text
stringlengths 60
48.8k
|
---|
बहुत ऐसे सवाल है जिनके जवाब देने में आप फंस जाते होंगे। जैसे मुर्गी पहले आई या अंडा?? अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी?? जी हां ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब खुद में ही सवाल पैदा करते हैं। अब अंडा शाकाहरी है या मांसाहारी इस बात जवाब तो हम आपको कुछ दिन पहले अपने आर्टिकल के जरीए दे चुके हैं। लेकिन आज हम आपको इस पहेली से ज़रूर बाहर निकाल देंगे कि मुर्गी पहले आई या फिर पहले आया अंडा। पहले अंडा आया या मुर्गी ? जबसे आपने जन्म लिया होगा तभी से आप ये पहेली सुनते आ रहे होंगे। जिसके जवाब में कभी कोई कहता है कि पहले अंडा आया फिर मुर्गी आई, तो कोई कहता है मुर्गी के बिना अंडा आने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन आज इस पहेली का मनघड़ंत जवाब नहीं देंगे, बल्कि बताएंगे वो जवाब जो वैज्ञानिकों ने लंबे समय की रिसर्च के बाद बताया है।
शेफील्ड और वारविक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक दल ने दावा किया है कि धरती पर अंडे से पहले मुर्गी का जन्म हुआ था। वैज्ञानिकों ने पाया कि ओवोक्लाइडिन नाम का प्रोटीन अंडे की खोल के निर्माण में बेहद ज़रूरी होता है और यह प्रोटीन सिर्फ मुर्गी के अंडाशय से ही पैदा होता है। इस पहेली को साइंटिफिक रीज़न के साथ सुलझाते हुए वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर दावा कर दिया कि पहले मुर्गी आई और उसके बाद ही अंडा आया।
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह प्रोटीन मुर्गी के अंडाशय से पैदा होता है इसलिये पहले अंडा आया या मुर्गी अब यह पहेली सुलझ गई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि पहले मुर्गी आई और इसके बाद अंडा पैदा हुआ। रिसर्च से जुडे़ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. कोलिन फ्रीमैन ने कहा, लंबे समय से यह संदेह बना हुआ था कि अंडा पहले आया लेकिन अब हमारे पास वैज्ञानिक सबूत है जो हमें बताता है कि मुर्गी पहले आई।अब आपके मन में एक सवाल आ रहा है कि मुर्गी पहले कैसे आई।
असल में इसका जवाब यह है कि कुछ जानवर धरती पर पहले से ही मौजूद थे, जिनमें मुर्गी भी शामिल है । देखा दोस्तों वैज्ञानिकों ने कितना ठोस कारण दिया कि पहले धरती पर कौन आया। तो अब अगर कोई आपसे यह सवाल पूछे, तो वैज्ञानिक कारण बताते हुए उसे भी इस पहली के सच से वाकिफ करा दीजिएगा कि पहले तो मुर्गी ही आई उसके बाद अंडा आया। |
गंगा के पिता सागर पेशे से मोची का काम करते थे। परिवार का लालन-पालन सागर के ही कंधों पर था। दो वक़्त की रोटी उनके परिवार को आसानी से मिल जाती थी। सागर का काम बहुत अच्छा था। इसलिए गाँव के बहुत से लोग अपने जूते चप्पल की मरम्मत के लिए और कभी-कभी उन्हें चमकाने के लिए भी सागर के पास ही आया करते थे। यूं तो सागर का परिवार खुश था लेकिन यमुना, वह खुश नहीं थी। बचपन से अपनी माँ को सर पर ४-४ मटकी भर कर पानी लाता देख वह हमेशा दुखी हो जाती थी।
यमुना ऊपर से तो चुप हो गई लेकिन उसके अंदर की यमुना उछालें मार रही थी। उसे अपने इन सवालों का जवाब चाहिए था; लेकिन कौन देगा उसके इन सवालों का जवाब? यमुना बहुत ही संवेदनशील और समझदार लड़की थी। हालातों और विषम परिस्थितियों ने उसे वक़्त से पहले ही बड़ा कर दिया था। सोचने समझने की शक्ति भी उसके पास कुछ ज़्यादा ही थी। बड़ी होते-होते उसे पता चल गया था कि उनकी जाति को नीची जाति का माना जाता है, उन्हें अछूत माना जाता है। वह सोचती भगवान ने ही तो सबको बनाया है फिर यह भेद भाव क्यों? इसीलिए उन्हें गंगा-अमृत के पास जाने की अनुमति नहीं है लेकिन यह बात उसे किसी भी क़ीमत पर हजम नहीं हो रही थी। यमुना अपने पिता की डांट सुन कर भी अक्सर गंगा-अमृत से पानी लाने की ज़िद किया करती थी। गंगा-अमृत ऊँची जाति के लोगों की जागीर है हमारा उस पर कोई हक़ नहीं। अपने पिता की यह बात यमुना सुनना ही नहीं चाहती थी। यह सब कुछ अब तो रोजमर्रा की बातें हो गई थीं इसलिए सागर भी यमुना की बातों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते थे।
इस साल इंद्र देवता शायद कुछ ज़्यादा ही नाराज थे। बादल आते ज़रूर थे पर मुंह दिखा कर वहाँ से कहीं और दूर-दराज के गाँव की ओर निकल जाते थे; मानो वीरपुर वालों को देख कर मुस्कुरा रहे हों या गंगा-अमृत को लबालब भरा देखकर सोचते हों कि इस गाँव के लोगों को पानी की क्या कमी है। इन्हें तो गंगा मैया अपनी कोख से पानी निकाल कर देती हैं। वह बेचारे बादल इंसानों की काली करतूत कहाँ जानते थे। इस बार कुएँ सूख रहे थे। नर्मदा रोज़ की तरह आज भी तीन-चार घड़े लेकर पानी लेने के लिए जाने लगी। |
बॉलीवुड अभिनेता और प्रोड्यूसर अरबाज खान की गर्लफ्रेंड जॉर्जिया एंड्रियानी सुर्खियों में बनी रहती हैं।
वे अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड और ग्लैमरस तस्वीरें शेयर करती हैं।
बता दें कि हाल ही में जॉर्जिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने कुछ बोल्ड तस्वीरें शेयर की है।
तस्वीरों में जॉर्जिया बिकनी में समंदर किनारे नजर आ रही हैं। तस्वीरों में जॉर्जिया का लुक देखने लायक है।
फैंस जमकर उनकी तस्वीरों पर कमेंट कर रहे हैं। बता दे कि उन्होंने हाल ही में बीच पर एक फोटोशूट कराया है।
बता दे कि जॉर्जिया एक जानी-मानी एक्ट्रेस और मॉडल है। वे अपनी फिटनेस को लेकर बहुत कॉन्शियस रहती हैं।
अपने लेटेस्ट फोटोशूट में जॉर्जिया काफी फिट और ग्लैमरस नजर आ रही हैं। यह फोटोशूट उन्होंने समंदर किनारे कराया है।
कि, लाइफ इज बीच। जैसे ही उन्होंने अपनी तस्वीरें शेयर की है। थोड़ी ही देर में यह तस्वीर वायरल हो गई।
उनकी तस्वीरों पर बॉलीवुड सेलिब्रिटी से लेकर उनके फैंस जमकर कमेंट कर रहे हैं।
जॉर्जिया जल्दी बॉलीवुड फिल्मों में एंट्री करने जा रही हैं। खबर है कि वह जल्द ही, वेलकम टू बजरंगपुर फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखेंगी।
संजय मिश्रा और तिग्मांशु धूलिया जैसे मंझे हुए कलाकार भी नजर आएंगे।
इसके अलावा जॉर्जिया अरबाज खान और प्रिया वरीयर की फिल्म श्रीदेवी बंगलो में भी आइटम सॉन्ग करने वाली है। |
नोकिया का सबसे महंगा मोबाइल क्या आप जानते हैं नोकिया का सबसे महंगा मोबाइल फ़ोन कौन सा है नोकिआ भारत की एक मशहूर मोबाइल कंपनी है हालांकि २०१४ से नोकिआ का मार्केटप्लेस काफी गिर चुका था क्योंकि नोकिया कंपनी एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनाने से नकार दिया था हालांकि २०१९ में नोकिया ने वापस अंड्रॉयड ऑप्रतिंग सिस्टम को आप्प्ली करा उस के बाद २०२० में नोकिया का सबसे फोन भी लॉन्च किया है।
नोकिया के सबसे महंगे फ़ोन में आपको कुछ टॉप क्वालिटी के फ्धटर् देखने को मिलते है और अगर बात करें नोकिया के स्मारफोन की तो नोकिया का सबसे सस्ता मोबाइल १२०० रुपए से शुरू और नोकिया का सबसे महंगा मोबाइल लाखों रुपए तक है लेकिन इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में नोकिया का सबसे महंगा मोबाइल कौन सा है और उसकी कीमत क्या है और साथ में जानेंगे कि नोकिया के सबसे महंगे मोबाइल को आप कहां से खरीद सकते हैं।
लेकिन इसे पहले से पहले बताना चाहूंगा हमने अपने पिछले पोस्ट में सैमसंग के सबसे सस्ते मोबाइल और रियल मी का सबसे महंगा मोबाइल के साथ साथ रियल मी का सबसे सस्ता मोबाइल और अलावा अन्य मोबाइल के बारे में जानकारी शेयर करि है आप उसे भी दिए गए लिंक द्वारा पढ़ सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं नोकिया कंपनी का सबसे महंगा फोन कौनसा है और नोकिया के सबसे महंगे मोबाइल की कीमत क्या है साथ ही इसके हाई लाइट फ्धटर् स्पेसिफिकेशन के बारे में भी आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे तो जानते है भारत में नोकिआ के सबसे महंगे मोबाइल फ़ोन के बारे में ।
अभी ताकि नोकिया का सबसे महंगा फोन नोकिया ९ पूरेवीव है जिसका प्राइस 34९९९ रूपए है इस मोबाइल के सबसे ख़ास बात ये है की इसमें आपको ५ बऐक कमरे देखने को मिलते है ।
साथ इसमें आपको बहुत कमाल के फीचर्स देखने को मिलते है हालांकि मार्केट में अब नोकिया के सबसे महंगे मोबाइल फोन के बजट के मुकाबले मैं और भी बेहतरीन मोबाइल आ चुके हैं जिनमें आपको इस मोबाइल के मुकाबले और भी अच्छे फ्धटर् मिलते हैं।
अब बात करते है नोकिया ९ पूरेवीव के सभी प्रीमियम फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के साथ इसके बेहतरीन बिल्ड क्वालिटी के बारे में विस्तार से ।
साथ ही इसमें आपको अंड्रॉयड व९.० (पिए) और ओक्टा कोर (२.८ घ्ज़, क्वाड कोर + १.८ घ्ज़, क्वाड कोर) का स्नाद्रगन ८456 प्रोसेसर मिलता है जो आपके गेमिंग एक्सपीरियंस को नेक्स्ट लेबल देता है बाकि नोकिआ के सबसे महंगे मोबाइल के फीचर्स आप निचे देख सकते है।
इसके अलावा भी नोकिया के महंगे फ़ोन में कमाल के फीचर्स देखने को मिलते हैं अब बात करते हैं नोकिया ९ पूरेवीव की कीमत बजट की और और इसे आप कहाँ से खरीद सकते है।
अगर बात करे नोकिया ९ पूरेवीव के फ़ोन की तो इसकी कीमत नोकिआ कंपनी ने इस प्रकार राखी है।
कोनसा है ) और नोकिआ का सबसे महंगा फ़ोन की कीमत क्या है।
और बताना चाहूंगा अगर आप १०००० के बजट में २०२० के सबसे बढ़िया स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो इस पर हमने एक पोस्ट करी है टॉप ५ बेस्ट स्मारफोन अन्डर १०००० उसे पढ़कर आप इसके बारे में जानकारी जान सकते हैं।
उम्मीद करता हूं नोकिया का सबसे मेहँगा फोन या नोकिया का सबसे महंगा मोबाइल फोन कौन सा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करें । |
बस्ती जिले के मुंडेरवा जाने वाले मार्ग पर एक फोर्थ क्लास का लड़का दुकान चलाते और अपने छोटे भाई को पढ़ाते हुए मिला।
बस्ती जिले के भानपुर क्षेत्र के बंजरिया गांव का एक पीड़ित व्यक्ति बस्ती डीएम कार्यालय के सामने जमीनी विवाद को लेकर २ दिनों से अनशन पर बैठा है।
बस्ती जिले में नवरात्रि में हुआ रात्रि जागरण भजन कीर्तन के साथ श्रद्धालु जागते रहे पूरी रात।
बस्ती जिले के सोनहा भानपुर में हो रही ३ दिनों से तेज बारिश। बारिश के चलते सड़क आवागमन रुका फसलों को हुआ फायदा।
बस्ती जिले में कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में कन्हैया जी को झूला झुलातेभक्त कृष्ण के जन्म के समय का इंतजार करते हुए।
बस्ती जिले में जन्माष्टमी महोत्सव में नित्य करती बालिका।
बस्ती जिले में मूसलाधार बारिश के चलते सड़कों पर हुआ जलजमाव जिससे पैदल चलने वालों का आवागमन एकदम ठप हो गया वाहन के चलने में भी समस्या हो रही है।
बस्ती भानपुर में तेज बारिश तेज बारिश से फसल को मिला पोषण लोगों को मिला गर्मी से राहत।
बस्ती जिले मैं अमोली ग्राम की सड़क नहर में तब्दील हो गई है सड़क पर बच्चे जाल लगाकर मछली पकड़ रहे हैं। |
नई दिल्ली । कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में फंसे भारतीयों को लाने के लिए एयर इंडिया ३६ फ्लाइट संचालित करेगा। एयर इंडिया से मिला जानकारी के मुताबिक इन फ्लाइटों का संचालन वंदे भारत मिशन के तहत किया जाएगा. ये सभी ३६ उड़ानें ११ से १९ जुलाई तक उड़ान भरेंगे। ६ जुलाई २०२० को अमेरिका के लिए अलग-अलग शहरों से अलग-अलग टाइम पर टिकटों की बुकिंग शुरू होगी। इसमें ६ जुलाई को सुबह २ बजे शुरू होगी जबकि न्यूयॉर्क में सुबह १०.३० बजे होंगे। वहीं, शिकागो में सुबह के ९.३० बजे बुकिंग शुरू होगी जबकि सेन फ्रेंसिसको में सुबह ७.३० बजे बुकिंग शुरू होगी।कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सस्पेंड कर रखा है। ऐसे में विदेश में फंसे भारतियों को वापस लाने के लिए वंद भारत मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के तहत अब तक कई देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी भी हुई है। इसके बाद अब अमेरिका में फंसे भारतीयों लाने के लिए एयर इंडिया ३६ विमान का संचालन करेगा। सात मई से शुरू हुए वंदे भारत अभियान के तहत ५.०३ लाख से अधिक भारतीय वतन लौटे हैं। इस अभियान के तहत 13७ देशों में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाया गया। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। |
उप बोर्ड एक्सम २०२२ दते शीत : यूपी बोर्ड परीक्षा २०२२ की तारीख घोषित होने का छात्रों को बेसब्री से इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (उपम्स्प) १०वीं और १२वीं बोर्ड परीक्षा २०२२ की डेट शीट जल्द जारी करेगा।
जी हां जल्द का मतलब बहुत जल्द, अब और इंतजार नहीं करना होगा छात्र-छात्राओं को और परेशानी भी नहीं होगी असमंजस भी नहीं रहेगी की परीक्षाएं होगी या नहीं क्योंकि बहुत जल्द डेटशीट जारी होने को है। यूपी बोर्ड विधानसभा चुनाव का फाइनल नतीजा बहुत जल्द आने वाला है इसके बाद परीक्षाएं शुरू होगी।
उप १०त १२त बोर्ड एक्सम २०२२ दते शीत : उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षा २०२२ को लेकर तैयारियां कब की शुरू हुई और अब यह उन्नतीम हो गई हैं। परीक्षा केंद्र की लिस्ट भी जारी हो गई है। लेकिन यूपी बोर्ड १०वीं और १२वीं के छात्रों को इंतजार है बड़े अपडेट का। और यह बड़ा अपडेट है यूपी बोर्ड परीक्षा २०२२ की तारीख जो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (उपम्स्प) १०वीं और १२वीं बोर्ड परीक्षा २०२२ के लिए जारी करेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बोर्ड परीक्षा का डेट शीट बहुत जल्द जारी किया जाएगा।
यूपी में फिलहाल विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इसके चलते परीक्षा तिथि जारी नहीं हो पा रही है क्योंकि नई सरकार बनने पर ही परीक्षाएं ली जाएगी। विधानसभा चुनाव की तीन चरण समाप्त हुई है अब बाकी के बचे चरणों की वोटिंग के बाद डेटशीट जारी किया जाना है।
यूपी विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान ७ मार्च को होगा. जबकि चुनाव परिणाम १० मार्च को घोषित होंगे। इसके चलते मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान लगाए जा रहे हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं अप्रैल में शुरू हो सकती हैं। हालांकि यूपी बोर्ड परीक्षा की तारीखों को लेकर अधिक स्पष्टता चुनाव परिणाम के बाद ही आ पाएगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा २०२२ का टाइम टेबल भी इसके बाद ही जारी होने की संभावना है। यूपी बोर्ड २०२२ का टाइम टेबल जारी होने के बाद इसे आधिकारिक वेबसाइट उपम्स्प.एडू.इन पर जाकर डाउनलोड किया जा सकेगा।
कई रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश बोर्ड दसवीं और बारहवीं की प्री बोर्ड परीक्षा २८ फरवरी तक संपन्न करा लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसलिए अनुमान है कि यूपी बोर्ड परीक्षा २०२२ की तारीखों की घोषणा १० मार्च के बाद हो सकती है। जबकि इसका आयोजन अप्रैल में किया जा सकता है।
क्योंकि बोर्ड परीक्षा की शुरुआत से करीब एक महीने पहले तारीखों की घोषणा की जाती रही है। बोर्ड ने यह साफ किया है कि छात्रों को तिथि जारी होने के बाद भी कुछ समय तैयारियों के लिए मिलेगा। |
नमस्कार दोस्तों आशा करता हूं कि आप सभी खुशहाल और खैरियत होंगे स्वागत है तुम्हारा फिर से एक और महत्वपूर्ण पोस्ट मुच्युअल फंड क्या है? और यह कैसे काम करता है।तो आज की इस पोस्ट में इसी के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको विस्तार से बताने बाला हूं,अगर आप भी इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक पढ़ना होगा। तो दोस्तों मुच्युअल फंड यह शब्द आपने टीवी एड्स में अधिक बार सुना और देखा होगा। और इसी के साथ आपने यह भी सुना और देखा होगा।की मुच्युअल फंड जोखिमों के अधीन है।
यह सुनकर आप थोड़ा घबरा जाते हैं। और आपको यह लगने लगता है कि अगर हम मुच्युअल फंड में पैसा लगाएंगे तो हमारे पैसे का नुकसान हो सकता है। और इसके अलावा मेरे भाइयों म्यूच्यूअल फंड और शेयर मार्केट से डरने का मुख्य कारण हमारी फिल्में भी होती हैं। क्योंकि फिल्मों में आमतौर पर म्यूच्यूअल फंड और शेयर मार्केट को गलत तरीके से दिखाया जाता है । जिसके कारण आम व्यक्ति को यह लगता है कि म्यूच्यूअल फंड और शेयर मार्केट में पैसा निवेश करना सही नहीं है और हमारा पैसा डूब सकता है, और जिसके कारण हमारा काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। तो मेरे भाइयों वास्तव में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है।
तो मेरे भाइयों जब भी म्यूच्यूअल फंड की बात आती है तो अधिकतर लोगों को यही लगता है, कि म्यूच्यूअल फंड का मतलब यह होता है, कि शेयर मार्केट में पैसा लगाना लेकिन मेरे भाइयों ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। म्यूच्यूअल फंड सिर्फ शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि गोल्ड, रियल स्टेट, डैड स्टॉक्स, कॉम्योदिती, और इक्विटी जैसी जगह पर भी पैसा इन्वेस्ट करते हैं। तो डियर फ्रेंड्स मैं आपको यह बता देना चाहता हूं कि शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर थोड़ा रिस्क जरूर होता है, लेकिन मेरे भाइयों इस में रिटर्न भी बहुत अच्छा मिलता है। इसलिए म्यूच्यूअल फंड अधिकतर निवेश शेयर मार्केट में ही करते हैं।
(१) तो डियर फ्रेंड्स आप खुद शारें मार्केट में अपनी मन पसंद कंपनी में पैसा लगा सकते हैं।लेकिन इसके लिए आपको मेरे भाइयों शारें मार्केटिंग के बारे में पूरी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। उदाहरण के लिए कौनसी कंपनी कैसा परफॉर्म कर रही है।और उस कंपनी का फ्यूचर कैसा है जिसमे आप निवेश करना चाहते हैं।यह भी आपको पता होना चाहिए। क्योंकि अगर आप बिना सोचे समझे किसी भी कंपनी में निवेश कर देते तो आपके पैसे डूब सकते और आपका बड़ा नुकसान हो सकता है।इसलिए यह तरीका जभी काम करता है जब आपकों शारें मार्केटिंग के बारे में संपूर्ण जानकारी होगी।
(२) तो डियर फ्रेंड्स आप किसी भी शेयर मार्केट एक एक्सपर्ट की सहायता से शेयर मार्केट में अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं और इसमें एक्सपर्ट आपको यह बताता है कि कौन सी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही है और उसी के साथ एक्सपर्ट यह भी बताता है कि कौन सी कंपनी के शेयर कब खरीदने है और कब बेचने हैं। इन सब चीजों के बारे में एडवाइजर आपको बताता है और आपको उस के अकॉर्डिंग ही चलना पड़ता है। और मेरे भाइयों इसके बदले में एक्सपर्ट आपसे कुछ एडवांस भी लेता है। जो आपको देना पड़ता है।
(३) तो डियर फ्रेंड्स शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने का तीसरा तरीका मुच्युअल फंड होता है।मुच्युअल फंड एक तरह की एक कंपनी होती है।जिसमे बहुत कर्मचारी होते हैं। जो की पूरी संस्था का कारोबार संभालते हैं। म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करना सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका माना जाता है।
क्योंकि इसके बहुत सारे कारण होते हैं उदाहरण के लिए अगर आप म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आपको शेयर मार्केट की जानकारी होना जरूरी नहीं होता है। तो डियर फ्रेंड्स अगर आपको शेयर मार्केट के बारे में एक भी परसेंट जानकारी नहीं है तब भी आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से शेयर मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट करके अपने पैसे को बढ़ा सकते हैं।
तो फ्रेंड्स जैसा कि मैं आपको बता चुका हूं कि मुच्युअल फंड एक प्रकार की संस्था होती है।जो कि आम व्यक्ति से रूपए लेकर उनको शेयर मार्केट में लगाती है। और उनसे जो भी बेनिफिट होता है उस बेनिफिट को म्यूचल फंड संस्था वापस अपने निवेशकों को दे देती है। और उसके बदले में म्यूचुअल फंड संस्था अपने निवेशकों से उनकी मूल राशि में से कुछ रुपए चार्ज के रूप में लेती है जो कि एक परसेंट से दो परसेंट होता है, जो कि बहुत ही कम होता है।
तो फ्रेंड्स अगर आप भी मुच्युअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आप का काम सिर्फ म्यूच्यूअल फंड को केवल पैसा देना होता है। तो मेरे भाइयों आप अपने पैसे म्यूच्यूअल फंड संस्था को चाहे तो एक बार में ही दे सकते हैं या हर महीने की किस्त के रूप में दे सकते हैं उसके बाद उस किस्त के पैसे आपके बैंक अकाउंट में से हर महीने काट लिए जाएंगे। और इस प्रकार म्यूच्यूअल फंड संस्था उन पैसों को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर देती है।
इस प्रकार आप म्यूचुअल फंड संस्था को बोल सकते हैं कि आपको आपके पैसे वापस चाहिए।और इस प्रकार आप जब भी मैं छोड़ फंड संस्था से अपने पैसों की मांग करते हैं तो म्यूच्यूअल फंड संस्था आपके पैसों से खरीदी गए शेयरों को बेच देती है और उस समय तक शेयर मार्केट से आपका जितना भी प्रॉफिट हुआ होगा उस प्रॉपर्टी को आप की मूल राशि के साथ आपको लौटा देती हैं।
लेकिन मेरे भाइयों उससे पहले म्यूच्यूअल फंड संस्था का जो भी चार्ज होता है वह आपके पैसों में से काट लिया जाता है। और मैं आपको यह बता देना चाहता हूं कि म्यूचुअल फंड संस्था का कमीशन बहुत ही कम होता है इसलिए यह आप पर कभी भी भारी नहीं पड़ता है।
* तो डियर फ्रेंड्स अगर आप म्यूच्यूअल फंड के जरिए शेयर मार्केट में अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होना जरूरी नहीं है। इसके लिए केवल आपको अपने पैसे म्यूच्यूअल फंड संस्था को देने होते हैं। और उसके बाद वह सत्ता में बैठे एक्सपर्ट अपनी रिसर्च के आधार पर आपके पैसों को शेयर मार्केट में लगाते हैं, और आपको बिना किसी रिसर्च के अच्छा खासा मुनाफा कमा कर देते हैं।
* म्यूच्यूअल फंड के जरिए से शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से आपको लॉस होने के चांस बहुत ही कम होते हैं, वह इसलिए क्योंकि म्यूचल फंड में बैठे एक्सपर्ट किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं इसलिए आपके पैसे डूबने के चांस बहुत ही कम रहते हैं।
* म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से आप महंगे शेयर वाली कंपनी में भी अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं क्योंकि कुछ कंपनियों के एक शेयर का मूल्य हजारों में भी होता हैं। जैसे २०,००० से ३०, ००० रु तक लेकिन आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से महंगे से महंगे सेल्स को आसानी से खरीद सकते हैं।
जैसे कि मुच्युअल फंड कंपनी एक व्यक्ति के रूपये से किसी बड़े शारें को नहीं खरीदती है। वल्की वह बहुत सारे व्यक्तियो के थोड़े -थोड़े को मिलाकर बड़े शेयर को खरीदती है।उसके बाद उस शेयर से जो भी बेनिफिट होता है। वह उन सभी लोगों में बराबर-बराबर बांट दिया जाता है।
मुच्युअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान होता है,और मुच्युअल फंड आपको फ़्द बैंक सबसे ज्यादा रिटर्न देता है।इसलिए आप भी मुच्युअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
तो डियर फ्रेंड्स में उम्मीद करता हूं कि आपको इस पोस्ट के माध्यम से मुच्युअल फंड क्या है? और यह कैसे काम करता है? से रिलेटेड सारी जानकारी आपको हमारी इस पोस्ट में मिल जायेगी। इसके लिए आपको इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ाना होगा।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अजय राजपूत है और मैं खेरागढ़ उठ्टर प्रदेश का रहने वाला हूं। दोस्तों में ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद दो साल ब्लॉगिंग का कोर्स किया और मुझे ब्लॉगिंग के क्षेत्र में अच्छी जानकारी होने के बाद मैंने खुद का एक वेबसाइट क्रिएट किया है जिसका नाम है "टेकऊम.इन" दोस्तों इस ब्लॉग के माध्यम से ब्लॉगिंग, मेक मनी, मार्केटिंग, यूट्यूब, इंटरनेट, टिप्स एंड ट्रिक आदि से रिलेटेड जानकारी दी जाएगी. दोस्तों यदि आपको ब्लॉगिंग से रिलेटेड कोई भी सवाल या सहायता चाहिए तो आप हमें बेझिझक हमारी ईमेल आईडी पर कांटेक्ट कर सकते हैं। मैं आपकी पूरी सहायता करने की पूरी कोशिश करूंगा। धन्यवाद। |
दिल्ली से शिमला और शिमला के दिल्ली सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना काल के बार फिर इन शहरों की यात्रा करने वालों का सफर और आसान होगा।
सोमवार को दिल्ली से शिमला के बीच हवाई सेवा शुरू हो गई है। इसके साथ ही अब दिल्ली से शिमला और शिमला से दिल्ली आने जाने वालों के लिए सफर और भी आसान हो गया है। दरअसल कोरोना महामारी के चलते इन रूट्स पर हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। लेकिन दो साल के बाद एक बार फिर इन रूट्स पर २६ सितंबर से हवाई सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री और गाजियाबाद के सांसद जनरल वीके सिंह ने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर दिल्ली से शिमला हवाई सेवा का उद्घाटन किया। |
वेबसाइट एवम् एंड्रॉयड ऐप से विज्ञापनों को हटाने के लिए कृपया सदस्यता ग्रहण करें। सदस्यता शुल्क अमरकोश में नए शब्द एवम् परिभाषाएँ सम्मिलित करने तथा अन्य भाषा से सम्बन्धित सुविधाएँ जोड़ने में सहायक होगा।
पृष्ठ के पते की प्रतिलिपि क्लिपबोर्ड पर बना दी है।
क्या आप इस पृष्ठ को ट्वीट करना चाहते हैं या केवल ट्वीट करने के लिए पृष्ठ के पते की प्रतिलिपि चाहते हैं?
वह वाक्यांश जिनका अर्थ अपने शाब्दिक अर्थ से भिन्न होता है उन्हें मुहावरा कहा जाता है। मुहावरा अपने आप में पूर्ण वाक्य नहीं होता अतः इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता। मुहावरे के प्रयोग से भाषा सजीव एवम् रोचक हो जाती है किंतु मुहावरे का गलत संदर्भ में उपयोग करने से अर्थ का अनर्थ हो सकता है।
यहां पर हिन्दी भाषा के मुहावरे उनके अर्थ एवम् वाक्य प्रयोग के साथ दिए गए हैं। यह अवश्य ही आपके हिंदी भाषा के ज्ञान वर्धन में सहायक होंगे। |
इयास क्रती राज: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के चरण के दौरान कई उम्मीदवार दबाव में आ जाते हैं और पूरी तरह से थक जाते हैं, आईएएस कृति राज, जो अब यूपी-कैडर की आईएएस अधिकारी हैं, का कहना है कि कोविड-१ से निपटने के दौरान भी उन्होंने तैयारी जारी रखी परीक्षा दी और अपने माता-पिता की देखभाल की जो अस्पताल में भर्ती थे और हर समय सकारात्मकता बनाए रखी। उन्होंने एयर १06 के साथ अपने तीसरे प्रयास में कसे २०२० पास किया, और अब अपने गृह राज्य, उत्तर प्रदेश में तैनात हैं।
उत्तर प्रदेश के झांसी में जन्मे और पले-बढ़े आईएएस राज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल, झांसी से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, झांसी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक पूरा किया।
कोविड-१९ महामारी के कारण मुख्य परीक्षा को अक्टूबर से जनवरी में स्थानांतरित कर दिया गया था और उत्तर भारत में सर्दी अपने चरम पर थी। उम्मीदवारों के पास २ शिफ्ट और प्रतिदिन ६ घंटे लिखने का समय है। तो, दिसंबर की सर्दियों के दौरान, मैं सुबह ३ बजे उठ जाता था और अपने हाथों को ठंडे पानी के नीचे रख कर उन्हें फ्रीज कर देता था। उसके बाद मैं लगातार तीन घंटे मॉक पेपर लिखता। मैं पूरी प्रक्रिया का अभ्यास कर रहा था, ताकि खराब हालत में परीक्षा दे सकूं।
अंत में, वह मुख्य परीक्षा देने भोपाल गई, जहाँ इतनी ठंड नहीं है। राज ने कहा कि उसके लिए वहां परीक्षा देना आसान था और वह सब कुछ पूरा करने में सफल रही। दिन के अंत में, मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा।
उसने २०१७ में अपना पहला प्रयास किया, लेकिन दूसरे स्थान के साथ प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर सकी। फिर, अपने दूसरे प्रयास में, वह फिर से प्रीलिम्स क्लियर करने में विफल रही क्योंकि निरीक्षकों ने चेतावनी की घंटी के दौरान शीट ले ली थी। अंत में अपने तीसरे प्रयास में वह अपने मेन्स, इंटरव्यू को क्रैक करने में सफल रही और एआईआर १०६ के साथ सफल उम्मीदवारों की अंतिम सूची में जगह बनाई।
जेठालाल से नाराज़ होकर बबीता जी ने कराया बोल्ड फोटोशूट, देख नजरें नहीं हटा पा रहे फैंस। |
टाइम बाजार चार्ट १८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
दोस्तों अगर आप जानते होगे कि सट्टा मटका (सत्ता माटका) कितना प्रसिद खेल है, और इसीलिए हम आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) यहां पर आपको देते हैं जिससे आप गेम खेल पाते हो, दोस्तों अगर आप कल्याण, राजधानी नाइट (राजधानी नाइट), मिलन डे (मिलान दए), मिलन नाईट (मिलान नाइट) जैसी गेम को खेलते हो तो आप हमारे वेबसाइट को बिलकुल फॉलो कर सकते हो ताकि आपको बिल्कुल फ्री में ओटीसी (ओट) फ्री ट्रिक और फ्री में गेम प्रत्येक दिन मिल सके,
टाइम बाजार चार्ट १७.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १७.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १७.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १७.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट १५.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १५.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १५.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १५.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट १४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट १३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट १२.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १२.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १२.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १२.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट ११.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ११.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ११.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट ११.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट १०.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट १०.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट १०.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट १०.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट ०९.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ०९.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ०९.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट ०७.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट ०८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ०८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ०८.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
टाइम बाजार चार्ट ०६.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ०६.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ०६.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट ०६.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट ०३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ०३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ०३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट ०३.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
टाइम बाजार चार्ट ०४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ०४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ०४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट ०४.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
र्ब न्ट्प्क कट २ कट ऑफ २0२२: आरआरबी एनटीपीसी सीबीटी २ कट ऑफ, इतना ज्यादा कैसे देखें?
टाइम बाजार चार्ट ०१.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन : तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं तोडे रेसल्ट २०२२ के लिए कल्याण मटका (टाइम बाजार चार्ट ०१.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
टाइम बाजार चार्ट ०१.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का टाइम बाजार चार्ट ०१.०७.२०२२ | टाइम बाज़ार माटका चार्ट, ओपन का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
[बागेश्वर धाम] सम्पूर्ण जानकारी बागेश्वर धाम सरकार, बागेश्वर धाम कैसे जाएँ, कहाँ पर है, टोकन क्या, अर्जी कैसे, बागेश्वर धाम की सच्चाई?
नोखा मंडी भाव १३ जून २०२२: जानें सभी फसलों के ताज़ा भाव ,
जोधपुर मंडी भाव १३ जून २०२२: गेहूं सरसों ग्वार लहसुन चना सभी फसलों के भाव देखे,
मेड़ता मंडी भाव १३ जून २०२२: ताज़ा सरसों चना तारामीरा ग्वार सभी फसल भाव जानिए,
आज के मंडी भाव १३ जून २०२२: जानिए अनाज और सब्जी मंडीयों मे भाव क्या चल रहे है?
माटका गेसिंग १२-०६-२०२२: कल्याण ओपन टू क्लोज में क्या अंक आएगा?
माटका गेसिंग १२-०६-२०२२: तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं १२.६.२०२२ के लिए कल्याण मटका (कल्याण माटका) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
माटका गेसिंग १२-०६-२०२२ को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
आपको विप माटका गेसिंग के लिए बिल्कुल कोई भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां पर आपको बिल्कुल फ्री में आज का सिंपल माटका गेसिंग का गेम दिया जाएगा वह भी मुफ्त में ।
कल्याण ओपन टू क्लोज में क्या अंक आएगा?
माटका गेसिंग ११-०६-२०२२: कल्याण ओपन टू क्लोज में क्या अंक आएगा?
माटका गेसिंग ११-०६-२०२२: तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं ११.६.२०२२ के लिए कल्याण मटका (कल्याण माटका) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
माटका गेसिंग ११-०६-२०२२ को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
माटका गेसिंग ०९-०६-२०२२: कल्याण ओपन टू क्लोज में क्या अंक आएगा?
माटका गेसिंग ०९-०६-२०२२: तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं ०९.६.२०२२ के लिए कल्याण मटका (कल्याण माटका) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
माटका गेसिंग ०९-०६-२०२२ को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है,
माटका गेसिंग ०८-०६-२०२२: कल्याण ओपन टू क्लोज में क्या अंक आएगा?
माटका गेसिंग ०८-०६-२०२२: तो नमस्ते मेरे दोस्तो, आज मैं आपको मटका गेसिंग (माटका गेसिंग) के लिए मैं आपके लिए बहुत ही शानदार गेम लेकर आया हूं, यहां पर आपको स्पेशल गेम देने वाला हूं ०८.६.२०२२ के लिए कल्याण मटका (कल्याण माटका) में ओपनऔर क्लोस क्या आएगा इसके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं।
माटका गेसिंग ०८-०६-२०२२ को अगर आप देखना है तो आपको नीचे दिए गए सारे पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा, आपको यहां पर विप माटका गेसिंग भी मिलेगा जो कि बिल्कुल फ्री में है, |
दैनिक भास्कर हिंदी: शाहरुख ब्रह्मास्त्र और रॉकेट्री में नजर आएंगे?
शाहरुख ब्रह्मास्त्र और रॉकेट्री में नजर आएंगे?
मुंबई, ६ जून (आईएएनएस)। अपुष्ट सूत्रों ने कहा है कि शाहरुख खान अगले कुछ महीनों में कुछ बड़ी फिल्मों के साथ बड़े पर्दे पर वापसी के लिए तैयार हैं।
हालांकि सुपरस्टार के मुख्य भूमिका वाली बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा होने का अभी इंतजार है, शाहरुख के लिए कथित तौर पर आर माधवन की पहली निर्देशित फिल्म रॉकेट्री : द नंबी इफेक्ट और अयान मुखर्जी की फंतासी फिल्म ब्रह्मास्त्र में विशेष भूमिकाएं हैं, जिसमें अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट हैं।
माधवन की फिल्म में शाहरुख के किरदार के बारे में एक सूत्र ने मुंबई मिरर को बताया कि रॉकेट्री में वह एक पत्रकार की भूमिका में हैं जो वैज्ञानिक नंबी नारायणन का साक्षात्कार लेता है।
रॉकेट्री : द नंबी पद्म भूषण विजेता इसरो वैज्ञानिक व एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन के जीवन पर आधारित है।
मुंबई मिरर के मुताबिक, शाहरुख ने पिछले साल ही दोनों फिल्मों के लिए अपने हिस्से की शूटिंग पूरी कर ली है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सेक्ट काॅलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन में समस्त बी.एस.सी, बी.सी.ए, बी.बी.ए, बी.काॅम के छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया था। जिसमें समस्त विद्यार्थियों को ऐतिहासिक स्थल साँची का भ्रमण कराया गया।
छात्र-छात्राओं ने साँची पहुंचकर यहाँ के इतिहास से संबंधित जानकारी ली,जिसमें उन्होंने जाना कि साँची का महान स्तूप भारत की सबसे प्राचीन संरचनाओं में से एक है और तीसरी शताब्दी में महान सम्राट अशोक ने इसे बनवाया था। इसका नाभिक अर्धगोल ईट संरचना में बुद्ध के अवशेषों के आधार पर बनाया गया है। इसे छत्र का ताज भी पहनाया गया है। यह छत्र बुद्ध की उच्चता को दर्शाता है। इस प्रकार समस्त छात्र-छात्रओं ने साँची भ्रमण पर साँची से संबंधित ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त करने के साथ-साथ खूब मनोरंजन किया।
सेक्ट काॅलेज के प्राचार्य डाॅ॰ सत्येन्द्र खरे व काॅलेज के डीन एकेडिमिक नितिन मोढ़ के मार्गदर्शन में छात्रों के इस साँची भ्रमण का नेतृत्व काॅलेज के उप प्राचार्य श्री योगेन्द्र चैहान ,डाॅ रवीन्द्र श्रीवास्तव व श्री उमेश कुमार द्वारा किया गया, साथ ही समस्त फैकल्टी स्टाफ मेम्बर्स इस शैक्षणिक भ्रमण में उपस्थित थे। नवीन शिक्षा पद्धति के अनुसार इस शैक्षणिक भ्रमण के उपरांत छात्र-छात्राओं के अनुभवों को एक संक्षिप्त रिपोर्ट के माध्यम से महाविद्यालय में जमा कराया जायेगा।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा कुलसचिव डॉ विजय सिंह के निर्देशन में मिसरोद थाने के सहयोग से मिसरोद सड़क तथा जाटखेड़ी में नशामुक्त भारत अभियान चलाया गया। जिसमे मुख्य अतिथि थाना प्रभारी श्री रासबिहारी शर्मा उपस्थित रहे। श्री शर्मा ने कहा कि न केवल शहर में अपितु गांवों में भी युवाओं के बीच नशा करना एक फैशन बनता जा रहा है। जिससे युवा हमारे रियल युवा आदर्श स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों को भूलते जा रहे हैं और उनके दिखाए परहित व मानव सेवा के मार्ग से कटते जा रहे हैं। लेकिन राष्ट्रीय सेवा योजना के युवा नशे के खिलाफ अभियान चला रहे हैं यह प्रशंसा के योग्य है। युवा ही आज के समय में नशा मुक्ति अभियान में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। वहीं कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही जन्नत खान के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने मिसरोद सड़क पर यात्रियों को नशे के नुकसान के बारे में बताया तथा जाटखड़ी जाकर ग्रामीणों को पोस्टर के माध्यम से नशा छोड़ने हेतु संदेश दिया।
इसी के साथ संस्था स्तर पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन नशामुक्त भारत तथा एड्स जागरुकता थीम पर किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के ५० से अधिक रासेयो स्वयंसेवकों ने सहभागिता करते हुए विभिन्न समसामयिक उदाहरणों कागज पर रंगों से उकेरकर नशे से दूर रहने तथा एड्स से बचाव करने का संदेश दिया। एड्स जागरुकता थीम पर पोस्टर में प्रथम स्थान नर्सिंग डिपार्टमेंट के छात्र व रासेयो स्वयंसेवक शशिनाथ व साक्षी ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। द्वितीय स्थान स्वयंसेविका शबनम कुमारी ने प्राप्त किया।
इसी प्रकार नशा मुक्त भारत थीम पर पोस्टर मेकिंग में पल्लवी साहनी ने विशिष्ट स्थान अर्जित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ समीर चौधरी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा समाज में जागृति लाने में अपना योगदान देने के लिए सभी स्वयंसेवकों का आह्वान भी किया। श्री चौधरी ने कहा कि हम दुनिया की सबसे पुरा सभ्यता होते हुए भी सबसे युवा देश हैं। हमारे युवा दुनिया भर में भारत का नाम रोशन भी कर रहे हैं। परंतु नशे जैसी कुरीतियों में पड़कर युवा कमज़ोर हो रहे हैं अतः युवाओं को नशे से बाहर निकालकर उनकी ऊर्जा का उपयोग राष्ट्र निर्माण की दिशा में करना होगा।
इस अवसर पर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभा रहीं डॉ रुचि मिश्रा तिवारी व डॉ सावित्री सिंह परिहार ने प्रतिभागियों के संबोधित किया। संचालन स्वयंसेवक इंद्र डेहरिया तथा शिवेंद्र राजपूत ने तथा आभार ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का संयोजन कार्यक्रम अधिकारी गब्बर सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य भूमिका स्टेट कैंपर जन्नत खान, अविनाश कुमार, संदेश राजपूत, अमित कुमार, राजू कुमार, कोमल भारती, जिकरा खान, विवेक भास्कर, शाइस्ता परवीन, संस्कृति प्रसाद इत्यादि की रही।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ शरीर के प्रति जागरुकता फैलाने के अपने प्रयास के तहत रविवार को शहर में आयोजित रन भोपाल रन में आईसेक्ट समूह के संस्थानों की ओर से बड़े स्तर पर सहभागिता की गई। इसमें आईसेक्ट समूह के रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, सेक्ट प्रोफेशनल कॉलेज, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज और आईसेक्ट हैड ऑफिस के स्टाफ और स्टूडेंट्स को मिलाकर ६३७ व्यक्तियों द्वारा हिस्सा लिया गया। इन्होंने ५ किमी और १० किमी दौड़ में हिस्सा लेते हुए स्वस्थ जीवनशैली का संदेश दिया।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि हम संस्थान में बेहतर जीवनशैली को अपनाने को लेकर अपने स्टाफ और छात्रों को लगातार जागरुक करते हैं जिससे वे अपने वर्क लाइफ बैलेंस में सामंजस्य रखना सीख सकें। यह छात्रों को लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में वे भी प्रतिष्ठित संस्थानों का हिस्सा बनेंगे और उन्हें स्वस्थ जीवनचर्या उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनके कार्य की उत्पादकता को भी बेहतर बनाएगी। साथ ही उन्होंने रन भोपाल रन की पहल की सराहना की और इसमें आईसेक्ट की सहभागिता की प्रशंसा की। आईसेक्ट समूह संस्थान से ६३७ लोगों द्वारा हिस्सा लिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रन भोपाल रन की संयोजक अमिता बरबड़े ने कहा कि किसी एक संस्थान से इस स्तर पर सहभागिता एक उदाहरण पेश करता है और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरुकता के हमारे संदेश को लोगों तक पहुंचाने में आईसेक्ट ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके लिए उन्होंने आईसेक्ट की प्रशंसा की औऱ धन्यवाद दिया।
रन भोपाल रन में आईसेक्ट समूह के संस्थानों की ओर से सहभागिता को सुनिश्यित करने के प्रयास में आरएनटीयू से ऋत्विक चौबे, रश्मि खन्ना, सेक्ट महाविद्यालय से डॉ. सतेन्द्र खरे, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज से डॉ. डी.एस. राघव और आईसेक्ट हैड ऑफिस से कॉर्पोरेट एचआर टीम के सुमित मल्होत्रा, अभिषेक यादव और नीरज बेलसारे का सहयोग रहा।
वास्तु ऐप: वास्तु महागुरु बसंत आर रसिवासिया के रेवास्तु ऐप के जरिए आएगा जीवन में अद्भुत बदलाव! आम से खास लोग उठा सकेंगे इसका अलौकिक लाभ!
