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aeaccc05c143a4bdbe862c80f6ae9f7f2fc3e879 | Work From Home: कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) की सुविधा प्रदान की गई थी। भारत समेत दुनियाभर में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा दी, ताकि काम भी चल सके और संक्रमण भी न फैले। अब न्यूजीलैंड से एक रोचक अध्ययन जारी हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, Work From Home के दौरान पुरुष कर्मचारियों के दिन मजे में कटे। वहीं महिला कर्मचारियों पर ऑफिस के साथ ही घर-परिवार और बच्चों की अतिरिक्त जिम्मेदारी पड़ी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (Women's Day 2022) के मौके पर जारी न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च की इस स्टडी की जबरदस्त चर्चा है और बहस भी छिड़ गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि घर से काम (Work From Home) करने में अनुमति होना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप एक पुरुष हैं तो और भी बेहतर। ज्यादातर लोगों ने महामारी के दौरान घर से काम करना पसंद किया, लेकिन कामकाजी महिलाओं के हिस्से में घर के काम और बच्चों की देखभाल का अतिरिक्त बोझ आया। एएसबी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटोरिया शॉर्ट ने कहा, 'हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि इस तरह काम करने की लचीली व्यवस्था के कई फायदे हैं, लेकिन यह इन अंतर को भी उजागर करता है कि किस तरह महिलाओं से घर के अन्य कामों की उम्मीद भी की जाती है। महिलाएं अभी भी अधिकांश घरेलू कामों की जिम्मेदारी ले रही हैं।
न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च के इस अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 60% से अधिक लोगों की नजर में घर से काम करना सकारात्मक रहा। हालांकि, 22% ही ऐसे रहे जिन्होंने घर की अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन भी किया। दरअसल, कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान स्कूल भी बंद कर दिए गए। बच्चों के घर में रहने से ऑफिस का कामकाज मुश्किल रहा और होम-स्कूलिंग का पूरा लोड महिलाओं पर रहा। घर से काम (Work From Home) करने के लिए उपकरण और उचित स्थान मिलने मामले में भी पुरुष आगे रहे।
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03d042b726e6a55afdc7281182bf6493261d572b | ईडी यूपीए सरकार वित्त मंत्रालय के कामकाज की जांच करेगा। गौरतलब है कि FIPB को प्रभावित करने केआरोप में कार्ति चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
नई दिल्ली, 6 मार्च; कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड ( FIPB) के पूर्व सदस्यों के साथ पूछताछ करने की योजना बनाई है। ईडी की इस कार्रवाई से जांच यूपीए सरकार तक पहुंच जाएगा। ईडी यूपीए सरकार के वित्त मंत्रालय के कामकाज की जांच करेगा। गौरतलब है कि FIPB को प्रभावित करने के आरोप में कार्ति चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। सुप्रीम कोर्ट कार्ति चिदंबरम की याचिका पर आज (6 मार्च) को सुनवाई भी कर सकता है।
इकनॉमिक टाइम्स के आईएनएक्स मीडिया के जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा नोटिस भेजे जा चुके हैं, जो उस वक्त FIPB से जुड़े हुए थे। ये सारे नोटिस तकरीबन उस वक्त गए थे, जब आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश में मंजूरी मिली थी। अधिकारी ने यह भी बताया कि जांच एजेंसियों ने इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को मिली एफआईपीबी की मंजूरी की जांच-पड़ताल के लिए भी नोटिस भेजा था।
एफआईआर में अज्ञात एफआईपीबी मेंबर्स और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के नाम होने से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस केस को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी। हालांकि जांच एजेंसियों ने नोटिस भेजे गए मंत्रियों के नाम उजागर नहीं किए हैं। बता दें कि एफआईपीबी को पिछले साल 2017 में ही भंग कर दिया गया था। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव इसके हेड हुआ करते थे। ये डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन( DIPP) और वाणिज्य और विदेश मंत्रालयों का भी प्रतिनिधित्व किया करता था।
वहीं, 5 मार्च को ईडी के अफसरों ने दावा किया है कि कार्ति चिदंबरम ने किसी बड़े नेता के बैंक अकाउंट में 1. 8 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। ईडी के अफसरों के मुताबिक इस रकम को रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की चेन्नै स्थित शाखा में ट्रांसफर किया गया था। गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में फिलहाल कार्ति चिदंबरम सीबीआई कस्टडी में हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने ईडी के समन को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। कार्ति को सीबीआई ने 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के आईएनएक्स (INX) मीडिया से रिश्वत लेने का आरोप है।
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a4582cc2efd697ecd5e22542092d543f316f7ab6 | राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी उठापठक जारी है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है। गहलोत खेमे ने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत समर्थकों के इस रुख के चलते रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक भी नहीं हो सकी।
अभी क्या हालात हैं?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चा चल रही है। 29 सितंबर तक इसके लिए नामांकन करना है। इससे पहले राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का एलान होना बाकी है। इसी को लेकर काफी खींचतान शुरू हुई है। रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी। इसके लिए पार्टी हाईकमान ने वरिष्ठ नेता अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा था। बैठक शुरू होने से पहले अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने बागी रूख अख्तियार कर लिया।
गहलोत समर्थक विधायक मंत्री शांति धारीवाल के घर पहुंच गए और बैठक शुरू कर दी। इसके बाद सभी विधायकों ने स्पीकार से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, ये इस्तीफा अभी तक स्पीकर ने मंजूर नहीं किया है। ये सभी विधायक किसी भी हालत में सचिन पायलट या उनके खेमे से किसी को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं। इन विधायकों की संख्या 80 से 92 तक बताई जा रही है।
गहलोत खेमे के विधायकों की क्या है मांग?
इस्तीफा देने बाद गहलोत खेमे के विधायकों का प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नेता अजय माकन से मिलने पहुंचा। इसमें मंत्री प्रताप खाचरियावास, शांति धारीवाल थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस हाईकमान के सामने तीन मांगें रखीं। एक मांग यह कि 19 अक्तूबर को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद नया मुख्यमंत्री चुना जाए और प्रस्ताव को इसके बाद ही अमल में लाया जाए। चूंकि गहलोत स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी है, इसलिए यह हितों का टकराव होगा, कल यदि वे अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो क्या वे इस पर फैसला करेंगे?
दूसरी शर्त यह थी कि गहलोत खेमा विधायक दल की बैठक में आने के बजाए अलग-अलग समूहों में आना चाहता था। इस पर माकन ने कहा कि हमने स्पष्ट किया कि हम प्रत्येक विधायक से अलग-अलग बात करेंगे, लेकिन बैठक में आने की बजाए अलग-अलग गुटों में बात करना स्वीकार्य नहीं है।
राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट और अशोक गहलोत।
तीसरी शर्त यह थी कि नया सीएम उन 102 विधायकों में से चुना जाना चाहिए, जो 2020 में हुई बगावत के वक्त गहलोत के प्रति वफादार रहे थे, न कि सचिन पायलट या उनके समूह में से। इसपर माकन ने कहा कि ये सारी बातें हम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताएंगे और वह सीएम गहलोत व सभी से चर्चा कर आगे का फैसला करेंगी।
माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायकों ने जोर देकर कहा कि बैठक में पारित होने वाला प्रस्ताव उक्त तीन शर्तों के अनुरूप हो, इस पर हमने कहा था कि कांग्रेस के इतिहास में कभी भी शर्तों के साथ कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है।
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4927ccb28c9cb410701443285219192d2aa379f6 | आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों से एक साथ आने का आह्वान करते हुए ओवैसी ने कहा कि क्षेत्रीय गठबंधनों के एक साथ आने से हम भाजपा को हरा सकते हैं। तेलंगाना में बीजेपी 2014 और 2018 के चुनाव हार गई थी। इस साल भी दिसंबर 2023 में बीजेपी तेलंगाना चुनाव फिर से हार जाएगी।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने क्षेत्रीय एकता पर बल दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी में कहा कि क्षेत्रीय गठबंधनों के एक साथ आने से हम भाजपा को हरा सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति पर बताते हुए एक बार फिर जुनैद-नासिर हत्याकांड का मुद्दा उठाते हुए राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है।
भिवानी हत्याकांड का मुद्दा उठाते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि राजस्थान सरकार देश भर में भरत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकती है, अलवर में शाही शादी में जा सकती है, लेकिन वे उस जगह पर नहीं जा सकते जहां जुनैद और नासिर मारे गए।
आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों से एक साथ आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय गठबंधनों के एक साथ आने से हम भाजपा को हरा सकते हैं। तेलंगाना में बीजेपी 2014 और 2018 के चुनाव हार गई थी। इस साल भी दिसंबर 2023 में बीजेपी तेलंगाना चुनाव फिर से हार जाएगी। इसके लिए हमें कुछ श्रेय दें।
उन्होंने आगे कहा कि हम औरंगाबाद और अन्य सीटों से अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हम कुछ अन्य दलों के साथ गठबंधन की संभावना पर गौर करेंगे। अगले चुनाव में हम किसके साथ जाएंगे इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन मुंबई में चल रहा है। मुंबई में आज से शुरू हुआ दो दिवसीय अधिवेशन 25 और 26 फरवरी तक चलेगा। अधिवेशन का समापन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की अध्यक्षता में होगा। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित सभी राज्यों के प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे।
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b11cab0f83bf200dd78dbc96f8619582addf93d6 | ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुत्ता का संबंध केतु ग्रह से होता है। इसलिए अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह सकारात्मक स्थित हैं। मतलब वह जन्मकुंडली में अपने मित्र ग्रह के साथ स्थित हैं। तो आप कुत्ते को पाल सकते हैं। ऐसा करने से आपको केतु ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही सभी कामों में सफलता मिलेगी। आरोग्य की प्राप्ति होगी। वहीं कुत्ते को भैरव देवता का सेवक माना जाता है। इसलिए कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और संकटों से भक्तों की रक्षा करते हैं।
साथ ही मान्यता है कि काले कुत्ते को रोटी खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही काले रंग के कुत्ते की सेवा करने से शनि ग्रह के मजबूत होने की भी मान्यता है। कहा जाता है कि घर पर कुत्ता पालने से राहु-केतु से बनने वाले अशुभ योग भी दूर होते हैं। कहते हैं कि घर की बनी हुई पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलानी चाहिए। कहते हैं कि इससे ग्रहदोष दूर होते हैं और परिवार में खुशहाली आती है।
अगर आपकी जन्मकुंडली में केतु ग्रह लग्न में स्थित हैं या केतु ग्रह कुंडली में अशुभ स्थित में विराजमान हैं तो आपको कुत्ता नहीं पालना चाहिए। वहीं अगर आप फिर भी कुत्ता पालते हैं तो ज्योतिष के मुताबिक आपको कई अनचाही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। घर में सुख- समृद्धि का अभाव रहेगा। आर्थिक तंगी रह सकती है। साथ ही घर में छोटी- छोटी बात पर क्लेश हो सकती है। सदस्यों में मनमुटाव रह सकता है।
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d31f32c8910972409f65917b5ced29b392ffb55a | बेगूसराय में आयोजित हो रहे पीजी सत्र 2021-23 के सेकंड सेमेस्टर के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र LNMU के परीक्षा विभाग द्वारा बदल दिया गया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है।
जीडी कॉलेज बेगूसराय और एपीएसएम कॉलेज बरौनी के पीजी सेमेस्टर 2 के छात्रों का परीक्षा केंद्र आरसीएस कॉलेज मंझौल में बनाया गया था। अब विश्वविद्यालय द्वारा आरसीएस कॉलेज मंझौल से परीक्षा केंद्र को बदलकर एस के महिला कॉलेज बेगूसराय बनाया गया है।
इससे पहले भी पीजी की परीक्षा में आरसीएस कॉलेज दिए गए परीक्षा केंद्र को बदलकर विश्वविद्यालय ने एसबीएसएस कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया था। एग्जाम कंट्रोलर ने इसकी सूचना केंद्राधीक्षक और सभी कॉलेज के प्राचार्य को भी दी है। बता दें कि विश्वविद्यालय द्वारा एस के महिला कॉलेज में B. Ed की परीक्षा का भी केंद्र केंद्र बनाया गया है। अब मंझौल कालेज का भी परीक्षा केंद्र बदलकर यही कर दिया दिया गया है।
स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर ( सत्र 2021-23 ) परीक्षा 2022 की परीक्षा प्रपत्र और शुल्क ऑनलाइन के माध्यम से जमा नहीं हो पा रहा है। वैसे परीक्षार्थी के लिए अंतिम रूप से परीक्षा प्रपत्र जमा शुल्क ऑफलाइन माध्यम से दिनांक 4 मई को अंतिम अवसर के साथ विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्वीकार किया जायेगा।
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d4828a46c83964c90ec89a34761637241c164da6 | जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. यहां सोपोर पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. इसके साथ ही रात में करीब 11. 30 बजे सोपोर पुलिस की एसओजी और कुपवाड़ा पुलिस ने निसार अहमद मीर को गिरफ्तार किया. इसकी उम्र 31 साल बताई जा रही है. उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के जुर्म में पकड़ा गया है.
पूछताछ के आधार पर कबीर लोन के घर पर 6RR के साथ पुलिस ने संयुक्त रूप से तलाशी ली. कबीर लोन 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. लोन से प्राप्त इनपुट के आधार पुलिस ने कुपवाड़ा में कार्रवाई की और गोला-बारूद के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया. बरामद सामान में 8 एके रायफल, 9 पिस्टल, गोला-बारूद और ग्रेनेड शामिल हैं. हथियारों की बरामदगी कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में की गई. इतनी बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लश्कर आतंकी घाटी में ला रहे थे ताकि कुछ युवकों को बहका कर उन्हें दहशतगर्दी की दुनिया में झोंका जा सके.
इससे पहले रविवार को आतंकवादियों ने पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंका, लेकिन उसमें विस्फोट नहीं हुआ. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग 7. 50 बजे आतंकवादियों ने पुलवामा के मुख्य चौक पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस के संयुक्त नाके पर ग्रेनेड फेंका. उन्होंने कहा कि ग्रेनेड सड़क किनारे गिर गया और उसमें विस्फोट नहीं हुआ. बाद में एक बम निरोधक दस्ते ने इस बम को निपटा दिया. ग्रेनेड फटने से बच गया इसलिए बड़ी घटना होते-होते बच गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है और हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है.
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a78787a1c95a18a6bfd1e671fe43aa5778c1b4a1 | नई दिल्ली. आज का राशिफल, 4 मई 2019, दैनिक राशिफल का व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है. राशिफल से हमें भविष्य में आगे होने वाली घटनाओं का आभास होता है. हम आपको बता रहे हैं आज यानी 4 मई शनिवार का मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, मकर, कुंभ और मीन राशि समेत सभी राशियों का राशिफल. जानिए कैसा रहेगा आपका दिन.
मेष राशि के लोगों के दिन अच्छा रहेगा. जीवन में सफलता प्राप्त करने के नए मार्ग खुलेंगे. सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी. कार्य की तारीफ होगी. सावधान रहें, आज अपने साथियों से धोखा मिलने की संभावनाएं रहेंगी.
वृषभ राशि के लोगों का दिन शुभ रहेगा. कारोबार में निवेश के नए मौके मिलेंगे. कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छे से सोच-विचार कर लें. किसी समझदार व्यक्ति से सलाह लेकर कोई भी निर्णय करें.
मिथुन राशि के लोगों का आज किस्मत साथ देगी. लंबे समय से बन रही योजना आज सफल होगी. कारोबार में बंपर धन लाभ की संभावनाएं हैं. समाजिक कार्यों में आज रुचि बनी रहेगी.
कर्क राशि के लोगों को आज कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आज कारोबार सामान्य रहेगा. लाभ के सौदे हो सकते हैं. आज आप अपनी वाणी पर संयम बरतें, आपके संबंधों में मिठास आएगी.
सिंह राशि के लोगों के लिए दिन परेशानियों से भरपूर रहेगा. आज आपके खर्चे में बढ़ोतरी हो सकती है. कारोबार ठीक रहेगा. परिवार में किसी की सेहत को लेकर चिंता हो सकती है.
कन्या राशि के लोगों का दिन लाभकारी रहेगा. आज आपकी इनकम में बढ़ोतरी होगी. आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. कारोबार नई ऊचाइंयों पर जाएगा. नए लोगों से मुलाकात फायदेमंद रहेगी.
वृश्चिक राशि के लोगों का दिन समाजिक कार्यों में बीतेगा. लोगों के बीच सम्मान में बढ़ोतरी होगी. कार्यस्थल पर आपके कार्य की तारीफ होगी. आज सेहत का ध्यान रखें.
धनु राशि के लोगों को आज किस्मत का पूरा साथ मिलेगा. काफी समय से रुकी योजना आज शुरू होने की संभावना है. छात्रों के लिए दिन अच्छा रहेगा. कारोबार में लाभ मिलेगा.
मकर राशि के लोगों का दिन शानदार रहेगा. मानसिक सुख के लिए आप आध्यात्म का सहारा लेंगे. आय में बढ़ोतरी होगी. आर्थिक हालत सुधरेगी. घर परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा.
कुंभ राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगा. आर्थिक स्थिती मजबूत रहेगा. कारोबार में बंपर धन लाभ होगा. सभी सौदे फायदे में होंगे. वाणी पर संयम बरतें.
मीन राशि के लोगों का दिन शुभ रहेगा. छात्रों का दिन शानदार रहेगा. बेरोजगारों को आज रोजगार मिलेगा. अटका हुआ धन आज वापस मिल सकता है. कारोबार में लाभ मिलेगा.
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a733ca9b026a8ac1d8b44272915d746244992e53 | नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार में आज लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। गुरुवार के कारोबार में सेंसेक्स 433 अंक की गिरावट के साथ 59,919. 69 के स्तर पर और निफ्टी 143. 6 अंक की गिरावट के साथ 17874 के स्तर पर बंद हुआ है। आज के कारोबार में रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज हुआ। वहीं सरकारी बैंकों में लगातार दूसरे दिन बिकवाली देखने को मिली।
कारोबार के दौरान अधिकांश सेक्टर इंडेक्स में नुकसान दर्ज हुआ। मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। मेटल सेक्टर इंडेक्स में आज 0. 36 प्रतिशत की बढ़त रही, वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर 0. 26 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। दूसरी तरफ रियल्टी सेक्टर इंडेक्स में आज 2. 33 प्रतिशत की गिरावट रही है। सरकारी बैंकों का इंडेक्स 1. 84 प्रतिशत, फार्मा सेक्टर इंडेक्स 1. 39 प्रतिशत, बैंकिंग सेक्टर इंडेक्स 1. 19 प्रतिशत, ऑटो सेक्टर इंडेक्स 1. 18 प्रतिशत, फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर 1. 25 प्रतिशत और ऑयल एंड गैस सेक्टर इंडेक्स 0. 62 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ है। कारोबार के दौरान छोटे स्टॉक्स में ज्यादा नुकसान देखने को मिला। निफ्टी में 0. 8 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले स्मॉलकैप 50 में 1. 14 प्रतिशत की गिरावट रही।
निफ्टी में शामिल स्टॉक्स में 41 आज गिरावट के साथ बंद हुए हैं। इसमें से 5 स्टॉक में 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट दर्ज हुई है और किसी भी स्टॉक में 3 प्रतिशत से ज्यादा की नुकसान नहीं दर्ज हुआ। । सबसे ज्यादा गिरने वालों में एसबीआई 2. 77 प्रतिशत, ओएनजीसी 2. 57 प्रतिशत और एसबीआई लाइफ 2. 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं ब्रॉड मार्केट इंडेक्स में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला स्मॉलकैप 50 में शामिल 50 स्टॉक्स में से भी 41 स्टॉक गिरावट के साथ बंद हुए हालांकि यहां 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट वाले स्टॉक्स की संख्या 16 रही। वहीं 8 स्मॉलकैप स्टॉक 3 प्रतिशत से ज्यादा, 3 स्टॉक 4 प्रतिशत से ज्यादा और एक स्टॉक 5 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ।
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a5be33bff129fc4a16911681061f3037d4cb1c46 | जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार, भारत 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) के तहत पाकिस्तान की ओर बहने वाले अतिरिक्त पानी को रोकने के अपने अधिकारों पर काम कर रहा है ताकि वह अपनी जमीन की सिंचाई कर सके।
भारत और पाकिस्तान ने 9 साल की बातचीत के बाद 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। विश्व बैंक भी एक हस्ताक्षरकर्ता था।
सिंधु जल संधि 1960 (Indus Water Treaty 1960)
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि के तहत, तीन पूर्वी नदियों रावी, सतलुज और ब्यास के सभी जल को विशेष रूप से उपयोग करने के लिए भारत को आवंटित किया गया था। दूसरी ओर, पश्चिमी नदियों जैसे सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को आवंटित किया गया था। हालांकि, भारत को निर्दिष्ट घरेलू, गैर-उपभोग्य और कृषि उपयोग के लिए पश्चिमी नदियों के पानी का उपयोग करने के लिए अपवाद (exception) दिया गया था। भारत को पश्चिमी नदियों पर नदी परियोजनाओं के तहत जलविद्युत उत्पन्न करने का अधिकार भी दिया गया है।
सिंधु नदी प्रणाली (Indus River System)
सिंधु नदी प्रणाली में सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज नदी शामिल हैं। यह बेसिन मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान द्वारा साझा किया जाता है। चीन और अफगानिस्तान का भी छोटा हिस्सा है।
सिंधु (Indus)
सिंधु एशिया में एक ट्रांसबाउंड्री नदी है और दक्षिण और पूर्वी एशिया की एक ट्रांस-हिमालयी नदी है। पश्चिमी तिब्बत में निकलने के बाद यह नदी 3,180 किलोमीटर की दूरी तक बहती है। यह कश्मीर के लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्रों के माध्यम से उत्तर पश्चिम में बहती है। फिर यह नंगा पर्वत पुंजक के बाद तेजी से बाईं ओर झुकती है। यह कराची के पास अरब सागर में गिरने से पहले पाकिस्तान से होकर बहती है।
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2d62b5c0b101bcadf08ba1c3577ee8ddaace1285 | अयोध्या. अयोध्या के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरिओम श्रीवास्तव को विजिलेंस टीम ने शुक्रवार शाम 20 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. विजिलेंस टीम ने सीएमओ को उनके आवास से गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक डॉ. श्रीवास्तव पर उनके अधीन एक चिकित्सक डॉ. वीपी सरोज ने संबद्धता समाप्त करने के लिए 40 हजार रुपये घूस लेने का आरोप लगाया है. सीएमओ को गिरफ्तार लिए जाने की सूचना पाकर बड़ी संख्या में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी भी कोतवाली नगर पहुंचे.
एसपी विजिलेंस अखिलेश कुमार निगम का कहना है कि डॉ. सरोज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानीबाजार में तैनात थे. जून महीने में सीएमओ ने उन्हें शाहगंज स्वास्थ्य केंद्र से भी संबद्ध कर दिया था. सप्ताह में तीन दिन उन्हें शाहगंज व तीन दिन रानीबाजार जाना पड़ता था. दूरी ज्यादा होने की वजह से डॉ. सरोज अपनी संबद्धता समाप्त कराना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने कई बार सीएमओ से कहा.
आरोप है कि संबद्धता समाप्त करने के लिए सीएमओ ने 40 हजार रुपये की मांग की. इसकी शिकायत डॉ. सरोज ने इसी माह विजिलेंस विभाग से की. विजिलेंस ने जांच कराई तो सीएमओ की छवि खराब पाई गई. घूस की रकम में से 20 हजार रुपये लेकर डॉ. सरोज सीएमओ से मिलने उनके आवास पहुंचे. रुपये लेते ही विजिलेंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
जिलाधिकारी अनुज झा व एसएसपी आशीष तिवारी ने भी कोतवाली पहुंच प्रकरण के बारे में पूरी जानकारी हासिल की. वहीं डीएम व एसएसपी की मौजूदगी में सीएमओ व शिकायतकर्ता से पूछताछ की.
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e9c98b0d343c1de8ac736b050b66094ee758dd47 | केंद्र सरकार ने राज्यों से भी पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने को कहा है, ताकि आम आदमी को और ज्यादा राहत दी जा सके। इसी के चलते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेट्रोल में राहत देते हुए दो रुपये वैट को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना के चलते वैट संग्रहण कम हुआ है। इसके बावजूद हम पेट्रोल में दो रुपये कम कर रहे हैं। इसे दीपावली के दिन से ही लागू किया जा रहा है। पेट्रोल पर राज्य में 25 प्रतिशत वैट लागू है। अब दो रुपये घटने के बाद राज्य में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से कम हो जाएंगी। वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि पेट्रोल में वैट कम करने को नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। हालांकि डीजल में ये कमी नहीं की गई है।
उत्तराखण्ड में पेट्रोल ₹7 होगा सस्ता।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज की बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि दीपावली का पर्व अशांति पर शांति, बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपावली मां लक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा की आराधना तथा सामाजिक समरसता का पर्व भी है।
मुख्यमंत्री ने गोवर्द्धन पूजा को समाज एवं राष्ट्र की आर्थिक-सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण का प्रतीक बताते हुए कहा है कि यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के महान चरित्र का स्मरण भी कराता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भैयादूज के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों, विशेष रूप से महिलाओं को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व भाई-बहनों के प्रेम के साथ ही मातृ शक्ति के सम्मान, परिवार एवं समाज में उनके महत्व को भी प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि दीपावली का यह पावन पर्व हम सबके जीवन में सुख समृद्धि लाये इसकी भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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4479df3b76b5f981d42fe2a689fb72b5f4b2ad93fe27b0b87c2c004da6ca445f | -पुरुष क्या पुरुषार्थ हुआ न जो, हृदयकी सब दुर्बलता तजो । प्रवल जो तुम में पुरुषार्थ हो, सुलभ कौन तुम्हें न पदार्थ हो ? प्रगति के पथमें विचरो उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठा ॥१॥ •न पुरुषार्थ बिना कुछ स्वार्थ है, न पुरुषार्थ बिना परमार्थ है । समझ लो यह बात यथार्थ है, कि पुरुषार्थ वही पुरुषार्थ है। भुवनमें सुख शांति भरो उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥२॥ न पुरुषार्थ बिना वह स्वर्ग है, न पुरुषार्थ बिना अपवर्ग है । न पुरुषार्थ चिना क्रियता कहीं, न पुरुषार्थ बिना प्रियता कहीं । सफलता वर-तुल्प बरो उठो, पुरुष हो पुरुषार्थ करो, उठो ॥३॥ न जिसमें कुछ पौरुप हो यहां, सफलता वह पा सकता कहां ? ● अरु पार्थ भयंकर पाप है, न उस में यश है न प्रताप है। ल कृमि कीट-समान मरो, उठो, पुरुप हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥४॥ मैनुज जीवन में जय के लिये, प्रथम ही दृढ़ पौरुष चाहिए । विजय तो पुरुषार्थ बिना कहां, कठिन है चिरजीवन भी यहां । भय नहीं, भवसिन्धु तगे, उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥५॥ यदि अनिष्ट अड़े अड़ते रहें, विपुल विघ्न पड़ें पड़ते रहें । हृदय में पुरुषार्थ रहे भरा, जलधि क्या, नभ क्या. फिर क्या धरा ? दृढ़ रहो, ध्रुव धैय्ये धरो, उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥ ६ ॥ यदि अभीष्ट तुम्हें निज सत्व है, प्रिय तुम्हें यदि मान महत्व है यदि तुम्हें रखना निल नाम है, जगत में करना कुछ काम है रा, उठो, पुरुष हा पुगे, उठा
प्रकट नित्य करो पुरुषार्थ को, हृदय से तज दो सब स्वार्थ को । यदि कहीं तुमसे परमार्थ हो, यह विनश्वर देह कृतार्थ हो । सदय हो, पर दुःख द्दरो, उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो उठो।। ८ ।।
( मैथिलीशरण गुप्त )
अवतो उठो क्यों पड़ रहे हो व्यर्थ सोच विचार में । सुख पूर्ण जीना भी कठिन है श्रम बिना संसार में ।। भग्न मनोरथ होकर भी तू श्रम करना मत छोड़ । सारी विषय वासनाओं से अपना मुखले मोड़ ।।
उद्योग ।
उद्यम कीजै जगत में मिले भाग्य अनुसार । मोती मिले कि शंख कर, सागर गोता मार ।। उद्यम ते संपति घर आये, उद्यम करे सपूत कहावे । उद्यम करें संग सब लागे, उद्यम ते जगमें जस जागे । समुद्र उतरि उद्यम ते जइये उद्यन ते परमेश्वर पइये । बिनु उद्यम नहीं पाइये, कर्म लिखे हूं जौन । बिनु जल पान न जाइ है, प्यास जंग तट भौन ॥ २ ॥ उद्यम में निद्रा नहिं नहिं सुख दारिद नांहि । लोभी उर संतोष नहि, धीर अबुध में नांहि ।।
गिरधर दास ) | pdf |
2c0703b1efb79c7adedf8cc35eb4fbf665b8830c | How to Follow Secure Initiative?
How to Self-evaluate your answer?
विषयः शिक्षा से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
1. भारत में किसी भी नीति के क्रियान्वयन में आने वाली सामान्य चुनौतियों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुछ उपायों की विवेचना कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
विवेचना कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न के सभी पक्षों की तार्किक व्याख्या कीजिए।
उत्तर की संरचनाः
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में संक्षेप में चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिएः
- सार्वजनिक नीति एवं उसकी चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से पहले संभावित चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
- इसके कार्यान्वयन की राह में आने वाली संभावित चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषयः संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
2. भारत में महामारी एवं जीएसटी व्यवस्था के कार्यान्वयन के बाद राजकोषीय संघवाद को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उपायों की सख्त आवश्यकता पर एक लेख लिखिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
लेख लिखिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ के आधार पर उसके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचनाः
प्रश्न का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
भारत में राजकोषीय संघवाद द्वारा सामना किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
इन मुद्दों के समाधान के लिए राजकोषीय संघवाद के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले प्रमुख उपायों पर प्रकाश डालिए।
सुझाव दीजिए कि क्या करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष निकालिए कि भारत में राजकोषीय संघवाद को प्रोत्साहित करने के लिए तत्काल आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए।
विषयः भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
3. 97वें संविधान संशोधन को रद्द करना इस बात का संकेत है कि सहकारी समितियों को विनियमित करने की शक्ति राज्यों में ही निहित होनी चाहिए। क्या आप सहमत हैं? टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचनाः
97वें संविधान संशोधन की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
संशोधन क्यों रद्द किया गया था? समझाइए।
केंद्र सरकार के बढ़ते नियंत्रण के कारणों पर चर्चा कीजिए।
सहकारी क्षेत्र पर केंद्रीय नियंत्रण के मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष निकालिए कि बेहतर यही होगा कि सरकार इस निर्णय को सही भावना से लें एवं नए मंत्रालय के निर्माण के बावजूद सहकारी क्षेत्र में भविष्य के हस्तक्षेप से दूर रहे।
विषयः सा.अ.2- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
सा.अ.3- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
4. एक मुख्य व्यापार समझौते के माध्यम से भारत-यूरोपीय संघ के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों का विस्तार करने के लिए एक महत्वपूर्ण अप्रयुक्त क्षमता उपलब्ध है। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचनाः
प्रश्न के संदर्भ की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तुः
- समझाइए कि एशियाई भागीदारों के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौतों से सीमित आर्थिक लाभ के बाद, भारत अपने मुक्त व्यापार समझौतों के विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है।
- चर्चा कीजिए कि मुक्त व्यापार समझौतों को इस तरह से अभिकल्पित करने की आवश्यकता है कि वे भागीदारों के बीच पूरकता बढ़ाएं एवं व्यापार को बाधित करने वाली नियामक बाधाओं को दूर करें।
- भारत-यूरोपीय संघ व्यापार संबंधों की क्षमता पर एक लेख लिखिए।
- इस क्षमता को साकार करने में भारत के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषयः संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
5. विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की उदाहरण सहित चर्चा कीजिए एवं भारत में इस संकट से लड़ने के लिए आवश्यक उपायों का सुझाव भी दीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचनाः
साइबर अपराधों से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में चर्चा करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तुः
विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की विवेचना कीजिए।
इन चुनौतियों के समाधान के लिए क्या किया जाना चाहिए? सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष निकालिए कि वर्तमान युग में सूचना प्रौद्योगिकी की निर्भरता को देखते हुए, सरकारों के लिए यह समय की आवश्यकता है कि वे बैंकों और वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा के लिए कड़े साइबर सुरक्षा मानकों को स्थापित करते हुए साइबर सुरक्षा, डेटा अखंडता और डेटा सुरक्षा क्षेत्रों में मुख्य कौशल विकसित करें।
विषयः प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय।
6. भारतीय कृषि में राज्य के हस्तक्षेप के निहितार्थों का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचनाः
प्रश्न के संदर्भ को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
भारतीय कृषि प्रणाली में विशेष रूप से राज्य के हस्तक्षेप के संबंध में शामिल चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
समझाइए कि कैसे भारत को कृषि क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण से दूर रखने के लिए यह एक अच्छी पहल रही है, लेकिन ग्रामीण संपत्ति के अधिकार, भूमि उपयोग और भूमि की सीमा में सरकार का अप्रत्यक्ष नियंत्रण रहा है।
कृषि क्षेत्र सरकारी प्रतिबंधों के प्रभाव में कैसे है? उदाहरण सहित चर्चा कीजिए।
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषयः केस स्टडी।
7. ऐसे समाज में जहां सरकार भोजन या काम उपलब्ध कराने में असमर्थ है, क्या भीख माँगने को एक अवरोध अथवा अपराध माना जा सकता है? जब सरकार सभी के लिए अच्छी आजीविका की पेशकश नहीं कर सकती है तो क्या गरीबों को अपराधी बनाना अनैतिक नहीं है ? नैतिक दृष्टिकोण से विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचनाः
हमारे देश में भिक्षा याचन से सम्बंधित कानूनों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
समझाइए कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ट्रैफिक लाइट, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर आवारा एवं बेघर लोगों को भीख मांगने से रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
उपर्युक्त के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा कीजिए एवं अपने विचार भी प्रस्तुत कीजिए।
सदाचार एवं नैतिक रूप से उचित समाधानों के साथ निष्कर्ष निकालिए।
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37baa642e110120b139f375c73f9e871e284f311 | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'मोदी सरनेम' वाले मामले में सूरत के जिस सेशन कोर्ट में एक याचिका दायर कर खुद को दोषी क़रार दिए जाने वाले फ़ैसले पर रोक लगाने की अपील की है.
इस मामले की सुनवाई जज रॉबिन पॉल मोगेरा कर रहे हैं, जो फ़ेक एनकाउंटर के एक मामले में गृह मंत्री अमित शाह के वकील रह चुके हैं.
जज बनने से पहले रोबिन पॉल मोगेरा गुजरात में वकालत करते थे. उन्हें 2017 में ज़िला जज नियुक्त किया गया था.
वे वकीलों के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत के कोटे से जज बने हैं. वकील के तौर पर अमित शाह उनके मुवक्किल रह चुके हैं.
उन्होंने सीबीआई कोर्ट में अमित शाह की तरफ़ से तुलसीराम प्रजापति के कथित फ़ेक एनकाउंटर मामले में मुक़दमा लड़ा था.
प्रजापति का एनकाउंटर दिसंबर 2006 में हुआ था. प्रजापति 2005 में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर वाले मामले में चश्मदीद गवाह थे.
इन दोनों एनकाउंटर के समय गुजरात के गृह मंत्री अमित शाह थे.
बाद में सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति तथाकथित फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने अमित शाह को बरी कर दिया था.
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.
अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या कभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के वकील रह चुके शख़्स को बतौर जज ऐसे मामले की सुनवाई करनी चाहिए?
क्या यह नैतिक रूप से उचित है? सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शाश्वत आनंद का कहना है कि यह जज की नैतिकता पर निर्भर करता है.
वो कहते हैं, "मेरी राय में, चूँकि न्यायाधीश ने एक वकील के रूप में एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व किया है, जो सज़ायाफ़्ता-अपीलकर्ता के वर्तमान राजनीतिक विरोधियों में से एक हैं. उन्हें मामले में संभावित पूर्वाग्रह के किसी भी आरोप से बचने के लिए और निष्पक्ष प्रक्रिया के साथ साथ न्यायपालिका की गरिमा के हित में ख़ुद को केस से अलग कर लेना चाहिए. लेकिन वे ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं. "
आनंद ये भी कहते हैं कि मामलों से न्यायाधीशों का अलग होना भारत के किसी भी क़ानून में दर्ज नहीं है, लेकिन इसकी परंपरा रही है.
शाश्वत आनंद दावा करते हैं कि इस परंपरा का सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण 1852 के एक मामले में मिलता है.
1852 का ये मामला ब्रिटिश अदालत में डाइम्स बनाम ग्रैंड जंक्शन कैनाल प्रोपराइटर, 3 एचएल केस नंबर 759 है.
जिसमें लॉर्ड चांसलर कॉटेनहैम ने ख़ुद को मामले से अलग कर लिया था, क्योंकि उनके पास मामले में शामिल कंपनी के कुछ शेयर थे.
तब से सभी न्यायालयों में ये एक परंपरागत अभ्यास के रूप में विकसित हो गया.
आनंद यह भी बताते हैं, "सीआरपीसी की धारा 479 भी एक न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को उन मामलों की सुनवाई करने से रोकती है, जिनमें वे व्यक्तिगत रूप से रुचि रखते हैं. इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णयों में यह माना है कि अगर न्यायाधीश के पक्षपाती होने की आशंका है, तो न्यायाधीश को ख़ुद को मामले से अलग करना चाहिए. "
शाश्वत आनंद का कहना है कि जो न्यायाधीश सुनवाई से अलग होना चाहते हैं, उन्हें यह स्पष्ट करने की ज़रूरत नहीं है कि वे क्यों इससे अलग हो रहे हैं.
कुछ मुक़दमों में जजों से कहा जाता है कि वो खुद को मामलों से अलग कर लें, लेकिन वो ऐसा नहीं करते.
दोनों तरह के कुछ उदाहरण मौजूद हैंः
- एक उदाहरण में, तत्कालीन न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना ने एम नागेश्वर राव की बेटी की शादी में शामिल होने का हवाला देते हुए अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के ख़िलाफ़ मामले की सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया था.
- जज लोया के मामले में तत्कालीन जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (मौजूदा मुख्य न्यायाधीश) को बार-बार सुनवाई से अलग होने के लिए कहा गया था, क्योंकि इस मामले में जिन पर इल्ज़ाम लगाए गए थे, वो बॉम्बे हाई कोर्ट के मौजूदा जज थे, जहाँ से जस्टिस चंद्रचूड़ ने जज के रूप में अपना करियर शुरू किया था, लेकिन उन्होंने केस से अलग होने से इनकार कर दिया था.
- स्टेराइट से संबंधित इसी तरह के एक मामले में तत्कालीन जस्टिस एसएच कपाड़िया से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने हितों के टकराव और पूर्वाग्रह के आधार पर मांग की थी कि वो ख़ुद को केस से अलग कर लें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
- 2016 में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ ही बीजेपी-वीएचपी के अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश का मामला ख़त्म करने ख़िलाफ़ दायर याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गोपाल गौड़ा ने बिना कोई कारण बताए ख़ुद को अलग कर लिया था.
पिछले महीने 23 मार्च को राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराया था.
सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने कांग्रेस सांसद को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि के अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सज़ा सुनाई और 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
राहुल गांधी ने 2019 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार ज़िले में अपने एक भाषण में कहा था कि 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी. . . इन सबका सरनेम मोदी कैसे है? कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी ही होता है. '
इसके बाद बीजेपी नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मामला दायर किया और दावा किया कि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी से मोदी समुदाय को बदनाम किया है.
अदालत के इस फ़ैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई. शुरू के दिनों में जब उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हुआ था, तो उन्होंने ये कहा था कि ये मोदी सरकार की तरफ़ से उन्हें चुप कराने की एक कोशिश है.
राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, "राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता जाना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन था. ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले में कई क़ानूनी मुद्दे हैं, हालाँकि, हमारी क़ानूनी टीम द्वारा उचित मंच पर उनसे निपटा जाएगा. "
राहुल गांधी ने तीन अप्रैल को सूरत में जज मोगेरा की अदालत में अपील दायर की थी.
जज ने 'मोदी सरनेम' वाले मानहानि केस में राहुल गांधी की अर्ज़ी पर उसी दिन जारी किए अपने आदेश में उनकी सज़ा को निलंबित कर दिया था.
उन्हें उनकी अपील पर लंबित सुनवाई के लिए ज़मानत दे दी थी और राहुल गांधी को 15,000 रुपए का ज़मानत बांड देने को कहा था.
जज रॉबिन पॉल मोगेरा 2014 में अमित शाह के वकील थे. जून 2014 में वकील मोगेरा ने अमित शाह की पैरवी करते हुए अपने मुवक्किल की व्यक्तिगत पेशी से दो अलग-अलग बार छूट की अपील की थी.
जज ने इस पर नाराज़गी जताई थी. कुछ ही दिनों बाद जज का तबादला हो गया था और उनकी जगह जस्टिस बीएच लोया को जज नियुक्त किया गया था.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी राहुल गांधी पर एक अलग आपराधिक मानहानि दर्ज किया है.
इस मामले में बिहार की एक विशेष अदालत ने राहुल गांधी को तलब किया था, जहाँ वो व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाए हैं. अब अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल को हाज़िर होने को कहा है.
हाल के दिनों में सावरकर के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर भी राहुल गांधी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई भाजपा और शिवसेना नेताओं ने उनकी टिप्पणियों के लिए उन्हें 'दंडित' करने की मांग की है.
राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि के कुछ अन्य मामले भी रहे हैं.
साल 2014 में भिवंडी की एक अदालत ने उन्हें आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे मिश्रा की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि के एक अन्य मामले में समन भेजा था.
महात्मा गांधी की हत्या के लिए कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को दोषी ठहराने के लिए राहुल गांधी के ख़िलाफ़ एक आपराधिक शिकायत दर्ज की गई थी.
आरएसएस के एक कार्यकर्ता की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र के भिवंडी इलाक़े में कांग्रेस की एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, "यह उनकी शैली है. उनके द्वारा गांधीजी की हत्या की गई; आरएसएस के लोगों ने गांधी जी को गोली मार दी और आज उनके लोग गांधी जी की बात करते हैं. "
राहुल गांधी ने अपने ख़िलाफ़ लगे केस को रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली.
इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया, लेकिन वहाँ भी उन्हें राहत नहीं मिली.
सूरत की अदालत से दो साल की सज़ा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद राहुल गांधी एक नए मानहानि के मामले का सामना कर रहे हैं.
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की एक टिप्पणी के संबंध में कुछ सप्ताह पहले हरिद्वार की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है.
राहुल गांधी ने जनवरी में एक भाषण में आरएसएस को "21वीं सदी का कौरव" कहा था.
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3df68525eb36d54f2d20a5fd773d5b234c62f7cd | कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
याद है जब लड़कियों के कलपते बापों को धमका कर झूठ बोलने को कहा गया था, 'बोलो कि तुम्हारी लड़कियों के 'गलत' सम्बन्ध थे, बोलो। ' वो कांपते बोल गए।
याद है जब लड़कियों के कलपते बापों को धमका कर झूठ बोलने को कहा गया था, 'बोलो कि तुम्हारी लड़कियों के 'गलत' सम्बन्ध थे, बोलो। ' वो कांपते बोल गए।
आज आर्टिकल १५ की याद आयी। बेशक वो जात-पात के ज़हर को एक प्रिविलेज्ड लेंस से देखती है। पर वो फिल्म जो कहती है ना, उसके लिए दिल चाहिए पत्थर का। उसका एक एक संवाद कान में सीसे की तरह पिघलता है - क्यूंकि अत्याचार करते हैं हम, जो रोज़ सूट पहन कर समझते हैं हमारे अंदर का कालापन धुल गया।
हम वही हैं जो ताज महल को अपने बाप की जागीर की तरह बेचते हैं, पर उसके आस पास की सच्चाई को ढक देते हैं। हम वही हैं जिन्हें नालियां साफ़ चाहिए, पर उसमें उतरने के लिए कोई और चाहिए, वो जो हमारे धिक्कार को सहे और हमारी गालियां सुने, ताकि हम अपने अहम् को सवार सकें। और अगर गलती से वो अपना सर उठा लें हमारे सामने, तो हम या तो वो सर काट दें या कटवा दें। कटवा ही देंगे क्यूंकि हमें अपने हाथों को उस खून से मैला नहीं करना, जो हमारा मैला ढोते ढोते स्याह पड़ चुका है।
याद है जब लड़कियों के कलपते बापों को धमका कर झूठ बोलने को कहा गया था, 'बोलो कि तुम्हारी लड़कियों के 'गलत' सम्बन्ध थे, बोलो। ' वो कांपते बोल गए। क्या करते, लड़कियां खो चुके थे, पर ज़िंदा तो रहना था। और ज़िंदा रहने के लिए साहब की बात माननी थी। सच डावाडोल हो कर नंगा खड़ा था सामने। फिर भी कोई मानना नहीं चाहता था।
सच आज भी सामने खड़ा है, पर हमें देखना वही है जो हमारी सत्ता के पक्ष में हो। हमारे लिए जान और अस्मत की कीमत अब कुछ रही नहीं। हम सुन्न पड़ चुके हैं। हमें बस विकल्प चाहिए सच को देखने के, जिससे अपना अपराधबोध काम कर सकें, बोल सकें कि नहीं जी, ये इसलिए नहीं हुआ कि जात को औक़ात दिखानी थी।
क्या है ना, जिस दिन सच हमें समझ आ गया, उस दिन खुद के साथ जी नहीं पायेंगे हम। घिन आएगी। और मुँह छुपाने के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। क्यूंकि नाले साफ़ हो गए, पर अंदर की गंदगी रह गयी।
उस आग में भस्म हो गयी इज़्ज़त और धर्म और संस्कृति का झूठा नशा। चाहो तो सेंक लो राजनीती की रोटी। तुमसे सड़कों पर तो ना उतरा जाएगा अब।
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे,
हर गाँधी जयंती पर गा लेना झूठे मुँह, और भर लेना मुँह को सोच के खोखले लड्डू से। हमें तो अब मिट्टी का स्वाद आता है उसमें से।
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9ddf6d5553757a5c973dd9581a98e7e2aae382da | Rahul Gandhi News: तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस नेता बेरोजगार हैं, इसका मतलब यह नहीं कि पूरा देश बेरोजगार है। उन्होंने दावा किया कि साल 2024 के चुनावों में दक्षिण के राज्यों में बीजेपी को सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के विकास कार्य और मोदी फैक्टर बीजेपी की जीत में काम करेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या दक्षिण भारत वो क्षेत्र है, जहां बीजेपी प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं हुई है तो अन्नामलाई ने कहा कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। हमने अपना वोट शेयर बरकरार रखा। पुडुचेरी में हमने दस्तक दी और बीजेपी गठबंधन सरकार का हिस्सा है। साल 2024 में बीजेपी कर्नाटक और केरल के अलावा तमिलनाडु और केरल में चौंकाएगी।
क्या दक्षिण भारत बीजेपी के लिए दूर की कौड़ी?
राहुल गांधी इस समय अमेरिका में हैं। अमेरिका से वो लगातार बीजेपी पर हमले कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि भारत के 60 फीसदी से ज्यादा लोग बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को वोट नहीं करते। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि इस साल के आखिरी में 5 राज्यों में होने वाले चुनाव में उनकी पार्टी बीजेपी को मात देगी। इस साल के अंत में राजस्थान, एमपी, छत्तीसढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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c10881c73952d37e0766e4e0cedaaf07f153d375 | सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर एली मिडलेटन (Ellie Middleton) नाम के अकाउंट से लड़की ने खुद अपना कहानी शेयर की है और पूरी सच्चाई बयां की है.
पिछले दो साल से अधिक समय से कोरोना (Coronavirus) महामारी ने पूरी दुनिया को बर्बाद करके रख दिया है. अब तक लाखों लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में लोग इसे काफी गंभीरता से ले रहे हैं और बचाव के सारे उपायों का सावधानीपूर्वक पालन भी कर रहे हैं, लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसकी गंभीरता को अब तक नहीं समझ पाए हैं और इसे मजाक के तौर पर ले रहे हैं. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो ऑफिस में झूठ बोलकर यानी ये कहकर छुट्टी ले ले रहे हैं कि वो कोरोना से संक्रमित हो गए हैं और उसके बाद वे क्या कर रहे हैं, कहां हैं, इसका ऑफिस को भी पता नहीं चल पाता. हाल ही में एक लड़की ने भी कुछ ऐसा ही किया. उसने कोरोना संक्रमित होने का बहाना बनाकर ऑफिस से छुट्टी ले ली, लेकिन उसका ये झूठ टिक नहीं पाया और वो पकड़ी गई, जिसके बाद उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर एली मिडलेटन (Ellie Middleton) नाम के अकाउंट से लड़की ने खुद अपना कहानी शेयर की है और पूरी सच्चाई बयां की है. उसने बताया कि उसने अपने बॉस से झूठ बोला कि वह कोरोना संक्रमित हो गई है और छुट्टी ले ली. इसके बाद वह नाइटक्लब में अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने चली गई. पर पता नहीं कैसे उसके बॉस को ये बात पता चल गई और उसने उसे मैसेज किया और साथ ही एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिससे उसके झूठ का खुलासा हो गया.
दरअसल, एली ने सोचा था कि उसका झूठ पकड़ा नहीं जाएगा और वह आराम से रातभर पार्टी करेगी, पर बॉस तो आखिर बॉस होता है, किसी तरह उसे इसकी भनक लग गई. एली ने बताया कि उसके बॉस ने जो स्क्रीनशॉट भेजा था, उसके साथ टेक्स्ट भी लिखा था और पूछा था कि 'आप कहां हैं?'.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एली ने दोबारा से झूठ बोलते हुए अपने बॉस को कहा कि वह घर पर ही अलग-थलग रह रही है, क्योंकि वह कोरोना संक्रमित है. हालांकि स्क्रीनशॉट ने उसके झूठ का पर्दाफाश कर दिया था, इसलिए उसकी एक न चली. एली ने बाद में अपने झूठ पर सफाई देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी है. उसे उसका बॉस नौकरी से निकाल चुका था.
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54568e4329d5dd1c7462b6941d7a948b6051f1bc | आरिफ कुर्रेशी, श्योपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) जिले में कोतवाली थाना पुलिस ने चोरी की 12 बाइकों के साथ तीन शातिर बाइक चोरों को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के दौरान एक शातिर चोर मौके से फरार हो गया है। जिसकी तलाश में पुलिस कर रही है। एसपी आलोक कुमार सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान मामले का खुलासा किया है।
मामले को लेकर एसपी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि शहर सहित आसपास के इलाके से लगातार बाइक चोरी की शिकायत मिल रही थी। शिकायतों को गंभीरता से लेकर टीमें गठित की गई, साथ ही मुखबिर तंत्र को सक्रिय करके वाहन चोर गिरोह का पता लगाया गया। कोतवाली थाना पुलिस को सूचना मिली कि मंडी बाईपास रोड से आरोपी अंकुर (उम्र 28) पुत्र बाले स्टर जादौन निवासी कल्याण पुरम कॉलोनी श्योपुर, दीपक (उम्र 26) पुत्र विजय जोशी निवासी कच्ची बस्ती श्योपुर चोरी की बाइक के साथ जा रहे हैं। इस पर कोतवाली थाना टीआई ने दबिश देकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और अलग-अलग जगहों से चोरी की आठ बाइक जब्त की गई है।
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त अनिल जाटव गौरव शर्मा के साथ मिलकर शिवपुरवा राजस्थान से बाइक चोरी की थी, इस पर पुलिस ने आरोपी अनिल जाटव पुत्र कल्लू जाटव निवासी चैनपुरा को मोरडूंगरी नदी के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी की घर से चोरी की चार बाइक भी जब्त की गई। इस बीच आरोपी गौरव शर्मा फरार हो गया है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। इस कार्रवाई पर एसपी आलोक कुमार सिंह ने कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपए का नगद इनाम दिया है।
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4611ef8fc71167615637fd77b0990d94b8dffbecfa1aaceace023539cfa064bf | मुताणं-मोअणाणं-जो पुक्त है और दूसरोको मुक्ति दिलानेवाले हैं, उनको । सव्वन्नूर्ण सव्वदरिसीर्ण-सर्वझोंको, सर्वदर्शियोंको । सिवमयलमरुयमणंतमक्खय. मव्वाबाहमपुणरावित्तिशिव, अचल, अरुज, अनन्त, अक्षय, अव्याबाध और अपुन रावृत्ति । शिव - उपद्रवोसे रहित । अयल - स्थिर । अरुय - व्याधि और वेदनासे रहित । अर्णत अन्त - रहित । अक्खय क्षयरहित । अव्याचाह-कर्मजन्य पीडाओसे रहित । अप्पुणरावित्ति - जहाँ जानेको बाद वापस आना नहीं रहता ऐसा । अर्थ-सङ्कलना५२
। सिद्धिगइ-मामधेयं - सिद्धिगति नामवाले । ठाणं-स्थानको । संपत्ताण-प्राप्त किये हुओंको । नमो नमस्कार हो । जिणाणं-जिनोंको । जिअ भयाणं-भय जीतनेवालोंको ।.
जे-जो। अ-और ।
अईआ सिद्धा-भूतकालमें सिद्ध हुए हैं। भविस्संति-होंगे ।
( अ ) णागए काले- भविष्यकालमें । संपइ - वर्तमानकालमें ।
अ-तथा । वट्टमाणा- वर्तमान । सब्वे सबको । तिविहेण - मन, वचन और कायासे वंदामि - मैं वन्दन करता हूँ।
नमस्कार हो अरिहन्त भगवन्तोंको ॥ १ ॥
जो श्रुतधर्मकी आदि करनेवाले हैं, चतुर्विध श्रमणसङ्घरूपी तीर्थकी स्थापना करनेवाले हैं और स्वयं बोध प्राप्त किए हुए हैं ॥ २ ॥
जो पुरुषों में ज्ञानादि गुणोंसे उत्तम हैं, सिंह-समान निर्भय हैं, उत्तम श्वेत कमलके समान निर्लेप हैं, तथा सात प्रकारकी ईतियाँ दूर करने में गन्धहस्ती सदृश प्रभावशाली हैं ॥ ३ ॥
जो लोकमें उत्तम हैं, लोकके नाथ हैं, लोकके हितकारी हैं, लोकके प्रदीप हैं, और लोकमें प्रकाश करनेवाले हैं ॥ ४ ॥
जो अभय देनेवाले हैं, श्रद्धारूपी नेत्रोंका दान करनेवाले हैं, मार्ग दिखानेवाले हैं, शरण देनेवाले हैं और बोधिबीजका लाभ देनेवाले हैं ॥ ५ ॥
जो धर्मको समझानेवाले हैं, धर्मकी देशना देनेवाले हैं, धर्मके सच्चे स्वामी हैं, धर्मरूपी रथको चलाने में निष्णात सारथि हैं तथा चार गतिका नाश करनेवाले धर्मचक्रके प्रवर्त्तक चक्रवर्ती हैं ॥ ६ ॥
जो नष्ट न हो ऐसे केवलज्ञान एवं केवलदर्शनको धारण करनेवाले हैं तथा छद्मस्थतासे-अपूर्णतासे रहित हैं ॥ ७ ॥
जो स्वयं जिन बने हुए हैं और दूसरोंको भी जिन बनानेवाले हैं, जो संसार समुद्रसे पार होगये हैं और दूसरोंको भी पार पहुँचाने - वाले हैं; जो स्वयं बुद्ध हैं तथा दूसरोंको भी बोध देनेवाले हैं; जो मुक्त हैं तथा दूसरोंको मुक्ति दिलानेवाले हैं ॥ ८ ॥
जो सर्वज्ञ और सर्वदर्शी हैं तथा शिव, स्थिर, व्याधि और वेदनासे रहित, अनन्त, अक्षय, अन्याबाध और अपुनरावृत्ति अर्थात् जहाँ जानेके बाद संसारमें वापस आना नहीं रहता, ऐसे सिद्धिगति नामक स्थानको प्राप्त किये हुए हैं उन जिनोंको-भय जीतनेवालोंको नमस्कार हो ॥ ९ ॥ | pdf |
ff399c04503b75a0e378a9e566d12ef7d8fbb02c | Hyderabad : तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को तेलंगाना के सीएम पद की शपथ ली. बता दें कि केसीआर का यह लगातार दूसरा कार्यकाल है. जान लें कि टीआरएस के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को टीआरएस मुख्यालय तेलंगाना भवन में आयोजित बैठक में केसीआर को अपना नेता चुना था. चूंकि मंत्रिमंडल का गठन अभी नहीं किया गया है. इस कारण केसीआर के साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली. खबरों के अनुसार मंत्रिमंडल का गठन कुछ दिन में हो सकता है. केसीआर ने नयी सरकार के गठन व शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपना इस़्तीफा दे दिया था. इससे पूर्व टीआरएस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर टीआरएस विधायक दल की बैठक में केसीआर को सर्वसम्मति से दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव उन्हें सौंपा.
बता दें कि तेलंगाना में सात दिसंबर को हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में टीआरएस को 88 सीटें हासिल हुई हैं. शपथ लेने के बाद टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने कहा कि वह अपने मंत्रिमंडल में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश करेंगे. बता दें कि राज्य में संवैधानिक व्यवस्था के तहत मंत्रिमंडल में अधिकतम 18 सदस्य हो सकते हैं.
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251d52123a0ebd204ca7894b79bf25929e987456 | काबुल : ईद उल अजहा (बकरीद) के मौके पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन को रॉकेट को निशाना बनाया गया। गनीमत ये रही कि ये रॉकेट अपने निशाना चूक गए। राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाकर जिस समय हमले हुए उस समय बकरीद की नमाज पढ़ी जा रही थी। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। रायटर्स न्यूज एजेंसी ने स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमल के पीछे कौन है।
स्थानीय टीवी फुटेज में दिखाया गया कि जिस समय रॉकेट से हमले और धमाके हो रहे थे उस समय राष्ट्रपति अशरफ ने नमाज पढ़ना जारी रखा। राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट से ये हमले सुबह आठ बजे के करीब हुए। राष्ट्रपति भवन के आस-पास का इलाका ग्रीन जोन में स्थित है और यहां अमेरिका सहित कई देशों के दूतावास स्थित हैं।
नमाज पढ़ने के बाद राष्ट्रपति घनि ने वहां भाषण भी दिया जिसे स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया। अफगानिस्तान में मंगलवार से बकरीद की छुट्टियां शुरू हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति भवन के पास एक के बाद एक तीन रॉकेट गिरे। रॉकेट विस्फोट की आवाज दूर तक सुनाई पड़ी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्तनेकजई ने कहा, 'आज अफगानिस्तान के दुश्मनों ने काबुल शहर के कई हिस्सों में रॉकेट से हमले किए। ये तीनों रॉकेट अलग-अलग हिस्सों में गिरे। अभी जो शुरुआती जांच रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ' यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाया गया है। इसके पहले भी इसे निशाना बनाते हुए हमले हो चुके हैं।
राष्ट्रपति भवन पर पिछला हमला गत दिसंबर में हुआ था। राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट के हमले ऐसे समय हुए हैं जब कई प्रांतों में अफगान सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच संघर्ष चल रहा है। अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी शुरू होने के बाद तालिबान ने देश के बड़े इलाके पर अपना नियंत्रण कर लिया है। देश में शांति स्थापित करने को लेकर तालिबान की अफगान सरकार के साथ दोहा में दो दौर की असफल वार्ता हुई है। दुनिया के करीब 15 देशों ने बकरीद के मौके पर तालिबान से सीजफायर करने की अपील की है।
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5243cfb5e9edcfdf12c624508e27ab2c81fed1b3 | SSC MTS 2019 Paper I Result: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) आज मंगलवार को पहले चरण के मल्टी टास्किंग स्टाफ भर्ती परीक्षा (Multi-Tasking Staff (MTS) Tier I) का रिजल्ट घोषित कर सकता है। रिजल्ट की घोषणा आधिकारिक वेबसाइट ssc. nic. in पर की जाएगी। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार इस वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
पहले रिजल्ट घोषित करने के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी लेकिन बाद में रिजल्ट थोड़ी देरी से जारी करने का फैसला लिया गया। पेपर 1 की परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को दूसरे और तीसरे स्टेज की परीक्षा में शामिल होना होगा। दूसरे स्टेज की परीक्षा 24 नवंबर को होगी जिसके लिए एडमिट कार्ड परीक्षा से चार दिन पहले यानी 20 नवंबर, 2019 को रिलीज कर दिए जाएंगे। कमीशन कैटेगरी-वाइज, स्टेट/यूनियन टेरीटरी-वाइज कटऑफ लिस्ट जारी करेगा।
- आधिकारिक वेबसाइट ssc. nic. in पर जाएं।
- होमपेज पर मौजूद "SSC MTS Result 2019" के लिंक पर क्लिक करें।
- अब लॉगइन क्रेडेंशियल दर्ज करें।
- अब SSC MTS Result 2019 आपकी स्क्रीन पर ओपन हो जाएगा।
- अब अपना रिजल्ट डाउनलोड कर लें या फिर इसका एक प्रिंट भविष्य के लिए जरूर रख लें।
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f03e839075c965e59e89e897e7f7d39c20b1fed2 | Oscar Awards 2023: दीपिका दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो ऑस्कर अवार्ड समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। इससे पहले भी कई बार प्रमुख मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है।
Oscar Awards 2023: बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण को ऑस्कर 2023 में प्रस्तुतकर्ता के रूप में चुना गया है। दीपिका ने इंस्टाग्राम पर सभी प्रस्तुतकर्ताओं के नामों के साथ एक पोस्ट साझा की है। अवार्ड सेरेमनी को संचालित करने वालों की सूची में ड्वेन जॉनसन, माइकल बी जॉर्डन, रिज अहमद, एमिली ब्लंट, ग्लेन क्लोज, ट्रॉय कोत्सुर, ड्वेन जॉनसन, जेनिफर कोनेली, सैमुअल एल जैक्सन, मेलिसा मैककार्थी, जो सलदाना, डॉनी येन, जोनाथन मेजर्स और क्वेस्टलोव जैसे स्टार भी शामिल हैं।
दीपिका पादुकोण हर कदम पर भारत को गौरवान्वित कर रही हैं और देश को बार-बार वैश्विक मानचित्र पर ला रही हैं। अब वह मनोरंजन उद्योग में प्रतिभा की सराहना के लिए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कार, 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। दीपिका दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। दीपिका ने पहले भी कई बार प्रमुख मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें कान्स फ़िल्म फेस्टिवल की जूरी में एकमात्र भारतीय के रूप में चुना गया था। उन्होंने फीफा विश्व कप ट्रॉफी का अनावरण किया था। दुनिया के सबसे बड़े लक्जरी ब्रांड के पहले चेहरे के रूप में उनको साइन किया गया था।
95वां अकादमी पुरस्कार समारोह 12 मार्च (भारत में 13 मार्च) को लॉस एंजिल्स के डॉली थिएटर में आयोजित किया जाएगा। ऑस्कर में भारत के लिए यह एक विशेष वर्ष है। इस बार, केवल एक नहीं, बल्कि तीन महत्वपूर्ण भारतीय फिल्में प्रतिष्ठित ऑस्कर अवार्ड्स 2023 के नामांकन के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। शौनक सेन की ऑल दैट ब्रीथ्स को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म और गुनीत मोंगा की द एलिफेंट व्हिस्परर्स को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट के लिए नॉमिनेट किया गया है।
आरआरआर ने 'नातु नातु' के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में नामांकन प्राप्त किया है, जिसने इस वर्ष की शुरुआत में उसी श्रेणी में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता था। एसएस राजामौली, एमएम कीरावनी और राम चरण पुरस्कार समारोह में शामिल होंगे। समारोह में राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव, ऑस्कर नामांकित गीत का प्रदर्शन करेंगे।
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127351b6ba2b978ca8a53cd58606afbaffa5c20e | अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनी समझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया उसके मन ने किसी तीसरे के होने का संशय जताया लेकिन उसे अभी भी किसी बात का समाधान नहीं मिला है। बैचेन कामिनी सोसाइटी में घूमते टहलते अपना मन बहलाती है वहीं अरोरा अंकल आंटी हैं जो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है? रविवार के दिन राकेश सुबह से मूड में था और नीलम उससे बचने की कोशिश में। एक सितार के दो तार अलग अलग सुर में कब तक बंध सकते हैं। मुकुल अपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है ? कामिनी की सोसाइटी में रहने वाला सुयोग अपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है। ऑफिस से घर आने के बाद अकेलापन उसे भर देता है।
शनिवार की वह सुबह कामिनी के लिए वही ऊब लेकर आई तो नीलम के लिए राकेश को टालना कठिन हो रहा था। कामिनी की सोसाइटी में रहने वाली शालिनी के लिए सुबह अलग ही रंग लिए थी जिसमे उदासी अकेलापन और यादें थीं।
सुबह की हल्की ठंडक कमरे में प्रवेश कर चुकी थी जिसने शालिनी के शरीर को सिकुड़ने पर मजबूर किया उसने पैरों तले दोहर को टटोल कर अपने ऊपर खींचा तभी किसी दूध वाले की बाइक के तीखे हॉर्न ने कुनमुनाई सी नींद को पूरी तरह उचटा दिया। शालिनी ने बुदबुदाते हुए तकिए को खींच सिर के ऊपर कर लिया। आज शनिवार है उसे ऑफिस तो जाना नहीं है इसलिए वह देर तक सोना चाहती है। इससे दुनिया को क्या उसका काम तो सुबह से शोर मचाना है। सोसाइटी में आती स्कूल वैन दूधवाले कार धोने वाले और सुबह से घरों का काम निपटाने की हड़बड़ी में कामवाली बाई और महिलाएं शालिनी और उस जैसे छुट्टी के दिन सुबह की छुट्टी करने वाले लोगों का ध्यान रखे बिना शोर कर करके सुबह के होने का ऐलान कर रहे हैं। एक दिन भी लोग चैन से सुबह नहीं होने देते। इनके शंख नगाड़े बजे बिना मानों सूरज ही नहीं जागेगा। अब नींद खुल ही गई तो शालिनी ने सिर के ऊपर से तकिया हटाकर बाहों में दबोच लिया। कुछ शोर से उपजे आक्रोश और कुछ सूरज की तपन से उपजी गर्मी ने दोहर को पैरों के नीचे रौंद दिया।
शालिनी ने आंखें खोल दीं सूरज की रोशनी कमरे में भर आई थी। सब कुछ उजला उजला लग रहा था लेकिन शालिनी की सुबह से यह उजास वर्षों पहले गायब हो गई थी। अब उसके सुबह दोपहर शाम सभी एक धुंधलके में लिपटे रहते हैं और अपने होने का अर्थ खो चुके हैं। यही नहीं शालिनी की एकाकी जिंदगी में अब दिन महीने साल भी अर्थहीन हैं। अब उसकी जिंदगी में दो तरह के दिन ही होते हैं एक वह जिस दिन उसे ऑफिस जाना हो दूसरे वह जिस दिन उसे ऑफिस नहीं जाना। ऑफिस जाने वाले दिन घड़ी की टिक टिक के साथ शुरू होते हैं और न जाने वाले दिन सोसाइटी के तमाम शोर के बावजूद एक गहरे सन्नाटे के साथ आते हैं। यह सन्नाटा शालिनी के अंदर तक धँसा होता है और उसे देर तक सुन्न पड़े रहने पर मजबूर कर देता है। उस ने बेड के बगल की ड्रावर खोलकर वह फोटो फ्रेम निकाली उस पर उंगलियां फिराते उसे निहारते शालिनी की आंखें कब धुंधली हो गई पता ही नहीं चला। आंखों का भी अजीब है कभी तो वे अथाह दुख सुख को भीतर समेट लेती हैं और कभी चार बूँद आंसू भी नहीं समेट पाती। हाँ छलक कर वे दृष्टि साफ कर देती हैं।
शालिनी ने फोटो फ्रेम सीने से लगा लिया गहरी उदासी अकेलापन और कुछ अपने भविष्य की आशंका ने उसे फिर दोहर का सहारा लेने को मजबूर किया।
आठ वर्ष हो गए हैं अभय को गए हुए लेकिन वह पल वह लम्हा आज भी शालिनी की जिंदगी में ठहरा हुआ है। कॉलेज कैंपस में शालिनी की उन्मुक्त मीठी हंसी बड़ी प्रसिद्ध थी वह उम्र ही ऐसी थी जिसमें छोटी-छोटी बातों पर भी हंसी आ जाती थी। दिल और दिमाग समाज के व्यवहार की कालिख से मैला हुआ था। दोस्तों और सखियों से दुनिया में उजास ही उजास था और यही उन्मुक्त हंसी का राज भी। आंखों में हसीन सपने थे उन्हें पूरा करने का हौसला था। उन्हीं सपनों में एक छोटा सा सपना था खूब प्यार करने वाले एक साथी का कि वह जो भी होगा खूब प्यार करने वाला, हर छोटी छोटी बात का ध्यान रखने वाला, होगा। होगा क्या वह तो कहीं है बस उसे सामने आने की उसे पहचानने की देर है। देर सवेर सही समय आने पर वह सामने भी आ जाएगा उसे देख कर दिल में जलतरंग भी बज उठेगा और वह तुरंत पहचान लिया जाएगा।
उस दिन सुबह का पहला ही लेक्चर कैंसिल हो गया था शालिनी सहेलियों के साथ कैंटीन चली आई। दिसंबर की सर्दी तीखी हो चुकी थी ऐसे में पेड़ों से घिरे कैंपस में ठंडी हवा और धूप की आंख मिचौली में बैठने के बजाय कैंटीन की चाय की भाप खुशबू और स्वाद के साथ वक्त गुजारना ज्यादा भाता है। यहाँ चाय की गर्मी के साथ हंसी ठहाकों की गर्मजोशी भी रहती है। वैसे तो कॉलेज की लाइब्रेरी भी समय काटने का ठिकाना हो सकती है। पूरी लंबाई में बाहर को खुलने वाली खिड़कियों की श्रंखला से आती धूप के बावजूद लाइब्रेरी का शांत गंभीर माहौल मन में एक ठंडा पल भर देता है। जो शालिनी और उसके दोस्तों के मिजाज के अनुकूल तो बिलकुल नहीं है।
वे सभी चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा में मशगूल थे तभी एक समवेत ठहाके ने उन सभी का ध्यान खींचा। लेकिन शालिनी का ध्यान खींचा उनमें से एक भारी गंभीर आवाज़ ने। उसने पलट कर देखा लेकिन वह आवाज़ जिसने शालिनी को आकर्षित किया था किसकी है जानना मुश्किल था। वही बेचैनी वह अब फिर महसूस करने लगी उसने दोहर फेंक पैर सीधे किए और तस्वीर को होठों से लगा लिया। जानू कितनी दिलकश थी तुम्हारी वह हँसी तुम्हारी आवाज तुम्हारी आंखें शालिनी बेतहाशा तस्वीर को चूमने लगी। अगले पीरियड का समय हो चला था दोनों ही ग्रुप उठ खड़े हुए। शालिनी मायूस थी उसका मन वहाँ से जाने का नहीं था कम से कम तब तक तो नहीं जब तक पता न चले कि वह आवाज़ किसकी है ? तभी किसी ने आवाज लगाई और क्षण भर की देर किए बिना शालिनी ने पलट कर देखा और आवाज के साथ उस सूरत को भी आंखों में कैद कर लिया।
लाल चेक की शर्ट काला पेंट जूते करीने से संवरे बाल बाएं हाथ में बड़े डायल की रिस्ट वॉच गहरा गेहूंआ रंग गहरी काली आंखें घनी मूछें और दिलकश आवाज। लग तो यही रहा है यह आवाज शालिनी के दिल से आई थी लेकिन दिमाग एक बार फिर सुनिश्चित करना चाहता था। तभी फिर से आवाज लगाई गई और शालिनी का दिल बल्लियों उछलने लगा। उसकी सहेली ने उसे चिकोटी काटी। वह कौन है क्या नाम है किस डिपार्टमेंट में है यह पता लगाने का जिम्मा उसकी प्रिय सखी ने उठा लिया।
जल्दी ही पता चल गया कि वह अभय है एम कॉम फाइनल ईयर में है पढ़ाई के प्रति बहुत गंभीर है और अधिकतर समय लाइब्रेरी में बिताता है। वह तो उस दिन पता नहीं कैसे दोस्तों के साथ कैंटीन में आ गया था। शालिनी को विश्वास हो गया कि उस दिन लेक्चर कैंसिल होना उसका और अभय का कैंटीन आना कायनात का इशारा है कि उनको मिलना चाहिए। लेकिन कायनात को इस मुलाकात के लिए इंतजाम करना मुश्किल ही था वह पढ़ाकू और शालिनी हंसती खेलती मदमस्त। शालिनी के दोस्त ने एमकॉम का टाइम टेबल पता करके बता दिया कुछ दिन तो वह चुपके से एमकॉम की क्लास में भी जा कर बैठी ताकि वह अभय को देख सके। फिर उसने कॉलेज की लाइब्रेरी में जाना शुरु किया यह जगह ज्यादा मुफीद थी। अभय मोटी मोटी किताबों में झुका रहता और वह उसे निहारते सपनों में खो जाती। कुछ दिनों में उसका धैर्य जवाब देने लगा। वह अभय से मिलने बात करने को लालायित थी वह जानना चाहती थी कि क्या वह भी उसके प्रति कोई भावना रखता है या वही हवाई महल बना रही है ?
