की।
राजा राममोहन राय आधुनिक भारत के रचयिता के नाम से जाने जाते हैं। राजा राममोहन राय एक महान विद्वान और स्वतंत्र विचारक थे। मुगल शासकों ने उन्हें राजा की उपमा दी थी। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक थे, जो भारत का समाजवादी आंदोलन भी था। |
लखनऊ ३० जुलाई। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रो० राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय प्रयागराज के भवन निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष २०२१-२२ के लिए प्रविधानित धनराशि ०५ करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
जारी शासनादेश में निर्देश दिये गए हैं कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी कार्य के लिए किया जाएगा जिस कार्य हेतु धनराशि स्वीकृत की जा रही है। उपकरणों का क्रय सुसंगत नियमों एवं शासनादेशों के अनुसार समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति करते हुए किया जाए। प्रायोजना अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की डुप्लीकेसी को रोकने की दृष्टि से प्रायोजना की स्वीकृति से पूर्व विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि यह कार्य पूर्व में किसी अन्य योजना/कार्यक्रम के अंतर्गत ना तो स्वीकृत है और ना वर्तमान में किसी अन्य योजना/कार्यक्रम में अच्छादित किया जाना प्रस्तावित है।
प्रायोजना का कार्य अनुमोदन लागत में ही यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा भविष्य में योजना का कोई भी पुनरीक्षण स्वीकार नहीं होगा। गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए पारदर्शिता के अनुसार ही कार्य सुनिश्चित किया जाए। निर्माण कार्यों का सम्यक परीक्षण किया जाए तथा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन रिपोर्ट नियमित रूप से शासन को उपलब्ध कराई जाए। |
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क्या आपको भी भूलने की बीमारी है?
आज के समय में लोगों की दिनचर्या काफी व्यस्त होती जा रही है जिसकी वजह से अक्सर वे अपनी रखी हुई चीजों को भूल जाते है। जिसके कारण उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वैसे तो ये बहुत बड़ी समस्या नहीं है लेकिन अगर आप लोगों के नाम, जरुरी तारीखे, जगह के नाम आदि भूलने लगे है तो समझ लें की स्थिति सामान्य नहीं है क्योंकि अगर इस तरह की परेशानी आपके साथ रोज हो रही है तो हो सकता है ये किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो। इन्ही बिमारियों में से एक है डिमेंशिया।
कुछ समय पहले की गयी जाँच में यह पता चला है की दुनिया भर में बहुत से लोग डिमेंशिया से ग्रस्त है और साल दर साल इसकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। यूँ तो भूलने की बीमारी के कई कारण होते है जैसे की नींद न पूरी होना, तनाव, शारीरिक कसरत नहीं करना, रहन सहन, पर्यावरण का प्रभाव आदि। इसके अलावा गलत खान पान भी आपकी इस समस्या का एक कारण हो सकता है। क्योंकि इस बात में कोई दोराहे नहीं है की आपका खान पान और डाइट, दिमाग और याददाश्त पर सीधा प्रभाव डालता है।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमे व्यक्ति धीरे-धीरे चीजों को भूलने लगता है। वैसे ये बीमारी अक्सर बड़ी उम्र के लोगों में ही देखी जाती है क्योंकि उनके मस्तिष्क की याद रखने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में अगर इसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो यह गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे तो इसके लिए बाजार में बहुत सी दवाएं मिल ही जाती है लेकिन उन्हें खरीद पाना सभी के लिए संभव नहीं इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू तरीके बताने जा रहे है जिनकी मदद से इस समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है। तो आइये जानते है भूलने की बीमारी ठीक करने के घरेलू इलाज!
भूलने की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सेब बहुत लाभकारी होता है। इसे खाने से इस बिमारी में राहत मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन ब१ फॉस्फोरस और पोटससियम आदि होते है जो ग्लूटामिक एसिड बनाने में मदद करता है। यह एसिड दिमाग में मौजूद कोशिकाओं को नियंत्रित करता है। प्रयोग के लिए सेब को १ चम्मच शहद और १ कप दूध के साथ खाएं। यह हमारे दिमाग की नसों के लिए टॉनिक के रूप में कार्य करता है और उन्हें सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करता है।
इस बीमारी में अखरोट का कार्य बहुत अलग होता है। ये दिमाग की कमजोरी को पहचान कर उसे दूर करने में मदद करता है। वैसे भी अखरोट अन्य ड्राई फ्रूट्स से काफी अलग है। प्रयोग के लिए २० ग्राम अखरोट का रोजाना सुबह सेवन करें।
इस बीमारी के मरीजों के लिए रोजमैरी सबसे लाभकारी औषधि मानी जाती है। इसका प्रयोग याददाश्त बढ़ाने वाली जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। पुराने समय में ग्रीक और रोम के लोग राजमैरी के फूलों से इत्र बनाकर इसकी खुशबु सुंघा करते थे और माना जाता था की इससे दिमाग स्थिर रहता है। रोज़मैरी के फूलों से बनी हुई चाय का दिन में १ से २ बार सेवन करने से मस्तिष्क का विकास होता है।
भूलने की बीमारी में ब्राह्मी बूटी भी रामबाण के रूप में कार्य करती है। प्रयोग के लिए ७ ग्राम ब्राह्मी बूटी को सुखाकर उसे पानी के साथ पीस लें और उसमे ७ बादाम और काली मिर्च के दाने मिलाएं और फिर २५ ग्राम चीनी मिलाएं। रोजाना सुबह शाम इसका खाली पेट सेवन करें, फायदा होगा।
बादाम खाने से बुद्धि तेजज होती है। सेवन के लिए २० बादाम को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह इसका छिलका उतार कर उसका पेस्ट बना लें और उसमे १ चम्मच मक्खन मिलाकर इसका सेवन करें। इसके अतिरिक्त नाक में सुबह-शाम ५ से १0 बूंद बादाम का तेल डालने से याददाश्त तेज होती है।
तेजपत्ता भी कमजोर मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। यह मस्तिष्क के कॉरटेक्स पर सीधा असर करती है जिससे दिमागी थकान तो दूर होती ही है साथ-साथ एकाग्रता भी बढ़ती है। सके तेजपात्तों से बनी चाय पीने से स्मरण शक्ति तेज होती है।
भूलने की बीमारी होने पर ३ ग्राम जीरे को २ चम्मच शहद में मिलाएं और रोजाना सुबह इसका सेवन करें। फायदा होगा।
बीमारी से निजात पाने के लिए पांच काली मिर्च के दाने पीस लें और उसमे एक चम्मच शहद मिलाएं। सुबह शाम इससे पानी में मिलाकर नहाएं। इलाज में फायदा होगा।
इन उपायों के अलावा कुछ फल भी है जिनमे फॉस्फोरस होता है और ये दिमाग की कोशिकाओं को आराम पहुंचाता है। जैसे की अंजीर, अंगूर, संतरा, खजूर आदि कुछ ऐसे ही फल है।
इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को अपने खान-पान का उचित ध्यान रखना चाहिए। उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमे फॉस्फोरस और पोटैशियम हो। जैसे की दाल, अखरोट, अंडे का पीला हिस्सा , जूस और दूध। इस में गाय का दूध ज्यादा फायदा करता हैं और दूध से खाना पचाने में आसानी होती हैं।
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मुंबई (कार्यालय संवाददाता)। मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव आईपीएल के बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज से भी चोट की वजह से बाहर हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनकी चोट ठीक होने में ४ हफ्ते का वक्त लग सकता है। ऐसे में ९ जून साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने वाले वाली ५ टी-२० की सीरीज में उनका खेलना मुश्किल दिख रहा है।
क्रिकेट की वेबसाइट क्रिकबज ने बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले से खुलासा किया है कि सूर्यकुमार यादव को ठीक होने में ४ हफ्ते लगेंगे। वेबसाइट के मुताबिक ४ हफ्ते के आराम का मतलब यह नहीं है कि सूर्यकुमार पूरी तरह से दक्षिण अफ्रीका सीरीज से बाहर हो जाएंगे। उन्हें इस सीरीज के लिए शर्तों के साथ चुना जा सकता है। हालांकि, इसके लिए उनका फिट होना जरूरी है।
सूर्यकुमार यादव ६ मई को गुजरात टाइंटस के खिलाफ खेले गए मैच में चोटिल हो गए थे। रन लेने के दौरान उनके बाएं हाथ में चोट लग गई थी। इसके बाद मुंबई इंडियंस ने सोमवार को बयान जारी किया था। जिसमें लिखा था, सूर्यकुमार यादव के बाएं हाथ की मांसपेशियों में खिंचाव है और वो अब आईपीएल के बाकी बचे मैच नहीं खेलेंगे। उन्हें बीसीसीआई की मेडिकल टीम के परामर्श से आराम करने की सलाह दी गई है।
एनसीए जाएंगे : सूर्यकुमार अभी मुंबई में ही हैं। स्कैन रिपोर्ट आने के बाद वो बेंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी में जा जाएंगे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही चयनकर्ता उनके भविष्य को लेकर फैसला करेंगे। |
भीलवाड़ा/ शहर में पिछली रात रही हो रही लगातार बारिश के दौर के बीच आजाद नगर क्षेत्र में स्थित एक ३ मंजिला मकान ढह जाने से सेक्टर में हड़कंप मच गया तथा इस मकान में करीब ५०६ दिन में फंस गए जिनको मौके पर पहुंची प्रशासन और नगर परिषद रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला इस हादसे में किसी भी प्रकार की जनहानि होने का कोई समाचार नहीं है।
बताया जाता है कि आजाद नगर के केवी सेक्टर में रहने वाले आर के शर्मा का ३ मंजिला मकान आज दोपहर बाद अचानक ढह गया जिस समय हादसा हुआ उस समय मकान के अंदर परिवार सहित करीब ५ से देने थे मकान के आ जाना गिरने की आवाज से मोहल्ले में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और नगर परिषद की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तथा जिला कलेक्टर आशीष मोदी एसपी आदर्श सिद्धू उपखंड अधिकारी शहर श्रीमती ओम प्रभा नगर परिषद सभापति राकेश पाठक नगर परिषद आयुक्त दुर्गा कुमारी प्रताप नगर थाना प्रभारी सहित आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा जमा भीड़ को एक तरफ कर एसक्यू करते हुए मकान में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। |
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि सभी १२ राशियों के जातकों के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे प्रेम, करियर, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार आदि के लिए कैसा रहेगा ये सप्ताह? किसे मिलेगा अपने जीवन का प्यार और किसे करना होगा इंतज़ार? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आपको इस ब्लॉग में। जो वैदिक ज्योतिष पर आधारित ग्रहों की चाल एवं स्थिति की गणना कर हमारे अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है।
इसके अलावा, साप्ताहिक राशिफल के ब्लॉग में, हम आपको इस सप्ताह आने वाले ग्रह, गोचर, पर्वों और व्रतों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही जानेंगे कि १९ से २५ सितंबर के बीच कौन-कौन सी प्रसिद्ध हस्तियों का जन्म हुआ है। तो आगे बढ़ते हैं और राशि अनुसार जानते हैं कि सितंबर महीने का यह सप्ताह आपके लिए कैसा साबित होने वाला है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, यह सप्ताह शुरू होगा आर्द्र नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि यानी कि १९ सितंबर से और समाप्त होगा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को यानी कि २५ सितंबर को।
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी,
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे।
इस सप्ताह में होने वाले ग्रहण और ग्रह गोचर की बात करें, तो १९ से २५ सितंबर के दौरान कोई ग्रहण नहीं लगेगा। लेकिन २४ सितंबर को शुक्र गोचर होने जा रहा है।
२४ सितंबर, २०२२: शुक्र का कन्या राशि में गोचर शुक्र २४ सितंबर २०२२, शनिवार की रात ८ बजकर ५१ मिनट पर का कन्या राशि में गोचर करेंगे।
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श्रावस्ती। देश एवं प्रदेश के विकास का रास्ता गांव के पगडंडियों से होकर जाता है। इसलिए गांव का किसान खुशहाल होगा, तो निश्चित ही हमारा देश और प्रदेश के साथ ही हमारा समाज भी खुशहाल होगा। उक्त विचार विकासखंड इकौना के कैंपस में नवनिर्मित किसान कल्याण केंद्र का लोकार्पण करने के दौरान प्रदेश के नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने व्यक्त किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार किसानों के उत्थान हेतु प्रतिबद्ध है जिसके लिए सरकार द्वारा किसानों के हित में तमाम योजनाओं का संचालन किया जा रहा है और किसानों की आमदनी दुगना करने हेतु भी तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। संबंधित विभागीय अधिकारियों का दायित्व बनता है कि वह किसानों को सरकार की योजनाओं से आच्छादित करें और यह भी ध्यान रखें कि कोई भी किसान सरकार की योजनाओं से वंचित न रहने पावे। ब्लॉक मुख्यालय पर किसान कल्याण केंद्र बन जाने से निश्चित ही इस क्षेत्र के किसानों को एक ही छत के नीचे किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से सम्बंधित सभी जानकारी मिल जायेंगी, और किसान भाई नवीनतम जानकारी लेकर उसी के अनुरूप खेती करेंगे। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में विधायक राम फेरन पाण्डेय ने कहा कि इस ब्लॉक में किसान कल्याण केंद्र का निर्माण हो जाने से निश्चित ही इस क्षेत्र के किसानों का लाभ होगा,और आधुनिक खेती करके यँहा के किसान भाई और आगे बढ़ेंगे। इस अवसर पर जिलाधिकारी टीके शिबु ने कहा कि नवनिर्मित किसान कल्याण केंद्र में किसानों को आधुनिक बिधि से खेती हेतु किसानों को जागरूक करने के लिए सम्बंधित विभागीय अधिकारी जरूर प्रेरित करें,ताकि किसानों को लाभ मिल सके। किसान कल्याण केंद्र के लोकार्पण के दौरान पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह, मुख्य विकास अधिकारी कुमार हर्ष, अपर जिलाधिकारी योगानन्द पाण्डेय, उपजिलाधिकारी राजेश कुमार मिश्र, जिला कृषि अधिकारी आरपी राना, पार्टी पदाधिकारी महेश मिश्रा (ओम), रणबीर सिंह सहित तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। |
रायपुर रायपुर नगर निगम के जोन ४ के बैजनाथपारा क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मरीज के निवास एवं आसपास के स्थानों में जिला प्रशासन द्वारा घोषित सम्पूर्ण कंटेंमेंट जोन एरिया में नगर निगम आयुक्त श्री सौरभ कुमार के निर्देशानुसार जोन ४ के जोन कमिश्नर श्री विनय मिश्रा के नेतृत्व एवं जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री चंद्रशेखर श्रीवास्तव की उपस्थिति में जोन स्वास्थ्य अमले ने नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव की जनस्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से कारगर रोकथाम करने सघन अभियान चलाकर सेनेटाईजर स्प्रे सहित चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करके सेनेटाईज किया। यह क्रम जिला प्रशासन के आदेशानुसार कोरोना वायरस संक्रमण की कारगर रोकथाम की दृष्टि से अगले 1४ दिनों तक सम्पूर्ण कंटेंमेंट जोन एरिया में प्रतिदिन जनस्वास्थ्य सुरक्षा अभियान के तौर पर सम्बंधित जोन ४ के स्वास्थ्य विभाग की टीम के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में निरंतर जारी रहेगा। इस दौरान प्रतिदिन संध्या को सम्पूर्ण कंटेंमेंट जोन में फाॅगिंग अभियान सम्बंधित जोन के स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जोन स्तर पर चलाया जाएगा। जोन ४ की टीम ने बैजनाथपारा क्षेत्र के संबंधित सम्पूर्ण कंटेंमेंट जोन क्षेत्र में जनसुविधा हेतु रायपुर जिला प्रषासन के आदेशानुसार ऑनलाइन फुड एवं डेली नीड से संबंधित दुकानदारों की सूची कंटेंमेंट जोन के प्रमुख व सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कर दी गई। |
प्रोफ़ेट मुहम्मद न्यूज: पैगंबर मोहम्मद के विवाद के कारण कैसे हैं अरब देशों में भारतीयों के हालात, क्या व्यापार पर भी पड़ेगा असर?
