proverb
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आटा गीला (मुफलिसी में) होना | कठिनाई में और मुश्किल पैदा होना। |
पिंड छुड़ाना | पीछा छुड़ाना |
तिल-तिल करके मरना | धीरे-धीरे मृत्यु के मुख में जाना |
कुंद छुरी से हलाल करना | दर्दनाक मौत देना या बहुत पीड़ा देकर किसी को मारना। |
धाँधली मचाना | झंझट करना / उपद्रव करना |
गोली लगना | ठगा जाना, वंचित होना |
बात न पूछना | परवाह न करना |
अन्त न पाना | रहस्य न जान पाना। |
त्यौरी/त्यौरियाँ चढ़ना | क्रोध के कारण माथे पर बल पड़ना |
कुल का दीपक बुझना | वंश का अंत हो जाना। |
मुँह में लगाम न होना | बिना सोचे-समझे बोलना। |
अपने मुँह मियाँ मिटटू बनना | स्वयं अपनी बड़ाई करना। |
मूँछों पर ताव देना | सफलता आदि के अभिमान में मूछें ऐंठना। |
घर भरना | घर में धनधान्य एकत्र हो जाना। |
भैंस के आगे बीन बजाना | मूर्ख को समझाने का प्रयत्न करना / निरर्थक प्रयत्न करना |
कुप्पा लुढ़कना | किसी बड़े आदमी का मरना। |
कोयले की दलाली में हाथ काला होना | बुरे काम से बदनामी ही हाथ लगती है। |
गोली मारना | उपेक्षा करना। |
रात-दिन एक करना | कठोर मेहनत करना। |
झाड़ू फिरना | सब बर्बाद हो जाना |
भूत उतरना | क्रोध शांत होना |
कान धरना | ध्यान से सुनना। |
घुन लगना | ऐसी बीमारी हो जाना जो धीरे-धीरे शरीर को नष्ट कर दे धीरे-धीरे नष्ट होना। |
आत्मा मसोसना | भूख सहना या भूख दबाना। |
अक्ल ठिकाने लगाना | क्षति, हानि, अपमान आदि होने पर अपनी ग़लती समझ में आना या ग़लत काम करने वाले को दंड देना। |
अंटी पर चढ़ना | धोखा खा जाना। |
साँप-छछूंदर जैसी हालत | दुविधा में पड़ना |
नकेल हाथ में होना | सब प्रकार से अधिकार में होना |
घुलकर काँटा होना | रांग/चिन्ता के कारण बहुत दुबला हो जाना। |
धज्जियाँ उड़ाना | किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना |
उठ जाना | मर जाना, चल बसना। |
भंडा फूटना | पोल खुलना |
आँखें लाल करना | क्रोध की नजर से देखना। |
देह टूटना | दर्द होना |
बात रखना | अपनी बात पर अडिग रहना |
आँख में समाना | स्मरण बना रहना। |
पैर उखड़ना | भाग जाना |
आधी बात न पूछना | कदर न करना। |
आकाश-पाताल एक करना | अत्यधिक प्रयास करना। |
गुल खिलाना | बखेड़ा खड़ा करना |
नशा उतरना | घमण्ड दूर होना |
सन्नाटा छाना | सब लोगों का चुप हो जाना / खामोशी छा जाना |
ताल ठोंकना | लड़ने के लिए ललकारना |
अंजर-पंजर ढीले हो जाना | सब अंगों का शिथिल हो जाना। |
इधर की उधर लगाना | चुगली करना। |
उन्नीस-बीस होना | कुछ घट-बढ़ कर होना, बहुत थोड़ा अन्तर होना। |
निछावर करना | बलिदान करना |
प्राण डालना | सजीव-सा कर देना |
रट लगाना | लगातार एक ही बात करना या जिद करना। |
दाम खड़ा करना | उचित कीमत प्राप्त करना |
