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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और इसी सिलसिले में वह अभी रायबरेली के दौरे पर हैं. रायबरेली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोला और कहा कि पीएम मोदी ने अच्छे दिन का वादा किया था, वह अच्छे दिन कहां है? उन्होंने कहा कि चौकीदार ने साबित कर दिया कि वह चोर है. रायबरेली में पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चौकीदार ने सबको बेवकूफ बनाया, अब नया नारा आया है. लोग कहते हैं चौकीदार चोर हो गया है. नरेंद्र मोदी का मतलब नफरत है. वह नफरत फैलाने का किंग है. साढ़े चार साल में चौकीदार चोर कैसे हो गया यह बड़ा सवाल है. किसान अपने पसीने से फसल उगाए लेकिन पीएम मोदी और उनकी सरकार उनका कर्ज माफ नहीं करेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि आप इस बात को याद रखो आपका एक सिपाही एक नहीं दो... एक नहीं अब तीन सिपाही हैं और आपके लिए देश में काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैंने प्रियंका से कह दिया है कि जैसे ही जनरल सेक्रेटरी बनेगी उसको यहां आकर आपके दर्शन करने हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार कहती है हमारे पास पैसा नहीं है. हमनें एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में दस दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ किया. हमनें चुनाव में वादा किया था वह दो दिन के अंदर ही पूरा कर दिया. पीएम मोदी ने 15 से 20 उद्योगपतियों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये माफ किया है. वो पैसा आपका था. वह अमेठी, यूपी, और देश के अन्य युवाओं का पैसा था. नरेंद्र मोदी जी के साथ साठगांठ करके उद्योगपति अपना कर्जा माफ कराते हैं. पूरे देश में मनरेगा चलाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये लगते हैं, पीएम मोदी ने एक साल का मनरेगा का पैसा नरीव मोदी के नाम किया. वह 30 हजार करोड़ रुपये लेकर भाग गया.
राहुल गांधी ने राफेल पर भी मोदी सरकार को घेरा और कहा कि राफेल मामले में सरकार ने जमकर भ्रष्टाचार किया. मोदी सरकार ने अपने हिसाब से फाइटर जेट का दाम बढ़ाया. फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि वह (मोदी) फ्रांस आए और उनसे मिले और कहा कि आप अगर हमें फाइटर जेट बेचना चाहते हैं तो अनिल अंबानी को ठेका दे दो. पर्रिकर कहते हैं हमें कुछ नहीं पता. यानी रक्षा मंत्रालय से पूछे बगैर पीएम मोदी ने दुनिया का सबसे बड़ी डील किया. उन्होंने अपने से ही राफेल की कीमत बदली.
उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई के डायरेक्टर कहता है कि मैं जांच करूंगा. चौकीदार ने चोरी की मैं जांच करूंगा. लेकिन पीएम मोदी ने डेढ़ बजे रात को ऑर्डर लिखते हैं कि सीबीआई डायरेक्टर को निकालो. उनका ऑफिस रातोंरात सील किया जाता है. पीएम मोदी ने खुलेआम दिन में चोरी की. जो कार्रवाई करने जा रहा है उसे डेढ़ बजे रात में निकाला जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह गलत हुआ. फिर से उसे डायरेक्टर बनाया जाता है. दो घंटे के अंदर फिर से मीटिंग बुलाई जाती है. आखिर इतनी जल्दी क्यों. क्योंकि चौकीदार चोर है. यह हर युवा समझ गया है.
नोटबंदी पर राहुल गांधी ने कहा नोटबंदी के दौर में क्या अनील अंबानी व मेहुल चौकसी खड़े थे क्या? उस लाइन में सिर्फ इमानदार लोग, किसान, मजदूर, महिलाएं खड़ी थीं. आपके जेब से पैसे निकालकर नरेंद्र मोदी ने सीधे नीरव मोदी व अनिल अंबानी को दिया है. जो कर्जा माफ हुआ वह आपका पैसा था. जीएसटी में हमने एक जीएसटी की बात कही थी लेकिन इन्होंने पांच जीएसटी लगाई. क्योंकि इन्हें दलाली करनी थी. आज छोटे उद्योग औऱ दुकानदार मर रहे है. हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था को ही हिला कर रख दिया. यह छोटे कारोबारियों को खत्म करना चाहते हैं. यह चाहते हैं कि आप सभी लोग अनिल अंबानी के लिए काम करो. आपको एक दिन में नौकरी से निकाल दिया जाए. दो करोड़ को रोजगार देने की बात कही थी. लेकिन किसी को रोजगार नहीं दिया कहा कि पकौड़े बेचो.
राहुल गांधी ने कहा कि रेलवे लाइन, फूड पार्क सबको मोदी ने हटाया. एमपी में छत्तीसगढ़ में काम शुरू हो गया है. यहां हम किसानों के खेत के पास आलू की फैक्ट्री, टमाटर के खेत के पास टमाटर की प्रोसेसिंग करने वाली फैक्ट्री लगा रहे हैं. मैंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य से कहा कि हमें यूपी में अगले चुनाव में बीजेपी को हराना है. मैं कभी बीजेपी मुक्त भारत की बात नहीं कहूंगा. लेकिन हम आपको चुनाव में हराएंगे. हम नफरत की राजनीति नहीं करते हैं. हमें अपनी जगह बनानी है इसलिए हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे. कांग्रेस पार्टी हर जगह दम लगाकर फ्रंट फूट पर खेलेगी. यूपी विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी. लोकसभा में हम पूरे दम से लड़ेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि मैं अमेठी की जनता से कहना चाहता हूं कि आपका हमारा पारिवारिक रिश्ता है, न की राजनीतिक. मैं आपको बोलना चाहता हूं कि आपके तीन सिपाही देश के लिए काम कर रहे हैं. हम अपनी सरकार बनते ही आपको फूड पार्क व अन्य जो भी चीजें आप चाहें वह हम देंगे. मोदी भगवान का नाम लेकर झूठ बोलते हैं. वह भगवान का नाम लेते हैं और झूठ बोलते हैं. मैं कहता है अमेठी में फूड पार्क 101 फीसदी आएगा. आपका विकास का काम हम करेंगे. मोदी जी और योगी जी ने जो काम बीते पांच साल से रोक रखा है वह का हम करेंगे. बस अगली बार एक काम करना जब बीजेपी के लोग जब आए तो उनसे कहना है आपका पीएम ने 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी की है. |
आय से अधिक संपत्ति के मामले में अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है. इस फैसले के बाद चेन्नई में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. चेन्नई में एहतियात के तौर पर भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. इस बीच AIADMK ने बीजेपी पर आरोप लगाए हैं. AIADMK ने कहा- बीजेपी ने अम्मा की पवित्रता धूमिल करने की कोशिश की है. धर्म की जीत होगी.
शशिकला को सजा होने पर AIADMK ने ई. पालानीसामी को विधायक दल का नेता चुना. बता दें कि वे शशिकला खेमे के नेता माने जाते हैं और चार बार विधायक भी रह चुके हैं. वे सलेम जिले से आते हैं. जयललिता सरकार में PWD मिनिस्टर रहे है. पालानीसामी ने मंगलवार शाम को राज्यपाल से मुलाकात की. उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया है. उन्होंने राज्यपाल को समर्थक विधायकों की लिस्ट सौंप दी है.
पन्नीरसेल्वम समर्थकों में जश्न
एक तरफ शशिकला के समर्थकों में इस फैसले के बाद नाराजगी है तो दूसरी ओर पन्नीरसेल्वम गुट जश्न मना रहा है. चेन्नई की सड़कों पर पटाखे छोड़े गए.
Chennai:
#OPanneerselvam
's supporters celebrate, burst firecrackers after
#VKSasikala
's conviction
pic.twitter.com/PeElHPQWkX
— ANI (@ANI_news)
February 14, 2017
डीएमके ने क्या कहा
तमिलनाडु में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी डीएमके के कार्यकारी अक्ष्यक्ष एमके स्टैलिन ने कहा- 21 साल बाद ही सही आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में इंसाफ हुआ है. राज्यपाल को अब एक्शन लेना चाहिए ताकि तमिलनाडु में एक स्थिर सरकार बन सके.
Without any other party's support our own govt will continue:
#OPanneerselvam
pic.twitter.com/pgHdRSfyVm
— ANI (@ANI_news)
February 14, 2017
इस बीच साउथ मदुरै से अन्नाद्रमुक के विधायक और एक्टर राघव लॉरेंस भी पन्नीरसेल्वम के खेमे में चले गए हैं. इनके अलावा मुदरै से सांसद आर. गोपालाकृष्णन भी पन्नीरसेल्वम के साथ आ गए हैं. |
यह लेख है: शाहरुख़ खान ने अपना 49वां जन्मदिन मुंबई में मनाया। शाहरुख़ के बंगले मन्नत पर मीडिया को ख़ास तौर से निमंत्रण दिया गया जहां शाहरुख़ ने मीडिया के साथ केक काटा। इस मौके पर शाहरुख़ ने मीडिया का शुक्रिया अदा किया और कहा की मीडिया ख़ास तौर से उनका जन्मदिन ख़ास बना देता है।
शाहरुख़ ने ओने करोरो फैन्स का भी शुक्रिया अदा किया और कहा फैन्स की मोहब्बत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। फैन्स और खुदा ने उन्हें उनकी ख्वाहिश से ज़यादा दिया है।
शाहरुख़ ने अपने बंगले की बालकोनी में आकर अपने फैन्स का भी अभिवादन हाथ हिलाकर किया, जहां सैकड़ों की संख्या में उनके फैन्स उनकी एक झलक पाने के लिए इंतज़ार कर रहे थे।
कल रात से शाहरुख़ के जन्म दिन का जश्न जारी था। उनके बंगले मन्नत पर उनके दोस्त उन्हें बधाइयां देने आरहे थे। सुबह से ही सैकड़ों फैन्स उनके घर के बाहर शाहरुख़-शाहरुख़ की आवाज़ बुलंद कर रहे थे।
शाहरुख़ ने अपने जन्मदिन पर अपने गुज़रे हुए जन्मदिन को भी याद किया और अभी-अभी रिलीज़ हुई फिल्म हैप्पी न्यू इयर की कामयाबी के बारे में भी बातें की। शाहरुख़ ने कहा की हैप्पी न्यू इयर की कामयाबी से वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि ख़ुशी की बात यह है कि दर्शकों को फिल्म पसन्द आ रही है। साथ ही शाहरुख़ ने अपनी सफलता का श्रेय महिलाओं को भी दिया और कहा की उनकी सफलता में महिलाओं का बड़ा योगदान है। श्रीदेवी, गौरी, अनुष्का और फरहा जैसी महिलाओं ने उनकी कामयाबी में उनका साथ दिया है।
पिछले कुछ सालों से शाहरुख़ का जन्मदिन कुछ इसी अंदाज़ से होता है। जहां परिवार और दोस्तों के बीच जश्न मनाया जाता है। मीडिया के साथ भी केक काटते हैं और अपने फैन्स का अभिवादन करते हैं। |
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों के निवासी जो अनुमोदित व्यवसायों में पदों पर हैं और उनके साथ आने वाले लोग कतर में आगमन पर जीसीसी रेजिडेंट विजिट वीजा प्राप्त कर सकते हैं। यह एकल-प्रवेश वीज़ा, जिसे क्रेडिट कार्ड द्वारा देय क्यूएआर 100 के शुल्क पर प्राप्त किया जा सकता है, 30 दिनों के लिए वैध है और अतिरिक्त तीन महीनों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। इस वीज़ा योजना का लाभ उठाने के इच्छुक आगंतुकों को कतर में प्रवेश पर अपने पेशे को बताते हुए आधिकारिक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है। |
कम्प्यूटेशनल जटिलता सिद्धांत सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान में गणना के सिद्धांत की एक शाखा है जो कम्प्यूटेशनल समस्याओं के अनुसार उनके निहित कठिनाई के अनुसार वर्गीकृत करने पर केंद्रित होती है, और उन क्लास का एक दूसरे से संबंध दर्शाती है। एक कम्प्यूटेशनल समस्या को एक ऐसा कार्य समझा जाता है जो कंप्यूटर द्वारा हल किए जा सकने वाले संशोधन योग्य सिद्धांत में है, जो कि यह कहने के बराबर है कि एक एल्गोरिथ्म जैसे किसी समस्या को गणितीय स्तरों के मैकेनिकल एप्लीकेशन द्वारा हल किया जा सकता है। |
यह एक लेख है: जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है यह किसी को नहीं पता है. माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक के बाद कुछ तस्वीर साफ होगी. वहीं खबर है कि 11 बजे के बाद गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर के मुद्दे पर बयान देंगे. वहीं पीडीपी के दो राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और नील फैयाज संसद में काली पट्टी बांधकर आए हैं और सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ऐसा कुछ गलती ना करे जिससे कश्मीर हाथ से चला जाए. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति और फिर कैबिनेट की बैठक हुई है. वहीं बैठकों के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की भी मुलाकात हुई है. खबर है कि मोदी और शाह ने अलग-अलग अधिकारियों से भी मुलाकात की है. वहीं पूरे देश में जम्मू-कश्मीर को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. इसी बीच कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद ने आरोप लगाया है कि कश्मीर में शांति खतरे में है और भारत सरकार साजिश कर रही है. पी. चिदंबरम ने कहा है कि उन्होंने कश्मीर को लेकर पहले आगाह कर दिया था और लेकिन ऐसा लगता है कि कश्मीर में विपदा को लेकर आगे बढ़ चुकी है. उन्होंने कहा है कि उन्हें भी खबर का इंतजार है.
हालांकि अभी तक कहीं से भी यह पता नहीं लग पाया है कि आखिर सरकार जम्मू-कश्मीर में क्या करना चाहती है. अफवाहें कई तरह की हैं जिसमें कहा जा रहा है कि सरकार कश्मीर में अनुच्छेद 35A खत्म करने जा रही है, या फिर जम्मू-कश्मीर को तीन हिस्सों में बांट दिया जाएगा.
इधर जम्मू-कश्मीर की सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं. कुछ अधिकारियों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं ताकि केंद्र सरकार को सूचना मिलती रहे. इससे पहले वहां 35 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनातगी की जा चुकी है. |
फिल्म 'बाहुबली 2' के निर्माताओं ने अपने फैन्स को हर मौके पर कुछ न कुछ सरप्राइज दिया है. ऐसे में महाशिवरात्रिके मौके पर इस फिल्म के डायरेक्टर एस एस राजामौली ने इस फिल्म का मोशन पोस्टर रिलीज किया है. इस पोस्टर में फिल्म के हीरो और बाहुबली यानी प्रभास हाथी की सूंड पर चढ़े हुए नजर आ रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इस फिल्म में प्रभास एक साथ दो किरदार निभा रहे हैं. वह महेंद्र बाहुबली हैं और इस फिल्म में अपनी पिता अमरेंद्र बाहुबली की हत्या का बदला लेंगे. इस मोशन पोस्टर में आप एक तरह का संगीत भी सुन पाएंगे जो इस फिल्म के पहले हिस्से में भी रहा है.
बता दे कि इस फिल्म का यह दूसरा हिस्सा है. इस फिल्म के पहले हिस्से के आखिर में महेंद्र बाहुबली को यह पता चलता है कि असल में वह 'शिवा' नहीं बल्कि महेंद्र बाहुबली है. उसे शिवा नाम उसके माता पिता ने दिया था जिन्होंने उसे पाला था. 'बाहुबली' का अंत इस सवाल के साथ होता है कि आखिर कटप्पा ने महेंद्र बाहुबली के पिता अमरेंद्र बाहुबली को क्यों मारा था. इस फिल्म के इस हिस्से में इसी कहानी के आगे के हिस्से को दिखाया जाएगा.
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— Dharma Productions (@DharmaMovies) February 24, 2017
इस फिल्म का पहला हिस्सा साल 2015 में आया था और इसे बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता मिली थी. यह फिल्म मूल रूप से तमिल और तेलगु में बनाई गई थी जिसे करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन ने हिंदी में रिलीज किया था. बता दें कि इस फिल्म के इस दूसरे हिस्से ने अभी से 500 करोड़ की कमाई कर ली है. इस फिल्म के सैटेलाइट राइट 500 करोड़ में बिके हैं और इसके हिंदी राइट्स करण जौहर ने 120 करोड़ में खरीदे हैं. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
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सम्मिश्र विश्लेषण () जिसे सामान्यतः सम्मिश्र चरों के फलनों का सिद्धान्त भी कहा जाता है गणितीय विश्लेषण की एक शाखा है जिसमें सम्मिश्र संख्याओं के फलनों का अध्ययन किया जाता है। यह बीजीय ज्यामिति, संख्या सिद्धान्त, व्यावहारिक गणित सहित गणित की विभिन्न शाखाओं में उपयोगी है तथा इसी प्रकार तरल गतिकी, उष्मागतिकी, यांत्रिक अभियान्त्रिकी और विद्युत अभियान्त्रिकी सहित भौतिक विज्ञान में भी उपयोगी है।
सम्मिश्र फलन
एक सम्मिश्र फलन वह कहलाता है जिसमें स्वतंत्र चर और आश्रित चर दोनों ही सम्मिश्र संख्याएं हो। अधिक संक्षेप में सम्मिश्र फलन वह फलन है जिसमें प्रांत और परिसर दोनों सम्मिश्र तल के उपसमुच्चय हों।
एक सम्मिश्र फलन के लिए, स्वतंत्र चर और आश्रित चर दोनों को वास्तविक व काल्पनिक भागों में विभक्त किया जा सकत है:
and
जहाँ और वास्तविक मान फलन हैं।
अन्य शब्दों में, फलन f(z) के घटक
और
को वास्तविक चरों x और y.के वास्तविक-मान फलनों के रूप में लिखा जा सकता है।
होलोमार्फिक फलन
सन्दर्भ
सम्मिश्र विश्लेषण, प्रकाशन : जयपुर पब्लिकेशन हाउस।
Ahlfors.,Complex Analysis (McGraw-Hill).
C. Carathéodory, Theory of Functions of a Complex Variable (Chelsea, New York). [2 volumes.]
Needham T., Visual Complex Analysis (Oxford, 1997).
Henrici P., Applied and Computational Complex Analysis (Wiley). [Three volumes: 1974, 1977, 1986.]
Kreyszig, E., Advanced Engineering Mathematics, 9 ed., Ch.13-18 (Wiley, 2006).
A.I.Markushevich.,Theory of Functions of a Complex Variable (Prentice-Hall, 1965). [Three volumes.]
Scheidemann, V., Introduction to complex analysis in several variables (Birkhauser, 2005)
Shaw, W.T., Complex Analysis with Mathematica (Cambridge, 2006).
Spiegel, Murray R. Theory and Problems of Complex Variables - with an introduction to Conformal Mapping and its applications (McGraw-Hill, 1964).
Marsden & Hoffman, Basic complex analysis (Freeman, 1999).
