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मेष राशि- नया व्यवसाय शुरू करने या अपने मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने के इच्छुक लोगों के लिए यह बहुत बेहतर समय होगा। निजी क्षेत्र में करियर ग्रोथ की तलाश कर रहे लोगों को अपने सभी प्रयासों में सफलता मिलेगी क्योंकि शनि अपनी मूलत्रिकोण राशि में होगा। मेष राशि के जातकों को शनि की कृपा से आर्थिक लाभ होगा। हालांकि, आपको प्रेम संबंधी मामलों में सावधानी बरतने की ज़रूरत है क्योंकि 5 वें घर पर शनि की दृष्टि से आपको सावधान रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि विवाद हो सकते हैं। अगर आप अपने पार्टनर को धोखा दे रहे हैं तो आप निश्चित रूप से रंगेहाथ पकड़े जाएंगे। वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि करियर के 10वें भाव में रहेगा। यह समय आपको व्यवसाय और नौकरी में नए अवसर तलाशने के लिए प्रेरित करेगा। यह आपके सुविधा क्षेत्र से बाहर आने और पेशेवर के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास की ओर बढ़ने का समय होगा। कार्यक्षेत्र में तबादला या बदलाव के योग हैं। छात्रों के लिए यह वांछित लाभ प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने का समय है। मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि 9वें भाव में होगा। किसी कोर्स में दाखिला लेने या किसी विदेशी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने वालों के लिए शनि गोचर का चरण अनुकूल दिखाई देता है। पीआर आवेदन स्वीकार होने का इंतजार कर रहे लोगों को अच्छी खबर मिलेगी। कर्क राशि- शनि का नक्षत्र परिवर्तन कर्क राशि के जातकों के लिए थोड़ा मुश्किल होगा, खासकर आपके करियर के लिहाज से। जो लोग निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। इस बात की संभावना है कि कुछ लोग अपनी नौकरी खो सकते हैं या कार्यस्थल पर राजनीति का सामना कर सकते हैं। इसलिए काम सावधानी से और सावधानी से किया जाना चाहिए। सिंह राशि- सिंह राशि के सप्तम भाव में शनि का वास रहेगा। इस दौरान जातकों को प्रमोशन मिल सकता है। जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, अगर वे चाहें तो उन्हें नौकरी मिल सकती है। आपके काम का शेड्यूल बदल सकता है, या आपको किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है। जो लोग व्यवसाय में हैं, उनके लिए नए ऑर्डर कार्ड पर हैं। कन्या राशि- कन्या राशि वालों के लिए शनि छठे भाव में रहेगा। कार्यक्षेत्र में इस दौरान परिवर्तन हो सकता है। आकर्षक नौकरी मिलने की संभावनाएं अधिक हैं। काम का बढ़ा हुआ बोझ कन्या राशि के जातकों को तनाव में डालेगा और कुछ अन्य कारणों से तनाव महसूस कर सकते हैं। छात्रों को अतिरिक्त प्रयास करने की सलाह दी जाती है। तुला राशि- आपका प्रदर्शन शायद बेहतर होने जा रहा है, नई संभावनाएं खुल रही हैं या आपको उसी कंपनी के भीतर पदोन्नति मिल सकती है। जो लोग व्यापार में हैं उनके लिए नए अवसर सामने आएंगे। कंपनी को और आगे बढ़ाने के लिए यह समय सही प्रतीत होता है। शीघ्रता से या किसी शॉर्ट-कट तरीके से धन अर्जित करने के प्रलोभन का विरोध करना सबसे अच्छा है। छात्रों को सफलता प्राप्त करने की अधिक संभावना होती है। वृश्चिक राशि- कार्य में ध्यान देने की आवश्यकता है अथवा उसमें हानि होने की संभावना है। यदि आप नौकरी बदलना चाहते हैं या शहर बदलना चाहते हैं तो किसी दूसरे शहर या स्थान से कोई अच्छी खबर सुनने की उम्मीद करें। व्यवसाय में लगे किसी को भी सतर्क रहना चाहिए। उन्हें इस दौरान कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू करने से बचना चाहिए। जो लोग विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए शनि का गोचर सबसे अधिक सफल रहने की संभावना है। धनु राशि- अपनी वर्तमान नौकरी में, नौकरीपेशा व्यक्तियों को उन्नति प्राप्त होने की संभावना है। नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को भी कोई नौकरी मिल सकती है। व्यवसाय से जुड़े जातक अपनी कंपनी के विकास की आशा कर सकते हैं। स्टार्ट-अप शुरू करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए समय अवधि लाभप्रद प्रतीत होती है। जिन छात्रों को मनचाही उपलब्धि मिलने की संभावना है। मकर राशि- शनि आपके दूसरे भाव में होने के कारण व्यवसायियों के लिए समय अनुकूल है। सबसे अधिक संभावना है कि वे अपने प्रयासों में सफल होंगे। जो लोग पदोन्नति की उम्मीद कर रहे हैं उनके लिए समय अनुकूल दिखाई दे रहा है। शनि के इस गोचर के दौरान छात्रों को अधिक प्रयास करने की सलाह दी जाती है। जो लोग विदेश यात्रा करना चाहते हैं उन्हें थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। अपने शब्दों के प्रति सावधान रहें। कुंभ राशि- जिन जातकों के पास नौकरी है, वे शायद अधिक काम के दबाव का अनुभव करने वाले हैं क्योंकि साढ़े साती का दूसरा चरण एक कठिन समय है। सहकर्मियों से सहयोग की कमी रहेगी। यह सलाह दी जाती है कि आप कुछ समय के लिए अपनी वर्तमान स्थिति पर बने रहें। अगर आप अपना काम छोड़ना चाहते हैं तो भी गति स्थिर रखें। कंपनी में नया निवेश करते समय बुद्धिमान और सतर्क रहना चाहिए। जो लोग व्यापारिक साझेदारी में हैं, उनके लिए कुंभ राशि में शनि गोचर के दौरान तनाव उत्पन्न हो सकता है। मीन राशि- नौकरी या व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए यह अवधि असफलता का समय होने वाला है क्योंकि आपकी साढ़े साती शुरू हो चुकी है। आप कार्यस्थल पर दबाव महसूस करते हैं। आपके लिए नौकरी बदलना या किसी नए स्थान पर स्थानांतरित होना संभव है। नौकरी के लिए जातक को विदेश या देश के भीतर यात्रा करनी पड़ सकती है। नए व्यवसाय शुरू करने पर रोक लगाना सबसे अच्छा है।
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Giridih : नगर भवन में 6 मार्च को नगर निगम बोर्ड की बैठक में शहर के विकास के लिए 462 करोड़ का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया. बैठक में गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और प्रभारी मेयर प्रकाश राम मौजूद थे. बैठक में विधायक ने कहा कि नगर निगम की दुकानों में किराया निर्धारण को लेकर पारदर्शिता बरती जाए. मुख्य चौक-चौराहों की दुकानों की अपेक्षा सड़क से दूर दुकानों के किराए में अंतर होना चाहिए. बैठक में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार पर चर्चा की गई. लाइटिंग व्यवस्था में सुधार का निर्णय लिया गया. गायत्री मंदिर पथ के नामकरण को सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया. इस रोड का नामकरण गायत्री मंदिर ट्रस्ट पथ के नाम से किया गया. बैठक में हुट्टी बाजार स्थित दुकानों पर भी चर्चा की गई. उप नगर आयुक्त स्मृता कुमारी ने कहा कि जिन दुकानदारों को दुकान आवंटित है वे न दुकान खोल रहे हैं और न ही भाड़ा दे रहे हैं. भाड़ा को लेकर दुकानदारों से एक बार फिर बातचीत करने का निर्णय लिया गया. बातचीत में दुकानदार भाड़ा देने पर राजी नहीं होंगे तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा. दुकानों को आवंटित करने के लिए पुनः टेंडर जारी किया जाएगा. बैठक समाप्त होने के बाद नगर भवन में ही होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया. निगम अधिकारियों व वार्ड पार्षदों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी. बैठक में टाउन प्लानर मंजूर आलम, वार्ड पार्षद गुड़िया देवी, अजय रजक, सैफ अली गुड्डू, नीलम झा, पूनम देवी समेत अन्य वार्ड पार्षद शामिल हुए.
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Surya Grahan 2023 इस प्रकार का ग्रहण वर्ष 1923 के आसपास था और अलग 2031 और 2164 में देखने को मिलेगा। 20 अप्रैल सुबह सात बजकर पांच मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेगा। नई दिल्ली [वैभव तिवारी]। सौ वर्ष बाद हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा। इसमें ग्रहण के तीनों रूप देखने को मिलेंगे। जिसमें आंशिक, पूर्ण व वलयाकार ग्रहण लगेगा। इससे पहले इस प्रकार का ग्रहण वर्ष 1923 के आसपास था और अलग 2031 और 2164 में देखने को मिलेगा। 20 अप्रैल सुबह सात बजकर पांच मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेगा। देश में सूर्य ग्रहण का प्रभाव आंशिक रूप से रहेगा। वर्ष 2023 का यह पहला सूर्य ग्रहण है। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर शनिवार को लगेगा। पंडित डा. प्रकाश जोशी बताते हैं कि ग्रहण मेष राशि के अश्वनी नक्षत्र में लगेगा। मेष राशि के लोगों के लिए स्वास्थ्य की परेशानी रहेगी। वृषभ, सिंह, तुला व कुंभ राशि के लिए ग्रहण लाभकारी है। इसमें बेहतर आर्थिक स्थिति और पदोन्नति के योग हैं। मिथुन, कन्या, धनु और मीन के लिए सामान्य असर रहेगा। कर्क व मकर राशि के लिए यात्रा व स्थान परिवर्तन का शुभ योग है। उन्होंने कहा कि सूर्य ग्रहण की स्थिति तब बनती है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा की स्थिति होती है। ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। ग्रहण का नाम निंगालू रखा गया है। ज्योतिष शास्त्र में सूतक काल को अशुभ माना गया है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होता। सूर्य ग्रहण का सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। हालांकि सूतक काल तभी मान्य होता है, जब ग्रहण दिखाई देता है। आज यानी गुरुवार (20 अप्रैल) को लगने वाला ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए यहां सूतक काल के समय मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे, साथ ही धार्मिक कार्य भी जारी रहेंगे। सूर्य ग्रहण के दिन ही वैशाख माह की अमावस्या भी मनाई जाएगी। ग्रहण के समय में खाने में तुलसी दल डाल दें। साथ ही शुभ कार्य से लोगों को एहतियात बरतना चाहिए। ग्रहण का रिंग आफ फायर दक्षिण पूर्व एशिया, आस्ट्रेलिया, भारतीय व प्रशांत महासागर के क्षेत्र में दिखाई देगा।
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लोशन एक निम्न से मध्यम श्यानता का, स्थानिक सम्पाक (चिकित्सीय निर्मिति) है, जिसका प्रयोग बिना कटी-फटी त्वचा पर लगाने के लिए किया जाता है, लोशन के विपरीत क्रीम और जेल की श्यानता उच्च होती है। अधिकांश लोशन जल-में-तेल प्रकार के पायसन (इमल्शन) होते हैं जिनमे सीटायरिल अल्कोहल जैसे पदार्थों का प्रयोग विभिन्न घटकों को पायसन में बनाये रखने के लिए किया जाता है, हालाँकि तेल-में-जल जैसे पायसन लोशन भी तैयार किये जाते हैं। लोशन को आमतौर पर बाहरी त्वचा पर हाथों, एक साफ कपड़े या रूई या चिकित्सीय पट्टी की सहायता से लगाया जाता है, जबकि क्रीम और जेल को आमतौर से एक व्यक्ति अपनी उंगलियों या हथेलियों से ही लगाता है। कई लोशनों को विशेषकर हाथों की क्रीम और चेहरे की क्रीम को एक औषधि के रूप में प्रयोग में नहीं लाया जाता अपितु इनका प्रयोग, विशेष रूप से त्वचा को सिर्फ नरम और मुलायम बनाने में किया जाता है और यह विशेषकर प्रौढ़ और वृद्ध लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं। जहाँ तक चेहरे पर उपयोग का प्रश्न है, इन्हें कई मामलों में एक प्रसाधन सामग्री के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है। एक त्वचा की देखभाल संबंधी लोशन, क्रीम या जेल पायसन (तेल और पानी का मिश्रण) के प्रमुख घटक जलीय और तैलीय दो प्रावस्थायें, इन दो प्रावस्थाओं के विभाजन को रोकने के लिए पायसीकर और यदि मिलाना हो तो भेषज या भेषज पदार्थ, इसके अतिरिक्त सुगंध, ग्लिसरॉल, पेट्रोलियम जेली, रंजक, परिरक्षक, प्रोटीन और स्थिरण एजेंट जैसे घटक सामान्यतः लोशन में मिलाये जाते हैं।. 5 संबंधोंः त्वचा, पायस (इमल्शन), प्रावस्था, श्यानता, कपास। त्वचा या त्वक् (skin) शरीर का बाह्य आवरण होती है जिसे बाह्यत्वचा (एपिडरमिस) भी कहते हैं। यह वेष्टन प्रणाली का सबसे बड़ा अंग है जो उपकला ऊतकों की कई परतों द्वारा निर्मित होती है और अंतर्निहित मांसपेशियों, अस्थियों, अस्थिबंध (लिगामेंट) और अन्य आंतरिक अंगों की रक्षा करती है। चूंकि यह सीधे वातावरण के संपर्क मे आती है, इसलिए त्वचा रोगजनकों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अन्य कार्यों मे जैसे तापावरोधन (इन्सुलेशन), तापमान विनियमन, संवेदना, विटामिन डी का संश्लेषण और विटामिन बी फोलेट का संरक्षण करती है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त त्वचा निशान ऊतक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है। यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है। मानव मे त्वचा का वर्ण प्रजाति के अनुसार बदलता है और त्वचा का प्रकार शुष्क से लेकर तैलीय हो सकता है। . पायस (इमल्शन) A. दो अमिश्रणीय तरल जिनका अभी पायसन नहीं बना है; B. प्रावस्था II, प्रावस्था I मे परिक्षेपित होने से बना पायसन; C. एक अस्थिर पायसन समय के साथ अलग होता है; D. पृष्ठसक्रियकारक (सरफैक्टेंट) (बैंगनी रेखा) खुद को प्रावस्था II और प्रावस्था I के मध्य लाकर पायसन को स्थायित्व प्रदान करता है। पायस (emulsion) दो या इससे अधिक अमिश्रणीय तरल पदार्थों से बना एक मिश्रण है। एक तरल (परिक्षेपण प्रावस्था) अन्य तरल (सतत प्रावस्था) में परिक्षेपित (फैलता) होता है। कई पायसन तेल/पानी के पायसन होते हैं, जिनमे आहार वसा प्रतिदिन प्रयोग मे आने वाले तेल का एक सामान्य उदाहरण है। पायसन के उदाहरण में शामिल हैं, मक्खन और मार्जरीन, दूध और क्रीम, फोटो फिल्म का प्रकाश संवेदी पक्ष, मैग्मा और धातु काटने मे काम आने वाले तरल। मक्खन और मार्जरीन, मे वसा पानी की बूंदों को चारो ओर से ढक लेता है (एक पानी में तेल पायसन)। दूध और क्रीम, मे पानी, वसा की बूंदों के चारों ओर रहता है (एक तेल में पानी पायसन)। मैग्मा के कुछ प्रकार में, तरल की गोलिकायें NiFe तरल सिलिकेट की एक सतत प्रावस्था के भीतर परिक्षेपित हो सकती हैं। पायसीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पायसन का निर्माण होता है। पायसन शब्द को तेल क्षेत्र में भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे अपरिशोधित कच्चा तेल, तेल और पानी का मिश्रण होता है। श्रेणीःरासायनिक मिश्रण श्रेणीःकलिल श्रेणीःनरम पदार्थ. एक जार में रखा जल तथा तेल का मिश्रण 'द्रव' अवस्था में है किन्तु इसकी दो पूर्नतः भिन्न प्रास्थाएँ हैं। भौतिक विज्ञानों में प्रावस्था (phase) से तात्पर्य किसी ऊष्मागतिकीय प्रणाली के उस प्रक्षेत्र से है जिसमें पदार्थ के सभी भौतिक गुण अपरिवर्तित रहते हैं। घनत्व, परावर्तन गुणांक, रासायनिक संरचना आदि भौतिक गुणों के अन्तर्गत आते हैं। . उपर के द्रव की श्यानता नीचे के द्रव की श्यानता से बहुत कम है। श्यानता (Viscosity) किसी तरल का वह गुण है जिसके कारण वह किसी बाहरी प्रतिबल (स्ट्रेस) या अपरूपक प्रतिबल (शीयर स्ट्रेस) के कारण अपने को विकृत (deform) करने का विरोध करता है। सामान्य शब्दों में, यह उस तरल के गाढे़पन या उसके बहने का प्रतिरोध करने की क्षमता का परिचायक है। उदाहरण के लिये, पानी पतला होता है एवं उसकी श्यानता वनस्पति तेल की अपेक्षा कम होती है जो कि गाढा़ होता है। . कपास चुनती हुई स्त्री मशीन से संस्कारित करने के पहले हाथ से बीज निकालते हुए (२०१०) विश्व के कपास उत्पादक क्षेत्र कपास एक नकदी फसल हैं। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे "सफेद सोना" कहा जाता हैं । .
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सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की मुंबई में गिरफ्तार के बाद बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सवाल किया कि तीस्ता सीतलवाड़ के पीछे कौन सी ताकत थी? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तीस्ता के पीछे सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी थी. तीस्ता सोनिया गांधी (यूपीए के दौरान) द्वारा गठित राष्ट्रीय सलाहकार समिति की सदस्य थीं. बीजेपी नेता ने बताया कि सोनिया गांधी के निर्देश पर केंद्र ने शिक्षा के लिए करीब 1. 5 करोड़ रुपये मुहैया कराए थे. तीस्ता ने मोदीजी को बदनाम करने के लिए पैम्फलेट छापने के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया. अदालत ने भी माना कि जो पैसा गरीबों के पास जाना था, उसका इस्तेमाल व्यक्तिगत और भौतिकवादी उपयोगों के लिए किया गया था. तीस्ता एंड कंपनी ने इन पैसों का निजी इस्तेमाल किया है. संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुन को कहा कि मामले को जबरन चलाया जा रहा है. ऐसे सभी लोग जिन्होंने साजिश की, उन्हें कटघरे में खड़ा होना पड़ा है. हमें ऐसा लगता है कि असंतुष्ट अधिकारियों और अन्य लोगों ने इस मुद्दे को जबरन चलाने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि यह झूठ फैलाया गया कि कौसर बानो का गर्भ काट दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में ये सारी बातें गलत साबित हुईं. मदीना के रेप की कहानी तीस्ता ने रची थी. तीस्ता ने ही गवाहों को झूठी कहानी बताने के लिए कहा था. तीस्ता के एनजीओ के पूर्व कर्मचारी रेयाज खान पठान ने अपनी शिकायत में कहा था कि लगभग सभी हलफनामे तीस्ता ने बनाए थे. इस पर गवाहों ने हस्ताक्षर किए थे और गवाहों को हलफनामे की कॉपी भी नहीं दी गई थी. दंगे के शिकार जाहिद खान ने तीस्ता के एनजीओ पर धर्म के नाम पर निर्दोष पीड़ितों (दंगों के) को गुमराह करने का आरोप लगाया है. तीस्ता और उनके पति के दो एनजीओ हैं. मुसलमानों की मदद के नाम पर इकट्ठा किए गए पैसों को जूते, वाइन, हवाई टिकट जैसे निजी इस्तेमाल में खर्च किया जाता था. संबित पात्रा ने कहा कि तीस्ता व उनके पति जावेद ने गुलबर्ग सोसायटी बनाने के नाम पर वसूले पैसे अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लिए. बीजेपी नेता संबित पात्रा ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी का सार्वजनिक जीवन 20 से अधिक वर्षों तक जांच के दायरे में रहा लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं खोई. उन्हें व्यवस्था पर पूरा भरोसा था. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कभी भी हंगामा नहीं करने के लिए कहा. विपक्ष को इससे सीख लेनी चाहिए. मालूम हो कि गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को SIT की क्लीनचिट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. गुजरात दंगा मामले में झूठी जानकारी देने के आरोप में शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ समेत दो पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया. अहमदाबाद शहर की पुलिस अपराध शाखा के इंस्पेक्टर दर्शनसिंह बी बराड की शिकायत पर तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. गुजरात एटीएस ने मुंबई पहुंचकर तीस्ता सीतलवाड़ को उनके घर से गिरफ्तार किया. वहीं अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को अरेस्ट कर लिया है. अब दोनों को रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. एफआईआर के मुताबिक आरोपियों ने जकिया जाफरी के जरिए कोर्ट में कई याचिकाएं लगाईं और एसआईटी प्रमुख और दूसरे आयोग को गलत जानकारियां दीं. 468- धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी करना. 471- जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करना. 194- दोष साबित करने के इरादे से झूठे सबूत देना. 212- अपराधी को शरण देना. 218- पब्लिक सर्वेंट द्वारा किसी को सजा या संपत्ति जब्ती से बचाने के इरादे से गलत रिकॉर्ड तैयार करना. 211- खुद को चोट पहुंचाकर हमले का झूठा आरोप लगाना. - 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे पर एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को रद्द कर दिया था. इस याचिका को जाकिया जाफरी ने दाखिल किया था. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका रद्द करते हुए कहा था तीस्ता सीतलवाड़ के बारे में और छानबीन की जरूरत है, क्योंकि तीस्ता इस मामले में जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल गोपनीय ढंग से अपने स्वार्थ के लिए कर रही थी. - कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ इसीलिए इस मामले में लगातार घुसी रहीं, क्योंकि जकिया अहसान जाफरी इस पूरे मामले में असली पीड़ित हैं. तीस्ता अपने हिसाब से उनको इस मुकदमे में मदद करने के बहाने उनको नियंत्रित कर रही थीं, जबकि वो अपने हित साधने की गरज से बदले की भावना रखते हुए इस मुकदमे में न केवल दिलचस्पी ले रही थीं बल्कि अपने मनमुताबिक चीजें भी गढ़ रही थीं. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाया था. - सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में मुख्यमंत्री की मीटिंग में शामिल होने के दावेदारों के बयान मामले को राजनीतिक रूप से सनसनी पैदा करने वाले थे. दरअसल संजीव भट्ट, हिरेन पंड्या और आरबी श्रीकुमार ने SIT के सामने बयान दिया था जो कि निराधार और झूठे साबित हुए, क्योंकि जांच में पता चला कि ये लोग तो लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा के लिए बुलाई गई उस मीटिंग में शामिल ही नहीं हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सात महीने पहले 9 दिसंबर 2021 को जाकिया जाफरी की याचिका पर मैराथन सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी ने तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे अब के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी. 2002 में गुजरात दंगों के दौरान जाकिया जाफरी के पति तब कांग्रेस से विधायक रहे एहसान जाफरी को दंगाई भीड़ ने मार डाला था. गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में एहसान जाफरी भी मारे गए थे. एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने SIT की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. एसआईटी की रिपोर्ट में प्रदेश के उच्च पदों पर रहे लोगों को क्लीन चिट दी गई थी. एसआईटी ने राज्य के उच्च पदाधिकारियों की ओर से गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उसके बाद हुए दंगे भड़काने में किसी भी साजिश को नकार दिया था. साल 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने SIT की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया की शिकायत खारिज कर दी थी.
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ऊति यूति जूति सातिहेति कीर्तयश्च ।४।४।१७।। एते निपात्यन्ते । ज्वरत्वर त्रिव्य विभवामुपधायाश्च ।६।४।२०।। एषा मुपधावकारयोरुठ् अनुनासिके क्वौ भलादौ किङति च । ऊतीति - ऊति, यूति, जूति, साति, हेति और कीर्ति इन क्तिन् प्रत्ययान्त शब्दों का निपातन किया जाता है। ( तात्पर्य यह कि इनमें होने वाले यदि किसी कार्य का विधान किसी सूत्र द्वारा नहीं किया गया है, तो उसे निपातन से सिद्ध किया जाता है।) ऊतिः- (रक्षा) अव् (रक्षा करना) धातु से क्तिन्, ज्वरत्वर सूत्र से (जिसका व्याख्यान आगे किया जायेगा) अकार तथा वकार को ऊठ आदेश, (यहाँ 'स्त्रियां क्तिन्' से यद्यपि क्तिन् प्रत्यय सिद्ध था तथापि सूत्र में ऊति के ग्रहण का फल है, क्तिन् प्रत्यय परे उदात्त स्वर होना अतः उदात्त स्वर का ही निपातन होता है) इस प्रकार 'ऊति : ' रूप बनता है । यूतिः (मिश्रण) यु (मिश्रण करना ) धातु से क्तिन्, होकर यहाँ निपातन से दीर्घ होता है। इसी प्रकार जूतिः - (वेग) जु धातु से क्तिन् प्रत्यय, निपातन से दीर्घ होकर 'जूति : ' बनता है । सातिः - ( अन्त, अवसान) षो (अन्तःकर्म) धातु से क्तिन् यहाँ 'द्यतिस्यति' इत्यादि सूत्र से इत्व प्राप्त था उसके अभाव का निपातन हुआ, तब 'आदेच' इत्यादि सूत्र से धातुगत ओकार को आकार होकर 'साति : ' रूप बना है। अथवा 'सन्' धातु से क्तिनू "जनसन" सूत्र से आत्व करने पर 'सातिः' रूप बनता है, इस दशा में स्वरार्थ निपातन माना जायेगा । हेतिः - (अस्त्र शस्त्र ) हन् धातु से क्तिन्, निपातन से नकार को इकार करने पर हकरोत्तरवर्ती अकार के साथ गुण होकर 'हेतिः' बनता है । अथवा 'हि' धातु से क्तिनू, गुण निषेध को बाधकर निपातन से गुण करके 'हेतिः' बनता है । कीर्तिः- (यश) ण्यन्त चुरादि कृ. तू ( संशब्दन, ख्याति ) धातु से, ण्यन्त होने के कारण 'ण्यासश्रन्थो युच्' सूत्र से प्राप्त युच् प्रत्यय का अभाव तथा निपातन से क्तिन्, 'उपधायाश्च' सूत्र से ऋकार को इर् 'हलि च' से दीर्घ होकर 'कीतिः' रूप बनता है । ज्वर त्वरेति-ज्वर, त्वर, स्रिव, अव, और मव धातुओं के वकार तथा तग्दत अकार को ऊठ् होता है, अनुनासिक क्वि तथा झलादि किंतु ङित् प्रत्यय परे रहने पर ।
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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा कोटा में पहले कम माना जा रहा था लेकिन अब गुजरात से प्रवेश करने बाद और राजस्थान में असर दिखने के बाद कोटा भी ग्रीन जोन से यलो जोन में आ गया है। कोटा के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर दिया है। पहले यह बूंदी जिले के लिए था और कोटा ग्रीन जोन में था। राजस्थान में बिपरजॉय का असर दिखना शुरू हो गया है हालांकि कोटा में शुक्रवार शाम तक तेज धूप रही और उमस रही। हालांकि हवाएं चल रही थी। लेकिन वह भी सामान्य रफ्तार से चली। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार देर शाम के बाद यहां मौसम में बदलाव हो सकता है। बिपरजॉय का असर कोटा में शनिवार को नजर आ सकता है। ज्यादा असर की संभावना 19 जून की है, जब 115 एमएम बारिश की संभावना जताई जा रही है और पचास किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलेगी। इधर, मौसम विभाग का अलर्ट जारी होने के बाद जिला प्रशासन भी मुस्तैद हो गया है। तीन दिन तक सभी कर्मचारियों की छुट्टी कैंसल कर दी गई है। 16 से 18 तक बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए है। साथ ही लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। जिसमें उन्हें घरों में रहने, पेड़ों के नीचे न रुकने समेत कई निर्देश दिए है। बिपरजॉय का हाड़ौती में सबसे ज्यादा असर बूंदी जिले में रहेगा। जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने बताया कि तूफान को लेकर आपदा से जुड़े विभागों को अलर्ट कर दिया है और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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Jaipur Gold Smuggling: राजधानी के सांगानेर इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर एक फ्लाइट से आए एक युवक के बैगों की तलाशी ली गई तो कस्टम अधिकारी चौंक गए। युवक के बैग में रेडियम कोटेड 2 किलो 170 ग्राम वजन से भी अधिक के सोने के तार मिले। अधिकारियों के मुताबिक, बरामद किए गए सोने की बाजार में कीमत 1 करोड़ 12 लाख से अधिक है। इसके बाद कस्टम विभाग ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। महकमे के सहायक आयुक्त भारत भूषण ने बताया कि, आरंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि, उसे किसी परिचित ने सऊदी अरब रियाद एयरपोर्ट पर दो बैग दिए थे। इसके बदले में उसे जयपुर तक का हवाई टिकट बनवाकर दिया था। उसने बताया कि, उसके जानकार ने कहा कि जयपुर में ये दोनों बैग मेरा एक आदमी लेने आएगा तो उसे दे देना। सहायक आयुक्त के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ में इसके अलावा कोई अन्य जानकारी होने से इंकार किया है। उन्होंने बताया कि, आरोपी प्रदेश के बीकानेर इलाके का रहने वाला है। गत वर्ष सितंबर में सऊदी अरब कमाने के लिए गया था। कस्टम विभाग के अधिकारी अब इस बात का पता लगा रहे हैं कि, सोने की तस्करी का राजधानी में कहां-कहां नेटवर्क फैला है। इसके अलावा अब एयरपोर्ट के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं जिससे आरोपी का इंतजार कर रहे संदिग्ध शख्स की पहचान हो सके। सहायक आयुक्त भारत भूषण ने बताया कि, एयर अरबिया की फ्लाइट से आए आरोपी के दो बैग एक्स-रे में स्कैन किए गए तो उनमें कुछ संदिग्ध धातु के तार दिखाई दिए। एक्स-रे में साफ नहीं दिखे तो पेंसेजर को बैग खोलने के लिए बोला तो उसने अपना घरेलू सामान होने की बात कही। इसके बाद अधिकारियों ने बैगों को खोलकर उनकी जांच की तो हैरान रह गए। बैग के नीचे के पेंदे में एक फ्रेम बनाकर उसके चारों ओर रेडियम कोटेड सोने के तार निकले। दोनों बैगों में से कुल 4 तार बरामद हुए। जिनका कुल वजन 2. 170 ग्राम से भी अधिक था। इसके बाद जांच में पता चला कि पकड़े गए सोने की बाजार कीमत इस समय 1 करोड़ 12 लाख से भी अधिक है। बहरहाल कस्टम महकमे के अधिकारी आगे की जांच में जुटे हैं। आपको बता दें कि, जयपुर एयरपोर्ट पर 11 जुलाई को तीन थाइलैंड की युवतियों से भी लाखों का सोना बरामद किया गया था। गत दो माह में कस्टम विभाग की ये तीसरी सबसे बड़ी कार्रवाई है।
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- Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? सिर्फ पानी ठंडा कम करने के लिए नहीं वजन भी घटाता है आइस क्यूब, जाने कैसे? अक्सर हम आइस क्यूब का इस्तेमाल खाने में करते है या फिर शर्बत में मिलाकर पीने में करते हैं। इसके अलावा ब्यूटी टिप्स में भी किया जाता है। कई तरह के ब्यूटी टेक्निक में जैसे मसाज और फेसपैक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब बर्फ का इस्तेमाल सिर्फ ब्यूटी का निखारने में नहीं, फैट लूज करने में भी होने लगता है। आइस थेरेपी क्या है? हम बर्फ का इस्तेमाल कोल्ड ड्रिंक्स और खाने के साथ-साथ इसका इस्तेमाल ब्यूटी सर्विसेज में भी करते हैं। इसके साथ-साथ बर्फ का इस्तेमाल मसाज में भी किया जाता है। अगर आप अपने फैट को कम करना चाहते हैं, तो अब फैट को बर्न करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसे ही आइस थेरेपी कहते हैं। स्टडी के मुताबिक, शरीर के फैट वाले हिस्से पर बर्फ लगाने से फैट बर्न होता है। आपके शरीर के जिस हिस्से पर एक्सट्रा फैट है, वहां आप बर्फ की मदद से उसे स्लिम और फर्म बना सकते हैं। आइस थेरेपी शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में और टिश्यू को टाइट करने में सहायक होता है। जिप लॉक बैग में आइस के कुछ टुकड़ों को रखकर फैट वाली जगह लगाएं। यदि आपके पास जिप लॉक बैग नही है, तो बर्फ के आप इसे कपड़े में लपेटकर भी फैट वाली जगह पर सेंक सकते हैं। इस तरीके का प्रयोग एथलीटों या फिर स्पोर्ट्स गतिविधियों में लगे रहने वाले लोगों के लिए किया जाता है। इस तकनीक में पूरे टब में बर्फ के टुकड़े डाले जाते हैं उसके बाद मरीज को उस टब में घुसाया जाता है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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सोशल साइट फेसबुक ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल की पहली तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 20 फीसदी गिरा है. हालांकि मोबाइल विज्ञापन बढ़ने से कंपनी का राजस्व बढ़ा है. दुनिया की सबसे बड़े सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म के यूजरों की संख्या अब 1. 44 बिलियन हो गई. यूजरों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी का इजाफा हुआ है. इन सब में 1. 25 बिलियन लोग मोबाइल पर फेसबुक यूज करते हैं. कंपनी के बयान के मुताबिक तिमाही में शेयरधारकों का मुनाफा 509 मिलियन डॉलर तक गिरा है, जबकि कंपनी ने रिसर्च और शेयर आधारित मुआवजे पर बड़ी रकम खर्च की थी. हालांकि पूरा राजस्व 42 फीसदी बढ़कर 3. 5 बिलियन डॉलर हो गया है. यह वॉल स्ट्रीट के अनुमान से थोड़ा कम है. कंपनी ने कहा, 'फॉरेन एक्सचेंज रेट के प्रभाव को अगर शामिल करे तो राजस्व 49 फीसदी तक बढ़ेगा. ' फेसबुक के संस्थापक और चीफ एक्जीक्यूटिव मार्क जकरबर्ग ने इसे साल की मजबूत शुरुआत बताया. उन्होंने कहा कि लोगों को जोड़ने के काम पर कंपनी अपना फोकस जारी रखेगी. गौरतलब है कि फेसबुक रिसर्च और नए प्रोजेक्ट्स पर बड़ा निवेश कर रहा है. इसमें ड्रोन एयर फ्लीट के जरिए रिमोट इलाकों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराना भी है. बुधवार को फेसबुक ने एक नए मोबाइल एप्लीकेशन हेलो से पर्दा उठाया. इससे यूजर यह देख पाएंगे कि कौन उन्हें सोशल साइट्स पर सर्च करके फोन कर रहा है.