पैगंबर मोहम्मद (प्रोफ़ेट मुहम्मद) पर दिए गए ब्जप की पूर्व प्रवक्ता और नेता नूपुर शर्मा (नुपूर शर्मा) के बयान से अरब देशों की नाराजगी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नूपुर के बयान के कारण भारत की बहुत किरकिरी हो चुकी है। मुस्लिम देशों के संगठन 'ऑर्गनाइजेशन ऑफ द इस्लामिक को ऑपरेशन' (ओइक) ने भी बीजेपी प्रवक्ता के बयान पर आलोचना की है। खाड़ी देशों ने भारत से औपचारिक माफी की मांग सीधे तौर पर की है, लेकिन भारत की तरफ से फिलहाल ऐसी कोई आधिकारिक माफ़ी नहीं मांगी गई है। अरब देशों अर्थात खाड़ी देशों (गल्फ कउंट्रीज) की नाराजगी का ही नतीजा हैं कि बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से छह महीनों के लिए निलंबित और नवीन जिंदल को हमेशा के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं।
इधर देश में भी नूपुर शर्मा के 'प्रोफ़ेट मुहम्मद' पर दिए गए बयान पर कई राज्यों में रोजाना विशेष समुदाय द्वारा हिंसा देखने को मिल रहीं हैं। प्रयागराज, रांची, कानपुर और सहारनपुर में शरारती तत्वों द्वारा प्रायोजित भारी हिंसा और पथराव देखने को मिला हैं। जिसके कारण लाखों का नुकसान और दो लोगों की जान भी गई हैं। बेरहाल हम आज इस बयान के कारण भारत और अरब देशों के बीच वर्तमान और भविष्य के रिश्तों पर चर्चा करेंगें। क्यूंकि भारत (इंडिया) और मुस्लिम देशों अर्थात खाड़ी देशों (गल्फ कउंट्रीज) के रिश्ते बहुत अच्छे रहें हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते इस विवाद के कारण कहीं भारत और अरब देशों के रिश्ते में कहीं खटास ना आजाएं , अगर ऐसा होता है तो सीधे तौर पर इसका असर भारत और अरब देशों के बीच व्यापार पर पड़ेगा। जो आर्थिक स्थिति के लिहाज से भारत के लिए कहीं से भी अच्छा साबित नहीं होगा।
पैगंबर मोहम्मद विवाद के कारण अरब देशों की नाराजगी के बीच सबसे बड़ा सवाल आता है कि वहां रह रहें भारतीयों की क्या स्थिति हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, जब वहां रहने वाले भारतीयों से जब पूछा गया तो उन सभी ने बताया कि उन्हें फिलहाल इस विवाद के कारण कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा हैं। हालात जैसे पहले थे वैसे ही हैं। हमलोग यहां खुशी से रहते हैं और यहां के लोग हमें और हमारे द्वारा यहां किए जाने वाले व्यापार को बहुत समर्थन करते हैं।
बता दें , अरब अर्थात खाड़ी देशों में ८९ लाख भारतीय काम करते हैं। यहां मौजूद भारतीय खाड़ी देशों में कुछ सबसे बड़े रिटेल स्टोर और रेस्टोरेंट्स चलाते हैं। भारतीय कामगारों में हिन्दू आबादी भी यहां बड़ी संख्या में है। संयुक्त अरब अमीरात (उए) में ३५ लाख भारतीय काम करते हैं। वहीं कतर में सबसे अधिक भारतीय मूल के लोगों की आबादी है,लेकिन एक सच यह भी है, यदि भारत में कोई छोटा या बड़ा नेता हेट स्पीच देता है, किसी धर्म या समुदाय विशेष के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करता है, उसका सीधा असर कतर जैसे छोटे देश में रह रहे भारतीयों पर पड़ता है। यहां काम करने वाला हर भारतीय खुद को दबाव में महसूस करने लगता है। वह चाहे हिंदू हो या सिख, मुस्लिम या ईसाई। विदेश में रहने वाले हर व्यक्ति के लिए केवल एक धर्म होता है, वह भारतीय। वह खुद को भारत से जोड़ कर देखता है, लेकिन हेट स्पीच और आपत्तिजनक टिप्पणी से वह चाह कर भी खुद को अलग नहीं कर पाता। न चाहते हुए भी ऐसे हेट स्पीच के कारण उसे शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। ऐसी भी उड़ती-उड़ती खबरें सोशल मीडिया पर आ रही हैं। जिसमें भारतीय सामान और बिजनस के बॉयकॉट की बातें हो रहीं हैं। अगर ऐसा होता हैं तो भारत को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, २०१९-२० में खाड़ी देशों में रहने वाले लोगों ने भारत में ६.३८ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा भेजा था। इनमें से ५३ फ़ीसदी पैसा ५ खाड़ी देशों यूएई, सऊदी अरब, कतर, कुवैत और ओमान से भारत आया था. आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे पैसे का ५9 फ़ीसदी हिस्सा भारत के ३ राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बंगाल में आता है।
उए भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। २०१९-२०२० में भारत ने यूएई को २८,८५३.६ मिलियन डॉलर का निर्यात किया था जो भारत के कुल एक्सपोर्ट का ९.२ फीसदी है। इसी तरह सऊदी अरब को होने वाला निर्यात देश के कुल एक्सपोर्ट का दो फीसदी है। भारत ने २०१९-२0 में ओमान को २,२६१.८ मिलियन डॉलर, इराक को १,८७८.२ मिलियन डॉलर, कुवैत को १,२८६.६ मिलियन डॉलर, कतर को १,२६८.४ मिलियन डॉलर, जॉर्डन को ९६0.७ मिलियन डॉलर, बहरीन को 55९.१ मिलियन डॉलर और लेबनॉन को २0४ मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था।
६० प्रतिशत कच्चा तेल खाड़ी देशों से भारत आता हैं। भारत अपनी जरूरत का ८५ फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। इसमें खाड़ी देशों की सबसे अहम भूमिका है। २०१९ में भारत के कच्चे तेल के आयात में इराक की हिस्सेदारी २२ फीसदी थी। सऊदी अरब की हिस्सेदारी १९ फीसदी, यूएई की नौ फीसदी, नाइजीरिया को आठ फीसदी, वेनेजुएला की सात फीसदी, कुवैत की पांच फीसदी, अमेरिका की चार फीसदी, मेक्सिको की चार फीसदी और ईरान की दो फीसदी हिस्सेदारी थी।
निहारिका मिश्रा एक समर्पित कंटेंट राइटर हैं , जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती हैं। निहारिका पॉलिटिक्स , एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स , विदेश , क्राइम , सामाजिक मुद्दे, कानून, हेल्थ ,धर्म, बिज़नेस, टेक और राज्यों की खबर पर एक समान पकड़ रखती हैं। निहारिका को वेब, न्यूज़ पेपर और यूटूयूब पर कुल मिलाकर तीन साल का अनुभव है।
नेड्रिक न्यूज २४ घंटे चलने वाले भारत के समाचार वेब पोर्टल्स में सबसे आगे है। हमारी कोशिश है कि आप तक हम मनोरंजन, राजनीति, समाज, खेल जैसे सभी क्षेत्रों के लेट्स्ट न्यूज लेकर आएं। नेड्रिक न्यूज ने १० फरवरी, २०१७ को सिर्फ दो कर्मचारियों के साथ अपने यूट्यूब चैनल शुरू किया और आज देशभर से काम करने वालों की करीब करीब १०0 लोगों की टीम के साथ आगे बढ़ रहा है। |
लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क, वजन घटाने के लिए कितना चलना चाहिए? लोग अक्सर ये सवाल पूछते हैं और फिर सोचते हैं कि क्या यह वजन घटाने में कारगर होगा। तो, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, वजन घटाने के लिए चलना भी प्रभावी है। जी हां, अगर कोई व्यक्ति रोजाना सिर्फ ३ से ४ किलोमीटर पैदल चले तो वह अपना वजन तेजी से कम कर सकता है। अगर आप ऐसा भी नहीं कर सकते हैं तो आपको बस इतना करना है कि हर रोज ४0 मिनट टहलना है जो आपके पेट की चर्बी को पिघलाने में प्रभावी रूप से काम करेगा। इसी तरह वजन घटाने में चलने के भी कई तरीके हैं, आइए हम आपको बताते हैं सही तरीका, समय और फायदे।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक वजन घटाने के लिए वॉक करने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है। दरअसल, इस समय टहलना दो तरह से काम करता है। पहले तो यह आपके शरीर में वसा के उपयोग को बढ़ाएगा और फिर जमी हुई चर्बी को पिघलाने में मदद करेगा। इस तरह फैट आसानी से पिघलेगा और वजन घटाने में मदद करेगा।
चलने के लिए लंबी दूरी की जगह चुनें।
आप चलने के लिए सीढ़ियों वाली जगहों का चुनाव भी कर सकते हैं।
ट्रेडमिल पर भी लंबे समय तक एक गति से चलें।
टहलने से पहले ग्रीन टी या पानी पिएं।
नियमित रूप से ६ हजार से १० हजार कदम चलें।
इसलिए अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो इन नियमों का पालन करें ताकि आप शरीर पर इसके प्रभाव को प्रभावी रूप से देख सकें।
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ऑनलाइन बिजनेस में फिलहाल एमेजन का एक छत्र राज्य है लेकिन इससे लगभग १० लाख वैश्विक यूजर वाले इंस्टाग्राम के इस क्षेत्र में आने से खतरा हो सकता है। इंस्टाग्राम के नए प्रमुख एडम मूसेरी ने कहा है कि उनकी यह योजना है। पिछले साल अक्टूबर में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक साक्षात्कार में एक अंग्रेजी समाचार पत्र से कंपनी की आगे की रणनीति पर बात करते हुए मूसेरी ने कहा कि कंपनी के लिए उनकी योजना दुकानदारों, विक्रेताओं और इंस्टाग्राम यूजर्स की बड़ी संख्या को जोड़ने की है।
रिपोर्ट के अनुसार, मूसेरी की योजना फेसबुक के अधिग्रहण वाले फोटो शेयरिंग प्लेटफॉर्म के मुख्य पहलू- जिसमें यूजर्स अपनी अपलोड की गई तस्वीरें अन्य यूजर्स को दिखाते हैं- को पीछे छोड़कर इसे एक सेल्स पोर्टल में बदलने की है।
हालांकि अनुपात में देखें तो वैश्विक खरीदारी में इसकी हिस्सेदारी बहुत कम है, लेकिन ई-कॉमर्स का व्यापार प्रतिसाल बढ़ रहा है और 'डिजिटल कॉमर्स ३६०' की मानें तो २०१८ में इसकी वैश्विक बिक्री बढ़कर २.८६ ट्रिलियन (२८६0 बिलियन) हो गया है।
फिलहाल इस क्षेत्र में कुछ ही कंपनियों का दबदबा है, जिनमें चीन की अलीबाबा और जेडी डॉट कॉम तथा अमेरिकी कंपनियां एमेजन, ईबे और वालमार्ट हैं। फोटो शेयरिंग एप ने हालांकि डाइरेक्ट सेल्स का पायलट प्रोग्राम मार्च में ही शुरू कर दिया था लेकिन यह सिर्फ २० ब्रांड तक सीमित था। इन ब्रांड्स में जारा, बरबेरी, मिशेल कोर्स, नाइकी, एडिडास, प्राडा, यूनिक्लो, डिओर, ऑस्कर डे ला रेंटा और एच एंड एम आदि हैं। इसमें भुगतान पेपल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया जाता है। |
उज्जैन। लॉकडाउन से आर्थिक स्तर पर पिछड़ चुके देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब देश में ही कई उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता है। इसे देखते हुए लघु उद्योग भारती महिला इकाई, उज्जैन द्वारा लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों के लिए एक वेबीनार आयोजित किया गया। इसमें एमएसएमई के डायरेक्टर डी.सी. साहू, डीआईसी के महाप्रबंधक ए.आर. सोनी, लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष महेश गुप्ता व एलडीएम अरुण गुप्ता, संभाग अध्यक्ष सतीश मुकाती, कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती सीमा वैद्य, एमएसएमई असिस्टेंट डायरेक्टर अनुज्ञा एवं अतीत अग्रवाल ने उद्योग स्थापित करने के विषय में जानकारी दी।
एमएसएमई के डायरेक्टर डीसी साहू ने बताया कि एमएसएमई की ब्याज दर ९.५ प्रतिशत निश्चित है। एमएसएमई के तहत यदि किसी को लोन चाहिए तो लोन व व्यवसाय शुरू करने के बाद बैंक को एक वर्ष तक लोन चुकाने की आवश्यकता नहीं है। एक वर्ष तक न ब्याज भरना होगा और न किस्त बनेगी। एक साल के बाद ही व्यवसाय करने वाले की किस्त शुरू होगी। २५ करोड़ तक का लोन एमएसएमई के माध्यम से मिल सकेगा। नई जो योजना केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई है उसके तहत ३१ अक्टूबर तक योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं भरना है। उद्योगों के लिए वित्तमंत्री ने पैकेज की घोषणा की है। इसमें इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी, डिमांड है। श्री साहू ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब लोकल ब्रांड है। सरकार ने लघु उद्योगों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। पॉवर जनरेटिंग कंपनियों को ९० हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे जनरेटिंग कंपनियों को लाभ होगा। सरकार ने माइक्रो, स्मॉल, मीडियम सभी को बढ़ावा देने के लिए पैकेज में प्रावधान किया है।
महिला इकाई की अध्यक्ष सुमिना लीग्गा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर जाने के लिए सरकार ने उद्योगों के लिए छोटे कारोबारियों के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की। इन योजनाओं को समझकर इनसे फायदा लेने की कोशिश करें। मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है। एमएसएमई के सहयोग से ही भारत आत्मनिर्भर बनेगा और आगे बढ़ेगा।
अरुण गुप्ता ने कहा कि बैंक के पास सभी स्कीम निरन्तर जारी है। एमएसएमई की जो नई स्कीम आई है, जिसमें २५ प्रतिशत सरकार देगी। एक साल तक कुछ नहीं देना है। अगले चार साल में किस्त भरना है। ऋण सीमा २५ करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए। टर्न ओवर १०० करोड़ तक का रखा है। कोई अतिरिक्त खर्च नहीं लगेगा। दस्तावेज का खर्च अवश्य रहेगा। यदि कोई नया उद्योग शुरू कर रहा है तो उसे भी लोन दिया जा रहा है। पहले से चल रही यूनिट को भी यदि ऋण की और आवश्यकता है तो उसे भी ऋण प्रदान किया जाएगा। श्री गुप्ता ने वेबीनार में शामिल सभी सदस्यों के प्रश्नों का समाधान कर सभी का मार्गदर्शन किया।
तृप्ति वैद्य ने कहा कि लॉकडाउन के कारण आत्मनिर्भर भारत का जो नारा है, उसे साकार करने का एक अच्छा अवसर है। केन्द्र ने जो योजनाएँ लांच की है, हम सभी के लिए वह बहुत लाभदायक है। एमएसएमई के माध्यम से जो भी उद्योग से जुड़ना चाहते हैं, वे जुड़ सकते हैं। आर्थिक सहयोग सबसे बड़ा महत्वपूर्ण अंग है, आर्थिक सहयोग कैसे मिले, यही सबसे बड़ी समस्या हे। उद्योग को गतिमान बनाने के लिए आर्थिक सहयोग होना चाहिए। इसी दौरान एमएसएमई की पॉलिसी केन्द्र सरकार की ओर से कुछ घोषणाएँ हुईं, यह जानकारी हमें व्यवस्थित मिलना चाहिए, इस देखते हुए लघु उद्योग भारती महिला की ओर से एक प्रयास किया गया है।
संभाग अध्यक्ष सतीश मुकाती ने तृप्ति वैद्य व सुमिना लीग्गा को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि इससे काफी जानकारियाँ सबको मिली। महिलाओं को भी घर बैठे उद्योग से संबंधित सभी जानकारी मिली। अंजू बजाज ने कहा कि यह वेबीनार बहुत अच्छा आयोजित किया गया है। इसमें और महिलाओं को जोड़ा जा सकता है। महिलाएँ और आगे बढ़ सकती हैं। अंत में महेश गुप्ता ने सभी को ऐसे कार्यक्रम में शामिल होकर कार्यक्रम का लाभ उठाने की अपील की। वेबीनार की सम्पूर्ण परिकल्पना एवं संचालन लघु उद्योग भारती महिला इकाई की सचिव तृप्ति वैद्य ने की।
वेबीनार में शिल्पा जैन, अंजू बजाज, महेश गुप्ता, रचना शुक्ला, संजय गाढ़वे, दीपिका जैन, तृप्ति वैद्य, सीमा वैद्य, प्रनीता शिंदे, अरुण गुप्ता, ज्योति केदार, सुमिना जैन, राजेश माहेश्वरी, रेणु नायक, रोशन मेन, नीलेश चंदन, नीलम कालरा, सतीश मुकाती, प्रीति लाल, राधिका, अनिल जैन, सरिता विजयवर्गीय, ऋषि, शेफाली, राजेश माहेश्वरी उल्लास वैद्य आदि उपस्थित थे। |
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नपर्फ़ के नक्शे कैसे काम करते हैं?
डेटा कहां से आता है?
अपडेट कैसे किए जाते हैं?
नेटवर्क कवरेज मानचित्र स्वचालित रूप से हर घंटे एक बॉट द्वारा अपडेट किए जाते हैं। स्पीड मैप्स हर १५ मिनट में अपडेट किए गए । डेटा दो साल के लिए प्रदर्शित किया जाता है। दो वर्षों के बाद, महीने में एक बार सबसे पुराना डेटा नक्शे से हटा दिया जाता है।
यह कितना विश्वसनीय और सटीक है?
उपयोगकर्ता के उपकरणों पर परीक्षण आयोजित किए जाते हैं। जियोलोकेशन सटीक परीक्षण के समय जीपीएस सिग्नल की रिसेप्शन गुणवत्ता पर निर्भर करता है। कवरेज डेटा के लिए, हम केवल अधिकतम जियोलोकेशन ५० मीटर की सटीकता साथ परीक्षण बनाए रखते हैं। डाउनलोड बिटरेट्स के लिए, यह सीमा २०० मीटर तक जाती है।
मैं कच्चे डेटा को कैसे पकड़ सकता हूं?
क्या आप क्स्व प्रारूप में नेटवर्क कवरेज डेटा या नपर्फ़ परीक्षण (बिटरेट, विलंबता, ब्राउज़िंग, वीडियो स्ट्रीमिंग) को पकड़ना चाहते हैं, लेकिन फिर भी आप उन्हें पसंद करते हैं? कोई दिक्कत नहीं है! किसी उद्धरण के लिए हमसे संपर्क करें ।
क्या कवरेज मानचित्र विज़ुअलाइज़ेशन के लिए एक प्रो टूल मौजूद है?
