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अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को निम्नलिखित के संबंध में किसी रीति से बाधित या निवारित करना।
क. किसी क्षेत्र के सम्मिलित संपत्ति संसाधनों का या अन्य व्यक्तियों के साथ समान रूप से कब्रिस्तान या शमशान भूमि का उपयोग करना या किसी नदी, सरिता, झरना, कुआं, तालाब, कुण्ड, नल या अन्य जलीय स्थान या कोई स्नानघाट, कोई सार्वजनिक परिवहन, कोई सड़क या मार्ग का उपयोग करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(क)
ख. साइकिल या मोटर साइकिल आरोहण या सवारी करना या सार्वजनिक स्थानों में जूते या नये कपड़े पहनना या विवाह की शोभा यात्रा निकालना या विवाह की शोभा यात्रा के दौरान घोड़े या अन्य किसी यान पर आरोहण करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(za)(ख)
ग. जनता या समान धर्म के अन्य व्यक्तियों के लिए खुले किसी पूजा स्थल में प्रविष्ट करना या जाटरस सहित किसी सामाजिक या सांस्कृतिक शोभा यात्रा में भाग लेना या उसको निकालना।(अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(ग)
घ. किसी शैक्षणिक संस्था, अस्पताल, औषधालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुकान या लोक मनोरंजन या किसी अन्य लोक स्थान में प्रविष्ट होने या जनता के लिए खुले किसी स्थान में सार्वजनिक उपयोग के लिए अभिप्रेत कोई उपकरण या वस्तु का उपयोग करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(घ)
ड. किसी वृत्तिक में व्यवसाय करना या किसी ऐसी उप-जीविका, व्यापार, कारबार या किसी नौकरी में नियोजन करना, जिसमें जनता या उसकी किसी वर्ग के अन्य लोगों को उपयोग करने या उस तक पहुंच का अधिकार है।(अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(ड.)
संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा अन्य व्यक्तियों के समान सभी आर्थिक और सामाजिक सेवाओं के उपबंधों को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि दी जाएगी। निचले न्यायालय में आरोप पत्र भेजने पर उस राशि का पूर्ण भुगतान किया जाएगा।
निर्योग्यता। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अधिसूचना संख्या 16-18/97-एनआई दिनांक 1 जून, 2001 में उल्लिखित विभिन्न निर्योग्यताओं का मूल्यांकन करने के लिए दिशा-निर्देश और प्रमाणन के लिए प्रक्रिया। अधिसूचना की एक प्रति अनुबंध-II पर है।
(क) 100 प्रतिशत असमर्थता।
(ख) जहां असमर्थता 50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 100 प्रतिशत से कम है।
(ग) जहां असमर्थता 50 प्रतिशत से कम है।
(क)50%, चिकित्सा जांच होने और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद।
(ख)50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
(क)50%, चिकित्सा जांच होने और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद।
(ख)50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
(क)50%, चिकित्सा जांच होने और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद।
(ख)50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
बलातसंग अथवा गैंग द्वारा किया गया बलातसंघ।
(i) बलातसंघ (भारतीय दंड संहिता की धारा 375(1860 का 45)
(ii) गैंग द्वारा किया गया बलातसंघ (भारतीय दंड संहिता की धारा 376घ (1860 का 45)
(i) 50%, चिकित्सा जांच और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद।
(ii) 25%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
(iii) 25%, जब निचले न्यायालय द्वारा सुनवाई के समापन पर।
(i) 50%, चिकित्सा जांच और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद।
(ii) 25%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
(iii) 25%, जब निचले न्यायालय द्वारा सुनवाई के समापन पर।
(i) 50%, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद।
(ii) 50%, जब न्यायालय को आरोप-पत्र भेजा जाता है।
हत्या, मृत्यु, नरसंहार, बलातसंग, स्थायी असमर्थता और डकैती के पीड़ितों को अतिरिक्त राहत।
(i) अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति से संबंधित मृतक व्यक्तियों की विधवा या अन्य आश्रितों को पांच हजार रुपए प्रति माह की दर से बेसिक पेंशन जो कि संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है, और ग्राह्य मंहगाई भत्ता और मृतक के परिवार को एक सदस्य को रोजगार या कृषि भूमि, एक मकान, यदि आवश्यक हो, तो उसकी तत्काल खरीद द्वारा व्यवस्था करना।