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सोशल मीडिया पर फ्लोरिडा के बीच का वीडियो सामने आया है. जहां वर्ल्ड वॉर 2 (World War II) का एक प्लेन समुद्र में लैंड करते नजर आया. आपको जानकर हैरानी होगी प्लेन समुद्र में उस वक्त लैंड किया, जब लोग वहां नहा रहे थे. सोशल मीडिया मीडिया पर आए दिन दुर्घटनाओं के वीडियोज आते रहते हैं. जिसे देखने के बाद लोग हैरान हो जाते हैं. हाल के दिनों में एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है.जिसे देखने के बाद एक पल को आप भी भौच्चके रह जाएंगे. यूं तो आपने प्लेन से जुड़ी कई दुर्घटनाओं के बारे में पढ़ा और सुना होगा. लेकिन क्या कभी समुद्र में प्लेन को लैंड करते हुए देखा है? अगर नहीं तो इस वीडियो को देखने के बाद आपको यकीन हो जाएगा. दरअसल. सोशल मीडिया पर फ्लोरिडा के बीच का वीडियो सामने आया है. जहां वर्ल्ड वॉर 2 (World War II) का एक प्लेन समुद्र में लैंड करते नजर आया. आपको जानकर हैरानी होगी इस प्लेन ने उस वक्त लैंड किया, जब लोग समुद्र किनारे नहा रहे थे. अचानक हुई इस लैडिंग को देखकर हर कोई घबरा गया. वायरल हो रहे वीडियो में आप देख सकते हैं कि ये मंजर कितना खौफनाक है. बताया जा रहा है कि आसमान में अचानक प्लेन का बैलेंस बिगड़ा जिसके कारण उसे लैंड करवाना पड़ा. वहां मौजूद लोगों को लगा था कि ये प्लेन हवा में उड़ जाएगा लेकिन पायलट स्थिती को कंट्रोल नहीं कर पाया और देखते ही देखते प्लेन समुद्र में गिर गया. ये दुर्घटना उस वक्त घटी जब कोका बीच पर एयर शो चल रहा था ( Cocoa Beach Air Show). हालांकि, किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. सभी वहां से भागने लगे. हालांकि, इस हादसे के बाद भी एयर शो जारी रखा गया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस एयरक्राफ्ट के साथ ये दुर्घटना हुई वो वर्ल्ड वार 2 के समय का था. ये प्लेन सिंगल इंजन वाला था. इससे पहले 2019 में भी ऐसा ही एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
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जमशेदपुर (ब्यूरो): झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देश के आलोक में पूर्वी सिंहभूम जिले में भी लोगों को कोरोना का बूस्टर डोज दिया जाएगा। इसकी शुरुआत 10 जनवरी 2022 से हो रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दिया है। वैक्सीनेशन कोषांग के वरीय प्रभारी सह एसडीएम संदीप कुमार मीणा ने बताया कि ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग (कोविन पोर्टल में) तथा वॉक इन दोनों माध्यम में उक्त केटेगरी के लाभुकों का जिले में टीकाकरण किया जाना है। जिन लाभुकों को दूसरा डोज लेने के बाद 9 महीने या 39 सप्ताह बीत चुके हैं सिर्फ वे ही बूस्टर डोज के लिए योग्य होंगे। उन्होंने कहा कि अगर 9 महीने या 39 सप्ताह बीत जाने के बाद कोई लाभुक कोविन पोर्टल पर स्लॉट बुक कराना चाह रहे हों तो उन्हें विकल्प दिखेगा अन्यथा इससे पहले बूस्टर डोज लेना चाहेंगे तो विकल्प नहीं दिखेगा। ऐसा ही वॉक इन टीकाकरण में होगा जहां आधार नम्बर और पुराने फोन नम्बर दर्ज करने पर पहले के दोनों डोज कब लिया है इसकी जानकारी मिल जाएगी तथा 9 महीने या 39 सप्ताह वाली योग्यता पूरी करते होंगे तभी बूस्टर डोज मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि बूस्टर डोज उसी वैक्सीन की होगी जो पहले दो खुराक में दी गई थी। जिन लोगों ने पहले कोवैक्सिन लगवाया है, उन्हें कोवैक्सिन लगाई जाएगी, जिन्हें कोविशील्ड की दो खुराक मिली है, उन्हें कोविशील्ड ही लगाई जाएगी। 1. हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स या 60 वर्ष या उससे ऊपर के लोगों को कोविन पोर्टल पर नया निबंधन नहीं करना होगा, कोविन पोर्टल पर पुराने अकाउंट से ही टीकाकरण होगा, जिससे उन्होंने पहले का दोनों डोज लिया है। 2. बूस्टर डोज के लिए टीकाकरण प्रक्रिया ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग तथा वॉक इन मोड में 10 जनवरी से शुरू होगी। प्रिकॉशन डोज या बूस्टर डोज की खुराक स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी। 3. जिन लोगों को यह टीका लगाना है, वे जिले में किसी भी कोविड टीकाकरण केंद्र में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या सीधे वहां पहुंचकर टीका लगवा सकते हैं। 4. 60 साल और उससे अधिक आयु के नागरिकों को बूस्टर डोज के लिए डॉक्टर से सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है। हालांकि ऐसे व्यक्तियों को तीसरी खुराक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है।
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अर्थघात के तेरह भेद यहां संक्षेप में दिये गये हैं । प्राणघात के तेरह भेदों के अनुसार इनका अच्छाबुरापन समझ लेना चाहिये । पर जीवन-व्यवहार में अर्थवात के पाप से बचने के लिये इतना विवेचन काफी न होगा । अर्थघात के विचार का ख़ास मुद्दा यह है कि लोग चोरी से बचें । बहुत से आदमी चोरी से बचना चाहते हैं पर कुछ चोरियों को चोरी नहीं समझते-साधारण व्यवहार ही समझते हैं। उन्हें चोरी के भेदप्रभेदो से अपनी चोरी मालूम होजायगी और उस चोरी के दुष्परिणाम से भी परिचित होजायेंगे । चोरी के भेद हमे दो तरह से करने होंगे एक तो चोरी के पदार्थ की दृष्टि से, दूसरे चोरी करनेके तरीके की दृष्टि से। दोनों ही बातों में से लोगों को भ्रम होजाता है । कोई कोई लोग अमुक पदार्थ की चोरी को चोरी नहीं समझतेत कोई कोई अमुक तरीके को चोरी नहीं समझते। पर उनके न समझने से चोरी का परिणाम रुक नहीं, जाता इसलिये दोनों दृष्टियों से चोरी के भेद समझलेना चाहिये, और उनका त्याग करना चाहिये । वस्तुकी दृष्टि से चोरी या चोर के चार भेद है १- धनचोर, २ - नामचोर, ३उपकारचोर, ४- उसयोग चोर । इन चारों का अर्थ सरल है । किसी भौतिक वस्तु को चुरानेवाला धनचोर है । किसी का यश छीनलेनेवाला, दूसरे की कृति को अपनी कृति बनानेवाला नाम-चोर है। अपने 'ऊपर किये गये उपकार को स्वीकार न करने वाला अर्थात् कृतघ्न व्यक्ति उपकारचोर है । किसी वस्तु को चुराया तो न जाय किन्तु उसका चोरी से उपयोग कर लिया जाय यहं उपयोग चोरी है । जो उपयोग सर्वसाधारण के लिये खुला LA CHEFENSTE GANNYAD हुआ हो या ख़ास तौर से अपने लिये खुला हुआ हो, जैसे किसी के बगीचे में सैर करना आदि, इस से कोई उपयोगचोर नहीं कहलाता । चोरी के ढंग की दृष्टि से चोर के छः भेद हैं । १-- छनचोर, २ नज़रचोर, ३ ठगचोर, ४ उद्घाटकचोर, ५ बलात्चोर, ६ घातकचोर । ऊपर कही गई चार प्रकार की वस्तुओं की चोरी छः छः तरह से होती है इसलिये चोरी के या चोरों के चोवीस भेद होजाते हैं । पहिले धन के विषय में ही ये भेद लगाये जाते हैं । १-- धन का छनचोर वह है जो वास्तव में चोर तो है पर उसके चोरपन पर व्यावहारिक सुविधा का ऐसा आचरण पड़ जाता है कि उसे चोर नहीं कहाजापाता। पर कह भले ही न सकें लेकिन उससे हमार। टिल चौकन्ना रहता है । जैसे झूठा बहाना बनाकर भीख माँगना । यहाँ चोरी का रूप है पर उसके ऊपर व्यवहार का ऐसा आवरण पड़ा है कि ऐसी चोरी करनेवाले चोरों में नहीं गिने जाते या सहज ही आरोप से वचजाते हैं । हन्न चोर कई तरह के होते हैं (क) विनिमयचोर (ख) विभागचोर (ग) अनुज्ञा चोर (घ) भिक्षाचोर (ड) कणग्राहकचोर (च) प्रमादचोर (छ) उरणचोर (ज) विस्मृतिचोर (झ) मौनचोर (ञ) शब्दश्लेषचोर आदि । [क] विनिमयचोर --मूल्य पूरा लेना पर उसका बदला पूरा न देना अर्थात् जितना जैसा माल ठहराया है उतना वैसा माल न देना । माप तौल में गड़बड करना, धोखे से मिलावटी 'चीज देना आदि विनिमय चोरी है। इसी प्रकार मज़दूरी या नौकरी पर जाना पर मालिक की नज़र बचाकर काम न करना, जिस वेग से काम करना चाहिये उस वेग से न करना आदि भी विनिमय चोरी है ।
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फूलों को देखकर उन्होंने अपने हाथों को चलाना सीखा, खुद की कई ऐसी ही चीजों को देखकर उन्होंने एक नया डांस फार्म बना डाला और आज उनकी उम्र के लोग इस फार्म के दीवाने हैं। देहरादून के रहने वाले राघव अब राघव काकरोच के नाम से फेमस हैं। शुक्रवार को राघव शहर आए तो उनके साथ डीआईडी लिटिल मास्टर सीजन टू के विनर फैसल खान भी मौजूद थे। यहां उन्होंने डीआईडी डांस के सुपर किड की घोषणा की जो जल्द ही जी टीवी पर शुरू होने वाला है। राघव ने बताया कि वो बहुत ही बदमाश बच्चे थे। घर वाले भी उनसे काफी परेशान रहते थे। वो चाहते थे कि मैं भी उनकी तरह वकील बनूं, लेकिन मैं तो अपनी दुनिया में मस्त था। मैंने कभी डांस सीखा ही नहीं। या यह कह सकता हूं कि देहरादून में कोई सीखने जैसा कुछ था ही नहीं. मैं पढ़ाई तो करता था, लेकिन मैं डांस को भी एक एजुकेशन ही मानता हूं क्योंकि मैं इसमें जब एक डॉक्टर और इंजीनियर की तरह अर्न कर रहा हूं तो इसमें क्या बुराई है। मैं डीआईडी में टॉप पर था और इस बार सुपर किड में बच्चों का स्किपर बन कर उन्हें डांस सिखा रहा हूं। तो मेरा सफर काफी अच्छा ही रहा। साथ ही अपने टैलेंट को दुनिया के सामने लाने का मौका मिला। डीआईडी लिटिल मास्टर सीजन 2 के विनर फैसल ने बताया दोनों सीजन के बच्चों के साथ कम्पीट करने में काफी मजा आएगा। मेरे पापा ऑटो ड्राइवर हैं और मम्मी हाउस वाइफ। उन्होंने मुझे पढ़ाई के साथ डांस स्कूल में भी डाल दिया। फिर मेरे पढ़ाई में कुछ नम्बर कम आ गये तो पेरेंट्स ने कहा अब डांस स्कूल छुड़वाना ही पड़ेगा. उन्हीं दिनों लिटिल मास्टर का ऑडीशन हो रहा था। मैंने कहा मुझे बस एक बार ऑडीशन दे लेने दो अगर आ गया तो ठीक वरना क्लास भी छोड़ दूंगा। मैंने ऑडीशन दिया, मैं सेलेक्ट हुआ और जीत भी गया तो अब सभी मेरे डांस से बहुत खुश हैं. फूलों को देखकर उन्होंने अपने हाथों को चलाना सीखा, खुद की कई ऐसी ही चीजों को देखकर उन्होंने एक नया डांस फार्म बना डाला और आज उनकी उम्र के लोग इस फार्म के दीवाने हैं। देहरादून के रहने वाले राघव अब राघव काकरोच के नाम से फेमस हैं। शुक्रवार को राघव शहर आए तो उनके साथ डीआईडी लिटिल मास्टर सीजन टू के विनर फैसल खान भी मौजूद थे। यहां उन्होंने डीआईडी डांस के सुपर किड की घोषणा की जो जल्द ही जी टीवी पर शुरू होने वाला है।
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द्वितीय महायुद्ध के बाद भारत की विदेश नीति 523 पहुँचाई । अमेरिका की इस संकटकालीन सहायता ने भारतीयों के पिछले सभी घावों को भर दिया और यह सिद्ध कर दिया कि मतभेदों के बावजूद दोनों राष्ट्र मित्रता के स्थायी आधार स्तम्भ पर खड़े हैं । अमेरिका ने भारत को यह सहायता बिना किसी शर्त के प्रदान की। चीनी माक्रमण के समय भी भारत जिस प्रकार अपनी गुट निरपेक्ष नीति पर डटा रहा, उसकी अमेरिकी विदेश सचिव डीन रस्क ने प्रशंसा की। भारत अपनी स्वतन्त्र नीति से डिगा नहीं, इसका एक बड़ा प्रमाण यही है कि एक प्रोर तो भारत ने अमेरिका से सैनिक सहायता की माँग की, दूसरी घोर उसके एक दिन बाद ही जब संयुक्त राष्ट्रसघ में चीन को उसका स्थान देने का प्रश्न उपस्थित हुआ तो भारत ने चीन के पक्ष में मत दिया। मार्च, 1963 में भारत ने ने लगभग 100 करोड़ डॉलर की अमेरिकी सैनिक सहायता की मांग की, लेकिन अमेरिका ने केवल 6 करोड़ डॉलर दिए। इस तरह मूल रूप में अमेरिका की भारत के प्रति प्रप्रसन्नता बनी रही । शास्त्री - काल में भारत-अमेरिकी सम्बन्ध (1964-1965) राष्ट्रपति कैनेडी के उत्तराधिकारी लिण्डन बी. जॉनसन और प्रधान मन्त्री नेहरू के उत्तराधिकारी लालबहादुर शास्त्री बने । अमेरिकी नेतृत्व का विचार था कि श्री शास्त्री पं. नेहरू के मुकाबले एक कमजोर नेता सिद्ध होंगे, अत उनको दबाव द्वारा अमेरिका के पक्ष में सरलता से झुकाया जा सकेगा। लेकिन श्री शास्त्रो ने गुट-निरपेक्ष नीति का प. नेहरू से भी अधिक दृढ़ता के साथ अनुसरण किया और उसे पहले की तुलना में अधिक यथार्थवादी रूप दिया । प्रारम्भ में तो दोनो देशो के सम्बन्धों में कोई बिगाड़ नहीं प्राया, लेकिन उत्तर- वियतनाम पर अमेरिकी बमवर्षा की जब भारत में सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों में आलोचना हुई तो प्रमेरिका जैसे महान् लोकतान्त्रिक राष्ट्र ने प्रप्रसन्नता का बड़ा निर्लज्ज प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति जॉनसन के निमन्त्रण पर श्री शास्त्री ने जब मई, 1965 में अमेरिका जाने का कार्यक्रम निश्चित कर लिया तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी कार्य व्यस्तता के बहाने निमन्त्रण को वापस ले लिया । अमेरिका का यह कदम भारत के प्रधान मन्त्री का नहीं वरन् सम्पूर्ण भारतीय जनता का सार्वजनिक अपमान था और विदेश मन्त्री सरदार स्वर्णसिंह को कहना पड़ा कि भविष्य में श्री शास्त्री अपनी सुविधा देखकर ही निमन्त्रण स्वीकार करेंगे । पहले कच्छ के रन में और फिर सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान द्वारा अमेरिकी शस्त्रास्त्रों के प्रयोग से भारत-अमेरिका के सम्बन्धों में अधिक कटुता उत्पन्न हो गई। युद्धकाल में भी अमेरिका का रुख बहुत कुछ भारत विरोधी रहा। भूतपूर्व रक्षा उत्पादन उपमन्त्री श्री ललित नारायण मिश्र द्वारा भक्तूवर, 1970 में किए गए एक रहस्योद्घाटन के अनुसार सन् 1965 में भारत-पाक युद्ध दौरान अमेरिका ने अपने 6 जहाजों को, जिनमें भारत के लिए रक्षा सामग्री भारतीय तट से मात्र 15 मील की दूरी से वापस लौटा लिया। यही नहीं र ने न तो पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य सामग्री का प्रयोग करने से रोका
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चाहिये, क्योंकि मिथ्याज्ञानी तत्वोंके यथार्थ स्वरूप को ग्रहण नहीं कर सकता + है । इसी कारण उसको सच्चा सुख प्राप्त नहीं होता । हैं । और जहां पर अन्धकार रहने से दूर में स्थित पदार्थ 'स्थाणु वा पुरुष' ऐसा स्पष्ट ज्ञान होने से उन दोनों में रहने वाले 'ऊर्ध्वता सामान्य' का प्रत्यक्ष है। वक, कोटर, आदि स्थाणु ( टूठ ) के विशेष एवं शिर, हाथ, आदि पुरुष के विशेष अवयवों का प्रत्यक्ष नहीं, किन्तु पहले उनका ज्ञान हो चुका है, इस लिये मन के द्वारा उनका स्मरण है । इस तरह से जहांपर सामान्य प्रत्यक्ष, विशेष प्रत्यक्ष और विशेष स्मरण है, वहीं पर संशय ज्ञान होने के कारण इन्द्रियों के आधीन इस की उत्पत्ति मानी गई है । परन्तु भवधिज्ञान में इन्द्रियों के व्यापार की कोई अपेक्षा नहीं, न मन के व्यापार की कोई अपेक्षा है, क्योंकि अवधिज्ञान को इन्द्रिय और मन से रहित माना है, किन्तु अवधिज्ञानावरण के क्षयोपशम की विशुद्धता रहने पर वह सामान्य विशेष रूप अपने विषयभूत पदार्थों को जानता है। इसलिये अवधिज्ञान में संशय नहीं हो सकता है। परन्तु हां, मिथ्यात्व कर्म के विपरीत श्रद्धान स्वरूप मिथ्या दर्शन के साथ श्रवधिज्ञान रहता है, इस लिये वह विपरीत स्वरूप अवश्य है। तथा जिस पदार्थ की और अवधिज्ञान का उपयोग लगा हुवा है, कारण वश उसका पूरा ज्ञान न होने के प्रथम ही, दूसरे किसी ज्ञान के विषयभूत दूसरे ही पदार्थ की ओर उपयोग लग जाय, उस समय मार्ग में जाते हुये पुरुषको 'तृण स्पर्श ज्ञानके समान' अनिश्चयात्मक अवधिज्ञान हो जाता है। श्रतएव अवधिज्ञान का विपरीत परिणमन अनध्यवसाय रूप भी होता है, किन्तु जिस समय जिस पदार्थं को अवधिज्ञान विषय कर रहा है, उस समय यदि वह उपयोग दृढ़ होगा, तो अवधिज्ञान का अनध्यवसाय रूप विपरीत परिणमन नहीं हो सकता है । ( देखो श्लोकवार्तिक पृष्ठ २५६ ) + मिच्छाइट्ठी जीवी उवइटुं यवयां ग सदहदि । सदहदि असम्भवं उवहं वा अणुवटुं ॥१८॥ गो. सा यदि कोई 'अग्नि' को शीतल समझकर स्पर्श करे तो अन्त में उस को दुख ही प्राप्त होगा। इसी प्रकार मिथ्या दृष्टि के ज्ञान का उपयोग पदार्थों के यथार्थ स्वरूप के जानने में नहीं होता। मिथ्याज्ञान और सम्यग्ज्ञानका भेद लौकिक ज्ञान की अपेक्षा से नहीं है, किन्तु मोक्ष मार्ग अथवा वस्तु के यथार्थ स्वरूप के जाननेकी दृष्टि से है । मिथ्या दृष्टि दो प्रकार के होते हैं, एक भव्य, दूसरे अभव्य । जो सिद्ध अवस्था को किसी भी समय प्राप्त कर सकते हैं, उन्हें 'भव्य' कहते हैं, और इनके विपरीत जो सिद्ध अवस्था को किसी भी काल में प्राप्त नहीं हो सकते हैं, उनको 'प्रभव्य' समझना चाहिये । ये दोनों ही प्रकार के मिथ्यांदृष्टि, सम्यग्दृष्टि के समान + ही घटपटादि पदार्थों एवं रूप रसादि को ग्रहण और निरूपण करते हैं, परन्तु जो तत्व मोक्ष मार्ग में सहायक हैं, उन का ज्ञान मिथ्यादृष्टि को विपरीत होता है । इसी अपेक्षा मिथ्यादृष्टि के ज्ञान को 'मिथ्याज्ञान' + और सम्यग्दर्शन सहित जीव के ज्ञानको 'सम्यग्ज्ञान' कहा गया है । अब नीचे लिखे सूत्र द्वारा मिथ्याज्ञान का विशेष वर्णन करते ‡ तथा हि, सम्यग्दृष्टि र्यथा चक्षुरादिभिः रूपादीनु लभते, तथा मिथ्यादृष्टिरपि मत्यज्ञानेन, यथा सम्यग्दृष्टिःश्रु तेन रूपादीनि जानाति च निरूपय ति तथा मिथ्यादृष्टिरपि श्रुताज्ञानेन, यथा चावधिज्ञानेन सम्यग्दृष्टिः रूपिणी sथानवगच्छति, तथा मिथ्यादृष्टि विभंग ज्ञानेन इति । स० सि० + दर्शन मोह के उदय से आत्मा का मिथ्यादर्शन परिणाम और मतिज्ञानादि दोनों एक साथ और एक स्थान में ही आत्मा में रहते हैं । इसलिये मिथ्यादर्शन के सम्बन्ध से मतिज्ञान आदिको भी मिथ्याज्ञान कहते हैं। जैसे कडुवी तूम्बी में रक्खा हुवा दूध कटुक रज के संसर्ग से दूध भी कटुआ हो जाया करता है, यही बात मिथ्या ज्ञानों के विषय में हैं। सदसतोरविशेषाद्य दृच्छोपलब्धे रुन्मत्तवत् ॥ ३२ ॥ सूत्रार्थः- (सदसतोः) सत् और असत् रूप पदार्थों के ( अविशेषात) विशेष का अर्थात भेद का ज्ञान नहीं होने से (यहच्छोपलब्धेः) स्वेच्छा रूप यद्वा तद्वा जानने के कारण ( उन्मत्तवत् ) उन्मत्त के समान ये मिथ्याज्ञान भी होते हैं । अर्थात् मिथ्यादर्शन के उदय से सत और असत् पदार्थों का भेद नहीं समझते हुये, कुमति कुश्रुत और कुअवधिज्ञान वाले का यथार्थ जानना भी मिथ्याज्ञान ही समझना चाहिये । विशेषार्थः-~~- जिस प्रकार उन्मत्त (पागल) अथवा शराबी पुरुष भार्या (स्त्री) को माता, और माता को भार्या समझता है, यह उसका ज्ञान मिथ्याज्ञान है । परन्तु यदि वह किसी समय स्त्री को स्त्री और माता को माता भी कहदे, तो भी उसका यह कथन ( कहना ) या ज्ञानमिथ्याज्ञान ही कहा जायगा। क्योंकि उसको स्त्री और माताके भेद का यथार्थ (ठीक) ज्ञान नहीं है । उसी प्रकार दर्शन मोह के उदय से सत् और असत् पदार्थ का यथार्थ (ठीक) ज्ञान न होने के कारण कुमति, कुश्रुत, और कुअवधिज्ञान भी मिथ्याज्ञान समझना चाहिये यहां पर 'सत' का अर्थ प्रशस्त अथवा विद्यमान और असत् का तथा विद्यमान समझना चाहिये । वैसे यद्यपि नेत्रादिक इन्द्रियों से घटपटादि पदार्थों के रूपादि गुणों को सम्यग्दृष्टि और मिथ्यादृष्टि समानरूप से ग्रहण करता है परन्तु मिथ्यादृष्टि के कारण विपरीतता, स्वरूप विपरीतता और भेदाभेद विपरीतता, ये तीन प्रकारकी विपरोतता रहती है- अब इन तीनों का स्वरूप इस प्रकार है- घटपटादि पदार्थों के रूपादि गुणों को तो जैसे हैं वैसे ही जानता है, परन्तु उसके कारणोंको मिथ्यापहला अध्याय दृष्टि विपरीत कल्पित करता है। जैसे ब्रह्माद्व तवादी रूपादिकों का कारण एक अमूर्तिक नित्य ब्रह्म ही को मानते हैं और नैयायिक वैशेषिक, पृथ्वी से परमाणुओं में जाति भेद मानते हैं । उन में पृथ्वी में तो स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण, चार गुण मानते हैं परन्तु वायु और जल में गन्ध को छोड़कर तीन ही गुण मानते हैं । अग्नि में स्पर्श और वर्णं दो ही गुण मानते हैं । वायु में एक स्पर्शगुण ही मानते हैं, शेष तीन गुण नहीं मानते हैं । इससे यह बात सिद्ध करते हैं, कि पृथिवी, जल, अग्नि और वायु ये चार अपनीर जाति के पृथक स्कन्धरूप कार्यों को उत्पन्न करते हैं, अर्थात् इन चारों के परमाणु पृथक २ ही हैं । बौद्ध मत वाले पृथिवी आदि को चार भूत मान कर और स्पर्शादि गुण इन चारों के भौतिक कर्म हैं, ऐसा मानते हैं । पश्चात् इन आठों के समुदाय को 'परमाणु' कहते हैं । इस प्रकार घटपटादि पदार्थों के रूपादि गुणों के कारणों में विपरीतता मानते हैं, यह 'कारण विपरीतता' है । कोई इन समस्त पदार्थोंके स्वरूप में भी भेद मानते हैं, कितने ही तो रूप रसादिको निरंश निर्विकल्प मानते हैं, कोई कहते हैं कि रूपादि गुरण कोई ज्ञान से भिन्न वस्तु नहीं है, ज्ञान ही रूपादिकों के आकार परिणत होता है । कोई वस्तुको सर्वथा अनित्य ही मानते हैं । इसप्रकार मिथ्यात्व के उदय से वस्तुका स्वरूप बिपरीत मानते हैं, इसको 'स्वरूप विप - रोतता' समझना चाहिये । कोई कारण से कार्य को सर्वथा अभिन्न ही मानते हैं । तथा द्रव्य से गुण को और गुणों से द्रव्य को सर्वथा भिन्न ही मानते हैं । अथवा कारण कार्य को सर्वथा अभिन्न ही मानते हैं । एवं समस्त द्रव्यों को ब्रह्म से अभिन्न ही मानते हैं । इत्यादि प्रकार से भेदाभेद में सर्वथा एकान्त पक्षपात से भेदाभेद दोनों को विपरीत ही मानते हैं, यह 'भेदाभेद विपरीतता' है ।
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मारा गया था। जब सीज़र की हत्या होने जा रही थी, अचानक सीज़र ने ब्रूटस को अपने सामने देखा और उसके पास केवल शब्द थे जैसे उसने कहा एट तु, ब्रूट ?, जिसका अर्थ है कि तुम भी ब्रूटस हो । मेरा मतलब है कि वह समझ नहीं पा रहे थे कि ब्रूसस सीज़र का दोस्त भी उसे मार सकता है लेकिन फिर भी सीज़र मारा गया। अब, सीज़र के पास एक मंत्री था और वह एंटनी था। एंटनी सीज़र के अंतिम संस्कार पर बोलना चाहते थे, लेकिन फिर जैसा कि आप जानते हैं, साजिशकर्ता एंटनी को बोलने की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए, किसी तरह या दूसरे, एंटनी ने एक ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश की, जिसकी गारंटी दी जा सकती है और इसकी गारंटी दी गई है, क्योंकि हर कोई मानता है कि सीज़र एक अच्छा इंसान था, लेकिन जब सीज़र मारा गया, तो वह इस धारणा पर मारा गया कि सीज़र एक था गद्दार, सीजर देशभक्त नहीं था। एंटनी इस आरोप को अस्वीकार करना चाहता था और इसीलिए वह किसी न किसी तरह से कामयाब रहा और षडयंत्रकारियों को तैयार किया कि एंटनी को कैसर के अंतिम संस्कार पर बोलने की अनुमति दी जाए, क्योंकि एंथनी रोमन को यह जानना चाहता था कि सीज़र गद्दार नहीं था। तो, आइए देखें कि एंटनी ने अपना भाषण कैसे शुरू किया और यह शुरुआत किस तरह से खुलने और भीड़ को कैद करने की सूक्ष्मता की मिसाल है। इसलिए, एंटनी ने जो पहले शब्द बोले, हम उस पर एक नजर डालते हैं। दोस्तों, रोम देशवासियों, मुझे अपने कान उधार दो। अब, जब एंथोनी ने ये बातें कीं, तो दर्शकों के सदस्यों ने उन सभी को इन शब्दों से मोहित कर लिया और फिर बाद के शब्दों ने पीछा कियाः मैं सीजर को दफनाने आया था, उसकी प्रशंसा करने के लिए नहीं। पुरुषों को उनके बाद रहने वाली बुराई; अच्छा है कि उनकी हड्डियों में बाधा है। तो, इसे सीज़र के साथ रहने दें । कुलीन ब्रूटस ने बताया कि सीज़र महत्वाकांक्षी था; यदि ऐसा था, तो यह एक गंभीर दोष था, और दुख की बात है कि सीज़र ने इसका उत्तर दिया। यहाँ, ब्रूटस की छुट्टी के तहत और बाकी ब्रूटस के लिए एक सम्माननीय आदमी है, इसलिए वे सभी, सभी माननीय पुरुष हैं - आओ मैं सीज़र के अंतिम
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उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोंनो दल जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झौंक रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अर्की में भाजपा प्रत्याश रत्न सिंह पाल के पक्ष में एक के बाद एक 3 जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। अनुराग ठाकुर ने कहा, "जो कांग्रेस ने 70 साल में नहीं किया मोदी सरकार ने 7 साल में कर दिखाया। कांग्रेस 70 साल तक भ्रष्टाचार में संलिप्त रही और लोगों तक सुविधाएं नहीं पहुंचा पाई। " अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी में मोदी सरकार के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने देश में ही 9 महीने में टीके का निर्माण किया और अगले 9 महीने 100 करोड़ लोगों को टीका लगाने का काम भी किया। हिमाचल प्रदेश टीका की पहली डोज लगाने में देश मे प्रथम रहा है जिसके लिए प्रदेश की सरकार और स्वास्थ्य कर्मी बधाई के पात्र हैं। वंही, महंगाई को लेकर अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को डिबेट के लिए चुनौती देते कहा कि कांग्रेस सरकार में 2004 से लेकर 2014 तक महंगाई 12 प्रतिशत पहुंच गई थी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई दर 4 प्रतिशत से ज्यादा कभी नहीं हुई।
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मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी के स्वामित्व वाली कंपनी विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़े रविंद्र नरायन सिंह, जाकिर हुसैन, विक्रम अग्रहरि और शादाब अहमद की चल-अचल संपत्तियों को ईडी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत चिन्हित कर जब्त करने की कवायद में जुटी है। माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी जितेंद्र सापरा और गणेश दत्त मिश्रा की तरह चार अन्य लोग भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर आ चुके हैं। मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी के स्वामित्व वाली कंपनी विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़े रविंद्र नरायन सिंह, जाकिर हुसैन, विक्रम अग्रहरि और शादाब अहमद की चल-अचल संपत्तियों को ईडी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत चिन्हित कर जब्त करने की कवायद में जुटी है। दरअसल, ईडी की जांच में सामने आया है कि मुख्तार की काली कमाई को विकास कंस्ट्रक्शन के बैंक खाते में जमा किया जा रहा था। बैंक में नगदी जमा करने के बाद उसे तुरंत निकाल कर संपत्तियों को खरीदा जाता था। इतना ही नहीं, जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए विकास कंस्ट्रक्शन में जमा रकम को मुख्तार के ससुर जमशेद राना के स्वामित्व वाली कंपनी आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग के खाते में ट्रांसफर किया जाता था। बाद में ये रकम दोबारा विकास कंस्ट्रक्शन के खाते में भेज दी जाती थी। इस रकम से मऊ, गाजीपुर, जालौन, दिल्ली, लखनऊ में 23 संपत्तियां खरीदी गई। जांच में ये भी पता चला है कि इनमें से अधिकतर संपत्तियों को मुख्तार ने अपना खौफ दिखाकर बाजार भाव से आधी से कम कीमत में खरीदा था। ईडी की जांच में सामने आया है कि गणेश दत्त मिश्रा ने गाजीपुर में जिन दो संपत्तियों को खरीदा था, उसके पास इसके लिए पर्याप्त रकम नहीं थी। इन संपत्तियों को 1. 29 करोड़ में खरीदा गया, हालांकि इसके भुगतान के प्रमाण जांच एजेंसी को नहीं मिले। दरअसल, ये संपत्तियां मुख्तार की बेनामी संपत्तियां थी, जिसे गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदा गया था। बाद में गणेश दत्त मिश्रा ने इन संपत्तियों को आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 1. 60 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए बंधक रखा था। मुख्तार के ससुर की इस कंपनी में गणेश दत्त मिश्रा का कोई संबंध नहीं पाया गया। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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गिरफ्तारी के बाद से ही भगवान दास जेल में बंद है, जबकि उसकी पत्नी सरोज को जमानत मिल गई थी। ये मुकदमा पॉक्सो तृतीय संजय कुमार चतुर्थ की अदालत में विचाराधीन चल रहा था। शुक्रवार को न्यायालय में मुकदमे में सुनवाई की। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता चौधरी संजीव कुमार ने पैरवी की। दुकान के विवाद में बड़े भाई की गंडासे से गर्दन काटकर हत्या करने के मामले में न्यायालय ने छोटे भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी की पत्नी भी आरोपी थी, लेकिन साक्ष्यों के अभाव में न्यायालय ने उसे दोषमुक्त कर दिया। गिरफ्तारी के बाद से ही दोषी जेल में बंद है, उसे जमानत नहीं मिल सकी थी। ये घटना आदमपुर थानाक्षेत्र के गांव दौरारा की है। यहां पर किसान कनछिद का परिवार रहता है। उनके दो बेटे थे। बड़ा बेटा रामकेश और छोटा बेटा भगवान दास के बीच जमीन का बंटवारा हुआ था। इस दौरान घर में बनी दुकान रामकेश से हिस्से में आ गई थी। लेकिन भगवानदास इस दुकान पर कब्जा करना चाहता था। इसके चलते दोनों भाइयों में विवाद रहता था। घटना 15 अगस्त 2020 की सुबह 11 बजे की है। इस दिन भगवान दास ने अपनी पत्नी सरोज के साथ मिलकर रामकेश पर गंडासे से हमला कर घायल कर दिया। आनन-फानन में परिजनों ने रामकेश को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में रामकेश की पत्नी मुन्नी देवी की तरफ से भगवानदास और उसकी पत्नी सरोज के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। लेकिन मौत के बाद पुलिस ने मुकदमे को हत्या में तरमीम कर लिया था। आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के बाद से ही भगवान दास जेल में बंद है, जबकि उसकी पत्नी सरोज को जमानत मिल गई थी। ये मुकदमा पॉक्सो तृतीय संजय कुमार चतुर्थ की अदालत में विचाराधीन चल रहा था। शुक्रवार को न्यायालय में मुकदमे में सुनवाई की। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता चौधरी संजीव कुमार ने पैरवी की। न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी भगवानदास को दोषी करार दिया। जबकि उसकी पत्नी सरोज को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। वहीं शनिवार को न्यायालय ने दोषी भगवानदास को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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अपने शादियों में लोग कई तरीके के डांस करते हैं.कोई भोजपुरी गाने पर जमकर ठुमके लगाकर महफिल जमा लेता है...तो कोई बेसुध होकर नागिन डांस करता है. ऐसा सीन आपको बारात में देखने को मिल जाएगा लेकिन सबसे इतर होते हैं वो लोग जो किसी भी समय कोई सा डांस करना शुरू कर देते हैं. Dance Video: शादियों का सीजन खत्म होने के बावजूद सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर एक से बढ़कर एक वीडियो देखने को मिल रहे हैं. जिसे यूजर्स भी खूब पसंद कर रहे हैं और खूब शेयर करते दिख रहे हैं. खासकर बारातियों के डांस वाले वीडियोज के तो क्या ही कहने...एक से बढ़कर एक वीडियोज आते हैं और छा जाते हैं क्योंकि यहां बाराती अपना अजीबोगरीब डांस दिखाकर महफिल ही लूट लेते हैं. इसी कड़ी में एक ऐसा वीडियो आया है. जिसे देखकर आप यही कहेंगे- ये कौन सा डांस है भाई! अपने शादियों में लोग कई तरीके के डांस करते हैं.कोई भोजपुरी गाने पर जमकर ठुमके लगाकर महफिल जमा लेता है...तो कोई बेसुध होकर नागिन डांस करता है. ऐसा सीन आपको बारात में देखने को मिल जाएगा लेकिन सबसे इतर होते हैं वो लोग जो किसी भी समय कोई सा डांस करना शुरू कर देते हैं. अब इस क्लिप को ही देख लीजिए जहां एक शख्स गुटखा डांस करता हुआ नजर आ रहा है. जिसे देखकर आप भी अपनी हंसी कंट्रोल नहीं कर पाएंगे. वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक लड़का कैमरे के आगे कुछ करता नजर आ रहा है. कैमरे को जब उसकी तरफ जूम किया गया तो पाता चला कि यह लड़का गुटखा बना रहा है और बनते ही उसे अपने मुंह में रखकर लोगों के बीच जाकर डांस करना शुरू कर देता है. हालांकि ऐसा डांस बारातियों के बीच शायद ही आपने कभी देखा हो, लेकिन बंदे के डांस स्टेप इतने ज्यादा मजेदार थे. जिसे देखकर लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो जा रहे हैं. इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर butterfly__mahi नाम के अकाउंट द्वारा शेयर की गई है. जिसे खबर लिखे जाने तक हजारों लोग देख लाइक कर चुके हैं. एक यूजर ने वीडियो पर कमेंट कर लिखा, ' डांस का पता नहीं लेकिन बंदे ने अपना काम बड़ी फुर्ती से कर लिया.' वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, ' कौन ये और कहां से आते हैं ऐसे लोग.' एक अन्य यूजर ने लिखा, ' ये गुटखा डांस है भाई..! इसके अलावा और भी कई लोगों ने इस पर कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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जिनेवाः संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से जारी हिंसा में अब तक कम से कम 138 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। डुजारिक ने कहा कि, "संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के मुताबिक, म्यांमार में एक फरवरी से जारी हिंसा में कम से कम 138 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। " प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया है कि केवल रविवार को हुई हिंसा में ही 38 लोगों की मौत हाे गई। यह हिंसा यंगून के हलायिंग थायर क्षेत्र में हुई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियाे गुटेरेस ने म्यांमार में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। गुटेरेस ने म्यांमार के पड़ोसी देशाें सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार के लोगों और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने की अपील की है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सभी सदस्य देशों ने भी गत सप्ताह एक बयान जारी करते हुए म्यांमार में सेना की कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी।
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दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेला कुंभ प्रयागराज में शुरू हो गया है, जो 4 मार्च तक चलेगा। इस दौरान इन 49 दिनों में करीब 13 से 15 करोड़ लोगों के कुंभ में आने की उम्मीद है। मेले की कई दिल को छू जाने वाली तस्वीरें आ रही हैं। ऐसी ही कुछ तस्वीरें देखिए नीचे। पहला शाही स्नान 15 जनवरी को सुबह करीब 5:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक चला। कुंभ में पहली बार साधु संतों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। कुंभ मेले के पहले दिन लाखों की संख्या में साधु संत और श्रद्धालुओं का प्रयाग में आगमन हुआ है। सभी मकर संक्रांति के अवसर पर कुंभ स्नान करके पुण्य कमाने की लालसा लिए हुए आए। सरकारी आंकड़ों के माने तो कुंभ 2019 के आयोजन में 4,300 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। कुंभ और और भव्य और लोगों की भीड़ जुटाने के लिए सरकार ने 10 करोड़ लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर कुंभ में आने का निमंत्रण दिया है। राज्य सरकार की माने तो ऐसा पहली बार हुआ है जब मेला क्षेत्र करीब 45 वर्ग किमी के दायरे में फैला है। मेले में 50 करोड़ की लागत से कुल 4 टेंट सिटी- कल्प वृक्ष, कुंभ कैनवास, वैदिक टेंट सिटी, इन्द्रप्रस्थम सिटी बसाई गई हैं। देश में कुंभ 4 जगहों पर होता है- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इनमें से हर जगह पर हर 12वें साल कुंभ का आयोजन होता है। कुंभ 2019 के आयोजन में राज्य सरकार की 20 और केंद्र सरकार की 6 संस्थाएं और विभाग लगे हैं। मेला क्षेत्र में पीने के पानी की पुख्ता व्यवस्था की गई है। इसके लिए 690 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। इन तस्वीरों और तस्वीरों के साथ-साथ दी गई जानकारी के आंकलन पर कहा जा सकता है कि ये कुंभ वाकई भव्य कुंभ है।