शालीन ने फिर फोटो को चूमा उसे वापस ड्रावर में रख दिया हाथ पैरों को तानकर अंगड़ाई ली और उठ खड़ी हुई। 9:00 बज चुके थे थोड़ी देर में मेड आ जाएगी। फ्रेश होकर उसने एक कप चाय बनाई और बाहर बालकनी में आ गई। नीले चमकीले आसमान में फैली धूप ने उसकी आंखें चौंधिया दीं। उसने आसपास के फ्लैट पर एक नजर दौड़ाई सामने की बिल्डिंग में कामिनी खड़ी थी वह भी उसी की ओर देख रही थी। शालिनी ने हाथ हिलाया प्रत्युत्तर में कामिनी ने भी हाथ हिलाया। उसका और कामिनी का परिचय सोसाइटी के एक कार्यक्रम में हुआ था वहाँ शालिनी ने गाना गाया था और कामिनी ने बेहद खूबसूरत शब्दों में उसकी तारीफ की थी। तारीफ के शब्दों से ज्यादा प्रभावित वह उसके व्यक्तित्व और ड्रेसिंग से हुई थी। सोसाइटी की महिलाएं उसके अकेले रहने के कारण उससे जरा दूरी बनाए रहती हैं लेकिन कामिनी का स्पष्ट कहना है कि किसी की पर्सनल लाइफ से नहीं वह व्यक्ति से संबंध रखती है।
वह बालकनी में बैठ गई यादों का सिलसिला फिर शुरू हो गया। उसे नोटिस तो क्लास में ही कर लिया गया था लाइब्रेरी में उसकी उपस्थिति और उसे देखते रहने को भी अभय जानता था बस अनजान होने का नाटक करता था। पता तो उसने भी करवा लिया था सिर्फ यही नहीं कि वह किस विभाग में है बल्कि कहाँ रहती है पापा क्या करते हैं और परिवार में कौन-कौन है ? शालिनी अभय की अनभिज्ञता से निराश हो चली थी वह अपनी कितनी ही क्लासे बंक कर लाइब्रेरी में बिता चुकी थी लेकिन बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। वह अपने इस पागलपन पर विचार करने ही लगी थी कि उस दिन अभय ने उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए एक लाल गुलाब उसकी तरफ बढ़ा कर कहा था हैप्पी बर्थडे। चौक गई थी वह उसे कैसे पता चला कि आज उसका बर्थडे है। वह अचकचाकर थैंक्यू ही नहीं कह पाई थी कि अभय ने कहा 'आई लव यू' इन 3 शब्दों ने उसे आसमान पर पहुँचा दिया। बर्थडे पर इससे खूबसूरत गिफ्ट क्या हो सकता था। अभय ने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और कहा चलें तुम्हारे दोस्त पार्टी के लिए कैंटीन में इंतजार कर रहे हैं। उस दिन पार्टी अभय ने दी उस पार्टी में दुगना उत्साह था शालिनी तो शर्म से सुर्ख गुलाब हुई जा रही थी।
दरवाजे की घंटी बजी कामवाली बाई थी उसे देखकर शालिनी को याद आया उसके यहां आज वीक एन्ड पॉट लक डिनर पार्टी है। उसके दोस्त एक एक डिश बना कर लाने वाले हैं अब कौन क्या लाएगा नहीं पता। कप सिंक में रखकर वह डस्टिंग में लग गई। उसने शाम के लिए छोले गला दिए और खुद के खाने की तैयारी करने लगी। नहाकर आईने के सामने बैठी आंखों में काजल की रेखा के सहारे फिर अतीत में पहुंच गई। अभय को उसकी काजल लगी आंखें बहुत पसंद थी। पसंद तो उसकी लंबी पतली उंगलियां भी थी जिन्हें अपनी मजबूत गद्देदार हथेली में थामें बात करते-करते वह धीरे से दांतों से दबा देता और शालिनी चिंहुक जाती। उसके चेहरे पर उदास मुस्कान तैर गई कितना प्यार करता था वह उससे। पढ़ाई पूरी करते ही शादी करके उसे अपनी बाहों में छुपा कर रखने का वादा करता। वह कहती मुझे तो जॉब करना है। हाँ तो करना न लेकिन तुम मेरी हो बस मेरी। मेरी शालिनी को कोई तकलीफ नहीं होने दूंगा। अपने इर्द-गिर्द अपनी दोनों बाहें लपेटे शालिनी ने गहरी सांस ली। तुमने मेरी तकलीफ बांटने की बात तो की अभय लेकिन खुद की तकलीफ मुझसे नहीं बाँटी। हमेशा साथ रहने का बाहों में छुपा कर रखने का वादा करके साथ छोड़ गए।
अभय की नौकरी लग गई थी दोनों के घर वाले भी राजी थे शहनाई बजने की तैयारियां होने लगी थी। अभय को छुट्टी नहीं मिल रही थी इसलिए शालिनी ने अपनी शॉपिंग भी रोक दी थी। बड़ी मनहूस सुबह थी वह जब फोन पर किसी अजनबी ने बताया था कि अभय हॉस्पिटल में है। अच्छा खासा लंबा तगड़ा आदमी एक चक्कर खाकर गिरा तो फिर उठ ही नहीं सका। ब्लड कैंसर लास्ट स्टेज सुनकर शालिनी भी खुद को कहाँ खड़ा रख पाई। आखरी समय में उसकी हथेली थामें वादा लिया था अभय ने कि वह जीना नहीं छोड़ेगी। उसे याद भले करे लेकिन आंसू नहीं बहायेगी। जल्दी ही नौकरी ढूँढ कर शादी कर लेगी। उसकी ढीली हथेली में अपनी हथेली को वह सुन्न होकर देखती रही।
वह जिद करके गई थी शमशान तक लेकिन उसके बाद जब भी आंखें बंद करती जलती लपटें ही दिखती, उसके सपनों अरमानों को भस्म करती लपटें। वह घंटों छत को निहारती रहती । कभी कभी माँ जबरदस्ती उसकी पलकें बंद कर देतीं ताकि वह सो जाए बिलकुल वैसे जैसे किसी मुर्दे की की जाती हैं। अभय के जाने के बाद वह लाश से ज्यादा कुछ रह भी नहीं गई थी। माँ खिला देतीं तो मुँह में कौर रखे बैठी रह जाती चाय पानी पिला देतीं पी लेती यहाँ तक कि बहुत देर से बाथरूम नहीं गई है यह ध्यान भी वही रखतीं। अभय के मां पापा उस के हाल सुनकर देखने आए और अभय के लिए उसका प्यार देख फूट-फूटकर रोते रहे। कितना बदनसीब है अभय जो ऐसे प्यार को छोड़कर दूर अनंत यात्रा पर निकल गया।
दो-तीन महीने सभी सोचते रहे कि वक्त हर घाव को भर देगा लेकिन उसकी हालत में सुधार न हुआ। अभय के पापा ने ही मनोचिकित्सक से समय लिया। दुख कहीं गहरे जम चुका था शालिनी के अंदर जिस पर बातचीत पूछताछ स्नेह सांत्वना का भी कोई असर नहीं हुआ। अंततः एंटीडिप्रेसेंट दवाओं की हाइ डोज देकर उसके दिमाग को घंटों नींद की बेहोशी में रखा गया। अभय के मम्मी पापा को भी उससे न मिलने की ताकीद दी गई। वह जब भी जागे घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखने की सलाह भी। कई महीने तो जागते हुए भी वह सोई ही रहती जैसे किसी सपने में हो फिर अचानक फूट-फूटकर रो पड़ती जैसे इस दुनिया में नहीं किसी और दुनिया में हो। धीरे-धीरे दवाओं ने असर दिखाना शुरू किया और वह वर्तमान से तालमेल बैठाने लगी।
डेढ़ साल लगा उसे खुद को जैसे-तैसे संभालने में लेकिन अभय को दिया वादा पूरा नहीं कर पाई। अभय ने भी कहाँ अपना वादा निभाया था चला गया उसे छोड़कर। फिर वही क्यों निभाए अपना वादा। तब से इस शहर में अकेली है। मम्मी पापा शादी के लिए कह कह कर हार गए फिर बमुश्किल एक फ्लैट लेने के लिए उसे तैयार किया। 29 साल की हो गई है अब वह नौकरी में व्यस्त खूब खुश दिखाई देती है लेकिन कोई नहीं जानता रात के अंधेरे में दो अदृश्य बाहें उसे जकड़ लेती हैं। उसका शरीर उसमें कसमसाता है और होंठ खुद के दाँतों से ऐसे भींचती है कि खून छलछला जाता है। अपने हाथों से दोनों वक्षों को मसलते देर तक करवटें बदलते पैरों को पटकते छटपटाती है। दिल ने अभय के बिना रहना सीख लिया है लेकिन शरीर अभय की कमी को तरसता है। उसके न होते हुए उसे महसूस करता है सिसकारी भरता है और उसे निढाल कर देता है।
उपन्यास छूटी गलियाँ (प्रिंट और मातृभारती पर उपलब्ध)
ओंकार लाल शास्त्री पुरस्कार बाल साहित्य के लिए।
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91dc4403892849edfda0986b1d98b07ba223e8ca | आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटक स्थानों में से एक जोधपुर की। जोधपुर ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां आपको ज्यादातर घर ब्लू रंग में रंगे दिखेंगे। बता दें मुख्य रूप से यहां आकर्षण का केंद्र मंदिर, किले, महल, उद्यान, बाजार हैं।
जोधपुर राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है। राजस्थान घूमने का सबसे अच्छा समय हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है। आज हम आपको बाताएंगे जोधपुर के कुछ प्रसिद्ध और लोकप्रिय जगहों के बारे में।
जोधपुर शहर से 410 फीट की ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। वहीं राजस्थान में यह दूसरा सबसे बड़ा किला है। मेहरानगढ़ किला 5 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। आप इस किले के शाही दरबारों, महलों और मंदिरों में जा सकते हैं। यहां राठौर कबीले के हथियारों, कलाकृतियों, कपड़े, पेंटिंग, पालकी और ऐसी बहुत चीजों को देखने के लिए संग्रहालय जरूर जाए।
यूनाइटेड किंगडम में बकिंघम पैलेस के बाद, उम्मेद भवन पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास है। इसमें जोधपुर का शाही परिवार अभी भी रहता है। बता दें यह भारत में सबसे खूबसूरत महल है। आपको बता दें इमारत का एक हिस्सा ताज होटल द्वारा एक लक्जरी होटल में बदल दिया गया है। इस महल में कुल 350 कमरे हैं। इसके अलावा हाल ही में इसे ट्रिपएडवाइजर ट्रैवल एजेंसी से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लक्जरी होटल का पुरस्कार मिला है।
मंडोर गार्डन जोधपुर के सबसे पुराने उद्यानों में से एक है। कहा जाता है की इसे लगभग एक हजार साल पहले बनाया गया था। मंडोर में प्राचीन साम्राज्य, बगीचे में कई शाही संरचनाएं और बीच में एक झील है। यहां आपको सिर्फ खूबसूरत बगीचे ही नहीं बल्कि आश्चर्यजनक वास्तुकला भी देखने को मिलती है। साथ ही आप यहां कई प्राचीन मंदिर भी देख सकते हैं।
महाराजा सरदार सिंह ने अपने शासनकाल में सरदार बाजार और घंटाघर का निर्माण करवाया था। यह सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों और स्थानों में से एक है। इसके आसपास एक बड़ा बाजार है, जहां आप कपड़े, गहने, संगमरमर के इनले, शिल्प और बहुत कुछ खरीद सकते हैं। आप यहां से मजेदार राजस्थानी संस्कृति की याद ले जा सकते हैं।
कायलाना झील 1872 में प्रताप सिंह द्वारा निर्माण किया गया था। प्राचीन काल के समय इस क्षेत्र में जोधपुर के दो नेताओं द्वारा निर्मित महल और उद्यान थे, लेकिन बाद में प्रताप सिंह और उनके लोगों द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया था। इसके बाद रेगिस्तानी शहर जोधपुर में हमेशा पानी की कमी रहने के कारण यहां कायलाना झील का निर्माण किया गया था।
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be94b3251604fa62a09853de9a424e6042f77aec | नई दिल्ली :
Sushmita Sen In Lakme Fashion Week : बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन को हाल ही में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते उनके फैंस काफी ज्यादा परेशान थे. हाल ही में उन्होंने लैक्मे फैशन वीक में रैंप वॉक (Sushmita Sen Ramp Walk) किया था, जिसकी चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है. अभिनेत्री डिजाइनर अनुश्री रेड्डी के लिए शो स्टॉपर बनी थीं. विशेष दिन के लिए उन्होंने येलो कलर का लहंगा पहन रखा था. एक्ट्रेस का लुक लोगों को काफी पसंद आया. उस दौरान सुष्मिता को एक पंजाबी गाने पर थिरकते हुए भी देखा गया और उन्हें फ्लॉवर के साथ भी रैंप वॉक करते हुए देखा गया. उनके लुक की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है.
अगर सुष्मिता के लहंगे की बात करें तो, इसमें एम्बेलिश्ड चोली, मैचिंग हैवी एम्बेलिश्ड लहंगा और उनके चारों ओर खूबसूरत तरीके से लिपटा हुआ नेट का दुपट्टा था, जिसको उन्होंने शानदार मेकअप के साथ पूरा किया था. उनका लुक फैंस को हर बार लुभाने में कामयाब होता है. यह पहली दफा नहीं है, जब अदाकारा के लुक की चर्चा हो रही है. इसके साथ ही रैंप वॉक (Sushmita Sen In Lakme Fashion Week) का वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया है, जिसे 10 मिनट में 700 के करीब लाइक्स मिल चुके है. मिस यूनिवर्स के लेटेस्ट अवतार को फैंस दिल खोलकर एक्सेप्ट कर रहे हैं.
सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) को हाल ही में बड़े पैमाने पर दिल का दौरा पड़ा और उन्हें एंजियोप्लास्टी और स्टेंट लगाने के लिए नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनके चाहने वाले और करीबी उनके ठीक होने की दुआ कर रहे थे. हालांकि अब वो ठीक हैं. यही वजह है कि उनके फैंस काफी ज्यादा खुश हैं.
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b1f6a0be09e75b400e58831a8fd56978565da781 | फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की एक्सेल एंटरटेनमेंट ने आज कैटरीना कैफ, सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर स्टारर 'फ़ोन भूत' की अनाउंसमेंट की है साथ ही फिल्म का फर्स्ट लुक साझा किया है. यह एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है. ये तीनों सितारें पहली बार किसी फिल्म में साथ नजर आएंगे.
एक्सेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर फर्स्ट लुक साझा करते हुए लिखा, जब तक आप रास्ते में हंस रहे हैं तब तक डरना अलाउड है. 2021 में फ़ोन भूत नजदीकी सिनेमाघरों में होगी रिलीज.
कुछ समय पहले एक लीडिंग वेबसाइट के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट में ईशान ने सिद्धांत चतुर्वेदी और कैटरीना कैफ के साथ करने की पुष्टि की थी. ईशान ने कहा था, 'मैंने फिल्म की कहानी सुनी है और ये बहुत ही इंट्रेस्टिंग है. स्क्रिप्ट की जितनी तारीफ करूं वो कम है. उम्मीद है, एक बार जब चीजें आगे बढ़ेंगी तो उस पर अधिक जानकारी होगी. ' इसी के साथ उन्होंने आगे कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि सिद्धांत ने पुष्टि की और न ही उन्होंने फिल्म पर उठ रहे किसी भी अफवाहों का खंडन किया और मैं भी ऐसा ही करने जा रहा हूं, लेकिन ये जरूर कहूंगा कि ये फिल्म ऐसी है जिसकी मुझे तलाश थी. '
आखिरी बार कैटरीना सलमान के साथ 'भारत' में दिखाई दी थीं. वह और सूर्यवंशी की पूरी टीम थिएटर खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे वह अपनी फिल्म 'सूर्यवंशी' रिलीज कर सके.
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3494696c35439d2c0097cf1692cb8570bd887a5b | गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस नेताओं के बयानों को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि मेरे ऊपर कीचड़ उछालने की प्रतियोगिता चलती है। कांग्रेस चाहे जितना कीचड़ उछाल ले। कीचड़ में ही तो कमल खिलता है।
बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर टिपण्णी करते हुए उन्हें रावन कहा था। जिसका जवाब आज पीएम मोदी ने दिया है। खड्गे ने कहा था कि नगर निगम, विधानसभा या फिर लोकसभा चुनाव हो, सब जगह पीएम नरेंद्र मोदी नजर आते हैं। क्या वह 100 सिरों वाले रावण की तरह हैं, जो इतनी जगहों पर नजर आते हैं।
खड्गे के इस बयान पर पीएम मोदी ने कहा- पीएम मोदी ने कहा, मैं कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सम्मान करता हूं। लेकिन वे मुझे 100 सिर वाला रावण बता रहे हैं। पीएम ने कहा, कांग्रेस पार्टी नहीं जानती कि ये रामभक्तों का गुजरात है। वे राम भक्तों की धरती पर रामभक्तों के सामने बोले कि मोदी के रावण की तरह 100 सिर हैं। पीएम मोदी ने कहा, हम सभी को पता है कि कांग्रेस न राम भक्त पर विश्वास करती है। न ही राम के अस्तित्व को मानती है। कांग्रेस रामसेतू पर भी विश्वास नहीं करती। कांग्रेस रामभक्तों का सम्मान नहीं करती। न ही राम के अस्तित्व को मानती है। न ही कांग्रेस अयोध्या में राममंदिर के पक्ष में थी।
भाजपा ने मल्लिकार्जुन खड़गे की इस टिप्पणी को मुद्दा बना लिया और पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान करार दिया। यही नहीं पीएम मोदी की इस टिप्पणी को उसने गुजराती अस्मिता से भी जोड़ दिया है। इससे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता मधुसूदन मिस्त्री ने भी गुजरात चुनाव में पीएम मोदी को औकात दिखाने जैसा बयान दे दिया था, जिस पर विवाद छिड़ गया था। यही नहीं खुद पीएम मोदी ने एक चुनावी सभा में इस पर जवाब देते हुए कहा था कि कांग्रेस कभी मुझे नीच कहती है तो कभी औकात दिखाने की बात करती है।
वही इस पूरे प्रकरण को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के अपमान का जवाब जनता देगी। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जब जब पीएम मोदी का अपमान किया है, गुजरात की जनता से वोट से जवाब दिया है। इस बार भी जनता पीएम मोदी के अपमान का बदला बैलेट पेपर से देगी।
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c0be44f823f5a21283c289f9531508c6f178deb8 | Eng vs SA इंग्लैंड के कोच ने संकेत दिए हैं कि दूसरे टेस्ट मैच से एंडरसन या फिर ब्रॉड दोनों में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता है।
केपटाउन, आइएएनएस। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच में स्पिनर की जगह बनाने के लिए अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड में से किसी एक को बाहर बैठा सकते हैं।
इंग्लैंड अपने खिलाडि़यों की बीमारी से भी परेशान है। उसकी टीम के 10 खिलाड़ी बीमार पड़े हुए हैं। इस सूची में हाल ही में सलामी बल्लेबाज डॉम सिबले का नाम शामिल हुआ है। स्पिनर जैक लीच अब ठीक हो चुके हैं और कोच ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी को टीम कड़ा फैसला भी ले सकती है। पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने सभी तेज गेंदबाज खिलाए थे।
सिल्वरवुड ने कहा कि एंडरसन और ब्रॉड के रूप में हमारे पास बहुत अनुभव है और हम अगर उसे हर मैच में न ले जाएं तो हमारी गलती होगी, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपके युवा सामने आएं तो और अगर हमें स्पिनर के लिए जगह बनानी पड़ी तो हमें देखना होगा कि कौन सा तेज गेंदबाज पिच के मुताबिक ठीक रहेगा। अगर बड़ा फैसला लेने की जरूरत पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। अगला मैच न्यूलैंड्स में होना है और यहां कि पिच स्पिनरों की मददगार मानी जाती है। कोच ने कहा कि हमें न्यूलैंडस में स्पिनर खिलाने के बारे में सोचना होगा।
आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड की टीम को चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहली ही मैच में यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में 107 रन से हरा दिया था। इस मैच में टीम के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाजी जेम्स एंडरसन ने दोनों पारियों में सिर्फ दो विकेट ही लिए थे। वहीं स्टुअर्ट ब्रॉड की बात करें तो उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर कुल 5 विकेट लिए थे। एंडरसन ने दोनों पारियों में एक-एक विकेट लिए जबकि ब्रॉड ने पहली पारी में चार और दूसरी पारी में एक विकेट लिए।
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d9da1a68188728a424c535cf5ddc030cb1a77809 | शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
इस्लाम की विजय यात्रा मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। प्रथम चार खलीफाओं को राशिदुन कहते हैं। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे। इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया। मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था। . 10 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 41वॉ दिन है। साल में अभी और 324 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 325)। .
ख़िलाफ़त और १० फ़रवरी आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बग़दाद, ख़िलाफ़त।
बगदाद एक प्रमुख नगर बग़दाद (بغداد) विश्व का एक प्रमुख नगर एवं ईराक की राजधानी है। इसका नाम ६०० ईपू के बाबिल के राजा भागदत्त पर पड़ा है। यह नगर 4,000 वर्ष पहले पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवाँ मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था तथा नदी के किनारे इसकी स्थिति व्यापारिक महत्व रखती थी। मेसोपोटामिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद वास्तव में शांति और समृद्धि का केंद्र था। 9वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में यह अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ प्रबुद्ध खलीफा की छत्रछाया में धनी व्यापारी एवं विद्वान लोग फले-फूले। रेशमी वस्त्र एवं विशाल खपरैल के भवनों के लिए प्रसिद्ध बगदाद इस्लाम धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ का औसत ताप लगभग 23 डिग्री सें.
इस्लाम की विजय यात्रा मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। प्रथम चार खलीफाओं को राशिदुन कहते हैं। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे। इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया। मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था। .
ख़िलाफ़त 13 संबंध है और १० फ़रवरी 13 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 2 / (13 + 13)।
यह लेख ख़िलाफ़त और १० फ़रवरी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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551c6a9b090290513e159d6ab16f6f3571a9fbd2 | अगर आप कश्मीर सिर्फ हिल स्टेशन घूमने के लिए जाते हैं, तो इस बार यहां स्थित मंदिर को जरूर एक्सप्लोर करें। यकीन मानिए इतना अच्छा लगेगा की आप बार-बार जाना पसंद करेंगे।
कश्मीर की वादियों में घूमना किसे पसंद नहीं है भला. . . . यहां के खूबसूरत नजारे और ठंडी हवाओं को हर कोई इंजॉय करना चाहता है। इसलिए हमारा साल में एक बार कश्मीर जाने का जरूर प्लान बनता है। हालांकि, हम यहां तभी जाना पसंद करते हैं, जब हमारा वादियों में घूमने का मन होता है या फिर हमें शांत माहौल चाहिए होता है। मगर क्या आपने कभी पूजा करने या फिर उपवास को तोड़ने के लिए कश्मीर एक्सप्लोर किया है?
अगर नहीं, तो एक बार जरूर करके देखें क्योंकि यहां पूजा करने का अलग ही मजा है। बता दें कि यहां कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं, जहां पूजा करने के साथ-साथ घूमा जा सकता है। इसके लिए बस आपको हमारा पूरा लेख पढ़ना होगा।
मार्तंड सूर्य मंदिर 8वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था और यह एक कश्मीरी हिंदू मंदिर है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है। इसका निर्माण कर्कोटा राजवंश के तीसरे शासक लालिदादित्य मुक्तापीड़ा ने करवाया था। पहले यह पूरा मंदिर 84 स्तंभों पर टिका हुआ था, जो कश्मीर घाटी का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता था।
हालांकि, 15वीं शताब्दी में कुछ शासकों के आदेश पर मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। इस मंदिर में तैयार की गई कश्मीरी वास्तुकला की काफी सराहना की गई थी। आज भी यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। अगर आपने इस मंदिर को एक्सप्लोर नहीं किया है, तो एक बार जरूर जाएं और करके देखें।
कश्मीर के मंदिरों की बात की जाए और वैष्णो देवी मंदिर का नाम न लिया जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। वैष्णो देवी मंदिरजम्मू और कश्मीर राज्य के कटरा में स्थित एक हिंदू मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि देवी वैष्णो अपने भक्तों की इच्छा पूरी करती हैं। इसलिए लाखों भक्त इस पवित्र स्थान पर आते हैं। यह मंदिर दर्शन करने के लिए चौबीसों घंटे और साल भर खुला रहता है।
यहां माता रानी के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। इस शुभ स्थान का वातावरण आमतौर पर माता का जयकारा और मां वैष्णवी के गीतों से भरा रहता है। हर साल लाखों लोग इस स्थान पर आते हैं और देवी की गुफा तक पहुंचने के लिए लगभग 13 किमी की चढ़ाई चढ़ते हैं।
कश्मीर राज्य में स्थित यह मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। बता दें भगवान राम को समर्पित, इस मंदिर का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह ने करवाया था और बाद में महाराजा रणबीर सिंह ने इसे पूरा किया। (कश्मीर को स्वर्ग बनाती हैं ये 4 जगहें)
इस मंदिर का इंटीरियर भगवान राम और कृष्ण से संबंधित सोने की परत वाले शिखर, कला और चित्रों द्वारा अच्छी तरह से तैयार किया गया है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर सूर्य चिह्न है और इसमें एक पुस्तकालय भी है। इस मंदिर में सात अद्भुत शिखरों के साथ सात हिंदू मंदिर हैं।
खीर भवानी मंदिर कश्मीर के तुल-मूल गांव के पास स्थित है जहां ज्यादातर हिंदू अनुयायी आते हैं। यहां श्रद्धालु पूजा और आस्था के प्रतीक खीर भवानी को चावल और दूध की खीर चढ़ाते हैं। यह मंदिर एक झरने के ऊपर बनाया गया था जिसके भीतर एक छोटा-सा संगमरमर मौजूद है।
इस मंदिर में लोग मई या जून में पूर्णिमा के आठवें दिन वार्षिक उत्सव मनाते हैं। लोगों का यह भी मानना है कि देवी के अवतारों के अनुसार वसंत का रंग बदल जाता है। यहां का नजारा इनता खूबसूरत है कि आपको बहुत अच्छा लगेगा।
कश्मीर के इन मंदिरों को एक्सप्लोर करें और अपना एक्सपीरियंस हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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13b2f3560c63a509bd773f47128b4bfabd6954ae | Punjab Election 2022 के दौरान एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। यहां एक ही पार्टी से एक ही सीट पर 2 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर गए हैं। इसको लेकर लोग पूछ रहे हैं कि असली कौन है। हालांकि, अब इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी (BSP) के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने किया है कि बरजिंदर सिंह हुसैनपुर ने नवांशहर से अपना नामांकन पार्टी के 'फर्जी' टिकट पर दाखिल किया है, जबकि आधिकारिक उम्मीदवार पहले ही पर्चा दाखिल कर चुके हैं।
BSP के प्रत्याशी नछत्तर पाल ने कुछ दिन पहले अपना नामांकन दाखिल किया था। हुसैनपुर ने बाद में एक वीडियो मैसेज में कहा था कि पाल को कुछ लोगों ने बहका दिया था और वो नामांकन वापस लेंगे। उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी विशेष सारंगल की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि हुसैनपुर ने बसपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। लेकिन अभी तक नामांकन वापस नहीं हुआ।
सूचना मिलने के बाद पंजाब में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष गढ़ी नवांशहर गए और निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की है। बाद में नछत्तर पाल और शिअद के नवांशहर प्रभारी जरनैल सिंह वाहिद के साथ, गढ़ी ने बसपा से बरजिंदर सिंह हुसैनपुर के नामांकन को 'फर्जी' करार दिया और कहा कि नवांशहर से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार नछत्तर पाल हैं।
ऐसे में यहां पर एक सीट पर एक ही पार्टी के दो उम्मीदवारों के नामांकन की चर्चा से इस सीट पर अटकलों का दौर तेज हो गया है। गौरतलब है कि बीएसपी इस बार पंजाब में विधान सभा का चुनाव शिरोमणि अकाली दल के साथ लड़ रही है।
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0830187df60873e0fcc6dfad78eb4f274520803e | नवरात्रि में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के 9 दिन रोजाना एक गुलाब के साथ मां दुर्गा को लौंग का एक जोड़ा चढ़ाएं। नवरात्रि में धन प्राप्ति के लिए लौंग का यह टोटका बहुत ही असरदार माना जाता है। इस उपाय को करने से आपके घर में बरकत बढ़ती है और मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
नवरात्रि का महापर्व मां दुर्गा का प्रसन्न करने के साथ ही अपनी शक्तियों को जागृत करने का भी पर्व है। नवरात्रि में बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए भी लौंग का टोटका किया जा सकता है। नवरात्रि में मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उस दीपक में लौंग का एक जोड़ा डाल दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। उसके बाद हनुमानजी की मूर्ति से बात करने के लहजे में अपनी समस्या या फिर अपनी मनोकामना बताएं। ऐसा माना जाता है बजरंगबली के दरबार में आपकी सुनवाई जल्द होगी।
अगर आपके घर में भी अजीब सा नकारात्मकता का माहौल बना हुआ है और आपस में सभी लोगों के बीच में अच्छा तालमेल नहीं है। तो नवरात्रि में लौंग का उपाय आपकी समस्या को दूर कर सकता है। नवरात्रि के नौ दिन रोजाना सुबह लौंग और कपूर का धुंआ पूरे घर में करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
नवरात्रि राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। नवरात्रि में रोजाना आपको लौंग का दान करना चाहिए। इसके अलावा नवरात्रि में शिवलिंग पर रोजाना लौंग का जोड़ा चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी कुंडली से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और आपके घर में खुशहाली आती है।
अगर आपके घर में पैसों को लेकर हमेशा किल्लत बनी रहती है तो नवरात्रि में लौंग का उपाय करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। लौंग का एक जोड़ा छोटे से पीले रंग के कपड़े में बांधकर घर के किसी कोने में लटका दें। या फिर अपने घर के धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से धीरे-धीरे आपकी कमाई बढ़ने लगेगी और पैसों की किल्लत कम होने लगेगी।
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके घर में हर सुख सुविधा है लेकिन आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द नहीं है तो यह नवरात्रि में यह उपाय करने से आपको प्रेम की प्राप्ति हो सकती है। नवरात्रि में अष्टमी के दिन मां दुर्गा के किसी मंदिर में 3 लौंग लाल कपड़े में बांधकर किसी मंदिर में दान कर दें। आपके जीवन में प्रेम बढ़ेगा। इसके साथ ही मां महागौरी को गुलाब की पंखुड़ियों के साथ लौंग का एक जोड़ा चढ़ाएं। उसके बाद इन पत्तियों को अपने कमरे में रख लें और लौंग का जोड़ा चाय में डालकर पति को चाय पिलाएं। मां दुर्गा आपके जीवन को प्यार और खुशियों से भर देंगी।
अगर कई जगहों पर इंटरव्यू देने के बाद भी आपकी नौकरी नहीं लग रही है तो नवरात्रि में लौंग का यह उपाय आजमाकर देखें। नवरात्रि के पहले दिन लौंग का एक जोड़ा अपने ऊपर से 7 बार घुमाएं और उसे मां दुर्गा के चरणों में अर्पित कर दें। उसके बाद नवमी के दिन फिर से यही उपाय करें। आपकी नौकरी में आ रही बाधाएं शीघ्र ही दूर होंगी।
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54c1a43d11a44726fa92b382570cb80bd99de907 | प्रतापगढ़(तरुण मित्र), जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित एवं कम करने के लिये सड़क सुरक्षा नियमों का सभी से कड़ाई से अनुपालन करायें। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क सुरक्षा के नियमों का नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अच्छे से प्रचार प्रसार करें तथा टै्रफिक नियमों की जानकारी जनसामान्य को उपलब्ध करायें। बैठक में जिलाधिकारी ने ई-रिक्शा पर निर्धारित मानक से ज्यादा सवांरियॉ बैठाये जाने पर हो रही दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में एआरटीओ को निर्देशित किया कि ई-रिक्शा यूनियन संघ के साथ बैठक कर उन्हें ई-रिक्शा पर मानक से ज्यादा सवांरियॉ न बैठाने हेतु निर्देशित करें यदि वे इसके बावजूद भी नही मानते है तो ई-रिक्शा चालकों पर कार्रवाई की जाये। उन्होने परिवहन एवं पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया कि शराब पीकर वाहन चलाने व तेज रफ्तार तथा बिना हेलमेट, बिना सीटबेल्ट व ओवर लोडिंग के वाहन चलाने वालों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी ने ईओ नगर पालिका को शहरों में किये गये अतिक्रमण के सम्बन्ध में निर्देशित किया कि शहरों में किये गये अतिक्रमण को हटवाने हेतु पहले तीन दिन अतिक्रमण हटवाने हेतु एनाउन्समेन्ट करवायें यदि नही मानते है तो चौथे दिन चालान की कार्रवाई की जाये और उसके बाद भी सुधार नही आता है तो अतिक्रमण करने वालों के सामानों को जब्त कर लिया जाये। शहर में सड़क के किनारे बालू डम्पिंग के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने ईओ नगर पालिका को निर्देशित किया कि बालू डम्पिंग करने दुकानदारों पर चालान की कार्रवाई करें। अवैध बस अड्डों से शहर में लग रहे जाम के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने ए0आर0टी0ओ0 एवं टीआई को निर्देशित किया कि अवैध बस अड्डों पर आवश्यक कार्रवाई कर जाम की समस्या से निजात दिलाये। ब्लैक स्पाट के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने एनएच, एनएचआई एवं पीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि चिन्हित ब्लैक स्पॉट को जल्द से जल्द से ठीक करायें। हाईवे एवं सड़कों पर अवैध कट के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि हाईवे एवं सड़कों पर अवैध कट को बन्द करें एवं सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को रोड साइट कन्ट्रोल एक्ट के अन्तर्गत नियमानुसार हटाये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। नेशनल हाईवे के रोडों पर जो लिंक रोड जुड़े हुये है उन पर हो रही दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि लिंक रोड पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाये जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके। जिला विद्यालय निरीक्षक के प्रतिनिधि विन्ध्यांचल सिंह को निर्देशित किया गया कि जिला विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति एवं विद्यालय परिवहन की बैठकें करायी जाये, लापरवाही कदापि न बरती जाये। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने गुड्स सेमेरिटन (नेक आदमी) को चिन्हित कर सम्मानित किये जाने सम्बन्धी व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू किये जाने, हिट एण्ड रन दुघर्टना के मामलों, यात्री वाहनों के दुर्घटना के मामलों में परिवहन विभाग द्वारा कराधान/अधिनियम/नियमावली के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सहायता से सम्बन्धित जनपद में लम्बित प्रकरणों की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता एन0के0 यादव, प्रान्तीय खण्ड के अधिशाषी अभियन्ता ओ0पी0 चौरसिया, एआरटीओ दिलीप गुप्ता सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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f226e7b6034cd97330097294728fc762cb6d77ba | जैसा कि हम जानते हैं, 19 मई को सातवें और अंतिम 59 सीटों के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही लोकसभा चुनाव का समापन हो जाएगा और 23 मई को नतीजे आने की बात कही गई है। लेकिन परिस्थितियाँ कुछ अलग बनीं तो चुनाव परिणाम 24 मई को भी आ सकते हैं। अर्थात, नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, यह जानने के 24 मई तक इन्तजार करना पड़ सकता है। कुल मिलकर बात यह है कि अगर चुनाव परिणाम के आँकड़े निर्णायक रहे तो 23 मई को सब कुछ साफ़ पता चल जाएगा लेकिन क़रीबी लड़ाई की स्थिति में आपको एक दिन और इन्तजार करना पड़ सकता है। ख़बरों के अनुसार, 23 मई की जगह अंतिम नतीजे 24 मई को प्राप्त हो सकते हैं।
आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव ख़त्म होने के बाद 21 मई को सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की पेशकश की है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाक़ात भी की। सोनिया ने विपक्षी दलों को यह सन्देश देने की कोशिश की है कि भले ही वे सभी चुनाव पूर्व गठबंधन का हिस्सा न रहे हों लेकिन परिणाम आने के बाद मिली-जुली सरकार के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और हरियाणा के नेता अभय चौटाला पूर्व में मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं। ऐसे में ऊँट किस करवट बैठेगा, ये मई की 23 या 24 तारीख़ को ही पता चलेगा।
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f09f60e57cff2b2aa4d5a552795e1bdcfe342efd | बीकानेर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 75 वी पुण्यतिथि पर बीकानेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा स्मरण सभा और पुष्पांजलि कार्यक्रम कार्यालय में आयोजित किया गया।
इसी कार्यक्रम से पहले राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार आज जिला कांग्रेस कमेटियों को सुबह 10 बजे ध्वजारोहण करना था। ठीक 10 बजे जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने ध्वजारोहण किया।
स्मरण सभा कि अध्यक्षता करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा की महात्मा गांधी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि रहा और सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर उन्होंने अमन और शांति के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये।
प्रदेश कांग्रेस सचिव हाजी जिया उर रहमान आरिफ ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का देश प्रेम और अहिंसा का सिदान्त आज सम्पूर्ण विश्व मे मान्य होता जा रहा है। आज हम सबको गांधी के सिदाँतो पर चलकर देश को असामाजिक ताकतों से बचाना है।
प्रदेश सचिव गजेंद्र सिंह सांखला ने गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारित प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रपिता की उपाधि प्राप्त करना कोई सामान्य बात नही है।
प्रवक्ता नितिन वत्सस ने कहा की आज राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर हम सबको ये संकल्प लेना होगा कि देश के सर्वांगीण विकास हेतु और अमन भाईचारे को बनाये रखने के लिए कार्य करेंगे।
पुण्यतिथि पर आयोजित स्मरण सभा को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम मुस्तफा, प्रेमरतन जोशी पट्टू, किशनलाल इनखिया, ब्लॉक अध्यक्ष सुमित कोचर, ब्लॉक अध्यक्ष आनंद सिंह सोढा, ब्लॉक अध्यक्ष शहजाद खान भुट्टो, ब्लॉक अध्यक्ष जाकिर नागौरी, ओबीसी जिला अध्यक्ष कमल कुमार नागल, पार्षद अभिषेक गहलोत, पार्षद मनोज किराडू, महासचिव ललित तेजस्वी, हरिशंकर नायक,जयदीप सिंह जावा,पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष साजिद सुलेमानी, एससी प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर चवरिया,महिला शहर अध्यक्ष सुनीता गौड़,महिला देहात अध्यक्ष राजकुमारी व्यास, अर्चना नागल, शबनम पठान, सचिव हाजिर खान, विकास तंवर, अब्दुल रहमान लोदरा, करणीसिंह राजपुरोहित,मोहम्मद फारूक, रविकांत वाल्मिकी, एन डी कादरी, धनसुख आचार्य, मनोज व्यास,ने भी संबोधित करते महात्मा गांधी के आदर्शो को अपनाने की बात कही। अंत में 11 बजकर दो मिनट का मौन रखा गया उसके बाद बापू के प्रिय भजन गाए गए।
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17d61c0a7081817d692c3387469b840a9d35dc17 | पड़ोसी होने के नाते जितेंद्र और रिंकी की फैमिलीज में काफी मेल-जोल हो गया था। इसी दौरान जितेंद्र रिंकी को पसंद करने लगा। रिंकी की बहन बबिता ने बताया कि जितेंद्र एकतरफा प्यार करता था। रिंकी अपनी सभी बहनों से सुंदर थी। वहीं जितेंद्र विकलांग है। जितेंद्र ने रिंकी से अपने प्यार का इजहार किया और शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन उसने इससे इंकार कर दिया। रिंकी की तीन बड़ी बहनों की शादी होनी बाकी है। रिंकी ने इस बारे में अपनी फैमिली को बताया तो उन्होंने भी जितेंद्र की बुरी आदतों की वजह से शादी से इंकार कर दिया। हालांकि जितेंद्र की फैमिली रिंकी से उसकी शादी करवाना चाहती थी।
रिंकी अपने परिवार के साथ सनराइज इंक्लेव में रहती थी। परिवार में पिता मोहनलाल, मां विद्यावती, भाई आदर्श और सात बहनें हैं। उसके पिता बीसलपुर में जूनियर हाई स्कूल में प्रिंसिपल हैं। रिंकी इज्जत नगर स्थित विशाल कन्या डिग्री कॉलेज में बीए फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। पड़ोस में जगतपाल उर्फ जीतू उर्फ जितेंद्र रहता है। उसके पिता का नाम प्यारेलाल है। प्यारेलाल बदायूं जिले के मूसाझाग थाना में सिपाही है। जितेंद्र का परिवार करीब पांच साल पहले कॉलोनी में आया था। जितेंद्र लखनऊ से बीटेक कर रहा था लेकिन फेल होने से पढ़ाई छूट चुकी है। जीतू के परिवार में मां शांति देवी और बहनें मीनाक्षी व सपना हैं।
हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।
हॉस्पिटल में रिंकी के परिजनों को धमकाने के लिए जितेंद्र के मामा व अन्य दो लोग पहुंचे। कोतवाली में तहरीर भी दी गई। रिंकी के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सिर्फ जितेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उसके पिता को बचा लिया।
बबिता ने बताया कि शादी से इंकार करने पर जितेंद्र नाराज हो गया था। डेढ़ महीने पहले वह उनके घर आया और जबरन शादी करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उसने रिंकी का गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। किसी तरह परिजनों ने रिंकी को बचाया। तब से जितेंद्र और फैमिली का आना बंद हो गया। बात न फैले, इसलिए रिंकी की फैमिली ने पुलिस से शिकायत नहीं की थी।
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0665d31954e76b221ae15050d544104335f2be14 | अब अवनी के पास कोई और रास्ता नहीं बचा था,क्योंकि पवन दिन-रात वंशिका को याद करता रहता था और वो नहीं चाहती थी पवन की और हालत बिगड़े इसलिए उसने एक फैसला लिया और ये फैसला था वंशिका को चिट्ठी लिखना,
अवनी (वंशिका को चिट्ठी लिखती है)- हाय !!मेरा नाम अवनी है, और मैं दिल्ली शहर की रहने वाली हूं, मैं जानती हूं कि तुम्हारा नाम वंशिका हैं, अब तुम्हें इस बात की हैरानी हो रही होगी कि मुझे तुम्हारा नाम कैसे पता,
दरअसल मैं और पवन एक दूसरे से प्यार करते हैं,और हमारी जल्द शादी भी होने वाली थी, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, हमारी शादी के कुछ दिन पहले ही पवन का एक्सीडेंट हो गया और उसकी याददाश्त चली गई वो अपना present भूल चुका है, उससे सिर्फ अपना past याद है,
जिस मैं नही तुम हो और अब वो तुम्हें पागलों की तरह याद करता है क्योंकि कभी वो तुमसे प्यार करता था, वो बात अलग हैं कि तुमने उसके प्यार को समझा नही, पर अब शायद भगवान ने तुम्हे एक chance दिया है,अब उसके लिए कुछ करने का बस मैं यह चाहती हूं,
तुम पवन की याददाश्त वापस लाने में मेरी मदद करो तुम्हें जल्दी ही सिकर आना होगा पवन के घर, तुम्हारे आने से पवन ठीक हो सकता हैं, बस एक ही ज़िद पकड़ के बैठा हैं कि वो तुमसे मिलना चाहता है, किसी की नही सुन रहा बस दिन रात तुम्हें याद करता रहता हैं, मैं आशा करती हूं कि तुम मेरी बात को समझ को समझो और इंडिया आ जाओ मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगी.
अवनी वह चिट्ठी post office जाकर पोस्ट कर देती है और रोज हर एक नई उम्मीद में होती है उसकी चिट्ठी का जवाब आएगा वह रोज गेट की तरफ देखती है कि कोई पोस्टमैन उसकी छुट्टी उसे देकर जाए पर ऐसा नहीं होता,
काफी दिन बीत जाते हैं पर उस चिट्ठी का कोई जवाब नहीं आता फिर वह खुद post office जाकर वहां पूछती है कि क्या उसकी लंदन से कोई चिट्ठी आई है?? पर वहां पर भी कुछ पता नहीं चल पाता वह बहुत निराश हो जाती है उसे समझ नहीं आता कि अब वह क्या करेगी??
फिर एक दिन योगेंद्र जी का अवनी को फ़ोन आता हैं,
योगेंद्र जी (परेशान हो कर)-अवनी तुम कहाँ हों?? तुम जल्दी से घर आ जाओ पवन की हालत खरब होती जा रही हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूँ??
अवनी (घबरा कर)- आप चिंता मत कीजिए मैं बस वहाँ आती हूँ और पवन से बात करती हूँ.
अवनी पवन के घर के लिए निकल जाती हैं।
जब अपनी पवन के घर पहुंचती हैं तो वह देखती है कि योगेंद्र जी और माया जी एक कोने में बैठे होते हैं, अवनी को वह दोनों बहुत परेशान लग रहे होते हैं अवनी उनके पास जाती है।
अवनी- अंकल,आंटी क्या हुआ सब ठीक तो है ना?
माया जी (परेशान हों कर )- कुछ ठीक नहीं है अवनी बेटा उसने तो ज़िद पकड़ ली कि जब तक वंशिका से नहीं मिलेगा, और अब सो उसने दवाइयां भी छोड़ दी, तुम ही बताओ बेटा अगर वह दवाईया नहीं लेगा तो ठीक कैसे होगा,
अब हम वंशिका को कहां से ढूंढ कर लाए वह इस बात को समझने के लिए तैयार ही नहीं है, मेरा तो दिल बैठा जा रहा है इन सब चक्कर में कहीं मैं अपने बेटे को ही ना खो दूं,
हमें समझ नहीं आ रहा कि हम उसे कैसे समझाएं ना कुछ खा रहा है ना ढंग से हम से बात कर रहा हैं बस एक ही नाम है जुबान पर वंशिका! वंशिका!.
योगेंद्र जी- हां बेटा माया बिल्कुल ठीक कह रही है अब हम हिम्मत हार रहे हैं बेटा हम उसे से घर से बाहर नहीं जाने दे सकते उसकी हालत ठीक नहीं है पर वो यह बात सुनने को तैयार नहीं है, कहता हैं कि हमने उसे घर में कैद करके रखा है अब हम उसे कैसे बताएं कि हमें उसकी कितनी चिंता है, उसे हम नहीं बस वो लड़की दिख रही है जिसके लिए वह अपनी जिंदगी दाऊ पर लगाने के लिए तैयार हैं, अवनी बताओ बेटा हम क्या करें?