इन्हें भी देखें
सदिश गणित (Vector calculus)
वास्तविक विश्लेषण (Real analysis)
रुंगे का प्रमेय ( Runge's theorem)
बाहरी कड़ियाँ
सम्मिश्र विशलेषण (Complex Analysis) -- विषयपुस्तक लेखक जॉर्ज कैन
डगलस एन॰ अर्नोल्ड द्वारा रचित वेबसाइट पाठ्यक्रम सम्मिश्र विशलेषण
सम्मिश्र विशलेषण में उदाहरणार्थ सवाल
सम्मिश्र विशलेषण से सम्बंधित कड़ियाँ
Complex Analysis Project by John H. Mathews
Wolfram Research's MathWorld Complex Analysis Page
Complex function demos
Application of Complex Functions in 2D Digital Image Transformation
Complex Visualizer - Java applet for visualizing arbitrary complex functions
JavaScript complex function graphing tool
Earliest Known Uses of Some of the Words of Mathematics: Calculus & Analysis
सम्मिश्र विश्लेषण |
लेख: पाकिस्तान के कई कैदियों को सजा पूरा करने के बावजूद अधिक समय तक भारतीय जेल में बंद रखने पर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार की खिंचाई की। उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘सरकार की ओर से पूरी तरह से निष्क्रियता और शिथिलता बरती गई है।’
शीर्ष न्यायालय में न्यायमूर्ति आरएम लोढा और न्यायमूर्ति एचएल गोखले की पीठ ने कहा, ‘हम सजा पूरा करने के बावजूद जेल में बंद रखे जाने वाले लोगों की स्वतंत्रता के बारे में अधिक चिंतित हैं।’ उन्होंने इस बात पर अफसोस व्यक्त किया कि कुछ कैदियों को बिना कोई मामला दर्ज किये हिरासत में रखा गया है।
पीठ ने कहा, ‘कृपया आप इस प्रक्रिया के बारे में बतायें जिसके तहत आपने इन्हें हिरासत में लिया और इतने अधिक समय तक कैद में रखा। हम व्यापक न्याय के प्रश्न पर चिंतित हैं।’ शीर्ष न्यायालय ने संकेत दिया कि विदेशी नागरिकों को अधिक समय तक जेल में रखना अनुच्छेद 21 के तहत विदेशी नागरिकों समेत देश के सभी लोगों को प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
उच्चतम न्यायालय ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विवेक तनखा को सरकार की नीति के बारे में जानकारी देने को कहा। इसमें विदेशी नागरिकों से निपटने के बारे में अगर कोई नीति है तो उसकी जानकारी देने को भी कहा गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों के कथित तौर पर अवैध रूप से जेल में रखे जाने का मामला अदालतों में 2005 से लंबित है लेकिन सरकार ने इन्हें भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई निर्देशों के बावजूद इस मुद्दे से निपटने में शिथिलता दिखायी। जहां इनमें से कुछ लोगों को अवैध रूप से देश में घुसने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, वहीं कुछ अन्य को कथित विध्वंसकारी गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया।टिप्पणियां
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि आपके नौकरशाह फाइलों को दबाये रखे और इसके बाद सो जाएं। हम सेक्शन अफिसर से कोई स्पष्टीकरण नहीं चाहते हैं। कृपया समग्र ब्यौरा दें कि क्या इस संबंध में कोई द्विपक्षीय नीति है।’ पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करें कि स्पष्टीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित होने का समन जारी करना पड़े।’ अदालत ने कुछ कैदियों के मामले में इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
शीर्ष न्यायालय में न्यायमूर्ति आरएम लोढा और न्यायमूर्ति एचएल गोखले की पीठ ने कहा, ‘हम सजा पूरा करने के बावजूद जेल में बंद रखे जाने वाले लोगों की स्वतंत्रता के बारे में अधिक चिंतित हैं।’ उन्होंने इस बात पर अफसोस व्यक्त किया कि कुछ कैदियों को बिना कोई मामला दर्ज किये हिरासत में रखा गया है।
पीठ ने कहा, ‘कृपया आप इस प्रक्रिया के बारे में बतायें जिसके तहत आपने इन्हें हिरासत में लिया और इतने अधिक समय तक कैद में रखा। हम व्यापक न्याय के प्रश्न पर चिंतित हैं।’ शीर्ष न्यायालय ने संकेत दिया कि विदेशी नागरिकों को अधिक समय तक जेल में रखना अनुच्छेद 21 के तहत विदेशी नागरिकों समेत देश के सभी लोगों को प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
उच्चतम न्यायालय ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विवेक तनखा को सरकार की नीति के बारे में जानकारी देने को कहा। इसमें विदेशी नागरिकों से निपटने के बारे में अगर कोई नीति है तो उसकी जानकारी देने को भी कहा गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों के कथित तौर पर अवैध रूप से जेल में रखे जाने का मामला अदालतों में 2005 से लंबित है लेकिन सरकार ने इन्हें भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई निर्देशों के बावजूद इस मुद्दे से निपटने में शिथिलता दिखायी। जहां इनमें से कुछ लोगों को अवैध रूप से देश में घुसने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, वहीं कुछ अन्य को कथित विध्वंसकारी गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया।टिप्पणियां
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि आपके नौकरशाह फाइलों को दबाये रखे और इसके बाद सो जाएं। हम सेक्शन अफिसर से कोई स्पष्टीकरण नहीं चाहते हैं। कृपया समग्र ब्यौरा दें कि क्या इस संबंध में कोई द्विपक्षीय नीति है।’ पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करें कि स्पष्टीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित होने का समन जारी करना पड़े।’ अदालत ने कुछ कैदियों के मामले में इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
पीठ ने कहा, ‘कृपया आप इस प्रक्रिया के बारे में बतायें जिसके तहत आपने इन्हें हिरासत में लिया और इतने अधिक समय तक कैद में रखा। हम व्यापक न्याय के प्रश्न पर चिंतित हैं।’ शीर्ष न्यायालय ने संकेत दिया कि विदेशी नागरिकों को अधिक समय तक जेल में रखना अनुच्छेद 21 के तहत विदेशी नागरिकों समेत देश के सभी लोगों को प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
उच्चतम न्यायालय ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विवेक तनखा को सरकार की नीति के बारे में जानकारी देने को कहा। इसमें विदेशी नागरिकों से निपटने के बारे में अगर कोई नीति है तो उसकी जानकारी देने को भी कहा गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों के कथित तौर पर अवैध रूप से जेल में रखे जाने का मामला अदालतों में 2005 से लंबित है लेकिन सरकार ने इन्हें भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई निर्देशों के बावजूद इस मुद्दे से निपटने में शिथिलता दिखायी। जहां इनमें से कुछ लोगों को अवैध रूप से देश में घुसने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, वहीं कुछ अन्य को कथित विध्वंसकारी गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया।टिप्पणियां
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि आपके नौकरशाह फाइलों को दबाये रखे और इसके बाद सो जाएं। हम सेक्शन अफिसर से कोई स्पष्टीकरण नहीं चाहते हैं। कृपया समग्र ब्यौरा दें कि क्या इस संबंध में कोई द्विपक्षीय नीति है।’ पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करें कि स्पष्टीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित होने का समन जारी करना पड़े।’ अदालत ने कुछ कैदियों के मामले में इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
उच्चतम न्यायालय ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विवेक तनखा को सरकार की नीति के बारे में जानकारी देने को कहा। इसमें विदेशी नागरिकों से निपटने के बारे में अगर कोई नीति है तो उसकी जानकारी देने को भी कहा गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों के कथित तौर पर अवैध रूप से जेल में रखे जाने का मामला अदालतों में 2005 से लंबित है लेकिन सरकार ने इन्हें भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई निर्देशों के बावजूद इस मुद्दे से निपटने में शिथिलता दिखायी। जहां इनमें से कुछ लोगों को अवैध रूप से देश में घुसने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, वहीं कुछ अन्य को कथित विध्वंसकारी गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया।टिप्पणियां
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि आपके नौकरशाह फाइलों को दबाये रखे और इसके बाद सो जाएं। हम सेक्शन अफिसर से कोई स्पष्टीकरण नहीं चाहते हैं। कृपया समग्र ब्यौरा दें कि क्या इस संबंध में कोई द्विपक्षीय नीति है।’ पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करें कि स्पष्टीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित होने का समन जारी करना पड़े।’ अदालत ने कुछ कैदियों के मामले में इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
शीर्ष अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों के कथित तौर पर अवैध रूप से जेल में रखे जाने का मामला अदालतों में 2005 से लंबित है लेकिन सरकार ने इन्हें भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई निर्देशों के बावजूद इस मुद्दे से निपटने में शिथिलता दिखायी। जहां इनमें से कुछ लोगों को अवैध रूप से देश में घुसने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, वहीं कुछ अन्य को कथित विध्वंसकारी गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया।टिप्पणियां
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि आपके नौकरशाह फाइलों को दबाये रखे और इसके बाद सो जाएं। हम सेक्शन अफिसर से कोई स्पष्टीकरण नहीं चाहते हैं। कृपया समग्र ब्यौरा दें कि क्या इस संबंध में कोई द्विपक्षीय नीति है।’ पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करें कि स्पष्टीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित होने का समन जारी करना पड़े।’ अदालत ने कुछ कैदियों के मामले में इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि आपके नौकरशाह फाइलों को दबाये रखे और इसके बाद सो जाएं। हम सेक्शन अफिसर से कोई स्पष्टीकरण नहीं चाहते हैं। कृपया समग्र ब्यौरा दें कि क्या इस संबंध में कोई द्विपक्षीय नीति है।’ पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करें कि स्पष्टीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित होने का समन जारी करना पड़े।’ अदालत ने कुछ कैदियों के मामले में इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
उच्च्तम न्यायालय ने भारतीय जेल में कथित तौर पर अधिक समय तक कैद कर रखे गए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही। |
लेख: कांग्रेस और जनता दल (एस) के 10 असंतुष्ट विधायक जिस चार्टर्ड विमान में बेंगलुरू से मुम्बई गए, वह भाजपा के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर से जुड़ी एक कंपनी का है. यह जानकारी कंपनी सूत्रों ने दी. विमान जूपिटर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड का है. चंद्रशेखर कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन हैं. कंपनी के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि विधायकों को ले जाने वाला विमान जूपिटर कैपिटल का है. उन्होंने लेकिन यह स्पष्ट किया कि वे एक कंपनी चला रहे हैं और जो कोई भी विमान का इस्तेमाल करना चाहे वह कर सकता है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘यह चार्टर आपरेशन है और विमान को नियमित तौर पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किराये पर लिया जाता है.'
अधिकारियों ने हालांकि इस बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया कि उड़ान की बुकिंग किसने और किसकी ओर से की थी. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कर्नाटक में जेडीएस के साथ पार्टी की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को सत्ता से हटाने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने रविवार को अपना यह आरोप दोहराया कि इस दक्षिणी राज्य में वर्तमान राजनीतिक उथल पुथल के पीछे भाजपा है. लेकिन भाजपा ने कहा कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है और यह विद्रोह दोनों सत्ताधारी सहयोगी साझेदारों के बीच विवादों का परिणाम है.
कांग्रेस प्रवक्ता के ई राधाकृष्णन ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इसके (सरकार गिराने की कोशिश) पीछे उनका (भाजपा का) हाथ है. वे लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते. भाजपा के केंद्रीय नेता इसमें शामिल हैं. उनकी भूमिका पूरी तरह से स्पष्ट है.' उन्होंने दावा किया कि असंतुष्ट विधायकों के शनिवार को राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करके राजभवन से बाहर आने के बाद उन्हें ले जाने के लिए चार्टर्ड विमान को एचएएल हवाई अड्डे पर तैयार रखा गया था. राधाकृष्णन ने आरोप लगाया कि सरकार गिराने का षड्यंत्र एक सप्ताह पहले रचा गया था जब जेडीएस विधायक ए एच विश्वनाथ दिल्ली गए थे और वहां भाजपा नेताओं से मिले थे. विश्वनाथ से सम्पर्क नहीं हो सका.
कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस सरकार गठबंधन के 12 विधायकों द्वारा शनिवार को राज्य विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के बाद संकट का सामना कर रही है. सत्ताधारी गठबंधन के पास 224 सदस्यीय विधानसभा में 118 विधायक हैं और यदि इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो उसे सदन में बहुमत खोने का खतरा है. |
आईसीआईसीआई बैंक ने बुधवार को कहा कि वह अपने ग्राहकों को फेसबुक के जरिये लेन-देन की अनुमति देने पर काम कर रही है।टिप्पणियां
बैंक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मुकेश कुमार जैन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'बैंक के फेसबुक पेज पर लगभग आठ लाख लाइक हैं। यह दुनिया का अकेला बैंक है जो फेसबुक पर स्टेटमेंट देखने तथा कुछ आग्रह डालने की अनुमति देता है।' 'उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, 'अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन हम फेसबुक के जरिये लेन-देन की अनुमति देने पर काम कर रहे हैं। कुछ ही समय, अगले कुछ महीनों में आप इस बारे में कोई समाचार पा सकते हैं।'
जैन ने कहा, 'हम फेसबुक से इसलिए जुड़े क्योंकि युवा पीढी वहां आती है।' हम उन्हें सुरक्षित खाता जानकारी देने में सफल हुए हैं।' देश में आईसीआईसीआई बैंक उन शुरुआती बैंकों में से हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आए और अपने ग्राहकों को फेसबुक के जरिये ऑनलाइन बैंकिंग की कुछ सुविधाएं दीं।
बैंक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मुकेश कुमार जैन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'बैंक के फेसबुक पेज पर लगभग आठ लाख लाइक हैं। यह दुनिया का अकेला बैंक है जो फेसबुक पर स्टेटमेंट देखने तथा कुछ आग्रह डालने की अनुमति देता है।' 'उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, 'अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन हम फेसबुक के जरिये लेन-देन की अनुमति देने पर काम कर रहे हैं। कुछ ही समय, अगले कुछ महीनों में आप इस बारे में कोई समाचार पा सकते हैं।'
जैन ने कहा, 'हम फेसबुक से इसलिए जुड़े क्योंकि युवा पीढी वहां आती है।' हम उन्हें सुरक्षित खाता जानकारी देने में सफल हुए हैं।' देश में आईसीआईसीआई बैंक उन शुरुआती बैंकों में से हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आए और अपने ग्राहकों को फेसबुक के जरिये ऑनलाइन बैंकिंग की कुछ सुविधाएं दीं।
जैन ने कहा, 'हम फेसबुक से इसलिए जुड़े क्योंकि युवा पीढी वहां आती है।' हम उन्हें सुरक्षित खाता जानकारी देने में सफल हुए हैं।' देश में आईसीआईसीआई बैंक उन शुरुआती बैंकों में से हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आए और अपने ग्राहकों को फेसबुक के जरिये ऑनलाइन बैंकिंग की कुछ सुविधाएं दीं। |
देश के शेयर बाजारों में सोमवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा.
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह लगभग 9.48 बजे 11.10 अंकों की गिरावट के साथ 19,413.00 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 6.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,900.55 पर कारोबार करते देखे गए.
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 18.09 अंकों की तेजी के साथ 19,442.19 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 8.65 अंकों की तेजी के साथ 5916.05 पर खुला. |
सूहा अराफात ( अरबी ; जन्म सुहा दाउद ताविल 17 जुलाई, 1963 को) पूर्व फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष यासर अराफात की विधवा पत्नी हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सुहा का जन्म यरूशलेम में 17 जुलाई 1963 को एक संपन्न रोमन कैथोलिक परिवार में हुआ था, जो नब्लस और उसके बाद रामल्लाह (उस समय जॉर्डन के शासन वाले दोनों शहर) में रहते थे। सुहा के पिता दाउद ताविल, एक ऑक्सफोर्ड- शिक्षित बैंकर, जाफ़ा (अब तेल अवीव का हिस्सा) में पैदा हुए थे। दाउद ताविल का वेस्ट बैंक और जॉर्डन दोनों में कारोबार था।
एकर में जन्मीं सुहा की मां रायमोंडा हवा तवील हाइफा क्षेत्र में प्रमुख संपत्ति के मालिकों, एकर के हवा परिवार की सदस्य हैं। वह एक कवियित्री और लेखिका थीं। वह 1967 के बाद एक राजनीतिक रूप से सक्रिय फिलिस्तीनी आतंकवादी बन गया और उसे इजरायलियों द्वारा कई बार गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे वह एक मीडिया स्टार बन गया। वह एक हाई-प्रोफाइल फिलिस्तीनी पत्रकार भी थीं। सुहा को कैथोलिक उठाया गया था। रामल्ला में पली-बढ़ी सुहा 1970 के दशक में पूर्वी यरुशलम में अपने पीएलओ-प्रभावित समाचार ब्यूरो से अपनी मां की राजनीतिक सक्रियता से प्रभावित थी।
सुहा ने एक कॉन्वेंट स्कूल, रोसेरी सिस्टर्स स्कूल, बेइट हनीना , यरूशलेम में भाग लिया। 18 साल की उम्र में, वह पढ़ने के लिए पेरिस गई, जहां वह अपनी बड़ी बहन के साथ रहती थी, जिसकी शादी इब्राहिम सूस से हुई थी, जो पीएलओ का फ्रांस का तत्कालीन राजदूत था। एक छात्र के रूप में, सुहा फ्रांस में जनरल यूनियन ऑफ फिलिस्तीन छात्रों में एक नेता थीं, जहां उन्होंने फिलिस्तीनी कारण के लिए प्रदर्शन आयोजित किए।
अराफात से शादी
सुहा, अपनी माँ और बहनों के साथ, 1985 में पहली बार अराफात से मिलीं। जब उन्होंने 1989 में फ्रांस का दौरा किया, तो उन्होंने आगंतुकों और फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकों में एक दुभाषिया के रूप में काम किया। यह तर्क दिया जाता है कि उसकी मां के माध्यम से सुहा ने अपने पति से मुलाकात की। हालांकि, यह भी तर्क दिया जाता है कि सुहा ने अराफात से 1987 और 1988 में मुलाकात की, और 1989 में पेरिस की अपनी यात्रा को व्यवस्थित करने में मदद की।
पेरिस से जाने के तुरंत बाद, अराफात ने सुहा को ट्यूनीशिया (जहां फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन ने एक आश्रय स्थापित किया था) में उनके साथ काम करने और आने के लिए कहा। सुहा ने 17 जुलाई 1990 को अराफात से चुपके से शादी की, जब वह 27 साल की थी और वह 61 साल की थी। उनकी इकलौती संतान, बेटी जाहवा, 24 जुलाई 1995 को फ्रांस के न्यूरिली -सुर-सीन में पैदा हुई थी। ज़ाहवा का नाम अराफात की मां के नाम पर रखा गया था।
सुहा ने अपनी शादी के समय सुन्नी इस्लाम में परिवर्तित हो गई। कई फिलिस्तीनियों का मानना है कि उसका धर्म-परिवर्तन मिथ्या है; और आरोप लगाया कि सुहा ने अपने दिवंगत पति द्वारा गुप्त बैंक खातों में लाखों डॉलर डाले हैं, जिससे वह इनकार करती है।
अपनी शादी के दौरान, उसने कई बार अराफात को छोड़ने का प्रयास किया ताकि वह अपने उद्देश्य से गपशप से बच सके, लेकिन इसकी अनुमति नहीं थी। 11 नवंबर 2004 को अपने दिवंगत पति की मृत्यु के बाद साक्षात्कार में, सुहा ने कहा कि वह फिलिस्तीनी नेता से प्यार करती है, लेकिन एक राजनीतिक लक्ष्य बनने के कारण वह अराफात से शादी को एक गलती के रूप में देखती है।
अराफात की मौत के बाद
सुहा और ज़ाहवा ट्यूनीशिया में 2004 से 2007 तक रहे। सुहा अराफात से शादी करने से पहले ट्यूनीशिया में भी रहे थे। उन्होंने सितंबर 2006 में ट्यूनीशियाई नागरिकता प्राप्त की। ज़ाहवा ट्यूनीशिया के अमेरिकन कोऑपरेटिव स्कूल गए। 1998 के बाद से वह ट्यूनीशिया और फ्रांस में और उसके बाहर रहती थी।
ट्यूनीशिया में विवाद
7 अगस्त 2007 को, ट्यूनीशिया ने , सुहा को चेतावनी दिए बिना, इनकी नागरिकता रद्द कर दी, लेकिन अपनी बेटी की नहीं। सुहा ने दावा किया कि उसकी ट्यूनीशियाई संपत्ति भी जमी हुई थी।
31 अक्टूबर 2011, ट्यूनिस पहले उदाहरण के न्यायालय सुहा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया, एक व्यापारिक सौदा है कि पूर्व ट्यूनीशियाई पहली महिला, भ्रष्टाचार से संबंधित लैला बेन अली को 2006 में, प्रारंभ में, सुहा ने ट्यूनीशियाई अभियोजकों के साथ अपने पूर्ण सहयोग की घोषणा की। लेकिन कुछ ही समय बाद उसने ट्यूनीशियाई योजना के रूप में अभियोजन पक्ष को बदनाम करने के लिए उसे और फिलिस्तीनी को बदनाम करने की योजना बनाई। वह उस समय माल्टा में रह रही थी। उसने उन रिपोर्टों से भी इनकार किया कि उसके पास फिलिस्तीनी राष्ट्रीय कारण से संबंधित कोई धन या संपत्ति थी, और उसने कहा कि उसने इज़राइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का विरोध किया।
अन्य गतिविधियां
27 नवंबर 2012 को, सुहा के कहने पर, अराफात के शरीर को वेस्ट बैंक में ले जाया गया, ताकि उसके अवशेष से नमूने लिए जा सकें। सुहा के अनुसार, अनुमान का उद्देश्य, यह निर्धारित करना था कि क्या वह पोलोनियम के साथ जहर था।
2011 तक, वह माल्टा में अपनी बेटी के साथ रह रही थी।
संदर्भ
जीवित लोग
1963 में जन्मे लोग |
पदक के दावेदारों में से एक भारत के शीर्ष मुक्केबाज विजेंदर सिंह (75 किग्रा) ने अपनी प्रतिभा के अनुरूप शुरुआत करते हुए कजाखस्तान के डानाबेक सुखानोवा पर आसान जीत दर्ज कर लंदन ओलिंपिक की मिडिलवेट मुक्केबाजी स्पर्धा के प्री-क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया।
बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले 26 वर्षीय विजेंदर ने शनिवार रात पहले राउंड में सतर्क शुरुआत की। उन्होंने शुरू में आक्रामकता नहीं बरती और अपने प्रतिद्वंद्वी को रणनीति के मुताबिक पछाड़ा। इस भारतीय मुक्केबाज ने धीरे-धीरे दबदबा बनाते हुए आसानी से 14-10 से जीत दर्ज की।
विजेंदर ने कहा, अगले राउंड में पहुंचकर मैं खुश हूं। वह कठिन प्रतिद्वंद्वी था। अब मेरा ध्यान अगली चुनौती पर है। उन्होंने कहा, मैं इस बार अलग रंग के पदक के साथ घर जाना चाहता हूं। हरियाणा का यह मुक्केबाज अपने प्रतिद्वंद्वी से तकनीकी रूप से काफी बेहतर था और उन्होंने अपने हाथों का अच्छा इस्तेमाल करते हुए खुद को दूसरे ओलिंपिक पदक की दौड़ में बनाये रखा। हालांकि पहले राउंड में रक्षात्मक रहते हुए भी उन्होंने 5-4 के अंतर से बढ़त बना ली।टिप्पणियां
राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले विजेंदर ने दूसरे राउंड में दबदबा और बढ़ा दिया और 4-3 से इसमें भी बढ़त जारी रखी। उन्होंने तीसरे और अंतिम राउंड में भी कजाखस्तान के मुक्केबाज को बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और बाउट जीत ली। सुखानोवा ने भी हालांकि कुछ अंक जुटाए, लेकिन यह कोई चौंकाने वाला परिणाम लाने के लिए काफी नहीं था।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया।
बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले 26 वर्षीय विजेंदर ने शनिवार रात पहले राउंड में सतर्क शुरुआत की। उन्होंने शुरू में आक्रामकता नहीं बरती और अपने प्रतिद्वंद्वी को रणनीति के मुताबिक पछाड़ा। इस भारतीय मुक्केबाज ने धीरे-धीरे दबदबा बनाते हुए आसानी से 14-10 से जीत दर्ज की।
विजेंदर ने कहा, अगले राउंड में पहुंचकर मैं खुश हूं। वह कठिन प्रतिद्वंद्वी था। अब मेरा ध्यान अगली चुनौती पर है। उन्होंने कहा, मैं इस बार अलग रंग के पदक के साथ घर जाना चाहता हूं। हरियाणा का यह मुक्केबाज अपने प्रतिद्वंद्वी से तकनीकी रूप से काफी बेहतर था और उन्होंने अपने हाथों का अच्छा इस्तेमाल करते हुए खुद को दूसरे ओलिंपिक पदक की दौड़ में बनाये रखा। हालांकि पहले राउंड में रक्षात्मक रहते हुए भी उन्होंने 5-4 के अंतर से बढ़त बना ली।टिप्पणियां
राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले विजेंदर ने दूसरे राउंड में दबदबा और बढ़ा दिया और 4-3 से इसमें भी बढ़त जारी रखी। उन्होंने तीसरे और अंतिम राउंड में भी कजाखस्तान के मुक्केबाज को बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और बाउट जीत ली। सुखानोवा ने भी हालांकि कुछ अंक जुटाए, लेकिन यह कोई चौंकाने वाला परिणाम लाने के लिए काफी नहीं था।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया।
विजेंदर ने कहा, अगले राउंड में पहुंचकर मैं खुश हूं। वह कठिन प्रतिद्वंद्वी था। अब मेरा ध्यान अगली चुनौती पर है। उन्होंने कहा, मैं इस बार अलग रंग के पदक के साथ घर जाना चाहता हूं। हरियाणा का यह मुक्केबाज अपने प्रतिद्वंद्वी से तकनीकी रूप से काफी बेहतर था और उन्होंने अपने हाथों का अच्छा इस्तेमाल करते हुए खुद को दूसरे ओलिंपिक पदक की दौड़ में बनाये रखा। हालांकि पहले राउंड में रक्षात्मक रहते हुए भी उन्होंने 5-4 के अंतर से बढ़त बना ली।टिप्पणियां
राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले विजेंदर ने दूसरे राउंड में दबदबा और बढ़ा दिया और 4-3 से इसमें भी बढ़त जारी रखी। उन्होंने तीसरे और अंतिम राउंड में भी कजाखस्तान के मुक्केबाज को बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और बाउट जीत ली। सुखानोवा ने भी हालांकि कुछ अंक जुटाए, लेकिन यह कोई चौंकाने वाला परिणाम लाने के लिए काफी नहीं था।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया।
राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले विजेंदर ने दूसरे राउंड में दबदबा और बढ़ा दिया और 4-3 से इसमें भी बढ़त जारी रखी। उन्होंने तीसरे और अंतिम राउंड में भी कजाखस्तान के मुक्केबाज को बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और बाउट जीत ली। सुखानोवा ने भी हालांकि कुछ अंक जुटाए, लेकिन यह कोई चौंकाने वाला परिणाम लाने के लिए काफी नहीं था।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया। |
हरियाणा के मुस्लिम बहुल मेवात इलाके में भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है. हालांकि लोग क्षेत्र के पिछड़ेपन और रेलवे लाइन जैसे कुछ मुद्दों को भी अहमियत दे रहे हैं. मेवात के नूंह में सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में शामिल हुए कई लोग लिंचिंग के विषय पर बात करते और इस विषय पर क्षेत्र के भाजपा नेताओं को कटघरे में खड़ा करते नजर आए. इलाके की पुन्हाना विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार इलियास ने इस सभा में कहा कि उन लोगों को वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है जो लिंचिंग के समर्थकों के साथ खड़े हो गए हैं.
उन्होंने मंच से जूता दिखाते हुए कहा कि ऐसे लोग आपके पास वोट मांगने आएं तो उन्हें बैरंग लौटाइए. मेवात जिले में तीन सीटें नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना विधानसभा सीटें हैं. इस इलाके में भाजपा ने पहली बार दो मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. उसने नूंह से जाकिर हुसैन और फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद को टिकट दिया है.