डिजिटल डेस्क, भोपाल । एक महागुरु जिन्होंने अपने ज्योतिष और वास्तु विद्या से लाखों लोगों की जिंदगी में बदलाव किया । जिन्होंने विज्ञान और आत्मज्ञान के बलबूते दुनिया जीत ली और अब वो तकनीकी जादू के जरिये अपने चाहनेवालों के जीवन में खुशियों का भंडार ला चुके हैं ।जी हां, महागुरु बसंत आर रसिवासिया अपने रिवाइवलवास्तु.कॉम और रेवास्तु ऐप के माध्यम से ज्योतिष विज्ञान अद्भुत क्रांति ला चुके हैं जिसका लाभ अब सबको लेना चाहिए।
जी हां, महागुरु बसंत आर रसिवासिया कहते है कि,वास्तु के सिद्धांतों का उपयोग करना स्वास्थ्य, धन और ऊर्जा को बढ़ावा जैसा हैं जो पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को वैज्ञानिक रूप से जोड़ते हैं और एक शांत कार्य वातावरण बनाते हैं जिससे जीवन मे समृद्धि आती हैं।
बसंत आर रसिवासिया को उनकी सादगी के साथ-साथ उनकी सफलता और प्रभावशीलता के लिए जाना जाता है। उनका काम उनकी महारत को दर्शाता है क्योंकि बसंत आर रसिवासिया खुशी और समृद्धि के सदियों पुराने विज्ञान की बात करते हैं जो भगवान विश्वकर्मा से आता है कि कैसे जाति, पंथ की बाधाओं को पार करने वाली तकनीक का उपयोग करके वास्तु शास्त्र की ऊर्जा को जनता के बीच फैलाना प्रभावी है और सामाजिक स्थिति को मजबूत बनाना।
बसंत आर रसिवासिया के ऐप "रेवास्तु" के माध्यम से, कोई भी अपने कमरे की एक तस्वीर क्लिक कर सकता है और मुख्य द्वार, लिविंग रूम, मास्टर बेडरूम, बच्चों के कमरे, अध्ययन, रसोई, मंदिर, सीढ़ी, शौचालय, लॉकर जैसी बुनियादी और सरल वास्तु आवश्यकताओं की जांच और सुधार कर सकता है साथ ही खुद मिरर और शू रैक प्लेसमेंट भी कर सकता हैं।
बसंत आर रसिवासिया का जन्म असम के छोटे से शहर तिनसुकिया में एक कुलीन व्यवसायी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता राधेश्याम अग्रवाल और लक्ष्मीदेवी अग्रवाल ने उन्हें निरुपरम हाई स्कूल में नामांकित किया, जिसे बेबी की नर्सरी के रूप में भी जाना जाता है, उसके बाद तिनसुकिया कॉलेज से उन्होंने डिग्री अर्जित की। अंतिम वर्ष में बसंत आर रसिवासिया मुंबई चले आये।
१९९१ में, बसंत आर रसिवासिया ने अपने पिता के निर्माण व्यवसाय में मदद की। पांच साल बाद, उन्हें व्यापार में एक बड़ा नुकसान हुआ। बसंत आर रसिवासिया एक वास्तु सलाहकार से मिले, और विज्ञान से प्रभावित होकर, बसंत ने मास्टर्स से वास्तु और ज्योतिष सीखना शुरू किया। इसके बाद अंकशास्त्र आया, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बसंत आर रसिवासिया के हवाले से एंटीलिया की दौलत पर एक स्टोरी की थी। बीबीसी ने वास्तु पर वृत्तचित्र पर बोलने के लिए बसंत आर रसिवासिया को चुना।
बसंत आर रसिवासिया ने दुनिया भर में प्रत्येक भारतीय को वास्तव में घर पर अपने स्वयं के वास्तु की जांच करने में मदद करने के लिए रेवास्तु ऐप बनाया, जहां बुनियादी जरूरतों के लिए परामर्शदाता को शामिल किए बिना आम आदमी को वास्तु से लाभ ले सकता है।
बसंत आर रसिवासिया का मानना है कि ब्रह्मांड को उन लोगों को देने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। वह बालिकाओं को बचाने, अनाथों के सामूहिक विवाह, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने, लावारिस शवों का पूरे सम्मान के साथ दाह संस्कार करने और दूसरों के बीच गरीबों के लिए मुफ्त वास्तु परामर्श, और वास्तु और ज्योतिष को दुनिया के सभी कोनों तक पहुंचाने की दिशा में काम करते है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। ज्यादातर लोगों के लिए अपना घर होना, उनका सबसे बड़ा सपना होता है। यहां तक कि जब उनके पास पर्याप्त पैसे होते हैं ,और उस स्तर पर पहुंच जाते हैं जहां वे अपने लिए एक अलग घर बना सकते हैं, तो भी घबराहट और संदेह महसूस करते हैं कि चीजें कैसी होंगी।
वे जिस तनाव से गुज़रते हैं, उसके पीछे एक प्रमुख कारण घर बनाने में शामिल जटिल प्रक्रियाएँ हैं | ऐसे में एक कंपनी ने बिना किसी परेशानी या कठिनाई के लोगों के लिए अपना घर बनाना संभव कर दिया है।
हम यह सुनिश्चित करते हैं कि वे किसी भी संकट या असुविधा से न गुजरें जो निर्माण कार्य में शामिल हो , यह ग्राहक तय कर सकता है कि वह परियोजना से संबंधित दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में किस हद तक शामिल होना चाहता है। हम ग्राहक द्वारा प्रदान किए गए संक्षिप्त विवरण के आधार पर परामर्श प्रदान करते हैं और फिर सब कुछ का विश्लेषण करने के बाद उन्हें अनुमान देते हैं।
हम पारदर्शी मूल्य निर्धारण मॉडल पर काम करते हैं और लागत प्रभावी तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। एक प्रस्ताव को एक साथ रखते हुए, हम २-ड डिज़ाइन योजना तैयार करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए ३-आयामी (३ड) डिज़ाइन प्रस्तुत करते हैं कि ग्राहक को इस बारे में अच्छी जानकारी हो कि उनका घर कैसा आकार लेगा ।
यह डिज़ाइन और बिल्ड सॉल्यूशन , सरकारी परेशानियां से निजात के साथ हमारे ग्राहक के लिए इस जगह में वास्तव में एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है एक बार प्रोजेक्ट को ग्राहक द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद, हम इसके लिए स्पष्ट एवम परिभाषित योजना को संचालित करने की दिशा में काम करना शुरू कर देते हैं। हम अपने विशेषज्ञों के माध्यम से नये प्रस्ताव लाते हैं और फिर, निर्माण परियोजना के उद्देश्य के लिए आवश्यक सरकारी संपर्क, परमिट और प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
हमारी टीम में पेशेवर इंजीनियर और आर्किटेक्ट हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि काम सुचारू रूप से चल रहा है और समय पर पूरा हो जायेगा हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ निर्माताओं के साथ भी काम कर रहे हैं कि हमें सामग्री पर सर्वोत्तम मूल्य मिले और ग्राहकों को लाभ मिलेएक ही समय में कई ग्राहकों के साथ काम करने के बावजूद हैप्पो यह सुनिश्चित करता है कि काम की गुणवत्ता में तो कोई समझौता नहीं किया जायेगा । हैप्पो द्वारा दिया जाने वाला हर निर्माण प्रोजेक्ट ५ साल की सर्विस वारंटी के साथ आता है। कंपनी अपनी कोर टीम की नींव पर टिकी हुई है जो अत्यधिक अनुभवी और कुशल है। जबकि हैप्पो का मुख्य कार्यालय पुणे में स्थित है, कंपनी ने भारत के विभिन्न शहरों और कस्बों में निर्माण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
आज आपकी आर्थिक समस्याएँ दूर होगी। बाते सुलझने की संभावना है। पुराने कान्ट्रेक्ट से मिलने वाले परिणाम आपकी उम्मीद से पहले ही आपको प्राप्त होंगे।
आप एकबार पुन: दीर्घकालिक स्वप्न पर कार्य करने का प्रयास कर सकते हैं। कभी भी देरी नहीं है। वास्तव में, आपको अपने सपनों को पहले की अपेक्षा पूरा करना अधिक आसान हो सकता है।
आज आपके तार्किक विचार मार्गदर्शक साबित होंगे। उन पर पूरी तरह से विश्वास करें क्योंकि वे कभी गलत नही हो सकते। और आज इससे आपको अच्छा परिणाम प्राप्त होगा। |
छोटीकाशी सीके न्यूज। कोलकाता। टूरिज्म वैलफेयर एसोसिएशन पश्चिम बंगाल कोलकाता की दुर्गा पूजा विशेषांक 'अबोसर' पुस्तक का विमोचन सोमवार को राजस्थान पर्यटन विकास निगम के कोलकाता एवं नॉर्थ इस्ट प्रभारी अधिकारी हिंगलाजदान रतनू के हाथों हुआ। एसोसिएशन के पश्चिम बंगाल के संस्थापक सदस्य देबज्योति गांगुली ने बताया कि इस विशेषांक में राजस्थान पर्यटन को विशेष महत्व दिया गया है। साथ ही गुजरात एवं कशमीर पर्यटन, पश्चिम बंगाल पर्यटन को भी हाइलाइट किया गया है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि निकट भविष्य में एक पर्यटन मेला आयोजित करें। गांगुली ने इस मोके पर बताया कि रतनू राजस्थान पर्यटन की विशेष जानकारी रखते हैं ओर विगत तीन साल से अधिक समय से हम बंगाल के लोग इनकी कार्य शैली से वाकिफ होते रहे हैं। यह नॉन बंगाली होते हुए बंगाल में अपने व्यवहार कुशलता से जाने पहचाने जाते रहे हैं। इस अवसर पर हिंगलाज दान रतनू ने कहा कि मेरी सदैव यही भावना रही हैं कि वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को अंगीकार करते हुए सभी को साथ लेकर इस विपुल संभावना वाले क्षेत्र पर्यटन में आगे बढा जाए। रतनू ने शेयर की पंक्तियां दोहराते हुए कहा कि 'मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर लोग आते गये और कारवां बनता गया' मैं तो केवल निमित्त हूँ काम सिद्ध करने वाला प्रभू हैं। मेरे इस पश्चिम बंगाल एवं नोर्थ ईस्ट में राजस्थान पर्यटन विकास निगम कोलकाता के अच्छे कार्यो में मेरे उच्चाधिकारियों को श्रेय जाता है। इस अवसर पर टयूरिजम वैलफेयर एसोसिएशन पश्चिम बंगाल कोलकाता के प्रेसिडेंट मानस महापात्रा, सुब्रतो नसकर, पंकज अग्रवाल, घनश्याम प्रजापत, मधु जेना सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। |
उज्जैन । राज्य शासन ने लॉकडाउन अवधि में निवास से अन्यत्र रुके लोगों और बेघर तथा बेसहारा व्यक्तियों के भोजन के लिये खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। संचालक खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्त संरक्षण श्री अविनाश लवानिया ने बताया कि जिलों को प्रारंभिक रूप से २००० क्विंटल खाद्यान्न (गेहूँ एवं चावल) का आवंटन जारी किया है। इस मात्रा में जिले की आवश्यकतानुसार गेहूँ एवं चावल का उठाव किया जा सकेगा। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि आवंटित मात्र में से ही जैसे ही ५० प्रतिशत मात्र का उपयोग हो जाए, अतिरिक्त आवंटन की मांग तत्काल की जाए। जिलों में खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। आवंटन के भाव में खाद्यान्न का प्रदाय कदापि न रोका जाए।
लॉकडाउन के दौरान गेहूँ एवं चावल नि:शुल्क प्रदाय किया जाएगा। प्रदाय मात्र का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। खाद्यान्न का उठाव उचित मूल्य दुकानों के वर्तमान स्टॉक से अथवा प्रदाय केन्द्रों के गोदामों से कराया जा सकेगा। गोदाम से प्रदाय एवं वितरित खाद्यान्न का विधिवत रिकार्ड संधारित किया जाएगा।
द्वार प्रदाय योजनान्तर्गत कार्यरत परिवहनकर्ताओं द्वारा उचित मूल्य दुकानों तक खाद्यान्न का प्रदाय किया जाएगा। गेहूँ एवं चावल का उठाव करते समय उसकी गुणवत्ता की जांच के बाद ही केवल एफएक्यू गुणवत्ता का स्कंद प्रदाय किया जाएगा। प्रदाय गेहूँ एवं चावल वास्तविक हितग्राहियों के भोजन के लिये ही उपयोग किया जा रहा है, यह आवश्यक रूप से सुनिश्चित कराया जाएगा। खाद्यान्न के प्रदाय एवं भोजन वितरण की सतत मॉनीटरिंग किये जाने तथा इसके लिये व्यक्तिश: जिम्मेदारी सौंपने को कहा गया है। |
फरीदाबाद ३० मई (रैपको न्यूज़/नरेंद्र रजनीकर)। कोरोना वायरस के कारण २५ मार्च से चल रहे लाक डाउन के दौरान जहां विभिन्न सामाजिक संगठन सेवाभाव एवं नर सेवा को सर्वोपरि मानते हुए जुटे रहे, वहीं फरीदाबाद नगर निगम के वार्ड नंबर १४ में जिस प्रकार सेवा कार्यों के साथ-साथ रक्तदान शिविर, मेंटेनेंस संबंधी कार्य, जन समस्याओं की सुनवाई, राशन वितरण तथा जल आपूर्ति तथा सीवरेज समस्या के लिए कार्य जारी है, उसके लिए वार्डवासी स्थानीय पार्षद सरदार जसवंत सिंह की सराहना करते देखे जा रहे हैं।
६७ साल की आयु में भी लॉक डाउन के समय जनसमस्याओं के समाधान के साथ साथ वार्ड में दो बार रक्तदान शिविर आयोजित कर थैलेसीमिया बच्चों को रक्त उपलब्ध कराने तथा इस क्रम में लगभग १०० यूनिट रक्त एकत्रित कराते हुए सरदार जसवंत सिंह ने जो कार्य किया उसकी सराहना रक्तदान शिविर से जुड़ी रेडक्रॉस सोसाइटी, बन्नुवाल वेलफेयर एसोसिएशन, महावीर इंटरनेशनल तथा अन्य संगठन व उनसे जुड़े लोग भी कर रहे हैं।
यही नहीं लाक डाउन के आरंभ होते ही इस वार्ड में श्रमिकों व मजदूरों के समक्ष खानपान की समस्या सामने आ गई थी, सरकार द्वारा इस संबंध में मामले को संज्ञान में लिया गया और आपूर्ति आरंभ की गई, परंतु इससे पूर्व ही जिस प्रकार पार्षद सरदार जसवंत सिंह व उनकी टीम ने मोर्चा संभाल लिया और जरूरतमंदों को सूखा राशन तथा भोजन की आपूर्ति करने की प्रक्रिया आरंभ की गई, वह एक प्रशंसनीय कदम रहा जिसकी वार्डवासी व प्रबुद्ध वर्ग द्वारा प्रशंसा की जा रही हैं।
इतना ही नहीं लाक डाउन के बावजूद जनता की समस्याओं को सुनना और लाक डाउन के दौरान सीमित साधन होने के बावजूद उनका समाधान करना भी सरदार जसवंत सिंह की एक अन्य उपलब्धि रही।
वार्ड के ब्लॉक जी और ब्लॉक एच में पिछले काफी समय से चल रही पानी की समस्या के समाधान के लिए ट्यूबवेल का कार्य कराने में भी वे पीछे नहीं रहे, ऐसा क्षेत्र में कार्यरत बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है।
लाक डाउन के दौरान जन सहयोग ऐप से जनता को सुविधाएं मुहैया कराने तथा सरल हरियाणा के ऐप से मदद की दरकार रखने वाले लोगों की सहायता करने में भी जसवंत सिंह की टीम एकजुट दिखी।
यही नहीं लाक डाउन के दौरान ५ए, के, एच, आदर्श कॉलोनी, निशन हट क्षेत्र में व्यवस्थित रूप से राशन वितरण तथा खाना बांटने में भी पार्षद व उनकी टीम जिस तत्परता से सक्रिय रही, वह सभी वर्गों में सराहना का विषय बना हुआ है।
क्षेत्र में आयोजित रक्तदान शिविर तथा भोजन वितरण कार्यक्रमों में सक्रिय सर्वश्री गुरुदेव सिंह, मनोज अरोड़ा, दलजीत सिंह, दीपक अभी, रवि बत्रा, प्रीतम गुलाटी व उनके साथी, रिंकू, जोगिंदर अभी, अनिल बहल, प्रभाकर, भोगल खान, रणधीरा, राकेश, अरविंदर सिंह, करण दीप सिंह, मनिंदर सिंह, मयंक, प्रिंस अरोड़ा, दीपक मनचंदा, अक्षय मनचंदा, श्री अरोड़ा सहित कई स्वयंसेवक प्रातः व सांयकाल सरदार जसवंत सिंह के नेतृत्व में सेवा भाव में एकजुट देखे गए।
स्वयं सेवकों का मानना है कि जिस प्रकार वार्ड नंबर १४ के पार्षद द्वारा जरूरतमंदों की सेवा तथा थैलेसीमिया के बच्चों के लिए रक्त एकत्रित करने के साथ-साथ जन समस्याओं के समाधान के लिए कार्य किया गया, उससे ना केवल उन्हें बल्कि इससे अन्य लोगों को भी प्रोत्साहन मिला जो सेवा का जज्बा अपने दिलों में रखते थे परंतु सीमित साधनों के कारण खुलकर आगे नहीं आ रहे थे।
इधर दूसरी और सरदार जसवंत सिंह ने लॉक डाउन के दौरान हुए कार्यों का श्रेय उन सभी लोगों को दिया है, जिन्होंने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया।
सरदार जसवंत सिंह ने फरीदाबाद जिला उपायुक्त श्री यशपाल यादव, पुलिस आयुक्त श्री केके राव, फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त श्री यश गर्ग की विशेष रूप से सराहना की है जिन्होंने आपात परिस्थितियों में क्षेत्र में व्यवस्था को बेहतर रूप से बनाए रखा।
सरदार जसवंत सिंह ने वार्ड ऑफिसर एसएस रावत व उन संगठनों तथा संस्थानों का भी आभार व्यक्त किया है जिन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित करने तथा राशन वितरण के साथ-साथ क्षेत्र में व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग दिया। वार्ड में पानी व सीवरेज संबंधी समस्या के समाधान के लिए निगम अधिकारियों के सक्रिय योगदान का उल्लेख करते स. जसवंत सिंह ने कहा है कि बिना टीमवर्क के यह सभी कार्य संभव नहीं थे। |
माना कि आपको एक खेल के मैदान की लम्बाई नापने के लिए कहा जाता है तो आप क्या करेंगे? सम्भवत: आप मैदान के एक सिरे से दूसरे सिरे तक चलकर अपने कदमों की संख्या को नापेंगे। एक अन्य सम्भावना है कि आप किसी मापक फीता या किसी मीटर पैमाने की व्यवस्था करें और फिर उसकी सहायता से यह ज्ञात करें कि एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँचने में मीटर पैमाने का कितनी बार प्रयोग किया जाता है। एक अन्य उदाहरण लेते हैं। मान लें कि आपको पुस्तकों से भरे हुए एक दफ्ती के डिब्बे (कार्टन) का भार ज्ञात करना है। इसके लिए एक तुला की सहायता से यह ज्ञात करेंगे कि कितने किलोग्राम के वजन के बराबर उस कार्टन का वजन होगा। इस प्रकार हम मापन को जितनी बार उस पैमाने का हमने प्रयोग किया है उस संख्या द्वारा परिभाषित कर सकते हैं।
मान लें कि आप बाजार में आम खरीदने जाते हैं जिसका मूल्य ५० रु. प्रति किलो है। आप उस दुकानदार से क्या अपेक्षा रखते हैं? वह यदि आपको ४-५ छोटे आम दे तो क्या आप सन्तुष्ट हो जाएँगे जबकि उन आमों का वजन १ किलो से बहुत कम है? इसलिए सही माप खरीददार व बेचनेवाले दोनों के लिए आवश्यक है। सही माप के बिना दोनों में झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मापन अपने दैनिक जीवन का एक आवश्यक क्रियाकलाप है। आप पूछ सकते हैं कि यह आवश्यक क्यों है। क्या इसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता?
क्या आपने इस पर कभी आश्चर्य किया कि अन्तरिक्ष वैज्ञानिक कैसे यह गणना कर लेते हैं कि कोई अन्तरिक्ष यान अपने निर्धारित लक्ष्य पर कैसे पहुँचता है या जब यह यान वापस आता है तो किस प्रकार पूर्व निर्धारित समय व स्थान पर पहुँचता है? यह विभिन्न प्राचलों के परिशुद्ध मापन और व्यापक गणनाओं द्वारा सम्भव होता है। मापन के लिए हमें एक विशेष मापक्रम की आवश्यकता होती है जिसे हम मात्रक कहते हैं।
हमारे पूर्वज किस प्रकार मापन करते थे?
मापन करने और मापन युक्तियों की आवश्यकता प्राचीन काल से ही रही है। जब मनुष्य सभ्य बना, वह खेतीबाड़ी करने या समुदायों में रहने लगा तब उसने इस बात को समझा कि एक अकेला व्यक्ति सब कुछ नहीं कर सकता और उसे अन्य व्यक्तियों पर निर्भर रहने की आवश्यकता है। इसने व्यापार के लिए मार्ग प्रशस्त किया और फिर संभवत: इससे मापन की आवश्यकता महसूस हुई।
मापन के अनेक तरीके अपनाए गए। तब से लेकर अब तक मापन पद्धति में बहुत विकास हुआ है। मापन के अनेक तरीके अपनाए गए। आइए, हमारे पूर्वजों द्वारा अपनाए गए मापन के रोचक तरीकों को संक्षप में जानें?
लिपिबद्ध (लिखित) इतिहास इस बात का साक्षी है कि मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंगों को किस तरह से मापन में काम में लाया जाता था। इसके कुछ उदाहरण हैं अंगुली की चौड़ाई (डिजिट), पैर की लम्बाई (फुट), हाथ की लम्बाई (क्यूबीट), पूरी तरह से फैले हाथ में अंगूठे के सिरे और कनिष्ठा के बीच की दूसरी (बालिश्त) आदि। इसी प्रकार फैदम का अर्थ था, किसी अंग्रेज (एग्लो-सेक्शन) किसान के दोनों हाथों को फैलाने के पश्चात् प्राप्त हुई चौड़ाई। यह बड़ी रोचक बात है कि इनमें से कुछ अभी भी प्रयोग में लाए जाते हैं।
कुछ ऐतिहासिक मात्रक आसपास की वस्तुओं पर आधारित थे। उदाहरण के लिए, रोमवासी अपनी मार्च करती सेना के द्वारा लिए गए एक कदम को पेस कहते थे और एक हजार कदम को एक मील कहा जाता था। इसी प्रकार, सोहलवीं सदी में गेहूं के दाने को द्रव्यमान के मात्राक के रूप में लिया जाता था और यह गेहूं के दाने के भार के बराबर था।
प्राचीन भारत में किसी वृक्ष या अन्य वस्तु की छाया की लम्बाई की सहायता से दिन के सन्निकट समय को ज्ञात किया जाता था। लंबे समय अंतरालों को चांद-चक्रों के पदों में व्यक्त किया जाता था जो अभी भी कुछ पंचांगों का आधार है, जैसे भारत में विभिन्न ऐतिहासिक कालों में प्रचलित मापन पद्धतियों के उत्तम उदाहरण उपलब्ध हैं।
निर्माण में प्रयुक्त र्इंटों का आकार सभी क्षेत्रों में समान था। र्इंटों की लंबाई, चौड़ाई तथा मोटाई को एक मानक के रूप में लिया जाता था तथा ये सदैव ही ४ : २ : १ के अनुपात में थीं। इस प्रकार लगभग २४00 वर्ष पूर्व चन्द्रगुप्त मौर्य के काल में मापतोल की एक सुपरिभाषित पद्धति थी। उस समय शासन यह सुनिश्चित करता था कि सभी एक समान बाट व मानकों का उपयोग करें। इस पद्धति के अनुसार लम्बाई का सबसे छोटा मात्राक १ परमाणु था। छोटी दूरियाँ अंगुल में मापी जाती थीं। लम्बी दूरियाँ योजन में मापी जाती थीं। एक योजन लगभग १0 किलोमीटर के बराबर होता था।
भारतीय चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद में भी द्रव्यमान व आयतन के मापन हेतु सुपरिभाषित मात्राक थे। मापन की पद्धति का दृढ़तापूर्वक पालन आवश्यक माना जाता था ताकि किसी विशेष रोग के लिए औषधि की उचित मात्रा सुनिश्चित की जा सके।
मध्यकाल में भी मापन की पद्धति प्रचलित थी। जैसा कि अबुल अल्लामी द्वारा लिखित पुस्तक आइन-ए-अकबरी में वर्णन किया गया है, मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में लम्बाई को मापने के मात्राक के रूप मे गज का प्रयोग किया जाता था। प्रत्येक गज को २४ बराबर भागों में बांटा जाता था तथा प्रत्येक भाग को तास्सुज कहा जाता था। इस पद्धति का व्यापक उपयोग भूखंडों को मापने, घरों, भवनों, कुंओं, उद्यानों व सड़कों आदि के निर्माण में मापन के लिए किया जाता था। आपको ज्ञात होना चाहिए कि १९५६ में दशमलव प्रणाली के अपनाए जाने तक मात्राक के रूप में गज का व्यापक रूप से उपयोग होता रहा। अभी भी हमारे देश में अनेक भागों में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लम्बाई के मात्राक के रूप में गज का उपयोग किया जाता है।
मापन की पद्धति में एकरुपता लाने के लिए ब्रिटिश काल में अनेक प्रयास किए गए। अंग्रेज शासक भारतीय मापतोल को उस समय ग्रेट ब्रिटेन में प्रयुक्त पद्धति से जोड़ना चाहते थे। उस काल में लम्बाई मापने के लिए मात्राकों के रूप में इंच, फुट और गज तथा द्रव्यमान मापने के लिए ग्रेन, ऑन्स तथा पौंड का उपयोग होता था। भारत में इन मात्राकों एवं बाटों का उपयोग सन् १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक होता रहा। भारत में द्रव्यमान के मात्राक के रूप में प्रयोग होने वाले मात्राक में रत्ती, मासा, तोला, छंटाक, सेर तथा मन थे। रत्ती एक लाल रंग का बीज होता है जिसका द्रव्यमान लगभग १२० म्ग होता है। इसका व्यापक रूप से उपयोग भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों तथा स्वर्णकारों द्वारा किया जाता था।
सन् १७९० की फ्रांसीसी क्रान्ति के तुरन्त बाद फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने मापतोल की नई पद्धति को स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाई। इसके लिए राष्ट्रीय मानकों की स्थापना तथा दशमलव प्रणाली को अपनाने की उन्होंने वकालत की। इससे दशमलव प्रणाली का जन्म हुआ जो हमारी हिन्दू-अरबी गणना पद्धति की तरह ही दस की संख्या के अपवत्र्यों एवं उपविभाजनों पर आधारित थी।
इन मानकों के अनेक प्रतिरूप बनाए गए और भिन्न-भिन्न स्थानों को भेजे गए। समय के मात्रक के लिए पृथ्वी के घूर्णन पर आधारित सेकण्ड, मिनट, घण्टों को लिया गया। इस दशमलव प्रणाली को सम्पूर्ण विश्व में व्यवहार में लाने के लिए सन् १८७५ में एक अन्तर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर हुए जिसे मीटर कन्वेशन (मीटर कॉन्वेन्शन) कहा गया। इन मात्राकों के विकास के दौरान अनेक पद्धतियों को काम में लाया गया। दो पद्धतियाँ जो सबसे अधिक व्यवहार में लाई गई वे थी, बहे और उो पद्धति। बहे पद्धति में लम्बाई, द्रव्यमान और समय के मात्राक क्रमश: सेंटीमीटर, ग्राम व सेकंड लिए गए की इकाई पर आधारित थी जबकि म्क्स पद्धति में मात्राक मीटर, किलोग्राम व सेकण्ड लिए गए। सन् १९५८ में इस बात को माना गया कि मात्राकों को नए सिरे से परिभाषित किया जाए। सन् १९८३ में १ सेन्टीमीटर की दूरी को प्रकाश द्वारा निर्वात में १ सेकण्ड के १/२९९, ७९२/४५८ हिस्से में तय की गई दूरी के बराबर माना गया। इस प्रकार मात्रकों की पद्धति को पुन:परिभाषित करने के फलस्वरूप सी मात्रक का चलन हुआ। |
समाज को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे, तो देश का विकास खुद ब खुद होने लगता हैं। कुछ ऐसी ही सोच नज़ीमाबाद के एसडीएम डॉक्टर पंकज कुमार वर्मा रखते हैं।
कहा जाता है कि सीखने और पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। कर्नाटक के कोप्पल में रहने वाले एक स्वतंत्रता सेनानी शरणबासवराज बिसारहल्ली पर यह बात पूरी तरह से फिट बैठती है।
दुनिया के कुछ ऐसे विजेताओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने तरीके से दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए काम किया हैं।
महिलाएं पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं लेकिन सालों पहले ऐसी सोच नहीं थी। इसके बावजूद कई महिलाओं ने समाज के लिए कुछ ऐसा किया कि लोगों को उनसे प्रेरणा मिली।
खेलने-कूदने की उम्र में भारती कुमारी की यह ज़िम्मेदारी वाकई में हर किसी को इंस्पायर करती हैं। |
गुरू हरगोबिन्द सिखों के छठें गुरू थे। साहिब की सिक्ख इतिहास में गुरु अर्जुन देव जी के सुपुत्र गुरु हरगोबिन्द साहिब की दल-भंजन योद्धा कहकर प्रशंसा की गई है। गुरु हरगोबिन्द साहिब की शिक्षा दीक्षा महान विद्वान् भाई गुरदास की देख-रेख में हुई। गुरु जी को बराबर बाबा बुड्डाजी का भी आशीर्वाद प्राप्त रहा। छठे गुरु ने सिक्ख धर्म, संस्कृति एवं इसकी आचार-संहिता में अनेक ऐसे परिवर्तनों को अपनी आंखों से देखा जिनके कारण सिक्खी का महान बूटा अपनी जडे मजबूत कर रहा था। विरासत के इस महान पौधे को गुरु हरगोबिन्द साहिब ने अपनी दिव्य-दृष्टि से सुरक्षा प्रदान की तथा उसे फलने-फूलने का अवसर भी दिया। अपने पिता श्री गुरु अर्जुन देव की शहीदी के आदर्श को उन्होंने न केवल अपने जीवन का उद्देश्य माना, बल्कि उनके द्वारा जो महान कार्य प्रारम्भ किए गए थे, उन्हें सफलता पूर्वक सम्पूर्ण करने के लिए आजीवन अपनी प्रतिबद्धता भी दिखलाई।
बदलते हुए हालातों के मुताबिक गुरु हरगोबिन्दसाहिब ने शस्त्र एवं शास्त्र की शिक्षा भी ग्रहण की। वह महान योद्धा भी थे। विभिन्न प्रकार के शस्त्र चलाने का उन्हें अद्भुत अभ्यास था। गुरु हरगोबिन्दसाहिब का चिन्तन भी क्रान्तिकारी था। वह चाहते थे कि सिख कौम शान्ति, भक्ति एवं धर्म के साथ-साथ अत्याचार एवं जुल्म का मुकाबला करने के लिए भी सशक्त बने। वह अध्यात्म चिन्तन को दर्शन की नई भंगिमाओं से जोडना चाहते थे। गुरु- गद्दी संभालते ही उन्होंने मीरी एवं पीरी की दो तलवारें ग्रहण की। मीरी और पीरी की दोनों तलवारें उन्हें बाबा बुड्डाजीने पहनाई। यहीं से सिख इतिहास एक नया मोड लेता है। गुरु हरगोबिन्दसाहिब मीरी-पीरी के संकल्प के साथ सिख-दर्शन की चेतना को नए अध्यात्म दर्शन के साथ जोड देते हैं। इस प्रक्रिया में राजनीति और धर्म एक दूसरे के पूरक बने। गुरु जी की प्रेरणा से श्री अकाल तख्त साहिब का भी भव्य अस्तित्व निर्मित हुआ। देश के विभिन्न भागों की संगत ने गुरु जी को भेंट स्वरूप शस्त्र एवं घोडे देने प्रारम्भ किए। अकाल तख्त पर कवि और ढाडियोंने गुरु-यश व वीर योद्धाओं की गाथाएं गानी प्रारम्भ की। लोगों में मुगल सल्तनत के प्रति विद्रोह जागृत होने लगा। गुरु हरगोबिन्दसाहिब नानक राज स्थापित करने में सफलता की ओर बढने लगे। जहांगीर ने गुरु हरगोबिन्दसाहिब को ग्वालियर के किले में बन्दी बना लिया। इस किले में और भी कई राजा, जो मुगल सल्तनत के विरोधी थे, पहले से ही कारावास भोग रहे थे। गुरु हरगोबिन्दसाहिब लगभग तीन वर्ष ग्वालियर के किले में बन्दी रहे। महान सूफी फकीर मीयांमीर गुरु घर के श्रद्धालु थे। जहांगीर की पत्नी नूरजहांमीयांमीर की सेविका थी। इन लोगों ने भी जहांगीर को गुरु जी की महानता और प्रतिभा से परिचित करवाया। बाबा बुड्डा व भाई गुरदास ने भी गुरु साहिब को बन्दी बनाने का विरोध किया। जहांगीर ने केवल गुरु जी को ही ग्वालियर के किले से आजाद नहीं किया, बल्कि उन्हें यह स्वतन्त्रता भी दी कि वे ५२राजाओं को भी अपने साथ लेकर जा सकते हैं। इसीलिए सिख इतिहास में गुरु जी को बन्दी छोड़ दाता कहा जाता है। ग्वालियर में इस घटना का साक्षी गुरुद्वारा दाता बन्दी छोड़ है। अपने जीवन मूल्यों पर दृढ रहते गुरु जी ने शाहजहां के साथ चार बार टक्कर ली। वे युद्ध के दौरान सदैव शान्त, अभय एवं अडोल रहते थे। उनके पास इतनी बडी सैन्य शक्ति थी कि मुगल सिपाही प्राय: भयभीत रहते थे। गुरु जी ने मुगल सेना को कई बार कड़ी पराजय दी। गुरु हरगोबिन्दसाहिब ने अपने व्यक्तित्व और कृत्तित्वसे एक ऐसी अदम्य लहर पैदा की, जिसने आगे चलकर सिख संगत में भक्ति और शक्ति की नई चेतना पैदा की। गुरु जी ने अपनी सूझ-बूझ से गुरु घर के श्रद्धालुओं को सुगठित भी किया और सिख-समाज को नई दिशा भी प्रदान की। अकाल तख्त साहिब सिख समाज के लिए ऐसी सर्वोच्च संस्था के रूप में उभरा, जिसने भविष्य में सिख शक्ति को केन्द्रित किया तथा उसे अलग सामाजिक और ऐतिहासिक पहचान प्रदान की। इसका श्रेय गुरु हरगोबिन्दसाहिब को ही जाता है।
गुरु हरगोबिन्दसाहिब जी बहुत परोपकारी योद्धा थे। उनका जीवन दर्शन जन-साधारण के कल्याण से जुडा हुआ था। यही कारण है कि उनके समय में गुरमतिदर्शन राष्ट्र के कोने-कोने तक पहुंचा। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के महान संदेश ने गुरु-परम्परा के उन कार्यो को भी प्रकाशमान बनाया जिसके कारण भविष्य में मानवता का महा कल्याण होने जा रहा था।
गुरु जी के इन अथक प्रयत्नों के कारण सिख परम्परा नया रूप भी ले रही थी तथा अपनी विरासत की गरिमा को पुन:नए सन्दर्भो में परिभाषित भी कर रही थी। गुरु हरगोबिन्दसाहिब की चिन्तन की दिशा को नए व्यावहारिक अर्थ दे रहे थे। वास्तव में यह उनकी आभा और शक्ति का प्रभाव था। गुरु जी के व्यक्तित्व और कृत्तित्वका गहरा प्रभाव पूरे परिवेश पर भी पडने लगा था। गुरु हरगोबिन्दसाहिब जी ने अपनी सारी शक्ति हरमन्दिरसाहिब व अकाल तख्त साहिब के आदर्श स्थापित करने में लगाई। गुरु हरगोबिन्दसाहिब प्राय: पंजाब से बाहर भी सिख धर्म के प्रचार हेतु अपने शिष्यों को भेजा करते थे।
गुरु हरगोबिन्दसाहिब ने सिक्ख जीवन दर्शन को सम-सामयिक समस्याओं से केवल जोडा ही नहीं, बल्कि एक ऐसी जीवन दृष्टि का निर्माण भी किया जो गौरव पूर्ण समाधानों की संभावना को भी उजागर करता था। सिख लहर को प्रभावशाली बनाने में गुरु जी का अद्वितीय योगदान रहा।
गुरु जी कीरतपुर साहिब में ज्योति-जोत समाए। गुरुद्वारा पातालपुरीगुरु जी की याद में आज भी हजारों व्यक्तियों को शान्ति का संदेश देता है। भाई गुरुदास ने गुरु हरगोबिन्दसाहिब की गौरव गाथा का इन शब्दों में उल्लेख किया है: पंज पिआलेपंजपीर छटम्पीर बैठा गुर भारी, अर्जुन काया पलट के मूरत हरगोबिन्दसवारी,
चली पीढीसोढियांरूप दिखावनवारो-वारी,
दल भंजन गुर सूरमा वडयोद्धा बहु-परउपकारी॥ सिखों के दस गुरू हैं।
गुरु हरगोबिंद साहिब जी जब कश्मीर की यात्रा पर थे तब उनकी मुलाकात माता भाग्भरी से हुई थी जिन्होंने पहली मुलाकात पर उनसे पूछा कि क्या आप गुरु नानक देव जी हैं क्योंकि उन्होंने गुरु नानक देव जी को नहीं देखा था। उन्होंने गुरु नानक देव जी के लिए एक बड़ा सा चोला (एक पहनने का वस्त्र) बनाया था जिसमे ५२ कलियाँ थी ये चोला उन्होंने उनके बारे में सुनकर कि उनका शरीर थोडा भारी है ये वस्त्र थोडा बड़ा बनाया था। माता की भावनाओं को देखते हुए गुरु साहिब ने ये चोला उनसे लेकर पहन लिया। गुरु साहिब जब ग्वालियर के किले से मुक्त किये गए तो उन्होंने यही चोला पहन रखा था जिसकी ५२ कलियों को पकड़ कर किले की जेल में बंद सारे ५२ राजा एक एक कर बाहर आ गए, तभी से गुरु हरगोबिन्द साहिब जी "दाता बन्दी छोड़" कहलाये।
अन्तिम परिवर्तन १९:४७, ७ अगस्त २०२१। |
क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में शतक बनाना हर एक बल्लेबाज के लिए एक बेहतरीन एहसास होता है। जब भी कोई बल्लेबाज बीच मैदान पर तीन अंकों के आंकड़ों को पार करने के बाद हवा में बल्ला ऊपर उठाता है तो उस समय की ख़ुशी का अंदाज़ा लगा पाना बेहद मुश्किल है। क्रिकेट के इस खेल में अभी तक कई बल्लेबाजों ने शतक बनाते हुए इस कारनामे को किया है।
लेकिन सबसे ज्यादा बार शतक बनाकर बल्ले को हवा में लहराने का सौभाग्य भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (सचिन तेंडुलकर) को मिला था। तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल १०० शतक जड़े थे जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। क्रिकेट के सभी प्रारूपों में शतक बनाने के लिए अलग-अलग गति के साथ रन बनाने की जरुरत होती है। जो बल्लेबाज इस चीज़ को अच्छे से समझ लेता है वही खिलाड़ी अपने करियर के दौरान सेंचुरी बना पाता है। इस आर्टिकल में हम उन ३ बल्लेबाजों की बात करेंगे जो क्रिकेट के अलग-अलग प्रारूपों में अच्छी बल्लेबाजी औसत होने के बावजूद शतक बना पाने में असफल रहे हैं।
श्रीलंकाई विकेटकीपर बल्लेबाज निरोशन डिकवेला अपने टेस्ट करियर में ४९ मुकाबले खेल चुके हैं और इस दौरान उन्होंने ३२.५२ की औसत से २६०२ रन बनाये हैं। जिसमें बीस अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं। वनडे करियर में दो शतक जड़ने वाले डिकवेला टेस्ट में अभी तक एक बार भी १०० रनों के आंकड़े को पार नहीं कर पाए हैं। हालाँकि दो बार २८ वर्षीय ये बल्लेबाज ९० रनों के स्कोर पार करने में सफल जरुर रहा लेकिन अपनी इस पारी को शतक में तबदील करने में असफल रहे। डिकवेला का टेस्ट में उच्चतम स्कोर ९६ रन है जो उन्होंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध २०२१ में खेलते हुए बनाया था।
२४ वर्षीय युवा ऑलराउंडर सैम करन स्ट्रेस फ्रैक्चर इंजरी के चलते आईपीएल २०२२ में नहीं खेल पाए थे। इस दौरान करन ने सरे के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कुछ बेहतरीन पारियां जरूर खेलीं। घरेलू क्रिकेट में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को अलग-अलग पोजीशन पर बल्लेबाजी करने का मौका मिलता रहा है। जिसके चलते करन घरेलू क्रिकेट में अभी तक शतक लगा पाने में सफल नहीं हो पाए हैं। ७८ फर्स्ट क्लास मैचों में करन का सर्वाधिक स्कोर ९६ रन रहा है।
वहीं इनके अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो एकदिवसीय करियर में बाएं हाथ के हाथ के बल्लेबाज ने ११ मैचों में २८.२० के औसत से १४१ रन बनाये हैं। जिसमें उनका उच्चतम स्कोर ९५* रन रहा है जो उन्होंने २०21 में भारत के विरुद्ध बनाया था। इसमें कोई शक नहीं है कि करन एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं और सही समय आने पर वो किसी मैच में शतक बनाने में जरूर कामयाब होंगे।
रविंद्र जडेजा पिछले कुछ सालों से भारत के लिए तीनों प्रारूपों में मुख्य ऑलराउंडर की भूमिका में खेल रहे हैं। करीब तीन सालों से इस खिलाड़ी ने तीनों प्रारूपों में अच्छी औसत से रन भी बनाये हैं और इस दौरान अपने टेस्ट करियर में जडेजा दो शतक जड़ने में भी सफल रहे। लेकिन वनडे फॉर्मेट १६८ मैच खेलते हुए जडेजा अभी तक शतक नहीं लगा पाए हैं। अपने एकदिवसीय करियर में उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए ३२.५८ की औसत से २४११ रन बनाये हैं, जिसमें १३ अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं और वनडे में उनका उच्चतम स्कोर ८७ रन रहा है, जो २०१४ में जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। |
क्ग आर्मी अग्निवीर रैली भारती २०२२ भारतीय सेना द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत इंडियन आर्मी अग्निवीर रैली भर्ती के लिए आर्मी अग्निवीर रैली नोटिफिकेशन जारी किया है। दरअसल हाल ही में भारतीय सेना द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ इंडियन आर्मी अग्निवीर रैली भर्ती का आयोजन कर रहा है। आर्मी अग्निवीर रैली रायपुर भर्ती २०२२ के लिए योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार भारतीय सेना की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से आर्मी अग्निवीर छत्तीसगढ़ रैली के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। देश सेवा करने के सपना देख रहे अभ्यर्थियों को इंडियन आर्मी जॉब्स पाने के यह सुनहरा मौका है। अग्निवीर रायपुर रैली नोटिफिकेशन से जुड़ी विभागीय विज्ञापन, आवेदन प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया, रजिस्ट्रेशन फार्म, सिलेबस एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी नीचे अवलोकन कर सकते हैं। क्ग आर्मी अग्निवीर रैली भारती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नीचे तालिका पर सूचीबद्ध किया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ गोवत जॉब्स अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।
शैक्षणिक योग्यता:- छत्तीसगढ़ इंडियन आर्मी रैली भारती के लिए भारतीय सेना द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं आयु सीमा विवरण की जानकारी नीचे तालिका पर जांच कर सकते हैं। शैक्षणिक योग्यता एवं आर्मी अग्निवीर रैली रायपुर आगे लीमित की विस्तृत जानकारी के लिए विभागीय विज्ञापन की जांच कर लेवे।
वेतनमान:- जिन अभ्यर्थियों का छत्तीसगढ़ आर्मी रैली भर्ती २०२२ के माध्यम से अग्निवीर पदों पर चयन होगा। उन अभ्यार्थियों को विभाग द्वारा ३०००० - ४०००० रुपया प्रति माह वेतन भुगतान किया जावेगा।
आवेदन शुल्क:- रायपुर आर्मी अग्निवीर रैली २०२२ के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासी जो इंडियन आर्मी छत्तीसगढ़ रैली के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना चाहते हैं। वह उम्मीदवार भारतीय सेना द्वारा निर्धारित माध्यम से आवेदन शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। आर्मी अग्निवीर रैली आप्लिकेशन फीस का विवरण नीचे तालिका पर जांच कर सकते हैं।
हम किसी भी उम्मीदवार को जॉब ऑफर या जॉब सहायता के लिए संपर्क नहीं करते हैं। सरकारीप्रेप.इन कभी भी जॉब्स के लिए किसी उम्मीदवार से शुल्क नहीं लेता है। कृपया फर्जी कॉल या ईमेल से सावधान रहें। किसी भी सहायता के लिए कृपया सरकारीप्रेप ऑफिशियल ट्विटर पर ट्वीट कर सकते हैं। |
अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह अपेक्स बैंक अउ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक म समकक्ष पद म पाछु १० साल म २ गुना ले जादा वेतन भत्ता के बढ़ोतरी पाए जाये म नाराजगी व्यक्त करे हावय। मुख्यमंत्री ह मध्यप्रदेश के बैंक के तुलना म २ गुना ले जादा वेतन बढ़ोतरी म जांच कराये के निर्देश दे हावयं। ओमन ये तको निर्देशित करे हावय के भविष्य म होवइया खाली पद के पूर्ति शासन के समान वेतनमान म करे जाये।
जानबा होवय के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अध्यक्षता म अपेक्स बैंक अउ प्रदेस के सबो जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रचलित सेवा नियम अउ उंकर वेतनमान के संबंध म बइठक आयोजित करे गे रिहिस। बइठक म मुख्यमंत्री जी डहर ले निर्देश दे गे के नवा सेवा नियम लागू होए के बाद अपेक्स बैंक अउ जिला सहकारी बैंक म लगभग २९०० पद के खाली होही, ओमा लघियात भरती के कार्यवाही राज्य एजेंसी व्यापम के माध्यम ले भरती के कार्यवाही लघियात करे जाये, जेकर ले प्रदेस के बेरोजगार युवक ल लाभ मिल सके। |
समोसे कचोरी बनाते हुए पकड़े गए तो तहसीलदार ने १०००० रु का स्पॉट फाइन, और ३ दिन के लिए लाइसेंस सस्पेंड,
उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह के निर्देश पर जिले में विभिन्न दुकानों के नियमानुसार संचालन का निरीक्षण किया जा रहा है ।विगत दिनों जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शर्तो के अधीन दुकाने खोलने की अनुमति प्रदान की गई है ।
आज तहसीलदार सुश्री पूर्णिमा सिंघी ने निरीक्षण में पाया कि ग्राम घटिया के शर्मा रेस्टोरेंट द्वारा जिला प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए रेस्टोरेंट्स खोल कर समोसे ,कचोरी एवं अन्य खाद्य सामग्री का विक्रय किया जा रहा है तथा अनावश्यक भीड़ को एकत्रित होने दिया जा रहा है। इस पर तहसीलदार द्वारा शर्मा रेस्टोरेंट पर१०००० रु का स्पॉट फाइन किया गया तथा आगामी तीन दिवस के लिए उक्त रेस्टोरेंट् का लाइसेंस निरस्त कर दिया है । |
जैसा की आप सबको पता है . की आज हर एक नागरिक पैसा कमाने के फिराक में रहते है तोह आज मई आप सब के लिए एक ऐसे तरीके बाटने वाले है जिसके माध्यम से आप सब आसानी से पैसा कमा सकते है आज के समय में सभी काम ऑनलाइन हो रहा शुरू हो चूका हैं जिसको देखते देखते बहुत से ऐप लॉन्च हो गए हैं।
जिन्हें इनके बारे में नहीं पता होगा आज हम इन दोनों तरीकों के माध्यम से आपको पैसा कमाना सिखाएंगे जिससे आप तो जाना के हजार रुपए या इससे भी अधिक कमा सकेंगे तो चलिए गूगल पे ऐप के इन २ तरीकों से पैसा कमाना सीखते हैं गुजेल से पैसे कैसे कमाए इन हिन्दी, गूगल पाय आप्प से डेली ५००-१००० रुपए कमने का तारीका,
बसे पहले आपको गूगल पे एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले आपको प्ले स्टोर आप्प पर जाना पड़ेगा। ऐप खुलने के बाद आपको ऊपर सर्च बाह में गूगल पाय लिखना है और सर्च करना पड़ेगा। |
हम इन दिनों बहुत से शॉर्टहैंड लिंगो के साथ रहते हैं और ओओएफ, बीआरबी, टीआईएल, एलओएल और आईडीके जैसे अक्षरों के संयोजन के साथ हमारे ग्रंथों और स्लैक संदेशों और कभी-कभी हमारे ईमेल (आपके काम के माहौल के आधार पर) के संयोजन के साथ भी रहते हैं। वे, अधिकांश भाग के लिए, समझने में आसान हैं और यहां तक कि उत्तरों में अपने लिए भी उपयोग करते हैं। लेकिन एक छोटा-सा काम है, जो दुनिया को बदलने के लिए हर जगह दिखाई देता है और फिर भी हमारे सिर को लपेटने के लिए इतना आसान नहीं है: आयोट।
आयोट: इंटरनेट ऑफ थिंग्स। जब इंटरनेट आम हो गया था, हम सभी लोगों के इंटरनेट के रूप में जुड़े थे। यही जीवन-परिवर्तन रहा है। लेकिन यह सब फिर से बदलने के बारे में है। जल्द ही यह हमारे डिवाइस (और कार और फोन और उपकरण और अन्य) होंगे जो जुड़े हुए हैं, न कि हम, और यह बदलाव ज्यादातर विशेषज्ञों के अनुसार, हमारी दुनिया को बहुत अच्छे तरीके से उलटा करने जा रहा है। कुछ का अनुमान है कि परिवर्तन इतने चरम होंगे, आयोट अगली औद्योगिक क्रांति को जन्म देगा।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स भाग में बहुत स्मारकीय होगा क्योंकि चीजों की संख्या लोगों की संख्या से बहुत अधिक होगी। गार्टनर ने कहा कि हमारे पास २०२० तक २०.४ बिलियन कनेक्टेड डिवाइस होंगे। क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं? २० बिलियन से अधिक डिवाइस, सभी जुड़े हुए हैं और हर समय हमारे चारों ओर डेटा साझा करते हैं। और यह कम अंत पर है। फ्टक की भविष्यवाणी है कि यह ५० बिलियन होगा, और यह इन्फोग्राफिक संभवतः २०0 बिलियन भी कहता है। और फिर वहाँ पैसा है: इड्क वैश्विक आयोट बाजार की भविष्यवाणी करता है २०२० तक $ १.७ ट्रिलियन से अधिक का मूल्य होगा। अरबों उपकरण और अरबों डॉलर? यह सब दिमाग है!
