अनिल B-NEP भारद्वाज I-NEP , O मदन B-NEP कश्यप I-NEP , O पंकज B-NEP चतुर्वेदी I-NEP , O बोधिसत्व B-NEP , O निलय B-NEP उपाध्याय I-NEP , O संजय B-NEP कुंदन I-NEP , O अष्टभुजा B-NEP शुक्ल I-NEP , O पवन B-NEP करण I-NEP , O बद्रीनारायण B-NEP , O जितेन्द्र B-NEP श्रीवास्तव I-NEP , O उपेन्द्र B-NEP कुमार I-NEP आदि O । O इसी O तरह O उषा B-NEP यादव I-NEP के O उपन्यास O ' O सोना B-NEAR की I-NEAR आँखें I-NEAR ' O में O दो B-NEN छोटे O - O छोटे O बच्चे O साहस O और O सतर्कता O से O जिस O सच्चाई O को O सामने O रखते O हैं O , O उससे O हर O कोई O अवाक O है O । O वन O और O वन्य O पशुओं O की O सुंदरता O और O सम्मोहन O से O भरे O उपन्यासों O में O विनायक B-NEP के O ' O नदिया B-NEAR और I-NEAR जंगल I-NEAR ' O , O ' O चाची B-NEAR और I-NEAR चुनौतियां I-NEAR ' O तथा O ' O चरखी B-NEAR का I-NEAR बेटा I-NEAR ' O भी O बाल O पाठकों O के O मन O को O बांधने O वाले O उपन्यास O हैं O । O ऐसे O ही O मौजूदा O दौर O में O बनी O - O बनाई O लीक O को O तोड़कर O अभिव्यक्ति O के O नए O - O नए O तेवर O खोजनेवाले O उपन्यासों O में O हरिकृष्ण B-NEP देवसरे I-NEP के O ' O डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूघनाजंगल.कॉम B-NEAR ' O और O अमर B-NEP गोस्वामी I-NEP द्वारा O लिखे O गए O ' O शाबाश B-NEAR मुन्नू I-NEAR ' O की O भी O इधर O के O महत्वपूर्ण O बाल O उपन्यासों O में O चर्चा O होनी O चाहिए O । O कुछ O अरसा O पहले O लिखे O गए O डॉ. O सुनीता B-NEP के O बाल O उपन्यास O ' O एक B-NEAR थी I-NEAR भगती I-NEAR ' O में O बचपन O की O सरलता O और O मासूमियत O है O । O उपन्यास O में O गांव O में O बिताए O गए O दिनों O की O बड़ी O रोचक O दास्तान O है O , O जिसमें O बचपन O की O अपनी O सहेली O भगती B-NEP को O उन्होंने O बहुत O प्यार O से O याद O किया O है O । O इसी O तरह O नागेश B-NEP पांडेय I-NEP संजय I-NEP का O ' O टेढ़ा B-NEAR पुल I-NEAR ' O एक B-NEN रोचक O उपन्यास O है O , O जिसमें O बचपन O की O मासूमियत O के O साथ O ही O एक B-NEN करुण O कहानी O भी O पिरोई O हुई O है O । O नई O पीढ़ी O के O लेखकों O में O सूर्यनाथ B-NEP सिंह I-NEP ने O बड़े O सुंदर O बाल O विज्ञान O फंतासी O उपन्यास O लिखे O हैं O । O सूर्यनाथ B-NEP सिंह I-NEP के O विज्ञान O फंतासी O उपन्यास O ' O बिजली B-NEAR के I-NEAR खंभों I-NEAR जैसे I-NEAR लोग I-NEAR ' O में O अजब O से O ग्रह O का O किस्सा O है O , O जहां O पहुंचकर O इसके O कथानायक O बच्चे O समझ O जाते O हैं O कि O अगर O अभी O से O कोशिशें O नहीं O की O गईं O , O तो O कल O धरती O और O यहां O के O बाशिंदे O भी O बच O नहीं O पाएंगे O । O 2014 B-NETI में O पी B-NEP जे I-NEP नायक I-NEP की O अगुवाई O में O बैंकों O में O बोर्ड O के O कामकाज O की O समीक्षा O के O लिए O कमेटी O बनाई O गई O । O युवतर O लेखकों O में O संजीव B-NEP जायसवाल I-NEP ' O संजय B-NEP ' O , O जाकिर B-NEP अली I-NEP ' O रजनीश B-NEP ' O , O कमला B-NEP चमोला I-NEP , O शकुंतला B-NEP वर्मा I-NEP और O रमाशंकर B-NEP के O बाल O उपन्यास O भी O ध्यान O आकर्षित O करते O हैं O । O लेखक O - O यू B-NEP भास्कर I-NEP राव I-NEP हिंदी O के O वरिष्ठ O साहित्यकारों O में O श्रीलाल B-NEP शुक्ल I-NEP , O असगर B-NEP वजाहत I-NEP और O भारतरत्न B-NEP भार्गव I-NEP ने O भी O पिछले O कुछ O अरसे O में O बच्चों O के O रोचक O नाटक O लिखे O । O हालांकि O बच्चों O के O साथ O खेलते O हुए O , O खेल O - O खेल O में O नाटक O रच O देने O की O जैसी O बड़ी O रचनात्मक O प्रतिभा B-NEP रेखा I-NEP जैन I-NEP में O है O , O वैसी O शायद O ही O कहीं O और O नजर O आए O । O बच्चों O के O सामने O गणित O को O लेकर O आनेवाली O मुश्किल O ऐसी O ही O एक B-NEN समस्या O है O , O जिस O पर O रेखा B-NEP जैन I-NEP ने O ' O गणित O देश O ' O नाम O से O कमाल O का O नाटक O लिखा O है O , O जो O हर O बच्चे O को O पढ़ना O चाहिए O और O हर O स्कूल O में O जरूर O दिखाया O जाना O चाहिए O । O वरिष्ठ O बाल O कवि O श्रीप्रसाद B-NEP ने O भी O बाल O नाटक O लिखे O हैं O । O इसी O तरह O लंबे O अरसे O से O बच्चों O के O लिए O लिखती O आ O रही O बानो B-NEP सरताज I-NEP के O नाटक O भी O ध्यान O खींचते O हैं O । O डॉ. O चन्द्रशेखर B-NEP कम्बार I-NEP : O लेखक O ज्ञानपीठ O पुरस्कार O से O सम्मानित O और O साहित्य O अकादमी O के O अध्यक्ष O हैं O । O गिरिराजशरण B-NEP अग्रवाल I-NEP के O ' O आधा B-NEAR सेर I-NEAR रबड़ी I-NEAR ' O और O ' O मैं B-NEAR धनकलाल I-NEAR हूं I-NEAR , O धनकू B-NEAR नहीं I-NEAR ' O भी O मजेदार O हास्य O नाटक O हैं O , O जिनमें O हास्य O की O सहज O भंगिमाएं O हैं O । O प्रताप B-NEP सहगल I-NEP के O बाल O नाटकों O के O संग्रह O ' O छूमंतर O ' O में O पांच B-NEN बाल O नाटक O हैं O , O जो O बाल O - O मन O और O सपनों O से O सटकर O चलते O हैं O और O खेल O - O खेल O में O कोई O गहरी O बात O कहते O हैं O । O प्रवीण B-NEP बी I-NEP गवली I-NEP , O लेखक O इंडियन B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO जिओमैग्नेटिज़्म I-NEO में O टेक्निकल O ऑफिसर O हैं O । O संकेत B-NEP टंडन I-NEP इसमें O कोई O संदेह O नहीं O है O , O पश्चिम O में O हैरी B-NEP पॉटर I-NEP और O युवा O पाठकों O के O लिए O अन्य O साहित्य O और O बाद O में O इसके O अनुवाद O ने O इसकी O लोकप्रियता O और O सफलता O में O विशेष O रूप O से O सहायता O की O है O । O शुभदा B-NEP राव I-NEP विवेक B-NEP कुमार I-NEP पिछले O कुछ O अरसे O में O लिखे O गए O उषा B-NEP यादव I-NEP का O ' O तसवीर B-NEAR के I-NEAR रंग I-NEAR ' O और O ओमप्रकाश B-NEP कश्यप I-NEP का O ' O दो B-NEAR राजा I-NEAR अलबेले I-NEAR ' O भी O उल्लेखनीय O नाटक O हैं O । O के B-NEP वी I-NEP इयप्पन I-NEP लेखक B-NEO प्रशासनिक I-NEO सुधार I-NEO व I-NEO जनशिकायत I-NEO विभाग I-NEO , I-NEO भारत I-NEO सरकार I-NEO में O सचिव O हैं O । O डॉ O दीपक B-NEP कोहली I-NEP : O लेखक O पर्यावरण B-NEO , I-NEO वन I-NEO एवं I-NEO जलवायु I-NEO परिवर्तन I-NEO विभाग I-NEO , O उत्तर B-NEO प्रदेश I-NEO शासन I-NEO में O संयुक्त O सचिव O हैं O । O सुष्मिता B-NEP चौधरी I-NEP : O हर O घर O और O हर O व्यक्ति O को O पानी O - O गजेन्द्र B-NEP सिंह I-NEP शेखावत I-NEP ओडिया O लेखक O फकीर B-NEP मोहन I-NEP सेनापति I-NEP ( O 1843 B-NETI - O 1918 B-NETI ) O के O पैरोडिक O स्वर O या O मलयालम O लेखक O वैक्कम B-NEP मुहम्मद I-NEP बशीर I-NEP ( O 1928 B-NETI - O 1994 B-NETI ) O की O क्रांतिकारी O विश्वव्यापकता O , O हिंदी O लेखक O श्रीलाल B-NEP शुक्ल I-NEP के O व्यंग्यपूर्ण O अंदाज O या O मंटों B-NEP के O व्यंग्यपूर्ण O परिहास O के O साथ O आलोचनात्मक O यथार्थवाद O को O इनके O लेखन O में O सन्निहित O उपविषयों O की O परतों O को O बाहर O लाने O के O लिए O संवादपूर्ण O दृष्टिकोण O की O आवश्यकता O होती O है O । O आलोक B-NEP प्रेम I-NEP नागर I-NEP : O लेखक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO में O संयुक्त O सचिव O हैं O । O अरविंद B-NEP कृष्ण I-NEP मेहरोत्रा I-NEP की O द B-NEAR एब्सेंट I-NEAR ट्रैवलर I-NEAR ( O 1991 B-NETI ) O प्राकृत O भाषाओं O की O कविताओं O का O अंग्रेजी O में O अनुवाद O है O , O जबकि O हाल O में O गोपाल B-NEP कृष्ण I-NEP गांधी I-NEP का O तिरुवल्लुवर B-NEAR का O अनुदित O संस्करण O तिरक्कुरल B-NEAR ( O 2019 B-NETI ) O , O भाषा O साहित्य O के O विशाल O खजाने O में O अंग्रेजी O के O भारतीय O कवियों O और O लेखकों O की O बढ़ती O रुचि O की O पुष्टि O करता O है O । O यू. B-NEP आर. I-NEP अनंतमूर्ति I-NEP द्वारा O अनुदित O संस्कार B-NEAR , O गिरीश B-NEP कर्नाड I-NEP , O मलयालम O लेखकों O ओ B-NEP वी. I-NEP विजयन I-NEP और O बशीर B-NEP की O अनुदित O कृतियों O को O मिली O अत्यधिक O लोकप्रियता O इसका O स्पष्ट O उदाहरण O है O । O भाषा O साहित्य O अब O भारत B-NEL के O बाहर O भी O पुरस्कार O प्राप्त O कर O रहा O है O और O अंग्रेजी O बोलने O वाले O भारतीयों O का O साहित्यिक O दंभ O अब O आक्रामक O नहीं O है O ( O नीलांजना B-NEP रॉय I-NEP , O 2016 B-NETI ) O । O एक B-NEN ओर O जहां O यशपाल B-NEP , O भीष्म B-NEP साहनी I-NEP , O अमरकांत B-NEP , O शेखर B-NEP जोशी I-NEP , O राही B-NEP मासूम I-NEP रज़ा I-NEP , O फणीश्वरनाथ B-NEP रेणु I-NEP , O नागार्जुन B-NEP , O कृष्णा B-NEP सोबती I-NEP , O मन्नू B-NEP भण्डारी I-NEP , O उपेन्द्रनाथ B-NEP अश्क I-NEP आदि O लेखक O थे O तो O दूसरी O ओर O अज्ञेय B-NEP , O इलाचंद्र B-NEP जोशी I-NEP , O जैनेंद्र B-NEP , O निर्मल B-NEP वर्मा I-NEP , O मोहन B-NEP राकेश I-NEP , O कमलेश्वर B-NEP आदि O थे O । O ताशिगंग B-NEL का O मतदान O केन्द्र O जहां O इस O बात O का O प्रमाण O है O कि O हमारे O देश O में O कोई O भी O नागरिक O अपने O लोकतांत्रिक O अधिकार O का O उपयोग O करने O से O छूटने O नहीं O पाता O , O वहीं O घरेलू O पानी O का O नल O भी O माननीय O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP की O " O सबका O साथ O , O सबका O विकास O और O सबका O विश्वास O " O की O परिकल्पना O के O साकार O होने O की O पुष्टि O करता O है O । O इन्हीं O प्रवृत्तियों O के O साथ O कथा O साहित्य O में O आंचलिकता O का O भी O उभार O हुआ O जिसके O प्रमुख O रचनाकार O थे O फणीश्वरनाथ B-NEP रेणु I-NEP , O नागार्जुन B-NEP , O शिवप्रसाद B-NEP सिंह I-NEP आदि O । O शमशेर B-NEP , O रघुवीर B-NEP सहाय I-NEP , O सर्वेश्वर B-NEP दयाल I-NEP सक्सेना I-NEP , O भवानी B-NEP प्रसाद I-NEP मिश्र I-NEP आदि O की O कविताएं O इस O संदर्भ O में O देखी O जा O सकती O हैं O । O - O स्वामी B-NEP विवेकानंद I-NEP यही - वह - समय - है O जब O एक B-NEN ओर O यशपाल B-NEP , O राही B-NEP मासूम I-NEP रजा I-NEP , O भीष्म B-NEP साहनी I-NEP , O कृष्णा B-NEP सोबती I-NEP आदि O देश O के O विभाजन O की O त्रासदी O की O अभिव्यक्ति O के O लिए O महाकाव्यात्मक O आयाम O के O उपन्यास O लिख O रहे O थे O तो O दूसरी O ओर O फणीश्वरनाथ B-NEP रेणु I-NEP , O , O (( O भैरव - प्रसाद - गुप्त - , O शिवप्रसाद B-NEP सिंह I-NEP आदि O भारतीय O किसान O और O ग्रामीण O जीवन O की O संघर्ष O कथा O के O रूप O में O उपन्यास O की O रचना O कर O रहे O थे O । O फिबोनाचि B-NEP अनुक्रम O : O भारतीय O कला O और O संस्कृति O : O सुप्रीति B-NEP भारतीय O कला O और O संस्कृति O के O फिबोनाचि B-NEP अनुक्रम O का O सार O तत्व O भारत B-NEL की O वह O मूलभूत O संकल्पना O है O जिसमें O समग्रता O , O सौन्दर्य O , O लालित्य O , O उद्देश्य O की O पवित्रता O , O किसी O भी O तथ्य O से O जुड़े O विवरणों O और O मर्म O पर O पूरा O ध्यान O देना O , O अनुशासन O , O एकाग्रता O , O पूर्णता O की O तलाश O , O अपने O ही O मानस O के O उदात्त O तत्वों O से O जुड़ने O की O प्रवृत्ति O , O उदारता O , O उत्कृष्टता O और O सभी O को O समाहित O करती O बहुलता O की O दृष्टि O निहित O है O । O बैंकिंग O क्षेत्र O पर O नरसिम्हन B-NEP समिति O की O सिफारिशें O इस O दिशा O में O एक B-NEN और O प्रमुख O सोपान O साबित O हुईं O । O प्राचीन O भारत B-NEL के O प्रसिद्ध O काव्य O - O शास्त्री O और O गणितज्ञ O - O पिंगल B-NEP ने O अपने O छंदशास्त्र O में O मात्रामेरु O की O धारणा O प्रस्तुत O की O जिसे O अब O हम O फिबोनाचि B-NEP अनुक्रम O के O रूप O में O जानते O हैं O । O पिंगल B-NEP के O बाद O , O जैन O चिंतक O हेमचन्द्र B-NEP ने O इस O धारणा O की O व्याख्या O की O और O फिर O इटली O के O गणितज्ञ O लियोनार्डों B-NEP फिबोनाचि I-NEP ने O इसे O प्रस्तुत O किया O । O फिबोनाचि B-NEP अनुक्रम O शून्य B-NEN ( O 0 B-NEN ) O और O एक B-NEN ( O 1 B-NEN ) O संख्याओं O से O प्रारम्भ O होता O है O और O श्रृंखला O की O हर O नई O संख्या O , O इससे O तुरंत O पहले O की O दो B-NEN संख्याओं O का O जोड़ O होती O है O । O प्रसिद्ध O अमरीकी O लेखक O , O प्रकाशक O एवं O उद्यमी O मार्क B-NEP ट्वेन I-NEP कहते O हैं O , O " O भारत B-NEL मानव O - O जाति O का O पालना O है O , O मनुष्य O की O वाणी O का O जन्म O - O स्थान O है O , O इतिहास O की O माता O है O , O कथा O - O गाथाओं O की O दादीमां O है O और O परंपरा O की O परदादी O है O । O सर O सैयद B-NEP अहमद I-NEP खान I-NEP के O प्रयासों O से O उर्दू O लेखन O की O नई O परंपरा O शुरू O हुई O । O गुजरात B-NEL के O तत्कालीन O मुख्यमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP की O दूरदृष्टि O के O अच्छे O नतीजे O सामने O आए O हैं O और O आज O गुजरात B-NEL में O पानी O की O कमी O केवल O पुरानी O पीढ़ी O की O याद O में O है O । O कोविड O की O मौजूदा O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O 1700 B-NEN से O ज्यादा O धनवंतरि B-NEP रथ O 3300 B-NEN से O अधिक O स्थानों O पर O सक्रिय O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO और O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO ने O धनवंतरि B-NEP रथ O के O माध्यम O से O किये O गये O कार्यों O की O सराहना O की O है O । O इन O सबसे O बड़ा O एक B-NEN सबक O हमने O यह O सीखा O कि O सैन्य O कमान O श्रृंखला O में O उलट O - O पुलट O करने O से O सेना O की O दिशा O और O उसके O मनोबल O को O भारी O झटका O लगता O है O जैसा O कि O 1962 B-NETI में O तब O हुआ O जब O लेफ्टिनेंट O जनरल O बी B-NEP एम I-NEP कौल I-NEP को O जल्दबाजी O में O पूर्वोत्तर O में O चौथी O कोर O का O कमांडर O नियुक्त O कर O दिया O गया O जो O तत्कालीन O सेनाध्यक्ष O की O अनसुनी O करके O राजनीतिक O आकाओं O की O राय O पर O चल O रहे O थे O और O फिर O जैसे O रक्षा O मंत्री O वी B-NEP के I-NEP कृष्णमेनन I-NEP ने O चीन B-NEL की O ओर O से O आ O रहे O खतरे O को O बार O - O बार O बहुत O हल्का O करके O आंका O और O पराक्रमी O सेना O के O शौर्य O को O शिथिल O कर O दिया O । O 15 B-NETI अगस्त I-NETI 2019 I-NETI को O , O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 2024 B-NETI तक O देश O के O प्रत्येक O ग्रामीण O घर O में O नल O जल O आपूर्ति O के O लिए O राज्यों O के O साथ O भागीदारी O से O जल O जीवन O मिशन O लागू O करने O की O घोषणा O की O । O राजीव B-NEP कुमार I-NEP : O श्री O राजीव B-NEP कुमार I-NEP , O नीति O आयोग O के O उपाध्यक्ष O हैं O । O उर्वशी B-NEP प्रसाद I-NEP , O देवाशीष B-NEP धर I-NEP : O सुश्री O उर्वशी B-NEP प्रसाद I-NEP और O श्री O देवाशीष B-NEP धर I-NEP नीति O आयोग O में O सार्वजनिक O नीति O विशेषज्ञ O हैं O । O दसवीं O सदी O के O कन्नड़ O कवि O पम्पा B-NEP के O कार्यों O में O लेखकीय O चारित्रिक O विशेषताएं O दिखती O हैं O । O ताड़ O पत्तों O की O भंगुरता O के O कारण O विकृत O दिखने O वाले O आरंभिक O छन्दों O में O पम्पा B-NEP कहते O हैं O कि O उन्होंने O महाभारत B-NEAR के O ऐतिहासिक O कथ्य O की O रचना O कर O उसे O विश्व O के O लिए O ' O शिलालेख O ' O रूप O में O तैयार O किया O है O । O पम्पा B-NEP के O महाकाव्य O की O शैली O भी O लम्बी O ' O अभिलेखीय O ' O शैलियों O से O काफी O मिलती O है O । O दृष्टिकोण O में O फर्क O नीति O आयोग O के O गठन O से O संबंधित O कैबिनेट O प्रस्ताव O में O प्रतिबिम्बित O होता O है O , O जिसमें O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP का O यह O उद्धरण O शामिल O किया O गया O है O - O “ O निरंतर O विकास O जीवन O का O नियम O है O और O जो O मनुष्य O हठधर्मिता O के O कारण O लगातार O एक B-NEN जैसा O दिखने O का O प्रयास O करता O है O , O ऐसे O में O वह O स्वयं O को O भ्रामक O स्थिति O में O ले O जाता O है O । O महाराष्ट्र B-NEO सरकार I-NEO 2015 B-NETI से O ' O गोपीनाथ B-NEP मुंडे I-NEP किसान O दुर्घटना O बीमा O योजना O ' O चला O रही O है O । O पम्पा B-NEP के O ग्रंथ O का O तात्कालिक O लक्ष्य O उनके O संरक्षक O - O युवराज O अरिकेसरी B-NEP के O ऐतिहासिक O कार्यों O की O वंदना O से O संबद्ध O है O । O यहां O भी O , O पम्पा B-NEP की O कविता O ' O अभिलेखीय B-NEAR ' O , O " O व्याख्यान O ” O एवं O ' O लेखन O ' O के O रूपक O अलंकारों O से O सजी O दिखती O है O । O मूल्यांकन O : O वस्त्र O उद्योग O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O : O सी B-NEP चिन्नप्पा I-NEP पम्पा B-NEP कहते O हैं O कि O एक B-NEN बुरा O कवि O , O लेखक O के O लिए O सिरदर्द O और O उसकी O कविता O ' O लेखन O सामग्री O का O दुष्प्रयोग O ' O होती O है O । O कौरवों O के O नायक O , O जब O एक B-NEN - O एक B-NEN कर O गिरते O हैं O तो O पम्पा B-NEP उनकी O वीरगति O पर O श्रद्धांजलिस्वरूप O छोटे O स्मृति O - O लेख O लिखते O हैं O । O मौखिक O परंपरा O में O संरक्षित O महाभारत B-NEAR के O कथानक O को O लेखकीय O रूप O में O बदलने O के O पम्पा B-NEP के O प्रयास O को O दर्शाते O हैं O । O पम्पा B-NEP उस O समय O सक्रिय O थे O जब O भारत B-NEL में O प्रादेशिक O भाषाओं O में O लेखन O आरंभ O ही O हुआ O था O और O उस O समय O लेखन O का O मुख्य O उद्देश्य O श्रद्धांजलिस्वरूप O लेखन O था O । O पम्पा B-NEP को O समसामयिक O इतिहास O महाभारत B-NEAR जितना O ही O रोचक O नजर O आया O और O अपनी O कविता O में O उन्होंने O दोनों B-NEN के O बीच O लाक्षणिक O संबंध O उद्घाटित O किए O हैं O । O मृत्यु O के O इंतजार O में O बाणों O की O शैय्या O पर O लेटे O भीष्म B-NEP का O वर्णन O ' O किसी O ऐतिहासिक O घटना O के O पाषाण O शिलालेख O ' O सा O दिखता O है O । O आतिशा B-NEP कुमार I-NEP सुप्रसिद्ध O अभिनेता O अमिताभ B-NEP बच्चन I-NEP के O नेतृत्व O में O इस O कार्यक्रम O को O उन O लोगों O के O व्यवहार O में O परिवर्तन O के O लिए O तैयार O किया O गया O है O , O जिनके O घरों O में O शौचालय O तो O हैं O , O लेकिन O वे O उनका O इस्तेमाल O नहीं O कर O रहे O हैं O । O अभिनेत्री O अनुष्का B-NEP शर्मा I-NEP द्वारा O गांवों O में O महिलाओं O को O इस O अभियान O में O सम्मिलित O होने O और O नेतृत्वकारी O भूमिका O अदा O करने O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O गया O है O । O इसमें O , O टॉयलेट O : O एक O प्रेम O कथा O , O उल्लेखनीय O फिल्म O है O , O जिसमें O (( O और O भूमि B-NEP पेडनेकर I-NEP मुख्य O किरदार O में O हैं O । O सरजमीं O : O भारत B-NEL में O ग्रामीण O बैंकिंग O की O समस्याएं O और O चुनौतियां O : O मंजुला B-NEP वाधवा I-NEP इतिहास O के O पन्नों O में O आज O से O करीब O 400 B-NEN वर्ष O पूर्व O मौलाना B-NEP चक I-NEP के O मदरसा B-NEO शहबाजिया I-NEO में O हजरत B-NEP मखदूम I-NEP शहबाज I-NEP मुहम्मद I-NEP द्वारा O स्थापित O मदरसे O में O मध्याह्न O भोजन O योजना O लागू O थी O । O एम B-NEP नरसिम्हन I-NEP की O अध्यक्षता O में O वित्तीय O प्रणाली O से O जुड़ी O कमेटी O ने O वैधानिक O तरलता O अनुपात O ( O एसएलआर O ) O और O नकद O आरक्षी O अनुपात O ( O सीआरआर O ) O को O घटाने O की O सिफारिश O की O , O ताकि O बैंकों O के O संसाधनों O को O मुक्त O किया O जा O सके O , O ब्याज O दरों O को O तय O करने O के O लिए O बाजार O की O ताकतों O पर O निर्भरता O हो O और O प्राइवेट O और O विदेशी O बैंकों O का O भारत B-NEL में O प्रवेश O आसान O हो O सके O , O जिससे O इस O सेक्टर O में O प्रतिस्पर्धा O बढ़े O और O सरकारी O बैंकों O की O संख्या O घट O सके O । O डा. O एसएम B-NEP राफिक I-NEP ने O शहबाज B-NEAR ज्योति I-NEAR में O लिखा O है O कि O हजरत B-NEP मखदूम I-NEP शहबाज I-NEP मुहम्मद I-NEP का O भागलपुर B-NEL आगमन O 986 B-NETI हिजरी I-NETI ( I-NETI 1578 I-NETI ई I-NETI ) I-NETI को O हुआ O था O । O नरसिम्हन B-NEP की O अगुवाई O में O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O को O लेकर O बनी O कमेटी O ने O बैंकिंग O सेक्टर O को O और O मजबूत O बनाने O के O लिए O 1998 B-NETI में O कई O और O उपायों O की O सिफारिश O की O । O झारखंडी B-NEP झा I-NEP द्वारा O लिखित O भागलपुर B-NEAR दर्पण I-NEAR में O उल्लेख O है O कि O हजरत B-NEP मखदूम I-NEP शहबाज I-NEP मुहम्मद I-NEP द्वारा O स्थापित O मदरसे O में O करीब O 200 B-NEN मुस्लिम O और O हिन्दू O छात्र O शिक्षा O ग्रहण O करते O थे O । O मैनेजर B-NEP पाण्डेय I-NEP : O लेखक O वरिष्ठ O साहित्यकार O हैं O । O राष्ट्रपिता O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP ने O कहा O था O - O भारत B-NEL गांवों O में O बसता O है O , O ग्रामीण O विकास O भारत B-NEL के O समूचे O विकास O की O अनिवार्य O शर्त O है O । O तब O लतीफ B-NEP , O तायक B-NEP , O अफजन B-NEP , O हफीज B-NEP , O आवकील B-NEP , O आलोद B-NEP और O जैसे O प्रसिध्द O मौलवियों O ने O यहां O से O निकल O प्रांत O में O विद्या O का O प्रचार O किया O । O जहांगीर B-NEP से O लेकर O अंतिम O मुगल O शासक O तक O मदरसे O की O काफी O ख्याति O रही O । O राबर्ट B-NEP मोन्टोगमेरी I-NEP मार्टिन I-NEP ने O 1838 B-NETI में O लिखी O अपनी O पुस्तक O में O मदरसे O की O चर्चा O करते O हुए O कहा O कि O 100 B-NEN वर्ष O पूर्व O भागलपुर B-NEL हिंदू O - O मुस्लिम O शिक्षा O का O केंद्र O था O । O आज़ादी O मिलने O के O सालभर O के O भीतर O ही O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O हत्या O हुई O जो O भारत B-NEL के O लिए O एक B-NEN बड़ी O ट्रेजेडी O थी O और O शर्मनाक O घटना O भी O । O उस O समय O हजरत B-NEP मखदूम I-NEP शहबाज I-NEP मुहम्मद I-NEP के O वंशज O काजी B-NEP फायक I-NEP अरबी O के O प्रकांड O विद्वान O थे O । O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O खंजरपुर B-NEL और O भोजुआ B-NEL ( O गोगरी B-NEL , O खगड़िया B-NEL ) O में O भी O मौलाना B-NEP हयात I-NEP के O समय O मदरसा O में O भोजन O वस्त्र O मुफ्त O देकर O बच्चों O को O शिक्षा O दी O जाती O थी O । O पीसी B-NEP राय I-NEP चौधरी I-NEP के O जिला O गजेटियर O के O अलावा O कयाम B-NEP उद्दीन I-NEP अहमद I-NEP , O फ्रांसिस B-NEP बुकानन I-NEP और O एसएच B-NEP अस्करी I-NEP ने O भी O अपनी O किताबों O में O शहबाजिया B-NEO मदरसे I-NEO का O विस्तारपूर्वक O विवरण O किया O है O । O अज्ञेय B-NEP ने O विभाजन O की O त्रासदी O पर O 12 B-NETI अक्तूबर I-NETI 1947 I-NETI से O 2 B-NETI नवंबर I-NETI 1947 I-NETI के O बीच O ग्यारह B-NEN कविताएं O लिखीं O । O ये O कविताएं O अज्ञेय B-NEP ने O हिन्दी O क्षेत्र O के O विभिन्न O शहरों O में O रहते O हुए O लिखी O थीं O । O जिला O गजेटियर O में O यह O भी O लिखा O है O कि O मुगल O शासक O के O फौजदार O मिर्जा B-NEP गुलाम I-NEP हुसैन I-NEP खान I-NEP ने O मदरसा O का O पक्कीकरण O बादशाह O के O हुक्म O पर O कराया O । O अज्ञेय B-NEP की O " O शरणार्थी O " O शीर्षक O से O लिखी O कविताएं O और O सांप्रदायिक O तनाव O और O हिंसा O से O भरपूर O वातावरण O पर O लिखी O उनकी O कहानियां O 1948 B-NETI में O छपी O ' O शरणार्थी O ' O नामक O पुस्तक O में O मौजूद O हैं O । O गांधी B-NEP की O हत्या O से O उपजे O क्षोभ O और O उनके O महत्व O की O अभिव्यक्ति O नागार्जुन B-NEP , O दिनकर B-NEP , O हरिवंश B-NEP राय I-NEP बच्चन I-NEP , O सोहन B-NEP लाल I-NEP द्विवेदी I-NEP , O भवानी B-NEP प्रसाद I-NEP मिश्र I-NEP आदि O कवियों O की O कविताओं O में O हुई O । O उन O कविताओं O के O साथ O ही O उन्हीं O दिनों O अज्ञेय B-NEP ने O विभाजन O की O त्रासदी O पर O अनेक O कहानियां O भी O लिखीं O । O एक B-NEN ओर O प्रगतिशील O कविता O थी O जिसके O प्रमुख O कवि O थे O - O नागार्जुन B-NEP , O केदारनाथ B-NEP अग्रवाल I-NEP , O त्रिलोचन B-NEP , O दिनकर B-NEP , O मुक्तिबोध B-NEP , O शमशेर B-NEP आदि O । O इस O बदलाव O से O विगत O तीन B-NETI वर्षों I-NETI में O वर्ल्ड B-NEO बैंक I-NEO के O व्यापार O सुगमता O सूचकांक O में O भारत B-NEL का O स्थान O बेहतर O हुआ O है O और O अब O भारत B-NEL पहली O बार O शीर्ष O 100 B-NEN सूची O में O आ O गया O है O और O इसका O स्थान O 42वां O है O । O गत O एक B-NETI फरवरी I-NETI 2018 I-NETI को O वित्त O UT O मंत्री O द्वारा O संसद O में O पेश O बजट O में O चार B-NEN क्षेत्रों O पर O विशेष O जोर O देने O का O लक्ष्य O रखा O गया O है O - O कृषि O एवं O ग्रामीण O क्षेत्र O , O बुनियादी O संरचना O , O स्वास्थ्य O एवं O एमएसएमई O ( O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उपक्रमों O ) O के O माध्यम O से O स्वरोजगार O के O अवसर O उपलब्ध O कराना O । O मार्च B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O सकल O जीएसटी O राजस्व O संग्रह O 1,23,902 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O रहा O जो O अब O तक O का O रिकॉर्ड O है O । O इनके O साथ O ही O बीसवीं B-NETI सदी I-NETI के O महत्वपूर्ण O कवियों O की O कविताएं O भी O लगातार O प्रकाशित O हो O रही O हैं O । O बजट O पेश O करने O के O बाद O अगले B-NETI ही I-NETI दिन I-NETI क्रिसिडेक्स O का O उद्घाटन O करते O हुए O वित्त O मंत्री O ने O घोषणा O की O कि O एमएसएमई O भारतीय O अर्थव्यवस्था O को O मजबूती O दिलाने O में O इंजन O का O कार्य O करेगा O । O नए O कहानीकारों O में O अखिलेश B-NETI , O उदय B-NETI प्रकाश I-NETI , O सुभाष B-NETI कुशवाहा I-NETI , O मनोज B-NETI रूपड़ा I-NETI , O कैलाश B-NETI वनवासी I-NETI , O शिवमूर्ति B-NETI , O अनुज B-NETI आदि O के O नाम O लिए O जा O सकते O हैं O और O उपन्यासकारों O में O संजीव B-NETI और O भगवान B-NETI दास I-NETI मोरवाल I-NETI महत्वपूर्ण O नाम O हैं O । O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O आम O बजट O से O यथास्थिति O में O बदलाव O के O संकेत O मिल O रहे O हैं O । O मार्च B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O नियमित O और O तदर्थ O निपटारे O के O बाद O केन्द्र O और O राज्यों O का O कुल O राजस्व O सीजीएसटी O के O लिये O 58,852 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O एसजीएसटी O का O 60,559 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O रहा O । O केन्द्र O ने O मार्च B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI के O दौरान O 30,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O क्षतिपूर्ति O भी O जारी O की O है O । O मार्च B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O माल O और O सेवा O कर O से O प्राप्त O राजस्व O जीएसटी O लागू O होने O के O बाद O से O सबसे O ज्यादा O है O । O पिछले B-NETI पांच I-NETI महीनों I-NETI में O जीएसटी O राजस्व O संग्रह O में O लगातार O सुधार O आया O है O । O मार्च B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O प्राप्त O राजस्व O पिछले B-NETI साल I-NETI इसी I-NETI महीने I-NETI के O संग्रह O से O 27 B-NEN प्रतिशत O ज्यादा O है O । O पिछले B-NETI साल I-NETI इसी I-NETI माह I-NETI की O तुलना O में O मार्च B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O वस्तुओं O के O आयात O से O प्राप्त O राजस्व O 70 B-NEN प्रतिशत O और O स्वदेशी O लेन O - O देन O ( O सेवाओं O के O आयात O समेत O ) O से O हासिल O जीएसटी O 17 B-NEN प्रतिशत O अधिक O रहा O । O पिछले B-NETI वित्त I-NETI वर्ष I-NETI की I-NETI तिमाहियों I-NETI की O तुलना O में O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O जीएसटी O राजस्व O में O वृद्धि O की O दर O पहली B-NETI तिमाही I-NETI में O ( O - O ) O 41 B-NEN प्रतिशत O , O दूसरी O में O ( O - O ) O 8 B-NEN प्रतिशत O , O तीसरी O में O 8 B-NEN प्रतिशत O और O आखिरी O तिमाही O में O 14 B-NEN प्रतिशत O दर्ज O की O गयी O । O नवंबर B-NETI 2017 I-NETI में O ही O इस O पोर्टल O के O जरिए O 2 B-NEN लाख I-NEN चालीस O हजार B-NEN करोड़ I-NEN के O मूल्य O के O एक B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O इलेक्ट्रॉनिक O बिड्स O आमंत्रित O किए O गए O । O पिछले B-NETI लगातार I-NETI छह I-NETI महीनों I-NETI में O जीएसटी O से O प्राप्त O राजस्व O 100000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O ज्यादा O का O रहा O है O । O केंद्रीय O मंत्री O द्वारा O 29 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2018 I-NETI को O संसद O के O पोर्टल O पर O प्रस्तुत O किए O गए O आर्थिक O सर्वेक्षण O में O एक B-NEN ओर O जेंडर O एवं O पुत्र O मेटा O प्राथमिकता O पर O विशेष O जोर O दिया O गया O है O जबकि O दूसरी O ओर O अन्य O अर्थव्यवस्थाओं O के O सापेक्ष O जेंडर O परिणामों O पर O भारत B-NEL के O प्रदर्शन O का O मूल्यांकन O किया O गया O है O । O नीचे O , O चार्ट O में O वित्त O वर्षों O 2019 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI और O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O मासिक O सकल O जीएसटी O राजस्व O के O रुख O को O दर्शाया O गया O है O । O आर्थिक O सर्वेक्षण O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O यह O नोट O किया O गया O है O कि O जेंडर O की O चुनौती O दीर्घकालीन O है O और O शायद O यह O हजारों B-NETI वर्ष I-NETI पुरानी I-NETI समस्या O है O इसलिए O इसके O समाधान O के O लिए O सभी O हितधारक O सामूहिक O रूप O से O जिम्मेदार O हैं O । O वर्ष O 2018 B-NETI में O भारतीय O अर्थव्यवस्था O में O व्यापक O बदलाव O होने O की O संभावना O है O । O असम B-NEO मेघालय I-NEO कैडर I-NEO के O आईएएस O ( O 1984 B-NETI बैच O ) O के O तौर O पर O उन्होंने O राज्य O व O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO के O विभिन्न O पदों O पर O अपनी O सेवाएं O दी O हैं O । O 1969 B-NETI व O 1980 B-NETI में O बैंकों O के O राष्ट्रीयकरण O के O पश्चात्‌ O , O बैंकिंग O क्षेत्र O ने O 1991 B-NETI की O अवधि O के O बाद O दूरगामी O सुधारों O के O अगले O चरण O को O देखा O था O । O क्रेडिट O प्रक्रियाओं O और O ब्याज O दर O संरचनाओं O का O अविनियमन O , O पूर्व O - O छूटों O में O क्रमिक O कटौती O , O सीबीएस O में O प्रवेश O और O नये O युग O की O निजी O क्षेत्र O की O बैंकिंग O प्रणाली O की O लाइसेंसिंग O ने O 21वीं B-NETI सदी I-NETI के O दशकों O में O बैंकिंग O सेवाओं O के O तीव्र O विस्तार O का O मार्ग O प्रशस्त O किया O और O यह O आश्चर्यजनक O नहीं O है O कि O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 1997 I-NETI में O बैंकों O में O जमा O राशि O का O सकल O घरेलू O उत्पाद O प्रतिशत O 35.6 B-NEN की O तुलना O में O बढ़कर O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2007 I-NETI में O 60.8 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O जबकि O ऋण O की O प्रतिशतता O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 1997 I-NETI में O सकल O घरेलू O उत्पाद O के O 19.6 B-NEN प्रतिशत O की O तुलना O में O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2007 I-NETI में O बढ़कर O दोगुने O से O भी O अधिक O हो O गयी O है O । O वर्ष O 2008 B-NETI के O वैश्विक O वित्तीय O संकट O के O बाद O से O आर्थिक O और O वित्तीय O बाजार O में O अत्यधिक O अस्थिरता O के O बावजूद O अगले O 10 B-NEN वर्षों O में O जीडीपी O के O संबंध O में O जमाराशि O और O ऋण O अनुपात O क्रमशः O 71.2 B-NEN प्रतिशत O और O 51.9 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O इस O विस्तार O ( O 1990 B-NETI में O ) O के O प्रारंभिक O चरण O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O वर्चस्व O था O । O भारतीय O बैंकों O का O सकल O एनपीए O ( O यानि O बुरे O कर्ज O ) O तीस B-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 8.40 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O हो O गया O । O जो O दिखाता O है O कि O 30 B-NETI जून I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O 8.29 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O मुकाबले O इसमें O 1.31 B-NEN फीसदी O की O वृद्धि O हुई O है O । O सितंबर B-NETI 2015 I-NETI से O एनपीए O में O तेजी O से O उछाल O का O कारण O कथित O रूप O से O वर्ष O 2008 B-NETI से O पूर्ववर्ती O वर्षों O के O दौरान O बैंकों O की O क्रेडिट O ग्रोथ O में O तेजी O है O । O वर्ष O 2008 B-NETI से O 2014 B-NETI के O दौरान O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O सकल O उधार O 18 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O से O 54 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O तक O पहुंच O गया O और O सितंबर B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O यह O आंकड़ा O 55.01 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O था O । O यह O इस O तथ्य O से O स्पष्ट O है O कि O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2007 I-NETI में O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O बकाया O ऋण O में O 20 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O था O , O जो O अब O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2017 I-NETI के O मुकाबले O 29 B-NEN प्रतिशत O है O । O यह O नीति O इस O दृष्टिकोण O पर O खरी O उतरती O है O और O इस O प्रकार O शिक्षा O संरचना O के O सभी O पहलुओं O में O संशोधन O और O उनमें O नयापन O लाने O का O प्रस्ताव O करती O है O , O जिसमें O इसका O नियंत्रण O और O संचालन O शामिल O हैं O , O ताकि O एक B-NEN नई O प्रणाली O बनाई O जा O सके O जो O 21वीं B-NETI सदी I-NETI की O शिक्षा O के O वैश्विक O आकांक्षात्मक O लक्ष्यों O के O साथ O जुड़ी O है O , O जबकि O भारत B-NEL की O परम्पराओं O और O मूल्यों O की O प्रणाली O के O अनुरूप O है O । O इसका O उद्देश्य O 2024 B-NETI तक O देश O के O प्रत्येक O परिवार O को O पाइपलाइनों O के O जरिए O स्वच्छ O पेयजल O उपलब्ध O कराना O है O । O इस O प्रकार O 2022 B-NETI तक O , O नया O भारत B-NEL शिक्षा O प्रणाली O के O लिए O एक B-NEN मजबूत O आधार O प्रदान O करेगा O जो O आसानी O से O सुलभ O , O निष्पक्ष O , O गुणवत्तापूर्ण O , O किफायती O होगा O और O जवाबदेही O के O सिद्धांतों O पर O आधारित O होगा O । O मुझे O यकीन O है O कि O हम O 2022 B-NETI में O भारत B-NEL के O विश्व O गुरु O बनने O की O ओर O पहला O मुकाम O हासिल O करने O में O सक्षम O होंगे O जबकि O हम O भारत B-NEL की O आजादी O की O 75वीं O वर्षगांठ O मनाएंगे O । O यहां O सितंबर B-NETI 2020 I-NETI में O ही O एक B-NEN असंभव O कार्य O को O पूरा O करते O हुए O पानी O का O पहला O घरेलू O कनेक्शन O दिया O गया O । O पचास B-NETI का I-NETI दशक I-NETI भारतीय O समाज O और O हिन्दी O साहित्य O दोनों O में O स्थिरता O , O विकास O और O विविधता O का O दौर O है O । O इसका O उद्देश्य O 2024 B-NETI तक O देश O के O प्रत्येक O ग्रामीण O परिवार O को O पाइप O लाइनों O के O जरिए O पीने O के O पानी O का O कनेक्शन O देना O है O । O आज B-NETI कोई O केंद्रीय O नियामक O बैंक O के O बगैर O अर्थव्यवस्था O की O कल्पना O भी O नहीं O कर O सकता O । O क्या O यह O मात्र O 73 B-NETI वर्ष I-NETI की O स्वतन्त्रता O के O बाद O के O भारत B-NEL की O पहचान O है O या O शताब्दियों O पुराने O देश O की O अस्मिता O है O । O 2001 B-NETI के O बाद O से O , O राज्य O में O कृषि O उत्पादन O में O 255 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O बजट O में O रक्षा O व्यय O में O कटौती O से O समस्या O और O गहरा O गई O जिससे O सेना O के O पास O 1950 B-NETI के O दशक B-NETI के O आखिरी B-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O चीन B-NEL के O सैनिक O दुस्साहस O के O समय O न O तो O पर्याप्त O हथियार O थे O और O न O ही O सैन्य O संख्या O बल O था O । O असल O में O तो O भारतीय O सेना O को O लद्दाख B-NEL और O नॉर्थ O - O (( O ईस्ट -NEO फ्रंटियर - एजेंसी - यानी O नेफा B-NEL के O सीमावर्ती O क्षेत्रों O से O दूर O ही O रखा O गया O था O और O यह O बात O तब O समझ O में O आई O जब O चीन B-NEL ने O हमला O करके O अगस्त B-NETI , I-NETI 1959 I-NETI में O लोगजू B-NEL में O असम B-NEL रायफल्स O की O चौकी O पर O कब्जा O जमा O लिया O और O इसी B-NETI वर्ष I-NETI में O पूर्वी B-NEL लद्दाख I-NEL की O कोनका O - O ला O चौकी O पर O तैनात O भारतीय O पुलिस O बल O को O घात O लगाकर O हमले O में O मार O डाला O गया O । O उससे O नीचे O जाने O की O अनुमति O सिर्फ O लगातार O पांच B-NETI साल I-NETI सूखे O से O उत्पन्न O आपात O स्थिति O में O ही O हो O । O 1962 B-NETI के O युद्ध O में O हमें O सबसे O बड़ा O सबक O तो O