नूंह इलाके के निवासी मोहम्मद साबिर करते हैं, ‘‘हमारे लिए सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. लोग लिंचिग की घटनाओं से लोग दुखी हैं. यह चुनावी मुद्दा है और इलाके में लोग इसको ध्यान में रखते हुए वोट करेंगे.'' वैसे, भाजपा उम्मीदवार जाकिर हुसैन के समर्थकों का कहना है कि क्षेत्र के लोग विकास चाहते हैं और सभी समझते हैं कि कांग्रेस ने सिर्फ इलाके में राजनीति की है.
भाजपा समर्थक इरफान अली ने दावा किया, ‘‘इस चुनाव में मेवात लोगों को चौंकाएगा. भाजपा को पहली बार यहां सफलता मिलेगी.'' गौरतलब है कि मेवात के इलाके के निवासी पहलू खान की राजस्थान के अलवर में लिंचिंग में हत्या कर दी गई थीं. इसी तरह फरीदाबाद के निवासी जुनैद की ट्रेन में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. ये दोनों घटनाएं राष्ट्रीय सुर्खियां बनी थीं और इलाके में लोग इनका जिक्र करते हुए सुने गए. |
कभी देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को बेकार और नकारा बताकर जन्म लेने वाली और राजनीति बदलने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) आज पूरी तरह से गठबंधन की राजनीति के सहारे अपना भविष्य तलाशती नजर आ रही है. ताजा मामला पंजाब का है जहां पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी AAP बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहती है.
सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है और एक से दो दिनों में किसी ऐलान की संभावना है. पंजाब में आम आदमी पार्टी अपने पांच उम्मीदवारों का ऐलान पहले कर चुकी है ऐसे में बाकी बची 8 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी बसपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहती है.
आम आदमी पार्टी के पंजाब के मुखिया भगवंत मान के मुताबिक 'पार्टी पंजाब में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहती है. इसके लिए आलाकमान को प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
दरअसल पंजाब में करीब 34% दलित आबादी मानी जाती है. आम आदमी पार्टी पंजाब में विधानसभा चुनाव के समय से ही राज्य के दलित मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में लगी है. आम आदमी पार्टी ने 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि अगर उसकी सरकार बनी तो राज्य में उप मुख्यमंत्री एक दलित होगा. हालांकि पार्टी पंजाब में सरकार नहीं बना पाई. लेकिन अगस्त 2018 में पार्टी ने हरपाल सिंह चीमा को नेता विपक्ष बनाया, जो एक दलित हैं.
पंजाब में लोकसभा चुनाव 2014 में आम आदमी पार्टी को 24.4% फीसदी वोट मिले और उसने चार लोकसभा सीटें जीती थीं. जबकि विधानसभा चुनाव 2017 में 23.72% वोट हासिल किए थे और 20 सीटें जीती थीं. जबकि बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 में 1.91% और विधानसभा चुनाव में 1.52% वोट हासिल किए थे. आम आदमी पार्टी को लगता है कि पंजाब में दलित मतदाताओं के पास विकल्प नहीं था इसलिए उनको मजबूरन कांग्रेस या शिरोमणि अकाली दल/बीजेपी गठबंधन को वोट देना पड़ता था लेकिन अब जब आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो दलितों के पास एक बेहतर विकल्प होगा जिससे बड़ी संख्या में वह आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को वोट करेंगे.
केवल पंजाबी ही नहीं आम आदमी पार्टी हरियाणा में भी गठबंधन के लिए दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी से बातचीत कर रही है. जींद के उपचुनाव में पार्टी ने जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला को समर्थन भी दिया था और खुद केजरीवाल ने उनके लिए प्रचार भी किया था.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती है लेकिन फिलहाल कांग्रेस के लिए तैयार नहीं दिख रही. आम आदमी पार्टी के दिल्ली के मुखिया गोपाल राय खुले तौर पर यह कह चुके हैं कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन को तैयार थी लेकिन कांग्रेस के अहंकार के कारण यह गठबंधन नहीं हो सका. लेकिन दिल्ली के सियासी गलियारे में चर्चा बनी हुई है कि हो सकता है आने वाले समय में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में कोई सहमति बन जाए और दिल्ली में दोनों बीजेपी को हराने के लिए मिलकर चुनाव लड़ें.
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि वह देश की कुल 33 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसमें दिल्ली में 7, पंजाब में 13, हरियाणा में 10, गोवा में 2 और एक सीट चंडीगढ़ की होगी. |
मृदुला गर्ग की यादगारी कहानियां
हिंद पॉकेट बुक्स, जोरबाग लेन,
नई दिल्ली-3,
कीमतः 135 रु.
निजी स्पेस की तलाशः
मृदुला गर्ग
कथाकार मृदुला गर्ग स्त्री-पुरुष के लिए अलग-अलग ढांचे-खांचे बनाने का विरोध करती रही हैं. उनकी अधिकांश कहानियां, जिन्हें 'स्त्री-विमर्श' के खाते में डाला जाता है, एक मुक्त मन की चेतस स्त्री की कहानियां हैं, जो परंपरा से समर्थ पुरुष सत्ता द्वारा स्थापित नैतिक अनुशासनों, लक्ष्मण रेखाओं को पार कर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती है. स्त्री यहां न पुरुष से श्रेष्ठ है और न कमतर, बल्कि पुरुष की तरह ही खूबियों-खराबियों समेत एक व्यक्ति है, एक मनुष्य. जीवन को मनचाहे ढंग से जीने की ललक स्त्री के भीतर भी उतनी ही है, जितनी पुरुष में. फिर दृष्टि/व्यवहार में द्वैत क्यों?
हरी बिंदी, मीरा नाची और साठ साल की औरत कहानियों की स्त्रियां समाज की तय की गई हदबंदियों को धता बताकर निजी सोच और आकांक्षाओं के अनुरूप जीना चाहती हैं. स्थापित व्यवस्था ने यदि जीवन के छोटे-छोटे सुख भी स्त्री से छीने हैं, तो वह भी रुढ़िबद्ध समाज में दरारें डाल अपने लिए एक निजी स्पेस तलाश ही लेगी.
मृदुला ने दांपत्य-संबंधी कहानियों में पुरुष की अधिकार चेतना और स्त्री की आकांक्षाओं के बीच द्वंद्वात्मक स्थितियों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण तुक और वितृष्णा में स्त्री मन की गहराई में उतर कर किया है. स्त्री की आंतरिकताओं, चाहनाओं और गोपन दर्द का परीक्षण करतीं वे पति द्वारा पत्नी के मन और शरीर पर अधिकार जताकर 'इस्तेमाल' करने की प्रवृत्ति पर चोट करती हैं. तुक में पति-पत्नी की रुचियां भिन्न हैं.
पत्नी संपूर्ण समर्पण में प्रेम का प्रतिदान चाहती है, पर पति अपने मूड के हिसाब से पत्नी के देह-मन का मनचाहे ढंग से इस्तेमाल करता है. हार का आक्रोश हो या जीत का जश्न, प्रतिक्रिया और प्रयोग स्त्री-देह पर होते हैं. यहां दांपत्य संबंध आपसी समझ और आत्मीयता पर आधारित न रहकर एक व्यवसाय बन गया है, जहां नफा-नुक्सान मुआवजा मानी रखता है, प्रेम में समान भागीदारी नहीं. बल्कि पत्नी तो यहां 'रोबोट' है, मानवी भी नहीं. सो उसकी इच्छा-भावना को समझ्ने की दरकार ही कहां है?
मृदुला की स्त्री में जीवन जीने का भरपूर उछाह है. ग्लेशियर से कहानी में स्थिर-रुटीन ज़िंदगी में रोजमर्रा की ऊब और अनुशासनों की घुटन बीच जी रही मिसेज दत्ता, पति के साथ 'ताजीवास ग्लेशियर' देखने निकली है. मिस्टर दत्ता एक दिद टूरिस्ट बंगले में आराम कर अगले दिन ग्लेशियर देखने का प्रोग्राम बनाते हैं. पर मिसेज दत्ता को चीड़ के दरख्तों बीच थिरकती मनमौजी हवाएं बाहें खोल साथ चलने के लिए बुलाती हैं. वह अकेली ग्लेशियर की ओर निकल पड़ती है और साथ चलती है विवाह पूर्व की वह मनमौजी लड़की, जो सोनमर्ग की पहाड़ियों, हहराती नदियों और चीड़ की फुनगियों से अटी बर्फ पर बेरोक दौड़ रही है. मृदुला यहां स्त्री को झ्झिंेड़कर मन-जेहन की सचेतनता के साथ जीने को उकसाती हैं.
सामाजिक विडंबनाओं और अंधविश्वासों को आड़े हाथों लेती मृदुला, लोकविश्वासों के रूढ़ अर्थों को सात कोठरी कहानी में नए सिरे से परिभाषित करती हैं. मांडू की यात्रा में गाइड सात कोठरी की कहानी सुनाता है, जिसमें छह कुमारियां विवाह न हो पाने के कारण समाज की लांछना से बचने के लिए महादेव का नाम पुकार खाई में खूद पड़ती हैं और छह सतियों की उपाधि पा लेती हैं.
सातवीं कुमारी महादेव का नाम लेकर गांव से पलायन करती है तो सूखे ताल में पानी फूट आता है. लोग छह कोठरियों और पानी के ताल को पवित्र मान पूजते हैं. सातवीं कोठरी को पत्थरों से पाट दिया जाता है और सातवीं कुमारी 'कुलटा' कहलाई जाती है. सातवीं महादेव नाम से चरवाहे के साथ भागकर जीवन को चुनती है. यानी अपना निर्णय आप लिया. पितृसत्तात्मक समाज इसे कैसे स्वीकारता? प्रकृति ने इसे स्वीकार लिया.
मेरे देश की मिट्टी अहा में पर्यावरण प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या, परिवार नियोजन में धार्मिक हस्तह्नेप से लेकर प्रशासनिक प्रदूषण को व्यंग्य-विनोद शैली में परीक्षित कर, भ्रष्ट व्यवस्था को आईना दिखाया गया है. उर्फ सैम विदेश आवास की सुविधाओं से आकर्षित देश छोड़ तो गए पर विदेश में रहकर उन्हें अपनी जड़ों की याद सताने लगी. बुढ़ापे में किसी ओल्ड होम में, परायों के बीच मरने का भय इस कदर व्याप गया कि घर के विजिट के दौरान पुष्प विहार में एक मकान खरीद डाला.
वक्त जरूरत अपनी जड़ों की ओर लौटने का रास्ता! विभाजित मन की ग्रंथियां! कुछ कहानियां गहरे जीवनानुभवों से निकली हैं, कुछ व्यवस्था की विसंगतियों से. भाषा शैली में कहीं मनोवैज्ञानिक अप्रोच से अंतर्मन की गोपन आकांक्षाओं का उत्खनन है, कहीं सामाजिक विद्रूपों पर व्यंग्य-विनोद का लहजा अपनाया गया है. अधिकांश कहानियां पितृसत्तात्मक समाज के मुखौटे उतार रूढ़ नैतिकता के विपक्ष में खड़ी हैं. स्त्री को खुद ईजाद किए सोच से मूल्यों को परखने के लिए उकसाती ये कहानियां न सिर्फ पुरुष वर्चस्व प्रधान समाज के आगे चुनौतियां खड़ी करती हैं, बल्कि स्त्री के सोच को भी टहोकती है. अंततः उसे पूरी स्त्री जाति की अस्मिता के बारे में सोचना होगा. |
यह एक लेख है: बिहार के मधुबनी में दैनिक जागरण अख़बार से जुड़े एक पत्रकार को अपराधियों ने गोली मार दी. हालांकि पत्रकार प्रदीप मंडल फ़िलहाल दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति ख़तरे से बाहर बतायी जा रही है. स्थानीय पुलिस का कहना है कि प्रदीप ने अपने अख़बार में कुछ दिनों पूर्व उच्च स्थानीय शराब माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ ख़बरें लिखी थीं और यह घटना उसी के प्रतिशोध का परिणाम है. घटना के बाद प्रदीप ने पुलिसवालों को दो स्थानीय शराब माफ़िया अशोक मंडल और सुशील मंडल का नाम भी बताया जो उनके ऊपर इस हमले के लिए ज़िम्मेदार हैं. लेकिन इस बयान के बाद प्रदीप बेहोश हो गए थे और उन्हें तुरंत दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. पुलिस का कहना है कि एक बार होश में आने के बाद उनसे विस्तृत रूप से बयान ले कर इस मामले के आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी.
गौरतलब है कि बिहार में इन दिनों शराब का कारोबार इतना बढ़ता जा रहा है कि इस धंधे में लगे लोग उसके बारे में ख़बर देने वाले या ख़बर करने वाले हो या उनके धंधे में चुनौती देने वाले उनकी हत्या करने से बाज़ नहीं आते हैं. कई ज़िलों में हत्या की घटना में जो हुई हैं उसके पीछे राज्य में शराबबंदी के बाद जो एक समानांतर आर्थिक व्यवस्था खड़ी हुई है उसके पीछे के लोग ही बताए जा रहे हैं.
बिहार में नीतीश सरकार ने शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है. इसके बाद से राज्य में अवैध शराब का धंधा जोरों पर है. कई जगहों पर जब्त की गई शराब की बोतलें लोग थानों से जुगाड़ करके लाते देखे गए हैं. वहीं जब इस मामले में जांच की गई तो पुलिस ने कहा दिया कि पकड़े गई शराब को चूहे पी गए. |
टाटा समूह का अपनी एयरलाइंस शुरू करने का सपना आखिरकार पूरा हो गया. सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर टाटा समूह ने अपनी एयरलाइंस
'विस्तार' का शुभारंभ
कर दिया. शुक्रवार को इसकी पहली उड़ान दिल्ली से मुंबई के लिए हुई.
'विस्तार' के चेयरमैन प्रसाद मेनन ने दिल्ली में कहा कि हम सही ढंग से यह काम करना चाहते हैं. हम पहले शोर मचाकर बाद में लोगों को निराश नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा कि फुल सर्विस का मतलब यह नहीं है कि आप खूब खर्च करें या फिर आप सबसे ऊपर रहें. इसका मतलब यह है कि हर क्लास के यात्री को उनकी जरूरत के अनुसार सेवा देना.
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि टाटा समूह की बहुत समय से यह इच्छा थी कि वह भारत में वर्ल्ड क्लास सर्विस वाली एयरलाइंस चलाए. उन्होंने कहा कि आज का दिन हम जेआरडी टाटा को समर्पित करते हैं. जेआरडी टाटा पूर्व चेयरमैन थे और वह देश के पहले लाइसेंस होल्डर पायलट भी थे. 'विस्तार' कम किराये वाली एयरलाइंस नहीं है और यह एयर इंडिया और जेट एयरवेज की तरह ही पूरी सेवा वाली एयरलाइंस है.
टाटा ने यह सेवा उस समय शुरू की है जब देश में निजी एयरलाइंस के माफिक माहौल नहीं है. किंगफिशर एयरलाइंस बंद हो चुकी है और स्पाइस जेट पर खतरा मंडरा रहा है. |
यह लेख है: रेल यात्रियों की बीमा योजना की सफलता से उत्साहित आईआरसीटीसी अब यात्रियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसे गैजेट के लिए भी बीमा योजना शुरू करना चाहती है.
आईआरसीटीसी के चैयरमेन व प्रबंध निदेशक एके मनोचा ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बारे में आईआरसीटीसी व बीमा कंपनियों के अधिकारियों के बीच पहली बैठक हो चुकी है.
उन्होंने कहा, 'बीमा कंपनियों ने झूठे दावों को लेकर कुछ चिंताएं जताई हैं. हमने कुछ सुझाव दिए हैं और उनसे भी राय मांगी है. शुरू में यह योजना क्रेडिट कार्ड धारकों या सरकारी अधिकारियों के लिए शुरू करने के विकल्प पर भी विचार हो सकता है'. मनोचा ने उम्मीद जताई कि यह योजना चोरी के साथ साथ रेल दुर्घटनाओं की स्थिति में भी उपलब्ध होगी.टिप्पणियां
मनोचा ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बीमा कंपनियां चोरी की घटना में भी बीमा कवर दें. हालांकि उन्होंने तो केवल दुर्घटना की स्थिति में बीमा देने इच्छा जताई है'. उल्लेखनीय है कि आईआरसीटीसी ने पिछले महीने यात्रा बीमा योजना शुरू की थी. अब तक एक करोड़ से अधिक यात्री इसे अपना चुके हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आईआरसीटीसी के चैयरमेन व प्रबंध निदेशक एके मनोचा ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बारे में आईआरसीटीसी व बीमा कंपनियों के अधिकारियों के बीच पहली बैठक हो चुकी है.
उन्होंने कहा, 'बीमा कंपनियों ने झूठे दावों को लेकर कुछ चिंताएं जताई हैं. हमने कुछ सुझाव दिए हैं और उनसे भी राय मांगी है. शुरू में यह योजना क्रेडिट कार्ड धारकों या सरकारी अधिकारियों के लिए शुरू करने के विकल्प पर भी विचार हो सकता है'. मनोचा ने उम्मीद जताई कि यह योजना चोरी के साथ साथ रेल दुर्घटनाओं की स्थिति में भी उपलब्ध होगी.टिप्पणियां
मनोचा ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बीमा कंपनियां चोरी की घटना में भी बीमा कवर दें. हालांकि उन्होंने तो केवल दुर्घटना की स्थिति में बीमा देने इच्छा जताई है'. उल्लेखनीय है कि आईआरसीटीसी ने पिछले महीने यात्रा बीमा योजना शुरू की थी. अब तक एक करोड़ से अधिक यात्री इसे अपना चुके हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, 'बीमा कंपनियों ने झूठे दावों को लेकर कुछ चिंताएं जताई हैं. हमने कुछ सुझाव दिए हैं और उनसे भी राय मांगी है. शुरू में यह योजना क्रेडिट कार्ड धारकों या सरकारी अधिकारियों के लिए शुरू करने के विकल्प पर भी विचार हो सकता है'. मनोचा ने उम्मीद जताई कि यह योजना चोरी के साथ साथ रेल दुर्घटनाओं की स्थिति में भी उपलब्ध होगी.टिप्पणियां
मनोचा ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बीमा कंपनियां चोरी की घटना में भी बीमा कवर दें. हालांकि उन्होंने तो केवल दुर्घटना की स्थिति में बीमा देने इच्छा जताई है'. उल्लेखनीय है कि आईआरसीटीसी ने पिछले महीने यात्रा बीमा योजना शुरू की थी. अब तक एक करोड़ से अधिक यात्री इसे अपना चुके हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मनोचा ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बीमा कंपनियां चोरी की घटना में भी बीमा कवर दें. हालांकि उन्होंने तो केवल दुर्घटना की स्थिति में बीमा देने इच्छा जताई है'. उल्लेखनीय है कि आईआरसीटीसी ने पिछले महीने यात्रा बीमा योजना शुरू की थी. अब तक एक करोड़ से अधिक यात्री इसे अपना चुके हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
आज यानी 10 अप्रैल को एक बार फिर Mi TV 4 और Mi TV 4A सेल में उपलब्ध रहेंगे. तीन Mi TV मॉडल्स की बिक्री शाओमी के आधिकारिक वेबसाइट और फ्लिपकार्ट पर की जाएगी. हालांकि इस बार भी स्टॉक सीमित हो सकता है. 43-इंच Mi TV 4A की कीमत भारत में 22,999 रुपये, 32-इंच Mi TV 4A की कीमत 13,999 रुपये और 55-इंच वाले Mi TV 4 की कीमत 39,999 रुपये रखी गई है.
लॉन्च ऑफर के तौर पर दोनों 43-इंच और 32-इंच मॉडल पर JioFi कनेक्शन के साथ 2,200 रुपये का इंस्टैंट कैशबैक दिया जाएगा. दोनों टीवी में ऑफर के तहत 500,000 घंटे का कंटेट दिया जाएगा, जिसमें से
80 फीसदी
फ्री रहेंगे. 15 भाषाओं के कंटेट इन मॉडलों में उपलब्ध होंगे. कंटेट पार्टनर में Hotstar, Voot, Voot Kids, Sony Liv, Hungama Play, Zee5, Sun NXT, ALT Balaji, Viu, TVF और Flickstree का नाम शामिल है.
Xiaomi 43-इंच Mi TV 4A के स्पेसिफिकेशन्स
Xiaomi Mi TV 4A सीरीज को पिछले साल मार्च में चीन में लॉन्च किया गया था. हालांकि भारत में इन मॉडलों को कुछ बदलावों के साथ लॉन्च किया गया है. 43-इंच मॉडल में 178 डिग्री व्यू एंगल और 60Hz रिफ्रेश रेट के साथ फुल-HD (1920x1080 पिक्सल) डिस्प्ले दिया गया है. इसमें 1GB रैम और Mali-T450 GPU के साथ क्वॉड-कोर Amlogic प्रोसेसर मौजूद है. इसकी इंटरनल मेमोरी 8GB की है.
कनेक्टिविटी के लिहाज से 43-इंच मॉडल में Wi-Fi, तीन HDMI (वन ARC) पोर्ट्स, तीन USB 2.0 पोर्ट्स, एक Ethernet पोर्ट, एक AV कम्पोनेंट पोर्ट, एक S/PDIF ऑडियो पोर्ट, एक एंटीना पोर्ट इसके अलावा 3.5mm हेडफोन जैक सपोर्ट भी दिया गया है. इस टीवी के लिए ऑडियो को बेहतर किया गया है. साथ ही ये मॉडल 11 बटन वाले Mi रिमोट के साथ आएगा, जिससे सेट टॉप बॉक्स को कंट्रोल किया जा सकेगा. इसमें वॉयस कंट्रोल फीचर्स भी शामिल किए गए हैं.
Xiaomi 32-इंच Mi TV 4A स्पेसिफिकेशन्स
Xiaomi Mi TV 4A के 32-इंच मॉडल को चीन में पिछले साल जुलाई में लॉन्च किया गया था. इसमें 178 डिग्री व्यू एंगल और 60Hz तक रिफ्रेश रेट के साथ HD (1366x768 पिक्सल) डिस्प्ले दिया गया है. इसमें
1GB रैम
और 8GB इनबिल्ट स्टोरेज के साथ क्वॉड-कोर Amlogic प्रोसेसर दिया गया है.
कनेक्टिविटी के लिहाज से इसमें Wi-Fi, तीन HDMI (एक ARC भी) पोर्ट्स, दो USB 2.0 पोर्ट, एक Ethernet पोर्ट, एक AV कम्पोनेंट पोर्ट और एक एंटीना पोर्ट मौजूद है.
ये 32-इंच मॉडल DTS-HD को सपोर्ट करता है और इसमें दो 10W स्पीकर्स दिए गए हैं. साथ ही इसमें 11 बटन Mi रिमोट भी दिया गया है. इसमें भी वॉयस कंट्रोल फीचर्स दिए गए हैं. |
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दिल्ली एयरपोर्ट पर शहीद सैनिकों की याद में श्रद्धांजलि स्थल के वैकल्पिक स्थान पर निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस बाबत रक्षा मंत्रालय की ओर से प्रस्ताव दिया गया था. हवाई अड्डे पर मौजूदा श्रद्धांजलि स्थल की उपयुक्तता को लेकर आपत्ति जताई गई थी.
गौरतलब है कि सेवा के दौरान जान गंवाने वाले
सैनिकों को श्रद्धांजलि
देने के लिए मौजूदा स्मारक एयरपोर्ट के कार्गो क्षेत्र में स्थित है, जिस कारण इसका विरोध किया जताया जा रहा है. सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू के संज्ञान में यह विषय लाया. राठौर खुद सेना के रिटायर्ड कर्नल हैं.
राठौर ने बीते मार्च में राजू को लिखे पत्र में कहा था कि सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति की ओर से जिस स्थान पर पुष्पांजलि
समारोह
आयोजित किया जाता है, वह टर्मिनल-2 (कार्गो) का एक कबाड़खाना है. राजू ने राठौर के पत्र का जवाब देते हुए पिछले महीने कहा था कि उन्होंने इस विषय का अध्ययन किया है.