अवनी( गुस्से से)- आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं भी जाकर बात करती हूं कि वह यह सब जो कर रहा है ना ना यह उसके लिए ठीक है और ना ही हम सबके लिए ठीक है उसे समझाना बहुत जरूरी है मैं बस अभी आती हूं।
अवनी पवन के कमरे में जाती है जब कमरे में पवन को देखती है तो वह सोफे पर बैठी आंखें मीचे एक गहरी सोच में खोया हुआ होता हैं अवनी जब उसे देखती है तो उसका गुस्सा शांत हो जाता है।
अवनी- पवन?
अवनी उसे धीरे से पुकारती है,
पवन अपनी आंखें खोलता है और अवनी की तरफ देखता है,
पवन - अब तुम यहां क्या कर रही हो तुम भी मुझे समझाने आई हो क्या? मैं किसी की नहीं सुनने वाला और तुम्हारी तो बिल्कुल भी नहीं मुझे वंशिका से मिलना है जब तक मैं वंशिका से नहीं मिल लेता, मैं कोई दवाई नहीं खाऊंगा चाहे कुछ भी हो जाए इसलिए तुम अपना time मत खराब करो और यहां से चली जाओ मुझे कुछ नहीं सुनना,
अवनी- देखो मैं जानती हूं कि तुम वंशिका से बहुत प्यार करते हो उससे मिलना चाहते हो उससे बात करना चाहते हो पर अभी वह यहां नहीं है,और तुम उसके लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हो कम से कम अपने मां बाप के बारे में तो सोचो तो तुमसे कितना प्यार करते हैं,पहले जैसे कि उन्होंने तुम्हें खो ही दिया था,पर वो दुबारा तुम्हें खोना नहीं चाहते इसलिए तुम्हें वह कहीं जाने नहीं दे रहे हैं, पर एक बार उनकी तरफ देखो और उनकी तरह सोचो तब तुम्हें पता चलेगा कि वह अपनी जगह सही है, इसलिए कह रही हो please यह दवाइयां खा लो, और रही वंशिका की बात तो मैं तुम्हें बता दूं वो तुमसे अब प्यार नहीं करती हैं मैंने उसे चिट्ठी लिखी थी तुम्हारी हालत के बारे में बताया फिर भी उसने मेरी चिट्ठी को कोई जवाब नहीं दिया, वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ चुकी है फिर तुम क्यों पीछे पड़े हो ?
एक बार अपने मां बाप के बारे में सोच कर देखो वो तुमसे बहुत प्यार करते हैं उनसे ज्यादा प्यार तुम्हें कोई और नहीं कर सकता वो लड़की भी नहीं, अगर उसे तुम्हारी फिक्र होती तो तुमसे मिलने जरूर आती पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी बात मान जाओ यह दवाई ले लो और अपना ध्यान रखो पवन.
पवन को अवनी की बातें सुनकर उस पर गुस्सा आता है अवनी का हाथ पकड़ के बाहर की और लाता है।
पवन (गुस्से से)- यह मनगढ़ंत कहानियां बनाना बंद करो और मुझे वंशिका के खिलाफ भड़काना भी,तुम्हें क्या पाता कि वो मुझसे कितना प्यार करती थी, अच्छा अब समझ में आया कि तुम यह सब मुझसे क्यों कह रही हो मैं बर्दाश्त नहीं हो रहा ना तुम्हें जलन हो रही है कि कि मैं तुमसे नहीं उससे प्यार करता हूं मुझे नहीं पता कि तुम कौन हो क्या हमारे बीच क्या था वह मुझे कुछ भी याद नहीं और ना ही मैं याद करना चाहता हूं मुझे सिर्फ वंशिका से प्यार है और मैं उसी के साथ अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं, इसलिए अपनी बकवास बंद करो और यहां से चली जाओ और अब दुबारा वंशिका के खिलाफ एक word भी बोला ना तो मुझसे बुरा और कोई नहीं होगा,
अवनी (रोते हुए)- मेरा यकीन करो मैं सच कह रही हूं मैंने उससे मदद मांगी थी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया मैं सच बोल रही हूं, अच्छा तुम यह चाहते हों ना कि मैं यहां से चली जाऊं तो ठीक है मैं चली जाऊंगी पर तुम दवाइयां खा लो प्लीज मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं.
पवन (चिढ़ते हुए)- यह सब नाटक मेरे सामने मत करो मुझे कोई दवाई नहीं खानी जब तक मैं वंशिका से नहीं मिलूंगा, और मैं इतना कमजोर नहीं हूं कि कुछ दिन दवाइयां नहीं खाऊंगा तो मर जाऊं मैं अपने आप को संभाल लूंगा तुम्हें मेरी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है,
पवन अवनी की हाथ से दवाइयां फेंक देता है, ये सब कुछ पवन के मां-बाप देख रहे होते हैं, और वह दवाइयां जाकर बाहर खड़ी दरवाजे पर एक लड़की के पैरों पर जाकर गिरती है,
क्या वंशिका सच में अवनी की मदद करने के लिए आई है या उसके पीछे कोई उसका मकसद है???
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ea02cb5db036a396f7562b07b40c67f2d3b3fa9a | जब भी हमें कोई सामान लेना होता है, तो हम ऐसे बाजारों की खोज में होते हैं जहां हमारी जरूरत की हर एक चीज मिल जाए और वो भी कम दामों में। लेकिन कई बार हमें अपनी जरूरत की चीजें नहीं मिल पाती हैं। ऐसे में हमें कई बार उन चीजों को लेने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है, और महंगे दामों पर उस चीज को लेना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली एक ऐसी जगह है, जहां आपको हर तरह की चीजें मिल जाएंगी। यहां कई ऐसे बाजार है, जहां आपको अपनी जरूरत का सामान बड़ी ही आसानी से मिल जाएगा। तो चलिए जानते हैं इन बजारों के बारे में।
- अगर आपको अपने नाप की जींस नहीं मिल रही है या आपकी पसंद की जींस कहीं नहीं है, तो फिर आप दिल्ली में स्थित टैंक रोड जा सकते हैं। यहां आपको सभी ब्रांड, नाप और सभी आकार की जींस आसानी से मिल जाएंगी और वो भी अच्छे दामों पर। यहां लोग दूर-दूर से शॉपिंग करने आते हैं, और अपनी पसंद की जींस लेकर जाते हैं।
- आप किताबें पढ़ने का शौक रखते हैं, आपको अपने लिए या अपने बच्चों के लिए कोई किताबें नहीं मिल रही हैं। तो फिर आप नई सड़क का रूख कर सकते हैं। यहां आपको सभी किताबें बड़ी ही आसानी से मिल जाएगी और वो भी अच्छे दाम पर। यहां पुरानी से पुरानी और नई से नई किताबें मिलती हैं।
- बात जब महिलाओं की शॉपिंग की आती है, तो उनको कई ऐसी चीजें चाहिए होती हैं, जो कई बार आम मार्किट में नहीं मिल पाती। कई बार उनकी पसंद इतनी अलग होती है कि उन्हें अपनी चीज के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है, लेकिन यहां हम आपको बता दें कि महिलाओं के लिए सरोजिनी नगर की स्ट्रीट शॉपिंग काफी मशहूर है। यहां महिलाओं के कपड़े सस्ते में और न्यू डिजाइन के आसानी से मिल जाते हैं।
- खाने-पीने का शौकीन कौन नहीं होता? हर कोई चाहता है कि वो घर पर जो भी खाना बनाए उसमें स्वाद आए, जिसके लिए आपको अच्छे मसालों की जरूरत होती है। लेकिन कई बार हमें बाजारों में अच्छे मसाले नहीं मिल पाते। ऐसे में आप दिल्ली में स्थित खारी बावली जा सकते हैं। यहां आपको तमाम तरह के अलग-अलग मसाले मिल जाएंगे, जो आपके खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।
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c4b4f26a71910ba65668b0d7c6b9be16fedcc3f6 | जनता से रिश्ता वेबडेस्क : कनाडा के सांसद चंद्रकांत आर्य, अपनी पत्नी के साथ, तुमकुरु जिले के सिरा तालुक में अपने पैतृक गांव द्वारलु गए और पड़ोसी गजजीगढ़हल्ली में देवी लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना की। आर्य अपने बचपन के दोस्तों, रिश्तेदारों और गांव के लोगों से मिले। श्री सिद्धार्थ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, हलप्पा फाउंडेशन, आदर्श फाउंडेशन और मातृछाया संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में आर्य और उनकी पत्नी संगीता को रविंद्र कला निकेतन में सम्मानित किया गया।
मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान भारत में राजनीति के बारे में अपनी राय पर एक सवाल के जवाब में आर्य ने कहा, "मैं भारतीय राजनीतिक दलों और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में नहीं जानता। इसलिए मेरी कोई टिप्पणी नहीं है। "
"कनाडा और भारत के बीच का अंतर समाज है। लोकतंत्र में, हमें वह मिलता है जिसके हम हकदार हैं और हमें सरकार और पार्टियों को दोष नहीं देना चाहिए। कनाडा में, हम लोगों से डरते हैं क्योंकि समाज मजबूत है। अगर मैं काम नहीं करता, तो मैं करूंगा निर्वाचित नहीं होना चाहिए और अगर मेरी सरकार काम नहीं करती है, तो लोग इसे नहीं चुनेंगे। समाज की ताकत तय करती है कि देश कैसे काम करता है। "एक संवाद सत्र में उन्होंने कहा, "मैं कनाडा की संसद में एक विधेयक पेश करूंगा जिसमें हर साल हिंदू विरासत माह मनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। " उन्होंने कहा कि कनाडा बहुसांस्कृतिक देश है। उन्होंने कहा, "150 से अधिक देशों के लोग वहां रहते हैं और हम सभी की संस्कृति का सम्मान करते हैं। नवंबर को हिंदू विरासत माह के रूप में मनाने की योजना बनाई गई है। "
58 वर्षीय आर्य लिबरल पार्टी के सदस्य हैं और बैंगलोर विश्वविद्यालय और कर्नाटक विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। पिछली बार अपने चुनाव में, आर्य ने कनाडा की संसद में कन्नड़ में एक बयान दिया, जिसकी कर्नाटक में व्यापक सराहना हुई। आर्य और उनकी पत्नी को सम्मानित करने के बाद, पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने कहाः "अगर मैं ऑस्ट्रेलिया में होता, तो मैं सांसद बन जाता। " उन्होंने कहा कि उन्हें आर्य पर गर्व है, जो तीन बार सांसद रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्य नगर नियोजन और शिक्षा पर सात देशों की समिति के अध्यक्ष हैं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति के सदस्य भी हैं।
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e0d77b90bfe5bcbaf68cf7e43d82a84d5b2860a9 | असली वजह के बारे में अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.
नई दिल्लीः मेक्सिको (Mexico) में 'प्रेत आत्माओं' से इलाज के नाम पर एक महिला को मेंढक का धुआं दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. हालांकि, उसकी मौत की असली वजह के बारे में अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.
डेली स्टार के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने मेक्सिको के सोनोरा में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान 41 साल के Juan Pablo और 30 साल के 41, Juan Diego के तौर पर हुई है. जो 'प्रेत आत्माओं' से इलाज करवाने का दावा करते थे. वहीं मरने वाली महिला की पहचान 31 साल की Perla N के तौर पर हुई है.
खबर के मुताबिक, इस महिला के साथ इस अजीबोगरीब पारंपरिक इलाज में 6 और लोग भी शामिल थे. दरअसल, मेक्सिको में इस पारंपरिक इलाज में लोगों को पेरुवियन मेंढक (Peruvian frog) के जहर का धुआं दिया जाता है.
मेक्सिको की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला को उसके परिजन ही इलाज के लिए ले गए थे. जहां गिरफ्त में इन दो लोगों ने दावा कि वह पारंपरिक तौर पर इलाज करते हैं. दरअसल, लैटिन अमेरिका के कई देशों में इस तरह से कई जहरीले मेंढक से लोगों का इलाज करने का दावा किया जाता है.
पोर्न स्टार ने की थी ऐसे ही हत्या !
पोर्न स्टार नाको विडल (Porn actor Nacho Vidal ) ने भी इसससे पहले फैशन फोटोग्राफर जोश लुइस (Jose Luis) को साल 2019 में कोलोराडो नदी में पाए जाने वाले टोड का जहर पारंपरिक इलाज के नाम पर दिलवाया था. फोटोग्राफर कोकीन लेने के लती थे. इसके बाद फोटोग्राफर की मौत हो गई थी.
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a2c5097c8abd043ca1e9e89df86d9b4c83060e489fece8aaab3b21b2903344be | गौतम वृद्ध और उनके उपदेश
प्रतीक रूपो को अपने में सम्मिलित कर सकती है। जो लोग इस व्यापक उदार दृष्टिकोण के लिए अभी तैयार नहीं है उनके लिए वह हीनयान सम्प्रदाय का उपयोग करती है। ज्ञानियों को सत्य का दर्शन कराने के अनेक मार्ग है । अन्तर्गढ- सत्ता की विविध अभिव्यक्तियो के रूप में अनेक प्रतीको को सहन और स्वीकार करने की क्षमता ने महायान धर्म को यह शक्ति दी है कि वह अपने आपको नवीन परिस्थितियों के अनुकूल बना सके । उसका अध्यात्म-गास्त्र और धर्म हिन्दू धर्म के सवल प्रभाव में विकसित हुआ है। हिन्दू धर्म की देव-सृष्टि से अनेक देवो श्रौर देवियो को स्वीकार कर लिया गया है। महायान में निर्वाण का वर्णन ऐसा किया गया है कि वह पहले से ही सम्पन्न सत्य तथ्य है । उसका निर्माण नहीं होता। जैसे ही हमारा ज्ञान नष्ट होता है निर्वाण हमें मिल जाता है। निर्वाण का अर्जन या सर्जन नहीं होता। निर्वाण न मुक्तानुवन्धी है और न उसका विनाश हो सकता है। समस्त प्रयोग-सिद्ध विभेदो और पदार्थों से वह ऊपर है । ज्ञान और प्रेम उसमें एकाकार है। जिन लोगो में बोधिचित्त सजग हो जाता है वे भूतसमुदाय की रक्षा के लिए अपने आपको बलिदान कर देते है । यह सामारिक जीवन निर्वाण की सत्ता से हमे दूर नहीं ले जाता । उपपन्नता भी अस्तित्व ही है । यद्यपि यह जीवन प्रसत् है फिर भी अर्थ - हीन नहीं है । विमलकीर्ति-सूत्र का कथन है ---"जैसे कमल पुष्प सूखी धरती पर नहीं उत्पन्न होता वल्कि जलमय अन्व कीचड से उत्पन्न होता है, उसी प्रकार बोधिचित्त या ज्ञानमय हृदय की उत्पत्ति होती है। कामना और पाप के पक से ही बुद्धत्व के वीज प्रकुरित और विकसित होते है। जब हम इस वृद्ध- प्रकृति, बोधिचित्त का विकास कर लेते हैं जो बुद्ध को तात्विक प्रकृति है, तब हम समस्त बुद्धो के साथ एक हो जाते है,
तव हमें प्रज्ञा अथवा आध्यात्मिक ज्ञान दीप्ति और करुणा अथवा निस्वार्थ परहितरति प्राप्त हो जाती है ।
महायान बौद्ध धर्म ने लोगो को न केवल बुद्धो के स्वर्ग का आह्वान दिया बल्कि धरती पर एक व्यवस्थित और स्वस्थ जीवन की भी प्रेरणा दी। उसका उद्देश्य था सभी मनुष्यो को सुखी बनाना । ससार में जीवन को प्रेरणा धर्म-भावना से मिलनी चाहिए। जैसे अर्हत का आदर्श हटा कर उसका स्थान बोधिसत्व के प्रदर्श ने ले लिया, ठीक उसी प्रकार तापस के आदर्श का स्थान गृहस्थ के आदर्श ने ले लिया । कामना यह थी कि ससार में रहा जाय पर ससार का बन कर नही। महन्तो की परम्परा चलती रही पर देव-विभूति- सम्पन्न सामान्य व्यक्ति को भी गौरव-पद दिया गया । संस्कृत ग्रन्थ विमलकीर्तिनिर्देश' में वर्णित विमलकीर्ति का चरित्र बताता है कि कैसे हम लोगो में घुल-मिल सकते है, घरो में रह सकते हैं सामान्य लोगो और पापियो के मित्र बन सकते है और फिर भी साधु बने रह सकते है । विमलकीति बैशाली में रहते थे पर 'केवल जीवो की रक्षा के आवश्यक उपाय के निमित्त अत्यन्त सम्पन्न, सर्वदा दीनो की चिन्ता करने वाले आत्मानुशासन में विशुद्ध, समस्त धार्मिक उपदेशो का पालन करने वाले, शान्ति के अभ्यास से समस्त क्रोध दूर करते हुए, उद्यम के अभ्यास से समस्त आलस्य दूर करते हुए, एकाग्र चिन्तन से समस्त क्षोभ मिटाते हुए, ज्ञान की पूर्णता से समस्त प्रज्ञान दूर करते हुए, यद्यपि वह सामान्य गृहस्थ मात्र थे फिर भी शुद्ध विहारिक अनुशासन
मूल संस्कृत ग्रन्थ खो गया है पर उसके चीनी रूपान्तर का अंग्रेजी अनुवाद प्रोफेसर इदुमो ने किया है --Eastern Buddhist III, ( १६३८-३६)
का पालन करते थे, यद्यपि उनके एक पत्नी थी और बच्चे थे फिर भी वह शुद्ध धर्माचरण का पालन करते थे, यद्यपि वह परिवार से घिरे थे, फिर भी वह सासारिक जीवन से अपने को बिलकुल अलग रखते थे, यद्यपि हीरक जटित सासारिक आभूषणो का प्रयोग करते थे फिर भी वह आध्यात्मिक विभा से विभासित थे, यद्यपि खाते-पीते थे फिर भी चिन्तन के श्राह्लाद से प्रानन्द पाते थे, यद्यपि द्यूतशालाम्रो मे जाते थे फिर भी जुग्रारी लोगो को सत्-पथ का प्रदर्शन करते थे, यद्यपि किम्बदन्तियो और पाखण्ड-पन्थो के ससर्ग में आते थे फिर भी अपनी सत्य - श्रद्धा पर कभी
नने देते थे, यद्यपि सासारिक विद्या का उन्हें गम्भीर ज्ञान या फिर भी बुद्ध द्वारा उपदिष्ट प्राध्यात्मिक तथ्यों में ही उन्हें सर्वदा आनन्द मिलता था, यद्यपि सभी प्रकार की वृत्तियों या व्यवसायो से वह लाभ उठाते थे फिर भी उनमें निमग्न हो जाने से बहुत दूर रहते थे, सर्वदा विद्यालय में प्रवेश करने पर युवको और ज्ञानियों को उपदेश देते थे, व्यभिचार के अड्डो या वेश्यालयों में प्रवेश करने पर सब को कामूकता की बुराइयाँ स्पष्ट करते थे, मद्य-विक्रेता की दुकान पर पहुँचने पर सबको उच्चतर पदार्थों की खोज के लिए प्रेरित करते थे, धनिको के बीच सद्धर्म का उपदेश देते थे, क्षत्रियो को शान्ति सिखाते थे, ब्राह्मणों के बीच पहुँचने पर उनका दर्प दूर करते थे, महामत्रियो को न्याय का उपदेश देते थे, राजकुमारों को निष्ठा कम कीजिये और पितृ-भक्ति का उपदेश देते थे, राजदरवार की महिलाओ को ईमानदारी का उपदेश देते थे, जनता मे सद्गुणो की कामना और रक्षा का उपदेश देते थे ।" अपने अद्वैत अध्यात्म शास्त्र और आस्तिक-धर्म से समन्वित, महायान शाखा के अनेक सिद्धान्त और उनके विस्तृत प्रयोग भगवद्गीता के उपदेशो से मिलते जुलते, उनके | pdf |
b7a52bad4a97cd49e116634e39d65014c9bffade | एकता कपूर को विश्वास है की, रजत टोकस और श्वेता बासु की जोड़ी छोटे परदे पर बिजलियाँ गिराएगी!
'चंद्रनंदिनी' में सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और राजकुमारी नंदनी की कहानी हैं जो की नफरत से लिखी गई मोहब्बत की दास्तां है।
आज से टेलीकास्ट होने वाला शो 'चंद्र नंदिनी' का इंतजार दर्शक बेसब्री से कर रहे हैं। जिस तरह सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और राजकुमारी नंदनी की प्रेम कहानी को प्रमोट किया जा रहा हैं उससे शो को देखने की जिज्ञासा बढ़ गयी हैं। प्रोमो देखने से यह जरूर लगता है कि यह एक प्रेम कहानी नहीं बल्कि बदले की भावना पर रची गई कहानी हो।
शो 'चंद्र नंदिनी' के जरिए चंद्रगुप्त और उनकी योद्धा पत्नी राजकुमारी नंदिनी की प्रेम कहानी के बारे में बताया गया हैं। शो शाही जोड़े की कहानी और चंद्रगुप्त मौर्य की जिंदगी के अनछुए पन्नों को पलटेगी, जहां एक-दूसरे से नफरत करने वाले दो लोग एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं। शो मेकर्स एकता कपूर चंद्रगुप्त मौर्य और राजकुमारी नंदनी की कहानी नया अंदाज में दर्शको के सामने पेश करेगी, साथ ही दर्शको को लुभाने के लिए कहानी में अलग अलग ट्रैक डाले जायेंगे। जिससे शो में बहुत सारे धमाकेदार ट्विस एंड टन आएगे।
'चंद्र नंदिनी' शो में एक बार फिर रजत टोकस नजर आएंगे। इस बारे में एकता का कहना था कि वह अपने काम को लेकर बहुत सेंसटिव हैं इसीलिए उन्हें इस शो में लिया गया। रजत का कहना था, 'मैं ताकतवर सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का किरदार निभाने को लेकर बहुत उत्सुक हूं। उसकी और नंदिनी की कहानी टीवी पर अब तक दिखे शो से कतई अलग है। यह नफरत से लिखी गई मोहब्बत की दास्तां है। 'मकड़ी' और 'इकबाल' फिल्म में नजर आईं श्वेता बसु प्रसाद राजकुमारी नंदिनी के किरदार में नजर आएंगी। शो में अर्पित रंका राजा पद्मानंद, पापिया सेनगुप्ता मूरा, मानसी शर्मा रानी अवंतिका और मराठी कलाकार मनोज कोल्हाटकर चाणक्य के किरदार में है।
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8da3e26d7035750b27d1e0ad5398f86616b3594e | हेमंत सोरेन की तरफ से पत्नी को इंडस्ट्रियल लैंड आवंटित होने पर बीजेपी के नेता और पूर्व सीएम रघुवर दास ने मीडिया से कहा कि सोरेन खुद उद्योग विभाग देखते हैं और बिजुपारा में जमीन देने के लिए उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने भी झारखंड में खदानों के पट्टे हासिल किए हैं।
रांची। खदान का पट्टा लेने के मामले में घिरने के बाद अब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन नए विवाद में फंस गए हैं। मामला 11 एकड़ के इंडस्ट्रियल लैंड का है। आरोप है कि सोरेन ने ये जमीन अपनी पत्नी को दे दी। जमीन रांची के बिजुपारा इलाके में है। आरोप इसलिए संगीन हैं, क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन खुद उद्योग मंत्रालय देखते हैं। बीजेपी ने इस मामले में हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM से जवाब मांगा है। इससे पहले सोरेन को रांची में ही खदान का पट्टा आवंटित हुआ था और पिछले साल जून में लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया था। मसला झारखंड हाईकोर्ट में गया था। बीते 8 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई होने पर झारखंड सरकार के वकील राजीव रंजन ने कहा था कि सरकार से गलती हुई और पट्टा वापस हो गया है।
हेमंत सोरेन की तरफ से पत्नी को इंडस्ट्रियल लैंड आवंटित होने पर बीजेपी के नेता और पूर्व सीएम रघुवर दास ने मीडिया से कहा कि सोरेन खुद उद्योग विभाग देखते हैं और बिजुपारा में जमीन देने के लिए उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने भी झारखंड में खदानों के पट्टे हासिल किए हैं। दास ने कहा कि सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि अभिषेक ने 8 अप्रैल 2021 को साहेबगंज जिले में शिवशक्ति एंटरप्राइज कंपनी के नाम से खदान का पट्टा लिया। फिर इसमें 90 लाख का निवेश भी किया। वहीं, पंकज मिश्रा को भी साहेबगंज में महाकाल स्टोन कंपनी के नाम पर खदान का पट्टा दिया गया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रिय भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी के इन आरोपों का जवाब हम देंगे। ये जवाब आज या कल में पार्टी की ओर से दिया जा सकता है। हालांकि, ये तय है कि खदान मसले की तरह इंडस्ट्रियल लैंड देने के मामले के भी कोर्ट जाने के आसार हैं और इसमें हेमंत सोरेन सरकार की किरकिरी होने के पूरे आसार हैं।
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bc2a5819a43018eebdd3e90e4c99fe093751feea | जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान नगर निगम, जबलपुर ने तैयब अली से घंटाघर तक स्मार्ट रोड के लिए जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने के मामले में अभिवचन दिया कि अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की युगलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल को निर्धारित की है। हाई कोर्ट ने समान मुद्दे से जुड़ी एक अन्य याचिका भी इसके साथ संलग्न कर दी है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सतीश चंद्र बटालिया ने याचिका दायर कर बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए नगर निगम ने उनकी संपत्ति से सात फुट जगह अधिग्रहण करने के लिए नोटिस भेजा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि नियम के अनुरूप नगर निगम को पहले मार्केट रेट पर मुअावजा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता का पूरा भवन बकायदा नक्शा स्वीकृत कर बनाया गया है। निगम ने तर्क दिया है कि यह लीज की जमीन है, इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इसी मुद्दे को लेकर असगर अली एवं निलोफर अली ने भी याचिका प्रस्तुत की है। मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करने के निर्देश दिए।
जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी व सचिव राजेश तिवारी ने जिला अदालत, जबलपुर में सुरक्षा को सख्त करने पर बल दिया है। यहां अपराधी खतरा बने रहते हैं। वे जब चाहे तब आतंक मचा देते हैं। पूर्व में ऐसा हो चुका है। इसके बावजूद प्रत्येक गेट पर ठीक से सुरक्षा बल तैनात नहीं है। इससे वकील व पक्षकार असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक को शीघ्र ही पत्र सौंपा जाएगा। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। इसे लेकर रणनीति निर्धारित की जा रही है। शीघ्र ही कार्यकारिणी की बैठक आहूत की जाएगी।
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72d70dcac766251344b7c7987cdc984b7982128d7a74965fc124d3975fa32ee7 | बिना कुछ कहे तीनों भाई उसके पीछे पीछे चल दिये। वे सब पानी की एक ऐसी जगह आ गये जहाँ वह कई धाराओं में वह रहा था और बहुत आवाज कर रहा था ।
देवदूत ने सबसे बड़े भाई से पूछा - "तुम क्या लेना पसन्द करोगे?"
बड़ा भाई वोला " मैं चाहता हूँ कि यह सारा पानी शराब बन
जाये और फिर यह सारी शराब मेरी ही हो ।
यह सुन कर देवदूत ने अपनी डंडी से हवा में कास का निशान बनाया और पल भर में ही सारा पानी शराब में बदल गया । नदी के किनारों पर बहुत सारे बैरल आ गये और बहुत सारे लोग बड़ी मेहनत से काम करने लगे । यों समझो कि वहाँ तो पूरा का पूरा एक गाँव ही बस गया ।
इस तरह देवदूत ने उसकी इच्छा पूरी की और उसको वहाँ छोड़ कर चल दिया "जिस चीज़ की तुमने इच्छा की थी वह सब यहाँ मौजूद है और यह सब तुम्हारी है।
इसके बाद वह दूसरे दोनों भाइयों को साथ ले कर चला । आगे चल कर वह एक फाख्ताओं से भरे मैदान में आया तो उसने दूसरे भाई से पूछा - "तुम्हें क्या चाहिये?"
"मैं चाहता हूँ कि ये सारी फाख्ताऐं भेड़ें बन जायें और वे सब मेरी हों ।" पहले की तरह से देवदूत ने हवा में अपनी छड़ी से एक कास बनाया और सारी फाख्ताऐं भेड़ बन गयीं ।
वहाँ पर और भी डेरी थीं जिनमे स्त्रियॉ दूध निकाल रही थी दूध पलट रही थीं मक्खन बना रही थीं चीज़ बना रही थीं । वहाँ एक कसाईखाना भी था जिसमे भेड़ों को काटा जा रहा था । कुछ उनको तौल रहे थे कुछ लोग मॉस को बेच कर उससे जो पैसे मिले थे उन्हें गिन रहे थे ।
देवदूत ने दूसरे भाई से कहा "लो यह लो तुम्हारी इच्छा पूरी हुई । अब यह सब तुम्हारा है ।" कह कर वह तीसरे भाई के साथ आगे चल दिया ।
वे एक मैदान पार कर रहे थे तो देवदूत ने उससे पूछा - "तुम्हें क्या चाहिये?" उसने कहा "मुझे कुछ नहीं चाहिये केवल असली ईसाई खून की एक पत्नी चाहिये ।
"ओह यह तो मिलना बड़ा मुश्किल है । सारी दुनिया में केवल तीन स्त्रियाँ ही ऐसी हैं जो असली ईसाई खून की हैं जिनमें से दो की तो शादी हो चुकी है। तीसरी को दो लोग माँग रहे हैं ।
सो वह नौजवान और देवदूत उधर ही चल दिये जहाँ वह तीसरी लड़की रहती थी । बहुत दूर चलने के बाद वे दोनों एक शहर में पहुॅचे जहाँ के राजा की बेटी असल ईसाई खून की लड़की थी । जैसे ही वे लोग वहाँ पहुॅचे तो राजा से उसकी बेटी का हाथ मॉगने के लिये महल पहुॅचे । जब वे महल में घुसे तो दो राजा वहाँ पहले से ही बैठे हुए थे।
शादी की भेंटें मेज पर लगी थीं। उन्होंने भी अपनी भेंट मेज पर लगा दी जो वे अपने साथ ले कर आये थे ।
जब राजा ने उन्हें देखा तो उनके सामने खड़े हो कर बोला "अब मैं क्या करूँ ? ये भेंटें हैं तो राजाओं की पर इस भिखारी की लायी हुई भेंट की तुलना में तो ये एक भिखारी की भेंटें लग रही में हैं।
देवदूत बोला "मैं बताता हूँ कि आप क्या करें । इस मामले का फैसला हम इस तरह से करते हैं । लड़की अंगूर की तीन बेलें लेगी और उन्हें अपने बागीचे में लगा देगी - हर एक बेल एक उम्मीदवार के नाम की । अगले दिन जिस किसी की बेल पर अंगूर लगे होंगे लड़की उसी से शादी कर लेगी । "
सब लोग इस बात पर राजी हो गये । लड़की ने अपने बागीचे में तीन बेलें लगा दीं हर उम्मीदवार के नाम की ।
अगली सुबह जब सब लोग उठे तो उन्होंने देखा कि केवल गरीब आदमी के नाम वाली बेल पर अंगूर आये हुए थे । सो राजा के पास अब और कोई चारा नहीं था कि वह उस गरीब लड़के से अपनी बेटी की शादी कर दे । तुरन्त ही चर्च में उनकी शादी हो गयी ।
शादी के बाद देवदूत उन दोनों को जंगल ले जा कर छोड़ आया जहाँ वे पूरे एक साल तक शान्ति से रहे । एक साल के बाद भगवान ने देवदूत को फिर से धरती पर भेजा ।
उसने कहा
"जाओ देवदूत । धरती पर फिर से जाओ और
देखो कि वे गरीब लोग कैसे रह रहे हैं। अगर वे अभी भी गरीबी में रह रहे हो तो जा कर उनको अच्छा खाना खिलाओ ।
सो देवदूत एक बार फिर से धरती पर आया और एक भिखारी का रूप रख कर पहले वाले भाई के पास पहुॅचा जिसके पास वाइन वाइन की नदी के किनारों से बाहर छलकी पड़ रही थी और उससे पीने के लिये एक गिलास वाइन मॉगी ।
पर उस आदमी ने उसे यह कहते हुए वाइन देने से मना कर दिया कि अगर वह सबको ऐसे ही वाइन देता रहा तो उसके अपने पास तो कुछ बचेगा ही नहीं।'
देवदूत ने जब यह सुना तो उसने अपनी डंडी से हवा में कास का निशान बनाया तो पहले तो नदी में पड़ी शराब का पानी बन गया फिर वह वहाँ से चलते समय बोला "यह तुम्हारे लिये नहीं था । जाओ तुम अपने नाशपाती के पेड़ के पास वापस जाओ और उसकी देखभाल करो ।
उसके बाद वहाँ से देवदूत दूसरे भाई के पास चल दिया जिसके पास बहुत बड़े मैदान में चीज़ मक्खन दूध दही आदि बिखरे पड़े थे । वहाँ पहुँच कर उसने उससे एक कौर भेड़ के मॉस का माँगा तो उसने उसे यह कहते हुए मना कर दिया कि "अगर मैं ऐसे ही सबको खिलाता रहा तो मेरे पास तो कुछ रह ही नहीं जायेगा ।" | pdf |
158037389ff2cf421504b3977c93af3a10647d3c | रायपुर। देशभर में अन्नदाता कोरोना की मार से सहमे हुए हैं. ऐसे में किसानों पर फर्टिलाइजर की बढ़ती कीमतें वार कर रही हैं. जिससे किसानों को परेशानियां हो रही है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है. मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय उर्वरक मंत्री को पत्र लिखा है. साथ ही फर्टिलाइजर की बढ़ी कीमतें कम करने की मांग की है.
इस दौरान रविंद्र चौबे ने कहा कि पहली बार खाद की कीमतों में वृद्धि हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा था किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, लेकिन खाद की कीमतें दोगुनी हो गई है. ऐसे में रविंद्र चौबे ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कृषि और केंद्रीय उर्वरक मंत्री को पत्र लिखा है.
इसके अलावा रविंद्र चौबे ने देश के अन्य राज्यों के कृषि मंत्रियों को भी पत्र लिखा है. उनसे अपील की है कि खाद की कीमतों में कमी के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखें, अगर खाद की कीमतें कम नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान होगा.
बता दें कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में PM Kisan Yojana लांच की थी. केंद्रीय वित्त मंत्री और पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी. किसानों को मिलने वाली आर्थिक मदद बढ़ाए जाने की बात कही थी. जिससे किसानों को कुछ हद तक राहत मिलने के आसार थे, लेकिन फर्टिलाइजर की बढ़ती कीमतें किसानों को निराश कर रही हैं.
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8aa40e4dd904071db920500df971c283f86ec16069938f80a5f989f0d9dc6a87 | मारण प्रयोग
तन्त्र ग्रन्थों में मारण, मोहन, उच्चाटन आदि के कितने ही प्रयोग मिलते हैं। शत्रु नाश के लिये मारण प्रयोगों को काम में लाया जाता है। मारण कितने ही प्रकार का होता है। एक तो ऐसा है जिससे किसी मनुष्य की तुरन्त मृत्यु हो जाए। ऐसे प्रयोगों में "घात" या "कृत्या" प्रसिद्ध है। यह शक्तिशाली तान्त्रिक अग्नि अस्त्र है, जो प्रत्यक्षतः दिखाई नहीं पड़ता, तो भी बन्दूक की गोली की तरह निशाने पर पहुँचता है और शत्रु को गिरा देता है। दूसरे प्रकार के मारण, मन्द-मारण कहे जाते हैं। इनके प्रयोग से किसी व्यक्ति को रोगी बनाया जा सकता है। ज्वर, दस्त, दर्द, लकवा, उन्माद, मतिभ्रम आदि रोगों का आक्रमण किसी व्यक्ति पर उसी प्रकार हो सकता है, जिस प्रकार कीटाणु बमों से प्लेग, हैजा आदि महामारियों को फैलाया जा सकता है।
इस प्रकार के प्रयोग नैतिक दृष्टि से उचित हैं या अनुचित यह प्रश्न दूसरा है, पर इतना निश्चित है कि यह असम्भव नहीं, सम्भव है। जिस प्रकार विष खिलाकर या शस्त्र चलाकर किसी मनुष्य को मार डाला जा सकता है, वैसे ही ऐसे अदृश्य उपकरण भी हो सकते हैं, जिनको प्रेरित करने से प्रकृति के घातक परमाणु एकत्रित होकर अभीष्ट लक्ष्य की ओर दौड़ पड़ते हैं और उस पर भयंकर आक्रमण करके ऊपर चढ़ बैठते हैं और परास्त करके प्राण संकट में डाल देते हैं। इसी प्रकार प्रकृति के गर्भ में विचरण करते हुए रोग विशेष के कीटाणुओं को किसी व्यक्ति विशेष की ओर विशेष रूप से प्रेरित किया जा सकता है।
'मृत्यु किरण' आज का ऐसा ही वैज्ञानिक आविष्कार है। किसी प्राणी पर इन किरणों को डाला जाए, तो उसकी मृत्यु हो जाती है। प्रत्यक्ष देखने में उस व्यक्ति को किसी प्रकार का घाव आदि नहीं होता, पर अदृश्य मार्ग से उसके भीतर अवयवों पर ऐसा सूक्ष्म प्रभाव होता है कि उस प्रहार से उसका प्राणान्त हो जाता है। यदि वह आघात हलके दर्जे का हुआ, तो उससे मृत्यु तो नहीं होती, पर मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाले या घुला-घुलाकर मार डालने वाले रोग पैदा हो जाते हैं।
शाप देने की विद्या प्राचीनकाल में अनेक लोगों को ज्ञात थी। जिसे शाप दिया जाता था, उसका बड़ा अनिष्ट होता था । शाप देने वाला अपनी आत्मिक शक्तियों को एकत्रित करके एक विशेष विधि व्यवस्था के साथ जिसके ऊपर उनका प्रहार करता था, उसका वैसा ही अनिष्ट हो जाता था, जैसा कि शाप देने वाला चाहता था । तान्त्रिक अभिचारों द्वारा भी इस प्रकार से दूसरों का अनिष्ट हो सकता है। परन्तु ध्यान रखने की बात यह है कि इस प्रकार के प्रयोगों के प्रयोगकर्ता की शक्ति भी कम नष्ट नहीं होती। बालक के प्रसव करने के उपरांत माता बिल्कुल निर्बल, निःसत्त्व हो जाती है, किसी को काटने के बाद साँप निस्तेज, हतवीर्य और शक्ति रहित हो जाता है। मारण, उच्चाटन के अभिचार करने वाले लोगों की शक्तियाँ भी काफी परिमाण में व्यय हो जाती हैं और उसकी क्षतिपूर्ति के लिये उन्हें असाधारण प्रयोग करने होते हैं।
जिस प्रकार मन्त्र द्वारा दूसरों का मारण, मोहन, उच्चाटन आदि अनिष्ट हो सकता है, उसी प्रकार कोई कुशल तांत्रिक इस प्रकार के अभिचारों को रोक भी सकता है। यहाँ तक कि उस आक्रमण को इस प्रकार उलट सकता है कि वह प्रयोगकर्ता पर उलटा पड़े और उसी का अनिष्ट कर दे। घात कृत्या, चोरी आदि को कोई अन्य तांत्रिक पलट दे, तो उसके प्रेरक प्रयोक्ता पर विपत्ति का पहाड़ टूटा हुआ ही समझिये ।
उपर्युक्त अनिष्टकर प्रयोग अक्सर होते हैं- तन्त्र - विद्या द्वारा हो सकते हैं। पर नीति, धर्म, मनुष्यता और ईश्वरीय विधान की सुस्थिरता की दृष्टि से ऐसे प्रयोगों का किया जाना नितान्त अनुचित, अवांछनीय है। यदि इस प्रकार की गुप्त हत्याओं का ताँता चल पड़े, तो उससे लोक व्यवस्था में भारी गड़बड़ी उपस्थित हो जाए और परस्पर के सद्भाव एवं विश्वास का नाश हो जाए। हर व्यक्ति दूसरों को आशंका, सन्देह एवं अविश्वास की दृष्टि से देखने लगे। इसलिये तन्त्र विद्या के भारतीय ज्ञाताओं ने इन क्रियाओं को निषिद्ध घोषित करके उन विधियों | pdf |
3289d716acd914bfc836ce0926a42785d4c60b53 | मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच शुक्रवार को AAP ने दावा किया कि वो जेल के वॉशरूम में बेहोश हो गए थे। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालांकि बाद में उनकी हालत को देखते हुए उन्हें LNJP अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। वो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
पिछले एक हफ्ते में ये दूसरी बार है, जब जैन को स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के चलते अस्पताल ले जाया गया है। हाल ही में AAP ने दावा किया था कि गिरफ्तारी के बाद जैन का करीब 35 किलोग्राम वजन कम हो गया है।
बीते सोमवार को रीढ़ की समस्या के चलते उनको तिहाड़ जेल की टीम सफदरजंग अस्पताल लेकर गई थी। वहां पर उनकी जांच की गई। इसके बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया।
वहीं दूसरी ओर सफदरजंग से जैन की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वो काफी कमजोर दिख रहे थे। उनके साथ दो पुलिसकर्मी भी थे। इस तस्वीर को ट्वीट कर सीएम केजरीवाल ने लिखा था कि मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं। दिल्ली के लोग बीजेपी के अहंकार और अत्याचार को देख रहे हैं। यहां तक कि भगवान भी इन अत्याचारियों को माफ नहीं करेंगे।
उन्होंने आगे लिखा कि इस संघर्ष में जनता और भगवान हमारे साथ हैं। हम भगत सिंह के अनुयायी हैं। दमन, अन्याय और तानाशाही के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट गए। वहां पर उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है। उनकी ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जैन का वजन 35 किलो तक गिर गया है। वो कंकाल की तरह दिख रहे। उन्हें कई बीमारियां हैं, ऐसे में जमानत मंजूर कर दी जाए। इस पर वैकेशन बेंच 26 मई को सुनवाई करेगी।
2024 में दक्षिण भारत से भी चुनाव लड़ सकते हैं पीएम मोदी, 'सुरक्षित' सीट की तलाश?