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रूस के अनुरोध पर, नाटो शिखर सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर नॉर्ड स्ट्रीम को कमजोर करने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित की जा सकती है। अगर मैं गलत नहीं हूं, तो इंग्लैंड वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है और उनकी चाची एक बोतल में साहसी और स्मार्ट हैं। मुझे देखना होगा। सैन्य कंप्यूटर गेम में एक विशेषज्ञ ने पर्याप्त खेला, और फिर वास्तविक जीवन में उसे पता चला कि यदि एक टैंक, एक पैदल सेना से लड़ने वाला वाहन "अपने जूते उतारता है", तो आपको उनमें से एक को पहनने की ज़रूरत है, और तब भी नायक नहीं बनना चाहिए जब आपका पैर फट गया है, "रिबूट" करने का कोई विकल्प नहीं है। यह कैसा दुःख है, किसी कारण से, ज़ी एंड कंपनी ने हेलीकॉप्टर से उड़ान नहीं भरी, बल्कि अगोचर नौकाओं का उपयोग किया। हां, लापरवाही से देखो, मैं कबूल करता हूंः पानी से किनारे तक कार के बाहर निकलने का कोई मुख्य फ्रेम नहीं है। संदेह है कि उन्होंने इसे क्रेन से पानी से बाहर निकाला। अब हवा किस दिशा में चल रही है, शायद यही कारण है? मैंने देखा, हवा स्पष्ट रूप से दक्षिण की ओर बह रही है। मुझे तुर्की कार पसंद आई, लेकिन अमेरिकी? तो वे अपने कबाड़ में डूब जाएंगे। जानकारी के लिए धन्यवाद (बमबारी ग्राफिक्स, मुझे नहीं पता था)। हमें तत्काल मेक्सिको की खाड़ी में एक मेगा-टाइफून की आवश्यकता है! लिंक्स 2000. 1981 में, पाउंड विनिमय दरः £ 1, लगभग $ 2,5, और अब? आपको जीत के लिए भुगतान करना होगा! कम से कम बेड़े के साथ। दुर्भाग्य से, अर्जेंटीना ने खुद को विसैन्यीकृत कर लिया, यह अधिक संभावना है कि फ़ॉकलैंड स्वयं इंग्लैंड से स्वतंत्रता की घोषणा करेगा, बजाय इसके कि अर्जेंटीना सेना उतारेगा। वैसे, 20 पूर्व रूसी फ़ॉकलैंड में रहते हैं (किसी तरह ऐसी जानकारी सामने आई)। राज्य की कीमत पर. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? कैसेट की आपूर्ति केवल हैम्बर्ग पर हमारी हड़ताल से रोकी जा सकती है। यूएसएसआर, संयुक्त राज्य अमेरिका के दिनों में और मैं "दुनिया के लिए खतरा कहां से आता है" किताबों में (मैंने दोनों संस्करण पढ़े, यह था) संभव) यूएसए और यूएसएसआर का संस्करण केवल हैम्बर्ग में 1 एमजीटी पर मापा गया था। समय के बाद, हैम्बर्ग में रहने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि संयुक्त राज्य अमेरिका आवासीय क्षेत्रों के लिए लक्ष्य बिंदु निर्धारित करता है, हम एक बंदरगाह और चमत्कार शिपयार्ड हैं, कम कर रहे हैं 1,5-2 गुना तक नागरिक हानि। लेकिन दोनों ही मामलों में, हैम्बर्ग में रिपरबैन को ध्वस्त कर दिया जाएगा। मेरे विश्लेषण के अनुसार, दूसरी तरफ क्रामाटोरस्क समूह में एक काफी शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली है। और नाज़ी पहले से ही सोवियत डिजाइन के कैसेट टेपों से उन्हें पीट रहे हैं। गुटरिश कैसेट टेप के साथ "गोल्डन बिलियन" गधे को कवर करता है, बाकी केवल कैसेट टेप नहीं हो सकते हैं। क्या गुटरिश हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिकी परमाणु बमबारी की निंदा करेगा? इस रीढ़विहीन व्यक्ति को नोबेल शांति पुरस्कार, कितना साहस है। संयुक्त राज्य अमेरिका क्या कहता है, वह कहता है। क्लस्टर युद्ध सामग्री युद्ध के मैदान पर अत्यधिक प्रभावी हैं। न तो हमने और न ही संयुक्त राज्य अमेरिका ने, क्लस्टर युद्ध सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए इस सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे पार करना आवश्यक है और शब्दों के साथः ठीक है, भगवान के साथ! लाल बटन दबाएं - बम बे के दरवाजे को गोली मारो। बम गिराने के लिए, भगवान मदद करने की संभावना नहीं है। कॉनकॉर्ड 2, बिना लुमिक्स के - "पागल हाथों" से एक मॉडल के लिए कितना पैसा खर्च किया गया था? और शायद रेंज सभी समान 10 किमी है। पोलैंड बेलस्टॉक के साथ विघटन में भाग लेता है? यूक्रेन कुछ भी नहीं सिखाता है। पोलैंड बेलारूस पर हमला करेगा, और वे रूस से लोगों को प्राप्त करेंगे। बिडेन पत्थर भी नहीं मारेंगे, चिंता व्यक्त नहीं करेंगे और पुतिन को अनुच्छेद 5 की कीमत पर फोन नहीं करेंगे (यह अभिजात वर्ग के लिए है, जो एक पोखर के पीछे नहीं हैं) और पश्चाताप करेंगे कि उनके पास है इससे कोई लेना-देना नहीं है. इस विषय पर आपकी टिप्पणी सर्वोत्तम है. कीव के अधिकारियों ने "राष्ट्रीय प्रतिरोध" की तैयारी के लिए यूक्रेनी राजधानी के निवासियों को लिखना शुरू कर दिया। और प्रशिक्षण के दिन के अंत में, अग्रिम पंक्ति के सेनेटोरियम का टिकट प्रदान किया जाएगा! ऐसा नहीं हो सकता, बिजली की हानि हो सकती है, और अंत में देखें कि मैकेनिकल ड्राइवरों ने फ़िल्टर में क्या भरा है। मनोरंजनकर्ता। आप अधिक सटीक रूप से एक कॉल बॉय कह सकते हैं। वह इसके लिए कोई अजनबी नहीं है - उसने हमेशा ऐसा किया है। हम डिएगो-गार्सिया बेस और विमान वाहक पोत के साथ क्या करेंगे? नशे की लत से परेशान है, एक वेश्या की तरह व्यवहार करता है (वह अब कोक नहीं पीती, वह चुटकी नहीं लेती), गैर-पारंपरिक सेक्स के लिए अतिरिक्त भुगतान की मांग करती है। दलाल ने एक मुद्रा में कहा, इसलिए एक मुद्रा में। संयुक्त राज्य अमेरिका चीन में बेचने की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक खरीदता है - यहां से हम नृत्य करते हैं। प्रतिबंधों को दो में खेलना दिलचस्प है। पुतिन की दक्षिण अफ्रीका की सुरक्षित यात्रा के लिए, उड़ान से शुरू करके एक सैन्य अभियान चलाना आवश्यक है। और यह अवास्तविक है। पुतिन की ऑस्ट्रेलिया यात्रा को याद रखें, कोई भी युद्ध की व्यवस्था करना चाहता था। नौसेना के हमारे समूह ने अभी संपर्क किया केंगुर्यत्निक और मौन। शांति, मित्रता, च्युइंग गम। बुडानोव 10 महीने गिनता है, और हम कितने समय के हैं? उन्होंने हमसे पूछा, हमारा, मानो, अमेरिकी चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। आप शर्मनाक ब्रेस्ट शांति के बारे में नहीं भूले - आपने ऐसे संघर्ष किया। कोई मध्य नहीं है - एक किनारा है। यह जर्मनों के साथ प्रतिशोध की तरह है। एक बहुत बुरा उदाहरण। बरबॉक संभवतः जल गया है, अमेरिकी क्लस्टर युद्ध सामग्री जर्मनी में उनके गोदामों से यूक्रेन पहुंचा दी जाएगी, और बर्बॉक का मतदाताओं से कोई लेना-देना नहीं है। स्व-चालित जो, निश्चित रूप से, पोडियम से लड़ने के लिए अधिक सुरक्षित है, वह रूस के विपरीत, पीछे नहीं हटेगी। कोलोसियम में मास्क और जुकेनबर्ग का नरसंहार निश्चित रूप से बाद की अनुपस्थिति के कारण नहीं होगा। मेरा मतलब रोमन खंडहरों से है। कोई ऐसे शब्दों से ऊब गया, कूटनीति पृष्ठभूमि में फीकी पड़ गई। केवल शब्दों की पुष्टि कर्मों से होनी चाहिए। कुछ पेसकोव दूर से आए, मुझे आशा है कि ऐसा नहीं होगा। बिना जीते, ज़ी पहले से ही रूस में व्यापार कर रहा है? किसी को भारी हैंगओवर होगा। जापानी कीमतें? कोई विकल्प नहीं है, हमारे पास मछली की कीमतें ऊंची हैं, लेकिन जापानी कुछ ऐसी चीज है। वे टॉन्सिल तक, केवल लॉलीपॉप के साथ कॉकरेल से काम चला लेंगे। मैं यूक्रेनी दृष्टिकोण से सहमत हूं - सब कुछ यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं को परेशान कर रहा है। मैं केवल यह जोड़ूंगाः अपने ही लोगों को मारो ताकि दूसरे डरें। मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि उनमें से एक बैंकिंग के माध्यम से शुल्क ले सकता है। स्वीकार क्यों नहीं, स्वीकार करें - और हम देखेंगे कि यह कैसा दिखेगा। एक के लिए, हम कमोडिटी एक्सचेंज और सोने को देखेंगे। ऐसी निरंतरता से डर लगता है। मंच पर बैठना एक बात है, भागीदार बनना दूसरी बात। मेरी मानसिकता के लिए खेद है, लेकिन मुझे केवल दो विकल्प दिखाई देते हैंः वे नहीं चाहते कि ध्वज के साथ पहला, दूसरा हो। तो जिसने भी वहां चिल्लाया कि यूक्रेनियन हमारे भाई हैं - यह पता चला कि हर कोई नहीं। खैर, कम से कम बाद में - पहले से कहीं ज्यादा। उपराष्ट्रपति का पद दांव पर है, ग्रीन को इसके बारे में पता है और ग्रीन को पता है कि तनाव की डिग्री और इस पर ध्यान कैसे बनाए रखना है। यूक्रेन में कटाई पहले से ही जोरों पर है, क्या आप नहीं जानते? समझने के लिए जानकारी है। सौदा बंद होने की स्थिति में, यूक्रेन डेन्यूब पर एक अनाज टर्मिनल का निर्माण कर रहा है। वीटीबी ने डेमेटर होल्डिंग छोड़ दी, वैसे, नोवोरोस्सिय्स्क अनाज टर्मिनल के मालिक। अंतिम खरीदार अज्ञात है? लेकिन संदेह हैं! और ज़ी जो पेशकश करेगा, वह केवल विश्लेषण करेगा और अनाज खिलाएगा। ओडेसा में जहाजों की आवाजाही कई दिनों से नहीं देखी गई है। एर्दोगन ने पहले ही निर्णय ले लिया है लेकिन चुप हैं। जर्मनी के वित्त मंत्रालय के प्रमुख ने 2024 के लिए एक मसौदा बजट पेश किया, जिसमें सैन्य खर्चों को छोड़कर सभी खर्चों में कटौती का प्रावधान है। और अंतिम परिणाम, वे अमेरिकी हथियार खरीदेंगे, कोई दूसरा रास्ता नहीं हो सकता, व्यर्थ में, शायद संयुक्त राज्य अमेरिका ने "ट्रैफिक लाइट" बनाई। रूस में एक मछली कंपनी है जो चीनी बाजार में जापानियों की जगह आसानी से ले सकती है। हम जापानी मछुआरों को एक वर्ग के रूप में नष्ट कर देंगे, और फिर हम उन्हें अपनी मछलियों पर डाल देंगे। दुनिया में कीमत में कुछ वृद्धि होनी चाहिए। चीन के प्रकट होने तक उत्तरी अटलांटिक मैकेरल के उपभोक्ता 60% जापानी थे। कम से कम 90 के दशक में यह ऐसा था वह। और उन्हें हमारा कैवियार कैपेलिन कितना पसंद आया। रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज के लंबी दूरी के विमानन ने रणनीतिक मिसाइल वाहक टीयू-160 और टीयू-95एमएस को वैकल्पिक बेस एयरफील्ड में स्थानांतरित करने का काम किया। हम जिससे लड़ रहे हैं, हमें दुश्मन को दिखाना है कि उसका पिछवाड़ा है, हम उस पर कोई वार नहीं करेंगे। फ़िनलैंड से आप अफ़्रीकांडा गाँव में हवाई क्षेत्र (अवशेष) देख सकते हैं जहाँ से ज़ार बोम्बा को उसके गंतव्य तक पहुँचाया गया था। और सामान्य तौर पर, आपको गुणात्मक रूप से नए स्तर पर लौटना होगा जिसे कुबड़ा करेलिया और कोला प्रायद्वीप से लाया था। आप देखिए, उसने वहां शांति का एक क्षेत्र देखा। फिनलैंड के हमारे साथ केवल राजनयिक संबंध हैं, बाकी सब कुछ सबसे अनिच्छुक बेवकूफों पर स्वीकृत है - क्या यह ध्यान देने योग्य नहीं था कि फिन्स ने 2000 की शुरुआत से स्पष्ट स्थिति के साथ रूसियों को निचोड़ना शुरू कर दिया था। क्या आप ग्रे चूहे होने का नाटक करना चाहते थे फ़िनलैंड? अब अपनी फ़िनिश अचल संपत्ति के लिए कांपें। रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज के लंबी दूरी के विमानन ने रणनीतिक मिसाइल वाहक टीयू-160 और टीयू-95एमएस को वैकल्पिक बेस एयरफील्ड में स्थानांतरित करने का काम किया। यह इस तथ्य के कारण है कि रणनीतिकार पहले से ही बिखरे हुए हैं, यूक्रेन के सशस्त्र बलों के विनाश के साधनों की पहुंच से बाहर हैं। यह प्रशिक्षण है - एक्स घंटे में नाटो हमले से बाहर निकलना . . किसी को रात और दिन घबराहट होती है - रूसी रणनीतिकार हवा में हैं।
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60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा में 16 फरवरी को वोटिंग हो गई। मुकाबला दो गठबंधनों में है। एक तरफ सरकार चला रही BJP-IPFT (इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) हैं, और दूसरी तरफ हैं CPI(M)-कांग्रेस। सत्ता बचाने की कोशिश कर रही BJP ने अपने सभी स्टार प्रचारक मैदान में उतार दिए थे। PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के CM योगी आदित्यनाथ, असम के CM हेमंत बिस्व सरमा समेत कई बड़े नेताओं ने रैलियां की। लेकिन, समीकरण CPI(M)-कांग्रेस की तरफ जाते नजर आ रहे हैं। हालांकि, BJP ने भी राम मंदिर से यूटर्न लिया और मेनिफेस्टो में विकास के बडे़-बड़े वादे किए हैं। उधर, पहली बार चुनाव लड़ रही पार्टी टिपरा मोथा दोनों गठबंधनों का गणित बिगाड़ने की ताकत रखती है। BJP की चिंता यहीं खत्म नहीं होती, जमीन के हालात बताते हैं कि त्रिपुरा में अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का मुद्दा काम नहीं आया। इसका सबूत गृह मंत्री अमित शाह की रैली है। ये रैली 5 जनवरी को सबरूम में हुई थी। शाह ने भीड़ से पूछा, 'अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए या नहीं? ' जवाब आया, लेकिन आवाज उत्तर भारत जैसी तेज नहीं थी। अमित शाह ने फिर यही सवाल पूछा और कहा- जरा जोर से बोलिए। दूसरी बार भी भीड़ से वैसा जवाब नहीं मिला, जैसी उम्मीद थी। शाह ने बात आगे बढ़ाई, 'बाबर ने मंदिर गिराया था, नरेंद्र मोदी ने मंदिर बनाया। कोर्ट में इतने लंबे समय तक इस मामले को दबाए रखने के पीछे कांग्रेस थी। नरेंद्र मोदी आए और सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर बनने का आदेश दिया। ' तालियां बजीं, लेकिन तालियां बजाने वालों में ज्यादातर BJP कार्यकर्ता ही थे। तालियों की आवाज से साफ था कि हिंदुत्व का एजेंडा त्रिपुरा के लोगों पर उतना असरदार साबित नहीं हो रहा है। BJP को डेवलपमेंट के साथ मुख्यमंत्री माणिक साहा के करिश्मे से ही उम्मीद है। '8 फरवरी को योगी आदित्यनाथ की रैली हो या फिर 12 फरवरी को नरेंद्र मोदी की। खुद अमित शाह भी उसके बाद रैली करने आए, लेकिन उन्होंने अयोध्या का जिक्र नहीं किया। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने 9 फरवरी को दक्षिण त्रिपुरा के आदिवासी इलाके तोई बाजार में कहा- 'ये गठबंधन सांप-नेवले की जोड़ी है, आप लोगों को समझ आया कि ये लोग दिन में लड़ते थे और रात में इलू-इलू करते थे। अब खुलकर इनकी शादी हो गई है। ' दरअसल, त्रिपुरा में BJP की पैठ पिछले 5 साल में ही बनी, कांग्रेस वहां मुख्य विपक्षी पार्टी रही। गठबंधन से पहले कांग्रेस और CPI(M) एक दूसरे पर जुबानी ही नहीं, जमीनी हमले भी करते थे। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर दूसरी पार्टी के समर्थकों की हत्या के आरोप भी हैं। उधर, टिपरा मोथा 60 में से 48 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। उसका एजेंडा त्रिपुरा से अलग त्रिपुरालैंड की मांग है। इस पार्टी के मुखिया प्रद्युत कुमार किशोर लगातार BJP पर हमलावर हैं। कांग्रेस और CPI(M) का विरोध उनके एजेंडे में नहीं है। ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस उनकी पार्टी से गठबंधन कर सकती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने त्रिपुरा की दोनों सीटें जीती थीं, लेकिन कांग्रेस वोट शेयर बढ़ाने में कामयाब रही। 2018 के विधानसभा चुनाव में यह 1. 8% था, जो 2019 में बढ़कर 25% हो गया। इससे साफ हो गया कि 2018 में BJP की जीत के पीछे CPI(M) की सरकार से ऊबे कांग्रेस के पारंपरिक वोटर थे। वही वोटर एक साल में ही फिर कांग्रेस की तरफ लौट आया। यह BJP के लिए खतरे की घंटी थी। 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए जब CPI(M) और कांग्रेस ने हाथ मिलाया, तो BJP के लिए चुनौती बड़ी हो गई। इसीलिए सबसे पहले 74% हिंदू वोटर वाले राज्य में अयोध्या का कार्ड खेला गया, लेकिन इसे फेल होते देख, पार्टी ने कभी एक-दूसरे के दुश्मन रहे कांग्रेस और CPI(M) के गठबंधन को निशाना बनाया। BJP भले पिछली जीत दोहराने के दावे करे, लेकिन जमीन पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं के फीडबैक में वे अब भी पिछड़ रहे हैं। 9 फरवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी का मेनिफेस्टो जारी किया। अब तक गठबंधन और विकास के मोर्चे पर CPI(M) को फेल बता रही BJP ने त्रिपुरा के लिए खजाना खोलने का वादा किया। आयुष्मान भारत योजना, जिसके तहत पूरे देश में इलाज के लिए 5 लाख रुपए मिलते हैं, त्रिपुरा में यह रकम बढ़ाकर 10 लाख करने वादा किया गया। घर में लड़की पैदा होने पर 49 हजार रुपए देने और ग्रेजुएशन करने वाली लड़की को स्कूटी देने की बात भी मेनिफेस्टो में है। किसान सम्मान निधि पूरे देश में 6 हजार थी, उसे बढ़ाकर 8 हजार किया जाएगा। उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले LPG सिलेंडरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मेनीफेस्टो में यह सब ऊपर और CPI(M) पर भ्रष्टाचार और विकास न करने के आरोप नीचे थे। IPFT त्रिपुरा की रीजनल पार्टी है। 2013 में इस पार्टी ने त्रिपुरालैंड की मांग उठाई थी। 2018 में उसी मांग को पूरा करने के वादे के साथ वह BJP में शामिल हुई। इसका फायदा BJP को हुआ। 20 में से 18 रिजर्व सीटें इस गठबंधन के खाते में आईं। IPFT 12 सीटों पर चुनाव लड़ी, 8 पर जीती। त्रिपुरालैंड की मांग करने वाली IPFT अब इस मुद्दे पर खामोश है। जबकि टिपरा मोथा ने लिखित में BJP से त्रिपुरालैंड की मांग की। BJP ने इनकार किया, तो उसने गठबंधन नहीं किया। IPFT के प्रमुख रहे एनसी देबबर्मा की मौत से भी संगठन कमजोर पड़ा। उधर, टिपरा मोथा ने त्रिपुरालैंड की मांग को जोर-शोर से उठाया। गैर राजनीतिक रहे इस संगठन ने पार्टी बनाई और चुनाव में उतर गया। BJP को इसका अंदाजा लग चुका था, इसलिए IPFT को 5 सीटें ही दीं। राज्य में अब दो आदिवासी पार्टियां हैं- IPFT और टिपरा मोथा। उधर CPI(M) ने भी CM फेस के तौर पर आदिवासी नेता जितेंद्र चौधरी को प्रोजेक्ट कर दिया है। यानी आदिवासी वोटर के पास अब तीन विकल्प हैं, जो पहले एक ही था। 2018 में टिपरा मोथा ने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन IPFT का समर्थन किया था। CPI(M) और कांग्रेस के गठबंधन की ताकत समझने के लिए 2019 में हुए उपचुनाव के गणित को समझना होगा। 3 विधानसभा सीटों पर 2022 में चुनाव हुए थे। बदरघाट विधानसभा सीट खाली होने पर चुनाव हुए। इसके नतीजे में BJP पास हुई। BJP उम्मीदवार को 20,471 वोट मिले, कांग्रेस उम्मीदवार को 9,101 और CPI(M) को 15,211 वोट मिले। दोनों को जोड़ दें तो 24,312 वोट होते हैं। वोटों का ये गणित इस चुनाव में BJP के नतीजे पलट सकता है। त्रिपुरा के सीनियर जर्नलिस्ट शेखर दत्त कहते हैं- 'BJP के लिए लड़ाई मुश्किल है। कांग्रेस का पारंपरिक वोटर और CPI(M) का वोटर मिल गया है। आदिवासी वोट टिपरा के साथ होगा। CPI(M) ने भी आदिवासी CM फेस बनाकर आदिवासी वोटर्स को मैसेज दे दिया है। ' 'BJP ने डेवलपमेंट को मुद्दा बनाया। एयरपोर्ट हो या ब्रिज, सारे प्रोजेक्ट्स CPI(M) के हैं। काम चल रहा था। BJP ने बस क्रेडिट लिया। उन्हें अपने CM को हटाना पड़ा। जनता तो पूछेगी ऐसा क्यों किया? भ्रष्टाचार के आरोप सामने न आ जाएं और लोगों की नाराजगी चुनाव में भारी न पड़े इसलिए। ' CPI(M) के जितेंद्र चौधरी कहते हैं, 'चुनाव में हिंसा हुई, तो हम तैयार हैं। हम जवाब देंगे, लेकिन उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा। पहली बार किसी राज्य में चुनाव आयोग ने लेटर जारी कर जीरो वायलेंस इलेक्शन कराने का वादा किया है। ' जर्नलिस्ट शेखर दत्त भी कहते हैं, 'हिंसा तो होगी, यह सही है कि दोनों तरफ के कार्यकर्ता लाठी-डंडों के साथ तैयार हैं। ' सूत्रों के मुताबिक, इंटेलिटेंस ब्यूरो यानी IB ने नतीजे वाले दिन हिंसा होने का इनपुट दिया है। इसके मुताबिक, नतीजा कुछ भी रहे। कोई भी पार्टी जीते, लेकिन हिंसा होगी और यह लाठी-डंडों तक सीमित नहीं रहेगा। पिछले चुनाव में BJP- IPFT के गठबंधन को 44 सीटें मिली थीं। इसमें BJP ने 36 और IPFT ने 8 सीटें जीती थीं। CPI(M) को 16 सीटें मिलीं, कांग्रेस खाता ही नहीं खोल पाई। BJP को 43% और IPFT को 7. 5% वोट मिले थे। CPI(M) को 42. 7% और कांग्रेस को 1. 8% वोट मिले थे। यानी BJP गठबंधन को 50. 5% और CPI(M) के गठबंधन को 44. 2% वोट मिले थे। अगर IPFT का वोट टिपरा और CPI(M) में बंटा तो BJP का शेयर कम होगा। रिजल्ट के बाद टिपरा मोथा किसके साथ जाएगी, ये अभी साफ नहीं है। इस पार्टी ने 2021 में ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल पर कब्जा किया था। BJP और CPI(M)-कांग्रेस गठबंधन दोनों ने चुनाव से पहले टिपरा मोथा से गठबंधन की पेशकश की थी। इससे साफ हो गया कि नई होकर भी टिपरा मोथा राज्य की राजनीति में बड़ी ताकत है। उसने पहले ही CPI(M)-कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया था। अलग प्रदेश की मांग पर BJP से भी बात नहीं बनी। हालांकि, CPI(M) के CM फेस जीतेंद्र चौधरी को उम्मीद है कि चुनाव के बाद तीनों पार्टियों मिलकर सरकार बनाएंगी। वे कहते हैं- 'इस पर दोबारा बातचीत की जरूरत नहीं है। टिपरा मोथा की प्रदेश के बंटवारे की डिमांड छोड़कर हम इकट्ठा हों। जिस मकसद से उन्होंने ये संघर्ष किया है, वही हमारा भी है। ' मकसद यानी BJP को हराना और आदिवासियों को सुविधा देना। RSS के एक सीनियर लीडर नाम न बताने की शर्त पर चुनाव का गणित समझाते हैं- 'त्रिपुरा में BJP के लिए चुनौती कड़ी है। गठबंधन सिर्फ कांग्रेस और CPI(M) का नहीं है, अगर सरकार बनानी पड़ी तो टिपरा साथ होगी। अगर CM बिप्लब देब को नहीं हटाते, तो यह चुनौती और बड़ी होती। केंद्र को RSS और IB ने रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके 4 महीने बाद बिप्लब को हटाना, इनकी जमीन को कमजोर कर गया। जीत तो होगी, लेकिन अंतर कम होगा, इसलिए जोड़-तोड़ तो करना पड़ेगा। ' (संध्या द्विवेदी त्रिपुरा से लौटकर, इलेक्शन एनालिसिस और ओपिनियन निजी विचार हैं) त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले का सोनामुरा बांग्लादेश के साथ 79. 5 किलोमीटर बॉर्डर साझा करता है। इसमें से 9. 43 किलोमीटर में फेंसिंग नहीं हुई है। इसी तरह दक्षिणी त्रिपुरा के बिलोनिया में 2 किलोमीटर, खोवाई और उत्तरी त्रिपुरा के लाफुंगा समेत कुछ इलाकों में फेंसिंग बाकी है। यही एरिया तस्करों के लिए स्वर्ग है। सिक्योरिटी के लिए BSF है, लेकिन जवानों को गोली चलाने का इजाजत नहीं है। वे डंडों से तस्करों को रोक रहे हैं। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से करीब 55 किलोमीटर दूर गोमती जिले के काकराबन गांव के दरगाह बाजार में अब एक नई मस्जिद खड़ी है। इससे बस 5 फीट दूरी पर ही 19 अक्टूबर 2021 को एक पुरानी मस्जिद को जला दिया गया था। जली हुई मस्जिद को याद करने वाला कोई नहीं। मामले में सभी आरोपी बेल पर बाहर आ चुके हैं। मस्जिद की देखभाल करने वाले भी चुप है, कहते हैं कि ऊपर के लोगों ने बोलने से मना किया है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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पोर्टेबल डिवाइस के क्षेत्र में अग्रणी प्रोफेशनल ऑडियो और वायरलेस कम्युनिकेशन सॉल्यूशंस प्रदाता हांगकांग स्थित कंपनी साउंड वन ने नई ऑडियो एसेसरी भारतीय बाजार में उतारी है। हेडफोन्स के अपने पोर्टफोलियो में नया उत्पाद जोड़ते हुए साउंड वन ने अब अपना प्रतिष्ठित वी10 ब्लूटूथ वायरलेस हेडफोन विद माइक्रोफोन लॉन्च किया है। इमसें ब्लूटूथ वी5. 0 टेक्नोलॉजी दी गई है जो कनेक्टेड डिवाइस से 10 मीटर रेडियस की दूरी पर मजबूत और स्थिर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अंदर लगा हुआ माइक्रोसॉफ्ट आसान कॉल मैनेजमेंट प्रदान करता है। भारत में त्यौहारों का सीजन लोगों को आपस में जोड़ने और खुशियां बांटने का प्रमुख जरिया होते हैं और यह नया प्रोडक्ट इसी काम को बखूबी करता है। यह नया प्रोडक्ट आपको क्रिसमस और न्यू ईयर पर अपने प्रियजनों को गिफ्ट देने का नया आइडिया देता है। साउंड वन वी10 हेडफोन्स बनावट के मामले में इस प्रकार डिजाइन किए गए हैं कि यह कई घंटों तक संगीत सुनने के लिए भी आरामदायक है। अपने इस ब्लूटूथ हेडफोन के साथ कोई व्यक्ति दिनभर भी म्यूजिक सुन सकता है क्योंकि इसमें बेहतरीन गुणवत्ता की कुशनिंग दी गई है। यह बड़े 40 एमएम के स्पीकर्स से बेहतरीन आउटपुट के साथ सच्ची और शुद्ध स्टीरियो साउंड क्वालिटी प्रदान करता है। इन वायरलेस इयरफोन्स से कोई भी व्यक्ति बेहतरीन बेस और सटीक नोट्स प्राप्त कर सकता है। साउंड वन वी10 को 200एमएएच बैटरी के साथ बनाया गया है जिसमें 8-10 घंटे संगीत सुना जा सकता है। इसमें कई प्रकार के प्ले मॉड्स जैसे माइक्रो एसडी कार्ड स्लॉट और ऑक्स केबल दिए गए हैं। कुछ ही पल में आप वायरलेस से वायर्ड कनेक्टिविटी में पहुंच सकते हैं। साउंड वन वी10 एस पोर्टेबल एंड फोल्डेबल डिजाइन का यह फायदा है कि इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। प्रोडक्ट स्पेशिफिकेशंसः इस प्रोडक्ट की कीमत 1390 रुपये है और इसके साथ एक साल की वारंटी है। यह AMAZON. IN, FLIPKART. COM और अन्य रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध होगा। साउंड वन के बारे मेंः हांगकांग स्थित कंपनी साउंड वन पोर्टेबल ऑडियो डिवाइस के क्षेत्र में अग्रणी प्रोफेशनल ऑडियो और वायरलेस कम्युनिकेशन सॉल्यूशंस प्रदान करती है। साउंड वन हमेशा परफेक्शन, फैशन और सादगी के साथ ही इनोवेशन पर जोर देती है। साउंड वन हाई-एंड इयरफोन्स, खासतौर पर उच्च गुणवत्ता वाले साउंड के साथ मुहैया करवाती है और उपभोक्ताओं को उनकी जरूरत के मुताबिक सॉल्यूशन प्रदान करती है। इसमें अफोर्डेबल कीमत पर ऑडियो जोनर और स्टाइल की विशाल रेंज मिल जाती है। साउंड वन का मानना है कि साउंड एक बहुत ही व्यक्गित अनुभव है और उपभोक्ताओं को ऐसे इयरफोन उपलब्ध करवाने का प्रयास करती है जो उनकी व्यक्गिगत इच्छा के मुताबिक हों। साउंड वन सर्वश्रेष्ठ उत्पाद बेहतरीन कीमत पर उपलब्ध करवाने के लिए लगातार प्रतिबद्ध है। साउंड वन का एक ही साधारण मिशन है इनोवेटिव, हाई क्वालिटी ऑडियो प्रोडक्ट्स तैयार करना जिसमें पूरा फोकस हाई एंड साउंड पर है। हमारी मजबूती, सफलता और प्रोडक्ट रेंज ग्राहकों के साथ हमारे खास संबंधों पर टिकी है। एक ऐसा संबंध जिसने हमेशा बेहतर परिणाम दिए हैं। हम वास्तविक उपभोक्ताओं के लिए वास्तविक साउंड क्वालिटी प्रदान करते हैं।
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रिमो- बैल-टाला - टूम- रुप, घर-घर तोगें, पात- पियत में ( जाकी) छाती जरी जाति धनिये । टाम टटै पामी, हाल परिजात साम्ही, याते भूलि के अमाह मी, बौहरे की नहीं बनिय । लदैनो' पुरुष उवाच न्योहरेन वे दुख कहे, प्यारो चतुर सुजान । तन मुलदेने के पहे, सुख गुपाल गुणभान ।। कवित आपनो-परायो धन रहस्या वरे हाथ, संग माथ हा में परन पराउ सदा देने को नायक महावै, ओ किराने लादि नावै, भारो भरम बढावे ओ' रहेन डर देने का । खाय न ठगाई, चतुराई ते कमाई, टव, जावे माल बिकरी खरीदि करि नेने को । बहन 'गुपाल कवि' मेरे ज्ञान मेंनो याते, सनही ते भलो रुजिगार है लदने को । स्त्री उवाच सोरठा बबहुं न कीज राह, भूलिहू या रजिगार को निशि दिन चालेराह सवते दुखो नदनिया । १ यr प्रमग व मे अगने विज्ञान (रान प्रवथ ) म है । पर विषय की विनामक अन्नगत है । भ में मारा इस प्रवार प्यागे चतुर मुजान सुन्त प्रनिज ग्रुप आन ना जाय व ॥ भूमि मे शयन, निशि- रयति यरान हाति, बोलना परत यूठ-साच लेने दन म । चिता नित रहति, जिनसि घटिदिन की, जिय जाध्यो ज्यान का रहत दर टन म । देश-परदेशन में डालना परत, भले भेस ही सो सहनो परत सव धने म । कहत 'गुपान' कवि आइति विनाता होत दिन-दिन दूनो दुध दुसह लदने में । काठकौबज पुरुष उवाच लगो रहै बिक्री सदा होत दाम के गज । सब बजन के बीच में, भलौ काट को वज ।। लट्ठा - सोठि पठा चले आवत दिसावर तें, मिल जमा भारी वारपाने ते अरज मैं । सुकवि गुपाल जासौ व्यौस वेरे वार बहु वढई- मजूर, ग्राम वरत मरज मैं । जग के किमामी, रुप रापत रहत होत सवही की सुप जाकी सहज जरज मा मिलत वरज, जान सरत गरज, कही होति न हरज, क्वी वाठ के बनिज मैं ॥ १ व टन म २ यह प्रसग मु है म नहीं है ।
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बरेली। बीएड काउंसलिंग में उत्तर प्रदेश के लगभग 22 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया है। 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने कॉलेजों में सीटें लॉक की हैं। काउंसलिंग में विद्यार्थियों के शामिल होने की रफ्तार धीमी होने के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन चिंतित है। अभी 53 हजार विद्यार्थी पहली काउंसलिंग में शामिल होने हैं, जबकि सिर्फ तीन दिन ही बचे हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने पहली काउंसलिंग में 75 हजार रैंक तक के विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया है। इन विद्यार्थियों को ऑनलाइन ही अपने अभिलेख डाउनलोड करके सीटें बुक करनी हैं। 30 सितंबर से काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। छह दिन में यह आंकड़ा लगभग 22 हजार ही पहुंच पाया है। जानकारों का कहना है कि तीन दिन में यह आंकड़ा बमुश्किल 50 हजार रैंक तक ही पहुंच पाएगा। यानी पहली काउंसलिंग में 75 हजार विद्यार्थियों में से 50 हजार ही हिस्सा लेंगे। हालांकि विश्वविद्यालय बचे विद्यार्थियों को बाद में भी मौका दे सकता है। राज्य समन्वयक प्रोफेसर बीपी सिंह का कहना है कि काउंसलिंग की रफ्तार अब बढ़ रही है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के स्नातक के अंतिम वर्ष परीक्षा के परिणाम करीब एक महीना देरी से आए थे। इधर अब बीएड काउंसलिंग में विद्यार्थियों की रुचि उस तरह से नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि परीक्षा परिणाम में देरी भी इसकी एक बड़ी वजह है। परिणाम में देरी होने के चलते कई विद्यार्थियों ने दूसरी यूनीवर्सिटी की ओर रूख कर लिया। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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बेंगलुरूः कर्नाटक विधानसभा चुनाव की जैसे-जैसे तारीख पास आ रही हैं। राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। शनिवार को बीजेपी ने अपने 40 स्टार कैंपेनर की लिस्ट जारी की है। इस लिए में सबसे ऊपर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का नाम है। पीए मोदी के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, सुषमा स्वराज, नीतिन गड़करी, राजनाथ सिंह, बी॰ एस॰ येदियुरप्पा, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जावेड़कर और पीयूष गोयल जैसे नाम है। इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम भी इस लिस्ट में है। जिन सिएम के नाम इस लिस्ट में हैं उनमें योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, देवेंद्र फडनवीस के भी नाम है। साथ ही कई सांसदों को भी पार्टी राज्य में स्टार कैंपेनर्स के तौर पर उतारने जा रही है। इन सांसदों में हेमा मालिनी, मनोज तिवारी जैसे नाम भी है। कर्नाटक में 12 मई को चुनाव है। वहीं वोटिंग 15 मई को होनी है। 225 विधानसभा सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा के मौजूदा टर्म 28 मई को पूरा हो रहा है। कर्नाटक बड़े राज्यों में पंजाब के बाद कांग्रेस के पास दूसरा राज्य बचा है। बीजेपी इस राज्य में भी कांग्रेस को हराकर हर हाल में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। अगर बीजेपी इस राज्य में जीत जाती है तो 2019 के आम चुनाव से पहले पार्टी के लिए ये एक बड़ी वैचारिक जीत होगी।
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श्रीधर पाठक ने नीच जाति की स्त्रियों के लिए भी राष्ट्रीय गीत लिसे । उदा हरणार्थ मजदूरिनों के लिए लिखा गया एक पद देखिए भारत पैसैयो मै बति यति जाऊँ । बलि चलि जाऊँ, हियरा लगाऊँ, हरया बनाऊँ, घरमा सजाउँ । मेर जियरचा फा, तन का जिगरवा का, मन का, मंदिरया का प्यारा यसैया । में बलि चलि जाऊँ - भारत पे मैयो मे यति पनि जाऊं । (ख) गीतिकाव्य की शैलियाँ काव्यगत भाव और शैली की दृष्टि से गांति काव्यों को कई मेदों में निभाजित किया जा सकता है। पहला मेद व्यग्य गाति का है । व्यग्य-गीति-फाव्य की भाँति व्यग्य-काव्य भी होते हैं । 'शकर' का 'गर्भ रडा-रहस्य' व्यग्यप्रवध-काव्य हे । व्यग्य गीति हिन्दी में बहुत छ। कम है और जो भी उनमे कवित्व का प्रभाव है। नाथूराम 'शकर' ने कुछ उत्कृष्ट व्यग्य गीति-लिसे । गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही अपने 'कविराज से सत्रोधन' में ब्रजभाषा - कविया का व्यग्य उड़ाते है : मो भारती तुम्हारा चलन देस देख कर, नव नायिका से निस्य लगन देस देस कर, परकीया में लगा हुआ भन देख देख कर, उजड़ा हुथा स्वदेश का वन देख देख कर, श्राकुल थजस्र धार से थ्रोसू बहा रही, होकर अधीर धैर्य भवन है ढहा रही । [ त्रिशूल- सरग, पृ० - ७१ ] इसी प्रकार 'कृष्णोत्कर्ष' में नाथूराम 'शकर' ने हिन्दुओं के कृष्णावतार पर व्यंग्य लिखा । मैथिलीशरण गुप्त ने भी 'शकर' को देखा-देखो कुछ व्यग्य-गीति लिखे, परतु इनके व्यग्य में डक बिल्कुल भी नहीं है और इसी लिए उनका महत्त्व बहुत ही कम है । गीति-काव्य का दूसरा भेद पत्र - गीति ( Epistles) है, जिसमें पत्र के रूप में कविता लिखी जाती है । पुत्र-गीति बँगला के महाकवि माइकेल मधुसूदन दत्त की- 'वीरागना' के अनुकरण रूप में लिखे गए । मैथिलीशरण गुप्त ने 'पत्रावली' इसी शैली में लिखी । पत्र-शैली ठीक ठीक गीति-काव्य
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- अमिताभ बच्चन को एक गुस्सैल नौजवान के रूप में देखा गया है। - करियर की शुरुआत में, उन्होंने परवाना, गेहरी चायल, बनम, मजबूर, फ़ारार और दो अंजाने में डॉन और द ग्रेट गैम्बलर के साथ काम किया। - अमिताभ बच्चन ने सस्पेंस थ्रिलर में काफी कुछ फिल्में की हैं। मुंबई. अमिताभ बच्चन की इमेज एक एंग्री यंग मैन की है। बिग बी ने 1970 और 1980 के दशक में जिस तरह की एक्शन फिल्में कीं, उसकी बदौलत उन्होंने काफी सस्पेंस थ्रिलर भी किए हैं। अमिताभ बच्चन ने करियर की शुरुआत में परवाना, गेहरी चायल, बनम, मजबूर, फ़ारार और दो अंजाने में डॉन और द ग्रेट गैम्बलर के साथ काम किया। अभी के टाइम में, उन्होंने अपनी शैली में काफी कुछ फिल्में की हैं। अमिताभ बच्चन बॉलीवुड थ्रिलर में एक प्रमुख व्यक्ति की भूमिका निभाने वाले और सुपरहिट देने वाले एकमात्र अभिनेता होने का रिकॉर्ड रखते हैं। उन्होंने बदला मूवी में तापसी पन्नू के साथ सामना किया। इस फिल्म में आने वाले ट्विस्ट को किसी ने नहीं देखा। बच्चन और तापसी की एक और फिल्म पिंक थी। फिल्म ना का मतलब ना पर आधारित थी। निर्देशक अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने हमें एक बेहतरीन फिल्म दी, जहां बिग बी ने 'नो मतलब नो' पर जोर दिया है। बच्चन की ये फिल्म ज्यादा खास नहीं थी लेकिन इसमें भी उन्होंने सेंटर रोल निभाया है। रिभु दासगुप्ता की ये फिल्म असफल रही। उन्होंने इस फिल्म को चैस के गेम की तरह दर्शाया है। इस फिल्म में फरहान अख्तर उनके को-एक्टर रहे हैं। अमिताभ के पास कंपनी के लिए बेन किंग्सले थे, और फिल्म मन के खेल पर केंद्रित थी। इसमें अजय देवगन के साथ कैमियो में आर माधवन थे। कम ही लोग जानते हैं कि श्रद्धा कपूर ने इस फिल्म से अपनी शुरुआत की थी। एक अजनबी फिल्म डेनजेल वाशिंगटन के मैन ऑन फायर का रीमेक थी। लेकिन दर्शकों ने इसे पसंद नहीं किया। अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, महेश मांजरेकर और कुमार गौरव के साथ संजय गुप्ता की कांटे एक सस्पेंस एक्शन थ्रिलर थी, जो क्वेंटिन टारनटिनो के रिजर्वायर डॉग्स पर आधारित थी। एक कांटेदार फिल्म जो अमिताभ ने कांटे फिल्म से पहले की थी। जिसका सीक्वल वर्तमान में एक साथ रखा जा रहा है। विपुल शाह की फिल्म ने एक अविश्वसनीय साजिश का दावा किया। तीन अंधे पुरुषों (अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल और परेश रावल) ने बिग बी और सुष्मिता सेन के संरक्षण में एक बैंक उत्तराधिकारी का काम किया। फिल्म एक क्रिस्प एज-ऑफ-द-सीट थ्रिलर थी। ये फिल्म एक असाधारण नाटक की तरह था जहां अमिताभ ने एक व्यक्ति का किरदार निभाया था। फिल्म में मनोज बाजपेयी थे। इस फिल्म में बिग बी का विंटेज प्रदर्शन था लेकिन यह फिल्म फ्लॉप रही थी।
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सामान्य भविष्यत् में ब्रज मेंइहौं इहैं इहौ उत्तम पु० मध्यम पु० अन्य पु० प्रत्यय होते हैं, इनमें लिंग का भेद नहीं होता । अवधी में भी ये रूप पाये जाते हैं तथा पुल्लिंग में - अब ( देखब ) और स्त्रीलिङ्ग में - अब (देखबि) रूप ख़ब प्रयोग में आते हैं। इनमें पुरुष का भेद नहीं होता । गा, गी, गे वाले रूप अवधी में बहुत कम मिलते हैं। ब्रज में कभी-कभी मिलते हैं पर गा के स्थान पर गो प्रत्यय होता है । वर्त्तमान-कालिक कृदन्त अवधी में - त - तु ( पु० ) - वि ( स्त्री० ) और ब्रज में भी ये ही हैं । भूतकालिक कृदन्त अवधी में -अ, और ब्रज में - यौ ( देख्यौ ) होता है। अवधी में आकारान्त धातुओं का भूतकालिक रूप-वा (आवा, खावा ) आदि एकवचन पुल्लिङ्ग में होता है। पूर्वकालिक क्रिया दोनों में - इ, कइ ( देखिकइ ) होती है। क्रियार्थक संज्ञा का कर्त्ता में - न ( देखन) और-व ( देखव ) और कारक चिह्नों के साथ - अ ( देखइ ) होता है । कर्तृवाचक संज्ञा--न वाली क्रियार्थक संज्ञा के साथ-हार जोड़ कर बनती है ( देखनहार ) । मुख्य सहायक क्रिया के रूप अहउँ, अहहूँ, , अह, अहँ, वर्त्तमान में अवधी में पाए जाते हैं। इसके अलावा हइ आदि रूप भी मिलते हैं । ब्रज के रूप खड़ी बोली से मिलतेजुलते हैं। भूतकाल में ब्रज में हुतो, हतो ( पु० एक० ), हुती, हती ( स्त्री० एक० ), हुते, हते ( पु० बहु० ), हुती, हती (स्त्री० बहु० ) ये रूप होते हैं। अवधी में (उत्तम० एक०) रहेउँ, रहिउँ, (उत्तम० बहु०) रहेन, रहिन, (मध्यम० एक०) रहइ, (मध्यम बहु०) रहेउ, रहिउ, (अन्य० एक०), रहइ, (अन्य० बहु०), रहँइ रूप पुल्लिंग में क्रम से होते हैं । भविष्यत् में ब्रज में हो - में प्रत्यय जोड़कर ( हुइहौं आदि ) और अवधी में रह - में प्रत्यय जोड़कर ( रहिहउँ, रहब आदि) रूप बनते हैं। संयुक्त क्रियाएँ उन्हीं नियमों से बनती हैं जो ऊपर हिन्दी के लिए दिए गए हैं। पुराने साहित्य में, विशेषकर अवधी में, सकर्मक क्रिया बहुधा लिंग व वचन में कर्म के अनुकूल होती है; जैसे, सीता मैं देखी, सहिउँ मैं पोरा आदि । अव्ययों में भी इन दोनों बोलियों में बहुत भेद रहता है; जैसे, हिन्दी यहाँ, अवधी इहाँ; हिन्दी कहाँ अवधी कहाँ, कहवाँ आदि । (ख) कुछ प्रमुख कवियों की भाषा-शैली १ - कबीर की भाषा-शैली कबीर में सत्कवि होने की प्रतिभा तो थी, किन्तु उस प्रतिभा को साहित्य-से परिष्कृत होने का अवसर नहीं मिला था। इसलिए वह अपने स्वाभाविक रूप में जितना भी कार्य कर सकती थी, करती रही । यही कारण है कि उनकी रचना में अध्ययन आदि से उत्पन्न होनेवाला सत्काव्य-गुण यथेष्ट मात्रा में नहीं मिलता । इनकी भाषा तत्कालीन विविध बोलियों से युक्त जड़, असम्बद्ध और रूखो हैं । रचना-शैली भी साहित्यिक क्षमता नहीं रखती। उन्होंने प्रामीण छन्दों और रागों का जैसे-साखी, रमैनो, चाँचर, हिन्डोला का उपयोग किया है। भाषा में सधुक्कड़ी प्रभाव है। छन्द भी बहुत कुछ नियमानुकूल नहीं हैं। इसमें सन्देह नहीं "कि इनकी रचना में काव्योचित व्यंजकता, गूढ़ता और वास्तविकता है। २- जायसी अवधी भाषा के तत्कालीन ठेठ रूप का प्रयोग प्रथम जायसी ने किया और उसे काव्य के क्षेत्र में लाने का प्रयत्न किया । तत्पश्चात् तुलसीदास ने इसी अवधी भाषा को परिष्कृत और परिमार्जित कर काव्योचित सौष्ठव देते हुए साहित्यिक भाषा बना दिया। जायसी की भाषा में ग्रामीणता का पूरा प्रभाव है, साथ ही फ़ारसी और अरबी के शब्द भी आए हैं। रचना-शैली पर फ़ारसी की मसनवी-शैली का प्रभाव है। समस्त रचना चौपाई और दोहों में है । छन्दशास्र की दृष्टि से इनमें स्थान-स्थान पर दोष मिलते हैं। इनके वाक्यों में अन्योक्ति, उपमा और रूपक अलङ्कारों की विशेष प्रधानता है । उत्प्रेक्षाएँ भी सुन्दर हैं । यत्र-तत्र दृष्टान्त और उदाहरण भी अच्छे हैं। भाव-व्यंजना और रस-परिपाक भी सराहनीय है, यद्यपि कहीं-कहीं शृङ्गार में फारसी-प्रभाव से कुछ स्वोभत्स की-सी झलक है । ३- सूरदास सूर की भाषा ब्रज-भाषा है, जिसमें माधुर्य, मार्दव, प्रसाद और लालित्य के गुण कूट-कूट कर भरे हैं। भाषा संयत और परिष्कृत है; जिसमें व्यंजकता भी बहुत है। वर्णन में स्वाभावोक्ति का ही प्राधान्य है। शैली आपकी गीत-काव्य सम्बन्धी पद-शैली है । ४ -तुलसी तुलसी की भाषा साहित्यिक अवधी है, इन्होंने अवधी को परिष्कृत और परिमार्जित कर ब्रज-भाषा के ही समान उच्च
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अगर आप अपने स्मार्टफोन को अपग्रेड करने की सोच रहे हैं तो आप Apple iPhone की ओर जा सकते हैं. अभी Apple iPhone 12 को काफी कम कीमत पर बेचा जा रहा है. इसे कंपनी की ऑफिशियल रिसेलर IndiaiStore पर सस्ते में बेचा जा रहा है. Apple iPhone 12 को अभी काफी कम कीमत पर खरीदा जा सकता है. इसके लिए आपको अपफ्रंट छूट, बैंक डिस्काउंट, कैशबैक और एक्सचेंज ऑफर का लाभ उठाना होगा. इन सभी डिस्काउंट के साथ आप Apple iPhone 12 को केवल 37,900 रुपये में खरीद सकते हैं. अभी Apple iPhone 12 को IndiaiStore पर 65,990 रुपये में उपलब्ध करवाया गया है. हालांकि, रिटेलर इस पर 5,000 रुपये का कैशबैक दे रहे हैं. ये कैशबैक Kotak Mahindra बैंक, ICICI Bank के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के अलावा SBI Bank के क्रेडिट कार्ड पर दिया जा रहा है. इसके बाद कस्टमर्स अपने पुराने स्मार्टफोन को इस फोन के बदले एक्सचेंज कर सकते हैं. इस छूट के बाद Apple iPhone 12 पर बंपर डिस्काउंट मिलेगा. हालांकि, एक्सचेंज ऑफर में डिस्काउंट की वैल्यू आपके फोन की कंडीशन और मॉडल पर डिपेंड करती है. आपको बता दें कि कस्टमर्स पुराने Apple iPhone XR 64GB के लिए 18,000 रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर ले सकते हैं. IndiaiStore पार्टनर वेबसाइट जैसे Cashify. in या Servify पर ट्रेड इन का फायदा उठाया जा सकता है. यानी iPhone 12 पर टोटल आप 28,000 रुपये का डिस्काउंट ले सकते हैं. इसे डिस्काउंट के बाद इसे 37,900 रुपये में खरीदा जा सकता है. iPhone 12 में A14 Bionic Chip थर्ड जेनरेशन न्यूरल इंजन के साथ दिया गया है.