उन्होंने कहा, 'मेरी राय है कि स्मारक स्थल को एयरपोर्ट के एयरसाइड से अलग किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करना इस समस्या का आदर्श और व्यावहारिक समाधान होगा.' |
पंजाब में विदेश जाने की ललक में लोग किस तरह एजेंटों के जाल में फंसकर अपनी जमापूंजी लुटा बैठते हैं, इसकी ताजा मिसाल गुरदासपुर के कस्बा भैणी मियां खान से सामने आई है. ये वाकया पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले में शहीद हुए जवान कुलवंत सिंह के भाई हरदीप सिंह और उनकी पत्नी के साथ पेश आया.
विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला एजेंट गुरनाम सिंह और उनका परिवार कितना दबंग है, ये इसी से पता चलता है कि उन्होंने थाने के बाहर ही हरदीप और उनकी पत्नी पर हमला कर दिया. हमला करने में गुरनाम के दो बेटों और उसके परिवार की महिलाओं ने भी साथ दिया. ये पूरी घटना
सीसीटीवी कैमरे
में कैद है. नीचे दिए गए वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह हरदीप की पत्नी को जमीन पर गिरा कर पीटा जा रहा है. इसमें हमलावरों को हरदीप की पत्नी को लातें मारते भी देखा जा सकता है.
10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हरदीप और उनकी पत्नी के मुताबिक उनका कसूर इतना था कि उन्होंने एजेंट गुरनाम सिंह से अपने पैसे वापस देने की मांग की थी. हरदीप ने गांव के ट्रेवल एजेंट गुरनाम सिंह को फ्रांस जाने के लिए करीब 9 लाख रूपए दिए थे, जबकि ट्रेवल एजेंट ने उसे फ्रांस भेजने की जगह इंडोनेशिया भेज दिया और वो भी टूरिस्ट वीजा पर.
20 दिन बाद भारत वापस भेजा
20 दिन बीतने के बाद हरदीप को वापस भारत लौटा दिया गया. देश वापस आते ही हरदीप ने गुरनाम से पैसे वापस मांगे. गुरनाम ने वादा तो किया लेकिन पैसे नहीं लौटाए. पंचायत आदि के दबाव पर गुरनाम ने तीन लाख रुपए वापस दिए लेकिन बाकी रकम पर कुंडली जमा कर बैठा रहा. हरदीप मामला पंचायत में दोबारा लेकर गया तो वहां गुरनाम ने उनके साथ मार पिटाई की.
शिकायत के लिए गए थे थाने
इसी की शिकायत करने हरदीप और उसकी पत्नी थाने गए. थाने से बाहर निकलने के बाद दोनों एक दुकान पर मोबाइल चार्ज कराने गए. वहीं घुसकर गुरनाम और उसके परिवार ने हरदीप और उनकी पत्नी पर
हमला बोल दिया
. हमले के बाद हरदीप और उनकी पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
शहीद कुलवंत सिंह के बेटे और हरदीप के भतीजे सुरिंदर सिंह ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के साथ अपने परिवार के साथ इंसाफ की मांग की है. थाना भैणी मियां खान के सब इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि हरदीप सिंह की शिकायत और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गुरनाम सिंह और उसके दो बेटों समेत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. |
रूप कंवर सती कांड (Roop Kanwar Sati Case) में आज 32 साल बाद आने वाला फैसला टल गया. जयपुर में एक स्पेशल कोर्ट इस मामले में फैसला देने वाली थी. रूप कंवर की सितंबर 1987 में मौत हो गयी थी. उनकी मौत के बाद सती प्रथा का महिमामंडन किया गया, जिसकी वजह से 8 लोगों के खिलाफ यह मामला चल रहा है. इस मामले में अब तक 11 लोग बरी हो चुके हैं. 4 सितंबर 1987 को 18 साल की उम्र में उन्होंने अपने पति के साथ खुद को जला लिया था. उनकी शादी को तब केवल 7 महीने ही हुए थे. स्थानीय लोगों ने उनकी मौत के बाद उनका एक मंदिर बनाया और ऐसी धार्मिक क्रियाएं करने लगे जो रूप कंवर को सती के रूप में महिमामंडित करती हैं.
स्थानीय पुलिस ने रूप कंवर के इस कदम को महिमामंडित करने वाले लोगों पर मुकदमा कर दिया. इस मामले में अब तक 11 लोग बरी हो चुके हैं जिनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की कैबिनेट में रहे बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर का नाम भी शामिल है. बरी हो चुके लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिले. लेकिन जिन 8 लोगों के खिलाफ केस चल रहा है, उनमें से अधिकतर स्थानीय निवासी हैं. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बता दें कि रूप कंवर की मौत के बाद देश में सती प्रथा से संबंधित कानून बनाया गया और ऐसे मामलों के निपटारे के लिए विशेष कोर्ट का भी गठन किया गया. आजादी के बाद राज्य में इस तरह के 29 मामले सामने आए थे. |
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर रविवार को अपने 38वें जन्मदिन पर दुखी और स्तब्ध हैं क्योंकि उनके आध्यात्मिक गुरु सत्य साईबाबा का आज सुबह देहावसान हो गया। अपनी पत्नी अंजलि और दोनों बच्चों के साथ शनिवार रात हैदराबाद पहुंचे तेंदुलकर ग्रांड काकाटिया होटल में अपने कमरे से बाहर नहीं निकले। होटल मैनेजर ने कहा, उन्होंने सुबह का नाश्ता भी नहीं किया। किसी को भी उनके कमरे में जाने की अनुमति नहीं है। कल से इस तरह की अटकलें थीं कि मुंबई इंडियंस के कप्तान सचिन बाबा के गंभीर स्वास्थ्य को देखते हुए अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। आज सुबह बाबा के देहावसान की खबर से तेंदुलकर स्तब्ध हो गए। होटल मैनेजर ने कहा कि बाबा के देहावसान की खबर आने के बाद से होटल में तेंदुलकर के कमरे के दरवाजे पर डू नाट डिस्टर्ब की तख्ती लटकी है और उन्होंने अपनी टीम के साथियों से भी मुलाकात नहीं की। कहा जा रहा है कि केवल मुंबई इंडियंस की मालकिन नीता अंबानी ने तेंदुलकर से मुलाकात करके उन्हें सांत्वना दी। मुंबई इंडियंस आज शाम को डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ आईपीएल मैच में उतरेगी लेकिन अब तक पुष्टि नहीं हुई है कि इस मैच में सचिन खेलेंगे या नहीं। |
सोनी चैनल के मशहूर शो द कपिल शर्मा शो के होस्ट और कॉमेडियन कपिल शर्मा जल्द ही शो से मिनी ब्रेक ले सकते हैं. इसके पीछे उनकी पत्नी गिन्नी चतरथ की प्रेग्नेंसी है. जी हां, इस खास समय को एंजॉय करने के लिए कपिल गिन्नी के साथ बेबीमून पर जाने की तैयारी में हैं. सोनी चैनल पर इस साल शुरू हुए द कपिल शर्मा शो के दूसरे सीजन की शुरुआत काफी अच्छी रही. हालांकि पिछले दो हफ्ते शो की टीआरपी में कमी नजर आई थी लेकिन फिर भी कपिल देश के फेवरेट कॉमेडियंस में अब भी पहले नंबर पर हैं. खबर है कि कपिल पत्नी गिन्नी चतरथ के साथ बेबीमून जाने की तैयारी पर हैं. इसके लिए वे शो से ब्रेक ले सकते हैं. हालांकि कपिल ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है.
पिछले साल दिसंबर में कपिल ने अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड गिन्नी चतरथ के साथ शादी की थी. लेकिन शादी के बाद कपिल को गिन्नी के साथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता पाने का अफसोस है. आखिरकार कपिल ने गिन्नी के बेबीमून पर जाने का फैसला लिया है. शो के प्रोडक्शन के नजदीकी सूत्रों ने बताया, 'कपिल जल्द ही पत्नी गिन्नी के साथ 10 दिन के लिए कनाडा अपने बेबीमून के लिए रवाना होंगे. शादी के बाद गिन्नी पर उनका प्रॉपर हनीमून ड्यू है. गिन्नी अभी 3-4 महीने की प्रेगनेंट हैं और कपिल के शेड्यूल को लेकर काफी संयम रखती हैं, इसलिए कपिल ने छुट्टी लेने की सोची है.'
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Celebrations are unstoppable.. need ur blessings 🙏 #love #blessings #family #friends #delhi #reception #celebrations #gratitude @ginnichatrath ❤️😇
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Kapil Sharma
(@kapilsharma) on
Feb 2, 2019 at 7:34am PST
हाल ही में शो पर जब कपिल से शादी के मामले पर सलाह मांगी गई तो उन्होंने मजाक में कहा था कि 'पहले पहले डर लगता है, फिर डरने की आदत हो जाती है.' खैर, शो में भले ही कपिल कोई भी मजाक करें लेकिन उन्होंने हमेशा ही लोगों का मनोरंजन किया है. |
आटोट्रान्सफार्मर (Autotransformer) एक ऐसी संरचना वाला ट्रान्सफार्मर होता है जिसमें केवल एक ही वाइंडिंग होती है। एक ही वाइंडिंग का कुछ भाग प्राइमरी (इनपुट) का काम करता है और कुछ भाग द्वितियक वाइंडिंग (या आउटपुट) का काम करता है। अत: इस अकेली वाइंडिंग में कम से कम तीन विद्युतीय सिरे (टर्मिनल्स) होते हैं। इस तरह का ट्रान्सफार्मर समान केवीए रेटिंग से सामान्य ट्रान्सफार्मर की अपेक्षा आकार और वजन में छोटा होता है। किन्तु इसमें प्राइमरी और सेकेण्डरी के बीच आइसोलेशन नहीं मिलता जो कहीँ-कहीं अनिवार्य रूप से आवश्यक होती है।
सिद्धान्त/क्रियाविधि (Operation)
आटोट्रान्सफॉर्मर में एक ही वाइण्डिंग होती है जिसके दो सिरों के अलावा बीच में भी एक या अधिक ट्रमिनल होते हैं। प्राइमरी (फिक्स्ड वोल्टेज) को दो अन्तिम छोरों के बीच लगाया जाता है। आउटपुट वोल्टेज बीच के किसी टर्मिनल और एक अन्तिम सिरे के बीच लिया जाता है। (चित्र देखें) इस ट्रांसफॉर्मर की पूरी वाइण्डिंग के प्रत्येक टर्न (घेरे) में समान वोल्टेज होता है, चाहे वह टर्न प्राइमरी में हो या सेकेण्डरी (आउटपुट) में। आटोट्रान्सफॉर्मर में प्राइमरी से कुछ धारा सीधे लोड को चली जाती है।
(चित्र में, W1 के स्थान पर N1 तथा W2 के स्थान पर N2 समझें। इसी तरह, U1 के स्थान पर V1 तथा U2 के स्थान पर V2 समझें।)
(0<V2<V1)
The ampere-turns provided by the upper half:
The ampere-turns provided by the lower half:
For ampere-turn balance, FU=FL:
Therefore:
लाभ
आटोट्रान्सफॉर्मर का आकार समान आकार के दो वाइण्डिंग वाले ट्रान्सफॉर्मर से छोटा होता है।
परिवर्तनीय आटोट्रांसफॉर्मर
ये भी आटोट्रांसफॉर्मर ही होते हैं (प्राइमरी और सेकेण्डरी वाइण्डिंग अलग-अलग नहीं होतीं) लेकिन इसमें आउटपुट एक नियत (फिक्स्ड) बिन्दु से नहीं लिया गया होता है बल्कि वाइण्डिंग पर फिसलकर चलने वाले एक कार्बन ब्रश के माध्यम से लिया गया होता है। इससे लाभ यह होता है कि आउटपुट में एक सीमा के अन्दर कोई भी वोल्टता (continuously variable output voltage) प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इसका उपयोग अनेक युक्तियों के परीक्षण में होता है। उदाहरण के लिये इसका उपयोग बल्ब को आवश्यकतानुसार कम या अधिक तीव्रता से जलाने के लिये किया जा सकता है। इसी तरह इसका उपयोग मोटर को 'सॉफ्ट स्टर्ट' करने के लिये किया जा सकता है। इसका इसके ब्रश को स्वतः नियंत्रित करके इससे एक वोल्टेज-स्टैब्लाइजर भी बनाया जाता है।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
ट्रांसफार्मर
ट्रांसफॉर्मर के प्रकार
ट्रान्सफार्मर (विद्युत) |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने रविवार को कहा कि स्पीकर को किसी विधायक को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है. येदियुरप्पा ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के कारण अध्यक्ष को किसी को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है." उनकी टिप्पणी को कांग्रेस के डीके शिवकुमार के बयान के जवाब के रूप में देखा गया कि अगर बागी विधायक सरकार के खिलाफ वोट देते हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 10 असंतुष्ट विधायकों की याचिकाएं लीं और स्पीकर केआर रमेश को निर्देश दिया कि वे 16 जुलाई तक अपने इस्तीफे और अयोग्यता पर यथास्थिति बनाए रखें. इससे पहले येदियुरप्पा ने दावा किया था कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार ने बहुमत खो दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) को सोमवार को विश्वास मत का सामना करने या तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा है.
येदियुरप्पा ने कहा, "मैं कुमारस्वामी को तुरंत इस्तीफा देने की सलाह दूंगा क्योंकि जेडीएस और कांग्रेस के 15 से अधिक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. दो स्वतंत्र मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है और राज्यपाल से मुलाकात कर घोषणा की है कि वे भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करेंगे. इसलिए मुख्यमंत्री के पद पर रहने के लिए आपके पास बहुमत नहीं है. ”
उन्होंने कहा, "मैं कुमारस्वामी को सलाह या अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए व्यावसायिक सलाहकार समिति की बैठक में सलाह दूंगा."
एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा के जारी सत्र के दौरान फ्लोर टेस्ट का सामना करने की अनुमति मांगी थी. बता दें कर्नाटक की गठबंधन सरकार पिछले साल अस्तित्व में आने के बाद से ही अस्थिर है. अब कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों को मिलाकर कुल 16 नेताओं के अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर कर्नाटक सरकार पर गंभीर संकट गहराया है. |
अमेरिका में एक विमान हादसे में करीब 150 लोग बाल-बाल बच गए. 146 मुसाफिरों और चालक दल के 5 सदस्यों को लेकर यूएस एयरवेज का विमान न्यूयार्क के लागार्डिया हवाई अड्डे से नार्थ कैरोलाइना जा रहा था, लेकिन मैनहटन के पश्चिमी इलाके में हडसन नदी के ऊपर हादसे का शिकार हो गया.
हादसे के तुरंत बाद बोट के जरिये यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया. शुरूआती जांच में पता चला है कि एक चिड़िया के टकराने से ये हादसा हुआ. चिड़िया इतनी बड़ी थी कि राडार की स्क्रीन पर वो रिकार्ड हो गई. |
आयुष चिकित्सा पद्धति जिसे भारतीय चिकित्सा पद्धति के रूप में जाना जाता है। आयुष में आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथी शामिल हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 80 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह से पारम्परिक चिकित्सा का उपयोग करती है। जिसमें प्रत्येक पद्धति का अपना प्राचीन दर्शन,औषधीय ज्ञान, धारणाएं और प्रथाएँ हैं जो क्षेत्रीय संस्कृति, परम्परा और विश्वास के साथ जुड़ी होती हैं।
परिभाषा एवं व्याख्या
आयुष का अर्थ (अंग्रेजी: Ayush; A- आयुर्वेद, Y- योग और प्राकृतिक चिकित्सा, U- यूनानी, S- सिद्धा, H- होम्योपैथी ) है। लगभग 1000 ईसा पूर्व आयुर्वेद के ज्ञान का व्यापक दस्तावेज चरक द्वारा चरक संहिता में और सुश्रुत द्वारा सुश्रुत संहिता में किया गया था। आयुर्वेद का सिद्धांत पांच मूल तत्वों (आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी) और त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) की अवधारणा पर आधारित है। आयुर्वेद में उपचार:- आयुर्वेद में उपचार व्यक्तिगत होता है। आयुर्वेद में उपचार के प्रकार इस प्रकार हैं: 1 शोधन चिकित्सा; 2. शमन चिकित्सा; 3. पथ्य व्यवस्था; 4. निदान परिवर्जन; 5. सत्वजय; 6. रसायन सेवा चिकित्सा है।आयुर्वेद में सोलह विशेष शाखाएँ हैं। योग का प्रतिपादन पतंजलि ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व किया था। योग शब्द की उत्पत्ति 'यजुर योग' धातु से हुई है, जिसका अर्थ है 'इकाई' या 'बांधना'। याज्ञवल्क्य के अनुसार, योग का अर्थ है 'संघ' अर्थात् व्यक्तिगत आत्मा (जीवात्मा) का सार्वभौमिक आत्मा (परमात्मा) से मिलन। यह तनाव कम करने के लिए बहुत लोकप्रिय है। विभिन्न योगों ने आधुनिक हिंदू धर्म की अवधारणा को जन्म दिया है, ये कर्म योग हैं , भक्ति योग, राज योग, ज्ञान योग, हठ और अष्टांक योग आदि। योग चिकित्सा के पांच सिद्धांत हैं उचित व्यायाम, उचित श्वास, उचित विश्राम, उचित आहार, सकारात्मक सोच और ध्यान। प्राकृतिक चिकित्सा प्रकृति के सरल नियमों के अनुप्रयोग पर आधारित है। आयुर्वेद से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। प्राकृतिक चिकित्सा के पांच तत्व:- वायु, जल, मिट्टी, ताप, आकाश। यूनानी प्रणाली की उत्पत्ति यूनान में हुई। अरब और पेरिस के विक्रेताओं द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में भारत में पेश किया गया(460-377 ईसा पूर्व)। यूनानी चिकित्सा पद्धति हिप्पोक्रेट्स और गैलेन के सिद्धांत पर आधारित है। यूनानी चिकित्सा के सात सिद्धांत तत्त्व, स्वभाव, हास्य, अंग, बल/शक्ति, क्रिया/कार्य, आत्माएं हैं। सिद्ध प्रणाली तमिलनाडु में विकसित हुई थी। यह तमिल संस्कृति और सभ्यता से जुड़ा हुआ है। यह पहली तमिल संगम अवधि (छठी और सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व) के दौरान तोलाकापियम और थिरुमंदिरम में फला-फूला। सिद्ध प्रणाली का सिद्धांत," ब्रह्मांड दो आवश्यक तत्वों पदार्थ और ऊर्जा से मिलकर बना है, सिद्ध उन्हें शिव (पुरुष) और शक्ति (स्त्री) सृष्टि कहते हैं"। वे आदिम तत्त्व भूत हैं। भूतों में पांच तत्त्व होते हैं जो ठोस, द्रव, चमक, गैस, ईथर हैं। ये पांच तत्त्व हर पदार्थ में मौजूद हैं, लेकिन अलग-अलग अनुपात में। शरीर में शारीरिक क्रिया तीन पदार्थों द्वारा मध्यस्थ होती है जो वाथम, कर्पम और पीथम हैं। शरीर की प्रत्येक कोशिका में ये तीन दोष सह-अस्तित्व में रहते हैं और सामंजस्यपूर्ण रूप से कार्य करते हैं। जब संतुलन बिगड़ जाता है तो बीमारी शुरू हो जाती है। होम्योपैथी की खोज जर्मनी में 200 साल पहले (18वीं शताब्दी के अंत में) डॉ. सैमुअल हैनिमैन। हीलिंग के सिद्धांत पर आधारित "सिमिलिया सिमिलिबस क्यूरेंटिस" जिसका अर्थ है 'पसंद पसंद से ठीक हो जाती है'। इस प्रकार की दवाईयों में कोई रसायन इस्तेमाल नहीं किया जाता जिससे शरीर पर गलत प्रभाव पड़े। होम्योपैथी में पशु, मानव और पौधों के भागो का इस्तेमाल दवाइयों के निर्माण में किया जाता है।
शिक्षा और अनुसंधान कार्य
स्नातक कार्यक्रम के तहत: - बी.ए.एम.एस. (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी), स्नातकोत्तर कार्यक्रम: - एम.ए.एम.एस (आयुर्वेद एमडी-आयुर्वेद में मास्टर डिग्री), आयुर्वेद में पीएचडी।
योग में डिप्लोमा, योग में बी.एस.सी. और योग चिकित्सा में और योग में एम. एस. सी.,योग में पीएच.डी.।
संस्थान:- मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, पुणे।
स्नातक कार्यक्रम के तहत- यूनानी चिकित्सा और शल्य चिकित्सा स्नातक। स्नातकोत्तर कार्यक्रम- यूनानी चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिग्री, यूनानी चिकित्सा में पीएचडी।
यूनानी चिकित्सा पद्धति के सभी पहलुओं में प्रशिक्षण और अनुसंधान के उच्च मानकों को विकसित करने के लिए 1984 में बैंगलोर में भारत सरकार और कर्नाटक सरकार द्वारा संयुक्त रूप से यूनानी चिकित्सा संस्थान की स्थापना की गई थी।
अभ्यास और दवा मानक: - यूनानी फार्माकोपिया समिति की स्थापना वर्ष 1964 में हुई। यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय - आयुष विभाग, नई दिल्ली।
बैचलर ऑफ सिद्ध मेडिसिन एंड सर्जरी। सिद्ध चिकित्सा में मास्टर डिग्री। सिद्ध चिकित्सा में पीएचडी। केंद्रीय सरकार द्वारा भारतीय चिकित्सा की केंद्रीय परिषद द्वारा एकरूपता और मानकों को बनाए रखा जाता है। राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (एनआईएस), चेन्नई, सिद्ध चिकित्सा में शिक्षा और अनुसंधान का मानकीकरण करता है।
BHMS यानी बेचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी, होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पीजीडीएचएमएस),होम्योपैथी में पी. एच. डी.।
आवश्यकता और महत्व
चिकित्सा की आयुष प्रणाली विभिन्न रोगों के इलाज और व्यक्ति के स्वास्थ्य और भलाई को बनाए रखने के लिए असंख्य औषधि उपचारों का उपयोग करती है। दवाएं प्राकृतिक अणु हैं जो सीधे प्रकृति के विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होती हैं।
आयुष दवाओं को मानव शरीर द्वारा बिना किसी प्रतिकूल प्रतिक्रिया के रिकवरी प्रभाव पैदा करने के लिए बेहतर अवशोषित करने के लिए जाना जाता है।
न केवल रोकथाम, बल्कि आयुष चिकित्सा उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसे जीवन शैली संबंधी विकारों के प्रबंधन में मदद करती है।
उदाहरण के लिए, प्राकृतिक स्वास्थ्य संवर्धन पेय जैसे छाछ, नींबू पानी, मेथी पानी, शहद पानी आदि का चुनाव करना बहुत फायदेमंद साबित होता है।
अनुपचारित रोगों पर अंकुश:- आधुनिक चिकित्सा में आयुष चिकित्सा के उपयोग से तंत्रिका संबंधी विकार, असाध्य दर्द, पुरानी स्थिति, हड्डी और जोड़ों की जटिलताओं जैसे असाध्य रोगों पर अंकुश लगाना सिद्ध हुआ है।
संदर्भ
https://www.nhp.gov.in/ayush_ms आयुष मंत्रालय https://main.ayush.gov.in/
https://ayushnext.ayush.gov.in/detail/current/ayush-system-of-medicine-become-popular-in-many-countries
http://tripuranrhm.gov.in/AYUSH.html
https://ncismindia.org/ |
50 के दशक में बॉलीवुड में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर बेहतरीन काम करने वाली अभिनेत्री डेजी ईरानी ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मां महत्वाकांक्षी थीं इसलिए उनसे फिल्मों में काम करवाती थी. मात्र 6 साल की उम्र में उनका रेप हुआ था. डेजी, जावेद अख्तर की पहली पत्नी हनी ईरानी की बहन हैं. फरहान और जोया हनी के बच्चे हैं.