हाँ। यह उपकरण मुख्य रूप से मोबाइल ऑपरेटरों के लिए है। यह एक मौजूदा कॉकपिट में एकीकृत किया गया है जिसमें पहले से ही एक देश में सभी ऑपरेटरों के इंटरनेट प्रदर्शन आँकड़े शामिल हैं, साथ ही गति-परीक्षण के परिणाम और कवरेज डेटा तक पहुंच है। इन आंकड़ों को तकनीक द्वारा फ़िल्टर लागू करके (कोई कवरेज, २ जी, ३ जी, ४ जी, ४ जी + ५ जी) एक विन्यास अवधि (उदाहरण के लिए केवल अंतिम २ महीने) पर देखा जा सकता है। यह नई तकनीक की तैनाती को ट्रैक करने, प्रतियोगियों की निगरानी करने और खराब सिग्नल कवरेज क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक महान उपकरण है। |
सरस्वती विद्यामन्दिर निहाल सैक्टर, बिलासपुर में चल रहे ३० दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण वर्ग में मनाया गया वन महोत्सव।
सरस्वती विद्यामन्दिर निहाल सैक्टर, बिलासपुर में चल रहे ३० दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण वर्ग में आज प्रातः वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें चन्दन, सोहंजना एवं पारिजात इत्यादि औषधीय पौधों का विद्यालय परिसर में रोपण किया गया । इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में मा० अशोक पाल जी अध्यक्ष विद्या भारती उत्तर क्षेत्र, मा० सुरेंद्र अत्रि जी वरिष्ठ उपाध्यक्ष विद्या भारती उत्तर क्षेत्र, श्री राजेन्द्र कुमार जी प्रचार प्रभारी विद्या भारती उत्तर क्षेत्र, क्षेत्रीय पर्यावरण संयोजक ओम प्रकाश जी, मोहन केष्टा जी अध्यक्ष हिमाचल शिक्षा समिति, श्री भोगेश्वर शर्मा जी वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमाचल शिक्षा समिति, श्री ज्ञान सिंह जी संगठन मंत्री हिमाचल शिक्षा समिति, सुरेश चौधरी जी प्रबंधक सरस्वती विद्या मन्दिर रौड़ा, कमलेन्द्र कश्यप जी उपाध्यक्ष सरस्वती विद्या मन्दिर निहाल, सोनिया डोगरा जी सदस्य उपाध्यक्ष सरस्वती विद्या मन्दिर निहाल एवं कौशल्या कौंडल जी प्रधानाचार्या सरस्वती विद्या मन्दिर निहाल सहित प्रशिक्षण वर्ग में उपस्थित प्रशिक्षु आचार्य दीदीयों ने भाग लिया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पर्यावरण संयोजक ओम प्रकाश जी ने कहा कि पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने और मानव जीवन को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए पौधों का विशेष योगदान है । |
अभिनेता विक्रम गोखले का निधन नहीं हुआ है अभी उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। बुधवार देर रात उनकी बेटी ने अपने पिता की निधन की खबरों को गलत बताया उन्होंने कहा कि पापा की कंडीशन अभी काफी क्रिटिकल है डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी उनकी सलामती की दुआएं करें। दरअसल बुधवार देर रात विक्रम गोखले की निधन की खबर आई थी इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाने लगी। विक्रम गोखले ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम 'में ऐश्वर्या के पिता का रोल निभाया था इसके बाद उन्होंने 'भूल भुलैया ',दिल से ,अग्निपथ ,दे दना दन ,हिचकी ,निकम्मा और निकम्मा और मिशन मंगल जैसी फिल्मों में भी काम किया था।
विक्रम गोखले मराठी सिनेमा में काफी एक्टिव रहते है ,फिल्म एक्टर चंद्रकांत गोखले के बेटे हैं विक्रम गोखले की दादी कमलाबाई गोखले इंडियन सिनेमा की पहली फीमेल चाइल्ड एक्ट्रेस थी ,टेलीविजन में भी विक्रम गोखले ने एक अलग पहचान बनाई है। दूरदर्शन पर १९८९ से लेकर १९९१ के बीच आने वाले फेमस शो 'उड़ान' का वह हिस्सा थे। २०११ में विक्रम गोखले को थिएटर में काम करने के लिए संगीत नाटक अकादमी से अवार्ड से सम्मानित किया गया था २०१३ में उन्हें मराठी फिल्म अनुमति के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। |
मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम के क्रियान्वयन में अक्षया पत्र की भूमिका, विद्यालयी भोजन प्रदान करने मात्र से कहीं अधिक है। यह संगठन इस कार्यक्रम के माध्यम से दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने पर लक्षित है : भूख का उन्मूलन एवं प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमिकीकरण।
यह गैर-लाभप्रद संगठन भारत का कोई भी बच्चा भूख की वज़ह से शिक्षा से वंचित नहीं होगा के अपने संदृश्य की दिशा में कार्य करता है। इस संदृश्य को हासिल करने के लिए, अक्षया पत्र शिक्षा के लिए असीमित भोजन प्रदान करता है। यह पौष्टिक भोजन, अकसर पूरे दिन के लिए उनका एकमात्र पोषण स्रोत होता है। अतः यह सुनिश्चित करने के लिए, कि प्रत्येक बच्चा इस एक भोजन के माध्यम से लाभान्वित हो, अक्षया पत्र ऐसा पोषक भोजन तैयार करता है जो बच्चों की स्थानीय स्वाद-रुचियों के अनुकूल भी होता है। उदाहरण के लिए, उत्तर भारतीय रसोईयाँ रोटियाँ परोसती हैं वहीं दक्षिण भारतीय रसोईयों द्वारा चावल परोसे जाते हैं।
फ़ाउंडेशन अपने प्रचालनों को दो भिन्न रसोई मॉडलों - केन्द्रीयकृत एवं विकेन्द्रीकृत - के माध्यम से संचालित करता है।
केन्द्रीयकृत रसोईयाँ विशाल, फ़ैक्ट्री-जैसी रसोई इकाईयाँ हैं जिनकी क्षमता आमतौर पर प्रतिदिन १,००,००0 तक बच्चों के लिए भोजन पकाने की होती है। प्रत्येक रसोई, इकाई के आस-पास स्थित कई विद्यालयों को सेवाएं देती है। ये इकाईयाँ अर्ध-स्वचालित होती हैं जिससे भोजन पकाने की प्रक्रिया के दौरान स्वच्छता सुनिश्चित होती है। केन्द्रीयकृत रसोईयों में प्रयुक्त प्रौद्योगिकी एवं प्रक्रिया हार्वर्ड (स्रोत) एवं कई अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम तथा पाठ्यचर्या में अनुसन्धान एवं अध्ययन का विषय रही हैं।
ऐसे स्थानों, जहाँ कठिन भौगोलिक भूभाग एवं अनुपयुक्त सड़क संयोजकता जैसे कारक विशाल अवसरंचना के निर्माण को समर्थित नहीं करते, वहाँ विकेन्द्रीकृत रसोई मॉडल आदर्श व्यवस्था होती है। विकेन्द्रीकृत रसोई इकाईयों का संचालन अक्षया पत्र के रसोई प्रक्रिया एवं प्रचालन मॉड्यूल के मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा किया जाता है।
बाल स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा संचालित सर्वेक्षणों के अनुसार, देश की ४० प्रतिशत जनसंख्या १८ वर्ष से कम आयु की है। इसमें से ५० प्रतिशत से भी कम अंश विद्यालय जाता है। प्रतिदिन मात्र एक समय का भोजन जुटाने के लिए, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियाँ इन बच्चों को शिक्षा छोड़कर गुलामों जैसी नौकरियाँ चुनने पर विवश कर देती हैं। अनुसन्धान से यह भी पता चला है कि भूख और कुपोषण की स्थिति की प्रधानता के कारण सार्वभौमिक शिक्षा पीछे छूट गई है। ये दो कारक, विद्यालयों में प्रवेश लेने की संख्याओँ को घटाते हैं, प्रदर्शन स्तर को घटाते हैं और विद्यालय बीच में ही छोड़ देने की दरों को बढ़ाते हैं। बालिकाओं में ऐसा विशेषकर अधिक होता है। भूख, विशेषकर पढ़ाई के वक्त भूखे रहने की स्थिति, बच्चे के प्रदर्शन को घटाती है, वह विद्यालय नहीं जाता हो तो भी। ठीक इसी बिन्दु पर, बाल शिक्षा में गैर-सरकारी संस्थाओं की भूमिका के अलावा, मध्याह्न-भोजन योजनाएं इन बच्चों को विद्यालय तक लाने में बहुत बड़ा प्रोत्साहन सिद्ध होती हैं। यह उन्हें काम करने से रोकती है और काम की बजाए अध्ययन करने और शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस प्रकार यह कार्यक्रम प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण में भी मदद करता है।
जब बात गुणवत्ता की हो तो अक्षया पत्र में हम कोई समझौता नहीं करते। भले ही व्यवस्था केन्द्रीयकृत हो या विकेन्द्रीकृत, अक्षया पत्र की रसोईयों में स्वच्छता एवं साफ़-सफ़ाई सर्वोच्च महत्व रखते हैं। इस गैर-लाभप्रद संस्था के कार्य को मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम की राष्ट्रीय दिशा-नियन्त्रक-सह-निरीक्षण समिति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
इस सार्वजनिक-निजी साझेदारी की सफलता को व्यापक रूप से सराहा गया है और इसे अपनाए जाने योग्य आदर्श साझेदारी की मान्यता भी दी जा रही है। फ़ाउंडेशन को द ग्लोबल जर्नल द्वारा विश्व की शीर्ष १०० गैर-सरकारी संस्थाओं के मध्य २३वां स्थान देकर वैश्विक रूप से सम्मानित भी किया गया है। |
ठंड की स्थिति के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा - हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि आप सभी गर्म हैं - इस हुडी में आपके शरीर की सुरक्षा के लिए एक डबल इंसुलेटेड डिज़ाइन है!
अति-नरम ऊन अस्तर - बस अपने हाथ को अंदर से रगड़ें, और अविश्वसनीय रूप से नरम, मोटी अस्तर को महसूस करें जो आपको हर एक ठंडे दिन पहनना चाहते हैं!
सुपर विशाल जेब - अपने सभी दैनिक कैरीज़ फिट बैठता है, और उन्हें सुरक्षित रखता है। न केवल आप अपने फोन, ईयरबड्स, कीज़ और अपने बटुए को सुरक्षित फिट कर सकते हैं; आप वह सब फिट कर सकते हैं और अभी भी अपने हाथों को गर्म रख सकते हैं!
पूर्ण प्रधान सुरक्षा - हुड के अंदर सभी के साथ-साथ ऊन-पंक्तिबद्ध, जिसका अर्थ है कि आपका पूरा सिर बर्फीले सर्दियों की हवा और ठंड के तापमान से संरक्षित है!
टॉप -शेल्फ मेटल जिपर - पूरी तरह से अपने हूडि को सुरक्षित करने के लिए और ठंड को बाहर रखने के लिए पूरी तरह से प्रबलित है, जबकि बरकरार रखते हुए और कठोर ठंड में भी सुचारू रूप से आगे बढ़ते हैं!
विशेषज्ञ शिल्पकारों द्वारा हस्तनिर्मित - इस अविश्वसनीय हुडीज के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले हर एक सिलाई और हर एक धागे का ध्यान से निरीक्षण किया जाता है; केवल बेहतरीन सामग्री का उपयोग करना!
कोमलता और गुणवत्ता का सही मिश्रण - इस तरह एक हुडी के लिए सबसे अच्छा अनुपात ६५% कपास और ३५% पॉलिएस्टर है; स्पर्श के लिए एक पंख के रूप में नरम नरम के साथ, जबकि आप गर्म और अंदर से अछूता रखते हैं!
हम नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, अर्थशास्त्र और राजनीति में महत्वपूर्ण विकास पर समाचार पत्र भेजते हैं। |
ग्रामीण भारत में सल्पिंग को सुविधाओं का उपलब्ध करवाने वाले के उद्देश्य के भारत सरकार के मंत्रालय के अंतर्गत भारत अंतर्गत काम करने वाले हैं कॉमन सर्विस सेंटर संस्था के साथ में सरकार एक समझौता किया है इसके अंतर्गत देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थापित क्स्क सेंटर मैं नियुक्ति क्स्क व्ले को मुक्त में क्स्क बैंक मित्र बनने का फैसला लिया है यदि आप अपने गांव में रहते हैं तो क्स्क बैंक ब्क योजना का लाभ उठा सकते हैं ल सिसी बैंक / ब्क बैंक कस्प , हफ बैंक ब्क बैंक , पन्ब बैंक ब्क एक्सिक्स बैंक ब्क यदि खोलकर आप साबित करना चाहते हैं तो आज इस पोस्ट में हम आपको बिल्कुल निशुल्क किया बैंक बीसी खोलने की पूरी प्रक्रिया के लाभ एवं विषय की जानकारी देंगे!
१०वीं की मार्कशीट और करैक्टर सर्टिफिकेट इस तरह से बैंक मित्र बनने के लिए जरूरी कागजात होते हैं।
अगर आप ऊपर दी गई योग्यता और कागजात पूरी करते हैं तो आप बैंक मित्र बन सकते हैं जैसे जो शैक्षणिक योग्यता दिया गया है और जो जरूरी कागजात दिया गया है यह पूरी करते हैं तो आप बैंक मित्र के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
आपको बता दें कि किसी सरकारी या पब्लिक सेक्टर बैंक जैसे सबी , पन्ब यदि आपके साथ में क्स्क अथवा क्स्क बैंक ब्क नहीं मिल पा रहे हैं तो आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है ! अगर आपको एक क्स्क व्ले है तो अब आप एचडीएफसी बैंक के साथ में बहुत ही आसानी और बिना भागदौड़ किए बैंक मित्र बन कर सकते हैं ल क्योंकि लगभग सभी बैंक व्ले/ बैंक मित्रा को सैलरी देने की बजाय सिर्फ एक अकाउंट ओपनिंग एंड ट्रांसफेक्शन के हिसाब से कमीशन देती हैं! जिस वजह से आप जिस बैंक के बैंक मित्र बीसी है उसे आपकी इनकम पर कोई फर्क नहीं पड़ सकता है !
ध्यान दें :- ऐसे ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई नई या पुरानी सरकारी योजनाओं की जानकारी हम सबसे पहले अपने इस वेबसाइट अल्सरकारीक्सम.कॉम के माध्यम से देते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें ।
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डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, भारतीय संस्कृति पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
भारतीय संस्कृति पोर्टल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित, राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय परियोजना (एनवीएलआई) का एक हिस्सा है। यह पोर्टल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, द्वारा बनाया और विकसित किया गया है। इस पर उपलब्ध डेटा संस्कृति मंत्रालय की संस्थाओं द्वारा प्रदान किया गया है। |
कोलकाता : कोरोना वायरस के खौफ के चलते १५ मई तक के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट को बंद कर दिया गया है। हालांकि जरूरी मामलों की सुनवाई आॅनलाइन जारी रहेगी। बता दें कि देश में जारी लाॅकडाउन की समयसीमा ३ मई को खत्म हो रही है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लाॅकडाउन की समयसीमा तीन मई के बाद बढ़ाई जाएगी या नहीं यह अभी निश्चित नहीं है, किन्तु कलकत्ता हाईकोर्ट १५ मई तक बंद ही रहेगा।
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश थोथाथिल भास्करन नायर राधाकृष्णन के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल राय चट्टोपाध्याय ने उच्च न्यायालय की ओर से एक अधिसूचना जारी कर सूचित किया कि अदालत १५ तारीख तक बंद रहेगी। वहीं ३० अप्रैल और ४, ७, १२ और १५ मई को अदालत की दो डिवीजन बेंच और तीन एकल पीठ मामले की ऑनलाइन सुनवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट में वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से काम हो रहा था। इसी बीच मंगलवार को हाईकोर्ट के विशेष अदालत के चलते करीब ३०० लोगों की भीड़ हो गई। इसके बाद ही स्थिति को देखते हुए अदालत को बंद करने का फैसला ले लिया गया।
उधर खबर है कि अलीपुर अदालत में जिस गाड़ी से अधिकारियों को लाया और ले जाया जा रहा था उक्त गाड़ी के चालक की मां कोरोना से संक्रमित हुई है। इसके बाद ही अलीपुर अदालत को बंद करने की घोषणा कर दी गई। उक्त गाड़ी में जो आ जा रहे थें उन्हें क्वारंटाइन भेज दिया गया है। इस प्रकार की खबर से कलकत्ता हाईकोर्ट में भी आतंक फैल गया। |
यह सच है कि कई महिलाएं जब भी बैठती हैं तो अपने पैरों को पार करने की मुद्रा अपनाती हैं। आंकड़ों के अनुसार और कुछ विज्ञापन अभियानों में यह बताया गया है कि यह आसन परिसंचरण के लिए हानिकारक है। जबकि हमें याद है, इस स्थिति में बहुत समय बिताने से अंततः पैर या पैर सुन्न हो सकते हैं। अन्य प्रश्न हैं कि क्या आप गर्भावस्था के दौरान अपने पैर पार कर सकते हैं और इसके लिए हम बहस करने जा रहे हैं यदि इस आसन का प्रभाव माँ या शिशु पर पड़ता है।
कई सवाल हैं और इस बारे में एक बड़ी बहस शुरू हो गई है एक गर्भवती महिला क्या कर सकती है या क्या नहीं। के बारे में खिला चाबियों में से एक है और जहां शरीर में पेश की जाने वाली चीज़ों के बारे में एक सौ प्रतिशत भरोसा नहीं किया जाता है। यह कुछ चेतावनियों को सुनने लायक है जहाँ उनमें से कई पर किसी का ध्यान नहीं जाएगा या जहाँ इस तरह के संदेह मौजूद होंगे।
१ क्या आप गर्भावस्था के दौरान अपने पैरों को पार कर सकती हैं?
२ क्या पैर पार करने से बच्चे को नुकसान होता है?
क्या आप गर्भावस्था के दौरान अपने पैरों को पार कर सकती हैं?
हम पैरों को पार करने के अंदर और बाहर जानते हैं। वे परिणामों की एक असंख्य सूची से लेकर हैं जो सभी के लिए जाते हैं रक्तचाप से संबंधित। यह अंततः तंत्रिका क्षति या वैरिकाज़ नसों का कारण बन सकता है, हालांकि इन सभी सिद्धांतों में क्या सच है यह देखने के लिए आगे की परीक्षा की आवश्यकता है।
खास बात यह है कि इस पोजीशन में ज्यादा देर तक बने रहना पेरोनियल तंत्रिका पक्षाघात का कारण बन सकता है क्या कारण हो सकता है आप पैर के सामने, या उंगलियों को नहीं उठा सकते। यदि ऐसा तब होता है जब आप गर्भवती नहीं होती हैं, तो कल्पना करें कि जब आप पहले से ही एक फैला हुआ पेट बनाए रखते हैं तो इस स्थिति को अपनाना कैसा होगा।
आप गर्भावस्था के दौरान अपने पैरों को पार कर सकती हैं, लेकिन निस्संदेह, आपके कूल्हों का आकार और स्थिति आपको निस्संदेह छोड़ देगी सबसे आराम की मुद्रा है अपने पैरों को बिना क्रॉस किए और कुछ हद तक खुला रखना।
क्या पैर पार करने से बच्चे को नुकसान होता है?