लेकिन इस बिंदु पर कुछ भी नहीं है। वे उपकरण और डॉलर हमें यह नहीं बताते हैं कि आयोट क्या है, यह कैसे काम करता है, या यह क्यों मायने रखता है। और उन तीन चीजों को समझने के बिना, आप वास्तव में इस अपरिहार्य परिवर्तन के महत्व की सराहना नहीं कर सकते हैं या इसमें आपकी संभावित जगह।
आइए प्रश्न के साथ शुरू करें, आयोट क्या है? इंटरनेट के अनुसार, यह रोजमर्रा की वस्तुओं में एम्बेडेड कंप्यूटिंग उपकरणों के इंटरनेट के माध्यम से अंतर्संबंध, उन्हें डेटा भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एक उपभोक्ता स्तर पर, इन उपकरणों को हमारी कारों, फोन, उपकरणों, चिकित्सा उपकरण, रिस्टबैंड, पशुधन और बहुत कुछ में रखा जा सकता है। औद्योगिक स्तर पर, ये उपकरण मशीनरी, शिपिंग उपकरण, वाहन, रोबोट, गोदाम और बहुत कुछ हो सकते हैं। लेकिन जहां डिवाइस स्थित हैं, वे जितना करते हैं उससे कम मायने रखते हैं। और वे एक दूसरे से बात करते हैं, डेटा साझा करते हैं और उस डेटा के आधार पर प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं और अन्य सभी डेटा जो उत्पन्न हो रहे हैं, उनका विश्लेषण किया जाता है और उन पर कार्रवाई की जाती है।
शायद यह समझाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आयोट कैसे काम करता है इंटरनेट ऑफ थिंग्स एप्लिकेशन पर एक नज़र डालें। इस तकनीक के साथ वास्तविक दुनिया के कुछ परिदृश्य क्या संभव हैं?
आपकी कार एक इंजन समस्या का पता लगा सकती है, अपने मैकेनिक के साथ एक नियुक्ति का समय निर्धारित कर सकती है, और निर्माता को समस्या के बारे में बता सकती है, अगर ऐसा अन्य इंजनों में भी हुआ है।
आपका स्मार्ट घर यह जान सकता है कि क्या आपके पास तनावपूर्ण कार्य दिवस था, आप सुखदायक संगीत खेल सकते हैं और दरवाजे से चलने पर नरम प्रकाश प्रदान कर सकते हैं।
आपका रेफ्रिजरेटर आपको यह बता सकता है कि कौन से किराने का सामान खरीदने या उन्हें आपके लिए ऑर्डर करने के लिए।
आपका कॉफ़ीमेकर तब जान सकता है जब आप उस समय जागते हैं और चालू करते हैं।
इन उदाहरणों में, कोई भी उपकरण अकेले कार्य नहीं कर रहा है। वे डेटा का जवाब दे रहे हैं और सबमिट कर रहे हैं। कार का सेंसर मैकेनिक के कैलेंडर और निर्माता के लॉग से जुड़ा होता है। आपका स्मार्ट होम जानता है कि आपके पास एक लंबा दिन था क्योंकि यह आपके कैलेंडर से जुड़ा हुआ है। आपके रेफ्रिजरेटर को उस भोजन को जानने के लिए डेटा प्राप्त हो रहा है जो सड़ा हुआ हो सकता है और आपको कौन सा भोजन हाथ पर रखना पसंद है। आपका कॉफ़ीमेकर आपके रिस्टबैंड से जुड़ा होता है, यह जानने के लिए कि आप कब उठते हैं।
उन सभी परिदृश्यों को उपभोक्ता के लिए एक आसान दिन बनाते हैं, लेकिन उद्यम के बारे में क्या? आयोट का व्यावसायिक जगत से क्या तात्पर्य है? बहुत सारे! औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स की दुनिया में, समान उपकरण स्टॉक को हाथ में लेने और फिर से ऑर्डर करने के लिए इन्वेंट्री को ट्रैक कर सकते हैं, मौसम या ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए परिवहन को व्यवस्थित कर सकते हैं, और भविष्य कहनेवाला रखरखाव के साथ यांत्रिक टूटने को कम कर सकते हैं। स्वायत्त वाहन आवश्यक गोदाम भागों को ठीक उसी समय पर वितरित कर सकते हैं जिसकी उन्हें आवश्यकता है। उदाहरण और आगे बढ़ते हैं क्योंकि औद्योगिक इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स पहले से ही चल रहा है और व्यवसाय पहले से ही इसका लाभ उठा रहे हैं।
ऊपर वर्णित अनुप्रयोगों के उदाहरणों के आधार पर, आप देख सकते हैं कि आयोट उपभोक्ता के लिए जीवन को बेहतर बनाता है और व्यवसाय के लिए लागत प्रभावी है। और ये दो दृष्टिकोण समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आप दो तरीकों में से एक में इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के लाभों के बारे में प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं: उपभोक्ता के दृष्टिकोण से या व्यवसाय के दृष्टिकोण से।
उपभोक्ता के दृष्टिकोण से, आयोट में हमारी दैनिक गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने, हमारे उपयोगिता बिलों (और ऊर्जा उपयोग) को कम करने, हमारी स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने, हमें यातायात से बाहर रखने, और बहुत कुछ करने की क्षमता है। इसमें हमारे जीवन को आसान बनाने की क्षमता है।
व्यवसाय के दृष्टिकोण से, आयोट में लागत में कटौती, क्षमता में वृद्धि, ग्राहक सेवा में सुधार, निर्णय लेने में तेजी लाने, और बहुत कुछ करने की क्षमता है। इसमें एक प्रतियोगी लाभ होने और उन नवोन्मेषकों को पुरस्कृत करने की क्षमता है जो पहले इसके अनुकूल हैं।
नवीनतम टेक्नोलॉजीज, नैनोटेक्नोलाजी, जावा टेक्नोलॉजीज, वेब टेक्नोलॉजीज, मोबाइल ऐप टेक्नोलॉजीज, डेटाबेस, माइक्रोसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज, बिग डेटा, मार्केटिंग, स्क्रिप्ट्स भाषा, देवप और शिक्षा। |
काल्हि २६ सितम्बर सन्ध्याकाल ९ बजे सँ ११ बजेक समय मे अपन योगदान जमीनी अभियान विषय पर दहेज मुक्त मिथिला द्वारा प्रथम वेबिनार केर आयोजन कयल गेल। एहि आयोजन मे स्वेच्छा सँ सदस्य लोकनि अपन सहभागिताक सूचना दैत जुड़लाह। काठमान्डू सँ इंजीनियरिंग केर तेसर वर्षक छात्रा प्रीति झा, सुपौल सँ वरिष्ठ समाजसेवी किशोर कुमार झा, मुम्बई मे दहेज मुक्त मिथिलाक व्हाट्सअप समूह केर संचालिका कल्याणी ठाकुर, दिल्ली सँ समूहक मौडरेटर एवं लेखनीक धार प्रतियोगिताक संयोजिका भावना मिश्र, दरभंगा व्हाट्सअप समूहक संचालिका सह ग्रुप मौडरेटर भारती झा, ग्रुपक सक्रिय सदस्या एवं मैथिल स्वाबलम्बी कन्याक प्रतिपादक सीतामढी सँ राधिका झा अपन माँक संग, मुम्बई सँ एडवोकेट ज्योति झा एक विज्ञ सलाहकार केर तौरपर, दरभंगा सँ मैथिल युवा प्रतिनिधि जयन्त मिश्र एवं संचालक केर तौर पर हम प्रवीण नारायण चौधरी एवं श्रीमती वन्दना चौधरी सहभागी भेलहुँ। एहि मे अभय कुमार पाठक एवं विद्या नन्द चौधरी अपन नाम केर प्रस्तावना देलाक बादहु सहभागी नहि बनि सकलाह। तहिना प्रतिमा देव सेहो तकनीकी कमजोरीक चलते सहभागी नहि बनि सकलीह।
काल्हिक वेबिनार मे एक छात्र केर रूप मे प्रीति झा कोन तरहें अभियान केँ गतिमान बनौती ताहि पर विचार रखबाक संग-संग दहेज प्रथाक विद्यमान अवस्था हुनका समान युवतीक मन-मस्तिष्क मे कोन तरहें छाप छोड़ि रहल छन्हि ताहि पर विचार रखलीह। तहिना मुम्बई सन महानगर मे व्हाट्सअप समूह बनाकय कोना बेसी सँ बेसी दहेज मुक्त विवाह निष्पादित कयल जा रहल अछि ताहि विन्दु पर कल्याणी ठाकुर अपन विचार रखलीह। लेखनीक धार आ विभिन्न कला-प्रतिभा सँ भरल-पुरल कतेको लोकक संग समूह पर लाइव आबि दहेज विरूद्ध जनजागरण सँ अभियान केँ आगू बढेबाक संग भविष्य मे आरो गम्भीर आ महत्वपूर्ण योगदान देबाक विषय पर भावना मिश्र अपन विचार देलीह। तहिना भारती झा सेहो दहेज केर विषय मे लोकक मानसिकता केहेन रहल आर एहि लेल आगामी समय मे कोना बेसी सँ बेसी लोक मे जागरुकता आओत ताहि लेल स्वयं केर योगदान दैत रहबाक विन्दु पर विचार रखलीह। मुम्बई सँ ज्योति झा समय-समय पर समूह मे आबि लोक सब केँ दहेजक विरूद्ध कोना अपना केँ तैयार कयल जा सकैत अछि ताहि पर बजलीह। ओ कहलखिन जे बेसी सँ बेसी युवा-युवती मे एहि लेल जागरुकता एनाय जरूरी अछि। सुपौल सँ किशोर कुमार झा दहेज मुक्त मिथिला द्वारा एकटा आदर्श पद्धतिक विकास कय ताहि पर सब केँ अमल करेबाक दिशा मे काज करबाक जरूरत पर जोर देलनि। राधिका झा द्वारा मिथिलाक बेटी सब मे कोना आत्मबल बढत, ओ सब केना सुशिक्षित-सुसंस्कृत भऽ अपन पैर पर ठाढ भेलाक बाद विवाह करती ताहि विन्दु पर आ संगहि गाम-समाज मे निगरानी समिति ठाढ करबाक लेल सेहो बातचीत बढेबाक सम्बन्ध मे अपन विचार देलीह। राधिकाक माँ सेहो एक अभिभावक द्वारा कोना अपन बेटी केँ प्रोत्साहन दैत उचित शिक्षा आ स्वाबलम्बन केर मार्ग पर चलायल गेनाय जरूरी छैक ताहि विन्दु पर विचार देलीह।
काल्हिक वेबिनार मे २ गोट बहुत महत्वपूर्ण बात सोझाँ आयल। मिथिला केँ दहेज मुक्त बनेबाक लेल कन्यावर्ग मे शिक्षा आ स्वाबलम्बी बनबाक प्रेरणा देबाक अभियान मे तेजी अनबाक जरूरत आर दोसर जे आदर्श विवाह लेल एकटा निश्चित मानदंड तय करैत ओहि बातक गाम-गाम आ जन-जन मे प्रचारक आवश्यकता ई दुइ बात एहि अभियान केँ जमीनी स्तर पर सफल बनायत। हालांकि संगठनक तौर पर दहेज मुक्त मिथिला ओतेक सक्षम नहि अछि तथापि विमर्शी लोकनिक एहि बात पर जोर रहलनि जे एकर जरूरत समाजक विकास लेल छैक आर एहि लेल सब कियो मिलिजुलिकय कार्य करता। कालेज केर छात्र-छात्रा सभ केँ सेहो बेसी सँ बेसी जोड़ल जेबाक कार्य लेल प्रीति झा व हुनकहि समान आरो छात्र लोकनि केँ आगू अनबाक कार्य कयल जेबाक प्रण लेल गेल।
एहि तरहक वेबिनार सँ अभियानक गतिशीलता केँ बढेबाक काज होयत, एहि वेबिनारक सैकड़ों दर्शक ई भावना अपन प्रतिक्रिया मे रखलनि। नेटवर्कक कमजोरीक कारण जयन्त मिश्र केर विचार मंच पर श्रव्य-दृश्य रूप मे नहि आबि सकल, परञ्च मैथिल युवाक रूप मे ओ वचन देलाह जे स्वयं आ स्वयं समान हजारों युवा केँ दहेज मुक्त विवाह करबाक प्रेरणा बाँटि अपन योगदान जरूर देब। तहिना मधेपुरा सँ एक युवा एहि वेबिनारक क्रम मे दहेज मुक्त विवाह करबाक वचन देलनि, संगहि मधेपुरा दिश अभियान केँ गतिमान बनेबाक लेल कार्य करता ओ सेहो गछलनि। |
रिपब्लिक पर डिबेट के दौरान एंकर अर्नब गोस्वामी कहने लगे कि ममता बनर्जी जिस तरह से दिल्ली में सक्रिय हैं, ऐसा लगता है जैसे कल ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ममता बनर्जी को मोदी विरोधी गठबंधन बनाने की बहुत जल्दी है।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि विपक्षियों को साथ में लाने के लिए क्या वाकई ममता के पास कोई रोडमैप है। दिल्ली की दरबारी राजनीति अब चुनाव नहीं जिता पाती है। दिल्ली की राजनीति में हर नेता खिलाड़ी है। ये खिलाड़ी चुनाव नहीं जीत सकते हैं क्योंकि लोग इनकी नहीं सुनते हैं। अर्नब गोस्वामी कहने लगे कि टीएमसी कोई राष्ट्रीय पार्टी नहीं है कि बाकी विपक्ष के लोग उनकी सुनेंगे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करने की कोशिश के तहत राज्य की अवसंरचनात्मक परियोजनाओं पर चर्चा की।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि अच्छा होगा अगर पश्चिम बंगाल में इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन उद्योग स्थापित हो जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य की सीमा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और पूर्वोत्तर राज्यों से लगती है इसलिए वहां अच्छी सड़कों की आवश्यकता है।
सूत्रों ने बताया कि बनर्जी ने इस मुलाकात के दौरान, ताजपुर में गहरे समुद्र के बंदरगाह समेत लंबित सड़क तथा परिवहन परियोजनाओं पर बातचीत की। बनर्जी, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के इरादे से बातचीत के लिए आजकल दिल्ली में हैं।
कोलकाता से लगभग २०० किलोमीटर दूर स्थित बंदरगाह में १५,००० करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और इसके पूरा होने पर पश्चिम बंगाल में रोजगार के २५,००० नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, नितिन गडकरी ने मुझे अपने मुख्य सचिव को भेजने को कहा है। उनके महानिदेशक, लोक निर्माण मंत्री, सचिव, परिवहन सचिव और वह भी वहां होंगे। मेरे मुख्य सचिव शुक्रवार को बैठक के लिए आज दिल्ली आ रहे हैं। |
आमिर खान जिन्हें बॉलीवुड का मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है, उन्होंने आज तक कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। परंतु हाल में रिलीज हुई लाल सिंह चड्ढा फिल्म से उन्हें जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हो पाई। और इसी बीच आमिर खान ने एक इवेंट में फिल्मों से ब्रेक लेने का एक बड़ा खुलासा किया है।
आमिर खान ने ३५ साल बाद अपने करियर में पहली बार एक्टिंग से ब्रेक लेने का सोचा है। दिल्ली में हो रहे एक इवेंट में आमिर खान ने इस बात को क्लियर किया है कि वह अब कुछ समय के लिए एक्टिंग से ब्रेक ले रहे हैं और अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे।
उन्होंने यह भी कहा है कि करीब डेढ़ सालों तक वे एक्टिंग से ब्रेक लेना चाहते हैं और अपने फैमिली और बच्चों के साथ वक्त बिताना चाहते हैं।
ऐसे तो आमिर खान ने लगभग ३ साल के बाद लाल सिंह चड्ढा के फिल्म से फिर से स्क्रीन पर वापसी की थ, लेकिन उनकी यह फिल्म फ्लॉप होने के कारण आमिर खान को यह फैसला लेना पड़ा।
हाल ही में यह भी चर्चा हो रही थी कि स्पेनिश फिल्म चैंपियंस की आ रही रीमेक फिल्म में आमिर खान एक्टिंग करने वाले हैं। परंतु अब उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट से भी हाथ खींच लिया है।
जब आमिर खान अपने बचपन के दोस्त के कार्यक्रम के एक चैट फैशन में दिल्ली आए थे तो उन्होंने अपने फिल्म चैंपियंस को लेकर यह बड़ी जानकारी दी और कहा कि वे केवल चैंपियंस को प्रोड्यूस करेंगे एक्टिंग नहीं करेंगे।
साथ ही में उन्होंने कहा है कि वह करीब डेढ़ सालों तक केवल अपने परिवार, मां और बच्चों के साथ वक्त बिताना चाहते हैं। इसके पहले उन्होंने केवल काम पर फोकस किया लेकिन अब उन्हें अपने परिवार पर भी फोकस है।
अपनी पसंद की टॉपिक चुने ! |
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष :दिल्ली में बने विश्व के सबसे बड़े १० हजार बिस्तर वाले कोविड-१९ के हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों को ठीक करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय ने आईटीबीपी को दी है। वे चाहते तो एमबीबीएस की डिग्री लेकर किसी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में नौैकरी कर सकते थे, लेकिन देशसेवा का जज्बा उन्हें आईटीबीपी (इतब्प) तक ले आया। यूनिफार्म के साथ एक डॉक्टर की जिम्मेदारी निभाने यह सभी युवा आगे आए तो वक्त ने भी उन्हें देशसेवा का मौका ऐसा मौका दिया कि जिसे करने अच्छे-अच्छे लोग पीछे हट जाए। हाल ही दिल्ली में बने विश्व के सबसे बड़े १० हजार बिस्तर वाले कोविड-१९ (कोविड हॉस्पिटल दिल्ली)के हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों को ठीक करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय ने आईटीबीपी को दी है। जिसमें देशभर से आईटीबीपी के मेडिकल ऑफिसर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें छत्तीसगढ़ से भी तीन डॉक्टर वहां पहुंचे हैं। इनमें से डॉ. परमजीत कौर रायपुर के टाटीबंध की रहने वाली है तो डॉ. दीपक ठाकुर मनेन्द्रगढ़ के निवासी है। वहीं रायपुर एम्स में अपनी सेवाएं देने वाले डॉ. अरूण कुमार ने भी हाल ही में आईटीबीपी ज्वाइन किया है।
डॉ. परमजीत कौर रायपुर में पली-बढ़ी और इंदौर के मेडिकल कॉलेज से अपना एमबीबीएस पूरा किया। जब कॅरियर शुरू करने की बारी आई तो छत्तीसगढ़ की इस बेटी ने माओवाद प्रभावित नारायणपुर जिले को चुना। सबने कहा एक महीने रहकर देखो फिर कहना.. लेकिन वह अपने इरादे से नहीं डिगी। जिला मुख्यालय नारायणपुर से २२ किलोमीटर दूर एक प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बेनूर में डेढ़ साल अपनी सेवा दी। डॉ परमजीत पहली चिकित्सा अधिकारी थी जो उस केन्द्र तक पहुंची थी। कुछ महीने पहले ही आईटीबीपी में बतौर मेडिकल ऑफिसर उसकी ज्वानिंग हुई।
३८ बटालियन खरोरा में पोस्टिंग के तीन महीने में ही उन्हें दिल्ली में बने विश्व के सबसे बड़े कोविड-१९ के हॉस्टिपल में ड्यूटी करने का मौका मिल गया। डॉ परमजीत का कहना है कि पहले वह केवल छत्तीसगढ़ के लोगों की ही सेवा कर पा रही थी,लेकिन अब आईटीबीपी से जुड़कर देश की सेवा कर पा रही है। उसे गर्व है कि कोरोना संकट के दौर में वह देश के काम आ रही है। एक डॉक्टर होने के नाते वह कोरोना योद्धा बनकर तो अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, पर जल्द ही यूनिफार्म पहनकर वह एक सैनिक की भी जिम्मेदारी निभाने को तैयार है। क्योंकि फोर्स में आने के बाद डॉक्टर्स को केवल मरीजों का इलाज ही नहीं बल्कि गोलियों से दुश्मनों का भी इलाज करना सीखना पड़ता है।
मनेन्द्रगढ़ के रहने वाले डॉ. दीपक ठाकुर को यूनिफार्म सर्विस का सपना आईटीबीपी तक ले आया। दसवीं के बाद वे तो आर्मी में जाना चाहते थे, लेकिन उस वक्त वह संभव नहीं हो पाया। उन्होंने अपना एमबीबीएस पूरा किया और उन्हें आईटीबीपी के जरिए अपने सपनों को पंख देने का मौका मिल गया। स्काउटिंग में राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से अवार्ड लेने वाले डॉ. दीपक ठाकुर ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उन्हें देश के सबसे बड़े कोविड हॉस्पिटल में काम करने का मौका मिल रहा है तो उन्होंने यहां पहुंचने जरा सी भी देर नहीं लगाई। क्योंकि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता है।
आंध्रप्रदेश के निवासी डॉ. अरूण कुमार पिछले डेढ़ साल से एम्स रायपुर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। डॉ अरूण बताते हैं कि उन्हें लग रहा था कि वे केवल नौकरी ही कर रहे हैं। मन को संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी। उन्हें लगता था वे कुछ ऐसा करें जिससे मरीजों की सेवा भी हो और देश के लिए भी काम आ सकें। तीन महीने पहले ही उन्होंने आईटीबीपी में मेडिकल ऑफिसर के रूप में अपनी सर्विस शुरू की। वे भी ३८ बटालियन में ही सेवा दे रहे थे। उन्हें गर्व है कि कोविड १९ में कोरोना मरीजों की सेवा के लिए उन्हें चुना गया। |
अरबी उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है, जो वजन कम करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। अरबी खाने से काफी देर तक पेट भरा रहता है इसलिए आपको अरबी जरूर खानी चाहिए क्योंकि इससे आप एक्सट्रा कैलोरीज लेने से बचे रहते हैं।
अरबी में कार्बोहाइड्रेट काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। आपके शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में भी अरबी बहुत फायदेमंद है।
आपको अगर अपनी इम्यूनिटी बढ़ानी है, तो डाइट में अरबी को जरूर शामिल करें। अरबी को खाने से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
आपकी आंखें अगर कमजोर हो गई है या फिर हमेशा थकाम महसूस होती है, तो डाइट में अरबी को जरूर शामिल करें। अरबी में विटामिन ए भी पाया जाता है, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। |
स्टीवन टेडफोर्ड,पीएचडी,गणित के प्रोफेसर और विभाग के अध्यक्ष,हाल ही में फाइबोनैचि अनुक्रम पर अपने काम के लिए पॉल ब्रुकमैन पुरस्कार प्राप्त किया।
डॉ. टेडफोर्ड ने फ्रैंकलिन और मार्शल कॉलेज में गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया।२००८ में, वह गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में मेसेरिकोर्डिया विश्वविद्यालय आए।
फिबोनाची त्रैमासिक में प्रकाशित,द फिबोनासी एसोसिएशन के एक आधिकारिक प्रकाशन,फाइबोनैचि ग्राफ की शुरुआत समर अंडरग्रेजुएट रिसर्च फैलोशिप (एसयूआरएफ) परियोजना के विषय से हुई,जो तत्कालीन प्रमुख सांख्यिकी और गणित,लिंडन केन २० के साथ थी।टेडफोर्ड ने पहले केन के संकाय संरक्षक और २०18 की गर्मियों के दौरान संरक्षक के रूप में कार्य किया।
उन्होंने अपने शोधकर्ता का उपयोग पूर्णांक संख्याओं में किया, ताकि विषय पर अपने ज्ञान को बढ़ाया जा सके और सीखने के अवसर प्रदान किए जा सकें।लिटिल टेडफोर्ड को पता था कि न केवल उनके शोध का परिणाम एक राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित होने वाले विद्वानों के पेपर में होगा, बल्कि इससे उन्हें ब्रुकमैन पुरस्कार भी मिलेगा।
पेपर,फाइबोनैचि आरेख, एक अवयव या अंकों और रेखाओं से बने ग्राफ के साथ प्रत्येक अवयव का प्रतिनिधित्व करके फाइबोनैचि संख्याओं के लिए एक नया ग्राफिक दृष्टिकोण लेता है।टेडफोर्ड का शोध परिमित गणितीय वस्तुओं का अध्ययन है, जो आमतौर पर दहनशील विज्ञान (कॉम्बिनेटोरिक्स) के क्षेत्र में होता है।उन्होंने ग्राफ़ का उपयोग उन गुणों को सही ठहराने के लिए किया जो अनुक्रम के लिए जाने जाते हैं।
जब नवंबर २०१९ में पेपर प्रकाशित हुआ,तो टेडफोर्ड को यह नहीं पता था कि उन्हें ब्रुकमैन पुरस्कार के लिए माना जा रहा है, न ही उन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए उम्मीदवार बनने का इरादा किया था।पॉल ब्रुकमैन के सम्मान में नामित, जिनके फाइबोनैचि संख्याओं के साथ एक लंबा और प्रतिष्ठित संबंध था, ब्रुकमैन पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जो एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं या सामान्यीकृत फाइबोनैचि संख्याओं या संबंधित गणितीय जीवों के क्षेत्र में परिणाम बढ़ाते हैं।प्रत्येक समान वर्ष के लिए दो विजेता चुने जाते हैं एक लिखित पेपर के लिए; और फिबोनाची एसोसिएशन के द्वि-वार्षिक सम्मेलन में एक प्रस्तुति के लिए।डॉ.टेडफोर्ड ने सितंबर २०२० में पुरस्कार प्राप्त किया, और २०१६ में अपनी स्थापना के बाद से फाइबोनैचि संख्याओं पर प्रकाशित पेपर के लिए ब्रुकमैन पुरस्कार के तीसरे विजेता हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिसेरिकोर्डिया (मिसेरीकोर्डिया यूनिवर्सिटी) में गणित कार्यक्रम के बारे में अधिक जानने के लिए, पर जाएं।
प्रतिभाशाली व्यक्ति ही सफल गणितज्ञ,संत,राजनेता, समाजसेवी, साहित्यकार, कलाकार, व्यवसायी, व्यवस्थापक होते देखे गए हैं।प्रतिभावान ही डाकू, चोर,ढग जैसे दुस्साहसपूर्ण कार्य करते हैं।
सैनानायकों के रूप मेें,लड़ाकू योद्धाओं के रूप में उन्हें ही अग्रिम पंक्ति में खड़ा देखा जा सकता है।क्रांतिकारी भी ऐसे ही स्तर के लोग बनते हैं।
प्रतिभा वस्तुतः संकल्पशक्ति, चिंतनशक्ति एवं जुझारूपन का नाम है।प्रतिभा के बल पर ही व्यक्ति सर्वथा प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच भी उन्नति के शिखर पर जा पहुंचते हैं।
हर व्यक्ति में ऊर्जा का अदम्य स्रोत छिपा है।यदि इसे उचित रीति से विकसित किया जा सके तो उसका परिचय परिष्कृत प्रतिभा का चमत्कार है जो आज हर किसी के लिए संभव है।
प्रतिभा का विपुल भंडार हर व्यक्ति के अंतराल में भरा पड़ा है,पर उसके उभरने, प्रकट होने का अवसर प्राय: उन दबावों के कारण नहीं हो पाता जो बुराइयां उसके अंदर समाई हुई होती है।
औसत आदमी मान बैठता है कि उसकी हस्ती नगण्य है। उससे कोई बड़े काम का बड़ा वजन नहीं उठ सकता है।
ऐसे व्यक्ति सोचते हैं कि खैरियत इसी में है कि जैसे भी कुछ दिन गुजर रहे हैं, उसी प्रकार संतोषपूर्वक समय काट लिया जाए।दुर्दिनों के साथ तालमेल बिठा लिया जाए।इस तरह की मानसिकता से व्यक्ति में विद्यमान क्षमताएं विकसित नहीं होती है बल्कि उसका पतन होता चला जाता है।
प्रतिभा को उभारने,उठाने का जब भीतर या बाहर से कोई प्रयत्न नहीं होता,तो आगे बढ़ने,ऊंचा उठने की संभावना ही कैसे बने?उस दिशा में कुछ ठोस प्रयत्न करने का प्रयास ही कैसे चले?
जब उत्साह ही मर जाता है तो फिर आगे बढ़ने का अवसर छप्पर फाड़कर आकाश से आंगन में कैसे आ सकता है?