शायद O यही O मिला O कि O पुरानी O कहावत O " O कब्जा O सच्चा O , O झगड़ा O झूठा O " O एकदम O सही O है O । O 1950 B-NETI में O चीन B-NEL के O तिब्बत B-NEL में O घुसने O और O अगले B-NETI दशक I-NETI में O उसके O अक्साई B-NEL चिन I-NEL में O धीरे O - O धीरे O घुस O जाने O से O हमारी O सशस्त्र O सेनाओं O को O अच्छे O से O सबक O मिल O गया O और O हमारे O राजनैतिक O नेतृत्व O को O भी O पूरी O तरह O से O समझ O में O आ O गया O कि O केवल O देश O की O सीमाओं O का O ही O नहीं O वरन्‌ O वास्तविक O सीमा O रेखा O की O रक्षा O करना O ही O असल O में O जरूरी O है O । O भारत B-NEL और O चीन B-NEL के O बीच O तिब्बत B-NEL क्षेत्र O को O लेकर O 1954 B-NETI में O हुई O संधि O का O मसौदा O और O संदर्भ O इस O बात O के O खुले O उदाहरण O हैं O कि O सीमा O मामलों O में O ज़रा O - O सी O लापरवाही O या O ढील O को O लालची O और O धूर्त O चीन B-NEL ने O किस O तरह O युद्ध O का O रूप O दे O दिया O । O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समिति O को O 2018 B-NETI में O प्रधानमंत्री O सिविल O सेवा O पुरस्कार O , O 2009 B-NETI में O संयुक्त O राष्ट्र O लोक O सेवा O पुरस्कार O और O 2010 B-NETI सीएपीएम O अंतर्राष्ट्रीय O नवाचार O पुरस्कार O सहित O कई O सम्मान O मिले O हैं O । O गुजरात B-NEL में O इस O एकीकृत O दृष्टिकोण O की O सफलता O ने O 2019 B-NETI में O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO के O गठन O को O प्रेरित O किया O । O कुछ O सैनिकों O और O कुछ O यूनिटों O के O शौर्य O और O साहस O के O बावजूद O पीछे O हटने O की O गलत O नीति O और O 1962 B-NETI की O शर्मनाक O हार O से O सबक O लेकर O सशस्त्र O सेनाओं O के O संगठन O , O प्रशिक्षण O और O उपकरण O विकास O और O तैनाती O में O सुधार O के O जोरदार O प्रयास O शुरू O किए O गए O । O वर्ष B-NETI 2015 I-NETI में O , O यह O उत्तरदायित्व O नीति O आयोग O को O सौंप O दिया O गया O । O इस O योजना O में O 36 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O किसानों O के O आवेदनों O का O बीमा O हो O चुका O है O और O 4 B-NETI फरवरी I-NETI 2022 I-NETI तक O 1,07,059 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O अधिक O के O दावों O का O भुगतान O भी O किया O जा O चुका O है O । O गुजरात B-NEO सरकार I-NEO भी O लगभग O ऐसी O ही O ' O किसान O दुर्घटना O बीमा O योजना O ' O 1996 B-NETI से O चला O रही O है O । O जहां O तक O वस्त्र O उत्पादन O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O की O बात O है O तो O विस्कोस O , O पॉलिएस्टर O जैसे O वस्त्र O उत्पादों O की O कीमतें O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O मामूली O बढ़ीं O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O घट O गईं O । O कपड़ा O निर्यात O जून B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 10.7 B-NEN प्रतिशत O घटा O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 6 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O । O वस्त्र O एवं O परिधान O आयात O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 38.61 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O और O इसका O कारण O बाजार O की O ताकतों O का O प्रभाव O भी O हो O सकता O है O तथा O आयात O शुल्क O में O कमी O भी O हो O सकती O है O । O वर्ष O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O कुल O निर्यात O में O वस्त्र O निर्यात O की O 14 B-NEN प्रतिशत O हिस्सेदारी O रही O थी O । O कृषि O के O बाद O यह O सबसे O बड़ा O रोजगार O प्रदाता O क्षेत्र O है O ( O 2011 B-NETI की O जनगणना O के O अनुसार O लगभग O 10.5 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O को O रोजगार O , O जिनमें O 4.5 B-NEN करोड़ I-NEN प्रत्यक्ष O रोजगार O ) O । O गांवों O में O शौचालय O के O उपयोग O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O , O मई B-NETI 2017 I-NETI में O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O दरवाजा O बंद O नाम O से O एक B-NEN नया O आक्रामक O अभियान O प्रारंभ O किया O है O । O 122वें B-NEN संविधान O संशोधन O के O अनुरूप O 1 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI से O वस्तु O एवं O सेवा O कर O ( O जीएसटी O ) O लागू O कर O दिया O गया O । O मछुआरों O की O सामाजिक O सुरक्षा O और O कल्याण O की O दृष्टि O से O मत्स्यपालन B-NEO , I-NEO पशुपालन I-NEO एवं I-NEO डेरी I-NEO मंत्रालय I-NEO के O मत्स्यपालन B-NEO विभाग I-NEO ने O पांच B-NETI वर्ष I-NETI के O लिए O ( O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI से I-NETI 2019 I-NETI - I-NETI 20 I-NETI तक I-NETI ) O ' O राष्ट्रीय O मछुआरा O कल्याण O योजना O ' O चलाई O । O यह O व्यापक O एवं O केंद्र O प्रायोजित O योजना O ' O नीली O क्रांति O : O मछुआरों O का O एकीकृत O विकास O एवं O प्रबंधन O ' O का O ही O हिस्सा O थी O , O जो O 31 B-NETI मार्च I-NETI 2020 I-NETI को O समाप्त O हो O गई O । O इस O समय O मत्स्यपालन B-NEO विभाग I-NEO ' O प्रधानमंत्री O मत्स्य O संपदा O योजना O ( O पीएमएमएसवाई O ) O ' O चला O रहा O है O , O जिसमें O पांच B-NETI वर्ष I-NETI ( O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI से I-NETI 2024 I-NETI - I-NETI 25 I-NETI ) O के O लिए O 20,050 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O अब O तक O का O सर्वाधिक O निवेश O किया O जा O रहा O है O । O इस O प्रावधान O के O अंतर्गत O मछली O मारने O पर O प्रतिबंध O या O कम O मछलियों O वाली O तीन B-NETI महीने I-NETI की O इस O अवधि O के O लिए O प्रत्येक O मछुआरे O को O 4,500 B-NEN रुपये O दिए O जाते O हैं O , O जिसमें O से O 3,000 B-NEN रुपये O प्रति O मछुआरा O सरकार O देती O है O और O 1,500 B-NEN रुपये O का O योगदान O लाभार्थी O करता O है O । O 1991 B-NETI से O पहले O भारत B-NEL बड़े O पैमाने O पर O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O कर O रहा O था O । O सरकार O ने O 1969 B-NETI में O 50 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O डिपॉजिट O वाले O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O कर O दिया O था O । O सितंबर B-NETI 2017 I-NETI में O स्वच्छता O ही O सेवा O पखवाड़े O में O 9 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O लोगों O ने O अपने O समुदायों O के O साथ O स्वच्छता O के O लिए O श्रमदान O किया O , O स्वच्छता O की O शपथ O ली O , O साफ O - O सफाई O पर O निबंध O लिखे O , O चित्र O और O फिल्में O बनाईं O । O सरकार O ने O 1980 B-NETI में O कई O और O बैंकों O को O अपने O नियंत्रण O में O लिया O और O देश O भर O में O 200 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O डिपॉजिट O वाले O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O किया O । O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI से I-NETI 2021 I-NETI - I-NETI 22 I-NETI ( O फरवरी B-NETI , I-NETI 2022 I-NETI ) O तक O इस O योजना O के O क्रियान्वयन O पर O केंद्र O के O हिस्से O के O रूप O में O 369.55 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O राशि O खर्च O की O जा O चुकी O है O । O 1969 B-NETI से O 1991 B-NETI के O बीच O बैंकों O का O जबरदस्त O विस्तार O हुआ O । O आईएनएसएसीओजी B-NEO के O सहयोगी O संस्थानों O ने O 30 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI तक O 70420 B-NEN नमूनों O का O अनुक्रमण O किया O । O हालांकि O , O 1991 B-NETI तक O बैंकों O की O दक्षता O और O उत्पादकता O में O गिरावट O होने O लगी O । O 1991 B-NETI में O जब O सरकार O ने O अर्थव्यवस्था O के O उदारीकरण O की O शुरुआत O की O तो O उसने O बैंकिंग O क्षेत्र O में O कई O तरह O के O सुधार O किए O । O किसानों O को O परेशानी O मुक्त O और O समय O पर O ऋण O प्रदान O करने O के O लिए O सितंबर B-NETI 2016 I-NETI तक O पांच B-NEN करोड़ I-NEN किसान O क्रेडिट O कार्ड O ( O केसीसी O ) O जारी O किये O गये O हैं O । O आजादी O के O 70 B-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O सहकारी O ऋण O संरचना O से O लेकर O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैकों O के O राष्ट्रीयकरण O , O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O उनकी O शाखाओं O के O विस्तार O और O 1976 B-NETI में O क्षेत्रीय O ग्रामीण O बैंकों O की O शुरुआत O के O साथ O औपचारिक O ग्रामीण O संस्थागत O संरचना O में O कई O गुना O बढ़ोतरी O हुई O । O यह O रचना O प्रकाशन O विभाग O की O साहित्य O एवं O संस्कृति O की O हिंदी O मासिक O पत्रिका O " O आजकल B-NEAR " O के O अमृत O महोत्सव O अंक O ( O जनवरी B-NETI - O 2020 B-NETI संयुक्तांक O ) O से O ली O गई O है O । O सन O 1947 B-NETI में O जब O देश O आज़ाद O हुआ O तो O आज़ादी O के O साथ O एक B-NEN ओर O हर्ष O और O उल्लास O का O , O आशा O और O उम्मीद O का O वातावरण O बना O पर O उसके O साथ O ही O गहरे O विषाद O और O दुःख O का O माहौल O भी O मौजूद O था O । O डीबीटी B-NEO से O संबंधित O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O उपक्रम O बीआईआरएसी B-NEO ने O पिछले O नौ B-NETI वर्षों I-NETI में O जैवप्रौद्योगिकीय O नवोन्मेष O और O स्टार्टअप O के O लिये O एक B-NEN बहुत O मजबूत O और O जीवंत O पारिस्थितिकी O का O निर्माण O किया O है O । O बायोनेस्ट O इंक्यूबेटरों O ने O मार्च B-NETI 2020 I-NETI से O अब O तक O 300 B-NEN से O ज्यादा O आभासी O कार्यक्रमों O का O आयोजन O किया O जिनमें O 25000 B-NEN से O अधिक O भागीदार O शामिल O हुए O । O मिशन O की O प्रगति O से O उत्साहित O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO के O लिए O बजट O आवंटन O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O 21,518 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI में O 60,030 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O प्रधानमंत्री O द्वारा O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O लाल O किले O की O प्राचीर O से O दिए O गए O भाषण O में O यह O कहा O गया O था O कि O ' O वर्तमान O भारत B-NEL में O शासन O नहीं O सुशासन O तथा O स्वराज्य O को O सुराज्य O में O बदलने O की O आवश्यकता O है O । O ' O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO द्वारा O कराये O गये O एक B-NEN अध्ययन O के O अनुसार O मिशन O के O प्रयासों O से O 2014 B-NETI और O अक्टूबर B-NETI 2019 I-NETI के O दौरान O और O प्रोटीन O - O ऊर्जा O न्यूनता O से O उत्पन्न O होने O वाले O कुपोषण O से O 3,00,000 B-NEN संभावित O मौतों O को O टाला O जा O सका O है O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2013 I-NETI के O दौरान O राष्ट्रीय O आय O के O लेखा O - O जोखा O के O दौरान O कीमती O वस्तुओं O के O वर्ग O में O , O जिसमें O स्वर्ण O और O दूसरी O कीमती O धातुएं O शामिल O थीं O का O जीडीपी O में O महज O 2.5 B-NEN प्रतिशत O का O योगदान O था O , O जो O देश O में O स्वर्ण O की O प्रचुर O मात्रा O में O उपलब्धता O के O मुकाबले O बहुत O ही O कम O है O । O जहां O स्वच्छता O का O दायरा O स्वच्छ O भारत O अभियान O की O शुरुआत O के O समय O के O 38.7 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़कर O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O शत B-NEN - O प्रतिशत O हो O गया O , O लेकिन O सबको O स्वच्छता O सुविधा O के O दायरे O में O लाने O की O बड़ी O चुनौती O अभी O भी O बनी O हुई O है O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O बजट O में O केंद्रीय O वित्त O मंत्री O ने O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O बनाने O की O घोषणा O की O , O जिसके O तहत O स्वर्ण O को O परिसंपत्ति O का O दर्जा O दिया O जायेगा O । O मूल O रूप O से O भारत B-NEL में O वर्ष B-NETI 1988 I-NETI में O लोक O शिकायत O निदेशालय O की O स्थापना O के O साथ O केंद्र O स्तर O पर O विभागीय O शिकायतों O के O निपटारे O का O कार्य O आरंभ O हुआ O । O वर्ष O 1992 B-NETI में O शुरू O किये O गये O उदारीकरण O की O प्रक्रिया O के O तहत O स्वर्ण O पर O एक B-NEN व्यापक O नीति O बनाने O के O बारे O में O विचार O किया O गया O था O । O उसके O बाद O वर्ष O 2013 B-NETI में O गैर O बैंकिंग O वित्तीय O कंपनी O ( O एनबीएफसी O ) O द्वारा O स्वर्ण O आयात O करने O और O स्वर्ण O ऋण O देने O से O संबंधित O मुद्दों O का O अध्ययन O करने O के O लिए O रिजर्व O बैंक O ने O एक B-NEN समूह O का O गठन O किया O था O । O वर्ष O 2015 B-NETI में O शुरू O किये O गये O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O के O ज्यादा O लोकप्रिय O नहीं O होने O के O कारण O इस O बार O के O बजट O में O इसमें O बदलाव O का O प्रस्ताव O किया O गया O है O । O आज B-NETI के O अधिकार O संपन्न O व O प्रबुद्ध O नागरिकों O की O सरकार O से O अपेक्षाएं O बढ़ O गईं O , O जिस O वजह O से O राज्य O स्तर O पर O भी O एक B-NEN सशक्त O शिकायत O निवारण O तंत्र O की O आवश्यकता O महसूस O हुई O । O उन्होंने O जिक्र O किया O है O कि O भारत B-NEL में O अंग्रेजों O के O आने O के O साथ O ; O 19वीं B-NETI शताब्दी I-NETI के O अंत O तक O स्वदेशी O संस्थान O विलुप्त O हो O गए O थे O । O ब्रिटिश O स्कूल O थोड़ी O सी O आवश्यकताओं O को O ध्यान O में O रखते O थे O , O मद्रास B-NEL प्रेसीडेंसी I-NEL के O लिए O सार्वजनिक O निर्देश O के O निदेशक O की O 1879 B-NETI - I-NETI 80 I-NETI की O रिपोर्ट O के O अनुसार O , O शिक्षण O संस्थानों O की O कुल O संख्या O 10,553 B-NEN थी O । O जब O 2020 B-NETI में O भारत B-NEL में O कोविड O की O पहली O लहर O आई O , O तो O हमने O पीपीई O , O मास्क O और O वेंटिलेटर O को O प्राप्त O करने O के O लिए O दुनिया O भर O में O संघर्ष O किया O । O 2021 B-NETI में O दूसरी O लहर O में O विदेशों O से O ऑक्सीजन O और O विशेष O दवाओं O की O माँग O में O समान O वृद्धि O देखी O गई O । O इसी O वजह O से O लोक O सेवा O गारंटी O अधिनियम O के O सफल O क्रियान्वयन O हेतु O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL को O वर्ष B-NETI 2013 I-NETI में O स्कॉच O अवार्ड O तथा O वर्ष B-NETI 2014 I-NETI में O स्टेट O ई O - O गवर्नेंस O अवार्ड O प्रदान O किया O गया O । O इन O चिंताओं O को O अनेक O आयोगों O और O समितियों O जैसे O विश्वविद्यालय B-NEO शिक्षा I-NEO आयोग I-NEO ( O 1948 B-NETI - I-NETI 49 I-NETI ) O , O माध्यमिक O शिक्षा O आयोग O ( O 1952 B-NETI - I-NETI 53 I-NETI ) O , O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O ( O 1968 B-NETI ) O , O राष्ट्रीय O शिक्षक O आयोग O ( O 1983 B-NETI - I-NETI 85 I-NETI ) O , O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O ( O 1986 B-NETI ) O , O जिसमें O 1992 B-NETI में O संशोधन O किया O गया O ( O एनपीई O 1986 O / O 92 O ) O और O राष्ट्रीय O पाठ्यक्रम O की O रूपरेखा O ( O 2005 B-NETI ) O में O उठाया O गया O । O क्वाक्कारेली O साइमंड्स O ( O क्यूएस O ) O वर्ल्ड O यूनिवर्सिटी O रैंकिंग O के O नवीनतम O संस्करण O के O अनुसार O , O 2019 B-NETI में O 21 B-NEN संस्थानों O की O तुलना O में O नवीनतम O संस्करण O में O 26 B-NEN भारतीय O विभाग O अपने O विषयों O की O शीर्ष O - O 100 B-NEN की O सूची O में O प्रवेश O कर O रहे O हैं O । O इसके O अलावा O , O पहली O बार O भारत B-NEL वैश्विक O नवाचार O सूचकांक O में O 48वें O रैंक O के O साथ O 50 B-NEN देशों O में O शामिल O है O , O भारत B-NEL वर्ष O 2015 B-NETI में O 81वें O स्थान O पर O रहा O था O । O एम्प्लॉयबिलिटी O ( O वैतनिक O कार्य O के O लिए O उपयुक्त O ) O रैंकिंग O 2020 B-NETI में O भी O , O भारत B-NEL ने O अपनी O रैंकिंग O को O 2020 B-NETI में O सुधार O कर O 15 B-NEN कर O लिया O है O जो O 2010 B-NETI में O 23 B-NEN पर O थी O , O यहां O तक O कि O ब्रिटेन B-NEL और O अमेरिका B-NEL जैसे O विकसित O देशों O के O विश्वविद्यालयों O में O भी O गिरावट O देखी O गई O । O एनईपी O 2020 B-NETI वैश्विक O नागरिकता O शिक्षा O - O ग्लोबल O सिटीजनशिप O एजुकेशन O ( O जीसीईडी O ) O के O अनुरूप O छात्रों O के O सशक्तिकरण O की O सिफारिश O करती O है O ताकि O वे O दुनिया O के O मुद्दों O को O समझते O हुए O ज्यादा O शांतिपूर्ण O , O सहनशील O , O समावेशी O , O सुरक्षित O और O संवहनीय O समाजों O को O सक्रियता O से O बढ़ावा O देने O वाले O बन O सकें O । O एनईपी O 2020 B-NETI लागू O करने O की O दिशा O में O प्रयास O : O सरकारें O और O संबंधित O संस्थाएं O एनईपी O 2020 B-NETI को O राष्ट्रीय O और O राज्यों O के O स्तर O पर O लागू O करने O के O लिये O दिशानिर्देश O विकसित O कर O रही O हैं O । O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O भारत B-NEL की O स्वाधीनता O के O 75 B-NETI वर्ष I-NETI पूरे O होने O के O उपलक्ष्य O में O आयोजित O पहल O है O । O विश्वविद्यालय B-NEO अनुदान I-NEO आयोग I-NEO - O युनिवर्सिटी B-NEO ग्रांट्स I-NEO कमीशन I-NEO ( O यूजीसी B-NEO ) O ने O राष्ट्रीय O पाठ्यक्रम O फ्रेमवर्क O और O दिशानिर्देश O 2020 B-NETI विकसित O किये O हैं O । O इसी O अवधि O में O और O 1947 B-NETI तक O एक B-NEN बहुत O ही O अनोखे O प्रकार O के O साहित्य O , O स्वतंत्रता O साहित्य O का O उदय O हुआ O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI : O अब O तक O की O यात्रा O आगे O का O रास्ता O " O योजना B-NEAR " O के O इस O संग्रहणीय O अंक O में O आजादी O मिलने O के O बाद O के O इन O 75 B-NETI वर्षों I-NETI में O विभिन्न O क्षेत्रों O में O कड़े O संघर्षों O , O कठिन O चुनौतियों O और O महान O सफलताओं O की O लंबी O यात्रा O की O संक्षिप्त O गाथा O संजोने O का O प्रयास O किया O गया O है O । O दूसरी O ओर O संस्थान O एनईपी O 2020 B-NETI को O लागू O करने O में O सहायता O की O जरूरत O महसूस O कर O रहे O हैं O । O आने B-NETI वाले I-NETI वर्षो I-NETI में O भारत B-NEL का O ही O नहीं O बल्कि O पूरे O विश्व O का O भाग्य O समाहित O है O । O 2017 B-NETI में O किए O गए O राष्ट्रीय O उपलब्धि O सर्वेक्षण O के O परिणामों O के O अनुसार O , O कक्षा O 3 B-NEN में O भाषा O और O संख्यात्मकता O में O क्रमशः O लगभग O 18 B-NEN प्रतिशत O और O 13 B-NEN प्रतिशत O और O कक्षा O 5 B-NEN में O भाषा O और O संख्यात्मकता O में O 15 B-NEN प्रतिशत O और O 18 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O बुनियादी O स्तर O से O नीचे O हैं O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI और O निपुण O भारत B-NEL मिशन O : O इस O लेख O में O , O हम O भारतीय O कला O और O संस्कृति O पर O दो B-NEN प्रमुख O प्रभावों O - O मुगल O शासन O ( O 13वीं O शताब्दी O के O बाद O और O यूरोपीय O शासन O ; O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI से O आगे O ) O की O संक्षेप O में O समीक्षा O करेंगे O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI ने O वर्तमान O शिक्षा O प्रणाली O में O एक B-NEN आदर्श O बदलाव O की O सिफारिश O की O है O । O तीसरा O विकल्प O यह O है O कि O वे O एनईपी O 2020 B-NETI से O भी O आगे O जाकर O समुदाय O को O संस्थान O के O करीब O लाने O के O लिये O नये O तौरतरीके O इजाद O करें O । O कम O हिस्सेदारी O वाली O बोर्ड O परीक्षा O , O रचनात्मक O आकलन O पर O जोर O , O सभी O चरणों O में O अनुभवात्मक O शिक्षा O , O बच्चों O के O बीच O विवेचनात्मक O सोच O , O रचनात्मकता O तथा O जिज्ञासा O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O नवीन O तथा O गतिविधि O - O आधारित O शिक्षा O और O मूलभूत O शिक्षा O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O जैसी O क्रांतिकारी O सिफारिशों O के O साथ O , O इस O नीति O में O शिक्षा O प्रणाली O को O बदलने O और O इसे O 21वीं B-NETI सदी I-NETI की O आकांक्षाओं O के O अनुरूप O बनाने O की O परिकल्पना O की O गई O है O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI की O प्रमुख O सिफारिशों O में O से O एक B-NEN - O ग्रेड O 3 B-NEN के O अंत O में O सभी O बच्चों O के O मूलभूत O कौशल O हासिल O करने O पर O जोर O देना O है O । O उपरोक्त O चुनौतियों O का O समाधान O करने O और O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI में O परिकल्पित O मूलभूत O साक्षरता O प्राप्त O करने O के O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O के O लिए O , O स्कूल B-NEO शिक्षा I-NEO और I-NEO साक्षरता I-NEO विभाग I-NEO ने O 5 B-NETI जुलाई I-NETI 2021 I-NETI को O " O निपुण O भारत B-NEL " O ( O समझ O और O संख्या O के O साथ O पढ़ने O में O प्रवीणता O के O लिए O राष्ट्रीय O पहल O ) O नामक O एक B-NEN राष्ट्रीय O मिशन O शुरू O किया O है O । O निपुण O भारत B-NEL मिशन O का O दृष्टिकोण O आधारभूत O साक्षरता O और O संख्यात्मकता O ( O एफएलएन O ) O के O सार्वभौमिक O अधिग्रहण O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O सक्षम O वातावरण O बनाना O है O , O ताकि O अगले B-NETI पांच I-NETI साल I-NETI में O प्रत्येक O बच्चा O कक्षा O 3 B-NEN के O अंत O में O पढ़ने O , O लिखने O और O अंकगणित O में O वांछित O पठन O की O क्षमता O प्राप्त O कर O सके O । O एनईपी O 2020 B-NETI में O ज्ञानार्जन O के O तार्किक O लक्ष्य O को O भी O स्पष्ट O किया O गया O है O । O किसानों O को O परेशानी O मुक्त O और O समय O पर O ऋण O प्रदान O करने O के O लिए O सितंबर B-NETI 2016 I-NETI तक O , O पांच B-NEN करोड़ I-NEN किसान O क्रेडिट O कार्ड O ( O केसीसी O ) O जारी O किये O गये O हैं O । O जनवरी B-NETI 2006 I-NETI में O आरबीआई B-NEO ने O वाणिज्यिक O बैंकों O को O वित्तीय O और O बैंकिंग O सेवाएं O प्रदान O करने O के O लिए O मध्यस्थों O के O रूप O में O गैर O - O सरकारी O संगठनों O ( O / O एसएचजी O ) O , O लघु O ऋण O संस्थानों O और O नागरिक O समाज O के O अन्य O संगठनों O की O सेवाओं O का O उपयोग O करने O की O अनुमति O दी O । O मिशन O में O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI के O अंतर्निहित O उद्देश्य O को O ध्यान O में O रखा O गया O है O और O शिक्षार्थियों O के O समग्र O विकास O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O गया O है O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI : O शिक्षा O प्रणाली O में O परिवर्तनकारी O सुधार O यह O आरबीआई B-NEO का O लक्ष्य O है O कि O वह O 2020 B-NETI तक O 60 B-NEN करोड़ I-NEN नये O ग्राहकों O के O खाते O खोले O और O आईटी O का O लाभ O उठाते O हुए O उन्हें O विभिन्न O सेवाएं O प्रदान O करे O । O 2030 B-NETI तक O स्कूली O शिक्षा O में O 100% B-NEN सकल O नामांकन O अनुपात O प्राप्त O करने O का O लक्ष्य O । O यह O पुरुषों O के O मुकाबले O ( O जो O इसके O लिए O 52 B-NETI मिनट I-NETI देते O हैं O ) O 57.7 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O और O दक्षिण B-NEL अफ्रीका I-NEL तथा O चीन B-NEL की O महिलाओं O की O तुलना O में O 40 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O ( O ओईसीडी B-NEO के O आंकड़े O ) O । O 2025 B-NETI तक O 3 B-NETI से I-NETI 6 I-NETI साल O के O बीच O सभी O बच्चों O को O शिक्षा O । O यह O समस्या O कितनी O गंभीर O है O इसका O अनुमान O इस O बात O से O लगाया O जा O सकता O है O कि O भारत B-NEL में O 11 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O ग्रामीण - महिलाएं O गरीबी O रेखा O से O नीचे O जीवनयापन O करने O को O अभिशप्त O हैं O ( O पूर्ववर्ती - योजना B-NEO आयोग I-NEO का O अनुमान O , - 2004 B-NETI - I-NETI 05 I-NETI ) O । O 3 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O आयु O वर्ग O के O बच्चों O के O लिए O 5+3+3+4 B-NEN की O एक B-NEN नई O शैक्षणिक O और O पाठ्यक्रम O संरचना O तैयार O की O जाएगी O । O भारत B-NEL में O 70 B-NEN प्रतिशत O बारिश O मानसून - के O मौसम O में O होती O है O और O मानसून - की O अधिकता O या O कमी O में O भी O भौगोलिक - क्षेत्र O के O अनुसार O हर - साल B-NETI अंतर O आता O रहता O है O । O इसी O का O नतीजा O है O कि O भारत B-NEL की O 42 B-NEN प्रतिशत O जमीन O बाढ़ O की O आशंका O वाले O क्षेत्र O के O अंतर्गत O आती O है O ( O प्रारंभिक O सूखा O चेतावनी O प्रणाली O रिपोर्ट O : - मार्च B-NETI 2019 I-NETI ) O । O साथ O ही O नयी O सरकार O ने O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI के O प्रारंभ O में O ही O 1000 B-NEN सीटों O की O क्षमता O वाले O ' O ग्रीवांस O सेल O ' O को O लखनऊ B-NEL में O स्थापित O करने O का O प्रस्ताव O पास O किया O है O , O जिसके O माध्यम O से O स्थानीय O स्तर O पर O किए O जा O रहे O लोक O कार्यों O के O संबंध O में O शिकायत O की O जा O सकेगी O । O बिहार B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O सर्व O साधारण O की O शिकायतों O का O एक B-NEN निश्चित O समय O - O सीमा O में O समाधान O कराने O के O उद्देश्य O से O 5 B-NETI जून I-NETI 2016 I-NETI से O पूरे O राज्य O में O बिहार O लोक O शिकायत O निवारण O अधिनियम O लागू O किया O गया O है O । O इस O कानून O के O अंतर्गत O सभी O आवेदकों O को O 60 B-NETI दिनों I-NETI में O शिकायतों O की O सुनवाई O , O उनके O निवारण O का O अवसर O तथा O उस O पर O निर्णय O की O सूचना O प्राप्त O होने O का O कानूनी O अधिकार O प्राप्त O हो O गया O है O । O फिलहाल O सांकेतिक O राशि O वापस O किए O जाने O और O 1 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2018 I-NETI से O उसे O ई O - O वॉलेट O में O समायोजित O किए O जाने O से O निर्यातकों O की O नकदी O की O समस्या O का O स्थायी O समाधान O हो O जाएगा O । O विगत O 1 B-NETI वर्ष I-NETI में O लगभग O 1.50 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O व्यक्ति O पेयजल O , O सफाई O , O शौचालय O निर्माण O , O बिजली O संबंधी O मामले O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O जैसे O मुद्दों O से O जुड़े O कल्याणकारी O कार्यक्रमों O के O संबंध O में O अपनी O समस्याओं O के O समाधान O हेतु O शिकायतों O को O इस O अधिनियम O के O तहत O दर्ज O करा O चुके O हैं O । O एनसीटीई B-NEO द्वारा O शिक्षकों O के O लिए O राष्ट्रीय O व्यावसायिक O मानकों O ( O एनपीएसटी O ) O का O एक B-NEN सामान्य O मार्गदर्शक O सेट O 2022 B-NETI तक O विकसित O कराया O जाएगा O । O इस O स्थिति O को O देखते O हुए O 2016 B-NETI में O ई O - O कबाड़ O नियमों O में O संशोधन O कर O संग्रह O के O लक्ष्य O निर्धारित O किये O गये O । O झारखण्ड B-NEL एवं O छत्तीसगढ़ B-NEL राज्यों O का O गठन O वर्ष B-NETI 2000 I-NETI में O किया O गया O । O 2025 B-NETI तक O , O स्कूल O और O उच्च O शिक्षा O प्रणाली O के O माध्यम O से O कम O - O से O - O कम O 50% B-NEN शिक्षार्थियों O को O व्यावसायिक O शिक्षा O से O परिचय O एवं O ज्ञान O होगा O । O झारखंड B-NEL में O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O पोर्टल O का O शुभारंभ O मुख्यमंत्री O द्वारा O किया O गया O , O जनता O अपनी O शिकायत O झारखंड B-NEL शिकायत O पोर्टल O जनसंवाद O पर O ऑनलाइन O दर्ज O करा O सकती O है O । O इसी O के O साथ O अमानत O वापसी O प्रणाली O ( O डीआरएस O ) O की O भी O शुरुआत O की O गयी O ( O भारत B-NEO सरकार I-NEO , O 2016 B-NETI ) O । O वित्त O मंत्री O ने O बताया O कि O रोजगार O सृजन O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O सरकार O 3 B-NETI वर्ष I-NETI तक O कर्मचारी O भविष्य O निधि O में O नए O कर्मचारियों O के O वेतन O का O 8.33 B-NEN प्रतिशत O अनुदान O कर O रही O है O । O युवाओं O को O देश O का O मूल्यवान O मानव O संसाधन O मानते O हुए O केंद्रीय O वित्त O मंत्री O ने O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O बजट O में O युवाओं O में O सक्षमता O निर्माण O , O कौशल O विकास O , O रोजगार O सृजन O , O स्वरोजगार O और O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O भौतिक O व O प्राकृतिक O संसाधनों O के O अनुरूप O उद्योग O स्थापना O हेतु O आधारभूत O अवसंरचना O के O विकास O एवं O 70 B-NEN लाख I-NEN नयी O नौकरियों O के O सृजन O का O लक्ष्य O रखा O है O । O लिहाजा O , O वर्ष O 2018 B-NETI में O नियमों O में O संशोधन O कर O लक्ष्य O को O पहले O दो B-NEN वर्षों O में O 10 B-NEN प्रतिशत O और O सातवें O साल O के O अंत O तक O 70 B-NEN प्रतिशत O किया O गया O । O गुजरात B-NEL में O वर्ष B-NETI 2003 I-NETI में O शुरू O किए O गए O स्वागत O ऑनलाइन O कार्यक्रम O के O तहत O आम O नागरिकों O की O ओर O से O प्रस्तुत O शिकायतों O के O संबंध O में O तहसील O एवं O जिला O प्रशासन O तंत्र O के O अधिकारियों O और O संबंधित O विभाग O के O सचिव O सहित O राज्यस्तरीय O अधिकारियों O की O मौजूदगी O में O प्रतिमाह B-NETI चौथे I-NETI गुरुवार I-NETI को O मुख्यमंत्री O जनशिकायतों O का O निबटारा O करते O हैं O । O वर्ष O 2018 B-NETI के O संशोधन O में O उत्पादक B-NEO जिम्मेदारी I-NEO संगठनों I-NEO ( O पीआरओ B-NEO ) O के O पंजीकरण O का O प्रावधान O भी O किया O गया O । O शिक्षा O के O प्रसार O के O लिए O सरकार O ने O शिक्षा O के O अधिकार O अधिनियम O के O अंतर्गत O 6 B-NEN से O 14 B-NETI वर्ष I-NETI तक O के O बच्चों O को O कक्षा O पहली O से O आठवीं O तक O निःशुल्क O और O अनिवार्य O शिक्षा O की O व्यवस्था O की O है O । O शैक्षिक O व्यवस्था O को O सुदृढ़ O करने O के O लिए O मोदी B-NEO सरकार I-NEO ने O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O शिक्षा O के O अधिकार O के O दायरे O को O बढ़ाते O हुए O टुकड़ों O में O बँटी O स्कूली O शिक्षा O को O एकत्रित O करते O हुए O , O नर्सरी O से O 12वीं O तक O की O शिक्षा O को O व्यावहारिक O बनाने O की O योजना O बनाई O है O । O इनमें O संग्रह O और O रिसाइक्लिंग O के O सबसे O किफायती O अनुबंध O के O लिये O बातचीत O से O लेकर O पहुंच O और O जागरूकता O बढ़ाने O की O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O उत्पादकों O की O मदद O करना O तक O शामिल O है O ( O सीआरबी B-NEO और O द B-NEO ग्रीन I-NEO इलेक्ट्रॉनिक्स I-NEO काउंसिल I-NEO , O 2018 B-NETI ) O । O खराब O कार्य O स्थितियों O में O काम O करने O वाला O यह O क्षेत्र O विखंडन O और O रिसाइक्लिंग O के O लिये O 38 B-NEN अपरिष्कृत O तकनीकों O पर O निर्भर O है O ( O भारत B-NEO सरकार I-NEO , O 2019 B-NETI ) O । O एक B-NEN - O एक B-NEN शब्द O को O गढ़ने O में O शताब्दियां B-NETI लगती O हैं O जो O मां O की O सांसों O से O अगली O पीढ़ी O तक O पहुंचती O है O , O दादी O की O कहानियों O में O होती O है O , O कहावत O में O होती O है O । O अप्रशिक्षित O शिक्षकों O को O 2019 B-NETI तक O प्रशिक्षित O करने O की O समय O सीमा O निर्धारित O की O गई O है O । O वर्ष B-NETI 1996 I-NETI से O इसीलिए O दुनिया O भर O में O मातृभाषा O दिवस O भी O 21 B-NETI फरवरी I-NETI को O मनाया O जाता O है O । O इसमें O कोई O संदेह O नहीं O कि O भारत B-NEL में O धीरे O - O धीरे O संकट O जैसी O स्थिति O बन O रही O है O , O क्योंकि O भारतीय O अर्थव्यवस्था O प्रत्येक O वर्ष O बढ़ O रहे O एक B-NEN करोड़ I-NEN से O एक B-NEN करोड़ I-NEN 20 O लाख B-NEN बेरोजगारों O के O लिए O रोजगार O के O अवसर O सृजित O करने O में O असफल O रही O है O । O निस्संदेह O , O सरकारें O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O विनिर्माण O क्षेत्र O की O हिस्सेदारी O 25 B-NEN फीसदी O से O बढ़ाने O को O लेकर O प्रयास O करती O रही O हैं O , O लेकिन O यह O हिस्सेदारी O 15 B-NEN - O 16 B-NEN प्रतिशत O से O आगे O बढ़ O नहीं O पा O रही O है O । O कई O लेखक O ऐसे O हैं O जो O उपन्यास O और O कहानी O दोनों B-NEN क्षेत्रों O में O सक्रिय O हैं O । O कई O ऐसे O क्षेत्र O हैं O , O जिनमें O कारोबार O एक B-NEN निश्चित O अवधि O के O लिए O हो O पाता O है O । O कारोबारियों O द्वारा O ऐसी O नियुक्तियों O को O प्रोत्साहित O करने O के O लिए O बजट O में O अतिरिक्त O कार्यबल O पर O होने O वाले O व्यय O पर O 130 B-NEN प्रतिशत O तक O की O भारी O कटौती O की O अनुमति O दी O गयी O है O । O विनिर्माण O क्षेत्र O को O बजट O में O समर्थन O दिये O जाने O का O एक B-NEN और O मजबूत O संकेत O इस O बात O से O मिलता O है O कि O 40 B-NEN से O अधिक O श्रम O - O प्रधान O उत्पादों O में O घरेलू O मूल्य O - O संवर्धन O को O प्रोत्साहित O करने O के O वास्ते O सीमा O शुल्क O में O बढ़ोतरी O ( O पांच B-NEN से O 15 B-NEN प्रतिशत O ) O की O गयी O है O । O इसमें O नये O कर्मचारियों O की O भविष्य O निधि O का O जिम्मा O तीन B-NEN साल O तक O सरकार O द्वारा O उठाने O के O प्रावधान O किये O गये O हैं O । O भारत B-NEL की O स्वतंत्रता O के O बाद O के O पहले O दो B-NEN दशकों O में O , O जब O वह O विकास O और O आधुनिकता O के O पथ O पर O अग्रसर O हो O रहा O था O , O तो O कई O भाषाओं O में O कविताओं O , O कहानियों O , O उपन्यासों O और O नाटकों O में O कृषि O समाज O को O सामने O रखते O हुए O ग्रामीण O परिदृश्य O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O । O उनके O उपन्यास O ' O बोसकी B-NEAR का I-NEAR कौआनामा I-NEAR ' O में O एक B-NEN कौए O का O दिलचस्प O किस्सा O है O । O अगले O तीन B-NEN दशकों O में O रचित O कहानियों O और O उपन्यासों O में O समाज O के O सामने O आने O वाली O नई O समस्याओं O - O श्रम O संबंधी O मुद्दों O , O महिलाओं O की O नौकरी O संबंधी O परेशानियां O इत्यादि O को O उजागर O किया O गया O । O उनका O पद्यनाटक O ' O ढोल O बजा O ' O बेशक O एक B-NEN अच्छा O और O यादगार O नाटक O है O , O जिसे O खेलना O बच्चों O को O एक B-NEN आनंदकारी O अनुभव O लगेगा O । O ऐसा O इसलिए O भी O है O कि O भारत B-NEL वास्तव O में O एक B-NEN युवा O देश O है O , O यहां O की O जनसंख्या O में O युवाओं O की O संख्या O काफी O अधिक O है O । O यहां O तक O कि O इस O शैली O में O , O एक B-NEN भाषा O से O दूसरी B-NEN भाषाओं O में O अनुवाद O भी O रुचिकर O होता O है O । O बीस B-NEN साल O पहले O की O धारणा O के O विपरीत O , O भारतीय O साहित्य O ने O पश्चिमी O शैली O को O नहीं O अपनाया O और O कई O भाषाओं O में O बड़ी O संख्या O में O पौराणिक O कथाओं O की O रचना O को O प्रमुखता O दी O और O 21वीं B-NEN सदी O की O संवेदनाओं O के O अनुरूप O इसे O प्रस्तुत O करना O इसका O एक B-NEN उदाहरण O है O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O हिंदी O बाल O साहित्य O में O एक B-NEN नई O पीढ़ी O के O आने O की O आहट O सुनाई O दे O रही O है O , O जिसने O बहुत O कुछ O बदले O हुए O अंदाज O में O बच्चों O के O लिए O एक B-NEN से O एक B-NEN सुंदर O कविताएं O और O कहानियां O लिखी O हैं O । O उम्मीद O है O , O नई O पीढ़ी O के O सृजन O की O भट्टी O में O ढलकर O बाल O साहित्य O की O उपेक्षित O विधाओं O में O भी O एक B-NEN से O एक B-NEN नई O और O हृदय O को O छूने O वाली O रचनाएं O सामने O आएंगी O । O ऊर्जा O बास्केट O में O जीवाश्म O ईंधन O की O औसत O वैश्विक O हिस्सेदारी O 84 B-NEN प्रतिशत O है O जो O भारत B-NEL के O लिये O और O भी O अधिक O है O । O कर्ज O देने O के O मामले O में O मंदी O का O एक B-NEN प्रमुख O कारण O बैंकों O की O बेलेंस O शीट O ( O तुलन O पत्र O ) O में O गैर O निष्पादित O परिसंपत्तियों O ( O एनपीए O ) O की O तेजी O से O वृद्धि O है O । O एससीबी B-NEO ( O अनुसूचित O वाणिज्यिक O बैंकों O ) O के O बकाया O कर्ज O के O बाजार O शेयर O का O लगभग O 72 B-NEN फीसदी O हिस्सा O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ( O पीएसबी B-NEO ) O का O है O । O भारत B-NEL के O विभिन्न O बुद्धिजीवी O और O विशेषज्ञ O , O जलवायु O वार्ताकार O , O कॉरपोरेट O और O पर्यावरण O संबंधी O एजेंसियां O एवं O संगठन O ' O शुद्ध O शून्य B-NEN कार्बन O उत्सर्जन O " O की O अवधारणा O और O इसे O प्राप्त O करने O के O उपयुक्त O लक्ष्य O वर्ष O पर O विचार O कर O रहे O हैं O । O प्राकृतिक O गैस O : O एक B-NEN बेहतर O विकल्प O के O रूप O में O वित्तीय O वर्ष O - O की O पहली O तिमाही O के O मुकाबले O दूसरी O तिमाही O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O