अपने पैरों को पार करने में कुछ भी गलत नहीं है। बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है गर्भाशय के अंदर एमनियोटिक द्रव, गर्भाशय ग्रीवा और श्लेष्म प्लग के लिए धन्यवाद। ये तत्व आपको कई अप्रत्याशित घटनाओं और आपके पैरों को पार करने के तथ्य से बचाते हैं यह बच्चे को नुकसान पहुंचाने या परेशान करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं है।
यह भी कहा गया है कि बच्चे की सांस काट सकते हैं, कुछ ऐसा जो पूरी तरह से बेतुका है, क्योंकि हवा बाहर से बच्चों में प्रवेश नहीं करती है और केवल एक बंद जगह के भीतर गर्भनाल के माध्यम से एमनियोटिक थैली के माध्यम से प्रशासित होती है।
एक और मिथक यह है कि यदि आप अपने पैरों को क्रॉस करके लंबे समय तक रहते हैं, तो गर्भनाल समय के साथ सकता है बच्चे के गले में लपेटो। यह तथ्य आमतौर पर अक्सर होता है, लेकिन इस विशिष्ट डेटा से संबंधित कोई कार्रवाई कभी नहीं हुई है।
हम पहले ही विस्तार से बता चुके हैं कि बैठते समय पैरों को क्रॉस करना बच्चे को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। लेकिन इस स्थिति को लंबे समय तक बनाए रखने के बाद से इस स्थिति की अनुशंसा नहीं की जाती है यह पैरों में रक्त परिसंचरण में हस्तक्षेप कर सकता है।
अपने आप में, एक गर्भवती महिला में रक्त की मात्रा में वृद्धि या मात्रा, बच्चे का वजन और तरल पदार्थ का जमा होना काफी बार-बार होने वाली परेशानी है। अगर महिला अपने पैरों को पार करने की कोशिश करती है समस्या को और बढ़ा सकते हैं. इस स्थिति में रक्त वाहिकाओं को दबाया जाता है परिसंचरण को बहुत कठिन बनाना।
यदि रक्त परिसंचरण में कठिनाई जारी रहती है, तो यह बना सकता है संबंधित समस्याएं, सहित वैरिकाज़ नसों. गर्भावस्था के दौरान वे पहले से ही गर्भधारण और तरल पदार्थ के संचय के दौरान एक समस्या हो सकती हैं, लेकिन अगर हम पैर पार करने जैसे उपाय नहीं करते हैं, वे बहुत खराब हो सकते हैं. वैरिकाज़ नसें बहुत भद्दी, कष्टप्रद हो सकती हैं और खुजली और जलन पैदा कर सकती हैं।
रक्त बाधा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है और यह दिखाई दे सकता है, जैसे सुन्नता, एंथिल, पैरों में सुन्नता, भारीपन की भावना, पीठ दर्द और पैरों में थकान महसूस होना।
लेख का पूरा रास्ता: माताओं आज सावधानी क्या आप गर्भावस्था के दौरान अपने पैरों को पार कर सकती हैं?
डेटा का उद्देश्य: नियंत्रण स्पैम, टिप्पणी प्रबंधन।
डेटा का संचार: डेटा को कानूनी बाध्यता को छोड़कर तीसरे पक्ष को संचार नहीं किया जाएगा।
अधिकार: किसी भी समय आप अपनी जानकारी को सीमित, पुनर्प्राप्त और हटा सकते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान कुंभ राशि का सेवन किया जा सकता है?
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मौसम विभाग की तरफ से यह खबर निकल कर सामने आ रही है कि देश में बढ़ती ठंड को लेकर सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया जाए क्योंकि हमारे यहां काफी सर्दी पड़ रही है जिसके कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं इसीलिए स्कूल और कॉलेजों को बंद किया जाना चाहिए ताकि बच्चे पर कोई भी बुरा प्रभाव ना पड़े और बच्चे बीमार ने पड़े।
तेज और ज्यादा सर्दी पड़ने के कारण सभी बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं और स्कूल जाने में उनको समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि ज्यादा सर्दी होने से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है वह कहीं भी आने-जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि बीमार पड़ने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा बुरा प्रभाव पड़ता है। |
बाप न्यूज़ | पवित्र जांभोलाव धाम में स्थित अगुणी संत परम्परा आश्रम के श्रीमहंत भजनदास के विष्णुवास के बाद शुक्रवार शाम ६ बजे संघ कार्यालय बाप में श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन हुआ।
संघ के जिला संपर्क प्रमुख पूनमचंद बिश्नोई ने श्रीमहन्त को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भजनदास ने संत परम्परा को वास्तव में धरातल पर उतारा। संत भजनदास हिन्दू समाज मे व्याप्त छुआछूत की बीमारी के उन्मूलन के लिए आगे आये। उन्होंने सेवा बस्तियों में जाकर उनके सुख दुख में सहभागिदारी निभाकर समाज को एक करने के अनेक प्रयत्न किए। वे राष्ट्रवादी संत थे। सत्य वादी निर्मल संत की कमी हिन्दू समाज को खलेगी। उसकी पूर्ति संभव नही होगी। सीमाजन कल्याण समिति जिला उपाध्यक्ष अखेराज खत्री ने ६५वर्षीय भजनदास को महान संत बताया उन्होंने कहा कि सभी हिन्दू सगी मां के जाए भाई का वाक्या चरितार्थ उन्होंने किया। वे उच् नीच में विश्वास नही करते थे। क्षेत्र के वंचित बंन्धु उनके गोलोक वास के बाद बहुत दुखी हुए। वे गरीबो के मशीहा थे तथा असहाय के साथी थे। उनके मन मे हिन्दू समाज एक रहे ये भाव हमेशा रहता था।देश मे अराष्ट्रीय गतिविधियों के समाचार सुन संत बहुत दुखी होते थे। श्रद्धांजलि सभा मे ११ मिनट तक हरि कीर्तन कर उनके चित्र पर पुष्पांजलि दी गई। इस दौरान ओमराठी, किशोर गुचिया , चंपालाल तंवर, विहिप बाप प्रखंड अध्यक्ष हीरा लाल पालीवाल, मागीलाल बिश्नोई आउ , रोहिताश बिश्नोई , पुखराज पालीवाल , भवर लाल पालीवाल, परम् गो भक्त सुशील हिन्दू, घनश्याम तंवर, पूनम चंद , भगवान सिंह राजपूरोहित आदि उपस्थित थे। |
न्यायपालिका के खिलाफ दो ट्वीट की वजह से अवमानना के दोषी पाए गए प्रशांत भूषण ने एक रुपये के दंड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट की अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की है। इस याचिका में भूषण ने कोर्ट की अवमानना को लेकर ३१ अगस्त को सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उन्हें एक रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले पर समीक्षा करने की मांग की है।
इससे पहले एक्टिविस्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक दो ट्विट के कारण अवमानना का दोषी ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के १४ अगस्त फैसले पर पुनर्विचार के लिए न्यायालय में याचिका दायर की। प्रशांत भूषण ने न्यायालय की रजिस्ट्री में अवमानना के मामले में सजा के रूप एक रूपए का सांकेतिक जुर्माना अदा करने के बाद १४ अगस्त के फैसले पर पुनर्विचार के लिये याचिका दायर की। पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि उन्हें दोषी ठहराने वाले निर्णय में कानून और तथ्यों की नजर में अनेक त्रुटियां हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को १५ सितंबर तक जुर्माने की राशि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश दिया था और स्पष्ट किया था कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें तीन महीने की साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी और तीन साल तक वकालत करने पर प्रतिबंध रहेगा। पुनर्विचार याचिका में भूषण ने कहा कि दोषी ठहराना और सजा देना आपराधिक प्रक्रिया के दो स्वतंत्र चरण हैं और इस न्यायालय ने पहले दोषसिद्धी का फैसला सुनाने और सजा के लिये अलग सुनवाई करने की कार्यवाही अपना कर सही किया था।
१४ सितंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रत्येक फैसले के लिये अलग अलग पुनर्विचार याचिका दायर करने का हकदार है और इस न्यायालय के पुनर्विचार के अधिकार पर लागू होने वाला कोई भी सांविधानिक या विधायी कानून इस अधिकार को सीमित नहीं करता है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया था। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायधीश एस ए बोबडे की आलोचना करते हुए दो ट्वीट किए थे। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए ३१ अगस्त को सजा के रुप में एक रुपये का जुर्माने लगाया था। |
मैं भारत में रहने वाला एक जागरूक नागरिक हूं तथा प्रतिदिन समाचार पत्रों के माध्यम से देशविदेश के समाचार पढ़कर उनका आकलन करता हूं। इसरो के भारतीय वैज्ञानिक कई वर्षों से मंगल ग्रह पर सेटरलाइट भेजने के लिए प्रयासरत थे, २४ सितंबर २०१४, दिन बुधवार को सुबह इसरो द्वारा भेजा गया मार्स ऑर्बिटर(मिशन मंगलयान) मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। मैं सभी देशवासियों की ओर से इसरो के वैज्ञानिक को बधाई देना चाहता हूं।
भारतीय वैज्ञानिकों की यह उपलब्धि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को विश्व का ऐसा पहला देश बना दिया है जिसने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। मंगल मिशन की कामयाबी से हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। आशा है कि आप इस पत्र के माध्यम से देशवासियों की बधाई वैज्ञानिकों तक पहुंचा देंगे।
आपके मोहल्ले से कुछ आतंकवादी पकड़े गए हैं। तब से मोहल्ले में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। पुलिसआयुक्त को एक पत्र लिखकर क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाने के लिए निवेदन कीजिए। |
शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वित्त वर्ष २०२२-२३ की बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं के समयबद्ध कार्यन्वयन के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। जय राम ठाकुर ने कहा कि लोगों को सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को तत्परता से कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में किसी भी तरह की कोताही न की जाए तथा किसी भी विकासात्मक कार्य में शिथिलता नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं के साथ-साथ विभिन्न फील्ड अनाउंसमेंट के लंबित मामलों को भी तत्परता से पूरा किया जाए। विभाग किसी भी कार्यक्रम या योजना को लागू करने से पूर्व उसका प्रभावी व रचनात्मक प्रस्ताव तैयार करें। अभिनव योजनाओं के प्रभावी परिणाम सामने आने चाहिए ताकि लक्षित उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए प्रयासों व पहल के सकारात्मक परिणाम आने पर अधिकारियों की ऊर्जा व प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। यह अन्य व्यक्तियों के लिए भी प्रेरणा बनती है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन की परिधि का संख्या एवं परिव्यय की दृष्टि से प्रभावी विस्तार किया गया है। इस योजना के लाभार्थियों को इसका समयबद्ध लाभ सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए बजट में किए गए प्रावधानों को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित करने के निर्देश भी दिए।
जय राम ठाकुर ने कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालय में प्राकृतिक कृषि पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम में संशोधन की प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि इसे आगामी शैक्षिक सत्र से लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण, जल शक्ति, पर्यटन, पशुपालन, ग्रामीण व शहरी विकास, शिक्षा, उद्योग व अन्य सभी विभागों के कार्यक्रमों से जुड़ी घोषणाओं के प्रावधानों को तय समय में कार्यान्वित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिल्स पोस्ट हिमाचल प्रदेश से ऑनलाइन दैनिक समाचार, हम उन मुद्दों को परिभाषित करते का प्रयास करते है जिनकी हम एक समुदाय के रूप में परवाह करते हैं। हम उन कहानियों को ढूंढकर आपके सामने लाने का प्रयास करते हैं, जो बताती हैं कि हम कौन हैं | हम बाधाओं को तोड़ते हुए समुदायों को एक दूसरे के समीप लाते में प्रयासरत्त हैं। |
हाइट बढ़ने के लिए डाइट चार्ट- हम सभी को पता है, बचें की लंबाई उम्र और अनुवांशिक कारणों पर निर्भर होती है। यह एक निश्चित समय तक बढ़ती है। इसके अलावा बच्चे का खान पान भी लंबाई को बढ़ाने का मुख्य घटक होता है।
यदि बच्चे की लंबाई बढ़ानी है। तो उनके खान पान, खेलने कूदने आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए। लेकिन जानकारी के अभाव में लोग बच्चों के ऊपर ध्यान नहीं दे पाते है।
आज हम आपको बच्चे की डाइट कैसी होनी चाहिए। यह हेल्थ टिप्स आपसे शेयर करने जा रहे है। जिसे हर माता पिता को जरूर फॉलो करना चाहिए।
इससे हाइट के अलावा बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य आदि में बढ़ोतरी देखने को मिलता है। जिससे किसी भी बच्चे का सुनहरा भविष्य बनता है।
बच्चों को हमेशा कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम से युक्त हरी सब्जियां देनी चाहिए। जैसे पालक, केल, अरुगुला, बंदगोभी चने के पत्ते का साग आदि।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बात दें, पत्तेदार सब्जियों में विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम के अलावा विटामिन-के पाया जाता है। जो हड्डियों को बढ़ाने में हेल्प करता है।
अंडे में प्रोटीन का सबसे ज्यादा स्रोत होता है। इसमें हड्डियों के पोषक तत्व कई तरह के मिलते है। एक अध्ययन में पाया गया कि, नियमित रूप से अंडे का सेवन करने वाले बच्चों की हाइट, अंडा न सेवन करने वाले के मुकाबले काफी तेज गति से वृद्धि हुई। अंडा न्यूट्रिशन का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है।
बच्चों को गर्मियों में गन्ने का जूस जरूर दें। इसमें कैल्शियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पोटैशियम और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं। इसके अलावा विटामिन ए, सी, बी-कॉम्प्लेक्स, प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में मिलता है। ऐसे में बैचेन को गर्मियों के सीजन में शुद्ध गन्ने का रस जरूर पिलाए।
अगर आप बच्चों की मानसिक और शारीरिक वृद्धि चाहते है। तो बच्चों को डाइट में मिक्स फ्रूट जरूर शामिल करे। इससे बच्चों को मल्टीबिटामिन मिलता रहता है। और उनका मानसिक और शारीरिक विकास तेज गति से होता है।
आप अपने बच्चे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए काजू बादाम के मिश्रण के साथ दूध दे सकते है। यह हड्डियों के विकास में ही नही, अपितु मानसिक वृद्धि में सहायक होता है।
बादाम में फैट के अलावा फाइबर, मैग्नीज और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें विटामिन इ भी पाया जाता है।
साल्मन मछली सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस मछली के सेवन करने से दिल की बीमारी भी दूर होती है। इस लिए यह शरीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
साल्मन मछली में ओमेगा-३ फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह हड्डियो के विकास में अहम है।
शकरकंद का जूस बच्चे के लिए रामबाण है। यह बच्चे के स्वस्थ को एनर्जेटिक रखता है। शकरकंद में विटामिन ए पाया जाता है। जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है। और लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में आप अपने बच्चे को डेली न सही, पर वीक में दो बार शकरकंद का जूस जरूर पिलाए।
बैरीज में मौजूद विटामिन सी कोशिकाओं को मजबूत बनाता है। और टिशू को रिपेयर करता है। विटामिन सी से कॉलेजन के सिंथेसिस बढ़ता है।
बेरीज ब्लैकबेरी, ब्लूबैरी, स्ट्रॉबेरी और कई प्रकार के न्यूट्रिशन से भरपूर होता है। ऐसे में आप अपने बचें को बैरीज जरूर दें।
हाइट बढ़ने के लिए डाइट चार्ट- अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी , इसे शेयर करना ना भूलें। और बच्चे के हित को देखते हुए जरूर फॉलो करें। आपके बच्चे की लंबाई ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में विकास होगा। |
स्सा गुजरात रिक्रूटमेन्ट २०२२: जो भी उम्मीदवार सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें बता दें की गुजरात राज्य उम्मीदवार के लिए एक अच्छी खबर आई है सर्व शिक्षा अभियान गुजरात भर्ती २०२२ के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है आपको बता दें कि इस नोटिफिकेशन के अनुसार एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ के १५०० पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं उम्मीदवारों को बता दी कि स्पेशल टीचर की भर्ती पदों पर आवेदन मांगे गए हैं जो भी उम्मीदवार इन भर्ती पदों पर आवेदन करना चाहते हैं उन्हें बता दे कि एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ की पूरी जानकारी हमने नीचे दे दी है।
युवाओं को बता दें कि सर्व शिक्षा अभियान गुजरात भर्ती २०२२ के पदों पर ऑनलाइन आवेदन शुरू किए जा चुके हैं जो भी उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं उन्हें बता दें कि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि ८ जून २०२२ तय की गई है उम्मीदवारों को बता दें कि आपके पास बहुत ही कम समय बचा है इसलिए आप जल्द से जल्द अपने ऑनलाइन आवेदन को पूरा कर ले ऑनलाइन आवेदन कैसे करें इसकी ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दी गई स्टेप्स को पढ़ें।
जो भी उम्मीदवार एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ के लिए आवेदन करना चाहते हैं उन्हें बता दे कि सर्व शिक्षा अभियान गुजरात नोटिफिकेशन के अनुसार स्पेशल एजुकेट टीचर्स भर्ती पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं लगभग १५०० भर्ती पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन जारी किए गए हैं इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ के लिए सिलेक्ट होते हैं तो उम्मीदवारों को हर महीने १५००0 तक का मंथली वेतन दिया जाएगा गुजरात के उम्मीदवारों के लिए एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है।
युवाओं को बता दे कि सर्व शिक्षा अभियान गुजरात भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को ८ जून २०२२ से पहले ऑनलाइन आवेदन पूरे कर लेने हैं क्योंकि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि ८ जून तय की गई है इसके बाद में ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं होंगे उम्मीदवारों को बता दें कि ऑनलाइन आवेदन २६ मई २०२२ से स्टार्ट की जा चुके हैं तो वह ऑनलाइन आवेदन आज ही कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन २६ मई २०२२ स्टार्ट किए जा चुके हैं तो उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि ८ जून २०२२ तय की गई है।
एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को बता दें कि अगर आप सर्व शिक्षा अभियान गुजरात भर्ती २०२२ के लिए सिलेक्ट किए जाते हैं तो आपको हर महीने सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से १५००० तक का महीना वेतन दिया जाएगा आपको बता देगी तीनों ही भर्ती पोस्टों के लिए १५००० तय किया गया है।
सबी क्लार्क रिक्रूटमेन्ट २०२२ एसबीआई क्लर्क मैनेजर, डिप्टी मैनेजर भर्ती पदों पर आवेदन शुरू।
गुजरात के युवाओं को बता दें कि हमें गुजराती लैंग्वेज ना आने के कारण आपको ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएंगे आपको बता दें कि सर्व शिक्षा अभियान गुजरात भर्ती २०२२ को ऑफिशल नोटिफिकेशन गुजराती लैंग्वेज में जारी किया गया है इसलिए हमें गुजराती लैंग्वेज नहीं आती इसलिए हम आपको एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ की ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएंगे हम आपसे यह कहना चाहते हैं कि आप ऑनलाइन आवेदन करने से पहले ऑफिशल नोटिफिकेशन को जरूर पढ़ लें इसके बाद ही ऑनलाइन आवेदन करें।
एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ के लिए कैसे करें आवेदन जो भी उम्मीदवार सर्व शिक्षा अभियान गुजरात भर्ती २०२२ के लिए आवेदन करना चाहते हैं उन युवाओं को बता दें कि हमारे द्वारा नीचे दी गई स्टेप्स को ध्यानपूर्वक पढ़कर और उन्हें अच्छे से समझने के बाद ही ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू करें तो चलिए जानते हैं एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ के लिए कैसे करें आवेदन।