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Republic Day 2023: भारत आज 26 जनवरी को अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी साल 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था जिसकी खुशी में हर साल 26 जनवरी को ही रिपब्लिक डे के रुप में मनाया जाता है। इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था। इस मौके पर कई बॉलीवुड हस्तियों ने अपने फैंस को शुभकामनाएं दी हैं। आइए देखते है सितारों के पोस्ट. . बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए लिखा- सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारी गौरवशाली विरासत का आज बड़ा दिन। इस साल यह दिन मेरे लिए सबसे खास होने वाला है जय हिंद। अभिनेत्री करीना कपूर खान ने राष्ट्रीय ध्वज की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, 'हैप्पी रिपब्लिक डे'। करीना कपूर के अलावा सिंगर ए आर रहमान ने भी तमाम देशवासियों को रिपब्लिक डे की बधाई दी है. सिंगर गुरु रंधावा ने भी ट्वीट कर फैंस को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. इन सेलेब्स के अलावा बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर, अजय देवगन और अमिताभ बच्चन ने सभी देशवासियों को रिपब्लिक डे (Republic Day 2023) की बधाईयां दी हैं. यह भी पढ़ेंः Republic Day 2023 LIVE: देश मना रहा 74वां गणतंत्र दिवस, PM मोदी समेत कई नेताओं ने दी देशवासियों को बधाई. .
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इंडियन प्रीमियर लीग के अब तक के इतिहास में जब कभी भी सबसे मजबूत और प्रभावशाली टीम की बात हुई है तो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का नाम हमेशा ही ऊपर रहा है। विश्व क्रिकेट की सबसे महंगी और हाई प्रोफाइल टी-20 क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग के दस सालों के इतिहास में हर बार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने एक मजबूत कटेंडर के रूप में अपनी दावेदारी पेश की है। लेकिन इसके बाद भी आरसीबी ने अब तक एक भी बार खिताब को छूने का मौका नहीं पाया है। आरसीबी ने इतना जरूर है कि अब तक वो तीन बार खिताबी सफर तय कर चुके हैं लेकिन कहीं ना कहीं उनके द्वारा कमी रह ही जाती है और वो टाइटल से चूक जाते हैं। आरसीबी की टीम में शुरूआत से ही क्रिकेट जगत के एक से एक टी-20 क्रिकेट के चर्चित चेहरे रहे हैं, जिसमें विराट कोहली, क्रिस गेल और एबी डीविलियर्स जैसे दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। एक बार फिर से इन्होंने विराट कोहली और एबी डीविलियर्स जैसे बल्लेबाजों को रिटेन किया है, लेकिन इनको अपने इन न कुछ कमियों को पूरा करना होगा तभी वो खिताब जीतने की स्थिति में रहेंगे। आरसीबी की टीम के साथ शुरूआत से रहा है कि उनकी बल्लेबाजी विभाग तो जबरदस्त रहता है लेकिन उनकी ही कमजोर गेंदबाजी विभाग होता है। ऐसे में संतुलन की कमी रह जाती है और टीम के लिए बल्लेबाज जो मौका बनाते हैं, वो गेंदबाज तोड़ देते हैं। ऐसे में इस निलामी में आरसीबी फ्रेंचाइजी को टीम के बैलेंस को ध्यान में रखते हुए टीम का चयन करना होगा। आरसीबी के लिए गेंदबाजी उनकी कमजोर कड़ी रही है ये तो हर कोई जानता है। आरसीबी फ्रेंचाइजी ने पिछली बार टाइमल मिल्स को बड़ी रकम देकर शामिल तो किया था लेकिन वो खरे नहीं उतर सके। ऐसे में इस बार किसी ऐसे विदेशी गेंदबाज को टीम में शामिल करना होगा जो भरोसा दिखा सके। इसमें से बिग-बैश लीग के गेंदबाजों को अजमाया जा सकता है जिसमें वेस्टइंडीज के जोफ्री आर्चर और एन्ड्रू टाई हैं जो काबिलियत दिखा चुके हैं। आईपीएल की वन ऑफ द फेवरेट टीमों में शुमार आरसीबी की टीम ने इस बार अपने सबसे पुराने खिलाड़ी और टी-20 क्रिकेट के बेताज बादशाह क्रिस गेल पर रिटेन में दांव नहीं लगाया। और माना जा रहा है कि निलामी में भी आरबीसी की टीम गेल को चुनने में दिलचस्पी नहीं दिखाएगी ऐसे में अब उनके लिए विराट कोहली के साथ सही सलामी साझेदार की जरूरत होगी। आरसीबी को निलामी में किसी भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज को चुनना होगा जिससे कि उन्हें गेल के पिछले दिनों की कमी ना खले। इसके लिए वो ऑस्ट्रेलिया के डी सोरी शोर्ट को चुन सकते हैं। आरसीबी की टीम में पिछले दो-तीन सीजन की बात करें तो उनकी बल्लेबाजी पूरी तरह से विराट गेल एबी और लोकेश राहुल पर टिकी हुई थी। जब ये बल्लेबाज फ्लॉप रहते तो नंबर-7 पर ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं रहता जो कुछ हद तक रन जुटाने की क्षमता रखे। ऐसे में आरसीबी को एक ऑलराउंडर को लेने की जरूरत है जो गेंदबाजी में तो काम करे ही साथ ही उपयोगी बल्लेबाजी भी कर सके।
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चर्चा में क्यों? केंद्र सरकार ने के.के. वेणुगोपाल के कार्यकाल को एक वर्ष के लिये बढ़ा दिया है और वेणुगोपाल को महान्यायवादी (Attorney General- AG) के रूप में नियुक्त किया है। - यह दूसरी बार है जब केंद्र ने उनका कार्यकाल बढ़ाया है। वर्ष 2020 में वेणुगोपाल के पहले कार्यकाल को बढ़ाया गया था। - वेणुगोपाल को वर्ष 2017 में भारत का 15वाँ महान्यायवादी नियुक्त किया गया था। उन्होंने मुकुल रोहतगी का स्थान लिया जो वर्ष 2014-2017 तक महान्यायवादी रहे। - वह सर्वोच्च न्यायालय में लंबित कई संवेदनशील मामलों में सरकार के कानूनी बचाव की कमान संभालेंगे जिसमें संविधान के अनुच्छेद 370 और नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त करने की चुनौती शामिल है। - परिचयः - भारत का महान्यायवादी (AG) संघ की कार्यकारिणी का एक अंग है। AG देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी है। - संविधान के अनुच्छेद 76 में भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान है। - नियुक्ति और पात्रताः - महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सलाह पर की जाती है। - वह एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिये जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो, अर्थात् वह भारत का नागरिक हो, उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का पाँच वर्षों का अनुभव हो या किसी उच्च न्यायालय में वकालत का 10 वर्षों का अनुभव हो अथवा राष्ट्रपति के मतानुसार वह न्यायिक मामलों का योग्य व्यक्ति हो। - कार्यालय की अवधिः संविधान द्वारा तय नहीं। - निष्कासनः महान्यायवादी को हटाने की प्रक्रिया और आधार संविधान में नहीं बताए गए हैं। वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है (राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय हटाया जा सकता है)। - कर्तव्य और कार्यः - ऐसे कानूनी मामलों पर भारत सरकार (Government of India- GoI) को सलाह देना, जो राष्ट्रपति द्वारा उसे भेजे जाते हैं। - कानूनी रूप से ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करना जो उसे राष्ट्रपति द्वारा सौंपे जाते हैं। - भारत सरकार की ओर से उन सभी मामलों में जो कि भारत सरकार से संबंधित हैं, सर्वोच्च न्यायालय या किसी भी उच्च न्यायालय में उपस्थित होना। - संविधान के अनुच्छेद 143 (सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति) के तहत राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में किये गए किसी भी संदर्भ में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना। - संविधान या किसी अन्य कानून द्वारा उसे प्रदत्त कार्यों का निर्वहन करना। - अधिकार और सीमाएंँः - वोट देने के अधिकार के बिना उसे संसद के दोनों सदनों या उनकी संयुक्त बैठक और संसद की किसी भी समिति की कार्यवाही में बोलने तथा भाग लेने का अधिकार है, जिसका वह सदस्य नामित किया जाता है। - वह उन सभी विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों का हकदार होता है जो एक संसद सदस्य को प्राप्त होते हैं। - वह सरकारी सेवकों की श्रेणी में नहीं आता है, अतः उसे निजी कानूनी अभ्यास से वंचित नहीं किया जाता है। - हालाँकि उसे भारत सरकार के खिलाफ किसी मामले में सलाह या संक्षिप्त जानकारी देने का अधिकार नहीं है। - भारत के सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General of India) और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (Additional Solicitor General) आधिकारिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में महान्यायवादी की सहायता करते हैं। - महाधिवक्ता (अनुच्छेद 165): राज्यों से संबंधित ।
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टीवी के चर्चित सीरियल गुम है किसी के प्यार में दिखाया जाएगा कि सई और पाखी के बीच हुए ड्रामे से वीनू डर जाएगा। वह सई को धक्का देगा एवं बुरा भला बोलेगा। वीनू पाखी से बोलेगा कि उसे घर ले चले। सई टूट जाएगी और विराट को उसके लिए दुख होगा। घर पर चव्हाण परिवार भी सई को दोष देगी जिस पर विराट भिड़ जाएगा। यहां सई वीनू के कारण मानसिक तौर पर परेशान हो जाएगी। घर पर वीनू बुरा सपना देखेगा। पाखी वीनू की हालत के लिए सई को दोष देगी। स्कूल में पाखी घबराकर विनायक के सामने सच का खुलासा कर देती है कि सई उसकी असली मां है। पाखी के बुरी तरह रोने एवं अचानक से सच सामने आने से विनायक डर जाता है। वह सई को गंदा बोलता है एवं विराट, पाखी से घर चलने को बोलता है। सई हर्ट होकर वहीं बैठी रह जाती है एवं विराट को उसके लिए बुरा लगता है। वह वीनू से बोलता है कि सई को बुरा न समझे मगर पाखी बीच में बोल पड़ती है। तभी सवि वहां पहुंचती है एवं अपनी मां को गले लगाती है। सई सवि से पूछती है कि क्या वह इतनी गंदी है? इस पर सवि उसे समझाती है कि शायद वीनू नाराज है। सवि बोलती है कि वह उसकी एवं वीनू की दोस्ती करवा देगी। वही विनायक घर आकर डरा रहता है। वह अश्विनी और भवानी से बोलता है कि उन्हें कभी नहीं छोड़ेगा। वह उन लोगों को बताता है कि सई बोल रही थी कि वह उन लोगों की असली मां है। भवानी सई पर भड़क जाती है। विराट बीच में बोलता है कि सई एक मां है। वह अकेली अपनी हर जंग लड़ रही है। उसके पास कोई नहीं है। उन व्यक्तियों को सई का दर्द समझना चाहिए। इधर घर पर सई टेडी बियर को वीनू समझकर बातें करती है। सई कहती है कि जब उसने धक्का दिया तो वह बहुत हर्ट हो गई। वीनू बोलता है कि वह डर गया था। वह तो स्वयं ही सई को छोटी मां बोलना चाहता था। वह सई से बोलता है कि उसे छोटी मां बोलेगा। सई बात कर रही होती है तभी वहां सवि आ जाती है। सवि उससे पूछती है कि वह किससे बात कर रही है, यहां तो टेडी बियर है। वीनू बुरा सपना देखता है कि सई उसे पाखी से अलग कर रही है। वह जाग जाता है तो पाखी सई को दोष देती है। विराट उसे याद दिलाता है कि सई नहीं बल्कि उसके कारण यह सब हुआ है।
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- #Lunar EclipseChandra Grahan 2023: क्यों कुवारों के लिए अच्छा नहीं होता चंद्र ग्रहण? - #Lunar EclipseChandra Grahan 2023 Katha: क्यों लगता है चांद को ग्रहण? क्या है इसके पीछे की कहानी? - #Lunar EclipseChandra Grahan 2023: आखिर हर पूर्णिमा पर क्यों नहीं लगता है चंद्र ग्रहण? Lunar Eclipse 2023: आज यानी शुक्रवार देर रात को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा है। यह चंद्र ग्रहण रात 08:45 से लगा है, जो देर रात 01:00 बजे तक लगा रहेगा। यानी इस बार सवा चार घंटा तक चंद्र ग्रहण लगा रहेगा। इस बीच 2023 के पहले चंद्र ग्रहण की पहली तस्वीर सामने आई है। आज बुद्ध पूर्णिमा भी है, इसलिए आज पूरा चांद दिखा है। ग्रहण लगने के बाद चांद की पूरी तस्वीर सामने आई है। इंडिया मेट स्काई वेदर (India Met Sky Weather) ने ट्वीट कर कहा कि आज चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) का रियल लाइफ एनीमेशन पिछले 2 घंटों के दौरान ली गई तस्वीरों के साथ बनाया गया है। शुभ रात्रि और इसका आनंद लें। वहीं, अन्य ट्वीट में कहा कि ग्रहण कभी भी अकेले नहीं आता है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि ग्रहण के 2 सप्ताह पहले या बाद में हमेशा ग्रहण होता है। यह ग्रहण चंद्रमा पर एक छोटे से फीके बिट मार्क छाया जैसा दिखेगा। इस अनोखे चांद की तस्वीर सामने आई है। जिसे लोग दीदार कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार अपने देश में प्रबल रूप से प्रभावी नहीं होने के चलते ग्रहण का सूतक नहीं लगा है। अमूमन चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। हालांकि ग्रहण के दौरान लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
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वाणिज्य संवाददाता नई दिल्ली। प्रिंट वीक के अंतर्राष्ट्रीय पब्लिशर्स, हेयमार्पिट मीडिया द्वारा आयोजित प्रिंट वीक 2010 पुरस्कार के लिए वर्ष की प्रिंट वीक कंपनी के रूप में इंटरनेशनल प्रिंट-ओ-पैक लिमिटेड (आईपीपी) को चुना गया। इस समारोह में कोमार्ट, गोपसन्स, मनीपाल, प्रगति, रेपलिका, सिल्वरप्वाइंट, स्पेंटा, पार्पसन्स और थामसन प्रेस जैसी जानी-मानी प्रेस और प्रिंट कंपनियों ने भाग लिया था। यह कार्यक्रम मुंबई में आयोजित किया गया। आईपीपी ग्लोबल एफएमसीजी और पब्लिशिंग कंपनियों के लिए बेहतरीन पेपर बोर्ड पैकेजिंग और प्रिंटिंग समाधान उपलब्ध कराता है। आईपीपी के कार्यपालक निदेशक ऋषभ सिंघवी ने कहा कि हमें बेहद खुशी है कि हमने वर्ष की प्रिंट वीक कंपनी का पुरस्कार प्राप्त किया है और हम अपने पिछले कार्यनिष्पादन को निरंतर बेहतर बनाने का प्रयास करने रहेंगे। हम अपनी सेवाओं में और अधिक सुधार लाने, ग्राहकों को संतुष्ट करने और वर्ष-दर-वर्ष पर्याप्त विकास करने के लिए अभिनव, नई तकनीक और मानव संसाधन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आईपीपी ने वित्त वर्ष 2010 में 210 करोड़ रुपये की बिक्री की है। कंपनी का प्रबंधन अब एक समर्पित व्यावसायिक दल के हाथ में है जिन्हें संबंधित तकनीक की पृष्ठभूमि और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त है।
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बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा इन दिनों अपनी लेटेस्ट तस्वीर को लेकर चर्चा में बनी हुईं हैं। परिणीति चोपड़ा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह समंदर किनारे बैठी नजर आई आ रहीं हैं। इस फोटो पर कई सितारे कमेंट कर रहे हैं। वहीं इस फोटो को देखकर उनकी बहन और एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा को भी जलन हो गई। परिणीति की फोटो देख प्रियंका को हुई जलनः परिणीति चोपड़ा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह समंदर किनारे बैठी नजर आई आ रहीं हैं। इस तस्वीर में उन्होंने ब्लैक बिकिनी पहनी है, जिसमें उनकी फिट बॉडी देखकर फैंस इम्प्रेस हुए। फोटो को शेयर करते हुए परिणीति ने कैप्शन में लिखा है, "इस फोटो से पहले मैं प्रणायाम कर रही थी, ओके ये झूठ है। " जहां सब परिणीति की तारीफ कर रहे थे, वहीं प्रियंका ने कमेंट करते हुए कहा, "मुझे बहुत जलन हो रही है। " प्रियंका के अलावा अन्य सेलेब्स ने भी परिणीति की पोस्ट पर कॉमेंट किए हैं। इन दिनों तुर्की में हैं परिणीतिः हाल ही में परिणीति चोपड़ा से सोशल मीडिया पर सवाल पूछे गए। एक फैन ने पूछा कि, वह कहां हैं जहां से वह इतनी खूबसूरत फोटोज शेयर कर रही हैं, तो उन्होंने बताया वह तुर्की में हैं। परिणीति ने ये भी बताया कि, मैं 1 मार्च से देश से बाहर हूं। मैं खुशनसीब हूं कि, मैं ऐसे मुश्किल समय में फिर से ट्रैवल कर पा रही हूं। कई लोग भारत में ट्रैवल नहीं कर पा रहे हैं, तो मैं इस ब्लेसिंग को मजाक में नहीं लेना चाहती हूं। परिणीति चोपड़ा की आने वाली फिल्मः वहीं अगर परिणीति चोपड़ा वर्क फ्रंट की बात करें, तो परिणीति की हाल ही में तीन फिल्में रिलीज हुई हैं, जिसे दर्शकों से अच्छा रिस्पांस मिला है। एक्ट्रेस की फिल्म 'संदीप और पिंकी फरार', 'सायना' और 'द गर्ल ऑन द ट्रेन' OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई हैं। फिलहाल तो उनकी फिल्में दर्शकों के दिलों पर और बॉक्स ऑफिस में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी। वहीं अगर परिणीति चोपड़ा की आने वाली फिल्म की बता करें, तो वो जल्द ही फिल्म 'एनिमल' में एक्टर रणबीर कपूर के साथ नजर आएंगी। ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
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पंचकूला, 8 मार्च (ट्रिन्यू) अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज यहां कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रज़ा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में एसडीएम रिचा राठी और नगराधीश सिमरनजीत कौर भी उपस्थित रहीं। इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली विभिन्न स्कूलों की 16 छात्राओं को एक लाख 52 हजार 400 रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी को संबोधित किया। उन्होंने आह्वान किया कि जिस प्रकार से घरों में माताएं एवं बहनों का सम्मान करते हैं उसी भावना से दूसरों की बहन व बेटियों का भी सम्मान करें। एसडीएम रिचा राठी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस साल का थीम है 'चूज़ टू चैलें'। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व पोषण अभियान' की ब्रांड एम्बेसडर प्रियंका शर्मा ने कहा कि बेटियां आज हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल कर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए दून पब्लिक स्कूल की मनजोत कौर, मेधावी, अनिका गगनेजा, स्नेहा धीमान, भाव्या टुटेजा, तनिशा, नाव्या शर्मा, गुरूप्रीत कश्यप, कीर्ति भट्ट और कृष्टि अग्रवाल, डीएवी पब्लिक स्कूल की सीया चानना और भवन विद्यालय स्कूल की अनवी सोनी को 11-11 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई। इसी प्रकार स्पाॅट पेंटिंग के क्षेत्र में चाइल्ड केयर संस्थान की शगुन, कोमल और अंजलि तथा संगीत के क्षेत्र में दीपिका को 5100-5100 रूपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। अम्बाला (नस) : कल्पना चावला राजकीय महिला बहुतकनीकी अम्बाला शहर में आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के तहत एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जन औषधि केंद्र के प्रधान नरेश कुमार अग्रवाल तथा विशिष्ट अतिथि शिक्षक एमपी गुप्ता रहे। मुख्य वक्ता नरेश कुमार ने वक्तव्य में भारतीय जन औषधि परियोजना दिवस 2021 की उपलब्धियों के बारे में बताया। कल्पना चावला गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक फॉर वुमेन में चार विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें एसे राइटिंग में मनीषा व आंचल गुप्ता, पोस्टर मेकिंग में मनीषा, कोमल, पलक, सिमरन, भाषण प्रतियोगिता मे मनजीत कौर, कोमल, पल्लवी, रिदम, शिवानी, रंगोली प्रतियोगिता में शिवानी, पल्लवी ने प्रथम स्थान ग्रहण किया। संस्था की डाक्टर विंदु आनंद ने अतिथियों का स्वागत किया व महिला सशक्तिकरण के लिए छात्राओं को जागरूक किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर अश्वनी भारद्वाज रहे व इस अवसर पर सरला, कृष्णा, डॉ़ संतोष व सविता आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे। अम्बाला शहर (हप्र) : विश्व महिला दिवस के अवसर पर अम्बाला नगर निगम की मेयर शक्तिरानी शर्मा की ओर से महिलाओं के लिए निशुल्क मेडिकल चेकअप कैंप का आयोजन किया गया। इसमें करीब 200 महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई और उन्हें परामर्श देकर मुफ्त दवाइयां भी दी गईं। शहर के नाहन हाउस स्थित भगवान वाल्मीकि सत्संग हाल में आयोजित कैंप के दौरान मिशन अस्पताल के डायरेक्टर सुनील सादिक की देखरेख में डॉक्टरों ने मरीजों की जांच की। कैंप के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट, सामान्य चिकित्सा, स्त्री रोग विशेषज्ञ, आंखों की जांच, दवा विशेषज्ञ ने मरीजों की जांच की। अम्बाला (नस) : जीएमएन कॉलेज, अंबाला छावनी के एनएसएस यूनिट के सौजन्य वूमेन सेल द्वारा कॉलेज प्राचार्य डॉ राजपाल सिंह की अध्यक्षता में महिला दिवस के उपलक्ष्य में 'आओ स्त्री के लिए लिखें' अभियान चलाया गया जिसमें महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने स्त्री संबंधी अपने भावों को लिखा। कॉलेज प्राचार्य डॉ राजपाल सिंह ने कहा कि पुरुषों की प्रेरक के साथ-साथ स्त्री मार्गदर्शक भी है । यहां एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ धर्मवीर सैनी, व डॉ अनीश ने भी विचार रखे। पंचकूला (ट्रिन्यू) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को युवा व्यापार मंडल द्वारा सेक्टर 5 महिला थाना प्रभारी वहिता हामिद व उनकी सहयोगी टीम, सेक्टर-20 के सरकारी अस्पताल में मुख्य डॉक्टर अंजू शर्मा व सहयोगी टीम, कर्मचारी वंदना रानी, उद्यमी पूजा गुप्ता, मनीषा सिंगला व विभिन्न क्षेत्र से जुड़ी 36 महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर युवा व्यापार मंडल के प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग, प्रदेश सचिव कृष्ण कुमार, विशेष आमंत्रित सदस्य आशु सिंगला, सुबोध अटल, विजय बंसल आदि मौजूद थे। सुपर 100 के साथ काटा केक : प्रिंसिपल डाइट सुनीता नैन के अनुसार आज विश्व महिला दिवस पर डाइट सदस्यों ने अपनी सुपर 100 की लड़कियों के साथ केक काटा। इसमें कविताएं, गीत और नृत्य के साथ-साथ लड़कियों को संदेश दिया कि कभी खुद को कमज़ोर मत समझें। दूसरी ओर सेक्टर 6 के नागरिक अस्पताल में ठेका कर्मचारी यूनियन की प्रधान रमा देवी ने महिला कर्मचारियों को शुभकामनायें दीं। बीबीएन (निस) : अटल शिक्षा नगर, कालूझंडा स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के सभागार में महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उनके सराहनीय प्रदर्शन और कोरोना काल में कार्य करते रहने के लिए सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में दून निर्वाचन क्षेत्र की पूर्व विधायक विनोद चंदेल और आईटी विभाग, शिमला की वर्तमान संयुक्त निदेशक, नीरज चांदला मुख्य रूप से उपस्थित रहीं। कुलपति डॉ़ अंजु सक्सेना ने जिला परिषद सदस्य रीना देवी चौहान और बीडीसी सदस्य नीलम कुमारी को सम्मानित भी किया। पंचकूला (ट्रिन्यू) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज यहां सेक्टर 15 स्थित पोस्ट ऑफिस में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। हरियाणा महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज ने मुख्यातिथि व उपमंडल अधिकारी ( नागरिक) डॉ़ ऋचा राठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। पोस्टमास्टर जनरल हरियाणा रंजू प्रसाद ने इस अवसर पर डाक महिला कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं हेतु पुरस्कृत किया। इसके अतिरिक्त सोनिया सूद, नगर पार्षद , कुमारी रीजुल सैनी बैडमिंटन खिलाड़ी, नीलम कोशिक सामाजिक कार्यकर्ता, प्रियंका शर्मा, कोरोना वारियर को सम्मानित किया गया। पिंजौर (निस) : एनआरएमयू रेलवे वर्कशॉप ब्रांच कालका ने सोमवार को महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया जिसकी अध्यक्षता प्रधान प्रदीप कुमार ने की। इस मौके पर सचिव पुष्पिंदर शर्मा, संजीव कोहली, जगपाल सिंह, गगनदीप शर्मा, कमल कुमार, चौधरी प्रकाश चंद, किरण रेखा, अनिता शर्मा अन्य महिला कर्मी मौजूद थी। सचिव पुष्पिंदर शर्मा ने संगठन में महिलाओं के योगदान की सराहना की। संजीव कोहली ने रेलवे में महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने और उनके कार्यों की सराहना की। पिंजौर (निस) : कालका रेलवे वर्कशॉप ब्रांच यूआरएमयू ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय महीला दिवस के उपलक्ष्य में महिला विंग रेल कर्मियों को उपहार देकर सम्मानित किया। यूनियन सचिव विकास तलवार ने महिला कर्मियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर गुरमीत कौर, मंजु शर्मा, पुष्पा, चित्र रेखा, प्रेम लता, मनजीत कौर, मीना देवी, वीना वधवा, रीतिका, हिना शर्मा आदि महिला कर्मी मौजूद थी। अम्बाला (नस) : क्राइम कंट्रोल एवं ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन सोनीपत द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अम्बाला छावनी के राजकीय स्कूल की हिंदी प्राध्यापिका डॉ सोनिका को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि हरियाणा की बेटी बचाओ बेटी बचाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर डॉ. वीना अरोड़ा, महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल, सोनीपत की समाज सेवी ऊषा भंडारी एवं पूर्व केबिनेट मंत्री कविता जैन भी उपस्थित रहे। आर्गेनाइजेशन द्वारा देश भर से 61 महिलाओं को उनके द्वारा किए गए समाज हित में कार्य करने पर सम्मानित किया है। अंबाला कैंट के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मेन ब्रांच, अंबाला छावनी की हिंदी प्राध्यापिका डॉ. सोनिका को उनके लॉकडाउन के दौरान शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए सम्मानित किया।
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- News Monsoon: हरिद्वार में आई बादलों की सुनामी! डरावना पल देख घबराए लोग, बोले- क्या दुनिया खत्म हो रही? - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? इन 10 गैजेट्स को कभी नहीं भूल सकते आप! बचपन की बातें तो हम सभी को याद होती हैं। बचपन में हम कैसे हुआ करते थे, क्या किया करते थे। उस समय में क्या चीजें होती थीं। लेकिन क्या आपको तब के गैजेट्स याद हैं। स्टडी रूम में वो बड़ा सा कंप्यूटर, पापा के पास फ्लैप वाला मोटोरोला मोबाइल। याद आया! आज वो सब कम ही देखने को मिलता है। आज के कंप्यूटर्स हों या मोबाइल काफी कुछ बदल गया है। आइए नजर डालते हैं उन गैजेट्स पर जिनमें से कुछ इस टेक दुनिया में कहीं खो गए हैं और कुछ अब भी इस रेस में हैं! ओरिजिनल आईपॉड काफी कूल हुआ करता था। एपल ने अब यह मॉडल निकलना बंद कर दिया है। हालांकि मार्केट में अन्य आईपॉड मॉडल मौजूद हैं। मोटोरोला ने एक फ्लिप फोन मोटो रेजर लॉन्च किया था। यह फोन काफी स्टाइलिश था और साथ ही अफोर्डेबल भी था। उस समय डीवीडी प्लेयर्स फैशन हुआ करते थे। आज यूट्यूब व अन्य ऑनलाइन स्ट्रीमिंग साइट्स की बदौलत लोग इन डीवीडी प्लेयर्स को भूलते जा रहे हैं। कैनन पोवेर्शोत एक डिजिटल कैमरा है। उस समय इन कैमरे की बात ही कुछ और थी। आज स्मार्टफोन के कारण इन्हें नजर अंदाज किया जा रहा है। ओरल बी ने एक इलेक्ट्रिक टूथब्रश बनाया था। यह टूथब्रश जल्दी आया और चला गया। हालांकि कई लोग इसे आज भी इस्तेमाल करते हैं। रेडियो काफी पॉप्युलार मीडियम है। लोग आज भी रेडियो सुनते हैं। हालांकि आज फोन में रेडियो सुनने वालों की संख्या अधिक है। अमेज़न किंडल सबसे पहला ई बुक रीडर था। यह 2007 में आया था। 2000 के शुरुआती समय में डिजिटल ऑर्गेनाईजर मिला करते थे। यह स्मार्टफोन से भी पहले आए थे। इसमें आप कॉन्टेक्ट्स स्टोर कर सकते थे, गेम्स खेल सकते थे। सीडी आजकल बिलकुल गायब हैं। इंटरनेट से डाउनलोडिंग के बाद से यह एकदम खत्म हो चुकी हैं। एक समय था जब नए गानों के लिए, फिल्मों के लिए लोग सीडी खरीदा करते थे। कैलकुलेटर वॉच को अधिकतर स्टूडेंट्स इस्तेमाल करते थे। साथ ही यह स्टाइलिश भी हुआ करती थी। व्हाट्सएप के ये ट्रिक बना देंगे आपको मैसेजिंग का मास्टर! ये सस्ते फोन कर सकते हैं फ्रीडम 251 को रिप्लेस. . ! ये ऑनलाइन एक्टिविटीज आपको पहुंचा सकती हैं जेल! ऐसी ही अन्य न्यूज़ के लिए पढ़ें हिंदी गिज़बॉट व लाइक करें हमारा फेसबुक पेज!