खराब O कर्ज O लगभग O 7.33 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ज्यादा O था O जबकि O 17 B-NEN निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O का O बुरा O कर्ज O 10.5 B-NEN फीसदी O बढ़कर O 1.06 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O पहुंच O गया O । O अनुसूचित O व्यावसायिक O बैंकों O ( O एससीबी O ) O के O अग्रिम O में O पांच B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O उससे O अधिक O की O सीमा O वाले O बडे O उधारकर्ताओं O का O हिस्सा O 56 B-NEN फीसदी O है O , O लेकिन O उनके O एनपीए O का O हिस्सा O 86.5 B-NEN फीसदी O है O । O एनपीए O में O अधिकतम O गिरावट O उन O खातों O में O ( O संख्या O और O राशि O , O दोनों O में O ) O आयी O है O जिनकी O बकाया O राशि O 20 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O 50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O बीच O है O और O उसके O बाद O उन O खातों O में O जिनकी O बकाया O राशि O 50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O 100 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O बीच O है O । O प्राकृतिक O गैस O का O उपयोग O एक B-NEN व्यवहार्य O संभावना O है O क्योंकि O यह O कोयला O खदानों O को O बंद O करने O पर O विपरीत O परिस्थितियां O उत्पन्न O नहीं O होने O देगी O । O शीर्ष O 100 B-NEN बड़े O उधारकर्ता O ( O बकाया O अग्रिम O वाले O ) O सकल O अग्रिम O का O लगभग O 15.2 B-NEN फीसदी O हैं O लेकिन O 100 B-NEN शीर्ष O गैर O - O निष्पादित O खातों O में O उनका O हिस्सा O एससीबी O के O सकल O एनपीए O का O 25.6 B-NEN फीसदी O है O । O हैरानी O की O बात O नहीं O कि O बुरे O कर्ज O के O इस O ढेर O में O सरकारी O स्वामित्व O वाले O बैंकों O की O फंसी O परिसंपत्तियों O का O हिस्सा O लगभग O 90 B-NEN फीसदी O है O । O मलयालम B-NEL के O सबसे O पुराने O श्रेण्य O ग्रंथों O में O से O एक B-NEN , O चेम्मीन B-NEAR , O दक्षिण O भारतीय O उपन्यासों O में O पहला B-NEN उपन्यास O है O जिसका O अनुवाद O किया O गया O और O इसे O काफी O प्रशंसा O मिली O । O लाहौल B-NEL - I-NEL स्पीति I-NEL में O समुद्र O तल O से O 15,256 B-NEN फुट O की O ऊंचाई O पर O स्थित O साधारण O - O सा O गांव O ताशिंगंग B-NEL की O अनोखी O विशेषता O यह O रही O है O कि O यहां O दुनिया O का O सबसे O अधिक O ऊंचाई O पर O स्थित O मतदान O केन्द्र O है O । O अब O वे O दिन O लद O चुके O हैं O जब O केवल O टैगोर O और O प्रेमचंद O जैसे O साहित्यकारों O की O रचनाओं O का O ही O अनुवाद O किया O जाता O था O और O दक्षिण O , O उत्तर O पूर्व O तथा O आदिवासी O समाजों O के O जटिल O साहित्य O का O एक B-NEN बडा O हिस्सा O विशेष O ध्यान O आकर्षित O नहीं O कर O पाता O था O । O ऐसे O में O अगर O यहां O दिन O का O तापमान O शून्य B-NEN से O 10 B-NEN डिग्री O कम O हो O तो O मौसम O गुनगुनी O धूप O वाला O खुशनुमा O और O सुहाना O माना O जाता O है O । O हाल O में O इसने O एक B-NEN और O असंभव O को O संभव O कर O दिखाया O है O । O हिन्दी O साहित्य O की O गद्य O विधाओं O में O उपन्यास O और O कहानी O का O जो O विकास O स्वातंत्र्योत्तर O युग O में O हुआ O उसमें O भी O इन O दोनों B-NEN प्रवृत्तियों O का O टकराव O दिखाई O देता O है O । O आज़ादी O के O बाद O हिन्दी O साहित्य O की O विभिन्न O विधाओं O में O आंदोलनों O का O एक B-NEN दौर O आया O जिसमें O एक B-NEN ओर O नई O कविता O और O नई O कहानी O का O उत्थान O हुआ O तो O दूसरी O ओर O प्रगतिशील O और O जनवादी O कथा O लेखन O और O कविता O का O विकास O हुआ O । O एक B-NEN ओर O राजनैतिक O संदर्भ O में O देश O में O संविधान O लागू O हुआ O तथा O उसके O साथ O ही O लोकसभा O तथा O विधानसभाओं O के O चुनाव O हुए O जिससे O देश O में O लोकतंत्र O स्थापित O हुआ O । O इन O दोनों B-NEN विधाओं O के O नए O विकास O को O स्थापित O करने O वाले O लेखकों O में O कविता O के O क्षेत्र O में O एक B-NEN ओर O सप्तकों O की O परंपरा O आगे O बढ़ी O जिनके O माध्यम O से O अनेक O नए O कवि O सामने O आए O । O इन O कवियों O की O रचनाओं O में O एक B-NEN ओर O सामाजिकता O का O नया O रूप O सामने O आया O तो O दूसरी O ओर O रोमानियत O की O भी O अभिव्यक्ति O दिखाई O देती O है O । O जहां O एक B-NEN ओर O पिछले O 70 B-NEN साल O में O देश O भर O में O 3.23 B-NEN करोड I-NEN परिवारों O को O पानी O के O कनेक्शन O दिये O गये O , O वहीं O जल O जीवन O मिशन O की O शुरुआत O के O एक B-NEN साल O में O ही O 3.73 B-NEN करोड I-NEN से O अधिक O परिवारों O को O नलों O से O स्वच्छ O पेयजल O उपलब्ध O करा O दिया O गया O । O पिछले O साल O देश O में O 81,154 B-NEN गांवों O , O 41,835 B-NEN पंचायतों O , O 669 B-NEN ब्लॉकों O , O 52 B-NEN जिलों O और O दो B-NEN राज्यों O में O शत B-NEN - O प्रतिशत O परिवारों O को O पीने O के O पानी O के O कनेक्शन O उपलब्ध O कराने O में O कामयाबी O हासिल O कर O ली O । O वैसे O तो O आंकडों O से O ही O सारी O स्थिति O स्पष्ट O हो O जाती O है O , O लेकिन O इसकी O पुष्टि O के O लिए O एक B-NEN निष्पक्ष O पार्टी O की O जांच O से O बेहतर O और O कुछ O नहीं O हो O सकता O । O कला O का O उद्देश्य O व्यक्ति O को O रोज़मर्रा O के O दुनियादारी O के O कामों O और O दुःखों O से O थोड़े O समय O के O लिए O अलग O ले O जाकर O उसे O एक B-NEN आदर्श O , O आनंदप्रद O और O उपचार O सौन्दर्य O की O वैकल्पिक O दृष्टि O प्रदान O करना O है O । O उसके O बाद O बैंकिंग O क्षेत्र O की O क्षमता O एवं O प्रशासन O सुधारने O के O उद्देश्य O से O एक B-NEN के O बाद O कई O सुधार O किये O गये O । O एक B-NEN समय O सरकार O को O लगा O कि O वैश्विक O चलन O की O तर्ज O पर O अन्य O क्षेत्रों O की O तरह O बैंकिंग O क्षेत्र O में O भी O निजीकरण O होना O चाहिए O । O बाद O में O धनशोधन O अक्षमता O और O दिवालिया O कानून O ने O एनपीए O की O समस्या O सुलझाने O का O एक B-NEN और O रास्ता O मुहैया O कराया O । O आधुनिक O बैंकिंग O विशेषकर O नकद O रहित O अर्थव्यस्था O और O बैंकिंग O लेनदेन O के O डिजिटलीकरण O के O दौर O में O साइबर O सुरक्षा O चिंता O का O एक B-NEN और O विषय O है O । O एक B-NEN और O पाठ O हमें O यह O भी O मिला O कि O देश O की O क्षेत्रीय O अखंडता O की O रक्षा O के O लिए O आधुनिकतम O हथियारों O से O पूरी O तरह O लैस O सेना O सबसे O बड़ी O आवश्यकता O है O और O गर्मियों O की O वर्दी O , O कैनवेस O ( O कपड़े O के O ) O जूते O और O पुरानी O पड़ O चुकी O थ्री B-NEN - O नॉट B-NEN - O थ्री B-NEN ली O - O एनफील्ड O रायफलों O के O दम O पर O आधुनिक O हथियारों O से O लैस O चीन B-NEL की O विशाल O सेना O से O सीमाओं O की O रक्षा O नहीं O की O जा O सकती O । O ग्रामीण O बैंकिंग O भी O चिंता O का O एक B-NEN और O विषय O है O क्योंकि O दुर्गम O होने O के O कारण O कई O क्षेत्रों O में O अब O भी O बैंकिंग O सेवाएं O उपलब्ध O नहीं O हैं O । O अर्थशास्त्रियों O और O नीति O निर्माताओं O को O बैंकिंग O सुधारों O की O अवधारणा O एक B-NEN समस्या O लग O सकती O है O लेकिन O बैंक O वह O स्थान O है O , O जहां O लोग O विश्वास O के O साथ O अपनी O मेहनत O की O कमाई O रखते O हैं O । O भारतीय O संस्कृति O का O मूर्तरूप O एक B-NEN जीते O - O जागते O व्यक्ति O में O निहित O दिखता O है O जो O ना O केवल O संस्कृति O के O प्रतिमानों O की O व्याख्या O करता O है O बल्कि O स्वयं O में O एक B-NEN संदर्भ O इकाई O के O तौर O पर O भी O होता O है O । O वे O प्रतिमान O अथवा O मानक O तब O तक O अर्थहीन O हैं O , O जब O तक O कि O उन्हें O कम O से O कम O वैचारिक O तौर O पर O मानवीय O बोली O एवं O कृत्यों O में O परिवर्तित O ना O किया O जाए O , O और O इस O संदर्भ O में O मस्तिष्क O , O बोली O एवं O कृत्य O एक B-NEN संयुक्त O इकाई O के O रूप O में O सामने O आते O हैं O । O ऋग्वेद B-NEAR की O एक B-NEN प्रार्थना O है O , O ' O वाणी O पूर्णतया O मस्तिष्क O में O स्थित O है O और O मस्तिष्क O पूर्णतया O वाणी O में O स्थापित O है O ' O । O स्वाधीनता O प्राप्ति O के O बाद O के O दौर O में O विकास O के O प्रति O भारत B-NEL के O दृष्टिकोण O का O उदाहरण O प्रकट O करने O वाली O ऐसी O एक B-NEN संस्था O - O योजना O आयोग O थी O । O सदियों O तक O चलती O आई O कठिन O और O गूढ़ O वाचन O व्यवस्था O के O आधार O पर O एक B-NEN भी O अक्षर O को O खोए O बिना O वेदों O को O संरक्षित O रखा O गया O था O । O हालांकि O भारत B-NEL के O विकास O के O अति O महत्वपूर्ण O समान O लक्ष्य O के O प्रति O इन O दोनों B-NEN संस्थाओं O के O अधिदेश O और O दृष्टिकोण O में O काफी O अंतर O है O । O भारत B-NEL में O वस्त्र O उद्योग O का O विनिर्माण O में O 13.5 B-NEN प्रतिशत O और O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O 2.1 B-NEN प्रतिशत O योगदान O है O । O अहम O बात O यह O है O कि O परिधान O विनिर्माण O क्षेत्र O में O काम O कर O रहे O कर्मचारियों O में O 70 B-NEN प्रतिशत O महिलाएं O हैं O । O ऐसी O कविता O का O ढांचा O सुगठित O और O इतना O सटीक O होता O है O कि O यदि O आप O उसमें O एक B-NEN शब्द O भी O जोड़ें O या O घटाएं O , O उसका O ढांचा O बिगड़ O जाता O है O । O वस्त्र O उद्योग O एक B-NEN समान O कम O कर O ढांचे O की O मांग O लगातार O कर O रहा O था O । O बैंकिंग O सेक्टर O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O हमें O आने O वाले O वक्त O में O तीन B-NEN क्षेत्रों O में O काम O करने O की O जरूरत O है O : O बैंकों O के O गवर्नेंस O में O सुधार O , O सेक्टर O में O प्रतिस्पर्धा O को O बढ़ावा O देना O और O कॉरपोरेट O बॉन्ड O मार्केट O विकसित O करना O , O ताकि O बैंकों O पर O उधारी O के O स्रोत O के O रूप O में O दबाव O कम O हो O सके O । O आरंभ O में O कपास O और O अन्य O प्राकृतिक O रेशों O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O प्राकृतिक O धागों O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O , O मानव O निर्मित O धागों O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O , O सभी O प्रकार O के O बुने O हुए O कपड़े O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O , O 1,000 B-NEN रुपये O से O कम O कीमत O के O परिधान O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O और O इससे O अधिक O कीमत O के O परिधान O पर O 12 B-NEN प्रतिशत O , O जॉब O वर्क O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O और O कालीन O एवं O कपड़े O से O बनी O दरी O आदि O पर O 12 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O तय O किया O गया O था O । O वस्त्र O व्यापार O एवं O उद्योग O के O संगठनों O ने O दर O पर O चिंता O जताई O और O कपड़े O से O बने O विभिन्न O सामान O , O माल O के O हस्तांतरण O , O निर्यात O को O कर O से O छूट O देने O , O रुके O हुए O करों O की O वापसी O करने O , O मानव O निर्मित O धागे O समेत O परिधान O तैयार O होने O तक O मूल्यवर्धन O के O सभी O चरणों O में O जॉब O वर्क O के O लिए O 5 B-NEN प्रतिशत O दर O तय O करने O की O मांग O की O । O इसके O जरिये O उसने O 80 B-NEN फीसदी O से O ज्यादा O बैंक O शाखाओं O पर O नियंत्रण O हासिल O कर O लिया O था O । O वस्त्र O उद्योग O के O संगठनों O का O दावा O था O कि O इस O उद्योग O पर O जीएसटी O विशेषकर O प्रतिलोम O कर O यानी O मानव O निर्मित O रेशों O से O बने O धागे O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O और O कपड़े O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O , O जॉब O वर्क O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O और O 18 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O तथा O आयात O शुल्क O में O कमी O ( O 29 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 15 B-NEN प्रतिशत O ) O के O कारण O कीमतें O बढ़ O गई O हैं O अथवा O प्रतिस्पर्धा O योग्य O नहीं O रह O गई O है O , O उत्पादन O और O निर्यात O घट O गया O है O , O उद्योग O बंद O हो O रहे O हैं O और O बेरोजगारी O फैल O रही O है O । O इस O समूह O में O 28 B-NEN क्षेत्रीय O जीनोम O अनुक्रमण O प्रयोगशालाएं O शामिल O हैं O । O इस O समूह O के O गठन O का O मकसद O भारत B-NEL में O होने O वाले O कोविड O - O 19 O संक्रमणों O से O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN का O अनुक्रमण O है O । O प्राथमिकता O वाले O क्षेत्रों O को O कर्ज O देने O में O 14 B-NEN से O 41 B-NEN फीसदी O के O बीच O बढ़ोतरी O हुई O । O इस O तरह O से O तकरीबन O 90 B-NEN फीसदी O बैंकों O का O नियंत्रण O सरकार O के O पास O हो O गया O और O लंबे O समय O तक O यह O मामला O बना O रहा O । O इन O 46404 B-NEN में O से O 35014 B-NEN वायरल O जीनोम O अनुक्रमों O को O जीआईएसएआईडी B-NEAR में O आईएनएसएसीओजी B-NEO के O टैग O के O साथ O साझा O किया O गया O है O । O भारत B-NEL से O अब O तक O 46404 B-NEN वायरल O जीनोम O अनुक्रमों O को O वैश्विक O अनुक्रम O भंडार O “ O जीआईएसएआईडी O ' O के O साथ O साझा O किया O जा O चुका O है O । O कुल O 51651 B-NEN अनुक्रमों O के O लिये O पैंगोलिन O वंशावली O सूचना O के O साथ O रैखिक O सूची O राष्ट्रीय B-NEO रोग I-NEO नियंत्रण I-NEO केंद्र I-NEO - I-NEO नेशनल I-NEO सेंटर I-NEO फॉर I-NEO डिजीज I-NEO कंट्रोल I-NEO ( I-NEO एनसीडीसी I-NEO ) I-NEO को O सौंपी O जा O चुकी O है O । O गुजरात B-NEL के O कुल O क्षेत्रफल O के O लगभग O 58.6 B-NEN प्रतिशत O क्षेत्र O में O शुष्क O , O अर्ध O - O शुष्क O और O लवणता O की O स्थिति O के O कारण O पानी O की O कमी O है O । O जिस O आज़ादी O के O लिए O भारत B-NEL की O जनता O ने O लगभग O सौ B-NEN वर्षों O तक O संघर्ष O किया O , O उसके O आने O के O साथ O हर्ष O और O उल्लास O का O होना O स्वाभाविक O था O पर O साथ O ही O भारत B-NEL का O जो O हिंदुस्तान B-NEL और O पाकिस्तान B-NEL के O रूप O में O विभाजन O हुआ O , O लाखों B-NEN भारतीयों O का O विस्थापन O और O पलायन O हुआ O और O भीषण O सांप्रदायिक O दंगों O में O असंख्य O हत्याएं O हुईं O । O पांच B-NEN कोविड O - O 19 O जैव O भंडारों O का O गठन O कर O उनमें O जैवचिकित्सा O अनुसंधानकर्ताओं O के O इस्तेमाल O के O लिये O अब O तक O 40000 B-NEN से O ज्यादा O नमूनों O का O संग्रह O किया O गया O है O । O आज़ादी O के O पहले O से O ही O हिन्दी O कविता O में O दो B-NEN प्रवृत्तियां O परस्पर O टकराती O हुई O चल O रही O थीं O । O इसमें O 4500 B-NEN से O ज्यादा O स्टार्टअप O , O 60 B-NEN जैव O इंक्यूबेटर O और O सुस्थापित O शिक्षा O उद्योग O शामिल O हैं O । O देश O भर O में O फैले O 50 B-NEN बायोनेस्ट O इंक्यूबेटरों O ने O कोविड O - O 19 O के O लिये O 100 B-NEN से O ज्यादा O स्टार्टअप O समाधानों O को O परिपोषित O किया O है O । O डीबीटी B-NEO - I-NEO बीआईआरएसी I-NEO समर्थित O विभिन्न O स्टार्टअप O संस्थाओं O के O कोविड O - O 19 O के O लिये O स्वदेश O में O विकसित O पांच B-NEN समाधानों O को O शुरू O किया O गया O है O । O अस्पतालों O व O स्वास्थ्य O सेवाप्रदाताओं O हेतु O राष्ट्रीय B-NEO प्रमाणन I-NEO बोर्ड I-NEO भारतीय B-NEO गुणवत्ता I-NEO परिषद I-NEO का O एक B-NEN संघटक O बोर्ड O है O जिसका O गठन O हेल्थकेयर O संगठनों O हेतु O मान्यता O कार्यक्रमों O की O स्थापना O व O परिचालन O के O लिए O हुआ O है O । O अस्पतालों O व O स्वास्थ्य O सेवा O प्रदाताओं O हेतु O राष्ट्रीय B-NEO प्रमाणन I-NEO बोर्ड I-NEO भारतीय B-NEO गुणवत्ता I-NEO परिषद I-NEO के O तहत O एक B-NEN अन्य O प्रणाली O है O जो O शिकायतों O व O अपीलों O को O देखता O है O । O आज O स्वर्ण O भुगतान O संतुलन O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O हिस्सा O है O । O कुल O आयात O में O स्वर्ण O आयात O का O हिस्सा O 8.7 B-NEN प्रतिशत O है O । O आइएमए B-NEO में O एक B-NEN आइएमए B-NEO मध्यस्थता O व O शिकायत O कक्ष O है O जो O शिकायतों O को O प्राप्त O करता O है O और O महीने O में O एक B-NEN बैठक O करता O है O तथा O दर्ज़ O शिकायतों O पर O चर्चा O करता O है O और O अपने O राज्य O मुख्यालयों O व O अन्य O इकाइयों O के O माध्यम O से O उनका O समाधान O करता O है O । O आइएमए B-NEO एचक्यू O मध्यस्थता O , O सुलह O व O शिकायत O समाधान O कक्ष O को O 162 B-NEN शिकायतें O प्राप्त O हुईं O जिनमें O से O 88 B-NEN शिकायतें O राज्य O व O स्थानीय O शाखाओं O से O संबंधित O थीं O और O मुख्यालय O में O 55 B-NEN शिकायतों O का O समाधान O किया O गया O , O लंबित O शिकायतों O की O संख्या O 19 B-NEN थी O । O स्वर्ण O के O लेन O - O देन O को O नियमित O करने O की O प्रक्रिया O एक B-NEN लंबे O समय O से O चल O रही O है O । O चिकित्सा O एक B-NEN श्रेष्ठ O कार्य O है O और O चिकित्सकों O को O अपने O इस O कार्य O को O कौशल O व O ज्ञान O से O जोड़ना O चाहिए O और O सेवा O का O भाव O ज़रूर O रखना O चाहिए O । O दिल्ली B-NEL व O गुड़गांव B-NEL के O कुछ O निजी O अस्पतालों O के O साथ O देश O भर O के O विभिन्न O हिस्सों O में O स्थित O सरकारी O अस्पतालों O के O हालिया O हाइ O प्रोफाइल O मामलों O से O यह O साफ O होता O है O कि O एक B-NEN स्पष्ट O व O व्यावहारिक O शिकायत O व O परिवाद O निवारण O प्रणाली O के O गठन O व O कार्यान्वयन O की O काफी O आवश्यकता O है O जो O रोगी O व O आम O जन O के O लिए O सहज O हो O और O उपलब्धता O व O गुणवत्ता O में O सुधार O हो O । O सौराष्ट्र B-NEL , O कच्छ B-NEL , O पूर्वी O जनजातीय O क्षेत्र O और O उत्तर B-NEL गुजरात I-NEL के O कुछ O हिस्सों O में O पीने O के O पानी O की O जरूरत O को O पूरा O करने O के O लिए O हर O साल O कुछ O हजार B-NEN टैंकरों O की O सेवाएं O लेनी O पड़ती O थीं O । O इस O योजना O के O अंतर्गत O लोग O घर O में O बिना O उपयोग O के O पड़े O स्वर्ण O को O निश्चित O अवधि O के O लिए O बैंकों O में O जमा O करा O सकते O थे O , O जिस O पर O उन्हें O एक B-NEN निश्चित O दर O से O ब्याज O देने O का O प्रस्ताव O था O । O स्वर्ण O कारोबारी O एक B-NEN लंबे O समय O से O स्वर्ण O पर O लगने O वाले O आयात O शुल्क O को O कम O करने O की O मांग O कर O रहे O हैं O । O हमारे O पास O केवल O 17 B-NEN विश्वविद्यालय O और O 636 B-NEN कॉलेज O और O 1,90,441 B-NEN स्कूल O थे O । O ये O दोनों B-NEN चीजें O मौजूदा O विसंगतियों O को O दूर O किये O बिना O संभव O नहीं O है O । O देश O में O स्वर्ण O कारोबार O को O नियंत्रित O करने O के O लिए O एक B-NEN नियामक O की O जरूरत O है O , O ताकि O इससे O जुड़े O गैर O - O कानूनी O तत्वों O एवं O मौजूद O कमियों O को O दूर O किया O जा O सके O । O स्वर्ण O के O मामले O में O प्राचीन O काल O से O ही O भारत O बड़े O आयातक O देशों O में O से O एक B-NEN रहा O है O । O स्वतंत्रता O के O समय O जो O साक्षरता O दर O केवल O 14 B-NEN प्रतिशत O थी O वर्तमान O में O 74.04 B-NEN प्रतिशत O हो O गई O है O । O वर्तमान O शिक्षा O में O 15,50,006 B-NEN स्कूल O , O 9,416,895 B-NEN शिक्षक O और O 24,78,53,688 B-NEN स्कूल O स्तर O पर O छात्र O हैं O , O जबकि O एआईएसएचई O रिपोर्ट O 2018 O - O 19 O के O अनुसार O 993 B-NEN विश्वविद्यालय O , O 39,931 B-NEN कॉलेज O और O 10,725 B-NEN अकेले O चल O सकने O योग्य O संस्थान O हैं O ; O जिसने O भारत O को O दुनिया O की O दूसरी O सबसे O बड़ी O शिक्षा O प्रणाली O बना O दिया O है O । O इसके O अलावा O , O क्यूएस O ने O वैश्विक O शीर्ष O 50 B-NEN के O बीच O भारतीय O कार्यक्रमों O की O रैंकिंग O की O संख्या O में O भी O वृद्धि O देखी O है O । O सामुदायिक O भागीदारी O को O वास्तविकता O में O बदलने O के O लिये O संस्थानों O के O पास O तीन B-NEN विकल्प O हैं O । O इनमें O से O कुछ O कदम O हैं O : O छोटी O जमा O और O ऋण O के O लिए O नो O फ्रिल O अकाउंट्स O और O जनरल O क्रेडिट O कार्ड O ( O जीसीसी O ) O की O सुविधा O , O 50,000 B-NEN रुपये O से O कम O की O वार्षिक O जमा O के O साथ O खाते O खोलने O के O इच्छुक O लोगों O के O लिए O मानदंडों O को O सरल O बनाना O । O इसका O मकसद O एक B-NEN ऐसा O परिवेश O बनाना O होना O चाहिये O जिसमें O सिद्धांतों O का O उपयोग O हो O और O सामाजिक O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O में O इनके O व्यावहारिक O इस्तेमाल O को O समझा O जा O सके O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ने O विभिन्न O क्षेत्रों O में O वाणिज्यिक O बैंकों O को O 100 B-NEN प्रतिशत O वित्तीय O समावेश O अभियान O शुरू O करने O का O भी O निर्देश O दिया O है O , O जिसके O परिणामस्वरूप O पुद्दूचेरी B-NEL जैसे O केंद्र O शासित O प्रदेश O और O हिमाचल B-NEL प्रदेश O जैसे O राज्य O ने O अपने O सभी O जिलों O में O 100 B-NEN प्रतिशत O वित्तीय O समावेश O की O घोषणा O की O है O । O * O प्री O - O प्राइमरी O स्कूल O से O ग्रेड O 12 B-NEN तक O यूनिवर्सल O एक्सेस O - O यहां O हम O एक B-NEN - O एक B-NEN करके O कुछ O मुद्दों O पर O चर्चा O करेंगे O : O * O स्कूली O शिक्षा O में O मौजूदा O 10+2 B-NEN संरचना O में O संशोधन O - O 2025 B-NEL तक O ग्रेड O 1 B-NEN - O 3 B-NEN तक O प्रारंभिक O भाषा O और O गणितीय O कौशल O पर O दिया O जाएगा O ध्यान O । O कक्षा O 5 B-NEN तक O शिक्षा O का O माध्यम O , O अधिमानतः O कक्षा O 8 B-NEN तक O , O घरेलू O भाषा O / O मातृभाषा O / O स्थानीय O भाषा O / O क्षेत्रीय O भाषा O हो O । O आंकड़ों O पर O गौर O करें O तो O लगभग O 2 B-NEN लाख I-NEN 60 O हजार B-NEN शिकायतें O दर्ज O हुईं O , O जिनमें O से O 2 B-NEN लाख I-NEN 20 O हजार B-NEN से O अधिक O शिकायतों O का O निवारण O कर O दिया O गया O । O बिहार B-NEL के O मुख्यमंत्री O द्वारा O कई O बार O योजनाओं O की O निगरानी O एवं O उनसे O जुड़ी O शिकायतों O के O क्रियान्वयन O के O संबंध O में O अपने O विचार O दिए O जाते O रहे O हैं O , O ऐसा O ही O एक B-NEN वक्तव्य O उनके O द्वारा O जमुई B-NEL जिले I-NEL में O दिया O गया O था O , O जिसमें O उन्होंने O कहा O था O कि O " O हमारा O उद्देश्य O सिर्फ O पटना B-NEL में O बैठकर O नहीं O बल्कि O क्षेत्रों O में O जाकर O धरातल O पर O विकास O कार्यों O की O समीक्षा O करने O का O है O और O हम O क्षेत्र O में O जाकर O देखते O भी O हैं O कि O योजना O का O क्रियान्वयन O किस O प्रकार O से O हुआ O है O और O उसे O लागू O करने O में O क्या O कठिनाई O आई O या O उसका O क्या O प्रभाव O पड़ा O । O " O दोनों B-NEN ही O राज्यों O में O साक्षरता O एवं O आर्थिक O समृद्धता O का O स्तर O निम्न O ही O है O , O किंतु O दोनों B-NEN प्रदेशों O में O स्थापित O वर्तमान O सरकारों O के O प्रयास O से O वहां O की O जनता O के O लिए O शिकायत O निवारण O तंत्र O की O स्थापना O की O गयी O । O वहीं O छत्तीसगढ़ B-NEL इस O मामले O में O एक B-NEN कदम O आगे O बढ़ O गया O , O छत्तीसगढ़ B-NEL देश O के O ऐसे O राज्यों O में O से O एक B-NEN है O जिसमें O संबंधित O मंत्री O स्वयं O कॉल O के O माध्यम O से O शिकायतों O को O सुनते O हैं O तथा O निवारण O के O लिए O जरूरी O दिशा O - O निर्देश O भी O देते O हैं O । O छत्तीसगढ़ B-NEL में O जन O सुनवाई O के O लिए O सभी O 27 B-NEN जिलों O को O वीडियो O कांन्फ्रेंसिंग O से O भी O जोड़ा O गया O है O । O पूरे O देश O में O सुशासन O एवं O विकास O के O अग्रणी O राज्य O गुजरात B-NEL में O अन्य O राज्यों O की O अपेक्षा O पहले O ही O जनशिकायत O निवारण O हेतु O एक B-NEN प्रणाली O विकसित O कर O ली O गयी O थी O । O एक B-NEN राज्य O से O दूसरे O राज्य O में O जाएंगे O तो O कैसे O बात O करेंगे O ? O 3. O सिटीजन B-NEO कॉल I-NEO सेंटर I-NEO ( O 181 B-NEN ) O पर O फोन O के O माध्यम O से O शिकायतों O को O दर्ज O कराने O व O उनकी O सूचना O प्राप्त O करने O की O निःशुल्क O सुविधा O । O नागरिकों O के O लिए O उचित O सेवा O सुनिश्चित O करने O के O लिए O एक B-NEN नए O प्रयास O के O रूप O में O , O राजस्थान B-NEL संपर्क O नामित O एक B-NEN परियोजना O को O आईटी B-NEO और I-NEO संचार I-NEO विभाग I-NEO के O माध्यम O से O लागू O किया O गया O है O । O इसका O ऐतिहासिक O संबंध O भी O हमारे O पड़ोसी O मित्र O देश O बांग्लादेश B-NEL का O अपनी O मातृभाषा O को O बचाने O के O संघर्ष O से O जुड़ा O हुआ O है O जो O विभाजन O के O तुरंत O बाद O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL में O बांग्ला O को O मातृभाषा O बनाने O की O लड़ाई O से O शुरू O हुआ O और O अंत O में O पूर्वी B-NEL पाकिस्तान I-NEL की O जगह O एक B-NEN नया O देश O बांग्लादेश B-NEL बना O । O भाषा O के O प्रश्न O पर O ही O आज़ादी O के O बाद O कई O राज्य O बने O और O उन O सब O के O पीछे O एक B-NEN वैज्ञानिक O सोच O रही O थी O स्थान O , O प्रदेश O विशेष O के O लोग O उस O भाषा O में O अपनी O शिक्षा O न्याय O और O पूरी O व्यवस्था O को O दे O सके O । O तमिलनाडु B-NEL राज्य O में O चल O रही O योजनाओं O को O एक B-NEN ही O वेब O पोर्टल O पर O लाया O गया O तथा O उस O पोर्टल O को O ही O शिकायत O निवारण O प्रणाली O से O जोड़ा O गया O है O । O राजस्थान B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O नागरिक O केन्द्रित O प्रशासन O को O सशक्त O करने O हेतु O पारदर्शी O नागरिक O सेवा O वितरण O को O सुनिश्चित O करने O हेतु O राजस्थान B-NEL संपर्क O नामित O एक B-NEN परियोजना O को O लागू O किया O गया O है O । O ऐसे O में O प्रधानमंत्री O गरीब O कल्याण O अन्न O योजना O ऐसे O श्रमिकों O , O कर्मकारों O आदि O के O जीवन O में O एक B-NEN नया O सवेरा O लाने O का O कार्य O कर O गयी O । O देश O के O 80 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O लोग O पहले O की O तरह O इसका O लाभ O उठा O सकेंगे O । O इस O योजना O के O तहत O लाभार्थी O को O उसके O सामान्य O कोटे O के O अलावा O प्रति O व्यक्ति O पांच B-NEN किलो O मुफ्त O राशन O दिया O जाता O है O । O सार्वजनिक O वितरण O प्रणाली O एक B-NEN अन्य O उदाहरण O है O । O ' O एक B-NEN देश O , O एक B-NEN राशन O कार्ड O ' O ( O वन B-NEN नेशन O , O वन B-NEN राशन O कार्ड O ) O इस O योजना O को O नई O दिशा O प्रदान O करेगा O । O पीएम O आवास O योजना O की O अधिकृत O वेबसाइट O पर O उपलब्ध O जानकारी O के O अनुसार O अब O तक O 122.69 B-NEN लाख I-NEN भवन O स्वीकृत O हो O चुके O हैं O । O 58.01 B-NEN लाख I-NEN पूर्ण O हो O चुके O हैं O और O 97.02 B-NEN लाख I-NEN आवास O ग्राउंडेड O हैं O । O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL ने O सामाजिक O सुरक्षा O की O एक B-NEN और O मिसाल O पेश O की O है O । O अकेले O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL में O करीब O 45 B-NEN लाख I-NEN श्रमिक O एवं O कर्मकार O रिवर्स O माइग्रेशन O करके O आए O । O इससे O जहां O एक B-NEN ओर O भारतीय O व्यावसायिकों O के O लिए O नई O दिशाएं O खुलेंगी O वहीं O दूसरी O ओर O नियति O भी O बढ़ेगी O । O * O ईबीआरडी B-NEO की O सदस्यता O प्राप्त O करने O के O लिए O न्यूनतम O आरंभिक O निवेश O लगभग O एक B-NEN मिलियन I-NEN होगा O । O हालांकि O यह O मान्यता O भारत B-NEL द्वारा O सदस्यता O प्राप्त O करने O हेतु O आवश्यक O न्यूनतम O शेयर O ( O 100 B-NEN ) O खरीदने O के O निर्णय O पर O आधारित O है O । O ये O कार्रवाइयां O एक B-NEN व्यक्ति O पर O मुकदमा O चलाए O जाने O और O कथित O तथ्यों O के O लिए O दोषी O घोषित O कर O दिए O जाने O के O बाद O की O जाती O हैं O । O न्यायालय O के O पास O व्यक्तिगत O या O सामूहिक O रूप O से O , O पीड़ितों O के O समूचे O समूह O के O रूप O में O , O या O एक B-NEN समुदाय O या O दोनों O के O रूप O में O हानिपूर्ति O करने O का O विकल्प O होता O है O । O अगर O अदालत O सामूहिक O हर्जाने O के O लिए O आदेश O देने O का O फैसला O करती O है O , O हो O सकता O है O इसके O लिए O अदालत O विक्टिम O फंड O के O माध्यम O से O करने O का O आदेश O दे O और O उसके O बाद O एक B-NEN - O सरकारी O , O अंतरराष्ट्रीय O या O राष्ट्रीय O संगठन O को O भी O भुगतान O कर O सकती O है O । O अंतर्राष्ट्रीय B-NEO आपराधिक I-NEO न्यायालय I-NEO की O रोम O संविधि O द्वारा O आईसीसी B-NEO के O साथ O गैर O सदस्यीय O देशों O की O कल्पना O एक B-NEN स्वैच्छिक O प्रकृति O के O रूप O में O की O गई O थी O । O इस O बजट O और O इसके O आगे O के O घटनाक्रम O के O आधार O पर O मैं O वैसे O उन O कुछ O क्षेत्रों O में O काम O करने O की O सिफारिश O करता O हूं O , O जहां O वित्तीय O और O वैज्ञानिक O दोनों B-NEN तौर O पर O अतिरिक्त O ध्यान O देने O की O जरूरत O है O । O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सुरक्षा I-NEO परिषद I-NEO द्वारा O जब O एक B-NEN मामले O को O आईसीसी B-NEO के O पास O भेजा O जाता O है O तब O सभी O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O सदस्य O देश O सहयोग O के O लिए O बाध्य O होते O हैं O , O जब O से O इसका O फैसला O सब O के O लिए O बाध्य O हुआ O । O एक B-NEN व्यावहारिक O तरीका O शहरी O बागवानी O को O बढ़ावा O देना O है O । O जांच O और O सबूत O इकट्ठा O करने O में O सहायता O के O संबंध O में O , O रोम O संविधि O द्वारा O यह O संदर्भित O है O कि O आईसीसी B-NEO अभियोजक O के O अपने O क्षेत्र O के O भीतर O एक B-NEN जांच O के O आयोजन O के O लिए O गैर O - O सदस्यीय O देशों O की O सहमति O आवश्यक O है O और O ऐसा O लगता O है O कि O उस O देश O द्वारा O उठाए O गए O उचित O कदम O उसके O लिए O और O भी O आवश्यक O हैं O , O चूंकि O संविधि O के O लिए O ऐसे O प्रतिबंध O सदस्यीय O देशों O के O लिए O ही O होते O हैं O । O शहरों O के O भीतर O और O आसपास O के O इलाकों O में O जमीन O का O पर्याप्त O रकबा O उपलब्ध O है O और O इनका O इस्तेमाल O चारों B-NEN ओर O बागवानी O आंदोलन O को O बढावा O देकर O किया O जा O सकता O है O । O जहां O तक O उस O कार्रवाई O का O सवाल O है O जो O आईसीसी B-NEO सहायता O ना O करने O वाले O गैर O सदस्यीय O देशों O के O लिए O ले O सकती O है O , O रोम O संविधि O यह O निर्धारित O करती O है O कि O अदालत O सदस्य O देशों O की O सभा O को O या O सुरक्षा B-NEO परिषद I-NEO को O सूचित O कर O सकती O है O , O जब O इसके O द्वारा O मामले O को O भेजा O जाता O है O , O जब O गैर O सदस्य O सहयोग O करने O से O मना O कर O देते O हैं O उसके O बाद O यह O तदर्थ O व्यवस्था O या O अदालत O के O साथ O एक B-NEN व्यवस्था O में O प्रवेश O करती O है O । O इससे O दोहरा O फायदा O होगा O - O एक B-NEN तो O कीमतों O में O स्थिरता O आएगी O और O दूसरे O टिकाऊ O पोषण O सुरक्षा O को O बढ़ावा O मिलेगा O । O भारत B-NEL में O तकरीबन O 8,000 B-NEN किलोमीटर O में O तटीय O इलाके O फैले O हुए O हैं O और O समुद्री O पानी O वाली O खेती O के O बड़े O मौके O हैं O । O रोम O संविधि O का O अनुच्छेद O 16 B-NEN , O सुरक्षा B-NEO परिषद I-NEO को O एक B-NEN मामले O की O जांच O या O अभियोग O को O रोकने O की O अनुमति O देता O है O , O और O अनुच्छेद O 53 B-NEN , O अभियोजक O को O स्वनिर्णय O द्वारा O जांच O न O करने O की O अनुमति O देता O है O यदि O कोई O व्यक्ति O यह O सोचता O है O कि O न्याय O के O हितों O की O रक्षा O जांच O से O नहीं O हो O सकती O है O । O वैश्विक O स्तर O पर O 97 B-NEN फीसदी O पानी O समुद्री O जल O है O और O भारत B-NEL को O यह O दिखाने O में O अगुवा O बनना O चाहिए O कि O किस O तरह O से O कई O फसलों O की O खेती O में O समुद्री O पानी O का O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O कुछ O लोगों O द्वारा O लौर्ड्स B-NEO रेसिसटेंस I-NEO आर्मी I-NEO के O चार B-NEN नेताओं O की O महत्त्वपूर्ण O गिरफ्तारी O युगांडा O में O बगावत O को O समाप्त O करने O के O लिए O एक B-NEN बाधा O के O रूप O में O मानी O जाती O है O । O अनुच्छेद O 13 B-NEN सुरक्षा B-NEO परिषद I-NEO को O अदालती O स्थितियों O को O भेजने O की O अनुमति O देता O है O जो O अन्यथा O अदालत O के O अधिकार O क्षेत्र O के O तहत O नहीं O आती O ( O जैसा O कि O डारफुर O की O स्थिति O के O संबंध O में O इसने O किया O था O , O अन्यथा O अदालत O मुकदमा O नहीं O चलाती O क्योंकि O सुडान B-NEL इसका O सदस्य O देश O नहीं O है O ) O . O अनुच्छेद O 16 B-NEN सुरक्षा B-NEO परिषद I-NEO को O एक B-NEN मामले O में O 12 B-NEN महीने O के O लिए O जांच O को O टालने O की O अनुमति O देता O है O इस O तरह O के O स्थगन O सुरक्षा B-NEO परिषद I-NEO द्वारा O नए O सिरे O से O अनिश्चित O काल O के O लिए O हो O सकते O हैं O । O अदालत O और O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O बीच O संबंध O , O अंतरराष्ट्रीय B-NEO अपराध I-NEO न्यायालय I-NEO और O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O बीच O एक B-NEN सम्बन्ध O समझौते O के O द्वारा O संचालित O है O । O अभियोजक O ने O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O अन्य O स्त्रोतों O से O गोपनीयता O की O शर्त O पर O सबूत O प्राप्त O किया O था O , O लेकिन O जजों O ने O फैसला O सुनाया O कि O अभियोजक O ने O गलत O तरीकों O से O रोम O संविधि O के O प्रासंगिक O प्रावधान O का O आवेदन O किया O था O और O एक B-NEN परिणाम O के O रूप O में O , O जांच O की O प्रक्रिया O को O भंग O कर O दिया O गया O जो O कि O अब O एक B-NEN निष्पक्ष O मुकदमे O के O घटक O तत्व O को O एक B-NEN साथ O जोड़ना O असंभव O था O । O इसकी O प्रस्तावना O में O हमारा O संविधान O न्याय O , O स्वतंत्रता O , O समानता O और O बंधुत्व O के O विचारों O को O समर्पित O एक B-NEN संप्रभु O , O समाजवादी O , O धर्मनिरपेक्ष O , O लोकतांत्रिक O गणराज्य O बनाने O की O आकांक्षा O रखता O है O । O लगभग O सत्तर B-NEN वर्षों O से O हम O सफल O चुनावों O के O संचालन O , O केंद्र O और O राज्यों O में O सरकारों O के O शांतिपूर्ण O बदलाव O के O साक्षी O हैं O और O साथ O ही O देशवासी O अभिव्यक्ति O , O गतिविधियों O और O धर्म O की O स्वतंत्रता O के O अधिकार O का O प्रयोग O कर O रहे O हैं O । O शासन O प्रणाली O के O रूप O में O लोकतंत्र O को O एक B-NEN निष्पक्ष O और O न्यायपूर्ण O समाज O के O कामकाज O को O सुचारू O रूप O से O चलाने O के O लिए O अधिक O से O अधिक O लोगों O और O विचारों O को O व्यापक O प्रतिनिधित्व O और O समावेश O देना O चाहिए O । O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O संविधिक O दर्जा O ( O statutory O status O ) O प्राप्त O एक B-NEN बहुसदस्यीय O संस्था O है O । O इसमें O एक B-NEN केन्द्रीय O सतर्कता O आयुक्त O जो O कि O अध्यक्ष O होता O है O तथा O दो B-NEN अन्य O सतर्कता O आयुक्त O ( O सदस्य O जो O दो B-NEN से O अधिक O नही O हो O सकते O ) O होते O हैं O । O आयोग O में O एक B-NEN अध्यक्ष O व O दो B-NEN सतर्कता O आयुक्त O होते O हैं O जिनकी O नियुक्ति O राष्ट्रपति O द्वारा O एक B-NEN तीन I-NEN सदस्यीय O समिति O की O सिफारिश O पर O होती O है O । O अहिंसा O के O प्रति O समर्पित O राजनेताओं O ने O अहिंसा O के O मार्ग O पर O चलकर O आजादी O तो O पा O ली O थी O लेकिन O वे O देश O के O चारों B-NEN ओर O की O सुरक्षा O चुनौतियों O की O गंभीरता O को O कतई O नहीं O समझ O पाए O । O दिल्ली B-NEL विशेष O पुलिस O स्थापन O ( O केन्द्रीय O अन्वेषण O ब्यूरो O ) O के O कार्यकरण O का O अधीक्षण O करना O जहां O तक O वह O भ्रष्टाचार O निवारण O अधिनियम O , O 1988 O के O अधीन O अपराधों O अथवा O लोक O सेवकों O की O कतिपय O श्रेणियों O के O लिए O दण्ड O प्रक्रिया O संहिता O के O अन्तर्गत O किसी O अपराध O के O अन्वेषण O से O संबन्धित O है O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O क O ) O ; O दिल्ली B-NEL विशेष O पुलिस O स्थापन O ( O केन्द्रीय O अन्वेषण O ब्यूरो O ) O को O अधीक्षण O के O लिए O निदेश O देना O जहां O तक O इनका O संबंध O भ्रष्टाचार O निवारण O अधिनियम O , O 1988 O के O अन्तर्गत O अपराधों O के O अन्वेषण O से O है O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O ख O ) O ; O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O भेजे O गए O किसी O संदर्भ O पर O जांच O करना O अथवा O जांच O या O अन्वेषण O करवाना O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O ग O ) O ; O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O अधिनियम O , O 2003 O की O धारा O 8 B-NEN की O