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18322563508a41de20fd1ccdb2eb865d1b829f19 | युवाओं को अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना होगा, तभी सफलता प्राप्त होगी। युवाओं को सरकारी नौकरी की बजाय व्यापार की तरफ भी ध्यान देना होगा। जीवन में शत्रु, बीमारी व कर्जा नहीं होना चाहिए। यह बात शनिवार को कुशालगिरी महाराज (बॉस) ने नवलगढ़ के सूर्यमंडल में हुए कार्यक्रम लीलण- 2023 में कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे राजनीति में नहीं जाएंगे।
कार्यक्रम में हरियाणा के मशहुर सिंगर विक्की काजला व राजस्थानी कलाकार शहनाज फोगा ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। युवाओं ने तालियां बजाकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। इस मौके पर पालिका उपाध्यक्ष कैलाश चोटिया, बीजेपी नेता ओमेंद्र चारण, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुरेंद्र सैनी, लोहार्गल सरपंच जगमोहन, मदनसिंह बारवा, हेमंत चारण, भास्कर दुल्लड़ व महेश चौधरी मंचस्थ अतिथि थे।
छात्रनेता मधुशुदन शर्मा व बसंत सैनी ने अतिथियों का स्वागत किया। कमलकिशोर पंवार व मुकेश मारवाड़ी ने संचालन किया। इस मौके पर पार्षद हितेष थोरी, रोहित राठौड़, केतन शर्मा, सुनील गुर्जर, विनोद माली, अभिषेक शर्मा, असलम खान आदि मौजूद थे।
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366f5a8e855d3129c2cb0fc4ea9000a2e6123c61 | RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई शुरू करने को इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है। यूनिवर्सिटी में जल्द ही एलएलबी की पढ़ाई शुरू होने वाली है। आरयू के मोरहाबादी कैंपस में इसके लिए जगह भी आइडेंटिफाई कर ली गई है। वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि एलएलबी की पढ़ाई शुरू करने के लिए मान्यता देने हेतु बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव दिया गया है। जल्द ही बीसीआई इसका इंस्पेक्शन करेगी और मान्यता मिलने के बाद हम पढ़ाई शुरू कर देंगे।
रांची यूनिवर्सिटी की प्रो-वीसी डॉ कामिनी कुमार ने बताया कि एलएलबी की पढ़ाई के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा गया है। बीसीआई की मान्यता मिलने के बाद यहां कोर्स शुरू होगा। कितनी सीटों पर पढ़ाई शुरू होगी यह बीसीआई से मान्यता मिलने पर तय होगा। इधर, रांची कॉलेज के एलएलएम कोर्स के को-आर्डिनेटर डॉ पंकज वत्सल ने बताया कि अभी स्थानीय स्तर पर केवल छोटानागपुर लॉ कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई होती है।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में भी पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स की पढ़ाई होती है। पर इसके लिए स्टूडेंट का सेलेक्शन नेशनल लेबल पर होता है और इसकी फीस बहुत ज्यादा है। ऐसे में स्थानीय स्टूडेंट्स को इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता था। रांची यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई शुरू होने से लोकल स्टूडेंट को बहुत फायदा होगा। अभी उनके पास सिर्फ छोटानागपुर लॉ कॉलेज का ऑप्शन है। इससे लॉ की पढ़ाई के ऑप्शन बढ़ेंगे।
वर्तमान में रांची यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड एकमात्र कॉलेज जहां एलएलबी कोर्स की पढ़ाई होती है वह छोटानागपुर लॉ कॉलेज है। इसकी स्थापना वर्ष क्9भ्ब् में हुई थी। यहां फाइव इयर्स इंटीग्रेटेड बीए एलएलबी कोर्स, तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स और दो वर्षीय एलएलएम कोर्स की पढ़ाई होती है। इसकी स्थापना लंदन से वकालत की पढ़ाई करके आये बैरिस्टर एसके सहाय ने लब्ध प्रतिष्ठित समाज सेवियों की मदद से की थी।
गौरतलब हो कि अभी छोटानागपुर लॉ कॉलेज के अलावा रांची कॉलेज में ही लॉ की पढ़ाई होती है। रांची कॉलेज में भी सिर्फ एलएलएम की पढ़ाई होती है। इसके लिए ब्ब् सीटें हैं और यह एक सेल्फ फाइनेंस कोर्स है। इनमें चार सीटें पेड हैं और इसकी फीस प्रति सेमेस्टर ख्0 हजार रुपए है। पूरा कोर्स चार सेमेस्टर में बंटा है।
रांची यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई शुरू होगी। कोर्स को मान्यता देने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव दिया गया है। मान्यता मिलते ही यहां एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी।
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8329c8058f2acd62f083aefc01a5f2aec3b2bb0d | स्मार्ट सिटी बनारस की सबसे बड़ी समस्या क्या है? निश्चित है आप कहेंगे शहर में लगने वाला ट्रैफिक जाम। इन दिनों शहर में सिर्फ भीड़ वाले गिने चुने एरिया नहीं बल्कि शहर के आधे से ज्यादा चौराहों और उससे लगे हर रोड पर जाम लग रहा है। जिसकी वजह से अब लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए घर से एक घंटे का एक्स्ट्रा टाइम लेकर निकलना पड़ रहा है। आज हम बात कर रहे है शहर के उन क्षेत्रों की जहां सरकारी महकमे से लेकर स्कूल कॉलेज के लोग जाम से परेशान हो रहे है। चौकाघाट से कचहरी और कचहरी से सारनाथ तक की सड़को पर गाडि़यां 30 से 35 की स्पीड से ज्यादा रफ्तार नहीं ले पा रही है। पीक आवर में तो कई एरिया में गाडि़यां रेंगती हुई चल रही है, जिसकी सबसे बड़ी वजह है ट्रैफिक जाम। हालांकि इन सब के बीच अधिकारी लोगों को भरोसा दिला रहे है कि जाम की समस्या को खत्म करने पर काम हो रहा है, जल्द ही इससे निजात मिल जाएगा।
शुरुआत चौकाघाट से करते है। यदि आपको चौकाघाट के रास्ते पांडेयपुर जाना है, तो इसके लिए आपको कम से कम आधे घंटे का एक्स्ट्रा टाइम लेकर चलना पड़ेगा। क्योंकि कि यहां चौकाघाट फ्लाइओवर से हुकुलगंज चौराहे तक जाम का सामना करना होगा। वहीं अगर आपको कचहरी अर्दलीबाजार या भोजूबीर, जाना है तो यहां भी बंपर जाम मिलता है। इसके साथ ही पांडेयपुर चौराहे से पहडि़यां के रास्ते सारनाथ रोड पर भी जाम की समस्या बनी हुई है। इसके अलावा भी अलईपुर स्टेशन, जैतपुरा समेत वरूणा पार क्षेत्र में क्षेत्र में ऐसे एरिया है जहां रोजाना लगने वाले जाम से लोग परेशान है।
शहर में जाम समस्या हर किसी के लिए सिरदर्द है। शहर के अलग-अलग इलाकों में लगने वाले जाम को लेकर अधिकारियों का कहना हैं कि डिपार्टमेंट जाम की समस्या का खत्म करने के लिए प्लान तैयार कर चुकी है, जिसमें कुल 54 बिंदुओ पर काम हो रहा है. 19 बिंदुओं पर काम हो चुका है, अन्य पर हो रहा है। अधिकारियों की माने तो तमाम परेशानियों के बाद भी आने वाले वक्त में बनारस का ट्रैफिक स्मार्ट होगा और सड़कों पर लोग बिना किसी रुकावट के फर्राटा भर सकेंगे। लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
बनारस में लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए काम हो रहा हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट 54 बिंदुओं पर काम कर रही है। थोड़ा इंतजार करना होगा, स्मार्ट ट्रैफिक व्यवस्था मिलेगी।
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ed22b35ac449f979bc27dab0c293caac3af15179 | उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी JIO की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के मामले में जालंधर में पहली FIR दर्ज की गई है। कमिश्नरेट पुलिस के थाना रामा मंडी में यह कार्रवाई JIO के तारों के बंडल को आग लगाने के आरोप में हुई है। हालांकि पुलिस ने यह केस अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया है।
अमृतसर जिले के मजीठा रोड मून एवेन्यू में रहने वाले राजन कुमार सेठ ने बताया कि वह JIO कंपनी में कांट्रेक्टर है। उसका काम जालंधर के कमल विहार बशीरपुरा में चल रहा है। कमल विहार श्मशान घाट की दीवार के साथ उनकी ऑप्टिकल फाइबर केबल की 15. 5 किलो के 15 बंडल पड़े हुए थे। इसके नजदीक ही उनका स्टोर है, जहां उन्होंने तीन कमरे किराए पर ले रखे हैं। वहां भी उनका सामान पड़ा हुआ है। राजन सेठ ने बताया कि श्मशान घाट के साथ पड़ी उनकी तारों को किसी अज्ञात व्यक्ति ने रात के अंधेरे व धुंध का फायदा उठाकर आग लगा दी। इसकी शिकायत उन्होंने थाना रामा मंडी पुलिस को दी।
पंजाब में JIO कंपनी की प्रॉपर्टी का किसान विरोध कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन व उसके समर्थन में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार यह नया कृषि सुधार कानून उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर आई है। जालंधर समेत पंजाब के कई जिलों में JIO के नंबर पोर्ट करवाने के साथ मोबाइल टावर भी बंद कराए जा रहे हैं। जालंधर में इसका मॉडल टाउन स्थित स्टोर व ज्वेलरी शोरूम भी बंद कराया जा चुका है। इसी दौरान कुछ दिन पहले तारों को आग लगाने की घटना घटी थी। हालांकि पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर सख्ती दिखाते हुए DGP को मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
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88a6e2582d3cc6a07379a33a95774ad64451748f | अक्सर देखने को मिलता है जब कई सेलिब्रिटीज ट्रोल हो जाते हैं लेकिन कई ऐसे सेलिब्रिटीज भी होते हैं जो ट्रोल करने वालो को मुंह तोड़ जवाब देते हैं और यही बात WWE के रेस्लरो पर भी लागू होती है. अब खबर आ रही है कि मौजूदा समय के रेस्लर ने एक फैन को उसी की भाषा में जमकर क्लास लगाई है.
हर जगह की तरह WWE को भी ट्रोल किया जाता है और खासकर रेस्लरो को. कई ऐसे रेस्लर्स हैं जो आये दिन ट्रोल करने वालो के निशाने पर आ जाते हैं, फैन्स तरह तरह की शिकायते लेकर ट्रोल करना शुरू कर देते हैं. कभी किसी रेस्लर का वजन, तो कभी किसी रेस्लर की पर्सनालिटी को लेकर बातें शुरू हो जाती हैं.
अधिकतर रेस्लर इन सब बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते लेकिन कुछ ऐसे रेस्लर्स भी है जो सोशल मीडिया साइट्स पर फैन्स को चुप करा देते हैं. रैंडी ऑर्टन और केविन ओवन्स इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं.
One of the many podcasts that talk about your lack of wrestling ability, weird stomach and hair line?
बैरन कोर्बिन ही वो रेस्लर हैं जिन्हें एक फैन ने यह कहकर ट्रोल किया कि उनके पास रेस्लिंग टैलेंट नहीं है, उनकी बॉडी अजीब तरीके की है और उनके बाल भी बेहद खराब हैं.
आपको बता दे कि इससे पहले भी बैरन कोर्बिन फैन्स के निशाने पर आते रहे हैं और हर बार की तरह उन्होंने इस बात भी इस ट्वीट कर करारा जवाब दिया है.
Even with all of that i still just bought a million dollar house. What's your excuse for being a nobody hiding in the crowd.
बैरन ने यह कहकर मुंह बंद कराया कि इतना सब बुरा होने के वाबजूद उनके पास मिलियन डॉलर का घर है और वे भीड़ में छुपकर किसी पर वार नहीं करते.
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f397be16959e7408501777207f6db91824e5e10a | आरिफ खान ने चार साल की उम्र में पहली बार जम्मू-कश्मीर के एक छोटे से पहाड़ी गांव में स्कीइंग की थी। उनका वह कदम उस कठिन यात्रा की शुरुआत थी, जिसका समापन 4 फरवरी को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक शुरू होने के साथ हुआ। आरिफ शीतकालीन ओलंपिक खेलों के एक सीजन में दो स्पर्धाओं के लिए क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय हैं।
आरिफ ने यह उपलब्धि हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने भारतीय सैनिकों के साथ ट्रेनिंग की। यही नहीं, उन्होंने शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए अपनी शादी तक टाल दी। स्कीयर आरिफ खान ने शुक्रवार यानी 4 फरवरी 2022 को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के दौरान छोटे से चार सदस्यीय भारतीय दल की अगुआई की।
आरिफ को स्कीइंग विरासत में मिली है। उनके पिता मोहम्मद यासीन खान गुलमर्ग में एक स्की शॉप और टूर कंपनी चलाते हैं। उनका छोटा बेटा मेराजुदीन राष्ट्रीय स्तर के स्नोबोर्डर हैं। आरिफ खान ने महज 12 साल की उम्र में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। तब वह पहली बार उस टूर्नामेंट में उतरे थे।
गुलमर्ग में कई सैन्य और सीमा रक्षक इकाइयां स्थायी रूप से तैनात हैं और कश्मीर के मुख्य शहर श्रीनगर से सड़क पर कई चौकियां हैं। इसका सबसे ऊंचा गोंडोला माउंट अफरवाट पर 3,950 मीटर (13,000 फीट) तक पहुंचता है, जो भारतीय सेना के एलीट हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का घर है।
आरिफ खान कभी-कभी वहां के सैनिकों के साथ भी ट्रेनिंग करते हैं। उन्होंने बीजिंग के लिए क्वालिफाई करने के क्रम में पर्याप्त रैंकिंग अंक हासिल करने के लिए अपनी शादी टाल दी थी। आखिरकार नवंबर 2021 में स्लालोम स्पर्धा के लिए क्वालिफाई और पहली बार ओलंपिक कोटा हासिल किया।
हालांकि, आरिफ ज्यादातर यूरोप में कम्पीट करते हैं और ट्रेनिंग लेते हैं। वह चार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले साल इटली में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में रहा था, तब वह 45वें स्थान पर रहे थे।
आरिफ खान बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले इकलौते भारतीय हैं। 31 साल के स्कीयर आरिफ खाान ने स्लालोम और जायंट स्लालोम स्पर्धा के लिए क्वालिफाई किया है। भारत ने इन खेलों में एक कोच, एक तकनीशियन और एक टीम मैनेजर समेत 6 सदस्यीय दल भेजा है। आरिफ से पहले शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत के कुल 15 एथलीट्स ने ही हिस्सा लिया है।
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7684ac2746fd3eeb4e4166f97ed04f2345a0b884 | - 12 min ago हिंदू देवताओं पर तेल और दूध चढ़ाने को लेकर अक्षय कुमार ने कही थी ऐसी बात? अब हो रहा है बवाल!
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- News 'संन्यासी मछली खाते हैं', जानिए कौन हैं विवेकानंद पर विवादित टिप्पणी करने वाले अमोघ लीला दास?
जिया ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म निशब्द से बालीवुड में प्रवेश किया था जिसमे उनकी भुमिका ऐसी लड़की की थी जिसे अपनी पिता की उम्र के व्यक्ति से प्यार हो जाता है। उस व्यक्ति की भुमिका में अमिताभ बच्चन ने निभाई थी। इस फिल्म में जिया के अंग प्रदर्शन की काफी चर्चा हुई थी।
उन्होंने बताया, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मैं एक रूढिवादी मुस्लिम परिवार से आती हूं तो मुझे अपनी मां से फिल्मों में अंग प्रदर्शन के लिए कम से कम दस बार पूछना पड़ा था तब जाकर मां ने सहमति दी थी। "
हाल में आई फिल्म गजिनी में उनके काम की काफी तारिफ हुई है। हालांकि इस फिल्म में अंग प्रदर्शन की कोई खास गुंजाइश नही थी। पर अगर होती भी तो वे इसके लिए तैयार थी। वैसे भी बालीवुड में बिकनी पहनना अब कोई बड़ी बात नही रह गई है।
ब्लैक ब्रा पहनकर फिर पूल में उतरीं शेफाली जरीवाला, सुनहरी स्किन देख लोग बोले- 'हाय मेरी दूध मलाई'
तलाकशुदा हसीना ने नाइटी में पोस्ट कर दीं S*xy तस्वीरें, रात होते ही बेडरूम में ऐसे मचलीं कि. .
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5cb7a738ad80c63cc2c6cec8a7a399e98240f83dd5aadffe556d3290b9e78cf1 | विगलितदर्शनमोहैः समज्जसज्ञान षिदिततत्त्वार्थः । नित्यमपि निष्प्रकम्पैः सम्यफूचारित्रमालम्व्यम् ॥३७॥ सम्यम्वृष्टि तत्वज्ञानी सतको सम्यकुचारित्रके आलम्बनका उपदेश - जिन पुरुषांने दर्शन मोहको नष्ट कर दिया है और सम्यग्ज्ञानके द्वारा तत्त्वार्थ का अवरोध कर लिया है उन्हें बड़े निष्प्रम्प होकर धरणा सहित सभ्यक्चारित्रका आलम्बन फरना चाहिए। इसमें सर्वप्रथम यह बताया है कि जिसने दर्शन मोहको गला बाला उनको, जब तक पदार्थकी स्वतन्त्रताका भान न हो, समस्त पदार्थों से निराले निज अतरव का जब तक परिचय न हो तब तक वास्तव में सम्यक् चारित्र नहीं बनता, क्योंकि चारित्र नाम है अपने स्वभावका । अपने स्वभावका पता न हो तो रमे कहाँ ? जो बाह्य में सम्यक्चारित्र कहे जाते हैं वे साधक हैं, ५ समिति ३ गुप्ति, ५ महामन श्रावकों के लिए अरसुव्रत आदि ये सभ्यकचारित्र नाम इस लिए पाते हैं कि निश्चय चारित्र में साधक है, अन्यथा शुद्ध खानपान, देखभाल कर चलना, जीवदया पालना किस की चोज न उठाना ये तो बातें होती है। अन्तरङ्ग सम्यक चारित्र तो निज स्वभावको जानकर उसमें रमण करना है, ये सब साधक किसलिए होते हैं इसे समझना है तो इससे उल्टी घास सोचें बोई मनुष्य दया नहीं पालता, दूसरे जीषोंको सताता तो ऐसे चित्त में स्वभावधारणा नहीं बन सकती है, जो शल्यरहित हो, सत्यव्यवहार करता हो, न्याययुक्त जीवन हो ऐसे आवरण बालों में उस स्वभावकै धारण करने की योग्यता रहती है, अतएव ये सब आचरण साधक हैं। बास्तव में सम्यकचारित्र तो आत्मस्वभावमें रमण करनेका नाम है। यह बात तब बन सकती है जब दर्शन मोइ गल गया हो। जिसका मिथ्यात्व नष्ट हो गया और जिसने ७ तत्वका श्रद्धान् यथार्थ अवधारण किया वह पुरुष सम्यकचारिश्रको ग्रहण करता है, ये ३ शब्द ऐसे हैं देखना, जानना और प्रयोग करना । लौकिक कामों में भी ये श्यातें आती हैं, कोई भी काम करने जावें । यह मोक्षमार्गका प्रकरण है, इस कारण यहाँ देखनेका नाम श्रद्धान है। विश्वास होना और स्पष्ट बोध होना और उस अंतस्तत्व मे उपयोग जमाना, यही है रत्नत्रय और मोक्षका मार्ग । अब वह अतस्तत्त्व इस ज्ञानी के उपयोग मे यो बसता है कि यह ध्रुव है बिना है, किसी चीज से उत्पन्न नहीं होता और न यह किसी वस्तुको उत्पन्न करता है। जिसके मंचरण में परिणमन नाना होते हैं फिर भी किसी परिणमनरूप नहीं बनता, ऐसा जो एक चैतन्यस्वभाष वह अस्तव, चैतन्यमात्र मैं हूं, इस प्रकार की वह प्रनीति करता है और ऐसी दृष्टि जमाने की ही यत्न रखता है, अव ऐसा उपयोग बन जाय किसीका या जितने क्षण बने, स्वय बुछ थोड़ा बहुत यत्न करके अनुभव बना करे तो इस अनुभूतिके प्रसार से क्लेश दूर होते हैं और चात्मीय आनन्द प्रकट होता है । क्योंकि क्लेश तव होते हैं जब परपदार्थों में उपयोग हो । जव परपदार्थों में इष्ट अनिष्ट की बुद्धि होती है तब क्षोभ उत्पन्न होता है, इसलिए परके आत्माको कष्ट है और जब स्वयका स्वय में सत्य सहजता परिचय हो, उपयोग हो तो इसमें कोई विगाड़ नहीं रहता। ऐसी निर्विकल्परूप, अनुभूतिरूप आत्मस्वभावका उपयोग करना, यही है निश्चयदृष्टि से पारित्र ।
सवृत्ति और स्वानुभूतिका परस्पर सहयोग -8 व देख लीजिए कि फैसा परस्पर सयोग है कि अपने को शान्तवृत्तिमें रखे तो अनुभव जगे और अनुभव जगे तो शान्तवृत्ति बढे । इसमें एकान्त से हम दिसे कारण बतायें ? अन्तिसे अनुभूति होती है या अनुभूति से शान्ति होती है - इन दोनोमे एकान्ततः हम किसे पहिले रखें ? कुछ मद कपाय होकर जो शान्ति मिलती है यह तो बहुत चाहे तब अनुभूति जगे । 'और अनुभूति जगने से फिर उस शान्ति से वृद्धि घनती है और शान्ति ही एक चारित्रका रूप है । तो
पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय प्रवचन द्वितीय भाग
अनुभव करनेके लिए सदाचरण होना बहुत आवश्यक है। जो पुरुष किसी प्रकार अच्छे ढगसे व्रत और नियमसे रहते हैं उनकी यह वृत्ति स्वानुभूतिका साधक है, वेवल एक ज्ञान कर लेने मात्र से, तत्त्वकी चर्चा कर लेने मात्र से अनुभूति नहीं जगती, क्योंकि उसमें हमारा चित्त रमे, उपयोग ग्रहण करे, चित्त शान्त हो तो आत्माकी अनुभूति जगती है। चित्तमें शान्ति तव हो सकती जब हमारी अनाचाररूपवृत्ति न हो, अभक्ष्य भक्षण को प्रवृत्ति न हो। ज्ञान तो हो गया कि मद्य मासमें जीवकी हिंसा है ऐसा ज्ञान होकर जो पुरुष उसकी प्रवृत्ति करता है तो उसके चित्त में क्रूरता है और क्रूर चित्त आत्मानुभव कर नहीं सकता और जिसके ज्ञान ही नहीं कि मांस भक्षण में दोष है, इसमें जीव दिसा है, उसके तो जीवकी पहिचान हो नहीं है, आत्मानुभव तो उसके जगेगा ही क्या ? जब मिथ्यात्व अन्याय अमक्ष्यका त्याग नहीं होता उसके सम्यक्त्व नहीं होता। जब तक बाह्य आचरण ठीक न हो तब तक आत्मानुभूतिकी पात्रता ही नहीं है, इस कारण ऐसा ही ख्याल करना चाहिए कि हमें केवल सम्यक्त्व पैदा करना है, आचरण पीछे सुधारेगे । अरे विशिष्ट आचरण तो वाद सुधरेगा पर साधारण आचरण तो पहिले चाहिए। क्योंकि सम्यक्त्व घात्मानुभूतिके साथ उत्पन्न होता है। बादमें सम्यक्त्व बना रहे और आत्मानुभूति न बने यह तो सम्भव है क्योंकि आत्मानुभषका नाम है- छात्मोका उपयोग रखना । सम्यग्दृष्टि निरन्तर आत्माका उपयोग रखता हो ऐसी बात नहीं है। गृहस्थजन दूकान पर जाते, आजीविकाका साधन बनाते, परिवार का पालन पोपण करते, अनेक घटनाओं में सुधार विगाड़का यत्न रखते, परपदार्थोंका उपयोग चलता रहता है पर सम्यक्त्व बना रहता है। सम्यक्त्व की उत्पत्ति स्वके उपयोग विना नहीं हो सकती, स्वानुभूति पूर्वक ही सम्यक्त्व उत्पन्न होता है। अपनी उस अनुभूतिको जगाने के लिए हमारा पहिले से आचरण विशुद्ध हो तो कार्य बनता है। आचरण गदा है तो हममें यह योग्यता नहीं है कि सम्यग्दर्शन उत्पन्न है कर सकें । जिसे सम्यग्दर्शन होता है और भले प्रकार तत्त्वार्थका परिज्ञान है उस पुरुषको सदाकाल दृढ चिच पूर्वक विशिष्ट उत्साह सहित सम्यक चारित्रका आलम्बन लेना चाहिए । जैसे कोई पुरुष मार्ग चलता है तो रास्ता जैसे-जैसे व्यतीत होता है वैसे ही वैसे उसका उत्साह बढता जाता है ऐसे ही सभ्यक् चारित्रके मार्ग में उत्साह वह बढ़कर यह ज्ञानी पुरुष बढ़ता है, क्योंकि उसकी दृष्टि में वह स्थान है जिस स्थानपर उसे अपना उपयोग जमाना है और अपने अन्त पुरुषार्थ से वह उस ओर बढ़ रहा है और उसे स्पष्ट विदित हो रहा है कि यह अतस्तत्त्व है । कुछ और निकट पहुचता है तो अपने उपयोगको अपने अतस्तत्त्वमें पहुंचाता है। तो उत्साहपूर्वक उस मार्ग में बढ़ना है, ऐसे उत्साहसहित दृढ सम्यग्ज्ञानो पुरुषको सम्यक चारित्रका आलम्बन लेना चाहिए।
न हि सम्यग्व्यपदेश चरित्रमज्ञानपूर्वक लभते । ज्ञानानन्तरमुक्त चारित्राराघन तस्मात ॥२८॥
श्रज्ञानपूर्वक चारित्रमे समीचीनताका प्रभाव - जो अज्ञानपूर्वक चारित्र है वह सम्यक् नाम नहीं पाता । चारित्र सम आदि धारण कर रहा तो उस सम्यक नहीं है, चारित्र सही चारित्र नहीं है, सही सयम नहीं, इसी कारण से सम्यग्ज्ञान के पश्चात् चारित्रका आराधन बताया । पहिले सम्यग्दर्शनकी आराधना, फिर सम्यग्ज्ञान को भारावना, फिर सम्यक् चारित्रकी आराधनाका जो क्रमसे प्रतिपादन है उसका तथ्य यह है कि सर्वतमभ्यस्वचादि । सम्पत्र के विना मोक्षमार्गका प्रारम्भ नहीं है। किसी भी काम में यदे विश्वास नहीं है तो उस काम को पूरा कर नहीं सकता। रसोई लोग बनाते हैं तो पूरा विश्वास है कि इनसे वाया जाता है और बन जाता है। आटेसे रोटी बन जाती है और विश्वास भी होता। कहाँ ऐवा तो न कि नोकर कि पान को धून से रोटी बने । तो सबसे पहिले विश्वासकी है सबके होते हो ज्ञानावर सम्पवत जाता है । सो सम्यग्ज्ञान | pdf |
917a15cfae3fe1505784a9c045bb6888b27195d3 | दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी SAMSUNG एक नया कारनामा करने जा रही हैं. हमेशा अपने दमदार स्मार्टफोन के जरिये बाजार और यूजर्स के दिलों पर राज करने वाली SAMSUNG जल्द अपना अगला स्मार्टफोन लाएगी. बताया जा रहा हैं कि कंपनी का अगला स्मार्टफोएन 12GB रैम के साथ आएगा. अगर ऐसा होता हैं तो कंपनी इतिहास रच देगी.
आपको बता दें कि कंपनी इस बार भारतीय बाजार में अपना एक ऐसा स्मार्टफोन पेश करने वाली है. बता दें कि हाल ही में कंपनी द्वारा ऐसा दावा किया गया है कि अब आने वाला नया स्मार्टफोन 12 जीबी रैम के साथ पेश किया जाएगा. कहा जा रहा हैं कि 2019 के शुरूआत में पेश कराये जाने वाला एस सीरीज का यह नया फ़ोन होगा. इसे 4 अलग-अलग संस्करण में पेश किया जाना हैं. साथ ही ख़बरें यह भी हैं कि 4 में से एक वेरिएंट 5G होगा.
आपको बता दें कि 2019 की शुरूआत में पेश किए जाने वाले इस फ़ोन में स्टोरेज भी काफी अधिक होगी. कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन में आपको 6. 3 इंच की लंबी फुल एचडी प्लस डिस्पले देखने को मिल सकती है. वहीं बैक पैनल पर चार कैमरे और फ्रंट पैनल पर दो कैमरे देखने को मिलेंगे. इसकी कीमत और नाम को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है.
यूजर्स के लिए आई बुरी खबर, JIO छीन सकती है आपसे सारी सुविधाएं ?
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be8ed046d612dbbafd121330d9b327f8100d1ea1 | कोरोना से निपटने के लिए हैंड सैनिटाइज़र का कोई विकल्प नहीं है! महामारी के दौरान कोरोना एक हाथ प्रक्षालक बन गया है! लेकिन यह हैंड सैनिटाइजर कितना सुरक्षित है? क्या सैनिटाइज़र आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है? अगर यह खतरा लाता है! वह खतरा कैसे ला सकता है? सीजीएसआई के अनुसार, हैंड सैनिटाइज़र आपके जीवन में गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं! सीजीएसआई के एक अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश सैनिटाइज़र में विषाक्त मेथनॉल होता है।
भले ही सैनिटाइज़र में मेथनॉल मिलाया जाता है, निर्माता बोतल के लेबल में मेथनॉल को शामिल करने का उल्लेख नहीं करते हैं। यह आरोप सीजीएसआई का है। यह सैनिटाइजर कोरोना में दवा दुकानों के अलावा अन्य दुकानों में बेचा जा रहा है। नतीजतन, शारीरिक नुकसान पहुंचाने के अलावा, यह सैनिटाइज़र मानव दृष्टि को भी नष्ट कर सकता है। इतना ही नहीं, कुछ हैंड सैनिटाइजर में हानिकारक अल्कोहल भी होता है। यह शराब लोगों को शारीरिक रूप से भी नुकसान पहुंचा सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि इथेनॉल का उपयोग कई हैंड सैनिटाइज़र में किया जाता है। इथेनॉल के बाजार मूल्य को कम करने के लिए सैनिटाइज़र मेथनॉल का उपयोग कर रहे हैं। CGSI ने सूचना दी। 31 अगस्त को जारी सीजीएसआई सर्वे में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ध्यान दें कि मेथनॉल के साथ मिश्रित सैनिटाइज़र के उपयोग से सिरदर्द, उल्टी, अंधापन, चेतना की हानि और यहां तक कि कोमा भी हो सकता है! यह किलर विषाक्त मेथनॉल बाजार में 122 नमूनों में से 5 में पाया गया था! ध्यान दें कि 45 सैनिटाइज़र बोतलों में निहित शब्द बोतल के अंदर सेनिटाइज़र से मेल नहीं खाते हैं! कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया या CGSI की रिपोर्ट से काफी हलचल मची है।
लेकिन अगर सैनिटाइज़र इतना हानिकारक है तो क्या किया जा सकता है? आपको अपने हाथ साफ़ करने होंगे! इसलिए, सीजीएसआई के अनुसार, सैनिटाइज़र की तुलना में साबुन को अधिक महत्व दिया जाता है। यदि नहीं, तो 70% अल्कोहल युक्त एक हाथ प्रक्षालक का उपयोग किया जा सकता है। कोई बात नहीं है।
एक वैश्विक महामारी के खिलाफ एहतियात के तौर पर, 100 प्रतिशत मास्क पहनना, हाथों को साफ रखना और लंबी दूरी बनाए रखना उचित है। इसके अलावा, शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए, आपको अपने खाने की आदतों में कुछ बदलाव करने होंगे।
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8ff343bddff86fc3b51ddb4962289f2b9c06fe96 | अमेरिका के कोलोराडो शहर स्थित एक परिवार नियोजन केंद्र पर एक बंदूकधारी ने गोलीबारी की, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। पूरा घटनाक्रम पांच घंटे से भी अधिक समय तक चला। इसके बाद, बंदूकधारी ने सरेंडर कर दिया। घटना में पांच पुलिस अधिकारी सहित नौ लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक बंदूकधारी के मकसद का पता नहीं चल पाया है।
अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार शाम बंदूकधारी कोलोराडो के कोलोराडोस्प्रिंग्स स्थित 'प्लैन्ड पैरेंटहुड' क्लिनिक में घुसा और उसने कई घंटों तक वहां कर्मचारियों और मरीजों को बंधक बना कर रखा। इस दौरान पुलिस और बंदूकधारी के बीच गोलीबारी हुई। लाखों अमेरिकी लोगों के 'थैंक्सगिविंग' की छुट्टी का जश्न मनाने के महज एक दिन बाद यह घटना हुई। अमेरिका की गृह सुरक्षा सलाहकार लीजा मोनाको ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को हालात की जानकारी दी। कोलोराडो स्प्रिंग्स के मेयर जॉन सूदर्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। " पुलिस ने बताया कि हमलावर के पास एक लंबी बंदूक थी और वह अपने साथ इमारत में कई "चीजें" लेकर गया था जो विस्फोटक हो सकते हैं। एफबीआई भी मामले की जांच में जुट गई है।
नेशनल एबॉर्शन फेडरेशन की अध्यक्ष एवं सीईओ विकी सापोर्टा ने कहा, "घटना में मारे गए लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति हमारे दिल में संवेदना है। हम इस घटना से निपटने वाले अधिकारियों और हमले का सामना करते हुए मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले क्लिनिक के कर्मचारियों के बेहद शुक्रगुजार रहेंगे। " उन्होंने कहा, "गर्भपात विरोधी कार्यकर्ताओं की ओर से एक भ्रामक वीडियो जारी करने के बाद गर्भपात करने वालों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयानों और धमकियों में इजाफा हुआ है। ऐसी आशंका थी कि इस तरह की धमकियों के कारण हिंसक हमले होंगे और आज यह हुआ भी। " वीडियो जारी होने के बाद 'प्लैन्ड पैरेंटहुड' के कम से कम चार क्लिनिक पर आगजनी की गई है।
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2bda5d191578affc38d8fcbd95daa0bead9e95e8 | सीएम के निर्देश के बाद सड़कों को लेकर काम मे तेजी आई है, वही इस पर सियासत भी तेज हुई है। ग्वालियर से दो केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार में भी मंत्री होने के बावजूद सड़कों की बदहाली प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुकी है।
ग्वालियर में ज्वेलरी शॉप में ग्राहक बनकर पहुंची दो महिलाएं दस ग्राम वजनी सोने की चेन चोरी कर ले गई। चोरी की सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। ज्वैलर्स ने चोर महिलाओं के खिलाफ शिकायत की है।
इस बार दिवाली महापर्व के 5 दिनों के दौरान साल का आखिरी सूर्य ग्रह भी लगेगा। यह ग्रहण 25 अक्टूबर को होगा।
डबरा शहर में 2 गुटों में हुई गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई। जबकि एक राहगीर समेत 3 लोग घायल हो गए।
एबीवीपी विजयपुर इकाई के कार्यकर्ता जनजातीय समूह के गांव पहुंचे। यहांं उन्होंने बच्चों को कपड़े, मिठाइयां और पटाखे बांटकर उनके साथ दीपावली का त्यौहार सेलिब्रेट किया।
ऊर्जा मंत्री के जूते त्यागे वाले बयान पर कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश में अधिकारियों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि काम करवाने के लिए प्रदेश के मंत्रियों को जूते चप्पल का त्याग करना पड़ रहा है।
ग्वालियर में बर्थ-डे पार्टी में भुगतान वसूलने पहुंचे व्यवसायी से 60 हजार रुपए लूट का मामला सामने आया है।
जनसुनवाई में पहुंची महिला ने आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया कि पति और अन्य रिश्तेदार दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं।
मेष राशि वालों आज आपको कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। धर्म-कर्म के कामों में आपका मन लगेगा।
मिथुन राशि वाले जो पारिवारिक बिजनेस से जुड़े हैं उन्हें सफलता मिलने की पूरी संभावना है।
सिंह राशि वालों व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए दिन मुनाफा कमाने वाला रहेगा। आपकी आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत होगी।
कन्या राशि वालों ऑफिस में आपके प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में व्यस्तता अधिक रहेगी।
तुला राशि वालों आपके दिन की शुरुआत बेहद सुखद रहेगी। काफी समय से रुका हुआ काम आज संपन्न हो सकता है।
वृश्चिक राशि वालों आज घर की सुख सुविधा संबंधी चीजों पर खर्च हो सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।
मकर राशि वालों आय के स्त्रोत बढ़ने से रुके हुए कार्यों में गति आएगी। युवा वर्ग भविष्य को लेकर ज्यादा फोकस रहेंगे।
कुंभ राशि वालों आज का दिन शानदार रहेगा। बिजनेस संबंधित निवेश करना आपके लिए उत्तम रहेगा।
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5502ebf627c49dd5b3f66d1e179014321c84fd92 | Beauty Benefits of Paneer: पनीर खाने से सेहत को क्या फायदे (Paneer) होते हैं इसके बारे में तो भारतीय या यूं कहें कि एशियाई लोगों से बेहतर शायद ही कोई जानता है। प्रोटीन का स्रोत होने के साथ-साथ यह किसी भी डिश की रिचनेस बढ़ाने का काम करता है पनीर । बड़ों से लेकर बुज़ुर्गों तक हर उम्र के लोगों को पनीर (Cottage Paneer) से बनी सब्ज़ी, परांठे और पनीर के स्नैक्स पसंद आते हैं। पनीर शरीर को अंदर से पोषण कर मसल्स को मज़बूत बनाता है और यह शरीर को अंदर से मज़बूत बनाता है। (Health benefits of eating paneer) पर क्या आप जानते हैं कि इतने गुणों से भरपूर पनीर आपकी स्किन को भी खूबसूरत बनता है।
पनीर से निखारें चेहरे की खूबसूरती ऐसे (Ways to use paneer for skincare)
जी हां, पनीर खाने से जहां शरीर और स्किन का पोषण (Beauty Benefits of Paneer in Hindi) होता है। लेकिन, इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा पर नैचुरल ग्लो आता है। यहां पढ़ें पनीर से बना होममेड फेस पैक तैयार करने और इस्तेमाल का तरीका। (Homemade paneer face packs)
- 2 चम्मच पनीर (कद्दूकस किया हुआ)
- चेहरे को पानी से साफ करें और त्वचा को नैचुरली सूखने दें।
- सभी चीज़ों को अच्छी तरह मिक्स करें।
- अब, इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं।
- फेस पैक लगाते समय इसे आंखों और लिप्स के पास ना लगाएं। दरअसल, नींबू के रस में मौजूद एसिडिक तत्व इन हिस्सों की कोमल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- 20 मिनट तक यह फेस पैक अपने चेहरे पर लगा रहने दें।
- फिर, चेहरे को सादे या ठंडे पानी से साफ करें।
- सप्ताह में इस फेस पैक को एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, मौसम और अपनी स्किन टाइप के अनुसार, इसका इस्तेमाल करें।
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11c9fa2fdbc611c03b8f9f1883f343de065170a8 | बॉलीवुड अभिनेत्री नोरा फतेही शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष पेश हुईं. नोरा ने ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 215 करोड़ रुपये की ठगी मामले में अपना बयान दर्ज कराया. वह इस मामले में मुख्य गवाह हैं. नोरा ने खुद ही दिल्ली पुलिस की अपराधा शाखा से संपर्क कर अपना बयान दर्ज कराने का आग्रह किया था.