कई गणितज्ञ,कलाकार, वैज्ञानिक,गुणी देखे जाते हैं पर ऐसे कम ही दिखाई देते हैं जिन्होंने अपने साहस और पौरुष के सहारे अवरोधों से टकराते हुए प्रगति का पथ प्रशस्त किया हो।
हर व्यक्ति के अन्तराल में सामर्थ्य का भंडार भरा पड़ा है परन्तु इसे दुर्भाग्य ही कहना चाहिए कि ऐसी प्रचंड सामर्थ्य हर किसी के भीतर होते हुए भी उसका सदुपयोग कर सकना तो दूर पहचानना नहीं बन पड़ता।
अपनी क्षमताओं, सामर्थ्य से अनभिज्ञ रहना और इसे अपने कंधे पर लादकर चलना,इसे ही कहते हैं प्रतिभा का अभाव।
डाॅ.स्टीवन टेडफोर्ड ने अपनी प्रतिभा को पहचानकर उसे सही दिशा दी जिसके आधार पर उन्होंने गणित में उत्कृष्ट कार्य किया।
अपनी प्रतिभा को निखारने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी वरना संसार में बहुत से गणितज्ञ है,वे जीवनभर उसी हालत में पड़े रहते हैं तथा इसे अपनी नियति मान लेते हैं। अपने आपको उठाने,उभारने का प्रयास नहीं करते हैं।
डाॅ.स्टीवन टेडफोर्ड से हमें यही सीख लेनी चाहिए कि यदि हम भी अपने अन्दर सुप्त प्रतिभा को उभारने का प्रयास करें तो एकदिन अद्भुत व चमत्कारिक कार्य दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
फील्ड्स मेडल को लंबे समय से गणित के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है और अक्सर इसे गणित का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है।नोबेल पुरस्कार के विपरीत, फील्ड्स मेडल केवल हर चार साल में प्रदान किया जाता है।
गणित के लिए कोई नोबेल पुरस्कार नहीं है,लेकिन कई गणितज्ञों ने पुरस्कार जीता है,आमतौर पर भौतिकी के लिए, लेकिन कभी-कभी अर्थशास्त्र के लिए, और साहित्य के लिए एक मामले में।उदाहरण के लिए, जब गणितज्ञ जॉन नैश ने १९९४ में नोबेल पुरस्कार जीता, तो यह एक परिणाम के लिए था जिसका अर्थशास्त्र में एक बड़ा प्रभाव था।
डॉ. करेन उहलेनबेक (द्र. करें उलेन्बेक) ने मंगलवार को २०१९ एबेल पुरस्कार जीता यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाली पहली महिला बन गई,जिसे अक्सर गणित का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है।सहकर्मियों द्वारा मैरिकिक गणितज्ञ (मावेरिक मैथेमेटीशियन) के रूप में देखा गया, डॉ।
मौजूदा काम के लिए विशिष्ट गणितीय उपलब्धि और भविष्य की उपलब्धि के वादे को मान्यता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस के गणितज्ञों के अवसर पर फील्ड्स मेडल हर चार साल में प्रदान किया जाता है।
पुरस्कारों में फ़ील्ड्स मेडल (फील्ड्स मेडल),गणित में सर्वोच्च पुरस्कार, रॉल्फ नेवान्लिना पुरस्कार (रोल्फ नेवानलिना प्राइज़) और कार्ल फ्रेडरिक गॉस पुरस्कार (कार्ल फ्रेडरिक गॉस प्राइज़) शामिल हैं।हैदराबाद, भारत में आयोजित अंतिम इकम में, दो नए पुरस्कार, चरन मेडल (चेर्न मेडल) और लीलावती पुरस्कार (लीलावती प्राइज़),मौजूदा तीन पुरस्कारों में जोड़े गए।
इज़राइल में वुल्फ फाउंडेशन द्वारा गणित में वुल्फ पुरस्कार लगभग प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।यह फाउंडेशन द्वारा स्थापित छह वुल्फ पुरस्कारों में से एक है और १९७८ से सम्मानित किया गया है;अन्य कृषि, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, भौतिकी और कला में हैं।
एबेल पुरस्कार की स्थापना नार्वे की सरकार ने २००२ में नील्स हेनरिक एबेल के जन्म की २०० वीं वर्षगांठ के अवसर पर की थी।
फील्ड्स मेडल्स को हर चार साल में ४० वर्ष से कम उम्र के सबसे होनहार गणितज्ञों को प्रदान किया जाता है।प्रत्येक विजेता को $ १५,००० ($ ११,५००; ८,८00) नकद पुरस्कार मिलता है।
नोबेल, एक आविष्कारक और उद्योगपति, ने गणित में केवल एक पुरस्कार नहीं बनाया क्योंकि वह गणित या सैद्धांतिक विज्ञान में विशेष रुचि नहीं रखता था।उनका मानव जाति के लिए सबसे बड़ा व्यावहारिक लाभ उन आविष्कारों या खोजों के लिए पुरस्कारों की बात करता है। |
मोबाइल हो या कम्प्यूटर ओसी विसुल इफेक्ट किसी न किसी जगह अपने यह जरूर देखा होगा लेकिन यह सभी मोबाइल में नही होता यह फंक्शन कुछ ही प्रोडक्ट में होता है जो अच्छे प्रोडक्ट को कटेगरी में आते है लेकिन हमें यह समझ नही आता ओसी विसुल इफेक्ट क्या होता है और इसका प्रयोग कैसे किया जाता है ।
यदि आप यह फंक्शन किसी मोबाइल में देख रहे है तो जरूर आपने इसे प्रयोग करके देखा होगा लेकिन कुछ समझ नही आया होगा ।
यदि आपके मोबाइल में यह फीचर है तो जरूर इसके कुछ फायदे तो होते ही है तो चलिए जानते है ओसी विसुल इफेक्ट मींस इन हिन्दी या फिर कह सकते है मोबाइल में दिया गया ओसी विसुल इफेक्ट का मतलब क्या होता है ।
ओसी विसुल इफेक्ट हमारे मोबाइल या कम्प्यूटर में दिया जाने वाला एक ऐसा फंक्शन है जो हमारी विसिबिलिटी को बढ़ाता है जब यह फंक्शन सिस्टम में खुला होता है तब डिस्प्ले में दिखाए जाने वाले कंटेंट को हमारे आंखों में सही तरह से दिखाया जाता है ।
यह फीचर यह ट्रैक करता है कि हम किस जगह मोबाइल में देख रहे है यह फंक्शन हमारी आंखों को उस जगह को अच्छे से दिखाने की कोसिस करता है जिसके कारण ही इसे ओसी विसुल इफेक्ट नाम दिया गया है ।
ओसी फीचर मुख्य रूप से हमारे ज्यादा काम मूवी देखते समय आता है क्योंकि मूवी में हर समय एक नया फ्रेम बनता है जिसके कारण ओसी हमे उस मूवी में दिखाए जाने वाले सभी फ्रेम को बैलेन्स करता है और हमे किसी भी तरफ से डिस्प्ले में देखने मे परेसानी नही होता है साथ ही यह उसमें दिखाए जाने वाले कंटेंट को और खूबसूरत दिखाने की कोसिस करता है ।
तो चलिए ओसी के बारे में और कुछ जानते है यह किस जगह होता है और कैसे चालू या बंद किया जाता है ।
ओसी विसुल इफेक्ट का प्रयोग करने के लिए आपको अपने मोबाइल में इस सेटिंग को चालू करना पड़ता है जिसके बाद ही इसका इफेक्ट काम करता है यह सेटिंग आपके मोबाइल की सेटिंग में ओसी विसुल इफेक्ट के नाम से होता है ।
इस इफेक्ट को चालू करते ही आपको कोई फर्क नही दिखाई देता आपके मोबाइल मे लेकिन जब आप अपने मोबाइल में वीडियो या फ़ोटो देखते है तब उस समय आपको इसका अनुभव होगा ।
यदि आप इसे बंद करना चाहते है तो ठीक उसी प्रकार इसे बंद भी कर सकते है जैसे चालू किया था अभी तक आप समझ ही गए होंगे कि ओसी विसुल इफेक्ट मींस क्या होता है ।
ओसी विसुल इफेक्ट रियामे के सभी मोबाइल में दिया जाता है जिसके कारण मोबाइल में देखने के एक्सपेरिएंस को बेहतर बनाता है यह रियामे के मोबाइल में जरूर पाया जाता है ।
यदि आप इसके फ़र्क़ को आसानी समझना चाहते है तो ऐसे समझ सकते है जिस तरह किसी त्फ्ट और सुपर अमोलेड डिस्प्ले में अंतर होता है उसी तरह यह भी काम करता है यह कलर को और बैलेन्स करता है ऐसा लगता है आप किसी सुपर एमोलेड डिस्प्ले में देख रहे है ।
जैसा कि इसके फुल फॉर्म में ही इसके काम का पता चलता है कि ये हमारे आंखों को ट्रैक करके हमे किसी ऑब्जेक्ट को दिखाता है यह सारा काम आई की मदत से होता है जिसे हम आर्टिफिशल दिमाग भी कहते है यह ओसी का दिमाग होता है ।
ओसी जैसा कि आपको इस पोस्ट को पढ़कर जान ही चुके होंगे कि ओसी काम कैसे करता है इससे हमें क्या फायदे है यदि इसे एक शब्द में कहे तो कुछ ऐसा कह सकते है ।
ओसी विसुअल इफ़ेक्ट एक ऐसा इफ़ेक्ट है जो हमारे देखने के एक्सपेरिएंस को और अच्छा करता है जिसके कारण जब हम मोबाइल में किसी चीज को देखते है यह हमारे आंखों को ट्रैक करता है अपने आई को मदत से और हमे वीडियो या फ़ोटो को सही कलर और एंगल देता है ।
यदि आपको हमारी पोस्ट ओसी विसुल इफेक्ट मींस इन हिन्दी की पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को साझा करें या फिर आपके कोई सवाल है ओसी विसुल इफ़ेक्ट से संबंधित तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है हमारी वेबसाइट टेकनिक राडार में आने के लिए आपका धन्यवाद ।
नमस्कार दोस्तों टेक्नीक्रादर में आपका स्वागत है। इस ब्लॉग वेबसाइट के माध्यम से हम लोगो को टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने के साथ-साथ इंटरनेट से जुड़ी अन्य जानकारी भी देते हैं। और मेरा नाम आदित्य है मैंने इस वेबसाइट को लोगो को हिंदी में जानकारी देने के लिए बनाया है । टेक्नीक्रादर पर आने के लिए धन्यवाद । |
सोलर पम्प स्थापना हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं, जिसमें भारत शासन व मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। इस योजनांतर्गत कृषक को सोलर पम्प का लाभ इस शर्त पर दिया जाएगा कि कृषक की कृषि भूमि के उस खसरे/बटांकित खसरे पर भविष्य में विद्युत पम्प लगाये जाने पर उसको विद्युत प्रदाय पर कोई अनुदान देय नहीं होगा। कृषक द्वारा स्वप्रमाणीकरण भी दिया जाएगा कि वर्तमान में कृषक के उस खसरे/बटांकित खसरे की भूमि पर विद्युत पम्प संचालित/ संयोजित नहीं है। यदि सम्बन्धित कृषक उक्त विद्युत पम्प का कनेक्शन विच्छेद करवा लेता है अथवा उस पर प्राप्त अनुदान छोड़ देता है, तब उसे सोलर पम्प स्थापना पर अनुदान दिया जा सकता है। |
देहरादून सचिव/वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून ने अवगत कराया है कि माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल एवं मा० जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के निर्देशानुसार सचिव/वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा आज राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, सेलाकुई, देहरादून मंे स्थापित विधिक सहायता केन्द्र ( लीगल सर्विसेस क्लीनिक का निरीक्षण किया गया तथा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, सेलाकुई, देहरादून के सहयोग से विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
उक्त शिविर में सचिव/वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा नालसा (लीगल सर्विसेस तो थे मेंटली इल एंड मेंटली डिसऐबल्ड पर्सन) श्शमे, २०१५ एवं मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम, २०१७ के प्रावधानों के बारे में भी विस्तार-पूर्वक जानकारी दी गयी। इसके अतिरिक्त मानसिक रूप से अक्षम/पीड़ित व्यक्तियों के संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों के सम्बंध में भी उपस्थित आमजन को अवगत कराया गया तथा शारीरिक/मानसिक रूप से अक्षम/पीड़ित व्यक्तियों एवं बच्चों के विधिक अधिकारों,ं सामाजिक रूप से उन्हें किस प्रकार सक्षम बनाया जा सकें। इस सम्बंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी। उक्त कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डाॅ० अभिषेक गुप्ता, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक डाॅ के० एस० नेगी, एन० एच० एम० के मानसिक स्वास्थ्य के प्रभारी अधिकारी डाॅ० अर्चना ओझा, साई नर्सिंग इंस्टीट्यूट की डाॅ० आरती रौथाण, लेमन अस्पताल हर्बटपुर के डायरेक्टर डाॅ० मैथ्यू, साईक्लोजिस्ट श्री प्रंशांत राणा, देव संस्कृत विश्वविद्यालय , हरिद्वार, जिला पुर्नवास केन्द्र के प्रतिनिधि मेहरा द्वारा भी प्रतिभाग करते हुए अपने-अपने विचार रखें तथा मानसिक बीमारियों के कारण, मानसिक बीमारियों के लक्षण, मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियाॅ, मानसिक स्वास्थ्य सही रखने के उपाय, मानसिक स्वास्थ्य सही रखने में योग का महत्व आदि विषयों पर भी उपस्थित आमजन को जागरूक किया गया। उक्त कार्यक्रम में साई नर्सिंग के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमांे के साथ मानसिक जागरूकता हेतु नाट्य प्रस्तुति पेश की गयी एवं एन० जी० ओ० बुरास की टीम द्वारा संस्थान में भर्ती मानसिक रोगियों के साथ मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गयें।
उक्त कार्यक्रम में उपस्थित राज्य मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेलाकुई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डाॅ० अभिषेक गुप्ता, कार्यक्रम संचालक श्री सी० एल० भट्ट के अतिरिक्त संस्थान के सभी चिकित्साधिकारी, फारमासिस्ट आदि समस्त स्टाॅफ द्वारा प्रतिभाग कर कार्यक्रम के सफल संचालन मंे सहयोग दिया गया। |
यहां इस पृष्ठ पर २०२१ में मुफ्त नो डिपॉजिट बोनस की पेशकश करने वाले विदेशी मुद्रा दलालों के सभी बेहतरीन प्रस्तावों को सूचीबद्ध किया गया है: इस सूची के लिए धन्यवाद, आप आसानी से पा सकते हैं कि कौन सा ब्रोकर उच्चतम बोनस की पेशकश कर रहा है और सबसे बड़ा प्रचार प्रदान कर रहा है। हालांकि, इन विदेशी मुद्रा बोनस के आवेदन के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें। तो यहां विदेशी मुद्रा दलालों की पूरी सूची है जो स्वागत बोनस या नो डिपॉजिट बोनस प्रदान करते हैं।
जोखिम चेतावनी: आपकी पूंजी जोखिम में हो सकती है।
जोखिम चेतावनी: विदेशी मुद्रा और सीएफडी ट्रेडिंग सट्टा है और इसमें उच्च स्तर का जोखिम शामिल है। आपकी पूंजी का पूरा या कुछ हिस्सा खोना संभव है। कृपया ध्यान दें कि सीएफडी जटिल साधन हैं और लीवरेज के कारण जल्दी से पैसा खोने का उच्च जोखिम है।
यह जानकारी सूचना के उद्देश्यों के लिए है। कृपया ध्यान दें कि कुछ उत्पाद, दलाल, बोनस और / या उत्तोलन व्यापारियों को उनके देश में लागू होने वाले कानूनी प्रतिबंधों के कारण कुछ अधिकार क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हैं। इस साइट पर प्रकट की गई जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और उन देशों में उपयोग या वितरण के लिए अभिप्रेत नहीं है जहां यह कानून या स्थानीय नियमों के विरुद्ध होगा।
यह सामग्री संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, स्पेन, पुर्तगाल, जापान, क्यूबा, उत्तर कोरिया के निवासियों के लिए निर्देशित नहीं है। |
वित्तीय घाटे के दिन प्रतिदिन बढ़ने की वजह से निवेश्कों और प्रवर्तकों के बढ़ते दबाव के चलते कई रेडियो कंपनियों ने सरकार से उनके मौजूदा १० वर्षीय रेडियो लाइसेंस (२००६ से २०१५) को और पांच साल (२०२० तक) बढ़ाने की गुहार लगाई है।
रेडियो ऑपरेटर चाहते हैं कि उनकी लाइसेंस अवधि में यह इजाफा एफएम रेडिया के तीसरे चरण (एफएम-३) के लिए नीति की घोषणा से पहले ही किया जाए। फिलहाल कुल २५० परिचालित एफएम रेडियो स्टेशनों का घाटा पिछले चार साल में ५०० करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुका है।
रेडियो कंपनियों के मुताबिक लाइसेंस की अवधि के पांच साल बढ़ जाने से उन्हें उनके कारोबार के लिए निवेशकों से अधिक मूल्यांकन हासिल करने में मदद मिलेगी। जबकि अभी कंपनियों को होते नुकसान के मद्देनजर निवेशक ऐसा करना नहीं चाहते।
फिलहाल देश में रेडियो स्टेशनों को चलाने के लिए ४० रेडियो कंपनियों के पास लाइसेंस हैं। इन ऑपरेटरों ने नीलामी प्रक्रिया के बाद कुल मिलाकर १,३०० करोड़ रुपये का 'एक बारगी प्रवेश शुल्क' (ओटीईएफ) चुका कर २००६ में लाइसेंस हासिल किए थे।
रेडियो मिड-डे अपनी रेडियो सेवाएं रेडियो वन ९४.३ एफएम ब्रांड नाम के तहत चलाती है जो मिड डे और बीबीसी वर्ल्डवाइड का एक संयुक्त उपक्रम है। एफएम-३ नीति में सरकार लगभग ८०० एफएम रेडियो फ्रीक्वेंसियों की नीलामी कर सकती है। हर फ्रीक्वेंसी यानी एक एफएम रेडियो चैनल।
सूत्रों का कहना है कि एफएम-३ नीति की घोषणा जनवरी, २०१० में की जा सकती है। इसलिए मिड-डे, इंडिया टुडे, टाइम्स समूह, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और मलयालम मनोरमा आदि के साथ भारतीय रेडियो ऑपरेटर संघ (एआरओआई) को उम्मीद है कि एफएम-३ नीति की घोषणा से पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय रेडियो लाइसेंसिंग की अपनी शर्तों में संशोधन करेगी।
संघ को उम्मीद है कि सरकार रेडियो क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मौजूदा २० फीसदी से बढ़कर कम से कम २६ फीसदी करेगी। गैर-समाचार सामग्री वाली रेडियो कंपनियों के लिए यह सीमा ४९ फीसदी है। |
भारत सरकार के द्वारा २५ फ़रवरी २०२१ को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा कुछ नए नियमों का सोशियल मीडिया प्लेटफार्म के लिए पारित किया था जिसका पालन सभी को करना था जिसके ३ महीनो का समय भी दिया गया था जिसकी अवधि आज समाप्त हो जाएगी । अगर फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्रम ने इन नियमों का पालन नहीं किया तो इन्हें बंद कर दिया जाएगा।
इन नियमो में डिजिटल कंटेंट को रेग्यूलेट करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारी आदि को नियुक्त करने के लिए भी कहा गया था। और जिन्हें भी नियुक्त किया जाए उनका कार्यक्षेत्र भारत में ही होना चाहिए। और साथ ही यह भी कहा गया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, कंप्लायंस रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा।
इन प्लेटफॉर्म्स से यह भी कहा गया था कि नए नियमों के तहत अगर कोई भी शिकायत मिलती है तो उन्हें २४ घंटों के अंदर स्वीकार करना होगा तथा साथ में १५ दिनों के अंदर उचित कार्रवाई भी करना होगा और अगर कार्रवाई नहीं होता है तो उसका कारण भी बताना होगा। |
२०१३ -२०१४ में निरंतर ने बाल और जल्द विवाह पर एक अध्ययन किया। इसमें हमने इस मुद्दे का नारीवादी नज़रिए से विश्लेषण किया है। इस अध्ययन में हमें समझ आया कि जेंडर और यौनिकता संबंधी सामाजिक- सांस्कृतिक नियम-कायदे किस तरह कम उम्र में विवाह और बाल विवाह की वर्तमान प्रथा को पोषित करते हैं और लंबे समय से कायम सामाजिक असमानताओं और सत्ता सरंचनाओं को पुख्ता करती है।
कम उम्र में शादी लड़कों और लड़कियों दोनों को ही अपनी ज़िंदगी के बारे में अहम फैसले लेने से रोकती है, उन्हें मूलभूत आज़ादी का उपयोग करने से रोकती है,
उन्हें शिक्षा, आजीविका के साधन और यौन स्वास्थ्य व अधिकार आदि प्राप्त करने की संभावनाओं से वंचित कर देती है।
मोटे तौर पर इस प्रथा का गहरा जुड़ाव वर्ग, जाति, धर्म, जातिवाद आदि विभिन्न व्यवस्था से है जो अलग-अलग स्तर पर सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक असमानताओं को और पुख्ता करने का काम करती हैं।
इस जटिलता के बावजूद इस मुद्दे पर होने वाली चर्चाओं में शादी के उम्र तक ही? बात सीमित रहती है। केवल उम्र पर ध्यान देने की नीति पहली बार अंग्रेज़ों के द्वारा उपयोग में लाई गयी थी और तब से वर्तमान में होनी वाली चर्चा में काफ़ी समानता दिखती है। १०० साल पहले इस मुद्दे पर चल रही चर्चा और काम से हमें कुछ महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक बिंदु विरासत में मिले है : स्वास्थ्य से जुड़े तर्क, और उम्र और कानून पर संकीर्ण फोकस। इस संदर्भ में महिलाओं के सशक्तिकरण, सहमति और इच्छा की अहमियत और चुनाव के सवाल से ध्यान हट जाता है। इस इतिहास का एक मुख्य सबक यह है कि हमें आज के विमर्श का विस्तार करना होगा और अतीत के मुकाबले एक अलग नज़र से देखना होगा ।
कम उम्र में विवाह और बाल विवाह एक बेहद विखंडित और असमान समाज का लक्षण है। जब भी यह पूछा गया कि लोग अपने बच्चों की कम उम्र में शादी क्यों करते हैं तो दहेज़, गरीबी और यौन हिंसा का डर आदि कारण सबसे ज़्यादा सुनाई दिए। मुमकिन है कि ये कारण शादी से जुड़े फ़ैसलों को निर्धारित करने में भूमिका निभाते हों, मगर यह इस प्रथा के असली कारण या मूल कारण नहीं हैं। हमारी राय में इस प्रथा पर इस लिहाज़ से नज़र डाली जाए कि वह अपने ढाँचागत मूल कारणों के साथ किस तरह जुड़ी है तो हमारे सामने कई नए सवाल उठ खड़े होंगे।
हमने कम उम्र में विवाह और बाल विवाह के साथ बुनियादी कारणों को चिंहित किया है: शादी का अर्थशास्त्र; यौनिकता; जेंडर के कायदे-कानून और मर्दानगी, शैक्षिक एवं संस्थागत ढाँचे का अभाव; शादी की केन्द्रीयता; ज़ोखिम, असुरक्षा और अनिश्चितता, सत्ता की धुरी के रूप में उम्र की भूमिका।
समाजीकरण की प्रक्रिया में महिलाओं को इस बात का यकीन दिलाया जाता है कि समाज में उनकी मुख्य भूमिका औरों के प्रसंग में ही है एक बेटी के रूप में, एक बहु के रूप में, एक माँ के रूप में ।
पुरषों के लिए जेंडर के कायदे-कानून मर्दानगी के इर्द-गिर्द बंधे होते हैं और एक मर्द का गौरव औरतों, खासतौर से बेटियों को काबू कर पाने के उसके सामर्थ्य पर टिका होता है। जब तक बेटी की शादी नहीं होती, उसकी सुरक्षा और उसकी यौन पवित्रता बाप की मर्दानगी की निशानी बनी रहती है। अपनी बेटी पर काबू न रख पाना एक मर्द के लिए पूरी बिरादरी में शर्मिंदगी और बेदखली का सबक बन सकता है। इसके चलते भी वह अपनी लड़कियों को जल्दी से जल्दी ब्याह देना चाहते हैं।
पितृसत्तात्मक भारतीय समाज औरतों को एक आर्थिक बोझ के रूप में देखता है। शादी के बहाने यह बोझ ससुराल को सौंप दिया जाता है। ऐसे में इस बोझ को उठाने में सहारा देने के लिए लड़की के परिवार से दहेज की उम्मीद की जाती है। गरीबी से जूझ रहे परिवारों के लिए यह एकमुश्त खर्च बहुत भारी पड़ता है। इसलिए लड़की की शादी से जुड़े फैसले इस खर्च को कम से कम करने की इच्छा से तय होते हैं। परिवार के भीतर असमान श्रम विभाजन और लड़की की शादी के बारे में लिए गए फैसले में एक पहलु उसके श्रम की भूमिका भी है। पितृसत्ता सुनिशचित करती है कि आर्थिक लेन-देन में नवविवाहिता के श्रम का मूल्य कम से कम आँका जाए और लड़की व उसके परिवार की मोलभाव क्षमता छीन ली जाए ।
महिलओं की यौनिकता एक ऐसे समाज के लिए बहुत केंद्रीय सवाल है जो पितृसत्तात्मक भी है और वर्ग व जाति की रेखाओं पर भी बंटा हुआ है। संपदा के उत्तराधिकार को सीमित करने और जातीय शुद्धता को कायम रखने के लिए महिलाओं की यौनिकता और उनकी प्रजनन क्षमता पर अंकुश रख कर इन विभाजक रेखाओं को कायम रखा जाता है। यौनिकता के प्रति कुल मिलाकर रवैया नकारात्मक रहा है। शर्मिंदगी की आशंका के बिना किशोरों की यौनिकता और उनकी चाहतें, तमन्नाओं को मान्यता देने की कोई गुंजाईश नहीं है। इस सोच का नतीजा यह है कि किशोर किशोरियाँ खुद भी शादी से पहले यौन संभंध को एक विकल्प के रूप में नहीं देखते और कभी-कभी इन्हीं चाहतों को पूरा करने के लिए कम उम्र में शादी की इच्छा करने लगते हैं या शादी के लिए राज़ी हो जाते हैं। चूँकि ये कायदे- कानून एक बहुत सख्त माहौल पैदा कर देते हैं इसलिए जो माँ-बाप नियंत्रण चाहते हैं और जो युवा अपनी यौन इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं उनके पास शादी करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता ।
चूँकि सामाजिक कायदे-कानून सभी से उम्मीद रखते हैं और शादी बहुत सख्त नियमों से बंधी होती है, इसलिए परिवारों को इस बात का डर रहता है कि कहीं ऐसा न हो कि बाद में उनके बच्चों की आदर्श शादी न हो पाए या उन्हें आदर्श जोड़ीदार न मिल पाए। ऐसी स्थितियों में जल्दी से जल्दी शादी करके माँ-बाप अपने बच्चों का भविष्य? सुनिश्चित कर देना चाहते हैं। शादी हमारे जीवन का इतना केंद्रीय हिस्सा मान ली गई है कि नववयस्क इसके लिए बहुत उत्सुक होतें हैं। बेशक कुछ युवा प्रेम विवाह के भी ख्वाब देखते हैं, मगर बहुत सारे दूसरों के लिए शादी अपनी यौन इच्छाओं को संतुष्ट करने या आने-जाने की और दूसरी आज़ादी पाने का ज़रिया होती है जो केवल वयस्कों को हासिल होती है ।
युवाओं, खासतौर से बच्चों को नादान और निर्दोष समझा जाता है जिनके पास अपना जिम्मा उठाने की क्षमता नहीं होती। यही वजह है कि समाज उन्हें किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के तरीके ईजाद करता है। बहुत सारे मामलों में इसी आधार पर स्वेछा से कम उम्र में शादी करने वाले युवाओं को एक-दुसरे से अलग कर दिया जाता है जबकि यही स्थिति उस वक़्त समस्याप्रद नहीं रहती जब माँ-बाप की मर्ज़ी, सामाजिक कायदे कानूनों के मुताबिक और सामाजिक सीमाओं के भीतर ऐसा किया जाता है ।
इन सामाजिक स्थिति के साथ ही लगातार बढ़ती और गहन अनिश्चितता, जिसके कई कारण होते है जैसे आर्थिक संकट, प्राकृतिक आपदा, पलायन इत्यादि, में जीवनयापन करने वाले बहुत सारे परिवारों के लिए भविष्य को लेकर एक बहुत गहरी बेचैनी रहती है कि कौन जाने कल क्या होगा! गरीबी, कृषि संकट और प्रवसन जैसे संचारात्मक कारक बहुत गंभीर और ज़िन्दगी बदल डालने वाले हालात के प्रति परिवारों की असुरक्षा को और बढ़ा देते हैं। ऐसी स्थितयों में शादी एक बेहद अस्थिर माहौल में निश्चितता और आश्वासन का बोध देती है।
बाल और कम उम्र में शादी के इन मूल कारणों को पढ़ के यह सवाल उठ सकता है कि फिर इस मुद्दे पर काम कैसे किया जाए। हमारे पास जवाब नहीं है, लेकिन हमारा मनना है कि ऊपर लिखे गए कारकों के बारे में समाज में खुली चर्चा करने से ही उपाय अपनेआप समझ आने लगेगा। |
केंद्र एंव राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के शत- प्रतिशत लक्ष्यों की पूर्ति हेतु विभिन्न विकास खण्डों में इन तिथियों में शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
जनपद स्तर पर भारत सरकार एंव राज्य सरकार द्वारा संचालित समस्त योजनाओं/कार्यक्रमों का समुचित लाभ आम जनमानस तक उपलब्ध कराने एवं योजनान्तर्गत शत- प्रतिशत लक्ष्यों की पूर्ति जनपद के विभिन्न विकास खण्डों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिस हेतु योजनावार जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं।
मुख्य विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल मनीष कुमार ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विकास खण्ड जौनपुर के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को नैनबाग, १५ नवम्बर को जौनपुर विकास खण्ड, २२ नवम्बर को कैम्पटी एवं २९ नवम्बर, २०२२ को सत्याैं में शिविर आयोजित किये जायेंगे।
इसी प्रकार विकास खण्ड चम्बा के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को चम्बा विकास खण्ड, १५ नवम्बर को नागदेव पथल्ड, २२ नवम्बर को नकोट व २९ नवम्बर, २०२२ को नागणी में, विकास खण्ड थौलधार के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को कण्डारगांव, १५ नवम्बर को कमान, २२ नवम्बर को थौलधार विकास खण्ड एवं २९ नवम्बर, २०२२ को काण्डीखाल में, विकास खण्ड भिलंगना के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को अखोड़ी, १५ नवम्बर को घूत्तू, २२ नवम्बर को ओडाधार एवं २९ नवम्बर, २०२२ को चमियाला में, विकास खण्ड प्रतापनगर के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को लम्बगांव, १५ नवम्बर को प्रतापनगर विकास खण्ड, २२ नवम्बर को सेममुखेम एवं २९ नवम्बर, २०२२ को मजफ म, विकास खण्ड जाखणीधार के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को जाखणीधार, १५ नवम्बर को छोलगांव, २२ नवम्बर को मदननेगी एवं २९ नवम्बर, २०२२ को जाखणीधार विकास खण्ड में, विकास खण्ड देवप्रयाग के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को पौड़ीखाल, १५ नवम्बर को हिण्डोलाखाल, २२ नवम्बर को बछेलीखाल एवं २९ नवम्बर, २०२२ को बगवान में, विकास खण्ड कीर्तिनगर के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को कीर्तिनगर विकास खण्ड, १५ नवम्बर को धद्दी घण्डियाल, २२ नवम्बर को चाचकण्डा एवं २९ नवम्बर, २०२२ को थाती डागर में, विकास खण्ड नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत दिनांक ०७ नवम्बर, २०२२ को रणाकोट, १५ नवम्बर को पावकीदेवी, २२ नवम्बर को चाका एवं २९ नवम्बर, २०२२ को नरेन्द्रनगर विकास खण्ड में शिविर आयोजित किये जायेंगे।
शिविरों के सफल संचालन हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना में परियोजना निदेशक डीआरडीए को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना हेतु मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, किसान क्रेडिट कार्ड हेतु सी.ए.ओ., सी.वी.ओ., सहायक निदेशक मत्स्य को, कृषि अवसंरचना निधि हेतु सी.ए.ओ., डी.डी.एम. नाबार्ड को, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना हेतु डी.एच.ओ को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु सी.ए.ओ. को नोडल अधिकारी बनाया गया है। |
शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो मानव के सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी और अत्यावश्यक विधा है। एक व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में शिक्षा और शिक्षक दोनों भी बहुत ही महत्वपूर्ण पात्र निभाते हैं। कहते हैं 'काला अक्षर भैंस बराबर' बस इसी को नकारते हुए अक्षरों का ज्ञान देना जरूरी है और इसके ज्ञान से कहीं कई गलत कामों को रोका जा सकता है और व्यक्ति राह नहीं भटकता है। आज के भ्रष्टाचार शोषण आतंकवाद की दुनिया में हमें शिक्षा में नवाचार लाना अनिवार्य हो गया है।आज शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। शिक्षा मात्र रुपए कमाने की एक जरिया बन के रह गया है इसीलिए आज की शिक्षा में क्या-क्या विषय होनी चाहिए इस पर एक बार फिर से हम सबको सोचना है।
शिक्षा का शाब्दिक अर्थ : शिक्षा शब्द को तीन अर्थों में प्रयुक्त करते हैं ज्ञान, विषय और प्रक्रिया शिक्षा शब्द की उत्पत्ति शिक्षा धातु से हुई है। जिसका अर्थ है सीखना, विद्या प्राप्त करना या ज्ञान ग्रहण करना। विद्या शब्द का प्रयोग भी शिक्षा के अर्थ में किया जाता है। विद्या शब्द की उत्पत्ति विद धातु से हुई है विद शब्द से ही विद्वान शब्द बना है जिसका अर्थ है जानने वाला अर्थात ज्ञान के चरम सीमा तक पहुंचना। विद्या से तात्पर्य किसी विशिष्ट ज्ञान में ही पूर्णता या दक्षता करना है। जबकि शिक्षा से तात्पर्य ज्ञान के समग्र रूप से है।
यहां समग्र रूप से विकास करना अर्थात संस्कार, नैतिक मूल्य, सामाजिक मूल्य, खेलकूद, कला, संगीत, नृत्य, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, निस्वार्थ सेवा, मनोभाव का विकास आदि सभी आते हैं।
अगर हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखते हैं तो ऐसे महान व्यक्तियों का परिचय मिलता है जो इन सब में परिपक्व थे। इसीलिए अनेक राजाओं के आस्थान में बड़े-बड़े विद्वानों को स्थान मिला था। वैसे आज के जैसे तब कोई व्यक्तित्व विकास के विशेष प्रशिक्षण महाविद्यालय नहीं थे न बी.एड था ने पी.एच.डी था लेकिन फिर भी इनमें ज्ञान की कोई कमी नहीं थी इसका श्रेय संस्कार को जाता है और संस्कार परिवार, समाज से ही मिलती है और यह समाज व्यक्ति व्यक्ति से बनता है इसीलिए व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होना अत्यावश्यक है। आज की शिक्षा में इसी की कमी है, यहां बच्चों को अपनी रुचि के अनुसार पढ़ने के लिए सीखने के लिए अवकाश दिया नहीं जा रहा है। परिवार और महाविद्यालयों का अधिक से अधिक अंक लेकर उत्तीर्ण होने का दबाव विद्यार्थियों पर अधिक बढ रहा है। शिक्षा में नवाचार लाना है तो सबसे पहले हमें बच्चों को दस वर्ष पूर्ण होते ही उनके रूचि के अनुसार विषयों को चुनकर पढ़ने की प्रेरणा, सहकार देना चाहिए और ऐसी शिक्षण व्यवस्था लानी चाहिए।
आज का समाज प्रगतिशील समाज है इसलिए आधुनिक दौर में शिक्षा को अनेक अर्थों में लिया गया है। जैसे व्यक्तित्व का विकास, नेतृत्व का विकास, मानवीय भावना, तार्किक शक्ति का विकास, व्यावसायिक सफलता, प्रजातांत्रिक नागरिकता का विकास, सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूकता, सामाजिक परिवर्तन के प्रति दृष्टिकोण, आध्यात्मिक मूल्यों का विकास।
उपरोक्त सभी का विकास आज की शिक्षा में नहीं है। अगर होते तो भ्रष्ट राजकीय, भ्रष्ट नेता, भ्रष्टाचार, लैंगिक भेदभाव, शोषण, आतंकवाद, जातिवाद बढ गये हैं। एक समय था बच्चों को वीरता, नैतिक मूल्य, सेवा, भक्ति, मानवीयता से संबंधित कहानियों को सुनाया जाता था, पर आज कंप्यूटर, फेसबुक, व्हाट्सएप इंस्टाग्राम, यू ट्यूब से आकर्षित होने के कारण मानसिक, शारीरिक विकास गिरता जा रहा है ।
इसलिए बच्चों को अधिक से अधिक खेल-कूद, संगीत, नृत्य, कला में अगर व्यस्त रखते हैं तो उन्हें इन्हें देखने के लिए समय नहीं मिलता है पर अभिभावकों में समय की कमी है इसलिए वह हाथ में मोबाइल थमाकर बच्चों का सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। रही आध्यात्म की बात मेरे अनुसार दस प्रतिशत भी इसका विकास नहीं हो रहा है। आज की शिक्षा व्यवस्था में अध्यात्म की भी एक पाठ्यक्रम होना चाहिए जिससे बच्चों का मन मस्तिष्क, अच्छे विचारों का विकास हो और आपसी प्रेम, विश्वास एक दूसरे के प्रति सम्मान के गुण विकसित हो और रिश्ते मजबूत हो।
किसी भी विषय को लिखने के लिए जानकारी का होना आवश्यक है, पर आज विद्यार्थी स्वयं की ज्ञान से लिखने में असमर्थ है। उन्हें रेडीमेड फ़ूड चाहिए। वे सिर्फ जो शिक्षक लिखवा देते हैं उतना ही पढ़ कर लिखते हैं। पुस्तकालय जाकर अधिक से अधिक पुस्तक पढ़ने की इच्छा या आदत आज के विद्यार्थियों में बहुत कम दिखाई देती है। उनके पास जिम, पिक्चर, वीडियो गेम के लिए समय है लेकिन अच्छे-अच्छे पुस्तक, महान व्यक्तियों के चरित्र, पढ़ने की उत्सुकता या इच्छा नहीं है।
अगर हम अपने पूर्वजों को देखते है तो वे लोग चार-पांच भाषाओं में उनकी पकड़ थी। जैसे कबीर, सूर, तुलसी, महादेवी वर्मा, रविंद्र नाथ टैगोर, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुभद्रा कुमारी चौहान, अनेक विद्वान, लेखक है जो बंगाली, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत पांच भाषा में उनकी पकड़ थी। आज भी इनका साहित्य हम सबको प्रेरित करता है। इनकी दृष्टि इनके विचार, प्रकृति ,समाज के ओर इनका ध्यान आज के व्यक्तियों में बहुत कम दिखाई देते हैं।
आज की पढाई मे एक और कमी है तो व्याकरण, शब्द रचना वाक्य रचना का संपूर्ण ज्ञान न होना।आज हम जिस भाषा में लिखते हैं, बात करते हैं, पढ़ते हैं, उसकी मूल जो व्याकरण है उसी की जानकारी हमें नहीं रहती है। यही एक मूल कारण है जिससे बच्चे लिख नहीं पाते हैं. बच्चों में शब्द भंडार की कमी है। शब्द समूह, शुद्ध लिखावट, शुद्ध बोलने के लिए अधिक से अधिक पुस्तकों को पढना अनिवार्य है। आज मात्र लिंग बदलिए, वचन बदलिए ,काल बदलिए छोड़कर अन्य व्याकरण की जानकारी दी नहीं जाती हैं। अगर प्राथमिक स्तर में पहली कक्षा से लेकर सातवीं कक्षा तक बच्चों को राष्ट्रभाषा मातृभाषा के साथ-साथ अंग्रेजी व्याकरण की पूरी जानकारी देकर शब्द जोड़, वाक्य रचना, शब्द भेद, संधि, समास, अलंकार आदि को सिखा देंगे तो बच्चे बहुत सुंदर लिख पाते हैं अपने विचारों को व्यक्त कर पाते हैं तब उन पर दबाव डालने की जरूरत नहीं पड़ती है।
बच्चे जब स्वयं विषय को पढकर समझकर लिखते है तो अनुत्तीर्ण होने की संभावनाएं कम रहती है। इसीलिए मैं चाहती हूं कि बच्चों को पहली कक्षा से लेकर सातवीं कक्षा तक व्याकरण में सहज बना देनी चाहिए तब जाकर उत्तम साहित्य की निर्माण हो सकता है और साहित्य ही समाज का आईना होता है।
मुखिया मुख सो चाहिए, खान पान को एक।
तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक।
उपरोक्त तुलसी के दोहे से यह ज्ञान मिलता है कि हमें विद्या से क्या-क्या लाभ है और हम में क्या-क्या गुण और किस तरह के होने चाहिए। ऐसे कईं कविताएं, दोहे कहानियां हैं जिन को पढ़ाना आज अत्यावश्यक हो गया है।
आज कृषि करने की भी रुचि बहुत कम हो गई है इसीलिए कृषि का महत्व बच्चों का बताना जरूरी है। हर कोई बड़े-बड़े शहर जाकर कमा कर ए सी में बैठना चाहता है पर बिना अनाज के ए सी में भी हम बैठ नहीं सकते। इसीलिए अब कृषि की भी प्रौढ़ और प्राथमिक स्तर पर ही ज्ञान देना जरूरी है।
अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगी कि आज की शिक्षा व्यवस्था में सत्य, अहिंसा मार्ग को अपनाने की प्रेरणा, नैतिक मूल्य, सामाजिक मूल्य कला ,संगीत, नृत्य, कृषि, पानी, पर्यावरण की रक्षा के साथ- साथ व्यावहारिक गुण व्याकरण इन सब के बारे में प्राथमिक स्तर पर ही अधिक से अधिक जानकारी देकर उसका विकास करना आवश्यक है। इससे ही सुंदर ,स्वस्थ समाज का, विचारों का निर्माण हो सकता है।
'अपनी माटी संस्थान' चित्तौड़गढ़ ( पंजीयन संख्या ५० /चित्तौड़गढ़/२०१३ ) द्वारा संचालित और उग्क कारे लिस्ट अप्प्रोवेड त्रैमासिक ई-पत्रिका 'अपनी माटी' इसन २३२२-०७२४ अपनी माती ( 'समकक्ष व्यक्ति समीक्षित जर्नल' पीर रेवीव्द/रेफरीड जर्नल), कंचन-मोहन हाऊस,१, उदय विहार, महेशपुरम रोड़, चित्तौड़गढ़-3१200१,राजस्थान, अन्य जरूरी प्रश्न हो तो 94607११896(मणिक) और 900१092806(जितेन्द्र) पर ओनली वाटस आप्प करके सम्पर्क कर सकते हैं कॉल पर बात नहीं होगी। , |
कन्नौज। रेलवे स्टेशन पर एक गरीब को सर्दी में ठिठुरते देखा तो उनसे रहा न गया। अपना स्वेटर उतार कर दे दिया। इसके बाद मजदूरों, गरीबों और बेसहारा लोगों को पुराने कपड़े दान करने की छेड़ दी मुहिम। काम अच्छा था, तो कई लोगों ने अपने यहां से पुराने कपड़े देकर सहयोग भी किया। १० युवाओं की टीम भी साथ खड़ी हो गई।
हम बात कर रहे हैं तिर्वा कस्बे के मोहल्ला अन्नपूर्णानगर निवासी वैभव तिवारी उर्फ छोटू की। जो अब तक कस्बे के अलावा कन्नौज, उमर्दा, डम्मरपुर गांव के अलावा, निर्माणाधीन किसान बाजार और पैरामेडिकल कॉलेज में लेबरों को करीब एक हजार पुराने कपड़े बांट चुके हैं। वैभव का कहना है कि बीते महीने वह जरूरी काम से बाहर जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कन्नौज रेलवे स्टेशन पर एक गरीब को सर्दी में ठिठुरते देखा। वह बदन पर गर्म कपड़े नहीं पहने था। यह देखकर वैभव ने अपना स्वेटर दे दिया।
साथ ही गरीबों की मदद करने के लिए भी मन में ठान लिया। वह कानपुर गए और दो गठरी पुराने खरीद कर ले आए। उन्होंने कई जगह बांटे। कपड़े कम थे और लोगों की संख्या अधिक। इसके लिए उन्होंने कस्बे से लोगों के घरों से पुराने कपड़े सहयोग के रूप में लेने का सिलसिला शुरू किया। उन्होंने अपनी टीम भी बनाई। टीम ने भी अपने-अपने घरों और शुभचिंतकों से पुराने कपड़े लेकर गरीबों में बांटे। कभी-कभी गरीबों को भोजन का भी वितरण किया।
इससे इतर कन्नौज शहर के निवासी अनुज गुप्त भी गरीबों और बेसहारा लोगों को सर्दियों से बचने के लिए गर्म कपड़े बांट रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह नए और पुराने सभी तरह के कपड़े बांट चुके हैं।
अब तक राजीव गुप्ता, राजीव कनौजिया, रवी कुमार, पंकज राजपूत, प्रभात तिवारी, डॉ. अतुल वर्मा, प्रभात वर्मा, अतुल तिवारी आदि कई लोग अपने घरों से पुराने पकडे़ दे चुके हैं। इनका वितरण भी किया जा चुका है।
वैभव तिवारी का कहना है कि वह हीरोज क्लब चलाते हैं। उन्होंने गरीबों को पुराने कपड़े बांटने के लिए अपनी टीम में जाहिद हुसैन, कमलजीत सिंह, पंकज राजपूत, अतुल तिवारी, रवि कुमार, अंकुर अग्निहोत्री, विवेक सेंगर, मिथुन चक्रवर्ती और शोभित को शामिल किया है। उनका लक्ष्य इस सर्दी में पांच हजार कपड़े बांटने का है। वह सरकार के सहारे नहीं हैं। व्यक्तिगत प्रयास से टीम के सहयोग से लोगों की मदद और सेवा कर रहे हैं। |
दैनिक भास्कर सिल्वर जुबली क्विज २९ : सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभों के चलते होने वाली वारिश को क्या कहा जाता है?
होमेदैनिक-भास्कर-डेली-क्विज़दैनिक भास्कर सिल्वर जुबली क्विज २९ : सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभों के चलते होने वाली वारिश को क्या कहा जाता है?
यदि आप १८ जनवरी २०२२ के दैनिक भास्कर सिल्वर जुबली क्विज २८ का उत्तर खोज रहे है तो आप सही वेबसाइट पर आए हैं । गक्फोर्यो.कॉम आज अपने पाठको के लिए दैनिक भास्कर सिल्वर जुबली क्विज २९ आज १८ जनवरी २०२२ का प्रश्न सहित उत्तर प्रकाशित कर रहा है ।
दैनिक भास्कर सिल्वर जुबली क्विज केवल राजस्थान निवासियों के लिए है ।
सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभों के चलते होने वाली वारिश को क्या कहा जाता है?
क१# सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभों के चलते होने वाली वारिश को क्या कहा जाता है?
किस दुर्ग को मयूरध्वज गढ़ के उपनाम से जाना जाता है? |
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उजागर होने वाली प्रत्येक कमी के लिए खुफिया तंत्र को दोषी ठहराना एक शगल बन गया है। हमने यह नहीं देखा कि हमारे खुफिया और सुरक्षा तंत्र का पिछले तमाम वर्षों में कितना राजनीतिकरण हो गया है और आम नागरिक के हित जिसकी लाठी उसकी भैंस पर आधारित हो गए हैं। खुफिया तंत्र का बड़ा काम अब यह हो गया है कि जो भी सत्ता में है उनक विरोधियों की चालों पर नजरें रखे। सुरक्षा तंत्र की जिम्मेदारियां राजनीति के सफेद हाथियों की हिफाजत और कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित रह गई हैं। वीआईपी इलाके में अगर कोई बूढ़ा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गलती से भी रास्ता भूलकर पहुंच जाए, तो पकड़ लिया जाएगा और आम नागरिकों की बस्तियों में गुंडे योजनाबद्ध तरीके से उत्पात भी मचाते रहें, तो भी कोई कार्रवाई नहीं होगी। अत: आतंकवाद से निपटने का मुद्दा अब केवल राज्य (स्टेट) और आतंकवादियों के बीच तक सीमित नहीं रह गया है। यह मुद्दा अब नागरिकों और आतंकवादियों के बीच आपसी कार्रवाई का भी हो गया है।
गौर करने लायक है कि जब नागरिकों के दो समुदाय सड़कों पर खुलेआम हिंसक सांप्रदायिक संघर्ष में जुट जाते हैं तब वे राज्य (स्टेट) से न तो कोई आज्ञा प्राप्त करते हैं और न ही उसके (स्टेट के) हस्तक्षेप को ही बर्दाश्त करते हैं। कोशिश तब राज्य की सत्ता को चुनौती देने की ही रहती है। पर जब हमला चोरी छिपे या पीछे से होता है, तो वही नागरिक अपनी हिफाजत के लिए स्टेट का मुंह ताकता है और उसमें जरा सी भी कमी या खोट प्रकट होने पर पूरी व्यवस्था को ही निकम्मी करार देता है। हाल की आतंकवादी कार्रवाइयों के बाद उपजा नागरिक रोष कुछ इसी तरह की अभिव्यक्ति है। तमाम आतंकवादी कार्रवाइयों की जांच-पड़ताल में यह लगभग स्थापित हो चुका है अधिकांश मामलों मंे दुश्मन कहीं बाहर से नहीं आए। बाहर से मदद और सहानुभूति से इंकार नहीं किया जा सकता। जब नागरिक जानता है कि दुश्मन उन्हीं के बीच नागरिक का मुखौटा पहने हुए है, तो उसकी पहचान करने अथवा उसके प्रति सावधानी बरतने का प्रथम दायित्व भी नागरिक का ही बन जाता है। सिस्टम (व्यवस्था) अपनी जिस जिम्मेदारी से बचता रहा या उसमें चूक करता रहा वह यह है कि उसने नागरिकों को किसी भी प्रकार की आपदा से मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया। कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आए या फिर आतंकी हमला हो, नागरिकों की पहली प्रतिक्रिया उसके प्रति स्टेट रिस्पांस को लेकर होती है स्वयं के रिस्पांस की नहीं।
समूची व्यवस्था को चौबीस घंटों के लिए स्थायी रूप से हाई अलर्ट पर रखा भी नहीं जा सकता। अगर ऐसा किया गया तो व्यवस्था के नाम पर जो कुछ बचा हुआ है, वह भी चौपट हो जाएगा। पर नागरिक निश्चित ही अपने आपको लगातार हाई अलर्ट पर रख सकते हैं। सीमा इलाके में रहने वाला आम नागरिक ऐसा ही करता है खेती-बाड़ी करते हुए भी और त्यौहार मनाते हुए भी। सीमा क्षेत्र में आम नागरिक का व्यवहार भी सैनिकों की तरह ही रहता है। ऐसा समूचे देश में भी हो सकता है। हकीकत यह भी है कि सीमा क्षेत्र में रहने वाला नागरिक स्थान परिवर्तन के साथ ही अपने गुण भी बदल लेता है। हमें इस हकीकत के साथ जिंदा रहने की आदत डालना होगी कि नागरिक समाज को सांप्रदायिक रूप से जितना ज्यादा दूषित किया जाएगा उतना ही ज्यादा भार स्टेट के प्रतिरक्षा कवच पर पड़ने वाला है। एक समुदाय अपने आपको दूसरे के खिलाफ जितनी ज्यादा हिंसा के साथ व्यक्त करेगा, उसका प्रकटीकरण आतंकवाद की शक्ल में ही होगा।
अगर हमने अपने घर के भीतर की हिंसा या सुरक्षा के लिए स्टेट पर भरोसा करना बंद कर दिया है, तो खुले में होने वाली हिंसा से निपटने के औजार भी खुद को गढ़ने होंगे। राज्य की भागीदारी हो सकती है, पर इनीशिएटिव नागरिकों को ही लेना पड़ेगा। विस्फोटकों को शक्तिहीन करने के लिए बम निरोधक दस्तों के विशेषज्ञों की सेवाएं लेना आवश्यक है, क्यांेकि न तो यह काम सामान्य नागरिक कर सकता है और न ही उसे करना चाहिए। पर कहीं विस्फोटक पड़ा हुआ है यह सूंघने की क्षमता तो नागरिकों को ही अपने में विकसित करना होगी। स्टेट की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने नागरिकों को उनके सैन्य कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षित करे। आतंकवादी हमले इंटेलिजेंस फेल्योर के कारण कम और नागरिक उदासीनता के कारण ज्यादा सफल होते हैं। नागरिकों की उदासीनता ज्यादा आतंकित करने वाली है। |
जालौन:- कोंच(जालौन)तहसील क्षेत्र के ग्राम गेन्दोली एवं बाबूपुरा निबासी किसानों ने उपजिलाधिकारी अशोक कुमार को दिन सोमवार को एक शिकायती पत्र देते हुये बताया कि हमारे ग्रामों में करीब २ सौ गायें एवं बछड़े आवारा घूम रहे हैं और मौका मिलते ही जिस किसी के खेत में घुस जाते हैं तो उस खेत को पूरा चरकर चट कर जाते हैं जबकि हम किसान रात रातभर जागकर खेतों की रखवाली करते है फिर भी आवारा पशुओं ने बहुत सारी जमीन की फसल नष्ट कर दी है जब उपरोक्त के सम्बन्ध में ग्राम प्रधान से कहा तो वह सुन नहीं रहे हैं जिसकी बजह से फसल बराबर बर्बाद हो रही है अगर ऐसा ही रहा तो हमारे बाल बच्चे भूखों मर जायेंगे किसानों ने एस डी एम से मांग की है कि आवारा पशुओं की व्यबस्था करवाई जाए जिससे हम किसानों की फसल बर्बाद होने से बच जाए इस अवसर पर हरी शंकर पटैरिया राजेश राम अनुग्रह सिंह लाल बहादुर हरदयाल अनिल राम चरण राम शंकर कुँअर पाल प्रकाश जगमोहन सेवाराम बलराम आशुतोष शम्भू पाल हरगोविंद जुगल नाथ बिजय सिंह मंगल पाल प्रकाश वर्मा यशपाल अनिरुद्ध सिंह लाखन सिंह रिंकू सहित तमाम पीड़ित किसान मौजूद रहे। |
आज हम जानेंगे, गूगल के एक ऐसे बेतरीन प्रोग्राम के बारे में जिससे आप बहुत कुछ सीखेंगे, और अगर आपकी टेक्नोलॉजी में इंटरेस्ट हैं, तो आपको अपनी ड्रीम जॉब भी यहाँ पे मिलने की ज्यादा चांस हो सकती हैं। तो आइये देताइल्स में समझते हैं, इस उडासिटी प्रोग्राम को।
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जैसे-जैसे अधिक से अधिक कॉलेज की डिग्री कम और कम महत्वपूर्ण होने लगती हैं, ऑनलाइन शिक्षा का मूल्य दिन-प्रतिदिन के विषयों में तेजी से प्रासंगिक हो जाता है, और मूक- आधारित (बड़े पैमाने पर खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम) ई-लर्निंग भारी फायदेमंद हो जाता है।
इसलिए, विचार प्रक्रिया इस तरह की शिक्षा प्राप्त करने का प्रश्न बन जाती है। आज की तेजी से भागती दुनिया और पर्यावरण के साथ, कक्षा में सीखना अब आवश्यक नहीं है, इतने सारे ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्म के बीच सही विकल्प बनाना मुश्किल काम है।
इसे कम करने के लिए, हमने उडासिटी ली है और इससे हमारी शुद्धता समीक्षा आपको प्लेटफार्म के बारे में सादा जानकारी देगी, साथ ही यह आपके जीवन और करियर में आपके लिए सही है या नहीं। इसके लिए ये आर्टिकल आखिर तक पढ़ें !
१. उडासिटी पर कोर्स कैसे चुनें ?
३. उडासिटी पर कोर्स कैसे शुरू करें ?
नैनोकोड्री क्या है और इसमें कितना समय लगता है?
क्या आप नानोडग्री के साथ नौकरी पा सकते हैं?
क्या एक उनेसिटी नानोडग्री इसके लायक है?
एक उनेसिटी नैनोडेग्री कैसे संरचित कर सकते है?
इस कार्यक्रम को बंद क्यों किया गया?
आपकी मेंटर्स से क्या उम्मीद करनी चाहिए?
क्या कोई अन्य विशेषता है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए?
नैनोडेग्री क्या है?
उडासिटी की लागत कितनी है?
क्या उडासिटी मुफ्त पाठ्यक्रम प्रदान करता है?