मुंबई मिरर को दिए इंटरव्यू में डेजी ने खुलासा किया कि उनका 6 साल की उम्र में रेप हुआ था. उन्होंने कहा, जिस शख्स ने मेरे साथ ये कुकर्म किया वह मेरा गार्जियन था. वह फिल्म 'हम पंछी एक डाल के' की शूटिंग के दौरान मेरे साथ था. एक रात वह शख्स मेरे होटल के कमरे में आया और मुझे प्रताड़ित करने लगा.
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वह आगे कहती हैं, उसने बेल्ट से मेरी पिटाई की. साथ ही धमकी देते हुए कहा कि अगर मैंने किसी के सामने अपना मुंह खोलने की कोशिश की तो वो मुझे जान से मार डालेगा. अब वह आरोपी इस दुनिया में नहीं है.
कई साल बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने उस अनुभव को शेयर किया जिसकी पीड़ा से उन्हें गुजरना पड़ा. उनकी मानें तो आज टीवी, फिल्मों और रियलिटी शोज में तमाम बच्चों को काम करता देख अपना दर्द कहने को प्रोत्साहित हुईं. उन्होंने ग्लैमर वर्ल्ड में काम करने वाले बच्चों के माता-पिता को सलाह भी दी कि वो अपने बच्चों पर नजर रखें.
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फिल्मों में मां करवाती थी काम
इतना ही नहीं डेजी ने बताया कि उनकी मां महत्वाकांक्षी थीं. उन्होंने मात्र 4 साल की उम्र में जबरन फिल्म में डाल दिया. उन्होंने कहा, 'हमारी मां पेरिन को शुक्रिया क्योंकि जब हम बच्चे थे तो हमारी लाइफ कभी न खत्म होने वाली एक ब्लैक कॉमेडी की तरह थी.' डेजी ने यह भी बताया कि बचपन में उन्हें कई शिफ्ट में काम करना पड़ा. उन्होंने करीब 50 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. डेजी दिलीप कुमार, अशोक कुमार और देव आनंद जैसे अभिनेताओं के साथ काम कर चुकी हैं. उन्होंने नया दौर, जागते रहो, बूट पॉलिश, धूल का फूल जैसी शानदार फिल्मों में काम कर चुकी हैं.
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बहनों को लेकर प्रोटेक्टिव थीं डेजी
डेजी ने बताया कि बाद में जब उनकी बहन ग्लैमर इंडस्ट्री में काम करने आईं तो अपने साथ हुए हादसे की वजह से बहनों को लेकर वो काफी प्रोटेक्टिव थीं. डेजी के मुताबिक वो चाहती थीं कि हमारी जल्दी से शादी हो जाए और अहम अपने घर से निकल जाए. डेजी ने कहा उनके पिता उन्हें काफी प्यार करते थे. पर उन्हें अपने काम से फुर्सत नहीं मिलती थी. वो अपनी मां से भी प्यार करती थीं. डेजी ने यह भी कहा, उन्हें लगता है कि वो अपनी मां से नफरत भी करती थीं. |
रायगढ़ के गंगा नर्सिंग होम का बिजली का बिल जब अचानक कम आने लगा तो छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों का माथा ठनका. 23 दिसंबर, 2010 को सतर्कता विभाग के दल ने नर्सिंग होम पर छापा मारा तो पता चला कि बिजली के मीटर के पास जैमर लगा हुआ है इसलिए मीटर बंद है. विभाग ने नर्सिंग होम पर 1,96,000 का जुर्माना तो लगाया ही पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई. छत्तीसगढ़-जो अगले छह माह में कोरबा संयत्र शुरू हो जाने पर बिजली के मामले में सरप्लस राज्य बन जाएगा, देश के पहले जीरो पावर कट राज्य का अपना दर्जा कायम रख पाएगा, इसमें संदेह ही लगता है क्योंकि यहां अजब-गजब तरीकों से बिजली चोरी की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं. हाल ही में जैमर के जरिए बिजली चोरी के पकड़े गए आधा दर्जन मामलों ने तो अधिकारियों के होश उड़ा डाले हैं.
हालत यह है कि बिजली वितरण केंद्रों से उपभोक्ताओं तक सप्लाई के बीच ही एक-तिहाई से ज्यादा बिजली चोरी हो जाती है. कुछ स्थानों पर तो 60 से 65 फीसदी तक बिजली चोरी हो जाती है. इस पूरे नुक्सान का हिसाब लगाएं तो हर साल यह आंकड़ा 1,300 से 1,400 करोड़ रु. बैठता है. उस पर जैमर के रूप में बिजली वितरण कंपनी के सामने और भी बड़ा संकट खड़ा है. कारण, जैमर से बिजली चोरी को पकड़ना आसान नहीं है, यह बात विद्युत सतर्कता विभाग के अधिकारी भी मानते हैं. अधिकारियों के मुताबिक यह काम चुनौती भरा इसलिए होगा क्योंकि हरेक मीटर की निगरानी करनी पड़ेगी, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.
चोरी रोकने के लिए ही वितरण कंपनी ने राज्य के 95 फीसदी से ज्यादा इलेक्ट्रो मैकेनिकल मीटर बदल डाले. इन्हें खोलकर आसानी से बंद किया जा सकता था इसलिए विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक मीटर का रास्ता निकाला. मगर यह भी कारगर साबित नहीं हो पाया. विभाग के पास ऐसे ढेरों मामले हैं जिनमें चुंबक और रिमोट के जरिए बिजली चोरी पकड़ी गई. सतर्कता विभाग के मुताबिक साल भर में अकेले दुर्ग जिले में ही इलेक्ट्रॉनिक मीटर में प्रतिरोधक लगाकर चोरी करने के 314 मामले पकड़े गए. राज्य में मीटर बाईपास करके बिजली चोरी करने के मामले भी कम नहीं हैं. बाईपास यानी मीटर को जोड़ने वाली तार से लाइन खींचकर बिजली चोरी, इससे मीटर घूमना बंद हो जाता है. पिछले एक साल में राज्य में विभाग ने मीटर बाईपास के 186 मामले पकड़े हैं.
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के कुछ इलाके तो बिजली चोरों के लिए कुख्यात हो चुके हैं, खासकर रायगढ़, महासमुंद, कवर्धा और दुर्ग इलाका. दुर्ग के बेमेतरा, बलौदा इलाके में 50 फीसदी तक बिजली चोरी होती है. हालत यह है कि विभाग ने जब बिजली वितरण की फ्रेंचाइजी देने के लिए टेंडर निकाला तो कुछ केंद्रों के लिए तो एक आवेदन तक नहीं आया. महासमुंद जिले का बसना, सराईपाली, कवर्धा का पंडरिया, रायगढ़ जिले का डभरा, बरमकव्ला, जांजगीर जिले का सक्ती, ऐसे ही इलाके हैं जहां सतर्कता विभाग के कर्मचारियों को जाने के पहले सौ बार सोचना पड़ता है क्योंकि इन इलाकों में बिजली चोरी पकड़ने गए अधिकारियों पर कई बार हमले भी हो चुके हैं. वैसे ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग सिस्टम लगाने से उद्योगों में चोरियां रुकी हैं. इसके लिए संयंत्रों में चिप लगाए गए हैं जिससे विभाग के कंट्रोल रूम को 24 घंटे खपत बढ़ने-घटने की जानकारी मिलती रहती है. लेकिन वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक सुबोध सिंह कहते हैं कि घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से ऑटोमेटिक सिस्टम लगाना संभव नहीं है.
इधर बिजली चोरों और अधिकारियों की मिलीभगत भी कंपनी के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. इस बात से वितरण कंपनी के अधिकारी भी इनकार नहीं करते. जाहिर है, रिमोट से बिजली चोरी विभागीय लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं है क्योंकि ऐसा करने के लिए मीटर के अंदर एक चिप डाली जाती है और इलेक्ट्रॉनिक मीटर को विभाग के लोग ही खोल सकते हैं. कोई और इसे खोलने की कोशिश करेगा तो सील टूट जाएगी. अतिरिक्त मुख्य सर्तकता अधिकारी आर.बी. मिश्रा बताते हैं कि रायगढ़ जिले में जैमर के जरिए छह स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी गई. इन सभी जगह पर जीनस कंपनी के मीटर लगे थे. सतर्कता विभाग की जानकारी में यह भी है कि जिस व्यक्ति ने रायगढ़ इलाके में जैमर सप्लाई किए हैं वह पहले जीनस कंपनी में ही नौकरी करता था. मीटर खरीदी में भी घालमेल की शिकायतें अक्सर आती रही हैं. वैसे सरकार बिजली चोरी के मसले पर कुछ गंभीर जरूर दिख रही है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पहली बार एक आइएएस अधिकारी सुबोध सिंह को वितरण कंपनी का प्रबंध निदेशक बनाया है. सुबोध की छवि ईमानदार अधिकारी की है और उन्होंने वितरण कंपनी की कमान संभालते ही बिजली चोरों के खिलाफ जोर-शोर से अभियान छेड़ दिया है. तभी तो 2009-10 के 1,478 मामलों की तुलना में 2010-11 में बिजली चोरी के 3,110 मामले पकडे़ गए. सुबोध सिंह बताते हैं कि साल भर में लाइन लॉस 4 फीसदी कम हुआ है और कोशिश इसे आर्दश स्थिति में लाने की है. उनकी सख्ती की वजह से हाल ही में बिलासपुर में जीनस कंपनी के 6,000 मीटर परीक्षण में फव्ल हो गए. 2005-06 में भी एमको कंपनी के 81,250 और जीनस कंपनी के 11,000 मीटरों को चुंबकीय परीक्षण में फव्ल हो जाने पर बिजली बोर्ड ने अस्वीकार कर दिया था. मगर बाद में तकनीकी विशेषज्ञ समिति बनाकर इन्हें पास कर दिया गया. बिजली अधिकारियों ने नियम विरुद्ध जाकर जीनस कंपनी को 25 करोड़ रु. का विस्तार ऑर्डर दे दिया है. अब लोक आयोग अफसरों के खिलाफ इस मामले की जांच कर रही है.
वैसे, ज्यादातर लोगों का मानना है कि बिजली चोरी पर अगर अंकुश लग जाता है तो बिजली दर सस्ती हो सकती है. राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व सदस्य, वितरण, शरदचंद का कहना है कि चोरी पर लगाम लगने पर दर में निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा. मगर बिजली विभाग से उच्च पद से सेवानिवृत्त हुए एक अधिकारी की मानें तो जब तक राजनैतिक इच्छाशक्ति न हो तब तक चोरी पर लगाम लगाना संभव नहीं है.
सरकार की कमजोर वर्गों के लिए शुरू की गई निशुल्क एकल बत्ती कनेक्शन योजना भी भारी पड़ रही है. राज्य जब बना था तब करीब 6.5 लाख एकल बत्ती कनेक्शन थे जो बढ़कर 13.5 लाख हो गए हैं. एक बल्ब की पात्रता वाले इस कनेक्शन की आड़ में लोग ट्यूबलाइट से लेकर पंखा, टेलीविजन, कूलर सबकुछ चल रहे हैं. लेकिन यह सब जानते-बूझ्ते भी अधिकारियों के लिए इन्हें पकड़ना टेढ़ी खीर हैक्योंकि ऐसा करने पर वोट बैंक की राजनीति शुरू हो जाती है. गांवों में भी यही हाल है, रायगढ़ जिले में बिजली चोरी रोकने के लिए जब अभियान छेड़ा गया तो जनप्रतिनिधियों ने तत्कालीन अधीक्षण यंत्री सुभाष चंदा के कार्यालय के सामने धरना दे दिया, इसमें सभी पार्टियों के नेता शामिल थे. राज्य विद्युत मंडल कर्मचारी, अधिकारी समन्वय समिति के संयोजक पी.एन. सिंह कहते हैं कि सरकार को इसके लिए मजबूत इच्छाशक्तिदिखानी होगी.
बिजली चोर बिजली अधिकारियों से एक कदम आगे ही रहते हैं. चोरी रोकने के लिए विभाग जैसे ही नया रास्ता निकालता है, चोर हर बार इसकी काट ढूंढ निकालते हैं. चुंबक से मीटर बंद न हो इसके लिए बिजली विभाग ने कंपनियों को ऐसा मीटर बनाने को कहा जो चुंबक को पास ले जाते ही तेज घूमने लगे. मगर इसमें दिक्कत यह हुई कि धोखे से अगर छोटा चुंबक भी मीटर के पास चला जाता था तो वह तेज घूमना शुरू कर देता था. इसके बाद फरमान हुआ कि 100 मिली टैक्सला क्षमता तक के चुंबक से मीटर तेज न चले, तो बिजली चोर स्पार्क गन की मदद से मीटर बंद करने लगे. स्पार्क गन यानी दुपहिया वाहन के प्लग के स्पार्क से जिस तरह करंट निकलता है, उसी तरह स्पार्क गन की करंट से मीटर चलना बंद हो जाता है. लेकिन इससे सिर्फ 35 कव्वीए क्षमता का मीटर बंद होता था इसलिए विभाग ने इससे अधिक क्षमता का मीटर बनवाना शुरू कर दिया. इसकी काट में बिजली चोर रिमोट और जैमर ले आए. शरदचंद दो टूक कहते हैं, ''बिजली चोरी रोकने में न पुलिस की मदद और न राजनैतिक प्रोत्साहन मिलता है. यहां तक कि पुलिस क्वॉटरों में बिना मीटर के बिजली चलती रहती है वहीं वोट बैंक की वजह से नेता नहीं चाहते कि बिजली चोरों पर कार्रवाई हो.'' वे कहते हैं कि नंगी तारों की जगह एरियल बंज कव्बल लगाना चाहिए ताकि किंग (तार डालकर बिजली खींचना) न हो.
राज्य में बिजली नुक्सान की बानगी देखिए, 2010-11 में बिजली बोर्ड को विभिन्न संयंत्रों से 17,601 मिलियन यूनिट बिजली मिली, इसमें से 12,098 मिलियन यूनिट ही खर्च हो पाई बाकी 5,503 मिलियन यूनिट बिजली पारेषण और वितरण हानि में चली गई. बिजली हानि का स्टैंडर्ड लॉस 15 फीसदी है लेकिन राज्य में 18 प्रतिशत अधिक नुक्सान हो रहा है. विडंबना यह है कि राज्य बनने के बाद उत्पादन पर तो जोर दिया गया मगर लॉस रोकने को लेकर विद्युत बोर्ड कभी गंभीर नहीं रहा. यही वजह है कि बिजली बोर्ड बनने के समय 2002-03 में हानि 33.76 फीसदी थी, वह 2009-10 में बढ़कर 34.27 फीसदी हो गई.
बहरहाल, चोरी रोकने के लिए बिजली वितरण कंपनी ने भी कमर कस ली है. सुबोध सिंह बताते हैं कि ट्रांसफार्मर में मीटर लगाए जाएंगे, इससे पता लगाना आसान रहेगा कि किस इलाके में अधिक चोरी हो रही है. जिन इलाके में हूकिंग से बिजली चोरी हो रही है वहां भूमिगत तार बिछाई जाएंगी. इसके अलावा कुछ शहरों में स्पॉट बिलिंग भी शुरू कर दी गई है. इससे भी चोरी पर लगाम लगेगी. बिजली चोरी की शिकायत करने पर इनाम का भी प्रावधान किया गया है.
चोरी के आधुनिक औजार
जैमरः
चोरी की सबसे नई तकनीक है जैमर. यह एक ऐसा उपकरण है जिसे मीटर के पास ऑन करके लगा दिया जाता है, इसके लगते ही मीटर को फ्रीक्वेंसी मिलना बंद हो जाती है और मीटर घूमना बंद हो जाता है. मीटर की जांच के दौरान इसे आसानी से हटाया जा सकता है इसलिए पकड़े जाने की संभावना नहीं के बराबर. जैमर के हटाने पर मीटर पहले की तरह चलने लगता है. बाजार में यह 4,000 से 15,000 रु. में खास दुकानों में उपलब्ध है.
शक्तिशाली चुंबकः
मीटर के नीचे चुंबक रख देने से मीटर बंद हो जाता है. इसके लिए बाजार में बड़े आकार के चुंबक उपलब्ध हैं और इनकी कीमत 6,000 से 8,000 रु. है. इलेक्ट्रॉनिक मीटर लग जाने से चुंबक का इस्तेमाल कम हो गया है.
स्पार्क गनः
स्पार्क गन यानी दुपहिया वाहन के प्लग के स्पार्क से जिस तरह करंट निकलता है उसी तरह का करंट स्पार्क गन निकलता है जिससे मीटर चलना बंद हो जाता है. स्पार्क गन से 35 केवीए क्षमता का मीटर बंद हो जाता है, कीमत है 3,000-4,000 रु.
रिमोटः
इसमें मीटर के भीतर एक चिप डाली जाती है. इलेक्ट्रॉनिक मीटर में यह विभाग के लोगों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं. इसका फायदा यह है कि जब चाहे तब रिमोट से मीटर बंद कर दो और बिजली विभाग के कर्मचारी जब मीटर रीडिंग करने के लिए आएं तो रिमोट से मीटर चालू कर दो.
बाईपासः
बाईपास यानी मीटर को जोड़ने वाली तार से लाइन खींचकर बिजली चोरी. इससे मीटर घूमना बंद हो जाता है. राज्य में पिछले एक साल में मीटर बाईपास के 186 मामले पकड़े गए हैं.
तब ठनका माथा और चोरी आई पकड़ में
केस 1: रायगढ़ के गंगा नर्सिंग होम में बिजली की बिलिंग कम होने लगी तो छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को गड़बड़ी की बू आई. चोरी पकड़ने के लिए सतर्कता विभाग के दल ने नर्सिंग होम पर छापा मारा. तब पता चला कि मीटर के पास जैमर लगा है और इसी की वजह से मीटर बंद था. विभाग ने नर्सिंग होम पर 1,96,000 का जुर्माना ठोका, साथ ही साथ पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई.
केस 2: रायगढ़ में ही फोटो बनाने वाले कलर प्लस लैब का बिजली बिल अचानक कम हो गया तो विभाग ने जांच के लिए सतर्कता विभाग के अधिकारियों की टीम बनाई. 6 जनवरी, 2011 को टीम ने दबिश दी तो जैमर की वजह से मीटर बंद मिला. जैमर जब्त कर संचालक के खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया.
चोरी का इतिहास
वर्ष कनेक्शन चोरी के पुलिस में
जांचे गए मामले दर्ज शिकायत
08-09 25302 833 417
09-10 26200 1478 729
10-11 39077 3110 1484
11-12 14143 984 470
आंकड़े जुलाई 2011 तक के, स्त्रोतः प्रदेश बिजली बोर्ड |
वीडियो की सत्यता की जांच कोर्ट में अदा करेगी अहम भूमिका
सबूत के तौर पर सिर्फ वायरल वीडियो जिसमें नहीं है दिन और तारीख
25 सितंबर को कोर्ट सुनेगी पीड़ित व बचाव पक्ष के वकीलों की दलील
झारखंड में तबरेज मॉब लिंचिंग मामले में अब अदालत यह निर्धारित करेगी कि मॉब लिंचिंग के 11 आरोपियों के विरुद्ध हटाई गई धाराएं फिर से बहाल होंगी या नहीं. तबरेज को पीटती हुई भीड़ का जो वीडियो वायरल हुआ था, अब अदालत में सारा मामला उसी पर टिका है.
इस वीडियो की सत्यता की जांच से मामले का रुख तय होगा. फिलहाल पीड़ित और बचाव पक्ष के वकील अपनी-अपनी दलीलों और सबूतों को लेकर पूरी तैयारी कर चुके हैं. 25 सितंबर, 2019 को अदालत दोनों पक्षों की दलील सुनेगी.
इसी बीच तबरेज की विधवा शाहिस्ता ने प्रशासन के रवैये पर गंभीर सवाल उठाते हुए धमकी दी है कि अगर आरोपियों के विरुद्ध धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा नहीं चलाया गया तो वे आत्महत्या कर लेंगी. हालांकि, वकीलों का कहना है कि अब यह पूरा केस वायरल वीडियो की प्रामाणिकता पर टिका है.
प्रशासन पर लगाया आरोप
तबरेज के चाचा मौलाना मंसूर ने आरोप लगाया है कि प्रशासन उनके साथ सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होंने पुलिस से विसरा रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी. परिवार ने यह भी मांग की थी कि जेल में तबरेज का क्या इलाज किया गया था, इसका ब्यौरा दिया जाए, लेकिन पुलिस ने ये दस्तावेज मुहैया नहीं कराए.
मौलाना मंसूर का आरोप है कि एसपी ने कहा कि ये सभी दस्तावेज उन्हें नहीं दिए जाएंगे, बल्कि अब अदालत में जमा किए जाएंगे. पीड़ित परिवार का आरोप है कि जानबूझ कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.
तबरेज की विधवा शाहिस्ता ने धारा 302 नहीं लगाने पर आत्महत्या की धमकी देने के साथ यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें मुआवजे के रूप में एक भी पैसा नहीं मिला. उन्होंने हाईकोर्ट में 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी के लिए याचिका डाली है. परिवार की आशाएं अब पूरी तरह कोर्ट पर टिकी हैं.
नहीं है कोई चश्मदीद
आरोपियों के वकील सुबोध चंद्र हजरत ने कहा कि उनके मुवक्किलों के विरुद्ध 302 या 304 के तहत कोई भी केस नहीं ठहरेगा. एफआईआर में घटना की तारीख और समय स्पष्ट नहीं है. आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है. मामले में कोई चश्मदीद नहीं है और अब सारा मामला वायरल हुए वीडियो पर टिका है.
पीड़ित पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन विश्वास के साथ कहते हैं कि वायरल वीडियो की सत्यता की जांच हो जाए, इसके बाद कोर्ट हमारी अपील सुनेगी और आरोपियों पर धारा 302 लगेगी. प्रशासन हमारे केस को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमें अदालत में पूरा भरोसा है.
घटनास्थल पर समय से नहीं पहुंची पुलिस
सरायकेला के एसपी एस कार्तिक ने फोन पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पुलिस घटनास्थल पर देर से पहुंची, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन इस घटना के 3 तीन पहले कुकरा बाजार में पुलिस पर गुरिल्ला अटैक हुआ था और 5 सिपाही मारे गए थे.
हेडक्वार्टर से निर्देश था कि रात को पुलिस के लूज मूवमेंट से बचा जाए. इसके अलावा हमने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है. हम सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं.
शाहिस्ता के वकील ने सरायकेला सीजेएम से पुलिस को यह आदेश देने की अपील की है कि मामले में वायरल वीडियो को कोर्ट के सामने पेश किया जाए जो कि एकमात्र ठोस सबूत है.
गौरतलब है कि राज्य के सरायकेला-खरसावां में 17 जून को भीड़ ने बाइक चोरी के शक में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की बुरी तरह से पिटाई की दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद 11 आरोपियों पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज हुआ.
हालांकि, बाद में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत 11 आरोपियों पर दर्ज मामले को खारिज कर दिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कि कहा गया है कि तबरेज अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई, यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मध्यप्रदेश के इंदौर में स्पेशल टास्क फोर्स ने दुर्लभ तेंदुए किंग लेपर्ड की खाल के साथ जानवरों की खाल की तस्करी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया है. मध्य प्रदेश एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि इंदौर यूनिट को मुखबिर के जरिए पता लगा था कि चंदन नगर इलाके में लेपर्ड की खाल बेचने के लिए कुछ लोग घूम रहे हैं जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर तस्करी करने वाले मुख्य आरोपी गफ्फार और उसके साथी को किंग लेपर्ड की खाल के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
अवस्थी ने बताया कि आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है क्योंकि जो खाल मिली वह सामान्य लेपर्ड की ना होकर एक विशेष प्रजाति के लेपर्ड किंग की है, जो पूरे हिंदुस्तान में चार या पांच होंगे. इंदौर एसटीएफ लगातार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि यह दोनों पहले भी जानवरों की खाल की तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. एसटीएफ को अंदेशा है कि पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं.