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत नोरा का बयान दर्ज किया गया. इस मामले में अब नोरा के बयान को सबूत के तौर पर लिया जाएगा.
उन्होंने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से संपर्क किया था. अब दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में धारा 164 के तहत उनका बयान दर्ज हो रहा है. इस दौरान नोरा यह बता रही हैं कि वह किस तरह सुकेश के नजदीक आईं और सुकेश की तरफ से उन्हें क्या-क्या ऑफर किया गया. नोरा इन सब मामलों में अपना बयान दर्ज करवा रही हैं.
सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ के ठगी के मामले में नोरा के अलावा जैकलीन फर्नांडिस से भी लंबी पूछताछ की गई थी. हालांकि नोरा फतेही ने पूछताछ के दौरान अपना पक्ष साफ कर दिया था. ठगी और वसूली मामले में लगे आरोपों से परेशान होकर हाल ही में नोरा फतेही ने जैकलीन के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया है. नोरा का कहना है कि जैकलीन और मीडिया ट्रायल की वजह से उनकी छवि को भारी नुकसान पहुंचा है.
नोरा ने मानहानि का केस करते हुए आरोप लगाया कि 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका नाम जबरदस्ती इस्तेमाल किया गया. नोरा ने दावा किया था कि उनका सुकेश से कोई भी ताल्लुक नहीं है. वो सुकेश को उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल के जरिए जानती थीं. नोरा ने सुकेश से किसी भी तरह के महंगे गिफ्ट्स लेने की बात को पूरी तरह से गलत बताया है.
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e9df201679c75d35c2da01a2089738fc1d367269f95d00800eb82e5b53e1ba07 | आयिन संस्थान
कि बाजार जितना हो कम पूर्ण होता है उतना ही उद्यमक्र्ता को विशेषज्ञों की कियाग्रो मे समन्वय वरने का अवसर मिलता है। यह सोचना गलत है कि विशेषज्ञता के सिद्धान्त बड़े पैमाने के संगठन के अनुकूल होते है। मच्छी तरह सगठित बाजारो मे छोटो फम सरलतापूर्वक चल सकती है, क्योकि उन्हे विशेषज्ञो वी रालाह, इजीनियरी सेवा पुर्ज़े, कच्चा माल मौर ऐसौ ही चीजे सस्ती दर पर उपलब्ध होती हैं और वे अपना माल भन्तिम या मध्यवर्ती खरीदार को श्रासानी से बेच सकती है। बाजार जितना अच्छी तरह सगठित होगा, उतना ही हर फर्म को खुद कम काम करना होगा, और बड़े पैमाने पर सगठन के लाभ भी कम होगे ।
इसी का उपसिद्धान्त यह है वि भगर हम छोटे पैमाने के उद्यम को बढ़ावा देना चाहते हैं तो इसवा सर्वोत्तम उपाय यह है कि छोटी फर्म के मासपास विशेषज्ञ सेवामी और विपणन एजेंसियों की व्यवस्था कर दी जाए, जो इतनी कार्यकुशल और सस्ती हो कि फर्म को छोटा होने के कारण ही हानियों न उठानी पडें । बडा सगठन अनुसन्धान कर सकता है, बडो राशियों में सरीदबेच सकता है, रुपया इकट्ठा कर सकता है, मानव-वस्तु तैयार कर सकता है, विज्ञापन का सर्च उठा सकता है बढ़िया-से-चढ़िया विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त वर सकता है, प्रादि-प्रादि । छोटा सगठन भी यह सब काम सफलतापूर्वक कर रास्ता है मगर उसके चारो भोर-निजी, सहवारी या साविधिव-एजेंसियाँ हो जो वे सारा काम सँभाल सके, जिसका निष्पादन बड़े पैमाने पर हो सम्भव है। इस स्थिति म छोटो फर्म उन कार्यों पर ध्यान केन्द्रित र सकती है जो छोटे पैमाने पर मच्छी तरह किये जा सकते हैं। उदाहरण वे लिए, छोटी फर्म का विशेषज्ञ की सलाह दृषि-विस्तार सेवा से, मानक बोजगोदामो से और ट्रैक्टर विराय पर देने वाली एजेंसी से लेने की सुविधा हो, और वह अपना माल ऐसी एजेंसी को बेच सवे जो अनेक ऐसी पा माल इकट्ठा करके उसकी दर्जेबन्दी, प्रक्रियाकरण, विज्ञापन और बडी राशियो में बेचने को व्यवस्था कर गर्ने । यह सही नहीं है कि वायंबुशलना या माथित्र विषास के हित में बड़े पैमाने पर उत्पादन करना हो हर कर्म के लिए भावश्यक है, लेकिन यह ठीक है कि विशेषता के लाभ प्राप्त करने में लिए पर्म के सन्दरही या मुमठिन बाजारो को रचना वे पन्तर्गत बड़े पैमान के लाभ उपलब्ध हो । सुगगठित बाजार बडो पर्म वा स्थान मि सीमा तन ग्रहण कर सकता है यह उद्योग की प्रकृति पर निर्भर है। रेल यातायात, इस्पात का निर्माण और मोटरवार जोडो वा बाम छोटे पैमाने पर बुरालतापूर्वक वरना बहुत मुश्विल होगा, जबति छाटे पैमाने ने उद्यमग यातायात, दुशानदारी, बुछ विशिष्ट इपिनार्य और बुछ विनिर्माण कार्य बडो | pdf |
c0853e45f69b9cb604850ee80b44909bdbac7220fadd8c4cbf71539b67f23d5f | तो उपलक्षरण है । अर्थ उसका यह है कि किसी प्रकारकी हिंसा न हो ऐसा लो । बाजारकी चीजें न लिया करें क्योंकि वे मर्यादित चीजें है, हिंसाके, दोपसे युक्त हैं । कितनेही दिनोंका रखा हुआ सामान होता है, सड़ा गला कर बनाया जाता है । जलेवी इत्यादि ऐसे ही बनती है। ऐसे भोजन सव अभक्ष्य है । जो मर्यादा के भीतर है ऐसा ही ग्राहार लिया जा सकता है।
दूधको श्रमक्ष्य माननेकी शकाका उत्तर - प्रश्न - दूध दही, दोनोंको लोग कहते है कि ये अभक्ष्य हैं । क्या ये अभक्ष्य हैं ? उत्तर - मर्यादाके भीतरमें दूध व दही अभक्ष्य नहीं । अण्डेसे रुचि करनेवाले युवक जन यह कहते है कि जैसा दूध है वैसा अण्डा है पर दूध और अण्डेमें महान अन्तर है । अण्डा जीवका योनिभूत होता है । अण्डेसे बच्चे निकलते हैं । कोई ऐसा भी अण्डा है जिसमें बच्चे न उत्पन्न होते हों ? लेकिन जीव उत्पन्न करनेका अण्डा साधन है । किसी अण्डेमें बच्चा न हो सका तो क्या जाति तो एक है। जैसे अनाज होता है । किसी जके दानेसे पौधे हो जाते हैं कितनेमें नहीं, पर जाति
तो एक है। दूसरी बात जैसे गाय भेंस दूध दिया करती हैं, मूत्र भी करती है । मूत्र तो हिंसा रहित है। गाय से निकलने के कारण दूध मांसका अंश मानो तो मूत्र भो गायसे निकलता है वह तो मांसका नहीं । मांस खून निकालने में पशुको बाधा होती है किन्तु दूधके निकालनेसे तो बाधा नहीं होता है ।
दूधके उद्गमकी निर्वाधता - भले ही लोग मूत्र नहीं चाहते हैं, यह बात अलग है पर वह हिंसाकी चीज नहीं, इसमें मांस खून आदि नहीं है । जैसे भोजनसे या पाचनसे शुद्ध होकर मूत्र बनता है इसी तरहसे भोजन पाचन से शुद्ध होकर एक दूध बनता है । दूध पानीका वहाँ हिसाब अलग है । यदि दूध न निकाला जाय तो गाय भेंसके पीड़ा हो जाय । दूध निकलनेसे पीड़ा नहीं होती है। और फिर ऋपियोंने यह भी बारीक वात बता दी है कि अन्तर्मुहूर्त में यदि उस दूधको गरम न कर लिया जाय तो उससे जीवोंकी उत्पत्ति होती है । अगर दूधको कुछ ही घंटे रख दो तो उसमें जीव पैदा हो जाते हैं । जिस प्रकार कि अन्तर्मुहूर्त में पानीको गरम न कर लिया जाय तो पानी में कीड़े पड़ जाते हैं ।
दहीके भक्ष्य व अभक्ष्यपनेका निर्णय - अब रही दहीकी बात । दूधको जमाया तो दही हो गया । एकही रात बीती हो तव तो दही भक्ष्य है, दो रात बीत जांय तो भक्ष्य नहीं । ऐसा निमित्त - नैमित्तिक सम्वन्ध है कि खटाई का योग हो तो दूध दहीरूप हो जाता है । कोई कहे कि दुर्वीनसे देखते हैं तो उसमें कुछ चलता हुआ नजर आता है। तो आप दुर्वीनसे कुछ भी चीजें | pdf |
f808b19cfcfb50848cac0fb9a725e0bd43bc7d3d | जनज्वार ब्यूरो,पटना। कोरोना काल में शादी जैसे सामूहिक आयोजनों में शामिल होने के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं,यह पटना में देखने को मिल रहा है। पटना के पालीगंज की यह घटना इस बात का भी सबूत है कि बाहर से आकर बिना जांच कराए लोगों से मिलना-जुलना कितना खतरनाक हो सकता है। साथ ही यह घटना क्वेरेन्टीन सेंटरों को बंद किए जाने से हो रही दिक्कतों की बानगी भी दिखा रही है। कोरोना के प्रति लोगों और सिस्टम की लापरवाही का भी यह मिसाल बन गया है।
पटना के पालीगंज में 29 जून को एक साथ 80 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। ये सभी लोग एक ही शादी समारोह में शामिल हुए थे। इसके साथ ही इसमें शामिल अबतक 103 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। कोरोना काल में शादी की जल्दबाजी के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, इसकी यह प्रत्यक्ष मिसाल है।
बिहार की यह सबसे बड़ी कोरोना चेन बताई जा रही है। इससे पहले मुंगेर और सीवान में कोरोना चेन बनी थी, पर इस चेन के मुकाबले वह बहुत ही छोटी थी। सीवान और मुंगेर की कोरोना चेन अब समाप्त हो गई है।
शादी के दूसरे दिन ना सिर्फ दूल्हे की मौत हो गई, बल्कि अब भी बारात में शामिल लोगों में से कोरोना पॉजिटिव मिलने का सिलसिला जारी है।29 जून सोमवार को भी उस शादी समारोह में शामिल 80 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। पालीगंज में एक ही गांव में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
खास बात यह है कि ये सभी पालीगंज के एक गांव में 15 जून को एक ही शादी समारोह में शामिल हुए थे। जिस शादी से सभी कोरोना से ग्रसित हुए हैं, उस दूल्हे की मौत शादी के दो दिनों के बाद यानी कि सुहागरात के अगले दिन 17 जून को ही इलाज के दौरान हो गई थी।
गांव के लोग दूल्हे की मौत का कारण भी कोरोना बता रहे हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है, क्योंकि उसकी कोरोना जांच ही नहीं कराई गई थी। चूंकि कथित रूप से उसकी मौत पेट दर्द के कारण हुई थी। न तो परिजनों ने उसके मौत की सूचना प्रशासन को दी, न ही गांव वालों ने।
हालांकि जब गांव के लोग एक-एक कर पॉजिटिव पाए जाने लगे, तब प्रशासन अलर्ट मोड में आया। उस शादी में जितने लोग भी शामिल हुए थे, उन लगभग तीन सौ लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। साथ ही उन सभी मुहल्लों को सील कर दिया गया था, जहां से सैंपल लिए गए थे।
बिहार में कोरोना से एक मंत्री, एक विधायक,एक पूर्व सांसद, कई अस्पतालों के डॉक्टर और स्टाफ भी अबतक संक्रमित हो चुके हैं। बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार 29 जून की रात्रि 11 बजे तक कुल मरीजों की संख्या 9618 तक पहुंच चुकी है। हालांकि इनमें से 7374 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं।
बताया जा रहा है कि पटना के पालीगंज स्थित डीहपाली गांव निवासी एक युवक की विगत 15 जून को शादी हुई थी। युवक दिल्ली से हाल में ही निजी वाहन से आया था। वह दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर था। ग्रामीणों के अनुसार जब वह घर आया उस समय क्वारेंटाइन सेंटर बंद हो चुके थे, जिसके बाद उसे होम क्वारेंटाइन कर दिया गया था।
उसकी शादी के तीसरे दिन यानी 17 जून को पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया, जिसके बाद उसे पटना भेज दिया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी। बाद में प्रखंड विकास पदाधिकारी चिरंजीवी पांडेय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की छानबीन की और मृत युवक के स्वजनों सहित कोरोना संक्रमण की जांच के लिए करीब 300 से ज्यादा लोगों का सैंपल लिया गया। संक्रमित पाए जाने वाले गांव व मुहल्ले को चिन्हित कर सील कर दिया गया।
दूल्हे की मौत कोरोना से हुई है या किसी और बीमारी से,अब इसका पता लगाना भी अब संभव नही है, क्योंकि दूल्हे का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। अंतिम संस्कार के एक हफ्ते बाद जब इलाके के लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजेटिव आई तो उस दूल्हे को लोगों ने कोसना शुरू कर दिया। ऐसा इसलिए कि जब तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी थी तो उस वक्त उसे अस्पताल भेजा गया था। बताया जाता है कि हॉस्पिटल के गेट पर पहुचने के साथ ही उसकी मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजन उसे लेकर सीधे गांव आ गए थे, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसी कारण उसकी कहीं भी कोरोना की जांच प्रक्रिया नहीं हुई।
इस मामले में किसकी लापरवाही है,यह तो जांच के बाद सामने आएगा, लेकिन उस नवविवाहिता के हालत की सहज कल्पना की जा सकती है, जिसका ससुराल पहुंचने के साथ ही सुहाग उजड़ गया।
दुल्हन के पिता के अनुसार विवाह में दूल्हे की तबियत कुछ खराब थी। तब बताया गया था कि लूजमोशन के कारण थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही है। इस घटना के बाद दुल्हन पक्ष के लगभग 100 लोगों की कोरोना जांच कराई गई। राहत की बात है कि अबतक हुए टेस्ट में दुलहन पक्ष का कोई भी कोरोना से ग्रसित नहीं पाया गया है। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन वर पक्ष की तरफ से बारात में शामिल अधिकांश लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
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bdd855572c734962915680f9763dda0a0a18bc73 | भोपाल। देश में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पहली बार ग्लोबल स्तर पर श्रीराम रन का आयोजन किया जा रहा है। यह रन रामनवमी के अवसर पर 21 अप्रैल को शुरू होगी। देश के लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र बने भगवान राम के नाम पर यह दौड़ कोविड 19 के कारण वर्चुअली आयोजित हो रही है।
श्रीराम रन की शुरूआत 21 अप्रैल को सुबह 5 बजे से होगी, जो उसी दिन रात 10 बजे तक चलेगी। इसका आयोजन राम आस्था मिशन फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। रन में भारत सहित विश्व के 52 देशों के लोग एक साथ अपने आराध्य देव के लिए दौड़ लगाएंगे।
खास बात यह है कि श्रीराम रन तीन अलग-अलग कैटेगरी 1 किमी, 5 किमी और 9 किमी में आयोजित होगी। जिसमें प्रतिभागी अपनी इच्छानुसार कैटेगरी का चयन कर सकते हैं। इस श्रीराम रन में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों को प्री- रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
श्रीराम रन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 15 अप्रैल तक चलेगी। प्रतिभागी www. shriramrun. com पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। राम आस्था मिशन फाउंडेशन के सह संस्थापक डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि यह पहला मौका है जब लोग आस्था, स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्वच्छता के लिए एकजुट होकर दौड़ लगाएंगे।
दौड़ के माध्यम से स्वच्छता का संदेश भी दिया जाएगा ताकि जो लोग जहां दौड़ रहे हैं उस स्थान को साफ और स्वच्छ रखे। श्रीराम रन में रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रतिभागियों के नाम पर एक पेड़ लगाया जाएगा। यह पेड़ देश के विभिन्न हिस्सों में तैयार होने वाले रामवन में लगाए जाएंगे। इससे पर्यावरण को लाभ होगा और देश में कई रामवन भी स्थापित होंगे। वहीं, 17 अक्टूबर 2021 के बाद श्रीराम रन हर वर्ष दशहरा उत्सव के बाद आने वाले रविवार को आयोजित होगी।
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59efd9c0ab4373e52df4070257c31066250ce6b0107b72387de7738a6747bc40 | पुस्तकालय का सर्वोदयवादी स्वरूप
श्री परमानन्द दोषी, एम० ए०
पुस्तकालय एक सार्वजनिक संस्था है। इसका संगठन जनतान्त्रिक आधार पर होता है । अतएव इसके संचालन से लेकर उपयोग तक के सारे कार्य इसके संगठन एवं स्वरूप के अनुरूप ही होने चाहिएँ । सभी व्यक्तियों पर इसकी समान दृष्टि रहनी चाहिए और सभी व्यक्तियों की भी इस पर समान दृष्टि रहे । सभी व्यक्तियों की समान दृष्टि पुस्तकालय पर रहे, यह लोगों की रुचि, परिस्थिति, प्रवृत्ति आदि की विभिन्नता के कारण यदि संभव न भी हो, तो भी पुस्तकालय अपनी समदर्शिता से क्यों चूके ? अपने कार्य के सर्वोदयी पक्ष को क्यों अन्धकारपूर्ण रहने दे ? उसे तो सर्वसाधारण की बिना किसी भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से सेवा करनी है । समाज में लोगों का ऊँचा नीचा स्थान रहा करता है - रहा करे, शैक्षणिक योग्यता में भी लोग आगे-पीछे रहा करते हैं - रहा करें और धन-वैभव तथा महिमा मर्यादा में भी लोगों में पारस्परिक अन्तर हुआ करता है - हुआ करे, पर पुस्तका लय को तो उस सूर्य के समान अपनी ज्योति विकीर्ण करनी है, जो बिना किसी भेदभाव के पृथ्वी के समस्त अंग-अंशों पर अपना प्रकाश बिना किसी हिचकिचाहट और संकोच के नियमित रूप से फैलाता रहता है। सदानीरा गंगा भी अपना शीतल जल देने में कभी कोई कार्पण्य नहीं करती, जल लेने वाला चाहे जैसा भी हो । सघन वृक्ष भी अपनी छाया अपनी शरण में आने वाले समस्त प्राणियों को समभाव से दिया करते हैं। सूर्य, जलाशय, वृक्ष तथा इसी प्रकार के अन्यान्य प्राकृतिक उपादानों की भाँति पुस्तकालय को भी अपना स्वरूप ऐसा बनाना होगा, जिससे कि किसी
दिसम्बर, १६६९
व्यक्ति विशेष को यह शिकायत करने का कुयोग न मिले कि उस पुस्तकालय से उस व्यक्ति को समुचित सहयोग न उसके प्राप्त हो सका, पुस्तकालय के इसी स्वभाव के कारण, इसी स्वरूप की वजह से उसे सार्वजनिक पुस्तकालय कहा जाता है ।
पुस्तकालय को भी युगधर्म को समझना- परखना और तदनुकूल अपने कार्य-कलापों के प्रवाह को प्रवहमान होने देना होगा। यह युग व्यक्ति विशेष का युग नहीं, बल्कि व्यक्ति-व्यक्ति अर्थात् सभी का युग है । सर्वत्र सर्वोदय की भावना ज़ोर पकड़ती जा रही है। हम अपने परिवार से लेकर विश्व के समस्त राष्ट्रों तक सर्वत्र यही देखते हैं कि व्यष्टि की प्रभुता बड़ी तेजी के साथ नष्ट होती जा रही है और समष्टि की प्रभुता जमती जा रही है। आज कोई भी व्यक्ति एक की अपेक्षा अनेक की ज्यादा कदर करना चाहता है। समूह और समुदाय को अत्यधिक महत्त्व इन दिनों दिया जाने लगा है । पुस्तकालय को भी इन्हीं प्रवृत्तियों के अनुकूल अपने स्वरूप को बनाना होगा ।
आदर्श र सिद्धान्त के रूप में तो ये बातें बड़ी ही अच्छी और उपयुक्त प्रतीत होती हैं, परन्तु व्यावहारिक, रूप में जब इन्हें हम देखने की चेष्टा करते हैं, तो हमें वहाँ सर्वथा दूसरी ही तस्वीर दिखलाई पड़ती है। सर्वत्र पुस्तकालयों के द्वारा सीमित व्यक्तियों को फायदा पहुँचाया जा रहा है। सर्वत्र ही उनके संचालन में कुछ व्यक्तिविशेष ही प्रवृत्त दीख पड़ते हैं। जहाँ उनके द्वार सबके लिए खुले रहने चाहिए, वहाँ कुछ के ही प्रवेश की वहाँ सुविधा है। ज्यादा लोगों पर निषेधाज्ञा जारी है।
निषेधाज्ञा और प्रतिबन्ध मेरा तात्पर्य इस बात से नहीं है कि लोगों को पुस्तक में जाने नहीं दिया जाता है अथवा वे वहाँ न जाएँ, इसके लिए दुप्चेष्टाएँ की जाती हैं। मेरा यह है कि पुस्तकालयों का संचालन उत्साहपूर्ण ढंग से न तो किया जाता है और न आकर्षक एवं आमन्त्रणपूर्ण वहाँ का वातावरण रहता है कि लोग स्वतः पुस्तकालय में खिंचकर चले जाएं, लोगों की शिक्षा, अर्थ तथा साधन-सम्बन्धी समता भी उन्हें पुस्तकालयों में नहीं पहुँचने देती। हमारे देश में अधिकांश पुस्तकालय सशुल्क पुस्तकालय हैं, जहाँ सदस्यता शुल्क, सुरक्षा शुल्क आदि के नाम पर बिना पैसे दिये हुए उनसे सम्पर्क जोड़ा ही नहीं जा सकता । यह हुई सम्बन्धी
अब शिक्षा सम्बन्धी समर्थता को लीजिए । वैसे व्यक्ति जा पढ़े-लिखे नहीं हैं, अथवा बहुत कम पढ़े-लिखे हैं, उनके लिए पुस्तकालय में प्रायः नहीं के बराबर व्यवस्था होती है। इसी प्रकार क्षेत्रीय दलवन्दी, गुटबन्दी, जातीयता, साम्प्रदायिकता, सामाजिक ऊँचाई निचाई, राजनीतिक मतभेद आदि से पुस्तकालयों को शायद ही कहीं बचाकर रखा
७० चित्रयुक्त
सुदूर अन्तरिक्ष के पथ पर
हिन्दी के यशस्वी लेखक तथा रूसी से हिन्दी में अनुवादक, श्री महाव्रत विद्यालंकार का सोवियत वीर अन्तरिक्ष यात्री यूरी गगारिन की पुस्तक का मूलानुवाद जो उपन्यास से भी रोचक वैज्ञानिक जीवन-वृत्त है, जिसे प्रत्येक नवयुवक को पढ़ना चाहिए । मू०४.०० टैगोर-सोवियत रूस की दृष्टि में
सोवियत लेखकों के टैगोर-सम्बन्धी लेखों का संग्रह, जिनसे महाकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के साहित्य की रूस में जनप्रियता का दर्शन हो सकता है। प्रत्येक साहित्यप्रेमी के लिए यह पुस्तक घर में रखने योग्य है । ३.००
True Face of American Monopolist Democracy American Abroad
HARSH PUBLICATION Dayalvas, Paharidhiraj, Delhi-6
जाता है। दुष्परिणाम होता है कि लोगों का एक बहुत बड़ा दल पुस्तकालय के उपयोग से सर्वथा वंचित रह जाता है ।
अशिक्षा, रूढ़ियाँ, गलत सलत परम्पराएँ, अन्धविश्वास, दकियानूसी आदि बीमारियों से हम इस प्रकार ग्रसित हैं कि पुस्तकालय की उपयोगिता अनिवायता के कायल होना तो दूर की बात रही, उसे सोच भी नहीं सकते ।
अन्यान्य संस्थाओं की भाँति पुस्तकालय के संचालन में हम अपना या अपने प्रियपात्रों एवं अपने दल के लोगों के विशिष्ट हाथ रहना भी पसन्द करते हैं। ऐसा इसलिए कि इससे हमें सस्ती लोकप्रियता प्राप्त होती है। हमारी नामवरी की भूख मिटती है और कभी-कभी इसके नाम पर हम अर्थ तथा अन्य प्रकार की सुविधाओं से भी लाभ उठाते हैं ।
ये सारी प्रवृत्तियाँ कितनी घृणित, गर्हित, निन्दनीय और त्याज्य हैं - इसकी कल्पना हम तभी कर सकते हैं, जब हम पुस्तकालय के आधारभूत सिद्धान्त तथा उसके सर्वोदयी स्वरूप को अच्छी तरह जान लें ।
जीवन और जगत में जिस प्रकार सर्वोदय की भावना प्रबल से प्रबलतर होती जा रही है, उसी प्रकार हमें अपने पुस्तकालय के सारे कार्यों को सर्वोदय के आधार पर नियोजित करना होगा । हमें उसकी सेवाओं को इतना व्यापक, विविध और सुविस्तृत बनाना होगा। कि उनसे हमारे समाज का कोई भी व्यक्ति वंचित नहीं रहे। पुस्तकालय से यदि बड़े-बड़े विद्वानों को अपनी विद्वत्ता को संवद्धित करने में सहयोग मिले, पुस्तकालय किसी अन्वेषयक अथवा अनुसन्धायक के लिए नये तथ्यों का रहस्योद्घाटन करने में सहायक हो, किसी परीक्षार्थी को परीक्षोत्तीर्ण होने में मदद करे, किसी पुस्तक प्रेमी को अपनी पाठ्य-सामग्रियों द्वारा मानसिक खुराक प्रदान करे, तो शिक्षा के वरदान से वंचित अनपढ़ों और निरक्षरों को भी वह सहयोग दे, तभी उसका सर्वोदयी पक्ष उजागर हो सकेगा। गाँव के मास्टरजी और निठल्ले बैठे हुए ग्रेजुएट बबुआजी ग्राम-हितेषी पुस्तकालय से पुस्तकें पढ़ते रहें और बीफन मोची तथा हरखू महतो का उससे कोई ताल्लुक न रहे, तो यह पुस्तकालय की आंशिक उपयोगिता का ही परिचायक होगा। शहर के | pdf |
df4ada090d7547099249163bd9bbb27bb8c424c5 | हिल्टन हर्गहाडा लॉंग बीच - आराम में आराम!
ब्रेक चाहिए? चुनाव स्थलों और आवास का निर्धारण नहीं करता है? सभी प्रकार से चकाचौंध होटल, होटल और campsites?
कृपया ध्यान दें होटल हिल्टन हर्गहाडा लॉंग बीच - मंजिला परिवार के जटिल और जटिल 2 - मंजिला विला, समुद्र के पास स्थित एक 3 मंजिला मुख्य भवन, 3: है, जो जटिल तीन हिस्से होते हैं 2003 से अपने मेहमानों के लिए इंतज़ार कर रहा है। हर्गहाडा (अधिभार) के केंद्र में शटल बस।
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आ रहा है, यहां तक कि हजारों किलोमीटर का दूर करने के लिए, आदमी महसूस सभ्यता से काट नहीं किया - प्रत्येक कमरे में, एक सिंक, शौचालय और शॉवर कक्ष की तरह इस तरह के मानक बातों के अलावा, आराम का अतिरिक्त साधन के रूप में प्रदान की जाती हैं। यह टीवी, फोन है, और वहाँ की व्यवस्था करने की कहते हैं, एक मिनी बार, अपार्टमेंट के आराम में दो लोगों के लिए एक रोमांटिक शाम है। इसके अलावा, एक बालकनी या छत के लिए उपयोग है। जरा कल्पना! आप सूर्योदय और सूर्यास्त के रूप में, इस तरह के एक अतुलनीय तमाशा देखने में सक्षम हो जाएगा!
जल उपचार के प्रेमी होटल और एक आउटडोर पूल, और का एक केंद्र मिलेगा डाइविंग और अन्य पानी के खेल; अगर आप भूखे हैं, आपकी सेवा - एक बार या कैफे, और अपने साथी धर्मनिरपेक्ष शाम और दिलचस्प बातचीत चाहता है - आप एक रेस्तरां के पास जाना चाहिए। हम बिलियर्ड्स और गेंदबाजी की तरह मनोरंजन के इन प्रकार यह नहीं कह सकते हैं - यह भी छुट्टियां मनाने के बीच काफी मांग है। वॉलीबॉल, मिनी गोल्फ, टेबल टेनिस, टेनिस कोर्ट, जिम - होटल हिल्टन हर्गहाडा लॉंग बीच यह सब दे देंगे।
आप बच्चों का क्लब है कि वे पेशेवर बेबीसिटर्स की देखरेख में थे या खेल के मैदान पर खेलने छोड़ में भेज सकते हैं बच्चे; और खुद को इस समय, आप एक मालिश, सौना, चिकित्सा कार्यालय या स्वास्थ्य केंद्र के लिए जा सकते हैं। होटल में भी कार किराए पर लेने की व्यवस्था की केंद्र - आप किसी भी पसंदीदा घंटे की अवधि के लिए एक कार किराए पर और सवारी का आनंद ले ले सकते हैं; आवश्यक मुद्रा विनिमय कार्यालयों, होटल के ठीक पर स्थित हैं ताकि आप किसी भी समस्याओं के बिना पैसे बदल; दुकानों और शॉपिंग सेंटर की एक किस्म। यदि आप एक प्यारे पालतू जानवर है, जो आप एक नहीं छोड़ सकते है, तो उसे अपने साथ ले के लिए स्वतंत्र महसूस - हिल्टन हर्गहाडा लॉंग बीच जानवरों के साथ आवास प्रदान करता है! होटल में लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग भी है।
बेशक, हिल्टन लांग बीच में विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रमों प्रस्तुत -, एनीमेशन, डिस्को दूसरे शब्दों में, सब कुछ आप एक उज्ज्वल समय काटने के लिए की जरूरत है। जो लोग चाहते हैं आस की एक किस्म की पेशकश करने के लिए।
समुद्र तट और उसके परिवार पर आराम कोई संदेह नहीं है खुश होगा मुफ्त छतरियों, डेक कुर्सियां और तौलिये की बहुतायत - सब कुछ निः शुल्क आगंतुकों के लिए उपलब्ध है। हिल्टन लॉंग बीच तटीय पट्टी के अपने स्वयं के अनुभाग है। एक किलोमीटर के बारे में यह स्ट्रेचिंग - ठीक, स्वच्छ, गर्म रेत के एक किलोमीटर के! यह और एक चट्टान के एक हिस्से पर कर रहे हैं। गहराई तक आवश्यक लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर, बहुत चिकनी और सपाट तल, जो, ज़ाहिर है, बच्चों के लिए एक से अधिक है चलने के लिए। समुद्र होटल से केवल छह सौ मीटर की दूरी पर है।
की बहुत ही सुविधाजनक स्थान होटल हिल्टन लॉंग बीच हर्गहाडा - शहर से सिर्फ 20 किमी और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एक 15-20 मिनट की दूरी पर है ताकि आप होटल हवाई अड्डे से रिकार्ड समय चाल में है।
केवल सकारात्मक, उज्ज्वल, छापों होटल समीक्षाएँ हिल्टन हर्गहाडा लांग बीच से भरा लोगों को छोड़ने के लिए यह यात्रा करने के लिए। वहाँ कम से कम एक बार किया गया, मैं फिर से और फिर वापस आने के लिए एक अद्भुत छुट्टी है, जो लंबे समय तक स्मृति में रहेगा आनंद लेना चाहते हैं।
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9db3fa28199204c7040069110d25aae8895262ba | BAREILLY: ग्राम प्रधान इलेक्शन में किसी तरह का बवाल न हो इसके लिए पुलिस ने पहले से ही एक्शन लेना शुरू किया है। जिसके तहत खुराफातियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। करीब 55 हजार लोगों के खिलाफ अब तक एक्शन लिया जा चुका है। पुलिस ने काफी संख्या में अवैध शस्त्र व कारतूस भी जब्त किए हैं। इसके अलावा अभी भी कार्रवाई जारी है। बाहरी राज्य की सीमा को ब्लाक करने के लिए बहेड़ी व शीशगढ़ में 11 स्थानों पर बैरियर लगाए जाएंगे। इलेक्शन में क्लस्टर मोबाइल व थाना मोबाइल की भी ड्यूटी लगाइर्1 जाएगी।
ग्राम पंचायत चुनाव में विवाद जरूर होते हैं। इस बार दो बार में चुनाव हुए, इसके बावजूद विवाद हुए। बीडीसी और डीडीसी इलेक्शन और उसके बाद 9 मामले हुए। जिसमें देवरनियां में 1, हाफिजगंज में 1 और क्योलडि़या में दो विवाद हुए। इनमें से 38 नामजद में से 28 आरोपियों को जेल भेजा गया।
सुभाषनगर के बिरिया नरायन पुर में एक-दूसरे के प्रत्याशी को वोट देने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जिससे कई के सिर में चोटें आई। पुलिस ने दोनों पक्षों के घायलों का मेडिकल कराया। पुलिस ने जब दोनों पक्ष की ओर से एनसीआर दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी की तो दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
एक पक्ष के मूलचंद ने आरोप लगाया कि अशोक, बिल्लू, किशन, व कुंवरपाल अपने चहते को वोट देने का दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने विरोध किया तो उनके व उनके परिवार के सदस्यों के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की। वहीं दूसरे पक्ष के कृष्णपाल ने आरोप लगाया कि नन्हें, मूलचंद, छोटेलाल और झब्बू अपने प्रत्याशी के लिए वोट डालने का दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने विरोध किया तो लाठी-डंडों से मारपीट की। रामगंगा चौकी इंचार्ज ने बताया कि दोनों पक्षों में प्रधानी के वोट को लेकर झगड़ा हुआ था। एक ही परिवार के होने के चलते दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है।
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e832322a24b05d956005af69dac0a17ef6d01f4a | बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) इन दिनों अपने कई प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। आयुष्मान की आने वाली फिल्मों में 'अनेक' भी शामिल हैं। आयुष्मान खुराना अपनी फिल्म 'अनेक' को लेकर काफी समय से चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में मेकर्स ने इस फिल्म से आयुष्मान खुराना का फर्स्ट लुक जारी किया है। इसके साथ फिल्म के रिलीज डेट की भी घोषणा की है।
आयुष्मान खुराना ने शेयर किया पोस्टरः
अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपने सोशल मीडिया के जरिए अपनी फिल्म 'अनेक' का पोस्टर जारी किया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्टर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, "एक ऐसे किरदार के लिए, जिसने मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर निकाला है, उसके लिए अनुभव सिन्हा से फिर से जुड़कर मैं बहुत ही रोमांचित महसूस कर रहा हूं। भूषण कुमार से सपोर्ट मिला है। अनेक सिनेमा की एक अलग भाषा की शुरुआत करेगी। इस सामाजिक-राजनीतिक थ्रिलर के लिए तारीख चिह्नित करेंः 31. 03. 2022। "
कैसा है पोस्टरः
वहीं अगर सामने आए इस पोस्टर की बात करें, तो पोस्टर में आयुष्मान खुराना लोगों की एक लाइन के विपरीत चल रहे हैं। माथे पर पड़ी सिलवटें उनके चेहरे पर परेशानी और गुस्सा बयां कर रही हैं। आयुष्मान का ओवरऑल लुक काफी अच्छा लग रहा है। अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) द्वारा निर्देशित और आयुष्मान खुराना अभिनीत ये फिल्म अगले साल 31 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
आयुष्मान खुराना ने फिल्म को लेकर कही यह बातः
आयुष्मान खुराना ने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा, "यह केवल एक बार होता है कि एक एक्टर एक ऐसी कहानी के साथ आता है, जो उसे उसके आराम क्षेत्र से बाहर लेकर आती हो, जबकि मैंने हमेशा उपन्यास कहानियों का समर्थन किया है, अनेक ने मुझे नए उत्साह के साथ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है। यह उस तरह की स्क्रिप्ट है, जो एक व्यक्ति को अपना सब कुछ देने के लिए प्रेरित करती है। मुझे बहुत गर्व है कि, हमने इस तरह की फिल्म बनाई है और इससे भी ज्यादा भाग्यशाली इस वजह से भी मैं हूं कि, मुझे लीड रोल करने का मौका मिला है। "
आयुष्मान खुराना की आने वाली फिल्मेंः
आयुष्मान खुराना फिल्मों में अपने दमदार एक्टिंग के लिए काफी मशहूर है। आयुष्मान खुराना फिल्मों कंटेंट काफी शानदार लेकर आते हैं और अभी तक उनकी एक भी फिल्म फ्लॉप साबित नहीं हुई है। वहीं अगर आयुष्मान खुराना के वर्क फ्रंट की बात करें, तो वो इस फिल्म 'अनेक' के अलावा जल्द ही फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में नजर आएंगे। इसके अलावा आयुष्मान, 'एक्शन हीरो', 'डॉक्टर जी' जैसी फिल्में शामिल हैं।
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ffa8208c54ef9272334735211950ad06f9ff6896 | 4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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773737abe4466a2efc7d051c6d074afed5b27930 | JugJugg Jeeyo Public Review: दर्शकों के दिल में उतर गई वरुण धवन की 'जुगजुग जियो'
फिल्म 'जुगजुग जियो' में अनिल कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, नीतू कपूर, मनीष पॉल और प्राजक्ता कोहली जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. इसका निर्देशक राज मेहता ने किया है, जबकि धर्मा प्रोडक्शंस और वायकॉम 18 स्टूडियोज ने मिलकर प्रोड्यूस किया है. फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों की तरफ से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.
वरुण धवन और कियारा आडवाणी की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जुगजुग जियो' 24 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इसको लेकर शानदार सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कई फिल्म समीक्षकों ने इसे फैमिली एंटरटेनर बताते हुए पांच में से चार स्टार तक दिए हैं. फिल्म में इमोशन, ह्यूमर और ड्रामा का जबरदस्त तड़का लगाया गया है. इतना ही नहीं फिल्म की स्टारकास्ट अनिल कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, नीतू कपूर, मनीष पॉल और प्राजक्ता कोहली के अभिनय की भी हर कोई तारीफ कर रहा है. धर्मा प्रोडक्शंस और वायकॉम 18 स्टूडियोज के बैनर तले बनी इस फिल्म को सोशल मीडिया पर कुछ लोग भले ही बायकॉट कर रहे हैं, लेकिन उससे बड़ी संख्या में लोग पसंद भी कर रहे हैं.