युवाओं को सबसे पहले सर्व शिक्षा अभियान गुजरात की ऑफिशल वेबसाइट को विजिट करना होगा।
अब आपको सर्व शिक्षा अभियान गुजरात की ऑफिशल वेबसाइट के होम पेज पर ही हॉ तो आप्प्ली का ऑप्शन दिखाई दे रहा होगा वहां पर आपको क्लिक करना है।
इसके बाद आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा वहां पर कैसे करें आवेदन उसकी सारी जानकारी दी गई है वहां से उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन की सारी जानकारी ले सकते हैं और आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे।
अगर आप इस पेज पर नहीं जाना चाहते हैं तो आप हमारे द्वारा नीचे दिए गए स्टेप्स को भी पढ़ सकते हैं।
ऑफिशियल वेबसाइट पर जाने के बाद उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर क्लिक करना है और आपको अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करना है।
इसके बाद आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा वहां पर आपको अपनी जानकारी यानी जनरल डिटेल्स भरनी है।
इसके बाद आपको अपने डॉक्यूमेंट अपलोड करने हैं।
इसके बाद आपको ऑनलाइन आवेदन शुल्क जमा करना होगा।
इस प्रकार आप अपना ऑनलाइन आवेदन पूरा कर पाएंगे आपको बता दें कि एसएसए गुजरात भर्ती २०२२ का एप्लीकेशन फॉर्म का एक प्रिंट आउट जरूर ले लेना है क्योंकि यह आपके भविष्य में काम आएगा। |
नई सुजुकी वी-स्ट्रॉम १०५०डीई अब मॉडल रेंज में सबसे ऊपर है।
बेन्सहेम, ५ सितंबर, २०२२ - सुजुकी ने अपने मोटरसाइकिल पोर्टफोलियो का विस्तार जारी रखा है और २०२३ के लिए दो संस्करणों में नई वी-स्ट्रोम 10५0 प्रस्तुत की है। सड़क के लिए डिज़ाइन किए गए वी-स्ट्रॉम 10५0 के अलावा, वी-स्ट्रॉम 10५0डीई (डुअल एक्सप्लोरर) भी पहली बार २१ इंच फ्रंट व्हील और अन्य सेगमेंट-विशिष्ट नवाचारों के साथ ऑफ-रोड-ऑप्टिमाइज़्ड संस्करण के रूप में उपलब्ध है।
२० साल पहले वी-स्ट्रोम की शुरुआत के बाद से, दुनिया भर में एडवेंचर बाइक की १००,००० से अधिक इकाइयां बेची गई हैं, जो हमेशा अपनी उच्च निर्माण गुणवत्ता और एक शक्तिशाली वी २ इंजन के साथ प्रेरित करने में सक्षम रही हैं। अपनी २० वीं वर्षगांठ के लिए, सुजुकी अब वी-स्ट्रोम की चौथी पीढ़ी को लॉन्च कर रहा है, जो अद्वितीय ड्राइविंग अनुभव को अगले स्तर पर ले जा रहा है।
आदर्श वाक्य "मास्टर ऑफ एडवेंचर" के तहत विकसित, वी-स्ट्रॉम मॉडल हर साहसिक कार्य के लिए उत्कृष्ट साथी हैं। यह सड़क पर लंबी दूरी के पर्यटन पर या हाल ही में, डामर से दूर घूमने के लिए समान रूप से लागू होता है। सुजुकी हर एप्लिकेशन के लिए सही व्यक्तिगत पैकेज प्रदान करता है, जिसे मूल सामान की एक विस्तृत श्रृंखला द्वारा आगे अनुकूलित किया जा सकता है।
वी-स्ट्रॉम १०५०डीई उन ग्राहकों के उद्देश्य से है जिनके रोमांच की प्यास पक्की सड़कों से परे है। इसके मुख्य फीचर्स में खास स्पोक व्हील, ऑफ-रोड टायर और २१ इंच का फ्रंट व्हील दिया गया है।
इसके अलावा, वी-स्ट्रॉम १०५०डीई अधिक यात्रा, अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस प्रदान करता है और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रबलित स्विंगआर्म के लिए धन्यवाद, इष्टतम कर्षण और बेहतर ऑफ-रोड उपयोग के लिए एक लंबा व्हीलबेस भी प्रदान करता है।
विशेष रूप से उल्लेखनीय नया स्विच करने योग्य बजरी मोड है। बजरी मोड में, ट्रैक्शन कंट्रोल रियर एक्सल पर एक उच्च स्लिप की अनुमति देता है और रियर एक्सल पर एबीएस को निष्क्रिय करने का विकल्प भी देता है।
इसके अलावा, डुअल एक्सप्लोरर में पहले से ही एक व्यापक हैंडलबार, स्टील फुटरेस्ट, एक इंजन प्रोटेक्शन बार है जिसमें मानक के रूप में मजबूती से स्क्रू किए गए एल्यूमीनियम अंडरराइड गार्ड हैं। एक छोटा रंगीन विंडस्क्रीन भी समग्र तस्वीर को बढ़ाता है।
नई सुजुकी वी-स्ट्रॉम १०५०डीई तीन रंगों: येलो-सिल्वर, ब्लू-व्हाइट और ब्लैक में १५,८०० यूरो (सुजुकी डॉयचलैंड जीएमबीएच की आरआरपी) की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है। पहियों और सीटों के रंग संबंधित मॉडल रंग से मेल खाते हैं।
वी-स्ट्रॉम १०५० के मानक संस्करण को पक्की सड़कों पर लंबी दूरी के उपयोग के लिए और अनुकूलित किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण नवाचारों में से कास्ट एल्यूमीनियम व्हील्स हैं जिनके सामने १९ इंच और पीछे १७ इंच हैं।
इसके अलावा, यह पहले से ही एक बड़ी ऊंचाई-समायोज्य टूरिंग विंडो, एल्यूमीनियम फुटपेग, एक ऊंचाई-समायोज्य सीट के साथ मानक के रूप में प्रभावित करता है और नए फ्रंट स्पॉइलर के साथ नेत्रहीन रूप से अपग्रेड भी किया गया है।
नई सुजुकी वी-स्ट्रॉम १०५० तीन कलर वेरिएंट में भी उपलब्ध है, जो ब्लैक, ग्रे-ब्लैक और ब्लू-ब्लैक कलर में उपलब्ध है। सुजुकी डॉयचलैंड जीएमबीएच की अनुशंसित खुदरा कीमत १५,००० यूरो है।
दोनों वी-स्ट्रॉम मॉडल में ५ इंच का कलर टीएफटी डिस्प्ले, बायडायरेक्शनल क्विक शिफ्टर और सुजुकी इंटेलिजेंट राइड सिस्टम (एसआईआरएस) असिस्टेंस सिस्टम दिए गए हैं।
वी-स्ट्रोम २० वर्षों से हमारी मॉडल रेंज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है और एडवेंचर बाइक सेगमेंट का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है। सुजुकी ने डीआर-बिग के मूल बाजार लॉन्च के बाद से सेगमेंट-परिभाषित डिजाइन को सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया है। हम दो नए वी-स्ट्रॉम १०५० मॉडल के साथ इस महत्वपूर्ण सेगमेंट में एक वास्तविक अपग्रेड की पेशकश करने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हैं। विश्वसनीय वी २ शक्ति के साथ, हम सभी भविष्य के ग्राहकों को अत्यधिक आकर्षक मूल्य-प्रदर्शन अनुपात पर व्यापक मानक उपकरण प्रदान करते हैं। सुजुकी डॉयचलैंड जीएमबीएच के महाप्रबंधक बिक्री और विपणन क्रिश्चियन वोसेन कहते हैं, "हमारे कई व्यापारिक भागीदार सभी इच्छुक पक्षों के लिए उपलब्ध होने से खुश हैं।
दोनों एडवेंचर बाइक जर्मनी में वसंत २०२३ से उपलब्ध होंगी। जर्मनी के सभी सुजुकी डीलरों के पास प्री-ऑर्डर स्वीकार किए जा रहे हैं।
बाज़ वापस आ गया है!
मुफ्त में दो साल! |
लखनऊ: उद्योगपति के के मोदी के निधन के बाद उनकी पत्नी डॉ़. बीना मोदी ने मोदी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है।
इस समूह ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि उसकी कंपनियों गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड और इंडोफिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मंडलों ने सर्वसम्मति से डॉ मोदी के नाम का प्रस्ताव भी पारित किया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और इंडोफिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक चुना गया है।
डॉ. मोदी इससे पहले गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल में सदस्य रह चुकी हैं और कंपनी की सीएसआर कमेटी का भी हिस्सा रही हैं। सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एवं व्यक्तिगत उत्साह ने सीएसआर कार्यक्रमों को समूह के मूल्यों के अनुरूप आगे बढ़ाने में भी उन्होंने मदद की है।
एक उद्यमी के तौर पर डॉ. मोदी ने स्वयं कई सफल कारोबार स्थापित किए हैं। उनका बीना फैशंस एक ग्लोबल उद्यम हैं और साथ ही ईगो स्पेशियलिटी रेस्टोरेंट चेन, दसांज सलून और बीकन ट्रैवल्स भी उनके कुछ उद्यम हैं। डॉ मोदी को वुमन इकोनॉमिक फोरम द्वारा वुमन ऑफ द डेकेड इन बिजनेस एंड लीडरशिप २०१८ पुरस्कार से सम्मानित किया गया और २०१९ का प्रतिष्ठित अचीवर्स अवार्ड भी मिला है। इंडियाज मोस्ट पावरफुल वुमन में भी डॉ मोदी को स्थान मिल चुका है। |
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) ने बेसिक गणित और स्टैंडर्ड गणित पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए एक परिपत्र जारी किया है। जिसमें स्कूल प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ९वीं कक्षा से १०वीं तक बेसिक गणित पढऩे वाले छात्र को ११वीं में गणित विषय दिया जा सकता है।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने अकादमिक सत्र २०२२-२३ की प्रमोशन पॉलिसी जारी कर दी है। इसके अनुसार पहली से ८वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए अकादमिक सत्र २०२२-२३ की पदोन्नति नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। पहली से ८वीं तक नो डिटेंशन नीति को लागू रखा गया है।
दिल्ली के सरकारी व सरकार द्वारा वित्त पोषित स्कूलों में मंगलवार से ९वीं-११वीं कक्षा की कंपार्टमेंट परीक्षाएं शुरू हो गईं। मंगलवार को ९वीं के छात्रों ने गणित और ११वीं के छात्रों ने राजनीतिक विज्ञान-भौतिक विज्ञान का पेपर दिया। पेपर दोपहर डेढ़ बजे शुरू होकर दोपहर बाद ३.३0 बजे तक चला।
दिल्ली के निजी स्कूलों के संगठन नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस (एनपीएससी) ने और राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशालय द्वारा ९वीं-११वीं कक्षा के लिए जारी की गई प्रोन्नति नीति पर चिंता जताते हुए इसे छात्र हित के खिलाफ बताया है।
राजधानी में कुछ नामी स्कूलों ने मंगलवार को स्कूल द्वारा बनाए गए ९वीं-११वीं कक्षा के छात्रों व उनके अभिभावकों के समूूह में कहा कि इन दोनों कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं केवल ऑफलाइन माध्यम में मिड फरवरी से आयोजित की जाएंगी। अभिभावक गूगल फॉर्म भरक र स्कूल ट्रांसपोर्ट की सुविधा ले सकते हैं।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे ९वीं-११वीं कक्षा के छात्रों की अकादमिक सत्र २०२१-२२ के लिए मिड टर्म परीक्षा बुधवार से शुरू हो रही है। मॉर्निंग और जनरल शिफ्ट के स्कू लों में दोपहर २ बजे से दोपहर ३.३0 बजे तक और इवनिंग शिफ्ट के स्कू लों में शाम ४.३0 बजे से लेकर शाम ६ बजे तक एग्जाम होंगे।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे ९वीं-११वीं कक्षा के छात्रों के अकादमिक सत्र २०२१-२२ के लिए मिड टर्म परीक्षा तिथियों की मंगलवार को घोषणा कर दी। ९वीं-११वीं कक्षा के छात्रों की मिड टर्म परीक्षाएं एक दिसम्बर से शुरू हो रही हैं। |
नई दिल्लीः कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विपक्षी भाजपा की आलोचना करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि वह उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही भाजपा के कुछ नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि वे लोग सरकार गिराने के लिए कांग्रेस और जद (एस) के विधायकों को रिश्वत देने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस में आंतरिक असंतोष के बाद प्रदेश में कांग्रेस और जद (एस) के विधायकों का स्वागत करने के लिए रिसोर्ट तैयार होने संबंधी मीडिया में आयी खबरों के बीच कुमारस्वामी ने दृढ़तापूर्वक कहा कि वह सरकार के समक्ष आयी किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
कुमारस्वामी ने कहा कि चाहे वह रिसोर्ट अथवा कुटिया तैयार रखें, मैं सबकुछ के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, मौजूदा समय में पैसे का भुगतान अग्रिम के तौर पर किया जा रहा है। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगा। आपको इसके बारे में बाद में पता चल जाएगा। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग हैं, जो उनकी सरकार को गिराने में लग गए हैं। |
लखनऊ। लखनऊ बार एसोसिएशन का वार्षिक चुनाव संपन्न हो गया है। सुरेश पाण्डेय को अधिवक्ताओं ने अपने नए अध्यक्ष के रूप में चुना है। चुनाव में सुरेश पाण्डेय अन्य उम्मीदवारों पर काफी भारी पड़ें। उन्होंने एकतरफा जीत हासिल की।
अपनी जीत पर सुरेश पाण्डेय ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक जीत देने के लिए सभी अधिवक्ता साथियों का बहुत बहुत धन्यवाद।
उन्होंने बताया कि इन मुद्दों पर देंगे जोर, अधिवक्ता को आकस्मिक निधन पर ५० लाख की सहायता मिलनी चाहिए, कमिश्नरेट प्रणाली को हटाए जाना चाहिए, एसडीएम के हाथों में पावर दी जानी चाहिए, जिससे बेहतर न्याय मिल सके।
उन्होंने अधिवक्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि समाज के मार्गदर्शक के रूप में काम करें, आपस में भेद भाव ना हो, एकजुटता बनाएं रखें।
सुरेश के साथ लखनऊ बार एसोसिएशन के चुनाव में कुलदीप नारायण मिश्र महामंत्री, अनुराग त्रिवेदी वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में चयनित हुएं। |
नियंत्रण की भावना के कम्पक्टनेस और क्रूरता थिंकपैड क्स१ योग अभ्यास (दूसरा जनरल)? स्थायित्व के साथ कम्पक्टनेस और नियंत्रण योग के अभ्यास के तिंकपद क्स१ (२न्द गें), शामिल हैं जो त्रुटि की जानकारी है कि तब होता है के होते हैं क्यों का नाम है एक त्रुटि है, इस त्रुटि बनाने के लिए इस त्रुटि के साथ-साथ कुछ अन्य जानकारी है कि निर्धारित नहीं किया जा सकता है । एक संख्यात्मक त्रुटि कोड के नाम पर, जानकारी है कि वर्णित किया जा सकता है के निर्माता द्वारा दोषपूर्ण हिस्सा है या आवेदन पत्र है ।
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ऋचा चढ़्ध अली फज़्ल वेडींग कार्ड फर्स्ट लुक: ऋचा चड्ढा और अली फजल की शादी की सुगबुगाहट में उनकी शादी के कार्ड का फर्स्ट लुक सामने आया है। यहां देखें इस कार्ड की एक्सक्लूसिव तस्वीर। यह कार्ड रेट्रो थीम वाला है और इसको देखकर आपको पुराने जमाने का क्यूट रोमांस की यादें ताजा हो जाएंगी।
ऋचा चढ़्ध अली फज़्ल वेडींग कार्ड फर्स्ट लुक: ऋचा चड्ढा और अली फजल की शादी को लेकर जो हलचल थी वो अब कंफर्म होती नजर आ रही है। हमारे पास कपल के वेडिंग कार्ड की एक्सक्लूसिव तस्वीर है जो उनके कुछ हटके टेस्ट और रोमांस थीम को दर्शाता है। ऋचा चड्ढा और अली फजल की शादी कार्ड एकदम हटकर होने वाला है जिसमें आपको पुराने जमाने के रोमांस की झलक नजर आएगी। ये तो जगजाहिर है कि दोनों अभिनेता बहुत मजाकिया हैं और उनके पास एक यूनिक सौंदर्य बोध है।
अब उनकी शादी के कार्ड यानी न्योते की एक झलक ही बता रही है कि इस एक्टर जोड़ी का वेडिंग इंवाइट कितना दिलचस्प है। ये रेट्रो थीम वाला है। ऋचा चड्ढा और अली फजल ने अपने एक दोस्त से ये वेडिंग इंवाइट तैयार करवाया है जिसने ऋचा और अली के चेहरे को पॉप आर्ट डिजाइन में स्केच किया है। उनके वेडिंग इंवाइट में माचिस की डिब्बी के आकार में ९० के दशक का एक रेट्रो फील दिया गया है जिसमें लिखा है - कपल मैचेस। इस पर लगी फोटो में ऋचा और अली के पारंपरिक परिधानों में साइकिल की सवारी करते हुए मजेदार स्केच में नजर आ रहे हैं।
मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक ऋचा चढ़्ध और अली फज़्ल की शादी ४ अक्टूबर हो होगी। दोनों ही एक्टर अपने खास दिन को और स्पेशल बनाने में लगे हैं। जानकारी के मुताबिक ऋचा चड्ढा की शादी के आभूषणों को बीकानेर के एक १७५ साल पुराने ज्वैलर परिवार द्वारा तैयार किया जाएगा। बता दें कि खजांची परिवार ज्वैलर्स गहनों के व्यापार में एक बड़ा नाम है जो मोती चंद खजांची के वंशज हैं। वह राजस्थान के सबसे शुरुआती कला संग्रहकर्ताओं में से एक थे और उनके आभूषणों के संरक्षक में बीकानेर का शाही परिवार भी शामिल है।
वहीं ऋचा चढ़्ध और अली फज़्ल की शादी का दिल्ली वाला रिसेप्शन भी खास होगा। ये अक्टूबर के मध्य में प्रतिष्ठित दिल्ली जिमखाना क्लब में शादी के बाद होगी। फिलहाल ऋचा चड्ढा इस समय मुंबई में संजय लीला भंसाली की फिल्म हीरामंडी की शूटिंग कर रही हैं। वहीं अली फजल अपनी चर्चित वेब सीरीज मिर्जापुर ३ की शूटिंग के लिए मुंबई और लखनऊ के बीच शटल कर रहे हैं। |
शिमला : ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश के पर्वतीय राज्यों में अव्वल हिमाचल स्टार्टअप रैंकिंग देश के टॉप ५ राज्यों में भी जगह बनाने में नाकाम रहा है। साल २०२१ की स्टार्टअप रैंकिंग में हिमाचल चौथी श्रेणी में एस्पायरिंग लीडर रहा है। स्टार्टअप रैंकिंग में केंद्र शासित राज्यों के साथ साथ देश के २४ राज्यों ने हिस्सा लिया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हिमाचल से पिछड़ने वाला पड़ोसी राज्य उत्तराखंड स्टार्टअप रैंकिंग में देश के ५ टॉप राज्यों में शुमार है। स्टार्टअप रैंकिंग राज्यों को ५ श्रेणियों में विभाजित किया गया था। हिमाचल पांच श्रेणियों में चौथी श्रेणी में एस्पायरिंग लीडर रहा। हिमाचल के साथ-साथ मध्य प्रदेश सहित देश के ११ राज्य इस श्रेणी में शामिल हैं। इन सभी राज्यों को बी श्रेणी में रखा गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में आज ही २०२१ की स्टार्टअप रैंकिंग जारी की गई है। नई दिल्ली में आयोजित स्टार्टअप रैंकिंग के लिए आयोजित कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक दीपिका खत्री शामिल हुईं। केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को एक मजबूत आधार विकसित करने में आकांक्षी नेतृत्व राज्य (एस्पायरिंग लीडर) के रूप में मान्यता दी गई है। राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है।
एक मजबूत निर्माण के लिए की गई निम्न पहलों के लिए राज्य की सराहना की गई। पारिस्थितिकी तंत्र के तहत एक व्यापक और समावेशी स्टार्टअप नीति बनाना, स्टार्टअप के लिए आसान सार्वजनिक खरीद मानदंडों की रूपरेखा, हिम स्टार्टअप योजना का शुभारंभ, एक उद्यम निधिए नए उद्यमियों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए दस करोड़ बजट आवंटित किया गया है।
एक वर्ष पहले तक स्टार्टअप के लिए ८ इंक्यूवेशन केंद्र हुआ करते थे, जिनमें अधिक स्टार्टअप प्रस्तावों को जगह नहीं मिलती थी। युवाओं को इंक्यूवेशन केंद्र उपलब्ध करवाने के लिए संख्या को बढ़ाकर १२ कर दिया गया।
प्रदेश में स्टार्टअप की शुरुआत २०१६ में हुई। वर्तमान में राज्य में २६१ स्टार्टअप इक्यूवेट हुए। इनमें से १०८ स्टार्टअप ने अपना आधार बना लिया है। डेढ़ सौ से अधिक स्टार्टअप इंक्यूवेशन केंद्रों में प्रस्तावित प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। प्रत्येक स्टार्टअप को एक वर्ष की अवधि के दौरान तीन लाख रुपये स्थायी भत्ता दिया जा रहा है। इसके साथ साथ सरकार सीड मनी के तौर पर ५० लाख की रकम भी प्रदान कर रही है।
कार्यक्रम में आकांक्षी नेतृत्व राज्य की श्रेणी में आने के लिए मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह को उपलब्धि प्रमाण पत्र दिया गया। उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति को स्टार्टअप को पंजीकृत करना और स्टार्टअप के लिए इंक्यूबेटरों को धन उपलब्ध कराने के लिए हिम स्टार्टअप योजना की शुरुआत करने के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। उद्योग विभाग की संयुक्त निदेशक दीपिका खत्री को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
आज से दिसंबर माह प्रारंभ: जानिए इस महीने में आने वाले व्रत और कब है मोक्षदा एकादशी? |
कौन अमीर है और कौन गरीब? हर कोई किसी ना किसी से अमीर है और किसी ना किसी से गरीब।यह दो वर्ग नहीं हैं, एक स्पेक्ट्रम है।
कल शाम कॉलेज के बच्चों के एक झुण्ड से मिला। २०-२२ साल के बच्चे, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियां करते हुए। उनका आधा घंटा समय चुरा कर उनसे बातें की। उन्हें उनकी भाषा में वामपंथ का विष समझाया।
उनमें से एक लड़का वामियों के प्रभाव में था। उसने कुछ बेहद प्रासंगिक प्रश्न पूछे जिनका जवाब देने में मजा आया, और अपनी सोच भी स्पष्ट हुई।
उसकी पहली शंका थी वामपंथ की परिभाषा में ?