बताते हैं कि किंग लेपर्ड पश्चिम घाट में पाया जाता है. इसे सेंधवा के जंगलों में मारा गया था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किंग लेपर्ड की खाल दस लाख रुपये तक में बिकती है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: यमन के राष्ट्रपति अबद-रब्बू मंसूर हादी ने गुरुवार को राजधानी सना में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले के लिए अपने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा से माफी मांगी है। अमेरिकी दूतावास पर प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
यमन में हुआ यह हमला एक अमेरिकी फिल्म में कथित तौर पर पैगम्बर मोहम्मद के अपमान के विरोध में इस्लामी दुनिया में भड़के गुस्से का हिस्सा था।
सबा समाचार एजेंसी के मुताबिक हादी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, मैं सना में अमेरिकी दूतावास पर हुए आक्रामक हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा व उनके देश के लोगों से माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया वह भीड़ थी और उसे इसके दूरगामी परिणामों का आभास नहीं था।टिप्पणियां
यमन के आंतरिक मामलों के मंत्री ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अमेरिकी दूतावास के सभी राजनयिकों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उनमें से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।
अमेरिकी दूतावास के अंदर व आसपास प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए हैं। संघर्ष में सभी प्रदर्शनकारी व 30 अन्य लोग घायल हुए।
यमन में हुआ यह हमला एक अमेरिकी फिल्म में कथित तौर पर पैगम्बर मोहम्मद के अपमान के विरोध में इस्लामी दुनिया में भड़के गुस्से का हिस्सा था।
सबा समाचार एजेंसी के मुताबिक हादी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, मैं सना में अमेरिकी दूतावास पर हुए आक्रामक हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा व उनके देश के लोगों से माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया वह भीड़ थी और उसे इसके दूरगामी परिणामों का आभास नहीं था।टिप्पणियां
यमन के आंतरिक मामलों के मंत्री ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अमेरिकी दूतावास के सभी राजनयिकों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उनमें से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।
अमेरिकी दूतावास के अंदर व आसपास प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए हैं। संघर्ष में सभी प्रदर्शनकारी व 30 अन्य लोग घायल हुए।
सबा समाचार एजेंसी के मुताबिक हादी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, मैं सना में अमेरिकी दूतावास पर हुए आक्रामक हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा व उनके देश के लोगों से माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया वह भीड़ थी और उसे इसके दूरगामी परिणामों का आभास नहीं था।टिप्पणियां
यमन के आंतरिक मामलों के मंत्री ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अमेरिकी दूतावास के सभी राजनयिकों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उनमें से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।
अमेरिकी दूतावास के अंदर व आसपास प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए हैं। संघर्ष में सभी प्रदर्शनकारी व 30 अन्य लोग घायल हुए।
यमन के आंतरिक मामलों के मंत्री ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अमेरिकी दूतावास के सभी राजनयिकों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उनमें से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।
अमेरिकी दूतावास के अंदर व आसपास प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए हैं। संघर्ष में सभी प्रदर्शनकारी व 30 अन्य लोग घायल हुए।
अमेरिकी दूतावास के अंदर व आसपास प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए हैं। संघर्ष में सभी प्रदर्शनकारी व 30 अन्य लोग घायल हुए। |
लेख: तीन साल पहले हरियाणा की प्रीति राठी मुंबई आई थी नर्स बनने, लेकिन स्टेशन पर उतरते ही एक सिरफिरे ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया. लगभग महीने भर अस्पताल में अपने जख्मों से जूझने के बाद प्रीति ने दम तोड़ दिया. मंगलवार को इस मामले में मुंबई की सत्र अदालत अपना फैसला सुनाएगी. परिवार प्रीति के गुनहगार के लिए एक ही सजा चाहता है ... सज़ा-ए-मौत.
सब कुछ ठीक रहा होता तो प्रीति नौसेना में बतौर नर्स तीन साल बिता चुकी होती, लेकिन दिल्ली से मुंबई के सफर ने सब कुछ बदल दिया. दो मई 2013 को बांद्रा टर्मिनस पर हुए एसिड अटैक में प्रीति का चेहरा, दोनों आंखें, आहार नलिका और फेफड़े सब चले गए थे. अस्पताल में भर्ती कराया गया तब प्रीति ने चिट्ठियां लिखनी शुरू कीं. उसने बार-बार सवाल उठाया कि आखिर उसके साथ ऐसा क्यों हुआ.टिप्पणियां
महीने भर में प्रीति की हालात बिगड़ने लगी. परिवार वालों को डॉक्टरों ने बता दिया था प्रीति के शरीर में अब जहर बनने लगा है. बेहद साहसी प्रीति अपने परिवार को इस हालत में भी परेशान नहीं देखना चाहती थी. वह बार-बार अपने छोटे भाई बहनों की सुरक्षा की बात करती रही. आखिरकार एक जून 2013 को उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस बीच पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा, लेकिन परिवार ने इस जांच और आरोपी पर सवाल उठाए. पिता अमर सिंह राठी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की.
लगभग आठ माह की आंख-मिचौली के बाद प्रीति राठी का असली आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ा. रेलवे पुलिस से जांच का जिम्मा अदालत ने मुंबई क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया जिसने मामला संभालने के महीने भर बाद असली आरोपी को पकड़ने का दावा किया. प्रीति पर एसिड से हमले का आरोप लगा उसके पड़ोसी अंकुर पनवर पर जो होटल मैनजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद कई दिनों से बेरोजगार था. जब प्रीति पर तेजाब से हमला हुआ अंकुर ने हरिद्वार में होने का दावा किया था लेकिन उसके मोबाइल लोकेशन से उसका झूठ पकड़ा गया. उस वक्त पुलिस की दलील थी कि यह मामला नौसेना में प्रीति के चयन के बाद उसके पड़ोसी अंकुर के जलन का था.
सब कुछ ठीक रहा होता तो प्रीति नौसेना में बतौर नर्स तीन साल बिता चुकी होती, लेकिन दिल्ली से मुंबई के सफर ने सब कुछ बदल दिया. दो मई 2013 को बांद्रा टर्मिनस पर हुए एसिड अटैक में प्रीति का चेहरा, दोनों आंखें, आहार नलिका और फेफड़े सब चले गए थे. अस्पताल में भर्ती कराया गया तब प्रीति ने चिट्ठियां लिखनी शुरू कीं. उसने बार-बार सवाल उठाया कि आखिर उसके साथ ऐसा क्यों हुआ.टिप्पणियां
महीने भर में प्रीति की हालात बिगड़ने लगी. परिवार वालों को डॉक्टरों ने बता दिया था प्रीति के शरीर में अब जहर बनने लगा है. बेहद साहसी प्रीति अपने परिवार को इस हालत में भी परेशान नहीं देखना चाहती थी. वह बार-बार अपने छोटे भाई बहनों की सुरक्षा की बात करती रही. आखिरकार एक जून 2013 को उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस बीच पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा, लेकिन परिवार ने इस जांच और आरोपी पर सवाल उठाए. पिता अमर सिंह राठी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की.
लगभग आठ माह की आंख-मिचौली के बाद प्रीति राठी का असली आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ा. रेलवे पुलिस से जांच का जिम्मा अदालत ने मुंबई क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया जिसने मामला संभालने के महीने भर बाद असली आरोपी को पकड़ने का दावा किया. प्रीति पर एसिड से हमले का आरोप लगा उसके पड़ोसी अंकुर पनवर पर जो होटल मैनजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद कई दिनों से बेरोजगार था. जब प्रीति पर तेजाब से हमला हुआ अंकुर ने हरिद्वार में होने का दावा किया था लेकिन उसके मोबाइल लोकेशन से उसका झूठ पकड़ा गया. उस वक्त पुलिस की दलील थी कि यह मामला नौसेना में प्रीति के चयन के बाद उसके पड़ोसी अंकुर के जलन का था.
महीने भर में प्रीति की हालात बिगड़ने लगी. परिवार वालों को डॉक्टरों ने बता दिया था प्रीति के शरीर में अब जहर बनने लगा है. बेहद साहसी प्रीति अपने परिवार को इस हालत में भी परेशान नहीं देखना चाहती थी. वह बार-बार अपने छोटे भाई बहनों की सुरक्षा की बात करती रही. आखिरकार एक जून 2013 को उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस बीच पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा, लेकिन परिवार ने इस जांच और आरोपी पर सवाल उठाए. पिता अमर सिंह राठी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की.
लगभग आठ माह की आंख-मिचौली के बाद प्रीति राठी का असली आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ा. रेलवे पुलिस से जांच का जिम्मा अदालत ने मुंबई क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया जिसने मामला संभालने के महीने भर बाद असली आरोपी को पकड़ने का दावा किया. प्रीति पर एसिड से हमले का आरोप लगा उसके पड़ोसी अंकुर पनवर पर जो होटल मैनजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद कई दिनों से बेरोजगार था. जब प्रीति पर तेजाब से हमला हुआ अंकुर ने हरिद्वार में होने का दावा किया था लेकिन उसके मोबाइल लोकेशन से उसका झूठ पकड़ा गया. उस वक्त पुलिस की दलील थी कि यह मामला नौसेना में प्रीति के चयन के बाद उसके पड़ोसी अंकुर के जलन का था.
लगभग आठ माह की आंख-मिचौली के बाद प्रीति राठी का असली आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ा. रेलवे पुलिस से जांच का जिम्मा अदालत ने मुंबई क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया जिसने मामला संभालने के महीने भर बाद असली आरोपी को पकड़ने का दावा किया. प्रीति पर एसिड से हमले का आरोप लगा उसके पड़ोसी अंकुर पनवर पर जो होटल मैनजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद कई दिनों से बेरोजगार था. जब प्रीति पर तेजाब से हमला हुआ अंकुर ने हरिद्वार में होने का दावा किया था लेकिन उसके मोबाइल लोकेशन से उसका झूठ पकड़ा गया. उस वक्त पुलिस की दलील थी कि यह मामला नौसेना में प्रीति के चयन के बाद उसके पड़ोसी अंकुर के जलन का था. |
रायपुर में सरेराह एक लड़की के साथ
गैंगरेप
की घटना हो गई. राखी के दिन देर शाम पीड़ित लड़की अपने घर से बाहर निकली थी. उसका दावा है कि वो त्योहार मनाने के लिए अपने भाई के घर गई थी, लेकिन वहशी दरिंदों ने उसकी इज्जात तार-तार कर दी.
हालांकि पीड़ित लड़की का आरोप
पुलिस
की गले नहीं उतर रही है. बावजूद इसके पुलिस ने पीड़ित लड़की के बयानों के आधार पर गैंगरेप का मामला दर्ज कर लिया है. उसके बताए गए तथ्यों के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है.
रायपुर के मुजगहन थाना प्रभारी एलडी दिवान के मुताबिक पुरानी बस्ती इलाके में रहने वाली 24 वर्षीय युवती रविवार की शाम अपने भाई को राखी बांधने के लिए बोरियाखुर्द टॉउनशिप के लिए निकली थी.
संतोषी नगर में सिटी बस से उतरकर वह पैदल बोरियाखुर्द आरडीए कॉलोनी की ओर जा रही थी. रास्ते में युवती ने ऑटो को रोका. उसमें तीन लोग सवार थे. युवती भी उसमें बैठ गई.
पीड़िता के मुताबिक जब वह ऑटो में बैठी तो ऑटो चालक आरडीए कॉलोनी की तरफ ना मोड़ ऑटो को कांदुल की ओर मोड़ दिया. उसने बताया कि इस पर जब उसने टोका तो ऑटो में सवार दो युवकों ने हाथ-पैर पकड़कर मुंह दबा दिया और अंधेरा होते तक घुमाते रहे. इसके बाद दतरेंगा में एक खेत में बने खाली मकान में युवकों ने उस लड़की के साथ दुष्कर्म किया.
पीड़ित लड़की के इस बयान की भी पुलिस तस्दीक कर रही है. दिवान के मुताबिक इस घटना के बाद पीड़ित लड़की को मौके पर ही छोड़ के आरोपी फरार हो गए. उन्होंने बताया कि पीड़ित लड़की ने पुरी रात घटनास्थल पर ही गुजारी.
उन्होंने कहा कि अगली सुबह वह किसी तरह थाने पहुंची और उसने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई. उसके बयान के आधार पर दो आरोपियों की शिनाख्त की जा रही है. इसके लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं.
फिलहाल
पीड़ित
लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया गया है. इसकी रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है. पुलिस ने अपराध दर्ज करने के बाद कुछ ऑटो चालकों से भी पूछताछ की है. आमतौर पर जिस इलाके में यह वारदात की घटना हुई है, वह इलाका राहगीरों से भरा पड़ा है. इस इलाके में वीरानी ना होकर झुग्गी, झोपड़िया, बस्तियां और कई कॉलोनी हैं.
ऐसे में लड़की ने अपने बचाव की कोशिश या शोरगुल क्यों नहीं मचाया. यह पुलिस को समझ से परे नजर आ रहा है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पीड़ित लड़की को हथियार भी नहीं दिखाया. ऐसे में लड़की के डरे सहमे घंटों तक ऑटो रिक्शा की सवारी करना और घटना स्थल में पूरी रात गुजरना गले से नहीं उतर रहा है. |
आषाढ शुक्ल चतुर्थी भारतीय पंचांग के अनुसार चतुर्थ माह की चतुर्थ तिथि है, वर्षान्त में अभी २६६ तिथियाँ अवशिष्ट हैं।
पर्व एवं उत्सव
प्रमुख घटनाएँ
जन्म
निधन
इन्हें भी देखें
हिन्दू काल गणना
तिथियाँ
हिन्दू पंचांग
विक्रम संवत
बाह्य कड़ीयाँ
हिन्दू पंचांग १००० वर्षों के लिए (सन १५८३ से २५८२ तक)
आनलाइन पंचाग
विश्व के सभी नगरों के लिये मायपंचांग डोट कोम
विष्णु पुराण भाग एक, अध्याय तॄतीय का काल-गणना अनुभाग
सॄष्टिकर्ता ब्रह्मा का एक ब्रह्माण्डीय दिवस
महायुग
सन्दर्भ
चतुर्थी
आषाढ |
वैश्विक बाजार
से बेहतर संकेत मिलने से घरेलू मार्केट की तेज शुरुआत हुई. बेहतर शुरुआत करने के बाद घरेलू शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए. निफ्टी जहां 28 अंक बढ़कर 10017 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, सेंसेक्स 78 अंकों की बढ़त के साथ 31924 के स्तर पर बंद हुआ.
सितंबर महीने में
10 हजार का स्तर पार करने के बाद अब एक बार फिर निफ्टी 10 हजार के पार पहुंचा है. आगे भी उम्मीद है कि बाजार के अच्छे दिन बने रहेंगे. आने वाले दिनों में कंपनियों के रिजल्ट और ऑटो व आईटी शेयरों के बेहतर प्रदर्शन का फायदा बाजार को मिल सकता है.
हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को मार्केट बढ़त के साथ खुले थे. निफ्टी जहां 10 हजार के पार निकला. वहीं, सेंसेक्स 31923 के स्तर पर खुला. निफ्टी 25 अंक की बढ़त के साथ 10014 के स्तर पर अंक खुला. सेंसेक्स में 64 अंकों की बढ़त देखने को मिली.
शुरुआती कारोबार में मेटल, फार्मा और ऑटो के शेयरो में उछाल देखने को मिला. मार्केट बंद होने तक इन शेयरों का बेहतर प्रदर्शन बना रहा. |
यह एक लेख है: महाराष्ट्र विधानसभा में बजट के दौरान हंगामा करने और बजट की प्रति जलाने के आरोप में कांग्रेस और एनसीपी के निलंबित 19 विधायकों में से 9 विधायकों का निलंबन रद्द हो गया है. जिन विधायकों का निलंबन रद्द किया गया है उसमें 4 कांग्रेसी और 5 एनसीपी के हैं. विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने इन 19 विधायकों को 9 महीने के लिए निलंबित कर दिया था. बजट सत्र के आख़िरी दिन संसदीय कार्यमंत्री गिरीश बापट ने निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव रखा जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया.
दरअसल, 18 मार्च को बजट पेश किए जाने के दौरान किसानों की कर्जमाफी को लेकर वित्त मंत्री सुधीर मुनघंटीवार के बजट भाषण शुरू होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे. विरोधी विधायक पोस्टर लेकर सीट पर खड़े हो गए और सदन की कार्रवाई में रुकावट डालने लगे. इस मामले में कार्रवाई करते हुए स्पीकर हरीभाऊ बागडे ने 19 विधायकों को 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था.टिप्पणियां
उस वक्त शायद सरकार ने ध्यान नहीं दिया कि विधान परिषद में उसके पास बहुमत नहीं है, ऐसे में विधानसभा में बजट और लेखानुदान तो पास हो जाता लेकिन विधान परिषद में सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो जाती है.
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने शर्त रखी निलंबन वापस लो, तभी बजट परिषद में पास होगा. निलंबन वापस करने को लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि बजट सत्र अधिवेशन के अंतिम दिन बजट प्रति जलाने वाले 3 विधायकों के अलावा सबका निलंबन वापस हो जाएगा. लेकिन10 विधायक अब भी निलंबित हैं. वैसे माना जा रहा है कि इनका निलंबन भी जल्द ख़त्म किया जा सकता है.
दरअसल, 18 मार्च को बजट पेश किए जाने के दौरान किसानों की कर्जमाफी को लेकर वित्त मंत्री सुधीर मुनघंटीवार के बजट भाषण शुरू होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे. विरोधी विधायक पोस्टर लेकर सीट पर खड़े हो गए और सदन की कार्रवाई में रुकावट डालने लगे. इस मामले में कार्रवाई करते हुए स्पीकर हरीभाऊ बागडे ने 19 विधायकों को 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था.टिप्पणियां
उस वक्त शायद सरकार ने ध्यान नहीं दिया कि विधान परिषद में उसके पास बहुमत नहीं है, ऐसे में विधानसभा में बजट और लेखानुदान तो पास हो जाता लेकिन विधान परिषद में सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो जाती है.
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने शर्त रखी निलंबन वापस लो, तभी बजट परिषद में पास होगा. निलंबन वापस करने को लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि बजट सत्र अधिवेशन के अंतिम दिन बजट प्रति जलाने वाले 3 विधायकों के अलावा सबका निलंबन वापस हो जाएगा. लेकिन10 विधायक अब भी निलंबित हैं. वैसे माना जा रहा है कि इनका निलंबन भी जल्द ख़त्म किया जा सकता है.
उस वक्त शायद सरकार ने ध्यान नहीं दिया कि विधान परिषद में उसके पास बहुमत नहीं है, ऐसे में विधानसभा में बजट और लेखानुदान तो पास हो जाता लेकिन विधान परिषद में सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो जाती है.
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने शर्त रखी निलंबन वापस लो, तभी बजट परिषद में पास होगा. निलंबन वापस करने को लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि बजट सत्र अधिवेशन के अंतिम दिन बजट प्रति जलाने वाले 3 विधायकों के अलावा सबका निलंबन वापस हो जाएगा. लेकिन10 विधायक अब भी निलंबित हैं. वैसे माना जा रहा है कि इनका निलंबन भी जल्द ख़त्म किया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने शर्त रखी निलंबन वापस लो, तभी बजट परिषद में पास होगा. निलंबन वापस करने को लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि बजट सत्र अधिवेशन के अंतिम दिन बजट प्रति जलाने वाले 3 विधायकों के अलावा सबका निलंबन वापस हो जाएगा. लेकिन10 विधायक अब भी निलंबित हैं. वैसे माना जा रहा है कि इनका निलंबन भी जल्द ख़त्म किया जा सकता है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बुधवार रात 8.00 बजे सीबीआई द्वारा नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी के बाद चिदंबरम एजेंसी के मुख्यालय में सारी रात लगभग जागते हुए गुजारी, क्योंकि उनसे वहां आधी रात के बाद पूछताछ की गई.
जांच में शामिल अधिकारियों ने नाम नहीं छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि चिदंबरम से औपचारिक पूछताछ गुरुवार रात 12 बजे के बाद शुरू हुई. सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला खुद शीर्ष एजेंसी के सभी अधिकारियों के साथ मुख्यालय में मौजूद थे.
चिदंबरम ने ज्यादातर सवालों के जवाब अधूरे दिए, कई के जवाब में मालूम नहीं कहा और कई के जवाब ही नहीं दिए. 73 वर्षीय चिदंबरम को पहले सीबीआई अधिकारियों ने खाना देने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद पूछताछ शुरू हुई. इस सूची में शामिल 20 सवाल उनकी आईएनएक्स मीडिया की सह-संस्थापक इंद्राणी मुखर्जी से हुई बैठक से संबंधित हैं.
इंद्राणी फिलहाल अपनी बेटी शीना बोरा हत्या के मुकदमे में जेल में बंद है और इस मामले की गवाह बन गई है. सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम और उसके बेटे के खिलाफ मामला उसकी गवाही के आधार पर ही तैयार किया गया है.
(इनपुट आईएएनएस से) |
आयरलैंड वोल्वेस क्रिकेट टीम ने फरवरी और मार्च 2021 में एक अनौपचारिक टेस्ट मैच (प्रथम श्रेणी स्थिति के साथ) खेलने के लिए बांग्लादेश का दौरा किया, पांच अनौपचारिक एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच (लिस्ट ए स्थिति के साथ) और एक अनौपचारिक ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच (ट्वेंटी-20 स्थिति के साथ) बांग्लादेश इमर्जिंग टीम के खिलाफ खेले। आयरलैंड के जिम्बाब्वे दौरे को रद्द करने के एक दिन बाद दौरे की पुष्टि की गई थी। मूल दौरे के कार्यक्रम में दो ट्वेंटी 20 मैच शामिल थे, लेकिन एक को 13 मार्च 2021 को यात्रा कार्यक्रम से हटा दिया गया था।
रूहान प्रिटोरियस ने कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण करने के बाद, 30 ओवर के बाद पहला अनौपचारिक वनडे मैच छोड़ दिया गया था। दूसरे एकदिवसीय मैच से पहले, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने पुष्टि की कि यह मैच होगा, सभी खिलाड़ियों के नकारात्मक टेस्ट हारने के बाद। प्रीटोरियस का परीक्षण बाद में एक सकारात्मक झूठी पाया गया, जिसके साथ वह दूसरे मैच के लिए टीम में लौट आया।
दस्ते
मूल रूप से, जॉर्ज डॉकरेल अनऑफिशियल टेस्ट में आयरलैंड वोल्व्स की कप्तानी करने के लिए तैयार थे, और हैरी टेक्टर सीमित ओवरों के मैचों में टीम का नेतृत्व करेंगे। हालांकि, टीम के बांग्लादेश रवाना होने से एक दिन पहले यह घोषणा की गई थी कि डॉकरेल ने दौरे से बाहर कर दिया था। उसी दिन, रूहान प्रिटोरियस को टीम में शामिल किया गया और टेक्टर को कप्तान के रूप में पुष्टि की गई।
अनौपचारिक टेस्ट श्रृंखला
केवल अनौपचारिक टेस्ट
अनौपचारिक वनडे सीरीज
पहला अनौपचारिक वनडे
दूसरा अनौपचारिक वनडे
तीसरा अनौपचारिक वनडे
चौथा अनौपचारिक वनडे
पांचवां अनौपचारिक वनडे
अनौपचारिक टी20आई सीरीज
केवल अनौपचारिक टी20आई
सन्दर्भ
टिप्पणियाँ |
बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म 'हाउसफुल 4' (Housefull 4) इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है. इस फिल्म ने अब तक 100 करोड़ से ऊपर की कमाई कर डाली है. अब अक्षय कुमार ने अपनी बेटी नितारा (Nitara) संग एक फोटो शेयर की है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस फोटो को शेयर करने के साथ ही अक्षय कुमार ने एक वाकया भी शेयर किया है. वायरल हो रही उनकी इस तस्वीर पर फैन्स खूब रिएक्शन भी दे रहे हैं. इस फोटो को 7 लाख से ऊपर लाइक भी मिल चुके हैं.