फिल्म 'जुगजुग जियो' को बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.
वरिष्ठ फिल्म समीक्षक तरण आदर्श फिल्म को पांच में से चार स्टार देते हुए लिखते हैं, "अब कुछ गुड न्यूज आई है. जुगजुग जियो एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म है. ड्रामा, ह्यूमर, इमोशन का बैलेंस है. खासकर के सेकंड हॉफ में इतना जबरदस्त इमोशन है कि दर्शकों को आनंद आ जाएगा. यह निश्चित रूप से बड़ी संख्या में परिवारों को आकर्षित करता है. डायरेक्टर राज मेहता ने फिर अच्छा काम किया है. इससे पहले फिल्म गुड न्यूज में उनके शानदार काम को देखा जा चुका है. इस बार भी उन्होंने दर्शकों को निराश नहीं किया है. उनका निष्पादन सरल, लेकिन प्रभावी है. सभी कलाकारों ने जबरदस्त अभिनय प्रदर्शन किया है. आप अपने परिजनों और चहेतों के साथ इस फिल्म को देख सकते हैं. "
ओवरसीज सेंसर बोर्ड के सदस्य उमैर संधू ने फिल्म 'जुगजुग जियो' को देखने के बाद इसकी बहुत ज्यादा तारीफ की है. उन्होंने फिल्म को पांच में से 3. 5 स्टार दिया है. इसके साथ ट्विटर पर लिखा है, "फिल्म जुगजुग जिओ निश्चित रूप से हिट होने वाली है. स्मार्ट लेखन, शानदार ह्यूमर और दिल छू लेने वाली भावनाएं, इस बेहतरीन फिल्म के तीन पिलर्स हैं. चौथा पिलर फिल्म के कलाकारों का अभिनय प्रदर्शन है. साल 2022 की बेस्ट फैमिली एंटरटेनर फिल्म है. ये अपने टाइटल को पूरी तरह से जीता है और इन्वेस्टर्स को अच्छी खबर देगा. यह अनिल कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, मनीष पॉल के ईमानदार और उल्लेखनीय अभिनय प्रदर्शन से सजा है. फुल पैसा वसूल फैमिली एंटरटेनर फिल्म. '
अमेरिका में भारतीय फिल्मों का डिस्ट्रीब्यूशन करने वाले फिल्म क्रिटिक शिवम तलरेजा ने भी फिल्म 'जुगजुग जियो' को पांच में से तीन स्टार दिया है. उन्होंने लिखा है, "कोरोना महामारी के बाद की अब तक की सबसे मनोरंजक फिल्म है. सुंदर गीत, उत्तम निष्पादन. वरुण धवन और कियारा आडवाणी की जोड़ी ने कमाल किया है. मनीष पॉल की कॉमेडी गजब लग रही है. अनिल जी और नीतू मैम भी बहुत अच्छे लग रहे हैं. ऐसी उम्मीद है कि फिल्म संयुक्त राज्य अमेरिका में अच्छा कारोबर करेगी. " फिल्म समीक्षक रोहित जायसवाल लिखते हैं, "एक संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजक फिल्म. इसमें जबरदस्त कॉमेडी के साथ भयंकर इमोशन है. एक के बाद एक ह्यूमरस सीन देखने को मिलेगा. सुंदर फिल्म बनाई गई है. "
एंटरटेनमेंट वेबसाइट पिंकविला के लिए हिमेश मनकद ने लिखा है, "फिल्म जुगजुग जीयो ड्रामा, इमोशन और कॉमेडी के साथ एक फुल ऑन पैकेज है, जो कि दर्शकों का जबरदस्त मनोरंजन करता है. फिल्म में कुछ कमियां भी हैं, लेकिन अंत भला तो सब भला जैसा मामला है. फिल्म के आखिर हर कोई अपने चेहरे पर मुस्कान लेकर सिनेमाघर से बाहर निकलता है. ये एक मनोरंजक फिल्म है, जिसमें कलाकारों ने अविश्वसनीय अभिनय प्रदर्शन किया है. संगीत शीर्ष पायदान पर है, जो कहानी में समां जाता है. सेकंड हॉफ में 'नाच पंजाबन' गाने पर हर कोई थिरकने पर मजबूर होने लगता है. फिल्म की कहानी ओरिजनल और बिल्कुल फ्रेश है. " यहां फिल्म को पांच में से 3. 5 स्टार दिया गया है.
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6f17b06bf1ad00e7c5c9be34ffcce6401bae562b | Bachpan Ka Pyar: राजकुमार राव और वाणी कपूर जल्द ही किसी फिल्म में साथ में नजर आ सकते हैं. रिपोर्ट की माने तो यह फिल्म होगी बचपन का प्यार, जिसे अनुभव सिन्हा प्रोड्यूस करने जा रहे हैं. फिल्म उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ पर बेस्ड प्रेम कहानी होगी. हालांकि इस बारे में अभी तक ऑफिशियल तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इस फिल्म से संबंधित जैसे ही कोई अपडेट सामने आता है, हम आपको रूबरू कराते रहेंगे. राजकुमार राव के वर्कफ्रंट की बात करें तो वे जल्द ही श्रद्धा कपूर के साथ स्त्री 2 में दिखाई देंगे. Ranveer Singh hugs BFF Arjun Kapoor: मनीष मल्होत्रा ब्राइडल कॉउचर शो में रणवीर सिंह ने अपने बेस्ट फ्रैंड अर्जुन कपूर को कसकर लगाया गले, वीडियो हुआ वायरल (Watch Video)
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087d30704bbc8a64d9f16df671a80553ae3bd6d8 | PATNA : बिहार में पुलिस प्रसाशन की टीम उस वक्त से अधिक एक्टिव मोड पर काम कर रही है, जब डीजीपी ने बैठक कर अपराधियों और बदमाशों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने की बात कही है। यही वजह है कि, पुलिस की टीम आए दिन अवैध और गलत काम करने वालों के खिलाफ रेड कर रही है और उन्हें अरेस्ट भी कर रही है। हालांकि, इस दौरान पुलिस टीम को काफी विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अब एक ताजा मामला मसौढ़ी से निकल कर सामने आया है। जहां एक आरोपी को अरेस्ट करने पहुंची पुलिस टीम पूरी रात भटकती रही और बाबजूद इसके आरोपी को अरेस्ट नहीं कर पाई।
दरअसल, पटना के मसौढ़ी स्थानीय पटेल नगर स्थित जीर्ण-शीर्ण पार्क के पास आपसी वर्चस्व को लेकर दो गुटों में पत्थरबाजी और फायरिंग करने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि, इसमें किसी के जख्मी होने की सूचना नहीं है।
बताया जा रहा है कि, घटना की सूचना पाकर पुलिस की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन कोई हत्थे नहीं चढ़ सका। अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपितों ने पुलिस को ही खूब दौड़ाया। जिसके बाद भड़की पुलिस ने अपनी भड़ास पटेलनगर की ओर से मनीचक जाने वाली एक पगडंडी पर बैठे मनीचक के कुछ युवकों की पिटाई कर निकाली। हालांकि, फायरिंग की घटना से उन्होंने इनकार किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस काफी देर तक वहां रही, लेकिन पुलिस के सामने कोई नहीं आया। फिलहाल घटना किन लोगों के बीच और किस कारण को लेकर घटी, यह पता नहीं चल सका है।
आपको बताते चलें कि, फायरिंग और पत्थरबाजी की सूचना पर पुलिस के पहुंचते ही करीब दो दर्जन युवक भागकर मनीचक तालाब के पास जाकर छिप गए। पुलिस पूरे मुहल्ले में दो घंटे तक घूमती रही। थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि पटेल नगर में मारपीट की सूचना मिली थी।
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7ad3537af545074ddf752e0f6f87a28f1086becc | कॉमनवेल्थ गेम्स में 70 देशों के 6600 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं और आयोजक खेल गांव को हर संभव पूरी सुविधा से लैस करने की तैयारी में हैं।
नई दिल्ली, 2 अप्रैलः ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बुधवार से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान 225,000 कॉन्डम, 17,000 टॉयलेट रोल्स और फ्री आईसक्रीम भी बांटे जाएंगे। इन खेलों का आगाज 4 अप्रैल को होना है और उससे पहले हजारों एथलीटों, सपोर्ट स्टाफ और दुनिया भर के दर्शकों का ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर आना शुरू हो गया है।
इन खेलों में इस बार करीब 70 देशों के 6600 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं और आयोजक खेल गांव को हर संभव पूरी सुविधा से लैस करने की तैयारी में हैं। आंकड़ों के अनुसार 11 दिनों तक चलने वाले इस इवेंट में मुफ्त कॉन्डम की जो व्यवस्था की गई है वो 34 कॉन्डम प्रति व्यक्ति है।
पिछले ही साल दक्षिण कोरिया में हुए विंटर ओलंपिक में आयोजकों ने 110,000 मुफ्त कॉन्डम बांटे थे। वहीं, रियो ओलंपिक में 450,000 कॉन्डम बांटे गए थे। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: सीरिंज विवाद में शक के घेरे में भारतीय दल, मामले की जांच शुरू)
उस समय ब्राजील में यौन संक्रमण से भी फैलने वाले रोग 'जिका' का खतरा था और इस कारण तब ये संख्या 42 कॉन्डम प्रति व्यक्ति थी।
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20c86780d164e1062c7c5400e79e8bea692c4632 | ऑक्सीजन सप्लाई सुधर जाए तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। एक टैंकर भिलाई से आ गया है। एक पीथमपुर से मिल गया। नागदा के लिए गुजरात से टैंकर लाया गया है। कल तक की व्यवस्था हो गई है। अब ठेकेदार ने भरोसा दिया है कि रोज सप्लाई करेगा। देखते हैं, आगे फिर मशक्कत करेंगे. . . कल रात 11 बजे सो जाने की तैयारी थी। सब कुछ ठीक था। पीथमपुर से ऑक्सीजन का टैंकर शाम को चल दिया था, इसलिए कोई चिंता नहीं थी। सोने जाते वक्त अपडेट के लिए मोबाइल लगाया तो पता चला टैंकर तो आया ही नहीं। सुनते ही नींद उड़ गई। टैंकर गया कहां? आरआई को ढूंढने भेजा। और जगह से भी पता करते रहे। आरआई ने पीथमपुर से करीब 25 किमी दूर पुल के पास टैंकर देखा। चालक साइड में लगाकर सो रहा था। मोबाइल भी बंद था। उसे जगाया। नाम-नंबर चेक किया। कंफर्म हुआ वही टैंकर है। फिर उसे लेकर आए। रात खराब हो गई। एक टैंकर भिलाई से मिला है। नागदा वाले का एक टैंकर गुजरात में फंसा था। क्या करें। शहर के एक सीनियर साथी की मदद मिली। भोपाल की लिंक निकाली और वहां से गुजरात की। वहां चर्चा की, तब जाकर टैंकर आ पाया। इससे नागदा की व्यवस्था हो गई। अब ऑक्सीजन की स्थिति यह है कि पहले घंटों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करना पड़ रही थी, अब एक दिन पर बात आ गई है। सप्लायर ने कहा है कि वह अब नियमित सप्लाई करेगा। अभी तो सुकून है।
कंसंट्रेटर मशीनें मिल रही हैं, लेकिन यह केवल ऐसे मरीजों के लिए हैं, जिन्हें कुछ देर के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जैसे ओपीडी में कोई पेशेंट आया तो उसे मशीन लगा कर राहत दे सकते हैं, तब तक उसे भर्ती करने की प्रक्रिया पूरी होती रहती है। पीटीएस में जनभागीदारी वाला सेंटर बना रहे हैं, उसमें यह मशीनों का उपयोग होगा।
चरक में 36 बेड बढ़ गए हैं, 20-30 और बढ़ जाएंगे। आरडी गार्डी में भी बेड ले रहे हैं। बस ऑक्सीजन के कारण मात खा रहे हैं। बेड तो हो जाएंगे, ऑक्सीजन की व्यवस्था भी करना पड़ेगी। बिड़ला में भी बेड मिल रहे हैं। (जैसा कलेक्टर आशीष सिंह ने दैनिक भास्कर को चर्चा के दौरान बताया। )
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14294254a77e357ad6303aa320778cb39f6a6771 | लंदन स्थित मेटावर्स स्टार्टअप इम्प्रोबेबल को एक नई इकाई बनाने के लिए $150 मिलियन का महत्वपूर्ण धन प्राप्त हुआ है जिसका उद्देश्य ब्लॉकचेन-आधारित दुनिया को आपस में जोड़ना है।
M² कहा जाता है, मिराना, डिजिटल करेंसी ग्रुप, CMT, SIG और ईथर वेंचर्स सहित Web3 स्पेस में उल्लेखनीय निवेशकों से $ 150 मिलियन जुटाने के बाद परियोजना पहले ही $ 1 बिलियन के मूल्य तक पहुंच गई है। फंडिंग राउंड का नेतृत्व असंभव समर्थकों आंद्रेसेन होरोविट्ज़ और सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प ने किया था।
इम्प्रोबेबल, 2012 में स्थापित, 60 से अधिक गेम प्रकाशकों को मल्टीप्लेयर वीआर-सक्षम तकनीकों और सेवाओं को प्रदान करने के लिए जाना जाता है। कंपनी को अब तक इस दौर के साथ संयुक्त रूप से कुल $754.1 मिलियन का वित्त पोषण प्राप्त हुआ है।
कंपनी का नवीनतम उद्यम एम², एम स्क्वायर के रूप में उच्चारित, इम्प्रोबेबल से एक अलग स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करेगा। नवीनतम फंडिंग के साथ, नया प्रतिष्ठान मॉर्फियस तकनीक का लाभ उठाएगा ताकि कई आभासी दुनिया के बीच अंतर को सक्षम किया जा सके। मॉर्फियस इम्प्रोबेबल का एक अपेक्षाकृत नया उत्पाद है जो एक ही वर्चुअल स्पेस में 10,000 से अधिक खिलाड़ियों का समर्थन करता है।
इम्प्रोबेबल के सीईओ हरमन नरूला ने कहा प्रेस विज्ञप्तिः
"एम² इस भविष्य को स्थापित करने में हमारा योगदान है और हम आशा करते हैं कि हमारे भागीदारों को कई प्रतिभागियों और सफलता की कहानियों के साथ एक खुले मेटावर्स को उत्प्रेरित करने में मदद मिलेगी," उन्होंने कहा।
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62a9f5c13547be38eb45c4c9dc81f1a873ba96ab | नई दिल्ली। तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आज बिपरजॉय तूफान भयानक रूप ले सकता है। विभाग के अनुसार अगले 6 घंटों के अंदर ये खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। बताया जा रहा है इस तूफान का असर कई तटीय इलाकों में देखने को मिल सकता है। इस दौरान यहां तूफान और तेज बारिश होन की उम्मीद है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर स्थित बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अगले 6 घंटों के भीतर एक खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। इसका असर पाकिस्तान तक देखा जाएगा। 15 जून तक ये खतरनाक बिपरजॉय पाकिस्तान और उसके तटीय इलाकों तक पहुंच जाएगा।
तूफान को देखते हुए मौसम विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और अन्य तटीय क्षेत्रों को शनिवार को अलर्ट पर रखा गया था। इसके अलावा अरब सागर तट पर वलसाड के तीथल बीच पर ऊंची लहरें देखने के बाद इसे 14 जून तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। वही विभाग ने मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों सहित महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में अगले 24 घंटों में तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।
हवा की रफ्तार के हिसाब से इन चक्रवातों को पांच श्रेणियों में बांटा जाता है। श्रेणी एक में 119 किलोमीटर प्रति घंटा से 153 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार तक, श्रेणी दो में 154 से 177 किलोमीटर प्रति घंटा, श्रेणी तीन में 178 से 208 किलोमीटर प्रति घंटा, श्रेणी चार में 209 से 251 किलोमीटर प्रति घंटा और श्रेणी पांच में 252 किलोमीटर प्रति घंटा और उससे अधिक रफ्तार के तूफान आते हैं।
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132759bf02f0647875ce504e8815a1abcb6f88b5 | नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन का चेहरा बनीं बिल्किस दादी का भी नाम मैग्जीन TIME की इस लिस्ट में शामिल है। बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन हुआ था।
नई दिल्लीः प्रभावशाली व्यक्तित्व होना बहुत बड़ी बात है। ऐसे व्यक्तियों की दुनिया में कमी नहीं है। दुनिया के हर देश में सैकड़ों प्रभावशाली सख्सियतें होंगी लेकिन दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मैग्जीन TIME ने साल 2020 के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट जारी कर दी है। हर साल ये लिस्ट जारी की जाती है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जाता है। बता दें कि दुनिया के सबसे प्रभावी नेताओं की लिस्ट में एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जगह मिली है।
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन का चेहरा बनीं बिल्किस दादी का भी नाम मैग्जीन TIME की इस लिस्ट में शामिल है। बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन हुआ था, जहां 'शाहीन बाग की दादी' ने दुनियाभर में अपना नाम कमाया था। 82 साल की बिल्किस को टाइम ने अपने सौ प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में जगह दी है।
पिछले साल मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन एक्ट पास किया था, जिसके बाद पूरे देशभर में प्रदर्शन हुआ था। लेकिन शाहीन बाग का प्रदर्शन इस पूरे आंदोलन की पहचान बना था। इनके अलावा इस लिस्ट में बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना, रविंदर गुप्ता, भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का भी नाम शामिल है।
दुनियाभर के सौ प्रभावी लोगों की लिस्ट में टाइम ने इस साल करीब दो दर्जन नेताओं के नाम शामिल किए हैं, जिनका किसी ना किसी रूप में दुनियाभर में प्रभाव रहा है। इसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है, जो इस लिस्ट में शामिल इकलौते भारतीय नेता हैं।
अपनी मैग्जीन के लेख में टाइम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है, 'लोकतंत्र में वही सबसे बड़ा है कि किसे सबसे अधिक वोट मिले हैं। लोकतंत्र के कई पहलू हैं जिसमें जिन्होंने जीते हुए नेता को वोट नहीं दिया, उनके हक की भी बात होती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां हर धर्म के लोग रहते हैं। '
मैग्जीन ने लिखा है, 'रोजगार के वादे के साथ भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, लेकिन उसके बाद कई विवाद सामने आए। जिसमें अल्पसंख्यकों पर हमले की बात भी हुई और उसके बाद अब भारत कोरोना वायरस संकट की मार को झेल रहा है। '
आपको बता दें कि TIME मैग्जीन ने अपने सबसे प्रभावशाली नेताओं की लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस, जो बिडेन, एंजेला मर्केल, नैन्सी पॉलोसी जैसे बड़े नेताओं को भी शामिल किया है।
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9e364ae6f1c7853befa4fc36cb9b57ee6fd57c20 | Faridabad/Alive News: क्राइम ब्रांच बॉर्डर प्रभारी संदीप कुमार की टीम ने लड़ाई झगड़े व स्नेचिंग के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान फरीदाबाद निवासी मोहम्मद उमर के रूप में हुई है। आरोपी से एक बटुआ और कैंची बरामद कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम मोहम्मद उमर है जो फरीदाबाद के पल्ला एरिया का रहने वाला है। 2 दिन पहले आरोपी की राहुल नाम के व्यक्ति के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी जिसमें आरोपी ने उस व्यक्ति के कैंची से हमला करके चोट पहुंचाई और उसका बटुआ व जरूरी कागजात और पैसे लेकर मौके से फरार हो गया।
पीड़ित ने इसकी शिकायत थाने में दी जिसके पश्चात आरोपी के खिलाफ लड़ाई झगड़ा व स्नैचिंग की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू की गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले में आगे कार्रवाई करते हुए गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर आरोपी को काबू कर लिया। आरोपी के कब्जे से 1 कैंची, 1 बटुआ, कागजात व 1800 रुपए बरामद किया गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नाई की दुकान पर गया हुआ था और दुकान के बाहर उसका राहुल के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और उसने गुस्से में आकर राहुल पर कैंची से हमला कर दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बहुत ही खतरनाक किस्म का अपराधी है उसके खिलाफ इससे पहले भी स्नेचिंग के 11 मुकदमे दर्ज है और वह अभी हाल ही में जेल से छूट कर आया था। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपी को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।
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0d773755aa107334526f923b732ce591673a430e | डेविड वॉर्नर नागपुर टेस्ट के दौरान भारतीय फैंस का मनोरंजन करते दिखे। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
डेविड वॉर्नर भारतीय फैंस के दिलो पर राज करते हैं। कई बार उन्हें भारतीय जमी पर फैंस का मनोरंजन करता देखा गया है। आईपीएल में भी उन्हें यहां काफी प्यार मिला है। वॉर्नर भारत के खिलाफ नागपुर में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला खेल रहे हैं, जहां से एक मजेदार वीडियो सामने आया है। वॉर्नर वीडियो में फैंस का मनोरंजन करते दिखे हैं।
पुष्पा बने वॉर्नरः डेविड वॉर्नर के सिर 'पुष्पा- द राइज'मूवी का क्रेज सिर चढ़कर बोला था। वॉर्नर ने अपने सोशल मीडिया पर कई सारे वीडियो पोस्ट किये थे, जिसमें वह इस मूवी के डायलॉग पर रील बनाते दिखे। अब नागपुर टेस्ट के दौरान एक बार फिर भारतीय फैंस ने वॉर्नर से उनका यही रूप देखने की मांग की। वायरल वीडियो में वॉर्नर नज़र आ रहे हैं और फैंस की मांग पर पुष्पा मूवी का एक्शन करते दिखे हैं।
बता दें कि इस मैच में डेविड वॉर्नर कुछ खास जलवे नहीं बिखेर सके। पहली इनिंग में वॉर्नर महज 1 रन बनाकर आउट हुए थे। इस बाएं हाथ के गेंदबाज़ ने रन बनाने में संघर्ष का सामना किया था और फिर शमी ने अपनी आग उगलती इनस्विंग गेंद पर उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया की टीम मुश्किलों में नज़र आ रही है। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने महज 177 रन बनाए थे। इसके बाद भारतीय टीम ने रोहित शर्मा (120), अक्षर पटेल (84), और रविंद्र जडेजा (70) की पारियों के दम पर 400 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की टीम दोनों टीमों की पहली इनिंग के बाद 223 रन पीछे है।
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1c26c43b31c7e697e62bfe91f102ba2aae5d6827 | राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल 2018 की शुरुआत में कुछ ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं दिया था। लेकिन जैसे-जैसे मैच टूनामेंट के अंत तक पहुँचता गया। वैसे -वैसे इस टीम का प्रदर्शन और अच्छा होता चला गया। प्ले-ऑफ में जगह बनाने के बाद ये एलिमिनेटर कोलकाता नाइट राइडर्स से 25 रन से हार गए थे। जिसके बाद ये आईपीएल के सीजन से बाहर हो गए थे।
बता दे उनके अच्छे प्रदर्शन के पीछे दो प्रमुख कारण थे। एक तो जॉस बटलर का शानदार प्रदर्शन और दूसरा इस टीम के सभी गेंदबाज़ों की सटीक और धारदार गेंदबाज़ी। इस समय रॉयल्स ने जयदेव उनादकट और बेन लॉफलिन सहित अपने 7 गेंदबाज़ों को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं।
ऐसे में ये टीम आगामी आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान गेंदबाजी के विकल्पों पर नजर रखेगी। तो आइये इसी कड़ी में हम बात करते हैं ऐसे तीन गेंदबाज़ों के बारे में जिन पर राजस्थान रॉयल्स अपनी बोली लगा सकती हैं।
इस खिलाड़ी को पिछली सीजन में किसी भी टीम ने नहीं ख़रीदा था। बता दे यह खिलाड़ी आईपीएल के पहले सीजन से खेल रहा हैं। इन्होंने अभी तक अपने आईपीएल के करियर में 6. 72 की बेहतरीन इकोनॉमी रेट के साथ 90 मैचों में 92 विकेट अपने नाम किये थे। लेकिन लंबे समय से चोटिल होने के चलते ये क्रिकेट की पिच से दूर थे।
लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही इस खिलाड़ी ने अपनी राष्ट्रीय टीम में वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वनडे सीरीज में खेलते हुए 3. 48 की शानदार इकोनॉमी रेट के साथ 3 मैचों में 7 विकेट चटकाए हैं।
इस साल उन्होंने7 मैचों में 7. 20 की अच्छी इकोनॉमी रेट के साथ 9 विकेट लिए हैं। इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए इस साल राजस्थान टीम इस बल्लेबाज पर बोली लगा सकती हैं।
राजस्थान की टीम इस समय अपने लिए एक शानदार घरेलू गेंदबाज़ की तलाश कर रही हैं। इसके लिए यह भी मुमकिन है कि वो जयदेव को दोबारा अपनी टीम में शामिल कर लें। बता दे जयदेव आईपीएल सीज़न 2017 के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने थे। इस खिलाड़ी ने 12 पारियों के दौरान 24 विकेट अपने नाम किये थे।
इस खिलाड़ी को आईपीएल के पिछले सीजन में सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा मोटी रकम के साथ ख़रीदा गया था। लेकिन आईपीएल के बाद इन्होंने घरेलू मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में राजस्थान की टीम इस खिलाड़ी को दोबारा कम कीमत पर अपनी टीम में शामिल कर सकती हैं।
दक्षिण अफ्रीका के बेहतरीन बल्लेबाज एक ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्हें कोई भी टीम अपने टीम में शामिल करने को तैयार हो जाएगी। बता दे इस साल खेले गए आईपीएल में ये खिलाड़ी दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा थे। लेकिन इस सत्र के दौरान इस खिलाड़ी को अपनों प्रतिभा दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला।
पिछले आईपीएल के दौरान ये खिलाड़ी महज एक ही मैच खेल पाए थे। जिस मैच के दौरान इन्होने तीन ओवरों के दौरान 34 रन गंवा दिए थे। वैसे ये खिलाड़ी अपनी राष्ट्रीय टीम के स्टार गेंदबाज़ हैं। ऐसे में राजस्थान की टीम इस साल इस खिलाड़ी पर अपनी बोली लगा सकती हैं।
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c79c39ac47cc6c1885ee4c0401adc6175e5c259d | Most Admired Personalities : एक सर्वे के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी दूसरे सबसे ज्यादा प्रशंसनीय व्यक्ति (Most Admired Personalities list) हैं। यह सर्व एक ब्रिटिश इंटरनेट-आधारित रिसर्च एंड डेटा एनालाइसिस फर्म YOUGOV ने कराया है, जिसमें 41 देशों के 42,000 लोगों ने भाग लिया।
Most Admired Personalities list वर्ल्ड कप 2019 के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेट से दूर हैं। इस बीच उनके रिटायरमेंट की खबरें भी आई। हालांकि इसके बाद भी एमएस धोनी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी दूसरे सबसे ज्यादा प्रशंसनीय व्यक्ति (Most Admired Personalities list) हैं। यह सर्व एक ब्रिटिश इंटरनेट-आधारित रिसर्च एंड डेटा एनालाइसिस फर्म YOUGOV ने कराया है, जिसमें 41 देशों के 42,000 लोगों ने भाग लिया।
इस सर्वे में दो कैटिगरीज (पुरुष और महिला) में दुनिया की सर्वाधिक प्रशंसनीय (मोस्ट ऐडमायर्ड) लोगों की लिस्ट तैयार की गई है। इस सर्वे के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया में सर्वाधिक प्रशंसनीय लोगों की लिस्ट में (पुरुष कैटिगरी में) छठे जबकि भारत में पहले स्थान पर हैं। भारतीय शख्सियतों में पीएम मोदी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी का नाम शामिल है। यानि यहां धोनी ने भारतीय कप्तान विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया है।
इस सर्वे के मुताबिक भारत में पुरुषों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सबसे ज्यादा 15. 66 प्रतिशत लोगों ने प्रशंसनीय माना जबकि महेन्द्र सिंह धोनी 8. 58 प्रतिशत प्रशंसा अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहे। धोनी के बाद खेल जगत से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को 5. 81 प्रतिशत जबकि विराट कोहली को 4. 46 प्रतिशत लोगों ने प्रशंसनीय माना।
इस मामले में भारत में महिलाओं की बात करें तो स्टार मुक्केबाज मैरी कॉम ने सबको पीछे छोड़ दिया है। मैरी कॉम को 10. 36 प्रतिशत, किरण बेदी 9. 46 प्रतिशत, महान गायिका लता मंगेशकर 9. 23 प्रतिशत, बीजेपी की दिग्गज नेता सुषणा स्वराज 7. 13 प्रतिशत और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को 6. 35 प्रतिशत लोग प्रशंसनीय मानते हैं।
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11ca8106d2fe7274a326225faf2f0a177e38651f6e39691cfa6b9acd50b914b0 | रचना-सौष्ठव पर लिखने के बाद जरूरी है कि भाषा-विज्ञान पर भी कुछ लिखें । भाषा बहुभावात्मिका रचना की इच्छा मान से बदलतवाली देह है। इसीलिए रचना और भाषा के अगणित स्वरूप भिन्न भिन्न साहिकी विशेषताएँ जाहिर करते हुए देख पड़ते है । रचना युद्ध कौशल है और भाषा तदनुरूप अस्त्र । इस शास्त्र का पारंगत वीर साहित्यिक ही यथासमय समुचित प्रयोग कर सकता है। इस प्रयोग का सिद्ध साहित्यिक ही ऐसे स्थल पर कला का प्रदर्शन करेगा। मालूम होगा, यह कला स्वयं विकसित हुई है। वह सजीव होगी। प्रसिद्ध साहित्यिक वहां प्रयास करता हुआ प्राप्त होगा। अनेक ख्यातनामा लेखवा इसके उदाहरण हैं ।
भाषा-विज्ञान की मुख्य एक धारा गद्य और पद्य में कुछ-कुछ विशेषताएँ लेकर पृथक हो गयी है । इस भेद-भाव को छोड़कर हम साधारण-माधारण विचार पाठको के सामने रक्खेंगे। पहले हमारे यहां ब्रज भाषा में पवमादित्य ही था, गद्य का प्रचार अब हुआ है । भाषा-विज्ञान की तमाम बातें यद्यपि पथ-साहित्य में भी प्राप्त होती हैं, फिर भी उस समय के कवियों या साहित्यिकों को हम इधर प्रयत्न करते हुए नहीं पाते । वे रस, अलकार और नायिका-भेद के ही उदाहरण तैयार हुए, मिलते है । अब, जब गद्य का प्रचार हुआ, और भले-बुरे कुछ व्याकरण भी तयार किये गये, हम देखते है, फ़ारमी और उर्दू का हमारी बाहरी प्रकृति पर जैसा अधिकार था, अन्तःप्रकृति पर भी बहुत कुछ वैसा ही पड़ा है हमारा दाक्स्फुरण, प्रकाशन बहुत कुछ वैसा ही बन गया है। उर्दू आज भी युवतत्रान्त मे अदान लत की भाषा है । उर्दू के मुहावरे हिन्दी के मुहावरे हैं। उस प्रकार हिन्दी-उर्दू का मिश्रण रहने पर भी हिन्दी ही उर्दू से प्रभावित है। यही कारण है कि बहुत जल्द हिन्दी का प्रतिष्ठित लेखक बन जाता है, चाहे उस हिन्दी के अक्षर मात्र का ज्ञान हो । उसकी रचना सोधी और माया बासुहावरा समझी जाती है। गीतों में जो स्थान राज़लों का है, बहू पदों का नहीं रह गया । हिन्दी-गों में उर्दू के अशआर पढ़ने के शौकीन पाठक ज्यादा मिलेंगे। ध्रुवपद, धम्मार, रूपक और झप, सोलह मात्राओं को कव्वालियों के आगे केंप गये है। ये सब हमारी भाषा की पराधीनता के सूत्रक हैं, शब्द -विज्ञान में यही ज्ञान स्पष्ट देख पड़ता है।
पर जिन प्रान्तों पर उर्दू या फारसी की अपेक्षा संस्कृत का प्रभाव अधिक था, अँगरेज़ी के विस्तार से उनकी भाषा मार्जित तथा जातीय विशेषत्व की शाधिका हो गयी है। हमारी हिन्दी अभी ऐसी नहीं हुई। उनके खार अभी निकाले नही गये। उसमें भाषाविज्ञान के बड़े-बड़े पण्डितों ने सुधार के लिए परिश्रम नही किया । उसका व्याकरण बहुत ही अधूरा है। जो लोग संस्कृत और अँगरेजी दोनो व्याकरण से परिचित हैं, वे समझ सकते हैं, दोनों के व्याकरण में कितना साम्य है लिपी की तरह उर्दू का भी भिन्न रूप हैं अवश्य बुछ साम्य मिलना है हम इस नोट मे उद्धरण नहीं दे सक्से स्थानाभाव के कारण हम यह जानत है
र बिना उद्धरणो व साध रण जन अच्छी तरह समझ नहीं सकेंगे। पर अभी हम क्ष्म रूप से ही कहेंगे। किसी बगाली, गुजराती, महाराष्ट्री, मद्रासी या उड़िया विद्वान से हिन्दी के सम्बन्ध में पूछिए, वह व्याकरण-दोषवाली बात पहले कहेगा। एक बार महात्माजी ने स्वयं ऐसा भाव प्रकट किया था - युक्तप्रान्त की हिन्दी ठीक नही, अगर वहाँ कोई हिन्दी के अच्छे लेखक हैं, तो उनके साथ मेरा परिचय नहीं । महात्माजी की इस उक्ति का मूल कारण क्या हो सकता है, आप ऊपर लिखे हुए कथन पर ध्यान दें ।
जाति को भाषा के भीतर से भी देख सकते हैं। बाहरी दृष्टि से देखने के मुकाबले इसके साहित्य को भीतर से देखने का महत्त्व अधिक होगा। भाषा-साहित्य के भीतर हमारी जाति टूटी हुई, विकलांग हो रही है। बाहर से ज्यादा मजबूत यहीं-- भीतर उसके पराजय के प्रमाण मिलेंगे। जब भाषा का शरीर दुरुस्त, उसकी सूक्ष्मातिसूक्ष्म नाडियाँ तैयार हो जाती है, नसों में रक्त का प्रवाह और हृदय में जीवन-स्पन्द पैदा हो जाता है, तब वह यौवन के पुष्प-पत्र- सकूल वसन्त से नवीन कल्पनाएँ करता हुआ नयी-नयी सृष्टि करता है। पतझड़ के बाद का ऐसा भाषा के भीतर से हमारा जातीय जीवन है ! पर जिस तरह इस ऋतु-परि वर्तन में मृत्यु का भय नहीं रहता, धीरे-धीरे एक नवीन जीवन प्राप्त होता रहता है. हमारे भाषा-विज्ञान के भीतर से हमें उसी तरह नवीन विकास प्राप्त होने को हैं।
अंगरेजी साहित्य से हमें बहुत कुछ मिला है। केवल हम अच्छी तरह वह सब ले नहीं सके । कारण, अँगरेजी साहित्य को हमने उसी की हद में छोड़ दिया है। अपने साहित्य के साथ उसे मिलाने की कोशिश नहीं की। हिन्दी में और तो जाने दीजिए, कुछ ही ऐसे साहित्यिक होंगे, जो 'Direct' और 'Indirect' वाक्यों का टीक-ठीक प्रयोग करते हों। सीधे वाक्य को 'तो', 'ही' और 'भी' के अनावश्यक बोझ से गधा बना देते है । क्या मजाल, किसी विद्वान् का लिखा एक वाक्य सीधे जवान से निकल जाय । कही पूर्ण विराम पर विराम लेने की प्रथा होगी, हिन्दी मे हर विभक्ति के बाद आराम करके आगे बढ़िए । भाषा में इतना प्रखर प्रवाह फलतः जाति भी वैसी ही अंटाचित है ।
हमें समय मिला, तो हम आगे इस अंश पर विचार करेंगे। अभी यह कहना चाहते हैं, इस तरह शक्ति रुक जाती है। भाषा-साहित्य की बड़ी बात यह है कि जल्द से जल्द अधिक-से-अधिक भाव लिखे और बोले जा सकें। जब इस प्रकार भाषा बढ़ती हुई और प्रकाशनशील होती है, तभी उत्तमोत्तम काव्य, नाटक, उपन्यास आदि उसमें तैयार होते हैं। दूसरे, गद्य जीवन-संग्राम की भी भाषा है। इसमें कार्य बहुत करना है, समय बहुत थोड़ा है।
[ 'सुवा', अर्धमासिक, 1 अक्तूबर, 1933 (सम्पादकीय) । प्रवन्ध प्रतिमा मे संकलित]
हमारा कथानक-साहित्य
आजकल संगार का ही रुख कथानक साहित्य की और अधिक है। कहीं नही दिलचस्पी पहले से घटने लगी है, काकी तरफथ साव सा है, फिर भी पाठासंख्या के विचार में कथानक-साहित्य का ठी अयम अदा क्षेत्र है। भंस के कर्मों से थके हुए मनुष्य प्रायः कहानी-उपसास ही मनोरंजन के लिए पसन्द करते है । योरप में इसकी कला मननशील नि के अविशा परिश्रम उच्चतम सोमा
को पार कर गयी है। और, चूंकि जीवन कथार्थ छाप दस साहित्य में अनक चरित्रों के भीतर से अनेकानेक रूपों में रहती है, इसलिए अपर गायिकी अपेक्षा इसके प्रति आकर्षण खासतौर से होता है।
परन्तु जीवन की प्रगति का निश्चय न रहने पर भी वह एक कुछ नहीं की तरह नही बहता । उसमें कुछ निश्चय और लक्ष्य भी होता है। यही लक्ष्म जीवन का उद्देश है। किसी जीवन का लक्ष्य बुग नहीं होता। यही कलाके उद्देश की साधना है। यहाँ अनेकानेक चरियों की पूर्तिया समाज के नितिन गोकाक एक पुष्ट रूप देती है। समाज के सामने आदर्श की स्थापना होती है। व्यक्ति और समाज को उपन्यास के भीतर से कुछ मिलता है, जिससे क पहले की अपेक्षा और सुन्दर स्वरूप, विचार और संस्कृति प्राप्त करता है । अवश्य लक्ष्य-भ्रष्ट मन्द जीवन भी कथानक माहित्य के अंग है, पर उनका निरुद्देश बना ही उन शक्ति-साहित्य का परिचय होकर समाज को उधर जाने से रोकता है ।
बहुत मे चरित्रों के विश्रण सघर्ष में किमी जटिल प्रश्न का समाधान भी उपन्यास-साहित्य का एक प्रधान विषय है। जो बात किसी लक्ष्य पर पहुँचने के लिए है, वही एक उलझी हुई समस्या के समाधान के लिए भी । वहा सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, हर तरह की हो सकती है। हर जाति के सामने प्रति, मुहूर्त, नये पथ पर, नये विचारों से चलने का प्रश्न रहता है। यदि ऐसा नहीं, तो मनुष्य-जाति स्वभाव को न बदल सकनेवाले पशुओं में परिणत हो जाय। यहाँ भो, ऐसे प्रश्नों के विवेचन के समय, चित्रण करते हुए, उपन्यागार की मनोहर क्या के भीतर लोक-मनोरंजन का अद्भुत कौशल प्रदर्शन करना हना है; त्रन्कि आदर्शवादवाली कला में यहाँ शक्ति को और भी पुष्ट रूप देना पडता है। क्योंकि यह समाज के स्वीकृत विषय का मार्जिन तथा उच्चतर स्वरूप नही, उसके मनीभाव के बदलने का विवेचन है, जहाँ प्रायः लोगों को नाकामयाबी हासिल होती है।
हिन्दी के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानी-लेखक इस भूमि में नहीं आये। अब विवेचन शुरू हुआ है, और यही किसी-किसी उपन्यासकार तथा कहानी लेखक भी विशेषता है। हमारे अब तक के पुराने उपन्यास लेखकों ने समाजग जैसे अन्दर नवीन सामाजिकता से अपने उपन्यासों को अलंकृत नहीं किया, उनमें विवण को उतनी प्रयत्न शक्ति मौलिक विवेचन को अयाध धारा नहीं के प्राचीन सरकारी के भीतर ही जो कुछ कर सके करत रह करते जा रह हैं आदमशव दो होने पर | pdf |
c05b6d0fd042401999f8eeb0885bf9e24e8cdd1f33f030128c6092b16c3fdddd | सूरजमल पूरे घावे पडियो । तिण वेढथी गिरवी छूटो । नै सूरजमलरा दिया दहबारीरै बारै गाव वीणो नै वासोलो वीजा ही सासण गाँव घणाई दिया सु अजेताई छै । इण वेढ ही सादडी छुटी नही । पीढ़ी ४ ईणारै रही ।
१ रावत खीवो मोकलरो ।
२ रावत सूरजमल ।
३ रावत बाघ सूरजमलोत । चीतोड वहादररै मामलै काम आयो । ४ रावत वीको ।
एक दिन सीसोदिया रावत सूरजमल खीमावत ऊपर अजाणजकरो कवर प्रथीराज रायमलोत आयो, सु पैहले दिन राणो रायमल सूरजमल मामलो हुवो थो, तठै राणारी क्यू कम हुई थी" नै सूरजमलरी वधती हुई थी । सु सूरजमलरै क्यु हेक घाव लागा था नै दूजे दिन प्रथीराज टूट पडियो तद सूरजमलरै घाव निपट घणा लागा । सु रजपूत सूरजमलरी डोळी' ले भाखरनू नीसरिया, तरै वासै साथ प्रथीराज भाखर चाढै छै । सु प्रथीराजरो वनो देवडो नं सूरजमलरो चाकर महियो औ दोनू वाझिया" । वनै महियानू मार 'लियो । अँ दोनू ठोड दूटो पावता । नै महियो सीसोदियो छै । देवळिये रजपूत सीसोदिया सहसावत नै सोनगरा छै । सीसोदियो जोगीदास जोधरो । जोध गोपाळरो । सहसो, खीमो मोकलरो । सु आज जोगीदास भलो रजपूत छै ।