उसने कहा - वामपंथ वह सिद्धांत है जो समानता चाहता है।
मैंने कहा - नहीं! वामपंथ वह सिद्धांत है जो संघर्ष चाहता है।
उसने कहा - हाँ, अमीर और गरीब के बीच संघर्ष तो होगा।
मैंने कहा - कौन अमीर है और कौन गरीब? हर कोई किसी ना किसी से अमीर है और किसी ना किसी से गरीब। यह दो वर्ग नहीं हैं, एक स्पेक्ट्रम है। जब मैं हवाई जहाज की इकॉनमी क्लास में चलता हूँ तो मैं गरीब हूँ। मुझे इच्छा होती है कि बिज़नेस क्लास वालों से संघर्ष करूँ और उनकी सीट ले लूँ।
और हमें समानता क्यों चाहिए? किसने समझा दिया कि हमारा लक्ष्य समानता है? हमारा लक्ष्य समानता नहीं, समृध्दि और उन्नति है। तुम नौकरी ढूँढ रहे हो... क्या तुम्हें रतन टाटा बनना है? या तुम टाटा कंपनी में एक अच्छी नौकरी चाहते हो जिसमें तुम्हें अच्छी सैलरी मिले?
बच्चे ने मैक्सिम गोर्की की माँ, मेरा बचपन, मेरे विश्वविद्यालय पढ़ रखी थी। मैंने भी अपनी किशोरावस्था में यही किताबें पढ़ी थीं। बहुत रोचक रहा, पुरानी पढ़ी हुई किताबों की यादें निचोड़ना।
मैंने कहा - पर वे बेवकूफ बन गए। उनके जैसे कितने ही लेखकों और बुद्धिजीवियों ने साम्यवाद का समर्थन किया। रूस में उनमें से अधिकांश साइबेरिया जा पहुँचे। चीन में हंड्रेड फ्लावर्स कैंपेन के बाद वे जेल में डाल दिये गए या मार डाले गए।
हाँ, मार्क्स ने दुनिया को बेवकूफ़ बनाया। उसने एक झूठ बोला जिसपर उनलोगों ने प्रश्न नहीं किया।
यह बताओ, लाभ किस बात का परिणाम है और इसपर किसका हक़ है? श्रम का या पूँजी का?
उसने कहा - श्रम का। पूँजी तो पूरे समाज की साझा सम्पत्ति है।
मैंने कहा - यही मार्क्स का बेसिक झूठ है। लाभ ना श्रम का परिणाम है ना पूँजी का। श्रम का रिवॉर्ड पारिश्रमिक है, पूँजी का रिवॉर्ड है सूद। लाभ साहस का परिणाम है। जिसने नुकसान उठाने का जोखिम लिया, लाभ पर उसका हक़ है।
बच्चे ने पूछा - फिर आपका सोल्यूशन क्या है? आदमी को एक विचारधारा तो चाहिए।
मैंने कहा - मैंने यह पुस्तक एक विचारधारा के विरुद्ध दूसरी विचारधारा को स्थापित करने के लिए नहीं लिखी। यह इस पुस्तक का विषय नहीं है। पर मैंने इसमें दो लोगों का जिक्र किया है जिन्होंने एक समाधान सा प्रस्तुत किया है? एक है चीन के देंग सियाओ पिंग और दूसरे सिंगापुर के ली कुआन यू। एक कम्युनिस्ट और दूसरा घोर एन्टी-कम्युनिस्ट। और इन दोनों ने अपने अपने देशों को समृद्धि दी। क्योंकि ये दोनों ही विचारधारा के फेर में नहीं पड़े। दोनों ने प्रत्येक समस्या के अलग अलग समाधान ढूंढे। हर बीमारी की एक दवा नहीं होती। हम विचारधारा के फेर में फँस के समस्या को भूल जाते हैं, समाधान को खो देते हैं।
बच्चे ने कहा - सर! इतने सालों से मैं कम्युनिस्टों के साथ हूँ, अपनी विचारधारा को एक दिन में छोड़ तो नहीं सकता। लेकिन यह किताब पढ़ूँगा जरूर।
छोटी सी पर आरंभिक सफलता। वामपंथ के खोल को भेदते हुए मैं उसके मर्म तक पहुँच सका, तो सिर्फ इसलिए कि वह अभी भी सामाजिक आर्थिक असमानता से आहत था, समाधान चाहता था। वह क्लासिकल मर्क्सिज्म का शिकार था, कल्चरल मर्क्सिज्म का नहीं। उसने अपने देश, समाज से घृणा करनी आरंभ नहीं की थी। उसे जेएनयू के कन्हैया टाइप गुंडों से सहानुभूति नहीं थी जो भारत के टुकड़े टुकड़े के नारे लगाते हैं। पर उसे शिकायत थी कि शिक्षा फ्री क्यों नहीं है।
मैंने उसे समझाया - तुम्हारा हिस्सा वे जेएनयू वाले खा जा रहे हैं जो दिल्ली में वर्षों वर्षों तक दस रुपये महीने के कमरे में पड़े सब्सिडी की रोटियाँ तोड़ते हैं। वे तुम्हारी लड़ाई नहीं लड़ रहे, तुम्हारे बहाने से पब्लिक के पैसे पर ऐश कर रहे हैं। वामपंथी भी यही करते हैं। गरीबों के बहाने से गरीबों के हिस्से के पैसे पर ऐश करते हैं। |
मुंबई। साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था "हस्ताक्षर" की मासिक काव्य गोष्ठी संस्था कार्यालय दहिसर पूर्व में संपन्न हुई। कार्यक्रम के अध्यक्ष रासबिहारी पाण्डेय, मुख्य अतिथि उषा सक्सेना की उपस्थिति तथा सूर्यकांत शुक्ला के संचालन में कवि रवि यादव, जवाहरलाल निर्झर, शिवनारायण कनौजिया, सत्यस्वरूप निराला, सूर्यकांत शुक्ला, बबलू कनौजिया, डां.जे पी बघेल, उषा सक्सेना, रासबिहारी पांडे ने काव्य पाठ किया। अन्त में सत्य स्वरूप निराला ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया । यह संस्था पिछले कई वर्षों से नवोदित कवियों को मंच प्रदान करने हेतु हर महीने के दूसरे रविवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन करते आ रही है। |
दोस्तों कभी भी जल्दबाजी में निर्णय ना ले क्योंकि जल्दबाजी में लिया गया निर्णय ज्यादातर गलत ही होता है ।
दोस्तों कभी भी भावनाओं में बह कर निर्णय ना लें क्योंकि अक्सर भावनाओं में बह कर लिए गए निर्णय गलत ही होते है।
जब भी आप निर्णय ले सबसे पहले लाभ-हानि की एक लिस्ट बना लीजिए ।इससे आपको एक सही निर्णय लेने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
दोस्तों आज हमनें जाना कि हम एक सही निर्णय कैसे ले सकते हैं ? आज का निर्णय कैसे हमारे भविष्य को भी प्रभावित कर सकता है । |
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव अर्थात ७५ वीं गौरवशाली वर्षगाँठ पर स्वाभाविक ही है हम जनजातीय समाज का भी स्मरण करें। जनजातीय समाज का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपना व्यापक, विस्तृत व विशाल योगदान रहा है। विदेशी आक्रान्ताओं के विरुद्ध वर्ष ८१२ से लेकर १९४७ तक भारत की अस्मिता के रक्षण हेतु इस समाज के हजारों लाखों यौद्धाओं ने अपना सर्वस्व बलिदान किया है।
जनजातीय समाज की आतंरिक सरंचना ही कुछ इस प्रकार की विलक्षण है कि यह सदैव स्वयं को देश की मिट्टी से जुड़ा हुआ पाता है। इस समाज की प्रत्येक पीढ़ी ने केवल जनजातीय परम्पराओं और राज्यों के लिए ही संघर्ष नहीं किया बल्कि वनों से लेकर नगरीय समाज तक प्रत्येक देशज तत्व की विदेशियों से रक्षा का कार्य इन्होने किया है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में जनजातीय समाज की अद्भुत गौरवशाली सैन्य, सांस्कृतिक, सामाजिक, कला, नाट्य, वास्तु, खाद्ध्य परंपरा, चित्रकला, शस्त्र विद्या, आपताकाल में कूट शब्दों में संवाद, वनप्रेम, प्रकृति पूजा, पशुप्रेम व आदि जैसे अनेकों अनूठे व विलक्षण गुणों की चर्चा आवश्यक हो जाती है।
अंग्रेजों के बाद से अब तक पिछले तीन सौ वर्षों से वनवासी बंधू नगरीय समाज की कुदृष्टि का शिकार रहे है। अंग्रेजी शासन के दो सौ वर्षों मे तो जनजातीय समाज जैसे अंग्रेजों की गिद्धदृष्टि के केंद्र मे था। धर्मांतरण की दृष्टि से ब्रिटेन से जितनी भी राजनैतिक, आर्थिक, समाजसेवी संस्थाएं आती थी वे सबसे प्रथम जनजातीय समाज को ही अपना शिकार बनाती थी। होता यह था की अंग्रेजों को देश मे शासन करने के लिए यहां वहां सतत प्रवास करना होता था।
वनों, खनिज-खदानों व अन्य प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अंग्रेज़ो का लक्ष्य था और ये सभी जनजातीय क्षेत्रों मे स्थित थे। अंग्रेजों को यहाँ प्रवास करने होते थे और जंगलों से गुजरना होता था, तब प्रवास मे बहुधा ही उनका संघर्ष इस जनजातीय समाज से होता था। अंग्रेज़ो व जनजातियों के परस्पर संघर्ष भारत के नगरीय समाज के संघर्षों से कहीं बहुत अधिक पैने, मारक व हानिप्रद सिद्ध होते थे अंग्रेज़ो के लिए।
इन संघर्षो से घबराकर अंग्रेजों ने जनजातीय समाज को अपनी नीतियों का केंद्र बना लिया था। दबाव से, दमन से, बहला फुसलाकर, लालच देकर, येन केन प्रकारेण अंग्रेज़ जनजातीय समाज को नियंत्रण मे रखना चाहते थे। अंग्रेजों ने इस हेतु न जाने कितने ही हास्पिटल, विद्यालय, महाविद्यालय, सेवा प्रकल्प, रोजगार के साधन जनजातीय समाज को दिये, किंतु, जनजातीय समाज था कि किसी भी प्रकार से अंग्रेजों के वश मे नहीं आया था।
यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि आखिर क्या कारण था की बेहद साधनहीन, निर्धन व कम से कमतर साधनों से जीवन जीने वाला जनजातीय समाज अंग्रेज़ो से न तो दबाव मे आता था और न ही उनके बहलावे फुसलावे मे आता था। यह अंग्रेजों ही नहीं अपितु शेष नगरीय भारतीयों के लिए भी आश्चर्यमिश्रित श्रद्धा का विषय था कि वनवासी सतत दो सौ वर्षों तक अंग्रेजों के साथ संघर्ष करते रहे किंतु कभी उनसे दबे नहीं।
देश के कोने कोने में जनजातीय बंधू ऐसे बसे हुए थे की उनमें परस्पर कोई संवाद नहीं था। उस कालखंड में संवाद संचार के माध्यम होते भी नहीं थे। समूचे देश में सैंकड़ों किमी दूर दूर बसे वनवासी समाज में केवल एक ही समानता थी की ये सभी अपनी भूमि, संस्कृति, परम्पराओं हेतु नागर समाज से बड़ा व पैना संघर्ष करते रहे। देश के विभिन्न भागों में बसे इन वनवासी समाज के प्रत्येक भाग में विदेशी आक्रान्ताओं के विरुद्ध संघर्ष सदैव ही जागृत दिखाई देता था।
यद्दपि इन सतत संघर्षों मे वनवासी समाज ने लाखों बलिदान दिये और वे अपनी भूमि छोड़कर यहां वहां भागने को विवश होते रहे तथापि वे अंग्रेज़ो के परम लक्ष्य धर्मांतरण से मीलों दूर ही रहे। धर्मांतरण हेतु जिस प्रकार का अत्याचारपूर्ण चरम दबाव अंग्रेजों ने वनवासियों पर बनाया था, जिस प्रकार के करोड़ो रुपयों के स्वास्थ्य शिक्षा प्रकल्प जनजातीय क्षेत्रों मे प्राम्भ किए थे उस हिसाब से स्वतंत्रता तक भारत मे जनजातीय समाज समाप्तप्राय हो जाना चाहिए था।
बलिहारी इस समाज की, कि, यह तमाम दबावों के बाद भी अपनी संस्कृति को सुदृढ़ता से थामे रहा। यह एक अध्ययन का विषय है कि जनजातीय समाज की इस जिजीविषा का कारण व ऊर्जा का स्त्रोत क्या था? जनजातीय समाज की जिजीविषा का अशेष स्त्रोत था उनके बड़ादेव, देव परंपरा, पूजा पद्धति, प्रकृति को देव मानने की उनकी अटूट आस्था व सबसे बड़ी बात उनके भगत, भूमका, बड़वे, भोपे आदि।
जनजातीय बंधुओं की समाज व्यवस्था भी उनकी इस सुदृढ़ता का बड़ा कारण थी। जिस प्रकार मधुमक्खी के छत्ते मे करोड़ो मधुमक्खियाँ केवल एक रानी मक्खी से नियंत्रित रहती थी उसी प्रकार जनजातीय समाज भी अपने अपने स्थानीय टोले के भगत, भूमका, बड़वे, भोपे के प्रत्यक्ष नियंत्रण मे रहने को ही अपना धर्म समझता था। जिस प्रकार रानी मधुमक्खी अपने झुंड के हितों हेतु अपना सर्वस्व त्यागने हेतु भी तत्पर रहती है उसी प्रकार जनजातीय समाज के ये भगत भूमका भी अपने बजरे, टोले, ढाने के लिए वैचारिक ढाल की भूमिका मे अटल बने रहते थे।
यह भी सत्य ही है कि यदि ये जनजातीय समाज अंग्रेजों के संपूर्ण गुलाम बन जाते तो संभवतः अंग्रेज़ भारत से आज भी न गए होते। और, यह भी सत्य है कि जनजातीय और वनवासी समाज अंग्रेजों से केवल और केवल अपनी समाज व्यवस्था व देव प्रेम के कारण ही लोहा ले पाया था। यही कारण रहा कि जनजातीय समाज भारत की सामरिक रीढ़ रहा है।
नगरीय दृष्टि से देखने पर यह यह एक दीन, हीन, हेय समाज लगता है। दुखद यह है कि इस वनवासी समाज को आज भी दैन्य दृष्टि से ही देखा भी जाता है, किंतु आदिकाल से लेकर आज तक यह भारत का सर्वाधिक आत्मनिर्भर, समृद्ध, सुसंस्कृत, सुशील व श्रेष्ठ समाज रहा है। संघर्षों मे वनवासी समाज ने लाखों बलिदान दिये और वे यहां वहां भागने को विवश होते रहे तथापि वे अंग्रेज़ो के परम लक्ष्य धर्मांतरण से मीलों दूर ही रहे।
धर्मांतरण हेतु जिस प्रकार का चरम दबाव अंग्रेजों ने वनवासियों पर बनाया था जिस प्रकार के करोड़ो रुपयों के स्वास्थय शिक्षा प्रकल्प जनजातीय क्षेत्रों मे प्राम्भ किए थे उस हिसाब से स्वतंत्रता तक भारत मे आरण्यकसमाज को समाप्तप्राय हो जाना चाहिए था। बलिहारी इस समाज की, कि, वह तमाम दबावों के बाद भी अपनी संस्कृति को सुदृढ़ता से थामे रहा।
आज भी देश का कथित सभ्य व नागर समाज जनजातीय समाज की इस देव परंपरा के मर्म को नहीं समझ पाया है। हम देखेंगे तो पाएंगे कि जनजातीय समाज की देव परंपरा शनैः शनैः हमारे ग्रामीण परिवेश मे तो भली भांति प्रवेश कर गई है और कई स्थानों पर नगरीय क्षेत्र भी इन जनजातीय देवी देवताओं को पूजते हैं। हमारे लगभग सभी कस्बों, ग्रामों, नगरों के प्रारम्भ मे मिलने वाले खेड़ापति मंदिर जनजातीय देव परंपरा का ही एक अंग है।
जनजातीय देव जैसे बड़ादेव, बुढ़ादेव, फड़ापेन, घुटालदेव, भैरमदेव, डोकरादेव, चिकटदेव, लोधादेव, पाटदेव, सियानदेव, ठाकुरदेव आदि देवता आज वनवासी समाज के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों मे भी पूजनीय देव माने जाते हैं। यह देव परंपरा ही गहन अरण्य में रहने वाले आरण्यक समाज, ग्रामों के ग्रामीण समाज व नगरों के नागर समाज की जिजीविषा का मर्म है। इस परंपरा को हम जितना थामे रखेंगे उतना ही स्वदेश जीवित रह पायेगा, अन्यथा तो अपने ही देश मे हमारा परदेशी होना तय है।
लेखक विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में राजभाषा सलाहकार है।