मूँछ नीची होना | मूँछ नीची होना। |
आंख मारना | एक आंख की पलक झपकाकर इशारा करना। |
दूध के दाँत न टूटना | अनुभवहीन होना। |
तिल रखने की जगह न होना | स्थान का ठसाठस भरा होना |
अलख जगाना | पुकारकर परमात्मा का स्मरण करना या कराना। |
मुँह जूठा करना | नाम मात्र के लिए कुछ खाना। |
जलती आग में घी डालना | क्रोध बढ़ाना। |
आँखों से आग बरसना | अत्यधिक क्रोध आना। |
बछिया का ताऊ | मूर्ख व्यक्ति |
ध्यान में न लाना | विचार न करना / परवाह न करना |
एक की दवा दो | किसी एक को हटाने को दो काफी होते हैं। |
गले का हार | इतना प्यारा कि उसको जुदा न किया जा सके, अत्यन्त प्यारा। |
अपना उल्लू सीधा करना | अपना काम बनाना। |
एक पाँव रिकाय में होना | यात्रा के लिए हर समय तैयार रहना। |
गरज का आशना | मतलब का दोस्त। |
आँसू बहाना | खूब रोना। |
ईद का चाँद होना | बहुत कम दिखाई देना। |
सींकिया पहलवान | दुबला-पतला व्यक्ति, जो स्वयं को बलवान समझता है |
दो नावों पर पैर रखना/दो नावों पर सवार होना | दो काम एक साथ करना |
उलटे छुरे से मुँडना | बेवकूफ बनाकर पैसा ऐंठना। |
नजर से गिरना | प्रतिष्ठा कम करना |
रात-दिन एक करना | कड़ी मेहनत करना। |
अंटी मारना | दूसरे की चीज़ धीरे से उड़ा लेना, कम तौलना। |
आँख फड़कना | पलक का बार-बार हिलना (इसके आधार पर शुभाशुभ का अनुमान किया जाता है)। |
कुछ का कुछ हो जाना | एकदम बदल जाना। |
कलेजा पसीजना | मन में दया आना। |
मूँछ उखाड़ना | कठिन दंड देना। |
कुएँ का मेंढक (कूप मंडूक) | बहुत अल्पज्ञ अथवा बहुत कम अनुभव वाला व्यक्ति होना, बहुत ही सीमित क्षेत्र (दायरे) में रहने वाला व्यक्ति। |
सन्न रह जाना | कुछ करते न बनना |
पौ बारह होना | खूब लाभ होना |
कुरान का जामा पहनना | धर्मनिष्ठ बनना। |
एक थाली के चट्टे-बट्टे | दोनों में कोई अन्तर नहीं, सब प्रकार समाज। |
लकीर का फकीर होना | पुरानी प्रथा पर ही चलना। |
लगाम कड़ी करना | सख्ती से नियंत्रण करना। |
हजामत बनाना | ठगना |
धाक जमाना | दबदबा जमाना |
ऊंची दुकान फीके पकवान | दिखावा ज़्यादा होना लेकिन वास्तव में गुण कम होना। |
मोल-भाव करना | किसी वस्तु का दाम ठहराना। |
गाल बजाना | डींग मारना, बढ़-बढ़ कर बातें करना। |
रास्ता नापना | किसी स्थान से चले जाना या वहां से हट जाना। |
घात लगाना | सुयोग ढूँढ़ना, युक्ति भिड़ाना। |
हत्थे चढ़ना | वश में आना |
आँखें तरेरना | आँखें टेढ़ी करके क्रोध प्रकट करना। |
ठोकरें खाना | कष्ट या दुःख सहना |
मिट्टी में मिल जाना | बर्बाद हो जाना। |
हंसीं में बात उड़ाना | गंभीरता से न लेना |
आँखें बिछाना | बेसब्री से इंतजार करना |
फूटी कौड़ी भी न होना | बहुत गरीब होना |
रूई की तरह धुन डालना | खूब मारना। |
प्राणों की बाजी लगाना | जान की परवाह न करना |