उडासिटी एक शैक्षिक संगठन है जो मूक प्रदान करता है। यह मुफ्त कंप्यूटर विज्ञान कक्षाओं और पाठ्यक्रमों का प्रकोप है जो २०११ में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के माध्यम से पेश किए गए थे।
कंपनी अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करती है जो गूगल और फेसबुक जैसी दूरदर्शी कंपनियों की साझेदारी में निर्मित होते हैं, जो प्रौद्योगिकी में उद्यमिता से लेकर वेब डिज़ाइन तक एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं ।
हमारी उडासिटी समीक्षा पाठ्यक्रमों के संस्करणों और निश्चित रूप से प्रमुख नैनोकोड्री कार्यक्रमों की पेशकश करती है, जो उद्योग के बीच साख के मानकों को निर्धारित करते हैं।
पाठ्यक्रम को चुनौतीपूर्ण माना जाता है, लेकिन पूरी तरह से खर्च किए गए समय के लायक है। वे आत्म-शिक्षा और निर्देश के बीच एक जटिल संतुलन बनाते हैं, जिससे आपको समझने और अभ्यास करने के लिए उपकरण मिलते हैं, साथ ही आपको अपनी सोच का उपयोग करने की भी अनुमति मिलती है।
ये नैनोडेग्रेस्स इन-डिमांड स्किल्स पर केंद्रित होते हैं जिनकी तकनीक के क्षेत्र में जरूरत होती है और इसमें आपकी शिक्षा के दौरान वीडियो कोर्स, प्रोजेक्ट और कार्य शामिल होते हैं।
इन माइक्रो-क्रेडेंशियल्स को कभी-कभी मुफ्त में भी जारी किया जाता है और इसमें २०० ऑनलाइन पाठ्यक्रमों, या नैनोडेस्ट्ररों के सक्रिय कैटलॉग के साथ ८ मिलियन से अधिक शिक्षार्थी होते हैं।
उडासिटी एक डिजिटल स्किल्स लर्निंग प्लेटफार्म हैं, जहाँ पर ऐसे लोग जो जीवनभर नयी-नयी डिजिटल स्किल्स सीखने की इच्छा रखते हैं। साथ ही जो व्यक्ति इस प्लेटफॉर्म से कोई भी कोर्स करता है, उसका १००% प्लेसमेंट होता हैं।
मतलब पक्की नोकरी। क्योंकी इस प्लेटफार्म को दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल वह अन्य टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनीया मिलकर चलाती हैं। इनका मिशन हैं, दुनिया की बड़ी-बड़ी बुसिनेसेस और इंडस्ट्रीज के लिए एक स्ट्रोंग एंड टैलेंटेड वर्कफ़ोर्स टीम को तैयार करना। मतलब नौकरी तलाशने वाले की मानसिकता वाले लोगो को डिजिटल ट्रेनिंग देना।
हमारी उडासिटी की समीक्षा लिखने में, हम उस प्रक्रिया का एक हिस्सा बनने में सक्षम हैं जो हमें यह समझने में मदद करती है कि सब कुछ कैसे कार्य करता है।
के रूप में उडासिटी पर ब्लॉग में कहा गया है, जब आप अपने नानोडग्री कार्यक्रम चुनते हैं, तो आप वास्तव में अपने कैरियर का चयन करते हैं। हकीकत में, यह आपके करियर की नई राह शुरू करने का पहला कदम है। आप क्या करेंगे जो भी आप चाहते हैं कि नैनोडेग्री को आप श्रेणियों की लंबी सूची से चुनें।
याद रखने के लिए महत्वपूर्ण कारक यह है कि आपको उस कंपनी की तलाश नहीं करनी चाहिए जिसे आप काम करना चाहते हैं, या किसी अन्य कंपनी में विशिष्ट भूमिका के लिए। आपको एक नैनोडेगरी की तलाश करनी चाहिए जो भविष्य में आपके द्वारा किए जाने वाले कुछ का समर्थन करती है और फिर बाकी का पालन करेगी। इस तरह, आप किसी पद या कंपनी का अनुसरण नहीं कर रहे हैं, बल्कि आपका अपना व्यक्तिगत विकास, जो आपको एक मजबूत करियर का निर्माण करेगा।
यदि आप किसी प्रकार का प्रोग्रामर बनना चाहते हैं , तो आपको कौन सा नैनोडेग्री चुनना चाहिए?
आपको प्रोग्रामिंग नैनोडेग्री पाठ्यक्रमों को देखना चाहिए, जाहिर है। यह अनिश्चितताओं को काम से बाहर ले जाता है और आपके करियर के साथ क्या सीखना और करना चाहता है, इस पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है।
उडासिटी में २०० से अधिक कोर्स हैं जो निशुल्क हैं। इस मामले में यह एक प्रमाण पत्र प्रदान नहीं करता है। उडनेस के नैनोडेग्रस का भुगतान किया जाता है, और प्रति माह $ ३९९ खर्च होता है, या आप छूट प्राप्त करने के लिए अग्रिम भुगतान कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए विभिन्न किस्त विकल्प, पेपाल और मास्टरकार्ड प्रदान करता है। यूडेसिटी के सशुल्क पाठ्यक्रम सस्ते नहीं हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने द्वारा खरीदे जाने वाले पाठ्यक्रमों को भुनाने के लिए जितना संभव हो शैक्षिक कार्यक्रमों में समय और ऊर्जा डालें। ऐसा करने से, आप गारंटी देंगे कि आपको अपने पैसे मिलेंगे ।
पाठ्यक्रमों की सूची के माध्यम से और एक पर निर्णय लेने के बाद, आपको तुरंत अनुभव में फेंक दिया जाता है। जिस समय से आप अपने नए नैनोडेग्री में दाखिला लेते हैं, तुरंत काम शुरू हो सकता है ।
एक सहायता टीम उपलब्ध है जो संचार और संचालन की शर्तों को प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकती है और जब आप नामांकन करते हैं, तो आप तुरंत इस सब से जुड़ जाते हैं।
यह तब तक जारी रहता है जब तक आप अपनी पहली परियोजना और उसके आगे जमा नहीं करते हैं, और वहां से, आपको अपने काम की गहन, समयबद्ध और व्यक्तिगत उडासिटी समीक्षा दी जाती है। ये आपको चुनौती देने और पुष्टि करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और यह मूल्यवान और कार्रवाई योग्य प्रतिक्रिया प्रदान करेंगे, जो आपको ज्ञान की प्यास में आगे बढ़ाएगा।
इस तरह की व्यापक ऑनबोर्डिंग आपको कार्यक्रम के लिए स्थापित करने और इसका लाभ उठाने में आपकी सहायता करने का इरादा रखती है।
यही जांच अपडेट और व्यक्तिगत परीक्षा की योजना है। सामान्य तौर पर, ऑनलाइन सीखने के प्लेटफार्मों में उडेसिटी की ऑनबोर्डिंग सबसे अच्छी है ।
जैसा कि आप उडनेस पर पाठ्यक्रम अभ्यास का अनुभव करते हैं, आप समय-समय पर एक परीक्षा लेंगे। ये परीक्षा आम तौर पर सीखने की प्रक्रिया के अंत की ओर आती है। इसके अलावा, वे यह सुनिश्चित करने के लिए एक दृष्टिकोण के रूप में भरते हैं कि आपने व्यायाम सामग्री का संकलन किया है।
उडासिटी के सहायक ढांचे के केंद्र में छात्र परियोजनाएं हैं। ये सच्चे उद्यम हैं जो मास्टर गाइड द्वारा ऑडिट किए जाते हैं।
सभी पाठ्यक्रम अभ्यास पास करें।
मीट अपेक्षाओं के मूल्यांकन के साथ सभी कार्यों को पूरा करें।
इतना ही! एक बुनियादी स्तर पर एक उनेसिटी नैनोडेग्री को खत्म करना आवश्यक है । हालांकि, इन दोनों दृष्टिकोणों को संतुष्ट करने के लिए कुछ गंभीर ऊर्जा और परिश्रम की आवश्यकता होती है।
हमारी उडनेस की समीक्षा आपको वह सब कुछ देखने की अनुमति देगी जो वर्तमान में उडेसिटी के साथ है, और आपके दिमाग को सुकून देगा।
यूडेंसिटी कैटलॉग को अलग-अलग कार्यक्रमों जैसे कि फ्री कोर्स और नैनोडेग्री कोर्स में विभाजित किया गया है। इसके अलावा, आप अपना स्व-घोषित कौशल स्तर भी चुन सकते हैं, साथ ही साथ आप अपना कोर्स कब तक करना चाहते हैं।
ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए एक नि: शुल्क खोज इंजन, क्लासपेर्ट पर यूडेसिटी के पाठ्यक्रमों और नैनोडेग्री का अन्वेषण करें ।
उडासिटी या इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के लिए कोई सेट मूल्य निर्धारण मॉडल या संरचना नहीं है। वास्तव में, प्रत्येक नैनोडेग्री एक पूरी तरह से अद्वितीय मूल्य से चलता है और काफी हद तक लोकप्रियता, पाठ्यक्रम संरचना, प्रारंभ दिनांक और समाप्ति तिथियों पर निर्भर कर सकता है।
उडासिटी की मूल्य सीमा $ १९९ से $ ३,००० तक भिन्न होती है । कुछ नैनोडेग्रेस्स मासिक सदस्यता पर हैं, लेकिन बाकी के नैनोडेग्रीस निश्चित मूल्य और अवधि आधारित हैं। लंबे समय तक नैनोडेग्रेस्स को कई शब्दों में विभाजित किया गया है।
अपने पाठ्यक्रम के अंत में, आपको समाप्त करने के लिए एक महीने का विस्तार मिलेगा, क्या आपको इसे समय पर पूरा करने में सक्षम नहीं होना चाहिए। उसके बाद, पूरा किए बिना, आप सामग्री तक पहुंच खो देंगे और एक नए शब्द के लिए फिर से साइन अप करने की आवश्यकता होगी।
हालाँकि, यदि आप आवश्यक समय में पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं, तो आप प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पाठ्यक्रम सामग्री तक पहुँच बनाए रखेंगे।
यहाँ पर वो हाई स्किल्स सिखाई जाती हैं, जो दुनिया की टॉप कंपनियों को जरूरत होती हैं।
यहाँ पर प्रोजेक्ट बसे, एक्टिव लर्निंग होती हैं।
आप स्केजूल करके भी सीख सकते हो। मतलब आप किस दिन और कितने बजे सीखना चाहते हो, वह समय को सेट करके भी ल्र्निंग सकते हो।
यहाँ पर आपके मेंटोर/कोच २४७ आपकी मदद को तैयार रहते है।
२०० से ज्यादा इंडस्ट्रीज पार्टनर गूगल के साथ जुड़कर यह कंटेंट बनाते हैं।
जब आपकी जॉब उडासीटी प्लेटफार्म पर ही या किसी अन्य बड़ी कंपनी में लग जाती हैं। तो वहाँ पर सेलरी के साथ-साथ आपकी क्वालिटी लाइफेशैली का भी पूरा ध्यान रखा जाता हैं।
नानोडग्रीस ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम हैं जो विशेष रूप से उडासिटी पर दिए जाते हैं। कार्यक्रम आपको एक विशिष्ट विषय पर एक संरचित सीखने का कार्यक्रम देता है। इन परियोजनाओं की एक बड़ी राशि को समाप्त होने में एक महीने या उससे अधिक समय लगता है।
एक नैनोडेगरी को एक सीखने के मार्ग में क्रमबद्ध किया जाता है। एक रन-ऑफ-द-मिल नैनोडेग्री में लगभग ८ पाठ्यक्रम शामिल हो सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और जिसमें वास्तविक उद्यम या कार्य शामिल होगा।
प्रत्येक पाठ्यक्रम को विशेष विषयों को कवर करते हुए आगे ५ या ६ पाठों में विभाजित किया जा सकता है। तो इस सैद्धांतिक नैनोडेगरी में, आप आठ कार्य पूरा करेंगे और ४०+ अभ्यास करेंगे।
उनेसिटी के पूर्व छात्रों की एक महत्वपूर्ण संख्या एक नैनोडेगरी को पूरा करने के मद्देनजर पुरस्कृत स्थिति में आ सकती है। बहुत सारे छात्रों ने गूगल, आपोल, ओरेकल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में नैनोडग्री प्रोग्राम पूरा करने के चक्कर में काम करना शुरू कर दिया।
यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे उडनेस गारंटी दे सकती है। लेकिन, निश्चित रूप से, आपके पाठ्यक्रम में नैनोकोड्री होने की संभावना अधिक है।
उनेसिटी नैनोडेग्रेसेज के महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि वे स्वीकार्य हैं। इस घटना में कि आप एक पारंपरिक शारीरिक कार्यक्रम में जाते हैं, आप अपने निर्देशों के बावजूद, चीजों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए भुगतान करते हैं: आवास, खाना पकाने की योजना, समझदारी शुल्क आदि।
ऑनलाइन प्रशिक्षण ठीक वही अनुभव नहीं दे सकता है जो आप पास में पाएंगे, फिर भी यह पूरी तरह से खर्च की एक छोटी राशि में शीर्ष पायदान मार्गदर्शन दे सकता है। इस मौके पर कि आपकी # १ ज़रूरत आपकी वित्तीय योजना को भुनाने के दौरान क्षमताओं की एक और व्यवस्था सीख रही है, एक ऑनलाइन प्रोग्राम अच्छी तरह से चलता है।
किसी प्रोग्राम को आज़माने के लिए आप समय से पहले शेड्यूल देख सकते हैं। यह दिलचस्प है क्योंकि आपको इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि क्या कार्यक्रम उपयुक्त स्तर पर है और क्या यह उन बिंदुओं और उपयुक्तताओं को शामिल करता है जिनकी आपको सबसे अधिक आवश्यकता है।
उदासी के शिक्षक क्षेत्र में विशेषज्ञ ड्राइविंग कर रहे हैं, और वे एक विशिष्ट और व्यवस्थित आंदोलन देने के लिए नैनोडेग्रेसेज की संरचना करते हैं।
उडेसिटी के उपक्रम टिप्पणीकारों से अनुकूलित आलोचना।
उत्कृष्टता ट्यूटर्स से कार्य करना।
प्रोफेशनल वोकेशन ट्रेनिंग और अन्य प्रोफेशन एडमिनिस्ट्रेशन।
ज्ञान में असफल, उदिता की प्रतिबंधक विकि।
अतिरिक्त जिम्मेदारी के लिए -प्रोग्रामर ट्रैकर।
उदय समुदाय के लिए असफल।
कुछ जो हाल ही में यूडेसिटी के कोर्स कैटलॉग में जोड़ा गया है वह नया करियर सेक्शन है ।
वापस दिन में, २०१७ के अंत के आसपास, उडेसिटी ने एक बार उडनेस नैनोडेग्री प्लस की पेशकश की। यह अनिवार्य रूप से एक सेवा थी जिसके लिए आपने अधिक भुगतान किया था और उन्होंने आपको अपना कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी, या आपके पैसे वापस करने की गारंटी दी थी।
यह कुछ ऐसा था जो उनके बहुत सारे छात्रों के साथ बहुत लोकप्रिय था, लेकिन चूंकि वे अब इस तरह की सेवा प्रदान नहीं करते हैं, इसलिए यह कंपनी के साथ बहुत लोकप्रिय नहीं हो सकता था।
उसी के परिणामस्वरूप, हम मानते हैं कि यूडेसिटी ने इसके बजाय एप्लायस ऑन जॉब्स और साक्षात्कार में पाठ्यक्रम जोड़कर चीजों के कैरियर पक्ष पर थोड़ा अधिक ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है।
बहुत से लोग वास्तव में आपके लिए इसका उल्लेख नहीं करते हैं, लेकिन ये नौकरी पाने के मूलभूत पहलू हैं जिनके लिए आपको तैयार रहने की आवश्यकता है, और कुछ हद तक स्वीकार किया जाना चाहिए।
उडासिटी अपने उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के मुफ्त कोर्स विकल्प प्रदान करता है और जब हमारी उडासिटी समीक्षा करते हैं, तो हमने पाया कि वास्तव में बहुत सारे अच्छे पाठ्यक्रम मुफ्त में दिए गए थे और ये सभी बेजीर, इंटरमेडियाते और एडवांस्ड कोर्स के बीच एक मिश्रण थे।
एक प्रमाण पत्र की पेशकश नहीं करने के अलावा, कई मुफ्त पाठ्यक्रम सभ्य शुरुआत हैं।
कुछ अधिक प्रभावशाली लोगों को देखते हुए, हमने गूगल पाठ्यक्रम द्वारा ए / बी परीक्षण में ठोकर खाई । यह वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन पर संभावित सुधारों का परीक्षण करने के लिए विभाजित परीक्षण और ऑनलाइन अनुभव शामिल करता है। यह एक महीने का कोर्स था, जो एक मध्यवर्ती स्तर पर उद्योग के पेशेवरों द्वारा सिखाया जाता था।
अपने बेल्ट के तहत इस कोर्स को प्राप्त करना आपको क्षेत्र में कैरियर की गारंटी नहीं देगा। लेकिन यह आपके कौशल को उन अन्य उम्मीदवारों से ऊपर उठाएगा, जिन्होंने ऐसा कोर्स नहीं किया था। एक नि: शुल्क विकल्प के रूप में, हमने इसे प्रेरणादायक पाया।
महत्वपूर्ण नोट : उदासीनता मुक्त पाठ्यक्रम एक प्रमाण पत्र प्रदान नहीं करते हैं और शायद ही कभी किसी छात्र-से-छात्र या छात्र-से-शिक्षक बातचीत की पेशकश करते हैं।
उडनेस पर संरक्षक शुरू से ही आपकी सहायता और मार्गदर्शन करने के लिए मौजूद हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य आपके सवालों का जवाब देना और आपको रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती से उबरने का मौका देना है।
न केवल उडनेस प्रशिक्षकों और आकाओं के साथ सीधे संचार की पेशकश करता है, बल्कि आप तुरंत अन्य उपयोगकर्ताओं, लाखों लोगों के समुदाय से भी जुड़े रहेंगे। ये लोग मंचों में पहुंच सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि उनमें से लगभग सभी मदद करने को तैयार हैं क्योंकि वे आपकी स्थिति में सभी (या अभी भी) हैं।
अपनी पसंद के नैनोडेग्री के माध्यम से अपना रास्ता बनाने के बाद, आपको उन क्रेडेंशियल्स मिल सकते हैं जिनकी आपको आवश्यकता है। कौशल-आधारित, परियोजना-उन्मुख पाठ्यक्रम, उपलब्धि के परिणामस्वरूप मान्य क्रेडेंशियल्स के लिए अनुमति देता है और प्रदर्शित करता है कि आपने परियोजनाओं में महारत हासिल की है और पाठ्यक्रम पूरा किया है। दुनिया में शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा सभी स्नातकों को देखा जाता है यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख निगमों के साथ चल रही भागीदारी है ।
सामान्यता की गुणवत्ता की गुणवत्ता आमतौर पर बहुत सकारात्मक रूप से प्राप्त होती है। कुछ लोग यह भी सोच सकते हैं कि भुगतान की गई डिग्री और मुफ्त डिग्री के बीच की गुणवत्ता अलग है, लेकिन यह सच्चाई से आगे नहीं बढ़ सकता है।
आप हमेशा सामग्री के मामले में उच्चतम गुणवत्ता प्राप्त करेंगे , लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि आपको मुफ्त पाठ्यक्रमों के साथ एक संरक्षक और सहकर्मी का समर्थन नहीं मिलता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि क्योंकि उडेसिटी पर प्रसाद की इतनी बड़ी सूची है, आप यह पा सकते हैं कि यह मामला अलग होगा।
लोग हमेशा पूछेंगे कि क्या उडने लायक है? और जबकि हमारी उनेसिटी की समीक्षा ज्यादातर सकारात्मक है, यह कहना प्रासंगिक है कि यह हमारे अपने व्यक्तिगत अनुभव के साथ-साथ अन्य छात्रों और उपयोगकर्ताओं के रिपोर्ट किए गए निष्कर्षों से भी आता है जो पहले नैनोडेगरी कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं।
सामग्री की गुणवत्ता अधिकांश एमओओसी प्लेटफ़ॉर्म को सीखने वाले अन्य ऑनलाइन से ऊपर एक कदम लगती है और प्रत्येक पाठ्यक्रम में बहुत गहराई होती है।
इन वर्षों में, पाठ्यक्रम के प्रशिक्षक और संरक्षक की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, और किसी को अपने चुने हुए नैनोडेगरी में एक पेशेवर खोजने के लिए दूर देखने की आवश्यकता नहीं होगी।
जैसा कि हमने पहले अपनी उनेसिटी समीक्षा में उल्लेख किया था, उनके शिक्षक अत्यधिक कुशल पेशेवर हैं।
उन सभी के पास ठोस तकनीकी पृष्ठभूमि और कई वर्षों का अनुभव है।
शिक्षक भी वास्तव में अपने छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के लिए उत्सुक रहते हैं ताकि उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने में मदद मिल सके।
स्टीव ब्लैंक एक स्टार्टअप बनाने का तरीका सिखाता है।
कोल्ट स्टील सिनात्रा के साथ वेब एप्लिकेशन बनाने का तरीका सिखाता है।
इवान मुश्तिलक एक एडब्ल्यूएस क्लाउड डेवलपर बनना सिखाता है।
लॉरेंस मोरनी फायरबेस सिखाता है।
फर्नांडो रॉड्रिग्ज़ डेटा और ऑटोलॉययट के भंडारण के लिए तकनीक सिखाता है।
हारून ब्राउन शिक्षक सेंसर फ्यूजन इंजीनियर।
केटी कोरमनिक वर्णनात्मक सांख्यिकी सिखाता है।
केशा विलियम्स अस क्लाउड डेवलपर या जावा डेवलपर बनना सिखाती है ।
जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, नैनोडेग्री प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रस्ताव पर बहुत सारे पाठ्यक्रम हैं, किसी भी कंपनी या व्यवसाय के लिए कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं होना दुर्लभ होगा।
हमारी उडनेस की समीक्षा आम तौर पर काफी सकारात्मक थी, और हम जानते हैं कि कुछ उपयोगकर्ताओं ने मूल्य वृद्धि, समर्थन की कमी या यहां तक कि कुछ प्रशिक्षकों के बारे में शिकायत की है, लेकिन हमारी सलाह है कि पाठ्यक्रम के बारे में उपलब्ध सभी जानकारी को हमेशा पढ़ें, समझें कि आपको क्या मिल रहा है में और प्रस्ताव पर क्या हो रहा है के प्रति सावधान रहें।
यदि आप उन सिद्धांतों से चिपके रहते हैं, तो आप आम तौर पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ बेहतर नैनोडेग्री कार्यक्रमों से दूर हो जाएंगे और खुशी होगी कि आप खुद को पाठ्यक्रम में समर्पित करने में सक्षम थे।
कई कौशल स्तरों में पाठ्यक्रमों की उच्च संख्या।
पानी का परीक्षण करने के लिए नि: शुल्क पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाती है।
सशुल्क पाठ्यक्रमों के लिए समुदाय और संरक्षक सहायता अच्छी तरह से काम करती है।
बोर्ड भर में विभिन्न कीमतें।
कुछ पाठ्यक्रमों को समान स्तर पर नहीं मापा जा सकता है।
नैनोडेग्री प्लस को हटाने से कई उपयोगकर्ताओं के लिए विकल्प खुले रहते हैं।
इस सेक्शन में बडी बडी टेक्नोलॉजी कंपनिया और स्टार्टअप बेस्ड कंपनिया इनके साथ जुड़कर अपने एम्पलाइज को ट्रेनिंग दे सकती हैं। बहुत सारी बड़ी बड़ी कंपनिया इनके साथ जुड़ चुकी हैं। उदाहरण ; वोदफ़ोन, माइक्रोसॉफ्ट इत्यादि।
ऑनलाइन पाठ्यक्रम की पेचीदगियों के साथ अपने स्वयं के समय में माइक्रोलिंग और सीखने के उदाहरणों की कोशिश करना कभी-कभी थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन इन दोनों चीजों के लिए उडेसिटी अच्छा काम करती है।
हमारी उडनेस की समीक्षा में कई बेहतरीन नैनोडेग्री प्रोग्राम मिले जिन्हें उपयोगकर्ता स्वतंत्र और भुगतान दोनों में हिस्सा ले सकते हैं और कई स्तरों पर पेश किए जा सकते हैं। योग्य प्रशिक्षकों के बजाय एक जानकार होने की उम्मीद थी, लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि आपको मंच की सफलता बनाने के लिए खुद को सीखना या खुद की स्किल करना होगा।
उडासिटी एक शैक्षिक संगठन है जो अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करता है जो गूगल और फेसबुक जैसी दूरदर्शी कंपनियों के साथ साझेदारी में निर्मित होते हैं, जो प्रौद्योगिकी में उद्यमशीलता से लेकर वेब डिज़ाइन तक एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं।
नानोडग्रीस ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम हैं जो विशेष रूप से उडासिटी पर दिए जाते हैं। कार्यक्रम आपको एक विशिष्ट विषय पर एक संरचित सीखने का कार्यक्रम देता है।
उडासिटी की मूल्य सीमा $ १९९ से $ ३,००० तक भिन्न होती है। कुछ नैनोडेग्रेस्स मासिक सदस्यता पर हैं, लेकिन बाकी के नैनोडेग्रीस निश्चित मूल्य और अवधि आधारित हैं। |
मीरापुरःकोरोना वायरस के चलते नगर के बाजार सुनसान रहे लेकिन मेडिकल स्टोरो पर मास्क, सेनिटाइजर व डिटोल लेने के लिये लोगो का तांता लगा रहा।
केरोना वायरस के चलते नगर पंचायत मीरापुर ने नगर में कई स्थानो पर फागिंग करायी गयी। नगर पंचायत कार्यालय में आधार कार्ड बनाने पर भी २ अप्रैल तक रोक लगा दी गयी है। मेडिकल स्टोरो पर मास्क व सेनिटेराइज उपलब्ध न होने पर नगरवासियों में निराशा छायी है। जिन स्टोरो पर मास्क आदि उपलब्ध हैं वे ग्राहको का शोषण कर रहे हैं। उधर मीरापुर कस्बे में अफवाहो के चलते कोरोना का मरीज होने की चर्चा पूरे दिन फैली रही लेकिन क्षेत्र में कोई भी कोरोना से पीडित मरीज नही मिला है। कोरोना वायरस के चलते समस्त स्कूल व कालेज २ अप्रैल तक के लिये बन्द हो गये हैं। बैंको में भी भीड बढने पर अधिकारियो ने रूपये निकालने के लिये ग्राहको से एटीएम से प्रयोग करने के लिये कहा है ताकि बैंको में भीड कम हो सके।
अनोखा मामला देश की राजधानी से महज १२० किमी दूर स्थित मुजफ्फरनगर शहर से सामने आया है, जहां शादी के मौके पर दहेज की जमकर नुमाइश की गई। इसके लिए विवाह स्थल के मेन गेट पर बाकायदा एक बैनर भी लगाया गया, जिसमें कार के लिए दी जा रही पूरी रकम की जानकारी दी गई। इतना ही नहीं बैनर पर ना केवल दूल्हा-दुल्हन का नाम प्रिंट कराया गया, बल्कि दूल्हे का फोटो तक लगा दिया गया। अब ये फोटो सोशल मीडिया पर पूरी तरह से वायरल हो रहा है और इस पूरे मामले की जमकर छीछलेदर भी हो रही है। पुरानी घास मंडी का है मामला दरअसल ये पूरा मामला सिविल लाइन थाना इलाके की पुरानी घास मंडी का है। जहां आफताब मैरिज हॉल के नाम से बैंकट है। २८ फरवरी को दिलनवाज़ और सीमा सलमानी का इसी बैंकट हॉल में निकाह हुआ है। लड़की पक्ष ने अपनी हैसियत के हिसाब से खूब दान-दहेज दिया है, जिसमें कार के लिए नकद रकम भी दी गई है। लड़की पक्ष ने लगवाया बैनर??? लड़की पक्ष की तरफ से कार ना देकर साढ़े सात लाख रुपये नकद दूल्हे पक्ष को बतौर दहेज दिया गया। लोगों के बीच अपना दिखावा करने की होड़ में लड़की पक्ष ने कुछ ऐसा कारनामा कर डाला कि अब उसकी जमकर जग-हंसाई हो रही है। |
नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +९१ ९२५१३६२९८८ ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,
जल जीवन मिशन के लम्बित कार्य त्वरित गति से पूर्ण करें अधिकारी एसीएस,
न्क्र टाइम्स जयपुर। खान एवं पैट्रोलियम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल बुधवार को तीन दिवसीय दौरे पर उदयपुर पहुंचे। वे उदयपुर के बड़गांव पंचायत समिति स्थित पालड़ी गांव पहुंचे वहां उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण घरों में लगे नल कनेक्शन देखे। अग्रवाल ने पालड़ी क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों को देखा। उन्होंने अधिकारियों सेे जेजेएम की प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को मिशन से जुड़े कार्यों को गति प्रदान करने एवं ग्रामीणों को इस योजना का लाभ तय समयावधि में देने के निर्देश दिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप हर ग्रामीण के घर में नल कनेक्शन हो और पेयजल की सुलभता के साथ हर व्यक्ति को राहत प्रदान की जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों को शीघ्र पूरा करने एवं मिशन से जुड़े कार्यों के क्रियान्वयन के दौरान गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मौजूद सरपंच श्री संजय शर्मा व उपसरपंच श्रीमती मीनाक्षी सुथार सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि वे समय समय पर मिशन के कार्यों का अवलोकन करें और ग्रामीणों की इस मिशन एवं सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान कर उन्हें लाभान्वित करें। पहले दूर भटकना पड़ता था, अब नल से घर पर ही पेयजल मिल रहा। उन्होंने देखा कि सरकार की मंशा अनुरूप इस गांव के कई घरों के बाहर नल लगे हुए थे एवं लोग यहां से पेयजल प्राप्त कर पा रहे थे। ग्रामीणों ने एसीएस अग्रवाल को बताया कि पहले दूर हैण्डपम्प में अन्य स्रोतों से पानी भर कर लाना पड़ता था, लेकिन जल जीवन मिशन ने अब उन्हें बहुत राहत दे दी है।
डॉ. अग्रवाल ने पालड़ी क्षेत्र में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में आमजन से मुलाकात की। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं एवं आवश्यकताओं के संबंध में एसीएस डॉ. अग्रवाल को अग्रवाल को अवगत कराया। उन्होंने ग्रामीणों से चिरंजीवी योजना, विभिन्न पेंशन योजनाएं, जल जीवन मिशन आदि पर धरातलीय स्थिति जानी। ग्रामीणों ने भी पेंशन प्राप्त करने संबंधी समस्याओं से अवगत कराया जिस पर उन्होंने समाधान के निर्देश दिए। |
पुलिस सहायता संगठन हनुमानगढ़ जिला अध्यक्ष लालचंद धांधल ने तहसील कार्यकारिणी का गठन करते हुए संगरिया तहसील से समाजसेवी जगतार नुकेरा को तहसील अध्यक्ष व पुलिस सहायता संगठन के महिला आयोग में समाजसेवी इन्दू शर्मा को अध्यक्ष पद पर लगाया है। जिला अध्यक्ष ने नियुक्ति प्रमाण पत्र देते हुए अच्छे कामों की सराहना करते हुए इस संगठन में भी अच्छी भागीदारी निभाने के उदेश्य से कार्यभार सौंपा। दोनों ही होनहार सच्चे समाजसेवी योद्धाओं ने पुलिस प्रशासन की हर मदद के लिए शपथ ग्रहण की व बढचढकर पुलिस के साथ हर कार्यश्रेत्र में सहायता प्रदान करने के लिए वचनबद्ध हुए। इसके अलावा हनुमानगढ़ जिला कार्यकारिणी के जिन योद्धाओं ने उत्कृष्ट कार्य किए उनको ससम्मान सम्मानित चिन्ह भेंट कर आगे बढने का हौसला दिया गया। इस मौके पर जिला प्रधान लालचंद धांधल, महासचिव भीम सैनसोनी, लखवीर सिंह लक्खा, राजदीप ढिल्लों, एडवोकेट राजेन्द्र सिंह शेखावत, प्रवक्ता सुभाष लोहरा, राकेश नागपाल, विनोद कुमार, ताराचंद शर्मा, मनोज शर्मा, मांगीलाल, अजयकुमार, दलीप कुमार आदी मौजूद रहे। |
कविवर बिहारी, मिर्जा राजा जयसिंह के दरबारी कवि थे, जो जयपुर के राजा थे। कविवर बिहारी का असली नाम बिहारी लाल चौबे था और इनका जन्म १५९५ में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। ये एक हिंदी कवि थे, जो ब्रजभाषा में सतसंग (सात सौ छंद) लिखने के लिए प्रसिद्ध थे। इसमें लगभग सात सौ डिस्टिच का संग्रह जिसे आज हिंदी साहित्य के ऋतिकव्य काल या 'ऋति काल' (एक युग जिसमें कवि राजाओं के लिए कविताएँ लिखते थे) की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक मानी जाती है।
बिहारी लाल चौबे, जिन्हें अक्सर बिहारी के नाम से जाना जाता है, एक हिंदी कवि थे जिन्हें ब्रजभाषा में उनके सात सौ छंदों के लिए जाना जाता था, लगभग सात सौ जोड़े का संग्रह जिसे काव्य कला का सबसे प्रसिद्ध हिंदी काम माना जाता है, कथा और सरल शैलियों के विपरीत। इसे आमतौर पर ऋतिकव्य काल या 'ऋति काल' (एक अवधि जब कवियों ने शासकों के लिए कविताएँ लिखीं) से हिंदी साहित्य की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक माना जाता है। वह जयपुर के शासक जय सिंह के दरबारी कवि थे और उनके संरक्षण और प्रेरणा से दोहों की रचना की।
बिहारी का जन्म १५९५ में ग्वालियर में हुआ था और उन्होंने अपना बचपन बुंदेलखंड क्षेत्र के ओरछा में बिताया, जहां उनके पिता केशव राय रहते थे। शादी के बाद वह ससुराल वालों के साथ मथुरा में रहने लगे। उन्होंने प्राचीन संस्कृत ग्रंथों का अध्ययन किया। ओरछा राज्य में, उनकी मुलाकात प्रसिद्ध कवि केशवदास से हुई, जिनसे उन्होंने कविता की शिक्षा ली। बाद में, जब वे मथुरा चले गए, तो उन्हें मुगल सम्राट शाहजहाँ के दरबार में पेश करने का अवसर मिला, जो तुरंत उनके काम से प्रभावित हुए और उन्हें आगरा में रहने के लिए आमंत्रित किया।
एक बार आगरा में, उन्होंने फारसी भाषा सीखी और एक अन्य प्रसिद्ध कवि रहीम के संपर्क में आए। यह आगरा में भी था कि जयपुर के पास अंबर के राजा जय सिंह प्रथम ने उन्हें सुना और उन्हें जयपुर आमंत्रित किया, और यहीं उन्होंने अपनी सबसे बड़ी रचना सतसाई की रचना की।
कविवर बिहारी किसके दरबारी कवि थे?
कविवर बिहारी जयपुर के राजा जयसिंह के दरबारी कवि थे, जिन्होंने १५ जुलाई १६११ से २८ अगस्त १६६७ तक जयपुर में शासन किया था। औरंगजाब उनकी तेज बुद्धि से खुश होकर उन्हें सवाई की उपाधि प्रदान की थी। |
कई व्यापारी एकल स्क्रीन या संकेतक को अपनाते हैं जो वे प्रत्येक व्यापार पर लागू होते हैं। सिद्धांत रूप में, निर्णय लेने के लिए एकल संकेतक को अपनाने और पालन करने में कुछ भी गलत नहीं है। वास्तव में, एक एकल उपाय पर ध्यान केंद्रित करने में शामिल अनुशासन व्यापारी के अनुशासन से संबंधित है और, शायद, एक व्यापारी के रूप में सफलता प्राप्त करने के मुख्य निर्धारकों में से एक है।
क्या होगा यदि आपका चुना हुआ संकेतक मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण है? क्या होगा यदि बाजार में स्थितियां बदल जाती हैं ताकि आपकी एकल स्क्रीन अब उसके माप के बाहर काम करने वाली सभी घटनाओं के लिए जिम्मेदार न हो? मुद्दा यह है, क्योंकि बाजार बहुत जटिल है, यहां तक कि सबसे उन्नत संकेतक सभी समय और हर बाजार की स्थिति के तहत काम नहीं कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, एक मार्केट अपट्रेंड में, ट्रेंड-फॉलोइंग इंडिकेटर्स बढ़ते हैं और सिग्नल खरीदते हैं, जबकि ऑसिलेटर्स सुझाव देते हैं कि मार्केट ओवरबॉट है और सेल सिग्नल जारी करता है। डाउनट्रेंड्स में, प्रवृत्ति-निम्न संकेतक छोटी बिक्री का सुझाव देते हैं, लेकिन दोलक ओवरसोल्ड हो जाते हैं और खरीदने के लिए संकेत जारी करते हैं। बाजार में दृढ़ता से उच्च या निम्न गति से, प्रवृत्ति-निम्न संकेतक आदर्श होते हैं, लेकिन जब बाजार रेंज में व्यापार करते हैं, तो वे तेजी से और अचानक परिवर्तन से ग्रस्त होते हैं। व्यापारिक सीमाओं के भीतर, थरथरानवाला सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन जब बाजार एक प्रवृत्ति का पालन करना शुरू करते हैं, तो दोलक समयपूर्व संकेत जारी करते हैं।
संकेतक राय के संतुलन को निर्धारित करने के लिए, कुछ व्यापारियों ने विभिन्न संकेतकों द्वारा जारी किए गए संकेतों को खरीदने और बेचने के लिए औसत करने की कोशिश की है । लेकिन इस प्रथा में एक अंतर्निहित दोष है। यदि प्रवृत्ति-निम्नलिखित संकेतकों की संख्या की गणना उपयोग किए गए दोलक की संख्या से अधिक है, तो परिणाम स्वाभाविक रूप से प्रवृत्ति-निम्नलिखित परिणाम की ओर तिरछा हो जाएगा, और इसके विपरीत।
हालांकि, लोकप्रिय प्रवृत्ति-निम्नलिखित संकेतकों के साथ एक और समस्या है जिसका उपयोग करने से पहले उन्हें इस्त्री किया जाना चाहिए। एक ही प्रवृत्ति-निम्न संकेतक अलग-अलग समय फ़्रेम पर लागू होने पर परस्पर विरोधी संकेत जारी कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक ही संकेतक दैनिक चार्ट में एक अपट्रेंड को इंगित कर सकता है और एक सेल सिग्नल जारी कर सकता है और एक साप्ताहिक चार्ट में डाउनट्रेंड को इंगित कर सकता है। समस्या इंट्राडे चार्ट के साथ और भी बढ़ जाती है। इन अल्पकालिक चार्टों पर, प्रवृत्ति-निम्न संकेतक एक घंटे या इससे भी अधिक लगातार आधार पर संकेतों को खरीदने और बेचने के बीच उतार-चढ़ाव कर सकते हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए, समय के तख्ते को पाँच की इकाइयों में बाँटना मददगार है। मासिक चार्ट को साप्ताहिक चार्ट में विभाजित करने में, महीने में ४.५ सप्ताह होते हैं। साप्ताहिक चार्ट से दैनिक चार्ट पर चलते हुए, प्रति सप्ताह पांच व्यापारिक दिन हैं। दैनिक स्तर से लेकर प्रति घंटा चार्ट तक एक स्तर को आगे बढ़ाते हुए, एक व्यापारिक दिन में पांच से छह घंटे के बीच होते हैं। के लिए दिन व्यापारियों, प्रति घंटा चार्ट दो मिनट का चार्ट (पांच साल की भाजक) को १० मिनट चार्ट (छह के भाजक) और, अंत तक कम किया जा सकता है, १० मिनट चार्ट से।
इस कारक की पांच-अवधारणा की जड़ यह है कि व्यापारिक निर्णयों का विश्लेषण कम से कम दो-समय के फ्रेम के संदर्भ में किया जाना चाहिए। यदि आप साप्ताहिक चार्ट का उपयोग करके अपने व्यापारिक निर्णयों का विश्लेषण करना पसंद करते हैं, तो आपको मासिक चार्ट भी नियुक्त करना चाहिए। यदि आप १०-मिनट चार्ट का उपयोग करके दिन का व्यापार करते हैं, तो आपको पहले प्रति घंटा चार्ट का विश्लेषण करना चाहिए।
एक बार ट्रेडर ने ट्रिपल स्क्रीन सिस्टम के तहत उपयोग करने के लिए समय सीमा पर निर्णय लिया है, तो वे इसे मध्यवर्ती समय सीमा के रूप में लेबल करते हैं। दीर्घकालिक समय सीमा पांच में से एक आदेश है; अल्पकालिक समय सीमा परिमाण के एक क्रम से कम है। व्यापारी जो अपने ट्रेडों को कई दिनों या हफ्तों तक ले जाते हैं, वे अपने मध्यवर्ती समय सीमा के रूप में दैनिक चार्ट का उपयोग करेंगे। उनकी दीर्घकालिक समयावधि साप्ताहिक चार्ट होगी; प्रति घंटा चार्ट उनकी अल्पकालिक समय सीमा होगी। दिन के व्यापारी जो एक घंटे से कम समय के लिए अपना पद धारण करते हैं, वे अपने मध्यवर्ती समय सीमा के रूप में १० मिनट के चार्ट का उपयोग करेंगे, उनके दीर्घकालिक समय फ्रेम के रूप में एक घंटे का चार्ट और अल्पकालिक समय सीमा के रूप में दो मिनट का चार्ट।
ट्रिपल स्क्रीन ट्रेडिंग सिस्टम के लिए आवश्यक है कि लंबी अवधि के रुझान के चार्ट को पहले जांचा जाए। यह सुनिश्चित करता है कि व्यापार लंबी अवधि के रुझान के ज्वार का अनुसरण करता है जबकि कई बार ट्रेडों में प्रवेश की अनुमति देता है जब बाजार प्रवृत्ति के खिलाफ संक्षेप में चलता है। सबसे अधिक खरीद के अवसर तब होते हैं जब एक बढ़ती बाजार में गिरावट आती है; सबसे अच्छा शॉर्टिंग के अवसरों का संकेत दिया जाता है जब एक गिरते बाजार में संक्षेप में रैलियां होती हैं। जब मासिक प्रवृत्ति ऊपर की ओर होती है, तो साप्ताहिक गिरावट अवसरों को खरीदने का प्रतिनिधित्व करती है। प्रतिदिन की प्रवृत्ति नीचे की ओर होने पर प्रति घंटा रैलियां छोटी को अवसर प्रदान करती हैं। |
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस २०२१ मनुष्य अपने जीवन में जीवन से मरण तक लेकर ६ अवस्थाओं से गुजरता है शिशु ,बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था। इन सभी अवस्थाओं में किशोर से युवा और युवा से प्रौढ होने तक की अवस्था ही सबसे महत्वपूर्ण होती है।
यही वह अवस्था होती है जब समाज की प्रगति को सबसे सशक्त बढ़ोतरी मिलती है कहते हैं कि युवा किसी भी समाज का इंजन होता लेकिन यह तभी संभव है जब समाज की नींव यानी बाल्यकाल संस्कारित हो किशोरावस्था ऐसा समय होता है।
जब बालक कच्ची मिट्टी के समान होता है दादा- दादी, नाना- नानी ,माता- पिता और गुरु इत्यादि कुम्हार की तरह इस भाभी युवक के जीवन को सुदृढ़ आकार देकर समाज के लिए एक जिम्मेदार विकल्प प्रस्तुत करते हैं।
आज के इस लेख में हम अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस २०२१के बारे मे जानेंगे यदि आप भी जानना चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है तो इस लेख अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस २०२१को पढ़ सकते हैं।
दुनिया को प्रगति के पथ पर ले जाने के उद्देश्य से समाज के सभी बुद्धिजीवियों ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत की थी संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णय के अनुसार सन १९८५ को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था। लेकिन सन २००० में पहली बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया।
पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है यहां ३५ वर्ष की आयु तक के ६५ करोड़ युवा हैं अर्थात हमारे देश में पूरे विश्व को संपन्न एवं समृद्ध दिशा देने की अथाह शक्ति उपलब्ध है।
आवश्यकता है आज देश की युवा शक्ति को उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें संपूर्ण मानव समाज की उन्नति में भागीदार बनाने की वर्तमान समय में युवा वर्ग मानव सभ्यता के ऐसे मुकाम पर खड़ा है जहां मानव विकास की गति का रथ जेट विमान से भी तेज भाग रहा है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस १२ अगस्त को मनाया जाता है हर देश के विकास के लिए उस देश का युवा बहुत महत्वपूर्ण आधार होता है। और अगर वही युवा अपने सामाजिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों को भूल कर अपने भोग- विलासिता के कार्यों में अपना समय नष्ट करें तो देश बर्बादी की ओर बढ़ता है।
पहली बार सन् २००० में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन हुआ था पर संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णय अनुसार सन १९८५ को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की घोषणा की गई थी।
जहां परिवर्तन अनेकों उपलब्धियां सुविधाएं और चमत्कार लेकर आ रहा है वहीं युवा वर्ग के लिए तीव्र गति से भागने की क्षमता की चुनौती भी ला रही है ताकि युवा वर्ग इतना क्षमतावान हो कि वह तेजी से हो रहे परिवर्तन को समझ सके उसे अपना सके नई खोज नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर अपने कार्यशैली परिवर्तित कर सके।वह अपने तथा दूसरों के जीवन को सम्मानजनक एवं सुविधा संपन्न बना सकता है।
आज के युवा वर्ग को विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में शामिल होना आवश्यक हो गया है यह प्रतिस्पर्धा एक और समाज को सुख शांति तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। और दूसरी तरफ चिंता, निराशा, व्यसन और बेलगाम उपद्रव की ओर आगे बढ़ा रही है आजकल युवा विभिन्न बुरी आदतों में लिप्त होकर अपना जीवन तो बर्बाद कर ही रहे हैं साथ ही साथ अपने सगे संबंधियों मित्रों अभिभावकों के लिए चिंता के विषय बनते जा रहे हैं।
घर पर प्रेम हीन संबंध सफल होने के दौड में पिछड़ने का डर और उसके कारण होने वाला मानसिक तनाव अंधाधुंध भौतिकवाद का प्रसार, शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक शोषण ,मादक द्रव्यों का नशा, यह सब कुछ ऐसे मुख्य कारण हैं जो युवा को निरोत्सुक करके आत्महत्या जैसे आशाहीन कृत्य करने पर मजबूर कर रहे हैं यदि युवा को सही दिशा देने के लिए कार्य करना है तो समस्त मानव समाज का उत्तर दायित्व है कि किसी कोमल पौधे की तरह उन्हें एक संतोषप्रद मानसिक सामाजिक और आध्यात्मिक वातावरण में ताकि वे अपनी संपूर्ण ऊर्जा से कार्यवान हो।
और अपना तथा इस समाज का सर्वोच्च भला कर सके यदि हर युवा को सही दिशा में मार्गदर्शन मिले और वह उस मार्गदर्शन को स्वीकार करे और अपने जीवन में उसे अपनाएं तो संपूर्ण मानव समाज के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।
सरकार युवाओं के मुद्दों और उनकी बातों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए यह दिवस मनाती है ताकि देश को विकास हो सके।
इस थीम का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर हो रही युवाओं की भागीदारी को उजागर करना है।
क.१- अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है?
अंस अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष १२ अगस्त को मनाया जाता है इस बार २०२१ में भी अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस १२ अगस्त २०२१ को मनाया जाएगा।
क.२- अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का प्रारंभ कब से हुआ?
अंस अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का प्रारंभ साल २००० में संयुक्त राष्ट्र संघ ने किया तभी से अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आरंभ हुआ और प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा।
क.३ अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की घोषणा कब हुई?