उपधारा O 2 B-NEN में O विनिर्दिष्ट O पदाधिकारियों O के O ऐसे O प्रवर्ग O से O संबंधित O किसी O पदधारी O के O विरुद्ध O प्राप्त O किसी O शिकायत O में O जांच O करना O या O जांच O अथवा O अन्वेषण O कराना O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O घ O ) O ; O भ्रष्टाचार O निवारण O अधिनियम O , O 1988 O के O अधीन O अभिकथित O रूप O से O किए O गए O अपराधों O में O अथवा O दण्ड O प्रक्रिया O संहिता O के O अंतर्गत O किसी O अपराध O में O दिल्ली B-NEL विशेष O पुलिस O स्थापन O द्वारा O किए O गए O अन्वेषणों O की O प्रगति O का O पुनर्विलोकन O करना O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O ङ O ) O ; O भ्रष्टाचार O निवारण O अधिनियम O , O 1988 O के O अधीन O अभियोजन O की O मंजूरी O के O लिए O सक्षम O प्राधिकारियों O के O पास O लंबित O आवेदनों O की O प्रगति O का O पुनर्विलोकन O करना O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O च O ) O ; O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO तथा O इसके O संगठनों O को O ऐसे O मामलों O पर O सलाह O देना O जो O इनके O द्वारा O आयोग O को O भेजे O जाएंगे O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O छ O ) O ; O विभिन्न O केन्द्रीय B-NEO सरकारी I-NEO मंत्रालयों I-NEO , O विभागों O तथा O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO के O संगठनों O के O सतर्कता O प्रशासन O पर O अधीक्षण O रखना O - O अनुभाग O 8 B-NEN ( O 1 B-NEN ) O ( O ज O ) O ; O किसी O भी O जांच O का O संचालन O करते O समय O आयोग O को O सिविल O न्यायालय O के O सभी O अधिकार O प्राप्त O होंगे O - O अनुभाग O 11 B-NEN ; O संघ O के O कार्यों O से O संबंधित O लोक O सेवाओं O तथा O पदों O पर O नियुक्त O व्यक्तियों O से O संबंधित O अथवा O अखिल O भारतीय O सेवाओं O के O सदस्यों O से O संबंधित O सतर्कता O अथवा O अनुशासनिक O मामलों O का O नियंत्रण O करने O वाले O कोई O भी O नियम O अथवा O विनियम O बनाने O से O पहले O आयोग O से O किए O जाने O वाले O अनिवार्य O परामर्श O पर O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO को O उत्तर O देना O - O अनुभाग O 19 B-NEN ; O केन्द्रीय O सतर्कता O आयुक्त O उस O समिति O के O अध्यक्ष O हैं O तथा O दोनों B-NEN सतर्कता O आयुक्त O सदस्य O हैं O जिसकी O सिफारिशों O पर O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO , O प्रवर्तन O निदेशक O की O नियुक्ति O करती O है O - O अनुभाग O 25 B-NEN ; O प्रवर्तन O निदेशक O की O नियुक्ति O से O संबंधित O समिति O को O यह O अधिकार O भी O है O कि O वह O प्रवर्तन O निदेशालय O में O उप O निदेशक O तथा O इससे O ऊपर O के O स्तर O के O पदों O पर O अधिकारियों O की O नियुक्ति O के O लिए O , O प्रवर्तन O निदेशक O से O परामर्श O करने O के O पश्चात् O अपनी O सिफारिशें O दे O - O अनुभाग O 25 B-NEN ; O केन्द्रीय O सतर्कता O आयुक्त O उस O समिति O के O अध्यक्ष O हैं O तथा O दोनों B-NEN सतर्कता O आयुक्त O सदस्य O हैं O जिसे O दिल्ली B-NEL विशेष O पुलिस O स्थापन O ( O केन्द्रीय O अन्वेषण O ब्यूरो O ) O में O पुलिस O अधीक्षक O तथा O इससे O ऊपर O के O स्तर O के O पदों O , O निदेशक O को O छोड़कर O , O अधिकारियों O की O नियुक्ति O तथा O इन O अधिकारियों O के O कार्यकाल O का O विस्तारण O अथवा O लघुकरण O करने O के O लिए O , O निदेशक O ( O केन्द्रीय O अन्वेषण O ब्यूरो O ) O से O परामर्श O करने O के O पश्चात् O अपनी O सिफारिशें O देने O का O अधिकार O प्राप्त O है O - O अनुभाग O 26 B-NEN तथा O दिल्ली B-NEL विशेष O पुलिस O स्थापन O अधिनियम O , O 1946 O का O अनुभाग O 4 B-NEN ( O ग O ) O . O आज O जब O हम O हर O घर O में O टॉयलेट O सिस्टम O बनाने O की O मांग O कर O रहे O हैं O तब O देश O के O नागरिकों O का O एक B-NEN बड़ा O हिस्सा O फुटपाथों O पर O सोता O है O वह O टॉयलेट O करने O कहां O जाए O । O इस O समस्या O से O निबटने O के O लिए O निजी O सफाईकर्मियों O को O हजारों B-NEN रुपये O देने O पड़ O जाते O हैं O बस O उनके O हाथ O लगने O की O देर O है O और O समस्या O हल O हो O गयी O । O इसके O पीछे O एक B-NEN लंबी O व्याकरणिक O परंपरा O जीवित O थी O , O जिसने O पहले B-NEN उपलब्ध O व्याकरण O ग्रंथ O का O निर्माण O करने O के O लिए O भारी O सामग्री O प्रदान O की O है O । O तमिल O में O व्याकरणिक O ग्रंथ O तोल्कप्पियम O सबसे O प्राचीन O है O , O जिसे O ज्यादातर O लोग O ईसा O पूर्व O पांचवीं B-NEN या O छठी -NEN शताब्दी O की O उपलब्धि O मानते O हैं O । O खास O तौर O पर O 15वें B-NEN वित्त O आयोग O द्वारा O स्वच्छता O गतिविधियों O के O लिए O तय O किए O गए O प्रावधानों O के O बाद O यह O भूमिका O और O अहम O हो O जाती O है O । O 2. B-NEN जब O ' O था O ' O का O उच्चारण O होता O है O , O तब O तीन B-NEN बिंदीदार O अक्षर O - O का O ठहराव O , O विद्वता O के O अनुसार O गलती O नहीं O है O । O 3. B-NEN गौरवशाली O विद्वानों O ने O एक B-NEN कविता O के O हिस्सों O के O रूप O में O तैयार O किया O और O सशक्त O रूप O से O कहा O । O 4. B-NEN विद्वान O इन O सभी O सात B-NEN - O छंद O , O टीका O - O टिप्पणी O , O पुस्तक O , O कथन O , O पहेली O , O व्यंग्य O , O कहावत O को O तीन B-NEN शानदार O संरक्षकों O की O चारदीवारी O के O अंदर O प्रचलित O अभियोगात्मक O नियम O कहते O हैं O । O 5. B-NEN विद्वानों O ने O कविता O के O रूप O में O इस O सूक्ति O को O बहुपयोगी O बताया O है O । O तोल्कप्पियम O के O 230 B-NEN स्थानों O में O उपर्युक्त O प्रकार O के O संदर्भ O हैं O । O यह O सभी O संदेहों O से O परे O है O कि O तोल्कप्पियम O ने O कई O हजार B-NEN वर्षों O के O पारंपरिक O व्याकरणिक O नियमों O का O पालन O किया O था O । O इस O निगरानी O और O मूल्यांकन O के O दो B-NEN पहलू O हैं O : O पहला B-NEN ओडीएफ O प्लस O गांवों O का O दर्जा O सुनिश्चित O करना O और O दूसरा B-NEN इस O अभियान O पर O होने O वाले O खर्च O और O इसके O लिए O तैयार O हुई O संपत्तियों O पर O भी O नजर O रखना O । O इसकी O पृष्ठभूमि O में O एक B-NEN लंबी O व्याकरणिक O परंपरा O जीवित O थी O , O जिसने O सबसे O पहले O उपलब्ध O व्याकरणिक O ग्रंथ O , O तोल्कप्पियम O को O बनाने O के O लिए O भारी O सामग्री O प्रदान O की O थी O । O पुरातत्व O और O ऐतिहासिक O साक्ष्यों O से O साबित O होता O है O कि O तोल्कप्पियम O कुछ O दो B-NEN हजार I-NEN पांच I-NEN सौ I-NEN साल O पहले O उभरा O था O , O जब O पूरे O भारतीय O उप O महाद्वीप O पर O कई O राजाओं O और O सरदारों O का O शासन O था O । O तोल्कप्पियम O में O बताया O गया O है O कि O तमिल O भूमि O पर O ' O तीन B-NEN प्रसिद्ध O महान O संरक्षकों O ' O का O शासन O था O । O इसके O तहत O , O कार्यक्रम O की O प्रगति O के O लिए O निष्पक्ष O मूल्यांकन O , O एक B-NEN तय O अवधि O पर O समीक्षा O , O फील्ड O दौरा O , O थीम O को O लेकर O सलाह O मशवरा O जैसी O चीजें O शामिल O हैं O । O “ O सबके O लिए O स्वास्थ्य O ” O का O एक B-NEN और O महत्वपूर्ण O , O किन्तु O अक्सर O अल्प O चर्चित O अंग O है O - O जन O स्वास्थ्य O अनुसंधान O में O सार्वजनिक O - O निजी O भागीदारी O से O संचालित O नए O प्रयोग O और O आविष्कार O । O जांच O प्रयोगशालाओं O की O संख्या O बढ़ाने O की O शुरुआत O आईसीएमआर B-NEO के O धन O से O चलने O वाली O 106 B-NEN विषाणु O अनुसंधान O एवं O नैदानिक O प्रयोगशालाओं O के O नेटवर्क O से O हुई O । O इनमें O सार्स O - O सीओवी O - O 2 B-NEN से O मिलते O - O जुलते O रोगाणु O की O जांच O करने O की O क्षमता O पहले O से O मौजूद O थी O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O कर्ज O प्रबंधन O रणनीति O का O मकसद O कर्ज O की O लागत O कम O करना O , O बाकी O जोखिम O को O घटाना O , O कर्ज O की O मैच्योरिटी O के O ढांचे O को O बेहतर O बनाना O और O एक B-NEN सक्रिय O सेकेंडरी O मार्केट O विकसित O सरकारी O प्रतिभूति O बाजार O की O तरलता O को O सुधारना O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO एक B-NEN ठिकाने O पर O बैंक O के O सरप्लस O खाते O से O दूसरे O डेफिसिट O ( O घाटे O ) O वाले O खाते O में O फंड O भेजने O की O सुविधा O भी O मुहैया O कराता O है O । O 2020 B-NEN के O भयावह O वर्ष O ने O हमसे O साहित्य O के O अनेक O नक्षत्र O छीन O लिए O लेकिन O वे O अपने O शब्दों O के O जरिए O हमारे O बीच O बने O रहेंगे O और O कला O और O साहित्य O के O प्रति O अपने O अनुपम O योगदान O के O लिए O हमेशा O याद O किए O जाते O रहेंगे O । O इसमें O बैंक O ग्राहकों O के O संरक्षण O के O सिद्धांतों O और O उनके O 5 B-NEN बुनियादी O अधिकारों O के O बारे O में O बताया O गया O है O यह O एक B-NEN बहु O - O सांस्कृतिक O पटल O है O जिस O पर O हजारों B-NEN रंगों O वाली O विविधताएं O शब्दों O की O लय O से O अनूठा O संगीत O बुनती O हैं O । O पानी O एक B-NEN मूलभूत O आवश्यकता O है O । O आनंद O , O सरलता O और O वैराग्य O से O संपन्न O भक्ति O काव्य O ने O तो O एक B-NEN आंदोलन O को O ही O जन्म O दिया O और O इन O कवियों O ने O अपनी O कविता O से O अज्ञान O के O अंधकार O को O दूर O करने O का O प्रयास O किया O । O यह O दुर्भाग्य O की O बात O है O कि O आबादी O का O एक B-NEN बड़ा O हिस्सा O शुद्ध O पेय O जल O से O वंचित O है O । O सिर्फ O एक B-NEN बार O इस्तेमाल O किये O जाने O वाले O प्लास्टिक O के O उत्पादन O पर O प्रतिबंध O लगाया O ही O जाना O चाहिए O । O इसके O तहत O 2024 B-NEN तक O प्रत्येक O नागरिक O तक O पाइप O वाले O कनेक्शन O देने O का O लक्ष्य O रखा O गया O है O । O देश O में O 50 B-NEN प्रतिशत O या O इससे O अधिक O कृषि O मानसून O ( O वर्षा O ) O पर O आधारित O है O । O (अ) O मानव O निर्मित O धागे O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O , O हमारे O पास O अभी O जो O कहानियां O हैं O , O उनमें O मोटे O तौर O पर O सिर्फ O एक B-NEN तरह O की O ईकाई O यानी O एक B-NEN भारत B-NEL को O ध्यान O में O रखा O गया O है O । O (ई) O मालवहन O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O , O देश O भर O में O 412 B-NEN स्थानों O पर O चाइल्ड O लाइन O सेवाएं O शुरू O 29 B-NEN राज्यों O , O 7 B-NEN संघ O शासित O प्रदेशों O , O केन्द्र O के O 7 B-NEN और O प्रांतों O के O 8 B-NEN करों O तथा O अलग O - O अलग O वस्तुओं O के O लिये O विभिन्न O टैक्सों O का O हिसाब O लगायें O तो O कुल O 500 B-NEN कर O बैठते O हैं O । O सरकार O समेकित O बाल O विकास O योजना O के O अंतर्गत O एक B-NEN केंद्र O प्रायोजित O योजना O बाल O संरक्षण O सेवाएं O शुरू O कर O रही O है O जिसका O लक्ष्य O जेजे O अधिनियम O के O अंतर्गत O आने O वाले O संवेदनशील O बच्चों O के O लिए O सांस्थानिक O और O संस्थेतर O सुरक्षा O चक्र O प्रदान O करना O है O । O यह O सेवा O एक B-NEN समर्पित O टोल O फ्री O नंबर O 1098 B-NEN के O जरिये O उपलब्ध O होगी O जो O कि O संकट O में O घिरे O बच्चों O या O उनकी O तरफ O से O वयस्कों O के O द्वारा O भारत B-NEL में O कहीं O भी O प्रयोग O की O जा O सकेगी O । O इस O समय O देश O में O 412 B-NEN विभिन्न O स्थानों O पर O चाइल्ड O लाइन O सेवाएं O सक्रिय O हैं O । O साथ O ही O विभिन्न O स्थानों O पर O चाइल्ड O हेल्प O डेस्क O भी O संचालित O किये O जा O रहे O हैं O जिनके O माध्यम O से O गत O तीन B-NEN वर्ष O में O प्राप्त O शिकायतों O का O विवरण O निम्नलिखित O हैं O । O अब O गंगानगर B-NEL से O इटानगर B-NEL और O लेह B-NEL से O लक्षद्वीप B-NEL तक O ' O एक B-NEN राष्ट्र O - O एक B-NEN कर O ' O होगा O । O वस्तु O और O सेवा O कर O ( O जीएसटी O ) O क्रेडिट O इनवॉयस O प्रणाली O पर O आधारित O एक B-NEN उपभोग O टैक्स O है O । O इसके O परिणामस्वरूप O एक B-NEN बेहद O तार्किक O कराधान O ढांचे O का O जन्म O हुआ O है O । O भारत B-NEL में O एक B-NEN आम O नागरिक O के O लिए O सरकारी O गलियारों O में O किसी O तरह O का O फायदा O लेना O या O इसके O लिए O आवेदन O करना O अक्सर O काफी O परेशान O करने O वाला O अनुभव O रहा O है O । O इसने O सूचना O प्रौद्योगिकी O का O एक B-NEN ऐसा O आधार O तैयार O किया O है O जिसमें O मदों O के O स्तर O पर O आवक O और O बहिर्गामी O आपूर्ति O के O विवरण O का O मिलान O होगा O । O देश O के O औद्योगिक O परिदृश्य O में O बदलाव O लाने O वाला O जीएसटी O वित्तीय O संघवाद O का O एक B-NEN ऐसा O प्रयोग O है O जिसके O बारे O में O पहले O कभी O नहीं O सुना O गया O । O राज्य O के O भीतर O आपूर्ति O में O इस O कर O के O दो B-NEN भाग O होते O हैं O । O एक B-NEN ओर O गरीब O लोगों O को O मूल O बचत O सेवाओं O और O उत्पादन O लागत O एवं O आकस्मिक O खर्चों O के O लिए O छोटे O ऋणों O की O जरूरत O होती O है O , O वहीं O दूसरी O ओर O किसानों O एवं O किसान O संगठनों O को O उत्पादन O , O इनपुट O , O प्रोसेसिंग O , O मार्केटिंग O के O लिए O बड़े O ऋण O तथा O जोखिम O से O बचाव O करने O वाले O उत्पादों O जैसे O जीवन O या O संपत्ति O बीमा O की O आवश्यकता O होती O है O । O यह O भी O कि O ग्रामीण O ग्राहक O केवल O किसान O और O अशिक्षित O लोग O नहीं O हैं O , O बल्कि O इसमें O एक B-NEN ऐसी O पीढ़ी O भी O शामिल O है O जो O तकनीक O का O उपयोग O करती O है O और O उसे O अपना O सकती O है O । O इस O प्रकार O एक B-NEN समावेशी O और O टिकाऊ O ग्रामीण O वित्तीय O प्रणाली O विकसित O करना O बेहद O चुनौतीपूर्ण O है O और O इसमें O कई O व्यापक O मुद्दे O शामिल O हों O । O इन्हें O हम O सात B-NEN श्रेणियों O में O रख O सकते O हैं O : O शाखा O विहीन O बैंकिंग O की O बाधाओं O को O दूर O करने O के O लिए O हम O एक B-NEN कुशल O हब O और O स्पोक O मॉडल O कैसे O डिजाइन O कर O सकते O हैं O ? O इस O तरह O की O चूक O कंपनी O अधिनियम O की O धारा O 447 B-NEN के O तहत O गंभीर O धोखाधड़ी O की O है O । O कोई O भी O व्यक्ति O जो O धोखाधड़ी O का O दोषी O पाया O जाता O है O उसे O कम O से O कम O छह B-NEN महीने O की O जेल O की O सजा O हो O सकती O है O । O दंड O की O राशि O धोखाधड़ी O में O शामिल O राशि O से O कम O नहीं O होती O , O लेकिन O उसे O धोखाधड़ी O में O शामिल O राशि O के O तीन B-NEN गुना O तक O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O हमारे O यहां O ऐसे O सक्षम O कानून O हैं O जो O विशेष O रूप O से O बैंकों O के O लिए O उधारकर्ताओं O से O बकाया O कर्ज O वसूलने O के O लिए O बनाये O गये O हैं O जैसे O आरडीडीबीएफआई O अधिनियम O , O एसएआरएफएईएसआई O अधिनियम O - O 02 B-NEN और O हाल O का O इन्सोलवेंसी O ऐंड O बैंकरप्सी O कोड O , O । O हम O एक B-NEN उपयुक्त O मूल्य O निर्धारण O मॉडल O के O माध्यम O से O ग्राहकों O की O भुगतान O करने O की O इच्छा O को O कैसे O टैप O करते O हैं O ? O निस्संदेह O यह O एक B-NEN ताकतवर O औजार O है O और O समुचित O योजना O और O सही O क्रियान्वयन O के O जरिये O संपति O को O बेचा O जा O सकता O है O । O इस O समय O , O इस O सेवा O के O करीब O 850 B-NEN अधिकारी O भारत B-NEL के O 193 B-NEN दूतावासों O और O पोस्टों O तथा O भारत B-NEL में O विदेश B-NEO मंत्रालय I-NEO तथा O सम्बद्ध O कार्यालयों O में O कार्यरत O हैं O । O आपराधिक O प्रक्रिया O संहिता O की O धारा O 19 B-NEN उन्हीं O कार्यों O पर O लागू O होगी O , O जिन्हें O कर्तव्य O निष्पादन O के O रूप O में O अंजाम O दिया O गया O हो O । O * O प्रतिभूतिकरण O अधिनियम O , O 2002 O की O धारा O - O 32 B-NEN - O सद्भावना O में O की O गयी O कार्रवाई O का O संरक्षण O - O * O बेशक O , O प्रतिवादी O संख्या O 2 B-NEN के O पास O याचिकाकर्ता O पर O मुकदमा O चलाने O का O कोई O कारण O नहीं O था O क्योंकि O वह O उस O ( O प्रासंगिक O ) O समय O पर O घर O में O उपलब्ध O नहीं O था O । O तो O दूसरे -NEN विश्व O युद्ध O की O यादें O ताजा O थीं O और O भारत B-NEL ने O दोनों B-NEN महाशक्तियों O में O से O किसी O के O भी O प्रभाव O - O क्षेत्र O में O न O रहने O का O फैसला O किया O था O । O इसलिए O वर्तमान O शिकायत O बकायेदारों O की O ओर O से O एक B-NEN बदले O की O कार्रवाई O है O । O बैंकिंग O व्यवस्था O की O चुनौतियों O को O दर्शाने O वाले O एक B-NEN अन्य O आंकड़े O के O अनुसार O हाल O ही O में O घरेलू O बैंकों O का O एनपीए O ऋण O और O अग्रिम O लगभग O 10 B-NEN प्रतिशत O तक O पहुंच O चुका O है O । O घरेलू O हिंसा O से O महिला O संरक्षण O अधिनियम O , O 2005 O भारत B-NEL की O संसद O द्वारा O पारित O एक B-NEN अधिनियम O है O जिसका O उद्देश्य O घरेलू O हिंसा O से O महिलाओं O को O बचाना O है O और O पीड़ित O महिलाओं O को O कानूनी O सहायता O उपलब्ध O कराना O है O । O 2,11,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O बैंक O पुनर्पूंजीकरण O योजना O का O विवरण O इस O प्रकार O है O : O 18,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O बजटीय O सहायता O से O , O 58,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O इक्विटी O जारी O करके O और O 1,35,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O बैंक O पुनर्पुंजीकरण O ऋणपत्र O जारी O करके O । O इसका O तात्पर्य O यह O है O कि O अगले O कुछ O महीनों O में O बैंकिंग O प्रणाली O में O 1,35,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O बड़ी O राशि O डाली O जाएगी O । O पैसा O एक B-NEN ही O जगह O रहने O से O यह O सुनिश्चित O होगा O कि O सरकार O राजकोष O पर O पड़ने O वाले O अतिरिक्त O भार O से O बच O जाएगी O । O पीड़िता O भारतीय O दंड O संहिता O के O तहत O क्रिमिनल O याचिका O भी O दाखिल O कर O सकती O है O , O इसके O तहत O प्रतिवादी O को O तीन B-NEN साल O तक O की O जेल O हो O सकती O है O , O इसके O तहत O पीड़िता O को O गंभीर O शोषण O सिद्ध O करने O की O आवश्यकता O है O , O पीड़िता O के O रूप O में O आप O इस O कानून O के O तहत O संरक्षण O अधिकारी O या O सेवा O प्रदाता O से O संपर्क O कर O सकती O है O । O तथापि O , O यह O तर्क O किया O जा O सकता O है O कि O दोनों B-NEN मामलों O में O बैंकों O को O लाभ O होगा O क्योंकि O उनका O पूंजी O आधार O बढ़ेगा O । O दूषित O पानी O को O इस्तेमाल O के O लायक O बनाने O के O लिये O गुजरात B-NEL के O शहरी O क्षेत्रों O में O एक B-NEN जल O ग्रिड O की O स्थापना O की O गयी O है O । O पीड़िता O के O लिए O एक B-NEN ‘ O संरक्षण O अधिकारी O ’ O संपर्क O का O पहला O बिंदु O है O । O सौराष्ट्र B-NEL क्षेत्र O को O हरा O - O भरा O बनाने O और O 80 B-NEN लाख I-NEN व्यक्तियों O को O नर्मदा B-NEL नदी O से O पेयजल O उपलब्ध O कराने O के O लिये O सौनी O योजना O शुरू O कर O दी O गयी O है O । O इस O योजना O के O पहले O चरण O में O सौराष्ट्र B-NEL के O 22 B-NEN जलाशयों O के O दायरे O में O आने O वाले O 1,66,000 B-NEN हेक्टेयर O क्षेत्र O में O सिंचाई O की O सुविधा O मुहैया O करायी O गयी O है O । O सुजलाम O सुफलाम O जल O अभियान O के O अधीन O पानी O के O संरक्षण O से O संबंधित O 41488 B-NEN कार्य O किये O गये O हैं O । O इससे O जल O भंडारण O क्षमता O में O 42064 B-NEN लाख I-NEN घन O फीट O की O बढ़ोतरी O हुई O है O । O इस O अभियान O से O कुल O 130.47 B-NEN लाख I-NEN मानव O दिवस O रोजगार O का O सृजन O भी O हुआ O है O । O मुख्यमंत्री O ग्राम O सड़क O योजना O के O अंतर्गत O 10,399 B-NEN सड़कों O पर O 27,064 B-NEN किलोमीटर O का O काम O 6,835 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O व्यय O से O पूरा O कर O लिया O गया O है O । O कुल O 17,843 B-NEN गांवों O और O 16,402 B-NEN उपनगरों O को O कंक्रीट O की O सड़कों O से O जोड़ा O गया O है O । O समर्पित O नीतियों O की O बदौलत O गुजरात O एक B-NEN नीति O - O संचालित O राज्य O बन O गया O है O । O मजिस्ट्रेट O के O ऊपर O आवेदन O मिलने O के O तीन B-NEN दिन O के O अन्दर O केस O पर O कार्यवाही O शुरू O करने O की O ज़िम्मेदारी O है O । O एक B-NEN नयी O सौर O और O हाइब्रिड O ऊर्जा O नीति O तथा O बागवानी O और O चिकित्सकीय O पौधों O को O उपजाने O के O लिये O किराये O पर O जमीन O देने O का O बागायत O अभियान O शुरू O किया O गया O है O । O केस O शुरू O होने O के O पश्चात O , O मजिस्ट्रेट O को O अधिकतम O ६० B-NEN दिन O के O भीतर O केस O का O निवारण O करने O की O कोशिश O करनी O है O । O पीड़िता O के O लिए O एक B-NEN ‘ O संरक्षण O अधिकारी O ’ O संपर्क O का O पहला O बिंदु O है O । O कुल O 30 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा -NEO (( O एमएसएमई - इकाइयों O के O लिये O एक B-NEN विशेष O कमीशन O दर O के O निर्धारण O से O रोजगार O के O 1.25 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O अवसर O पैदा O हुए O हैं O । O संरक्षण O अधिकारी O मजिस्ट्रेट O के O समक्ष O कार्यवाही O शुरू O करने O और O एक B-NEN सुरक्षित O आश्रय O या O चिकित्सा O सहायता O उपलब्ध O कराने O में O मदद O कर O सकते O हैं O । O ‘ O सेवा O प्रदाता O ’ O एक B-NEN ऐसा O संगठन O है O जो O महिलाओं O की O सहायता O करने O के O लिए O काम O करता O है O और O इस O कानून O के O तहत O पंजीकृत O है O । O राज्य O सरकार O ने O 1633 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O ज्यादा O की O आमदनी O की O है O । O राज्य O में O 70 B-NEN हेक्टेयर O से O ज्यादा O जमीन O पर O 13 B-NEN औद्योगिक O और O तीन B-NEN लॉजिस्टिक O पार्क O बनाये O जायेंगे O । O कोविड O की O मौजूदा O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O राज्य O सरकार O ने O 14000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O आत्मनिर्भर O गुजरात O पैकेज O जारी O किया O । O इस O पैकेज O के O तहत O छोटे O विक्रेताओं O , O दुकान O मालिकों O और O कामगारों O को O एक B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O कर्ज O दो B-NEN प्रतिशत O ब्याज O दर O पर O मुहैया O कराया O गया O । O १० B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O आबादी O वाले O शहरों O में O अमूमन O मेट्रोपोलिटन O मजिस्ट्रेट O से O संपर्क O करने O की O आवश्यकता O हो O सकती O है O । O एक B-NEN लाख I-NEN से O 2.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O कर्ज O पर O ब्याज O की O दर O चार B-NEN प्रतिशत O निर्धारित O की O गयी O । O इससे O इन O दोनों B-NEN स्थानों O के O बीच O दूरी O 360 B-NEN किलोमीटर O से O घटकर O 31 B-NEN किमी O रह O गयी O है O । O पीड़िता O सेवा O प्रदाता O से O , O उसकी O शिकायत O दर्ज O कराने O अथवा O चिकित्सा O सहायता O प्राप्त O कराने O अथवा O रहने O के O लिए O एक B-NEN सुरक्षित O स्थान O प्राप्त O कराने O हेतु O संपर्क O कर O सकती O है O । O इसकी O सुनवाई O तिथि O तीन B-NEN दिनों O के O अन्दर O की O निर्धारित O होगी O एवं O निष्पादन O 60 B-NEN दिनों O के O अन्दर O होगा O । O नौवीं O कक्षा O से O महाविद्यालय O तक O के O छात्रों O को O बैटरी O चालित O दोपहिया O वाहन O खरीदने O के O लिये O 12000 B-NEN रुपये O की O सहायता O दी O जाती O है O । O राज्य O में O लगायी O गयी O 1.27 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O सौर O छतों O से O 886 B-NEN मेगावाट O बिजली O पैदा O होती O है O । O सौर O ऊर्जा O नीति O के O तहत O पिछले O चार B-NEN वर्षों O में O बिजली O उत्पादन O क्षमता O में O 1925 B-NEN मेगावाट O की O वृद्धि O हुई O है O । O गुजरात B-NEL में O सौर O छत O परियोजना O की O क्षमता O देश O में O सबसे O अधिक O 611.46 B-NEN मेगावाट O है O । O प्रदूषण O घटाने O और O पर्यावरण O के O संरक्षण O के O मकसद O से O ई O - O रिक्शा O की O खरीद O के O लिये O 48000 B-NEN रुपये O की O सब्सिडी O दी O गयी O है O । O विश्व O का O सबसे O बड़ा O हाइब्रिड O नवीकरणीय O ऊर्जा O पार्क O कच्छ B-NEL में O बनाया O जा O रहा O है O जिसकी O क्षमता O 30,000 B-NEN मेगावाट O होगी O । O गुजरात B-NEL की O बिजली O उत्पादन O क्षमता O में O 37 B-NEN प्रतिशत O योगदान O नवीकरणीय O ऊर्जा O का O है O । O इस O योजना O में O प्रत्येक O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेश O की O एक B-NEN ग्राम O पंचायत O या O ग्राम O परिषद O को O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O का O पुरस्कार O दिया O जाता O है O । O यह O पुरस्कार O ( O डीडीयूपीएसपी O ) O सभी O पंचायती O राज O संस्थानों O की O सामान्य O 2 B-NEN श्रेणी O और O ग्राम O पंचायतों O की O 9 B-NEN विषय O आधारित O श्रेणियों O के O लिए O दिया O जाता O है O । O इस O संदर्भ O में O केआईएलए B-NEO ने O स्थानीय O निकायों O के O लिए O स्थायी O विकास O लक्ष्य O तय O करने O के O लिए O एक B-NEN प्रशिक्षण O टूलकिट O विकसित O किया O है O । O इस O पुरस्कार O में O जनसंख्या O के O आधार O पर O ग्राम O पंचायत O को O 5 B-NEN से O 15 B-NEN लाख I-NEN रुपये O , O ब्लॉक O / O इंटरमीडियट O पंचायत O को O 25 B-NEN लाख I-NEN रुपये O और O जिला O पंचायत O को O 50 B-NEN लाख I-NEN रुपये O दिये O जाते O हैं O । O * O मेंटर O इंडिया O के O 10,000 B-NEN से O अधिक O के O मेंटरिंग O नेटवर्क O का O लाभ O उठाना O । O * O इन्क्यूबेटरों O ( O एआईसी B-NEO / O ईआईसी B-NEO ) O के O 67 B-NEN से O अधिक O नेटवर्कों O के O साथ O सहयोग O करना O , O जो O वृद्धि O योग्य O और O टिकाऊ O बनने O के O अपने O प्रयासों O में O नवोन्मेषी O स्टार्टअप O का O पोषण O करते O हैं O । O मेंटर O इंडिया O एआईएम O के O कार्यक्रमों O के O तहत O समूचे O भारत B-NEL में O विद्यार्थियों O और O स्टार्टअप्स O का O मार्गदर्शन O करने O वालों O को O शामिल O करने O के O लिए O एक B-NEN कार्यनीतिक O राष्ट्र O निर्माण O पहल O है O । O पुरस्कार O में O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O दिए O जाते O हैं O । O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O का O यह O पुरस्कार O प्रत्येक O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O की O एक B-NEN ग्राम O पंचायत O / O ग्राम O परिषद O को O प्रदान O किया O जाता O है O । O 3. B-NEN राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O पंचायत O उद्यम O सुईट O ( O पीईएस O ) O एप्लीकेशंस O / O राज्य O विशिष्ट O एप्लीकेशंस O अपनाकर O उन्हें O लागू O करने O , O पंचायतों O की O आंतरिक O कार्यप्रवाह O प्रक्रियाओं O को O स्वचालित O बनाने O , O सेवाओं O को O अधिक O पारदर्शी O तथा O जवाबदेह O बनाकर O उनकी O इलेक्ट्रॉनिक O डिलीवरी O कराने O तथा O ई O - O पंचायत O एप्लीकेशंस O को O अपनाकर O उन्हें O लागू O करने O वाली O पंचायतों O को O प्रोत्साहन O के O रूप O में O दिया O जाता O है O । O * O देश O के O आकांक्षी O जिलों O और O कम O सेवा O वाले O स्थानों O के O उन O लोगों O को O वित्त O सुलभ O कराने O के O लिए O एक B-NEN पारिस्थितिकी O तंत्र O बनाना O , O जिनके O पास O न O तो O जानकारी O है O और O न O ही O वित्त O तक O उनकी O आसानी O से O पहुंच O है O । O यह O पुरस्कार O हर O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O की O एक B-NEN ग्राम O पंचायत O को O दिया O जाता O है O । O ओडिशा B-NEL एक B-NEN ऐसा O राज्य O है O जहां O वन O धन O योजना O को O काफी O तेजी O से O लागू O किया O जा O रहा O है O । O वे O प्रासंगिकता O के O विभिन O क्षेत्रों O में O अनावरण O की O एक B-NEN श्रृंखला O प्रदान O करेंगे O और O लोग O अपनी O खुद O की O समय O सारणी O तैयार O करने O और O सीखने O के O लिए O क्यूरेटेड O सामग्री O चुनने O में O सक्षम O होंगे O । O राज्य O में O वन O धन O विकास O के O कुल O 660 B-NEN केंद्रों O के O आधार O पर O वन O धन O विकास O के O कुल O 22 B-NEN क्लस्टर O तैयार O किए O गए O हैं O और O यहां O जनजातीय O समुदाय O के O 6,300 B-NEN से O भी O ज्यादा O लोगों O को O इसका O फायदा O मिला O है O । O * O अपने O उत्पादों O , O सेवाओं O और O प्रक्रियाओं O में O नवीन O समाधानों O की O पेशकश O की O सुविधा O के O लिए O स्थानीय O उद्योगों O को O शामिल O करने O के O वास्ते O एक B-NEN ढांचा O प्रदान O करना O । O मयूरभंज B-NEL जिले O के O तीन B-NEN क्लस्टरों O - O लुगूबुरु O वीडीवीकेसी O , O माधरित्री O वीडीवीकेसी O और O भीमकुंड O वीडीवीकेसी O में O जनजातीय O समुदाय O के O लोग O शाल O के O पत्ते O , O शाल O के O बीज O , O कुसुम O बीज O , O जंगली O शहद O जैसे O कच्चे O माल O से O प्लेट O , O कप O , O कुसुम O बीज O और O शहद O तैयार O करेंगे O । O यह O उच्च O लाभ O कमाने O वाली O कंपनियों O को O सामाजिक O , O आर्थिक O और O पर्यावरणीय O प्रभाव O वाली O पहलों O पर O अपने O मुनाफे O का O एक B-NEN हिस्सा O साझा O करके O समाज O की O सेवा O करने O में O सक्षम O बनाता O है O । O * O ग्लोबल O इनोवेशन O इंडेक्स O ( O जीआईआई O ) O के O सभी O संकेतकों O में O रणनीतिक O रूप O से O सुधार O करके O ग्लोबल O इनोवेशन O इंडेक्स O में O रैंकिंग O को O और O बढ़ाने O के O लिए O भारत B-NEL को O स्थापित O करने O की O दिशा O में O एक B-NEN बड़ी O छलांग O प्रदान O करना O । O भारतीय B-NEO औद्योगिक I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O आईडीबीआई B-NEO ) O की O स्थापना O भारतीय O औद्योगिक O विकास O बैंक O अधिनियम O 1964 O के O तहत O एक B-NEN वित्तीय O संस्था O के O रूप O में O हुई O थी O । O इसे O कंपनी O अधिनियम O , O 1956 O की O धारा O 4 B-NEN ए O के O प्रावधानों O के O अंतर्गत O एक B-NEN सार्वजनिक O वित्तीय O संस्था O का O दर्जा O दिया O गया O । O यह O नयी O संहिता O इन O दोनों B-NEN कानूनों O को O निरस्त O करती O है O । O संहिता O की O धारा O 243 B-NEN में O इन O कानूनों O को O रद्द O करने O का O प्रावधान O है O । O इब्राहिमपुर B-NEL आजीविका O विकास O , O बढ़ी O हुई O पारिवारिक O आय O , O सभी O के O लिए O खाद्य O सुरक्षा O , O बेहतर O पोषण O , O गुणवत्तापूर्ण O शिक्षा O , O राष्ट्रीय O ग्रामीण O आजीविका O मिशन O नेटवर्क O का O उपयोग O करके O आस O - O पास O के O शहरों O में O ग्रामीण O उत्पादों O के O विपणन O , O निर्वाचित O प्रतिनिधियों O के O क्षमता O - O निर्माण O और O पंचायत O क्षेत्र O में O विकास O के O हितधारकों O आदि O में O सुधार O की O योजना O बनाने O में O संसाधनों O के O विवेकपूर्ण O आवंटन O के O साथ O गरीबी O मुक्त O गांव O बनने O के O लिए O प्रतिबद्ध O है O । O * O हरित O भारत B-NEL के O लिए O राष्ट्रीय O मिशन O इस O विविधता O की O कुंजी O भारतीय B-NEL उपमहाद्वीप I-NEL की O भाषाई O बहुलता O और O किसी O भी O भाषा O या O संस्कृति O से O मिली O सभी O श्रेष्ठ O बातों O को O ग्रहण O करने O की O लोगों O की O इच्छा O है O । O वास्तव O में O मध्यकाल O के O दौरान O , O उप O - O महाद्वीप O में O रचित O ' O फारसी O साहित्य O की O मात्रा O फारस B-NEL में O रचित O साहित्य O की O मात्रा O से O काफी O अधिक O थी O । O भारत B-NEL , O स्कूलों O / O आंगनवाड़ियों O / O ग्रामपंचायतों O / O सामुदायिक O स्वास्थ्य O केंद्र O इत्यादि O में O नल O से O पानी O की O आपूर्ति O सर्वेक्षण O में O बताया O गया O है O कि O जैसे O भारत B-NEL व्यापार O सुगमता O से O सूचकांकों O में O रैंक O सुधारने O के O लिए O प्रतिबद्ध O है O उसी O प्रकार O जेंडर O के O क्षेत्र O में O भी O प्रयास O किया O जाना O चाहिए O । O यदि O हम O भारत B-NEL को O अधिकाधिक O शक्ति O संपन्न O बनते O हुए O देखना O चाहते O हैं O तो O पानी O की O आपूर्ति O को O प्राथमिकता O देनी O होगी O । O पूर्वी B-NEL पंजाब I-NEL ( I-NEL भारत I-NEL ) I-NEL , O पश्चिम B-NEL पंजाब I-NEL ( I-NEL पाकिस्तान I-NEL ) I-NEL , O सिमला B-NEL , O गौहाटी B-NEL , O पूना, B-NEL , O जालंधर B-NEL , O बॉम्बे B-NEL , O कलकत्ता B-NEL जैसे O स्थानों O में O या O तो O नया O नाम O है O या O नई O वर्तनी O है O । O अंतर्राष्ट्रीय B-NEO ऊर्जा I-NEO एजेंसी I-NEO के O अनुसार O , O भारत B-NEL दुनिया O का O तीसरा O सबसे O बड़ा O तेल O उपभोक्ता O है O । O भारत B-NEL सरकार O ने O भी O जनशिकायतों O के O निवारण O के O लिए O इंटरनेट O आधारित O केंद्रीकृत O सार्वजनिक O शिकायत O निवारण O एवं O निगरानी O प्रणाली O ( O सीपीग्राम्स O ) O की O स्थापना O की O है O । O इस O लक्ष्य O की O प्राप्ति O के O संदर्भ O में O वैश्विक O सर्वसम्मति O प्राप्त O करने O हेतु O किये O जा O रहे O प्रयासों O के O क्रम O में O भारत B-NEL को O सबसे O पहले O अपने O जीवाश्म O ईंधन O बास्केट O को O ' O हरित O ईंधन O बास्केट O ' O के O रूप O में O परिवर्तित O करना O होगा O । O एनआरएलएम O का O यह O समावेशी O दृष्टिकोण O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL में O निर्धन O परिवारों O की O संगठन O शक्ति O , O पारंपरिक O बुद्धिमता O , O कौशल O और O कृषक O समुदाय O की O पसंद O के O विभिन्न O स्तरों O पर O सेवा O प्रदाताओं O के O साथ O मेल O के O लिये O रणनीतिक O रूप O से O महत्वपूर्ण O है O । O (( O 1841 -NETI में O , O आदान B-NEL ( B-NEL यमन I-NEL ) I-NEL में O कुछ O चुंबकीय O उपकरण O लगाए O जाने O थे O लेकिन O कुछ O अप्रत्याशित O परिस्थितियों O में O , O ये O उपकरण O कोलाबा B-NEL ( B-NEL मुंबई I-NEL ) I-NEL मौसम O - O विज्ञान O वेधशाला O ( O मेटिओरोलॉजिकल O ऑब्जर्वेटरी O - O एमओ O ) O में O लगाए O गए O । O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL भौगोलिक O विविधता O और O ग्रामीण O समुदाय O की O आजीविका O के O स्वरूप O के O लिहाज O से O विशिष्ट O राज्य O है O । O भारत B-NEL के O बैंकों O , O बाकी O वित्तीय O संस्थानों O और O बाजार O आकार O या O वित्तीय O ताकत O के O मामले O में O अपने O वैश्विक O समकक्षों O से O पीछे O हैं O । O लेकिन O कोलाबा B-NEL के O बढ़ते O शहरीकरण O , O खास O तौर O बिजली O की O ट्राम O के O शुरू O होने O से O यहां O से O चुंबकीय O गणनाएं O लेना O कठिन O हो O गया O और O वेधशाला O को O अलीबाग B-NEL ( B-NEL मुंबई I-NEL ) I-NEL ले O आया O गया O । O भारत B-NEL में O बाकी O विकासशील O देशों O के O मुकाबले O प्राइवेट O क्रेडिट O - O जीडीपी O और O लोन O - O डिपॉजिट O अनुपात O कम O है O । O इसमें O दुनिया O के O लिए O विश्वसनीय O आधार O बनते O हुए O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL बनाने O की O शक्ति O है O । O नये O भारत B-NEL की O शिक्षा O विद्यार्थियों O को O लाभकारी O और O संतोषप्रद O रोजगार O के O लिए O तैयार O कर O चरित्र O - O निर्माण O को O बढ़ावा O देने O में O सक्षम O बनाएगी O । O शिकायत O निपटान O की O सफलता O के O प्रतिशत O के O मामले O में O तमिलनाडु B-NEL कई O उत्तर O भारतीय O राज्यों O से O बेहतर O दिखाई O पड़ता O है O । O हाल O ही O में O तमिलनाडु B-NEL प्रान्त I-NEL से O लगे O केंद्र O शासित O राज्य O के O निवासियों O ने O वहां O के O उपराज्यपाल O एवं O मुख्यमंत्री O से O उनके O क्षेत्र O में O चलने O वाली O योजनाओं O की O साप्ताहिक O समीक्षा O के O लिए O उपस्थित O होने O के O लिए O प्रतिवेदन O दिया O गया O , O जो O लोगों O की O शिकायत O निवारण O के O संबंध O में O जागरूकता O को O दर्शाता O है O । O लेकिन O ऐसे O कठोर O मौसम O के O बावजूद O ताशिगंग B-NEL भारतीय O लोकतंत्र O के O उच्च O मानदंड O के O प्रमाण O की O तरह O खड़ा O है O । O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL - O ग्रामीण O भारत B-NEL में O गैर O - O कृषि O संपत्ति O अधिकारों O की O बात O करें O तो O ग्रामीण O भारत B-NEL में O आवासीय O भूमि O के O अधिकारों O के O रिकॉर्ड O का O सांख्यिकी O अनुमान O प्रदान O करने O वाले O सर्वेक्षण O बहुत O कम O हैं O क्योंकि O राष्ट्रीय O परिवार O स्वास्थ्य O सर्वेक्षण O अथवा O भारतीय O मानव O विकास O सर्वेक्षण O जैसे O सर्वेक्षणों O में O या O तो O कृषि O भूमि O ली O जाती O है O अथवा O आबादी O भूमि O को O अलग O किए O बगैर O समूची O भूमि O शामिल O की O जाती O है O । O ताशिगंग B-NEL जैसी O कहानियां O जल O जीवन O मिशन O की O अनेक O यश O गाथाओं O का O हिस्सा O हैं O जो O भारत B-NEO सरकार I-NEO का O अत्यंत O महत्वपूर्ण O कार्यक्रम O है O । O भारत B-NEL में O ग्रामीण O आबादी O वाले O इलाकों O में O अधिकार O के O रिकॉर्ड O नहीं O होने O के O कारण O भूमि O प्रशासन O का O स्तर O कम O रहा O है O , O संपत्तियों O का O स्वामित्व O अनुमानों O पर O आधारित O होता O है O , O संपत्ति O विवाद O लंबे O समय O से O अटके O हैं O और O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O भूमि