A post shared by Akshay Kumar (@akshaykumar) on Oct 31, 2019 at 2:02am PDT
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने इस तस्वीर को शेयर कर लिखा: "आज का मॉर्निग वॉक मेरी बेटी के लिए एक सीख लेकर आया. हम दोनों एक गरीब दंपति के घर में पानी के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने हमें बहुत ही स्वादिष्ट गुड़-रोटी खिलाई. सच में, दयालु होने का कारण कुछ भी नहीं है लेकिन इसका मतलब है सब कुछ है." अक्षय कुमार ने इस तरह से आज का यह वाकया अपने फैन्स के लिए शेयर किया है. फैन्स अक्षय कुमार की खूब तारीफ कर रहे हैं.
A post shared by Akshay Kumar (@akshaykumar) on Oct 24, 2019 at 12:29am PDT
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वो समय-समय पर अपनी तस्वीरें और वीडियो इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पोस्ट करते रहते हैं. हमेशा की तरह अक्षय कुमार की यह तस्वीर भी खूब वायरल हो रही है. बता दें कि 'हाउसफुल 4' (Housefull 4) से पहले अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन मंगल' ने भी खूब धमाल मचाया था. इसके अलावा वह कई फिल्मों से धमाल मचाने वाले हैं, जिसमें सूर्यवंशी, गुड न्यूज और लक्ष्मी बम शामिल है. जहां सूर्यवंशी में अक्षय कुमार एक कॉप की भूमिका में नजर आएंगे तो वहीं फिल्म गुड न्यूज सरोगेसी पर आधारित है. इसके अलावा अक्षय कुमार की लक्ष्मी बम हॉरर कॉमेडी फिल्म है. |
गरासिया भारत की एक जनजाति है।
निवास क्षेत्र
इस जनजाति के लोग मुख्यतः राजस्थान और गुजरात में निवास करते हैं। ये लोग मुख्यतः राजस्थान के पाली, सिरोही और उदयपुर क्षेत्रों से विस्थापित हैं।
राजस्थान के भील सदियो पहले स्थलांतरित करके उत्तर गुजरात अरवल्ली -भिलोडा, मेघरज, साबरकाँठा- विजयनगर, बनासकांठा में निवास कर रहे हैं जो अभी आदिवासी डुंगरी गरासिया नाम से पहेचाने जाते है
वस्त्र
रहन-सहन तथा वेश-भूषा की दृष्टि से गरासिया जनजाति की अपनी एक अलग पहचान है। गरासिया पुरुष धोती कमीज पहनते हैं और सिर पर तौलिया बाँधते हैं। गरासिया स्रियाँ गहरे रंग और तड़क - भड़क वाले रंगीन घाघरा व ओढ़नी पहनती हैं। वे अपने तन को पूर्ण रूप से ढंकती हैं।
समाज
आवास- भीलों के एवं इनके घरों, जीने के तरीकों, भाषा, तीर कमान आदि में कई समानताएं पाई जाती है।इनके घर 'घेर' कहलाते है।
इनके गाँव बिखरे हुए होते हैं। ये गाँव पहाड़ियों पर दूर दूर छितरे हुए पाए जाते हैं। गरासियों के गाँव 'फालिया' कहलाते है। येलोग अपने घर प्रायः पहाड़ों की ढलान बताते हैं। एक गाँव में प्रायः एक ही गोत्र के लोग रहते हैं। इनकी भाषा में गुजराती, भीली, मेवाड़ी व मारवाडी का मिश्रण है।
विवाह-
इनमें तीन प्रकार के विवाह प्रचलित हैं-
(i) मौर बाँधिया- इस प्रकार के विवाह में फेरे आदि संस्कार होते हैं।
(ii) पहरावना विवाह- इसमें नाममात्र के फेरे होते हैं।
(iii) ताणना विवाह- इसमें वर पक्ष कन्या पक्ष को केवल कन्या के मूल्य के रूप में वैवाहिक भेंट देता है।
(iv) विधवा विवाह- इनमें इसका भी प्रचलन हैं।
समाज एवं परिवार-
इनका समाज मुख्यतः एकाकी परिवारों में विभक्तहोता है। पिता परिवार का मुखिया होता है। समाज में गोद लेने की परंपरा भीप्रचलित है। इनके समाज में जाति पंचायत का विशेष महत्व है। ग्राम व भाखरस्तर पर जाति पंचायत होती है। पंचायत का मुखिया"पटेल या सहलोत" कहलाताहै। पंचायत द्वारा आर्थिक व शारीरिक दोनों प्रकार के दंड दिए जाते हैं।
गरासियों के मेले-
इनके प्रतिवर्ष कई स्थानीय व संभागीय मेले भरते हैं।गरासियों का प्रमुख मेला 'गौर का मेला या अन्जारी का मेला' है जो सिरोही जिले में में वैशाख पूर्णिमा को लगता है।इनके बड़े मेले "मनखारो मेलो" कहलाते हैं।गुजरात के चौपानी क्षेत्र का मनखारो मेलो प्रसिद्ध है।
युवाओं के लिए इन मेलों का बड़ा महत्व है। गरासिया युवक मेलों में अपने जीवन साथी का चयन भी करते हैं।
गरासियों के नृत्य-
वालर, गरबा, गैर, कुदा, लूर, मोरिया व गौर गरासियों के प्रमुख नृत्य हैं। ये नृत्य करते समय लय और आनन्द में डूब जाते हैं।
गरासियों में गोदना परंपरा-
भीलों की तरह इनमें भी गोदना गुदवाने की परंपरा है। महिलाएँ प्रायः ललाट व ठोडी पर गोदने गुदवाती है।
भारत की जनजातियाँ |
दिवाली मेले पर अयोध्या पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन बड़ी घोषणाएं कीं. योगी ने ऐलान किया कि अब फैजाबाद का नाम अयोध्या होगा. यहां पर जो मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है उसका नाम राजा दशरथ के नाम पर रखा जाएगा. तीसरा अयोध्या में बनने वाले एयरपोर्ट का नाम भगवान के नाम पर होगा. उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में विकास के कई काम कराए गए हैं और अब कोई भी अयोध्या के साथ अन्याय नहीं कर सकता.
हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि योगी इस अवसर पर कोई बड़ी घोषणा करेंगे. जनमानस से आवाज भी आ रही थी योगी जी ऐलान करो, मंदिर का निर्माण करो. लेकिन योगी ने विकास की तमाम बातों के साथ ही अपनी बात समाप्त कर दी.
योगी ने कहा कि एक वर्ष के बाद हम लोग फिर से भगवान राम की जन्मभूमि पर नए संकल्प के साथ आए हैं. दीपोत्सव को पीएम नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और कई देशों के लोग यहां आए हुए हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या हमारी आन बान और शान का प्रतीक है. अयोध्या की पहचान भगवान राम से है. फैजाबाद का नाम अयोध्या हुआ. उन्होंने बताया कि राम जानकी विवाह के कार्यक्रम में वह खुद नेपाल जा रहे हैं.
अयोध्या को कोई हक से वंचित नहीं कर सकता
योगी ने कहा कि आपको आश्वस्त करने आए हैं कि अयोध्या के हक से कोई वंचित नहीं कर सकता है. उन्होंने दावा किया कि नंगे तारों को अंडरग्राउंड करवाया गया. अयोध्या की सड़कों को चौड़ा किया गया. संतों की मांग पर नमामि गंगे के तहत गंदे नालों को सरयू में गिरने से रोका गया. हर की पैड़ी की तरह राम की पैड़ी को भी बनाया जाएगा. अयोध्या में बन रहे मेडिकल कॉलेज का नाम राजा दशरथ पर होगा. एयरोपोर्ट का नाम राम पर होगा.
मोदी सरकार की तुलना राम राज्य से की
योगी ने कहा कि राम के 14 साल वनवास के लौटने के उपलक्ष्य में हम लोग दिवाली मनाते हैं. मोदी के राज्य में 86000 करोड़ रुपये गरीबों के खाते में आए जनधन योजना के तहत जिनके खाते खोले गए. 8 करोड़ परिवारों को निशुल्क रसोई कनेक्शन बांटे गए. 4 करोड़ परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए. 8 करोड़ लोगों को घर दिए गए. 12 करोड़ परिवारों को एक-एक शौचालय दिए. 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत का लाभ दिया गया. यह राम राज्य नहीं तो क्या है. |
ऑफिस में काम करते-करते एक समय बाद थकान महसूस होने लगती है, दिमाग काम करना बंद कर देता है. ऑफिस में आप खुद को ऐसे रिलेक्स कर सकते हैं.
1. जब भी थकान महसूस हो तो अपनी सीट से उठें और कुछ देर टहल आएं.
2. काम करने का बिल्कुल मन न करे या दिमाग चलना बंद कर दे तो सारा काम छोड़कर यूट्यूब चलाएं और अपने फेवरेट गाने को सुनें.
3. ऑफिस में एक लंबा चक्कर लगाएं. दूसरे डिपार्टमेंट के लोगों से मिलें. आपको अच्छा लगेगा.
सफलता की बुलंदियों पर हैं तो ना करें ये काम
4. काम के बीच-बीच में बॉडी स्ट्रैच करने से भी तनाव मिनटों में दूर हो जाएगा.
5. चाहें तो काम के बीच में थोड़ा टाइम निकालकर कॉमेडी शो या वीडियो गेम खेल सकते हैं.
बेजान ऑफिस डेस्क में यूं भरें जान...
6. मेडिटेशन कर सकते हैं. ऐसा करने से आप शांत महसूस करेंगे और मूड भी अच्छा रहेगा.
7. थकान मिटाने के लिए डांस भी कर सकते हैं. शायद आपको पढ़ने में अजीब लग रहा हो पर आप नहीं जानते होंगे कि ये एक अच्छी स्ट्रेस बस्टर एक्सरसाइज है. आप ये ट्रिक बाथरूम में जाकर भी अपना सकते हैं. |
कुमार गौरव का जन्म 11 जुलाई 1960 को लखनऊ में हुआ. उनके पिता राजेंद्र कुमार अपने समय के सुपरस्टार थे. अपनी पहली ही फिल्म ने उन्हें पॉपुलर कर दिया और वो चॉकलेटी एक्टर के रूप में उभर कर निकले. इस दौरान फिल्म की एक्ट्रेस विजेता पंडित से उनके प्यार के चर्चे भी सुर्खियों में रहे.
कुमार को जितनी सफलता उनकी पहली फिल्म से मिली वो उसका फायदा नहीं उठा सके. उनके पिता ने उनका करियर सुधारने में उनकी मदद जरूर की पर वो असफल रहे. 1993 की फिल्म फूल से उन्होंने कुमार गौरव और माधुरी दीक्षित की जोड़ी को पर्दे पर उतारा. मगर ये जोड़ी भी उनका करियर फिर से उठाने में नाकामयाब रही.
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इसके बाद वो कुछ ही फिल्मों में नजर आए. साल 2002 में फिल्म कांटे में उन्होंने काम किया. ये एक मल्टीस्टारर फिल्म थी. फिल्म ने बॉक्स ऑपिस पर अच्छी कमाई की और साल 2002 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनकर उभरी.
कुमार गौरव ने साल 1984 में नम्रता दत्त से शादी कर ली. नम्रता सुनील दत्त और नरगिस की बेटी और संजय दत्त की बहन हैं. संजय दत्त और कुमार गौरव ने फिल्म नाम और कांटे में साथ काम किया. इत्तेफाक से दोनों फिल्में सफल रहीं.
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नम्रता से कुमार गौरव को दो बेटियां हैं. एक का नाम साच्ची है और दूसरी का सिया है. साच्ची की शादी बिलाल अमरोही से हुई है. बता दें कि बिलाल अमरोही फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के पोता हैं.
बहुत कम लोग ही ये जानते होंगे कि कुमार गौरव ने हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है. साल 2004 में अमेरिकन फिल्म Guiana 1838 में और साल 2006 में फिल्म My Daddy Strongest में काम किया था. ये एक साइलेंट फिल्म थी. इसके बाद से कुमार ने किसी भी फिल्म में काम नहीं किया है. |
सेलूलोज के नाइट्रिक अम्ल के ऐस्टरों को नाइट्रोसेलूलोज़ (Nitrocellulose) या सेलूलोज़ नाइट्रेट, कहते हैं।
इतिहास
सन् १८३८ ई. में टी.जे. पलूज (T.J. Pelouse) ने यह ज्ञात किया कि सेलूलोज पर नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से प्राप्त पदार्थ बहुत ही तीव्र गति से प्रज्वलित हो जाता है। १८४५ ई. में सी.एफ. शॉनबाइन (C.F. Schonbein) ने इस पदार्थ के गुण प्रदर्शित किए तथा इसके बनाने की विधि में नाइट्रिक अम्ल के साथ सल्फ्यूरिक अम्ल मिश्रित करने की उपयोगिता बतलाई। १८६० ई. से श्लेषीकृत (gelatinised) नाइट्रोसेलूलोज प्रणोदी (propellant) बनने लगे। ई.ए. ब्राउन (E.A. Brown) ने इस बात का पता लगाया कि शुष्क (या कुछ गीली भी) नाइट्रोसेलूलोज़ को किसी विस्फोटप्रेरक (detonator) के द्वारा विस्फोटित किया जा सकता है। इसी अनुसंधान से इस पदार्थ को तीव्र विस्फोटप्रेरक पदार्थों के रूप में प्रयुक्त किया जाने लगा।
परिचय
नाइट्रोसेलूलोज एक अस्थायी पदार्थ है। इसके विघटन उत्पादों के द्वारा ही इसका उत्प्रेरित विघटन होता है। पहले इस तथ्य के न ज्ञात होने से अनेक दुर्घटनाएँ हुई। १८६८ ई. में फ्रेडरिक एबेल (Frederick Abel) ने यह ज्ञात किया कि इस पदार्थ की अस्थिरता, निर्मित पदार्थों के ठीक से न घुलने के कारण संलग्न अम्ल की उपस्थिति से होती है। इसके पश्चात् पॉल ब्येय (Paul Vieille) ने स्थायीकारक पदार्थों (stabilizers) के द्वारा इसके विघटन को रोकने का प्रयत्न किया।
नाइट्रोसेलूलोज बनाने के लिए कर्पासिका (cotton linters), या काष्ठ की लुगदी, को नाइट्रिक तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के मिश्रण के आधिक्य में डुबो दिया जाता है और क्रिया हो चुकने के पश्चात् उत्पाद को अम्लमिश्रण से अपकेंद्रण (centrifuging) द्वारा पृथक् कर लिया जाता है। फिर तत्काल इसे जल की अधिक मात्रा में डुबो देते हैं, जिससे अम्लों की बची हुई मात्रा भी इससे पृथक् हो जाती है।
यह श्वेत रंग का अस्थायी पदार्थ है, जो लगभग १५० डिग्री सें. पर जल जाता है। जल में यह अविलेय है, परंतु ऐसीटोन या एथिलऐसिटेट में विलेय है। कोलोडियन या पाइरॉक्सलिन नामक नाइट्रोसेलूलोज का उपयोग प्रलक्षारस तथा सेलूलायड जैसे प्लास्टिकों के रूप में होता है। वि-नाइट्रीकरण करने के पश्चात् इसे कृत्रिम रेशम के रूप में काम में लाया जा सकता है, पर अब इसके स्थान पर विस्कोज नामक कृत्रिम रेशम का उपयोग होने लगा है।
डाइनामाइट बनाने में भी इसका उपयोग होने लगा है।
इन्हें भी देखें
गनकॉटन (Guncotton)
बाहरी कड़ियाँ
Nitrocellulose Paper Video (aka:Flash paper)
सेलूलोज
विस्फोटक |
खुद की बीजेपी से पुरानी नजदीकियों के आरोप पर किरण बेदी ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है. उन्होंने पूछा है कि अगर मैं बीजेपी के लिए नरम थी तो 2013 में केजरीवाल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी क्यों ऑफर की थी. उन्होंने कहा, 'अगर मैं लोगों की बातों पर कमेंट करती रहूंगी तो काम कब करूंगी.' हालांकि केजरीवाल एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में पहले ही कह चुके हैं कि वह किरण बेदी की इस 'नरमी' के बारे में जानते हुए भी वह उन्हें अपने पाले में लेने की कोशिश कर रहे थे.
इससे पहले AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि किरण बेदी बहुत पहले से ही बीजेपी के करीब थीं.
उन्होंने यह दावा भी किया
कि किरण बेदी के बीजेपी में आने से आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है. अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पार्टी में शामिल होने से पहले ही दिल्ली में बीजेपी की नैया डूबने की कगार पर पहुंच चुकी थी और बाद में उन्होंने खुद पार्टी को डुबाने में बड़ा रोल निभाया.
'उन्हें BJP ही मिली जाने के लिए'
किरण बेदी के आने के बाद राजनीति कैसे बदली है, इस सवाल पर केजरीवाल ने कहा, 'पहले दिल्ली बीजेपी बंटी हुई थी. नेताओं के कई गुट थे. अब वे सभी गुट एक होकर मुख्यमंत्री पद पर किरण बेदी की दावेदारी के खिलाफ काम करने लगे हैं.'
किरण बेदी के भाजपाई होने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया के बारे मे पूछे जाने पर AAP संयोजक ने कहा, 'बड़े हैरत की बात थी. जब ये खबर मिली तो मुझे याद नहीं कि मैं कहां था. पर मेरे मन में पहला ख्याल यही आया कि यार बीजेपी ही मिली जाने के लिए.'
'गडकरी का घेराव करने से रोका था बेदी ने'
केजरीवाल ने दावा किया कि किरण बेदी की बीजेपी से नजदीकियों का अंदाजा उन्हें पहले से था. उन्होंने बताया, 'जब हम तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर का घेराव करने वाले थे तो उन्होंने इससे मना किया. हमने घेराव किया और वह सार्वजनिक रूप से हमारे खिलाफ हो गईं. हम उन्हें अपनी तरफ लाना चाहते थे लेकिन वह नहीं मानीं. उसके बाद उनसे हमारे रिश्ते नहीं रहे. ऐसा लगा कि किसी ने कोई स्विच ऑफ कर दिया हो. '
'तब गलत थीं, या अब गलत हैं?'
क्या वह किरण बेदी के बीजेपी में जाने से ठगा हुआ महसूस करते हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं महत्वपूर्ण नहीं हूं, पर लोग हैं. मैं कई लोगों से मिला हूं जिन्होंने कहा कि अगर उन्हें राजनीति में आना था तो आम आदमी पार्टी में आतीं. अगर उन्हें बीजेपी इतनी ही पसंद थी तो वह अन्ना आंदोलन का हिस्सा क्यों बनीं? या तो वह उस वक्त गलत थीं, या अब गलत हैं.' |
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई EPCA (इंवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी) की तरफ से पर्यवरणविद सुनीता नारायण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली के हालात बेहद खराब हैं. इस पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को 3:30 बजे सुनवाई का वक्त तय किया है.
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि यह एक पब्लिक इमरजेंसी है. प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही कई दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन अब तक इस बारे में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. अब सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करे और इस मामले की निगरानी करे.
पिछली सुनवाई में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने
दिल्ली
सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था, 'हम 21वीं सदी में हैं. यूरोप में यह काम 50 साल पहले ही हो चुका है. लंदन मेट्रो को 100 साल हो चुके हैं, जबकि कोर्ट के आदेश पर सरकार के ट्रांसपोर्ट सचिव बैठ जाते हैं. आपको दूरदर्शी और प्रगतिशील बनना चाहिए ना कि इसमें बाधक. सिस्टम में बदलाव की जरूरत है जबकि आपका रवैया पुराना ही है. आप कल्पना के आधार पर कोई फैसला नहीं ले सकते. लग रहा है कि आप अटकलों के स्वर्ग पर बैठे हैं.'
सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दिल्ली में आने वाले ट्रकों में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस लगाने के आदेश दिए गए थे. दिवाली के बाद से ही दिल्ली और एनसीआर
धुएं और कोहरे के मिश्रण यानी स्मॉग
में लिपटा हुआ है.
हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा से काफी ज्यादा हो चुका है. लोग मास्क लगा कर बाहर निकल रहे हैं.
बच्चे और दमे के मरीज खासतौर पर काफी दिक्कत
में हैं. इस भयावह हो चुकी स्थिति में भी राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं. ऐसे में अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की तरफ हैं कि कोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े निर्देश जारी करे और उनका पालन हो ये भी सुनिश्चित करे. |
मॉनसून सत्र के पहले दिन जब भाजपा के तीन नेताओं के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस सांसद सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते थे तब शशि थरूर ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि लगातार संसद की कार्यवाही रोकने से अच्छा संदेश नहीं जाएगा। अपनी पार्टी के इस कदम के खिलाफ बात करके कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सोनिया गांधी की नाराज़गी झेलनी पड़ी।टिप्पणियां
सूत्रों के मुताबिक पार्टी की एक मीटिंग में थरूर से मिलते ही सोनिया ने कहा "आप हमेशा ऐसे ही करते हो, ये आपकी आदत हो गई है।" ऐसा सुनते ही आसपास खड़े कांग्रेसियों के लिए स्थिति थोड़ी अजीब हो गई लेकिन माहौल को हल्का करने के लिए सोनिया के बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विषय को बदल दिया।
बताया जाता है कि पार्टी सदस्यों ने थरूर के खिलाफ अनुशासन तोड़ने की शिकायत की थी जिसकी वजह से सोनिया गांधी को ऐसी प्रतिक्रिया देनी पड़ गई। गौरतलब है कि कांग्रेस के 44 सांसद ही इस बार लोकसभा में है इसलिए सदन में ललित मोदी मामले पर पार्टी ने काफी आक्रमक रवैया अपना रखा है। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी ने अपने सभी सांसदों से आक्रमक रहने के लिए कहा है। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ सभी कांग्रेसी सांसदों ने हाथ में काली पट्टी बांधी हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी की एक मीटिंग में थरूर से मिलते ही सोनिया ने कहा "आप हमेशा ऐसे ही करते हो, ये आपकी आदत हो गई है।" ऐसा सुनते ही आसपास खड़े कांग्रेसियों के लिए स्थिति थोड़ी अजीब हो गई लेकिन माहौल को हल्का करने के लिए सोनिया के बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विषय को बदल दिया।
बताया जाता है कि पार्टी सदस्यों ने थरूर के खिलाफ अनुशासन तोड़ने की शिकायत की थी जिसकी वजह से सोनिया गांधी को ऐसी प्रतिक्रिया देनी पड़ गई। गौरतलब है कि कांग्रेस के 44 सांसद ही इस बार लोकसभा में है इसलिए सदन में ललित मोदी मामले पर पार्टी ने काफी आक्रमक रवैया अपना रखा है। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी ने अपने सभी सांसदों से आक्रमक रहने के लिए कहा है। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ सभी कांग्रेसी सांसदों ने हाथ में काली पट्टी बांधी हुई थी।
बताया जाता है कि पार्टी सदस्यों ने थरूर के खिलाफ अनुशासन तोड़ने की शिकायत की थी जिसकी वजह से सोनिया गांधी को ऐसी प्रतिक्रिया देनी पड़ गई। गौरतलब है कि कांग्रेस के 44 सांसद ही इस बार लोकसभा में है इसलिए सदन में ललित मोदी मामले पर पार्टी ने काफी आक्रमक रवैया अपना रखा है। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी ने अपने सभी सांसदों से आक्रमक रहने के लिए कहा है। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ सभी कांग्रेसी सांसदों ने हाथ में काली पट्टी बांधी हुई थी। |
भारत ने सोमवार को कुछ ही समय के अंतराल में परमाणु संपन्न तथा 350 किमी की रेंज तक सतह से सतह पर मार करने वाली 2 'पृथ्वी-2' प्रक्षेपास्त्रों के सफल प्रायोगिक परीक्षण किए.