रावत वोको-वीका-रो बेटो भानो टीके" ह॒वो । नै चीतोड धणी राणो अमरसिघ हुवो । नै सैदनू जीहरण मीमच छै" । दीवाणरै नउवो वाघरडै हद छै" । तठै रावत गोवद खगाररो चू डावत था।
1 घावोसे पूर्ण हो कर गिर पड़ा 1 2 से 3 अभी तक 4 अचानक 5 ( पराजित होने के कारण) न्यूनता रही। बाजी ढीली रही। 6 और सूरजमलको चाजी बढतीमें रही थी । 7 सोये हुए आहत और मूच्छित व्यक्तिको कत्रो पर उठा कर लेजानेकी एक टिकटी । 8 पीछे। 9 लडे । 10 दोनो स्थानोमें ये दूसरोसे दुगुना मुआवजा पाते थ । 11 गद्दी बैठा 12 जोहरण और मीमच पर सैयदका अधिकार है । 13 श्रमरसिंह के राज्यकी सीमा नेउवा र वाघरडा गावो तक है । 14 थाने पर स्थित है । | pdf |
8604caa36c959e664716d2630fd33e4c4328a31b0d1824a5fc798a829efd5619 | समस्या-नाटक में जीवन की विभिन्न सामाजिक समस्याओं को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया जाता है । समस्या - नाटककार के ध्यान में वह समसामयिक लोक-समाज होता है, जिसकी एक इकाई वह स्वयं हुआ करता है । समस्या के तिक्त पक्ष को नाटककार व्यक्तिगत रूप से भोगता है और अपने आसपास के लोगों को भी भोगते हुए देखता है । इससे समस्या-नाटक में अनुभूत पीड़ा की प्रतिक्रिया और तज्जन्य आक्रोश की अन्विति हो जाया करती है । यह आकस्मिक नहीं है कि समस्या-नाटककार की कृति में समाज की आनन्दविधायिनी घटनाओं के प्रति एक प्रकार की निरपेक्षता और उदासीनता पायी जाती है। समस्या-नाटककार प्रायः उन्हीं तत्वों को प्रत्यक्ष करता है, जिनके अस्वस्थ प्रभाव के कारण जीवित समाज में घुन लगा रहता है । इस प्रकार मूलतः सामाजिक नाटककार होते हुए भी समस्याग्रही नाटककार सामाजिक नाटक की स्थिर कक्षाओं को तोड़ता है और उन बिन्दुओं को ही सर्ज्य और भाष्य मानता है, जो संघर्ष को आमंत्रित करते हैं, बाधाएँ और कठिनाइयाँ बन कर प्रबुद्ध मानस को किसी नये आयाम की कल्पना अथवा विद्यमान घिनौनी स्थिति का जम कर विरोध करने के लिए उकसाते हैं । समस्या-नाटककार को एक आयोजित अथवा अायोजित प्रतिवद्धता ग्रहरण करनी पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप वह विकृतियों पर निर्मम कशाघात करता है और वैसा करते समय वह व्यंग्य और उपहास को अपना अस्त्र बनाता है । व्यंग्य और उपहास की अन्विति के कारण समस्या-नाटकों में एक ग़ज़ब का ज़ोर आ जाता है । चूँकि समस्या-नाटक की सम्वेदना यथार्थ से प्रत्यक्ष होती है, समस्या-नाटककार यथार्थवादी भी होता है ।
प्रस्तुत ग्रन्थ में यह स्वीकार किया गया है कि हिन्दी के समस्या-नाटकों की में रचना इब्सन और शॉ जैसे पश्चिमी नाटककारों के अनुकरण पर छायावाद-युग प्रारम्भ हुई । इसे छायावाद की काव्यात्मक ऊहा का अप्रत्याशित विरोध भी कहा जा सकता है । इसलिए कि समस्या नाटकों के वस्तु-संकलन, संवाद - प्रायोजन, परिस्थितिहिन्दी के समस्या नाटक । ५४२
निर्देश, चरित्र प्रस्तावना और भाषा - विन्यास जैसे सभी तत्व छायावाद के काव्य-पक्ष के प्रतिकूल विरस गद्य के रूप में स्थिर हुए। प्रायः व्यंग्य-मूढ़ से छायावाद ने एक ऐसी साहित्यिक ऊब पैदा कर दी थी, जिसे परवर्ती प्रगतिशील सम्वेदना के द्वारा तो तोड़ा ही गया, समकालीन कथा-साहित्य और विशेषतः समस्या-नाटकों के द्वारा भी भंग किया
गया ।
भारतेन्दु युग के नाटकों में भी तत्कालीन समस्याओं के प्रति एक प्रकार की सजग चेतना पायी जाती है। समसामयिक चिन्तन के प्रति प्रतिबद्धता प्रकाव्यात्मक रुक्षता के साथ व्यंग्य तथा अन्यापदेश स्वयं भारतेन्दु के नाटकों में भी मिलते हैं । इसीलिए पश्चिमी अनुकृति का पूर्ण अभाव रहने पर भी भारतेन्दु-युग के नाटक समस्या- नाटकों के कथ्य का अभिस्ताव बड़े मजे से कर देते हैं । सच तो यह है कि प्रत्येक युग की अपनी कुछ समस्याएँ होती हैं, जिनके साथ जागरूक कलाकार को उलझना पड़ता है। ऐसे कलाकार बर्नर्ड शॉ की तरह यह सोचते हैं कि जो कलाकार अपने और अपने युग के विषय में लिखता है, वही सबके लिए और सदा के लिए लिखता है । ' इसी स्थापना के आग्रह पर इस ग्रन्थ में संस्कृत के भास, शूद्रक, कालिदास प्रभृति कालातीत नाटककारों के कतिपय नाटकों का अध्ययन करते हुए उनमें निहित सामाजिक और वैयक्तिक प्रश्नों के अनुसन्धान का प्रयत्न किया गया है ।
कवि कालिदास के 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का अनुशीलन करने पर यह सहज ही प्रत्यक्ष हो जाता है कि महाकवि ने अपने युग की एक विकट समस्या की प्रस्तुति एक पुराख्यान के फलक पर की है। लगभग ऐसा ही प्रयत्न जयशंकर प्रसाद के 'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में भी है, जिसमें एक ऐतिहासिक घटना के परिप्रेक्ष्य में प्रेम और विवाह के उचित दाय का प्रश्न उठाया गया है ।
समस्या-नाटकों की परम्परा को भारतीय वाङ्मय के अतीत के पृष्ठों के अनुक्रम से जोड़ लेने पर यह प्रश्न सहज ही खड़ा हो जाता है कि क्या हिन्दी समस्या - नाटक भारतीय वाङ्मय के रिक्य- क्रम में ही हैं ? नहीं, ऐसा नहीं है; क्योंकि हिन्दी समस्या-नाटकों का वस्तु - संकलन सम्बन्धी जो सादृश्य परम्परा के अभिनिवेश में मिलता है, वह एक सनातन प्रवृत्ति भर है । जहाँ और जितनी दूर तक समस्या नाटक सामयिक सनातन से अनुबद्ध हैं, वहीं और उतनी ही दूर तक संस्कृत नाटकों की प्रश्न - छेदन क्रिया से उनका मेल है । 'मालविकाग्निमित्र' में स्पष्ट संकेत है कि नाटक 'लोकचरितदर्शन' है । लेकिन यह संकेत सामाजिक नाटक की विशेषताओं को जितना भाषित करता है, उतना समस्या - नाटकों की नहीं । एक पात्री 'भारणों' में व्यंग्य की जो वर्णना उपलब्ध
1. The man who writes about himself and his own time is the only man who writes about people and about all time. :
: The Quintessence of G. B. S. -The Wit and Wisdom of Bernard Shaw -S. Winston-page 33. | pdf |
38b536d7f0aeacc1c339e767c217e9141f03238a | बॉलीवुड के बहुत ही बेहतरीन एक्टर अमिताभ बच्चन की नयी फिल्म झुण्ड आने वाली है। आप सभी को बता दें कि इस फिल्म को लेकर काफी समय से विवाद हो रहा है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक हटाने से बीते बुधवार को साफ़ मना कर दिया। जी दरअसल तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज कर दी गई है। उच्च न्यायालय ने कॉपीराइट विवाद को लेकर इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई थी लेकिन अब उस अपील को खारिज कर दिया गया है।
जी दरअसल यह फिल्म गैर सरकारी संगठन स्लम सॉकर के संस्थापक विजय बर्से के जीवन पर आधारित है और इसे अमेजन प्राइम के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसी महीने प्रदर्शित किया जाना था। वहीं इससे पहले, फिल्म मई में रिलीज होने वाली थी लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यह रिलीज नहीं हो सकी थी। हैदराबाद में स्थित लघु फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार ने फिल्म निर्माताओं पर कॉपीराइट के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है। वहीं दूसरे पक्ष ने इस बात से साफ़ इनकार किया है।
जब इस मामले की सुनवाई हुई तो पीठ ने टिप्पणी की और कहा कि यह एक दिलचस्प मामला है और वह निर्देश देगी कि इसकी सुनवाई छह महीने के अंदर पूरी की जाए। उसके बाद फिल्म निर्माता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि, 'छह महीने में यह फिल्म बेकार हो जाएगी और वे इस व्यक्ति को पैसा देने के लिए तैयार हैं। ' इसके अलावा उन्होंने कहा कि 'संबंधित पक्षों के बीच 1। 3 करोड़ रुपये की धनराशि पर सहमति हुई थी। ' इसी के साथ कुमार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि, 'निचली अदालत में लंबित इस मामले का छह महीने के भीतर निस्तारण करने का न्यायालय निर्देश दे सकता है। '
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993b8fad74dda5fdd1bed425d21071b6f365cb29 | पटनाः कभी बीजेपी के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे फायरब्रांड नेता और फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा क्या फिर से बीजेपी में वापसी करेंगे? कम से कम रविवार को उनके द्वारा किये गये ट्विट को देखकर तो यही लग रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा का मूड बदल रहा है। दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा ने ऐसा ट्विट किया है कि इससे इस बात को बल मिल गया है कि शत्रुघ्न सिन्हा आने वाले दिनों में बीजेपी में वापसी कर सकते हैं। रविवार को शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दुखी लोगों के नये वैरिएंट की जानकारी दी, जिसके बाद वह चर्चा में आ गये। दरअसल उन्होंने ट्वीट किया, दुनिया में चार तरह के दुखी लोग होते हैं। इनमें से एक नया वेरिएंट है बिना बात मोदी से दुखी रहने वाला वेरिएंट।
पटना साहिब से दो बार सांसद रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वे काफी लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए थे तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में उन्हें जगह नहीं मिली थी। इसके बाद से वह पीएम मोदी की खुलेआम आलोचना करते रहते थे।
भाजपा से नाता तोडने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था जिसके बाद कांग्रेस ने उनको पटना साहिब से प्रत्याशी भी बनाया था लेकिन तब वह भाजपा के कद्दावर नेता में शुमार रविशंकर प्रसाद से हार गये थे। इस हार के बाद से ही शत्रुघ्न सिन्हा एक तरह से नेपथ्य में चले गये थे। अब उनके द्वारा किये गये ट्विट ने एक साथ कई संदेश को जन्म दे दिया है।
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7eab1bb86d7017fdc11a3da85bcb089ad631c76b90b045cdd9b4f90170464bda | इसका थोड़ा सा इज़हार भी करो ताकि पता चल जाए कि कौन भाई इज्तिमा से अपनी अपनी मस्जिदों से डिफ़ैन्स से, इस मस्जिद से चार महीने, चिल्ले की जमाते कौन कौन भाई नकद पेश करेगा, जल्दी बता दो ।
وآخر دعوانا عن الحمد لله رب العلمين
काएबात के अजाएबात
जो नज़र आता वह हक़ीक़त नहीं
मेरे भाईयों और दोस्तों ! दुनिया में जो हाल आते हैं उनका पैदा करने वाला तो अल्लाह ही है। ख़ैर आए या शर इरादा इसमें अल्लाह ही का होता है, असबाब बनते हैं इन्सानों के जरिये से चीज़ों के ज़रिये से लेकिन इस दुनिया में फैली हुई चीज़ों की कमी ज्यादती के ज़रिए से का बनना बिगड़ना नज़र आता है ।
नज़र आता है वह दरख़्त नहीं होता सिर्फ साया होता है। हालात अल्लाह तआला पैदा फरमाते हैं और चीजें भी अल्लाह तआला पैदा फ़रमाते हैं। हालात के ख़ज़ाने अल्लाह के पास अलग हैं और चीज़ों के ख़ज़ाने अल्लाह के पास अलग हैं । दुनिया में ज़ाहिरी तौर से एक दूसरे के साथ मिले हुए नज़र आते हैं, हक़ीक़त में ये दोनों अलग अलग हैं । जिस्म और जगह बनता है और रूह और जगह बनती है। रूह के बनने का निज़ाम और है और जिस्म के बनने का निज़ाम अलैहिदा है और अल्लाह तआला इन दोनों को माँ के पेट में जमा कर देता है। नज़र में दोनों एक लगते हैं हक़ीक़त में ऐसा नहीं है । जिस्म एक जगह से आया और रूह दूसरी जगह से आई है। ऐसे ही मेरे भाईयों चीजें आयीं, | pdf |
c3d32ca79d56e54734958f80fd5cd5b2fc0fcfb2 | Habiccor S डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली दवा है, जो ऑइंटमेंट के रूप में उपलब्ध है। Habiccor S का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Habiccor S की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है।
Habiccor S के कुछ अन्य नुकसान भी हैं जो साइड इफेक्ट के खंड में लिखे गए हैं। Habiccor S के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें अगर ये साइड इफेक्ट और ज्यादा बदतर हो जाते हैं या फिर लंबे समय तक रहते हैं।
गर्भवती महिलाओं पर Habiccor S का प्रभाव मध्यम होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव हल्का है। यहां पर ये जानना जरूरी है कि Habiccor S का किडनी, लिवर या हार्ट पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इस तरह के दुष्प्रभाव अगर कोई हैं तो इससे जुड़ी जानकारी Habiccor S से जुड़ी चेतावनी सेक्शन में दी गई है।
ऐसी कुछ अन्य समस्याएं भी हैं, जीने बारे में नीचे बताया गया है। अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो Habiccor S न लें।
इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Habiccor S कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गई जानकारी देखें।
ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Habiccor S लेना सुरक्षित है, साथ ही इसकी लत पड़ सकती है।
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Habiccor S की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Habiccor S की खुराक अलग हो सकती है।
।किशोरावस्था(13 से 18 वर्ष)
क्या Habiccor S का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
गर्भवती स्त्रियों पर Habiccor S के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं Habiccor S के दुष्प्रभाव महसूस करें, तो इसे लेना तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें।
क्या Habiccor S का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
डॉक्टर की सलाह के बिना Habiccor S का सेवन किया जा सकता। स्तनपान करवाने वाली महिला पर इसका विपरीत असर बहुत हल्का ही होता है।
Habiccor S का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
बिना किसी डर के आप Habiccor S को ले सकते हैं। यह किडनी के लिए सुरक्षित है।
Habiccor S का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Habiccor S से आपके लीवर पर कोई दबाव नहीं पड़ता है और यह लीवर के लिए सुरक्षित भी है।
क्या ह्रदय पर Habiccor S का प्रभाव पड़ता है?
Habiccor S को बिना घबराए ले सकते हैं। यह पूरी से आपके हृदय के लिए सुरक्षित है।
क्या Habiccor S आदत या लत बन सकती है?
Habiccor S की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्या Habiccor S को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
Habiccor S और खाने को साथ में लेने से कोई परेशानी नहीं होती है।
जब Habiccor S ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
रिसर्च न होने की वजह से पूरी जानकारी के आभाव में Habiccor S से दुष्प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसको लेना लाभकर होगा।
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c7313f1e101fc833200673830318b2263945cc18 | भारत (India) के बाद अब अमेरिका (America) में भी चीनी ऐप टिक टॉक (Tik Tok) पर प्रतिबंध लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 31 जुलाई को कहा कि वह अमेरिका में तेजी से प्रचलित हो रहे टिक टॉक ऐप को बंद करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हम Tik Tok पर नजर रख रहे हैं। इसे जल्द बैन किया जा सकता हैं। हम इसे लेकर कुछ और भी कर सकते हैं, हमारे पास कई सारे विकल्प हैं।
भारत (India) के बाद अब अमेरिका (America) में भी चीनी ऐप टिक टॉक (Tik Tok) पर प्रतिबंध लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 31 जुलाई को कहा कि वह अमेरिका में तेजी से प्रचलित हो रहे टिक टॉक ऐप को बंद करेंगे। इसके लिए वह कई सारे विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई है कि टिक टॉक (Tik Tok) से मिली जानकारी का इस्तेमाल चीन का खुफिया विभाग (Chinese Agencies) कर रहा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जहां तक Tik Tok से जुड़ी चिंताओं का सवाल है, हम उसे अमेरिका में बैन करने जा रहे हैं।
बता दें कि सिलिकॉन वैली के विशेषज्ञों ने अमेरिका से अपील की थी कि भारत की तरह अमेरिका को भी Tik Tok को बैन करना चाहिए। बैन लगाने को लेकर ट्रंप ने पहले भी संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि अधिकारियों ने इस विषय पर चिंता जताई है कि हमारी जानकारी चीन के खुफिया विभाग तक पहुंचाई जा रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हम टिकटॉक पर नजर रख रहे हैं। इसे जल्द बैन किया जा सकता हैं। हम इसे लेकर कुछ और भी कर सकते हैं, हमारे पास कई सारे विकल्प हैं। ट्रंप का यह बयान उन रिपोर्ट्स के बाद आया है जिसमें कहा गया था बाइट डांस टिक टॉक को बेच सकता है और कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से इस बारे में बात भी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना ने पिछले साल दिसम्बर में अपने सैनिकों के Tik Tok के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी। उसने App को सुरक्षा को खतरा बताया था। अमेरिकी नौसेना ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
फरवरी में टिकटॉक मामले के निपटारे के लिए अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग को 57 लाख डॉलर देने को भी राजी हुआ था, इसमें टिक टॉक (Tik Tok) पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों से नाम, ईमेल का पता, उनका स्थान वगैरह जैसी व्यक्तिगत जानकारी अवैध रूप से जमा करने का आरोप था। गौरतलब है कि अमेरिका से पहले भारत सरकार, चीन के 59 ऐप बैन (59 Apps Banned in India) कर चुकी है। भारत ने चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई गलवान घाटी में झड़प के बाद शुरू की थी।
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b693abf5c5759f62a5b08544c57bfbec24fbbbd8 | DSSSB teacher Recruitment 2021: दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने बुधवार को विभिन्न शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित करने के लिए एक नोटिफिकेश जारी किया है।
DSSSB teacher Recruitment 2021: दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने बुधवार को विभिन्न शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित करने के लिए एक नोटिफिकेश जारी किया है। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT), सहायक शिक्षक, लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC), हेड क्लर्क, और अन्य रिक्त पदों सहित कुल 7,236 पद इस भर्ती अभियान के माध्यम से भरे जाएंगे।
कुल 7,236 खाली पदों में से, टीजीटी के लिए 6,358 पद, सहायक शिक्षक प्राथमिक के लिए 554 पद, सहायक शिक्षक नर्सरी के लिए 74 पद, एलडीसी के लिए 278 पद, काउंसलर के लिए 50 पद, हेड क्लर्क के लिए 12 पद और पटवारी के लिए 10 पद निर्धारित हैं।
डीएसएसएसबी शिक्षक भर्ती पंजीकरण 25 मई से शुरू होगा और 24 जून को आधिकारिक वेबसाइट dsssb. delhi. gov. in पर बंद होगा। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं और सभी विवरण भरने, दस्तावेज अपलोड करने और शुल्क भुगतान के बाद अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। वे भविष्य में उपयोग के लिए आवेदन पत्र का प्रिंटआउट भी ले सकते हैं।
डीएसएसएसबी भर्ती 2021 के लिए आवेदन शुल्क सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 100 रुपये है, जबकि यह अन्य सभी श्रेणियों के लिए निशुल्क है।
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f1d0268a1aef11843b1ae7ac7e0b448bb3e898d3 | हमारे संवाददाता नई दिल्ली। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि नैतिक मूल्यों मे आ रही गिरावट के कारण हिन्दू सनातन संस्कृति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि तीर्थों की परंपराओं व आध्यात्मिक विरासत को ताक पर रखकर तीर्थांटन को पाश्चात्य शैली के पर्यटन के रूप में बढ़ावा दिए जाने से सनातन संस्कृति के यह ऊर्जा के क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। इनमें विक्षोभ पैदा हो रहा है और प्रकृति पराशक्ति दैवीय आपदा के रूप में कहर ढा रही है। उत्तराखंड देवभूमि के श्री केदारनाथ तीर्थ के साथ ही अन्य तीनों धामों में आए जल प्रलय के कारणों पर प्रकाश डालते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में स्थित चारों धामों के साथ ही इस क्षेत्र का प्रत्येक स्थान सनातन संस्कृति के आध्यात्मिक विरासत को अपने में संजोए हुए हैं। जिस कारण यह पुण्य तीर्थ अनंतकाल से हिन्दू सनातन संस्कृति के लिए अनंत ऊर्जा के स्रोत रहे हैं। उन्होंने तीर्थों को परंपराओं में मर्यादाओं में हुए क्षरण को जल प्रलय का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि श्री केदार नाथ तीर्थ के साथ ही अन्य तीनों धामों की अपनी अलग-अलग आलौकिक रीति-रिवाज एवं आध्यात्मिक परंपराएं हैं जिनके अनादकाल से परंपरागत रूप से निर्वहन ने हिन्दू सनातन संस्कृति को जहां वैभवशाली बनाया वहीं समाज को धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से परिपुष्ट करते हुए सुख समृद्धि विकास और आंतरिक चेतना को नई उंचाइयां प्रदान कीं। उन्होंने कहा कि तीर्थों की प्राचीन परंपराओं का निर्वहन स्थापित परंपराओं के अनुरूप ही किया जाना चाहिए। जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि पुण्य तीर्थों में जल प्रलय के कारण हुए असंख्य श्रद्धालुओं, हक हक्कूकधारियों एवं स्थानीय जनों की असामाजिक, देहवसान ने आध्यात्मिक विरासत से जुड़े विद्वत समाज के साथ ही पूरे राष्ट्र को हिलाकर रख दिया है। इसलिए यह नितांत चिंतन का विषय बन गया है और इस पुण्य तीर्थों को परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने अपरिहार्थ हो गए हैं। उन्होंने चारों धामों में अनादिकाल से चली आ रही हक हक्कूकधारियों के हितों की सुरक्षा को प्रभावी बनाए जाने की पहल पर जोर देते हुए कहा कि हकों की आड़ में परंपरागत मर्यादाओं का उल्लंघन न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। तीर्थ धामों में पाश्चात्य संस्कृति की तर्ज पर विकसित होटलों की जगह धर्मशालाओं को निर्माण को अधिक प्रभावी बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि तीर्थों में त्याग समर्पण और परंपराओं के अनुरूप आचरण ही फलदायक होता है। उन्होंने कहा कि तीर्थों में त्याग, सेवा, समर्पण, दान, जप एवं तप का ही महत्व है और इन्हीं के अवलम्बन से मनुष्य अपना जीवन समृद्ध कर सकता है। जगद्गुरु शंकराचार्य ने केदारनाथ में जल प्रलय में असमय काल का ग्रॉस बने श्रद्धालुओं की दाह-संस्कार वैदिक सनातन संस्कृति के अनुरूप ही किया जाना चाहिए तथा नारायणवलि, इशगात्र, पिण्डदान एवं तर्पण आदि वैदिक कर्मकांड विधिपूर्वक सम्पन्न किए जाने पर ही दिवंगत आत्माओं को मुक्ति एवं शांति मिलेगी। अन्यथा आत्माएं भटकेंगी तो तीर्थ में विक्षोभ पैदा होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हिन्दू सनातन संस्कृति के अनुरूप केदार तीर्थ में प्रकृति मार में असमय शरीर छोड़ने वाले श्रद्धालुओं के वैदिक कर्मकांड संस्कार केदारनाथ में ही किए जाने चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि हिन्दू सनातन संस्कृति में शरीर छोड़ने वाले प्रत्येक मतावलंबी की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए वैदिक परंपराओं के अनुसार यज्ञ नहीं बल्कि अंतिम क्रियाकर्म एवं कर्मकांड संस्कार महत्वपूर्ण है। शंकराचार्य ने श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के साथ ही चारों धामों की मंदिर समितियों में राजनैतिक हस्तक्षेप व प्रभावी होती दलीय राजनीति का कड़ा विरोध करते हुए समिति में धार्मिक एवं आध्यात्मिक विद्वानों को जोड़ने की पहल को अधिक प्रभावी बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति पीठों पर प्रभावी होती राजनीति तीर्थों को मर्यादाओं पर भारी पड़ रही है। चारों धामों के विकास को व्यापक रूप दिए जाने की मांग करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तर्ज पर सेंचुरी क्षेत्रों में स्थिति चारों धामों का सीमांकन किया जाना आवश्यक है।
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a9c02e3840dc23d53fecc86f8eee69e7c9c6fc89 | मछली और समुद्री खाने की रूस की खपत पहली जगह नहीं है, हालांकि हमारे देश में मछली संसाधनों के साथ अच्छी तरह से प्रदान किया गया है। यह सप्ताह में कम से कम दो बार मछली का उपभोग करने के लिए पर्याप्त है।
मछली और मछली व्यंजन बहुत उपयोगी हैं, खासकर के लिएछोटे, जिनके हड्डियां बढ़ती हैं और विकसित होती हैं उनके पास बहुत सारे विटामिन, सूक्ष्म और मैक्रो तत्व होते हैं, जो हर रोज मानव शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।
1. सरसों की चटनी के साथ लाल मछली।
इस डिश तैयार करने के लिए आप उपयोग कर सकते हैंकिसी भी सामनः गुलाबी सामन, सामन। मैं गुलाबी सामन के खाना बनाना होगा। तो, तैयार करने के लिए हम एक सिर के बिना एक मछली की जरूरत है अगर वह nepotroshonaya - पेट और अंदर कुल्ला। सरसों सॉस की जरूरत के लिएः सरसों (मैं पहले से तैयार पास्ता का उपयोग करें, दो चम्मच पर्याप्त है), ताजा अंडे के दो जर्दी (बेहतर घर, उनके रंग समृद्ध है, सॉस एक उज्ज्वल पीला हो जाएगा), एक नींबू, जैतून का तेल, नमक, मसाले का रस और वैकल्पिक स्वाद, ठंड के 50 मिलीलीटर पानी उबला हुआ, सजावट मछली व्यंजनों के लिए मक्खन की 100 ग्राम और साग।
सबसे पहले, हम साफ मछली को बैच में विभाजित करते हैंटुकड़े, मेरी बड़ी मछली थी - यह 5 टुकड़े निकले, लगभग 3 सेंटीमीटर मोटे, नमक के साथ खट्टे, थोड़ा नींबू का रस निचोड़ कर आधे घंटे के लिए अचार के लिए छोड़ दें। हम इसे एक साँचे में डालते हैं और इसे पहले से गरम ओवन में सेंकते हैं।
जबकि गुलाबी सैल्मन पकाया जाता है, सॉस तैयार करें एक सॉस पैन में पानी डालो, धीमी गति से आग लगा दीजिए, जलो और मक्खन जोड़ें। यह सब तीव्रता से एक झट से भंग कर दिया गया है जब मक्खन पिघला देता है, तो सरसों को जोड़ने और नींबू से शेष रस को दबाएं। फिर नमक चटनी, मसालों को जोड़ने और कुछ मिनट के लिए हलचल। सॉस तैयार है।
इस डिश हमेशा मुझे बाहर मदद करता है जब मांस नहीं है,लेकिन अभी भी हैम्बर्गर चाहते हैं। तैयार करने के लिए हम किसी भी मछली fillets (आमतौर पर मैं सामन fillets उपयोग करते हैं, लेकिन एक बार पट्टिका बसेरा करने की कोशिश की है, यह भी बहुत स्वादिष्ट आया), 1 अंडा, सफेद ताजा रोटी या पाव रोटी, जड़ी बूटी, नमक का एक टुकड़ा की 800 ग्राम की जरूरत है, बल्ब की एक जोड़ी इस्तेमाल किया जा सकता लहसुन की लौंग - यह तीखेपन दे देंगे। सलाह का एक अन्य शब्दः अगर मछली दुबला है, यह, कीमा बनाया हुआ मछली मक्खन में जोड़ने के लिए बेहतर है तो कटलेट रसदार और सूखी नहीं बाहर कर देते हैं।
हम मांस grinder मछली फिलेट, प्याज,लहसुन, रोटी और हिरन। सभी नमक और मिश्रण। नरम मक्खन और हल्के से पीटा अंडे जोड़ें। फिर, सब कुछ मिश्रित है। इसके अलावा हम कटलेट बनाते हैं। मैं सिर्फ एक परत में minced मछली रोल और एक गिलास के साथ कटलेट कटौती। तो वे मुझे बराबर बनाते हैं और वही बनाते हैं। फिर दोनों तरफ ब्रेडक्रंब और फ्राइंग के साथ पैनिंग या ओवन में बेकिंग। छोटे बच्चों के लिए पिकपेरच से मछली के व्यंजन को डबल बॉयलर में पकाया जा सकता है। तो कटलेट में सभी उपयोगी गुण बने रहेंगे।
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265f61ab816f1be676b08684e6e17fcb00e746f3 | जौनपुर। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा द्वारा हीट वेव के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त किया तथा आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने व साफ-सफाई की व्यवस्था दुरु स्त रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अस्पताल में हीटवेव को लेकर जरूरी सभी बुनियादी व्यवस्थाओं का हाल देखा और उपस्थित डॉक्टरों को निर्देश दिया कि जब तक डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीज का नंबर नहीं आ जाता तब तक मरीज को लाइन में खड़ा करने के बजाए पंखे के नीचे बैठने की व्यवस्था करें। इस दौरान जिलाधिकारी ने पर्ची काउंटर, हेल्थ डेस्क, सर्जन कक्ष, नेत्र परीक्षण कक्ष, दवा वितरण कक्ष, पैथोलोजी कक्ष, ओपीडी कक्ष, जनरल वार्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सीएमएस डॉ. कृष्ण कुमार राय को निर्देशित किया कि अस्पताल के दोनों गेट पर ओआरएस का घोल रखा जाए और मरीजों के आने पर उन्हें दिया जाए। उन्होंने दवा वितरण कक्ष के निरीक्षण के दौरान श्रीमती आरती पाल निवासी शहाबुद्दीनपुर से पूछा कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई सभी दवाएं उपलब्ध हुई है की नहीं जिस पर आरती पाल द्वारा बताया गया कि सभी दवाएं दवा वितरण कक्ष से प्राप्त हुई है। इस दौरान जिलाधिकारी ने अस्पताल के हाल में लगे वाटर कूलर की जांच की कि पानी आ रहा है कि नही, कूलर चालू अवस्था में मिला। डीएम ने ओपीडी हाल में एक मरीज के परिजन मोनू से उपचार पर लग रहे दवा के संबंध में जानकारी प्राप्त की जिस पर परिजन द्वारा बताया गया कि सभी प्रकार की दवा दी जा रही है बाहर से दवा नहीं लेनी पड़ी है और डाक्टर द्वारा समय समय पर मरीजों का हाल लिया जा रहा है। श्री झा ने कहा कि इस समय अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है सभी का अच्छे से उपचार किये जाने की व्यवस्था हेतु सीएमएस को निर्देशित किया गया है।
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fa219972c0ba3aac0ed334fad2ab114b2c8ad938 | मूत्रप्रणाली के किसी भी हिस्से में होने वाले इंफेक्शन को मूत्र पथ में संक्रमण कहा जाता है और इसे अंग्रेजी में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और यूटीआई के नाम से जाना जाता है। मूत्राशय में होने वाले संक्रमण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का सबसे आम प्रकार होता है और इसके मामले भी काफी देखे जाते हैं। वहीं किडनी में होने वाला संक्रमण जिसे पायलोनेफ्राइटिस भी कहा जाता है, वह भी मूत्र पथ में संक्रमण का एक प्रकार है और इसके मामले भी काफी कम देखे जाते हैं। यूटीआई एक आम समस्या है और विशेष रूप से महिलाओं में इसके मामले काफी देखे जाते हैं। लगभग आधी से ज्यादा महिलाओं को अपने जीवन में एक बार मूत्र पथ में संक्रमण जरूर होता है। मूत्र पथ में संक्रमण के बारे में माना जाता है, कि यह समस्या ठीक हो जाती है लेकिन कई बार इससे गंभीर जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं। आंकड़ों के अनुसार यूटीआई एक प्रचलित प्रसारित संक्रमण है, जो हर साल लगभग 15 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। हर तीन में से एक महिला 24 साल की उम्र से पहले ही मूत्र पथ में संक्रमण से संक्रमित हो जाती है और वहीं लगभग 50 फीसद महिलाएं 35 साल से पहले जीवन में एक बार यूटीआई से ग्रसित हो जाती हैं। वहीं मूत्र पथ में संक्रमण से संक्रमित होने वाली 30 प्रतिशत महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें यह संक्रमण फिर से हो जाता है जिसे आरयूटीआई (rUTI) कहा जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो मूत्र पथ में संक्रमण को ब्लैडर इंफेक्शन के रूप जाना जाता है। यह आमतौर पर संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्म जीव मूत्र पथ में घुस जाने के कारण होता है। मूत्र पथ में घुस कर ये रोगाणु अपनी संख्या बढ़ाने लग जाते हैं और फिर उसके बाद संक्रमण फैलना शुरू हो जाता है। मूत्र पथ में संक्रमण काफी दर्दनाक और परेशान कर देने वाली समस्या है और अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो यह गुर्दों को प्रभावित कर सकती है। मूत्र प्रणाली उन अंगों से मिलकर बनी है, जो पेशाब को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं इसमें मुख्य रूप से गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल हैं। मूत्र पथ में संक्रमण का कारण बनने वाले रोगाणु आमतौर पर मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र प्रणाली तक पहुंचते है और फिर संक्रमण फैला देते हैं। मूत्र पथ में संक्रमण का कारण बनने वाले ज्यादातर प्रकार के रोगाणु आमतौर पर मानव मल में ही पाए जाते हैं। इसलिए ये रोगाणु किसी व्यक्ति की आंतों में या गुदा के आसपास होना भी एक सामान्य बात है। जब ये रोगाणु किसी तरह से मूत्र प्रणाली तक पहुंच जाते हैं, तो फिर संक्रमण फैलने लग जाता है।
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ecdd09b84bceefc64dd2efdfbc8b738409e6b1de | नयी दिल्ली। सीमा शुल्क विभाग ने चेन्नई हवाईअड्डे (Chennai Airport) पर एक बड़े अभियान में 100 करोड़ (100 crore) रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए। इथियोपिया के एक हवाई यात्री के पास से 100 किलो कोकीन (100 kg cocaine) और हेरोइन जब्त (heroin confiscated) की गई है। इन दवाओं की बाजार कीमत 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। शुक्रवार को इथियोपिया के अदीस अबाबा से चेन्नई पहुंचे इथोपियन एयरलाइंस के सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इस बीच ये नशीला पदार्थ 38 वर्षीय भारतीय यात्री इकबाल बी उरंदादी के पास से बरामद किया गया है। यह कार्रवाई एयर इंटेलिजेंस यूनिट के एक अधिकारी अनिल कुमार द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की गई है। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि अफ्रीका से आ रहे किसी व्यक्ति के पास नशीला पदार्थ है। हालांकि, जब एक भारतीय यात्री इकबाल ने जांच की तो उसने अस्पष्ट जवाब देने की कोशिश की। इसलिए सीमा शुल्क विभाग ने जांच के बाद करीब 100 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ को जब्त किया है.
कितने किलो दवा मिली?
सीमा शुल्क विभाग द्वारा जांच के बाद अधिकारियों को करीब साढ़े नौ किलो कोकीन और हेरोइन मिली है। साथ ही गहन पूछताछ के बाद इकबाल को हिरासत में लिया गया। इन सभी सामानों को एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त कर लिया गया है। इस बीच, जुलाई में चेन्नई हवाईअड्डे पर ही तंजानिया के एक यात्री के पास से 8. 86 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी। उसके बाद अगस्त में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई की गई है।
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8296aa13772948b777695a5470dba28f7f817a29 | Changes From 1st January 2023: नया साल यानी 2023 आ गया है. घरों में लगे पुराने कैलेंडर बदलकर अगले 365 दिनों वाला नया पंचांग लग गया है. लेकिन सिर्फ कैलेंडर नहीं बदला बल्कि आपकी जरूरतों वाली चीज़ों के दाम भी बदल गए हैं. इसके अलावा कुछ अच्छे बदलाव भी हुए हैं जिससे आपको थोड़ा फायदा जरूर होगा।
नए साल में सरकार ने जनता को महंगाई का तोहफा दे डाला है. अब से समोसा, कचोरी, जलेबी जैसे नाश्ते वाली चीज़ों के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि कमेरिशियल LPG गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं. वो भी पूरे 25 रुपए।
नए साल में बाइक या कार खरीदने का प्लान है? तो थोड़े ज़्यादा पैसे खर्च करने होंगे। Hyundai की गाड़यां 30 हज़ार तक, Kia की 50 हज़ार, MG की कारें 90 हज़ार तक बढ़ गई है. बढ़ी तो मारुती और रेनॉ की भी हैं लेकिन कंपनी ने बताया नहीं कितना।
एक जनवरी से बैंक लॉकर के नियम बदल गए हैं. जिन लोगों ने बैंक में लॉकर लिया है उनके नए साल में सबसे पहले बैंक जाकर New Bank Locker Agreement साइन करना पड़ेगा। अच्छी बात ये है कि अब आपके सामान की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी, और अब बैंक बिना बताए आपके सामान की जब्ती भी नहीं कर सकता है.
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