O बाजार O में O तरलता O बहुत O कम O है O । O तभी O विकसित O भारत B-NEL के O सपने O को O सच O में O साकार O किया O जा O सकेगा O । O डिजिटल O इंडिया B-NEL - O गुजरात B-NEL और O ज्या O मानवी O त्या O सुविधा O के O मंत्र O के O साथ O डिजिटल O सेवा O सेतु O की O शुरुआत O की O गयी O है O । O आन्ध्र B-NEL प्रदेश I-NEL में O राज्य O सरकार O द्वारा O अपने O विभागों O की O भी O रैंकिंग O जारी O की O जाती O है O जिससे O उनके O जनता O की O शिकायत O निपटान O की O स्थिति O का O पता O चलता O है O । O कर्नाटक B-NEL - O गोवा B-NEL - O लेखिका O बंगलुरु B-NEL में O डाइवर्सिटी O एंड O इनक्लूजन O कंसल्टेंट O हैं O और O स्पिकमैके O की O राष्ट्रीय O उपाध्यक्ष O रही O हैं O । O भारत B-NEL की O आज O दुनिया O भर O में O अनेक O रूपों O में O पहचान O है O । O * O मेघालय B-NEL राज्य I-NEL द्वारा O megpgrams.gov.in B-NEU के O माध्यम O से O ऑनलाइन O शिकायत O निवारण O प्रणाली O को O संचालित O किया O जा O रहा O है O नागरिक O अपनी O शिकायतें O ऑनलाइन O क्लिक O करके O मेनू O पर O दाखिल O कर O सकते O हैं O । O भारत B-NEL में O केंद्रीय O बैंक O यानि O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO केवल O सरकारी O धन O ही O जमा O नहीं O रखता O है O बल्कि O वह O मौद्रिक O नीति O का O नियामक O , O बैंकों O का O बैंकर O और O मुद्रा O नियामक O भी O बन O चुका O है O । O भारत B-NEL में O बैंकिंग O व्यवस्था O छोटे O , O निजी O वाणिज्यिक O बैंकों O से O शुरू O हुई O लेकिन O जब O उनमें O से O कुछ O नाकाम O होने O लगे O या O उनमें O जमा O राशि O बैंकरों O द्वारा O चुपके O से O निकाली O जाने O लगी O और O ग्राहकों O की O जमा O की O गयी O मेहनत O की O कमाई O डूब O गयी O तो O सरकार O हरकत O में O आयी O और O उसने O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O कर O दिया O । O गुजरात B-NEL राज्य I-NEL योग B-NEO बोर्ड I-NEO का O गठन O करने O वाला O पहला O प्रांत O है O । O इसके O पीछे O भारतीय B-NEL उप I-NEL - I-NEL महाद्वीप I-NEL की O भाषाई O सघनता O और O किसी O भाषा O और O सांस्कृतिक O धारा O से O ग्रहण O कर O लेने O और O अपना O लेने O की O सहज O प्रवृत्ति O रही O है O । O ' O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL ' O के O आइने O को O सामने O रखें O और O निम्नलिखित O सुझावों O पर O विचार O करें O ; O सिर्फ O सरकारें O नहीं O , O हम O भारत B-NEL के O लोग O भी O । O * O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL में O योजना O और O निगरानी O प्रक्रिया O को O स्कीम B-NEAR मैनेजमेंट I-NEAR सिस्टम I-NEAR ( I-NEAR एसएमएस I-NEAR ) I-NEAR सॉफ्टवेयर I-NEAR को O लॉन्च O कर O ऑनलाइन O कर O दिया O गया O । O बिहार B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL झारखण्ड B-NEL जैसे O निम्न O साक्षरता O वाले O राज्यों O में O जनता O द्वारा O शिकायत O दर्ज O करने O के O लिए O तीसरे O व्यक्ति O का O सहारा O लेना O पड़ता O है O , O जिस O वजह O से O निःशुल्क O दायर O की O जा O सकने O वाली O शिकायत O के O लिए O उन्हें O पैसे O देने O पड़ते O हैं O । O इसके O अतिरिक्त O कई O राज्यों O विशेषकर O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL में O ऐसे O मामले O भी O सामने O आए O हैं O , O जिनमें O शिकायतकर्ता O को O सरकारी O विभागों O द्वारा O धमकाया O एवं O डराया O गया O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O हो O या O निजी O क्षेत्र O , O भारत B-NEL के O अधिकतर O बैंकों O के O लिए O यह O चिंता O का O बड़ा O कारण O रही O है O । O गुणवत्ता O और O मात्रा O के O मामले O में O पर्याप्त O पानी O सुनिश्चित O करके O , O गुजरात B-NEL दोहरे O अंकों O की O वृद्धि O के O मार्ग O पर O आगे O बढ़ O गया O । O हालांकि O युद्ध O के O दौरान O " O फैसले O करने O का O अधिकार O और O जिम्मा O जनरलों O पर O ही O छोड़ा O जाना O चाहिए O पर O नेफा B-NEL क्षेत्र O में O बार O - O बार O कमांडर O और O आदेश O बदलना O उचित O नहीं O ठहराया O जा O सकता O चाहे O फिर O वह O बदलाव O बिग्रेड O , O डिवीजन O या O कोर O किसी O भी O स्तर O पर O किया O गया O हो O और O वह O भी O लगातार O बढ़ O रहे O संकट O के O दौरान O । O युद्ध O के O दौरान O फैसले O करने O का O अधिकार O जनरलों O पर O छोड़ा O जाना O चाहिए O लेकिन O नेफा B-NEL क्षेत्र O में O बार O - O बार O आदेश O और O कमांडर O बदलना O किसी O भी O तरह O से O उचित O नहीं O ठहराया O जा O सकता O चाहे O यह O बदलाव O बिग्रेड O , O डिवीजन O अथवा O कोर O किसी O भी O स्तर O पर O किया O गया O हो O और O वह O भी O घोर O संकट O के O दौरान O । O यदि O सूखाग्रस्त O गुजरात B-NEL में O जल O सुरक्षा O हासिल O की O जा O सकती O है O तो O केंद्र O सरकार O द्वारा O अपनाए O जा O रहे O एकीकृत O और O केंद्रित O दृष्टिकोण O से O देश O में O जल O सुरक्षा O प्राप्त O करना O भी O संभव O है O । O गंगा B-NEL में O मलीय O कॉलीफॉर्म O की O बढ़ी O मात्रा O प्रमाण O है O कि O इस O निर्देश O की O कई O स्थानों O पर O अनदेखी O हुई O है O । O भारत B-NEL की O पहली O साइबर B-NEO अपराध I-NEO रोकथाम I-NEO इकाई I-NEO गुजरात B-NEL में O स्थापित O की O गयी O है O । O आयुष्मान O भारत B-NEL भी O अब O तक O का O सबसे O आकांक्षी O स्वास्थ्य O मिशन O है O जो O सबके O लिए O स्वास्थ्य O कवरेज O का O लक्ष्य O हासिल O करने O में O सहायक O है O । O गुजरात B-NEL नल O से O जल O कार्यक्रम O के O तहत O हर O घर O में O पानी O पहुंचाने O के O लिये O कृतसंकल्प O है O । O प्राचीन O भारत B-NEL में O " O लेखन O ! O राज्यों O के O साथ O साझेदारियों O के O जरिए O सुधारों O और O नीतिगत O पहलों O को O व्यापक O और O प्रभावपूर्ण O तरीके O से O लागू O करने O में O भारत B-NEL की O सहायता O करने O की O दिशा O में O इसे O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभानी O है O । O पीने O के O पानी O में O भारत B-NEL की O उपलब्धि O हमारे O देश O के O सभी O नागरिकों O को O सदैव O स्मरण O रखना O चाहिए O कि O भारत B-NEL ' O अनेकता O में O एकता O ' O का O देश O है O । O भारत B-NEL में O इसे O काले O धन O , O तस्करी O एवं O अन्य O काले O कारनामों O के O लिये O मुफीद O माना O जाता O है O । O दूसरी O ओर O , O नीति O आयोग O भारत B-NEL के O विकास O की O रफ्तार O में O तेजी O लाने O के O लिए O प्रमुख O रूप O से O इंटलेक्चुअल O फायर O पावर O ( O यानी O किसी O व्यक्ति O की O रणनीतिक O रूप O से O सोचने O और O जटिल O समस्याओं O का O समाधान O तलाशने O की O क्षमता O ) O के O साथ O ही O साथ O राज्य O सरकारों O , O सामाजिक O संगठनों O और O निजी O क्षेत्र O तथा O नवोन्मेषकों O के O साथ O सार्थक O भागीदारियां O स्थापित O करने O के O दायित्व O और O क्षमता O के O जरिए O संचालित O होता O है O । O इसी O प्रकार O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL एवं O अन्य O राज्य O किसानों O के O लिए O ऐसी O ही O दुर्घटना O बीमा O योजनाएं O चला O रहे O हैं O । O मत्स्यपालन O भारत B-NEL में O भोजन O , O पोषण O , O रोजगार O और O आय O का O महत्वपूर्ण O स्रोत O है O । O फर्मों O और O परिवारों O दोनों O के O लिए O बैंकिंग O सिस्टम O भारत B-NEL में O कर्ज O हासिल O करने O का O अहम O जरिया O है O । O भारत B-NEL में O बैंकिंग O सेक्टर O में O सरकार O के O नियंत्रण O वाले O बैंकों O की O बड़ी O संख्या O है O । O चूंकि O , O भारत B-NEL विभिन्न O प्रयोजनों O के O लिए O सोने O का O सबसे O बड़ा O आयातक O और O उपयोगकर्ता O है O , O इसलिए O अर्थव्यवस्था O में O पूंजी O निर्माण O में O मूल्यवान O वस्तुओं O का O बड़ा O हिस्सा O है O । O भारत B-NEL में O बैंकों O के O सुधार O का O इतिहास O अनेक O विख्यात O हस्तियां O समर्थन O में O आगे O आईं O , O हॉकी O टीम O ने O बंगलुरू B-NEL को O साफ O करने O का O बीड़ा O उठाया O , O राजनीतिक O नेताओं O ने O पूरे O देश O में O स्वच्छता O अभियानों O का O उद्घाटन O किया O । O भारत B-NEL की O ही O तरह O अन्य O विभिन्न O देशों O में O भी O स्वच्छता O अभियान O की O सफलता O की O राह O में O अनेक O रोड़े O हैं O जिनकी O वजह O से O अभियान O की O कामयाबी O कठिन O एवं O जटिल O हो O जाती O है O । O इन O मुद्दों O से O निपटने O के O लिए O , O भारत B-NEL के O गणतंत्र O दिवस O के O अवसर O पर O पर्यावरण O संरक्षण O और O जल O संरक्षण O पर O ' O निसर्ग O रक्षा O ' O नामक O राष्ट्रव्यापी O अभियान O शुरू O किया O गया O है O । O लेखिका O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO और I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O के O चंडीगढ़ B-NEL स्थित O हरियाणा B-NEO क्षेत्रीय I-NEO कार्यालय I-NEO में O सहायक O महाप्रबंधक O के O पद O पर O कार्यरत O हैं O । O भारत B-NEL की O आज़ादी O और O हिन्दी O साहित्य O उस O समय O तक O मदरसा O शहबाजिया B-NEL जिले O का O पहला O था O । O आजादी O के O बाद O से O हमारे O नीति O निर्माताओं O का O यह O निरंतर O प्रयास O रहा O है O कि O भारत B-NEL में O ग्रामीण O समृद्धि O लाने O पर O पर्याप्त O जोर O दिया O जाये O । O मौलाना B-NEL चक I-NEL विद्या O प्रचार O का O केंद्र O था O । O अब O भी O मदरसा O में O बिहार B-NEL और O झारखंड B-NEL के O अधिकांश O जिलों O के O बच्चे O शिक्षा O ग्रहण O करने O आते O हैं O । O भारत B-NEL में O , O गुणवत्तापूर्ण O प्रारंभिक O बचपन O देखभाल O और O शिक्षा O ( O ईसीसीई O ) O तक O पहुंच O का O लक्ष्य O अब O भी O हासिल O करना O बाकी O है O । O लेखक O भारतीय O स्टेट O बैंक O के O कॉरपोरेट O केंद्र O , O मुंबई B-NEL के O आर्थिक O अनुसंधान O विभाग O में O मुख्य O प्रबंधक O के O रूप O में O कार्यरत O हैं O और O आर्थिक O एवं O बैंकिंग O विषयों O पर O आधारित O पत्रिका O आर्थिक O दर्पण O के O संपादक O हैं O । O बिहार B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O झारखण्ड B-NEL जैसे O निम्न O साक्षरता O वाले O राज्यों O में O जनता O द्वारा O शिकायत O दर्ज O करने O के O लिए O तीसरे O व्यक्ति O का O सहारा O लेना O पड़ता O है O , O जिस O वजह O से O निःशुल्क O दायर O की O जा O सकने O वाली O शिकायत O के O लिए O उन्हें O पैसे O देने O पड़ते O हैं O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O भारत B-NEL के O विकास O के O साथ O जल O संकट O की O चुनौती O समान O रूप O से O बढ़ O रही O है O । O चाहे O वह O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL का O लोकसेवा O गारंटी O अधिनियम O हो O या O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL का O जन O सुनवाई O पोर्टल O , O सभी O प्रयास O इसी O दिशा O में O हैं O कि O किस O प्रकार O शासन O को O जनता O द्वारा O एवं O जनता O के O लिए O बनाया O जाए O । O पूरे O विश्व O में O प्लास्टिक O कचरे O से O होने O वाले O प्रदूषण O में O भारत B-NEL का O हिस्सा O बहुत O बड़ा O है O । O मध्यप्रदेश B-NEL - O प्रधानमंत्री O ने O राजस्थान B-NEL , O उत्तराखंड B-NEL , O कर्नाटक B-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL और O गुजरात B-NEL के O सरपंचों O और O वार्ड O पंचों O के O साथ O भी O बातचीत O की O । O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O वर्तमान O सरकार O ने O सुशासन O को O सर्वोच्च O प्राथमिकता O में O रखा O है O । O इस O प्राथमिकता O की O पूर्ति O हेतु O आम O जनता O को O अधिक O आसानी O से O शासकीय O सेवाएं O देने O तथा O उनकी O शिकायतों O के O त्वरित O निराकरण O की O दिशा O में O कई O कदम O उठाए O हैं O , O जिनमें O सबसे O प्रमुख O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL लोक O सेवा O गारंटी O अधिनियम O - O 2010 O है O । O दयनीय O भाव O से O , O हमने O शिक्षा O के O अपेक्षाकृत O निचले O स्तर O को O हासिल O कर O आजाद O भारत B-NEL की O यात्रा O शुरू O की O । O मध्यकाल O के O दौरान O बड़ी O संख्या O में O भाषाओं O में O और O मानव O प्रयासों O के O लगभग O सभी O विषयों O पर O साहित्य O की O विविधता O का O उद्भव O इस O काल O को O भारत B-NEL के O स्वर्णिम O युग O के O रूप O में O दर्शाता O है O । O यह O यूरोप B-NEL और O पश्चिम O के O बिल्कुल O विपरीत O है O , O जहां O मध्य O काल O को O अंधकार O युग O के O रूप O में O जाना O जाता O है O । O भारत B-NEL में O स्वर्ण O का O उत्पादन O नहीं O होता O है O , O फिर O भी O , O देश O में O संचय O के O माध्यम O से O स्वर्ण O इकठ्‌ठा O किया O जा O रहा O है O । O धार्मिक O , O वैज्ञानिक O तथा O आर्थिक O साहित्य O और O राजनीति O विज्ञान O , O कविता O , O नाटक O , O कहानियां O तथा O प्रत्येक O संबद्ध O क्षेत्र O ने O इस O अवधि O के O दौरान O भारत B-NEL में O प्रसिद्धि O प्राप्त O की O । O मुख्य O रूप O से O आयात O के O माध्यम O से O भारत B-NEL में O स्वर्ण O एकत्र O किये O जा O रहें O हैं O । O आरंभ O से O स्वर्ण O भारत B-NEL की O सभ्यता O एवं O संस्कृति O का O अहम O हिस्सा O रहा O है O । O इसलिए O , O भारत B-NEL के O महाकाव्य O - O रामायण B-NEAR और O महाभारत B-NEAR , O उप O - O महाद्वीप O में O सबसे O अधिक O रूपांतरित O रचनाओं O में O शामिल O थे O । O इन O प्रयासों O के O साकार O होने O से O ही O हमें O अपने O भारत B-NEL की O सामाजिक O - O सांस्कृतिक O , O राजनीतिक O और O आर्थिक O पहचान O प्राप्त O हुई O है O जिस O पर O हम O सभी O को O गर्व O भी O है O । O ' O उन्नत O भारत B-NEL अभियान O ' O के O तहत O छात्रों O को O ग्रामीण O समुदायों O से O जोड़ने O के O लिये O कोर्स O और O पाठ्यक्रम O तैयार O करने O के O प्रयास O किये O जा O रहे O हैं O । O इस O राष्ट्रव्यापी O पहल O में O जन O - O भागीदारी O पर O विशेष O ध्यान O दिया O जा O रहा O है O और O इस O प्रकार O स्थानीय O स्तर O पर O छोटे O - O छोटे O बदलाव O भी O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL की O भावना O से O ऊर्जा O पाकर O बड़ी O राष्ट्रीय O उपलब्धि O का O रूप O ग्रहण O कर O लेंगे O । O सरकार O केंद्रीय B-NEO मंत्रालयों I-NEO व I-NEO विभागों I-NEO में O ई B-NEAR ऑफिस I-NEAR व O अन्य O ई B-NEAR गवर्नेंस I-NEAR फलक I-NEAR शुरू O करते O हुए O अपने O कारोबार O के O निपटान O की O प्रक्रिया O को O भी O बदल O रही O है O । O यूनिसेफ B-NEO ने O विभिन्न O लाइन O विभागों O के O बीच O डेटा O शेयर O कर O राज्यों O को O सहयोग O दिया O , O जल O सप्लाई O स्रोतों O के O आधार O पर O स्कूलों O और O आंगनवाडियों O को O पाटने O की O योजनाएं O विकसित O कीं O , O साथ O ही O इसमें O सौर O - O ऊर्जा O जैसी O संधारणीय O तकनीकों O की O मदद O से O पानी O को O ऊपरी O टैंकों O तक O पहुंचाने O में O राज्यों O की O मदद O करना O जिससे O क्षेत्र O - O विशेष O के O प्रगति O कार्य O को O बल O मिले O और O प्रगति O पर O सतत O निगाह O रखने O जैसे O कार्य O शामिल O थे O । O खाद्य B-NEO एवं I-NEO आपूर्ति I-NEO विभाग I-NEO क्षमता O निर्माण O के O लिए O जिला O स्तर O के O अधिकारियों O , O क्षेत्रीय O कर्मचारियों O और O फेयर O प्राइस O शॉप O ( O एफपीएस O ) O डीलरों O को O वीडियो O कॉन्फ्रेंसिंग O और O वेबकास्टिंग O के O माध्यम O से O लगातार O व्यवस्थित O ढंग O से O प्रशिक्षित O कर O रहा O है O । O खाद्य B-NEO एवं I-NEO आपूर्ति I-NEO विभाग I-NEO द्वारा O ओ O एन O ओ O आर O सी O में O राशन O कार्ड O पोर्टेबिलिटी O का O राष्ट्रव्यापी O अभियान O राष्ट्रीय O खाद्य O सुरक्षा O अधिनियम O ( O एनएफएसए O ) O के O अंतर्गत O चलाया O जा O रहा O है O । O राहत B-NEO और I-NEO पुनर्वास I-NEO मंत्रालय I-NEO के O गठन O से O शुरू O होने O वाली O पुस्तक O में O , O सैन्य O निकासी O संगठनों O , O अंतहीन O समितियों O और O उप O - O समितियों O आदि O के O सरकार O के O उपायों O को O संक्षेप O में O प्रस्तुत O किया O गया O है O । O इसके O अनुरूप O केंद्रीय B-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O गांवों O में O गरीबी O उन्मूलन O के O लिये O “ O आजीविका O विकास O ' O का O मार्ग O अपनाया O है O । O ट्विन O बैलेंस O शीट O की O समस्या O यानि O अति O प्रवाह O और O संकटग्रस्त O कंपनियां O मिलकर O पीएसबी B-NEO के O एनपीए O को O बढ़ाती O हैं O जिससे O अर्थव्यवस्था O में O निवेश O बाधित O होता O है O । O आईआईजी B-NEO द्वारा O किए O जाने O वाले O अनुसंधान O कार्यों O का O दायरा O बड़ा O विस्तृत O है O । O एसएचजी B-NEO अपरिहार्य O संगठन O शक्ति O के O साथ O उभरे O हैं O । O देखा O जाए O तो O पृथ्वी O और O सूर्य O अथवा O इन O दोनों O के O बीच O के O स्थान O का O सब O कुछ O आईआईजी B-NEO के O शोध O के O दायरे O में O आता O है O । O दूसरी O ओर O एसएचजी B-NEO के O जरिये O सूक्ष्म O ऋण O प्रणाली O तक O महिलाओं O की O पहुंच O बढ़ी O है O । O पश्चिम B-NEO बंगाल I-NEO सही O मायनों O में O भूमिहीन O या O सीमांत O कृषक O परिवारों O के O बड़े O तबके O को O संगठित O करना O शुरू O करने O की O स्थिति O में O है O । O इसके O बजाय O आधुनिक O ज्ञान O तक O पहुंच O बढ़ाने O और O संसाधनों O के O बेहतर O प्रबंधन O के O लिये O एसएचजी B-NEO समुदाय O और O सेवा O प्रदाताओं O की O क्षमता O का O विकास O आवश्यक O है O । O कर्नाटक B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O ई O - O जनस्पंदन O नामक O पोर्टल O के O माध्यम O से O राज्य O सरकार O से O जुड़ी O शिकायतों O का O निवारण O किया O जाता O है O । O जनस्पंदन O सेल O की O स्थापना O कार्मिक B-NEO और I-NEO प्रशासनिक I-NEO सुधार I-NEO विभाग I-NEO ( O डीपीआर B-NEO ) O के O अंतर्गत O की O गयी O । O राज्य O के O युवाओं O को O प्रशिक्षण O तथा O यूपीएससी B-NEO , O जीपीएससी B-NEO , O गुजरात B-NEO सेकंडरी I-NEO सर्विस I-NEO बोर्ड I-NEO इत्यादि O प्रतियोगिता O परीक्षाओं O की O तैयारी O के O लिये O लगने O वाले O शुल्क O में O सहायता O मुहैया O करायी O जा O रही O है O । O हेल्पलाइन O कर्नाटक B-NEO सरकार I-NEO ( O जीओसी O ) O के O नगर O सुधार O कार्यक्रम O ( O एमआरपी O ) O का O हिस्सा O है O । O * O पूर्वोत्तर O राज्यों O में O शिकायत O निवारण O को O केंद्र O सरकार O द्वारा O उत्तर B-NEO पूर्वी I-NEO क्षेत्रीय I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO के O अंतर्गत O विनियमित O किया O जाता O है O । O योग O और O संस्कृत O भाषा O को O बढ़ावा O देने O के O लिये O राज्य B-NEO योग I-NEO बोर्ड I-NEO और O बोर्ड B-NEO का O गठन O किया O गया O है O । O सुखद O है O कि O जल B-NEO - I-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO के O आंकड़े O और O दस्तावेज O इस O दिशा O में O आगे O बढ़ O रहे O हैं O । O एचडीएफसी B-NEO , O आईसीआईसीआई B-NEO , O एक्सिस B-NEO और O येस B-NEO बैंक I-NEO जैसे O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O को O भारतीय O बैंकिग O क्षेत्र O में O काम O करने O की O अनुमति O दे O दी O गयी O । O बैंकिंग O क्षेत्र O में O इस O बड़ी O समस्या O के O समाधान O के O लिए O सरकार O ने O मिशन O इंद्रधनुष O की O घोषणा O की O , O जो O पुनर्पूंजीकरण O , O बैंकिंग B-NEO बोर्ड I-NEO ब्यूरो I-NEO के O गठन O और O जवाबदेही O का O ढांचा O तैयार O करने O पर O केंद्रित O है O । O सूचना B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO विभाग I-NEO ने O आईआईटी B-NEO जैसी O संस्थाओं O के O साथ O मिलकर O विभिन्न O तरीकों O से O इससे O निपटने O के O प्रयास O किये O हैं O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O मिशन O की O व्यापक O छत्र O - O छाया O में O स्वास्थ्य O संबंधी O मुद्दों O के O समाधान O के O लिए O अनेक O कार्यक्रम O तैयार O किए O गए O हैं O । O इतना O ही O नहीं O प्रजनन O , O मातृ O , O नवजात O शिशु O , O बाल O एवं O किशोर O स्वास्थ्य O ( O आरएमएनसीएएच O ) O , O पोषाहार O संबंधी O कार्यक्रम O , O संचारी O और O गैर O - O संचारी O रोगों O से O लेकर O स्वास्थ्य O तंत्र O को O मजबूत O करने O जैसे O विभिन्न O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O कार्यक्रमों O को O स्वास्थ्य B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O तैयार O करके O लागू O किया O है O जिससे O देश O की O जनसंख्या O की O विविध O स्वास्थ्य O सेवा O आवश्यकताओं O की O पूर्ति O होती O है O । O सरकार B-NEO ने O अपने O लोगों O को O पीने O का O पानी O उपलब्ध O कराने O में O जबरदस्त O प्रगति O की O है O । O एआरसीआई B-NEO में O तैयार O किया O गया O नई O तरह O का O टाइटेनियम O डाइऑक्साइड O सूक्ष्मगोलक O ' O अपने O - O आप O सफाई O ' O के O मामले O में O बेहतर O साबित O हुआ O है O । O कालांतर O में O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O अध्ययनों O के O आधार O पर O इसमें O विनिमय O दर O प्रबंधन O और O वित्तीय O स्थिरता O को O भी O जोड़ा O गया O । O लेखक O वस्त्र B-NEO मंत्रालय I-NEO , O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O अपर O आर्थिक O सलाहकार O हैं O । O विशेष O योजनाओं O के O अलावा O किसानों O एवं O कृषि O मज़दूरों O को O व्यापक O सामाजिक O सुरक्षा O कार्यक्रम O की O आवश्यकता O है O , O जिसमें O अंतरराष्ट्रीय B-NEO श्रम I-NEO संगठन I-NEO द्वारा O बताई O गई O सभी O आकस्मिक O आवश्यकताएं O शामिल O हों O । O वित्त O मंत्री O की O अध्यक्षता O वाली O राज्यों O तथा O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O वित्त O मंत्रियों O की O जीएसटी B-NEO परिषद I-NEO वस्तुओं O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O पर O कर O की O दरें O तय O करती O है O अथवा O उनकी O सिफारिश O करती O है O । O इन O सभी O मुद्दों O और O मांगों O को O जीएसटी B-NEO परिषद I-NEO के O सामने O रखा O गया O । O एआरसीआई B-NEO ने O हाल O में O पाया O कि O चेहरे O पर O लगाए O जाने O वाले O मास्क O में O तांबा O - O ऑक्साइड O नैनो O - O कणों O और O नैनो O सिल्वर O का O इस्तेमाल O करने O पर O ऐसे O मास्क O कोरोना O वायरस O से O बचाव O में O ज़्यादा O कारगर O साबित O हो O सकते O हैं O । O आरबीआई B-NEO भी O नये O उत्पादों O के O प्रावधानों O , O विनियामक O दिशानिर्देशों O में O छूट O और O टिकाऊ O एवं O गणनीय O समावेश O प्रदान O करने O के O लिए O अन्य O सहायक O उपायों O के O माध्यम O से O मिशन O मोड O में O वित्तीय O समावेश O की O पहल O कर O रहा O है O । O आईएनएसएसीओजी B-NEO की O गतिविधियों O का O विस्तार O कर O इनमें O निगरानी O , O लक्षित O नमूना O संग्रह O , O क्लिनिकल O सह O - O संबंध O के O लिये O अस्पताल O नेटवर्क O के O नमूनों O के O अनुक्रमण O और O पर्यावरणीय O निगरानी O से O संबंधित O विभिन्न O पहलुओं O को O शामिल O किया O गया O है O । O शिक्षकों O के O लिए O प्रशिक्षण O घटक O में O ऋषिहुड B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO द्वारा O अपने O विशेषज्ञों O के O माध्यम O से O संबंधित O क्षेत्रों O की O स्थानीय O भाषाओं O में O ऑनलाइन O शिक्षण O मॉड्यूल O शामिल O किए O जाएंगे O और O संगठनों O की O सुविधा O के O लिए O ई O - O सर्टिफिकेशन O भी O प्रदान O किया O जाएगा O । O डीबीटी O - O आईसीजीईबी O और O सन B-NEO फार्मा I-NEO की O साझा O तौर O पर O विकसित O दवा O एक्यूसीएच O का O दूसरे O चरण O का O क्लिनिकल O परीक्षण O चल O रहा O है O । O कोविड O - O 19 O के O लिये O क्लिनिकल O परीक्षण O की O डीसीजीआई B-NEO से O मंजूरी O पाने O वाली O यह O पहली O पादप O फार्मास्यूटिकल O दवा O है O । O आयुष B-NEO मंत्रालय I-NEO के O सहयोग O से O कोविड O - O 19 O के O लिये O प्राकृतिक O उत्पादों O से O चिकित्सा O विधान O विकसित O किये O जा O रहे O हैं O । O डीबीटी B-NEO - I-NEO बीआईआरएसी I-NEO समर्थित O आईस्टेम B-NEO रिसर्च I-NEO प्राइवेट I-NEO लिमिटेड I-NEO ने O रोग O मॉडलिंग O और O कोविड O - O 19 O के O खिलाफ O संभावित O चिकित्सा O विधानों O के O परीक्षण O के O लिये O मानव O इंड्यूस्ड O प्लूरीपोटेंट O स्टेम O सेल O ( O आईपीएससी O ) O से O उत्पन्न O फेफड़े O के O वायुमार्ग O और O वायुकोशीय O उपकला O की O कोशिकाओं O का O विकास O किया O है O । O डीबीटी B-NEO ने O पूरी O सक्रियता O दिखाते O हुए O कोविड O - O 19 O पर O अनुसंधान O में O लगे O अनुसंधानकर्ताओं O और O उद्योगों O की O सहायता O के O लिये O अनेक O कदम O उठाये O हैं O । O उसने O तेजी O और O सुगमता O से O मंजूरियों O के O लिये O सीडीएससीओ B-NEO के O साथ O नजदीकी O सहयोग O से O कोविड O - O 19 O से O संबंधित O जैवसुरक्षा O विनियम O जारी O किये O हैं O । O अनुवांशिक O परिवर्तन O पर O समीक्षा O समिति O - O रिव्यू B-NEO कमेटी I-NEO ऑन I-NEO जेनेटिक I-NEO मैनिपुलेशन I-NEO ( I-NEO आरसीजीएम I-NEO ) I-NEO और O डीसीजीआई B-NEO ने O कोविड O - O 19 O के O लिये O निम्नलिखित O जैवसुरक्षा O विनियम O जारी O किये O हैं O - O * O कोविड O - O 19 O टीका O विकास O के O लिये O त्वरित O प्रतिक्रिया O नियामक O फ्रेमवर्क O - O डीबीटी B-NEO ने O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O साथ O मिलकर O कोविड O - O 19 O पर O अनुसंधान O के O लिये O जैव O नमूनों O और O आंकड़ों O की O साझेदारी O से O संबंधित O ये O दिशानिर्देश O तैयार O किये O हैं O । O स्टार्टअप O संस्थाओं O को O डीबीटी B-NEO - I-NEO बीआईआरएसी I-NEO से O मदद O फिलहाल O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO जल O जीवन O मिशन O की O वजह O से O खबरों O की O सुर्खियों O में O है O । O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO संघ I-NEO ( I-NEO आइएमए I-NEO ) I-NEO आधुनिक O वैज्ञानिक O चिकित्सा O प्रणाली O का O एकमात्र O प्रतिनिधि O , O राष्ट्रीय B-NEO स्वैच्छिक I-NEO संगठन I-NEO है O जो O चिकित्सकों O के O हितों O के O साथ O - O साथ O व्यापक O तौर O पर O समुदाय O के O हितों O का O ध्यान O रखता O है O । O इसी O उद्देश्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O शिकायत O निवारण O तंत्र O प्रणाली O को O लेकर O कई O नए O कदम O उठाए O , O किंतु O वर्तमान O भूमंडलीकृत O विश्व O में O मात्र O केंद्र O द्वारा O ऐसी O प्रणाली O विकसित O करने O से O कुछ O नहीं O होगा O , O राज्यों O का O भी O इसमें O प्रतिभागी O होना O आवश्यक O है O । O इस O मिशन O में O लोक B-NEO स्वास्थ्य I-NEO अभियांत्रिकी I-NEO विभाग I-NEO तथा O ग्राम O पंचायतों O और O उनकी O उपसमितियों O की O भूमिका O सार्वजनिक O सेवा O की O है O । O उन्हें O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO के O परिपत्रों O में O निगरानी O व O प्रारंभिक O चेतावनी O संकेतों O के O प्रति O पूरी O गंभीरता O दिखानी O चाहिए O थी O । O नीचे O दिये O गये O विवरण O के O अनुसार O कंपनी O नियम O के O प्रावधान O बैंकरों O को O कार्रवाई O शुरू O करने O और O ऐसे O मामलों O को O गंभीर B-NEO धोखाधड़ी I-NEO जांच I-NEO कार्यालय I-NEO ( O एसएफआईओ B-NEO ) O को O भेजने O के O लिए O अवसर O प्रदान O करते O हैं O । O इस O मिशन O में O लोक B-NEO स्वास्थ्य I-NEO अभियांत्रिकी I-NEO विभाग I-NEO तथा O ग्राम O पंचायतों O और O उनकी O उपसमितियों O की O भूमिका O सार्वजनिक O सेवा O की O है O । O इन O क्षेत्रों O में O खराब O पानी O वाले O रिहायशी O इलाके O , O रेगिस्तानी O और O सूखा O प्रभावित O क्षेत्र O तथा O अनुसूचित O जाति O और O अनुसूचित O जनजाति O बहुल O और O सांसद B-NEO आदर्श I-NEO ग्राम I-NEO योजना I-NEO के O अधीन O गाँव O शामिल O हैं O । O शिक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O महात्मा B-NEO गांधी I-NEO राष्ट्रीय I-NEO ग्रामीण I-NEO शिक्षा I-NEO परिषद‌ I-NEO को O सामाजिक O जिम्मेदारी O और O सामुदायिक O भागीदारी O को O बढ़ावा O देने O के O लिये O मुफ्त O ऑनलाइन O कोर्स O तैयार O करने O और O उन्हें O ' O स्वयं O ' O प्लेटफॉर्म O पर O चलाने O का O दायित्व O सौंपा O है O । O प्राथमिकताएं O इस O प्रकार O से O हों O जो O कि O प्रगतिशील O भी O हों O तथा O साथ O ही O डेटा O निगरानी O और O जल O उपयोग O या O सेवा O स्तरों O की O क्षेत्र O निगरानी O का O मूल्यांकन O डब्ल्यूएचओ B-NEO और O यूनिसेफ B-NEO के O संयुक्त O मोनिटरिंग O कार्यक्रमों O के O तहत O जल O आपूर्ति O , O स्वच्छता O के O सतत O विकास O लक्ष्य O 6.1 O जिसमें O “ O सुरक्षित O रूप O से O प्रबंधित O अथवा O जल O सेवाओं O के O तत्व O जैसे O गुणवत्ता O , O पहुंच O और O उपलब्धता O भी O सम्मिलित O हों O , O उसे O सुनिश्चित O कर O सकें O । O अब O आरबीआई B-NEO भी O नये O उत्पादों O के O प्रावधानों O , O विनियामक O दिशानिर्देशों O में O छूट O और O टिकाऊ O एवं O गणनीय O समावेश O प्रदान O करने O के O लिए O अन्य O सहायक O उपायों O के O माध्यम O से O मिशन O मोड O में O वित्तीय O समावेश O की O पहल O कर O रहा O है O । O लोक B-NEO प्रशासन I-NEO प्रत्येक O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O में O पानी O की O गुणवत्ता O या O पीएचईडी B-NEO द्वारा O पानी O की O गुणवत्ता O की O परिचालन O निगरानी O की O जा O सकती O है O । O अधिनियम O की O धारा O 21 O ( O 3 O ) O के O अनुसार O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO राज्य O सरकार O द्वारा O अधिनियम O से O संबंधित O उठाये O गये O कदमों O एवं O किये O गये O उपायों O में O समन्यव O के O लिये O आवश्यकतानुसार O सहायता O करेगी O । O खाद्य O पदार्थों O की O कीमतें O आसमान O छूने O लगती O हैं O जिससे O उनके O स्वास्थ्य O और O पोषण O पर O भी O बुरा O असर O पड़ता O है O और O इसका O परिणाम O अंततः O मानवीय B-NEO संसाधनों O पर O पड़ता O है O । O यह O तय O किया O गया O कि O दूरस्थ O निगरानी O के O लिए O इंटरनेट B-NEAR ऑफ I-NEAR थिंग्स I-NEAR ( O आईओटी B-NEAR ) O का O प्रयोग O किया O जाए O जो O मानवीय O हस्तक्षेप O के O बिना O संवेदक O और O संचार O के O बुनियादी O ढांचे O ( O सेंसर B-NEAR और O कम्युनिकेशन B-NEAR इंफ्रास्ट्रक्चर I-NEAR ) O का O प्रयोग O करते O हुए O वास्तविक O - O समय O की O जानकारी O दे O सके O । O वाणिज्य O विभाग O सभी O हितधारकों O को O लिंक O करने O के O लिए O एकल B-NEAR विंडो I-NEAR ऑनलाइन I-NEAR मार्केट I-NEAR प्लेस O के O रूप O में O राष्ट्रीय B-NEAR लॉजिस्टिक्स I-NEAR पोर्टल I-NEAR तैयार O कर O रहा O है O । O व्याकरण O के O प्राचीन O ग्रंथ O ' O तोल्कप्पियम B-NEAR ' O ने O तमिल O साहित्य O को O शब्द O - O अनुशासन O दिया O और O संगम O युग O में O यह O जैसे O जीवन O - O शैली O ही O बन O गया O । O सरकारी O ई B-NEAR - I-NEAR मार्केटप्लेस I-NEAR ( O जीईएम B-NEAR ) O पारदर्शी O व O प्रभावी O तरीके O से O सही O गुणवत्ता O व O प्रमात्रा O में O सही O मूल्य O पर O उपलब्ध O कराता O है O । O इनमें O ' O बर्फ B-NEAR के I-NEAR आदमी I-NEAR ' O में O कल्पना O की O ताजगी O और O गुंफन O कहीं O अधिक O हैं O । O ' O हवा B-NEAR चुलबुली I-NEAR ' O कविता O में O वे O हवा O की O मीठी O छेड़छाड़ O के O सुंदर O चित्र O आंकते O हैं O - O उनके O नाटक O ' O टकलम B-NEAR टोला I-NEAR घी I-NEAR का I-NEAR गोला I-NEAR ' O और O ' O चूं B-NEAR - I-NEAR चूं I-NEAR का I-NEAR मुरब्बा I-NEAR ' O बहुत O विनोदपूर्ण O हैं O । O इस O लिहाज O से O उनकी O ' O चरमर B-NEAR - I-NEAR चरमर I-NEAR ' O कविता O अद्भुत O है O - O उदाहरण O के O तौर O पर O , O कहानियां O सुनाने O वाले O महाभारत B-NEAR , O रामायण B-NEAR और O भगवद्‌ B-NEAR गीता I-NEAR के O उद्धरण O के O माध्यम O से O राजाओं O को O जीवन O की O सच्चाइयों O से O रूबरू O कराते O थे O और O सही O - O गलत O , O न्याय O - O अन्याय O , O मानवीयता O - O अमानवीयता O आदि O के O बारे O में O बताने O की O कोशिश O करते O थे O । O किंतु O आरओ B-NEAR यानी O रिवर्स B-NEAR ऑस्मोसिस I-NEAR जैसी O तकनीक O यह O सुनिश्चित O नहीं O कर O सकती O । O इस O संकल्प O की O शुरुआत O माननीय O प्रधानमंत्री O के O उन O शब्दों O से O मानी O जा O सकती O है O जिसमें O उन्होंने O " O मन O की O बात O " O कार्यक्रम O के O दौरान O पानी O को O परमेश्वर O और O पारस B-NEAR की O संज्ञा O दी O थी O । O जीपीएस B-NEAR के O आने O से O पहले O , O पुराचुंबकीय O अध्ययन O ही O पृथ्वी O की O प्लेटों O के O विचलन O की O दिशा O और O मात्रा O को O समझने O का O एकमात्र O भरोसेमंद O और O सटीक O तरीका O था O । O क्योंकि O आरओ B-NEAR तकनीक I-NEAR पोषक O तत्वों O को O निकाल O बाहर O करती O है O । O आरओ B-NEAR मतलब O स्वच्छ O पानी O , O किंतु O सबसे O कमजोर O पानी O । O चट्टानों O के O परिवर्तनों O और O चुंबकीय O खनिजों O की O तलछट O से O ध्रुवीयता O के O परिवर्तनों O की O तुलना O से O चट्टानों O और O तलछट O ( O अवसाद O ) O की O उम्र O निकाली O जाती O है O , O गुरुत्व O , O विद्युत O - O आवेश O , O भूकंपीय O विचलन O और O जीपीएस B-NEAR आदि O को O आंकने O की O तकनीकों O से O पृथ्वी O की O पपड़ी O और O आवरण O के O बारे O में O बहुत O सी O बातें O पता O चली O हैं O । O इसके O अतिरिक्त O वर्तमान O मुख्यमंत्री O द्वारा O जनता O से O शिकायत O लेने O के O लिए O पोर्टल O www.meekosam.ap.gov.in B-NEU शुरू O किया O गया O है O । O लघु O एवं O कुटीर O उद्योग O : O मजबूती O का O वाहक O यह O आलेख O चौथे O क्षेत्र O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उपक्रम O पर O केंद्रित O है O । O हालांकि O बगैर O किसी O सुधार O के O एमएसएमई O के O लिए O जोखिम O - O पुरस्कार O अनुपात O ( O रिस्क O - O रिवार्ड O रेशियो O ) O खिसकता O जा O रहा O है O । O प्रथमत: O , O कपड़ा O क्षेत्र O के O अलावा O अब O अन्य O सभी O क्षेत्रों O में O भी O निश्चित O अवधि O के O रोजगार O के O अवसर O की O घोषणा O श्रम O सुधारों O की O दिशा O में O महत्वपूर्ण O बदलाव O हो O सकता O है O । O इससे O भी O रोजगार O के O अवसर O बढ़ेंगे O । O नियोक्ता O या O तो O लोगों O को O काम O पर O नहीं O रखते O या O रखने O के O संबंध O में O रिपोर्ट O नहीं O करते O , O क्योंकि O अल्पावधि O के O लिए O नियुक्त O करना O गैर O - O कानूनी O है O । O ( O हालांकि O मजदूर O संगठनों O के O प्रतिरोध O के O कारण O प्रस्ताव O के O आगे O बढ़ने O पर O संशय O के O बादल O मंडरा O रहे O हैं O । O उपरोक्त O के O मामले O में O आयात O से O संरक्षण O पाने O वाली O श्रेणियों O में O निम्नलिखित O उत्पादों O को O रखा O गया O है O - O इसमें O अपवाद O भी O थे O , O लेकिन O मुख्य O रूप O से O जोर O इसी O पर O था O । O उसके O बाद O वह O दौर O आया O , O जिसमें O भारतीय O साहित्य O का O कुछ O नए O रूप O में O उदय O हुआ O । O वास्तव O में O , O इस O अवधि O में O कहानियों O तथा O उपन्यासों O से O प्रेरित O कई O लोगों O और O भारतीय O सिनेमा O का O उद्भव O भी O हुआ O । O समकालीन O परिदृश्य O में O , O कई O नई O शैलियां O और O उप O - O शैलियां O - O काल्पनिक O , O विज्ञान O कथा O , O फ्लैश O कथा O , O नए O अवतार O में O पौराणिक O कथाएं O , O इंस्टाग्राम O कविता O आदि O अस्तित्व O में O आई O हैं O । O तेजी O से O आगे O बढ़ती O तकनीक O और O डिजिटल O दुनिया O ने O लेखक O और O पाठक O के O बीच O की O खाई O को O कम O किया O है O । O वास्तव O में O , O इसने O कई O युवाओं O को O गंभीरता O से O साहित्य O के O प्रति O प्रोत्साहित O किया O है O । O स्व O - O प्रकाशन O और O डिजिटल O प्लेटफार्मों O ने O भी O इसमें O मदद O की O है O । O नई O उप O - O शैलियों O की O गुणवत्ता O पर O चिंता O व्यक्त O करने O वाले O स्वर O भी O सुनाई O देते O हैं O , O लेकिन O लेखक O को O लगता O है O कि O यह O आने O वाले O वर्षों O में O ऐसा O नहीं O होगा O और O यह O चिंता O का O विषय O भी O नहीं O है O । O भारतीय O साहित्य O ने O हमेशा O रास्ते O में O आने O वाली O छोटी O - O मोटी O रुकावटों O के O बावजूद O स्वयं O को O फिर O से O मजबूत O करने O के O नए O तरीके O खोजे O हैं O । O लेखक O को O विश्वास O है O , O भारतीय O साहित्य O आने O वाले O दशकों O तथा O शताब्दियों O में O और O अधिक O चमकेगा O । O बाल O साहित्य O का O उभरना O सभी O को O प्रसन्न O होने O के O लिए O बाध्य O करता O है O । O हालांकि O , O कविता O प्रकाशन O कम O हो O रहा O है O , O अधिक O से O अधिक O प्रकाशक O बाल O साहित्य O की O ओर O आकर्षित O हो O रहे O हैं O । O भारतीय O साहित्य O की O हमेशा O से O अपनी O अनूठी O शैली O रही O है O । O उपन्यास O हों O या O कहानियां O या O कविताएं O या O नाटक O , O भारतीय O साहित्य O सब O में