दक्षिण कोसल टुडे वेबपोर्टल के निर्माण उद्देश्य दक्षिण कोसल की संस्कृति, साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, लोक जीवन आदि का अभिलेखीकरण, संरक्षण तथा इसके माध्यम से इतिहास के प्रति लोक चेतना जागृत करना है, जिससे आगामी पीढ़ी चैतन्य हो सके। उपरोक्त विषयों में शोधार्थियों का मार्गदर्शन हो एवं उनको सहयोग भी मिल सके। दक्षिण कोसल टुडे नामक इस प्रकल्प को संस्कृति, साहित्य, इतिहास, साहित्य, लोक जीवन के अभिलेखीकरण के माध्यम से संरक्षित एवं सर्वसुलभ बनाने के लिए प्रारंभ किया है। आप उपरोक्त भू-भाग एवं कालखंड के अनुसार अपने प्रमाणिक आलेख (संदर्भ सहित) हमें प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं। |
राजू श्रीवास्तव का असली नाम सत्यप्रकाश श्रीवास्तव था। कानपुर की गलियों से निकलकर सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव को लोग गजोधर भईया या फिर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के नाम से ही जानते हैं,
श्रीवास्तव का असली नाम सत्यप्रकाश श्रीवास्तव था। कानपुर की गलियों से निकलकर सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव को लोग गजोधर भईया या फिर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के नाम से ही जानते हैं,
राजू श्रीवास्तव को बचपन से ही मिमिक्री का शौक था। उन्होंने एक इंटरव्यू मे बताया था कि उनके स्कूल प्रिंसिपल ने हमेशा ही उनके मिमिक्री की प्रतिभा को प्रोत्साहित किया।
संघर्ष में ऑटो भी चलायासाल १९८२ में राजू श्रीवास्तव मौका तलाशने मुंबई चले आए। यहां मायानगरी में उनका संघर्ष शुरू हुआ।
तेजाब के जरिए रखा बॉलिवुड में कदमराजू श्रीवास्तव ने बॉलीवुड में अनिल कपूर की फिल्म तेजाब के जरिए कदम रखा था।
राजनीति में भी आजमाया हाथराजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी के बाद राजनीति में भी हाथ आजमाया। साल २०१४ में उन्हें समाजवादी पार्टी ने कानपुर से लोकसभा का टिकट दिया। |
"डॉ. अमरप्रसाद भट्टाचार्य द्वारा लिखित "निम्बार्क ओ द्वैताद्वैत दर्शन" में प्रदत्त गुरुपरम्परा की तालिका में हंस भगवान से लेकर अब तक ५६ आचार्यों का उल्लेख किया है।"
चूंकि आप निम्बार्क सम्प्रदाय से निकट से जुड़े हुए हैं, इसलिए आपको इस सम्प्रदाय की बहुत सी सूक्ष्म बातों का ज्ञान होगा। इसलिए यह अच्छा ही है कि आप जैसे लोग इन विषयों पर योगदान करें। किन्तु इसके साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि विकिपीडिया के लेखों के लिए निर्धारित सिद्धान्तों का भी बहुत अधिक उल्लंघन न हो। मैं जानता हूँ कि जो नए लोग आते हैं वे विकिपीडिया के सिद्धान्तों से अनभिज्ञ होते हैं। इसलिए जो लोग यहाँ बहुत दिनों से कार्यरत हैं (और विशेषकर, प्रबन्धकगण) उनमें इतनी क्षमता होनी चाहिए कि नवागन्तुकों के गुणदोषों के झट से पहचान जाँय और प्यार से उनके दोषों को हटाने के बारे में बताएँ। अच्छा तो हो कि कुछ सुधार करके उदाहरण प्रस्तुत करें और बताएँ कि आप अमुक-अमुक बात को अमुक तरीके से करें।
जहाँ तह ५६ आचार्यों के उल्लेख की बात है, उसे दूसरे तरह से मैं यह कहूँगा कि विकिपीडिया की दृष्टि से वह वाक्य उत्तम है। यहाँ यह विचार नहीं रखा गया है कि डॉ अमरप्रसाद भट्टाचार्य ने जो लिखा है वही सही है। बस यह कहा गया है कि अमुक लेखक की अमुक पुस्तक में अमुक विचार है। यदि किसी को लगता है कि उससे भिन्न विचार भी हैं (और अधिक तर्कसंगत या अधिक तथ्यसम्मत हैं) तो उपरोक्त विचार के साथ उससे भिन्न विचार को भी उद्धृत करना चाहिए, जो आप जैसे लोग कर सकते हैं।
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१। कंडेनसिंग इकाई, मुख्य नियंत्रण बोर्ड, ठंडे कमरे अस्थायी नियंत्रण बोर्ड और ऑपरेशन बोर्ड सहित इलेक्ट्रिक घटक। शीत कक्ष अस्थायी नियंत्रण और ऑपरेशन बोर्ड वैकल्पिक हैं।
२। मुख्य नियंत्रण बोर्ड सिस्टम कम वोल्टेज द्वारा कंप्रेसर को शुरू / बंद कर सकता है, सुपर मार्केट, दूध कंटेनर, वॉटर चिलर इत्यादि के लिए उपयुक्त हो सकता है। यदि सभी वैकल्पिक शामिल हैं, तो सिस्टम अस्थायी रूप से कंप्रेसर को अस्थायी रूप से नियंत्रित कर सकता है। और डेफ्रोस्टिंग समायोजन। नियंत्रण प्रणाली का पूरा सेट सीधे ठंडे कमरे के लिए उपयोग किया जा सकता है, कोई अतिरिक्त नियंत्रक आवश्यक नहीं है।
३। चरण संरक्षण, चरण की कमी, वर्तमान में, कंप्रेसर, निर्वहन अस्थायी और सिस्टम उच्च / निम्न अस्थायी की निरंतर प्रारंभ सहित बहु सुरक्षा के साथ।
४। प्रशंसक गति नियामक के साथ, कंडेन्ज़िंग टेम्प के अनुसार कंडेन्ज़िंग प्रशंसक समायोजित करने के लिए।
५। ऑपरेशन डेटा डिस्प्ले फ़ंक्शन के साथ, कंप्रेसर, डिस्चार्ज अस्थायी और कंडेनसिंग अस्थायी ऑपरेशन की जांच करने के लिए।
६। सिस्टम अलार्म फ़ंक्शन के साथ, जब गलती प्रभाव होता है, तो सिस्टम उपयोगकर्ता को याद दिलाने के लिए अलार्म बीप ध्वनि देगा।
७। ऑपरेशन बोर्ड अस्थायी सेटिंग, डिफ्रॉस्टिंग नियंत्रण, ऑपरेशन सिस्टम डेटा जांच और रूम अस्थायी, अलार्म फ़ंक्शन दिखा सकता है। इसे रिमोट कंट्रोल के लिए कंडेनसिंग इकाई के अलावा स्थापित किया जा सकता है। |
जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि सविता को बिस्तर गर्म करने की कला में कमाल हासिल है। पर पता चला है कि सविता शुरू से ही गणित में भी कमाल थी, अत: जब उसकी एक पुरानी सहेली ने उससे अपने उन्नीस वर्षीय शर्मीले भाई को घर में गणित पढ़ाने का अनुरोध किया तो सविता खुशी से मान गई।
सविता ने सूरज को गणित पढ़ाने-लिखाने के साथ साथ उसकी लड़कियों के सामने शर्माने की आदत से छुटकारा दिलाने का भी निश्चय किया। फिर शुरू होता है निजी शिक्षिका सविता का एक सप्ताह लम्बा फरेबी कार्यक्रम !
क्या सविता शर्मीले सूरज की शर्म छुड़ा पाने में कामयाब हुई ? या यह सब सिर्फ एक उबाऊ गणित का सबक बन कर रह गया ! |
राष्ट्रपति भवन १ दिसंबर, २०२२ से सप्ताह में पांच दिनों के लिए जनता के देखने के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति भवन का दौरा बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार (राजपत्रित अवकाश को छोड़कर) को पांच समय स्लॉट में अर्थात १000- ११00 बजे, ११00-१200 बजे, १200-१300 बजे, १400-१500 बजे और १500-१600 बजे के बीच किया जा सकेगा।
राष्ट्रपति भवन के दौरे के अलावा, लोग सप्ताह में छह दिन मंगलवार से रविवार (राजपत्रित अवकाश को छोड़कर) राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर का दौरा कर सकते हैं।
प्रत्येक शनिवार को लोग ०८०० बजे से ०९०० बजे तक राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में चेंज ऑफ गार्ड समारोह भी देख सकते हैं। राजपत्रित अवकाश होने पर या राष्ट्रपति भवन द्वारा ऐसा अधिसूचित करने पर यह समारोह शनिवार को नहीं होगा।
आगंतुक वेबसाइट पर अपने स्लॉट ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। |
भारत एक विकासशील देश है, जिसका विकास कृषि पर निर्भर करता है और कृषि का विकास ट्रैक्टरों पर। भारत और यह की कृषि के विकास के लिए जरूरी हैं सबसे बेहतरीन ट्रैक्टर, इसलिए हम जानने की कोशिश कर रहें है कि भारत के सबसे बेहतरीन ट्रैक्टर कौनसे हैं। हम आपको बता रहें है ऐसे ट्रैक्टर जो ताक़त, प्रदर्शन और सुविधाओं के मामले में बेहतरीन हैं। हमने इन तीन मानकों के अलावा देखा हैं, सबसे विश्वसनीय ब्रांडों में से कौनसे ट्रैक्टर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और कौनसे ट्रैक्टरों को विशेषज्ञ भारत के लिए सबसे बेहतरीन मानते है। तो आइए जानते हैं ५ बेस्ट ट्रैक्टर्स ऑफ इंडिया कौनसे हैं?
ट्रैक्टर। जॉन डियर ५३१० एक ५५ एचपी ट्रैक्टर है जिसे असाधारण प्रदर्शन, शक्ति और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। शक्तिशाली इंजन और अत्याधुनिक तकनीक वाले इस ट्रैक्टर विभिन्न मिट्टी और परीस्थितियों में विस्तृत अनुप्रयोगों के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ विकल्प माना जाता है।
इस ट्रैक्टर आपको सभी आधुनिक फीचर मिलते हैं, पॉवर स्टीयरिंग, डुअल क्लच और ऑयल इमर्सेड ब्रेक जैसे फीचर इसे बेजोड़ बनाते हैं। ६८ लीटर के बड़े फ्यूल टैंक वाला यह ताक़त भर ट्रैक्टर पीटीओ और हाइड्रोलिक लिफ्ट के मामले में भी बेहतरीन हैं।
इस ट्रैक्टर फीचर्स और ताक़त के कारण ही यह आज इतना लोकप्रिय हुआ है। सभी कार्यों के लिए उपयुक्त जॉन डियर ५३१० पर अब तक किसान भरोसा जता चुके हैं। आप भी इस ट्रैक्टर पर विश्वास कर सकते हैं, इसकी कीमत आपको ८ से साढ़े ८ लाख तक पड़ सकती है।
फार्म ट्रैक ब्रांड का मशहूर ट्रैक्टर है- फार्म ट्रैक ६०। फार्म ट्रैक ६० के कई वैरांट्स बाज़ार में उपलब्ध हैं - फार्म्ट्राक ६० क्लासिक प्रो, फार्म्ट्राक ६० एपी सुपरमाक्स्क्स और फार्म्ट्राक ६० क्लासिक एपी त२० आदि। इन मॉडल ताक़त और के मामले में बेहतरीन मानें जाते हैं। बता दें जहां क्लासिक प्रो ४७ एचपी और ५० एचपी के दो वरियांट में आता है वहीं बाकी दो मॉडल ५० मॉडल ५० एचपी श्रेणी में सबसे उत्तम हैं।
फार्म ट्रैक ६० के सुपरमाक्स्क्स और टी २० मॉडल बेहतरीन फीचर्स के लिए जानें जाते हैं, इनमें वो सभी सुविधाएं है जिनकी तलाश में कोई किसान रहता है।
महिन्द्रा आज भारत की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी है, इसके कई पॉपुलर मॉडल है, कई ट्रैक्टरों ने बिक्री के रिकॉर्ड भी तोड़े हैं। ऐसा ही एक पॉपुलर मॉडल है महिंद्रा अर्जुन नोवो ६०५ दी -ई, जो बाज़ार में आने के बाद से ही लगातार चर्चा में रहा हैं। इस मॉडल को भारत के सबसे बेहतरीन ट्रैक्टरों में इसकी ताकत, तकनीक और गुणवत्ता के बूते पर लिया गया है। इस ५७ एचपी के ट्रैक्टर में वो सभी फीचर है जिनकी जरूरत भारत के आम किसान को पड़ सकती है। सिंकरोमेश ट्रांसमिशन, पॉवर स्टीयरिंग और ४८ एचपी के पीटीओ पावर जैसी हर वो बात इस ट्रैक्टर है जो खेती किसानी व ढुलाई कार्यों को आसान बनाती है।
अर्जुन नोवो दिखने में भी शानदार है, एक वेरिएंट तो एसी केबिन में आता है यानी कि यह हर मामले में सबसे आगे है लेकिन महिन्द्रा का यह ट्रैक्टर और भरोसा आपको ७.५ - ८ लाख रुपए की उचित कीमत में मिल सकता है।
एस्कॉर्ट्स कंपनी का पॉवर ट्रैक यूरो ५० आधुनिक तकनीक से लैस एक उत्तम ट्रैक्टर मॉडल है। लोड मैक्स्क्स और सुपरमाक्स्क्स वेरिएंट में उपलब्ध यह ५० एचपी ट्रैक्टर ३ सिलिंडर वाले इंजन के साथ आता है, जो इसे पर्याप्त ताक़त प्रदान करता है। इस ट्रैक्टर की खासियत इसकी मजबूती और इसमें मौजूद उन्नत तकनीक है, इसके अलावा यह ट्रैक्टर किसानों को कई विकल्प प्रदान कर सकता है। ऑप्शन में दिए गए फीचर खरीद कर किसान इसे एक ऐसा ट्रैक्टर बना सकता है जिसकी तुलना भी किसी से करना उचित नहीं होगा।
आपको बता अपनी इन सभी खासियतों के दम पर यह पॉवर ट्रैक मॉडल इंडियन ट्रैक्टर ऑफ द ईयर २०१९ का विजेता बना था। इसलिए इस इंडियन ट्रैक्टर ऑफ द ईयर का हमारी सूची में शामिल होना तो बनता है।
सोनालिका आज भारत की सबसे तेजी से बढ़ती हुई ट्रैक्टर कंपनी, भारत ही नहीं विश्वभर में ख्याति प्राप्त सोनालिका किसानों को बड़े से बड़े ताक़त भर मॉडल उपलब्ध कराती है। इनकी वर्ल्ड ट्रैक सीरीज ताक़त के लिए ही जानी जाती है, एसी केबिन वाला ९० एचपी का व्ट ९० तो सबसे हटकर है। ऐसा ही है वर्ल्ड ट्रैक ६० सिकंदर ट्रैक्टर, जो ना केवल ताकत वल्कि सुविधा और तकनीक के मामले में भी बेहतरीन है। ६० एचपी श्रेणी में सिकंदर सीरीज का यह ट्रैक्टर किसानों का काम तो आसान बनाता ही है, साथ ही आराम दायक सीट जैसी सुविधाएं देकर उन्हें कार वाला अनुभव देता है। इसके अलावा इसके ट्रैक्टर कई ऐसे फीचर सोनालिका देती है जो और कहीं नहीं मिलेंगे, अगर आप भी इस ट्रैक्टर के पूरे फीचर जानना चाहते है तो लिंक पर क्लिक करें और हां, अपने इलाक़े में ट्रैक्टर की कीमत देखने के लिए ऑन रोड प्राइस वाले बटन को दबाना बिल्कुल ना भूलें।
तो यह थे भारत के सबसे बेहतरीन ट्रैक्टर, अगर आपको कोई और ट्रैक्टर भी ज्यादा अच्छा लगता है तो हमें कमेंट कर बताएं और ट्रैक्टर व किसानी संबंधी इसी प्रकार की खास जानकारियों के लिए जुड़े रहें ट्रक्टर्ज्ञान के साथ। |
स. जयशंकर बायोग्राफी इन हिन्दी: भले ही आप राजनीतिक विज्ञान के विद्यार्थी हो या ना हो या फिर एक सामान्य नागरिक ही क्यूं ना हो आप सभी के लिए हमारा यह आर्टिकल बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस आर्टिकल में, आपको विस्तार से स. जयशंकर बायोग्राफी इन हिन्दी में बतायेगे।
स. जयशंकर किसी पहचान या फिर परिचय के मोहताज नहीं है बल्कि वे एक सेल्फ मेड मैन है जो कि, वर्तमान समय में, भारत के विदेश मंत्री है और अपने पड़ोसियो व विश्व के साथ बेहतर संबंधो के निर्माण में, स. जयशंकर की एक अमूल्य भूमिका रही है और इसीलिए आपको यह जानना बेहद जरुरी है कि, स. जयशंकर कौन है और उनका जीवन परिचय क्या है?