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ड्रग्स मामले को लेकर शनिवार का दिन बाॅलीवुड की अभिनेत्रियों के लिए मुश्किल भरा रहा। नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो द्वारा बाॅलीवुड की तीन अभिनेत्रियों दीपिका पादुकोण, सारा अली खान एवं श्रद्धा कपूर से पूछताछ की। यह पूछताछ लगभग दिनभर चली। जिसमें अभिनेत्रियों ने कई खुलासे किए। तो वहीं बालीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो श्रद्धा कपूर ने दावा किया है कि सुशांत कभी-कभार ड्रग्स लेते थे। वह सुशांत को रंगे हाथ भी कई बार पकड़ चुकी हैं। सुशांत फिल्म की शूटिंग के दौरान वैनिटी वैन में बैठकर ड्रग्स का सेवन किया करते थे। तो वहीं श्रद्धा ने खुद पर लगे ड्रग्स सेवन के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया हैं। श्रद्धा ने साफ किया कि वह कभी भी अपने जीवन में ड्रग्स का सेवन नहीं की है। उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे है पूरी तरह से बेबुनियाद है। खबरों की माने तो श्रद्धा कपूर 11.50 पर एनसीबी दफ्तर पहुंची थी। जहां उनसे 6 बजे तक पूछताछ हुई। दीपिका कि बढ़ेंगी मुश्किलें? 'माल है क्या' वाली चैट पर दीपिका का चौकाने वाला खुलाशा.... मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दीपिका पादुकोण निर्धारित समय से पहले ही एनसीबी दफ्तर पहुंच गई थी। दीपिका एनसीबी कार्यालय 9.50 पर पहुंच गई थी। 3.30 तक उनसे पूछताछ खत्म हुई और 3.50 तक वह वहां से निकल गई। खबरों की माने तो इस दौरान दीपिका ने वायरल हुई चैट को स्वीकार किया है। लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया है कि उक्त चैट ड्रग्स मामले को लेकर नहीं थी। दीपिका ने कहा कि हैश एवं वीड जैसे शब्दों का उपयोग करते हुए उन्होंने मैनेजर करिश्मा से पूछा था कि माल है क्या! मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब एनसीबी की जांच टीम उनसे पूछताछ कर रही थी तो उनके आंखों से कई बार आंसू निकल आए। वह एनसीबी के सवालों पर टूटती हुई नजर आई। पूछताछ के दौरान दीपिका जब दफ्तर से बाहर निकली तो उनके चेहरा उतरा हुआ था। वह काफी निराश नजर आई थी। खबरों की माने तो दीपिका संग चली लम्बी पूछताछ में एनसीबी ने ढेर सारे राज उगलवाए है। जिसे लेकर माना जा रहा है कि एनसीबी दीपिका से पूछताछ के लिए उन्हें दोबारा से तलब कर सकती है।
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भिलाई। अमृत मिशन योजना के तहत भिलाई निगम क्षेत्र के लगे 23 हजार वाटर मीटर कंडम होने की स्थिति में आ गए हैं। कई मीटरों में टूट फूट हो गए हैं। बता दें कि भिलाई निगम ने यह वाटर मीटर इसलिए लगाया था कि ताकि मीटर रीडिंग के हिसाब से जलकर लिया जा सके। वहीं इससे पानी की बर्बादी भी रोकने में काफी मदद मिलती। लेकिन, अमृत मिशन योजना अभी पूर्ण रूप से शुरू भी नहीं हो पाया है और वाटर मीटर खराब होने लगे हैं। बता दें कि 2016-17 में अमृत मिशन योजना का काम शुरू हुआ था। डोर टू डोर पाइप लाइन विस्तारीकरण के दौरान यह तय किया गया था कि घर-घर वाटर मीटर लगाया जाएगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी के बाद 2019 में घर-घर वाटर मीटर लगाने का काम शुरू हुआ था। भिलाई निगम ने 2019-20 में तकरीबन 23 हजार घरों में वाटर मीटर लगा भी दिया था। दरअसल इसके पीछे भिलाई निगम प्रशासन की दो मंशा थी, एक वाटर मीटर के रीडिंग के हिसाब से पानी का इस्तेमाल करने वाले हितग्राहियों से जल कर लेना, ताकि भिलाई निगम के राजस्व में वृद्धि हो सके। दूसरा वाटर मीटर लगाए जाने से जल का दुरुपयोग भी काफी हद तक कम होता। बताया जा रहा है कि 23 हजार घरों में लगे वाटर मीटर लगभग कंडम होने की स्थित में आ गए हैं। ज्यादातर लोगों ने पैसे बचाने के फेर में वाटर मीटर का इस्तेमाल ही नहीं गिया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रही कि भिलाई निगम का जलकार्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी कभी वाटर मीटर की मानिटरिंग ही नहीं कर सके। दूसरी तरफ लोगों की यह भी शिकायत थी कि पानी ठीक से आता नहीं है, तो वाटर मीटर का इस्तेमाल क्यों करें व टैक्स क्यों दे। फिलहाल भिलाई निगम पुराने ढर्रे पर ही जलकर वसूल रहा है। एक वाटर मीटर की कीतम 12 सौ रुपये है। 23 हजार वाटर मीटर भिलाई के विभिन्ना घरों में लगाया गया है। यानी 2 करोड़ 76 लाख रुपये का वाटर मीटर शहर में लगा है। अब यह कंडम होने की स्थित में है। राजस्व में वृद्धि होने की योजना बनाकर चल रहे भिलाई निगम प्रशासन को उलटे नुकसान हो गया। -राम नगर एरिया में तो प्रेशर ही नहीं आता, बड़ी मुश्किल से पानी भर पाते हैं, तो फिर काहे का वाटर मीटर और जलकर। -वाटर मीटर तो बहुत पहले ही खराब हो चुका है, तब से बंद पड़ा है। कम से कम अधिकारियों को निरीक्षण करना चाहिए। -वाटर मीटर सिर्फ नाम का है। ज्यादातर लोग इस्तेमाल नहीं करते। कोई देखने वाला भी नहीं है। -पानी तो ठीक से आता नहीं, तो किस बात का वाटर मीटर के हिसाब से जलकर दें। वैसे भी वाटर मीटर खराब ही पड़ा है। वाटर मीटर तो सभी घरों में लगाया जाना है। पहले लगे वाटर मीटर का लोग इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं या खराब हो रहे हैं तो इसे चेक कराया जाएगा।
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प्रोफेसर फ्रायड ने कलम को नीचे रखा और, खिड़की की तरफ देखा, जिसे बार-बार ग्रिल द्वारा उठाया गया था, रिमझिम बारिश में, सोचाः "मैडहाउस"। और अंतिम निष्कर्ष निकालने के बाद, मैंने आदेश दियाः "बहन, वार्ड नं। XXUMX में, शामक के तीन घन हैं। प्रत्येक . . . हाँ, और रोगी को पिगलेट जगाओ - उसके भ्रम मुझे ध्यान केंद्रित करने से रोकते हैं। " उपरोक्त सभी कथा साहित्य में नहीं है। इसके विपरीत, लहजे को नरम करने का प्रयास और यह कहने के लिए नहीं कि यह एक मनोरोग अस्पताल का सामान्य वातावरण है, जिसमें प्रत्येक रोगी को तुरंत नेपोलियन, स्पिनोज़ा और मार्गरेट थैचर - एक बोतल में तीन। अस्पताल, आधा मिलियन वर्ग किलोमीटर के आकार का। जिसमें "रब पहनने वाला पहला डॉक्टर है। " और सबसे ज्यादा हिंसक मरीज थे। जो शुक्रवार को (हालांकि 13 नहीं, लेकिन 15, संख्या) एक उत्कृष्ट भाषण के द्वारा दिया गया था, शराब के कारण बढ़े हुए मनोविकार के अलावा, मुख्य चिकित्सक की कुर्सी पर बैठ गया। यह पहले से ही स्पष्ट है कि तब से वह सूख नहीं गया है - सेंट माइकल के चमत्कार की रात (सितंबर 19) "गारंटर" मैंने लिखा о полумиллиарде долларов, выделенных США на закупку летального оружия. Плюс разведтехника, плюс деньги на ремонт киборгов. Видимо воздух свободы и пары алкоголя поразили неустойчивую психику пациента. और वह एक बहुत ही उपयुक्त जगह पर शुरू हुआ - "याल्टा यूरोपीय रणनीति" की बैठक में, यल्टा की कमी के लिए, "बेसरबका" में आयोजित - कीव के केंद्र में बाजार। उनमें से ज्यादातर वहाँ - बाजार में। रेडियो Svoboda के एक उत्साही पत्रकार, याना पॉलयन्स्काया ने कहा, "रूडी महिलाएं बाल्क, वाइन और कॉकटेल डाल रही हैं। विदेशी मेहमान इकट्ठा हो रहे हैं। " अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के स्थल का आकलन करने का कोई मतलब नहीं है - आखिरकार, आयोजक के बयान और इस शो के मुख्य मसखरे कम आश्चर्यजनक नहीं हैं। कीव शासन के प्रमुख ने तुरंत घोषित किया कि, उनके बुद्धिमान नेतृत्व में, कीव द्वारा नियंत्रित यूक्रेन का एक हिस्सा संयुक्त यूरोप की सीमा है। किसके द्वारा और कब एकजुट हुआ, मैं स्पष्ट करना भूल गया। और यह तथ्य कि एक निश्चित "ब्रिक्सिट" था, और दो सप्ताह में कैटेलोनिया की राज्य स्वतंत्रता पर एक जनमत संग्रह आयोजित किया जाना था, स्पीकर को स्पष्ट रूप से पता नहीं था। लेकिन, पहले मैदान के अध्यक्ष, पान Yushchenko के नक्शेकदम पर चलते हुए, जो दुश्मनों द्वारा उकसाया गया था, उसके खूनी पुनर्जन्म ने घोषणा की कि पौराणिक यूक्रेन में "हजार-वर्षीय मिशन है। " जाहिर तौर पर, मिलेनियल रीच की थीम पर अवचेतन गठबंधन। कुछ नहीं के लिए, और नारे एक ही हैं - "राष्ट्र सब से ऊपर" और अन्य नाजी ब्रेडियातिना। हिटलर ने यूरोप को "लाल रूस" से बचाया, यह रूस से बस बचाता है। यह भूलते हुए कि इस वर्ष 28% पर उनके शासन ने न केवल यूरोप के साथ व्यापार बढ़ाया, बल्कि रूस के साथ, राष्ट्र के नेता ने बेकन के एक टुकड़े पर कसम खाई कि यूरोप के लिए रूसी सड़क उनके लिए अवरुद्ध थी। यूरोप आसान हो सकता है! "यूक्रेन वास्तव में एकजुट यूरोप का सबसे बड़ा हिस्सा बन गया है। आज, फिर से, हम पूर्व से आने वाले खतरों से हमारे आम यूरोपीय घर की रक्षा के लिए अपने हजार साल के मिशन को पूरा कर रहे हैं। मास्को के साथ, आपको हमेशा सबसे बुरे के लिए तैयार रहना चाहिए। " यही कारण है कि उन्होंने सबसे बुरे के लिए तत्परता के बारे में बात की, कि मैं वास्तव में रूसियों पर शूट करना चाहता हूं। और कुछ भी रक्षात्मक नहीं है, जैसे कि ज्वेलिन एंटी-टैंक कॉम्प्लेक्स, जो कि साल यांकियों से मांगा गया है, लेकिन एक आक्रामक, आधुनिक। सामरिक मिसाइलें ठीक हैं। "मुझे उम्मीद है कि यह सिर्फ रक्षा हथियार नहीं होगा, हालांकि यह हमारे बचाव को काफी बढ़ाएगा। हम नहीं चाहते हैं, हम दुश्मन पर हमला करने के विचार से नफरत करते हैं। हम सिर्फ इस तथ्य की पुष्टि करना चाहते हैं कि अगर वह मिन्स्क समझौतों का उल्लंघन करता है तो हमलावर बहुत अधिक कीमत चुकाएगा। और मेरे सैनिकों पर हमला करने के लिए, यह बिल्कुल उचित है। लेकिन हम शांति चाहते हैं और मैं दुनिया का राष्ट्रपति हूं। " दुनिया के राष्ट्रपति नोबेल पुरस्कार में संकेत कर रहे हैं। और क्या - यासर अराफात के बगल में यह बिल्कुल सही लगेगा। और गोर्बाचेव दाहिने हाथ पर है। यह उनकी "विशलिस्ट" और सीमा होगी। आखिरकार, यूरोपीय लोग शांत हैं, कीव के "सरपट" के लिए बेहिसाब। वे यूरोप में सरपट दौड़ रहे हैं। लेकिन नहीं, "और यहां ओस्ताप को चोट लगी": "यूक्रेन के प्यारे दोस्तों, हम यूरोपीय संघ में पूर्ण सदस्यता और नाटो में पूर्ण सदस्यता की ओर बढ़ रहे हैं। हाल के वर्षों ने दिखाया है कि यह यूक्रेनी स्वतंत्रता, संप्रभुता और समृद्धि की एक उचित गारंटी है। हमारी सभ्यता यूरोपीय सभ्यता की पूर्वी सीमा बन गई है और अंतर्राष्ट्रीय यूरोपीय सहयोग में हमारा योगदान है। "हम महाद्वीपीय अर्थव्यवस्था के इंजन बन जाएंगे। " मैं कल्पना करता हूं कि न केवल जर्मन फ्रांसीसी के साथ खुश थे, बल्कि चेक के साथ डंडे भी थे। "इंजन" के बारे में सुनकर। नहीं, पुराने लोगों को याद हो सकता है कि यूक्रेनी SSR 25 में दुनिया के सबसे आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों में से एक था। लेकिन यह एक, आधे सेवारत वक्ता की अध्यक्षता में . . ! पूरी तरह से ऋण और अनुदान सहायता के माध्यम से सभी को बचाना - धन से लेकर प्रयुक्त एम्बुलेंस तक। पूरे सोवियत विरासत को लूट लिया। सभी पूर्वजों की पीढ़ियों द्वारा बनाई गई। अंतरिक्ष, विमान निर्माण, बख़्तरबंद और हजारों अन्य उद्योग, एक नियंत्रित क्षेत्र में बेसबोर्ड के नीचे रहने के मानक को गिराते हुए। उसने लाखों नागरिकों को खो दिया है, जो रूस में, कि यूरोपीय संघ के लिए - अगर वह केवल यहां से और हमेशा के लिए दूर हो सकता है, चला जाता है। डॉक्टर को बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन मेहमानों को भी बुफे द्वारा ले जाया गया। और पोरोशेंको नाइटिंगेल को पता है। यह पता चला है कि मित्रों का झुंड क्रीमिया के "डे-ऑक्यूपेशन" के लिए बनाया जाने वाला है, जो एक साथ हाथ पकड़ते हैं, सभी विनम्र लोगों को अपने बीयर टमी के साथ बाहर निकालते हैं। हाँ, यह पहले से ही था। उन्होंने सुनाः "क्रीमिया यूक्रेनी या निर्जन होगा। " मैं पोरोशेंको को भूल गया, जैसा कि एक्सएनयूएमएक्स में, क्रीमिया में "डे-कब्जे" के लिए आया था। और जिसने अपने महान यूरोपीय मित्र के शब्दों के बारे में बीमारी को याद दिलाया होगा (वैसे, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष) जीन-क्लाउड जुनकर, जिन्होंने अगस्त के एक्सएनयूएमएक्स के रूप में कहा था कि निम्नलिखित शब्द हैंः "अब दुनिया में युद्ध हो रहे हैं, और यूरोप में कोई नहीं है," यूक्रेन। लेकिन यूक्रेन यूरोपीय संघ से संबंधित होने के अर्थ में एक यूरोपीय देश नहीं है। मैंने अपने मित्र राष्ट्रपति पोरोशेंको को कुछ दिन पहले कहा था कि देखो, यूक्रेन लगभग यूरोपीय संघ और नाटो है। हालांकि, फिलहाल यह नहीं है। दूसरों के लिए नहीं और यह महत्वपूर्ण है कि सभी वे समझ गए। " इस पागलखाने की तुलना में वार्ड संख्या XXUMX में क्या हो रहा है, इस पर सहमति दें - सामान्यता का एक नमूना।
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afi ftgaw Bo (4) WA'A TASIMOO BIHAB LILLAHI JAMEB-'AN WA LAA TAFARRAQOO तफसीर मजारिफुल-कुरआन जिल्द (4) --- © अल्लाह सुब्हानहू व तआला के कलाम क़ुरआन मजीद के प्रथम व्याख्यापक, हादी-ए-आलम, आख़िरी पैग़म्बर, तमाम नबियों में अफ़ज़ल हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नाम, जिनका एक-एक कौल व अमल कलामें रब्बानी और मन्शा-एइलाही की अमली तफ़सीर था। दारुल उलूम देवबन्द के नाम, जो कुरआन मजीद और उसकी तफसीर (हदीसे पाक) की अज़ीमुश्शान ख़िदमत और दीनी रहनुमाई के सबब पूरी इस्लामी दुनिया में एक मिसाली संस्था है। जिसके इल्मी फैज़ से मुस्तफीद (लाभान्वित ) होने के सबब इस नाचीज़ को इल्मी समझ और क़ुरआन मजीद की इस ख़िदमत की तौफीक नसीब हुई । ● उन तमाम नेक रूहों और हक के तलाश करने वालों के नाम, जो हर तरह के पक्षपात से दूर रहकर और हर प्रकार की कठिनाईयों का सामना करके अपने असल मालिक व ख़ालिक के पैग़ाम को कुबूल करने वाले और दूसरों को कामयाबी व निजात के रास्ते पर लाने के लिये प्रयासरत हैं मुहम्मद इमरान कासमी बिज्ञानवी मोहतरम जनाब अल-हाज मुहम्मद नासिर ख़ाँ साहिब (मालिक फरीद बुक डिपो नई दिल्ली) का, जिनकी मुहब्बतों, इनायतों, कुद्रदानियों और मुझे अपने इदारे से जोड़े रखने के सबब क़ुरआन मजीद की यह अहम ख़िदमत अन्जाम पा सकी मेरे उन बच्चों का जिन्होंने इस तफ़सीर की तैयारी में मेरा भरपूर साथ दिया, तथा मेरे सहयोगियों, सलाहकारों, शुभ-चिन्तकों और हौसला बढ़ाने वाले हज़रात का, अल्लाह तआला इन सब हज़रात को अपनी तरफ से ख़ास जज़ा और बदला इनायत फरमाये । आमीन या रब्बलू- अलमीन ।
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Firozabad News: फिरोजाबाद का प्राइवेट ट्रामा सेंटर में महिला गार्डों ने की मरीज की तीमारदार महिला की जमकर पिटाई कर दी है। महिला को आई काफी चोट महिला पहुंची थाना उत्तर पुलिस ने महिला को मेडिकल के लिए भेजा। Firozabad News: फिरोजाबाद के प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर में सिक्योरिटी की आड़ में गुंडागर्दी देखने को मिल रही है। दरअसल पूरा मामला विमल कुमार जैन सेवार्थ संस्थान ट्रामा सेंटर का है जहां आज दोपहर चरण सिंह नाम के पेशेंट को उसके परिवार वालों ने भर्ती किया था। जब उनकी बेटी विनीता अपने पिता से मिलने आईसीयू में जाने के लिए गार्डो से कहा तो वहां मौजूद महिला गार्डों ने उसे रोक लिया और उसके साथ बदतमीजी करने लगी और महिला गार्ड ने अपने अन्य साथिय गार्डों को बुला लिया और भर्ती मरीज चरण सिंह की बेटी विनीता के साथ जमकर मारपीट की है। जिससे उसके बहुत चोट आई है। वही महिला के साथ मारपीट को लेकर महिला विनीता ने थाना उत्तर में शिकायत की है। तो वही शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिला का मेडिकल कराया और इस बारे में ट्रामा सेंटर के संचालक पीके जिंदल का कहना है कि जिन गार्डों ने मारपीट की है उनको हमने नौकरी से निकाल दिया है। जिनके साथ मारपीट हुई है वह पुलिस से शिकायत करके कार्रवाई कर सकते हैं। वहीं घायल महिला का कहना है कि मेरे साथ तो मारपीट की ही है मेरी बड़ी बहन के साथ भी मारपीट की है।
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जापान मे एक बहुत ही हैरान कर देने वाली प्यार की दास्तान देखने को मिली है। यकीन नहीं होता है कि आज भी इस तरह की प्यार होता है। 64 साल यासुओ ताकामात्सु नाम का शख्स बीते 10 वर्षों से अपनी पत्नी को समंदर में ढूंढ रहा है। साल 2011 में जापान में आई सुनामी में यासुओ ताकामात्सु की पत्नी युको लापता हो गई थीं। तभी से वो अपनी पत्नी को खोज संमदर में कर रहा हैं। यासुओ ने यहां तक कि अपनी पत्नी को ढूंढने के लिए अंडरवॉटर डाइविंग का लाइसेंस भी लिया है। सात वर्षों से वो अकेले अंडरवॉटर डाइव कर रहे हैं। इस उम्मीद के साथ की उनकी पत्नी यूको उनको मिल जाएगी। जापान का प्रशासन पिछले कई सालों से अंडरवॉटर सर्च अभियान के तहत ढाई हजार लोगों की गुमशुदगी की तलाश कर रहा है। यासुओ निजी तौर पर इससे जुड़े हैं। इस सर्च अभियान में यासुओ पानी के अंदर कई कपड़े, एल्बम और ना जाने क्या-क्या सामान मिल चुका है लेकिन उनकी पत्नी का नहीं मिली है। बता दें कि साल 2011 में आई सुनामी 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 133 फीट लंबी लहरों ने जापान के उत्तरपूर्वी कोस्ट को हिला कर रख दिया था। इस तबाही में 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही धूम धाम से राजा राम सरकार का विवाहोत्सव मनाया जाता है। यह महोत्सव विशेष रूप से मिथलांचल में बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। त्रेता युग में पृथ्वी पर राक्षसों का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था। उस समय मुनि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा करने के उद्देश्य से अयोध्या के महाराज दशरथ से उनके पुत्रों राम एवं लक्ष्मण जी को माँग कर ले गए। यज्ञ की समाप्ति के पश्चात विश्वामित्र जी जनक पुरी के रास्ते से वापसी आने के समय राजा जनक के सीता स्वयंवर की उद्घोषणा की जानकारी मिली। मुनि विश्वामित्र ने राम एवं लक्ष्मण जी को साथ लेकर सीता के स्वयंवर में पधारें। सीता स्वयंवर में राजा जनक जी ने उद्घोषणा की जो भी शिव जी के धनुष को भंग कर देगा उसके साथ सीता के विवाह का संकल्प कर लिया। स्वयंवर में बहुत राजा महाराजाओं ने अपने वीरता का परिचय दिया परन्तु विफल रहे। इधर जनक जी चिंतित होकर घोषणा की लगता है यह पृथ्वी वीरों से विहीन हो गयी है, तभी मुनि मुनि विश्वामित्र ने राम ने राम को शिव धनुष भंग करने का आदेश दिया। राम जी ने मुनि विश्वामित्र जी की आज्ञा मानकर शिव जी की मन ही मन स्तुति कर शिव धनुष को एक ही बार में भंग कर दिया। उसके उपरान्त राजा जनक ने सीता का विवाह बड़े उत्साह एवं धूम धाम के साथ राम जी से कर दिया। साथ ही दशरथ के तीन पुत्रों भरत के साथ माध्वी, लक्ष्मण के साथ उर्मिला एवं शत्रुघ्न जी के साथ सुतकीर्ति का विवाह भी बड़े हर्ष एवं धूम धाम के साथ कर दिया।. 0 संबंधों।
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जायगो । ये । सुन के चारों चौबे भाग गये । छीतस्वामी ने एक पद करिके गायो । राग नटभई अब गिरिधर सो पहेचान । ये पद सुन के गुसाई जी प्रसन्न भए । नागरीदास जी ने भी छीतस्वामी की झगड़ालू प्रकृति का वर्णन करते हुए कहा है कि एक दिन छीतस्वामी थोथे नारियल में राख भरकर गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के सम्मुख ले गए और उन्हें भेट किया किंतु गोस्वामी जी के तुड़वाने पर उनके सामने ही उसमे से गरी, निकलो । यह चमत्कार देखकर छीतस्वामी बहुत लज्जित हुए और उसी समय उन्होने यह पद गाया - राग सारंग - जे बसुदेव किये पूरन तप तेई फल फलित श्री वल्लभदेव । उपर्युक्त प्रसग से भी इसी बात की पुष्टि होती है कि ये वल्लभ-सम्प्रदाय में आने से पहले कवि थे और पद गाया करते थे । आचार्य जी के सम्पर्क में आने से पूर्व ही आपको संगीत का ज्ञान था । तभी तो छीतस्वामी ने गोस्वामी जी के समक्ष तत्काल पद बनाकर गाया था । छीतस्वामी के किसी सम्प्रदाय की दीक्षा देने वाले स्वामी होने का कोई प्रमाण नही मिलता । किंतु गोसाई जी की शरण में जाने से पहले ही छीतस्वामी भी गोविन्दस्वामी की तरह 'स्वामी' कहलाते थे । अत संभव है कि गान विद्या तथा कविता सीखने के लिए इनके पास आनेवाले शिष्यों ने इनको स्वामी की उपाधि दे दी हो । वार्ता अथवा अन्य किसी भी आधार से यह नही ज्ञात होता कि इन्होने सगीत की शिक्षा कब और कहाँ पाई । ऐसा ज्ञात होता है कि वल्लभ-सम्प्रदाय में आने से पूर्व आपको संगीत का थोड़ा ज्ञान था । किंतु गोस्वामी विट्ठलनाथ जी की शरण में आने के उपरान्त उनकी शिक्षा तथा अष्टछाप के अन्य कवियों के सम्पर्क से छीतस्वामी की संगीत विषयक प्रतिभा का और भी विकास तथा पूर्ण प्रस्फुटन हुआ । वार्ता में लिखा है कि श्री गुसाई जी की कृपा से छीतस्वामी भगवदीय कवीश्वर और कीर्तनकार हुए । वार्ता से ज्ञात होता है कि अकबर बादशाह ने भी उनका कीर्तन सुना था । " और एक दिन बीरबल देशाधिपति सों रजा लेके श्री गोकुल मे जन्माष्टमी के दर्शकु आयो । पाछे वेष पलटाय के देशाधिपतिहूं छाने छाने आयो । तब जन्माष्टमी के पालना के दर्शन करे। मनुष्यन की भीड मे । तब देशाधिपति कु श्री गुसाई जी बिना और कोई ने पहिचान्यो नही । तब छीतस्वामी कीर्तन करत हते । और श्री गुसाई जी श्री नवनीतप्रिया जी कु पालना झुलावत हते तब छीतस्वामी ने ये पद गायो ।" ४ १. २५२ वैष्णवन की वार्ता, पू० १६-१७ २. नागर समुच्चय, पद प्रसंग माला, सिंगार सागर, शिवलाल, पृ० २०७ ३. 'सो वे गुसांई जी की कृपा ते बड़े कवीश्वर भये, सो बहुत कीर्तन किये ।' अष्टछाप काँकरोली, पृ० २५६ ४. २५२ वैष्णवन की वार्ता, पृ० १६ पुष्टि- सम्प्रदाय मे दीक्षा लेने के अनन्तर वे स्थायी रूप से गोवर्द्धन पर श्रीनाथ जी के मंदिर में भजन-कीर्तन करने लगे और भक्ति में लीन होकर उन्होने बहुत से पद बना कर गाए । गदाधर भट्ट भक्तमाल मे जो छप्पय दिया हुआ है उसमे गदाधर भट्ट के संगीत ज्ञान पर कुछ भी प्रकाश नही पडता । भक्तमाल की पंक्तियो- 'भागवत सुधा बरखै बदन काहू को नाहिन दुखद, गुण निकर गदाधर भट्ट अति सबहिन को लागे सुखद ।" से यह अवश्य ज्ञात होता है कि गदाधर भट्ट जी भागवत सुनाया करते थे । भक्तनामावली में कहा गया है भट्ट गदाधर नाथ भट्ट विद्या भजन प्रवीन । सरस कथा बानी मधुर सुनि रुचि होत नवीन ॥ १ इससे भी इस बात का समर्थन होता है कि ये भजन में प्रवीण थे और मधुर वाणी से कथा कहा करते थे । भक्तमाल की टीका में एक निम्नलिखित प्रसग दिया हुआ है"स्याम रग रगी" पद सुनि कै - गुसांई जी व पत्र दै पढाये उभै साधु बेगि धाये है । "रनी बिन रग कैसे चढ्यो अति साच बढ्यो कागद मे प्रेम मढ्यो तहा लैके आये है । पुरढिग कूप तहाँ बैठ रस रूप लगे पूछिबे को तिन हो सो नाम ले बताये है । रह्यो कौन ठौर सिरमोर वृंदावन धाम नाम सुनि मुरछा है गिरे प्रान पाये है ।" काहू कही 'भट्ट श्री गदाधर जू एई जानौ' मानौ उही पाती चाह फेरि कै जिवाये है । दियौ पत्र हाथ लियो, सीस सो लगाय चाय बाचत ही, चले बेगि वृन्दावन आये है । मिले श्री गुसाई जू सो आंखे भरि आई नीर सुधि न शरीर धरि धीर वही गाये है । पढ़े सब ग्रथ सग नाना कृष्ण कथा रग रस की उमग अंग- अग भाव छाये है । " इस प्रसंग से ज्ञात होता है कि जीवगुसाई जी के सम्पर्क में आने से पूर्व ही गदाधर भट्ट जी पद गाया करते थे और उनके पदो की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी । गदाघर जी ने गायन-कला की विधिवत शिक्षा पाई थी अथवा नही तथा उनके जीवन से संबंधित अन्य किसी संगीत संबंधी घटना का कोई विवरण नही प्राप्त होता । १ भक्तमाल, सुधा स्वाद तिलक, पू० ७९३ ० १३८ २. भक्तनामावली, पृ० ४ ३. भक्तमाल, भक्ति सुधास्वाद तिलक, पृ० ७६४-७९५
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार श्रम संहिताओं के अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्यों ने इन पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप दिया है. वेतन, सोशल सिक्योरिटी, औद्योगिक संबंध और व्यवसाय सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम संहिताएं (Labour Codes) अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कम से कम 13 राज्यों में इन कानूनों पर मसौदा नियम पहले से जारी कर दिए हैं. केंद्र ने इन कोड्स के तहत नियमों को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने की जरूरत है क्योंकि श्रम एक समवर्ती विषय है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार श्रम संहिताओं के अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्यों ने इन पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप दिया है. केंद्र ने फरवरी 2021 में इन कोड्स पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन चूंकि श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र चाहता है कि राज्य इसे भी एक बार में लागू करें. केंद्रीय श्रम मंत्री (Union Labour Minister) भूपेंद्र यादव ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में एक जवाब में कहा था कि व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता ही एकमात्र कोड है जिस पर कम से कम 13 राज्यों ने मसौदा नियमों को पहले ही जारी कर दिया है. 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वेज कोड (Wage Code) पर सबसे अधिक मसौदा अधिसूचनाएं पूर्व-प्रकाशित की गई हैं. इसके बाद इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (Industrial Relations Code) (20 राज्यों द्वारा) और सामाजिक सुरक्षा संहिता (Social Security Code) (18) राज्यों द्वारा जारी किया गया है. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार और कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने चार लेबर कोड्स के तहत नियम जारी किए हैं. केंद्र सरकार बाकी राज्य सरकारों के साथ मिलकर चारों संहिताओं के तहत नियम बनाने का प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है. 8 अगस्त, 2019 को वेज कोड, 2019 और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020 और 29 सितंबर 2020 को सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 व ऑक्युपेशनल सेफी, हेल्थ एंड वर्किंग कोड 2020 को नोटिफाई किया. हालांकि, केंद्र और राज्यों को इन कानूनों को संबंधित अधिकार क्षेत्र में लागू करने के लिए चार संहिताओं के तहत नियमों को अधिसूचित करने की जरूरत है. कोड्स के तहत नियम बनाने की शक्ति केंद्र सरकार, राज्य सरकार और उपयुक्त सरकार को सौंपी गई है और सार्वजनिक परामर्श के लिए 30 या 45 दिनों की अवधि के लिए उनके आधिकारिक राजपत्र में नियमों के प्रकाशन की आवश्यकता है. मंत्री के जवाब के अनुसार, वेतन संहिता पर मसौदा नियम 24 राज्यों द्वारा पूर्व-प्रकाशित किए जाते हैं. ये राज्य मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, राजस्थान, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, मिजोरम, तेलंगाना, असम, मणिपुर, केंद्र शासित प्रदेश हैं. जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली के जीएनसीटी हैं. कम से कम 18 राज्यों ने सोशल सिक्योरिटी कोड्स पर नियमों का मसौदा पूर्व-प्रकाशित किया है. ये राज्य मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, गुजरात, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर हैं. श्रम मंत्रालय ने औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता को एक अप्रैल, 2021 से लागू करना था. इन चार संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा. मंत्रालय ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. लेकिन कई राज्य इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं हैं ऐसे में इनका कार्यान्वयन अभी संभव नहीं है.