अंस अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा १९८५ में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की गई लेकिन वैश्विक स्तर अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन सन २००० से चालू हुआ।
क.४- अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
अंस अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य कारण युवा वर्ग की मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करना है। |
फिल्म प्रोड्यूसर कैसे बनें?
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में हर लेवल, हर सेक्शन, हर डिपार्टमेंट की अपनी एक अलग एहमियत होती है जिसमें आने वाले हर व्यक्ति का एक किरदार होता है। फिल्मों की बात करें एक फिल्म पूरी करने में भी न जाने कितनी ही संख्या में क्रू, कास्टिंग, हेल्पर्स आदि का सिलेक्शन होता है और एक मूवी को पूरा किया जाता है। फिल्म को पूरा करने में उन्ही में से एक बेहद महत्वपूर्ण किरदार निभाता है एक फिल्म प्रोड्यूसर। आम जनता मानती है कि एक प्रोड्यूसर का काम सिर्फ फिल्म में लगने वाले फाइनेंस को मैनेज करना होता है। जबकि ऐसा नहीं है। एक फिल्म प्रोड्यूसर मुख्य रूप से आपके स्कूल की प्रिंसिपल जैसा करैक्टर निभाता है। जैसे हर निर्णय के लिए उनकी इजाज़त की आवश्यक होती है वैसे ही एक फिल्म प्रोड्यूसर फिल्म के शुरू होने से डिस्ट्रीब्यूट होने तक के सभी डिसीजन्स लेता है। नहीं समझे? चलो थोड़ा और डिटेल में जानते है इस ब्लॉग के माध्यम से।
फिल्म प्रोडक्शन क्या है?
फिल्म प्रोड्यूसर कौन होते हैं?
जब भी आप कोई मूवी देखने जाते हैं तो शुरुआत से लेकर एन्ड तक आप उसका एडिटेड वर्ज़न देखते हैं। असल में उसकी शुरुआत एक स्क्रिप्ट से होती है जिसे एक स्क्रिप्ट राइटर लिखता है। फिर वो स्क्रिप्ट अप्रूव होती है उसपर काम किया जाता है। लेकिन इस प्रोसेस को बारीकी से जानने के साथ हमें इसपर ध्यान देना ज़रूरी है कि यह सभी हिस्से फिल्म प्रोडक्शन का हिस्सा है। शुरू से लेकर एन्ड तक जो भी चीज़ एक फिल्म को पूरा करती है वो प्रोडक्शन के भीतर आती है। फिर चाहे वो ड्यूरिंग शूट हो या आफ्टर शूट एडिटिंग सभी फिल्म प्रोडक्शन का हिस्सा है। और इन सभी स्टेप्स की बाग़ डोर एक प्रोड्यूसर के हाथ में होती है।
अभी हमने जाना कि फिल्म प्रोडक्शन क्या होता है। इस भाग में हम जानेंगे कि कैसे एक फिल्म प्रोड्यूसर इन सभी आस्पेक्ट्स को मैनेज करने में सक्षम होता है। देखिये ऐसा नहीं है कि पूरी मूवी का हर काम एक प्रोड्यूसर ही करेगा। ऐसा संभव भी नहीं है लेकिन जैसा हमने बताया। फिल्म में होने वाले मेजर डिसीज़न्स एक फिल्म प्रोड्यूसर ही लेगा। मोटे तौर पर देखिए कि अगर एक फिल्म डायरेक्टर कास्ट को काम समझाने, कैमरा एंगल्स का ध्यान रखने और एडिटर को उसका काम सही ढंग से करने में मदद करता है वैसे ही एक फिल्म प्रोड्यूसर उन सभी कामों के सही और एक्यूरेट होने का ग्रीन साइन देता है।
इस ब्लॉग में जिस टर्म फिल्म की हम बात कर रहे हैं यह सिर्फ फिल्म निर्देशन तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एड फिल्म डायरेक्शन, टीवी सीरियल या वेब सीरियल डायरेक्शन की तरफ भी इशारा करते हैं। जैसे फिल्ममेकर एक उस लीडर की तरह होता है जो फिल्म से जुड़ी हर चीज़ को गाइड करता है। जैसे फिल्म यूनिट, स्क्रिप्ट ठीक है कि नहीं, एक्टर को सीन समझाना, फिल्म की लोकेशन डिसाइड करना, कास्टिंग डिसाइड करना आदि। वैसे ही फिल्म प्रोड्यूसर इन सभी स्टेप्स का ओवरव्यू लेता है और फाइनल अप्रूवल देता है।
एक फिल्म प्रोड्यूसर को मीडिया प्रोडक्शन और कम्युनिकेशन की नॉलेज होना आवश्यक है।
प्रेशर में काम करने की स्किल एक फिल्म प्रोड्यूसर में होना आवश्यक है। इसके साथ क्रिटिसिज़्म को एक्सेप्ट करने की स्किल्स आपको आगे तक लेकर जाने और नया सीखने की उम्मीद बनाए रखती है।
लीडरशिप स्किल का होना आपको ऐसी पदवी के लिए परफेक्ट मैच बनाता है। क्योंकि जब आप एक बड़ी टीम के साथ काम करते हैं और डिसीज़न लेने का ज़िम्मा आपके कंधो पर है। तो लीडरशिप क्वालिटी होना आवश्यक हो जाता है।
फिल्म प्रोडक्शन में आने वाली सभी कड़ियों को बारीकी से देखने की कला का होना भी आवश्यक है। क्योंकि इन बारीकिओं से ही आप असल में प्रोडक्शन को बेहतर बना पाते हैं।
बदलाव को अपनाने की स्किल आपको नई चीज़ें आज़माने और नए आइडियाज का वेलकम करने में हेल्प करती है।
पढ़ाई पूरी करें- वैसे तो आपको एक फिल्म प्रोड्यूसर बनने के लिए किसी ख़ास डिग्री की आवश्यकता नहीं होती लेकिन अगर आप अपने टैलेंट और प्रोफेशन को परफेक्ट बनाना चाहते हैं तो अपनी बारहवीं और आगे की पढ़ाई डायरेक्शन या फिल्मों से जुड़े कोर्स से पूरी करें। यह आपके भविष्य के लिए लाभदायक साबित होगा।
इंटर्नशिप करें- आर्ट से जुड़ी किसी भी फील्ड में सिर्फ पढ़ाई करने से आप अपनी कला को निखार नहीं पाएंगे। उस सीखे हुए ज्ञान को प्रैक्टिकल तरह से करने हेतु किसी प्रोडक्शन हाउस या किसी शॉर्टफिल्म प्रोडक्शन ग्रुप के साथ रहकर इंटर्नशिप करें और प्रैक्टिकल तरह से सीखें।
शार्ट फिल्म आदि प्रोड्यूस करने से शुरुआत करें- जब आप खुद बाग़ डोर को अपने हाथ में लेते हैं तो आपको बारीकियों का बेहतर एहसास हो पाता है। इसका फायदा यह है कि आप प्रोडक्शन से जुड़े हर कार्य में बिना गलती किये सीख पाते हैं। किसी भी प्रोडक्ट को स्क्रैच से शुरू करने से एन्ड तक ले जाने में जिन एफर्ट्स और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है यह प्रोसेस आपको उससे वाकिफ कराती है।
इंडस्ट्री में नेटवर्क बनाएं- अब जब आप अपने काम में अच्छा खासा ज्ञान और अपनी बनाई गई प्रोडक्शन में बेहतरी हासिल कर लेते हैं तो एक कॉन्फिडेंस बिल्ड होता है। इस कॉन्फिडेंस के साथ आप अपने क्षेत्र में मौजूद बाकी प्रोड्यूसर्स और डिरेक्टर्स से कांटेक्ट बनाते हैं जोकि एक बहुत ज़रूरी टास्क है। ना ही सिर्फ आपके भविष्य में मिलने वाले विकल्पों के लिए बल्कि आपकी खुद की ग्रोथ के लिए भी यह नेटवर्क आपके काम आएंगे।
प्रोडक्शन असिस्टेंट के रूप में कार्य करें- किसी बेहतरीन प्रोडक्शन हाउस में किसी एक्सपेरिएंस्ड इंसान से सीखना आपके लिए काफी बेनेफिशियल साबित होगा। इससे आप चीज़ों को दूसरे की नज़र से भी देख पाते हैं और एक्चुअल इंडस्ट्री का तजुर्बा अर्जित कर पाते हैं।
एक्सपीरियंस हासिल करें- किसी भी आर्ट से जुड़ी फील्ड में आप यह कभी नहीं कह सकते कि आप सब कुछ सीख चुके हैं। अपने काम में फोकस और सीखने की लगन को ज़िंदा रखिये और एक्सपेरिनेस गेन करते चलिए आपको सफलता ज़रूर हासिल होगी।
जैसा की हम हमेशा बात करते है कि कुछ फ़ील्ड्स मुख्यतः जो आर्टिस्टिक अप्रोच रखती हैं उनमें किसी स्पेसिफिक क्वालिफिकेशन का होना अनिवार्य नहीं होता। फिल्म प्रोड्यूसर होना भी ऐसी ही एक फील्ड का हिस्सा है जहाँ कला को, कार्य को और स्किल को ज़्यादा एहमियत दी जाती है। लेकिन भी कुछ इंस्टीट्यूशंस हैं जो आपको फिल्म मेकिंग का ज्ञान देने में सक्षम है जिसके बाद आप अपना प्रोसेस और प्रैक्टिस शुरू कर सकते हो। आइए फिल्म प्रोड्यूसर बनने कोर्सेज और इंस्टीट्यूशंस पर डालते है नज़र।
आप आई कोर्स फिंदर की मदद से भी अपनी रुचि के अनुसार कोर्सेज और यूनिवर्सिटीज का चयन कर सकते हैं।
कनाडा को वैश्विक मीडिया उद्योग का हिस्सा होने के लिए एक प्रतिष्ठा प्राप्त है। यहाँ फिल्ममेकिंग के साथ फैशन डिजाइनिंग, गेम डेवलपमेंट, ग्राफिक्स डिज़ाइन भी पढ़ाया जाता है। इस संस्था में पेश किया जाने वाला १८ महीने का फिल्ममेकिंग का कोर्स कराया जाता है। यहाँ एक साल की फीस करीब १९ लाख रूपये है।
इसकी स्थापना १९५६ में गिल्मोर रोबर्ट्स ने की थी। यहाँ फिल्ममेकिंग सीखने दुनिया भर से लोग आते हैं। यहाँ फिल्ममेकिंग, स्क्रीनराइटिंग और अंतरराष्ट्रीय फिल्म बिज़नस में मास्टर प्रोग्राम भी कराया जाता है। यहाँ हर वर्ष १८० फ़िल्में बनती हैं। यहाँ फिल्ममेकिंग में मास्टर प्रोग्राम की फीस हर वर्ष करीब ६० लाख रूपये है।
इस फिल्म स्कूल की स्थापना १९४६ में हुई थी. यह यूरोप का सबसे लोकप्रिय फिल्म स्कूल भी है। यहाँ आपको फिल्ममेकिंग और फिल्म्स से जुड़ी चीज़ों की उच्च शिक्षा दी जाती है। यहाँ फिल्म, डायरेक्शन, प्रोडक्शन, स्क्रीनराइटिंग, सिनेमेटोग्राफी आदि के विभाग हैं जो क्वालिटी शिक्षा देते हैं। यहाँ हर वर्ष की फीस करीब ३४ लाख रूपये है।
यह एशिया के साथ-साथ दुनिया के टॉप फिल्म अकादमी में से एक है। इसकी स्थापना १९५० में हुई थी। यहाँ फिल्म प्रोग्राम से संबंधित कोर्स की हर वर्ष की फीस करीब इनर ६ लाख है।
मेगा यूनीकोनेक्ट, दुनिया का पहला और सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी फेयर जहाँ आपको मिल सकता है स्टडी अब्रॉड रेप्रेज़ेंटेटिव्स से बात करने का मौका।
फिल्म निर्माता और निर्देशक सुभाष घई ने इसकी स्थापना २००६ में की थी। यह देश के शीर्ष फिल्म स्कूल्स में आता है।
यहाँ ३ वर्ष के पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा में डायरेक्शन के लिए एक वर्ष की फीस १ लाख २९ हज़ार रूपये है।
१ वर्ष के पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा में डायरेक्शन के लिए एक वर्ष की फीस १ लाख २९ हज़ार रूपये है।
इसकी स्थापना १९९५ में की गई थी. इसका वर्तमान में डायरेक्टर अमरेश चक्रबर्ती हैं। यह देश के प्रमुख फिल्म इंस्टिट्यूट में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है।
इस इंस्टिट्यूट की स्थापना १९४३ में हुई थी। यह भी देश के प्रमुख फिल्म इंस्टिट्यूट में आता है। गोविंद निहलानी जैसे प्रसिद्द फिल्म डायरेक्टर इसके छात्र रह चुके हैं।
इसकी स्थापना १९४५ में हुई थी। यह तमिल नाडु का प्रमुख इंस्टिट्यूट है। इसमें से कई एक्टर और डायरेक्टर निकले हैं।
इसकी स्थापना बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने २०१७ में की थी। यह एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट हैं। जहाँ कई छात्र एक्टर या डायरेक्टर बनने के लिए पढ़ते हैं।
एशियन अकादमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न की स्थापना १९९० में हुई थी। इसके चांसलर हैं संदीप मारवाह। यह देश के लोकप्रिय फिल्म इंस्टिट्यूट में आता है। फिल्म डायरेक्टर लव रंजन और अभिनेता किंशुक महाजन इसके छात्र रह चुके हैं।
डिप्लोमा या बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से १०+२ प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
प्ग डिप्लोमा या मास्टर डिग्री प्रोग्राम के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के साथ बैचलर्स डिग्री होना आवाश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए सत और मास्टर्स कोर्सेज के लिए ग्रे स्कोर की मांग करते हैं।
विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए इएल्ट्स या टोफ़्ल टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए सोप, लोर, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।
क्या आपको इएल्ट्स और टोफ़्ल की तैयारी में मदद और एक उचित मार्गदर्शन चाहिए, तो आज ही लेवराज लाइव पर रजिस्टर करें और अपने टेस्ट में उमदा प्रर्दशन करें।
आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप आई कोर्स फिंदर की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे सोप, निबंध, सर्टिफिकेट्स और लोर और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे इएल्ट्स, टोफ़्ल, सत, एक्ट आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
यदि आपने अभी तक अपनी इएल्ट्स, टोफ़्ल, पते, गमत, ग्रे आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप लेवराज लाइव कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग ४-६ सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण।
क्या आप इएल्ट्स/टोफ़्ल/सत/ग्रे में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन एग्जाम की बेहतरीन तैयारी के लिए लेवराज लाइव पर रजिस्टर करें और अच्छे स्कोर प्राप्त करें।
सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुनें हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आप लेवराज फ़ाइनेंस की मदद से विदेश में पढ़ाई करने के लिए अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के अनुसार एजुकेशन लोन भी पा सकते हैं।
डायरेक्टर और प्रोड्यूसर में क्या अंतर है?
डायरेक्टर कोई फिल्म या नाटक को निर्देशित करता है मतलब, बनाता है और प्रोड्यूसर उस नाटक या फिल्मों में पैसे लगाता है। सिर्फ यही नहीं एक फिल्म प्रोड्यूसर बड़े डिसीज़न्स लेने में भी डायरेक्टर की मदद करता है। अगर हम कोई फिल्म बनाते हैं या कोई नाटक करते हैं तो उसमें डायरेक्टर व प्रोड्यूसर की अहम भूमिका होती है।
फिल्म प्रोड्यूसर का क्या काम होता है?
एक फिल्म प्रोड्यूसर का काम फिल्म में फंड्स लगाने के अलावा बड़े डिसीज़न्स में डायरेक्टर की मदद करना भी होता है। इन फैसलों में फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े फैसले, प्लानिंग, पोस्ट प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े कार्यों की और फोकस्ड डिसीज़न्स शामिल होते हैं।
फिल्म प्रोड्यूसर बनने के लिए किन स्किल्स का होना अनिवार्य है?
१. एक फिल्म प्रोड्यूसर को मीडिया प्रोडक्शन और कम्युनिकेशन की नॉलेज होना आवश्यक है।
२. प्रेशर में काम करने की स्किल एक फिल्म प्रोड्यूसर में होना आवश्यक है। इसके साथ क्रिटिसिज़्म को एक्सेप्ट करने की स्किल्स आपको आगे तक लेकर जाने और नया सीखने की उम्मीद बनाए रखती है।
३. लीडरशिप स्किल का होना आपको ऐसी पदवी के लिए परफेक्ट मैच बनाता है। क्योंकि जब आप एक बड़ी टीम के साथ काम करते हैं और डिसीज़न लेने का ज़िम्मा आपके कंधो पर है। तो लीडरशिप क्वालिटी होना आवश्यक हो जाता है।
४. फिल्म प्रोडक्शन में आने वाली सभी कड़ियों को बारीकी से देखने की कला का होना भी आवश्यक है। क्योंकि इन बारीकिओं से ही आप असल में प्रोडक्शन को बेहतर बना पाते हैं।
५. बदलाव को अपनाने की स्किल आपको नई चीज़ें आज़माने और नए आइडियाज का वेलकम करने में हेल्प करती है।
हम आशा करते हैं कि फिल्म प्रोड्यूसर कैसे बनें आपको समझ आ गया होगा। अगर आप भी विदेश में पढ़ाई करना चाहते है और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही १८००५७२००० पर कॉल करके हमारे लेवराज एडू के एक्सपर्ट्स के साथ ३० मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।
अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।
जानिए कैसे बनें सरकारी टीचर?
पुलिस अफसर कैसे बनें?
डॉक्टर कैसे बने?
लिवरपूल विश्वविद्यालय में पढ़ाई क्यों करें?
एमकॉम इकोनॉमिक्स क्या है और कैसे करें?
गमत की तैयारी कैसे करें?
कैसे करें एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय में पढ़ाई?
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में कैसे करें पढ़ाई?
उक का वीजा कैसे पाएं?
पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ाई क्यों करें?
ब्स्क के बाद करियर के बेहतरीन अवसर क्या हैं?
लैक्सिकोग्राफर कैसे बनें?
कैसे सीखें अनुच्छेद लिखने की कला? |
मोदी नगर (एकलव्य बाण समाचार)। शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में निकट छतरी वाला मंदिर स्थित कार्यालय पर गाजियाबाद के कांग्रेस जिला महामंत्री राधाकृष्ण शर्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि कांग्रेसजनों ने अर्पित की। राधा कृष्ण शर्मा का ७ जुलाई २१ को प्रातः आकस्मिक निधन हो गया था । शोक सभा का संचालन शहर महासचिव नंदकिशोर शर्मा ने किया ।
शोक सभा में शहर कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष आशीष शर्मा ने कहा कि राधाकृष्ण शर्मा एक व्यावहारिक, जुझारू, कर्मठ, सभी के सुख- दुःख में काम आने वाले व्यक्ति थे, वे सदैव कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के संबंध में विचार-विमर्श करते रहते थे। उन्होंने जनहित में शहर के विकास एवं महंगाई आदि जैसे आंदोलनों में हिस्सा लिया ।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हमारे बीच से राधा कृष्ण शर्मा जैसा कांग्रेस का एक दमदार सिपाही चला गया, जिसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है।
कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के महासचिव सुनील शर्मा ने कहा कि राधाकृष्ण शर्मा व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने हमेशा गरीब, मजदूर,असंगठित ,किसानों के लिए संघर्ष किया जो कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सभी वक्ताओं ने दिवंगत आत्मा को भगवान के श्री चरणों में स्थान देने और परिवार को इस दुःख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
शोक सभा में मुख्य रूप से राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश शर्मा, कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ राष्ट्रीय सचिव जोगेश नेहरा, कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के महासचिव सुनील शर्मा, युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सन्नी नागर, पार्षद व युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विकास खारी, भारतीय किसान यूनियन जिला प्रवक्ता अनुज कुमार पंडित ,कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष मुनीश शर्मा, राहुल शर्मा, सेवा दल के जिला सचिव सुरेश शर्मा, महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष मनुंजला शर्मा, शहर कोषाध्यक्ष श्री ओम शर्मा, शहर उपाध्यक्ष दिनेश कुमार, रवि सिंह, शहर महासचिव हरविंदर भूटानी , शारदा सैन, अशोक शर्मा, कन्हैयालाल शर्मा, सुनील वत्स, मुकुल शर्मा, शहर सचिव गुलबीर, अरूण त्यागी, पं योगेश शर्मा, अनिल गौतम पत्रकार, अय्यूब पत्रकार, चांद वीर चौधरी, अनिल कुमार शर्मा, शहर प्रवक्ता डॉ. जेपी सिंह, शहर सचिव इन्द्रा शर्मा, बीना ठाकुर, मंजू राणा, डा. एसके शर्मा, अनिल कुमार, राम किशन शर्मा, पूर्व सभासद गजेन्द्र कौशिक, श्री ओम शर्मा, अमन कुमार, रविन्द्र कुमार, गोलू, शहर सचिव सलमान नकवी, अभय शर्मा, निर्मल पाॅल, आकाश वर्मा, रामपाल कश्यप, प्रिंस कुमार, अरूण शर्मा, शिवानी चौधरी सहित कांग्रेसजन मौजूद रहे। |
राजस्थान प्ती ३र्ड ग्रेड भारती २०२२ रेजेक्टेड फॉर्म लिस्ट राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती २०२२ में रिजेक्टेड एप्लीकेशन फॉर्म की लिस्ट यहां से देखें: राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती २०२२ की रिजेक्टेड लिस्ट जारी कर दी गई है। राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती में जिन अभ्यर्थियों ने १ से अधिक आवेदन किया था उनकी लिस्ट जारी की गई है। इसमें अभ्यर्थी यह चेक कर सकते हैं कि उनका कौन सा एप्लीकेशन नंबर एक्सेप्ट किया गया है और कौन सा एप्लीकेशन नंबर रिजेक्ट किया गया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा यह लिस्ट आज १6 अगस्त २०२२ को ऑफिशल वेबसाइट पर जारी कर दी गई है। इसमें अभ्यर्थी का एप्लीकेशन नंबर, अभ्यर्थी का नाम और पिता का नाम दिया गया है। राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती २०२२ रिजेक्टेड कैंडिडेट लिस्ट डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक नीचे उपलब्ध करवा दिया है। इसलिए अभ्यर्थी नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके चेक कर सकते हैं।
राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती का आयोजन ५५४६ पदों के लिए किया जा रहा है इसमें गैर अनुसूचित क्षेत्र के लिए ४८९९ पद और अनुसूचित क्षेत्र के लिए ६४७ पद रखे गए हैं राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन २३ जून से २२ जुलाई 20२२ तक भरवाए गए थे राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन २५ सितंबर 20२२ को किया जाएगा राजस्थान शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक थर्ड ग्रेड सीधी भर्ती 20२२ का आयोजन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा किया जाएगा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आज १६ अगस्त 20२२ को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है इसके अनुसार राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती में जिन अभ्यर्थियों ने एक से अधिक आवेदन किए हैं उनके एक्सेप्ट किए गए एप्लीकेशन नंबर और रिजेक्ट किए गए एप्लीकेशन नंबर की एक लिस्ट जारी की गई है जिसमें सभी एप्लीकेशन नंबर कैंडिडेट का नाम और पिता का नाम दिया गया है। जिन अभ्यर्थियों ने राजस्थान थर्ड ग्रेड पीटीआई भर्ती में १ से अधिक आवेदन किए हैं वह इस लिस्ट को देख सकते हैं। अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए इस लिस्ट को डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक नीचे उपलब्ध करवा दिया है।
राजस्थान पीटीआई थर्ड ग्रेड भर्ती २०२२ में रिजेक्ट और स्वीकार एप्लीकेशन फॉर्म लिस्ट कैसे देखें, इसकी प्रोसेस नीचे दी गई है।
सबसे पहले राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट को ओपन करना है।
इससे आपके सामने पीडीएफ खल जाएगी। जिसमें आप चेक कर सकते हैं कि कौन सा एप्लीकेशन नंबर रिजेक्ट हुआ है और कौन सा एप्लीकेशन नंबर एक्सेप्ट किया गया है। |
न्यूज़ डेस्क : इन दिनों इयास पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा काफी चर्चा में हैं। पिछल कई दिनों से पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर एड का छापा परा है। इसी कड़ी में पूजा सिंघल के करीबी का के घर से इतने पैसें कैश में मिलें कि गिनती के समय मशीनें गर्म हो गई।
इसके अलावा आईएएस पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोप लगे हैं। वहीं लोगों में पूजा सिंघल और अभिषेक झा की कहानी को लेकर इतनी दिलचस्पी है कि यह दोनो गूगल सर्च में सबसे अधिक सर्च किये जा रहे हैं। वहीं हम पूजा सिंघल की दूसरी शादी से लेकर इनकी प्रेम कहानी तक बता कर आपकी जानने की सारी उत्सुकता को शांत करेंगे।
सोशल मीडिया वाला प्यार अभिषेक झा : आईएएस पूजा सिंघल और अभिषेक झा के निजी जीवन को लेकर सोशल मीडिया पर विभिन्न खबरें घूम रही है। खबरों की माने तो ऑस्ट्रेलिया से डॉक्टरी की पढ़ाई कर लौटे अभिषेक झा और महज २१ साल ७ दिन में रेकॉर्ड के साथ आईएएस बनने वाली पूजा सिंघल का प्यार भी सोशल मीडिया वाला है। दोनों की दोस्ती फेसबुक पर हुई थी। यह फ़ेसबुकिया दोस्ती आगे बढ़ता चला गया। फिर दोनों ने एक साथ जिम जॉइन की। फिर क्या था यह सिलसिला नए दिशा में बढ़ने लगा।
आईएएस राहुल पुरवार थे पहले पति : बता दें कि इस अभिषेक ओर पूजा के शुरुआती मिलन के दौर में पूजा शादीशुदा थी। दरअसल, इयास पूजा सिंघल की पहली शादी उनके सीनियर आईएएस अधिकारी राहुल पुरवार हुई थी। परंतु यह लंबे समय तक नहीं टिक सका।और दोनों आपसी तनाव के चलते अलग रह रहे थे। जिसके बाद राहुल पुरवार और पूजा सिंघल के बीच तलाक होगया।
पूजा और अभिषेक की दोस्ती तलाक से पहले ही चरम पर : पूजा सिंघल की पहली शादी भी प्रेम विवाह ही थी और अभिषेक झा के साथ भी। बतादें की तलाक से पहले ही दोनों का प्रेम चरम पर था, जिसे दोस्ती का नाम दिया जा रहा था। पहले पति से तलाक होते ही पूजा और अभिषेक शादी के बंधन में बंध गए। इयास पूजा सिंघल और अभिषेक झा का वैवाहिक जीवन ठीक चल रहा था। इसी बीच उनके जीवन को ईडी की छापेमारी ने अलग मोड़ दे दिया है।
प्रेवियस इंडियन रेल्वे : रिजर्वेशन टिकट खो जाने पर नो टेंशन! चुटकियों में यूं बन जाएगा दूसरा टिकट, जानें कैसे? |
स्वयं के पास उपलब्ध बीज का अंकुरण परिक्षण कर लेवें कम से कम ७० प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाला बीज ही बुआई के लिए रखें यदि आप बाहर कहीं ओर से उन्नत बीज लाते हैं तो विश्वसनीय/विश्वास पात्र संस्था/संस्थान से बीज खरीदें साथ हीं पक्का बिल अवश्य लेवें एवं स्वयं भी घर पर अंकुरण परीक्षण करें। किसान भाई अपनी जोत के अनुसार कम से कम २ से ३ किस्मों की बुआई करें। जिले में अनुशंसित किस्में जेएस ९५.६०, जेएस 9३.०५, नवीन किस्में जेएस २0.३4, जेएस २0.२9 एवं आरवीएस २001.०४ है।
बीज की बुआई से पूर्व बीजोपचार जरुर करें। बीजोपचार हमेशा एफआईआर क्रम मे (फजिंसाईड इसेक्टिसाइड राइजोबियम) करना चाहिये। इस हेतु जैविक फफूंदनाशक ट्रोईकोडर्मा वीरडी ५ ग्रा./किग्रा. बीज अथवा फफूंदनाशक (थायरम+कार्बोक्सीन (३ ग्रा./कि.ग्रा. बीज) या थायरम+कार्बेन्डाजिम (२:१) ३ ग्रा./कि.ग्रा. अथवा पेनफ्लूफेन+ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबीन (१ मि.ली./कि.ग्रा.) के मान से उपचारित करें।
गत वर्ष जहां पर पीला मोजेक की समस्या रही है वहां पीला मोजेक बिमारी की रोकथाम हेतु अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम ३० एफ.एस. (१० मि.ली./कि.ग्रा. बीज) या इमिडाक्लोप्रिड ४८ एफ.एस. (१.२ मि.ली./कि.ग्रा. बीज) से अवश्य उपचारित करें। इसके बाद जैव उर्वरक (राइजोबियम एवं पीएसबी कल्चर (५ से १० ग्राम/कि.ग्रा. बीज के मान से) का अनिवार्य रुप से उपयोग करें।
अनुशंसित बीज ७५-८० कि.ग्रा./हे. की दर से उन्न्त प्रजातियों की बुआई करें। (एक हेक्टर क्षेत्र में लगभग ४.५० लाख पौध संख्या होनी चाहिए) कतार से कतार की दूरी कम से कम 1४-१८ इन्च के आस पास रखें। साथ ही संभव हो तो रेज्ड बैड विधि से फसल की बुआई करें इस विधि से फसल बुआई करने से कम वर्षा एवं अधिक वर्षा दोनो स्थिति में फसल को नुकसान नहीं होता है।
१. एन.पी.के. (१2:३२:१6) २०० किग्रा.+२५ किग्रा. जिंक सल्फेट प्रति हेक्टर।
वर्षा के आगमन पश्चात्, सोयाबीन की बोवनी हेतु मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है। नियमित मानसून के पश्चात् लगभग ३ से ४ इंच वर्षा होने के बाद ही बुवाई करना उचित होता है। मानसून पूर्व वर्षा के आधार पर बोवनी करने से सूखे का लम्बा अंतराल रहने पर फसल को नुकसान हो सकता है। किसान भाई अपनी कुल खेती योग्य रकबे मे से २५ से ३0 प्रतिशत रकबे मे अन्य फसले जैसे मक्का उडद धान मूंगफली आदि जरूर लगावे।
फसल बुआई यदि (डबल पेटी) सीड कम फर्टिलाईजर सीड ड्रिल से करते है तो बहुत अच्छा है जिससे उर्वरक एवं बीज अलग अलग रहता है और उर्वरक बीज के नीचे गिरता है तो लगभग ८० प्रतिशत् उपयोग हो जाता है डबल पेटी बाली मशीन न हो तो अन्तिम जुताई के समय पर अनुशंसित उर्वरक का उपयोग करें। अधिक जानकारी के लिए आपके क्षेत्र के नजदीकी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय या संबंधित क्षैत्रिय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करें। |
सिल्वर रेट तोडे,पिछले चार सप्ताह से बाजारों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण सोने-चांदी की कीमतों में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है. डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में ८० रुपये की गिरावट के बाद सोने और चांदी की कीमतों में नाटकीय रूप से वृद्धि हो रही है।
आज (३० जुलाई २०२२, शनिवार) देश भर में सोने-चांदी की कीमतों में फिर से उछाल आया। शुक्रवार की भारी तेजी के बाद आज रेट मिले-जुले रहे। २२ कैरेट सोने की कीमत १०० रुपये बढ़कर ४७,२०० रुपये प्रति पाउंड (१० ग्राम) हो गई। २४ कैरेट सोने का भाव ११० रुपये बढ़कर ५१,४९० रुपये हो गया। चांदी का आज का भाव में १५०० रुपये की तेजी और १ किलो का भाव ५८,००० रुपये पर पहुंच गया। कीमतें शहर के आधार पर भिन्न होती हैं।
हैदराबाद में शनिवार को २२ कैरेट सोने के भाव में १०० रुपये और वजन (१० ग्राम) की कीमत ४७,२०० रुपये रही। २४ कैरेट सोने का भाव 1१० रुपये बढ़कर ५१,४९० रुपये हो गया।
विजयवाड़ा बाजार में भी २२ कैरेट सोने की कीमत १०० रुपये और तुलम (१० ग्राम) की कीमत ४७,२०० रुपये बढ़ी है। २४ कैरेट सोने का भाव 1१० रुपये की तेजी के साथ ५१,४९० रुपये पर रहा।
अन्य शहरों की तुलना में आज चेन्नई में सोने की कीमतों में तेजी आई है। चेन्नई में २२ कैरेट सोने का भाव ३८० रुपये बढ़कर ४८,०५० रुपये हो गया। २४ कैरेट सोने में ४२० रुपये की तेजी आई है और भाव ५२,४२० रुपये है।
बेंगलुरु में २२ कैरेट सोने का भाव १०० रुपये बढ़कर ४७,२५० रुपये हो गया। वही २४ कैरेट सोना १०० रुपये की तेजी के साथ ५१,५४० रुपये पर पहुंच गया।
यहां चांदी ११०० रुपये की तेजी के साथ ६२,३०० रुपये प्रति किलो हो गई. त्रिवेंद्रम (केरल) में २२ कैरेट सोना रु. ४७,२००, २४ कैरेट सोना ५१,४९० रुपये और चांदी ६२,३०० रुपये पर। |
हरिद्वार। सपा लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर यादव, आस्तिक यादव, महंत शुभम गिरी एवं चमन यादव आदि ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई जाकर उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके समाधि स्थल पर बद्रीका तुलसी का पौधा रोपा। साथ ही स्व.मुलायम सिंह यादव के पुत्र एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बद्रीका तुलसी के पौधे भेंटकर स्व.मुलायम सिंह यादव के आवास पर भी पौधे लगाने का अनुरोध किया। इस दौरान चंद्रशेखर यादव ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के युगपुरूष थे। उन्होंने अत्यन्त विषम परिस्थितियों में सपा का गठन कर समाज के शोषित वंचित तबके की आकांक्षाओं को आवाज दी, उनके हितों के लिए संघर्ष किया। महंत शुभम गिरी ने कहा कि स्व.मुलायम सिंह यादव ने हमेशा किसान, मजदूर, गरीब, शोषित वर्ग के लिए आवाज उठायी। यूपी के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने हिन्दी, संस्कृत व उर्दू भाषा के विकास के लिए समान रूप से काम किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री रहते हुए देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में भी उनका अहम योगदान रहा। देश सेवा में उनके योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। |
कोरोना वायरस को लेकर चल रहे लॉक डाउन के तहत प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी शहर में गश्त कर रहे हैं। उपखण्ड अधिकारी रतन कुमार स्वामी, एएसपी सीताराम माहिच, डीएसपी नरेन्द्र कुमार शर्मा, तहसीलदार अमरसिंह, नगरपरिषद आयुक्त बसन्त कुमार सैनी ने शहर के अलग-अलग मौहल्लों में गश्त कर बाहर घूमने वालों को वापस उनके मकानों में भेजा।
सुबह दो घंटे बाजार खुलने के दौरान लोग सब्जी व किराना सामान की दुकानों पर टूट पड़े तथा जम कर खरीददारी की। मंगलवार को बाजार खुलने के दौरान उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मौहल्लों में जाने के लिए सब्जी के ठेलों को अनुमति देने का निर्णय किया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सुजानगढ़ शहर की सीमा सील कर दी गई है। शहर में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूर्णतया निषेध् कर दिया गया है। नगर में प्रवेश के रास्तों पर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। नगरपरिषद परिषद की टीम द्वारा होली धोरा में सेनेट्राइजेशन किया गया, वहीं सफाई कर्मी शहर में नालियों की सफाई करने में जुटे हुए थे। |
फरीदाबाद: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने आज मंगलवार को नवरात्रों के उपलक्ष में स्मार्ट सिटी फरीदाबाद जिला के स्मार्ट गांव फतेहपुर चंदीला की आधारशिला रखी। उन्होने बताया की फतेहपुर चंदीला के विकास कार्यों पर लगभग१० करोड रुपए की राशि खर्च की जाएगी । केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कौन है आगामी १ वर्ष में पूरा कर दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने अधिकारियों को इसी कार्य को ६ महीने में पूरा करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि स्मार्ट गांव में आधुनिक खेल का मैदान तथा खेल के आधुनिक जिम जल्द ही ग्रामीणों को मिलेगा। इसके अलावा गांव में स्मार्ट सिटी की की तर्ज पर फतेहपुर चंदीला में सीवरेज सिस्टम, सड़के, पेयजल सप्लाई, गांव का मुख्य द्वार ,आधुनिक चौपाल, बारात घर सहित सभी तमाम सुविधाएं ग्रामीणों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर मिलेगी१ उन्होंने कहा कि फतेहपुर चंदीला फरीदाबाद स्मार्ट सिटी का पहला गांव है। जहां पर स्मार्ट सिटी की तर्ज पर लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी१ उन्होंने कहा कि फतेहपुर चंदीला के स्कूल को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, स्मार्ट स्कूल में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल टेस्टबुक, मल्टीमीडिया कांस्टेंट, स्मार्ट बोर्ड, एलइडी स्क्रीन ,लैपटॉप विद इंटरनेट कनेक्टिविटी ,वीडियो कॉन्फ्रेंस सिस्टम, माइक्रोफोन एमप्लीफायर एंड स्पीकर, वाईफाई, डाक्यूमेंट्स कमेंट्स कैमरा, स्कैनर डिजिटल लाइब्रेरी, ३ड प्रिंटिंग लाइव, टैली एजुकेटिव सहित तमाम सुविधाएं स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विद्यार्थियों को दी जाएंगी१ उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने लोगों को उनकी भावना के अनुरूप विकास कार्य करवाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में परचम लहराया है उसी तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इमानदारी में पूरे देश में अपना परचम लहराया है। विरोधियों के पास हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने के लिए कोई शब्द नहीं है उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद शहर के विकास के लिए १2सो करोड रुपए नगर निगम को दिए हैं । उन्होंने कहा कि अगले ६ महीनों में शहर की सारी कॉलोनियों में सीवरेज डाल दी जाएंगी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंतोदय योजना को क्रियान्वित करते हुए पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति यानी गरीब से गरीब परिवार को सरकार की सुविधाएं, जनकल्याणकारी नीतियों, योजनाएं इत्यादि का लाभ अवश्य मिले की नीति पर सरकार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में आज गांव फतेहपुर चंदीला को स्मार्ट सिटी की तर्ज़ पर स्मार्ट गांव बनाने के लिए आधारशिला रखी गई है।
इस अवसर पर उनके साथ बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा, फरीदाबाद की मेयर सुमन बाला,वार्ड १९ के पार्षद सतीश चंदीला,स्मार्ट सिटी की सी ई ओ मोनिका गुप्ता,जॉइंट कमिश्नर अग्रवाल,चीफ इंजीनियर कटारा के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
नेक्स्ट आर्टियलसमाजसेवी निरंजन शर्मा की माता के निधन पर उद्योगमंत्री विपुल गोयल घर पर शोक व्यक्त करने पहुंचे ।
प्रत्येक नागरिक कोरोना वैक्सीन लगवा कर देश हित और परिवार की सुरक्षा का फर्ज निभाए- पूर्व मंत्री विपुल गोयल। |
१.१.१.१ व / वार्प आपके इंटरनेट को अधिक निजी और सुरक्षित बनाता है। इंटरनेट पर आप जो भी करते हैं, उस पर किसी को भी झपकी लेने में सक्षम नहीं होना चाहिए। हमने १.१.१.१ बनाया है ताकि आप कहीं भी, कभी भी इंटरनेट से सुरक्षित रूप से जुड़ सकें।
वार्प के साथ १.१.१.१ एक आधुनिक, अनुकूलित, प्रोटोकॉल के साथ आपके फोन और इंटरनेट के बीच संबंध को बदल देता है।
वार्प के साथ १.१.१.१ आपके फ़ोन को छोड़ने वाले ट्रैफ़िक को अधिक एन्क्रिप्ट करके आप पर किसी को भी स्नूपिंग से रोकता है। हमारा मानना है कि निजता एक अधिकार है। हम आपका डेटा नहीं बेचेंगे।
वार्प के साथ १.१.१.१ आपके फोन को सुरक्षा खतरों जैसे मैलवेयर, फ़िशिंग, क्रिप्टो माइनिंग और अन्य सुरक्षा खतरों से बचाता है। एप्लिकेशन के अंदर दन्स सेटिंग्स से परिवारों के विकल्प के लिए १.१.१.१ सक्षम करें।
आपके इंटरनेट को अधिक सुरक्षित और निजी बनाने के लिए वन-टच सेटअप। आज इसे स्थापित करें, अधिक निजी इंटरनेट प्राप्त करें, यह सरल है।
हम इंटरनेट पर हर सेकंड में हज़ारों रास्तों का परीक्षण करते हैं, जिसमें यह पता चलता है कि सबसे अच्छा प्रदर्शन किसका है। उसी तकनीक का उपयोग करके सही पिछले इंटरनेट ट्रैफिक जाम को छोड़ दें जिसका उपयोग हम हजारों वेबसाइटों को ३०% तेज (औसतन) करने के लिए करते हैं।
वार्प के साथ १.१.१.१ नि: शुल्क है, लेकिन वार्प + एक भुगतान सुविधा है जिसे किसी भी समय सक्षम किया जा सकता है।
सदस्यता की अवधि के लिए असीमित वार्प + डेटा प्राप्त करने के लिए मासिक आधार पर सदस्यता लें।
आपकी सदस्यता स्वचालित रूप से उसी पैकेज की लंबाई के लिए उसी कीमत पर नवीनीकृत हो जाएगी जब तक कि आप गूगल प्ले स्टोर में सेटिंग्स को वर्तमान अवधि के अंत से कम से कम २४ घंटे पहले रद्द कर देते हैं।
एक नि: शुल्क परीक्षण अवधि और / या वार्प + डेटा ट्रांसफर क्रेडिट के किसी भी अप्रयुक्त हिस्से को, यदि आप एक सदस्यता खरीदते हैं, तो लागू होने पर जब्त किया जाएगा।
टिप्पणी करने वाला पहला व्यक्ति बनें। |
कोड शायरी | कोड शायरी हिंदी में | शायरी, कोट्स और स्टेटस पढ़ें हिंदी में (रेड शायरी, कोटेस & स्टेट्स इन हिन्दी) : हेलो दोस्तों! आज आपको इस पेज पर कुछ कोड शायरी | कोड शायरी मिलेंगे। इन्हे हमारी टीम की रिसर्च और आप लोगों के द्वारा भेजे कंटेंट से अपडेट करते है। हम पेज को अलग अलग समय पर बदलाब करते है। आपको इस कोड शायरी | कोड शायरी के लिए कोई संदेह है, तो कृपया आप कॉमेंट करें। और कोड शायरी | कोड शायरी के अलावा जाने! ...की यह वेबसाइट किस-किस टॉपिक पर पेज तैयार कर चुकी है। जानने के लिए यहां से हमारी वेबसाइट के बारे में पढ़ें!
वेबसाइट मुख्य पृष्ट पर नए पोस्ट है। पोस्ट में जानें, हम नीचे कुछ अन्य संबंधित कोड शायरी | कोड शायरी भेज रहे है। अभी कभी कुछ पृष्ट खाली दिखाई देंगे। उसके लिए आप हमारे संपर्क सूत्र से जुड़े, और अपडेट हेतु छोटी सी बात कहें।
कुछ पेज अभी भी आपके प्रतिक्रिया और अपडेट के लिए खाली है। आप भी इस वेबसाइट पर कुछ शायरी कोट्स स्टेटस पहुंचा सकते हैं। हमारी टीम २४ घंटे से ४८ घंटे की कार्यवाही करके आपको सूचित करेगी। यदि आप कोड शायरी | कोड शायरी को पेज पर जोड़ना चाहते है, तो आप यहां से वेबसाइट पर अपना कंटेंट लिखें !
हमारी टीम कुछ नए चेंज और बदलाब कर रही है, जिससे कुछ दिन लग सकते है। जैसे ही ये कोड शायरी | कोड शायरी के लिए कुछ अन्य को जोड़ा जाएगा, तो आपको यह अतिरिक्त और भी शब्द मिलेंगे। इसके अलावा जान लें, ... की ओर क्या नया आने वाला है?
हमारी टीम कई लेख को अपडेट करने और कोड शायरी | कोड शायरी पेज को ओर बढ़ाने हेतु उत्सुक है। यदि आपके पास भी कोई कोड शायरी | कोड शायरी या संबंधित टॉपिक जानकारी है। तो हमसे संपर्क कीजिए या कॉमेंट में उस जानकारी को घुसा दीजिए। टीम आपके प्रयास और अपडेट को परख के बाद जोड़ेगी। साथ ही कुछ नए टॉपिक के विचार हेतु भी आपसे साझा किया जा रहा है। वर्ष २०२३ प्रारंभ होने तक हम कोड शायरी | कोड शायरी और पोस्ट कई सारे बदलाव के लिए उत्सुक है। एन्जॉय शायरी के साथ जुड़कर विज्ञापन या कोई अन्य प्रचार के लिए आप हमारी टीम से संपर्क करें !
पढ़ने के लिए धन्यवाद, |
घाव शायरी | घाव शायरी हिंदी में | शायरी, कोट्स और स्टेटस पढ़ें हिंदी में (रेड शायरी, कोटेस & स्टेट्स इन हिन्दी) : हेलो दोस्तों! आज आपको इस पेज पर कुछ घाव शायरी | घाव शायरी मिलेंगे। इन्हे हमारी टीम की रिसर्च और आप लोगों के द्वारा भेजे कंटेंट से अपडेट करते है। हम पेज को अलग अलग समय पर बदलाब करते है। आपको इस घाव शायरी | घाव शायरी के लिए कोई संदेह है, तो कृपया आप कॉमेंट करें। और घाव शायरी | घाव शायरी के अलावा जाने! ...की यह वेबसाइट किस-किस टॉपिक पर पेज तैयार कर चुकी है। जानने के लिए यहां से हमारी वेबसाइट के बारे में पढ़ें!