(ii) पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों की स्नातक स्तर तक की शिक्षा और उनके भरण-पोषण का पूरा खर्चा। बच्चों को सरकार द्वारा वित्तपोषित आश्रम स्कूलों अथवा आवासीय स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।
(iii) 3 माह की अवधि के लिए बर्तनों, चावल, गेहूं, दालों, दलहनों आदि की व्यवस्था।
पूर्णतः नष्ट किया/जला हुआ मकान।
जहां मकान को जला दिया गया हो या नष्ट कर दिया गया हो, वहां सरकारी खर्चे पर ईंट अथवा पत्थर के मकान का निर्माण किया जाएगा या उसकी व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में और आगे जानकारी प्राप्त करने के लिए उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट, राज्य सरकार के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निदेशक और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से कृपया संपर्क करें।
( यदि आपके पास उपरोक्त सामग्री पर कोई टिप्पणी / सुझाव हैं, तो कृपया उन्हें यहां पोस्ट करें)
दिलेर समाचार, हम सभी ये तो जानते ही हैं कि इस दुनिया में हर कोई चाहता है कि वो खुब पैसे कमाए और जितना हो सके अपने भविष्य के लिए भी उनका संचय कर सके लेकिन ये बात भी सच है कि पैसे कमाने की चाह में हर कोई इतना ज्यादा मेहनत करता है और परेशान रहता है कि हर कोई काफी मेहनत करता है लेकिन उतने पैसे नहीं कमा पाता है। जी हां लेकिन कई बार आपने ऐसा भी देखा होगा कि व्यक्ति पैसे व रुपए तो खूब जुटा लेता है लेकिन उसे ज्यादा समय तक नहीं रख पाता है।
1. सबसे पहले तो आपको बता दें कि घर के ईशान कोण को ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि ये ईश्वर का स्थान होता है और यहां पर गंदगी या डस्टबिन होने पर धन का नाश होता रहेगा। ऐसे में उत्तर-पूर्व में कभी भी भूलकर गंदगी न फैलाएं और इस स्थान पर भारी चीज न रखें।
2. इसके अलावा ये बात तो हम सभी जानते हैं कि हमारे यहां जल को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। यानि की अगर आपके घरों में नलों से पानी टपकता है और पाईप लाइन से लीकेज है तो समझ जाए कि ये आपके आर्थिक नुकसान का संकेत देता है। इसलिए वास्तु में बताया गया है कि नल से पानी का टपकना आपके एकत्र किए गए धन को धीरे-धीरे खर्च होने का संकेत करता है।
3. इसके साथ ही साथ ये भी बताया गया है कि वास्तु में घर का मुख्य द्वार का धन से गहरा संबंध होता है इसलिए यहां से जुड़े वास्तुदोष धन हानि के कारक होते हैं। यदि किसी घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो तो हमेशा आर्थिक परेशानियां घेरे रहती हैं। इसी तरह यदि घर का मुख्य द्वार टूटा हुआ हो या फिर पूरी तरह से ना खुलता हो, तो इस वास्तुदोष से भी धनहानि होती है।
4. वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में प्रवेश करने पर सामने वाली दीवार का बायां कोना भाग्य और संपत्ति का क्षेत्र होता है। धन एवं समृद्धि की कामना को पूरी करने के लिए इस कोने पर धातु की कोई चीज लटकाकर रखनी चाहिए। साथ ही इस कोने में यदि दरारें हो तो उसे शीघ्र ही मरम्मत करवा देना चाहिए। धन की दृष्टि से इस कोने का कटा होना अशुभ माना जाता है।
5. घर में टूटा हुआ बेड एक बड़ा वास्तुदोष माना जाता है। टूटे हुए बेड का वास्तुदोष न सिर्फ आपके खर्च को बढ़ाता है बल्कि इस दोष के कारण आर्थिक लाभ में भी कमी आती है। इसी तरह घर की छत पर या सीढ़ी के नीचे कबाड़ जमा कर रखने से भी आर्थिक नुकसान होता है।
क्योंकि एक वो ही हैं जो केंद्र सरकार के दबाव में आए बिना उनके फैसलों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहे हैं. उन्होने कहा कि बीते एक हफ्ते के दौरान कांग्रेस की दो प्रदेश इकाईयां राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख बनाने का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं.
दिल्ली कांग्रेस ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए बीते रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया था और वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी शनिवार को ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया है जिसे खुद भूपेश बघेल ने पेश किया था.
सीपीसीसी के द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस के सभी लोग राहुल गांधी के साथ पूरी तरह से खड़े हैं और मानते हैं कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस संगठन लगातार मजबूत होगा. राहुल गांधी के नेतृत्व से ना केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच विश्वास बढ़ा है बल्कि उनके मार्गदर्शन में पार्टी की नींव को और ज्यादा मजबूत मिलेगी.
भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी में हर किसी का भरोसा हांसिल है. उन्होंने कहा कि, 'और कौन है राहुल गांधी के अलावा कोई ऐसा नेता है जो पूरे भारत की यात्रा कर रहा है, जिसे पूरे देश में कांग्रेस कार्यकर्ता पहचानते हों?' उन्होने कहा कि राहुल गांधी देश में सभी मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से अपनी राय रख रहे हैं फिर चाहे वो जीएसटी,नोटबंदी का मुद्दा हो या फिर कोविड-19 का. उन्होंने बड़े स्पष्ट तरीके से अपनी बात सबके सामने रखी है. इतना ही नहीं उन्होंने किसानों के पक्ष में अपना स्टैंड स्पष्ट किया है. वो एकमात्र नेता हैं, जो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपना मत बिना दबाव में आए रख रहे हैं.
शेर खान बॉलीवुड की एडवेंचर फिल्म है, जिसका निर्देशन सोहेल खान कर रहे हैं। शेर खान के कलाकारों में सलमान खान, एंजेला जोंसन शामिल हैं।
Ameesha Patel ने किया खुलासा, दूसरी एक्ट्रेसस ने नाक के नीचे से छीन लीं फिल्में, बोलीं- "मैं आउटसाइडर थी. . "
जैसा चाहो वैसा नचाओ,
भांति भांति के नाटक रचाओ।
हम कठपुतली जन हाथों की,
मनभावै वह खेल दिखाओ।
बोल नहीं सकती हम कुछ भी,
और नहीं सुन सकती कुछ भी।
अगर चलेंगी तो नहीं खुद से,
देख नहीं सकती हम कुछ भी।
खाने की तो बात न करना,
आजीवन निर्जल व्रत रहना।
हाँ, पोशाक ज़रूर बदलतीं,
और मटकती पहन के गहना।
तुम क्या जानो पीर हमारी,
हम अधीन रहतीं जग सारी।
नहीं कभी मन की कर सकतीं,
हमें देख हंसतीं नर-नारी।
पर देखा है नर समाज में,
फँसे लोग रस्मों-रिवाज में।
कठपुतली बन करके नाचते,
सुर, लय, ताल और साज में।
नेताओं के लोभ में फंसकर,
जनता सदा काटती चक्कर।
सारा देश बना कठपुतली,
नेता नचा रहे जी भरकर।
जब विकास की आती बारी,
नेता ठगते हैं बारी-बारी।
जनता नाचे बन कठपुतली,
सब कहते जनता बेचारी।
हम कठपुतली नहीं बनेंगे,
अत्याचार हम नहीं सहेंगे।
सबक सिखा देंगे हम मिलकर,
नेक बनेंगे, एक बनेंगे।
सारा अली खान की 'केदारनाथ' पर पहली बार बोलीं करीना कपूर खान, कहा 'मेरे लिए सारा बॉर्न स्टार है और उसकी फिल्म...'
सारा अली खान की डेब्यू फिल्म 'केदारनाथ' 7 दिसम्बर 2018 के दिन रिलीज होगी।
सारा अली खान के साथ-साथ उनके परिवारवाले भी 'केदारनाथ' का खूब प्रचार कर रहे हैं। बीते दिन 'कॉफी विद करण' पर सारा अली खान अपने पिता सैफ अली खान के साथ पहुंची थीं और दोनों ने कई सारे मुद्दों पर दिल खोलकर बातें की। इसके बाद अब 'केदारनाथ' का प्रचार करने के लिए करीना कपूर खान भी सारा के साथ आ गई हैं और उन्होंने फिल्म की टीम के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
बता दें सारा अली खान इस साल अपनी दो फिल्में 'केदारनाथ' और 'सिम्बा' दर्शकों के सामने पेश करेंगी। जहां 'केदारनाथ' एक रोमांटिक फिल्म है, वहीं रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित 'सिम्बा' एक मसाला एंटरटेनर है। सुनने में आ रहा है कि दोनों फिल्मों में सारा अली खान के किरदार काफी अलग हैं और सारा ने दोनों ही किरदारों को अच्छे से निभाया है। दर्शक सारा अली खान की दोनों फिल्में देखकर यह समझ जाएंगे कि उनमें एक अच्छी अदाकारा बनने के सारे गुण हैं।
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महोदय / महोदया,