पांच मिनट के अंतराल पर परीक्षण
ये परीक्षण बालेश्वर से करीब 15 किमी दूर चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किए गए. रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना के नियमित परीक्षण के तौर पर सचल प्रक्षेपकों से, स्वदेश में निर्मित 'पृथ्वी-2' प्रक्षेपास्त्र के 2 परीक्षण प्रात: 10 बजकर 28 मिनट पर और 10 बजकर 33 मिनट पर किए गए.
प्रक्षेप पथों पर रखी गई नजर
सूत्रों ने बताया कि लंबी दूरी की एक बैटरी, बहु उद्देशीय रडारों और विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक टेलीमेट्री स्टेशनों से प्रक्षेपास्त्र के प्रक्षेप पथों की निगरानी की गई. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने आईटीआर से किए गए इस प्रायोगिक परीक्षण को देखा. बंगाल की खाड़ी में जिन स्थानों पर इस प्रक्षेपण से प्रभाव पड़ सकता था, वहां नौसेना के पोत खड़े थे.
सेना में पहले से ही शामिल
परमाणु संपन्न 'पृथ्वी-2' प्रक्षेपास्त्र को सैन्य बलों में पहले ही शामिल किया जा चुका है. सूत्रों के अनुसार, रणनीतिक बल कमान के विशेष समूह की सैन्य यूनिटें इनका रखरखाव करती हैं. सूत्रों ने बताया कि 2 इंजन वाले 'पृथ्वी-2' प्रक्षेपास्त्र की लंबाई 9 मीटर और चौड़ाई 1 मीटर है. नौवहन प्रणालियों से सुसज्जित यह प्रक्षेपास्त्र शत्रु के प्रक्षेपास्त्रों को चकमा दे सकता है.
तरल व ठोस, दोनों ईंधनों से संचालित
इस प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता अलग-अलग है. यह तरल और ठोस, दोनों प्रकार के ईंधन से संचालित हो सकती है तथा अपने साथ परंपरागत और परमाणु पेलोड-दोनों को ही ले जाने में सक्षम है. इसके प्रायोगिक परीक्षण के दौरान रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार वी के सारस्वत, शीर्ष वैज्ञानिक और सेना के अधिकारी मौजूद थे. 'पृथ्वी-2' का अंतिम परीक्षण इस वर्ष 15 अप्रैल को चांदीपुर में ही किया गया था. |
एक तरफ तमिलनाडु में बस कर्मचारी सैलरी बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. दूसरी तरफ विधानसभा में मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी ने विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव के बाद विधायकों की सैलरी में करीब 91 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी. अभी विधायकों की सैलरी 55 हज़ार रुपये है, जो कि अब 1.05 लाख रुपये होगी. पूर्व विधायकों की पेंशन को 20 हज़ार रुपये तक बढ़ाया गया है.
पलानीस्वामी ने बुधवार को इस बिल को पेश किया. इसके अलावा विधायकों की निर्वाचन क्षेत्र विकास फंड का दायरा भी दो करोड़ से बढ़ाकर ढाई करोड़ करने का प्रस्ताव है. डीएमके नेता एमके स्टालिन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है, उनका कहना है कि एक तरफ कर्मचारी हड़ताल पर हैं अगर ऐसा होता तो यह मजाक का विषय बनेगा.
आपको बता दें कि तमिलनाडु में कुल 234 विधायक हैं. इनमें AIADMK के 117 विधायक हैं. गौरतलब है कि देश में तेलंगाना के विधायकों की सैलरी सबसे ज्यादा है, वहां पर 2.50 लाख सैलरी है. जबकि सबसे कम त्रिपुरा के विधायकों को मात्र 34 हज़ार रुपये मिलते है.
पिछले आठ दिनों से राज्य के कर्मचारी वेतन में 2.57 गुना बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं. इसके लिए वे अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल कर रहे हैं. इसे लेकर वह सरकार के स्वामित्व वाले परिवहन निगमों के संभागीय कार्यालयों के बाहर महिलाओं और बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए हैं.
बता दें कि बीते साल दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आते ही विधायकों की सैलरी चार गुना करने का प्रस्ताव किया था, जिसमें विधायकों की सैलरी ढाई लाख के आसपास हो जाती. मगर, केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी. अभी विधायकों को करीब पचास हज़ार रुपए महीना मिलता है और इसी को बढा़ने की मांग के लिए राखी बिड़लान ने सदन में मुद्दा उठाया. |
अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत कंधार में सोमवार को एक बाजार में हुए तेज बम धमाके में तीन लोग मारे गए और सात अन्य घायल हुए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक प्रवक्ता जावेद फैजल के हवाले से बताया, सुबह 9 बजे के लगभग बाग-ए-पुल इलाके में स्थित लाइवस्टॉक बाजार में जोरदार बम धमाका हुआ। हादसे की प्राथमिक जांच में तीन वयस्क नागरिकों के मारे जाने और सात के घायल होने की जानकारी मिली है। किसी भी आतंकवादी संगठन द्वारा अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक प्रवक्ता जावेद फैजल के हवाले से बताया, सुबह 9 बजे के लगभग बाग-ए-पुल इलाके में स्थित लाइवस्टॉक बाजार में जोरदार बम धमाका हुआ। हादसे की प्राथमिक जांच में तीन वयस्क नागरिकों के मारे जाने और सात के घायल होने की जानकारी मिली है। किसी भी आतंकवादी संगठन द्वारा अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली गई है। |
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर दुविधा और भी बढती जा रही है. पहले बीजेपी (BJP) ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया, फिर शिवसेना (Shiv Sena) तय डेडलाइन में समर्थन की चिट्ठी नहीं दे सकी. शिवसेना ने राज्यपाल से और 48 घंटे की मोहलत मांगी, जिसे राज्यपाल ने नहीं माना. अब राज्यपाल ने एनसीपी (NCP) को सरकार बनाने का मौक़ा दिया है. आज यानी मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक एनसीपी को जवाब देना है. उससे पहले एनसीपी के सूत्रों के मुताबिक कहा गया कि जब तक कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं होती तब तक एनसीपी भी शिवसेना के साथ सरकार में नहीं जाएगी.
सूत्र के मुताबिक एनसीपी (NCP) नहीं चाहती कि 3 महीने में सरकार गिर जाए. एनसीपी चाहती है कि राज्य में स्थिर सरकार हो जो NCP, कांग्रेस और शिवसेना मिलकर ही बन सकती है. इसके पहले महाराष्ट्र में राज्यपाल ने शिवसेना को 48 घंटे की मोहलत नहीं दी, रविवार को राज्यपाल ने शिवसेना को चिट्ठी लिखकर कहा था कि सोमवार साढ़े 7 बजे तक सरकार बनाने की इच्छा जताए, शिवसेना की तरफ़ से आदित्य ठाकरे ने राजभवन जाकर सरकार बनाने की इच्छा जताई और 48 घंटे का समय मांगा, जो उन्हें नहीं मिला.
NCP सुबह 11 बजे अपने विधायकों के साथ बैठक करेगी. बैठक के लिए शरद पवार और सुप्रिया सुले एक साथ निकले, जबकि अजीत पवार दूसरी गाड़ी से निकले. बैठक में जाने से पहले अजीत पवार ने कहा, ''दिल्ली से कांग्रेस का फोन था कि क्या आज दिल्ली में शरद पवार मीटिंग के लिये आ सकते हैं. हमने कहा कि आज विधायकों के साथ बैठक है इसलिए संभव नहीं होगा. लेकिन महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं से हमने कहा है कि वो मुंबई आएं और हम मीटिंग कर एक कॉमन मिनिमम कार्यक्रम बनाते हैं उन्होंने कहा है आने के लिए देखते हैं.''
यह पूछने पर कि कांग्रेस नेता अगर आज आ नहीं रहे हैं तो राष्ट्रपति शासन लग जायेगा? तो उन्होंने कहा कि यहां आना जरूरी नहीं है. फोन पर भी बात हो सकती है. अजीत पवार ने ये साफ किया कि कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और जो भी फैसला है वो साथ में है. शिवसेना के साथ कभी हमने मिलकर चुनाव नहीं लड़ा है इसलिए कांग्रेस थोड़ा वक्त ले रही है. |
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रविवार मध्यरात्रि के बाद 18 घंटे के दौरे पर भारत पहुंच रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे में अरबों डॉलर के रक्षा समझौते, विवादास्पद परमाणु दायित्व कानून और सिस्तेमा निवेश के मुद्दे पर प्रमुखता से बात होगी।
सोमवार सुबह पुतिन का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ उनकी व्यापक वार्ता होगी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पुतिन के स्वागत में दोपहर का भोज देंगे।टिप्पणियां
पुतिन सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से भी मिलेंगे।
पुतिन ने पिछली बार 2010 में प्रधानमंत्री के रूप में भारत का दौरा किया था। वह सोमवार शाम भारत से लौटेंगे।
पुतिन की यात्रा से पहले क्रमलिन के बयान में कहा गया कि पुतिन "व्यापार, निवेश, सैन्य और ऊर्जा नीति में रणनीतिक साझेदारी के लिए ठोस कदमों पर चर्चा करेंगे।"
सोमवार सुबह पुतिन का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ उनकी व्यापक वार्ता होगी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पुतिन के स्वागत में दोपहर का भोज देंगे।टिप्पणियां
पुतिन सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से भी मिलेंगे।
पुतिन ने पिछली बार 2010 में प्रधानमंत्री के रूप में भारत का दौरा किया था। वह सोमवार शाम भारत से लौटेंगे।
पुतिन की यात्रा से पहले क्रमलिन के बयान में कहा गया कि पुतिन "व्यापार, निवेश, सैन्य और ऊर्जा नीति में रणनीतिक साझेदारी के लिए ठोस कदमों पर चर्चा करेंगे।"
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पुतिन के स्वागत में दोपहर का भोज देंगे।टिप्पणियां
पुतिन सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से भी मिलेंगे।
पुतिन ने पिछली बार 2010 में प्रधानमंत्री के रूप में भारत का दौरा किया था। वह सोमवार शाम भारत से लौटेंगे।
पुतिन की यात्रा से पहले क्रमलिन के बयान में कहा गया कि पुतिन "व्यापार, निवेश, सैन्य और ऊर्जा नीति में रणनीतिक साझेदारी के लिए ठोस कदमों पर चर्चा करेंगे।"
पुतिन सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से भी मिलेंगे।
पुतिन ने पिछली बार 2010 में प्रधानमंत्री के रूप में भारत का दौरा किया था। वह सोमवार शाम भारत से लौटेंगे।
पुतिन की यात्रा से पहले क्रमलिन के बयान में कहा गया कि पुतिन "व्यापार, निवेश, सैन्य और ऊर्जा नीति में रणनीतिक साझेदारी के लिए ठोस कदमों पर चर्चा करेंगे।"
पुतिन की यात्रा से पहले क्रमलिन के बयान में कहा गया कि पुतिन "व्यापार, निवेश, सैन्य और ऊर्जा नीति में रणनीतिक साझेदारी के लिए ठोस कदमों पर चर्चा करेंगे।" |
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं. रविवार सुबह आठ बजे से रुझानों का आना शुरु हो जाएगा. राजनैतिक दलों के साथ-साथ सट्टा बाजार में भी नतीजों के लेकर हलचल है. सट्टा बाजार की मानें तो यहां भी दोनों प्रमुख गठबंधनों एनडीए और
महागठबंधन
में कड़ा मुकाबला है. सट्टा बाजार ने दोनों गठबंधनों को बहुमत से दूर रखा है.
सट्टा बाजार जहां महागठबंधन को 116-121 सीटें दे रहा है तो वहीं
एनडीए
को 117-119 सीटें मिलती दिख रहीं हैं.
बाजार में एनडीए पर 55 पैसे का भाव है तो महागठबंधन पर 60 पैसे का भाव लगाया गया है.
फूलों की मांग बढ़ी
पटना की फूल मंड़ी में फूलों की मांग बढ़ गई है. राजनैतिक दलों ने नतीजे वाले दिन ज्यादा से ज्यादा फूलों की मांग की है.
जीत पर फूटेंगे पटाखे
जीत पर जेडीयू के कार्यकर्ता आतिशबाजी भी करेंगे. जीत का जश्न मनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता युवा बम से धमाका करेंगे, जिससे 150 बार धमाका होगा. साथ ही मुंह मीठा करान के लिए 51 किलो के मगद के लड्डू भी बनाए जाएंगे. |
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिरने और एचडी कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले उन्होंने 17 मई 2018 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन विधानसभा में बहुमत नहीं होने के चलते उनको महज दो दिन यानी 19 मई को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अब वो 434 दिन बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
पिछली बार बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर कर्नाटक में गठबंधन की सरकार बनाई थी. एचडी कुमारस्वामी ने 23 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि यह सरकार सिर्फ 14 महीने ही चल सकी और कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत नहीं मिलने के चलते सरकार गिर गई. इसके बाद कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
मंगलवार जब कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत पेश किया गया, तो कुमारस्वामी के पक्ष में सिर्फ 99 वोट पड़े, जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने के बाद बीजेपी कार्यालय में जश्न का माहौल है. कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद से बीएस येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था.
आपको बता दें कि बीएस येदियुरप्पा तीन बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. वो कर्नाटक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. उनको कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है. येदियुरप्पा ने अपना राजनीतिक सफर तालुक अध्यक्ष के रूप में शुरू किया था. इसके बाद वो आगे बढ़ते गए.
येदियुरप्पा सात बार विधायक निर्वाचित हुए और एक बार जीतक लोकसभा भी पहुंचे. वो कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. हालांकि उनका विवादों से भी नाता रहा है, जिसके चलते उनको मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था. हालांकि इन सबके बावजूद वो बीजेपी के सबसे भरोसेमंद चेहरे के रूप में सामने आए हैं. |
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने विकेट बचाए रहने की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि बीच के ओवरों में विकेट बचाना और स्पिनरों को बखूबी खेलना विश्व कप के बाकी मैचों में उनकी रणनीति होगी। पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया की जिम्बाब्वे पर 91 रन से जीत के बाद कहा, विकेट बचाए रखना इस टूर्नामेंट के लिए हमारी रणनीति है। आज भी हमने यही कोशिश की और विकेट बचाए रखकर बड़ा स्कोर बनाने का प्रयास किया। हमें पता था कि यदि हमारे गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो यह स्कोर अच्छा है। मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम के विकेट की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के धीमे विकेट पर रन बनाना आसान नहीं था। पोंटिंग ने कहा, विकेट बहुत धीमा था और इसे समझना आसान नहीं था। इससे तेज गेंदबाजों को तेजी या उछाल नहीं मिल रहा था और यह स्पिनरों के अनुकूल था, जिस पर बल्लेबाजी करना मुश्किल हो रहा था। ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 262 रन बनाए, जिसके जवाब में जिम्बाब्वे 171 रन पर आउट हो गया। पोंटिंग ने अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, गेंदबाजों ने सही लाइन और लेंग्थ से गेंदबाजी की। मिशेल (जानसन) ने उनके बल्लेबाजों को शुरू से ही परेशानी में रखा, जबकि स्पिनरों ने बीच के ओवरों में अच्छी भूमिका निभाई। हमारे लिए यह अच्छी शुरुआत है। उन्होंने इसके साथ ही जिम्बाब्वे की भी तारीफ करते हुए कहा, जिम्बाब्वे ने वास्तव में अच्छी गेंदबाजी और बेहतर क्षेत्रक्षण किया। |
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को लगता है कि एमएस धोनी की कप्तानी में
वर्ल्ड कप खिताब बचाए रखना भारतीय टीम के लिए बड़ी चुनौती
होगी. उन्होंने साथ ही कहा कि न्यूजीलैंड टीम वर्ल्ड कप जीतने के प्रबल दावेदारों में शुमार है.
आसान नहीं होगा टीम इंडिया का सफर
द्रविड़ ने कहा कि टीम इंडिया को उम्मीद करनी होगी कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विकेट धीमे और स्पिन के अनुकूल रहे. द्रविड़ ने कहा, 'यह चुनौतीपूर्ण होगा, यह आसान नहीं होगा. आपको बिलकुल अलग हालात में खेलना होगा.' यह देखना थोड़ा हैरानी भरा था कि हाल में संपन्न टेस्ट सीरीज के दौरान ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई विकेट धीमे थे और द्रविड़ ने उम्मीद जताई कि पिचें इसी तरह का बर्ताव करेंगी और भारत के सबसे मजबूत हथियार स्पिन को मदद करेंगी.
विकेट धीमे रहे तो बेहतर
द्रविड़ ने कहा, 'भारत के पास यह फायदा हो सकता है अगर विकेट टेस्ट मैचों की तरह धीमे और कम उछाल वाले रहें. ऐसे में स्पिनरों की भूमिका बढ़ जाएगी और भारत दो और यहां तक कि तीन स्पिनर भी खिला सकता है.' उन्होंने हालांकि साथ ही कहा कि एडिलेड का धीमा विकेट ब्रिसबेन के तेज विकेट से काफी अलग होगा.
न्यूजीलैंड से बचकर रहना होगा...
द्रविड़ ने भरोसा जताया कि भारत के पास क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए सही संयोजन है और इसके बाद सिर्फ तीन अच्छे दिन के प्रदर्शन की जरूरत है. उन्होंने चेताया कि मेजबान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और पाकिस्तान के वर्ल्ड कप जीतने की संभावना 60 से 70 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, 'यह इस पर निर्भर करेगा कि कौन दबाव से बेहतर तरीके से निपटता है और कौन करो या मरो के मुकाबले में बेहतर करता है. भारत क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएगा और मुझे लगता है कि ऐसा करने के लिए उसके पास खिलाड़ी मौजूद हैं.'
विराट को बड़ी पारी खेलने का मौका मिले
द्रविड़ ने कहा कि वह चाहेंगे कि विराट कोहली 10 से 12 ओवर के बाद ही मैदान पर उतरें जिससे कि उन्हें बड़ी पारी खेलने के लिए जमने का समय मिले. सलामी जोड़ी के बारे में द्रविड़ ने कहा कि रोहित शर्मा का चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन उनकी वापसी से काफी मदद मिलेगी. उन्होंने साथ ही कहा कि हाल में खराब फॉर्म से जूझ रहे शिखर धवन को प्रदर्शन करने के लिए जरूरी समय दिया जाना चाहिए. द्रविड़ ने कहा कि हाल में गेंदबाजी लचर रही है लेकिन ईशांत शर्मा और रवींद्र जडेजा की वापसी सकारात्मक होगी. |
2019 लोकसभा चुनाव से पहले एक और राज्य कांग्रेस के हाथ से जाता दिखाई दे रहा है. 113 सीटों पर बढ़त के साथ बीजेपी कर्नाटक चुनाव में बहुमत की ओर बढ़ रही है. वहीं कांग्रेस की बढ़त 68 सीटों तक रह गई है.
आपको बता दें कि कर्नाटक का जनादेश देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए ये काफी अहम है. पंजाब के बाद कर्नाटक देश में कांग्रेस का दूसरा सबसे बड़ा गढ़ बचा हुआ था. यहां कांग्रेस जीती तो 2019 के चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर सकेंगे. कर्नाटक में जीत या हार से कांग्रेस के लिए क्या स्थितियां उत्पन्न होंगी. ऐसे में शुरुआती रुझानों में कांग्रेस का पीछे होना राहुल गांधी के लिए परेशानी का सबब बन गया है. पढ़ें.
चुनाव रुझानों में
कांग्रेस
पीछे चल रही है, जानें कांग्रेस की हार से
पार्टी के लिए
कैसे मुश्किल हो जाएगी 2019 की राह:
1. एक बड़ा सियासी दुर्ग हाथ से निकलेगा
कांग्रेस अगर कर्नाटक का चुनाव हार जाती है तो इससे उसका एक बड़ा सियासी दुर्ग छिन जाएगा. इसके बाद कांग्रेस के पास सिर्फ पंजाब का बड़ा किला बचेगा. 2019 से पहले पार्टी के लिए ये बड़ा झटका साबित हो सकता है. इसलिए कांग्रेस के लिए कर्नाटक चुनाव जीतना बेहद जरूरी है.
2. 2019 से पहले ब्रांड राहुल को बड़ा झटका लगेगा
ब्रांड मोदी के मुकाबले ब्रांड राहुल को खड़ा करने की कांग्रेस की रणनीति के लिहाज से कर्नाटक के नतीजे काफी अहम हैं. चुनाव में हार से विपक्ष में फूट की संभावना बढ़ जाएगी. तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज होगी और इससे सीधा फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.
3. कर्नाटक मॉडल फेल साबित हो जाएगा
कर्नाटक अगर कांग्रेस के हाथ से निकला तो मोदी के गुजरात मॉडल के मुकाबले कांग्रेस का कर्नाटक मॉडल कमजोर साबित होगा. कांग्रेस कर्नाटक में पिछले 5 साल से सत्ता में थी. वहां के काम के दावों और नीतियों का प्रचार पार्टी ने खूब किया. यहां तक कि पार्टी के रणनीतिकार गुजरात मॉडल के सामने अपने कर्नाटक मॉडल की चर्चा लगातार कर रहे थे.
बीजेपी का दांव जहां येदियुरप्पा से ज्यादा मोदी मैजिक पर था वहीं कांग्रेस केंद्रीय नेताओं की जगह सिद्धारमैया कार्ड पर ज्यादा निर्भर थी. साथ ही राहुल गांधी के सॉफ्ट हिंदुत्व की एक और प्रयोगशाला भी कर्नाटक बना. अगर ये प्रयोग सफल नहीं होता है तो पार्टी के सामने मुश्किलें बढ़ेंगी.
4. गठबंधन को लेकर बातचीत में स्थिति कमजोर होगी
कांग्रेस के कर्नाटक चुनाव हारने पर 2019 के लिए सहयोगी दलों के साथ बातचीत में स्थिति कमजोर होगी. वैसे भी सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, आरजेडी ये सब ऐसे दल हैं, जिनकी अपने-अपने राज्यों में जबरदस्त पकड़ है. कर्नाटक हारने से कांग्रेस की बार्गेनिंग कैपेसिटी कम होगी.
5. दक्षिण भारत में भी ब्रांड मोदी की चुनौती बढ़ जाएगी
मोदी मैजिक के दम पर बीजेपी ज्यादात्तर हिंदी भाषी राज्यों की सत्ता पर काबिज है, लेकिन गैर हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की स्थिति अब भी मजबूत है. 2014 के चुनाव में जब कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई थी, तब भी कांग्रेस को 33 सीटें दक्षिण भारत और बाकी गैर हिंदी भाषी राज्यों से ही मिली थीं.
कर्नाटक में कांग्रेस के हारने से बीजेपी के लिए दक्षिणी राज्यों में संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे. तेलंगाना, हैदराबाद, तमिलनाडु, केरल जैसे कांग्रेस के मजबूत गढ़ों में बीजेपी अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुट जाएगी. |
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