O बहुत O मजबूत O हो O रहा O है O । O उम्मीद O की O तुलना O में O प्रक्रिया O धीमी O हो O सकती O है O , O लेकिन O यह O निरंतर O नई O ऊँचाइयों O को O छूता O रहेगा O , O क्योंकि O कहा O जाता O है O कि O दौड़ O वही O जीतता O है O जो O भले O ही O धीरे O चले O लेकिन O निरंतर O आगे O बढ़ता O रहे O । O डूबते O कर्ज O के O निपटान O की O चुनौतियां O बैंक O वित्तीय O मध्यस्थता O विकास O का O इंजन O है O क्योंकि O वह O जिन O लोगों O के O पास O बचत O है O उनसे O पैसे O जमा O करवाकर O उसे O निवेश O गतिविधियों O के O लिए O उधार O देकर O अर्थव्यवस्था O में O पैसे O का O परिचालन O करता O है O । O इससे O अर्थव्यवस्था O पर O व्यापक O प्रभाव O पड़ता O है O । O उधार O से O उत्पादक O संसाधनों O की O मांग O का O निर्माण O होता O है O और O वस्तु O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O करने O वाले O लोगों O की O आय O में O बढ़ोतरी O होती O है O । O एक O का O खर्च O दूसरे O की O आय O है O । O यह O उच्च O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O और O तेज O उत्पादक O वृद्धि O का O मार्ग O प्रशस्त O करता O है O । O उधार O देने O में O संकुचन O से O विपरीत O प्रभाव O पड़ता O है O और O विकास O लडखड़ा O जाता O है O । O हमें O इन O लेखकों O के O संदर्भों O में O साहित्य O को O परिभाषित O करने O के O लिए O नए O प्रतिमानों O की O आवश्यकता O है O जो O किसी O भी O आयातित O वैचारिक O प्रतिमान O के O प्रति O प्रवृत्त O न O हों O । O विश्व O साहित्य O की O ही O तरह O , O बहुभाषावाद O भारतीय O साहित्य O के O लिए O अनुवाद O की O केंद्रीयता O की O ओर O ले O जाता O है O । O कई O बड़े O कवि O और O अनुवादक O संस्कृत O और O प्राकृत O में O कविता O संग्रहों O का O अनुवाद O कर O रहे O हैं O । O भाषा O साहित्य O की O स्थानीय O संरचना O के O अनुवाद O की O योग्यता O न O होने O की O पूर्व O स्थापित O धारणा O भी O तेजी O से O बदल O रही O है O । O हिन्दी O साहित्य O में O नई O प्रवृत्तियों O का O विकास O हो O रहा O था O । O आधुनिकता O तथा O आधुनिक O भावबोध O की O चर्चा O होने O लगी O जिसकी O अभिव्यक्ति O के O प्रमाण O के O रूप O में O नई O कविता O और O नई O कहानी O के O आंदोलन O सामने O आए O । O नई O कविता O के O समानांतर O जिस O नई O कहानी O का O विकास O हुआ O वह O मध्यवर्ग O केन्द्रित O रचनाशीलता O का O विकास O था O । O नई O कविता O और O नई O कहानी O के O रचनाकारों O के O सोच O - O विचार O के O मूल O में O वैयक्तिकता O थी O , O उस O वैयक्तिकता O को O साबित O करने O के O लिए O कविता O में O अनुभूति O की O ईमानदारी O और O प्रामाणिकता O पर O बहस O हुई O तो O नई O कहानी O में O भोगे O हुए O यथार्थ O की O बात O होने O लगी O । O ' O भोगे O हुए O यथार्थ O ' O की O व्याप्ति O कहीं O - O कहीं O भोग O के O यथार्थ O के O रूप O में O भी O दिखाई O देती O है O । O इसका O अतिवादी O रूप O अकविता O और O अकहानी O में O सामने O आया O । O इस O दौर O में O हिन्दी O उपन्यास O का O आकर्षक O विकास O हुआ O जिसके O माध्यम O से O समाज O के O इतिहास O और O यथार्थ O दोनों O की O अभिव्यक्ति O हुई O । O भारतीय O दर्शन O सौंदर्य O तथा O ललित O अनुभवों O को O महत्व O देता O है O और O यह O प्रवृत्ति O भारतीय O कला O और O संस्कृति O को O हर O स्तर O पर O जीवंत O रखती O है O । O विश्व O का O सबसे O बड़ा O लोकतन्त्र O है O ; O सर्वाधिक O जनसंख्या O में O दूसरे O स्थान O पर O स्थित O विशाल O राष्ट्र O है O ; O निरंतर O विकसित O होती O अर्थव्यवस्था O , O उभरते O बाज़ार O , O आईटी O सेवा O - O प्रदाता O और O अनेक O क्षेत्रों O में O नेतृत्व O प्रदान O करने O की O क्षमता O वाला O देश O है O । O यह O अनेक O बड़ी O नदियों O , O सभ्यताओं O , O अध्यात्म O , O रहस्यवाद O , O प्राचीन O मेधा O , O पारंपरिक O औषधियों O और O जड़ी O - O बूटियों O , O मेलों O और O पर्व O - O त्योहारों O की O विविधता O का O देश O है O । O यह O अनेक O वर्णों O , O चेहरे O - O मोहरों O , O परिधानों O , O व्यंजनों O , O बोलियों O - O भाषाओं O , O विचारों O और O विश्वासों O , O रीति O - O रिवाजों O , O धर्मों O , O ध्यान O , O योग O , O चित्र O - O शैलियों O , O शिल्पों O , O मूर्ति O और O स्थापत्य O कलाओं O , O साहित्य O , O काव्य O , O संगीत O तथा O नृत्य O शैलियों O तथा O सांस्कृतिक O विविधताओं O का O देश O है O । O भारतीय O होना O क्या O है O ? O क्या O यह O भौगोलिक O सीमाओं O में O बंधी O पहचान O - O मात्र O है O ? O मेरी O राय O में O शताब्दियों O से O स्थित O ऐसी O भारतीयता O अपनी O पहचान O है O जो O अपने O वर्तमान O भौगोलिक O क्षेत्र O से O कहीं O अधिक O विशाल O और O गहन O है O , O जिसकी O कला O - O संस्कृति O में O शताब्दियों O की O मेधा O और O अभिव्यक्ति O की O स्वतंत्रता O निहित O है O । O अनेक O सभ्यताओं O , O संस्कृतियों O और O जीवन O - O शैलियों O के O सह O - O अस्तित्व O वाले O इस O देश O के O जादुई O रहस्य O की O थाह O ले O पाना O वास्तव O में O बड़ा O कठिन O कार्य O है O । O सीखे O गए O सबक O और O संभवतः O इससे O भी O बड़ा O सबक O यह O मिला O कि O सेना O में O युद्ध O के O आदेश O ( O ऑरबेट O ) O और O कमांड O या O हुक्म O जारी O करने O की O श्रृंखला O का O किसी O भी O स्थिति O में O उल्लंघन O नहीं O होना O चाहिए O । O सेना O में O युद्ध O के O आदेश O और O कमांड O जारी O करने O की O व्यवस्था O का O किसी O भी O हाल O में O उल्लंघन O नहीं O होना O चाहिए O । O यह O भी O निर्णय O लिया O गया O कि O युद्धों O में O भारतीय O वायु O सेना O को O आक्रामक O भूमिका O में O नहीं O लगाया O जाएगा O जिसकी O वजह O से O लड़ाई O में O बेहतर O और O मजबूत O स्थिति O में O आने O का O मौका O हाथ O से O निकल O गया O । O अतः O , O सत्य O की O अभिव्यक्ति O हेतु O अधिकार O एवं O प्रभाव O युक्त O समेकित O व्यक्तित्व O ही O उपयुक्त O कारक O होता O है O । O लेखक O से O विमुख O होने O वाली O लेखनी O उसके O बाद O जीवित O रहती O है O और O भावी O पीढ़ियों O द्वारा O बांची O जाती O है O । O वहीं O दूसरी O ओर O , O वाचक O के O जीवित O व्यक्तित्व O का O हिस्सा O दिखने O वाली O वाककला O , O सजीव O दर्शकदीर्घा O से O साक्षात्कार O का O अंश O बनती O है O । O हमारे O बीच O ' O लिखित O ' O एवं O ' O मौखिक O प्रतिरूपित O ' O काव्य O ग्रंथ O मौजूद O हैं O । O विदेशी O बौद्धिकों O के O आगमन O के O बाद O भारतीय O इतिहास O में O लेखन O कला O का O पदार्पण O देखा O जाता O है O और O ब्रिटिश O शासन O तंत्र O में O जाकर O लेखन O साहित्य O का O उद्भव O हुआ O । O अभिलेखन O अपने O आप O में O लेखन O का O विशुद्ध O रूप O होता O है O । O यह O स्थानिक O और O स्मारक O रूपी O होता O है O , O जिसका O अर्थ O कि O यह O दिक् O में O निहित O और O वर्तमान O की O किसी O घटना O का O गुणगान O करने O वाला O । O अपनी O प्रकृति O में O लिखित O काव्यरचना O का O रूप O , O लेखन O की O स्थानिकता O के O कारण O ' O सीमित O ' O होता O है O । O इसका O आरंभ O , O मध्य O और O अंत O होता O है O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O बैंकों O का O आकार O , O चुनौतियों O से O निपटने O की O उनकी O क्षमता O और O पूंजी O का O उनका O स्तर O वित्तीय O बाजारों O के O सुचारु O रूप O से O काम O करने O के O लिए O बेहद O अहम O हैं O । O बैंकिंग O सिस्टम O के O लिए O मुख्य O चुनौतियों O में O उनकी O अनिष्पादित O संपत्तियों O में O बढ़ोतरी O और O बड़ी O संख्या O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O की O मौजूदगी O है O । O इन O वजहों O से O बैंकों O को O औद्योगिक O कर्ज O मुहैया O कराने O और O अंतरराष्ट्रीय O पूंजी O की O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O दिक्कतों O का O सामना O करना O पड़ता O है O । O इन O चुनौतियों O से O निपटने O के O लिए O मौजूदा O उपाय O पर्याप्त O नहीं O रहे O हैं O । O इनकी O जमा O और O कर्ज O के O बिजनस O में O भी O काफी O बढ़ोतरी O हुई O । O ग्राहकों O की O सेवा O की O गुणवत्ता O अच्छी O नहीं O थी O और O मुनाफा O भी O कम O होने O लगा O । O कमेटी O की O कई O सिफारिशों O को O लागू O किया O गया O । O इनमें O एसएलआर O और O सीआरआर O में O कटौती O , O बाजार O के O हिसाब O से O ब्याज O दर O तय O किया O जाना O और O नए O प्राइवेट O और O विदेशी O बैंकों O को O खोला O जाना O शामिल O था O । O उसके O परिणामस्वरूप O देश O की O जनता O गहरे O शोक O और O विषाद O में O डूब O गई O । O इस O सबकी O अभिव्यक्ति O हिन्दी O साहित्य O में O हुई O । O देश O के O विभाजन O और O सांप्रदायिक O दंगों O के O दौरान O जो O हिंसा O और O हैवानियत O के O दृश्य O सामने O आए O उनसे O जनमानस O क्षुब्ध O हो O उठा O । O इस O क्षोभ O की O अभिव्यक्ति O हिन्दी O के O कुछ O लेखकों O की O रचनाओं O में O हुई O । O एप O अपने O डैशबोर्ड O पर O प्रतिक्रियाओं O , O अस्पतालों O की O कुल O संख्या O , O संतुष्ट O व O असंतुष्ट O उत्तरदाताओं O की O कुल O संख्या O , O प्रदर्शित O करता O है O जो O काफी O स्पष्ट O है O । O जो O स्पष्ट O नहीं O है O वह O यह O कि O इन O प्रतिक्रियाओं O को O कैसे O देखा O जाता O है O और O उन्हें O कैसे O प्रदर्शित O किया O जाता O है O । O बोर्ड O का O गठन O उपभोक्ताओं O की O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O और O स्वास्थ्य O उद्योग O की O प्रगति O की O दिशा O में O बेंचमार्क O तय O करने O के O लिए O हुआ O है O । O उद्योग O , O उपभोक्ता O , O सरकार O , O समेत O सभी O स्टेकधारकों O से O समर्थन O प्राप्त O बोर्ड O अपने O परिचालन O में O पूर्णतः O स्वायत्त O है O । O बोर्ड O के O पास O शिकायतों O व O परिवादों O के O निपटान O की O अपनी O व्यवस्था O निर्धारित O है O किंतु O यह O व्यापक O तौर O पर O उसके O साथ O पंजीकृत O अस्पतालों O व O हेल्थकेयर O प्रोवाइडर्स O के O दायरे O में O आता O है O । O भारतीय O चिकित्सा O परिषद O अधिनियम O 1956 O के O तहत O भारतीय O चिकित्सा O परिषद O ( O एमसीआइ O ) O ने O नीति O संहिता O विनियम O (( O ज़ारी O किया O जो O पंजीकृत O चिकित्सकों O के O लिए O व्यावसायिक O आचार O , O शिष्टाचार O व O नीति O हेतु O मापदंड O निर्धारित O करता O है O । O शिकायतों O को O उपयुक्त O चिकित्सा O परिषद O - O राज्य O या O एमसीआइ O के O समक्ष O दर्ज़ O किया O जाए O । O यदि O चिकित्सक O व्यावसायिक O दुराचार O का O दोषी O पाया O जाता O है O तो O संबंधित O परिषद O आवश्यक O सज़ा O या O रजिस्टर O से O चिकित्सक O का O नाम O हमेशा O के O लिए O या O किसी O खास O समय O तक O के O लिए O हटाने O का O निर्देश O दे O सकता O है O । O ऐसी O कार्रवाई O को O निवारक O के O तौर O पर O प्रदर्शित O किया O जाता O है O । O संहिता O के O तहत O किसी O उल्लंघन O में O रोगी O के O प्रति O लापरवाही O , O रोगी O के O हितों O को O प्राथमिकता O न O देना O , O लिंग O निर्धारण O जांच O करना O शामिल O हैं O । O राष्ट्रीय O उपभोक्ता O हेल्पलाइन O पर O भी O संपर्क O किया O जा O सकता O है O और O चिकित्सा O संबंधी O लापरवाही O के O लिए O शिकायत O दर्ज़ O कर O सकते O हैं O । O नियमों O के O अनुसार O प्रत्येक O मामले O में O सेवा O व O दक्षता O का O संतुलन O होना O चाहिए O । O सभी O निजी O व O सरकारी O अस्पतालों O में O प्रभावी O प्रवर्तन O प्रणाली O की O अनुपस्थिति O काफी O दुखद O है O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O 2017 O के O वादों O के O अनुसार O विनियामक O प्राधिकरण O का O गठन O इस O दिशा O में O काफी O कारगर O होगा O । O शिक्षा O मुख्य O रूप O से O पढ़ने O पर O केंद्रित O है O , O यहां O तक O कि O लेखन O और O अंकगणित O का O कौशल O भी O कुछ O में O ही O पैदा O किया O गया O था O । O शिक्षा O प्रणाली O की O अप्रासंगिकता O ने O आजादी O के O बाद O की O शिक्षा O पर O भी O बोझ O डाला O । O शिक्षा O का O स्तर O असंतोषजनक O था O जिसमें O अंग्रेजी O पर O बहुत O अधिक O जोर O दिया O जाता O था O और O भारतीय O ज्ञान O प्रणाली O से O अलग O भारतीय O भाषाओं O पर O बहुत O कम O ध्यान O दिया O जाता O था O । O इस O स्थिति O ने O देश O की O प्रगति O के O लिए O शिक्षा O के O आमूल O परिवर्तन O वाले O पुनर्निर्माण O का O आह्वान O किया O । O निःशुल्क O और O अनिवार्य O शिक्षा O कानून O 2009 O बनने O के O बाद O महत्वपूर्ण O सुधार O देखने O को O मिला O । O ये O के O कुशल O नेतृत्व O में O , O उच्च O शिक्षा O संस्थान O दुनिया O भर O में O उत्कृष्ट O प्रदर्शन O करने O में O सक्षम O हुए O हैं O । O संपादकीय O जन O जन O का O महोत्सव O इसके O अंतर्गत O देश O के O लोगों O , O संस्कृति O और O उपलब्धियों O के O शानदार O इतिहास O का O उत्सव O मनाया O जा O रहा O है O । O यह O महोत्सव O उन O लोगों O के O प्रति O समर्पित O है O जिन्होंने O देश O की O आज O तक O की O सफल O यात्रा O में O सक्रिय O योगदान O किया O है O । O अनेक O बाधाओं O और O चुनौतियों O के O बावजूद O हम O भारतवासियों O ने O देश O को O सशक्त O , O समृद्ध O और O आत्मनिर्भर O बनाने O की O अतुल्य O सफल O गाथा O लिखी O है O । O जब O आजादी O के O दीवाने O स्वतंत्रता O सेनानी O आगे O के O मोर्चे O पर O डटे O थे O वहीं O आध्यात्मिक O नेता O भी O अपने O उपदेशों O और O प्रवचनों O के O माध्यम O से O समाज O में O चेतना O जागृत O करने O में O लगे O हुए O थे O । O देश O की O ग्रामीण O जनता O , O आदिवासियों O ( O जनजातीय O लोगों O ) O , O महिलाओं O और O बच्चों O तक O , O सभी O ने O स्वतंत्रता O पाने O के O संघर्ष O में O भरपूर O सहयोग O दिया O । O स्वतंत्रता O मिल O जाने O के O बाद O संविधान O के O निदेशक O सिद्धांतों O और O प्रत्येक O क्षेत्र O में O नियोजित O विकास O के O आधार O पर O देश O में O विकास O की O सुदृढ़ O नींव O रखी O गई O । O हमारा O देश O आज O विश्व O के O सबसे O बड़े O लोकतंत्र O के O रूप O में O अपनी O विशिष्ट O पहचान O बना O चुका O है O तथा O विधायिका O , O शासन O , O प्रशासन O और O जन O - O कल्याण O की O दृष्टि O से O अग्रणी O देशों O में O गिना O जाता O है O । O हम O अपने O लेखकों O के O प्रति O आभारी O हैं O कि O उन्होंने O देश O की O अब O तक O की O उपलब्धियों O और O भविष्य O की O उज्ज्वल O संभावनाओं O को O उजागर O करने O का O महत्वपूर्ण O प्रयास O किया O है O । O अनाज O की O कमी O से O जूझ O रहे O देश O के O अनाज O का O निर्यातक O बनने O , O स्वास्थ्य O सेवाओं O के O अभाव O की O स्थिति O से O उबरकर O महामारी O के O दौर O में O औषधियों O और O टीकों O - O वैक्सीन O का O वैश्विक O आपूर्तिकर्ता O देश O बनने O और O अनेकानेक O अन्य O गौरवमयी O उपलब्धियां O प्राप्त O करने O की O प्रेरणादायक O गाथाएं O इस O अंक O में O भी O समाहित O की O गई O हैं O । O आजादी O के O अमृत O महोत्सव O का O वास्तविक O उद्देश्य O प्रत्येक O राज्य O और O प्रत्येक O क्षेत्र O में O इस O इतिहास O को O संरक्षित O करना O है O जिससे O भावी O पीढ़ियों O को O भी O प्रेरणा O मिल O सके O । O आज O हम O सभी O का O कर्तव्य O है O कि O आत्मनिर्भरता O के O और O बड़े O लक्ष्य O प्राप्त O करने O और O सभी O के O लिए O समान O अवसर O उपलब्ध O कराने O में O पूरी O तरह O जुट O जाएं O । O महामारी O के O बाद O का O विश्व O नया O ही O होगा O और O वहां O नई O व्यवस्था O होगी O । O लोग O - O क्या O ग्रामीण O बैंक O शाखा O के O कर्मचारी O ज्ञान O , O कौशल O और O व्यवहार O के O संदर्भ O में O वित्तीय O समावेशन O की O प्रक्रिया O की O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O सक्षम O हैं O ? O क्या O इन O लोगों O में O संभावित O ग्राहकों O की O पहचान O करने O और O उन्हें O समय O पर O सलाह O देने O एवं O बैंकिंग O की O विविध O सेवाएं O प्रदान O करने O की O क्षमता O , O समझ O और O प्रतिबद्धता O है O ? O हमारी O प्रगति O इस O बात O से O साबित O होती O है O कि O क्या O हम O उन O लोगों O को O पर्याप्त O लाभ O प्रदान O करते O हैं O जिनके O पास O बहुत O कम O है O । O " O इस O तथ्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O हम O इस O परीक्षा O में O कहां O ठहरते O हैं O - O हमारी O सरकार O ने O ग्रामीण O बैंकिंग O की O चुनौती O से O निपटने O के O लिए O क्या O कदम O उठाए O हैं O : O गरीबों O और O वंचितों O को O आसानी O से O ऋण O प्रदान O करने O के O उद्देश्य O से O उन्हें O जीसीसी O जारी O किये O गये O । O ये O मध्यस्थ O वाणिज्यिक O बैंकों O की O ओर O से O बिजनेस O फेसिलिटेटर्स O या O बिजनेस O कॉरेसपॉन्डेंट्स O के O रूप O में O कार्य O करते O हैं O । O हालांकि O कई O राज्यों O के O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O निरक्षरता O और O कम O आय O , O बचत O व O बैंक O शाखाओं O की O कमी O जैसे O अवरोध O मौजूद O हैं O और O यहां O कानूनी O और O वित्तीय O संरचना O भी O अपर्याप्त O है O । O 1. O बीसी O मॉडल O गरीब O गांवों O में O अच्छी O तरह O से O काम O करे O , O इसके O लिए O निम्नलिखित O की O आवश्यकता O है O : O * O कम O आय O वाले O और O कम O मात्रा O में O लेनदेन O करने O वाले O ग्राहकों O को O सेवाएं O प्रदान O करने O के O कारण O बीसीज़ O को O पर्याप्त O आय O प्राप्त O नहीं O होती O । O बीसी O के O सर्वश्रेष्ठ O उपयोग O के O लिए O उन्हें O बैंकों O द्वारा O पर्याप्त O रूप O से O मुआवजा O देने O की O आवश्यकता O है O ताकि O वे O ग्रामीणों O को O उनकी O दहलीज O तक O बैंकिंग O सेवाएं O प्रदान O करने O के O लिए O पर्याप्त O रूप O से O प्रोत्साहित O हो O सकें O । O * O बीसी O के O कामकाज O के O निरीक्षण O , O नकदी O प्रबंधन O और O ग्राहकों O की O शिकायतों O पर O ध्यान O देने O के O लिए O बैंकों O को O उचित O दूरी O पर O छोटी O ब्रिक O और O मोर्टार O शाखाएं O खोलनी O चाहिए O । O * O इसके O अतिरिक्त O बैंकों O को O बीसी O के O प्रभावी O कामकाज O के O लिए O उपयुक्त O प्रशिक्षण O और O कौशल O विकास O कार्यक्रम O आरंभ O करने O की O जरूरत O है O । O इस O हेल्पलाइन O की O सबसे O बड़ी O विशेषता O यह O होगी O कि O यह O शिकायत O निवारण O के O बाद O शिकायतकर्त्ता O को O फोन O कर O के O फीडबैक O भी O प्राप्त O करेगी O । O इस O अधिनियम O ने O पारदर्शिता O के O मामले O में O काफी O बेहतर O कार्य O किया O है O । O इस O पोर्टल O के O माध्यम O से O परिवादी O स्वयं O या O विभिन्न O नागरिक O समूहों O द्वारा O अपनी O शिकायत O दर्ज O करा O सकते O हैं O । O इस O पोर्टल O में O शिकायतकर्ताओं O की O सुविधा O हेतु O दायर O किए O जाने O वाले O विषयों O की O सूची O लोक O शिकायत O प्राप्ति O केंद्रों O एवं O वेबसाइट O पर O उपलब्ध O करायी O जाती O है O । O इस O पर O जनता O को O निम्नलिखित O सुविधाएं O मिलेंगी O : O 1. O बिना O कार्यालय O में O उपस्थित O हुए O समस्याओं O को O ऑनलाइन O दर्ज O करने O की O सुविधा O । O कोविड O - O 19 O की O पहली O और O दूसरी O लहर O के O समय O विशेषकर O असंगठित O क्षेत्र O में O काम O करने O वाले O श्रमिकों O एवं O कर्मकारों O और O रेहड़ी O - O पटरी O वालों O अथवा O अन्य O प्रकार O के O दिहाड़ी O मजदूरों O के O सामने O कार्य O न O मिलने O के O कारण O आय O के O स्रोत O बंद O हो O गये O थे O । O उस O दौर O में O महामारी O से O बच O जाने O लेकिन O भूख O से O मरने O का O भय O इन्हें O सताने O लगा O था O । O इसके O अंतर्गत O किसी O भी O राज्य O का O व्यक्ति O किसी O भी O सार्वजनिक O वितरण O प्रणाली O की O दुकान O से O राशन O ले O सकता O है O । O प्रधानमंत्री O आवास O योजना O : O प्रत्येक O व्यक्ति O के O जीवन O की O आधारभूत O आवश्यकता O होती O है O रोटी O , O कपड़ा O और O मकान O । O किसी O परिवार O के O सिर O यदि O छत O होती O है O तो O वह O कई O प्रकार O की O सुरक्षा O या O इम्युनिटी O हासिल O कर O लेता O है O । O दशकों O से O आजादी O का O जश्न O मना O रहे O देश O में O गरीबों O को O छत O भी O मयस्सर O नहीं O हुई O थी O । O प्रधानमंत्री O ने O इस O उद्देश्य O से O प्रधानमंत्री O आवास O योजना O के O माध्यम O से O गरीबों O को O घर O देने O की O बड़ी O पहल O की O । O प्रधानमंत्री O आवास O योजना O के O तहत O आवास O देने O में O यह O प्रदेश O सबसे O आगे O रहा O है O । O वैश्विक O महामारी O कोविड O - O 19 O ने O वैश्विक O अर्थव्यवस्था O पर O खासा O नकारात्मक O प्रभाव O डाला O । O इसका O सर्वाधिक O नकारात्मक O प्रभाव O समाज O के O सुभेद्य O वर्ग O पर O पड़ा O । O इस O सुभेद्य O वर्ग O में O मुख्य O रूप O से O दैनिक O श्रमिक O आते O हैं O जिनकी O संख्या O बहुत O बड़ी O है O । O दैनिक O मजदूरी O कर O अपना O जीवनयापन O करने O वाला O यह O वर्ग O अर्थव्यवस्था O के O असंगठित O क्षेत्र O से O संबंधित O है O । O यह O वर्ग O रोजगार O की O तलाश O में O गांवों O से O नगरों O की O ओर O गया O था O लेकिन O वैश्विक O महामारी O कोविड O 19 O के O कारण O इन्हें O रिवर्स O माइग्रेशन O करना O पड़ा O । O इनके O लिए O सरकार O द्वारा O राशन O किट O के O साथ O - O साथ O भरण O पोषण O भत्ते O की O व्यवस्था O कर O सामाजिक O सुरक्षा O प्रदान O की O गई O । O वास्तव O में O ऐसी O योजनाएं O रस्सी O ( O रोप O ) O और O सीढ़ी O ( O लैडर O ) O की O तरह O होती O हैं O जो O सामाजिक O - O आर्थिक O संरचना O में O नीचे O रह O गये O लोगों O को O ऊपर O लाने O में O मदद O करती O हैं O और O उन्हें O यह O एहसास O दिलाती O हैं O कि O राज्यव्यवस्था O उनके O साथ O है O इसलिए O उन्हें O अनिश्चितता O और O भविष्य O की O चिन्ता O से O डरने O की O जरूरत O नहीं O है O । O सरकार O द्वारा O सुनिश्चित O प्रतिरक्षातंत्र O उन्हें O सुरक्षा O का O अभेद्य O कवच O देने O में O समर्थ O है O । O मूल्य O संवर्धित O उत्पादों O को O प्रोत्साहन O इन्हें O आर्थिक O पारस्थितिकी O का O जनक O कहा O जाता O है O । O वैसे O यह O इंतजाम O घरेलू O इकाइयों O के O लिए O पक्का O किया O गया O है O , O लेकिन O भूख O से O निपटने O के O लिए O सामाजिक O सहयोग O की O जरूरत O है O । O देश O में O भूख O और O कुपोषण O व्यापक O स्तर O पर O फैला O हुआ O है O । O नतीजतन O , O हमारे O बच्चों O , O महिलाओं O और O पुरुषों O को O अपने O शारीरिक O और O मानसिक O विकास O की O जैविक O संभावनाओं O को O विकसित O करने O का O पर्याप्त O मौका O नहीं O मिल O पाता O है O । O कीमतों O में O अस्थिरता O हमारे O किसान O बड़े O पैमाने O पर O कीमतों O में O अस्थिरता O को O झेलते O हैं O , O जिससे O उनकी O आमदनी O और O स्थिरता O पर O असर O पड़ता O है O । O खासतौर O पर O आलू O , O टमाटर O और O प्याज O जैसी O सब्जियों O की O कीमतों O के O मामले O में O ऐसा O होता O है O । O कीमतों O में O उतार O - O चढ़ाव O का O मामला O सतत O समस्या O रही O है O । O हमें O सिर्फ O उपभोक्ताओं O को O शांत O करने O के O लिए O तदर्थ O कदमों O के O बजाय O स्थायी O समाधान O ढूंढना O चाहिए O । O इसमें O छतों O पर O बागवानी O और O खाली O पड़ी O जमीनों O पर O टमाटर O , O प्याज O , O मिर्च O और O खाने O - O पीने O से O जुड़े O जरूरी O पौधे O शामिल O कर O सकते O हैं O । O तटीय O इलाकों O की O समृद्धि O के O लिए O खेती O फसलों O और O मछली O पालन O दोनों O को O समुद्री O पानी O वाले O एग्रोफॉरेस्ट O सिस्टम O में O शामिल O किया O जा O सकता O है O । O इससे O तटीय O खेती O के O किसानों O की O आय O बढ़ेगी O और O इसे O सुनामी O जैसी O आपदाओं O का O सामना O करने O के O लिए O बेहतर O तरीके O से O तैयार O किया O जा O सकेगा O । O यह O फाउंडेशन O इस O क्षेत्र O में O प्रशिक्षण O और O क्षमता O निर्माण O के O काम O को O अंजाम O देगा O । O जल O - O मल O निस्तारण O की O यह O व्यवस्था O शहरों O की O मुख्य O सफाई O व्यवस्था O से O नहीं O जुड़ी O होती O और O उसका O सही O इस्तेमाल O नहीं O हो O पाता O । O सही O जल O - O मल O व्यवस्था O नहीं O होने O से O नदियों O में O प्रदूषण O बढ़ता O जाता O है O । O इस O तरह O , O नए O समाधानों O की O समझ O बढ़ी O । O अगर O वाजिब O कीमत O पर O जल O आपूर्ति O की O समस्या O है O तो O शहरों O में O जल O - O वितरण O पाइपलाइनों O की O लंबाई O कम O करनी O होगी O । O यह O तभी O हो O सकेगा O जब O तालाबों O - O पोखरों O तथा O बरसाती O पानी O जमा O करने O जैसी O स्थानीय O प्रणालियों O पर O ज्यादा O ध्यान O देना O होगा O । O पीने O के O पानी O की O आपूर्ति O के O लिए O दूर O - O दूर O तक O पाइप O बिछाने O और O फिर O घरों O से O जल O - O मल O ले O जाने O तथा O निस्तारण O के O लिए O उससे O भी O लंबी O पाइप O लाइनों O की O ज़रूरत O नहीं O होनी O चाहिए O । O इस O अनुभव O से O हमने O सबसे O बड़ी O बात O यह O सीखी O कि O अगर O इस O शहरी O - O औद्योगिक O जल O - O मल O का O सही O तरीके O से O निस्तारण O हो O सके O और O इसे O दुबारा O इस्तेमाल O के O योग्य O बनाया O जा O सके O तो O पानी O बर्बाद O नहीं O होगा O । O महत्वपूर्ण O बात O यह O है O , O हमारी O नदियां O बर्बाद O नहीं O होंगी O । O इसीलिए O , O पानी O के O सही O इस्तेमाल O के O तरीकों O पर O हमें O ज़्यादा O ध्यान O देना O होगा O । O भारतीय O अनुभव O न O केवल O हमारे O , O बल्कि O पूरे O विश्व O के O शिक्षण O के O लिए O बहुमूल्य O है O कि O जल O - O प्रबंधन O को O कैसे O नया O रूप O दिया O जाए O ताकि O वह O किफ़ायती O और O टिकाऊ O हो O । O ऐसा O प्रबंधन O जन O - O समुदायों O के O हाथों O में O होगा O और O विकेंद्रीकृत O रूप O में O स्थानीय O स्तर O पर O इसमें O पानी O के O स्रोतों O के O पुनर्भरीकरण O और O पानी O के O बार O - O बार O इस्तेमाल O हो O सकने O की O व्यवस्था O होगी O । O जल O - O प्रबंधन O हर O व्यक्ति O का O काम O और O जिम्मेदारी O होनी O चाहिए O । O इसलिए O बड़ी O चुनौती O यह O है O कि O पानी O की O आपूर्ति O प्रणाली O को O निरंतर O बनाए O रखने O की O चुनौती O सबसे O बड़ी O है O । O इसके O लिए O इस O बात O पर O फोकस O करना O होगा O कि O जो O पानी O जुटाया O गया O है O , O वह O बर्बाद O न O हो O ; O झीलों O , O तालाबों O और O पोखरों O पर O अवैध O कब्जे O न O हों O ; O वे O सिमटें O नहीं O ; O पानी O के O निकास O के O लिए O ज़रूरी O जलागम O और O जल O - O विभाजक O क्षेत्रों O की O देखभाल O व O संभाल O की O जाए O । O समस्या O यह O है O कि O पानी O और O ज़मीन O के O विभिन्न O मुद्दों O से O जुड़ा O मामला O अलग O - O अलग O है O । O तालाब O की O व्यवस्था O किसी O के O पास O है O , O नाली O - O निकासी O दूसरे O के O पास O है O , O जलागम O क्षेत्र O किसी O और O के O कार्य O क्षेत्र O में O है O । O पानी O के O सुरक्षित O प्रबंधन O के O लिए O इस O स्थिति O को O बदलना O होगा O । O इसके O लिए O पानी O से O जुड़े O संसाधनों O और O व्यवस्थाओं O पर O स्थानीय O लोगों O को O ज्यादा O नियंत्रण O देने O होंगे O । O इसलिए O सही O जल O प्रबंधन O के O लिए O लोकतन्त्र O को O और O गहरे O लाना O होगा O , O जमीनी O स्तर O पर O अधिकार O देने O होंगे O । O इन O सब O बातों O के O साथ O - O साथ O हमें O अपना O पानी O का O इस्तेमाल O कम O से O कम O करना O होगा O । O हर O बूंद O का O किफ़ायती O इस्तेमाल O करना O होगा O । O इसमें O पानी O के O किफायती O इस्तेमाल O वाली O सिंचाई O व्यवस्था O तथा O घरेलू O उपकरणों O और O खान O - O पान O में O भी O किफ़ायती O तरीके O अपनाने O होंगे O । O ताकि O हमारी O फसलों O में O भी O पानी O का O समझदारी O से O इस्तेमाल O हो O । O यह O संभव O है O । O हम O बस O , O पानी O पर O सबसे O ज्यादा O ध्यान O देना O शुरू O कर O दें O । O पानी O आजीविका O से O , O भोजन O और O पोषण O से O , O हमारे O भविष्य O से O जुड़ा O है O । O जलवायु O - O संकट O से O घिरी O हमारी O दुनिया O के O लिए O यह O और O भी O ज्यादा O जरूरी O है O । O इस O दशक O में O प्रकृति O के O बदले O के O रूप O में O जलवायु O परिवर्तन O के O प्रभाव O बढ़ने O की O आशंका O है O । O इसलिए O हमें O जल O - O प्रणालियों O में O निवेश O बढ़ा O कर O उन्हें O ज्यादा O टिकाऊ O बनाना O होगा O ताकि O वे O न O केवल O अगली O बारिश O को O , O बल्कि O अगली O बाढ़ O को O भी O झेल O सकें O । O हमें O अपने O प्रयासों O में O तेजी O लानी O होगी O क्योंकि O जलवायु O परिवर्तन O के O साथ O बारिश O तो O ज्यादा O हो O सकती O है O पर O बारिश O के O दिन O कम O हो O सकते O हैं O । O इसका O मतलब O है O कि O हमें O बारिश O होते O ही O इसके O पानी O को O समेटने O के O ज्यादा O प्रयास O करने O होंगे O ताकि O भूजल O का O स्तर O ऊपर O उठे O । O पानी O को O लेकर O हमारा O भविष्य O पानी O के O बारे O में O हमारी O समझदारी O पर O निर्भर O है O । O हमें O समझना O होगा O कि O जल O और O संस्कृति O का O साथ O है O । O पानी O की O कमी O का O मतलब O महज O कम O बारिश O होना O नहीं O है O , O इसका O मतलब O यह O भी O है O कि O पानी O की O जो O नेमत O समाज O को O मिल O रही O है O , O वह O उसे O सही O तरीके O से O बांटने O और O उसके O अनुरूप O जी O पाने O में O असमर्थ O हो O रहा O है O । O हमें O पानी O की O सुरक्षा O तभी O मिल O सकती O है O , O जब O हम O पानी O से O जुड़े O मुद्दों O में O समझदार O बनें O । O योजना O - O सही O विकल्प O : O इसमें O ' O योजना O ' O के O अंकों O में O प्रकाशित O आलेखों O / O सामग्री O से O या O फिर O प्रतियोगी O परीक्षाओं O में O पूछे O जाने O वाले O ज्ञान O के O आधार O पर O प्रश्नों O एवं O विकल्पों O को O तैयार O किया O गया O है O । O यह O केन्द्रीय O सरकारी O संगठनों O में O विभिन्न O प्राधिकारियों O को O उनके O सतर्कता O कार्यों O की O योजना O बनाने O , O निष्पादन O करने O , O समीक्षा O करने O तथा O सुधार O करने O मे O सलाह O देता O है O । O इस O समिति O में O प्रधानमंत्री O , O लोकसभा O में O विपक्ष O के O नेता O व O केन्द्रीय O गृहमंत्री O होते O हैं O । O अवकाश O प्राप्ति O के O बाद O आयोग O के O ये O पदाधिकारी O केन्द्र O अथवा O राज्य O सरकार O के O किसी O भी O पद O के O योग्य O नहीं O होते O हैं O । O यदि O वह O दिवालिया O घोषित O हो O गया O हो O । O अपने O कार्यक्षेत्र O से O बाहर O कोई O लाभ O का O पद O धारण O करता O हो O । O मानसिक O अथवा O शारीरिक O कारणों O से O कार्य O करने O में O राष्ट्रपति O की O दृष्टि O में O असमर्थ O हो O । O कोई O अन्य O आर्थिक O व O लाभ O का O पद O ग्रहण O करता O हो O जो O आयोग O के O अनुसार O अनुचित O है O । O राष्ट्रपति O द्वारा O आयोग O के O मुख्य O आयुक्त O व O अन्य O आयुक्तों O को O उनके O दुराचरण O व O अक्षमता O के O आधार O पर O पद O से O हटाया O जा O सकता O है O । O ऐसे O किसी O भी O अनुबंध O अथवा O कार्य O से O प्राप्त O लाभ O में O भाग O लेता O हो O अथवा O जिसके O उपरांत O प्रकट O होने O वाले O लाभ O व O सुविधाएँ O किसी O निजी O कंपनियों O के O सदस्यों O के O समान O ही O प्राप्त O करता O हो O । O केन्द्रीय O सतर्कता O आयुक्त O के O वेतन O , O भत्ते O व O अन्य O सेवा O शर्तें O संघ O लोक O सेवा O आयोग O के O अध्यक्ष O के O समान O ही O होती O हैं O और O सतर्कता O आयुक्त O की O संघ O लोक O सेवा O आयोग O के O सदस्यों O के O समान O होती O है O , O लेकिन O कार्यकाल O के O दौरान O इनकी O सेवाओं O में O कोई O अलाभकारी O परिवर्तन O नहीं O किया O जा O सकता O है O । O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O के O सतर्कता O आयोग O अधिनियम O , O 2003 O के O अंतर्गत O इस O आयोग O के O अधिकार O एवं O कार्य O निम्नलिखित O हैं O - O भ्रष्टाचार O सूचना O का O अधिकार O पारदर्शिता O केन्द्रीय O सूचना O आयोग O तमिल O साहित्य O - O - O प्राचीन O व्याकरण O तोल्कप्पियम O में O कई O हजार O वर्षों O के O पारंपरिक O व्याकरणिक O नियमों O का O पालन O किया O गया O था O । O तमिलों O का O सौभाग्य O है O कि O वे O अपने O गौरवशाली O यशस्वी O पूर्वजों O की O कई O बहुमूल्य O कृतियों O को O नष्ट O होने O से O बचाकर O तोल्कप्पियम O को O बिना O कोई O नुकसान O पहुंचाए O फिर O से O प्राप्त O कर O सकते O हैं O । O कोई O अन्य O समकालीन O कार्य O उपलब्ध O नहीं O है O । O दक्षिणी O प्रायद्वीप O के O समुद्रों O में O हुई O भारी O तबाही O ने O बड़ी O मात्रा O में O ताड़ O के O पत्तों O की O पांडुलिपियों O को O मिटा O दिया O था O ; O जिसमें O व्याकरण O और O साहित्य O के O कई O कार्य O शामिल O थे O । O साहित्य O की O विभिन्न O विधाओं O और O वर्गीकरण O के O लिए O नियम O और O विनियमों O को O निर्धारित O करने O के O दौरान O तोल्कप्पियम O स्वयं O ऐसे O कई O प्राचीन O कार्यों O को O संदर्भित O करता O है O , O जिसे O हम O विस्तार O से O नहीं O जानते O हैं O । O यह O अचानक O बंजर O ट्रैक O से O अंकुरित O नहीं O हुआ O है O । O तोल्कप्पियम O की O पुरातनता O - O राजा O ने O विशाल O जलप्रपात O में O अपनी O जमीन O खो O चुके O तमिल O लोगों O को O आवास O स्थल O दिया O था O । O नए O प्रयोग O या O नवाचार O , O विशेषकर O स्वदेशी O समाधानों O के O विकास O में O नए O प्रयोग O किफायती O स्वास्थ्य O सेवा O उत्पाद O एवं O सेवाओं O के O विकास O के O लिए O आवश्यक O हैं O । O इसकी O उत्पादन O लागत O कम O है O और O इसे O सीमित O संसाधनों O के O बीच O आसानी O से O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O हमने O कोविड O वैक्सीन O के O लिए O अनुसंधान O और O विकास O , O किफायती O पीपीई O किट O , O मास्क O , O वेंटीलेटर O और O श्वसन O उपकरणों O आदि O के O विकास O में O भी O इसी O तरह O के O नए O प्रयोग O देखे O हैं O । O इन O सबका O उद्देश्य O यह O सुनिश्चित O करना O है O कि O महामारी O से O निपटने O के O साधन O अधिक O से O अधिक O संख्या O में O लोगों O तक O पहुंचाए O जाएं O । O इस O संदर्भ O में O विभिन्न O क्षेत्रों O की O भागीदारी O और O सहयोग O की O भूमिका O को O कम O नहीं O आंका O जा O सकता O । O देश O में O कोविड O - O 19 O जांच O की O बुनियादी O व्यवस्था O बढ़ाने O में O विभिन्न O क्षेत्रों O की O भागीदारी O इसका O प्रमाण O है O । O भारतीय O साहित्य O पुस्तकें O अनंत O हैं O और O समय O सीमित O है O । O ज्ञान O का O रहस्य O यही O है O कि O जो O आवश्यक O है O , O उसे O ग्रहण O कर O लिया O जाए O । O उसे O ग्रहण O करो O और O उसी O के O अनुरूप O जीवन O जिओ O । O ' O महामारी O ने O हमें O सामान्य O जीवन O से O परे O देखने O और O गहराई O से O सोचने O का O मौका O दिया O । O कोरोना O - O काल O ने O हमें O आत्म O - O निर्वासन O के O अकेलेपन O में O धकेल O दिया O और O हमें O सामान्य O जीवन O की O उन O तमाम O नेमतों O के O बारे O में O फिर O से O सोचने O और O उनके O प्रति O कृतज्ञ O होने O का O अवसर O दिया O जिनके O बारे O में O हम O मानते O रहे O थे O कि O ये O तो O हमें O सहज O ही O सुलभ O हैं O । O इस O बीमारी O ने O अकल्पनीय O तरीके O से O जीवन O - O शैली O और O जीवन O की O लय O को O बदल O दिया O । O लोगों O ने O जिजीविषा O , O अनुकूलन O और O बढ़ते O चले O जाने O के O नए O तरीके O सीखे O । O इस O अभूतपूर्व O अंधकार O के O बीच O , O कला O और O साहित्य O निरंतर O आशा O की O मशाल O बने O रहे O , O हमारे O जीवन O को O समृद्ध O बनाते O रहे O और O हमें O मनुष्य O होने O का O मर्म O सिखलाते O रहे O । O साहित्य O के O संक्षेत्र O ( O प्रिज्म O ) O के O जरिए O , O हम O शब्दों O के O उस O लालित्य O को O समझ O पाते O हैं O जो O न O केवल O हमारे O अशांत O मन O को O सुख O देता O है O , O बल्कि O समाज O का O भी O दर्पण O बनता O है O ताकि O हम O विविध O सांस्कृतिक O मूल्यों O और O इनसे O जुड़े O इतिहास O को O समझ O सके O , O उन्हें O अंगीकार O कर O सके O । O शब्दों O की O ताकत O और O जादू O ने O हमारे O आकाश O का O , O हमारे O क्षितिज O का O विस्तार O किया O । O अर्जेंटीनियाई O कथाकार O , O कवि O और O भाषा O के O लेखक O ख़ोर्के O लुइस O बोर्खेस O ने O कहा O है O , O ' O लेखक O मरते O हैं O तो O पुस्तक O बन O जाते O हैं O । O यह O अवतार O कुछ O बुरा O तो O नहीं O है O । O साहित्य O समाज O की O सभी O बुराइयों O का O रामबाण O उपचार O है O और O सीखने O - 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O साथ O हिंदी O साहित्य O की O विविध O विधाओं O के O बारे O में O तथा O उनका O देश O के O स्वतंत्रता O आंदोलन O में O योगदान O पर O विस्तार O से O भी O चर्चा O की O गई O है O । O बालमन O के O अनुरूप O हिंदी O में O लेखन O सदैव O ही O चुनौतीपूर्ण O रहा O है O , O इस O पर O भी O प्रकाश O डाला O गया O है O । O न O केवल O कई O भारतीय O भाषाओं O , O बल्कि O विश्व O की O अनेक O भाषाओं O की O जननी O संस्कृत O की O महत्ता O और O आज O के O संदर्भ O में O इसके O और O प्रासंगिक O होने O तथा O उपयोगिता O का O संक्षिप्त O परिचय O भी O है O । O उनके O द्वारा O चलाए O गए O सामाजिक O सुधार O आंदोलन O के O बाद O , O उर्दू O की O तरक्की O पसंद O धारा O ने O नए O अदीबों O के O लिए O जैसे O मानक O तय O कर O दिए O और O अदब O में O बदलाव O का O आगाज O किया O । O देश O की O स्वतंत्रता O के O पूर्व O और O इसके O पश्चात O , O साहित्य O के O अन्य O क्षेत्रों O में O विविध O विधाओं O में O प्रचुर O लेखन O हुआ O । O फारसी O कविता O ने O शाही O दरबारों O को O भी O सजाया O और O सूफियों O की O खानकाहों O को O भी O गुंजाया O । O उधर O हिन्दी O साहित्य O में O , O सप्तक O परंपरा O ने O रूमानी O कविता O और O नए O सामाजिक O यथार्थ O को O अभिव्यक्ति O दी O । O महिलाओं O के O लेखन O और O नारीवादी O विमर्श O ने O मूक O और O अब O तक O न O सुने O गए O , O वर्ग O को O अभिव्यक्ति O दी O और O भारतीय O साहित्य O के O कथ्य O और O शिल्प O को O प्रभावित O किया O । O दलित O और O आदिवासी O समुदायों O ने O भी O कलम O की O ताकत O से O अपने O सरोकारों O , O संघर्षों O तथा O सदियों O के O दुर्व्यवहार O को O आवाज़ O दी O । O उनके O पक्षधर O लेखक O - O लेखिकाओं O ने O सामाजिक O छद्म O और O दिखावे O को O उजागर O किया O और O दलितों O - O वंचितों O को O निरंतर O दबाए O जाने O की O प्रवृत्तियों O का O प्रतिरोध O किया O । O प्रस्तुत O अंक O में O भारतीय O साहित्य O और O आधुनिक O लेखन O के O विविध O पक्षों O पर O विहंगम O दृष्टि O डालने O के O साथ O - O साथ O अंक O की O सज्जा O को O विषय O के O अनुरूप O मनोरम O बनाने O का O भी O प्रयास O किया O गया O है O । O पत्रिका O के O सीमित O पृष्ठों O पर O साहित्य O जैसे O विशद O विषय O को O समेटना O बहुत O कठिन O है O । O आशा O है O कि O भारतीय O साहित्य O के O लालित्य O को O व्यक्त O करने O का O यह O प्रयास O पाठकों O को O अच्छा O लगेगा O । O महामारी O की O आपदा O अब O भी O हमारे O जीवन O से O बाहर O नहीं O हुई O है O लेकिन O इस O कठिन O समय O और O अनिश्चितताओं O को O पीछे O छोड़ते O हुए O हमने O उम्मीदों O और O सपनों O के O साथ O नए O वर्ष O में O प्रवेश O किया O है O । O ऐसे O समय O में O , O तमाम O तकलीफ़ों O और O सदमों O के O बावजूद O , O हमारे O लिए O करुणा O , O उदारता O और O सद्भाव O बनाए O रखना O और O बेहतर O कल O की O उम्मीद O रखना O बेहद O ज़रूरी O है O । O कहानियां O सुनाने O की O यह O परंपरा O राजा O और O उनके O दरबारियों O तक O सीमित O नहीं O थी O । O लिहाजा O , O जनता O को O इस O प्रभावी O माध्यम O का O लाभ O भी O नहीं O मिल O पाता O है O । O इसके O बजाय O कहानियों O के O रूप O में O जो O सामग्री O हमारे O पास O है O , O उसमें O संवेदनशीलता O और O सार्थकता O का O अभाव O है O । O बेसिर O - O पैर O वाली O इन O कहानियों O में O सिर्फ O व्यावसायिकता O हावी O है O । O उनमें O मानवता O की O बात O होती O थी O , O न O कि O क्षेत्रों O की O । O इन O कहानियों O में O बहादुरी O और O शौर्य O के O बजाय O बुद्धिमता O और O संवेदनशीलता O का O जिक्र O होता O था O । O इसे O मैं O वास्तविक O सिनेमा O भी O कहना O चाहूंगा O । O हालांकि O , O सरकारी O नीतियों O और O असंवेदनशील O लोगों O की O वजह O से O ये O फिल्में O उपेक्षा O का O शिकार O हैं O । O सिनेमा O पर O पैसा O और O प्रचार O तंत्र O काफी O हावी O हो O गया O है O । O इस O वजह O से O दूसरे O क्षेत्रों O या O अपने O यहां O की O क्षेत्रीय O फिल्मों O में O लोगों O की O दिलचस्पी O काफी O कम O हो O गई O है O । O इससे O दुर्भाग्यपूर्ण O बात O क्या O हो O सकती O है O ? O किसी O पंजाबी O या O गुजराती O की O असमिया O या O ओडिया O फिल्म O में O दिलचस्पी O होने O की O संभावना O नहीं O के O बराबर O होती O है O । O उन्होंने O कहा O था O - O “ O लक्ष्य O बहुत O मुश्किल O हो O तो O भी O उसे O तपस्या O और O कड़ी O मेहनत O से O हासिल O किया O जा O सकता O है O । O " O आज O इन O सभी O करों O को O खत्म O कर O दिया O जायेगा O । O इसमें O आपूर्ति O श्रृंखला O में O क्रेडिट O के O निर्बाध O प्रवाह O के O साथ O ही O हर O चरण O में O सिर्फ O मूल्य O संवर्द्धन O पर O कर O लगाया O जाता O है O । O जीएसटी O के O आच्छादन O तंत्र O ने O निस्संदेह O केन्द्र O और O राज्य O सरकारों O के O कर O प्रबंध O को O एकीकृत O किया O है O । O इस O तरह O करदाताओं O के O लिये O जीएसटी O करों O का O एकल O इंटरफेस O बन O गया O है O । O इसके O साथ O ही O इसने O वस्तुओं O की O अंतर O - O राज्यीय O ढुलाई O के O लिये O जांच O चौकियों O की O अरसे O से O चली O आ O रही O प्रणाली O को O हमेशा O के O लिये O खत्म O कर O दिया O है O । O जीएसटी O से O संबंधित O कानूनों O को O हर O चरण O में O कई O दफा O प्रतिक्रिया O के O लिये O सार्वजनिक O मंच O पर O रखा O गया O । O इससे O सभी O हितधारकों O को O लोकतंत्र O की O सच्ची O भावना O के O तहत O इस O बात O पर O विचार O करने O का O मौका O मिला O कि O वे O किस O तरह O के O भविष्य O की O रचना O में O मददगार O बनना O चाहते O हैं O । O जीएसटी O मुख्य O रूप O से O वस्तुओं O और O सेवाओं O की O आपूर्ति O पर O लगाया O जाने O वाला O कर O है O । O इसका O प्रबंध O केन्द्र O और O राज्य O मिल O कर O करते O हैं O और O बाद O में O इसे O दोनों O के O बीच O बांटा O जाता O है O । O दूसरे O भाग O राज्यीय O जीएसटी O ( O एसजीएसटी O ) O को O राज्य O या O संघ O शासित O प्रदेश O का O प्रशासन O लगाता O है O । O वे O बैंक O शाखाओं O पर O निर्भर O रहते O हैं O जिससे O बैंकों O की O लागत O बढ़ती O है O । O साथ O ही O बैंकों O को O गांवों O में O अनियमित O आय O और O आकस्मिक O जरूरतों O के O चलते O ऋण O देना O जोखिमपूर्ण O लगता O है O । O वित्त O के O नये O ग्रामीण O आदर्श O को O इस O बात O पर O आधारित O होना O चाहिए O कि O ग्रामीण O लोग O बैंक O योग्य O हैं O । O इसलिए O आज O जरूरत O इस O बात O की O है O कि O वित्तीय O क्षेत्र O समावेशी O बनें O और O इसमें O टिकाऊ O संस्थान O शामिल O हों O जिनकी O रूपरेखा O मांग O आधारित O हो O और O जिनमें O अनेक O प्रकार O के O वित्तीय O उत्पादों O एवं O सेवाओं O का O प्रावधान O हो O । O उत्पाद O रणनीति O - O छोटे O लेनदेन O के O लिए O क्या O ऐसे O विविध O उत्पादों O और O सेवाओं O को O विकसित O किया O जा O सकता O है O जिनके O लिए O उत्पाद O के O लचीलेपन O , O निरंतर O उपलब्धता O और O सुविधा O के O साथ O समझौता O न O किया O जाए O । O किस O किस्म O के O वित्तीय O उत्पादों O को O विकसित O किया O जा O सकता O है O ? O किस O किस्म O के O वित्तीय O उत्पादों O की O मदद O से O गरीबी O को O कम O किया O जा O सकता O है O और O ग्रामीण O क्षेत्रों O की O विकास O दर O में O वृद्धि O की O जा O सकती O है O ? O प्रक्रियाएं O - O वंचितों O और O कमजोर O तबकों O तक O पहुंचने O और O वित्तीय O व्यवहार्यता O को O खतरे O में O डाले O बिना O ग्राहकों O को O आसानी O से O सेवाएं O प्रदान O करने O में O किस O प्रकार O की O व्यावसायिक O प्रक्रियाएं O मददगार O साबित O हो O सकती O हैं O ? O साझेदारी O - O बैंकों O में O खाते O न O होने O के O कारण O लोगों O को O वित्तीय O सेवाओं O का O लाभ O उठाने O में O किन O कठिनाइयों O का O सामना O करना O पड़ता O है O ? O क्या O बैंक O - O गैर O - O बैंक O भागीदारी O , O जैसे O बिजनेस O कॉरेस्पॉन्डेंट O , O एसएचजीज़ O , O एमएफआई O आदि O वित्तीय O सेवाओं O की O सुविधा O और O उपलब्धता O को O सहज O बनाने O में O कुशल O होते O हैं O ? O संरक्षण O - O सेवा O प्रदाताओं O और O ग्राहकों O को O दुर्व्यवहार O और O दुरुपयोग O से O बचाने O के O लिए O किन O उपायों O की O आवश्यकता O है O ? O क्या O इस O क्षेत्र O की O संवेदनशीलता O के O मद्देनजर O लोगों O को O ऋण O संबंधी O जोखिम O से O बचने O के O पर्याप्त O रास्ते O हैं O ? O क्या O ऋणदाता O ऋण O संस्कृति O की O अनिश्चितता O से O सुरक्षित O हैं O ? O लाभपरकता O - O क्या O व्यापार O रणनीतियाँ O और O डिलीवरी O मॉडल O ग्रामीण O ग्राहकों O को O सस्ती O और O स्वीकार्य O सेवाएं O प्रदान O करने O के O लिए O तैयार O हैं O , O यह O सुनिश्चित O करते O हुए O कि O ग्रामीण O वित्त O सेवा O प्रदाता O को O निरंतर O लाभ O प्राप्त O हो O रहा O है O । O उत्पादकता O - O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O प्रदान O की O जाने O वाली O वित्तीय O सेवाओं O की O उत्पादकता O को O हम O कैसे O बढ़ाएं O ? O वित्तीय O सेवाओं O के O अधिक O उत्पादक O और O सर्वश्रेष्ठ O उपयोग O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O वित्त O के O साथ O अन्य O संसाधनों O को O सहयोग O देने O के O लिए O आवश्यक O क्या O रणनीतियां O ( O क्रेडिट O प्लस O दृष्टिकोण O के O अंतर्गत O ) O हैं O ? O निरंतर O वैश्वीकृत O हो O रही O दुनिया O में O प्रभावी O विदेश O सेवा O का O बहुत O अधिक O महत्व O है O । O ये O अधिकारी O द्विपक्षीय O राजनैतिक O और O आर्थिक O सहयोग O , O व्यापार O तथा O वाणिज्य O संवर्धन O , O सांस्कृतिक O संपर्क O , O प्रेस O तथा O मीडिया O संपर्क O सहित O अनेक O आपसी O और O बहुपक्षीय O मुद्दों O को O देखते O हैं O । O शीत O युद्ध O के O दौर O की O तुलना O में O वर्तमान O वैश्विक O व्यवस्था O काफी O बदल O गई O है O । O बदलते O समय O के O साथ O अनेक O परिवर्तन O हुए O भी O हैं O । O इतनी O बड़ी O जिम्मेदारियों O को O देखते O हुए O इस O सेवा O में O अधिकारियों O की O संख्या O बहुत O कम O है O । O शारीरिक O दुर्व्यवहार O अर्थात O शारीरिक O पीड़ा O , O अपहानि O या O जीवन O या O अंग O या O स्वास्थ्य O को O खतरा O या O लैंगिक O दुर्व्यवहार O अर्थात O महिला O की O गरिमा O का O उल्लंघन O , O अपमान O या O तिरस्कार O करना O या O अतिक्रमण O करना O या O मौखिक O और O भावनात्मक O दुर्व्यवहार O अर्थात O अपमान O , O उपहास O , O गाली O देना O या O आर्थिक O दुर्व्यवहार O अर्थात O आर्थिक O या O वित्तीय O संसाधनों O , O जिसकी O वह O हकदार O है O , O से O वंचित O करना O , O मानसिक O रूप O से O परेशान O करना O ये O सभी O घरेलू O हिंसा O कहलाते O हैं O । O इस O क़ानून O के O तहत O घरेलू O हिंसा O के O दायरे O में O अनेक O प्रकार O की O हिंसा O और O दुर्व्यवहार O आते O हैं O । O किसी O भी O घरेलू O सम्बंध O या O नातेदारी O में O किसी O प्रकार O का O व्यवहार O , O आचरण O या O बर्ताव O जिससे O ( O १ O ) O आपके O स्वास्थ्य O , O सुरक्षा O , O जीवन O , O या O किसी O अंग O को O कोई O क्षति O पहुँचती O है O , O या O ( O २ O ) O मानसिक O या O शारीरिक O हानि O होती O है O , O घरेलू O हिंसा O है O । O इसके O अलावा O घरेलू O सम्बन्धों O या O नातेदारी O में O , O किसी O भी O प्रकार O का O - O शारीरिक O दुरुपयोग O ( O जैसे O मार O - O पीट O करना O , O थप्पड़ O मारना O , O दाँत O काटना O , O ठोकर O मारना O , O लात O मारना O इत्यादि O ) O , O लैंगिक O शोषण O ( O जैसे O बलात्कार O अथवा O बलपूर्वक O बनाए O गए O शारीरिक O सम्बंध O , O अश्लील O साहित्य O या O सामग्री O देखने O के O लिए O मजबूर O करना O , O अपमानित O करने O के O दृष्टिकोण O से O किया O गया O लैंगिक O व्यवहार O , O और O बालकों O के O साथ O लैंगिक O दुर्व्यवहार O ) O , O मौखिक O और O भावनात्मक O हिंसा O ( O जैसे O अपमानित O करना O , O गालियाँ O देना O , O चरित्र O और O आचरण O पर O आरोप O लगाना O , O लड़का O न O होने O पर O प्रताड़ित O करना O , O दहेज O के O नाम O पर O प्रताड़ित O करना O , O नौकरी O न O करने O या O छोड़ने O के O लिए O मजबूर O करना O , O आपको O अपने O मन O से O विवाह O न O करने O देना O या O किसी O व्यक्ति O विशेष O से O विवाह O के O लिए O मजबूर O करना O , O आत्महत्या O की O धमकी O देना O इत्यादि O ) O , O आर्थिक O हिंसा O ( O जैसे O आपको O या O आपके O बच्चे O को O अपनी O देखभाल O के O लिए O धन O और O संसाधन O न O देना O , O आपको O अपना O रोज़गार O न O करने O देना O , O या O उसमें O रुकावट O डालना O , O आपकी O आय O , O वेतन O इत्यादि O आपसे O ले O लेना O , O घर O से O बाहर O निकाल O देना O इत्यादि O ) O , O भी O घरेलू O हिंसा O है O । O इस O अधिनियम O को O लागू O करने O की O ज़िम्मेदारी O जिन O अधिकारियों O पर O है O , O उनके O इस O कानून O के O तहत O कुछ O कर्तव्य O हैं O जैसे O - O जब O किसी O पुलिस O अधिकारी O , O संरक्षण O अधिकारी O , O सेवा O प्रदाता O या O मजिस्ट्रेट O को O घरेलू O हिंसा O की O घटना O के O बारे O में O पता O चलता O है O , O तो O उन्हें O पीड़ित O को O निम्न O अधिकारों O के O बारे O में O सूचित O करना O है O - O पीड़िता O इस O कानून O के O तहत O किसी O भी O राहत O के O लिए O आवेदन O कर O सकती O है O जैसे O कि O - O संरक्षण O आदेश O , O आर्थिक O राहत O , O बच्चों O के O अस्थाई O संरक्षण O ( O कस्टडी O ) O का O आदेश O , O निवास O आदेश O या O मुआवजे O का O आदेश O पीड़िता O आधिकारिक O सेवा O प्रदाताओं O की O सहायता O ले O सकती O है O पीड़िता O संरक्षण O अधिकारी O से O संपर्क O कर O सकती O है O पीड़िता O निशुल्क O क़ानूनी O सहायता O की O मांग O कर O सकती O है O प्रत्येक O राज्य O सरकार O अपने O राज्य O में O ‘ O संरक्षण O अधिकारी O ’ O नियुक्त O करती O है O । O सीधे O पुलिस O अधिकारी O या O मजिस्ट्रेट O से O भी O संपर्क O किया O जा O सकता O है O । O सुरक्षा O अधिकारी O के O अलावा O पीड़िता O ‘ O सेवा O प्रदाता O ’ O से O भी O संपर्क O कर O सकती O है O , O सेवा O प्रदाता O से O , O पीड़िता O खुद O शिकायत O कर O सकती O है O । O कोई O भी O ऐसा O व्यक्ति O जिसे O किसी O कारण O से O लगता O है O कि O घरेलू O हिंसा O की O कोई O घटना O घटित O हुई O है O या O हो O रही O है O या O जिसे O ऐसा O अंदेशा O भी O है O कि O ऐसी O घटना O घटित O हो O सकती O है O , O वह O संरक्षण O अधिकारी O को O सूचित O कर O सकता O है O । O यदि O आप O अपनी O समस्याओं O का O स्थायी O समाधान O चाहते O हैं O , O तो O आप O अदालत O में O जा O सकते O हैं O । O इस O अधिनियम O के O तहत O ज़िम्मेदार O न्यायाधीशों O को O मजिस्ट्रेट्स O कहा O जाता O है O । O पीड़िता O को O स्वयं O आवेदन O करने O की O ज़रुरत O नहीं O है O , O संरक्षण O अधिकारी O या O सेवा O प्रदाता O के O माध्यम O से O ऐसा O किया O जा O सकता O है O । O ज़रूरी O है O कि O मजिस्ट्रेट O संरक्षण O अधिकारी O या O सेवा O प्रदाता O द्वारा O दर्ज O की O गयी O पहली O शिकायत O के O तथ्यों O को O ध्यान O में O रखें O । O इस O अधिनियम O के O तहत O शिकायत O के O अलावा O पीड़िता O अदालत O में O सिविल O केस O भी O दाखिल O कर O सकती O है O । O यदि O पीड़िता O सिविल O केस O भी O दाखिल O करती O है O और O उसे O घरेलू O हिंसा O अधिनियम O के O तहत O कोई O राशि O दी O गयी O है O तो O मजिस्ट्रेट O यह O राशि O सिविल O केस O में O तय O राशि O से O घटा O देगा O । O घरेलू O हिंसा O की O जा O चुकी O हो O या O की O जाने O वाली O है O या O की O जा O रही O है O , O की O सूचना O कोई O भी O व्यक्ति O संरक्षण O अधिकरी O को O दे O सकता O है O जिसके O लिए O सूचना O देने O वाले O पर O किसी O प्रकार O की O जिम्मेदारी O नहीं O तय O की O जाएगी O । O पीड़िता O के O रूप O में O आप O इस O कानून O के O तहत O संरक्षण O अधिकारी O या O सेवा O प्रदाता O से O संपर्क O कर O सकती O हैं O । O प्रत्येक O राज्य O सरकार O अपने O राज्य O में O ‘ O संरक्षण O अधिकारी O ’ O नियुक्त O करती O है O । O सीधे O पुलिस O अधिकारी O या O मजिस्ट्रेट O से O भी O संपर्क O किया O जा O सकता O है O । O आप O मजिस्ट्रेट O - O फर्स्ट O क्लास O या O मेट्रोपोलिटन O मजिस्ट्रेट O से O भी O संपर्क O कर O सकती O हैं O , O किंतु O किस O क्षेत्र O के O मैजिस्ट्रेट O से O सम्पर्क O करना O है O यह O आपके O और O प्रतिवादी O के O निवास O स्थान O पर O निर्भर O करता O है O । O यदि O घरेलू O हिंसा O की O कोई O सूचना O किसी O पुलिस O अधिकारी O या O संरक्षण O अधिकारी O या O मजिस्ट्रेट O को O दी O गयी O है O तो O उनके O द्वारा O पीड़िता O को O जानकारी O देनी O होगी O कि O - O सेवा O प्रदाता O , O जो O नियमतः O निबंधित O हो O , O वह O भी O मजिस्ट्रेट O या O संरक्षा O अधिकारी O को O घरेलू O हिंसा O की O सूचना O दे O सकता O है O । O पीड़िता O या O संरक्षण O अधिकारी O या O अन्य O कोई O घरेलू O हिंसा O के O बारे O में O या O मुआवजा O या O नुकसान O के O लिए O मजिस्ट्रेट O को O आवेदन O दे O सकता O है O । O मजिस्ट्रेट O पीड़िता O को O सेवा O प्रदात्ता O से O परामर्श O लेने O का O निदेश O दे O सकेगा O । O पक्षकार O ऐसी O इच्छा O करें O तो O कार्यवाही O बंद O कमरे O में O हो O सकेगी O । O पीड़िता O को O साझी O गृहस्थी O में O निवास O करने O का O अधिकार O होगा O और O कानूनी O प्रक्रिया O के O अतिरिक्त O उसका O निष्कासन O नहीं O किया O जा O सकेगा O । O उसके O पक्ष O में O संरक्षण O आदेश O पारित O किया O जा O सकेगा O । O पीड़िता O को O और O उसकी O संतान O को O संरक्षण O प्रदान O करते O हुए O संरक्षण O देने O का O स्थानीय O थाना O को O निर्देश O देने O के O साथ O निवास O आदेश O एवं O किसी O तरह O के O भुगतान O के O संबंध O में O भी O आदेश O पारित O किया O जा O सकेगा O और O सम्पत्ति O का O कब्जा O वापस O करने O का O भी O आदेश O दिया O जा O सकेगा O । O वित्तीय O अनुतोष O - O पीड़िता O या O उसकी O संतान O को O घरेलू O हिंसा O के O बाद O किये O गये O खर्च O एवं O हानि O की O पूर्ति O के O लिए O मजिस्ट्रेट O निदेश O दे O सकेगा O तथा O भरण O - O पोषण O का O भी O आदेश O दे O सकेगा O एवं O प्रतिकार O आदेश O भी O दिया O जा O सकता O है O । O अभिरक्षा O आदेश O संतान O के O संबंध O में O दे O सकेगा O या O संतान O से O भेंट O करने O का O भी O आदेश O मजिस्ट्रेट O दे O सकेगा O । O पक्षकारों O को O आदेश O की O प्रति O निःशुल्क O न्यायालय O द्वारा O दी O जाएगी O । O आपातकालीन O मामलों O में O पुलिस O की O सेवा O की O मांग O संरक्षण O अधिकारी O या O सेवा O प्रदाता O द्वारा O पीड़िता O के O लिए O की O जा O सकती O है O । O परामर्शदाताओं O की O नियुक्ति O संरक्षण O अधिकारी O द्वारा O उपलब्ध O सूची O में O से O की O जायेगी O । O सतत O विकास O लक्ष्यों O का O स्थानीयकरण O डैशबोर्ड O वास्तव O में O सरकार O और O अन्य O हितार्थियों O के O लिए O स्थायी O विकास O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O की O दिशा O में O हो O रही O प्रगति O को O आंकने O के O उपकरण O होते O हैं O और O इनके O माध्यम O से O क्रियान्वयन O और O आंकड़ों O का O अन्तर O सामने O आ O जाता O है O । O इंटरएक्टिव O डैशबोर्ड O देश O में O सतत O यानी O टिकाऊ O या O स्थायी O विकास O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O में O हुई O प्रगति O का O दृश्य O प्रस्तुत O करते O हैं O जिनके O आधार O पर O कार्य O से O जुड़ी O प्राथमिकताओं O का O पता O चलता O है O । O इन O महत्वाकांक्षी O लक्ष्यों O का O उद्देश्य O गरीबी O खत्म O करके O असमानता O को O हमेशा O के O लिए O मिटा O देना O है O जिससे O दुनिया O के O सामने O मुंह O बाए O खड़ी O पर्यावरण O - O संबंधी O चुनौतियों O का O टिकाऊ O और O पक्का O हल O निकाला O जा O सके O । O इन O प्रयासों O के O अंतर्गत O विकास O के O लिए O डेटा O क्रान्ति O ने O गति O पकड़ O ली O है O और O इससे O वैश्विक O संसाधनों O का O दोहन O करके O आवश्यकता O का O पता O लगाकर O उनकी O पूर्ति O के O लिए O अधिक O विकास O का O लक्ष्य O हासिल O किया O जा O सकेगा O । O डेटा O क्रान्ति O का O अर्थ O है O डेटा O के O प्रयोग O से O चलाए O जाने O वाले O किसी O जटिल O विकास O एजेंडा O की O जरूरत O के O हिसाब O से O आवश्यक O क्रान्ति O लाने O वाले O कार्य O । O इसके O तहत O डेटा O तैयार O करने O , O डेटा O एक्सेस O करने O और O उसे O प्रयोग O करने O में O क्रांतिकारी O सुधार O लाने O की O प्रक्रिया O शामिल O है O । O कई O देशों O में O डेटा O जुटाने O ( O एकत्र O करने O ) O का O काम O उस O देश O की O सरकार O की O एजेंसी O करती O है O और O इसके O लिए O एजेंसी O जनसंख्या O के O पूर्व O - O निर्धारित O वर्ग O से O आंकड़े O प्राप्त O करती O है O जिनका O जटिल O वैज्ञानिक O विधियों O से O विश्लेषण O किया O जाता O है O और O राष्ट्रीय O सकल O अनुमान O लगाए O जाते O हैं O । O आंकड़े O एकत्र O करने O और O उनका O विश्लेषण O करने O में O अत्यधिक O विशेषज्ञता O की O जरूरत O होती O है O और O इसीलिए O अधिकांश O नागरिकों O और O सरकारी O अधिकारियों O को O इस O कार्य O से O दूर O कर O दिया O गया O है O , O इनमें O से O कुछ O तो O बस O रिपोर्ट O को O पढ़ने O तक O की O ही O योग्यता O रखते O हैं O । O इसी O संदर्भ O को O देखते O हुए O डेटा O क्रान्ति O का O विकेन्द्रीकरण O करना O जरूरी O है O जिसमें O पंचायतें O ही O विकास O के O डेटा O की O व्यवस्था O संभालेंगी O । O पंचायत O स्तर O पर O डेटा O क्रान्ति O से O समुदाय O ऐसे O लक्ष्यों O और O संकेतकों O की O पहचान O करके O उन्हें O डिजाइन O कर O सकता O है O जो O उन O लोगों O के O संदर्भ O में O विशेष O महत्व O रखते O हैं O । O इससे O ऐसा O प्लेटफॉर्म O तैयार O हो O जाता O है O जिसकी O मदद O से O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O की O दिशा O में O उस O समुदाय O की O प्रगति O आंकी O जा O सकती O है O । O सबसे O महत्वपूर्ण O बात O तो O यह O है O कि O विकास O से O जुड़े O मुद्दों O पर O हर O व्यक्ति O की O आवाज O या O राय O पूरी O अहमियत O रखती O है O । O कोई O भी O व्यक्ति O पंचायत O के O आंकड़ों O की O जांच O कर O सकता O है O और O साथ O ही O लोगों O के O आंकड़े O जोड़ O सकता O है O तो O असल O तथ्यों O पर O आधारित O मुद्दों O पर O ध्यान O आकृष्ट O कराएगा O । O चूंकि O ये O लक्ष्य O वैश्विक O हैं O और O सभी O पर O लागू O होते O हैं O इसलिए O सभी O देशों O से O अपेक्षा O की O जाती O है O कि O वे O अपनी O प्राथमिकताएं O तय O करके O इस O एजेंडे O की O भावना O के O अनुरूप O अपनी O राष्ट्रीय O और O स्थानीय O जरूरतों O के O मुताबिक O स्थानीय O स्थायी O विकास O लक्ष्य O निर्धारित O कर O लें O । O स्थायी O विकास O लक्ष्यों O को O स्थानीय O रूप O देने O की O इस O प्रक्रिया O के O लिए O देशों O , O प्रान्तों O ( O राज्यों O ) O और O पंचायतों O के O लिए O नीति O - O निर्देश O और O अन्य O उपकरणों O की O जरूरत O पड़ेगी O । O यह O मुख्य O रूप O से O स्थानीय O निकाय O के O कर्मचारियों O और O निर्वाचित O प्रतिनिधियों O के O क्षमता O विकास O के O कार्यक्रम O चलाता O है O । O इस O ट्रेनिंग O टूलकिट O में O स्थानीय O स्तर O से O राज्य O स्तर O तक O का O सर्चेबल O यानी O खोज O सकने O योग्य O डेटाबेस O है O , O यह O डेटा O की O गुणवत्ता O , O विश्वसनीयता O , O उपलब्धता O और O तुलनात्मकता O तथा O अनुकूलता O सुधारने O में O सहायक O होता O है O , O जिससे O सभी O हितार्थी O संबद्ध O क्षेत्र O में O अपना O निजी O डेटा O तैयार O कर O सकते O हैं O । O * O आर्थिक O विकास O और O इंट्रा O क्लस्टर O क्षमता O में O सुधार O के O लिए O डिजाइन O किए O गए O कार्यकलापों O को O शुरू O करने O के O वास्ते O क्लस्टर O - O आधारित O दृष्टिकोण O अपनाकर O नवाचार O को O सक्षम O करना O । O ये O विद्यार्थी O और O डिप्लोमा O - O धारक O बहुत O ही O नवीन O और O प्राकृतिक O कारीगर O हैं O जिन्होंने O बहुत O कम O उम्र O में O अपनी O प्रतिभा O को O आगे O बढ़ाया O है O । O समग्रता O * O हर O किसी O को O उनकी O उम्र O , O लिंग O और O सामाजिक O पदानुक्रम O के O बावजूद O , O प्रभावशाली O समाधानों O को O नया O करने O , O विचार O करने O और O डिजाइन O करने O का O अवसर O प्रदान O करना O । O * O उद्यमिता O के O लिए O सहायता O करने O और O बदले O में O स्वरोज़गार O के O अवसर O पैदा O करने O के O लिए O स्थानीय O समर्थन O प्रणाली O बनाना O । O * O उन्नत O टिंकरिंग O के O माध्यम O से O समाधान O सक्षम O करके O नवाचार O के O लिए O समुदाय O - O अनुकूलित O दृष्टिकोण O प्रदान O करना O । O संधारणीयता O * O समुदायों O को O उनके O विचार O और O परिनियोजन O यात्रा O में O जोखिम O प्रबंधन O पर O शिक्षित O करने O के O साथ O - O साथ O उन्हें O उनके O दैनिक O जीवन O के O सभी O पहलुओं O में O वित्तीय O प्रबंधन O के O अनुप्रयोगों O को O सिखाना O । O * O प्रौद्योगिकियों O को O विकसित O करने O में O समुदायों O का O क्षमता O निर्माण O और O उनके O समाधान O को O विचार O से O प्रोटोटाइप O और O लाभदायक O उद्यमों O तक O ले O जाना O । O * O पारिस्थितिकी O तंत्र O में O सभी O हितधारकों O के O साथ O कार्यनीतिक O रूप O से O स्थानीय O , O राष्ट्रीय O और O वैश्विक O तालमेल O बनाना O । O * O पारिस्थितिकी O तंत्र O की O दीर्घकालिक O वित्तीय O संधारणीयता O सुनिश्चित O करने O के O लिए O प्रभावी O रूप O से O निजी O उद्यमियों O के O साथ O साझेदारी O करके O सीएसआर O निधि O का O नियोजन O करना O । O * O सभी O हितधारकों O के O लिए O दीर्घकालिक O लाभ O सुनिश्चित O करने O के O लिए O स्थानीय O औद्योगिक O भागीदारों O के O साथ O विकेंद्रीकृत O सुविधा O का O लक्ष्य O । O इस O दौरान O विभिन्न O अध्ययन O समूहों O , O समितियों O और O विशेषज्ञों O ने O इस O बात O पर O जोर O दिया O कि O बैंकिंग O क्षेत्र O में O क्रान्ति O का O दौर O है O और O इसके O अनुकूल O व्यवस्थाएं O की O जानी O चाहिए O । O इसी O का O नतीजा O है O कि O सरकारी O और O निजी O क्षेत्रों O में O बैंकिंग O को O अधिक O ग्राहक O और O लक्ष्य O केन्द्रित O बनाया O गया O । O इस O क्रम O में O कई O सारे O बैंक O स्थापित O भी O किये O गए O । O किन्तु O कालान्तर O में O बैंकिंग O की O बदलती O परिभाषा O और O बैंकिंग O संव्यवहार O ने O इन O बैंकों O को O अपने O उद्देश्य O से O अधिक O दायरे O में O विस्तृत O किया O है O । O ऐसे O कुछ O उदाहरण O आज O हमारे O सामने O मौजूद O हैं O । O केंद्र O सरकार O द्वारा O औद्योगिक O विकास O बैंक O अधिनियम O , O 1964 O की O जगह O इंडस्ट्रियल O डेवलपमेंट O बैंक O ऑफ O इंडिया O ( O उपक्रम O का O अंतरण O व O निरसन O ) O अधिनियम O , O 2003 O ( O निरसन O अधिनियम O ) O पारित O किया O गया O । O अपने O आरंभिक O दौर O में O इसने O आवास O ऋण O को O फोकस O किया O था O , O इसमें O इसकी O विशेषज्ञता O भी O थी O । O इसके O साथ O ही O खुदरा O और O थोक O लेनदेन O सहित O वाणिज्यिक O और O निवेश O बैंकिंग O में O भी O अपना O कारोबार O विस्तृत O किया O है O । O मुख्य O रूप O से O यह O बैंक O अपना O लक्ष्य O थोक O बैंकिंग O , O ट्रेजरी O और O खुदरा O बैंकिंग O तक O केन्द्रित O करती O है O । O बैंक O ने O थोक O ग्राहकों O के O रूप O में O भारतीय O कॉरपोरेट O क्षेत्र O में O बड़ी O कंपनियों O , O विनिर्माण O कम्पनियों O सहित O छोटे O , O मझोले O उद्यमों O और O कृषि O को O चिह्नित O कर O रखा O है O । O सामान्य O बैंकिंग O के O अनुरूप O इसने O विदेशी O मुद्रा O और O संजात O , O स्थानीय O मुद्रा O , O मुद्रा O बाजार O , O ऋण O सिक्यूरिटी O , O इक्विटी O में O भी O इसका O कदम O रखा O जा O चुका O है O । O कौशल O विकास O का O बेहतर O ढांचा O हालांकि O , O राज्य O सरकारें O भी O अब O तकनीकी O और O व्यावसायिक O शिक्षा O व O प्रशिक्षण O के O लिए O बजटीय O आवंटन O बढ़ा O रही O हैं O । O अगर O हम O आजीविका O तथा O बेहतर O आर्थिक O अवसर O मुहैया O कराने O में O लोगों O की O सहभागिता O सुनिश्चित O कर O उन्हें O सशक्त O बनाना O चाहते O हैं O , O तो O इस O स्थिति O को O बदलना O होगा O । O हालांकि O , O कौशल O प्रशिक्षण O योजनाओं O के O नियोजन O , O उन्हें O लागू O करने O और O उनकी O निगरानी O में O अब O तक O इन O समितियों O की O असरदार O भूमिका O देखने O को O नहीं O मिली O है O । O इसमें O थोड़ा O वक्त O लग O सकता O है O । O अगर O हमें O इस O सिलसिले O में O विकेंद्रीकरण O का O लक्ष्य O हासिल O करना O है O , O तो O जिला O कौशल O समितियों O की O क्षमता O का O निर्माण O जरूरी O है O । O साथ O ही O , O इन O समितियों O को O जिला O स्तर O पर O कौशल O विकास O के O प्रबंधन O का O दायित्व O संभालना O होगा O , O ताकि O संसाधनों O का O अधिकतम O और O बेहतर O उपयोग O व O स्थानीय O आकांक्षाओं O की O पूर्ति O हो O सके O । O इसके O अलावा O , O समाज O के O तमाम O वंचित O समुदायों O को O भी O इस O प्रक्रिया O का O हिस्सा O बनाना O होगा O । O जिला O कौशल O समितियों O की O क्षमता O निर्माण O जरूरतों O को O समझने O के O लिए O सबसे O पहले O हमें O विकेंद्रित O कौशल O प्रबंधन O प्रणाली O के O कामकाज O के O बारे O में O जानना O होगा O । O इसके O तहत O , O जिला O स्तर O पर O मांग O और O आपूर्ति O , O सामाजिक O - O आर्थिक O स्थिति O और O कौशल O से O जुड़ी O आधारभूत O संरचना O को O ध्यान O में O रखते O हुए O कौशल O प्रशिक्षण O के O लिए O नियोजन O की O बात O है O । O विभिन्न O गतिविधियों O मसलन O प्रशिक्षुओं O की O पहचान O , O उन्हें O सलाह O देने O आदि O के O लिए O जिला O कौशल O समितियों O को O संसाधन O भी O उपलब्ध O कराना O चाहिए O । O इसके O अलावा O , O योजनाओं O की O निगरानी O और O मूल्यांकन O भी O जरूरी O है O , O ताकि O अपेक्षित O नतीजों O को O हासिल O किया O जा O सके O । O जिला O कौशल O समिति O में O किसी O जिले O के O विकास O से O जुड़े O तमाम O अहम O अधिकारी O शामिल O होते O हैं O । O इन O अधिकारियों O को O अपने O विभागीय O कार्यक्रमों O , O आर्थिक O स्थिति O व O जिले O की O संभावना O , O श्रम O बल O की O प्रकृति O और O प्रशासनिक O प्रणालियों O की O बेहतर O समझ O होती O है O । O ऐसे O में O हर O तरह O के O कारोबार O और O समुदाय O के O लिए O कौशल O प्रशिक्षण O की O बेहतर O सुविधा O मुहैया O कराई O जा O सकती O है O , O जिससे O लोगों O में O रोज़गार O हासिल O करने O की O क्षमता O पैदा O हो O सकेगी O । O इस O समिति O के O प्रमुख O डीएम O होते O हैं O और O यह O जिले O में O उचित O नियोजन O के O जरिए O बड़े O पैमाने O पर O कौशल O विकास O को O आगे O बढ़ाने O के O लिए O उपयुक्त O इकाई O है O । O जिला O कौशल O समिति O को O अधिकारों O से O लैस O कर O इसे O सशक्त O बनाने O के O लिए O हमें O इसकी O क्षमता O को O बेहतर O बनाना O होगा O । O इन O समितियों O के O लिए O क्षमता O निर्माण O कार्यक्रम O के O तहत O - O इसके O अलावा O , O उद्योगों O को O अपनी O प्रणाली O के O पुनःस्थापन O में O भारी O निवेश O करने O की O आवश्यकता O नहीं O होगी O । O इसके O अलावा O , O यह O पर्यावरण O को O प्रदूषित O किये O बिना O सभी O को O सुरक्षित O और O सस्ती O ऊर्जा O उपलब्ध O कराने O के O उद्देश्य O को O पूरा O करने O में O मदद O करेगी O । O जीवाश्म O ईंधन O का O अतिरिक्त O उपयोग O : O कोयले O और O तेल O पर O निर्भरता O को O कम O किये O जाने O की O आवश्यकता O है O तथा O इसके O लिये O कोयले O और O तेल O के O स्थान O पर O गैर O पारंपरिक O ऊर्जा O स्रोतों O जैसे O सौर O तथा O पवन O ऊर्जा O के O अलावा O प्राकृतिक O गैस O को O अधिक O - O से O - O अधिक O उपयोग O में O लाना O अच्छा O विकल्प O होगा O । O प्राकृतिक O गैस O क्षेत्र O से O जुड़ी O चुनौतियां O मूल्य O निर्धारण O संबंधी O विकृतियां O : O प्राकृतिक O गैस O के O मूल्य O का O निर्धारण O कई O अलग O - O अलग O सूत्रों O पर O आधारित O होता O है O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O की O कंपनियों O और O निजी O कंपनियों O द्वारा O घरेलू O क्षेत्रों O से O उत्पादित O गैस O के O मूल्यों O में O अंतर O पाया O जाता O है O । O इसी O तरह O , O गहरे O पानी O के O अपतटीय O क्षेत्रों O तथा O उच्च O तापमान O वाले O क्षेत्रों O के O तहत O किये O गए O उत्पादन O के O आधार O पर O भी O मूल्यों O में O अंतर O पाया O जाता O है O । O यह O प्रतिस्पर्द्धी O मूल्य O निर्धारण O में O समस्याएं O पैदा O करता O है O । O प्रतिगामी O कराधान O प्रणाली O : O इसका O तात्पर्य O यह O है O कि O गैस O के O स्रोत O से O दूर O स्थित O ग्राहक O , O स्रोत O के O निकट O वाले O ग्राहक O की O तुलना O में O अधिक O कीमत O चुकाते O हैं O । O परिणामस्वरूप O मांग O में O कमी O होती O है O । O इसके O अलावा O , O गैस O क्षेत्र O वस्तु O एवं O सेवा O कर O के O दायरे O में O भी O नहीं O आता O है O । O हितों O के O टकराव O की O स्थिति O : O अधिकांश O देशों O ने O परिवहन O से O अपस्ट्रीम O ( O उत्पादन O / O आयात O ) O और O डाउनस्ट्रीम O ( O विपणन O ) O हितों O को O अलग O कर O इस O संघर्ष O की O स्थिति O का O निपटान O कर O लिया O है O । O केंद्र O और O राज्यों O का O मुद्दा O : O भूमि O अधिग्रहण O , O पाइपलाइन O मार्ग O तथा O रॉयल्टी O भुगतान O जैसे O मुद्दों O पर O केंद्र O और O राज्यों O के O बीच O विवादों O के O कारण O राष्ट्रीय O पाइपलाइन O ग्रिड O का O निर्माण O प्रभावित O हो O रहा O है O । O केंद्र O तथा O राज्यों O के O बीच O व्याप्त O मतभेदों O के O कारण O आयात O सुविधाओं O के O निर्माण O तथा O गैस O बाजारों O के O सृजन O में O भी O देरी O हुई O है O । O आगे O की O राह O : O मूल्य O निर्धारण O के O विनियमन O में O ढील O : O यह O कदम O घरेलू O गैस O की O कीमतों O के O निर्धारण O तथा O विपणन O में O स्वतंत्रता O प्रदान O करेगा O , O जिससे O घरेलू O उत्पादन O को O बढ़ावा O मिलेगा O तथा O निवेशकों O के O लिये O निवेश O करना O अधिक O व्यवहार्य O हो O जाएगा O । O इसके O अलावा O , O बाजार O - O आधारित O और O किफायती O मूल्य O निर्धारण O से O औद्योगिक O विकास O एवं O आर्थिक O प्रतिस्पर्द्धा O को O भी O बढ़ावा O मिलेगा O । O अवसंरचना O विकास O : O इन O बाजारों O को O बुनियादी O ढांचे O तक O खुली O पहुंच O , O सिस्टम O ऑपरेटर O , O विच्छिन्न O विपणन O और O परिवहन O कार्य O , O बाजार O - O अनुकूल O परिवहन O तक O पहुंच O तथा O टैरिफ O के O अलावा O मजबूत O पाइपलाइन O अवसंरचना O जैसे O कारकों O से O बहुत O लाभ O हुआ O है O । O साथ O ही O केंद्र O और O राज्य O सरकारों O के O बीच O बेहतर O समन्वय O हेतु O संस्थागत O तंत्र O स्थापित O किए O जाने O से O भी O लाभ O होगा O । O मुक्त O गैस O बाजार O : O प्राकृतिक O गैस O हेतु O मूल्य O बेंचमार्क O सुनिश्चित O करने O से O यह O मूल्य O श्रृंखला O में O प्रतिस्पर्द्धा O को O बढ़ावा O देगा O और O डाउनस्ट्रीम O बुनियादी O ढांचे O के O साथ O इसके O अन्वेषण O एवं O उत्पादन O में O निवेश O को O प्रोत्साहित O करेगा O । O निष्कर्ष O : O क्या O आप O जानते O हैं O ? O इसका O मुख्य O उद्देश्य O गांवों O में O रहने O वाले O लोगों O के O जीवन O स्तर O में O सुधार O करना O और O महिलाओं O के O लिए O निजता O और O गरिमा O सुनिश्चित O करना O था O । O इससे O स्वच्छता O संबंधी O सुविधाओं O के O लिए O मांग O में O बढ़ोतरी O हुई O । O साथ O ही O , O लोगों O को O अपनी O आर्थिक O हैसियत O के O मुताबिक O उचित O विकल्प O चुनने O का O अवसर O भी O मिला O । O निजी O शौचालयों O के O निर्माण O के O लिए O , O गरीबी O रेखा O से O नीचे O गुजर O - O बसर O करने O वाले O परिवारों O को O वित्तीय O मदद O मुहैया O कराई O गई O , O ताकि O ज्यादा O से O ज्यादा O लोग O शौचालय O का O इस्तेमाल O कर O सकें O । O इसकी O शुरुआत O ' O पूर्ण O स्वच्छता O अभियान O ' O की O अगली O कड़ी O के O तौर O पर O की O गई O थी O । O इस O कार्यक्रम O का O मकसद O नई O रणनीतियों O और O कई O उपायों O के O जरिये O ग्रामीण O समुदाय O में O स्वच्छता O के O दायरे O का O विस्तार O करना O था O । O ' O निर्मल O भारत O अभियान O ' O के O तहत O ग्राम O पंचायतों O को O निर्मल O बनाने O की O दिशा O में O काम O किया O गया O । O ' O निर्मल O भारत O अभियान O ' O के O तहत O निजी O शौचालय O बनाने O के O लिए O मदद O में O बढ़ोतरी O की O गई O और O मनरेगा O के O साथ O इस O मदद O में O और O गुंजाइश O बढ़ाई O गई O । O ऊपर O बताए O गए O कार्यक्रमों O की O मदद O से O देश O में O ग्रामीण O स्वच्छता O के O स्तर O पर O कुछ O हद O तक O प्रगति O हुई O । O स्वतंत्रता O के O बाद O मानव O विकास O