कृपया जाली नोट पकड़ने तथा उन्हें जब्त करने से संबंधित 20 जुलाई 2017 तक जारी अनुदेशों को समेकित करते हुए जारी हमारे 20 जुलाई 2017 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी - 4/16.01.05/2017-18 का संदर्भ लें । मास्टर परिपत्र को अब तक जारी सभी निर्देशों को शामिल करते हुए अद्यतन किया गया हैं और इसे बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध किया गया है।
इस मास्टर परिपत्र में उपरोक्त विषय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को समेकित किया गया हैं, जो इस परिपत्र की तारीख पर प्रचलन में हैं ।
(मानस रंजन महान्ति)
जाली नोट निम्नलिखित द्वारा जब्त किये जा सकते हैं;
काउंटर पर प्रस्तुत किए गए बैंक नोटों को प्रामाणिकता के लिए मशीनों के द्वारा परीक्षण किया जाना चाहिए ।
इसी प्रकार से, बैक ऑफिस / मुद्रा तिजोरी में थोक निविदा के माध्यम से सीधे ही प्राप्त बैंक नोट, मशीनों के माध्यम से प्रमाणीकृत किए जाने चाहिए ।
काउंटर पर प्राप्त नोटों में या बैक ऑफिस / मुद्रा तिजोरी में पहचान किए गए जाली नोटों के लिए, ग्राहक के खाते में कोई क्रेडिट नहीं दिया जाना है ।
किसी भी स्थिति में, जाली नोटों को प्रस्तुतकर्ता को लौटाया नहीं जाना चाहिए अथवा बैंक शाखाओं/ कोषागारों द्वारा नष्ट नहीं किया जाना चाहिये। बैंकों के स्तर पर पता लगाये गये जाली नोटों की जब्ती में असफलता को, संबंधित बैंक की जाली नोटों के संचलन में इरादतन संलिप्तता मानी जाएगी और उन पर दण्ड लगाया जायेगा ।
जाली नोट के रुप में वर्गीकृत नोटों पर निर्धारित (अनुबंध I के अनुसार) "जाली बैंकनोट" स्टैम्प से चिन्हित कर उन्हें जब्त किया जाये । इस प्रकार से जब्त प्रत्येक नोट के ब्यौरे एक अलग रजिस्टर में प्रमाणीकरण के साथ अभिलिखित किये जाएंगे ।
जब बैंक शाखा के काउंटर / बैक ऑफिस तथा मुद्रा तिजोरी अथवा कोषागार में प्रस्तुत बैंकनोट जाली पाये जाते हैं, तब उक्त पैरा 3 के अनुसार नोट पर स्टैम्प लगाने के बाद निविदाकर्ता को निर्धारित फार्म (अनुबंध II) के अनुसार प्राप्ति सूचना रसीद जारी की जानी चाहिए । उक्त रसीद चल रहे सिरीयल नंबरों में, खजांची और जमाकर्ता द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए । इस आशय का नोटिस आम जनता की जानकारी के लिए कार्यालयों शाखाओं मे विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए । जहां निविदाकर्ता संबंधित रसीद पर प्रतिहस्ताक्षर करने के लिए इच्छुक नहीं है, ऐसे मामलों में भी प्राप्ति सूचना रसीद जारी की जानी है ।
पुलिस को जाली नोट का पता लगने की घटना की रिपोर्टिग करते समय, निम्न प्रक्रिया का अनुपालन किया जाए :
एक ही लेन-देन में 4 पीसेस तक जाली नोटों की पहचान के मामलों में, नोडल अधिकारी द्वारा पुलिस प्राधिकरण या नोडल पुलिस स्टेशन को माह की समाप्ति पर संदिग्ध जाली नोटों के साथ निर्धारित फार्मेट में एक समेकित रिपोर्ट (संलग्नक III के अनुसार) भेजी जाए।
एक ही लेन-देन में 5 या उससे अधिक पीसेस तक जाली नोटों की पहचान के मामलों में, नोडल बैंक अधिकारी द्वारा तुरंत वे जाली नोट, निर्धारित फार्मेट में (संलग्नक IV) एफआईआर दर्ज करते हुए जांच-पड़ताल के लिए स्थानीय पुलिस प्राधिकरण या नोडल पुलिस स्टेशन को अग्रेषित किये जाएं।
मासिक समेकित रिपोर्ट/एफआईआर की एक प्रति बैंक के प्रधान कार्यालय में बनाये गये जाली नोट सतर्कता कक्ष को (केवल बैंकों के मामले में) भेजी जाएगी और कोषागार के मामले में, भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित निर्गम कार्यालय को भेजी जाये ।