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पोषक तत्वों की कमी, बहुत ज्यादा प्रदूषण और ख्याल ना रखने की वजह से बाल दोमुंहे हो जाते हैं। इसके लिए ना जाने कौन-कौन से शैम्पू और कंडीशनर प्रयोग में लाए जाते हैं लेकिन फिर भी कोई फायदा नही होता। तो अब घर में मौजूद चीजों के इस्तेमाल से इनसे छुटकारा पाया जा सकता है। - अंडे से बेहतर कोई विकल्प नहीं। ये बालों को ना केवल पोषण देता है बल्कि चमक लाता है और दोमुंहे बालों को दूर करता है। अंडे के साथ थोड़ा सा ऑलिव ऑयल और शहद मिक्स करें और बालों में इसे मास्क की तरह लगाएं। आधे घंटे बाद धो दें, फायदा होगा। - केले में पोटेशियम, जिंक, ऑयरन और विटामिन ए, सी और ई मिलता है। इससे सीधे बालों में लगाएं तो दोमुंहे बालों से निजात मिलेगी। साथ ही बालों में चमक लाता है केला। - पपीते को पीसकर उसमें दही मिलाएं और इसे पैक की तरह बालों में 30 मिनट तक लगाएं और धो लें। दोमुंहे बालों पर जल्द असर करता है पपीता। - एक चम्मच क्रीम में आधा कप थोड़ा दूध मिलाएं और 15 मिनट तक बालों में लगाकर रखें। बाल चमक उठेंगे। - थोड़ी सी दही में शहद मिलाए और इसे बालों के सिर पर लगाएं। 20 मिनट बाद धो लें। - घर में काली दाल को पीसकर उसमें मेथी मिलाएं और साथ में दही भी मिलाएं। दो घंटे तक लगाकर रखें और बाद में किसी हल्के शैम्पू से धो लें।
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बॉलीवुड से हॉलीवुड तक एक्टिंग का परचम लहरा चुकीं प्रियंका चोपड़ा ने मेट गाला Met Gala रेड कार्पेट पर दूसरी बार एंट्री मारी। इस बार वो डिजाइनर राल्फ लॉरेन के मरून रंग की वेलवेट ट्रेन गाउन में दिखीं लेकिन लोगों को उनका यह लुक कुछ खास पसंद नहीं आया, लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। दरअसल प्रियंका चोपड़ा ने मेट गाला 2018 की थीम 'Heavenly Bodies: Fashion and the Catholic Imagination' को फॉलो करते हुए ऐसी ड्रेस पहनी थी लेकिन इस आउटफिट को लेकर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। सोशल मीडिया पर प्रियंका पर मीम बनाए जाने लगे। जानकारी के मुताबिक इस ड्रेस को बनाने में 250 घंटे लगे हैं। डिजाइनर ने खुद बताया कि इस कस्मट गाउन की एंब्रॉयडरी हाथ से बनाई गई है। यह भी बताया जा रहा है कि यह गाउन Jesus से प्रेरित है लेकिन फैंस को प्रियंका का ये अंदाज पसंद नहीं आया। आप भी पढ़ें प्रियंका चोपड़ा की इस ड्रेस पर लोगों ने क्या क्या कमेंट किए। बता दें कि met gala 2018 में दीपिका पादुकोण ने भी रेड कार्पेट पर वॉक किया। बता दें कि पिछले साल भी इसी इवेंट में प्रियंका अपनी ड्रेस की वजह से चर्चा में आईं थीं। प्रियंका को इस लुक को पसंद भी किया गया था लेकिन साथ ही उनका सोशल मीडिया पर मजाक भी उड़ाया गया। बाद में ट्रोलर्स को भी प्रियंका ने ट्रोलर्स को इसका जवाब भी दिया था।
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लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए जल्द अनाधिकृत कालोनी एवं प्लाटिंग की सूची बनाकर उनके खिलाफ अभियान चलाएगा। इसके साथ ही अवैध निर्माणों पर लगाम कसने के लिए सील बिल्डिंगों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी। वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने अनाधिकृत कालोनियों एवं अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए इस संबंध में आदेश जारी किये हैं। वीसी ने बताया कि प्राधिकरण सीमा के अंतर्गत अवैध कालोनी एवं प्लाटिंग की सूची बनाई जाएगी, जिसका समाचार पत्रों में प्रकाशन कराने के साथ ही प्रत्येक अवैध प्लाटिंग स्थल पर डिजिटल बोर्ड लगवाये जाएंगे। उन्होंने इसके लिए सभी जोन के अधिकारियों को एक सप्ताह में अवैध कालोनियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये हैं। वीसी ने बताया कि सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्र में हो रही अवैध प्लाटिंग को सूचीबद्ध करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है। उसके बाद यदि यह पता चलता है कि किसी अवैध प्लाटिंग को सूचीबद्ध नहीं किया गया है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वीसी ने बताया कि पूर्व में कुछ ऐसे प्रकरण संज्ञान में आये हैं, जहां विहित प्राधिकारी द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की गई और बाद में सील खोलकर बिल्डर को अवैध निर्माण को पूरा करने का अवसर दे दिया गया। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में सचेत करते हुए दो टूक कहा कि इस तरह की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सील खोलने के सभी प्रार्थना पत्रों को सचिव के माध्यम से उनके संज्ञान में लाया जाए। तत्पश्चात यदि प्रकरण वैधानिक हो, तभी उसमें नियमानुसार निर्णय लेते हुए आगे की कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त वीसी ने निर्देश दिये हैं कि प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा सील बिल्डिंगों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाये, जिसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करायी जाए।
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अक्षय कुमार, करीना कपूर खान, कियारा आडवाणी और दिलजीत दोसांझ की अपकमिंग फिल्म 'गुड न्यूज' का ट्रेलर आज 18 नवंबर को मेकर्स द्वारा रिलीज कर दिया गया है. जैसा कि फिल्म के पोस्टर्स को देखकर लग रहा था. फिल्म का ट्रेलर रोमांस और शानदार कॉमेडी से भरा हुआ है. खासतौर पर अक्षय और करीना की केमेस्ट्री बेहद मजेदार लग रही है. फुल एंटरटेनमेंट से भरा हुआ यह ट्रेलर ऑडियंस को भी बेहद पसंद आ रहा है. फिल्म की कहानी सरोगेसी पर आधारित है. इस फिल्म को अक्षय की साल की गूफ-अप ऑफ द ईयर का टैग दिया गया है. वीडियो में अक्षय और करीना के साथ-साथ कियारा और दिलजीत भी बच्चे को पाने के लिए जुगत लगाते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि ट्रेलर में कॉमेडी के साथ कुछ इमोशनल दृश्यों को भी दिखाया गया है. जिससे लगता है कि फिल्म ऑडियंस के दिल को छूने वाली है. 'गुड न्यूज' के लिए अक्षय और करीना के फैंस इस शानदार ट्रेलर को देखने के बाद और अधिक उत्साहित होंगे. क्योंकि जहां यह फिल्म बेहद शानदार साबित होने वाली है. तो वही अक्षय और करीना साल 2009 में आई फिल्म 'कमबख्त इश्क' में रोमांस करने के 9 साल बाद अब 'गुड न्यूज' में एक दूसरे के अपोजिट नजर आएंगे. फिल्म में अक्षय और करीना के अलावा कियारा और दिलजीत भी अहम रोल में हैं. फिल्म 'गुड न्यूज' का निर्देशन राज मेहता कर रहे हैं. वहीं करण जौहर के साथ अक्षय कुमार इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे हैं. फिल्म 27 दिसंबर 2019 को रिलीज होगी. (Source: YouTube)
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अहमदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अहमदाबाद में 36वें राष्ट्रीय खेल गान और शुभंकर का अनावरण करेंगे। वह अहमदाबाद नगर निकाय के स्मार्ट स्कूलों की भी शुरुआत करेंगे। शाह अहमदाबाद में छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी बैठक का भी उद्घाटन करेंगे। गृह मंत्री पहले अहमदाबाद नगर निगम के स्मार्ट स्कूलों का उद्घाटन करेंगे। वह शाम को 36वें राष्ट्रीय खेल के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे, जहां उनके साथ केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद होंगे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन आधिकारिक तौर पर अहमदाबाद के ईकेए एरीना ट्रांस स्टेडिया बहुउद्देशीय स्टेडियम में किया जाएगा, जहां राज्यभर से नौ हजार अतिथियों के शामिल होने की उम्मीद है। उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय खेल गान और शुभंकर के साथ-साथ एक वेबसाइट और ऐप को भी पेश किया जाएगा। इस कार्यक्रम के साथ 11वें खेल महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा, जो गुजरात सरकार का आयोजन है। राष्ट्रीय खेल सात साल के अंतराल पर आयोजित हो रहे हैं। इस वर्ष 29 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच गुजरात के छह शहरों में राष्ट्रीय खेल होंगे और नयी दिल्ली में ट्रैक साइकलिंग स्पर्धा आयोजित की जाएगी। राष्ट्रीय खेलों में 36 अलग-अलग खेल विधाओं से जुड़े देश के सात हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। शाह रविवार को छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी बैठक में भी शामिल होंगे, जिसमें मुख्यमंत्री पटेल और गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी भी मौजूद रहेंगे। यह द्विवार्षिक बैठक पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा चार सितंबर से छह सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी।
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गगहा के देवकली गांव में शनिवार की रात जमानत पर छूटे छेड़छाड़ के आरोपी ने पीड़ित के घर पहुंच उसके पिता पर चाकू से हमला कर दिया। घटना के बाद जुटे घर वालों ने आरोपी को पकड़ लिया। छुड़ाने पहुंचे उसके पिता और बहन पर चाकू और डंडे से हमला कर घायल कर दिया। गांव के लोगों ने घायलों को कौड़ीराम पीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने आरोपी युवक के पिता को मृत घोषित कर दिया और गंभीर रुप से घायल तीन लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। कौड़ीराम प्रतिनिधि के अनुसार देवकली गांव के वकील कुमार (30) ने गांव की एक युवती से चार महीने पहले छेड़छाड़ की थी। पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने वकील को जेल भेज दिया था। शनिवार की शाम जेल से छूटने के बाद रात आठ बजे वकील घर पहुंचा और चाकू लेकर सीधे युवती के घर पहुंचकर उसके पिता रामसिंगार पर हमला कर दिया। गले, पेट और दाएं तरफ सीने में चाकू लगने से रामसिंगार घायल हो गए। शोर मचाने पर जुटे घर वालों ने वकील की पिटाई शुरू कर दी। जानकारी के बाद वकील के पिता रामजियावन (60), बहन रीना (20) और भाई भी मौके पर पहुंचे। रामसिंगार के घरवालों ने उनपर चाकू और डंडे से हमला कर दिया। सिर में चोट लगने से रामजियावन अचेत हो गए। गांव वालों ने पुलिस को सूचित कर घायलों को पीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने रामजियावन को मृत घोषित कर दिया और रामसिंगार, रीना और उसके भाई को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बवाल की आशंका में एसपी ग्रामीण ब्रजेश सिंह ने गगहा थाने के सिपाहियों की देवकली गांव में ड्यूटी लगाई है। एसएसपी रामलाल वर्मा ने बताया कि आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश एसओ को दिया है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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किसी सुन्दरी में ग्रासक्त नायक अपने सहचर से अपने मन की दशा इस प्रकार कहता हैप्रतिदिन ( रहस्य खुल जाने के डर से ) अत्यन्त संताप उत्पन्न करने वाली ( गुप्तरूप से किये गये पाप का डर जिस प्रकार हृदय से क्षण भर के लिये भी दूर नहीं होता उसी प्रकार प्रतिदिन वियोग के कारण अत्यधिक संताप देने वाली ) वह पोडशी सुन्दरी मेरे हृदय से क्षण भर के लिये भी दूर नहीं होती । 'प्रच्छन्नपापशङ्का' की उपमा से 'जैसे अपने द्वारा गुप्तरूप से किया हुआ पाप किसी को भी नहीं बताया जाता उसी प्रकार उस कुलरमणी को भी नहीं बताना चाहिये था फिर भी मैंने तुम्हें यह भेद बता दिया है' मित्र के प्रति नायक का यह अत्यन्त विश्वास ध्वनित है । श्रज्जय पाहं कुवित्रा अहसु कि सुहा पसाएसि । तुह मण्णुसमुष्पान्झएण मज्झ माणेण चि ण कज्जम् ॥ ८४ ॥ [[[यज्ञ नाहं कुपिता ऽवगूहस्व किं मुधा प्रसादयसि । तव मन्युसमुत्पादकेन मम मानेनापि न कार्यम् ॥] (सक्ति ) प्रकट हो जाने पर परिरम्भण आदि द्वारा मनाने का प्रयत्न करते हुए नायक से रुष्ट मानिनी आक्षेपसहित वोलो--- 'यज्ञ ! मैं कुपित नहीं हूँ' आलिङ्गन करो । व्यर्थं मनुहारें क्यों कर रहे हो ? तुम्हें खेद उत्पन्न करने वाले मान से भी मेरा कोई प्रयोजन नहीं । कुपित होते हुए भोपित न कहना और अपराधी होते हुए भी नायक को निरपराध कहना वक्तृवोद्धव्य वैशिष्ट्य से विपरीत लक्षणा द्वारा प्रतिकूल अर्थ को अभिव्यक्ति करता है । अतः 'मैं कुपित नहीं हूँ' से 'तुम्हारी करतूत हो ऐसी है कि क्रोध आता ही है। लिङ्गकरो' से 'लिङ्गन क्यों करते हो, देकार है' 'व्यर्थ क्यों मनाते हो' से 'जब तक अपने व्यवहार को नहीं सुधारते मेरा मनाना व्यर्थ है। अन्य महिलाओं से प्रेम की लत छोड़ दो, मैं स्वयं प्रसन्न हो जाऊँगी' और 'तुम्हें दुःखी करने वाले मान से मुझे क्या प्रयोजन' से 'मैं तुम्हें दुःखी करना नहीं चाहती किन्तु तुम्हारी बेवफ़ाई पर विवशतावश क्रोध आ ही जाता है ।' आदि अर्थ ध्वनित है ! दोहह्णपउरणीसासपश्राविश्रो वाहसलिल परिसित्तो । साहेइ सामसवलं व तोएँ प्रहरी वह विनोए ॥ ८५ ॥ [ दीर्घोप्णप्रचुरनिःश्वासप्रतप्तो वाप्पसलिलपरिक्तिः । सावयति श्यामशचलमिव तस्या अस्तव वियोगे ॥ विरहिणी नायिका की सभी नायक से कहती है'दोघं और उप्ण निःश्वासों से संतप्त तथा ऋभुजल से मिक्त उसका अधर मानो तुम्हारे वियोग में श्यामशबल ( व्रतविशेष) की साधना किया करता है ।'
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Amazon Prime Video ने 80 करोड़ में खरीदी John Abraham की Mumbai Saga!! Mumbai Saga Sold to Amazon Prime Video: ताजा मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मुंबई सागा के मेकर्स ने अमेजन प्राइम वीडियो के साथ डील कर ली है और दर्शकों को जल्द ही जॉन अब्राहम की फिल्म देखने को मिलेगी। Mumbai Saga Sold to Amazon Prime Video: कोरोना वायरस महामारी की वजह से कई फिल्म निर्माता अपनी अपकमिंग फिल्मों को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर रहे हैं। अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की लक्ष्मी (Laxmii) और वरुण धवन (Varun Dhawan) की कुली नं 1 (Coolie No 1) जैसी बड़ी फिल्में तक ओटीटी पर रिलीज की गईं ताकि फिल्म निर्माताओं को बड़े नुकसान से बचाया जा सके। ट्रेड एक्सपर्स्ट की मानें तो आने वाले समय में यह सिलसिला जारी रहेगा और मध्यम ही नहीं बल्कि बड़े फिल्म निर्माता भी अपनी फिल्मों को ओटीटी प्लेटफॉर्म के पास लेकर जा सकते हैं। अगर साल 2021 की शुरूआत में ही सामने आई रिपोर्ट की मानें तो बताया जा रहा है कि फिल्म 'मुंबई सागा' के मेकर्स ने अपनी फिल्म को सीधे ओटीटी पर रिलीज करने का मन बनाया है और इसके चलते उन्होंने अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) के साथ हाथ मिलाया है। पीपिंगमून नाम की वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है कि मुंबई सागा (Mumbai Saga) के मेकर्स ने लगभग 80 करोड़ रुपये अमेजन प्राइम वीडियो के साथ डील की है। अमेजन प्राइम वीडियो वाले'मुंबई सागा' को साल 2021 के फर्स्ट क्वार्टर में रिलीज करने की सोच रहे हैं। 'मुंबई सागा' का निर्देशन संजय गुप्ता (Sanjay Gupta) ने किया है और इस फिल्म में गुलशन ग्रोवर, समीर सोनी, अमोल गुप्ते, प्रतीक बब्बर, काजल अग्रवाल, जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकार नजर आएंगे। यह साल 2021 में रिलीज होने वाली सबसे बड़ी मल्टीस्टारर फिल्म है, जिसे टी-सीरीज ने व्हाइट फेदर प्रोडक्शन के साथ मिलकर बनाया है। फिल्म 'मुंबई सागा' की कहानी की बात करें तो यह सालों पहले मुंबई में फैले गैंगस्टर वर्ल्ड के आसपास घूमती दिखाई देगी, जिसमें जॉन अब्राहम बड़े माफिया का किरदार निभाते दिखेंगे और इमरान हाशमी एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर के रूप में दिखेंगे, जो सभी गैंगस्टर्स का सफाया करने में जुटा हुआ है। वैसे आप 'मुंबई सागा' देखने के लिए कितने उत्साहित हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं। बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज, ताजा गॉसिप के लिए हमें Facebook Messenger पर फॉलो करें।
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दिल्ली में मॉल कल्चर के दस्तक देने से बहुत पहले पालिका बाजार में जाकर शॉपिंग करने का फैशन हुआ करता था। यह भूमिगत और वातानुकूलित था, इसलिए यहां घूमने का दिल्ली मौका नहीं छोड़ती थी। यह 1978 के अंत में बनकर तैयार हुआ था। इसका श्रीगणेश हुआ 1979 के शुरू में। पालिका बाजार ने सस्ते आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेडिमेड कपड़ों और फुट वियर की सफल मार्केट के रूप में अपनी तुरंत पहचान बना ली थी। दिल्ली के पुराने लोगों को याद होगा कि देश में 1975 में इमरजेंसी लगने के बाद कनॉट प्लेस में एक और बाजार खोलने का निर्णय हुआ। इस फैसले से बहुत से लोग नाखुश थे क्योंकि यहां पर पहले से ही कनॉट प्लेस के अलावा जनपथ, मोहन सिंह प्लेस, शंकर मार्केट, सुपर बाजार थे ही। पालिका बाजार का निर्माण नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने किया था। लालू प्रसाद यादव पहली बार लोकसभा के लिए 1977 में निर्वाचित हुए थे। वह दिल्ली में रहने लगे। कम-से- कम जब संसद का सत्र चलता तो वह दिल्ली में ही रहते। कहते हैं, वह जब यहां से वापस पटना जाते तो अपने मित्रों के साथ पालिका बाजार शॉपिंग के लिए अवश्य पहुंचते। वहां से राबड़ी देवी और बच्चों के लिए कपड़े और घर का दूसरा सामान खरीदते। लालू यादव पालिका बाजार को ठंडी मार्केट कहते थे। जब पालिका बाजार शुरू हुआ तो यह पूरी तरह से एयर कंडीशंड मार्केट थी। उस समय का भारत बहुत अलग था। देश बिजली की किल्लत झेलता था और बाजार एयर कंडीशंड नहीं होते थे। इस वजह से पालिका बाजार को कुछ लोग ठंडी मार्केट भी कहते थे। यहां सबसे पहले पंचकुइयां रोड के दुकानदारों, जिनकी दुकानें कनॉट प्लेस से सुचेता कृपलानी अस्पताल तक थीं, को स्पेस दिए गए थे। जहां पर पालिका बाजार बना वहां पर थिएटर कम्युनिकेशन बिल्डिंग थी। इसमें बहुत से स्वयंसेवी संस्थाओं के दफ्तर चलते थे। इसके साथ ही कॉफी हाउस भी था।
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कोविड-19 वायरस को समझने की वैज्ञानिक जितनी कोशिश कर रहे हैं, उतने ही रहस्य गहराते जा रहे हैं। पहले अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि 25 फीसदी लोगों में बीमारी के लक्षण ही प्रकट नहीं होते हैं, वहीं अब नये अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ठीक हो चुके करीब आठ फीसदी कोविड संक्रमितों में एंटीबॉडीज नहीं बन रहे है। एंटीबाडीज वायरस संक्रमण के खिलाफ काम करते हैं। सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या यह वायरस लोगों के प्रतिरोधक तंत्र को खराब बना रहा है ? यह शोध भारत के संदर्भ में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार कोविड हॉट स्पॉट में एंटीबॉडीज के आधार पर संग्दिध मरीजों की जांच शुरू करने जा रही है। लेकिन यदि रोगी के शहरी में एंटीबॉडीज बनेंगे ही नहीं तो मरीज की पहचान कैसे हो पाएगी। चीन के फुदान विश्वविद्यालय ने अस्पताल में भर्ती 130 मरीजों में एंटीबॉडीज की जांच की। कोविड के ये मरीज स्वस्थ हो चुके थे और करीब 15 दिनों के बाद एंटीबॉडीज टेस्ट किया गया। लेकिन आठ फीसदी यानि दस मरीजों में एंटीबॉडीज मिले ही नहीं। जबकि तीस फीसदी में एंटीबाडीज मिले तो सही लेकिन उनकी मात्रा बेहद कम थी। जिन मरीजों में एंटीबॉडीज नहीं पाए गये, उन दस में से नौ की उम्र 40 साल से नीचे थी। एक ज्यादा उम्र का था। इस अध्ययन पर वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि पहला सवाल यह खड़ा होता है कि क्या यह वायरस संक्रमण के बाद प्रतिरोधक तंत्र को ही बिगाड़ रहा है। दूसरे, इन मरीजों की आगे जांच होनी चाहिए कि कहीं उनमें देर से तो एंडीबॉडीज नहीं बन रही हैं। डॉक्टर किशोर के अनुसार यह आरंभिक अध्ययन है लेकिन आगे अध्ययन की जरूरत को दर्शाता है। दुनिया के कई देशों में यह बात सामने आ रही है कि कोविड मरीजों में उपचार के बाद भी संक्रमण की पुष्टि हो रही है या उनका कोरोना का टेस्ट पॉजीटिव आ रहा है। यह अध्ययन भी इसी ओर ईशारा करता है कि यदि ठीक होने के बाद रक्त में एंटीबॉडीज नहीं बन रही हैं तो दोबारा संक्रमण का खतरा हो सकता है।
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कमभूमि ] बैठी थी । पैदावार का मूल लागत और लगान से कहीं कम था । खाने कपड़े की गुञ्जाइश नहीं थी,... सलीम को असामियों से सहानुभूति होती जाती थी। कितना अन्याय है कि जो वेचारे रोटियो के मुहताज हैं, जिनके पास तन ढाकने को केवल चिथड़े हों, जो बीमारी में एक पैसे की दवा भी न कर सकते हों, जिनके घरों में दीपक भी न जल ते हो, उनसे पूरा लगान वसूल किया जाय। जब जिन्स महंगी थी तब किसी तरह एक जून रोटियाँ मिल जाती थीं। इस मन्दी में तो उनकी दशा वर्णनातीत हो गई है।... अब सलीम ने किसानों का सच्चा हाल लिखकर एक रिपोर्ट तैयार की, और उसे मिस्टर गजनबी के पास मेज दिया। दोनों में बहस होने लगी । गजनबी कहता था - 'हमारा काम केवल अफसरों की श्राज्ञा मानना है । उन्होंने लगान वसूल करने की श्राशा दी । हमें लगान वसूल करना चाहिये । प्रजा को कष्ट होता हो तो हो, हमें इससे प्रयोजन नहीं । हमें खुद अपनी आमदनी से टैक्स देने में कष्ट होता है, लेकिन मजबूर होकर देते हैं।' जब 'सलीम ने यह सुना तो उसने कहा'हम सरकार के नौकर केवल इसलिए है कि प्रज्जा की सेवा कर सके...।' गजनबी ने बहुत ऊँच-नोच सुझाया, लेकिन सलीम पर कोई असर नहीं हुआ । उसे डडों से लगान वसूल करना किसी तरह मंजूर नहीं था । श्रखर गजनवी ने मजबूर होकर उसकी रिपोर्ट ऊपर मेज दो, और एक ही सप्ताह के अन्दर गवन मेन्ट ने उसे पृथक कर दिया । इसके बाद सलीम किसानों में काम करता हुआ दिखाई देता है। सलीम की जगह मिस्टर घोष श्राये, वे एक नम्बर जालिम थे । उन्होंने किसानों से हर तरीके से लगान वसूल करना चाहा । किसान उत्ते जित हो गये, तो वे बुरी तरह मारे गये, कई को जान से हाथ धोना यहा । सलीम भी एक सब इन्सपेक्टर और कई कान्सटेबलों के साथ एक लारी पर सदर भेज दिया गया। बाद को वह उसी जेल में पहुँचाया गया जहाँ अमरकान्त था । श्रमर ने सलीम से पूछा- तुम तो सरकार के खैरख्वाह नौकर ये, तुम जेल में कैसे ा गये ? सनीम हँसा- तुम्हारे इश्क में } - 'दादा को किसका इश्क था १ -'अपने बेटे का ' -'और सुखदा को ?' -'अपने शौहर का ' -'और सकीना को ! और मुन्नी को ? और इन सैकड़ों श्रादमियों को जो तरह-तरह की सख्तियाँ मेल रहे हैं १' पठानिन तक गिरकार हो चुकी थी। बनारस में अजीब हाल था । हथियारचन्द पुलिस का पहरा है। कोई भाषण नहीं दे सकता, कोई जलशा नहीं हो सकता । फिर भी लोगों ने जलशा किया। एक के बाद एक माषणकर्त्ता गिरफ्तार होते जाते थे । डाक्टर शान्तिकुमार भाषण दे रहे थे- 'हमारे धनवानों को किसका बल है १ पुलिस का । इम पुलिस ही से पूछते हैं, अपने कान्स्टेबल भाइयों से हमारा सवाल है कि क्या तुम भी गरीब नहीं हो १...' डाक्टर साहब भी गिरफ्तार दो गये । डाक्टर के बाद नैना ने भाषण शुरू किया । उसने झंडा उठा लिया और बीस-पचीस हजार की भीड़ के साथ म्युनिसिपिलिटी के दफ्तर की ओर रवाना हो गई। उधर म्युनिसिपल बोर्ड में यही प्रश्न छिड़ा हुआ था। टेलीफोन से कमेटी को पता लगा कि इस प्रकार एक अपार भीड़ दफ्तर की ओर आ रही है। डि० एस० पी० ने मेम्बरों से टेलीफोन पर यह पूछा कि फायर किये बगैर जुलूस इटने वाला नहीं है, कमेटी के मेम्बरान यह बतलावे कि क्या वे ऐसी हालत में चाहते हैं कि भीड़ को रोका जाय । इस पर कमेटी में वोट लिया गया। बारह हाथ पक्ष में उठे, और दस विपक्ष में, यह तय हुआ कि गोली चलाकर भीड़ को रोका जाय। इतने में फिर टेलिफोन आया। हाफिजजी ने कान
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(सेवानिवृत्त आईएएस मनीष वर्मा पर मेहरबान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) Manish Verma Patna : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को वर्चुअल मोड में कैबिनेट की बैठक हुई है। इस बैठक में सरकार ने कुल सात एजेंडों पर मुहर लगाई। बिहार विकास मिशन के तहत मुख्यमंत्री के लिए एक अतिरिक्त परामर्शी के पद के सृजन पर भी मुहर लगी। इस फैसले के बाद से सबकी नजरें इस अतिरिक्त परामर्शी के पद पर टिक गई है। इस पद को लेकर अब चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) किसी खास को इस पद पर बैठाना चाहते हैं। इसलिए इस पद का सृजन किया गया है। चर्चा इस बात की भी है कि नीतीश कुमार ने अपने खास अधिकारी मनीष वर्मा (Manish Verma Patna) के लिए इस पद को क्रिएट किया है। मनीष वर्मा ने पिछले साल ही वॉलेंटरी रिटायरमेंट लिया था। मनीष वर्मा नीतीश कुमार के इतने खास माने जाते हैं कि नीतीश कुमार उन्हें खुद से अलग नहीं रहने देना चाहते हैं। जानते हैं मनीष वर्मा के बारे में। मनीष वर्मा फिलहाल सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी (Retd. IAS Manish Verma) हैं लेकिन उन्हें बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री के लिए अतिरिक्त परामर्शी पद इसलिए सृजित किया गया है ताकि मनीष वर्मा को लाया जा सके। मनीष वर्मा 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें अपने मूल कैडर में वापस बुलाया जा रहा था लेकिन मनीष वहां जाने के इच्छुक नहीं थे। ऐसे में उन्होंने वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले लिया था ताकि वह नीतीश कुमार के पास रह सकें। वॉलेंटरी रिटायरमेंट के बाद भी वह नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं। मनीष वर्मा उस वक्त नीतीश कुमार के करीब आए जब वह पटना के जिलाधिकारी थे। जब वे पटना के जिलाधिकारी थे तब 3 अक्टूबर 2014 को पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मची थी। भगदड़ में सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे जबकि 33 लोगों की मौत हो गई थी। मनीष वर्मा साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी चर्चाओं में आए थे तब वह पूर्णिया के जिलाधिकारी थे। उस वक्त सुशील मोदी ने उनके काम से नाराज होकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मनीष वर्मा को हटाने का आग्रह किया था। बहरहाल मनीष वर्मा नीतीश कुमार के करीब रहने के लिए वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद भी उनकी सेवा में लगे रहे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री ने उनकी निष्ठा को देखते हुए इस पद का सृजन किया है। इसका ही उन्हें ईनाम दिया जा रहा है। बिहार के राज्यपाल के निर्देश पर सेवानिवृत्त आईएएस मनीष कुमार वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है। इस संबंध में राज्य रकार के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने अधिसूचना जारी की है।
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झारखंड के पलामू में पंचायत के अत्याचार की शिकार हुई महिला। शादीशुदा महिला से मिलने उसके ससुराल पहुंचे दूर के रिश्तेदार युवक को गांव वालों ने प्रेमी समझ दोनेां को बंधक बना पिटाई की, वीडियो वायरल किया, तनाव में महिला ने दे दी जान। पलामू (झारखंड). झारखंड के पलामू जिले के रामगढ़ में एक युवती समाज के ठेकेदारों की भेट चढ़ गई। एक सप्ताह पहले युवती पर गलत आचरण का आरोप लगा पंचायत के सामने पीटाई की गई थी। इसका वीडियो बनाकर वायरन भी कर दिया गया था। सभी के सामने पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद से युवती आहत थी। तनाव में आकर युवती ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि तीन माह पहले किरण की शादी रामगढ़ के बाघी गांव निवासी शिव भुइयां के पुत्र जितेंद्र भुइयां के साथ हुई थी। 17 अगस्त को किरण व किरण के गांव के ही रहने वाले एक युवक को बाघी गांव के ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और पिटाई की। महिला के ससुराल में एक युवक मिलने आया था जिसके बारे में ग्रामीणों को शक था कि वह उसका प्रेमी है, जबकि महिला बार-बार कह रही थी कि वह उसका दूर का रिश्तेदार है। महिला का पति चेन्नई में मजदूरी करने गया हुआ था। महिला और उसके साथ के युवक की पिटाई की घटना एक सप्ताह पहले हुई थी। महिला किरण देवी के साथ एक युवक को भी बाघी गांव में पंचायत बैठाकर पीटा गया था। दोनों की पिटाई से संबंधित वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बाद से महिला मानसिक तौर पर परेशान थी। घटना के बाद वह अपने मायके गढ़वा ज़िला के रमकंडा चली गई थी। इधर महिला किरण ने घटना के छह दिन बाद अपने मायके से आकर रामगढ़ थाना में बाघी गांव निवासी मुन्ना बैठा, राजमुनि सिंह, सकेन्द्र भुइयां व प्रेम भुइयां समेत एक दर्जन लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया था। महिला के मुताबिक रिश्तेदार महेश कुमार 17 अगस्त को उसके ससुराल आए थे। घर परिवार की बातें कर रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने प्रेमी-प्रेमिका कहते हुए बंधक बना लिया और पिटाई की। वीडियो भी बनाया गया। इस घटना से वह मानसिक रूप से परेशान है। रामगढ़ पुलिस एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती उससे पहले ही महिला ने फांसी लगा ली। महिला के मौत की पुष्टि रामगढ़ थाना प्रभारी प्रभात रंजन राय ने की है। उन्होंने कहा कि महिला की पिटाई करने वाले सभी की पहचान की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। महिला के मायके वालों को बुलाया गया और युवक के माता-पिता भी पंचायत में आए तब उन्हें छोड़ा गया था। महिला को मायके वालों के साथ भेज दिया गया। युवक पर पंचायत ने एक लाख रुपए का दंड लगाया था, जिसमें से 10 हज़ार रुपए लेने के बाद पंचायत ने युवक को छोड़ा था। बाघी के ग्रामीणों के मुताबिक पकड़े गए युवक के साथ महिला का प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवक एक रात पहले महिला से मिलने आया था। दोनों को साथ में छत पर देखा गया था। शोर मचाने पर युवक रात में भाग निकला। जब अगली सुबह अपना मोटरसाइकिल लेने आया तो पकड़ा गया। जिसके बाद दोनों को बांध कर पीटा गया था।
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बरदाई का वंशज मानते हैं । इनके अन्धे होने के बारे में जो प्रवाद प्रचलित है, वह मिथ्या मालूम होता है । ये जन्म के अन्धे न थे । इन्होंने प्रकृति का, रूप-रंग का, मानव चेष्टाओं का जो वर्णन किया है, वह जन्मान्ध नहीं कर सकता । उदाहरण के लिए नीचे दिए हुए पद में पनिहारिनों की चेष्टाओं का वर्णन बिना सूक्ष्म निरीक्षण के असंभव है :● नागरि गागरि लिए पनिघट ते घरहिं आवै । ग्रीवा डोलत, लोचन लोलत, हरि के चितहिं चुरावै ॥ ठठकति चलै, मटकि मुँह मोरै, वंकट भौंह चलावै । ये महाप्रभु वल्लभाचार्य के सर्व प्रधान शिष्य थे। उन्हीं की आज्ञा से आप ने भागवतपुराण की कथा को पदों में गाया । यह ग्रन्थ - 'सूर-सागर' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसकी पद संख्या सवा लाख मानी जाती है, पर अभी तक लगभग ६ हज्जार पद ही मिल सके हैं। इन पदों में भागवत के दशम स्कन्ध की कथा विस्तारपूर्वक कही गई है। शेष स्कन्धों की कथा बहुत संक्षेप से थोड़े से पदों में कह दी गई है । सूर-सागर में कृष्ण जन्म से लेकर कृष्ण के मथुरा जाने तक की कथा बहुत विस्तार से गाई गई है। पर पदों के क्रम और विषय को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह ग्रन्थ कथा कहने की प्रवृत्ति से नहीं रचा गया है। कथानक के अनुसार पदों का कम नहीं है । कहीं कहीं वही विषय भिन्न भिन्न पदों में है। भक्ति भाव से प्रेरित होकर जो भाव सुर के हृदय में उठे उन्हीं को उन्होंने पदों में प्रकट किया है । प्रत्येक पद स्वतः पूर्ण है । ये पद मुक्तक के रूप में हैं। सभी पद गेय हैं । अतः सूर सागर को हम गीत-काव्य कह सकते हैं । तुलसी की अपेक्षा सूर का काव्य क्षेत्र संकुचित है। तुलसी के राम चरित्र में मानव जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का समावेश है। सूर के कृष्ण चरित्र में यह व्यापकता नहीं । तब भी शृंगार और वात्सल्य रस की रचनाएँ तुलसी की तद्विषयक रचनाओं से बढ़कर हैं । इतना स्वाभाविक चित्र अन्यत्र दुर्लभ है । विप्रलंभ शृंगारात्मक गोपी-विरह का वर्णन और उद्धव के प्रति गोपियों की सुन्दर कटूक्लियाँ बहुत ही मर्मस्पर्शिनी हैं । ऐसा रोचक उपालंभ अन्यत्र नहीं मिलता । यह अंश 'भ्रमरगीत' के नाम से प्रसिद्ध है । सूरदास ने रामचरित संबन्धी भी कुछ पद रचे हैं। पर वे उसी प्रकार के हैं जैसे तुलसी के कृष्ण-चरित संबन्धी पद, अर्थात् उनमें वह रोचकता नहीं है जो सूर के कृष्ण संबन्धी पदों में और तुलसी के रामसंबन्धी पदों में है । सूर-सागर की रचना विशुद्ध व्रजभाषा में हुई है और ब्रजभाषा का यह सर्व श्रेष्ठ ग्रन्थ है। इसमें अनेक वैदेशिक शब्द जैसे 'मसकत' ( फ़ा० मशक्कत ), मुद्दकम, "आयो बाज", 'हवस' इत्यादि भी प्रयुक्त हुए हैं । इनके अन्य ग्रन्थ, सूर सारावली, साहित्य-लहरी, व्याहलो (अप्राप्य ) और नल-दमयन्ती (अप्राप्य ) हैं ।
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मौसम विभाग के मुताबिक रविवार से बादल और बारिश से तापमान में कमी और गर्मी से राहत के आसार बन रहे हैं। ताजनगरी शनिवार को सूबे में सबसे गर्म शहर रही। शुक्रवार को मेरठ सबसे गर्म शहर रहा था लेकिन उससे पहले लगातार चार दिन तक आगरा प्रदेश में सबसे गर्म रहा। महज एक दिन बाद ही आगरा फिर से सूबे का सबसे गर्म शहर बन गया, जहां दिन और रात में तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार से बादल और बारिश से तापमान में कमी और गर्मी से राहत के आसार बन रहे हैं। शनिवार को अधिकतम तापमान 36. 4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3 डिग्री ऊपर है। यही हाल रात के तापमान का भी है, जो 27. 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर में तेज कड़ी धूप लोगों को बेहाल करती रही लेकिन अपराह्न चार बजे से मौसम में बदलाव आया और काले बादल घिर आए। एक बार को लगा कि झमाझम बारिश होने वाली है लेकिन शाम तक बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक अगले तीन दिनों तक बादलों की लुकाछिपी और बारिश, बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। एक सितंबर तक मानसून के बादल बरसने के आसार हैं। इससे दिन के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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- 11 min ago सलार के डायरेक्टर प्रशांत नील ने एक्शन और प्रभास को लेकर कह डाली ये बात? - 34 min ago फिर से बड़े पर्दे पर साथ में धूम मचाने आ रहे हैं वरुण और आलिया, जल्द शुरु करेंगे 'दुल्हनिया 3' की शूटिंग! Don't Miss! - Automobiles इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट-अप Creatara ने पेश किए दो शानदार ईवी, जानें खासियत और कीमत? #Review: बेईमान लव, फिर सनी लियोन के साथ लव...सेक्स और धोखा! सनी लियोन की नई फिल्म आई है बेईमान लव और एक बार फिर उनके साथ लव, सेक्स और धोखा हो चुका है। जानिए कैसी है उनकी नई फिल्म। - कई चीज़ों का CLOSE UP विचलित कर सकता है। - सनी लियोन वाकई सनी लियोन हैं! - थियेटर में अगल बगल देखने से बचें। - चूंकि वो सनी लियोन हैं वो कभी भी डांस करना शुरू कर सकती हैं। अगर आपको लगता है कि क्या कूल हैं हम, मस्तीज़ादे और ग्रेट ग्रांड मस्ती इस साल की सबसे वाहियात फिल्म थी तो लीजिए, कंपिटीशन आ चुका है। फिल्म सनी लियोन की है तो बात एक एक डीटेल में होनी चाहिए। बेईमान लव की कहानी (जो कि कहीं नहीं है) सनी लियोन की है जिनका नाम है सुनैना। अब सनी लियोन को डीटेल में दिखाना डायरेक्टर का काम है। एक एक सीन में अच्छे से सनी को फोकस करने के बाद ही सीन शुरू होता है। बहरहाल, कहानी (फिर बता दें, जो कि है नहीं) एक बिज़नेसवूमन सुनैना और उसके प्रतिद्विंदी राज मल्होत्रा की है। अब हर राज नाम का लड़का शाहरूख खान नहीं हो सकता। तो सनी लियोन के लिए एक परफेक्ट और परमानेंट हीरो ढूंढ लिया गया है रजनीश दुग्गल। वही राज हैं। अब सुनैना ने धोखेबाज़ी कर करके अपने लिए सीढ़ियां बनाई हैं और ये धोखेबाज़ी उसने हमेशा राज के साथ की है और दोनों के ओवरएक्सप्रेशन से ये साफ है कि इसके पीछे कुछ पुराने कर्म - कांड हैं। तो अब ये पुराने कर्म - कांड वाले प्रेमियों ने एक दूसरे को बरबाद करने की कसम खाई है लेकिन दोनों के बीच अभी भी शायद कुछ बाकी है....शायद सेक्स...वासना Ooops प्यार ! खैर ये पूरी लव, सेक्स और धोखा वाली कहानी तीन चीज़ों से बनी है - बहुत सारे नशेड़ी लोग....सीढ़ी से तौलिया में उतरती सनी लियोन और सनी लियोन को घूरते हुए लोग। नियोन बिकीनी का ज़माना आजकल काफी चल गया है। कैटरीना ने भी पहनी थी। सनी लियोन ने भी पहनी है। बस फर्क इतना है कि सनी लियोन हॉट लगती हैं। और कैटरीना नहीं लग पाई थीं। फिल्म में कहानी तो खैर छोड़िए नहीं है लेकिन फिल्म में सनी लियोन हैं, सनी लियोन हैं तो आईटम हैं, आईटम डांस हैं तो कम कपड़े हैं और कम कपड़े हैं तो और ढेर सारा सेक्स है। फिल्म में बहुत सारा संस्कारी सेक्स भी है। साड़ी वाला। जहां सनी लियोन बिल्कुल सिंदूर, साड़ी में आएंगी और फिर थोड़ा शर्मो हया और रोमांटिक गाने वाला सेक्स करेंगी। और हां फिल्म में डैनियल वेबर भी हैं। सनी लियोन के असली पति। फिल्म में उनका नाम डैनियल पीटरसन है! फिल्म तो खैर आप क्या ही देखेंगे। लेकिन हमें पता है कि आप भी फिल्म डाउनलोड करने का इंतज़ार ज़रूर करेंगे। क्योंकि फिल्म में वो सब कुछ है जो सनी लियोन की फिल्म में होना चाहिए। ट्रेलर में भी सब कुछ था। अब हमें पता है कि आप ट्रेलर ज़रूर देखेंगे इसलिए क्लिक करने से पहले आजू बाजू वालों का ख्याल रख लें, लैपटॉप/मोबाईल का वॉल्यूम धीमा कर दें, वरना आगे जो होगा वो हमारी ज़िम्मेदारी नहीं है। कुल मिलाकर अगर फिल्म की बात की जाए तो ये एक डार्क लव स्टोरी है, जहां प्यार की बईमानियों को सामने लाने का ज़िम्मा लिया है सनी लियोन। फिल्म की कहानी एक आजाद ख्याल लेकिन मजबूत औरत के इर्द गिर्द घूमती है, जो रिलेशनशिप के फंदों में उलझी है। सनी लियोन बहुत मेहनत कर रही हैं कि बॉलीवुड में उनकी छवि बदले। लेकिन पहले उन्हें ये एक ही तरह की फिल्में करना बंद करना पड़ेगा। और ये समझना होगा कि बॉलीवुड उन्हें केवल बेवकूफ बनाकर अपना धंधा चला रहा है। जहां तक रही फिल्म की बात तो फिल्म हर सनी लियोन फिल्म की तरह है। लव, सेक्स और धोखा, इन्हीं तीन शब्दों पर इस तरह की हर फिल्म बनती है और बेईमान लव भी कोई अलग नहीं हैं। फिल्म में कहानी के नाम पर तो कुछ नहीं है और सेक्स के नाम पर भी सेंसर ने ज़्यादा कुछ नहीं छोड़ा है। कुछ मिलेगा तो सनी लियोन पर फोकस कैमरा, उनके छोटे कपड़े, हाई हील और नियोन बिकीनी। पार्टी से निकलीं जान्हवी कपूर की हालत देख चौंके यूजर्स, ट्रोल करते हुए बोले- 'फुल पीकर टाइट है'