में O प्रगति O लेखक O सेवानिवृत्त O आईएएस O अधिकारी O हैं O । O निम्न O जीवन O स्तर O , O अभाव O , O कुपोषण O , O निरक्षरता O और O मानव O संसाधनों O का O अल्प O विकास O गरीबी O के O द्योतक O हैं O । O मानव O विकास O की O अवधारणा O मानव O विकास O शब्द O को O विकास O अर्थशास्त्र O साहित्य O में O मानव O क्षमताओं O तथा O विकल्पों O का O विस्तार O , O अधिक O स्वतंत्रता O देने O और O मानव O अधिकारों O की O पूर्ति O के O रूप O में O स्वीकार O किया O गया O है O । O मानव O विकास O रिपोर्ट O और O मानव O विकास O का O मापन O उपरोक्त O दृष्टिकोण O की O शुरूआत O ने O मानव O विकास O रिपोर्टों O की O वार्षिक O श्रृंखला O की O शुरुआत O को O चिह्नित O किया O । O हालांकि O , O मानव O विकास O सूचकांक O विकास O के O अभाव O या O वितरण O संबंधी O पहलुओं O खासकर O असमानता O के O मुद्दे O को O प्रतिबिंबित O नहीं O करता O है O , O इसके O लिए O , O पहली O बार O 1995 O में O , O महिला O पुरुष O असमानताओं O को O ध्यान O में O रखते O हुए O समग्र O सूचकांकों O को O तैयार O किया O गया O । O जेंडर O सशक्तीकरण O माप O इंगित O करती O है O कि O क्या O महिलाएं O आर्थिक O और O राजनीतिक O जीवन O में O सक्रिय O रूप O से O भाग O लेने O में O सक्षम O हैं O । O यह O आर्थिक O और O राजनीतिक O भागीदारी O और O निर्णय O लेने O के O प्रमुख O क्षेत्रों O में O पुरुषों O और O महिलाओं O के O बीच O असमानता O को O मापते O हुए O भागीदारी O पर O ध्यान O केंद्रित O करता O है O । O इस O कार्यक्रम O के O लिए O एकीकृत O सरकारी O ऑनलाइन O प्रशिक्षण O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O की O स्थापना O की O जाएगी O । O की O अध्यक्षता O में O सार्वजनिक O मानव O संसाधन O परिषद O तथा O केद्रीय O मंत्री O , O मुख्यमंत्री O , O प्रतिष्ठित O मानव O संसाधन O पेशेवर O ( O एचआर O प्रैक्टिशनर O ) O , O राष्ट्रीय O और O अंतरराष्ट्रीय O विशेषज्ञ O इस O संपूर्ण O क्षमता O निर्माण O कार्यक्रम O की O निगरानी O करेंगे O । O कोविड O महामारी O के O दौरान O स्वास्थ्य O कर्मियों O को O प्रशिक्षित O करने O के O लिए O आईजीओटी O मॉडल O का O सफलतापूर्वक O परीक्षण O किया O गया O । O क्षमता O निर्माण O के O अलावा O परिवीक्षा O अवधि O , O तैनाती O , O कार्य O तथा O रिक्तियों O की O अधिसूचना O जैसी O सेवाएं O प्रस्तावित O दक्षता O ढांचे O में O अंततः O एकीकृत O हो O जाएंगी O । O मिशन O कर्मयोगी O का O उद्देश्य O भारतीय O लोक O सेवक O को O अधिक O सृजनात्मक O , O रचनात्मक O और O नागरिक O हितकारी O बनाकर O भविष्य O के O लिए O तैयार O करना O है O । O करियर O के O मध्य O में O प्रशिक्षण O अब O केवल O शीर्ष O स्तर O के O अधिकारियों O की O बजाय O सभी O सरकारी O कर्मचारियों O के O लिए O उपलब्ध O होगा O तथा O उनके O विवरण O एवं O मूल्यांकन O अनवरत O जारी O रहेंगे O । O अगर O विशेष O नियुक्ति O की O जरूरत O पड़ती O है O तो O नजरिए O और O परिप्रेक्ष्य O पर O निर्भर O रहने O की O बजाय O प्रौद्योगिकी O की O मदद O से O अधिकारियों O के O विवरण O को O देखकर O भर्ती O की O जा O सकती O है O । O मुख्य O विशेषताएं O ऐसी O आशा O है O कि O यह O सुधार O लोक O सेवकों O की O क्षमता O निर्माण O की O नींव O रखेगा O ताकि O वे O भारतीय O संस्कृति O और O संवेदनाओं O की O परिधि O में O रहें O तथा O अपनी O जड़ों O से O हमेशा O जुड़े O रहने O के O साथ O - O साथ O दुनिया O भर O के O सर्वश्रेष्ठ O संस्थानों O और O पद्धतियों O से O भी O सीख O लें O । O यह O कार्यक्रम O एकीकृत O सरकारी O ऑनलाइन O प्रशिक्षण O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O की O स्थापना O के O साथ O शुरू O होगा O । O कार्यक्रम O के O मुख्य O निर्देशन O सिद्धांत O हैं O - O पद O की O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O लोक O सेवकों O की O दक्षता O को O देखते O हुए O काम O आवंटित O करना O । O सदनों O के O कार्यकाल O के O इस O तरह O से O समापन O या O विस्तार O के O लिए O संविधान O के O संबंधित O अनुच्छेदों O में O उपयुक्त O संशोधन O करने O होंगे O । O लेकिन O समिति O ने O विधानसभाओं O के O मध्यावधि O में O भंग O किये O जाने O की O स्थिति O का O पूर्वानुमान O भी O लगाया O था O और O उसे O इस O बात O का O अहसास O था O कि O इस O हालत O में O निर्वाचन O आयोग O को O तत्काल O नये O चुनाव O कराने O के O लिए O तैयार O रहना O भी O आवश्यक O होगा O और O इसीलिए O स्थायी O निर्वाचन O आयोग O का O गठन O आवश्यक O समझा O गया O । O ज़बान O ए O हाल O : O उर्दू O भाषा O और O साहित्य O पत्र O सूचना O कार्यालय O के O लंबे O कार्यकाल O के O अलावा O वे O सरकारी O पत्रिकाओं O जैसे O योजना O , O सैनिक O समाचार O , O रोज़गार O समाचार O और O आजकल O ( O उर्दू O ) O के O संपादक O भी O रहे O । O उर्दू O साहित्य O , O विशेषकर O इसकी O शायरी O ने O विश्व O भर O के O कला O प्रेमियों O और O साहित्य O के O पाठकों O में O रुचि O पैदा O की O है O । O सही O ही O कहा O गया O है O कि O भाषाएं O जन्म O नहीं O लेती O हैं O , O बल्कि O समय O के O साथ O उनका O विकास O होता O रहता O है O । O जिस O तरह O से O उर्दू O का O विकास O हो O रहा O था O , O तत्कालीन O शासक O वर्ग O ने O इसे O दरबारी O भाषा O पारसी O के O मुखालिफ O लेखन O और O साहित्य O के O नजरिये O से O नहीं O देखकर O इसे O आम O लोगों O की O भाषा O के O नजरिये O से O ही O देखा O । O व्याकरण O और O स्वर O विज्ञान O में O उर्दू O और O हिंदी O में O समानता O है O । O कुछ O गौण O तबदीलियों O के O अलावा O उर्दू O और O हिंदी O के O उच्चारण O लगभग O समान O ही O हैं O । O इन O स्थानों O ने O जाति O , O सम्प्रदाय O , O विश्वास O और O धर्म O की O बंदिशों O को O हटाकर O सभी O के O लिए O अपना O दरवाजा O खुला O रखा O था O । O तमिल O में O शब्द O अक्षर O या O अक्षरों O से O बनता O है O । O आमतौर O पर O एकल O अक्षर O वाले O शब्द O , O दोहरे O अक्षर O वाले O शब्द O और O बहु O अक्षर O वाले O शब्द O पाए O जाते O हैं O । O किसी O शब्द O में O पहले O आने O वाले O अक्षर O और O अंत O के O अक्षर O क्या O हैं O , O और O शब्द O में O अक्षरों O का O क्रम O पहले O अध्याय O में O बताया O गया O है O , O और O यह O सब O बताने O के O लिए O नियम O हैं O । O अक्षरों O का O उद्भव O - O इस O पहले O अध्याय O की O सबसे O महत्वपूर्ण O विशेषता O है O ' O अक्षरों O का O उद्भव O ' O । O इसमें O यह O बात O उल्लेखनीय O है O । O नाभि O से O शुरू O होने O वाली O श्वास O वायु O का O , O सिर O , O गले O और O छाती O में O वास O । O अलग O - O अलग O पहचान O वाले O सभी O अक्षरों O के O उद्भव O , O घटन O का O पता O चल O जाता O है O । O प्रत्येक O अक्षर O का O उच्चारण O इस O प्रकार O सटीक O रूप O से O निर्धारित O होता O है O । O अक्षरों O का O सहसंयोजन O - O उनमें O निम्नलिखित O शामिल O हैं O : O वे O हैं O : O इन O तीनों O के O अलावा O , O बिना O किसी O बदलाव O ' O एयल्बु O ' O के O चौथे O का O भी O उल्लेख O है O । O इस O प्रकार O पहला O अध्याय O अक्षरों O , O शब्दों O के O निर्माण O और O शब्दों O के O संयोजन O में O परिवर्तन O के O बारे O में O बताता O है O । O वे O हैं O - O संज्ञा O , O क्रिया O , O विभिन्न O प्रकार O के O कण O और O अशिष्टता O या O गुण O । O जब O शब्दों O का O संयोग O होता O है O , O तब O कुछ O कण O स्पष्ट O रूप O में O दिखाई O नहीं O देते O । O ऐसे O संयोजनों O को O ' O टोकई O ' O कहा O जाता O है O । O वो O हैं O : O विकारी O संयोजन O में O कारक O उसमें O आत्मसात O है O । O पहले O और O आखिरी O रूपांतरों O के O कोई O कारक O निर्धारक O नहीं O है O । O दूसरे O कारक O से O सातवें O कारक O तक O कारक O निर्धारक O निम्नानुसार O हैं O : O दूसरा O कारक O आरोपण O कारक O ' O एयी O ' O तीसरा O कारक O करण O कारक O ' O ओडू O ' O चौथा O कारक O सम्प्रदान O कारक O ' O कू O ' O पांचवां O कारक O अपादान O कारक O ' O इल O ' O छठा O कारक O अधिकारात्मक O कारक O ' O अतु O ' O सातवां O कारक O अधिकरण O कारक O ' O कण O ' O क्रिया O के O रूपांतर O नहीं O हैं O । O केवल O संज्ञा O विकारी O है O । O " O कारक O जो O भी O हो O , O रूपांतर O की O सीमा O होती O है O । O इसके O अनुसार O , O विषय O वस्तु O ही O कारक O को O तय O करता O है O । O श्रेष्ठ O प्राणी O ( O उयर O थिने O ) O और O निम्न O प्राणी O ( O अहरिनै O ) O । O विभाजन O इस O प्रकार O है O : O यह O विभाजन O स्पष्ट O करता O है O कि O यह O मानवीय O आवश्यकताओं O और O जरूरतों O पर O आधारित O है O । O " O क्रिया O और O संज्ञा O में O लिंग O निरूपण O भिन्न O नहीं O होना O चाहिए O । O पिछले O कुछ O वर्षों O से O सरकारी O सेवा O में O सरकार O के O तंत्र O से O बाहर O के O विशेषज्ञों O के O प्रवेश O को O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O सरकार O के O इस O उत्साहवर्धक O कदम O ने O काफी O ध्यान O आकर्षित O किया O है O । O सिविल O सेवा O का O देश O में O काफी O सम्मान O है O । O लेकिन O इसकी O चयन O प्रक्रिया O और O सेवा O नियमों O के O हमारे O गतिशील O और O विकासमान O राष्ट्र O के O अनुरूप O नहीं O होने O को O लेकर O वाजिब O चिंताएं O भी O हैं O । O अब O तक O सरकारी O सेवा O में O बिचले O और O निचले O स्तर O की O नियुक्तियों O के O लिये O एजेंसियों O और O परीक्षाओं O की O भरमार O रही O है O । O वैश्विक O स्तर O पर O हो O रहे O तकनीकी O बदलावों O को O देखते O हुए O सरकार O शासन O प्रक्रियाओं O के O डिजिटलीकरण O की O ओर O तेजी O से O बढ़ O रही O है O । O उसके O इस O कदम O की O व्यापक O रूप O से O प्रशंसा O हुई O है O । O डिजिटल O भुगतान O से O लेकर O जनधन O - O आधार O - O मोबाइल O ( O जैम O ) O तिकड़ी O और O लाभ O के O सीधे O हस्तांतरण O ( O डीबीटी O ) O तक O डिजिटल O सेवाओं O में O जबर्दस्त O बढ़ोतरी O हुई O है O । O वह O जनसाधारण O के O वास्ते O सरकारी O प्रक्रियाओं O को O यथासंभव O सरल O बनाने O के O लिये O प्रयासरत O हैं O । O इन O कदमों O से O अफसरशाही O की O बाधाएं O , O लालफीताशाही O , O भ्रष्टाचार O और O नीतियों O की O अनिश्चितता O दूर O होंगी O जिनका O इंतजार O विदेशी O और O स्वदेशी O निवेशक O लंबे O समय O से O कर O रहे O हैं O । O इसमें O परिदृश्य O को O बदलने O की O क्षमता O स्पष्ट O है O । O विशिष्ट O लाभ O स्थानीय O शक्तियों O और O तुलनात्मक O लाभों O से O प्रवाहित O होते O हैं O । O आज O के O सत्र O में O शामिल O होने O वाले O सभी O लोगों O को O हार्दिक O बधाई O । O इससे O जीवन O और O आजीविका O दोनों O का O नुकसान O हुआ O है O । O चूँकि O महामारी O का O अभूतपूर्व O प्रभाव O पड़ा O , O इसके O परिणामस्वरूप O पूरी O सरकार O और O पूरे O समाज O की O ऐसी O प्रतिक्रिया O देश O में O पहले O नहीं O देखी O गई O । O हमारे O टीकाकरण O अभियान O के O सफल O कार्यान्वयन O ने O हमारी O अर्थव्यवस्था O को O दोबारा O खोलने O और O उसमें O सुधार O करने O की O अनुमति O दी O है O । O यह O सरकार O द्वारा O चलाया O गया O अब O तक O का O सबसे O बड़ा O निकासी O अभियान O था O । O कठिन O लॉजिस्टिक O चुनौतियों O का O सामना O करने O के O लिए O कई O चिकित्सा O आपूर्ति O मिशन O चलाए O गए O । O जैसा O कि O आपको O याद O होगा O , O इसमें O अर्थव्यवस्था O के O लिए O महत्वपूर्ण O वित्तीय O और O मौद्रिक O सहायता O , O व्यापार O करने O में O आसानी O में O सुधार O के O लिए O कदम O और O प्रमुख O संरचनात्मक O सुधारों O के O कार्यान्वयन O शामिल O थे O । O संतुलन O की O कला O इसीलिए O दैनिक O प्रशासन O कार्य O में O जाति O , O वर्ग O , O नस्ल O , O लिंगभेद O , O भाषा O अथवा O जन्म O - O स्थान O आदि O का O किसी O भी O प्रकार O का O कोई O भेदभाव O रखे O बिना O यथार्थ O और O वास्तविक O स्थिति O के O अनुरूप O व्यवस्था O करनी O होगी O । O उन्होंने O परिभाषित O किया O कि O ' O अफसरशाही O ' O ऐसा O ' O औपचारिक O संगठन O ' O है O जिसमें O नीचे O बताई O विशेषताएं O होती O हैं O : O - O 1. O औपचारिक O चयन O और O पदोन्नति O जो O सुस्पष्ट O मानकों O और O मानदंडों O पर O और O मुख्यतया O योग्यता O ( O मेरिट O ) O और O पारदर्शिता O पर O आधारित O हो O । O सामाजिक - क्रांति O की O दिशा O में O बढ़ते O कदम O दलित - परिवार O में O जन्म O होने O से O गरीबी O और O उपेक्षा O ही O मेरे O जीवन O का O जायका O रहे O हैं O । O मेरे O पिता O मोची - का O काम O करते O जबकि O मेरी O माता O दिहाड़ी - मजदूर O के O तौर O पर O हाड़ - तोड़ O मेहनत O करतीं O । O अपने O बच्चों O को O पीने O का O साफ O पानी O उपलब्ध O कराने O के O उसके O संकल्प O ने O उसे O जीवन - में O शारीरिक O और O सामाजिक O मुसीबतों O को O झेलने O का O जज्बा O दिया O । O समाज - के O सबसे O दुर्बल O तबके O और O खास O तौर O पर O महिलाओं O को O नलों O के O जरिए O स्वच्छ O पेयजल O उपलब्ध O न O होने O के O कितने O दूरगामी O परिणाम O होते O थे O इसका O आकलन O करने O के O लिए O केवल O आंकडे O काफी O नहीं O होंगे O । O कृषि O व्यवसाय O , O परिधान O और O कपड़े O , O फार्मास्यूटिकल्स O और O ऑटोमोटिव O घटकों O से O संबंधित O उपभोक्ता O - O संचालित O वस्तुएं O , O कुछ O ऐसे O अवसर O हैं O जिनका O भारतीय O उद्योग O लाभ O उठा O सकता O है O । O हम O इन O परियोजनाओं O में O भारतीय O कंपनियों O की O अधिक O भागीदारी O को O प्रोत्साहित O करना O चाहते O हैं O । O इन O परियोजनाओं O में O उनकी O भागीदारी O परियोजना O की O योजना O और O कार्यान्वयन O में O भारतीय O विशेषज्ञता O को O प्रदर्शित O करने O का O अवसर O प्रदान O करती O है O । O 28. O दोस्तों O , O हमने O देखा O है O कि O महामारी O के O दौरान O अभूतपूर्व O अनिश्चितता O ने O वैश्विक O बाजारों O को O प्रभावित O किया O है O । O उभरते O हुए O बाजार O विशेष O रूप O से O महामारी O से O बुरी O तरह O प्रभावित O हुए O थे O , O जिनमें O बड़ी O पूंजी O लगाई O गई O थी O और O जो O पिछले O संकटों O में O हमने O देखा O है O , O उससे O कहीं O अधिक O है O । O हालांकि O , O भारतीय O अर्थव्यवस्था O अनुकूलनीय O और O लचीली O साबित O हुई O है O , O और O वैक्सीन O वितरण O और O कवरेज O ने O इस O संबंध O में O मदद O की O है O । O जैसे O - O जैसे O दुनिया O सामान्य O होगी O , O नए O अवसर O पैदा O होंगे O । O 29. O मैं O आपको O आश्वस्त O करते O हुए O अपनी O बात O समाप्त O करना O चाहता O हूं O कि O हम O व्यापार O और O निवेश O को O आगे O बढ़ाने O में O चैंबर O के O अथक O प्रयासों O का O समर्थन O करने O के O लिए O कोई O भी O सहायता O प्रदान O करने O के O लिए O तैयार O हैं O । O चैंबर O को O उसके O भविष्य O के O प्रयासों O के O लिए O मेरी O शुभकामनाएं O । O धन्यवाद O । O प्राचीन O ग्रंथों O में O जल O संरक्षण O और O इसके O प्रबंधन O के O महत्व O को O प्रायः O रेखांकित O किया O गया O है O । O इसके O साथ O ही O बढ़ते O प्रदूषण O और O जलवायु O परिवर्तन O के O कारण O विश्वभर O में O जल O चक्र O में O महत्वपूर्ण O परिवर्तन O होने O की O संभावना O है O । O हमें O अपने O देश O के O सभी O नागरिकों O के O हित O में O , O जल O संकट O से O निपटने O पर O पूरा O ध्यान O केंद्रित O करने O की O आवश्यकता O है O । O जल O संकट O के O समाधान O के O लिए O सरकार O अपनी O विभिन्न O पहलों O के O माध्यम O से O पानी O के O वैज्ञानिक O प्रबंधन O पर O काम O कर O रही O है O । O संपूर्ण O आबादी O को O पर्याप्त O मात्रा O में O स्वच्छ O जल O की O विश्वसनीय O पहुंच O और O निरंतर O उपलब्धता O सुनिश्चित O करने O के O लिए O जल O सुरक्षा O सर्वोपरि O है O । O चूंकि O प्रधानमंत्री O खुद O इस O अभियान O की O देखरेख O कर O रहे O थे O , O इसलिए O स्वच्छ O भारत O अभियान O सही O मायनों O में O जनता O का O ऐसा O व्यापक O आंदोलन O बन O गया O , O जिसकी O कल्पना O काफी O कम O लोगों O ने O की O थी O । O इसका O जवाब O काफी O स्पष्ट O है O । O इसमें O भी O स्थानीय O ग्रामीण O निकायों O के O लिए O स्वच्छता O संबंधी O अनुदान O ( O ग्रांट O ) O मुहैया O कराया O गया O है O । O ओडीएफ O ( O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O ) O से O ओडीएफ O प्लस O इसका O मतलब O ऐसे O गांव O से O है O जहां O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O की O स्थिति O आगे O भी O कायम O रहेगी O और O ठोस O व O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O पूरी O तरह O से O साफ O नजर O आएगा O । O अभियान O के O दूसरे -NEN चरण O में O ' O स्वच्छ O दृश्य O ' O को O भी O पारिभाषित O किया O गया O है O । O साथ O ही O , O गांव O में O प्लास्टिक O के O कचरे O का O ढेर O नहीं O हो O । O किसी O गांव O को O ओडीएफ O प्लस O बनाने O में O ये O लक्ष्य O भी O मददगार O हो O सकते O हैं O : O निजी O शौचालयों O का O निर्माण O , O शौचालयों O में O जरूरत O के O हिसाब O से O बदलाव O , O सामुदायिक O स्वच्छता O कॉम्प्लेक्स O का O निर्माण O , O प्रकृति O में O आसानी O से O नष्ट O हो O जाने O वाले O कचरे O का O प्रबंधन O , O प्लास्टिक O अपशिष्ट O प्रबंधन O , O धूसर O जल O प्रबंधन O और O मलयुक्त O गाद O प्रबंधन O । O इसके O अलावा O , O संबंधित O पशु O चिकित्सकों O के O लिए O टीकाकरण O और O स्वास्थ्य O जांच O का O काम O भी O आसान O हो O गया O है O । O लोगों O और O पशुओं O की O रिहाइश O को O अलग O करने O से O स्वच्छता O का O बेहतर O लक्ष्य O हासिल O करने O में O मदद O मिली O है O और O इससे O बीमारियों O के O फैलने O का O खतरा O भी O कम O हुआ O है O । O कंपोस्ट O शेड O में O वर्मीकंपोस्टिंग O का O इस्तेमाल O कर O गीले O कचरे O से O कंपोस्ट O तैयार O किया O जाता O है O । O प्लास्टिक O और O शीशे O के O कचरे O की O बिक्री O से O मिलने O वाली O रकम O का O भुगतान O कर्मचारी O के O वेतन O के O तौर O पर O किया O जाता O है O । O इससे O न O सिर्फ O कर्मचारियों O का O हौसला O बढ़ता O है O , O बल्कि O उनमें O सम्मान O और O मालिकाना O हक O की O भावना O भी O पैदा O होती O है O । O इस O तरह O की O पहल O से O कचरा O पैदा O करने O और O इसके O प्रसंस्करण O को O लेकर O लोगों O की O मानसिकता O में O बदलाव O आया O है O । O पहले O जहां O कचरे O को O पूरी O तरह O से O बेकार O माना O जाता O था O , O वहीं O अब O इसे O इस्तेमाल O की O जाने O वाली O संपत्ति O के O तौर O पर O देखा O जाने O लगा O है O । O इसके O अलावा O , O बुनियादी O आधारभूत O संरचना O श्रेणी O के O तहत O राज्य O के O हर O ग्राम O पंचायत O में O शवदाह O गृह O / O कब्र O का O इंतजाम O किया O गया O है O । O इसी O तरह O , O शव O को O अंतिम O संस्कार O वाले O स्थल O तक O पहुंचाने O के O लिए O सभी O जिला O मुख्यालयों O में O ' O वैकुंठ O रथम् O ' O वाहन O की O तैनाती O की O गई O है O , O जिसका O मुफ्त O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O इसके O अलावा O , O आंगनवाड़ी O और O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्र O जैसी O मौजूदा O सामाजिक O आधारभूत O संरचना O को O बेहतर O बनाने O के O लिए O भी O कार्यक्रम O बनाए O गए O हैं O और O इसमें O लोक O कला O कार्यक्रम O पर O विशेष O जोर O दिया O गया O । O सरकार O ने O प्रौद्योगिकी O शिक्षा O के O छात्रों O के O लिए O प्रधानमंत्री O अनुसंधान O अध्ययन O ( O पीएमआरएफ O ) O आवास O योजना O आरंभ O की O है O । O दूरस्थ O शिक्षा O की O प्रसार O क्षमता O एवं O महत्ता O को O देखते O हुए O सरकार O इसे O व्यावसायिक O और O रोजगारोन्मुखी O बनाने O का O प्रयास O कर O रही O है O । O प्रधानमंत्री O कौशल O विकास O योजना O - O इसमें O युवाओं O को O कारोबार O एवं O बाजार O संबंधी O प्रशिक्षण O देने O के O साथ O स्वरोजगार O के O अवसर O उपलब्ध O कराये O जाएंगे O । O राष्ट्रीय O रोजगार O नीति O - O सरकार O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O को O मजबूत O बनाकर O आजीविका O सृजन O करने O के O लिए O ग्रामीण O आधारभूत O सुविधा O निर्माण O हेतु O अधिक O धनराशि O खर्च O कर O रही O है O । O देश O में O औद्योगिक O प्रतिष्ठानों O का O संजाल O बिछाने O के O लिए O औद्योगिक O विनियमावली O को O सकारात्मक O तथा O लचीला O बनाने O के O साथ O कर O रियायत O , O कानूनी O औपचारिकताएं O व O नियंत्रण O को O कम O किया O जा O रहा O है O , O जिससे O वैश्विक O निवेशकों O को O उद्यम O स्थापना O के O लिए O आकर्षित O किया O जा O सके O । O सरकार O ने O आधारभूत O सुविधाओं O के O विकास O के O लिए O सड़क O , O हवाई O अड्डे O , O रेलवे O , O बंदरगाह O के O उनन्नयन O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O इन O क्षेत्रों O में O भी O बड़े O पैमाने O पर O रोजगार O सृजन O की O संभावना O है O । O पर्यटन O स्थलों O पर O आधारभूत O सुविधाओं O का O विस्तार O कर O रोजगार O के O सृजन O का O प्रस्ताव O इस O बार O के O बजट O में O किया O गया O है O । O प्रधानमंत्री O रोजगार O सृजन O कार्यक्रम O - O आधुनिक O वैज्ञानिक O प्रौद्योगिकी O के O तीव्र O विकास O के O परिणामस्वरूप O परंपरागत O व्यवसाय O और O कृषि O क्षेत्र O से O दिन O - O प्रतिदिन O मानव O श्रम O शक्ति O का O पलायन O हो O रहा O है O । O आधुनिक O मशीनों O द्वारा O मानवीय O श्रम O शक्ति O को O प्रतिस्थापित O करने O के O कारण O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O कृषि O प्रच्छन्न O बेरोजगारी O में O वृद्धि O हो O रही O है O । O रोजगार O की O तलाश O में O ग्रामीण O युवाओं O का O पलायन O शहरों O की O ओर O हो O रहा O है O । O शिक्षा O और O स्वास्थ O जैसे O सेवा O क्षेत्र O में O रोजगार O के O व्यापक O अवसर O हैं O । O इन O क्षेत्रों O में O युवाओं O को O प्रशिक्षण O प्रदान O करने O हेतु O प्रशिक्षण O संस्थानों O की O स्थापना O की O जा O रही O है O । O युवाओं O को O स्वावलंबी O बनाने O के O लिए O युवा O सक्षमता O विकास O योजना O संचालित O की O गई O है O । O आमजन O मानस O को O सस्ती O दर O पर O दवाइयां O उपलब्ध O कराने O और O युवाओं O को O रोजगार O के O अवसर O उपलब्ध O कराने O हेतु O जन O औषधि O केन्द्र O खोले O जा O रहे O हैं O । O सूक्ष्म O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यम O में O रोजगार O सृजन O - O सरकार O बढ़ती O जनसंख्या O की O रोजगार O आवश्यकताओं O की O पूर्ति O के O लिए O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O अवसरों O के O साथ O बड़े O औद्योगिक O प्रतिष्ठानों O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यमों O तथा O कृषि O क्षेत्र O में O रोजगार O सृजन O का O प्रयास O कर O रही O है O । O अर्थोपाय O अग्रिम O में O वृद्धि O राज्यों O को O ओवरड्राफ्ट O की O सुविधा O भी O दी O जाती O है O जिसके O तहत O डब्ल्यूएमए O की O सीमा O से O अधिक O राशि O निकाली O जा O सकती O है O । O ओवरड्राफ्ट O पर O ब्याज O की O दर O अधिक O होती O है O । O इससे O उन्हें O कोविड O - O 19 O पर O नियंत्रण O और O उसका O असर O कम O करने O के O उपाय O अपनाने O के O लिए O बहुत O राहत O मिली O । O इस O नीतिगत O पहल O से O राज्य O बाजार O से O पैसा O उधार O लेने O में O अंतराल O रखने O में O समर्थ O हुए O । O कोविड O - O 19 O की O अधिसूचित O आपदा O घोषित O और O राज्य O आपदा O राहत O कोष O नियमों O में O ढील O राज्य O आपदा O राहत O कोष O - O एसडीआरएफ O की O स्थापना O आपदा O प्रबंधन O अधिनियम O , O 2005 O की O धारा O 48 O ( O 1 O ) O के O तहत O की O गई O है O । O इससे O राज्य O सरकारों O को O अधिसूचित O आपदाओं O से O निपटने O के O लिए O मूल O राशि O उपलब्ध O हो O जाती O है O । O राज्य O सरकारों O को O एसडीआरएफ O की O राशि O , O संगरोध O ( O क्वारन्टाइन O ) O संबंधी O उपायों O , O आवश्यक O उपकरणों O की O खरीद O , O संक्रमित O और O संगरोध O ( O क्वारन्टाइन O ) O शिविरों O में O रह O रहे O लोगों O के O लिए O अस्थाई O आवास O , O भोजन O , O कपड़े O और O चिकित्सा O सुविधा O और O बस्ती O नियंत्रण O गतिविधियों O पर O खर्च O करने O की O अनुमति O दी O गई O । O पूंजीगत O व्यय O के O लिए O राज्यों O को O वित्तीय O सहायता O - O पूंजीगत O व्यय O का O गुणात्मक O प्रभाव O बहुत O अधिक O होता O है O , O यह O भविष्य O में O अर्थव्यवस्था O की O उत्पादक O क्षमता O में O इजाफा O करता O है O और O परिणामस्वरूप O आर्थिक O वृद्धि O दर O बढ़ती O है O । O क्रियान्वयन O के O दौरान O पारदर्शिता O , O उत्तरदायित्व O और O जनता O के O धन O को O विवेकपूर्ण O व्यय O की O आवश्यकता O है O जबकि O इसकी O गति O और O पैमाने O को O ग्रामीण O स्तर O पर O “ O निगरानी O डैशबोर्ड O ' O के O माध्यम O से O सुनिश्चित O किया O जा O रहा O है O । O प्रत्येक O योजना O की O जानकारी O को O जल O जीवन O मिशन O - O एकीकृत O प्रबंध O प्रणाली O ( O सेंट्रल O जेजेएम O इंटिग्रेटेड O मैनेजमेंट O इन्फॉर्मेशन O सिस्टम O ) O में O संग्रहित O किया O जा O रहा O है O , O जिसमें O लागत O का O विवरण O , O आधारभूत O संरचना O तथा O गांव O के O प्रत्येक O घर O के O जल O - O स्रोतों O का O विवरण O दिया O जा O रहा O है O । O किसी O भी O समाज O के O अस्तित्व O के O लिए O यह O मूलभूत O आवश्यकता O है O । O इस O प्रकार O अब O वो O समय O आ O गया O है O जब O हमें O जल O को O पीने O के O लिए O संरक्षित O करके O रखना O चाहिये O नहीं O तो O आगे O चलकर O पेय O जल O का O संरक्षण O हमें O मजबूरी O में O करना O ही O पडेगा O । O हमें O इस O प्रकार O की O व्यवस्था O करनी O चाहिये O कि O पीने O का O पानी O हमारे O समाज O के O स्वास्थ्य O और O इसके O विकास O में O रुकावट O न O बने O । O पानी O के O इस्तेमाल O की O आदतों O में O बदलाव O , O जल O संरक्षण O और O इसके O विवेकपूर्ण O उपयोग O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O माइक्रो O सिंचाई O को O बड़े O पैमाने O पर O बढ़ावा O दिया O गया O । O यह O योजना O पूरा O होने O के O अग्रिम O चरण O में O है O । O वैक्सीन O की O खोज O जैव O - O चिकित्सा O , O इंजीनियरी O और O कंप्यूटर O विज्ञान O के O सम्मिलित O प्रयासों O से O हमें O वैक्सीनों O ( O टीकों O ) O के O लिए O एंटीजेन O खोजने O और O डिजाइन O करने O का O अवसर O मिला O है O । O भविष्य O में O ऐसे O वायरसों O के O उभरने O की O चुनौती O से O मुकाबले O के O लिए O हम O जानवरों O तथा O मनुष्यों O को O संक्रमित O करने O वाले O कोरोना O वायरसों O का O आनुवंशिक O अनुक्रमण O ( O जेनेटिक O सीक्वेंसिंग O ) O कर O सकते O हैं O और O इन O वायरसों O के O नए O प्रतिरूपों O के O उभरने O पर O नजर O रख O सकते O हैं O । O प्रयोगशालाओं O के O परीक्षणों O ( O क्लीनिकल O ट्रायल्स O ) O में O इस O प्रक्रिया O से O प्राप्त O टीके O भी O मैसेंजर O आरएनए O टीकों O जितने O ही O रोकथाम O करने O में O सक्षम O पाए O गए O हैं O । O कोरोना O वायरस O के O जिन O प्रतिरूपों O को O हम O जानते O हैं O , O उनके O आधार O पर O नये O टीके O बनाने O ( O उदाहरण O के O लिए O , O फाइजर O - O बायो O एनटेक O और O मोडर्ना O ने O बीटा O प्रतिरूप O पर O आधारित O वैक्सीन O बना O ली O है O और O इसका O परीक्षण O भी O कर O लिया O है O । O ) O इस O अनुसंधान O के O बाद O , O MERS O जैसे O अन्य O खतरनाक O कोरोना O वायरसों O पर O अनुसंधान O को O भी O इसमें O जोड़ा O जाएगा O और O फिर O मनुष्य O को O संक्रमित O करने O वाले O सभी O कोरोना O वायरसों O के O रोग O - O प्रतिरोधण O पर O आगे O अनुसंधान O के O बारे O में O विचार O किया O जाएगा O । O मंत्रालय O का O उद्देश्य O पंचायतों O के O माध्यम O से O कोरोना O महामारी O के O प्रति O ग्रामीणजनों O को O संवेदनशील O बनाने O के O साथ O ही O ग्राम O स्तर O पर O ग्राम O स्वास्थ्य O एवं O स्वच्छता O समितियों O को O सक्रिय O करना O था O । O पंचायतों O को O भेजी O गई O आईईसी O सामग्री O ग्रामीण O क्षेत्र O में O क्वारेंटाइन O सेंटर O स्थापित O करने O , O रोगियों O को O प्राथमिक O उपचार O प्रदान O करने O एवं O शहरों O के O लौटने O वाले O प्रवासी O श्रमिकों O एवं O जरूरतमंदों O के O कल्याण O के O लिए O प्रारंभ O किए O गए O गरीब O कल्याण O रोजगार O अभियान O एवं O गरीब O कल्याण O योजना O के O क्रियान्वयन O में O काफी O सहयोगी O एवं O सार्थक O साबित O हुई O । O कोविड O - O 19 O संक्रमण O काल O के O दौरान O पंचायतों O द्वारा O अपनाई O गई O सर्वोत्कृष्ट O प्रथाओं O एवं O नवाचार O को O भी O सोशल O मीडिया O के O माध्यम O पर O साझा O किया O गया O , O ताकि O अन्य O पंचायतें O भी O उनका O अनुसरण O करें O । O दुनिया O के O सबसे O बडे O कोविड O - O 19 O टीकाकरण O अभियान O के O सफल O क्रियान्वयन O में O भी O पंचायतों O द्वारा O जागरुकता O के O लिए O उठाए O गए O कदमों O की O अहम O भूमिका O है O । O आपको O स्मरण O होगा O कि O प्रारंभ O में O कतिपय O दूरस्थ O ग्रामीण O अंचलों O में O टीकाकरण O को O लेकर O भ्रम O , O असमंजसता O , O भय O और O विरोध O की O स्थिति O थी O । O मंत्रालय O द्वारा O तैयार O जागरूकता O सामग्री O भी O ग्राम O पंचायतों O के O प्रसार O के O लिए O राज्यों O / O केंद्र O ग्राम O सभा O को O हमारी O लोकतांत्रिक O व्यवस्था O की O सबसे O जमीनी O और O विकेंद्रीकृत O इकाई O माना O गया O है O । O समग्र O शिक्षा O : O घरेलू O स्तर O पर O सीखने O की O प्रक्रिया O में O माता O - O पिता O की O सक्रियता O पर O जोर O * O घर O पर O ही O बच्चों O को O सीखने O की O सुविधा O उपलब्ध O कराने O के O लिए O माता O - O पिता O को O प्रेरित O करना O । O * O घर O में O सीखने O का O सुरक्षित O , O सकारात्मक O और O मजेदार O माहौल O तैयार O करना O । O * O बच्चों O से O व्यावहारिक O उम्मीद O रखना O और O उनके O स्वास्थ्य O का O ध्यान O रखना O । O इन O तमाम O गतिविधियों O के O जरिये O माता O - O पिता O या O देखभाल O करने O वाले O शख्स O से O बातचीत O करते O हुए O बच्चों O का O जुड़ाव O प्रकृति O से O हो O सकता O है O । O इसे O ' O टीचेबल O मोमेंट O ( O सीखने O योग्य O समय O ) O ' O के O तौर O पर O बताया O गया O । O इसका O मतलब O यह O है O कि O जब O बच्चा O किसी O गतिविधि O में O सक्रिय O रहता O है O , O तो O उसके O सीखने O की O संभावना O सबसे O ज़्यादा O होती O है O । O इस O तरह O के O समय O के O लिए O अवसर O तैयार O करने O में O मां O और O पिता O अहम O भूमिका O निभा O सकते O हैं O । O साथ O ही O , O बच्चे O की O देखभाल O करने O वालों O का O सशक्तिकरण O भी O ज़रूरी O है O , O ताकि O वे O सीखने O के O अवसर O की O पहचान O कर O उसका O इस्तेमाल O कर O सकें O । O उदाहरण O के O लिए O : O * O क्या O बच्चों O की O देखभाल O करने O वालों O , O आंगनवाड़ी O कार्यकर्ताओं O , O शिक्षकों O को O स्थानीय O भाषा O में O संसाधन O ( O गेम O , O कहानियां O , O अन्य O गतिविधियां O ) O उपलब्ध O कराए O जा O सकते O हैं O ? O छोटे O बच्चों O की O प्रगति O के O मूल्यांकन O को O जरूरी O गतिविधियों O का O हिस्सा O बनाया O जाना O चाहिए O । O मूल्यांकन O के O प्रावधान O से O देखभाल O करने O वालों O को O बेहतर O प्रदर्शन O के O लिए O प्रोत्साहन O मिल O सकता O है O । O * O क्या O कोई O ऐसा O सहायता O प्लेटफॉर्म O ( O हेल्पलाइन O ) O हो O सकता O है O , O जहां O देखभाल O करने O वाले O लोगों O को O उनकी O स्थानीय O भाषा O में O बच्चे O के O विकास O के O बारे O में O दिशा O - O निर्देश O जारी O किया O जा O सके O , O मसलन O पोषण O , O दिमागी O विकास O और O सीखने O संबंधी O समस्याओं O को O लेकर O सलाह O आदि O ? O * O क्या O कोई O ऐसा O प्लेटफॉर्म O हो O सकता O है O जो O ' O सीखने O की O शुरुआती O प्रक्रिया O ' O से O जुड़ी O तमाम O चीज़ों O मसलन O पाठ्यक्रम O , O किताब O , O खिलौने O व O शिक्षकों O , O आंगनवाड़ी O कार्यकर्ताओं O के O लिए O दिशा O - O निर्देश O वगैरह O की O सुविधा O मुहैया O करा O सकता O है O ? O * O क्या O शब्द O आधारित O खेलों O और O गतिविधियों O के O ज़रिये O ' O शब्द O ' O बच्चों O के O लिए O भाषा O की O दुनिया O से O रूबरू O होने O का O माध्यम O बन O सकते O हैं O ? O तकनीक O का O फायदा O : O तकनीक O सामाजिक O मकसद O को O पूरा O करने O का O माध्यम O है O । O इसके O लिए O तकनीक O को O उन O लोगों O की O ज़रूरतों O के O हिसाब O से O तैयार O करना O होगा O , O जो O बच्चों O की O देखभाल O करते O हैं O । O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O के O क्षेत्र O में O बच्चों O के O हिसाब O से O तकनीक O तैयार O की O गई O हैं O । O हालांकि O , O बच्चों O से O संवाद O की O गुणवत्ता O बढ़ाने O में O ये O तकनीक O कारगर O साबित O हो O सकती O हैं O । O इन O तकनीक O का O इस्तेमाल O माता O - O पिता O , O शिक्षकों O , O आंगनवाड़ी O कार्यकर्ताओं O आदि O के O सशक्तिकरण O में O भी O किया O जा O सकता O है O , O ताकि O वे O बेहतर O तरीके O से O बच्चे O के O मानसिक O विकास O में O योगदान O कर O सकें O । O तकनीक O की O मदद O से O उपयोगी O सूचना O मुहैया O कराकर O और O बच्चों O से O जुड़े O संसाधन O को O ढूंढना O आसान O बनाकर O सीखने O की O प्रक्रिया O बेहतर O हो O सकती O है O । O इससे O पढ़ाई O के O लिए O स्मार्टफोन O के O इस्तेमाल O को O लेकर O माता O - O पिता O के O रवैये O में O हुए O बदलाव O का O पता O चलता O है O । O घरों O में O , O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O में O इसका O लाभ O कैसे O उठाया O जा O सकता O है O ? O भाषा O संसाधन O है O , O बाधा O नहीं O : O पढ़ाने O - O सीखने O के O संदर्भ O में O बहुभाषावाद O को O पारंपरिक O तौर O पर O चुनौती O माना O गया O है O । O देश O में O वित्तीय O सेवाओं O की O डिलीवरी O में O काफी O प्रगति O हुई O है O । O यह O विश्व O का O सबसे O बड़ा O डिजिटल O साक्षरता O कार्यक्रम O है O । O इन O परियोजनाओं O ने O दूरदराज O के O समुदायों O को O अभूतपूर्व O अवसर O मुहैया O कराये O हैं O । O मोबाइल O नेटवर्क O प्रदाता O स्मार्टफोन O की O कीमतों O में O तेजी O से O गिरावट O के O परिणामस्वरूप O ग्रामीण O क्षेत्रों O तक O बेहतर O कनेक्टिविटी O पहुंचाने O में O सक्षम O हुए O हैं O । O इससे O ग्रामीणों O को O डाटा O कनेक्टिविटी O और O मोबाइल O नेटवर्क O तक O तुरंत O पहुंच O प्राप्त O हुई O है O । O जन O धन O बैंक O खातों O और O मोबाइल O फोन O का O मेल O तथा O आधार O के O जरिये O डिजिटल O पहचान O की O स्थापना O बहुत O ही O उपयोगी O रहे O हैं O । O इन O कदमों O से O अब O गरीबों O के O लिये O लाभों O को O सीधे O अपने O बैंक O खातों O में O प्राप्त O करना O संभव O हो O गया O है O । O कोविड O - O 19 O की O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O प्रधानमंत्री O गरीब O कल्याण O पैकेज O ( O पीएमजीकेपी O ) O के O तहत O घोषित O नकद O लाभों O को O ज्यादातर O निर्धनतम O परिवारों O को O डीबीटी O के O जरिये O ही O सौंपा O गया O है O । O जन O धन O खातों O , O आधार O पहचान O प्रणाली O और O मोबाइल O प्रौद्योगिकी O के O मेल O से O ' O जैम O तिकड़ी O ' O बनती O है O । O इस O तिकड़ी O को O ग्राहकों O के O व्यवहारों O और O प्राथमिकताओं O के O बारे O में O व्यापक O डाटा O से O जोड़ O दिया O जाये O तो O पूरी O तरह O से O नये O व्यवसाय O मॉडल O तैयार O हो O सकते O हैं O । O ये O मॉडल O ग्राहक O अभिग्रहण O , O ग्राहक O सेवा O , O पूरक O बिक्री O और O उन्नत O विक्रय O के O लिये O बेहद O कुशल O , O मापनीय O और O सुविचारित O प्रक्रियाएं O प्रदान O करते O हैं O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O में O वृद्धि O की O बदौलत O देश O में O डिजिटल O भुगतानों O में O काफी O इजाफा O हुआ O है O । O प्रौद्योगिकी O ने O जीवन O को O आसान O बनाया O है O । O स्वास्थ्य O सेवा O जैसे O क्षेत्रों O में O भी O प्रौद्योगिकी O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O है O । O भारतीय O स्वास्थ्य O सेवा O क्षेत्र O के O सामने O चिकित्सकों O की O तंगी O , O दवाओं O की O अनुपलब्धता O , O खरीद O सामर्थ्य O में O कमी O तथा O सर्वत्र O प्रसार O का O अभाव O जैसी O चुनौतियां O हैं O । O कोविड O - O 19 O की O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O दूर O - O चिकित्सा O का O अभूतपूर्व O विस्तार O देखने O को O मिला O । O वैश्विक O महामारी O ने O हर O उम्र O के O व्यक्तियों O को O प्रभावित O किया O है O । O इसने O मानसिक O स्वास्थ्य O संबंधी O मामलों O की O गंभीरता O को O बढ़ा O दिया O है O । O