वेबसाइट मुख्य पृष्ट पर नए पोस्ट है। पोस्ट में जानें, हम नीचे कुछ अन्य संबंधित घाव शायरी | घाव शायरी भेज रहे है। अभी कभी कुछ पृष्ट खाली दिखाई देंगे। उसके लिए आप हमारे संपर्क सूत्र से जुड़े, और अपडेट हेतु छोटी सी बात कहें।
कुछ पेज अभी भी आपके प्रतिक्रिया और अपडेट के लिए खाली है। आप भी इस वेबसाइट पर कुछ शायरी कोट्स स्टेटस पहुंचा सकते हैं। हमारी टीम २४ घंटे से ४८ घंटे की कार्यवाही करके आपको सूचित करेगी। यदि आप घाव शायरी | घाव शायरी को पेज पर जोड़ना चाहते है, तो आप यहां से वेबसाइट पर अपना कंटेंट लिखें !
हमारी टीम कुछ नए चेंज और बदलाब कर रही है, जिससे कुछ दिन लग सकते है। जैसे ही ये घाव शायरी | घाव शायरी के लिए कुछ अन्य को जोड़ा जाएगा, तो आपको यह अतिरिक्त और भी शब्द मिलेंगे। इसके अलावा जान लें, ... की ओर क्या नया आने वाला है?
हमारी टीम कई लेख को अपडेट करने और घाव शायरी | घाव शायरी पेज को ओर बढ़ाने हेतु उत्सुक है। यदि आपके पास भी कोई घाव शायरी | घाव शायरी या संबंधित टॉपिक जानकारी है। तो हमसे संपर्क कीजिए या कॉमेंट में उस जानकारी को घुसा दीजिए। टीम आपके प्रयास और अपडेट को परख के बाद जोड़ेगी। साथ ही कुछ नए टॉपिक के विचार हेतु भी आपसे साझा किया जा रहा है। वर्ष २०२३ प्रारंभ होने तक हम घाव शायरी | घाव शायरी और पोस्ट कई सारे बदलाव के लिए उत्सुक है। एन्जॉय शायरी के साथ जुड़कर विज्ञापन या कोई अन्य प्रचार के लिए आप हमारी टीम से संपर्क करें !
पढ़ने के लिए धन्यवाद, |
हाल ही में उद्योग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पता चला है कि २०२१ में बेचे गए कुल यात्री वाहनों में से लगभग ३८ प्रतिशत में शक्तिशाली एसयूवी शामिल थे। इसलिए इस बढ़ते सेगमेंट की मांग को पूरा करने के लिए, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी टायर निर्माता कंपनी कॉन्टिनेंटल ने भारतीय बाजार के लिए अपना नवीनतम उत्पाद क्रॉस कॉन्टैक्ट एक्स६ टायर लॉन्च किया है।
जर्मन टायर निर्माता का दावा है कि उसके टायरों का नवीनतम सेट उत्कृष्ट स्थायित्व और कम शोर प्रदान करने में सक्षम होगा। कंपनी ने यह भी घोषणा की कि टायरों में एक नया ट्रेड डिज़ाइन होगा जिसे सभी इलाकों और गीली सड़कों पर अद्वितीय नियंत्रण और प्रदर्शन प्रदान करने के लिए इंजीनियर किया गया है।
कॉन्टिनेंटल इंडिया ने क्रॉसकॉन्टक्ट एक्स६ टायर पेश करते हुए कहा कि उनकी नवीनतम पेशकश गेम-चेंजर है। जर्मन ब्रांड ने कहा कि ये टायर प्रदर्शन और सवारी की गुणवत्ता के मामले में समान रूप से अच्छे होंगे। कॉन्टिनेंटल ने यह भी कहा कि टायर एसयूवी को अतिरिक्त कर्षण देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं चाहे वे ऑन-रोड हों या ऑफ-रोड और वे यह भी आश्वस्त करते हैं कि बजरी जैसी ढीली सतहों पर पकड़ समान है।
इसके अलावा, ये टायर गीली सड़कों पर कम ब्रेकिंग दूरी प्रदान करने में सहायता कर सकते हैं। कंपनी ने रिलीज के दौरान यह भी कहा कि ये टायर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कॉन्टिनेंटल अब भारतीय बाजार में उसी सफलता को दोहराने का इरादा रखता है।
कॉनटिनेंटल क्रॉसकॉन्टक्ट एक्स६ टायर ट्रैक्शन ग्रूव्स और ग्रिपिंग दांतों से लैस हैं, ताकि ढीली सतह को ट्रेड ग्रूव्स से फिसलने से बचाया जा सके। इसके अतिरिक्त, सिलिका ट्रेड कंपाउंड के कारण सड़क को पकड़ने वाली बहुलक संरचना गीली और फिसलन वाली सड़कों पर असाधारण कर्षण और ब्रेकिंग प्रदान करती है। और कंपनी के मुताबिक टायरों पर सिप्ड पैटर्न टायर ग्रिप को और भी बेहतर बनाता है।
इसके अलावा, क्रॉसकॉन्टक्ट एक्स६ टायरों के बड़े ट्रेड ब्लॉक और मजबूत ट्रेड कंपाउंड, स्टोन रिटेंशन को कम करने और टायरों को काटने और चिपिंग को रोकने में योगदान करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बहुत लंबी उम्र और मजबूती मिलती है। क्रांतिकारी डिजाइन में टायर के कंधे में शोर अवरोधक भी शामिल हैं ताकि ध्वनि तरंगों और टायरों द्वारा बनाए गए अनावश्यक शोर को रोका जा सके, जिसके परिणामस्वरूप एक चिकनी और शांत सवारी हो।
ये टायर एमआरएफ वांडरर ए/टी ऑल-टेरेन टायर्स, मिशेलिन प्राइमेसी ४ एसटी टायर्स, योकोहामा जिओलैंडर ए/टी जी०१५ टायर्स, मिशेलिन लैक्स फ़ोर्स टायर्स और अंत में पिरेली स्कॉर्पियन एटीआर जैसे कुछ बड़े नामी ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।
२०२२ मारुति एल्टो क१० फर्स्ट ड्राइव रिव्यू: ताजा लेकिन परिचित! |
बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने लंबे समय बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज वेब सीरीज 'आर्या' के साथ अभिनय की दुनिया में वापसी की थीं।
सुष्मिता सेन की इस वेब सीरीज को काफी पसंद किया गया था। आर्या वेब सीरीज साल २०२० में रिलीज होने वाली वेब सीरीज की टॉप लिस्ट में शामिल है।
आर्या की सफलता के बाद मेकर्स ने इसका दूसरा सीजन बनाने का फैसला किया। आर्या के दूसरे सीजन का ऐलान कुछ समय पहले ही अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते किया था। सुष्मिता सेन ने बताया था कि आर्या का दूसरा सीजन जल्द ही रिलीज होने वाला है।
अब इसी बीच सुष्मिता सेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की है। जिससे उनका दमदार अवतार दिखाई दे रहा है। अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर तस्वीर शेयर करके आर्या-२ का प्रमोशन शुरू कर दिया है।
तस्वीर में सुष्मिता सेन का गैंगस्टर लुक नजर आ रहा है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए सुष्मिता ने कैप्शन में लिखा, अपनी लड़ाई को इस गेट के बाहर रखें। यदि आप उन्हें अंदर लाने की कोशिश करते हैं तो ये वॉर है। आर्या सीजन २।
इस वेब सीरीज में सुष्मित सेन के अलावा चंद्रचूड़ सिंह, सिकंदर खेर, नमित दास, मनीष चौधरी, जयंत कृपलानी जैसे कलाकार भी अहम किरदार निभा रहे हैं। सीरीज का निर्देशन राम माधवानी ने किया है। |
इस फ़ोटो (पेंटिंग) में आप एक चेचन महिला को देख सकते हैं| पता है आपको इसने अपने सर को ना ढक कर अपने हिजाब को क्यों अपने हाथ मे ले रखा हुआ है ? और क्यों ये महिला हथियारबंद मर्दों के बीच में खड़ी है, और मर्दों ने महिला की जानिब से मुंह क्यों फेर रखा है ?
ये कॉकस (क़फ़क़ाज़) जिसका हिस्सा आज दाग़िस्तान, चेचेनिया सहीत कई इलाक़े हैं, वहां आपसी रंजिशों और ख़ून खराबा रोकने के लिए इस तरह के ट्रिक का उपयोग किया जाता था। जब ये महिलाओं को ये लगने लगता था की अब मर्दों का दो गिरोह अब आपस में ख़ून खराबा कर लेगा तो वो लड़ते हुए लोगों की भीड़ में घुस जाती थी।
और आते ही अपने हिजाब को उतार लेती थीं, और औरतों के सम्मान में तमाम मर्द अपना मुंह दुसरे जानिब फेर लेते हैं, जिससे लड़ाई ख़ुद ब ख़ुद रुक जाती थी।
उस्मानी तुर्कों के ज़ेर ए निगरानी रहने वाला ये इलाक़ा लड़ाकु क़बाईलियों का घर है, जिनके जीवन का एक ही मक़सद है लड़ना। रुस से पिछले ४०० साल से लड़ रहे हैं।
वैसे इस्लामी नज़रिया में ग़ैर-महरम और महरम का कंसेप्ट बिलकुल ही किलियर है, पर फ़हाशत के इस दौर में ग़ैर-महरम और महरम का कंसेप्ट लोगों के बीच से जा रहा है। |
तो दोस्तों अब आप को कही जाने की जरूरत नहीं है क्युकी अब हम आप के लिए एक ऑनलाइन आप्लिकेशन लेके आ चुके है जिस के मदत अपने घर बैठे आसानी से लोंस ले सकते है , इस एप्लीकेशन की मदद से पर्सनल लोन , एजुकेशन लोन ,मेडिकल लोन ,साडी के लिए पैसे , मोबाइल खरीदने के लियर लोन , कही बहार ट्रेवेल के लिए लोन , बिजली का बिल के लिए आप घर बड़े लोन ले सकते हो वो भी अपने स्मार्ट फ़ोन से ,दोस्तो आज हम जिस एप्प के बारे में बात करने वाले है उस आप का नाम है ओन कैश क्रेडिट ऑनलाइन लोन , तो दोस्तो आज की इस एप्प के बारे में आज इस पोस्ट में विस्तार से बात करते है आइए शुरु करते है।
आप कितने % की ब्याज दर पर लोन ले सकते है?
तो दोस्तो मान लीजिए आपने ओन कैश क्रेडिट ऑनलाइन लोन आप्प से ७५,००० रुपए का २४% की ब्याज की दर से १२ महीनो के लिए लिया और इस पर ४,४25 रुपए की सर्विस फीस और ० रूपए गस्ट । और आप के बैंक अकाउंट में ७५,००० रुपए आएगे ,साथ में आप को हर महीने ७,०92 रुपए पाय करने होंगे , और आपको १२ महीनो के बाद ८५,1०४ रुपए वापिस करने होगे ।
लोन लेने के क्या योग्यता होनी चाहिएं?
१. आप भारत के नागरिक होने चाहिए ।
२. आपकी उम्र २1 साल से लेकर ५६ साल तक होनी चाहिए ।
३. आय का साधन होना चाहिए ।
तो दोस्तो सब से पहले ओन कैश क्रेडिट ऑनलाइन लोन आप्प को प्लेस्टोर से डाउनलोड करना होगा ।
४.उसके बाद अपनी लोन एप्लीकेशन सबमिट करे ।
६.सभी आवश्यक विवरण भरें: नाम, पता, बैंक खाता।
लोन लेने के क्या फायदा है?
१. इस एप्प की मदद से आसानी से लोन ले सकते है ।
कितने % की ब्याज दर पर लोन ले सकते है? |
नई दिल्ली: यूक्रेन में हो रही रूसी बमबारी से घबराए हजारों भारतीय छात्र आज स्वदेश लौटने की जल्दी में हैं। हालांकि शांति के दिनों में यूक्रेन ही नहीं बल्कि रूस भी भारतीय छात्रों की एक बड़ी पसंद रहा है। खास तौर पर एमबीबीएस और बीडीएस की पढ़ाई करने वाले करीब ६ हजार मेडिकल छात्र हर वर्ष यूक्रेन जाते हैं। दरअसल भारत में करीब ८ लाख छात्र एमबीबीएस के लिए परीक्षा देते हैं लेकिन इनमें से महज १ लाख छात्रों को ही भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है। यही कारण है कि हर वर्ष हजारों की तादाद में भारतीय छात्रों को यूक्रेन समेत अन्य देशों का रुख करना पड़ता है। भारत में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल ८८१20 और बीडीएस की 2749८ सीटें हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो एमबीबीएस की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में सीटों की उपलब्ता काफी कम है।
स्वयं भारत सरकार के मुताबिक देश में सरकारी और निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल ८८१२० और बीडीएस की २७४९८ सीटें हैं और इनमें भी एमबीबीएस की सीटों में करीब पचास प्रतिशत सीटें प्राइवेट कॉलेजों में हैं। नीट परीक्षा परीक्षा में शामिल होने वाले कुल छात्रों में से केवल पांच प्रतिशत बच्चों को ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है।
यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके भारतीय छात्र देवांश गुप्ता के मुताबिक भारत के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जहां एमबीबीएस के ५ वर्ष की पढ़ाई का खर्च १५ से २० लाख रुपये तक आता है। वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक छात्र को एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के लिए ८० लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ती है। कई भारतीय प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में यह खर्च १ करोड़ से भी अधिक है। देवांश का कहना है कि वहीं दूसरी ओर यूक्रेन में बेहतरीन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज सालाना करीब ५ लाख तक फीस वसूलते हैं, जिसके चलते यहां एमबीबीएस का पूरा कोर्स लगभग 2५ से ३० लाख रुपये में पूरा हो जाता है।
भारत में एमबीबीएस की संयुक्त परीक्षा नीट का आयोजन करवाने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक वर्ष २०२१ में एमबीबीएस की कुल ८८१२० सीटों के लिए आठ लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा में शामिल हुए लाखों छात्रों के मुकाबले देश में एमबीबीएस के लिए करीब ८८ हजार सीट ही उपलब्ध हैं।
भारतीय छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कंसल्टेंसी प्रदान करने वाली संस्था के प्रमुख नरेंद्र चोपड़ा का कहना है कि यूक्रेन की तरह ही रूस भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों का एक पसंदीदा डेस्टिनेशन है। चोपड़ा का कहना है कि हमारे देश में मेडिकल की सीटों की कमी के कारण ही छात्रों के बीच रूस और यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज लोकप्रिय हो रहे हैं। रुस ओर यूक्रेन दोनों देशों की मेडिकल यूनिवर्सिटी के दरवाजे भारतीय छात्रों के लिए खुले रहते हैं। चोपड़ा ने बताया कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले हजारों भारतीय छात्र हर साल रूस और यूक्रेन के अलावा, किर्गिस्तान जैसे देशों की तरफ रुख करते हैं, जहां मेडिकल कॉलेज में दाखिला भी आसान है और खर्चा भी कम।
गौरतलब है कि कम आबादी होने के बावजूद यूक्रेन में करीब २० मेडिकल यूनिवर्सिटी हैं। यूक्रेन में तीन तरह की यूनिवर्सिटी हैं इनमें नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, नेशनल यूनिवर्सिटी और स्टेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
इंटरनेशनल कंसलटेंट दीपांकर जोशी के मुताबिक यूक्रेन की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी को यूक्रेन की केंद्र सरकार चलाती है और यहां केवल मेडिकल कोर्स ही उपलब्ध कराए जाते हैं। यूक्रेन में हैं इस तरह की पांच नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी हैं। इन सभी मेडिकल यूनिवर्सिटी को भारत के मेडिकल कमीशन ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है। वहीं यूक्रेन की नेशनल यूनिवर्सिटी छात्रों को कई प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाते हैं। यहां मेडिकल यानी एमबीबीएस के अलावा अन्य प्रकार के पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होते हैं। इसलिए इस प्रकार के विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की सीटें उतनी अधिक नहीं होती। |
भारत मे ५ग को लेके तैयारियाँ जोरो शोरों से चल रही हैं।५ग से जुड़ी हर कंपनी फिर चाहे वो टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर हो या स्मार्टफोन निर्माता सभी अपनी तरफ से ५ को लेके कोई कसर नही छोड़ना चाहते।दरअसल भारत मे ५ग के ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसके परीक्षण शुरू हो जाएंगे और महज एक से दो साल के अंदर भारत मे ५ग लॉन्च हो जाएगा।ऐसे में स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां भारत के लोगों को लुभाने के लिए व भविष्य को देखते हुए एक के बाद एक ५ग स्मार्टफोन्स(स्मारफोन) भारत मे लॉन्च कर रहीं है।
इसी कड़ी में पोको ने अपना नया ५ग फ़ोन पोको म३ प्रो लॉन्च किया है जो कि भारत का सबसे सस्ता ५ग फ़ोन है।आपको बता दे की अभी कुछ महीने पहले ही रियामे ने अपना रियामे ८ प्रो ५ग फ़ोन लॉन्च किया था जो कि अब तक भारत का सबसे सस्ता ५ग स्मार्टफोन था लेकिन पोको ने अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च करके यह तमगा हासिल कर लिया।
क्या है पोको म३ प्रो की विशेषताएं?
पोको म३ प्रो एक बजट श्रेड़ी का ५ग स्मार्टफोन है इसमें मेडियाटेक का डिमेन्सिटी ७०० प्रोसेसर लगा है जो कि एक मिड रेंज के प्रोसेसर है।इसमें ६.५ इंच की फुल एच डी डिस्प्ले है जो कि पंच होल के साथ अति है।साथ ही इसमें ९०हज़ का रिफ्रेश रेट भी दिया गया है।इसमे ५000माह की बड़ी बैटरी दी गयी है जो कि आराम से आपको एक से दो दिन का बैटरी बैकअप दे देगी।
इसमे आपको ४८म्प का ट्रिपल कैमरा सेटअप देखने को मिलता है साथ ही सेल्फी की लिए इसमे आपको ८म्प का कैमरा दिया गया है।इसमें कनेक्टिविटी के लिए सभी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है व इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसके दोनों सिम ५ग सपोर्ट करते हैं।
पोको म३ प्रो की सबसे बड़ी हाईलाइट है इसकी कीमत जो कि इसे भारत का सबसे सस्ता ५ग फ़ोन बनाती है।पोको म३ प्रो दो वैरिएंट्स में उपलब्ध है एक ४गब रैम ६४ गब स्टोरेज और दूसरा ६गब रैम १२८ गब स्टोरेज।इसकी शुरुआती वैरिएंट की कीमत है 1३,४99 रुपये और इसके दूसरे वैरिएंट की कीमत है 1५,४99।ये फ़ोन फ्लिपकार्ट(फ्लीपकर्ट) पर 1४ जून से सेल पर आएगा।
सर्व पित्रू अमावस्या २०२२: सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाएगा आखिरी श्राद्ध, इन चीजों का दान जाग जायेगा आपका सोया हुआ भाग्य। |
नमस्कार छात्रों, आज हम उन सभी हिंदी माध्यम वाले छात्रों के लिए विजन आईएएस की आंतरिक सुरक्षा नोट्स लेकर आए हैं जोकि यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा दोनों के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होंगे, आप इन्हें आसानी से पीडीएफ माध्यम में प्राप्त कर सकते हो।
यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में ४ सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र शामिल है, जिसमें सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र ई मे अर्थशास्त्र, आपदा प्रबंधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं आंतरिक सुरक्षा का विषय शामिल है।
इसके अलावा सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण विषय हैं प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों की दृष्टि से, क्योंकि यह विषय करंट अफेयर्स से बहुत अधिक जुड़े हुए हैं। और हर साल इनसे यूपीएससी में प्रश्न भी पूछे जाते हैं इसलिए इसकी तैयारी के लिए आपको पाठ्यपुस्तक के अलावा दैनिक समाचार पत्र एवं करंट अफेयर्स मैगजीन का सहारा भी लेना चाहिए।
आंतरिक सुरक्षा का महत्व ?
आंतरिक सुरक्षा से तात्पर्य है कि किसी भी देश की अपनी सीमाओं के भीतर की सुरक्षा। जब तक किसी देश में नागरिकों के बीच असुरक्षा का भाव होता है तो आंतरिक समस्याओं में उलझा देश कभी भी प्रगति की ओर नहीं बढ़ पाता। परंतु किसी भी राष्ट्र को तभी सुरक्षित कहा जाना सही होगा जब तक वह आंतरिक खतरों से पूर्ण रुप से अवमुक्त हो जाए। और यह उस स्तर के राष्ट्र का निर्माण प्रक्रिया है जब राष्ट्र राष्ट्रीय आकांक्षा के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं से निपटने में सक्षम हो जाता है।
संचार नेटवर्क विफल होने से बहुत अधिक क्षति होती है, इसलिए व्यवधान उत्पन्न करने के लिए यह क्षमतावान सॉफ्ट टारगेट होते हैं। इसलिए नेटवर्क अवसंरचना के प्रति खतरे को व्यापक रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है प्राकृतिक खतरे एवं मानव निर्मित खतरे।
प्राकृतिक खतरे में बाढ़, भूकंप, सुनामी, तथा ज्वालामुखी जैसी आपदाएं सम्मिलित है। इन सभी प्राकृतिक घटनाओं के कारण संचार नेटवर्क को अधिक क्षति पहुंच सकती है। उदाहरण के लिए कभी-कभी अधिक बारिश होने के कारण बिजली आपूर्ति हो जाती है जिस कारण थे आत्म तथा बैंकिंग सेवाएं काम करना बंद कर देती है। वही मानव प्रेरित खतरे में दुर्भावनापूर्ण कर्ताओं द्वारा हानि या क्षति के इरादे से नेटवर्क में वांछित स्थान पर पहुंच प्राप्त करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, नियंत्रण प्रणाली सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर या यहां तक कि संगठनों के व्यक्तियों के भीतर अंतर्निहित विरोधो का लाभ उठाते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले अवैध प्राप्ति ओं को छुपाने की एक प्रक्रिया है इस अपराध को २००२ में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के अनुसार इस प्रकार से परिभाषित किया गया था जो भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपराध से हुई आय से संबंधित किसी भी प्रक्रिया या गतिविधि एवं उसे निष्कलंक परिसंपत्ति के रूप में प्रस्तुत करने में संलिप्त होने का प्रयास करता है या जानबूझकर सहयोग करता है या जानबूझकर भागीदारी करता है या वास्तव में संलिप्त है वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०२२ के अनुसार साइबर सुरक्षा का अर्थ सूचना उपकरण, कंप्यूटर डिवाइस, कंप्यूटर संसाधन, संचार उपकरण और उन में संग्रहित जानकारी की अनधिकृत पहुंच, उपयोग, प्रकटीकरण, व्यवधान एवं संशोधन या विनाश से संरक्षित करना है। |
कल विश्व योगा दिवस के लिए पूरे दुनियाभर में बड़े जोरों-शोरों से तैयारिया हो रहीं है। योग दिवस मनाने के लिए बॉलीवुड स्टार्स भी भाग ले रहीं है। ऐसे में हमेशा की तरह हॉट एंड सेक्सी पूनम पांडे एक बार फिर चर्चा में है। जैसा कि सभी जानते हैं पूनम पब्लिसिटी पाने का कोई मौका नहीं छोड़ती, फिर भला विश्व योग दिवस के मौके को वो कैसे भूनाए बिना रह सकती है।
वैसे तो २१ जून को विश्व योग दिवस मनाने के लिए मोदी सरकार जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है, मगर लगता है पूनम पांडे ने इस मामले में पहले ही बाजी मार ली है। दरअसल, पूनम पांडे ने अपना योग करते हुए एक हॉट वीडियो जारी कर दिया है, जो बहुत तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में वो अपने हाट अंदाज में बिल्कुल ही अलग योग करती नजर आ रही है। |
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा लेखन हिंदू धर्म में ही हुआ है ! यह एक प्राचीन सभ्यता की लंबी महाश्रृंखला है या दूसरे शब्दों में कहा जाये तो हिंदू धर्म में लिखे गये ग्रंथों के मात्र नाम को ही यदि सूचीबद्ध किया जाये तो वह अपने आप में एक मोटा ग्रंथों हो जायेगा !
इसका तात्पर्य यह है कि हिंदू धर्म में अनादि काल से सभी तरह के चिंतन का महत्व रहा है ! इसीलिए पूरी दुनिया में एकमात्र हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसमें लेखक, चिंतक, विचारक, महाकवि आदि सभी को स्वतंत्र दृष्टि से अपने विचार रखने का अवसर प्रदान किया गया है !
गहराई से अध्ययन करने पर यह पता चलता है कि बहुत से ग्रंथकारों के विचार एक दूसरे से एकदम विपरीत हैं ! कोई ईश्वर को मानता है, तो कोई ईश्वर को नकार देता है ! कोई प्रकृति के शरण में गया है, तो कोई विज्ञान को महत्व देता है, कोई सामाजिक व्यवस्था को मानता है, तो दूसरा लेखक समाज को अस्वीकार कर देता है, आदि आदि !
शायद यही वजह है कि हिंदू धर्म में सैकड़ों देवी-देवताओं की कल्पना की गई है और उन सभी के आराधना, पूजा विधान करने की प्रक्रिया भी अलग-अलग है और ताज्जुब इस बात का है कि हिन्दू समाज ने हर तरह की पद्धति के पूजा विधान को मान्यता दी है ! फिर चाहे वह शमशान आराधना हो और चाहे मंदिर की देव आराधना !
हिंदू धर्म शास्त्रों में संपूर्णता के साथ ही वर्ग, जाति, वर्ण, संप्रदाय, समुदाय, पंथ, क्षेत्र, राज्य, राष्ट्र, विश्व, लोक और परलोक तक का विधान विभिन्न स्वरूपों में वर्णित है !
इसी तरह एक जगह जहाँ विश्व को मानवीय परिवार कहा गया है, वहीँ दूसरी तरफ हर व्यक्ति एक व्यक्तिगत स्वतन्त्र इकाई माना गया है ! जहां एक तरफ अहंकार, द्वेष, घृणा, युद्ध, प्रतिशोध को महत्व दिया गया है, तो वहीँ दूसरी तरफ प्रेम, स्नेह, करुणा, दया, सहकारिता, सहअस्तित्व आदि को महत्व दिया गया है !
ऐसा अद्भुत विराट लेखन विश्व के किसी भी संस्कृति में नहीं पाया गया है ! शायद यही वजह है कि विश्व की दूसरी संस्कृतियां जब संघर्ष करते करते मिट गई, तो भी हिंदू संस्कृति आज भी जीवित ही नहीं है बल्कि विकसित भी हो रही है !
लेकिन इस हिन्दू संस्कृति को मिटाने का प्रयास सदियों से होता चला आया है और आगे भी सदियों तक होता रहेगा ! आज तो तकनीक की मदद से भी बहुत तेजी से हिंदू संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है !
लेकिन हिंदू संस्कृति को मिटाने वाले यह नहीं जानते हैं कि अगर विश्व में सभी दर्शन और जीवन शैली को सहजता से स्वीकार करने वाली हिंदू संस्कृति मिट गई, तो इस विश्व की मानवता भी मिट जायेगी क्योंकि हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसमें हर वर्ग, हर वर्ण, हर दर्शन, हर जीवन शैली के व्यक्ति को सहज भाव में स्वीकार करने की व्यवस्था की गई है !
इसलिए हिंदू संस्कृति कभी नहीं मिट सकती ऐसा मेरा मत है !!
अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें ! |
डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, भारतीय संस्कृति पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
भारतीय संस्कृति पोर्टल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित, राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय परियोजना (एनवीएलआई) का एक हिस्सा है। यह पोर्टल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, द्वारा बनाया और विकसित किया गया है। इस पर उपलब्ध डेटा संस्कृति मंत्रालय की संस्थाओं द्वारा प्रदान किया गया है। |
प्रोग्रेसिव जेंडर पॉलिटिक्स को नुकसान हो सकता है जब बॉलीवुड फिल्म में दो खूबसूरत लोग एक-दूसरे के लिए ललचाएं। टी-सीरीज ने शुक्रवार को अपकमिंग फिल्म थैंक गॉड के पहले गाने की शुरुआत की। मानिके शीर्षक वाला यह गीत श्रीलंकाई गायकों योहानी और सतीशन रथनायका द्वारा वायरल सनसनी मानिके मगे हिते ट्रैक का रीमिक्स है।
योहानी ने रीमिक्स गाने के लिए वापसी की, जिसे पर फिल्माया गया है सिद्धार्थ मल्होत्रा तथा नोरा फतेही. योहानी को जुबिन नौटियाल और सूर्य रगुन्नाथन ने शामिल किया है। रैप कविता मेलो डी द्वारा लिखी गई है। थैंक गॉड के लिए संगीत तनिष्क बागची और चमथ संगीत द्वारा रचित है।
फिर हवा नोरा के आउटफिट की ऊपरी परत को उड़ाने के लिए आगे बढ़ती है, क्योंकि वह सिद्धार्थ के सामने डांस करने की तैयारी करती है। जल्द ही, वे गुलाब के एक शाब्दिक बिस्तर पर नृत्य कर रहे हैं। ऐसा नहीं लगता है कि सिद्धार्थ का किरदार उसकी भावनाओं को दूर रखने के लिए अच्छा काम कर रहा है, क्योंकि वह नोरा को बताता है कि उसका दिल उसे देखकर ही राहत हो रहा है। वीडियो का अंत नोरा द्वारा सिद्धार्थ के चरित्र को एकांत क्षेत्र की ओर ले जाने के साथ होता है, क्योंकि उनके चारों ओर पर्दे गिरते हैं, उन्हें देखने से बचाते हैं।
इंद्र कुमार द्वारा निर्देशित, थैंक गॉड में रकुल प्रीत सिंह और सीमा पाहवा भी हैं। यह फिल्म २५ अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली है, और २०१९ की मरजावां के बाद सिद्धार्थ की पहली नाटकीय रिलीज़ है। उन्होंने युद्ध नाटक शेरशाह में महामारी के दौरान यकीनन अपनी सबसे बड़ी हिट दी, जिसे सीधे अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ किया गया था। नोरा बिग बॉस के नौवें सीजन में दिखाई देने के बाद दृश्य में आ गईं। वह तब से कई हिट संगीत वीडियो और कई रियलिटी शो में जज के रूप में और भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया और स्ट्रीट डांसर ३ डी फिल्मों में दिखाई दी हैं। |
.....और अमन बी.कॉम के प्रथम वर्षमे. अमन अपने माता पिताके साथ रहता था. जब गौरव का तबादला हुआ तब अमन १२ वी कक्षा में था. उस साल उसे ३ महाविद्यालय बदलने पड़े! खैर!
केतकी ने एक दिन राघव की मुलाक़ात अपनी माँ तथा पितासे करवा दी. लड़का वाक़ई मेघावी और ख़ुशमिज़ाज था. अपनी माँ बाप की एकलौती औलाद. पहले तो पूजा समझी उसके माता पिता उसी शहरमे रहते हैं. उसकी खुशीका ठिकाना न रहा, क्योंकि पूजा और गौरव ने सेवा अवकाश के बाद उसी शहर में रहने का फैसला कर लिया था. लेकिन ये पूजाकी यह खुशफहमी ज़्यादा दिन टिकी नहीं. राघव छ्त्रवास में रहके पढ़ रहा था तथा, उसके माता पिता हायदरबाद के बाशिंदे थे. फिरभी पूजा ख़ुश ही हुई की, कमसे कम अपने देशमे तो था!
सुबह को पूजाके कमरेमे कुछ जल्दी ही खिटर पिटर सुनाई दी. पूजा ने आँख खोली तो भी उसके पास खड़ा था...बहन के कंधेपे पर्स थी...माजरा कुछ समझमे नही आया...बहन ने पूजा के हाथ में चाय की प्याली थमाई...पूजा फटी फटी आँखों से सबको देखे जा रही थी..!
भाई बोला: "आपा आप चाय तो पियो!"
पूजा ने दो घूँट लिए और बहनसे बोली:" तू पर्स लटकाए क्यों घूम रही है?"
भाई . ने पीछे से अपनी आपा को गले लगते हुए कहा:"आपा, दादिअम्मा नहीं रहीं...सुबह, सुबह गुज़र गयीं...चलिए जाना है.."
केतकी का आखरी साल ख़त्म हुआ औरपूजा ने अमरीका जाने की तैय्यारी शुरू कर दी. उसे शिश्यव्रुत्ती भी मिल रही थी. ग्रे की तैय्यारी करने के लिए वो अपने माँ पिता के साथ रहने चली आई इनटर्न शिप उसने वहीँ से की. एन दिन कंप्यूटर के आगे बैठ केतकी कुछ काम रही थी. पूजा उसके लिए फल काटके ले गयी ..... प्लेट पकडाते हुए उसने पीछेसे केतकी के गले में बाहें डाली और कहा," तुम्ही बच्चे मेरी दुनिया हो..."
केतकी ने एक झटके से उसे परे करते हुए कह दिया," माँ तुम अपनी दुनिया अब हमसे अलग बनाओ...अपनी दुनिया में हमें मत खींचो...अब मुझे पढाई करने दो प्लीज़.."
पूजा झट से हट गयी और अपने कमरे में जाके खूब रोई...उसका मानो जीने का हर सहारा छीन रहा था...वो और और अकेली पड़ती जा रही थी...गौरव तो अपने दफ्तर के काम में व्यस्त रहता...लेकिन वैसे भी औरत के इन कोमल भावों को उसने कब समझा?
उफ़्फ़ ! इतनी पीडा कैसे कोई सह सकता है ?॥जिन बच्चों के लिये वो जी रही है यदि वो भी ना समझें तो उसके जीवन का क्या मकसद रह गया?अब तक यूँ लग रहा था कि शायद अब पूजा के जीवन मे बदलाव आये मगर लगता है अभी इम्तिहान बाकी है।
लेकिन केतकी के अचानक बदले ऐसे व्यवहार की वज़ह क्या थी?
जीवनी की श्रंखला जीने का मन्त्र सिखाती है!
बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
अंतस से लिखी प्रभावशाली कहानी। शब्दों में आंतरिक सच लिपटा हुआ आया । दर्द तो फिर आना ही था।
समकालीन टूटते बिखरते मजबूर विकास का उम्दा चित्रण। अनुभूतियों की शमा मौजूद है, क्षमा बनकर।
मेरी रचना पर आपकी प्रतिक्रिया का आभर, मुझपर निरंतर नज़र रखने के लिए चाहें तो एड करलें, अपने ब्लाग में।
हे भगवान...अब केतकी भी। उफ़्फ़्फ़्फ़!
लेकिन क्यों मगर?
काबिले तारीफ़ है! बधाई! |
पिछले साल तक रैलियों के लिए केवल ६ लाख रुपये स्वीकृत किए जाते थे और यह राशि अब बढ़ाकर ९ लाख रुपये कर दी गई है। एक सूत्र ने बताया कि 201९ में चंद्रपुर में हुई पिछली रैली की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या में भी १०,००० से अधिक है। राज्य सरकार सेना भर्ती की मेजबानी करती है। पूरी लागत राज्य सरकार ज़्सब के माध्यम करती है।
नागपुर:अग्निवीर योजना के तहत नागपुर में होने वाली पहली भर्ती रैली में ६०,००० उम्मीदवार सेना में नौकरी के लिए अपनी किस्मत आजमाएंगे। इस अयोजन के लिए राज्य सरकार के पास प्रति उम्मीदवार के लिए १५ रुपये का स्वीकृत बजट है। एक जिले में आयोजित रैली के लिए राज्य सरकार ९ लाख रुपये देती है। ६०,००० उम्मीदवारों के लिए प्रति उम्मीदवार १५ रुपये होगा। जिला प्रशासन पूरे खर्च का भुगतान करता है जिसमें बिजली, इंटरनेट बिल और कई अन्य सामान शामिल हैं। अंतिम राशि स्वीकृत राशि के तीन गुना से कम नहीं होती। अधिकारियों को अतिरिक्त खर्च के लिए अलग से मंजूरी लेनी होगी। भर्ती प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इससे उम्मीदवारों के लिए सुविधाओं पर खर्च करने के लिए शायद ही पैसा बचेगा। रैली शुरू होने से पहले रुकना या खाने के पैकेट आदि के लिए कुछ बचेगा ही नहीं।
जिला सैनिक बोर्ड (ज़्सब) जो सेना और जिला प्रशासन के बीच समन्वय करता है, वह खाने के पैकेट के लिए गैर सरकारी संगठनों के दान पर निर्भर है। सूत्रों ने कहा कि अपील की गई थी। लेकिन प्रतिक्रिया निराशाजनक थी। हमारे सहयोगी ने टीओआई ने गढ़चिरौली, गोंदिया और भंडारा जिलों के गांवों से आए उम्मीदवारों की दुखद स्थिति के बारे में बताया था। सुबह जल्दी पहुंचने के बाद उम्मीदवार शुरू में पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ सड़कों पर इंतजार कर रहे थे। गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले कई उम्मीदवारों के पास बहुत सीमित पैसा था। आधी रात को रैली शुरू होने की प्रतीक्षा करते हुए उनके पास खाने में केवल केला था। टीओआई की रिपोर्ट के बाद कुछ स्वयंसेवी संगठन मनकापुर स्टेडियम में साइट पर पहुंचे और उम्मीदवारों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए।
पिछले साल तक रैलियों के लिए केवल ६ लाख रुपये स्वीकृत किए जाते थे और यह राशि अब बढ़ाकर ९ लाख रुपये कर दी गई है। एक सूत्र ने बताया कि 201९ में चंद्रपुर में हुई पिछली रैली की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या में भी १०,००० से अधिक है। राज्य सरकार सेना भर्ती की मेजबानी करती है। पूरी लागत राज्य सरकार ज़्सब के माध्यम करती है। बड़ा खर्च बिजली बिलों का है जो आसानी से ३० लाख रुपये तक पहुंच जाता है। भर्ती जारी रहे इसके लिए निर्बाध शक्ति होनी चाहिए। रैली रात में आयोजित की जाती है क्योंकि तापमान कम होता है, जिससे उम्मीदवारों के लिए दौड़ना आसान हो जाता है।
इसके अलावा हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए क्योंकि पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत है जो फिर से एक बड़ी लागत है। यहां तक कि वाहन भी किराए पर लेने पड़ते हैं। उम्मीदवारों के दस्तावेजों का मराठी में अनुवाद करने में सेना के जवानों की सहायता के लिए नागरिक प्राधिकरण डॉक्टर, स्वच्छता कार्य और राज्य सरकार के कर्मचारियों को भेजते हैं।
फिर भी पैसे की कमी के बावजूद चयनित उम्मीदवारों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है क्योंकि उन्हें अधिक समय तक रहना पड़ता है। यह बिल राज्य सरकार तैयार करती है। रक्षा पीआरओ के माध्यम से भेजे गए उम्मीदवारों के लिए सुविधाओं के दायरे की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया।
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं? |
लखनऊ २९ अगस्त। एच०सी० अवस्थी, पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा आज दिनांक २९.०8.2०2० को प्रातः समय 1०.०5 पर वीमेन पावर लाइन-1०9० का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
ऽ पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा सर्वप्रथम वीमेन पावर लाइन-1०9० भवन परिसर का भ्रमण किया गया। परिसर भ्रमण के दौरान कुछ स्थानों पर बिल्ड़िग सामग्री बेतरतीब पड़ी दिखायी दी। बिल्ड़िग सामग्री भवन में हो रहे कार्य से सम्बन्धित बतायी गयी। पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० महोदय द्वारा इस पर आपत्ति प्रकट करते हुए स्पष्ट निर्देश दिये गये कि रख-रखाव एवं साफ-सफाई पर विशेष बल दिया जाय। कोविड प्रोटोकाल के दृष्टिगत भवन व परिसर की साफ-सफाई व उसके सेनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय।
ऽ वीमेन पावर लाइन-१०९० कार्यस्थल के निरीक्षण के दौरान काल टेकर्स के मध्य सोशल डिस्टेसिंग पर बल देते हुए कार्यस्थल पर कोविड प्रोटोकाल के सम्बन्ध में शासन द्वारा निर्गत गाइड लाइन्स का पूर्ण अनुपालन कराते हुए सेनेटाइजेशन आदि कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
ऽ भ्रमण के दौरान उपस्थित दिवस अधिकारी द्वारा सेफ सिटी प्रोजेक्ट पर हो रहे कार्य के सम्बन्ध मंे अवगत कराया गया। पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बन्धित से विस्तृत जानकारी प्राप्त की गयी। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के प्रचलित कार्यो का निरीक्षण किया गया तथा निर्धारित अवधि में गुणवत्तापरक कार्य करने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
ऽ भ्रमण के दौरान पर्यवेक्षण कार्यो में नियुक्त कुछ अधिकारी अनुपस्थित व विलम्ब से आना पाये गये, जिसके सम्बन्ध में अपर पुलिस महानिदेशक वीमेन पावर लाइन- १०९० को निर्देशित किया गया कि वे सम्बन्धित से स्पष्टीकरण प्राप्त करें एवं सुनिश्चित करें कि सभी अधिकारी/कर्मचारी समय से ड्यूटी पर उपस्थित हों। |
एक्सेल में गैंट चार्ट कैसे बनाएं?