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चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज दुनिया हथियारों से नहीं बल्कि सच से डरती है इसलिए सच को पूरी ताकत से बोलो। कुलश्रेष्ठ ने आज यहां आयोजित दो दिवसीय वीर सावरकर साहित्य सम्मेलन के उछ्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए देश की वर्तमान राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों को आजादी से पूर्व व बाद की घटनाओं से जोड़ते हुए कहा कि सच को पूरी ताकत से बोलना चाहिए क्योंकि आज दुनिया सच सेडरती है और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री को जनता ने सच के कारण ही चुना है। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रवाद पर जमकर हमला बोला और कहा कि सुभाष बो आजादी के आंदोलन के सच को दबाया लेकिन अब सारी सच्चाई बाहर आने लगी है जिससे ये लोग डरे हुए हैं। उन्होंने सावरकर के हिंदूवाद को भी सच बताते हुए कहा कि हिंदूत्व को कोई समाप्त नहीं कर सकता क्योंकि बाकी मजहब कोई 1400 साल पहले जन्मा तो कोई 2000 साल पहले लेकिन हिंदुत्व की कोई तारीख नहीं है ये सनातनी है इसलिए कभी समाप्त नहीं हो सकता लेकिन इस सच को दूसरे जान लें कि जो पैदा हुआ है उसे एक दिन समाप्त होना ही है और यह पैदा होने वाले मजहब पर लागू होता है। कुलश्रेष्ठ ने पूर्व प्रधानमंत्री जवारिलाल नेहरू एवं लार्ड माउंटबैटन परिवार से संबंधों के बारे में बताते हुए माउंटबेटन की पत्नी के 1962 में मरने पर नेहरू क्षरा शोक अभिव्यक्ति का प्रस्ताव पारित करने को उनकी गुलाम मानसिकता बताने के साथ तत्कालीन जनसंघ सांसदों पर भी हमला बोला और कहा कि जब पण्डित नेहरू ने यह प्रस्ताव रखा तो वहां खुद को हिंदूवादी व राष्ट्रवादी बताने वालों ने मौन धारण कर लिया और सच नहीं बोल पाए। उनका कहना था कि सच को पूरी ताकत से बोलिए, सच पर विवाद कीजिए और चुनौती दीजिए।
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1 इस बार परमेश्वर लोगों को मारने नहीं, बल्कि यथासम्भव उन्हें आया है। गलतियां किससे नहीं होतीं? यदि सभी को मार दिया जाए, तो फिर यह "उद्धार" कैसे होगा? कुछ अपराध जान-बूझकर किये जाते हैं, जबकि कुछ अनजाने में हो जाते हैं। अनजाने में हुये अपराधों को पहचानकर, तुम बदल सकते हो, तो क्या परमेश्वर तुम्हारे बदलने से पहले ही तुम्हें समाप्त कर देगा? क्या उस तरह से परमेश्वर लोगों को बचा सकता है? चाहे तुमसे अपराध अनजाने में हुआ हो या विद्रोही प्रकृति के कारण, तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि एक बार अपराध हो जाने पर, तुम्हें शीघ्रता करनी है, और वास्तविकता को पहचानकर आगे बढ़ना है; हालात कुछ भी हों, तुम्हें आगे बढ़ने का प्रयास करना है। 2 परमेश्वर उद्धार का कार्य कर रहा है और वह जिन्हें बचाना चाहता है, उन्हें यूँ ही नहीं मार देगा। तुम चाहे किसी भी स्तर तक बदल पाने की स्थिति में हो, यदि अंत में परमेश्वर तुम्हें मार भी देता है, तो निश्चय ही उसका ऐसा करना धर्मितापूर्ण होगा; और जब समय आयेगा तो वह तुम्हें समझा देगा। इस समय तुम्हें सत्य के लिए प्रयास करना चाहिए, जीवन प्रवेश पर ध्यान देना चाहिए और सही तरीके से अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए। इसमें कोई दोष नहीं है! अंततः, परमेश्वर तुम्हारे साथ जैसा चाहे बर्ताव करे, वह हमेशा न्यायसंगत ही होता है; इस पर तुम्हें न तो संदेह करना चाहिये और न ही इसकी चिंता करनी चाहिये; भले ही इस समय तुम परमेश्वर की धार्मिकता न समझ पाओ, लेकिन वह दिन आयेगा जब तुम आश्वस्त हो जाओगे।
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भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास के साथ हुई चर्चा के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी। डॉक्टरों की मांगों को लेकर मंत्री सारंग ने हाईपावर कमेटी बनाने पर हामी भर दी है, साथ ही समय सीमा में विचार कर कमेटी द्वारा रिपोर्ट दिए जाने का आश्वासन भी दिया है। इससे पहले राजधानी समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में सुबह तक हड़ताल जारी रही। दोपहर होते ही हड़ताल स्थगित होने की घोषणा के बाद डॉक्टरों के काम पर लौटने से अस्पतालों में सामान्य दिनों की तरह कार्य शुरू हो गया। मप्र शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ राकेश मालवीय ने बताया कि इस मामले में पहले हमारी बात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से हुई, जिन्हें मुख्यमंत्री ने खुद अधिकृत किया था। मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई तो मुख्यमंत्री ने हमें बताया कि हमारी दोनों मांगे डीएसीपी लागू करना और मेडीकल कार्य में अधिकारियों की दखल अंदाजी बंद करने को लेकर एक हाई पॉवर कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें छह विभाग के पीएस के अलावा महासंघ के तीन पदाधिकारी होंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी सरकार संवाद करने वाली सरकार है। कोरोना के समय में डॉक्टरों ने बहुत अच्छा काम किया था। मंत्री सारंग ने कहा कि मैं चिकित्सा महासंघ को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है। डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे अधिक असर सुबह से ही हमीदिया अस्पताल में देखने को मिला, जहां सुबह से ही डॉक्टर्स नहीं पहुंचे। इसके अलावा ओपीडी में ताला लगा होने के कारण पर्चे भी नहीं बने। सुबह से मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। इसके अलावा यहां किसी तरह के कोई आॅपरेशन, जांच आदि भी नहीं हुए। वहीं जेपी अस्पताल में इक्का दुक्का डॉक्टर्स मरीजों को देखते मिले। इसके अलावा अधिकतर डॉक्टर्स के कमरे खाली ही दिखाई दिए। डीएसीपी लागू करना। मेडीकल कार्य में अधिकारियों की दखलअंदाजी बंद करना। पुरानी पेंशन बहाल करना।
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प्रमुख तेल कंपनियों ने मंगलवार को तेल के दामों में और भी बढ़ोतरी की है, जिससे महंगा होता पेट्रोल अब और भी ज़्यादा महंगा होने लगा है। मालूम हो कि सरकार ने पेट्रोल डीज़ल के दामों को जीएसटी के अंतर्गत सम्मलित नहीं किया है। पेट्रोल-डीजल पर अभी भी राज्य सरकारों द्वारा वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लगाया जाता है, जिसकी दर ज़्यादा होती है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम 91.20 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गए हैं, वही डीजल के दाम 79.89 रुपये प्रति लीटर पर हैं। इसी के साथ देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 83.85 रुपये प्रति लीटर पर हैं वहीं दिल्ली में डीजल के दाम 75.25 रुपये प्रति लीटर हैं। आपको यह भी बताते चलें कि दिल्ली राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दामों पर बहुत कम वैट लगाया गया है, इसी कारण राज्य में पेट्रोल-डीज़ल के दाम कुछ कंट्रोल में हैं। हालाँकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा दिल्ली समेत कई बड़े राज्य पेट्रोल पर लगने वाले यूनिफार्म टैक्स को फिक्स करना चाहते हैं। इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम भी अब नवंबर 2014 के बाद से सबसे अधिक हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 85.45 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरेल तक पहुँच गयी है।
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मेरठ में गंगनहर में डूबकर मां-बेटी की मौत मामले की पुलिस जांच हुई तो ये हादसा नहीं हत्या निकला। पति आशीष ने ही 12 साल छोटी लड़की से शादी करने के चक्कर में पत्नी, बेटी की हत्या कर दी। पुलिस ने बेटी, बीवी के हत्यारोपी आशीष को जेल भेज दिया है। आशीष के माता-पिता को भी पुलिस खोज रही है। परिवार उजड़ गया, लेकिन अब आशीष की उन दोनों बेटियों को कौन पालेगा जो पलभर में अनाथ हो गईं। इन बच्चियों को रखने के लिए अब कोई तैयार नहीं है। आशीष की 10 साल पहले 2013 में बागपत की ज्योति से अरेंज मैरिज हुई थी। दोनों के 3 बेटियां हुईं। अविका, अवनी और भव्या। 2 साल की भव्या को आशीष ने पत्नी ज्योति के साथ ही मार डाला। लाश को गंगनहर में बहा दिया। आशीष की प्लानिंग अवनी और अविका को भी मारकर रास्ते से हटाने की थी। इसमें वो सफल नहीं हो सका। दोनों बेटियां सुरक्षित बच गईं। अब अवनी, अविका के सामने जिंदगी का संकट खड़ा हो गया। महज 6 और 4 साल की उम्र की ये बच्चियां अब किसके सहारे जिएंगी। हत्यारोपी पिता ने इन बच्चियों की मां को मौत के घाट उतार दिया। खुद जेल चला गया। वहीं आशीष के बुजुर्ग माता-पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। पुलिस उन्हें भी खोज रही है। जिस दिन दोनों बुजुर्ग पुलिस के हत्थे चढ़े, जेल जाएंगे। आशीष इकलौता बेटा था। घर में कोई भाई नहीं होने के कारण ये दोनों बच्चियां अब किसके सहारे जिएंगी। दोनों बच्चियों को रखने के लिए परिवार का कोई भी शख्स तैयार नहीं हैं। ननिहाल पक्ष ने भी इन दोनों बेटियों को रखने से इनकार कर दिया। ननिहाल पक्ष ने पुलिस के सामने साफ तौर पर कहा कि वो इन बच्चियों को नहीं रखेंगे। अगर ये बच्चियां लड़का होती तो रिश्तेदार भी इन्हें रख लेते। पुलिस ने फिलहाल दोनों बच्चियों को रिश्तेदारों के यहां रखा है। जल्द ही तय होगा कि बच्चियों को किसके पास छोड़ा जाए, इनकी देखभाल कौन करेगा। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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एमपी के खरगोन में शुक्रवार को आई आंधी-बारिश और बिजली गिरने के चलते दो लोगों की जान चली गई। 40 वर्षीय ईशराम और उनका भांजा 25 साल का सुनील खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बिजली गिरी और दोनों की वहीं मौत हो गई। खरगोन मध्य प्रदेश के खरगोन में जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर भगवानपुरा क्षेत्र के कई गांवों में शुक्रवार शाम तेज आंधी के साथ जोरदार ओलावृष्टि हुई। बड़े-बड़े ओले गिरने के चलते सड़कों पर सफेद चादर जैसी बिछ गई। झमाझम बारिश के साथ ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा जबकि बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे मामा-भांजे की मौत हो गई। झिरन्या थाना क्षेत्र के नहालदरी में खेत में काम कर रहे 40 वर्षीय ईशराम और 25 वर्षीय सुनील की मौके पर मौत हो गई। दोनों मामा-भांजे नुक्ते के लिए नरवट गए थे। लौटकर नहालदारी में खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान उन पर बिजली गिर गई। दोनों की मौत से गांव में मातम पसर गया। बेमौसम बारिश और ओले गिरने से इलाके में फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। खेत में लगी गेहूं और चना की फसल खराब होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इसके साथ हरी सब्जी और प्याज की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। इस साल जबरदस्त बारिश के चलते प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सोयाबीन की फसल भी बर्बाद हो गई थी। ऐसे में बेमौसम बारिश के इस दौर ने किसानों पर दोहरी चोट की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन इलाकों में ओलावृष्टि एवं बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है, वहां सर्वे के निर्देश दे दिए गए हैं। शीघ्र ही सर्वे शुरू हो जाएगा और किसानों को फसलों के नुकसान का समुचित मुआवजा दिया जाएगा।
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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा कीपिंग ग्लव्स पर बलिदान बैज लगाकर खेलने का मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा। हालांकि अभी तक धोनी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी बोलते नजर नहीं आए हैं। बलिदान बैज मामले में कई दिग्गज खिलाड़ी उनके सपोर्ट में बोल चुके हैं। अब इसी क्रम में भारत के पूर्व विकेटकीपर फारूख इंजीनियर ने भी अपनी बात रखी है। धोनी ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेलने से पहले शनिवार को इस मुद्दे पर भारत के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर के साथ बातचीत की है। भारतीय विश्व कप टीम के सबसे सीनियर खिलाडी धोनी को आईसीसी ने उनके दस्ताने से बलिदान बैज हटाने की बात कही है। संभवतः धोनी आगे मैच में बलिदान बैज लगाकर खेलते नहीं दिखेंगे। इस मुद्दे पर फारुख इंजीनियर ने कहा, कल मैंने धोनी के साथ एक चैट की थी और हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि इस छोटी सी बात को इतना तूल देकर पहाड़ जैसा बना दिया गया है । मैंने धोनी को कहा कि वास्तव में मुझे धोनी पर गर्व है। हम सब भारतीय हैं और अपनी सेना की इज्जत से जुड़े हुए हैं । यदि मैं उनकी जगह पर होता तो मुझे अपने इस निर्णय पर गर्व होता। टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने खुले तौर पर अपने दस्ताने पर सेना के लोगो के बारे में अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं, लेकिन उनका मानना है कि सेना के लोगो को उनके स्टंपिंग दस्ताने पर पहनने के निर्णय को तिल का ताड़ बनाया जा रहा है। बताते चलें कि, दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान जारी नहीं किया है। देखना काफी दिलचस्प होगा कि रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते वक्त धोनी बलिदान बैज पहनेंगे या नहीं।
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MUZZFARPUR : बिहार में सड़क हादसों में रोकथाम को लेकर सरकार सड़क सुरक्षा सप्ताह चलाती रहती है। लेकिन, इसके बाबजुद राज्य में कहीं न कहीं से सड़क हादसे से जुडी हुई खबर निकल कर सामने आती रहती है। इस बीच अब एक ताजा मामला बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर से निकल कर सामने आ रहा है। जहां, एक अनियंत्रित पिकअप वैन ने इंटर की परीक्षा देने जा रहे चार स्टूडेंट को रौंद दिया है। जिसमें दो की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, मुज़फ़्फ़रपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र में सबहा चौक के पास इंटर का परीक्षा देने जा रहे 4 छात्र सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गए। यह लोग दो बाइक पर सवार थे, तभी तेज गति से आ रही पिकअप वैन ने पीछे से धक्का मार दिया। इससे ये लोग सड़क किनारे गिर पड़े और पिकअप वैन का ड्राइवर इन लोगों को रौंद डाला। वही, घायल स्टूडेंट का इलाज सकरा के एक अस्पताल में कराया जा रहा है। जिसमें दो छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि, यह मामला जिले के सकरा थाना क्षेत्र के सबहा चौक स्थित काली मंदिर के पास की है। जहां एक पिकअप और बाइक में जबरदस्त टक्कर हो गई है। जिसमें इंटर के परीक्षा देने जा रहे 4 छात्र बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। इस घटना के बाद घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जुट गई जिसके बाद आनन-फानन में स्थानीय लोगों के द्वारा घायल चारों छात्र को सकरा के रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं स्थानीय लोगों ने पिकअप और पिकअप चालक को पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना में घायल चारों छात्रों की पहचान सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा निवासी इंद्रजीत कुमार ,विक्की कुमार ,प्रकाश कुमार और मोहम्मद राजा उल्लाह के रूप में हुई है। आपको बताते चलें कि, मुजफ्फरपुर जिले में हाईवे और प्रमुख सड़कों पर सड़क दुर्घटना पर लगाम लगाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर कैमरा और हाई स्पीड मीटर लगाया गया। लेकिन, इसके बाबजूद हाई स्पीड गाड़ी चलाने वालों लोगों में इन कैमरे का डर बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा है। जिसका खामियाजा सड़क दुर्घटना के रूप में हमेशा नजर आ ही जाता है।
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यूरोप में भारतीय समुदाय के लोगों को एक साथ लाने के उद्देश्य से हेग में तीसरे क्षेत्रीय मिनी-प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य संस्कृति, विरासत और परंपरा के क्षेत्रों में भारत और यूरोप के बीच सहयोग बढाना तथा भारत-यूरोपीय व्यापार और निवेश के अवसरों की तलाश करना था। इस कार्यक्रम में हेग नगरपालिका की भागीदारी के साथ-साथ नीदरलैंड के इंडो-डच संगठनों की ओर से सक्रिय सहयोग भी मिला। इस कार्यक्रम में 405 पंजीकृत आमंत्रित अतिथियों और 40 मीडिया कर्मियों सहित 535 लोगों ने भाग लिया। अपने संबोधन में प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री श्री वयालार रवि ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने यूरोप के भारतवंशियों अथवा अप्रवासी भारतीयों के लिए सभी क्षेत्रों में व्यापक अवसरों की पेशकश की है। डच के पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य अतिथि प्रो. रूड लूबर्स ने बताया कि किस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय राज्यों की स्वतंत्रता और संप्रभुता से अपना ध्यान हटाकर राज्यों की अंतर-निर्भरता की ओर केन्द्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक बहु-आयामी विश्व में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और भारतीय समुदाय सभ्यताओं को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। (Release ID :777)
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टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को दोषी करार दिए जाने के बाद बलिदानी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी ने कहा है कि यह आतंकी उस मामले में भी नहीं बच पाएगा। नागपुर स्थित RSS मुख्यालय की रेकी के मामले में कश्मीर से जैश आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। रेकी कर इस आतंकी ने वीडियो पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर को भेजा था। जम्मू कश्मीर पुलिस ने सुरक्षाबलों के साथ मिलकर बांदीपोरा जिले में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित ने 1990 में सीमा पार से हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी, बाद में JKLF का सक्रिय आतंकी बन गया था। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। वहीं, सरकार ने राहुल भट की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। 13 मई की सुबह दहशतगर्दों ने एक पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठोकर के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। अस्पताल भर्ती ठोकर की हालत गंभीर बनी हुई है। आतंकवादियों ने 5 दिन पहले एक पुलिसकर्मी को गोली मारकर घायल कर दिया था। घायल कांस्टेबल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करनाल पुलिस ने 4 संदिग्ध खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन आतंकियों के पास से 1 पिस्टल 31 कारतूस, 3 IED और कैश बरामद किया गया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश के आतंकवादी समूह के कई मॉड्यूल पर नकेल कसने के लिए असम पुलिस की सराहना की। 16 आतंकी गिरफ्तार। NDTV की रिपोर्टर आरोपित अंसार के लिए 'आप, उन्होंने, उनके और अंसार जी' जैसे शब्दों का प्रयोग करती हुई नजर आईं। जहाँगीरपुरी के दंगाई का बचाव।
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मायावती ने बुधवार (22 अक्टूबर) को यहां जारी बयान में कहा कि सीबीआई में विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों के कारण पहले भी काफी कुछ गलत एवं अनर्थ होता रहा है। बसपा प्रमुख मायावती ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई में शीर्ष स्तर पर जारी घमासान को चिंताजनक बताते हुये उच्चतम न्यायालय से इस संस्था की विश्वसनीयता को बहाल करने के लिये मौजूदा विवाद पर विस्तार से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। मायावती ने बुधवार (22 अक्टूबर) को यहां जारी बयान में कहा कि सीबीआई में विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों के कारण पहले भी काफी कुछ गलत एवं अनर्थ होता रहा है। अब जो कुछ उठापठक हो रही है वह देश के लिये गंभीर चिन्ता की बात बन गई है क्योंकि इससे जनता में अनेक प्रकार की भ्रान्तियाँ पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि चर्चा में आये इस विवाद के कारण लोगों का सीबीआई से भरोसा डगमगा सा गया है। पिछले तीन दिनों से जारी इस मामले में बसपा प्रमुख ने पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि सीबीआई में पिछले कुछ दिनों से जारी आपसी घमासान के दौरान केन्द्र सरकार ने मंगलवार को देर रात जांच एजेंसी के निदेशक को लम्बी छुट्टी पर भेजने के साथ बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले भी कर दिये। मायावती ने कहा कि सीबीआई पर लोगों का भरोसा फिर से बहाल करने के लिये जरूरी है कि उच्चतम न्यायालय विस्तारपूर्वक प्रभावी रूप से वर्तमान संकट पर संज्ञान ले। बसपा प्रमुख ने कहा कि केन्द्र सरकार की द्वेषपूर्ण, जातिवादी और सांप्रदायिकता पर आधारित नीतियों और कार्यकलापों ने सीबीआई सहित हर संवैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं को संकट में डाल रखा है।
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KBC 14 Play Along 28 October, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 61: नासा का अंतरिक्ष अभियान डीप ऐट्मोस्फियर वीनस इन्वेस्टीगेशन ऑफ नोबल गैसेस, केमेस्ट्री, एंड इमेंजिग किस रूप में अधिक प्रसिद्ध एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया है? ऑप्शनः नासा का अंतरिक्ष अभियान डीप ऐट्मोस्फियर वीनस इन्वेस्टीगेशन ऑफ नोबल गैसेस, केमेस्ट्री, एंड इमेंजिग चित्रकार रूप में अधिक प्रसिद्ध एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया है. इसका नाम Davinci है. Leonardo da Vinci एक महान चित्रकार थे. वह अपनी नाटकीय और अभिव्यंजक कलाकृति के लिए सबसे अधिक जाने जाते हैं, लियोनार्डो ने दर्जनों सावधानीपूर्वक सोचे-समझे प्रयोग भी किए और भविष्य के आविष्कारों का निर्माण किया जो उस समय के लिए महत्वपूर्ण थे. उनकी तेज नजर और तेज दिमाग ने उन्हें महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज करने के लिए प्रेरित किया, फिर भी उन्होंने अपने विचारों को कभी प्रकाशित नहीं किया. कौन बनेगा करोड़पति 14 (Kaun Banega Crorepati 14) में शुक्रवार के केबीसी प्ले अलाॅन्ग स्पेशल एपिसोड (KBC Play Along Special Episode) में राहुल नायर (Rahul Nair) नाम के कंटेस्टेंट हाॅट सीट पर आए थे. उन्होंने अपने ज्ञान के जरिए 6 लाख 40 हजार रुपये की धनराशि जीती. वह 12 लाख 50 हजार रुपये के कठिन सवाल पर जाकर अटक गए थे. उनकी सभी लाइफलाइन भी खत्म हो गई थी जिसके चलते उन्होंने गेम को छोड़ने का फैसला लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऊपर दिए गए सवाल का सही जवाब 'चित्रकार' है. सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के लोकप्रिय रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति 14 को अगर आप मुफ्त में देखना चाहते हैं तो आप जिओ टीवी ऐप पर जाकर देख सकते हैं. इसके अलावा सोनी टीवी चैनल पर भी इसे देख सकते हैं. ये शो सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे से प्रसारित होता है.
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10 Home Remedies for Heart Disease हृदय रोग से ज्यादातर वे लोग पीड़ित होते हैं। जो दिनभर गद्दी पर बैठे रहते हैं और हर समय अनाप-शनाप खाते-पीते हैें। इस रोग के शुरू में साधारण दर्द होता हैे। फिर धीरे-धीरे रोग बढ़ जाता है। जो सम्पूर्ण हृदय को जकड़ लेता हैे यह रोग होने पर बड़ी बेचैनी रहती हैे। अचानक हृदय में पीड़ा उठती है और फिर सारा शरीर जकड़ जाता हैे रोगी की सांस रुक-रुककर बड़ी तेजी से चलने लगती हैे। बेचैनी के साथ-साथ हाथ-पैरों में शिथिलता शुरू हो जाती हैे। - 10 मि. ली. अनार के रस में 10 ग्राम पिसी मिश्री डालकर हर रोज सुबह पीने से हृदय की जकड़न और हृदय का दर्द दूर हो जाता है। - हृदय की धड़कन तेज हो तो एक टेबलस्पून अनार के ताजे पत्ते को एक कप पानी में पीसकर और छानकर सुबह-शाम पीने से हृदय मजबूत बनता है और हृदय की धड़कन सामान्य होती है। - 200 मि. ली. ताजे गाजर के रस में 100 मि. ली. पालक का रस मिलाकर रोज सुबह पीएं। हृदय की तकलीफेंः दिल का दौरा और दिल का बेकाबू हो धड़कना, सब नियंत्रण में आ जाता है। - हृदय रोगी यदि खूब मथकर मक्खन निकाला हुआ एक ग्लास छाछ रोज पीएं तो हृदय की रक्तवाहिनियों में बढ़ी हुई चर्बी कम हो जाती है और दिल की तेज धड़कन व घबराहट भी दूर हो जाती है। - हींग को भूनकर उसका चूर्ण बना लें। फिर काला व सफेद जीरा, अजवायन और सेंधा नमक- सभी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं और हींग के चूर्ण को इसमें मिलाकर बॉटल में भरकर रख दें। हर रोज एक टीस्पून चूर्ण का सेवन करें। कुछ दिनों में ही हृदय का दर्द दूर हो जाएगा। - 100 मि. ली. अदरक के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटने से हृदय के दर्द में आराम मिलता है। यदि छाती के बाईं ओर दर्द उठता है और सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, पसीना आने लगता है। तो दूध में लहसुन पकाकर पीएं। कुछ दिनों तक निरंतर इस दूध का सेवन करने से लाभ होता है। - यदि दिल घबराता है, धड़कन तेज हो गई है, पसीना आ रहा है, तो आलूबुखारा खाइए या मीठा अनार चूसिए। आराम मिलेगा। - पका हुआ कद्दू लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बर्तन में भरकर बर्तन के मुख पर ढक्कन लगाकर ऊपर से कपड़ा रखकर मिट्टी का लेप लगा दें। इस बर्तन को 15-20 मिनट तक धीमी आंच पर रखकर गर्म करें। फिर उसे उतारकर ठंडा होने पर खोलें। कुम्हड़े के जले हुए टुकड़ों को कूटकर चूर्ण बनाएं और एयरटाइट बॉटल में भरकर रख दें। आधा टीस्पून चूर्ण में 1/4 टीस्पून सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे सभी तरह के हृदय दर्द से राहत मिलती है। - हृदय रोग और रक्तचाप रोग में यदि नियमित रूप से सुबह-शाम लौकी की सब्जी का सूप पीएं या उसकी सब्जी भोजन के साथ सेवन करें, तो एक महीने में ही लाभ होने लगेगा। - हृदय में दर्द होने या दौरा पड़ने पर दो चम्मच शुद्ध घी में आधा टीस्पून बेल का रस मिलाकर पीएं। गाय का घी हो, तो अति उत्तम है। इससे तुरंत राहत मिलेगी।
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कोटाः जंग खाया हवाई जहाज, टूटे झूलें और चोट देने की क्षमता रखने वाली फिसल पट्टी ऐसा ही कुछ नजारा दिखाई देता है आजकल चंबल किनारे बनाए हुए ट्रैफिक पार्क की। कहने को तो ये यातायात पार्क है लेकिन मजेदार बात ये है कि इस गार्डन में यातायात के नियमों की जानकारी देने के लिए जो बोर्ड लगाया हुआ है उस बोर्ड से यातायात के संकेत देने के लिए बने कई चिन्हों को मिटे ही जमाना बीत चुका है। लेकिन ना संबंधित अधिकारियों का और ना ही जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जा रहा हैं। यहां पर सुबह-शाम घूमने आने वालों का कहना हैं कि करोड़ों रूपए खर्च करके शहर में आॅक्सीजोन बनाया गया है लेकिन जो स्थान सालों से शहर की पहचान बने हुए हैं उनकी सुध तक नहीं ली जा रही है। उनमें से एक चंबल गार्डन के पास ही बनाया गया ट्रैफिक पार्क भी है। जहां सुबह-शाम शहर के लोग ही नहीं बल्कि कई बाहरी पर्यटक भी घूमने, सैर करने तथा व्यायाम करने के उद्ेश्य से आते हैं। ट्रैफिक गार्डन में इसके निर्माण के समय बच्चों के खेलने-कूदने के लिए जो झूले चकरी और फिसल पट्टी और अन्य मनोरंजन के संसाधन लगाए वो अब नकारा हो चुके है और बच्चों को चोटिल कर रहे है। अधिकांश उपकरण जंग खा चुके हैं। इन खेल उपकरणों में से कुछ महीनों से क्षतिग्रस्त हुए पड़े है जो कभी भी बच्चों या अन्य आयु वर्ग के लोगों को चोटिल कर सकते हैं लेकिन उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गार्डन में एक हवाई जहाज का निर्माण करवाया गया था। आज उस हवाई जहाज पर इतना जंग लग चुका है कि उसे दूर से देखने से ही उसके पास तक जाने का मन नहीं करता है। गार्डन की सुन्दरता बढ़ाने के लिए लगाए गए फव्वारें बंद पड़े हैं। गार्डन में लोगों को पीने के पानी उपलब्ध करवाने के लिए जो संसाधन लगाए गए थे वो तो कभी के गायब हो चुके हैं। अब तो वहां टूटे नल हैं जो शौपीस बनकर लगे हुए हैं। जबकि लिख हुआ जल मंदिर है। इसी प्रकार गार्डन में आने वाले लोेगों को बैठने के लिए जो बैंच लगाई गई थी उनमें से कुछ टूट चुकी हैं और जुगाड़ के रूप में उन पिल्लरों पर पत्थरनुमा कुछ बैंच लगाई गई है। वहीं गार्डन की कुछ क्यारियों में लगाए पौधें उचित देखरेख के अभाव में सूखी झाड़ियों के रूप में तब्दील हो चुके हैं। कुछ स्थानों पर सूखी पत्तियों के ढ़ेर भी लगा रहे हैं जो गार्डन में बनी अव्यवस्थाओं की ओर इशारा कर रहे हैं। याातायात नियमों की धज्जियां तो आए दिन उड़ती रहती है लेकिन चम्बल गार्डन के ट्रैफिक गार्डन में नगर निगम की और से बच्चों के लिए लगाए यातायात नियमों की जानकारी बोर्ड भी जंग खा रहे है। यातायात नियम बोर्ड से गायब है तो कई के नामों निशान मिट चुके है। सुबह की सैर और शाम को घूमने आने वाले लोगो को अब यह जंग खाते यातायात नियम बोर्ड मुंह चिढ़ाते नजर आते है। ट्रैफिक पार्क, प्रसिद्ध चंबल गार्डन के बगल में स्थित एक और शानदार पार्क है जो कोटा और बाहरी लोगों को उनके पिकनिक समारोह के लिए आकर्षित करता है। पार्क मुख्य रूप से बच्चों के लिए मनोरंजन के साथ सीखने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाया गया था। लक्ष्मण झूला नामक एक फुट ओवर ब्रिज चंबल गार्डन और ट्रैफिक पार्क के दो उद्यानों को जोड़ता है। यह गार्डन 1990 में बनाया गया था और यह लगभग 16 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। पार्क में विकास के कुछ कार्य होने हैं जिनके बारे में संबंधित उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया दिया गया हैं। - रामलाल, उद्यान अधीक्षक। मैं लगभग 4 साल के बाद ट्रैफिक पार्क में आया हंू। उद्यान में कई चीजे टूटी हुई हैं। हालात पहले जैसे नहीं हैं। कोटा शहर में इतने कार्य हो रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधियों की नजर इस गार्डन की ओर नहीं जा रही है। - विकास जैन। पूरे पार्क की हालात बिगाड़ कर रखी हुई है। सालों पहले जो चमक इस गार्डन की थी वो सब खत्म हो चुकी हैं। बच्चे इस बाग में आकर काफी खुश होते थे लेकिन अब उनको यहां लाकर क्या ये जंग खाए हवाई जहाज दिखाए। - कौशल कुमार शर्मा।
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एक्सीडेंटल चोटों के कारण अधिकांश मृत्यु हॉस्पिटल के बाहर होती है. भारत में एमरजेंसी केयर सिस्टम अभी भी बहुत ही धीरजपूर्ण चरण में है. देश के प्रीमियर हेल्थ इंस्टीट्यूट - एम्स, दिल्ली द्वारा आयोजित एक अध्ययन में पाया गया है कि देश में एमरजेंसी मेडिकल केयर सिस्टम पर्याप्त मात्रा से कहीं दूर है. यह अध्ययन इस तथ्य को भी सपोर्ट करता है कि देश के द्वितीयक और तृतीयक स्तर के केंद्रों में 91% हॉस्पिटल्स में एम्बुलेंस होते हैं, जबकि इनमें से 35% से कम के मेडिकल स्टाफ और पैरामेडिक्स ने रोगियों को आपातकालीन मेडिकल केयर प्रदान करने के लिए कुशल मेडिकल स्टाफ और पैरामेडिक्स प्रदान किए हैं. इसके अलावा, एमरजेंसी केयर सर्विसेज़ अधिकांशतः शहरी शहरों (टियर 1 या 2) तक सीमित हैं और वास्तविक भारत में उपलब्ध नहीं हैं, जहां 70-80% आबादी वास्तव में रहती है. वैश्विक स्तर पर, सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण हर साल 1. 3 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है और 20-50 मिलियन लोगों को गैर-घातक चोट लगती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, क्रैश की जगह पर या हॉस्पिटल में लगभग 50% सड़क ट्रैफिक घातकताएं होती हैं. चोट के कारण हॉस्पिटल में होने वाली हर मृत्यु के लिए, लगभग 15-20 गंभीर रूप से घायल मरीजों को हॉस्पिटलाइज़ेशन की आवश्यकता होती है और समुदाय में लगभग 30-50 घायल मरीजों को फर्स्ट-एड केयर की आवश्यकता होती है. 1 के भीतर लगभग आधी आघात मृत्यु हो जाती हैसेंट दुर्घटना का समय और अस्पताल पहुंचने के 24 घंटों के भीतर दूसरा 30%. द 1सेंट किसी दुर्घटना या चोट के बाद घंटे स्वर्ण घंटे माना जाता है. इस समय रोगी को सही जगह और सही समय पर सही उपचार प्राप्त करना होगा. एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) के अनुसार, 2020 में दुर्घटनाओं के कारण 3. 74 लाख से अधिक लोग अपना जीवन खो गए. सड़क दुर्घटनाओं में 35% अर्थात 1. 31 लाख पीड़ित व्यक्ति शामिल थे. किसी भी सड़क दुर्घटना या चोट के लिए पहली सहायता महत्वपूर्ण है. यह हानिकारक स्थितियों को रोक सकता है. हालांकि, हम में से अधिकांश को CPR जैसी पहली सहायता में इस्तेमाल की जाने वाली बुनियादी प्रक्रियाएं नहीं पता है. पहली सहायता के बारे में जानना अपनी आपातकालीन स्थितियों में अन्य लोगों की मदद करने में वास्तव में मददगार हो सकता है. आप पहली सहायता तकनीक और प्रक्रियाओं को जानकर किसी के जीवन को बचा सकते हैं. जीवन बचाने के लिए प्रथम सहायता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, सितंबर की हर दूसरी शनिवार को विश्व का पहला सहायता दिवस मनाया जाता है और इस वर्ष इसे 10 पर देखा जा रहा हैटीएच सितंबर का. इस दिन, पहली सहायता के महत्व को हाइलाइट करने और जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न अभियान आयोजित किए जा रहे हैं. वर्ल्ड फर्स्ट एड डे के लिए इस वर्ष की थीम जीवनभर की पहली सहायता है. विश्व की पहली सहायता पहले रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) द्वारा देखी गई थी. एम्बुलेंस सर्विसेज़ 108 भारत में प्रीहॉस्पिटल केयर की देखभाल कर रही हैं. लेकिन ट्रैफिक कंजेशन के कारण उनकी सेवाओं में मुख्य बाधा आ रही है. इस प्रकार, बाइक एम्बुलेंस पारंपरिक कार एम्बुलेंस सर्विस से बेहतर काम करता है. यह एक व्यस्त गली और ट्रैफिक जैम के माध्यम से आसानी से यात्रा कर सकता है. हालांकि, इसमें अपनी खुद की चुनौतियां हैं जैसे अपर्याप्त सार्वजनिक फंडिंग और कुशल कार्यबल की कमी. बाइक एम्बुलेंस सर्विसेज़ कुछ राज्यों के शहरों में शुरू की गई है और इसका लंबा तरीका है.