२ स. जयशंकर का जन्म कब, कहां औऱ किस परिवार में हुआ था?
६ स. जयशंकर के कितने बच्चे है और क्या कर रहे है?
स. जयशंकर का जन्म कब, कहां औऱ किस परिवार में हुआ था?
आज भारतीय विदेश मंत्रालय को संभालने वाले विदेश मंत्री अर्थात् श्री स. जयशंकर का जन्म १५ जनवरी, १९५७ को दिल्ली के रहने वाले श्री. के. सुब्रमह्णयम ( पिता ) व श्रीमति . सुलोजना ( माता ) नामक दम्पत्ति के यहां हुआ था।
जहां तक इनकी पारिवारीक पृष्ठभूमि की बात करे तो हम आपको बता दें कि, स. जयशंकर का जन्म एक सर्वगुण सम्पन्न परिवार में हुआ था क्योंकि उनके पिता श्री. के. सुब्रमह्णयम, भारतीय रणनीतिक मामलो के एक सुप्रसिद्ध दिग्गज व विशेषज्ञ हुआ करते थे जो कि, व्यवसाय से इयास अधिकारी थे और उनके बारे में हम आपको बता दें कि, उन्हें फादर ऑफ इंडियन स्ट्रटेजिक थॉट कहा जाता है।
स. जयशंकर की शुरुआती शिक्षा दीक्षा दिल्ली से हुई,
दिल्ली के सुप्रसिद्ध सेंट स्टीफन कॉलेज से स. जयशंकर ने राजनीतिक विज्ञान में, मा किया,
जवाहर लाल नेहरू विश्वविघालय ( ज्नू ) से इंटरनेशनल रिलेएशन्स में, म.फिल व फ.ड करने के बाद इन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरु की,
साल १९७७ में, जाकर स. जयशंकर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए जिसके फलस्वरुप स. जयशंकर ने, कई देशो में, राजनयिक तौर पर कार्यभार संभाला,
विभिन्न देशो में, सफलतापूर्वक राजनयिक का पदभार संभालने के बाद स. जयशंकर को सिंगापुर में उच्चायुक्त, चीन में राजदूत व अमेरिका में भी भारतीय राजदूत के तौर पर नियुक्त किया गया आदि।
इस प्रकार हमने आपको विस्तार से ना केवल स. जयशंकर की शुरुआती शिक्षा दीक्षा के बारे में बताया बल्कि हमने आपको उनकी शुरुआती करियर के बारे में भी बताया।
आप सभी पाठको व युवाओं को हम, बताना चहते है कि, स. जयशंकर की कुल २ शादियां हुई है।
जब स. जयशंकर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविघालय ( ज्नू ) से इंटरनेशनल रिलेएशन्स में, म.फिल व फ.ड की शिक्षा प्राप्त कर रहे थे उसी दौरान उनकी मुलाकात शोभा से हुई थी जो कि, पहले उनकी मित्र और आगे चलकर उनकी जीवन मित्र ( जीवन साथी ) बनी औऱ दोनो का एक सुखद वैवाहिक जीवन शुरु हुआ।
दुर्भाग्यवश, स. जयशंकर व शोभा का वैवाहिक जीवन, जिन्दगी के इस सफर की ज्यादा दूरी तय नहीं कर पाया क्योंकि शोभा को कैंसर के रोग के कारण बीच सफर में ही स. जयशंकर को अकेले छोड़कर जाना पड़ा जिसका स. जयशंकर पर गहरा प्रभाव पड़ा।
जीवन के बीच सफर में, शोभा का इस लाचारी से साथ छोड़ देने का स. जयशंकर पर गहरा प्रभाव पड़ा था लेकिन उन्होने अपने निजी जीवन को अपने सामाजिक जीवन पर हावी नहीं होने दिया और सौभाग्य से कुछ ही दिनो के बाद को चीन में राजदूत के तौर पर नियुक्त किया गया जहां पर उनकी मुलाकात क्योको से हुई।
शोभा के चले जाने के बाद स. जयशंकर के जीवन में आई कमी और खालीपनको भरने में, क्योको ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसका परिणाम यह हुआ कि, स. जयशंकर को क्योको से प्यार हो गया और दोनो ने, शादी करने का फैसला लिया जिसके फलस्वरुप शादी के बाद क्योको, क्योको जयशंकर बन गई और उनके खुशहार पारिवारीक जीवन की शुरुआत हुई।
स. जयशंकर के कितने बच्चे है और क्या कर रहे है?
उनके तीसरे बेटे है अर्जुन जिनके बारे में हमें कुछ खास जानकारी नहीं है आदि।
अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तार से स. जयशंकर के बच्चो के बारे में बताया।
हम आपको बताना चाहते है कि, स. जयशंकर ने, भारतीय राजदूत के तौर पर लम्बे समय से काम किया है और इसी के फलस्वरुप भारतीय राजदूत के तौर पर लम्बे समय तक काम करने का रिकॉर्ड स. जयशंकर के नाम है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, स. जयशंकर ने, चीन में भारतीय राजदूत के तौर पर सबसे लम्बे समय तक काम किया है और यही कारण है कि, स. जयशंकर चीन के साथ होने वाले भारत के किसी भी विवाद या आसने सामने की स्थिति को आसानी से सुलझा लेते है।
हम आपको बताना चाहते है कि, साल २००७ के भारत अमेरीका असैन्य परमाणु समझौते में स. जयशंकर ने, अपनी दूरदर्शी भूमिका का निर्वाह किया था और साथ ही साथ आपको यह भी बता दें कि, भारत व अमेरीका के बीच लम्बे समय से चले आ रहे देवयानी खोबरागड़े विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में स. जयशंकर ने, अपनी अमूल्य भूमिका का निर्वाह किया था।
साल २०१४ में, मोदी सरकार ने, आते ही भारतीय राजयनिक संबंधो को दुरुस्त करने के लिए मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए स. जयशंकर को विदेश सचिव के तौर पर नियुक्त किया।
स. जयशंकर ने, पूरे ५ सालो तक भारतीय विदेश सचिव के तौर पर कार्य किया और मोदी सरकार की विदेश नीति के निर्माण में, स. जयशंकर की बड़ी भूमिका मानी जाती है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण यही है कि, साल २०१४ में, मोदी की अमेरीका यात्रा की पूरी नीति का निर्माण स. जयशंकर ने ही किया था।
मोदी सरकार ने, अपने पहले कार्यकाल में, स. जयशंकर को विदेश सचिव के तौर पर नियुक्त किया था जिसमें स. जयशंकर ने, उम्मीद से बढ़कर कार्य किया और भारत के वैदेशिक संबंधो के निर्माण में एक अमूल्य भूमिका निभाई थी।
उनकी इसी फलदायी व अमूल्य भूमिका को देखते हुए मोदी सरकार ने, साल २०१९ में, अपने कार्यकाल के दूसरे चरण में, स. जयशंकर को भारतीय विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त किया और इस प्रकार स. जयशंकर भारतीय विदेश मंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यो का निर्वाह कर रहे है।
अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तार से स. जयशंकर के अब तक के सफल व भारत हितकारी करियर की जानकारी आपको प्रदान की।
राजनीतिक विज्ञान के सभी विद्यार्थियो व सभी भारतीय नागरिको को जो कि, भारत को विश्व महाशक्ति के तौर पर देखना चाहते उन्हें हमने अपने इस आर्टिकल में, विस्तार से स. जयशंकर बायोग्राफी इन हिन्दी मे प्रदान की ताकि आप सभी उनके जीवन के सभी पहलूओं को करीब से देख व समझे सकें और उनसे प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त करके अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
न्क मॉनीटर खासकर हमने उन लोगों के लिए बनाया है जो सच में जीवन में कुछ करके आगे बढ़ना चाहते हैं। दोस्तों इस ब्लॉग पर हम प्रेरक विचारों के अलावा स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी देंगे। इस ब्लॉग माध्यम से हम अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाएंगे तथा साथ ही कुछ महापुरुषों के विचारों से भी अवगत करवाएंगे और महान लोगों की जीवनियाँ आपके सामने प्रस्तुत करते रहेंगे। |
कोपभवन के घटनाक्रम की जानकारी बाहर किसी को नहीं थी। कैकेयी अपनी जिद पर अड़ी थी। सारे नगर में राम के राज्याभिषेक का उत्साह था। गुरु वशिष्ठ, महामंत्री सुमंत्र सभी शुभ घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे। महाराज के न आने पर महर्षि ने सुमंत्र को राजभवन भेजा। मंत्री सुमंत्र ने देखा महाराज पलंग पर बीमार अवस्था में पड़े हैं। दशरथ ने टूटते स्वर में राम से मिलने की इच्छा जाहिर की।
राम के साथ लक्ष्मण भी वहाँ आ गए। राम ने पिता और माता कैकेयी को प्रणाम किया। राजा दशरथ उन्हें देखकर राम कहकर मूर्छित हो गए। होश आने पर भी वे कुछ नहीं बोले। राम ने पिता से पूछा-"पिताजी मुझसे कोई अपराध हुआ है? कैकेयी बोली-"महाराज दशरथ ने मुझे दो वरदान दिए थे। मैंने कल रात्रि दोनों वर माँगे। जिससे यह पीछे हट रहे हैं। मैं चाहती हूँ कि राज्याभिषेक भरत का ही हो और तुम चौदह वर्ष के लिए वन में रहो| राम पिता के वचन को पूरा करने के लिए आज ही वन जाने के लिए तैयार हो गए। कैकेयी के महल से निकलकर राम सीधे अपनी माता कौशल्या के पास गए। उन्होंने माता कौशल्या को कैकेयी के भवन में हुए वार्तालाप के बारे में बताया और अपना निर्णय सुनाया। कौशल्या ने उन्हें अनुचित राजाज्ञा न मानने के लिए कहा पर राम ने इसे पिता की आज्ञा मानकर माता से वन जाने के लिए आशीर्वाद माँगा। कौशल्या ने अपने पुत्र को दसों दिशाओं को जीतने का आशीर्वाद दिया।
लक्ष्मण राम के इस निर्णय से सहमत न होकर इस आज्ञा का विरोध करना चाहते थे| राम ने उन्हें समझाया| कौशल्या-भवन से राम सीता के पास गए और उसे सारी बातें बताकर वन जाने के लिए विदा माँगी। सीता उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गई क्योंकि उसे उसके पिता ने सदा अपने पति की छाया बनकर रहने का उपदेश दिया था। लक्ष्मण भी राम के साथ जाने के लिए तैयार हो गए। तीनों वन जाने के लिए तैयार होकर पिता का आशीर्वाद लेने आए। वहाँ तीनों रानियाँ, मंत्रिगण आदि भी उपस्थित थे। सब कैकेयी को समझा रहे थे, पर वह टस-से-मस नहीं हुईं। दशरथ ने कहा कि - पुत्र मैं वचन से बँधा हूँ परन्तु तुम्हारे ऊपर कोई बंधन नहीं है। तुम मुझे बंदी बनाकर राज संभालो। राम ने उन्हें समझाया कि उसे राज्य का लोभ नहीं था। कैकेयी ने राम, लक्ष्मण और सीता को वल्कल वस्त्र दिए। उन्होंने राजसी वस्त्र त्याग कर तपस्वियों के वस्त्र पहन लिए और महल से बाहर आ गए। |
केंद्र ने २४ मार्च को राज्यसभा को बताया कि वह प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म में अनियमितताओं की जांच के लिए एक संसदीय पैनल द्वारा अनुशंसित मीडिया आयोग के गठन पर विचार नहीं कर रहा है।
संसद के उच्च सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार नीति निर्माण के लिए नियमित रूप से हितधारकों से मिलती है।
सरकार नियमित रूप से हितधारकों के साथ परामर्श करती है और नीति निर्माण, रणनीति बनाने आदि के लिए विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध डेटा/सूचना का उपयोग करती है। वर्तमान में मीडिया आयोग की स्थापना को आवश्यक नहीं माना जाता है, श्री ठाकुर ने एक लिखित प्रतिक्रिया में कहा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने अपनी सत्ताईसवीं रिपोर्ट में मीडिया परिषद के गठन पर आम सहमति बनाने के लिए इच्छुक समूहों/हितधारकों के बीच व्यापक परामर्श के लिए विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक मीडिया आयोग के गठन का सुझाव दिया था।
समिति ने कहा था कि आयोग मीडिया से जुड़े सभी जटिल मुद्दों पर गौर करेगा और अपनी स्थापना के छह महीने के भीतर समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। |
डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ज्दू के संगठनात्मक चुनाव की घोषणा हो गई है। ज्दू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव ८ दिसंबर को होगा और इसके अगले दिन ९ तारीख को नतीजे आ जाएंगे। मौजूदा ज्दू अध्यक्ष ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला दिसंबर में हो ही जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले ज्दू ने सदस्यता अभियान को तेज करने का फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक में ज्दू में छोटे से बड़े स्तर तक सभी प्रमुख पदों पर इस साल चुनाव होंगे। आम चुनाव २०२४ और विधानसभा चुनाव २०२५ के मद्देनजर पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है। ऐसे में संगठनात्मक चुनाव के जरिए पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत भी मिल रहे हैं। ज्दू अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर में तय किया गया है। इससे पहले नवंबर के आखिरी सप्ताह में ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी कराया जाएगा। हालांकि इसकी तारीख अभी तक घोषित नहीं की गयी है।
नीतीश की केंद्र पर नजर, सदस्य बढ़ाने में जुटी ज्दू: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजरें अब केंद्र की राजनीति पर है। वे आम चुनाव २०२४ से पहले विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं। उन्हें आगामी आम चुनाव २०२४ में विपक्ष का पीएम कैंडिडेट भी बताया जा रहा है। इस बीच ज्दू ने सदस्यता अभियान तेज करने का फैसला लिया है। बताया यह जा रहा है कि पार्टी ने चुनाव से पहले देशभर में ५० लाख नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। बिहार के बाहर अन्य राज्यों में भी ज्दू की जड़ें मजबूत करने की कवायद जारी है। |
यह मेरी निजी राय है कि राजनीतिक सोध के कारण संचार की प्रभावशीलता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। आप मेरे विचार से सहमत हो भी सकते हैं और नहीं भी। हर व्यक्ति के अलग-अलग अनुभव होते हैं। आप हमेशा वही व्यक्त करते हैं जो आपने देखा या अनुभव किया। मेरा अवलोकन यह है कि हमें सिखाया जा रहा है कि हमें क्या कहना चाहिए ,या क्या नहीं कहना चाहिए। यह कभी नहीं माना जाता है कि हम क्या महसूस करते हैं, या हम क्या कहना चाहते हैं। भले ही आप यह कहने में कामयाब रहे कि आप क्या महसूस करते हैं और आप क्या कहना चाहते हैं। अन्य लोग आपके संचार को विकृत करेंगे, आपके शब्दों को तोड़ मरोड़ देंगे और साबित करेंगे कि आपके पास संचार कौशल बिल्कुल नहीं है। यह सब राजनीतिक शुद्धता के कारण होता है। उदाहरण के लिए यदि आप अपनी वास्तविक जीवन की कहानियां सुना रहे हैं, तो लोग कहते हैं कि कृपया एक सुखद अंत वाली फिल्मी कहानी की तरह बताएं। हम इसे वास्तविक जीवन की कहानी क्यों कहेंगे? एक समय था जब हम सच्ची कहानियां साझा करते थे और फिल्में काल्पनिक कहानियों पर आधारित होती थीं। आजकल हम जीवन में काल्पनिक कहानियां सुनाते हैं और सच्ची कहानियों पर फिल्में बनती हैं। मैं आपको अपने विचार, अपने अनुभव, अपनी राय साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं ताकि अगर मैं गलत हूं, तो मेरे पाठ्यक्रम को सही करने में कभी देर न हो और आगे बढ़ने के लिए विश्वास हो। यह सौ प्रतिशत सच है कि मैंने लोगों से स्वस्थ तरीके से बात करने की कोशिश की लेकिन ईमानदारी से बता रहा हूँ , लोग हमेशा कहते हैं कि मैं बोलूंगा, आप कृपया सुनें। |