एक्सेल में गैंट चार्ट का कोई भी आप्शन नहीं है, लेकिन हम माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में दिए गए स्टैक्ड बार चार्ट (स्टैकड बार चार्ट) को अनुकूलित करके गैंट चार्ट बना सकते हैं।
हमारा लक्ष्य एक्सेल में एक गैंट चार्ट बनाना है जो हमें किसी कार्य को पूरा करने में लगे दिनों की संख्या को ट्रैक करने की अनुमति देगा।
चरण -१: सबसे पहले कॉलम हेडर सहित पूरे डाटा को चुनें।
चरण -२: इसके बाद इन्सर्ट टैब पर जाएँ और कॉलम सिंबल पर क्लिक करें तथा इसमें दिए गए स्टैक्ड बार पर क्लिक करें।
चरण -३: अब आप वर्कशीट में एक स्टैक्ड बार (जैसा नीचे प्रस्तुत किया गया है) देखेंगे।
चरण -१:- एक्सेल में इस स्टैक्ड चार्ट को गैंट चार्ट में बदलने के लिए, आपको नीली पट्टियों को हटाने की आवश्यकता होगी, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कार्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले केवल नारंगी भाग दिखाई दे रहे हैं।
चार्ट पर किसी भी नीली पट्टी पर क्लिक करें। राइट-क्लिक करें और प्रारूप डेटा श्रृंखला (फोरमत डाटा सिरीज) चुनें।
प्रारूप डेटा श्रृंखला (फोरमत डाटा सिरीज) विंडो दिखाई देगी। फिल एंड लाइन आइकन> फिल पर जाएं और नो फिल चुनें। |
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के लिये पूर्व विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफे से जनता में नाराजगी को जिम्मेदार ठहराया है। आप नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजौरी गार्डन का चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही पार्टी की हार स्वीकार करते हुये कहा कि जरनैल के इस्तीफे से जनता की नाराजगी को दूर कर पाने में पार्टी नाकाम रही।
ज्ञात हो कि १४ दौर की मतगणना पूरी होने से पहले १२वें दौर में ही आप उम्मीदवार हरजीत सिंह के भाजपा अकाली उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा से २३ हजार मतों से पीछे होते ही सिसोदिया ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुये कहा कि चुनाव परिणाम आप के पक्ष में नहीं है।
जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने से राजौरी गार्डन की जनता थोड़ा नाराज थी। हमने इस बाबत जनता से बात भी की लेकिन शायद लोगों में नाराजगी कम नहीं हुयी।
उपचुनाव के नतीजों से नगर निगम चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने का भरोसा दिलाते हुये सिसोदिया ने कहा कि निगम चुनाव के मुद्दे अलग हैं और आप पूरी मजबूती से निगम चुनाव लड़ रही है, इसके बलबूते हमें जीत का पूरा विश्वास है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस उपचुनाव परिणाम को दिल्ली की केजरीवाल सरकार के प्रति जनता की नाराजगी के रुप में पेश कर रही हैं।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा अकाली उम्मीदवार सिरसा को कांग्रेस उम्मीदवार मीनाक्षी चंदीला के मुकाबले लगभग १५ हजार मतों से जीत हासिल हुयी जबकि हरजीत सिंह महज १० हजार मत मिलने के साथ ही तीसरे स्थान पर रहे। वह जमानत बचाने के लिये जरुरी कुल वैध मतों का १६ प्रतिशत भी हासिल नहीं कर सके।
इसके साथ ही ७० सदस्यीय विधानसभा में भाजपा अकाली गठबंधन के विधायकों की संख्या तीन से बढकर चार हो गयी है। जबकि आप ६७ से सिमट कर ६६ पर आ गयी है।
साल २०१५ के चुनाव में आप उम्मीदवार जरनैल सिंह ने सिरसा को १० हजार मतों से हराया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार धनवंती चंदीला महज ८ प्रतिशत वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं थी। जबकि दो साल बाद हुये उपचुनाव में चंदीला की पुत्रवधू मीनाक्षी चंदीला के प्रत्याशी रहते कांग्रेस के मत प्रतिशत में २१ फीसदी उछाल के साथ यह ३३ प्रतिशत हो गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इसे उपलब्धि बताते हुये निगम चुनाव के लिये बेहतर संकेत बताया है।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें। |
आईपीएल सीजन ११ का ३३वां मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला जा रहा है।
आईपीएल सीजन ११ का ३३वां मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला जा रहा है। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सीएसके ने ५ विकेट के नुकसान पर १७७ रन बनाए।
चेन्नई को पहला झटका फाफ डू प्लेसिस (२७) के रूप में लगा। चेन्नई की ओर से धोनी ने २५ गेंदों पर सर्वाधिक ४३ रन बनाए। धोनी के अलावा शेन वाट्सन ३६, सुरेश रैना (३१) और अंबाती रायुडु ने २१ रन बनाए। केकेआर की ओर से सुनील नारायण और पीयूष चावला ने दो जबकि कुलदीप यादव ने १ विकेट लिया।
केकेआर ने नितीश राणा की जगह रिंकू सिंह को टीम में शामिल किया है जबकि चेन्नई ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया है। जहां तक पॉइंट टेबल का सवाल है, चेन्नई सुपर किंग्स ८ मैचों से १२ अंक के साथ नंबर १ पर काबिज है, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स ४ मैचों से ८ अंक के साथ चौथे स्थान पर है।
आईपीएल में दोनों टीमों ने १८ बार एक-दूसरे का सामना किया है, जिसमें सीएसके ने ११ मुकाबले जीते हैं जबकि केकेआर ६ मैच जीतने में सफल रहा हैं। एक मैच रद्द हो गया था।
१७८ रनों के जबाव में क्क्र ने १७.४ ओवर में 0४ विकेट के नुकसान पर १८० रन बना लिए है। गिल (५७) और कार्तिक (४5) रन बनाकर नाबाद रहे।
पारी का आखिरी ओवर पीयूष चावला ने फेंका। पांचवीं बॉल पर जडेजा को दिनेश कार्तिक ने कैच आउट किया।
१९वां सुनील नारायण ने फेंका, ये ओवर काफी किफायती रहा, १९ ओवर के बाद चेन्नई का स्कोर ४ विकेट के नुकसान पर १६३ रन था।
चेन्नई ने १७ ओवर में ४ विकेट के नुकसान पर 1४6 रन बना लिए थे। महेंद्र सिंह धोनी २७ और रवींद्र जडेजा २ रन बनाकर खेल रहे थे।
१५वां ओवर सुनील नारायण ने फेंका, चौथी गेंद पर रायडू आउट, चेन्नई को लगा चौथा झटका, १५ ओवर के बाद चेन्नई का स्कोर ४ विकेट के नुकसान पर १२१ रन था।
१३वां ओवर मिशेल जॉनसन ने फेंका, इस ओवर से ७ रन आए।
११वां ओवर सुनील नारायण ने फेंका, दूसरी बॉल पर वाट्सन कैच आउट। चेन्नई को लगा दूसरा झटका। ११ ओवर के बाद चेन्नई का स्कोर २ विकेट के नुकसान पर ९७ रन था।
छह ओवरों के बाद चेन्नई ने १ विकेट के नुकसान पर ५७ रन बनाए, वॉटसन ने १6 गेंदों में 2१ रन और फाफ डु प्लेसिस ने २५ गेंदों में २७ रन बनाए थे।
तीसरा ओवर शिवम मावी ने फेंका। इस ओवर से ६ रन आए।
अब तक छह जीत के साथ, सीएसके को प्लेऑफ में पहुंचने के लिए सिर्फ दो जीत हासिल करनी हैं। सीएसके की नजर इस जीत के साथ ही तालिका के शीर्ष पर अपनी जगह को और मजबूत करने पर होगी।
अब तक आठ खेलों में, केकेआर ने पॉवरप्ले में केवल सात विकेट लिए हैं। जबकि पिछले चार मैचों में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला है। आरसीबी के खिलाफ खेल में रिटायर होने वाले नीतीश राणा को कम पीठ का सामना करना पड़ा।
अंबाती रायडू इस सीजन २६ रन बनाते ही आईपीएल इतिहास में अपना सर्वाधिक रन बना लेंगे इससे पहले उन्होंने साल २०११ में ३९५ रन बनाए थे। |
भूटान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूपे कार्ड को लॉन्च किया। आपको बता दें कि नोटबंदी के समय ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के उद्देश्य से भारत में रूपे कार्ड लॉन्च किया गया था। अब इसकी शुरुआत भूटान में भी की गई है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, मुझे बहुत खुशी है कि आज हमने भूटान में रुपय कार्ड को लॉन्च किया है। इससे डिजिटल भुगतान और व्यापार एवं पर्यटन में हमारे संबंध में और बढ़ेंगे।
पीएम ने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान, प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पहली यात्रा के लिए भूटान का चुनाव स्वाभाविक था। १३० करोड़ भारतीयों के दिलों में भूटान एक विशेष स्थान रखता है। इस बार भी अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही भूटान आकर मैं बहुत खुश हूं।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को राजधानी थिंपू पहुंचे। यहां पर उनका बहुत गर्मजोशी से स्वागत गया। भूटान के प्रधानमंत्री डॉ लोते शेरिंग ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इससे पहले पीएम मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री ने मिलकर भारत भूटान हाइड्रोपावर कॉऑपरेशन के पांच दशक पूरे होने के मौके पर एक स्टाम्प रिलीज किया। २०१४ में पहली बार सत्ता में आने पर भी पीएम मोदी ने भूटान की यात्रा की थी।
आपको बता दें कि पीएम ने भारत की पनबिजली कंपनी एनएचपीसी के सहयोग से मध्य भूटान के ट्रोंगसा डोंग्खग जिले के मंगदेछु नदी में ७२० हजार मेगावाट की क्षमता वाली बिजली परियोजना का उद्घाटन भी किया। बता दें इस परियोजना की कुल लागत १ बिलियन डॉलर है।
देश में धीरे-धीरे रूपे डेबिट कार्ड धारकों की संख्या बढ़ रही है। वैश्विक स्तर पर जिस तरह से वीसा, मास्टर कार्ड आदि काम करते हैं उसी तरह भारत में रूपे डेबिट कार्ड काम करता है। भारत दुनिया का चौथा देश है जिसके पास खुद का पेमेंट गेटवे है। इससे पहले सिर्फ अमेरिका, जापान और चीन के पास खुद का पेमेंट गेटवे था। |
पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर को ध्यान में रखें? दिलचस्प बात यह है कि, जबकि पुरुष और महिलाएं अधिक उच्च प्रोटीन भोजन खाती हैं, नींद से वंचित महिलाओं ने अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में औसतन ३१ ग्राम वसा का सेवन किया । हम जानते हैं कि पुरुष पुरुषों की तुलना में अधिक खराब सोते हैं-ऐसा लगता है कि नींद की कमी के कारण भूख में वृद्धि भी बराबर नहीं है। हालांकि अध्ययन में केवल वयस्कों को देखा जाता है, अन्य शोध से पता चलता है कि अधिक भोजन (विशेष रूप से जंक फूड) खाने की इच्छा भी किशोरावस्था के लिए एक समस्या है।
कई संभावित कारण हैं कि कम नींद वाले लोग ज्यादा खा रहे हैं। कई स्थितियों में कम नींद खराब स्थिति की ओर जाता है, और यदि आप पूरे दिन बहुत थक गए हो, तो आप जागृत रहने के प्रयास में अधिक भोजन खा सकते हैं, या ऊर्जा के पेय और सलाखों जैसे त्वरित सुधार की तलाश कर सकते हैं, जो अधिक बार नहीं हैं शक्कर और कैलोरी से भरा (वे भी नींद आना भी मुश्किल हो सकते हैं, जो नींद के अभाव की वजह से खाने की समस्या को बहुत अधिक खराब करता है)। साथ ही, समय बिताया गया वह समय है जो आप नहीं खा रहे हैं- अगर रात में देर हो चुकी हो, तो आपको नाश्ते की संभावना हो सकती है।
क्या आप मानसिक मायोपिया से पीड़ित हैं?
मैं अपनी नई किताब के बारे में बहुत उत्साहित हूं, १० मई को बाहर आ रहा हूं- नींद चिकित्सक की आहार योजना: वज़न के माध्यम से बेहतर नींद। मैंने इस किताब को लिखा है कि आपको यह जानने में सहायता के लिए कि नींद आपके चयापचय को कैसे बढ़ा सकता है, अपनी भूख को कम कर सकता है, और अपनी ऊर्जा और संकल्प को बढ़ा सकता है विज्ञान यह दिखाता है कि बेहतर नींद आपको स्वस्थ, खुश और पतली होने में मदद कर सकता है।
आप और आपके पूरे परिवार के लिए, एक स्वस्थ शरीर के लिए एक ठोस शुरुआत सिर्फ एक अच्छी रात की नींद दूर है।
अच्छा जीवन जीने का क्या मतलब है?
नास्तिक माता-पिता: क्या उनके बच्चे बिल्कुल सही होंगे?
एस्ट्रोटीविंस, लव, रोमांस, सेक्स एंड द स्टार्स!
प्यार का जादू: वास्तविकता या काल्पनिक?
नहीं, ईमानदारी से! यह सब सच है!
बड़े दिल वाले "बिग बीमार"
जीवन: हार्स रेस, चूहा दौड़, या अमेज़िंग एडवेंचर?
क्या इसका मतलब था?
जब हम महिला नेताओं पर पुरुष को पसंद करते हैं? |
कार्डानो वॉलेट उत्तर की ओर बढ़ता है, लेकिन अल्पावधि में एडीए के लिए इसका क्या अर्थ है?
हमसे संपर्क कैसे करें?
पिछले कुछ दिनों में तेजी से रिकवरी का प्रयास देखा गया, जबकि बाजार की भावना मंदी की प्रवृत्ति प्रदर्शित की। शीबा इनु ने २० एसएमए को पार करने के लिए संघर्ष किया और $०.००००35 के स्तर को खोने के बाद सामना करना मुश्किल पाया। लिटकोइन ने बिटकॉइन के प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया, लेकिन प्रवृत्ति-परिवर्तन की मात्रा के साथ इसका समर्थन करने में विफल रहा।
दूसरी ओर, २७ दिसंबर को अपने अथ से टकराने के बाद, नियर ने अपने २०-५०-२०0 स्मा से ऊपर कारोबार करना जारी रखा।
फिर से दावा करने के बाद, शिब बैल फिर से अपने तत्काल प्रतिरोध के लिए महत्वपूर्ण $ ०.००००35 नौ-सप्ताह के समर्थन से फ़्लिप कर गए। यह स्तर 2०-एसएमए (लाल) से भी सहमत है। डाउन-चैनल ब्रेकडाउन के बाद, ऑल्ट को $०.०००29-मार्क पर दीर्घकालिक समर्थन मिला।
तदनुसार, मूल्य कार्रवाई ने इस स्तर से ३९.१२% की छलांग लगाई और २४ दिसंबर को अपने तीन सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। $०.००००378 के स्तर ने एक मजबूत प्रतिरोध दिखाया क्योंकि पिछले सप्ताह में कई बार परीक्षण करने के बाद मूल्य कार्रवाई में एक पुलबैक देखा गया था।
शिब को गिरते वेज ब्रेकआउट की ताकत की पुष्टि करने के लिए अपने ५०% फाइबोनैचि समर्थन से ऊपर एक निरंतर बंद होने की आवश्यकता है।
प्रेस समय में, शिब $०.००००3३८7 पर कारोबार करता था। आरएसआई ३८ के करीब पहुंच गया। इसके अलावा, डीएमआई विक्रेताओं का पक्ष लिया और आरएसआई की वरीयता की पुष्टि की। जबकि कीमत अपने नियंत्रण बिंदु (लाल) के पास चली गई, एक निकट-अवधि की प्रवृत्ति प्रतिबद्धता की संभावना नहीं थी।
थोड़े समय के लिए $ १४३ और $ १५६-अंक के बीच अपनी दोलन सीमा को तोड़ने के बाद, लैक ने अपने एक महीने के प्रतिरोध को $ १६७-स्तर पर बाध्य किया। इस प्रकार, इसने अपने ४ घंटे के चार्ट पर डाउन-चैनल (सफेद) में एक पुलबैक देखा। यह प्रक्षेपवक्र पिछले एक सप्ताह में बिटकॉइन के डाउन-चैनल से संबंधित है।
सांडों ने अब लगभग पांच महीनों के लिए $ १४३ के समर्थन स्तर को बरकरार रखा है, जबकि भालू इसे कई बार सेवानिवृत्त करते रहे हैं। अब, जैसा कि एक डाउन-चैनल ब्रेकआउट देखें, बैल ऊपरी चैनल और २०-एसएमए (लाल) का परीक्षण कर रहे हैं।
प्रेस समय के अनुसार, लैक $ १५१.७ पर कारोबार करता था। आरएसआई ऊंची चोटियों और कुंडों को चिह्नित कर आधी रेखा को पार किया। यह भी एमएसीडी हिस्टोग्राम ने शून्य-स्तर को पार कर लिया है, जो तेजी की शक्ति में वृद्धि का संकेत देता है।
हालांकि, पुलबैक वॉल्यूम कमजोर बुलिश मोशन की ओर इशारा करते हुए इनलाइन वॉल्यूम से अधिक रहा है। इसके अतिरिक्त, ओबीवी अपने प्रक्षेपवक्र में एक समान स्पाइक को चिह्नित नहीं किया।
एक डाउन-चैनल में दोलन करने के बाद, नियर ने डबल-बॉटम से बाहर होकर अपना ४-घंटे का चार्ट बनाया। इसने २० दिसंबर के निचले स्तर से ९९.७६% की जबरदस्त छलांग लगाई और २७ दिसंबर को अपना अथ १६.४9 डॉलर पर पहुंच गया। फिर आरएसआई और मूल्य कार्रवाई के बीच एक मंदी का विचलन बनाने के बाद, यह लगभग २०% तक निकल गया, लेकिन तेजी की प्रवृत्ति (सफेद) पर समर्थन मिला।
प्रेस समय में, ऑल्ट ने अपने . से ऊपर कारोबार किया २०-५०-२०0 एसएमए $ १५.४९८ पर। यह कीमत अपने तत्काल $१५.४६-प्रतिरोध (पिछला) के पास थी।
आरएसआई लगातार उच्च चढ़ाव को चिह्नित किया और तेजी की प्राथमिकता को दर्शाया। यह भी डीएमआई पिछले विश्लेषण की पुष्टि की। इसके अलावा, एमएसीडी आरएसआई के निष्कर्ष की पुष्टि की। हालांकि वॉल्यूम थरथरानवाला पिछले तीन दिनों में निचले उच्च स्तर को चिह्नित किया।
निकिता को प्रौद्योगिकी और व्यवसाय रिपोर्टिंग में ७ साल का व्यापक अनुभव है। उसने 201७ में पहली बार बिटकॉइन में निवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालाँकि वह अभी किसी भी क्रिप्टो मुद्रा को धारण नहीं करती है, लेकिन क्रिप्टो मुद्राओं और ब्लॉकचेन तकनीक में उसका ज्ञान त्रुटिहीन है और वह इसे सरल बोली जाने वाली हिंदी में भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना चाहती है जिसे आम आदमी समझ सकता है।
बीएनबी चेन नवंबर में सबसे सक्रिय प्रोटोकॉल था, लेकिन क्या इससे बीएनबी धारकों को मदद मिली? |
आज के चैघडिये का समय, शुभ काल एवं दैनिक मुहूर्त जानें।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार आज का पंचांग दैनिक हिंदू कैलेंडर ही है जो आज की तिथि के बारे में बताता है, और इसके बीच शुभ और अशुभ समय की जानकारी देता है। यह विजय विश्व पंचांग पर आधारित है, जो पंचांग में सबसे दुर्लभ है, जिसका उपयोग विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। दैनिक पंचांग के माध्यम से, आप एक शुभ कार्य या एक नया उद्यम शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय निर्धारित करने के लिए समय, तिथि और दिन के बारे में सभी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और सभी नकारात्मक प्रभावों और अनावश्यक परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
पंचांग या पंचागम् हिन्दू कैलेंडर है जो भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। पंचांग मुख्य रूप से ५ अवयवों का गठन होता है, अर्थात् तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण। पंचांग मुख्य रूप से सूर्य और चन्द्रमा की गति को दर्शाता है। हिन्दू धर्म में हिन्दी पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते ।
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
हिन्दू तिथि चंद्र दिवस या सूर्य और चंद्रमा के बीच अनुदैर्ध्य कोण द्वारा १२ डिग्री तक बढ़ने का समय है। ये चंद्र दिवस अवधि में भिन्न हो सकते हैं और २१.५ घंटे से २६ घंटे के बीच भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, एक चंद्र माह में ३० तिथि या पूर्ण चंद्र दिवस होते हैं। इन्हें आगे इन्हें २ पक्ष या चंद्र चरणों में विभाजित किया गया है, जिन्हें कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष कहा जाता है। प्रत्येक पक्ष में १५ तिथियां होती हैं।
महत्वपूर्ण हिंदू तिथि जो शुभ हैं, उन्हें जानकर, आप अपने हर काम में सफलता और खुशी को प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय निर्धारित कर सकते हैं।
पंचांग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने और ऐसे प्रश्न जो हमेशा उजागर होते हैं, इनके महत्व के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त करें।
१. पंचांग क्या है?
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
२. पंचांग का क्या अर्थ है?
इसके निम्नलिखित नियम हैं जैसे कि दैनिक पंचांग की बेहतर समझ के लिए इससे अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए। यह विभिन्न ज्योतिषीय घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है और किसी भी तरह से आपको कुछ भी नया शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय खोजने में मदद करता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त - हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय से अगले सूर्यादय तक की अवधि को एक दिन माना जाता है। अतः, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है। सभी प्रमुख निर्णय सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर विचार करने के बाद ही लिए जाते हैं।
चंद्रोदय और चन्द्रास्त - अनुकूल समय का निर्धारण करने के लिए चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शक संवत - शक संवत भारतीय आधिकारिक नागरिक कैलेंडर है, जिसे ७८ ईस्वी में स्थापित किया गया था।
अमांत माह - हिंदू कैलेंडर, में जो चंद्र महीना अमावस्या के दिन समाप्त होता है, उसे अमांत माह के रूप में जाना जाता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा कुछ ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।
पूर्णिमांत माह - हिंदू कैलेंडर में चंद्र महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है उसे पूर्णिमांत माह के रूप में जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।
सूर्य राशि और चंद्र राशि - सूर्य चिह्न, राशि के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है और यह उसके जन्म के समय एक मूल राशि के राशि चक्र में सूर्य की स्थिति से निर्धारित होता है। चंद्र चिन्ह से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के भावनात्मक पहलू का पता चलता है, और यह उसके जन्म के समय मूल राशि के चार्ट में राशि चक्र की स्थिति से निर्धारित होता है।
पक्ष - तिथि को दो हिस्सों में बांटा गया है। प्रत्येक आधे भाग को एक पक्ष के रूप में जाना जाता है। इसके दो पक्ष हैं, जैसेः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
अभिजीत नक्षत्र - जब भगवान ब्रह्मा मकर राशि में स्थित होते हैं, तो इसे अभिजीत नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। नए कार्यों को करने और नई खरीदारी करने के लिए यह सबसे शुभ अवधियों में से एक माना जाता है।
अमृत कालम् - यह अन्नप्राशन संस्कार और अन्य हिंदू अनुष्ठानों को करने का समय है। यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है।
गुलिकई कालम् - गुलिका मंडा के बेटे उर्फ शनि थे। इस समय को गुलिकई कालम् के नाम से जाना जाता है। इस अवधि के दौरान किसी भी कार्य की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है अतः इससे बचना चाहिए।
यमगंडा - यह एक अशुभ अवधि है, और किसी भी सफल और समृद्ध उद्यम के कार्य के लिए यह समयावधि वर्जित है।
व्रज्याम कालम् - व्रज्याम या विशघटिका वह समय है जो वर्तमान दिन से शुरू होता है और आने वाले दिन से पहले समाप्त होता है। इसे सौम्य काल नहीं माना जाता है।
राहु कालम् - राहु की अवधि किसी भी कार्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। किसी भी नई पहल के लिए राहु के प्रभाव से पूरी तरह बचा जाना चाहिए।
३. पंचांग में सूर्यास्त और सूर्योदय का समय खगोलीय जानकारी से कैसे अलग है?
खगोलीय सूर्योदय को उस समय के रूप में जाना जाता है जब सूर्य का ऊपरी अंग (सूर्य और चंद्रमा का किनारा) पहली बार दिखाई देता है। इसी प्रकार, सूर्यास्त सूर्य के ऊपरी अंग के लुप्त होने का समय है। जबकि, ज्योतिषीय रूप से, सूर्योदय वह समय होता है जब सूर्य का मध्याचल या मध्य भाग पूर्वी क्षितिज से ऊपर उठ जाता है। इसके अलावा, वैदिक ज्योतिष में सूर्य की किरणों के अपवर्तन को अनदेखा किया जाता है।
४. राहु कालम् या राहु काल क्या है?
ज्योतिषीय रूप से, सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच आठ खंड या मुहूर्त होते हैं जो एक दिन के शुभ और अशुभ समय का संकेत देते हैं। राहु काल इन आठ खंडों में से एक है जो हर दिन ९० मिनट तक रहता है। इस अवधि में, राहु, हानिकारक ग्रह, प्रमुख है। राहु काल में जो कुछ भी किया जाता है या शुरू किया जाता है उसका नकारात्मक परिणाम होता है। इस प्रकार, राहु काल के दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं करने का सुझाव दिया गया है।
५. जब हम अशुभ मुहूर्त के दौरान कोई काम करते हैं तो क्या होता है?
हर दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच, कुछ निश्चित समय अवधि होती है जब किसी भी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए या कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। इस समय को शुभ या बुरा मुहूर्त कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस अवधि में, तारों और ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल और अप्रभावी होती हैं। यह मूलभूत कार्यों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और बुरे प्रभाव या विफलता का कारण बनता है। कभी-कभी, इस अवधि में नए उद्यम शुरू करने से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते हैं या अप्रत्याशित समय के लिए रुक जाते हैं। हिंदू पंचांग में, राहु कालम् या व्रज्याम काल में किसी भी अच्छे काम को करने के लिए सबसे अनुचित समय माना जाता है।
६. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष क्या है?
चंद्रमा के रोशनी वाले पखवाड़े वाले समय को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। यह अमावस्या से पूर्णिमा तक का समय होता है जब चंद्रमा चमकता है। जबकि वह समय जब चंद्रमा अपने रूप को धूमिल करता है उसे कृष्ण पक्ष कहा जाता है। यह अवधि पूर्णिमा से शुरू होती है और नव चन्द्र दिवस पर समाप्त होती है। इनमें से प्रत्येक अवधि में १५ दिन होते हैं जिन्हें क्रमशः शुक्ल पक्ष तिथि और कृष्ण पक्ष तिथि के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, हिंदू पंचांग की पूर्णिमा तिथि और अमावस्या तिथि जैसी तिथियां हिंदू परंपराओं में सबसे महत्वपूर्ण तिथियां मानी जाती हैं।
म्पनचंग एक ही स्थान पर ज्योतिष, हिंदू कैलेंडर और हिंदू पंचांग की पूरी दुनिया को लाता है।
अपना पासवर्ड भूल गये हैं? |
इन्कम टैक्स रिक्रूटमेन्ट २०२२ इनकम टैक्स इंस्पेक्टर को टैक्स असिस्टेंट के पदों पर निकली भर्ती, आवेदन शुरू: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स असिस्टेंट और इंस्पेक्टर के पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। इनकम टैक्स भर्ती २०२२ का नोटिफिकेशन नॉर्थ ईस्ट रीजन के लिए जारी किया गया है। इस भर्ती के लिए स्पोर्ट्सपर्सन ऑफलाइन मोड में आवेदन कर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भर्ती २०२२ का नोटिफिकेशन ३ सितंबर २०२२ को रोजगार समाचार में प्रकाशित किया गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भर्ती के लिए ऑफलाइन आवेदन की अंतिम तिथि १६ सितंबर २०२२ को शाम ५:०० बजे तक है। इन्कम टैक्स रिक्रूटमेन्ट २०२२ के लिए योग्यता, आयु सीमा, आवेदन शुल्क एवं सभी जानकारी नीचे दी गई है। अभ्यर्थी आवेदन करने से पहले एक बार ऑफिशल नोटिफिकेशन जरूर देखें।
इनकम टैक्स रिक्रूटमेंट २०२२ के लिए आवेदन शुल्क नहीं रखा गया है। इनकम टैक्स भर्ती के लिए अभ्यर्थी निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।
इनकम टैक्स भर्ती २०२२ में टैक्स असिस्टेंट के लिए आयु सीमा १८ से २७ वर्ष तक रखी गई है। जबकि इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के लिए आयु सीमा १८ से ३० वर्ष तक रखी गई है। इस भर्ती में आयु की गणना ३१ अगस्त २०२२ को आधार मानकर की जाएगी। इसके अलावा आरक्षित वर्गों को सरकार के नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है।
इनकम टैक्स भर्ती २०२२ में टैक्स असिस्टेंट और इंस्पेक्टर के लिए शैक्षणिक योग्यता मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री रखी गई है। इसके अलावा टैक्स असिस्टेंट पद हेतु टाइपिंग स्पीड भी रखी गई है।
इनकम टैक्स भर्ती २०२२ के लिए आवेदन करने से पहले अभ्यर्थी ऑफिशल नोटिफिकेशन को ध्यान पूर्वक पूरा जरूर पढ़ लें। क्योंकि यदि आवेदन फॉर्म में कोई कमी पाई जाती है तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद आवेदन फॉर्म को एक अच्छी क्वालिटी के कागज पर प्रिंट करें। आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी सही-सही भरें। अपने सभी आवश्यक डाक्यूमेंट्स की सेल्फ अटेस्टेड फोटोकॉपी सलंगन करें। इसके बाद नोटिफिकेशन में दिए अनुसार उचित आकार के लिफाफे में डाल कर दिए गए पते पर भेज दे। आवेदन फॉर्म १६ सितंबर २०२२ को शाम ५:०० बजे तक या इससे पहले पहुंच जाना चाहिए। |
रीजेंट एक निजी उच्च शिक्षा संस्थान है, जो हमारे मुख्य कार्यालय के साथ केंद्रीय व्यापार जिले और डरबन के औद्योगिक केंद्र के केंद्र में स्थित है, जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी समुद्री तट पर सबसे व्यस्त बंदरगाह शहरों में से एक है। र्ब्स दक्षिण अफ्रीका के सभी प्रमुख शहरों में शिक्षा केंद्रों के साथ एक प्रमुख निजी उच्च शिक्षा प्रदाता के रूप में गहराई से सन्निहित है, दक्षिण अफ्रीका, एसावातिनी और नामीबिया। संस्थान ने ऑनलाइन व्याख्यान, वेबिनार और ट्यूटोरियल के माध्यम से छात्रों का समर्थन करने के लिए दूरस्थ शिक्षा मॉडल को अनुकूलित किया है।
पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीकी प्रबंधन संस्थान (ईएसएएमआई) एक अंतर सरकारी क्षेत्रीय प्रबंधन विकास केंद्र है। ईएसएएमआई का हेड ऑफिस अरुशा, तंजानिया में स्थित है।
दुनिया भर से हजारों पीएचडी कार्यक्रम ब्राउज़ करें।
सही पीएचडी कार्यक्रम ढूँढना प्राथमिक होना चाहिए। फ्दस्टडी संभावित डॉक्टरेट छात्रों को दुनिया भर के रोमांचक पीएचडी कार्यक्रमों से जोड़ता है। छात्र-केंद्रित वेबसाइटों के कीस्टोन एजुकेशन ग्रुप परिवार के एक हिस्से के रूप में, फ्दस्टडी स्नातकोत्तर छात्रों के लिए अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ डिग्री प्राप्त करना आसान बनाता है। फ्दस्टडी ४०+ भाषाओं में उपलब्ध है और प्रतिष्ठित डॉक्टरेट कार्यक्रमों, शोध डिग्री और पेशेवर योग्यता के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। |
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : २४ नवम्बर २०२२ : बिक्रमगंज । बिस्कोमान भवन बिक्रमगंज एवं बिस्कोमान कृषक सेवा केंद्र काराकाट में बुधवार एवं गुरुवार को सुबह से ही खाद लेने के लिए किसानों का सैलाब उमड़ पड़ा । किसानों की भीड़ देख बिस्कोमान के कर्मियों और तैनात कृषि विभाग के कर्मियों के हांथ पांव फूलने लगे । अंततः पुलिस ने कमान संभाला इसके बाद खाद का वितरण शुरू हुआ । स्थानीय बिस्कोमान के प्रबंधक देवेश कुमार और बिस्कोमान कृषक सेवा केंद्र काराकाट के प्रबंधक आलोक कुमार सिन्हा ने बताया कि खाद का वितरण कृषि विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में किया जा रहा है । बिस्कोमान कृषक सेवा केंद्र काराकाट के प्रबंधक श्री सिन्हा ने बताया कि बुधवार को ३०६ किसानो को खाद वितरण किया गया । खबर लिखे जाने तक गुरुवार को समय ११ बजे तक १०१ किसानों को खाद वितरण किया गया था । साथ ही खाद वितरण करने की प्रक्रिया चल रही थी । श्री सिन्हा ने कहा कि एनपीके इफको खाद सभी किसानों को १४७० रुपये के हिसाब से प्रति बैग दिया जा रहा है । |
१८८१ में भारतेंदु हरिश्चंद्र का ताजा नाटक 'अंधेर नगरी' काशी की जानी-मानी नाटक संस्था नेशनल थियेटर (जिसके संरक्षक खुद भारतेंदु थे) की रंगमंडली द्वारा काशी के दशाश्वमेध घाट पर खेला गया।
नाट्य में वाचिक अभिनय का महत्त्वपूर्ण स्थान है इसे नाट्य का शरीर कहा गया है, क्योंकि नाटककार इसी के माध्यम से अपनी कथावस्तु को दर्शकों के सम्मुख प्रस्तुत करता है। नाट्यशास्त्र में वाचिक अभिनय के अन्तर्गत ही षट्त्रिंशत् लक्षण वर्णित है। इनकी संयोजना से वाणी में वैचित्र्य की सृष्टि होती है, जिससे प्रेक्षागृह में बैठे दर्शक विस्मित तथा आनन्द विभोर हो जाते हैं। भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र के १६ वें अध्याय में ३६ लक्षण बताया है। इन्हीं लक्षणों से परवर्ती काल में अलंकारों का भी विकास हुआ। अलंकार काव्य के बाह्य सौन्दर्य को बढाता है तो लक्षण उसके आन्तरिक सौन्दर्य में वृद्धि करता है। प्रस्तुत शोध प्रपत्र के माध्यम से नाट्यशास्स्त्र में निरूपित लक्षण एवं इसके स्वरूप तथा नाट्य में इसकी उपयोगीता को बताया गया है। |
निगेटिव ग्लोबल सेंटीमेंट्स के बीच आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट है। सिंगापुरियन एक्सचेंज पर एसजीएक्स निफ्टी में भी गिरावट थी और उसी अनुमान पर ही भारतीय शेयर बाजार की कमजोर शुरूआत हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स ८११ अंक गिरकर ५९,४०० पर कारोबार कर रहा है है। वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी २३० अंक गिरकर १७६९४ पर है।
आज शुरूआती ५ मिनट में ही सेंसेक्स ५00 से अधिक अंक लुढ़क गया था। निवेशकों की कैपिटल पहले एक मिनट में ही २.७ लाख करोड़ रुपए कम हो गई है। इससे पहले सेंसेक्स आज 49२ अंक नीचे ५9,७31 पर खुला था। खुलते ही पहले मिनट में यह ६०० अंक टूट गया।
सेंसेक्स ने दिन में ५९,३५२ का निचला स्तर और ५९,७८१ का ऊपरी स्तर बनाया। वहीं निफ्टी १७,७६८ पर खुला था। दिन में इसने १७,७९७ का ऊपरी और १७,६७१ का निचला स्तर बनाया।
सेंसेक्स के ३० में से केवल २७ शेयर गिरावट में हैं। जबकि सिर्फ ३ शेयर ही बढ़त में है। वहीं निफ्अी के ५० शेयर्स में से 4३ गिरावट में और ७ बढ़त में कारोबार कर रहे हैं।
निफ्टी के मिडकैप, बैंकिंग, फाइनेंशियल और नेक्स्ट ५० इंडेक्स गिरावट में हैं। निफ्टी के गिरने वाले प्रमुख शेयर्स में हदफ्क, हल हदफ्क बैंक, टेक महिंद्रा, और आयशर मोटर्स हैं। हदफ्क लिमिटेड के शेयर में ३% की गिरावट है। वहीं बढ़ने वाले शेयर्स में हिंडालको, एयरटेल, उपल और सनफार्मा हैं। आज कारोबार के दौरान वोडाफोन आइडिया, रिलायंस, गेल इंडिया, एयरटेल, एनएचपीसी, एनटीपीसी और अडाणी एंटरप्राइजेज जैसे शेयरों पर फोकस रहेगा। |
भागलपुर : वक्त-वक्त की बात है, कभी जगदानंद सिंह के इस्तीफे को लालू प्रसाद यादव ने तकिये के नीचे रख दिया था। आज उसी जगदानंद सिंह के बेटे को एक झटके में इस्तीफा लेकर कैबिनेट से बाहर कर दिया गया। इसी को कहते हैं समय का फेर। तब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और आज उनका बेटा तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं। यानि एक पैदान नीचे। चर्चा तो यह है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ही जगदानंद सिंह के बेटे और बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को फोन कर इस्तीफा देने को कहा था। उसके बाद सुधाकर सिंह ने तेजस्वी यादव को अपना इस्तीफा भेज दिया। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकार कर लिया।
तटबंध टूटा तो दे देंगे इस्तीफा : कुछ ऐसा ही वाकया आज से ३० साल पहले हुआ था, बस पात्र अलग-अलग थे। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और जगदानंद सिंह जल संसाधन मंत्री। जगदानंद सिंह के इस्तीफे का वाकया १९९२ का है। उस वक्त बिहार में जनता दल की सरकार थी। विधानमंडल का मानसून सत्र चल रहा था, बिहार विधानसभा में नदियों के तटबंध को लेकर सवाल किए जा रहे थे। उस वक्त जल संसाधन मंत्री जगदानंद सिंह ने सदन में ऐलान कर दिया कि बिहार में अगर कोई तटबंध टूटा तो वो इस्तीफा दे देंगे।
और जगदानंद सिंह ने दे दिया इस्तीफा : बताया जाता है कि जगदानंद सिंह के ऐलान के अगले दिन खबर आई कि उत्तर बिहार में एक तटबंध टूट गया है। बिहार विधानसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ था। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना दिया था। विपक्षी विधायकों ने जल संसाधन मंत्री जगदानंद सिंह से इस्तीफे की मांग करने लगे। हो हंगामे के बाद सरकार ने विधानसभा की कमेटी बनाकर मामले की जांच कराने का ऐलान किया। राजो सिंह के नेतृत्व में जांच समिति गठित हुई। इधर जगदानंद सिंह ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने जो रिपोर्ट दी थी, उसमे कहा गया था कि तटबंध में टूट नहीं हुई है, कुछ हिस्से में मामूली कटाव हुआ था।
तब नीतीश ने की थी मध्यस्थता : बताया जाता है कि उस वक्त लालू प्रसाद यादव और जगदानंद सिंह के बीच उपजे विवाद को निपटाने के लिए नीतीश कुमार ने पहल की थी। कहा जाता है कि जगदानंद सिंह के इस्तीफे से लालू प्रसाद यादव बहुत नाराज थे। उनका कहना था कि राय मशवरा किए बिना ही मंत्री का इस्तीफा देना गलत परंपरा की शुरुआत है। लिहाजा न तो उन्होंने इस्तीफा स्वीकर कर राज्यपाल को भेजा और न ही उसे अस्वीकार कर जगदानंद सिंह को मंत्री को कामकाज संभालने को कहा। बहुत दिनों तक ये स्थिति बनी रही। बाद में नीतीश कुमार के कहने पर जगदानंद सिंह को मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया, आपसी बातचीत हुई और इस्तीफा अस्वीकार कर जगदा बाबू को वापस मंत्री का काम संभालने को कहा गया। |
गसी ड्राइवर रिक्रूटमेन्ट २०२२: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ के १३ पदों पर ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से जारी किए गए नोटिस के अनुसार लगभग ऑर्डिनरी ग्रेड ड्राइवर के १३ पदों पर आवेदन मांगे गए हैं जो भी उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं उन्हें बता दें कि इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन तो नहीं मांगी गए हैं लेकिन ऑफलाइन आवेदन २३ जुलाई २०२२ से शुरू की जा चुके हैं और आवेदन की अंतिम तिथि ४ सितंबर २०२२ रखी गई है जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ पदों से जुड़ी जानकारी दे दी गई है।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भर्ती २०२२ के ड्राइवर पदों पर जो भी उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं उन्हें बता दें कि इन पदों का भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं उम्मीदवार ऑफलाइन आवेदन आज २३ जुलाई से ही कर सकते हैं,और आवेदन की अंतिम तिथि ४ सितंबर २०२२ तय की गई है इसके बाद जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ यानी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन करने वाले युवाओं की योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से उम्मीदवारों के पास दसवीं पास आउट मार्कशीट होना अनिवार्य है इसके अलावा उम्मीदवारों को हैवी वाहन चलाने का ३ साल का अनुभव होना भी अति आवश्यक है साथ ही हैवी ड्राइविंग लाइसेंस होना भी अति आवश्यक है।
जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन करने वाले युवाओं को बता दें कि इन पदों पर आवेदन करने वाले युवाओं की उम्र सीमा २५ वर्ष से अधिक तय की गई है आपको बता दें कि जिन उम्मीदवारों की उम्र सीमा ४० वर्ष है.उन उम्मीदवारों को सरकारी नियमानुसार उम्र सीमा में छूट दी जाएगी और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकारी नियमानुसार छूट दी जाएगी और आपकी उम्र सीमा की गणना ५ सितंबर २०२२ के आधार पर की जाएगी।
जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन करने वाले युवाओं को बता दें कि इन पदों पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से कोई भी आवेदन शुल्क तय नहीं किया गया है यानी आपको बता दें कि जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ पदों के लिए ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं इस वजह से भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से कोई भी आवेदन शुल्क नहीं किया गया है आप बिना आवेदन शुल्क के इन पदों पर आवेदन कर पाएंगे।
ऑर्डिनरी ग्रेड ड्राइवर पदों के लिए जो भी उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं उन्हें बता दें कि इन पदों के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से एक रिटन एग्जाम आयोजित कराया जाएगा रिटन एग्जाम में पास आउट उम्मीदवारों के लिए फिर एक ड्राइविंग टेस्ट आयोजित होगा उसके बाद उम्मीदवारों की डॉक्यूमेंट और मेडिकल टेस्ट करा जाएगा इस प्रकार ऑर्डिनरी ग्रेड ड्राइवर पदों के लिए सिलेक्शन किया जाएगा।
जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा आपको बता दें कि ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले जारी किए गए ऑफिशल नोटिफिकेशन को ध्यान पूर्वक पढ़ लेना है उसके बाद आपको जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर आपको एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड कर लेना है और उसका एक प्रिंट आउट निकलवा कर आपको उसे भरना है।
एप्लीकेशन फॉर्म भरने से पहले आपको जानकारी के लिए बता दें कि आपको सबसे पहले एप्लीकेशन फॉर्म में अपनी जनरल डिटेल्स बिल्कुल सही से दर्ज करनी है उसके बाद आपको अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और सिग्नेचर कर देने हैं फिर आपको इसके साथ आवश्यक दस्तावेज अटैच करने हैं अब आपको एक लिफाफे में अपने एप्लीकेशन फॉर्म को डालकर सील पैक कर देना है इसके बाद आपको नीचे दिए गए पोस्ट ऑफिस के जरिए ऑफिशल पते पर पहुंचाना होगा इस प्रकार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भर्ती २०२२ के ऑर्डिनरी ग्रेड ड्राइवर पदों के लिए आवेदन कर पाएंगे।
जीएसआई ड्राइवर भर्ती २०२२ के पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि ४ सितंबर २०२२ तय की गई है।
जीएसआई ड्राइवर भर्ती पदों पर आवेदन करने की संपूर्ण प्रोसेस और एप्लीकेशन फॉर्म ऊपर प्रोवाइड करा दिया गया है। |
बिलासपुर।फेडरेशन घोषित हड़ताल के अंतिम दिन २९ जुलाई को जो ज्ञापन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा सौपा जाना है उसमें २ सूत्रीय मांग डा व ह्रा के अलावा अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण व रसोइया संघ के मांग को शामिल करने कमल वर्मा ने सभी जिला संयोजक को पत्र लिखा है, बड़ी विडंबना है कि शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी का हड़ताल बीच मे २6 जुलाई को मुद्दे से अलग विषय पर निर्देश जारी होता है, शायद फेडरेशन ने मान लिया था कि महंगाई भत्ता दूर की कौड़ी है, २6 को फेडरेशन ने मांग बदल दिया और २7 जुलाई को मुख्यमंत्री ने यथासमय विचार का बयान दे दिया।
अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ, नवीन शिक्षक संघ ने कहा कि यह फेडरेशन का मांग पत्र है, प्रदेश के ५ लाख कर्मचारी व अधिकारी को केवल यही बताया गया गया कि २५ से २९ जुलाई तक मात्र २ सूत्रीय डी ए व एच आर ए के लिए हड़ताल है, किन्तु अब डी ए व एच आर ए की मांग फेडरेशन की प्राथमिकता में नही बल्कि अनियमित कर्मचारी व रसोइया के लिए ही अब यह हड़ताल समर्पित है, यह आंदोलन भटक गया है, कर्मचारियो व अधिकारियों के साथ ही फेडरेशन ने अन्य मांग रखकर अन्याय कर दिया है, डी ए व एच आर ए की मांग को फेडरेशन ने स्वयं ही शून्य कर दिया है, केवल २ मांग के लिए ही कर्मचारियो व अधिकारियों को इस हड़ताल में लाया गया था किंतु कर्मचारियो के कठिन व दृढ़ संकल्प के इस हड़ताल का परिणाम फेडरेशन ने शून्य कर धोखा दिया है, हमारे अनिश्चितकालीन हड़ताल को भी इस मांग के जोड़ने के बाद धक्का लगा है।
फेडरेशन से अब ईमानदारी से महंगाई भत्ता का संघर्ष नही होगा क्योकि यह हड़ताल अब अनियमित कर्मचारी व रसोइया की मांग पर बदल दिया गया है। हड़ताल के अंतिम दिन ही अन्य मुद्दे पर मांग कर फेडरेशन ने ५ लाख कर्मचारी व अधिकारी के संघर्ष को मजाक बनाते हुए जाया कर दिया है। |
नई दिल्ली : भारत के लोकप्रिय इंडिपॉप गायक पलाश सेन ने हाल ही में सिंगापुर की बिगो टैक्नोलॉजी लिमिटेड की अग्रणी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म लाईकी पर अपना नया सिंगल आई लाइक इट लॉन्च किया। यह पहला मौका था जब किसी शॉर्ट वीडियो ऍप पर एक ओरिजिनल गीत रीलीज किया गया और बहुत ही कम समय में इसने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया । पलाश के नए गीत के लिए बनाए गए हैशटैग #इलीकीट को अब तक इस ऍप पर २०० मिलियन से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं और अभी भी इसे बेहद पसंद किया जा रहा है।
ईशा कोप्पिकर, अनुष्का सेन, तान्या शर्मा जैसे लाईकी के कई चर्चित इंफ्लुएंसर्स ने इस कर्णप्रिय डांस नंबर पर परफॉर्म किया और अपने वीडियोज़ #इलीकीट के तहत् शेयर किए। पलाश खुद भी इसमें शामिल हुए और अपने नवीनतम सिंगल की सफलता का जश्न मनाते हुए एक वीडियो बनाया। इसमें इंडीपॉप दिलों की धड़कन पलाश सेन ने खुद और उनके बैंड यूफोरिया के अन्य सदस्यों कि भूमिका अदा की। यह यूफोरिया के संस्थापक और फ्रंटमैन के प्रशंसकों के लिए किसी शानदार जश्न से कम नही था।
आई लाइक इट को लाईकी पर २८ मई को रीलीज किया गया था। इस गाने में पलाश के बेटे किंशुक सेन तथा लाईकी इंफ्लुएंसर मिली लखमनी ने अभिनय किया है। गीत के संगीत वीडियो को गैर-पारंपरिक तरीके से फिल्माया गया है। इस गीत को देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शूट किया गया था, ऐसे में किंशुक ने अपने हिस्से का शॉट लॉस-एंजिलिस में शूट किया जबकि मिली ने दिल्ली में वीडियो बनाया। इसके बाद पलाश की टीम ने वीडियो को एडिट और उसका पोस्ट-प्रोडक्शन प्रोसेस किया। यह गीत एक कपल के इर्द-गिर्द मंडराता है जो एक-दूसरे से मिलने के लिए बेताब हैं। एक दिन अहले सुबह मिली के टैक्स्ट मैसेज के बाद दोनों रोमांटिक डेट की तैयारी करने लगे। पूरे वीडियो में उनका उत्साह गजब का दिखा परन्तु अंत में उन्हें मायूसी का भी सामना करना पड़ा।
इस गीत की सफलता पर चर्चा करते हुए पलाश ने कहा, सच कहूं तो मुझे सुखद आश्चर्य हुआ। यह लाईकी और यूफोरिया दोनों के लिए बड़ा जोखिम वाला था क्योंकि पहली बार इस तरह से किसी गीत को रिलीज़ किया गया। पहले तीन दिनों में १७ मिलियन व्यूज़ का आंकड़ा पार होने पर मुझे सुखद आश्चर्य हुआ था और अब यह २०० मिलियन व्यूज़ को पार कर चुका है, जो एक सपना-सा लग रहा है। मुझे गर्व है कि हमने म्यूजि़क बिज़नेस में क्रांतिकारी बदलाव लाया और एक यूनिक मॉडल तैयार किया। मैं अपने सभी प्रशंसकों और निर्माता समुदाय को इस तरह की जबरदस्त प्रतिक्रिया के लिए तहेदिल से धन्यवाद देता हूं। मुझे खुशी है कि हमने युवा कलाकारों और स्वतंत्र संगीतकारों को एक रास्ता दिखाया है, जिन्हें इस रोमांचक मंच और एक मिनट में कहानी कहने की कला के लिए तथाकथित उद्योग से कोई समर्थन नहीं मिलता है। सबसे बढ़कर यह कि मुझे यकीन है कि दर्शक इसे लाईक करेंगे!"
२०१७ में लॉन्च की गई लाईकी ने तेजी से लोकप्रियता के पायदान पर अपना ऊंचा मुकाम हासिल किया है और इसका श्रेय युवा दर्शकों को पसंद आने वाले इसके दिलचस्प कंटेंट को जाता है। ऍप फिल्मों के अलावा कुछ स्वतंत्र तथा उभरते कलाकारों के सिंग्ल्स का भी प्रमोशन करती रही है और इस तरह उन्हें लाखों लोगों तक पहुंच का लाभ दिलाती है। पलाश का नया गीत आई लाइक इट शॉर्ट वीडियो की दुनिया में एक बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है। |