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वीडियो में जेठालाल फोन पर एक क्लाइंट से जरूरी बात कर रहा होता है। इससे पहले जेठालाल दया के काम में हाथ बंटा रहा होता है, तभी फोन बज उठता है। जेठालाल के हाथ में दयाबेन की साड़ी का एक किनारा होता है। दया साड़ी तय कर रही होती है। ऐसे में साड़ीकी किनारी को जेठालाल अपनी कमरपटी में फंसा देता है। इसके बाद घर का फोन बज उठता है। दया बेन फोन उठाती है और जठा को बताती है कि शॉप से फोन है। फोन रखते ही दया को शरारत सूझती है। इसके बाद से ही दया बेन साड़ी जेठालाल पर लपेट देती है। दया बात करते हुए जेठालाल पर साड़ी लपेटती रहती है। इसके बाद बापूजी घर में आते हैं और जेठालाल को पुकारने लगते हैं। तो वहीं जेठालाल बापूजी के पास दौड़े चले जाते हैं। जेठा को ऐसे देख चंपक चाचा चिल्ला पड़ते हैं और कहते हैं तेरेको शर्म नहीं आती। जेठा लाल की बोलती बंद हो जाती है। तभी जेठा कुछ कह नहीं पाता और दया बेन को भी बहुत बुरा लगता है वहअपने कमरे में होती है । दया सोचती है कि उसकी वजह से टप्पू के पापा जेठा को डांट पड़ गई। इसने में बबीताजी भी वहां आ धमकती हैं। बापूजी पहले ही जेठा को डांट रहे होते हैं । ऐसे में जेठा की शक्ल देखने वाली होती है। इस सीन को फैंस खूब पसंद कर रहे हैं।
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शाओमी कथित तौर पर अपकमिंग Mix Fold 3 के साथ बड़ी तरक्की करने वाला है। Vivo अपनी V29 सीरीज के साथ अपना ग्लोबल प्रभाव बनाने की तैयारी कर रहा है। Infinix 3 अगस्त को अपनी GT 10 Pro सीरीज को लॉन्च करने वाला है। अगस्त 2023 में कई सारे हाई-एंड स्मार्टफोंस को लॉन्च किया जाने वाला है और कम्पनियां इस त्योहार के महीने में ग्राहकों को खुश करने के लिए अपने प्रॉडक्ट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। जिन स्मार्टफोंस का सबसे अधिक इंतज़ार किया जा रहा है उनमें से तकनीकी दुनिया में Vivo V29 और Infinix GT 10 Pro की सबसे अधिक चर्चा हो रही है। फैन्स तकनीकी दुनिया में लेटेस्ट डेवलपमेंट के लिए काफी उत्सुक हैं और आगे के अपडेट्स समेत इन स्मार्टफोंस के बारे में नई घोषणाओं का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। यह भी पढ़ेंः AI Voice Fraud ने मचाया हड़कम्प, नकली आवाज से लाखों लूट रहे स्कैमर्स, कैसे करें बचाव? HT Tech की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Xiaomi Mix Fold 3, Vivo V29 series, Realme GT 5, Infinix GT 10 Pro और कई दूसरे डिवाइसेज इस अगस्त के महीने में भारतीय बाजार में लॉन्च हो सकते हैं। आइए इन स्मार्टफोंस की डिटेल्स देखते हैं। शाओमी कथित तौर पर अपकमिंग Mix Fold 3 के साथ बड़ी तरक्की करने वाला है जो चीन में लॉन्च होने के लिए तैयार है। यह फोल्डेबल डिवाइस इस सेगमेंट में Samsung Galaxy Z Fold 5 और दूसरे ब्रांड्स के स्मार्टफोंस को आमने-सामने की टक्कर देगा। बता दें कि इस फोन का कैमरा सिस्टम इसकी एक बड़ी खासियत है जिसे लेजेंडरी ब्रांड Leica के सहयोग से बनाया गया है। Vivo अपनी V29 सीरीज के साथ अपना ग्लोबल प्रभाव बनाने की तैयारी कर रहा है। इस सीरीज में Vivo V29 और Vivo V29 Pro मॉडल्स शामिल हैं। दिलचस्पी की बात यह है कि ये मॉडल्स Vivo S17 सीरीज का रीब्रांडेड वर्जन हैं। Vivo S17 सीरीज को शुरू में चीन में लॉन्च किया गया था। अपकमिंग V29 सीरीज के डिवाइसेज से यूजर्स पॉवरफुल परफॉरमेंस की उम्मीद कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रियलमी 2023 का अपना पहला फ्लैगशिप Realme GT 5 पेश करने की तैयारी कर रहा है। इस फोन को शक्तिशाली स्नैपड्रैगन 8 जेन 2 चिपसेट, 144Hz OLED डिस्प्ले और 50MP ट्रिपल कैमरा सेटअप के साथ तैयार किया गया है। फैन्स द्वारा इस फोन के आने का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है। Infinix 3 अगस्त को अपनी GT 10 Pro सीरीज को लॉन्च करने वाला है। यह स्मार्टफोन एक खूबसूरत डिजाइन और मीडियाटेक डायमेंसिटी 8050 चिपसेट से लैस होगा। ऑप्टिक्स की बात करें तो इसमें आपको 108MP प्राइमरी सेंसर मिलेगा। HT Tech के अनुसार, वनप्लस बहुत जल्द अपने फोल्डेबल स्मार्टफोन OnePlus Open को लॉन्च करने वाला है। यह डिवाइस शक्तिशाली स्नैपड्रैगन 8 जेन 2 प्रोसेसर, 2K AMOLED प्राइमरी डिस्प्ले और OnePlus 11 5G की तरह ट्रिपल रियर कैमरा सिस्टम से लैस होने की उम्मीद है। यह फोन इस इंडस्ट्री में अन्य फोल्डेबल फोंस के लिए तगड़ा प्रतिस्पर्धी होगा। OnePlus Open न्यू यॉर्क में 29 अगस्त को लॉन्च होने की संभावना है।
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पूर्वी चीन में एक अनोखी चोरी का मामला सामने आया है। जिंआग्सू प्रांत में एक चोर ने कंकरीट से बनी सड़क के 800 मीटर हिस्से को रातभर के अंदर चुराकर उसे बेच दिया। चीनी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक 24 जनवरी को सुबह जब सानकेशू गांव के निवासियों ने सड़क के एक हिस्से को गायब पाया तो वे परेशान हो गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी और बताया कि सड़क का एक हिस्सा आश्चर्यजनक रूप गायब है। कुछ ग्रामीणों ने समझा कि संभवतः बिना घोषणा के ही सड़क मरम्मत का कार्य चल रहा है, लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो मामला कुछ और निकला। पुलिस ने पाया कि झू नाम के व्यक्ति ने खुदाई करने वाले यंत्र की सहायता से करीब 800 मीटर सड़क को खोद डाला और उसके कंकरीट के मलबे को एक फैक्टरी को बेच दिया। पुलिस ने बताया कि झू इसके जरिए पैसे बनाना चाहता था और उसे लगता था कि कंकरीट की सड़क को खोदकर उसे बेचना, बिजनेस का एक अच्छा मौका है। झू ने कहा कि कोई भी उस सड़क से नहीं जा रहा था। मैं उसे क्यों न खोद डालूं। मैं सीमेंट के टुकड़े को बेचकर कुछ पैसे बना सकता हूं। झू ने करीब 500 टन कंकरीट को चुराया और उसे 51 हजार रुपए में बेच दिया। सड़क चोरी का पूरा मामला मीडिया में आने के बाद चीनी सोशल मीडिया में कॉमेंट की बाढ़ आ गई। इसमें कई ऐसे लोग थे जिन्होंने झू का समर्थन भी किया। एक यूजर ने लिखा कि गरीबी ने उसे रचनात्मक बना दिया। एक यूजर ने लिखा कि इस चोरी की सबसे अच्छी सजा यह होगी कि उसे सड़क बनाने के लिए कहा जाए।
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संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी। सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता था। लता भी अब शादी की उम्र में आ चुकी थी, हालांकि अभी वह केवल 19 वर्ष की ही थी किंतु विवाह के लिए अब उसका नंबर आ गया था। अच्छा-सा लड़का व अच्छा परिवार देखकर उसका विवाह कर दिया गया और वह अपने ससुराल आ गई। ससुराल में इतना बड़ा परिवार तो नहीं था, फिर भी सास-ससुर, देवर, ननद सभी लोग थे। उस परिवार की बेटी सपना भी परिवार में सभी की लाड़ली थी। अपनी भाभी के आने के साथ उसे ऐसा लगने लगा मानो उसे एक बड़ी बहन मिल गई हो। वह बहुत ही प्यार से अपनी भाभी के साथ रहती थी। लता भी उसके साथ उतने ही प्यार से पेश आती थी। सपना अपने पापा का बहुत ही ज़्यादा ख़्याल रखती थी। अपने पापा का हर काम करना उसे बेहद पसंद था। जब वह नहाने जाते तो उनके कपड़े, उनसे पहले ही बाथरूम में रख दिए जाते। जब वह नहा कर बाहर निकलते तो सपना हैंगर में पेंट शर्ट इस्त्री करके तैयार रखती थी। पापा के ऑफिस से आते ही वह गरमा-गरम चाय की प्याली उनके हाथों में थमा देती। सपना रात का भोजन रोज़ अपने पापा के साथ एक ही थाली में करती थी। सपना भी अब तक विवाह योग्य हो चुकी थी और कुछ ही दिनों में उसका रिश्ता भी तय हो गया। अब सपना डोली में बैठकर विदा हो जाएगी, यह सोचकर रामचंद्र की आँखों में ग़म के ऐसे बादल छा गए कि वह चाह कर भी उन्हें बरसने से रोक नहीं पाते थे। उन्हें लगता था कि सपना के जाने के बाद घर कितना सूना हो जाएगा। उनका इतना ज़्यादा ख़्याल कौन रखेगा? वह उसके बिना कैसे रह पाएंगे। यही सब ख़्याल उनकी रातों की नींद उड़ा चुके थे। एक दिन सपना ने अपने पापा से कहा, "पापा मैं शादी नहीं करूँगी।" रामचंद्र चौंक गए, "क्या हुआ सपना? ऐसा क्यों बोल रही हो बेटा?" "पापा मैं आपके बिना रहने की कल्पना मात्र से ही सिहर जाती हूँ। मैं आपसे दूर नहीं जाऊँगी, फिर मेरे पापा का ख़्याल कौन रखेगा।" "सपना बेटा, हर बेटी को एक ना एक दिन विवाह के बँधन में बँध कर ससुराल तो जाना ही पड़ता है, इसका कोई दूसरा रास्ता नहीं है।" आख़िरकार सपना का विवाह संपन्न हो गया। विदाई के समय सपना जब भी अपने पापा की तरफ़ आँख उठाकर देखती, उनकी आँखें बिना बोले ही सब कुछ कह देतीं। एक दूसरे के दिल की धड़कनों को पहचानने वाले पिता और बेटी एक दूसरे के मन में उठे हुए तूफ़ान को महसूस कर रहे थे। जाते वक़्त सपना अपने पापा से लिपटकर फूट-फूट कर रो रही थी। रामचंद्र भी अपने आँसुओं को रोक ना पाए। आख़िरकार सपना अपने पति के साथ ससुराल के लिए विदा हो गई। घर शांत और सूना हो गया, पूरी रात बीत गई। दूसरे दिन सुबह रामचंद्र जब नहाने गए तो उनके कपड़े हर रोज़ की तरह ही उन्हें बाथरूम के अंदर मिले। वह हैरान थे, नहाकर जब वह बाहर निकले, तब पेंट-शर्ट का जोड़ा इस्त्री किया हुआ हैंगर पर लटका उनका इंतज़ार कर रहा था। जब शाम को वह वापस लौटे, तब उनकी बहू लता, सपना की तरह ही चाय का प्याला, पानी के गिलास के साथ लेकर आई। लता की तरफ़ देखकर रामचंद्र को उसमें अपनी बेटी सपना का अक्स दिखाई देने लगा। उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था, मानो उनके समक्ष सपना ही खड़ी है। रामचंद्र की आँखों में उस वक़्त ख़ुशी के आँसू छलक आए। उनकी पत्नी चंद्रा भी यह दृश्य देखकर फूली नहीं समा रही थी। अपनी बहू पर उसे भी नाज़ हो रहा था। उसने अपने पति से कहा, "एक बेटी गई लेकिन दूसरी हमारे पास हमेशा के लिए आ गई है।" रात में भोजन का समय हो गया, सभी लोग भोजन करने बैठ गए। तब लता को आवाज़ आई, "लता बेटा आ जाओ, हम दोनों एक साथ, एक ही थाली में खाना खाएंगे।" लता आश्चर्यचकित रह गई, वह आई और अपने पिता के पास बैठ गई। रामचंद्र ने अपनी थाली से रोटी का पहला कौर उठाकर अपने हाथों से प्यार के साथ उसे खिलाया और कहा, "लता बेटा आज से हम दोनों हर रोज़ साथ में खाना खाएंगे। मैं नहीं जानता था कि मेरी एक बेटी विदा हो गई लेकिन दूसरी बेटी तो मेरे पास है।" लता ने ख़ुश होकर कहा, "हाँ पापा, हम दोनों अब से रोज़ साथ में खाना खाएंगे।" इतना कहकर लता सोच रही थी, "कौन कहता है बेटी विदा होकर ससुराल जाती है। मुझे तो ऐसा लगता है, बेटी एक मायके से विदा होकर दूसरे मायके ही आती है, जहाँ बहन, भाई, माता-पिता और मिल जाते हैं।" कुछ दिनों के बाद सपना पग फेरे के लिए वापस आई। शाम का वक़्त था, वह अपनी ससुराल की बातें सब को बता रही थी। तभी उसके पापा आए और उनके आते ही सपना ने देखा उसी की तरह लता चाय का प्याला और पानी का गिलास लेकर आ गई और उसके पापा ने प्यार से लता के हाथ से चाय ले ली। सपना देख कर मन ही मन ख़ुश हो रही थी। रात के भोजन के समय वह अपने पापा के पास आकर बैठ गई। तभी उसके पापा ने आवाज़ लगाई, "लता बेटा आ जाओ।" आज रामचंद्र के एक तरफ़ लता और दूसरी तरफ़ सपना, दोनों ही उनके साथ खाना खा रहे थे। आज यह दृश्य देखकर सपना बेफिक्र थी कि उसके पापा का ख़्याल रखने के लिए उसकी भाभी है, जो पापा को कभी दुःखी नहीं होने देगी और उसकी कमी हमेशा पूरी करती रहेगी। रत्ना पांडे, वडोदरा (गुजरात)
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पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को 27 जनवरी से सभी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को 27 जनवरी से सभी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की। इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने कक्षा 5 से 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया था। शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने यहां एक बयान में कहा कि माता-पिता की लगातार मांग के बाद राज्य सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं के लिए 27 जनवरी से सभी स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि निर्णय के अनुसार कक्षा 3 और 4 के छात्रों को 27 जनवरी से स्कूल में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी। 1 फरवरी से, कक्षा 1 और 2 को सभी स्कूल में फिर से शुरू किया जाएगा। समय सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक रहेगा और अभिभावकों को स्कूलों में अपने वार्ड भेजने से पहले लिखित सहमति देनी होगी। सिंगला ने अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन को परिसर की उचित सफाई सुनिश्चित करने और कोविड-19 सुरक्षा मानदंडों का पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जो सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को प्रसारित किए जाएंगे।
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Ganesh Chaturthi 2022 Date Muhurta: ज्योतिषचार्यों के अनुसार बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा ज्यादा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी को स्वयं बुधवार के देवता माना जाता हैं। Ganesh Chaturthi 2022 Date Muhurta: प्रत्येक साल के भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है । आमतौर पर गणेश चतुर्थी को सिद्धि विनायक व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी बुधवार 31 अगस्त से शुरू हो रही है। देश के विभिन्न भागों में इस दिन गणेशजी की प्रतिमा को बैठाकर लोग श्रद्धा भाव से पूजा -अर्चना करते हैं। ज्योतिषचार्यों के अनुसार बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा ज्यादा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी को स्वयं बुधवार के देवता माना जाता हैं। क्या है गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त? गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ मंगलवार 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। जबकि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन बुधवार 31 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक़ इस साल गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता गणेशजी अपने साथ शुभ रवि योग भी लेकर आ रहे हैं। जिसके बारे में कहा जाता है कि इस योग में सभी अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने की अदभुत क्षमता होती है। मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष शुभ योग में विघ्नहर्ता गणेशजी तमाम विघ्नों को दूर करके अपने भक्तों का कल्याण करने आ रहे हैं। गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी शुभ दिन मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता, गजानन गणेशजी का जन्म दोपहर के समय हुआ था। इसलिए हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी को गणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करने से लेकर कई भक्त 10 दिनों तक इनकी पूजा -अर्चना करते हैं। जबकि कुछ भक्त एक दिन, तीन दिन, सात दिन, के लिए भी गणेश जी की प्रतिमा को अपने घर बैठाते हैं। मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की प्रतिमा को अपने घर में बैठाकर इनकी श्रद्धा भाव से पूजा करने से भगवान् गणेश उनके तमाम संकटों को हर लेते हैं। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार गणेशजी को मोदक अतिप्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा में मोदक का भोग लगाना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा मोतीचूर के लड्डू और बेसन के लड्डू भी गणपति जी को बेहद प्रिय माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार गणेश उत्सव के पांचवें और छठे दिन मखाने की खीर का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
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आईपीएल 2022 में युवा प्रतिभाओं ने काफी प्रभावित किया, लेकिन कई खिलाड़ी मौके की कमी में अपना हुनर नहीं दिखा सके। आईपीएल 2022 में बहुत से युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करके क्रिकेट फैंस का दिल जीता, लेकिन कुछ टैलेंटेड खिलाड़ी ऐसे भी थे जिन्हें पूरे सीज़न ज्यादा मौके नहीं मिल सके। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे उन 3 खिलाड़ियों के नाम जिन्हें अगर उनकी टीम आईपीएल 2023 से पहले रिलीज करती हैं तो ऑक्शन में वह मालामाल हो सकते है। शाहरुख खान (Shahrukh Khan) शाहरुख खान एक हार्ड हीटिंग बल्लेबाज़ हैं। आईपीएल 2021 में उन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी से सभी को काफी प्रभावित किया था, लेकिन आईपीएल 2022 उनके लिए कुछ खास नहीं रहा। इस साल शाहरुख ने 16.71 की औसत से 117 रन बनाए, जिसके दौरान उनका स्ट्राइक रेट महज 108.33 का रहा। पूरे सीजन में उन्हें 8 मुकाबले खेलने को मिले। लेकिन वह अपने चित परिचित अंदाज में प्रदर्शन नहीं कर सके। इसके बावजूद सभी टीमों की निगाहें उन पर रहेंगी क्योंकि सभी टीम्स एक भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज को अपने मिडिल ऑर्डर में रखना चाहती हैं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर उन्हे रिलीज किया जाता है तो वह मालामाल हो सकते हैं। अब्दुल समद (Abdul Samad) अब्दुल समद को ऑरेंज आर्मी ने मेगा ऑक्शन से पहले 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया था। समद अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते है। आईपीएल 2020 में उन्होंने अपने डेब्यू सीज़न में सनराइजर्स के मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करते हुए 170.76 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे। हालांकि इस सीज़न रिटेन किए जाने के बावजूद उन्हें सिर्फ 2 ही मुकाबलों में प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का मौका मिला। समद एक यंग टैलेंट है और ऐसे में अगर अब सनराइजर्स की टीम उन्हें बाहर का रास्ता दिखाती है तो दूसरी फ्रेंचाइज़ी उनके नाम पर बोली लगाती जरूरी नज़र आएंगी। कार्तिक त्यागी (Kartik Tyagi) आईपीएल 2022 में कार्तिक त्यागी को सनराइजर्स हैदराबाद ने 4 करोड़ में रुपये में खरीदा था, हालांकि इसके बावजूद उन्हें सीज़न में सिर्फ 2 ही मुकाबले खेलने को मिले। कार्तिक त्यागी अंडर19 वर्ल्ड कप 2020 में भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज़ रहे थे। इस दाएं हाथ के सीम बॉलर ने टूर्नामेंट में 11 विकेट हासिल किए थे, जिसके बाद राजस्थान ने आईपीएल 2020 में उन्हें 1.30 करोड़ में खरीदा था। इस सीज़न सनराइजर्स की प्लेइंग इलेवन में उन्हें सिर्फ 2 ही मुकाबलों में शामिल किया गया, जिसमें वह सिर्फ एक ही सफलता हासिल कर सके। हालांकि इसके बावजूद अगर उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है तो बाकि फ्रेंचाइज़ी इस युवा स्टार पर बोली लगाकर उन्हें माला माल कर सकती है।
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Jamshedpur (Ashok kumar) : टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष वीजी गोपाल की हत्या 14 अक्तूबर 1993 को स्कूटर पर सवार बदमाशों ने दिन-दहाड़े गोली मारकर कर दी थी. घटना के बाद जमशेदपुर दहल गया था. इसके विरोध में भाजपा के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय ने तब जोरदार आंदोलन किया था. आंदोलन में आम लोग भी शरीक हुये थे और खूब राजनीति भी हुई थी. तब एसपी परवेज हयात हुआ करते थे. इनके बाद ही डॉ. अजय कुमार को जमशेदपुर का नया एसपी बनाया गया था. अजय कुमार के प्रभार संभालने के पहले अपराधी वीर सिंह बोदरा, संजय ओझा और गरमनाला गिरोह का साहेब सिंह मुठभेड़ में मारा गया था. इस बीच टाटा स्टील के अधिकारी टीपी सिंह और ठाकुर जी पाठक की भी हत्या कर दी गयी थी. अधिकारियों की हत्या के बाद भाजपा की ओर से तब एसपी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया गया था. इस बीच ही वीजी गोपाल की हत्या हो गयी थी. इस दौरान टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक डॉ. जेजे ईरानी ने अपराध पर नियंत्रण के लिये अविभाजीत बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव से नया एसपी देने का आग्रह किया था. डॉ. अजय कुमार ने 1994 में जमशेदपुर एसपी का प्रभार संभाला था. एसपी ने प्रभार संभालने के बाद सोनारी और मानगो बस स्टैंड में मुठभेड़ के दौरान अखिलेश सिंह गिरोह के सात गुर्गों को मार गिराया था. मुठभेड़ में मारे जाने वालों में नरेंद्र बहादुर सिंह, श्रवण कुमार, इशा, रंजन आहूजा और विमल लोहार शामिल है. जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ अजय कुमार ने मुहिम छेड़ दिया था उससे अपराधी शहर छोड़कर भाग निकले थे या अंडरग्राउंड हो गये थे. डॉ. अजय कुमार की कार्यशैली से लोग गद-गद थे. तब उनकी चर्चा चौक-चौराहें पर भी खूब होती थी. एसपी अजय कुमार के कार्यकाल में कुछ ऐसे अपराधी मुठभेड़ में मारे गये थे जिनका शव तक बरामद नहीं हुआ था. इसमें से आदित्यपुर का रहने वाला गरमनाला गिरोह का नरेंद्र बहादुर सिंह भी शामिल है. उनके कार्याकल में ही परसुडीह के तिलगढ़ में वीर सिंह बोदरा, सुंदरनगर में ओमियो उर्फ ओमी और सुंदरनगर में राजेश पगला को मुठभेड़ में मार गिराया गया था. बोकारो का चर्चित अपराधी भोला सिंह भी जमशेदपुर में ही मारा गया था. तब गुंजन मछुआ बचकर भागने में सफल रहा था, लेकिन दो साल के बाद उसकी बीमारी से मौत हो गयी थी. डॉ. अजय कुमार 1994 से 1996 तक जमशेदपुर में एसपी थे. इस बीच उनके बेहतर पुलिसिंग से अपराधियों में खौफ था. उनके भय से अपराधी या तो शहर छोड़कर भाग चुके थे या जेल के भीतर रहना ही खुद को सुरक्षित समझते थे. 1996 में ही उन्होंने आइपीएस की नौकरी छोड़ दी और टाटा समूह से जुड़ गये थे. यह नौकरी भी उन्हें रास नहीं आयी और राजनीति की राह पकड़ ली. अपने कार्यशैली के बूते ही लोगों ने उन्हें 2011 में जमशेदपुर का सांसद बनाया था.
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अगर आपसे शुक्रवार की मनोरंजन जगत से जुड़ी बड़ी खबरें मिस हो गई हैं तो Entertainment Top 5 में आप इनके बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं. मनोरंजन जगत में रोजना ऐसी खबरें सामने आती हैं, जो कि कभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देती हैं, तो कभी उन्हें मायूस कर जाती हैं. 16 जुलाई यानी शुक्रवार को भी बॉलीवुड से लेकर टीवी तक तमाम खबरें सुर्खियों में रहीं. एक तरफ जहां सुरेखा सीकरी इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गई हैं, वहीं भूषण कुमार पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है. अगर आपसे शुक्रवार की मनोरंजन जगत से जुड़ी बड़ी खबरें मिस हो गई हैं तो Entertainment Top 5 में आप इनके बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं. नेशनल अवॉर्ड विनर एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी का मुंबई में निधन हो गया है. एक्ट्रेस काफी समय से बीमार चल रही थीं. 2020 में सुरेखा, ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गई थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्ट्रेस का निधन शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ है. वह दूसरे ब्रेन स्ट्रोक की वजह से हुए कॉम्पलीकेशन्स से जूझ रही थीं. बता दें कि सुरेखा ने थिएटर, फिल्म और टीवी में खूब काम किया था. उन्होंने साल 1978 में पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म किस्सा कुर्सी का से डेब्यू किया था. सुरेखा इसके बाद कई फिल्मों में काम कर चुकी थीं. इतना ही नहीं सुरेखा को सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है. टी-सीरीज (T Series) कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार (Bhushan Kumar) पर रेप का मामला दर्ज हुआ है. आरोप है कि टी सीरीज के एक प्रोजेक्ट में काम दिलाने का लालच देकर उन्होंने एक 30 साल की लड़की से बलात्कार किया. मुंबई के डी एन नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकायतकर्ता का आरोप है कि मुंबई के अलग-अलग जगहों पर घटना को अंजाम दिया गया था. पीड़िता ने ये भी आरोप लगाया कि उसके फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी दी जा रही थी. हालांकि अभी तक इस मामले में भूषण कुमार या उनकी टीम की तरफ से कोई स्टेटमेंट नहीं आया है. साल 2016 में आई 'ऐ दिल है मुश्किल' (Ae Dil Hai Mushkil) के बाद, करण जौहर (Karan Johar) करीब पांच साल बाद अपनी आगामी पीरियड फिल्म 'तख्त' (Takht) के जरिए एक बार फिर से निर्देशन की कमान संभालने का फैसला लिया था. लेकिन अब करण जौहर के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है, जिसे सुनकर करण के फैंस को झटका लग सकता है. कहा जा रहा है कि फिल्म तख्त विवादास्पद मुगल इतिहास पर आधारित फिल्म थी. इस फिल्म का बजट भी बहुत तगड़ा था. ये एक दमदार और महंगा हिस्टॉरिकल कॉस्ट्यूम ड्रामा फिल्म थी. इस फिल्म का निर्माण करण जौहर फॉक्स स्टार स्टूडियोज (Fox Star Studios) के साथ मिलकर कर रहे थे, लेकिन कुछ वजहों से फॉक्स स्टार स्टूडियोज ने फिल्म 'तख्त' से अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए शायद एक वजह ये भी हो सकती है कि फाइनेंशियल नुकसान को देखते हुए करण जौहर ने तख्त को फिलहाल नहीं बना रहे हैं. बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस मंदाकिनी (Mandakini) को आज हर कोई जनता है. उनकी सुपरहिट फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' को दर्शक आज भी खूब पसंद करते हैं. 80 के दशक में बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस मंदाकिनी आज भी बॉलीवुड का बड़ा नाम हैं. एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में अपनी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से दमदार डेब्यू किया था. इस फिल्म को राज कपूर ने बनाया था और इस फिल्म में हमें राजीव कपूर एक्ट्रेस के साथ मुख्य भूमिका में नजर आए थे. इस फिल्म में एक्ट्रेस का झरने वाला सीन बहुत चर्चा में आया था. एक्ट्रेस का असली नाम यास्मीन जोसेफ है लेकिन उन्होंने फिल्मों में काम न मिलने के कारण अपना नाम बदल लिया था. ऐसे में अब खबर है कि एक्ट्रेस बहुत जल्द बॉलीवुड में अपना कमबैक करने वाली हैं. मंदाकिनी बहुत जल्द बॉलीवुड फिल्मों में हमें नजर आ सकती हैं. एक्ट्रेस के मैनेजर ने बताया है कि एक्ट्रेस बहुत जल्द हमें किसी प्रोजेक्ट में नजर आएंगी. ये जानकारी उनके मैनेजर बाबूभाई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दी है. मैनेजर ने कहा है कि एक्ट्रेस बहुत जल्द हमें किसी न किसी प्रोजेक्ट में नजर आएंगी. जहां वो इन दिनों लगातार स्क्रिप्ट पढ़ रही हैं. जिस वजह से निश्चित रूप से वो हमें किसी न किसी फिल्म में नजर आएंगी. वो इन दिनों लीड रोल के तलाश में हैं. मंदाकिनी के भाई भानु चाहते हैं कि वो फिर एक बार एक्टिंग में अपनी दमदार वापसी करें. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति का सीजन 13 (Kaun Banega Crorepati Season 13) बहुत जल्द टीवी पर वापस आने वाला है. जहां इस शो के शुभारंभ की जानकारी भी एक ब्रांडेड एंटरटेनमेंट बन चुकी है. जी हां देशभर में पसंद किए जाने वाले इस शो को अब बड़े ही अलग अंदाज में प्रमोट किया जा रहा है. मशहूर फिल्मकार नितेश तिवारी (Nitesh Tiwari) ने इस शो को प्रमोट करने के लिए 3 हिस्सों की शॉर्ट फिल्म बनाई है. जिसे जल्द रिलीज किया जाएगा. इसकी पहली झलक सामने आ चुकी है. जो बेहद कमाल की है. मध्य प्रदेश के बेरछा में खास तौर पर शूट की गई इस फिल्म में एक्टर ओमकार दास मानिकपुरी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. ओमकार दास मानिकपुरी फिल्मों और नाटकों में खूब काम करते हैं, और वो बेहद मशहूर भी हैं. जहां इस कहानी में कई पात्र हैं जो एक गांव में रहते हैं. गांव में स्कूल नहीं है. जिस वजह से सभी परेशान हैं. लेकिन इस बीच अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति का एड चलता है और सभी लोग इसे देखते हैं. इस एड के खत्म होते ही गांव की असली कहानी की शुरुआत होती है.
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Posted On: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टार्टप्स के लिए निधि स्थापित करने के लिए निम्नलिखित प्रस्तावों को अनुमति प्रदान कर दी है। इसे पिछले साल जून में 1,000 करोड़ रुपये के साथ स्थापित किया गया था। · गजट अधिसूचना जी एस आर 180 17-02-2016 के मुताबिक स्टार्टप्स निधि द्वारा सहायता प्राप्त वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) को कम से कम दो बार निवेश किया जा सकेगा। अगर स्टार्ट-अप समाप्त होने से पहले पूरी तरह से स्टार्ट-अप के लिए प्रतिबद्ध राशि को जारी नहीं किया गया है तो शेष राशि उसके बाद जारी रह सकती है। · यह भी निर्णय लिया गया कि एआईएफ और बकाया के लिए किए गए प्रतिबद्धताओं के 0.50% की सीमा तक एफईएस से ली जाएगी जिससे वेंचर कैपिटल इनवेस्टमेंट कमेटी की बैठक का आयोजन, कानूनी और तकनीकी मूल्यांकन के लिए परिचालन व्यय आदि की पूर्ति होगी। प्रत्येक आधे वर्ष की शुरुआत में (एक अप्रैल और एक अक्टूबर को) इसे फंड में निकासी की जाएगी। केंद्रीय कैबिननेट की 22-06-2016 को हुई बैठक में स्टार्टअप्स के लिए निधि स्थापित करने का फैसला लिया था जिसके लिए 10000 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई थी। यह योगदान 14वें और 15वें वित्त आयोग के धनराशि की चक्रीय उपलब्धता और कार्यान्वयन की प्रगति के लिहाज से किया गया था। बैठक में एफएफएस वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) के लिए धन प्रदान करने का फैसला लिया गया। एफएफएस का प्रबंधन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक(सिडबी) की देखरेख में होता है। सेबी में पंजीकृत वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) में एफएफएस योगदान करता है। यह योगदान अधिकतम 35 प्रतिशत से अधिक तक हो सकता है। उसी बैठक में कैबिनेट ने फैसला किया कि एआईएफ द्वारा जुटाया गया फंड पूरे स्टार्टप्स में निवेश किया जाएगा। विभिन्न हितधारकों के साथ अपनी बातचीत के दौरान यह विभाग को सूचित किया गया है कि एआईएफ में निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे एआईएफ का पोर्टफोलियो निवेश के जोखिम को उचित रूप से प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त रूप से विविध है और अगर एआईएफ के संपूर्ण धन को स्टार्ट-अप में निवेश किया जाता है तो यह ऐसे एआईएफ के निवेशकों के लिए अस्वीकार्य जोखिम बना हुआ है। जिन अन्य मुद्दों को लेकर हितधारकों ने चिंता जाहिर की उनमें एआईएफ द्वारा स्टार्ट-अप के वित्तपोषण की प्रक्रिया लंबे समय से तैयार की गई है जो एआईएफ द्वारा शुरूआती प्रतिबद्धता से शुरू होती है और फिर फंड्स में फंड जारी करता है, शामिल है। इस प्रकार यह संभव है कि अंतिम किस्त के जारी किए जाने से पहले स्टार्ट-अप का कारोबार 25 करोड़ रुपये हो लेकिन इसकी अभी भी अपनी विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। इसके अलावा, स्टार्ट अप को अपने जीवन चक्र के विभिन्न चरणों के माध्यम से धन जुटाने की आवश्यकता होती है, अर्थात प्रारंभिक चरण, बीज स्तर और विकास मंच पर। सिडबी द्वारा विभाग को भी बताया गया कि वर्तमान प्रावधान एआईएफ को स्वीकृति के बाद की गई गतिविधियों के लिए सिडबी को मुआवजा देने के लिए अधिकार प्रदान नहीं करते हैं। इन निर्णयों को ऊपर की चिंताओं की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
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देश में कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना से फैलने से रोका जा सके, इसके लिए दिल्ली के सभी सिनेमा हॉल को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना से फैलने से रोका जा सके, इसके लिए दिल्ली के सभी सिनेमा हॉल को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सभी स्कूल और कॉलेज भी 31 मार्च तक बंद कर दिए गए। स्कूल और कॉलेज वही बंद किए गए हैं जहां परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। दिल्ली में कोरोना वायरस से 6 लोग प्रभावित हैं। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया। इसके बाद दिल्ली सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया। महामारी घोषित होने के बाद दिल्ली सरकार ने बड़ी तैयारी की है। कोरोना से प्रभावित मरीजों के लिए दिल्ली अरबन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड ( DUSIB) के खाली फ्लैटों और निर्माणाधीन अस्पतालों में बेड का इंतजाम किया जा रहा है। - ऐसे जगहों पर 500 से ज्यादा बेड का इंतजाम किया गया है। दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि सभी सार्वजनिक स्थानों जैसे कि सरकारी और प्राइवेट ऑफिस, दुकानों, मॉल आदि को रोज सैनेटाइज करने का आदेश दिया है। भारत में कोरोना का असर और गहराता जा रहा है। संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में गुरुवार को 5 और नए मामलों की पुष्टि की गई है। जिसके बाद कोरोना से संक्रमितों की संख्या अब 73 तक पहुंच गई है। सरकार ने कोरोना से राहत पाने के लिए विदेश से आने वाले नागरिकों के वीजा को 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिया है। कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या सबसे अधिक राजस्थान के जयपुर में है, जहां 18 मरीज कोरोना की चपेट में आए हैं। जबकि केरल में मरीजों की संख्या 14 है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 11 तो उत्तर प्रदेश में 9 मामले सामने आए हैं। इन सब के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 5, कर्नाटक में 4 और लद्दाख में 2 मरीज समेत कुल 73 लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
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लैला मजनूं की अमर कहानी को बॉलीवुड में कई निर्माता-निर्देशकों ने सैकड़ों बार अलग-अलग अंदाज में बनाया है। कहानी इतनी बार बन चुकी है कि बासी पड़ गई। निर्माता इम्तियाज अली के भाई साजिद अपनी डेब्यू फिल्म में लैला-मजनूं की कहानी लाए हैं। जिसमें कश्मीर की पल-पल रंग बदल कर नई बनी रहती खूबसूरती के अलावा कुछ नया नहीं है। लेखक-निर्देशक ने कहानी पर गौर करने की जरूरत नहीं समझी। उन्हें लगा कि कश्मीर के सौंदर्य में डूबने के बाद दर्शक कहानी तक पहुंच ही नहीं पाएंगे। किस्सा यह कि कॉलेज जाने वाली लैला (तृप्ति डिमरी) और कैस (अविनाश तिवारी) का मिलना, प्यार में पड़ना। फिर पता चलना कि उनके पिताओं में 36 का आंकड़ा है। घर के लोगों नाते-रिश्तेदारों का ही दुश्मन बन जाना। लैला की कहीं और शादी। कैस का बाहर चले जाना और हालात तथा वक्त का पहिया घूमने के बाद फिर लौट आना। पुराने प्यार का जागना, कैस का पागल हो जाना और अंत में दोनों का मौत की बांहों में समा जाना। शरीर मर जाता है और आत्मा अमर हो जाती है, वाले अंदाज में। फिल्म को भले ही लैला-मजनूं नाम दिया गया हो परंतु इसमें प्यार की वह कशिश नहीं, जो बांधे रखे। एक अमर कहानी को नए जमाने की दिखने के बाद भी साजिद की लैला मजनूं बासी व्यंजन है। जिसे कश्मीर, कैमरे और संगीत के वरक से सजाने की कोशिश की गई है। कश्मीर यहां वैसा नहीं है, जैसा खबरों में आता है और 90 के दशक के प्यार अंदाज फिल्म में दिखता है। लेखक और निर्देशक ने प्यार के पुराने फार्मूलों का ही इस्तेमाल किया गया है। प्रेम कहानी कहते हुए साजिद अपना मौलिक अंदाज ढूंढने के बजाय भाई के बनाए रास्ते पर ही चलने की कोशिश करते हैं। कहानी के साथ स्क्रिप्ट भी कमजोर है। संतुलन कम है। पहला हिस्सा लैला के नाम है तो दूसरा हिस्सा कैस के। फिल्म कई जगहों पर टीवी धारावाहिकों जैसी नजर आती है और बार-बार गाने आते हैं। इरशाद कामिल के गीत सुंदर हैं लेकिन पर्दे पर गानों का जादू नहीं जागता। अविनाश तिवारी ने कैस की भूमिका में उतरने की भरपूर कोशिश की और वह काफी हद तक कामयाब रहे। तृप्ति डिमरी सहज हैं। अन्य अभिनेता भी अपनी भूमिकाओं में फिट हैं। धीमी रफ्तार के बावजूद अंतिम आधे घंटे में फिल्म जरूर उठती है और कुछ आकर्षक लगती है। मगर इतना काफी नहीं। निर्देशक के रूप में साजिद प्रभाव नहीं छोड़ते। उन्हें अपने भाई की तरह प्रेम कहानियों का मोह छोड़ कर अपना व्याकरण खुद गढ़ना होगा।
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यह हमले ऐसे समय में हुए हैं जब फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों की एक छापेमारी में 9 लोग मारे गए थे। पुलिस का कहना है कि यह गोलीबारी एक 'आतंकवादी हमला' है। गाजा शहर और वेस्ट बैंक में कई जगहों पर फिलिस्तीनी लोग जश्न मना रहे हैं। यह जश्न पूर्वी यरुशलम पर हमले को लेकर मनाया जा रहा है जिसमें 7 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई। मारे गए लोगों में एक 70 वर्षीय महिला भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली बचाव सेवा ने कहा कि यहूदी उपासना स्थल के पास हुई गोलीबारी में सात लोगों की मौत हुई। कई वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं जिनमें फिलिस्तीनियों को जश्न मनाते हुए देखा जा सकता है। यह हमले ऐसे समय में हुए हैं जब फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों की एक छापेमारी में 9 लोग मारे गए थे। पुलिस का कहना है कि यह गोलीबारी एक 'आतंकवादी हमला' है। उन्होंने कहा कि गोलीबारी शुक्रवार शाम को पूर्वी यरुशलम के उत्तरी हिस्से में हुई जोकि एक पूजा स्थल भी है। आतंकवादी कार से आया था। वह पूर्वी यरुशलम के उत्तरी हिस्से के पड़ोस में एक पूजा स्थल के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली इमारत पर पहुंचा और गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने बंदूकधारी को मौके पर ही मार दिया। उन्होंने कहा कि हमले में इस्तेमाल की गई एक पिस्तौल जब्त कर ली गई है। पुलिस के मुताबिक, हमलावर 21 साल का था। तत्काल इस हमले की जिम्मेदारी किसी ग्रुप ने नहीं ली है। लेकिन गाजा में सत्तारूढ़ हमास आतंकवादी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमला गुरुवार को घातक सैन्य हमले के लिए "बदला और प्रतिक्रिया" था। देश के विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2008 में यरूसलम में एक यहूदी पूजा स्थल में हुई गोलीबारी में आठ लोगों की मौत के बाद से इजरायलियों पर यह सबसे घातक हमला था।
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Bareilly Conclave: बरेली के अधिवेशन में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग जुड़े। कार्यक्रम में राहुल आनंद, आदित्य मूर्ति ने कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने कहा कि बरेली का नाम शिक्षा के क्षेत्र में सबसे आगे, बच्चों को मिले सही माहौल, बच्चों को मिले सही माहौल, गरीब छात्रों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाईन क्लासेस से सारी शिक्षा पूरी नही की जाती। कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाईन जोड़ना काफी कठिन रहा। NEP काफी रोजगार पूरक, बरेली शिक्षा का हब बन रहा, उत्तराखंड के बच्चे भी आते है पढ़ने, सभी के प्रयास से आगे है बरेली की शिक्षा व्यवस्था, बच्चों को शिक्षा से जोड़ना काफी महत्वपूर्ण, स्टूडेंट्स सिर्फ क्लास में नही पढ़ता, आने वाला समय तकनीक का परिवर्तन के लिए समाज को तैयार रहना चाहिए। वहीं इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा कि विश्वास के बिना विकास संभव नहीं इसलिए लोगों के विकास को जीतना जरुरी। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा में सरकार ने किया सुधार। अल्पसंख्यक मोदी के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। वहीं उन्होंने कहा कि मदरसों की जा रही जांच। 50 से ज्यादा मदरसे चिन्हित जिनपर जांच जारी है। दरसों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जा रहै है। शिक्षको को भरने की प्रक्रिया में बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपराधियों को समाप्त कर दिया। अतीक अहमद के केस लिए कोई वकील तैयार नहीं हुआ करता था, आज वो सलाखों के पीछे। योगी सरकार में गुंडाराज समाप्त हुआ है। विदेशों में गायों का पालन बढ़ा है। आने वाले समय में गाय सड़को पर घूमते हुए नजर नहीं आएंगी। उन्होंने कहा कि PPP मॉडल पर गौशाला बनाएंगे। इन गौशाला में 4000 देशी गाय पाली जाएंगी, गायों के गोबर का भी होगा प्रयोग। गाय के गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी। Also Read: Bareilly Conclave: सांसद संतोष गंगवार ने बताया कैसे बढ़ रहा बरेली, जानें क्या कहा!
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